बाबा मोहन उत्तराखण्डी का त्याग अविस्मरणीय: धीरेन्द्र प्रताप
देहरादून,8 अगस्त (निस)। उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष व दर्जा प्राप्त राज्य मन्त्री धीरेन्द्र प्रताप ने बाबा मोहन उत्तराखण्डी द्वारा गैरसैंण को उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर 38 दिवसीय उपवास के बलिदान दिए जाने की घटना को ‘महान त्याग’ की संज्ञा देते हुए,उत्तराखण्ड राज्य के नवनिर्माण में,उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया है। बाबा उत्तराखण्डी की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर यहां जारी एक बयान में धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि,उनका यथासभंव प्रयास रहेगा कि बाबा उत्तराखण्डी की शहादत का यथोचित सम्मान हो व इसके लिए,उन्होने मुख्यमन्त्री श्री हरीश रावत को पत्र लिखकर,गैरसैंण विधान सभा परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा लगाए जाने का सुझाव दिया है। प्रताप ने कहा,जब उत्तराखण्ड आन्दोलन चल रहा था उन्होने सतपुली में बाबा से भेट के दौरान,उन्हे उत्तराखण्ड सयुंकत सघंर्ष समिति का पौड़ी जनपद का सरक्षंक बनाया था,जो साथ अतं तक बना रहा। उन्होने कहा ‘गैरसैंण को राजधानी बनाने का उनका सपना,हम सबका सकंल्प है,जिसे हम पूरा करके रहेगें,और यही उन्हे सच्ची श्रद्वांजलि होगी।
संसाधनों के बीच कर्मचारियों के हितों के लिए तत्पर है सरकार: हरीश रावत
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के होते हुए भी कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने के लिए तत्पर है। राज्य कर्मचारियों की वाजिब मांगों को अवश्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार के स्तर पर राज्यों को सहायता की नीति स्पष्ट नहीं है। अभी अनिश्चय बना हुआ है कि विभिन्न योजनाओं में केंद्र से किस अनुपात में सहायता मिलनी है। यहां तक कि अभी एससी स्काॅलरशिप का पैसा भी केंद्र से नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय के लिए भी अपे्रल से केंद्र से कुछ भी राशि नहीं मिली है। यह बात शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट के दौरान कही। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य के विकास में कर्मचारियों की अहम भूमिका है। राज्य कर्मचारियों को नुकसान न हो, इसके लिए प्रयास किया रहा कि वेतन विसंगितियों के मामले जल्द से जल्द से हल कर लिये जाएं। परिषद के अध्यक्ष ठा0प्रह्लाद सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के निर्देश पर कर्मचारियों के अनेक मामलोें का निस्तारण कर दिया गया है। उन्होंने वेतन विसंगिति के लम्बित मामलों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमण्डल में अरूण पाण्डे, शक्ति प्रसाद भट्ट, नंद किशोर त्रिपाठी, ओमवीर सिंह, रेनु लाम्बा, सुनिता सरीन, सुशीला तोमर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
महंगाई के विरोध में कांग्रेसियों ने रैली निकाल किया प्रदर्शन
- -जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के विरोध में राजधानी देहरादून में केंद्र सरकार के खिलाफ रैली निकालकर प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर अुकंश लगाए जाने की मांग की गई है। सुबह 10 बजे महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस एवं एन.एस.यू.आई. के कार्यकर्ता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेस भवन में एकत्रित हुए। वहां से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली निकालते हुए जिला मुख्यालय कूच किया। रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र में भाजपा नीत सरकार का एक वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूर्ण होने पर पूरे देश की जनता अपने को ठगा सा महसूस कर रही है। विगत लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उनकी पार्टी के नेताओं ने जिस तरह से पूरे देश की जनता से वायदा किया था कि सत्ता में आने के सौ दिन के अन्दर महंगाई पर काबू किया जायेगा। केन्द्र सरकार को एक वर्ष से अधिक का समय बीतने के उपरान्त आज सभी भारतवासी अपने आप को छला व ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने देश की जनता का ध्यान बढ़ी हुई महंगाई की ओर आकर्षित किया था तथा जनता से यह वायदा था कि केन्द्र में सत्ता में आने के बाद देश की जनता को सभी वस्तुएं सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराई जायेंगी। परन्तु भाजपा के वरिष्ठ नेता अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के इस मुख्य मुद्दे से पूरी तरह से मुकर गये हैं तथा महंगाई घटने के बजाय सुरसा के मुंह की भांति बढ़ती जा रही है। केन्द्र सरकार के कार्यकाल को 14 माह का समय व्यतीत हो चुका है, परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा महंगाई की रोकथाम के लिए कोई कदम नही उठाया है। केन्द्र की भाजपा नीत सरकार ने सत्ता में आने के 100 दिन के अन्दर महंगाई पर काबू करने के वायदे के विपरीत एक वर्ष में दामों में डेढ़ से दो गुना बढ़ोत्तरी हुई है। श्री उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगातार घटने के बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा उस अनुपात में खुदरा बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी नहीं की गई, जबकि बढ़ती कीमतों का बोझ आम जनता पर डाला जा रहा है। कच्चे तेल की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों के अनुपात में कम की जानी चाहिए थी। यदि डीजल-पेट्रोल के दाम घटे हैं तो महंगाई क्यों नहीं घटी है। उन्होंने कहा कि पिछली यू.पी.ए. सरकार द्वारा आम आदमी को मंहगाई से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई खाद्यय सुरक्षा योजना जैसे कानून बनाने का काम किया जिसका उद्देश्य गरीब को भरपेट भोजन देना था, परन्तु भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आते ही इस योजना को बन्द कर गरीब आदमी के पेट पर लात मारने का काम किया है। गत एक वर्ष में आवश्यक वस्तुओं के दाम बेतहाशा बढ़े हैं। इसका कारण है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा बडे सरमायेदारों, जमाखोरों व मुनाफाखोरी को संरक्षण दिया जा रहा है। खाद्य पदार्थों जैसे आटा, चावल, दाल, खाद्यय तेल, सब्जी तथा फलों के मनमाने दाम वसूल कर देशकी जनता का शोषण किया जा रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण गरीब आदमी का जीना दूभर हो गया है तथा दो जून की रोटी की व्यवस्था करना भी उसके लिए कठिन हो गया है। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के शासन में अनाज उत्पन्न करने वाला किसान आत्म हत्या को मजबूर हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने यूपीए सरकार के कार्यकाल एवं भाजपा नीत सरकार के कार्यकाल में कीमतों में हुई वृद्धि का चार्ट भी ज्ञापन के साथ संलग्न करते हुए मांग की कि यू.पी.ए. सरकार द्वारा जो खाद्यय सुरक्षा कानून बनाया गया था उसे यथा रूप में लागू किया जाय तथा केन्द्र सरकार बडे व्यापारियों को लाभ पहुंचाने की बजाय आम जनता को राहत देने के लिए मंहगाई को काबू करे। प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट, महामंत्री आनन्द सिंह रावत, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रेदश कार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्र शाह, गोदावरी थापली, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, महेश प्रताप राणा, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, प्रवक्ता लखपत बुटोला, मधु सेमवाल, सुरेन्द्र रांगड़, आशा टम्टा, संतोष कश्यप, श्यामसिंह चैहान, कमलेश रमन, धर्म सिंह पंवार, ललित मोहन जोशी, लीला शर्मा, जसविन्दर गोगी, साबेज खान, अनन्द सुमन सिंह, अमरजीत ंिसह, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, लालचन्द शर्मा, हेमा पुरोहित, मधु थापा, सीमा, सरिता, शशिबाला, अंजना बालिया, राधिका शर्मा, कामिनी गोदियाल, पुष्पा पंवार, विशाल मौर्य, अरूण चमोली, गिरीश पुनेड़ा, चन्द्रकला, सरोज शर्मा, पायल बहल, किरन तिवारी, कमला देवी, पार्षद बीना बिष्ट, मीना बिष्ट, गंगा क्षेत्री, कृष्णा चैहान, विपुल नौटियाल, गौतम डोगरा, सुरेश बिष्ट, सुनील पंवार, सुलेमान अली, नासिर हुसैन, रामकुमार वालिया, अनुराधा तिवारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
जिलाधिकारियों को एहतियात बरतने के निर्देश
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को एडवाइजरी जारी कर लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जरूरी एहतियात बरतने के लिए कहा है। उन्होने संभावित खतरे वाले स्थानों पर विशेष निगरानी बरतने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही उन्होंने एसडीआरएफ को भी एलर्ट रहने के लिए कहा है।
अकूत संपति अर्जित करने वाले पत्रकारों की जांच हो
- -जर्नलिस्ट यूनियन ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। जर्नलिस्ट यूनियन आॅफ उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक पत्र भेजकर राज्य गठन के बाद ऐसे पत्रकारों की जांच की मांग की है जिन्होंने इस अवधि में अकूत सम्पति अर्जित की है। यूनियन के महामंत्री गिरीश पंत ने सीएम को भेजे पत्र में कहा कि मीडिया की आड़ में कुछ लोगों द्वारा स्टिंग आपरेशन के नाम पर पत्रकारिता को रसातल में पहंुचाने का कार्य किया जा रहा है। यूनियन ऐसे किसी भी कृत्य की घोर निन्दा करती है जिससे कि आम जनता के बीच पत्रकारिता जैसे पवित्र कार्य को कलंकित होना पड़े। उन्होंने कहा कि यूनियन का उद्देश्य सदैव पत्रकारों के हित संरक्षण केे साथ ही पत्रकारिता के उच्च आर्दशों की स्थापना करना है। यूनियन स्टिंग आपरेशन अथवा खोजी पत्रकारिता के कभी भी विरोध में नहीं रही है। यदि शासन प्रशासन में कहीं भी भ्रष्टाचार है तो उसे हर हाल में उजागर कर ऐसे भ्रष्टाचारियों को दंडित किया जाना चाहिए। निश्चित ही राज्य के चैथे स्तम्भ पत्रकारिता का यह पुनित कार्य है और यूनियन हमेशा इसका समर्थन करती रहेगी। उन्होंने चिंता जतायी कि उत्तराखंड बनने के बाद इस देवभूमि को साफ्ट टारगेट समझकर पत्रकारों के भेष में अवांछित तत्वों ने प्रवेश पा लिया जिन्होंने पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग कर अकूत सम्पति अर्जित की है। निश्चित ही इस राज्य में पत्रकारों को जिला एवं राज्य स्तरीय मान्यता दिये जाने के नियमों तथा अब तक राज्यस्तरीय मान्यता दिये जाने की समीक्षा करने की आवश्यकता है जिससे कि भविष्य में अवांछनीय तत्व मान्यता के नाम पर ब्लैकमेलिंग का व्यापार न कर सकें। उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य गठन के बाद ऐसे पत्रकारों की जांच की मांग की है जो इस अवधि में अकूत सम्पति के मालिक बने बैठे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए पीत पत्रकारिता को हतोत्साहित किया जाना जरूरी है।
चार जिलों के गठन का शासनादेश पुनर्जीवित करने की मांग
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को 204वां अनुस्मारक भेजकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय में चार जिले गठित करने के लिए जारी शासनादेश को फिर से पुनर्जीवित करने का अनुरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा गया है कि भाजपा सरकार की ओर से आठ दिसंबर 2011 को प्रदेश में रानीखेत, डीडीहाट, यमुनोत्री एवं कोटद्वार को जिला बनाने के संबंध में शासनादेश जारी किया गया था। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इस शासनादेश को किनारे कर दिया है। इस कारण सभी जिलों की क्षेत्रीय जनता की मांग अभी तक अधूरी ही है। उन्होंने कहा कि रानीखेत को जिला बनाने के लिए वर्षाे से क्षेत्रीय जनता संघर्ष कर रही है। लोगों को अपना काम कराने के लिए कई किमी दूर अल्मोड़ा मुख्यालय आना पड़ता है। इन सभी क्षेत्रों को जिला बनाने से स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी साथ ही इन क्षेत्रों में विकास को भी गति मिलेगी। वहीं एक बयान में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा आज भी शराब नीति को लेकर सरकार पर लगाए गए अपने आरोपों पर अडिग है। सरकार ने एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए अंडर टेबल एग्रीमेंट किया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से शराब नीति पर दिए गए फैसले के बारे में भाजपा को कुछ भी नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी इस मसले पर न्यायालय गई ही नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि कोर्ट ने यह नहीं कहा कि स्टिंग आपरेशन गलत है।
प्रदेश में धारा 371 लागू करने की मांग
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। उत्तराखंड क्रांति दल (ऐरी गुट) के केंद्रीय अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में नया भू-प्रबंधन लागू होना चाहिए, ताकि कृषि योग्य जमीन को बचाया जा सके। एक बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश में महज छह से नौ फीसद तक ही कृषि योग्य जमीन बची है। बड़े पैमाने पर विकास कार्य जनता की जमीनों पर कराए जा रहे हैं। जमीनों को बचाने के लिए उन्होंने उक्रांद के नीति पत्र 1992 के अनुसार राज्य में धारा 371 या उस जैसे भू-प्रबंधन कानून बनाने की मांग की। इसके साथ ही त्रिपाठी ने संगठन के ही नीति पत्र के मुताबिक प्रदेश में 23 जिले व कमिश्नरेट बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा कि इससे विकास का असुंतलन समाप्त हो जाएगा। प्रदेश की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कांग्रेस व भाजपा सरकार पर आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि दोनों ही दलों की सरकारों ने प्रदेश की प्रगति को बाधित करने का काम किया।
कांग्रेस घोषणा पत्र समीक्षा एवं प्रचार समिति की बैठक
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में प्रचार समिति की अध्यक्ष एवं काबिना मंत्री डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश के निवास पर घोषणा पत्र समीक्षा एवं प्रचार समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई। सरकार द्वारा विभिन्न पेंशन योजनाओं एवं मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ जैसी योजनाओं के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया कि आज तक जनहितकारी योजनाओं के जारी हुए शासनादेशों का संकलन करते हुए पुस्तिका बनाकर आम जनता की जानकारी के लिए प्रकाशित की जाय ताकि आम जनता को भी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों की जानकारी मिल सकें। बैठक में सरकार द्वारा पार्टी घोषणा पत्र पर अब तक हुए कार्यों तथा जो कार्य होने बाकी हैं उन पर विस्तार से चर्चा की गई। यह भी तय किया गया कि बची हुई घोषणायें जिन विभागों से सम्बन्धित हैं उनसे सम्बन्धित मंत्रियों को पार्टी स्तर पर भी स्मरण कराया जाय।बैठक में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने इस बात पर बल दिया कि सरकार की उपलब्धियों का शीघ्र संकलन तैयार कर कार्यकर्ताओं में उत्साह संचार करने के उद्देश्य से प्रचार समिति के माध्यम से ब्लाक व ग्राम स्तर तक पहुंचाया जाय जिसके लिए विधानसभा स्तर पर होने वाले ’बातचीत‘ कार्यक्रमों के माध्यम से कार्यकर्ताओं तक पहुंचाई जाए। बैठक में सर्वसम्मति से यह भी सुझाव आया कि युवाओं को खेल प्रतिभा से जोड़ने के लिए जनपद, ब्लाक स्तर पर मिनी स्टेडियमों का निर्माण करवाया जायेगा तथा महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं लघु उद्यमों के माध्यम से स्वरेाजगार से जोड़ा जाय तथा उनके उत्पादनों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए ठोस नीति बनाई जाय। नीति नियोजन समिति के अध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना घोषणा पत्र समीक्षा समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक रामंिसह सैनी, सदस्य सचिव याकूब सिद्धिकी, सुन्दरलाल मुयाल एवं महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान उपस्थित रहे।
मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने को कमेटी बनेगीः सीएम
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। फेडरेशन आॅफ पीटीआई एम्प्लाॅइज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व मीडिया के सेल्फ रेगुलेशन की आवश्यकता है। राज्य व देश के प्रति हम सभी को अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी और उसी के अनुरूप अपनी कमियों को स्वतः दूर करना चाहिए। प्रदेश में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश दुनिया के पर्यावरण में उŸाराखण्ड अहम योगदान दे रहा है। 65 फीसदी फोरेस्ट कवर के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा अग्रणी रहे उŸाराखण्ड को बहुत से लोग धर्म, पर्यावरण के नाम पर सीख देते हैं और यहां अनेक प्रकार के बैन लगाने की मांग करते हैं। राज्य में क्या-क्या नहीं किया जाए इसके बारे में विस्तार से कहा जाता है परंतु प्रदेश के विकास व आर्थिकी के लिए क्या किया जाए, इस पर मौन साध जाते हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उŸाराखण्ड को पर्यावरण की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध करवाने की बजाय इसे प्राप्त विशेष राज्य के स्तर को भी समाप्त कर दिया गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास में पब्लिक पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है। उŸाराखण्ड में हर संस्थान बिल्डिंग प्रोसेस में हैं। हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट होनी चाहिए कि देश व राज्य को किस तरफ ले जाना है। समय के साथ सिस्टम में बदलाव स्वाभाविक होता है परंतु सिस्टम के मूलभूत आधार नहीं बदले जाने चाहिए। इस अवसर पर फेडरेशन के चेयरमैन जोन गुन्जालविस, महासचिव एमएस यादव सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कृषि को बढ़ावा देने के लिए जनपदों के चुनिन्दा इण्टरकालेज बनगे कृषि केन्द्र: हरीश
देहरादून, 8 अगस्त (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी वाटर बाड़ी बनाने के साथ ही जल संवर्द्धन योजनाओं के अन्तगर्त चाल खाल व चेक डेम से सम्बंधित योजनाओं के क्रियान्वयन पर बल दिया है। उन्होने टिहरी झील का नाम श्री देव सुमन के नाम पर रखने सम्बंधी आदेश शीघ्र निर्गत करने के निर्देश जिलाधिकारी टिहरी को दिये। उन्होने टिहरी के सुरकंडा पब्लिक स्कूल में उर्दु विषय की स्वीकृति के साथ ही प्रदेश में 50 उर्दु अध्यापको की तैनाती के निर्देश भी सचिव शिक्षा को दिये है। सचिवालय में जनपद टिहरी की नरेन्द्रनगर, प्रतापनगर व टिहरी विधानसभा क्षेत्रों के लिये मार्च 2015 तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओ के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए उन्होने योजनाओं व निर्माण कार्यो के क्रियान्वयन की प्रगति पर सन्तोष व्यक्त किया। उन्होने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए जनपदो के 2-3 इण्टर कालेजो को कृषि केन्द्र के रूप मे विकसित करने के निर्देश भरसार औद्यानिक विश्वविद्यालय को दिये गये है। जिन स्कूलों में पर्याप्त रूप में कृषि भूमि उपलब्ध होगी वहां कृषि विषय खोलने पर विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पावकी देवी (नरेन्द्र नगर) में उप तहसील व महाविद्यालय, मुनि की रेती में स्टेडियम, कोडियाला में एलोपेथिक डिस्पेंशरी, तिमली जमोला में स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्वीकृति के साथ ही नरेन्द्रनगर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित करने को कहा। उन्होने तपोवन, ढ़ालावाला तथा मुनि की रेती में कामर्शियल बेस पर पार्किंग के निर्माण के निर्देश दिये। प्रतापनगर में राजीव गांधी अभिनव स्कूल, झील किनारे तीन सड़को की स्वीकृति के साथ ही डोबरा चांटी पुल का निर्माण कार्य 15 अगस्त से आरम्भ करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होने कहा कि कोरियन कम्पनी द्वारा डिजाइन दे दी है। उसके अनुसार तैयार की जा रही डीपीआर के अनुसार शीघ्र कार्य आरम्भ किया जाय। उन्होने झील में डूबे गांवो की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिये इन गांवों की सूची तैयार कर उनके साईनेज तैयार किये जाय। उन्होने सुगीतलासी में प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र की स्थापना, टिहरी झील से लगी सड़को पर सुरक्षात्मक उपाय करने, नकोट में पशु सेवा केन्द्र की स्थापना, टिहरी में बस डिपो की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही तीनो विधासभा क्षेत्रों के लिये सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा व खेल आदि से सम्बंधित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की । बैठक में पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, सभा सचिव एवं विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, विधायक नरेन्द्र नगर सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओमप्रकाश सहित सम्बंधित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव, विभागाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी टिहरी आदि उपस्थित थे।