मुख्य मंत्री हरीश रावत को राधामोहन सिंह की चुनौती, देश के विकास के लिए स्वदेशी अपनाएं
देहरादून, 14 जून। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने रविवार को देहरादून मुख्य मंत्री हरीश रावत को खुली चुनौती देते हुये कहा कि यदि मुख्य मंत्री जी को लगता है कि मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने उत्तराखंड को मिलने वाली कुल राशि में यूपीए सरकार द्वारा दी गयी राशि की तुलना में कटौती की है तो वे लिख कर भेजें। वे स्वयं वित्त मंत्री से मिल कर अगले दिन ही यूपीए सरकार द्वारा जारी की गयी राशि के बराबर धन का आंवटन करा देंगे। अब देखना है कि मुख्य मंत्री जी उत्तराखंड के हित में चुनौती स्वीकार करते हैं अथवा कांग्रेस हाई कमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तर्ज पर उत्तराखंड की जनता को गुमराह करने का काम जारी रखते हैं। वहीं यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के विकास के लिए स्वदेशी को अपनाएं। उन्होंने कहा कि देशवासी जितना अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे, देश में उतने अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रविवार को संस्कार भारती उत्तराखंड के प्रथम अधिवेश के समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने सभी से कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, युवा आसानी से कृषि आधारित व्यवसाय को अपनाकर अपने भविष्य को संवार सकता है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए जरूरी है कि लोग अधिक से अधिक स्वादेश उत्पादकों को अपनाएं। इससे न सिर्फ देश के आर्थिक हालात सुधरेंगे बल्कि रोजगार के अवसर भी काफी बढेंगे। राधा मोहन सिंह ने कहा कि विदेश उत्पादों पर निर्भरता के कारण ही घरेलू उत्पादों को काफी धक्का पहंुच रहा है। जिससे देश में बेरोजगारी भी काफी बढ़ी है। सरकार इस प्रकार की कार्ययोजना तैयार कर रही है। जिससे देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिले। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जनभावनाओं को ध्यान में रखकर ही अपनी योजनाओं को संचालन कर रही है। सरकार की मंशा है कि हर आदमी के हाथ में काम हो और भारत दुनियां में तरक्की की एक मिसाल बनकर उभरे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात नहीं की।
‘‘बीफ‘‘ गांव का नाम बदलकर हुआ नारायणपुरी, किसी अंग्रेज ने रखा था इस गांव का नाम बीफ
बड़कोट, 14 जून (निस)। केन्द्र सरकार ने दिशा-निर्देश जारी होने के बाद अब यमुनोत्री धाम के निकट अंतिम गांव बीफ को अब नारायणपुरी के नाम से जाना जाएगा। पिछले काफी समय से ग्रामीण सरकार से दस्तावेजों में गांव का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। गांव का नया नाम नारायणपुरी भी ग्रामीणों की ओर से सुझाया गया था। इस संबंध में गांव के निवासी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्व.राजेंद्र सिंह रावत ने 1997 में भारत सरकार को पत्र लिखा। लेकिन, लंबे समय तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। उनके निधन के बाद उनके पुत्र अरविंद रावत ने 2007 में एक बार फिर भारत सरकार को प्रार्थना पत्र भेजा और गांव का नाम बदलने की मांग के तर्क भी गिनाए। पत्र में उन्होंने बताया कि बीफ का अंग्रेजी में शाब्दिक अर्थ गौवंश से संबंधित पशु के मांस से होता है। यमुनोत्री धाम की ओर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जानकीचट्टी से लगा यही गांव सबसे अंतिम गांव है। लिहाजा यात्री व पर्यटक इस नाम को सुनकर असंमजस की स्थिति में आ जाते हैं। इसलिए धार्मिक मान्यता के अनुसार गांव का नाम का परिवर्तन जरूरी था। हालांकि इस गांव का नामकरण कब किया गया और क्यों किया गया इसका ठोस प्रमाण नहीं मिल सका है। गांव के बुजुर्गाे की मानें तो ब्रिटिश शासनकाल में किसी अंग्रेज ने किसी गोवंश के पशु का शव देखकर इसका नाम बीफ रख दिया हो। अरविंद रावत बताते हैं कि चूंकि यमुना का उद्गम गांव से महज पांच किमी की दूरी पर है और चार धामयात्रा की शुरुआत यहीं से होती है। ऐसे में हिदू धर्म और स्थानीय लोगों की सोच के अनुसार इस गांव का नाम बदला जाना जरूरी था। पहाड़ की तलहटी में बसे इस गांव पर भगवान नारायण की ही कृपा मानी जाती है। इस गांव के ठीक ऊपर बने नारायण मंदिर स्थित है और ग्रामीणों के मुताबिक उत्तरकाशी का पहला नारायण का मंदिर माना जाता है।
आपसी समन्वय से कार्य करें अधिकारीः सीएम
देहरादून, 14 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनसमस्याओे के त्वरित समाधान तथा क्षेत्रीय विकास से सम्बन्धित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये अधिकारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की है। उन्होंने जनपद व शासन स्तर पर भी अधिकारियों से बेहतर समन्वय की अपेक्षा की है। बेहतर समन्वय तथा आपसी तालमेल से ही अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकेंगे। विकास भवन सभागार पिथौरागढ़ में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी अधिकारियों से बीडीसी एवं जिला पंचायत आदि की मासिक बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि इस प्रकार बैठकों का पूरा विवरण भी उन्हें उपलब्ध कराया जाए। विवरण में यह भी स्पष्ट किया जाय कि कितनी बैठके आयोजित हुई, कौन कौन अधिकारी उसमें उपस्थित हुए। ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने सम्बन्धी प्रयासों का भी विवरण में जिक्र किया जाए। अधिकारी ये समझ ले कि सभी लोग उनकी कार्य संस्कृति से संतुष्ट नहीं हैं। इसके लिये उन्हें जनता के बीच जाना होगा उनकी समस्या समझनी होगी उनकी तकलीफों को दूर करने में मददगार बनना होगा। अधिकारीगण विभागों के प्रति उठने वाले सवालों का समाधान ढूंढे। उन्होंने जनपद स्तर पर जनसमस्याओं के निराकरण के लिये विकसित किये गए प्रयासों की भी विभागवार जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये पारदर्शी प्रयास हो, समाधान के तहत निस्तारित शिकायतों के सम्बन्ध में डीएम, सीडीओ व एडीएम संयुक्त रूप से स्थिति का आंकलन करें। डीएम व सीडीओ कम से कम 10 व 15 प्रतिशत प्रकरणों की आकस्मिक जांच भी करें। भूमि सम्बन्धी विवादों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए उपजिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिये जाएं व वार्षिक कार्य आकलन में इसे सम्मिलित किया जाए यह जिम्मेदारी भी डीएम की होगी। लोक निर्माण व सिंचाई विभाग, सड़कों व बाढ़ सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए। ठकेदारों पर प्रभावी नियंत्रण रखें, गुणवत्ता की जांच करें। सीमांत क्षेत्रों की सड़कों के निर्माण की धीमी प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने 22 जून के बाद लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, एडीबी, वल्र्ड बैंक व बीआरओ के अधिकारियों की देहरादून में बैठक बुलाई है। पेयजल योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के लिये जल निगम व जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्यों को बरसात से पहले पूर्ण करने के लिए सिंचाई विभाग को भी सख्त हिदायत उन्होंने दी। बिजली विभाग के अधिकारी चरणबद्ध ढंग से पुराने पोलों व तारों को बदलने का कार्य एक अभियान के रूप में चलाएं। कृषि व बागवानी को हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र वितरित करने, कृषि, बागवानी, दुग्ध विकास एवं पशुपालन को एक दूसरे से जोड़कर समेकित योजना क्रियान्वित करने के भी उन्होंने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकसान को रोकने के लिये बड़े स्तर पर तारबाड़, सुरक्षा दीवार व बन्दरबाड़े बनाने के लिये कार्य योजना बनायी गई है, इस योजना को व्यापक स्तर पर संचालित करने पर लगभग 1200 करोड़ का व्यय अनुमानित है। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने पिथौरागढ़ व चम्पावत को भी दुग्ध उत्पादक क्षेत्र के रूप में विकसित करने व पिथौरागढ़ में आधुनिक गौशाला एवं दुग्धशाला स्थापित करने के निर्देश दिए। प्रदेश को प्याज उत्पादन क्षेत्र चिन्हित कर इसके भी कलस्टर तैयार किए जाए ताकि नासिक व राजस्थान के प्याज की तरह हम अपना प्याज बाजार में ला सके। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों के विक्रय में भागीदारी सुनिश्चित कराने से यहाॅ आने वाले पर्यटक यहाॅ के उत्पादों को अपने साथ ले जायेगें इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हर पात्र व्यक्ति को समय पर पेंशन मिलें यह समाज कल्याण विभाग सुनिश्चित करें इसके लिए अभियान चलाया जाए। लोक कल्याण की भावना के अनुरूप ‘‘यह नहीं हो सकता के बजाय यह कैसे हो सकता है’’ यह सोच विकसित की जाय। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एवं मेरा गांव मेरा धन योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हो इसके लिये बैंकों को सहयोगी बनाया जाए। बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र सिंह महरा, विधायक मयूख महर, नारायण राम आर्य, अध्यक्ष वन विकास निगम हरीश धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, नगरपालिका अध्यक्ष जगत सिंह खाती, कुमायूं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी कुमायूं पी.एस.सैलाल, जिलाधिकारी सुशील कुमार, मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, अपर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य, उपजिलाधिकारी सदर अनुराग आर्या, विभिन्न जनप्रतिनिधि सहित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
छात्रावास अवस्थापना सुविधाओं के लिए सीएम ने दिये 10 लाख
देहरादून, 14 जून (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को एंचोली में रं जाति छात्रावास का शुभारम्भ करते हुए छात्रावास की अवस्थापना, सुविधाओं के लिये 10 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रं कल्याण संस्था के प्रयासों से निर्मित यह छात्रावास अनुसूचित जनजाति के छात्रों को बेहतर शिक्षा का माहौल प्रदान करने में मददगार होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने रं समाज द्वारा अपनी पारम्परिक लोक संस्कृति के संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों में शान्ति का संवाहक बताया। उन्होंने कहा कि रं समाज ने अपनी मेहनत एवं लगन से प्रदेश ही नहीं देश व विदेशों में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है, अपनी विशिष्ट लोक संस्कृति की पहचान को बनाये रखने में भी सफल रहे हैं। यह समाज अपनी जड़ों से जुड़कर अपनी सांस्कृतिक सीमा की भी रक्षा कर रहा है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहकर जीवनयापन करना अपने आप में बड़ी तपस्या है। इस तपस्या को सुगम बनाने के लिये हमारे प्रयास जारी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही छोटा कैलाश व ऊॅ पर्वत की भी यात्रा शुरू की गई है। इन यात्राओं से जुड़ी दारमा, ब्यास व चैंदास घोटियों को जोड़ने के सभी सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग व सीमा सड़क संगठन से इन क्षेत्रों में निर्मित होने वाले पुलों व सड़कों के निर्माण में तेजी लाने को कहा जा रहा है। यहां के निवासियों की कठिनाइयां दूर हो, इस यात्रा मार्ग पर हेलीकाॅप्टर सेवा भी उपलब्ध करायी जा रही है। इस यात्रा के साथ ही चार धाम, हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू होने से सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश व दुनिया में गया है। उत्तराखण्ड के लोग आपदा की पीड़ा से उबर चुके हैं। लोगों के उत्साह की भावना हमारी प्रेरणा है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए भी ऐसे छात्रावास बनाने तथा उन्हें भी शिक्षा का बेहतर माहौल उपलब्ध करने पर बल दिया। इस अवसर पर राज्सभा सांसद महेन्द्र सिंह माहरा ने भी रं छात्रावस के लिये 5 लाख की धनराशि प्रदान की। नगरपालिका अध्यक्ष पिथौरागढ़ जगत सिंह खाती द्वारा भी 10 लाख की मदद का भरोसा दिया। इस अवसर पर विधायक मयूख महर ने भी विचार रखे। संस्था के संरक्षक नृप सिंह नपच्याल एवं अध्यक्ष चन्द्र सिंह नपच्याल द्वारा संस्था के कार्यकलापों की जानकारी दी। कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत प्रकाश जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में संस्था के सदस्यगण उपस्थित थे।
राज्यपाल ने किए बद्रीनाथ के दर्शन तीर्थाटको के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया
देहरादून, 14 जून (निस)। प्रदेश के राज्यपाल ड़ा0 कृष्ण कांत पाॅल ने आज प्रातः श्री बद्रीनाथ मन्दिर पहँुचकर भगवान के दर्शन किए और राज्य एवं देश के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने बद्रीनाथ मन्दिर कमेटी के पदाधिकारियों तथा स्थानीय प्रशासन से मन्दिर समिति की व्यवस्थाओं सहित यात्रियों की सुविधाओं के लिए की गई व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। उनके संज्ञान में लाया गया कि बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन लगभग छः से सात हजार यात्री दर्शन के लिए आ रहे है तीर्थयात्रियों की संख्या को आशानुकुल बताते हुए उन्होनें कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम परिक्षेत्र आस्था का केन्द्र होने के दृष्टिगत धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण स्थल है। इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्यपाल ने तीर्थाटको की सुगम व सुरक्षित यात्रा हेतु की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा के बाद व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने मन्दिर परिसर में सौन्दर्यीकरण एवं स्वच्छता पर भी प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि पर्यटकों को निजी वाहनों से यहाॅ तक सुगमतापूर्वक से पहुॅचने की सुविधा मिली हुई है इससे तीर्थाटकों की संख्या में स्वाभाविक रूप से बढ़ोत्तरी होगी। राज्यपाल पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार प्रातः 9ः00 बजे अपनी धर्मपत्नी श्रीमती ओमिता पाल के साथ मन्दिर में पहुॅचे जहाॅ उन्होंने पूजा अर्चना के उपरान्त ब्रह्मकपाल में पितरों के निमित्त पिण्ड़दान, तर्पण एवं हवन किया। भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी अशोक कुमार, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, सहित स्थानीय प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे। राज्यपाल श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बाद राजभवन देहरादून पहँुच चुके है।
सीएम आवास कूच करते यूकेडी कार्यकर्ता गिरफ्तार
देहरादून, 14 जून (निस)। आपदा राहत घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सीएम आवास कूच कर रहे उत्तराखण्ड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने राजपुर रोड में दिलाराम के समीप गिरफ्तार कर लिया। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार यूकेडी के कार्यकर्ता यहां दिलाराम चैक पर रविवार की सुबह एकत्रित हुए और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिस समय वे सीएम आवास की ओर कूच करने के लिए जैसे ही जूलूस की शक्ल में आगे बढ़ने लगे। वहां पहले से ही पुलिस बल ने उन्हे रोक लिया। जिसके बाद उक्रांद कार्यकर्ताओं की पुलिस से काफी नोकझोंक हुई। जब सीएम आवास के घेराव के इच्छुक उक्रांद कार्यकर्ता नही माने तो पुलिस ने उन्हे अपने हिरासत में ले लिया और फिर कनक चैक ले जाकर छोड दिया। जिसके बाद आक्रोशित उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कनक चैक पर ही सरकार और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। जिसके बाद पुलिस ने उन्हे धरने से उठाकर गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गयी। इस मौके पर उक्रांद कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्र को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में उक्रांद कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्य गठन के 15 वर्षो के बाद भी राज्य के आर्थिक हालात बदतर बने हुए है। यहां आई अब तक की सरकारें प्रदेश की जनताओं की आस्थाओं पर किसी भी प्रकार से खरी नही उतरी है। प्रदेश से रोजगार के लिए पलायन अब भी बदस्तूर जारी है। उक्रांद ने मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में जनभावनाओं के अनुरूप राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंड तथा आपदा राहत घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
छात्रा के अपहरण का मामला दर्ज
देहरादून, 14 जून (निस)। विगत 10 जून से लापता एक किशोरी के परिजनों ने धर्मावाला चैकी में उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के बादशाहीबाग का रहने वाला एक युवक उसे बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी हाईस्कूल में पढ़ रही है। मामला दो अलग अलग संप्रदाय का होने के कारण पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार थाना सहसपुर क्षेत्र के एक गांव से छात्रा 10 जून को अचानक लापता हो गई। परिजनों ने उसे इधर-उधर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि छात्रा को विकास पुत्र रामपाल निवासी बादशाहीबाग थाना मिर्जापुर जिला सहारनपुर उत्तर-प्रदेश बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। परिजनों ने पुलिस में छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है
छात्रा के अपहरण का मामला दर्ज
देहरादून, 14 जून (निस)। विगत 10 जून से लापता एक किशोरी के परिजनों ने धर्मावाला चैकी में उसके अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के बादशाहीबाग का रहने वाला एक युवक उसे बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी हाईस्कूल में पढ़ रही है। मामला दो अलग अलग संप्रदाय का होने के कारण पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार थाना सहसपुर क्षेत्र के एक गांव से छात्रा 10 जून को अचानक लापता हो गई। परिजनों ने उसे इधर-उधर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि छात्रा को विकास पुत्र रामपाल निवासी बादशाहीबाग थाना मिर्जापुर जिला सहारनपुर उत्तर-प्रदेश बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। परिजनों ने पुलिस में छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया है।
फांसी लगाकर महिला ने दी जान
देहरादून, 14 जून (निस)। नेहरूकाॅलोनी थाना क्षेत्र के नथनपुर गांव में घरेलू विवाद के चलते एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रविवार की सुबह नीलम (30 वर्ष) पत्नी शशिपाल निवासी लक्ष्मी डेयरी नथनपुर ने फंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब नीलम अपने कमरे से बाहर नही आई तो परिजनों ने उसके कमरे के भीतर जाकर देखा। भीतर देखकर परिजनों के होश पाख्ता हो गए। नीलम ने फंखे से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गयी। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नीलम के फांसी लगाने की सूचना पर उसके मायके वाले भी मौके पर पहंुच गए। पुलिस ने इस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि नीलम की शादी शशिपाल से वर्ष 2005 में हुई थी।
दून-हावड़ा एक्सपे्रस में लूटपाट
देहरादून, 14 जून (निस)। बीती रात लुटेरों ने चेन खींचकर देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस को एथल और लक्सर के बीच रोकने के बाद उसमें लूटपाट की। इस दौरान लुटेरों ने स्लीपर क्लास की कोच में महिलाओं की चैन, कान के कुंडल छिन लिए, जबकि मोबाइल, रुपये और सामान भी लूट लिया। पुलिस के अनुसार कि लुटेरों ने बीती रात एथल और लक्सर के पास देहरादून हावड़ा एक्सप्रेस की चैन पुलिंग की। इसके बाद ट्रेन खड़ी हो गई। दर्जनों की तादाद में लुटेरे स्लीपी क्लास में गुस आए। जिससे यात्रियो ंमे ंहडकंप मच गया। बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि बदमाशों के पास हथियार थे,इसलिए कोई भी यात्री उनका विरोध करने का साहस नही जुटा पाया। इस दौरान लुटेरों ने फैजाबाद निवासी प्रभावती व हरिद्वार सुभाष नगर निवासी बीना से कान के कुंडल लूटे। पीडि़तों ने रामपुर यूपी में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री स्वामी को याद किया
देहरादून, 14 जून (निस)। नित्यानन्द स्वामी जन सेवा समिति की तरफ से स्व0 स्वामी दंपति की स्मृति में आज के परिवेश में नारी शिक्षा पर समीक्षात्मक विवेचना का आयोजन किया गया था। जिसमें संस्था के अध्यक्ष बख्सी के द्वारा बताया गया कि इस माह में स्व0 स्वामी के विवाह की वर्षगांठ होती है। इसलिए इसका आयोजन किया गया क्योंकि स्वामी नारी शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे इसका जीवंत उदाहरण यह था कि उन्होंने अपने विवाह के उपरांत अपनी धर्मपत्नी चन्द्रकांता स्वामी को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया और उनको उच्च शिक्षा पूर्ण ग्रहण करवाई, जिसके उपरांत श्रीमती स्वामी विधिक शिक्षा अधिकारी के रूप में बेसिक शिक्षा के रूप में कार्यरत रही हैं शिक्षा का ऐसा उत्कर्ष उदाहरण अनुकरणीय है। और स्वामी के नाती विनायक शर्मा ने अपने संबोधन में जानकारी दी कि संस्था नित्यानन्द स्वामी के विचारों व सोच को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में श्रीमती दलजीत कौर प्राचार्य प्रतिशियन कालेज द्वारा नारी शिक्षा पर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आंकड़े प्रस्तुत किये गए, दूसरी वक्ता डा0 इन्दु सिंह प्राचार्य एमकेपी कालेज ने दी आज के परिवेश में नारी की प्रयोगात्मक परेशानियों को दर्शाते हुए अपने विचार प्रकट किए इसके उपरांत समाज के जाने माने प्रतिष्ठित डा. एस. फारूख ने अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये इसके उपरांत मुख्य व विशिष्ठ अतिथि श्रीमती विजया बड़थ्वाल पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक ने अपने विचार रखते हुए राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा नारी शिक्षा की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी इसके उपरांत समिति के सदस्य राष्ट्रपति पुरूस्कार पारित सुचित नांरग द्वारा अपने आभार संबोधन में बताया गया कि स्वामी की पुत्री ज्योत्सना शर्मा व नाती विधायक शर्मा बड़ी लगन से स्व. स्वामी के जनहित के कार्य को पूरी लगन से करने में लगे हुए हैं इस कार्यक्रम में श्री रंजीत सिंह वर्मा, सुशीला बड़ोनी, घन्नानन्द बुड़ेाला, श्रीमती विनोद उनियाल, श्रीमती किरण, विजय जायसवाल, रघुवीर सिंह पंवार, डा0 अमित सिंह ,बी.पी.कम्बोज , एस.पी. संघी, विशाल शर्मा, गोपाल पुरी, अमर चबडि़या श्रीमती जनक गुलाटी विजेन्द्र राणा, विपिन राणा, शुबोध शर्मा, के.पी सिंह, अंजलि वर्मा, एवं शहर से गणमान्य लोगों से सभागार भरा हुआ था। सभी लोगों ने स्व0 नित्यानन्द स्वामी दंपति को अपनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।
वन्यजीव विविधता से होंगे स्कूली बच्चे परिचित
कोटद्वार, 14 जून (निस)। कार्बेट टाइगर रिजर्व का प्रशासन स्कूली बच्चों को कार्बेट की वन्यजीव विविधता से परिचित कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पार्क प्रशासन ने कोटद्वार के रिसेप्शन सेंटर में ऑडियो विजुअल सेवा की शुरूआत कर दी है। जिसके माध्यम से स्कूली बच्चों को डॉक्यूमेंट्री के जरिए सीटीआर से रुबरू कराया जाएगा। कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कोटद्वार स्थित रिसेप्शन सेंटर में विभाग पुस्तकालय खोलने के बाद अब ऑडियो विजुअल सेवा शुरू कर रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने कई वन्यजीवों और पर्यटक स्थलों की ड्रॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई है। एक जुलाई से स्कूल खुलने के बाद से स्कूली बच्चों को यह फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके लिए विभागीय कर्मचारी तैयारी कर रहे हैं। ऑडियो विजुअल के लिए हाल तैयार कर फर्नीचर और मशीनें लगवा दी गई हैं।
किशोरी पर धारधार हथियार से हमला
कोटद्वार, 14 जून (निस)। शनिवार देर रात नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम नलाई तल्ली में एक किशोरी पर किसी ने धारधार हथियार से हमला कर उसे गंभीर घायल कर दिया। सेवा 108 से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नैनीडांडा में भर्ती कराया गया, जहां से उसे हायर सेंटर रामनगर रेफर कर दिया गया है। पीडि़ता के पिता ने अज्ञात के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गयी है। मिली जानकारी के अनुसार नैनीडांडा ब्लॉक के ग्राम नलाई में महेंद्र सिंह का घर है। मजदूरी के चलते वह दूसरे गांव अपोला गया हुआ था, जबकि पुत्र अर्जुन सिंह विवाह समोराह में फोटोग्राफी करने के लिए कहीं गया था। घर में सोलह वर्षिय पुत्री अंकिता और पत्नी रामेश्वरी देवी थी। पुलिस ने बताया कि शनिवार रात करीब 10 बजे तक दोनों मां और बेटी घर में टीवी देख रहे थे। इसके बाद अंकिता टीवी वाले कमरे में सो गई, जबकि मां दूसरे कमरे में सोने के लिए चली गई। रात करीब डेढ़ बजे मां बेटी की कमरे की ओर आई। इस दौरान अंकिता को बिस्तरे पर लहूलुहान देखकर उसके होश उड़ गए। शोर मचाने पर आस पास के लोग वहां एकत्र हुए। सुबह करीब पांच बजे सेवा 108 की मदद से घायल अंकिता को सीएचसी नैनीडांडा में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर रामनगर रेफर कर दिया है। इस संबंध में पीडि़ता के पिता महेंद्र सिंह ने अपने दामाद पर शक जताते हुए अज्ञात के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी है। वहीं, थानाध्यक्ष धूमाकोट एनके बचकोटी ने बताया कि महेंद्र सिंह का दामदा फरार चल रहा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
आपदा के बाद पैदल मार्ग की सुध नही ली
गोपेश्वर, 14 जून (निस)। वर्ष 2013 में आई केदारघाटी आपदा में क्षतिग्रस्त बदरीनाथ बामणी पैदल मार्ग की सरकार व प्रशासन आज तक सुध नहीं ले रहा है। इस पैदल मार्ग से यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले आम श्रद्धालु पुराना बाजार से मंदिर तक पहुंचते हैं, लेकिन मार्ग की जर्जर स्थिति से स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों में भी आक्रोश है। श्री बदरीनाथ धाम में पुराना बाजार से बदरीनाथ मंदिर तक जाने के लिए एकमात्र पैदल मार्ग है। यह पैदल मार्ग इस समय नगर पंचायत बदरीनाथ के अधीन है। वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान यह पैदल मार्ग ऋषिगंगा पुल के पास 200 मीटर क्षतिग्रस्त हो गया था। इस संबंध में स्थानीय लोग दो वर्षाे से नगर पंचायत, जिला प्रशासन व सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पैदल मार्ग की मरम्मत नहीं की जा रही है। बताते चलें कि जब श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं तो पुराना बाजार से मंदिर तक उत्सव डोली भी इसी रास्ते से होकर गुजरती है। बावजूद इसके इस मार्ग की मरम्मत न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। बामणी गांव निवासी धीरज मेहता का कहना है कि यात्राकाल के दौरान इसी पैदल मार्ग से अधिकतर यात्री बदरीनाथ मंदिर तक जाते हैं। मार्ग जगह जगह क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। तीर्थ पुरोहित मुकेश अलखनिया का कहना है कि यात्रियों के अलावा बामणी गांव के लोग व पंडित मुहल्ले की लोगों की प्रतिदिन इसी मार्ग से आवाजाही होती है। बताया कि कई बार लोग क्षतिग्रस्त मार्ग पर गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।
कई इलाकों में पेयजल संकट ने दी दस्तक
चम्पावत, 14 जून (निस)। पहाड़ में भी अब पर्यावरण असंतुलन व ग्लोबल वार्मिग का असर नजर आने लगा है। जिले के 72 फीसदी भू-भाग पर जंगल होने से यहां भू जल संरक्षण के हिसाब से अभी डार्क एरियाओं की तादाद इक्का-दुक्का है। बावजूद इसके लोहाघाट क्षेत्र के घाट-घाट में पानी का जलस्तर गिरने से यह ग्रे से डार्क एरिया में शामिल हो गया है। यही वजह है कि गर्मी के सीजन में अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मच रहा है। बढ़ते पेयजल संकट को लेकर पर्यावरण वैज्ञानिकों ने बी चेताया है। यदि हम नहीं चेते तो हालात और गंभीर हो सकते हैं। पहाड़ में हो रहे बेतरतीब सीमेंट-कंक्रीट के निर्माण, लगातार काटे रहे जंगलों और मौसम में आए बदलाव से यहां के भू-जल स्तर में भी खासी कमी आई है। जहां एक दशक पूर्व तक अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल के पर्याप्त स्रोत थे, अब उनका जल स्तर तेजी से घट रहा है और कई स्रोत सूख चुके हैं। खास तौर से जनपद के लोहाघाट विकासखंड को डार्क एरिया में शामिल कर लिया गया है, जहां के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल की खासी किल्लत लगातार बनी रहती है। गर्मी के सीजन में पुल्ला ङ्क्षहडोला कस्बे सहित कई क्षेत्रों में पानी को लेकर खासा हाहाकार मच जाता है। हालांकि इस बार इन क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगाना पड़ा, जिसकी वजह से पेयजल को लेकर अब कुछ राहत है। इसके अलावा ग्रे एरिया के तहत चम्पावत, पाटी और बाराकोट विकासखंडों के इलाके शामिल हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में भी गर्मी के दिनों में पेयजल संकट का असर दिखने लगता है। हालांकि पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के कुछ इलाकों में जल स्तर के आंकड़े संतोषजनक हैं। जहां मैदानी क्षेत्रों में 10 मीटर जमीन के भीतर तक पानी का स्रोत मिल जाता है। वहीं, पर्वतीय इलाकों में पहाड़ की रौलियां पानी का मुख्य स्रोत होती हैं। लेकिन कई इलाकों में पेयजल संकट दस्तक देने लगा है। ऐसे में यदि समय रहते हम पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक नहीं होंगे तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
शिक्षकों को गैरहाजिरी पर भुगतने होंगे परिणाम
पिथौरागढ़, 14 जून (निस)। सीएम ने विद्यालयों में शिक्षकों के मौजूद नहीं रहने को गंभीर बताया है। लगातार 15 दिनों तक मानीटरिंग करने तथा शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर खंड शिक्षाधिकारियों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी । जनसमस्याओं के निदान में विलंब होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए। मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान में जनता मिलन दरबार के दौरान जनता की समस्याएं सुनी। इस दौरान अधिकांश शिकायतें शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई, समाज कल्याण से जुड़ी थी। इस दौरान ग्रामीणों क्षेत्रों से आए लोगों ने विद्यालयों में शिक्षकों के नहीं आने की शिकायत की थी। जिस पर सीएम ने खंड शिक्षाधिकारियों को खड़ा कर स्थिति की जानकारी मांगी। आने वाले 15 दिनों तक जिले के सभी विद्यालयों की मानीटङ्क्षरग करते हुए कमी मिलने पर बीईओ के खिलाफ ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
अगर वनों में लगाई आग तो खैर नहीं
बागेश्वर, 14 जून (निस)। जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल ने कहा है कि वनों को आग से बचाने के लिए ठोस उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वनों में आग लगते ही तत्काल कार्रवाई करें। वनाग्नि नियंत्रण की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी भूपाल सिंह मनराल ने कहा कि अधिकारी फील्ड स्टाफ को सचेत करें। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि नियंत्रण में सबसे अधिक आवश्यकता जन सहयोग की होती है। कहा कि वनाग्नि से न केवल वन सम्पदा जलकर नष्ट होती है बल्कि पेयजल स्रोत भी सूख जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्थान में वनों में आग लगने की सूचना मिलते ही तुरंत बुझाने के लिए सामूहिक प्रयास हों। उन्होंने कंट्रोल्ड फायर पर नजर रखने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि जंगल में आग लगने के कारणों का पता लगाकर आग लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रभारी वनाधिकारी के अनुसार सभी फील्ड स्टाफ को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।
दो घरों से चोरों का धावा, लाखों का माल पार
रुद्रपुर, 14 जून (निस)। अज्ञात चोरों ने दो बंद घरों में धावा बोलकर नगदी और जेवर समेत लाखों का माल उड़ा लिया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। सिंह कालोनी गली नं. 5 निवासी हरिओम शर्मा पुत्र रामपाल एक माह पूर्व ही यहां किराये के मकान में रह रहे है।ं हरिओम शर्मा अपना कैंटर वाहन चलाते हैं। हरिओम ने बताया कि गत 19 मई को वह रूद्रपुर से सामान लेकर उत्तर प्रदेश जा रहे थे। मार्ग में संडीला के पास सिलेंडर भरे ट्रक से एक्सीडेंट हो गया और उन्हें गंभीर चोटें आ गयीं। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बरेली चिकित्सालय रेफर हुए। परिवार भी उन्हीं के साथ था। उन्होंने बताया कि रविवार प्रातः वह परिवार सहित जब घर वापस लौटे तो मुख्य द्वार का ताला टूटा हुआ था। जब वह अंदर गये तो कमरों के ताले भी टूटे हुए थे और भीतर सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था। उनका कहना है कि अज्ञात चोरों द्वारा अलमारी में रखे करीब 1 लाख कीमत के सोने चांदी के जेवरात, चांदी के 7 सिक्के, 3 सिलेंडर, टेलीविजन, पानी की मोटर व अन्य सामान चुरा लिया गया उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी जिस पर पुलिस ने आकर मौका मुआयना किया। चोरी की दूसरी वारदात शान्ति विहार कालोनी में हुयी। यहां चोरों ने गली नं. 3 निवासी दिनेश मिश्रा के घर को भी अपना निशाना बनाया। दिनेश मिश्रा करीब चार दिन पूर्व परिवार सहित लखनऊ गये हुए हैं। रविवार प्रातः जब पड़ोसियों ने उनके घर का ताला टूटा देख भीतर जाकर देखा तो सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था। उन्होंने घटना की सूचना तत्काल दिनेश मिश्रा व पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घर का मुआयना किया। घर की अलमारी खुली हुई थी और ज्वैलरी के कई खाली डिब्बे बिखरे हुए थे। साथ ही अन्य सामान भी अस्तव्यस्त पड़ा हुआ था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि चोरों द्वारा घर से लाखों की कीमत के जेवरात, नकदी व अन्य कीमती सामान चोरी किया गया। पुलिस का कहना है कि दिनेश मिश्रा के वापस लौटने पर ही चोरी गये माल की कीमत का पता चल सकेगा।
प्रदेश में विद्युत मांग बढ़ी
देहरादून, 14 जून (निस)। राज्य के जल विद्युत गृहों से प्राप्त विद्युत उत्पादन 20.42 एम0यू0 रहा है। राज्य की अप्रतिबन्धित विद्युत मांग 42.49 एम0यू0 के सापेक्ष राज्य के विद्युत गृहों एवं केन्द्रीय सेक्टर तथा अन्य स्रोतों को सम्मिलित करते हुये कुल उपलब्धता 42.33 एम0यू0 रही। इलैक्ट्रानिक एनर्जी मीटरों के तेज चलने की शिकायतें आरम्भ से ही प्राप्त हुई हैं। ऐसा प्रतीत होने पर एक्ट व रेगुलेशन के अनुसार उपभोक्ता निर्धारित फीस यूपीसीएल में जमा कर चेक मीटर लगवा सकता है। रेगुलेशन के अनुसार एलटी मीटर को प्रत्येक पांच साल पर परीक्षण व चैक किया जाना है परन्तु यूपीसीएल ऐसा नहीं कर सका जिससे उपभोकताओं में यह आम धारणा है कि उनके द्वारा बिजली की खपत के सापेक्ष अधिक भुगतान किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के हित में साथ ही रेगुलेशन के प्रावधानों के पालनार्थ 25 मार्च 2013 को आहुत बोर्ड मीटिंग में निर्णय लिया गयाकि प्रथम चरण में सिंगल फेज के 250000 एवं तीन फेज के 50000 मीटरों का बाह्य ऐजेन्सी से परीक्षण करा लिया जाये जिसे इसका अनुभव हो एवं वांछित दक्षता एवं तकनीकी परीक्षण उपरकरणों युक्त हों। परीक्षण के दौरान उपभोक्ता के मीटर का इलैक्ट्रीकल व परीक्षण डाटा एक्यूचैक परीक्षण उपकरण के माध्यम से हैण्ड हेल्ड यूनिट को स्थानान्तरित होता है परीक्षण रिर्पोट छापता है साथ ही परीक्षण डाटा को केन्द्रीय सर्वर में रखने भेजता है। परीक्षण के दौरान साथ के साथ उपभोक्ता को उसके मीटर सम्बन्धी जानकारी दे दी जायेगी तथा उपभोक्ता अपनी शिकायत उसी समय दर्ज करा सकता है। यह सारा खर्चा उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि0 स्वयं वहन करेगा। इस हेतु उपभोक्ताओं से कोई भी धनराशि नहीं ली जायेगी। केन्द्रीय पूल से 16.99 एम0यू0 आज विद्युत प्राप्त हुई। अधिक गर्मी पड़ने के कारण विद्युत की मांग लगभग 42.50 से अधिक पहुॅच गयी हैं। परन्तु उपाकालि द्वारा राज्य में आज सांय 5.00 बजे तक राज्य के किसी हिस्से मंे केाई विद्युत कटौती नहीं की गयी।
चोरी की सूचना यू.पी.सी. से देने को भी फोरम ने वैध माना
देहरादून, 14 जून (निस)। जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर ने वाहन चोरी होने पर बीमा क्लेम न देने को सेवा में कमी मानते हुये बीमा कम्पनी को 5 लाख 79 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। इसमें वाद व्यय रू. 5 हजार भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बीमा कम्पनी को 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से वाद दायर करने से भुगतान की तिथि तक का ब्याज भी भुगतान करने को आदेशित किया गया है। चोरी की सूचना यू.पी.सी. से देने को भी फोरम ने वैध माना। अखिलेश कुमार की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम उधमसिंह नगर मेें परिवाद दायर करके कहा गया था कि परिवादी ने श्री राम जनरल इश्योरेन्स कं0लि0 से रू. 24438 का प्रीमियम भुगतान करके अपनी कार यू0के006 एन 6838 का बीमा कराया। बीमा अवधि में कार ड्राइवर के घर से सामने से दि0 29-12-2010 को चोरी होने पर पुलिस मेें रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा बीमा एजेन्ट के बताये फोन नम्बरोें पर सूचना दी लेकिन जब बीमा कम्पनी के किसी अधिकारी या सर्वेयर ने कोई सम्पर्क नहीं किया तो डाक के माध्यम से सूचना दी। बीमा कम्पनी ने चोरी की सूचना 53 दिन देरी से देेने का आरोप लगाते हुये बीमा क्लेम निरस्त कर दिया। बीमा कम्पनी की ओर से तर्क दिया गया कि चोरी की लिखित सूचना पंजीकृत डाक से नहीं दी गयी है इसलिये यह मान्य नहीं है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष हेतराम तथा सदस्या नरेश कुमारी छाबड़ा ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के तर्कों को सुनने के बाद निर्धारित किया कि बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्तुत की गयी पालिसी की शर्तों में इस बात का उल्लेख नहीं है कि लिखित सूचना बीमा कम्पनी को कैसे दी जायेगी। जिसका तात्पर्य यह है कि इस शर्त में यह कहीं अंकित नहीं हैै कि ऐसी सूचना पंजीकृत डाक के माध्यम से बीमा कम्पनी को दी जायेगी। इसमें हम कोई ऐसा कारण नहीं पाते है कि यू0पी0सी0 द्वारा प्रेषित सूचना को अवैैध माना जाये या बीमा कम्पनी की शर्त का उल्लंघन माना जाये। फोरम के निर्णय के अनुसार पुलिस रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि परिवादी का वाहन चोरी हुआ था। अतः परिवादी का दावा स्वीकार करने योग्य था। विपक्षी बीमा कम्पनी नेे बीमा दावा निरस्त करके सेवा में कमी की है। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन की कीमत रू. 575000 में से एक्सीस क्लाज के 1000 रू. कम करते हुये परिवादी को 5,74000 की धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी माना है और इस धनराशि को 30 दिन के अन्दर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी की तिथि से भुगतान की तिथि तक का ब्याज जोड़ते हुये फोरम में जमा करने तथा 5 हजार रू. वाद व्यय भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है।