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आदिवासी कौशल को देश और दुनिया में पहुंचाना जरूरी : वसावा

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नई दिल्ली, 25 जुलाई 2015, केन्द्रीय जनजाति राज्य मंत्री श्री मनसुखभाई डी. वसावा ने कहा कि आदिवासी जनजीवन को हिंसा से मुक्त करने के इन क्षणों का समग्र विकास अपेक्षित है। इन आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास को प्राथमिकता दिया जाना जरूरी है। हम इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी कौशल को देश और दुनिया में पहुंचाने की दिशा में प्रयत्न करेेंगे जिससे आदिवासी क्षेत्रों की असाधारण तरक्की हो सकेगी। श्री वसावा ने अपने निवास पर सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय की सन्निधि में उक्त उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर छोटा उदयपुर के सांसद श्री रामसिंह भाई राठवा, सुखी परिवार फाउंडेशन के सूत्रधार डाॅ. सी. आर. जैन, गुजरात सूचना विभाग के निदेशक श्री निलेश शुक्ला, समृद्ध सुखी परिवार के संपादक श्री ललित गर्ग, श्री अमित जैन, श्री मुकेश अग्रवाल, लेखिका श्रीमती संगीता शुक्ला आदि उपस्थित थे। श्री वसावा ने कहा कि आदिवासी उत्थान और उन्नयन के लिए सुखी परिवार अभियान जैसा रचनात्मक संगठन आगे आया है यह प्रसन्नता की बात है। आज सरकारी योजनाओं को सही रूप में क्रियान्वित करने के लिए ऐसे संगठनों और संस्थाओं की आवश्यकता है जो सही अर्थ में लोगों का कल्याण कर सके। उन्होंने गणि राजेन्द्र विजयजी के प्रयत्नों की सराहना की।

गणि राजेन्द्र विजय ने आदिवासी अंचल में संचालित हो रही जनकल्याणकारी गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अहिंसा आज विश्व की जरूरत बन गया है। हिंसा के इस युग में अहिंसा की स्थापना के लिए संतों के साथ-साथ सत्ता को भी प्रयास करने चाहिए। आर्थिक व्यवस्था बदले बिना कोई भी व्यवस्था सफल नहीं हो सकती।  गणि राजेन्द्र विजय ने गुजरात से दिल्ली तक की अपनी पदयात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि हमने अनेक प्रांतों, नगरों व गांवों का भ्रमण किया है। लोगों की जरूरतों को नजदीक से देखा है। आज हिंसा का सबसे बड़ा कारण अभाव है। अभाव और विषमता के रहते अहिंसा की आशा करना व्यर्थ है। सांसद श्री रामसिंह भाई राठवा ने सुखी परिवार अभियान के कार्यक्रमों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान और उन्नयन के लिए सरकार के साथ-साथ गैर-सरकारी प्रयत्नों की ज्यादा जरूरत है। हिंसा, नशा, रूढि़वादिता, अशिक्षा और अभाव से पीडि़त इन क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। गणि राजेन्द्र विजय गुजरात के आदिवासी अंचल वोडेली, नसवाड़ी, छोटा उदयपुर, कवांट, बलद आदि क्षेत्रों में जन-जागृति के साथ-साथ जनकल्याण का जो कार्य कर रहे हैं, वे बहुत उपयोगी हैं। आदिवासी लोगों में हिंसा और नशे की प्रवृत्ति बढ़ने का मूल कारण उन्हें सही मार्गदर्शन न मिलना है। 

इस अवसर पर सुखी परिवार फाउंडेशन के सूत्रधार डाॅ. सी. आर. जैन ने अपने पुस्तक ‘खुशियों का कल्पवृक्ष’ केन्द्रीय मंत्री श्री वसावा को भेंट की। श्री ललित गर्ग ने गणि राजेन्द्र विजय का साहित्य एवं उदय इंडिया पत्रिका की प्रति श्री वसावा को भंेट की। गणि राजेन्द्र विजयजी का चातुर्मास किनारी बाजार चांदनी चैक स्थित अति प्राचीन श्री आत्म वल्लभ जैन श्वेताम्बर संघ उपाश्रय में संपन्न करेंगे। सुखी परिवार फाउंडेशन की ओर से श्री मुकेश अग्रवाल एवं श्री अमित जैन ने शाॅल ओढ़ाकर श्री वसावा का सम्मान किया।

श्रीसंत की वापसी पर बीसीसीआई को कोई परेशानी नहीं : गांगुली

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने शनिवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आईपीएल-2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिए गए श्रीसंत की वापसी से कोई परेशानी नहीं है। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को श्रीसंत, राजस्थान रॉयल्स के उनके साथी खिलाड़ी अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण सहित आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में 36 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।

बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान गांगुली ने कहा, "श्रीसंत पर लगे सभी आरोप अदालत ने खारिज कर दिए हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआई को उनकी वापसी से कोई परेशानी होगी। लेकिन अभी आखिरी निर्णय बीसीसीआई को ही करना है।"श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है।

शनिवार को अदालत का फैसला आने के बाद बीसीसीआई ने कहा, "बीसीसीआई द्वारा लिए गए अनुशासनात्मक निर्णय या की गई कार्यवाही किसी आपराधिक मामले से पूरी तरह स्वतंत्र है। बीसीसीआई द्वारा स्वतंत्र अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत लिया गया निर्णय पहले जैसा ही बना रहेगा।"

बिहार में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेगी आप

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बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रचार करेगी। आप नेता आशुतोष ने शनिवार को कहा, "पार्टी के वरिष्ठ नेता बिहार जाएंगे। वे वहां लोगों को प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की वास्तविकता से परिचित कराएंगे।" बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक पखवाड़ा पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी, जिसमें जाहिर तौर पर उन्होंने चुनाव में उनसे मदद मांगा था।

आप सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार जानना चाहते हैं कि चुनाव प्रचार अभियान में आप कार्यकर्ता किस तरह जनता दल युनाइटेड (जद-यू) की मदद कर सकते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को चारों खाने चित्त करने वाले आप नेता अरविंद केजरीवाल के फरवरी में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश उनसे चार बार मुलाकात कर चुके हैं। 

मोदी ने बिहार में किया योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास

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प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार दौरे पर आए नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पटना में पांच केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया तथा मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में रेलवे, ऊर्जा व मानव संसाधन मंत्रालय की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं है और यह सभी दुखों की दवा है। गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा से लड़ने के लिए भी विकास आवश्यक है।  उन्होंने कहा, "यह खुशी की बात है कि राज्यों में भी विकास को लेकर स्पर्धा होने लगी है। जब तक राज्य का विकास नहीं होगा, तब तक देश विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकेगा। अब दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने का वक्त पूरा हो गया। राज्यों की योजनाओं के जरिये दिल्ली को भी आगे बढ़ना होगा।"

इससे पूर्व मोदी विशेष विमान से पटना हवाईअड्डे पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत किया गया। मोदी के आगमन को लेकर बिहार में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए।  मोदी ने कार्यक्रम के दौरान पटना स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के नए परिसर का उद्घाटन किया और इंक्यूबेशन सेंटर का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि में सरस्वती वास करती हैं। यहां के नौजवान तेजस्वी हैं। इस कारण आईआईटी के इंक्यूबेशन सेंटर से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि पूरे देश में गरीबों को उनका हक मिलेगा। मोदी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए वित्त आयोग 3़ 75 लाख करोड़ रुपये 2015-2020 के बीच देगा। उन्होंने कहा कि जब तक राज्यों की प्रगति नहीं होगी, देश आगे नहीं बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने की बात कही गई थी, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। वह जल्द ही न केवल अपना वादा पूरा करेंगे, बल्कि उससे कहीं ज्यादा काम बिहार के लिए करेंगे। मोदी ने इस दौरान बिहार में 38 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन का उद्घाटन किया तथा दो नई रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उनके साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी मौजूद थे।  प्रधानमंत्री ने 2,050 किलोमीटर लंबी जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन के प्रथम चरण के कार्य का भी शिलान्यास किया। यह पाइपलाइन बिहार के 13 जिलों से होकर गुजरेगी। इस क्रम में उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय की दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना का भी शुभारंभ किया।

इसके बाद मोदी पटना में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 87 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों से वैश्विक परिवेश को ध्यान में रखते हुए मिलकर प्राथमिकता तय करने की अपील की। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में चार क्रांतियों की जरूरत बताते हुए कहा कि आज ऊर्जा क्रांति, हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और नील क्रांति की जरूरत है। इन सभी क्षेत्रों में विकास होने से ही देश आगे बढ़ेगा। मोदी ने इस समारोह में 18 विभिन्न श्रेणियों में 82 लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पुरस्कृत होने वालों में 55 वैज्ञानिक, सात किसान और छह पत्रकार शामिल थे। इन मौकों पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहे। 

प्रधानमंत्री इन सरकारी कार्यक्रमों के बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां चक्कर मैदान में राजग द्वारा आयोजित 'परिवर्तन रैली'को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है, इसलिए उन्होंने उन दोस्तों को दगा दे दिया जो उनके साथ काम कर रहे थे।  उन्होंने कहा, "एक समय नीतीश ने न्योता देकर भोज रद्द कर दिया, इसके बाद 17 वर्षो का भाजपा-जद (यू) गठबंधन तोड़ दिया। उस समय मुझे दुख हुआ था, लेकिन जब उन्होंने जीतन राम मांझी जैसे महादलित के साथ भी ऐसा किया, तब मैंने सोचा की उनके राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है।"उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ क्या हुआ, जिन्होंने कभी मुख्यमंत्री के साथ काम किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जर्ज फर्नाडीस व सुशील कुमार मोदी के साथ भी ऐसा ही हुआ जो कभी नीतीश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे। इससे पता चलता है कि उनके (नीतीश) डीएनए में कुछ गड़बड़ है। 

उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोग जंगलराज से मुक्ति चाहते हैं। यहां के लोगों को जोश अगर राजनीतिक पंडित देख लें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनने वाली है। मोदी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, "समय कैसे बदलता है। कुछ महीने पूर्व तक वे कहते थे कि बिहार में एक ही मोदी (सुशील मोदी) काफी हैं और आज 13 महीने नहीं आया तो उन्हें विरह दर्द होने लगा। वैसे अब नीतीश को ज्यादा विरह दर्द नहीं झेलना पड़ेगा, क्योंकि अब मैं आ गया हूं।"मोदी ने नीतीश पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि बिजली नहीं तो वोट मांगने नहीं आऊंगा, लेकिन अभी भी बिहार में बिजली की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, मगर वोट मांगने लगे हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 

उन्होंने कहा कि जनता मौका दे, वह 60 महीने में उसके सपने पूरे कर देंगे। बिहार के गौरव को वापस लाना है। मोदी ने राजद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राजद का सही और पूरा अर्थ 'रोजना जंगलराज का डर'होता है। इस मौके पर भाजपा के कई मंत्री सहित राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान और हिन्दुस्तानी आवमा मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी भी उपस्थित रहे। 

व्यापमं मामले में पहली सजा, 2 को पांच-पांच साल कैद

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मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में पहली सजा का एलान खंडवा की जिला अदालत ने किया है। फर्जीवाड़े के दो आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। पुलिस अधीक्षक एम. एस. सिकरवार ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि जिला अदालत ने वर्ष 2004 के फर्जीवाड़े के मामले में दो आरोपियों को सजा सुनाई है। न्यायालय के आदेश में कितनी सजा और किस तरह की सजा का जिक्र है, इसे उन्होंने नहीं देखा है।  सूत्रों के अनुसार व्यापमं द्वारा वर्ष 2004 की पीएमटी परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में अरुण कुमार व देवेंद्र कौशल को आरोपी बनाया गया था। उसी मामले में दोनों को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है। व्यापमं फर्जीवाड़े में यह पहली सजा है। 

ज्ञात हो कि राज्य में पीएमटी, पीईटी से लेकर कई अन्य व्यावसायिक परीक्षाएं और श्रेणी तीन व चार की भर्ती परीक्षाएं व्यापमं आयोजित करता है। इन परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी के खुलासे के बाद जांच एसटीफ ने की, आगे चलकर उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की निगरानी में एसटीएफ जांच चली और अब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई से पहले जांच कर रही एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 प्रकरण दर्ज किए गए थे। 2100 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं। इस जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 1200 आरोपियों के चालान भी पेश कर चुकी है।

प्रधानमंत्री ने डीएनए की बात कर बिहार का अपमान किया : नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि डीएनए की बात कर प्रधानमंत्री ने बिहार का अपमान किया है। पटना में नीतीश ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर की रैली में उनके बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश किया है। उन्होंने कहा, "मैंने तीन वर्ष पूर्व कहा था कि राज्य में बिजली की स्थिति नहीं सुधरेगी तो 2015 में वोट नहीं मांगने आऊंगा। बता दें, क्या बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।" 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमने जॉर्ज फर्नाडीस के साथ बुरा बर्ताव किया है। वे बताएं कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं ने क्या किया है? नीतीश ने आरोप लगाया कि आडवाणी के कारण ही मोदी की पहचान हुई थी और आज वे आडवाणी को ही किनारा कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने शनिवार को मुजफ्फरपुर में आयोजित 'परिवर्तन रैली'में कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है, इसलिए उन्होंने उन दोस्तों को दगा दे दिया जो उनके साथ काम कर रहे थे। 

उन्होंने कहा, "एक समय नीतीश ने न्योता देकर भोज रद्द कर दिया, इसके बाद 17 वर्षो का भाजपा-जद (यू) गठबंधन तोड़ दिया। उस समय मुझे दुख हुआ था लेकिन जब उन्होंने जीतन राम मांझी जैसे महादलित के साथ भी ऐसा किया, तब मैंने सोचा कि उनके राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है।"

बुंदेलखंड की बेबसी बयां कर रही ‘गौरैया’

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  • = बीहड़ में महिलाओं के शोषण की कहानी
  • = फिल्म के प्रोमोशन को दिल्ली पहुंची स्टार कास्ट

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 बुंदेलखंड के बीहड़ों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को दर्शाती फिल्म ‘गौरैया’ की स्टार कास्ट आज दिल्ली पहुंची। जनकपुरी क्लब में आयोजित समारोह में फिल्म के निर्माता-निर्देशक बोधराज और सह निर्देशक राजेश हंस ने संयुक्त रूप से बताया कि यह फिल्म बुंदेलखंड की उन महिलाओं की जीवन व्यथा को दर्शाती है जो किसी न किसी मजबूरी के कारण तेंदू पत्ता के जंगलों के ठेकेदारों के यहां बंधुआ मजदूरी करती हैं और उसके बाद डकैतों से लेकर पुलिस अधिकारियों तक की हवस का शिकार बनती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे मात्र सौ रुपए के लिए एक महिला से बलात्कार तक कर दिया जाता है। फिल्म की कहानी ऐसी ही एक लडक़ी सुखना के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने पिता का कर्ज चुकाने के एवज में ठेकेदार काली पटेल  (विजय जोरा) की बंधुआ मजदूर बन जाती है। काली उसे अपनी हवस का शिकार तो बनाता ही है साथ ही उसे पुलिस अधिकारी, एनजीओ के कार्यकर्ताओं और डकैत धनवा के आगे परोसता है। 

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लीड किरदार सुखना की भूमिका निभा रहीं रैया सिन्हा इस फिल्म से सिनेमा में पर्दापण कर रही हैं। फिल्म में अभिनेता सुमित चावला सुखना के पति की भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान समाज में महिलाओं की दुर्दशा को दर्शाती इस फिल्म में डाकू धनवा (कर्मवीर चौधरी) का रोल काफी अहम है। निर्देशक ने फिल्म के जरिए महिला सशक्तिकरण के दावों पर कड़ी चोट की है। 21वीं सदी में भी ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की दुर्दशा को दर्शाती इस फिल्म के जरिए निर्देशक ने तस्वीर के दूसरे पहलू को बयां करने की कोशिश की है। फिल्म के संवाद और भाषा क्षेत्रीय बोलचाल की है। समाज को झकझोर देने वाली यह फिल्म अगस्त माह के पहले सप्ताह में सिनेमाघरों में नजर आएगी। 

दिल लुभाने आ रहा ‘लखनऊ का बिट्टू’
फिल्म ‘गौरैया’ के प्रोमोशन के मौके पर अभिनेता सुमित चावला, निर्माता-निर्देशक बोधराज और सह निर्देशक राजेश हंस ने अपनी अगली फिल्म ‘लखनऊ का बिट्टू’ की भी घोषणा की। यह फिल्म लखनऊ के दो मनचले युवाओं की कहानी पर आधारित है जो सन्नी लियोन की पोर्न फिल्मों के दीवाने हैं। क्लास रूम में पोर्न फिल्म देखने की वजह से उन्हें कालेज से निकाल दिया जाता है। इसके बाद दोनों दिल्ली आ जाते हैं। यहीं से फिल्म की असल कहानी की शुरूआत होती है। फिल्म की शूटिंग नवंबर माह में शुरू होगी।

विशेष : पुलिसिया तफतीश में पैसा-धौंस ही है अहम् कड़ी

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न्याय के बदले लाठी मिलेगी या सत्ता की धौंस व फर्जी मुकदमा दर्ज कर इसी तरह उत्पीड़न होता रहा तो लोगों में आक्रोश आएगा ही। व्यवस्था के खिलाफ यही आक्रोश कभी युवाओं को अपराध की ओर अग्रसार करता है तो तभी संगठित हो जाने पर नक्सलवाद का जन्म देता है। जिसका मतलब होता है सच के लिए लड़ने वाला, पैदा हो जाते हैं और चंबल में बागी। सरकार का यही हाल रहा तो नक्सलवाद अब झारखंड और छत्तीसगढ़ से निकल कर यूपी जैसे शहरों में भी अपनी जडें जमा लेगा  

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अगर कोई मुकदमा जीतना है तो जरुरी है कि आपका हाथ चांदी का हो, पैर लोहे का और जिगर फौलादी। यह पंक्तियां यूपी के गुंडाराज की गुंडा हो चुकी पुलिस पर बिलकुल सटीक बैठती है। अगर इसमें आप कमजोर है तो अंजाम मुझे बताने की जरुरत नहीं। मतलब साफ है थानों के हवालात हो या फिर मुकदमों की पुलिसिया तफतीश के दौरान चश्मदीद गवाह व साक्ष्य नहीं पैसा व सत्ता की धौंस ही सबकुछ बोलता है। और यही पुलिसिया नाइंसाफी या यूं कहे गुंडागर्दी अंधा कानून के फैसले तक पहुंचने में इतनी देर लगा देता है कि अक्सर पीडि़त गुनहगार को सजा दिलवाने के पहले ही लस्त-पस्त-ध्वस्त हो जाता है। खासकर उस दौर में जब उपर अंकित लाइनों के मुताबिक लंबी लड़ाई लड़ने की उसमें कुबत ना हो तो उसकी सच्चाई झूठ के कब्र में दफन होते देर नहीं लगायेगी। जी हां, यूपी के सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व सीनियर आईपीएस आफिसर अमिताभ ठाकुर, सीनियर जर्नलिस्ट सुरेश गांधी सहित ऐसे मामले एक-दो नहीं बल्कि हजारों ऐसे वाकया है जिसमें धमकी, लूटपाट, हत्या, डकैती, थानों में दर्ज फर्जी मुकदमें सहित बलातकार के हालात व साक्ष्य चीख-चीख कर दुहाई दे रहे है कि अमूक व्यक्ति दोषी है, लेकिन उसके बेसुमरा दौलत व रसूख के आगे सब हवा-हवाई है। गुंडाराज की गुंडा हो चुकी पुलिस की प्रताडना व खाउंबीर नीतियों के चलते एक-दो नहीं सैकड़ों पीडि़तों की सुलगते सवाल इन दिनों सुर्खियों में है। खून खौलाने से लेकर मरने-मारने तक की सोच पाल बैठे लोगों के हालात देखकर समझा जा सकता है कि किस कदर नक्सलवाद बढ़ता है। फिरहाल हाल की उपजी घटनाओं  व पुलिसिया हरकत से तो कहा जा सकता है कि क्या बेसुमार दौलत वाला कोई हैवान यहां कानून के राज की यूं ही धज्जियां उड़ाते जनतंत्र में बार-बार सेंध लगाने के लिए छुट्टे सांड की तरह छोड़ा जा सकता है? 

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ताजा मामला सीनियर पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का है। टीवी न्यूज चैनल से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी पत्नी नूतन ठाकुर द्वारा जारी आडियों टेप हर किसी ने सुना कि सूबे के सत्ताई आका मुलायम सिं की आवाज है तो धमकी दे रहे है कि सुधर जाओं वरना जसराना से भी बुरा हो जायेगा। इस धमकी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने को कौन कहें गुंडाराज की गंुडा हो चुकी पुलिस ने ठाकुर दंपत्ति पर पहले फर्जी बलातकार की रपट दर्ज की बाद में असंवैधानिक तरीके से उन्हें निलंबित कर दिया। इस धमकी के बाद भी सरकार के काले कारनामों को उजागर करने पर अब उनके संपत्ति की जांच शुरु हो गयी है। इससे भी बात ना बनी तो जैसा की सुना जा रहा है उनकी हत्या से भी इंकार नहीं किया जा सकता। ठीक इसी तरह भदोही में दौलतमंद बलाकार के आरोपी को जेल भेजवाने से लेकर बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा के बालू खनन से लेकर हर काले कारनामों का पर्दाफाश करने पर लाखों रुपये लेकर आईएएस अमृत त्रिपाठी व आईपीएस अशोक शुक्ला ने षढयंत्र के तहत पहले खत्म हुए मुकदमों का आधार बनाकर पत्रकार सुरेश गांधी के खिलाफ गुंडाएक्ट दर्जकर सप्ताहभर के अंदर जिलाबदर की कार्रवाई की और हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी तो पूर्वांचल के ईनामी माफियाओं से मिलकर कोतवाल संजयनाथ तिवारी ने 16 साल से जुटाई गृहस्थी व विवाह में मिले सामानो को लूटवा दिया। जब इस लूट पर न्यायालय ने 156 -3 के तहत कोतवाली भदोही में लूटेरे माफियाओं व कोतवाल संजयनाथ तिवारी के खिलाफ लूट की रपट दर्ज कराई तो मुकदमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी। हालांकि न्यायालय में पुलिस की इस फर्जी तफतीश को चैलेंज किया गया है। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि सच और अभिव्‍यक्ति की आजादी की आवाज उठाने वालों को  इसी तरह पुलिस, प्रशासन और सरकार की करतूतें सामने आती रही तो कहा जा सकता है यूपी में गुंडों का राज है और उसकी पुलिस खुद गुंडई कर रही है। 

यह सारी घटनाएं दरअसल उन शहीदनामों की तरह हैं, जिन्‍होंने व्‍यवस्‍था से जुझने की जुर्रत की, और नतीजा में उनकी जितनी भी छीछालेदर हो सकती थी, विभाग, प्रशासन और सरकार की ओर से कर दी गयी। लेकिन ऐसी घटनाओं के बावजूद सच के सिपाही फिलहाल अभी तक तो घुटना नहीं टेके है आगे भी उम्मींद नहीं है। पुलिसवालों के हकों के लिए आवाज उठाने वाले सुबोध यादव को पुलिस महकमे ने सीधे बर्खास्‍त कर दिया। लेकिन इसके बावजूद सुबोध जी पूरी ईमानदारी से अपना संघर्ष जारी रखे हुए है। खास बात यह है कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ जिस अनुशासनहीनता की दुहाई देकर कार्रवाई की गयी है उससे तो यही साबित होता है कि इस सरकार में अनुशासनहीनता की परिभाषा ही बदल गयी है। अगर दमन, अभद्रता, गालियां, घूस, दलाली, लूटमार, माफियाओं, डकैतों, बाहुबलियों, अवैध खनन से लेकर हर कुकर्म का विरोध करना ही अनुशासनहीनता है तो फिर गुंडाराज नहीं तो और क्या कहा जायेगा। गाली-गलौज के बीच दो-पक्षीय मामलों के निपटाने में अवेध वसूली, अवेध गांजा शराब की बिक्री करवाना, रिक्‍शेवालों, खोमचावालों, मण्‍डी, दिहाड़ी मजदूर वाले आदि से वसूली करना, माफियाओं से मिलकर डकैती डलवाना, लूट की घटनाओं को करवाना, बलातकार के आरोपियों से लाखों-करोड़ों वसूलना आदि पुलिस की अच्छाईया सरकार को समझ में आ रही है। कोतवाल संजयनाथ तिवारी जेसे लूटेरा व डकैत इंस्पेक्टर को मलाईदार थानों पर पोस्टिंग, करोड़ों की अवैध संपत्ति रखनेवाला आईएएस अमृत त्रिपाठी की कमाउ जिले में तैनाती कर सरकार किस लोकतंत्र की दुहाई दे रही है। यह जनता समझ रही है बस मौके की तलाश है। शाहजहांपुर और बाराबंकी की घटना तो ब्रतानिया हुकूमत को भी मात दे दी। जहां एक महिला और एक पुरूष को जिन्‍दा फूंक डाला गया था। शाहजहांपुर की पुलिस ने एक पत्रकार के घर में उसे पेट्रोल डाल कर फूंक दिया था, जबकि बाराबंकी में एक पत्रकार की माता को पुलिसवालों ने बलात्‍कार में असफल होने पर जिन्‍दा फूंक डाला। वह तो इन पुलिसवालों की खुशकिस्‍मती है कि उनका महकमा और प्रदेश सरकार का हाथ उन पुलिसवालों के सिर पर सरपरस्‍ती पर रखा हुआ है। लेकिन कितने तक जनता 2017 का बेसब्री से इंतजार कर रही है। 

गोण्‍डा की घटना लोगों के जेहन में है जहां एक पुलिस अधीक्षक ने गो-सेवा आयोग-समिति के एक वरिष्‍ठ पदाधिकारी केपी पाण्‍डेय ने उनके घर पहुंच कर उन्‍हें पचास हजार रूपया की भेंट दी। साथ ही निवेदन किया कि चूंकि आपके जिले से गो-पशुओं का आवागमन रोक दिया गया है, इसलिए आप इस प्रतिबंध को हटा लें। ताकि हमारा गोवंश तस्‍करी का का धंधा बेधड़क चलता रहे। एसपी राणा ने इस बातचीत को रिकार्ड कर उसे अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों को भेज दिया। लेकिन नजीजा दो-तरफा हुआ। एक तो यह कि तीन दिन के भीतर ही पुलिस कप्‍तान का तबादला कर दिया गया दूसरा यह कि गोंडा में गो-वंश की तस्‍करी धडल्‍ले से शुरू हो गयी। चंदौली के डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्‍तार अंसारी की करतूतों से दो-दो हाथ करने की कोशिश की, उन्हें नौकरी ही छोड़नी पड़ गयी। सीनियर एडवोकेट एनके उपाध्याय कहते है न्याय के बदले लाठी मिलेगी या सत्ता की धौंस व फर्जी मुकदमा दर्ज कर इसी तरह उत्पीड़न होता रहा तो लोगों में आक्रोश आएगा ही। व्यवस्था के खिलाफ यही आक्रोश जब संगठित हो जाता है तो नक्सलवाद का जन्म होता है। जिसका मतलब होता है सच के लिए लड़ने वाला, पैदा हो जाते हैं और चंबल में बागी। सरकार का यही हाल रहा तो नक्सलवाद अब झारखंड और छत्तीसगढ़ से निकल कर यूपी जैसे शहरों में भी अपनी जडें जमा लेगा। सरकार के बाहुबलि विधायकों व सत्ता के ओहदेदार लोगों के कहने पर पुलिस ने शाहजहांपुर, बाराबंकी सहित अन्य जिलों में जिस तरह की बर्बरता दिखाई है। फर्जी मुकदमें दर्ज कर लोगों का उत्पीड़न किया है। पैसे लेकर व अपनी नौकरी बचाने के लिए फर्जी जांच रिपोर्ट न्यायलय से लेकर आयोग को भेजा है अत्याचार की चीख-चीख् कर गवाही दे रहा है। विश्वविद्यालयों से निकले तमाम छात्र और नौजवान अगर माफिया या अपराध की ओर अग्रसर हो रहे है या उनको समर्थन दे रहे हैं तो इसमें दोष व्यवस्था का है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दरवाजे पर पहुंचे शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करा रहे है तो कल्पना कीजिए उन पीडि़तों और किसानों की कौन सुनता होगा, जो देश के दूर दराज में अपने शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। 

चंबल का इतिहास जिन्हें पता होगा वह जानते होंगे कि इस बीहड़ में लोगों को बंदूक उठाने के लिए किसने मजबूर किया? भ्रष्ट व्यवस्था और पुलिसिया जूल्म ने ही उन्हें बीहड़ की राह पकडाई। अगर आप कभी चंबल के इलाकें में जाएं तो वहां मलखान सिंह जैसे पुराने पूर्व दस्यु सरगनाओं से मुलाकात करें तो आप को पता चलेगा कि ये डाकू अपनी मर्जी से नहीं बने, बल्कि पुलिस और सामंती व्यवस्था ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया। जब अदालतों और व्यवस्था से उन्हें न्याय नहीं मिला तो अन्याय के खिलाफ बदले की भावना से ही उन्होंने बंदूक उठाई। ये डकैत खुद को डकैत नही, बल्कि गर्व से बागी कहते हैं। सभी की बागी बनने की पुलिसिया जुल्म की अपनी कहानी है। फूलन देवी, मानसिंह बीहड के पहले बागी थे। पक्के वसूलों बाले मानसिंह का उनके गांव खेड़ा राठौर में मंदिर भी है और लोग उनकी पूजा भी करते हैं। पंजाब में भी कुछ ऐसा ही हुआ, 80 के दशक में खालिस्तान आंदोलन के समय पंजाब में पुलिस ने जिस तरह से तमाम निर्दोष युवाओं पर जुल्म ढाया, उसने उन्हें आतंक की राह पकडाई। गुलजार की फिल्म माचिस उस सच्चाई को बयान करती है, तो तिगमांशू धूलिया की पानसिंह तोमर न्याय के लिए चंबल घाटी के सेना के एक सिपाही के डाकू बनने की कहानी है। इन उदाहरणों के जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही हे अगर युवाओं के आक्रोश को पुलिसिया ठंडे से दबाने की कोशिश की गई तो, इसका भयानक दुष्परिणाम हो सकता है। 




(सुरेश गांधी)

इंडियन आइडल जूनियर के सेट पर क्यों रोने लगीं सोनाक्षी सिन्हा?

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सोनाक्षी सिन्हा इन दिनों इंडियन आइडल जूनियर 2 शो में जज बनी हैं। हाल ही में इस शो में पैरेंट्स डे मनाया गया है। सारे प्रतियोगी अपने पैरेंट्स को समर्पित करने वाले गाने गा रहे थे।

टॉप 9 प्रतियोगियों में से एक नाहिद ने जब तारे जमीं पर का गाना 'मेरी मां'गाना शुरू किया तो सभी भावुक हो गए। लेकिन सोनाक्षी सिन्हा तो रो पड़ीं। काफी देर तक वे बात करने की स्थिति में नहीं रही और शूटिंग रूक गई। कुछ देर बाद वे नॉर्मल हुईं। शायद सोनाक्षी को अपनी मां की याद आ गई।

शत्रुघ्न सिन्हा ने नीतीश को 'विकास पुरुष'करार दिया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से दिल्ली लौटने के कुछ ही घंटों बाद अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने नीतीश को सबसे बड़ा 'विकास पुरुष'करार दिया। शत्रुघ्न की नीतीश से मुलाकात वेटनरी कॉलेज मैदान में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान हुई थी। इसके बाद वह शनिवार रात नीतीश के आवास पहुंचे और उनसे मुलाकात की। 

नीतीश से मुलाकात के बाद सिन्हा ने उनके विकास कार्यो की तारीफ करते हुए शनिवार को संवाददाताओं से कहा "सही मायने में नीतीश ही सबसे बड़े विकास पुरुष हैं। वह देश के सबसे बुद्धिमान मुख्यमंत्री हैं।"मुजफ्फरपुर की रैली में मोदी द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाए आरोपों के विषय में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इससे बचना चाहिए। नीतीश और सिन्हा की इस मुलाकात को राजनीतिक गलियारे में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व नीतीश ने सिन्हा से हमदर्दी जताते हुए कहा था कि भाजपा उनका इस्तेमाल सिर्फ चुनाव में ही करती है। 

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण को लेकर सुझाव मंगाए

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण के संबंध में लोगों से सुझाव मंगवाए। मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात'के 10वें संस्करण में कहा कि स्वतंत्रता दिवस से संबंधित उनके भाषण को लेकर आम जनता से राय लेना ठीक रहेगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें 'माईगॉव'पर पहले से सुझाव मिल रहे हैं, जिसे 26 जुलाई, 2014 को लांच किया गया था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में करगिल युद्ध के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी।

सुजॉय की 'अहिल्या'रोअल्ड डाहल की कहानी से प्रेरित नहीं

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मशहूर निर्देशक सुजॉय घोष का कहना है कि उनकी नवीनतम लघु फिल्म 'अहिल्या'ब्रिटिश लेखक रोअल्ड डाहल की कहानी से प्रेरित नहीं है। 14 मिनट लंबी 'अहिल्या'एक महाकाव्य थ्रिलर है, जिसमें एक अप्सरा, एक महर्षि और बारिश के देवता इंद्र की किस्मत एक अभिशाप द्वारा कैद है। सुजॉय घोष ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा, "मुझे इस खुसर-पुसर पर हंसी आ रही है कि मेरी लघु फिल्म 'अहिल्या'रोअल्ड डाहल की कहानी से प्रेरित है। मुझे हंसी आ रही है, क्योंकि रोअल्ड को पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति को अच्छी तरह मालूम है कि वह बाल पुस्तकों के लेखक हैं।"

उन्होंने लिखा, "मेरी फिल्म स्पष्ट तौर पर एक प्राचीन मिथक, प्रकृति से थोड़ी परिपक्व और नारीवादी ट्विस्ट के साथ अंगीकार की गई है। मैं हालांकि, डाहल के काम से हुई तुलना से खुश हूं। वह यकीनन 20वीं सदी के महान बाल साहित्य लेखकों में से एक थे।"इस लघु फिल्म में सौमित्र चैटर्जी और राधिका आप्टे मुख्य भूमिका में हैं।

बालों व त्वचा पर पड़ता है तनाव का असर

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क्या आप तनाव और अवसादपूर्ण जिंदगी जी रहे हैं? तो थोड़ा ध्यान दें। अवसाद और तनाव आपके चेहरे और बालों से झलकता है। त्वचा विशेषज्ञ और बाल एवं त्वचा संबंधी रोगों के उपचार केंद्र 'मेडलिंक्स'के बाल प्रत्यारोपण सर्जन ने तनाव से त्वचा और बालों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया।

-मुंहासे : हमारी त्वचा और मस्तिष्क का गहरा रिश्ता है। जिस क्षण तनाव वाले हार्मोन निकलते हैं, त्वचा में तेल की उत्पत्ति बढ़ जाती है, जिस वजह से मुंहासे होते हैं।

-बुढ़ापा : तनाव या अवसाद ग्रस्त लोग आसानी से पकड़ में आ जाते हैं, क्योंकि झुर्रियां और काले घेरे जैसे बुढ़ापे के लक्षण उनके चेहरे पर उम्र से बहुत पहले ही दिखने शुरू हो जाते हैं।

-बाल झड़ना : तनाव के चलते रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे बालों की जड़ों को अपने विकास के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। अवसाद ग्रस्त लोग आमतौर पर पोषक तत्वों के अभाव में बाल गिरने की समस्या से जूझते हैं।

अवसाद या तनाव भगाने के उपाय :

-बढ़िया सी मसाज कराएं : यह आपके शरीर को आराम देने और अवरुद्ध ऊर्जा तंत्रिकाओं को खोलने में मदद करेगी।

-व्यायाम करें : कसरत आपको प्रेरित करती है और आपका मूड ठीक करती है। यह आपको ऊर्जावान बनाने में मदद करती है। व्यायाम स्वस्थ काया की कुंजी है।

-रोजाना 15-20 मिनट ध्यान लगाएं :ध्यान सुविधानुसार किसी भी समय और जगह पर लगाया जा सकता है। एकांत में शांति से बैठकर आप अपने विचारों पर ध्यान दे सकते हैं। इससे तनाव भगाने में मदद होगी।

-नियमित अंतराल पर पौष्टिक खाना खाएं : बादाम, जामुन और सैमन (मछली की किस्म) तनाव दूर करने में सहायक हैं।

-आठ घंटे की नींद जरूरी : नींद की कमी से खीझ और चिड़चिड़ापन होता है। तनाव भगाने के लिए नींद से बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

टाइगर को फांसी दो, याकूब को नहीं : सलमान

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बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान ने मुंबई में 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि याकूब को उसके भाई के अपराध की सजा नहीं दी जानी चाहिए। सलमान ने शनिवार रात एक ट्वीट में कहा, "टाइगर को फांसी दो। टाइगर के लिए उसके भाई को फांसी दी जा रही है। टाइगर कहां है? टाइगर को पकड़ो। टाइगर को फांसी दो। उसके भाई को नहीं।"

याकूब को मुंबई बम विस्फोट में दोषी ठहराया गया है और उसे 30 जुलाई को फांसी दी जानी है। इन विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 712 लोग घायल हो गए थे। याकूब इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक टाइगर मेमन का भाई है। टाइगर फरार है। फिल्म 'एक था टाइगर'के अभिनेता सलमान ने टाइगर को कायर भी कहा, जो यह जानता है कि उसकी वजह से उसके भाई को फांसी दी जा रही है।

इंदौर में व्हिसलब्लोअर की पत्नी से 10 लाख रुपये बरामद

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मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के खुलासा में अहम् भूमिका निभाने वाले व्हिसलब्लोअर प्रशांत पाडे की पत्नी मेघना को इंदौर पुलिस ने नौ लाख 96 हजार रुपये के साथ हिरासत में लिया, और धनराशि जब्त कर मेघना को छोड़ दिया। मेघना के पति प्रशांत ने पुलिस की इस कार्रवाई को परेशान करने वाला कदम करार दिया है। इंदौर पूर्वी क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी ने रविवार को कहा, "शनिवार शाम मेघना पांडे को नेहरू स्टेडियम स्थित लक्ष्मी कंपनी से बाहर निकलते हुए पकड़ा था। उनके पास से नौ लाख 96 हजार रुपये मिले थे। वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं तो उन्हें महिला थाने ले जाया गया। वह पूछताछ में नहीं बता पाईं कि उनके पास यह रकम कहां से आई है, साथ ही उन्होंने कई बार बयान बदले। इसके बाद पुलिस ने रकम जब्त कर मेघना को छोड़ दिया।"

त्रिपाठी ने कहा कि मेघना के पास से मिली राशि के बारे में आयकर विभाग को सूचना दे दी गई है। आयकर विभाग की ओर से जानकारी मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, प्रशांत पांडे ने कहा है कि पुलिस ने यह कार्रवाई उन्हें परेशान करने के लिए की है। उन्होंने कहा, "जो राशि पुलिस ने जब्त की है, वह राशि मकान खरीदने के लिए बैंक से निकाली गई है। पांडे का आरोप है कि सरकार द्वारा उन पर इसलिए दवाब डाला जा रहा है, क्योंकि वह व्यापमं की लड़ाई लड़ रहे हैं।"

जातीय जनगणना की रपट को लेकर उपवास पर लालू

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जातीय जनगणना के आंकड़ों को शीघ्र प्रकाशित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद रविवार को पटना के गांधी मैदान स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास दिनभर के लिए उपवास पर बैठ गए हैं। लालू के साथ उपवास में जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव सहित राजद के कई नेता हिस्सा ले रहे हैं। लालू ने उपवास कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गरीबों को आजतक 1931 की जनगणना के आधार पर ही सरकारी योजनाओं में हिस्सा मिल रहा है। इसके लिए जातीय जनगणना भी हुई परंतु उसकी रपट केन्द्र सरकार द्वारा जारी नहीं की जा रही है। 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना सांप से की और कहा कि मोदी को यदुवंशी उसी तरह नाथेंगे जैसे कृष्ण ने काले नाग को नाथा था। नरेन्द्र रूपी काले नाग को हम नाथेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं हैं। वह 'डिरेल'हो गए हैं।" लालू ने घोषणा की कि यदि जातीय जनगणना की रपट जारी नहीं हुई तो नए सिरे से गरीबों के हक लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजद ने सोमवार को बिहार बंद की घोषणा कर रखी है। उन्होंने लोगों से इस बंद को सफल बनाने की अपील की। इसके पूर्व लालू टमटम पर सवार होकर गांधी मैदान पहुंचे और उन्होंने उपवास शुरू किया। 

छतरपुऱ (मध्यप्रदेश) की खबर (26 जुलाई)

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शहीदों की याद में राजा यादवेन्द्र सिंह जू देव स्टेडियम में हुआ वृक्षारोपण

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नौगाॅव (छतरपुर ) नगर पालिका परिषद नौगाॅव ने कारंिगल युध्द में षहीद हुए जवानों को याद कर बिजय दिवस के रूप में राजा यादवेन्द्र सिंह जू देव स्टेडियम में क्षेत्रीय विधायक श्री मानवेन्द्र सिंह (भंवरराजा) के मुख्य अतिथि में बृक्षा रोपण किया । इस अवसर पर नौगाॅव नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अभिलाषा-धीरेन्द्र षिवहरे, श्रीमती आषा रानी तिवारी -पं0दोमादर प्रसाद तिवारी नगर पालिका परिष के पार्षदगण, नगर पालिका अधिकारी इम्तियाज अहमद हुसैन , बिषिष्ट अतिथि के रूप में गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले , बुन्देलखण्ड प्रेस क्लब नौगाॅव के अध्यक्ष श्री राजीव तिवारी सहित नौगाॅव नगर के नागरिक, राजनैतिक नेता, पत्रकार, अधिकारी कर्मचारी सांसद प्रतिनिधि श्री धीरेन्द्र षिवहरे उपस्थित रहे । नौगाॅव नगर पालिका परिषद ने राजा यादवेन्द्र सिंह जू देव स्टेडियम के सुन्दरीर्यकरण के लिए बच्चों के मनोरंजन के लिए बिषेष झूला, नागरिकों के घूमने के लिए साफ सफाई कर विकास से जोड़ा जा रहा है । इस सामाजिक आयोजन की नगर में चर्चा रही । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (26 जुलाई)

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जिले में अब तक कुल 285.1 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज

झाबुआ 25 जुलाई 15/सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ श्री पाटीदार ने बताया कि जिले में वर्शा काल प्रारंभ होने से आज दिनांक तक कुल 285.1 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जबकि गत वर्श इस अवधि तक 210 मि.मी. औसत वर्शा हुई थी। जिले में विगत 24 घण्टों के दौरान औसत 15.3 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में 26.0 मि.मी., पेटलावद तहसील में 29.0 मि.मी., थांदला में 13.8 मि.मी., रानापुर में 6.0 मि.मी, मेघनगर में 7.0 मि.मी एवं रामा विकासखण्ड में 15.0 मिमी वर्शा दर्ज की गई है।

आंगनवाडी चलो अभियान द्वितीय चरण में प्रतियोगिताओ का आयोजन

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झाबुआ 25 जुलाई 15/एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना रानापुर जिला झाबुआ में आॅगनवाडी चलो अभियान के द्वितीय चरण के अंतिम दिवस 23.07.2015 को कन्या शिक्षा परिसर रानापुर में रांगोली/निबंध/चित्रकला/ सामान्य अध्ययन प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया । आयोजन में विशेष अतिथि के रुप मे श्री एन.डी. दोहरे सर मंडल संयोजक (शिक्षा विभाग) रानापुर का विशेष योगदान रहा । जिन्होने उपरोक्त प्रतियोगिता मे प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली प्रतिभावान छात्राओ को प्रशस्ति पत्र के साथ कलम एवं नकद राशि पुरस्कार स्वरुप भेट की गई। इस आयोजन मे विकासखंण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमति कल्पना सिसोदिया एवं परियोजना अधिकारी श्री निर्भय सिह पटेल, द्वारा विभागीय योजनाओ जैसे लाडली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ अभियान, स्वागत लक्ष्मी योजना एवं आॅगनवाडी केन्द्रो की सेंवाओ एवं उद्देश्यो के बारे मे छात्राओ को जानकारी दी गई तथा ई- लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र पात्र हितग्राहियो को प्रदाय किए गये। इस प्रकार आॅगनवाडी चलो अभियान की समाप्ति की गई।

ग्रामीणों को सिखाये बाढ़ से बचने के उपाय

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झाबुआ 25 जुलाई 15/होमगार्ड आपदा प्रबंधन राहत दल द्वारा जनजागरूकता अभियान के तहत विगत 24 जुलाई 2015 को ग्राम कालीदेवी एवं देवझिरी में ग्रामीण जनता को आपदा बाढ़ के समय स्थानीय संसाधनो से बचाव राहत के तरीको से अवगत कराया गया। ग्रामीणो को इम्प्रोव्हाइजड उपकरणो को बनाना एवं उपयोग करना सिखाया गया। इस अवसर पर ग्राम कालीदेवी के सरपंच श्री लालसिंग गामड द्वारा देवझिरी के सचिव श्री कालिया परमार उपस्थित थे। जिला सेनानी श्री सुनील कुमार मिश्र के निर्देशन में होमगार्ड विभाग की तरफ से प्रदर्शन में कम्पनी कमाण्डर श्री नरेश कुमार साहू, हवलदार श्री भारतसिंह सहित रेस्क्यू टीम द्वारा प्रदर्शन किया गया।

मर्ग के चार प्रकरण कायम 

झाबुआ---घटना दिनांक 26/7/2015 को बजरंगगढ व थांदला रोड के बीच अज्ञात व्यक्ति की ट्रेन से गिरने से मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्रमांक 49/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया। फरियादी मडिया पिता मांगु भाबोर उम्र 60 वर्ष निवासी वालनवारा ने बताया कि उसका भाई मोती पिता मांगु उम्र 45 वर्ष निवासी वालनवारा की झारिया नाला पार करते समय पानी में बहने से मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना पेटलावद में मर्ग क्रमांक 40/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया। फरियादी दिलीप पिता मोतेसिंह कटारा निवासी रंभापुर ने बताया कि विकास पिता कैलाशनाथ राय, उम्र 28 वर्ष निवासी पीलीकोठी वाराणसी उ0प्र0 ने शिवशक्ति लाज मेघनगर के कमरा नं0 64 में फांसी लगा ली। प्रकरण में मर्ग क्रमांक  24/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया। फरियादी लालु पिता प्रकाश हरिजन उम्र 22 वर्ष तैनात पेटलावद चिकित्सालय ने बताया कि हंसकुंवरबाई पति चैनसिंह राजपूत उम्र 50 वर्ष निवासी साइनपुर की सांप काटने से इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना पेटलावद में मर्ग क्रमांक 39/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया।

किराना दुकान मे चोरी 

झाबुआ--- फरियादी षिरीष पिता मानुलाल जैन, उम्र 47 वर्ष, निवासी झाबुआ ने बताया कि नेहरू मार्ग स्थित उसकी किराना दुकान में से अज्ञात आरोपी किराना सामान व नगदी 10-11 हजार रू0 चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 494/2015, धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मोदी ने नये-नये वादे का सब्जबाग दिखाया : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

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पटना, 26 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल पटना और मुजफ्फरपुर में आयोजित विविध कार्यक्रमों में नये-नये वादे कर बिहारवासियों को एक बार फिर सब्जबाग दिखाने का काम किया । परंतु वह विगत लोकसभा चुनावों के दरम्यान किए गये वादों के पूरा नहीं होने पर बड़ी चतुराई से कतरा गये। सौ दिनों के भीतर भ्रष्टाचार को समाप्त करने और विदेषी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाकर सभी देषवासियांे के खाते में 15-15 लाख रुपये तकसीम करने के वादे की चर्चा करने से भी मुकर गए। वास्तविकता तो यह है कि विगत 14 महीनों के उनके शासन काल में भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान उनके संरक्षण में कार्यरत अनेक केन्द्रीय मंत्रियों, राजस्थान, मध्य प्रदेष, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं कई मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के मामले में यूपीए सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है। मोदी गेट और व्यापमं जैसे घोटाले तो अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं और नरेन्द्र मोदी की रहस्यमय खामोषी उनके असली चेहरे को बेपर्द कर रही है, फिर भी बड़ी बेषर्मी से वह नये-नये वादेकर आगामी बिहार विधान सभा चुनावों में बिहारवासियों की आंखों में धूल झोंककर कामयाबी की सीढि़याँ चढ़ने को आतुर हैं। 
और तो और बिहार को विषेष पैकेज देने के वादे को ढ़ंडे बस्ते में डाल बिहार में सरकार बनाने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं और नये सिरे से वादे कर गये है कि आगे-आगे उससे भी कहीं ज्यादा पैंकेज देने वह पुनः  बिहार आएंगे। दूरसंचार माध्यमों के जरिए बिहार को जातियता से मुक्त करने के सपने परोस रहे हैं और कल की अपनी सभाओं में बड़ी चालाकी से जातिवाद का कार्ड प्ले कर गये। पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने प्रधानमंत्री की ढपोरषंखी घोषणाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यही कारण है कि मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में जुटे जनसमुदाय में उनकी बातों के प्रति गर्मजोषी का अभाव देखने को मिला। यहां तक कि राज्य के विभिन्न इलाकों से जुटाये गये भाजपा कार्यकत्र्ता भी आपस में चर्चा करते सुने गये कि चुनावों के मौके पर लोगों के बीच परोसने के लिए प्रधानमंत्री ने कोई नयी सौगात नहीं दी। इस प्रकार उनके बीच भी निराषा दिखी। भाकपा नेता ने बताया कि पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने प्रधानमंत्री द्वारा बिहारवासियों को ठगने की प्रवृति की तीव्र भत्र्सना करते हुए राज्य की जनता से उनके झांसे में नहीं आने की अपील की । 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का निष्चित मत है कि सम्प्रदायवाद और जातिवाद से बिहार की राजनीति को मुक्त करना आज की सर्वप्रमुख आवष्यकता है और संयुक्त वामपक्ष के इर्द-गिर्द ही इन विभाजक शक्तियों का वास्तविक विकल्प निर्मित किया जा सकता हेै जिसके लिए वामपंथी दल पहल कर चुके हैं। इनकी पोल खोलकर ही चुनावों में वामोन्मुख शक्तियों को एकजुट कर  बिहार को जनपक्षी समावेषी विकास के मार्ग पर अग्रसर किया जा सकता है। लोग अब समझ चुके हैं कि नरेन्द्र मोदी के राजपाट में अच्छे दिन काॅरपोरेट घरानों के आए हैं और आम लोगों के लिए और भी बुरे दिन कालगर्भ में है।  

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (26 जुलाई)

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शौर्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि
  • प्रदेश में वार मेमोरियल के लिए भूमि का चयन शीघ्र
  • संसाधन सीमित हैं, परंतु सैनिकों और सैन्य परिवारों के प्रति हमारी भावनाएं असीमित: हरीश रावत
  • उपनल राज्य के प्रमुख शहरों में सैन्य परिवारों के बच्चों के लिए बनाएगा छात्रावास: हरक सिंह 

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देहरादून, 26 जुलाई।  शौर्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के संसाधन सीमित हैं, परंतु सैनिकों और सैन्य परिवारों के प्रति हमारी भावनाएं असीमित हैं। उŸाराखण्ड, सैनिक कल्याण में अनुकरणीय राज्य के रूप में दिखेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें गर्व है कि देश के लिए शहादत की परम्परा निभाने में उŸाराखण्ड के वीर सैनिक हमेशा आगे रहे हैं। हमारी सरकार इस गौरवशाली सैन्य परम्परा को सेल्यूट करती है। राज्य सैनिक कल्याण परिषद सैनिकों के हित में स्वतंत्रता के साथ काम कर सके और सैनिकों व पूर्व सैनिकों के लिए प्रारम्भ की गई योजनाओं की माॅनिटरिंग कर सके, इसके लिए निर्णय लिया गया है कि सैनिक कल्याण परिषद एक स्वायŸाशासी संस्था के तौर पर काम करेगी। इसके अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का स्तर देने का निर्णय लिया गया। वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी ले.जनरल गम्भीर सिंह नेगी के व्यापक अनुभव को देखते हुए उन्हें परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वन रैंक वन पेंशन पर राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शहीदों के सपनों के अनुरूप राष्ट्र, राज्य व गांव का विकास करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आजादी के बाद से ही देश प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष युद्ध का सामना कर रहा है। इसमें हमारे वीर सैनिकों का जो खून बहता है, उस खून की हर बूंद के साथ भारत की एकता व अखण्डता का संकल्प मजबूत होता है। शौर्य दिवस पर पूरा राष्ट्र संकल्प ले रहा है कि वीर सैनिकों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हमारी युवा पीढ़ी वीरता की इस गाथा को आगे ले जाएगी। हरीश रावत ने कहा प्रदेश में वार मेमोरियल के लिए सैनिक कल्याण मंत्री, राज्य सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष व मुख्य सचिव की समिति भूमि का चयन करेगी। आवश्यकता होने पर राज्य सरकार इसके लिए भूमि खरीदने को भी तैयार है। उधर सैनिक कल्याण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार, सैनिकों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारजनों के लिए खुले दिल से काम कर रही है। सैनिकों के सम्मान के लिए जितना किया जाए उतना कम है। डाॅ. रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया है कि उपनल राज्य के प्रमुख शहरों में छात्रावास बनाएगा। इनमें सैनिक विधवाओं के बच्चों को निशुल्क जबकि सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बच्चों को नाममात्र के शुल्क पर छात्रावास की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। सैनिक विधवाओं व अपंग सैनिकों के बच्चे जो कि आई.आई.टी., एम.बी.बी.एस. व आई.आई.एम. में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, को उपनल द्वारा 1 लाख रूपए प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिवारजनों, वीरता मेडल प्राप्त सैनिकों, पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। विभागीय योजनाओं के तहत श्रीमती औंकारी देवी, सुहासिनी देवी, कस्तूरी देवी, ममिता देवी, आशा देवी मनीषा देवी को पुत्री के विवाह के लिए 1 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि के चैक भेंट किए। आयुष सेमवाल, बसंत सिंह पंवार को छात्रवृŸिा के लिए सहायता राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर संसदीय सचिव व विधायक राजकुमार, राज्य सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष ले.ज.(से.नि.) गम्भीर सिंह नेगी, उपाध्यक्ष केप्टन(से.नि.) बलवीर सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में विभिन्न रेंक के पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक, शहीद सैनिकों के परिवारजन मौजूद थे।

शहर के कई क्षेत्रों में पानी का संकट

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। रविवार को शहर के कई इलाकों में पेयजल संकट बना रहा। जिससे लोग खासे परेशान हुए। बंजारावाला, आशीर्वाद एन्क्लेव, आराघर, पटेलनगर, सहारनपुर रोड, रामनगर, मतवाला बाग, पार्क रोड, भंडारी बाग, लक्ष्मण चैक, अजबपुर आदि में पानी की सप्लाई बाधित रही। मातावाला बाग में ओवरहेड टेंक में मरम्मत कार्य के चलते छह हजार की आबादी प्रभावित हुई। अजबपुर में ट्यूबवेल नहीं चलने के कारण करीब एक हजार लोगों को दिक्कत हुई। बंजरवाला निवासी बाला सिंह राणा ने बताया के इलाके में तीन महीने से पानी का संकट बना हुआ है। इस संबंध में जल संस्थान के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई कर्रवाई नहीं हुई। लोगों को मजबूरी में रुपए खर्च कर पानी के टेंकर मंगवाने पड़ रहे है। इस मामलंे में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता डीपी पोखरियाल का कहना है कि अजबपुर में पानी नहीं आने का कारण पता नहीं चल रहा है। बंजरवाला और आशीर्वाद एन्क्लेव की समस्या का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। 

मसूलाधार बारिश से कई मार्गो पर भूस्खलन

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। शनिवार रात प्रदेशभर में हुई तेज बारिश से चारधाम यात्रा मार्ग समेत कई मुख्य और संपर्क मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए। हालांकि, इससे चारधाम यात्रा पर ज्यादा असर नहीं देखा गया है। रविवार को धूप खिलते ही श्रद्धालु विभिन्न पड़ावों से धामों के दर्शन के लिए रवाना हुए। बीआरओ और नेशनल हाईवे की टीम सड़कों को खोलने में जुटी गई है। रास्ते बंद होने से जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ है। रात रुद्रप्रयाग जिले में हुई तेज बारिश से गोरीकुंड हाईवे अगस्त्यमुनी से पहले सिल्ली में क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से बंद है। केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को रुद्रप्रयाग में ही रोका गया है। अगस्यमुनि से आगे पहुंच चुके यात्री रविवार को केदारनाथ के लिए रवाना हुए, इसके साथ ही धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी जारी है। उत्तरकाशी जनपद में मूसलाधार बारिश के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भी बंद हो गया है। रात भारी बारिश से अभी बदरीनाथ हाईवे गौचर आईटीवीपी के पास भूस्खलन से बंद हो गया है। बीआरओ के जवान मलबा हटाने के काम में जुटे हैं। मैठाणा में हाईवे केवल छोटे वाहनों के लिए खुला गया है। हालांकि, इससे यात्रा पर ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं पड़ा है। पौड़ी जनपद में भी बीती रात तेज बारिश हुई। मुख्य मार्ग की स्थिति तो ठीक है, लेकिन आठ संर्पक्र मार्ग मलबा हाने के कारण बंद हो गए हैं। उधर, टिहरी जनपद में भी मूसलाधार बारिश हुई है, लेकिन इससे मार्गों अवरुद्ध नहीं हुए हैं। रात बारिश के कारण विकासनगर, जौनसार, बावर के भी कई मार्ग बंद हो गए है। 

राज्यपाल से मिले पर्यावरणविद बहुगुणा

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देहरादून, 26 जुलाई (निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल से रविवार को राजभवन में पर्यावरणविद सुन्दर लाल बहुगुणा ने भेंट की। उन्होनें पर्यावरण संरक्षण के साथ ही हिमालय से जुड़े क्षेत्रों के पर्यावरण को संरक्षित रखने  तथा पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने से सम्बंधित विषयों पर बात-चीत की। राज्यपाल डा0 पाल ने श्री बहुगुणा को काॅफी टेबल बुक ‘व्यू आॅफ इण्डिया‘ की प्रति भी भेंट की। इस अवसर पर सुन्दर लाल बहुगुणा की धर्मपत्नी कमला बहुगुणा भी उपस्थित थी।

दुर्घटना के मृतकों के प्रति दुख व्यक्त किया 

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनपद देहरादून के त्यूनी में विगत दिवस हुई वाहन दुर्घटना में मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने तथा दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये है कि दुर्घटना में मृत लोगो के परिजनों व घायलों को अनुमन्य राहत राशि शीघ्र उपलब्ध करायी जाए। 

आपदा प्रभावित क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों का टोटा

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। मुख्यमन्त्री की विधान सभा आपदा की दृश्टि से अतिसंवेदनशील होने के बाद भी इस विधान सभा में प्रशासनिक अधिकारियों के पद तक रिक्त चल रहे है। जिस कारण आपदा प्रभावितों को राहत और मुआवजा देने में कठिनाई आ रही है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों की सुध लेने के लिए जब अधिकारी ही मौजूद नहीं है। ऐसी स्थिति में आपदा प्रभावितों के कश्ट बढ़ रहे है। भाजपा ने राज्यपाल को डीएम के माध्यम पत्र भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की। भाजपा के धारचूला विधान सभा प्रभारी जगत मर्तोलिया के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से गर्वनर को पत्र भेजा। उन्होंने बताया कि मुनस्यारी तहसील प्रशिक्षु उप जिलाधिकारी के भरोसे छोड़ा गया है। वित्तीय तथा न्यायिक अधिकार डीडीहाट के उप जिलाधिकारी को दिये गये है। वित्तीय अधिकार नहीं होने से आपदा प्रभावितों के अलावा फसल मुआवजा के लिए आने वाले किसानों को कई बार तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे है। प्रशिक्षु ु उप जिलाधिकारी के पास वित्तीय अधिकार नहीं होने से आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत भी महिनों तक नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमन्त्री के पास अपनी विधान सभा के एक आपदा की दृश्टि से अति संवेदनशील तहसील के लिए पूर्व अधिकार प्राप्त उप जिलाधिकारी पूरे राज्य में नहीं मिल पा रहा है। बंगापानी तहसील तथा धारचूला तहसील के तहसीलदार का कार्यभार मात्र एक तहसीलदार के पास है। तहसीलदार कभी धारचूला तो कभी बंगापानी के बीच आने जाने में ही समय गवाने को मजबूर है। दोनों तहसीलों में तहसीलदार का स्थाई पद नहीं होने के कारण आपदा प्रभावितों की फाईल कई दिनों तक तहसील में धूल फांक रही है। बंगापानी तहसील का गठन हाल में ही किया गया। इस तहसील के अन्तर्गत लिये गये ग्राम पंचायतों की जनता स्वयं को ठगा महसूस कर रही है। भाजपा के आन्दोलन के दबाव में बंगापानी तहसील तो खोल दिया गया लेकिन मुख्यमन्त्री एक तहसीलदार की नियुक्ति तक स्थाई तौर पर नहीं कर पाये। धारचूला और मुनस्यारी में राजस्व उप निरीक्षक के 50 प्रतिषत से अधिक पद रिक्त चल रहे है। आपदा प्रभावित प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों के नहीं होने से ज्यादा परेशान है। मुख्यमन्त्री ने अभी तक दोनों तहसीलों में आपदा की स्थिति और प्रशासनिक महकमों की जबाब देही की कोई समीक्षा तक नहीं की। मुख्यमन्त्री रामनगर से अगला चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे हुये है। इसलिए उन्हें धारचूला और मुनस्यारी की जनता की कोई फिक्र नहीं है। भाजपा एक सप्ताह के भीतर तहसीलदार और उप जिलाधिकारी के साथ ही राजस्व निरीक्षक, कानूनगो सहित सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होने पर मुख्यमन्त्री के खिलाफ हल्लाबोल अभियान चलायेगी।

पोस्टल आर्डर की वैधता छह महीने नहीं तीन साल 

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। भारतीय पोस्टल आर्डर की वैधता जारी किये जाने वाले माह की अन्तिम तिथि से 24 माह है। 24 माह के बाद 36 माह तक द्वितीय कमीशन भुगतान डाक टिकट के रूप में पोस्टल आर्डर पर चिपका कर 12 माह तक वैधता बढ़ाई जा सकती है। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को चीफ पोस्टर मास्टर जनरल, उत्तराखंड परिमण्डल, देहरादून द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह भ्रांति समाप्त हो गयी है कि पोस्टल आर्डर की वैधता छः माह है। नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार भारतीय डाकघर (चैथा संशोधन) नियमावली 1995 से भारतीय डाक घर नियम 1933 के नियम  180-घ  तथा 180-ड़ में संशोधन करके उक्त वैैधता निर्धारित की गयी है।नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना केे अनुसार पोस्टल आर्डर का मूल्य बढ़ाने के लियेे अधिकतम 3 रूपये मूल्य के 4 डाक टिकट चिपकाये जा सकते है बशर्ते पोस्टल आर्डर का मूल्य 100 रूपये से अधिक न हो जाये। चीफ पोस्टर मास्टर उत्तराखंड परिमण्डल, देहरादून द्वारा उत्तराखंड परिमण्डल के सभी मण्डलों के प्रमुखों को र्सक्रुलर टेक-पोस्टल आर्डर 23 फरवरी 2015 भेज कर 10 रूपये के पोस्टल आर्डर की डाक घरों में उपलब्धता सुनिश्चित कराने को निर्देश दिये गये है। नदीम ने बताया कि पोस्ट मास्टर जनरल कार्यालय की इस सूचना से सूचना अधिकार प्रार्थना पत्र देने वालों को काफी राहत मिली है। एक ओर तो छः माह से अधिक पहले खरीदे गये पोस्टल आर्डरोें को लोक सूचना अधिकारियों द्वारा काल बाधित कहकर वापस करने पर रोक लगेगी वही दूसरी ओर सूचना आवेदक एक बार खरीदे गये पोस्टल आर्डरों का प्रयोग तीन वर्षों तक कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें बार-बार डाक घरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी।

लाल बत्ती बांटने से अच्छा मानदेय में सरकार करें वृद्धि

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में चल रहे आगनबाड़ी कार्यकर्ती और साहियाकाओं के आन्दोलन का समर्थन किया। मुख्यमन्त्री को भेजे पत्र में पार्टी ने कहा कि लालबत्ती में करोड़ो रूपये लुटाने वाली सरकार इनके मानदेय में वृद्धि क्यों नहीं कर रही है। अगर सरकार आर्थिक दिवालिया की स्थिति पर पहुंच गयी है तो मुख्यमन्त्री को राज्य की अर्थ आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। भाजपा के जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने प्रदेश भर में चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, साहियाकाओं के आन्दोलन को आवश्यक बताते हुये कहा कि जब से प्रदेष में कांग्रेस की सरकार आयी है तब से आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों और साहियाकाओं के मानदेय में एक रूपये की भी वृद्धि नहीं हुई है। इनकी शेष मांगों पर कई बार घोषणा और आष्वासन दिये जा चुके है। उसके बावजूद राज्य सरकार इस मातृषक्ति के साथ छलावा कर रही है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आन्दोलित आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों के बहिष्कार के कारण बच्चों और महिलओं के पोशण आदि कार्य ठप पड़े है। इसके लिए मुख्यमन्त्री को दोशी ठहराते हुये कहा कि प्रदेश में लालबत्ती बांटने वाले मुख्यमन्त्री को इसकी कोई चिन्ता नहीं है। भाजपा इनके आन्दोलन के समर्थन में सरकार को झुकने के लिए मजबूर करेगी। 

आपदा घोटालें की जांच के लिए बनी पत्रकारों की कमेटी 
  • मुख्यमन्त्री के निमन्त्रण को श्रमजीवी यूनियन ने स्वीकारा

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। मुख्यमन्त्री द्वारा मीडिया से स्थलीय जांच की अपील का असर आज पिथौरागढ़ में दिखा। उत्तराखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने वर्ष 2013 की आपदा में धारचूला और मुनस्यारी में हुये घोटालों की जांच के लिये एक कमेटी का गठन किया। यूनियन ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमन्त्री को पत्र भेजकर इस कमेटी को अपने वायदे के अनुरूप सरकारी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। यूनियन ने कहा कि अगर मुख्यमन्त्री ने अपनी घोषणा के अनरूप सहयोग नहीं लिया तो यूनियन न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगी। यूनियन के वरिष्ठ प्रदेष उपाध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने मुख्यमन्त्री द्वारा देहरादून में आपदा घोटालों की हकीकत जानने के लिए मीडिया से जांच की अपील के उत्तर में आज जांच कमेटी का औपचारिक गठन करने का ऐलान कियां। उन्होंने उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग और चमोली जिले में भी कमेटी गठन करने के लिए भी जिलाध्यक्षों को पत्र भेज दिया है। उन्होंने बताया कि वर्श 2013 की आपदा में राहत, पुर्नवास, पुर्ननिर्माण और राशन, रैस्क्यू आदि कार्यो में भारी अनियमित्ताऐं प्रकाश में आयी है। मुख्यसचिव द्वारा की गयी जांच को उन्होंने अफीनैक-अफीपैक की संज्ञा देते हुये कहा कि घोटाला करने वाले शासन के ही मुखिया ने जांच कर इस घोटाले पर पर्दा डाल दिया है। मुख्यमन्त्री द्वारा मीडिया को जांच कार्य में आगे आने का जो निमन्त्रण दिया है उसे उत्तराखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने स्वीकारतें हुये जनता के प्रति अपनी जवाबदेही पर कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पिथौरागढ़ जिले में जिलाध्यक्ष गोविन्द भौर्याल के नेतृत्व में जांच कमेटी बनायी गयी है। जांच कमेटी ने तेज सिंह गुन्ज्याल, प्रदीप मेहरा, किशोर दरियाल, प्रमोद द्विवेदी, देवेन्द्र सिंह देवा, कृष्णा गब्र्याल, शालू दताल, जगदीश उप्रेती को सदस्य बनाया गया है। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमन्त्री को आज पत्र भेजकर यह अपेक्षा की गयी है कि वह अपने कहे के अनुसार जांच कमेटी को तत्काल सरकारी सुविधाऐं उपलब्ध कराये। यूनियन ने प्रदेश स्तर पर भी जांच कमेटी बना दी है। इस कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष सहित दस पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी भी सैकड़ो आपदा प्रभावितों को पात्र होने के बाद भी राहत और पुर्नवास नहीं मिला है। इसके लिए राज्य सरकार अपनी जबाबदेही से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि श्रमजीवी पत्रकार यूनियन जनता के प्रति और लोकतन्त्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए वह निष्पक्ष जांच के लिए आगे आयी है। 

मल्ला जोहार और रालम में भुखमरी की स्थिति

देहरादून, 26 जुलाई (निस)।  मुख्यमन्त्री की विधान सभा के मुनस्यारी तहसील में मल्ला जोहार और रालम क्षेत्र में ग्रीष्म कालीन प्रवास (माईग्रेशन) के लिए जनता तो 14 गांव में पहंुच चुकी है। लेकिन अभी तक इन गांवों के लिए खाद्यान्न नहीं पहुंच पाया। पैदल रास्ते जर्जर स्थिति में है। इसके सुधार के लिए क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमन्त्री को कोई चिन्ता नहीं है। भाजपा ने आज जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी के सम्मुख इस मामले को उठाया। भाजपा ने कहा कि मुख्यमन्त्री अगर विधान सभा की पैरवी नहीं कर पा रहे है तो उन्हें विधायक के पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए। भाजपा के जिला सम्र्पक्र प्रमुख जगत मर्तोलिया ने आज राज्यपाल के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्होंने जिलाधिकारी को मुख्यमन्त्री की विधान सभा की स्थिति के बारे में बताया। मर्तोलिया ने कहा कि मुनस्यारी तहसील के मल्ला जोहार के 14 गांव में माईग्रेशन के लिए सैकड़ों परिवार 20 दिन पूर्व जा चुके है। अभी तक इन परिवारों के लिए राषन की व्यवस्था नहीं की गयी है। मल्ला जोहार के लिए सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकानों में उपलब्ध होने वाला खाद्य सामग्री नहीं भेजी गयी है। जिस कारण 14 गांव में गये लोग खाद्यान्न के अभाव में लौटने लगे है। मई माह से शुरू होने वाले माईग्रेशन को एक माह का समय बीत गया है। अभी तक राशन की व्यवस्था न होना क्षेत्रीय विधायक हरीश रावत की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे कर रहा है। मल्ला जोहार और रालम के पैदल मार्ग जानलेवा बने हुये है। इन पैदल रास्तों से अभी तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और एक व्यक्ति लापता है। जबकि एक अन्य व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो चुका है। पैदल मार्ग की स्थिति में सुधार के लिए क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमन्त्री ने एक रूपया भी जारी नहीं किया है। तीन घटना घट जाने के बाद भी मुख्यमन्त्री ने पीडि़त परिवारों के लिए एक शब्द भी दुःख का व्यक्त नहीं किया। मर्तोलिया ने कहा कि धारचूला और मुनस्यारी विधान सभा लावारिस हो चुका है। मुख्यमन्त्री के पास इस इलाके की समस्याओं के समाधान के लिए वक्त नहीं है। पूरे क्षेत्र में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी बेलगाम होकर कार्य कर रहे है। 

अधिकारियों को दिये जनसमस्या निवारण के निर्देश 

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश द्वारा अपने आवास संकलन में जन समस्यायें सुनी तथा उनके निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होने कहा कि सरकार जनता की समस्याओं के निराकरण के प्रति संवदेनशील है। जगह-जगह शिविर लगाकर जनसमस्याओ ंका निराकरण किया जा रहा है। उनहोने अधिकारियो से कहा कि वे जनसमस्याओ का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें। वित्तमंत्री द्वारा रविवार को एक सादे समारोह 42 पात्र लाभार्थियो को लगभग चार लाख की धनराशि के आर्थिक सहायता सम्बन्धी चैको का वितरण भी किया। उन्होने लाभार्थियो से कहा कि सरकार गरीबो की हमदर्द है तथा उन्हे यथा सम्भव आर्थिक सहायता देकर विकास की धारा से जोडा जा रहा है। उन्होने ओमप्रकाश को 75 हजार रूपये, जाहिद, मो0 यासीन को 50-50 हजार रूपये को, शंकर सक्सेना को 25 हजार, प्रताप सिह 20 हजार, विमला देवी को 20 हजार ईलाज हेतु तथा अन्य को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।

प्रदेश में नहीं हुई विद्युत कटौती 

देहरादून, 26 जुलाई (निस)। राज्य के जल विद्युत गृहों से प्राप्त विद्युत उत्पादन 19.29 एम0यू0 प्राप्त हुआ। राज्य की अप्रतिबन्धित विद्युत मांग 38.93 एम0यू0 के सापेक्ष राज्य के विद्युत गृहों एवं केन्द्रीय सेक्टर तथा अन्य स्रोतों को सम्मिलित करते हुये कुल उपलब्धता 38.16 एम0यू0 रही। केन्द्रीय पूल से 17.99 एम0यू0 आज विद्युत प्राप्त हुई। उपाकालि द्वारा राज्य में आज सांय 4.30 बजे तक उपाकालि द्वारा राज्य के किसी भी हिस्से में काई विद्युत कटौती नहीं की गयी। 

कारगिल युद्ध में प्रदेश मे 75 जवान हुए थे शहीदः डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश

हल्द्वानी, 26 जुलाई (निस)। 16वां कारगिल विजय दिवस पूरे अकीदत के साथ जिले भर में मनाया गया। मुख्य समारोह जिला सैनिक कल्याण परिसर मे आयोजित किया गया। कार्यक्रम में वित्तमंत्री डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, मेयर डा0 जोगेन्द्र पाल सिह रौतेला, विधायक वंशीधर भगत, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी सैथिल अबुदई ने कारगिल युद्ध में शहीद जिले के वीरों के चित्रों पर पुष्पर्चक्र एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी। इस अवसर स्कूली छात्र छात्राआंे द्वारा देश भक्ति पर आधारित गीत एवं नाटक भी प्रस्तुत किये। कार्यक्रम मंे शहीदो के परिजन श्रीमती जयन्ती देवी, जानकी देवी, अनिता कुमारी को शाल ओढाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे शहीदो को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये वित्तमंत्री डा0 हृदयेश ने कहा  कि भारतीय इतिहास का यह वो महत्पूर्ण दिन है जिस दिन हमारे देश के महान वीर सपूतांे ने हंस्ते हंस्ते मातृभूमि की रक्षा करते हुये अपने प्राणो का बलिदान देकर 26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले मे पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेडा था। भारतीय सेना ने आपरेशन विजय संचालित कर आज से 16 वर्ष पूर्व ये महान उपलब्धि हासिल की थी। कारगिल युद्ध में हमारे लगभग 500 वीर योद्धा शहीद हुये थे। डा0 हृदयेश ने कहा कि इस पूरे युद्व मे उत्तराखण्ड के 75 जवान शहीद हुये थे। जिसमें से जनपद नैनीताल के पांच वीर जवानो ने कारगिल युद्व मे अपने प्राणों की आहुति देकर देश का मान बढाया। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड वीरांे की धरती है। लगभग प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति सेना में है। कुमायू एवं गढवाल रेजीमैन्ट के वीर सेनानी हमारे गर्व के प्रतीक है। भारतीय सेना के बलिदान एवं उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नही जा सकता। आज, ‘कारगिल विजय दिवस-शौर्य दिवस’, कारगिल युद्ध के सभी नायकों, वीर शहीदों तथा देश की सीमा की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले भारतीय सेना के सभी अंगों के पराक्रमी जवानों के प्रति श्रद्धा, आभार, गर्व और सम्मान की अभिव्यक्ति के साथ उन्हें स्मरण करने का एक विशेष अवसर है। हमारे देश की अखण्डता और सम्प्रभुता को अक्षुण्ण रखने में भारतीय सैनिकों के शौर्य, पराक्रम और साहस की अहम भूमिका है। वे देश का अभिमान हैं। उन्होने जिलाधिकारी से कहा वे भूतपूर्व सैनिको तथा शहीद हुये सैनिको के परिवारो ंकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें। शहीद सैनिको के बच्चो की शिक्षा-दीक्षा पर ध्यान दिया जाए तथा पंेशन सम्बन्धी समस्याओं को का निराकरण सैनिक कल्याण अधिकारी स्वयं करवायें। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा सैनिको के लिए अनेक योजनाये प्रारम्भ की गयी है। अपने सम्बोधन में मेयर डा0 रौतेला ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरो की भूमि है यहां के सैनिको ने समय-समय पर अपने प्राणों की आहुति देकर देश का मान बढाया है। उन्होने कारगिल युद्ध में शहीद जनपद नैनीताल के मेजर राजेश अधिकारी, नायक मोहन सिह, लांसनायक चन्दन सिह, लांसनायक रामप्रसाद, सिपाही मोहन चन्द्र जोशी की शहादत को याद करते हुये कहा कि हमें उनकी शहादत पर गर्व है। उन्होने कहा कि आज की युवा पीढी को ज्ञान और संस्कार लेना चाहिए क्योकि राष्ट्र भक्ति से बढकर कोई धर्म नही है। अपने सम्बोधन में जिलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जनपद मे सैनिको के कल्याण हेतु चलायी जा रही योजनाओ का लाभ पूर्व सैनिकों एव उनके परिवारजनो को दिया जा रहा है। उन्होने  बताया कि सेैनिक स्कूल, आरआईएमसी, मिलटरी स्कूल हेतु कोचिग फीस धनराशि 15000 रूपये की गयी है।एनडीए मे प्रवेश पाने वाले आश्रितो का जेब खर्च बढाकर 2000 प्रतिमाह कर दिया गया है। सैनिक विधवाओं के पुर्नविवाह हेतु अनुदान धनराशि एक लाख कर दी गयी हैै। सैनिको की पुत्रियोे के विवाह हेतु भी एक लाख की धनराशि दी जा रही है। इसके साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिक व अर्द्धसैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितो को 10 लाख का अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार की यह योजनाये जनपद मंे संचालित हैै।कार्यक्रम में सेवा0नि0 कर्नल एलके रावल, कर्नल दर्शनसिह कार्की, कर्नल बसेडा, मेजर बीएस रौतेला, सिटी मजिस्टेट हरवीर सिह, उपजिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम मंे बडी संख्या मे भूतपूर्व सैनिक उनके परिजन एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

शौर्य दिवस के रूप में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया

पौड़ी गढ़वाल, 26 जुलाई (निस)। जनपद मुख्यालय समेत छावनी परिषद् लैंसडौन में आयोजित कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम को शौर्य दिवस के रूप में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। जनपद मुख्यालय के शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं ,एनसीसी कैडैट्स द्वारा एजेन्सी चैक से स्थानीय कलेक्ट्रट परिसर तक मार्चपास्ट एवं रैली निकाली गई। रैली के दौरान बच्चों द्वारा कारगिल युद्व में खेत रहे शहीद सैनिक अमर रहे के नारों से वातावरण को गुन्जायमान बनाये रखा। मुख्य कार्यक्रम जिला कार्यालय में कारगिल शहीदों को  प्रभारी जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका समेत अन्य गणमान्य नागरिकों, कारगिल युद्व में शहीद नायक धर्म सिंह की पत्नी श्रीमती अनुसुया देवी एवं सिपाही कुलदीप सिंह की माता श्रीमती कमला देवी द्वारा श्रद्वासुमन अर्पित किये तथा पुलिस टुकड़ी द्वारा शहीदों को भावभीनी श्रद्वान्जलि के साथ ही गार्ड आॅफ आर्नर एवं शोक बिगुल वादन के साथ ही दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी जिलाधिकारी सोनिका ने कारगिल विजय के इस दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाये जाने हेतु जिला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से देश के लिये अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों को श्रद्वान्जलि देते हुए एनसीसी कैडेट्स से उनके पदचिन्हों पर चलने की बात कही। उन्होंने बताया कि जनपद के 17 सैनिक कारगिल युद्व के दौरान शहीद हुये थे। कार्यक्रम में उपस्थित शहीदों के परिजनों को प्रभारी जिलाधिकारी द्वारा अंगवस्त्र भेंट कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर (से.नि.) करन सिंह ने कारगिल युद्व में भारतीय जाबांजों के अदम्य साहस की सराहना करते हुये उन्हें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वान्जलि अर्पित की। इस अवसर पर एन सी सी के कमाण्डेंट कर्नल आशीश दत्त, उप जिलाधिकारी पी0एल0 शाह, वरिष्ट पत्रकार जी पी सेमवाल ने भी  अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में पुलिस उपाधिक्षक धन सिंह तोमर, अग्निशमन अधिकारी संदीप राना एवं विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सेवानिर्वित सूबेदार  भारत भूषण बलूनी ने किया। इसके अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास द्वारा स्थानीय कार्यालय के अलावा जनपद के उफल्डा ग्राम में भी कारगिल शहीदों की स्मृति में वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया। 

अर्द्ध कुंभ के लिए रूके काम होंगे पूरेः आर्य

हरिद्वार, 26 जुलाई (निस)। सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि अर्द्ध कुंभ के लिए रुके कार्यों जल्द पूरे किए जाएंगे। इसके लिए सरकार अपने कोष से बजट जारी करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अर्द्ध कुंभ जैसे महापर्व की अनदेखी करने पर तूली है। रविवार को सिंचाई मंत्री आर्य अर्द्ध कुंभ मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने हरिद्वार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर अर्द्ध कुंभ मेले की अनदेखी का आरोप लगाया। आर्य ने कहा कि केन्द्र लगातार उत्तराखण्ड की उपेक्षा कर रहा है। जिससे प्रदेश के विकास को गहरी चोट पहंुच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द सिंचाई विभाग को अधूरे कार्यों के लिए बजट जारी करेगी। 

महिला पर किया गुलदार ने हमला

पौड़ी, 26 जुलाई (निस)। सतपुली इलाके के नौगांव में चारापत्ती के लिए जंगल गई एक महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। हमले में घायल महिला को पौड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार को नौगांव निवासी पुष्पा देवी मवेशियों के लिए घास लेने जंगल गई थी। बताया जा रहा है कि इसबीच पीछे से घात लगाकर बैठे गुलदार ने उसपर हमला कर दिया। चीखपुकार सुनकर आसपास के लोगों ने शोर मचाया तो गुलदार महिला को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। मौके पर पहुंचे परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से महिला को पौड़ी के सरकार अस्पताल में भर्ती कराया है। 

सत्तर परिवार भूस्खलन की जद में

टिहरी, 26 जुलाई (निस)। प्रशासन की लापरवाही के चलते घनसाली के तिगाड़ गांव के 70 परिवार भूस्खलन की जद में आ गए हैं। खौफदजा ग्रामीणों ने जान बचाने के लिए एक मंदिर में शरण ली है। प्रशासन की टीम राहत बचाने के लिए मौके रवाना तो हो गई है, मगर अभी तक इनके पुनर्वास के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं है।
शनिवार रात तेज बारिश के कारण तिगाड़ गांव में एक बार फिर भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई। ग्रामीणों को रातों रात गांव के समीप सुरक्षित स्थान पर बने मंदिर में शरण लेनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पुनर्वास की मांग की है। उधर, एसडीएम जगदीश लाल ने कहा कि प्रशासन की टीम मौका मुआयना करने के लिए भेजी गई है।

देवप्रयाग के भटकोट के आदमखोर तेंदुए को मार गिराया, कुत्ते का पीछा करते घर में घुसा तंेदुआ

टिहरी, 26 जुलाई (निस)। बीती रात देवप्रयाग में भटकोट गांव में आदमखोर तेंदुए को मार गिराया गया। जिससे स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब हो कि पिछले दिनों देवप्रयाग में तेंदुए ने बुजुर्ग महिला को मार दिया था। इससे ग्रामीणों में डर व्याप्त था। शाम ढलते ही लोग अपने घरों में कैद हो जा रहे थे। बच्चों को स्कूल भेजने में लोग डर रहे थे। बीती रात डा प्रशांत सिंह ने आदमखोर तेंदुए को मार गिराया। इससे ग्रामीणों न राहत की सांस ली। वहीं घनसाली में बीती रात एक तेंदुआ मकान की तीसरी मंजिल मे घुस गया। युवक ने उसे कमरे में बंद कर दिया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। मिली जानकारी के अनुसार, घनसाली के मेन बाजार में चंदू का मकान है। यहीं मकान के प्रथम तल में उसकी मीट की दुकान है। बीती रात तेंदुआ कुत्ते के पीछा करते हुए मकान की तीसरी मंजिल में घुस गया। रात में चंदू का पुत्र अंकित कमरे में सोने के लिए आया। जैसे ही वह कमरे में घुसा और कुंडी बंद की तो उसने तेंदुए को देखा। इस पर वह सकपका गया और कमरे से लगे दूसरे कमरे में तेजी से आ गया। उसने तेंदुए को कमरे में बंद कर दिया। शोर मचाने पर आस-पास के लोग मौके पर एकत्र हुए। लोगों ने घर की दीवार तोड़कर युवक को बाहर निकाला। साथ ही इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इस संबंध में रेंजर केएस भंडारी ने बताया कि देहरादून से ट्रैंक्विलाइजर गन मंगाई गई है। इसके बाद ही तेंदुए को बेहोश कर पकड़ा जाएगा। 

कारगिल युद्ध के रणबांकुरों को सलाम

लैंसडौन, 26 जुलाई (निस)। कारगिल युद्ध में गढ़वाल राइफल्स के सैनिक अदम्य साहस व विलक्षण बहादुरी का परिचय देते निर्णायक साबित हुए, सैनिकों ने पूर्वजों की परंपरा को कायम रखते दुश्मनों को घुटने टेकने के लिए भी विवश कर दिया। आपरेशन विजय के दौरान बहादुरी से लड़ते दो अधिकारियों समेत 53 सैनिकों ने जीवन की सर्वाेच्च कुर्बानियां दी। युद्ध में रेजीमेंट को बैटल ऑनर, वीर चक्र समेत विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्ष1999 के आपरेशन विजय में गढ़वाल राइफल्स की छह बटालियन कारगिल के बटालिक व द्रास सैक्टर में तैनात थी। इस आपरेशन में दस, सत्रह और अठारह बटालियन ने 29 जून से 13 जुलाई 1999 के मध्य वीरता का परिचय देकर दुश्मनों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। युद्ध में तीनों बटालियनों के अलावा गढ़वाल स्काउट के विशेष सैनिकों की एक प्लाटून ने भी हिस्सा लिया। रेजीमेंट के सैनिकों ने दुश्मनों को मुंह तोड़ जबाव देते कब्जों में ली गई, एक-एक इंच जमीन वापस ली। युद्ध के दौरान दसवीं बटालियन नियंत्रण रेखा में तैनात थी, दसवीं बटालियन के जिम्मेवारी के इलाकों को छोड़ कर बटालिक से लेकर मुश्कोह घाटी तक पाकिस्तानी सिपाही हर जगह भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने में कामयाब हो गए थे, जबकि सत्रवीं बटालियन को सब सेक्टर के जुबार, थारू, और कुकरथांग के कालापत्थर और बम्ब एक-दो और तीन पर कब्जा करने की जिम्मेदारियां गई थी। बटालियन ने 13 जुलाई 1999 को सैन्य रणनीति को दृष्टि से अति महत्वपूर्ण इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और विषम मौसम के बीच कब्जा करने में सफलता हासिल की। अठारवीं बटालियन को द्रास सब सेक्टर की नियंत्रण रेखा को फिर से बहाल करने की जिम्मेदारी मिली। अठारहवीं बटालियन ने साहसिक कार्रवाई करते प्वांइट 5140 और प्वांइट 4700 को अपने कब्जे में ले लिया। जबकि गढ़वाल स्काउट के विशेष सैनिकों की एक प्लाटून जो उच्च पहाड़ी और उच्च तुंग रणकौशल में विशेष दक्षता रखती थी, को काकसर उप क्षेत्र में तैनात किया गया। पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाने के लिए इस प्लाटून ने मिशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया।

संर्पक्र मार्ग हो रहे लगातार बंद

पौड़ी, 26 जुलाई (निस)। जनपद में बारिश का असर ग्रामीण क्षेत्रों के संर्पक्र मार्गाे पर भी दिखने लगा है। लगातार बारिश से भूस्खलन या भूधंसाव के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के संर्पक्र मार्ग एक के बाद एक करके बंद हो रहे हैं। अभी भी जनपद में सात संर्पक्र मार्ग ऐसे हैं जो बारिश के चलते बंद पडे़ हैं। इन्हें खोला भी जा रहा है, लेकिन अगले ही रोज बारिश होने से भूस्खलन से फिर मार्ग बंद हो रहे हैं। पिछले एक माह से रुक-रुक हो रही बारिश ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले संर्पक्र मार्गाे पर कहर बनकर टूट रही है। कई क्षेत्रों में मार्गाे पर भूस्खलन से हर समय खतरा बना हुआ है। ऐसे मार्ग थोड़ी सी बारिश में ही दरकने लगते हैं। इतना ही नहीं कई स्थानों में गदेरों के ऊफान पर आने के बाद से मार्गाे का पता ही नहीं लग पा रहा है। किसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इन मार्गाे से अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। गत वर्ष आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए संर्पक्र मार्गाे की स्थिति सबसे ज्यादा खराब बनी हुई है। इसके इतर देखें तो पौड़ी-देवप्रयाग, पौड़ी-रामनगर एनएच, पीठसैंण-देघाट आदि मोटर मार्ग ऐसे हैं जहां बारिश से कई नए भूस्खलन जोन सक्रिय हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गाे के बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी छात्र छात्राओं के साथ ही बुजुर्गाे को उठानी पड़ रही है। बारिश का यह कहर आगे भी जा रहा तो ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में दैनिक आवश्यकता के सामान की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

भारत-तिब्बत से लगे क्षेत्रों की जनता सड़क के लिए तरसी

गोपेश्वर, 26 जुलाई (निस)। सरकार और जनप्रतिनिधि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बिछाने का राग अलाप रहे हैं,लेकिन भारत- तिब्बत से लगे सीमांत विकासखंड जोशीमठ में जनता आज भी सड़क के लिए तरस रही है। लोग मीलों पैदल चलकर जीवन की दिनचर्या को आगे बढ़ा रहे हैं। सीमांत विकासखंड जोशीमठ के मोल्टा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव की दो हजार से अधिक जनसंख्या सड़क सुविधा से महरूम है। आजादी के बाद से ही ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं। नेताओं ने भी ग्रामीणों को सड़क निर्माण के नाम पर ही छला, लेकिन जनता का बीस साल से भला नहीं हुआ है। 1995 में सलूड़ डुंग्रा-मोल्टा के लिए सड़क स्वीकृत हुई थी। 2005 तक सड़क निर्माण सलूड़ डुंग्रा तक ही हो पाया है। पीएमजेएसवाइ मद से सलूड़ डुंग्रा तक सड़क स्वीकृति भी 2007 में की गई। सड़क निर्माण के लिए बाकायदा एलाइमेंट भी किया गया। बाद में फिर जनसंख्या मानकों का हवाला देकर 500 से कम जनसंख्या होने की बात कहते हुए कार्य शुरू नहीं हो पाया। अब स्थिति यह है कि पीएमजेएसवाइ मानकों में यह सड़क स्वीकृत होने के बाद वन अधिनियम के फेर में फंसी हुई है। यहां देवदार का जंगल होने के कारण फिलहाल वन अधिनियम को लेकर स्वीकृति नहीं मिल पाई है। स्थिति यह है कि सलूड़ डुंग्रा से 15 किमी की दूरी तय कर यहां के ग्रामीण गांवों तक पीठ में ढोकर सामान ले जाते हैं।

लापता छात्राएं अल्मोड़ा से बरामद

नैनीताल, 26 जुलाई (निस)। बीती शाम क्षेत्र से दो छात्राएं रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई। पुलिस ने दो छात्राओं को अल्मोड़ा में बरामद कर लिया है। पुलिस के अनुसार, कल शाम करीब सात बजे तल्लीताल फांसी बरसाती नाले के पास तैनात पुलिसकर्मी चंद्रशेखर खाती को पास ही दो स्कूल बैग पड़े मिले। उसने इसकी सूचना एसओ प्रमोद पाठक को दी। स्कूल बैक की जांच में पता चला कि एक बैग नेहा आर्या पुत्री नरेंद्र कुमार निवासी मार्शल काटेज और दूसरा बैग प्रिया आर्या पुत्री ताराचंद्र निवासी राजमहल कंपाउंड मल्लीताल के हैं। दोनों छात्राएं सहेली हैं और शहर के मोहन लाल साह बालिका विद्या मंदिर में कक्षा नौवीं में पढ़ती हैं। बीते से दोनों लापता हैं। सीओ हरीश सती ने बताया की दोनों छात्राओं के परिजन थाने पहुंच गए हैं। पुलिस दोनों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे खंगाले।  जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वे दोनों अल्मोड़ा में है। उसके बाद रविवार की सुबह पुलिस ने दोनों छात्राओं को अल्मोड़ा से बरामद कर लिया। इससे परिजनों ने राहत की सांस ली।

बारिश से टमाटर की फसल बर्बाद

पुरोला, 26 जुलाई (निस)। रवांई घाटी में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश काश्तकारों के लिए आफत साबित हुई है। बारिश के कारण किसानों की टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है। काश्तकारों सामने बीज, दवा व खाद के पैसे जुटाने के लाले पड़ गए हैं। बारिश के कारण टमाटर पर सड़न रोग लग गया है। पुरोला, मोरी क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में ही टमाटर की फसल सड़ गई है। सालभर की मेहनत को बर्बाद होता देख किसान मायूस हो गए हैं। काश्तकारों को मजबूरी में सड़न बीमारी की चपेट में आए टमाटरों को नदी-नालों में फेंकना पड़ रहा है। अब तक पुरोला, खलाड़ी, नेत्री, चंदेली, आराकोट,मेहराना, ढकाड़ा, कुफारा, पुजेली, छिबाला, देवदुंग करड़ा सहित नौगांव के बनाल पट्टी व मोरी के 82 गांव में 20 लाख रुपये से अधिक की टमाटर फसल बर्बाद हो गई है। फल एवं सब्जी उत्पादक श्यालिकराम नौटियाल, गोविंद राम, राजेंद्र राणा, बिजेंद्र ङ्क्षसह, प्रेम ङ्क्षसह नेगी बताते है कि बीते वर्ष जहां क्षेत्र के काश्तकारों ने मदर डेरी के माध्यम से आजाद मंडी दिल्ली सहित सहारनपुर, देहरादून, विकासनगर की मंडियों को लगभग 62 लाख का टमाटर बेचा था। इस वर्ष अभी तक केवल 8-10 लाख का ही टमाटर मंडियों में पहुंच पाया। बारिश के कारण 60 से 70 फीसद टमाटर की फसल सड़न रोग से खराब हो गई है। किसानों के सामने आढ़तियों के बीज, खाद व दवा की कीमत चुकाने के भी लाले पड़ने लगे हैं। वहीं कृषि विभाग के विशेषज्ञ आरसी कश्यप ने कहा कि किसान शिकायतें लेकर उनके पास आए हैं। खेतों नालियां न बनाने, अनुपात से अधिक बारिश होने व खेतों में पानी भरने से टमाटर की फसल पर सड़न रोग लगा है। इसकी रोकथाम के लिए पानी निकासी के लिए नालियां बनाना व दवा का छिड़काव किया जाना चाहिए।
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