”भारत माता की कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम” गीत के साथ 616 नौजवान बन गए भारतीय सेना का अंग
- दून आईएमए में पासिंग आडट परेड संपन्न, 71 विदेश कैडेट्स ने भी पास किया कोर्स
- नौ सेना प्रमुख ने ली परेड की सलामी, ईशान को मिला स्वार्ड आफ आनर
- मालदीव के अली बने सर्वश्रेष्ठ विदेशी
देहरादून,13जून । भारत माता की कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम। आइएमए के इसी गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। डस वक्त ऐसा लग रहा था कि मानों विशाल सागर सा डमड़ आया है। एक साथ डठते कदम और गर्व से तने सीने। दर्शक दीर्घा में बैठे हर किसी शख्स में ऊर्जा का संचार कर रहे थे। आज भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आडट परेड में अंतिम पग भरते ही 616 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 71 विदेशी कैडेट भी पास आडट हुए है। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धोवन ने परेड की सलामी ली। अंतिम पग पार करने के दौरान युवा सैन्य अधिकारियों पर हेलीकॉप्टरों के जरिए पुष्प वर्षा की गई। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 616 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। अफगानिस्तान और अन्य मित्र देशों के 71 विदेशी कैडेट भी पास आडट हुए। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धोवन ने परेड की सलामी ली। सुबह 6रू45 बजे मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। एडवांस कॉल के साथ ही देश के भावी कर्णधार परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर ईशान सिंघल ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। कंपनी सार्जेंट मेजर अभिनव विश्नोई, मुकुल दत्त, सुनंदित महाजन, श्रीजेश एम,जितेन कुमार और हिमांशु तेवतिया ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। इस मार्च पास्ट ने दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए डन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। नौसेना प्रमुख ने परेड की सलामी लेने के बाद ने कहा कि नव सैन्य अधिकारी परंपरागत और गैर परंपरागत चुनौतियों के लिए तैयार रहें। डन्होंने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य डत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। ईशान सिंघल को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। अजय कुमार पाठक को स्वर्ण और आशीष कपूर को रजत पदक मिला। नवीन जानू को कांस्य पदक प्रदान किया गया। मालदीव के अली शरीफ सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर हाजीपीर कंपनी को मिला। इस दौरान डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल वाइएस महिवाल, ब्रिगेडियर ट्रेनिंग (आइएमए) ब्रिगेडियर संदीप कुमार सेंगर आदि मौजूद रहे।
प्रदेश में बिल्डरों की मनमानीः बगैर कंप्लीशन सर्टिफिकेट के हस्तांतरित हो रहे हाडसिंग प्रोजेक्ट
- आखिर कहां हैं प्रोजेक्ट कंप्लीशन सर्टिफिकेट, पूरे प्रदेश में नियमों की सरेआम डड़ रहीं धज्जियां
- कोई भी प्राधिकरण नहीं बना रहा बिल्डर पर दबाव, हादसे की दशा में बिल्डर पर नहीं होगा कोई आरोप
देहरादून,13जून । राजधानी देहरादून समेत सूबे के सभी बड़े शहरों में निजी आवासीय योजनाओं का जाल सा फैल रहा है। ये बिल्डर पूरी तरह से मनमानी पर आमादा हैं और नियमों की धज्जियां डड़ा रहे हैं। इन पर नियंत्रण करने वाले विकास प्राधिकरण के अफसरों ने खुद को केवल मानचित्र स्वीकृत करने तक ही सीमित कर रखा है। शायद यही वजह है कि किसी भी बिल्डर ने प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल नहीं किया और आवासीय योजना के फ्लैट बेचकर करोड़ों रुपये कमा लिए। अहम बात यह भी है कि अगर किसी आवासीय योजना में कोई हादसा होता है तो बिल्डर के ऊपर कोई आरोप नहीं लग सकता है। इसकी वजह यह है कि इन्होंने प्राधिकरण ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लिया है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण या राज्य के अन्य प्राधिकरणों से मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद बनने वाले हाडसिंग प्रोजेक्ट्स बिना पूर्णता प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) के ही सीधे खरीददारों को हस्तांतरित किये जा रहे हैं। नियमतः इस तरह के हाडसिंग प्रोजेक्ट जब तक प्राधिकरणों से कंप्लीशन सर्टिफिकेट न प्राप्त किया जाए, हस्तांतरित नहीं किए जा सकते। लेकिन प्राधिकरणों व हाडसिंग प्रोजेक्ट्स के मालिकों की मिलीभगत के चलते बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के हस्तांतरण करके ये बिल्डर हजारों लोगों की जान से खिलवाड ही नहीं कर रहे बल्कि खरीददारों के साथ भी अन्याय कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार डत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून, रुडकी, रुद्रपुर और हल्द्वानी सहित तराई के तमाम इलाकों में राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही खेती की जमीनों सहित रिहायशी इलाकों में आवासीय प्रोजेक्ट्स कि बाढ़ सी आ गई है। करोडों में खेलने वाले हाडसिंग प्रोजेक्ट्स के मालिक निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के शुरुआती दौर में विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों से सांठगांठ करके आवासीय कानूनों को तक पर रख ऐसे हाडसिंग प्रोजेक्ट्स के नक्शे पास करवा देते हैं। लेकिन इन हाडसिंग प्रोजेक्ट्स में से कितने प्रोजेक्ट्स पूरे हुए इसका कोई भी रिकार्ड आज तक किसी भी प्राधिकरण के पास नहीं है। कमोवेश यही हाल राजधानी व मसूरी इलाके में नगर विकास विभाग के अधीन काम करने वाले मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का भी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी इलाके की देखभाल करने वाले देहरादून मसूरी प्राधिकरण के पास कंक्रीट के डग रहे इन जंगल की कोई जानकारी नहीं है। प्राधिकरण के यह भी नहीं मालूम कि अभी तक कितने हाडसिंग प्रोजेक्ट्स पूर्ण हो चुके हैं अथवा कितने पूर्णता की ओर अग्रसर हैं। प्राधिकरणों के पास केवल निर्माणाधीन या कथित तौर पर निर्मित इन हाडसिंग प्रोजेक्ट्स के केवल वे ही मानचित्र मौजूद हैं जो इनके द्वारा प्राधिकरण से स्वीकृत कराए गए हैं। जबकि राज्य के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक सैकडों हाडसिंग प्रोजेक्ट्स कथित तौर पर पूर्ण होने के बाद बिक चुके हैं और डनको बनाने वाले रफूचक्कर। नियमानुसार किसी भी हाडसिंग प्रोजेक्ट्स के पूर्ण होने के बाद अथवा डसे ग्राहकों को हस्तांतरित करने से पूर्व प्राधिकरणों से कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल करना जरुरी होता है। लेकिन राजधानी में अधिकांश ने अब तक यह प्रमाण पत्र एमडीडीए से नहीं लिया है। इसके बाद भी बिल्डर हाडसिंग प्रोजेक्ट्स को बेचकर करोडों का मुनाफा कमाकर निकल चुके हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है यदि कोई दुर्घटना होती है तो प्राधिकरणों के पास हाडसिंग प्रोजेक्ट बनाने वालों पर नकेल डालने के लिए किसी भी तरह का कोई हथियार मौजूद नहीं है। इसके बाद भी प्राधिकरणों का मौन तमाम सवालात खड़े कर रहा है।
प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों कि मिलीभगत से चलता है यह गोरखधंधा
एक जानकारी के अनुसार बिल्डर इसलिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेते क्योंकि डनके द्वारा पैसा कमाने के चक्कर में स्वीकृत मानचित्र से इतर कई गडबडियाँ कि जाती रही है और ऐसे में प्राधिकरण डनके हाडसिंग प्रोजेक्ट्स को किसी भी कीमत पर वैध तरीके से कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं दे सकता लिहाजा प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों कि मिलीभगत से वे प्रोजेक्ट को जैस तैसे पूरा कर बेच डालते हैं और बाद में डसका खामियाजा खरीददार को डठाना पडता है।
कुरकुरे और लेज को करें जब्त, वाणिज्यकर उपायुक्त ने जारी किया तुगलकी फरमान
- पेप्सी का टिन नंबर कर दिया कैंसिल, लाखों के राजस्व का होगा नुकसान
देहरादून,13 जून (निस)। वाणिज्यकर विभाग के एक जिम्मेदार अफसर ने पेप्सी कंपनी के प्रोडक्ट कुरकुरे और लेज को जब्त करने का फरमान फील्ड की यूनिट्स को जारी किया है। बताया जा रहा कि इस अफसर ने पेप्सिको इंडिया होल्डिंग को जारी टिन नंबर निरस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कंपनी को परेशान करने के इरादे से की गई है। अफसर के इस फैसले से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होने की आशंका है। उत्तर प्रदेश के समय में बाजपुर में इस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने अपनी इकाई लगाई थी। पहले यहां पेप्सी के कोल्ड ड्रिंक बनाए जाते थे। बाद में कुरकुरे और लेज चिप्स भी बेचना शुरू कर दिया गया। कुछ समय पहले पेप्सी ने अपनी कोल्ड ड्रिंक यूनिट रूड़की की एक कंपनी वरुण वेबरीज को बेच दी। लेकिन लेज और कुरकुरे का काम जारी रखा। बताया जा रहा है कि बाजपुर क्षेत्र के वाणिज्यकर उपायुक्त ने पेप्सी इकाई का दौरा किया। बाद में पेप्सी को एक नोटिस देकर कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान वहां किसी भी तरह की व्यापारिक गतिविधियां नहीं पाई गई। इसके चलते कंपनी का टिन नंबर क्यों न निरस्त कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि पेप्सी की ओर से इन नोटिस का जवाब भी दिया गया। सूत्रों ने बताया कि वाणिज्यकर उपायुक्त को भेजे जवाब में पेप्सी की ओर से कहा गया था कि पेप्सी ने अपनी वेबरीज इकाई वरुण वेबरीज को बेच दी है। इस कंपनी का टिन नंबर अलग है और पेप्सी का अलग। पेप्सी इस समय कुरकुरे और लेज की मार्केटिंग कर रही है। ऐसे में यह कहना गलत है कि पेप्सी व्यापारिक गतिविधियां नहीं कर रही है। इसके बाद भी उपायुक्त ने पेप्सी का टिन नंबर यह कहते हुए कैंसिल कर दिया कि पेप्सी ने अपनी कंपनी को बेचने की सूचना विभाग को निर्धारित समय में नहीं दी। उपायुक्त ने पेप्सी का टिन नंबर रद करने के साथ ही विभाग की सभी मोबाइल यूनिटों को भी इसकी सूचना देते हुए कहा कि अगर प्रदेश में कहीं भी पेप्सी के प्रोडक्ट (लेज और कुरकुरे) को लाते या ले जाते देखा जाए तो इसे तत्काल ही जब्त कर लिया जाए। उपायुक्त के इस आदेश के बाद पेप्सी कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि उपायुक्त के इस आदेश से राज्य को लाखों रुपये के राजस्व की आशंका है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस मामले में उपायुक्त की ओर से दिए गए आदेश को किसी भी दशा में विधिसम्मत नहीं कहा जा सकता है।
मुख्यमंत्री के दरबार में मची है वर्चस्व की जंग, टीम में धड़ेबाजी हुई और भी तेज, “दरबारियों” को रास नहीं आ रहा “हुजूर” का प्रचार !
- एक-दूसरे की टांग खिंचाई में लगे सीएम के दरबारी, विवाद के चलते कुमाऊं से लौटी अफसरों की टीम
देहरादून,13 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने दरबार में दरबारियों की फौज सी जमा ली है। लेकिन इसका कोई फायदा होता तो नहीं दिख रहा है। अलबत्ता इनके बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग से नुकसान जरूर उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इस जंग के चलते मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार को कुमाऊं में गई सूचना विभाग के अफसरों की एक टीम को बीच में ही लौटना पड़ा। माना जा रहा है कि हरदा के दरबारियों की इस टीम से मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपना काम आसान करने के लिए दरबारियों की तैनाती की है। कुछ तो सीएम ने खुद तैनात किया तो तमाम लोग जुगाड़बाजी करके इस फौज का हिस्सा बन चुके हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्टाफ में इस समय दो दर्जन से अधिक लोग बतौर ओएसडी या फिर जनसंपर्क अधिकारी या किसी अन्य तरह से जुड़े हुए हैं। इनके वेतन और अन्य सुविधाओं पर प्रतिमाह लाखों रुपये भी खर्च हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से इन दरबारियों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। हर कोई खुद को हरदा का नजदीकी दिखाने की कोशिश में जुटा है। जाहिर है कि सीएम के नजदीक होने का कई मायनों में फायदा मिलता है। नतीजा यह है कि दरबारियों के बीच टांग खिंचाई चरम पर है। एक दरबारी कोई बात करता है या फिर कोई योजना बनाता है तो दूसरे तत्काल ही उसका विरोध शुरू कर देते हैं। शायद यही वजह है कि कुछ रोज तक एक दरबारी का सीएम दरबार में दबदवा दिखता है तो कुछ रोज बाद कोई नया दरबारी सत्ता की हनक में चूर अपना अलग ही रुतबा दिखाता है। माना जा रहा है कि दरबारियों के बीच चल रही वर्चस्व की इस जंग का असर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की छवि पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री हरीश लगातार दौरे करके जनता के बीच सरकार के कामों का बखान कर रहे हैं तो ये दरबारियों की वजह से साख पर बट्टा लगता दिख रहा है। ताजा मामला मुख्यमंत्री हरीश के छह दिवसीय दौरे का है। बताया जा रहा है कि एक दरबारी ने मुख्यमंत्री से बात करके दौरे को व्यापक प्रचार-प्रसार देने की योजना तैयार की। लेकिन दूसरे दरबारियों को यह रास नहीं आया और इस योजना को पलीता लगा दिया। सूत्रों ने बताया कि एक दरबारी ने दौरे के प्रचार के लिए सूचना विभाग के आला अफसरों की एक टीम को कुमाऊं ले जाने का काम किया। अफसरों की टीम ने सोशल मीडिया के साथ ही समाचार पत्रों और इलेक्ट्रानिक चैनलों पर जमकर प्रचार-प्रसार किया। पता नहीं क्या हुआ कि अचानक ही इस टीम को वापस देहरादून लौटने का फरमान सुना दिया गया। किसी की समझ में ही नहीं आया कि आखिर माजरा क्या है। बताया जा रहा है कि एक बड़े दरबारी को लगा कि इससे तो दूसरे दरबारी का कद सीएम की नजरों में और बढ़ जाएगा। नतीजा यह रहा है कि बड़े दरबारी ने अपना खेल खेला और अफसरों की टीम देहरादून लौट आई। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या कुछ दरबारियों को सीएम हरीश के कार्यक्रमों और दौरों का प्रचार-प्रसार रास नहीं आ रहा है। अगर ऐसा है तो निश्चित रूप से यह बात सीएम की छवि के लिए ठीक नहीं है। और अगर ऐसा नहीं है तो सूचना विभाग के अफसरों की टीम को आखिरकार किन हालात में और क्यों वापस देहरादून आना पड़ा। अब देखने वाली बात यह होगी कि सीएम हरीश रावत का इस मामले में क्या रुख रहता है।
सीएम ने किया पत्रकार बिरादरी का सम्मान, अविकल की नियुक्ति पर संगठनों ने जताया आभार
- सोमवार के कार्यभार संभालेंगे थपलियाल
देहरादून,13 जून (निस) । वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल की वित्त आयोग में सदस्य पद पर तैनाती के लिए पत्रकार संगठनों ने सीएम हरीश रावत का आभार व्यक्त किया है। इस नियुक्ति पर पत्रकार संगठनों ने कहा कि सरकार ने ऐसा करके पत्रकार बिरादरी का मान बढ़ाया है। अविकल एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और आयोग में रहकर राज्य की बेहतरी में अपना योगदान दे सकेंगे। सभी ने इस तैनाती के लिए सीएम का आभार व्यक्त किया है। इधर, अविकल थपलियाल सोमवार को आयोग में सदस्य पद का भार ग्रहण करेंगे।वहीं राज्य के पत्रकार संगठनों ने भी मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उन्होने वरिष्ठ पत्रकार का सम्मान बढ़ाया है।
बार-बार रोना ही नहीं धन्यवाद करना भी सीखे राज्य सरकारः अजय भट्ट
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेष की कांग्रेस सरकार को बार-बार केन्द्र पर अनर्गल बयानबाजी कर रोने के अलावा कुछ नहीं आता है। उन्होंने राज्य सरकार को सलाह दी कि रोने के साथ ही केन्द्र द्वारा राज्य हित में किये जार रहे कार्यों पर राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करना भी सीखना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार ने मार्च में प्रदेष की तीन नए हाईवे बनाये जाने के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की थी और मई में प्रदेष सरकार से इनके सम्बन्ध में ब्यौरा मांगा गया था जिसके बाद प्रदेष की तीन हाईवे क्रमषः एनएच 707ए लम्बाई 310किमी0 त्यूणी, मसूरी टिहरी होते हुए मलेथा तक बनेगा दूसरा एनएच 309बी लम्बाई 76कि0मी0 अल्मोड़ा से पनार रामेष्वर तक तथा तीसरा एनएच 7 लम्बाई 72कि0मी0 पिथौरागढ़ से असकोट तक बनाया जायेगा। बकायदा इनके लिए केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा नोटिफिकेषन भी जारी कर दिया गया है। श्री भट्ट ने कहा कि ये तीनों हाईवे पूर्णतः डबल लेने होंगे और इनके लिए सम्पूर्ण धनराषि केन्द्र देगी राज्य को इसमें एक रू0 खर्च नहीं करना है। श्री भट्ट ने कहा कि आये दिन प्रदेष की कांग्रेस सरकार प्रदेष की जनता को गुमराह कर केन्द्र पर मदद न करने का आरोप लगाती रहती है और दूसरी ओर केन्द्र द्वारा प्रदेष हित में उठाये जा रहे कदम कांग्रेस को दिखायी ही नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस अपनी कमियों को छिपाने के लिए केन्द्र के बहाने आये दिन जनता के सामने रोना रो ही रही है तो उसे केन्द्र को धन्यवाद ज्ञापित करना भी सीखना ही होगा। श्री भट्ट ने केन्द्र सरकार का धन्यवाद व आभार प्रकट करते हुए कहा कि केन्द्र में परिवहन मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी जी अच्छी तरह से प्रदेष की भौगोलिक परिस्थितियों से वाकिफ हैं इसके लिए उनका प्रदेषवासियों की ओर से आभार। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष की कांग्रेस सरकार अब चारों ओर से घोटालों के आगे घिर गयी है और उनके नेताओं द्वारा बार-बार एक ही राग अलापा जा रहा है कि केन्द्र सरकार राज्य की उपेक्षा कर रही है जबकि हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे अपनी कमियों को छिपाने के लिए जितना जोर लगा ले किन्तु आज प्रदेष ही नहीं देष ओर दुनियाॅ के कोने-कोने तक यह बात साबित हो गयी है कि विपक्ष द्वारा जो बार-बार आपदा घोटाले की बात कही जा रही थी वह पूर्णतया सत्य हो गयी है। श्री भट्ट ने प्रदेष के मुखिया द्वारा पुनः भा0ज0पा0 के षासनकाल में घोटालों की जाॅच की बात पर माननीय नेता प्रतिपक्ष ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि जब उनके द्वारा उन्हें खुली चुनौती दे दी गयी है कि कांग्रेस के षासनकाल के षराब, खनन, जमीन और आपदा घोटालों की सी0बी0आई0 जाॅच करायी जाय और साथ में यदि कांग्रेस को भाजपा षासनकाल में घोटाला नजर आता है तो उनकी भी सी0बी0आई0 जाॅच कराने की संस्तुति राज्य सरकार देने को स्वतंत्र हैं, तो फिर पुनः बार-बार सरकार द्वारा एक ही बात कहना अपनी नाकामियों को छिपाना नहीं तो और क्या है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष की पूरी कांग्रेस सरकार आकंठ भ्रश्टाचार में डूबी हुई है और प्रदेष की स्थिति दिनों दिन बद से बदत्तर होते जा रही है।
मौसम ने करवट बदली, दून सहित राज्य के कई हिस्सों मे बारिश
देहरादून, 13 जून (निस)। मौसम ने एक बार फिर से करवट बदल रहा है। गढ़वाल के कई हिस्से के लोग उमस से परेशान हैं,तो प्रदेश की राजधानी दून में दोपहर मौसम ने करवटी ली और तेज हंवाओं के साथ बारिश भी हुई। जिसने शाम को मौसम खुशगवार करके रख दिया। वहीं कुमाऊं के कुछ स्थानों पर कई दिन बाद बारिश हुई। टिहरी जनपद में सकलाना क्षेत्र में जंगल आग से धधक रहे हैं। बारिश न होने से जंगलों में लगी आग पर भी काबू नहीं पाया जा सका है। हल्द्वानी में शनिवार सुबह आठ बजे से मौसम की पहली बारिश हुई। नैनीताल व आसपास के हिस्सों में घने बादल छाए है। पिथौरागढ़, बागेशवर आदि पर्वतीय क्षेत्र में मौसम साफ है। ऊधमसिंह नगर के कुछ हिस्सो में हल्की बारिश हुई। वहीं काशीपुर में यहां बादल छाए हैं और उमस होने से गर्मी बढ गई है। गढ़वाल मे टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में भी कहीं हल्के बादल छाए हैं तो कहीं धूप खिली हुई है। चारों धाम में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ में भी धूप खिली है। देहरादून मंे दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ी। जिससे लोगों ने भीषण गर्मी से काफी हद तक राहत की सांस ली। टिहरी जिले के सकलाना रेंज के जंगलों में भयानक आग लगी है। वन विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए सिर्फ दो कर्मी भेजे हैं। ग्रामीणों की मदद से वे गांवों की तरफ आग का रुख रोकने का प्रयास करने में लगे हैं। साथ ही आग बुझने के लिए बारिश का इंतजार भी हो रहा है। शाम तक टिहरी के मौसम में भी बदलाव आने लगा था।
जनशिकायतों का निराकरण दक्षता व सुगमता के साथ करेंः सीएम
अल्मोड़ा, 13 जून (निस)। अधिकारीगण जनशिकायतों का निराकरण दक्षता व सुगमता के साथ करें ताकि चुस्त और संवेदनशील प्रशासन का सन्देश जनता में जाय। विभागीय कार्यकलापो की पूरी जानकारी अधिकारी रखे अपने अन्दर ऐसी कार्य क्षमता का विकास करें कि जनता का विश्वास व सहयोग हासिल हो सके। यह निर्देश शुक्रवार को देर रात सर्किट हाउस अल्मोड़ा में आयोजित मण्डल व जनपदीय अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत दिये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर विभागीय कार्य-कलापो एवं विकास योजनाओं की समीक्षा प्रत्येक तीन माह में मण्डलायुक्त द्वारा भी की जाय। जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिलाधिकारी अन्तर विभागीय बैठकें नियमित रूप से आयोजित करे। समाधान योजना के तहत प्राप्त शिकायतो की जानकारी इलैक्ट्रानिक बोर्ड के माध्यम से प्रदर्शित करने के साथ ही इसका रजिस्टर भी बनाया जाय। ऐसे रजिस्ट्ररों आदि की जाॅच मुख्यमंत्री स्वयं भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद जनपद स्तर पर मंत्रीगणों द्वारा भी जनसमस्याओं की सुनवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जनता की परीक्षा तैयारी अधिकारी सही ढ़ग से करें। नियमित रूप से क्षेत्रों का भ्रमण करें लोगो के बीच जाये तभी वे जनविश्वास को प्राप्त कर सकेंगे। अपनी पहचान व प्रतिष्ठा ऐसी बनाये कि लोग आपको याद करें, आपके कार्यो की सराहना करें जनसेवा को अधिकारी अपना दायित्व समझे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिला योजना के अधीन किये गये कार्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण करने के साथ ही जनवरी तक निश्चित रूप से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित किये जाने के लिए रानीखेत या अल्मोड़ा में मुख्य अभियन्ता पर्वतीय का कार्यालय खोला जायेगा। जैंती व देघाट में विद्युत सबस्टेशन के साथ ही भिकियासैंण में विद्युत विभाग का नया डिवीजन खोला जायेगा। पुराने पोल व तारो को बदलने के लिए अभियान चलाय जाय। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, पी0एम0जी0एस0वाई0, ए0डी0बी0 व वल्र्ड बैंक की सहायता से बनने वाली सड़कों के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही मुआवजा वितरण में भी शीघ्रता करने के निर्देश दिये। इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जाय। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित पुरानी सड़को के मुआवजे के लिए अलग से धनराशि स्वीकृत करते हुए 7 माह के अन्दर धनराशि वितरित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राजमार्गो के साथ ही जिले की सड़कों पर गैंगमैन की तैनाती करने को कहा। बरसात से पहले पर्याप्त मात्रा में जे0सी0बी0, डोजर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। रामनगर-मोहान-भतरौजखान सड़क निर्माण में तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने पी0एम0जी0एस0वाई0 अधिकारियों से कहा कि निरन्तर शिकायतें प्राप्त हो रही है कि उनके द्वारा जो सड़के बिछायी जा रही है उनमें चैड़ाई कम हो रही है जिससे दुर्घटना की सम्भावना बढ़ रही है। आर0ई0एस0 को हर ब्लाॅक में मेरा गाॅव मेरी सड़क योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड में 02-02 सड़कों के निर्माण की जायेंगी। जल निगम व जल संस्थान को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के साथ ही टेंकरों की पर्याप्त व्यवस्था व ग्रामीण क्षेत्रों में खच्चरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने खादी ग्रामोद्योग व उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे स्थापित किये गये उद्योगो की स्थिति की समीक्षा करें पुराने औद्योगिक अस्थानों की स्थिति का जायजा लें तथा उन्हें विकसित करने की योजना भी अमल में लायें। उन्होने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक औद्योगिक स्थान को माडल के रूप में विकसित किया जायेगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को पैकेजिंग की टैªनिंग व वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने सम्बन्धी योजनाओं में भी ध्यान दिया जाय। विभिन्न समाजिक पेंशन योजनाओ से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो इसके लिए अभियान संचालित किया जाय। गर्भवती महिलाओं पौष्टिक आहर वितरण, किसान पेंशन योजना की समीक्षा की और आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल से कहा कि वे अपने स्तर से इस बात की समीक्षा करें कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान कम आवेदन क्यो किया जा रहा है,पिछल दिनों हुए नुकसान के एवज में दी जा रही 1500 सौ की तात्कालिक सहायता की भी उन्होंने गहन समीक्षा की। चारा विकास के लिए अगले पाॅच साल का रोडमैप तैयार करने के भी उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिये। पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए अधिक सर्जीकल कैम्पों का आयोजन किया जाय। शिक्षकों की तैनाती में गड़बड़ी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल को अविलम्ब जाॅच कर आख्या देने के निर्देश दिये। अवकाश पर गये मुख्य शिक्षाधिकारी का अवकाश निरस्त कर अपने कार्य पर लौटने को कहा यदि वे अवकाश से वापस अपने कार्य पर नहीं आते है तो उनके विरूद्व अनुशानात्मक कार्यवाही की जायेगी। कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि शासन द्वारा काश्तकारों को हर सुविधा मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए हमारी जिम्मेदारी होगी कि काश्तकारों की समस्याओं के प्रति हम सजग होकर कार्य करें उन्हें समय पर बीज, एवं कृषि उपकरण प्राप्त हो सके इसका विशेष ध्यान रखना होगा साथ ही उनके द्वारा उत्पादित माल की विपणन व्यवस्था सही हो सके इसका भी ध्यान रखना होगा। वन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में जल समस्या पूरे देश में गम्भीर बनी हुई है इसका निदान तभी सम्भव हो पायेगा जब वन विभाग के अधिकारी वृहद वृक्षारोपण सहित जल संरक्षण, एवं जल संवद्र्वन के कार्यों को अधिकाधिक महत्व देंगे साथ ही जंगली जानवरों से बचने के लिए जो सूअररोधी दिवार बनायी जा रही है पायलट प्रोजेक्ट के तहत उन क्षेत्रों में इस कार्य को प्राथमिकता दी जाय इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी, टिहरी एवं अल्मोड़ा में आॅवले के बीज बनाने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश पूर्व में दिये गये है उसी अनुसार अधिकारी कार्य करें। सिंचाई व लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि बन्द पड़ी नहरों को खोलने और उनके मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाय ताकि काश्तकारों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने महिलाओं को आई0टी0आई0 में सिलाई, कढ़ाई सहित अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाय। मा0 मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिये कि अधिकारी कोई भी योजना को तैयार करते समय उसके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लें तभी उसका प्रस्ताव तैयार करें अन्यथा आगे चलकर फिर परेशानी होती है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभाग में लम्बित मामलो की एक अद्यतन सूची तैयार कर लें उसी अनुसार प्राथमिकता के आधार पर मामलो का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। आयुक्त द्वारा प्रत्येक तीन माह में लम्बित मामलों की समीक्षा की जाय। टेक होम राशन योजना को और प्रभावी बनाने के लिए मडुवा व चैलाई आदि की खरीद के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जाय ताकि काश्तकारों से यह उत्पादित माल खरीदा जा सके ओर पात्र महिलाओं को इसको वितरित किया जाय। नगरपालिका में एक बैठक हाल की स्वीकृति भी उन्होंने इस अवसर पर दी। सम्भागीय परिवहन अधिकारी को समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि तेज रफ्तार चलाने वाले वाहनो की गहन चैंकिग के साथ ही एल्कोमीटर लगाकर समय-समय चालको की भी चैंकिग करें ताकि बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को रोका जा सके। बैठक के अन्त में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाने का प्रयास करें तभी हम अपने मिशन में आगे बढ़ पायेंगे। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुजंवाल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, क्षेत्रीय विधायक मनोज तिवारी, रेखा आर्या, आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल अवनेन्द्र सिंह नयाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
पवित्र कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवासः कुंजवाल
अल्मोड़ा, 13 जून (निस)। आदिकाल से ही पवित्र कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान रहा है जहाॅ पर हजारों की संख्या में यात्री जाकर इस पवित्र यात्रा का लाभ उठाते है यह बात आज प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुजंवाल ने इस वर्ष की कैलाश यात्रा के प्रथम दल को स्थानीय कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम के समीप हरी झण्डी दिखाते हुए कही। उन्होंने कहा कि चीन तिब्बत क सुदूर पश्चिम में पृथ्वी का एक उच्चतम, अनन्तिम व नितान्त पवित्र स्थल हिमाच्छादित विराट हिम पैरामिड कैलाश पर्वत स्थित है। इस पर्वत के बारे में विश्वास किया जाता है कि यह तीन करोड़ वर्ष पुराना है जो कि हिमालय के लिए उदभव काल से ही अपना विशिष्ट स्थान रखता है। यह स्थल हिन्दू, बौद्व, बोनपा, जैन धर्माम्बलियों हेतु आस्था का पवित्र स्थल है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह यात्रा विदेश मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम लि0 द्वारा वर्ष 1981 से लगातार संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस यात्रा में कुल 58 यात्री शामिल है जिनमें 15 विभिन्न राज्यो सहित 03 उत्तराखण्ड के यात्री भी प्रतिभाग कर रहे है इन 03 यात्रियों में सल्ट विधानसभा क्षेत्र के युवा विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना भी शामिल है। इस वर्ष यात्रा में 800 से भी अधिक यात्री जाने प्रस्तावित है। दिल्ली से लिपूपास तक भारतीय क्षेत्र में कुल यात्रा 717 किमी0 है जिसमें से दिल्ली से नारायण स्वामी आश्रम तक 635 किमी0 की यात्रा मोटर मार्ग से है तथा नारायण स्वामी आश्रम तक लिपूपास दर्रा तक कुल 85 किमी0 की यात्रा भारतीय क्षेत्र में पैदल की जाती है। तिब्बत क्षेत्र में यात्रियों को लगभग 70 किमी0 पैदल तथा 193 किमी0 बस यात्रा करनी पड़ती है जिसमें कैलाश एवं मानसरोवर परिक्रमा भी सम्मलित है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जहाॅ एक ओर यह पवित्र यात्रा हमें अगाध आस्था के लिए प्रेरित करती है वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस यात्रा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। राज्य सरकार द्वारा इस यात्रा का सुविधाजनक बनाये जाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। अल्मोड़ा से यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व सभी यात्रियों का भव्य स्वागत पर्वतीय छोलिया नृत्य के साथ फूल मालाओं से किया गया। और उनके इस पवित्र यात्रा की सभी उपस्थित लोगो ने शुभकामनायंे यात्रियों को दी।इस यात्रा में 03 बसे कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम थी। महाप्रबन्धक कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम धीराज गब्र्याल ने इस यात्रा के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम इस यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए पूर्ण प्रयासरत है स्थान-स्थान पर कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम के पर्यटक आवास गृहों को सुसज्जित करने के साथ ही अन्य पड़ावों मे आधारभूत सुविधायंे मुहैया कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पर संसदीय सचिव मनोज तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, महाप्रबन्धक कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम धीराज गब्र्याल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड पुलिस व एसडीआरएफ पहुंची माउण्ट भागीरथी द्वितीय
देहरादून, 13 जून (निस)। पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र व महानिरीक्षक संजय कुमार गंुज्याल उत्तराखण्ड पुलिस एवं एसडीआरएफ का 24 सदस्यों का दल माउण्ट भागीरथी द्वितीय की 6512 मीटर की चोटी का फतह करके लौटा है। उन्होंने बताया कि यह उत्तराखण्ड के किसी भी सरकारी विभाग का पर्वतारोण का पहला अभियान है। यह हाई एल्टिटयूड सर्च एण्ड रेस्क्यू टीम गठन का पहला कदम है। उन्होंने बताया कि 25 सदस्यों के दल में से 16 सदस्य ने चोटी का फतह किया। इस दल द्वारा उच्च हिमालयी क्षेत्रों में राहत एवं बचाव का प्रशिक्षण सकुशल सम्पन्न करते हुए माउण्ट भागीरथी-द्वितीय उचाई 6512 मीटर पर 9 जून को समय 8 बजे के लगभग सफल आरोहण किया गया। इस अभियान के दौरान उच्च हिमालयी तुग्ंगता वाले क्षेत्रो पर्वतारोहियो द्वारा फैलाये गये कूडे का वापस लाकर निस्तारण किया गया। एसडीआरएफ संजय गुंज्याल द्वारा बताया गया कि इस अभियान दल ने पर्वतारोहण अभियानों के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं एवं आपदा के अलावा प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य हेतु खास कर आयी भीषण प्रकृतिक आपदा 2013 के बाद से विशेष प्रशिक्षित दल की आवश्यकता महसूस हुयी। इस दिशा में उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत एसडीआरएफ के अन्तर्गत एक विशिष्ट हाई एल्टीट्यूड रैस्कयू दल के गठन की दिशा में यह अभियान प्रथम प्रयास था और इस तरह के अभियान भविष्य में जारी रहेगा। माउण्ट भागीरथ-द्धितीय अभियान के अनुभव के उपरान्त उत्तराखण्ड प्रथम राज्य के रुप में स्थापित होने जा रहा है, जिसके पुलिस बल में बचाव एवं राहत हेतु अपना पर्वतारोहण में प्रशिक्षित दल होगा। इस अभियान दल ने पर्वतारोहण अभियानों के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं एवं आपदा के अलावा पर्यटन को बढावा देने हेतु तथा पर्यटको व तीर्थ यात्रियों की उच्च हिमालयी तुग्ंगता क्षेत्रों में सुरक्षा हेतु विशेष अभ्यास किया। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रैस्क्यू अभियानों के लिए उत्तराखण्ड पुलिस की हाई अल्टीटयूड रैस्क्यू टीम का यह प्रथम सफल प्रशिक्षण व पर्वतारोहण अभियान रहा। इस विशेष बल की कार्यकुशलता तथा व्यवसायिकता को बढाने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण व अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे। माउण्ट भागीरथी-द्वितीय अभियान की सफलता के उपरान्त देश में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होने जा रहा है, जिसकी विशेष प्रशिक्षित हाई अल्टीटयूड रैस्क्यू युनिट भविष्य में होने वाली विपरीत परिस्थितियों के लिए सतत तैयार है। टीम मे पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल, सेनानायक सुश्री पी० रेणुका देवी, उपसेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर, निरीक्षक संजय कुमार उपे्रती, उपनिरीक्षक सतीष कुमार शर्मा, है.कानि. आ,ाीष कुमार सिह, हैड कांस्टेबल मनोज सिंह रावत, कांस्टेबल सूर्यकान्त उनियाल, मनोज जोशी, सुशील कुमार, रमेश चन्द भटट, विजेन्द्र कुडियाल, विरेन्द्र काला, दिगम्बर सिह नेगी, राकेश चन्द्र, दीपक सिह, राखी, फायरमैन रवि चोैहान, रोशन कोठारी, प्रवीण सिह, योगेश सिह, वायरलैस हैड आपरेटर सुधीर कुमार दूहन एवं पैरामैडिक्स विनय मोहन शमिल थे।
विस्थापन की मांग को लेकर गंगोत्री हाईवे जाम
उत्तरकाशी, 13 जून (निस)। भटवाड़ी आपदा प्रभावितों के विस्थापन और हाईवे के पुनर्निर्माण की जद में आए भवन स्वामियों को मुआवजा देने की मांग को लेकर भाजपाईयों ने शनिवार को गंगोत्री हाईवे जाम किया। इस दौरान गंगोत्री जाने व वापस लौटने वाले यात्री भी जाम में फंस गए हैं। शनिवार की सुबह करीब 11 बजे को भटवाड़ी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय ग्रामीणों को साथ हाईवे जाम किया। उनता कहना था कि 2010 में हुए भू धंसाव से प्रभावित भटवाड़ी गांव के परिवारों के विस्थापन के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। साथ ही भूधसाव से ध्वस्त हुए हाईवे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि और भवनों का मुआवजा भी नहीं दिया गया। प्रशासन की ओर से अब तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके चलते जाम जारी है। इस मौके पर भाजपा नेता सूरत राम नौटियाल, जगमोहन सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य व भाजयुमो अध्यक्ष पवन नौटियाल, नरेश सेमवाल समेत अन्य मौजूद रहे।
स्काउट गाइड का दल यमुनोत्री ट्रैकिंग के लिए रवाना
बड़कोट, 13 जून (निस)। भारत स्काउट एंड गाइड राष्ट्रीय मुख्यालय दिल्ली के तत्वावधान में 18 प्रांतों का 80 सदस्यीय दल यमुनोत्री टैªकिंग के लिए रवाना हो चुका है। यह दल बड़कोट से पैदल चलकर विभिन्न गांवों से होता हुआ यमुनोत्री धाम पहुंचेगा। राजकीय महाविद्यालय बड़कोट में देश के18 प्रदेशों से आए रोवर और रेंजर्स हिमालय को जानने के लिए पहुंचे हैं। इसके लिए यह दल यमुनोत्री धाम पहुंचकर अध्ययन करेगा। इसके तहत स्थानीय संस्कृति व उसमें आ रहे बदलाव समेत प्रकृति के विभिन्न पहलू शामिल हैं। टीम के प्रभारी और जिला प्रशिक्षण आयुक्त सुरेंद्र सिंह मेहरा ने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य रोवर और रेंजर्स को हिमालय की पहचान कराना, विविधताओं का अध्ययन कराना, उद्गम, जलागम आदि के अध्ययन के साथ ही साथ स्काउट भावना के तहत साहसिक यात्रा में प्रतिभाग कराना है। यात्रा की शुरुआत बड़कोट से होकर पैदल नगांण गांव, स्यानाचट्टी, रानाचट्टी होते हुए यमुनोत्री तक होगी। इसके बाद 16 जून को यह यात्रा बड़कोट में ही समाप्त होगी। दल के प्रमुख राष्ट्रीय सहायक निदेशक अरुण सरकार ने बताया कि भारत स्काउट और गाइड प्रत्येक साल इस प्रकार की साहसिक गतिविधियों को कराता रहता है। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी चेतन नौटियाल, प्रोफेसर आर एस असवाल, कमल जीत, बिंदा प्रसाद शामिल थे ।
कोटिकरण का मसला उलझा
पिथौरागढ़, 13 जून (निस)। शिक्षा विभाग में कोटिकरण का मसला काफी उलझता जा रहा है। कोटिकरण की सूची जारी होने के बाद कई विसंगतियां सामने आ गई। अभी तक सुगम घोषित कई विद्यालय अब दुर्गम हो गए हैं तो कई दूरदराज के विद्यालयों को सुगम की श्रेणी में डाल दिया गया है। शिक्षा विभाग ने कोटिकरण की जैसे ही सूची इंटरनेट पर डाली। सूची सामने आते ही शिक्षक भड़क गए। पांगू, जाबूकाथल, पांखू, गौरंगचैड़, माकम कैलाश, जजुराली जैसे दूरस्थ विद्यालयों को शिक्षा विभाग ने सुगम की श्रेणी में दर्शाया है। इनमें से अधिकांश विद्यालयों तक पहुंचने के लिए विद्यार्थियों को कई किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। बीते वर्षाे तक ये सभी विद्यालय दुर्गम की श्रेणी में शामिल थे। जिला मुख्यालय के नजदीकी विद्यालय जीआइसी गुरना, बजेटी, ऐंचोली, थरकोट और कनालीछीना को दुर्गम की श्रेणी में रखा गया है। ये विद्यालय अभी तक सुगम की श्रेणी में शामिल थे। सुविधाओं में इजाफा होने पर दुर्गम से कोई विद्यालय सुगम की श्रेणी में शामिल हो सकता है, लेकिन सुगम से कोई विद्यालय दुर्गम कैसे हो सकता है यह सवाल कोटिकरण में हुई मनमानी का खुलासा करने के लिए काफी है। कोटिकरण में हुई विसंगतियों के खिलाफ शिक्षक मुखर हो गए हैं। राजकीय शिक्षक संघ गौरंगचैड़ इकाई ने इसे गंभीर मसला बताते हुए कोटिकरण की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। शाखा मंत्री राजेश मोहन उप्रेती ने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि विसंगतियों को अविलंब दूर किया जाए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहना है कि मानकों के अनुरूप ही कोटिकरण किया गया है।
पुश्तों मंे बजरी के वजाय मिट्टी भरने का काम
- ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, ठेकेदार पर लगाया मानकों के तहत कार्य न करने का आरोप
- नौलापानी-नारी मोटरमार्ग का मामला
रुद्रप्रयाग, 13 जून (निस)। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के निर्माण कार्यों पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। नौलापानी-भैंसगांव-नारी मोटरमार्ग पर चल रहे स्टेज टू के कार्य पर ग्रामीणों ने ऊंगलियां उठाई हैं। जहां एक ओर ग्रामीणों ने ठेकेदार पर मानकों के तहत कार्य न किये जाने का आरोप लगाया है, वहीं बाल मजदूरों से कार्य करवाये जाने पर आक्रोश जताया है। इन दिनों नौलापानी-भैंसगांव-नारी 12 किमी मोटरमार्ग पर स्टेज टू का कार्य जोरों पर चल रहा है। इसके तहत मार्ग पर पुश्तों के निर्माण के साथ ही डामरीकरण का कार्य किया जाना है, जिसकी लागत 6 करोड़ 28 लाख है। इतनी भारी भरकम धनराशि को खर्च करने में विभागीय ठेकेदार रात-दिन एक किये हुए है और नियमों को ताक पर रखकर कार्य को अंजाम दे रहा है। मोटरमार्ग पर पुश्तों के कार्य में गुणवत्ता का एक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बाल मजदूरों से कार्य करवाकर पुश्तों में मिट्टी भरी जा रही है। बजरी के वजाय मिट्टी का प्रयोग कर पुश्तों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को भी डर सता रहा है कि बरसात में पुश्ते ढह जायेंगे और आवाजाही प्रभावित हो जाएगी। ग्राम प्रधान केदार सिंह, विनय जगवाण, जयपाल सिंह जगवाण, दीपक जगवाण ने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत भैंसगांव-नारी मोटरमार्ग पर कार्य किया जा रहा है। मार्ग निर्माण से ग्रामीणों में खुशी भी है। ग्रामीण भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द स्टेज टू का कार्य पूरा किया जाय, जिससे मार्ग की दशा सुधर जाय। कहा कि ठेकेदार द्वारा मार्ग पर पुश्तों का कार्य किया जा रहा है। पुश्तों की लंबाई और चैड़ाई के हिसाब से कार्य में गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। बजरी के वजाय ठेकेदार के मजदूर पुश्तों पर मिट्टी का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण भी परेशान हैं कि कई बरसात के दौरान ये पुश्ते ढह न जांय और आवागम में दिक्कतें पैदा न हों। ग्रामीणों ने कहा कि विभागीय अभियंता निर्माण कार्य के दौरान मौजूद नहीं रहते हैं, जिस कारण ठेकेदार मनमर्जी से कार्य को कर रहा है। बाल मजदूरों को कार्य में लगाया गया है। ऐसे में साफ है कि ठेकेदार कार्य में लापरवाही बरत रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से मोटरमार्ग में किये जा रहे कार्यों की जांच की मांग की है। मोटरमार्ग पर स्टेज टू का कार्य चल रहा है। यदि पुश्तों में बजरी के बजाय मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है तो इसके लिए ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। मोटरमार्ग के जिन जगहों पर पुश्तों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां पर कार्य की जांच की जायेगी, जिससे हकीकत का सही तरीके से पता चल सके।
केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर छठवें बैच के मजिस्ट्रेटों की तैनाती
- 11 से 20 जून तक देखेंगे यात्रा व्यवस्थाओं को
- किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्तः डीएम
रुद्रप्रयाग, 13 जून (निस)। केदारनाथ की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं और यात्रा व्यवस्थाओ के सुचारू संचालन के लिये जिला प्रशासन ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावो पर सेक्टर, सब सेक्टर मजिस्ट्रेटों एवं कर्मियों की छठवें बैच की तैनाती कर दी है। जो 11 जून से 20 जून तक यात्रा व्यवस्थाओ पर निगरानी कर सेवा दंेगे। केदारनाथ धाम यात्रा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने मुहैया सुविधा के तहत सोनप्रयाग से लेकर केदारधाम तक विभिन्न स्थान एवं पड़ावों पर छठवें दल की तैनाती लिस्ट जारी कर दी गई है। जो 11 जून से 20 जून तक यात्रा व्यवस्थाओं का संचालन करेगें। जिलाधिकारी डाॅ राघव लंगर ने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को अपनी जिम्मेदारी एवं दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन के निर्देश दिये हैं। उन्होने तैनात सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया है कि वह अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी व्यवस्थाओं और मोबाइल कनेक्टिविटी की स्थिति व प्रत्येक दिन की गतिविधियों की जानकारी कंट्रोल रूम में देगें। उन्होंने तैनात अधिकारियों एवं कर्मियों की तैनाती की जानकारी देते हुए बताया कि केदारनाथ सेक्टर के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में लघु सिंचाई के अधिशासी अभियन्ता बीके तिवारी, सब सेक्टर मजिस्टेªट के रूप में प्रभारी अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत केदारनाथ मोहन प्रसाद को तैनात किया गया है। जबकि सेक्टर लिनचोली-केदारनाथ के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में आशीष सेमवाल जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी व सब सेक्टर मजिस्टेªट प्रवीन बिष्ट व्यायाम प्रशिक्षक को तैनात किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि भीमबली सेक्टर के लिये सहायक विकास अधिकारी जीएस तडियाल को सेक्टर मजिस्टेªट व ग्राम विकास अधिकारी जयपाल सिंह पंवार को सब सेक्टर मजिस्टेªट के रूप में तैनात किया गया है। गौरीकुण्ड सेक्टर के लिये सहायक अभियन्ता पीएमजीएसवाई राकेश चन्द्र को सेक्टर मजिस्टेªट व ग्राम विकास अधिकारी कमल नयन सेमवाल को को सब सेक्टर मजिस्टेªट बनाया गया हैं। वहीं सोनप्रयाग सेक्टर के लिये राजस्व निरीक्षक युद्धवीर सिंह रावत को सेक्टर मजिस्टेªट एवं राजस्व निरीक्षक बालम सिंह नेगी को सब सेक्टर मजिस्टेªट बनाया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी सेक्टरों के साथ विभिन्न विभागों के कार्मिक भी समबद्ध किये गये हैं। जो अपने सेक्टर मजिस्टेªट, सब सेक्टर मजिस्टेªट के नियंत्रण में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।