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चीन ने सुपरसोनिक न्यूक्लियर व्हीकल का सफल परीक्षण किया

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चीन ने अपने नए सुपरसोनिक न्यूक्लियर व्हीकल के सफल परीक्षण की पुष्टि की है। इसके बाद दक्षिण चीन समुद्र में बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर अमेरिका ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे सैन्य अभ्यास की इंतेहा करार दिया है। हायपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल का चौथा सफल परीक्षण रविवार को किया गया जिसे अमेरिका ने डब्ल्यूयू-14 का नाम दिया है।

चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी ने 18 महीनों में इस हथियार का चौथीं बार सफल परीक्षण किया है। हांगकांग के अखबार साऊथ चायना मॉर्निंग पोस्ट में चीन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि, हमारी टेरेटरी में इस तरह के पहले से निर्धारित वैज्ञानिक शोध और एक्सपेरिमेंट्स साधारण बात है और इन परीक्षणों को किसी देश या विशेष उद्देश्य को लक्ष्य बनाकर नहीं किया जाता। लेकिन अखबार ने सैन्य समीक्षकों के हवाले से यह भी लिखा है कि लगातार हो रहे इस तरह के परीक्षणों से लगता है कि अमेरिका द्वारा चीन के सीमा विवाद में लगातार हस्तक्षेप के जवाब में बीजिंग अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर रहा है।

इस परीक्षण की सबसे पहले खबर देने वाली अमेरिकी वेबसाइट वॉशिंगटन फ्री बीकॉन ने लिखा है कि यह नया व्हीकल एक उच्च तकनीक से बना रणनीतिक हथियार है जो परमाणु और पारंपरिक हथियारों को लक्ष्य तक ले जाने में सक्षम है। इसकी खासियत यह है कि यह अमरिकी मिसाइलों को चकमा देकर बच निकलने में सक्षम है। डब्ल्यूयू-14 को आवाज से 10 गुना ज्यादा रफ्तार पर चलने के लिए बनाया गया है। यह टेस्ट केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष फेन चैंगलॉन्ग की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा के ठीक एक दिन पहले किया गया।

पूरी जिंदगी गरीबों के लिए लडूंगा: राहुल गांधी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वे सफाई कर्मचारियों के हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे। उनकी पूरी जिंदगी गरीब व मजदूर लोगों के लिए समर्पित रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के आपस की खींचतान के कारण आज ईस्ट एमसीडी के कर्मचारियों की ये दुर्दशा हो गई है। उन्हें सैलरी ना मिल पाने के कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

शनिवार शाम करीब 5 बजे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की अगुवाई में ईस्ट एमसीडी के सफाई कर्मचारी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उनके निवास तुगलक लेन पर धन्यवाद करने गए थे। शुक्रवार को राहुल गांधी पटपड़गंज एरिया में ईस्ट एमसीडी के मुख्यालय पर धरने पर बैठे सफाई मजदूरों से मिलने पहुंचे थे। राहुल गांधी के धरने में शामिल होने के कुछ देर बाद ही दिल्ली के एलजी नजीब जंग ने सफाई कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए 493 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश जारी कर दिया था।

राहुल गांधी को धन्यवाद देने के लिए शनिवार को सफाई मजदूर कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ में पूर्व विधायक जय किशन, चरण सिंह कंडेरा व वीर सिंह धिंगान भी राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। सफाई कर्मचारियों ने राहुल गांधी को पगड़ी पहनाकर और बाल्मीकि की एक प्रतिमा भेंट की। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अभी केवल सफाई कर्मचारियों के लिए अस्थाई तौर पर केवल 3 महीने की सैलरी का इंतजाम है।

सफाई कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए जब तक वेज एंड मींस हेड में पैसा नहीं जाएगा तब तक उनकी समस्या का स्थायी हल नहीं निकलेगा। इसलिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को सफाई कर्मचारियों की सैलरी के लिए स्थायी हल निकालना पड़ेगा।



अमिताभ बच्चन बच्चों को इंटरनेट पर कहानियां सुनाएंगे

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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन बच्चों को इंटरनेट पर कहानियां सुनाने जा रहे हैं। अमिताभ बच्चन बच्चों की एक वेबसाइट के मेंटर बने हैं। इस वेबसाइट के गुडलाइफ साउंड सेगमेंट में अमिताभ की आवाज में बच्चे किस्से और कहानियां सुन सकेंगे। वह अब 5 से 9 साल के बच्चों की वेबसाइट वल्डरू डॉट कॉम के प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। इस पर उनकी देखरेख में काम हो रहा है।

अमिताभ ने कहा कि इंटरनेट को बच्चों के लिए सुरक्षित और आसान बनाने की सोच के साथ आया ये प्रोजेक्ट मुझे पसंद है। इंटरनेट पर ऐसा काफी कंटेंट है जो बच्चों के लिए ठीक नहीं। मेरा यह प्रयास हर अभिभावक को पसंद आएगा। मेरा बचपन 70 साल पहले का है। तब कंप्यूटर या तकनीक की बातें ख्याल में भी नहीं थी। हम तो कंचे, गुल्ली-डंडा खेलते थे। बाद में साइकिल चलाते थे। दोस्तों संग खेलते थे। हमें ज्ञान शिक्षकों और अभिभावकों की कहानियों से ही मिलता था। मैं बोर्डिंग में था तब खेल और स्टेज पर ज्यादा एक्टिव था तो इन्हीं शिक्षकों के ज्यादा नजदीक था।

      
उन्होंने कहा कि, ‘‘रक्तरंजित और हथियारों वाले खेल इसमें नहीं होंगे। बच्चे गलत साइट्स पर जाते हैं और परिणाम हमने देखा है। हम किसी को रोक नहीं सकते लेकिन इस पहल से उन्हें रोचक चीजें देंगे ताकि वे अन्य से बच सकें। इसमें समय की पाबंदी अभिभावक तय कर सकेंगे। तय समय सीमा पूरी होते ही साइट खुद बच्चों को चले जाने के लिए कहेगी। इस साइट पर बच्चे फ्रेंड्स ग्रुप बना सकते हैं। इन ग्रुप्स को वे निजी जिंदगी में भी ला सकेंगे जिससे आस पास रहने वाले बच्चे क्रिकेट और फुटबाल मैच खेल सकें।’’ 
      
उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं फिलहाल एक मेंटर की तरह जुड़ा हूं। आने वाले समय में मुझे जो भी बदलाव लगेंगे मैं बताता रहूंगा।’’ इस साइट पर साउंड सेगमेंट होगा जिसमें कहानियां सुनी जा सकेंगी।


पत्रकार जगेंद्र बीवी-बच्चों का अनिश्चितकालीन धरना

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  • कहा, राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को बर्खास्त करने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक जारी रहेगा अनशन 

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वाराणसी। गुंडाराज में खुल्ला सांड़ की तरह घूम रहा शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाने वाला कोतवाल श्रीप्रकाश राय व राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा अब परिवार सहित गवाहों को मुकदमा वापस लेने का दवाब सरकारी माफियाओं के जरिए बना रहा है। ये सरकारी माफिया धमकी दे रहे है कि तुम लोगों ने सूना नहीं कि पार्टी के थिंकटैंक ने जब कह दिया है कि गिरफतारी नहीं होगी, तो इसका मतलब नहीं समझ रहे हो। सरकार से उपर है क्या कोई। क्यों अपनी व अपने बाल-बच्चों को जिंदगी दांव पर लगा रहे हो। अभी तो जगेन्द्र मरा है, क्या मुत लोग भी उसी के पास जाना चाहते हो। भलाई इसी में चुपचाप मुकदमा वापस ले लो, 25 लाख रुपये मिल जायेगा। इस धमकी से डरने के बजाय परिवारीजन आग बबूला हो गए और जवाब में कह दिया जब तक न्याय मिलेगा वह चैन से नहीं बैठेंगे, चाहे जो कीमत चुकानी पड़े। इसके बाद जगेन्द्र की पत्नी व बच्चों सहित कुछ जांबाज पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना शुरु हो गया। परिवारीजनों का कहना है कि राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को बर्खास्त करने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक अनशन जारी रहेगा।  

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गौरतलब है कि मामले की तूल पकड़ता देख सरकार ने जगेन्द्र को जिंदा जलाने वाले कोतवाल श्रीप्रकाश राय सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर चैप्टर क्लोज करना चाहती है। लेकिन सवाल यही है कि क्या इस जघन्य अपराध करने व कराने वालों को यूंह ही छोड़ दिया। क्या एक पत्रकार के शव की कीमत सिर्फ सस्पेंड है, जो दो-चार महीने बहाल हो जायेगा। कदापि नहीं, सरकार के इस तरह के कुकृत्यों को माफ नहीं किया जा सकता। ताज्जुब है कि माफिया मंत्री को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव का पूरा कुनबा जुट गया है। अब देखना इस कुनबे का मीडिया की जंग में कौन भारी पड़ता है। बता दें राज्यमंत्री के कहने पर ही कोतवाल श्रीप्रकाश राय सहित उनके हमराहों ने जगेन्द्र के घर में घुसकर पेटोल छिड़ककर जिंदा जला दिया था। इलाज के दौरान उनकी जगेन्द्र की मौत हो चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोपहर का वक्त था। तभी देखा कि जगेंद्र सिंह के घर के बाहर एक जीप पुलिस और 20-25 युवक जिसमें कोई लाठी-डंडा लिया था तो कोई हाथ में तमंचा लहरा रहा था। पहले तो काफी देर तक जगेंद्र का दरवाजा पीटा गया और जब दरवाजा नहीं खुला तो दो-तीन पुलिस वाले और 5-6 युवक जगेंद्र के घर में कूंद गए। अंदर क्या हुआ उन्हें तो नहीं मालूम, लेकिन कुछ ही देर बाद हवा में उड़ता धुएं का गुबार और चिखने-चिल्लाने की कानों को भेद गया। जगेन्द्र चीख-चीखकर चिल्ला रहा था, राममूर्ति ने उसे अपने गुंडों से जलवा दिया। लोगों के मुताबिक उस दिन पुलिस सारी हदें पार कर दी थी। आग की दहक से लिपटे जगेंद्र चिल्लाते हुए दरवाजे बाहर निकले तो पुलिस वाले व कुछ युवक उन्हें डंडे पीट रहे थे। कह रहे थे अभी तो तुम्हें जलाया है इसके बाद तुम्हारे बीबी-बच्चे व मां-बाप को भी इसी तरह जलायेंगे, देखते है तुम्हें कौन बचाता है। 

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जगेन्द्र के शरीर से जब जले कपड़े हट गए तो पुलिस वालों ने बाल पकड़कर मारते हुए जीप में बैठा लिया। जो लड़के साथ आए थे उन्होंने भी जगेंद्र को लातों से पीटा और खींचते हुए ले जा रहे थे। पुलिस के इस तांडच से वहां का पूरा इलाका दहशत में है। सरकार के अधिकारी से लेकर नेता तक धमकी देते फिर रहे है कि अगर किसी ने जबान खोली तो उसका जगेन्द्र सिंह से भी भयंकर हाल होगा। कोई कुछ नहीं कर पायेगा, क्योंकि उनकी सरकार है। इस धमकी व दहशत के बावजूद जब शाहजहांपुर का दौरा किया गया एवं मौके का हाल जाना गया तो हकीकत रोंगटे खड़े कर देने वाले सामने आएं है। जहां जगेंद्र को जलाया गया था, वहां के लोग घरों में दुबके पड़े है। चर्चा करने पर उनके समक्ष फिल्मी अंदाज में घटित खूनी मंजर उनके आंखों के सामने नाचने लगता है। दबी जुबान से ही सही लेकिन लोगों ने बताया कि किस तरह इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय व अन्य पुलिस वालों के अलावा उनके साथ आए 20 से 25 हथिारबंद युवकों ने जगेन्द्र के घर में धुस कर तांडव मचाया। खौफनाक मंजर देख लोग अपने घरों में दुबक गएं और कुछ ही देर बाद चीखने-चिल्लाने की आवाज उनकी रुह कपा गयी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोपहर का वक्त था। तभी देखा कि जगेंद्र सिंह के घर के बाहर एक जीप पुलिस और 20-25 युवक जिसमें कोई लाठी-डंडा लिया था तो कोई हाथ में तमंचा लहरा रहा था। पहले तो काफी देर तक जगेंद्र का दरवाजा पीटा गया और जब दरवाजा नहीं खुला तो दो-तीन पुलिस वाले और 5-6 युवक जगेंद्र के घर में कूंद गए। अंदर क्या हुआ उन्हें तो नहीं मालूम, लेकिन कुछ ही देर बाद हवा में उड़ता धुएं का गुबार और चिखने-चिल्लाने की कानों को भेद गया। जगेन्द्र चीख-चीखकर चिल्ला रहा था, राममूर्ति ने उसे अपने गुंडों से जलवा दिया। लोगों के मुताबिक उस दिन पुलिस सारी हदें पार कर दी थी। 

आग की दहक से लिपटे जगेंद्र चिल्लाते हुए दरवाजे बाहर निकले तो पुलिस वाले व कुछ युवक उन्हें डंडे पीट रहे थे। कह रहे थे अभी तो तुम्हें जलाया है इसके बाद तुम्हारे बीबी-बच्चे व मां-बाप को भी इसी तरह जलायेंगे, देखते है तुम्हें कौन बचाता है। जगेन्द्र के शरीर से जब जले कपड़े हट गए तो पुलिस वालों ने बाल पकड़कर मारते हुए जीप में बैठा लिया। जो लड़के साथ आए थे उन्होंने भी जगेंद्र को लातों से पीटा और खींचते हुए ले जा रहे थे।  उपरोक्त घटनाक्रम से साफ है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने मामले में तत्परता नहीं दिखाई है। इस हाल में जगेंद्र के परिवार से न्याय होगा, यह आशा कैसे की जा सकती है? इसीलिए यह मांग उचित है कि मामला सीबीआई को सौंपा जाए। या फिर न्यायिक जांच आयोग बनाया जाए। इससे मुकरकर अखिलेश यादव सरकार अपनी मंशाओं को संदिग्ध ही बना रही है। 




सुरेश गांधी 
वाराणसी 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 जून)

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मुख्य मंत्री हरीश रावत को राधामोहन सिंह की चुनौती, देश के विकास के लिए स्वदेशी अपनाएं

देहरादून, 14 जून। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने रविवार को देहरादून मुख्य मंत्री हरीश रावत को खुली चुनौती देते हुये कहा कि यदि मुख्य मंत्री जी को लगता है कि मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने उत्तराखंड को मिलने वाली कुल राशि में यूपीए सरकार द्वारा दी गयी राशि की तुलना में कटौती की है तो वे लिख कर भेजें। वे स्वयं वित्त मंत्री से मिल कर अगले दिन ही यूपीए सरकार द्वारा जारी की गयी राशि के बराबर धन का आंवटन करा देंगे।  अब देखना है कि मुख्य मंत्री जी उत्तराखंड के हित में चुनौती स्वीकार करते हैं अथवा कांग्रेस हाई कमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तर्ज पर उत्तराखंड की जनता को गुमराह करने का काम जारी रखते हैं। वहीं यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के विकास के लिए स्वदेशी को अपनाएं। उन्होंने कहा कि देशवासी जितना अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे, देश में उतने अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रविवार को संस्कार भारती उत्तराखंड के प्रथम अधिवेश के समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने सभी से कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, युवा आसानी से कृषि आधारित व्यवसाय को अपनाकर अपने भविष्य को संवार सकता है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए जरूरी है कि लोग अधिक से अधिक स्वादेश उत्पादकों को अपनाएं। इससे न सिर्फ देश के आर्थिक हालात सुधरेंगे बल्कि रोजगार के अवसर भी काफी बढेंगे।  राधा मोहन सिंह ने कहा कि विदेश उत्पादों पर निर्भरता के कारण ही घरेलू उत्पादों को काफी धक्का पहंुच रहा है। जिससे देश में बेरोजगारी भी काफी बढ़ी है। सरकार इस प्रकार की कार्ययोजना तैयार कर रही है। जिससे देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिले। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जनभावनाओं को ध्यान में रखकर ही अपनी योजनाओं को संचालन कर रही है। सरकार की मंशा है कि हर आदमी के हाथ में काम हो और भारत दुनियां में तरक्की की एक मिसाल बनकर उभरे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। 

‘‘बीफ‘‘ गांव का नाम बदलकर हुआ नारायणपुरी, किसी अंग्रेज ने रखा था इस गांव का नाम बीफ

बड़कोट, 14 जून (निस)। केन्द्र सरकार ने दिशा-निर्देश जारी होने के बाद अब यमुनोत्री धाम के निकट अंतिम गांव बीफ को अब नारायणपुरी के नाम से जाना जाएगा। पिछले काफी समय से ग्रामीण सरकार से दस्तावेजों में गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। गांव का नया नाम नारायणपुरी भी ग्रामीणों की ओर से सुझाया गया था। इस संबंध में गांव के निवासी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्व.राजेंद्र सिंह रावत ने 1997 में भारत सरकार को पत्र लिखा। लेकिन, लंबे समय तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। उनके निधन के बाद उनके पुत्र अरविंद रावत ने 2007 में एक बार फिर भारत सरकार को प्रार्थना पत्र भेजा और गांव का नाम बदलने की मांग के तर्क भी गिनाए। पत्र में उन्होंने बताया कि बीफ का अंग्रेजी में शाब्दिक अर्थ गौवंश से संबंधित पशु के मांस से होता है। यमुनोत्री धाम की ओर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जानकीचट्टी से लगा यही गांव सबसे अंतिम गांव है। लिहाजा यात्री व पर्यटक इस नाम को सुनकर असंमजस की स्थिति में आ जाते हैं। इसलिए धार्मिक मान्यता के अनुसार गांव का नाम का परिवर्तन जरूरी था। हालांकि इस गांव का नामकरण कब किया गया और क्यों किया गया इसका ठोस प्रमाण नहीं मिल सका है। गांव के बुजुर्गाे की मानें तो ब्रिटिश शासनकाल में किसी अंग्रेज ने किसी गोवंश के पशु का शव देखकर इसका नाम बीफ रख दिया हो। अरविंद रावत बताते हैं कि चूंकि यमुना का उद्गम गांव से महज पांच किमी की दूरी पर है और चार धामयात्रा की शुरुआत यहीं से होती है। ऐसे में हिदू धर्म और स्थानीय लोगों की सोच के अनुसार इस गांव का नाम बदला जाना जरूरी था। पहाड़ की तलहटी में बसे इस गांव पर भगवान नारायण की ही कृपा मानी जाती है। इस गांव के ठीक ऊपर बने नारायण मंदिर स्थित है और ग्रामीणों के मुताबिक उत्तरकाशी का पहला नारायण का मंदिर माना जाता है।

आपसी समन्वय से कार्य करें अधिकारीः सीएम 

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देहरादून, 14 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनसमस्याओे के त्वरित समाधान तथा क्षेत्रीय विकास से सम्बन्धित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये अधिकारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की है। उन्होंने जनपद व शासन स्तर पर भी अधिकारियों से बेहतर समन्वय की अपेक्षा की है। बेहतर समन्वय तथा आपसी तालमेल से ही अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकेंगे। विकास भवन सभागार पिथौरागढ़ में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी अधिकारियों से बीडीसी एवं जिला पंचायत आदि की मासिक बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि इस प्रकार बैठकों का पूरा विवरण भी उन्हें उपलब्ध कराया जाए। विवरण में यह भी स्पष्ट किया जाय कि कितनी बैठके आयोजित हुई, कौन कौन अधिकारी उसमें उपस्थित हुए। ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने सम्बन्धी प्रयासों का भी विवरण में जिक्र किया जाए। अधिकारी ये समझ ले कि सभी लोग उनकी कार्य संस्कृति से संतुष्ट नहीं हैं। इसके लिये उन्हें जनता के बीच जाना होगा उनकी समस्या समझनी होगी उनकी तकलीफों को दूर करने में मददगार बनना होगा। अधिकारीगण विभागों के प्रति उठने वाले सवालों का समाधान ढूंढे। उन्होंने जनपद स्तर पर जनसमस्याओं के निराकरण के लिये विकसित किये गए प्रयासों की भी विभागवार जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये पारदर्शी प्रयास हो, समाधान के तहत निस्तारित शिकायतों के सम्बन्ध में डीएम, सीडीओ व एडीएम संयुक्त रूप से स्थिति का आंकलन करें। डीएम व सीडीओ कम से कम 10 व 15 प्रतिशत प्रकरणों की आकस्मिक जांच भी करें। भूमि सम्बन्धी विवादों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए उपजिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिये जाएं व वार्षिक कार्य आकलन में इसे सम्मिलित किया जाए यह जिम्मेदारी भी डीएम की होगी। लोक निर्माण व सिंचाई विभाग, सड़कों व बाढ़ सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए। ठकेदारों पर प्रभावी नियंत्रण रखें, गुणवत्ता की जांच करें। सीमांत क्षेत्रों की सड़कों के निर्माण की धीमी प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने 22 जून के बाद लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, एडीबी, वल्र्ड बैंक व बीआरओ के अधिकारियों की देहरादून में बैठक बुलाई है। पेयजल योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के लिये जल निगम व जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्यों को बरसात से पहले पूर्ण करने के लिए सिंचाई विभाग को भी सख्त हिदायत उन्होंने दी। बिजली विभाग के अधिकारी चरणबद्ध ढंग से पुराने पोलों व तारों को बदलने का कार्य एक अभियान के रूप में चलाएं। कृषि व बागवानी को हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र वितरित करने, कृषि, बागवानी, दुग्ध विकास एवं पशुपालन को एक दूसरे से जोड़कर समेकित योजना क्रियान्वित करने के भी उन्होंने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकसान को रोकने के लिये बड़े स्तर पर तारबाड़, सुरक्षा दीवार व बन्दरबाड़े बनाने के लिये कार्य योजना बनायी गई है, इस योजना को व्यापक स्तर पर संचालित करने पर लगभग 1200 करोड़ का व्यय अनुमानित है। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने पिथौरागढ़ व चम्पावत को भी दुग्ध उत्पादक क्षेत्र के रूप में विकसित करने व पिथौरागढ़ में आधुनिक गौशाला एवं दुग्धशाला स्थापित करने के निर्देश दिए। प्रदेश को प्याज उत्पादन क्षेत्र चिन्हित कर इसके भी कलस्टर तैयार किए जाए ताकि नासिक व राजस्थान के प्याज की तरह हम अपना प्याज बाजार में ला सके। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों के विक्रय में भागीदारी सुनिश्चित कराने से यहाॅ आने वाले पर्यटक यहाॅ के उत्पादों को अपने साथ ले जायेगें इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हर पात्र व्यक्ति को समय पर पेंशन मिलें यह समाज कल्याण विभाग सुनिश्चित करें इसके लिए अभियान चलाया जाए। लोक कल्याण की भावना के अनुरूप ‘‘यह नहीं हो सकता के बजाय यह कैसे हो सकता है’’ यह सोच विकसित की जाय। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एवं मेरा गांव मेरा धन योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हो इसके लिये बैंकों को सहयोगी बनाया जाए। बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र सिंह महरा, विधायक मयूख महर, नारायण राम आर्य, अध्यक्ष वन विकास निगम हरीश धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, नगरपालिका अध्यक्ष जगत सिंह खाती, कुमायूं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी कुमायूं पी.एस.सैलाल, जिलाधिकारी सुशील कुमार, मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, अपर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य, उपजिलाधिकारी सदर अनुराग आर्या, विभिन्न जनप्रतिनिधि सहित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

छात्रावास अवस्थापना सुविधाओं के लिए सीएम ने दिये 10 लाख 

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देहरादून, 14 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को एंचोली में रं जाति छात्रावास का शुभारम्भ करते हुए छात्रावास की अवस्थापना, सुविधाओं के लिये 10 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रं कल्याण संस्था के प्रयासों से निर्मित यह छात्रावास अनुसूचित जनजाति के छात्रों को बेहतर शिक्षा का माहौल प्रदान करने में मददगार होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने रं समाज द्वारा अपनी पारम्परिक लोक संस्कृति के संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों में शान्ति का संवाहक बताया। उन्होंने कहा कि रं समाज ने अपनी मेहनत एवं लगन से प्रदेश ही नहीं देश व विदेशों में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है, अपनी विशिष्ट लोक संस्कृति की पहचान को बनाये रखने में भी सफल रहे हैं। यह समाज अपनी जड़ों से जुड़कर अपनी सांस्कृतिक सीमा की भी रक्षा कर रहा है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहकर जीवनयापन करना अपने आप में बड़ी तपस्या है। इस तपस्या को सुगम बनाने के लिये हमारे प्रयास जारी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही छोटा कैलाश व ऊॅ पर्वत की भी यात्रा शुरू की गई है। इन यात्राओं से जुड़ी दारमा, ब्यास व चैंदास घोटियों को जोड़ने के सभी सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन से इन क्षेत्रों में निर्मित होने वाले पुलों व सड़कों के निर्माण में तेजी लाने को कहा जा रहा है। यहां के निवासियों की कठिनाइयां दूर हो, इस यात्रा मार्ग पर हेलीकाॅप्टर सेवा भी उपलब्ध करायी जा रही है। इस यात्रा के साथ ही चार धाम, हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू होने से सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश व दुनिया में गया है। उत्तराखण्ड के लोग आपदा की पीड़ा से उबर चुके हैं। लोगों के उत्साह की भावना हमारी प्रेरणा है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए भी ऐसे छात्रावास बनाने तथा उन्हें भी शिक्षा का बेहतर माहौल उपलब्ध करने पर बल दिया। इस अवसर पर राज्सभा सांसद महेन्द्र सिंह माहरा ने भी रं छात्रावस के लिये 5 लाख की धनराशि प्रदान की। नगरपालिका अध्यक्ष पिथौरागढ़ जगत सिंह खाती द्वारा भी 10 लाख की मदद का भरोसा दिया। इस अवसर पर विधायक मयूख महर ने भी विचार रखे। संस्था के संरक्षक नृप सिंह नपच्याल एवं अध्यक्ष चन्द्र सिंह नपच्याल द्वारा संस्था के कार्यकलापों की जानकारी दी। कार्यक्रम  में अध्यक्ष जिला पंचायत प्रकाश जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में संस्था के सदस्यगण उपस्थित थे।

राज्यपाल ने किए बद्रीनाथ के दर्शन तीर्थाटको के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया

देहरादून, 14 जून (निस)। प्रदेश के राज्यपाल ड़ा0 कृष्ण कांत पाॅल ने आज प्रातः श्री बद्रीनाथ मन्दिर पहँुचकर भगवान के दर्शन किए और राज्य एवं देश के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने बद्रीनाथ मन्दिर कमेटी के पदाधिकारियों तथा स्थानीय प्रशासन से मन्दिर समिति की व्यवस्थाओं सहित यात्रियों की सुविधाओं के लिए की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। उनके संज्ञान में लाया गया कि बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन लगभग छः से सात हजार यात्री दर्शन के लिए आ रहे है तीर्थयात्रियों की संख्या को आशानुकुल बताते हुए उन्होनें कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम परिक्षेत्र आस्था का केन्द्र होने के दृष्टिगत धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण स्थल है। इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं।  राज्यपाल ने तीर्थाटको की सुगम व सुरक्षित यात्रा हेतु की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा के बाद व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने मन्दिर परिसर में सौन्दर्यीकरण एवं स्वच्छता पर भी प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि पर्यटकों को निजी वाहनों से यहाॅ तक  सुगमतापूर्वक से पहुॅचने की सुविधा मिली हुई है इससे तीर्थाटकों की संख्या में स्वाभाविक रूप से बढ़ोत्तरी होगी। राज्यपाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार प्रातः 9ः00 बजे अपनी धर्मपत्नी श्रीमती ओमिता पाल के साथ मन्दिर में पहुॅचे जहाॅ उन्होंने पूजा अर्चना के उपरान्त ब्रह्मकपाल में पितरों के निमित्त पिण्ड़दान, तर्पण एवं हवन किया। भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी अशोक कुमार, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, सहित स्थानीय प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे। राज्यपाल श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बाद राजभवन देहरादून पहँुच चुके है।

सीएम आवास कूच करते यूकेडी कार्यकर्ता गिरफ्तार

देहरादून, 14 जून (निस)। आपदा राहत घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सीएम आवास कूच कर रहे उत्तराखण्ड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने राजपुर रोड में दिलाराम के समीप गिरफ्तार कर लिया। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार यूकेडी के कार्यकर्ता यहां दिलाराम चैक पर रविवार की सुबह एकत्रित हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिस समय वे सीएम आवास की ओर कूच करने के लिए जैसे ही जूलूस की शक्ल में आगे बढ़ने लगे। वहां पहले से ही पुलिस बल ने उन्हे रोक लिया। जिसके बाद उक्रांद कार्यकर्ताओं की पुलिस से काफी नोकझोंक हुई। जब सीएम आवास के घेराव के इच्छुक उक्रांद कार्यकर्ता नही माने तो पुलिस ने उन्हे अपने हिरासत में ले लिया और फिर कनक चैक ले जाकर छोड दिया। जिसके बाद आक्रोशित उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कनक चैक पर ही सरकार और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस ने उन्हे धरने से उठाकर गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गयी। इस मौके पर उक्रांद कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्र को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य गठन के 15 वर्षो के बाद भी राज्य के आर्थिक हालात बदतर बने हुए है। यहां आई अब तक की सरकारें प्रदेश की जनताओं की आस्थाओं पर किसी भी प्रकार से खरी नही उतरी है। प्रदेश से रोजगार के लिए पलायन अब भी बदस्तूर जारी है। उक्रांद ने मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में जनभावनाओं के अनुरूप राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंड तथा आपदा राहत घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

छात्रा के अपहरण का मामला दर्ज

देहरादून, 14 जून (निस)। विगत 10 जून से लापता एक किशोरी के परिजनों ने धर्मावाला चैकी में उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के बादशाहीबाग का रहने वाला एक युवक उसे बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी हाईस्कूल में पढ़ रही है। मामला दो अलग अलग संप्रदाय का होने के कारण पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार थाना सहसपुर क्षेत्र के एक गांव से छात्रा 10 जून को अचानक लापता हो गई। परिजनों ने उसे इधर-उधर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि छात्रा को विकास पुत्र रामपाल निवासी बादशाहीबाग थाना मिर्जापुर जिला सहारनपुर उत्तर-प्रदेश बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। परिजनों ने पुलिस में छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है

छात्रा के अपहरण का मामला दर्ज

देहरादून, 14 जून (निस)। विगत 10 जून से लापता एक किशोरी के परिजनों ने धर्मावाला चैकी में उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के बादशाहीबाग का रहने वाला एक युवक उसे बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी हाईस्कूल में पढ़ रही है। मामला दो अलग अलग संप्रदाय का होने के कारण पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार थाना सहसपुर क्षेत्र के एक गांव से छात्रा 10 जून को अचानक लापता हो गई। परिजनों ने उसे इधर-उधर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि छात्रा को विकास पुत्र रामपाल निवासी बादशाहीबाग थाना मिर्जापुर जिला सहारनपुर उत्तर-प्रदेश बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। परिजनों ने पुलिस में छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है।

फांसी लगाकर महिला ने दी जान

देहरादून, 14 जून (निस)। नेहरूकाॅलोनी थाना क्षेत्र के नथनपुर गांव में घरेलू विवाद के चलते एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रविवार की सुबह नीलम (30 वर्ष) पत्नी शशिपाल निवासी लक्ष्मी डेयरी नथनपुर ने फंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब नीलम अपने कमरे से बाहर नही आई तो परिजनों ने उसके कमरे के भीतर जाकर देखा। भीतर देखकर परिजनों के होश पाख्ता हो गए। नीलम ने फंखे से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।  इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गयी। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नीलम के फांसी लगाने की सूचना पर उसके मायके वाले भी मौके पर पहंुच गए। पुलिस ने इस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि नीलम की शादी शशिपाल से वर्ष 2005 में हुई थी।

दून-हावड़ा एक्सपे्रस में लूटपाट

देहरादून, 14 जून (निस)। बीती रात लुटेरों ने चेन खींचकर देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस को एथल और लक्सर के बीच रोकने के बाद उसमें लूटपाट की। इस दौरान लुटेरों ने स्लीपर क्लास की कोच में महिलाओं की चैन, कान के कुंडल छिन लिए, जबकि मोबाइल, रुपये और सामान भी लूट लिया। पुलिस के अनुसार कि लुटेरों ने बीती रात एथल और लक्सर के पास देहरादून हावड़ा एक्सप्रेस की चैन पुलिंग की। इसके बाद ट्रेन खड़ी हो गई। दर्जनों की तादाद में लुटेरे स्लीपी क्लास में गुस आए। जिससे यात्रियो ंमे ंहडकंप मच गया। बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि बदमाशों के पास हथियार थे,इसलिए कोई भी यात्री उनका विरोध करने का साहस नही जुटा पाया।  इस दौरान लुटेरों ने फैजाबाद निवासी प्रभावती व हरिद्वार सुभाष नगर निवासी बीना से कान के कुंडल लूटे। पीडि़तों ने रामपुर यूपी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री स्वामी को याद किया 

देहरादून, 14 जून (निस)। नित्यानन्द स्वामी जन सेवा समिति की तरफ से स्व0 स्वामी दंपति की स्मृति में आज के परिवेश में नारी शिक्षा पर समीक्षात्मक विवेचना का आयोजन किया गया था। जिसमें संस्था के अध्यक्ष बख्सी के द्वारा बताया गया कि इस माह में स्व0 स्वामी के विवाह की वर्षगांठ होती है। इसलिए इसका आयोजन किया गया क्योंकि स्वामी नारी शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे इसका जीवंत उदाहरण यह था कि उन्होंने अपने विवाह के उपरांत अपनी धर्मपत्नी चन्द्रकांता स्वामी को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया और उनको उच्च शिक्षा पूर्ण ग्रहण करवाई, जिसके उपरांत श्रीमती स्वामी विधिक शिक्षा अधिकारी के रूप में बेसिक शिक्षा के रूप में कार्यरत रही हैं शिक्षा का ऐसा उत्कर्ष उदाहरण अनुकरणीय है। और स्वामी के नाती विनायक शर्मा ने अपने संबोधन में जानकारी दी कि संस्था नित्यानन्द स्वामी के विचारों व सोच को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में श्रीमती दलजीत कौर प्राचार्य प्रतिशियन कालेज द्वारा नारी शिक्षा पर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आंकड़े प्रस्तुत किये गए, दूसरी वक्ता डा0 इन्दु सिंह प्राचार्य एमकेपी कालेज ने दी आज के परिवेश में नारी की प्रयोगात्मक परेशानियों को दर्शाते हुए अपने विचार प्रकट किए इसके उपरांत समाज के जाने माने प्रतिष्ठित डा. एस. फारूख ने अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये  इसके उपरांत मुख्य व विशिष्ठ अतिथि श्रीमती विजया बड़थ्वाल पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक ने अपने विचार रखते हुए राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा नारी शिक्षा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी इसके उपरांत समिति के सदस्य राष्ट्रपति पुरूस्कार पारित सुचित नांरग द्वारा अपने आभार संबोधन में बताया गया कि स्वामी की पुत्री ज्योत्सना शर्मा व नाती विधायक शर्मा बड़ी लगन से स्व. स्वामी के जनहित के कार्य को पूरी लगन से करने में लगे हुए हैं इस कार्यक्रम में श्री रंजीत सिंह वर्मा, सुशीला बड़ोनी, घन्नानन्द बुड़ेाला, श्रीमती विनोद उनियाल, श्रीमती किरण, विजय जायसवाल, रघुवीर सिंह पंवार, डा0 अमित सिंह ,बी.पी.कम्बोज , एस.पी. संघी, विशाल शर्मा, गोपाल पुरी, अमर चबडि़या श्रीमती जनक गुलाटी विजेन्द्र राणा, विपिन राणा, शुबोध शर्मा, के.पी सिंह, अंजलि वर्मा, एवं शहर से गणमान्य लोगों से सभागार भरा हुआ था। सभी लोगों ने स्व0 नित्यानन्द स्वामी दंपति को अपनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।

वन्यजीव विविधता से होंगे स्कूली बच्चे परिचित

कोटद्वार, 14 जून (निस)। कार्बेट टाइगर रिजर्व का प्रशासन स्कूली बच्चों को कार्बेट की वन्यजीव विविधता से परिचित कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पार्क प्रशासन ने कोटद्वार के रिसेप्शन सेंटर में ऑडियो विजुअल सेवा की शुरूआत कर दी है। जिसके माध्यम से स्कूली बच्चों को डॉक्यूमेंट्री के जरिए सीटीआर से रुबरू कराया जाएगा। कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कोटद्वार स्थित रिसेप्शन सेंटर में विभाग पुस्तकालय खोलने के बाद अब ऑडियो विजुअल सेवा शुरू कर रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने कई वन्यजीवों और पर्यटक स्थलों की ड्रॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई है। एक जुलाई से स्कूल खुलने के बाद से स्कूली बच्चों को यह फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके लिए विभागीय कर्मचारी तैयारी कर रहे हैं। ऑडियो विजुअल के लिए हाल तैयार कर फर्नीचर और मशीनें लगवा दी गई हैं। 

किशोरी पर धारधार हथियार से हमला

कोटद्वार, 14 जून (निस)। शनिवार देर रात नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम नलाई तल्ली में एक किशोरी पर किसी ने धारधार हथियार से हमला कर उसे गंभीर घायल कर दिया। सेवा 108 से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नैनीडांडा में भर्ती कराया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रामनगर रेफर कर दिया गया है। पीडि़ता के पिता ने अज्ञात के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गयी है। मिली जानकारी के अनुसार नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम नलाई में महेंद्र सिंह का घर है। मजदूरी के चलते वह दूसरे गांव अपोला गया हुआ था, जबकि पुत्र अर्जुन सिंह विवाह समोराह में फोटोग्राफी करने के लिए कहीं गया था। घर में सोलह वर्षिय पुत्री अंकिता और पत्नी रामेश्वरी देवी थी। पुलिस ने बताया कि शनिवार रात करीब 10 बजे तक दोनों मां और बेटी घर में टीवी देख रहे थे। इसके बाद अंकिता टीवी वाले कमरे में सो गई, जबकि मां दूसरे कमरे में सोने के लिए चली गई। रात करीब डेढ़ बजे मां बेटी की कमरे की ओर आई। इस दौरान अंकिता को बिस्तरे पर लहूलुहान देखकर उसके होश उड़ गए। शोर मचाने पर आस पास के लोग वहां एकत्र हुए। सुबह करीब पांच बजे सेवा 108 की मदद से घायल अंकिता को सीएचसी नैनीडांडा में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर रामनगर रेफर कर दिया है। इस संबंध में पीडि़ता के पिता महेंद्र सिंह ने अपने दामाद पर शक जताते हुए अज्ञात के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। वहीं, थानाध्यक्ष धूमाकोट एनके बचकोटी ने बताया कि महेंद्र सिंह का दामदा फरार चल रहा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। 

आपदा के बाद पैदल मार्ग की सुध नही ली

गोपेश्वर, 14 जून (निस)। वर्ष 2013 में आई केदारघाटी आपदा में क्षतिग्रस्त बदरीनाथ बामणी पैदल मार्ग की सरकार व प्रशासन आज तक सुध नहीं ले रहा है। इस पैदल मार्ग से यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले आम श्रद्धालु पुराना बाजार से मंदिर तक पहुंचते हैं, लेकिन मार्ग की जर्जर स्थिति से स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों में भी आक्रोश है। श्री बदरीनाथ धाम में पुराना बाजार से बदरीनाथ मंदिर तक जाने के लिए एकमात्र पैदल मार्ग है। यह पैदल मार्ग इस समय नगर पंचायत बदरीनाथ के अधीन है। वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान यह पैदल मार्ग ऋषिगंगा पुल के पास 200 मीटर क्षतिग्रस्त हो गया था। इस संबंध में स्थानीय लोग दो वर्षाे से नगर पंचायत, जिला प्रशासन व सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पैदल मार्ग की मरम्मत नहीं की जा रही है। बताते चलें कि जब श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं तो पुराना बाजार से मंदिर तक उत्सव डोली भी इसी रास्ते से होकर गुजरती है। बावजूद इसके इस मार्ग की मरम्मत न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। बामणी गांव निवासी धीरज मेहता का कहना है कि यात्राकाल के दौरान इसी पैदल मार्ग से अधिकतर यात्री बदरीनाथ मंदिर तक जाते हैं। मार्ग जगह जगह क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। तीर्थ पुरोहित मुकेश अलखनिया का कहना है कि यात्रियों के अलावा बामणी गांव के लोग व पंडित मुहल्ले की लोगों की प्रतिदिन इसी मार्ग से आवाजाही होती है। बताया कि कई बार लोग क्षतिग्रस्त मार्ग पर गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।

कई इलाकों में पेयजल संकट ने दी दस्तक

चम्पावत, 14 जून (निस)। पहाड़ में भी अब पर्यावरण असंतुलन व ग्लोबल वार्मिग का असर नजर आने लगा है। जिले के 72 फीसदी भू-भाग पर जंगल होने से यहां भू जल संरक्षण के हिसाब से अभी डार्क एरियाओं की तादाद इक्का-दुक्का है। बावजूद इसके लोहाघाट क्षेत्र के घाट-घाट में पानी का जलस्तर गिरने से यह ग्रे से डार्क एरिया में शामिल हो गया है। यही वजह है कि गर्मी के सीजन में अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मच रहा है। बढ़ते पेयजल संकट को लेकर पर्यावरण वैज्ञानिकों ने बी चेताया है। यदि हम नहीं चेते तो हालात और गंभीर हो सकते हैं। पहाड़ में हो रहे बेतरतीब सीमेंट-कंक्रीट के निर्माण, लगातार काटे रहे जंगलों और मौसम में आए बदलाव से यहां के भू-जल स्तर में भी खासी कमी आई है। जहां एक दशक पूर्व तक अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल के पर्याप्त स्रोत थे, अब उनका जल स्तर तेजी से घट रहा है और कई स्रोत सूख चुके हैं। खास तौर से जनपद के लोहाघाट विकासखंड को डार्क एरिया में शामिल कर लिया गया है, जहां के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल की खासी किल्लत लगातार बनी रहती है। गर्मी के सीजन में पुल्ला ङ्क्षहडोला कस्बे सहित कई क्षेत्रों में पानी को लेकर खासा हाहाकार मच जाता है। हालांकि इस बार इन क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगाना पड़ा, जिसकी वजह से पेयजल को लेकर अब कुछ राहत है। इसके अलावा ग्रे एरिया के तहत चम्पावत, पाटी और बाराकोट विकासखंडों के इलाके शामिल हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में भी गर्मी के दिनों में पेयजल संकट का असर दिखने लगता है। हालांकि पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के कुछ इलाकों में जल स्तर के आंकड़े संतोषजनक हैं। जहां मैदानी क्षेत्रों में 10 मीटर जमीन के भीतर तक पानी का स्रोत मिल जाता है। वहीं, पर्वतीय इलाकों में पहाड़ की रौलियां पानी का मुख्य स्रोत होती हैं। लेकिन कई इलाकों में पेयजल संकट दस्तक देने लगा है। ऐसे में यदि समय रहते हम पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक नहीं होंगे तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

शिक्षकों को गैरहाजिरी पर भुगतने होंगे परिणाम 

पिथौरागढ़, 14 जून (निस)। सीएम ने विद्यालयों में शिक्षकों के मौजूद नहीं रहने को गंभीर बताया है। लगातार 15 दिनों तक मानीटरिंग करने तथा शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर खंड शिक्षाधिकारियों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी । जनसमस्याओं के निदान में विलंब होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए। मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान में जनता मिलन दरबार के दौरान जनता की समस्याएं सुनी। इस दौरान अधिकांश शिकायतें शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई, समाज कल्याण से जुड़ी थी। इस दौरान ग्रामीणों क्षेत्रों से आए लोगों ने विद्यालयों में शिक्षकों के नहीं आने की शिकायत की थी। जिस पर सीएम ने खंड शिक्षाधिकारियों को खड़ा कर स्थिति की जानकारी मांगी। आने वाले 15 दिनों तक जिले के सभी विद्यालयों की मानीटङ्क्षरग करते हुए कमी मिलने पर बीईओ के खिलाफ ही कार्रवाई के निर्देश दिए।

अगर वनों में लगाई आग तो खैर नहीं

बागेश्वर, 14 जून (निस)। जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल ने कहा है कि वनों को आग से बचाने के लिए ठोस उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वनों में आग लगते ही तत्काल कार्रवाई करें। वनाग्नि नियंत्रण की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल ने कहा कि अधिकारी फील्ड स्टाफ को सचेत करें। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि नियंत्रण में सबसे अधिक आवश्यकता जन सहयोग की होती है। कहा कि वनाग्नि से न केवल वन सम्पदा जलकर नष्ट होती है बल्कि पेयजल स्रोत भी सूख जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्थान में वनों में आग लगने की सूचना मिलते ही तुरंत बुझाने के लिए सामूहिक प्रयास हों। उन्होंने कंट्रोल्ड फायर पर नजर रखने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि जंगल में आग लगने के कारणों का पता लगाकर आग लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रभारी वनाधिकारी के अनुसार सभी फील्ड स्टाफ को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।

दो घरों से चोरों का धावा, लाखों का माल पार

रुद्रपुर, 14 जून (निस)। अज्ञात चोरों ने दो बंद घरों में धावा बोलकर नगदी और जेवर समेत लाखों का माल उड़ा लिया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। सिंह कालोनी गली नं. 5 निवासी हरिओम शर्मा पुत्र रामपाल एक माह पूर्व ही यहां किराये के मकान में रह रहे है।ं हरिओम शर्मा अपना कैंटर वाहन चलाते हैं। हरिओम ने बताया कि गत 19 मई को वह रूद्रपुर से सामान लेकर उत्तर प्रदेश जा रहे थे। मार्ग में संडीला के पास सिलेंडर भरे ट्रक से एक्सीडेंट हो गया और उन्हें गंभीर चोटें आ गयीं। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बरेली चिकित्सालय रेफर हुए। परिवार भी उन्हीं के साथ था। उन्होंने बताया कि रविवार प्रातः वह परिवार सहित जब घर वापस लौटे तो मुख्य द्वार का ताला टूटा हुआ था। जब वह अंदर गये तो कमरों के ताले भी टूटे हुए थे और भीतर सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था। उनका कहना है कि अज्ञात चोरों द्वारा अलमारी में रखे करीब 1 लाख कीमत के सोने चांदी के जेवरात, चांदी के 7 सिक्के, 3 सिलेंडर, टेलीविजन, पानी की मोटर व अन्य सामान चुरा लिया गया उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी जिस पर पुलिस ने आकर मौका मुआयना किया। चोरी की दूसरी वारदात शान्ति विहार कालोनी में हुयी। यहां चोरों ने गली नं. 3 निवासी दिनेश मिश्रा के घर को भी अपना निशाना बनाया। दिनेश मिश्रा करीब चार दिन पूर्व परिवार सहित लखनऊ गये हुए हैं। रविवार प्रातः जब पड़ोसियों ने उनके घर का ताला टूटा देख भीतर जाकर देखा तो सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था। उन्होंने घटना की सूचना तत्काल दिनेश मिश्रा व पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घर का मुआयना किया। घर की अलमारी खुली हुई थी और ज्वैलरी के कई खाली डिब्बे बिखरे हुए थे। साथ ही अन्य सामान भी अस्तव्यस्त पड़ा हुआ था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि चोरों द्वारा घर से लाखों की कीमत के जेवरात, नकदी व अन्य कीमती सामान चोरी किया गया। पुलिस का कहना है कि दिनेश मिश्रा के वापस लौटने पर ही चोरी गये माल की कीमत का पता चल सकेगा।

प्रदेश में विद्युत मांग बढ़ी 

देहरादून, 14 जून (निस)। राज्य के जल विद्युत गृहों से प्राप्त विद्युत उत्पादन 20.42 एम0यू0 रहा है। राज्य की अप्रतिबन्धित विद्युत मांग 42.49 एम0यू0 के सापेक्ष राज्य के विद्युत गृहों एवं केन्द्रीय सेक्टर तथा अन्य स्रोतों को सम्मिलित करते हुये कुल उपलब्धता 42.33 एम0यू0 रही। इलैक्ट्रानिक एनर्जी मीटरों के तेज चलने की शिकायतें आरम्भ से ही प्राप्त हुई हैं। ऐसा प्रतीत होने पर एक्ट व रेगुलेशन के अनुसार उपभोक्ता निर्धारित फीस यूपीसीएल में जमा कर चेक मीटर लगवा सकता है। रेगुलेशन के अनुसार एलटी मीटर को प्रत्येक पांच साल पर परीक्षण व चैक किया जाना है परन्तु यूपीसीएल ऐसा नहीं कर सका जिससे उपभोकताओं में यह आम धारणा है कि उनके द्वारा बिजली की खपत के सापेक्ष अधिक भुगतान किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के हित में साथ ही रेगुलेशन के प्रावधानों के पालनार्थ  25 मार्च 2013 को आहुत बोर्ड मीटिंग में निर्णय लिया गयाकि प्रथम चरण में सिंगल फेज के 250000 एवं तीन फेज के 50000 मीटरों का बाह्य ऐजेन्सी से परीक्षण करा लिया जाये जिसे इसका अनुभव हो एवं वांछित दक्षता एवं तकनीकी परीक्षण उपरकरणों युक्त हों। परीक्षण के दौरान उपभोक्ता के मीटर का इलैक्ट्रीकल व परीक्षण डाटा एक्यूचैक परीक्षण उपकरण के माध्यम से हैण्ड हेल्ड यूनिट को स्थानान्तरित होता है परीक्षण रिर्पोट छापता है साथ ही परीक्षण डाटा को केन्द्रीय सर्वर में रखने भेजता है। परीक्षण के दौरान साथ के साथ उपभोक्ता को उसके मीटर सम्बन्धी जानकारी दे दी जायेगी तथा उपभोक्ता अपनी शिकायत उसी समय दर्ज करा सकता है। यह सारा खर्चा उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 स्वयं वहन करेगा। इस हेतु उपभोक्ताओं से कोई भी धनराशि नहीं ली जायेगी। केन्द्रीय पूल से 16.99 एम0यू0 आज विद्युत प्राप्त हुई। अधिक गर्मी पड़ने के कारण विद्युत की मांग लगभग 42.50 से अधिक पहुॅच गयी हैं। परन्तु उपाकालि द्वारा राज्य में आज सांय 5.00 बजे तक राज्य के किसी हिस्से मंे केाई विद्युत कटौती नहीं की गयी।  

चोरी की सूचना यू.पी.सी. से देने को भी फोरम ने वैध माना

देहरादून, 14 जून (निस)। जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर ने वाहन चोरी होने पर बीमा क्लेम न देने को सेवा में कमी मानते हुये बीमा कम्पनी को 5 लाख 79 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। इसमें वाद व्यय रू. 5 हजार भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी को 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से वाद दायर करने से भुगतान की तिथि तक का ब्याज भी भुगतान करने को आदेशित किया गया है। चोरी की सूचना यू.पी.सी. से देने को भी फोरम ने वैध माना। अखिलेश कुमार की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर मेें परिवाद दायर करके कहा गया था कि परिवादी ने श्री राम जनरल इश्योरेन्स कं0लि0 से रू. 24438 का प्रीमियम भुगतान करके अपनी कार यू0के006 एन 6838 का बीमा कराया। बीमा अवधि में कार ड्राइवर के घर से सामने से दि0 29-12-2010 को चोरी होने पर पुलिस मेें रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा बीमा एजेन्ट के बताये फोन नम्बरोें पर सूचना दी लेकिन जब बीमा कम्पनी के किसी अधिकारी या सर्वेयर ने कोई सम्पर्क नहीं किया तो डाक के माध्यम से सूचना दी। बीमा कम्पनी ने चोरी की सूचना 53 दिन देरी से देेने का आरोप लगाते हुये बीमा क्लेम निरस्त कर दिया। बीमा कम्पनी की ओर से तर्क दिया गया कि चोरी की लिखित सूचना पंजीकृत डाक से नहीं दी गयी है इसलिये यह मान्य नहीं है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष हेतराम तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबड़ा ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के तर्कों को सुनने के बाद निर्धारित किया कि बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत की गयी पालिसी की शर्तों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि लिखित सूचना बीमा कम्पनी को कैसे दी जायेगी। जिसका तात्पर्य यह है कि इस शर्त में यह कहीं अंकित नहीं हैै कि ऐसी सूचना पंजीकृत डाक के माध्यम से बीमा कम्पनी को दी जायेगी। इसमें हम कोई ऐसा कारण नहीं पाते है कि यू0पी0सी0 द्वारा प्रेषित सूचना को अवैैध माना जाये या बीमा कम्पनी की शर्त का उल्लंघन माना जाये। फोरम के निर्णय के अनुसार पुलिस रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि परिवादी का वाहन चोरी हुआ था। अतः परिवादी का दावा स्वीकार करने योग्य था। विपक्षी बीमा कम्पनी नेे बीमा दावा निरस्त करके सेवा में कमी की है। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन की कीमत रू. 575000 में से एक्सीस क्लाज के 1000 रू. कम करते हुये परिवादी को 5,74000 की धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी माना है और इस धनराशि को 30 दिन के अन्दर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी की तिथि से भुगतान की तिथि तक का ब्याज जोड़ते हुये फोरम में जमा करने तथा 5 हजार रू. वाद व्यय भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है।

बिहार : पहले बेटी को माँ और अब माँ को बेटी गोद में उठाती हैं

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  • श्रवण पुत्र की भूमिका में आरती पुत्री निर्वाह करतीं, बिन चेहरा लाल किए ही माँ की सेवा करती हैं आरती

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पटना। अभी पाँच साल हो रहा है। कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल में मेरी मांग्दलेना काम करती थीं। कुर्जी हाॅस्पिटल से मेरी 1 जून 2010 को अवकाश ग्रहण की। दुर्भाग्य यह रहा कि मेरी मांग्दलेना बीमार हो गयी। कुर्जी हाॅस्पिटल के चिकित्सकों से दिखाया गया। जाँचोपरांत ने चिकित्सकों ने मेरी को बाॅन टी.बी.की रोगी करार दिए। लगातार 9 माह दवा-दारू करने के बाद चिकित्सकों ने दवा बंद कर दिए। बाॅन टी.बी. होने के बाद 9 माह तक बिस्तर पर ही पड़े रहने के कारण पैरों में अकड़न आ गया। जो आज भी बरकरार है। इस कारण उठ और बैठ नहीं सकती हैं। श्रवण पुत्र की भूमिका निर्वाह कर रही हैं आरती। पाँच साल से आरती वंदना ही माँ की देखभाल करती हैं। 

मेरी मांग्दलेना और अशोक कुमार दास उर्फ पैट्रिक के बीच शादी हुई है। दोनों के सहयोग से 2 पुत्री हुईं। प्रथम पुत्री अंजलि कुमारी हैं। कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल से ए.एन.एम. उत्र्तीण करके अंजलि कुमारी महावीर कैंसर संस्थान,फुलवारीशरीफ में कार्यरत हैं। वहीं द्वितीय पुत्री आरती वंदना हैं। माँ की बीमारी के पूर्व तक अध्ययनरत थीं। 9 वीं कक्षा तक पढ़ी हैं। अब माँ की सेवा में लग गयी हैं। 24 घंटे माँ की सेवा में लगी रहती हैं। पुत्री की सेवा से माँ-बाप खुश हैं। सेवा से कृतज्ञ होकर माँ के चेहरे पर मुस्कान बना रहता है। 

बिस्तर पर ही मेरी मांग्दलेना पड़ी रहती हैं।बिस्तर पर ही मेरी को दैनिक क्रियाकलाप कराया जाता है।  माँ को गोदी में उठाकर आरती स्नान करवाने के लिए बाहर ले जाती हैं। स्नान करवाने के बाद गोदी में उठाकर बिस्तर पर लेटा देती हैं। उसके बाद माँ को बेड सोर न हो। इसका ख्याल किया जाता है। अभी तक बिस्तरी घाव नहीं हुआ है। बच्चों ने बिस्तर के सामने ही टी.वी. रख दिए हैं। वह टी.वी. देखती हैं। उनकी पंसदगी धारावाहिक गोपी बहू है। वहीं बच्चे उड़ान देखते हैं। 

पत्नी मेरी मांग्दलेना के बगल में पति अशोक कुमार दास बैठे हैं। श्री दास कहते हैं कि दानापुर अनुमंडल स्थित खासपुर में कार्यरत थे। वहाँ पर 7 हजार रू. मिल जाता था। अभी 6 माह से बेरोजगार हैं। बेटी काम करती हैं। दोनों लोगों के सहयोग से रोगी का इलाज किया जाता है। लाखों रूपए खर्च कर दिए हैं। अवकाश ग्रहण करने के बाद मेरी को भविष्य निधि वाली पेंशन नहीं मिल पा रही है। वहीं इंदिरा गाँधी सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी नहीं मिल पा रही है। रोगी के परिजनों की माँग है कि सरकार व्हीलचेयर उपलब्ध करा दें। व्हीलचेयर चलाकर बाहर जा और आ सकती हैं। इनलोगों के पास केवल आधार कार्ड और निर्वाचन पहचान-पत्र उपलब्ध है। इसके अलावे राशन कार्ड नहीं है। प्रेरितों की रानी ईश मंदिर से फादर लोग आकर पापस्वीकार करने के बाद परमप्रसाद देते थे। 6 माह से नहीं आ रहे हैं।

बिहार : आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ

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  • सैकड़ों पं0 रो0 से0 समय-समय पर पंचायत सचिव के पद पर पूर्ण प्रभार में वर्षों तक कार्य कर चुके 

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पटना। बेमियादी सामूहिक अवकाश पर हैं पंचायत रोजगार सेवक (पं0 रो0 से0)। केवल एक सूत्री माँग कर रहे हैं पंचायत रोजगार सेवक। जदयू के पूर्व मंत्री ने पंचायत रोजगार सेवकों को आश्वासन दिए थे। सभी  को पंचायत सचिव के पद पर समायोजन कर दिया जाएगा। तभी से बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ ने एक सूत्री मुद्दा बना रखा है। पंचायत सचिव के पद पर समायोजन करने की माँग को लेकर कारगिल चैक पर धरना दिया जा रहा है। 

बिहार राज्य पंचायत रोजगार सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवता प्रसाद दीक्षित ने ग्रामीण विकास विभाग,पटना के सचिव के नाम से पत्र जारी किया है। इस पत्र की प्रतिलिपि सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिला पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त को भी अग्रसारित किया है। लम्बे अर्से से धरना पर बैठे हैं। आपलोगों के द्वारा हमारी भावनाओं का कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। कड़ी प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होकर पंचायत रोजगार सेवक कार्यरत हैं। लगातार 8 वर्षों से सेवारत हैं। इसके बाद ही आंदोलन पर उतरना पड़ा। आंदोलन में उतरने का कोई कारण होगा ही? आपके द्वारा प्रत्येक पखवाड़ा दंडात्मक कार्रवाई का पत्र देने से यह बेहतर होता कि आप हमारी समस्याओं पर विचार करते। बिहार में एकमात्र प्रतियोगिता परीक्षा से चयनित अनुबंधकर्मी को आज अनुबंध के सबसे निम्न अल्प मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है, आखिर क्यों? आठ वर्षों के लगातार सेवा के बाद भी आज हमारे भविष्य को किसी प्रकार की कोई आशा की किरण नहीं दिखाई देती है, आखिर क्यों?तमाम वादों के बावजूद किसी प्रकार का कोई लाभ जैसे - भविष्यनिधि खाता, जीवन बीमा,पेंशन आदि को कोई लाभ न तो आजतक हम सभी को मिला और न ही हमारे उन साथियों को जो आपकी सेवा करते हुए मृत हो गये या जिनकी हत्या कर दी गई, आखिर क्यों? इस अमानवीय वातावरण में काम कर पाना हम सभी के लिए नामुमकिन हो गया है और इस बातों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बजाय रोज नये दंडात्मक कार्रवाई का फरमान नहीं करना निहायत ही अमर्यादित अलोकत्रांत्रिक एवं तानाशाही का परिचायक है। 

महोदय पंचायत सचिव का पद हमारे समकक्ष है और हमारे सैकड़ों साथी समय-समय पर पूर्ण प्रभार में वर्षों तक यह कार्य कर चुके हैं। आपके अनुरोध पर इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराया गया है। जब हमारे सैकड़ों साथी इस दायित्व का निर्वाह कर सकते हैं, तो फिर हम सभी क्यों नहीं कर सकते हैं? माननीय पटना उच्च न्यायालय का फैसला भी हमारे पक्ष में है। फिर भी पंचायत सचिव के पद पर समायोजन पर विचार क्यों नहीं किया जा रहा है? वर्षों से भविष्य निधि के नाम पर राशि की कटौती तो की जा रही है, परन्तु किसी भी जिले में स्थायी खाता क्यों नहीं खोला जा रहा है एवं हमारा अंशदान नियोक्ता के अंशदान के साथ क्यों जमा नहीं किया जा रहा है और इस हेतु जिम्मेवार कर्मियों को दंडित करने के बजाय पुरस्कृत किया जा रहा है, क्यों? जिलाधिकारी एवं उपविकास आयुक्त के पास हमारी समस्या का कोई निदान नहीं है। फिर भी उन्हें बार-बार वार्ता करने का पत्र आपके द्वारा दिया जा रहा है। जबकि समस्या का हल आपके पास है। आखिर यह टालमटोल क्यों? इससे यह प्रतीक होता है कि आप समस्या का हल करने के बजाय डरा धमकाकर तानाशाही तरीके से हमसे कार्य करवाना चाहते हैं। यह नीति इस बार चलने वाली नहीं है। हम सभी यह स्पष्ट करना चाहते है कि या तो हम सभी इस बार पंचायत सचिव पद पर समायोजित होंगे या आपके द्वारा हर प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई जैसे- सेवा बर्खास्तगी, गैर कानूनी प्राथमिकी अपना जीवन बर्बाद कर लेंगे। लेकिन किसी भी फरमान से डरे बिना वर्तमान बंधुआ मजदूर की सेवा परिस्थिति में हम साथी कार्य कर पाने में सक्षम नहीं हैं। 

इस पर के माध्यम से आपसे जिला समिति एवं उपविकास आयुक्त , प्रमंडलीय आयुक्त से कारूणिक अनुरोध करना चाहते हैं कि आप हमारी विवशता को समझेंगे और माँग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे एवं हमारी सरकार से इसे पूरा करने का अनुरोध करेंगे। 

आलेख : योग दिवस पर भारत करेगा विश्व का नेतृत्व

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कहा जाता है कि विश्व का आध्यात्मिक और वैचारिक दर्शन जहां पर समाप्त होता है, भारत का दर्शन वहाँ से प्रारम्भ होता है। भारत आज भी कई मामलों में विश्व के अनेक देशों से बहुत आगे है। हमारा भारत देश आज भी इतना संसाधन सम्पन्न है कि विश्व के कई देश अनेक विधायों की जानकारी लेने के लिए आतुर दिखाई देते हैं। लेकिन कमी इस बात की है कि हम स्वयं ही इस बात को भूल चुके हैं कि हम क्या हैं। जिस दिन हम इस सत्य से परिचित हो गए समझो भारत के पुनरुत्थान को कोई ताकत नहीं रोक सकती। भारत के दर्शन में अज्ञानता के पर्दे हटाने का अद्भुत सामर्थ्य है। सारा विश्व इस सत्य से परिचित हो चुका है, लेकिन हम खुद ही विश्व की अज्ञानता भरी राह पर भटक रहे हैं।

भारत के दर्शन में यह साफ कहा गया है कि व्यक्ति का जन्म किसी खास उद्देश्य को लेकर होता है, भगवान अपनी योजना को साकार करने के लिए व्यक्ति के माध्यम से कार्य कराने के उद्देश्य से जमीन पर भेजता है, जमीन पर आने के बाद व्यक्ति अपने दिमाग से काम करके भगवान की रचना को छिन्न भिन्न करने की कवायद करता है। कहते हैं कि योग स्वस्थ मानसिकता का निर्माण करता है और स्वस्थ मानस वाला व्यक्ति ही हमेशा दूसरों को प्रसन्न रखने वाला काम कर सकता है। जिस व्यक्ति के मन में मानसिक बिकार होता है, वह अपना तो अहित करता ही है साथ ही समाज का भी अहित करता है। भारत का दर्शन कहता है कि समस्त संसार का भला हो, विश्व के सभी लोग निरोगी हों। पूरी वसुधा को एक परिवार के रूप में देखने का भाव जगाने वाला भारत का दर्शन है। भारत से योग का फिर से संचालित होना माने पूरी दुनिया को समुन्नत कारी राह का दर्शन कराना है।

यह बात सही है कि योग के माध्यम से पूरे विश्व में शांति की स्थापना हो सकती है, क्योंकि जब व्यक्ति संतुष्ट पूर्वक जीवन जीता है, तब वह सबका भला ही चाहता है, कहीं से भी राग द्वेष के स्वर नहीं आ सकते। जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं वे वास्तव में पूरे विश्व में अशांति फैलाने का मार्ग ही प्रशस्त कर रहे हैं। ऐसे लोग ही कट्टरपंथी होते हैं। इनके सामने कोई आदर्श नहीं होता, बल्कि जैसी परिस्थिति होती है उसी के अनुसार अपना निर्णय लेते हैं, इस निर्णय में समाज के हित वाला भाव विलुप्त होता है। ऐसे दिशाहीन लोग ही मारकाट करते हैं। विश्व के अनेक मुस्लिम देशों में हम देख रहे हैं कि मुसलमान, मुसलमान को मार रहा है। ऐसे लोग मानसिक विभ्रम का शिकार हैं।

एक सफल व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या का अध्ययन करने से पता चलता है कि उसका जीवन व्यवस्थित दिनचर्या के साथ चलता है, जीवन में कोई तनाव नहीं, कोई अव्यवस्था नहीं। पूरे दिन को तीन भागों में बांटकर जीवन का संचालन जो भी व्यक्ति करता है, उसके जीवन में किसी प्रकार का कोई झंझावात नहीं रहता, बल्कि वह समुचित तरीके से हर कार्य को करता चला जाता है। चौबीस घंटे के समय में व्यक्ति को आठ घंटे स्वयं के लिए, आठ घंटे, आठ घंटे परिवार के लिए और आठ घंटे समाज के व्यतीत करना चाहिए। यही सफल जीवन का सूत्र है, लेकिन वर्तमान में हम क्या देखते हैं व्यक्ति केवल अर्थ केन्द्रित होता जा रहा है, जब पैसा नहीं आता तो जीवन में निराशा का भाव पैदा होता है, और निराश व्यक्ति कभी भी प्रगति नहीं कर पाता। व्यक्ति को अपनी प्रगति के लिए अपने मानस को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले प्रयास करना चाहिए। इसके लिए योग सर्वथा उपयुक्त है। 

“योग” का अर्थ होता है जोड़, यानि टूटी हुई को सही तरीके से बनाना ही योग का दूसरा नाम है। यह बात भी सही है कि योग का सीधा संबंध भारत से है, विश्व में निवास करने वाले जो लोग योग की महिमा से अंजान हैं, वे भारत से योग के बारे में बहुत सीख सकते हैं। वर्तमान में केंद्र सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी के आग्रह पर विश्व के 193 देश खुशहाली के इस मार्ग पर चलने को तैयार हैं, सारा विश्व योग की महत्ता को समझ चुका है। परंतु भारत में कुछ लोग इसका विरोध करने की राजनीति कर रहे हैं। वास्तव में जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं, उनको इसका महत्व ही नहीं मालूम, क्योंकि जिसने भी योग को एक बार किया है, उसे उससे शारीरिक फायदा ही मिला है, भारत के कई मुस्लिम भी आज योग करने के लिए आगे आ रहे हैं। योग करने से शारीरिक और बौद्धिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

योग को किसी एक धर्म से जोड़ना पूरी तरह से गलत है, क्योंकि सारे धर्मों की पूजा पद्धति में किसी न किसी रूप में योग आ ही जाता है, इसके साथ ही यह कहना भी समीचीन ही होगा कि विश्व की सारी पूजा पद्धति में योग की अनिवार्यता रहती है। भारत का दर्शन कहता है कि मनुष्य जो परिश्रम करता है, वह कर्मयोग है। यानि परिवार संचालन के लिए जो काम किया जाता है, वह भी एक योग ही है। इसी प्रकार निद्रा लेना भी योग की क्रिया मानी गई है। मनुष्य के जीवन में अगर योग नहीं है, तो मनुष्य स्वस्थ जीवन नहीं जी सकता। हम भ्रमण करते हैं, वह भी पद चालान योग है। व्यक्ति के जीवन में हर समय योग की महत्ता होती है। इसलिए इसे किसी एक धर्म या संप्रदाय से जोड़कर देखना प्रथम दृष्टया मूर्खता ही होगी। एक धर्म विशेष के कुछ कट्टरपंथी योग को हिन्दू धर्म का अंग मानकर अपने समाज को भ्रम की स्थिति में रखते हैं, ऐसे लोग समाज का भला नहीं बल्कि बुरा ही करते हैं। क्योंकि योग के माध्यम से यह कभी नहीं कहा जाता कि तुम हनुमान जी पूजा करो या शिव जी की पूजा करो। सभी धर्मों के लोग अपनी अपनी पूजा करते हुए भी योग कर सकते हैं, और लोग कर भी रहे हैं। मुसलमान भाइयों को अगर जीवन में विकास करना है तो उन्हें समाज को गुमराह करने की राजनीति करने वाले ऐसे कट्टरपंथी तत्वों सावधान रहकर अपने जीवन की भलाई के मार्ग पर चलाना होगा, मुसलमान अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें खुद ही यह दिखाई देगा कि वे बिना किसी तनाव के जीवन जीने की ओर आगे बढ़ रहे हैं, और उनके बच्चे भी पढ़ाई लिखाई में नाम कमा रहे हैं।  

भारत में योग गुरू बाबा रामदेव ने योग को एक बार फिर से घर घर पहुंचाया है। अनेक लोगों ने चिकित्सकों से ठीक नहीं होने वाली बीमारियों में चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया है। योग के महत्व को लगभग भूलते जा रह भारत के नागरिकों में बाबा रामदेव ने कभी चैनलों के माध्यम से तो कभी प्रत्यक्ष रूप से आम जनता में गज़ब की चेतना का प्रस्फुटन किया है। योग करने वाले व्यक्ति हमेशा निरोग रहते हैं, योग करने के कुछ नियम भी हैं, व्यक्ति को उन नियमों का पालन करते हुए ही यौगिक क्रियाओं का सम्पादन करना चाहिए। वास्तव में योग व्यक्ति को मानसिक बुलंदी की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखता है। हम सभी को 21 जून को होने वाले योग दिवस को सार्थक बनाने का काम तो करना ही चाहिए, साथ ही योग को दैनिक जीवन का हिस्सा भी बनाना चाहिए।




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सुरेश हिन्दुस्थानी
झोकन बाग, झांसी, उत्तरप्रदेश
मोबाइल 09455099388

विशेष आलेख : सीधे सरल राज्यपाल के आगे पानी मांग रहे सूरमा

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वक्त वक्त की बात है। जिनके सामने आईबी के एक्स चीफ टीवी राजेश्वर राव पानी मांग गए आज मौजूदा राज्यपाल की घेराबंदी के आगे वे सारी सूरमाई भूलकर सिर पकड़कर बैठे हुए हैं। ऐसा न होता तो शायद शाहजहांपुर के पत्रकार जोगेंद्र सिंह की हत्या के मामले की जांच तक पत्रकारों व बुद्धिजीवियों के कितने ही आंदोलनों के बावजूद शुरू न की जाती। शुक्रवार को राज्यपाल राम नाइक ने इस मुद्दे पर जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की तो उनका अंदाज जवाब तलब करने का था। मुख्यमंत्री को पसीना छूट गया और मौके की नजाकत को समझते हुए अगले ही दिन उन्होंने दफन किए जा चुके उक्त मामले के प्रेत को फिर बाहर निकाला। ताबड़तोड़ कार्रवाई के तहत शाहजहांपुर के चौक थाने के हाल ही में हटाए गए प्रभारी निरीक्षक प्रकाश राय समेत जोगेंद्र को आग लगने के वक्त मौजूूद पांच पुलिस कर्मी निलंबित करने का फरमान जारी हो गया। आईजी कानून व्यवस्था ने बाकायदा प्रेस ब्रीफिंग में इसकी जानकारी देते हुए यह तक संकेत दिया कि जोगेंद्र सिंह का मृत्यु पूर्व बयान जिसमें उन्होंने अपने को आग से जलाने के आपराधिक षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा को घोषित करते हुए प्रकाश राय सहित पांच पुलिस वालों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ही पेट्रोल उनके ऊपर छिड़क कर उन्हें आग लगाई है अदालत से हासिल किया जाएगा और इसे बाकायदा विवेचना अधिकारी की केस डायरी में शामिल कराया जाएगा। ऐसा होने का मतलब है कि सरकार ने राममूर्ति वर्मा के बचाव का इरादा छोड़कर उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करने की मानसिकता बना ली है। यह सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के पूर्व घोषित रुख के विपरीत कदम है यानी मद में चूर सरकार आखिर राज्यपाल के तेवरों की वजह से घुटने टेकने को मजबूर हो गई है।

टीवी राजेश्वर राव (उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बतौर कार्यकाल 8 जुलाई 2004 से 27 जुलाई 2009 तक) को यूपीए सरकार ने जानबूझकर उत्तर प्रदेश का मोर्चा संभालने के लिए भेजा था ताकि वे तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की निरंकुश शासन शैली को पटरी पर रख सकेें लेकिन पहलवानी के माहिर मुलायम सिंह ने टीवी राजेश्वर राव को भी अपने चरखा दांव में ऐसा उलझाया कि वे सारा सयानापन भूल गए। मुलायम सिंह के संग उन्हें बहुत फजीहत के साथ अपना कार्यकाल गुजारना पड़ा। उन्हें सुकून मिला जब 2007 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया इसीलिए तब सत्ता में वापस आई मायावती को बरतने में उन्होंने दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है की तर्ज पर पूरी सतर्कता बरती ताकि मायावती का ईगो किसी भी तरह आहत न हो और राजभवन व मुख्यमंत्री के बीच भूल कर भी ठनने की नौबत न आए। जब राजेश्वर राव जैसे गवर्नर मुलायम सिंह को सीधा न कर पाए हों तो किसी और की मजाल क्या समझी जा सकती थी लेकिन समय की गति ऋजुरेखीय नहीं होती। खांटी संघी पृष्ठभूमि के राम नाइक को मोदी सरकार ने जब उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाने का फैसला लिया था तो मुलायम सिंह ने कुल मिलाकर राहत ही महसूस की थी। यह दूसरी बात है कि ऊपर से सौम्य और सरल दिखने वाले राम नाइक ने कुछ ही दिनों में अखिलेश सरकार को असहज करना शुरू कर दिया। कानून व्यवस्था, लोकायुक्त की रिपोर्ट, विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर प्रेस के सामने उनकी बेबाक बयानबाजी से मुख्यमंत्री आखिर चिढ़ गए। उन्होंने और उनके मंत्रियों ने प्रतिवाद करना शुरू किया। बात नगर विकास मंत्री मु. आजम खां की राज्यपाल के लिए अशोभनीय ललकार तक पहुंच गई। उस समय राम नाइक की बेचारगी देखने लायक थी। सपा खेमा यह सोचकर खुश था कि आखिर राज्यपाल को अपनी हैसियत मालूम हो गई है लेकिन यह अंतरिम अध्याय था निर्णायक नहीं।

राम नाइक ने जिस तरह से फिर एक बार राज्य सरकार पर हावी होना शुरू किया उससे यह साफ हो गया कि प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी का भी पूरा वरदहस्त उन पर है। राजभवन से ज्यादा टकराव पर कहीं अपने दम पर पूर्ण बहुमत में संचालित हो रही केेंद्र सरकार राज्य के लिए कोई दुस्साहसिक कदम न उठा ले। इस आशंका ने सपा के शीर्ष नेतृत्व में सिहरन भर दी इसलिए उसके प्रतिवाद में पूर्व की भांति आक्रामकता नहीं रह गई। हद तो यह हो गई है कि राज्यपाल के पैंतरों ने अखिलेश सरकार को पूरी तरह पस्त हिम्मत कर दिया है। शाहजहांपुर के पत्रकार जोगेंद्र सिंह का मामला इतना ज्वलंत था कि अखिलेश सरकार को इसमें मंत्री का बचाव करने के लिए अपनी प्रतिष्ठा जोडऩा ही नहीं चाहिए थी लेकिन फासिस्ट शैली के लिए अभिशप्त हो चुके सपा नेतृत्व ने आदत की लाचारी की वजह से फिर चूक कर दी। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने यह बयान देकर बहुत बड़ी गलती की कि किसी के खिलाफ मुकदमा कायम होने का मतलब यह नहीं है कि उसे दोषी मान लिया गया है। जांच के बाद ही यह तय हो सकता है। जोगेंद्र सिंह मामले में उनके इस बयान का मतलब था कि चाहे जितना कोहराम मचे पर राज्य सरकार राममूर्ति वर्मा का बाल बांका नहीं होने देगी। इसके पहले उनका नाम जुड़ा होने की वजह से ही मामला इतना संवेदनशील हो जाने के बावजूद जांच के नाम पर पुलिस पूरी तरह खामोश बैठी थी। आरोपी प्रभारी निरीक्षक प्रकाश राय को झांसी स्थानांतरित करके एक तरह से सेफ कर दिया गया था। इन सबके पीछे अंदाज ऐसा था जैसे पत्रकारों से कहा जा रहा हो कि तुम भौंकते रहो तुम्हारे भौंकने से सरकार को क्या फर्क पड़ता है। होगा वही जो सरकार चाहेगी।

ऐसे में ही राज्यपाल का हस्तक्षेप सामने आया। उन्होंने शुक्रवार को अखिलेश यादव से इस मामले में जिस तरह वार्ता की उससे सत्ता के गलियारे में हड़कंप मच गया। राममूर्ति वर्मा को गलत ठहराने और पत्रकार को जलाकर मारने के मामले की सही जांच कराने की मांग पर जोर देने की वजह से अपनी ही पार्टी के नेता पूर्व विधायक देवेंद्र पाल सिंह को बाहर का रास्ता दिखा देने वाले सपा के शीर्ष नेतृत्व को सारी हेकड़ी एक क्षण में भूल जानी पड़ी। जोगेंद्र सिंह का बेटा राजवेंद्र सिंह 1 जून को उन्हें जलाए जाने के मामले का चश्मदीद गवाह है और उसी ने राममूर्ति वर्मा व प्रकाश राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। राजवेंद्र का कहना है कि पिता के मृत्यु पूर्व बयान और उसकी पुख्ता गवाही के बावजूद कोई कानूनी आधार न होते हुए भी अभी तक जिस तरह राममूर्ति वर्मा व प्रकाश राय की गिरफ्तारी नहीं होने दी गई है उससे उसको कतई विश्वास नहीं है कि राज्य की पुलिस मशीनरी इस घटना की निष्पक्ष जांच कर सकती है। राजवेंद्र अभी भी घटना की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग कर रहा है और सूूरत-ए-हाल यह हैं कि कहीं राजभवन सरकार की सिफारिश का इंतजार किए बिना ही सीबीआई जांच की संस्तुति की अभूतपूर्व कार्रवाई अपने स्तर से न कर दे। ऐसा लगता है कि जैसे राजभवन ने निर्णायक मूड बना लिया हो। विधान परिषद के नामित सदस्यों के लिए प्रस्तावित सूची के मामले में भी नाटकीय बदलाव आ सकता है। इस सूची को कई आपत्तियों के साथ राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को वापस भेज दिया था लेकिन आपत्तियों का कोई जवाब दिए बिना मुख्यमंत्री ने भी राज्यपाल को सूची ज्यों की त्यों दोबारा भेज दी। उन्हें अभी तक यह उम्मीद रही होगी कि राज्यपाल राजी कुराजी कैसे भी हो उसी सूची पर मुहर लगाएंगे लेकिन अब उनको अपने इस अंदाजे में बदलाव करना पड़ेगा। यह हो सकता है कि इस मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री को झुकने में ही गनीमत समझ में आए और वे सूची को संशोधित करने का राज्यपाल का इशारा कबूल कर लें।

वैसे देखा जाए तो सपा में आए इस पिलपिलेपन की वजह मुलायम सिंह राज परिवार में चल रही आंतरिक उठापटक है। परिवार में स्थापित हुए नए शक्ति केेंद्र ने अपने ही मुखिया के वर्चस्व पर प्रश्नचिह्नï लगाना शुरू कर दिया है। जब मुलायम सिंह को नेता मानकर जनता दल परिवार ने महाविलय की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया था तो भाजपा का नेतृत्व शीर्ष स्तर तक दबाव में आ गया था। मुलायम सिंह को साधने के लिए अखिलेश सरकार के रास्ते में कोई रुकावट खड़ी न करने का एहतियात केेंद्र तक बरतने लगा था लेकिन मुलायम सिंह के अपनों को ही उनका वर्चस्व बरकरार रहना हजम नहीं हुआ। प्रो. रामगोपाल यादव जो कि समाजवादी पार्टी में नए गाडफादर के रूप में नमूदार हो चुके हैं ने बेधड़क कह दिया कि जनता दल परिवार का विलय कम से कम बिहार विधान सभा के चुनाव तक तो होगा ही नहीं। अखिलेश यादव ने भी अपने पिता की प्रतिष्ठा के खिलाफ जाते हुए रामगोपाल यादव के निश्चय के साथ खुद को भी जोड़ दिया। दरअसल पिता की अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव व अमर सिंह के साथ आज तक बरकरार अनुरक्ति अखिलेश को दूरगामी दृष्टि से अपने भविष्य के लिए खतरा नजर आती है इसलिए वे चाहते हैं कि अब मुलायम सिंह केवल मानद सुप्रीमो बने रहें। वास्तविक रूप से पार्टी में उनका कोई दखल न रह जाए। यह दूसरी बात है कि मुलायम सिंह में जो चातुर्य, साहस और तेज है उसकी जगह फिलहाल उनके परिवार में कोई दूसरा नहीं ले सकता। इसी के साथ जयललिता से अघोषित संधि हो जाने के कारण मोदी सरकार काफी हद तक बेफिक्र भी हो गई है इसलिए देश के सबसे बड़े सूबे में अपना परचम लहराने का मंसूबा बांधना उसके लिए स्वाभाविक है। राजभवन के इस कदर चड्ढी गांठने पर आमादा हो जाने के रणनीतिक निहितार्थ हैं। अगर मुलायम सिंह एकीकृत जनता दल महापरिवार के मुखिया घोषित हो जाते तो शायद राज्यपाल की भृकुटियां इतना न तनतीं। बहरहाल एक बात यह भी है कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में पार्टी या सरकार को पारिवारिक जागीर की तरह चलाने की एक सीमा है। यह सीमा शायद समाजवादी पार्टी ने पार कर ली है इसलिए एक डेड लाक उसके रास्ते में पैदा हो गया है। कहीं यह न हो कि समाजवादी पार्टी का अपना क्लाइमेक्स पूरा हो चुका है और इसके बाद अब उसकी नियति बिखराव के गर्त में जाने की बन रही हो।




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के  पी  सिंह 
ओरई 

क्या वास्तव में, नाम पैसे से बढ़ा है या फिर पैसा नाम से?या फिर दोनों?

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मेरी समझ में एक आम व्यापारी/व्यवसायी की नजर प्रतिबद्धताओं अथवा निष्ठाओं पर कम अपने हित-अहित या मुनाफे पर अधिक रहती है.यह स्वाभाविक भी है.उसे धंधे से ही कमाना है.उसके पास सरकारी नौकरी,पेंशन,खेती-ज़मीन या फिर राजनीतिकों को मिलने वाली सुविधाएँ कहाँ हैं?इसलिए वह रात-दिन अपने व्यापार/व्यवसाय को विस्तार देने में लगा रहता है.जैसे-जैसे उसकी कमाई बढती जाती है, वैसे-वैसे उसको मज़ा आने लगता है और फिर वह उचित-अनुचित साधनों से और अधिक कमाने के रास्ते तलाशता रहता है. हाँ, इस सारी प्रक्रिया में उसे यह मालूम रहता है कि पैसे के अलावा सामाजिक-प्रतिष्ठा/ख्याति का अपना एक अलग महत्व तो है जिसे पैसे से खरीदना मुश्किल है.

यह कसक उसके मन में सदैव बनी रहती है.तब उसे एक रास्ता सूझता है: क्यों न पैसा देकर यह प्रतिष्ठा अर्जित की जाय?---बहुत पहले की बात है.मैं जिस नगर में पढाता था वहां के एक माने हुए बिज़नस मैन से एक दिन मेरी मुलाक़ात हो गयी.उस जमाने में उनके पास दो-दो पेट्रोल-पंप थे और टाइर,मोटर-पार्ट्स आदि की एक दुकान भी थी.मेरा कॉलेज आते-जाते अक्सर उनकी दुकान से गुजरना होता.वे बड़ी आत्मीयता से मुझे रोकते और घर से सुंदर टीसेट में चाय मंगवा कर पिलवाते.बातचीत के दौरान हम आपबीती-जगबीती के अलावा राजनीति की बात भी करते और इस तरह से आध-पौन घंटा हमारा गपशप में निकल जाता.वे अंग्रेजी भी उम्दा किस्म की बोलते थे.जाने क्यों उनसे बातचीत के दौरान मुझे अक्सर लगता कि वे कोई ख़ास बात मुझ से कहना चाहते हैं जो वे कह नहीं पा रहे हैं.आखिर एक दिन उन्होंने मुझसे कह ही दिया: “कॉलेज में कोई कार्यक्रम रखवाओ न और उसमें मुझे मुख्य अतिथि बनाओ.यहाँ इस दुकान में बैठे-बैठे मन उकता जाता है.---कार्ड छपवाओ,पुरस्कार दो,अच्छे नाश्ते पानी का प्रबंध करो,पैसे मैं दे दूंगा.हाँ,अखबार में नाम ज़रूर छपना चाहिए मेरा,जैसे तुम्हारा छपता रहता है.”

मुझे याद है मैं ने प्राचार्यजी से अनुमति लेकर कॉलेज में स्टाफ और स्टूडेंट्स के बीच एक मैत्री-क्रिकेट-मैच रखवाया जिसके मुख्य अतिथि इन महानुभाव को बनाया.अपने कहे अनुसार उन्होंने अपने सारे वायदे पूरे किये.सोचता हूँ क्या वास्तव में, नाम पैसे से बढ़ा है या फिर पैसा नाम से?या फिर दोनों?




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शिबन कृष्ण रैणा
अलवर/दुबई

विशेष आलेख : जैविक खेती से सरोकार होते सपने

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तमिलनाडु के एक छोटे गांव का गरीब किसान अब समृद्ध हो गया है। ज्यादा लागत और कम उपज वाली रासायनिक खेती को छोड़कर वह जैविक खेती की ओर मुड़ा और सफलता की सीढि़यां चढ़ता गया। अब वह खुद ही नहीं बल्कि दूसरों को भी जैविक खेती के तौर-तरीके सिखाता है। वह एक गुमनाम किसान नहीं, जाना-माना जैविक खेती का ट्रेनर बन गया है। यह कहानी है जयप्पा की, जो तमिलनाडु कृष्णागिरी जिले के तली गांव का रहने वाला है। उसके पास 3 एकड़ जमीन है। यह जमीन पथरीली व रेतीली है। वह 15 साल से अपने खेत में रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करता है। पूरी तरह जैविक खेती करते हैं जोकि प्राकृतिक व केंचुआ खाद पर आधारित है। 65 वर्षीय जयप्पा शुरू से रासायनिक खेती करते थे पर उनके जीवन में तब एक नया मोड़ आया जब उन्हें बंगलौर के कृष्णा प्रसाद मिले। आज देसी बीज और कृषि मेला के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृष्णा प्रसाद को लोग बहुत दूर दूर तक जानते हैं। 
         
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1998 की बात है। एक षाम बंगलौर से कृश्णा प्रसाद जयप्पा के गांव आए। उन की नजर जयप्पा के घर रखे कद्दू पर पड़ी। वह मंतू कद्दू (स्थानीय नाम) देसी था और दूसरों कद्दूओं से कुछ अलग था। उनकी बारीक नज़र ने उसे पहचान लिया। वहां से लौटकर कृष्णा प्रसाद ने कद्दू के बारे में लेख लिखा और उसमें जयप्पा का संपर्क पता दिया। कुछ ही दिनों में जयप्पा के पास चिट्ठियों का तांता लग गया और लिफाफे में अतिरिक्त डाक टिकट भी लोगों ने भेजे और इन डाक टिकट के बदले में कद्दू के बीज मांगे। क्योंकि इतनी कम राशि का मनीआर्डर करना उचित नहीं था। एक कद्दू में करीब 750 बीज निकले। इन बीजों के बदले जयप्पा को 360 रुपए के डाक टिकट प्राप्त हुए। उसने वापसी डाक से लिफाफे में एक-एक, दो-दो बीज सबको भेज दिए। और जो डाक टिकट उसे मिले थे, उन्हें कृष्णा प्रसाद को भेज दिए जिन्हें उन्होंने आफिस के कामकाज में इस्तेमाल कर लिया। इसके बाद से जयप्पा का जैविक खेती व कृष्णा प्रसाद के काम पर भरोसा बढ़ गया। कृष्णा प्रसाद गांव- गांव घूमकर जैविक खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहे थे। जयप्पा भी जैविक खेती के मिशन में जुड़ गए।
         
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जयप्पा और उनकी पत्नी शारदाम्मा दोनों मिलकर खेती का काम करते हैं। हालांकि जयप्पा ने बातचीत में खेती का सारा श्रेय पत्नी को दिया। जब मैं मई के दूसरे हफ्ते में उनके घर गया तब शारदाम्मा गाय चराने के लिए खेत गई थीं। उनके पास तीन गायें हैं। खेत में आम, इमली,  कटहल, आंवला, मुनगा, जामुन, चीकू, अमरूद, हनुमान फल, नींबू, जम्बू आदि के हरे-भरे पेड़ हैं। आम की कई किस्में थीं- मल्लिका, सेंदुरा, बादामी, तोतापरी, रसपुरी, केसर, बैंगनपल्ली और दशहरी। आम फलों से लदे हुए हैं। इसके साथ वह मोटे अनाज जैसे रागी और दालों की खेती भी करते हैं। जयप्पा ने घर की बाड़ी में केला, रामफल, नारियल, पुदीना, स्ट्राबेरी, मीठी नीम,  मिर्ची, करैला, राजगिरा, पपीता, इलाइची, कटहल, काली मिर्च इत्यादि लगा रखी है। साथ ही, कई प्रकार की हरी सब्जियां- पालक, लाल भाजी, बैंगन, टमाटर, राजमा, राजगिरा, तुरई और कद्दू आदि भी लगा रखे हैं। 
         
आम के 120 पेड़, इमली के 5, कटहल के 60, आंवला के 15, नींबू के 5 पेड़ हैं। इन फलों को वह बंगलौर में जैविक उत्पादों को खरीदने वाली मार्केटिंग कंपनी सहज बीज को बाजार से अधिक दामों में बेच देते हैं। केंचुआ खाद से उन्हें करीब 15 हजार सालाना की आय हो जाती है। जैविक खेती को बढ़ावा देने में बरसों से जुटे शेनाय ने बताया कि जयप्पा के पास दूर-दूर से किसान जैविक खेती के तौर-तरीके सीखने आते हैं और वह कई तरह के देशी बीज व केंचुआ खाद भी उपलब्ध कराते हैं। जयप्पा ने वाटर एप्पल के एक पेड़ के पास रुककर बताया कि उसे चिडि़यां बहुत पसंद करती हैं क्योंकि चिडि़या फसलों को कीट प्रकोप से बचाती हैं। जयप्पा ऋषि- मुनियों की तरह पेड़ पौधों के बारे में बहुत जानकारी रखते हैं। वह उनके गुण धर्म से लेकर स्वाद और भोजन बनाने की विधियां सब कुछ बताते हैं।
             
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पिछले कुछ समय से खेती-किसानी का संकट गांव-घर तक पहुंच गया है। इसके मद्देनजर दक्षिण भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में जैविक खेती का आंदोलन जोर पकड़ रहा है। यहां बड़े सशक्त किसान आंदोलन भी रहे हैं। जयप्पा की तरह और भी किसान जैविक खेती की ओर मुड़ रहे हैं, जिनकी संख्या बहुत ज़्यादा है। रासायनिक खाद से अपनी उर्वरा शक्ति खोती जा रही भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खेती की जरूरत है। इसके लिए फसल चक्र में बदलाव, हरी खाद व कम्पोस्ट खाद का प्रयोग किया जाता है। अधिक उत्पादन के लालच में अत्यधिक मात्रा में रासायनिक खादों के प्रयोग ने हमारी भूमि की उर्वरक शक्ति व पारिस्थिकी तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया है, इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत बहुत समय से अनुभव की जा रही है। 
         
मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों का संतुलन बना रहना जरूरी है। साथ ही मिट्टी में सक्रिय केचुओं, मित्र कीटों व जीवाणुओं की प्रक्रियाएं जो मिट्टी को उपजाऊ बनाती हैं, उसे भुरभुरा व अधिक जल संग्रहण क्षमता वाला बनाती हैं। इस दृष्टि से कम्पोस्ट व प्राकृतिक खाद जो गोबर व सड़ी-गली पत्तियों से मिलती है, उपयोगी है यानी रासायनिक खाद पर निर्भरता खत्म कर प्राकृतिक खाद, केंचुआ खाद की ओर मुड़ना उचित है। जैविक खेती में हानिकारक कीट प्रकोप से बचने के लिए नीम, राख, गौमूत्र व इनके मिश्रणों आदि का उपयोग किया जाता है। जैविक खेती को कम खर्च, सस्ती व आत्मनिर्भरता की खेती से जोड़ना जरूरी है। इसके साथ यदि जल संरक्षण होगा तो हरियाली बढ़ेगी तभी पशु रखे जा सकेंगे तभी प्राकृतिक व जैविक खाद प्राप्त हो सकेगी, जो जयप्पा के पास सहज उपलब्ध है। जयप्पा की जिंदगी अब बदल गई है। उसका पक्का घर बन गया है। उसके दो बेटे बेंगलौर में नौकरी कर रहे हैं जो अब खेती संभलने के बाद नौकरी छोड़कर अपनी खेती में काम करने की सोच रहे हैं। मां- बाप से दूर रहकर वह खुश नहीं हैं। यह बताते हुए जयप्पा की आंखों में चमक आ जाती है। कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि खेत में मेहनत करके जैविक खेती के साथ अच्छे से जिंदगी जी सकते हैं। जैविक खेती जयप्पा जैसे छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। पर्यावरण बचेगा और साथ ही उजड़ते गांव भी बचेंगे। 



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बाबा मायाराम
(चरखा फीचर्स)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (14 जून)

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पुरूषोत्तम मास में उमापति के दरबार में श्री देवी भागवत कथा का आयोजन
  • 19 से 27 जून तक  होगा 9 दिवसीय आयोजन

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झाबुआ---पुरूषोत्तम माह का अपना विषेष धार्मिक महत्व रहता है । इस माह में ईष्वर की भक्ति, कीर्तन,भजन, कथा श्रवण कर सात्विक जीवन व्यतित करने से परमात्मा का भरपुर अनुग्रह प्राप्त होता है तथा देहीक, दैविक एवं भौतिक तापों का नाष होता है । इसी पुरूषोत्तम माह में 19 जून से 27 जून तक स्थानीय विवेकानंद कालोनी में  उमापति महिला मंडल की ओर से सरस संगीत मय श्री देवी भावगत कथा महोत्सव का आयोजन किया जारहा है । उमापति महिला मंडल की प्रमुख श्रीमती विद्यादेवी व्यास ने जानकारी देते हुए बताया की भगवान पुरूषोत्तम को समर्पित इस अधिक मास में  आसाढ षुक्ल तृतीया 19 जून शुक्रवार को प्रातः 9 बजे विषाल कलष यात्रा  का आयोजन किया जावेगा जो नगर के मुख्य मार्गो से होती हुई उमापति महादेव मंदिर पर समापन होगा । दोपहर 1 बजे से  देवी भागवत कथा महोत्सव का आयोजन उमापति महादेव मंदिर पर किया जारहा है जिसमें मालवाचंल के प्रसिद्ध कथावाचक पण्डित प्रेमनारायण पौराणिक, अध्यक्ष अखिलविष्व सनातन धर्म ज्ञान प्रचार मंडल धुलैट के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सायंकाल 4 बजे तक  देवी भागवत पर संगीत मय प्रवचन दिये जावेगें । 9 दिवसीय इस धार्मिक आयोजन में   उमापति महिला मंडल की श्रीमती गीताषाह, बाला अषोक शाह, प्रेमलताचैहान, राधाराठौर, रानीबाई, निर्मला पण्ड्या, शांतिबेन गेहलोत, सोनाली नागर श्रीमती षिवकुमारी सोनी, आदि ने नगर की धर्मप्राण जनता से 19 जून से प्रारंभ हो रही  देवी भागवत कथा महोत्सव में सपरिवार पधार कर धर्म लाभ लेनें तथा कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है ।

पिकअप पलटने 12 घायल

झाबुआ---फरियादी दिवान पिता दलसिंह मावी, उम्र 32 वर्ष निवासी उकाला ने बताया कि पिकअप वाहन क्र0 एम0पी0-45-जी-1235 का चालक अपने वाहन को तेज व लापरवाहीपूर्वक चलाकर पल्टी खिला दिया, जिससे पिकअप में बैठे 12 लोगों को चोंट आयी। थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 409/15, धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण पंजीबद्व

झाबुआ---फरियादी कुलदीप पिता दलसिंह परमार, उम्र 44 वर्ष निवासी जिला जेल प्रहरी झाबुआ ने बताया कि उसकी ड्यूटी बगीचे व विधुत मोटर की सुरक्षा में लगी थी। आरोपी अदम पिता पररसिंह पटलिया, साइमन पिता मन्नु अजरावनिया, पुष्पक पिता पंजू बिलवाल, आकाश पिता महीपाल भूरिया, निवासीगण चर्च काॅलोनी झाबुआ, जिला जेल बगीचे में आम तोड रहे थे। फरि0 द्वारा मना करने पर वर्दी फाड दी व मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा पहुॅचाई, धक्का-मुक्की के बाद भाग गये। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 408/14, धारा 352,332,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हार-जीत का दाव लगाकर तास पत्ती खेलते हुए नो आरोपी गिरफतार

झाबुआ--- थाना कोतवाली झाबुआ पुलिस द्वारा आरोपी कालिया पिता हुसैन कुरेशी 2. जुनेद शेख अन्य 7 निवासीगण झाबुआ को अवैध रूप से हार-जीत का दाव लगाकर तास पत्ती से जुआ खेलते कब्जे से एक तास की गड्डी व नगदी 15450 रू0 जप्त कर गिरफतार किया गया । प्र्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 411/15, धारा 13 जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की AIPMT परीक्षा

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पेपर लीक हो जाने के चलते तीन मई को लिया गया ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT)-2015 रद्द कर दिया गया है। परीक्षा में शामिल हुए लगभग सभी साढ़े छह लाख स्‍टूडेंट्स को अब दोबारा टेस्‍ट देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला सुनाते हुए सीबीएसई को चार हफ्ते में दोबारा परीक्षा आयोजित कराने के लिए कहा है।

तीन मई को परीक्षा के दौरान कई सेंटर्स पर गड़बड़ी सामने आई थी। पेपर लीक हो गए थे। छात्र नकल करते पकड़े गए थे। कई छात्रों ने नकल के लिए अंडरगारमेंट में‍ चिप लगा रखी थी। सबसे अधिक (15) सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) सेंटर पर गड़बड़ी सामने आई थी। रोहतक के 11, अजमेर के चार, जमशेदपुर के तीन और चंडीगढ़, देहरादून, भोपाल सहित कई सेंटर्स पर परीक्षा क पेपर लीक होने के मामले सामने आए थे।

इस फैसले से कहीं न कहीं सीबीएसई की साख पर भी सवाल खड़े हुए हैं। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट देश के सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द न करके कुछ ही सेंटरों की परीक्षा रद्द करेगी, लेकिन सु्प्रीम कोर्ट ने कड़ा निर्णय सुनाते हुए सभी सेटरों की परीक्षा रद्द कर दी है।

3 जून को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एआईपीएमटी के परीक्षा परिणाम पर पर रोक लगा दी थी। अदालत ने हरियाणा पुलिस से पेपर लीक में शामिल स्टूडेंट की सूची व उनके केंद्रों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस ने इस दौरान अदालत में 44 ऐसे परीक्षार्थियों की सूची देकर दावा किया कि इन सभी ने न केवल गिरोह से साठ-गांठ की थी, बल्कि उनसे आंसर-की हासिल करने के बाद परीक्षा में उसका इस्तेमाल भी किया था।
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया था कि इनके अलावा भी 37 ऐसे परीक्षार्थियों की सूची तैयार की गई, जो गिरोह के संपर्क में आए थे। 12 जून को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने फैसला सुरक्षित रखकर परीक्षा परिणाम पर रोक जारी रखी थी और 15 जून को फैसले की तिथि निश्चित की गई थी।

कुशवाहा को राजग का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी (रालोसपा) ने केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा को बिहार विधानसभा चुनाव में राजग का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की है। रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार में जहानाबाद से सांसद अरुण कुमार ने सोमवार का यहां कहा कि कुशवाहा मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे सक्षम और योग्य उम्म्ीदवार हैं। बिहार की जनता कुशवाहा जाति से आने वाले किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। रालोसपा के रविवार को हुए अल्पसंख्यक सम्मेलन में भी केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री कुशवाहा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर 'दिल्ली में नरेन्द्र, बिहार में उपेन्द्र'का नारा गूंजा था। 

गौरतलब है कि राजग में शामिल एक अन्य दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने पिछले सप्ताह कहा था कि राजग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी है और भाजपा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर जो भी निर्णय लेगी, लोजपा उसका समर्थन करेगी। उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को पटना में घोषणा की कि वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जनता परिवार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।

देश की अर्थव्यस्था खराब स्थिति में है: आनंद शर्मा

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पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था संघर्ष की स्थिति में है। शर्मा ने ओवरड्राफ्ट और केंद्रीय सरकार की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी किए जाने की मांग की। शर्मा ने कहा कि राजग सरकार का यह दावा खोखला और गलत है कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। वास्तव में अर्थव्यवस्था संघर्ष के चरण में है और विनिर्माण, सेवा क्षेत्र, कृषि और निर्यात जैसे उसके सभी मापदंडों में गिरावट का रूख दिखा है। उन्होंने केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति और ओपरड्राफ्ट पर श्वेतपत्र की मांग की।

शर्मा ने मोदी सरकार के एक वर्ष के शासन को विश्वासघात, वादे तोड़ने और डींगे मारने का वर्ष करार दिया और उन पर पूर्ववती संप्रग सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जेएएम (जनधन, आधार और मोबाइल नम्बर) का श्रेय ले रही है लेकिन ये सभी योजनाओं की कल्पना और क्रियान्वयन संप्रग सरकार ने किया था। उन्होंने कहा कि तब भाजपा विपक्ष में थी और उसने इन नीतियों की आलोचना की थी और यहां तक कि आधार योजना को रद्द करने की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम की कीमतें जो करीब 125 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी, अब 55 से 66 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं लेकिन राजग सरकार ने इसका लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया और 62 हजार करोड़ रुपये अर्जित किए और उसने उत्पाद शुल्क तीन बार पुनरीक्षित किये हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की कमी होनी चाहिए।

रेलवे के प्रतीक्षारत यात्री कर सकेंगे विमान से यात्रा

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इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने रेलवे की प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रतीक्षारत यात्री कम किराए पर विमान से यात्रा कर सकते हैं। कंपनी ने यह जानकारी यहां सोमवार को एक बयान जारी कर दी। बयान के मुताबिक, ऐसा आईआरसीटीसी ने इस संबंध में गो एयर और स्पाइस जेट विमानन कंपनियों के साथ समझौता किए हैं। समझौते के तहत, आईआरसीटीसी अपनी वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुक कराने वाले सभी प्रतीक्षारत यात्रियों को रेलगाड़ी का आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद ईमेल भेजेगी। सस्ते में विमान यात्रा की सुविधा लेने के लिए रेलवे की टिकट बुकिंग यात्रा की तारीख से तीन दिन पहले की होनी चाहिए।

आईआरसीटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक, "यात्री रेल टिकट रद्द कर सकते हैं और उसी गंतव्य के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एयर डॉट आईआरसीटीसी डॉट को डॉट इन के जरिए विमान के टिकट के लिए कोशिश कर सकते हैं। यह सुविधा सिर्फ उन्हीं रेल मार्गों पर उपलब्ध होगी जहां विमान द्वारा सेवा प्रदान की जा रही हो।" अधिकारी ने कहा कि विमान किराया विशेष विमान सेवाओं के लिए उस दिन के किराए की तुलना में कम होगी।

उन्होंने कहा, "गो एयर ने हमारे साथ करार कर लिया है, जबकि स्पाइसजेट को अभी अपने इन्वेंटरी से इसे पारित करना है। इनके अलावा अन्य एयरलाइनों के साथ भी बात चल रही है।"हाल ही में शुरू की गई इस योजना के तहत पिछले महीने करीब 100 टिकट बिक चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत विमान किराया मौजूदा स्पॉट किराए की तुलना में 30-40 फीसदी तक सस्ता होगा। हालांकि, सीटों की संख्या सीमित रहेगी, इसलिए बुकिंग 'पहले आओ पहले पाओ'के आधार पर होगी।

'वन रैंक वन पेंशन'को लेकर पूर्व सैन्यकर्मियों का प्रदर्शन

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सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों ने 'वन रैंक वन पेंशन' (ओआरओपी) योजना के क्रियान्वय में हो रही देरी के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन किया और आंदोलन तेज करने की धमकी दी। प्रदर्शनकारी पूर्व सैनिकों ने जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की और 'वन रैंक वन पेंशन, नो डीले नो डिल्युजन'और 'सैनिक एकता जिंदाबाद'के नारे लगाए।

ओआरओपी योजना के क्रियान्वयन की घोषणा होने तक हर रोज 50-55 पूर्व सैनिकों का दल जंतर-मंतर पर बारी-बारी से भूख हड़ताल करेगा। आंदोलन की अगुवाई कर रहे इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत) ने बताया, "जब तक सरकार हमें 'वन रैंक वन पेंशन'योजना के क्रियान्वयन की तारीख नहीं देती, तब तक हम यहां से नहीं हिलेंगे।"

भाजपा अपनों के लिए नियम तोड़ती है : नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी से संबंधित मामले पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनों के लिए नियम तोड़ती है, यही उसकी कार्य संस्कृति है। पटना में 'जनता दरबार में मुख्यमंत्री'कार्यक्रम में भाग लेने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेता अहंकार में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं में सहनशक्ति नहीं है, उनका मनपसंद काम नहीं होना उन्हें बर्दाश्त नहीं होता है। 

केन्द्रीय मंत्रियों के लगातार बिहार दौरे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "ऐसे लोग अपना काम नहीं कर रहे हैं और बिहार आकर प्रवचन दे रहे हैं।"उन्होंने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीएसएनएल का कॉल ड्रॉप नहीं रुक रहा है और वे लगातार नई घोषणाएं कर रहे हैं। नीतीश ने कहा कि प्रसाद को पहले बीएसएनल की स्थिति सुधारनी चाहिए। 

योग पर चल रही बयानबाजी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा देश के लोगों को योग के नाम पर गुमराह कर रही है। जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें योग को लेकर आपत्ति नहीं है, परंतु जिस प्रकार योग को लेकर प्रचार किया जा रहा है वह सही नहीं है। योग गुरु बाबा रामदेव पर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा, "बाबा रामदेव जितने बड़े योग गुरु हैं, उससे बड़े वह 'बिजनेस मैनेजमेंट'के गुरु लगते हैं।"राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) में टिकट बंटवारे को लेकर संभावित विवाद को नकारते हुए उन्होंने कहा, "दोनों दलों में सहमति है, एकजुटता है। ऐसे में टिकट बंटवारे को लेकर परेशानी नहीं होगी।"

आदिवासियों से पूछकर जमीन ली जाए : राहुल गांधी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कोरबा जिले के मदनपुर गांव में कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों से पूछकर जमीन ली जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास हो रहा है तो आदिवासियों का भी विकास होना चाहिए। राहुल ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे उद्योगपतियों की सरकारें हैं।राहुल ने मदनपुर में ग्रामीणों की चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों से सवाल किया कि यदि विकास की बात की जा रही है तो गरीबों को क्यों भटकना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, "हमारी कांग्रेस पार्टी गरीबों के साथ है, जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों से उनकी जमीन छीनी जा रही है, हम इसके खिलाफ हैं। यदि विकास की बात कर रहे हैं तो आदिवासियों और गरीबों का विकास करें। हम ऐसी सरकार चाहते हैं जो गरीबों का भला करे।"

राहुल ने ग्रामीणों से खुलकर चर्चा की और कहा कि कांग्रेस गरीबों के हक की लड़ाई लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा, "जंगल ही किसानों और आदिवासियों की जिंदगी हैं, यदि जंगल खत्म हो जाएंगे तो लोगों की जिंदगी खत्म हो जाएगी। गरीब की कीमत पर विकास नहीं होना चाहिए।"इसके पहले राहुल बिलासपुर स्थित हवाई पट्टी पर विशेष विमान से उतरे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। वहां से वह कोरबा के लिए रवाना हो गए।

भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल के बीच मुक्त सीमा समझौता

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भारत, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल ने सोमवार को यहां एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत चारों देशों के बीच नागरिकों, माल और वाहनों के निर्बाध आवागमन की सुविधा से क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस समझौते का पहला चरण अक्टूबर में शुरू होगा। चार देशों के परिवहन मंत्रियों ने बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएनएमवीए) के बीच यात्रियों, कर्मियों और माल वाहनों के आवागमन के लिए मोटर वाहन समझौता किया है। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया।

मंत्रियों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, "बीबीआईएन एमवीए वाहनों के आवागमन को सुगम बनाएगा और माल, वाहनों और लोगों के सीमा पार आवागमन में सुगमता आएगी।"बयान के मुताबिक, सभी चारों देश बीबीआईएन एमवीए के क्रियान्वयन के लिए जुलाई से दिसंबर 2015 तक छह महीने की कार्ययोजना को लागू करने का प्रयास करेंगे। इस परियोजना का क्रियान्वयन अक्टूबर 2015 में किया जाएगा। बैठक के दौरान, गडकरी ने कहा, "हम सभी पड़ोसियों के साथ जुड़ने के अपने लाभ को भलीभांति समझते हैं। हमने अपने पड़ोसियों की सहायता के लिए अपनी अतिरिक्त जिम्मेदारी को पहचाना है।""हम अपने पड़ोसी देशों के समक्ष पेश विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए सजग हैं और हमेशा रहेंगे। इन कमियों को कम करने का हम भरसक प्रयास करेंगे।"परियोजना क्रियान्वयन की कार्य योजना के तहत बीबीआईएन एमवीए का विस्तार अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है। 
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