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नेस्ले इंडिया समेत छह लोगों के खिलाफ रपट

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  • मैगी के सैंपल जांच में मोनो सोडियम ग्लूटामेट नाम का खतरनाक अमीनो एसिड पाएं जाने के बाद यूपी सरकार के निर्देश पर एफडीए ने दर्ज कराई एफआईआर 
  • नेस्‍ले प्रबंधक सहित अमिताभ-माधुरी और प्रि‍टी जिंटा के नाम शामिल 


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वाराणसी। यूपी सरकार के पहल पर बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्‍टैंडर्ड  एक्ट, 1996 की धारा 59(1) के तहत एसीजीएम-1 की कोर्ट में उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दर्ज कराया है। इसके अलावा वाराणसी में नेस्‍ले प्रबंधक सहित अमिताभ-माधुरी और प्रि‍टी जिंटा के खि‍लाफ परिवाद का मुकदमा सीजेएम कोर्ट में वकील मनोज दुबे ने दाखिल किया है।

बाराबंकी के मुख्य खाद्य अधिकारी वीके पांडेय ने बताया कि न्यू दिल्ली ईजी डे, नेस्ले इंडिया प्राइवेट लिमिटेड न्यू दिल्ली और ऊना (हिमाचल प्रदेश) में कंपनी के दफ्तर, ईजीडे के लाइसेंसधारक शबाब आलम और ईजीडे के मैनेजर मोहन गुप्ता समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उनके मुताबिक पिछले दिनों बाराबंकी में मैगी के सैंपल लिए गए थे। वहीं, लैब में हुई जांच में सैंपल में मोनो सोडियम ग्लूटामेट नाम का खतरनाक अमीनो एसिड मिला था। इसके बाद यूपी सरकार ने एफडीए को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए। इसी तरह वाराणसी के वकील मनोज दुबे ने बताया कि मैगी के प्रबंधन और प्रचार समूह के खिलाफ परिवार दाखिल किया गया है। उन्‍होंने बताया कि दो मिनट में बच्चों की भूख को मिटाने वाले मैगी की जांच में अब यह स्पष्ट हो चुका है कि इसमें मानक से कई गुना अधिक लेड की मात्रा मिली होती है। इसके कारण बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि मैगी प्रचार समूह में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री प्रीति जिंटा और माधुरी दीक्षित जैसे लोग शामिल हैं। 

इनके द्वारा मैगी का प्रचार किए जाने से लोगों का आकर्षण इस ओर बढ़ता है। इसलिए इन सभी अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ ही नेस्‍ले इंडिया लिमिटेड के सीईओ, मुख्य प्रबंधक उत्पादन, मुख्य प्रबंधक विक्रय सहित स्थानीय सीएंडएफ व डीस्ट्रीब्यूटर्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 156ध्3 के तहत सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। इसकी सुनवाई चार जून यानि गुरुवार को होनी है। दिल्ली सरकार ने 15 दिनों के लिए मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी है। दिल्ली में मैगी के 13 नमूनों की जांच में से 10 के फेल हो जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं, पंजाब के लुधियाना में मैगी के एक गोदाम से 11 सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। मैगी में मोनो सोडियम ग्लूटामेंट (एमएसजी) पाए जाने के बाद मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। कुछ प्रदेशों में तो मैगी पर बैन लगा दिया गया है। यूपी में भी एफडीए लगातार मैगी के सैंपल ले रहा है। 

इन सब के बीच सबसे चैंकाने वाली बात यह है कि मैगी में मोनो सोडियम ग्‍लूटामेंट मिले होने की बात साबित होने के बाद भी दोषियों को सजा नहीं मिल पाएगी। फूड एक्ट में खामियों के चलते इसका फायदा दोषी उठा लेते हैं। यूपी एफडीए के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सारा खेल सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि फूड एक्ट में ही खामी है। एमएसजी बच्चों के लिए हानिकारक होने के बावजूद एक्ट में इसकी मात्रा निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में कंपनियां पैकेट पर एमएसजी नहीं मिलाने का दावा करती हैं। मामला जब कोर्ट में पहुंचता है तो कंपनियां यह दलील देती हैं कि उन्होंने मोनो सोडियम ग्लूटामेट नहीं मिलाया। बल्कि यह नेचुरली है। उनकी दलील होती है कि रेसिपी से ही यह बन जाता है। इनसब के बावजूद कंपनियों से रेसिपी की मांग नहीं की जा सकती है क्योंकि वह सीक्रेट होता है। आपको बता दें कि मोनो सोडियम ग्लूटामेट मैगी या फिर जिस चीज में मिलाया जाता है वह उस खाने का स्‍वाद बढ़ा देता है। 

यही वजह है कि कंपनियां मिलाती तो हैं, लेकिन नहीं मिलाने का दावा करती हैं। जब कोई चीज खाने में ज्यादा अच्छी लगती है तो लोग उसके तरफ ज्‍यादा आ‍कर्षित होते हैं। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि ज्यादातर कंपनी एक्ट की इस खामी का फायदा उठाकर बच जाती हैं। मोनो सोडियम ग्‍लूटामेट ब्च्चों के लिए बहुत हानिकारक है। क्योंकि यह नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए जब तक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया एमएसजी की मात्रा को निर्धारित नहीं करता, तब तक कंपनियां इसका फायदा उठाकर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करती रहेंगी। 

मैगी का प्रचार अब नहीं करूंगा : अमिताभ

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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कहा है कि वह अब मैगी के किसी उत्पाद का प्रचार नहीं करेंगे। मैगी नूडल्स के प्रचार के लिए पूर्व में किए गए करार के कारण अमिताभ को कानूनी दिक्कतें पेश आ रही हैं। टू-मिनट मैगी नूडल्स को लेकर चल रहे विवाद के संबंध में अमिताभ ने आईएएनएस से कहा, "मुझे मीडिया से इस बारे में पता चला, लेकिन अबतक मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। यदि मुझे नोटिस भेजा जाता है, तो मैं अपने वकीलों से बात करूंगा और कानून के साथ पूरा सहयोग करूंगा।"

अमिताभ ने कहा, "अब मैं मैगी का प्रचार नहीं करूंगा। मैंने दो साल पहले ही यह बंद कर दिया था। नेस्ले के साथ मेरे करार की अवधि पूरी हो चुकी है।"नेस्ले इंडिया किचन का लोकप्रिय उत्पाद मैगी नूडल्स के नमूनों की प्रयोगशाला जांच में पता चला है कि इसमें निर्धारित सीमा से ज्यादा लेड (सीसा) का इस्तेमाल होता है। मैगी के प्रचार के लिए अमिताभ के अलावा अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा को भी कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। 

खाद्य नियामक संस्था फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने मैगी के नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और सीसा की तयशुदा सीमा से अधिक मात्रा पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की स्थानीय अदालत में नेस्ले इंडिया के खिलाफ मामला दायर किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मैगी की बिक्री पर बुधवार से 15 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है।

रोनाल्डो ने ब्राजीली फुटबाल प्रमुख का इस्ताफा मांगा

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ब्राजील के महान फुटबाल खिलाड़ी रोनाल्डो ने देश में फुटबाल की सर्वोच्च संस्था-सीबीएफ के प्रमुख मार्को पोलो डेल नेरो का इस्तीफा मांगा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक रोनाल्डो का यह बयान फीफा प्रमुख सैप ब्लाटर के इस्तीफे की घोषणा के बाद आया है। ब्लाटर ने भ्रष्टाचार के बढ़ते आरोपों को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। नेरो ने जोस मारिया मारिन के स्थान पर सीबीएफ प्रमुख का पद सम्भाला था। बीते सप्ताह स्विस पुलिस ने गबन के आरोप में जिन सात शीर्ष फुटबाल अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से मारिन भी एक हैं।

दो बार विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे रोनाल्डो ने साओ पाउलो में मीडियाकर्मियों से कहा, "नेरो अगर अपना पद छोड़ दें तो मुझे अच्छा लगेगा। वह अच्छा उदाहरण नहीं रहे हैं। पूर्व सीबीएफ प्रमुख के साथ उनके अच्छे सम्बंधों की जानकारी सबको है। फुटबाल में बदलाव की जरूरत है और जो लोग इस खेल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें जेल की सजा होनी चाहिए।"नेरो ने हालांकि किसी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होने से इंकार किया है।

न्यायमूर्ति वाघेला ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने

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न्यायमूर्ति धीरेंद्र हीरालाल वाघेला ने गुरुवार को ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राज्यपाल एस.सी.जमीर ने कटक में उन्हें शपथ दिलाई। इससे पहले न्यायमूर्ति वाघेला कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। वाघेला राष्ट्रपति की तरफ से नियुक्ति के आदेश जारी करने के बाद इस साल अप्रैल में स्थानांतरित किया गया है। 


शपथ-ग्रहण समारोह का आयोजन उच्च न्यायालय के सम्मेलन कक्ष में हुआ और इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्य के कानून मंत्री अरुण कुमार साहू, वर्तमान न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारी, वकील और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। 



वाघेला ने न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती का स्थान लिया है, जो कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे। सूत्रों के अनुसार, उनके पदभार ग्रहण करने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या 22 हो गई है। अगस्त 1954 में गुजरात के राजकोट में जन्मे न्यायमूर्ति वाघेला ने कानूनी करियर की शुरुआत अपने गृह शहर में नवंबर 1975 को की थी और सितंबर, 1999 को वह अपर न्यायाधीश के रूप में गुजरात उच्च न्यायालय की पीठ में शामिल हुए थे। 

कश्यप इंडोनेशिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में, श्रीकांत हारे

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राष्ट्रमंडल खेल-2014 में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पारूपल्ली कश्यप गुरुवार को उम्दा प्रदर्शन करते हुए 800,000 डॉलर इनामी इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर बैडमिंटन टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। कश्यप ने जहां जीत की खबर दी वहीं पुरुष एकल में किदाम्बी श्रीकांत और महिला जोड़ीदार ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा को प्री-क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पहले दौर में थाईलैंड के तानोंगसाक एस. को हराने वाले कश्यप ने प्री-क्वार्टर फाइनल में विश्व के आठवें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी सोन वान हो को 21-11, 21-14 से हराया।

इस जीत के साथ विश्व के 12वें वरीयता प्राप्त खिलाड़ी कश्यप वान के खिलाफ जीत-हार के क्रम को 2-3 कर लिया है। विश्व के चौथे वरीयता प्राप्त भारतीय श्रीकांत को हालांकि इंडोनेशिया के गिंटिंग एंथोनी के हाथों हार मिली। विश्व के 166वें वरीय खिलाड़ी एंथोनी ने श्रीकांत को 21-14, 20-22, 13-21 से हराया। गुट्टा और पोनप्पा को चीन की यू यांग तथा झोंग जियानजिंग के हाथों 8-21, 8-21 से हार मिली।

पुरुष युगल में अक्षय देवाल्कर और प्रणय चोपड़ा को भी हार मिली। इन दोनों को चीन के चाए बियाओ और होंग वेई ने 21-13, 21-11 से हराया। महिला एकल में गुरुवार को ही भारत की सायना नेहवाल और पीवी सिंधु अपना-अपना मुकाबला खेलेंगी। सायना को चीनी ताइपे की सू या चिंग से भिड़ना है।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (04 जून)

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संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों यथा एएनएम की अनिश्चितकालीन हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित


narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) पश्चिम चम्पारण जिला के सभी संविदाकर्मी विगत 01 जून 2015 से हड़ताल पर है। जिसमंे संविदा पर नियोजित एएनएम के हड़ताल पर जाने से स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा गई हैं। विगत रात्री नरकटियागंज सरकारी अस्पताल में चार बच्चों का जन्म हुआ उन्हे निर्धारित टीका नहीं दिया जा सका। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ.डीएन ठाकुर ने बताया कि एएनएम की हड़़ताल पर जाने के बाद डाॅ. डी एन ठाकुर, डाॅ श्रीनाथ प्रसाद और डाॅ शशिकान्त ने स्वास्थ्य सेवा सम्भालने की कोशिश की है। डाॅ श्रीनाथ प्रसाद ने बीके मालती देवी की चिकित्सा की और दवा लिखा। हालाकि उसमें सफलता नही मिल पा रहीं है, सोनी कुमारी जब अपने बच्चे के टीकाकरण के लिए अस्पताल पहुँची तो ए एन एम ने बताया कि अगले महिने आकर अपने बच्चे को टीका लगवा लेेंगी। टीका सेवा के दोनो डोज दे दिए जाएँगे, अन्य मरीजो को भी हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों ने अस्पताल से अन्यत्र जा कर इलाज कराने को कहा। स्वास्थ्य संविदाकर्मियों के एएनएम युनियन की सिन्धु कुमारी, सरोज कुमारी, मीरा कुमारी, अनुराधा कुमारी, नीलू कुमारी, माधुरी कुमारी, मधूलता कुमारी, अंजना कुमारी, प्रिया गुप्ता, रीना रानी, कुमारी सरिता, अंजलि कुमारी, मधु देवी, सुमन कुमारी, गायत्री देवी, पुनिता कुमारी और रीना कुमारी ने बताया कि संविदा रद्द कर स्थायी नियुक्ति करने व समान काम के बदले समान वेतन संबंधी अन्य मांगांे के समर्थन में संविदाकर्मियांे की अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है।   
बैंक आॅफ इण्डिया के स्थानीय शाखा प्रबंधक द्वारा किसानांें का शोषण

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) भारत सरकार के निर्देश के बावजूद स्थानीय बैंककर्मियों द्वारा किसानों का शोषण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर बैंक प्रबंधकों द्वारा अपने बिचैलियों के माध्यम से अवैध उगाही किया जा रहा है। इस बावत रिश्वत की मांग संबंधीत शंभू बैठा पिता भिखारी बैठा जो धोबहा के रहने वाले है, सुदामा राव पिता स्व.अमीका राव जो कटहरी साठी के रहने वाले है और मालिक राव ने बैंक आॅफ इण्डिया नरकटियागंज शाखा के प्रबंधक पर 20 प्रतिशत रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए, महाप्रबंधक अंचल कार्यालय मुजफ्फरपुर को निबंधीत पत्र संख्या स्पीड पोस्ट एआरएफ 182537520आइएन, एआरएफ182537533आईएन और एआरएफ182537516 आइएन दिनांक 03 जून 2015 द्वारा प्रेषित किया है।     
पुलिस अधिकारी व रिश्वत के पाट के बीच पीस रहा पीडि़त गरीब ब्राह्मण                    

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) अनुमण्डल के गौनाहा थाना अन्तर्गत पंचरूखिया निवासी चन्द्रभान दूबे ने बेतिया पुलिस कप्तान से फरियाद लगाया है कि गौनाहा थानाकाण्ड संख्या 24/15 के नामजद अभियुक्तांे ने उनके घर को जलाकर सभी सामान लूट लिया। इस बावत पर्यवेक्षण प्रतिवेदन में अंचल निरीक्षक सीताराम सिंह ने मामले को सत्य बताया और उसमें नामजदों के विरूद्ध धारा 147, 148, 149, 452, 380, 436, 427 कि तहत कार्रवाई करने को लिखते हुए लिखा है कि आरोप पत्र हेतु पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है। उसके बाद अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी ने पर्यवेक्षण किया, जिसमें उन्हांेने अपने ज्ञापांक 708/15 दिनांक 5 मई 2015 द्वारा धारा 147, 149, 427, 379, 435 और 34 भादवि के तहत कार्रवाई की पुष्टि शेष अन्य दफा को हटा दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि प्रारंभ में गौनाहा थाना में दर्ज प्राथमिकी की धाराए गलत है या इन्सपेक्टर का पर्यवेक्षण प्रतिवेदन गलत है या अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी का पर्यवेक्षण प्रतिवेदन गलत है अथवा तीनों ने अपने मनमाने ढंग से काण्ड को लिया है। इस बावत पुलिस कप्तान बेतिया को जनता दरबार में चन्दभान दूबे ने रसीद संख्या 2312 दिनांक 16 अप्रील 15 और रसीद संख्या 2502 दिनांक 30 अप्रील 2015 को मुलाकात की अलबत्ता मामला ढाक के तीनपात की माफिक ज्यों का त्यांे बना हुआ है।

मणिपुर में आतंकी हमला 20 जवान हुए शहीद

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मणिपुर के चंदेल जिले में गुरुवार को उग्रवादियों के हमले में सेना के 20 जवानों के शहीद होने की खबर है। 12 जवान घायल हुए हैं। इनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। उग्रवादियों ने सुबह साढ़े आठ बजे के करीब IGAR दक्षिण इम्फाल के 26वें सेक्टर की 6 डोगरा रेजिमेंट के जवानों पर घात लगाकर हमला किया। यूनिट मोलटुक गांव से लौट रही थी। वारदात टेंगनॉयपाल-न्यू समतल रोड पर हुई। 

उग्रवादियों ने रॉकेट लॉन्चर्स और बंदूकों से हमला किया। घायल जवानों को हेलिकॉप्टरों के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। इसके अलावा, मौके पर अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजा गया है। फिलहाल किसी भी ग्रुप ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे पहले, असम राइफल्स की टुकड़ी द्वारा कथित तौर पर एक महिला की हत्या के विरोध में बुधवार को चंदेल में बंद का एलान किया गया था।

सूखे से निपटने के लिए केंद्र तैयार है: कृषि मंत्री

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केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि सरकार देश में सूखे जैसे हालात से निपटने के लिए पहले से तैयार है. राधामोहन सिंह ने कहा कि केंद्र राज्यों के लगातार संपर्क में है. कृषि मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फिलहाल देश में दालों का पर्याप्त भंडार है. दालों की कीमतों में लगातार तेजी आने के बाद राधामोहन सिंह ने इस बारे में बयान दिया.

गौरतलब है कि देश में इस बार मॉनसून कमजोर रहने की आशंका जताई जा रही है. इसे लेकर देशभर में चिंता बढ़ती जा रही है. केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा था कि लंबे अरसे बाद इस साल औसत बारिश महज 88 फीसदी होने के आसार हैं. उन्होंने इस मानसून को 'सामान्य से कमजोर'और 'अपर्याप्त'बताया था. हर्षवर्धन ने भी कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी मौसम में हो रहे बदलाव पर करीब से नजर रख रहे हैं. उन्होंने सभी संबंधित मंत्रियों को जरूरी तैयारियां करने और कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो.


1000 स्कूल प्रबंध समिति सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित

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लखनऊ 4 जून। शिक्षा को बेहतर तरीके से जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने तथा विगत 4 वर्षों में स्कूल प्रबंध समिति सदस्यों द्वारा किये गये बेहतर प्रयासों को साझा करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर लखनऊ में स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें 16 जनपदों से 1000 स्कूल प्रबंध समिति सदस्यों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

दीप प्रज्ज्वलन के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि वसीम अहमद जी ने कहा कि स्कूल प्रबन्ध समिति का गठन इसी सोच के साथ हुआ था कि स्कूलो की देख रेख सीधे अभिभावक के हाथ में रहेगी और उनमे सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यहां रखी गई मांगों को वे शिक्षा मंत्री तक पहुंचायेंगे तथा पूरा करने में सहयोग भी करेंगे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि निजी स्कूल बंद हो जाने चाहिए। शिक्षा सभी के लिए समान होनी चाहिए जिससे सब जाति के बच्चे एक साथ सरकारी विद्यालयों में ही शिक्षा ग्रहण कर सकें।

सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए पैक्स कार्यक्रम के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक श्री राजकुमार ने बताया कि यह सम्मेलन अब तक किये गये प्रसायों का प्रतिबिम्ब है जो कि 17 जनपदों में 20 साथी संगठनों के सक्रिय व सफल कार्यों द्वारा सम्पन्न हो पाया है। इस हेतु वर्ष 2013 में स्कूल प्रबंध समिति के पुनर्गठन में साथी संस्थाओं द्वारा पहल की गई जिसके तहत 15 जनपदों में बेहतर शिक्षा हक़ अभियान चलाया गया जिसमें कुल 1400 स्कूल प्रबंध समितियों का सफल प्रकार से गठन कराने में हमने सफलता प्राप्त की जिसमें हमारे 2500 समुदाय आधारित संगठनों के सदस्य भी इस समिति का हिस्सा बने।

आर0टी0ई0 फोरम के कन्वेनर श्री अम्ब्रीश राय ने कहा कि कोठारी कमीशन के अनुसार पूरे देश में समान शिक्षा लागू होनी चाहिए थी परंतु अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। केन्द्र सरकार ने शिक्षा मद की कटौती कर शिक्षा के साथ अन्याय किया है।

एन0सी0ई फोरम के कन्वेनर श्री रमा कान्त राय ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा निजी हांथों में चली जायेगी और दलित व पिछड़े शिक्षा से वंचित रह जायेंगे। इस स्थिति में सुधार लाने का कार्य केवल विद्यालय प्रबंध समिति सदस्य ही कर सकते हैं। देश की सरकार शिक्षा में गुणवत्ता लाने का कार्य करे। 193 देशों ने संयुक्त राष्ट्र के डकार समझौते का जि़क्र करते हुए कहा कि जी0डी0पी0 का 6 प्रतिशत खर्च की बात की गई किन्तु 3.6 प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं हुआ है।

इसी क्रम में सामाजिक सलाहकार श्री राजनाथ ने कहा कि सभी जगह स्कूल प्रबंध समिति सदस्यों द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है। इसी प्रकार यदि कार्य होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्ररिषदीय विद्यालय पूर्णतया सुधर चुके होंगे तथा वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी बच्चों को समान रूप से मुहैया हो रही होगी।

फिफ्थ एस्टेट की प्रतिनिधि सुश्री पल्लवी ने कहा कि यदि निजी कम्पनियां स्वयं सेवी संगठनों के साथ मिलकर वंचित समुदाय के बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य करेंगी तो जल्द बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने स्वयं इस कार्य में सहयोग प्रदान करने की बात को सबके मध्य साझा किया।

सदस्य विधान परिषद श्री राकेश सिंह राणा ने कहा कि दोहरी शिक्षा नीति समाप्त की जाएं सभी को समान शिक्षा मिलना चहिएं। आज प्राथमिक विद्यालयों की दशा पहले की अपेक्षा अच्छी नही है जो भी आज ऊंचे पद पर जा रहें वे कान्वेन्ट के ही बच्चे जा रहें है। 

प्रतापगढ़ से आये स्कूल प्रबन्ध समिति सदस्य श्रीमती मीरा देवी ने कहा कि इस समिति में रहकर हमने बहुत कुछ सीखा और एहसास हुआ कि वाकई में स्कूलों की देखरेख अगर अभिभावक करने लगें तो काफी हद तक स्कूलों में सुधार दिखेगा। हमारे स्कूल भी प्राईवेट स्कूल जैसा महौल दे सकेंगे।

लखनऊ नगर क्षेत्र से आयें स्कूल प्रबन्ध समिति सदस्य अध्यक्ष श्री छोटेलाल ने कहा कि हम समिति से जुड़े है बहुत सारा काम किया जैसे स्कूल में बिजली नही थी तो अध्यापक के सहयोग से कराया गया पानी की समस्या थी तो शिकायत पंजीकरण नं0 पर फोन करके नल सही कराया, स्कूल चलो अभियान में सहयोग करते हुए 30 गावों का भ्रमण कर लोगो को अपने बच्चों का नामांकन कराने हेतु जागरूक किया। जिसके फलस्वरूप हमें कई स्थानों पर सम्मानित भी किया गया।

लोकमित्र संस्था से आयी स्कूल प्रबन्ध समिति सदस्या श्रीमती शाहीन ने बताया कि हमारे स्कूल में शौचालय प्रयोग की स्थिति में न होने के कारण बालिकाओं को काफी समस्या होती थी फिर हम लोगो ने प्रयास करके अध्यापक और पार्षद से सहयोग लिया और शौचालय की मरम्मत कराकर प्रयोग करने योग्य बनाया।

ग्राम्या संस्थान से आयी स्कूल प्रबन्ध समिति सदस्या श्रीमती सावित्री जी ने कहा कि आज तक हम लोगो को कभी इतना सम्मान न तो स्कूल में मिला था न ही गांव में परन्तु जब से स्कूल प्रबन्ध समिति में जुड़े है तब से गांव में मेरा मान सम्मान में बढ़ा है।

कार्यक्रम के अन्त में पैक्स कार्यक्रम के कार्यक्रम अधिकारी श्री नीतेश जी ने कहा कि हम सभी सदस्यों से आशा करते है कि आगे भी आप लोग अपनी सक्रियता दिखाते हुए इससे भी बेहतर कार्य करके दिखायेंगे सम्मेलन में आएं सभी सदस्यों व अतिथियों का धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

कैट एवं मास्टरकार्ड ने व्यापारियों में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने हेतु “ट्रेन द ट्रेडर्स"

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  • राष्ट्रीय अभियान शुरू किया प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया अभियान की ओर पहला कदम

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देश भर के व्यापारियों के शिखर संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं मास्टरकार्ड ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान औऱ वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली की बजट में डेबिट क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा देने की घोषणा की दिशा में पहला कदम उठाते हुए नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में ट्रेन थे ट्रेडर राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत की जिसके अंतर्गत देश भर के व्यापारियों को डेबिट-क्रेडिट कार्ड उपयोग में लाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ! सम्मेलन की अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया ने की !

कैट एवं मास्टरकार्ड के इस संयुक्त अभियान में देश के विभिन्न शहरों में "मास्टर योर कार्ड "सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे जिसमें इस बात पर जोर दिया जायेगा की नकद की बजाय लेन-देन कार्ड के माध्यम से किया जाये इस से जहाँ पारदर्शिता बढ़ेगी वहीँ कोई जोखिम भी नहीं होगा ! ट्रेनिंग में व्यापारियों को यह भी बताया जायेगा की किस प्रकार से पेमेंट कार्ड के इस्तेमाल से व्यापार में वृद्धि हो सकती है !

इस राष्ट्रीय अभियान के प्रथम चरण में आज नई दिल्ली में मास्टर योर कार्ड सम्मेलन किया गया जबकि मुंबई में 4 जून एवं पुणे में 5 जून को यह सम्मेलन होंगे वहीँ दूसरे चरण में देश के अन्य शहरों जिनमें प्रमुख रूप से नागपुर, कोल्कता, चेन्नई,बैंगलोर, हैदराबाद, कालीकट,अहमदाबाद, सूरत, गोहाटी, इंदौर, जम्मू, श्रीनगर, लखनऊ, जयपुर आदि शामिल हैं पर यह सम्मेलन आयोजित किये जाएंगे !

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने बताया जिस प्रकार से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से व्यापार हो रहा है उसको देखते हुए कैट ने मास्टरकार्ड के साथ मिलकर देश भर के व्यापारी वर्ग में पेमेंट कार्ड का चलन बढ़े इसको सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है ! यह भागीदारी देश के रिटेल व्यापार को उच्च तकनिकी औऱ आधुनिक बनाने की ओर एक बड़ा कदम है !

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (04 जून)

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विष्व पर्यावरण दिवस पर: व्यगं---लो फिर आ गया मौका खुद को विद्वान साबित करने का
  • विश्व पर्यावरण दिवस पर सुनाई देंगे संरक्षण के जुमले, सरकार की नीतियों पर किए जाएंगे करारे-करारे प्रहार
  • अंत में किया जाएगा अगले बरस फिर मिलने का वायदा

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देहरादून। सावधान! जागते रहो। एक और मौका कल आने वाला है। यह मौका खुद को विद्वान साबित करने के लिए पर्यावरण बचाने वाली लफ्फाजी करने का। कुछ लोग पर्यारवरण पर चिंता जता कर होंगे। जिन्हें कहीं से पैसा मिला है वो बता रहे होंगे कि कुछ न होने के बावजूद भी बहुत कुछ हो रहा है। जिन्हें नहीं मिला वो गालियां बकेंगे कि कुछ नहीं हो रहा है। सरकार के प्रयास महज दिखावा है। कुछ लोग यह बताएंगे कि अगर हम भी न होते तो कुछ भी न हुआ होता। कुछ लोग ईको सेंसटिव जो पर अपनी विद्वता दिखा रहे होंगे। क्योंकि विद्वता ऐसा आचरण है जो ऐसे ही मौकों पर दिखाया जा सकता है। खैर जाने दीजिए  फिर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिखाए जाएंगे। उस पर केदार आपदा का फोटो तो होगा ही, साथ में टिहरी डेम का फोटो होगा, श्रीनगर का भी फोटो होगा, केदार आपदा पर व्यख्यान में केवल अफसोस होगा। गालियां टिहरी को नहीं, श्रीनगर  को पडेे़ेंगी। गालियां भी तो अब वक्ती मांग की मोहताज  हैं।  बहुत बड़ी इंडस्ट्री है गालियों की जिसे समझने के लिए अभी प्रशिक्षण मॉडयूल बनाए जा रहे हैं। कुछ दिनों बाद गालियां किसे, कब और कैसे देनी है इसके बारे में भी विस्तार से अतिरिक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा सकते है या प्राथमिक पाठशाला में साइंस की पुस्तक के अंत मे आओं करके सीखें की तर्ज पर अमल में लाई जा सकती हैं। ताकि  गालियों के प्रयोग को फौरी अर्थव्यवस्था के रूप मे परिभाषित कर कार्यक्रम को रोजगार परक किया जा सके। कुछ देर बाद ये गदर्भ विलाप खतम हो जाएगा। सारे लोग अपने अपने घर चले जाएंगे। कुछ खच्चर सायंकालीन  बुलावे पर कहीं जाने के लिए तैयार रहेंगे। तपोवन, विष्नुगाड़, मंदाकिनी, नंदाकिनी , भागीरथी, भिलंगना और फिर गंगा सब पर बहस होगी और फिर इन्ही के तट पर ये बातें विसर्जित कर दी जाएंगी। फिर एक वादा होगा की अब अगले बरस ही आएंगे। ठीक इसी समय, इसी दिन, इसी तरह हम तो आने के लिए तैयार ही हैं। तुम भी तैयार रहना। ठीक ऐसे ही इसी तरह , जुलाई का महीना आएगा धारी देवी डूब रही होगी जो इसे बचाने में अगवा बने थे उनके मकानों पर नींव रखी जा रही होगी। नई गाडियां आ रही होंगी , देहरादून में जमीनों का सौदा हो रहा होगा , शहरों की माम अपने अंग्रेजी दा बच्चों को सालभर डर्टी पहाड़ी क्या और कैसे होते हैं समझा रही होंगी। बेटा बीस नही ट्वेन्टी बोलते है कहते कहते सर पकड़ कर बैठ रही होगी। यंहां पहाड़ मे चिंताग्रस्त खांटी पहाड़ी पिता पर्यावरण बचाओ मुहिम  की बारीकियाँ सुनते सुनते  बूढ़ा .  सदियां बीत जांयेंगी ना सिरोबागड रहम के मूड मे है और  ना ही खिसकते पहाड़,  बस पर्यावरण  गाँव की बूढ़ी मां के पैरो के छालों  मे ही बया होता रहा है। सुना है कि वहां पर्यावरण लगा हुआ है। वरना पैरों के छाले और झुकी कमर के साथ साथ अधमरे घुटने गवाह न बने होते। फिर भी अब इस लोकतंत्र में गढ़े हुए गणतंत्र पर एक रस्म और निभा देनी बहुत जरूरी  होती है कि पर्यावरण दिवस की शुभकामना दे दी जाएं। ताकि विद्वानों की श्रेणी में  शामिल होने का अवसर मिल सके।

मुख्यमंत्री हरीष रावत ने निकाले तरकष में रखे पुराने तीर, कुंभ, स्टुर्जिया और ढेंचा घोटालों की दबी फाइलों को निकाला बाहर
  • बोले, इन घोटालों की भी हो सीबीआई से जांच, आयोग दो मामलों में दे चुका है अपनी रिपोर्ट
  • कैग ने कुंभ में किया है गड़बडि़यों का खुलासा

देहरादून, 4 जून । आपदा राहत राशि में घोटाले के आरोपों से घिर रही कांग्रेस सरकार के मुखिया पहले तो असहज से दिखे। लेकिन अब उन्होंने भाजपा के खिलाफ हमलावर तेवर अपना लिया है। सीएम हरीश रावत ने भाजपा शासन काल में हुए घोटालों की फाइलों पर पड़ी धूल को साफ करवा लिया। इसके बाद सीएम हरीश रावत ने इन्हीं पुराने हथियारों के साथ भाजपा पर हमला बोल दिया है। हरदा कह रहे हैं कि क्या इन मामलों की जांच भी सीबीआई से करा ली जाए। राहत राशि घोटाले के खुलासे के बाद सरकार की ओर से की गई बयानबाजी ने इस मामले को और भी तूल दे दिया है। सीएम के बयानों को आधार बनाकर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश में हैं। लगातार हमलों से सरकार के मुखिया हरीश रावत पहले तो असहज से दिखे। लेकिन अफसरों के साथ मजबूती से खड़े रहे। हमला और तेज हुआ तो सीएम हरीश रावत आफेंसिव मोड यानि हमलावर अंदाज में सामने आए हैं। इतना ही नहीं सीएम हरीश रावत ने पुराने हथियारों को भी निकाल लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार के मुखिया की इच्छा के अनुसार अफसरों की टीम ने इन हथियारों पर लगी जंक को साफ करके फिर से धारदार कर दिया है। सीएम हरीश रावत के ये हथियार भाजपा शासन काल में हुए ढेंचा बीज घोटाला, स्टुर्जिया जमीन घोटाला और कुंभ घोटाला है। सूत्रों ने बताया कि इस घोटालों की फाइलों पर पड़ी धूल को साफ करके नए सिरे से नोटिंग की पूरी तैयारी कर ली गई है। सीएम का एक इशारा मिलते ही अफसरों की टीम नोटिंग करके इन मामलों सीबीआई के हवाले कर सकती है। शायद यही वजह है कि अब हरदा साफ कह रहे हैं कि भाजपा की ओर से आपदा राहत राशि घोटाले की बात तो की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन मामलों की जांच भी सीबीआई से करा ली जाए। सीएम हरीश रावत बता रहे हैं कि ढेंचा बीज घोटाले और स्टुर्जिया घोटाले में जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है। इसी तरह कुंभ घोटाले का खुलासा कैग की रिपोर्ट में हो चुका है। हरदा की ओर से भाजपा को एक तरह से चुनौती देते हुए कहा जा रहा है कि अगर शांत नहीं बैठे तो इन मामलों को जांच के लिए सीबीआई के पास भेज दिया जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपाई खेमा मुख्यमंत्री हरीश रावत के इन हथियारों का सामना कैसे करती है।

तो क्यों नहीं लिया कोई एक्शन
सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर जिस तरह से हमला किया है, उससे कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर जांच आयोग ने घोटालों की रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी है तो इन पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या विपक्ष की आवाज को इस अंदाज में दबाने के प्रयास को जायज करार दिया जा सकता है।

पहले क्यों मानी सूचना आयुक्त की सिफारिश 
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आपदा राहत राशि घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने वाले सूचना आयुक्त पर भी हमला बोल दिया है। सीएम का कहना है कि सूचना आयुक्त का काम सूचना दिलवाना और न देने वाले के खिलाफ एक्शन लेने का है। उन्हें किसी मामले में कोई फैसला देने या फिर सिफारिश करने का कोई अधिकार नहीं है। जब सूचना आयुक्त के पास कोई अधिकार ही नहीं है तो उनके फैसले के अनुसार सीबीआई जांच की सिफारिश आखिर क्यों की जाए। मुख्य सचिव जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जाएगा। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सरकार ने सूचना आयुक्त की इससे पहले की सिफारिश पर अमल क्यों किया। यहां बता दें कि इन्हीं सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने एनएचआरएम में दवा घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सरकार ने इस पर अमल भी किया था। 

तो बड़ा मामला क्या होता है नेताजी, कांग्रेसी नेता धीरेंद्र ने आपदा राहत घोटाले को बताया छोटा

देहरादून, 4 जून(निस) । आपदा राहत राशि घोटाले को लेकर भाजपा के हमले से कांग्रेसी नेता बौखलाए से दिख रहे हैं और कुछ भी बयान दे रहे हैं। इसी क्रम में सरकारी दायित्वधारी धीरेंद्र प्रताप ने आपदा राहत घोटाले को छोटा करार दिया और इस मामले को खत्म करने की सलाह दे डाली। सूचना आयुक्त अनिल शर्मा की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद से भाजपा हमलावर रुख अपनाए हुए और कांग्रेसी नेता बौखलाए से दिख रहे हैं। पहले कांग्रेस अध्यक्ष किशोर ने इस मामले में सूचना आयुक्त पर हमला किया तो अब धीरेंद्र प्रताप इस मामले को छोटा बता रहे हैं। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि यह तो एक छोटा सा मामला है। इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए। अब अगर करोड़ों की गड़बड़ी को नेताजी छोटा सा मामला बता रहे हैं तो लगे हाथ उन्हें यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि आखिर कितने करोड़ को घोटाले को कांग्रेस बड़ा मामला मानेगी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेसी नेताओं को इस मुद्दे पर कोई सटीक जवाब नहीं सूझ रहा है। यही वजह है कि अनावश्यक बयानबाजी की जा रही है।

भारतीय स्टेट बैंक ने एमडीडीए का कोई आदेश मिलने से किया साफ इंकार, रिवर वैली प्रोजेक्टःनहीं रुकी फार्मों की बिक्री 
  • बिल्डर की मनमानी पर नहीं हो रहा कोई नियंत्रण , बिल्डर ने फार्म बिक्री से कर ली डेढ़ करोड़ की कमाई
  • खुद बेचे आवेदन फार्म के पैसों का कोई हिसाब नहीं, एसबीआई में फार्म की बिक्री बढ़ाने को दिया प्रजेंटेशन

देहरादून, 4 जून । भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से की जा रही रिवर वैली प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदने के लिए आवेदन पत्रों की बिक्री पर दो रोज बाद भी कोई रोक नहीं लग सकी है। स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक का कहना है कि उन्हें एमडीडीए से कोई भी आदेश नहीं मिला है और फार्म की बिक्री नियमों के तहत ही की जा रही है। बिंडलास ग्रुप का हाउसिंग प्रोजेक्ट रिवर वैली पहले रोज से खासी चर्चा में हैं। इस प्रोजेक्ट में लगभग तीन हजार फ्लैट बनने हैं और इसमें से 15 फीसदी यानि साढ़े चार सौ फ्लैट ईएसडब्ल्यु वर्ग के हैं। इन ईएसडब्ल्यु फ्लैट का आवंटन एमडीडीए की ओर से गठित होने वाली एक समिति को करना है। इस प्रकार से बिल्डर के पास 2550 फ्लैट की आम लोगों के लिए बचते हैं। कायदे से बिल्डर को इन्हीं की बुकिंग करनी चाहिए थी। लेकिन मोटी कमाई करने के लिए बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट का समाचार पत्रों और होर्डिंग्स के माध्यम से जमकर प्रचार किया। इतना ही नहीं प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए आवेदन पत्रों की बिक्री के लिए भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक और उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से करार कर लिया। आम लोग इन्हीं बैंकों की वजह से बिल्डर के झांसे में आ गए। नजीता यह रहा कि अब तक 25 हजार तक फार्म बिक्री होने की खबर है। एक फार्म 570 रुपये का बेचा जा रहा है। इस लिहाज से बिल्डर के खाते में अब तक लगभग डेढ़ करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। इसके अलावा बिल्डर अपने स्तर से भी फार्मों की बिक्री कर रहा है। इसका कोई ब्योरा नहीं कि यहां के कितने फार्म बेचे गए हैं। अब बात फ्लैट आवंटन की। आवेदन पत्र में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि हजारों आवेदकों में से 2550 लोगों को फ्लैट किस आधार पर आवंटित किए जाएंगे। बिल्डर की इन गड़बडि़यों का खुलासा ने किया तो हरकत में आए एमडीडीए ने सभी बैंकों को खत भेजकर फार्म की बिक्री तत्काल रोकने और अब तक बिके फार्मों का पैसा बिल्डर के खाते में ट्रांसफर न करने को कहा। साथ ही सरकार को पत्र भेजकर पूछा कि क्या बिल्डर द्वारा अपने फार्म बेचने के लिए सरकारी बैंक से करार करना और लाटरी के माध्यम के फ्लैट बेचना कानूनी रूप से जायज हैं। एमडीडीए के इस एक्शन से लगा कि बिल्डर की मनमानी पर अब शायद कुछ अंकुश लग सकेगा। लेकिन आज दो रोज बाद भी किसी भी बैंक ने फार्मों की बिक्री नहीं रोकी। स्टेट बैंक का पता नहीं क्या इंट्रेस्ट है कि अपने कर्मियों को बिल्डर के प्रजेंटेशन से यह समझाने की कोशिश की गई कि ज्यादा से ज्याद फार्म कैसे बेचे जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रजेंटेशन बुधवार की शाम को दिया गया। इस बारे में भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक बर्थ्वाल ने  बातचीत में कहा कि बैंक को फार्म बिक्री रोकने के बारे में कोई आदेश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बैंक ने फार्म बेचने का करार किया है। अब बिल्डर फ्लैटों का आवंटन कैसे करेगा, इससे बैंक का कोई वास्ता नहीं है।

वापस नहीं होगा फार्म का पैसा
बताया जा रहा है कि बिल्डर की सियासत और अफसरशाही में गहरी पकड़ है। इसी की दम पर आम जनता से आवेदन फार्म की बिक्री के नाम पर करोड़ों रुपये कमाए जा रहे हैं। इस आवेदन फार्म पर इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि हजारों आवेदकों में से 2550 लोगों को कैसे चुना जाएगा। अलबत्ता यह जरूर लिखा गया है कि फार्म की राशि नान रिफंडेबुल है। जाहिर है कि आम जनता से पैसा ऐंठने का काम योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। जाहिर है कि जिन लोगों को फ्लैट नहीं मिलते हैं उनके फार्म खरीदने का पैसा बिल्डर का हो जाएगा। इतनी बड़ी गड़बड़ी पर भी आवास विभाग का मौन तमाम सवालात खड़े कर रहा है।

क्या है आयुक्त को धमकी का सच, फैसले से पहले ही केंद्र सरकार को भेजा था खत
  • राज्य से सुरक्षा न मांगने पर भी सवाल

देहरादून, 4 जून । राज्य सूचना आयुक्त अनिल शर्मा को धमकी मिलने का राज गहराता जा रहा है। बताया जा रहा है कि आयुक्त ने आपदा राशि घोटाले में फैसला लिखने से पहले ही केंद्र सरकार को अपनी सुरक्षा के लिए खत भेज दिया था। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर सूचना आयुक्त को कैसे इल्म हो गया था कि फैसला देने के बाद उन पर हमला किया जा सकता है। और अगर इस तरह का इल्म हो भी गया था तो उन्होंने इस बारे में राज्य सरकार से संपर्क क्यों नहीं किया। सूचना आयुक्त को धमकी मिलने का मामला खासा रहस्यमय दिख रहा है। सूचना आयुक्त को फोन पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसके बाद भी पुलिस अभी तक इस बात का खुलासा नहीं कर रही है कि आखिर धमकी दे कौन रहा है और इसके पीछे उसका मकसद क्या है। सवाल यह भी है कि क्या धमकी देने वाले को किसी ने हायर किया है। इन अहम सवालों का जवाब देने को कोई भी तैयार नहीं है। पुलिस कह रही है कि उसे इस मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है।  पड़ताल से एक अहम बात यह सामने आ रही है कि सूचना आयुुक्त अनिल शर्मा ने आपदा राहत राशि घोटाले के मामले में सरकार को रिपोर्ट भेजने से पहले ही केंद्र सरकार के गृह विभाग को अपनी सुरक्षा के लिए खत भेज दिया था। अब यह खत राज्य सरकार के पास पहुंच गया है और राज्य का गृह विभाग इसकी पड़ताल कर रहा है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर सूचना आयुक्त को यह पहले ही कैसे पता चल गया कि उन पर हमले की कोशिश की जा सकती है। जाहिर है कि अगर उन्हें इस बात का इल्म भी हो गया था तो उन्हें यह भी पता होगा कि धमकी देने वाला कौन हैं। इसके बाद भी उन्होंने राज्य सरकार के अफसरों को इस बारे में कोई जानकारी क्यों नहीं दी। अनिल शर्मा उत्तराखंड राज्य के सूचना आयुक्त है, क्या उन्हें अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं है। बहरहाल, हालात इशारा कर रहे हैं कि इस धमकी के मामले में कोई गहरा राज छुपा है और इसके तार राज्य की ही किसी ताकतवर शख्सियत से जुड़े हैं। शायद यही वजह है कि .सूचना आयुक्त ने राज्य सरकार को इस बारे में जानकारी देने की बजाय सीधे केंद्र सरकार से ही संपर्क किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले की जांच कब होती है और क्या सच सामने आता है।

सूचना आयुक्तों के पद अपात्रों की नियुक्तियां, पूर्व सीएस ने सीएम को 2014 में भेजी थी एक रिपोर्ट
  • नपल्च्याल के अलावा कोई अन्य आयुक्त नहीं था प्रख्यात, आवेदकों ने खुद ही सरकार के जमा किए अपने बायोडाटा
  • तत्कालीन राज्यपाल ने भी फाइल पर लिखी प्रतिकूल टिप्पणी

देहरादून, 4 जून । उत्तराखंड में सूचना आयुक्तों के पदों पर वर्ष 2010 से अब तक अपात्रों की ही नियुक्तियां हुई हैं। सूचना आयुक्त बनाए गए लोग सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 15(4) में उल्लेखित पात्रता नहीं रखते हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता तथा कानून विशेषज्ञ नदीम उद्दीन एडवोकेट को शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना से हुआ। आरटीआई एक्ट की 2005 की धारा 15(4) के अनुसार राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त होने के लिए दो योग्यताएं आवश्यक हैं। पहला वह समाज में प्रख्यात व्यक्ति हो, दूसरा वह विधि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाजसेवा प्रबंध, पत्रकारिता, जनसंपर्क माध्यम या प्रशासन और शासन के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान व अनुभव रखता हो। नदीम को मिली सूचना से स्पष्ट है कि नियुक्ति के लिए संस्तुति करने वाली मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष तथा मुख्यमंत्री द्वारा नामित सदस्य की समिति ने नियुक्ति में इन दोनों योग्यताओं पर विचार ही नहीं किया है। इनके बायोडाटा में न तो यह लिखा है कि वे किस क्षेत्र में व्यापक ज्ञान और अनुभव रखते हैं और न ही समाज में प्रख्यात होने को ही स्पष्ट किया है। तत्कालीन मुख्य सचिव सुभाष कुमार की ओर से आठ जनवरी-14 को सीएम को भेजी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उस समय कार्यरत कोई भी सूचना आयुक्त किसी क्षेत्र विशेष में व्यापक ज्ञान तथा अनुभव नहीं रखते थे और न ही वह प्रख्यात व्यक्ति ही थे। इसी रिपोर्ट के पैरा 10 में लिखा गया है कि वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त सहित कुल पांच आयुक्तों में से सिर्फ मुख्य सूचना आयुक्त ही शासन और प्रशासन में व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने में प्रख्यात हैं। अन्य सभी विविध क्षेत्रों में ज्ञान एवं अनुभव रखने वाले हैं। नदीम को मिली सूचना से भी यह स्पष्ट है कि अभी तक सूचना आयुक्तों की नियुक्ति कोई प्रक्रिया अपनाकर या पात्र व्यक्तियों से बायोडाटा आमंत्रित करके नहीं की गई है। बल्कि सूचना आयुक्त पद पर नियुक्त व्यक्तियों ने स्वयं ही अपने बायोडाटा बिना मांगे उपलब्ध कराए हैं। नदीम ने बताया सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों में सितंबर 2012 में नामित शर्मा बनाम भारत संघ के निर्णय में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया है। 2014 में नियुक्त सूचना आयुक्त के नाम की संस्तुति के लिए बिना समिति की मीटिंग के ही तीनों सदस्यों से अलग-अलग सहमति ली गई है। तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी की प्रतिकूल टिप्पणी  में कहा गया है कि मेरा यह स्पष्ट मत है कि ऐसे पदों पर मुख्य सचिव के स्तर के लोगों के नाम ही प्रस्तावित किया जाना उचित एवं लाभदायक होगा। नदीम ने राज्यपाल को इन तथ्यों को अवगत कराते हुए भविष्य में सूचना आयुक्तों की नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत करने की मांग की है। 

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुलाकात
  • जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार पर चल रहा विचार: अशोक गजपति राजू
  • केन्द्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन: मुख्यमंत्री

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देहरादून, 4 जून(निस)।  गुरूवार को बीजापुर अतिथि गृह में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री हरीश रावत के मध्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य मंे पर्यटन की असीम संभावनाएं है। राज्य सरकार द्वारा जो प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गये है, उन पर शीघ्र विचार कर निर्णय लिया जायेगा। पंतनगर हवाई अड्डे को कार्गो एयर पोर्ट के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके साथ ही जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तार पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में काम करेंगे। राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि हैलीड्रोम में हैलीकाप्टर की नाईट लैडिंग सुविधा दी जाय, इस पर सुरक्षा एवं अन्य सभी बिन्दुओं पर विचार कर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के जो भी प्रस्ताव केन्द्र स्तर पर लंबित है, उनके समाधान शीघ्र ही किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ आज की मुलाकात सार्थक रही है। राज्यहित में कुछ प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गये है, जिन पर केन्द्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव दिया है कि जौलीग्रांट हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया जाय। उन्होंने कहा कि हमने देहरादून व पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार का भी अनुरोध किया गया है। राज्य में चारधाम यात्रा के साथ ही हेमकुण्ड साहिब, कैलाश मानसरोवर यात्रा होती है, जिसमें देश-विदेश से पर्यटक व तीर्थ यात्री आते है। इसे देखते हुए चण्डीगढ़ व अमृतसर से देहरादून के लिए हवाई सेवाएं शीघ्र प्रारम्भ की जाएं। पंतनगर एयपोर्ट को निर्यात के लिए कार्गो हब के तौर पर विकसित किया जाए। दिल्ली से पंतनगर के लिए एयर इण्डिया की रोकी गई हवाई सेवा को पुनः प्रारम्भ किया जाए। मुख्यमंत्री ने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को एमआरओ विकसित किए जाने के लिए उपयुक्त बताते हुए कहा कि इसके लिए सिविल एवियेशन अथाॅरिटी के पास पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है। इससे जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट में अधिक पार्किंग बेज चंतापदह इंले व अंतर्राष्ट्रीय उडानों के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग अन्य अवस्थापना सुविधाएं भी विकसित की जा सकती है। इससे एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया की आय भी बढ़ेगी। उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास के लिए हवाई सेवाओं के विस्तार पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक गतिविधियों व स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए पर्यटन की अहम भूमिका है। पर्यटन विकास में हवाई सेवाएं सहायक सिद्ध होगी। प्रदेश में सिविल एवियेशन डेवलपमेंट अथाॅरिटी बनाई गई है, जिसके अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में तीन एयरफील्ड व लगभग 60 हेलीपेड विकसित किए जा रहे है। इसमें भारत सरकार प्राथमिकता से सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट मंे 24 घंटे संचालन की सुविधाएं विकसित की जाएं। यहां रात्रिकालीन पार्किंग की व्यवस्था करने से देहरादून से दिल्ली के लिए सुबह की हवाई सेवा प्रारम्भ की जा सकती है। एयर नेवीगेशन सर्विसेज के तहत देहरादून व पंतनगर एयरपोर्ट को ब्।ज्.2 व ब्।ज्.1 के रूप में अपग्रेड किया जाए। यहां आईएलएस सुविधाएं भी सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में मानकों के अनुरूप भूमि की अनुपलब्धता को देखते हुए यहा 3 टथ्त् फील्ड्स के लिए लाईसेंसिंग में छूट दी जाए। नेपाल व तिब्बत बार्डर के निकट के एयरपोर्ट व  हैलीपेड पर नाईट लेंडिंग सुविधाएं विकसित किए जाने के लिए छत्तीसगढ़ की भांति ही केन्द्रीय मदद दी जाए। राज्य में एयर कनेक्टीवीटी को बढ़ावा देने के लिए गैर लाईसेंस वाले एयरपोर्ट पर 9 से 20 सीट के एयरक्राफट की अनुमति दी जाए। केन्द्र सरकार द्वारा देहरादून व पंतनगर हवाई अड्डो में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर राज्य सरकार से वैट आदि में छूट के संबंध में सहमति मांगी गई थी, जिस पर राज्य सरकार द्वारा सहमति दे दी गई है। बैठक में सभा सचिव विजयपाल सजवाण, औद्योगिक सलाहकार रणजीत सिंह रावत, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, अपर सचिव नागरिक उड्डयन अक्षत गुप्ता सहित नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। 

मानव कल्याण के लिए पर्यावरण संरक्षण में दें सक्र्रिय योगदान: मुख्यमंत्री

देहरादून, 4 जून(निस)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेशवासियों को मानव कल्याण के लिए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया है। पर्यावरण संरक्षण में आम जनता की भागीदारी जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता है। देश के ही नहीं अपितु वैश्विक पर्यावरण में भी उŸाराखण्ड की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वनों के अवैज्ञानिक कटान, गैस उत्सर्जन, ओजोन परत के क्षरण आदि पर्यावरण असन्तुलन की दृष्टि से पूरे विश्व की समस्या बन गयी है। साथ ही अजैविक कचरे के हानिकारक प्रभावों के प्रति जनसामान्य में अधिक से अधिक जनजागरूकता की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन आज की आवश्यकता है। उन्होंने सरकारी प्रयासों के साथ ही जनता, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि से अपील की है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें। 

पांच व छह जून को मुख्यमंत्री टिहरी व उत्तरकाषी में 

देहरादून, 4 जून(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत 5 व 6 जून को टिहरी व उत्तरकाशी के भ्रमण पर रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री रावत 05 जून, 2015 शुक्रवार को प्रातः देहरादून से प्रस्थान कर नई टिहरी पहंुचेंगे। जहां वे प्रातः 10.50 बजे से 01.00 बजे तक विकास भवन नई टिहरी में कार्यकर्ताओं के साथ भेंट करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री रावत जिला मुख्यालय नई टिहरी मंे विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रात्री विश्राम भागीरथीपुरम गेस्ट हाउस नई टिहरी में करेंगे। दिनांक 06 जून, 2015 शनिवार को मुख्यमंत्री श्री रावत नई टिहरी से प्रस्थान कर उत्तरकाशी पहंुचेंगे। जहां वे जिला मुख्यालय में अपराह्न 01.00 बजे से 03.00 बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ भेंट करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री रावत जिला मुख्यालय, उत्तरकाशी में 03.00 बजे से 05.00 बजे विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रात्री विश्राम लोक निर्माण विभाग अतिथि गृह उत्तरकाशी करेंगे। 07 जून, 2015 रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तरकाशी से प्रस्थान कर प्रातः 10.00 बजे देहरादून पहंचेंगे। प्रातः 10.20 बजे से 3.45 तक शासकीय कार्यो का निस्पादन करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री रावत सायं 04.00 बजे से 05.00 बजे तक रेंजर्स ग्राउण्ड में गोल्ड किक्रेट टूर्नामेंट के फाइनल एवं पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मिलित होंगे। इसके बाद वे सायं 5.15 बजे से 6.30 बजे तक शासकीय कार्याे का निष्पादन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत रविवार को ही सायं 8.00 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

सीतामढ़ी गोलीकांड में दो पूर्व सांसदों सहित 14 लोगों को 10 साल की सजा

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बिहार के सीतामढ़ी गोलीकांड में कोर्ट ने पूर्व सांसद नवल किशोर राय, पूर्व सांसद अनवारुल हक और वर्तमान बीजेपी विधायक राम नरेश यादव सहित 14 लोगों को दस साल की सजा सुनाई है. कोर्ट एक पुलिस वाले को 5 साल की सजा सुनाई है. इन लोगों पर बाढ़ पीड़ितों को हिंसा के लिए उकसाने का आऱोप था.

अनवारुल हक अभी लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी में हैं जबकि नवल किशोर राय नीतीश की पार्टी में जेडीयू में हैं. इस फैसले से इनके राजनैतिक जीवन पर असर पड़ा है. अब ये नेता चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. अगस्त 1998 में जिले में बाढ़ ने कहर बरपाया था. गरीबों की कमाई व किसानों के खेतों में लगी उम्मीद की फसलें दह गई थी इसी को लेकर लेकर सर्वदलीय नेताओं द्वारा 11 अगस्त 1998 को 16 सूत्री मांगों के समर्थन में समाहरणालय के समक्ष धरना दिया जा रहा था. धरने में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी और हिंसक प्रदर्शन हुआ था.

बेकाबू भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया गया था. पुलिस ने फायरिंग भी की थी जिसमें पूर्व विधायक रामचरित्र राय, डॉ अयूब, मोनिफ अंसारी, महंत मंडल व रामपरी देवी की मौके पर ही मौत हो गयी थी. मामले में पूर्व सांसद नवल किशोर राय, मो. अनवारुल हक व राजद नेता मनोज कुमार समेत 73 को आरोपित किया गया था.

सायना शीर्ष से फिसलीं, श्रीकांत तीसरे पायदान पर

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ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और भारत की बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल गुरुवार को जारी विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) की ताजा वरीयता सूची में पहले स्थान से फिसलकर तीसरे पायदान पर पहुंच गई हैं। दूसरी ओर, पुरुष एकल वरीयता सूची में भारत के किदांबी श्रीकांत तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। सायना पिछले महीने आस्ट्रेलियन ओपन खिताब बचाने में नाकाम रहीं थी। वहीं, ओलंपिक चैम्पियन चीन की ली ज्यूरेई एक बार फिर शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब हुई हैं। दोनों खिलाड़ी हालांकि जारी इंडोनेशिया ओपन के पहले दौर में पहुंचने में सफल रही हैं।

वरीयता सूची में सायना के 79192 अंक हैं और वह आस्ट्रेलियन ओपन खिताब अपने नाम करने में कामयाब रहीं स्पेन की कैरोलिना मारिन (80752) से नीचे हैं। शीर्ष पर मौजूद चीन की ली ज्यूरेई के कुल 85217 अंक हैं। गौरतलब है कि ऑल इंग्लैंड सुपरसीरीज में उपविजेता और मार्च में इंडिया ओपन खिताब जीतने के बाद सायना दो अप्रैल को शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रहीं थी। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं।

पुरुष एकल वरीयता सूची में भारत के किदांबी श्रीकांत तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं और पांच बार के विश्व चैम्पियन लिन डान से एक पायदान ऊपर हैं। राष्ट्रमंडल खेल-2014 में स्वर्ण पदक जीतने वाले पारुपल्ली कश्यप 12वें जबकि एच. एस प्रनॉय 13 पायदान पर हैं। राष्ट्रमंडल खेल-2010 के महिला युगल वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल करने वालीं ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा भी युगल वरीयता में एक स्थान ऊपर 17वें पायदान पर पहुंच गई हैं। पुरुष या मिश्रित युगल वर्ग के शीर्ष-25 में कोई भी भारतीय जोड़ी शामिल नहीं है।

भारतीय किसानों के लिए अकेला प्रयास नाकाफी : अमिताभ

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टीवी चैनल 'डीडी किसान'के ब्रांड एंबेसडर अभिनेता अमिताभ बच्चन का कहना है कि उन्होंने अतीत में कुछ किसानों के घर बचाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है। एक किसान पर्यवेक्षक संस्था के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक साल के कार्यकाल के दौरान (20 मई 2014 - 25 मई 2015) महाराष्ट्र में 1,306 किसानों ने आत्महत्या कर ली।अमिताभ ने बताया, "किसानों की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है। मैंने व्यक्तिगत रूप से कुछ किसानों का कर्ज चुकता कर उनके घर बचाने की कोशिश की थी। आंध्र प्रदेश में 40 और विदर्भ में 50 परिवार थे।"

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न हों, इसके लिए भारत सरकार अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है।"अमिताभ ने कहा, "डीडी किसान, दूदर्शन का नया चैनल है, जो किसानों के लिए शुरू किया गया है। मैंने चैलन के प्रचार कार्यक्रम के लिए काम किया है।"कहा जा रहा है कि अमिताभ को डीडी किसान चैनल के प्रचार कार्यक्रम से जोड़ने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आया था। मोदी और अमिताभ पहले भी गुजरात पर्यटन के प्रचार के सिलसिले में साथ काम कर चुके हैं।

अमिताभ ने हालांकि कहा, "माननीय प्रधानमंत्री ने डीडी किसान के प्रचार से जुड़ने के लिए मुझसे व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया था।"उल्लेखनीय है कि 2010 में जब अमिताभ ने मुजफ्फरनगर के काकोरी गांव में जमीन खरीदी थी, तब उत्तर प्रदेश सीड कारपोरेशन ने किसान समुदाय के सदस्य के रूप में उनका नाम पंजीकृत किया था।

तेलंगाना में पुजारी, मंदिर कर्मचारी हड़ताल पर

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तेलंगाना में हजारों पुजारी और मंदिर के कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पुजारी और कर्मचारियों की हड़ताल के चलते तेलंगाना के एंडाउमेंट विभाग द्वारा देखरेख वाले मंदिरों में सभी सेवाएं रुक गई हैं। मंदिर के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन के मुताबिक, हैदराबाद और तेलंगाना के नौ अन्य जिलों में 2,500 मंदिरों के 6,000 कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। पुजारियों ने मंदिरों में तड़के सुबह 'अभिषेकम'किया, लेकिन उसके बाद के सभी अन्य कामकाज रोक दिए जिसके कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर के कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं को विभिन्न अनुष्ठानों के लिए टिकट जारी करने भी बंद कर दिए। 

हैदराबाद और उससे सटे रंगारेड्डी जिले के विभिन्न बड़े मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालुओं ने हड़ताल के कारण कठिनाई होने की बात कही। हड़ताल कर रहे पुजारियों और कर्मचारियों ने मंदिर परिसर में भी धरना दिया। तेलंगाना की राजनीतिक संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के संयोजक कोदांदरम ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के प्रति एकजुटता दिखाई।  इस हड़ताल से हालांकि तेलंगाना के प्रसिद्ध मंदिर यदाधरी के पुजारी और कर्मचारियों ने खुद को दूर रखा है।  पुजारियों और कर्मचारियों की जेएसी के नेता जी. भानुमूर्ति ने कहा कि वे सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि उनका वेतन राजकोष से दिया जाए। तेलंगाना सरकार ने पिछले साल अपने कर्मचारियों के वेतन में 43 फीसदी की वृद्धि की थी। 

पुजारियों का कहना है कि संयुक्त आंध्र की सरकार ने 2008 में उन्हें सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन देने का वादा किया था। मंदिर के कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को लेकर उदासीन रहती है।

जम्मू में भिंडरावाला के पोस्टर हटाने को लेकर तनाव

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जम्मू -कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहरी इलाकों में आज लगातार दूसरे दिन भी जरनैल सिंह भिंडरावाला के पोस्टर हटाने को लेकर तनाव व्याप्त रहा।  1984 के दंगे में मारे गये सिखों की याद में आयोजित एक समारोह के परिप्रेक्ष्य में एक इलाके में भिंडरावाला में पोस्टर लगाये गये थे , जिन्हें हटा दिया गया था। इसके विरोध में सिखों के एक संगठन के कुछ सदस्यों ने कल पुलिस से झड़प की , जिसमें चार पुलिसकर्मी समेत छह लोग घायल हो गये। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रोबेशनरी उप निरीक्षक पर चाकू से वार किया गया। भिंडरावाले के समर्थक खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और भंडरावाले के पोस्टर लगाने तथा वहां के थाना प्रभारी को हटाने की मांग कर रहे थे।

सिख समुदाय के सैकडों लोग आज सुबह फिर एक सिख बहुल इलाके गाडीगढ़ में जमा हुए और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इनकी मांग पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला करने वाले सिख युवकों को रिहा कराने की थी। प्रदर्शनकारी भिंडरावाला के पोस्टर और बैनर लेकर शहर की आेर बढ़े लेकिन भारी संख्या में तैनात पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने उन्हें रोक दिया।

राेके जाने के बाद प्रदर्शनकारी जम्मू- आर एस पुरा सेक्टर रोड पर धरना देकर बैठ गये। स्थिति से निपटने के लिए वहां पानी की तेज बौछार करने वाले यंत्र,अग्निशमनकर्मी और अन्य इंतजाम किये गये हैं। उधर कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी,प्रशासननिक अधिकारी और सिख समुदाय के कई महत्वपूर्ण नेता मौके पर पहुंचकर मामले का शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जून)

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ट्राॅलियों में रेडियम पट्टी लगाने का कार्य सतत जारी रहेगा

vidisha news
विदिशा जिले में टेªक्टर-ट्राॅलियों में रेडियम पट्टी लगाए जाने का कार्य कलेक्टर श्री एमबी ओझा के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया जा रहा है। उनकी अपील पर स्वंयसेवी संस्थाओं के द्वारा भी सहभागिता निभाई जा रही है। गुरूवार को पुरानी कृषि उपज मंडी विदिशा में रेडियम पट्टी लगाने का कार्य भारत भारतीय संस्कार जैन मण्डल की महिला प्रतिनिधियों ने किया। अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने कृषि उपज मंडी में पहुंचकर रेडियम पट्टी लगाने का कार्य कर रही महिलाओं का हौंसला अफजाई किया और उन्होंने स्वंय भी ट्रालियों में रेडियम पट्टी लगाई। टेªक्टर चालकों से इस दौरान अपील की गई कि वे रेडियम पट्टी की सुरक्षा बनाए रखें ताकि आवागमन के दौरान दुर्घटनाओं को रोका जा सकें। भारत भारतीय संस्कार जैन मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती नीता सर्राफ ने बताया कि संस्था द्वारा समय-समय पर जनजागृति के काम किए जा रहे है वही दीनहीनों की मदद की जा रही है। संस्था के द्वारा स्कूलों में पढ़ रहे निःशक्त बच्चों को डेªस किताबों के अलावा जिला चिकित्सालय में अब तक आठ बार नवजात शिशुओं और उनकी माताओं को कपडे़ वितरित किए गए है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधरोपण जैसे कार्यो को अंजाम दिया है। गुरूवार को संस्था के द्वारा कृषि उपज मंडी में तीन सौ ट्राॅलियों में छह सौ रेडियम पट्टी लगाने का कार्य किया गया है। उक्त कार्य में तहसीलदार श्री रविशंकर राय समेत अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती मंजरी जैन और संस्था की सपना जैन, प्रीति, एकता, सीमा, साक्षी, लता और शशिबुद्व ने सहभागिता निभाई। 

सचिव निलंबित

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चन्द्रमोहन मिश्र ने नटेरन जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सांगुल के सचिव श्री मंशाराम मैना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत नटेरन नियत किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।जारी निलंबन आदेश में उल्लेख है कि ग्राम पंचायत सांगुल के सचिव श्री मंशाराम मैना के द्वारा कृषि मेला एवं अन्य कार्यक्रमों के संबंध में वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त दिशा निर्देशों की अवहेलना करने तथा पदीय दायित्वों के निर्वाहन में गंभीर लापरवाही और उदासीनता बरतने पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। 

शमशाबाद एसडीएम का प्रभार श्री आरके शर्मा को

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने प्रशासकीय कार्यो की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए नटेरन एसडीएम श्री राकेश शर्मा को नटेरन के साथ-साथ उपखण्ड मजिस्टेªट शमशाबाद का प्रभार आगामी आदेश पर्यन्त तक सौंपा है। 

आर्थिक मदद जारी

मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के एक प्रकरण में कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने एक लाख दो हजार रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि गुलाबगंज तहसील के ग्राम नादौर की फूलबाई की मृत्यु कृषि कार्यो के दौरान हो जाने के कारण मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत उपखण्ड अधिकारी ग्यारसपुर के जांच प्रतिवेदन पर मृतिका के पति श्री बाबूलाल विश्वकर्मा को कुल एक लाख दो हजार रूपए की आर्थिक सहायता जारी कर दी है जिसमें अन्त्येष्टि अनुदान दो हजार रूपए भी शामिल है।

मजदूरी की न्यूनतम दरे जारी

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने अकुशल मजदूरी की पुनरीक्षित दरे मान्य होने पर दरे जारी कर दी है। जारी आदेश में उल्लेख है कि शासन द्वारा मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया गया है जिसका लाभ जिले के विभिन्न शासकीय विभागों मंे कार्यरत मासिक, दैनिक, अंशकालिक कर्मचारी श्रमिकों के लिए भी मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया गया है। श्रमायुक्त द्वारा अकुशल श्रेणी के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन दरो का पुनरीक्षण किया गया है जो जिले में एक जून 2015 से प्रभावशील होगी। विदिशा जिले में अकुशल श्रमिकों की वेतन दरे निम्नानुसार संशोधित की गई हैं तदानुसार अब प्रतिमाह छह हजार पांच सौ रूपए तथा प्रतिदिन 250 रूपए मान्य होंगे। मासिक वेतन में से साप्ताहिक अवकाश के लिए कोई काटौत्री नही की जाएगी। 

अग्नि दुर्घटना के प्रकरणों में राशि जारी

विदिशा जिले की तहसीलो से प्राप्त अग्निकांड के प्रकरणो में तात्कालिक सहायता आरबीसी के प्रावधानो तहत पीडि़तो को मुहैया कराए जाने के उद्धेश्य से कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने तीन लाख 84 हजार सात सौ रूपए की राशि तहसीलदारो को आवंटित कर दी है। जारी आदेश मंे संबंधित तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि कोषालय, उप कोषालयों में बिल प्रस्तुत कर सीधे पीडितों के खाते में ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान की कार्यवाही शीघ्र सम्पादित की जाए। व्यय का ब्यौरा एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र अविलम्ब लिा कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिन तहसीलो के तहसीलदारो को राशि आवंटित की गई है उनमें विदिशा को एक लाख 75 हजार रूपए, कुरवाई को 35 हजार चार सौ रूपए, शमशाबाद को आठ हजार और गुलाबगंज तहसीलदार को एक लाख 66 हजार तीन सौ रूपए आवंटित किए गए है।

विद्युत परिषण लाइन के निर्माण की स्वीकृति

विदिशा जिले में प्रस्तावित अति उच्च दाब 132 केव्ही लीलो आफ सिरोंज-मकसूदनगढ़ लाइन फार 132 केव्ही उपकेन्द्र लटेरी विद्युत परिषण लाइन के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा जारी कर दी गई है। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने बताया विद्युत लाइन लटेरी तहसील के ग्राम लटेरी, रामपुरा, दौलत, गोतीतलई, मोहब्बतपुर, नौखेरा, मूदडा, मदनखेडी, बहादुरपुर, डोडखेडी, ललचिया और गोविन्दपुर होते हुए जाएगी। इन क्षेत्रों के प्रभावित किसानों को उनकी फसलों के नुकसान का मुआवजा भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। लटेरी एसडीएम को ततसंबंध में दिशा निर्देश दिए गए है कि किसानो की फसलों की क्षति का मुआवजा निर्धारण शीघ्र किया जाए। लाइन के निर्माण कार्य में किसानों, भू-स्वामियों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए और उन्हें सहयोग करने की समझाईंश दी जाए। इसके बावजूद वे नही मानते है तो व्यवधान उत्पन्न करने वालो के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अधीन नियमानुसार कार्यवाही की जाए ताकि परियोजना का कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समयावधि में पूर्ण हो सकें।

भारतीय जनतंत्र का जायजा

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आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर इस शनिवार 6 जून 2015 को शाम 5 बजे से साहित्य अकादमी-सभागार में एक परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित इस परिचर्चा में वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह की उपस्थिति में राजनीतिक दार्शनिक गोपाल गुरु, आदित्य निगम, अनुपमा रॉय व हिलाल अहमद से वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार बातचीत करेंगे।

ज्ञात हो कि राजकमल प्रकाशन की विमर्शपरक पत्रिका के नए संपादक अपूर्वानंद के संपादन में जो पहले दो अंक (अंक53-54) आए हैं, ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर केन्द्रित हैं।

छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के प्रयास के विरोध में हंगामा

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के मामले में यूनिवर्सिटी द्वारा मामले की लीपापोती करने के बाद गुरुवार छात्रा को घर भेजने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों ने यूनिवर्सिटी में हड़ताल कर दी। कालेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा हुआ। बवाल की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति संभाली। हालांकि इस दौरान जब छात्र उग्र होने लगे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें शांत कराया।

राजधानी के आशियाना थानाक्षेत्र स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की छात्रा सोनी (बदला हुआ नाम) बीते मंगलवार की रात आजमगढ़ से रात 11.30 बजे की ट्रेन पकड़ कर लखनऊ के लिए चली थी। करीब चार बजे चारबाग पहुंचने पर उसने अपने परिजनों को लखनऊ पहुंचने की सूचना भी दी थी। बताया जा रहा है कि बुधवार को छात्रा ने करीब साढ़े चार बजे सुबह विवि के मुख्य गेट से इंट्री की। जहां से उसका छात्रावास दो सौ मीटर की दूरी पर था। लेकिन वह छात्रावास के बाहर बेहोशी की हालत में नाले में मिली। जिसे महिला गार्डो की मदद से बाहर निकाला गया। 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाले से निकालते समय छात्रा के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। लड़की के नाले में बरामद होने के बाद विवि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में मामले को छुपाने के लिए उन्होंने छात्रा को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जबकि घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर लोकबंधु अस्पताल था। घटना की जानकारी मिलते ही गुरुवार सुबह विश्वविद्यालय के छात्रों ने कालेज के मुख्य गेट को घेर लिया और जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर हंगामा काटने लगे।  हंगामे की सूचना पाकर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र उग्र हो गए तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें शांत कराया।

फीफा विश्व कप 1998, 2010 के लिए भी दिए गए रिश्वत

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अमेरिकी न्यायिक सूत्रों के अनुसार फीफा के एक पूर्व निदेशक ने न्यूयार्क की एक अदालत में वर्ष-2013 में हुई सुनवाई के दौरान यह स्वीकार किया था कि उसने 1998 और 2010 के विश्व कप के आयोजक स्थल चुनने के लिए रिश्वत लिया था। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार खेल निदेशक चार्ल्स गॉर्डन ब्लेजर द्वारा 25 नवंबर, 2013 को बंद कमरे में हुए न्यायालय की सुनवाई के दौरान दी गई गवाही का संपादित अंश बुधवार को अदालत द्वारा जारी किया गया। फीफा में भ्रष्टाचार से संबंधित जारी जांच को देखते हुए और गोपनीयता बनाए रखने के कारण संपादित अंश ही सार्वजनिक किया गया।

गौरतलब है कि ब्लेजर वर्ष-1990 से 2011 के बीच कॉनकैफ के महासचिव रहे और 1997 से 2013 के बीच फीफा की कार्यकारी समिति के भी सदस्य रहे। उन्हें दो साल पहले कई आरोपों में दोषी पाया गया। ब्लेजर ने तब स्वीकार किया था कि 1998 में फ्रांस में हुए विश्व कप के आयोजन स्थलों के चयन को लेकर 1992 में रिश्वत का यह खेल शुरू हुआ जिसमें फीफा के कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं। रिश्वत का यह खेल 2010 में जारी रहा जब दक्षिण अफ्रीका ने मोरक्को को पीछे छोड़ विश्व कप की मेजबानी हासिल की। ब्लेजर 1996, 1998, 2000, 2002 और 2003 के गोल्ड कप के आयोजन स्थलों के चयन में अपने मत के लिए भी रिश्वत लेने के दोषी पाए गए।
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