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आर्थिक नाकामियों को छिपाने का प्रयास कर रही सरकार : कांग्रेस

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मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार अपने 'खराब प्रदर्शन'को छुपाने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित न होने का बहाना बनाकर अपनी 'आर्थिक नाकामियों'पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को सरकार की उन कोशिशों के लिए निशाने पर लिया, जिसमें जीएसटी को पारित करने पर जोर दिया जा रहा है। सिंघवी ने याद दिलाया कि यही बिल 'पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय लटका दिया गया था।' 

सिंघवी ने कहा, "जेटली ने जीएसटी को बहुत ज्यादा जनहित में पाया है। इसका अहसास उन्हें सात साल बाद हुआ है।"मई माह में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का प्रदर्शन खराब रहा है। चाहे कारखानों में उत्पादन का मामला हो या पूंजीगत माल की बात, आंकड़े पिछले साल की मई के मुकाबले नहीं ठहरते। सिंघवी ने कहा, "आप (सरकार) आर्थिक नाकामी पर पर्दा डालने के लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।"उन्होंने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के कुछ प्रावधानों का विरोध राष्ट्रहित में कर रही है। पार्टी चाहती है कि विधेयक प्रभावी रूप से सामने आए। 

खेल रत्न के लिए अपने नाम की सिफारिश से खुश हैं सानिया

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भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने अपना नाम प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए आगे किए जाने को लेकर मंगलवार को खुशी जाहिर की है। यह देश का सबसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार है। युगल में विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सानिया ने हाल ही में स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ विंबलडन खिताब जीता है। वह अब तक चार ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकी हैं। सानिया से पहले टेनिस के क्षेत्र से सिर्फ लिएंडर पेस का नाम इस पुरस्कार के लिए आगे किया गया था। पेस को यह पुरस्कार 1996 में मिला था। पेस ने अटलांटा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने के बाद यह सम्मान प्राप्त किया था।

28 साल की सानिया, जो इन दिनों टोरंटो में हिंगिस के साथ खेल रही हैं, ने टवीट करके अपनी खुशी जाहिर की है। सानिया ने ट्वीट किया है, "वाह..टोरंटो में स्वदेश से सबसे खास खबर के साथ नींद खुली। आप सबका धन्यवाद..आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।"सानिया को 2004 में अर्जुन पुरस्कार मिला था। इसके बाद 2006 में सानिया ने पद्मश्री हासिल किया था।

खेल रत्न के लिए सानिया का नाम आगे करने वाली अवार्ड समिति के अध्यक्ष केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीके बाली हैं। इस समिति में डोला बनर्जी, एमएम सौमाया और खेल मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी हैं। मंगलवार को इस बात के संकेत मिले हैं कि खेल मंत्रालय ने इस साल के खेल रत्न के रूप में सानिया के नाम को स्वीकार कर लिया है।

दलितों को भूमिहीन बनाए रखना चाहती है उत्तर प्रदेश सरकार : मायावती

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सूबे की समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार पर दलितों को आजीवन भूमिहीन बनाए रखने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा है कि दलितों को भूमिहीन बनाने की सपा की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। मायावती ने मंगलवार को एक बयान जारी कर यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दलितों की जमीन गैर दलितों को बेचे जाने संबंधी रोक को हटाकर सपा सरकार ने दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। गौरतलब है कि उप्र की सरकार ने दलितों की जमीन को गैर दलितों को बचने पर लगी रोक हटा ली है। इस प्रतिबंध के हटने के बाद अब कोई भी दलित अपनी जमीन को गैर दलित को बेच सकता। 

बसपा प्रमुख ने कहा, "दलित समाज के लोग इस देश में व्याप्त वर्ण व्यवस्था के कारण सदियों से ही भूमिहीन रहे हैं। आजादी के बाद इस शोषित वर्ग के लोग जो थोड़ी भूमि अपनी रोजी-रोटी के लिए अर्जित कर पाए हैं, उसे भी उत्तर प्रदेश की सपा सरकार अपनी जातिवादी सोच व जहरीली नीति के कारण उन दलितों से छीनकर उन्हें आजीवन भूमिहीन ही बने रहने को विवश करना चाहती है।"उन्होंने अपने बयान में कहा है कि इसी वजह से संबंधित कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा 4 अगस्त को पारित किया गया है।

मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश जमीन्दारी एवं भूमि व्यवस्था कानून, 1950 की धारा 157 (क) में स्पष्ट प्रावधान है कि अनुसूचित जाति के भूमिधर व्यक्ति जिलाधिकारी की पूर्व स्वीकृत के बिना दलित वर्ग के व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को न तो जमीन बेच सकते हैं और न ही दान, बंधक या पट्टा द्वारा अंतरित कर सकते हैं। बसपा प्रमुख ने कहा है कि कानूनी प्रतिबंध हटने के कारण दलित समाज के कुछ लोगों के पास थोड़ी भूमि बच पाई है, वरना इस वर्ग की ज्यादातर आबादी भूमिहीन हैं और खेतिहर मजदूरी व दैनिक मजदूरी करके अपना जीवन किसी प्रकार गुजर-बसर करने को विवश हैं।

मायावती ने आरोप लगाया है कि वर्तमान सपा सरकार का यह फैसला भी उन फैसलों जैसा ही है, जो बसपा सरकार बनने पर उसे फौरन ही रद्द कर कूड़े की टोकरी में डाल दिया जाएगा।  बसपा प्रमुख ने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी विधानमंडल सत्र के दौरान इस विधेयक का डटकर विरोध करेगी और इसे पारित होने से हर संभव रोकने का प्रयास करेगी।

जातीय जनगणना रिपोर्ट के लिए युवा राजद का राज्यव्यापी धरना

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केंद्र सरकार से जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी करने की मांग को लेकर मंगलवार को युवा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ताओं ने राज्यव्यापी धरना दिया। पटना के गर्दनीबाग में युवा राजद के धरना कार्यक्रम में प्रदेश युवा राजद अध्यक्ष आलोक कुमार मेहता, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता उपस्थित थे। मेहता ने धरनास्थल पर कहा कि जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी होने के बाद दबे-कुचले लोगों को लाभ मिलेगा तथा दलित परिवारों के लोगों केा सुविधा मिल पाएगी। 

वहीं, तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने जितने भी वादे लोकसभा चुनाव में किए थे, सभी भूल गए हैं। भाजपा यह जानती है कि जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी होने के बाद उसकी जमीन खिसक जाएगी। इसलिए इस रिपोर्ट को छुपा रही है। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। आलोक ने बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में युवा राजद के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। पटना के धरना में राजद के कई नेताओं ने भी भाग लिया। 

नीतीश के राजनीतिक 'डीएनए'की जांच रिपोर्ट जनता देगी : सुशील मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'डीएनए'के संदर्भ में दिए गए बयान को लेकर बिहार में सियासत गर्म है। बयान को लेकर जनता दल (युनाइटेड) जहां 'शब्द वापसी अभियान'शुरू किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राजनीतिक डीएनए की जांच चिकित्सक नहीं, जनता करती है। मोदी मंगलवार को पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "डीएनए की जांच पितृत्व जांच के लिए होता है। यदि नीतीश अपने कार्यकर्ताओं की जांच करवाना चाहते हैं तो करवाएं, लेकिन राजनीतिक डीएनए की जांच चिकित्सक नहीं, जनता करती है। नीतीश को थोड़ा सब्र करना चाहिए।" 

मोदी ने कहा कि दो महीने के बाद जनता चुनाव में नीतीश और लालू प्रसाद के राजनीतिक डीएनए की जांच रिपोर्ट देने वाली है। उन्होंने आगे कहा, "जनता नीतीश से उनके मुख्यमंत्रित्व काल के 25 महीनों का हिसाब मांग रही है, लेकिन असली मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए वे डीएनए का मुद्दा उठा रहे हैं।"इधर, जद (यू) प्रधानमंत्री के डीएनए के संदर्भ में दिए गए बयान के विरोध में 'शब्द वापसी अभियान'चला रही है। इसके तहत मंगलवार को पटना में महाधरना का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को 50 लाख लोगों के सैंपल भेजने की घोषणा की है। 

प्रधानमंत्री को 'कुछ भी बोलकर'निकलने नहीं देंगे : नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से कुछ भी बोलकर निकल जाएं, ऐसा नहीं चलेगा। उन्हें किसी भी बात को तार्किक अंत तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा, "बिहार के लोगों के 'डीएनए'में गड़बड़ी है नहीं, अब जांच करा लें। हम उन्हें 50 लाख लोगों के सैंपल भेज रहे हैं।"पटना में संवाददाताओं द्वारा 'डीएनए'के सैंपल भेजे जाने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अब यहां के लोग नाखून और बाल के रूप में सैंपल भेज रहे हैं। डीएनए में कुछ गड़बड़ है या नहीं, जांच करा लें।" 

उन्होंने कहा, "हमलोग इंतजार कर रहे थे कि मुजफ्फरपुर की रैली में प्रधानमंत्री ने डीएनए के संदर्भ में जो टिप्पणी की थी, उसे वे गया की रैली में वापस ले लेंगे। इस बारे में उन्हें पत्र भी लिखा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड) और कांग्रेस का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन बुधवार को होगा, जिसमें गठबंधन की आगे की रणनीति और कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। 

विचार : न्यायिकप्रणाली गुलाम भारत से भी अधिक भ्रष्ट !!!

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वर्त्तमान में भारतीय न्यायपालिका की जैसी स्थिति है , उसमें 95% से अधिक मामलों में न्याय शब्द अपने आप में एक मजाक बनकर रहजाता है । दोषी हो या निर्दोष सभी लोग न्यायपालिका रूपी आतंकवाद से त्रस्त हैं , यदि एकदो% न्याय मिलने की उम्मीद भी हो तो तबतक तो  व्यक्ति को पूरी तरह से तोड़ कर रखदिया जाता है । जाँच एजेंसी  के लोग जहां जाँच के समय मनमानी करते हैं , वहीं वकील तो चाहते ही नहीं की उनके मुबक्किल का केस कभी खत्म हो , क्योंकि जबतक"तारीख"मिलती रहेगी तबतक वकील साहेब का जेब भरता रहेगा , हद तो तब हो जाता  है जब अधिकतर सामान्य मामलों में या जो मामले अमूमन प्रोफेशनल मीडिया में नहीं होते  उन मामलों में सरकारी वकील तथा प्राईवेट वकील स्वार्थ के कारण मिलकर मनमानी करते हैं लेकिन कईबार तो प्रोफेशनल मीडिया में रहने वाले मामलों में भी शाजिश के तहत ये वकील आपस में मिलकर काम करते हैं  । 

इन सभी के मध्य अधिकतर ऑनेस्ट न्यायाधीश जहाँ खुद को लाचार महसूस करते हैं तो वहीं कई भ्रष्ट न्यायाधीश भी इस गोरखधंधे में खुद को सम्मिलित करलेते हैं, तथा बिना किसी वजह के भी गलत तरीके से  लाभान्वित होते ही मामलों को सालोंसाल लटका देते हैं   , अर्थात न्यायपालिका के बहुत से न्यायाधीश भी सैलरी के अतिरिक्त व्यक्तिगत फायदे के लिए भी कार्य करते हैं , जिसमें सर्वोच्चन्यायालय तक के भी कुछ जज सम्मिलित होते हैं । यह मेरा  व्यक्तिगत ससबूत अनुभव है , जिसे कोई चुनौती दे तो खुले मंच पर कहीं भी चुनौती स्वीकार करूंगा और मेरी बात यदि गलत पाई जाय तो जो सजा मिले मंजूर है । भ्रष्ट न्यायाधीशों के कुकर्म के कारण अच्छे तरह से न्याय करने वाले न्यायाधीश भी शंकित हो जाते हैं  । 

कुलमिलाकर वर्त्तमान की जो भारतीय न्यायिक प्रणाली है उसमें आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता है । अभी तो ऐसा लगता है की भारतीय न्यायपालिका पुलिस , वकील तथा न्यायाधीशों के मौज के लिए मात्र है , जो आम जनता के लिए गुलामी की न्यायिक प्रणाली से भी कहीं अधिक दुःखद इसलिए है की वर्तमान में जब देश गुलाम नहीं है तब जनता के साथ यह सबकुछ हो रहा है । 



आमोद शास्त्री , 
दिल्ली । 
मोब = 9818974495 & 9312017281

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घेराव 13 अगस्त को

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  • सूबे के तमाम जिले के महिला पर्यवेक्षिका होगी शामिल
  • समान कार्य का समान दाम देने का आग्रह

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पटना। आई.सी.डी.एस. के अन्तर्गत अनुबंध पर कार्यरत पूरे बिहार की महिला पर्यवेक्षिका दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी महिला पर्यवेक्षिका ( पटना जिला) दिनांक 11 अगस्त 2015 को जिला समाहरणालय में एकत्रित होकर जिला पदाधिकारी को अपना दस सूत्री मांग पत्र सौंप दिए। इसके बाद 13 अगस्त 2015 को बिहार राज्य के सभी जिलों की अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाएं, पटना में मुख्यमंत्री का घेराव करेंगी। 

 बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन ने जिलाधिकारी, पटना को 10 सूत्री मांगों की सूची सौंपा। बिहार सरकार के द्वारा श्रम कानून को तोड़कर अनुबंध पर कार्यरत आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिकाओं से 8 घंटे से भी अधिक समय तक कार्य लिया जाता है। कठोर श्रम करने वाली महिला पर्यवेक्षिकाओं को मानदेय के रूप में प्रतिमाह मात्र 12 हजार रू. ही भुगतान किया जाता है। इस बढ़ती मंहगाई में देय राशि ऊँट के मुंह में जीरा सदृश्य है। इधर से और उधर से कटौती करके घर परिवार चलाया जाता है। तभी घर को चलाना असंभव प्रतीत होता है। 

बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन की महासचिव पार्वती देवी का कहना है कि हमलोग चिलचिलाती धूप या बरसात जैसी विषम परिस्थितिथों में जान जोखिम में डालकर कार्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर समेकित बाल विकास परियोजनाओं को सफल करने में महिला पर्यवेक्षिकाएं जुटी रहती हैं। इसके अतिरिक्त विधि व्यवस्था में सहयोग, परीक्षा संचालन,मेला का आयोजन, निर्वाचन के सफल में सफल संचालन में भी योगदान करते हैं। इसके बावजूद भी महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ सरकार के द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है। 

बिहार राज्य आई.सी.डी.एस.महिला पर्यवेक्षिका एवं कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कुमार विन्देश्वर सिंह ने कहा कि 10 सूत्री मांगों को लेकर पटना जिले के सभी महिला पर्यवेक्षिकाएं दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। आज मंगलवार को पटना जिले के जिलाधिकारी को 10 सूत्री मांगों को सौंपा गया। यह है कि अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए शीघ्र नियमित किया जाय। स्थायी महिला पर्यवेक्षिका के वेतन के समान तत्काल मानदेय राशि दिया जाय। यात्रा भत्ता में वृद्धि की जाय। पांच लाख का जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दिया जाय। पेंशन, ग्रेच्युटी, अनुकम्पा एवं सभी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करायी जाय। चिकित्सा सुविधा, विशेषावकाश एवं अर्जित अवकाश दिया जाय। अतिरिक्त कार्य हेतु अतिरिक्त भत्ता तथा आई.सी.डी.एस. के अलावा अन्य कार्य न लिया जाय। लम्बित मानदेय का शीघ्र भुगतान किया जाय। अवधि विस्तार सिस्टम समाप्त किया जाय और अंत में प्रोविडेंट फंड एवं सेवा पुस्तिका सुविधा दिया जाय। 

यूनियन के अध्यक्ष कुमार विन्देश्वर सिंह ने  आगे कहा कि आई.सी.डी.एस. के अन्तर्गत अनुबंध पर कार्यरत पूरे बिहार की महिला पर्यवेक्षिका दिनांक 8 अगस्त 2015 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी महिला पर्यवेक्षिका ( पटना जिला) दिनांक 11 अगस्त 2015 को जिला समाहरणालय में एकत्रित होकर जिला पदाधिकारी को अपना दस सूत्री मांग पत्र सौंप दिए। इसके बाद 13 अगस्त 2015 को बिहार राज्य के सभी जिलों की अनुबंध पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाएं, पटना में मुख्यमंत्री का घेराव करेंगी। 




आलोक कुमार 
बिहार 

विशेष आलेख : बूढ़े स्वतन्त्रता वीर लायक सिंह ने अंग्रेजों के दरोगा का कर दिया था सिर कलम

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उरई। प्रथम  स्वाधीनता संग्राम में कूदने वाले बूढ़े शेर लायक सिंह का कोई सानी नहीं है। इसके बावजूद आजादी के बाद उनके वंशजों का पता लगाने की जरूरत आजाद भारत की सरकार ने आज तक नहीं समझी।  प्रथम स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम रणबांकुरों पर शोध करने वाले वयोवृद्घ इतिहासकार डा.देवेन्द्र कुमार सिंह ने क्षेत्रीय अभिलेखागार इलाहाबाद में 1857 की लड़ाई के समय के अंग्रेजों द्वारा सुरक्षित किये गये दस्तावेजों के आधार पर लायक सिंह के रोमांचित कर देने वाले बलिदानी पराक्रम को उजागर करने का काम किया है। जिस समय 1857 की क्रान्ति हुई लायक सिंह की उम्र 70 वर्ष हो चुकी थी। इसके बावजूद स्वतन्त्रता संग्राम की ज्वाला धधकते ही वे भी भदेख के राजा परीक्षत, जालौन की ताई बाई और बिलायां के बरजोर सिंह के साथ सिर पर कफन बांधकर अंग्रेजी फौज के साथ दो-दो हाथ करने को तलवार लेकर निकल पड़े। यही नहीं बाद में तात्याटोपे के साथ वे इतनी अधिक उम्र होने के बावजूद कानपुर में छिड़े महासंग्राम में पहुंच गये। क्रान्ति के दमन के बाद भी लायक सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और बरजोर सिंह के साथ जनपद में क्रान्ति की ज्योति को जलाये रखा। 

अगस्त 1858 में बरजोर सिंह के साथ लायक सिंह ने क्रान्तिकारियों की शक्ति का प्रदर्शन करने के लिये फिरंगियों के इकबाल की धज्जियां उड़ाकर जालौन कस्बे में भारी लूटपाट की। डिप्टी कमिश्नर टरनन जो कि अपने आपको बहुत बड़ा तीसमार खां समझता था। उसे चुनौती देने के लिये लायक सिंह ने इस दौरान जालौन के थानेदार तुराव अली का सिर कलम कर दिया। बायेंं हाथ में चोट के निशान और लाल आंखों वाले इस वृद्घ क्रान्तिकारी को पकडऩे में नाकाम रहने पर फिरंगी सरकार को उनके लिये एक हजार रुपये के इनाम की घोषणा करनी पड़ी। फिर भी उनका पता नहीं चला। बाद में चिढक़र फिरंगियों ने उनकी सम्पत्ति जब्त कर ली और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। आजादी के बाद लायक सिंह के वंशजों को तलाश कर उन्हें सम्मानित करने की पहल होनी चाहिये थी लेकिन ब्रिटिश सरकार की नाराजगी को लेकर कई दशकों तक छुईमुई बनी रही स्वदेशी सरकार ने जानबूझ कर इसके लिये कोई कोशिश नहीं की और अब जबकि पूरा एक युग गुजर चुका है तो लायक सिंह के वंश का सूत्र तलाशना असंभव कार्य हो गया है। 

जालौन के पास मड़ोरी के निवासी कलन्दर सिंह ने भी क्रान्ति में काफी भागीदारी की थी। इनकी सम्पत्ति जब्त कर इन्हें जिन्दा या मुर्दा पकडऩे के लिये 200 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। कुरसेंंड़ा के निवासी शोभा सिंह का भी इतिहास इसी तरह का है। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के वीरों की कहानी इतिहास में दफन कर दी जाने  की करतूत स्वदेशी सरकारों के लिये हमेशा कलंक की मानिन्द बनी रहेगी।



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के  पी  सिंह
ओरई 

पन्ना बना वन्य प्राणी संरक्षण की पाठशाला

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मध्य प्रदेश में वन्य-जीव संरक्षण के लिए चल रहे काम पर राज्य वन्य-प्राणी संरक्षण बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक में मौजूद वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने पन्ना को दुनिया के लिए वन्य प्राणी संरक्षण की पाठशाला बताया। बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वनवासी परिवारों की आजीविका भी वन्य-जीव संरक्षण के साथ-साथ जरूरी है। बेहतर वन्य-जीव प्रबंधन से वन्य-जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। ऐसे में उनके रहवास का दायरा बढ़ाने के लिए नियोजन की अग्रिम रणनीति बनानी होगी। वन्य-जीवों और उनके रहवास को बचाने के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है।

बैठक में बताया गया कि राज्य पशु बारहसिंगा की संख्या कुछ समय पहले 60 थी। बेहतर प्रबंधन से अब इनकी संख्या 600 तक पहुंच गई है। इसी साल सात बारहसिंगा को कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर राष्ट्रीय वन विहार, भोपाल में बसाया गया। इसी प्रकार, बांधवगढ़ से भी नर और मादा बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाया गया। बिना किसी नुकसान के चीतलों का पुनर्वास किया गया। पन्ना में बाघों की संख्या शून्य से 30 तक बढ़ जाने को विशेषज्ञों ने अभूतपूर्व उपलब्धि बताया।

बाघ संरक्षण विशेषज्ञ और बोर्ड की सदस्य बिलिंडा राइट ने बताया कि कजाकिस्तान और कंबोडिया में भी पन्ना के बाघ संरक्षण की चर्चा है। पन्ना ने अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्य-जीव संरक्षण की पाठशाला का दर्जा हासिल कर लिया है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी ट्रिप एडवाईजर ने उत्कृष्टता का प्रमाण-पत्र दिया है।

उल्लेखनीय है कि पन्ना का राष्ट्रीय उद्यान एक समय में बाघ विहीन हो गया था, लेकिन यहां बांधवगढ़ व कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बाघों को लाकर उनका पुनर्वास किया गया। यह परियोजना सफल रही, नतीजतन अब यहां बाघों की संख्या 30 को पार कर चुकी है।

ललित मोदी प्रकरण पर चर्चा के लिए तैयार : सरकार

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केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि वह कांग्रेस की मांग को देखते हुए लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव के तहत ललित मोदी प्रकरण पर चर्चा कराने की इच्छुक है। लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को शुरू होने पर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक स्थगन प्रस्ताव रखा। सरकार ने इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा, जिसमें वोट का प्रावधान नहीं है। पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "कृपया इनका स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करें। सदन का कामकाज स्थगित करें और इस मुद्दे पर चर्चा कराएं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में सिर्फ विपक्ष के सदस्यों को बोलने दिया जाए।"

सुषमा ने कहा, "लेकिन मेरी सिर्फ इतनी दरख्वास्त है कि जब मैं जवाब दूं तो इसे सुनने के लिए वे सभी सदन में मौजूद रहें।"केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने भी कहा कि सरकार ललित मोदी प्रकरण पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार है। खड़गे ने हालांकि कहा कि चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सदन में उपस्थित होना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद।

उन्होंने कहा, "मैं इसकी इजाजत नहीं देती, लेकिन अगर सब चाहते हैं, तो ऐसा किया जा सकता है। लेकिन प्रक्रिया के तहत ऐसा सिर्फ प्रश्नकाल समाप्ति के बाद ही हो सकता है।"कांग्रेस ने हालांकि इससे असहमति जताई प्रश्नकाल स्थगित कराने का दवाब डाला। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने अध्यक्ष की आसंदी के करीब एकत्र होकर नारेबाजी शुरू कर दी। 

दयानिधि मारन को सर्वोच्च न्यायालय से राहत

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सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को राहत देते हुए कथित टेलीफोन एक्सचेंज मामले में उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी। न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को वर्ष 2013 से इस मामले में कुछ न कर पाने के लिए फटकार लगाई।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि इसने उत्तर प्रदेश में 8,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन करीब दो करोड़ रुपये के बकाया बिल के मामले में वह मारन को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की मांग कर रही है।

न्यायालय ने सीबीआई से मारन की याचिका पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को अपनी अग्रिम जमानत रद्द किए जाने को चुनौती दी है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 14 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।

राजद-जद (यू) 100-100 सीटों पर लड़ेंगे : नीतीश

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बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि कांग्रेस को गठबंधन ने 40 सीटें दी हैं। इस बात की घोषणा आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में की। तीनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतीश कुमार के डीएनए को लेकर की गई टिप्पणी वापस लेने की मांग दोहराते हुए 30 अगस्त को बिहार स्वाभिमान रैली के आयोजन की घोषणा की।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार स्वाभिमान रैली पटना के गांधी मैदान में आयोजित होगी। ये तीनों पार्टियों का संयुक्त कार्यक्रम होगा। नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति हो चुकी है। जेडीयू-आरजेडी सौ-सौ सीटों पर और कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा बन चुके हैं। 30 तारीख को बिहार स्वाभिमान रैली में कांग्रेस नेतृत्व भी भाग लेगा। हालांकि कौन-कौन पार्टी की तरफ से रैली में शामिल होगा इसका फैसला अभी नहीं किया गया है।

आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि भाजपा में कौन मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होगा ये भी अभी तक तय नहीं हुआ है। पीएम मोदी को समझना चाहिए कि उनकी भाषा को बिहार के लोग समझ रहे हैं। हम देश को टुकड़े-टुकड़े होने से बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। लालू ने कहा कि 30 अगस्त की रैली का स्वाभिमान रैली नाम इसलिए रखा गया क्योंकि नीतीश कुमार का अपमान किया गया। नीतीश कुमार पूरे बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इसका जवाब बिहार की जनता देगी।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (12 अगस्त)

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प्रोजेक्ट उदिता काॅर्नर का भव्य शुभारंभ, संवादहीनता खत्म कर शतप्रतिषत किषोरियों को जागरूक करें - मंत्री श्रीमती माया सिंह 

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सीहोर जिले के बुदनी नगर परिषद के अंबेडकर वार्ड स्थित नवनिर्मित आंगनवाड़ी केन्द्र भवन तथा प्रोजेक्ट उदिता काॅर्नर का शुभारंभ करते हुए प्रदेष की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व में प्रदेष सरकार ने महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने के लिये अनेक योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन सुनिष्चित किया। इसी कड़ी में किषोरी बालिकाओं में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देष्य तथा उनमें माहवारी के समय सेनेटरी नेपकिन के प्रयोग को प्रचलन में लाने की दृष्टिकोण से प्रोजेक्ट उदिता काॅर्नर की स्थापना की जा रही है । उन्होंने आगे कहा कि माताऐं किषोरियों से संवादहीनता खत्म कर सभी को सेनेटरी नेपकिन के उपयोग हेतु जागरूक करें तथा उन्हें स्वच्छता संबंधी आवष्यक बातें भी बतायें। श्रीमती सिंह ने कहा कि बाल कुपोषण, महिला/बालिका कुपोषण व स्वच्छता आदि में समाज के सभी लोग सहभागिता की भावना रखें तभी ये बुराइयां दूर हो पायेंगी। उन्होंने बताया कि प्रदेष में विभिन्न स्थलों पर 208 आॅटोमेटिक वेडिंग मषीन लगाई जा चुकी हैं शीघ्र ही 240 मषीनें और लगाई जा रही हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव महिला बाल विकास विभाग श्री जे एन कंसोटिया ने कहा कि यह बहुत ही अच्छी शुरूआत है प्रोजेक्ट उदिता के दूरगामी सकारात्मक प्रभाव दृष्टिगोचर होंगे। इस अवसर पर आयुक्त एकीकृत बालविकास सेवा श्रीमती पुष्पलता सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि माहवारी के दौरान अस्वच्छ कपड़ों के प्रयोग से प्रजनन स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव होते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि एक शोध के अंाकड़ों के अनुसार देष में 23 प्रतिषत किषोरियां प्रथम माहवारी के पश्चात स्कूल जाना छोड़ देती हैं,  केवल 12 प्रतिषत सेनेटरी नेपकिन का प्रयोग करती हैं, 10 प्रतिषत माहवारी के दौरान अस्वच्छ कपड़ों के प्रयोग से बीमार होती है। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट उदिता पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ग्वालियर, इंदौर, झाबुआ, नरसिंहगढ़, मुरार, महू, बुरहानपुर व बुदनी में चल रहा है। श्रीमती सिंह ने कहा कि माह के चैथे मंगलवार को प्रत्येक आंगनवाड़ी में किषोरी दिवस मनाया जाता है उस दिन किषोरियां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से अपनी समस्याऐं, जिज्ञासाऐं व शंकाओं का समाधान प्राप्त कर  उचित मार्गदर्षन पा सकती हैं। उन्होंने बताया कि आंगनवाडि़यों में वेडिंग मषीन से सेनेटरी नेपकिन का सेट (3 नेपकिन) 10 रूपये में उपलब्ध रहेगा इसमें से कुछ अंष राषि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जायेंगी। उन्होंने आगे बताया कि अच्छी गुणवत्ता के सेनेटरी नेपकिन उत्पादन हेतु स्थानीय महिला स्वसहायता समूहों को प्रषिक्षित किया जायेगा तथा स्कूल, काॅलेज व आंगनवाडि़यों में उपलब्धता सुनिष्चित की जायेगी । कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्रीमती सिंह ने कन्या उ.मा.वि. बुदनी के प्राचार्य को विद्यालय में प्रयोग हेतु वेडिंग मषीन प्रदान की उन्होंने प्रोजेक्ट उदिता प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किये तथा आंगनवाड़ी केन्द्र में वृक्षारोपण भी किया। अंत में आभार प्रदर्षन करते हुए कलेक्टर डाॅ सुदाम खाड़े ने आष्वस्त किया कि जिले में महिला एवं बालविकास की सभी योजनाओं का तत्परता के साथ परिणाममूलक क्रियान्वयन सुनिष्चित किया गया है तथा प्रोजेक्ट उदिता को शासन की मंषानुरूप  क्रियान्वित करते हुए शतप्रतिषत किषोरियों को लाभांवित किया जायेगा । कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधी, एचएलएल लाइफ केयर कंपनी के महाप्रबंधक श्री मोहनदास नायर,  अपर कलेक्टर श्री केदार सिंह, जिला परियोजना अधिकारी श्री राजीव सिंह सहित अन्य शासकीय सेवक तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे ।  

‘‘एड्स के बारे में युवाओं की जागरूकता’’ : ‘चंद्रशेखर आजाद महाविद्यालय में परिचर्चा का आयोजन’

अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर जिले के अग्रणी महाविद्यालय में ष्भ्प्ट. ।प्क्ै के बारे में युवाओं की जागरूकता का महत्व’’ विषय पर केन्द्रित परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डाॅ. व्ही.के.शुक्ल ने दीप प्रज्जवलन के साथ किया। कु. कलावती जाटव एवं कु. कुमकुम उपाध्याय ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। रेड रिबन क्लब के संयोजक प्रो. एन.एम.कुरैशी ने स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।  अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. व्ही.के.शुक्ल ने कहा कि युवा एक विचार है, एक जज्बा है इस नाते हम सब युवा हंै। युवाओं में ऊर्जा के साथ अनुशासन जरूरी है। आपकी ऊर्जा समाज, देश व मानवता को नई ऊचांई दे सकती है और यही युवाओं की शक्ति भी है। सामाजिक मर्यादाएं और नियम जीवन को अनुशासित करने के साथ हमें उत्श्रृंखल और स्वच्छंद होने से रोकते हैं। किसी भी समस्या से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपाय जरूरी है। इस अवसर पर डाॅ. भुवनेश्वरी स्वामी ने सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एड्स रोगियों के साथ समाज के व्यवहार एवं स्थिति पर अपनी बात रखते हुए एड्स के महामारी के रूप में फैलने संबंधी तथ्यों को प्रस्तुत किया। डाॅ. गीता वर्मा ने एड्स के कारण, लक्ष्ण एवं बचाव के संबंध में विस्तार से चिकित्सा शास्त्रीय दृष्टिकोण को रखा। छात्र सुनील भारती ने कहा कि एड्स से हम लड़ सकते हैं और आगे भी लड़ेंगे, केवल बचाव एवं जागरूकता की आवश्यकता है। कु. कलावती जाटव ने एड्स के कारणों की चर्चा करते हुए एड्स पीडि़तों की मदद करने वाली संस्थाओं की जानकारी दी। कमल सेन ने ग्रामीण क्षेत्रों में एन.एस.एस. इकाई के माध्यम से जागरूकता की बात कही। प्रमोद शर्मा ने एड्स विषयक जागरूकता को लेकर विद्यार्थियों की भूमिका के बारे में बताया। सभागार में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों एवं स्टाॅफ की उपस्थिति में कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन संयोजक डाॅ. राजकुमारी शर्मा ने किया। परिचर्चा के उपरांत विद्यार्थियों के लिए एड्स पर केन्द्रित शिक्षाप्रद फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 अगस्त)

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स्थाई प्रकृति के कार्यों के लिए मिली मंजूरी
  • अर्द्धकुम्भ के लिए जारी हुए 178 करोड़ रूपये के बाद 32 करोड़ 70 लाख रूपये

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देहरादून, 12 अगस्त (निस)। अर्द्धकुम्भ हरिद्वार 2016 के लिए गठित हाई एम्पावर्ड कमेटी की सचिवालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने 32.7 करोड़ रूपये के स्थाई प्रकृति के कार्यों की मंजूरी दी। इससे पहले 178 करोड़ रूपये जारी किये गये थे। इस धनराशि से अर्द्धकुम्भ के कार्य तेजी से चल रहे हैं। मुख्य सचिव श्री शर्मा ने निर्देश दिये कि हर हाल में एक हफ्ते के अन्दर यह धनराशि जारी कर दी जाय। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को मौके पर जा कर निरीक्षण करने और तय समयावधि में कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिये। बैठक में बताया गया कि सिंचाई विभाग गौरी शंकर क्षेत्र में सिद्धबली मंदिर से नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग और चंडीघाट पार्किंग तक सड़क सुधार कार्य करेगा। इसके अलावा स्थाई प्रकृति के कार्यों में दुधिया बंध रोड का सुधार कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग से भीमगौड़ा बैराज के दोनों ओर सड़क सुधार का कार्य, विभिन्न स्थानों पर 3 रैम्प्स का निर्माण और हरि की पैड़ी तथा अर्द्धकुम्भ के और क्षेत्रों में निर्मित घाटों पर पानी की आपूर्ति के लिए गंगनहर में डिसिल्टिंग और समय-समय पर गंगा नदी में डायवर्जन का कार्य किया जायेगा। इसके साथ ही कनखल क्षेत्र में शिवडेल स्कूल के पीछे रजवाहे पर पुलिया और पैराफीट का निर्माण, जगजीतपुर माइनर से बांई ओर सड़क सुधार कार्य, शिल्ट इजेक्टर के दाहिने किनारे पर सड़क सुधार, मां योग शक्ति मार्ग का सुधार, बैरागी कैम्प रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग से आयरिश ब्रिज तक सड़क मरम्मत, सिंहद्वार ब्रिज से खन्ना नगर, मायापुर रोड से विद्युत सब स्टेशन और अर्द्धकुम्भ के सभी क्षेत्रों में बने घाटों, पुलों तथा अन्य संरचनाओं पर एसए एंगिल, एमएस चेन, हुक, टाइल्स, स्टोन, रेलिंग आदि की मरम्मत का कार्य किया जायेगा। सचिव शहरी विकास डी. एस. गब्र्याल ने बताया कि नगर पालिका मुनि की रेती में खारा स्रोत बाईपास मार्ग पर बस पार्किंग का निर्माण किया जायेगा। नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक में प्रेमवर्षां आश्रम से मातेश्वरी अस्पताल होते हुए ऋषिकेश हेरिटेज आश्रम तक सीसी रोड, लक्ष्मणझूला मुख्य मार्ग से गंगा लाइन मुख्य मार्ग को जाने वाले मार्ग तक सीसी सड़क निर्माण और नगर क्षेत्र में पथ प्रकाश व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा तपोवन क्षेत्र में लक्ष्मण झूला में सीसी मार्ग, कार पार्किंग का अतिरिक्त कार्य, शौचालय निर्माण और तपोवन-लक्ष्मण झूला क्षेत्र में पथ प्रकाश व्यवस्था की जायेगी। बैठक में बताया गया कि वन विभाग द्वारा राजमार्ग 74 से चंडीदेवी तक पैदल मार्ग की मरम्मत का कार्य किया जायेगा। राजाजी नेशनल पार्क में मनसा देवी पैदल मार्गों पर यात्री शेड की मरम्मत, मायापुर पूर्वी बीट में मनसा देवी क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने और टंकियों की मरम्मत और मनसा देवी मंदिर की सुरक्षा के लिए रिटेनिंग वाल बनाई जायेगी। इसके अलावा पर्यटन विभाग अतिथि गृह का निर्माण और ऋषिकेश शहर में संचालित शौचालयों के सुदृढ़ीकरण का कार्य करेगा। परिवहन विभाग हरिद्वार और रूड़की बस स्टैण्डों     की मरम्मत का कार्य करेगा। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण पंतद्वीप क्षेत्र में कावड़ अर्द्धकुम्भ के लिहाज से 1.50 किमी सीसी सड़क का निर्माण और चीला मार्ग से गौरीशंकर मार्ग को जाने वाले जन्सन पोईंट का चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण करेगा। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग 6 लाइफ सपोर्टिंग एम्बुलेन्स, 15 छोटी इको एम्बूलेन्स, स्थाई बेस चिकित्सालय का आधुनिकीकरण, मक्खी-मच्छर नियंत्रण के लिए उपकरण की व्यवस्था की जायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव एस. राजू, प्रमुख सचिव पर्यटन उमाकांत पंवार, सचिव सिंचाई आनन्द वर्धन, सचिव लोक निर्माण विभाग अमित नेगी, मेला अधिकारी वी. मुरूगेशन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

सूचना देने से पहले कर दी लीक
  • उत्तराखण्ड ही नहीं भारत में लीक होने का पहला मामला
  • मुनस्यारी विकास खण्ड के लोक सूचना अधिकारी का कारनामा

पिथौरागढ़। 12 अगस्त(निस)। मुनस्यारी के विकास खण्ड कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने आवेदक द्वारा सूचना अधिकार के लिए दर्ज किये गये आवेदन पत्र को लीक कर दिया। उत्तराखण्ड ही नहीं यह भारत में पहला मामला है जब लोक सूचना अधिकारी ने आवेदक द्वारा जिस पक्ष की सूचना चाही थी उसी पक्ष को सूचना अधिकार का आवेदन दे दिया गया और उस पक्ष ने अपने फेसबुक एकाउन्ट में आवेदन पत्र का सार्वजनिक कर दिया। इस मामले की षिकायत आज उत्तराखण्ड सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त को भेज दी गयी है। आरटीआई कार्यकर्ता जगत मर्तोलिया ने आज यहां पत्रकारों को जारी लिखित बयान में बताया कि खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय मुनस्यारी के लोक सूचना अधिकारी को 30 जुलाई 2015 को एक बिन्दु पर सूचना मांगने के लिए आवेदन पत्र जमा किया गया था। लोक सूचना अधिकारी ने आवेदन पत्र के जमा होने के तिथि को ही जिस पक्ष की सूचना चाही गयी थी। उसी पक्ष के व्यक्ति को आवेदन पत्र दे दिया। उस व्यक्ति अपने फेसबुक एकाउन्ट में आवेदन पत्र को सार्वजनिक कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता जगत मर्तोलिया ने दावा किया कि यह उत्तराखण्ड ही नहीं भारत का पहला मामला है जब लोक सूचना अधिकारी ने सूचना अधिकार अधिनियिम 2005 के तहत मांगी गयी सूचना के आवेदन पत्र को लीक कर दिया। उन्हांेने बताया कि आज इस बात की षिकायत राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को ईमेल,फैक्स और स्पीड पोस्ट तीनों माध्यमों से कर दी गयी है। उन्हांेने कहा कि सूचना लीक होने के बाद जिस पक्ष की सूचना चाही गयी थी उससे तथा उसके समर्थकों से उन्हें जानमाल का खतरा पैदा हो गया है। पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक को भी इस आषय का पत्र आज सौंपा गया। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट तथा आरटीआई के प्राविधानों के अनुसार लोक सूचना अधिकारी सूचना अधिकार के आवेदन पत्र को इस तरह से लीक नहीं कर सकता है। उसकी गोपनीयता रखने के लिए आयोग ने कड़े प्राविधान बनाये है। उन्होंने कहा कि आयोग में आज की गयी षिकायत में लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ कड़ी विधिक कार्यवाही करने की मांग की गयी है। इस मामले में वे न्यायालय का दरवाजा भी खटखटायेंगे। 

बिहार में भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा'शुरू

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bjp-bihar-pariwartan-yatra-startsबिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को राज्य के चार स्थानों से 'परिवर्तन यात्रा'प्रारंभ की। तीन स्थानों से केन्द्रीय मंत्रियों ने, जबकि एक स्थान से झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि बुधवार को भाजपा के दिग्गज नेताओं ने राज्य की चार जगहों से परिवर्तन यात्रा को रवाना कर दिया है। यह यात्रा राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी।  तिरहुत सारण क्षेत्र के लिए सोनपुर से, भागलपुर क्षेत्र के लिए राजगीर से, मिथिला और कोसी क्षेत्र के लिए समस्तीपुर के दलसिंहसराय तथा पटना-मगध क्षेत्र के लिए बिहटा से परिवर्तन रथों को रवाना किया गया। 

पांडेय ने कहा, "सोनपुर से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने परिवर्तन रथ को रवाना किया। यह परिवर्तन यात्रा बिहार भाजपा के नेता सुशील मोदी के नेतृत्व में होगी, जिसमें उनके साथ सांसद जनक चमार और विधान पार्षद सत्येंद्र कुशवाहा होंगे।"राजगीर में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने परिवर्तन रथ को हरी झंडी दिखाई। भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे कर रहे हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, सांसद अरुण कुमार और भाजपा नेता सी़ पी़ ठाकुर भी मौजूद थे। 

मिथिला एवं कोसी के लिए समस्तीपुर के दलसिंहसराय से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी परिवर्तन रथ को हरी झंडी दिखाई। भाजपा की इस यात्रा का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह कर रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री रामपाल यादव, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता अनिल चौधरी मौजूद थे।  मगध-पटना क्षेत्र के लिए चौथी परिवर्तन यात्रा को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राजीव प्रताप रूड़ी कर रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के ललन पासवान और लोजपा के रामचंद्र पासवान मौजूद रहे। 

नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं नीतीश : गिरिराज

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केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गिरिराज सिंह ने बुधवार को जनता दल (युनाइटेड) के 'शब्द वापसी अभियान'पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार नाखून कटवाकर शहीद होना चाह रहे हैं, परंतु बिहार की जनता सब कुछ जानती है। डीएनए जांच के लिए नाखून और बाल के रूप में सैम्पल भेजे जाने के प्रश्न पर गिरिराज ने संवाददाताओं से कहा, "बिहार की जनता का 'डीएनए'धोखेबाज और अहंकारी का नहीं है। बिहार की जनता आगामी चुनाव में अहंकारी और महत्वाकांक्षी व्यक्ति को डीएनए की जांच रपट दे देगी।" 

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब विकास चाहती है। बिहार में परिवर्तन यात्रा प्रारंभ हो रही है और लोग परिवर्तन के मूड में हैं। अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले सिंह ने कहा, "जलने वाले जलते रहे, किस्मत हमारे साथ है।" 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जुलाई को मुजफ्फपुर की रैली में डीएनए के संदर्भ में बयान दिए थे। इस बयान को वापस लेने की मांग को लेकर जद (यू) बिहार में 'शब्द वापसी अभियान'चला रहा है। इसके तहत डीएनए जांच के लिए सैंपल के रूप में 50 लाख लोगों के नाखून और बाल प्रधानमंत्री को भेजे जाने की घोषणा की गई है।

प्रधानमंत्री फूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं : लालू

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने यहां बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि मोदी लगातार फूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। लालू ने पटना में राजद, जनता दल (युनाइटेड) और कांग्रेस के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भाजपा लोगों को महागठबंधन के बारे में गलत सूचना देकर भ्रमित कर रही थी। हम लोग पूरी मजबूती के साथ खेत से खलिहान तक भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को चुनाव में पटकनी देंगे। हम एक होकर और एकता के साथ चुनावी दंगल में उतरेंगे।"

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने आरोप लगाया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार फूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोदी को 30 अगस्त को गांधी मैदान में होने वाली बिहार स्वाभिमान रैली से इस बात का जवाब दिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि हम एक हैं और एक रहेंगे। भाजपा-आरएसएस को नागपुर भेज देंगे। लालू ने अपने अंदाज में कहा, "मोदी जहां-जहां जा रहे हैं, गड़बड़ हो जा रहा है। नेपाल में गए तो भूकंप आ गया। जब से बिहार आ रहे हैं, तब से बारिश रुक गई है।"उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह कैसी सरकार है कि सोना सस्ता होता जा रहा है और दाल महंगी हो रही है। 

मेरे पति पासपोर्ट मामले में ललित के वकील नहीं : सुषमा

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि उनके पति स्वराज कौशल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के पासपोर्ट मामले में उनके वकील नहीं थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा ललित को यात्रा दस्तावेज जारी करने में अपनी गलती से इंकार किया। लोकसभा में ललित मोदी मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा के दौरान सुषमा ने कहा, "मैं आज एक बार फिर कह रही हूं कि मैंने कोई गलती नहीं की।" मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने इस बात से अवगत कराया था कि उचित कानून के आधार पर ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी किया गया। सुषमा ने कहा कि ललित मोदी के पासपोर्ट मामले में उनकी बेटी बांसुरी जूनियर वकील थीं और उसने पैसे नहीं लिए थे।

कांग्रेस सदस्यों द्वारा लगातार जारी नारों व शोरगुल के बीच सुषमा स्वराज ने कहा, "वह जूनियर वकील थी और पेशी सूची में नौवें स्थान पर थी। उसने एक रुपया भी नहीं लिया।"मंत्री ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज किया कि उन्होंने यात्रा दस्तावेज के बदले ललित मोदी से कुछ लिया। सुषमा ने दोहराया कि उन्होंने ललित मोदी की नहीं, बल्कि उनकी पत्नी की मदद की, जिनका पुर्तगाल में कैंसर का इलाज होना था। अपने ऊपर लगे आरोपों पर मंत्री ने कांग्रेस पर पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि जब पी.चिदंबरम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री थे, तब उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम को आयकर विभाग की ओर से वकील नियुक्त किया गया था। सुषमा ने कहा कि जब ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एक सदस्य ने इसे संसद के संज्ञान में लाया, तो चिदंबरम ने कहा कि विभाग के फैसले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की कथित मदद को लेकर कांग्रेस सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रही है। ललित मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है।

सोनिया ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने जाकर किया विरोध

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लोकसभा में बुधवार को गांधी परिवार का संबंध काले धन के साथ जोड़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तमतमाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास जा पहुंची। भाजपा सदस्य सतीश गौतम ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट गांधी परिवार से संबंधित काले धन से चलता है। इस पर सोनिया नाराज हो उठीं। इसके बाद संसद में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई, और संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

गांधी परिवार के खिलाफ जैसे ही यह बात कही गई, कांग्रेस सदस्य अपनी सीटों से खड़े हो गए और उन्होंने इसका तीव्र विरोध दिया। वे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के पास जा पहुंचे। सोनिया आमतौर पर इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से दूर रहती हैं, लेकिन वह भी इसमें शामिल हो गईं।

ललित मोदी विवाद में मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के दौरान गौतम ने यह बयान दिया था। सोनिया ने बाद में एनडीटीवी से कहा,"इस बयान पर मेरी मांग है कि लोकसभा सदस्य गौतम माफी मांगे। वह मुझ पर कलंक नहीं लगा सकते हैं, उन्होंने कहा कि यह सोनिया गांधी का काला धन था और इसीलिए मैंने इस तरह से प्रतिक्रिया की और उन्हें माफी मांगनी होगी।"संसदीय मामलों के मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने बाद में सदन में कहा, "अगर कुछ भी आपत्तिजनक कहा गया है, तो इसे हटा देना चाहिए और अगर यह रिकार्ड में नहीं है तो चर्चा की जरूरत ही नहीं है।"
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