कैलास-मानसरोवर यात्रियों को इस बार और बेहतर सुविधाएं देने की तैयारी में उत्तराखंड, केएमवीएन ने खींचा पूरी यात्रा का रोडमैप
- तीर्थयात्रियों को स्थानीय व्यंजन परोसने की तैयारी में निगम, देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत से भी कराया जाएगा परिचित
- पहली बार जनजातियों की संस्कृति की भी दिखाएगा झलक, बैस कैंप में पहली बार यात्रियों को दिया जाएगा गर्म पानी
- 40 साल बाद संवारे गए केएमवीएन से सभी अतिथि गृह
देहरादून,1 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैलास-मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता भी खोलने को उत्तराखंड सरकार ने एक चुनौती के रूप में लिया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस यात्रा के लिए 50 करोड़ का राशि अतिरिक्त रूप से दी है तो कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) से यात्रा को आरामदेह बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस मर्तबा तमाम नई सुविधाएं तीर्थयात्रियों को उपलब्ध करने की तैयारी है। इस यात्रा के लिए केएमवीएन नोडल एजेंसी है। दिल्ली से चलने के बात तीर्थयात्रियों के जत्थे का पहला पड़ाव काठगोदाम में रहता है। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार यात्रियों का पहला जत्था 12 जून को काठगोदाम पहुंचेगा। यात्रा तैयारियों की खुद ही मानीटरिंग कर रहे केएमवीएन के प्रबंध निदेशक धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस बार यात्रा मार्ग को और आरामदेह बनाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त कर लिया गया है। बैस कैंपों में तीर्थयात्रियों को पहली बार गर्म पानी भी उपलब्ध कराया जाएगा। कई स्थानों पर रात्रि विश्राम के दौरान कुमाऊंनी और गढ़वाली लोककला पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों से यात्रियों का मनोरंजन किया जाएगा। इस बार पहली बार पहाड़ की जनजाति की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी योजना है। कुछ बैस कैंपों में तीर्थयात्रियों के लिए स्थानीय और पारंपरिक व्यंजन भी लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इस बार तीर्थयात्रियों के रहने के लिए केएमवीएन के अतिथि गृहों को नए सिरे से सजाया-संवारा गया है। 1978 के बार पहली बार बिस्तर, बेड और फर्नीचर बदला गया है। गर्ब्याल ने बताया कि यात्रा मार्ग का जायजा लिया जा चुका है। तमाम व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त कर ली गईं है। तवाघाट से त्रिखा तक का मार्ग बारिश के मौसम में कई बार बंद हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार कर लिया गया है। इसके बाद भी अगर कोई दिक्कत होती है तो तवाघाट ने यात्रियों को एयर लिफ्ट करके त्रिखा तक पहुंचाया जाएगा।
30 किमी यात्रा होगी छोटी गाडि़यों से
इस बार पहली बार गर्ब्यांग से लिपू लेख तक का लगभग तीस किमी का यात्रा मार्ग छोटी गाडि़यों से तय करने की तैयारी भी है। वापसी में भी इस मार्ग को गाडि़यों से ही तय किया जाएगा। इस तरह से तीर्थयात्रियों का लगभग साठ किमी पैदल चलना बच जाएगा।
एसडीआरएफ की टीम रहेगी साथ
सरकार ने तय किया है कि इस बार तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ एसडीआरएफ के जवानों की टीम बूंदी तक साथ रहेगी। पिछले साल तक तीर्थयात्रियों के साथ होमगार्ड के जवान ही रहते थे। एसडीआरएफ के जवान किसी आपात स्थिति में यात्रियों के लिए ज्यादा मददगार साबित हो सकते हैं।
नहीं भा रहा नाथूला दर्रे का रास्ता
पहली बार खोला गया नाथुला दर्रे का रास्ता तीर्थयात्रिय़ों को रास नहीं आ रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस रास्ते से कैलास-मानसरोवर जाने के लिए अब तक केवल 194 लोगों ने ही आवेदन किया। इसके विपरीत उत्तराखंड के रास्ते से कैलास-मानसरोवर यात्रा के लिए यात्रियों का कोटा 1080 का है और विदेश मंत्रालय अब तक एक हजार लोगों का नाम फाइनल कर चुका है।
सरकार ने इस बार कैलास-मानसरोवर यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के लिए मार्ग पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला किया है। केएमवीएन ने अधिकांश तैयारियां पूरी कर ली हैं। नाथुला तुलना में उत्तराखंड का रास्ता ज्यादा आसान और अपेक्षाकृत छोटा है। धीराज सिंह गर्ब्याल, एमडी, केएमवीएन
जंगल में सतर्कता बढ़ायेंगे भारत-नेपाल
देहरादून,1 जून(निस)। इस वर्ष जनवरी माह में नेपाल के कंचनपुर वन रेंज में टाइगर का शिकार किया गया था। जिसमें उप्र के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस घटनाक्रम के बाद से ही इंडो-नेपाल बार्डर के वन अफसरों के कान खड़े हो गए थे और जरूरत महसूस की गई कि दोनों ही देशों की सतर्कता बढ़ाए जाने के साथ ही वन अपराधों को रोकने के लिए साझा जिम्मेदारी ली जाये। इसी को लेकर दोनों ही मुल्कों के वन अफसरों ने संयुक्त निगरानी के लिए कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। उत्तराखंड के खटीमा, सुरई और टनकपुर से करीब 40 किमी वन क्षेत्र जुड़ा है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगता है। घने जंगलों के बीच खुली सीमा होने से यहां वन व वन्य जीव से जुड़ी आपराधिक वारदातों को भी नहीं रोका जा पा रहा हैं। अलबत्ता, दोनों ही देशों में ज्वाइंट मॉनीटंिरग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए संयुक्त मंत्रणा होने जा रही हैं। इसी सिलसिले में खटीमा रेंज में दोनों ही देशों के वन अफसरों और एसएसबी के अधिकारी एकत्र होने वाले हैं। इसमें नेपाल की ओर से शुल्काफाटा के चीफ कंजरवेशन ऑफिसर के साथ ही डीएफओ कंचनपुर और कई वन रेंजरों के अधिकारी होंगे। इधर, भारत से हल्द्वानी वन प्रभाग के डीएफओ व बार्डर पर तैनात एसएसबी के कई अधिकारी इस मीटिंग में शामिल रहेंगे। इस मीटिंग के समन्वयक डब्लूडब्लूएफ संस्था के डा. हरीश गुलेरिया होंगे। आयोजक तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ डॉ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि वन एरिया में सूचनाओं के आदान-प्रदान, तस्करी सहित कई मुद्दों को लेकर कई खास प्रस्ताव यहां रखे जायेंगे।
पीपीपी मोड में संचालित हो रहे चिकित्सालय से चिकित्सक नदारद
- चिकित्सालय के प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश
देहरादून,1 जून(निस)। पीपीपी मोड में संचालित हो रहे चिकित्सालय मरीजों के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। वन विकास निगम अध्यक्ष हरीश धामी केे चिकित्सालय का निरीक्षण करने के दौरान मुनस्यारी चिकित्सालय में तैनात सारे चिकित्सक डयूटी से नदारद मिले। इस पर नाराज हरीश धामी ने चिकित्सालय के प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश उपजिलाधिकारी को दिए हैं। वन विकास निगम अध्यक्ष धामी ने पीपीपी मोड में चल रहे मुनस्यारी अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक भी चिकित्सक डयूटी पर तैनात नहीं मिलने से गुस्साये धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुनस्यारी के उपजिलाधिकारी को अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए अस्पताल को पीपीपी मोड में दिया गया है, लेकिन जनता लगातार चिकित्सालय की शिकायतें कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय की नियमित मानीटरिंग की जाएगी। शिकायत मिलने पर मामला सीधे मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। गौरतलब है कि मुनस्यारी चिकित्सालय को पीपीपी मोड में दिए जाने के बाद से संबंधित कंपनी सरकार से आठ करोड़ रुपये का भुगतान ले चुकी हंै, लेकिन जनता को कोई खास सुविधाएं अस्पताल से नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीने भी अभी तक मात्र शो-पीस बनी हुई हैं।
सीएस को जांच सौंपकर आपदा घोटाले को दबाना चाहती है सरकारः भट्ट
देहरादून,1जून(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि जिस बात को हम आपदा के 6 माह से ही कह रहे थे, कि प्रदेश में आपदा राहत राशि के नाम पर लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रूपये का घोटाला हुआ है आज यह बात जब पूर्णतया सत्य साबित हो गयी है और राज्य सूचना आयुक्त द्वारा इस प्रकरण की सीबीआई जाॅच कराये जाने की प्रबल संतुति भी दे दी गयी है, तो आखिर सरकार फिर मुख्य सचिव के स्तर से जाॅच कराकर क्या साबित कराना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि जब पूर्व में एनआरएचएम के मामले में सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की बात हुई थी, तो सरकार ने ठीक लोकसभा आचार संहिता के दौरान सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने के आदेश जारी कर विद्वेशपूर्ण राजनीति की थी, किन्तु उसमें कोई घोटाला था ही नहीं जबकि इसके विपरीत आज आपदा राहत राशि में घोटाले का सच प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनियां के सामने आ गया है और इसके बाद भी सरकार मात्र मुख्य सचिव स्तर की जाॅच कराकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री करना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि हमें किसी की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है किन्तु कोई भी सरकारी एजेन्सी जाॅच के समय सत्तापक्ष के दबाव में आ जाती है और इससे घोटाले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ पाती है, इससे साबित होता है कि सरकार की मंशा इस मामले को पूर्णतया दबाने की है और इससे साबित भी होता है कि इसमें पूरी सरकार पूर्णतया संलिप्त है। और सरकार की शह पर ही इस घोटाले को अधिकारियों ने अंजाम दिया है। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार पाक साफ है और सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो सरकार तत्काल इस पूरे घटनाक्रम की सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की संतुति दे वरना स्वयं इस्तीफा दे। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश में चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल इस सरकार ने मचा रखा है, कोई विधायक इनके ग्रामीणों पर गोलियाॅ चला रहे हैं और दूसरी ओर आपदा के समय जब पूरे देश और दुनियां के लोगों का जीवन पानी में बह रहा था तो यहाॅ के अधिकारी होटलों में मटन, चिकन खाकर आपदा राशि को ठिकाने पर लगाने की तैयारी कर रहे थे। श्री भट्ट ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद कभी आपदा घोटाला तो कभी जमीन घोटाला और कभी खनन तो कभी शराब घोटालों को इस सरकार ने अंजाम देने के अलावा और आपसी झगड़ों के अलावा इस सरकार ने कोई जनहित के कार्य अपने कार्यकाल में नहीं किये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि भा0ज0पा0 इस प्रकरण पर सी0बी0आई0 जाॅच से नीचे की जाॅच पर कतई संतुष्ट नहीं है और सरकार को चैलेंज किया जाता है कि यदि सरकार वाकई पाक साफ है और इसमें सरकार के लोग संलिप्त नहीं है तो सी0बी0आई0 जाॅच कराये।
पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के निधन पर शोक जताया
देहरादून,1जून(निस)। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने ने रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण ंिसह महरा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पूरण सिंह महरा के अंतिम संस्कार में शामिल होने रानीखेत गये। अपने शोक संदेश में श्री उपाध्याय ने कहा कि स्व. महरा कांगे्रस पार्टी के एक ऐसे कर्मठ एवं निष्ठावान नेता थे जिन्हांेने पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन की मजबूती के लिए निरन्तर निर्भीकता पूर्वक काम किया। राजनीतिक जीवन की शुरूआत से ही गरीब, पिछडे़ लोगों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहते हुए स्व. महरा ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक पार्टी की मजबूती के लिए काम किया। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। विधायक के रूप में उन्होंने क्षेत्र की उन्नति के लिए जो कार्य किये वे कभी भुलाये नहीं जा सकते। पूरण ंिसह महरा का आकस्मिक निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। श्री उपाध्याय ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ है, हम सभी कांग्रेसजनों की प्रार्थना है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति देवें। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने पूर्ण सिंह माहरा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि श्री माहरा से उनके व्यक्तिगत संबंध थे और उनके निधन की खबर से उन्हें दुःख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि श्री माहरा दबंग प्रवृत्ति के निडर व्यक्तित्व थे। विपरीत परिस्थितियों में भी वह सत्य ही बोलते थे। जनसेवा व समर्पण की भावना श्री माहरा में थी। भाजपा राष्ट्रीयकार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने उनकी आत्मा की शांति की कामना की तथा ईश्वर से प्रार्थना की कि वह उनके परिवार के सदस्यों को इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में कांग्रेसजनों ने श्री महरा के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना की। शोक सभा में आपदा प्रबन्धन समिति के उपाध्यक्ष विजय सारस्वत, पूर्व विधायक पृथ्वीपाल चैहान, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष, लालचन्द शर्मा, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी आनन्द बहुगुणा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह, नगर अध्यक्ष विनय सारस्वत, प्रदेश पूर्व सैनिक विभाग के कै. बलवीर सिंह रावत, भेषज संघ के अध्यक्ष राजेश शर्मा, आईटी प्रकोष्ठ के अमरजीत ंिसह, धर्म सिंह पंवार, कपिल भाटिया, गौतम डोगरा, शरद ंिसह चैहान, सुलेमान अली, सेवादल के कुुंवर ंिसह यादव, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, अधीर चमोली, अनुराधा तिवाडी आदि अनेक कांग्रेसजन शामिल हुए।
ट्रेक आॅफ द ईयर दयारा बुग्याल अभियान होगा शुरू
देहरादून,1 जून(निस)। सचिव पर्यटन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद डाॅ. उमाकांत पंवार ने बताया है कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड ट्रेक आॅफ द ईयर 2015, दयारा बुग्याल’’ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आगामी 13 जून से 12 जुलाई तक एक माह का ट्रेकिंग अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान में एडवंेचर टूरिज्म से जुड़े देश-विदेश के सभी प्रतिभागियों व संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। इस अभियान से संबंधित अधिक जानकारी पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी गई है। साथ ही अभियान के लिए पर्यटन विकास परिषद के रामचन्द्र भारद्वाज व पूनम चंद को नामित किया गया है।
कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाये कार्यकर्ता: शिल्पी
देहरादून,1 जून(निस)। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं प्रभारी नैनीताल शिल्पी अरोरा ने भीमताल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक में श्रीमती अरोरा ने कहा कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता है, इसके लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने सदस्यता अभियान से महिला व युवा वर्ग के साथ ही समाज के हर वर्ग को कांग्रेस विचार धारा से जोड़ा जाय। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि कांग्रेस विचारधारा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाय। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाआंे को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाये। राज्य सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की है, जिनकी जानकारी बूथ स्तर तक लोगो को उपलब्ध कराने में कार्यकर्ता आगे आये। उन्होंने कहा कि भाजपा फर्जी राष्ट्रवादी है। मोदी सरकार कैप्टन सौरभ कालिया केस को अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जा रही है। कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे लगे हंै, लेकिन मोदी सरकार को ये सब दिखायी नहीं दे रहा है। भाजपा अगले 4 सालों में उद्योगपतियों के हाथों देश को बेच देगी। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी मंे फर्क है। कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र पाल, उपाध्यक्ष जया बिष्ट, भीमताल विधान सभा क्षेत्र के अध्यक्ष श्री डालाकोटी आदि उपस्थित रहे।
राज्य में 15 अगस्त तक कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगाः मंत्री
देहरादून,1जून(निस)। सूबे विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि 15 अगस्त तक सूबे का कोई भी शासकीय विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगा, इस तिथि तक सभी शिक्षक विहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रदेशभर में साढ़े आठ हजार किमी की 23 दिवसीय जनसमस्या निवारण यात्रा पूरी करने के बाद लौटे सूबे के विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा और पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने शिक्षा और पेयजल संबंधी समस्याओं को सुना और निराकरण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कई समस्याओं का मौके पर निस्तारण भी किया गया। उन्होंने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों पर उनके द्वारा समीक्षा बैठकें आयोजित कर योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति के बारे में जाना गया। विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने कहा कि 6 मई से 28 मई तक चली जनसमस्या निवारण यात्रा के दौरान उन्होंने प्रदेश में 15 लाख लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनी और निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देहरादून में बैठकर हर समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा को केवल डोली यात्रा से जोड़कर न देखा जाए। यात्रा के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित शिकायतों में ज्यादातर लोगों का कहना था कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिस कारण छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक प्रदेश के सभी शिक्षकविहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। विभाग शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लोगों में खासा उत्सुकता बनी हुई है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ब्लाॅक स्तर पर की जा रही है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरक्षण का प्राविधान भी किया गया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि कोई शिक्षक अवकाश पर जाता है तो छात्रों का शिक्षण प्रभावित न हो इसके लिए वहां दूसरे अतिथि शिक्षक को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1004 विद्यालयों में विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य किया जाएगा, इन एजेंसियों में टीएचडीसी, एनएचपीसी, एनटीपीसी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में 2086 शौचालयों को ठीक कराया गया है। पेयजल मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल के लिए वल्र्ड बैंक ने 900 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इससे पेयजल योजनाओं के निर्माण के साथ ही जो पेयजल स्रोत सूख चुके हैं उनका संरक्षण, संवर्द्धन और रखरखाव भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो पेयजल समस्या है वह पावर कट की वजह से है। ट्यूबवेल चलाने के लिए जितनी वोल्टेज चाहिए उतनी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को पेयजल समस्या वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह सुखद है कि कहीं भी खच्चरों से पेयजल आपूर्ति कराने की मांग नहीं उठी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनवरी 2016 तक पेयजल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र से अपेक्षित सहयोग न मिल पाने के कारण पेयजल समस्या का समाधान होने में समय लग रहा है। पत्रकार वार्ता के दौरान मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव एस राजू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी भी मौजूद रहीं।
मोटरसाईकिल चबूतरे से टकराई, दो छात्रों की मौत
देहरादून,1जून(निस)। कांवली रोड क्षेत्र में चबूतरे से मोटर साइकिल के टकराने से बाईक पर सवार बीटेक के दो छात्रों की मौत हो गई। ये छात्र पार्टी में शामिल होने के बाद प्रेमनगर की तरफ लौट रहे थे। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह हादसा सोमवार की तड़के करीब चार बजे हुआ। लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पुरुषोत्तम चैक के पास एक बाईक सड़क किनारे एक चबूतरे से टकरा गई। पुलिस के मुताबिक मोटर साइकिल की की रफ्तार काफी तेज थी ओर अचानक उसके आगे कुत्ता आ गया। इस पर मोटर साइकिल चालक उसे नियंत्रित नहीं कर पाया जिससे वह अनियंत्रितत होकर चबूतरे से टकरा गई। दुर्घटना में शिमला पिस्तौर, रुद्रपुर निवासी टिंकल जलोधरा उम्र 22 वर्ष पुत्र सुरेश जलोधरा व हरीश सिंह चुफाल उम्र 21 वर्ष पुत्र चंचल सिंह चुफाल निवासी सीनी थाना थल पिथौरागढ़ बुरी तरह घायल हो गए। पुलिस ने 108 सेवा की मदद से दोनों को दून अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों ने दम तोड़ दिया। दोनों युवक उत्तराखंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट में बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र थे। जो प्रेमनगर क्षेत्र में ही किराए में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों रविवार की शाम लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पार्टी में गए थे। वहां से वापस लौटते समय यह हादसा हुआ।
-कोटीकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन ठीक नहींः डा माजिला
देहरादून,1 जून (निस)। कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पिछले लंबे समय से शिक्षकों का उत्पीडन स्थानांरण व कोटिकरण के नाम पर किया जा रहा है जो ठीक नहीं है। वर्तमान में किये गये कोटिकरण में कई कमिया है। जिनको समय पर ठीक नहीं किया गया तो शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेगा। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय संरक्षक डा सोहन सिंह माजिला ने कहा कि कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसका शिक्षक संघ घोर विरोध करता है। डा माजिला ने कहा कि वर्तमान में कोटिकरण में कई कमिया है। एक ही परिसर में संचालित स्कूलों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है। साथ ही पूर्व में की गई दुर्गम सेवाओं का लाभ भी शिक्षकों को न दिया जाना चिन्ता का विषय है। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात में कहा कि सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पूर्व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य में प्रमोशन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही एलटी से प्रवक्ता पदों पर सतफीसदी प्रमोशन के बाद ही सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाना चाहिए। डा माजिला ने कहा कि एलटी से प्रवक्ता व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के बाद रिक्त परों पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने बीआरपी और सीआरपी का रिजल्ट जल्द घोषित करने की मांग की। उधर राजकीय शिक्षक संघ के जिला महामंत्री सुभाष झिल्डियाल ने कहा कि कोटिकरण में अभी भी कई कमिया है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा कोटिकरण में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को भी सामिल करने के निर्देश हुये थे, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों ने मनमाने तरीके व अपने चहेतों के स्कूलों को सुगम की जगह दुर्गम दर्शा दिया है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ जल्द शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेेगा। उन्होंने कहा कि कोटिकरण की खामिया दूर नहीं की गयी तो स्थानांतरण प्रक्रया को देहरादून जनपद में लागू नहीं होने दिया जायेगा।
बड़ा सवालः दस्तावेजी सबूतों की आखिरकार जांच की क्या है जरूरत
देहरादून,1 जून (निस)। इस देवभूमि में घोटालों की भरमार हो चुकी है। हर घोटाले के बाद जांच होती है। मनमाफिक नजीता नहीं आया तो फिर से जांच होती है। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहता है। इस राज्य में घोटालों की जांच के लिए बने आयोगों पर करोड़ों रुपये फूंके जा चुके हैं। लेकिन जांच बे-नतीजा ही रहती है। इस बार तो मामला एक कदम और आगे बढ़ गया है। इस बार दस्तावेजी सबूतों की जांच की बात हो रही है। इस मामले में अभी से आ रहे बयान यह बयां करने को काफी है कि इस जांच का नतीजा भी क्या आने वाला है। राज्य गठन के बाद से इस समय तीसरी निर्वाचित सरकार का कार्यकाल चल रहा है। पहली निर्वाचित सरकार कांग्रेस की थी तो दूसरे चुनाव के बाद सत्ता में आई भाजपा ने कांग्रेस शासन में 56 घोटालों की जांच के लिए एक आयोग बना दिया। पांच साल सत्ता में रही भाजपा महज एक-दो मामलों में ही आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन की खानापूरी कर सकी। फिर 2012 में कांग्रेस सत्ता में आई तो भाजपा शासन के घोटालों की जांच के लिए आयोग बना दिया गया। साढ़े तीन साल में एक भी मामले की जांच रिपोर्ट मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है।
अब इसी कांग्रेस सरकार के समय में आपदा राहत राशि में बड़े घोटाले की बात सामने आ रही है। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि करके सरकार से मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की है। अहम बात यह है कि सरकार इससे सहमत नहीं दिख रही है। सरकार के मुखिया हरीश रावत का कहना है कि मुख्य सचिव को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी अफसरों पर एक्शन लिया जाएगा। साथ ही उनके कुछ इस तरह के बयान भी आ रहे हैं, जिनसे अहसास हो रहा है कि कहीं न कहीं दोषियों को बचाने की कवायद भी हो रही है। जाहिर है कि आने वाले समय में इस मामले में भी कुछ होने वाला नहीं है।
हेलीकाप्टरों पर खर्च किए चार सौ करोड़
सीएम हरीश रावत का यह कहना कि अफसरों को मटन और चिकन खाने में गलत क्या है को हो सकता है कि कुछ लोग सही मान भी लें। लेकिन आपदा राहत के दौरान हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च दिखाए गए चार सौ करोड़ रुपये के खर्च को क्या माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली एक हजार करोड़ की रकम के साथ ही देश और दुनियाभर से मिली माली इमदाद को जमकर लूटा गया है। उस दौरान मंत्रियों और नेताओं के साथ ही अफसरों ने भी हवाई सैर का लुफ्त लिया। बताया जा रहा है कि एक हेलीकाप्टर को कागजों में दिन में 10 से 12 तक बार उड़ना दिखाया गया है। नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक ने भी उसी वक्त इतनी उड़ानों पर सवाल उठाया था। कहा गया था कि एक हेलीकाप्टर तीन से अधिक उड़ान नहीं सकता। फिर किसी भी उड़ान का पूरा ब्योरा रखा जाता है। इसमें यह भी शामिल किया जाता है कि किस उड़ान से कितने लोग कहां गए। सूत्रों का कहना है कि अगर केवल हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च की ही जांच की जाए तो साफ दिखेगा कि किस तरह से कुछ अफसरों और तत्कालीन सरकार में सुपर सीएम की हैसियत रखने वाले एक नेता ने करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया।
तो पहली की दो सिफारिशें क्यों मानी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सिस्टम की पैरोकारी करते नजर आ रहे हैं। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा पर आरोप लगाने वाले किशोर शायद भूल गए हैं कि इन्हीं सूचना आयुक्त की सिफारिश पर सरकार ने दवा घोटला और कुंभ घोटाले की सिफारिश कर रखी है। उस वक्त किशोर शायद इस वजह से नहीं बोले क्योंकि दोनों मामले मुख्य विपक्षी दल भाजपा की सरकार के समय थे। अब अपनी सरकार की बारी आई तो किशोर को नियम और कानून याद आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में भी सूचना आयुक्त की सिफारिश को मान लिया जाता,क्योंकि आपदा के वक्त सरकार का मुखिया कोई था। लेकिन चार महीने पहले कैबिनेट के एक फैसले से जांच की आंच मौजूदा सरकार पर भी आ सकती है। लिहाजा इस सिफारिश पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया में हो रही छीछालेदर
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत खुला यह मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है। इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर तो तीखे हमले हो ही रहे हैं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा को भी कोई नहीं बख्श रहा है। तमाम कमेंट और पोस्ट तो इस हद लिखा गई हैं कि उनका यहां पूरी तरह से उल्लेख भी नहीं किया जा सकता है। अहम बात यह भी है कि सोशल मीडिया पर भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता भी सक्रिय है। लेकिन भाजपा या कांग्रेस किसी को भी खुद ही हो रही इस छीछालेदर की कोई परवाह नहीं दिख रही है। दोनों सियासी दलों को लग रहा है कि कुछ रोज बाद सब शांत हो जाएगा और चुनाव आने तक जनता सबकुछ भूलकर उन्हें माफ कर देगी।
तो मित्रता निभा रहा मुख्य विपक्षी दल
सोशल मीडिया में आ रहे लोगों के बयानों से साफ हो रहा है कि भाजपा इस मामले में सरकार से अपनी मित्रता निभा रहा है। इस मामले में भाजपा के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों बीसी खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी और डा.रमेश पोखरियाल निशंक के कथित मौन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि भाजपा के पांचों सांसद केंद्र सरकार से राहत राशि के रूप में मिले एक हजार करोड़ रुपये के दुरुपयोग पर आखिर क्या कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से सवाल पूछा जा रहा है कि काबीना मंत्री हरक सिंह के मामले में तो उन्होंने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर दी। लेकिन इस मामले में सबूत होने के बाद भी केवल मीडिया में बयानबाजी तक ही क्यों सीमित हैं।
सीएस को जांच सौंपकर आपदा घोटाले को दबाना चाहती है सरकारः भट्ट
देहरादून,1जून(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि जिस बात को हम आपदा के 6 माह से ही कह रहे थे, कि प्रदेश में आपदा राहत राशि के नाम पर लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रूपये का घोटाला हुआ है आज यह बात जब पूर्णतया सत्य साबित हो गयी है और राज्य सूचना आयुक्त द्वारा इस प्रकरण की सीबीआई जाॅच कराये जाने की प्रबल संतुति भी दे दी गयी है, तो आखिर सरकार फिर मुख्य सचिव के स्तर से जाॅच कराकर क्या साबित कराना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि जब पूर्व में एनआरएचएम के मामले में सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की बात हुई थी, तो सरकार ने ठीक लोकसभा आचार संहिता के दौरान सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने के आदेश जारी कर विद्वेशपूर्ण राजनीति की थी, किन्तु उसमें कोई घोटाला था ही नहीं जबकि इसके विपरीत आज आपदा राहत राशि में घोटाले का सच प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनियां के सामने आ गया है और इसके बाद भी सरकार मात्र मुख्य सचिव स्तर की जाॅच कराकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री करना चाहती है। श्री भट्ट ने कहा कि हमें किसी की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है किन्तु कोई भी सरकारी एजेन्सी जाॅच के समय सत्तापक्ष के दबाव में आ जाती है और इससे घोटाले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ पाती है, इससे साबित होता है कि सरकार की मंशा इस मामले को पूर्णतया दबाने की है और इससे साबित भी होता है कि इसमें पूरी सरकार पूर्णतया संलिप्त है। और सरकार की शह पर ही इस घोटाले को अधिकारियों ने अंजाम दिया है। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार पाक साफ है और सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो सरकार तत्काल इस पूरे घटनाक्रम की सी0बी0आई0 जाॅच कराये जाने की संतुति दे वरना स्वयं इस्तीफा दे। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश में चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल इस सरकार ने मचा रखा है, कोई विधायक इनके ग्रामीणों पर गोलियाॅ चला रहे हैं और दूसरी ओर आपदा के समय जब पूरे देश और दुनियां के लोगों का जीवन पानी में बह रहा था तो यहाॅ के अधिकारी होटलों में मटन, चिकन खाकर आपदा राशि को ठिकाने पर लगाने की तैयारी कर रहे थे। श्री भट्ट ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद कभी आपदा घोटाला तो कभी जमीन घोटाला और कभी खनन तो कभी शराब घोटालों को इस सरकार ने अंजाम देने के अलावा और आपसी झगड़ों के अलावा इस सरकार ने कोई जनहित के कार्य अपने कार्यकाल में नहीं किये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि भा0ज0पा0 इस प्रकरण पर सी0बी0आई0 जाॅच से नीचे की जाॅच पर कतई संतुष्ट नहीं है और सरकार को चैलेंज किया जाता है कि यदि सरकार वाकई पाक साफ है और इसमें सरकार के लोग संलिप्त नहीं है तो सी0बी0आई0 जाॅच कराये।
पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के निधन पर शोक जताया
देहरादून,1जून(निस)। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने ने रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण ंिसह महरा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पूरण सिंह महरा के अंतिम संस्कार में शामिल होने रानीखेत गये। अपने शोक संदेश में श्री उपाध्याय ने कहा कि स्व. महरा कांगे्रस पार्टी के एक ऐसे कर्मठ एवं निष्ठावान नेता थे जिन्हांेने पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन की मजबूती के लिए निरन्तर निर्भीकता पूर्वक काम किया। राजनीतिक जीवन की शुरूआत से ही गरीब, पिछडे़ लोगों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत रहते हुए स्व. महरा ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक पार्टी की मजबूती के लिए काम किया। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। विधायक के रूप में उन्होंने क्षेत्र की उन्नति के लिए जो कार्य किये वे कभी भुलाये नहीं जा सकते। पूरण ंिसह महरा का आकस्मिक निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी अपूर्णीय क्षति है। श्री उपाध्याय ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा कांग्रेस परिवार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ है, हम सभी कांग्रेसजनों की प्रार्थना है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति देवें। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने पूर्ण सिंह माहरा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि श्री माहरा से उनके व्यक्तिगत संबंध थे और उनके निधन की खबर से उन्हें दुःख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि श्री माहरा दबंग प्रवृत्ति के निडर व्यक्तित्व थे। विपरीत परिस्थितियों में भी वह सत्य ही बोलते थे। जनसेवा व समर्पण की भावना श्री माहरा में थी। भाजपा राष्ट्रीयकार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने उनकी आत्मा की शांति की कामना की तथा ईश्वर से प्रार्थना की कि वह उनके परिवार के सदस्यों को इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रानीखेत के पूर्व विधायक पूरण सिंह महरा के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में कांग्रेसजनों ने श्री महरा के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्म शांति के लिए प्रार्थना की। शोक सभा में आपदा प्रबन्धन समिति के उपाध्यक्ष विजय सारस्वत, पूर्व विधायक पृथ्वीपाल चैहान, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष, लालचन्द शर्मा, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी आनन्द बहुगुणा, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह, नगर अध्यक्ष विनय सारस्वत, प्रदेश पूर्व सैनिक विभाग के कै. बलवीर सिंह रावत, भेषज संघ के अध्यक्ष राजेश शर्मा, आईटी प्रकोष्ठ के अमरजीत ंिसह, धर्म सिंह पंवार, कपिल भाटिया, गौतम डोगरा, शरद ंिसह चैहान, सुलेमान अली, सेवादल के कुुंवर ंिसह यादव, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, अधीर चमोली, अनुराधा तिवाडी आदि अनेक कांग्रेसजन शामिल हुए।
ट्रेक आॅफ द ईयर दयारा बुग्याल अभियान होगा शुरू
देहरादून,1 जून(निस)। सचिव पर्यटन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद डाॅ. उमाकांत पंवार ने बताया है कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘उत्तराखण्ड ट्रेक आॅफ द ईयर 2015, दयारा बुग्याल’’ अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आगामी 13 जून से 12 जुलाई तक एक माह का ट्रेकिंग अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान में एडवंेचर टूरिज्म से जुड़े देश-विदेश के सभी प्रतिभागियों व संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। इस अभियान से संबंधित अधिक जानकारी पर्यटन विकास परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी गई है। साथ ही अभियान के लिए पर्यटन विकास परिषद के रामचन्द्र भारद्वाज व पूनम चंद को नामित किया गया है।
कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाये कार्यकर्ता: शिल्पी
देहरादून,1 जून(निस)। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं प्रभारी नैनीताल शिल्पी अरोरा ने भीमताल विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक में श्रीमती अरोरा ने कहा कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता है, इसके लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने सदस्यता अभियान से महिला व युवा वर्ग के साथ ही समाज के हर वर्ग को कांग्रेस विचार धारा से जोड़ा जाय। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि कांग्रेस विचारधारा से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाय। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाआंे को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाये। राज्य सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की है, जिनकी जानकारी बूथ स्तर तक लोगो को उपलब्ध कराने में कार्यकर्ता आगे आये। उन्होंने कहा कि भाजपा फर्जी राष्ट्रवादी है। मोदी सरकार कैप्टन सौरभ कालिया केस को अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जा रही है। कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे लगे हंै, लेकिन मोदी सरकार को ये सब दिखायी नहीं दे रहा है। भाजपा अगले 4 सालों में उद्योगपतियों के हाथों देश को बेच देगी। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी मंे फर्क है। कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र पाल, उपाध्यक्ष जया बिष्ट, भीमताल विधान सभा क्षेत्र के अध्यक्ष श्री डालाकोटी आदि उपस्थित रहे।
राज्य में 15 अगस्त तक कोई भी विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगाः मंत्री
- -राज्य में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी
- -जनवरी 2016 तक पेयजल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा
देहरादून,1जून(निस)। सूबे विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि 15 अगस्त तक सूबे का कोई भी शासकीय विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेगा, इस तिथि तक सभी शिक्षक विहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। प्रदेशभर में साढ़े आठ हजार किमी की 23 दिवसीय जनसमस्या निवारण यात्रा पूरी करने के बाद लौटे सूबे के विद्यालयी व माध्यमिक शिक्षा और पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने शिक्षा और पेयजल संबंधी समस्याओं को सुना और निराकरण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कई समस्याओं का मौके पर निस्तारण भी किया गया। उन्होंने कहा कि सभी जिला मुख्यालयों पर उनके द्वारा समीक्षा बैठकें आयोजित कर योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति के बारे में जाना गया। विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री ने कहा कि 6 मई से 28 मई तक चली जनसमस्या निवारण यात्रा के दौरान उन्होंने प्रदेश में 15 लाख लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनी और निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देहरादून में बैठकर हर समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा को केवल डोली यात्रा से जोड़कर न देखा जाए। यात्रा के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित शिकायतों में ज्यादातर लोगों का कहना था कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिस कारण छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक प्रदेश के सभी शिक्षकविहीन विद्यालयों को शिक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। विभाग शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को प्रमोशन, राज्य लोक सेवा आयोग और अतिथि शिक्षकों के माध्यम से भरा जाएगा। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लोगों में खासा उत्सुकता बनी हुई है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति ब्लाॅक स्तर पर की जा रही है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरक्षण का प्राविधान भी किया गया है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि कोई शिक्षक अवकाश पर जाता है तो छात्रों का शिक्षण प्रभावित न हो इसके लिए वहां दूसरे अतिथि शिक्षक को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1004 विद्यालयों में विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से शौचालय निर्माण का कार्य किया जाएगा, इन एजेंसियों में टीएचडीसी, एनएचपीसी, एनटीपीसी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में 2086 शौचालयों को ठीक कराया गया है। पेयजल मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल के लिए वल्र्ड बैंक ने 900 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इससे पेयजल योजनाओं के निर्माण के साथ ही जो पेयजल स्रोत सूख चुके हैं उनका संरक्षण, संवर्द्धन और रखरखाव भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो पेयजल समस्या है वह पावर कट की वजह से है। ट्यूबवेल चलाने के लिए जितनी वोल्टेज चाहिए उतनी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों को पेयजल समस्या वाले क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह सुखद है कि कहीं भी खच्चरों से पेयजल आपूर्ति कराने की मांग नहीं उठी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनवरी 2016 तक पेयजल समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्र से अपेक्षित सहयोग न मिल पाने के कारण पेयजल समस्या का समाधान होने में समय लग रहा है। पत्रकार वार्ता के दौरान मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव एस राजू, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी भी मौजूद रहीं।
मोटरसाईकिल चबूतरे से टकराई, दो छात्रों की मौत
देहरादून,1जून(निस)। कांवली रोड क्षेत्र में चबूतरे से मोटर साइकिल के टकराने से बाईक पर सवार बीटेक के दो छात्रों की मौत हो गई। ये छात्र पार्टी में शामिल होने के बाद प्रेमनगर की तरफ लौट रहे थे। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह हादसा सोमवार की तड़के करीब चार बजे हुआ। लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पुरुषोत्तम चैक के पास एक बाईक सड़क किनारे एक चबूतरे से टकरा गई। पुलिस के मुताबिक मोटर साइकिल की की रफ्तार काफी तेज थी ओर अचानक उसके आगे कुत्ता आ गया। इस पर मोटर साइकिल चालक उसे नियंत्रित नहीं कर पाया जिससे वह अनियंत्रितत होकर चबूतरे से टकरा गई। दुर्घटना में शिमला पिस्तौर, रुद्रपुर निवासी टिंकल जलोधरा उम्र 22 वर्ष पुत्र सुरेश जलोधरा व हरीश सिंह चुफाल उम्र 21 वर्ष पुत्र चंचल सिंह चुफाल निवासी सीनी थाना थल पिथौरागढ़ बुरी तरह घायल हो गए। पुलिस ने 108 सेवा की मदद से दोनों को दून अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों ने दम तोड़ दिया। दोनों युवक उत्तराखंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट में बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र थे। जो प्रेमनगर क्षेत्र में ही किराए में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि दोनों रविवार की शाम लक्ष्मण चैक क्षेत्र में पार्टी में गए थे। वहां से वापस लौटते समय यह हादसा हुआ।
-कोटीकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन ठीक नहींः डा माजिला
- सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पूर्व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक में प्रमोशन आवश्यक
देहरादून,1 जून (निस)। कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पिछले लंबे समय से शिक्षकों का उत्पीडन स्थानांरण व कोटिकरण के नाम पर किया जा रहा है जो ठीक नहीं है। वर्तमान में किये गये कोटिकरण में कई कमिया है। जिनको समय पर ठीक नहीं किया गया तो शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेगा। सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय संरक्षक डा सोहन सिंह माजिला ने कहा कि कोटिकरण के नाम पर शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिसका शिक्षक संघ घोर विरोध करता है। डा माजिला ने कहा कि वर्तमान में कोटिकरण में कई कमिया है। एक ही परिसर में संचालित स्कूलों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है। साथ ही पूर्व में की गई दुर्गम सेवाओं का लाभ भी शिक्षकों को न दिया जाना चिन्ता का विषय है। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात में कहा कि सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पूर्व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य में प्रमोशन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही एलटी से प्रवक्ता पदों पर सतफीसदी प्रमोशन के बाद ही सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाना चाहिए। डा माजिला ने कहा कि एलटी से प्रवक्ता व प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के बाद रिक्त परों पर सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने बीआरपी और सीआरपी का रिजल्ट जल्द घोषित करने की मांग की। उधर राजकीय शिक्षक संघ के जिला महामंत्री सुभाष झिल्डियाल ने कहा कि कोटिकरण में अभी भी कई कमिया है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा कोटिकरण में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को भी सामिल करने के निर्देश हुये थे, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों ने मनमाने तरीके व अपने चहेतों के स्कूलों को सुगम की जगह दुर्गम दर्शा दिया है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ जल्द शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेेगा। उन्होंने कहा कि कोटिकरण की खामिया दूर नहीं की गयी तो स्थानांतरण प्रक्रया को देहरादून जनपद में लागू नहीं होने दिया जायेगा।
बड़ा सवालः दस्तावेजी सबूतों की आखिरकार जांच की क्या है जरूरत
- उत्तराखंड राज्य में थम नहीं रहा यह सिलसिला, जांच आयोगों के नाम पर फूंक दिए कई करोड़
देहरादून,1 जून (निस)। इस देवभूमि में घोटालों की भरमार हो चुकी है। हर घोटाले के बाद जांच होती है। मनमाफिक नजीता नहीं आया तो फिर से जांच होती है। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहता है। इस राज्य में घोटालों की जांच के लिए बने आयोगों पर करोड़ों रुपये फूंके जा चुके हैं। लेकिन जांच बे-नतीजा ही रहती है। इस बार तो मामला एक कदम और आगे बढ़ गया है। इस बार दस्तावेजी सबूतों की जांच की बात हो रही है। इस मामले में अभी से आ रहे बयान यह बयां करने को काफी है कि इस जांच का नतीजा भी क्या आने वाला है। राज्य गठन के बाद से इस समय तीसरी निर्वाचित सरकार का कार्यकाल चल रहा है। पहली निर्वाचित सरकार कांग्रेस की थी तो दूसरे चुनाव के बाद सत्ता में आई भाजपा ने कांग्रेस शासन में 56 घोटालों की जांच के लिए एक आयोग बना दिया। पांच साल सत्ता में रही भाजपा महज एक-दो मामलों में ही आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन की खानापूरी कर सकी। फिर 2012 में कांग्रेस सत्ता में आई तो भाजपा शासन के घोटालों की जांच के लिए आयोग बना दिया गया। साढ़े तीन साल में एक भी मामले की जांच रिपोर्ट मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है।
अब इसी कांग्रेस सरकार के समय में आपदा राहत राशि में बड़े घोटाले की बात सामने आ रही है। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर इसकी पुष्टि करके सरकार से मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की है। अहम बात यह है कि सरकार इससे सहमत नहीं दिख रही है। सरकार के मुखिया हरीश रावत का कहना है कि मुख्य सचिव को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी अफसरों पर एक्शन लिया जाएगा। साथ ही उनके कुछ इस तरह के बयान भी आ रहे हैं, जिनसे अहसास हो रहा है कि कहीं न कहीं दोषियों को बचाने की कवायद भी हो रही है। जाहिर है कि आने वाले समय में इस मामले में भी कुछ होने वाला नहीं है।
हेलीकाप्टरों पर खर्च किए चार सौ करोड़
सीएम हरीश रावत का यह कहना कि अफसरों को मटन और चिकन खाने में गलत क्या है को हो सकता है कि कुछ लोग सही मान भी लें। लेकिन आपदा राहत के दौरान हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च दिखाए गए चार सौ करोड़ रुपये के खर्च को क्या माना जाएगा। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार से मिली एक हजार करोड़ की रकम के साथ ही देश और दुनियाभर से मिली माली इमदाद को जमकर लूटा गया है। उस दौरान मंत्रियों और नेताओं के साथ ही अफसरों ने भी हवाई सैर का लुफ्त लिया। बताया जा रहा है कि एक हेलीकाप्टर को कागजों में दिन में 10 से 12 तक बार उड़ना दिखाया गया है। नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक ने भी उसी वक्त इतनी उड़ानों पर सवाल उठाया था। कहा गया था कि एक हेलीकाप्टर तीन से अधिक उड़ान नहीं सकता। फिर किसी भी उड़ान का पूरा ब्योरा रखा जाता है। इसमें यह भी शामिल किया जाता है कि किस उड़ान से कितने लोग कहां गए। सूत्रों का कहना है कि अगर केवल हेलीकाप्टरों की उड़ान पर खर्च की ही जांच की जाए तो साफ दिखेगा कि किस तरह से कुछ अफसरों और तत्कालीन सरकार में सुपर सीएम की हैसियत रखने वाले एक नेता ने करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया।
तो पहली की दो सिफारिशें क्यों मानी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी सिस्टम की पैरोकारी करते नजर आ रहे हैं। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा पर आरोप लगाने वाले किशोर शायद भूल गए हैं कि इन्हीं सूचना आयुक्त की सिफारिश पर सरकार ने दवा घोटला और कुंभ घोटाले की सिफारिश कर रखी है। उस वक्त किशोर शायद इस वजह से नहीं बोले क्योंकि दोनों मामले मुख्य विपक्षी दल भाजपा की सरकार के समय थे। अब अपनी सरकार की बारी आई तो किशोर को नियम और कानून याद आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में भी सूचना आयुक्त की सिफारिश को मान लिया जाता,क्योंकि आपदा के वक्त सरकार का मुखिया कोई था। लेकिन चार महीने पहले कैबिनेट के एक फैसले से जांच की आंच मौजूदा सरकार पर भी आ सकती है। लिहाजा इस सिफारिश पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया में हो रही छीछालेदर
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत खुला यह मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है। इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर तो तीखे हमले हो ही रहे हैं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा को भी कोई नहीं बख्श रहा है। तमाम कमेंट और पोस्ट तो इस हद लिखा गई हैं कि उनका यहां पूरी तरह से उल्लेख भी नहीं किया जा सकता है। अहम बात यह भी है कि सोशल मीडिया पर भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता भी सक्रिय है। लेकिन भाजपा या कांग्रेस किसी को भी खुद ही हो रही इस छीछालेदर की कोई परवाह नहीं दिख रही है। दोनों सियासी दलों को लग रहा है कि कुछ रोज बाद सब शांत हो जाएगा और चुनाव आने तक जनता सबकुछ भूलकर उन्हें माफ कर देगी।
तो मित्रता निभा रहा मुख्य विपक्षी दल
सोशल मीडिया में आ रहे लोगों के बयानों से साफ हो रहा है कि भाजपा इस मामले में सरकार से अपनी मित्रता निभा रहा है। इस मामले में भाजपा के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों बीसी खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी और डा.रमेश पोखरियाल निशंक के कथित मौन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि भाजपा के पांचों सांसद केंद्र सरकार से राहत राशि के रूप में मिले एक हजार करोड़ रुपये के दुरुपयोग पर आखिर क्या कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से सवाल पूछा जा रहा है कि काबीना मंत्री हरक सिंह के मामले में तो उन्होंने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर दी। लेकिन इस मामले में सबूत होने के बाद भी केवल मीडिया में बयानबाजी तक ही क्यों सीमित हैं।