जीने की जिजीविषा और अपनों को जीवन देने की लालसा से प्रभावित इलाकों का जीवन पटरी पर फिर लौट रही केदारधाटी की खोई रौनक
- धाम में सुनाई दे रहे जय भोले शंकर के उच्चारण, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने उम्मीदों को लगाए पंख
देहरादून।आपदा से बेहाल और बदहाल हुई केदारघाटी ही नहीं बल्कि समूचा उत्तराखंड उड़ खड़ा हुआ है। इसके पीछे प्रभावित लोगों का अपना हौंसला तो है ही, मुख्यमंत्री हरीश रावत की केदार घाटी को पुनर्जीवन देने कि दृढ़ इच्छा शक्ति का ही कमाल भी है। कुछ लोग भले ही अपने अपने बलबूते पर खड़े जरुर हुए हैं क्योंकि सरकारी सहायता उनके दो वर्ष पूर्व के नुकसान के आगे नाकाफी थी। लेकिन अपने लिए जीने की जिजीविषा और आपदा के बाद बचे अपनों को जीवन देने की लालसा से प्रभावित इलाकों का जीवन पटरी अब पर लौटा है। लेकिन अपनों को खोने का गम आज भी इनके चेहरे पर साफ झलकता है। 2012 में ऊखीमठ आपदा और 16-17 जून 2013 की उस विनाश लीला में मिले दुख-दर्द को सीने में लिए केदारघाटी के गांवों ने विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए स्वयं को खड़ा किया है । यहां के लोगों ने जहां अपने पशुपालन, खेतीबाड़ी से आजीविका को फिर से शुरू किया है। दो वर्ष तक मृतप्राय हो चुके धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को अब फिर से शुरू कर जमीन से जुड़े होने का संदेश भी दिया है। वर्ष 2014 में केदार यात्रा को देखकर यह नहीं लगता था कि अब यह यात्रा शायद ही कभी पटरी पर लौटेगी लेकिन इलाके के लोगों का संबल व सरकार की इच्छाशक्ति ने इस बार की केदार सहित अन्य तीन धामों की यात्रा में उमड़े धर्मावलम्बियों की संख्या को देखते हुए एक बार फिर वो दो या तीन साल पहले की यात्रा को जीवंत कर दिया है। वहीँ सरकार की यात्रा को शुरू करने को लेकर संजीदगी व केदारधाम में विकट विषम परिस्थितियों में केदारधाम को सवांरने में लगे निम के नेतृत्व कर्नल कोठियाल सहित उनकी टीम के लोगों के हौसलों ने इस धाम को पुनर्जीवित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। यही कारण है कि आज गौरीकुंड से लेकर लिंचैली व केदारनाथ तक के इस 24 किलोमीटर के इस पैदल मार्ग पर एक बार फिर बोल-बम, हर-हर महादेव,जय भोले शंकर के गगनभेदी उच्चारण एक बार फिर सुनाई देने लगे हैं, जो समूचे यात्रा मार्ग पर भगवान शिव के होने का अहसास कराता है और यात्रियों को कड़ी चढ़ाई को चढ़ने में शक्ति प्रदान करता है और यहाँ के लोगों को जीवन जीने की शक्ति । वर्ष 2014 में क्षेत्र की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए केदारघाटी सहित जनपद के कई गांवों में पांडव नृत्य का आयोजन भी किया गया, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर कर भाग लिया। वहीँ अब केदार यात्रा को देखते हुए देश विदेश के लोगों के उत्साह ने भी स्थानीय लोगों को जीन जीने का एक नया सन्देश दिया कि ”बीती ताहि बिसार दे अब आगे की सुध लेय” याने अब आपको अपना जीवन पुरानी काली यादों को छोड़ नए मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर आगे बढ़ाना है, और इलाके के लोगों ने यह कर भी दिखाया है। गुप्तकाशी के पास स्थित लमगोंडी, देवली व भणिग्राम में वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा से सबसे अधिक जनहानि हुई थी क्योंकि यहां के लोगों कि आजीविका का साधन ही बाबा केदार ही थे। यहां के लोग वहां के पण्डे भी थे तो कई केदार धाम में छोटी मोटी प्रसाद की दुकान व कोई खाने के ढाबे व कुछ यात्रियों को अन्य सुविधाएं देकर अपना जीविकोपार्जन करते थे। आपदा में सर्वाधिक इस गांव के 54 लोगों की मौत हो गई थी। यहां की 30 से अधिक महिलाएं विधवा हो गई थी। इनमें कई ऐसी भी हैं, जिन्होंने आपदा में अपने पति, ससुर, भाई, ताऊ, जीजा और पिता तक को खोया। वहीँ कई महिलाएं तो ऐसी थी जिनकी उम्र उस समय महज 17-18 साल ही थी जिसमें किरन नाम कि एक लड़की भी थी जिसका पति, व ससुर सहित एक देवर तक को यह आपदा लील गयी थी, आपदा ने उसके सामने उसके एक बच्चे सहित सास की परवरिश की जिम्मेदारी दे डाली थी। ऐसे ही इस गांव के कई घरों में सिर्फ महिलाएं रह गई हैं। आपदा प्रभावित लमगोंडी, देवली व भणिग्राम की 67 प्रभावित महिलाएं अब मंदाकिनी महिला बुनकर समिति पर निर्भर हैं जो इन महिलाओं को हथकरघा व हस्तशिल्प में प्रशिक्षण देकर उन्हें महीने में 18 सौ रुपये मानदेय दे कर स्वावलंबी बनाने की कोशिश में हैं।
फारेस्ट गार्ड का पेपर लीक!, रुद्रप्रयाग जिले में 22 पदों के लिए परीक्षा कल
- गड़बड़ी की आशंका में डीएफओ को हटाया, मामले को रफादफा करने की कोशिशें तेज
देहरादून,16 जून(निस)। वन विभाग में फारेस्ट गार्ड की भर्ती के लिए बुधवार को होने वाली लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि इसी आशंका के चलते एक डीएफओ को हटा दिया गया है। अलबत्ता मामले को रफादफा करने के इरादे से ही डीएफओ के तबादले की वजह कुछ और बताई जा रही है। बताया जा रहा कि इसी कथित लीक पेपर के आधार पर ही बुधवार को परीक्षा कराई जाएगी। रुद्रप्रयाग जनपद में फारेस्ट गार्ड के 22 पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के लिए लिखित परीक्षा कराई जा रही है। इसके लिए 17 जून की तारीख तय की गई है। बताया जा रहा है कि इस परीक्षा के लिए तैयार किया गया पेपर एक अफसर ने कुछ खास आवेदकों को लीक कर दिया। इनमें से अधिकांश लोग हरिद्वार जनपद के निवासी बताए जा रहे हैं। वन विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आला अफसरों को भी इस मामले की भनक लग गई है। इसके चलते रुद्रप्रयाग जिले में अतिरिक्त प्रभार वाले एक डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। अहम बात यह भी है कि यह मामला संज्ञान में आने के बाद आला अफसरों को बदनामी की चिंता सता रही है। शायद यही वजह है कि इस गंभीर मामले को रफादफा करने की कोशिशें की जा रही है। डीएफओ को हटाया तो गया है। लेकिन इसकी वजह अफसर के पास दोहरा चार्च होने को बताया जा रहा है। बताया जा रहा कि बुधवार को होने वाली लिखित परीक्षा उसी पेपर के आधार पर कराने की तैयारी कर ली गई है, जिसे कथित तौर पर लीक बताया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अगर वास्तव में पेपर लीक किया गया है तो इस गंभीर मामले को आखिर छुपाया क्यों जा रहा है। आखिर क्या कारण हैं कि उसी कथित तौर पर लीक पेपर से ही परीक्षा कराई जा रही है और कथित आरोपी अफसर को बचाने के लिए मामले को रफादफा किया जा रहा है। एक सवाल यह भी है कि क्या पेपर लीक होने से क्या अन्य आवेदक बेवजह ही भर्ती की दौड़ से बाहर नहीं हो जाएंगे। इन तमाम अहम सवालों पर विभाग का कोई भी जिम्मेदार अफसर कुछ बोलने के लिए तैयार ही नहीं है।
एयर इंडिया के बोइंग से मोबाइल चोरी, सिंगापुर से दिल्ली के बीच गायब किया गया फोन
- आईओए महासचिव मेहता के साथ हुई वारदात, विमान के बिजिनेस क्लास में बैठे थे राजीव
- तमाम तलाश के बाद भी नहीं मिल पाया फोन
देहरादून,16 जून(निस)। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता का मोबाइल फोन एयर इंडिया के बोइंग विमान के बिजिनेस क्लास से चोरी कर लिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर तमाम खोजबीन के बाद भी इसे तलाश नहीं किया जा सका। रविवार को राजीव मेहता ने सिंगापुर से दिल्ली आने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या ए-1-381 पकड़ी। उन्होंने अपना टिकट विमान के बिजिनेस क्लास में बुक कराया था। दोपहर बाद यह फ्लाइट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची। राजीव ने उतरने से पहले अपना सामान उठाया तो पता चला कि उनका एक मोबाइल फोन गायब है। राजीव ने इसकी शिकायत क्रू स्टाफ से की तो मोबाइल की तलाश शुरू की गई। लेकिन मोबाइल को तलाशा नहीं जा सका। इसके मामला सुरक्षा कर्मियों तक भी गया। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया के बोइंग विमान के बिजिनेस क्लास से मोबाइल गुम होने की सूचना एयरपोर्ट पर काफी देरतक अफरा-तरफी मची रही। तमाम तलाश के बाद भी जब मोबाइल का कोई सुराग नहीं लग सका तो अफसरों ने सारी कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
नगर निगम कर्मियों ने किया प्रदर्शन, मांगों से समर्थन में गांधी में दिया धरना
देहरादून,16 जून(निस)। नगर विकास कर्मचारी महासंघ के बैनर तले नगर निगम कर्मियों ने आज गांधी पार्क में धरना दिया। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि लगातार मांग के बाद भी उनकी समस्याओं के निस्तारण की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी कर्मियों का बकाया एरियर का भुगतन नहीं किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि योग्यता के आधार पर पदोन्नति की बात को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर नेम बहादुर, विवेक सक्सैना, सतेंद्र कुमार, नेपाल सिंह, हरीओम, ऋषिपाल, बाबूलाल, सुनील बिष्ट और योगेश्वर समेत कई अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
भाजपा शासन के घोटालों की हो सीबीआई जांच
देहरादून,16 जून(निस)। प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन जाकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन राज्यपाल को दिया। इस ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार को नया भू अधिग्रहण कानून लाने से रोका जाए और कांग्रेस सरकार के समय में बने कानून को ही प्रभावी किया जाए। कांग्रेस की ओर से दिए गए इस ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि भाजपा ने प्रचार के दौरान देशवासियों को 15-15 रुपये के चेक देने का वायदा किया था। केंद्र की भाजपा सरकार को इस पर अमल के लिए कहा जाए। इस ज्ञापन में कहा गया है कि आज कालाधन वापसी, महंगाई, राम मंदिर जैसे मुद्दे पर जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। यूपीए सरकार के दौरान शुरू किए गए कामों को एनडीए सरकार केवल नाम बदलकर खुद वाहवाही लूटना चाहती है। राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र ने बजट में करीब 5 हजार रुपये की कटौती कर दी है। ज्ञापन में मांग की गई है कि भाजपा सरकार के समय में राज्य में हुए ढेंचा बीज घोटाले, कुंभ घोटाले और स्टुर्जिया कांड की जांच सीबीआई से कराई जाए।
नहीं आ सके किशोर
कांग्रेस के इस राजभवन कूच कार्यक्रम को कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को फ्लैग आफ करना था। लेकिन समय पर हेलीकाप्टर उपलब्ध न होने की वजह से किशोर देहरादून नहीं आ सके।
पूरी राजधानी पर रहा भाजपा का अघोषित कब्जा
देहरादून,16 जून(निस)। भाजयुमो की ओर से प्रस्तावित इस कार्यक्रम के लिए यूं तो भाजपा की ओर से भी तमाम तैयारियां की थी। लेकिन पूरे आयोजन में भाजयुमो कार्यकर्ता ही छाए रहे। आज राजधानी में अघोषित रूप से भाजपा का ही कब्जा रहा। शहर में आज सुबह से ही हर तरफ भाजपाइयों के झुंड दिखने लगे थे। शहर में चलने वाली अधिकांश सिटी बसों को भाजपा ने पहले से ही हायर कर लिया था। इन्हीं से कार्यकर्ताओं को विभिन्न क्षेत्रों से लाया गया था। शहर में आज युवा भाजपाई दुपहिया वाहनों से पार्टी के झंडों के साथ घूमते रहे। एक-एक बाइक पर तीन-तीन युवा सवार थे और यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जाती रही।
अच्छे परिणाम न दे सकने वाले अध्यापकों को भेजें अत्यंत दुर्गम इलाकों में: मुख्यमंत्री
चम्पावत,17 जून(निस)। जिन हाईस्कूल एवं इण्टर काॅलेजों का विषयवार परीक्षा फल अत्यन्त खराब हो उस विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित अध्यापकों का स्थानान्तरण जनपद से बाहर उत्तरकाशी व चमोली के अत्यन्त दुर्गम विद्यालय में करें। उक्त निर्देश टनकपुर डिग्री काॅलेज में देर रात्रि तक अधिकारियों की बैठक लेते प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिये। उन्होंने प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने तथा सितम्बर मास तक हाईस्कूल एवं इण्टर काॅलेजों में रिक्त पदों पर गेस्ट टीचरों की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि जिन हाईस्कूल एवं इण्टर काॅलेजों के परीक्षा परिणाम अत्यधिक खराब रहा है उन स्कूलों के सभी अध्यापकों का स्थानान्तरण दूरस्त क्षेत्रों में तत्काल कराना सुनिश्चित करें तथा सभी स्कूलों में रिक्त पदों पर ब्लाक स्तर पर विज्ञप्ति जारी कर अनिवार्य कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने शिक्षण विद्यालयों का नाम स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों के नाम पर रखने तथा इसे एक अभियान के तौर पर रखने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लोहाघाट हाॅस्पिटल में सीसीटीवी कैमरे लगाने, बायोमैट्रिक उपस्थित के साथ अनुबन्ध की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के निर्देश सीएमओ को दिये। उन्होंने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति की जानकारी लेते हुए पात्र परिवारों की डाटा एन्ट्री, कार्ड वितरण व आ रहे केसों के साथ-साथ सर्जिकल कैम्प बढाने, फाॅर्मासिस्टो एवं नये चिकित्सकों को सक्रिय करने के निर्देश दिये। उन्होंने चम्पावत में बेस अस्पताल, पाटी में आयूश काॅलेज खोलने हेतु भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने आयुर्वेदिक अधिकारी की अनुपस्थिति को संज्ञान में लेते हुए निलंम्बन करने व उनका आॅफिस रिर्काड चैक करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एवं खादी ग्रामोद्योग की छोटी-छोटी ईकाई स्थापित कर लोगों को स्वरोजगार से जोडने और उद्योग परिसर में जो यूनिट नही आ रही है उनके स्थान पर दूसरी यूनिट को आंमन्त्रित करने और चल्थी में उघोगों की स्थापना हेतु प्रभावी कदम उठाने के निर्देश महाप्रबन्धक जिला उघोग केन्द्र को दिये। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं उद्यान विभाग को ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान तथा अवशेष प्रभावित काश्तकारों को गहनता से चिन्हित कर मुआवजा राशि वितरण करे और तराई से उपर के क्षेत्रों को जैविक घोषित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये उन्होंने पीडब्लूडी, एनएच को टनकपुर से घाट तक सडको के गड्ढों को भरने व टनकपुर-बनबसा की सडक को ठीक करने के निर्देश दिये। उन्होंन पीडब्लूडी लोहाघाट को घाट से पंचेश्वर सडक को पूर्ण करने, पीएमजीएसवाई को सडकों के निर्माण में तेजी लाने और पर्यटन को ईको टूरिज्म के अन्तर्गत गांव का चयन करने और साहसिक पर्यटन को बढावा दने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रोडवेज की बसों की चैंकिग का अधिकार अब एसडीएम को भी दे दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को संजीदा होकर पूरे मनोयोग से कार्यो को गति देने के निर्देश दिये। बैठक में विधायक एवं संसदीय सचित हेमेश खर्कवाल, प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, अध्यक्ष जिला पंचायत खुशाल सिंह अधिकारी, आयुक्त कुमांऊ मंडल अवनेन्द्र सिंह नयाल, डीआईजी पुष्कर सिंह सेलाल, जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चैधरी, सीडीओ एसएसएस पंागती, सभी एसडीएस, भारी संख्या में कांग्रेसी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, जिला पंचायत संदस्य, क्षेत्रीय पंचायत प्रतिनिधि, सभी अधिकारी एवं आम जनता आदि उपस्थित थी।
अभी से मानसून पर नजर और सतर्क रहे आपदा प्रबंधन विभाग: हरीश रावत
चम्पावत,17 जून(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये है कि मानसून अवधि में प्रदेश में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग अभी से विशेष सतर्कता बरते। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली जाय। जिला स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सक्रिय करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जाय। सभी जिलाधिकारी मानसून अवधि में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर ले। इसके लिए शासन स्तर से जो भी सहायता चाहिए, उसका प्रस्ताव समय से भेजा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के क्रम में प्रभारी सचिव आपदा प्रबंधन आर0मीनाक्षी सुन्दरम् द्वारा सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि मानसून अवधि में अतिवृष्टि, बाढ़, त्वरित बाढ़ एवं नदियों का जल स्तर बढ़ने के फलस्वरूप विशेष सतर्कता बरतने एवं पूर्व तैयारी कर ली जाए। मानसून अवधि में आपदा के बेहतर प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण उपायों हेतु आपदा पूर्व प्राथमिकता के आधार पर तैयारी एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। समय-समय पर आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठकें आयोजित की जाय व उनके कार्यवृत्त शासन को उपलब्ध कराये जाय। जनपदों में प्राथमिकता के अनुसार भूस्खलन, बाढ़ आदि से सम्बन्धित संवदेनशील स्थलों का चिन्हींकरण कर उक्त स्थानों के निकटतम आपदा राहत संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सरकार आपदा घोटाले में मस्त दो साल बाद भी आपदा प्रभावित त्रस्तः सतपाल महाराज
देहरादून,16 जून (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि आज उŸाराखण्ड में आई दैवीय आपदा को दो वर्श पूर्ण हो गये हैं परन्तु प्रभावितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार आपदा घोटाले में व्यस्त है तो जनता त्रस्त है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि प्रदेष की कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि उसके मुखिया व मंत्री खुद ग्राऊण्ड जीरो पर जाकर प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुन उसका षीघ्र निस्तारण करते परन्तु वे तो खनन, घोटालों, भू-माफिया, षराब माफिया के साथ मिलकर घोटाले कर रही है। प्रदेष की जनता की किसी को कोई चिंता नहीं है। आज भी सैंकड़ों गांव ऐसे हैं जिन पर पुल तो दूर ट्रालियां तक नहीं लगी सड़के नहीं बनी। पुनर्वास व विस्थापन की नीति न होने के कारण जिनके घर बह गये, वे आज भी बेघर हैं। उससे ऊपर स्वास्थ्य सेवाओं को निजी हाथों में दे कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। सदस्य भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने कहा कि दो वर्श बाद भी आपदा प्रभावितों को राहत न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपदा राहत में घोटाले की जांच सी.बी.आई. से करवाई जानी चाहिए जिससे दोशियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जा सके। उन्होंने राज्य की कांग्रेस नीत सरकार को जन विरोधी तथा भ्रश्टाचार में आकण्ठ लिप्त सरकार करार दिया।
आपदा में मारे गये लोगों को किया याद, आपदा घोटाला कांग्रेस पर काला दाग
- सीबीआई जांच नहीं हुई तो उच्च न्यायालय जायेगी भाजपा
पिथौरागढ़, 16 जून(निस)। भाजपा ने विनाषकारी आपदा के दो वर्श पूर्ण होने पर आज आपदा में अकाल मौत के षिकार हुये लोगों को नम आंखो से याद किया। इस मौके पर आपदा से प्रभावित हुये सैकड़ो परिवारों को अभी तक रोजगार देने में नाकाम रही राज्य सरकार के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित किया गया। दो मिनट का मौन रखकर आपदा में मारे चुके लोगों को श्रृद्धान्जलि दी गयी। आपदा के कफन में भी घोटाला करने वाली राज्य की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गयी। मुख्यमन्त्री द्वारा आपदा घोटाले की सीबीआई जांच पर मुह नहीं खोलने पर आष्चर्य जताया। वर्श 2013 की भीशण आपदा में धारचूला और मुनस्यारी का भूगोल ही बदल दिया। सैकड़ा परिवार इस आपदा से बदहाल हो गये। धारचूला और मुनस्यारी के भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज पिथौरागढ़ में बैठक कर आपदा में मारे गये लोगों को श्रृद्धान्जलि दी। इस मौके पर भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने कहा कि दो वर्श बाद भी आपदा प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिला है। पुर्नवास के लिये प्रभावित भटक रहे है। राज्य सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था। वह भी पूरा नहीं हुआ। आपदा राहत और पुर्नवास में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नियम विरूद्ध मुआवजा और पुर्नवास पैकेज दिया गया। सीएजी (कैग) की रिपोर्ट में आपदा घोटाला प्रमाणित हो चुका हैं। राज्य के सूचना आयुक्त अनिल षर्मा ने आपदा के धन की बन्दरबांट को देखते हुये सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी। उसके बाद भी सरकार आपदा घोटाले को दबाने में लगी हुई है। मुख्यमन्त्री तीन दिनों से जिले के भ्रमण पर है। मुख्यमन्त्री सीबीआई जांच पर चुप्पी सादे हुये है। आपदा प्र्रभावितों के कफन पर घोटाला करने वाले कांग्रेसियों तथा राज्य सरकार के विधायक, मन्त्री और नौकरषाहों को जेल जाने से बचाने के लिये सीबीआई जांच नहीं करायी जा रही है। मर्तोलिया ने कहा कि आपदा घोटाला उत्तराखण्ड निर्माण के 15 वर्शो में सबसे बड़ा महा घोटाला है। उन्होंने कहा कि आपदा में अपना घर, जमीन खो चुके आपदा प्रभावित अपने नाम पर दान में मिले धन को लुटाने वाले कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क में उतरने लगे है। राज्य सरकार ने अगर सीबीआई जांच की संस्तुति नही ंकी तो उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा। इस मौके पर भाजपा के युवा नेता दिनेष राणा, बलवन्त बोरा, भरत परिहार, राम सिंह गण्डी, मयंक धामी, मंजू बिश्ट, ममता परिहार, यषोधा मेहरा, राजेन्द्र रावत, सोनम पांगती, यषवंत बृजवाल, ललिता देवी आदि मौजूद थे।
90 दिन में निपटने योग्य मुकदमंे नहीं निपटे 10 साल मेें भी
- उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
देहरादून,16 जून (निस)। उत्तराखंड के जिला उपभोक्ता फोरमो में विभिन्न मुकदमों का निपटारा दस सालों में भी नहीं हो पा रहा है जबकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 13(3ए) के अनुसार उपभोक्ता परिवादों का फैसला तीन माह (प्रयोगशाला परीक्षण वाले मामलों में पांच माह) मे होने का प्रावधान है। उक्त खुलासा राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग के लोेेक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग के लोेक सूचना अधिकारी से प्रदेश के जिला उपभोक्ता फोरमों में लम्बित परिवादों के सम्बन्ध मेें सूचना अपने प्रार्थना पत्र से मांगी। उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता फोरम की लोक सूचना अधिकारी वन्दना शर्मा ने अपने पत्रावली सं0 2/2015-16 संदर्भ संख्या वाले 14-05-15 दिनांकित पत्र के साथ प्रदेश के सभी 13 जिलों के उपभोक्ता फोरमों के परिवाद निस्तारण सम्बन्धी जनवरी-मार्च 2015 के त्रैमासिक विवरणों की फोटो प्रतियां उपलब्ध करायी जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ कि प्रदेश के उपभोक्ता फोरमों में 31 मार्च 2015 को कुल 2870 मुकदमें लम्बित थे और इसमें से 11 मुकदमें 10 वर्ष से अधिक समय से लम्बित हैै। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड के उपभोक्ता फोरमों में केवल 601 मुकदमें (परिवाद) ही 6 माह से कम अवधि से लम्बित है। 713 मुकदमें 6 माह से 1 वर्ष की अवधि से, 750 मुकदमें 2 वर्ष से, 504 मुकदमें 3 वर्ष से, 116 मुकदमें 5 वर्ष, 38 मुकदमें 7 वर्ष से तथा 1 मुकदमा 10 वर्ष की अवधि से लम्बित हैै। प्रदेश के उपभोक्ता फोरमों में लम्बित मुकदमांे में सर्वाधिक 957 मुकदमें देहरादून जिला फोरम में, 932 हरिद्वार मेें, 334 उधमसिंह नगर में तथा 222 नैनीताल जिला उपभोक्ता फोरम मेें लम्बित है। अन्य उपभोक्ता फोरमो में लम्बित मुकदमों में 45 चमोली, 60 पौड़ी गढ़वाल, 76 पिथौैरागढ, 29 रूद्रप्रयाग, 97 उत्तरकाशी, 21 चम्पावत, 48 टिहरी गढ़वाल, 21 अल्मोड़ा तथा 28 उपभोक्ता मुकदमें बागेश्वर जिला फोरम में लम्बित हैं। दस वर्ष से अधिक अवधि से लम्बित मुकदमों में 7 उत्तरकाशी तथा 4 उधमसिंह नगर के जिला उपभोक्ता फोरम में लम्बित है। 7 वर्ष से लम्बित 38 मुकदमों में 25 पिथौैरागढ़, 6 उधमसिंह नगर तथा 7 नैनीताल जिला फोरम में हैं। 5 वर्ष से लम्बित 116 उपभोक्ता परिवादों में 47 हरिद्वार, 19 नैैनीताल, 17 उधमसिंह नगर, 13 पिथौरागढ़, 9 देहरादून, 6 उत्तरकाशी 4 पौड़ी गढ़वाल में लम्बित हैं। 3 वर्ष से लम्बित 504 मुकदमों मे 332 देहरादून, 73 हरिद्वार, 28 नैैनीताल, 44 उधमसिंह नगर, पिथौैरागढ़ व चम्पावत में 6-6, उत्तरकाशी तथा टिहरी गढ़वाल में 5-5, पौैड़ी गढ़वाल मेेें 3 तथा अल्मोड़ा मेें 2 मुकदमें लम्बित हैं। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार राज्य उपभोक्ता आयोग में भी 31 दिसम्बर 2014 को 963 अपीलें तथा 80 उपभोक्ता परिवाद लम्बित थे। आयोग ने 2014 में वर्ष भर में केवल 18 उपभोक्ता परिवादों तथा 208 अपीलों का ही निपटारा किया है जबकि इस अवधि में 30 नये परिवाद तथा 309 नयी अपीलें फाइल हुई है।
आपदा को आये हुए दो साल में सरकार की उपलब्धि मात्र घोटाले: अजय भट्ट
देहरादून,16 जून (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेष में आपदा को आये हुए दो साल पूर्ण होने पर वे आपदा में लील हुए आत्माओं को श्रद्धांजलि देते हैं और ईष्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिजनों को उस दुःख को सहन करने की क्षमता दे। श्री भट्ट ने आपदा के मामले में कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आपदा के समय में यदि सरकार ने कुछ कार्य किये हैं तो वह किये हैं घोटाले। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी में जहाॅ प्रदेष, देष और दुनियाॅ ने जहाॅ अपनों को खोया और प्रदेष की कांग्रेस सरकार ने उनके नाम पर जो घोटाले किये हैं उसमें सरकार को ईष्वर भी माफ नहीं करेगा। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार ने आपदा के नाम पर कीट घोटाला, आपदा पीडि़तों को उनके गन्तव्य स्थल तक जाने के लिए दी जाने वाली सहायता राषि घोटाला, हैलीकाप्टर घोटाला, अपात्र लोगों को दिया जाने वाला मुआवजा राषि, फर्जी सोसाईटी के माध्यम से बाॅटी गयी करोड़ों रू0 की आपदा राषि में घोटाला इस प्रकार से सरकार ने इन दो वर्शों में घोटाले पर घोटाले जो आपदा के नाम से किये हैं इनसे पूरे देष और दुनियाॅ में प्रदेष की बदनामी हुई है। श्री भट्ट ने कहा कि इसके अलावा उत्तरकाषी में भागीरथी मे ंगंगोरी से गाॅव की बाढ़ की सुरक्षा योजना, असीगंगा के दायें तट पर गंगोरी गाॅव की बाढ़ सुरक्षा योजना, जोषियाड़ा बाढ़ सुरक्षा योजना, माण्डो गाॅव की बाढ़ सुरक्षा योजना, अस्सी गंगा के बांये तट पर गंगोरी की बाढ़ सुरक्षा योजना, स्टील पुल डाउन स्ट्रीम में गंगोरी बाढ़ सुरक्षा योजना तथा लक्षेष्वर एवं उत्तरकाषी षहर की बाढ़ की सुरक्षा योजना के कार्यों में आईआईटी रूड़की ने भी जाॅच कर पाया था कि इन कार्यों में सीमेन्ट और सरिया की मात्रा न के बाराबर है और सम्बन्धित लोगों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए किन्तु सरकार ने इस रिपोर्ट को दबा दिया और किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार पूरी तरह से आपदा के बाद इन घोटालों को अन्जाम देने में लगी रही और सरकार ने पीडि़तों को मुआवजा के नाम पर भी चेहरा देखकर अपने लोगों और अपने दल के कार्यकर्ताओं को लाखों रू0 का फर्जी मुआवजा बॅटवाया जो कि अक्षम्य और दण्डनीय अपराध है। श्री भट्ट ने कहा कि इन दो वर्शों में यह सरकार लगातार एक के बाद एक घोटालों को अन्जाम देने में व्यस्त रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपदा में ठीक कार्य न होने के नाम पर अपनी सरकार का चेहरा बदला ताकि हालात बेहतर हो सकें और प्रदेषवासियों को भी बड़ी उम्मीद थी कि षायद अब कुछ होगा किन्तु चेहरा बदलने के बाद प्रदेष की हालात बद से भी बदत्तर हुइ है और बड़े से बड़े से घोटालों को चेहरा बदलने के बाद अन्जाम दिया गया है। श्री भट्ट ने कहा कि पूरी कांग्रेस आपदा के नाम पर आपदा घोटालों पर कटघरे में खड़ी है इसलिए प्रदेष हित में इनकी विदाई जल्द होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घोटाले सामने आने के बाद भी कांग्रेस के बयान कि ईष्वर भी स्वयं धरती पर आ जाॅय तो भी आपदा घोटाले की सी0बी0आई0 जाॅच नहीं होगी और मुखिया का बार-बार एक ही राग अलापना कि हम भा0ज0पा0 के जमाने के कार्यों की भी जाॅच करा देंगे। यदि सरकार में हिम्मत है तो जाॅच कराये हम स्वागत करते हैं दूसरी ओर ईष्वर को आपदा के घोटालों के लिए स्वयं आने की बात कहना कांग्रेस के घमण्ड को दर्षाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घमण्ड जनता की अदालत में ही दूर किया जायेगा।