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सूर्य नमस्कार को न मानने वाले समुद्र में डूब जाएं: आदित्यनाथ

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21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विवाद शुरू हो गया है. मुस्लिम समुदाय के सूर्य नमस्कार आसन के विरोध के बाद बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान दे दिया है. आदित्यनाथ ने कहा है, 'जिन लोगों को योग से दिक्कत है उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए.'

एक तरफ केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सूर्य नमस्कार आसन को हटाने का फैसला कर लिया है वही दूसरी तरफ आदित्यनाथ ने जमकर मुसलमानों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, 'जो लोग सूर्य के नमस्कार को नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए या अंधेरे कमरे में जीवन बिताना चाहिए.'उन्होंने कहा जिनके लिए सूर्य सांप्रदायिक है उन्हें सूर्य से रौशनी भी नहीं लेनी चाहिए.

आदित्यनाथ ने कहा, 'जिन्हें योग से परहेज है, उन्हें भारत की धरती को छोड़ देना चाहिए. जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं, उनको भगवान सूर्य से कभी प्रकाश नहीं लेना चाहिए और घर के बिलों में अंधरे में कैद रहना चाहिए.' 21  जून को भारत जोर-शोर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है. इसमें विश्व के 43 मुस्लिम देश योग दिवस भी शिरकत कर रहे हैं.. योग दिवस को सयुक्त राष्ट्र संघ ने मनाने का फैसला लिया है.


पाक ने मोदी की टिप्पणी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण कहा

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पाकिस्तान ने बांग्लादेश में की गई पीएम नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी को मंगलवार को दुर्भाग्यूपर्ण करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद आतंकवाद को बढ़ावा देकर भारत को लगातार परेशान कर रहा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलउल्ला ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा द्विपक्षीय संबंधों का चरित्र चित्रण परेशान करने वाले'के रुप में किया जाना दुर्भाग्यूपर्ण है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और भारत के साथ अच्छे पडोसी संंबंधों में विश्वास करता है। मोदी ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान रविवार को ढाका यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में कहा था कि पाकिस्तान आए दिन भारत को परेशान करता रहता है, जो नाकों दम ला देता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

यह याद करते हुए कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 90 हजार पाकिस्तानी सैनिक भारत की हिरासत में थे, मोदी ने कहा था कि यदि हमारी सोच क्रूर होती तो हम नहीं जानते कि हमने क्या निर्णय लिया होता। खलीलउल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बयानों ने ''एक संप्रभु देश के खिलाफ भारत की नकारात्मक भूमिका पर केवल पाकिस्तान के रुख की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि भारत के राजनीतिक नेता न सिर्फ ऐसा काम करते हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ है, बल्कि अन्य देशों के आंतरिक मामलों में अपने हस्तक्षेप को याद कर गौरव भी महसूस करते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग न सिर्फ अपने धार्मिक बंधुत्व के आधार पर मजबूत संबंध रखते हैं, बल्कि आजादी के लिए औपनिवेशक शासन के खिलाफ अपने संघर्ष के इतिहास से भी बंधे हैं।उन्होंने कहा कि भाईचारे का संबंध रखने वाले दो देशों-पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच फूट डालने के भारत के प्रयास सफल नहीं होंगे। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हस्तक्षेप की भारत की स्वीकारोक्ति का संज्ञान लेना चाहिए।

दलित महिला के विद्यालय सत्याग्रह को मिला सबका साथ

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मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पुरावसाकलां गांव में माध्यमिक विद्यालय के लिए एक दलित महिला द्वारा किए जा रहे सत्याग्रह को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। सोमवार को आयोजित 'जेल भरो आंदोलन'में बढ़ते जनसमर्थन का नजारा भी देखने को मिला। पुरावसाकलां गांव की पूर्व सरपंच बादामी बाई ने अपने कार्यकाल में माध्यमिक विद्यालय शुरू कराने की हर संभव कोशिश की थी। इसके लिए उसने अपने पति चिम्मन द्वारा जोती जा रही पांच बीघा जमीन पर विद्यालय बनाने पर भी सहमति दे दी, काम भी शुरू हो गया था, मगर बात आगे नहीं बढ़ी। बादामी बाई अब सरपंच नहीं हैं, मगर उनका माध्यमिक विद्यालय के लिए संघर्ष जारी है। वह जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह कर रही हैं।

बादामी देवी ने विद्यालय सत्याग्रह के तहत सोमवार को जेल भरो आंदोलन का आयोजन किया तो देश के विभिन्न हिस्सों से लोग उनके समर्थन में मुरैना पहुंचे। जनसभा में तमाम वक्ताओं ने बादामी के संघर्ष को सामंती सोच के खिलाफ आंदोलन बताया। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यायल सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा है, क्योंकि प्रस्तावित जमीन दलित बस्ती के करीब है। जेल भरो आंदोलन की सभा में समाजसेवी व चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि यह आंदोलन सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके का आंदोलन है। 

जनसभा में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रनसिंह परमार, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शंभू लाल बघेल, प्रदेशाध्यक्ष श्याम सुंदर यादव, बहुजन संघर्ष दल के हेमंत सागर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। संघर्ष समिति के संयोजक जयंत सिंह तोमर ने बताया है विद्यालय की मांग पूरी नहीं होने पर 10 जून से पुरावसाकलां में आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।  इस बीच, जिला शिक्षा अधिकारी आर.एन नीखरा ने इस मामले पर कहा, "प्राथमिक पाठशाला के पास की भूमि पर माध्यमिक पाठशाला की इमारत का निर्माण करवाया जा रहा है। पूर्व में जिस स्थान पर इमारत के निर्माण का प्रस्ताव था, उसकी अनुमति नहीं ली गई थी।"

नीतीश 'चेहरा'नहीं 'मुखौटा'होंगे : कुशवाहा

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केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यहां मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भले ही घोषित कर दिया हो, लेकिन वह सिर्फ 'मुखौटा'होंगे। दिल्ली से पटना पहुंचे कुशवाहा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "राजद-जद (यू) गठबंधन ने आगामी चुनाव के लिए नीतीश को चेहरा के तौर पर भले ही पेश किया हो, लेकिन वह सिर्फ मुखौटा होंगे। असली खिलाड़ी लालू प्रसाद होंगे।" उन्होंने कहा कि बिहार की जनता लालू प्रसाद के 'जंगलराज'को बिहार में फिर से दोहराना नहीं चाहती। 

कुशवाहा ने एक बार फिर दोहराया कि इस गठबंधन से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजग में सीट के बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि राजग एकजुट है।  उल्लेखनीय है कि सोमवार को जनता परिवार गठबंधन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सितंबर-अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। चुनाव से पहले एक 'चेहरा'पेश करने की परंपरा शुरू करने वाली राजग की मुख्य घटक भाजपा ने अभी अपना चेहरा पेश नहीं किया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की गति असंतोषजनक : चिदंबरम

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पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा रफ्तार से न तो रोजगार के अवसर पैदा होंगे और न ही इससे देश को गरीबी से निजात पाने में मदद मिलेगी। यहां कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में चिदम्बरम ने कहा, "हालांकि दुनिया में यह धारणा है कि भारत छह-सात फीसदी की दर से वृद्धि कर रहा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि इससे न तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और न ही गरीबी में सुधार आएगा।"

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार पर कांग्रेस शासित राज्यों की सहायता नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पहले से चल रही परियोजनाओं को जारी रखने के लिए वे (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों को पर्याप्त धन नहीं दे रहे हैं।"

तोमर की गिरफ्तारी में गृहमंत्रालय का हाथ नहीं : राजनाथ

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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी में गृह मंत्रालय का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि गृह मंत्रालय किसी की गिरफ्तारी का आदेश नही देता। राजनाथ ने कहा कि योग को जाति और मजहब से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। इसमें शारीरिक महत्व को ध्यान दिया गया है। इसलिए इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। इस पर अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा होना चाहिए। राजनाथ ने अखिलेश सरकार की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लखनऊ के विकास में राज्य सरकार ने सकारात्मक सहयोग दिया है। एनएचएआई ने लखनऊ के चारों तरफ 100 किलोमीटर रिंग रोड बनाने की इजाजत दे दी है। यह तीन हजार करोड़ रुपये की परियोजना है। इस पर जल्द ही राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर काम करेंगी।

गृहमंत्री राजनाथ मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ पहुंचे। लगभग साढ़े 11 बजे वह सीधे इंदिरा नगर के सेक्टर 14 में रानी लक्ष्मीबाई स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी सांसद निधि से नौ करोड़ रुपये की 194 परियोजनाओं का शिलान्यास किया और 16 योजनाओं का लोकार्पण किया। राजनाथ शाम चार बजे दुबग्गा में मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर के घर पर बालाजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह आलमबाग के अवध चौराहे पर बने केके पैलेस पर कैंट विधानसभा के मंडल तीन के कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।

राजनाथ बुधवार सुबह 10 बजे शहीद स्मारक के गांधी सभागार में राजा सुहेल देव की जयंती में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में विहिप के अशोक सिंघल भी मौजूद रहेंगे। यहां से दोपहर 12 बजे राजनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। 

अच्छे विक्रेता हैं मोदी : मनमोहन

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनके उत्तराधिकारी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अच्छे विक्रेता और अपनी बात लोगों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने में निपुण हैं। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए मनमोहन ने मोदी पर हमला करते हुए कहा, "मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मेरे उत्तराधिकारी मुझसे बहुत अधिक निपुण विक्रेता, कार्यक्रम प्रबंधक (ईवेंट मैनेजर) और लोगों से संवाद स्थापित करने में माहिर हैं।"

उन्होंने मोदी सरकार पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई परियोजनाओं को नया रूप देकर उन्हें अपना बताने तथा नए सिरे से उनका विपणन (मार्केटिंग) करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हमारी कई परियोजनाओं को नया रूप देकर आक्रामक रूप से उनका विपणन किया जा रहा है।"

नीतीश ने 'बढ़ चला बिहार'अभियान शुरू किया

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को 'बढ़ चला बिहार'अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि बिहार लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत गांव-गांव जाकर सरकार के कामकाज के बारे में लोगों से फीडबैक लिया जाएगा। जनसंवाद का आयोजन कर बिहार के विकास के बारे में लोगों से राय ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वषों में बिहार के विकास के लिए लोगों से राय ली जाएगी और उसके आधार पर एक 'विजन डॉक्यूमेंट'तैयार किया जाएगा।

नीतीश ने कहा कि जब उन्होंने बिहार की सत्ता संभाली थी, तब राज्य के गांवों में घंटों बिजली कटौती की जाती थी, परंतु अब स्थिति कुछ बदली है। उन्होंने हालांकि यह भी माना कि आज भी लोगों तक बिजली पहुंचाना बड़ी चुनौती है। उन्होंने बिहार के विकास का दावा करते हुए कहा, "पूर्व में बिहार के विकास के नाम पर मजाक बनाया जाता था, परंतु अब बिहार ने विकास का नया मानक स्थापित किया है।" 

उन्होंने मुख्यमंत्री साईकिल योजना की चर्चा करते हुए कहा कि पहले लड़कियां गरीबी के कारण विद्यालय नहीं जा पाती थीं, परंतु अब स्थिति में बदलाव आया है। आज गांव-गांव से लड़कियां समूह बनाकर साईकिल से विद्यालय जा रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों में आत्मविश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि जनता दल (युनाइटेड) राज्य के तमाम गांवों में 24 जून से चौपाल पर चर्चा कार्यक्रम प्रारंभ करेगा। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (09 जून)

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आपदा राहत राशि घोटाले की सीबीआई से जांच से सरकार के कतराने पर उठ रहे तमाम सवालात, तब तो भाग जाएंगे सभी “कमाऊं पूत” !
  • पुराने मांग लेंगे अपना पूरा हिसाब और किताब, नए सिपहसालार के आने की नहीं कोई उम्मीद
  • सफेदपोशों का चोखा धंधा चैपट होने के आसार

देहरादून,9 जून। आपदा राहत राशि के बंटवारे को लेकर विपक्ष के तीखे आरोपों को शुरू से ही झेल रही सरकार को कैग की रिपोर्ट ने और भी झटका दिया है। इसके बाद भी सरकार सूचना आयुक्त कि सिफारिश के आधार पर मामले की सीबीआई जांच कराने की बजाय कुतर्क पर आमादा है। इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि मामले की सीबीआई से जांच होने की दशा में खुद के फंसने का अंदेशा तो है ही, सबसे बड़ा खतरा कमाऊं पूतों को यहां से पलायन और भविष्य में किसी नए की यहां न आने का संभावना से हैं। शायद यही वजह है कि तमाम आरोपों को झेल रही सरकार इस अहम मुद्दे को हवा में उड़ा रही है। आपदा राहत राशि घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है। विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। इसमें आग में घी डालने का काम कैग की रिपोर्ट से हो चुका है। कैग की रिपोर्ट को दबाए बैठी सरकार के सामने इस मसले पर कोई बेहतरीन जवाब नहीं आ पा रहा है। इसके चलते सरकार की ओर से इसे नकारा जा रहा है कि संगठन के मुखिया भी अपने अंदाज में इसे झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ कैग की रिपोर्ट के जरिए मीडिया में रोजाना नए-नए मामले सामने आ रहे हैं तो सरकार उसी अंदाज में सभी को गलत करार देने की कोशिश में जुटी है। अब तक सामने आए मामलों पर गौर किया जाए तो साफ होगा कि घोटलों में गैर सरकारी लोगों की अहम भूमिका है। मसलन, प्रभावितों को मुआवजा गैर सरकारी संस्थाओं ने बांटा तो हेलीकाप्टरों पर करोड़ों रुपये गैर सरकारी कंपनी को ही गए। निर्माण कार्य भी अधिकतर गैर सरकारी संस्थाओं से ही कराए गए हैं। यानि काम भले ही सरकार का किया गया लेकिन उसे अंजाम दिया गैर सरकारी संस्थाओं ने। अब ऐसा क्यों हुआ यह तो जांच का विषय है। लेकिन एक बात तय है कि अगर कोई गैर सरकारी संस्था किसी जांच के दायरे में फंसती है तो इस समय राज्य में काम कर रही संस्थाएं तो यहां से अपना बोरिया-बिस्तरा समेट ही लेंगी, नई संस्थाएं भी इस राज्य में आने से पहले सौ बार हालात पर विचार करेगी। बात सिर्फ इतनी सी है कि एक का सौ बनाने में माहिर ये कंपनियां आखिर सीबीआई के शिकंजे में अपना सिर क्यों फंसाना चाहेंगी। जाहिर है कि अगर ये संस्थाएं यहां से चली जाएंगी और नई कोई यहां को तैयार नहीं होगी तो कमाई का जरिया बचेगा ही क्या। शायद यही वजह है कि चैतरफा दबाव झेल रही सरकार इस मामले में कोई सख्त कदम उठाने की बजाय अब तक हुए कामों का जायज ठहराने की कोशिश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तर पर मंथन किया जा रहा है कि झारखंड में भी एक बार इस तरह के हालात पैदा हो चुके हैं। वहां कई मामलों की जांच के बाद एक पूर्व मुख्यमंत्री तक जांच की आंच गई तो इसकी तपिश में कई कमाऊं पूत भी झुलस गए थे। उसके बाद से आज तक किसी कमाऊं पूत से झारखंड की ओर रुख नहीं किया। अब भाजपा की सरकार आने के बाद हालात भले ही कुछ बदले से दिख रहे हैं। नतीजा यह है कि सरकार को सीबीआई जांच से पूरी तरह से परहेज दिख रहा है।

कोर्ट क्यों नहीं जा रही भाजपा
इस मामले में एक अहम सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि तमाम सबूत होने का दावा करने वाली भाजपा इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने से क्यों कतरा रही है। एक काबीना मंत्री के आफिस आफ प्राफिट के मामले को लेकर तो भाजपा हाईकोर्ट जा सकती है। लेकिन करोड़ों के कथित घोटाले और आम जनमानस से जुड़े इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं से खुद को केवल बयानबाजी तक ही सीमित कर रखा है। आखिर क्या कारण है कि भाजपा इस मुद्दे पर तीखे तेवर अपनाने की बजाय विरोध की रस्मअदायगी भर सीमित रह गई है। आने वाले चुनाव में इस देवभूमि की जनता कांग्रेस से तो सवाल पूछेगी ही, भाजपा से भी पूछा जाएगा कि आखिर उसके नेताओं ने दिखावा क्यों किया।

खनन रोकने पर सूबे के कई जिलों से आई रिपोर्ट में किया गया है तमाम दिक्कतों का खुलासा, हुजूर! यहां सवाल तो अवैध खनन का हो रहा है
  • नियमानुसार चुगान में नहीं हैं किसी तरह की कोई दिक्कतें, पूरे सूबे में अवैध खनन को लेकर ही उठाए जा रहे सवाल
  • अफसरों ने रिपोर्ट में इस मुद्दे पर नहीं की है कोई बात, चुगान को लेकर कहीं भी नहीं पेश आ रही कोई दिक्कत

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देहरादून, 9 जून। सूबे में अवैध खनन रोकने के मामले को सरकारी नुमाइंदे नए अंदाज में घुमाने की कोशिश कर रहे हैं। चैतरफा दबाव में आई सरकार ने इस खनन को रोकने को लेकर जिलों से एक रिपोर्ट मांगी तो अफसरों ने किसी ऊपरी आदेश के चलते घुमा दिया है। जिलों से आई इन रिपोटर्स में कहा गया है कि इससे राजस्व का नुकसान तो होगा ही, अन्य तमाम तरह की दिक्कतों का सामना भी करना होगा। इस मामले में अहम बात यह है कि अफसरों ने खनन रुकने से होने वाली दिक्कतों पर फोकस किया। लेकिन यहां तो असली मुद्दा अवैध खनन का है और किसी भी जिले की रिपोर्ट में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। मौजूदा सरकार को समय में अवैध खनन का मुद्दा सिर चढ़कर बोल रहा है। कई मंत्रियों से लेकर अन्य तरीकों से ताकतवर लोगों के इस धंधे में लिप्त होने की चर्चाएं अब आम हो चली हैं। अवैध खनन का यह मुद्दा कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा तो दूसरी तरफ हरिद्वार में मातृसदन के स्वामी शिवानंद से इस अवैध खनन को लेकर सरकार की चूलें हिला दी। इसके बाद सरकार ने तय किया कि खनन (अवैध नहीं) बंद करने से सरकार को क्या-क्या नुकसान होगा और अन्य लोगों के सामने क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं, इस बारे में जिलों से रिपोर्ट तलब की गई। सरकार ने बड़े जोरशोर से एलान किया कि जिलों से रिपोर्ट आने के बाद खनन के बारे में सख्त कदम उठाए जाएंगे। अब जिलों से रिपोर्ट आई तो इसमें कुछ भी नया नहीं है। सभी जिलों के डीएम ने सरकार की मंशा के अनुरूप ही रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि खनन बंद होने पर सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही, तमाम लोग असमय ही बेरोजगार हो जाएंगे। इतना ही नहीं राज्य में होने वाले विकास कार्यों की लागत भी बढ़ जाएगी। बताया जा रहा है कि कुछ बेहद काबिल अफसरों ने अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा कर दिया है कि दूसरे प्रदेशों से खनन सामग्री मंगाने पर कितने पैसे अतिरिक्त देने होंगे। इस रिपोर्ट के बाद सरकार और अफसरों की मंशा पर तमाम सवालात खड़े हो रहे हैं। यह मामला पूरी तरह से अवैध खनन पर अंकुश लगाने का था और अफसरों ने इस खनन (चुगान) से जोड़ दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर नदियों से चुगान ( बारिश के पानी से साथ आए पत्थर और बजरी आदि) नहीं होगा तो नदियां अपना रास्ता बदलेगी और इसका नतीजा तबाही के रूप में सामने आएगा। इसी वजह से केंद्र सरकार ने भी चुगान की अनुमति दे रखी है। सूत्र बता रहे हैं कि पर्यावरण विभाग सेटेलाइट इमेजेज के जरिए यह तय करता है कि किस नदी से कितना चुगान किया जाना है। इसकी मात्रा भी तय कर दी जाती है। सरकार को इस तय मात्रा के अधिक माल पर रायल्टी लेने का कोई अधिकार नहीं हैं। अगर इसी आधार पर खनन किया जाता है तो इसे चुगान (वैध खनन) कहा जाता है। लेकिन अगर इसकी आड़ में नदियों का सीना ही चीर दिया जाए तो इसे अवैध खनन कहा जाता है, क्योंकि तयशुदा मात्रा के ज्यादा की रायल्टी सरकार अपने राजस्व में दिखा भी नहीं सकती। साफ दिख रहा है कि चुगान और अवैध खनन में सरकार और अफसरों को कोई अंतर नजर नहीं आ रहा है। चुगान को लेकर किसी को कहीं कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन बड़ा सवाल इसकी आड़ में हो रहे अवैध खनन का है। अवैध खनन से सरकार को किसी तरह का कोई राजस्व तो मिलता नहीं है। हां, सफेदपोश लोग इस अवैध धंधे से मोटी कमाई जरूर कर रहे हैं। साथ ही इस अवैध खनन से पर्यावरण को भारी क्षति हो रही है। एक तरफ सरकार ग्रीन बोनस के नाम पर केंद्र सरकार के अरबों रुपये की रायल्टी की मांग करती नहीं थक रही है तो दूसरी तरफ अवैध खनन से हिमालयन बेल्ट को खोखला किया जा रहा है। जिलों से मिली सरकार को रिपोर्ट यह साफ इशारा कर रही है कि इस अवैध खनन को कहीं न कहीं बड़े स्तर पर संरक्षण मिला हुआ है। शायद यही वजह है कि कोई भी डीएम अपनी रिपोर्ट में यह ईमानदाराना पहल नहीं कर सका कि अवैध खनन को कैसे रोकने की जरूरत है। बहरहाल, अब यह साफ हो गया है कि सूबे में अवैध खनन रोकने को लेकर सरकार के स्तर की जा रही बातें महज हवाई ही हैं। हो सकता है कि जिलों से मिली इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार चुगान के नाम पर हो रहे इस अवैध खनन को आगे भी जारी रखने में किसी तरह की हिचकिचाहट न दिखाए।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय को राज्यपाल ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

देहरादून, 9 जून (निस)। राज्य में कृषि एवं औद्यानिकी क्षेत्र की उत्पादकता में वृद्धि की दृष्टि से उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने जी.बी. पंत कृषि एवं तकनीकी विश्व विद्यालय पंतनगर को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। राज्यपाल ने कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा एक सलाहकार प्रकोष्ठ गठित किया जाये। प्रकोष्ठ द्वारा किए गये विकास खण्ड तथा जनपद स्तरीय विश्लेषण के आधार पर राज्य में कृषि विकास की बृहद राज्य स्तरीय एवं जनपद स्तरीय कार्य योजना बनायी जाये। राज्य में घट रहे अनाज के उत्पादन को नियंत्रित करने की दृष्टि से राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय स्तर के इस विश्वविद्यालय को वर्तमान परिस्थतियों के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में कृषि सुधार को प्राथमिकता देने के लिए विशेष ध्यान केन्द्रित करना होगा। राज्यपाल ने, मुक्तेश्वर स्थित केन्द्रीय शीतोष्ण औद्यानिकी संस्थान  की प्रयोगशाला द्वारा खेतों की उर्वरता के लिए किए जा रहे मृदा परीक्षण की जानकारी स्थानीय कृषकों, तथा जनपद स्तरीय अधिकारियों को दिए जाने को आवश्यक बताया ताकि काश्तकार उसी के अनुसार खेती करके समुचित लाभ ले सकें। इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा जाहिर, मैदानी क्षेत्रों में कमजोर मानसून की आशंका के दृष्टिगत राज्यपाल ने कहा कि विशेष रूप से मैदानी क्षेत्रों के काश्तकारों व कृषकों को खरीफ और जायद में उत्पन्न होने वाले अनाज और दलहन की ऐसी प्रजातियों के बीज दिए जायें जो कम सिचाईं में भी अच्छी उपज दे सके, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर ली जाये। राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय जलवायु, मिट्टी की उर्वरता आदि के अनुकूल उन्नतिशील बीजों का प्रयोग व अन्य प्रयोगों के माध्यम से कृषि व्यवसाय को काश्तकारों के लिए लाभकारी बनाने की दृष्टि से नये अनुसंधानों व प्रयोगों को किसानों तक पहँुचाने के लिए उनका व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है।‘‘ उन्होनें उत्तराखण्ड में प्रसार कार्यक्रमों का इलैक्ट्रानिक नेटवर्क व अन्य प्रभावी संचार माध्यमों से व्यापक प्रचार करने का सुझाव दिया और यह भी कहा कि काश्तकारों को उन्नत व प्रगतिशील खेती से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध  कराने के लिए समय-समय पर जिला स्तरीय किसान व कृषि मेलों, शिविरों का आयोजन होते रहने चाहिए। कृषि उत्पादन में वृद्धि के उपायों के साथ ही कृषि-उद्यान आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने तथा किसानों व काश्तकारों के उत्पादों के विपणन (मार्केटिंग) की पुख्ता व्यवस्था विकसित करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी राज्यपाल द्वारा दिए गये हैं।

सीएम कुमांयू दौरे पर 

देहरादून, 9 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत 10 जून, 2015 से 15 जून, 2015 तक कुमांयू मण्डल के जनपदों के भ्रमण पर रहेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री रावत जनता से सीधा संवाद करेंगे। जनपदीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत अपना दौरा जनपद नैनीताल से शुरू करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री रावत 10 जून, 2015 को प्रातः 11 बजे नैनीताल क्लब पहुंचेंगे, जहां पर वे कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, इसके बाद जन समस्या सुनवाई एवं समाधान शिविर और जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत रात्रि विश्राम नैनीताल में करने के बाद 11 जून को रानीखेत पहुंचेंगे, जहां वे पूर्व विधायक स्व. पूरन सिंह माहरा की तेरहवीं में शामिल होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री अपरान्ह् 2 बजे बागेश्वर पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, जन समस्या सुनवाई एवं समाधान शिविर और जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। रात्रि विश्राम बागेश्वर में करने के बाद मुख्यमंत्री श्री रावत 12 जून, 2015 को अल्मोड़ा पहुंचेंगे, जहां पर अपरान्ह् 1 बजे से कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, इसके बाद जन समस्या सुनवाई एवं समाधान शिविर और जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। रात्रि विश्राम अल्मोड़ा में करने के बाद मुख्यमंत्री श्री रावत 13 जून, 2015 को प्रातः 6 बजे अल्मोड़ा से मानसरोवर यात्रियों के जत्थे के रवानगी कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद जनपद पिथौरागढ़ पहुंचेंगे। जहां प्रातः 11 बजे विकास भवन पिथौरागढ़ में विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं उदघाटन करेंगे। इसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, जन समस्या सुनवाई एवं समाधान शिविर और जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। रात्रि विश्राम पिथौरागढ़ में करने के बाद मुख्यमंत्री श्री रावत 14 जून 2015 को पिथौरागढ़ पहुंचकर रं छात्रावास का उदघाटन करेंगे। इसके बाद जी.आईसी. मैदान डीडीहाट में प्रातः लगभग 11.30 बजे कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, इसके बाद जन समस्या सुनवाई एवं समाधान कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत देर सायं चम्पावत जनपद पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। 15 जून, 2015 को मुख्यमंत्री श्री रावत जनपद चम्पावत के फूलीगाड पूर्णागिरी में रोपवे का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद तहसील परिसर टनकपुर में कार्यकर्ताओं के साथ भेंट, इसके बाद जन समस्या सुनवाई एवं समाधान शिविर और जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत 15 जून 2015 को देर सायं देहरादून वापस लौट आयेंगे। 

पंचायतीराज संस्थाओं को अधिकार संपन्न बनाया जाए
  • -भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ का सुराज आंदोलन 

देहरादून, 9 जून (निस)। ग्रामीण विकास व शहरी विकास, ग्रामीण बुनियादी सुविधाएँ व शहरी बुनियादी सुविधाओं के बीच के बहुत बड़े अंतर को दूर करने के लिए, पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार सम्पन बनाने के लिए भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ द्वारा चलाए जा रहे ग्राम सुराज आन्दोलन के तहत ग्राम सुराज सैनानी हल्ला बोल कार्यक्रम में हरिद्वार ग्रामीण के पंचायत प्रतिनिधि व भारी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाजपा पंचायतीराज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर सिंह नेगी ने कहा कि देश के विकास की चाभी सिर्फ व सिर्फ ग्राम सुराज है। उन्होंने कहा कि आज पहाड़ी जिलों में खेत बंजर व गाँव खण्डर हो गए हैं। मैदानी जिलों में खेतों में कंक्रीट के जंगल उग गए हैं। खेतों और गाँवों को आबाद करने के लिए भाजपा द्वारा ग्राम सुराज आन्दोलन चलाया जा रहा है। ग्राम सभा की पंचायतों की योजनाओं में सहभागिता सुनिश्चित होने पर ही गाँव किसान खुशहाल होंगे। जन सहभागिता आधारित विकास की अवधारणा पंचायतीराज व्यवस्था में ही है। इसलिए पंचायतों का शक्तिसम्पन्न होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सत्ता के विकेन्द्रीकरण व लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए पंचायतीराज व्यवस्था का अधिकार सम्पन्न होना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पंचायतीराज एक्ट का निर्माण किया जाए, पंचायतों को 29 विषयों का अधिकार दिए जाएं, पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। अन्य निधियों की भांति ब्लाॅक प्रमुख निधि पुनः आरम्भ की जाए। बी0पी0एल0 का नया सर्वे कराया जाए। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाॅक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से करवाया जाए। किसानों को जंगली जानवरों व पक्षियों द्वारा फसल बर्बादी का मुआवजा दिया जाए। पंचायत सेके्रट्रियों की भर्ती कर रिक्त पड़े पदों को भरा जाए। पंचायत प्रतिनिधियों को 10,000 रू0 का मासिक मानदेय दिया जाए। इस कार्यक्रम में कुलदीप गुप्ता, जितेन्द्र सैनी, डाॅ. राकेश कुमार, त्रिलोक चौहान, नितिन पाल, अश्वनी पाल, नकली सैनी, दिनेश चैहान, सूर्यनारायण झा, डाॅ. यशपाल, विनोद चैहान, जय भगवान, दिनेश सिंह, मीर हसन, वाजिद अली, योगेन्दर कुमार, राजकुमार, पवन कुमार, डाॅ. विजेन्द्र सिंह चैहान, चन्द्रपाल, राजकुमार चैहान आदि शामिल रहे। 

ग्रामीणों ने किया जल सत्याग्रह

देहरादून, 9 जून (निस)। पौड़ी जनपद के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत राजाजी नेशनल पार्क की गौरी रेंज के खिलाफ आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने आंदोलन के तहत ढाई घंटे का जल सत्याग्रह किया। इसके तहत ग्रामीण गंगा के पानी में जाकर खड़े रहे और नारेबाजी करते रहे। इससे पहले ग्रामीण पांच जून को भी जल सत्याग्रह कर चुके हैं। सुबह 11.30 बजे से ग्रामीण गंगा में उतरे। इस दौरान वे मांगों के समर्थन में नारे लगाते रहे। करीब ढाई घंटे तक उनका जल सत्याग्रह चला। प्रखंड के डांडामंडल व किमसार न्याय पंचायत क्षेत्र के करीब 82 गांवों के ग्रामीण तीन सूत्रीय मांग को लेकर गंगा भोगपुर गांव में आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में कौडि़या-किमसार सड़क का निर्माण, पुल का निर्माण व गंगा भोगपुर क्षेत्र में गंगा से बाढ़ सुरक्षा को तटबंध का निर्माण किया जाए। मांगो को लेकर आंदोलनरत ग्रामीण हर दिन आंदोलन को नया रूप दे रहे हैं। ग्रामीण पार्क की गौहरी रेंज में तालाबंदी के साथ ही चीला मार्ग पर जाम भी लगा चुके हैं। इस बीच ग्रामीण भैंस के आगे बीन बजाकर भी प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे से आधा घंटा तक गंगा में उतरकर जल सत्याग्रह भी कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर बार आश्वासन के बावजूद उनकी समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अभी तो जल सत्याग्रह सांकेतिक था। यदि मांगे नहीं मानी जाती तो इसे अनिश्चिकालीन किया जाएगा। 

ग्राम प्रधान का अनशन जारी, सीएम को भेजा ज्ञापन, जान का बताया खतरा

देहरादून, 9 जून (निस)। मलेथा में क्रशर बंद करने की मांग को लेकर हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूड़ी व ग्राम प्रधान शूरबीर बिष्ट का आमरण दूसरे दिन भी जारी रहा। समीर ने क्रशर बंद करने व दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर अन्न के साथ ही जल त्याग भी किया है। इस मौके पर उनके समर्थन में मलेथा पहुंचे पदम् भूषण डॉ.अनिल जोशी ने कहा कि यदि सरकार ग्रामीणों की मांग नहीं मानती है तो 21 जून को मलेथा में ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर यात्रा रोक दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मलेथा में महिलाओं पर लाठीचार्ज की घटना शर्मनाक है। उनके साथ आये विरेन्द्र पैन्यूली ने कहा कि मलेथा को बचाने को लेकर वह पूरी तरह ग्रामीणों के साथ है और इसके लिए अब मलेथा के लोग अपने जानवरों के साथ देहरादून में टेंट लगाकर धरना देंगे जिसकी व्यवस्था वह स्वयं करेंगे। इस मौके पर कमला पंत ने भी विचार रखे। इस मौके पर प्रो.जार्ज ए जेम्स, जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, देव सिंह नेगी, खेम सिंह चैहान, भूप सिंह राणा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं मौजूद थे। वहीं मलेथा में क्रशरों के विरोध को लेकर जल व अन्न त्याग कर धरना स्थल पर बैठे समीर रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जिसमें कहा गया कि वह मलेथा के ग्रामीणों की हक की रक्षा के लिए ग्रामीणों के साथ संघर्षरत है। उन्होंने पुलिस पर धमकी देने व कानूनी दाव में फंसाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने थानाध्यक्ष पर क्रशर माफिया के साथ मिला होने का आरोप लगाते हुए कहा कि छह जून को रात में दरोगा ने मुझ पर लाठीचार्ज किया गया। वह उन्हें मारने का षडयंत्र रच रहे हैं। इधर उत्तरकाशी जिले के विभिन्न जनसंगठनों से जुड़े लोगों ने जिलाधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि मलेथा में स्टोन क्रशर के विरोध में बैठे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है। उन्होंने लाठीचार्ज में शामिल गैर जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग उठाई। वहीं उत्तरकाशी जनपद में मानकों को ताक पर रखकर चल रहे स्टोन क्रशरों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई। इस मौके पर गणेशपुर की ग्राम प्रधान पुष्पा चैहान, रामचंद्र चमोली, राधिका पंवार, सतेंद्र, द्वारिका सेमवाल, शांति परमार, प्रताप पोखरियाल, संदीप, गणेशपुर, शांतिप्रताप, संदीप आदि शामिल थे।

लकड़ी-चारा ढोने वाली बन रही हैं अब ‘कैरियर’, ग्रामीण महिलाओं से कराई जा रही नशे की तस्करी
  • करोड़ों की अपफीम बरामद होने के बाद चेता महकमा

देहरादून, 9 जून (निस)। नशे के कारोबार को उत्तराखंड में फैलने से रोकने के लिए चलाए जा रहे पुलिस के अभियान को जोर का झटका लगा है। अब तक नशे के सामान के लिए हिमाचल प्रदेश, बरेली और बिहारीगढ को गढ मान रही पुलिस नेपाल से भारी मात्रा में तस्करी से सकते में है। चिंता का विषय तो यह है कि नशे के इस सामान को तस्करी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की भोली-भाली महिलाओं को कैरियर के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। बिना हाड़तोड़ मेहनत के आसानी से मिलने वाले पैसे के लालच में ग्रामीण महिलाएं इस धंधे में झोंकी जा रही है। यह खुलासा हुआ है एसएसबी द्वारा जब्त की गयी करोड़ों रूपए की अफीम की बरामदगी के बाद। इस खेल में बड़े नाम अब भी पुलिस के लिए एक बड़ा रहस्य बने हुए हैं। इस पूरे प्रकरण में करोड़ों रूपए की इस अपफीम की तस्करी का रहस्य महज दो नेपाली महिलाओं तक ही आकर सीमित हो गया है। उत्तराखंड मं नशे के कारोबार को रोकने के लिए इन दिनों प्रदेश स्तर पर अभियान छेड़ा गया है। हालांकि अभियान अभी अपनी शैशव अवस्था में ही है और केवल चंद छोटे लोग ही पुलिस के हाथ लग पाए हैं, लेकिन यहां एक दूसरा पक्ष यह भी है कि तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क पड़ोसी देश नेपाल से चलाया जा रहा है। बता दें कि पड़ोसी देश नेपाल से तस्करी कर लायी जा रही एक करोड़ मूल्य की 11 किलो 285 ग्राम अफीम के साथ एसएसबी ने चैकिंग के दौरान दो नेपाली महिला तस्करांे को पकड़ा। दोनों नेपाली महिलाएं हिमाचल प्रदेश में मजदूरी करती है तथा इस डील में उन्हें गांव के ही एक व्यक्ति ने यह माल बनबसा तक पहुचाने के लिए कहा था। तमाम कोशिशें करने के बाद भी महिलाएं एसएसबी की नजरों से नहीं बच पाई और धरी गयीं। हालांकि नेपाल में हालांकि अफीम की खेती होती नहीं है लेकिन पहली बार भारत-नेपाल सीमा पर नशे के तौर पर प्रयोग की जाने वाली अफीम खेप पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गयी हैं। एसएसबी के अधिकारियों की कहना है कि यह नेपाली महिलाएं पैदल ही आ रही थीं और चेकिंग करने पर दोनो महिलाओं के बैगो से 11 किलो 285 ग्राम अफीम बरामद हुई। यह पूरा प्रकरण इस लिहाज से भी बेहद चिंता का विषय है कि तस्करों ने अब नए पैंतरे अपनाने शुरू कर दिए हैं और जंगलांे में चारा व लकडि़यां लेने जाने वाली ग्रामीण महिलाओं को ‘कैरियर’ के तौर पर प्रयोग करना शुरू कर दिया है। भोली-भाली ग्रामीण महिलाएं भी चंद पैसों के लालच में आकर ऐसे काम करने के परिणामों से अंजान रहती हैं और तस्करी करने को तैयार हो जाती हैं। माना तो यह भी जा रहा है कि इन महिलाओं के अलावा भी कई बाद सीमा से इस प्रकार की खेप तस्करी की गयी है। तस्करों के इस नए प्रयोग पर कैसे उत्तराखंड पुलिस और एसएसपी पूरी तरह से रोकथाम लगा सकते हैं इस पर अब अधिकारियों में मंथन शुरू हो चुका है। 

उत्तराखंड में खाकी को ‘संजीवनी’ की तलाश, राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक वारदातें
  • तकनीकी एवं परंपरागत काम में अनुभवहीन बन रहे पुलिसकर्मी

देहरादून, 9 जून (निस)। देवभूमि में तीव्र गति से बढ रहे अपराधों पर लगाम कसने के लिए खाकी को संजीवनी की तलाश है। हालांकि अभी तक महकमे को वह ‘हनुमान’ नहीं मिल पाया है जो अपराधों से उपजे जख्मों पर इस संजीवनी का लेप लगा सके। न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरा प्रदेश अपराधियों का गढ बनता जा रहा है बल्कि शांत रहने वाले पहाड़ भी अपराधों से गुंजयमान हो रहे हैं। हल्द्वानी में मासूम कशिश की हत्या का मामला भला कैसे भुलाया जा सकता है या फिर हरिद्वार के पथरी गांव में 11 साल की बच्ची से दुराचार का मामला या फिर चकराता में प्रेमी युगल की हत्या एवं युवती का बलात्कार। यह ऐसे मामले थे जो कि अमूमन उत्तराखंड में कम ही देखे जाते रहे हैं, खासतौर पर पहाड़ों में। लेकिन  फिर भी यह घटनाएं हुईं, जाहिर है कि उत्तराखंड पुलिस इकबाल ही कमजोर हुआ है। बढते अपराधों पर अधिकारियों का टका सा जवाब बाहरी लोगों की प्रदेश में दखल तक आकर ही सीमित हो जाता हैै जिस कारण यह लोग अक्सर अपराध करने के बाद फरार होने में भी कामयाब रहते हैं। दून पुलिस का तो हाल बेहद बुरा है। कहने को भारी जमावड़ा है लेकिन अधिकांश मामलों के लिए एसटीएपफ पर ही निर्भरता रहती है। वारदात के बाद अधिकांश मामलों में एसटीएफ को भी पुलिस टीम के साथ घटना का खुलासा करने के लिए लगा दिया जाता है। दून पुलिस इस नाकामी के कारण एसटीएपफ को अपने मूल कार्य से भटक कर चोर और उठाईगिरों को उठाना पड़ रहा है। राजधानी में बढ रहे अपराधों के बाद तो यह भी सवाल उठने लगे हैं कि यहां विभाग मंे ही संवादहीनता की खाई बनी हुई है। यहां लंबे समय से बाहरी प्रदेशों के बदमाशों ने दून में एक के बाद एक बड़ी वारदातों को अंजाम देकर पुलिस अफसरों को खुली चुनौती दी है। दून में होने वाले अधिकांश बड़े अपराधों में बाहरी प्रदेशों के बदमाशों का ही गिरोह सामने आया है। हर वारदात से पहले या बैठकों में पुलिस अफसर दावे ठोकते हैं कि अपराधियों पर नजर रखने के लिए सघन चैकिंग की जाती है लेकिन हैरानी वाली बात है कि जब भी राजधानी में कोई बड़ा अपराध होता है तो उसके बाद अपराधी पुलिस को चकमा देकर कैसे बैरियरों से फरार हो जाने में कामयाब हो जातेे हैं? एक ओर सरकार के मुखिया राज्य में बढ़ रहे अपराधों को लेकर गृह विभाग व पुलिस के आला अफसरों को लताड़ पिलाते आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए किसी टास्क के तहत काम करने को नजर नहीं आ रही है। बाहरी प्रदेशों के बदमाश कोई भी बड़ी वारदात करने से आखिरकार क्यों नहीं डरते यह काफी चिंता का विषय है। कहा तो यह भी जाता है कि राजधानी में पुलिस के कई अफसरों व दरोगाओं के बीच आपस में ही कोई नेटवर्क या ट्यूनिंग ही नहीं है लाभ सीधे तौर पर अपराधियों को ही हो रहा है। जनता के साथ संवाद करना तो बहुत दूर की बात है, पुलिस अधिकारी या थानेदार उनके फोन तक नहंी उठाते। प्रदेश की राजधानी में आला अधिकारी कुंडली जमाए बैठे हैं और इन्हींे अधिकारियों की नाक के नीचे ही अपराध तेजी से पनप रहे हैं। अधिकांश पुलिस अधिकारी पहाड़ांे तक में चढने के लिए तैयार नहीं। महज पुलिस मुख्यालयों से जारी किए जाने वाले आदेशों पर कितना अमल हो रहा है यह प्रदेश के आपराधिक ग्रापफ देखकर साफ हो ही जाता है। जरूरी है कि पुलिस अब अपने काम करने के ढर्रे में परिवर्तन लाए। बाहरी लोगों की बढ रही संख्या को सीमित करने या पिफर ऐसे लोगों के सत्यापन कार्य को महज औपचारिकताओं में न समेटा जाए बल्कि गंभीरता से ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। काम थोड़ा मुश्किल जरूर है,  लेकिन बार-बार की फजीहत से तो अच्छा है कि इसे एक अभियान एवं रूटीन के तौर पर प्रयोग करके देख ही लिया जाए।

तीन माह बाद हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज, कद्दूवाला में पेड़ से लटका मिला था शव

देहरादून, 9 जून (निस)। लगभग चार महीने पुराने एक मामले में बिसरा की रिपोर्ट आने के बाद परिजनेां की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है। परिजनों का आरोप है कि षड़यंत्रा रच कर युवक को घर से बुलाया गया था और घर से निकलने के पांच दिन बाद युवक का शव कद्दूवाला के जंगलों में पेड़ से लटका मिला था। बता दें कि दीपनगर निवासी तीस वर्षीय पवन कुमार पाल 27 फरवरी को अपने घर से रात के समय बाईक लेकर निकला था। दो दिन तक जब पवन घर नहीं आया तो परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत नेहरू काॅलोनी थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने भी औपचारिकताएं निभाते हुए मामला दर्ज किया लेकिन लापता पवन को तलाश करने की जहमत नहंी उठाई गयी। उधर 3 मार्च को कद्दूवाला के जंगलांे में स्थानीय लोगों ने पेड़ पर एक शव लटकता हुआ देख कर इस बात की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार कर जब उसकी शिनाख्त की युवक को पवन कुमार पाल के रूप में पहचाना किया। मौके पर पहंुचे परिजनों ने इस बात की पुष्टि तो की ही, लेकिन साथ ही हत्या की भी आशंका जताई। हालांकि पुलिस ने तब भी हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। शव का पोस्टमार्टम किया गया लेकिन उसमें हत्या के कारणों पूरे तौर पर पुष्टि न होने पर बिसरा को जांच के लिए भेजा गया। बिसरे की रिपोर्ट आने के बाद अब मृतक पवन कुमार पाल के भाई दीपनगर निवासी दीपनगर ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस को दी गयी शिकायत में उन्होंने बताया है कि पवन कुमार को पूरी तरह से षड़यंत्र रच कर घर से बुलाया गया और बाद में उसकी हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया जिससे कि मामला आत्महत्या का लगे। एसओ नेहरू काॅलोनी के अनुसार परिजनों की शिकायत के बाद सभी बिंदुओं को ध्यान मंें रख कर जांच की जा रही है।

छतरपुऱ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जून)

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कृषि क्रांति रथ का आज का भ्रमण कार्यक्रम

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छतरपुऱ/ 09 जून/कृषि महोत्सव 2015 के तहत कृषि क्रांति रथ 10 जून को छतरपुर विकासखण्ड के ग्राम दिदौल, कटारे का पुरवा एवं ईषानगर में भ्रमण करेगा। इसी तरह नौगांव विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कुर्राहा, बेदार, मलका एवं ऊजरा में, राजनगर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम ओटापुरवा, झमटुली एवं सीलोन में, बिजावर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पिपट, मामौन एवं अनगौर में, बड़ामलहरा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कायन, घिनोची एवं करकी में, लवकुषनगर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम जरावरा, कमलपुरवा एवं विसनाखेड़ा में, बक्सवाहा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम निमानी, जगारा एवं तिलई में तथा बारीगढ़ विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम गोयरा, हाजीपुर एवं दादूताल में भ्रमण होगा। रथ का भ्रमण प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक पहले ग्राम में इसके बाद प्रातः 11.30 बजे से 3 बजे तक दूसरे ग्राम में एवं अपरान्ह 3 बजे से 7.30 बजे तक अंतिम के ग्रामों में होगा। उल्लेखनीय है कि कृषि महोत्सव 2015 के तहत जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में कृषि क्रांति रथों के माध्यम से किसानों को खेती की नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। रथ द्वारा एक दिन में तीन या चार ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है एवं अंतिम ग्राम में रथ द्वारा रात्रि विश्राम भी किया जा रहा है। यह भ्रमण 15 जून तक जारी रहेगा।  

जनसुनवाई में कलेक्टर ने सुनी समस्यायें

छतरपुऱ/09 जून/प्रति मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई। जनसुनवाई में कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने आवेदकों की समस्यायें सुनी एवं उनका निराकरण किया। जनसुनवाई में ग्राम बेरखेड़ी तहसील बिजावर के 41 अपात्र व्यक्तियों का नाम बीपीएल सूची से हटाये जाने के लिये श्री राम कृपाल दुबे ने आवेदन प्रस्तुत किया। इसकी जांच कराने के लिये कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने एसडीएम बिजावर को निर्देष दिये। इसी तरह गरीबी रेखा सूची में नाम जुड़वाने के लिये श्रीमती सुआ बाई निवासी खचा रगौली ने आवेदन प्रस्तुत किया। इसके लिये कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने तहसीलदार बिजावर को आवष्यक निर्देष दिये। जनसुनवाई में राज्य बीमारी सहायता निधि के प्रकरण भी आये, जिसके लिये कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिये। इसी तरह पेंषन संबंधी प्रकरणों में आवष्यक कार्यवाही करने के लिये उप संचालक सामाजिक न्याय को निर्देष दिये गये। कुछ प्रकरण महिला सषक्तिकरण विभाग से भी संबंधित थे। इसके लिये जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी को आवष्यक निर्देष दिये गये। जनसुनवाई में राषन कार्ड बनवाने,  सीमांकन कराने, भूमि से कब्जा हटाये जाने, इंदिरा आवास दिलाये जाने आदि से संबंधित भी आवेदन प्राप्त हुये। जिनके निराकरण के लिये कलेक्टर डाॅ. अख्तर द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देष दिये गये। जनसुनवाई के दौरान सीईओ जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री एस सी गंगवानी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नीता राठौर, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री भरत कूप सिंह, कार्यपालन यंत्री विद्युत वितरण कम्पनी श्री एस एन मिश्रा, पीओ डूडा श्री निरंकार पाठक, उप संचालक सामाजिक न्याय श्री वीरेष सिंह बघेल, जिला षिक्षा अधिकारी श्री एस एन तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सम्पदा एप्लीकेषन के अनुप्रयोग हेतु कार्यषाला आज

छतरपुऱ/09 जून/जिले में अचल सम्पत्तियों के दस्तावेजों का सम्पदा एप्लीकेषन के माध्यम से ई-पंजीयन एवं ई-स्टाम्पिंग का कार्य प्रारंभ किया जाना है। इस संबंध में स्टाम्प तथा पंजीयन की नवीन व्यवस्था से षासकीय अधिकारियों, अधिवक्तागणों, स्थानीय संस्थाओं, बैंक, स्टाम्प विक्रेताओं, दस्तावेज लेखकों तथा सर्विस प्रोवाइडर्स को अवगत कराने के उद्देष्य से 10 जून को दोपहर 1 बजे से कार्यषाला का आयोजन किया गया है। आरसीबीसी केंद्र छतरपुर में आयोजित होने वाली इस कार्यषाला में जिला पंजीयक द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रेजेंटेषन दिया जायेगा। कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने सभी संबंधितों से कार्यषाला के दौरान उपस्थित रहने की अपेक्षा की है। 

रामेष्वरम की तीर्थ यात्रा 11 जून से प्रारंभ होगी

छतरपुऱ/09 जून/मुख्यमंत्री तीर्थ दर्षन योजना के तहत जिले के 60 वर्ष अथवा अधिक आयु के 257 बुजुर्ग तीर्थ यात्री आगामी 11 से 16 जून तक रामेष्वरम की तीर्थ यात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की सहायता के लिये सहयोगियों का भी चयन भी किया गया है।  

छात्रावास संचालन हेतु निजी भवन की आवष्यकता

छतरपुऱ/09 जून/राज्य षासन द्वारा जिला मुख्यालय, छतरपुर में अनुसूचित जाति प्री एवं पोस्ट मैट्रिक 50 सीटर छात्रावास संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिला संयोजक आजाक श्री एन के मेहरोत्रा ने बताया कि वर्तमान में छात्रावास के संचालन हेतु षासकीय भवन उपलब्ध नहीं है। अतः छात्रावास के संचालन हेतु निजी भवन देने के इच्छुक मकान मालिक 20 जून तक भवन के संबंध में आवष्यक जानकारी जिला संयोजक आजाक कार्यालय में जमा करा सकते हैं।   

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जून)

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कार्यालय और भवन निर्माण स्थल का निरीक्षण

आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने गत दिवस जिला आदिम जाति कल्याण कार्यालय का और एक करोड़ तिरतालीस लाख रूपए की लागत से प्रस्तावित शासकीय अनुसूचित जाति प्री-मेट्रिक कन्या छात्रावास भवन निर्माण स्थल का अवलोकन किया। उन्होंने विभागीय अधिकारी से कहा कि निर्माण कार्य के दौरान समय-समय पर गुणवत्ता का परीक्षण कराते रहें। मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने कार्यालय के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्गो के लिए क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने छात्रावास एवं आवास सहायता योजना के तहत लाभांवित होने वाले विद्यार्थियों के संबंध में भी पूछताछ की। कार्यालयीन प्रबंधन एवं कर्मचारियों के डेªस कोड पर आईएसओ मिलने पर उन्होंने कार्यालयीन स्टाफ की सराहना की। इस अवसर पर जिला संयोजक श्री विवेक पांडे समेत विभागीय अधिकारी एवं अन्य स्टाफ मौजूद था। 

कोचिंग अध्यापन कार्यो हेतु आवेदन आमंत्रित

जिला मुख्यालय के उत्कृष्ट बालक  बालिका छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों के लिए गणित विज्ञान, अंग्रेजी और कम्प्यूटर के अलावा भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान इत्यादि प्रमुख विषय की कोचिंग मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विषय विशेषज्ञ शिक्षको से आवेदन 20 जून तक आमंत्रित किए गए है। ततसंबंध मंे अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला संयोजक कार्यालय से कार्यालयीन दिवसांे में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। 

कृषि क्रांति रथ भ्रमणित ग्रामो का संयुक्त संचालक द्वारा जायजा

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जिले में कृषि महोत्सव को आयोजन 15 जून तक जारी रहेगा। उन्नत कृषि की जानकारी देने और किसानों की बुनियादी समस्याओं से अवगत होकर निराकरण के लिए जिले के सातो विकासखण्डो में एक-एक कृषि क्रांति रथ भ्रमण कर रहे है। इन रथो में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संलग्न किया गया है जो भ्रमण ग्राम में विभागीय योजनाओं की जानकारी स्थानीय बोली में देकर किसानों को उन्नत कृषि के गुर बतला रहे है।संभागीय संयुक्त संचालक श्री एसएम बालपांडे ने आज ग्यारसपुर एवं बासौदा विकासखण्डों में भ्रमण कर रहे कृषि क्रांति रथ के कार्यो का जायजा लिया। उनके साथ किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री बीएल पाठक भी मौजूद थे। संयुक्त संचालक ने ग्यारसपुर के ग्राम खामखेडा, धतूरिया और बासौदा विकासखण्ड के सियासी एवं ककरावदा मंे पहुंचकर किसानों को खेती को लाभ धंधा कैसे बनाया जाए की बिन्दुवार जानकारी दी। श्री बाल पंाडे ने किसानों से आग्रह किया कि वे उत्पादन बढे़ इसके लिए मेढ़ो पर अरहर लगाए, खरीफ में उडद के साथ-साथ मूंग की भी फसल लें। उन्होंने क्षेत्र में धान के उपार्जन को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने अंतरवर्तीय फसल पद्वति का उपयोग करने, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल की उपयोगिता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।

मौके पर 104 आवेदन निराकृत हुए

vidisha news
कलेक्टर श्री एमबी ओझा के मार्गदर्शन में आहूत जन सुनवाई कार्यक्रम में आज दो सौ आवेदको ने अपने आवेदन प्रस्तुत किए। डिप्टी कलेक्टर श्री राजीव नदंन श्रीवास्तव ने मौके पर 104 आवेदनो को निराकृत किया है। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जन सुनवाई कार्यक्रम में विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार, तहसीलदार श्री रविशंकर राय समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थे। 

मिशन इन्द्रधनुष के तहत अवार्ड योजना

जिले में मिशन इन्द्रधनुष के उद्धेश्यों की प्राप्ति के लिए अवार्ड योजना प्रारंभ की गई है जिसके तहत सम्पूर्ण टीकाकरण उपरांत बच्चों के नाम की पर्ची जिसमें एमसीटीएस, आईडी, शिशु का स्थाई पता एवं सत्र का स्थान आदि का लेख कर बंद बक्से में डालने के उपरांत ड्रा निकाला जाता है जिस बच्चे का नाम निकलता है उसे एक हजार रूपए की राशि पुरस्कार के रूप मंे दी जा रही है। उक्त प्रक्रिया के जिले के सभी विकासखण्डो में क्रियान्वित की जा रही है। 

मुख्यमंत्री ने दिया पुरस्कार
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने सोमवार को माधवगंज चैराहे पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सम्पूर्ण टीकाकृत बच्चों को कार्ड वितरित किए वही पहली बार ड्रा में मयूरी पुत्री राखी पिता हरिशंकर पंथी के नाम की पर्ची निकलने पर एक हजार रूपए की राशि मयूरी को मुख्यमंत्री ने प्रदाय की। 

आरबीसी के प्रकरणो में आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले की तहसीलो में लंबित आरबीसी के प्रकरणो में संबंधित तहसीलदारों को राशि आवंटित करने के आदेश जारी कर दिए है। कलेक्टर श्री ओझा के द्वारा कुल दो लाख चालीस हजार तीन सौ रूपए की राशि आवंटित की गई है। जारी आदेश में संबंधित तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि कोषालय, उप कोषालय से राशि शीघ्र आहरण कर पीडितो को ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान कराने की कार्यवाही शीघ्र सम्पादित करें और की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिन तहसीलांे के तहसीलदारों को राशि आवंटित की गई है उनमें विदिशा तहसीलदार को 42 हजार नौ सौ रूपए, बासौदा को नौ हजार सात सौ, त्योंदा का आठ हजार, नटेरन को छह हजार रूपए, शमशाबाद को 22 हजार आठ सौ रूपए, सिरोंज को एक लाख पांच हजार रूपए तथा लटेरी तहसीलदार को 51 हजार नौ सौ रूपए आवंटित किए गए है।

सेवा समाप्ति का नोटिस

कुरवाई तहसील के प्राथमिक शाला पदमयाई में पदस्थ सहायक शिक्षक श्री भजन लाल सहरिया विगत 25 जनवरी 2004 से अनुपस्थित है। सहायक शिक्षक श्री सहरिया की विभागीय जांच भी कराई गई है जिसमें वे दोषी पाए गए है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने सहायक शिक्षक श्री सहरिया को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह की अवधि दी है। उक्त अवधि में श्री सहरिया उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत नही करते है तो उनकी शासकीय सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

vidisha newsविदिशा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान से विदिशा में ट्रांसपोर्ट नगर के सम्बन्ध में चर्चा करतें हुए विदिशा ट्रक आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजय भंडारी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही विदिशा में ट्रंासपोर्ट नगर बनाने का आश्वासन दिया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जून)

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स्व. बापूसिंह डामोर पूर्व राज्यमंत्री मप्र शासन की प्रतिमा का अनावरण समारोह

झाबुआ---झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के लंबे समय तक रहे विधायक एवं पूर्व राज्यमंत्री मप्र शासन स्व. श्री बापूसिंहजी डामोर की प्रतिमा का अनावरण समारोहपूर्वक 11 जून को प्रातः 11 बजे ग्राम पिथनपुर, विकासखंड रामा में मनाया जाएगा। इस क्षेत्र के विकास पुरूष आदिवासियों के मसीहा तथा राजनैतिक अनुपम आदर्श प्रस्तुत करने वाले गरिमामय व्यक्तित्व के धनी एवं तालाब विधायक के नाम से जाने जाने वाले सरल एवं मिलन सार व्यक्तित्व के धनी पूर्व सहाकारिता राज्यमंत्री स्व. बापूसिंह डामोर, पिथनपुर की स्मृति को चिर स्थाई बनाने के लिए उनकी जन्म एवं कर्म भूमि ग्राम पिथनपुर जिला झाबुआ मं भव्य प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम रखा गया है। जिला पंचायत सदस्य रूपसिंह डामोर एवं हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री दिग्विजयसिंह, महासचिव अभा कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व मुख्यमंत्री मप्र शासन रहेंगे। अध्यक्षता कांतिलाल भूरिया, पूर्व सांसद एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में सुश्री कलावती भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष झाबुआ, महेन्द्रसिंह मालवीया, पर्वू राज्यमंत्री राजस्थान, मुजीब कुरैशी, महामंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला मेहता तथा पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेशचन्द्र जैन पप्पू भैया के करकमलों द्वारा प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस, जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस के पदाधिकारीगण, वर्तमान एवं पूर्व विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण, कांग्रेस कार्यकर्ता, ईष्ट मित्रगण एवं क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। डामोर परिवार के रूपसिंह डामोर, हुकुमसिंह डामोर, दीपसिंह, सुरसिंह, कोमलसिंह डामोर, मानसिंह, कलमसिंह, भारतसिंह, थानसिंह, पातालसिंह, केमता रतनसिंह डामोर, सलेल पठान, प्रकाश रांका, जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, राजेश भट्ट, आशीष भूरिया, कलावती मेड़ा, विनय भाबोर,  आचार्य नामदेव आदि ने सभी से इस समारोह में शामिल होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

कांग्रेस के चार विधायकों का दल एवं विषेशज्ञों की टीम 12 जून को मेघनगर दौरे पर

झाबुआ---जिले के औद्योगिक क्षैत्र मेघनगर में रासायनिक आधारित उद्योगों से प्रभावित यहां के जनजीवन के साथ जल, जमीन तथा वायु प्रदूशर्ण के बढते प्रभाव तथा बैखौफ एवं अवैधानिक रूप से चल रहे उद्योगों के प्रति प्रदेष कांग्रेस एवं राश्ट्रीय कांग्रेस ने गंभीरता से लेते हुए प्रदेष कांग्रेस द्वारा चार विधायकों का दल एवं उसके साथ विषेशज्ञों की टीम 12 जून को मेघनगर के दौरे पर आयेगी तथा इन मुददों पर सिलसिलेवार चर्चा करने के साथ विषेशज्ञगण यहां के जल, वायु तथा भूमि प्रदूशण से संबंध संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर राज्य एवं केन्द्र षासन में रखने की तैयारी पर लगे हुए है। उक्त जानकारी देते जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने बताया कि विधायक दल में मध्यप्रदेष के कसरावद जिला खरगोन के विधायक सचिन यादव, मंदसौर जिले के सुवासरा से प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक हरजीतसिंह डंग तथा बैतूल के विधायक अनिल गर्ग व राजेन्द्र चंद्रकांत राय जबलपुर के कांग्रेस विधायक का चयन कर प्रदेष अध्यक्ष अरूण यादव ने मेघनगर की ज्वलंत समस्या के समाधान हेतु उक्त दल के साथ विषेशज्ञों की टीम भी मौजूद रहेगी। श्री मेहता ने बताया कि आगामी लोकसभा एवं विधानसभा के सत्र के दौरान इस मुददे को बडी गंभीरता से राश्ट्रीय कांग्रेस एवं प्रदेष कांग्रेस अपने सांसद व विधायक के माध्यम से गंभीर मुददे उठाकर केन्द्र एवं प्रदेष सरकार को लोकहित में कार्य करने के लिये अपनी पूरी ताकत के साथ दोनों सदन में प्रदर्षन करेगी। ज्ञातव्य है कि पिछले 4 जून को जिला कांग्रेस द्वारा जीवन बचाओ अभियान के तहत एक व्यापक सम्मेलन एवं आंदोलन मेघनगर में आयोजित किया गया था। जिसमें राश्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रदेष प्रभारी मोहन प्रकाष, के अतिरिक्त प्रदेष कांगे्रस अध्यक्ष अरूण यादव, पूर्व सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के साथ अनेक राश्ट्रीय एवं प्रादेषिक नेताओं ने इस आंदोलन में षिरकत कर स्थानीय मुददे को बडी गंभीरता से उठाया। जिला कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य नामदेव ने बताया कि कांग्रेस ने जनहित के मुददे पर इस अहम पहलु को उठाकर न केवल स्थानीय लोगों के समस्याआंें के समाधान में असरकारक पहल की है वरन इससे कांग्रेस का आम लोगों में सदभावना का ग्राफ उंचा उठा है। विधायक विषेशज्ञ दल दिल्ली तथा वायु प्रदूशण से संबंध संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिये जल तथा भूमि के नमूने एकत्रित कर एवं वायु प्रदूशण से संबंध जानकारी एकत्रित करेंगे।

5 मरीजों को मोतियाबिंद, झिल्ली एवं परदे के मरीज भी चिन्हित, नेत्र परीक्षण एवं परामर्श शिविर का हुआ आयोजन

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झाबुआ---जन सेवा जर्नादन सेवा के महामंत्र को साकार करते हुए जनसेवा संघ झाबुआ द्वारा मंगलवार को गोपाल कॉलोनी स्थित गोपाल मंदिर परिसर में द्रष्टि नेत्रालय दाहौद के सहयोग से नेत्र परीक्षण एवं परामर्श शिविर लगाया गया। शिविर में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पूजा एवं सहयोगी निधि पंड्या, वाकजी चैधरी एवं संदीप ने 30 मरीजो का नेत्र परिक्षण किया। जिसमें मोतियाबिंद के पांच मरीज, एक झिल्ली एवं एक मरीज परदे की खराबी का पाया गया। एक आठ वर्षीय बच्चे को एक आंख से दृष्टिहिन् होने एवं शेष मरीजों को आगामी जांच एवं मोतियाबिंद के नि‘शुल्क ऑपरेशन के लिए दाहौद भिजवाया गया। अन्य मरीजो को चश्मे के नंबर नि‘ शुल्क निकाल कर दिए गए।

प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार को लगेगा शिविर
जनसेवा संघ के सरक्षक एचके पाठक ने बताया की अब प्रत्येक माह दूसरे मंगलवार को प्रातः 10 से दोपहर 3 बजे तक गोपाल कॉलोनी स्थित गोपाल मंदिर परिसर में निःशुल्क नेत्र परिक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर में लाला मोडि़या, मनीष त्रिवेदी आदि ने भी अपनी सराहनीय सेवाएं प्रदान की वहीं गोपाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम सिंह पुरोहित का विशेष सहयोग रहा।

जनसुनवाई में सुनी गई समस्याएं 

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झाबुआ---शासन के निर्देशानुसार प्रातः 11 बजे से जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में जनसमस्या सें संबधित आवेदन प्राप्त हुवे। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्रीमति अरूणा गुप्ता डिप्टी कलेक्टर श्री अली ने लिये। आवेदन निराकरण के लिये संबंधित विभागों को आॅनलाइन भेज दिये गये है। जनसुनवाई में बदिया पिता गलाल निवासी छोटी सजवानी तहसील झाबुआ ने शासकीय योजना के तहत तालाब निर्माण कार्य की मजदूरी का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। नरेन्द्र सिंह निवासी मेघनगर नाका झाबुआ ने अध्यापकों को 15 प्रतिशत एरियर का भुगतान करने के लिये बाबु द्वारा रिशवत मांगने की शिकायत की। सुमित्रा पति अशोक निवासी ढेकल बडी तहसील झाबुआ रसोईयन शा.बा.छात्रावास ढेकल बडी ने कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। लीला पति कानसिंह निवासी कोटवार फलिया नौगांवा तहसील मेघनगर ने रेडक्रास सोसायटी के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन दिया। लीला ने बताया कि उसके पति का थांदला के पूल पर गाडी से एक्सीडेन्ट हो जाने से शरीर में 24 फेक्चर हो गये जिनका इलाज दाहोद में चल रहा है। अभी तक 80 हजार रूपये खर्च हो चुके है। मेरा परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहा है। तीन बच्चे है एवं परिवार का कमाऊ सदस्य दुर्घटना का शिकार हो गया है ऐसे में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। अमरी पति गोरधान निवासी सुल्तानपुरा तहसील पेटलावद ने इन्दिरा आवास की राशि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। भुण्डा एवं रमेश निवासी ग्राम पंचायत नौगांवा नगला ने निस्तार तालाब निर्माण कार्य में ट्रेक्टर द्वारा किये गये कार्य का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। ग्राम कांकडकुआ के डामोर फलिया के ग्रामीणो ने फलिया में नवीन आंगनवाडी भवन स्वीकृत करवाने के लिए आवेंदन दिया। बहादुर कटारा ने आठ माह की बच्ची रूपा की कमर में हुई करीब आधा किलो की गठान का इलाज करवाने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से राशि स्वीकृत करवाने के लिए आवेदन दिया। कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने सी एम एच ओ को निर्देशित किया कि बच्ची का इलाज तत्काल प्रारंभ करवाये। 

फोन पर करवाया निराकरण
कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों का निराकरण करने के लिए कार्यालय प्रमुखों से फोन पर चर्चा की एवं निराकरण की कार्य वाही करने केलिए आदेशित किया।

मिशन इन्द्रधनुष का तृतीय चरण प्रारंभ

झाबुआ---मिशन इन्द्रधनुष का तृतीय चरण 8 जून से पूरे जिले में प्रारंभ हो गया है। अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे हुए 0-2 वर्ष के बच्चे 6467 व गर्भवती माताओं 1682 का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए कुल 793 सत्र आयेाजित किये जायेगे। इसमें 6 जिला स्तरीय आब्जर्वर व सहयोगी दलों के अधिकारियों द्वारा एवं 252 टीकाकर्मी व 45 सुपरवाइजर द्वारा कार्य किया जायेगा। प्रतिदिन जिला स्तर व ब्लाॅक स्तर पर सायंकालीन समीक्षा बैठक का आयोजन किया जावेगा। राणापुर ब्लाक के ग्राम बन के जमरा फलिया में टीकारकण बूथ पर कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता, सीएमएचओ डाॅ.अरूण कुमार शर्मा, प्रभारी टीकाकरण अधिकारी डाॅ. बर्वे, बीएमओ राणापुर श्रीमती उषा गेहलोत, ने बच्चों को पोलियों की दवा पिलाकर मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया।

अतिवृष्टि एवं बाढ नियंत्रण के संबंध में बैठक संपन्न

झाबुआ---अतिवृष्टि एवं बाढ नियंत्रण की पूर्व तैयारी के संबंध में 8 जून को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने की। बैठक में श्रीमति गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया की अतिवृष्टि होने पर ऐसे क्षेत्र जो डूब में आ सकते है उन्हे चिन्हित कर ले। स्वास्थ्य विभाग मेडीसीन की पर्याप्त व्यवस्था रखे। पशु के उपचार के लिए वेटनरी विभाग तैयारी रखे, एसडीएम एवं तहसीलदार कंट्रोल रूम स्थापित करे एवं समय समय पर सूचित करे। अस्थाई केम्प लगाने की आवश्यकता पडे तो उसकी भी तैयारी रखे। सभी संबंधित विभाग अपनी कार्य योजना बनाकर कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध करवाये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस.सहित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।

मातृ-मुत्यु दर को कम करने के लिए प्रचार प्रसार हेतु बैठक संपन्न

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झाबुआ ---मातृ-मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रचार-प्रसार करवाने के लिए एम्स द्वारा कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने की। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस सीएमएचओ डाॅ. अरूण कुमार शर्मा सहित संबंधित विभागो के अधिकारी उपस्थित थे। डाॅ. गरिमा वर्मा एम्स भोपाल ने बैठक में प्रस्तृति देते हुए बताया कि गर्भावस्था, गर्भपात, प्रसव के दौरान अथवा प्रसव के 42 दिन के भीतर होने वाली मौत माता मृत्यु कहलाती है। यदि आपके क्षेत्र में पिछले 2 साल में किसी गर्भवती महिला की मृत्यु हुई हो, तो टोल फ्री नम्बर 8827546666 अथवा 104 पर तत्काल सूचित करे। उचित सूचना देने वाले को 100 रूपये का ईनाम दिया जाएगा। बैठक में कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि एम्स द्वारा डिजाइन किये गये फोल्डर को ग्रामीण स्तर तक स्कूल, आंगनवाडी स्वास्थ्य केन्द्र, ग्राम पंचायत भवन पर चस्पा करवाये। 

पशु क्रुरता अधिनियम मे अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी रजनीश पिता जितेन्द्र पाटीदार की सूचना पर 8 जुन 15 को आरोपी पप्पू पिता मोतीलाल प्रजापति निवासी धनवास जिला राजगढ़ एवं अन्य-7, वाहन क्रमांक एमपी 39 जी-0963 में 05 केड़े व एक बोलेरो बिना नंबर की में 03 केड़े ठूंस-ठूंस कर क्रुरतापूर्वक वध हेतु गुजरात तरफ ले जा रहे थे, जिन्हें रायपुरिया की पुलिस टीम द्वारा पकड़ा गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 225/15 धारा 4,6,9 गौवंश अधि0, 11-घ पशु क्रुरता अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

घूसखोर इंस्पेक्टर समेत भ्रष्ट राज्यमंत्री के खिलाफ रपट दर्ज

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  • सवाल, क्या दोनों आरोपियों को बर्खास्त करेंगी अखिलेश सरकार 
  • राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा व घूसखोर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय के खिलाफ रपट दर्ज हो जाने के बाद भी अभी तक नहीं हो पाई कार्रवाई 

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शाहजहांपुर। काफी जद्दोजहद के बाद जांबाज शहीद पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में शामिल यूपी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा एवं घुसखोर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय सहित छह लोगों के खिलाफ धारा 302, 506, 504 और 120बी के तहत पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोप है कि फेसबुक पर राज्यमंत्री के काले कारनामों को उजागर करने के बाद उन्हीं के इशारे पर तत्कालीन कोतवाल श्री प्रकाश राय ने धर में दबिश देने के बहाने जगेन्द्र के शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने का प्रयास किया था। इलाज के दौरान सोमवार को लखनउ में के अस्पताल में मौत हो गई थी। इलाज के दौरान ही उन्होंने बयान दिया था कि पुलिस ने राज्यमंत्री के कहने पर ही उन्हें जलाया है। इस मामले की एसपी सिटी जांच कर रहे थे। उन्हीं के जांच रिपोर्ट के बाद रपट दर्ज किया गया। 

जगेंद्र सिंह की पत्नी के अनुसार, गैंगरेप सहित कई मामलों में आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति के खिलाफ जगेंद्र ने कई खबरें लिखी थी। इसके बाद उन्हीं लोगों के इशारे पर उनके पति के खिलाफ 12 मई को जानलेवा हमला और अपहरण के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बता दें, आवास विकास कालोनी निवासी जगेंद्र सिंह के घर एक जून को दोपहर करीब तीन बजे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक, शाहजहांपुर श्रीप्रकाश राय, दो दारोगा और चार सिपाहियों ने दबिश दी थी। आरोप है कि पुलिस उन्हें गिरफतार कर थाने ले जाने के बजाय मौके पर ही शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने का प्रयास किया। जब शरीर का 75 फीसदी से भी अधिक हिस्सा झुलस गया, तो पुलिस वाले भाग खड़े हुए। परिजन सहित पड़ोसियों ने आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर होने पर लखनउ के लिए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। सिविल अस्पताल, लखनऊ में इलाज के दौरान जगेंद्र ने कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नेताओं को बयान दिया कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने उन पर पहले फर्जी मुकदमा दर्ज किया और बाद में गिरफतारी की आड़ में जिंदा जलाने का प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक 12 मई को बरेली मोड़ निवासी अमित भदौरिया ने जगेंद्र सिंह के खिलाफ गाली गलौज करने, जबरन वाहन में ले जाने की कोशिश तथा जान से मारने की नीयत से फायर करने के आरोप के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस केस के सिलसिले में ही पुलिस दबिश देने पहुंची थी। 

बिहार में एईएस से अब तक 8 बच्चों की मौत

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेलाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) का कहर जारी है। इस वर्ष इस बीमारी से अब तक आठ बच्चों की मौत हो चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. ज्ञानभूषण ने मंगलवार को बताया कि इस बीमारी से मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में आज चार वर्षीय बच्चे की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है जिनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब तक 32 बीमार बच्चों का इलाज किया गया है। 

मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि एईएस के इलाज की समुचित व्यवस्था श्रीकृष्ण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्तपाल (एसकेएमसीएच) में की गई है। बीमारी की रोकथाम के लिए अन्य जगहों से भी चिकित्सक बुलाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में यह बीमारी कहर ढाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष बिहार में एईएस से 91 बच्चों की मौत हुई थी। इस बीच पटना स्थित राजेंद्र स्मारक अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआई) से विशेषज्ञों का एक दल मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचा। यह टीम मुजफ्फरपुर में दो-तीन सप्ताह रुककर विभिन्न क्षेत्रों से बीमार लोगों के रक्त सैंपल इकट्ठा करेगी।

कांग्रेस शासित राज्यों को धन नहीं दे रहा केंद्र : राहुल गांधी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों को वादे के मुताबिक धन नहीं दे रही है। राहुल ने यहां कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक के बाद मीडिया से कहा, "मुख्यमंत्रियों ने कहा कि मोदी सरकार धन के वादे तो कर रही है, लेकिन उसे दे नहीं रही है। वे (केंद्र सरकार) एक हाथ से धन दे रहे हैं और दूसरे से वापस ले रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि वे गरीबों के लिए काम करें ताकि केंद्र सरकार द्वारा छोड़ी गई खाई पाटी जा सके।  राहुल ने कहा, "केंद्र सरकार गरीबों और किसानों को भूल गई है.. मैंने अपने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा छोड़ी गई खाई को पाटने का काम करें.. गरीबों पर ध्यान केंद्रित करें।"

झूठ बोलते और यूटर्न लेते हैं मोदी : सोनिया गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डींग हांकने वाला, अतिशयोक्ति भरी बातें करने वाला, यू टर्न लेने और सरासर झूठी बातें करने वाला बताया। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर कल्याणकारी राज्य संरचना को ध्वस्त करने और सत्ता का केंद्रीकरण करने का आरोप लगाया। यहां कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह कारपोरेट सेक्टर को करों में भारी कटौती कर अप्रत्याशित लाभ दे रही है। वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ-सफाई और ग्रामीण सड़कों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों के लिए सार्वजनिक व्यय में भारी कटौती कर रही है। उन्होंने कहा, "सरकार एक 'खतरनाक दोहरा खेल'खेल रही है और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "एक ओर तो प्रधानमंत्री स्वयं को सुशासन और संवैधानिक मूल्यों के सच्चे हिमायती के रूप में पेश करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर वह अपने कई साथियों को घृणास्पद बयान देने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की अनुमति देते हैं। इससे हमारी धर्मनिरपेक्ष संरचना क्षतिग्रस्त होती है।"उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की शैली चिंता का विषय है।  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "उन्होंने कई परेशान करने वाले सवाल खड़े किए हैं.. कांग्रेस की सरकारों द्वारा दशकों में बनाए गए कल्याणकारी राज्य के ढांचे को ध्वस्त किए जाने के सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं।"उन्होंने कहा कि राज्यों को और बिना-शर्त सहायता बढ़ाने के साथ ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। 

उन्होंने कहा, "11 राज्यों, विशेष रूप से वे सात जो आज यहां पर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उन्हें योजना आयोग के खत्म होने से झटका लगा है। ये राज्य 'विशेष श्रेणी राज्य'हैं।"सोनिया गांधी ने सत्ता के केंद्रीकरण का दावा करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने परंपरा तोड़ी है और घरेलू राजनीति को विदेशों में ले गए हैं।"उन्होंने कहा, "उनके ज्यादातर बयान डींगे मारने वाले, अतिशयोक्ति और यू-टर्न भरे और सरासर झूठे होते हैं। उनके चुनावी वादों को अब उनके ही एक साथी द्वारा चुनावी जुमला करार देकर खारिज किया जा रहा है।"

विभिन्न मुद्दों पर मोदी के यू-टर्न लेने की बात करते हुए उन्होंने कहा, "कुछ मुद्दे, जैसे जीएसटी और यूआईडी पर प्रतीत होता है कि उन्होंने इनके (जीएसटी और यूआईडी) गुणों का पता लगा लिया है। लेकिन अन्य मुद्दे जैसे भूमि अधिग्रहण अधिनियम कानून-2013 और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का वह दृढ़ता से विरोध किया करते हैं, जबकि उनकी पार्टी ने पहले संसद में इन दोनों विधेयकों का समर्थन किया था।"उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जनता के हितों के खिलाफ काम करने की स्थिति में कांग्रेस से विरोध करने का आग्रह किया। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यह पहली बैठक है। 

विशेष : क्या राज्यमंत्री को बर्खास्त करेंगे अखिलेश

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जी हां, जांबाज शहीद पत्रकार जगेन्द्र मामले में आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा व घूसखोर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय के खिलाफ रपट दर्ज हो जाने के बाद भी अगर कार्रवाई नहीं हो पा रही है तो अखिलेश सरकार पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है। क्या ऐसे ही मंत्रियो, बाहुबलियों, श्रीप्रकाश राय, संजयनाथ तिवारी जैसे लूटेरा व घुसखोर इंस्पेक्टर, भ्रष्ट आईएएस अमृत त्रिपाठी व आईपीएस अशोक शुक्ला आदि के सहारे समाजवादी पार्टी 2017 की वैतरणी पार करने का सपना संजो रखी है? अगर ऐसा नहीं है तो सच सबके सामने आ जाने के बाद इंस्पेक्टर समेत राज्यमंत्री को बर्खास्त करने में इतनी देर क्यों की जा रही है

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जी हां, जांबाज शहीद पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या में शामिल राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा, जिन्होंने अपने दामन पर लगे छींटो को बचाने के लिए घुसखोर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय से जिंदा जलवा डाला, को अखिलेश सरकार बर्खास्त कर पायेंगी। यह सवाल बड़ा इसलिए भी हो गया है कि पत्रकार ने राज्यमंत्री के काले करतूतों, जिसमें बलातकार से लेकर उनकी हर घटिया हरकतों को फेसबुक पर पोस्ट किया था। जिससे चिढ़कर ही उन्होंने लूटेरा कोतवाल से घटना को अंजाम दिलवाई थी। मतलब साफ है राज्यमंत्री के खिलाफ इतने सारे आरोपों के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही न किया जाना दर्शाता है उनकी ऊंची पहुंच को। कहा जा सकता है क्या ऐसे ही मंत्रियो, बाहुबलियों, श्रीप्रकाश राय, संजयनाथ तिवारी जैसे लूटेरा व घुसखोर इंस्पेक्टर, भ्रष्ट आईएएस अमृत त्रिपाठी व आईपीएस अशोक शुक्ला आदि के सहारे समाजवादी पार्टी 2017 की वैतरणी पार करने का सपना संजो रखी है? अगर ऐसा नहीं है तो सच सबके सामने आ जाने के बाद इंस्पेक्टर समेत राज्यमंत्री को बर्खास्त करने में इतनी देर क्यों की जा रही है। खासकर उस वक्त जब प्रकरण में राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा व तत्कालीन इन्स्पेक्टर श्रीप्रकाश राय के विरुद्ध धारा 302, 504, 506, 120 बी के तहत रपट दर्ज हो गयी है। 

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फिरहाल, कहने को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ है पत्रकारिता। लेकिन हालात बता रहे है कोई स्तम्भ नहीं बल्कि रसूखदारों की बड़ाई और बखानवाजी का माध्यम बनकर रह गया है पत्रकारिता। तभी तो सच्चाई बयां करने वाले पत्रकार एक-एक कर मारे जा रहे है। माफिया, बाहुबलि, भ्रष्ट अधिकारी व भ्रष्ट नेताओं के काले कारनामों को उजागर करने वाले पत्रकारों की घर-गृहस्थी लूटे जा रहे है। बड़े पैमाने पर फर्जी मुकदमें पत्रकार पर दर्ज हो रहे है। बावजूद इसके सूबे व केन्द्र की सरकारों से इसका हिसाब क्यों नहीं लिया जा रहा। जिस कलम-स्याही व कैमरा की बदौलत सत्ता बदल दी जाती है वह आज क्यों लाचार व बेबस दिख रही? जगेन्द्र की मौत, हर किसी से यही सवाल ढोल बजा-बजाकर पूछ रही है? मतलब साफ है जगेन्द्र की मौत एक तंत्र की मौत है। इसके कारण को तलासना सबकी जिम्मेदारी है। जगेन्द्र की मौत के जिम्मेदारों को इसकी सजा मिलनी ही चाहिए। जी हां, यूपी सरकार में इन दिनों जांबाज पत्रकारों पर पुलिस-माफिया, बाहुबलि, भ्रष्ट जनप्रतिनिधि व भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ कहर बरपा रहे है। ये सभी अपने काले कारनामों को उजागर न होने देने के लिए किसी भी हद तक चले जा रहे है। जो पत्रकार इनकी काली करतूतों को उजागर करता फिर रहा है उस पर सत्ता का रौब जमाकर फर्जी मुकदमें से लेकर हत्या कराने व घर-गृहस्थी लूटवाने तक की साजिश की जा रही है। बात अखिलेश सरकार के तीन साल कार्यकाल की किया जाय तो अब तक दर्जनभर पत्रकारों की हत्या, दो दर्जन से अधिक पत्रकारों के घर-गृहस्थी लूटने व सैकड़ों पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कराएं जा चुके है। 

बड़ा सवाल तो यही है कि अमूमन पत्रकार पर हाथ डालने से ये भ्रष्ट अधिकारी पहले तो घबराते है, लेकिन जब इन्हें दलाल पत्रकारों का साथ मिल जाता है तो इनका मनोबल दुगुना हो जाता है। दलाल पत्रकारों को साजिस में लेने के बाद ये भ्रष्ट अधिकारी जांबाज पत्रकारों का न सिर्फ उत्पीड़न करते है, बल्कि हत्या जैसे अंजाम को देने से भी बाज नहीं आ रहे है। वारदात बाद ये दलाल पत्रकार उत्पीड़न के शिकार को पत्रकार न होने की बात कहकर भ्रष्ट अधिकारियों के साथ सूर से सूर मिलाने लग जाते है। हद तो तब हो गयी जब भदोही का साजिद अली अंसारी नामक दलाल पत्रकार ने पत्रकार उत्पीड़न के मामले में भ्रष्ट व लूटेरा कोतवाल के पक्ष में लिखित बयान तक दे डाला। शाहजहांपुर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। पत्रकार जगेन्द्र भ्रष्ट मंत्री और भ्रष्ट पुलिस के साथ-साथ दलाल पत्रकारों की साजिश का शिकार होकर 8 जून को लखनउ के अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि 22 मई को सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों को भेंजे पत्र में जागेन्द्र ने अपनी हत्या की आशंका जता दी थी, लेकिन कुछ हो न सका। अब इस पूरे मामले में सरकार मौन है। 

यहां जिक्र करना जरुरी है आवास विकास कालोनी निवासी जगेंद्र सिंह के घर एक जून को दोपहर करीब तीन बजे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक, शाहजहांपुर श्रीप्रकाश राय, दो दारोगा और चार सिपाहियों ने दबिश दी थी। आरोप है कि पुलिस उन्हें गिरफतार कर थाने ले जाने के बजाय मौके पर ही शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने का प्रयास किया। जब शरीर का 75 फीसदी से भी अधिक हिस्सा झुलस गया, तो पुलिस वाले भाग खड़े हुए। परिजन सहित पड़ोसियों ने आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां हालत गंभीर होने पर लखनउ के लिए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। सिविल अस्पताल, लखनऊ में इलाज के दौरान जगेंद्र ने कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नेताओं को बयान दिया कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने उन पर पहले फर्जी मुकदमा दर्ज किया और बाद में गिरफतारी की आड़ में जिंदा जलाने का प्रयास किया। पुलिस के मुताबिक 12 मई को बरेली मोड़ निवासी अमित भदौरिया ने जगेंद्र सिंह के खिलाफ गाली गलौज करने, जबरन वाहन में ले जाने की कोशिश तथा जान से मारने की नीयत से फायर करने के आरोप के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस केस के सिलसिले में ही पुलिस दबिश देने पहुंची थी। हालांकि पास-पड़ोस के लोगों का कहना रहा कि जगेंद्र के झुलसने की वारदात में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। श्री राय की भूमिका पर सवाल उठने के चलते ही एसपी ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया था। बाद में श्री राय का तबादला झांसी हो गया। बताते हैं कि वारदात के बाद से ही जागेंद्र के कई महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इस कारण उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई। खुटार क्षेत्र के मूल निवासी जागेंद्र सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते थे। वह अपने पीछे पिता, पत्नी, दो पुत्र तथा एक पुत्री को छोड़ गए थे। प्रशासन की काफी किरकिरी के बाद जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) पीके श्रीवास्तव को नामित किया है। अस्पताल में इलाज के दौरान जगेन्द्र ने बताया था कि इससे पूर्व भी 28 अप्रैल को उनके आवास के पास उनपर जानलेवा हमला किया गया किन्तु इसमें अब तक कोई कार्यवाही सिर्फ इसलिए नहीं की गयी, क्योंकि कोतवाल श्रीप्रकाश राज्यमंत्री के कहने पर सबकुछ कर रहे थे। मृत जगेन्द्र का कहना रहा कि मंत्री की तमाम गड़बडि़यों, जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने के कारण उन्हें यह सब झेलना पड़ा। 

लगातार उत्पीड़न को देखते हुए उन्होंने गत 22 मई को एनएचआरसी समेत सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों को भेंजे पत्र में अपने जानमाल के सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पत्र में कहा है कि बाहुबलि मंत्री पुलिस से मिलकर उनकी हत्या करा सकते हैं। इस समय नेता, गुंडे और पुलिस सब मेरे पीछे पड़े हैं। सच लिखना भारी पड़ रहा है जिंदगी पर। पुलिस एवं मंत्री के कुछ कारनामों का खुलासा किया तो हमला करा दिया। उनके लोगों पर रिपोर्ट दर्ज करा दी तो मंत्री ने एक स्मैकिया से मेरे खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करवा दी। 28 अप्रैल को हुए हमले में मेरे पैर का पंजा टूटा था और प्लास्टर चढ़ा हुआ था। अब पुलिस को कैसे समझाएं कि पैर टूटा आदमी अपहरण कैसे कर सकता है मारपीट तो दूर की बात है। अब पुलिस मेरे घर पर ऐसे दबिशें दे रही है जैसे मैं कहीं से डकैती डालकर कत्ल करके भागा होऊं। डीजीपी, गृह सचिव व डीआईजी बरेली सभी से मिला और मुझ पर दर्ज हुई रिपोर्ट की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन लगता है कि सपा सरकार में सारे अधिकारी मंत्री के दबाव में हैं। पत्र में कहा गया है कि विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिल रही है कि राज्यमंत्री मेरी हत्या का षड़यंत्र रच रहे हैं और जल्द ही कुछ गलत घटने वाला है। इन सवालों व जवाबों के बाद कहा जा सकता है जगेन्द्र की मौत ने पुलिस प्रशासन को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। बताते है कि पुलिस ने उनके घर में इस कदर से प्रवेश किया कि जैसे वह किसी संगीन वारदातो के हिस्ट्रीशीटर बदमाश हो। आरोप है कि पुलिस ने जगेन्द्र को घर में पकड़ कर दबोच लिया और जब वह साथ चलने को तैयार हुए तो कोतवाल श्रीप्रकाश एवं उनके हमराह भड़क उठे और पत्रकार के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जब जगेन्द्र की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी और परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो पुलिसवालो के हाथ पांव फुल गए। सबको धमकी देकर भगाने लग गए। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन के आला अधिकारी और कई अन्य पत्रकार मौके पर पहुंचे। जुगेन्द्र सिंह का बयान लिया। जुगेन्द्र ंिसह ने टीवी साक्षात्कार में उन्हें गिरफ्तार करने आए पुलिसकर्मियो पर सीधा आरोप लगाते हुए जान से मारने की बात कही। इसके बाद भी प्रशासन ने आरोपियो के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। 

बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार के तीन साल के कार्यकाल में पत्रकार की उत्पीड़न की 200 से अधिक घटनाएं हो चुकी है, जिसमें 8 जांबाज पत्रकारों की हत्या पुलिस एवं माफिया जनप्रतिनिधि करा चुके है। जबकि दो दर्जन से अधिक पत्रकारों की माफिया जनप्रतिनिधियों एवं दलाल पत्रकारों की साजिश के चलते घर-गृहस्थी लूटा जा चुका है। जांच के नाम पर यूपी के भ्रष्ट अधिकारी व पुलिस माफियाओं, लूटेरों को बचाने में फर्जी जांच रिपोर्ट शासन को भेंज रहे है। सिर्फ पत्रकार पर ही इस सरकार में हमलें नहीं हुए है बल्कि इस दौरान दंगे और अपराधों का ग्राफ कितनी तेजी से बढ़ा है यह भी किसी से छिपा नहीं है। तीन वर्ष के कार्यकाल मे लगभग 650 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं। सिपाही, दारोगा से बदसलूकी हुई है। यहाँ तक की सीओ स्तर तक के अधिकारियों के साथ “मैन-हैंडिलिंग” की घटनाएँ हुयीं है। ये दिखाता है कि लोगों मे कितना गुस्सा है इस सरकार के खिलाफ। अपराधी बेखौफ हैं और जनता मे डर बैठा है। यही है इस सरकार की तीन साल की उपलब्धि। पत्रकार जगेंद्र सिंह के मामले में राजीव शर्मा सहित पत्रकारों ने जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया है। तमाम पत्रकारों ने राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन के जरिए प्रकरण की सीबीसीआईडी से जाँच कराने, उनके परिजनों को सुरक्षा उपलब्ध कराने, जगेंद्र सिंह के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि उपलब्ध कराने की मांग की है। कहा पत्रकार पर हमला पूरी मीडिया जगत पर हमला है जिसे पत्रकार किसी भी सूरत में बर्दास्त नही करेगा। एक निर्भीक पत्रकार हैं। 





सुरेश गांधी
लखनऊ 

बिहार : रांची से पटना वाया गया...!

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  • - पटना से गया तक की दूरी कुल 92 किलोमीटर है लेकिन गर्मी के दिनों इस सफर को पूरा करना वैतरनी पार करने जैसा ही है
  • - ऐसा लगता है मानो किसी ने ब्लोवर चला दिया हो और हम बेबष और लाचार होकर इसे सहने को मजबूर हैंैै 
  • - स्थिति बदल सकती है परंतु सार्थक प्रयास अपेक्षित है


यदि आप ट्रेन सवारी के षौकिन हैं और किसी कारणवष रांची से पटना वाया गया आने का मौका मिले और वो भी तपती गर्मी में तो समझ लीजिए कि आपकी जान खतरे में है। दरअसल गर्मी के दिनों गर्म हवा का झोंका तो हर तरफ मौजूद रहता है पर गया और आसपास क्षेत्र की बात करें तो स्थिति कुछ असामान्य रहती है। जानकार बताते हैं कि भौगोलिक परिस्थिति के कारण गया में गर्मी अपने परवान पर रहती है। इस जानलेवा गर्मी के पीछे इंसानी करतूत भी कम जिम्मेवार नहीं है। पटना से गया तक की दूरी कुल 92 किलोमीटर है लेकिन गर्मी के दिनों इस सफर को पूरा करना वैतरनी पार करने जैसा ही है। ऐसा लगता है मानो किसी ने ब्लोवर चला दिया हो और हम बेबष और लाचार होकर इसे सहने को मजबूर हैंैै। हालांकि स्थिति बदल सकती है परंतु सार्थक प्रयास अपेक्षित है। 

92 किमी के इस रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ हरियाली नही ंके बराबर है और इस बाबत ट्रेन में सफर करने वाले बुद्धिजीवी लोग जिरह करते अक्सर सुने जा सकते हैं कि काष वन विभाग और रेल प्रषासन रेल ट्रैक के दोनों तरफ हरियाली की पहल कर दे तो कितना अच्छा होगा। एक तरफ जहां हरियाली आयेगी वहीं दूसरी तरफ आमजनों को गर्मी से थोड़ी राहत भी मिलेगी। बेषक यह सरकारी ख्याली पुलाव लगता हो लेकिन यदि सार्थक व ईमानदार प्रयास किए जाएं तो गया से गर्मी की बेचैनी छीनी तो नहीं हां असर को तो जरूर कम किया जा सकता है।   

चारों तरफ उजाड़ सा रहता है नजारा: रांची से पटना वाया गया जाने के क्रम में गया, जहानाबाद समेत कई अन्य महत्वपूर्ण स्टेषन आते हैं। जिसके दोनों तरफ उजाड़ जैसा ही नजारा देखने को मिलता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो यहां कई साल से हरियाली लोगों को नसीब हुई ही नहीं। ऐसे में रेल प्रषासन और वन विभाग दोनों को सामुहिक प्रयास करना होगा और कम से कम सरकारी धरा को हरा भरा किया जा सके। बेषक यह प्रयास गर्मी से राहत देने वाला हो और आमजनों के लिए एक सीख साबित हो ताकि लोग इस दिषा में अपना भी योगदान सुनिष्चित कर सकें और धरा को हरा भरा रख सके। 

क्या कहते है लोग: इस बाबत जब ट्रेन में सवार लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने एक स्वर में पौधरोपण की बात को स्वीकारी और कहा कि जितना जल्दी हो सके इसे अमल में लाया जाना चाहिए। रांची जा रहे इंजीनियर राकेष मिश्रा कहते हैं कि गर्मी के दिनों मजबूरन ही इस राह होकर गंुजरना पड़ता है। ऐसा लगता है जैसे किसी ने खिड़की के पास ब्लोवर चला दिया है। पेड़ पौधा होता तो षायद गर्मी का असर कम होता। वहीं कोडरमा जा रही रीना झा, कुमारी अंजली, सुवर्णा षिखा, नुपुर षिखा, कुमार आदित्य, दिनेष प्रसाद, राम प्रसाद तिवारी समेत अन्य ने माना कि इस क्षेत्र में पौधरोपण बेहद जरूरी है और यह प्रयास जितना जल्द हो सके रेल प्रषासन व वन विभाग को पूरा कर लेना चाहिए। वहीं बेगूसराय से गोमो जा रहे जितेंद्र सिंह व भानू प्रताप कहते हैं कि उनके क्षेत्र में रेल प्रषासन व वन विभाग के द्वारा रेल ट्रैक के दोनों ओर पौधरोपण पिछले दो साल से जारी है और उसी का नतीजा है कि रेल ट्रैक के दोनों तरफ हरियाली कायम है और लोगों को नयन सुख भी सुलभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर पटना से गया तक रेल प्रषासन व वन विभाग को त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र में भी लोगों को हरियाली नसीब हो सके। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने कई एनजीओ पर भी निषाना साधा। लोगों ने कहा कि कई ऐसे एनजीओ हैं जो पौधरोपण से जुड़े कार्य तो कर रहे हैं लेकिन नतीजा सिफर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब वक्त है बदलाव का और एनजीओ समेत अन्य निजी संस्थाओं व आमजनों को भी इस दिषा में सार्थक प्रयास करने चाहिए ताकि बदलाव सोच का हो... बदलाव भुगोल का हो...  बदलाव इंसानी करतूतों का हो।    





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कुमार गौरव, 
रांची से पटना वाया गया: 

रोजलीन खान और अभिनव कुमार ने किया सेक्सी धमाल !!

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सेक्स बॉम्ब रोजलीन खान और नवोदित आभिनव कुमार उस रोज मुम्बई के कांदिवली स्थित परवानी स्टूडियो में चल रही फैमिली सोशल थ्रिलर ‘जी लेने दो एक पल’ की शूटिंग पर मदहोशी के आलम में अपनी सारी सीमाएं लाँघ गए .....जी हाँ! यह सीक्यून्स था जब रिमी (रोजलीन खान ) गांव के सीधे सादे  युवक शेखर (अभिनव कुमार) को जाने माने फिल्म निर्माता विनोद(विरजेश हिरजी) के यहाँ एकांत पाकर  हमबिस्तर होने  के लिए प्रभोक करती है। शेखर अपनी लिमिट  में रहने की बहुत कोशिश  करता है  मगर मौसम,मौका और दस्तूर की वजह से.........वो अपने आपको  रोक नहीं पाता और हमबिस्तर हो जाता है.जिसकी.वजह से शेखर को.अपने जीवन की.बहुत बड़ी  कीमत  चुकानी पड़ती.है.

सेक्स बॉम रोजलीन खान से जब यह पूछा गया कि जिस तरह आप इस फिल्म में सेक्सी और हॉट सीन्स दे रही  है क्या यह ओवरनाइट  सफल होने का शॉर्टकट स्टंट तो नहीं  है। इस बाबत रोजलीन खान  ने कहा-‘मैं कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं रच  रही हूँ और ना ही किसी किस्म की सस्ती.पब्लिसिटी में यकीन  रखती  हूँ । मैंने  जो भी हॉट और सेक्सी सीन्स शूट किये  है  उनका ताल्लुक फिल्म की स्क्रिप्ट की डिमांड रही  है । एक मामूली लड़की रिमी की  फिल्मों में हीरोइन बनने की लालसा रखने का पूरा सफरनामा है,स्ट्रगल है। उसे अपनी छोटी -छोटी जरूरतों के लिए किन -किन रास्तों से गुजरना पड़ता है यही मेरे किरदार रिमी  की एप्रोच है ।’

हॉट और सेक्सी और इंटिमेट सीन्स कर के क्या आप सनी लियोन की कैटेगरी वाली गरमा-गरम हीरोइन  बनना  चाहती  हैं? 

रोजलीन खान  ने कहा -हाँ  यदि लोग मुझे सनी लियोनी से कमपेयर  करना चाहे  तो यह मेरे लिए कॉम्प्लीमेंट होगा। आज  जिस तरह का सिनेमा ऑडियंस पसंद  कर रही है उसमें  तो रेखा और  स्मिता पाटिल बनना किसी भी न्यू कॉमर  के लिए पॉसिबल नहीं  है.जबकि..दिली.तौर  पर रेखा  मेरी रोल मॉडल है और मैं  उसी हाइट
पर जाना चाहती हूँ .

‘जी लेने दो एक पल’ में नायक  शेखर की भूमिका निभा रहे नवोदित अभिनव कुमार  ने इस इंसिडेंट का खुलासा करते हुए बताया -‘मैं इस फिल्म में शेखर नामक युवक का संवेदनशील,भावुक रोल कर रहा हूँ  जो अपनी पत्नी सुधा(सुखबीर लाम्बा) से बेतहाशा मोहब्बत करता है मगर जब उसकी मर्दानगी को रिमी चैलेन्ज  करती है ,तो.वो ऐसा कुछ कर गुजरता है जो उसके दाम्पत्य जीवन को  हिला कर रख देता है.मेरे कैरेक्टर में विबिध  शेड्स है.यूँ तो मैंने बॉलीवुड में कई फिल्मों में अलग -अलग किरदार किये हैं. मगर बतौर हीरो मेरी यह मेरी पहली फिल्म  है।’

 कहानीकार और निर्देशक संजीव राय से जब  रोजलीन खान और अभिनव कुमार पर फिल्माए जा रहे सेक्सी और हॉट सीन्स की चर्चा निकली.तो उन्होंने कहा -‘यह  सीक्यून्स फिल्म का टर्निंग पॉइंट है स्क्रिप्ट की  डिमांड है,इसलिए  हमने इसे फिल्माया है.रोजलीन खान और अभिनव कुमार ने बहुत अच्छा परफॉर्म किया  है.निर्देशक के तौर पर मेरे.ऊपर बहुत बड़ी जवाबदेही है  मैं अनगर्ल सीन्स फिल्मा कर. अपने कैरियर को बिना वजह  की कंट्रोवरसी में कैद  करना  नहीं चाहता हूँ.श्जी लेने दो एक पल एक मार्मिक बैकड्रॉप पर आधारित है.इसमें जीवन के कई रंग  है.मुझे लगता है कि यह फिल्म हर किसी के अपने  जीवन का अहम् हिस्सा साबित  होगी।’

 इस फिल्म में अभिनव कुमार,रोजलीन खान,सुखबीर लाम्बा विरजेश हिरजी,टीनू आनंद,जरीना वहाब,अंजन श्रीवास्तव, शकीला मजीद,प्रतिष्ठा विज, राज  शाही, सूरज शाह और एहसान  खान की.मुख्य भूमिकाऍ हैं.  शरद चंद्रा जो इस फिल्म के प्रजेंटर हैं उनका कहना है -ष्मेरा सम्बन्ध शिक्षा से है कई कॉलेज और शिक्षण संस्थानों का चेयरमेन हूँ.फिल्म.में वही दिखाने का प्रयत्न किया जा रहा है जो  पारिवारिक स्तर पर देखा जा सके  अब देखना यह है ‘जी लेने दो एक पल’ में सेक्स को भुनाने की कोशिश की जा रही है या फिर  वाकई यह संवेदनशील.फिल्म है? 

आलेख : सत्ता बोले तो व्यवस्था डोले....!!​

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मैं लोकल ट्रेन में था और अखबार में खबर छपी थी कि कल रेल महाप्रबंधक ने लोकल ट्रेन में साधारण यात्री की तरह सफर किया और यात्रयिों की समस्याएं सुनी। यात्रयिों ने भी रेल व्यवस्था पर महाप्रबंधक को खूब खरी - खोटी सुनाई। लेकिन क्या आश्चर्य कि इसके दूसरे दिन भी ट्रेन में इसका रत्ती भर भी असर नजर नहीं आ रहा था।दूसरे पन्नों पर नजर डालते ही  मुझे मेरे सवालों का जवाब मिल गया। क्योंकि उन पन्नों पर दूसरे जोन के महाप्रबंधकों के भी इसी तरह साधारण यात्री की तरह लोकल ट्रेन  में सफर करने  और यात्रियों से बातचीत की खबर के साथ फोटो भी छपी थी। मतलब साफ था कि ऊपरी निर्देश पर की गई यह रस्मअदायगी थी। जैसा समय - समय पर नजर आता है। कभी यात्री सुरक्षा सप्ताह तो कभी विजलेंस व नारी सुरक्षा सप्ताह वगैरह - वगैरह।  लेकिन इससे आम यात्रियों की दशा में सुधार की उम्मीद बेमानी ही कही जाएगी। बहरहाल पिछले कुछ महीनों में जेब पर रेल- किराए का बोझ भले ही बढ़ गया हो, लेकिन कतार में खड़े होकर टिकट लेने से लेकर  डिब्बे की अपनी सीट पर बैठने तक चारों ओर भारी अराजकता व अव्यवस्था रेल महकमे में पहले जैसी ही है।

कदम - कदम पर पहले की तरह ही   अनगिनत भिखारियों की फौज। ट्रेन दो - चार स्टेशन आगे बढ़ी ही थी कि भिखारियों की टोली के बीच किन्नरों का एक दल आ पहुंचा। हाथ की ताली की असर एेसा कि खुद को भूखा - नंगा बताने वालों के लिए सिक्के न निकालने वाले हाथ बड़ी सहजता से दस - दस के नोट निकाल कर किन्नरों के हवाले कर रहे थे। हर यात्री से कुछ न कुछ वसूल कर किन्नरों का वह दल दूसरे डिब्बे में चला गया। महकमे के जिन  सुरक्षा बलों को जवाबदेह बनाने की बात हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं , उसका कोई चिन्ह भी कहीं नजर नहीं आया। पूरी यात्रा के दौरान कहीं कोई जवान दिखाई नहीं दिया। सफर के अंत में जिस बड़े शहर के स्टेशन पर उतरा , वहां काफी संख्या में जवान अपनी डयूटी जरूर बजा रहे थे। काला कोट पहने टिकट चेकर या खाकी वर्दी वाले सुरक्षा जवान इधर - उधर हो रहे थे। ज्यादातर की निगाहें शिकार तलाशती नजर आई। वैसे भी जिस तरह रेल महाप्रबंधक के ट्रेन में सफर की रस्म - अदायगी हुई , उसी तरह इससे पहले किन्नरों के खिलाफ अभियान का एेलान या कथित यात्री या महिला  सुरक्षा सप्ताह जैसे दूसरे फंडे भी आजमा कर कर्तव्यों की इतिश्री समय - समय पर की जाती रही है। एेसी कुव्यस्था को देख मेरा जी उचट गया और मैं गहरे सोच में डूब गया। क्योंकि अभी पिछले साल ही तो सत्ता परिवर्तन के दौरान रेलवे के कायाकल्प की सबसे ज्यादा उम्मीद की गई थी। लेकिन यहां हालत तो बद से बदतर जैसी ही थी।

अपने देश की एक विचित्र विडंबना है कि देश हो या प्रदेश सरकारों के बदलते ही हम व्यापक बदलाव की सहज ही उम्मीद करने लगते हैं। जबकि व्यवस्था अपने तरीके से चलती रहती है। एेसा नहीं है कि निजाम के बदलने पर व्यवस्था में कुछ भी परिवर्तन नहीं होता। जिस सूबे का राजनेता रेल मंत्री बने फिर देखिए उस सूबे में रेल की हालत। बेचारे नौकरशाह हर समय भयाक्रांत रहेंगे कि पता नहीं  कोई खास कहीं  मंत्री जी से उनकी चुगली कर दे या फिर सार्वजनिक सभा - समारोह में घुरहू - कल्लू मंत्रीजी के सामने उनकी पोल - पट्टी न खोलने लगे। लेकिन जैसे ही मंत्री बदला , व्यवस्था फिर अपने हिसाब से चलने लगती है। अब मेरे गृह प्रदेश पश्चिम बंगाल का उदाहरण लें। लगातार 34 साल के कम्युनिस्ट राज में सब कुछ लाल था लेकिन सत्ता बदलते ही सब कुछ हरा या नीला - सादा हो गया। कम्युनिस्ट राज में किसी कामरेड से फोन कराए गए बगैर सरकारी दफ्तरों का एक पत्ता भी नहीं हिलता था। आज भी सूरते हाल एक जैसी ही है। किसी बड़े टीएमसी नेता की सिफारिश - अनुशंसा के बाद ही अब आप सरकारी दफ्तरों में पत्ता हिलने की उम्मीद कर सकते हैं। अधिकारियों का वही पहले जैसा रवैया। यदि आप किसी नामचीन की सिफारिश साथ लाएं है तो आप से दो - एक बात हो सकती है। अन्यथा वही दशकों पुराना टरकाऊ रवैया। सचमुच हम भारतीयों की विचित्र विडंबना है। व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं बदले लेकिन सरकारें बदलते ही हम परिवर्तन की उम्मीद करने लगते हैं। 





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तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934 
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। 
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