क्या मोदी से दो-दो हाथ करने की तैयारी में आ गए हरीश, उत्तराखंड में क्यों रुकें शाहिद
- अफसर को रिलीव करने को राजी नहीं हरीश सरकार
- जांच का हवाला देकर शाहिद को यहीं रोकने पर जोर
- सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा इस बारे में खत
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। स्टिंग में फंसे गुजरात कैडर के आईएएस अफसर मो. शाहिद को उत्तराखंड में ही रोकने के लिए सरकार ने पूरी ताकत लगी दी है। केंद्र के आदेश के बाद भी उन्हें रिलीव करने की बजाय एक जांच का हवाला देकर उन्हें यहीं रोकने के लिए सरकार ने केंद्र को फिर से एक खत लिख दिया है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर क्या वजह है कि मो.शाहिद को उत्तराखंड में ही रोकने के लिए हरीश सरकार अब केंद्र की मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में आती दिख रही है। स्टिंग सामने आने के बाद से ही मो.शाहिद का कद बढ़ सा गया दिख रहा है। गुजरात सरकार ने अपने कैडर के आईएएस अफसर की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए केंद्र को एक खत लिखा। केंद्र सरकार ने भी अवकाश वाले दिन ही इसे मंजूर भी कर लिया और उत्तराखंड के मुख्य सचिव को खत भेजकर शाहिद को तत्काल ही केंद्र के लिए रिलीव करने का आदेश जारी कर दिया। एक तरफ केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकारें मो.शाहिद को तत्काल अपने कब्जे में लेना चाहती हैं तो दूसरी तरफ सूबे की कांग्रेसी सरकार उन्हें किसी भी दशा में छोड़ने को तैयार नहीं है। सूबे की हरीश सरकार ने पत्रावली तैयार होने के बाद भी शाहिद को रिलीव नहीं किया। केंद्र की मंशा को पलीता लगाने के लिए सरकार ने प्रमुख सचिव ओमप्रकाश को स्टिंग मामले की जांच सौंप दी और छह सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद राज्य सरकार ने इसी जांच को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार को एक खत भेजकर कहा है कि चूंकि मो. शाहिद पर एक स्टिंग हुआ है और सरकार इसकी जांच करवा रही है। ऐसे में अगर शाहिद को रिलीव किया जाता है तो जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अब हालात ये हैं कि केंद्र किसी भी कीमत पर उन्हें बुलाना चाहता है तो राज्य सरकार उन्हें रिलीव न करने के लिए कमर कस चुकी है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार मो. शाहिद को लेकर इतनी संजीदा क्यों हैं। बताया जा रहा है कि इसके मूल में भाजपा और कांग्रेस के बीच एक दूसरे की राज्य सरकारों पर किए जा रहे हमले ही हैं। गौरतलब हो कि हमने तीन रोज पहले ही बताया था कि भाजपा इन हालात में मो. शाहिद को सूबे की कांग्रेसी सरकार के खिलाफ एक ट्रंप कार्ड की तरह इस्तेमाल करने के मूड में दिख रही है। शाहिद भले ही गुजरात कैडर के आईएएएस हैं। लेकिन केंद्र में यूपीए की सरकार के समय में केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के निजी सचिव के रूप में दो साल तक काम कर चुके हैं। फिर हरीश रावत यहां मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने शाहिद को अपनी सचिव बनाकर बुला लिया। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की सोच है कि मो. शाहिद लंबे समय तक कांग्रेसी नेता हरीश रावत के साथ बेहद नजदीकी अंदाज में काम कर चुके हैं। ऐसे में हो सकता है कि उनकी जानकारी में कुछ ऐसे मामले हो, जिनके जरिए कांग्रेस सरकार पर हमला किया जा सके। कहा जा रहा है कि इसी वजह से केंद्र मो. शाहिद को वापस बुलाना चाहता है। जाहिर है कि अगर ऐसा है तो यह कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। शायद यही वजह है कि स्टिंग सामने आते ही हाईकमान की ओर से सबसे पहले कहा गया कि राज्य सरकार ने मो. शाहिद को निलंबित कर दिया है। लेकिन राज्य सरकार इस मौके पर चूक गई और केंद्र की भाजपा सरकार ने इस ट्रंप कार्ड को अपने कब्जे में लेने का खेल कर लिया। अब राज्य सरकार किसी भी स्थिति में शाहिद को उत्तराखंड में ही रोककर भाजपा की भावी सियासत पर पानी फेरने की कोशिश में है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि आईएएस अफसर पर पूरी तरह के केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) के ही नियम लागू होते हैं। डीओपीटी शाहिद की प्रतिनियुक्ति को तत्काल खत्म कर चुका है। ऐसे में राज्य सरकार की कोशिशें सफल नहीं होगी और मो. शाहिद भी अगर इसी पचड़े में उलझे रहे तो उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रमोद के मनोनयन पर सवाल कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस समय कोमा में
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद ही कर दिया मनोनीत
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की ओर से किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर किए गए मनोनन पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह नियुक्ति करने का अधिकार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास हैं और वे इन दिनों कोमा की स्थिति में है। ऐसे में इस मनोनयन को वैध नहीं माना जा सकता। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कुमार सिंह को किसान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नामित किया है। कांग्रेसियों में चर्चा है कि किशोर उपाध्याय को इस मनोनयन का अधिकार ही नहीं है। किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमशेर सिंह सुरजे वाला हैं और वे इन दिनों कोमा की स्थिति में हैं। किसान कांग्रेस का काम देखने के लिए पार्टी हाईकमान ने एक कमेटी बना रखी है। बताया जा रहा है कि इस मनोनयन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने इस कमेटी को भी विश्वास में नहीं लिया। इस मामले में प्रयास के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से बात नहीं हो सकी।
अंर्तर मंडलीय स्थानांतरण को लेकर शिक्षक संघ में आक्रोश, डा. सोहन सिंह माजिला ने की आरके कुंवर से मुलाकात
देहरादून 30 जुलाई, (निस)। पात्रता सूची में नाम होने के बावजूद भी एक भी शिक्षक का कुमाउ से गढवाल न आना शिक्षक संघ को रास नहीं आ रहा है। इस संबंध में राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय संरक्षक डा सोहन सिंह माजिला ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर व अपर निदेशक माध्यमिक एनके बहुगुणा से भी वार्ता की। जिस में माजिला ने आरोप लगाया कि जब गढवाल मंडल से 25 शिक्षक कुमाउ जा सकते हैं तो इतने ही शिक्षक गढवाल मंडल क्यों नहीं आ सकते। डा सोहन सिंह माजिला ने कहा कि अंर्तरमंडलीस स्थानांतरण में कई गलतियां है। जिन्हें समय सरहते सुधार दिया जाना चाहिए। माजिला ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों में आफी आक्रोश है। उन्होंने निदेशक माध्यमिक को साफ करते हुए बताया कि जब विभाग की वेबसाइट पर स्थानांतरण से पूर्व पा़त्रता सूची डाली गयी थी। जिसमें कुमाउ व गढवाल मंडल के शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर रखा गया है। ऐसे में सिर्फ एक ही मंडल से दूसरे मंडल के लिए शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया जो गलत है। उन्होंने कहा कि एक समान स्थानांतरण किया जाना चाहिए था। उधर आरके कुंवर ने माजिला की शिकायत पर अपर निदेशक गढवाल से उक्त संबंध में जल्द रिर्पोट देने को कहा । इतना हीं नहीं माजिला ने अनुरोध के आधार पर खाली पडे विद्यालयों में स्थानांतरण करने की भी मांग की। माजिला ने कहा कि जब शिक्षक नियम के तहत किसी विद्यालय में जाना चाहता है तो उसे क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि विजिटिंग शिक्षकों की तैनाती से पूर्व अनुरोध के आधार पर बडी संख्या में तबादले किये जाने चाहिए थे। इसके बाद खाली पडे पदो ंके सापेक्ष विजिटिंग शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। माजिला ने विभागीय अधिकारियों को सतय रहते शिक्षक हित में आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
सचिव मौ0 षाहिद को अवमुक्त करें मुख्यमंत्री हरीष रावतः सतपाल महाराज
देहरादून 30 जुलाई, (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सदस्य भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि सचिव मुख्यमंत्री मौ0 षाहिद को षीघ्र अवमुक्त कर दिल्ली भेजें मुख्यमंत्री हरीष रावत। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर दिल्ली तलब किया है तो क्यों मुख्यमंत्री रावत गत तीन दिनों से उन्हें अवमुक्त क्यों नहीं कर रहे? पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि दिल्ली और देहरादून में ज्यादा दूरी नहीं है जब उन्हें जांच के लिए देहरादून बुलाया जायेगा तो वह जांच में सहयोग के लिए दिल्ली से आ जायेंगे। पहल तो मुख्यमंत्री कहते थे कि कहां आग है, कहां धुंआ है पर अब जब सब सामने आ गया है तो उन्हें षीघ्र ही मौ0 षाहिद को अवमुक्त कर दिल्ली भेज देना चाहिए। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आगे कहा कि सी.डी में तो मौ0 षाहिद ने रणजीत रावत व हरपाल सिंह रावत के भी नाम लिये हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री रावत, रणजीत रावत व हरपाल रावत को पद से क्यों नहीं अवमुक्त कर रहे। मौ0 षाहिद की जांच हो रही है तो रणजीत व हरपाल की जांच भी उन्हें करवानी चाहिए।
जांच के नाम पर लीपापोती कर रही सरकार: अजय भट्ट
देहरादून 30 जुलाई, (निस)। नेता प्रतिपक्ष, अजय भट्ट ने कहा कि सरकार ने आबकारी सचिव मो0 साहिद के स्टिंग आपरेषन की जाॅच प्रमुख सचिव ओम प्रकाष को देकर साबित कर दिया है कि वह हर हाल में इस अधिकारी को बचाकर मामले में लीपापोती कराना चाहती है क्यांेकि उसे पता है कि यदि इस प्रकरण की जाॅच किसी निश्पक्ष एजेंसी अथवा सी0बी0आई0 से करायी जायेगी तो सरकार का इस मामले मंे फसना तय है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण का भी वही हश्र होगा जो आपदा घोटाले का हुआ था। श्री भट्ट ने कहा कि यदि सरकार पाक साफ है तो क्यों सी0बी0आई0 जाॅच कराने से डर रही है। षासन के एक सचिव के प्रकरण की जाॅच प्रमुख सचिव को देकर यह सरकार क्या साबित करना चाहती है। षासन में बैठे अधिकारी सरकार के निर्देषन पर कार्य करते हैं वह भला सरकार के खिलाफ रिपोर्ट कैसे दे सकता है। वह तो वैसी ही रिपोर्ट बनायेगा जैसे उसे ऊपर से निर्देष दिये जायेंगे, इससे पूर्व आपदा घोटाले की जाॅच अपने ही मुख्य सचिव को देकर सरकार यह पहले ही साबित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि यह तो दूध की रखवाली का कार्य बिल्ली को दे देना जैसा ही है। श्री भट्ट ने कहा कि यह सचिव मुख्यमंत्री के चहेते हैं, इसीलिए उन्हें बचाने का हरसम्भव प्रयास किया जा रहा है। यहाॅ तक कि केन्द्र से प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेष जारी करने के बावजूद सचिव, मो0 साहिद को जाॅच पूरी न होने का बहाना बनाकर तथा जाॅच पूरी होने तक उत्तराखण्ड में ही रहने का अनुरोध केन्द्र से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस सरकार ने भ्रश्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि यह सरकार भ्रश्ट नौकरषाहों को संरक्षण प्रदान कर देवभूमि को कलंकित करने का कार्य कर रही है, जिसे इस प्रदेष की जनता कतई माफ करने वाली नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री में तनिक भी नैतिकता बची होती तोे वह सबसे पहले अपना इस्तीफा देते तथा इस प्रकरण की सी0बी0आई0 जाॅच कराकर यदि निर्दोश साबित होते तो पुनः कुर्सी पर बैठते तो उचित होता लेकिन जब पूरी सरकार ही भ्रश्टाचार के दल-दल मंे फसी हो तो उसके पास अपने ही अधीन कार्यरत् नौकरषाह को जाॅच देकर और अपने को खुद ही क्लीन चिट देने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं है, इसलिए सरकार यह सब प्रपंच कर रही है।
अनिता ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में चल रहे स्पेशल ओलंपिक वल्र्ड समर गेम्स में 400 मीटर तेज चाल (फास्ट वॉक) में ऋषिकेश की अनीता चैहान ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। अनीता चैहान ऋषिकेश के ज्योति विशेष विद्यालय की छात्रा है और उत्तराखंड से छह सदस्यीय दल के साथ स्पेशल ओलंपिक वल्र्ड समर गेम्स के लिए लॉस एंजिल्स अमेरिका गई है। अनीता चैहान की कोच शशि राणा ने फोन कर बताया कि इससे पूर्व उत्तराखंड के ही दक्ष जोशी ने 500 मीटर टीम ट्रायल में कांस्य पदक जीता था। इस बार ज्योति विशेष विद्यालय से अनीता चैहान के अलावा अजय सिंह रावत का वालीबाल में स्पेशल ओलंपिक के लिए चयन हुआ है। वर्ष 2007 में चीन के संघाई में हुए स्पेशल ओलम्पिक में ऋषिकेश के कुलदीप नेगी ने पदक जीता था।
लो वोल्टेज को लेकर प्रदर्शन
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। विकासनगर क्षेत्र के यमुना विहार कालोनी में लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम के कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आप कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले कई दिनों से यमुना विहार क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। इसके चलते जहां बिजली के बल्ब मोमबत्ती की भांति टिमटिमाते हैं, वहीं बिजली के उपकरण शो पीस बने हुए हैं। ग्रामीणों ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता से क्षेत्र के लिए नया ट्रांसफार्मर लगाने की मांग भी की। प्रदर्शन करने वालों में आप नेता राजकुमार, भाष्कर चुग, मनोज, गुरु प्रसाद, देवीदयाल, वीपी बहुगुणा, हाशिम, मंजू रोतेला, अंजुल आदि शामिल थे।
आप ने किया प्रदर्शन
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। नगर निगम में भष्टाचार का आरोप लगाने के साथ ही विभिन्न समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने नगर निगम कार्यालय के समक्ष धरना दिया। आप कार्यकर्ता सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग भी कर रहे हैं। साथ ही उनका कहना है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। कभी टायर घोटाला तो कभी जमीनों की एनओसी निगम से दी जा रही है। साथ ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भी घपले हो रहे हैं। उन्होंने भष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग भी की। साथ ही मुख्यनगर अधिकारी व मेयर के खिलाफ नारेबाजी भी की।
स्व जगेंद्र स्वरूप की पुण्य तिथि पर स्मृति सभा आयोजित
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। गुरूवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में दयानंद शिक्षा संस्थान के तत्वाधान में स्व0 जगेंद्र स्वरूप की प्रथम पुण्य तिथि पर स्मृति सभा का आयोजन किया गया। पूर्व एमएलसी व दयानंद शिक्षा संस्थान के महामंत्री रहे स्व. जगेंद्र स्वरूप का भावपूर्ण स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरल, सहज जगेंद्र स्वरूप जी में लोगों में अपनत्व पैदा करने की अद्भुत क्षमता थी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि श्री दयानंद सरस्वती जी के दिखाए मार्ग पर चलकर स्व. वीरेंद्र स्वरूप व स्व. जगेंद्र स्वरूप ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया। वे एक महान विद्वान व शिक्षाविद थे। उन्हें विधायी ज्ञान बहुत था। ऐसे व्यक्तित्व को भूलना बहुत कठिन होता है। उनका लक्ष्य व स्वप्न आज भी उतना ही शाश्वत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में शिक्षा का स्वरूप प्रतियोगी हो गया है। हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा। शिक्षा में निजी भागीदारी जरूरी है, विशेषतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, हरबंस कपूर, मनोज तिवारी, डीएवी प्रबंध समिति के बी.रायजादा, ओपी कुलश्रेष्ठ, अशोक नारंग, डीएवी काॅलेज के प्राचार्य डा. देंवेंद्र भसीन, सीएम के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने भी स्व जगेंद्र स्वरूप को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जमीनी फर्जीवाडे के मामले में बनाया हिस्ट्रीशीटर
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। दून में पहली बार पुलिस ने भूमि संबंधित फर्जीवाड़े के मामले एक व्यक्ति को हिस्ट्रीशीटर बनाया है। पुलिस ने बताया कि प्रवीण गौड़ निवासी रायपुर ने पुश्तैनी जमीन को कई बार फर्जी तरीके से बेजकर लोगों से करोड़ों रुपये हड़प लिए हैं। पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोली है। एसआइटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गुरूवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए गढ़वाल रेंज के आईजी व एसआईटी प्रमुख संजय गुंज्याल ने बताया कि विगत 16 जून को रूद्रप्रयाग निवासी प्रेमदेई पत्नी पे्रम सिंह व दीपा राणा पत्नी संजय राणा ने एसआईटी में जमीनी फर्जीवाड़े के एक मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके अनुसार प्रेमदेई व दीपा राणा ने 27 जनवरी 2011 को प्रवीण गौड़ पुत्र वैनी प्रसाद निवासी नेहरूग्राम से दो प्लाट खरीदे थे। जिसके एवज में उन्होने प्रवीण गौड़ को 9 लाख रूपये देकर प्लाट की रजिस्ट्री अपने नाम कराई । एसआईटी प्रमुख गुंज्याल ने बताया कि महिलाओं का आरोप था कि कि प्रवीण गौड़ ने पैसे लेने के बाद भी उन्हे प्लाट पर कब्जा नहीं दिया। एसआईटी ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि प्रवीण गौड़ ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री 2006 में अपनी पत्नी के नाम से की है। जिस कारण प्रेमदेई व दीपा राणा को कराई गयी रजिस्ट्री फर्जी है। एसआईटी ने जांच के दौरान यह भी पाया कि प्रवीण गौड़ की पत्नी प्रियंका गौड़ ने वही भूमि अवैध तरीके से मंजू जैन पत्नी महेश जैन निवासी चकतुनवाला को 13 लाख में बेच दी है। जमीनी फर्जीवाड़ों मंे पति पत्नी दोनो की संलिप्तता पाते हुए एसआईटी ने उपरोक्त दोनो मामलों के आधार पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज करवा कर आरोपी प्रवीण गौड़ को गिरफ्तार कर लिया। जबकि आरोपी की पत्नी प्रियंका गौड़ फरार होने मे ंसफल हो गयी। जिसकी तलाश की जा रही है। डीआईजी संजय कुमार गुंज्याल ने बताया कि प्रवीन गौड़ और उसकी पत्नी प्रियंका गौड़ पर गैगस्टर की भी कार्यवाही की जायेगी।
चुडियाला में कैबिनेट बैठक कराने का किया स्वागत
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। महानगर महिला कांगे्रस कमेटी की अध्यक्ष कमलेश रमन की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन कर मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट की बैठक जनपद हरिद्वार के विधानसभा क्षेत्र भगवानपुर के चुडियाला में करवाये जाने का स्वागत किया। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह ऐतिहासिक कदम है, इससे विकास के साथ-साथ क्षेत्र में काम काम करे रहे कर्मचारी में भय का वातावरण रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा कांगे्रस सरकार से घबराई हुई है, उन्होेंने मुख्यमंत्री की प्रसंशा करते हुए कहा कि हरीश रावत एकमात्र ऐसे पहले मुख्यमंत्री है, जिन्होेने रात-दिन एक कर विकास कार्यांे को तीव्रता के साथ करने का काम किया है। रमन ने कहा कि भाजपा मात्र विरोध करना है करके विरोध करती है, उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है। इस अवसर पर रिमा दसौनी, सुशीला शर्मा, पुष्पा पंवार , चन्द्रकला नेगी, कृष्णा देवी किरन तिवाड़ी आदि महिलाएं उपस्थित रहीं।
स्टिंग ऑपरेशन प्रकरण में लीपापोती करने का आरोप
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर आपदा राहत घोटाले के बाद अब स्टिंग ऑपरेशन के प्रकरण में भी लीपापोती करने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि स्टिंग में फंसे आइएएस अफसर को बर्खास्त करने की बजाय उसे बचाया जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ नया कानून बनाने की बात कहकर जनता को गुमराह कर रहे हैं, जबकि यह कानून पूर्व से ही राज्य में लागू है। कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार की राह खोलने के लिए भाजपा शासनकाल में बने ऐसे भ्रष्टाचार निरोधी कानूनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहती है, तो उसे पिछली भाजपा सरकार के समय बने लोकायुक्त कानून, सिटीजन चार्टर एक्ट को लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव के स्टिंग ऑपरेशन में फंसने के बाद तत्काल उक्त अफसर को बर्खास्त किया जाना चाहिए, मगर सरकार उसे बचाने का काम कर रही है। प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने क बजाये लीपापोती में जुट गई है।
पांच रमसाकर्मी दूसरे दिन भी डटे रहे पानी के ओवरहेड टैंक पर
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। सेवा बहाली की मांग को लेकर पांच रमसाकर्मी कल से पवेलियन मैदान स्थित पानी के ओवरहेड टैंक में डटे हैं। पुलिस द्वारा उन्हें नीचे उतारने के काफी प्रयास किए गए लेकिन वे नीचे नहीं उतरे। पांच रमसाकर्मी गत दिवस सेवा बहाली की मांग को लेकर पानी के ओवरहेड टैंक में चढ़ गए थे। पुलिस-प्रशासन ने समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। टंैक के इर्द-गिर्द जाल भी लगाया और भारी पुलिस बल भी तैनात किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के तेवर देख पुलिस ने इरादा बदल दिया। बहरहाल, रमसा कर्मी अभी टंकी वहीं डटे हैं। जबकि साथी प्रदर्शनकारी टंकी के समीप ही धरना दे रहे हैं। सेवा बहाली की मांग को लेकर रमसाकर्मी चार माह से आंदोलनरत हैं। उनका कहना है कि वे चार साल तक सेवा में रहे। अब उन्हें अचानक बाहर कर दिया गया है।
तीन माह के भीतर करना होगा किसान कांग्रेस की इकाइयों का गठन
देहरादून, 30 जुलाई (निस)। प्रदेश किसान कांग्रेस की प्रांतीय, जिला, शहर और ब्लाक समेत तमाम इकाइयां भंग की गई हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन इकाइयों का नए सिरे से गठन होगा। किसान कांग्रेस की इकाइयों का गठन तीन माह के अंदर करने के पीसीसी अध्यक्ष द्वारा निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश कांग्रेस की पुरानी इकाइयां पहले ही भंग की जा चुकी हैं। अब प्रदेश किसान कांग्रेस की सभी इकाइयों को भंग किया गया है। इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह को लिखित निर्देश दिए हैं। पत्र में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तीन माह के भीतर प्रदेश किसान कांग्रेस की सभी इकाइयों का नए सिरे से गठन करने को कहा गया है। नई कार्यकारिणी में पार्टी के प्रति समर्पित और सक्रिय लोगों को स्थान देने पर खास जोर दिया गया है। पार्टी आगामी चुनाव के मद्देनजर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शुरू की गई योजनाओं के प्रचार-प्रसार और मतदाताओं में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए प्रदेश किसान कांग्रेस की तमाम इकाइयों की भूमिका अहम मान रही है।