Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 73692 articles
Browse latest View live

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (06 जून)

0
0
फर्जी विकलांग, अधिकारियों की मिली भगत से लूट रहे खजाना, जाँच बोर्ड की मांग

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) बिहार में नियोजित शिक्षकंों के प्रमाणपत्रों की जाँच को लेकर माननीय पटना उच्च न्यायालय निर्देशानुसार निगरानी विभाग की टीम द्वारा की जा रही है। गौरतलब है कि राज्य में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकांे के पकड़े जाने के बाद न्यायालय में दायर वाद पर निर्णय देते हुए न्यायालय ने जनहित में एक सराहनीय फैसला दिया है। जिसके आलोक में सरकार की पहल भी सराहनीय है। युवा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जिलाध्यक्ष सागर श्रीवास्तव ने सचिव निगरानी विभाग बिहार सरकार को अपने पत्रांक 17/2015 दिनांक 02 जून 2015 के माध्यम से एक अतिरिक्त मांग किया है कि निगरानी विभाग जिस प्रकार से फर्जी प्रमाणपत्रों की जाँच कर रहा है। उसी प्रकार विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकांे की विकलांगता की जाँच के लिए निगरानी विभाग एक अधिकृत चिकित्सकीय बोर्ड का गठन करे। युवा रालोसपा के जिलाध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया है कि जिला में 2006 से अब तक व्यापक पैमाने पर शिक्षक नियोजन में (फर्जीवाड़ा) अनियमितता बरती गई है। जिसकी जाँच आवश्यक है क्योकि असली विकलांग सड़क पर ठोकरें खा रहे हैं, जबकि फर्जी प्रमाणपत्र वाले नौकरी कर रहे है। सरकारी अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी नियोजित कर्मी सरकारी खजाने को लूटने का काम कर रहे हैं।

उच्च व उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय विद्यार्थियांे की मतदाता जागरूकता रैली पूर्ण

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय प्रखण्ड अन्तर्गत मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल के तहत विभिन्न उच्च व उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के छात्र छात्राओ ने रैली निकाली। जिसके माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने का प्रयास किया गया। अभियान के तहत नगर परिषद के मुख्य मार्गांे समेत अन्य सड़कों से गुजरते हुए बच्चांे की मतदाता जागरूकता रैली पुनः अपने विद्यालय को लौट गई। इस दौरान छात्र व छात्राओं के साथ शिक्षक भी चिलचिलाती धूप में मतदाता जागरूकता रैली निकाली गयी। इसके पूर्व अपने अपने विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी अपने विचार रखे और बताया कि मतदान आपका अधिकार है। मतदाता अपने अधिकार को नहीं बेचे, अपने अमूल्य मत का सदुपयोग करे और लोकतंत्र की रक्षा करने में अपना पूर्ण सहयोग करें। मतदाता जागरूकता रैली में छात्रों के साथ शिक्षक आफताब आलम और प्रमोद कुमार शामिल हुए।

भारतीय किसान मंच का किसान समस्याआंे के लिए एक दिवसीय धरना सम्पन्न

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय चीनीमिल के मुख्य दरवाजा भारतीय किसान मंच के बैनर तले किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। जिसकी अध्यक्षता मंच के संयोजक विनय कुमार यादव ने किया। जिसमें केन्द्र व राज्य सरकार के प्रति वक्ताओं ने अपनी भँड़ास निकाली। किसानों के आन्दोलन को समर्थन देने वालों में भाकपा माले, भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस, जनता दल राष्ट्रवादी व अन्य किसान संगठन के लोग सामने नजर आए। भाकपा माले के नेता मोख्तार अंसारी ने कहा कि भारतीय किसान मंच के संयोजक ने सम्पूर्ण किसानों के हित में आन्दोलन किया है जिसके साथ सभी किसानांे को एक मंच पर आने की आवश्यकता है। युवा जनता दल राष्ट्रवादी के प्रदेश अध्यक्ष मनौवर आलम ने कहा कि केन्द्र की मोदी व बिहार की नीतीश सरकार किसान विरोधी है। किसानों को सब्सिडी के बदले कारखाना वालों को सब्सिडी देकर सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वो किसानों के साथ दोहरा मानदण्ड अपना रहीं है। भारतीय किसान मंच के संयोजक विनय कुमार यादव ने कहा कि हमारी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं किसानों की लड़ाई है। एक दिन विलम्ब होने पर दादनी की राशि पर ब्याज वसूलने वाला चीनी मिल प्रबंधन किसानों को डिलेयड पेयमेन्ट एक्ट के तहत भुगतान कौन कहे मूल राशि का भुगतान करने में आनाकानी कर रहा है। विनय ने एक भंेट में बताया किसानों के भुगतान के मुद्दे पर स्थानीय सांसद व अन्य जनप्रतिनिधियों की चुप्पी रहस्यमयी है। धरना पर बैठने वालों में जदरा के जिलाध्यक्ष डाॅ.गुलाम साबिर, अन्य किसान नेताआंे मंे राजू डे, श्रीकान्त यादव, महममद हसनैन, अभय कुमार, महम्मद जफीर अहमद, मालती देवी, राधा कुशवाहा, राजु जायसवाल, रामेश्वर शर्मा, विजय मिश्र, ध्रुव यादव, पप्पू पाण्डेय, संजय यादव, सैफ अली, मोख्तार मियां, अफान हसन, अमित वर्मा, मुन्ना शेख, भोला मियाँ, ओम प्रकाश सिंह, अजय तिवारी, मकरध्वज गिरी और गाँधी यादव मुख्य है। भारतीय किसान मंच के द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को किसानों का एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया। जिसमें पेराई सत्र 2014-2015 के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिनों में करने, अगले सत्र के लिए उत्तम व निम्न प्रभेद के गन्ना की आपूर्ति एक साथ स्वीकार करने, पेराई सत्र के पूर्व ही मापी करके किसानो को कैलेण्डर दिया जाए, मापी की गडबड़ी दूर करने, अनुदानित मुल्य पर कृषि यन्त्र, खाद-बीज, कीटनाशक, देने में पारदर्शिता बरतने, सामग्रियांे का मूल्य दूसरे पेराई सत्र में लेने, चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए आने वाले वाहनों के चालक के लिए प्रबंधन अपने यार्ड मंे शेड, पेयजल, शौचालय व अन्य मूलभूत सुविधाएँ मुहैया कराने संबंधी मांगे ज्ञापन में दी गयी। जिसकी प्रतिलिपि जिला पदाधिकारी को व अनुमण्डल पदाधिकारी को उपलब्ध कराई गयी। भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री विजय नारायण राव ने कहा कि हम किसानांे के हित में चलाए जाने वाले किसी प्रकार के आन्दोलन में किसानांे के साथ है।

एक लाख रूपये रिश्वत मांगने का आरोप

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज प्रखण्ड के हरसरी गाँव के निवासी रमेश पासवान ने संजीवनी विकास फाउण्डेशन पटना बिहार के जिला संयोजक संतोष कुमार गुप्ता पर एक लाख रूपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सीएसपी 3 ए 450056 पकड़ी का आॅपरेटर हूँ। जिसका लिंक ब्रान्च नरकटियागंज है। रमेश ने अपने आवेदन में लिखा है कि वह वर्ष 2011 से लगातार नियमपूर्वक बैंकिंग का कार्य सम्पादित करता रहा हँू। करीब दो हजार से ज्यादा लोेगों का खाता भी खोल चुका हूँ। चुँकी रमेश का सीएसपी शहर के करीब है इसलिए वहाँ दूसरे को घूस लेकर बहाल करने की धमकी संतोष कुमार गुप्ता जो हीरा पाकड़ गुरवलिया के रहने वाले हैं द्वारा दिया गया। वे संजीवनी फाउण्डेशन के जिला को-आॅर्डिनेटर है वे एक लाख रूपये नहीं देने पर दूसरे को बहाल करने की धमकी देते रहे। उसके बाद 50000 पचास हजार रूपये मांगे जब नहीं दिया गया तो वे कोड बन्द करा दिए। उधर ग्राहकों की परेशानी जब बैंक के लिंक ब्रांच तक पहुँची तो वहाँ के अकाउण्टेंन्ट ने कोड फिर से चालू कर दिया। किसी ग्राहक की कोई शिकायत रमेश के अनुसार नहीं है। बावजूद इसके संतोष कुमार गुप्ता ने 20 मार्च 2015 को सीएसपी का कोड लाॅक करा दिया। जिसके कारण वह मानसिक व शारीरिक तौर पर परेशान है। संजीवनी फाउण्डेशन को प्रेषित आवेदन की प्रति अजय कुमार गौरव, मुख्य प्रबंधक नरकटियागंज शाखा, क्षेत्रीय प्रबंधक आरबीओ बेतिया और जिला पदाधिकारी बेतिया को प्रेषित किया है। इतना ही नहीं जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में निबंधन संख्या 280515053 द्वारा दिया गया। जिसकी जाँच के लिए एसडीसी बैंकिंग को लिखा गया है।

अंग्रेजी के विद्वान डाॅ बीरबल झा को फिर मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

0
0
birbal jha
प्रख्यात शिक्षाविद और अंग्रेजी के विद्वान डाॅ बीरबल झा को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। प्रसिद्ध आस्ट्रेलियाई लेखक वाल्टर जाॅन्सटन ने अपनी प्रेरक पुस्तक ‘219 सक्सेस फैक्टस"में उनकी रचनाओं और समाज की बेहतरी में उनके योगदानों की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। 216 पन्नों की आॅस्ट्रेलिया के इमेरियो पब्लिकेशन से प्रकाशित इस पुस्तक में उन्होंने झा द्वारा कमजोर लोगों को दी जाने वाली अंग्रेजी की ट्रेनिंग और इससे उनके जीवन में आ रहे सकारात्मक व रचनात्मक बदलाव का उल्लेख किया है।

अंग्रेजी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए झा को इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। इससे पहले अमेरिका की एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट ने उनको विश्व के प्रमुख सेलिब्रिटी की सूची में शामिल किया था। इस अमेरिकन वेबसाइट का नाम ूूू.सनबलूीव.बवउ है। डॉ बीरबल झा को मिथिला मिरर ने ‘पर्सन ऑफ द ईयर-2014‘ के सम्मान से भी सम्मानित किया था। 

झा लगभग दो दशक से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने दो दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। वह प्रेरक वक्ता भी हैं। अपनी इस कला को उन्होंने ‘सेलिब्रेट योर लाइफ‘ नामक एक प्रेरक पुस्तक के जरिए सामने रखा जिसे खूब पढ़ा और सराहा गया। समाज में बदलाव के बड़े मकसद के साथ वर्ष 1993 में उन्होंने पटना में ब्रिटिश लिंग्वा नामक संस्था की नींव रखी थी। आज यह संस्था बिहार ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य प्रदेशों सहित दिल्ली में भी लोगों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण दे रही है। वह ‘लिंग्वा बुलेटिन‘ नामक मासिक अंग्रेजी पत्रिका के संपादक भी हैं। डॉ. झा ने अपनी मुहिम को और आगे बढ़ाते हुए अब बिहार अंग्रेजी आंदोलन के जरिए अंग्रेजी को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का कार्यक्रम चला रखा है, जिसकी इन दिनों काफी चर्चा है। 

पिछले दिनों प्रख्यात लेखक चेतन भगत पर साहित्यिक चोरी के आरोप के कारण भी झा चर्चा में रहे। झा ने दावा किया था कि भगत ने अपनी किताब हाफ गर्लफ्रेंड का प्लॉट उनके द्वारा लिखे गए नाटक ‘इंग्लिशिया बोली‘ से चुराया है। गौरतलब है कि भगत, झा के ब्रिटिश लिंगुआ गए थे और इस दौरान उन्होंने भगत को झा ने कई किताबें गिफ्ट के तौर पर दी, जिसमें इंग्लिशिया बोली भी थी, जो एक एजुकेशनल सोशल ड्रामा है।

उल्लेखनीय है कि मिथिलांचल के मधुबनी जिले के सिजौल नामक एक छोटे से गांव से अपना सफर शुरू करने वाले झा ने अंग्रेजी न जानने की अपनी कमजोरी और उसके कारण मिली उपेक्षा को ही अपना हथियार बनाया। झा की प्रारंभिक और उच्च शिक्षा सुदूर देहात के सरकारी विद्यालय से हुई। उन्होंने मास्टर डिग्री और पीएचडी पटना विश्वविद्यालय से की। बचपन में झा को भारी अभाव का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके पिता का निधन उस समय हो गया था, जब वे महज डेढ़ साल के थे। उनका जन्म 1972 में हुआ था। 

वामपंथ, तृणमूल ने बंगाल का विकास रोका : राहुल

0
0


tmc-left-stoped-bangal-development-said-rahul-gandhi
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल का विकास बाधित करने के लिए वामदलों और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की। गांधी ने यहां वेलिंगटन जूट मिल परिसर के जूट मिल श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उद्योग के साथ ही कामगारों और किसानों के हितों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की है। राहुल ने कहा, "हम विकास के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन यह इस बारे में है कि हम किस तरह बंगाल में काम करना चाहते हैं।" गांधी ने जूट श्रमिकों की समस्याओं को सुनने के बाद यह टिप्पणी की। राज्य में दर्जनभर से अधिक जूट कारखाने बंद हो गए हैं, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।
 
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा आप सभी के साथ हूं, फिर चाहे आप जूट श्रमिक हो या समाज के कमजोर वर्ग के किसान। जहां कहीं भी आप कमजोर लोगों को देखेंगे, आप राहुल गांधी को उनके साथ खड़ा पाएंगे।"उन्होंने कहा कि बंगाल का विकास सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने की जरूरत है। राहुल ने कहा, "पहले बंगाल में वामदलों ने विकास रोक दिया, फिर आप लोगों ने सोचा कि तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वह विकास को बढ़ाएगी, लेकिन जब वे सत्ता में आए तो उन्होंने भी विकास रोक दिया।"जबतक कांग्रेस यहां सत्ता में नहीं आएगी, विकास की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएगी। यह हमारी लड़ाई है, आपकी लड़ाई है। आओ मिलकर लड़ें और बंगाल में कांग्रेस को सत्ता में लाएं।"

द्रविड बने भारत-ए व अंडर-19 टीमों के कोच

0
0

rahul-dravid-india-u-19-coach
महान बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को भारत की ए और अंडर-19 टीमों का कोच नियुक्त किया गया है। द्रविड़ यह जिम्मेदारी संभालने के लिए राजी हो गए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी पुष्टि की। ठाकुर ने कहा, "अच्छी खबर यह है कि द्रविड भारत की ए और अंडर-19 टीम के कोच पद के लिए राजी हो गए हैं। भारत, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया की ए टीमों के बीच जुलाई में होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला राहुल के लिए कोच के तौर पर पहली श्रृंखला होगी। यह श्रृंखला भारत में आयोजित की जानी है।" द्रविड अगले साल बांग्लादेश में आयोजित होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए भी टीम के कोच होंगे। 

उल्लेखनीय है कि द्रविड को लेकर पिछले कुछ दिनों के कई अटकलें लगाई जा रही थीं। बीसीसीआई ने हाल में द्रविड के सामने बोर्ड की सलाहकार समिति में शामिल होने का भी प्रस्ताव रखा था जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। वहीं, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वी. वी. एस लक्ष्मण ने इस समिति में शामिल होने पर अपनी सहमति जताई। द्रविड वर्ष-2014 से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स से भी मेंटर के तौर पर भी जुड़े हुए हैं 

फ्रेंच ओपन : साफारोवा को हराकर सेरेना बनी चैम्पियन

0
0

 
serena-won-french-open
विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त महिला टेनिस स्टार अमेरिका की सेरेना विलियम्स ने शनिवार को अपने खेल की खनक बरकरार रखते हुए फ्रेंच ओपन के रूप में करियर का 20वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। सेरेना ने तीसरी बार फ्रेंच ओपन पर कब्जा किया है। सेरेना ने सेंटर कोर्ट पर खेले गए खिताबी मुकाबले में चेक गणराज्य की लूसिया साफारोवा को 6-3, 7-6, 6-2 से हराया। साफारोवा पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम आयोजन के फाइनल में पहुंची थीं। 
सेरेना ने इससे पहले 2002 और 2013 में फ्रेंच ओपन खिताब जीता था। वह अब तक 20 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीत चुकी हैं। इनमें तीन फ्रेंच ओपन, छह आस्ट्रेलियन ओपन, पांच विंबलडन और छह अमेरिकी ओपन खिताब शामिल हैं।

अपने करियर में पहली बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में जगह बनाने वाली साफारोवा ने पहले सेट में आसानी से हथियार डालने के बाद हालांकि दूसरे सेट में सेरेना को 7-6 से हराया। एक समय वह 1-4 से पीछे चल रही थीं लेकिन उन्होंने विश्व नम्बर-1 को कड़ी चुनौती दी और सेट अपने नाम किया। तीसरे और निर्णायक सेट में सेरेना ने हालांकि कम अनुभवी साफारोवा को कोई मौका नहीं किया और उसे 6-2 से अपने नाम किया। पूरे मैच के दौरान सेरेना ने 11 एस लगाए जबकि साफारोवा सिर्फ दो एस लगा सकीं।

राहुल गांधी का मोदी पर हमला

0
0

rahul-attack-modi-in-kolkata
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर लंबे समय से लटके पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक, वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना के क्रियान्वयन में विलंब के लिए हमला बोला।  राहुल ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर भी मोदी की निंदा की। गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी ने विधेयक में इस तरह बदलाव किया कि वह उद्योगपति मित्रों के हितों के अनुकूल हो।

राहुल ने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने ओआरओपी के लिए धन मंजूर किए थे। लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी ने पूरे देश में घूम-घूम कर कहा था कि जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो वह ओआरओपी लागू करेंगे, लेकिन एक साल बीत गया है और कुछ नहीं हुआ है।"गांधी ने कहा, "हमारे सैन्यकर्मी रो रहे हैं और पूछ रहे हैं कि यह कब लागू होगा। लेकिन मोदी कह रहे हैं कि हमसे बाद में पूछिए, क्योंकि हम योगा कर रहे हैं।"राहुल ने मोदी का मजाक उड़ाया जो अपने फालोवरों के साथ सोशल नेटवर्किं ग साइट के जरिए योग की शिक्षा साझा कर रहे हैं।

राहुल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (आईईएसएम) के अधिकारियों ने 14 जून से ओआरओपी के क्रियान्वयन की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। राहुल ने इसे सूट-बूट की सरकार करार देते हुए मोदी सरकार पर हमला किया कि यह चुनाव पूर्व किए वादे पूरे नहीं कर रही है।

भारत-बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक भू-सीमा समझौता

0
0

indo-bangladesh-land-compromise
भारत और बांग्लादेश ने 40 साल से चले आ रहे सीमा विवाद का समाधान करते हुए शनिवार को भूमि सीमा समझौते को मंजूरी देकर इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में भूमि समझौते के दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। भू-सीमा समझौते से पूर्व मोदी, शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी बस सेवा को हरी झंडी दिखाई। इस तरह दोनों देशों के बीच 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें बांग्लादेश को दो अरब डॉलर का ऋण दिया जाना भी शामिल है। इसके साथ ही भारत चटगांव मोंगला बंदरगाह का इस्तेमाल करेगा।  भू-सीमा समझौते के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं।

मोदी ने ट्वीट किया, "भूमि अदला-बदली से संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। इस तरह दोनों देशों ने इतिहास रचा।" इस समझौते पर हस्ताक्षर और दस्तावेजों का आदान-प्रदान विदेश सचिव एस. जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश सचिव एम. शाहिदुल हक ने किया। इस भू-सीमा समझौते के तहत भारत बांग्लादेश को 111 कॉलोनी अथवा परिक्षेत्र सौंपेगा। इन कॉलोनियों की कुल जमीन 17,160.63 एकड़ है। वहीं बांग्लादेश 51 कॉलोनी अथवा परिक्षेत्र सौंपेगा। इन कॉलोनियों की कुल जमीन 7,110.02 एकड़ है। इसके अलावा 6.1 किलोमीटर अनिश्चित सीमा का भी सीमांकन किया जाएगा। भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि-सीमा समझौता 16 मई, 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर रहमान के बीच हुआ था।  बांग्लादेश की संसद 'जातीय संसद'ने इसे तत्काल मंजूरी दे दी थी। 

समझौते के तहत भूमि हस्तांतरण के लिए संविधान संशोधन की जरूरत के कारण हालांकि भारत में इस प्रक्रिया में देरी हुई। भूमि समझौते के संधि पत्र पर दोनों पक्षों ने छह सितंबर, 2011 को हस्ताक्षर किए थे।  भारत में जिन चार राज्यों की भूमि अदला-बदली की जाएगी, उनमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। बांग्लादेश में 111 भारतीय कॉलोनियों में कुरीग्राम जिले में 12, नीलफामरी में 59 और पन्हागर में 36 शामिल हैं। भारतीय कॉलोनियों में करीब 37 हजार लोग रहते हैं, वहीं बांग्लादेशी कॉलोनियों में 14 हजार लोग रहते हैं। समझौते के मुताबिक इन कॉलोनियों के लोगों को नागरिकता चुनने का विकल्प होगा। वे चाहें तो दोनों में से किसी एक देश की नागरिकता ले सकते हैं। 

दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा का निपटारा पहले ही हो चुका है। द हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने सात जुलाई, 2014 को दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा की रूपरेखा पेश की थी। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने शुक्रवार को संवाददातों से कहा था कि भूमि सीमा समझौते से सुरक्षा व्यवस्था बनाने, तस्करी रोकने, ड्रग तस्करी रोकने एवं नकली मुद्रा की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, "भूमि संपर्क बहाल हुआ, दिल मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुवाहाटी तथा अगरतला की बस को हरी झंडी दिखाई।"

झंडी दिखाए जाने से पहले तीनों नेता बस पर सवार हुए और उन्होंने यात्रियों को शुभकामनाएं दी। कोलकाता-ढाका-अगरतला सेवा से पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की राजधानी के बीच यात्रा के समय में कटौती होगी। मोदी दो-दिवसीय दौरे पर शनिवार को बांग्लादेश पहुंचे हैं। उनका हसीना ने हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्वागत किया। मोदी ने आगमन के बाद राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा कर उन जवानों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष में बलिदान दिया था।  भारतीय प्रधानमंत्री ने इसके बाद बंगबंधु स्मारक संग्रहालय का दौरा किया और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजिबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की।

आलेख : नगर की शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं की नजर,

0
0
  • सरकारी जमीनों पर कर रखे है कब्जे,जिला प्रशासन मौन,
  • नवागत कलेक्टर से जनता को कार्यवाही की उम्मीद 

land-mafia-mp
मन्दसौर - जहाँ एक ओर मध्यप्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री प्रदेश की सरकारी भूमियों को मुक्त कराने के लिए आदेश पर आदेश निकाले जा रहे है तो वहीँ दूसरी ओर मन्दसौर नगर में प्रदेश सरकार के मुखिया के आदेश हवा हवाई नजर आ रहे है । मन्दसौर नगर में विगत वर्षों से सरकारी जमीन हथियाने की होड़ भू-माफियाओं में लगी है । 

चाहे सरस्वती नगर की जमीन पर  जे सी बी कार्यालय के नाम से २२ हजार स्वायर फिट से अधिक अवैधानिक कब्जे का मामला हो या फिर लक्ष्मण दरवाजा मन्दसौर के पास स्थित सर्वे नंबर ११४५,११४८,११४९,११५०,११५१,११५२,११५५,१००६,१०१९ और १०२० की शासकीय भूमियों पर कब्जा किये जाने का मामला हो । 

तेलिया तालाब का अतिक्रमण जग जाहिर होने के बाद भी आज दिनांक तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम चलाने की हिम्मत नहीं जुटाई और इसी के कारण नगर की आधी आबादी के कण्ठ की प्यास बुझाने वाला तेलिया तालाब अपना मूल स्वरूप खोता जा रहा है । साथ ही नगर की जीवनदायिनी शिवना नदी तक पर भू माफियाओं की नजर है इस पर लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है । 

यश नगर के नाले पर तो पहले से ही भू माफिया ने कब्जा कर कॉलोनी तक काट डाली थोड़ा बहुत जो नाला बचा है उस पर भी पैनी नजर गाड़ कर यह लोग बैठे है । साथ ही यश नगर की एक बेशकीमती जमीन जो एक छात्रावास से लगी है पर एक कॉलोनाइजर ने अवैध कब्जा जमा लिया है इसे समय रहते मुक्त नहीं कराया गया तो यह भी भू माफिया के कब्जे में चली जायेगी । 

इसी प्रकार लक्ष्मण दरवाजा नाले से कलेक्टर कार्यालय के नीचे घाटी के पास वाले नाले पर भी भू माफिया के  द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है । लेकिन किसी अधिकारी या जिम्मेदार की इस पर नजर नहीं पड़ रही है । इसी प्रकार डी आर पी लाइन सामने नव निर्मित फोर लाईन सड़क पर भी बड़ी मात्रा में अतिक्रमण कर मकान और दूकान का निर्माण बिना अनुमति के  किया गया है । नगर के खेल मैदानों पर भी बड़ी मात्रा में अतिक्रमण कर कब्जे किये गए है । 

पूर्व में  नगर कांग्रेस ने सरकारी जमीन पर हो रहे इस प्रकार के अतिक्रमण को लेकर कलेक्टर संजीवसिंह को एक ज्ञापन दिया था ।उसके बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही जिला प्रसाशन की और से नहीं की गई । 

नगर की जनता को नवागत कलेक्टर स्वतन्त्रकुमारसिंह  से बड़ी उम्मीदें है कि वो प्रदेश सरकार और उसके मुखिया की मंशा  अनुरूप मन्दसौर नगर को भू-माफियाओं से मुक्त कराएंगे एवं अरबों की सरकारी जमीन से उनका अवैधानिक कब्जा हटवाएंगे । 




डॉ राघवेन्द्रसिंह तोमर,
स्वतन्त्र लेखक

विशेष आलेख : कड़वी होती मुफ्त की दवा

0
0
free-medicine-and-common-man
भारत में लोक स्वास्थ्य की स्थिति उस घोड़े के समान है, जिस पर सवारी तो सब करना चाहते हैं पर उसे घास कोई नहीं खिलाना चाहता। चुनाव के समय यही घोड़ा झूठे वादों के साथ ील के काम आता है, चुनाव जीतने पर भुला दिए जाने के लिए। मुफ्त दवा का मामला कुछ ऐसा ही है। केंद्र की मौजूदा एनडीए सरकार ने बीते साल सरकारी अस्पतालों में लोगों को मुफ्त दवा देने की पिछली यूपीए सरकार की योजना को जारी रखने का ऐलान किया था। लेकिन इस साल का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इससे कन्नी काट ली और सारा जिम्मा राज्यों पर डाल दिया जो स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के केंद्रीय हिस्से में 30 प्रतिशत की कटौती के चलते पहले ही हलाकान हैं। परिणामस्वरूप, राजस्थान ने अपने यहां मुफ्त दवाएं बांटने की योजना में कटौती पर विचार शुरू कर दिया है। आगे चलकर मध्यप्रदेश जैसे पिछड़े राज्य भी इसकी देखादेखी कर सकते हैं। जरूरतमंदों को बड़ी और बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों के शोषण से बाहर निकालने में मददगार मुफ्त दवा योजना को लेकर केंद्र सरकार की बेरुखी ने भारत में 1.86 लाख करोड़ रुपए के दवा उद्योग को छलांग मारने का अच्छा मौका दे दिया है। 
           
भारत में लोगों को दवाओं पर होने वाले खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा अपनी जेब से चुकाना पड़ता है। यह दवाएं सरकारी अस्पतालों में नहीं मिलतीं, बाजार से खरीदनी पड़ती हैं। बाजार भी ऐसा जहां दवा की कीमत, उसके लागत मूल्य से 100 या कहीं तो 1000 प्रतिशत अधिक होती है। परिणामस्वरूप, भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की पहुंच बाजार में बिकने वाली दवाओं तक नहीं है। मरीज जान बचाने के लिए अपनी जमीन, मकान, गहने बेचकर या कर्ज लेकर बाजार से यह दवाएं खरीदता है। आमतौर से कीमती दवाएं खरीदने में उसका सब कुछ खत्म हो जाता है। इसके कारण हर साल लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाती है। सही अर्थों में यह चिराग तले अंधेरा जैसी स्थिति है, क्योंकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्माता देश है। भारत से करीब 200 से ज्यादा देशों को दवाएं भेजी जाती हैं। बड़ी दवा कंपनियों के मुनाफे का बड़ा हिस्सा निर्यात से आता है। इसीलिए वह भारतीय बाजार की जरूरत के हिसाब से दवाएं नहीं बनातीं। दूसरी ओर जब जरूरतमंदों को मुफ्त दवा की बात आती है तो सरकारों का रुख आमतौर से बाजारवादी हो जाता है। 1979 में केंद्र सरकार ने 347 दवाओं के दाम बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी थी। उस समय यह दवाएं भारतीय बाजार में उपलब्ध दवाओं के 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से का प्रतिनिधित्व करती थीं। 1987 में इन दवाओं की संख्या 142 (बाजार में 70 प्रतिशत) रह गई। पिछली यूपीए सरकार ने चुनावी घंटी सुनाई पड़ते ही सरकारी सूची में दवाओं की संख्या फिर 348 कर दी। लेकिन तब तक बाजार तथाकथित ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं से इस कदर भर चुका था कि जेनेरिक 348 दवाओं का केवल 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्व ही रह गया। दवाओं की दरों को कम करने के लिए पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के मंत्रिमंडलीय समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर) के अध्यक्ष शरद पवार ने तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए एक ‘विनाशकारी’ फॉर्मूला पेश कर दिया था। इस फॉर्मूले में उन्होंने एक बीमारी की बाजार में सबसे ऊंची कीमत पर बिकने वाली सारी दवाओं के औसत मूल्य निकालकर उसे ही सीलिंग की कीमत मान लिया। हालांकि, इससे दवा बाजार को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि उसकी 2 प्रतिशत दवाएं ही इस फॉर्मूले की चपेट में आईं। 
            
रही-सही कसर एनडीए की मौजूदा सरकार ने निकाल दी, जिसने राज्यों से कहा कि अगर वह अपने यहां मुफ्त दवा की योजना चलाना चाहते हैं तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र उन्हें पांच प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देगा। यह योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उस आंकलन के बिल्कुल उलट है, जिसमें कहा गया था कि 12वीं योजना के अंतर्गत 2012 से 2017 तक जरूरतमंदों को मुफ्त दवा बांटने में 28,675 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इसका 85 प्रतिशत केंद्र वहन करेगा। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली के वर्ष 2015 के बजट भाषण में दवा और दवाइयों जैसा कोई शब्द ही नहीं है। 
            
दरअसल देश का दवा उद्योग लोक स्वास्थ्य की ऐसी व्यवस्था पर बैठा है, जो भयंकर रूप से लचर और पिछड़ा हुआ है। हमारी नीतियां दवा उद्योग को बढ़ावा देने वाली रही हैं, न कि दवाओं का उपभोग करने वाले जरूरतमंदों के हक में। इसके कारण दवा की एक गोली एक से डेढ़ रुपए में बनती है, पर बाजार में पहुंचते पहुंचते उसकी कीमत 150 रुपए तक हो सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बड़ी कंपनियां इसे एक नए नाम के साथ कंपनी का ठप्पा लगाकर भारी मुनाफे के साथ बेचती हैं। इसमें दवा की कीमत में एक बड़ा हिस्सा पेटेंट का भी होता है। इसके विपरीत जेनेरिक या पेटेंट कानून से बाहर की दवाओं का मूल्य ब्रांडेड दवा का दसवां हिस्सा ही होता है। अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण यह जरूरतमंदों की पहुंच में आ सकती हैं, साथ ही दवाओं पर भारी-भरकम व्यक्तिगत खर्च में भी कमी ला सकती हैं। दिक्कत यह है कि सरकार की भूमिका इस मामले में ‘बोल बच्चन’ के माफिक है। वह जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने की बात तो करती है, लेकिन गुणवत्ता कायम रखने के मामले में सरकारी तंत्र सुस्त है। उदाहरण के लिए फंगस का संक्रमण काफी आम है और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की सर्जरी या अंग प्रत्यारोपण में फंगस संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है। बाजार में कई कंपनियां बहुत ऊंचे दाम पर इसकी दवा बेचती हैं। वहीं इसका जेनेरिक संस्करण कहीं सस्ता है। परेशानी यह है कि फंगस संक्रमण की जेनेरिक दवाएं सरकारी रोक के बावजूद बिना परीक्षण के बाजार में बेची जा रही हैं। ऐसे में अगर सरकार गुणवत्ता नियंत्रण के साथ देश में जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दे तो तपेदिक, कैंसर के लाखों मरीजों को फायदा हो सकता है। उदाहरण के लिए फेफड़े और गले के कैंसर की एक ब्रांडेड दवा की 100 गोलियां 80 हजार रुपए में बिकती हैं। लेकिन इसी दवा का जेनेरिक संस्करण महज 7500 रुपए में पड़ता है। अगर सरकार बाजार में ब्रांडेड दवाओं के बदले कड़े गुणवत्ता नियंत्रण नियमों के साथ जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दे तो बड़ी कंपनियों को भी झक मारकर दाम घटाने होंगे। 
           
मगर वस्तुतः ऐसा हो नहीं रहा है। बाजार में एक ही बीमारी की सैंकड़ों दवाएं नजर आती हैं। यह ग्राहक को भ्रमित करती हैं। उदाहरण के लिए तपेदिक की भारतीय बाजार में 405 दवाएं हैं, जबकि इस बीमारी के मरीज को 4 या 5 दवाओं को मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है। इस पूरे गड़बड़झाले के दो सिरे हैं। एक दवा निर्माता कंपनियां, जिनके निशाने पर देश का अमीर वर्ग है और दूसरा सिरा वह डॉक्टर हैं जो दवा कंपनियों के प्रलोभनों के आगे अपने पेशेवर मूल्यों को भूलकर वह दवाएं खाने की सलाह देते हैं, जिनमें उनका अधिकतम फायदा हो। ब्रिटेन जैसे देश में दवा कंपनियां डॉक्टरों को प्रभावित नहीं कर पातीं। परिणामस्वरूप, 100 में से तकरीबन 95 डॉक्टर एक बीमारी की एक ही प्रचलित दवा लिखते हैं। इससे उलट भारत में एक ही बीमारी की 95 तरह की दवाएं लिखी जाती हैं। चूंकि भारत का दवा बाजार बड़ी कंपनियों के कब्जे में है और सरकार ने उनके कंधे पर हाथ रखा हुआ है तो इस गोरखधंधे पर लगाम लग पाना फिलहाल दूर की कौड़ी है। बहरहाल केंद्र सरकार ने आगामी एक जुलाई से देश के विभिन्न राज्यों में जनौषधि  केंद्र खोलने का फैसला किया है। सरकार खुले बाजार और सार्वजनिक कंपनियों से थोक में दवाएं खरीदकर उन्हें प्रतिस्पर्धी कीमतों पर जनौषधि केंद्रों में बेचेगी। यह भी ब्रांडेड होंगी, पर इन्हें जनौषधि ब्रांड से बेचा जाएगा। यह तकरीबन उसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था है, जिसमें जमाखोरी और मुनाफाखोरी के कारण सामग्री के दाम बढ़ने पर सरकार कुछ समय के लिए अपनी रियायती मूल्य वाली दुकान खोल देती है। सरकार ने यह योजना तो बना ली है, लेकिन उसके पास यह सुनिश्चित करने का कोई रोडमैप नहीं है कि वह डॉक्टरों को इस बात के लिए कैसे बाध्य करेगी कि वह अपनी परामर्श परची में जनौषधि ही लिखें। लिहाज़ा सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए इस बात को अनिवार्य बनाने की तैयारी है। 
           
इन सबके बावजूद मुफ्त दवा का अधिकार कई मामलों में राज्य सरकारों के रहमोकरम पर निर्भर है। उदाहरण के लिए मध्यप्रदेश में 2010 में प्रारम्भ की गई वल्लभभाई पटेल निशुल्क दवा और जांच योजना को ही लें। राज्य सरकार ने जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में कुल 300 प्रकार की दवाओं के मुफ्त वितरण के इंतेजाम किए हैं। राज्य सरकार का दावा है कि मुफ्त में दवा और जांच की सुविधा मिलने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। लेकिन मुफ्त दवाओं की लंबी-चैड़ी सूची में स्थानीय परिवेश में जरूरी दवाएं अक्सर नदारद रहती हैं। इसी तरह निशुल्क जांच की सुविधा तभी हासिल होगी, जब इसके लिए मंगाए गए उपकरण काम भी करें। मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में धूल खाते उपकरणों की शिकायतें आम हैं। एक और अहम बात यह कि राज्य सरकार अभी भी मांग के अनुसार डॉक्टरों की भर्ती सुनिश्चित नहीं कर पाई है। मध्यप्रदेश में डॉक्टरों के 3800 से ज्यादा पद खाली हैं। इसका सबसे विपरीत प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर पड़ा है, जहां डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है या फिर जिला अस्पताल तक का लंबा सफर तय करना पड़ता है। 
         
असल में भारतीय दवा बाजार को ब्रांडेड दवाओं से मुक्त करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र की उन दवा इकाईयों को नया जीवन मिले, जो प्रोत्साहन के अभाव में दम तोड़ रही हैं। इस कदम के बिना मुफ्त दवाओं तक जरूरतमंदों की पहुंच बनाने के तमाम प्रयास नाकाम होंगे। 





सौमित्र रॉय
(चरखा फीचर्स)

पवनपुत्र हनुमान को अतिक्रमण हटाने का नोटिस

0
0

leagel-notish-to-loard-hanuman
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में नगर पालिका की ओर से पवनपुत्र हनुमान को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के लिए एक सप्ताह समय दिया गया है। ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। भिंड जिले के बजरिया इलाके में किला रोड पर हनुमान का एक मंदिर है। मंदिर का कुछ हिस्सा अतिक्रमण में आता है। ग्वालियर उच्च न्यायालय ने भी अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद नगर पालिका ने मंदिर के पुजारी व इसके ट्रस्ट के बजाय पवनपुत्र हनुमान के नाम ही नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस शुक्रवार को मंदिर पर चस्पा किया गया।

इसमें महाबली हनुमान को संबोधित करते हुए कहा गया है कि "आपने सड़क पर गैर कानूनी रूप से कब्जा कर रखा है। इससे आम लोगों को परेशानी होती है। दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। आपसे पहले भी अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था, जो आपने नहीं हटाया। ग्वालियर उच्च न्यायालय ने भी आदेश दिए थे, जो आपने नहीं माने। आपके खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मुकदमा भी चल रहा है।"

नगर पालिका की ओर से भेजे गए इस नेाटिस में अतिक्रमण हटाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। मामले को तूल पकड़ता देख मुख्य नगर पालिका अधिकारी आर.एस. छारी ने कहा कि यह नोटिस गलती से जारी हुआ है। इसे जल्द हटवा लिया जाएगा।

नीरज व उदय को 'साहित्य शिरोमणि'सम्मान

0
0
niraj-and-uday-sahity-shiromaniमुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि डॉ. गोपाल दास 'नीरज'एवं डॉ. उदय प्रताप सिंह ने अपनी साहित्य सेवा से देश-दुनिया मंे सम्मान हासिल किया है। यह उपलब्धि हिन्दी प्रेमियों सहित पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री शनिवार को आयोजित एक समारोह में इन दोनों हस्तियों को राज्य सरकार के 'साहित्य शिरोमणि'सम्मान से अलंकृत करने के बाद बोल रहे थे। इस मौके पर पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे।  सम्मान के तहत दोनांे प्रख्यात कवियों को 21-21 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस मौके पर यादव ने मुम्बई में आयोजित 'श्रीमद्भागवत गीता चैम्पियन्स लीग'में पहला स्थान प्राप्त करने वाली कक्षा 6 की छात्रा कु. मरियम सिद्दीकी को 11 लाख रुपये का विशिष्ट सम्मान प्रदान किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. उदय प्रताप सिंह के काव्य संकलन 'तुम्हे सोचता रहा', 'गीतांजलि'का शेर जंग गर्ग द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद एवं सर्वेश अस्थाना द्वारा सम्पादित पत्रिका 'साहित्यगंधा'के प्रवेशांक का विमोचन भी सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि नीरज जी और डॉ. उदय प्रताप सिंह ने अपनी रचनाओं के जरिए समाज को नई दिशा दिखायी और समाजवादियों का मार्गदर्शन किया। दोनों रचनाकारों का साहित्य अत्यन्त प्रेरक एवं प्रासंगिक है। नीरज जी भाषा संस्थान के तथा डॉ. सिंह हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। अपनी मेहनत और प्रयासों से इन्होंने दोनों संस्थानों को नया जीवन प्रदान किया है। 

उन्होंने कहा कि इस आयोजन से जहां एक ओर जीवन पर्यन्त हिन्दी की सेवा करने वाले वरिष्ठ कवियों को सम्मानित किया गया, वहीं दूसरी ओर अपने शुरूआती जीवन से ही संस्कृत भाषा पर दक्षता हासिल करने वाली बालिका को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की कालजयी रचना 'गीतांजलि'का हिन्दी अनुवाद करने वाले शेर जंग गर्ग के प्रयासों की भी सराहना की। इस दौरान पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हिन्दी और उर्दू को बढ़ावा देने से समाज में भाईचारा बढ़ेगा और देश मजबूत होगा। समाजवादी सरकारों ने हमेशा इसे ध्यान में रखकर कार्य किया। सभी भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। 

डॉ. गोपाल दास 'नीरज'से अपने पुराने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि साधारण परिवेश में जन्मे 'नीरज'ने अपने संघर्ष, प्रतिभा और साहित्य साधना से पूरी दुनिया में हिन्दी और देश का सम्मान बढ़ाया है। इसी प्रकार डॉ. उदय प्रताप सिंह ने साहित्य सृजन के साथ-साथ राजनीति के माध्यम से जनसेवा की। वहीं मरियम सिद्दीकी की उपलब्धियों की सराहना करते हुए यादव ने कहा कि इसी तरह मेहनत, इच्छा शक्ति, ²ढ़ संकल्प और साहस के साथ आने वाले समय में भी प्रयास करती रहना।

बिहार : बिना छानबीन किये आम गिरफ्तारियां नहीं की जाय।

0
0
cpi logo
पटना, दिनांक 7 जून, 2015, केदार नाथ पाण्डेय, सदस्य, बिहार विधान परिषद, प्रो0 संजय कुमार सिंह, सदस्य, बिहार विधान परिषद, श्री रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक, श्री जानकी पासवान सदस्य, सचिवमंडल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं श्री मोहन प्रसाद, सचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जिला परिषद नालंदा ने एक संयुक्त बयान में राजगीर में 4 जून, 2015 को सांप्रदायिक एवं अराजक तत्वों द्वारा प्रायोजित तोड़-फोड़, आगजनी, मजारों एवं कब्रगाहों को क्षतिग्रस्त करने और शांति सद्भाव बिगाड़ने की घटना की निन्दा की है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा गठित उक्त जाँच समिति ने दिनांक 6 जून, 2015 को राजगीर का दौरा किया और राजगीर के विभिन्न स्थानों पर घटना से प्रभावित तमाम पक्षों से विमर्ष किया। समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची कि राजगीर की यह घटना मलमास मेले के ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण हुयी है किन्तु इसके पीछे कब्रिस्तान कमिटी की 2 एकड़ 8 डिसमिल जमीन जो खतियानी में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है उसे क्षतिग्रस्त करने, ईदगाह को तोड़ने और राजगीर के माध्यम से बिहार के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की एक सुनियोजित साजिष प्रतीत होती है। चूँकि यह पूर्व निर्धारित घटना इसलिए प्रतीत होती है कि मेला बचाओ के नाम पर सर्वदलीय समिति का गठन किया गया है जिसमें सभी दलों के लोगों को शामिल बताया गया है और एक सप्ताह से विभिन्न चरणों में संघर्ष को अंजाम देते हुए 4 जून को राजगीर बंद का आह्वान किया गया जबकि उक्त तारीख को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला इकाई ने राजगीर के जंगलों में मजदूरों का वनाधिकारियों द्वारा शोषण पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रदर्षन का आयोजन किया गया था लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मेले के ठेकेदारों की नीयत को भांपते हुए अपने प्रदर्षन को स्थगित कर मात्र सामान्य बैठक का आयोजन किया। पार्टी को इस बात की आषंका हो गयी थी कि मेला बचाओ संघर्ष के नाम पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की घटना को अंजाम दिया जा सकता है।
कब्रिस्तान कमिटी के सचिव आफताब आलम ने पिछले वर्षों ही वक्फ बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त इस कब्रिस्तान की जमीन को बचाने और इस पर मेला का आयोजन नहीं करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। माननीय न्यायालय में याचिका खारिज होने के बाद श्री आलम ने डबल बंेच में एल.पी.ए. नं. 13938/2012 दायर किया। आलम का कहना था कि मकदूम कुंड के पास कुल अल्पसंख्यकों के 15 घर हैं और दो अल्पसंख्यकों के घर थाना के पास हैं। जिनपर पहले से संप्रदायवादियों की निगाहें हैं। चूंकि 4 जून, 2015 को ही नगर पंचायत राजगीर में मेले की नीलामी हुयी थी और अल्पसंख्यकों की जमीन जिस पर मामला लंबित है, थियेटर लगाने का प्रस्ताव प्रषासन ने खारिज कर दिया था। जबकि आम अवाम थियेटर लगाने के पक्ष में था। पिछली बार भी प्रषासन ने थियेटर लगाने की अनुमति नहीं दी थी और इसी आधार पर प्रषासन ने इस मलमास मेले में भी इसे खारिज कर दिया।
इसी को आधार बनाकर संप्रदायवादी शक्तियों ने ठीकेदारों को आगे करके इस घटना को अंजाम देने की रणनीति बनायी और 4 जून को राजगीर बंद के दौरान उक्त जमीन पर मजारों को तोड़ने और उतना ही नहीं अल्पसंख्यकों के घरों, दूकानों को जलाने, मजारों को क्षतिग्रस्त करने की कोषिष की।अब भी राजगीर के अल्पसंख्यकों में इस घटना से दहषत का माहौल है और दो परिवार जो थाने के पास अलग-थलग हैं उनके सुरक्षा का प्रष्न है। यद्यपि प्रषासन द्वारा मामले को नियंत्रित कर लिया गया है और 30-32 लोगों की गिरफ्तारियां भी की गई हैं जिनमें कुछ निर्दोंष लोग भी हैं। साथ ही नामजद अभियुक्तों में कुछ निर्दोंष हैं। समिति को प्रषासनिक सक्रियता देखने को मिली और सांप्रदायिक सद्भाव को बचाने की दिषा में प्रयास भी दिखाई पड़ा ।
समिति राजगीर भ्रमण और सभी वर्गों से संपर्क और विमर्ष के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि प्रषासन यदि अधिक सूझ-बूझ से काम लेता और उक्त विवादित जमीन पर सावधानीपूर्वक मेले के आयोजन में रोक नहीं लगाता तो इस प्रकार की घटना से बचा जा सकता था।
राजगीर मकदूम शाह जैसे संत, भगवान बुद्ध महावीर जैसे संतों और अंहिसा में विष्वास करने वाले लोगों की भूमि रही है और अन्तरराष्ट्रीय विष्वविद्यालय के कारण इसकी देष दुनिया में ख्याति रही है और पुनः  अन्तरराष्ट्रीय विष्वविद्यालय नालंदा की ख्याति को बहाल करने की कोषिष की जा रही है। ऐसी स्थिति में समिति आम जनता और सभी धर्मावलंबियों तथा प्रषासन से अपील करती है कि हर हालत में शांति, सद्भाव, बनाये रखने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना चाहिए। समिति सभी धर्मों के लोगों से भी अपील करती है कि वे परस्पर विष्वास और धार्मिक सहिष्णुता को बनाये रखें।  समिति जिला प्रषासन से भी अपील करती है कि बिना छानबीन किये आम गिरफ्तारियां नहीं की जाय। 

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कैप्म

0
0
health camp delhiनई दिल्ली। एन.सी.मेडिकल सेंटर के प्रयास से  पश्चिमी दिल्ली स्थित निहाल विहार में एक स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। जिसमें दो लोगों ने कैंप का लाभ उठाया। कैम्प मे मधुमेह,थाइराइड,अस्थमा,हड्डियों से सम्बंधित रोग,स्त्री रोगों,ह्रदय रोगों,ब्लड़ प्रेशर सम्बन्धी जाँच और निःशुल्क ईलाज किया गया। डॉ. तिलक राज के अथय प्रयास से दिल्ली के जाने माने चिकित्सकों की टीम ने यह जाँच और ईलाज की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई। 

इस निशुल्क स्वास्थय जाँच शिविर के संचालक पीयूष शर्मा ने लोगों को मधुमेह,थाइराइड,अस्थमा,हड्डियों बीमारी के लक्षणों ,बचाव और सावधानियों के बारे में जानकारी दी । डॉ. तिलक राज ने आस्ट्रैलिया से फोन के द्वारा लोगों को रोगों के प्रति जागरूक करते हुए युवाओं से अपील कि वे  जहां भी वह रहते है वह सफाई रखे और लोगों को स्वछता के प्रति जागरूक करें।  इस अवसर डा.रंजना रस्तोगी,डा.एम.एस परमार,डा. कृष्णा सोनी,डा.अनूप अग्रवाल,अनषिता शर्मा, धनवरिया,होशियार सिंह,लोकेन्द्र,मचलपरिया,सोनू,वीरवती,चन्द्र प्रोपर्टी,राजकुमार,मेहदीं हसन,बलविंदर,हेमंत के अलावा सामाजिक संगठनो से जुड़े गणमान्य लोग उपस्थित थे।  

'कतर से छिन सकती है 2022 विश्व कप की मेजबानी'

0
0

qutar-may-lost-fotball-world-cup-host
कतर को मिली फीफा विश्व कप-2022 की मेजबानी छिन सकती है। कतर को मेजबानी दिलाने का प्रयास करने वाली टीम की अहम सदस्य रहीं फाएद्रा अलमाजिद ने यह खुलासा किया है। दरअसल, अलमाजिद अब एक व्हिसिलब्लोअर के तौर पर फीफा के खिलाफ हो रही जांच में अपना सहयोग दे रही हैं। उनके अनुसार कतर के मेजबानी देने के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया और इसके कई सबूत मौजूद हैं। अलमाजिद अरब-अमेरिकी नागरिक हैं और 2010 से पूर्व तक कतर को 2022 विश्व कप की मेजबानी दिलाने के लिए काम कर रही टीम की अहम सदस्य रहीं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष-2010 में जब कतर को 2022 के लिए विश्व कप की मेजबानी सौंपी गई तो उस पर कई सवाल खड़े हुए थे। उस दौरान मेजबानी हासिल करने के लिए कतर द्वारा कथित तौर पर रिश्वत देने की चर्चाओं ने भी खूब सुर्खिया बटोरी। अलमाजिद का मानना है कि इस मामले में सच को सामने आना चाहिए लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि कतर से अगर मेजबानी छिनती है को इसका जिम्मेदार उन्हें ठहराया जा सकता है और इससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।

अलमाजिद फिलहाल अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) की सुरक्षा में रह रही हैं। अलमजिद ने आशंका जताई कि फीफा के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा कर चुके सेप ब्लाटर अब अपनी साख बचाने के लिए कतर से मेजबानी छीनने का फैसला कर सकते हैं। अलमाजिद ने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि ब्लाटर सही में पद छोड़ना चाहते हैं। वह हर कदम बहुत सोच-समझ कर उठाते हैं। वह खुद को बचाने की हर संभव कोशिश करेंगे।"

गौरतलब है कि एफबीआई ने फीफा में व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच 14 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमे से फीफा के सात शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अलमाजिद के अनुसार अपना बयान बदलते के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इस कारण उन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एफबीआई का सहारा लिया है।

जनतंत्र का जायजा लेने पहुंचे सैकड़ों युवा

0
0
seminar-on-jantantr-ka-jayja
नई दिल्ली/ आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने जमकर हिस्सा लिया। उपस्थित का आलम यह था कि सभागार में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। जिसे जहां जगह मिला वह वहीं पर बैठ गया। इस बीच युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। मंचाशीन लोगों ने युवाओं के सवालों के जवाब दिए और उन्हें आश्वासन दिया की सत्ता परिवर्तन से घबराएं नहीं। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत हो जाता है!

राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित इस परिचर्चा में बोलते हुए वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह ने कहा कि ‘साहित्यस को फॉर्म और कंटेंट की कसौटी पर देखने की परंपरा है। फॉर्म एक हो सकता है, लेकिन कंटेंट क्याप है-ये देखना जरूरी है। लोकतंत्र एक फॉर्म है, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आने वाला व्यंक्ति भी तानाशाह हो सकता है। हिटलर और स्टातलिन भी चुनाव जीतकर आया था। मोदी के आने के तरीके और उनकी बातों के तीखेपन को हम इसी आईने में देखते हैं।’ नामवर जी ने किसी भी समय में बुद्धिजीवियों की भूमिका को स्पदष्ट  करते हुए चाणक्यह की एक पंक्ति कोट की : ब्राह्मण (बुद्धिजीवी) न किसी के अन्नक पर पलता है, न किसी के राज्य  में रहता है, वह स्वंराज्यर में विचरण करता है।

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए अनुपमा रॉय ने कहा कि, ‘जनतंत्र और जनतांत्रिक राज्यन के बीच विरोधाभास स्पबष्टं है। जन और तंत्र में तंत्र शासकीय प्रवृत्ति है, जो शक्ति और सत्ता को एकीकृत करता है।’ अनुपमा ने सवाल किया कि क्यां चुनाव ही एक माध्यनम है, जिसमें जनतांत्रिकता साफ हो सकती है? जन आंदोलन जनतांत्रिक नागरिकता को जगह जमीन देती है। लेकिन आज नागरिकता को कानूनी दायरे में संकुचित कर दिया गया है।
आदित्यआ निगम  ने अपनी बात रखते हुए कहा कि,  ‘सियासत सिर्फ राजनीति की औपचारिक जमीन पर नहीं होती, वह हर जगह होती है। सियासत जब भी अपना दावा पेश करती है, तो एक खास लम्हे  में किसी भी जगह किसी भी समय एक नये व्यानकरण की खोज पर हमें मजबूर करती है।’ अपनी बात को मजबूति देने के लिए आदित्यक ने सिंगूर, नंदीग्राम और इंडिया अगेंस्टह करप्शकन के आंदोलनों का उदाहरण भी दिया।

मुसलमानों की नुमाइंदगी के सवाल को उठाते हुए हिलाल अहमद ने कहा कि, भारतीय जनतंत्र में मुसलमानों की नुमाइंदगी का सवाल सबसे बड़ा दिखता है, लेकिन दरअसल मुसलिम विविधताओं का सवाल सबसे बड़ा है। मुसलमानों में वर्ग है, जातियां हैं - जिनको नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है। नुमाइंदगी का एक ही फॉर्म क्यों  होगा? मुसलमानों का नुमाइंदा कोई मुसलमान ही क्यों  हो?’ राजनीतिक नुमाइंदगी पर अपना पक्ष स्पोष्टा करते हुए हिलाल ने रिजर्वेशन में मुसलमानों की नुमाइंदगी को जनतंत्र के लिए जरूरी बताया।

रवीश कुमार ने मंच का संचालन किया। पहले सत्र में वक्ताओं से बातचीत करने के बाद दूसरे सत्र में सभागार में उपस्थित लोगों के प्रश्नों का जवाब दिया गया। ज्ञात हो कि राजकमल प्रकाशन की विमर्शपरक पत्रिका के नए संपादक अपूर्वानंद के संपादन में जो पहले दो अंक (अंक53-54) आए हैं, ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर केन्द्रित हैं।

निर्यात घट सकता है : एसोचैम

0
0

export-will-reduce-said-assocham
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को कहा कि देश का निर्यात मौजूदा कारोबारी साल में गत कारोबारी साल के 310 अरब डॉलर के आसपास या उससे कम रह सकता है। एसोचैम ने यहां एक बयान में कहा, "वस्तुओं की वैश्विक मांग कम रहने के कारण देश का निर्यात मौजूदा कारोबारी साल में 2014-15 के 310 अरब डॉलर के आसपास या उससे कम रह सकता है।" उद्योग संघ के ताजा सर्वेक्षण के आधार पर एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, "मोटे तौर पर व्यापारिक माहौल सुस्त है।" उन्होंने सरकार से व्यापार की सुविधा बढ़ाने और भारतीय निर्यात के लिए शुल्क कम करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, "जुलाई 2014 से रुझान कमजोर है, लेकिन निर्यात इस साल जनवरी से घट रहा है।" 2014-15 में 340 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य था, जबकि 310 अरब डॉलर का निर्यात हो पाया। एसोचैम के सर्वेक्षण के मुताबिक, वस्तु निर्यात दूसरी तिमाही के अंततक प्रति महीने 22-25 अरब डॉलर रह सकता है। चैंबर ने कहा कि उसके बाद निर्यात में वृद्धि हो सकती है, लेकिन यह वृद्धि बहुत अधिक नहीं होगी। निर्यात कम रहने का कोई बड़ा असर हालांकि व्यापार घाटे पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि घरेलू अर्थव्यवस्था में मांग कम रहने के कारण आयात भी कम होगा। एसोचैम के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी साल में आयात 440-450 अरब डॉलर के बीच रह सकता है।

बांग्लादेश ने वाजपेयी को स्वतंत्रता युद्ध सम्मान प्रदान किया

0
0

vajpeyee-honoured-in-bangladesh
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को रविवार को बांग्लादेश ने स्वतंत्रता युद्ध सम्मान से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें पाकिस्तान से बांग्लादेश को स्वतंत्र कराने में उनके योगदान के लिए दिया गया है। दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद से वाजपेयी के स्थान पर यह पुरस्कार ग्रहण किया। इस अवसर पर अपने भाषण में मोदी ने कहा, "भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेरे जैसे कई लोगों के लिए एक प्रेरणामूर्ति रहे हैं, ऐसे व्यक्तित्व को बांग्लादेश द्वारा सम्मानित किया जा रहा है।"

मोदी ने कहा, "अगर अटलजी का स्वास्थ्य सही होता तो वह यहां पर उपस्थित होते और इस कार्यक्रम में चार चांद लग जाते।"उन्होंने कहा, "प्रत्येक भारतीय एक तरह से बांग्लादेश के आजादी के सपने को साकार करने के लिए जूझता था।"बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश की स्वतंत्रता में वाजपेयी के योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "एक राजनेता केतौर पर अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बांग्लादेश को दिए गए उनके उदार सहयोग ने हमारे ध्येय (बांग्लादेश की स्वतंत्रता) के लिए समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाई।" 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 जून)

0
0
रात्रि ढाई बजे तक लगा मुख्यमंत्री का दरबार
  • जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचायें: मुख्यमंत्री

देहरादून, 7 जून, (निस)।  उत्तरकाशी के दौरे पर आए मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार रात देर रात करीब ढाई बजे तक लोगों की समस्याएं सुनते रहे। लोनिवि में लगे जनता दरबार में रात ढाई बजे तक लोग अपनी फरियाद मुख्यमंत्री को सुनाते रहे। इस दौरान कई लोगों की समस्याओं को निराकरण मौके पर ही कर दिया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को जनपद के दौरे पर आए थे। देर शाम तक कीर्ति इंटर कॉलेज मैदान में चले कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद शाम आठ बजे से लोनिवि मैदान में जनता दरबार लगा। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जिले के दूर दराज इलाकों से भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुटी थी। मुख्यमंत्री ने भी ग्रामीणों को निराश नहीं किया। समस्याएं सुनाने का सिलसिला आधी रात ढाई बजे तक चलता रहा। मुख्यमंत्री ने हर ग्रामीण की समस्या सुनी और मौके पर मौजूद अधिकारियों को समस्या निस्तारण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनता दरबार में अधिकारी भी खासे परेशान दिखे। आधी रात से ज्यादा गुजरने के बाद भी हरीश रावत पूरी तरह से मैदान में डटे हुए थे तो विभागीय अधिकारियों को भी जवाब देना पड़ रहा था। रात ढाई बजे जनता दरबार खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने रात्री विश्राम किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को उपलब्ध करायें। फिल्ड में जाकर जनता की समस्याओं को सुनें। योजनाओं की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेरा गांव मेरा धन योजना, मेरा गांव मेरी सड़क योजना शुरू की है। इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। पेंशन योजनाओं का लाभ सभी को मिले इसके लिए गांव-गंाव में कैम्प लगाये जाएं। वन विभाग ध्यान दे कि जंगलों में आग न लगने पाए। आग लगने के बाद प्राकृतिक जल स्रोत प्रदूषित न हो। इसके लिए पेयजल, वन, जल संस्थान, स्वजल आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। उत्तरकाशी को निर्मल जिला बनाने के लिए शत प्रतिशत शौचालय से आच्छादित कर दिया जाय। वर्ष 2016 तक पूरे जिले में शौचालय निर्माण कर लिया जाए। समाज कल्याण की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन के अलावा निराश्रित महिलाओं के लिए शुरू की गई पेंशन पर विशेष फोक्स किया जाए। समाज कल्याण की जिन योजनाओं में प्रथम आवात प्रथम पावत हैं, वहां पर अब 80 प्रतिशत आवेदन प्रथम आवत प्रथम पावत तथा शेष 20 प्रतिशत समाज कल्याण अधिकारी के विवेक पर रखा जायेगा। शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार द्वारा ब्लाॅक स्तर पर गेस्ट टीचरों की भर्ती का निर्णय लिया गया है। उत्तरकाशी में भी भर्ती प्रक्रिया में तेजी लायी जाए। पशुपालन व उद्यान विभग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गाय गंगा योजना के तहत लक्ष्य बढ़ाया जाए। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दें। भटवाड़ी को अखरोट जोन के रूप में विकसित किया जाए। लोक निर्माण विभाग कार्य में तेजी लाए साथ ही गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। बिजली विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गांव को एकल विद्युत संयोजन से आच्छादित किया जाय। जहां विद्युत लाइन संभव न हो वहां उरेडा के माध्यम से विद्युतीकरण किया जाए। उन्हांेने जन अदालत मे अपनी घोषणाओं मे जनपद के लिए विजली के 100 पोल, स्वजल से 2000 और शौचालय देने, ग्राम तिहार मे 5.50 किमी0 मोटर मार्ग निर्माण की स्वीकृति। भंकोली मे हाईस्कूल के उच्चीकरण की घोषणा, एवं ब्रहमखाल मे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र मे उच्चीकृत की घोषणा, समाज कल्याण विभाग द्वारा चलायी जा रही योजना पहले आओ पहले पाओ के तहत 80 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत अत्यधिक गरीब को देने की घोषणा की। उन्हांेने कहा कि हर वर्ग के लोंगो के लिये पेंशन योजनायें संचालित की हैं, पेंशन योजनाओं मे 09 नई पेंशन योजनायें लागू की है। जिसमें पुरोहित पेंशन, कलाकारों ,राजमिस्त्री, जागर, असहाय महिला पेंशन एवं ऐसी महिला जिनकी उम्र 40 वर्ष से ऊपर है और विवाह नही हुआ है, उनके लिये भी योजना बनाने जा रहे है। सेवायोजन विभाग मे बेरोजगारी भत्ता के आवेदन की तारीक को बढ़ाकर 15 जुलाई तक करने की घोषणा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित जिलों मे पूरा संचार तंत्र धवस्त होने से सड़क, पुल, पुलिया आदि को हमने एक वर्ष में दुरस्त किया। उन्होने कहा कि अगले दो वर्षो मे नौजवानों के लिए 20 हजार भर्तियां करने जा रहे। इस अवसर पर जिला उद्योग केन्द्र केे द्वारा निर्मित चार धाम यात्रा को लेकर हस्तशिल्प द्वारा तैयार रिंगाल की प्रसाद की टोकरियां मुख्यमंत्री के द्वारा सचिव गंगोत्री मन्दिर सुरेश सेमवाल को प्रदान की गइ। इस अवसर पर सभा सचिव एवं विधायक विजयपाल सजवाण, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पुरोला विधायक मालचन्द, जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, पूर्व विधायक केदार सिह रावत, ज्ञानचन्द, जिलाधिकारी इन्दुधर बौड़ाई, मुख्य विकास अधिकारी जी0एस0 रावत , महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एम0एस0 सजवाण, जिला कांग्रेस अध्यक्ष घनानंद नोटियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नत्थी लाल शाह, उपजिलाधिकारी हरगिरी आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने मातृसदन के स्वामियों का अनशन कराया खत्म



uttrakhand news
देहरादून 07 जून, (निस)। रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार पहंुचे। जहां उन्होंने कनखल स्थित स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जगतगुरू शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया तथा भेंट वार्ता की। उन्होंने कहा कि ज्योतिषमठ का पुर्नद्धार किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड चारधाम का संरक्षक है, जोे संरक्षण और विकास के लिए पूर्णतः कटिबध है। केदारनाथ के पुर्ननिर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। चारधाम यात्रा पर हर सुविधा देने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री मातृसदन आश्रम गये जहां आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द तथा उनके शिष्य आत्मबोधानन्द को जूस तथा अन्न खिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे माॅ गंगा को तथा आबादी व पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान हो। इस अवसर पर विधायक ममता राकेश, विशेषकार्याधिकारी मुख्यमंत्री पुरूषोत्तम शर्मा, सतपाल ब्रहम्चारी, ब्रहमस्वरूप ब्रहम्चारी आदि उपस्थित थे। 

गला दबाकर की गई विपुल त्यागी की हत्या, साक्ष्य मिटाने को शव को जला दिया

देहरादून,7 जून (निस)। प्रॉपर्टी डीलर विपुल त्यागी हत्याकांड के मामले में शनिवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस ने घटना के घटित होने व आरोपियों की धर-पकड़ का ब्योरा सामने रखा। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने विपुल को निरंजनपुर स्थित रवि ढावे पर बुलाया और उसे गाड़ी में बैठाकर हरिद्वार की तरफ ले गए, जहां रास्ते में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। बाद में आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने को विपुल के शव को गढ़मुक्तेश्वर के जंगल में नदी के किनारे जला दिया। पुलिस ने अभियुक्त सहदेव त्यागी, मुकेश त्यागी, परवेंद्र शर्मा व सह आरोपी तोफीक को जेल भेज दिया। इस हत्याकांड का एक आरोपी संजीव त्यागी अभी भी फरार है। गत 28 मई को श्याम कृष्ण त्यागी ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके पुत्र विपुल त्यागी जो कि क्लेमनटाउन में प्रापर्टी डीलिंग का काम करता था, को उसके पार्टनर सहदेव त्यागी, संजीव व मुकेश अपने साथ घर से ले गये थे, जिसके बाद से विपुल का कोई पता नहीं लगा। विपुल का मोबाइल भी बंद आ रहा था। इसके बाद जब पुलिस ने सहदेव, संजीव व मुकेश से संपर्क साधा तो वह भी देहरादून से बाहर मिले। तीन दिन बीतने के बाद भी जब न तो विपुल का कोई सुराग मिला और न ही सहदेव आदि पुलिस के सामने आए, तब पुलिस ने 1 जून को गुमशुदगी को अपहरण की धाराओं में तरमीम किया। इसके बाद से नेहरु थाना प्रभारी, रायपुर थाना प्रभारी, क्लेमैन्टाउन थाना प्रभारी के निर्देशन में एसओजी के साथ पुलिस की टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश में जुटे थे। पुुलिस के मुताबिक शुक्रवार को मुखबीर की सूचना पर आरोपियों सहदेव त्यागी, मुकेश त्यागी व परवेंद्र शर्मा को साईं मंदिर मोहब्बेवाला के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों द्वारा विपुल का अपहरण कर हत्या करना कबूला गया। आरोपियों के अनुसार विपुल जमीन के धंधे में उनका सहयोगी था, व उसने जमीनी हिसाब-किताब में गड़बड़ी की थी। आरोपियों के अनुसार वह उनके पैसे देने के बजाए उन्हें ही उल्टा धमकाता था, जिस पर उन्होंने उसकी हत्या की योजना बनाई। परवेंद्र शर्मा सहदेव त्यागी का परिचित है, वह घटना के बाद सहदेव को अपने दिल्ली स्थित आवास में शरण दिए हुए था। पुलिस के अनुसार शुक्रवार को सहदेव, मुकेश व परविंद्र तौफीक के आॅफिस में छिपे थे, यही नहीं तौफीक ने उनकी मदद करने को पांच लाख का इंतजाम भी किया था, जिसके चलते तौफीक को भी गिरफ्तार किया गया।     

स्मृति ईरानी पहंुची बदरीनाथ धाम

देहरादून, 7 जून (निस) । केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने पति सहित रविवार की सुबह बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन किए। शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे बिना प्रशासन को सूचित किए मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी पति जुबिन इरानी के साथ हेलीकॉप्टर से खरसाली पहुंची थी। फिर वहां से वे पैदल ही पांच किमी की दुर्गम दूरी तय कर यमुनोत्री पहुंचे। उन्होंने इससे पूर्व गंगोत्री धाम के भी दर्शन भी किए। शनिवार रात खरसाली में विश्राम करने के बाद स्मृति ईरानी पति के साथ रविवार सुबह बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को पहुंची। इस दौरान उन्होंने अपनी फोटो खिंचवाने से भी मना कर दिया। साथ ही वे किसी से भी नहीं मिली। 

गलत तरीके से पैसा वसूलने पर केदारनाथ मंदिर समिति को नोटिस

देहरादून, 7 जून (निस) । केदारनाथ मंदिर में भक्तों से पूजा के एवज में तीर्थपुरोहितों के गलत तरीके से पैसा लिए जाने व पुनर्निर्माण कार्याे में गुणवत्ता ठीक न होने को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने मंदिर समिति के अध्यक्ष व सीओ को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही आपदा के बाद अभी तक सड़कों की स्थिति ठीक न होने पर प्रदेश सरकार से भी जबाव मांगा है। मंदिर समिति को भेजे गए नोटिस में कर्नाटक हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीएस कलमठ ने कहा है कि मंदिर में देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। लोगों की भोले बाबा के प्रति बड़ी आस्था है। लेकिन मंदिर में पूजा के नाम पर भक्तों को ठगा जा रहा है। उन्हांेंने कहा कि तीर्थपुरोहितों की मंदिर में क्या भूमिका है यह स्पष्ट होनी चाहिए। मंदिर समिति ने विभिन्न पूजाओं के लिए धनराशि निर्धारित की है। बावजूद इसके भक्तों से निर्धारित धनराशि से ज्यादा पैसा लिया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि तीर्थपुरोहितों को वेदों का कोई ज्ञान नहीं है। साथ ही सरकार से पुनर्निर्माण कार्याे पर भी जबाव मांगा गया है। उन्होंने कहा कि आपदा के दो वर्ष बाद भी सड़कों की स्थिति ठीक नहीं हो पाई है। ऐसे में यात्री जानजोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि इन बिंदुओं पर कार्रवाई नहीं हुई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस की कापी सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, चीफ इंजीनियर लोनिवि, जिलाधिकारी को भी प्रेषित की गई है। उन्होंने कहा कि इन बातों का संज्ञान नहीं लिया गया तो वह इस मामले को कानूनी कार्रवाई करने को आगे ले जायेंगे।

कुट्ठा गांव में भी शराब पर प्रतिबंध

देहरादून, 7 जून (निस)। टिहरी जिला मुख्यालय से सटे गांव कुट्ठा में भी ग्रामीणों ने शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रामीणों की बैठक में निर्णय लिया गया है यदि कोई व्यक्ति शादी-ब्याह में शराब परोसेगा तो उसे दंडित किया जाएगा। इसके अलावा डीजे बजाने का समय भी नियत किया गया है। ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों से सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि शादी-ब्याह में अब कोई भी व्यक्ति गांव में शराब नहीं परोसेगा। लोगों का कहना है कि इससे जहां लोगों का अनावश्यक धन बर्बाद हो रहा है। वहीं गांव का वातावरण भी दूषित हो रहा हैं। बैठक में डीजे बजाने का समय भी नियत किया गया है। गर्मियों में रात नौ से 12 और सर्दियों में 8 से 11 बजे तक डीजे बजाने का समय नियत किया गया है।

केदारनाथ में शव होने का बयान दुर्भाग्यपूर्णः सीएम

देहरादून, 7 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केदारनाथ में शव होने का भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। 
  राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान निरंजनपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारो द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीएम हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा सफल चल रही है। हमारी इस सफलता को विपक्षी पचा नहीं पा रहे हैं। इसी के चलते वे अंनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व सीएम व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के इस बयान को कि केदारनाथ में आज भी शव पड़े हैं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों पर खर्च करने की हमारी स्पीड ज्यादा। खनन पर उन्होंने कहा कि जनता चाहेगी कि खनन बंद करना जरूरी है, तो मैं खनन बंद कर दूंगा।

पैकज स्वीकृत की मांग को लेकर विधायक आर्य का धरना जारी

देहरादून, 7 जून (निस)। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड से सीएसआर के तहत घनसाली विधान सभा क्षेत्र के लिए पैकेज स्वीकृत करने की मांग को लेकर विधायक भीमलाल आर्य का धरना रविवार को भी जारी रहा। वह इस मामले में अधिकारियों के लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े हैं। घनसाली विधायक भीमलाल आर्य शुक्रवार को टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के ऋषिकेश बाईपास स्थित कार्पाेरेट मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे। विधायक ने टीएचडीसी पर कार्पाेरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) मद में घनसाली क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि टिहरी डैम प्रभावित घनसाली क्षेत्र में सीएसआर मद में टीएचडीसी द्वारा वर्ष 2008 से अब तक एक प्रतिशत भी खर्च नहीं किया गया, जबकि ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून जनपद में 20 प्रतिशत से भी अधिक खर्च हुआ है। उन्होंने टीएचडीसी पर उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर, बाराबंकी व लखनऊ जिलों में भी सीएसआर के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। आर्य का कहना है कि टीएचडीसी टिहरी के स्थानीय क्षेत्रों की अनदेखी कर रहा है जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (07 जून)

0
0
मुख्यमंत्री श्री चैहान आज विदिशा आएंगे

vidisha map
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान सोमवार आठ जून को विदिशा आएंगे। मुख्यमंत्री श्री चैहान का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार सोमवार आठ जून की सायंकाल 5.45 बजे भोपाल से हेलीकाप्टर द्वारा प्रस्थान कर शाम 6.05 बजे विदिशा आएंगे और  माधवगंज चैराहे पर आयोजित कार्यक्रम मंे शामिल होंगे। ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री श्री चैहान माधवगंज चैराहे पर आयोजित कार्यक्रम में विदिशा निकाय क्षेत्र के अंतर्गत 177.90 करोड की लागत के निर्माण कार्यो का लोकार्पण/शिलान्यास करेंगे। जिसमें 4.10 करोड़ की लागत से पूर्ण कराए गए पांच निर्माण कार्यो का लोकार्पण करेेंगे और 173.80 करोड़ की लागत से विदिशा निकाय क्षेत्र में कराए जाने वाले 37 निर्माण कार्यो की आधारशिला रखेंगे। 

कृषि महोत्सव कार्यो की समीक्षा बैठक आज

कृषि महोत्सव के कार्यो की समीक्षा और पर्यवेक्षण के लिए नियुक्त प्रमुख सचिव श्री विवेक पोरवाल आठ जून की प्रातः 11 बजे विदिशा आएंगे। श्री पोरवाल द्वारा सर्किट हाउस में कृषि महोत्सव कार्यो की समीक्षा बैठक आहूत की गई है। बैठक के पश्चात् श्री पोरवाल कृषि क्रांति रथ भ्रमणित ग्रामों का दौरा करेंगे। 

कृषि क्रांति रथ
सोमवार आठ जून को कृषि क्रांति रथ विदिशा विकासखण्ड के ग्राम सनोटी, सलैया, पिपरियाअजीत में तथा विकासखण्ड ग्यारसपुर के ग्राम हथियाखेडा, सुमेरबर्री, मढ़ीचैबीसा बासौदा विकासखण्ड में करोदाखुर्द, मोरोदा, सिरनौटा नटेरन विकासखण्ड में इमलिया जागीर, बींझ, वर्धा सिरोंज विकासखण्ड में हाशमपुर, करईखेडा, इकलौद कुरवाई विकासखण्ड में मद्दूखेडी, उमरछा, भर्री और विकासखण्ड लटेरी के ग्राम खामखेड, अलीगढ़ और राधौगढ का भ्रमण करेगा।

मेधाबी छात्र छात्राओं का किया सम्मान 

विदिशा - स्वर्गीय प्रफुल्ल शाह अवं गिरीश शाह की स्मृति में सेवा न्यास दुआरा विदिशा जिले के प्रतिभाशाली १० वी - १२ वी के  छात्र छात्राओं जिन्होंने अपनी मेहनत से जिले में  अव्वल स्थान पाया है उनका सम्मान समारोह आयोजित  किया गया लक्ष्मी बेन मोनजी  कच्छी धर्मशाला  में आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि  वरिष्ठ  भाजपा नेता   मुकेश टंडन  , और अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्याम सुंदर  शर्मा और विशेष अतिथि समाज सेवी गोविन्द देवलिया , संदीप डोंगर , व्यापर महासंघ के विनोद जैन के रूप में शामिल हुए इस कार्यकर्म में १५ मेघावी छात्रों का सम्मान मेडल प्रशस्ति पत्र और माँ सरस्वती की  शील्ड भेट कर सम्मानित किया गया कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की दीप प्रजुलित  कर क्या गया इसके बाद सरस्वती की वंदना की गई कार्यकम में शामिल हुए मेघावी छात्र  जिन्हे सम्मानित किया गया क्रमशः विशाल जाट ,मनीष रघुवंशी , रवि दांगी , कामेश गौड़ , गीतांजलि विश्वकर्मा , किरण विश्वकर्मा , आकांशा  गोर  , पिंकी मैना , राधिका अंधारा , निकिता श्रीवास्तव , निशा शर्मा , शान्या  सक्सेना , स्वनिल शर्मा , वर्षा बागड़ी के साथ साथ एस ए टी आई कॉलेज में बी ई इलेक्ट्रॉनिक्स से टॉप करने बाले थैलीसीमिया जैसी गंभीर बिमारी से लड़ते हुए अपनी अलग पहचान  बनाने बाले आयुष जैन को भी सम्मानित किया गया कार्यक्रम में दीपेश शाह , समीर शाह , अमित श्रीवास्तव   विकास तिवारी ,प्रशांत शर्मा, रवि कांत शर्मा , मानवेन्द्र शर्मा,  विनोद काले , संदीप शाह , राजकुमार यादव ,प्रमोद शर्मा , रितेश गुप्ता , आदि बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक  शामिल हुए  कार्यकर्म का आभार प्रदर्शन अतुल पटवा ने किया। 

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (07 जून)

0
0
सम्पन्न किसान वह जो आधुनिक खेती कर वर्ष भर लाभ प्राप्त करे-सांसद सुभाष पटेल

barwani news
बड़वानी 07 जून/कुछ दशक पूर्व तक बड़ा व सम्पन्न किसान वह कहलाता था, जिसके कपास बड़े-बड़े खेत होते थे। किन्तु अब बड़ा किसान वह कहलाता है जो परम्परागत खेती के साथ-साथ आधुनिक खेती का समिश्रण करते हुए वर्ष भर आर्थिक उपार्जन करता रहे। प्रदेश की सरकार ने राज्य के प्रत्येक किसान को बड़ा बनाने का बीड़ा उठाया है। जिसके तहत किसानो को कृषि महोत्सव के तहत उसके ग्राम-खेत में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, वैज्ञानिको को भेजकर जानकारी देना प्रारंभ करवाया है। इसका ही परिणाम है कि विगत तीन वर्षो से हमारे राज्य को कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार कृषि कर्मण्ड आवर्ड मिल रहा है। सांसद सुभाष पटेल ने मण्डी प्रांगण बड़वानी में रविवार से प्रारंभ तीन दिवसीय कृषि मेले का शुभारंभ करते हुए उक्त बाते कही। इस अवसर पर उन्होने उपस्थित किसानो से भी आव्हान किया कि इस मेले के दौरान कृषि वैज्ञानिको द्वारा बताई जा रही बातो, सलाह को वे अपने खेतो में आजमाये, निःसंदेश उन्हे अच्छा लाभ होगा। कृषि मेले के शुभारंभ अवसर पर अन्त्योदय समिति के सदस्य एस वीरास्वामी, सुभाष पटेल, किसान संघ के अध्यक्ष कैलाश नागोर, मण्डी अध्यक्ष ओम भावसार, क्षेत्र के प्रतिष्ठित कृषक ओम खण्डेलवाल, सुखदेव यादव, जिला पंचायत सीईओ मालसिंह, उप संचालक कृषि अजीतसिंह राठौड़, उप संचालक आत्मा बीएल पाण्डे सहित कृषि वैज्ञानिक, दूर-दराज क्षेत्रो से आये कृषक उपस्थित थे। 

किसानो को मिले मानक खाद-बीज
मेले के दौरान जिला पंचायत सीईओ मालसिंह ने कृषि महोत्सव के दौरान किये जा रहे प्रयासो की सराहना करते हुए उपस्थित किसानो को विश्वास दिलाया कि उन्हे मानक स्तर के खाद-बीज उपलब्ध करवाने में कोई कौर-कसर नही छोड़ी जायेगी। इस अभियान के पश्चात् भी कृषि विभाग का अमला किसानो को समुचित जानकारी देने, मानक स्तर का खाद-बीज उपलब्ध कराने की अपनी महत्ती जिम्मेदारी निभायेगा। इसके लिए कृषि विभाग सतत् बीज व खद का सैम्पल लेकर उसकी जांच करवाये, यह विभिन्न स्तर पर सुनिश्चित किया जायेगा। 

मेला का आकर्षण रहा एक फुट से बड़े आकार का केला
कृषि मेले के दौरान उद्यानिकी विभाग की प्रदर्शनी अतिथियो सहित आगंतुको किसानो का आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बनी रही। इस विभाग के स्टाल पर जहां आमतौर पर मिलने वाले प्याज से बड़े आकार के प्याज लोगो को अपनी ओर लुभाते रहे। वही एकलरा ग्राम के सुनील हुकुमचंद के खेत में एक फुट से बड़े आकार के केले के गुच्छे ने लोगो की दीवानगी उद्यानिकी फसलो के प्रति बड़ा दी। सांसद सुभाष पटेल सहित मेले में आने वाले प्रत्येक कृषि वैज्ञानिक, किसान ने इस केले के गुच्छे को अपने हाथो में लेकर जहां सराहा वही इसे उपजाने वाले किसान से भी समुचित जानकारी लेने में संकोच नही दिखाया। इस केले को उपजाने वाले कृषक सुनील बताते है कि महालक्ष्मी वैरायटी के इस केले को वे 4 सालो से अपने खेतो में लगाकर चयन पद्धति से संवार रहे है। जिसके कारण आज उनके 4 एकड़ के खेत में लगे अधिकांश पौधो पर इसी आकार-प्रकार के केले लग रहे है। उन्होने इच्छा जताई कि अगर उद्यानिकी विभाग इस केले के टिशू से पौधे तैयार करवाकर क्षेत्र में इसका वितरण करवाये तो वे इसमें अपना पूर्ण सहयोग देने को हमेशा तैयार है। 

वैज्ञानिको ने दी जानकारी
कृषि मेले के दौरान कृषि महाविद्यालय खण्डवा के कृषि वैज्ञानिक एसके परसाई ने मिट्टी परीक्षण से होने वाले लाभ, मिर्च की फसल में लगने वाले वायरस से किस प्रकार लागत कम हो जाती है, इसके बारे में विस्तार से बताया। इसी प्रकार कृषि वैज्ञानिक डाॅ. दिनेश जैन, डाॅ. यूएस राय ने भी किसानो को जैविक पद्धति से खेती करने पर किस प्रकार उत्पादन लागत कम आती है, और उत्पादित फसल का मूल्य क्यो ज्यादा मिलता है, इसके बारे में विस्तार से बताया। 

विभिन्न कम्पनियो ने लगाये अपने स्टाल
मेला स्थल पर देखा की नामी कम्पनियो ने अपने स्टाल लगाकर जहां खेती के आधुनिक संासधनो को प्रस्तुत किया वही विभिन्न फसलो के उन्नत बीजो को भी प्रदर्शित किया। कम्पनियो के इन स्टालो पर दूर-दराज क्षेत्रो से आये किसानो ने विशेषज्ञोे से जानकारी लेने में कोई कोताही नही दिखाई। इसी प्रकार किसानो ने विभिन्न शासकीय विभागो के स्टालो पर भी जाकर जहां विभिन्न शासकीय योजनाओ की जानकारी प्राप्त की वही अपने प्रश्ना, जिज्ञासााओ का भी समाधान करवाया। 

जिले के 24 बच्चो का होगा सीएलएल अपोलो में निःशुल्क आपरेशन

barwani news
बड़वानी 07 जून/दिल में छेद वाले जिले के 24 बच्चो का आपरेशन इन्दौर के सीएचएल अपोलो अस्पताल में निःशुल्क होगा। शासकीय योजना के तहत होने वाले इन आपरेशन का सम्पूर्ण व्यय शासन द्वारा वहन किया जायेगा। रविवार को इन बच्चो का चयन सीएचएल अपोलो के विशेषज्ञ डाॅक्टरो द्वारा जिला चिकित्सालय बड़वानी में लगाये गये शिविर के दौरान किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रजनी डावर से प्राप्त जानकारी अनुसार रविवार को सीएचएल अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञो के सहयोग से लगाये गये इस चयन शिविर में 84 बच्चो का परीक्षण कर उपयुक्त पाये गये 24 बच्चो का चयन किया गया। 

पालक बच्चो का रखे विशेष ध्यान
सीएचएल अपोलो के डाॅक्टरो ने शिविर में आये ऐसे बच्चो के पालको, जिनके बच्चो का चयन आपरेशन हेतु नही हुआ है, उन्हे सलाह दी है कि वे लिखी गई दवाईयो को नियमित रूप से अपने बच्चो को दे। जिससे उनका वजन भी कम से कम 6 किलो से अधिक हो सके। ज्ञातव्य है कि दिल में छेद वाले बच्चो का आपरेशन 6 किलो से अधिक वजन का होने पर ही सुरक्षित व कारगार माना जाता है। 

आज इन ग्रामो में जायेगा रथ

बड़वानी 07 जून/कृषि महोत्सव के तहत 08 जून को कृषि क्रांति रथ सातो विकासखण्ड के 16 ग्रामो में जायेगा व इसमें से 7 ग्रामो में रात्रि विश्राम करेगा । विकासखण्ड बड़वानी के ग्राम भूराकुआं में जायेगा तथा रात्रि विश्राम केली में होगा, विकासखण्ड पाटी के ग्राम हरला में जायेगा एवं रोसर में रात्रि विश्राम होगा, विकासखण्ड राजपुर के ग्राम कादवी, सांगवी नीम में जायेगा एवं रात्रि विश्राम जुलवानिया में होगा, विकासखण्ड ठीकरी के ग्राम मोहीपुरा में जायेगा एवं चकेरी में रात्रि विश्राम होगा,  विकासखण्ड सेंधवा के ग्राम कोलकी एवं मोहनपड़ावा में जायेगा एंव इनायकी में रात्रि विश्राम होगा, विकासखण्ड निवाली के ग्राम राई में जायेगा एवं उमरियापानी में रात्रि विश्राम होगा, विकासखण्ड पानसेमल के ग्राम  करणपुरा में जायेगा एवं रात्रि विश्राम वायगौर में होगा। 
Viewing all 73692 articles
Browse latest View live




Latest Images