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स्मार्ट सिटी पर फैसला जनता, स्थानीय निकाय के हाथ : मोदी

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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि स्मार्ट सिटी पर फैसला आम जनता और नगरपालिकाएं करेंगी तथा शहर के विकास पर केंद्र या राज्य सरकारें फैसले नहीं लेंगी। मोदी ने स्मार्ट सिटी को लेकर तीन अभियानों-अटल मिशन फॉर रिजुवनेशन, अर्बन ट्रांसफोर्मेशन और हाउसिंग फॉर ऑल की शुरुआत करते हुए कहा, "पहली बार ऐसी पहल की जा रही है, जहां फैसला न केंद्र न राज्य लेगी। स्मार्ट सिटी का फैसला जनता तथा नगरपालिकाएं खुद करेंगी।" इन कार्यक्रमों का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शहरी जनजीवन में सुधार और आर्थिक विकास लाना है। केंद्र सरकार अगले छह साल में इन अभियानों के लिए चार लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।

उन्होंने कहा, "भविष्य निर्माण को लेकर शहर का दृष्टिकोण किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए अनिवार्य है, अन्यथा यह उलझ जाएगी, जहां राज्य स्तरीय विकास कार्यो तथा एजेंसियों को केंद्र के निर्देश का इंतजार रहता है, जबकि शहर राज्य सरकार के फैसले का इंतजार रहता है।"मोदी ने कहा, "मानदंडों के अनुसार स्मार्ट सिटी की चयन प्रक्रिया रहेगी और इसके बाद केंद्र तथा राज्य इसमें मदद करेंगे। कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रतियोगिता महत्वपूर्ण कारक है।"उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के अभिलाषी का चयन सिटी चैलेंज कॉम्पीटीशन के जरिए होगा, जिसका मकसद अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए वित्त को शहर की क्षमता के साथ जोड़ना है।

शहरों का चुनाव साफ सफाई, स्वच्छ जल, विद्युत, हरित भाग और आय तथा व्यय के बीच अनुपात की चुनौतियों पर खरा उतरना के बाद किया जाएगा। सरकार ने स्मार्ट सिटिज मिशन को मंजूरी दे दी है, जिसके अंतर्गत 100 स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी।  प्रत्येक शहर को केंद्र सरकार की तरफ से अगले पांच साल की अवधि में हर साल 100 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की 40 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाए।  मोदी ने कहा, "हम उन्हें उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते।"

उन्होंने बढ़ती जनसंख्या की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि शहरी विकास के लिए सभी संभावित संसाधनों को तलाशा जाना चाहिए। गरीबों की जिंदगी में क्रांतिकारी परिवर्तन है, जो इंसान को बेहतर जिंदगी की तरफ ले जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास न सिर्फ आवास उपलब्ध कराना, बल्कि अच्छी जिंदगी के लिए बेहतर वातावरण भी उपलब्ध कराना है। उन्होंने मौजूदा समय में दो करोड़ मकानों की कमी को स्वीकारते हुए कहा कि भारत 2022 में आजादी के 75 साल पूरे कर लेगा और तब तक "यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर किसी को मकान उपलब्ध कराएं।"मोदी ने तीन अभियानों के लिए लोगो और टैगलाइन जारी किया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (25 जून)

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सांसद दिलीपसिंह भूरिया का महाप्रयाण, पूरे संसदीय क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त


dilip singh bhuria
झाबुआ---जिसने भी सुना सुन कर स्तब्ध रह गया कि रतलाम-झाबुआ के सांसद दिलीपसिंह भूरिया अब नही रहे । खबर सुनते ही पूरे संसदीय क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त हो गई । 5 जून को झाबुआ में भाजपा के कार्यक्रम को सम्पन्न करके रतलाम भ्रमण पर गये थे वहांपर उनकी  तबियत खराब होने से रतलाम के सीएचएल अपोलो हास्पीटल में उपचार के लिये भरती किया गया था और दूसरे दिन उन्हे  इन्दौर अपोलों हास्पीटल भेजा गया जहां से 7 जून को उन्हे मेदान्ता हास्पीटल गुडगांव दिल्ली में डा. नरेष त्रेहान से उपचार के लिये भरती किया गया । तब से उन्हे सतत वहां भरती रख कर उपचार किया जारहा था । करीब 18 दिन तक वे मेदान्ता हास्पीटल में भरती रहे इस बीच उन्हे फेंफडों का इन्फेक्षन भी हो गया था और शुगर कंट्रोल के साथ ही हृदय रोग का उपचार भी चल रहा था ।बुधवार को करीब 11-30 बजे सांसद दिलीपसिंह भूरिया सदा सदा के लिये बिदा हो गये । जिले  के छोटे से गा्रम माछलिया में स्वर्गीय सकरिया भूरिया एवं माता श्रीमती दल्लीबाई के यहां 19 जून 1944 को दिलीपसिंह भूरिया का जन्म हुआ था । अपने पैतृक गा्रम में षिक्षा दिक्षा प्राप्त करनेवाले दिलीपसिंह बचपन सेे ही बडे होनहार,षांत एवं जागरूक स्वभाव के रहे । 1964 में उनका विवाह बेसां बाई के साथ हुआ । बचपन से ही देष एवं समाज के लिये उनके दिल में आत्मीयता रही है । पढाई खत्म करने के बाद वे खेती कार्यो में लग गये किन्तु देष एवं आदिवासी समाज की उन्नति की तमन्ना को लकर उन्होने समाज सेवा और राजनीति में भाग लेना प्रारंभ करदिया । वे आदिवासी सेवा संघ झाबुआ के अध्यक्ष बने तथा उन्होने संगठन के माध्यम से आदिवासी छात्रों के लिये छात्रावास आदि कार्य प्रारंभ करवाये । 1967 में झाबुआ जिले और मध्यप्रदेष के सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय हो गये । उनकी लोक प्रियता न सिर्फ झाबुआ तक सीमित रही किन्तु वे प्रादंषिक स्तर पर भी अपनी छबि बनाने में कामयाब रहे । इसी लोक प्रियता के चलते झाबुआ जिले की पेटलावद विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए तथा अनेक बरसों तक वे जिला सहकारी केन्द्रीय बेंक के अध्यक्ष सहित सहकारिता क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे । इसी अवधि में मध्यप्रदेष विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी के सदस्य और अपेक्स बेंक के प्रादेषिक उपाध्यक्ष भी रहे । ज्नसेवा के प्रति लगन एवं निष्ठा के कार्य करते हुए देषहित मकें कार्य करने के लिये 1980 में उन्होने लोकसभा का चुनाव लडा एवं राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों के हित में आवाज बुलंद करने एवं संसद में उनकी समस्याओं को रखने तथा समाज की मुख्यधारा में जोडने के लिये प्रयासरत रहे । पांच बार सांसद का चुनाव जित कर रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र का कुषलता पूर्व  प्रतिनिधित्व करने वाले  स्वगीर्य दिलीपसिंह भूरिया  मध्यप्रदेष सहकारी संघ के तथा राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष रहते हुए उन्होने तेन्दूपत्ता एकत्रित करने वाले आदिवासियों के हक्क में महत्वपूर्ण सिफारिषें प्रदेष सरकार को प्रस्तुत की  जिसमें से अधिकांष को स्वीकार भी कर लिया गगया । श्री भूरिया ने संवेैधानिक पदों पर रहते हुए अनुुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की उन्नति के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य भी करवायें । संविधान के 73 वें संषोधन अधिनियम 1992 के अन्तर्गत पंचायत राज संबधी प्रावधानों के लिये श्री भूरिया की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा भूरिया समिति  गठित की थी, जिसकी सिफारिषों के आधार पर पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियत 1996 पारित हुआ । साथ ही दिलीपसिंह भूरिया ने 74 वें संविधान संषोधन अधिनियम 1992 के परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित क्षेत्रों में आने वाली नगरपालिका संस्थाओं के अधिकार और कार्य क्षेत्र में विस्तार के संबंध में रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी । दिसंबर 1998 में श्री भूरिया को भारत सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति  राष्ट्रीय आयोग का अध्यक्ष बनाया गया इस पद पर वे 2001 तक कार्यरत रहे । इसके बाद श्री भूरिया को संविधान अनुच्छेद 339(1) के तहत भारत सरकार ने अध्यक्ष अनुसूचित क्षेत्र एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के पद पर नियुक्त किया जो 1960 में नियुक्त ढेबर कमीषन के बाद दूसरा कमीषन था । अनेक उच्च पदों पर आसीन रह कर सांसद दिलीपसिंह भूरिया द्वारा राष्ट्रीय हितोें के लिये एक लम्बे समय तक कार्य किया है । इसके अलावा भूरिया ने कई विदों का भ्रमण भी किया । संसदीय समिति के सदस्य के रूप  में इण्डोनेषिया आदि अनेक देषों में भ्रमण कर अध्ययन किया । वही नेषनल को-आपरेटिव्ह यूनियन आफ इण्डिया के डेलिगेट के रूप् में भी कई  देषों की यात्राऐं की है । सांसद  के निर्वाचन में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हे पुनः मौका दिया और रेकार्ड मतों से जीत कर रतलाम,झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के सर्वांगिण विकास के लिये अपनी भूमिका निभाने में पीछे नही रहें । पिछले 400 दिनों के कार्यकाल में दिलीपसिंह भूरिया ने अवरिल अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करके कई सौगाते दिलाई । श्री भूरिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी रहे है तथा उनसें भी बेवाक चर्चायें करके क्षेत्रीय विकास के लिये सतत प्रयासषील रहें है । एनएच 59 एवं रेल्वे लाईन के लिये उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सडक परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी, मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान को समय समय पर अंचल की जनभावना को देखते हुए कई मर्तबा पत्र लिख कर अंचल के विकास की ललक को पूरा करने का उनका सपना रहा है । श्री भूरिया ने आजीवन जनजातियों के हितों के लिये कार्य करते हुए देष के सभी प्रदेषों के अजजा क्षेत्रों में भ्रमण कर इस बात के लिये प्रयास रत रहे कि ’ पेसा कानून’ की जानकारी सभी आदिवासियों को हो और वे इसके प्रति  जागरूक होकर स्वयं भी अपने समाज के विकास के लिये आढे बढ कर कार्य करें । पन्द्रहवी लोकसभा में झाबुआ-रतलाम के संसदीय क्षेत्र से भारी बहुमत से सांसंद के रूप  में विजयी हुए । निरन्तर क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिये प्रधानमंत्री से लेकर सभी संबंधित मंत्रियों और राज्य सरकार के मुखिया और अन्य मंत्रियों व अधिकारियों के समक्ष प्रभावी तरिके से प्रयासरत रहे । बिना किसी विश्राम के दौड-भाग करने वाले स्वर्गीय भूरिया ने कभी भी अपने स्वास्थ्य की चिंता नही की । विगत 5 जून को रतलाम भ्रमण के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब होने के बाद इन्दौर ले जाया गया और तत्पष्चात  दिल्ली के मेदांत हास्पीटल में रखा गया वे डा. नरेष त्रेहान के उपचार में रहे । बुधवार प्रातः 11-30 बजे के करीब उनका अस्पताल में ही प्राणान्त होगया । श्री भूरिया के पार्थिव शरीर को  बुध्षवार को ही विषेष विमान से दिल्ली लाया तथा  वहां से वाहन द्वारा उनके पार्थिव शरीर को उनके गृह गा्रम माछलिया सायंकाल लाया गया । जहां दर्षनार्थ रखा गया है सांसद दिलीपसिंह भूरिया के निधन से पूरे संसदीय क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है । मात्र 13-14 माह के संसदीय कार्यकाल में ही श्री भूरिया इस जिले को माडल बनाने  के लिये जुट गये थे । जनसेवा की भावना से अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले इस महामना को जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, नागरसिंह, माधोसिंह डावर, मनोहर सेठिया, पुरूषोत्तम प्रजापति, जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा, राजू डामोर, मिडिया प्रभारी राजेन्’द्र सोनी, जिले के सभी मंडल अध्यक्षों, पार्टी के सभी जिला स्तरीय एवं मंडल स्तरीय पदाधिकारियों ने श्री भूरिया को नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए  परमात्मा से उनकी आत्मीय षांति की प्रार्थना एवं शोक संतप्त परिवार के प्रति  संवेदनाये व्यक्त की है ।

सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीपसिंह जी भूरिया का निधन

निधन का समाचार मिलते ही दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकेया नायडु, श्री नरेन्द्रसिंह तोमर, प्रभात झा, जगतप्रसाद नड्डा, थावरचन्द गेहलोत, संगठन महासचिव श्री रामलाल अस्पताल पहुंचे, श्रध्दासुमन अर्पित किये लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, श्री थावरचन्द गेहलोत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री नन्दकुमारसिंह चैहान, संभागीय संगठन मंत्री श्री शैलेन्द्र बरूआ, नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा, बाबूसिंह रघुवंशी, महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, विधायक महेन्द्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, मनोज पटेल, राजेश सोनकर, जीतू जिराती, अंजू माखीजा, गोपीकृष्ण नेमा ने शोक व्यक्त किया।

पार्थिव शरीर दिल्ली से विमान इन्दौर पहुंचा, नेताओं ने श्रृध्दांजलि अर्पित की

झाबुआ ---झाबुआ के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता श्री दिलीपसिंह भूरिया का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के वेंदाता हास्पिटल में दुखद निधन हो गया। श्री भूरिया के निधन की खबर फैलते ही भाजपा संगठन में शोक की लहर छा गई। श्री भूरिया के निधन पर लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, श्री थावरचन्द गेहलोत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री नन्दकुमारसिंह चैहान, संभागीय संगठन मंत्री श्री शैलेन्द्र बरूआ, नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा, महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, विधायक महेन्द्र हार्डिया, सुदर्शन गुप्ता, रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, जीतू जिराती, मनोज पटेल, राजेश सोनकर, आलोक दुबे, अनंत पंवार आदि ने शोक व्यक्त किया। श्री भूरिया का पार्थिव शरीर आज शाम को दिल्ली से विमान द्वारा इन्दौर लाया गया, जहां पर संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरूआ, भाजपा नगर अध्यक्ष श्री कैलाश शर्मा, महापौर मालिनी गौड़, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, प्रदेश प्रवक्ता बाबूसिंह रघुवंशी, विधायक सुदर्शन गुप्ता, नाहरसिंह, जोबट से माधवसिंह डाबर, सैलाना विधायक संगीता चारेल, मधु वर्मा, कमल वाघेला घनश्याम शेर, अनंत पंवार, रतलाम महापौर, अनिल डागा, पूर्व महापौर डाॅ.उमाशशि शर्मा, शैलेन्द्र डागा, रतलाम जिला अध्यक्ष बंजरगी पुरोहित, अलीराजपूर के पूर्व जिला अध्यक्ष किशोर शाह, ईश्वरलाल पाटीदार, प्रदीप उपाध्याय,  विजय मालानी, देवेन्द्रसिंह रावत, राजेश ठाकुर, अशोक चैहान चांदु, दिनेश शर्मा, राकेश शर्मा, मंगल लोढ़ा सहित अनेक नेताओं ने श्रृध्दांजलि अर्पित की। उक्त जानकारी जिला भाजपा मीडिया प्रभारी ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने दी।

अंतराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर होगा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर

झाबुआ---सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग झाबुआ के मार्गदर्शन में 26 जून अंतराष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर म.प्र.जन अभियान परिषद् की सामाजिक संस्थाए ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति रजला, आसरा परर्मािर्थक ट्रस्ट झाबुआ, देवल शिक्षा एवं समाज समिति नवापाडा, श्री प्राणनाथ निजानंद सेवा समिति रजला के सामुहिक प्रयास से श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर ग्राम रजला में शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय झाबुआ द्वारा निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। साथ ही नशामुक्ति संगोष्ठि एवं जागरूकता रैली का आयोजन भी किया जाएगा । उक्त स्वास्थ्य शिविर प्रातः 9.00 बजें से दोपहर 1.00 बजें तक रहेगा। शिविर में ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणजन लाभ लेकर अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराए शिविर में आयुर्वेद विशेषज्ञ डा0 रमेश भायल , डा0 श्रीमति मीना भायल अपनी सेवाए देकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी।

दिलीपसिंह भूरिया के निधन पर जिला कांग्रेस ने शोक व्यक्त किया

झाबुआ---रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद एवं पूर्व में 5 बार अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से सांसद निर्वाचित हुए आदिवासियों के नेता एवं क्षेत्र के विकास के लिए जाने-माने चेहरे माने-जाने वाले दिलीपसिंह भूरिया का बुधवार को सुबह 11 बजे निधन हो गया। उनके निधन से समूचे संसदीय अंचल में शोक की लहर व्याप्त हो गई। श्री भूरिया ने अपने सरल व्यक्तित्व के कारण मप्र ही नहीं बल्कि देश की राजनीति के भी चर्चित चेहरे थे। श्री भूरिया के निधन पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने अपने शोक संदेश में कहा कि दिलीपसिंह भूरिया के निधन से इस अंचल ने एक कर्मठ आदिवासी नेता खो दिया है। जिसकी क्षतिपूर्ति करना संभव नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पाटी में रहते हुए क्षेत्र के विकास में अनेक कार्य किए थे। जिसका लाभ यहां के लोगों को आज भी मिल रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गरीब एवं आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ी तथा किसी भेदभाव एवं दलगत राजनीति से दूर रहकर क्षेत्र के विकास में अपनी महत्ती भूमिका निभाई है, जिसे इस संसदीय क्षेत्र की जनता हमेशा याद रखेगी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व जिला कांगे्रस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार, सुरेशचन्द्र जैन पप्पू भैया, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, रतनसिंह डावर, गंगाबेन बारिया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश डोशी, नगीन शाह, नारायण भट्ट, ठा. जोरावरसिंह, रूपसिंह डामोर, चन्द्रवीरसिंह राठौर, प्रकाश रांका, राजेन्द्र अग्निहोत्री, विजय पांडे, जिला प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, जिला महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, हेमचंद डामोर, यामिन शेख, मनीष व्यास, विरेन्द्र मोदी, सेवादल संगठक राजेश भट्ट, लोकसभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष भूरिया, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विनय भाबोर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कलावती मेड़ा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष नंदलाल मेड़ा, कांग्रेस नेता शंकरसिंह भूरिया, कैलाश डामोर, अजहर खान, चंदु पडियार, गंेदाल डामोर, सुरेश मुथा, मानसिंह मेड़ा, अग्निनारायणसिंह, कालू मुणिया, सलेल पठान, पारसिंह डिंडोर, कालूसिंह नलवाया, केमता डामोर, बंटू अग्निहोत्री, प्रदीपसिंह तारखेड़ी, गौरव सक्सेना, विजय भाबोर, अकमालसिंह डामोर, तेरसिंह भूरिया, शारदा अमरसिंह, कलावती गेहलोद, कांग्रे नेत्री सायरा बानो, रिंकू रूनवाल, पार्षद अविनाश डोडियार, धुमाभाई, वरूण मकवाना, रशीद कुरैशी, प्रदीप रूनवाल, गजराजसिंह पुरोहित आदि ने शोक व्यक्त करते हुए परम् पिता परमेश्वर से उनकी आत्मीय शांति की प्रार्थना एवं शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है।

वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर योजनान्तर्गत प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित

झाबुआ---शासकीय व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र पेटलावद में वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर योजना के अंतर्गत केवल अजजा के इच्छुक उम्मीदवारो से विभिन्न माॅडयूलर इम्पलाइयबल स्किल अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रवेश लेने हेतु आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में आमंत्रित किये जा रहे है। आवेदन पत्र प्रभारी, व्ही.टी.सी रायपुरिया रोड पेटलावद से कार्यालयीन समय में प्राप्त किये जा सकते है। प्रशिक्षण सत्र जुलाई 2015 से प्रारंभ किया जावेगा। निर्धारित प्रारूप में आवेदन पूर्ण रूप से भरे हुए एवं सत्यापित छायाप्रति संलग्न कर अंतिम तिथि 04 जुलाई 2015 तक व्यक्तिगत रूप से या रजिस्टर्ड डाक से सायं 05.00 बजे तक जमा किये जा सकते है। छात्र/छात्राओं का चयन निर्धारित योग्यता की मेरिट तथा साक्षात्कार के आधार पर किया जावेगा। साक्षात्कार हेतु दिनांक 06 जुलाई 2015 को प्रातः 10.00 बजें केन्द्र कार्यालय में मय मूल प्रमाणपत्रों के साथ उपस्थित होवे। इस हेतु आना जाने का यात्रा किराया व्यय नहीं दिया जावेगा। साक्षात्कार के लिये पृथक से सूचना प्रेषित नहीं की जावेगी। शासकीय व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र पेटलावद में 10 वी पास को कम्प्यूटर हार्डवेयर असिसटेंट, पांचवी पास को टेलरिंग आठवी पास को बेसिक इलेक्ट्रिकल्स एवं ब्यूरी पार्लर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

10 वी कक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी जिला मुख्यालय के छात्रावासों के लिए आवेदन करे

झाबुआ---जिले के ऐसे विद्यार्थी जिन्होने इस वर्ष 10 वी कक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर परीक्षा उत्र्तीण की है। ऐसे विद्यार्थी जिला मुख्यालय झाबुआ के छात्रावासों में प्रवेश के लिए आवेदन बीईओं कार्यालय में दे। जिले के छात्रावासों में रहकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए कोंचिग भी करवाई जाएगी।

 सुमित के इलाज के लिए एक लाख 90 हजार स्वीकृत

झाबुआ---म0प्र0 राज्य बिमारी सहायता निधि अंतर्गत सुमित पिता प्रकाश चरपोटा उम्र 13 वर्ष निवासी ग्राम झापादरा तहसील मेघनगर जिला झाबुआ को व्ही.एस.डी. सी.सी.एच.डी का इलाज करवाने के लिए 1 लाख 90 हजार रूपये संचालक बैकर्स हार्ट हास्पिटल ओल्ड पडरा रोड वडोदरा गुजरात को स्वीकृत किये गये है।

बीज का अवैध कारोबार का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी रमेश पिता भागीरथ प्रसाद विश्वकर्मा, उम्र 56 वर्ष निवासी पेटलावद ने बताया कि आरोपी रजनीश पिता हीरालाल पटवा एवं अन्य-01 निवासीगण पेटलावद अपनी दुकान पर बीज का अवैध कारोबार कर रहे थे, मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया जिसमें 173 किलोग्राम सोयाबीन व 77 पैकेट कपास बीज जप्त किये गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 253/15, धारा 3/7 आव0वस्तु अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सट्टा खेलते हुए दों गिरफ्तार

झाबुआ---थाना पेटलावद की पुलिस टीम ने आरोपी दीपक पिता रमणलाल बाफना, उम्र 24 वर्ष निवासी पेटलावद एवं गोलु उर्फ धर्मेन्द्र को सट्टा लिखते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी दीपक से 745/- रू0 एवं आरोपी गोलु से 895/- रू0 जप्त किये गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 255,256/15, धारा 4-क धु्रत अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये गये।

वाहन दुर्घटना दो घायलो की इलाज के दोरान मोत

झाबुआ---कोई अज्ञात काले रंग की स्कार्पियो के वाहन चालक के द्वारा अमजद खा पिता हेदर खा, उम्र 28 वर्ष निवासी मठाना तहसील खाचरोद जिला उज्जैन का एक्सीडेंट कर दिया था, जिसकी ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 431/15, धारा 304-ए भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। आरोपी टवेरा क्र0 एम0पी0-07-बीसी-7719 का चालक ने अपने वाहन को तेज गति व लापरवाही पूर्वक चलाकर, भुरा पिता देवा को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 99/15, धारा 279,337,304-ए भादवि का कायम किया गया।

बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान द्वारा निर्मित केसरयुक्त स्पेशल च्यवनप्राश के डिब्बे में फंगस और बदबू

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विदिशा -25 जून 2015/स्थानीय किले अन्दर बक्सरिया स्थित एक मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के संचालक शास्वत शर्मा ने आज बाबा रामदेव के आयुर्वेद संस्थान पतंजलि द्वारा निर्मित केसर युक्त स्पेशल च्यवनप्राषश का एक किलो का एक डिब्बा 225 रू. में खरीदा। श्री शर्मा ने घर लाकर जब यह डिब्बा खोला तो देखा कि च्यवनप्राश  के ऊपर भारी मात्रा में फफूंद (फंगस) जमी हुई थी और बेहद तेज बदबू भी आ रही थी। 
इस डिब्बे पर अंकित विवरण के अनुसार कुल मात्रा 1 किलो ग्राम, बैच नं. सीजेड 140, उत्पादन की तिथि नवम्बर 2014, समाप्ति (एक्सपाइरी) की तिथि अक्टूबर 2017 है। इसे आयुर्वेदिक प्रोपराइटरी औषधि लिखा गया है। शाष्वत शर्मा ने बताया कि इस संबंध में वे च्यवनप्राष निर्माता संस्थान पतंजलि के विरूद्ध शीघ्र ही यथोचित वैधानिक कार्यवाही करेंगे, ताकि इस संस्थान के मुखिया बाबा रामदेव के बड़बोलेपन को सबक मिलने के साथ उनके संस्थान के विरूद्ध कार्यवाही हो सके। 

मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार की राजधानी : दिग्विजय

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मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा के उपचुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब तो मध्यप्रदेश देश में भ्रष्टाचार की राजधानी बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में घपले-घोटालों, मनमानीयों और भ्रष्टाचार का बोलबाला है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि 'प्रदेश मेरा मंदिर है, जनता मेरी भगवान है और मैं उसका पुजारी हूं'जबकि हकीकत यह है कि 'मंदिर में जनता कराह रही है और शिवराजसिंह चौहान चढ़ावे का कमीशन खा रहे हैं।' 

गरोठ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष सोजतिया के समर्थन में आयोजित सभाओं और बैठकों में सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसान, महिलाएं नौजवान, गरीब, दलित, अल्पसंख्यक सभी परेशान हैं। बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था, अपराधी व माफियाओं की चल रही समानांतर सरकार और उसमें भ्रष्ट नौकरशाहों की सहभागिता चिंता का कारण बन चुकी है। अब तो अराजकता इस हद तक पहुंच गई है कि नौकरशाहों और पत्रकारों की हत्या हो रही है।

उन्होंने आगे कहा कि यह सार्वजनिक होना चाहिए कि प्रदेश में अस्थिरता, अराजकता और भ्रष्टाचार फैलाने वाले माफियाओं, अपराधियों, नौकरशाहों व राजनेताओं के इस कुत्सित गठबंधन को संरक्षित कौन कर रहा है? दिग्विजय ने लोगों का आह्वान कि वे अब लुभावनी बातें करने वालों के हाथों ठगे न जाएं।  विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि देश और प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज के झूठे वादों, थोथी घोषणाओं और वादाखिलाफी के कारण जनता का विश्वास टूट चुका है। कोई इसे कितना भी झुठलाए, मगर इस वक्त की हकीकत यही है।

21वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी चुने गए तेंदुलकर

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दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) द्वारा करवाए गए एक ऑनलाइन मतदान में 21वीं सदी का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी चुना गया। सीए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, तेंदुलकर को सर्वाधिक मत मिले, जबकि श्रीलंका के धुरंधर बल्लेबाज कुमार संगकारा दूसरे स्थान पर रहे। सीए पर प्रसारित रिपोर्ट के अनुसार, "10 दिनों तक चले मतदान और अनवरत विचार-विमर्श के बाद सीए ने कुछ दिन पहले सन 2000 के बाद के 100 सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ियों की सूची जारी की है। पाठकों ने शीर्ष 10 खिलाड़ियों पर जमकर बहस की, जैसा कि आप 100 खिलाड़ियों में अंतिम एकादश को चुनते हुए करते हैं। लेकिन हमने इस मतदान में मतदाताओं को इस शताब्दी का अपना सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी चुनने का अवसर भी दिया।"

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा चैम्पियन मुंबई इंडियंस के सलाहकार तेंदुलकर को मतदान में सर्वाधिक 23 फीसदी मत मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे संगकारा को 14 फीसदी लोगों ने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना। आस्ट्रेलिया के पूर्व धुरंधर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट 13 फीसदी मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे। 2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले चुके तेंदुलकर हालांकि इस सूची में शीर्ष-10 खिलाड़ियों में एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। शीर्ष-10 खिलाड़ियों की इस सूची में श्रीलंका के दो, दक्षिण अफ्रीका के तीन और आस्ट्रेलिया के चार खिलाड़ी शामिल हैं।

शीर्ष-10 खिलाड़ियों की सूची : 
1. सचिन तेंदुलकर (भारत) : 23 फीसदी
2. कुमार संगकारा (श्रीलंका) : 14 फीसदी
3. एडम गिलक्रिस्ट (आस्ट्रेलिया) : 13 फीसदी
4. रिकी पोंटिंग (आस्ट्रेलिया) : 11 फीसदी
5. जैक्स कैलिस (द. अफ्रीका) : 11 फीसदी
6. अब्राहम डिविलियर्स (द. अफ्रीका) : 10 फीसदी
7. शेन वार्न (आस्ट्रेलिया) : 9 फीसदी
8. ग्लेन मैकग्राथ (आस्ट्रेलिया) : 5 फीसदी
9. मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) : 3 फीसदी
10. डेल स्टेन (द. अफ्रीका) : 1 फीसदी

शारदा घोटाला : में बंगाल के मंत्री मित्रा को जमानत नहीं

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कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गुरुवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। मित्रा को शारदा घोटाला में कथित संलिप्तता के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया है। अलीपुर के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मीकांत दास ने बचाव तथा अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद मित्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी।मित्रा के वकील मिलन मुखर्जी ने कहा कि मित्रा को बलि का बकरा बनाया गया है।  वकील ने कहा, "सीबीआई ने यह दावा किया कि शारदा के लाखों जमाकर्ताओं की जिंदगी तबाह हुई है, लेकिन सिर्फ कुछ गवाहों के प्रमाण ही पेश किए गए। इनमें से किसी ने भी मित्रा का नाम नहीं लिया।"

उन्होंने एक गवाह के बयान पर नजर डालते हुए मुखर्जी ने कहा कि उसने तीन राजनीतिज्ञों के नाम लिए, जिनके शब्दों ने उन्हें कंपनी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। मुखर्जी ने दलील दी, "जब उन राजनीतिक हस्तियों को गिरफ्तार नहीं किया, तो फिर मित्रा को क्यों बलि का बकरा बनाया जा रहा है?"याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील के.राघवाचार्युलू ने दलील दी कि मित्रा बतौर प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते जमानत मिलने पर जांच प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मित्रा भले ही छह महीने से जेल में हों, लेकिन अभी भी मंत्री है।  

सीबीआई के वकील ने कहा, "उनके प्रभाव के कारण ही उन्होंने अपने हिरासत का अच्छा खासा वक्त वीआईपी सुविधाओं का लाभ लेते हुए एसएसकेएम अस्पताल में बिताया।"सीबीआई ने करोड़ों रुपये के घोटाले में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी तथा भरोसा तोड़ने जैसे विभिन्न अपराधों को लेकर उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मित्रा 12 दिसंबर, 2014 से जेल में हैं।

विश्व रैंकिंग में ज्वाला-अश्विनी ने दोबारा हासिल किया अपना श्रेष्ठ

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शीर्ष भारतीय महिला बैडमिंटन जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने गुरुवार को जारी विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) की ताजा रैंकिंग में दोबारा अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर ली। ताजा रैंकिंग में ज्वाला-अश्विनी की जोड़ी ने 13वां स्थान हासिल किया। विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली ज्वाला-अश्विनी की जोड़ी ने इस वर्ष अमेरिकी ओपन ग्रांप्री. के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया।

अमेरिकी ओपन के पुरुष युगल वर्ग में फाइनल तक का सफर तय करने वाली मनु अत्री और बी. सुमीत रेड्डी की जोड़ी ने भी दो स्थानों की छलांग लगाते हुए 24वीं वरीयता हासिल की। इस बीच एकल वर्ग में देश के शीर्ष खिलाड़ियों ने अपनी वरीयता बरकरार रखी है। ओलम्पिक विजेता सायना नेहवाल महिला एकल वर्ग में दूसरे और पी. वी. सिंधू 14वें पायदान पर जमी हुई हैं। पुरुष एकल वर्ग में किदांबी श्रीकांत तीसरे, पारुपल्ली कश्यप 10वें और एच. एस. प्रनॉय 12वें पायदान पर बने हुए हैं। भारतीय खिलाड़ी इस समय जारी कनाडा ओपन ग्रांप्री. में हिस्सा ले रहे हैं।

ललित मोदी को बचाने के लिए मोदी सरकार बना रही कीर्तिमान : मायावती

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर यानी 'भगोड़ा मैचफिक्सर'ललित मोदी की मददगार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और डिग्री विवाद में फंसीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। मायावती ने अपने बयान में कहा कि विभिन्न प्रकार के गंभीर आर्थिक अपराधों के नोटिस व जांच झेल रहे ललित मोदी के साथ रिश्ते निभाने व उसे जेल की सलाखों के पीछे जाने से बचाने के मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नया कीर्तिमान स्थापित करने पर अमादा लगती है। बसपा मुखिया ने कहा कि इस मामले में भाजपा व मोदी सरकार पूरी तरह से रक्षात्मक होकर 'बैकफुट'पर आ गई है। पार्टी और सरकार देश की जनता को इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रही है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 'देशहित व देश के कानून की अनदेखी'कर ललित मोदी को ब्रिटिश सरकार से यात्रा दस्तावेज दिलाने के मामले में इतना आगे जाकर मदद क्यों की और सवाल उठने पर केवल'मानवीय'आधार का एक कमजोर तर्क देकर बचना चाहती हैं। 

मायावती ने कहा कि ललित मोदी के खिलाफ भारत में आर्थिक अपराधों से जुड़े ेकई मामलों की जांच हो रही है और उसने भारत आने के बजाय ब्रिटेन में शरण ली हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ललित मोदी का पासपोर्ट एक बार जब्त भी कर लिया था, लेकिन दूसरी बार जब हाईकोर्ट ने उसका पासपोर्ट बहाल किया तो केंद्र सरकार उस फैसले के खिलाफ तुरंत अपील में जाने के बजाय अभी तक खामोश बैठी हुई है।  उन्होंने कहा कि ये कुछ ऐसे तथ्य हैं जो देश की जनता के मन को उद्वेलित किए हुए हैं और वह इस पर प्रधानमंत्री का जवाब सुनना चाह रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को संसद के अंदर व बाहर जवाब देना ही होगा।  बसपा मुखिया ने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या वह ललित मोदी जैसे आर्थिक अपराधी से निपटेगी या यही नरम रवैया अपनाएगी? अगर यही रवैया रखेगी, तब कालेधन वालों के खिलाफ कार्रवाई कैसे कर पाएगी?

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि देशहित को त्याग कर एक दागी से पारिवारिक रिश्ते निभाने वाली वसुंधरा का ललित मोदी को ब्रिटिश वीजा दिलाने के लिए विस्तृत शपथपत्र दाखिल करना और संबंधित तथ्य भारतीय अधिकारियों को नहीं बताए जाने की बात कहना अपने-आप में बहुत कुछ कहता है। बसपा मुखिया ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि इस प्रकार का हलफनामा ब्रिटिश न्यायालय में दाखिल है, यह बात स्वयं ललित मोदी ने स्वीकार की है, लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व मोदी सरकार अभी तक अपनी गलती व गैर-जिम्मेदारी को मानकर सही कानूनी कार्रवाई करने को तैयार नहीं लगती। मायावती ने कहा कि वसुंधरा राजे के बेटे व राजस्थान से ही भाजपा सांसद दुष्यंत सिंह की कंपनी में ललित मोदी ने करोड़ों रुपये निवेश किए व कर्ज भी दिए थे। यह भी संगीन मामला है। इस मामले में भी भाजपा व केंद्र सरकार जितनी ज्यादा चुप्पी व नरम रवैया अपनाएगी, उतना ही ज्यादा संकट गहराता जाएगा और जनता का भरोसा टूटता जाएगा। 

उन्होंने कहा, "यही कारण है कि अन्य सियासी दल और जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ रहे हैं कि वह आर्थिक अपराध से जुड़े एक गंभीर मामले में पार्टी के वरिष्ठ लोगों के संलिप्त होने के बावजूद अभी तक खामोश क्यों हैं? मायावती ने कहा कि एक अन्य प्रकरण में अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा विभिन्न चुनावी शपथपत्रों में अलग-अलग शिक्षा डिग्री दिखाए जाने पर याचिका को न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। यह मामला अब काफी गंभीर हो गया है और मोदी सरकार के लिए अति अशोभनीय हो गया है।  उन्होंने कहा किमांग उठने लगी है कि स्मृति ईरानी के खिलाफ भी वैसी ही सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, जैसा कि अभी हाल ही में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ की गई। मायावती ने कहा कि इन प्रकरणों के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के ये यह अहंकारपूर्ण शब्द कि 'यह यूपीए सरकार नहीं है, बल्कि एनडीए की सरकार है और इस सरकार में कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देगा', बेहद दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

भारतीय टीम में कोई मतभेद नहीं : गांगुली

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने गुरुवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि बांग्लादेश के हाथों एकदिवसीय श्रृंखला में मिली शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम के भीतर मतभेद उठ खड़े हुए हैं। गांगुली ने पत्रकारों से कहा, "जब भी कोई टीम हारती है और अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करती तो ऐसी बातें सुनाई पड़ती हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि टीम के भीतर ऐसा कोई मतभेद नहीं है, जैसा कि बताया जा रहा है।"

भारतीय टीम बुधवार को क्रिकेट के इतिहास में पहली बार बांग्लादेश के हाथों तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज 1-2 से हार गई, जिसके बाद टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली ने टीम में निर्णायक प्रणाली पर सवाल उठाए थे। कोहली के बयान के कारण ही टीम के भीतर मतभेद की अफवाहें उड़ीं। कोहली ने कहा था, "हमने जिस अंदाज में खेला उससे मैं खुश नहीं हूं। हम निर्णय लेते समय संदेह में थे, जो मैदान पर भी नजर आया।"

कोहली के बयान के बाद सुरेश रैना और रविचंद्रन अश्विन ने खुलकर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का समर्थन किया, जबकि धौनी के निजी कोच ने हार के पीछे टीम के अंदर गुटबाजी को कारण बताया। बांग्लादेश के खिलाफ भारत की हार पर निराशा व्यक्त करते हुए गांगुली ने जीत के लिए बांग्लादेश को सारा श्रेय दिया। उन्होंने कहा, "यह निराशाजनक रहा। लेकिन बांग्लादेश ने शानदार क्रिकेट खेला इसलिए जीत का श्रेय उन्हें देना चाहिए।"

बिहार के पटना में मध्याह्न भोजन से 50 बच्चे बीमार

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बिहार के पटना जिले के एक सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने से गुरुवार को 50 बच्चे बीमार पड़ गए। जिले के एक अधिकारी ने कहा, "नौबातपुर खण्ड के तंगरैला गांव स्थित एक पूर्व-माध्यमिक स्कूल में भोजन करने के तुरंत बाद बच्चों ने पहले बेचैनी की शिकायत की, उसके बाद उन्हें उल्टी होने लगी और कुछ बच्चे बेहोश भी हो गए।" अधिकारी ने कहा कि सभी बीमार बच्चों को पटना से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नौबातपुर में भर्ती कराया गया।  अधिकारी ने कहा, "सभी बच्चों को गुरुवार रात तक छुट्टी दे दी जाएगी।" पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भोजन के नमूने इकट्ठे कर लिए हैं। 

जिन चिकित्सकों ने बच्चों का उपचार किया है उन्हें उनके शरीर में जहर का कोई संकेत नहीं मिला है। अधिकारी ने बताया, इस सप्ताह की शुरुआत में बिहार के भोजपुर और मुजफ्फरपुर जिलों में स्थित दो सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन खाने के बाद 72 बच्चे बीमार पड़ गए थे। उन्हें परोसे गए खाने में छिपकली पाई गई थी।  2013 में सारण जिले में मध्याह्न भोजन खाने के बाद 23 छात्रों की मौत हो गई थी। बिहार के 72,000 स्कूलों में 1.6 करोड़ छात्रों को प्रतिदिन मध्याह्न भोजन परोसा जाता है।

विश्व-शरणार्थी दिवस और कश्मीरी पंडित !!

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२० जून को ‘विश्व-शरणार्थी दिवस’ पर विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने देश में जगह-जगह पर प्रदर्शन किये.अपने ही देश में शरणार्थी बना यह जन-समुदाय पिछले लगभग २५ वर्षों से अपने लिए एक अलग होमलैंड की मांग कर रहा है जिसके लिए प्रायः हर सरकार इस समुदाय की मांग को सिरे से खारिज तो नहीं करती मगर इनके सपनों को पूरा भी नहीं करती.अडचनें कई तरह की हैं.जैसे ही सरकार इस दिशा में कोई कारगर योजना बनाने की पहल करती है तो कश्मीर के अलगाववादी धड़ों के कान खड़े हो जाते हैं और वे पंडितों के अलग “होमलैंड” वाली बात का विरोध करने के लिए सडकों पर उतर आते हैं.दूसरी अडचन यह है कि कोई भी आन्दोलन जब बहुत लम्बा खिंचता है तो आन्दोलन को चलाने वाले नेताओं में भी मतैक्य नहीं रहता और कटुताएं और स्पर्द्धाएं उभरने लगती हैं.

पंडितों का एक वर्ग कश्मीर लौटने के पक्ष में है तो दूसरा विपक्ष में.दूसरे पक्ष का कहना यह है कि हमसे अगर घर-वापसी की बात की जा रही है तो फिर हमें मार-पीट कर भगाया ही क्यों गया?क्या गारंटी है कि हमारे साथ दुबारा वह न घटे जिसको हम ने आज से २५ साल पहले झेला है.रही बात अलग से ‘होमलैंड’ का निर्माण करने की और वहां पर पंडितों को बसाने की. कहने को यह बात सरल लगती है मगर इसको अमल में लाना मुश्किल है.वादी में पंडितों को अलग से बसाने के लिए एक वृहत भूमि-खंड अगर सरकार ने आवंटित कर भी दिया तो इस होमलैंड में आवास,शिक्षा,रोज़गार,यातायात,चिकित्सा आदि से जुड़े संसाधनों को विकसित करने में कितना समय और धन लगेगा, यह एक विचारणीय बिंदु है. उत्तराखंड,,झारखंड,छत्तीसगढ़,तेलंगाना आदि राज्यों की बात दूसरी है.ये राज्य भौगोलिक सीमाओं के भीतर अलग हुए.इन राज्यों में लोग इधर से उधर नहीं हुए और न ही बेघर हुए.कश्मीर का मामला दूसरा है.कश्मीर के‘होमलैंड’ में लोग बाहर से आकर बसेंगे.उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ-साथ वे सारी सुविधाएँ देनी होंगी जिनका उल्लेख ऊपर किया जा चुका है.

१९६६ की एक घटना याद आ रही है. मेरी नई-नई नौकरी लगी थी।शहर मेरे लिए नया था और लोग भी नए।स्टाफ रूम में अक्सर कश्मीर को लेकर बातें होतीं।--"नेहरू ने गलती की,धारा 370 हटा देनी चाहिए,यहां के लोगों को वहां बसाया जाना चाहिए,क्या खूबसूरत जगह है! आदि आदि।"बहुत दिनों तक मैं यह सब सुनता रहा।आखिर एक दिन मैं ने कह ही दिया:'भई,जो-जो वहां पर बसना चाहता है वह-वह मुझे अपने नाम लिखाओ।सभी बगले झाँकने लगे।किसी ने नाम नहीं लिखवाया।सभी का कहना था हम यहाँ मज़े में हैं,वहां क्यों जाएँ भला?यहाँ हमारे पास भगवान की दया से अच्छा रोज़गार है,घर बार है,रिश्तेदारियां हैं आदि।न बाबा न।हम तो नहींजाएंगे।'
यही हाल विस्थापित पंडितों का है।25 सालों की दरबदरी के बाद अब ये और इनकी जवान पीढ़ियां अपनी मेहनत,लगन और सब कुछ गंवाने के बाद जहाँ पर भी हैं,एक तरह से सेटल हो गए हैं।अब ये कहीं नहीं जाने वाले चाहे तो हाथ खड़ेकरवा लो या नाम लिखवा लो।घूमने फिरने जाएँ तो बात अलग है।



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शिबन कृष्ण रैणा
अलवर/दुबई

आमद-ए-रमजान मरहबा : बरकत व रहमत का पाक महिना है रमजान

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रहमतों, बरकतों व गुनाहों की माफी पाने का महिना है रमजान। इस महीनें की दिन व रातें दुसरे महिने से ज्यादा अफजल व अतबर है। नबी-ए-करीब हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहोअलैहवसल्लम का फरमान है कि रमजान की पहली रात से ही जन्नत के दरवाजे खुल जाते है व जहन्नम के दरवाजे बंद कर शैतानों को जकड़ दिए जाते है। पूरी दुनिया में फैले इस्लाम धर्म के लिए रमजान का पवित्र महीना एक उत्सव होता है। इस्लाम धर्म की परंपराओं में रमजान माह का रोजा हर मुसलमान खासतौर पर युवा मुसलमान के लिए जरूरी फर्ज होता है। उसी तरह जैसे 5 बार की नमाज अदा करना जरूरी है  

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रमजान महीने की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत दे रहे हैं। रमजान में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। इसी महीने में कुरान शरीफ दुनिया में नाजिल (अवतरित) हुआ था। अगर इंसान सिर्फ अपनी कमियों को देखकर उन्हें दूर करने की कोशिश करे तो दुनिया से बुराई खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी. रमजान का छुपा संदेश भी यही है। फजर की आजान से पूर्व खाने-पीने तथा संभोग से सुर्य के डुबने तक रुके रहने का नाम रोजा है। रोजा की असल हकीकत यह कि मानव हर तरह की बुराई, झूठ, झगड़ा-लड़ाई, गाली गुलूच, गलत व्यवहार और अवैध चीजो से अपने आप को रोके रखे ताकि रोजे के पुण्य उसे प्राप्त हो, जैसा कि रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का कथन है” जो व्यक्ति अवैध काम और झूठ और झूठी गवाही तथा जहालत से दूर न रहे तो अल्लाह को कोई आवश्यकता नही कि वह भूखा-प्यासा रहे”। या यूं कहें रमजान अच्छे कार्यो, व्रत, समर्पण, दया, ईमानदारी, क्षमा और प्रायश्चित का महीना है। विश्व के चैथे सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश भारत के तकरीबन 17 करोड़ मुसलमान समर्पण और पूरे उत्साह के साथ रमजान का महीना मना रहे हैं। रमजान न सिर्फ मुस्लिम बल्कि पूरी मानवता के लिए एक मार्गदर्शक है। यह इंसान को आत्म नियंत्रण की सीख देता है। 

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इस संदर्भ में हजरत मोहम्मद (स.) ने कहा है ‘रोजा एक ढाल है, अर्थात जीवन संघर्ष में एक रक्षक है.’अल्लाह के नबी (स.) ने यह भी कहा कि ‘पांच ऐसी चीजें हैं, जिसके कारण तुम्हारा रोजा अर्थहीन हो जाता है। इनमें झूठ, गीबत (निंदा), चुगली करना, झूठी कसम खाना और वासना की नजर से पराई स्त्री को देखना शामिल है। देखा जाय तो इस्लाम में रमजान का महीना दुनियाभर के मुसलमानों के लिए अदब और अकीदत का महीना है। यह महीना कई मायने में इंसान को बेहतर बनाने और उसमे खामियों को कम करके खूबियां बढ़ाने का एक बड़ा जरिया है। इस पाक माह में कोई भी रोजेदार छोटी-छोटी बुराइयों से बचने की कोशिश करता है और कमजोर लोगों की बेहतरी के लिए कोशिश करता है। इफ्तार के जरिए भाईचारे को बढ़ावा दिया जाता है तो जकात के जरिए लोग जरूरतमंदों की मदद करते हैं। मजहबी दायरे से बाहर देखें तो रमजान इंसान को बेहतर बनाने का बड़ा जरिया है। इस माह में लोग अच्छाई की ओर बढ़ने और बुराई से दूर भागने की कोशिश करते हैं। यही कोशिश उन्हें बतौर इंसार बेहतर बनाती है। आमतौर पर लोग इस माह में ईद से पहले जकात निकालते हैं। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है। रमजान में कोशिश रहती है कि लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए। इस माह में सवाब का दायरा भी 70 गुना अधिक हो जाता है। लोगों की किसी न किसी सूरत में मदद करने की कोशिश करनी चाहिए। रमजान में रोजेदार दिन में कई बुनियादी बातों का एहतराम करता है। मसलन, वह खाने-पीने और बुराइयों से दूर रहने के साथ-साथ इबादत पर जोर देता है। 

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मतलब रमजान सिर्फ खाने-पीने से दूर रहने का नाम नहीं है। इसमें तमाम बुराइयों से दूर रहकर अच्छाइयों की ओर रुख बनाए रखना पड़ता है। नबी करीम ने इसी पहलू को सबसे अहम बताया है। रमजान में इंसान सब्र करता है और उसके भीतर चीजों को सहने की ताकत बढ़ती है। बेहतर इंसान बनना और लोगों को बेहतरी और जनकल्याण के लिए प्रेरित करना रमजान का असली संदेश है। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इस्लाम में रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है। रमजान के महीने में कुरान नाजिल हुआ था। माना जाता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वाले की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। मुसलमानों के लिए रमजान महीने की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इन्हीं दिनों पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जरिए अल्लाह की अहम किताब ‘कुरान शरीफ’ (नाजिल) जमीन पर उतरी थी। इसलिए मुसलमान ज्यादातर वक्त इबादत-तिलावत (नमाज पढ़ना और कुरान पढ़ने) में गुजारते हैं। मुसलमान रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देते हैं। रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता हैं इस महीने के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज निकलने से पहले और डूबने तक की अवधि के दौरान खाने-पीने दूर रहते हैं। माहे रमजान को नेकियों का मौसमे बहार कहा गया है। जिस तरह मौसमे बहार में हर तरफ सब्जा ही सब्जा नजर आता है। हर तरफ रंग-बिरंगे फूल नजर आते हैं। इसी तरह रमजान में भी नेकियों पर बहार आई होती है। जो शख्स आम दिनों में इबादतों से दूर होता है, वह भी रमजान में इबादतगुजार बन जाता है। यह सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नात है। 

यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का महीना है। इस महीने में रोजादार को इफ्तार कराने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं। पैगम्बर मोहम्मद सल्ल. से आपके किसीसहाबी (साथी) ने पूछा- अगर हममें से किसी के पास इतनी गुंजाइश न हो तो एक खजूर या पानी से ही इफ्तार करा दिया जाए। यह महीना मुस्तहिक लोगों की मदद करने का महीना है। रमजान के तअल्लुक से हमें बेशुमार हदीसें मिलती हैं और हम पढ़ते और सुनते रहते हैं लेकिन क्या हम इस पर अमल भी करते हैं। ईमानदारी के साथ हम अपना जायजा लें कि क्या वाकई हम लोग मोहताजों और नादार लोगों की वैसी ही मदद करते हैं जैसी करनी चाहिए? सिर्फ सदकए फित्र देकर हम यह समझते हैं कि हमने अपना हक अदा कर दिया है। जब अल्लाह की राह में देने की बात आती है तो हमारी जेबों से सिर्फ चंद रुपए निकलते हैं, लेकिन जब हम अपनी शॉपिंग के लिए बाजार जाते हैं वहां हजारों खर्च कर देते हैं। कोई जरूरतमंद अगर हमारे पास आता है तो उस वक्त हमको अपनी कई जरूरतें याद आ जाती हैं। यह लेना है, वह लेना है, घर में इस चीज की कमी है। बस हमारी ख्वाहिशें खत्म होने का नाम ही नहीं लेती हैं।


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अगर इस महीने में हम अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों को कुछ कम कर लें और यही रकम जरूरतमंदों को दें तो यह हमारे लिए बेहत अज्र और सिले का बाइस होगा। क्योंकि इस महीने में की गई एक नेकी का अज्र कई गुना बढ़ाकर अल्लाह की तरफ से अता होता ळें मोहम्मद सल्ल ने फरमाया है जो शख्स नमाज के रोजे ईमान और एहतेसाब (अपने जायजे के साथ) रखे उसके सब पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएँगे। रोजा हमें जब्ते नफ्स (खुद पर काबू रखने) की तरबियत देता है। हममें परहेजगारी पैदा करता है। लेकिन अब जैसे ही माहे रमजान आने वाला होता है, लोगों के जहन में तरह-तरह के चटपटे और मजेदार खाने का तसव्वुर आ जाता है। इस्लाम के सभी अनुयाइयों को इस महीने में रोजा, नमा, फितरा आदि करने की सलाह है। रमजान के महीने को और तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्से में दस दस दिन आते हैं। हर दस दिन के हिस्से को अशरा कहते हैं जिसका मतलब अरबी में 10 है। इस तरह इसी महीने में पूरी कुरान नालि हुई जो इस्लाम की पाक किताब है। कुरान के दूसरे पारे के आयत नंबर 183 में रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है। रोजा सिर्फ भूखे, प्यासे रहने का नाम नहीं बल्कि अश्लील या गलत काम से बचना है। इसका मतलब हमें हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों के कामों को नियंत्रण में रखना है। इस मुबारक महीने में किसी तरह के झगडे या गुस्से से ना सिर्फ मना फरमाया गया है बल्कि किसी से गिला शिकवा है तो उससे माफी मांग कर समाज में एकता कायम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ एक तय रकम या सामान गरीबों में बांटने की हिदायत है जो समाज के गरीब लोगों के लिए बहुत ही मददगार है। वैसे भी इस्लाम धर्म में अच्छा इंसान बनने के लिए पहले मुसलमान बनना आवश्यक है और मुसलमान बनने के लिए बुनियादी पांच कर्तव्यों का अमल में लाना आवश्यक है। 

पहला ईमान, दूसरा नमाज, तीसरा रोजा, चैथा हज और पांचवा जकात। इस्लाम के ये पांचों कर्तव्य इंसान से प्रेम, सहानुभूति, सहायता तथा हमदर्दी की प्रेरणा देते हैं। रोजे को अरबी में सोम कहते हैं, जिसका मतलब है रुकना। रोजा यानी तमाम बुराइयों से परहेज करना। रोजे में दिन भर भूखा व प्यासा ही रहा जाता है। इसी तरह यदि किसी जगह लोग किसी की बुराई कर रहे हैं तो रोजेदार के लिए ऐसे स्थान पर खड़ा होना मना है। जब मुसलमान रोजा रखता है, उसके हृदय में भूखे व्यक्ति के लिए हमदर्दी पैदा होती है। रमजान में पुण्य के कामों का सबाव सत्तर गुना बढ़ा दिया जाता है। जकात इसी महीने में अदा की जाती है।रोजा झूठ, हिंसा, बुराई, रिश्वत तथा अन्य तमाम गलत कामों से बचने की प्रेरणा देता है। इसका अभ्यास यानी पूरे एक महीना कराया जाता है ताकि इंसान पूरे साल तमाम बुराइयों से बचे। कुरआन में अल्लाह ने फरमाया कि रोजा तुम्हारे ऊपर इसलिए फर्ज किया है, ताकि तुम खुदा से डरने वाले बनो और खुदा से डरने का मतलब यह है कि इंसान अपने अंदर विनम्रता तथा कोमलता पैदा करे?

अल्लाह तआला रमजान महीने में अपनी क्षमा और दया का वर्षा करता है।  जिस कारण रमजान महीने में एक मुमिन का दिल खूशी से फूले नहीं समाता है, वह चाहता है कि अल्लाह से इस पवित्र महीने में अपनी गुनाहों, भूल चुक, अपराधों को क्षमा कराले, अल्लाह की नेमतों से अपनी झोली भर ले, जन्नन में प्रवेश होने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर ले, जहन्नम से मुक्त होने का प्रमाण पत्र हासिल कर ले। नेकियों पर उत्साहित करते हुए नबी (अलैहिस्सलातु वस्सलाम) फरमाते हैं, ”रमजान की प्रथम रात को सरकश जिन और शैतान को जकड़ दिया जाता है। जन्नत ( स्वर्ग) के द्वार खोल दिये जाते हैं। जहन्नम (नरक) के द्वार बन्द कर दिये जाते है। अल्लाह की ओर से पुकारने वाला पुकारता है, हे! नेकियों के काम करने वालों, पुण्य के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लो, हे! पापों के काम करने वालों, अब तो इस पवित्र महीने में पापों से रुक जा, और अल्लाह तआला नेकी करने वालों को प्रति रात जहन्नम ( नरक ) से मुक्ति देता है।” रोजा रखने का पुण्य बहुत ज्यादा है। इतना कि कोई मानव रोजे के पुण्य का कल्पना ही नहीं कर सकता। क्योंकि अल्लाहतआला ने रोजेदार को स्वयं बदला देने का वादा किया है। जिस वस्तु का बदला अल्लाह देगा वह बहुत ज्यादा होगा जैसा कि हदीस कुद्सी में अल्लाह तआला फरमाता है। जैसा कि प्रिय रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया ”मनुष्य के हर कर्म पर, उसे दस नेकी से लेकर सात सौ नेकी दी जाती है सिवाए रोजे के, अल्लाहतआला फरमाता है कि रोजा मेरे लिए है और रोजेदार को रोजे का बदला दूंगा, उस ने अपनी शारीरिक इच्छा ( संभोग) और खाना-पीना मेरे कारण त्याग दिया। रोजेदार को दो खुशी प्राप्त होती है, एक रोजा खोलते समय और दुसरी अपने रब से मिलने के समय, और रोजेदार के मुंह की सुगंध अल्लाह के पास मुश्क (कस्तुरी) की सुगंध से ज्यादा खुश्बूदार है। 

इसी तरह जन्नत ( स्वर्ग ) में एक द्वार एसा है जिस से केवल रोजेदार ही प्रवेश करेंगे, रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का कथन है, ”जन्नत ( स्वर्ग ) के द्वारों की संख्यां आठ हैं, उन में से एक द्वार का नाम रय्यान है जिस से केवल रोजेदार ही प्रवेश करेंगे। रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपने साथियों को शुभ खबर देते हुए फरमाया ”तुम्हारे पास रमजान का महिना आया है, यह बरकत वाला महिना है, अल्लाहतआला तुम्हें इस में कृपा से ढ़ाप लेगा, तो रहमतें उतारता है, पापों को मिटाता है, दुआ स्वीकार करता है। इस महीने में तुम लोगों का आपस में इबादतों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने को देखता है, तो फरिश्तों के पास तुम्हारे बारे में बयान करता है। तुम अल्लाह को अच्छे कार्य करके दिखाओ, निःसन्देह बदबख्त वह है जो इस महिने की रहमतों से वंचित रहे। रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया ”जो व्यक्ति रमजान महीने का रोजा अल्लाह पर विश्वास तथा पुण्य की आशा करते हुए रखेगा, उसके पिछ्ले सम्पूर्ण पाप क्षमा कर दिये जाएंगे।” रोजा और कुरआन करीम  कयामत के दिन अल्लाहतआला से बिन्ती करेगा कि रोजा रखने वाले, कुरआन पढ़ने वाले को क्षमा किया जाए तो अल्लाहतआला उसकी सिफारिश स्वीकार करेगा, जैसा कि रसूल मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का कथन है” रोजा और कुरआन करीम  कयामत के दिन अल्लाह तआला से बिन्ती करेगा कि ऐ रब, मैं उसे दिन में खाने-पीने और संभोग से रोके रखा तो मेरी सिफारिश उस के बारे में स्वीकार कर, कुरआन कहेगा, ऐ रब, मैं उसे रातों में सोने से रोके रखा तो मेरी सिफारिश उसके बारे में स्वीकार कर, तो उन दोनो की सिफारिश स्वीकार की जाएगी”। 

रमजान के महीने में इन खास बातों का रखें ध्‍यान...
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इंसान रमजान की हर रात उससे अगले दिन के रोजे की नियत कर सकता है. बेहतर यही है कि रमजान के महीने की पहली रात को ही पूरे महीने के रोजे की नियत कर लें।  अगर कोई रमजान के महीने में जानबूझ कर रमजान के रोजे के अलावा किसी और रोजे की नियत करे तो वो रोजा कुबूल नहीं होगा और ना ही वो रमजान के रोजे में शुमार होगा।  बेहतर है कि आप रमजान का महीना शुय होने से पहले ही पूरे महीने की जरूरत का सामान खरीद लें, ताकि आपको रोजे की हालत में बाहर ना भटकना पड़े और आप ज्‍यादा से ज्‍यादा वक्‍त इबादत में बिता सकें।  रमजान के महीने में इफ्तार के बाद ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीयें. दिनभर के रोजे के बाद शरीर में पानी की काफी कमी हो जाती है. मर्दों को कम से 2.5 लीटर और औरतों को कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। इफ्तार की शुरुआत हल्‍के खाने से करें. खजूर से इफ्तार करना बेहतर माना गया है. इफ्तार में पानी, सलाद, फल, जूस और सूप ज्‍यादा खाएं और पीएं. इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी। सहरी में ज्‍यादा तला, मसालेदार, मीठा खाना न खाएं, क्‍यूंकि ऐसे खाने से प्‍यास ज्‍यादा लगती है. सहरी में ओटमील, दूध, ब्रेड और फल सेहत के लिए बेहतर होता है। रमजान के महीने में ज्‍यादा से ज्‍यादा इबादत करें, अल्‍लाह को राजी करना चाहिए क्‍यूंकि इस महीने में कर नेक काम का सवाब बढ़ा दिया जाता है। 

रमजान में ज्‍यादा से ज्‍यादा कुरान की तिलावत, नमाज की पाबंदी, जकात, सदाक और अल्‍लाह का जिक्र करके इबादत करें. रोजेदारों को इफ्तार कराना बहुत ही सवाब का काम माना गया है। अगर कोई शख्‍स सहरी के वक्‍त रोजे की नियत करे और सो जाए, फिर नींद मगरिब के बाद खुले तो उसका रोजा माना जाएगा, ये रोजा सही है। रमजान के महीने को तीन अशरों में बांटा गया है. पहले 10 दिन को पहला अशरा कहते हैं जो रहमत का है। दूसरा अशरा अगले 10 दिन को कहते हैं जो मगफिरत का है और तीसरा अशरा आखिरी 10 दिन को कहा जाता है जो कि जहन्‍नम से आजाती का है। अगर कोई रोजेदार रोजे की हालत में जानबूझकर कुछ खा ले तो उसका रोजा टूटा जाता है, लेकिन अगर कोई गलती से कुछ खा-पी ले तो उसका रोजा नहीं टूटता है। अगर कोई बीमार शख्‍स रमजान के महीने में जोहर से पहले ठीक हो जाता है और तब तक उसने कोई ऐसा काम नहीं किया हो जिससे रोजा टूटता हो, तो नियत करके उसका उस दिन का रोजा रखना जरूरी है। अगर रोजेदार दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर निगल जाता है तो उसका रोजा टूट जाता है। मुंह का पानी निगलने से रोजा नहीं टूटता है. अगर किसी लजीज खाने की ख्‍वाहिश से मुंह में पानी आ जाए तो उस पानी को निगलने से रोजा नहीं टूटता है। रमजान के महीने में इंसान बुरी लतों से दूर रहता है, सिगरेट की लत छोड़ने के लिए रमजान का महीना बहुत अच्‍छा है. रोजा रखकर सिगरेट या तंबाकू खाने से रोजा टूट जाता है। रोजे की हालत में दांत निकलवाने से रोजा मकरूह हो जाता है, या रोजे में कोई ऐसा काम करने से जिससे मुंह से खून निकलने लगे, इससे भी रोजा मकरूह हो जाता है। 

आपने अगर रोजे की हालत में पूरी तरह से गीले कपड़े पहन रखे हैं तो आपका रोजा मकरूह हो सकता है। कोई खाने की चीज जिसके खाने से रोजा टूट जाता है, जबरदस्‍ती किसी रोजेदार के हलक में डाल दिया जाए और वो उसे निगल जाए तो रोजा नहीं टूटता है। अगर किसी रोजेदार को जान और माल के नुकसान की धमकी देकर कोई खाना खाने को मजबूर करता है और रोजेदार उस नुकसान से बचने के लिए खाना खा लेता है तो रोजा नहीं टूटता है। रमजान के महीने में नेकियों का सवाब 10 से 700 गुणा तक बढ़ा दिया जाता है. नफ्ल नमाज का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब 70 फर्ज के बराबर हो जाता है। रमजान के महीने में अल्‍लाह अपने बंदों पर खास करम फरमाता है और उसकी हर जायज दुआ को कुबुल करता है. रमजान में जन्‍नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्‍नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। रमजान में नमाज के बाद कुरान पाक की तिलावत की आदत डालें, इसका बहुत सवाब है. रमजान में कुछ वक्‍त निकालकर कुरान-ए-मजीद को सुनें, क्‍यूंकि रमजान का लम्‍हा-लम्‍हा इबादत और सवाब का है। रमजान के महीने में कोशिश करें कि आप हर वक्‍त बा-वजू रहें। रात को जल्‍दी सोने की आदत डालें ताकि आप फज्र की नमाज के लिए उठ सकें। हर रात सोने से पहले अपने किए हुए आमाल के बारे में जरूर सोचें।  अपने नेक आमाल पर अल्‍लाह का शुक्र अदा कीजिए और अपनी गलतियों और कोताहियों के लिए अल्‍लाह से माफी मांगिये और तौबा कीजिए। 

रमजान के महीने में रोजाना सद्दाका करने की आदत डालें, चाहे थोड़ा ही क्‍यूं ना हो. इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्‍सा बनाएं। रमजान में नफ्ल नमाजों का तहाजुद की नमाज की तरह एहतेमाम करें, बहुत सवाब है. ज्‍यादा से ज्‍यादा वक्‍त कुरान और हदीथ, फिकह और इस्‍लामी किताबों के मुताले में गुजारें। किसी ऐसे आदमी को इफ्तार की दावत दें जो आपका जानकार हो, आप महसूस करेंगे कि आपके रिश्‍ते और भी मजबूत हो गए हैं. कोशिश करें कि घर में तमाम लोग एकसाथ आपस में मिलकर इफ्तार करें। रमजान में अपनी तमाम बुरी आदतों को छोड़ दें और इस बा-बरकत महीने का इस्‍तेमाल नेक कामों में करें. रमजान में अपने पड़ोसियों को हमेशा याद रखें और उनका ख्‍याल रखें। 

कैसे रखते हैं रोजा ?
रोजा रखने के लिए सवेरे उठकर खाया जाता है इसे सेहरी कहते हैं।  सेहरी के बाद से सूरज ढलने तक भूखे-प्यासे रहते हैं. सूरज ढलने से पहले कुछ खाने या पीने से रोजा टूट जाता है। रोजे के दौरान खाने-पीने के साथ गुस्सा करने और किसी का बुरा चाहने की भी मनाही है। 

कैसे खोलते हैं रोजा ?
शाम को सूरज ढलने पर आमतौर पर खजूर खाकर या पानी पीकर रोजा खोलते हैं। रोजा खोलने को इफ्तार कहते हैं। इफ्तार के वक्त सच्चे मन से जो दुआ मांगी जाती है वो कूबुल होती है। 

रोजे से छूट किसे ?
बच्चों, बुजुर्गों, मुसाफिरों, गर्भवती महिलाओं और बीमारी की हालत में रोजे से छूट है, जो लोग रोजा नहीं रखते उन्हें रोजेदार के सामने खाने से मनाही है।

रमजान और ईद
ईद के चांद के साथ रमजान का अंत होता है। रमजान की खुशी में ईद मनाई जाती है। ईद का अर्थ ही खुशी का दिन है। मुसलमानों के लिए ईद-उल-फित्र त्योहार अलग ही खुशी लेकर आता है। ईद के चांद के दर्शन के साथ हर तरफ रौनक हो जाती है। खासतौर से हमारी बहनें ईद की शॉपिंग का जायजा लें कि वह अपने लिबास पर कितना कुछ खर्च करती हैं। जरा रुक कर सोचें हममें से कई जरूरतमंद लोग दुनिया में मौजूद हैं जिनके पास तन ढकने के लिए कपड़ा मौजूद नहीं।

रमजान के इनाम, जो हमको मिले हैं
हजरत अबू हुरैरह रजिअल्‍लाहुतआला अन्‍हू ने हुजुरे अकरम सल्‍लल्‍लाहुअलैहिवसल्‍लम को फरमाते हुए सुना कि मेरी उम्‍मत को रमजान शरीफ में पांच चीजों अल्‍लाह पाक ने खास तौर पर दी हैं, जो दूसरी उम्‍मतों को नहीं दी गई-
(1) रोजेदार के मुंह की बू (जो खाली पेट रहने की वजह से आती है) अल्‍लाह को मुश्‍क की खुशबू से ज्‍यादा पसंद है, (क्‍योंकि बंदा सिर्फ अल्‍लाह को राजी करने के लिए अपना खाना-पीना छोड़े होता है)
(2) रोजेदारों के लिए दरिया की मछलियां तक दुआ करती हैं और इफ्तार के वक्‍त तक करती रहती हैं।
(3) हर रोज जन्‍नत रोजदार के लिए सजाई जाती है, फिर अल्‍लाह पाक फरमाता है कि जल्‍दी ही मेरे नेक बंदे तुझ में रहने आएंगे।
(4) रमजान में शैतान और उसके साथी कैद कर दिए जाते हैं।
(5) रमजान की आखिरी रात में (जिस दिन ईद का चांद दिखता है) रोजेदारों के सारे गुनाह माफ करके मगफिरत कर दी जाती है। सहाबा रजिअल्‍लाहु तआला अन्‍हू ने अर्ज किया कि क्‍या यह रात शबे कद्र है। फरमाया नहीं बल्कि दस्‍तूर यह कि मजदूर को काम खत्‍म होने के वक्‍त मजदूरी दे दी जाती है (यानी हमने पूरे रमजान जो रोजे रखे, तरावीह पढ़ी, कुरान शरीफ की तिलावत की, तस्‍बीह पढ़ी, उसका मेहनताना अल्‍लाह पाक रमजान की आखरी रात में दे देता है)। वैसे भी रमजान का महीना बेहद पाक और रहमतों वाला होता है। इस महीने में इबादत का सत्तर गुना ज्यादा शबाब मिलता है। रमजान में रोजा रखने का खास महत्व है। रमजान के महीने में 30 दिन लोग रोजा रखते हैं। इसके बाद इस महीने के आखिरी दिन ईद मनाई जाती है। अगर आखिरी दिन चांद न नजर आए तो ईद एक दिन बाद भी मनाई जाती है। रोजा रखने पर इंसान को आंख, हाथ, दिल और मुंह से कुछ भी बुरा करने से परहेज करना होता है। रोजा रखने वाले इंसान को हमेशा बुराई से तौबा करते है। रोजा रखने वाले का दिल साफ रहता है। रमजान को कुरान का भी महीना कहा जाता है। रमजान की रात में एक विशेष नमाज होती है जिसे तरावीह कहते हैं। यह सबसे लंबी बीस रिकात के दौरान पढ़ी जाती है। इस नमाज को पढ़ाने के लिए हर मस्जिद में एक हाफिज को बुलाया जाता है। हाफिज उसे कहते हैं जिसे पूरा कुरान याद हो। 

रमजान की पाक रातें 
रमजान में शब-ए-कद्र की रात विशेष महत्वपूर्ण होती है। रमजान की 21, 23, 25, 27, 29 वीं रात शब-ए-कद्र की रात होती है। इस रात अल्लाह की रहमत खास तौर पर होती है। यह रात एक हजार रातों से बेहतर होती है।  इसलिए इस रात को खास इबादत होती है। रोजों के दौरान जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है वह होती है ना कोई बुरा काम करना और ना ही करने देना। रोजों के दौरान रोजेदार को अगर कुछ बुरा होते हुए दिखाई दे तो उसे यथासंभव रोकने का प्रयास करना चाहिए। 




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(सुरेश गांधी)

मुझे नहीं करनी एक्टिंग, एक पल मैंने सोचा-- टीना आहूजा

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tina ahuja
हरफनमौला कलाकार गोविंदा की सुपुत्री टीना आहूजा नई फ़िल्म "सेकंड हैण्ड हसबैंड "से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत कर रही है। इनका असली नाम नर्मदा है मगर दोस्ती में पूर्ण विश्वास रखने वाली नर्मदा ने दोस्तों का सुझाया नाम टीना रखकर फ़िल्मी दुनिया में नाम कमाना चाहती है। इस फ़िल्म में वह  वकील बनी है जो एक शादीशुदा नौजवान का तलाक़ का केस संभालती है और वह नौजवान उसी से प्रेम करने लगता है। नौजवान का किरदार पंजाबी स्टार गिप्पी ग्रेवाल निभा रहे हैं।

टीना से पुछा गया कि क्या वह भी अपने पापा की तरह डांस में माहिर और धार्मिक स्वभाव की है तो टीना का कहना है डांस बॉडी फ़िटनेस के लिए उत्तम एक्सरसाइज है अभी मैं क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग ले रही हूँ और इस फ़िल्म के लिए जो जरुरी स्टेप्स थे उसे मैंने आसानी से कर लिए। रही बात धार्मिक होने की तो हमारा पूरा परिवार ईश्वर के प्रति बड़ी आस्था रखता है और मैं दोस्ती में बहुत विश्वास करती हूँ। मेरी पूरी कोशिश रहती है कि जो भी काम मेरे जिम्मे आया है उसे पूरी ईमानदारी और लगन के साथ करते हुए आगे बढूँ, बाद में क्या होगा इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचती हूँ।

रोमांटिक सीन की शूटिंग के बारे में टीना बताती है कि उस दौरान बिल्कुल असहज महसूस हुआ और घबराहट के मारे मन में ख्याल आया कि मुझे हीरोइन नहीं बनना चाहिए था अब मुझे एक्टिंग नहीं करनी फिर सोची जब शुरू हो ही गयी है तो पीछे मुड़ना भी एक प्रकार से बेवकूफी होगी। निर्देशक समीप कांग और गिप्पी ग्रेवाल ने मेरी भावनाओं को समझते हुए सीन को आसान बना दिए।

अपनी पहली फ़िल्म में धर्मेन्द्र जैसे बड़े कलाकर के साथ काम करना भी टीना के लिए सौभाग्य वाली बात है। टीना का कहना है धरम जी का हमारा पूरा परिवार बहुत इज़्ज़त करता है । पापा ने उनके साथ कई फिल्मों में काम किये हैं और वे उन्हें पिता तुल्य मानते हैं लेकिन मेरी मम्मी धरम जी की बहुत बड़ी फैन है जब मैं गर्भ में थी तो मम्मी ज्यादातर उनकी ही फिल्में देखा करती थी। यह कहकर जोर से हँस पड़ी थी टीना , तब मुझे लगा कि यह लड़की बिल्कुल अपने बाप पर गयी है।

आज वसुंधरा राजे आलाकमान को देंगी सफाई

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ललित मोदी केस को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग तेज होती जा रही है. गुरुवार को वसुंधरा ने खुद स्वीकार कर लिया कि उन्होंने ललित मोदी की मदद की थी. अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी कहा है कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

 आरएसएस के अधिकारियों ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. संघ के सूत्रों की माने तो कभी भी वसुंधरा को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. नेशनल जनरल सेक्रेटरी से हाल ही में बीजेपी उपाध्यक्ष बने ओम प्रकाश माथुर को वसुंधरा की जगह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. आरएसएस में भी ज्यादातर लोगों का मानना है कि वसुंधरा को इस्तीफा दे देना चाहिए. संघ के सीनियर नेताओं में इस बात पर चर्चा चल रही है कि वसुंधरा किस समय इस्तीफा दें, जिससे पार्टी को सबसे कम नुकसान हो. वसुंधरा शुक्रवार को नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली पहुंच रही हैं. बताया जा रहा है कि वो दिल्ली में पार्टी के आलाकमान से मिलेंगी और पूरे मामले पर अपनी सफाई देंगी.

वसुंधरा की सफाई सुनने के बाद बीजेपी हाईकमान अपना रुख साफ करेगी. इस्तीफे का दबाव झेल रहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री की तरफ से उनके मीडिया सलाहकार महेंद्र भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस रिलीज जारी की और टीवी चैनलों को खुद से जुड़ी खबरों के लिए कसूरवार बताया. इस प्रेस रिलीज में खुद के पक्ष में विधायकों के सामने आने, केंद्रीय नेतृत्व को इस्तीफे से इनकार करने और मान-मनौव्वल के लिए मंत्रियों के दिल्ली जाने जैसी खबरों को झूठा बताया गया है.

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा के इस्तीफे के मुद्दे पर पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है. एक गुट वसुंधरा की सफाई से संतुष्ट है जबकि दूसरा वसुंधरा को दोषी मानता है. सूत्रों का दावा है कि गडकरी और जेटली वसुंधरा राजे की पैरवी कर रहे हैं जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह उनकी भूमिका से खुश नहीं हैं. मीडिया के सामने आए जेटली ने गुरुवार को दो टूक कहा कि पार्टी में कोई दागी नहीं है. पूरे मामले पर वसुंधरा राजे अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं. गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान वो कैमरों के सामने तो आईं, लेकिन मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार नहीं हुई. मीडिया के सवाल पूछने पर उनकी सुरक्षा में तैनात लोगों ने मीडियाकर्मियों को पकड़ कर धकेलने तक की कोशिश की.

वसुंधरा राजे के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का रुख बेहद आक्रामक है. विपक्ष राजे के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है. सूत्रों की मानें तो पार्टी के तमाम नेताओं को राहुल गांधी की तरफ से ये हिदायत दी गई है कि इस मामले को मानसून सत्र के शुरू होने तक ठंडा ना पड़ने दिया जाए, जिससे संसद में सरकार की राह मुश्किल बनाई जा सके.



 

ऑस्ट्रेलिया में ईमेल के कारण जाएंगी 1,900 नौकरियां

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ऑस्ट्रेलिया में ईमेल के बढ़ते प्रयोग के कारण डाकघरों से संबंधित 1,900 नौकरियों में अगले तीन साल में कटौती की जाएगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के डाकघर का कहना है कि ईमेल के कारण डाक-पत्र भेजने में कमी आई है, जिससे वित्तीय नुकसान हुआ है। इस वित्त वर्ष में में यह नुकसान 38.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर का हो गया है।

ऑस्ट्रेलिया में साधारण डाक के जरिये भेजे जाने वाले पत्रों में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट का अनुमान है। ऑस्ट्रेलिया के डाकघर ने चेताया है कि इससे पिछले 30 वर्षो में ऑस्ट्रेलियाई डाकघर को सर्वाधिक वित्तीय नुकसान हो सकता है।ऑस्ट्रेलिया में डाकघर के प्रबंध निदेशक अहमद फाहौर ने कहा कि डाक-पत्रों में गिरावट की स्थिति अब बेहद खराब हो गई है। फाहौर ने कहा, "हम उस मुकाम तक पहुंच गए हैं, जहां बिना सुधार के यह कारोबार चलाना मुश्किल हो गया है।"

एनबीए में जगह पाने वाले पहले भारतीय बने सतनाम

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सतनाम सिंह भामरा अमेरिका में प्रतिष्ठित नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) में प्रवेश पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। सतनाम को शुक्रवार को एनबीए ड्राफ्ट में शामिल किया गया। सात फुट दो इंच लम्बे सतनाम को डालास मावेरिक्स टीम ने अपने साथ जोड़ा है। इससे पहले सतनाम को बोस्टन सेल्टिक्स और साक्रामेंटो किंग्स जैसी टीमों ने अभ्यास के लिए चुना था। 19 साल के सतनाम पंजाब से सम्बंध रखते हैं। वह 2014-15 में आईएमजी अकादमी ग्रेजुएट टीम के लिए खेल चुके हैं।

सतनाम ने एक दिन पहले कहा था कि वह अपने खेल को लेकर काफी मेहनत करते हैं लेकिन इसके बावजूद वह ड्राफ्ट में शामिल होने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। सतनाम एनबीए में शामिल होने वाले पहले भारतीय (भारत में जन्मे) हैं। बीते साल अमेरिका में जन्मे भारतीय खिलाड़ी सैम भुल्लर ने एनबीए में जगह बनाई थी।

सतनाम ने इस बात को लेकर खुशी जाहिर की थी कि भारत में इस खेल को लेकर जागरुकता और लोकप्रियता बढ़ रही है और अब इस खेल को पेशेवर लिहाज से लिया जाता है। शुरुआत में सतनाम के लिए 17 बार एनबीए खिताब जीत चुके बोस्टन सेल्टिक्स ने रुचि दिखाई थी लेकिन अंत में मावेरिक्स ने उन्हें अपने साथ जोड़ा।

टाइटलर के खिलाफ कोई नई प्राथमिकी नहीं : सीबीआई

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 1984 के सिख विरोधी दंगे की सुनवाई कर रही अदालत को गुरुवार को बताया कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने तथा धन की हेराफेरी का कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। सीबीआई ने सिख विरोधी दंगे में टाइटलर की संलिप्ता से संबंधित मामले की समापन रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी सौरभ प्रताप सिंह लालेर की अदालत में यह जानकारी दी। समापन रिपोर्ट में टाइटलर को क्लीन चिट दे दी गई है। यह तीसरी बार है जब सीबीआई ने समापन रिपोर्ट पेश की है।

पीड़िता/शिकायतकर्ता लखविंदर कौर की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. फूलका ने पिछली सुनवाई के दौरान टाइटलर पर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और इस क्रम में विभिन्न गवाहों तथा व्यवसायी अभिषेक वर्मा के बयान का उल्लेख किया। लखविंदर के पति की दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी। वर्मा के बयान का उल्लेख करते हुए फूलका ने अदालत को बताया कि व्यवसायी ने अपने बयान में कहा था कि टाइटलर एक गवाह को बड़ी धनराशि देकर और उनके बेटे को विदेश में बसाने का प्रलोभन देकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। अदालत ने तीन जून को जांच एजेंसी से रिपोर्ट मांगी थी।

इस बीच, फूलका ने गुरुवार को अदालत को बताया कि वह विरोध में याचिका दायर करेंगे, क्योंकि सीबीआई टाइटलर के खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने का मामला दर्ज न कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। अदालत मामले पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई करेगी। जांच एजेंसी ने कांग्रेस नेता को इससे पहले भी दो बार क्लीन चीट दे दी है। अप्रैल 2013 में एक सत्र अदालत ने समापन रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था और हत्या की सीबीआई से जांच कराने के लिए कहा था। अदालत के निर्देश पर काम करते हुए सीबीआई ने फिर जांच शुरू की, लेकिन फिर 24 दिसंबर, 2014 को एक और समापन रिपोर्ट पेश कर दी।

शाकिब विश्व क्रिकेट के सभी प्रारूपों में श्रेष्ठ ऑलराउंडर

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बांग्लादेश के शाकिब अल हसन को एक बार फिर टेस्ट, एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट में विश्व का श्रेष्ठ ऑलराउंडर चुना गया है। आईसीसी द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में शाकिब क्रिकेट के तीनों फारमेट में ऑलराउंडरों की सूची में अव्वल हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच समाप्त एकदिवसीय सीरीज के बाद जारी रैंकिंग में शाकिब ने श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान को पीछे छोड़ते हुए तीनों फारमेट में अव्वल स्थान हासिल किया है।

शाकिब के 408 अंक हैं जबकि दिलशान के 404 अंक हैं। श्रीलंका के ही एंजेलो मैथ्यूज 308 अंकों के साथ हरफनमौला खिलाड़ियों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। विश्व कप से पहले शाकिब ऑलराउंडरों की सूची में पहले स्थान पर थे लेकिन विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद वह इस पद से हट गए थे।

रेलयात्री ने अपने ऐप पर ’ट्रिप शेयर’ करने का फीचर पेश किया

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रेलयात्रा दिन प्रति दिन बेहतर होती जा रही है और नई पीढ़ी को यह बहुत पसंद आ रही है, ऐसे में सफर के अनुभव को साझा करने का चलन लोकप्रिय हो रहा है रेलयात्री डाॅट इन ने आज अपने ऐंड्राॅइड ऐप पर ’ट्रिप शेयरिंग’ के फीचर को जोड़ने की घोषणा की। यह फीचर रेल यात्रियों को यह सुविधा देता है कि वे रेल में सफर करते समय अपने परिजनों व मित्रों से अपनी स्थिति को साझा कर सकें। सिर्फ 2 क्लिक में आप अपनी यात्रा का पूरा विवरण अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकेंगे, जो रियल टाइम में यह जान पाएंगे कि ट्रेन में आपका सफर किस प्रकार आगे बढ़ रहा है। 

रेलयात्री के अनुसार प्रयोक्ताओं की प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक रही है। लांच के बाद महज एक हफ्ते के भीतर हर रोज कई हजार प्रयोक्ता इस ’ट्रिप शेयरिंग’ फीचर से लाभान्वित हो रहे हैं। कई हजार यात्राएं रोजाना इसमें जुड़ रही हैं और लोग अपने सफर को अपने प्रियजनों के साथ साझा कर रहे हैं क्योंकि अपनी यात्रा की स्थिति को साझा करने का यह सबसे सुविधाजनक व तेज तरीका है। सोने पर सुहागा वाली बात यह है कि अगर आपके फोन की बैट्री खत्म भी हो जाती है तब भी आपके मित्र आपके सफर की स्थिति के बारे में जान सकते हैं और इस तरह आपके दोस्त रेलयात्री के द्वारा आपके सफर पर निगाह रखते हुए स्टेशन पर आपकी आगवानी के लिए पहुंच सकते हैं।

अपने मित्रों को अपनी यात्रा के बारे में बताने के सबसे तेज माध्यम के अलावा केवल 2 क्लिक में आप व्हाॅट्सऐप जैसे मशहूर मैसेंजर ऐप पर अपनी पूरी यात्रा के विवरण को पोस्ट कर सकते हैं। यह फीचर आपके परिवार को मदद देता है कि वे आपकी लोकेशन को चैक कर के यह पता कर सकें कि आपका सफर किस प्रकार आगे बढ़ रहा है। यह ऐप आपकी लोकेशन का इस्तेमाल कर के ट्रेन की स्थिति का पता लगाता है और ट्रेन की स्थिति दर्शाता है।

बेहद सुविधाजनक होने के अतिरिक्त इसमें सुरक्षा का पहलू भी है और कंपनी सलाह देती है कि अपनी यात्रा के बारे में सूचना केवल भरोसेमंद संपर्कों से साझा करें। प्रयोक्ता को अपनी गोपनीयता के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि जैसे ही रेलगाड़ी अपने गंतव्य पर पहुंच जाती है वैसे ही ’लोकेशन शेयरिंग’ अपने आप बंद हो जाती है। 

कंपनी का कहना है कि यह न केवल एक ’कूल’ फीचर है बल्कि खास तौर पर विद्यार्थियों के लिए सहायक है क्योंकि जब वे अकेले सफर करते हैं जो उनके परिजनों को चिंता लगी रहती है। बड़े समूहों में यात्रा करने वाले परिवारों या फिर वृद्धजनों को यह बहुत ही लाभदायक प्रतीत होगा क्योंकि यात्रा के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनके परिजन उनसे संपर्क में रह सकेंगे। महिला यात्रियों के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं क्यों यह फीचर उनके परिवार व मित्रों को उनकी रियल टाइम सूचना प्रदान करेगा। 

यह ऐप आगमन के अपेक्षित समय, देरी (यदि हो रही हो तो) और शेष अंतर की भी गणना करता है। यह मुसाफिर के कोच/सीट की स्थिति और संभावित प्लेटफाॅर्म नंबर भी बताता है। यदि आप अपने मित्र को लेने स्टेशन जा रहे हैं तो यह ऐप प्रयोक्ता को यह परामर्श भी देता है कि स्टेशन की किस तरफ को जाएं। 

यदि ’रिसीवर’ प्रयोक्ता के फोन पर रेलयात्री ऐप नहीं है तो भी वह ब्राउजर पर ’सेंडर’ प्रयोक्ता की यात्रा पर निगाह रख सकता है। यदि किसी के पास ऐंड्राॅयड फोन नहीं है तो भी चिंता की बात नहीं क्योंकि यह ’शेयरिंग’ फीचर सभी प्लेटफाॅर्म (आॅपरेटिंग साॅफ्टवेयर) और अधिकांश ब्राउजर पर काम करता है। सारांश में, आज के रेल यात्रियों के पास ’ट्रिप शेयरिंग’ जैसा फीचर होना ही चाहिए। रेलयात्री ऐप गूगल प्लेस्टोर से या फिर 8080809551 पर मिस्ड काॅल दे कर डाउनलोड किया जा सकता है। 

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (26 जून)

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कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर किया विरोध

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पन्ना/शासन द्वारा लंबित मांगों का निराकरण न करने पर कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर विरोध किया है। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष मुरारी लाल थापक के नेतृत्व में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न लंबित मांगों की पूर्ति के लिए संकेतिक आंदोलन किया। शासन द्वारा किए गए वायदे को पूरा न करने तथा मांगों का निराकरण न होने पर कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर कार्य किया। इसमें जिले के सभी कर्मचारी शामिल रहे। आंदोलन में श्री अरूण ज्योति भौमिक अध्यक्ष वन कर्मचारी संघ, आलोक खरे, श्रीराम गोपाल तिवारी, श्री महेश सिंह, श्री अनिल जैन, श्री अवधेश पाण्डये तहसील अध्यक्ष, श्री कमलाकांति त्रिपाठी, श्री मनोज पाण्डेय, श्रीरामलखन शर्मा, श्री मोहन मिश्रा, श्री प्रदीप मिश्रा, श्री हरिशंकर पाण्डेय, श्री बी.पी. परोहा, श्री राजेन्द्र सिंह, श्री के.जी. बरसैया तथा श्री देवी दीक्षित अध्यक्ष दै.वे.भो. कर्मचारी संघ तथा विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने संकल्प लिया कि शासन द्वारा लंबित मांगों को पूरा नही किया जाता है तो प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा।

विस्थापन का दर्द नही मिटा सकता मुआवजा-कलेक्टर

  • उमरावन तथा झालर में कलेक्टर ने की जनसुनवाई 

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पन्ना 26 जून 15/पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर एरिया के गांव झालर तथा बफरजोन के गांव उमरावन में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने जनसुनवाई की। उन्होंने विस्थापन से प्रभावित परिवारों से चर्चा करते हुए कहा कि विस्थापन की पीडा असीम है। इसका दर्द मुआवजा नही मिटा सकता है। लेकिन कई बार अनिवार्य होने पर विस्थापन करना पडता है। विस्थापित परिवारों को हर तरह की सुविधा दी जाएगी। सबकी सहमति होने के बाद ही विस्थापन की कार्यवाही की जाएगी। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार विस्थापितों को अधिकतम सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा। जनसुनवाई में पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति ने विस्थापन नीति तथा मुआवजा के संबंध में जानकारी दी। जनसुनवाई में उप संचालक टाईगर रिजर्व अनुपम सहाय, एसडीएम पन्ना अशोक ओहरी सहित संबंधित अधिकारी तथा आमजन उपस्थित रहे। कलेक्टर ने ग्राम उमरावन में प्राथमिक शाला परिसर में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों तथा वन्यप्राणियों का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए पन्ना टाईगर रिजर्व की सीमा में स्थित गांव को पार्क के बफरजोन में शामिल किया गया है। वन्य प्राणियों से आमजन को कोई हानि न हो इसके लिए विस्थापन आवश्यक है। विस्थापन के लिए एक मुश्त 10 लाख रूपये की राशि अथवा भूमि तथा सम्पत्ति के मूल्यांकन के अनुसार राशि निर्धारित करके दी जा रही है। प्रत्येक वयस्क को कम से कम 7 लाख 50 हजार रूपये की मुआवजा राशि मिलेगी। जनसुनवाई में ग्रामीणों ने बहुमत से 10 लाख रूपये का पैकेज लेने पर सहमति दी। लेकिन कुछ व्यक्तियों ने भूमि देने की भी मांग की। जनसुनवाई में उमरावन के सभी 108 परिवारों के प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसके बाद कलेक्टर ने नेशनल पार्क के अन्दर स्थित ग्राम झालर में जनसुनवाई की। इस गांव में 90 परिवार मुआवजा राशि लेकर 2008 में विस्थापित हो चुके हैं। लेकिन 5 परिवार अभी भी निवास कर रहे हैं। जनसुनवाई में तीन विधवाओं श्रीमती रामप्यारी, श्रीमती लक्ष्मी तथा श्रीमती रमी को नये पैकेज के अनुसार मुआवजा राशि देने का निर्णय लिया गया। जनसुनवाई के दौरान क्षेत्र संचालक श्री मूर्ति ने बताया कि श्री ध्रुव राम यादव, श्री हल्काई यादव तथा श्री विशाल यादव को मुआवजा राशि के साथ ग्राम जनवार में दो हेक्टेयर भूमि दी गई थी। लेकिन इन्होंने इसे स्वीकार नही किया। मुआवजा राशि इनके खाते में जमा कर दी गई है। जनसुनवाई के समय 3 ग्रामीणों ने कहा कि उनके परिवार अपना गांव छोडने के लिए सहमत नही है। कलेक्टर श्री चैहान ने उन्हें समझाईश देते हुए कहा कि आमजनता की सुरक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी है। वन्यप्राणियों से आप सबको किसी तरह की हानि हम नही होने देंगे। शासन जो मुआवजा राशि तथा भूमि दे रही है उसे लेकर झालर गांव को छोडना सबसे बेहतर विकल्प है। सभी सुविधाओं से वंचित होकर वन्यप्राणियों के बीच रहने से अच्छा है कि आप सब नये स्थान पर आवाद हो जाए। कलेक्टर ने इसके बाद ग्राम बडौर का भ्रमण किया। यहां वन भूमि में 18 अनुसूचित जनजाति परिवारों को वनाधिकार अधिनियम के तहत लगभग 88 एकड क्षेत्र में अधिकार पत्र दिए गए हैं। खेतों तथा वस्ती के बीच की भूमि टाईगर रिजर्व के बफरजोन में है। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को उनके खेतों तक जाने के लिए वर्तमान में बने हुए मार्ग तथा पगडंडी दी जाएगी। लेकिन इस पर किसी तरह का नया निर्माण कार्य नही होगा। किसानों के निकलने के तीन मार्गो को वनाधिकार के सामुहिक दावे के रूप में ग्राम सभा पारित कर दें। जिसे जिला स्तरीय समिति द्वारा मंजूर कर दिया जाएगा। आदिवासी किसानों का आवागमन किसी भी रूप में बाधित नही होगा।                        
प्रत्येक ग्राम पंचायत में तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ करें-श्री कोचर

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पन्ना 26 जून 15/जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में मध्य प्रदेश रोजगार गारंटी योजना के उपायुक्त श्री अनिल कोचर द्वारा योजना के कार्यो की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना के तहत निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ कराएं। जिससे मजदूरों को रोजगार का अवसर मिल सके। बीआरजीएफ योजना तथा मनरेगा के अधूरे निर्माण कार्यो को प्राथमिकता से पूरे कराएं। सभी उपयंत्री निर्माण कार्यो का नियमित रूप से निरीक्षण तथा मूल्यांकन करें। मजदूरों को उनके बैंक खाते के माध्यम से मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। श्री कोचर ने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की ग्राम पंचायत सबसे महत्वपूर्ण ईकाई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत का कार्यालय नियमित रूप से संचालित करें। शासन द्वारा प्रदान कम्प्यूटर तथा टेलीविजन सहित अन्य सामग्री पंचायत भवन में अनिवार्य रूप से स्थापित कराएं। प्रत्येक हितग्राही का बैंकों में खाता खोलना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नये शिक्षा सत्र के साथ प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का वितरण प्रारंभ हो गया है। मध्यान्ह भोजन का नियमित वितरण सुनिश्चित करें। इसमें लापरवाही बरतने वाले समूहों तथा उत्तरदायी अधिकारियों पर कडी कार्यवाही करें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने रोजगार गारंटी योजना सहित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने मजदूरी भुगतान, अधूरे निर्माण कार्यो की प्रगति तथा बीआरजीएफयोजना की जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक चतुर्वेदी, सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।                                  

हीरा के अवैध उत्खनन पर तत्काल करें कार्यवाही-कलेक्टर

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पन्ना 26 जून 15/गत दिवस कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने पन्ना विकासखण्ड के ग्राम रमखिरिया, सिरस्वाहा, इटवाखास तथा राजापुर का भ्रमण किया। उन्होंने सिरस्वाहा, बडगडी तथा रमखिरिया में संचालित हीरा खदानों का निरीक्षण किया। इन खदानों में भारी मशीनों से बडे पैमाने पर उत्खनन कार्य किया गया है। कलेक्टर ने मौेक पर उपस्थित हीरा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि हीरा के अवैध उत्खनन पर तत्परता से कार्यवाही करें। सिरस्वाहा बांध के अन्दर भी कई खदानें संचालित हैं। निर्धारित नियमों तथा मापदण्डों के अनुसार इनका जो क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है उससे अधिक उत्खनन प्रतीत हो रहा है। कलेक्टर ने कहा कि हीरा अधिकारी निजी भूमि पर हीरा उत्खनन के पट्टे जारी करने, शासकीय भूमि पर एक वर्ष के पट्टे पर हीरा उत्खनन के संबंध मंे सभी नियमों तथा प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी प्रस्तुत करें। यदि नियमों का उल्लंघन किया गया है तो कठोर कार्यवाही करें। पूरे क्षेत्र में संगठित रूप से हीरे का उत्खनन किया जा रहा है। मौके पर उपस्थित हीरा अधिकारी रत्नेश दीक्षित ने बताया कि 250 रूपये के शुल्क पर एक वर्ष के लिए 8 गुणा 8 मीटर की खदानें दी जाती हैं। वर्तमान में जिलेभर मंे 550 खदानें स्वीकृत हैं जिनमें से 65 खदानें इस क्षेत्र में संचालित हैं। निजी भूमि स्वामी भी अनुमति लेकर हीरा उत्खनन कर सकता है। इस क्षेत्र में 8 से 10 व्यक्ति मिलकर हीरा उत्खनन का कार्य करते हैं। ग्राम रमखिरिया में निरीक्षण के दौरान हीरा उत्खनन कर रहे श्री राममूर्ति मिश्रा ने बताया कि पट्टे लेकर उनके द्वारा खदान लगाई गई है। कई किसान हीरा खनन करने वालों को 20 हजार रूपये प्रति एकड प्रति वर्ष की दर से अपनी जमीन उत्खनन के लिए दे देते हैं। कलेक्टर ने उथली खदानों से उत्खनन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। निरीक्षण के समय वन मण्डलाधिकारी संजय श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन धीरेन्द्र खरे, खनिज अधिकारी के.पी. दिनकर तथा संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक 30 को

पन्ना 26 जून 15/खजुराहो संसदीय क्षेत्र सांसद श्री नागेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक 30 जून को शाम 4 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गई है। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं तथा कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, जल प्रदाय योजना, स्कूलों में शौचालय निर्माण, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा रोजगार गारंटी योजना की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने समिति के सदस्यों से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।                      

लापरवाह सचिव निलंबित

पन्ना 26 जून 15/जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने लापरवाह ग्राम पंचायत सचिव माहीप सिंह पंचायत कुम्हारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय पवई रहेगा। यह कार्यवाही मध्य प्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन तथा अधिनियम 1999 के तहत की गई है। समीक्षा बैठकों में बिना सूचना के अनुपस्थित रहने, पंचायत निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने तथा कारण बताओ सूचना पत्रों का उत्तर न देने के कारण निलंबन की कार्यवाही की गई है।                      

शिक्षा समिति की बैठक आज

पन्ना 26 जून 15/जिला पंचायत की शिक्षा स्थाई समिति की बैठक 27 जून को दोपहर 12 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित की गई है। इसकी अध्यक्षता समिति के सभापति तथा उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्री माघवेन्द्र सिंह करेंगे। बैठक में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण, शिक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन, छात्रवृत्ति तथा जाति प्रमाण पत्र के वितरण, शालाओं में शौचालय निर्माण, मध्यान्ह भोजन योजना, शालाओं में पेयजल व्यवस्था तथा शाला भवनों में सुधार कार्य की समीक्षा की जाएगी। बैठक में स्कूल चले हम अभियान तथा बोर्ड परीक्षा परिणामों की भी समीक्षा की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. मिश्रा ने समिति के सभी सदस्यों तथा संबंधित अधिकारियों से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।

शौचालय निर्माण की राशि जारी

पन्ना 26 जून 15/स्वच्छ भारत अभियान के तहत पात्र व्यक्तिगत हितग्राहियों को शौचालय निर्माण की राशि जारी कर दी गई है। इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने बताया कि 12 हितग्राहियों को एक लाख 44 हजार रूपये की राशि उनके बैंक खाते में जारी कर दी गई है। प्रत्येक हितग्राही के लिए 12 हजार रूपये की राशि जारी की गई है। जनपद पंचायत पवई की ग्राम गोल्ही के हितग्राहियों रामायण शर्मा, कलुआ, कुसुम बाई, बिनिया, गणेश प्रसाद, मनीराम, रमौली, मुलुवा, किशोरी, दिलीप तथा केशकली को राशि जारी की गई है। शाहनगर की ग्राम पंचायत बिसानी के हितग्राही राजेन्द्र कुमार राठौर को भी राशि जारी कर दी गई है।

परियोजना के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति गठित

पन्ना 26 जून 15/मध्य प्रदेश शासन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा परियोजना का प्रभावशाली एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समिति गठित की है। समिति में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान को अध्यक्ष बनाया गया है। समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना, नोडल अधिकारी (आधार) परियोजना अधिकारी पन्ना, समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण पन्ना, समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधक पन्ना को सदस्य बनाया गया है।
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