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ग्रीनपीस का लाइसेंस रद्द

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गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ग्रीनपीस के खिलाफ केन्द्र सरकार ने एक बार फिर से कार्रवाई की है. ताजा कार्रवाई करते हुए सरकार ने विदेशी अंशदान विनियमन कानून (एफसीआरए) के तहत संगठन का पंजीकरण कथित तौर पर देश की आर्थिक प्रगति के खिलाफ कार्य करने के लिए रद्द कर दिया.

सरकार की इस कार्रवाई पर पलटवार करते हुए संगठन ने कहा है कि वह उसके अभियान को समाप्त कराने के इस प्रयास से विचलित नहीं होगा. गृह मंत्रालय के वरीय अधिकारी ने इस मामले में कहा कि एफसीआरए के तहत दि ग्रीनपीस इंडिया का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. निर्णय के आने से अब एनजीओ विदेशों से मदद के रूप में मिलने वाले पैसे नहीं ले सकेगा. ग्रीन पीस को उसके मदद राशि का 30 फीसदी हिस्सा विदेशों से प्राप्त होता है. इस एनजीओ की भारत की यूनिट यानि ग्रीनपीस इंडिया में अभी 300 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं.

गृह मंत्रालय का यह फैसला लाइसेंस 180 दिन के लिए निलंबित करने के कदम के पांच महीने बाद आया है. मंत्रालय ने इसके साथ ही यह आरोप लगाते हुए एनजीओ के सात बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दी थी कि समूह देश की आर्थिक प्रगति और जनता के हितों के खिलाफ काम कर रहा है.

राष्ट्रपति सर ने ली क्लास, प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों का हौसला बढाया

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शिक्षक दिवस से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूली बच्चों से बातें करते हुए कई जरूरी संदेश दिए. राष्ट्रपति ने दिल्ली के स्कूल में लेक्चर देते हुए छात्रों से अपने बचपन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए. PM मोदी ने छात्रों को प्रेरणा देने वाली कई बातें बताईं.

प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता और लोगों का कल्याण करने की भावना है, वे निश्चित रूप से राजनीति में आएं. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर क्षेत्र से अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा. उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति के ज्यादा बदनाम हो जाने के कारण इसमें अच्छे लोग आने से डरते हैं. प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान यह बात कही.

मोदी ने कहा, 'दुर्भाग्य से राजनीतिक जीवन इतना बदनाम हो चुका है कि लोगों को इसमें आने से डर लगता है. अच्छे लोग इसमें नहीं आना चाहते. उन्हें इसमें आने से डर लगता है. हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं और राजनीतिक व्यवस्था उसी का हिस्सा है. राजनीति में अच्छे लोग आएं, हर क्षेत्र के लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा.'मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी का आंदोलन चलाया था, तो हर क्षेत्र से लोग उसमें आए, जिससे उसे ताकत मिली.

मोदी दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में मौजूद बच्चों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के कई क्षेत्रों के बच्चों से रूबरू हुए. उन्होंने राजनीति में आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में, 'राजनीति में आना है, तो चुनाव लड़ने और कुर्सी पाने की इच्छा की बजाए लोगों के कल्याण की भावना से आएं. लोगों का दुख अगर चैन से सोने न दे और उनके सुख से हम खुशी से ओत-प्रोत हो जाएं, तभी इसकी सार्थकता है.'

उमर अब्‍दुल्‍ला ने मुफ्ती सरकार पर लगाए जासूसी के आरोप

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जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने मुफ्ती सरकार पर अपनी जासूसी के आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मुफ्ती सरकार बेशर्मी से मेरी जासूसी करा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक नेशनल डेली की पत्रकार मेरा इंटरव्‍यू करने के लिए आई थी लेकिन उसे सीआईडी ने मेंरे घर के बाहर ही रोक दिया गया है। उससे पूछा गया कि वो कौन है और मेरे घर किस उद्देश्‍य से आई है।'

उनका यह बयान राज्‍य सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमें 7 सितंबर को रिवाइवल डे के रूप में मनाने का ऐलान किया गया है। साथ ही उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल आई बाढ़ की ‘एकमात्र लाभार्थी’ पीडीपी है और उसके द्वारा आपदा की पहली बरसी मनाए जाने पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा । राज्य सरकार के सात सितंबर को ‘पुनर्जीवन दिवस’ मनाने के फैसले के बाद उमर की यह टिप्पणी आई है । पिछले साल सात सितंबर को ही श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी बाढ़ की चपेट में आई थी ।

उमर ने कहा, ‘इसलिए मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है कि जेकेपीडीपी सात सितंबर को कार्यक्रम मना रही है, जबकि हर जगह गुस्सा है, उनके पास कार्यक्रम मनाने का कारण है ।’ उन्होंने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस बरसी मनाने के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी । उमर ने ट्वीट किया, ‘2014 की भयावह बाढ़ की पहली बरसी मनाने के लिए जेकेएनसी रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी । मैं अपने सहकर्मियों से रक्तदान करने की अपील करता हूं ।’

वन रैंक वन पेंशन 48 घंटों में सरकार कर सकती है एलान

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केंद्र सरकार दो दिनों में पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (OROP) का एलान कर सकती है। कुछ चैनलों ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कीम 1 जुलाई 2014 से लागू हो सकती है। हालांकि, पूर्व सैनिक इसे 1 अप्रैल 2014 से लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में चल रही बैठक में आरएसएस ने बीजेपी को बिना देरी किए इसे लागू करने को कहा है।

माना जा रहा है कि संघ के दबाव के बाद सरकार पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन का एलान कर सकती है। इस फैसले से प्रभावित होने वाले लगभ 24.25 लाख पूर्व सैनिक हैं। जिनमें 6 लाख वॉर विडोज हैं। वर्तमान में पूर्व सैनिकों की पेंशन पर केंद्र सरकार 54 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है। वन रैंक वन पेंशन लालू हो जाने के बाद इस इस पर 75 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस फंड में सालाना 8 हजार से 10 हजार करोड़ की सालाना बढ़ोतरी करना होगी। पूर्व सैनिक 2 साल मे पेंशन समीक्षा के लिए तैयार हैं, जबकि सरकार अभी तक हर साल पेंशन समीक्षा किए जाने पर अड़ी थी। वहीं पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार वन रैंक-वन पेंशन को एक जून 2014 से (पहले पूर्व सैनिकों की मांग 1 अप्रैल 2014 से लागू करने की थी) लागू करती है तो भी उन्हें ऐतराज़ नहीं होगा। जबकि सरकार 1 जुलाई 2014 से इसे लागू करना चाहती है। पूर्व सैनिक चाहते हैं कि पेंशन समीक्षा का बेस इयर 2015 रखा जाए। सरकार 2013 को बेस इयर मानने को तैयार है। पूर्व सैनिक OROP को लागू करने में आ रही पेचीदगिंयों को दूर करके ही वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की बात कह रहे हैं। सरकार इस मामले में 1 सद्सीय आयोग बनाकर कर आने वाली पेचीदगियां दूर करने को तैयार है।

'वन रैंक-वन पेंशन'मतलब अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो फौजियों को समान पेंशन देना। फिलहाल रिटायर होने वाले लोगों को उनके रिटायरमेंट के समय के नियमों के हिसाब से पेंशन मिलती है। यानी जो लोग 25 साल पहले रिटायर हुए हैं उन्हें उस समय के हिसाब से पेंशन मिल रही है जो बहुत कम होती है।

मान लीजिए 2006 से पहले रिटायर हुए मेजर जनरल की पेंशन 30,300 रुपए है, जबकि आज कोई कर्नल रिटायर होगा तो उसे 34,000 रुपए पेंशन मिलेगी। जबकि मेजर जनरल कर्नल से दो रैंक ऊपर का अधिकारी होता है। देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड फौजी हैं। उदाहरण के लिए योजना इस तरह बनाई गई है कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहे हों, उन्हें समान रूप से पेंशन मिलेगी। ऐसे अफसरों की पेंशन 10 साल तक कर्नल रहे अफसरों से कम नहीं होगी, बल्कि उनके बराबर ही होगी।

नौसेना की महिला अफसरों को मिलेगा स्थायी कमीशन: दिल्ली उच्च न्यायालय

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दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने को मंजूरी दे दी है। अदालत ने कहा कि अगर महिलाओं की प्रगति को रोकने के प्रयार किए गए तो कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।

थल सेना और वायु सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन की इजाजत है, लेकिन नौसेना में उन्हें सिर्फ शॉर्ट सर्विस कमीशन ही दिया जाता है। नौसेना की करीब 19 महिला अधिकारी सेना के अन्य अंगों में अपनी समकक्ष अधिकारियों के समान अधिकार की मांग को लेकर कोर्ट पहुंची थीं।

अपनी याचिका में उन्होंने लिंग भेद का आरोप लगाया था। अपनी संक्षिप्त सेवा के चलते महिला अफसर पेंशन की हकदार नहीं होती हैं, क्योंकि इसके लिए 20 साल की न्यूनतम सेवा जरूरी है।

समझौता ब्लास्ट चार गवाह मुकरे

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बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट केस में NIA को बड़ा झटका लगा है. इस केस के चार गवाह NIA कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गए हैं. पंचकूला की विशेष NIA कोर्ट में आज सुनवाई हो रही थी. इसमें पांच गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं. अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी.

जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेन्द्र चौधरी को कोर्ट में पेश किया गया. असीमानंद के खिलाफ जिन चार गवाहों ने पहले बयान दिए थे, वे आज मुकर गए. अगली सुनवाई के लिए कोर्ट द्वारा चारों गवाहों को सम्मन भेजे गए हैं.

बताते चलें कि समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में फरवरी 2007 को हुए बम धमाके के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से पिछले महीने जमानत मिल गई थी. इसमें 68 लोगों की जान चली गई थी और 50 से ज्यादा जख्मी हुए थे. मरने वालों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे. असीमानंद के सामने जमानत के लिए शर्त रखी गई थी कि NIA कोर्ट को सूचित किए बिना वह देश नहीं छोड़ सकेंगे. इसके साथ ही अपना पता और मोबाइल नंबर कोर्ट को देंगे. गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकेंगे. उनपर हत्या और राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज किया गया है.

महाराष्ट्र सरकार का फरमान, सरकार के खिलाफ टिप्पणी देशद्रोह

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 महाराष्ट्र सरकार ने एक विवादास्पद फरमान जारी किया है. महाराष्ट्र में अब किसी भी जनप्रतिनिधि की आलोचना या अपमान करना काफी महंगा पड़ सकता है. ऐसा करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के तहत कार्यवाही होगी. महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को नए दिशा निर्देश जारी कर देशद्रोह से जुड़ी आईपीसी की धारा लगाने के दौरान किसी तरह की अस्पष्टता से बचने के लिए और विद्वेष एवं घृणा के बिना कानूनी तरीके से सरकार में बदलाव लाने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ इसे ना लगाने को कहा. कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी के मामले में बंबई उच्च न्यायालय को दिए गए आश्वासन के सिलसिले में आईपीसी की धारा 124-ए को लेकर ये दिशा निर्देश जारी किए गए. 


सर्कुलर के मुताबिक सरकार और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ टिप्पणी करने पर देशद्रोह का केस हो सकता है. यानी किसी मेयर, विधायक, सांसद की ऐसी आलोचना, जिससे हिंसा भड़कने का खतरा हो तो आप पर देशद्रोह लग सकता है. अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश का जो आरोप मनमोहन सिंह के दौर में यूपीए सरकार पर लगता था, आज वो नरेंद्र मोदी के दौर में उनकी ही अपनी राज्य सरकार पर लग रहा है. नरेंद्र मोदी खुद इमरजेंसी के दौर में प्रेस की आजादी का गला घोंटने के विरोधी और अभिव्यक्ति की आजादी के हिमायती रहे हैं. यानी कठघरे में बीजेपी की राज्य सरकार है तो केंद्र सरकार भी क्योंकि इस सर्कुलर से मैसेज यही जा रहा है कि बीजेपी सरकार अब किसी जनप्रतिनिधि की आलोचना सुनने के मूड में नहीं है और भले देशद्रोह का मामला दर्ज न किया जाए लेकिन कम से कम लोगों को डराने के लिए तो इस दिशानिर्देश का इस्तेमाल किया ही जा सकता है. 

संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का निधन

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कैंसर की बीमारी से जूझ रहे म्यूजिक कंपोजर आदेश श्रीवास्तव का देर रात मुंबई में निधन हो गया। 51 वर्षीय आदेश श्रीवास्तव कैंसर से पीडि़त थे। आदेश पिछले 44 दिनों से कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार यानी आज मुंबई के ओशिवारा में आदेश श्रीवास्तव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

फिल्मी इंडस्ट्री के कई सितारों ने आदेश श्रीवास्तव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। डॉक्टरों ने बंद कर दी है आदेश श्रीवास्तव की कीमोथेरेपी आदेश की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। उनकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उनकी कीमोथेरेपी बंद कर दी थी। अस्पताल के डॉ. राम नारायण ने बताया कि आदेश श्रीवास्तव का शुक्रवार देर रात 12 बजकर 30 मिनट पर कैंसर से निधन हो गया। गौरतलब है कि आदेश ने चलते-चलते, बाबुल, बागबान, कभी खुशी-कभी गम, राजनीति और देव जैसी फिल्मों का म्यूजिक कंपोज किया था। 

स्वयंसेवक होने पर गर्व है: नरेंद्र मोदी

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 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेने पहुंचे। संघ और बीजेपी के कई नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 15 मिनट का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे स्वयंसेवक होने पर गर्व है। हमारी सरकार ने कई सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं लागू की हैं जिनका असर जल्द ही देखना को ही मिलेगा।


मोदी ने कहा कि हमें पांच साल के लिए जनादेश मिला है जिनका असर आने वाले समय में देखने के लिए मिलेगा। मोदी ने कहा कि हमें देशवासियों को हमारे द्वारा किए गए कामों के बारे में बताना होगा।

 प्रधानमंत्री से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक में साफ कर दिया है कि अरसे से लटके पड़े ओआरओपी को जल्दी से जल्दी अमली जामा पहना दिया जाएगा। अमित शाह ने संघ-बीजेपी की समन्वय बैठक में आए प्रतिनिधियों को ये आश्वस्त किया। जाहिर है तीन दिन चले मंथन में संघ ने उन तमाम वायदों पर सरकार की क्लास लगाई है जिन पर चुनावों के पहले जम कर ताल ठोंकी गई थी। संघ ने साफ कर दिया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार सही दिशा में जा रही है लेकिन जनता क्या सोंचती है ये सरकार और बीजेपी को बताना जरूरी था।

संघ और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच तीन दिन तक चले मंथन के बाद तो सबका यही मानना है कि निकला तो अमृत ही। एक ऐसा मंथन जिसमें संघ ने सरकार की उन तमाम मुद्दों पर क्लास ली जिनको लेकर आम आदमी के बीच भ्रम की स्थिति बनती जा रही है। संघ ने दो टूक कहा कि उन्होंने सरकार के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया बल्कि सिर्फ विचारों का आदान प्रदान हुआ जिसका फायदा भी होगा।

संघ के सह सरकारवाह दत्तात्रोय होसबोले ने कहा कि जो उम्मीदें देश विदेश में सरकार ने जगायी हैं उनपर खरा उतरना भी जरूरी है। होसबोले ने कहा कि सरकार देश की जनता के लिए काम करे और मोदीजी के नेतृत्व में आगे बढ़े, यही संघ की कामना है। लेकिन संघ की चिंता लाजिमी है। सरकार ओआरओपी हो या फिर बढ़ती मंहगाई या फिर संघ के श्रमिक संगठनों की नाराजगी, संघ ने इस बहाने सरकार के सामने देश का मूड रखा।
होसबोले ने कहा कि बैठक में कहा गया कि विकास का मॉडल भारतीयता के करीब होना चाहिए। और शिक्षा का भी भारतीयकरण होना चाहिए। आंतरिक और बाहरी सुरक्षा संघ के लिए अति संवेदनशील विषय हैं। इन मुद्दों पर सरकार से बात की है। कमाई दवाई और पढ़ाई के लिए लोग गांव छोड़ रहे हैं। गांवों में इसे विकसित करना चाहिए।

बैठक के अंत में प्रधानममंत्री पहुंचे और संघ को बताया कि सरकार की दशा और दिशा किस ओर जा रही है। पीएम मोदी ने दो घंटे से ज्यादा समय अपने संघ की बैठक में बिताए। यानि तीन दिन के मंथन के बाद जो दिशा तय हुई उसपर साथ साथ बढ़ने की तैयारी में सत्ता और संगठन लग गए हैं।

बिहार चुनाव 5 चरणों में हो सकता है

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बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की जल्द घोषणा हो सकती है जो पांच चरणों में संपन्न होने की संभावना है और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक चरण में अर्धसैनिक बलों के करीब 50-50 हजार जवान तैनात किये जाएंगे.

चुनाव आयोग ने अगले महीने संभावित चुनावों के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आज गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की. सूत्रों ने कहा कि मतदान के प्रत्येक चरण के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 500 कंपनियों (प्रत्येक कंपनी में करीब 100-100 जवान) की मांग की गयी है और गृह मंत्रालय जरूरी बल मुहैया कराएगा.

चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों के अलावा राज्य पुलिस भी व्यापक रूप से तैनात रहेगी. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है. चुनाव आयोग अगले कुछ दिन में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.

वन रैंक वन पेंशन पर सहमति : पूर्व सैनिक

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 वन रैंक, वन पेंशन पर सरकार आज ऐलान कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि इसी कारण रक्षामंत्री का आज का हैदराबाद दौरा रद्द किया गया है. पूर्व सैनिको ने आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के बाद कहा कि हमारी मांग को रक्षामंत्री ने 'अप्रूव्ड'कहा.  वन रैंक, वन पेंशन पर दोपहर बाद 2:30 बजे रक्षामंत्री प्रेसकॉन्फ्रेंस करेंगे. अब लगभग यह तय हो गया है कि वन रैंक वन पेंशन पर सहमति बन गई है.


इस बीच रक्षामंत्री ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से उनके घर मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन को लेकर आरएसएस ने बड़ी भूमिका निभाई है. बताया जा रहा है कि आरएसएस के दखल के बाद सरकार हरकत में आई है. आरएसएस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से कहा कि तमाम पेंडिग फाइल निपटाएं और जल्द फैसला लेने कि लिए भेजे.

गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों का आंदोलन आज 83वें दिन में प्रवेश कर गया लेकिन सरकार और आंदोलनकारी पूर्व सैनिकों के बीच गतिरोध कायम है. आंदोलन जंतर-मंतर पर चल रहा है. सरकार लगातार ओआरओपी लागू करने के लिए समय मांग रही है. रक्षा मंत्री मनोहर परिक्कर ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को सिद्धांतत: मंजूरी दे दी है. अब प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर जुड गया है इसलिए ये कहने से कोई मदद नहीं मिलेगी कि फलां दिन में कर दीजिए. मुद्दे का हल खोजने के सभी प्रयास हो रहे हैं .

ओआरओपी के लागू होने से तकरीबन 22 लाख सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी और छह लाख से अधिक शहीद सैनिकों की पत्नियां तत्काल लाभान्वित होंगी. इसके तहत समान रैंक और समान सेवा अवधि से सेवानिवृत्त होने वाले सैन्यकर्मियों के लिए एक समान पेंशन की मांग की जा रही है, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो.

भाजपा कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण सत्ता में आयी: मुलायम सिंह यादव

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समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने रविवार को कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाले कुछ दलों ने भी परोक्ष रूप से मदद की।
यादव ने आयोजित एक जनसभा में कहा ‘‘कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण भाजपा सत्ता में आ गयी। सिर्फ सपा ने ही भाजपा से संघर्ष किया। इस चुनाव (लोकसभा चुनाव) में सिर्फ सपा ही लड़ी, लेकिन कई दल जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहलाते हैं, उन्होंने अंदरखाने भाजपा का सहयोग किया।’’ हालांकि उन्होंने उन दलों के बारे में कोई खुलासा नहीं किया। 

सपा प्रमुख ने वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा ‘‘आने वाला चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि सपा की फिर से सरकार बने। देश में गरीब-मजलूमों के लिये सबसे ज्यादा काम उत्तर प्रदेश की सरकार ने किया है।’’ जनसभा के दौरान मैनपुरी में सैनिक स्कूल का शिलान्यास भी किया गया। इस बारे में यादव ने कहा कि उनकी इच्छा है कि इस स्कूल से निकलकर कोई छात्र देश का सेना प्रमुख बने। उन्होंने कहा कि मैनपुरी ने देश को कई वीर सपूत दिये हैं। देश के लिये कुरबानी देने में यह जिला पीछे नहीं रहा है।

मैनपुरी की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए सपा प्रमुख ने कहा ‘‘यहां की जनता ने बहुत सम्मान दिया। मैं रक्षा मंत्री बना...प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गया। प्रधानमंत्री का पद नहीं, बल्कि जनता के लिये काम करना ज्यादा बड़ी चीज है। लोगों को ना जाने कितने प्रधानमंत्रियों के नाम नहीं याद होंगे। जो काम करता है, वही सबसे बड़ा नेता होता है।’’   

सरकार दाऊद, सईद को पकड़ने के लिए सब कुछ करेगी: राज्यवर्धन सिंह राठौर

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दाऊद इब्राहिम और लश्कर प्रमुख हाफिज सईद जैसे देश के दुश्मन यह भरोसा नहीं रखें कि भारत उनके बारे में कुछ नहीं सोच रहा है। केंद्र सरकार के एक मंत्री ने रविवार को आतंकवादियों के बारे में यह विचार व्यक्त किया।

निजी चैनल पर प्रसारित होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा, 'हम हमेशा अपने दुश्मन को निष्क्रिय करने के लिए तैयार रहते हैं।'उनसे पूछा गया था कि 1993 के मुंबई विस्फोटों में मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और भारत में वांछित सईद के बारे में सरकार क्या कर रही है।

राठौड़ ने आगे साफ किया, 'भारत का दुश्मन जहां कहीं भी है वह यह न सोचे कि भारत उनके बारे में कुछ भी नहीं सोच रहा है।'यह उल्लेख किया गया कि मोदी सरकार के 15 माह गुजर जाने के बाद कि पाकिस्तान में छिपे भारत से भागे लोगों के खिलाफ कुछ भी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि साम, दाम, दंड, भेद सभी का इस्तेमाल किया गया है।

एक साल में प्रधानमंत्री के दौरों पर 37 करोड़ खर्च

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यदि सबसे ज्यादा चर्चा होती है तो उसमें उनके विदेशी दौरों का जिक्र सबसे पहले किया जाता है। हालांकि सरकार की आेर से लगातार उनके विदेशी दौरों को लेकर सफाई दी जाती रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दौरों पर अब तक कितना खर्च आया है। इस बाबत एक आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि पिछले एक वर्ष के दौरान पीएम मोदी द्वारा की गई यात्राओं पर करीब 37 करोड़ रुपये का खर्च आया था। जवाब में जून 2014 से लेकर जून 2015 तक की गई पीएम की यात्राओं का ब्यौरा दिया गया है। इन सभी यात्राओं में आस्ट्रेलिया के दौरे पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ था। 

हालांकि इस ब्यौरे में पीएम की जापान, दक्षिण कोरिया, श्री लंका, फ्रांस के खर्चे का जिक्र नहीं किया गया है। पीएम मोदी की आस्ट्रेलिया की यात्रा पर तकरीबन 5 करोड़ 60 लाख रुपये का खर्च आया था जबकि सबसे कम भूटान की यात्रा पर करीब 41 लाख 34 हजार का खर्च आया था। आस्ट्रेलिया के दौरे पर गए पीएम मोदी के ऊपर वहां मौजूद भारतीय उच्चायोग ने करीब 560 करोड़ रुपये सिर्फ उनके साथ गए डेलिगेशन के स्टे पर खर्च किए थे। जबकि किराए पर ली गई गाडि़यों का खर्च करीब ढ़ाई करोड़ रुपये के लगभग रहा। 

प्रधानमंत्री मोदी के न्यूयार्क दौरे पर उनकी सुरक्षा में लगे एसपीजी के ठहराने पर करीब सवा नौ लाख रुपये और पीएम समेत उनके अधिकारियों के स्टे पर करीब बारह लाख का खर्च हुआ था। इस दौरान एसपीजी ने जिन गाडि़यों का इस्तेमाल किया उसका भी खर्च करीब 39 लाख रुपये का था। उनके इस दौरे को कवर करने गए सरकारी मीडिया प्रसार भारती का करीब तीन लाख रुपये खर्च हुआ था। इसके अलावा जर्मनी में उनके दौरे पर करीब चार लाख रुपये का खर्च हुआ था। चीन की यात्रा पर सरकार ने करीब पौने दो करोड़ रुपये खर्च किए। बांग्लादेश की यात्रा पर करीब दो करोड़ रुपये का खर्च सरकार ने किया है।  

पाक सेना प्रमुख राहील शरीफ ने भारत को दी अंजाम भुगतने की धमकी

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पाकिस्तान के थलसेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने कहा है कि उनके मुल्क के लिए कश्‍मीर का मसल बंटवारे के वक्त से ही अधूरा पड़ा एजेंडा'है जिसका हल निकाले बिना क्षेत्र में शांति आ ही नहीं सकती। इसके अलावा उन्होंने भारत का नाम लिए बिना चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी 'दीर्घ या लघुकालीन युद्ध'की दुश्मन को 'ऐसी कीमत चुकानी होगी, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।'

रविवार को रावलपिंडी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनरल राहिल शरीफ ने कहा 'मुझे एक बार फिर कहना है कि हमारी सेना किसी भी तरह के युद्ध से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।'जनरल शरीफ के इस बयान को भारतीय सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग की पिछले सप्ताह की गई उस टिप्पणी का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 'भविष्य में छोटे-छोटे युद्धों'के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि पाकिस्तान लगातार युद्धविराम उल्लंघन कर रहा है और जम्मू-कश्मीर को लगातार अस्थिर रखने के लिए 'नई तरकीबें'अपना रहा है।

भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1965 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर पाकिस्तान में आयोजित कई कार्यक्रमों में से एक के दौरान पाक सेना प्रमुख ने कहा 'अगर दुश्मन किसी भी तरह की - छोटी या बड़ी - कार्रवाई करता है, तो उसे नाकाबिल ए-बर्दाश्त कीमत चुकानी होगी।'जनरल शरीफ ने यह भी कहा 'कश्मीर में मासूम लोगों को लगातार अन्याय और अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है इसलिए न्यायपूर्ण तरीके से कश्मीर मुद्दे को हल किए बिना इलाके में अमन मुमकिन नहीं। अब इसे ठंडे बस्ते में नहीं रखा जा सकता।'

जनरल राहिल शरीफ ने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र के समझौते के मुताबिक हल किया जाए। गौरतलब है कि पिछले ही सप्ताह भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने कहा था 'जम्मू-कश्मीर में हालात को लगातार अराजक बनाए रखने के लिए नई-नई तरकीबें अपनाई जा रही हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार होते युद्धविराम उल्लंघनों और घुसपैठ की कोशिशों की वजह से सीमा पर हालात लगातार ऐसे बने हुए हैं कि छोटी-मोटी लड़ाई कभी भी भड़क सकती है और हमें इसके लिए हमेशा तैयार रहना होगा।'

असम में बाढ़ से 61 लोगों की मौत

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असम में बाढ़ से अभी तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 18 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत सामग्री नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ितों में भारी नाराजगी है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1880 गांव इस बाढ़ में डूब चुके हैं।

बाढ़ पीडितों की मदद के लिए अब भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला है। बाढ़ पीडितों ने बताया कि उन्हें खाना, दवाईयां और शिशु आहार नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वह काफी परेशान हैं। सीएम तरुण गोगोई का कहना है कि उन्होंने केंद्र सरकार से 500 करोड़ रुपयों की मांग की है। 

पिछले कुछ दिनों से जारी भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से गुवाहाटी और शिलांग के बीच आज भी सड़क संपर्क टूटा रहा। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि कल शाम को बिरन्हट क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था और आज फिर से नोंगपोह के पास उनमिंग में भूस्खलन हुआ जिस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 40 पर यातायात बाधित रहा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भूस्खलन के मलबे को हटाने के लिए कई बुलडोजरों को उतारा है। उम्मीद है कि कल तक सड़क से मलबा हटा लिया जाएगा। भूस्खलन के कारण असम और मेघालय दोनों ओर सैकड़ों वाहन सड़क पर फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-40 असम को मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम को जोड़ता है।

वन रैंक वन पेंशन से जुड़े मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा: रक्षा मंत्री

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन स्कीम के कार्यान्वयन से जुड़े कुछ छोटे मुद्दे हो सकते हैं जो समय के साथ अपने आप सुलझ जाएंगे। उन्होंने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओआरओपी को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। आर्थिक आवश्यकताओं की भी पूर्ति कर ली गई है। 

कुछ छोटे मुद्दे शायद रह गए हैं, वे समय रहते अपने आप सुलझ जाएंगे।’’ पर्रिकर ने कहा कि अधिकतर मुद्दों का समाधान कर लिया गया है क्या आपने कभी 100 प्रतिशत मांगों को पूरा होते देखा है जो सभी को संतुष्ट करें? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार द्वारा शनिवार को ओआरओपी की घोषणा की गई उसके तहत समय से पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले जवानों को भी इसका फायदा मिलेगा। 

प्रधानमंत्री के इस बयान का पूर्व सैनिकों ने स्वागत करते हुए भूख हड़ताल को वापस ले लिया लेकिन कहा कि जब तक सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन कर रहे एसोसिएशन के नेता मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिकों द्वारा उठाए गए उन चार मुद्दों के समाधान तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा जिन्हें सरकार ने स्वीकार नहीं किया। इनमें से एक मुद्दा पेंशन की हर दो साल में समीक्षा करना है जिसे सरकार ने हर पांच साल में करने का ऐलान किया है। इस बीच संसदीय मामलों के मंत्री एम वैंकेया नायडू ने कहा कि ओआरओपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना करने का कांग्रेस का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने यह बात पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी के इस बयान पर कही जिसमें एंटनी ने केंद्र सरकार पर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की ओआरओपी योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया था। 

नायडू ने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर एंटनी ने सिवाय चुनावों के दौरान घोषणा करने के ओआरओपी को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया। नायडू ने कांग्रेस द्वारा ओआरओपी की गंभीरता को न समझने की निंदा करते हुए कहा कि जब उन्होंने ओआरओपी का प्रस्ताव किया था तो इसका बजट 5000 करोड़ रुपये था जो अब मोदी सरकार ने बढ़ाकर आठ से 10,000 करोड़ रुपये कर दिया है। नायडू ने कहा कि सरकार जवानों के बकाए को चार किश्तों में और शहीदों की विधवाओं के बकाए को एक बार में देगी। नायडू ने विरोध कर रहे पूर्व सैनिकों से भी अपील की वह मुद्दों को सुलझाने के लिए सरकार के साथ वार्ता करें। औरंगजेब रोड का नाम अब्दुल कलाम रोड किए जाने के मुद्दे पर नायडू ने कहा कि इस नाम परिवर्तन में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है क्योंकि यह निर्णय नई दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा लिया गया है और इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकृति दी है। नायडू ने विपक्ष, खास कर कांग्रेस से संसद के बढ़े हुए सत्र में कामकाज चलने देने का, विशेष तौर पर जीएसटी विधेयक पारित करने के लिए गतिरोध न पैदा करने का आग्रह किया। 

उन्होंने कहा ‘‘विपक्ष, मुख्य से कांग्रेस को बढ़े हुए संसद सत्र में कामकाज होने देना चाहिए और जीएसटी विधेयक को पारित करने के लिए सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए। आखिरकार, यह उनका प्रस्ताव है। उन्हें इसका विरोध करने का हक है लेकिन संसद को कामकाज करने से रोकने का नहीं।’’ नायडू ने कहा कि कांग्रेस शायद सोचती होगी कि वे संसद में गतिरोध पैदा कर मोदी को नुकसान पहुंचाएंगी। ‘‘लेकिन वह देश के हितों को नुकसान पहुंचा रही है।’’ कांग्रेस के इस आरोप पर कि मोदी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी आरएसएस के साथ विचारविमर्शों में असंवैधानिक तरीके से हिस्सा लेते हैं, नायडू ने कहा ‘‘क्या कोई कह सकता है कि बच्चों का मां के पास जाना असंवैधानिक है। आरएसएस कई स्वयंसेवकों की मां है।’’ उन्होने कहा कि आरएसएस भाजपा के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और केंद्र भाजपा के घोषणापत्र पर चलेगा तथा राजग के साझा न्यूनतम कार्यक्रम से उसे मार्गदर्शन मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट का FTII मामले में दखल देने से इनकार

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पुणे एफटीआईआई का विवाद खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग संबंधित याचिका खारिज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में चेयरमैन के तौर पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का मामला और उलझ गया है. 

इस बीच कहा जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में पड़ने की वजह से सरकार इस मामले में अड़ गई है. पुणे में छात्रों का धरना 87 दिन से जारी है अब इस इंस्टीट्यूट के एक टीचर ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया है कि गजेंद्र चौहान को करीब दो महीने पहले ही सरकार ने किनारे करने का इरादा बना लिया था. मशहूर फिल्मकार राजू हिरानी को संस्थान की जिम्मेदारी देने का फैसला भी हो गया था. लेकिन, राहुल गांधी के पुणे दौरे के बाद जब ये आंदोलन और तेज हो गया तो सरकार ने भी अपना रुख और कड़ा कर लिया.

बताया जा रहा है कि पुणे के आंदोलनकारी छात्रों का जत्था दिल्ली आया तो सूचना प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें ये जानकारी दी थी. सूत्रों के मुताबिक छात्र भी इस पर राजी थे. लेकिन, उसी दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पुणे एफटीआईआई के दौरे पर गए. आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन किया जिससे प्रदर्शन और तेज हो गया. दिल्ली से पुणे लौटने के बाद छात्रों ने सरकार का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया. सूत्र बता रहे हैं कि इसके बाद केंद्र सरकार ने अपना रुख और कड़ा कर दिया.

एयर इंडिया के विमान में लगी आग, दिल्ली एयरपोर्ट पर आपात स्थिति में उतारा गया

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एअर इंडिया के विमान में सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे बीच रास्ते में अचानक आग लग गई. पायलटों ने विमान की दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग कराई. फ्लाइट वाराणसी से दिल्ली आ रही थी.

हाइड्रोलिक लैंडिंग गियर बॉक्स में धुआं दिखा था. जिसके बाद पायलटों ने इमरजेंसी लैंडिंग कराई. एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कोई बड़ा हादसा नहीं था. ब्रेक्स की ओवरहीटिंग के लेफ्ट विंग में बाहर की ओर आग लगी थी.

प्रधानमंत्री मोदी का मंदी से निपटने के लिए उद्योगपतियों के साथ बैठक

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख मुकेश अंबानी व टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री सहित उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों, बैंकरों व अर्थशास्त्रियों के साथ मौजूदा ग्लोबल आर्थिक संकट पर चर्चा कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्रियों, सरकार और रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों, प्रमुख बैंकरों, जाने माने अर्थशास्त्री और अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों सहित 40 से अधिक प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं। इस उच्चस्तरीय बैठक का एजेंडा हाल के 'वैश्विक घटनाक्रम: भारत के लिये संभावनायें'है, जिसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भी उपस्थित हैं।

यह बैठक चीन की अर्थव्यवस्था में आ रही नरमी से वैश्विक बाजारों में जारी उठापटक के बीच हो रही है। चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन और अमेरिका में संभावित ब्याज दर वृद्धि भी विश्व बाजारों में घटबढ़ का कारण बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि 27 उद्योगपतियों, बैंकरों व अर्थशास्त्रियों को इस बैठक में चर्चा के बुलाया गया है। बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था में हाल की घटनाओं तथा इनसे भारत के लिए पैदा अवसरों पर विचार विमर्श किया जाएगा।

बैठक में, भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल, एस्सार समूह के प्रमुख शशि रूइया, रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी, अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी, आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर व एसबीआई की चेयरपर्सन अरंधति भट्टाचार्य को भी आमंत्रित किया गया। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला, सीआईआई के प्रमुख सुमित मजूमदार, फिक्की की प्रमुख ज्योत्सना सूरी व एसोचैम के प्रमुख राणा कपूर को भी बैठक में आमंत्रित किया गया।

सरकार की ओर से वित्त सचिव रतन पी वाटल, वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन बैठक में मौजूद हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के वक्तव्य के अनुसार, हाल के वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों के प्रभाव और इसका भारत किस प्रकार बेहतर फायदा उठा सकता है इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने इससे पहले 30 जून को उद्योग मंडलों से मुलाकात की थी।

सरकार ने इससे पहले कहा था कि भारत को इस वैश्विक उठापटक का फायदा उठाना चाहिये और इस स्थिति को किस प्रकार अवसरों में बदला जा सकता है इस पर गौर करना चाहिये। सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान मोदी सभी पक्षों की इस मुद्दे पर राय जानेंगे कि भारत किस प्रकार चीन से आगे निकलकर वैश्विक आर्थिक वृद्धि में अग्रणी भूमिका में पहुंच सकता है। इससे पहले 30 जून को प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ अपनी पहली बैठक में महंगे कर्ज और कारोबार करने में परेशानी दूर करने संबंधी उनकी शिकायतें सुनीं थी। उद्योग प्रतिनिधियों ने कराधान नीतियों में अनिश्चतताओं से मुक्त बनाने पर भी जोर दिया।

सूत्रों के अनुसार बैठक में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का मुद्दा भी उठ सकता है। सरकार ने गत अगस्त में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को समाप्त होने दिया। उसकी अवधि आगे नहीं बढ़ाई। जीएसटी में संसद में बने गतिरोध का मुद्दा भी चर्चा में उठा सकता है। इसके अलावा उद्योग व्यवसाय में सुगमता पर भी चर्चा हो सकती है।

पिछली बार प्रधानमंत्री की सीआईआई, फिक्की तथा अन्य उद्योग मंडल प्रतिनिधियों के साथ अलग से बैठक हुई। इसमें कर्ज महंगा होने की वजह से निवेश गतिविधियां नहीं बढ़ने, ऋण उठाव कमजोर रहने और लघु एवं मध्यम उद्यम के समक्ष कारोबार चलाने में आ रही समस्याओं को रखा गया था।

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