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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (01 जून)

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कैलास-मानसरोवर यात्रियों को इस बार और बेहतर सुविधाएं देने की तैयारी में उत्तराखंड, केएमवीएन ने खींचा पूरी यात्रा का रोडमैप
  • तीर्थयात्रियों को स्थानीय व्यंजन परोसने की तैयारी में निगम, देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत से भी कराया जाएगा परिचित
  • पहली बार जनजातियों की संस्कृति की भी दिखाएगा झलक, बैस कैंप में पहली बार यात्रियों को दिया जाएगा गर्म पानी
  • 40 साल बाद संवारे गए केएमवीएन से सभी अतिथि गृह

kailash mansarowar yatra
देहरादून,1 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैलास-मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता भी खोलने को उत्तराखंड सरकार ने एक चुनौती के रूप में लिया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस यात्रा के लिए 50 करोड़ का राशि अतिरिक्त रूप से दी है तो कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) से यात्रा को आरामदेह बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस मर्तबा तमाम नई सुविधाएं तीर्थयात्रियों को उपलब्ध करने की तैयारी है। इस यात्रा के लिए केएमवीएन नोडल एजेंसी है। दिल्ली से चलने के बात तीर्थयात्रियों के जत्थे का पहला पड़ाव काठगोदाम में रहता है। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार यात्रियों का पहला जत्था 12 जून को काठगोदाम पहुंचेगा। यात्रा तैयारियों की खुद ही मानीटरिंग कर रहे केएमवीएन के प्रबंध निदेशक धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस बार यात्रा मार्ग को और आरामदेह बनाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त कर लिया गया है। बैस कैंपों में तीर्थयात्रियों को पहली बार गर्म पानी भी उपलब्ध कराया जाएगा। कई स्थानों पर रात्रि विश्राम के दौरान कुमाऊंनी और गढ़वाली लोककला पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों से यात्रियों का मनोरंजन किया जाएगा। इस बार पहली बार पहाड़ की जनजाति की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी योजना है। कुछ बैस कैंपों में तीर्थयात्रियों के लिए स्थानीय और पारंपरिक व्यंजन भी लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इस बार तीर्थयात्रियों के रहने के लिए केएमवीएन के अतिथि गृहों को नए सिरे से सजाया-संवारा गया है। 1978 के बार पहली बार बिस्तर, बेड और फर्नीचर बदला गया है। गर्ब्याल ने बताया कि यात्रा मार्ग का जायजा लिया जा चुका है। तमाम व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त कर ली गईं है। तवाघाट से त्रिखा तक का मार्ग बारिश के मौसम में कई बार बंद हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार कर लिया गया है। इसके बाद भी अगर कोई दिक्कत होती है तो तवाघाट ने यात्रियों को एयर लिफ्ट करके त्रिखा तक पहुंचाया जाएगा।

30 किमी यात्रा होगी छोटी गाडि़यों से
इस बार पहली बार गर्ब्यांग से लिपू लेख तक का लगभग तीस किमी का यात्रा मार्ग छोटी गाडि़यों से तय करने की तैयारी भी है। वापसी में भी इस मार्ग को गाडि़यों से ही तय किया जाएगा। इस तरह से तीर्थयात्रियों का लगभग साठ किमी पैदल चलना बच जाएगा।

एसडीआरएफ की टीम रहेगी साथ
सरकार ने तय किया है कि इस बार तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ एसडीआरएफ के जवानों की टीम बूंदी तक साथ रहेगी। पिछले साल तक तीर्थयात्रियों के साथ होमगार्ड के जवान ही रहते थे। एसडीआरएफ के जवान किसी आपात स्थिति में यात्रियों के लिए ज्यादा मददगार साबित हो सकते हैं।

नहीं भा रहा नाथूला दर्रे का रास्ता
पहली बार खोला गया नाथुला दर्रे का रास्ता तीर्थयात्रिय़ों को रास नहीं आ रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस रास्ते से कैलास-मानसरोवर जाने के लिए अब तक केवल 194 लोगों ने ही आवेदन किया। इसके विपरीत उत्तराखंड के रास्ते से कैलास-मानसरोवर यात्रा के लिए यात्रियों का कोटा 1080 का है और विदेश मंत्रालय अब तक एक हजार लोगों का नाम फाइनल कर चुका है।

सरकार ने इस बार कैलास-मानसरोवर यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के लिए मार्ग पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला किया है। केएमवीएन ने अधिकांश तैयारियां पूरी कर ली हैं। नाथुला तुलना में उत्तराखंड का रास्ता ज्यादा आसान और अपेक्षाकृत छोटा है। धीराज सिंह गर्ब्याल, एमडी, केएमवीएन 

जंगल में सतर्कता बढ़ायेंगे भारत-नेपाल

देहरादून,1 जून(निस)। इस वर्ष जनवरी माह में नेपाल के कंचनपुर वन रेंज में टाइगर का शिकार किया गया था। जिसमें उप्र के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस घटनाक्रम के बाद से ही इंडो-नेपाल बार्डर के वन अफसरों के कान खड़े हो गए थे और जरूरत महसूस की गई कि दोनों ही देशों की सतर्कता बढ़ाए जाने के साथ ही वन अपराधों को रोकने के लिए साझा जिम्मेदारी ली जाये। इसी को लेकर दोनों ही मुल्कों के वन अफसरों ने संयुक्त निगरानी के लिए कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। उत्तराखंड के खटीमा, सुरई और टनकपुर से करीब 40 किमी वन क्षेत्र जुड़ा है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगता है। घने जंगलों के बीच खुली सीमा होने से यहां वन व वन्य जीव से जुड़ी आपराधिक वारदातों को भी नहीं रोका जा पा रहा हैं। अलबत्ता, दोनों ही देशों में ज्वाइंट मॉनीटंिरग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए संयुक्त मंत्रणा होने जा रही हैं। इसी सिलसिले में खटीमा रेंज में दोनों ही देशों के वन अफसरों और एसएसबी के अधिकारी एकत्र होने वाले हैं। इसमें नेपाल की ओर से शुल्काफाटा के चीफ कंजरवेशन ऑफिसर के साथ ही डीएफओ कंचनपुर और कई वन रेंजरों के अधिकारी होंगे। इधर, भारत से हल्द्वानी वन प्रभाग के डीएफओ व बार्डर पर तैनात एसएसबी के कई अधिकारी इस मीटिंग में शामिल रहेंगे। इस मीटिंग के समन्वयक डब्लूडब्लूएफ संस्था के डा. हरीश गुलेरिया होंगे। आयोजक तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि वन एरिया में सूचनाओं के आदान-प्रदान, तस्करी सहित कई मुद्दों को लेकर कई खास प्रस्ताव यहां रखे जायेंगे।

पीपीपी मोड में संचालित हो रहे चिकित्सालय से चिकित्सक नदारद
  • चिकित्सालय के प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश

देहरादून,1 जून(निस)। पीपीपी मोड में संचालित हो रहे चिकित्सालय मरीजों के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। वन विकास निगम अध्यक्ष हरीश धामी केे चिकित्सालय का निरीक्षण करने के दौरान मुनस्यारी चिकित्सालय में तैनात सारे चिकित्सक डयूटी से नदारद मिले। इस पर नाराज हरीश धामी ने चिकित्सालय के प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश उपजिलाधिकारी को दिए हैं। वन विकास निगम अध्यक्ष धामी ने पीपीपी मोड में चल रहे मुनस्यारी अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक भी चिकित्सक डयूटी पर तैनात नहीं मिलने से गुस्साये धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुनस्यारी के उपजिलाधिकारी को अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए अस्पताल को पीपीपी मोड में दिया गया है, लेकिन जनता लगातार चिकित्सालय की शिकायतें कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय की नियमित मानीटरिंग की जाएगी। शिकायत मिलने पर मामला सीधे मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। गौरतलब है कि मुनस्यारी चिकित्सालय को पीपीपी मोड में दिए जाने के बाद से संबंधित कंपनी सरकार से आठ करोड़ रुपये का भुगतान ले चुकी हंै, लेकिन जनता को कोई खास सुविधाएं अस्पताल से नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीने भी अभी तक मात्र शो-पीस बनी हुई हैं।

सीएस को जांच सौंपकर आपदा घोटाले को दबाना चाहती है सरकारः भट्ट  

देहरादून,1जून(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि जिस बात को हम आपदा के 6 माह से ही कह रहे थे, कि प्रदेश में आपदा राहत राशि के नाम पर लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रूपये का घोटाला हुआ है आज यह बात जब पूर्णतया सत्य साबित हो गयी है और राज्य सूचना आयुक्त द्वारा इस प्रकरण की सीबीआई जाॅच कराये जाने की प्रबल संतुति भी दे दी गयी है, तो आखिर सरकार फिर मुख्य सचिव के स्तर से जाॅच कराकर क्या साबित कराना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि जब पूर्व में एनआरएचएम के मामले में सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की बात हुई थी, तो सरकार ने ठीक लोकसभा आचार संहिता के दौरान सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने के आदेश जारी कर विद्वेशपूर्ण राजनीति की थी, किन्तु उसमें कोई घोटाला था ही नहीं जबकि इसके विपरीत आज आपदा राहत राशि में घोटाले का सच प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनियां के सामने आ गया है और इसके बाद भी सरकार मात्र मुख्य सचिव स्तर की जाॅच कराकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री करना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि हमें किसी की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है किन्तु कोई भी सरकारी एजेन्सी जाॅच के समय सत्तापक्ष के दबाव में आ जाती है और इससे घोटाले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ पाती है, इससे साबित होता है कि सरकार की मंशा इस मामले को पूर्णतया दबाने की है और इससे साबित भी होता है कि इसमें पूरी सरकार पूर्णतया संलिप्त है। और सरकार की शह पर ही इस घोटाले को अधिकारियों ने अंजाम दिया है। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार पाक साफ है और सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो सरकार तत्काल इस पूरे घटनाक्रम की सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की संतुति दे वरना स्वयं इस्तीफा दे। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश में चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल इस सरकार ने मचा रखा है, कोई विधायक इनके ग्रामीणों पर गोलियाॅ चला रहे हैं और दूसरी ओर आपदा के समय जब पूरे देश और दुनियां के लोगों का जीवन पानी में बह रहा था तो यहाॅ के अधिकारी होटलों में मटन, चिकन खाकर आपदा राशि को ठिकाने पर लगाने की तैयारी कर रहे थे। श्री भट्ट ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद कभी आपदा घोटाला तो कभी जमीन घोटाला और कभी खनन तो कभी शराब घोटालों को इस सरकार ने अंजाम देने के अलावा और आपसी झगड़ों के अलावा इस सरकार ने कोई जनहित के कार्य अपने कार्यकाल में नहीं किये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि भा0ज0पा0 इस प्रकरण पर सी0बी0आई0 जाॅच से नीचे की जाॅच पर कतई संतुष्ट नहीं है और सरकार को चैलेंज किया जाता है कि यदि सरकार वाकई पाक साफ है और इसमें सरकार के लोग संलिप्त नहीं है तो सी0बी0आई0 जाॅच कराये।

पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के निधन पर शोक जताया

देहरादून,1जून(निस)। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने ने रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण ंिसह महरा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पूरण सिंह महरा के अंतिम संस्कार में शामिल होने रानीखेत गये। अपने शोक संदेश में श्री उपाध्याय ने कहा कि स्व. महरा कांगे्रस पार्टी के एक ऐसे कर्मठ एवं निष्ठावान नेता थे जिन्हांेने पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन की मजबूती के लिए निरन्तर निर्भीकता पूर्वक काम किया। राजनीतिक जीवन की शुरूआत से ही गरीब, पिछडे़ लोगों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहते हुए स्व. महरा ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक पार्टी की मजबूती के लिए काम किया। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। विधायक के रूप में उन्होंने क्षेत्र की उन्नति के लिए जो कार्य किये वे कभी भुलाये नहीं जा सकते। पूरण ंिसह महरा का आकस्मिक निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। श्री उपाध्याय ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ है, हम सभी कांग्रेसजनों की प्रार्थना है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति देवें। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने पूर्ण सिंह माहरा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि श्री माहरा से उनके व्यक्तिगत संबंध थे और उनके निधन की खबर से उन्हें दुःख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि श्री माहरा दबंग प्रवृत्ति के निडर व्यक्तित्व थे। विपरीत परिस्थितियों में भी वह सत्य ही बोलते थे। जनसेवा व समर्पण की भावना श्री माहरा में थी। भाजपा राष्ट्रीयकार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने उनकी आत्मा की शांति की कामना की तथा ईश्वर से प्रार्थना की कि वह उनके परिवार के सदस्यों को इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में कांग्रेसजनों ने श्री महरा के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना की। शोक सभा में आपदा प्रबन्धन समिति के उपाध्यक्ष विजय सारस्वत, पूर्व विधायक पृथ्वीपाल चैहान, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष, लालचन्द शर्मा, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी आनन्द बहुगुणा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह, नगर अध्यक्ष विनय सारस्वत, प्रदेश पूर्व सैनिक विभाग के कै. बलवीर सिंह रावत, भेषज संघ के अध्यक्ष राजेश शर्मा, आईटी प्रकोष्ठ के अमरजीत ंिसह, धर्म सिंह पंवार, कपिल भाटिया, गौतम डोगरा, शरद ंिसह चैहान, सुलेमान अली, सेवादल के कुुंवर ंिसह यादव, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, अधीर चमोली, अनुराधा तिवाडी आदि अनेक कांग्रेसजन शामिल हुए।

ट्रेक आॅफ द ईयर दयारा बुग्याल अभियान होगा शुरू

देहरादून,1 जून(निस)। सचिव पर्यटन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद डाॅ. उमाकांत पंवार ने बताया है कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड ट्रेक आॅफ द ईयर 2015, दयारा बुग्याल’’ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आगामी 13 जून से 12 जुलाई तक एक माह का ट्रेकिंग अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान में एडवंेचर टूरिज्म से जुड़े देश-विदेश के सभी प्रतिभागियों व संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। इस अभियान से संबंधित अधिक जानकारी पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी गई है। साथ ही अभियान के लिए पर्यटन विकास परिषद के रामचन्द्र भारद्वाज व पूनम चंद को नामित किया गया है।

कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाये कार्यकर्ता: शिल्पी 

देहरादून,1 जून(निस)। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं प्रभारी नैनीताल शिल्पी अरोरा ने भीमताल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक में श्रीमती अरोरा ने कहा कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता है, इसके लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने सदस्यता अभियान से महिला व युवा वर्ग के साथ ही समाज के हर वर्ग को कांग्रेस विचार धारा से जोड़ा जाय। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि कांग्रेस विचारधारा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाय। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाआंे को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाये। राज्य सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की है, जिनकी जानकारी बूथ स्तर तक लोगो को उपलब्ध कराने में कार्यकर्ता आगे आये। उन्होंने कहा कि भाजपा फर्जी राष्ट्रवादी है। मोदी सरकार कैप्टन सौरभ कालिया केस को अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जा रही है। कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे लगे हंै, लेकिन मोदी सरकार को ये सब दिखायी नहीं दे रहा है। भाजपा अगले 4 सालों में उद्योगपतियों के हाथों देश को बेच देगी। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी मंे फर्क है। कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र पाल, उपाध्यक्ष जया बिष्ट, भीमताल विधान सभा क्षेत्र के अध्यक्ष श्री डालाकोटी आदि उपस्थित रहे।

राज्य में 15 अगस्त तक कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगाः मंत्री 

  • -राज्य में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी 
  • -जनवरी 2016 तक पेयजल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा

देहरादून,1जून(निस)। सूबे विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि 15 अगस्त तक सूबे का कोई भी शासकीय विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगा, इस तिथि तक सभी शिक्षक विहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रदेशभर में साढ़े आठ हजार किमी की 23 दिवसीय जनसमस्या निवारण यात्रा पूरी करने के बाद लौटे सूबे के विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा और पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने शिक्षा और पेयजल संबंधी समस्याओं को सुना और निराकरण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कई समस्याओं का मौके पर निस्तारण भी किया गया। उन्होंने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों पर उनके द्वारा समीक्षा बैठकें आयोजित कर योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति के बारे में जाना गया। विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने कहा कि 6 मई से 28 मई तक चली जनसमस्या निवारण यात्रा के दौरान उन्होंने प्रदेश में 15 लाख लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनी और निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देहरादून में बैठकर हर समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा को केवल डोली यात्रा से जोड़कर न देखा जाए। यात्रा के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित शिकायतों में ज्यादातर लोगों का कहना था कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिस कारण छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक प्रदेश के सभी शिक्षकविहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। विभाग शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लोगों में खासा उत्सुकता बनी हुई है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ब्लाॅक स्तर पर की जा रही है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरक्षण का प्राविधान भी किया गया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि कोई शिक्षक अवकाश पर जाता है तो छात्रों का शिक्षण प्रभावित न हो इसके लिए वहां दूसरे अतिथि शिक्षक को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1004 विद्यालयों में विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य किया जाएगा, इन एजेंसियों में टीएचडीसी, एनएचपीसी, एनटीपीसी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में 2086 शौचालयों को ठीक कराया गया है।  पेयजल मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल के लिए वल्र्ड बैंक ने 900 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इससे पेयजल योजनाओं के निर्माण के साथ ही जो पेयजल स्रोत सूख चुके हैं उनका संरक्षण, संवर्द्धन और रखरखाव भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो पेयजल समस्या है वह पावर कट की वजह से है। ट्यूबवेल चलाने के लिए जितनी वोल्टेज चाहिए उतनी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को पेयजल समस्या वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह सुखद है कि कहीं भी खच्चरों से पेयजल आपूर्ति कराने की मांग नहीं उठी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनवरी 2016 तक पेयजल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र से अपेक्षित सहयोग न मिल पाने के कारण पेयजल समस्या का समाधान होने में समय लग रहा है। पत्रकार वार्ता के दौरान मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव एस राजू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी भी मौजूद रहीं।    

मोटरसाईकिल चबूतरे से टकराई, दो छात्रों की मौत

देहरादून,1जून(निस)। कांवली रोड क्षेत्र में चबूतरे से मोटर साइकिल के टकराने से बाईक पर सवार बीटेक के दो छात्रों की मौत हो गई। ये छात्र पार्टी में शामिल होने के बाद प्रेमनगर की तरफ लौट रहे थे। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह हादसा सोमवार की तड़के करीब चार बजे हुआ। लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पुरुषोत्तम चैक के पास एक बाईक सड़क किनारे एक चबूतरे से टकरा गई। पुलिस के मुताबिक मोटर साइकिल की की रफ्तार काफी तेज थी ओर अचानक उसके आगे कुत्ता आ गया। इस पर मोटर साइकिल चालक उसे नियंत्रित नहीं कर पाया जिससे वह अनियंत्रितत होकर चबूतरे से टकरा गई। दुर्घटना में शिमला पिस्तौर, रुद्रपुर निवासी टिंकल जलोधरा उम्र 22 वर्ष पुत्र सुरेश जलोधरा व हरीश सिंह चुफाल उम्र 21 वर्ष पुत्र चंचल सिंह चुफाल निवासी सीनी थाना थल पिथौरागढ़ बुरी तरह घायल हो गए। पुलिस ने 108 सेवा की मदद से दोनों को दून अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों ने दम तोड़ दिया। दोनों युवक उत्तराखंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट में बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र थे। जो प्रेमनगर क्षेत्र में ही किराए में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों रविवार की शाम लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पार्टी में गए थे। वहां से वापस लौटते समय यह हादसा हुआ।

-कोटीकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन ठीक नहींः डा माजिला

  • सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पूर्व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक में प्रमोशन आवश्यक

देहरादून,1 जून (निस)। कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पिछले लंबे समय से शिक्षकों का उत्पीडन स्थानांरण व कोटिकरण के नाम पर किया जा रहा है जो ठीक नहीं है। वर्तमान में किये गये कोटिकरण में कई कमिया है। जिनको समय पर ठीक नहीं किया गया तो शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेगा। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय संरक्षक डा सोहन सिंह माजिला ने कहा कि कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने  कहा कि मौजूदा समय में शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसका शिक्षक संघ घोर विरोध करता है। डा माजिला ने कहा कि वर्तमान में कोटिकरण में कई कमिया है। एक ही परिसर में संचालित स्कूलों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है। साथ ही पूर्व में की गई दुर्गम सेवाओं का लाभ भी शिक्षकों को न दिया जाना चिन्ता का विषय है। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात में कहा कि सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पूर्व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य में प्रमोशन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही एलटी से प्रवक्ता पदों पर सतफीसदी प्रमोशन के बाद ही सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाना चाहिए। डा माजिला ने कहा कि एलटी से प्रवक्ता व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के बाद रिक्त परों पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने बीआरपी और सीआरपी का रिजल्ट जल्द घोषित करने की मांग की।  उधर राजकीय शिक्षक संघ के जिला महामंत्री सुभाष झिल्डियाल ने कहा कि कोटिकरण में अभी भी कई कमिया है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा कोटिकरण में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को भी सामिल करने के निर्देश हुये थे, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों ने मनमाने तरीके व अपने चहेतों के स्कूलों को सुगम की जगह दुर्गम दर्शा दिया है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ जल्द शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेेगा। उन्होंने कहा कि कोटिकरण की खामिया दूर नहीं की गयी तो स्थानांतरण प्रक्रया को देहरादून जनपद में लागू नहीं होने दिया जायेगा।

बड़ा सवालः दस्तावेजी सबूतों की आखिरकार जांच की क्या है जरूरत

  • उत्तराखंड राज्य में थम नहीं रहा यह सिलसिला, जांच आयोगों के नाम पर फूंक दिए कई करोड़

देहरादून,1 जून (निस)। इस देवभूमि में घोटालों की भरमार हो चुकी है। हर घोटाले के बाद जांच होती है। मनमाफिक नजीता नहीं आया तो फिर से जांच होती है। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहता है। इस राज्य में घोटालों की जांच के लिए बने आयोगों पर करोड़ों रुपये फूंके जा चुके हैं। लेकिन जांच बे-नतीजा ही रहती है। इस बार तो मामला एक कदम और आगे बढ़ गया है। इस बार दस्तावेजी सबूतों की जांच की बात हो रही है। इस मामले में अभी से आ रहे बयान यह बयां करने को काफी है कि इस जांच का नतीजा भी क्या आने वाला है। राज्य गठन के बाद से इस समय तीसरी निर्वाचित सरकार का कार्यकाल चल रहा है। पहली निर्वाचित सरकार कांग्रेस की थी तो दूसरे चुनाव के बाद सत्ता में आई भाजपा ने कांग्रेस शासन में 56 घोटालों की जांच के लिए एक आयोग बना दिया। पांच साल सत्ता में रही भाजपा महज एक-दो मामलों में ही आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन की खानापूरी कर सकी। फिर 2012 में कांग्रेस सत्ता में आई तो भाजपा शासन के घोटालों की जांच के लिए आयोग बना दिया गया। साढ़े तीन साल में एक भी मामले की जांच रिपोर्ट मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है।
अब इसी कांग्रेस सरकार के समय में आपदा राहत राशि में बड़े घोटाले की बात सामने आ रही है। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि करके सरकार से मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की है। अहम बात यह है कि सरकार इससे सहमत नहीं दिख रही है। सरकार के मुखिया हरीश रावत का कहना है कि मुख्य सचिव को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी अफसरों पर एक्शन लिया जाएगा। साथ ही उनके कुछ इस तरह के बयान भी आ रहे हैं, जिनसे अहसास हो रहा है कि कहीं न कहीं दोषियों को बचाने की कवायद भी हो रही है। जाहिर है कि आने वाले समय में इस मामले में भी कुछ होने वाला नहीं है।

हेलीकाप्टरों पर खर्च किए चार सौ करोड़
सीएम हरीश रावत का यह कहना कि अफसरों को मटन और चिकन खाने में गलत क्या है को हो सकता है कि कुछ लोग सही मान भी लें। लेकिन आपदा राहत के दौरान हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च दिखाए गए चार सौ करोड़ रुपये के खर्च को क्या माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली एक हजार करोड़ की रकम के साथ ही देश और दुनियाभर से मिली माली इमदाद को जमकर लूटा गया है। उस दौरान मंत्रियों और नेताओं के साथ ही अफसरों ने भी हवाई सैर का लुफ्त लिया। बताया जा रहा है कि एक हेलीकाप्टर को कागजों में दिन में 10 से 12 तक बार उड़ना दिखाया गया है। नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक ने भी उसी वक्त इतनी उड़ानों पर सवाल उठाया था। कहा गया था कि एक हेलीकाप्टर तीन से अधिक उड़ान नहीं सकता। फिर किसी भी उड़ान का पूरा ब्योरा रखा जाता है। इसमें यह भी शामिल किया जाता है कि किस उड़ान से कितने लोग कहां गए। सूत्रों का कहना है कि अगर केवल हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च की ही जांच की जाए तो साफ दिखेगा कि किस तरह से कुछ अफसरों और तत्कालीन सरकार में सुपर सीएम की हैसियत रखने वाले एक नेता ने करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया।

तो पहली की दो सिफारिशें क्यों मानी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सिस्टम की पैरोकारी करते नजर आ रहे हैं। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा पर आरोप लगाने वाले किशोर शायद भूल गए हैं कि इन्हीं सूचना आयुक्त की सिफारिश पर सरकार ने दवा घोटला और कुंभ घोटाले की सिफारिश कर रखी है। उस वक्त किशोर शायद इस वजह से नहीं बोले क्योंकि दोनों मामले मुख्य विपक्षी दल भाजपा की सरकार के समय थे। अब अपनी सरकार की बारी आई तो किशोर को नियम और कानून याद आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में भी सूचना आयुक्त की सिफारिश को मान लिया जाता,क्योंकि आपदा के वक्त सरकार का मुखिया कोई था। लेकिन चार महीने पहले कैबिनेट के एक फैसले से जांच की आंच मौजूदा सरकार पर भी आ सकती है। लिहाजा इस सिफारिश पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया में हो रही छीछालेदर
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत खुला यह मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है। इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर तो तीखे हमले हो ही रहे हैं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा को भी कोई नहीं बख्श रहा है। तमाम कमेंट और पोस्ट तो इस हद लिखा गई हैं कि उनका यहां पूरी तरह से उल्लेख भी नहीं किया जा सकता है। अहम बात यह भी है कि सोशल मीडिया पर भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता भी सक्रिय है। लेकिन भाजपा या कांग्रेस किसी को भी खुद ही हो रही इस छीछालेदर की कोई परवाह नहीं दिख रही है। दोनों सियासी दलों को लग रहा है कि कुछ रोज बाद सब शांत हो जाएगा और चुनाव आने तक जनता सबकुछ भूलकर उन्हें माफ कर देगी।

तो मित्रता निभा रहा मुख्य विपक्षी दल
सोशल मीडिया में आ रहे लोगों के बयानों से साफ हो रहा है कि भाजपा इस मामले में सरकार से अपनी मित्रता निभा रहा है। इस मामले में भाजपा के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों बीसी खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी और डा.रमेश पोखरियाल निशंक के कथित मौन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि भाजपा के पांचों सांसद केंद्र सरकार से राहत राशि के रूप में मिले एक हजार करोड़ रुपये के दुरुपयोग पर आखिर क्या कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से सवाल पूछा जा रहा है कि काबीना मंत्री हरक सिंह के मामले में तो उन्होंने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर दी। लेकिन इस मामले में सबूत होने के बाद भी केवल मीडिया में बयानबाजी तक ही क्यों सीमित हैं।

जयललिता के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगी कर्नाटक सरकार

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कर्नाटक सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ वह सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। राज्य के कानून मंत्री टी.बी.जयचंद्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया, "मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुझे उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता की रिहाई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के निर्देश दिए हैं।" इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 11 मार्च के फैसले के खिलाफ विशेष लोक अभियोजक बी.वी.आचार्य और राज्य महाधिवक्ता रविवर्मा कुमार की सिफारिशें स्वीकार कर ली थी।  कनार्टक उच्च न्यायालय ने 11 मई को आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता को बरी कर दिया था।

जयललिता ने 24 मई को चेन्नई में पांचवी बार राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले उच्च न्यायालय की एकल न्यायपीठ के न्यायाधीश सी.आर.कुमारस्वामी ने जयललिता के खिलाफ सभी आरोपों को समाप्त कर दिया था। राज्य के पूर्व महाधिवक्ता आचार्य सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में बहस के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) होंगे।

सत्तारूढ़ कांग्रेस के कानून प्रकोष्ठ ने पिछले महीने यद्यपि सरकार को सलाह दी थी कि वह सर्वोच्च न्यायालय में अपील न करे, क्योंकि सरकार का 19 वर्ष पुराने इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन मंत्रिमंडल ने अपने कानून अधिकारियों की राय पर मुहर लगा दी, वह भी तब जब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में कर्नाटक अकेले अभियोजक एजेंसी है। इस मामले को एक स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर, 2003 को चेन्नई से कर्नाटक स्थानांतरित कर दिया था। 

कानून मंत्री जयचंद्रा के मुताबिक, "सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 27 अप्रैल को राज्य सरकार को इस मामले में एसपीपी नियुक्त करने का निर्देश दिया था।"न्यायालय ने यह भी कहा था कि कर्नाटक को अपनी जिम्मेदारियां अवश्य समझनी चाहिए और निष्पक्ष अभियोजन सुनिश्चित करना चाहिए।

तृणमूल के खातों के विवरण बैंक ने सीबीआई को सौंपे

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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई खातों के विवरण शहर में स्थित एक राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिए। सीबीआई करोड़ों रुपये के शारदा घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई ने पिछले सप्ताह खातों के विवरण के लिए बैंक को नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने खातों में मौजूद धनराशि के साथ ही धन आगमन के स्रोत के विवरण मांगे थे। नोटिस के जवाब में बैंक के एक अधिकारी ने मांगे गए विवरण मुहैया करा दिए हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "आज बैंक के एक अधिकारी ने खातों से संबंधित दस्तावेज सौंप दिए।"

तृणमूल ने 2010 से लेकर पार्टी के खातों के विवरण अप्रैल में सीबीआई को सौंपे थे। सीबीआई ने पार्टी से ये विवरण मांगे थे। विपक्षी दल -माकपा, भाजपा और कांग्रेस- राज्य में सत्ताधारी दल पर अवैध स्रोतों से बेनामी चंदा हासिल करने के आरोप लगा रहे हैं।  तृणमूल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उसे प्रताड़ित कर रही है। 

सीबीआई द्वारा बैंक को नोटिस जारी होने के बाद तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने पिछले सप्ताह कहा था, "बड़ी पार्टियां और बड़े नेता अरबों रुपये जमा करते हैं, लेकिन कोई उनपर सवाल नहीं उठाता। मुझसे सवाल पूछने से पहले आप खुद से और अपने अरबों डालर के चुनाव अभियान के वित्तपोषण हेतु दिन दहाड़े की जाने वाली डकैती पर सवाल कीजिए। तृणमूल के खाते पारदर्शी हैं, छिपाने के लिए कुछ नहीं है।"

दलित महिला का स्कूल के लिए सत्याग्रह

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मध्य प्रदेश की धरती धीरे-धीरे सत्याग्रहों की भूमि बनती जा रही है, यहां किसी ने चिता सत्याग्रह चलाया, तो कोई जल सत्याग्रह को मजबूर हुआ और किसी को जन सत्याग्रह करना पड़ा। अब मुरैना में एक दलित महिला सरकारी विद्यालय के लिए सत्याग्रह की राह पर चल पड़ी है। मुरैना जिले के पुरावस कलां में माध्यमिक स्तर का विद्यालय सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा है, क्योंकि प्रस्तावित विद्यालय की पांच बीघा सरकारी जमीन दलित बस्ती के करीब है। इस गांव की पूर्व सरपंच बादामी देवी केंद्र और राज्य की सरकारों के सामने इस मसले को उठा चुकी है, उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधकर वचन लिया था, वह भी अधूरा रह गया। बादामी देवी ने सरपंच रहते हुए पांच वर्ष तक संघर्ष किया, मगर माध्यमिक विद्यालय बनाने की कोशिश रंग नहीं ला पाई। कार्यकाल पूरा होने के बाद भी बादामी बाई का संघर्ष जारी है। बादामी जब सरपंच रहीं तो उन्हें तरह-तरह से परेशान किया गया, उन्होंने नौकरशाहों से शिकायत की, मगर बात नहीं बनी। 

बादामी देवी दलित समुदाय की महिला हैं। वे सरपंच इसलिए बन पाईं, क्योंकि पंचायत अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हो गई थी। गांव के प्रभावशाली लोगों ने उन्हें सरपंच न बनने देने की तमाम कोशिशें कीं, मगर गांव के लोगों ने उन्हें सरपंच बना दिया। सरपंच रहते उन्होंने प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन करने का प्रस्ताव पारित किया। तब कहा गया कि प्राथमिक विद्यालय का परिसर माध्यमिक विद्यालय के लिए कम पड़ेगा, साथ ही विरोधियों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि जिस जमीन पर बादामी का पति चिम्मन खेती करता है, उस पर बनाया जाए। यह पांच बीघा सरकारी जमीन है। इस पर बादामी ने सहमति दे दी। 

सामाजिक कार्यकर्ता जयंत तोमर ने आईएएनएस को बताया कि जिला शिक्षा केंद्र ने पंचायत के फैसले को दरकिनार कर प्राथमिक विद्यालय परिसर में ही माध्यमिक विद्यालय बनाने का आदेश दे दिया। तब तक बादामी पंचायत के फैसले के अनुसार, प्रस्तावित स्थल पर कार्य कराने पर राशि खर्च कर चुकी थी।  इसी बीच ग्राम सभा की बैठक में सरकारी इंजीनियर ने साफ कहा कि प्राथमिक विद्यालय परिसर में माध्यमिक विद्यालय नहीं बन सकता। ऐसे में कुछ लोगों ने एक बीघा दानपत्र की जमीन में विद्यालय बनाने का दवाब डाला। इतना ही नहीं, बादामी को चार वर्ष तक आजादी की सालगिरह और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का मौका नहीं मिला। उसने जब इसके लिए भोपाल में मुख्यमंत्री चौहान के सामने अपनी बात रखी, तब वह पांचवें वर्ष में झंडा फहरा पाईं। 

पूर्व सरपंच बादामी गांव में माध्यमिक विद्यालय के लिए अपना संघर्ष जारी रखे हुई हैं। बादामी 70 दिन से मुरैना में जिलाधिकारी के सामने सत्याग्रह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में ग्रामसभा ने विद्यालय बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया था, मगर अब तक उस पर अमल नहीं हुआ है। लिहाजा, जब तक विद्यालय नहीं बन जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। बादामी इस संदर्भ में जिलाधिकारी शिल्पी गुप्ता से भी मिलीं, मगर शिल्पी कहती हैं कि अब नई पंचायत का गठन हो गया है, लिहाजा फैसला वही लेगी। बादामी का कहना है कि प्रशासन का यह रवैया पंचायती राज कानून के खिलाफ है। पूर्व की पंचायत ने जो फैसला लिया था, उसे बदला नहीं जा सकता।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 जून)

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जिला  भाजपा कोर समिति की बैठक, लिये गयये अहम फैसले

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झाबुआ---प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के एक वर्ष की अवधि पूरी होने तथा जिले में भाजपा के कार्यो को सुचारू संचालन को लेकर सोमवार को सांसद दिलीपसिंह भूरिया के निवास पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे की अध्यक्षता में जिला भाजपा कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई जिसमें  बताया गया कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदीसरकार के एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर झाबुआ जिलामुख्यालय पर केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर दिल्ली से  आइ्र्र प्रदर्षनी लगाई जावेगी जिसका शुभारंभ क्षेत्रीय सांसद दिलीपसिंह भूरिया के कर कमलों से किया जावेगा । बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार महा जनसंपर्क अभियान को जिले में संचालित करने के लिये विधानसभा प्रभारियों की नियुक्ति महा जनसंपर्क अभियान के जिला प्रभारी विजय नायर द्वारा की गई है तदनुसार झाबुआ विधानसभा के लिये मनोहर सेठिया, थांदला विधानसभा के लिये पुरूषोत्तम प्रजापति एवं पेटलावद विधानसभा के लिये अनोखीलाल मेहता को प्रभारी नियुक्त कर दायित्व सौपे गये है। जिला मीीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनेी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोर कमेटी की इस बैठक में  जिले में भाजपा संगठन के कार्य को सुचारू रूप  से संचालित करने के लिये जिला कोर ग्रुप के सदस्यों को विषेष जिम्मवारियां सोपी गई है । जिले की तीनों विधानसभाओं के लिये सोपी गई जिम्मेवारियों में थांदला विधानसभा के लिये जिला महामंत्री राजू डामोर, पेटलावद विधानसभा के लिये जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा एवं झाबुआ विधानसभा के लिये विधायक एवं जिला महामंत्री शांतिलाल बिलवाल को दायित्व सौपा गया है । कोर समिति की बैठक में जिला भाजपा जिलाध्यक्ष शेलेष दुबे द्वारा  कौेर ग्रुप के सदस्यों को  संपूर्ण जिले में भाजपा के सुचारू कार्य संचालन के मंण्डलवार प्रभारी का दायित्व सौपा गया है तदनुसार खवासा मंडल के लिये विष्वास सोनी, थांदला मंडल के लिये गणराज आचार्य, मेघनगर मंडल के लिये कमलेष दांतला, पेटलावद मंडल के लिये हेमंत भटृ, रायपुरिया मंडल के लिये भरत पाटीदार, रामा मंडल के लिये उत्तम जैन, पारा मंडल के लिये जसवंतसिंह भूरिया, रानापुर मंडल के लिये मनोहर सेठिया, झाबुआनगर मंडल के लिये नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया,पिटोल मंडल के लिये बहादूर हटिला एवं कल्याणपुरा मंडल के लिये विजय नायर को जिम्मवारिया सोपी गई है । कोर समिति की बैठक में जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दुबे ने भाजपा के कार्य का बंटवारा करके बडा निर्णय लिया है जिससे जिले में भाजपा तेजी से जनजन की आकांक्षाओं का केन्द्र बनेगी । बैठक में कोर समिति के सभी सदस्यों के साथ ही थांदला विधायक कलसिंह भाबर एवं अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामा ताहेड भी उपस्थित थे ।

बाबा साहेब के 125वें जयंती वर्ष समारोह का राष्ट्रीय शुभारंभ करेंगे अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी
  • मप्र के महू में होगा विशाल कार्यक्रम
  • पूर्व प्रदेश कांग्रेस एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया के नेतृत्व में महू के लिए आज रवाना होंगे जिले से सैकड़ों कार्यकर्ता 

झाबुआ---भारत के संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी शामिल होंगे। वे इसका शुभारंभ करेंगे। यह विशाल कार्यक्रम मप्र के महू में आज दोपहर 3 बजे से आयोजित होगा। इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जिले के सभी ब्लाकों से कांग्रेस के सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया के नेतृत्व में रवाना होंगे। जिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने बताया कि महूं में आयोजित इस विशाल समारोह में प्रदेशभर से हजारों की संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल होंगे। देश के कई अन्य बड़़े कांग्रेस नेता एवं पदाधिकारी भी इसमें शिरकत करेंगे। हजारों कांग्रेजसनों की उपस्थिति में अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधीजी द्वारा शुभारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर वे उपस्थितजनों को संबोधित भी करेंगे। उनके इस विशाल कार्यक्रम को लेकर महूं में व्यापक तैयारियंा की जाचुकी है । राहुल गांधी के महूं में आने से पूरे प्रदेश के भी कांग्रेसजनों का जमावड़ा लगेगा एवं उनमें नई उर्जा का संचार होगा। जिले के कार्यकर्ताओं में अपार क्षमता आएगी। इस अवसर पर जिले से नेतृत्व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया करेंगे।

वाहनों से होंगे रवाना
जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने बताया कि महूं में होने वाले इस विशाल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एवं राहुल गांधीजी से मुखातिब होने के लिए जिलेभर से कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मंगलवार को सुबह 8-30 बजे से रानापुर झाबुआ थांदला मेघनगर पेटलावद पारा रामा खवासा,सारंगी से रवाना होंगे। सैकड़ों कार्यकर्ता बसों, जीपों में सवार होकर महूं पहुंचेंगे एवं वहां कार्यक्रम में शामिल होंगे।

वरिष्ठ कांग्रेसजनों में ये होंगे शामिल
जिले से जिला कांग्रेस के जो वरिष्ठ पदाधिकारी महूं में शामिल होंगे, उनमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर ‘लाला’, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, गेंदाल डामोर, चंदू पडियार, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कलावती मेडा महिला कांग्रेस नेत्री सायरा बानो, युवा कांग्रेस नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया, कांग्रेस महामंत्री हेमचंद डामोर, सेवादल अध्यक्ष राजेष भटृ उपाध्यक्ष रुपसिंह डामोर केमता डामोर,सलेल पठान जितेन्द्र अग्निहौत्री, किसान कांग्रेस अध्यक्ष नंदलाल मेण पारसिंह डिंडोर,यामीनषेख, जीवन ठाकुर,मन्ना हारोड, सुरेश मुथा, कैलाश डामोर,षंकरसिंह भूरिया,पारसिंह डिंडोर कालु मुणिया,अग्निनारायणसिंह हीरालार्ल डाबी हनुमंतसिंह डाबडी, देवल परमार, जिला कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य नामदेव जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष भूरिया,एनएसयूआई अध्यक्ष विनय भाबोर, प्रदीप राठौड़ के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ता षामील होगे।

मेघनगर में कैमिकल फेक्ट्रीयों से निकलने वाली जहरीली गैस से आम लोगों को बचाने के लिए
  • जिला कांग्रेस द्वारा किया जाएगा विरोध प्रदर्शन, 4 जून का होगा आयोजन, देश एवं प्रदेश स्तरीय नेता होंगे शामिल

झाबुआ---जिले के मेघनगर क्षेत्र में कैमिकल फेक्ट्रीयों से निकलने वाली जहरीली गैस से आमजन को हो रहे भारी नुकसान को लेकर जिला कांग्रेस द्वारा जीवन बचाओ आंदोलन छेड़ा गया है। यह आंदोलन 4 जून को औ़द्योगिक क्षेत्र मेघनगर में कांग्रेस द्वारा किया जाएगा। जिसमें प्रदेश के साथ दिल्ली के भी महासचिव शामिल होने के लिए आ रहे है। यह जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया एवं पूर्व जिलाकांग्रेस अध्यक्ष सुरेष जेन पप्पु भैया ने बताया कि पहले यात्रियों को भरूच, नवसारी, सूरत स्टेशनों के आने पर किसी से पूछना नहीं पड़ता था। आज मेघनगर इस स्थिति में पहुंच चुका है कि रात्रि में यहां से ट्रेनों के निकलने पर यात्रियों को कैमिकल फेक्ट्रीयों से निकनले वाली जहरीली गैसों एवं पदार्थों के कारण पता चल जाता है कि मेघनगर रेल्वे स्टेशन आ गया है। यह जहरील गैसे एवं पदार्थ आमजन के लिए घातक है एवं इसके कारण कभी भी भारी नुकसान हो सकता है। सुश्री भूरिया ने आगे बताया कि गुजरात द्वारा बंद किए गए 246 केमिकल फेक्ट्रीयों को केवल आदिवासी क्षेत्र मेघनगर में नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा प्रोत्साहन देकर चलाई जा रहीं है। मेघनगर एवं आसपास के क्षेत्रांे को जहरीली गैस, हवा एवं पानी से बचाना आवश्यक है, अन्यथा भोपाल गैस कांड जैसी भी स्थिति निर्मित हो सकती है।

जीवन बचाओ आंदोलन किया जाएगा
जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने बताया कि इसको लेकर कांग्रेस द्वारा जीवन बचाओ आंदोलन मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में 4 जून को किया जाएगा। जिसमें अभा कांग्रेस कमेटी दिल्ली के महासचिव मोहन प्रकाश के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव, नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, पूर्व प्रतिपक्षनेताअजयसिहं राहूलभेया, एवं जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगी। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा समस्त जिलेवासियों से अपील की गई है कि वह जनहित को लेकर किए जा रहे इस आंदोलन में शामिल होकर हजारों जन-जीवन को बचाने हेतु अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आंदोलन को सफल बनाए।

लगाए गए है होर्डिंग्स
प्रवक्ता श्री भट्ट ने बताया कि इस व्यापक आंदोलन को लेकर शहर में भी जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गए है, जिसके माध्यम से लोगों को बड़ी संख्या में इसमे शामिल होने की अपील की जा रहंी है। होर्डिंग्स में आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे देश एवं प्रदेश के नेताओं के फोटो चस्पा किए जाने के साथ ही मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल फेक्ट्रीयों से होने वाले घातक परिणामों के फोटो भी प्रदर्शित किए गए है। जिला कांग्रेस द्वारा इस जन आंदोलन में समस्त जिलेवासियांे से अपनी भागीदारी आवश्यक रूप से सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

राज्य स्तर हेतु चयन प्रतियोगिता

झाबुआ--- जिला पावर लिफटिंग एसोषिएसन द्वारा स्थानीय जय बजरंग व्यायाम शाला में दिनांक सात जुन रविवार को सायं 5.00 बजे से जिला स्तरीय पावर लिफटिंग प्रतियोगिता विभिन्न भारवर्गो में रखी गई है , जिसमें झाबुआ जिले का कोई भी खिलाडी प्रतियोगिता के पूर्व सायं 4.00 से 7.00 बजे तक जय बजरंग व्यायाम शाला में संपर्क कर इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकता है । उक्त प्रतियोगिता के माध्यम से राज्य स्तर हेतु प्रतियोगी का चयन किया जावेगा । पावर लिफटिंग प्रतियोगिता राष्ट्रीय खिलाडी सुषील वाजपेयी के मार्गदर्षन में संपन्न कराई जावेगी । खिलाडियों का चयन के उपरांत राज्य स्तर पर अच्छे प्रदर्षन हेतु प्रषिक्षण जय बजरंग व्यायाम शाला में दिया जावेगा । प्रतियोगिता एवं प्रतियोगिता उपरांत दिया जाने वाला प्रषिक्षण पूर्णतः निःषुल्क रहेगा । उक्त जानकारी जय बजरंग व्यायाम शाला के चंदर पहलवान एवं राजेष बारिया द्वारा दी गई ।

जसोदा खुमजी में पीएचई एवं स्वास्थ्य विभाग जाकर सेवाए दे

झाबुआ---ग्राम जसोदा खुमजी में फ्लोराइड युक्त पानी के कारण ग्रामीणों में हो रही फ्लोरोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग जाकर बीमारियों से बचाव के लिए रोग से पीडित मरीजों का उपचार करे।  पीएचई विभाग शुद्ध पेयजल उपलब्घ करवाये।

शिक्षको की रूकेगी वेतनवृद्धि
स्कूली बच्चो के जाति प्रमाण-पत्र बनाने का कार्य शासन द्वारा स्कूलो एवं एसडीएम को सौपा गया है। कलेक्टर द्वारा निर्धारित समय सीमा में कुछ स्कूलो द्वारा बच्चो के जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य 20 प्रतिशत से भी कम किया गया है। ऐसे स्कूल जहाॅ के बच्चो के जाति प्रमाण-पत्र का कार्य 20 प्रतिशत से कम किया गया है उनकी एक-एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. ने निर्देशित किया। उक्त निर्देश आज 1 जून को प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस ने समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में दिये। बैठक में विभागवार समयावधि पत्रों, जनशिकायत, जनसुनवाई की विभागवार समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। बैठक में जिला अधिकारी एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे।

साक्षर भारत के संबंध में बैठक 5 एवं 6 जून को

झाबुआ----साक्षर भारत अभियान की प्रगति के संबंध में प्रेरको की बैठक 5 एवं 6 जून को होना प्रस्तावित है। रामा राणापुर एवं झाबुआ ब्लाक के प्रेरको की बैठक 5 जून को प्रातः 11 बजे बुनियादी स्कूल झाबुआ में एवं मेघनगर, थांदला एवं पेटलावद ब्लाक के पे्रेरको की बैठक बी.आर.सी आफिस थांदला में प्रातः 11 बजे आयोजित की जाएगी।

डाॅक्टर्स ईमानदारी से इलाज करे ताकि बाहर के मरीज, झाबुआ आये - सांसद श्री भूरिया

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झाबुआ---डाॅक्टर अस्पताल में आने वाले मरीजों का इस प्रकार इलाज करे कि मरीज दाहोद, इन्दौर  बडौदा नहीं जाये। उनकी सभी जांच अस्पताल में हो जाये। डाॅक्टर्स ईमानदारी से इलाज करे,ताकि बाहर के मरीज भी यहाॅ पर आये। उक्त वक्तव्य आज 1 जून को जिला चिकित्सालय परिसर में आयोजित मलेरिया प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद श्री दिलीपसिंह भूरिया ने दिये। इस माह 1-30 जून तक चलने वाले मलेरिया माह का शुभारंभ आज 1 जून को जिला स्तर पर मलेरिया से बचाव के लिए आयोजित प्रदर्शनी से किया गया। कार्यक्रम को विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल ने संबोधित करते हुए कहा। कि मलेरिया से बचाव के लिए गाॅव-गाॅव जाकर प्रचार-प्रसार किया जाये। हर ग्रामीण को पता रहे कि मलेरिया, डेगू, चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होती है। आसपास मच्छर नहीं पनपने दे। घर के आस-पास साफ-सफाई रखें। रोग के निदान एवं बचाव के लिये जनभागीदारी बहुत ही आवश्यक है। उन्होने कहां कि मलेरिया या किसी भी बीमारी से बचाव के लिये प्रिवेण्टिव उपाय जरूरी है जिसके तहत बीमारियों से कैसे बचे और क्या क्या सावधानिया रखना चाहिए। इस बारे में जानकारी होना एवं उसे अमल में लाना जरूरी होता है इसके लिये प्रचार-प्रसार की इसमें अहम भुमिका होती है। एडवोकेसी कार्यशाला का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है कि लोगो में मलेरिया से बचाव के बारे में क्या क्या सतर्कता व सावधानी बरतना चाहिये के बारे में जनजाग्रति पैदा हो। मलेरिया से बचाव के लिए नागरिक सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे। घर के आस-पास के गढडो को भर दे। पानी से भरे रहने वाले स्थानों पर टीमोफाॅस, मिटटी का तेल या जला हुआ इंजन आॅयल डाले। घर एवं आस-पास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दे। सप्ताह में एक बार अपने टीन.डिब्बा.बाल्टी इत्यादि का पानी खाली कर दे। सप्ताह में एक बार अपने कूलर्स का पानी खाली कर दे। पानी के बर्तन आदि को ढक्कर रखे। हैण्डपम्प के पास पानी एकत्र न होने दे। 

मलेरिया रथ को किया रवाना
जिला अस्पताल परिसर में सांसद श्री भूरिया एवं विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल ने मलेरिया रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सीएमएचओ डाॅ. अरूण कुमार शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी डीएस सिसोदिया, प्रभारी सिविल सर्जन डाॅ. अवास्या सहित जनप्रतिधि एवं स्वास्थ्य सेवक उपस्थित थे। यह प्रचार रथ हाट बाजार एवं ग्रामीण क्षेत्रो में भ्रमण कर मलेरिया से बचाव की जानकारी देगा।

अंर्तविभागीय कार्यशाला संपन्न

झाबुआ---मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार करने के लिए 1 जून से 30 जून तक मलेरिया माह मनाया जाएगा। इस संबंध में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस.की अध्यक्षता में अतरविभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सीएमएचओ डाॅ. अरूण कुमार शर्मा जिला मलेरिया अधिकारी डीएस सिसौदिया सहित अन्य संबंधित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।

2 जून को कृषि अधिकारियो द्वारा 6 ब्लाको के 18 गाॅव में कृषि संबंधि तकनिकी जानकारी किसानो को दी जाएगी

झाबुआ---जिले में 25 मई से कृषि महोत्सव प्रारंभ गया है। कृषि महोत्सव 25 मई से 15 जून तक चलेगा। इस दौरान कृषि क्रांति  रथ प्रतिदिन हर ब्लाक में 3 ग्रामों में भ्रमण करेगा एवं एक गाॅव में रात्रि विश्राम करेगा। जिले के 6 ब्लाक के 18 गाॅव में यह रथ प्रतिदिन जाएगा। यह रथ 2 जून को झाबुआ ब्लाक के कालापीपल, डूमपाडा, एवं नलदीछोटी में भ्रमण करेगा एवं ग्राम नल्दीछोटी में रात्रि विश्राम करेगा। रामा ब्लाक के ग्राम रेहन्दा, सेल खोदरी एवं बलोला में भ्रमण करेगा एवं ग्राम सेलखोदरी में रात्रि विश्राम करेगा। ब्लाक रानापुर के ग्राम टाण्डी, डाबतलई एवं समोई में भ्रमण करेगा एवं ग्राम समोई में रात्रि विश्राम करेगा। ब्लाक थांदला में ग्राम कोटडा, भीमकुण्ड एवं बोयडी में भ्रमण करेगा एवं ग्राम बोयडी में रात्रि विश्राम करेगा। ब्लाक पेटलावद में ग्राम कुम्भाखेडी, बखतपुरा, एवं धतुरीया में भ्रमण करेगा एवं ग्राम धतुरीया में रात्रि विश्राम करेगा। ब्लाक मेघनगर में ग्राम कडवापाडा, तलावली एवं पावागोई बडी में भ्रमण करेगा एवं ग्राम तलावली में रात्रि विश्राम करेगा। कृषि क्रांति रथ के साथ एक तकनीकि दल भी भ्रमण करेगा जो किसानो को खेती संबंधी उन्नत तकनीको की जानकारी देगा। किसानो की मांगो, समस्याओं का समाधान करेगा एवं किसानो के खेतो की मिटटी का परीक्षण कर साॅइल हेल्थ कार्ड दिये जायेगा। किसान को यह बताया जाएगा कि उसे अपने खेत में किस प्रकार की और कितनी मात्रा में खाद डालनी है। जैविक खेती की ओर किसानो को अग्रेषित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। किसान के लाभो में वृद्धि करने के लिए हर तरह का तकनीकी सहयोग कृषि क्रांति रथ में उपस्थित दल द्वारा दिया जाएगा। कृषि क्रांति रथ के भ्रमण के दौरान राजस्व विभाग, विद्युत मण्डल पशु चिकित्सा विभाग, सहकारिता विभाग, मत्स्य विभाग स्वास्थ्य विभाग के शासकीय सेवक भी भ्रमण कर विभाग से संबंधित सेवाएॅ ग्रामीणो को देगे।

अंधारवाड में संगोष्ठी संपन्न

झाबुआ---कृषि महोत्सव अंतर्गत विगत 31 मई को राणापुर विकासखण्ड के ग्राम अंधारवाडा में विकासखण्ड स्तरीय कृषक संगोष्ठी का वृहद स्तर पर आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीण कृषको एवं महिलाओं द्वारा बडी संख्या, में उत्साहपूर्वक सहभागिता की गई। विकासखण्ड स्तरीय इस संगोष्ठी में प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस.ने शासन की योजनाओं का अधिकाधिक लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होने मध्यप्रदेश सरकार को कृषक हितैषी बताते हुये कहा कि राज्य सरकार ने किसानो के लिये कई हितकारी योजनायें बनाई है, उनका भरपूर लाभ किसान भाईयों को लेना चाहिये। कृषि क्रांति रथ के साथ तकनीकी दल, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि से जुडे हुये सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद है, हमें इस अवसर का पूरा-पूरा फायदा उठाना चाहिये। इस अवसर पर उन्होने विभिन्न महिला समूह एवं अन्य बचत समूह की उपस्थिति ग्रामीण महिलाओं का आव्हान करते हुवे कहा कि जिले की किसानी में महिला कृषको का योगदान महत्वपूर्ण है। नवीन उन्नत बीज,देशी खाद, समय पर कृषि कार्य करके वैज्ञानिक तकनीकी को हमें अपनाना चाहिये ताकि वर्तमान कृषि परिवेश में हम कम जमीन में अधिक उत्पादन कर अधिक मुनाफा ले सके। विकासखण्ड स्तरीय कृषक संगोष्ठि में उप संचालक कृषि, श्री जी.एस.त्रिवेदी, कृषि विज्ञान केन्द्र के डाॅ. आई.एस.तोमर एवं विभागीय अधिकारी कर्मचारी संगोष्ठि  में उपस्थित थे।

छेडछाड का 01 अपराध पंजीबद्व:ः-

फरियादिया ने बताया कि मैं कुएं पर मवेशियों को पानी पिलाने गयी थी। आरोपी भारत पिता शोभान सिंगार, निवासी देवफलिया ने बुरी नियत से हाथ पकड़ा व चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 254/2015 धारा 354 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पशु क्रुरता अधिनियम का 01 अपराध पंजीबद्ध:ः-

थाना रायपुरिया पुलिस ने आरोपी भगवान पिता मानसिंह डामर, उम्र 27 वर्ष निवासी जुवानपुरा को टेम्पो क्र0एम0पी0-45-एल0ए0-0103 में कुल 04 मवेशियों को ठुस-ठुस कर परिवहन करते गिर0 किया गया। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 75/15, धारा 11-घ पशु क्रुरता अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सोनिया ने दलितों पर हो रहे अत्याचार पर मोदी को पत्र लिखा

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दलितों पर हो अत्याचार को लेकर चिंता जताते हुए आज एक पत्र लिखा और दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मानसून सत्र में विधेयक लाने की मांग की। श्रीमती गांधी ने कहा कि हाल ही में दलितों पर अत्याचार की बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान के नागौर में 17 दलितों को ट्रैक्टर से कुचला गया जिनमें चार की मौत हो गई और अन्य की हालत गंभीर है। तीन माह पहले भी इसी जिले में तीन दलितों की हत्या की गई थी। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान अकेला राज्य नहीं है बल्कि अन्य कई राज्यों में भी दलितों पर हमले हुए है। महाराष्ट्र के शिरडी में मोबाइल फोन में अम्बेडकर की रिंगटोन होने के कारण एक दलित युवक की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने सरकार से दलितों पर हो रहे अत्याचार को रोकने का आग्रह किया और सरकार से मानसून सत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार रोकथाम विधेयक लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस संदर्भ में एक अध्यादेश लेकर आई थी लेकिन मोदी सरकार उसे पारित नहीं करवा सकी।

विशेष : मांगलिकता एवं समृद्धि का प्रतीक है कलश

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भारतीय संस्कृति में विविध मांगलिक प्रतीकों का विशिष्ट महत्व है। विशेषतः हिन्दू धर्म में इन मांगलिक प्रतीकों का बहुत प्रचलन है। हर मांगलिक कार्य चाहे नया व्यापार, नववर्ष का आरंभ, गृह प्रवेश, दिवाली पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान, विवाह, जन्म संस्कार आदि सभी में इन मांगलिक प्रतीकों का उपयोग होता है, इनके बिना कोई भी अनुष्ठान अधूरा ही रहता है। इन मांगलिक प्रतीकों के साथ मांगलिक भावनाएं जुड़ी होती है, जिनसे व्यक्ति सुख, समृद्धि, उन्नति एवं रिद्धि-सिद्धि प्राप्त करता है। इन्ही मांगलिक प्रतीकों में कलश का भी महत्वपूर्ण स्थान है। सभी धार्मिक कार्यों एवं अनुष्ठानों में सबसे पहले कलश की स्थापना की जाती है और इसे सर्वोच्च स्थान दिया गया है। छोटे अनुष्ठानों से लेकर बडे़-बड़े धार्मिक कार्यों में कलश की पूजा एवं स्थापना जरूरी है। इस प्रकार कलश भारतीय संस्कृति का वह प्रतीक है जिसमें समस्त जगत के कल्याण की भावनाएं निहित होती हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और शुभताओं का प्रतीक माना गया है। यह कलश विश्व ब्रह्मांड, विराट ब्रह्मा एवं भू-पिंड यानी ग्लोब का प्रतीक है। इसमें सम्पूर्ण देवता समाए हुए हैं। पूजन के दौरान कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है। मनुष्य के जीवन में जन्म से लेकर मृत्य तक कलश अनेक रूपों में उपयोग होता है। क्योंकि यह जीवन में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जाओं को स्थापित करता है।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं। अर्थात सृष्टि के नियामक विष्णु, रुद्र और ब्रह्मा एवं समस्त दैवीय शक्तियां इस ब्रह्माण्ड रूपी कलश में व्याप्त हैं। समस्त समुद्र, द्वीप, यह वसुंधरा, ब्रह्माण्ड के संविधान चारों वेद इस कलश में स्थान लिए हैं। इसका वैज्ञानिक पक्ष यह है कि जहाँ इस घट का ब्रह्माण्ड दर्शन हो जाता है, जिससे शरीर रूपी घट से तादात्म्य बनता है, वहीं ताँबे के पात्र में जल विद्युत चुम्बकीय ऊर्जावान बनता है। ऊँचा नारियल का फल ब्रह्माण्डीय ऊर्जा का केन्द्र बन जाता है। जैसे विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए बैटरी होती है, वैसे ही मंगल कलश ब्रह्माण्डीय ऊर्जा संकेंद्रित कर उसे बहुगुणित कर सम्पूर्ण सृष्टि में फैला देता है, जो वातावरण को दिव्य बनाती है। कलश एक ऐसा चमत्कारी प्रतीक है, जो स्वयं में सम्पूर्ण सृष्टि के मागल्य की कामना का समेटे है। कलश की ऊर्जा, ताप, प्रकाश एवं शीतलता जीवन की एक सार्थक व्याख्या है, क्योंकि बिना ऊर्जा के निष्प्राण चेतना मृत्यु है। बिना ताप के विकास की यात्रा निरुद्देश्य है। बिना प्रकाश का जीवन घुप अंधेरों में डूबा मौन सन्नाटा है और बिना शीतलता के जीवन असंतुलित है। इसलिये हर घर में कलश की स्थापना बुनियादी जरूरत है। इसकी स्थापना सम्पूर्ण सृष्टि को गतिशीलता, तेजस्विता और कर्मशीलता देती है। 

मंगल का प्रतीक कलश अष्ट मांगलिकों में से एक होता है। जैन साहित्य में कलशाभिषेक का महत्वपूर्ण स्थान है। जो जल से सुशोभित है वही कलश है। कलश में भरा पवित्र जल इस बात का संकेत हैं कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही शीतल, स्वच्छ एवं निर्मल बना रहें। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना एवं सरलता से भरे रहें। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईष्या और घृणा आदि कुत्सित भावनाओं से हमेशा दूर रहें। मंदिरों में प्रायः कलश शिवलिंग के ऊपर स्थापित होता है जिसमें से निरंतर जल की बूंदें शिवलिंग पर पड़ती रहती है। कलश पर लगाया जाने वाला स्वस्तिष्क का चिह्न चार युगों का प्रतीक है। यह हमारी 4 अवस्थाओं, जैसे बाल्य, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था का प्रतीक है।

पौराणिक शास्त्रों के अनुसार मानव शरीर की कल्पना भी मिट्टी के कलश से की जाती है। इस शरीररूपी कलश में प्राणिरूपी जल विद्यमान है। जिस प्रकार प्राणविहीन शरीर अशुभ माना जाता है, ठीक उसी प्रकार रिक्त कलश भी अशुभ माना जाता है। इसी कारण कलश में दूध, पानी, पान के पत्ते, आम्रपत्र, केसर, अक्षत, कुमकुम, दुर्वा-कुश, सुपारी, पुष्प, सूत, नारियल, मिश्री, फल, अनाज आदि का उपयोग कर पूजा के लिए रखा जाता है। इसे शांति का संदेशवाहक माना जाता है।

पौराणिक साहित्य में कलश की बहुत महिमा गायी गई है। अथर्ववेद में घी और अमृतपूरित कलश का वर्णन है। वहीं ऋग्वेद में सोमपूरित कलश के बारे में बताया गया है। रामायण में बताया गया है कि श्रीराम का राज्याभिषेक कराने के लिए राजा दथरथ ने सौ सोने के कलशों की व्यवस्था की थी। राजा हर्ष भी अपने अभियान में स्वर्ण एवं रजत कलशों से स्नान करते थे। 

कलश की उत्पत्ति के विषय में अनेक कथाएं प्रचलित हैं जिसमें से एक समुद्र मंथन से संबंधित है जिसमें कहा गया है कि समुद्र मंथन से निकले चैदह प्रतीकों में कलश भी एक है। समुद्र जीवन और तमाम दिव्य रत्नों और उपलब्धियों का स्रोत है। कलश भी दिव्य और चमत्कारी है। यह भी शास्त्रों में वर्णित है कि अमृत को पीने के लिए विश्वकर्मा ने कलश का निर्माण किया। वैसे हिन्दू धर्म में प्रचलित सभी मांगलिक प्रतीकों एवं रीति-रिवाजों का वैज्ञानिक महत्व भी सर्वाधिक है।



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(ललित गर्ग)
पटपड़गंज, दिल्ली-92 
फोन: 22727486, 9811051133

हास्य – व्यंग्य : प्रमाणित करता हूं कि मैं आम आदमी हूं...!!

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कहते हैं गंगा कभी अपने पास कुछ नहीं रखती। जो कुछ भी उसे अर्पण किया जाता है वह उसे वापस कर देती है। राजनीति भी शायद एसी ही गंगा हो चुकी है। सत्ता में रहते हुए राजनेता इसमें जो कुछ  प्रवाहित करते हैं कालचक्र उसे वह उसी रूप  में वापस कर देता है। हाल में इसकी बानगी पश्चिम बंगाल में देखने को मिली। जब लंबे समय तक सत्ता में रह चुके एक पूर्व मंत्री को आखिरकार उसी महकमे के दफ्तर के सामने देर तक बैठे रहना पड़ा, जिसके वे लंबे समय तक मंत्री रह चुके थे। दरअसल समय के फेर ने इस राजनेता को सत्ता से बेदखल कर दिया। मंत्रीपद तो गया ही, जनाब विधानसभा का चुनाव भी हार गए। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में श्रीमान को अपने  शहर का मेयर बनने का मौका जरूर मिल गया। लिहाजा अपने शहर के विकास की चर्चा के लिए जनाब शहरी विकास मंत्री से मिलने राजधानी चले गए। लेकिन समय का फेर देखिए कि मंत्री महोदय ने समय देकर भी उनसे मुलाकात नहीं की। 

यही नहीं उन्हें उसी दफ्तर के बाहर आम – मुलाकाती की तरह बैठा कर रखा गया, जिसके वे खुद लंबे समय तक मंत्री  रह चुके थे। कहते हैं इससे खिन्न होकर भुक्तभोगी राजनेता पंचायत मंत्री से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भी टरका दिया। एक राजनेता के लिए इससे बड़ी सजा और क्या हो सकती है कि उसे आम – आदमी की कतार में खड़े कर दिया जाए। इस घटना से यह भी सवाल उठता है कि एक राजनेता को ही यदि किसी मंत्री से  मिलने में इतनी परेशानी पेश आती है तो आम – आदमी की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। भुक्तभोगी भली भांति जानते हैं कि किस तरह प्रदेश की राजधानियों में मंत्री की कौन कहे एक सामान्य अर्दली के भी मंत्री जैसे ठाठ होते हैं। मिलना या मुलाकात तो दूर किसी महकमे के दफ्तर जाने पर सुरक्षा गार्ड मुलाकाती से इस तरह पूछताछ करते हैं मानो वह कोई आतंकवादी हो। एक तरह से मुलाकाती को यह प्रमाणित करना पड़ता है कि वह एक आम – आदमी है कोई आतंकवादी नहीं। किसी तरह दफ्तर में घुस भी गए तो अधिकारी हर सवाल का जवाब हां या ना में देकर पिंड छुड़ा लेते हैं। 

अधिकारियों को तो जनता की अदालत में खड़े नहीं होना पड़ता, लेकिन राजनेताओं को यह अग्नि परीक्षा बार – बार देनी पड़ती है। लिहाजा किसी सभा – समारोह में यदि किसी मंत्री को कोई समस्या बताई और उन्होंने अनुशंसा कर भी दी तो संबंधित अधिकारी तक अनुशंसा पत्र  पहुंचाने में आम – आदमी की चप्पलें घिसती रहती है। ऐसे में उस राजनेता की पीड़ा को आसानी से समझा जा सकता है जो खुद लंबे समय तक बड़ी ठसक के साथ एक महकमे का मंत्री रहा, लेकिन भाग्य के फेर ने उसे उसी दफ्तर के मुलाकातियों के बेंच पर बिठा दिया। तो क्या इसी वजह से राजनेता हर समय सशंकित और भयाक्रांत रहते हैं। राजधानी में रहने वाले बड़े राजनेताओं की तो बात ही छोड़िए , गांव – कस्बों के सामान्य जनप्रतिनिधियों को इस असुरक्षा भाव से हर समय घिरा पाया जाता है कि कहीं उनका पद चला न जाए। सत्ता की डाल से बिछुड़ चुके राजनेता तो हर समय लगभग रूआंसे नजर आते हैं। परिजन भी इस दौरान सदैव इस आशंका से घिरे रहते हैं कि अवसाद की मनः स्थिति में श्रीमान कहीं रोग शैय्या पर न पड़ जाएं या फिर दुनिया से ही विदा न हो जाएं।  

कुरदने पर स्पष्ट रूप से कहते हैं कि जिस तरह मछली पानी के बगैर नहीं रह सकती है उसी तरह हम राजनीतिक जीव बगैर पद – अधिकार के जीवित नहीं रह सकते । यह भी सोचने वाली बात है कि यदि एक बेहद ताकतवर राजनेता के सामने ऐसी परिस्थिति आ सकती है कि उसे उसी महकमे के बाहर बेंच पर बैठना पड़े, जिसका वह दशकों तक मंत्री रहा तो छोटे – मोटे जनप्रतिनिधियों की सत्ता से हटने के बाद क्या हालत होती होगी। देश में जब तरह – तरह से आरक्षण की मांग हो ही रही है तो एक आरक्षण यह भी होना चाहिए कि सत्ता से बेदखल किये जा चुके राजनेताओं के साथ कम से कम ऐसा व्यवहार नहीं होना हो। जरूरी हो तो इसके लिए कानूम में संशोधन या नई आचार संहिता भी बनाई जा सकती है।  




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तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934 , 9635221463

आलेख : खेवनहारों के हाथ फिर थमाई छूटी पतवार

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जालौन जिले के रामपुरा ब्लाक के केवट बाहुल्य मल्लाहनपुरा के खेवनहार बाशिंदों के हाथ की पतवार मझधार में छूट जाने से बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके इस गांव में सामुदायिक प्रयासों से ठहरा हुआ वक्त जैसे फिर नई करवट लेता नजर आ रहा है। न केवल खेवनहारों के हाथ में उनकी पतवार वापस आ गई है बल्कि अब खुशनुमा सपनों की बहार ने गांव वालों की नीरस जिंदगी की रंगत बदलना शुरू कर दी है।

पहले इस गांव के सामाजिक आर्थिक भूगोल पर एक नजर डालें। पहुज के बीहड़ों में बसे इस गांव में कास्त योग्य जमीन नाम मात्र की होने से छोटी-छोटी जोत के कारण कोई परिवार इतनी पैदावार भी हासिल नहीं कर पाता है कि साल भर में उसके खुद का चूल्हा भी जलता रह सके। सिंचाई साधनों का अभाव गांव की दशा के लिए कोढ़ में खाज की तरह है। एक ओर तबाह खेती दूसरी ओर मत्स्य आखेट व रस्सियां बुनने जैसे परंपरागत व्यवसायों का आप्रसंगिक होते चले जाना। मात्र चार-पांच फीट की कच्ची गोबर लिपी दीवारों पर रखे आधे-अधूरे छप्पर के आशियाने में मौसम के थपेड़ों को खुले में झेलते हुए नरक की जिंदगी जी रहे परिवार गांव की बदहाल तस्वीर को बयान करते हैं। उम्मीद की कोई किरण नजर न आने से यहां जिंदा लोगों की बस्ती मुर्दों के बसेरे में तब्दील नजर आने लगी थी लेकिन अब मंजर बदला हुआ है। लगता है कि जैसे अचानक फिर इस गांव में जिंदगी धड़क उठी हो। यह बदलाव आया जब इस गांव को पानी पर महिलाओं की प्रथम हकदारी परियोजना के लिए अपनाया गया। जल सहेली लौंगश्री बताती हैं कि गांव के लोग पहले से ही सब्जी की खेती में माहिर हैं। यहां का बैगन, भिंडी, टमाटर, ककड़ी, खरबूजा, तरबूज आदि सब्जियां और फल अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर हैं लेकिन गांव के किसान क्या करें उनके पास इस खेती को करने के लिए पहुज का छोटा सा कछार भर है। पानी पंचायत की सक्रियता के बाद यहां के उद्यमी किसान उठ खड़े हुए तो हाल ही में यहां एक राजकीय नलकूप प्रशासन ने स्थापित कराया जिससे अब समतल खेतों में भी सब्जी की खेती शुरू हो गई है। आगाज के स्तर पर ही जो आसार नजर आ रहे हैं उससे किसान उत्साहित है और उन्हें लगना लगा है कि अब दिन बदलने वाले हैं। भरपूर सब्जी होने पर इसकी बिक्री से हर परिवार साल भर का अनाज तो खरीद ही सकेगा साथ ही अतिरिक्त कमाई से जीवनशैली सुधारने की ललक भी उसमें जागेगी।

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वैसे तो कागजों में महूटा माइनर से गांव के खेतों की सिंचाई के लिए नहर का पानी देने का इंतजाम वर्षों से है लेकिन हकीकत यह है कि कभी इस माइनर की सफाई नहीं हुई जिससे यह माइनर हमेशा सूखी रहती है। पानी पंचायत की हलचल से गांव में बने उमंग के माहौल के चलते ग्रामीणों ने खुद इसकी सुध लेने का फैसला इस बार किया और चंदा करके नहर की सफाई करा दी। नतीजतन पहली बार गांव के लोगों को इस माइनर के फायदे का एहसास हुआ है। दूसरी जलसहेली सोमवती का कहना है कि यह एक दूरगामी प्रभाव वाली पहल साबित हो सकती है। सरकार व प्रशासन के भरोसे न रहकर गांव वालों ने सिंचाई, पेयजल, व्यवसाय आदि के लिए अपने पैरों पर खड़े होना सीख लिया तो यहां के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन सुनिश्चित है। इसके लक्षण अभी से उजागर होने लगे हैं। ऊबड़-खाबड़ खेतों को ज्यादा पैदावार के लिए सक्षम बनाने को पानी पंचायत की प्रेरणा से उनमें मेड़बंदी का प्रयोग भी हुआ है और इसके नतीजे कम स्फूर्ति दायक नहीं हैं। माडल गांव के रूप में उभरती इसकी हस्ती को देखने के लिए अब अधिकारियों का अक्सर भ्रमण यहां होने लगा है जिसका फायदा उठाकर पानी पंचायत की महिलाओं ने नालों पर छोटे-छोटे चेकडैम बनाकर खेतों के लिए सिंचाई सुविधा देने की रट लगाई तो एक चेकडैम बन भी गया। जाहिर है कि यह नतीजा इन प्रयासों में लगातार अग्रसर रहने का टानिक उन्हें दे गया है।

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गांव की महिलाओं में उद्यम की कमी पहले से ही नहीं है। इस कारण पशुपालन की परंपरा यहां घुट्टी में शुरूआत से ही पिला दी जाती है। भदावरी भैंसों का क्षेत्र होने से दुग्ध व्यवसाय के लिए यह सबसे मुफीद क्षेत्र है लेकिन एक भैंस की कीमत जहां तक पहुंच गई है गरीबी में जी रहे गांव वालों के लिए इस कारण उनका तबेला बनाने की सोचना हिम्मत के बाहर की बात थी पर पानी पंचायतों ने स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया तो अब स्थिति बदली बदली है। इन समूहों के जरिए बैंकों से ऋण सहायता लेकर हाल में कई भैंसें खरीदी गई हैं। इस कारण पास ही एक डेयरी भी स्थापित हो गई है जिसकी वजह से दूध का भरपूर मूल्य ग्रामीणों को मिल पा रहा है। बीहड़ की सूखी घास यानी डाव से बहुउद्देश्यीय व्यवसाय के लिए रस्सी बनाने के दम तोड़ चुके काम में भी पानी पंचायतों की सक्रियता ने नई जान ला दी है। उन्होंने रस्सियां बेचने की बजाय खुद कनवर्जन करके खाट, पलंग, मूढ़े आदि माल को तैयार करने की ललक दिखाई तो बाहर के व्यापारी विचलित हो गए और आखिरी में उन्होंने रस्सी की वाजिब कीमत देने की उनकी मांग मान ली। पूर्व मुख्य विकास अधिकारी शंभू कुमार जब इस गांव के भ्रमण पर आए थे तो उनकी चौपाल में ग्रामीणों ने गंदगी और अतिक्रमण के कारण अस्तित्व खोते जा रहे तालाब की सफाई की मांग रखी थी। शंभू कुमार पानी पंचायत के कार्यों से इतने अभिभूत थे कि उन्होंने तत्काल ही चौपाल में मौजूद रामपुरा के खंड विकास अधिकारी को प्राथमिकता के आधार पर तालाब की सफाई कराने के लिए निर्देशित कर दिया था लेकिन उनका तबादला हो गया तो यह निर्देश बीत गई सो बात गई जैसा बन गया। पानी पंचायत के संघर्ष का अगला मोर्चा इसी तालाब की सफाई की मांग को लेकर जमेगा।





के  पी  सिंह 
ओरई 

महाकुम्भ अलग तरह का शो है: केतकी दवे

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टीवी जगत से फिल्मों तक का सफर तय करने वाले अभिनेत्री को गर्व है कि वह एक टीवी कलाकार भी हैं। केतकी दवे बताया, ‘मैं मस्तमौली हूं। मुझे गर्व है कि मैं एक टीवी अभिनेत्री हूं और टीवी उद्योग जगत को मुझ पर गर्व होगा। 

अपनी जबरदस्त भूमिकाओं और बेहतरीन अदाकारी के लिये मशहूर केतकी दवे लाइफ ओके के शो ‘महाकुंभ एक रहस्य एक कहानी’ में पहले कभी न देखे गये अवतार में नजर आ रही है। शो में केतकी अधेड़ थप्पड़िया माई की भूमिका में हैं। जो एक मानसिक समस्या से ग्रस्त हैं। उनका किरदार शो में कुछ और ड्रामा जोड़ने के साथ कुछ हल्के फुल्के पल लायेगा।

केतकी थप्पड़िया माई की भूमिका को लेकर उत्साहित हैं और इसे अनूठा और वित्रित किरदार बताते हुये कहती हैं, ‘‘मैं आमतौर पर ड्रामेटिक और ओवर द टाॅप किरदार निभाने के लिये टाइपकास्ट हो गयी हूं लेकिन थप्पड़िया माई का किरदार मुझे बहुत रोमांचक लगा और मुझे लगा कि मैं इसमें फिट होउंगी। महाकुम्भ एक शानदार शो है और इसकी कहानी बेहतरीन है। थप्पड़िया माई का किरदार महाकुंभ के रहस्य को और गहरा करने के साथ साथ इसे और अधिक उलझाता है। ’’

थप्पड़िया माई की एण्ट्री उस समय हुई जब रूद्र अपने सबसे खराब समय से गुजर रहा है। अपने अक्खड़ स्वभाव के बावजूद रूद्र और थप्पड़िया माई के बीच एक अनूठा रिश्ता बनता हैं। थप्पड़िया माई की एंट्री कहानी में रोमांच पैदा करता है। केतकी दवे कहती है कि ‘यह कहानी है,कुंभ से निकलने वाले अमृत की। जिसको पाने के लिए नाग और गरूण के बीच एक सघर्ष जारी है,इसके लिए दोनों ही किसी भी स्तर पर जा सकते हैं। मैंने सात गरूणों में एक गरूण के किरदार को निभाया हैं।

गौरततलब है कि एकता कपूर के टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थीं से सुर्खियों में आने वाली केतकी इससे पूर्व में हसरतें,ये दिल क्या कहता है,नच बलिये,कमेडी सर्कस,बिग बाॅस,बहनें,राम मिलाये जोडी,पवित्र रिश्ता जैसे शो में काम कर चुकी हैं। केतकी कहती है कि ‘मैंने तरह के किरदार को जीने का प्रयास किया है।’  केतकी ने भी फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत 1983 में फिल्म किसी ो ना कहना से की थी। अब छोटे पर्दे से भी जुडी है। केतकी का कहना है कि ‘एक अभिनेत्री के रूप में वह असुरक्षित महूसस नहीं करती और वह प्रतिदिन अखबारों की सुर्खियों में शामिल होना नहीं चाहतीं।’

उन्होंने हास्य फिल्मे करने की अपनी इच्छा जताते हुए कहा, ‘मैं जब कुछ नहीं कर रहा होती, तब मैं एक आम इंसान की तरह रहना पसंद करती हूं। मुझे हास्य किरदार ज्यादा पसंद है। केतकी के मुताबिक, ‘मैं हास्य फिल्में करना चाहती हूं। मुझे पता है कि लोगों को मेरी हास्य उपस्थिति के बारे में पता है। मुझे अपने टीवी दर्शकों का मनोरंजन करना पसंद है। अब मैं हास्य फिल्मे भी करना चाहती हूं। मुझे हास्य फिल्में देखना पसंद है।’

गौरतलब है कि केतकी ने फिल्म ‘अमदनी अठनी खर्चा रूपया’ हास्य किरदार के रूप में अलग पहचान बनायी थीं। किसी से ना कहना फिल्म से बालीवुड में दस्तक देने वाली केतकी दिल,होगी प्यार की जीत,कितने दूर कितने पास,कल हो ना हो,यारां नाल बहारां,लब इन जापान,मनी है,तो हनी है,स्ट्रघाट, हेलो हम लल्लन बोल रहे है, आइ हेट लव स्टोरी जैसी फिल्मों में भी काम कर चुकी है।

आलेख : ये कैसी इंसानियत?

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देश के राज्यों में एक उत्तराखण्ड़ जिसे देवभूमि कहा जाता है।  2013 मे आई इस देवभूमि में प्राकृतिक आपदा ने पूरे संसार के लोगों की रूह को कपां दिया था। इस आपदा में करीब 4 से 5 हजार लोगो ने अपनी जानें गवाई थी। इस आपदा को करीब-करीब दो साल होने को हैं। जिसमें इंसानियत का एक और घिनौना सच दुनिया के सामने आया है। आपदा कार्यों में घोटाले का। आरटीआई के जरिए जो ये सच सामने आया है काफी दुर्भाग्य पूर्ण है। राहत कार्य में लगे अधिकारियों ने जिस तरह से गुलछर्रे उठाए हैं इससे तो यही लगता है वो किसी बचाव कार्य में नही अपनी पिकनिक मनाने गए। लोग मर रहे थे, दर्र से कराह रहे थे, भूखे थे, प्यासे थे, शिविर कैम्प मे थे। और ये लोग होटल में 7 हजार प्रति दिन का कमरा, साथ खाने मे मटन, चिकन, गुलाब जामुन को बड़े चाव से चम्पत कर रहे थे। 

वाह क्या इंसानियत है? दूसरों के दुख में आखिर ये क्यों दुखी हो। इनके परिवार का तो कोई था ही नही। अगर होता तो शायद दर्द का एहसास होता है। कहते हैं जिनके पैरों मे बेवाई नही फटती वो क्या जाने दूसरों का जख्म। ऐसा ही हाल था वहां पर। देश में घोटाले को लेकर चर्चाए फिर शुरू होने लगी है। एक तरफ लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे तो दूसरी तरफ ये अधिकारी पैसा बनाने में जुटे हुए थे। अरे कहा ले जाओगे दीन-दुखियों को दर्द देकर ये पैसे इन सबका हिसाब यही देना होगा। उस आपदा में बचकर आए लोगों से पूछों उनके दिलों पर क्या गुजरी है। कितनी रातें खुले आसमान के नीचे बिताई होगी। कितने दिन और रात पेट में अन्न का एक दाना न गया होगा। प्यास से गला सूख गया होगा पानी की बूंदों के लिए तरसते रहे होगें। आप सब बचाव कार्य में गए थे। तो इतने नखरे थे होटल में रहना है साथ ही मटन चिकन ही खाना है। घर पर चाहे दाल खाकर ही काम चला रहे हो पर फ्री का मिला तो लूट लो दूसरों की गाढ़ी कमाई। एक बार दिल से सोच लिया होता कि हम जो कर रहे है क्या ये उचित है। 

मुसीबत में फसें लोगों को बचाने में अगर काम करते तो आज देश को नाज होता आप पर। वो तो अच्छा हो कि हमारी सेना ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई। इनके भरोसे तो राहत का काम होता तो राहत सामाग्री को भी बेंच खाते। वहां फसें लोगों को भूखे प्यासे मार देते। हो भी क्यों न ऐसे घोटाले। कहते है जब परिवार में बड़ा कोई गलत कार्य करता है तो उसका असर छोटों पर भी पड़ता है। वही हुआ, जब देश के कर्ता धर्ता जिन्हें जनता चुनकर संसद तक भेजती है वो नही चूकते तो ऐ तो अधिकारी वर्ग के लोग हैं। कुछ तो असर पड़ेगा ही। बड़ा न सही चलो छोटा घोटाला कर लेते हैं। लेकिन चोरी तो चोरी होती है। इस पूरे वाक्ये में सीबीआई को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। लेकिन क्या ये जांच कब पूरी हो पाएगी। सबूत के तौर पर आरटीआई मे निकला सच काफी नही है। ऐसा काम सिर्फ हमारे देश में हो सकता है। ऐसी आपदा मे पहले अपना पेट भर लो फिर जो लोग फसें है उन्हें खिलाओ और बचावो। देश के सामने एक और घोटाले का जिन्न सामने आ चुका है। साथ ही पता भी चल चुका है कि आखिर ये कैसी इंसानियत है। 





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रवि श्रीवास्तव
लेखक, कवि, कहानीकार, व्यंगकार
सम्पर्क सूत्र- ravi21dec1987@gmail.com
शिक्षा: माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से परास्नातक किया है

विशेष आलेख : अच्छे दिन पर लगा महंगाई का तड़का

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जी हां, अच्छे दिनों के आने की चर्चा अभी हो रही थी कि किसके अच्छे दिन आ गए। इस बहस में पूरी तरह पता भी नहीं चल पाया कि किसके अच्छे दिन आएं, लेकिन आज से लागू चार फीसदी सर्विस टैक्स की वृद्धि से बढ़ी रोजमर्रा की जिदंगी में प्रयोग होने वाली सामाग्रियों की कीमतों में आई उछाल ने हर तबके को बता दिया कि महंगाई के दिन आ गए है 

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अच्छे दिन का दंभ भरने वाली केंद्र सरकार के दावों के बीच हर आम-ओ-खास की जिदंगी आज से महंगी हो गयी है। महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। मंहगाई पर काबू करना सरकार के बस में ही नहीं है। वजह आज से लागू सर्विस टैक्स की बढ़ी दर के चलते न केवल रेलवे के फस्र्ट क्लास और वातानुकूलित दर्जो के किराये बढ़ गए, बल्कि होटल, टेलीफोन, बिजली, दवा, होटल-रेस्तरां के बिलों तथा बीमा प्रीमियम के लिए भी ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ी। यानी सभी को रोजमर्रा के सामानों पर 14 फीसदी सेवाकर देनी पड़ी। इसके पहले सेवाकर 12 फीसदी और शिक्षा उपकर मिलाकर कुल 12.36 फीसदी लगता था। मतलब साफ है एसी में जहां 3.7 फीसदी सेवाकर लगता था, 4.2 फीसदी हो जाएगा। यानी एसी कोच का 1,000 रुपये का टिकट अब 5 रुपये महंगा हो जाएगा। जबकि घरेलू हवाई यात्रा प्रति हजार 10 रुपये का बोझ बढ़ेगा, अंतरराष्ट्रीय उड़ान में प्रति हजार 20 रुपये की बढ़ोतरी होगी। 

मोबाइल या लैंडलाइन का बिल पहले की दरों के मुताबिक 1000 रुपये पर 1,124 रुपये बनता था, लेकिन संशोधित सेवाकर के मुताबिक नया बिल 1,140 रुपये का होगा। होटल-रेस्तरां में खाना खाने पर 4.944 फीसदी सेवाकर लगता था। अब 1,000 रुपये का खाना खाया तो पुरानी दरों के मुताबिक 1049 रुपये की जगह अब बढ़ी दरों 5.6 फीसदी के बाद अब बिल बढ़कर 1056 रुपये हो जाएगा। जीवन बीमा प्रीमियम पर 0.5 फीसदी का बोझ बढ़ेगा। नए बीमा पर 3 फीसदी का सेवाकर लगता है, जो बढ़कर 3.5 फीसदी हो जाएगा, जबकि दूसरे साल 0.25 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.5 फीसदी से बढ़कर 1.75 फीसदी हो जाएगा। एक करोड़ से कम की प्रॉपर्टी पर 3.5 फीसदी की दर से या उसकी आधार कीमत के 25 फीसदी पर 12.36 फीसदी सेवाकर चुकाना होगा। एक करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी पर 4.2 फीसदी की दर से या उसकी आधार कीमत के 30 फीसदी पर 14 फीसदी की दर से कर चुकाना होगा। गैर सब्सिडीशुदा रसोई गैस सिलेंडर 10 से .50 रुपए मंहगा हो गया है। हालांकि एग्रीकल्चर, मेडिकल, समेत 16 सेवाओं की कीमत में बदलाव नहीं होगा। इनमें ये सेवाएं शामिल हैं-म्यूजियम, जू या वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का टिकट। रेजिडेंशियल मकसद से किराए पर दी गई प्राॅपर्टी, बशर्ते किराया 10 लाख रुपए सालाना से कम हो। डाक विभाग से पोस्ट, पोस्ट कार्ड, स्पीड पोस्ट, पार्सल भेजने पर। रिजर्व बैंक की सेवाएं, फॉरेन डिप्लोमेटिक मिशन की सेवाएं। खेती से जुड़े थ्रेशिंग जैसे कामकाज या अन्‍य काम के लिए किराए पर ली गई मशीनें, कृषि उपज की वेयरहाउस में लोडिंग-अनलोडिंग। मान्यता प्राप्त वोकेशनल कोर्सेस। म्यूजिक, डांस, थिएटर में आर्टिस्ट का परफॉर्मेंस, बशर्ते उसकी फीस 1 लाख रुपए से कम हो। मरीज के लिए एंबुलेंस सेवा। वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना के तहत ली गई पॉलिसी। फल-सब्जियों की रिटेल पैकिंग आदि पर नहीं देना होगा सर्विस टैक्स। 

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1 जून से भविष्य निधि (पीएफ) खाते से पांच साल की अवधि से पहले 30,000 रुपये या इससे अधिक की निकासी पर टीडीएस काटा जाएगा। पैन जमा करने पर कटौती 10 फीसदी की दर से होगी। पैन जमा नहीं करने पर अधिकतम 34.608 फीसदी की दर से टीडीएस कटौती होगी। यदि खाताधारक ने 15जी या 15एच फॉर्म जमा किया है तो टीडीएस कटौती नहीं की जाएगी। रिपोर्ट में रेलवे रेगुलेटरी ऑफ इंडिया का गठन करने की बात कही गयी है। इसके जरिए रेलवे व फ्रेट सेवाओं की आउटसोर्सिंग की जा सकेगी। कमेटी ने रेलवे उपकरणों के निर्माण, ऑपरेशन व मरम्मत की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने का जिक्र भी किया गया है। अन्य सिफारिशों में रेलवे प्रोडक्शन यूनिट व वर्कशॉप को निजी हाथों में सौंपने व इंडियन रेलवे मैनुफैक्चरिंग कंपनी के नाम से नई यूनिट का गठन करने को कहा गया है। इस कंपनी के संचालन की जिम्मेदारी भी प्राइवेट कंपनियों को देने की बात कही गई है। यही नहीं किराया तय करने की जिम्मेवारी भी निजी कंपनियों के हाथों में चली जाएगी। ठस तरह 25ः तक सरकार की कमाई बढ़ेगी। यहां जिक्र करना जरुरी है कि बढ़ेंद र के चलते इस साल 2.09 लाख करोड़ मिलेंगे। जबकि पहले 1.68 लाख करोड़ कमाई का अनुमान था। खास बात यह है कि {कुरियर, एप बेस्ड कैब सर्विस, ब्यूटी पार्लर-सैलून में मसाज, {प्लास्टिक बैग, बोतलबंद पानी, म्यूजिक कंसर्ट, थीम पार्क, शादी के लिए बैंक्वेट हॉल की बुकिंग, सैलून-ब्यूटी पार्लर, केबल सेवा सब महंगा हो जायेगा। 

वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर घरेलू बाजार में सरकारी तेल कंपनियों ने आज विमान ईंधन की दर 7.5 प्रतिशत और गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस (एलपीजी) सिलिंडर का भाव 10.50 रुपए बढ़ा दिया। विमान ईंधन (एटीएफ) का भाव 3,744.08 रुपए या 7.54 प्रतिशत बढ़ाकर 53,353.92 रुपए प्रति किलोलीटर कर दिया गया है। इससे पहले एक मई को जेट ईंधन का भाव 272 रुपए प्रति किलोलीटर या 0.5 प्रतिशत बढ़ा कर 40,609.84 रुपए किया गया था। वैश्विक पेट्रोलियम बाजार के रझानों के चलते गैर-सब्सिडी शुदा या बाजार मूल्य पर बेची जाने वाली रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलिंडरों की कीमत दिल्ली में बढ़ाकर 626.50 रुपए प्रति सिलिंडर कर दी गई जो कल तक 616 रुपए थी। इससे पहले एक मई को गैस सिंलिंडर का मूल्य पांच रुपए घटाया गया था। बाजार मूल्य पर उपलब्ध एलपीजी सिलिंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमत अब 626.50 रुपए होगी जो पहले 616 रुपए थी। उपभोक्ताओं को साल में 14.2 किलोगाम के 12 और पांच किलोग्राम के 34 सब्सिडीशुदा सिलिंडर मिलते हैं। ऐसे सिलिंडरों की कीमत दिल्ली में क्रमशः 417 रुपए और 155 रुपए है। इसके अतिरिक्त यदि उसे सिलिंडर की आवश्यकता हो तो वह बाजार दर पर उसे खरीद सकता है। बाजार मूल्य पर पांच किलो के सिलिंडर की कीमत 318.50 रुपए होगी। इसी तरह 19 किलो के एलपीजी सिलिंडर का बाजार मूल्य 1,151 रुपए होगा जो फिलहाल 1,134 रुपए है। स्थानीय बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में कीमत अलग-अलग होगी। विमानन कंपनियों की परिचालन लागत में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा विमान ईंधन खर्च का है। 



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सुरेश गांधी 
वाराणसी 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर 02 जून

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मदरसा में फर्जी बहाली को लेकर मदरसा के सदर ने डीएम को दिया आवेदन

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड अन्तर्गत मदरसा मम्बउल ओलूम डंगरौल में हुई बहाली और बहाल शिक्षक अब्दुल मन्नान के वेतन पर रोक लगाने संबंधीत आवेदन जिला पदाधिकारी पश्चिम चम्पारण को प्रेषित की गई है। इस बावत मदरसा मम्बउल ओलूम के अध्यक्ष अब्दुल्लाह अंसारी, शिक्षक प्रतिनिधि वहिद अंसारी, दाता परिवार के सदस्य व उपाध्यक्ष रोजमहम्मद अंसारी और दाता परिवार के अन्य सदस्य महम्म्द असलम जावेद ने कार्यपालक दण्डाधिकारी इस्तेयाक अली अंसारी के न्यायालय में शपथ देकर आरोप लगाया है कि नव नियोजित शिक्षक अब्दुल मन्नान की बहाली जाली हस्ताक्षर के द्वारा कर लिया गया है। उसके बाद उसकी प्रति बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड से इसकी स्वीकृति ले ली गयी है। उसके बाद स्थानीय मदरसा के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को जब इस बात की खबर मिली तो नव नियोंजन को रद्द करने के लिए जिला पदाधिकारी से मदरसा बोर्ड तक में आपत्ति दर्ज कराई हैं। क्यांेकि बहाली के दरम्यान नियमांे का पालन नहीं किया गया है, मदरसा के अध्यक्ष व अन्य चार सदस्यों को इस बात की खबर तक नहीं है। जबकि बहाली कर ली गयी है और उसके वेतन के भुगतान की प्रक्रिया में पूरी टीम जुटी हुई है।

भारतीय किसान मंच की बैठक सम्पन्न, गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर आन्दोलन करेगा मंच

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय पोखरा चैक स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में भारतीय किसान मंच की एक बैठक मंच संयोजक विनय कुमार यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें गन्ना किसानांे के बकाया भुगतान के मामले पर विचार-विमर्श किया गया और चीनी मिलों से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सिलसिलेवार आन्दोलन की रूप-रेखा तैयार की गयी। संयोजक विनय कुमार यादव ने दूरभाष पर बताया कि बैठक में 06 जून 15 को चीनी मिल गेट पर 10 बजे से एक दिवसीय महाधरना और 09 जून 2015 को अनुमण्डल कार्यालय का घेराव व आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन पर आम सहमति बनी है। मंच की बैठक में गैसुल आजम, मनौवर आलम, महम्मद हसनैन, श्रीकान्त यादव, राजु डे, दिनेश कुमार, मुस्ताक अंसारी, शैलेश यादव, सैफ अली, कोकिला कान्त यादव, संजय यादव, तारकेश्वर राम, बाबूजान अंसारी, अमीत वर्मा, मनोज साह, रामेश्वर शर्मा और शेख भोला शामिल हुए। आगामी निर्धारित आन्दोलन की सफलता के लिए सात सदस्यीय एक टीम का गठन किया गया है। इस सम्बन्ध में भारतीय किसान मंच ने एसडीओ नरकटियागंज का एक आवेदन देकर चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2014-2015 के किसानो के बकाया राशि का भुगतान नहीं करने को लेकर चलाने जा रहे क्रमवार आन्दोलन चलाने की सूचना दी है। जिसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री बिहार सरकार, सचिव गन्ना विकास विभाग, गन्ना आयुक्त, आयुक्त तिरहुत प्रमण्डल, डीएम बेतिया, एसडीपीओ, थानाध्यक्ष शिकारपुर, कार्यपालक अध्यक्ष न्यु स्वदेशी सुगर मिल को प्रेषित किया है। उधर भारतीय किसान संघ के उत्तर बिहार प्रभारी मंत्री विजय नारायण राव ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को डिलेयड पेमेन्ट एक्ट के तहत भुगतान और प्रबंधन पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग अनुमण्डल पदाधिकारी नरकटियागंज को दिए अपने आवेदन में की है।

बीएड सत्रोपरान्त जाँच परीक्षा में मनीष कुमार को अव्वल मुकाम हासिल

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय टीपी वर्मा काॅलेज के बीएड संकाय के सत्र 2014-2015 के सत्रांत जाँच परीक्षाफल घोषित किया गया। जिसमंे 70 प्रतिशत छात्र व छात्राएँ प्रथम श्रेणी में सफल घोषित हुए। बीएड संकाय के व्याख्याता आवष्किार एवं आलोक रंजन ने बताया कि परीक्षा पूर्व आयोजित जाँच परीक्षा में मनीष कुमार ने सर्वाधिक अंक प्राप्त किया है। काॅलेज के द्वारा आयोजित एक समारोह में मनीष को शिक्षकांे ने सम्मानित किया। मनीष की सफलता पर शिक्षक, शिक्षकेत्तरकर्मी व उसके सहपाठियों में सुधांशु कुमार, महम्मद गौहर अहमद, अतुल कुमार, चन्दन कुमार, वीरेन्द्र कुमार शर्मा, आलोंक राय, सिकन्दर पंडित, रेणु कुमारी, अंजलि कुमारी, मोनिका कुमारी, निवेदिता पाण्डेय ने बधाई दी है। उधर मनीष अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन का श्रेय अपने सहयोगियों, शिक्षको के मागर्दशन व मेहनत को दिया है।

हरेन्द्र राम की पुत्री की ससुराल में मौत, आनन फानन में शव जलाया 

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के पिपरा-दिउलिया वार्ड नम्बर 25 निवासी हरेन्द्र राम ने बताया कि जब वह अपनी पुत्री की मरने की खबर पर मल्दहिया के पोखरिया गाँव पहुँचा तो उसे पुत्री के ससुराल वालांे ने घर में बन्द कर उसका अन्तीम संस्कार कर दिया। उसके बाद उसे मुक्त किया, तदुपरान्त वह शिकारपुर थाना पहुँचा और आप बीती सुनाई। शिकारपुर थानाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ठाकुर ने पूछे जाने पर बताया कि मामले की जाँच के लिए पुलिस अधिकारी को भेजा जा रहा है। उसके बाद उन्होनंे जब इस बावत कुछ नहीं बताया तो पुनः उनसे सम्पर्क स्थापित किया गया तो मंगलवार को करीब 11 बजकर 58 मिनट पर उन्होंने बताया कि हरेन्द्र राम की पुत्री की मृत्यु हो गयी है और उसका अन्तीम संस्कार कर दिया गया है। किन्तु वह कैसे मरी! बीमारी से मरी या अन्य कारणांे से इसका पता नहीं चला है। थानाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ठाकुर के अनुसार मृतका के पिता द्वारा कोई आवेदन नहीं दिया गया है। प्रबुद्धजनांे का कहना है कि यदि हरेन्द्र की पुत्री की सामान्य मृत्यु हुई रहती तो उसके शव को रखकर परिजनों से मिलवाते किन्तु ऐसा नहीं होने से चर्चा का बाजार गर्म है।

मानसूनी बारिश अब 88 फीसदी होने का अनुमान

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भारत में इस साल दीर्घावधि की औसत बारिश का महज 88 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने दी। हर्षवर्धन ने कहा, "उत्तरपश्चिम क्षेत्र में सामान्य (औसत) बारिश का महज 85 फीसदी बारिश होगी।" उन्होंने कहा, "ताजा अनुमान मुझे परेशान कर रहे हैं, क्योंकि इस मानसून में 88 फीसदी बारिश (सामान्य से चार फीसदी अधिक या कम) होने की संभावना है, जो अप्रैल के 93 फीसदी के अनुमान से कम है।"

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल में देश में सामान्य बारिश 93 फीसदी रहने की संभावना जताई थी। हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौसम में हो रहे बदलाव पर बराबर नजर रख रहे हैं। उन्होंने सभी संबंधित मंत्रियों को आवश्यक तैयारियां करने एवं कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो।

आरबीआई ने ब्याज दरें घटाई

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है। ब्याज दरों में इस कटौती के साथ ही ईएमआई दरें घट सकती हैं। मौजूदा वित्त वर्ष की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने वर्तमान और उभरती व्यापक आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 7.25 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के लिए ऋण देता है। गवर्नर राजन ने एक बयान में कहा, "रिवर्स रेपो दर भी 25 आधार अंक घटकर 6.25 प्रतिशत हो गई है, जबकि एमएसएफ दर एवं बैंक दर में कोई कटौती नहीं की गई है और यह 8.25 प्रतिशत पर बरकरार है।" इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी बिना बदलाव के चार प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। 


राजन ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारी नीति न तो अधिक रूढ़िवादी है और न ही अधिक आक्रामक है, बल्कि यह बिल्कुल सटीक है।" इस कैलेंडर वर्ष में आरबीआई ने अबतक ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की कटौती की है। व्यक्तिगत, आवास, वाहन और कॉरपोरेट ऋण पर ब्याज दरें घट सकती हैं। आरबीआई की यह घोषणा पूर्वाह्न 11 बजे आई, जिसके बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में 200 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज हुई। उस समय, एकदिनी कारोबार में 450 अंकों की गिरावट दर्ज हुई। इस फैसले के कारण गिनाते हुए राजन ने कहा कि वैश्विक वित्त बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है, औद्योगिक उत्पादन में सुधार हो रहा है, सेवा क्षेत्र से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। ईंधन महंगाई दर उच्च बनी हुई है, निर्यात घट गया है और नकदी में सुधार हुआ है। इस कैलेंडर वर्ष में आरबीआई ने अब तक रेपो दर में तीन बार कटौती की है।

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (02 जून)

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कृषि तकनीकी ज्ञान के साथ लिया कृषको ने कठपुतली नृत्य का आनंद

बड़वानी 02 जून/कृषि महोत्सव के दौरान कृषि क्रांति रथ विकासखण्ड पाटी के ग्राम पंचायत बेड़दा एवं गंधावल पहुंचा जहाॅ अन्नदान के इस रथ का स्वागत किया गया। रथ के साथ विभिन्न विभागो के अधिकारी, कर्मचारियो एवं कृषि वैज्ञानिको का तकनीकी दल ने ग्रामो में पहुंचकर कृषको की समस्याओ को सुना साथ ही उनके निराकरण हेतु सुझाव दिये । भ्रमण के दौरान कृषि की लागत कम करके उत्पादन कैसे अधिक प्राप्त करें इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक कुमारी नीरजा पटेल ने कृषको को जैविक खेती के उन्नत तरीको के साथ-साथ जैविक खाद व कीटनाशक बनाने की विधि भी विस्तार से बताई । नोडल अधिकारी श्री दीपक बेनल एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री केएस चैहान द्वारा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओ की जानकारी दी गई । कार्यक्रम के अंत में कठपुतली नृत्य द्वारा कृषको का मनोरंजन किया गया । इस दौरान आत्मा परियोजना के श्री शैलेन्द्र सोलंकी, भूमि संरक्षण विभाग के श्री संतोष मण्डलोई, पशु पालन विभाग के डाॅ. प्रवीण जमरा के साथ-साथ अन्य विभागो के कर्मचारी एवं लगभग 120 कृषकगण उपस्थित थे । 

पुल पर बाढ़ का पानी आने पर रोक दिया जाये यातायात - कलेक्टर

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बड़वानी 02 जून/जिले के मार्गो पर स्थित पुलो पर यदि वर्षाकाल में बाढ़ का पानी आ जाता है, तो उस पर तत्काल यातायात रोक दिया जाये। इसके लिये पुलो के दोनो किनारो पर बेरियर लगाये जाये। वहीं 15 जून से जिला मुख्यालय सहित समस्त तहसीलो में बाढ़ राहत कन्ट्रोल रूम प्रारंभ किये जाये। जिससे आपदा के समय प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रभावितो को राहत सहायता उपलब्ध करवाई जा सके । सोमवार को कलेक्टरेट सभागृह में हुई बाढ़-आपदा नियंत्रण बैठक की अध्यक्षता करते हुये उक्त निर्देश कलेक्टर श्री रवीन्द्र सिंह ने दिये। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री मालसिंह, राहत के नोडल अधिकारी श्री एसपीएस चैहान, चारो अनुभाग के एसडीएम, संबंधित विभागो के जिला अधिकारी, एनव्हीडीए के पदाधिकारी, जिले में पदस्थ तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे । बैठक में कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को आदेशित किया कि जिन पुलो पर नदी-नालो का पानी पुल पर आ जाता है, वहाॅ पर पुल के दोनो तरफ बेरियर लगाये जाये व अत्यधिक वर्षा हो रही हो उस समय एक व्यक्ति को तैनात किया जाये, जो पुल पर आवागमन रोकने हेतु बेरियर लगाने का कार्य करें व जब तक पुल से पानी नही उतर जाता जब तक उस पर से आवागमन न होने दे। इसी प्रकार कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को पुलो के दोनो किनारो पर चेतावनी के बोर्ड भी लगवाने के आदेश दिये । वही कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित एसडीएम बड़वानी, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल तथा समस्त तहसीलदारो को निर्देशित किया कि वे तत्काल अपने क्षैत्र के पुलिस अधिकारियो के साथ संयुक्त बैठक कर वर्षाकाल के दौरान बाधित होने वाले मार्गो को सूचीबद्ध करें व इसकी जानकारी तहसील स्तरीय कन्ट्रोल रूम सहित जिला स्तर पर स्थापित बाढ़ कन्ट्रोल रूम को दे। वहीं इन मार्गो पर यातायात बाधित होने के दौरान कोई दुर्घटना न होने पाये, इसकी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें । इसी प्रकार कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित समस्त नगरपालिका अधिकारियो को तथा राजस्व अधिकारियो को आदेशित किया कि किसी भी नाली-नालो पर अतिक्रमण न हो, यह सुनिश्चित किया जाये । वहीं बड़े नालो की साफ-सफाई भी तत्काल करवाई जाये, जिससे वर्षा का पानी रूकने न पाये। वही उन्होने बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, पीएचई विभाग के जिला अधिकारियो को भी क्रमशः निर्देशित किया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि वर्षाकाल के दौरान सभी डिपो होल्डरो पर पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक औषधियो की उपलब्धता है। पशुओं को वर्षाजनित रोगो से बचाने हेतु समुचित टीके लग गये है। ग्राम में स्थापित हेण्डपम्पो व नल-जल योजनाओं के स्त्रोतो का क्लोरीकरण-ब्लीचींगकरण हो गया है । इसी प्रकार कलेक्टर ने एनव्हीडीए के अधिकारियो को आदेशित किया कि वे नर्मदा किनारे बसे डूब प्रभावित ग्रामो में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी ऐतिहार्थ के लिये की जाने वाली व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिससे लोगो को बाढ़ की स्थिति की जानकारी देकर उन्हें आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया जा सके। जबकि कलेक्टर ने खाद्य विभाग को आदेशित किया कि वह दुर्गम स्थानो पर स्थित सोसायटियो में 4 माह के राशन का स्टाक करवाये। जिससे इस क्षैत्र के रहवासियो को उचित मूल्य की दुकानो से निर्बाध रूप से खाद्यान्न मिलता रहे। वहीं कलेक्टर ने जिला होमगार्ड को आदेशित किया कि वे राजघाट के पुराने पुल पर तथा घाट पर लगाये जाने वाले बेरियर पर ऐसे जवान नियुक्त करें जो आवश्यकता पड़ने पर तैराकी या गोताखोरी का भी कार्य कर सके। वहीं समस्त अधिकारियो को बताया गया कि आपदा के समय वे अपने क्षेत्र के महाविद्यालय में कार्यरत एनसीसी, एनएसएस के विद्यार्थियो की भी सहायता ले व इसके लिये महाविद्यालय के प्रभारी अधिकारी से सम्पर्क बनाये रखे । 

15 जून से प्रारंभ होंगे कन्ट्रोल रूम
बैठक में बताया गया कि 15 जून से जिला मुख्यालय पर दो कन्ट्रोल रूम तथा समस्त तहसील मुख्यालयो पर 1-1 कन्ट्रोल रूम प्रारंभ हो जायेगा । इन कन्ट्रोल रूम पर 24 घण्टे कर्मचारियो की ड्यूटी लगाई जायेगी । जो प्राप्त होने वाली सूचनाओं को पंजीबद्ध कर संबंधित अधिकारियो को इसकी जानकारी देंगे । 

खुलेंगे 15 बाढ़ राहत केम्प
बैठक में तय किया गया कि एनव्हीडीए द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस बार भी मोरकट्टा, बिजासन, भवती, जांगरवा, पिछोड़ी, जामदा, कुकरा, खेड़ी, बड़दा, दत्तवाड़ा, केशरपुरा, मण्डवाड़ा, किरमोही, लोहारा, ब्राम्हणगांव में राहत शिविर की व्यवस्था करके रखी जायेगी । जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल इन्हें प्रारंभ किया जा सके 

जनसुनवाई में आये 78 आवेदन

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बड़वानी 02 जून/प्रति मंगलवार को कलेक्टरेट कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में इस बार 56 आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदनो में व्यक्तिगत सुनवाई करते हुए संयुक्त कलेक्टर श्री एसपीएस चैहान, डिप्टी कलेक्टर  डाॅ. अभयसिंह खरारी ने आवेदनो को संबधित विभागो को भेजकर समय सीमा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। 

छोटा बड़दा की महिलाओ के खाते में क्यो नही जा रहे है पेंशन की राशि 
जनसुनवाई में छोटा बड़दा की 70-80 वृद्ध महिलाओ ने आकर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हे पिछले 7 माह से पेंशन की राशि नही मिल रही है। जिसके कारण इस उम्र में उन्हे भारी परेशानी उठाना पड़ रही है। इस पर संयुक्त कलेक्टर एसपीएस चैहान ने जनपद पंचायत ठीकरी के सीईओ को तत्काल मोबाईल लगाकर आदेशित किया कि आगामी मंगलवार के पहले तक इस समस्या का निराकरण अनिवार्य रूप से हो जाये, यह व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करे, साथ ही की गई कार्यवाही से जिला कार्यालय को भी अवगत कराये। 

राष्ट्रीय परिवार सहायता का बनाया जाये प्रकरण
जनसुनवाई में नगर की पानवाड़ी मोहल्ले की रहवासी एक महिला ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि ठेला चालक उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण उन्हे आर्थिक परेशानियो से गुजरना पड़ रहा है। अगर उन्हे शासन से आर्थिक मदद मिल जाये तो वे आत्म निर्भर की दिशा में कुछ प्रयास कर सकती है। इस पर डिप्टी कलेक्टर डाॅ. अभयसिंह खरारी ने नगर पालिका अधिकारी बड़वानी को आवेदन भेजकर राष्ट्रीय परिवार सहयता योजना के प्रकरण बनवाकर लाभान्वित कराने के साथ ही हाथ-ठेला चालक योजना के तहत भी लाभान्वित कराने के निर्देश दिये। 

सेटेलाईट शाला भवन का कार्य करवाया जाये पूर्ण
जनसुनवाई में ग्राम घोघसा के कुछ वासियो ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि ग्राम के पटेल फल्या में सन् 2010 से सेटेलाईट स्कूल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। जिसके कारण ग्राम के बच्चो को बेहतर शिक्षा के लिए भारी मशक्कत करना पड़ रही है। अतः अधूरे भवन को तत्काल पूर्ण करवाया जाये। इस पर डिप्टी कलेक्टर डाॅ. अभयसिंह खरारी ने जनपद पंचायत बड़वानी के सीईओ को मोबाईल लगाकर निर्देशित किया कि बच्चो के भविष्य से जुड़ी इस समस्या का निराकरण हर-हाल में करवाकर इसकी जानकारी जिला कार्यालय को अविलम्ब दी जाये। 

एनएचएम का वेतन दिलवाया जाये
जनसुनवाई में 25-30 एनएचएम नर्सिंग स्टाफ ने उपस्थित होकर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हे 2 माह से वेतन का भुगतान नही हो पा रहा है। जिसके कारण उन्हे अपना व अपने परिवार का गुजर बसर करने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस हेतु बार-बार कार्यालय से सम्पर्क करने पर भी इस समस्या का निराकरण नही हो रहा है। इस पर संयुक्त कलेक्टर एसपीएस चैहान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवेदन भेजकर शासन के नियमानुसार तत्काल समस्या का निराकरण करवाने के निर्देश दिये। 

नही खुल रहा है पंचायत कार्यालय
जनसुनवाई में हतोला के एक रहवासी ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि ग्राम पंचायत कार्यालय नही खुलने के कारण वे अपनी माताजी के मृत्यु उपरांत मिलने वाले लाभो से संबंधित आवेदन पिछले 15 दिनो से लेकर इधर-उधर घूम रहे है। अतः ग्राम पंचायत कार्यालय को नियमित खुलवाया जाये। इस पर डिप्टी कलेक्टर डाॅ. अभयसिंह खरारी ने जनपद पंचायत ठीकरी के सीईओ को आवेदन भेजकर तत्काल ग्राम पंचायत नियमित रूप से खुले, यह व्यवस्था सुनिश्चित कराने के आदेश दिये। 

15 जून से BSNL मोबाइल पर रोमिंग सेवा होगा मुफ्त

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केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल 15 जून से देश भर में मुफ़्त रोमिंग सेवा देगी. उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में बड़े पर्यटन स्थलों पर बीएसएनएल की वाई-फाई स्पॉट सेवा भी शुरू कर दी जाएगी.


दूरसंचार नियामक संस्था ट्राई के आदेश के बाद पिछले महीने बीएसएनएल ने अपने प्रीपेड और पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए रोमिंग दरों में 40% की कटौती की थी. साथ ही लैंडलाइन फोन से रात में कॉलिंग सेवा भी मुफ़्त कर दी गई थी. सरकार इस साल 2,500 वाई-फाई स्पॉट बनाने की योजना बना रही है.

इस वर्ष सूखे के आसार, सिर्फ 88 फीसदी होगी बारिश

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मॉनसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का अपना पूर्वानुमान घटाना पड़ा है। देश में इस साल महज 88 फीसदी औसत बारिश होने का अनुमान है। अप्रैल में औसत 93% बारिश होने का अनुमान जताया गया था।  

मंगलवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में सामान्य (औसत) बारिश का महज 85 फीसदी बारिश होगी। उन्होंने कहा, 'ताजा अनुमान मुझे परेशान कर रहे हैं, क्योंकि इस मॉनसून में 88 फीसदी बारिश होने की संभावना है, जो अप्रैल के 93 फीसदी के अनुमान से कम है।'केंद्र सरकार के मुताबिक अब मॉनसून 5 जून तक केरल पहुंचेगा। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल में देश में सामान्य बारिश 93 फीसदी रहने की संभावना जताई थी। हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौसम में हो रहे बदलाव पर बराबर नजर रख रहे हैं। उन्होंने सभी संबंधित मंत्रियों को आवश्यक तैयारियां करने और कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो। ऐसे समय में जब देशभर में गर्मी से 2000 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, यह खबर भविष्य की भी डरावनी तस्वीर ही पेश करती है। इससे पहले एक अमेरिकी एजेंसी भी पहले ही भविष्यवाणी कर चुकी है कि भारत और पाकिस्तान में इस साल सूखा व अकाल पड़ सकता है।

अमेरिकन वेदर फॉरकास्‍ट‍िंग एजेंसी ऐक्‍यूवेदर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेसन निकोल्स ने कहा था कि इस गर्मी अल-नीनो की स्थिति मजबूत होने की संभावना है। प्रशांत महासागर में ऊष्णकटिबंधीय तूफान आने से हिंद महासागर की स्थितियों में भी बदलाव आने की आशंका है। अल-नीनो की वजह से बारिश कम हो सकती है। एजेंसी ने कहा कि मॉनसून कमजोर रहने से भारत में सूखे जैसे हालात पैदा हो सकता है।

बिहार पुलिस से अधिकारी लेने पर केजरीवाल और जंग आमने-सामने

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दिल्ली सरकार के ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में बिहार के 6 पुलिस अधिकारियों को रखे जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। दिल्ली सरकार ने बिहार से डेप्युटेशन पर अधिकारी बुलाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी इजाजत नहीं ली है और उसके सूत्रों का कहना है कि इसकी जरूरत भी नहीं है।

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा है कि इस तरह के किसी भी कदम के लिए उनकी मंजूरी जरूरी है। उनके ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है, 'एसीबी दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के नियंत्रण और देखरेख में काम करती है। इस स्थिति को गृह मंत्रालय की ओर से हाल में जारी नोटिफिकेशन में भी स्पष्ट कर दिया गया है।'उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के पुलिस अधिकारियों को एबीसी में रखे जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और इसके बारे में राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव भी नहीं मिला है।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा, 'एक राज्य के सरकारी कर्मचारियों को यदि काम करने के लिए दूसरे राज्य में भेजा जाता है तो यह कार्य गृह मंत्रालय के जरिए से किया जाना चाहिए। इस मामले में ऐसा लेफ्टिनेंट गवर्नर के जरिए किया जाना चाहिए। हम नहीं जानते कि इस मामले में काम लेफ्टिनेंट गवर्नर या गृह मंत्रालय के जरिए किया गया है या नहीं?'

लेफ्टिनेंट गवर्नर का बयान सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से संजय सिंह और आशुतोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जवाब दिया। आशुतोष ने कहा, 'यह कदम हम एसीबी को मजबूत करने के लिए उठा रहे हैं। अगर एसीबी मजबूत होती है तो किसे डरने की जरूरत है, सिर्फ उन्हें जो भ्रष्ट हैं। केंद्र सरकार एसीबी से डर गई है। मुझे लगता है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास रोज सुबह केंद्रीय गृह मंत्रालय से फोन आता है और उन्हें निर्देश दिया जाता है कि क्या-क्या करना है। लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब कुर्सी बचाने के लिए केंद्र के आदेशों का पालन कर रहे हैं।'

संजय सिंह ने बताया, 'दिल्ली सरकार में सिर्फ बिहार के अधिकारी नहीं हैं। हमारे पास यूपी सरकार के भी अधिकारी हैं।'उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि मांगे जाने के बावजूद हमें संजीव चतुर्वेदी क्यों नहीं दिया गया। आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चीफ विजिलेंस अधिकारी थे और कुछ महीने पहले उनका तबादला कर दिया गया था। इससे पहले दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने नियमों का मजाक बना दिया है। सिसोदिया ने कहा, 'केंद्र सरकार हर काम में अड़ंगा डाल रही है। केंद्र ना तो संविधान को मानता है और ना ही कोर्ट के ऑर्डर को उसने हर नियम का मजाक बना रखा है।'

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की एसीबी में बिहार पुलिस के एक डीसीपी, 2 सब-इंस्पेक्टर, 3 इंस्पेक्टर शामिल कर लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी शुरुआत दौर में 6 अफसरों ने जॉइन किया है, मगर बाद में यह संख्या बढ़ सकती है। इनमें से तीन अधिकारियों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।

यह सब उस वक्त हो रहा है, जब एसीबी के अधिकारों को लेकर केजरीवाल सरकार की केंद्र से खींचतान चल रही है। पिछले महीने गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में एसीबी के अधिकार के दायरे को दिल्ली सरकार तक सीमित कर दिया गयया था। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बिहार पुलिस से अधिकारी लेने के फैसले का बचाव किया और कहा कि एसीबी के लिए बाहरी फोर्सेज़ से अधिकारियों को लिया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए केंद्र को सूचित करने की जरूरत नहीं है।

नीतीश और केजरीवाल सरकार के बीच इस तालमेल से पटना में भी लोग चौंके हुए हैं। राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। बिहार सचिवालय में एक सूत्र ने कहा, 'इलेक्शन नजदीक हैं। मुझे लगता है कि हमें तो और पुलिस अधिकारी चाहिए।'

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (02 जून)

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हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा में प्रदूषण फैलाने में दोनों संस्थान सबसे ज्यादा दोषी, जल संस्थान और पेयजल निगम पर गिर सकती है गाज
  • बगैर ट्रीटमेंट के 46 एमएलडी सीवर बहा रहे गंगा में एनजीटी के आदेश पर पीसीबी ने दोनों को दिया नोटिस

देहरादून,2 जून। गंगा में प्रदूषण फैलाने के मामले में हरिद्वार के जाने माने एक होटल के खिलाफ कार्रवाई करके एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रब्युनल) ने एक संदेश तो साफ तौर पर दिया है। लेकिन हरिद्वार और ऋषिकेश में अभी भी सरकारी तौर पर बिना ट्रीट किए 46 एमएलडी यानी मिलीयन लीटर प्रतिदिन सीवर सीधे गंगा में बहाया रहा है। इसके लिए उत्तराखंड जल संस्थान और पेयजल निगम पूरी तरह से जिम्मेदार है। इस बार एनजीटी के आदेश के बाद उत्तराखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सरकार के इन दोनों विभागों को भी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। गंगा में सफाई को लेकर इन दिनों पूरे देश में चर्चा हो रही है। लेकिन गंगा के उद्गम स्थल पर सफाई का जिम्मा जिन विभागों के पास है वो इस काम में पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रब्युनल ने भी जल संस्थान और पेयजल निगम को कडी फटकार लगाई है। संतोषजनक जवाब दाखिल न होने की सूरत में इन दोनों सरकारी विभागों को कोर्ट की कारर्वाई का सामना करना पड सकता है। यदि ऐसा होता है तो इससे सरकार की किरकिरी होना स्वाभाविक है। यहां पर एक सवाल कई विषेषज्ञों ने उठाया है कि जब रेडिसन ब्लू के खिलाफ इसी वजह से कार्रवाई की गई तो इन दोनों सरकारी विभागों पर एनजीटी क्या कार्रवाई करता है। यदि अगले कुछ दिनों में इन दोनों विभागों ने एनजीटी के समक्ष अपनी योजना नहीं रखी तो इनके खिलाफ भी कोई बडी कार्रवाई हो सकती है। गौरतलब है कि अंतरार्ष्टीय तौर पर अपनी पहचान बना चुके ऋषिकेष में हर रोज 15 एमएलडी सीवर इकठ्ठा होता है। जबकि यंहा पर सिर्फ नौ एमलडी सीवर को ट्रीट करने की क्षमता वाला प्लांट ही लगा हुआ है। यानी 40 फीसदी सीवर सीधा गंगा में बिना ट्रीट किए छोडा जा रहा है। इसी तरह हरिद्वार में भी हर रोज 103 एमएलडी सीवर इकठ्ठा होता है जबकि यहां पर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता ही सिर्फ 63 एमएलडी है। यानी यहां पर भी लगभग 40 फीसदी सीवर बिना ट्रीट हुए गंगा में मिल रहा है। यानी एक होटल पर अगर इस आधार पर कार्रवाई होती है कि वो बिना ट्रीट किये गंदा पानी गंगा में छोड रहा था तो फिर इन सरकारी विभागों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती? इस बात को एनजीटी ने काफी जोर देकर कहा है। तय मानकों के हिसाब से काम न कर पाने को लेकर उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जल संस्थान को एनजीटी ने फटकार लगाई है। दोनों सरकारी विभागों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए कई तर्क रखे लेकिन एनजीटी ने दोनों ही विभागों को उनकी आगे की योजना और प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मांगी। पैसा न होने का बहाना बनाकर बचने की कोषिष कर रहे दोनों विभागों पर एनजीटी ने विस्तृत रिपोर्ट पेष करने का आदेष दिया है। एनजीटी ने कहा है कि यदि आपके पास इस समस्या से निपटने का प्लान है तो सरकार को आदेष देकर उन्हें पैसा मुहैया कराया जा सकता है। बहरहाल, अब देखना ये है कि दोनों सरकारी विभाग अपने बचाव में क्या तर्क देते हैं। लेकिन ये तो तय है कि एनजीटी अब किसी को छोडने के मूड में नहीं है। चाहे वो सरकारी विभाग हो या फिर कोई रसूखदार उद्योग।

हरदा से सहमत नहीं मंत्री, बोले, मौज-मस्ती करने वाले अफसरों पर हो सख्त एक्शन
  • सीएम कह रहे चिकन-मटन खाने में क्या दिक्कत

देहरादून,2 जून। कैबिनेट मिनिस्टर मंत्री प्रसाद नैथानी एक बार फिर मुख्यमंत्री हरीश रावत से सहमत नहीं दिख रहे हैं। सीएम हरदा कह रहे हैं कि आपदा राहत अभियान के दौरान चिकन-मटन खाने में किसी को क्या दिक्कत है तो मंत्री जी इसे मौज मस्ती मान रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। पीडीएफ कोटे से मिनिस्टर बने मंत्री प्रसाद नैथानी का राय मुख्यमंत्री हरीश से जुदा है। आपदा राहत अभियान के दौरान अफसरों की मौज-मस्ती का खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत हुआ था। इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ था कि आपदा राहत के काम में लगे अफसरों की टीम ने किस तरह से चिकन और मटन का स्वाद लिया और वो भी बाजार की कीमत से कई गुना ज्यादा पैसे खर्च करके। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने इस गंभारी मानते हुए सरकार ने सिफारिश की कि इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। सरकार ने इसे सिरे से ही नकार दिया और मुख्य सचिव से जांच करने को कहा। यहां तक मामला ठीक रहा। लेकिन सरकार अफसरों के बचाव में खुलकर आ गई। खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चिकन और मटन खाने में क्या दिक्कत है। इतना ही नहीं सीएम ने इसका ठीकरा बचाव और राहत कार्य में लगे सैनिकों और अर्द्ध सैनिकों पर फोड़ने की कोशिश भी की। एक तरफ सीएम का यह रुख रहा तो कैबिनेट मिनिस्टर मंत्री प्रसाद इससे सहमत नजर नहीं आए। मीडिया के साथ बातचीत में मंत्री ने साफ कहा कि आपदा के दौरान मौज-मस्ती के मामलों को सहन नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए। अब देखने वाली बात यह होगी कि हरदा का अपने ही एक सहयोगी मंत्री की इस राय पर क्या रुख रहता है।

फिर बोले, दून से नहीं चलता राज्य
पिछले दिनों मंत्री जी देव डोली के साथ धार्मिक यात्रा कर रहे थे तो पूरे प्रदेश में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा था। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नैथानी को तत्काल ही राजधानी लौटने को कहा था। मंत्रीजी देहरादून तो नहीं आए। अलबत्ता यह जरूर कहा कि राजधानी में बैठकर राज्य नहीं चल सकता। अब मंत्रीजी अपनी इसी बात पर कायम है। वे तर्कों के हवाले से कह रहे हैं कि मेरी देव डोली यात्रा से साफ हो गया है कि राज्य को राजधानी में बैठकर नहीं चलाया जा सकता। इसके लिए फील्ड में जाकर आम लोगों की समस्याओं को समझकर उनका निदान करना होगा।

आखिर अवैध खनन का पैरोकार कौन, हरिद्वार में रोक से खनन कारोबारियों में मचा हड़कंप
  • मातृ सदन और खनन करने वाले आमने-सामने, प्रशासन पर लगाए जा रहे तमाम गंभीर आरोप
  • सफेदपोशों के इशारे पर काम कर रहे अफसर

देहरादून, 2 जून। मातृ सदन के दबाव के आगे झुकी सरकार ने न चाहते हुए भी खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद से ही पट्टों की आड़ में व्यापक स्तर अवैध खनन करने वालों में हड़कंप मचा है। रोजाना लाखों रुपये की काली कमाई बंद हो गई है। शायद यही वजह है कि खनन बंद करने के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इनके पीछे अवैध खनन को संरक्षण देने वाले सफेदपोश लोगों का नाम लिया जा रहा है। अवैध खनन को लेकर यह धर्मनगरी लंबे समय से चर्चा में रही है। सियासी संरक्षण में पूरे जिले में गंगा के सीने को छलनी किया जा रहा है। कहीं पट्टों की आड़ में अवैध खनन हो रहा है तो कहीं गंगाजल को घाटों तक लाने के नाम पर प्रशासन खुद ही खनन करवा रहा है। बताया जा रहा है कि केवल इस जिले में अवैध खनन के एक दिन में 50 से 60 लाख रुपये की काली कमाई हो रही है। मातृ सदन के स्वामी शिवानंद से गंगा को बचाने के लिए इस खनन पर रोक की मांग उठाई। किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया तो संत ने अनशन शुरू कर दिया। पहले अन्न त्यागा और बाद में जल भी छोड़ दिया। संत की हालत बिगड़ी तो सरकार ने खनन बंद करा दिया। दो रोज बाद फिर से खन शुरू कर दिया गया तो संत फिर अनशन पर बैठ गए। इस बीच खनन को लेकर लक्सर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और बिशनपुर के ग्रामीणों के बीच विवाद में सरेआम फायरिंग हुई। हालात बिगड़ते देख सरकार को खनन पर प्रतिबंध लगाना ही पड़ा। इससे सफेदपोशों की मोटी कमाई बंद हो गई। बताया जा रहा है कि इन्हीं सफेदपोशों के इशारे पर कुछ लोग सड़कों पर उतरकर खनन खोलने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन भी इन लोगों के सामने नतमस्तक नजर आ रहा है। शायद यही वजह रही कि इन लोगों ने सरेआम एक ट्रेक्टर में आग लगा दी। लेकिन किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि ये सफेदपोश क्या इसी तरह से कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहेंगे। मातृ सदन के संत स्वामी शिवानंद का भी यही आरोप है। उनका कहना है कि यह विरोध सीधे तौर पर प्रशासन की शह पर किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन को ऊपर से किसी का आदेश मिला है। लेकिन मातृ सदन अपनी बात पर आमादा है और हरिद्वार में खनन नहीं होने दिया जाएगा

खनन के पक्ष में पहला प्रदर्शन
पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर लोग खनन को बंद करने के लिए तो प्रदर्शन करते रहे हैं। लेकिन खनन पर लगा प्रतिबंध हटाने के लिए लोगों के सड़कों पर आने का यह पहला मामला दिख रहा है। वैसे भी जून माह में खनन न करने का आदेश पहले से लागू है तो फिर खनन खोलने के लिए इस तरह का प्रदर्शन तमाम सवालात खड़ा कर रहा है।

पांच सांसद और 27 विधायकों वाली पार्टी घोटालों पर महज सियासी खेल तक ही सीमित, जांच के नाम पर नौटंकी करती उत्तराखंड की भाजपा
  • केंद्र सरकार खुद करा सकती है सीबीआई से जांच, राज्य के स्तर से नहीं की जा रही कोई भी पहल

देहरादून, 2 जून। नौटंकी अगर सीखनी हो और वो भी उच्च कोटि की तो उत्तराखंड के मुख्य राजनीतिक दलों से अच्छा गुरू नहीं मिल सकता। बल्कि यूं कहें कि उत्तराखंड के सारे मुख्य राजनीतिक दल  इस परंपरा के वाहक हैं। एक के नेता विपक्ष में होने के नाते केवल बयान देते रहते हैं। इनके  अध्यक्ष कुछ बोलते नहीं। अगर बोलते भी हैं तो कोई सुनता नहीं। अगर कोई सुनता भी है तो एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देता है। इस दल के पांच पांच सांसद हैं। लेकिन मजाल क्या कि केंद्र सरकार से घोटालों की सीबीआई जांच की बात करें।  हां, बवाल तो यहां काटना है और वो भी एक सीमा तक ही जरूरी है। वरना 2017 के  लिए योग्यतम की उत्तरजीविता के सिद्धांत के साथ इंसाफ नहीं हो पाएगा। कहीं इंसाफ का तराजू  कोई डुबकी लगा कर पवित्र हो गया तो उत्तरजीविता के सिद्धांत में  डायनासोरों के गायब हो जाने जैसी घटनाओं का दोहराव हो सकता है इसलिये केवल बयान ही जरूरी है उसके अलावा सब बेकार। जल, जंगल और जमीन पर कब्जा करने के बाद मुर्दाखोरो की जमात ने अपने अस्तित्व में होने का संदेश दिया है। देर से ही सही लेकिन मुर्दा हो रही जमात के लिये अब ये अधिकृत घोषणा है कि लोकतंत्र की रवायत में अब मुर्दा हो चुके समाज में मुर्दाखोरों को प्रतिनिधित्व  देना ही एक मात्र उपाय रह गया है। इसके  लिए तैयार रहिए, क्योंकि जीवन यापन के लिये दो सौ मीटर की दीवार के  ठेके का आश्वासन और गला तर करने की प्रवृर्ति भी जिंदा रहने की वास्तविक योग्यता को कमजोर करती है। खैर, इस बीच मुर्दाखोरों की जांच के लिए  हो रहे तथाकथित प्रयासों और बयानों को गंभीरता से मत लीजिएगा। ये सब राजनीति की रवायतें हैं। इसमें सुर्खियां तभी बनती हैं जब ऐसे प्रयासों पर कुछ चित्र पेश किए जाते हैं। इन घटनाक्रमों और चित्रों पर  ज्यादा गंभीर या संजीदा हो जाना खुद के लिए अवसाद पैदा करने का कारण हो सकता है। अवसाद पागलपन जैसा ही होता है और ध्यान रहे कि मुर्दे पागल नहीं होते।  वैसे भी इतिहास गवाह है कि इस  खास जमात पर जांचों का कुछ ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। ये हमेशा मौज में थी और मौज मे ही रहेगी। प्रकृति में ये प्राणी सर्वाहारी के वर्ग मे आते हैं। बस अधिकृत घोषणा होनी बाकी है। जिसका अनुसंधान प्रगति पर है या यूं कहें कि इन आदतों ने अनुसंधान की दिशा प्रदर्शित की है। आप चाहें तो इस विषय पर अनुसंधान पत्र पेश कर डाक्टर की उपाधि से सुशोभित हो सकते हैं। पर देख लीजियेगा कि मुर्दों को ये उपाधि दिए जाने का प्रावधान है या नहीं।  अमिताभ बच्चन की फिल्म भूतनाथ को जुमला ही मानिएगा। वैसे भी उसके शुरू में डिसक्लेमर रहा होगा कि इस फिल्म में चित्रित चरित्रों का किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। ऐसा होना मात्र संयोग हो सकता है। इसलिए आप उत्साहित मत होइएगा। खैर अफसोस सिर्फ और सिर्फ इस बात का है कि  ऐसी जांचों के केवल निर्देश देने की परंपरा कायम रखने का साहस भी अब नहीं रहा। जनभावना का सवाल भी तो जिंदा लोगों की बस्ती का मोहताज होता है। जिंदगी की परिकल्पना में अगर  कहीं होंगे तो 2017 के आस पास ही होंगे जब मुर्दाखोर  शाकाहारी होने की नौटकी कर रहे होंगे। फिलवक्त तो मुर्दे जैसा है उसे चलते रहने दो वाली  परंपरा को निभाने के लिए ही हैं। इसलिए फिलहाल खुद के  नई जमात में शामिल होने का इस्तकबाल कीजिए।

तो क्रिमिनल भी है सूबे के अफसर ! आखिर कौन दे रहा सूचना आयुक्त को धमकी
  • दवा घोटाले के खुलासे पर भी मिली थी धमकी

देहरादून,2 जून। आपदा राहत कार्य में घोटाले मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने वाले राज्य सूचना आयुक्त अनिल शर्मा का कहना है कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। इस धमकी की सत्यता की जांच करना पुलिस का काम है। लेकिन सूचना आयुक्त की इस बात से एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि कथित रूप से भ्रष्ट और बेईमान अफसर क्या क्रिमिनल भी हैं या फिर क्रिमिनल्स से उनके संबंध हैं। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने इस मामले के खुलासे के बाद खुद को जान से मारने की धमकियां मिलने की बात करके प्रकरण को एक नया मोड़ दिया है। सवाल यह है कि सूचना आयुक्त को धमकी क्यों दी जा रही है और कौन दे रहा है। सूचना आयुक्त ने जिस मामले का खुलासा किया है,उसके अनुसार तो अफसरों भी भ्रष्टाचार के दोषी हैं। जाहिर है कि अगर सूचना आयुक्त को धमकियां मिल रही हैं तो इसके पीछे कहीं न कहीं दोषी बताए जा रहे अफसरों की भूमिका पर सवाल उठना लाजिमी हैं। अगर सूचना आयुक्त की बात में दम हैं तो इस मामले की जांच भी होनी चाहिए कि आखिर इन धमकियों के पीछे किन लोगों का हाथ हैं। इस बात का एक दूसरा पहलू यह भी है कि कोई सूचना आयुक्त को धमकियां क्यों देगा। मामले का खुलासा तो अब हो ही चुका है और गेंद सरकार के पाले में गई है। अब सूचना आयुक्त का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इस हालात में उन्हें कोई धमकियां क्यों देगा या फिर किसी से दिलवाएगा। वैसे सूचना आयुक्त ने धमकी वाली बात पहली बार नहीं है। इससे पहले उन्होंने दवा घोटाले में भी सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी तो उसके बाद भी सूचना आयुक्त ने कहा था कि उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं।

जांच हो तो सच आए सामने
अगर सूचना आयुक्त को धमकियां वास्तव में मिल रही हैं तो यह गंभीर बात है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है तो यह और भी ज्यादा गंभीर है। ऐसे में इस मामले की सच्चाई तक जाने के लिए जांच की जरूरत है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस जांच करती है या नहीं और अगर करती है तो असलियत क्या निकलती है।

जिलों के सात सौ करोड़ जारी, वित्त मंत्री इंदिरा ने जिला योजनाओं पर लगाई मुहर
  • धन की कमी के बाद भी नहीं की कोई कटौती, विकास कार्यों में तेजी लाने के डीएम को निर्देश

देहरादून, 2 जून। नियोजन एवं वित्त मंत्री डा. श्रीमती इंदिरा हृदयेश ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रदेश के सभी तेरह जनपदों के लिए जिला योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए 702.86 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने वित्तीय संसाधनों की कमी के बाद भी जिलों से अनुश्रवण समिति द्वारा अनुमोदित धनराशि में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की है। उन्होंने बताया कि जनपद नैनीताल को 51.23 करोड, ऊधमसिंह नगर को 52 करोड़, अल्मोड़ा को 52.34 करोड़,पिथौरागढ को 50.25 करोड़, बागेश्वर को 41.75 करोड़, चंपावत को 41 करोड़ की धनराशि गयी है। इसी प्रकार जनपद देहरादून को 69.64 करोड़, पौडी जनपद को 84 करोड़, टिहरी को 66.65 करोड़, चमोली को 52 करोड़, उत्तरकाशी को 53.60 करोड़, रूद्रप्रयाग को 40.71 करोड़, हरिद्वार जनपद को 47.16 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि अवमुक्त धनराशि में से 660 करोड़ की राशि एससीपी तथा 184 करोड़ की धनराशि टीएसपी तथा 338 करोड़ की राशि सामान्य योजनाओं पर व्यय की जाएगी। डा0 हृदयेश ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आवंटित धनराशि तत्काल विभागों को अवमुक्त कर विकास कार्यों में तेजी लाएं। जिला योजना के तहत होने वाले निर्माण कार्यो एवं विकास कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई एवं लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के टेंडर में मेंटीनेंस की शर्तें भी डाली जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव अवश्य लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिला योजना एक पूरक योजना है और विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है। यदि किसी कारण से जिला योजना में बजट आवंटित नहीं हो पाया है तो उस कार्य को राज्य योजना अथवा केंद्र पोषित योजना से पूरा किया जाएगा। उन्होने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों का सम्मान किया जायेगा तथा अधिकतम सहमति के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। 

पुलिस ‘सेवा’ है - ‘बल’ नहीं:  राज्यपाल 

uttrakhand news
देहरादून, 2 जून(निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल का कहना है- ‘‘पुलिस ‘सर्विस’  है, ‘फोर्स’ नहीं। जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने व जनता का विश्वास हासिल करने के लिए धैर्य, निष्पक्षता, पारदर्शिता के साथ त्वरित निर्णय की क्षमता तथा समाज में शांति-व्यवस्था बनाये रखने में अपने दायित्वों के प्रति जिम्मेदारी समझना उसका ध्येय है।’’ राज्यपाल आज उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित तथा भारत सरकार के गृह मंत्रालय के ब्यूरो आॅफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट द्वारा प्रायोजित, देश के विभिन्न राज्यों से आये आई.पी.एस अधिकारियों के 15वें ‘वर्टिकल इंटरेक्शन कोर्स’ के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में, सम्बोधित कर रहे थे। उद्घाटन सत्र के लिए चयनित विषय ‘लीडरशिप फाॅर पुलिस फोर्सेजः इसूज एण्ड प्राब्लम्स’ पर राज्यपाल के बहुमूल्य अनुभवों की साझीदारी प्रतिभागी पुलिस अधिकारियों के साथ ही देश के अन्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगी।  उल्लेखनीय है कि राज्यपाल 1970 बैच के आई.पी.एस हैं, जिन्होंने 2007 तक पुलिस सेवा में रहकर सफलता के अनेक रिकार्ड स्थापित किए। अपने दीर्घ व सफल पुलिस सेवा के अनुभवों को युवा पुलिस अधिकारियों के साथ साझा करके राज्यपाल ने लगभग डेढ़ घण्टे के अपने सम्बोधन में पुलिस अधिकारियों को ‘जनसेवक’ के रूप में सफलता के अनेक मंत्र दिए। उन्होंने ‘जनसेवक’ के रूप में ‘जनसेवा’ को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी को पेशेवर तरीके से अपने चारों ओर एक सकारात्मक वातावरण सृजित करना चाहिए। जनता का विश्वास हासिल करने के लिए सबसे आवश्यक है हर समय आपकी मौजूदगी व उपलब्धता, सामान्य परिस्थितियों में भी जनता से संपर्क में रहना, संवाद स्थापित करना, उनकी परेशानियों को धैर्य से सुनना, निष्पक्ष होकर उसका समाधान निकालना, जन समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए आधुनिक संचार व्यवस्था का भरपूर प्रयोग करते हुए ई-मेल से जनशिकायतों को सुनने व उनका जवाब देने की व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा पुलिस सेवा की पेशेवर क्षमताओं व दक्षताओं में निरन्तर वृद्धि के लिए केस स्टडीज का अध्ययन भी सफलता के लिए आवश्यक कदम है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि जनहित में कुछ अभिनव प्रयोग भी करते रहना चाहिए। जनता और पुलिस के बीच अच्छे सम्बन्ध विकसित होने से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास का भाव जागृत होता है। इससे कई संभावित समस्याएं जन्म लेने से पहले ही समाप्त हो जाती हैं। राज्यपाल ने कहा- सभी ‘यूनीफाम्र्ड फोर्सेज’ में नेतृत्व की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। अधीनस्थ तथा उच्चाधिकारियों के मध्य समन्वय बनाये रखने से मनोबल ऊँचा रहता है, आत्मबल व आत्मविश्वास बढ़ता है, जिसके आधार पर विपरीत परिस्थितियों को सामान्य स्थिति में आसानी से तब्दील किया जा सकता है। राज्यपाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम में ए.टी.आई के निदेशक तथा आयुक्त कुमायूँ मंडल श्री अवनीन्द्र नयाल द्वारा स्वागत सम्बोधन किया गया।कोर्स कोआर्डिनेटर श्री ओम प्रकाश ने कोर्स के विषय में बताया। राज्यपाल के साथ उनके सचिव श्री अरूण ढ़ौंडियाल तथा परिसहाय श्री जन्मेजय खण्डूरी भी मौजूद थे। 
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