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महिलाएं अब यौन उत्पीड़न की शिकायत मेल से भी भेज सकती है

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने सीमा क्षेत्र में यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने व्यथित महिलाओं की शिकायतें ईमेल और पोस्ट के माध्यम से भी स्वीकार करने का निर्णय लिया है।

शीर्ष अदालत के परिपत्र में कहा गया है कि जेंडर सेंसिटाइजेशन एंड सेक्सुअल हरासमेंट ऑफ वुमन ऐट सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया (प्रीवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रैसल) रेगुलेशन (जीएसआइसीसी), 2013 के तहत सदस्य सचिव व पंजीयक रचना गुप्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को लिखित में शिकायत भेज सकती हैं। कहा गया है कि इस कमेटी की पहली बैठक पिछले साल नौ दिसंबर को हुई थी। इसका मकसद इस रेगुलेशन को प्रभावी ढंग से लागू करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना और इससे जुड़े मुद्दों पर फैसला लेना था।

परिपत्र में कहा गया है कि शिकायतें पंजीकृत डाक, कुरियर, स्पीड पोस्ट या ईमेल के जरिये भेजी जा सकती हैं। दिए गए पते पर खुद आकर भी शिकायत सौंपी जा सकती है। यह भी कहा गया है कि जांच की कार्यवाही की गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी। रचना गुप्ता की मेल आइडी गुप्ता डॉट रचना ऐट द रेट ऑफ इंडियनजूडिशीयरी डॉट जीओवी डॉट इन है। इस साल जनवरी में कमेटी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि नवंबर 2013 में इसकी शुरुआत के बाद से उसे दो महिला वकीलों की ओर से दो शिकायतें मिली हैं और वे निपटारे के लिए लंबित हैं।

अमेरिकी विमानों में 'शू बम'के ख़तरों के प्रति चेतावनी

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अमरीका ने विमान सेवा देने वाली कंपनियों को जूतों में विस्फोटक ले जाने की कोशिशों के प्रति आगाह किया है. आंतरिक सुरक्षा अधिकारियों ने किसी ख़ास ख़तरे या साज़िश के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन इतना ज़रूर बताया है कि ये चेतावनी बाहर से अमरीका आने वाले विमानों पर केंद्रित है. हाल के दिनों में ऐसा दूसरी बार हुआ है जह अमरीका में विमानों में विस्फोटकों के ख़तरों के प्रति चेतावनी जारी की है.

वर्ष 2001 में ब्रिटेन के रिचर्ड रीड ने पेरिस से मियामी जा रहे विमान को उड़ाने की धमकी दी थी. उन्होंने अपने जूतों में विस्फोटक रखे थे. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़ अमरीका के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, "हमारे सुरक्षा तंत्रों में कई देखे और अनदेखे क़दम शामिल होते हैं, जो ताज़ातरीन ख़ुफ़िया जानकारियों पर आधारित होते हैं. हमारा विभाग इन ख़तरों को देखते हुए सुरक्षा क़दमों को व्यवस्थित करता है."कुछ दिनों पहले ही अमरीका ने चेतावनी जारी करते हुए विमानन कंपनियों को कहा था कि सीधे रूस जाने वाली विमानों में टूथपेस्ट ट्यूब में विस्फोटक छिपाए जा सकते हैं.

2012: अमरीका का दावा है कि उसने अमरीका आ रहे एक विमान पर हमला करने की अल क़ायदा की साज़िश को नाकाम कर दिया. विमान पर अंडरवियर बम से हमला करने की साज़िश रची गई थी.
2009: क्रिसमस के दिन डेट्राइट जा रहे नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस के विमान में धमाका करने की कोशिश की गई. नाइजीरिया के उमर फ़ारूक़ अब्दुल मुतालब अपने अंडयवियर में बम छुपा कर ले गए थे.
2006: ड्रिंक्स के रूप में बम से ट्रांसअटलांटिक विमानों को उड़ाने की साज़िश रचने के मामले में ब्रिटेन के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया.
2001: पेरिस से मियामी जा रहे अमेरिकन एयरलाइंस के विमान में धमाका करने की कोशिश. ब्रिटेन के रिचर्ड रीड अपने जूतों में छिपाकर विस्फोटक ले गए थे.

बिल राज्यसभा की प्रॉपर्टी: कमलनाथ

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राज्यसभा में समाजवादी पार्टी और तेलगु देशम पार्टी के सदस्यों का हंगामा जारी है। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि राज्यसभा में 2 बजे तेलंगाना बिल को पेश किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो संसद का सत्र भी बढ़ाएंगे। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा भाजपा बिल का विरोध करना चाहती है तो करे, बिल अब राज्यसभा की प्रॉपर्टी है।


उधर, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में बिहार और यूपी को विशेष राज्‍य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद कार्यवाही दो बजे दिन तक स्थगित कर दी गई। जेडीयू और सपा द्वारा उठाए गए मुद्दे के साथ ही कांग्रेस और एआईएडीएमके ने भी राजीव गांधी हत्‍याकांड को लेकर हंगामा किया।

तेलंगाना बिल को संसद से पारित कराने की राह अब भी आसान नहीं है। नया पेंच भाजपा ने फंसा दिया है। गतिरोध के चलते बुधवार को बिल राज्यसभा में पेश नहीं हो सका। अब यह गुरुवार को पेश किया जा सकता है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके मंत्रियों की राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ बैठक बेनतीजा रही। बैठक में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू भी थे। बुधवार को इस मसले पर राज्‍यसभा में भारी हंगामा और कागजाती की छीनाझपटी तक हुई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने राज्य के बंटवारे के विरोध में इस्तीफा भी दे दिया था। 

प्रभुदेवा नहीं बदलेंगे ‘एक्शन जैक्शन’ का नाम

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बॉलीवुड के निर्देशक प्रभुदेवा का कहना है कि उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म ‘एक्शन जैक्शन’ का नाम अजय देवगन के लिए रखा है। हॉलीवुड में वार्नर बदर्स के बैनर तले 1988 में ‘एक्शन जैक्शन’ नाम की एक फिल्म बनी थी। फिल्म के निर्माताओं ने ‘एक्शन जैक्शन’ बना रहे निर्माता गोवर्धन तनवानी से फिल्म का टाइटिल बदलने को कहा है। बताया जाता है कि इस टाइटिल पर वार्नर ब्रदर्स का कॉपीराइट है।


प्रभुदेवा ने कहा कि हमने फिल्म का नाम ‘एक्शन जैक्शन’ इसलिए रखा है कि फिल्म के हीरो अजय देवगन एजे के नाम से जाने जाते हैं। हमने सोचा कि एजे की जगह ‘एक्शन जैक्शन’ रखना अधिक अच्छा होगा क्योंकि इस फिल्म में अजय मारधाड़ और डांस दोनों कर रहे हैं। मुझे इसके पहले अपनी फिल्म रैम्बो राजकुमार का नाम आर राजकुमार करना पड़ा था, लेकिन मैं हर बार ऐसा नहीं कर सकता। मैंने कभी हॉलीवुड की फिल्म ‘एक्शन जैक्शन’ बारे में नही सुना।

चीन इंडियन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स में पैसे लगाना चाहता है

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चीन ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट्स के एक बड़े हिस्से की फंडिंग करने की चाहत फिर दोहराई है। हालांकि उसका पिछला ऑफर सरकार ने ठुकरा दिया था। सरकार टेलिकॉम या पावर जैसे संवेदनशील सेक्टर्स में चीन की एंट्री से सिक्योरिटी के मोर्चे पर पैदा होने वाली चिंताओं को लेकर नर्वस थी। हालांकि इससे चीन पर कोई फर्क नहीं पड़ा और उसने अपनी कंपनियों तथा वर्कर्स को भारत के रेल, रोड, पावर इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलिकॉम सेक्टर्स से जोड़ने की मुहिम में ढिलाई नहीं बरती है। 

चीन के एक वर्किंग ग्रुप ने फरवरी के पहले हफ्ते में पांच साल का ट्रेड ऐंड इकनॉमिक कोऑपरेशन प्लान भारत सरकार को सौंपा था। भारत ने 2012-2017 की 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर में एक लाख करोड़ डॉलर के निवेश का लक्ष्य तय किया है। चाइनीज वर्किंग ग्रुप ने इसके 30 पर्सेंट हिस्से यानी करीब 300 अरब डॉलर की फंडिंग का प्लान पेश किया। यह भारत के सामने किसी भी देश की ओर से आया सबसे बड़ा ऑफर है। यह जापान की ओर से दिए गए फंड से ज्यादा है, जो परंपरागत रूप से भारत के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट्स की फाइनैंसिंग करता रहा है। 

मामले की जानकारी रखने वाले एक गवर्नमेंट ऑफिशल ने ईटी को बताया कि कॉमर्स डिपार्टमेंट चीन के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल पर चर्चा के लिए अगले हफ्ते इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग बुला सकता है। इस बैठक में भारत अपनी पसंद के वे सेक्टर्स चुन सकता है, जिनमें चीन को निवेश करने की इजाजत दी जा सकती है। चीन के पास 3.8 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा का कैश रिजर्व है। दूसरे देशों के साथ उसके ट्रेड सरप्लस के कारण इसमें इजाफा हो रहा है। चीन इस रकम को इन्वेस्ट करना चाहता है। वह अपने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स में बड़ी रकम लगा चुका है और अब उसकी नजर दूसरे देशों पर है। वह पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और साउथ अफ्रीका सहित दुनिया के कई विकासशील देशों में पैसे लगा रहा है। इससे उन देशों में चीन और उसकी कंपनियों का महत्व बढ़ रहा है। 

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारत की जरूरतें काफी ज्यादा हैं और चीन को इसमें बड़ा मौका दिख रहा है। चीनी वर्किंग ग्रुप ने भारत सरकार को जो प्लान सौंपा है, उसमें रेलवेज, रोड्स, टेलिकॉम, न्यूक्लियर पावर और सोलर पावर सहित कई सेक्टर्स को इन्वेस्टमेंट के लिए चुना गया है। 

सरकारी अधिकारी ने बताया कि चीन ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने की गहरी इच्छा दिखाई है। हालांकि हमें यह देखना है कि इस ऑफर का कैसे फायदा लिया जा सकता है। हमें उन सेक्टर्स की पहचान करनी है, जिनमें हमें फायदा हो सकता है। इनमें आईटी, फार्मा जैसे सेक्टर्स हैं। 

चीन का जोर रेलवे पर ज्यादा है, खासतौर से इलेक्ट्रिफिकेशन, हाई-स्पीड ट्रेनों, वैगन और गेज कन्वर्जन पर। उसने सीवेज ट्रीटमेंट और टनल बिल्डिंग जैसे क्षेत्रों में भी दिलचस्पी दिखाई है। भारत हालांकि नॉर्थ ईस्ट और जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में चीन से इन्वेस्टमेंट नहीं चाहता है।


उत्तराखंड की विस्तृत खबर (20 फ़रवरी )

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पॉली हाउस पर आखिरी दिन भी हंगामा, सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित 
  • विपक्ष ने पॉली हाउस अनुदान पर की सीबीआई जांच की मांग 
देहरादून, 20 फरवरी। विधानसभा में प्रश्नकाल गुरूवार को भी पॉली हाउस के लिए मंत्री के अपने रिश्तदारों को अनुदान दिए जाने की भेंट चढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने इस मामले को काम रोको प्रस्ताव के जरिए उठाया। भाजपा के सभी विधायकों ने इस मामले में नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस मामले को कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए उठाने की अनुमति दी, किन्तु विपक्षी सदस्य मामले की गम्भीरता का हवाला देते हुए इसके लिए तैयार नहीं हुए। हंगामंे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को तीन बार स्थगित कर दिया। इसके बाद शुरू हुई बैठक मंे पॉली हाउस में अनुदान आवंटन को लेकर पिफर से विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया। इसके बाद शौर शराबे के बीच ही गुरूवार के सारे काम पूरे कर दिए गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। इससे पूर्व नगर निगम अधिनियम (संसोधन), नगर पालिका अधिनियम (संसोधन) और आर्युवेद विश्वविद्यालय अधिनियम (संसोधन) अधिनियम सहित आकस्मिकता निधि अधिनियम (संसोधन) भी पारित कर दिए गए। वहीं भाजपा ने नियम 299 के तहत औचित्य का सवाल उठाते हुए सत्र के जारी रहने के बावजूद सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय बिना सदन को उपलब्ध कराए जाने पर आपत्ति भी दर्ज की। गुरूवार को सदन की बैठक शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने मामले को उठाते हुए कहा कि उनके दल की ओर से इस मामले में नियम 310 के तहत सूचना दी गई है। इस विषय पर चर्चा कराई जानी चाहिए। संबंधित मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा अपने रिश्तेदारों को नियमानुसार पॉली हाउस बनाने के लिए अनुदान दिलाया गया है। यह केेवल एक जिले का मामला नहीं, बल्कि 13 जनपदों का मामला है। इसलिए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। सीबीआई जांच होने तक मंत्री अमृता रावत को अपने पद से इस्तीफा देकर अपने को मंत्रीमण्डल से अलग कर नैतिकता का परिचय देना चाहिए। सीबीआई जांच के बिना इस मामले का खुलासा नहीं होगा। मंत्री का अपने रिश्तेदारों को पद पर रहते हुए लाभ पहुंचाना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने विपक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस मामले को नियम 58 में ले लिया जाएगा। जिसमें विपक्ष की बात के साथ सरकार का उत्तर भी आ जाएगा। उन्होंने विपक्ष से सदन को व्यवस्थित करने का आग्रह भी किया। जिससे प्रश्नकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके। 
विपक्षी भाजपा सदस्यों ने अध्यक्ष के आग्रह को अनुसना कर दिया और चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। विपक्ष ने कहा कि यदि सरकार इस मसले पर पाक साफ है तो उन्हें इस विषय पर चर्चा कराने में क्या परेशानी है। इस पूरे प्रकरण में सरकार को जांच कराने से उसी का लाभ होगा। प्रदेश की जनता भी जानना चाहती है कि आखिर किस कारण से मंत्री ने अपने रिश्तेदारों को उपकृत किया। सदस्यों के अपने स्थान पर खड़े रहने और लगातार शोरगुल के कारण विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कंुजवाल ने पहले सदन को 11.45 पर फिर 12.20 तक स्थगित कर दिया। लगातार दूसरे दिन भी प्रश्नकाल पॉली हाउस के मुद्दे पर स्थगित किया गया। शोरगुल के बीच ही विधनसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के पहले प्रश्न के लिए कांग्रेस सदस्य नवप्रभात को प्रश्न रखने के लिए आमंत्रित किया। अनुसूचित जाति के जनपदवार विवरण के प्रश्न पर सदन में हुए हंगामें के बीच नवप्रभात ने कहा कि इस शोरशराबे से अनुसूचित जाति पर भाजपा की नीति उजागर होती है। विपक्ष इस विषय पर कोई बात सुनना ही नहीं चाहता। इस पर विपक्षी विधायकों की सत्ता पक्ष के सदस्यों से तीखी नोकझोंक हुई। 

राज्य में स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत: रावत

harish rawat
देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। राज्य के 4 इंजीनियरिंग कॉलेज व 2 पोलिटेक्नीक कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को बीजापुर गेस्ट हाउस में उत्तराखण्ड शासन, पीटीसी व डीसीएस के मध्य एमओयू किया गया। एमओयू पर उत्तराखण्ड शासन की ओर से अपर सचिव तकनीकी शिक्षा शैलेश बगोली ने जबकि पीटीसी की ओर से इसके वाईस प्रेसीडेंट सुभाष नाम्बियार व डीसीएस की ओर से इसके निदेशक राहुल नायडू ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। यहां के युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित शिक्षण संस्थानों में छात्रों को इससे लाभ होगा और उन्हें बेहतर प्लेसमेंट मिलेगा। अपर सचिव तकनीकी शिक्षा शैलेश बगोली ने जानकारी देते हुए बताया कि कारपोरेट सोशियल रेस्पोंसबिलिटी के तहत दोनों कम्पनियां राज्य 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों व 2 पॉलिटेक्नीक कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित करने के लिए लगभग 800 करोड़ रूपए का निवेश करेगी। इसके लिए राज्य सरकार को केवल 5-6 हजार वर्ग फीट का स्थान उपलब्ध करवाना होगा। द्वाराहाट, पौड़ी, पंतनगर व पिथौरागढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेज व कालाढूंगी, हरिद्वार के पॉलिटेक्नीक कॉलेज में आधुनिकतम तकनीक से वर्तमान औद्योगिक व बाजार आवश्यकताओं को देखते हुए छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें अध्यापकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव एस. एस. संधु सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

विधान सभा सत्र के दौरान विधायक ने उठाई समस्यायें

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के साथ अन्य प्रदेश से संबंधित ज्वलंत मुद्दो को सत्र के दौरान विभिन्न मागों को प्रमुखता से उठाया। उन्होने प्रदेश के राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित करने उनको मिलने वाली सुविधाआंे हेतु शासनादेश व उसकी वैधानिक मान्यता देने जंगली जानवरों द्वारा जान माल क्षति व मुआवजा बढ़ाने, वि.स. क्षेत्र में महिला महाविद्यालय की स्थापना, जंगली जानवरों द्वारा आक्रामक हमलों की रोकथाम व रिहायशी क्षेत्रों मंे सुरक्षा प्रबन्ध एवं तारबाड़ के होने के साथ ही राज्य के पास जहाज व हैलीकाप्टर की सं0, पिटकुल द्वारा निर्माणाधीन सब स्टेशन हेतु ट्रांसफार्मर खरीद सत्यनारायण से गौहरी माफी तक सड़क निर्माण, पीडब्लूडी की आवासीय कालोनी की जीर्ण शीर्ण अवस्था वन विभाग की क्षतिग्रस्त आवासीय कालोनी व चारदीवार एवं थानों न्याय पंचायत के गावंों का पुलिस थाना ऋषिकेश के अन्तर्गत श्यामपुर चौकी की ज्यादा पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण दूरी के कारण कानून व्यवस्था एंव सुरक्षा पर सवाल उठाये । उन्होनेे खराब एक्स रे मशीन, अल्ट्रासाउन्ड मशीन, ट्रामा सेंटर की स्थिति, पोस्टमार्टम गृह शुरू करने, चिकित्सको की डयूटी पर उपस्थिति का भी मुददा उठाया।

जेसीबी व हेंड्रा मशीनों का धडल्ले से हो रहा प्रयोग

लालकुआं/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। मजदूरों के पेट में लात मारते हुए वन विकास निगम के डिपो एवं आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध तरीके से जेसीबी एंव हेंड्रा मशीने धडल्ले से प्रयोग की जा रही है। श्रम मंत्री के ग्रहक्षेंत्र में श्रमिकों के हाथ से रोेजगार छीनने वाले कदम से वन विकास निगम में कार्यरत तीन सौ से अधिक ठेका श्रमिकों में गहरा असंन्तोष व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लालकुआं वन निगम के डिपो नम्बर 4. व 5 तथा 6 के अलावा आरक्षित वन क्षेत्र में वन निगम द्वारा काटी गयी लकडी को ढुलान, भरान व चट्टे  लगाने के लिए घडल्ले से पिछले कुछ माह से जेसीबी मशीन एंव हैड्रा मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले तीस सालों से वन निगम के प्रकाष्ठ को जंगल से लादकर वन निगम के डिपो में उतारने एंव बाहरी क्षेत्रों में बिक्री की गयी लकड़ी को लादकर अपनी आजीविका चला रहे सैकड़ों मजदूरों में अनाधिकृत तरीके से हैड्रा मशीने के लगाने के कारण रोजी रोटी से मोहताज होने के चलते गहरा असंन्तोस व्याप्त है। निगम मजदूरों का कहना है कि अधिकारियों ने निगम के नियमों की अवहेलना कर सैकड़ो मजदूरो की पेट पर लात मारते हुऐं मात्र एक व्यक्ति को प्रकाष्ठ उठाने का ठेका दे दिया है । पहले तो सब सही चलता रहा लेकिन बाद मे निगम कर्मियों की मिलीभगत के बाद निगम के डिपोओं मे मानवीय हस्तक्षेप खत्म कर वहां पर बडी बडी मशीनों को लगा दिया गया है जिससे मजदूरों की हालत दयनीय हो चली है। लटठा् मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मुबारक शाह ने कहा कि पहले से ही हम निगम की लकड़ी ढुलान एवं चटट्ा लगायी की दरो को बढाने की मांग कर रहे है उपर से निगम ने गरीब लोगो की पेट पर लात मारते हुएंे जंगल के साथ डिपोंओ मे मशीने तैनात कर दी है उन्होने कहा कि जल्द एक शिष्ठमंडल सूबे के मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगायेगा । इससे पूर्व कल बीस फरवरी को नगर में क्षेत्र के वन निगम मजदूरों की बैठक आयोजित कर मजदूरों के साथ किये जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ रणनीति तय कर आन्दोलन शुरू किया जायेगा।इधर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक गिरीश चन्द्र सिंह बिष्ट का कहना है कि वह लालकुआं डिपो आकर मामले की जांच करेंगें उन्होने सफाई देते हुऐ कहा कि सम्भवत; मोटी लकड़ी उठाने के लिऐ ही जेसीबी मशीन लायी गयी होगी।  

अगस्त्यमुनि में भी तहसील खोलने की मांग

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश सरकार द्वारा नई तहसीलों की घोषणा को देखते हुए अब अगस्त्यमुनि में भी तहसील खोलने की मांग उइने लगी है। सेवानिवृत राजकीय पैंशनर संगठन रूद्रप्रयाग के अध्यक्ष पद्मसिंह गुसाईं की अध्यक्षता में स्थानीय जनता ने बैठक कर मन्दाकिनी घाटी के केन्द्रबिन्दु अगस्त्यमुनि में तहसील खुलवाने के लिए मुख्यमंत्री के दरबार में गुहार लगाने का निर्णय लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अगस्त्यमुनि में तहसील का निर्माण होने से दूरस्थ क्षेत्र चन्द्रनगर, बड़मा पट्टी, घिमतोली, चोपता, छेनागाड़, नागजगई क्षेत्र की जनता को सुविधा होगी। वर्तमान में उन्हें ऊखीमठ, जखोली व रूद्रप्रयाग के चककर काअने पड़ते हैं। जनपद में दोनों विकास खण्ड मुख्यालय तहसील मुख्यालय भी हैं। परन्तु अगस्त्यमुनि ब्लॉक मुख्यालय ही तहसील मुख्यालय से वंचित है। अगस्त्यमुनि में तहसील निर्माण से मन्दाकिनी नदी के आर पार के क्षेत्र आपस में जुड़ जायेंगे और जनता को इसका लाळा मिलेगा। इस मांग को लेकर शीघ्र ही जनता की ओर से एक शिष्टमण्डल मुख्यमंत्री से भेट करेगा। बैइक में श्रीनन्द जमलोकी, हर्षवर्धन बैंजवाल, लेखराज खत्री, नरेन्द्र सिंह कण्डारी, अवतार सिंह राणा, बलबीरलाल, हरेन्द्र सिंह नेगी, उमेश भट्ट, जगमोहन भण्डारी, शम्भू प्रसाद भट्ट, अजीत बर्त्वाल, अमित नेगी, चिन्तामणि सेमवाल, महानन्द भट्ट, विजयपाल नेगी, नरोत्तम भट्ट, गयादत्त सहित पैंशनर, स्थानीय समाजसेवी, व्यापारी, बुद्धिजीवी एवं नवयुवक शामिल थे। 

हल्द्वानी मंडी समिति के अध्यक्ष ने किया 10 सम्पर्क मार्गो का शिलान्यास

हल्द्वानी/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। ग्रामीण काश्तकारों को आर्थिक रूप से सुद्वण बनाने तथा उनकी उपज को विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित मंडियों में लाने के लिए सडको एवं सम्पर्क मार्गो की विशेष भूमिका हैं। जहां सडकें विकास की आत्मा है वही राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। यह बात मंडी समिति हल्द्वानी के अध्यक्ष सुमित हृदयेश द्वारा मंडी परिसर में आयोजित शिलान्यास समारोह में कही। हृदयेश द्वारा उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन वोर्ड द्वारा हल्द्वानी क्षेत्र की 10 सम्पर्क मार्गो जिनकी लागत 1 करोड 64 लाख 92 हजार है का वैदिक मंत्रो के बीच काश्तकारों की मोजूदगी में शिलान्यास किया। इन सम्पर्क मार्गो की लम्बाई 4.03किमी है। उन्होने समारोह में उपस्थित किसानो को सम्बोधित करते हुये कहा कि इन सम्पर्क मार्गो के बन जाने से क्षेत्रीय किसानों एवं जनसामान्य को आवागमन हेतु पक्के मार्गो की सुविधा मिलेगी । जिससे किसान अपनी उपज खास तौर पर सब्जी फल व अनाज को सुगमता पूर्वक मंण्डी तक पहुचा सकेगे। और उनको अपने उपज का वाजिद दाम भी मिल सकेगा। इस प्रकार की सडको का निर्माण उत्तराखण्ड के निर्माण विकास एवं स्वरोजगार की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होने बताया कि हल्द्वानी मण्डी समिति के अन्तर्गत 433.47 लाख की लागत से 12.65 किमी0 सम्पर्क मार्ग निर्माणाधीन है। इसके अलावा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कूडा/कचरा निस्तारण हेतु 376.31 लाख से सिविल कार्य विद्युतीकरण एवं प्लान्ट मशीनरी स्थापना का कार्य कराया जा रहा है। मण्डी में 54.63 लाख की लागत से ट्यूवबैल पम्प हाउस का निर्माण भी प्रगति पर है। हल्द्वानी मण्डी द्वारा जनपद अल्मोडा के चखुटिया में 77.47 लाख की लागत से किसानो हेतु कलैक्शन सैन्टर का निर्माण कराया जा है। नैनीताल में खैरना में 96.02 लाख की लागत से कलैक्शन सैन्टर बनाया जा रहा है। इन कलैक्शन सैन्टरों में स्थानीय किसानो को मण्डी समिति हल्द्वानी द्वारा विपणन सुविधाये जैसे तोल हेतु कांटा बांट व बैठने हेतु सुरक्षित स्थान, विक्रय के उपरान्त शेष बची कृषि उपज भण्डार व्यवस्था हेतु गोदाम, बैकिग कार्य हेतु एटीएम बूथ, प्रसाधन, कैन्टीन व पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। कार्यक्रम में जानकारी देते हुये उपनिदेशक मण्डी रामानुज गुप्ता ने बताया कि ग्राम बमौरी तल्ली बन्दोबस्ती के अन्तर्गत सनलाईट इन्क्लेव 780 मी0 सम्पर्क मार्ग लागत 10 लाख 17 हजार, बिठौरीया नम्बर 1 विष्टधडा शिवालिक विहार में 600 मी0 सम्पर्क मार्ग के जीर्णेाधार कार्य लागत 14 लाख 81 हजार, बजूनियाहल्दू में रौले से खेतो के मध्य 270 मी0 मार्गो का निर्माण लागत 19 लाख 23 हजार, गा्रम पदमपुर देवलिया में 180 मी0 सम्पर्क मार्ग निर्माण 11 लाख 36 हजार, जगतपुर गौलापार में 220 मी0 सम्पर्क मार्ग का निर्माण लागत 13 लाख 62 हजार,जगतपुर गौलापार में सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य लम्बाई 160मी0 लागत 9 लाख 85 हजार, ग्राम कुवरपुर गौलापार में 310मी लम्बे सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य लागत 18 लाख 60 हजार, गा्रम जयपुर खीमा में 310 मी लम्बे सम्पर्क मार्ग लागत 18 लाख 60 हजार, ग्राम किसनपुर सकुलिया में 200 मी0 सम्पर्क मार्ग निर्माण लागत 13 लाख 21 हजार तथा ग्राम पंचायत जंगलिया गांव में तोक अलानी से सैला तक 1 किमी सम्पर्क मार्ग लागत 35 लाख 17 हजार का शिलान्यास हुआ है। जल्द ही इन सडको के निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। कृषि उत्पाद विपणन वोर्ड का प्र्रयास होगा कि जल्द से जल्द इन सडको का निर्माण कर काश्तकारो ंको समर्पित किया जाए ताकि काश्तकारों को इनका सीधा लाभ मिल सकें। कार्यक्रम में मण्डी उपाध्यक्ष सलीम अन्सारी, सचिव बीके लोहुमी, सदस्य मण्डी यशपाल आर्य, कार्तिक विष्ट, डी के पन्त, सुरेन्द्र बर्गली, उपनिदेशक मण्डी प्रशासन तीरथपाल, आलूू फल विक्रेता एसोसिएशन अध्यक्ष जीवन सिह कार्की, सोनू गर्ग, आन सिह मेर, महामंत्री नीजर प्रभात गर्ग के अलावा तेज प्रकाश, दिनेश जोशी, उमेश कबड्वाल, कैलाश तिवारी उपस्थित थे। संचालन मण्डी निरीक्षक भूवन गोस्वामी द्वारा किया गया।

उद्योग व्यापार मण्डल ने ऋषिकेश से नीलकंठ तक रोपवे बनाये जाने की लगाई गुहार

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। देवभूमि उत्तराचंल उद्य़ोग व्यापार मण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक ज्ञापन देकर ऋषिकेश के मायाकुण्ड में चैक डैम बनाकर गंगा की धारा को त्रिवेणी घाट पर लाए जाने व पिछले दिनों प्राकृतिक आपदा में आई बाढ़ से त्रिवेणी घाट व आस्थापथ के टूटे भाग को अविलंब ठीक कराए जाने के साथ ऋषिकेश से नीलकंठ के बीच रोपवे का शीघ्र निर्माण कराए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री से मिलने गए देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि देश विदेश से आने वाले यात्रियों की सुविधार्थ व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मुनिकीरेती व वेद निकेतन के बीच प्रस्तावित थ्री लेन पुल का निर्माण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है तथा ऋषिकेश में घोषित सरकारी जमीनों को सरकार शीघ्र कब्जे में लेकर विकास कार्यों को गति दंे, इसी के साथ उन्होने नगर में भूमाफियाओं  द्वारा धार्मिक सम्पत्तियों, धर्मशालाओं आश्रमों पर कब्जा किया जा रहा व अवैध रूप से खरीद फरोख्त कर इनका व्यवसायीकरण किया जा रहा है। जिससे नगर का धार्मिक स्वरूप समाप्त होता जा रहा है। जिससे चारों धाम यात्रा के लिये आने वाले गरीब लोगांे को आवास की निशुल्क समाप्त हो रही। पिछले कुछ समय में जितनी भी धर्मशालायें एव धार्मिक सम्पत्तियां अवैध रूप से बिकी हैं, उनकी जांच करायी जाये। ऋषिकेश, हरिद्वार मुनिकीरेती तपोवन रामझूला, लक्ष्मणझूला पूरे कुम्भ क्षेत्र को मिलाकर ऋषिकेश को जिला बनाया जाये। जून में आई आपदा से कम से कम जून 2016 तक की अवधि तक आपदा पीड़ित व्यापारियों को बिजली पानी के बिलों में कम से कम 50 प्रतिशत की छूट दी जाये, ताकि उत्तराखण्ड में व्यापारी फिर से पनप सकें। ज्ञापन देने वालों में इन्द्र प्रकाश अग्रवाल, राजू शर्मा, कृष्ण माहन चौरसीया, सूरज शर्मा, प्रकाशसिंह जाटव, अमित कुमार, राहुल शर्मा, श्यामल दत्ता आदि थे।



राज्य आंदोलनकारियों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, 

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा आंदोलनकारियों को समान पेंशन दिलाये जाने के आश्वासन दिये जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न किये जाने के विरोध में आंदोलनकारियों ने एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और प्रिंस चौक पर जाम लगाया, जिससे वहां पर चारों ओर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई और लोगों को परेशानियों का सामना करना पडा। यहां शहीद स्थल पर आंदोलनकारी इकठठा हुए और वहां से उन्होंने सरकार के खिलाफ रैली निकालकर प्रिंस चौक पहंुचे और वहां पर जाम लगा दिया। जाम लगने की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहंुच गई और उन्होंने वहां से जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने, प्रिंस चौक पर चारों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई और लोगों को काफी परेशानी झेलनी पडी। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लगातार समान पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन चलाया गया और अनशन किया गया, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को कैबिनेट में उठाया जायेगा लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है और न ही उनके मुददे को कैबिनेट में रखा गया है। वक्ताओं ने कहा कि उनका कहना है कि सभी चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन पांच हजार रूपये दिया जाना चाहिए और सरकारी सेवाओं में योग्यतानुसार सीधी भर्ती दी जाये एवं 50 वर्ष से उपर आयु के आंदोलनकारियों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाये, यह मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है लगातार आंदोलन करने के बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है। संगठन ने राज्य सरकार से चिन्हित आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन एवं सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान किये की मांगे थी। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के लिए ठोस रणनीति तैयार की जायेगी। उनका कहना है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारी वर्षों से एक समान पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की जायज मांग को लेकर आंदोलनरत है लेकिन सरकार की ओर से उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है और अब सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार पर दवाब बनाया जायेगा। इस दौरान प्रमिला रावत, ज्ञान कुडलिया, विश्वेशरी पंत, लक्ष्मी बिष्ट, शांति सकलानी, लक्ष्मी नेगी, चन्द्रा गुंसाई, नर्मदा नेगी, चंद्रा जुयाल, भुवनेश्वरी नेगी, चन्द्रा जुयाल, गंभीर सिंह, राकेश भटट, मोहन भटट, पी डी डंगवाल आदि अनेक आंदोलनकारी मौजूद थे।

शिक्षा मित्रों ने किया विधानसभा कूच

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग को लेकर उत्तराखंड शिक्षा मित्र महासंघ ने धरना स्थल पर प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए विधानसभा कूच किया, और जहां पर पुलिस द्वारा लगाये गये बैरीकैडिंग पर जमकर नोंकझोंक हुई तथा बाद में सभी वहीं पर धरने पर बैठ गये।यहां महासंघ के बैनर तले शिक्षा मित्र धरना स्थल में इकठठा हुए और वहां पर प्रदर्शन करते हुए ध्रना देने के बाद वहां से विधानसभा की ओर कूच किया। विभिन्न मार्गों से होते हुए जैसे ही शिक्षा मित्र रिस्पना से पहले पहंुचे तो पुलिस ने वहां पर बैरीकैडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया और प्रदर्शनकारी शिक्षा मित्रों ने आगे बढने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और प्रदर्शनकारियों ने वहां पर जमकर हंगामा किया तथा बाद में सभी प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गये। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं एनसीटीई द्वारा शिक्षा अधिकार अधिनियम से पूर्व कार्यरत शिक्षा मित्रों को पात्रता परीक्षा टीईटी से मुक्त रखा है लेकिन आज तक उनका समायोजन नहीं हो पा रहा है, जिससे शिक्षा मित्र आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे है। उनका कहना है कि योग्यताधारी प्रशिक्षितों को मौलिक नियुक्ति देकर सेवा में रहे हुए विशिष्ठ डीपीएल कराया जा रहा है लेकिन इसी तरह से 2374 प्रशिक्षणरत शिक्षा मित्र को भी समायोजित किया जाये और यदि सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को सीधे समायोजित का निर्णय नहीं लिया गया तो शिक्षा मित्र आत्मदाह जैसे कदम उठाने के लिए विवश होंगे। उनका कहना है कि सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किये जाने की आवश्यकता है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही उनकी मांगों पर नहीं की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश के अति दुर्गम व दुर्गम शिक्षक विहीन तथा एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष लगभग राज्य के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 3652 स्नातक योग्यताधारी शिक्षा मित्र वर्ष 2001 से शिक्षण कार्य करते हुए आ रहे है। उनका कहना है कि लगातार उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है, जिसके खिलाफ मोर्चा खोला जायेगा। उनका कहना है कि शिक्षा मित्रों पर टीईटी को अनिवार्यता के संबंध मंे स्पष्टीकरण हेतु राअशि परिषद (एनसीटीई) को भेजा गया जिसके जवाब में एनसीटीई ने भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 3652 शिक्षा मित्रों की नियुक्तिएनसीटीई की अधिसूचना पूर्व में हुई है उनके लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है तथा राज्य सरकार 25 अगस्त 10 से पूर्व नियुक्त ऐसे 3652 स्नातक तथा प्राथमिक शिक्षा में द्विवर्षीय डिप्लोमाधारी या अंतिम वर्ष में प्रशिक्षणरत शिक्षा मित्रों जो अपना द्विवर्षीय डिप्लोमा 31 मार्च 15 तक पूर्ण कर रहे है को सीधे समायोजित कर सकते है, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है, जिससे रोष बना हुआ है। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया और कार्यवाही की मांग की गई। इस दौरान महासंघ के अध्यक्ष ललित द्विवेदी व महामंत्री रविन्द्र खाली, गुलाब रमोला, महेन्द्र सिंह, संदीप रावत, दीपक जोशी, अंबिका ध्यानी, ईश्वर सिंह, चंदन कुंडरा, पूजा, रश्मि, जितेन्द्र सिंह, पूरन सिंह, अमन सिंह, भगवान सिंह चौहान, बलवीर आर्य, सुनीता, कविता, सुषमा, आशा, बिमला, रोशनी, ममता, रीना सहित प्रदेश भर से आये हुए शिक्षा मित्र शामिल थे।

प्रवासी उत्तराखण्डियों के संगठन ने की विधानसभा अध्यक्ष से शिष्टाचार भेंट

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। बडौदा(गुजरात) में प्रवासी उत्तराखण्डियों के संगठन ‘‘उत्तराखण्ड सांस्कृतिक संगम बडौदा’’ का एक शिष्टमण्डल ने सुरेश चन्द्र पाण्डे के नेतृत्व मे विधान सभा अध्यक्ष मा0 गोविन्द सिंह कुंजवाल से शिष्टाचार भैंट की। संगठन के अध्यक्ष पाण्डे ने बताया कि उनके द्वारा बडौदा में उत्तराखण्ड के निवासी कुमाऊनी, गढ़वाली समुदाय के 700 परिवारों का एक मंच चलाया जाता है। जिसके द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों और  रक्तदान शिविरों के आयोजनों के अलावा कुमाऊनी तथा गढ़वाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। संस्था में अध्यक्ष द्वारा अपने दल के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर उन्हें प्रदेश की आपदा प्रभावितों के लिए 9लाख 1हजार 1 सौ रुपये की धनरशि का चैक मुंख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया। विधान सभा अध्यक्ष कुंजवाल ने पाण्डे तथा उनके सहयोगियों के इस प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा करने के साथ ही अन्य प्रवासी उत्तराखण्डियों से पाण्डे के कार्यो से प्रेरणा लेने की अपील की। शिष्टमण्डल में महेश काण्डपाल व त्रिलोचन पाण्डे के अलावा अनेक गणमान्य भी सम्मिलित थे। ज्ञातव्य है कि सुरेश चन्द्र पाण्डे व त्रिलोचन पाण्डे जागेश्वर विधानसभा के एक सुदूर गॉंव बरतोली निवासी स्व0 कुलोमणी पाण्डे के पुत्र हैं।  

तीन चोर दबोचे

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। दिन दहाडे महिला के साथ लूट करने की फिराक में धूम रहे तीन संदिग्धों को जब रोकने का प्रयास किया तो उनमें से एक पुलिस को चक्मा देकर भाग गया जबकि दो युवकों को पुलिस ने मोटरसाइकिल के साथ दबोचा और उनसे जब गाडी के कागजात मांगे तो वह नहीं दिखा पाये जिस पर पुलिस को उन पर शक हुआ तो उनकी तलाशी लेने पर उनके कब्जे से दो चाकू बरामद हुए तथा उनके कब्जे से कुछ समय पूर्व डोईवाला इलाके से लूटा गया एक पर्स बरामद हुआ व डालनवाला तथा नेहरू कालोनी में हुई दो लूट की वारदातों में उन्होंने अपना हाथ होना कबूला पुलिस तीसरे लूटेरे की तलाश में छापे मार रही है। राजधानी के पुलिस कप्तान अजय रौतेला ने बताया कि गुरूवार सुबह डोईवाला पुलिस कुंआवाला के समीप वाहनों की चैकिंग कर रही थी इसी बीच उन्हें पता चला कि काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक किसी महिला को लूटने की योजना बना रहे हैं पुलिस अभी उन्हें पकडने की योजना बना ही रही थी कि इसी बीच पुलिस दल ने देखा कि तीन युवक एक मोटरसाइकिल पर संदिग्ध अवस्था में आ रहे हैं जिसके चलते पुलिस ने उनकी मोटरसाइकिल रोकने का प्रयास किया तो वह गाडी लेकर भाग खडे हुए। जिनमें से एक गाडी से उतरकर भाग गया जबकि माजरी मोहकमपुर निवासी नवल कुमार व अरूण पाल को दबोचा गया तो उन्होंने बताया कि यह मोटरसाइकिल चोरी की है और उन्होंने कुछ समय पूर्व डोईवाला में एक महिला का पर्स लूटा था जिसका सारा सामान पुलिस ने बरामद कर लिया। पुलिस कप्तान ने बताया कि बदमाशों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में डालनवाला व नेहरूकालोनी क्षेत्र से दो महिलाओं के पर्स भी लूटे थे। उन्होंने बताया कि इनका एक साथी नितेश थापा भाग गया जिसे पकडने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बदमाशों को पकडने वाले डोईवाला थाना प्रभारी अनिल जोशी व उनकी टीम शामिल थी।

डीआईजी को सुनाई पीड़ा

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। डीआईजी गढ़वाल के सामने पटेलनगर आर्केडिया ग्रांट गोरखपुर निवासी एक महिला ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि उसका विवाह एक पुलिसकर्मी से हुआ था जोकि टिहरी में तैनात है तथा उसके पति व ससुराल वालों ने उससे दहेज की मांग की तथा मारपीट भी की जिसका मामला हैल्पलाइन मंे आया तो वहां की प्रभारी ने उसे धमकाया कि वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी तथा उल्टा उसे बंद करने की ध्मकी तक दे दी थी। डीआईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हैल्पलाइन की कार्यप्रणाली की जहां जांच के आदेश दिये वहीं हैल्पलाइन प्रभारी के खिलापफ बिठाई जांच को सीओ मसूरी के हवाले किया है। गुरूवार को अधिवक्ता गुरमीत टी पाल के साथ गोरखपुर निवासी रेशमा सोफिया डीआईजी गढवाल अमित सिन्हा के सामने पेश हुई जहां उसने बताया कि उसका निकाह दो फरवरी 2013 को खलील जावेद के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के साथ देहरादून में सम्पन्न हुआ था और उसके पति पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर टिहरी पर कार्यरत हैं। महिला ने डीआईजी को बताया कि विवाह के बाद उसके पति व ससुराल वालों ने उससे व उसके घरवालों से दहेज की मांग की तथा उसके साथ मारपीट तक की जिसकी शिकायत उसने पन्द्रह जनवरी 2014 को महिला हैल्पलाइन में की थी जिसकी काउंसलिंग के लिए उसे 17 फरवरी को महिला हैल्पलाइन मंे बुलाया गया था पर वहां उसके पति व उसके ससुराल वाले 20-25 लोगों के साथ महिला हैल्पलाइन मंे आये थे। महिला का आरोप है कि महिला हैल्पलाइन प्रभारी अंशु चौधरी ने उसे व उसके पति को कांउसलिंग के लिए बुलाया और उल्टा उसे ही धमकाया तथा कहा कि वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी क्योंकि तेरा पति पुलिस विभाग में कार्यरत है और उसने उल्टा उसे ही बंद करने की धमकी दी। महिला का कहना है कि हैल्पलाइन प्रभारी ने यह भी कहा कि उसके पति के साथ वह आज उसे जबरन उसके घर भेज देगी। महिला का कहना था कि अंशु चौधरी ने ना तो उसके प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही की और ना ही उसके बयान दर्ज किये। महिला ने यहां तक आरोप लगाया कि अंशु चौधरी ने उसकी एक न सुनी और उसे शक है कि उसके पति की पुलिस में होने के नाते महिला हैल्पलाइन से सांठगांठ है इस कारण वह उसके प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही कर रही है और ना ही उसका मामला दर्ज हुआ है तथा कहा कि अंशु चौधरी से उसे कोई न्याय की उम्मीद है इसलिए महिला हैल्पलाइन के द्वारा किये गये दुरव्यवहार की भी जांच की जाये। डीआईजी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सीओ मसूरी को सौंप दी है।

अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी, पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश भर के अधिवक्ता गुरूवार को दूसरे दिन भी हरिद्वार में अधिवक्ताओं पर न्यायालय परिसर में ग्रामीणों द्वरा किये गये हमले के विरोध में एसएसपी को हटाये जाने व अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिये जाने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे और और उन्होंने पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए इस दिशा में तत्काल कार्यवाही किये जाने की मांग की। यहां बार काउंसिल व बार एसोसिएशन के आहवान पर पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही और उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया और वह पूर्ण रूप से कार्य से विरत रहे। इस असर कचहरी में दिखाई दिया और अधिवक्ताओं के चैम्बर पूरी तरह से खाली दिखाई दिये। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर ज्यादती करते हुए उन पर ही हमले व एससी, एसटी एक्ट में झूठे मुकदमें दर्ज किये गये, जबकि एसएसपी हरिद्वार के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अधिवक्ताओं पर किसी किस्म के मुकदमें दर्ज नहीं होंगे क्योंकि उन पर हमला न्यायालय परिसर में हुआ है लेकिन पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही की गई है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि यदि इसके बाद भी अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जायेगा इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि बाहदराबाद कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं व ग्रामीणों के बीच मारपीट हुई थी और इसमें पुलिस ने अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस लगातार पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि हरिद्वार के अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लिये जाने के लिए सरकार व पुलिस को कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है, जबकि अधिवक्ताओं का इसमें किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री व डीजीपी से भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया जायेगा और उनके सामने भी इस प्रकरण को रखा जायेगा।

कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका

देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। समाज कल्याण विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन करते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका और आंदोलन तेज करने की धमकी दी। यहां सुराज सेवादल के कार्यकर्ता घंटाघर स्थित कार्यालय में इकठठा हुए और वहां से रैली निकालकर घंटाघर पर प्रदर्शन करते हुए कैबिनेट मंत्री का सुरेन्द्र राकेश का पुतला फूंका। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा पेंशन पटटे के नाम पर छलावा किया जा रहा है और पात्र लोगों को सुविधायें नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवाओं एवं वृद्ध जनों को पटटा पेंशन एवं मूलभूत सुविधायें जो शिविर में दी जानी चाहिए थी उसके नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। सुबह 11 बजे से लेकर सायं साढे छह बजे तक लोग वहां पर बैठे रहे और सिर्फ कुछ ही लोगों को ही पेंशन पटटा नाममात्र के लिए जमा कर चले गये और समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन के लिए शहर में 1700 लोगों का चयन किया गया था और इन सब लोगों को पेंशन शिविर में पहंुचने के लिए कहा गया था लेकिन आठ सौ चयनित लोग पहंुचे थे, लेकिन वहां पर अव्यवस्था का आलम था। इस दौरान मीडिया प्रभारी आदेश गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार की उदासीनता को सहन नहीं किया जायेगा और जरूरत पडने पर इसके लिए सडकों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। पुतला फूंकने वालों में रवि टॉक, आदेश गुप्ता, विकास, बिन्दु, विक्रम, यामीन अहमद, विकास नेगी, अनिल कुमार, चिंकी, विपिन, हन्नी, सन्नी, संदीप तिवारी, विनोद कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

पंचायती चुनाव के लिए निर्देशन पत्रों की बिक्री 22 फरवरी से

रूद्रपुर/देहरादून, 20 फरवरी (राजेन्द्र जोशी)। उप जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी ईवा आशीष ने बताया है कि त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2014 को शांतिपूर्ण,स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सम्पन्न कराने के लिये प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के अन्तर्गत चार पदों (सदस्य ग्राम पंचायत,ग्राम प्रधान,सदस्य क्षेत्र पंचायत एवं सदस्य जिला पंचायत) के लिये नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री 22 फरवरी से प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक की जायेगी। सीडीओ ने बताया कि क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य तथा ग्राम प्रधान के नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री सम्बन्धित विकास खण्ड मुख्यालयों पर की जायेगी। जबकि जिला पंचायत सदस्य के नामाकंन पत्र जिला पंचायत मुख्यालय पर बिक्री किये जायेंगे। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह नाम निर्देशन पत्रों की बिक्री हेतु सभी व्यवस्थायें यथा समय सुनिश्चित कर लें। सीडीओ ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन लडने वाले विभिन्न पदों के उम्मीदवारों के लिये नाम निर्देशन  पत्रों का मूल्य भी निर्धारित कर दिया गया है। जिसके तहत सदस्य ग्राम पंचायत हेतु नाम निर्देशन पत्र का मूल्य सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिये 50 रूपये तथा अनुसूचित जाति,जन जाति,पिछडी जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 25 रूपया निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार ग्राम प्रधान हेतु सामान्य उम्मीदवार के लिये 100 रूपये अनु0,जनजा0,पि0 जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 50 रूपये,सदस्य क्षेत्र पंचायत हेतु सामान्य के लिये 100 रूपया,अनु0जाति,ज0जा0,पि0 जाति व महिला उम्मीदवार के लिये 50 रूपयेे,सदस्य जिला पंचायत के सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार हेतु 150 रूपये अनु0जा0,ज0जा0,पि0जा0 व महिला उम्मीदवार हेतु 75 रूपये नाम निर्देशन पत्र का शुल्क निर्धारित किया गया है। सीडीओ ने बताया है कि जनपद में अब जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 42,ग्राम प्रधानों की 391,क्षेत्र पंचायत सदस्य 280 तथा ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या 4240 हो गई है। 

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (20 फ़रवरी )

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हिमाचल सरकार लोकायुक्त को शक्तियां देने जा रही 

शिमला   20  फरवरी  ( विजयेन्दर शर्मा) । केंद्र सरकार के जनलोकपाल विधेयक की तर्ज पर हिमाचल सरकार लोकायुक्त को शक्तियां देने जा रही है। प्रदेश के इस जनलोकपाल (लोकायुक्त) के दायरे में खुद मुख्यमंत्री भी आएंगे।  उनके अलावा मंत्री, विधायक व लोकसेवक भी इसके दायरे में होंगे। कई और शक्तियों का प्रावधान लोकायुक्त के लिए किया जा रहा है, जिससे सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी। बजट सत्र की शुरुआत से सदन में लोकायुक्त विधेयक-2014 लाए जाने की चर्चा की जा रही थी, जिसे बुधवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में पेश किया। विधेयक के अनुसार प्रदेश में लोकायुक्त के अध्यक्ष के अलावा दो और लोगों को इसमें सदस्यों के तौर पर शामिल किया जाएगा। इनका वेतन हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश के बराबर होगा। लोकायुक्त की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी को रहेगा, जिसमें सदन में विपक्ष के नेता को भी शामिल किया जाएगा। नियुक्ति को पारदर्शी बनाने के मकसद से ऐसा किया गया है। उनके  अतिरिक्त चार अन्य विधायकों को इस समिति का सदस्य बनाया जाएगा। लोकायुक्त के पास दर्ज शिकायतों के निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा, जो कि अभी तक नहीं थी। इसमें प्रावधान रखा जा रहा है कि ये  विशेष अदालतें उनके पास आने वाले मामलों का निपटारा एक साल की अवधि के भीतर करेंगी। यही नहीं विशेष परिस्थितियों में विलंब होने पर दो साल के भीतर मामलों का निपटारा करना अनिवार्य बनाया गया है। उच्चत्तम न्यायालय के किसी वर्तमान अथवा पूर्व न्यायाधीश या फिर हाई कोर्ट के वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश को लोकायुक्त का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसमें एक न्यायिक तथा एक प्रशासनिक सदस्य होंगे। न्यायिक सदस्य भी उच्च न्यायालय का वर्तमान अथवा पूर्व न्यायाधीश हो सकता है। बतौर जिला न्यायाधीश 10 साल की न्यायिक सेवा करने वाले वर्तमान अथवा पूर्व अधिकारी को भी न्यायिक सदस्य बनाया जा सकता है। किसी भी राजनेता को लोकायुक्त के सदस्य के तौर पर तैनाती नहीं दी जाएगी, ऐसा प्रावधान लोकायुक्त विधेयक 2014 में किया जा रहा है। इसमें प्रावधान है कि भ्रष्टाचार विरोधी नीति, लोक प्रशासन में विशेष ज्ञान रखने वाले व्यक्ति को लोकायुक्त का प्रशासनिक सदस्य नियुक्त किया जा सकेगा। लोकायुक्त के अध्यक्ष या सदस्यों में से किसी को भी यदि पेंशन मिलती है तो वेतन में से पेंशन के  समान की राशि की कटौती कर दी जाएगी। प्रदेश में लोकायुक्त का कार्यकाल पांच साल का  होगा, जबकि इसके अध्यक्ष अथवा सदस्य अधिकतम 70 साल  की उम्र तक अपने पद पर बने रह सकेंगे। लोकायुक्त की तैनाती पांच सदस्यीय कमेटी करेगी और मुख्यमंत्री कमेटी के अध्यक्ष होंगे। कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष, नेता विपक्ष, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामजद कोई सदस्य तथा राज्यपाल के सदस्य के तौर पर विख्यात कानूनविद को सदस्य बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार के सचिव रैंक का अधिकारी लोकायुक्त का सचिव होगा, जबकि सचिव की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा भेजे गए नामों के पैनल में से की जाएगी।  लोकायुक्त अध्यक्ष अथवा उसके किसी भी सदस्य के खिलाफ यदि कोई शिकायत की जाती है तो इसकी जांच वह खुद नहीं करेंगे। ऐसी स्थिति में विधानसभा के कम से कम 25 सदस्यों के हस्ताक्षरों की याचिका पर उच्च न्यायालय की जांच के पश्चात राज्यपाल के आदेशों पर लोकायुक्त के अध्यक्ष अथवा सदस्यों को पद से हटाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री के अलावा वर्तमान व पूर्व मंत्री अथवा विधायक व लोक सेवकों के खिलाफ शिकायतों की जांच लोकायुक्त कर सकेंगे इसका उन्हें पूरा अधिकार होगा। बहरहाल सदन में पेश विधेयक पर चर्चा के दौरान संशोधन आ सकते हैं। अभी विपक्षी दल भाजपा भी सदन में नहीं है। देखना होगा कि भाजपा लोकायुक्त बिल पर राय रखने के लिए सदन में आती है या नहीं।

चंबा जिला में जेपी कंपनी के प्रस्तावित सीमेंट प्लांट को सरकार ने रद्द कर दिया 

शिमला   20  फरवरी  ( विजयेन्दर शर्मा) ।  चंबा जिला में जेपी कंपनी के प्रस्तावित सीमेंट प्लांट को सरकार ने रद्द कर दिया है। समय पर इसके लिए औपचारिकताएं पूरी नहीं करने के चलते कैबिनेट ने जेपी से इस प्लांट को वापस लेने की इजाजत दी है।  मंत्रिमंडल की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया, जिससे राज्य में बिजली और सीमेंट का उत्पादन करने वाली जेपी कंपनी को बड़ा झटका लगा है। सूत्र बताते हैं कि चंबा जिला के बड़ोहसिद्ध नामक स्थान पर जेपी का यह सीमेंट प्लांट प्रस्तावित था, जहां से सालाना दो मिलियन टन सीमेंट का उत्पादन किया जाना था। इससे पहले सरकार ने उक्त कंपनी को नोटिस देकर प्लांट के लिए जरूरी औपचारिकताएं जल्द पूरी करने को कहा था, लेकिन ये पूरी नहीं हो सकीं।  यहां के लिए अभी तक माइनिंग लीज  की मंजूरी भी नहीं हो सकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य की आबकारी पालिसी के नवीकरण को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। बताया जाता है कि इससे आबकारी एवं कराधान विभाग के राजस्व में सालाना 103 करोड़ रुपए से अधिक  की बढ़ोतरी होगी। पहले जो टैक्स व अन्य कर रिटेलर से वसूल किए जाते थे, अब वे निर्माताओं व थोक विक्रेताओं पर भी प्रभारित होंगे। शराब के कोटे का दायित्व किसी एक पर नहीं रहेगा। आबकारी एवं कराधान विभाग की नई टोल नीति को भी स्वीकृति दे दी गई है। बजट में मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की थी, जिसके तहत टोल बैरियरों की नीलामी अब एक साल के लिए नहीं, बल्कि तीन साल के लिए होगी। कैबिनेट ने प्रदेश के पांच स्थानों में नए एसडीएम कार्यालय खोले जाने को भी मंजूरी दी है। ऊना जिला के हरोली, मंडी के धर्मपुर, कांगड़ा के सुजानपुर, मंडी ग्रामीण, चंबा के सलूणी में पांच एसडीएम कार्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा 27 जगहों पर पीएचसी व सीएचसी अस्पताल खोले जाने को भी कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है। नगरोटा बगवां में हाल ही में दिए गए इंजीनियरिंग कालेज का नाम बदलकर अब राजीव गांधी सरकारी इंजीनियरिंग कालेज होगा।

पार्वती परियोजना-तीन में बिजली उत्पादन का विधिवत आगाज भाजपा के प्रस्तावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कर सकते  हैं

शिमला   20  फरवरी  ( विजयेन्दर शर्मा) । जिला कुल्लू में बन रही एनएचपीसी की महत्त्वकांक्षी पार्वती परियोजना-तीन में बिजली उत्पादन का विधिवत आगाज भाजपा के प्रस्तावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कर सकते  हैं। परियोजना प्रबंधन भले ही 31 मार्च तक चारों टरबाइनों को घुमाने की बात कह रहा हो, लेकिन एनएचपीसी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से मिली पुख्ता जानकारी पर विश्वास करें तो प्रबंधन केंद्र में नई सरकार बनने के बाद ही इसका उद्घाटन किए जाने की तैयारी कर रहा है और नरेंद्र मोदी निगम प्रबंधन की पसंदीदा लिस्ट में पहले पायदान पर है। निगम की यह गुप्त रणनीति यूपीए सरकार को चिढ़ा सकती है। कुल्लू में ऊर्जा उत्पादन में मील का पत्थर साबित होने जा रही पार्वती जल विद्युत परियोजना में 31 मार्च से विद्युत उत्पादन आंरभ किया जाएगा। हालांकि परियोजना प्रबंधन के अनुसार कार्य में और समय लगने की संभावना थी, लेकिन हाल ही में पार्वती परियोजना का दौरा करने आए निगम के परियोजना मामलों के निदेशक जेके शर्मा ने अपने कड़े तेवर दिखाए थे और प्रबंधन क ो लक्ष्य पूरा करने के लिए और तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 31 मार्च का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और परियोजना महाप्रबंधक ओम प्रकाश की मानें तो उत्पादन कार्य 97 फीसदी पूरा हो चुका है। एनएचपीसी के फरीदाबाद कार्यालय के अधिकारियों से मिली गुप्त सूचना के अनुसार चूंकि 31 मार्च तक आम चुनावों को देखते हुए आचार संहिता लग सकती है। इसी कारण से नई सरकार के सत्ता में आने के बाद ही इसका विधिवत आगाज होगा। हालांकि सूत्र इसके पीछे एक दूसरी कहानी भी कह रहे हैं। इनके अनुसार पूर्व में आचार संहिता लगने से पहले ही परियोजना में विद्युत उत्पादन कार्य का उद्घाटन की योजना थी, लेकिन निगम के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों में श्री मोदी से लगाव के चलते इस काम में देरी की जा रही है।

प्रदेश में रोक के बावजूद तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से 

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शिमला   20  फरवरी  ( विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रदेश में रोक के बावजूद तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है, जिसमें सबसे ज्यादा नाबालिग शामिल हैं। एचपीवीएचए की सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। 2013 में संस्था ने पूरे प्रदेश में सर्वे करवाया, जिसमें पाया गया कि 86 प्रतिशत दुकानों में नाबालिग इस कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। हैरत करने वाली बात है कि सरकार द्वारा प्रतिबंध होने के बावजूद तंबाकू उत्पादों का कारोबार खूब फलफूल रहा है। यही नहीं सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिला में नाबालिग सबसे ज्यादा तंबाकू उत्पादों को बेच रहे हैं। इसके अलावा ऊना में इसकी संख्या 100 प्रतिशत तक आंकी गई है, जबकि शिमला में 50 प्रतिशत पाई गई है। इसके अलावा सोलन, मंडी, कुल्लू ऐसे जिले हैं जहां पर शिक्षण संस्थानों से 100 गज की दूरी पर नशे का कारोबार खूब फलफूल रहा है। मंडी-कुल्लू जिलों में 100 प्रतिशत तक इसकी संख्या पाई गई है, जबकि किन्नौर में 35 प्रतिशत सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है। यही नहीं हिमाचल में अभी भी कई शहर ऐसे हैं जहां पर सिगरेट ब्रांड, पान-मसाला के विज्ञापन खूब सजे हुए हैं। इसमें मंडी जिला में 24.5 प्रतिशत, चंबा में 18.3 प्रतिशत व बिलासपुर में 16.1 प्रतिशत है। इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि पर्यटक स्थलों में अभेद रूप से इस तरह के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है, यहां पर विदेशी सिगरेट बेची जा रही हैं। वहीं तंबाकू उत्पादों को पुराने चित्रों के साथ अभी भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। यह सर्वे एचपीवीएचए द्वारा 2013 में जून से अगस्त तक किया गया था, जिसकी रिपोर्ट हाल ही में तैयार हुई है।

वाटर प्रुफ हैंगर लगाने के लिये दरें आमंत्रित

हमीरपुर, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) । राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव- 2014 में  इच्छुक पार्टियों से वशिष्ट व्यक्तियों के ब्लाक में वाटर प्रुफ हैंगर लगाने के लिए उमण्डलाधिकारी, हमीरपुर  डॉ सी.पी. शर्मा ने 3 मार्च को 11 बजे तक निविदाएं आमंत्रित की हैं। उन्होंने बताया कि प्राप्त निविदाएं उसी दिन  सायं तीन बजे निविदाताओं या उनके प्रतिनिधिों की उपस्थिति में खोली जाएंगी। उन्होंने बताया कि एसडीएम को निविदाओं को बिना कोई कारण बताया रद्ध करने का अधिकार सुरक्षित होगा। 

एक वोट एक नोट की उगाही क्यों हुई आज हिमाचल की जनता जानना चाहती है 

हमीरपुर, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) ।  कांग्रेस नेता अरूण सिंह ठाकुर ने कहा है कि एक वोट एक नोट की उगाही क्यों हुई आज हिमाचल की जनता जानना चाहती है । भरमौर से लेकर किन्नौर तक जो करोड़ों रूपए का चंदा इक_ा किया गया उसका क्या किया । कहीं प्रेम कुमार धूमल जी अपने सपुत्र अनुराग ठाकुर की हार को देखते हुए सुजानपुर की रैली में ही तो नहीं उड़ा दिया । सुनने में आया है कि अनुराग ठाकुर का टिकट कट रहा था जिस कारण टिकट बचाने के लिए यह सारा ड्रामा रचा गया । हिमाचल की जनता से इक_े किए गए पैसे सुजानपुर रैली में ही क्यों उड़ा दिए गए । सुनने में इतना भी आया है कि सुजानपुर रैली में धूमल समर्थकों का ही बोलबाला रहा । षांता, जेपी नड्डा व अन्य बड़े नेताओं को अनदेखा किया गया । देखने में आया है कि मंडी जिला की पूरी लीडरषीप ही गायब थी । एक वोट एक नोट का सारा सच्च जनता के सामने है कि धूमल साहिब और अनुराग ठाकुर ने मोदी की रैली के बहाने अपने प्रचार में ही खर्च करवा दिए और रैली में बड़े-बड़े नेता मंच की तरफ मुंह ताकते दिखे जिसने भाजपा की अंदर की फूट को चर्म सीमा तक पहुंचा दिया है । वंषवाद की बात करने वाले नरेंद्र मोदी जी को वहां बैठे प्रेम कुमार धूमल, अनुराग ठाकुर और उर्मिल ठाकुर क्यों नजर नहीं आए । हमीरपुर जिला में धूमल साहिब अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए मोदी का सहारा लेना पड़ा और वहीं मंच से राजनाथ सिंह जी का ब्यान कहीं ओर ही इषारा कर गया । उन्होंने मंच से कहा कि प्रत्याषी को देखकर वोट न दें जिससे यह आभास होता है भाजपा की केंद्रिय लीडरषीप ही अनुराग ठाकुर को हारा हुआ मान रही है । अब अनुराग ठाकुर अपनी साख जनता के बीच बनाने के लिए जो भी हथकंडा अपना ले लेकिन जनता समझ चुकी है कि यह हाई प्रोफाईल नेता हैं और जनता की सूध लेने के लिए इनके पास समय नहीं था । अब अनुराग ठाकुर की हार निष्चित है और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता उनके बबंडर को तहस-नहस कर देगी ।

लोक सभा चुनाव - 2014 के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त 

हमीरपुर, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) ।  भारत चुनाव आयोग के निर्देशानुसार लोक सभा चुनाव -2014 में निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त,  हमीरपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र-3  आशीष सिंहमार (भाप्रसे)ने  आम लोक सभा चुनाव के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने के लिये नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की नियुक्ति कर दी गई है।  नोडल आफिसर भारत चुनाव आयोग द्वारा लोक सभा चुनाव की घोषणा के तुरन्त बाद चुनाव के  सफल आयोजन के लिये सौंपे गये कार्यों के निष्पादन में सहयोग करेंगेे। आदेशों के अनुसार मस्त राम बैंस ए.ओ.( योजना) मैनपॉवर प्रबन्धन, विजय कुमार शर्मा कार्यकारी अधिकारी एम.सी. इलैक्ट्रिोनिक वोट मशीनों के प्रबन्धन, अक्षय सूद, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी परिवहन प्रबन्धन, सुमन कपूर नायब तहसीलदार चुनाव प्रशिक्षण प्रबन्धन, हरबंश लाल धीमान तहसीलदार चुनाव सामग्री प्रबन्धन, हिमांशु शेखर चौधरी अतिरिक्त जिलाधीश आदर्श आचार सहिंता तथा व्यय संबन्धी देखरेख प्रबन्धन, सहायक आयुक्त पर्यवेक्षकों के ठहरने का प्रबन्धन, बीना भारती पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था के साथ वोटिंग मशीनों की सुरक्षा प्रबन्धन, लालमन तहसीलदार, हमीरपुर बैलट पेपर और डम्मी बैलट , विनय शर्मा जिला लोक सम्पर्क अधिकारी मीडिया/ संचार व्यवस्था, विनोद गर्ग जिला सूचना अधिकारी कम्प्यूटराईजेशन और एसएमएस की देखरेख/ संचार योजना प्रबन्धन, सोम दत्त संख्यान उप-निदेशक उच्चर शिक्षा मतदान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये मतदाताओं को शिक्षित करने का प्रबन्धन, रविन्द्र कुमार जिला योजना अधिकारी हैल्प लाईन और शिकायत से संबन्धित प्रबन्धन कार्य देखेंगे। 

कृषि, बागबानी एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए 115.11 लाख रूपये व्यय होंगे : उपायुक्त

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हमीरपुर , 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) । कृषि, बागबानी, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये कृषि जैविक प्रबंध अभिकरण (आत्मा) के तहत चालू वित वर्ष में विभिन्न गतिविधियों के लिए 115.11 लाख रूपये व्यय किये जाएंंगे जिसमें अब तक  जिला में 59.66 लाख रूपये खर्च किए जा चुके हैंं।  यह जानकारी उपायुक्त आशीष सिंहमार ने आज कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण ( आत्मा) की गवर्निंग बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण, हमीरपुर द्वारा चाल वित्त वर्ष में प्रदर्शन प्लाट के माध्यम से 7.08 लाख रूपये व्यय कर 2050 कृषकों को अत्याधुनिक तकनीक  की जानकारी मुहैय्या करवाई गई। उन्होंने बताया कि जिले में एक कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चाओं व किसान गोष्ठियों का भी आयोजन किया गया, जिन पर 2 लाख की राशि व्यय कर 1142 किसानों को लाभान्वित किया गया ।  जिला हमीरपुर के 23 उत्कृष्ट कृषक एवं 3 उत्कृष्ट समूहों के कृषक/ बागवान/पशुपालक सम्मानित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को जिला , राज्य तथा अन्य राज्यों में प्रशिक्षण भ्रमण करवाया गया जिस पर 3:46 लाख रूपये व्यय कर 336 किसानों को लाभान्वित किया गया। उपायुक्त ने कहा कि कृषि व सम्बद्ध विभागों के अधिकारी गैर सरकारी सदस्यों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर आतमा स्कीम एवं सरकार द्वारा कृ़षकों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करें।  उपायुक्त ने कहा कि भ्रमण प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये किसान सलाहकार समिति एवं ब्लाक तकनीकी दल द्वारा पूर्ण रूप से कृषि, बागवानी तथा पशु पालन गतिविधियों से जुड़े कृषकों को चयनित किया जाये ताकि वे प्रशिक्षण का पूरा लाभ अर्जित कर अन्य कृषकों को नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करवा सकें। उन्होंने बताया कि आतमा हमीरपुर द्वारा त्रैमासिक पत्रिका आत्मा संदेश प्रकाशित की जा रही है जिसमें किसानों द्वारा कृषि , बागवानी , पशुपालन, मछली पालन व रेशम कीट पालन में नीवनतम जानकारियां प्रदान की जा रही हैं इसके अतिरिक्त आतमा हमीरपुर के अन्र्तगत कृषकों की सफलता की कहानियों की सी.डी भी तैयार की गई ताकि उनके अवलोकन से अन्य कृषकों को प्रेरणा मिल सके। बैठक में डॉ हरीश चंद्र कालिया, परियोजना निदेशक आतमा, डॉ रमेश चंद, कृषि उप-निदेशक, डॉ प्रदीप संख्यान उप-निदेशक बागवानी,  डॉ अजीत शर्मा उप-परियोजना निदेशक आतमा, डॉ आनन्द सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र बड़ा,  डॉ करतार बर्मा आईबीईएस नेरी,  आतमा प्रबन्ध बोर्ड से गैर सरकारी सदस्य रमेश कौशल, हेम राज, नरेन्द्र सिंह, निर्मला पटियाल, राजीव कुमार ने भाग लिया । 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ऊना में कार्यशाला आयोजित  

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ऊना, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आज ऊना में जिला ग्रमीण विकास अभिकरण द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला के सभी खण्ड विकास अधिकारियों, विभिन्न बैंकों के अधिकारियों व डीपीआरओ ने भाग लिया। कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य कार्यक्रम समन्वयक जीसी शर्मा ने इस मिशन के प्रावधानों की जानकारी दी। कार्यशाला को जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक बीएस सैणी व जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी चेतना खड़वाल ने भी सम्बोधित किया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए डीसी ऊना ने अधिकारियों से आहवान किया कि वे इस आजीविका मिशन को सफल बनाने के लिए अपना पूर्ण सहयोग दें। कार्यशाला में राज्य कार्यक्रम समन्वयक जीसी शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के दो जिलों शिमला व मण्डी सहित पांच ब्लॉकों-हरोली, वसंतपुर, कण्डाघाट, नूरपुर व मण्डी सदर का चयन राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत क्रियान्वयन की सभी प्रक्रियाओं में निर्धनतम व्यक्तियों को शामिल करना तथा उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका देना अपेक्षित है। इसमें सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता तथा जबावदेही सुनिश्चित किया जाना शामिल है। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के लिए परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यक्रमों की वर्ष 1980 में आईआरडीपी से शुरूआत की गई थी जिसमें 1999 में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए आईआरडीपी को स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना के रूप में परिवर्तित किया गया। गरीबों को स्व-सहायता समूहों के रूप में संगठित करके स्वरोजग़ार उपलब्ध करवाना नई रणनीति का मुख्य अंग था। उन्होंने बताया कि स्व-सहायता समूहों को और अधिक सुदृढ़ किए जाने व उन्हें अधिक वित्तीय सहायता दिए जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अब स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में पुनर्गठन को अनुमोदित किया गया है जिसे सम्पूर्ण देश में मिशन मोड के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस मिशन के तहत सभी गरीब परिवारों तक पहुंच सुनिश्चित करने, उन्हें स्थाई जीविका के अवसर उपलब्ध करवाने और गरीबी रेखा से ऊपर उठने तक उनका पोषण करना सुनिश्चित बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 18 फरवरी को जिला परिषद् की बैठक में भी सदस्यों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत उच्च स्तरीय टीम ने फील्ड में जाकर गांव स्तर पर सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से गरीब परिवारों की पहचान की और सलोह, बाथू व इसपुर पंचायतों में स्वयं सहायता समूह भी गठित किये गये। इससे पूर्व गठित हो चुके स्वयं सहायता समूहों को इस मिशन से जोडऩे के लिए पंचायतों सहायकों व आंगनबाड़ी वर्करों के साथ हरोली में बैठक की गई। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में नेशनल रिसोर्स ऑरगेनाइजेशन के प्रतिनिधि ऊना जिला के हरोली ब्लॉक में आएंगे ताकि इस अभियान को गति प्रदान की जा सके। अग्रणी जिला बैंक प्रबन्धक बीएस सैनी ने इस अवसर पर कहा कि बैंकों से सात प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेकर स्वयं सहायता समूह कोई भी आयसृजन की गतिविधि शुरू कर सकते हैं। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी चेतना खड़वाल ने इस अवसर पर कहा कि हरोली विकास खण्ड को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गहन विकास खण्ड के रूप में चयनित किया गया है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को उपयोगी स्वरोजग़ार एवं कौशल आधारित मजदूरी रोज़गार अवसर उपलब्ध करवाकर निर्धनता कम करना है ताकि उनकी जीविका को स्थाई आधार पर बेहतर बनाया जा सके। 

ऊना कालेज के सांस्कृतिक समारोह में परिवहन मंत्री जीएस बाली मुख्यातिथि होंगे

ऊना, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) । परिवहन, तकनीकी शिक्षा एवं खाद्य व आपूर्ति मंत्री जीएस बाली 24 फरवरी को प्रात: 11 बजे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ऊना में छात्र संघ द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी। 

एटीएम से लाखों रुपये चोरी करने का प्रयास

ज्वालामुखी, 20 फरवरी ( विजयेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी के साथ लगती पंचायत कथोग में रात को चोरों ने एटीएम से लाखों रुपये चोरी करने का प्रयास किया। अज्ञात चोरों ने एटीएम के मोनीटर को तोड़ दिया, लेकिन एटीएम से पैसा चुराने में सफल नहीं हो पाए। घटना से इलाके में दहशत का माहौल है। पीएनबी बैंक प्रबंधक ने पुलिस स्टेशन ज्वालामुखी में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर चोरों की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि चोर एटीएम से लाखों रुपये चुराने के प्रयास में थे। चोरों ने रात को एकांत का फायदा उठाकर एटीएम के मानीटर को तोडऩे की कोशिश की। लेकिन चोर एटीएम के कैश बॉक्स तक नहीं पहुंच पाए। सुबह जब राह जाते लोगों ने एटीएम को टूटा पाया तो इसकी सूचना बैंक में तैनात कर्मचारियों को दी। इसके बाद बैंक कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस अब अज्ञात चोरों की तलाश में जुट गई है। थाना प्रभारी ज्वालामुखी सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में अभी तक पूरी घटना का पता नहीं चल पाया है। शक जाहिर किया जा रहा है कि स्थानीय शरारती तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया हो। पुलिस पूरी तरह से जांच में जुट गई है। वहीं, एएसआई रघुवीर सिंह ने बताया कि एटीएम का लॉक टूटा हुआ है। पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही चोरों को हिरासत में लिया जाएगा।

रोगी कल्याण समिति को हुआ हजारो रुपयों का नुक्सान

ज्वालामुखी, 20 फरवरी (विजयेन्दर शर्मा) । सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र ज्वालामुखी में रोगीयों के कल्याण के लिए बनाई गई रोगी कल्याण समिति को प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हि.प्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की उचित मूल्य की दवाईयों की दुकान द्वारा हजारो रुपए के मासिक किराए का चूना लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुख्ता सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र ज्वालामुखी द्वारा 2010 को किराए पर हि.प्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की उचित मूल्य की दवाईयों की दुकान दी गई। लेकिन आज तीन साल बीत जाने के बाद भी अस्पताल द्वारा किराए पर दी गई दुकान का कोई भी किराया हि.प्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की उचित मूल्य की दवाईयों की दुकान द्वारा नही चुकाए जाने से ज्वालामुखी की रोगी कल्याण समिति को हजारों रुपए का चूना लग रहा है। हालाकिं स्वास्थय विभाग ज्वालामुखी द्वारा कई बार चेताया गया लेकिन आज दिन तक कोई भी दुकान का किराया रोगी कल्याण समिति को जमा नही करवाया गया। स्वास्थय विभाग के अथक प्रयासो के बाबजूद यह हवाला बखूबी हि.प्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम की उचित मूल्य की दवाईयों की दुकान द्वारा दिया जाता रहा कि दुकान की असेस्मेंट के बाद ही दुकान का किराया रोगी कल्याण समिति में जमा करवाया जाएगा। लेकिन इस लापरवाही से सवाल खडा हो रहा है कि 2 वर्ष बीत जाने पर भी किराया देने में सिविल सप्लाई की दुकान ने गंभीरता क्यों नही दिखाई और किन नियमो के तहत रोगी कल्याण समिति को किराया नही चुकाया गया। खंड चिकित्सा अधिकारी डा. विवेक सूद  का इस सदर्भ में कहना है कि 2010 से उचित मूल्य की दवाईयों की दुकान को कोई भी किराया नही दिया गया है जिससे रोगी कल्याण समिति को नुक्सान उठाना पडा है विभाग को किराया देने के लिए कहा गया लेकिन एस्सेसमेट का बहाना बनाकर अभी तक किराए को लटकाया गया है। 

संस्कृत महाविद्यालय राम भरोसे

ज्वालामुखी, 20 फरवरी (विजयेन्दर शर्मा) । ज्वालामुखी का संस्कृत महाविद्यालय जिसे संस्कृत प्रेमी संस्कृत की धरोहर कह कर पुकारते हैं, आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उसे संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। मंदिर न्यास ज्वालामुखी से चलाया जाने वाला संस्कृत कालेज कभी मंदिर के पास एक भवन में चलता था। मंदिर के विस्तार को लेकर उसके भवन को गिरा दिया गया, उसके बाद गोरख डिब्बी मंदिर के पीछे एक भवन का निर्माण करके इस कालेज को वहां पर स्थानांतरित किया गया, उसके बाद उस भवन को मंदिर अधिकारी व अन्य कर्मचारियों के लिए आवास बनाकर संस्कृत कालेज को नादौन मार्ग पर यात्री निवास में भेज दिया गया, उसके बाद उसे चार कमरों की एक सराय में भेज दिया गया,  उसके बाद इसे मातृ छाया में शिफट किया गया जहां जैसे-तैसे पांच कक्षाएं चलाई जा रही हैं। हर साल बड़ी तादाद में बच्चे यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कई साल पुराना यह संस्कृत कालेज राजनीतिक व प्रशासनिक अपेक्षा का शिकार हो रहा है। हर साल मंदिर के बजट में इसके नए भवन के लिए पैसे का प्रावधान किया जाता है, परंतु काम शुरू नहीं हो पाता, जिससे न केवल यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि शिक्षकों व संस्कृत प्रेमियों को भी निराशा ही हाथ लगती है।  इस कालेज के लिये बजट में नए भवन के लिए पैसा स्वीकृत होने पर भी काम शुरू नहीं हो पाता है। लेकिन अब नई सरकार से लोगों को  बड़ी आस है कि इस सरकार के कार्यकाल में यह कालेज का भवन जरूर बनेगा, जिससे यहां छात्रों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। एसडीएम देहरा विनय कुमार का कहना है कि बजट में  संस्कृत कालेज के भवन के लिए पैसे का प्रावधान किया गया है। इसके लिए भूमि का चयन दीप सत्संग भवन के पीछे वाली जमीन के लिए किया गया है  नये भवन का शिलान्यास हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री ने किया है।


स्थानीय ऑर्केस्ट्रा, मेन ऑर्केस्ट्रा और सांऊड सिस्टम  के लिये  दरें आमंत्रित

हमीरपुर, 20 फरवरी , उपायुक्त एवं अध्यक्ष राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव आशीष सिंहमार ने स्थानीय  ऑर्केस्ट्रा, मेन आर्केस्ट्रा प्रति रात्री के लिये इच्छुक पार्टियों से 26 फरवरी 11 बजे तक और सांऊड सिस्टम  के लिये  3 मार्च 10:30 बजे तक दरें आमंत्रित हैं। उन्होंने बताया कि आमंत्रित दरें उसी दिन क्रमश: 11:30 और  सांऊड सिस्टम  की 12:30 बजे खोली जाएंगी ।

बीबीएन की बैठक अब 26 फरवरी को 

हमीरपुर, 20 फरवरी , 24 फरवरी को आयोजित होने वाली बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध ट्रस्ट  बैठक किन्हीं प्रशासनिक कार्य के कारण स्थगित कर दी गई है। यह जानकारी उपमण्डलाधिकारी, बड़सर, राजेन्द्र शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि अब यह बैठक 26 फरवरी को सायं 3 बजे आयोजित होगी। 

सभी राजस्व गांवों में बनेंगी वन अधिकार समितियां: कंवर
  • 23 फरवरी को होने वाली ग्राम सभाओं में किया जाएगा गठन
  • 10 से 15 सदस्यों वाली इन समितियों में होंगी एक-तिहाई महिलाएं
कुल्लू     अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत कुल्लू जिला के सभी राजस्व गांवों में वन अधिकार कमेटियों का गठन किया जाएगा। इसके लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 23 फरवरी को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा। जिलाधीश राकेश कंवर ने बताया कि वन अधिकार कमेटियों के लिए दस से पंद्रह सदस्यों का चयन किया जाएगा, जिनमें एक-तिहाई महिलाएं होंगी। कंवर ने बताया कि भविष्य में होने वाले सभी विकास कार्यों में वन अधिकार समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने सभी जिलावासियों से अपील की है कि वे 23 फरवरी को होने वाली विशेष ग्राम सभाओं में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें, ताकि वन अधिकार कमेटियों में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित हो। जिलाधीश ने कहा कि पंचायतों में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों में आम जनता की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए सभी लोगों को ग्राम सभाओं में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन अधिकार समितियों की महत्ता को देखते हुए सभी लोग 23 फरवरी को होने वाली ग्राम सभाओं में अवश्य भाग लें। 

कुल्लू वैली स्कूल के बच्चों को दी कैरियर गाइडेंस
जिला रोजगार कार्यालय के तत्वावधान में कुल्लू वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल में व्यावसायिक मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पंकज लखनपाल ने विद्यार्थियों को कैरियर से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में विद्यार्थियों के लिए कैरियर गाइडेंस अति आवश्यक हो गई है। लखनपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी रूचि और संबंधित विषय में दक्षता व क्षमता के आधार पर ही अपने भविष्य की योजना बनानी चाहिए। तभी वे जीवन में अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। इस अवसर पर जिला रोजगार अधिकारी राजेश पंघानिया ने कहा कि विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग विभिन्न शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक मार्गदर्शन शिविरों का आयोजन कर रहा है। इन शिविरों में विद्यार्थियों को कैरियर से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती हैं। कुल्लू वैली सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिविर के आयोजन के लिए जिला रोजगार अधिकारी का धन्यवाद करते हुए प्रधानाचार्य संजीव भारद्वाज ने कहा कि अधिक से अधिक शिक्षण संस्थानों में ऐसे शिविर लगाए जाने चाहिए। इससे विद्यार्थी अपने कैरियर के प्रति और सजग होंगे तथा उन्हें कैरियर के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे। 

इन्द्रदत्त लखन पाल सीपीएस का प्रवास कार्यक्रम

हमीरपुर, 20 फरवरी , मुख्य संसदीय सचिव इन्द्र दत्त लखनपाल 22 फरवरी से 2 मार्च तक हमीरपुर प्रवास पर आ रहे हैं।  यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि सीपीएस 22 फरवरी को 11 बजे ग्राम पंचायत धंगोटा के सुलगाणी में जन समस्याएं सुनेंगे, 23 फरवरी को 11 बजे पीएचसी चौरी का उद्घाटन तदोपरान्त 2 बजे उटपुर में पीएचसी का उद्घाटन करेंगे, 24 फरवरी को बड़सर में जन समस्याएं सुनेंगे, 25 फरवरी को 11 बजे भोटा में किसान जागरूकता शिविर में शिरकत करेंगे, 26 फरवरी को राजकीय महाविद्यालय, बड़सर में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता करेंगे, 27 फरवरी को 10 बजे बड़सर में जन समस्याएं सुनेंगे, 28 फरवरी को चकमोह में 11 बजे बीबीबीएन कॉलेज चकमोह के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में शिकरत करेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीएस पहली और 2 मार्च को बड़सर में जन समस्याएं सुनेंगे। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (20 फरवरी )

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सांसद ट्राफी टेनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगीता 21 से

पारा--जिले भर मे चल रही सांसद ट्राफी टेनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगीता के अंर्तगत पेटलावद विघानसभा क्षेत्र मे क्रिकेट प्रतियोगीता का आयोजन पारा नगर मे भी 21 फरवरी से किया जा रहा हे। ब्लाक कांगे्रस के प्रवक्ता सलेल पठान ने बताया कि सांसद कांतिलाल भूरीया के सोजन्य से किया जारहा उक्त टेनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगीता के अन्र्तगत समूचे पेटलावद विधानसभा क्षेत्र को चार सेक्टर पारा,पेटलावद,झाकनावदा व करवड मे बांटा गया हे।21 फरवरी से 27 फरवरी तक चलने वाली इस प्रतियांेगीता मे केवल पेटलावद विधान सभा क्षेत्र कि क्रिकेट टिमे भाग ले सकेगी। चारो सेक्टर पर प्रतिदिन संबधित सेक्टर कि टिमे भाग लेगी राबिन राउड के अर्तगत होने वाले इन मेचो का सेमी फायनल व फायनल मेच 27 फरवरी को पेटलावद मे खेला जावेगा जहा चारो सेक्टर कि एक एक टिम खेलेगी। विजेता टिम को प्रथम पुरस्कार 31 हजार रूप्ए उपविजेता को 21 हजार रूप्ए तथा द्वितिय विजेता टिम को 15हजार रूप्ए व उपविजेता को10 हजार रूप्ए नकद  दिए जावेगे। वही मेच मे भाग लेने वाली प्रत्येक टिम के प्रथम 12 खिलाडीयो आयेाजन समिति द्वारा सांसद ट्राफी के टि-शर्ट मुफ्त दिए जावेगे।इस संबंध मे पारा क्षेत्र की टिमे राकेश कटारा निलेश कटारा दिलीप डावर आदी से सम्पर्क कर के टेनिस बाल क्रिकेट सांसद ट्राफी मे प्रवेश ले सकते हे।

निःशुल्क स्वास्थय शिविर सम्पन्न

jhabua news
पारा--नर सेवा नारायण सेवा के महामंत्र को साकार करते हुए वरदान नरसिंग होम झाबुआ एवं लाड़कीबाई पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से गा्रमीण अंचलों में निःषुल्क स्वास्थ्य षिविरों का आयोजन कर गा्रमीण जनों की विभिन्न बीमारियों की जांच एवं निदान के लिये अपनी सेवायें अर्पित की जारही है । इसी कडी में डा. विक्रांत भूरिया जनरल सर्जन एवं डा.श्रीमती शीना भूरिया स्त्री रोग विषेषज्ञ द्वारा पारा स्थित सरस्वती षिषु मंदिर भवन परिसर केसर बाग में  20 फरवरी गुरूवार को गणमान्य व प्रबुद्ध जनो के मे निषुल्क स्वास्थ्य षिविर का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम समाज सेवी प्रकाष राॅका श्रीमती कल्पना भूरिया, डा विक्रांत भूरीया,डा षिना भूरीया,सलेल पठान,हर्श भट्ट द्वारा भगवान के चित्र पर माल्र्यापण कर दीप प्रजवल्ति कर षिविर का आरंभ किया गया। डाॅ. भूरिया एवं श्रीमती भूरिया द्वारा सभी बीमारियों के इंफेक्षन, अपेन्डिक्स, हाईड्रोसिल, हार्निया, तथा गठाने, पथरी, प्रोस्टेट, बवासिर,फिषर,पित्त से संबंधित रोग एवं पेट के रोगो की साथ ही महिला की निषुल्क जांच के साथ ही माहवारी से संबंधित रोगों, पेडू में दर्द,बच्चे दानी में गठान,बच्चेदानी का आप्रेषन, सफेद पानी की परेषानी आदि का उपचार किया गया तथा मरीजो को लाडकीबाई पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्रीमती कल्पना भूरिया के नेतृत्व में मुफ्त में दवाओं निःषुल्क का वितरण भी किया गया। इस दौरान करीब-करीब 295 मरीजों ने इस षिविर में अपने रोग का उपचार कराया। स्वास्थ षिविर मे श्रीमति कल्पना भूरीया ने जानकारी देते हूए बताया की दिनांक 21 फरवरी को झाबूआ स्थित बरदान नर्सिग होम मे बडोदा के हड्डी रोग विषेशज्ञ डा अपनी सेवाए देने आ रहे हे षिविर को सफल बनाने व लाभ लेने की अपील कि हे। इस अवसर पर जोगडीया निनामा,रूपसिह डामोर,भूरसिह गाडरीया, मगन सांेलकी, केमता भाई,अंकित मेहता,राकेष कटारा, सूरेस पचाया,रसीद कूरेषी, नयन बंेरागी, डा असफाक खान,डा ब्रजेष तिवारी, विषाल जोषी सहीत समस्त वरदान नरसिंग होम स्टाफ का सराहनीय सहयोेग रहा। ं

पंचायत भवन एवं पुलिया निर्माण का विधायक ने किया भूमि पूजन 

झाबुआ--गा्रम पंचायत भोयरा में विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे के मुख्य आतिथ्य में  15.47 लाख की लागत के पंचायत भवन एवं 5 लाख की लागत के पुलिया निर्माण कार्य का भूमि पूजन बुधवार को सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर विधायक श्री बिलवाल एवं जिला भाजपाध्यक्ष श्री दुबे के अलावा सरपंच श्रीमती समरा कटारा, उप सरपंच भूरा कटारा, रामचन्द्र भाबोर, बहादूर हटिला, सरमा भूरिया, लाला भाई, डा. सुभाष कुण्डल, विनोद पांचाल, जितेन्द्र भदौरिया, नरेन्द्रसिंह पंवार, इरशाद कुर्रेशी, मंडल अध्यक्ष मेजिया कटारा, विनोदभाई, जगदीश बडदवाल सहित बडी संख्या में भाजपाई कार्यकर्ता, गा्रमीणजन आदि उपस्थित थे ।

जिला अध्यक्ष ने बाल संप्रेक्षण का किया निरिक्षण

झाबुआ-- बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे द्वारा गुरूवार को स्थानीय बाल सम्प्रेक्षण गृह  का निरीक्षण किया गया । इस अवसर पर बाल सम्प्रेक्षण गृह के 11 बच्चों द्वारा समिति अध्यक्ष का पुष्पहारों से स्वागत किया गया । निरीक्षण के दौरान आयोजित बैठक में विभाग के प्रस्तुतकर्ता चैतन्य तिवारी द्वारा सम्प्रेक्षण गृह की समस्याओं एवं सेट अप आदि के बारे में जानकारी देते हुए बाल गृह के रूप  में इस केन्द्र कों मान्यता दिलाये जाने, शासकीयविभागीय योजनाओं जिनका लाभ 18 वर्ष तक के बालक बालिकाओं को प्राप्त हो रहा है, की विभागवार समीक्षा प्रस्तुत की गई ।बैठक मे शासकीय छात्रावासों के सतत निरीक्षण के बारे में चर्चा कर निर्णय क्रियान्वित करने का तय किया गया । बैठक में गुमशुदा बच्चों को पुनस्र्थापना से संबंधित सतत समीक्षा एवं कार्यकारी ऐजेंसियों की मानीटरिंग के बारे में भी जानकारी दी गई । बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री दुबे ने सम्प्रेक्षण गृह के स्टाफ की समस्याओं को गंभीरता से सुना एवं उनके आवासीय समस्याओं के बारे में त्वरित कार्यवाही करने तथा विभागीय आवासगृहों में अन्य विभागीय कर्मचारियों के स्थान पर विभाग के कर्मचारियों को आवास सुविधा दिलायें जाने के बारे में भरोसा दिलाया । उक्त निरीक्षण के समय अध्यक्ष श्री दुबे के साथ सदस्यगण अशोक त्रिवेदी, दिपेश सकलेचा, भारतीय परमार के अलावा जिला भाजपा मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी, नरेन्द्र परमार,ईरशाद कुर्रेशी आदि उपस्थित थे । ज्ञातव्य है कि इस सम्प्रेक्षण गृह में बडवानी,धार,इन्दौर सहित कई स्थानों के बच्चों को रखा गया है । संस्था के अध्यक्ष शैलेष दुबे ने प्रति सोमवार एवं प्रति गुरूवार को यहां समीक्षात्मक बैठक आयोजित करने के निर्देश संस्था प्रमुख को दिये । श्री दुबे ने सम्प्रेक्षण गृह के बच्चों को मिठाई का भी वितरण किया ।उन्होने जिला प्रशासन से भेंट कर सम्प्रेक्षण गृह की विभिन्न समस्याओं के निराकरण का भी विश्वास दिलाया ।

संासद ट्राफी को लेकर भाजपा ने विरोध व्यक्त किया

झाबुआ---शुक्रवार से प्रारंभ होनेवाली सांसद ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रखर विरोध दर्ज कराते हुए इस प्रतियोगिता को छात्रों की परीक्षा में व्यवधान पैदा करने वाला कृत्य बताया है । प्रदेष भाजपा उपाध्यक्ष दिलीपसिंह भूरिया, जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, जिले के विधायकगण सुश्री निर्मला भूरिया, शांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर ने सांसद के इस कृत्य को चुनावी लाभ उठाने का प्रयास बतातेहुए  विरोध किया है । लोकसभा चुनाव के पहले हो रही सांसद ट्राफी अपने राजनैतिक जीवन में सांसद द्वारा पहली बार करवाई जारही है  जिससे राजनीतिक बू आरही है । भाजपा नेताओं के अनुसार सांसद ट्राफी की आड में क्षेत्रीय सांसद  ने युवाओं को बांटने के लिये अपने नाम की हजारों टी शर्ट भी तेैयार करवाई है । भाजपा नेताओं के अनुसार लोकसभा चुनाव के पहले सांसद को अचानक क्रिकेट स्पर्धा की जिज्ञासा क्यों पैदा हुई जबकि सांसद भूरिया ने अपने कार्यकाल में जिले एवं संसदीय क्षेत्र में किसी भी खेल को बढावा देने के लिये कोई रूचि ही नही दिखाई  और ना ही किसी भी खेल संगठन को मदद के लिये आगे आये ।भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दुबे के अनुसार सांसद भूरिया ने खेलों के प्रति हमेषा नकारात्मक रवैया ही अपनाया है और सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिये सांसद ट्राफी का आयोजन किया जारहा है । भाजपा नेताओं ने  मांग की है कि किसी भी सरकारी विद्यालय या संस्थाओ में सांसद ट्राफी करवाने से रोका जावे । सांसद द्वारा बच्चों की परीक्षायें अनकरीब होने से माईक लगा कर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने से छात्र-छात्राओं की पढाई बुरी तरह प्रभावित होगी  और परीक्षाओं में भी व्यवधान होगा । भाजपा नेताओं ने सांसद ट्राफी के नाम से सांसद द्वारा किये जारहे राजनैतिक कदमों की घोर भत्र्सना की है ।

निषुल्क उपचार षिविर में 660 पषुओं का टिकाकरण

झाबुआ - 20 फरवरी 2014 म.प्र.जन अभियान परिषद् द्वारा गठित ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति उमरी एवं श्री छत्रसाल फाउण्डेषन के मार्गदर्षन में पषु चिकित्सालय से समन्वय कर 1 दिवसीय पषु षिविर का आयोजन किया । जिसमें डा0 भयडिया खण्ड चिकित्सा अधिकारी, अमरसिंग देवल सहायक पषु चिकित्सा क्षैत्रीय अधिकारी, डी.आर. मुवेल ब्लाक समन्वयक, चन्द्रकान्त पंचकुण्डे, अरविन्द मचार, भारत डामोर उपस्थित हुए। उपचार षिविर में 68 किसानों का 468 पषुओं का टिकाकरण एवं 113 पषुओं निषुल्क औषद्यी वितरण व 179 का उपचार तथा 10 पषुओं का बध्याकरण किया। षिविर में ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष धुमसिंग डामोर, बदिया बिलवाल, वालसिंग, कृष्णा खपेड, माकडिया मेडा, कलसिंग मेडा समिति सदस्यों का सराहनीय रहा।

’’राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सफलता’’

झाबूआ--म0प्र0 बाॅडी बिल्डिंग एसोषिएसन द्वारा आयोजित 53 वी मिस्टर एम0पी0 सीनीयर, जूनियर, मास्टर्स, हेण्डिकैप्ट, प्रतियोगिता जो कि  दिनांक 18, 19 फरवरी 2014 को इंदौर में आयोजित की गई थी । उसमें झाबुआ जिले के खिलाडियों द्वारा भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया गया, जिसमें 50-55 कि.ग्रा. वर्ग मेे श्री प्रेमंिसह डामोर को तीसरा स्थान एवं  श्री गुलाबसिंग गुंडिया को पांचवा स्थान प्राप्त होकर नगद पुरूस्कार , ट्राफी एवं सर्टिफिकेट मुख्य अतिथि नगरीय प्रषासन मंत्री श्री कैलाष विजयवर्गीय द्वारा प्रदाय किया गया । इस अवसर पर श्री विजयवर्गीय द्वारा कहा गया कि विभिन्न जिलो के साथ झाबुआ जिले से प्रतिभावान खिलाडियों के खेल प्रतियोगिताओं में आगे आना हर्ष का विषय है । म0प्र0 बाॅडी बिल्डिंग एसोषिएसन इंदौर द्वारा स्टेट रैफरी एवं राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभावान खिलाडी सुषील वाजपेयी को वनांचल के खिलाडियों को खेल प्रतियोगिताओं हेतु तैयार किए जाने एवं प्रोत्साहित किए जाने हेतु सम्मानित किया गया । उक्त सफलता पर जिला बाॅडी बिल्डिंग ऐसोषिएसन झाबुआ के अध्यक्ष श्री मनीष व्यास एवं चंदरसिंह चंदेल द्वारा हर्ष व्यक्त किया जाकर सफलता प्राप्त खिलाडियों को बधाई दी गई एवं बताया गया कि व्यायाम शाला की परंपरा अनुसार  हनुमानजी का पूजन एवं महाआरती का आयोजन दिनांक 25.02.2014 मंगलवार को सायं 6.00 बजे व्यायाम शाला में किया जावेगा एवं ततपष्चात श्री प्रेमंिसह डामोर एवं श्री गुलाबसिंग गुंडिया ,का सम्मान किया जावेगा । उक्त जानकारी जय बजरंग व्यायाम शाला के चंदू पहलवान (खलीफा), एवं किषोर पहलवान (खलीफा), द्वारा दी गई ।

जन घोषणा पत्र के संबंध में आवश्यक बैठक का आयोजन आज, स्थानीय मुद्दो को लेकर होगी चर्चा

झाबुआ-- आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एकता परिषद् द्वारा प्रत्येक संसदीय क्षेत्र का जन घोषणा-पत्र बनाया जाएगा। जिसमें संसदीय क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप जो मुद्दे है, उस पर इस बैठक में विस्तृत चर्चा होगी। बैठकं 21 फरवरी शुक्रवार को रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की आवश्यक बैठक झाबुआ मंे आयोजित की जाएगी। उक्त जानकारी देते हुए एकता परिषद् के वरिष्ठ सदस्य यशवंत भंडारी ने बताया कि रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं नीतिगत बदलाव की मांगों को लेकर एक आवश्यक बैठक एकता परिषद् की राष्ट्रीय संयोजक श्रीमती श्रद्धा कश्यप के नेतृत्व में दोपहर 2 बजे आदिवासी सेवा ट्रस्ट के कार्यालय पर आयोजित की गई है। इस बैठक में जिले के उन समस्त बुद्धिजीवी एवं जागरूक नागरिकों को आमंत्रित किया गया है, जो इस संसदीय क्षे़त्र के विकास के संबंध में आवश्यक सुझाव दे तथा जन घोषणा पत्र में किन-किन विषयों को प्राथमिकता दी जाए, इस संबंध में अपने विचार व्यक्त कर सके। श्रीमती कश्यप ने बताया कि एकता परिषद् अपने हक और अपनी मांगों के लिए यहां के स्थानीय निवासियों के साथ मिल बैठकर यहां की आवश्यकता के अनुरूप जन घोषणा पत्र तैयार कर समस्त राजनैतिक दलों को इसकी प्रति देकर जन घोषणा पत्र के अनुरूप कार्य करने के लिए बाध्य करेंगे। साथ ही जन घोषणा पत्र के महत्वपूर्ण मुद्दो को राजनैतिक दल अपने घोषणा पत्र में शामिल करे, ऐसे प्रयास करेंगे। रतलाम संसदीय क्षेत्र के लिए महात्मा गांधी सेवा आश्रम की अनिता डावर को जन घोषणा पत्र अभियान चलाने का प्रभार सौंपा है।

अपहरण का 01 प्रकरण कायम 

फरियादी वरसिंग पिता कालिया मावी उम्र 60 वर्ष निवासी विजियाडुंगरी ने बताया कि आरोपी कमेश पिता कालिया अमलियार निवासी छापरी एवं अन्य-01 ने उसकी बहु पत्नी अपने घर के बाहर बैठे थे आरोपीगण मोटर सायकल पर आये व उसकी बहु रमीला पति संजय मावी उम्र 25 वर्ष निवासी विजियाडूंगरी, जो कि 300 ग्राम चांदी की तागली पहने थी, को जबरन पत्नी बनाने के लिये भगाकर ले गये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0 क्रमांक 97/14, धारा 363,366 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम संपन्न

झाबुआ ---समाजिक वानिकी प्रक्षेत्र झाबुआ के सभाकक्ष में आज 20 फरवरी को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 के संबंध में कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री शैलेष दुबे, विशेष अतिथि श्री पदम सिंह, मुख्य वन संरक्षक डाॅ भदौरिया, जेडीई ग्वालियर, डाॅ.पी.के.पाठक डाॅ. कटारिया,डाॅ.मुकेश सक्सेना मैडम सक्सेना, कृषि महाविद्यालय इन्दौर उपस्थित हुए। कार्यशाला का संचालन डाॅ.यादव ने किया। स्वागत डाॅ. आई एस तोमर ने किया एवं आभार डाॅ. महेन्द्र सिंह ने किया। कार्यशाला में पौेधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 के बारे में कृषको को कार्यशाला में उपस्थित अतिथियों द्वारा जानकारी दी गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री शैलेष दुबे ने कहा कि शासन द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाये जाने के लिए कई योजनाऐ संचालित की जा रही है। शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा, ताकि आपकी खेती को लाभ का धंधा बनाये जा सके। आप अपने अधिकारो के प्रति भी सजग रहे इसलिए आपकों कृषक अधिकारों की जानकारी इस कार्यशाला में दी जा रही है। आप अपने अधिकारों को जाने ताकि आपकों कोई भी संस्था या व्यावसायी ठग ना सके।

डाटा इन्ट्री आपरेटर की अनंतिम सूची पर दावे आपत्ति 25 फरवरी तक आमंत्रित

झाबुआ ---जिला पंचायत झाबुआ में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन‘‘ के अंतर्गत संविदा के रूप में डाटा इंट्री आपरेटर सह कार्यालय सहायक सह पी0डी0ए0आपरेटर के रिक्त पदों की पदपूर्ति की जाने हेतु कार्यालयीन विज्ञप्ति के माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे। इच्छुक अभ्यर्थियों से प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण कर परीक्षण/छानबीन सीमिति द्वारा सूची प्रेषित की गई है। परीक्षण छानबीन समिति द्वारा प्रस्तुत सूची का प्रकाशन जिले की बेवसाईट एवं जिला पंचायत झाबुआ के सूचना पटल पर किया गया है। इसके अतिरिक्त सूची की एक प्रति प्रभारी अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ के पास भी उपलब्घ रहेगी। यदि किसी अभ्यर्थी को प्रकाशित की गई सूची के संबंध में किसी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो अपनी आपत्ति 25 फरवरी 2014 तक दोपहर 3.00 तक कार्यालय की आवक शाखा में प्रस्तुत कर सकता है। निर्धारित समय उपरांत प्राप्त दावा आपत्ति पर चयन समिति द्वारा किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया जावेगा।

जागरूकता रथ रवाना

झाबुआ---20 से 25 फरवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल जागरूकता सप्ताह की शुरूआत आज 20 फरवरी को हुई। पेयजल स्वच्छता की जानकारी देने के लिए आज कलेक्टोरेट परिसर से जागरूकता रथ रवाना किया गया। जागरूकता रथ को डिप्टी कलेक्टर श्री सुमेरसिंह मुजाल्दा, एसडीएम झाबुआ श्री अम्बाराम पाटीदार ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर ई.ई.पीएचई श्री जितेन्द्र मावी, एसडीओ पीएचई श्री अचाले सहित शासकीय सेवक उपस्थित थे। पीएचई के कार्यपालन यंत्री श्री मावी ने बताया कि रथ जिले के सभी छह विकासखण्ड का भ्रमण कर विभाग की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेगा। ग्राम स्तर पर विशेष ग्राम सभाएं भी होगी।

शिवाजी राव पाटिल और नीलांगेकर को एक बड़ी राहत

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजी राव पाटिल और नीलांगेकर को एक बड़ी राहत देते हुए सीबीआई ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में उन्हें क्लीन चिट दे दी। बंबई हाईकोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि एजेंसी ने पाटिल-नीलांगेकर की भूमिका की पड़ताल की लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पता चले की उनकी तरफ से आपराधिक कदाचार हुआ।

सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि आदर्श के संबंध में शिवाजीराव पाटिल-नीलांगेकर और अन्य की भूमिका की पड़ताल की गयी। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों से उनके (नीलांगेकर और अन्य के) खिलाफ कदम उठाने की जरूरत नहीं है। इसलिए आरोपपत्र में उनका नाम आरोपी के तौर पर नहीं है।

सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वातेगाओनकर की एक याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में मामले में पाटिल-नीलांगेकर को आरोपी बनाने की मांग की गयी थी। आदर्श जांच पर अपनी जनहित याचिका को लेकर आवेदन करने वाले वातेगाओनकर ने आरोप लगाया था कि पाटिल-नीलांगेकर ने राजस्व मंत्री के अपने कार्यकाल में अवैध तरीके से आदर्श सोसाइटी में कुछ मंजूरी दी थी। बदले में उनके रिश्तेदार को आदर्श में फ्लैट आवंटित किया गया।

सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि बेनामी लेनदेन को लेकर जांच अभी प्रगति पर है। सीबीआई के जांच अधिकारी एस एस गिरि की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि पूर्व विधायक और आदर्श प्रोमोटर के एल गिडवानी और शिवाजीराव पाटिल-नीलांगेकर के रिश्तेदार अरुण धावले की संलिप्तता वाले वित्तीय लेनदेन के संबंध में आगे जांच हो रही है, जबकि फ्लैट प्राप्त करने और सोसाइटी के खाते में कोष की जांच प्रगति पर है।

हलफनामे में कहा गया है कि इससे पहले सीबीआई की ओर से राजस्व मंत्री के तौर पर नीलांगेकर की भूमिका के संबंध में की गयी जांच में उनके खिलाफ मामला चलाने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। इसमें कहा गया है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे कि नीलांगेकर पर सोसाइटी का अनुचित समर्थन करने और उनके रिश्तेदार को इसके बदले में फ्लैट आवंटित करने का पता चलता हो। वर्ष 2004 में महंगे दक्षिण मुंबई में आदर्श सोसाइटी को भूमि आबंटित करने वक्त पाटिल-नीलांगेकर राजस्व मंत्री थे। आदर्श सोसाइटी पर निकाय और पर्यावरण संबंधी कई नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (20 फरवरी )

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मुख्यमंत्री द्वारा एक-एक लाख के चेकों का वितरण आज 

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा विदिशा के सर्किट हाउस में 21 फरवरी शुक्रवार को प्रातः नौ बजे उन शैक्षणिक संस्थाओं को एक-एक लाख रूपए का चेक प्रदाय किया जायेगा जिन स्कूलों के बच्चों द्वारा 26 जनवरी के समारोह में कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां की गई थी। ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री श्री चैहान ने विदिशा में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्र्रमों में शामिल शैक्षणिक संस्थाओं को एक-एक लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की थी। गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में जिले की छह शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों द्वारा कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई थी उक्त स्कूलों के लिए एक-एक लाख रूपए की राशि प्रदाय की जायेगी। कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने सेंटमेरी हाई स्कूल, शा0महारानी लक्ष्मी बाई कन्या उ0मा0विद्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर तलैया, ट्रिनीटी कान्वेंट स्कूल, वात्सल्य स्कूल और शमशाबाद के जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्यो से  कहा है कि वे पुरस्कार हेतु पांच विद्यार्थियों से अधिक लेकर ना आयें। उन ही विद्यार्थियों को लायें जिनकी परीक्षाएं अगले दिन ना हो।

मुख्यमंत्री का भ्रमण कार्यक्रम 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 21फरवरी शुक्रवार को जिन छह ग्रामों का दौरा करेंगे उनमें ग्राम पालकी, ठर्र, देहरी, झिरनिया, बरखेड़ागंभीर और ग्राम नौलास शामिल है। कलेक्टर श्री ओझा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चैहान विदिशा से सड़क मार्ग से ग्राम पालकी पहुंचेंगे।

पीडि़त किसानों के लिए तीन करोड़ की राशि जारी

विगत दिनों जिले की जिन तहसीलों में ओलावृृष्टि के कारण जिन किसानांे की फसले क्षतिग्रस्त हुई है उनके लिए कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने तीन करोड़ रूपए की राशि जारी कर दी है। कलेक्टर श्री ओझा ने संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को निर्देश दिए है कि सर्वे अनुसार आरबीसी के प्रावधानो अंतर्गत पीडि़त किसानों को राहत राशि वितरण कराना सुनिश्चित करे और की गई कार्यवाही से जिला कार्यालय को अवगत करायें।जिन तीन तहसीलो के लिए राशि जारी की गई है उनमें विदिशा एवं ग्यारसपुर के लिए क्रमशः 75-75 लाख रूपए और गुलाबगंज तहसील के लिए एक करोड़ पचास लाख रूपए आवंटित किए है।

सफलता की कहानी, कपिलधारा ने खेतों की पैदावार कई गुना बढ़ाई

मनरेगा की उपयोजना कपिलधारा ने किसानो की किस्मत बदलने का काम किया है जहां वे पहले अपनी फसल की सिंचाई के लिए आसमान की और निगाह लगाये रहते थे अब उनकी सोच को कपिलधारा ने बदल दिया है। उप योजनांतर्गत खेत में 30 फीट से अधिक गहराई का कूप निर्माण करायें जाने के बाद ग्राम पंचायत ठर्र के हितग्राही श्री जसवंत सिंह फूले नही समा रहे है उनका कहना है कि ईश्वर ने कुएं के रूप में वरदान दिया है जहां पहले गेहूं की ही फसल ले पाते थे अब उसकी जगह दो फसले और साग-सब्जी की भी पैदावार ले रहे है कूप निर्माण हो जाने से सात बीघा में सिंचाई कार्य सुगमता से होनेे लगा है और फसल उत्पादन तीन गुना से अधिक हो गया है। ग्राम पंचायत ठर्र के ही कृृषक श्री जितेन्द्र प्रसाद शर्मा ने बताया है कि कपिलधारा उनके परिवार के लिए अमृृत बनकर आई है। मात्र 22 फीट गहराई में ही भरपूर पानी आ जाने के कारण लगातार सिंचाई कर रहे है फिर भी कुएं का पानी खाली नही हो रहा है। 

सचिव निलंबित

जिला पंचायत सीईओ श्री शशिभूषण सिंह ने सिरोंज जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सियलपुर के सचिव श्री निरंजन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उक्त कार्यवाही योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के फलस्वरूप की गई हैं। निलम्बन अवधि में श्री निरंजन सिंह का मुख्यालय जनपद पंचायत सिरोंज नियत किया गया है और उन्हें  नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। 

हंगामे के बीच राज्यसभा में भी तेलंगाना बिल पास

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भारी हंगामे और हाथापाई के बीच आखिरकार तेलंगना विधेयक संसद से पास हो गया। इसके साथ ही तेलंगाना की शक्ल में देश के 29वें राज्य का गठन तय हो गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमांध्र इलाके की भरपाई के लिए उसे पांच साल तक विशेष दर्जा दिए जाने के साथ कई आश्वासन दिए हैं। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान भी सीमांध्र के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कागज फाड़कर पीएम के ऊपर फेंके गए। बीजेपी ने विधेयक पास करवाने में सरकार का साथ तो दिया लेकिन कड़ी आलोचना के साथ।

बिल का टीडीपी सांसदों ने जबरदस्त विरोध किया। सीमांध्र इलाके के केंद्रीय मंत्रियों ने भी विरोध किया। विरोध में पार्टी लाइन के खिलाफ गए चिरंजीवी। डीएमके ने विधेयक के विरोध में वॉकआउट किया। समाजवादी पार्टी और वामदलों ने भी विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस विधेयक के पक्ष में नहीं थी जबकि मायावती ने विधेयक का समर्थन किया।

सरकार, लोकसभा से पास हो चुके अलग तेलंगाना विधेयक को हर हाल में राज्यसभा की हरी झंडी दिलाना चाहती थी, लेकिन विरोधियों के तेवर भी तल्ख थे। बार-बार स्थगित हो रहे सदन में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने चर्चा के लिए तेलंगाना विधेयक रखा तो टीडीपी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल और कई दूसरी पार्टियों का हंगामा मर्यादा की सारी हदें पार कर गया। नौबत हाथापाई तक आ गई और कई सांसदों ने शिंदे के हाथ से बिल की कॉपी छीनने की कोशिश की। हालात पर काबू पाने के लिए मार्शल सदन में बुलाने पड़े। आखिरकार किसी तरह विरोधियों को यकीन में लेकर सरकार ने चर्चा शुरू करवाई और बिल पास करवाने में कामयाब हो गई।
इससे पहले विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने सीमांध्र के लिए छह सूत्रीय विकास एजेंडे की घोषणा की तो मंजर अभूतपूर्व था। फाड़ दो-फेंक दो की जबर्दस्त नारेबाजी के साथ विरोधी पार्टियों के सांसद तेलंगाना विधेयक के पुर्जे हवा में उड़ा रहे थे और किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस सांसद प्रधानमंत्री को चारों तरफ से घेरकर खड़े थे।

प्रधानमंत्री की घोषणा में केंद्रीय सहायता के लिए सीमांध्र को 5 साल के लिए विशेष दर्जा देने, तेलंगाना के साथ सीमांध्र के आर्थिक सुधार के लिए टैक्स में फायदे जैसे कदम उठाने, सीमांध्र के पिछड़े इलाकों के लिए विधेयक में पहले से विशेष पैकेज का प्रावधान, पोलवरम प्रोजेक्ट के लिए जरूरत मुताबिक संशोधन या सुधार का आश्वासन शामिल है। गौरतलब है कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को फोन कर सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग की थी। सदन में बीजेपी का रुख तो तेलंगाना के समर्थन का था लेकिन विधेयक पास करवाने के दौरान उसने सरकार को जमकर कोसा। नेता विपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि बीजेपी ने तीन राज्य बनाए लेकिन कोई विरोध नहीं हुआ। कोई धरना नहीं हुआ। कांग्रेस ने इसे गलत तरीके से डील किया है।
संसद के दोनों सदनों से पास हो चुके तेलंगाना विधेयक को अब सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर का इंतजार है। इसके बाद तेलंगाना की शक्ल में देश के 29वें राज्य के गठन की तमाम अड़चनें दूर हो जाएंगी।

स्वतंत्र कोयला नियामक को मिली मंजूरी

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कोयला क्षेत्र में भी अब नियामक बनने का रास्ता साफ हो गया है। कार्यपालिका के एक आदेश के जरिए यह नियामक अस्तित्व में आएगा। यह जानकारी सरकार ने गुरुवार को दी।

एक वरिष्ठ मंत्री ने यहां बैठक के बाद बताया कि आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने कार्यपालिका के ऑर्डर के जरिए कोयला सेक्टर में नियामक की स्थापना करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।

कच्चे कोयले, वॉश्ड कोल और धुलाई के दौरान प्राप्त होने वाले किसी भी अन्य उप उत्पाद की कीमतें तय करने के तौर-तरीके बताने का अधिकार इस नियामक को दिया जाएगा। कोल रेगुलेटर इसके अलावा कोयले की गुणवत्ता अथवा ग्रेड घोषित करने के लिए अपनाए जाने वाले परीक्षण तरीकों का भी नियमन करेगा।

ऑटोमैटिक कोल सैंपलिंग के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाए, यह भी कोल रेगुलेटर ही बताएगा। विभिन्न कोयला खदानों को बंद किए जाने की प्रक्रिया की मॉनीटरिंग करने की भी जिम्मेदारी कोल रेगुलेटर को सौंपी गई है। माइनिंग प्लान को मंजूरी देने और संबंधित पार्टियों के बीच उभरने वाले विवादों को सुलझाने में भी कोयला नियामक की अहम भूमिका रहेगी।

कोयला सेक्टर में नियामक के गठन का रास्ता साफ करने वाला विधेयक फिलहाल संसद में लंबित है। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कुछ दिन पहले संसद को बताया था कि कार्यपालिका के आदेश के जरिए एक गैर विधायी कोयला नियामक का गठन किया जाएगा।

टेपरिंग लिंकेज वाली कुछ ताप विद्युत परियोजनाओं को तीन साल की तय अवधि के बाद भी कोयला सप्लाई सुनिश्चित करने वाले प्रस्ताव पर कैबिनेट फैसला गुरुवार को टाल दिया गया।

मुझे देश सेवा से कांग्रेस के हमले नहीं रोक सकते : मोदी

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प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के नेता कीचड़ उछाल सकते हैं और उनके पीछे सीबीआई को लगा देते हैं लेकिन इससे उन्हें देश की सेवा करने से नहीं रोका जा सकता।

युवाओं तक पहुंच बनाने के लिए भावनात्मक लहजे में गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने किसी पद या प्रसिद्धि के लिए अपना घर नहीं छोड़ा था। शहर में एक विशाल युवा रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अगर मैं सच बोलता हूं तो संप्रग सरकार के सभी मंत्री नाखुश हो जाते हैं, उन्हें बुरा लगता है और उदास हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह है। पिछले 60 साल से किसी ने उन्हें चुनौती नहीं दी है। उन्हें लग रहा है कि एक चाय बेचने वाला इतनी बड़ी सल्तनत को चुनौती कैसे दे सकता है जिसने लगातार कई साल तक निर्बाध देश में शासन किया।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस उन पर निशाना साधने के अवसर तलाशती रहती है। उन्होंने कहा कि मैं हर जन्म में देश की सेवा करने के लिए यहां आया हूं। अगर इस जन्म में मुझे यह अवसर नहीं मिला तो मैं अगले जन्म में फिर देश की जनता की सेवा के लिए यहां आऊंगा। देश में युवाओं के लिए संप्रग सरकार की नीति पर मोदी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि नौजवानों के बारे में सोचें, उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाए, रोजगार दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले साल के बजट में केंद्र सरकार ने दावा किया था कि वह 10 लाख युवकों को कौशल का प्रशिक्षण देगी और 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था। लेकिन हकीकत में उन्होंने पिछले साल केवल 18,352 युवकों को प्रशिक्षण दिया है। मोदी ने कहा कि यह पांच प्रतिशत काम ही हुआ है। इस दर से तो कांग्रेस की सरकार अगले 20 साल में लक्ष्य को हासिल कर पाएगी।

बिहार : राज्य में भूमि आयोग का गठनः राष्ट्रीय समन्वयक

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पटना। देश के जाने माने सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और देशभर में सूचना के अधिकार एवं काम के अधिकार आंदोलन के अग्रणी निखिल डे की मौजूदगी में बिहार जन संसद का दूसरा दिन राजधानी के आर.ब्लॉक में समाप्त हो गया।

मौके पर एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के संदर्भ में जमीन के महत्व का निर्धारण अर्थशास्त्र के शास्त्रीय सिद्धांतों के मुताबिक नहीं जा सकता। एक भूमिहीन व्यक्ति के लिए जमीन का महत्व सिर्फ आजीविका के साधन या वासस्थान के रूप में ही नहीं बल्कि पहचान,सम्मान एवं सुरक्षा के आधार के रूप में कई गुना ज्यादा है।

सर्वविदित है कि बिहार जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य में कृषि ही बहुसंख्यक आबादी के जीवन यापन का आधार है। ग्रामीण आबादी खेती के सहारे ही अपना गुजारा चलाती है,चाहे वह खेत मालिक हो, भूमिहीन  खेतिहर हो या बटाईदार। एन एस एस ओ द्वारा 1999-2000 में संचालित सर्वे के मुताबिक बिहार के कुल खेत मजदूरों का 76ण्6 प्रतिशत पूर्णतः भूमिहीन है। भूमिहीनता के मामले में बिहार अन्य समुदाय की तुलना में दलितों की स्थिति बहुत ज्यादा चिंताजनक है। वहीं भूमि वितरण की विषमताओं को दूर करने में बिहार में सरकारी प्रयास अततक अप्रयाप्त रहे हैं। जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा प्रतिहिंसा ज्यादा हुई है।

बिहार में मौजूदा भूमि सुधार के उपायों के संदर्भ में एकता परिषद की मांग है कि बिहार के गांव में कृषि/गैर कृषि आधारित जीवन जीने वाले 6 लाख आवासीय भूमिहीन परिवारों को न्यूनतम दस डिसमिल आवासभूमि आवंटित करना। इसके लिए आवासभूमि अधिकार कानून बनाना। भूमि हदबंदी कानूनों में संशोधन करना तथा हदबंदी सीमाओं को कम करना, जिसमें धार्मिक स्थापनाएं एवं चीनी मीलों को शामिल किया जा सके। हदबंदी से फाजिल भूमि के वितरण करना। बिहार काश्तकारी जोत अधिनियम 1973 के अनुरूप नामांतरण मैनुएल तैयार करना तथा एक समयबद्ध सीमा में सभी भू अधिकार अभिलेखों में नामांतरण करना। खासमहल भूमि के उपयोग की शर्तों के अनुसार इसकी मौजूदा स्थिति पर पुनः विचार करना तथा महादलित विकास कार्यक्रम के तहत भूमिहीन परिवारों में वासस्थान आवंटन हेतु उपलब्ध करवाना। गैर मजरूआ खास भूमि पर बड़े भूधारियों का कब्जा हटाना एवं भूमिहीन परिवारों में कृषि योग्य भूमि का वितरण करना। भूदान यज्ञ समिति द्वारा वितरित की गई भूमि पर सभी पर्चाधारी भूदान किसानों का कब्जा सुनिश्चित करना एवं दाखिल खारिज करना। भूदान में प्राप्त अयोग्य करार दी गई भूमि का पता लगाकर भूमिहीनों में वितरित करना। राज्य में भूमि आयोग का गठन कर वैधानिक अधिकार प्रदान करना जिससे भूमि सुधार कार्यक्रम को तेजी के साथ लागू किया जा सके।

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रणजीव , भोजन के अधिकार और लोक परिषद से जुड़े रूपेश, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक की राष्ट्रीय संयोजक कामायनी स्वामी, प्रो0 जावेद अख्तर, प्रो0 विनय कंठ, फादर फिलिप मंथरा,अधिवक्ता नीतिरंजन झा समेत शहर के कई बुद्धिजीवियों ने शामिल होकर विचार व्यक्त किए।



अलोक कुमार 
बिहार 

मोदी को कभी नहीं बनने दूंगी प्रधानमंत्री : मायावती

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मुजफ्फरनगर दंगों के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती की नजर यूपी के मुसलमान वोट बैंक पर है. इस वर्ग को सीधा संदेश देने के लिए अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने निशाने पर लिया है गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी को. मायावती ने शुक्रवार को संसद भवन के बाहर कहा कि मैं मोदी का पीएम बनने का सपना कभी पूरा नहीं होने दूंगी. मायावती के मुताबिक नरेंद्र मोदी के नाम से ही देश का मुसलमान घबरा जाता है. ऐसे में बीएसपी ही पूरे देश में उनसे लोहा लेगी.

जब यूपीए 1 से लेफ्ट दलों ने समर्थन वापस लिया, तो सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने दलित चेहरे के नाम पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती को आगे गिया. मगर आज वही मायावती प्रकाश करात की नई राजनीतिक कवायद तीसरे मोर्चे को सिरे से खारिज कर रही हैं. मायावती ने कहा कि आप थर्ड या जिस भी मोर्चे के बारे में पूछ रहे हैं, वह बेहद कमजोर है. आज बनाते हैं और तीन चार दिन बाद इसमें से कुछ दल खिसक जाते हैं. मायावती ने साफ कहा कि इन सबके कोई मायने नहीं हैं.

मगर सच्चाई यह है कि मायावती ऐसे किसी भी मोर्चे को कैसे स्वीकार कर सकती हैं, जिसमें उनके धुर विरोधी मुलायम शामिल हैं. मायावती को यह भी लगता है कि अपने दम 30 के पार सीटें लाने पर शायद उनके नाम का छींका फूटे और तीसरा मोर्चा-कांग्रेस समर्थन के लिए लामबंद हो जाए. मोदी झूठ बोलता है, फरेब करता है. नरेंद्र मोदी से जुड़े सवाल पर कभी बीजेपी के समर्थन से सरकार चलाने वाली मायावती ने तल्ख लहजा अपनाया. उन्होंने कहा, ‘देखो नरेंद्र मोदी जो कुछ कहता है, तो उसमें सच्चाई बहुत कम होती है. उसमें झूठ ज्यादा होता है. फरेब ज्यादा होता है. जनता को गुमराह किया जाता है. इसलिए जो बीजेपी के बारे में शुरू से कहना रहा है कि ये कहती कुछ है और करती कुछ है. वही आज भी सच है.’

सांप्रदायिकता को रोकने के घिर चुके राजनीतिक तर्क का इस्तेमाल करते हुए बसपा नेत्री ने कहा कि हम यूपीए की नीतियों से सहमत नहीं है. लेकिन सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए यूपीए 1 और यूपीए 2 को समर्थन दिया. फिर अपने सेकुलर रूप को चमकाने के लिए मायावती ने गोधरा का जिक्र किया. उन्होंने कहा, जहां तक मोदी का सवाल है, मोदी मतलब सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देने का प्रतीक. हम पूरी ताकत लगाएंगे पूरे देश के अंदर कि इनको सत्ता में आने से रोका जाए और नरेंद्र मोदी को पीएम बनने से रोका जाए. मोदी के गुजरात स्टेट में गोधरा कांड किसी से छिपा नहीं है. बड़े पैमाने पर बेकसूर लोगों का कत्लेआम हुआ.और पूरे देश के अंदर नरेंद्र मोदी के नाम से अल्पसंख्यकों में मुस्लिम समाज के लोग घबराए हुए हैं. उन्हें मालूम है कि ये आदमी सत्ता में बैठ गया, तो पूरे देश का मुसलमान सुरक्षित नहीं है

बिहार : यू.के.सरकार के अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग से संचालित पैक्स कार्यक्रम के बढ़ते कदम

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bihar in UK
गया। यू.के.सरकार के अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग से संचालित पैक्स कार्यक्रम है। इसके तहत भारत में नागर समाज के संगठनों के माध्यम से सामाजिक बहिष्करण व भेदभाव के मुद्दों को सामाने लाना और उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। 

पूअरेस्ट एरियाज सिविल सोसाइटी (पैक्स) के निदेशक राजन खोसला ने कहा कि पैक्स कार्यक्रम के अन्तर्गत आजीविका के अधिकार व  मूलभूत सेवाओं के अधिकार पर क्रेन्दित होकर देश के सात राज्यों के 90 निर्धनतम जिलों में कुल 225 स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। आजीविका के अधिकार में मनरेगा सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। मनरेगा सिर्फ 100 दिन के रोजगार की गारंटी नहीं देता बल्कि उपयोगी परिसंपतियों के सृजन के माध्यम से स्थाई विकास की राह बनाता है जिससे वंचित समुदायों को लाभ मिल सके।

बिहार व झारखंड में 2012 में पैक्स मनरेगा अभियान की शुरूआत हुई जिसके तहत ‘काम मांगो’ अभियान और सामाजिक अंकेक्षण पर एक साक्षा पहल की गई। अभियान में राज्य व जिलों के स्तर पर प्रशासन का भी सहयोग प्राप्त हुआ। एक निश्चित अवधि में 70,000 से अधिक काम के आवेदन और 170 ग्राम पंचायतों में सामाजिक अंकक्षेण किए गए। अभियान के प्रभाव के रूप में कुछ जिलों में पैक्स कार्यक्रम और जिला प्रशासन के द्वारा संयुक्त रूप से नई पहल की गई। मनरेगा मेट तैयार करना भी उन्हीं पहलकदमियों का हिस्सा है।

पैक्स कार्यक्रम व जहानाबाद जिला प्रशासन के मध्य एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है और संयुक्त प्रयास से जहानाबाद में मनरेगा अन्तर्गत 1,000 महिला मेट तैयार की जा रही हैं। जिला स्तर पर पैक्स की सहयोगी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा परियोजना का संचालन किया जा रहा है। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी काफी अहम है। मेट के रूप में महिला होना,महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चत करने में सहायक होगा। 

महिला मजदूर और काम का अधिकार को लेकर महिला मेट प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इसमें महिला मेटों के प्रशिक्षण के उद्ेश्य से प्रस्तुत दो दिवसीय मॉड्यूल तैयार किया गया है। ‘ काम के अधिकार’ के व्यापक संदर्भ तथा मनरेगा की अहमियत पर चर्चा,मेट की भूमिका की अहमियत,खासकर जेंडर के मुद्दों से निपटने में, मनरेगा की मुख्य प्रक्रियाएं तथा मेट की भूमिका, अलग अलग प्रकार के कार्यों की नापी तथा विवरणों की प्रविविष्ट, मेट द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर मजदूरों का शिक्षण और शिकायतों के निपटारे तथा जनतांत्रिक जांच पड़ताल की व्यवस्थाएं को प्रथम दिन विस्तार से बताया जाएगा। द्वितीय दिन जॉब कार्ड आवेदन के लिए संयुक्त पारिवारिक फोटों का, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाले मस्टर रोल का, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाली दैनिक गणना प्रपत्र, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाली उपस्थिति का और मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाले सामग्री पंजी का प्रारूप पर चर्चा होगी। इसके अलावे प्रशिक्षण को रूचिकर बनाने के लिए खेल भी प्रस्तुत की जाएगी। विशेष तौर पर खुदाई के लिए निर्धारित मिट्टी की मात्रा,परिवार नियोजन एवं स्वास्थ्य मातृत्व से संबंधित,मनरेगा कार्यस्थलों पर आवश्यक सुविधाएं व सामग्रियां आदि पर चर्चा की जाएगी।



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार विघापीठ के अध्यक्ष पद पर विजय प्रकाश

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vijay prakash
पटना। बिहार विघापीठ के अध्यक्ष के अध्यक्ष पर विजय प्रकाश को मनोनीत किया गया है। फिलवक्त बिहार सरकार के योजना विभाग के प्रधान सचिव भी हैं। इसके पहले बिहार विघापीठ के अध्यक्ष जयनारायण सहाय थे। उनका निधन 31 जनवरी,2014 को गया।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण के निकटवर्ती सहयोगियों में एक महरूम जयनारायण सहाय थे। उनके कार्यकाल में बिहार विघापीठ के अध्यक्ष के उपाध्यक्ष विजय प्रकाश थे। उनको पदोन्नत करके अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया है।

आधार खाते के बिना ही एलपीजी सिलिंडर खरीदा जा सकेगा : सरकार

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सरकार ने कहा कि उपभोक्ता अब बिना आधार खाते के एलपीजी सिलिंडर खरीद सकते हैं और इसके बारे में एक हफ्ते के भीतर आदेश जारी कर दिया जाएगा। लोकसभा में सौगत राय के पूरक प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने एलपीजी सिलिंडर को आधार कार्ड से अलग करने पर स्थिति स्पष्ट करते हए कहा, एक हफ्ते के भीतर इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा।

मंत्री ने कहा, जहां तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का सवाल है तो कैबिनेट ने आधार खाते को एलपीजी सिलिंडर दिए जाने से अलग करने का फैसला किया है। अब सब्सिडी आधारित एलपीजी सिलिंडर बिना आधार के ही मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड से सब्सिडी को जोड़ने में कई तरह की समस्याएं आ रही थीं। इस मसले पर बैंकों का भी पॉजिटिव रुख नहीं था। मोइली ने जोर देकर कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी आधारित सिलिंडर की कीमत में कोई इजाफा नहीं किया है। डीबीटी के तहत 4.86 खाते खोले गए और 2.06 करोड़ परिवारों को सब्सिडी आधारित सिलिंडर मिल रहा है। अपने उपभोक्ता को जानें (केवाईसी) मानदंडों को एलपीजी कनेक्शन से जोड़ने के बारे में मोइली ने कहा कि सरकार ने एक से अधिक कनेक्शन के बारे में स्पष्टीकरण जारी कर दिया है और अगर जरूरत पड़ी तो इस विषय पर उदारतापूर्वक ध्यान दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा, अगर एक ही पते पर दो एलपीजी कनेक्शन हैं और उपभोक्ता अगर इसकी घोषणा करता है कि उनके परिवार अलग हैं या रसोई अलग है तब इसकी अनुमति दी जाएगी। सरकार ने यह भी कहा कि सब्सिडी आधारित एलपीजी सिलिंडर की संख्या बढ़ाकर हर साल 12 कर दी गई है। पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि करीब 60 पर्सेंट लोगों को एलपीजी और पीएनजी कनेक्शन के दायरे में लाया गया है। अब शत प्रतिशत लोगों को इसके दायरे में लाने का इरादा है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो गैस कनेक्शन के लिए अलग से आउटलेट खोले जाएंगे। 

एसपी के सांसद शैलेंद्र कुमार ने सांसदों को गैस कनेक्शन के लिए कूपन देने का आग्रह किया। इस पर मंत्री ने कहा, 'हम विचार करेंगे।'गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वालों (बीपीएल) को एलपीजी कनेक्शन के सवाल पर मोइली ने कहा कि करीब 96 पर्संट बीपीएल परिवार एक परिवार के आधार पर साल में 6 एलपीजी सिलिंडर से कम उपयोग करते हैं। मोइली ने कहा कि औसतन साल में एक करोड़ गैस कनेक्शन दिए जाने हैं। इसमें विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों को तवज्जो दी जाती है।

बिहार : भारत से पोलियो मुक्त करने की जंग फतह करने के बाद आंतरिक जंग में स्वास्थ्यकर्मी फंसे

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पटना। स्वास्थ्यकर्मियों के वेतनमंद से आयकर की राशि काट ली गयी। कोषागार के लापरवाही या भष्टाचार के कारण काटी गयी राशि को आयकर विभाग में जमा नहीं की गयी। जब आयकर विभाग की नोटिस आती है। 1 लाख 60 हजार रू0 जमा करने का आदेश पाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, धनरूआ में हड़कंप मच गया। आननफानन में मामले को रफादफा करने और दबाने की कोशिश होने लगी। अधिक की राशि होने के कारण मामला कर्मचारियों के सामने रखा गया। सभी से हजार-हजार रू0 चंदा संग्रह कर केस लड़ने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। भारत से पोलियो मुक्त करने की जंग फतह करने के बाद आंतरिक जंग में स्वास्थ्यकर्मी फंस गए हैं। अब देखना है कि इसका यह मामला क्या गूल खिलाएगा?

बापू की कर्मभूमि बिहार में और सुशासन सरकार के राज्य में राज्यकर्मियों के हौसल्ले सातवें आसमान पर चढ़ गया है। वजह साफ है कि बिहार में अधिकांश मंत्रियों का अधिकार मुख्यमंत्री की कुर्सी में सिमट कर रह गयी है। उनके पास वक्त नहीं है कि सभी विभागों को व्यक्तिगत तौर से अनुश्रवण कर सके। इसके कारण नौकरशाहों समेत अन्य कर्मचारी बेखौफ हो गए हैं। इसे आप क्या कहेंगे?आपके मासिक वेतन से आयकर की राशि काट ली जाती है और उक्त रकम को आयकर विभाग में जमा ही नहीं की जाती है। अब आयकर विभाग ने फाइन लगाकर कागजात स्वास्थ्य विभाग के पास अग्रसारित कर दिया है। आननफानन में तमाम कर्मचारियों से हजार रू0 की मांग कर ली गयी है। ताकि वकील साहब को रखकर डिग्री प्राप्त किया जा सके।

मामला पटना जिले के मसौढ़ी कोषागार से जुड़ा हुआ है। इसी कोषागार से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ के कर्मचारियों का आय-व्यय होता है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व ही आयकर विभाग को कर्मचारियों के आयकर की रकम काटकर मसौढ़ी कोषागार के द्वारा वेतनादि भुगतान करने की प्रक्रिया की जाती है। वर्ष 2012-13 का आयकर की रकम फरवरी,2013 के वेतन से काट ली गयी। आयकर की रकम तो काट ली गयी मगर उसे आयकर विभाग में जमा ही नहीं की गयी। नतीजा आयकर विभाग ने नोटिस जारी कर दी है।

इस तरह की आफत से निकलने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ के कर्मचारियों से हजार-हजार रू0 चंदा कर लिया गया है। इस चंदा से वकील रखा जाएगा। वकील के माध्यम से कोषागार पर हमला किया जाएगा। अब वकील साहब ही कर्मचारियों को न्याय दिलवाएंगे। यहां तो सीधे कोषागार के कर्मचारियों का कॉलर पकड़ना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। यह तो भष्टाचार का मामला है। इसमें कर्मचारियों को ही नुकसान पहुंच रहा है। आयकर विभाग के लिए आयकर की रकम वेतनादि से कटवा चुके हैं। अब हजार-हजार रू0 चंदा भी दे चुके हैं। इसके बाद आवंटन नहीं रहने के अलाप लगाकर कई माह से तनख्वाह भी रोक दिया गया है। इस पर सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। जो भष्टाचार करने वालों को लगाम लगा सके।



आलोक कुमार
बिहार 

जन्मदिवस विशेष : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला: कभी न होगा मेरा अंत

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suryakant tripathi nirala
21 फरवरी का दिन बहुत ही खास होता है। क्योंकि लगभग 118 साल पहले आज ही के दिन हिंदी साहित्य जगत के एक नए प्रयोगधर्मी सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म हुआ था। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, साहित्य की दुनिया का एक ऐसा नाम है जिसने अपने साहित्यिक रचनाओं से हिंदी जगत को या काव्य जगत को ही एक नया आयाम दिया । अक्सर उनका जन्मदिवस वसंत-पंचमी को मनाया जाता है, क्योंकि वसंत-पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा होती है और निराला सरस्वती के वरद पुत्र थे, तो लोगों ने मान लिया है कि किसी और दिन उनका जन्म हो ही नहीं सकता था । उनका जन्म इसी दिन हो सकता है। इससे पवित्र दिन और कोई हो नहीं सकता है। शायद यही वजह है कि खड़ी-बोली हिंदी में सरस्वती पर जितनी कविताएँ निराला ने लिखी हैं अब तक किसी और कवि ने नहीं लिखी।  

निराला जी एक कवि, उपन्यासकार, निबन्धकार और कहानीकार थे। उन्होंने कई रेखाचित्र भी बनाये। उनका व्यक्तित्व अतिशय विद्रोही और क्रान्तिकारी तत्त्वों से निर्मित हुआ है। उसके कारण वे एक ओर जहाँ अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तनों के सृष्टा हुए, वहाँ दूसरी ओर परम्पराभ्यासी हिन्दी काव्य प्रेमियों द्वारा अरसे तक सबसे अधिक ग़लत भी समझे गये। उनके विविध प्रयोगों- छन्द, भाषा, शैली, भावसम्बन्धी नव्यतर दृष्टियों ने नवीन काव्य को दिशा देने में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए घिसी-पिटी परम्पराओं को छोड़कर नवीन शैली के विधायक कवि का पुरातनतापोषक पीढ़ी द्वारा स्वागत का न होना स्वाभाविक था। लेकिन प्रतिभा का प्रकाश उपेक्षा और अज्ञान के कुहासे से बहुत देर तक आच्छन्न नहीं रह सकता।

निराला: एक परिचय
'निराला'का जन्म महिषादल स्टेट मेदनीपुर (बंगाल) में था। इनका अपना घर उन्नाव ज़िले के गढ़ाकोला गाँव में है।'निराला'के पिता का नाम पं. रामसहाय था, जो बंगाल के महिषादल राज्य के मेदिनीपुर ज़िले में एक सरकारी नौकरी करते थे। निराला का बचपन बंगाल के इस क्षेत्र में बीता जिसका उनके मन पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है। तीन वर्ष की अवस्था में उनकी माँ की मृत्यु हो गयी और उनके पिता ने उनकी देखरेख का भार अपने ऊपर ले लिया। निराला की शिक्षा यहीं बंगाली माध्यम से शुरू हुई। हाईस्कूल पास करने के पश्चात उन्होंने घर पर ही संस्कृत और अंग्रेज़ी साहित्य का अध्ययन किया। प्रारम्भ से ही रामचरितमानस उन्हें बहुत प्रिय था। वे हिन्दी, बंगला, अंग्रेज़ी और संस्कृत भाषा में निपुण थे, संगीत में उनकी विशेष रुचि थी। पन्द्रह वर्ष की अल्पायु में निराला का विवाह मनोहरा देवी से हो गया। रायबरेली ज़िले में डलमऊ के पं. रामदयाल की पुत्री मनोहरा देवी सुन्दर और शिक्षित थीं, उनको संगीत का अभ्यास भी था। पत्नी के ज़ोर देने पर ही उन्होंने हिन्दी सीखी। इसके बाद अतिशीघ्र ही उन्होंने हिन्दी में कविता लिखना शुरू कर दिया। बचपन के नैराश्य और एकाकी जीवन के पश्चात उन्होंने कुछ वर्ष अपनी पत्नी के साथ सुख से बिताये, किन्तु यह सुख ज़्यादा दिनों तक नहीं टिका और उनकी पत्नी की मृत्यु उनकी 20 वर्ष की अवस्था में ही हो गयी। बाद में उनकी पुत्री जो कि विधवा थी, की भी मृत्यु हो गयी। वे आर्थिक विषमताओं से भी घिरे रहे। ऐसे समय में उन्होंने विभिन्न प्रकाशकों के साथ प्रूफ रीडर के रूप मॆं काम किया, इन्होंने 1922 से 23 के दौरान कोलकाता से प्रकाशित 'समन्वय'का संपादन किया। 1923 के अगस्त से 'मतवाला'के संपादक मंडल में काम किय, इनके इसके बाद लखनऊ में गंगा पुस्तक माला कार्यालय और वहाँ से निकलने वाली मासिक पत्रिका 'सुधा'से 1935 के मध्य तक संबद्ध रहे। इन्होंने 1942 से मृत्यु पर्यन्त इलाहाबाद में रह कर स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य भी किया। वे जयशंकर प्रसाद और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कहानियाँ उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है।
लेकिन तमाम खुशियों, गमों के तुफान में भी उन्होंने मां सरस्वती के दामन को कभी नहीं छोड़ा और शायद मां सरस्वती ने भी इसी वजह से उनपर हमेशा कृपा बनाए रखी। निराला ने मां सरस्वती को अनेक अनुपम एवं अभूतपूर्व चित्रों में उकेरा है। उन्होंने सरस्वती के मुखमंडल को करुणा के आँसुओं से धुला कहा है । यह सरस्वती का नया रूप है। जिस तरह तुलसी ने अन्नपूर्णा को राजमहलों से निकालकर भूखे-कंगालों के बीच स्थापित किया उसी तरह निराला ने सरस्वती को मंदिरों, पूजा-पाठ के कर्मकांड से बाहर लाकर खेतों-खलिहानों में श्रमजीवी किसानों के सुख-दुख भरे जीवन क्षेत्र में स्थापित किया । निराला का कवि-जीवन प्रकट करता है कि सफलता और सार्थकता समानार्थक नहीं हैं । विषम-समाज में सफल व्यक्ति प्रायः सार्थक नहीं होते। सफलता निजी जीवन तक सीमित होती है।  

कवि सरस्वती की साधना करके शब्दों को अर्थ प्रदान करता है। उन्हें सार्थक बनाता है। वस्तुतः शब्द ही कवि की सबसे बड़ी संपत्ति हैं और उसी संपत्ति पर कवि को सबसे अधिक भरोसा होता है। तुलसी ने लिखा था -'कबिहिं अरथ आखर बल साँचा'कवि को अर्थ और अक्षर का ही सच्चा बल होता है। लेकिन शब्दार्थ पर यह विश्वास कवि को कदम-कदम पर जोखिम में डालता है। सफल साहित्यकार इस जोखिम में नहीं पड़ते। वे शब्दों की अर्थवत्ता का मूल्य नहीं चुकाते। सरस्वती के साधक पुत्र यह जोखिम उठाते हैं और शब्दों के अर्थ का मूल्य चुकाते हैं। और वही उनकी शब्द-साधना को मूल्यवान बनाता है। निराला का जीवन मानो इस परीक्षा की अनवरत यात्रा है। उसमें से अनेक से हिंदी समाज परिचित है और अनेक से अभी परिचित होना बाकी है। एक उदाहरण मार्मिक तो है ही, मनोरंजक भी है। 

कहते हैं, एक वृद्धा ने घनघोर जाड़े के दिनों में निराला को बेटा कह दिया। वृद्धाएँ प्रायः युवकों को बेटा या बच्चा कहकर संबोधित करती हैं। वह वृद्धा तो निराला को बेटा कहकर चुप हो गई लेकिन कवि निराला के लिए बेटा एक अर्थवान शब्द था। वे इस संबोधन से बेचैन हो उठे। अगर वे इस बुढ़िया के बेटा हैं तो क्या उन्हें इस वृद्धा को अर्थात्‌ अपनी माँ को इस तरह सर्दी में ठिठुरते छोड़ देना चाहिए। संयोग से उन्हीं दिनों निराला ने अपने लिए एक अच्छी रजाई बनवाई थी। उन्होंने वह रजाई उस वृद्धा को दे दी। यह एक साधारण उदाहरण है कि शब्दों को महत्व देने वाला कवि शब्दार्थ की साधना जीवन में कैसे करता है।  

यह साधना केवल शब्द पर ही विश्वास नहीं पैदा करती है, वह आत्मविश्वास भी जगाती है। जिन दिनों निराला इलाहाबाद में थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के यशस्वी वाइस चांसलर अमरनाथ झा भी वहीं थे। शिक्षा, संस्कृति और प्रशासकीय सेवाओं के क्षेत्र में अमरनाथ झा का डंका बजता था। उनका दरबार संस्कृतिकर्मियों से भरा रहता था। अमरनाथ झा ने निराला को पत्र लिखकर अपने घर पर काव्य पाठ के लिए निमंत्रित किया। पत्र अंग्रेजी में था। निराला ने उस पत्र का उत्तर अपनी अंग्रेजी में देते हुए लिखा - आई एम रिच ऑफ माई पुअर इंग्लिश, आई वाज ऑनर्ड बाई योर इनविटेशन टू रिसाइट माई पोयम्स एट योर हाउस। हाउ एवर मोर आनर्ड आई विल फील इफ यू कम टू माई हाउस टू लिसिन टू माई पोयम्स।" (मैं गरीब अंग्रेजी का धनिक हूँ। आपने मुझे अपने घर आकर कविता सुनाने का निमंत्रण दिया मैं गौरवान्वित हुआ। लेकिन मैं और अधिक गौरव का अनुभव करूँगा यदि आप मेरे घर आकर मेरी कविता सुनें)। 

निराला तो कहीं भी, किसी को भी कविता सुना सकते थे लेकिन वे वाइस चांसलर और अपने घर पर दरबार लगाने वाले साहित्य संरक्षक के यहाँ जाकर अपनी कविताएँ नहीं सुनाते थे। यह शब्दार्थ का सम्मान, सरस्वती की साधना का सच्चा रूप था।  

कहते हैं, एक बार ओरछा नरेश से अपना परिचय देते हुए निराला ने कहा,'हम वो हैं जिनके बाप-दादों की पालकी आपके बाप-दादा उठाते थे।'यह कवि की अपनी नहीं बल्कि कवियों की परंपरा की हेकड़ी थी और निराला उस पारंपरिक घटना स्मृति का संकेत कर रहे थे, जब सम्मानित करने के लिए छत्रसाल ने भूषण की पालकी स्वयं उठा ली थी। 

लेकिन निराला की रचनाओं में अनेक प्रकार के भाव पाए जाते हैं। यद्यपि वे खड़ी बोली के कवि थे, पर ब्रजभाषा व अवधी भाषा में भी कविताएँ गढ़ लेते थे। उनकी रचनाओं में कहीं प्रेम की सघनता है, कहीं आध्यात्मिकता तो कहीं विपन्नों के प्रति सहानुभूति व सम्वेदना, कहीं देश-प्रेम का ज़ज़्बा तो कहीं सामाजिक रूढ़ियों का विरोध व कहीं प्रकृति के प्रति झलकता अनुराग। इलाहाबाद में पत्थर तोड़ती महिला पर लिखी उनकी कविता आज भी सामाजिक यथार्थ का एक आईना है। उनका ज़ोर वक्तव्य पर नहीं वरन चित्रण पर था, सड़क के किनारे पत्थर तोड़ती महिला का रेखाँकन उनकी काव्य चेतना की सर्वोच्चता को दर्शाता है।

निराला जैसे कवि के व्यक्तित्व को हम आज के परिदृश्य में कैसे देखें। पहली बात तो मन में यही आती है कि राजनीतिक रूप से स्वतंत्र होने के बाद कितनी तेजी से हम सांस्कृतिक दृष्टि से पराधीन हो गए हैं। यह ऐतिहासिक विडंबना अब अबूझ नहीं रह गई है। साफ दिखलाई पड़ रही है। एक ओर देश के प्रायः सभी सांस्कृतिक मंचों पर अंतर्राष्ट्रीय पूंजीवादी अपसंस्कृति का कब्जा बढ़ता जा रहा है और उससे भी यातनाप्रद स्थिति यह है कि हम उससे उबरने का कोई उद्योग नहीं कर रहे हैं। बाहरी तौर पर देखने से स्थिति बड़ी चमत्कारी और सुखद लगती है। 

सब मिलाकर 'निराला'भारतीय संस्कृति के द्रष्टा कवि हैं-वे गलित रुढ़ियों के विरोधी तथा संस्कृति के युगानुरूप पक्षों के उदघाटक और पोषक रहे हैं। पर काव्य तथा जीवन में निरन्तर रुढ़ियों का मूलोच्छेद करते हुए इन्हें अनेक संघर्षों का सामना करना पड़ा। मध्यम श्रेणी में उत्पन्न होकर परिस्थितियों के घात-प्रतिघात से मोर्चा लेता हुआ आदर्श के लिए सब कुछ उत्सर्ग करने वाला महापुरुष जिस मानसिक स्थिति को पहुँचा, उसे बहुत से लोग व्यक्तित्व की अपूर्णता कहते हैं। पर जहाँ व्यक्ति के आदर्शों और सामाजिक हीनताओं में निरन्तर संघर्ष हो, वहाँ व्यक्ति का ऐसी स्थिति में पड़ना स्वाभाविक ही है। हिन्दी की ओर से 'निराला'को यह बलि देनी पड़ी। जागृत और उन्नतिशील साहित्य में ही ऐसी बलियाँ सम्भव हुआ करती हैं-प्रतिगामी और उद्देश्यहीन साहित्य में नहीं।



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दीपक कुमार
लेखक हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े हैं।

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