यदि केदारनाथ में नरकंकाल न मिले तो मैं दे दूंगा लोकसभा से इस्तीफा
- निशंक बोले रू सरकार शवों को निकालने के बजाय मेरी बातों को झुठलाने पर तुली
- नरकंकाल मिले तो मुख्यमंत्री तय करें कि वे कितने घण्टे में देंगे इस्तीफा
- स्थानीय लोगों के साथ केदार धाम क्षेत्र में शवों को ढूँढने का काम खुद शुरू करेंगे
देहरादून,11 जून (निस)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री, हरिद्वार सांसद एवं सरकारी आष्वासन समिति के अध्यक्ष डाॅ0 रमेष पोखरियाल ‘निषंक’ ने उत्तराखण्ड कांग्रेस सरकार के रवैये पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं शुरू से इस बात को कहता रहा कि केदारपुरी में अब भी दर्जनों-दर्जन शव दबे पड़े हैं जिन्हें दो वर्ष बाद भी निकाला नहीं जा सका। उनके परिजन तब से आग्रह कर रहे हैं कि उन्हें अपनों के शवों ढुँढने में सरकार मदद करे जो कि उनके घरों में दफन हैं और सरकार शवों को निकालने के बजाय मेरी बातों को झुठलाने पर तुली हुई है। उत्तराखण्ड सरकार का बयान बहुत ही हास्यास्पद एवं दुर्भाग्यजनक है। उनकी इस संवेदनहीनता से मैं दुखी हूँ।डाॅ0 निषंक ने चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार जल्द से जल्द केदारनाथ धाम में मलबे की सफाई करवायें, यदि वहां नरकंकाल नहीं मिलते तो मैं लोकसभा से इस्तीफा दे दूंगा। इसके साथ डाॅ0 निषंक ने कहा यदि नरकंकाल मिले तो मुख्यमंत्री तय करें कि वे कितने घण्टे में इस्तीफा देंगे और देष एवं प्रदेष की जनता से माफी मांगेगे। डाॅ निषंक ने कहा कि केदारनाथ जैसे प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग के आपदा राहत कार्यों को जितनी गम्भीरता और प्राथमिकता के साथ लिया जाना था उसमे सरकार विफल रही है और दो वर्ष के बाद भी सामान्य एवं मूलभूत सुविधाओं का पटरी पर न आना साबित करता है कि सरकार जनभावना एवं श्रद्धालुओं को दरकिनार कर केवल वित्तीय आंकड़ों का खेल खेल रही है। डाॅ0 निषंक ने अपनी तीन यात्राओं का विवरण देते हुये कहाॅ कि जब मैं आपदा के तत्काल बाद केदारनाथ गया था तब भी मैंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को वहाँ की भयावह स्थिति से अवगत कराया, दूसरी यात्रा में सरकार द्वारा धारा 144 लगाकर केदारनाथ जाने में प्रतिबन्ध लगाया गया इसके बाबजूद भी मैं पैदल केदारनाथ गया अब तीसरी बार मैंने जब केदारपुरी क्षेत्र का निरीक्षण किया तो वहां मलबे में नरकंकाल के अवषेष देखे गये जिसकी पुष्टि अगले दिन ही एक नरकंकाल मिलने से हुई, यह देष के करोड़ो लोगों की आस्था पर गहरी चोट है, सनातन धर्म में आस्था रखने वालों के साथ गहरा अन्याय भी है। केदारनाथ की इस आपदा में देष के चैबीस राज्यों के 10 हजार से भी अधिक लोग हताहत हुए थे। डाॅ0 निषंक ने यह भी कहा कि अगर 15 दिनों के अन्दर सरकार ने इस दिषा में कोई कदम नहीं उठाया तो वे स्थानीय लोगो के साथ केदार धाम क्षेत्र में शवों को ढूँढने का काम खुद शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी आस्थावान लोगों से जुड़ने की अपील की।
पिता की झूठी कसम खाने से लगा पितृ दोष, इसलिए गई बहुगुणा की कुर्सी
- किरन बोले, झूठे हैं विजय बहुगुणा!
- कभी बहुगुणा के लिए सीट छोड़ चुके किरन मंडल अब छोड़ रहे तीर
- पुराना किला हासिल करने के लिए समर्थकों की फौज क्षेत्र में उतारी
देहरादून,11 जून। कभी धुर विरोधी कांग्रेस के सीएम रहे विजय बहुगुणा के लिए भाजपा विधायक की कुर्सी छोड़ने वाले किरन मंडल ने अब पूर्व सीएम को झूठा करार दे दिया है। मीडिया के सामने कभी बहुगुणा को विकास का मसीहा बताने वाले किरन अब उसी मीडिया के सामने पूर्व सीएम पर लांछन लगाने से नहीं चूक रहे। उनका कहना है कि सितारगंज सीट के लिए पिता की झूठी कसम खाने वाले बहुगुणा की कुर्सी पितृ दोष लगने से गइ्र्र है। आरोप लगा रहे हैं कि उपचुनाव के दौरान बहुगुणा ने पिता हेमवती नंदन बहुगुणा के चित्र पर हाथ रखकर कसम खाई थी कि वह हर हाल में सितारगंज का विकास करेंगे। मगर उन्होंने सितारगंज से वादाखिलाफी की है। उनके इन्हीं करमों के चलते मुख्यमंत्री की कुर्सी छूटी और राजनीतिक करियर भी चैपट होने की कगार पर पहुंच गया है। किरन का यह रूख अचानक नहीं हुआ है। पहले भी कई मामले मंें वह बहुगुणा के फैसलों पर सवाल उठा चुके थे। दूरियां बढ़ने लगी और एक वक्त ऐसा भी आ गया, जब किरन ने विजय बहुगुणा पर अपने और सितारगंज क्षेत्र के लोगों से विश्वासघात करने जैसा आरोप भी मढ़ दिया है। इससे पहले विस चुनाव के बाद बहुगुणा की ताजपोशी और भाजपा विधायक किरन मंडल की दोस्ती भाजपा के लिए सिर दर्द बन चुकी थी। विस चुनाव के दौरान सितारगंज के जातीय समीकरणों को देखते हुए बीजेपी ने किरण मंडल को प्रत्याशी के तौर पर उतारा था, भाजपा को उसका फायदा भी भरपूर मिला। किरन ने भारी मतों से सितारगंज सीट कब्जाई। उनकी कामयाबी पर विरोधी ही नहीं, खुद पार्टी के कई नेता हैरान रह गए। पार्टी उनकी जीत का जश्न और विरोधी हार का गम में डूबे थे कि किरन का मन डोल गया। इधर, विधान सभा चुना 2012 में जीत के बाद कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी ने पार्टी में गुटबाजी को तोड़ने के लिए दिग्गजों को परे हटा दिया। सोनिया ने बेहद चतुराई से काम लेते हुए तब के उभरते नेता और अपने खास रहे विजय बहुगुणा को राज्य की कमान सौंप दी। विजय को सीएम की कुर्सी मिलने के बाद पार्टी में विरोध हुआ तो विरोधियों ने भी चूके कांग्रेसी दिग्गजों की जमकर चुटकी ली। भाजपा और क्षेत्रीय दलों को यह आभास भी नहीं था कि बहुगुणा विरोधियों को मात देने के लिए चालें बिछाने में जुट गए। इसी बीच किरन मंडल से उनकी नजदीकी कांग्रस में उनके विरोधी और भाजपा में मंडल विरोधियों को अखरने लगी। दोस्ताना इतना बढ़ा कि ताजपोशी के बाद सुरक्षित सीट की तलाश में भटक रहे बहुगुणा के लिए खुद मंडल ने अपनी सीट छोड़ने का फैसला कर डाला। वे सीट छोड़कर बहुगुणा के पाले में आ गिरे। बहुगुणा ने भी उनके बलिदान का फल उन्हें कुमाउं मंडल विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर दे दिया। इस कदम से भाजपाई इस कदर खफा हुए कि उन्हें किरन का नाम तक लेना छोड़ दिया। वक्त बीतने के साथ विजय बहुगुणा से मनमुटाव बढ़ता देखकर किरन बचाव की मुद्रा में आ गए। किरन को मलाल है कि उन्होंने जिस मकसद से राज्य के तत्कालीन सीएम के लिए अपनी विधायकी छोड़ी, अब वहीं बहुगुणा उनके क्षे़त्र की समस्याओं को लेकर बेपरवाह बनते जा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद सितारगंज को उसका वाजिब हक नहीं मिल पाया है। इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए बहुगुणा से मिले जख्मों को सहला रहे मंडल अब अगले चुनाव की ओर देख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो किरन अगले चुनाव के लिए बेहद सतर्क हैं। अपने पुराने किले को हासिल करने के लिए उन्होंने समर्थकों के जरिए जनता का मन टटोलना शुरू कर दिया है।
जन सूचना अभियान के दूसरे दिन स्वास्थ्य, बालिका विकास योजनाओं पर बल
देहरादून,11 जून (निस)। रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) देहरादून द्वारा 10 जून से शुरू हुए जन सूचना अभियान का दूसरा दिन आज स्वास्थ्य और बालिका विकास योजनाओं को समर्पित रहा। इस अवसर पर एक स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें दो आयु वर्ग, 0-2 वर्ष और 2-5 वर्ष में कुल 62 शिशुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर रुद्रप्रयाग जिले में एनआरएचएम के जिला कार्यकम प्रबंधक डा0 हिमांशु नौडियाल ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने खासतौर पर संस्थागत प्रसव पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए यह जरूरी है कि लोग सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव कराएं। महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाने ले जाने सहित मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने टीकाकरण के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, रुद्रप्रयाग के जिला कार्यकम अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले को बालिकाओं की सहायता के लिए गत वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 47 लाख 50 हजार रूपए की धनराशि प्राप्त हुई है। इसके तहत जिले में 2010 के बाद गरीबी रेखा से नीचे जन्म लेने वाली हरएक बालिका के नाम सरकार की तरफ से 15000 रुपये की धनराशि फिक्स डिपोजिट में जमा की जा रही है जिसे वह 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर निकाल सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 1650 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर बाल विकास विभाग ने 6 बालिकाओं को एफडी सर्टिफिकेट प्रदान किए, जिन्हें 18 वर्ष के बाद भुनाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में जखोली क्षेत्र पंचायत प्रमुख, श्रीमती राजकुमारी रावत ने अपने संबोधन में कहा कि सरकारी अंशदान के कारण कृषि विभाग के पर्वतीय हल क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसे में कृषि विभाग को ये हल अधिक से अधिक संख्या में उपलब्ध कराने चाहिए। क्षेत्र पंचायत जखोली के ही कनिष्ठ प्रमुख कमल सिंह रावत ने भी पर्वतीय हलों की ज्यादा संख्या में उपलब्ध कराए जाने की मांग की। इस अवसर पर कृषि विभाग के हरि प्रसाद वशिष्ठ ने कहा कि पर्वतीय हल के लोहे के बने होने कारण इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए विभाग ने जिला स्तर पर इनकी आपूर्ति बढ़ाए जाने का आग्रह किया है। उपलब्ध होने पर ये हल न्याय पंचायतवार वितरित कर दिए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि संदीप ने अपने विभाग द्वारा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना सहित चलाई जा रही अन्य योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन विभाग के मुंशी चेमवाल ने ग्रामीणों से कहा कि वे अपने मकानों के निर्माण में भूकंपरोधी तकनीक अपनाएं ताकि भूकंप आने पर जानमाल का नुकसान कम से कम हो सके। स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आज के कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण रही, जिसमें 0-2 वर्ष आयु वर्ग में गुलिका प्रथम, आयुषी द्वितीय व राधिका तृतीय स्थान पर रही। 2-5 वर्ष आयु वर्ग में गंुजन ने प्रथम, सोफिया ने द्वितीय और राखी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को जखोली क्षेत्र पंचायत प्रमुख, श्रीमती राजकुमारी रावत द्वारा पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर जय नंदा लोक कला केन्द्र अल्मोड़ा, आंचल कला केन्द्र हल्द्वानी और उत्तर प्रदेश के सीतापुर से आए मुन्ना जादूगर द्वारा रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। अभियान स्थल पर प्रदर्शनी खण्ड में लगे स्टाॅलों में दर्शकों की भीड़ जुटी रही।
असत्य बोलने में महारथी हैं भाजपाई
- मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बोला हमला
- कहा, सीएम को बदनाम करने की कोशिश में जुटी भाजपा
देहरादून,11 जून (निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा है कि भाजपा नेता रुद्रपुर एजेंडा पर ही प्रदेश में राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत साल रुद्रपुर में जो कुछ हुआ, वह हरीश रावत के विरुद्ध दुष्प्रचार करने के लिए किया गया; यह सोची समझी रणनीति के तहत था। भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में सभी भाजपा नेताओं और विधायकों ने प्रस्ताव पारित कर कहा था कि कि प्रदेश में हरीश रावत मुख्यमंत्री बने रहे, तो भाजपा की सत्ता में वापसी नमुमकिन है। इसके लिए सभी भाजपा नेता सरकार को बदनाम करने के लिए बेबुनियाद आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। भाजपा नेताओं केवल एक बात जानते हैं, असत्य बोलो, जोर से बोलो, साहस से बोलो, इसीलिए वो जो भी बात बोलते है, जोर से बोलते है, हजार बार असत्य बोलते हैं। इसका लोक सभा चुनाव के दौरान सफलतम प्रयोग भाजपा नेताओं ने किया है। उन्होंने कहा था कि अच्छे दिन आयेंगे, जो आज तक नहीं आए। कालाधन आज तक नहीं आया। कहा था कि 15 लाख हर नागरिक के खाते में आएंगे। जम्मू-कश्मीर में जो हुआ, वो सबके सामने है। लोक सभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने जो वायदे किये, वो असत्य साबित हुआ है। भाजपा के शीर्ष नेताओं को असत्य बोलने का प्रशिक्षण राज्य के नेताओं को भी दे दिया है, कि असत्य बोलो, हजार बार बोलो। भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार और ईमानदारी के मामले में दो लोगो से सर्टिफिकेट लेना चाहिए। एक तो बाबा रामदेव, जिन्होंने कहा था कि भाजपा के नेता ने उनसे 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। भाजपा के सबसे जरूरी नेता ने अपने मुख्यमंत्री को देश का भ्रष्टतम मुख्यमंत्री बोला था, उनका सर्टिफिकेट भी लेना चाहिए। राज्य को मिलने वाली आर्थिक सहायता पर भी मीडिया प्रभारी ने भाजपा की खूब खिंचाई की। उन्होंने राज्य को आर्थिक सहायता देने पर भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कहा कि जिस तरह योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग बनाया गया था, उसको भी अब नेशनल कन्फ्यूजन कमिशन बनाकर रख दिया गया है। राज्य को होने वाले आर्थिक संसाधनों के बंटवारे में यदि किसी विशेषज्ञ की राय नही लेनी है, तो नीति आयोग बनाया ही क्यों गया था। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल, जिसके मुख्यमंत्री भी सदस्य हैं और नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की भूमिका भी एक वर्ष बीतने के बाद भी तय नही हो पायी है। नीति आयोग को लेकर राज्यों के साथ मजाक किया जा रहा है। यह संघीय व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने पत्रकारों को केन्द्रीय बजट के बंटवारे का 2014-15 और 2015-16 के विभिन्न योजनाओं/परियोजनाओं का तुलनात्मक आंकड़े भी जारी किए। कहाकि राज्यों को विभिन्न मदों में 75 हजार करोड़ की कटौती की गई है। उस पर भी भाजपा नेता पुनः साहस के साथ असत्य बोल रहे हैं कि फंडिग पैटर्न में बदलाव नहीं है। उत्तराखण्ड को विशेष राज्य के दर्जे के तहत मिलने वाली सहायता 90ः10 के अनुपात में होगी, उसे भी बदल दिया गया है। उन्होंने भाजपा नेताओं से प्रश्न किया कि वे अपने केन्द्रीय नेतृत्व से पूछकर बताएं कि आर्थिक संसाधनों के बटवारे में नीति आयोग की क्या भूमिका है और एक साल बीतने के बावजूद यह अब तक तय क्यों नहीं हो पाई।
मियांवाला में धर्म स्थल पर आगजनी!
- संदिग्ध हालात में आग लगने के बाद हंगामा
- तनाव को देखते हुए तैनात की गई फोर्स
- दोनों पक्षांे ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
देहरादून,11 जून (निस)। डोईवाला थाना क्षेत्रा मियांवाला में बृहस्पतिवार सुबह एक धर्म स्थल पर संदिग्ध परिस्थितियांे में आग लग गई। इसके बाद जुटे दूसरे समुदाय के लोगों ने हंगामा कर दिया। इससे पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। सूचना पर तुरंत पहुंची पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा मुस्तैद कर दी। तनाव के बावजूद स्थिति नियंत्राण में बताई जा रही हैै। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर जानबूझ कर धर्मिक स्थल में आग लगाने के आरोप लगाए हैं। एक पक्ष का कहना है कि इस धर्मिक स्थल को अभी कच्चा बनाया गया है, लेकिन आगजनी का षडयंत्र रच कर इसे पक्का करने की कोशिश की जा रही है। हंगामे की शुरूआत आज सुबह उस वक्त हुई जब मियांवाला में हाल में बनाए एक धर्मिक स्थल पर आग लगने की सूचना गांव के लोगों को मिली। सूचना मिलने पर एक वर्ग के लोग एकत्रित होने लगे और हंगामा करने लगे। इनका कहना था कि जानबूझ कर उनके धर्मिक स्थल पर आग लगाई गयी है, जिससे समुदाय इस स्थान खाली कर दे। लोगांे का कहना था कि लंबे समय से यहां अपने धर्मिक काम कर रहे हैं। कुछ लोग यहां उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि यह विवादित स्थल है। यहां माहौल बिगाड़ने के लिए ही इस धर्मिक स्थल का निर्माण किया गया है। विरोध के बावजूद भी एक पक्ष इस निर्माण को पक्का करना चाहता है। आरोप लगाया गया है कि इस निर्माण स्थल को पक्का करने के लिए खुद ही एक समुदाय ने आग लगाई है ताकि माहौल को गर्माया जा सके और इसकी आड़ में यहां पक्का निर्माण करा लिया जाए। वहीं दो पक्षांे के बीच धार्मिक तनाव के बाद डोईवाला पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को भी बुलाया गया। फिलहाल पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह से दोनों पक्षांे को शांत कराया। पूरे क्षेत्र में पुलिस बल को तैनात किया गया है, साथ ही तनाव फैलाने या गड़बड़ी फैलाने वालांे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
ओएनजीसी में धमाका, एक की मौत
- एसी ठीक करते वक्त हादसा, तीन अन्य घायल
देहरादून,11 जून (निस)। ओएनजीसी में बृहस्पतिवार सुबह एसी का कम्प्रेशर फट जाने से एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को ओएनजीसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मौके पर पहुंची दमकल और पुलिस ने इलाके को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक ओएनजीसी स्थित इंडियन ड्रिलिंग टेक्नालाॅजी में एक टू जेड कंपनी के तीन कर्मचारी महिपाल खत्री, सुनील चैधरी, चंद्र सागर और विपिन कुमार एसी का काम कर रहे थे। इसी दौरान एक कम्प्रेशर में अचानक धमाका हो गया। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि महिपाल निवासी लक्ष्छीवाला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुनील चैधरी का कान फट गया। इसके अलावा चंद्र सागर और विपिन कुमार बुरी तरह झुलस गए। धमाके की आवाज सुनकर ओएनजीसी कर्मचारी और सुरक्षा स्टाफ में हड़कंप मच गया। जान बचाने के लिए भगदड़ मच गई। तुरंत दमकल और पुलिस को सूचना दी गई। आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने मौजूद लोगों की मदद से घायलों को ओएनजीसी अस्पताल में दाखिल कराया, जबकि महिपाल का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस धमाके की छानबीन के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाकर सुराग जुटाने की कोशिश में जुटी थी।
देव भूमि का दिव्यलोक है कैंची धाम
- कैंची धाम में इस बार भी लग रहा है भव्य मेला
- 15 जून को भंडारे में हजारों भक्त चखेंगे प्रसाद
नैनीताल। हिमालय की गोद में रचा बसा उत्तराखंड वास्तव में दिव्यलोक की अनुभूति कराता है। यहां के कण-कण में देवताओं का वास है। पग-पग पर देवालयों की भरमार है, ऐसे में एक बार यहां भ्रमण को आने वाला पर्यटक दूसरी बार भी आने की चाहत रखे लौटता है। यहां की शांत वादियों में घूमने मात्र से सांसारिक मायाजाल में घिरे मानव की सारी कठिनाइयों का निदान हो जाता है। उत्तराखंड के देवालयों में आने वाले सैलानियों की तादाद दिनों दिन बदलती जा रही है। तीर्थाटन की दृष्टि से ऐसे मनोहारी स्थान राज्य के आर्थिक विकास में खासे उपयोगी हैं, हां, यह अलग बात है सरकारी उपेक्षा के चलते राज्य में अभी कई सुंदर स्थान ऐसे हैं, जो सरकार की आंखों से ओझल है; इस कारण कई पर्यटक स्थलों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही रमणीय स्थानों में बाबा नीम करोली महाराज का कैची धाम है। यह राज्य में पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता है, यहां पहुंचकर असीम सुकून मिलता है। नैनीताल से 20 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा राजमार्ग पर हरी-भरी घाटियों के बीच बसे इस धाम में यूं तो पूरे साल सैलानियों का जमावड़ा रहता है, लेकिन 15 जून का यहां खास महत्व है। इस दिन यहां विशेष पूजा-पाठ के साथ भंडारा आयोजित किया जाता है। इसमें कुमाऊं के इलाकों के साथ साथ बाहरी पर्यटक भी पहुचते हैं। यहां बाबा नीम करोली की शरण में शीश नवाने के लिए भक्तों की भीड़ हजारों में उमड़ती है। नीम करोलीबाबा की महिमा न्यारी है। भक्तजनों की माने तो बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि बाबा के बनाए सारे मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। नीम करोली धाम को बनाने के संबंध में कई रोचक कथायें प्रचलित हैं। बताया जाता है कि 1962 में जब बाबा ने यहां की जमीन पर अपने कदम रखे तो जनमानस को हतप्रभ कर दिया। एक कथा के अनुसार माता सिद्धि और तुला राम के साथ बाबा किसी काम से रानीखेत से नैनीताल जा रहे थे, अचानक कैंची धाम के पास उतर गए। इसी बीच उन्होंने तुलाराम को बताया कि श्यामलाल अच्छा आदमी था, तुलाराम को यह बात अच्छी नहीं लगी, क्योंकि श्यामलाल उनके समधी थे। भाषा में ज्येष्ठ के प्रयोग से वे बहुत बेरुखे हो गए और गंतव्य स्थान की और चल दिए। कुछ समय के बाद ही उन्हें जानकारी मिली कि उनके समधी का निधन हो गया। यह चमत्कार ही था कि बाबा ने पहले ही जान लिया कि उनके समधी का बुलावा आ गया है। एक दूसरी घटना के अनुसार 15 जून को आयोजित विशाल भंडारे के दौरान घी कम पड़ गया। बाबा के आदेश पर पास की नदी का पानी कनस्तरों में भर कर प्रसाद बनाया जाने लगा। प्रसाद में डालते ही पानी अपने आप आप घी में बदल गया। इस चमत्कार से भक्त जन नतमस्तक हो गए। तभी से उनकी आस्था और विश्वास नीम करोली बाबा के प्रति बना है। नीम करोली बाबा का यह आश्रम आधुनिक जमाने का धाम है। यहां मुख्य तौर पर बजरंगबली की पूजा होती है। इस जगह का नाम कैची यहां सड़क पर दो बड़े जबरदस्त हेयरपिन बैंड (मोड़) के नाम पर पड़ा है। कैेची नैनीताल से 17 किमी दूर भुवाली से आगे अल्मोड़ा रोड पर है।
ऐसे होंगे इंतजाम
मेले के लिए रानीखेत और अल्मोड़ा डिपो से रोजाना खासतौर पर कैंची धाम के लिए बसें चलाई जाएंगी। कैंची धाम गेट के बाहर पुलिस थाना और खोया-पाया केंद्र भी खोला जाएगा। सुरक्षा के लिए पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे से लैस होगा। जेबकतरों की धरपकड़ के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। प्रशासन ने 14 से 16 जून तक पूरे परिसर को कटौती मुक्त रखने का ऐलान किया है। जल संस्थान 13 जून में धाम परिसर में तीन स्टैंड पोस्ट शुरू कर देगा। एक टैंकर मंदिर मुख्य गेट और दूसरा अल्मोड़ा की ओर रखा जाएगा। सफाई भवाली पालिका और नेनीताल निगम अफसर कराएंगे।
बीडीसी सदस्यों की शिकायतों व सुझावों पर दे ध्यानः सीएम
देहरादून,11 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को बीडीसी की बैठकों में सम्मलित होकर बीडीसी सदस्यों की शिकायतों व सुझावों पर ध्यान देने को कहा है। विभागीय अधिकारी विभागीय योजनाओं के प्रभारी क्रियान्वयन के लिए पूरा होमवर्क करें। विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आम जनता को मिले। इसके लिए कारगर पहल की जाये। उन्होनें अधिकारियों को निर्देश दिये कि वें क्षेत्र में जाकर जन समस्याओं को सुनें तथा उनका निराकरण भी सुनिश्चित करें। सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से बीडीसी की बैठकों में प्रतिभाग करें, जो अधिकारी बीडीसी की बैठक में प्रतिभाग करने से कतराते हैं, उनकी सूची सरकार को उपलब्ध करायी जाये, ताकि उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मेरा गांव मेरा धन योजना, मेरा गांव मेरी सड़क योजना शुरू की है। इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए। पेंशन योजनाओं का लाभ सभी को मिले इसके लिए गांव-गंाव में कैम्प लगाये जाए। वन विभाग ध्यान दे कि जंगलों में आग न लगने पाए, आग लगने के बाद प्राकृतिक जल स्रोत प्रदूषित न हो, इसके लिए पेयजल, वन, जल संस्थान, स्वजल आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। नैनीताल के अधिक से अधिक ग्रामों को निर्मल ग्राम बनाने के लिए शत प्रतिशत शौचालय से आच्छादित कर दिया जाये। समाज कल्याण की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन के अलावा निराश्रित महिलाओं के लिए शुरू की गई पेंशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होनंे समाज कल्याण के अधिकारी केसी कफौला को निर्देश दिये कि वे समाज कल्याण योजनाओं की पेंशन योजनाओं का भुगतान आॅनलाइन खातों में करना सुनिश्चित करें। विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं को उनके द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर ही पेंशन जारी करें। उन्होनें गौरा देवी कन्या धन योजना, हमारी कन्या हमारा परिवार तथा विधवा की पुत्री की शादी के लिए दिये जाने वाले अनुदान के शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किये जाने के आदेश दिये। उन्होनें कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की पुत्री की शादी के अनुदान दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए संदर्भित करें। उन्होनें कहा कि मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के उत्थान तथा नशामुक्ति केन्द्रों को खोले जाने के लिए सोसाइटी एवं एनजीओ के माध्यम से संचालन करने का प्रस्ताव शासन को भिजवायें। उन्होनें बाल विकास विभाग से कहा कि गर्भवती महिलाओं को मंडुआ, काला भट्ट, व आयोडिन नमक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होनें शिक्षा महकमें के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लम्बे समय से गैरहाजिर चल रहे शिक्षकों को तत्काल बर्खास्त करने की कार्यवाही अमल में लायें। शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार करें। आगामी कक्षा में जाने वाले बच्चों का बौद्धिक परीक्षण अवश्य करें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विद्युत विभाग के अधिक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि सिंगल फेस विद्युत लाइनों से दिये जा रहे लो वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें तथा क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को 24 घण्टे के भीतर बदले जाने तथा ढीलें तथा झूलते हुए बिजली के तारों को तत्काल दुरूस्त करने की हिदायत दी। उन्होनें लघु सिंचाई महकमें के अधिकारियों से कहा कि वह सबसे पहले क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ करें। इसके लिए धनराशि नाबार्ड से दी जायेगी। श्री रावत ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह इस प्रकार की प्रजातियों के पौधों का रोपण कराये, जिससे मौन पालन व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। उन्होनें कहा कि प्रदेशभर के जंगलों में आग लगी है। वन सम्पदा क्षतिग्रस्त हो रही है। ऐसे में वन महकमें को जन सहयोग के माध्यम से वनों की आग को बुझाने एवं उसकी सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। उन्होनें वन प्रभागों की अधिक से अधिक प्रजाति के पेडों की नर्सरी तैयार करने को भी कहा। समीक्षा बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, संसदीय सचिव एवं विधायक सरिता आर्य, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयागदत्त भट्ट, सदस्य मलिन बस्ती सुधार समिति खजान पाण्डे, हरीश पुनैरू, मारूती साह, रामसिंह कैडा के अलावा आयुक्त कुमायूं एएस नयाल, डीआईजी पुष्कर सिंह सैलाल, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी डी सैंथिल अबुदई, मुख्य विकास अधिकारी ललित मोहन रयाल, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत एचके गुरूरानी, जेआर गुप्ता जलसंस्थान, मुख्य अभियन्ता लोनिवि बीसी बिनवाल, संभागीय परिवहन अधिकारी एसके सिंह, जिला विकास अधिकारी अमर सिंह गुंज्याल, अपर निदेशक कृषि अंजनी कुमार उपाध्याय, सचिव झील विकास प्राधिकरण श्रीष कुमार, सलाहकार मुख्यमंत्री संजय चैधरी के अलावा बडी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
16 जून को उत्तराखण्ड ‘‘आपदा स्मृति दिवस‘‘ घोषित किया जाय
देहरादून,11 जून (निस)। उत्तराखंड के इतिहास में हमेशा एक खौफनाक याद की तरह पूरे देशवासियों के दिलो-दिमाग पर हावी है। इस दिन उत्तराखंड में आई आपदा को पूरी दुनिया में वर्तमान तक आईं आपदाओं में से एक महाआपदा कहा जाना गलत न होगा। प्रकृति के इस रौद्र रूप की चपेट में आने से पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाली चारधाम यात्रा केे दौरान राज्य ही नहीं अपितु देश-विदेश के विभिन्न स्थानों से आए करीब 10 हजार श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऐसे में हर साल 16 जून की तारीख को असमय अपनों को छोड़ कर चले गए लोगों की याद आना स्वाभाविक है। हिमालय क्षेत्र में स्थित राज्यों में उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से सबसे अधिक संवेदनशील राज्य है। देश की आजादी के बाद हिमालयी राज्यों में अभी तक आईं सभी प्राकृतिक आपदाओं के इतिहास पर नजर डालें तो जून, 2013 की उत्तराखंड आपदा में सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान हुआ। दुनिया में कुछ जगहों पर अनायास ही किसी आपदा या अन्य कारणों से लोगों की जान जाने पर उनकी यादों को संजोए रखने के लिए हादसे की तिथि और स्थान पर बने स्मृति स्थल पर उन्हें याद किया जाता है। 26 नवम्बंर, 2008 में मुबंई में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में चवार्ड हाउस में एक म्यूजियम बनाया गया है। 9 नवम्बर 2011 को अमेरिका के न्यूयार्क में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में अमेरिका की सरकार ने एक ऐतिहासिक एजुकेशनल म्यूजियम का निर्माण किया है। इन स्थानों पर हर साल तय दिवस पर परिजन और देशवासी अपने लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचते हैं।
समाजसेवी अनूप नौटियाल ने कहा कि जून 2013 की उत्तराखंड आपदा के स्मरण और मृतकों को सम्मान देने के लिए आप मेरी निम्न दो मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करेंगे। 16 जून को ‘उत्तराखंड आपदा स्मृति दिवस’ घोषित किया जाए। उत्तराखंड 2013 आपदा में सबसे अधिक नुकसान केदारनाथ क्षेत्र में हुआ था इस लिए ‘उत्तराखंड आपदा स्मरण स्थल’ बनाए जाने के लिए गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग या केदारनाथ में कहीं पर भी स्थान चयनित किया जा सकता है। गुप्तकाशी इन स्थानों में सर्वाधिक उप्युक्त स्थान इस लिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि इस स्थान से केदारनाथ यात्रा की शुरूआत होती है और यहां पूरे साल आवागमन जारी रहता है।
मोदी ने की देश मे नए युग की शुरूआतः शर्मा
देहरादून,11 जून (निस)। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व गुजरात प्रभारी डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि देश में मोदी के शासन ने एक नए युग की शुरूआत की है। उनके शासनकाल में मंहगाई और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि मोदी की विकासपरक सोच भारत को विकास के चरम तक ले जाएगी। गुरूवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि मोदी के एक वर्ष के शासन काल में ही भारत तरक्की के मार्ग पर चल निकला है। दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साल में 18 देशों की यात्रा कर अमेरिका व चीन जैसे देशों में भारत की नीतियों का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि भारत के मेक इन इंडिया से तमाम विश्व राष्ट्र प्रभावित हुए है। योग को विश्व भर में नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ-सबका विकास के नारे को अमली जामा पहनाते हुए सामाजिक सुरक्षा के लिए तीन बीमा योजनाएं एक साथ शुरू की है। आम आदमी को जनधन योजना के माध्यम से अर्थ व्यवस्था से जोड़ा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत,नमामि गंगे जैसी अनेक योजनाएं शुरू की है। जिनका आगामी समय में देशवासियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी के कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार का आरोप सरकार पर नहीं लगा है। कोल ब्लाक आबंटन से एक साल में दो लाख करोड़ रूपये सरकार के खजाने में आये हैं तथा स्पेट्रम से एक लाख करोड मिले हैं जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हर संसद सदस्य को अपनी विकास निधि से 2016 तक एक गांव को सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य शिक्षा, स्वरोजगार और उन्नत प्रोद्योगिकी से लैस करना होगा। 2019 तक तीन गांवों को चमकाना होगा। मोदी सरकार ने आपदा पीडि़त किसानों को डेढ़ गुना मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह अच्छे दिनों की अच्छी शुरूआत है।
कार खाई में गिरने से डाक्टर की मौत,तीन गंभीर
देहरादून,11 जून (निस)। देर रात जौनपुर ब्लॉक के अंतर्गत थत्यूड़ के समीप कार के खाई में गिरने से थत्यूड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. कुलदीप नेगी ( 28 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना में अन्य तीन लोग घायल हो गए हैं। सभी घायल थत्यूड़ अस्पताल के कर्मी हैं। जिन्हे उपचार के लिए मसूरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। देर रात करीब दो बजे सीएसची से अल्टो कार नंबर यूके 07-बीई- 6485 में चिकित्सक के साथ तीन अन्य कर्मी कार से कैंप्टीफाल की तरफ को निकले। कार डॉ. नेगी स्वयं ही चला रहे थे। थत्यूड़ से करीब एक किलोमीटर आगे बिजलीघर के पास कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पैराफिट को तोड़ती हुई करीब सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में डॉ. नेगी की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य सवार में लैब तकनीशियन उम्मेद सिंह, नेत्र सहायक वैभव उनियाल व अन्य कर्मी जयशरण रतूड़ी बुरी तरह घायल हो गए। सूचना पर आसपास के ग्रामीणों के साथ ही पुलिस मौके पर पहुचीं। सभी घायलों को खाई से निकालकर मसूरी अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया,जबकि मृतक डाक्टर का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि डॉ. नेगी मूल रूप से टिहरी जनपद के कीर्तिनगर के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनके परिजन अमृतसर में रह रहे हैं। परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गयी है।
ग्रामीणों ने लगाया बदरीनाथ हाईवे पर जाम
देहरादून,11 जून (निस)। मलेथा में क्रशर के खिलाफ चल रहे आंदोलन की कड़ी में गुरूवार को ग्रामीणों ने डेढ़ घंटे बदरीनाथ हाईवे पर जाम लगाया। इस दौरान काफी संख्या में वाहन भी जाम में फंसे रहे। मलेथा में स्टोन क्रशर के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीण पिछले साल अगस्त माह से आंदोलन कर रहे हैं। पिछले छह जून को आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों को जबरन उठाने को जब पुलिस पहुंची तो वहां खूब हंगामा भी हुआ। इसके बाद आंदोलनकारियों ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए दोषी अधिकारियों को हटाने की मांग भी अपनी मुख्य मांगों में शामिल कर दी। गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे से दोपहर एक बजे तक आंदोलनकारियों ने बदरीनाथ हाईवे पर जाम लगाया। जाम के चलते हाईवे पर यात्री भी फंसे रहे। जाम की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक जाम ग्रामीणों ने स्वंय खोल दिया।
जंगलों की आग बरपा रही कहर
अल्मोड़ा,11 जून (निस)। जंगलों की आग आसपास के इलाकों में कहर बरपा रही है। आग से धधक रहे जंगल को बचाने के लिए महिला ने जान की बाजी लगा दी। बेकाबू लपटें गांव की सरहद पर घास के ढेर तक पहुंची तो हालात और बिगड़ गए। देखते ही देखते लपटों में झुलस जाने से उसकी मौत हो गई। उसे बचाने के प्रयास में भोजनमाता भी बुरी तरह झुलस गई। उधर भनोली कस्बे के पास स्थित जंगल में लगी आग में लोक निर्माण विभाग का डाकबंगला राख हो गया। पहली घटना ताड़ीखेत ब्लॉक के सुदूर मोवड़ी ग्राम पंचायत के भुइना तोक की है। सिविल वन क्षेत्र नौखनी कोठार के वन क्षेत्र में दावाग्नि भड़क उठी। खालिस चीड़ के जंगल में बेतहाशा पिरूल के कारण आग तेजी से फैल गई। गत दिवस दोपहर करीब साढ़े बारह बजे घर लौट रही जूनियर हाईस्कूल पाली में भोजनमाता तुलसी देवी पत्नी गोपाल सिंह कड़ाकोटी ने आग बुझाने के लिए ग्रामीणों को आवाज दी। इधर, मना करने के बावजूद लक्ष्मण सिंह रावत की पत्नी गीता देवी (30) जंगल की लपटें बुझाने ढलान में उतर गई। लेकिन, हवा के झोकों से और विकराल हो चुकी लपटों से घिर गई। दावानल से जूझती महिला वहां रखे करीब पांच दर्जन लुंट्टों तक पहुंची ही थी कि चीड़ के पेड़ पर रखे लुट्टे आग की चपेट में आ गए। इसी दरमियान जलता लुट्टा गीता देवी पर जा गिरा। जंगल व घास के लुंट्टों के बीच बेबस महिला आखिरकार हार गई और बुरी तरह झुलस कर दम तोड़ दिया। उसे बचाने पहुंची भोजनमाता तुलसी देवी भी चपेट में आ गई। प्रधान भजन सिंह रावत व गोपाल सिंह कड़ाकोटी ने इमरजेंसी 108 सेवा को सूचना दी। तुलसी को नागरिक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों के मुताबिक वह करीब 25 फीसद झुलसी है। उधर रेंज अधिकारी दीवानी राम व राजस्व टीम ने मौका मुआयना कर ग्रामीणों के बयान लिए।
गुलदार के हमलों से ग्रामीण दहशत में
पौड़ी,11 जून (निस)। पौड़ी जनपद में गुलदार के एक के बाद एक हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति काफी भयावह बनती जा रही है। एक अप्रैल 2014 से अब तक गुलदार दस लोगों को निवाला बना चुका है जबकि दो दर्जन लोग घायल हुए। इस सब के बीच गुलदार ढेर भी हुए और कैद भी, लेकिन राहत नहीं मिली। जनपद में वन्य जीव और मानव के बीच चला आ रहा खूनी संघर्ष थम नहीं रहा है। पोखड़ा, एकेश्वर, कल्जीखाल, थलीसैंण, कोट आदि ऐसे क्षेत्र हैं जहां गुलदार के आतंक से लोग साल भर से परेशान हैं। गुलदार की दहशत ऐसी कि कई बार तो इन क्षेत्रों में महिलाओं ने खेतों में कार्य ही नहीं किया तो कई बार अपने नौनिहालों को स्कूल ही नहीं भेजा। कुछ दिन पूर्व ही गुलदार द्वारा पोखड़ा क्षेत्र के वीणा मल्ली गांव में बालिका को घायल करने के बाद अभी ग्रामीण दहशत से भी नहीं उबर पाए थे कि बीते रोज एकेश्वर प्रखंड के सकिंडा गांव के दस वर्षीय रोहित को गुलदार ने निवाला बना दिया। हालांकि घटना के बाद से हरकत में आए विभाग ने यहां वन कर्मियों को भेज दिया है लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि आखिर कब तक गुलदार इंसान की जान का दुश्मन बना रहेगा। इसका माकूल जबाव किसी के पास नहीं है।
नटराज नृत्य प्रतियोगिता 25 जून को
देहरादून,11 जून (निस)। जिले की नृत्य प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने की दृष्टि से वासधेय एसबी फांउडेशन एक दिवसीय नटराज नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन करेगा। प्रतियोगिता का आयोजन 25 जून को नगर निगम प्रेक्षागृह में किया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रवेश के लिए तिथि 22 जून निर्धारित की गयी है। गुरूवार को परेड ग्राउंड स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष राघवानंद शर्मा ने कहा कि फाउंडेशन के माध्यम से गरीब एवं मेधावी बच्चों को शिक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे है और शिक्षा एवं शिक्षित बच्चों के साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाये जाने के लिए हरसंभव कार्य किये जा रहे है और उनके हितों की रक्षा की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर समय-समय पर लगाये जाते है और इसका लाभ क्षेत्र की जनता को मिलता है और वहां पर उनका परीक्षण करने के बाद चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क दवाईयां वितरित की जाती है। उनका कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण केन्द्र भी जगह-जगह स्थापित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिससे कि हमारा पर्यावरण पूर्ण रूप से स्वच्छ रहे और इसके लिए कार्य किये जो रहे है। उनका कहना है कि 25 जून को होने वाली नटराज नृत्य प्रतियोगिता दो वर्गों में विभक्त की गई है, जिसमें अंडर- 15 व उससे अधिक आयु वर्ग के बालक एवं बालिकाओं को शामिल किया जायेगा। जिसमें एकल,युगल एवं समूह की स्पर्धायें आयोजित की जायेगी। इसके लिए एकल के लिए1300 रूपये, युगल के लिए 600 रूपये एवं समूह नृत्य के लिए 1200 रूपये निर्धारित किये गये है। उनका कहना है कि विजेताओं को 2100-2100 रूपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
न्गर पालिका अध्यक्ष मल्ल व सभासदों में तनातनी जारी
मसूरी,11 जून (निस)। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और सभासदों के बीच तना तनी का दौर समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है जिसके कारण मसूरी के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है वहीं जनता को भारी नुकसान हो रहा हैं। नगर पालिका परिषद सभागार में सोमवार को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा झूलाघर शहीद स्थल के समीप पार्क स्थल सौन्दर्यीकरण किये जाने को लेकर पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने विशेष बैठक का आहूत की। परन्तु जैसे ही पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल पालिका सभागार में पहंुचे वैसे ही पालिका सभासदों ने अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई विशेष बैठक में आने वाले प्रस्ताव का विरोध कर प्रस्ताव को आम बैठक में रखने को कहा। जिस पर पालिकाध्यक्ष मल्ल ने नाराजगी जाहिर करते हुए पालिका सभागार से उठ कर चले गए। उनके जाते ही मौजूद सभासद और अधिकारी भी सभागार से उठ कर चले गए। महत्वपूर्ण विशेष बैठक स्थगित हो गई। शहीद स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए एमडीडीए को एनओसी देने के लिए बुलाई गई बैठक में सभासदों ने पालिकाध्यक्ष को पत्र देकर विशेष बैठक मेे रखे जाने वाले इस प्रस्ताव की पूर्ण जानकारी के साथ प्रोजेक्ट रिपोर्ट से अवगत कराने का आग्रह किया व कहा कि इसे आम बैठक में रखा जाय। सभाासदों का कहना था कि पूर्व में भी पालिका द्वारा विभिन्न योजनाओं हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये गए हैं परन्तु उन योजनाओं में निर्धारित शर्तो का क्रियान्वयन नहीं किया गया है। पालिका सभासद जसबीर कौर और शशि रावत ने पालिकाध्यक्ष पर तानाशाही करने का आरोप लगाया व कहा कि पालिकाध्यक्ष सभासदों के अधिकारों का हनन कर लोकतंात्रिक व्यवस्था की हत्या कर रहें है जो कि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और आने वाले समय में पालिकाध्यक्ष द्वारा वन मेन शो के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जायेगा। पूर्व में भी जैन धर्मशाला, शगुन, एक्वेरियम, कंपनीबाग और हाल ही में ईको शुल्क पर अनापत्ति ली गई लेकिन आज तक इसमें कुछ नहीं किया गया। पालिका सभासद जसबीर कौर और शशि रावत ने बताया कि पालिकाध्यक्ष की मनमानी के कारण अधिकतर सभासद परेशान हैं ना तो सभासदांे को नगर पालिका में सम्मान दिया जाता है और ना ही उनकी सुनी जाती है। उन्हांेने कहा कि वह भी जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि हैं और उनको भी जनता को जबाब देना होता है ऐसे में पालिका अध्यक्ष द्वारा चलाई जा रही डिक्टेरशिप के कारण सभासदो के अधिकारों का हनन हो रहा है जो बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्हांेने कहा कि अगर समय रहते पालिकाध्यक्ष द्वारा अपना स्वाभाव नहीं बदला गया तो उनके खिलाफ जल्द उग्र आंदोलन किया जायेगा। इस मामले में पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने कहा कि वह मसूरी के विकास के लिये लगातार कार्य कर रहे हंै परन्तु सभासदांे का साथ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सभासदों द्वारा उनपर लगाये जा रहे आरोप निराधार हैंे और जल्द ही एक सप्ताह के भीतर वह कुछ सभासदों का कच्चा चिट्टा जनता के सामने खोलेगें। विशेष बैठक में विरोध प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सभासदों में रमेश भंडारी, विनोद सेमवाल, अनुज गुप्ता, जसबीर कौर, बीना पंवार, शशि रावत, रामी देवी हैं वहीं बैठक में सभासद विरेंद्र रावत मनोनीत सभासद रामप्रसाद कवि, अरविंद सोनकर, हरभजन ठुकराल, उमेश वैश्य आदि मौजूद थे।
कांग्रेस सरकार से जनता का मोह भंगः जाजू
रूद्रपुर,11 जून (निस)। रूद्रपुर के स्थानीय होटल में भाजपा महासंपर्क अभियान की कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें पहुचे भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2017 में उत्तराखण्ड प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी उन्होनेे कहा कि उत्तराखण्ड में केदारनाथ त्रासदी के बाद आपदा राहत में हुये घोटाले से जनभावनायें आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आपदा में केन्द्र व जनता से मिले साढ़े चार सौ करोड़ रूपये का घपला किया है। जिसका आरटीआई से खुलासा हो चुका है।प्रदेश की जनता कांग्रेस की घोटाले वाली सरकार को अच्छी तरह जान चुकी है । काशीपुर रोड स्थित एक होटल में भाजपा संपर्क अभियान की कार्यशाला का शुभारंभ उत्तराखण्ड प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताआंे द्वारा मुख्य अतिथियों का माल्यापर्ण कर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान प्रदेश संगठन मंत्री संजय कुमार ने कार्यकर्ताआंे को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में महासंपर्क अभियान की शुरूआत हो चुकी है इसी अभियान के तहत उत्तराखण्ड में भी महासंपर्क अभियान शुरू हो चुका है उन्होने बूथ पालक बीएलओ एवं कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मिस काॅल के द्वारा जिन लोगों को सदस्य बनाया गया है प्रत्येक बूथ पालक, बीएलओ एवं अन्य कार्यकर्ता इस अभियान के तहत उनके घर-घर तक जाऐंगे और उनका एक फार्म भरेंगे और भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में उनको विस्तार से समझाऐंगे इसी तरह की अनेक जानकारियाॅ उन्होने कार्यकर्ताओं को दी उन्होने कहा कि इस महासंपर्क अभियान में प्रत्येक जन प्रतिनिधि अपने बूथ पर बूथ पालक, बीएलओ एवं कार्यकर्ताओं की हर संभव मदद करेंगे। वही कार्यक्रम को नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता, विधायक राजकुमार ठुकराल, विधायक राजेश शुक्ला, प्रदेश कोषाध्यक्ष आशीष गुप्ता, वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाष चतुवेर्दी एवं रूद्रपुर की मेयर सोनी कोली ने भी सम्बोधित किया । इस दौरान जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता,भारत भूषण चुघ, सुरेश परिहार, शिव अरोरा,अनिल चैहान, सत्य प्रकाश चैहान ,तरूण दत्ता,सुरेश कोली, विजय पफुटेला, पिन्टू पाल,सुशील चैहान, राकेश सिहं सहित तमाम भाजपाई मौजूद थे।