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बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर 94 फीसदी मतदान

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स्थानीय निकाय कोटे के विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ। इस दौरान कहीं से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इस चुनाव में करीब 94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस दौरान राज्य के दो मंत्रियों के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। बिहार निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आऱ लक्ष्मणन ने बताया कि इस चुनाव में 94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गया व सारण क्षेत्र में सबसे ज्यादा करीब 98 प्रतिशत जबकि सहरसा क्षेत्र में सबसे कम 86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि एक-दो छोटी घटनाओं को छोड़कर कहीं से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

लक्ष्मणन ने बताया कि शिक्षा मंत्री पी़ क़े शाही और पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाना में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। इन दोनों मंत्रियों पर सरकारी और लालबती लगे वाहन से मतदान केंद्र तक पहुंचने का आरोप है। उन्होंने बताया कि एक लाख 38 हजार 904 मतदाताओं के लिए राज्यभर में 534 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस चुनाव में 152 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मतगणना 10 जुलाई को होगी।

इस चुनाव में गोपालगंज में सबसे कम दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि सहरसा में सबसे अधिक 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर वीडियाग्राफी कराई गई तथा माइक्रो प्रेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। 

व्यापमं पर जदयू की मांग, संसद बनाए जांच एजेंसी

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जनता दल (युनाइटेड) की मध्य प्रदेश इकाई ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए संसद से संवैधानिक जांच एजेंसी बनाने की मांग की है। राजधानी भोपाल में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा है कि व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर उंगली उठी है। उनके करीबी जेल में हैं, वहीं राज्यपाल रामनरेश यादव तो आरोपी तक बनाए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस मामले की जांच एसआईटी की देखरेख में एसटीएफ कर रही है। एसटीएफ सरकार के अधीन है, वहीं अन्य राज्य के संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, लिहाजा जांच कैसे निष्पक्ष होगी, यह सवाल हर किसी के मन में है।

यादव ने आगे कहा कि राज्य और देश की विभिन्न परीक्षाएं सवालों के घेरे में हैं। कई बार प्रश्नपत्र लीक हुए और भर्ती कराने वाले पकड़े गए है। देश की हर एजेंसी राज्य और केंद्र सरकार के अधीन आती है। केंद्र और मध्य प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार है, लिहाजा जांच निष्पक्ष होना मुश्किल है। इसलिए जरूरी है कि संसद संवैधानिक जांच एजेंसी बनाए। 

यादव ने कहा कि परीक्षाओं के घोटाले आए दिन सामने आ रहे हैं। इनमें सरकार, नेताओं, अफसर, उद्योगपतियों का गठजोड़ सामने आ रहा है। इससे प्रतिभाशाली और ईमानदार छात्रों का नुकसान हो रहा है, इसलिए जरूरी हो गया है कि संसद ऐसी संवैधानिक जांच एजेंसी बनाए जो विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका सहित सभी की निष्पक्षता और बिना भय के जांच कर सकें। 

एम्स लाया गया टीवी पत्रकार अक्षय का विसरा

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व्यापमं घोटाले से जुड़े तथ्य जुटाने के दौरान संदिग्ध हालात में मौत का शिकार हुए टेलीविजन पत्रकार अक्षय सिंह का विसरा मंगलवार को जांच के लिए एम्स लाया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विभाग के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, "मृत पत्रकार का विसरा आज (मंगलवार) शाम मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा एम्स के फोरेंसिक विभाग को सौंप दिया गया है।" उन्होंने कहा कि आगे की जांच के लिए तीन सदस्यीय दल का गठन किया जाएगा, जिसके बाद पुलिस को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। 

पत्रकार अक्षय सिंह की मध्य प्रदेश के झाबुआ में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मौत से कुछ समय पहले वह इस खूनी घोटाले की आरोपियों में शामिल एक लड़की के पिता का साक्षात्कार ले रहे थे। अक्षय को तुरंत एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, वहां से उन्हें पड़ोसी राज्य गुजरात के एक अन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां पर खोजी पत्रकार को मृत घोषित कर दिया गया। 

आलेख : वाह री ! पुलिस

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व्याओं, व्याओं जैसे साईरन की आवाज दिल की धड़कनें बढ़ा देती है। और जहन में खाकी ओढ़े कुछ लोग भटकने लगते हैं। दरअसल हम यहाँ पर बात कर रहे हैं पुलिस की। जिसे समाज में शांति बनाये रखने का जिम्मा सौंपा गया है। लोगों के बीच सामंजस्य बरकरार रहे इसकी हिफाजत के लिए तैनात किया गया है। हालाँकि ये जिम्मेदारी जितनी पुलिस की है ,उतनी ही नागरिकों की। क्योंकि कहीं न कहीं दोनों एक दूसरे से एवं एक दूसरे के लिए भी हैं।  लेकिन न जाने क्यों अपराधियों के अलावा सामान्य लोगों के दिलों में भी पुलिस नाम की दहशत है। पुलिस का अर्थ न जाने क्यों जहन में नकारात्मक भाव उत्त्पन्न कर देता है।

सिर्फ इतना ही नहीं कभी कभी तो व्यक्ति इस सोच में पड़ जाता है कि बचें किससे पुलिस से या अपराधियों से। बच्चों के दिलों में भी पुलिसवालों की इमेज खूँसट और अकड़ू टाइप की होती है। बाकी अगर नहीं मानते तो जरा पुलिस का मतलब अपनों को छोड़ औरों से पूँछिये। हां कुछ लोग तो ये भी मानते हैं कि किसी दुर्घटना के बाद सुरक्षा के नाम पर फर्जदायगी के लिए आये खाकीधारी पुलिसवाले ही होते हैं। क्यों ये मतलब कितना सही है। ज़रा बताइये भी।

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि किसी के घर में यदि पुलिस आ जाये तो निगाहें कई सारे मतलब निकालने लगती हैं। क्योंकि आज पुलिस व्यवहारिकता फ़ैलाने का काम छोड़कर अपराधी, अपराध तक सीमित हो चुकी है। हालाँकि कई बार और कई लोग चाहते हैं कि पुलिस के शब्बाशी के कारनामों को उजागर किया जाए। बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाए। जी बिलकुल। किया भी जाना चाहिए। पर शब्बाशी के इतर उन कारनामों का क्या , जो वर्दी को चंद रुपयों में नीलाम कर देते हैं, बेगुनाहों के सर गुनाह मढ़ देते हैं। वर्दी के दम पर डराते हैं, धमकाते हैं। अपराधियों को छोड़ मासूमों पर लाठी डंडे बरसाते हैं। बलात्कार करते हैं। हत्या के मामले को एक नई दिशा देने का प्रयास करते हैं। कुछ पैसों के चलते इंसानियत बिसरा देते हैं। और तमाम बातें जो उस शपथ को शर्मसार करती हैं। देश के विकास में बाधक बनती हैं।

बुराइयों के सुर्ख़ियों के तौर पर उड़ने के साथ ही पुलिस की सकारात्मक कार्यवाईयाँ छिपी और दबी समझ आती हैं। कमोवेश वजह के तौर भ्रष्टाचार ही चिहुंकता है। ज्यादा से ज्यादा संलिप्तता दिखाई देती है। कुछ बेईमानों की वजह से कई ईमानदारों को शर्मसार होना पड़ता है।

ज़रुरत है एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाले प्रयास की। हां यदि हालात और हालात को सुधारने या सुधरने की कल्पना की जा रही है तो इसमें ये जोड़ना न भूलें कि औदेदार धमकाकर या किसी अन्य प्रकार से पुलिस प्रशासन को गलत कार्य करने पर मजबूर न करें। साथ ही वे अपने कर्तव्य एवं कार्यों के प्रति ईमानदार रहें। पैसों की चमक के सामने नतमस्तक होकर अपने ज़मीर का सौदा न करें। ताकि उन्हें अपनी कीमत पता चल सके, समाज में अपना मतलब समेत भूमिका का बोध हो पाये।



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'आत्मीय'
ई0 डब्ल्यू0 एस0 132 बर्रा साउथ, कानपुर
संपर्क : 08858250015

विशेष : राष्ट्रहित के खिलाफ जनमत संरक्षण अनुचित !!!

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arvind-kejriwal
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए आमआदमीपार्टी का दिल्ली में जनमत सर्वेक्षण करवाना उचित नहीं है । विश्व में शायद किसी भी देश की राजधानी को राज्य के रूप में पूर्णदर्जा नहीं प्राप्त है , अर्थात राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार के पास नहीं है । आज यही आमआदमीपार्टी यदि केंद्र की सत्ता पर आरूढ़ हो जाय , तो यह पार्टी भी यही कहेगी की दिल्ली की क़ानून व्यवस्था केंद्र के ही हाथ हो । हाँ , क़ानून व्यवस्था  तथा राजधानी होने के नाते डीडीए तो केंद्र सरकार के ही पास रहना उचित होगा , लेकिन अन्य विभाग को दिल्ली की सरकार के मर्जी से ही सुचार रूप से चलने देने चाहिए, तथा अन्य विभाग के  अधिकारी इत्यादि की नियुक्ति का जिम्मा भी दिल्ली सरकार के पास ही होने चाहिए   , जिसमें अभी केंद्र सरकार बाधक बनी हुई है , जो आने वाले समय में आमआदमीपार्टी को अवश्य ही राजनितिक लाभ पहुंचाएगा । 

यदि दिल्ली सरकार के  किसी भी विभाग में कोई भी अकर्तव्यपरायणता की बात आती है , तो दिल्ली के एलजी या होममिनिस्टर उसको सुनियंत्रित करें , लेकिन अभी एक अव्यवहारिक दृष्टिकोण के कारण आमआदमीपार्टी तथा  केंद्रसरकार  इन दोनों के द्वारा ही दिल्ली में एक अजीबोगरीब हालात उत्पन्न करवा दी गई है , और आगे भी करवाने की कोशिश लगातार की जा रही है ,जिससे आगे आने वाले चुनाव में आमआदमीपार्टी को केंद्र तथा राज्य इन दोनों ही स्तर पर फायदा मिलेगा , लेकिन देश की राजधानी के महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कार्यों को  केंद्रसरकार तथा दिल्ली सरकार की कुमति का खामियाजा उठाना पडेगा । 



आमोद शास्त्री , दिल्ली ।
 मोब= 9818974495 & 9312017281 । 

विशेष आलेख : मोदी : सांप्रदायिक मोर्चे पर द्वंद्व में घिरा व्यक्तित्व

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उजबेकिस्तान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का इस्लाम पर केेंद्रित अंश वर्तमान घटनाक्रम के संदर्भ में उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशिया ने इस्लाम के उच्च आदर्शों को अपनाया है और इस्लामी अवधारणाओं की चरमपंथ व्याख्या से यह क्षेत्र हमेशा दूर रहा है। उन्होंने भारतीय और इस्लामिक सभ्यता के मेल से दोनों के बीच औषधि गणित आदि के क्षेत्र में हुए बहुमूल्य आदान प्रदान को स्मरण कराया। साथ ही सूफी धारा के कारण भारत इस्लाम के नए आकर्षक केेंद्र के रूप में उभरने के इतिहास का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने वहां जो कहा वह मिलीजुली संस्कृति वाले हमारे देश में सद्भाव के एक बड़े ज्वार का उत्प्रेरक माना जाना चाहिए लेकिन यह निश्चित है कि उक्त भाषण उनका अपना नहीं था बल्कि उन्होंने कूटनीतिक जरूरतों के लिहाज से विदेश मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा देशकाल के अनुरूप तैयार किया गया भाषण औपचारिकतावश पढ़ा। काश वे इस भाषण को पढऩे के बाद संघ की पाठशाला में अपने अंदर इस्लाम को लेकर बुनी गई मनोगं्रथि पर पुनर्विचार करने को प्रेरित होते।

अभी हाल की बात है जब संसद की एनेक्सी में आरएसएस के आनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के तत्वावधान में रोजा अफ्तार का आयोजन कराया गया था। इसमें कई इस्लामिक देशों के राजदूत पहुंचे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन से दूर रहकर उन लोगों को झटका दिया जो विश्वास कर रहे थे कि वे अब अपनी बदलती सोच के साथ छवि को भी बदलने के लिए सचेत हैं। वह वक्त और था जब मोदी ने इस्लामी वेशभूषा की झलक देने वाली टोपी पहनने से सार्वजनिक तौर पर इनकार कर दिया था। उस समय वे प्रधानमंत्री नहीं बने थे। उन्होंने चुनाव के समय लोगों की समस्याएं अपनी जादू की छड़ी से सत्ता में बैठते ही एक झटके में छूमंतर कर देने का आभास लोगों को कराया था और लोग भी उनमें इस करिश्मे की क्षमता पर यकीन कर बैठे थे लेकिन वे प्रधानमंत्री हुए तो उन्हें व्यवहारिक वास्तविकताएं समझ में आ गईं। ऐसे समय अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने के लिए मजबूत विश्व नेता की छवि बनाने का हथकंडा उन्हें सबसे सिद्ध सूझा तब से वे इसी में जुटे हुए हैं। जल्द ही उन्हें यह समझ में आ गया था कि इसकी मंजिल तभी हासिल होगी जब वे कट्टरवादी छवि की केेंचुल उतार फेेंके और अपने कार्य व्यवहार में सर्वसमावेशी दृष्टिकोण को झलकाएं। भाजपा के सत्ता में आते ही अल्पसंख्यकों के प्रति शारीरिक और वैचारिक हिंसा बढऩे के आरोपों की अंतर्राष्ट्रीय अनुगूंज से विचलित होकर उन्होंने उनके नजदीक पहुंचने के लिए अपनी परंपरागत शैली में शीर्षासन जैसा परिवर्तन करने में भी हिचक नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री के तौर पर चाहे अनुच्छेद 370 खत्म करने की बात हो या फिर अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की मांग उन्होंने इन प्रतिबद्धताओं को झटक सा दिया था। उनकी इस कवायद के बीच कोई उम्मीद नहीं कर रहा था कि आगे वे मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के मामले में उन्हें ज्यादा भाव देने जैसा कोई संदेश प्रसारित होने से रोकने के लिए ऐसी सतर्कता दिखाएंगे जो कि सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ हो लेकिन आरएसएस द्वारा दिए गए रोजा अफ्तार से दूरी बनाकर उन्होंने यह विश्वास खंडित कर दिया है। ऐसा लगता है कि इस तरह का नकारात्मक कदम उन्होंने सुनियोजित तौर पर यह संदेश देने के लिए उठाया है कि वे मुस्लिम तुष्टिकरण के रास्ते पर एक कदम भी नहीं चलेंगे।

इसी वर्ष फरवरी के महीने में आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत कानपुर आए थे। इस दौरान मुसलमानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मिलने की इच्छा प्रकट की। पहले तो मोहन भागवत ने मना कर दिया लेकिन जब अखबारों में इसको लेकर प्रतिक्रियाएं प्रकाशित हुईं तो संघ में मुस्लिम मामले देखने वाले इंद्रेश कुमार को संघ प्रमुख की ओर से मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के लिए नियुक्त कर दिया गया। ध्यान रहे कि इंद्रेश कुमार ही संसद एनेक्सी में हुए रोजा अफ्तार के आयोजक थे। उक्त मुलाकात में मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल ने एक छह सूत्रीय प्रश्न तालिका उन्हें सौंपी थी जो इस बात पर केेंद्रित थी कि संघ क्या भारत को हिंदू राष्ट्र समझता है और इसलिए वह भारत को हिंदू राष्ट्र में तब्दील करना चाहता है और अगर ऐसा है तो हिंदू राष्ट्र को लेकर उसका खाका क्या है वगैरह वगैरह। इंद्रेश कुमार ने इन सवालों का उत्तर देने की बजाय कहा था कि अगर एक खुला सम्मेलन बुलाया जाए तो उसमें संघ के नेता इन सारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साथ में मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल से सवाल किया था कि और आप लोग ओबैशी को लेकर क्या सोचते हैं तो प्रतिनिधि मंडल ने तत्काल ही कहा था कि ओबैशी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। वे साक्षी महाराज और साध्वी निरंजन ज्योति की तरह ही मात्र एक सांसद हैं। उनकी सोच से मुसलमानों का कोई सरोकार नहीं है।

यह संदर्भ देने की जरूरत इसलिए है कि प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी से जो अपेक्षाएं हैं वे इस मामले में उनके गलतफहमी भरे संस्कारों के दूर होने तक पूरी नहीं हो सकती। दुनिया के एक मात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल के नए संविधान में भी उसका दर्जा बदलकर धर्मनिरपेक्ष देश के बतौर उसे पेश करने का प्रस्ताव है। फिर कई मामलों में एक महाशक्ति के तौर पर उभर रहे भारत को उसकी तमाम वास्तविकताओं की अनदेखी करके हिंदू राष्ट्र के रूप में बदलने की जिद पर आप क्यों कायम रहना चाहते हैं जिससे देश प्रगति के रास्ते पर रुकावटें महसूस करने लगे। नरेंद्र मोदी में शायद भारत को हिंदू राष्ट्र समझने की ग्रंथि बहुत अंदर तक घर किए हुए है जिसकी वजह से बदलते बदलते भी उनके अंदर यह प्रेत जाग पड़ा और गैर धर्मावलंबियों को अन्य धार्मिक राष्ट्रों की तरह दोयम साबित करने की मंशा के तहत उन्होंने संघ के रोजा अफ्तार का अघोषित बहिष्कार कर दिया।

हिंदू माने क्या है। संघ इसे एक जीवन पद्धति के रूप में देखता है या इसके पीछे इसे एक धर्म मानने की समझ उसमें है इसको लेकर मोदी सरकार बनने के बाद संघ की बढ़ी सक्रियता के कारण काफी मंथन हो रहा है लेकिन अभी तक विद्वान किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके हैं। जो भी हो हिंदू राष्ट्र के विरोध का मतलब आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित व्यवस्था का विरोध नहीं है। अगर बात आध्यात्मिक मूल्यों की हो तब तो उजबेकिस्तान में प्रधानमंत्री ने जिस सूफी धारा का जिक्र किया है उसके प्लेटफार्म पर तात्विक रूप में बहुत समय पहले भारत की प्राचीन धार्मिक सभ्यता और इस्लाम एक साथ खड़ा नजर आया है। दूसरी ओर आज कई मामलों में इस्लाम का कट्टर स्वरूप इसलिए भी उभरा है कि वह अकेला अध्यात्म विरोधी बाजार व्यवस्था के खिलाफ खड़ा है जबकि दूसरों ने नाम के लिए केवल अपने को अध्यात्म तक सीमित रखा है बाकी बाजार के आगे उन्होंने पूरी तरह समर्पण कर रखा है। हिंदू जीवन पद्धति की बात भी कर लें तो राजनीतिक तौर पर हिंदुत्व का जितना आग्रह दिखाया जा रहा है उतना आग्रह अंग्रेजियत की जीवनशैली के लगातार हावी होने  की प्रवृत्ति के प्रतिकार में दिखाने की कोशिश क्यों नहीं की जा रही। अध्यात्मिक उद्देश्य सतही कर्मकांडों से पूरे नहीं होते। अगर अध्यात्मिक मूल्यों को जीना है तो आधुनिक जीवन के तमाम सम्मोहन को तिलांजलि देनी होगी। क्या संघ इसके लिए कहीं कोई प्रयास करता नजर आ रहा है। बहरहाल यह बड़े सवाल हैं जिन पर अलग से विस्तृत चर्चा का तकाजा है लेकिन भारत में मिलीजुली संस्कृति का निर्वाह मुगलों के समय से हो रहा है और इसमें वह रच बस गया है। उसकी आधुनिक प्रगति में इस वजह से कोई रुकावट नहीं है। इस कारण धार्मिक सद्भाव तोडऩे और इतिहास का बदला चुकाने के फेर में पडऩे की बजाय मोदी को भ्रष्टाचार, महंगाई व विश्व बाजार में भारत को सर्वोपरि बढ़त हासिल कराने और यौद्धिक तौर पर उसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर बिना भटके कार्य करना चाहिए।





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के  पी  सिंह 
ओरई 

दाऊद 5 सितारा सुविधा चाहता थाः पवार

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एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम द्वारा सशर्त आत्मसमर्पण की पेशकश ठुकराने के अपनी सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए आज कहा कि भगोड़े को पांच सितारा सुविधाएं मुहैया नहीं करायी जाती क्योंकि वह 1993 के विस्फोटों में बेकसूर लोगों की मौत का जिम्मेदार था,

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दाऊद इब्राहिम मुंबई  विस्फोटों में आरोपों का सामना कर रहा है जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गयी, उसके खिलाफ गंभीर आरोपों को देखते हुए क्या यह ठीक होता कि दाउद को भारत लाकर उसके रहने के लिए पांच सितारा व्यवस्था की जाती ? कानून सबसे के लिए समान है,’’

पवार से पूछा गया कि था कि 1990 के दशक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के जरिए दाउद के समर्पण की पेशकश को क्यों ठुकरा दिया था, जेठमलानी के मुताबिक, माफिया ने आत्मसमर्पण के लिए शर्त रखी थी की उसे जेल में नहीं घर में रखा जाए.

वसुंधरा सरकार ने ललित मोदी के लिए पद्म पुरस्कार की सिफारिश की थी रिपोर्ट

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आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी की मदद को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा एक बार फिर नए विवाद में घिर गई हैं। न्यूज चैनलों पर दिखाए जा रहे एक रिपोर्ट के मुताबिक एक खुलासे में पता चला है कि राजस्थान खेल परिषद ने ललित मोदी को पद्म सम्मान देने की सिफारिश की थी।

सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2007 में राजस्थान खेल परिषद ने तत्कालीन प्रधान सचिव को चिट्ठी लिख कर ललित मोदी को पद्म अवार्ड दिए जाने की सिफारिश की थी। उस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। लिहाजा यह कहा जा रहा है कि वसुंधरा की सहमति के बाद ही यह सिफारिश की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक वसुंधरा की सरकार ने दो तरह से ललित मोदी का नाम शामिल किया गया था। इसमें पहले में सिर्फ ललित मोदी का नाम शामिल था जबकि दूसरे में ललित मोदी के साथ एक और नाम को भी जोड़ा गया था। हालांकि केंद्र सरकार ने उनकी सिफारिश को मंजूर नहीं किया था।

राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के निवेश से सीधा फायदा लेने का गंभीर आरोप लगा है। इसके साथ ही राजस्थान के धौलपुर महल पर कब्जा जमाने का भी आरोप है। कांग्रेस का आरोप है कि धौलपुर सरकारी संपत्ति है, लेकिन वसुंधरा ने इसे अपनी निजी संपत्ति बना लिया है।

शेयर बाजार में भारी गिरावट

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सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को सेंसेक्स कुल 140 अंकों की गिरावट के साथ 28,031.45 पर, तो वहीं निफ्टी भी 71.6 अंकों की गिरावट के साथ 8,439.20 पर खुला. हालांकि 12 बजे के आसपास सेंसेक्‍स में जहां 500 अंक की गिरावट देखने को मिली वहीं निफ्टी 150 अंक नीचे गिर गया.

ग्रीस संकट के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी ग्रीस संकट पर बोलते हुए कहा कि भारत आर्थिक द्रष्टिकोण से बहुत मजबूत है और भारत के बाजारों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है. शेयर बाजार में बाजार खुलने के आधे घंटे के भीतर ही सेंसेक्स और निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा गिर चुके है. सेंसेक्स 27 हाजर के नीचे पहुंच गया है. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 228.83 अंक गिरकर 27942.86 पर तो निफ्टी भी 82.70 अंक लुढ़क कर 8428.10 पर है.

ग्रीस की ना के बाद से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जरी है. सबसे ज्यादा गिरावट चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में देखी जा रही है वहां शेयर बाजार 4.78 फीसदी से भी ज्यादा गिर गया. होंगकोंग के शेयरों में भी 4.59 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. बीते कल की बढ़त के बाद जापान का निक्की भी बुधवार को पछड़ गया. अमेरिका के शेयर बाजार में हल्की उछाल देखने को मिल रही है पर पूरे यूरोप के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर बना हुआ है.

जरूरत पड़ी तो परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेंगे : पाकिस्तान

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'अगर हमें खुद को बचाए रखने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा, तो हम करेंगे।'आसिफ ने जियो न्यूज के कार्यक्रम 'जिर्गा'में सलीम सैफी से कहा कि एक विकल्प के रूप में परमाणु हथिायार का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सिर्फ दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि अपने अस्तित्व पर आने वाले खतरों से मुकाबले के लिए है।

उन्होंने सोमवार को कहा, "हमें यह प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां सामने न आएं कि हमें इस विकल्प का इस्तेमाल करना पड़े। लेकिन यदि हमें अपने अस्तित्व को बचाने के लिए इसकी आवश्यकता होगी तो हम इसका इस्तेमाल करेंगे।"उन्होंने भारत पर पाकिस्तान में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का यह कदम पाकिस्तान के साथ छद्म युद्ध जैसा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की रक्षा क्षमता मजबूत है।

काश! बच्ची के पिता नियमों का पालन करते : हेमा

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बॉलीवुड अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी ने राजस्थान के दौसा जिले में बीते सप्ताह अपनी कार दुर्घटना के लिए उस बच्ची के पिता को जिम्मेदार ठहराया है, जिसकी हादसे में जान चली गई। उन्होंने इस बारे में बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा। हेमा ने अपने ट्विटर पेज पर उनकी मर्सिडीज और ऑल्टो कार के बीच हुई टक्कर में घायल हुए परिवार से हमदर्दी जताई। उन्होंने हालांकि, यह भी कहा कि अगर बच्ची के पिता यातायात नियमों का पालन करते तो हादसा टल सकता था।

हेमा (66) ने ट्विटर पर लिखा, "काश! बच्ची के पिता ने यातायात नियमों का पालन किया होता, तो यह हादसा टल सकता था और एक नन्ही जान बच सकती थी।"उन्होंने लिखा, "मेरा दिल दुर्घटना में बेवजह मारी गई उस बच्ची के लिए रोता है और उसके परिजनों के लिए दुखी है।"'ड्रीम गर्ल'ने यह भी कहा कि वह देशभर में मौजूद शुभचिंतकों की ओर से मिले संदेशों से द्रवित और अभिभूत हो गईं।

उन्होंने कहा, "मैं भारत और दुनियाभर से आए संदेशों और कॉल से द्रवित और अभिभूत हो गई हूं। मैं आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूं।"उल्लेखनीय है कि दो जुलाई को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-11 पर हेमा मालिनी की कार की विपरीत दिशा से आ रही एक अन्य कार से टक्कर हो गई थी, जिसमें उन्हें काफी चोट आई। वहीं, दूसरी कार में बैठी एक बच्ची की मौत हो गई। कार हेमा का चालक महेश ठाकुर चला रहा था।

यूरोपीय संघ से बाहर हो सकता है ग्रीस

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यूरोपीय संघ के अध्यक्ष ज्यां-क्लाड जंकर ने इससे इंकार नहीं किया कि ग्रीस यूरोजोन से बाहर हो सकता है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि वह नहीं चाहते कि ऐसा हो। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, जंकर ने कहा, "शुक्रवार की सुबह आखिरी मौका होगा, जब ग्रीस सरकार को आगे बढ़ने के लिए एक विश्वसनीय और व्यापक प्रस्ताव पेश करना होगा।"

यूरोपीय संघ ने रविवार को 28 सदस्य देशों का शिखर सम्मेलन बुलाया है, जिसे इस बात के संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि ग्रीस को यूरोजोन से बाहर निकालने का परिदृश्य तैयार कर लिया गया है। जंकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "यदि आवश्यकता हुई तो हमारे पास एक मानवीय योजना है। मैं ग्रीस को यूरोजोन से बाहर निकालने के विरुद्ध हूं, लेकिन यदि ग्रीस की सरकार वैसा नहीं करती है, जैसा कि उससे कहा गया है तो मैं ऐसा होने से नहीं रोक सकता।"

यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया

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युवाओं को महिलाओं की सुरक्षा, सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए वसंत कुंज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन गैलेक्सिज प्रोडक्शन की संस्था श्हमारी पहचानश् की ओर से किया गया। स्पेशल पुलिस यूनिट फॉर वूमेन एंड चिल्ड्रेन (एसपीयूडब्ल्यूसी) पुलिस उपायुक्त वर्षा शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं की प्रतिभा में निखार आता है। 

लोग यातायात नियमों को जानेंगे तो सड़क हादसों को रोकने में पुलिस को भी मदद मिलेगी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया। इस दौरान रिटायर्ड आइपीएस सीकेपी सिन्हा, शतरंज खिलाड़ी तरुण माथुर व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रमेश कुमार भी मौजूद रहे।

मुंबई पुलिस वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हेडली का बयान दर्ज करेगी

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मुंबई पुलिस 26/11 आतंकी हमला मामले में मुकदमे का सामना कर रहे लश्कर-ए- तैयबा के कथित आतंकी सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदाल के खिलाफ मामले को मजबूत बनाने के लिए अमेरिका से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आतंकी डेविड हेडली का बयान दर्ज कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त अतुल कुलकर्णी सहित मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच कई बैठकों के बाद हेडली की गवाही दर्ज करने के बारे में योजना बनायी गई।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अबू जंदाल मामले में सत्र अदालत में कल की सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हेडली की गवाही पर अमेरिका का क्या रूख रहता है। मुंबई हमले और डेनमार्क के आतंकी हमला मामले में अपनी भूमिका के लिए हेडली अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहा है।

मोदी ब्रिक्स और SCO समिट के लिए रूस पहुंचेंगे

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दो मध्य एशियाई देशों के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर आज उफा पहुंचेंगे। सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में आर्थिक सहयोग बढ़ाने और अपनी मुद्राओं में कर्ज देने की संभावना पर बात होगी। रूस के ऊफा में पीएम नरेंद्र मोदी की पाकिस्‍तान के पीएम नवाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे। समझा जाता है कि वे मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी उर-रहमान लखवी मामले में भारतीय प्रस्ताव के विरोध पर चिंता जताएंगे। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीन द्वारा बनाए जा रहे 46 अरब डॉलर (करीब 2,922 अरब रुपए) के आर्थिक गलियारे पर भी आपत्ति जताएंगे।

पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। एससीओ संगठन में छह देश - चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। भारत एससीओ का मेंबर नहीं है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को इस कॉन्फ्रेंस में न्योता दिया है। भारत एससीओ में ऑब्जर्वर है और इसकी मेंबरशिप पाने की कोशिश कर रहा है। 10 जुलाई को भारत को एससीओ की पूर्ण सदस्यता मिलने पर भी मुहर लग सकती है। रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उसाकोव ने कहा है कि भारत को सदस्यता देने की प्रक्रिया अगले साल तक पूरी होगी। साथ ही पाकिस्तान को भी इसकी सदस्यता दी जाएगी। भारत-पाकिस्तान को सदस्यता देने के लिए एससीओ ने पिछले साल सितंबर में दुशान्बे सम्मेलन में दो प्रस्ताव मंजूर किए थे।

इससे पहले मोदी मध्य एशिया की यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को कजाकिस्तान की राजधानी अष्टाना पहुंचे थे। कजाकिस्तान की नजरबायेव यूनिवर्सिटी में मोदी ने करीब आधा घंटे के भाषण में लगभग सभी मुद्दों को छुआ। उन्होंने कहा, 'भारत और मध्य एशिया की इस्लामी विरासत ने आतंकवाद को नकार दिया है।'उन्होंने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच सुरक्षा सहयोग मजबूत करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा, 'सूफी संगीत से गूंजती दिल्ली की दरगाहें हर आस्था के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।'मोदी ने यहां की कई कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात की। उन्होंने खनिज संसाधनों से संपन्न कजाकिस्तान के कारोबारियों को भारत आकर निर्माण करने के कार्यक्रम मेक इन इंडिया में भागीदारी का प्रस्ताव दिया। दौरे से दूसरे दिन पीएम मोदी बुधवार को अष्टाना में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में शामिल हुए। इसमें भारत और कजाखस्तान के बीच यूरेनियम की सप्लाई, खेल, रक्षा, रेलवे और कैदियों की ट्रांसफर को लेकर 5 समझौते हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। मोदी ने यहां कजाख राष्ट्रपति नुरसुल्तान नजरबयेव को धार्मिक किताबों का एक संग्रह गिफ्ट में दिया है। इनमें अंग्रेजी में अनुवाद वाली गुरु ग्रंथ साहिब, कल्पसूत्र से लेकर वाल्मीकि रामायण तक कई किताबें शामिल हैं।

पीएम मोदी रूस और पांच मध्य एशियाई देशों उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान की यात्रा पर गए हैं। दो मध्य एशियाई देशों के दौरे के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने वे रूस के उफा शहर जाएंगे। वहां से वापसी में वे तीन अन्य मध्य एशियाई देशों का दौरा करेंगे। उनका यह दौरा 6 से 13 जुलाई तक चलेगा। दो दिन के उज्बेकिस्तान दौरे के बाद पीएम मोदी 7-8 जुलाई को कजाख्स्तान में रहे। उफा से वापसी में वह 10-11 जुलाई को तुर्कमेनिस्तान, 11-12 जुलाई को किर्गिस्तान और 12-13 जुलाई को तजाकिस्तान का दौरा करेंगे।

भाजपा और सपा यूपी में दंगा कराने की फिराक में : मायावती

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) मिलकर सूबे में दंगा कराने की फिराक में हैं। मायावती ने आज पत्रकारों से कहा कि सूबे में सपा और केन्द्र में भाजपा सरकार की हालत खराब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अच्छे दिन के सपने दिखाये थे वह अब खराब साबित हो रहे हैं। इसलिए चुनाव में दोनो की ही हालत खस्ता होने जा रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए दोनो मिलकर हिन्दू-मुस्लिम दंगा कराने की फिराक में हैं, लेकिन उन्हें भरोसा है कि हिन्दू-मुस्लिम इन दोनो के बहकावे में नहीं आयेंगे और दोनो पार्टिंया बेनकाब होंगी। उन्होंने कानून व्यवस्थसा के हालात बदतर बताये और कहा कि राज्यपाल को सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने की संस्तुति करनी चाहिए।

मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा आपस में मिली हुई हैं। उन्होंने गत 4 जुलाई को भाजपा सांसदों की कानून व्यवस्था को लेकर यहां दिये धरने को महज नाटक बताया और कहा कि भाजपा सांसद यदि वास्तव में गंभीर हैं तो उन्हें केन्द्र की अपनी सरकार पर दबाव बनाकर यहां राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहिए ताकि लचर कानून व्यवस्था से कराह रही जनता राहत महसूस कर सके।

बाराबंकी में पत्रकार की मां की जलने से हुई मृत्यु के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि जांच के नाम पर लीपा पोती हो रही है। मुख्यमंत्री चाहते तो समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाकर आरोपियों को बर्खास्त करा देते जिससे पीडिता को न्याय मिल जाता। उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर आसीन लोग कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिए स्थित अराजक हो गयी है। प्रमोशन में आरक्षण पाने वाले अभियन्ताओं की पदोन्नति किये जाने के फैसले को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि सपा को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (08 जुलाई)

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भूमि विवाद मंे दर्जन भर घायल

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज प्रखण्ड के शिकारपुर थाना अन्तर्गत सिसवा-बहुअरवा गाँव में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षांे के बीच हुए हिंसक संघर्ष में करीब दर्जनभर लोगांें के जख्मी होने का समाचार मिला है। मिली खबर के अनुसार बहुअरवा गाँव के गया पासवान और भरत पासवान के बीच घराड़ी की जमीन को लेकर झगड़ा चला आ रहा है। इसी बीच बुधवार की सुबह दरवाजे पर खँूटा गाड़ने की बात को लेकर दोनो पक्षांे में कहा सुनी हुई और बात बिगड़़ गई, जिससे दोनों पक्ष के बीच हिंसक संघर्ष हुआ। संघर्ष के दौरान गया पासवान उम्र 65 वर्ष पिता स्व. यमुना पासवान, घूना देवी 60 वर्ष पति गया पासवान, वीरेन्द्र पासवान 35 वर्ष पिता गया पासवान, रामविशिष्ट पासवान व नगीना पासवान घायल हो गये जबकि दूसरे पक्ष की आशा देवी 30 वर्ष पति संजय पासवान, संजय पासवान 35 वर्ष पिता शम्भू पासवान, शंभू पासवान 55 वर्ष पिता स्व रामराज पासवान, रंभू पासवान और अम्बिका पासवान जख्मी हो गये। खाता 16 और 02 खेसरा 368, 382 की जमीन पर विवाद पूर्व से चलता आ रहा है। जिसकांे लेकर दोनो के बीच पूर्व से विवाद चला आ रहा है। इस संबंध में कई बार पंचायती हो चुकी है किन्तु दोनांे पक्ष कुछ सुनने को तैयार नही है। बहुअरवा की सरपंच मीरा देवी पति पुण्यदेव राम ने कई बार पंचनामा तैयार किया किन्तु एक पक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं है। दोनो पक्ष ने मारपीट के माममले में पंचों की बात नहीं मानी है। सभी घायलांे का इलाज सरकारी अस्पताल में किया गया, सभी खतरा से बाहर बताए गये है।

दोनांे भाई जख्मी समेत तीन जख्मी

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज प्रखण्ड अन्तर्गत मल्दहिया पोखरिया पंचायत के पोखरिया गाँव में दो भाइयों के संघर्ष में दोंनांे के जख्मी होने की खबर है। जिन्हें सरकारी अस्पताल नरकटियागंज में भर्ती कराया गया। घायलों में खालिद खाँ 32 वर्ष और साबिर खाँ 42 वर्ष की प्राथमिक चिकित्सा (इलाज) नरकटियागंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मंे किया गया। दोनांे के पिता का नाम रसूल खाँ बताया जाता है। दूसरी ओर नगर परिषद् नरकटियागंज के वार्ड संख्या 11 निवासी सुरेन्द्र प्रसाद पिता स्व. मोहन लाल ने सरकारी अस्पताल मंे बयान दिया कि उसे निशा (बेगम) खातून के बेटों ने घर से खिंचकर मारा पीटा। सरकारी अस्पताल मंे सुरेन्द्र का इलाज चल रहा है। इस बावत पूछे जाने पर उसने बताया कि वह काफी गरीब है, इसलिए वह केस नहीं करना चाहता यदि शिकारपुर थाना पुलिस केस करना चाहती है तो वह बयान देने को तैयार है।

जनता दरबार का आयोजन

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय अनुमण्डल कार्यालय में एसडीओं कौशल कुमार ने जनता दरबार का आयोजन किया। जिसमें करीब चार दर्जन आवेदन सामने आए। अदालत में आए वाद में आधा का निबटारा आॅन द स्पाॅट कर दिया गया। जबकि शेष को संबंधीत विभागीय अधिकारियों को लिखा गया है।

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जुलाई)

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किशोर स्वास्थ्य के लिये स्कूलों में सामूहिक परामर्श पाठशाला

barwani news
बड़वानी 08 जुलाई/राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना अनुसार तथा राज्य एन.एच.एम. मिशन संचालक फैज एहमद किदवई के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रजनी डावर के मार्गदर्शन में जिले स्तर पर पदस्थ विभिन्न कार्यक्रमों के परामर्शदाताओं को प्रति मंगलवार सभी विकासखण्डों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ए.एन.सी., पी.एन.सी., शिशु वार्ड, एस.एन.सी.यू., मदर वार्ड तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र में अपनी परामर्श सेवाऐं प्रदान करनी होगी। कार्यक्रम में स्थानीय स्कूलों में किशोर-किशोरियों के लिये विशेष किशोर स्वास्थ्य परामर्श पाठशालाऐं भी भ्रमण के दौरान आयोजित की जावेगी। इसी कड़ी में दिनांक 7 जुलाई 2015, मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजपुर पर विभिन्न वार्डों में परामर्श देने के साथ-साथ बालक हायर सेकेण्डरी राजपुर में आर.एम.एन.सी.एच.$ए. परामर्शदाता श्रीमती नीता दुबे द्वारा किशोरों को सामुहिक परामर्श देकर उनके बेहतर स्वास्थ्य के विषय में जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि किसी भी बालक अथवा बालिका को कभी भी स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्राप्त करना है तो ब्लाॅक स्तर पर परामर्श केन्द्रों में अर्श काउन्सलर पदस्थ है जहां किशोर-किशोरियों को प्रतिदिन परामर्श प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. एम.एस. सिसौदिया, खण्ड विस्तार प्रशिक्षक श्री मोदी, बी.सी.एम. प्रियंका शाह, ब्लाॅक अर्श परामर्शदाता जयकुमार एवं कुमारी रीना, स्कूल स्टाॅफ आदि उपस्थित थे।

समेकित छात्रवृत्ति प्रोफाईल अपडेशन का कार्य, अब करवाया जायेगा समक्ष में-अचाले

बड़वानी 08 जुलाई/जिला शिक्षा अधिकारी एसआर अचाले ने बताया कि जिले में समेकित छात्रवृत्ति के तहत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की प्रोफाईल को अपडेशन करवाने, स्वीकृति एवं वितरण के कार्य को सुचारू करवाने हेतु टीम का गठन किया गया है। इस टीम के सदस्य निर्धारित तिथियो में जिले के सातो विकासखण्डो में संचालित उत्कृष्ट विद्यालय में उपस्थित होकर अपने समक्ष उस विकासखण्ड के आहरण संवितरण अधिकारियो से यह कार्य पूर्ण करायेगे। उन्होने बताया कि यह टीम 9 जुलाई को पाटी, 10 जुलाई को राजपुर, 11 जुलाई को ठीकरी, 12 जुलाई को सेंधवा, 13 जुलाई को पानसेमल, 14 जुलाई को निवाली के उत्कृष्ट विद्यालय में उपस्थित होकर उक्त कार्य पूर्ण करायेगी। श्री अचाले ने बताया कि बड़वानी के उत्कृष्ट विद्यालय में इस टीम ने यह कार्य 8 जुलाई को करवाया है। 

व्यापमं में फिर खुल सकता है नम्रता की मौत का मामला

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मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की अहम कड़ी मानी जा रही झाबुआ की नम्रता डामोर की मौत के मामले को पुलिस एक बार फिर खोल सकती है। नम्रता का उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र में जनवरी 2012 में रेल पटरी के किनारे शव मिला था और पुलिस ने मौत को हादसा मान प्रकरण बंद कर दिया था। उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह वर्मा ने बुधवार को मीडिया से कहा, "नम्रता की मौत की जांच हुई थी। जांच में पता चला था कि मौत दुर्घटनावश हुई थी। अगर कोई नया तथ्य सामने आता है तो पुलिस जांच के लिए तैयार है।" व्यापमं घोटाले के सामने आने के बाद से नम्रता की मौत चर्चा में रही है। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के समीप शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। 

वह इंदौर-बिलासपुर रेलगाड़ी से जबलपुर जा रही थी। शव मिलने के 22 दिन बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख्त की थी। सूत्रों का कहना है कि नम्रता की पोस्टमार्टम रपट में उज्जैन के चिकित्सकों ने मुंह दबाकर हत्या होने का कारण बताया था, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। मगर बाद में भोपाल से आए जांच दल की रपट पर नम्रता की मौत को हादसा बताकर दिसंबर 2012 में प्रकरण बंद कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि व्यापमं घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित एसआईटी की देखरेख में हो रही है। एसआईटी के अनुसार इस मामले से संबंधित अबतक 33 मौतें हुई हैं, जिसमें नम्रता की मौत शामिल नहीं है। नम्रता की मौत एसआईटी के गठन से पहले हुई थी।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 जुलाई)

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केंद्र को अरबों का चूना !, सितारगंज-काशीपुर हाईवे चैड़ीकरण में जमीन के मुआवजे में हेराफेरी
  • नोटिफिकेशन के बाद भी बदला जा भूमि का उपयोग, जेडएएलआर एक्ट की धारा 143 का हो रहा दुरुपयोग
  • खेती की जमीन को अब दिखाया जा रहा व्यावसायिक, 10 गुना तक ज्यादा वसूली जा रही मुआवजा राशि

uttrakhand news
देहरादून। ऊधमसिंह नगर में सितारगंज से काशीपुर तक बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन का कार्य तेजी से चल रहा है। अहम बात यह  है कि सड़क चैड़ीकरण की जद में आ रही किसानों की कृषि भूमि के मुआवजे की राशि में भी बड़ा घोलमाल देखने को मिल रहा है। सूत्रों की माने तो कृषक भूमि को अकृषक दिखाकर कुछ व्यावसायिक और औद्योगिक दरों पर मुआवजा राशि स्वीकृत की जा रही है। यह कारनामा किसी एक गांव में नहीं, बल्कि काशीपुर से लेकर सितारगंज तक इसकी जद में आ रहे कई गांवों में ऐसा ही किया जा रहा है। अफसरों की मिलीभगत से हो रहे इस खेल से केंद्र सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। ऊधमसिंह नगर में पंतनगर और सितारगंज में औद्योगिक आस्थानों की स्थापना के बाद इस क्षेत्र में ट्रेफिक बहुत बढ़ गया है। यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए सितारगंज से काशीपुर तक की सड़क को फोरलेन करने की मंजूरी दी गई है। यह मार्ग नेशनल हाईवे है। लिहाजा इसका निर्माण केंद्र सरकार का भूतल परिवहन मंत्रालय करा रहा है। सड़क चैड़ीकरण के लिए जमीन की जरूरत थी। लिहाजा सरकार ने इसके अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी। इसके लिए जरूरत वाली जमीनों का राजस्व विभाग के अफसरों और नेशनल हाईवे अथारिटी ने संयुक्त सर्वे करके पहला नोटिफिकेशन कर दिया। इसे 3ए कहा जाता है। इसे समचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया। इसमें खसरा नंबर और उसके रकबे का उल्लेख किया गया था। साथ ही कहा गया कि अगर किसी को लगता है कि उसकी जमीन का वर्गीकरण गलत किया गया है तो वह 21 दिनों के अंदर आपत्ति दाखिल कर सकता है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद केंद्र सरकार ने 3डी का गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया। इसमें खसरा नंबर और रकबे के साथ ही भूमि स्वामी का नाम भी था। इसके साफ लिखा गया था कि जमीन का उपयोग क्या है। जमीन सरकारी है या फिर निजी और उस पर खेती हो रही है या फिर कोई व्यावसायिक काम। सूत्रों का कहना है कि 3ए नोटिफिकेशन का प्रकाशन होने के बाद ही कई लोगों ने अपनी खेती की जमीन को व्यावसायिक या फिर औद्योगिक घोषित करने के लिए जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि विनाश एक्ट (जेएडएएलआरए) की धारा 143 के तहत सक्षम प्राधिकारी  के यहां आवेदन कर दिया। यहीं से शुरू हुआ गोलमाल का खेल। आवेदन करने वालों से बगैर पर्याप्त साक्ष्य लिए ही जमीन को व्यावसायिक या फिर औद्योगिक घोषित कर दिया गया। हकीकत यह है कि इन जमीनों पर आज तक खेती हो रही है। 143 के तहत आदेश करने वाले अफसर ने किसी से भी कोई ऐसा सत्यापित दस्तावेज नहीं लिया, जो यह दर्शाता हो कि उस जमीन पर अब खेती की जगह कोई बिल्डिंग बनी है यह कोई इंडस्ट्री चल रही है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान में भी ऐसी कई कृषि भूमि हैं जिसे अकृषक दिखाया गया है और वर्तमान में उन पर खेती की जा रही है। खेती की जमीन को जब अकृषक घोषित करने के तीन तीन दायरे होते हैं। एक आवासीय, दूसरा कमर्शियल और तीसरा इंडस्ट्रियल। अहम बात यह है कि सामान्य कृषि भूमि के मुआवजे से  कामर्शियल और इंडस्ट्रियल  भूमि के मुआवजे में लगभग  पांच से दस गुना का अंतर होता है। यदि किसी किसान को सामान्य कृषि भूमि का मुआवजा एक लाख दिया जाना है और हम जमीन को कामर्शियल या इंडस्ट्रियल दिखा दिया जाए तो मुआवजा राशि पांच से दस गुना बढ़ जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस तरह के मामले बाजपुर तहसील के गांव ताली,कनौरी,गुमसानी,कनौरा सहित कई गांव एवं किच्छा के किशनपुर, पिपलिया सहित राष्ट्रीय राजमार्ग की जद में आ रहे अनेक गांवों में देखने को मिल सकते हैं। इसके बाद भी विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी केवल 143 के आदेश के आधार पर ही जमीन का मुआवजा औद्योगिक या फिर व्यावसायिक दर पर तय कर रहे हैं। नतीजा यह है कि केंद्र सरकार को अरबों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। अगर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच तो साफ हो जाएगा कि किस तरह से मिलीभगत करके अरबों रुपये की हेराफेरी की जा रही है।

एनएच अथारिटी ने शुरू की कोशिश
बताया जा रहा है कि नेशनल हाईवे अथारिटी को इस खेल की जानकारी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले की शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने ऊधमसिंह नगर जिले के जिलाधिकारी को ही आर्बीटेटर बना दिया है। यानि इस तरह के मामलों की अपील डीएम के यहां की जा सकती है। बताया जा रहा है कि पिपलिया गांव में एक प्रभावशाली व्यक्ति की जमीन पर आज भी खेती हो रही है। लेकिन 143 के आदेश के बाद मुआवजा राशि व्यावसायिक जमीन के आधार पर करने का आदेश दिया गया है। एनएच अथारिटी की ओर से इस बारे में डीएम के अपील भी गई है। इस मामले की सुनवाई चल रही है। बताया जा रहा है कि पड़ताल इस बात की हो रही है कि क्या यह अपील लिमिटेशन एक्ट के तहत की गई है। इस एक्ट में किसी भी आदेश के खिलाफ अपील करने की समयसीमा तय होती है। तय समय के बाद अपील होने पर यह बताना होता है कि देरी की वजह क्या रही। अगर अपील में देरी की वजह को सही माना जाता है, तभी मामले की आगे सुनवाई होगी। वरना अपील को शुरू में ही खारिज कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी तरह कुछ किसानों ने भी मुआवजा राशि के गलत निर्धारण के खिलाफ अपील कर रखी है। 

राज्यपाल ने किया, भूकटान रोकने में मददगार पौधों का रोपण

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने आज राजभवन नैनीताल के गोल्फ मैदान के दक्षिणी छोर पर भण्डारी पैवेलियन के पास मिट्टी पर पकड़ बनाकर भूकटान रोकने में मददगार पौधों का रोपण करने के साथ ही मिट्टी में मजबूत पकड़ रखने वाले घास व झाडि़यों के बीजों का छिड़काव भी किया। भण्डारी पैवेलियन के पास से होकर गुजरने वाले निहाल नाले(गदेरे) से लगातार भूकटान  हो रहा है जिसके कारण राजभवन गोल्फ कोर्स तथा रूसी गाँव के लिए खतरे की संभावना बनी हुई थी। इसी संभावित खतरे के दृष्टिगत राज्यपाल की पहल पर भूकटान के स्थाई समाधान के लिए टी.एच.डी.सी (टिहरी हाइड्रो डिवलपमैंट काॅरपोरेशन) के विशेषज्ञों के सहयोग से तात्कालिक एवं दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रस्तावित कार्ययोजना के क्रियान्वयन से पूर्व भूकटान पर प्राकृतिक रूप से नियंत्रण के लिए राज्यपाल ने वन विभाग से कहा कि इस क्षेत्र में मिट्टी पर अच्छी पकड़ रखने वाले वृक्षों तथा घास का रोपण किया जाये। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि तेज ढ़लान वाले जिन क्षेत्रों में भी बडे वृक्षों का लगाया जाना संभव न हो वहाँ पर भूकटान रोकने के लिए इसी प्रकार के पौधों और झाडि़यों का रोपण व बीजों का छिड़काव भूकटान रोकने में मददगार हो सकता है। अतः वन विभाग व अन्य विभागों को इसे ध्यान में रखना चाहिए।  राज्यपाल की अपेक्षानुसार आज वन विभाग द्वारा पौधारोपण का यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके तहत गिनी, नेपियर, किकियू और सिता घास के पौधे, तिमूर, किलमोड़ा, रूईंस, कालाबांस, रिंगाल, झट्यालू, घिंघारू आदि झाडि़यों व वृक्षों के पौधे रोपे जाने के साथ ही डिडोनिया और बांस के बीज भी छिड़के गये। इस अवसर पर मौजूद राष्ट्रपति की सचिव श्रीमती ओमिता पाल ने भी कुछ पौधे रोपे और बीज छिड़काव किया। इस पौधारोपण कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।

कांग्रेस महानगर कार्यालय प्रभारी कमेटी गठित 

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। महानगर कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान ने आज तत्काल प्रभाव से महानगर कांगे्रस कमेटी कार्यालय की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने हेतु एक कार्यालय प्रभारी कमेटी का गठन किया है। जिसमे मुख्य रूप से सर्व विपुल नौटियाल, इकबाल भाई, गौतम डोगरा, अनिल बाल्मिकी, पंकज अग्रवाल, दीपक थापा, श्रीमती सुन्दरी गैरोला देवली, अजितेश कुंवर पंकज चैधरी, महेश जोशी, कचंन रांगड़, निलय दत्त कुकरेती, संजय उनियाल को दायित्व प्रदान किया गया है। यह कमेटी अस्थाई व्यवस्था है, कार्यकारिणी की घोषणा हेतु प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जी से शीघ्र अनुमति ली जायेगी।

डंपर पलटने से क्लीनर की मौत

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मार्ग पर रक्तपानी के समीप रेत से भरा डंफर पलटने से क्लीनर की मौके पर ही मौत हो गई। बुरी तरह घायल चालकर को ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मृतक का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश से रेत लेकर मोहनचट्टी जा रहा डंफर यूए-09- 6915 प्रातः नौ बजे रक्तपानी के समीप अनियंत्रत होकर 15 फीट गहरे खड्ड में जा गिरा। इससे डम्फर का क्लीनर ओमप्रकाश (35) पुत्र राम बचन निवासी चंद्रभागा बस्ती ऋषिकेश उसके नीचे दब गया। इससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत बचाव कर  चालक गिरधारी लाल (38) पुत्र तुलसी राम निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी आईडीपीएल को डंपर से बाहर निकाल कर ऋषिकेश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

कीड़ाजड़ी के साथ दो गिरफ्तार

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। नेहरू थाना पुलिस ने प्रतिबंधित कीड़ाजड़ी के साथ दो को गिरफ्तार किया है। उनके पास से सात सौ ग्राम कीड़ाजड़ी बरामद की गई। अजबपुर गांव से सुबह पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। इस बात की जानकारी थाना नेहरूकालोनी मंे पत्रकारों को देते हुए दून के पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने बताया कि थाना नेहरू कालोनी पुलिस को सूचना मिली कि दो तस्कर बाइक द्वारा लाखों रूपये की प्रतिबन्धित कीड़ाजड़ी लेकर आईएसबीटी की ओर से ऋषिकेश जाने वाले है। इस सूचना पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए हरिद्वार बाईपास स्थित पुरानी चैकी पर बैरियर लगाकर चैकिंग अभियान चला दिया। चैकिंग के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध लाल रगं की पल्सर बाइक आती हुई दिखाई दी। पुलिस ने जब उसे रूकने का इशारा किया तो बाइक सवार दो लोग भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस द्वारा दोनो लोगों को घेराबन्दी कर दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 700 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की। इस पर पुलिस उन्हे थाने ले आयी जहंा पूछताछ के दौरान उन्होने अपना नाम दलीप पुत्र स्व. महेन्द्र पाल निवासी बरेली व हाल गढ़ी कैन्ट व योगम्बर सिंह रावत पुत्र भोपाल सिंह रावत निवासी चन्द्रबनी रोज पटेलनगर बताया। पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बरामद कीड़ा जड़ी की अनुमानित कीमत 50 लाख रूपये आंकी गयी है।

बिंदाल और रिस्पना की हालत खराब, मैड से अध्ययन के बाद जारी की एक रिपोर्ट

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देहरादून, 8 जुलाई (निस)। छात्र संगठन मेकिंग ए डिफरेंस बाइ बीईंग दा डिफरेंस (मैड) ने रिस्प्ना और बिंदाल नदियों के सर्वे के बाद जारी रिपोर्ट में कहा है कि इन नदियों की हालत बेहद खराब है। बिंदाल नदी के अभियान में मैड ने पाया कि नदी तो बची नहीं, पर कूड़े, कबाड़, शौच, अतिक्रमण का एक अथारू सागर अब बिन्दाल नदी के तल पर पनप रहा है द्य राजपुर की ओर भी अतिक्रमण और कूड़े के ढेर हैं। लोग ऐसी अमानवीय परिस्थितियों में भी वहीं रह रहे हैं द्य पेसिफिक माल के पीछे से जोहरी गांव के रास्ते मसूरी डाइवर्जन रोड से साई मंदिर तक सर्वे किया। आईसीएम कालेज के पास पहुंचने पर मैड ने नदी के स्त्रोत को तलाशने की कोशिश की। यह नदी शिव मंदिर से आती दिखी। शिव मंदिर से नदी का पानी टोक बाजार से आती हुई जलधारा ही है द्य पूरे इलाके में मैड को प्लास्टिक पौलिथीन जैसी हानिकारक सामग्री हे दिखाई दी। रिस्पना की स्थिति तो बिंदाल से कई गुना खराब हैं द्य इसमें तो कूड़े के ढेर लग गए। रिस्पना पुल से नीचे चलते चलते मैड ने फिर वही अतिक्रमण देखा। एक बड़ी जेसीबी भी देखी। संजय कालोनी और मोहिनी रोड के पास कई नाले सीधे रिस्पना में मिल रहे हैं। मैड ने इस मुद्दे को नीतिगत तरीके से तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और मौजूदा सीएम हरीश रावत के सामने भी उठाया। उन्होंने जल विज्ञान संस्थान रूड़की से शोध कर यह पता लगवाया था की इन दोनों जल श्रोतों का पुनर्जीवन संभव है। बशर्ते इनके संरक्षण के प्रयास किए जाएं। लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। मैड अब इस मुद्दे को डीएम और मेयर के सामने अपनी शोध रिपोर्ट के साथ साथ उठाने वाला है। इस अभियान मे से हरदीप सिंह, अंकित सज्ज्वान, अंकित बिष्ट, कुनैन अंसारी, जय शर्मा, सौम्य रौथान, कार्तिकेय खत्री, काशिका महंत इत्यादि ने अहम् भूमिका निभाई।

विकास खण्ड बढने से होगा विकासः किशोर

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देहरादून, 8 जुलाई (निस)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष ने परिसीमन को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही बयानबाजी पर पलटवार करते हुए एक बार फिर से इस मुद्दे को उठाया है। प्रदेश अध्यक्ष ने विकास खण्डों को बढ़ाने की बात भी कही है। बुधवार को राजीव भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने विधानसभा क्षेत्रों और लोकसभा क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी। जिस पर विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है। इन सबके बजाय यदि राज्य के विकास के लिए इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाये तो बेहतर होगा। इस मुद्दे पर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकासखण्डों में भी अब तक कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, इसके लिए भी प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खण्डूडी स ेमिले थे और उनसे भी केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने भी प्रस्ताव नहीं भेजा। उन्होंने सांसदों, विधायकों और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजें।

धोखे से किसी दूसरे का अपहरण किया

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। किसी और के धोखे मे ंबदमाशों ने किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर उससे लाखों रूपये की फिरौती की मांग कर डाली, लेकिन अपनी गलती का अहसास होते ही उसे मारपीट कर छोड़ दिया। पीडि़त ने दून पहंुच कर बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दून में पिछले तीन माह के दौरान अपहरण की तीन वारदातें सामने आयी है। जिसमें दो व्यक्तियों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी है। जबकि एक मामले में बदमाशों द्वारा गलत व्यक्ति का अपहरण करते हुए उससे सवा तीन लाख लूट लिये। बदमाशों ने उससे 10लाख की फिरौती की भी मांग की लेकिन अपनी गलती का अहसास होने के बाद बदमाशों ने उसे मारपीट कर छोड़ दिया।  मिली जानकारी के अनुसार बीते रोज कृष्णा पुत्र गोदानिवासी सहारनपुर व हाल बशींवाला ने प्रेमनगर थाने पहुंच कर अज्ञात लोगों के खिलाफ इनोवा कार से अपना अपहरण करने व 337 हजार रूपये छीनकर 10लाख की फिरौती मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। पीडि़त कृष्णा के अनुसार बीती 26 जून को वह बंशीवाला में थे। इस दौरान उनके पास कुछ ईनोवा सवार लोग पहुंचे और उन्होने उसे कार में घसीट कर डाल दिया। इसके बाद बदमाशों ने उसके पास रखे 337 हजार रूपये छीन लिये। कृष्णा का कहना है कि बदमाश उसे युमनानगर हरियाणा एक ईंट भट्टे पर ले गये जहंा उन्होने उससे मारपीट की। बदमाश अभी 10 लाख की फिरौती मांगने की फिराक में ही थे कि उन्हे मालूम हुआ कि उन्होने गलती से किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर लिया है। अपनी गलती का अहसास होते ही बदमाशों ने उसे डरा धमका कर छोड़ दिया। किसी तरह दून पहुंचने के बाद पीडि़त कृष्णा ने अपनी आपबीती पे्रमनगर पुलिस को बताते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि यह मामला भी ईंटं कारोबार से जुड़ा है तथा ईटांें के कारोबारियों का पैसा किसी व्यक्ति के पास फंसने के बाद उन्होने उसके अपहरण की योजना बनाई थी लेकिन गलती से बदमाशों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण कर लिया गया था।

बसपा ने किया जिलामुख्यालय पर प्रदर्शन

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देहरादून, 8 जुलाई (निस)। बहुजन समाज पार्टी ने सफाई कर्मचारियों के नियमितिकरण सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। बसपा के जिलाध्यक्ष अजयपाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। बसपाईयों का कहना था कि राज्य के समस्त जिलों के नगरनिगमों, नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में सफाई कर्मचारियों व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा के साथ संविदा पर कार्य करा रही है। जिनका ेठेकेदारी प्रथा के कारण मात्र चार हजार रूपये वेतन दिया जा रहा है। ठेकेदारी प्रथा के तहत लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं सफाई कर्मचारियों को विभागीय स्तर पर कर्मचारियों का नियमितिकरण कर तमाम कर्मचारियों को सरकारी सुविधा मुहैया करायी जाये। प्रदेश बनने के बाद जो लोग यहां बसे हैं उनके मूल निवास बनाने की समय सीमा लागू की जाये। बाढ़ नियंत्रण,बाढ़ सुरक्षा में लगे अधिकारियों, कर्मचारियों को हर क्षेत्र में मुस्तैद रहने के निर्देश जारी किये जायें जिससे कि जहां भी जलभराव हो या बाढ़ का खतरा हो वहां पर जनता को सुरक्षा मिल सके। प्रदर्शन करने वालों में अजय पाल, रमेश कुमार,कपिल, सुमन, आशु थापा, मुन्ना सिंह,मनीष कुमार, दिनेश केदार, अमित कुमार,श्याम सिंह तथा रूप चंद मंद्रवाल आदि शामिल थे।

मौसम खुलने से लोगों ने ली राहत की सांस

देहरादून, 8 जुलाई (निस)। केदारनाथ पैदल मार्ग को छोड़कर समूचे उत्तराखंड में मौसम के दोपहर बाद तक खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली। बदरीनाथ, हेमकुंड, गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा सुचारु है। केदारनाथ यात्रियों को फिलहाल सोनप्रयाग पर ही रोका हुआ है। वहीं ऋषिकेश गंगोत्री मार्ग पर मलबा आने से बड़े वाहनों के लिए सड़क अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ पैदल मार्ग पर हल्की बारिश हो रही है। सुरक्षा के लिहाज से केदारनाथ यात्रियों को सोनप्रयाग पर ही रोका हुआ है। सुबह यात्रियों को लेकर हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ का एक चक्कर लगाया। इसके बाद फिलहाल हेलीकॉप्टर सेवा भी स्थगित कर दी गई। गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग तक खुला हुआ है। चमोली जिले में रात्रि को हल्की बारिश के बाद सुबह धूप खिली है। इससे लोगो ने राहत की सांस ली। बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारु है। सुबह हेमकुंड के लिए 130 से अधिक यात्री गोविंदघाट से रवाना हुए। चमोली जिले में 22 लिंक मोटर मार्ग भूस्खलन से बंद पड़े हैं। मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के चलते तीन दिन से चमोली के जिलाधिकारी जोशीमठ में ही डेरा डाले हुए हैं। स्कूलों में 12वीं तक के छात्रों की छुट्टी है। 34 लिंक मार्ग बंदपौड़ी जनपद में भी सुबह से आसमान में बादल छाए हैं। साथ ही जिले के 34 लिंक मार्ग अवरुद्ध हैं। जिले के सभी स्कूल बारिश की संभावना के चलते बंद हैं। टिहरी के बगरधार के पास ऋषिकेश- गंगोत्री मार्ग गत रात से अवरुद्ध है। सड़क मरमत को बीआरओ की टीम पहुंच गई। यहां पहाड़ी को काट कर चोडी की जा रही है सड़क ।यहां से छोटे वाहन ही आगे निकल रहे हैं। साथ ही टिहरी के छह संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। टिहरी झील का जलस्तर 756.30 मीटर दर्ज किया गया। देहरादून व हरिद्वार में भी मौसम साफ है। कुमाऊं में चंबावत, अल्मोड़ा, रामनगर, नैनीताल में बारिश थमी हुई है।  वहीं आपदा परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद में लो.नि.वि प्रान्तीय खण्ड देहरादून के अन्तर्गत लम्बीधार किमाडी मोटर मार्ग बन्द है। लो.नि.वि अस्थाई खण्ड सहिया के अन्तर्गत गडोल सकरौल मोटर मार्ग, सहिया क्वानू मोटर मार्ग, दौंधा सम्पर्क मार्ग तथा ढांडवा कितरौली मोटर मार्ग  भारी  वर्षा के कारण मलबा आने से  बन्द हो गये हैं जिन्हे खोलने का कार्य गतिमान है।

पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति व परम्परा का हिस्सा: हरीश रावत
  • ‘‘मेरा पेड़-मेरा धन’’ योजना को लिंक कर लोकपर्व ‘हरेला’ मनाया जायेगा

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देहरादून, 8 जुलाई (निस)। ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संस्कृति विभाग को इसके निर्देश देते हुए कहा कि अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को बीजापुर हाउस में ‘धाद संस्था’ के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति व परम्परा का हिस्सा है। हमने इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए ‘‘मेरा पेड़-मेरा धन’’ योजना को लिंक कर लोकपर्व ‘हरेला’ को वृहद स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस योजना के सांस्कृतिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। ‘मेरा पेड़-मेरा धन’ योजना में फलदार व चारा प्रजाति के वृक्ष शामिल किए गए हैं। इसमें प्रति पेड़ प्रोत्साहन राशि का भी प्राविधान किया गया है। प्रत्येक गांव में एक समिति के माध्यम से सर्वश्रष्ठ ‘हरेला’ तैयार करने वाली महिला को 500 रूपए प्रतिमाह की राशि एक वर्ष तक प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को निर्देशित किया कि ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएं। अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि राज्य गीत के लिए गठित की गई समिति की बैठकों का आयोजन निरंतर किया जाए और इस काम में तेजी लाई जाए। धाद संस्था के अध्यक्ष हर्षमणि व्यास ने कहा कि ‘आओ मनाए हरेला’ अभियान का संचालन मुख्यमंत्री जी का ऐतिहासिक निर्णय है। इससे जहां जनसामान्य वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण से जुड़ सकेंगे, वहीं देश-विदेश के लोग प्रकृति से जुड़ी हमारी संस्कृति से परिचित हो सकेंगे। संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि उनकी संस्था केदारघाटी में आपदा प्रभावित परिवारों के बच्चों के बीच काम कर रही है। इस वर्ष चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक संचालन से क्षेत्रीय लोग काफी उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम पारम्परिक जैविक खेती को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। पारम्परिक व्यंजनों को भी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी ‘झंगोरा’ खीर अब राष्ट्रपति भवन के मेन्यू में शामिल कर ली गई है। चैलाई आदि क्षेत्रीय उत्पादों का उपयोग प्रसाद के तौर पर किया जाए इसके लिए बड़ी धार्मिक संस्थाओं से सम्पर्क किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने केदारघाटी के आपदा प्रभावित परिवारों की महिलाओं के लिए दो-दो बछिया(गाय) दिए जाने की बात कही। साथ ही इन परिवारों के आर्थिक उन्नयन व  स्वरोजगार के लिए 2 करोड़ रूपए जबकि इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा व छात्रवृŸिा के लिए भी 2 करोड़ रूपए के रिवाल्विंग फंड बनाने के लिए अपर सचिव राकेश शर्मा को निर्देशित किया। बैठक में पृथ्वीपाल सिंह चैहान, धाद संस्था की डा. शोभा रतूड़ी, डा.माधुरी बत्र्वाल, उपाध्यक्ष डी.सी. नौटियाल, हर्षमणी ब्यास, तन्मय ममगाई कल्पना बहुगुणा, रविन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे। 
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