केंद्र को अरबों का चूना !, सितारगंज-काशीपुर हाईवे चैड़ीकरण में जमीन के मुआवजे में हेराफेरी
- नोटिफिकेशन के बाद भी बदला जा भूमि का उपयोग, जेडएएलआर एक्ट की धारा 143 का हो रहा दुरुपयोग
- खेती की जमीन को अब दिखाया जा रहा व्यावसायिक, 10 गुना तक ज्यादा वसूली जा रही मुआवजा राशि
देहरादून। ऊधमसिंह नगर में सितारगंज से काशीपुर तक बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन का कार्य तेजी से चल रहा है। अहम बात यह है कि सड़क चैड़ीकरण की जद में आ रही किसानों की कृषि भूमि के मुआवजे की राशि में भी बड़ा घोलमाल देखने को मिल रहा है। सूत्रों की माने तो कृषक भूमि को अकृषक दिखाकर कुछ व्यावसायिक और औद्योगिक दरों पर मुआवजा राशि स्वीकृत की जा रही है। यह कारनामा किसी एक गांव में नहीं, बल्कि काशीपुर से लेकर सितारगंज तक इसकी जद में आ रहे कई गांवों में ऐसा ही किया जा रहा है। अफसरों की मिलीभगत से हो रहे इस खेल से केंद्र सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। ऊधमसिंह नगर में पंतनगर और सितारगंज में औद्योगिक आस्थानों की स्थापना के बाद इस क्षेत्र में ट्रेफिक बहुत बढ़ गया है। यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए सितारगंज से काशीपुर तक की सड़क को फोरलेन करने की मंजूरी दी गई है। यह मार्ग नेशनल हाईवे है। लिहाजा इसका निर्माण केंद्र सरकार का भूतल परिवहन मंत्रालय करा रहा है। सड़क चैड़ीकरण के लिए जमीन की जरूरत थी। लिहाजा सरकार ने इसके अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी। इसके लिए जरूरत वाली जमीनों का राजस्व विभाग के अफसरों और नेशनल हाईवे अथारिटी ने संयुक्त सर्वे करके पहला नोटिफिकेशन कर दिया। इसे 3ए कहा जाता है। इसे समचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया। इसमें खसरा नंबर और उसके रकबे का उल्लेख किया गया था। साथ ही कहा गया कि अगर किसी को लगता है कि उसकी जमीन का वर्गीकरण गलत किया गया है तो वह 21 दिनों के अंदर आपत्ति दाखिल कर सकता है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद केंद्र सरकार ने 3डी का गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया। इसमें खसरा नंबर और रकबे के साथ ही भूमि स्वामी का नाम भी था। इसके साफ लिखा गया था कि जमीन का उपयोग क्या है। जमीन सरकारी है या फिर निजी और उस पर खेती हो रही है या फिर कोई व्यावसायिक काम। सूत्रों का कहना है कि 3ए नोटिफिकेशन का प्रकाशन होने के बाद ही कई लोगों ने अपनी खेती की जमीन को व्यावसायिक या फिर औद्योगिक घोषित करने के लिए जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि विनाश एक्ट (जेएडएएलआरए) की धारा 143 के तहत सक्षम प्राधिकारी के यहां आवेदन कर दिया। यहीं से शुरू हुआ गोलमाल का खेल। आवेदन करने वालों से बगैर पर्याप्त साक्ष्य लिए ही जमीन को व्यावसायिक या फिर औद्योगिक घोषित कर दिया गया। हकीकत यह है कि इन जमीनों पर आज तक खेती हो रही है। 143 के तहत आदेश करने वाले अफसर ने किसी से भी कोई ऐसा सत्यापित दस्तावेज नहीं लिया, जो यह दर्शाता हो कि उस जमीन पर अब खेती की जगह कोई बिल्डिंग बनी है यह कोई इंडस्ट्री चल रही है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान में भी ऐसी कई कृषि भूमि हैं जिसे अकृषक दिखाया गया है और वर्तमान में उन पर खेती की जा रही है। खेती की जमीन को जब अकृषक घोषित करने के तीन तीन दायरे होते हैं। एक आवासीय, दूसरा कमर्शियल और तीसरा इंडस्ट्रियल। अहम बात यह है कि सामान्य कृषि भूमि के मुआवजे से कामर्शियल और इंडस्ट्रियल भूमि के मुआवजे में लगभग पांच से दस गुना का अंतर होता है। यदि किसी किसान को सामान्य कृषि भूमि का मुआवजा एक लाख दिया जाना है और हम जमीन को कामर्शियल या इंडस्ट्रियल दिखा दिया जाए तो मुआवजा राशि पांच से दस गुना बढ़ जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस तरह के मामले बाजपुर तहसील के गांव ताली,कनौरी,गुमसानी,कनौरा सहित कई गांव एवं किच्छा के किशनपुर, पिपलिया सहित राष्ट्रीय राजमार्ग की जद में आ रहे अनेक गांवों में देखने को मिल सकते हैं। इसके बाद भी विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी केवल 143 के आदेश के आधार पर ही जमीन का मुआवजा औद्योगिक या फिर व्यावसायिक दर पर तय कर रहे हैं। नतीजा यह है कि केंद्र सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच तो साफ हो जाएगा कि किस तरह से मिलीभगत करके अरबों रुपये की हेराफेरी की जा रही है।
एनएच अथारिटी ने शुरू की कोशिश
बताया जा रहा है कि नेशनल हाईवे अथारिटी को इस खेल की जानकारी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले की शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने ऊधमसिंह नगर जिले के जिलाधिकारी को ही आर्बीटेटर बना दिया है। यानि इस तरह के मामलों की अपील डीएम के यहां की जा सकती है। बताया जा रहा है कि पिपलिया गांव में एक प्रभावशाली व्यक्ति की जमीन पर आज भी खेती हो रही है। लेकिन 143 के आदेश के बाद मुआवजा राशि व्यावसायिक जमीन के आधार पर करने का आदेश दिया गया है। एनएच अथारिटी की ओर से इस बारे में डीएम के अपील भी गई है। इस मामले की सुनवाई चल रही है। बताया जा रहा है कि पड़ताल इस बात की हो रही है कि क्या यह अपील लिमिटेशन एक्ट के तहत की गई है। इस एक्ट में किसी भी आदेश के खिलाफ अपील करने की समयसीमा तय होती है। तय समय के बाद अपील होने पर यह बताना होता है कि देरी की वजह क्या रही। अगर अपील में देरी की वजह को सही माना जाता है, तभी मामले की आगे सुनवाई होगी। वरना अपील को शुरू में ही खारिज कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी तरह कुछ किसानों ने भी मुआवजा राशि के गलत निर्धारण के खिलाफ अपील कर रखी है।
राज्यपाल ने किया, भूकटान रोकने में मददगार पौधों का रोपण
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने आज राजभवन नैनीताल के गोल्फ मैदान के दक्षिणी छोर पर भण्डारी पैवेलियन के पास मिट्टी पर पकड़ बनाकर भूकटान रोकने में मददगार पौधों का रोपण करने के साथ ही मिट्टी में मजबूत पकड़ रखने वाले घास व झाडि़यों के बीजों का छिड़काव भी किया। भण्डारी पैवेलियन के पास से होकर गुजरने वाले निहाल नाले(गदेरे) से लगातार भूकटान हो रहा है जिसके कारण राजभवन गोल्फ कोर्स तथा रूसी गाँव के लिए खतरे की संभावना बनी हुई थी। इसी संभावित खतरे के दृष्टिगत राज्यपाल की पहल पर भूकटान के स्थाई समाधान के लिए टी.एच.डी.सी (टिहरी हाइड्रो डिवलपमैंट काॅरपोरेशन) के विशेषज्ञों के सहयोग से तात्कालिक एवं दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रस्तावित कार्ययोजना के क्रियान्वयन से पूर्व भूकटान पर प्राकृतिक रूप से नियंत्रण के लिए राज्यपाल ने वन विभाग से कहा कि इस क्षेत्र में मिट्टी पर अच्छी पकड़ रखने वाले वृक्षों तथा घास का रोपण किया जाये। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि तेज ढ़लान वाले जिन क्षेत्रों में भी बडे वृक्षों का लगाया जाना संभव न हो वहाँ पर भूकटान रोकने के लिए इसी प्रकार के पौधों और झाडि़यों का रोपण व बीजों का छिड़काव भूकटान रोकने में मददगार हो सकता है। अतः वन विभाग व अन्य विभागों को इसे ध्यान में रखना चाहिए। राज्यपाल की अपेक्षानुसार आज वन विभाग द्वारा पौधारोपण का यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके तहत गिनी, नेपियर, किकियू और सिता घास के पौधे, तिमूर, किलमोड़ा, रूईंस, कालाबांस, रिंगाल, झट्यालू, घिंघारू आदि झाडि़यों व वृक्षों के पौधे रोपे जाने के साथ ही डिडोनिया और बांस के बीज भी छिड़के गये। इस अवसर पर मौजूद राष्ट्रपति की सचिव श्रीमती ओमिता पाल ने भी कुछ पौधे रोपे और बीज छिड़काव किया। इस पौधारोपण कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।
कांग्रेस महानगर कार्यालय प्रभारी कमेटी गठित
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। महानगर कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान ने आज तत्काल प्रभाव से महानगर कांगे्रस कमेटी कार्यालय की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने हेतु एक कार्यालय प्रभारी कमेटी का गठन किया है। जिसमे मुख्य रूप से सर्व विपुल नौटियाल, इकबाल भाई, गौतम डोगरा, अनिल बाल्मिकी, पंकज अग्रवाल, दीपक थापा, श्रीमती सुन्दरी गैरोला देवली, अजितेश कुंवर पंकज चैधरी, महेश जोशी, कचंन रांगड़, निलय दत्त कुकरेती, संजय उनियाल को दायित्व प्रदान किया गया है। यह कमेटी अस्थाई व्यवस्था है, कार्यकारिणी की घोषणा हेतु प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जी से शीघ्र अनुमति ली जायेगी।
डंपर पलटने से क्लीनर की मौत
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मार्ग पर रक्तपानी के समीप रेत से भरा डंफर पलटने से क्लीनर की मौके पर ही मौत हो गई। बुरी तरह घायल चालकर को ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मृतक का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश से रेत लेकर मोहनचट्टी जा रहा डंफर यूए-09- 6915 प्रातः नौ बजे रक्तपानी के समीप अनियंत्रत होकर 15 फीट गहरे खड्ड में जा गिरा। इससे डम्फर का क्लीनर ओमप्रकाश (35) पुत्र राम बचन निवासी चंद्रभागा बस्ती ऋषिकेश उसके नीचे दब गया। इससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत बचाव कर चालक गिरधारी लाल (38) पुत्र तुलसी राम निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी आईडीपीएल को डंपर से बाहर निकाल कर ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कीड़ाजड़ी के साथ दो गिरफ्तार
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। नेहरू थाना पुलिस ने प्रतिबंधित कीड़ाजड़ी के साथ दो को गिरफ्तार किया है। उनके पास से सात सौ ग्राम कीड़ाजड़ी बरामद की गई। अजबपुर गांव से सुबह पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। इस बात की जानकारी थाना नेहरूकालोनी मंे पत्रकारों को देते हुए दून के पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने बताया कि थाना नेहरू कालोनी पुलिस को सूचना मिली कि दो तस्कर बाइक द्वारा लाखों रूपये की प्रतिबन्धित कीड़ाजड़ी लेकर आईएसबीटी की ओर से ऋषिकेश जाने वाले है। इस सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए हरिद्वार बाईपास स्थित पुरानी चैकी पर बैरियर लगाकर चैकिंग अभियान चला दिया। चैकिंग के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध लाल रगं की पल्सर बाइक आती हुई दिखाई दी। पुलिस ने जब उसे रूकने का इशारा किया तो बाइक सवार दो लोग भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस द्वारा दोनो लोगों को घेराबन्दी कर दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 700 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की। इस पर पुलिस उन्हे थाने ले आयी जहंा पूछताछ के दौरान उन्होने अपना नाम दलीप पुत्र स्व. महेन्द्र पाल निवासी बरेली व हाल गढ़ी कैन्ट व योगम्बर सिंह रावत पुत्र भोपाल सिंह रावत निवासी चन्द्रबनी रोज पटेलनगर बताया। पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बरामद कीड़ा जड़ी की अनुमानित कीमत 50 लाख रूपये आंकी गयी है।
बिंदाल और रिस्पना की हालत खराब, मैड से अध्ययन के बाद जारी की एक रिपोर्ट
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। छात्र संगठन मेकिंग ए डिफरेंस बाइ बीईंग दा डिफरेंस (मैड) ने रिस्प्ना और बिंदाल नदियों के सर्वे के बाद जारी रिपोर्ट में कहा है कि इन नदियों की हालत बेहद खराब है। बिंदाल नदी के अभियान में मैड ने पाया कि नदी तो बची नहीं, पर कूड़े, कबाड़, शौच, अतिक्रमण का एक अथारू सागर अब बिन्दाल नदी के तल पर पनप रहा है द्य राजपुर की ओर भी अतिक्रमण और कूड़े के ढेर हैं। लोग ऐसी अमानवीय परिस्थितियों में भी वहीं रह रहे हैं द्य पेसिफिक माल के पीछे से जोहरी गांव के रास्ते मसूरी डाइवर्जन रोड से साई मंदिर तक सर्वे किया। आईसीएम कालेज के पास पहुंचने पर मैड ने नदी के स्त्रोत को तलाशने की कोशिश की। यह नदी शिव मंदिर से आती दिखी। शिव मंदिर से नदी का पानी टोक बाजार से आती हुई जलधारा ही है द्य पूरे इलाके में मैड को प्लास्टिक पौलिथीन जैसी हानिकारक सामग्री हे दिखाई दी। रिस्पना की स्थिति तो बिंदाल से कई गुना खराब हैं द्य इसमें तो कूड़े के ढेर लग गए। रिस्पना पुल से नीचे चलते चलते मैड ने फिर वही अतिक्रमण देखा। एक बड़ी जेसीबी भी देखी। संजय कालोनी और मोहिनी रोड के पास कई नाले सीधे रिस्पना में मिल रहे हैं। मैड ने इस मुद्दे को नीतिगत तरीके से तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और मौजूदा सीएम हरीश रावत के सामने भी उठाया। उन्होंने जल विज्ञान संस्थान रूड़की से शोध कर यह पता लगवाया था की इन दोनों जल श्रोतों का पुनर्जीवन संभव है। बशर्ते इनके संरक्षण के प्रयास किए जाएं। लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। मैड अब इस मुद्दे को डीएम और मेयर के सामने अपनी शोध रिपोर्ट के साथ साथ उठाने वाला है। इस अभियान मे से हरदीप सिंह, अंकित सज्ज्वान, अंकित बिष्ट, कुनैन अंसारी, जय शर्मा, सौम्य रौथान, कार्तिकेय खत्री, काशिका महंत इत्यादि ने अहम् भूमिका निभाई।
विकास खण्ड बढने से होगा विकासः किशोर
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष ने परिसीमन को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही बयानबाजी पर पलटवार करते हुए एक बार फिर से इस मुद्दे को उठाया है। प्रदेश अध्यक्ष ने विकास खण्डों को बढ़ाने की बात भी कही है। बुधवार को राजीव भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने विधानसभा क्षेत्रों और लोकसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी। जिस पर विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है। इन सबके बजाय यदि राज्य के विकास के लिए इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाये तो बेहतर होगा। इस मुद्दे पर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकासखण्डों में भी अब तक कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, इसके लिए भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खण्डूडी स ेमिले थे और उनसे भी केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने भी प्रस्ताव नहीं भेजा। उन्होंने सांसदों, विधायकों और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजें।
धोखे से किसी दूसरे का अपहरण किया
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। किसी और के धोखे मे ंबदमाशों ने किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर उससे लाखों रूपये की फिरौती की मांग कर डाली, लेकिन अपनी गलती का अहसास होते ही उसे मारपीट कर छोड़ दिया। पीडि़त ने दून पहंुच कर बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दून में पिछले तीन माह के दौरान अपहरण की तीन वारदातें सामने आयी है। जिसमें दो व्यक्तियों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी है। जबकि एक मामले में बदमाशों द्वारा गलत व्यक्ति का अपहरण करते हुए उससे सवा तीन लाख लूट लिये। बदमाशों ने उससे 10लाख की फिरौती की भी मांग की लेकिन अपनी गलती का अहसास होने के बाद बदमाशों ने उसे मारपीट कर छोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार बीते रोज कृष्णा पुत्र गोदानिवासी सहारनपुर व हाल बशींवाला ने प्रेमनगर थाने पहुंच कर अज्ञात लोगों के खिलाफ इनोवा कार से अपना अपहरण करने व 337 हजार रूपये छीनकर 10लाख की फिरौती मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। पीडि़त कृष्णा के अनुसार बीती 26 जून को वह बंशीवाला में थे। इस दौरान उनके पास कुछ ईनोवा सवार लोग पहुंचे और उन्होने उसे कार में घसीट कर डाल दिया। इसके बाद बदमाशों ने उसके पास रखे 337 हजार रूपये छीन लिये। कृष्णा का कहना है कि बदमाश उसे युमनानगर हरियाणा एक ईंट भट्टे पर ले गये जहंा उन्होने उससे मारपीट की। बदमाश अभी 10 लाख की फिरौती मांगने की फिराक में ही थे कि उन्हे मालूम हुआ कि उन्होने गलती से किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर लिया है। अपनी गलती का अहसास होते ही बदमाशों ने उसे डरा धमका कर छोड़ दिया। किसी तरह दून पहुंचने के बाद पीडि़त कृष्णा ने अपनी आपबीती पे्रमनगर पुलिस को बताते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि यह मामला भी ईंटं कारोबार से जुड़ा है तथा ईटांें के कारोबारियों का पैसा किसी व्यक्ति के पास फंसने के बाद उन्होने उसके अपहरण की योजना बनाई थी लेकिन गलती से बदमाशों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर लिया गया था।
बसपा ने किया जिलामुख्यालय पर प्रदर्शन
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। बहुजन समाज पार्टी ने सफाई कर्मचारियों के नियमितिकरण सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। बसपा के जिलाध्यक्ष अजयपाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। बसपाईयों का कहना था कि राज्य के समस्त जिलों के नगरनिगमों, नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में सफाई कर्मचारियों व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा के साथ संविदा पर कार्य करा रही है। जिनका ेठेकेदारी प्रथा के कारण मात्र चार हजार रूपये वेतन दिया जा रहा है। ठेकेदारी प्रथा के तहत लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं सफाई कर्मचारियों को विभागीय स्तर पर कर्मचारियों का नियमितिकरण कर तमाम कर्मचारियों को सरकारी सुविधा मुहैया करायी जाये। प्रदेश बनने के बाद जो लोग यहां बसे हैं उनके मूल निवास बनाने की समय सीमा लागू की जाये। बाढ़ नियंत्रण,बाढ़ सुरक्षा में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों को हर क्षेत्र में मुस्तैद रहने के निर्देश जारी किये जायें जिससे कि जहां भी जलभराव हो या बाढ़ का खतरा हो वहां पर जनता को सुरक्षा मिल सके। प्रदर्शन करने वालों में अजय पाल, रमेश कुमार,कपिल, सुमन, आशु थापा, मुन्ना सिंह,मनीष कुमार, दिनेश केदार, अमित कुमार,श्याम सिंह तथा रूप चंद मंद्रवाल आदि शामिल थे।
मौसम खुलने से लोगों ने ली राहत की सांस
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। केदारनाथ पैदल मार्ग को छोड़कर समूचे उत्तराखंड में मौसम के दोपहर बाद तक खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली। बदरीनाथ, हेमकुंड, गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा सुचारु है। केदारनाथ यात्रियों को फिलहाल सोनप्रयाग पर ही रोका हुआ है। वहीं ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग पर मलबा आने से बड़े वाहनों के लिए सड़क अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ पैदल मार्ग पर हल्की बारिश हो रही है। सुरक्षा के लिहाज से केदारनाथ यात्रियों को सोनप्रयाग पर ही रोका हुआ है। सुबह यात्रियों को लेकर हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ का एक चक्कर लगाया। इसके बाद फिलहाल हेलीकॉप्टर सेवा भी स्थगित कर दी गई। गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग तक खुला हुआ है। चमोली जिले में रात्रि को हल्की बारिश के बाद सुबह धूप खिली है। इससे लोगो ने राहत की सांस ली। बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारु है। सुबह हेमकुंड के लिए 130 से अधिक यात्री गोविंदघाट से रवाना हुए। चमोली जिले में 22 लिंक मोटर मार्ग भूस्खलन से बंद पड़े हैं। मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के चलते तीन दिन से चमोली के जिलाधिकारी जोशीमठ में ही डेरा डाले हुए हैं। स्कूलों में 12वीं तक के छात्रों की छुट्टी है। 34 लिंक मार्ग बंदपौड़ी जनपद में भी सुबह से आसमान में बादल छाए हैं। साथ ही जिले के 34 लिंक मार्ग अवरुद्ध हैं। जिले के सभी स्कूल बारिश की संभावना के चलते बंद हैं। टिहरी के बगरधार के पास ऋषिकेश- गंगोत्री मार्ग गत रात से अवरुद्ध है। सड़क मरमत को बीआरओ की टीम पहुंच गई। यहां पहाड़ी को काट कर चोडी की जा रही है सड़क ।यहां से छोटे वाहन ही आगे निकल रहे हैं। साथ ही टिहरी के छह संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। टिहरी झील का जलस्तर 756.30 मीटर दर्ज किया गया। देहरादून व हरिद्वार में भी मौसम साफ है। कुमाऊं में चंबावत, अल्मोड़ा, रामनगर, नैनीताल में बारिश थमी हुई है। वहीं आपदा परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद में लो.नि.वि प्रान्तीय खण्ड देहरादून के अन्तर्गत लम्बीधार किमाडी मोटर मार्ग बन्द है। लो.नि.वि अस्थाई खण्ड सहिया के अन्तर्गत गडोल सकरौल मोटर मार्ग, सहिया क्वानू मोटर मार्ग, दौंधा सम्पर्क मार्ग तथा ढांडवा कितरौली मोटर मार्ग भारी वर्षा के कारण मलबा आने से बन्द हो गये हैं जिन्हे खोलने का कार्य गतिमान है।
पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति व परम्परा का हिस्सा: हरीश रावत
- ‘‘मेरा पेड़-मेरा धन’’ योजना को लिंक कर लोकपर्व ‘हरेला’ मनाया जायेगा
देहरादून, 8 जुलाई (निस)। ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संस्कृति विभाग को इसके निर्देश देते हुए कहा कि अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को बीजापुर हाउस में ‘धाद संस्था’ के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति व परम्परा का हिस्सा है। हमने इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए ‘‘मेरा पेड़-मेरा धन’’ योजना को लिंक कर लोकपर्व ‘हरेला’ को वृहद स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस योजना के सांस्कृतिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। ‘मेरा पेड़-मेरा धन’ योजना में फलदार व चारा प्रजाति के वृक्ष शामिल किए गए हैं। इसमें प्रति पेड़ प्रोत्साहन राशि का भी प्राविधान किया गया है। प्रत्येक गांव में एक समिति के माध्यम से सर्वश्रष्ठ ‘हरेला’ तैयार करने वाली महिला को 500 रूपए प्रतिमाह की राशि एक वर्ष तक प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को निर्देशित किया कि ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएं। अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि राज्य गीत के लिए गठित की गई समिति की बैठकों का आयोजन निरंतर किया जाए और इस काम में तेजी लाई जाए। धाद संस्था के अध्यक्ष हर्षमणि व्यास ने कहा कि ‘आओ मनाए हरेला’ अभियान का संचालन मुख्यमंत्री जी का ऐतिहासिक निर्णय है। इससे जहां जनसामान्य वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण से जुड़ सकेंगे, वहीं देश-विदेश के लोग प्रकृति से जुड़ी हमारी संस्कृति से परिचित हो सकेंगे। संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि उनकी संस्था केदारघाटी में आपदा प्रभावित परिवारों के बच्चों के बीच काम कर रही है। इस वर्ष चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक संचालन से क्षेत्रीय लोग काफी उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम पारम्परिक जैविक खेती को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। पारम्परिक व्यंजनों को भी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी ‘झंगोरा’ खीर अब राष्ट्रपति भवन के मेन्यू में शामिल कर ली गई है। चैलाई आदि क्षेत्रीय उत्पादों का उपयोग प्रसाद के तौर पर किया जाए इसके लिए बड़ी धार्मिक संस्थाओं से सम्पर्क किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने केदारघाटी के आपदा प्रभावित परिवारों की महिलाओं के लिए दो-दो बछिया(गाय) दिए जाने की बात कही। साथ ही इन परिवारों के आर्थिक उन्नयन व स्वरोजगार के लिए 2 करोड़ रूपए जबकि इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा व छात्रवृŸिा के लिए भी 2 करोड़ रूपए के रिवाल्विंग फंड बनाने के लिए अपर सचिव राकेश शर्मा को निर्देशित किया। बैठक में पृथ्वीपाल सिंह चैहान, धाद संस्था की डा. शोभा रतूड़ी, डा.माधुरी बत्र्वाल, उपाध्यक्ष डी.सी. नौटियाल, हर्षमणी ब्यास, तन्मय ममगाई कल्पना बहुगुणा, रविन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।