अब शराब की बोतलों के सिक्योरिटी होलोग्राम की खरीद में “घोटाले” की तैयारी !
- टेंडर की शर्तों में नामी कंपनियों को दिखाया बाहर का रास्ता
- सिक्योरिटी होलोग्राम की बजाय होलोग्राफिक कंपनी को काम
- एक बड़ी कंपनी की लिखित शिकायत पर कोई एक्शन नहीं
- तो चार गुना ज्यादा कीमत में होगी सिक्योरिटी होलोग्राम की खरीद
देहरादून, 23 सितम्बर। एफएल-टू की नई नीति को लेकर चर्चा में रहने वाले आबकारी विभाग एक और घोटाला करने की तैयारी में है। आबकारी विभाग के अफसर मिलीभगत करके सात पैसे में खरीदा जाने वाला सिक्योरिटी होलोग्राम इस बार 28 पैसे में खरीदने का करार करने की तैयारी में है। अफसरों के इस कारनामे से आबकारी विभाग को पिछली साल की तुलना में करोड़ों रुपये ज्यादा खर्च करके होलोग्राम खरीदने होंगे। अहम बात यह है कि इस मामले की शिकायत के बाद भी किसी भी स्तर से कोई कदम नहीं उठाया गया। प्रदेश में बिकने वाली अंग्रेजी या देशी किसी भी तरह की शराब की हर बोतल, अद्धा या फिर पौव्वे पर एक सिक्योरिटी होलोग्राम लगाया जाता है। इसके पीछे मकसद एक तो राजस्व की किसी भी तरह की हानि की संभावना को दरकिनार करना है और फिर शराब की गुणवत्ता पर नियंत्रण भी है। पिछले वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग इस होलोग्राम को सात पैसा प्रति की दर से खरीदता रहा है। इस बार विभाग ने इसी सात पैसे वाले होलोग्राम को तीस पैसे में खरीदने का करार किया है। सूत्रों का कहना है कि अफसरों के इस कारनामे से विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि होगी। सूत्रों ने बताया कि एक खास कंपनी को यह ठेका देने के लिए अफसरों ने योजनावद्ध ढंग से काम किया। होलोग्राम बनाने वाली एक कंपनी कंटास ने इस पूरे खेल का खुलासा करते हुए शुरू में ही इसकी शिकायत आला अफसरों के साथ ही मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और नेता प्रतिपक्ष तक से की। इस कंपनी की शिकायत के मुताबिक प्रतिष्ठित कंपनियों को बाहर रखने के लिए टेंडर में वन-सी,डी,ई और एफ शर्तों को बेवजह जोड़ा गया। इससे मौजूदा समय में विभिन्न राज्यों को होलोग्राम सप्लाई करने वाली कंपनियां बाहर हो गईं। इसी तरह टेंडर के बिंदु टू (बी) में जोड़ दिया गया कि शराब बनाने वाली कंपनियां भी सप्लाई कर सकती हैं। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि होलोग्राम सप्लाई करने वाली कंपनी क्या राजस्व की चोरी नहीं कर सकेगी। शिकायत में कहा गया है कि जिस कंपनी को ठेका दिया जा रहा है वह कंपनी होलोग्राम मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन आफ इंडिया या फिर इंडस्ट्रीरियल होलोग्राम मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन की सदस्य नहीं है। केंद्र सरकार की संस्था एसपीएमसीआईसी भी अपने लिए सिक्योरिटी होलोग्राम इन्हीं दो संस्थाओं की सदस्य कंपनियों से ही खरीदती है। इतना ही नहीं, जिस कंपनी को ठेका दिया गया है,वह कंपनी होलोग्राफिक का काम करती है। यानि कंपनी सजावटी होलोग्राम बनाती है। लेकिन उत्तराखंड के आबकारी विभाग ने उसे सिक्योरिटी होलोग्राम बनाने का ठेका दे दिया है। एक अहम बात यह भी है कि इतने बड़े काम का ठेका देने के लिए विभागीय अफसरों ने प्री-बिड मीटिंग करने तक की जहमत नहीं उठाई। इस शिकायत के बाद अफसरों ने करारा को टाल दिया। दिखाने के लिए टेंडर को निरस्त करने की बात भी की गई। सूत्रों का कहना है कि अब एक बार फिर से अपनी चहेती फर्म को ही सिक्यूरिटी होलोग्राम सप्लाई का ठेका देने की तैयारी कर ली गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बारे में जल्द ही आदेश जारी किया जा सकता है। साफ दिख रहा है कि सात पैसे में मिलने वाले होलोग्राम को तीस पैसे में खरीदने से विभाग को करोड़ों रुपये का सीधा नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी सरकारी तंत्र इस गंभीर वित्तीय अनियमितता पर मौन साधे बैठा है।
आखिर खनन रोकने की मांग पर क्यों हुए विचलित मंत्री जी
- गंगा में हो रहे खनन को मातृ सदन ने बताया अवैध
- परेशान मंत्री ने डीएम से कहलवाया अवैध नहीं खनन
- मातृ सदन की बात के खंडन को बनाया गया दवाब
देहरादून,23 सितम्बर। हरिद्वार जिले में गंगा को हो रहे खनन का विवाद थमता ही नहीं दिख रहा है। मातृ सदन ने इस खनन को अवैध बताते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की तो एक मंत्री जी बेहद परेशान हो गए। खनन को वैध बताने के लिए अफसरों पर दवाब डाला और जब जिलाधिकारी के हवाले से इस आशय की खबर मीडिया में छपवाने के बाद ही उन्हें शांति मिल सकी। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि खनन बंद करने की मांग पर मंत्री जी अचानक इतना तिलमिला क्यों गए। यह मामला मीडिया और ब्यूरो क्रेसी में खासी चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले दिनों मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार में गंगा में हो रहे खनन को अवैध बताते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की। इस मांग पर हरिद्वार जिला प्रशासन पर तो कोई खास असर नहीं हुआ। लेकिन एक मंत्री जी बेहद विचलित हो गए। ये मंत्री जी अपनी कार्यशैली को लेकर आए दिन चर्चा में रहते हैं। अपने प्रभार वाले जिले की कोई सुध न लेने के आरोप भी उन पर लगते रहते हैं। खैर यह अलग विषय है। लेकिन मंत्री जी का इतना परेशान हो जाना हैरान जरूर कर रहा है। बताया जा रहा है कि मातृ सदन की मांग समाचार पत्रों में छपने के बाद मंत्री ने जिला प्रशासन के अफसरों से बात की और खनन को वैध बताने वाला बयान जारी करने का फरमान सुना डाला। बताया जा रहा है कि इस बारे में हरिद्वार के जिलाधिकारी एचएस सेमवाल की ओर से एक बयान समाचार पत्रों में छप भी गया। यह बयान केवल हरिद्वार के संस्करण में ही छपा। मंत्री जी को यह रास नहीं आया। जिला प्रशासन पर फिर दबाव बनाया गया कि इस बयान को देहरादून संस्करण में भी छपवाया जाए। अब प्रशासन के अफसर परेशान हो गए। अफसर ने मीडिया को अपना बयान जारी कर दिया। अब समाचार पत्र उसे किस संस्करण में प्रकाशित करे, इसे लेकर कैसे दवाब बनाया जाए। अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए। बताया जा रहा है कि मंत्री जी ने इसके बाद मीडिया से ताल्लुक रखने वाले विभाग के अफसरों से संपर्क साधा और हरिद्वार में हो रहे खनन को वैध बताने वाले जिलाधिकारी के बयान को देहरादून के संस्करणों में भी प्रकाशित कराने को कहा। विभाग के अफसरों ने मीडिया के लोगों से संपर्क किया और डीएम का बयान छापने का आग्रह किया। मीडिया के लोगों ने कहा कि मामला हरिद्वार जिले का है और वहां के संस्करण में इसे छापा जा चुका है। ऐसे में देहरादून में इसका प्रकाशन संभव नहीं है। विभागीय अफसरों ने बार-बार दबाव देने पर यह मामला मीडिया में फैल गया। चर्चा इस बात की शुरू हो गई कि आखिर मंत्री जी इतना बेचैन क्यों रहे हैं, हरिद्वार में हो रहे खनन या अवैध खनन में को लेकर उपजी कंट्रोवर्सी को शांत कराने में इतनी रुचि क्यों ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि विभागीय अफसरों का कहना मानकर समाचार पत्र ने हरिद्वार के जिलाधिकारी के बयान को देहरादून संस्करण में प्रकाशित कर दिया। इसमें कहा गया है कि हरिद्वार में खनन निजी जमीन को साफ करने के लिए किया जा रहा है। इसके लिए मंजूरी दी गई है और यह पूरी तरह से वैध है। इसके बाद ही मंत्री जी की बेचैनी खत्म हो सकी।
जबकि मंत्री जी के पास नहीं है खनन महकमा
इस मामले में एक अहम बात यह भी है कि मंत्री जी के पास खनन महकमा नहीं है। वो हरिद्वार जिले के न तो रहने वाले हैं और न ही उस जिले की किसी विधानसभा से विधायक है। इतना ही नहीं मंत्री जी हरिद्वार जिले के प्रभारी भी नहीं है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब हरिद्वार से उनका कोई सीधा ताल्लुक ही नहीं है तो वहां हो रहे खनन के वैध या अवैध होने से उनकी सेहत पर क्या फर्क पड़ रहा है। मीडिया कर्मी अपने-अपने तरीके से मंत्री जी की बेचैनी की वजह तलाश रहे हैं।
तेजाब पीडि़ता कविता बनायी गयी राज्य महिला सशक्तीकरण की ब्रैंड एम्बेसडर
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। प्रमुख सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राधा रतूड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की घोषणा की क्रम में तेजाब पीडि़ता सुश्री कविता बिष्ट को महिला सशक्तीकरण की ब्रैंड एम्बेसडर घोषित किया गया है। इस संबंध में आज विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिये गये है। श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि सुश्री कविता बिष्ट विभिन्न संस्थानों, विद्यालयों एवं स्कूलों में महिला सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता के प्रचार-प्रसार हेतु राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करेंगी। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा विगत दिनों इस संबंध में घोषणा की गई थी कि तेजाब पीडि़ता कविता बिष्ट को महिला सशक्तीकरण की ब्रैंड एम्बेसडर बनाया जायेगा।
60 फीसदी हो वायबिलिटी गैप फण्डिंग अनुदान: रावत
नई दिल्ली, 23 सितम्बर (निस)। स्वच्छता अभियान के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सेक्टर में वायबिलिटी गैप फण्डिंग अनुदान को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 60 प्रतिशत किया जाए। शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों के लिए निर्धारित प्रति यूनिट केन्द्रांश 4 हजार रूपये से बढ़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों की भांति 12 हजार रूपये किया जाए। इसी प्र्रकार पर्वतीय शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों के लिए प्रति यूनिट निर्धारित मानक 65 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार रूपये किया जाए। बुधवार को नई दिल्ली के नीति आयोग भवन में स्वच्छ भारत अभियान हेतु गठित मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पूर्व की केन्द्र सरकारों द्वारा सम्पूर्ण स्वच्छता प्राप्त करने की दिशा में आधारभूत कार्य कर जमीन तैयार कर दी गयी है। अब आवश्यकता मिलकर तैयार की गयी जमीन पर फसल लगाने की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कूड़ा बीनने वालों को संस्थागत रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की प्रक्रिया से जोड़कर उनके पुनर्वासन की नितान्त आवश्यकता है। कूड़ा बीनने वालों को किसी गैर सरकारी संस्था के माध्यम से स्थानीय संस्थाओं के साथ रजिस्टर कर उन्हें सरकारी कार्यक्रमों का लाभ दिया जाए तथा गुमनामी एवं गन्दगी से निकाल कर उन्हें स्वच्छ जीवन का अवसर दिया जाए। स्वच्छता मिशन के तहत युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर उत्पन्न करने के लिए आईटीआई में सेनिटेशन ट्रेड प्रारम्भ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जहां वर्ष भर तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है। अतः स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत ही हरिद्वार, ऋषिकेश व चारधाम यात्रा मार्गांे से गुजरने वाले यात्रियों तथा फ्लोटिंग पोपुलेशन के लिए मार्गों के किनारे एवं धार्मिक स्थलों के समीप यात्री सुविधाएं निर्मित करना आवश्यक है। आंगनवाडी केन्द्रांे पर आने वाले बच्चों के लिए मोबाईल शौचालयों की व्यवस्था की जायंे। स्वच्छ भारत अभियान के लिए संस्थागत ढ़ांचे के संबंध में सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भारत सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर पर महत्वपूर्ण विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जाए। प्रत्येक विभाग की भूमिका स्पष्ट हो व स्वच्छता के लिए बजट आवंटन तथा उसका उपभोग भी स्पष्ट हो। स्वच्छ भारत मिशन को सस्टेनेबल बनाने के लिए सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विकेन्द्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की नीति अपनाये जाने की आवश्यकता है। नयी आवासीय परियोजनाओं की स्वीकृति सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट के दृष्टिकोण से स्वनिर्भर इकाई के रूप में दी जाय, तथा उपलब्ध तकनीकों के माध्यम से ‘‘ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सम्बन्धित आवासीय कल्याण समितियों’’के द्वारा ही किया जाय। उद्योगों के अवशिष्ट को ट्रीटमेंट के पश्चात उद्योगों में ही या कृषि, बागवानी, पार्को के सौन्दर्यीकरण हेतु उपयोग में लाया जाये। औद्योगिक क्षेत्रों की भांति ही उपनगरीय क्षेत्रों में भी डिसेंट्रलाईज्ड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित किये जायें तथा स्वच्छीकृत जल का कृषि व बागवानी आदि कार्यो हेतु उपयोग किया जाए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड राज्य सरकार ने जनपद चमोली तथा बागेश्वर को स्वयं के संसाधनों से वर्ष 2016-17 तक खुला शौच मुक्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट रूल्स 2015 में अजैविक कूड़ा पैदा करने वालों पर एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रेस्पोंसिबिलिटी को प्रभावी बनाने हेतु सम्बन्धित को अपशिष्ट प्रबन्धन की जिम्मेदारी दी जाये या लेवी लगायी जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान हेतु मार्गदर्शिका निर्धारण तथा धनराशि आवंटन में राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को अवश्य ध्यान में रखा जाये। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित पीपीपी के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए वायबिलिटी गैप फण्डिंग स्कीम का लाभ लिये जाने के सम्बन्ध में सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थिति, अत्यधिक परिवहन लागत तथा छितरी आबादी के कारण पीपीपी प्रोजेक्ट में निजी संस्थाओं का रूझान नगण्य है। इसलिए पर्वतीय क्षेत्रों में इसे सफल बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत वीजीएफ अनुदान को 20 प्रतिशत के स्थान पर कम से कम 60 प्रतिशत किया जाये। स्वच्छ भारत मिशन के लिए सतत् वित्तीय संसाधन की व्यवस्था पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने सुझाव दिया कि विभिन्न वित्तीय संसाधनों के बीच डवटेलिंग की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नाॅन बायोडिग्रेडेबल वेस्ट उत्पादकों व हानिकारक रसायनयुक्त द्रव अपशिष्ट छोड़ने वाले उद्योगों पर लेवी लगाई जा सकती है।
अहंकार में डूबी है प्रदेश की हरीश रावत सरकारः कोश्यारी
- कहा, राज्य के मुद्दों पर भी सांसदों का सहयोग नहीं लिया जाता
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने प्रदेश की हरीश रावत सरकार द्वारा केंद्र सरकार पर राज्य के बजट में कटौती किए जाने को लेकर लगाए जा रहे आरोप पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अहंकार में डूबी हुई है। कोश्यारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सांसदों को उनके लोकसभा क्षेत्रों में हो रहे कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाया जाता है और नहीं विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास शिलापट्ट पर ही उनका नाम लिखा जाता है। बलवीर रोड स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व उनके सहयोगी केंद्र सरकार पर उत्तराखंड की उपेक्षा करने के लगातार आरोप लगा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा केंद्र पर उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा न देने, आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास व अर्द्धकुंभ के लिए बजट न दिए जाने के आरोप पर कोश्यारी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर आरोप लगाकर अपनी खीज मिटा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हर वक्त केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड की उपेक्षा का रोना रोते हैं, जबकि केंद्र सरकार हर वक्त उत्तराखंड की मदद में आगे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को पहले ही 10 प्रतिशत राशि बढ़ाकर दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्य को पांच वर्षों में 15 हजार करोड़ रुपये की ही धनराशि मिली, जबकि मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पांच वर्षों के लिए 40 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक जगह तक चिन्हित नहीं की गई है और केंद्र पर सहायता न करने का आरोप लगाया जा रहा है। राज्य सरकार गांवों के पुनर्वास के लिए जगह चिन्हित करे, केंद्र राज्य सरकार की पूरी मदद करेगा। राज्य सरकार अभी तक पुनर्वासित किए जाने वाले गांवों की सही संख्या तक नहीं बता पा रही है, कभी यह संख्या 345 बताई जाती है तो कभी ढाई सौ के करीब। कोश्यारी ने सीएम हरीश रावत को अहंकारी बताकर प्रदेश सरकार पर जवाबी हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अहंकार में डूबी है। प्रदेश सरकार द्वारा सांसदों को उनके लोकसभा क्षेत्रों में हो रहे कार्यक्रमों तक में राज्य सरकार द्वारा नहीं बुलाया जाता है और नहीं विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास शिलापट्ट पर ही उनका नाम लिखा जाता है। राज्य के मुद्दों पर भी सांसदों का सहयोग नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार अर्द्धकुंभ बजट के लिए मुख्य सचिव केंद्रीय वित्त मंत्री से मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि चैदहवें वित्त आयोग में केंद्र ने पंचायतों को 700 गुना अधिक बजट दिया है। पत्रकार वार्ता में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष खजान दास, विधायक पुष्कर धामी, प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल, सुनील उनियाल गामा, कैलाश पंत, उर्बा दत्त भट्ट आदि मौजूद रहे।
राज्य में सोलर ऊर्जा के संयंत्र लगायेगा अडानी समूह
- राज्य में निवेश की संभावनाओं पर किया विचार
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। अड़ानी ग्रुप के प्रतिनिधिमण्डल ने बीजापुर अतिथिगृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की सम्भावनाओ ंपर विचार विमर्श किया। अड़ानी ग्रुप के अधिकारियों ने बताया कि वे राजस्थान व गुजरात में सोलर पावर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने उŸाराखण्ड में भी सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उŸाराखण्ड के तराई क्षेत्र में इसके लिए बड़े स्केल पर भूमि उपलब्ध होना बहुत मुश्किल है। हालांकि पर्वतीय क्षेत्रों में पर्वतीय ढ़ालो ंपर भूमि उपलब्ध हो सकती है। वहां मैदानी क्षेत्रों की तरह सर्दियों में धुंध व कोहरे की समस्या भी नहीं रहती है और धूप भी अधिक तेज रहती है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण विशेष तौर पर फल प्रसंस्करण में बहुत सम्भावनाएं हैं। जिस प्रकार अड़ानी गु्रप हिमाचल प्रदेश में सेब की प्रोसेसिंग में काम कर रहा है उसी प्रकार की सम्भावनाएं उत्तराखण्ड में भी है। यहां के सेब की क्वालिटी हिमाचल प्रदेश से कम नहीं है। अड़ानी गु्रप द्वारा जिस प्रकार पंजाब में उच्च गुणवत्ता के हाई टेक्नीक के खाद्यान्न के स्टोरेज गोदाम बनाए हैं वैसे ही उत्तराखण्ड में भी बनाए जा सकते हैं। उŸाराखण्ड के शिवालिक क्षेत्र की बासमति असली बासमति कही जाती है। यहां के बासमति की महक अलग ही होती है। इस पर भी सम्भावनाओं पर विचार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के आठ जिले पूरी तरह से आर्गेनिक हैं, यहां के उत्पादों का प्रयोग करते हुए खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में यदि प्रस्ताव दिया जाता है तो राज्य सरकार उसमें सहयोग करेगी। उत्तराखण्ड में दूसरे राज्यों की तुलना में निवेश का अधिक माहौल है। अड़ानी गुप के अधिकारियों ने इस पर अनी सहमति जताई। तय किया गया कि इस प्रारम्भिक बातचीत के बाद मुख्य सचिव के स्तर पर विस्तार से विचार विमर्श कर सम्भावनाओं को टटोला जाए। बैठक में सीएम के औद्योगिक सलाहकार रणजीत सिंह रावत, मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, सहित राज्य सरकार व अड़ानी गुप के अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारों के लिए महिलाओं को जागरूक होना जरूरी: ह्दयेश
नैनीताल, 23 सितम्बर (निस)। आॅल इंडिया वूमेन्स कांफ्रेंस की अर्द्ध वार्षिक सभा को सम्बोधित करते हुए वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश ने कहा कि महिलाओं को जागरूक होकर अपने अधिकारों को हासिल करना होगा साथ ही समाज की असहाय व निर्बल महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए आगे आना होगा। यह विचार उन्होंने वार्षिक सभा में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। विक्रम विंटेज होटल में महिलाओं के अधिकारों को लेकर तीन दिवसीय सेमीनार का श्रीमती इंदिरा हृदयेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष बीना कोहली द्वारा द्वीप प्रज्जलित कर शुभारंभ किया। कान्फे्रस को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज का महत्वपूर्ण अंग है। इनके बिना मानव समाज के भविष्य की कल्पना नही की जा सकती है इसके बावजूद महिलाओं को समय-समय पर तमाम तरह की बुराईयों से जूझना पड़ता है। इतना ही नही महिलाओं को कमजोर समझ कर उन्हें प्रताडि़त किया जाता है। वर्तमान में महिलाओं के अधिकारों के लिए तमाम तरह के कानून व अन्य सुविधाएं मौजूद है लेकिन महिलाएं उनका लाभ नही उठा पा रही है। इसके पीछे मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। इसके लिए महिलाओं को खुद जागरूक होकर आगे आना होगा। वर्तमान समय में संसद समेत तमाम मंचों से महिलाओं के आरक्षण की बात तो की जाती है लेकिन अमलीजामा नही पहनाया जाता है। चाहे शिक्षा हो या फिर स्वतंत्रता, इसके लिए आज भी महिलाओं को जुझना पड़ रहा है। रात के समय में महिलाएं महानगरों में तमान सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी सुरक्षित नही है। आये दिन महिलाओं के साथ दुराचार जैसी घटनाएं बढ़ रही है। जो शर्म की बात है। सेमीनार को वूमेन कांफ्रेंस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बीना कोहली ने सम्बोधित करते हुये कहा की कान्फे्रस की स्थापना 1927 हुई है इसकी 520 शाखाऐं पूरे भारत में हैं। उन्होंने महिला कान्फे्रस द्वारा स्वास्थ, फैमली, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, के क्षेत्र मंे महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं उन्होंने इस अद्र्ववार्षिक कान्फे्रस का मुख्य उद्देश्व विगत 6 माह किये कार्याें का अनुश्रवण व आगे कार्य किये जाने हेतु विचार विमर्श करना है। ए0आई0डब्लू0सी0 जिला अध्यक्ष सरिता आर्या ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्भी बनाने के साथ ही सशक्त बनाना ए0आई0डब्लू0सी0 का उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा कि पुरूष सामाज द्वारा हमेशा महिलाओं के अधिकारों का हनन किया है। कार्यक्रम को प्रदेश अध्यक्ष राकेश धवन, शान्ति मेहरा, मन्जू कोटलिया, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बीना जैन, डा. मनोरमा भावा, आशा गंभीर, अमरेश्वरी मोरला, आदि ने भी सम्बोधित किया। कान्फे्रस में देश के विभिन्न राज्यों की लगभग 130 महिलाएं प्रतिभाग कर रही है। संचालन प्रो. नीता बोरा ने किया। इस मौके पर मुन्नी तिवारी, अशिता शर्मा, शीला काफड़, खष्टी बिष्ट, उमा पढालनी, शशि खंडेलवाल, बीना पांडे, भावना नौलिया, अमिता साह, पदमा सांगुड़ी, वंदना पांडे, ज्योति साह, विश्ना साह, छाया सक्सेना समेत अन्य सदस्य मौजूद थी।
महिला आयोग अध्यक्षा ने सुनी महिला उत्पीड़न की शिकायतें
रूद्रपुर, 23 सितम्बर (निस)। राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा सरोजनी कैन्त्यूरा ने आज विकास भवन सभागार में विभिन्न मामलों की जन सुनवाई की। जन सुनवाई शिविर में श्रीमती कैन्त्यूरा ने महिलाओं के उत्पीड़न से सम्बन्धित आयोग में दर्ज विभिन्न शिकायतों को गम्भीरता से लिया तथा पीडि़त महिलाओं को आश्वस्त किया कि आयोग महिलाओं के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्व है। आज जन सुनवाई शिविर में जो शिकायतें दर्ज हुई, उनका मौके पर ही निस्तारण भी किया गया। जनसुनवाई शिविर के दौरान श्रीमती कैन्त्यूरा ने कहा कि महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित कई मामले आयोग को प्राप्त हुए हैं, किन्तु सबसे अधिक शिकायतें जनपद उधमसिंह नगर से प्राप्त हुई हैं। शिकायतों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए आयोग द्वारा पहली अदालत रुद्रपुर में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग यहां समस्याओं के निस्तारण के लिए उपस्थित हुआ है जो सभी समस्याओं का निस्तारण करने के उपरान्त ही यहां से प्रस्थान करेगा। उन्होंने कहा कि परिवार में घरेलू उत्पीड़न,कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न,महिला षोशण व अन्य अत्याचार को रोकने के लिए महिला आयोेग तत्पर हेै लिहाजा महिलाओं को भी चाहिए कि यदि उत्पीड़न से सम्बन्धित कोई मामला उनसे सम्बन्धित है अथवा उनके संज्ञान में हो तो वे उसकी शिकायत आयोग में लिखित रुप में अवश्य दर्ज करवायें। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह उत्पीडन व अत्याचार को सहन न करें, क्योंकि अत्याचार को सहन करना भी अत्याचार को बढावा देना है। उन्होंने स्पश्ट किया कि आयोग की मंशा है कि समाज को जागरुक करने के लिए युवाओं का भी सहयोग लिया जाये। श्रीमती कैन्त्यूरा ने कहा कि आयोग के तत्वाधान में शीघ्र ही ऐसे शिविरों का आयोजन किया जायेगा जिसमें युवक युवतियों को कानूनी व सांस्कारिक विवाह पद्वति व उनके महत्व की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के उत्पीडन को रोकने के लिए सिडकुल क्षेत्र, शिक्षण संस्थानों, चिकित्सीय क्षेत्रों व अन्य संस्थानों में जहां महिला कर्मचारी कार्यरत रहती है, में महिला सुरक्षा समिति गठित की जाये। उन्होंने कहा कि आज शिविर में दोनों पक्षों को लेकर सुनवाई कर समस्याओं का निदान किया जा रहा है और आगामी 24 सितम्बर तक यह क्रम जारी रहेगा। शिविर में सदस्य सचिव राज्य महिला आयोग सुजाता, एडवोकेट दयाराम सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला, पूर्व जिला महासचिव शर्मिला सिरौही, पूर्व चैयरमेन न0पा0मीना शर्मा, दीपक चैधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी ललिता वर्मा, डीपीओ सरोज टम्टा, सहित पुलिस विभाग से कुमकुम समेत अन्य अधिकारी व विभिन्न तहसीलों से आई हुई महिलाएं मौजूद थी।
विद्यार्थियों को दिया माॅक ड्रिल का प्रशिक्षण
अल्मोड़ा, 23 सितम्बर (निस)। उत्तराखण्ड राज्य अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है विद्यालयों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन कर विद्यार्थियों में जागरुकता पैदा करनी होगी जिससे आपदाओें के प्रति संवेदनशीलता को कम किया जा सकता है। यह बात अपर जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा प्रकाश चन्द्र ने जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र के सहयोग से जनपद अल्मोड़ा के राजकीय इन्टर कालेज लोधिया में आयोजित भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा से बचाव के लिए माॅक ड्रिल प्रशिक्षण का आयोजन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राजकीय इन्टर कालेज लोधिया एवं राजकीय बालिका इन्टर कालेज, अल्मोड़ा में पहले चरण का शुभारम्भ किया जा रहा है। अपर जिला अधिकारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र का यह प्रयास सराहनीय है तथा इस हेतु उन्हे जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जायेगा। इससे पूर्व माॅक ड्रिल के शुभारम्भ पर आपदा न्यूनीकरण एसं प्रबन्धन केन्द्र के तकनीकी प्रबन्धक भूपेन्द्र भैसोड़ा एवं तकनीकी सहायक घनश्याम द्वारा विद्यार्थियों को आपदाओं तथा उनके स्वरुपों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी तथा माॅक ड्रिल की प्रासंगिकता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी द्वारा विद्यालय स्तरीय आपदा प्रबन्धन समिति तथा विद्यालय में खोज एवं बचाव दल, प्राथमिक चिकित्सा दल आदि के गठन एवं उनके कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को स्ट्रेचर बनाना, प्राथमिक चिकित्सा देना, खोज एवं बचाव में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों के बारे में बताया गया। विद्यार्थियों को आपदाओं के समय कक्षा कक्षों के अनुसार प्रत्येक कक्षा हेतु बनायी जाने वाली निकासी योजना के बारे में भी बताया गया तथा निकासी योजना को चार्ट पर तैयार कर उसे कक्षा में टांगने हेतु भी प्रेरित किया गया जिससे कि नये आने वाले विद्यार्थी भी उसके बारे में जान सकें। प्रशिक्षण के उपरान्त विभिन्न कक्षाओं द्वारा भूकम्प के समय उत्पन्न होने वाली स्थिति में किये जाने वाले त्वरित प्रतिवादन का अभ्यास किया। माॅक ड्रिल में आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र के मुख्य प्रशिक्षक आलोक वर्मा, अजय चैधरी, दीपेश सिंह, रविन्द्र सिंह मेर, कुन्दन सिंह, गोधन सिंह का सहयोग रहा। इस अवसर पर राजकीय इन्टर कालेज लोधिया के प्रधानाचार्य अनिल पन्त, राजकीय बालिका इन्टर कालेज की प्रधानाचार्या सावित्री टम्टा, नन्दा सिंह दशौनी, प्रेम चन्द्र जोशी, कमलेश्वरी प्रसाद तिवारी, प्रकाश सिंह मेहरा, राजेन्द्र सिंह खड़ायत, डा0 जानकी लोहनी, श्रीमती अंजलि शर्मा, कुन्दन राम, विशन सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।
सहकारिता की भावना को आगे बढ़ाने की जरूरत: कुंजवाल
अल्मोड़ा, 23 सितम्बर (निस)। ऋण जमा अनुपात में वृद्वि के साथ ही सहकारिता के सिद्वान्तों को हमें ग्राह्य करना होगा। यह बात प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने आज जिला सहकारी बैंक के 45वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर कही। श्री कुंजवाल ने कहा कि आर्थिक रूप से तरक्की के लिए हमें सहकारिता की भावना को आगे बढ़ाना होगा साथ ही उन्होंने स्वयंसहायता समूहों के माध्यम से इस सहकारिता आन्दोलन को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने विकासखण्ड स्तर पर कार्यशालायें आयोजित कर सहकारिता से जुड़े लोगो को प्रशिक्षण देने की बात कही। ऋण देने के साथ ही उसकी वसूली पर भी हमें ध्यान देना होगा तभी बैंक तरक्की कर पायेगा मिनी बैंकों को हमें सशक्त बनाना होगा। इस अवसर पर उन्होंने सोसायटियों की स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब को इसकी स्थिति को आगे बढ़ाना होगा तभी हम आगे बढ़ पायेंगे। बैंक में कर्मचारियों की कमी पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सहकारिता मंत्री से वे स्वयं बात करेंगे ताकि बैंकों का काम अधिक हो सके। रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशानुसार ही यह बैंक काम करते है इसलिए उनके नियमों का पालन भी हमें करना होगा। उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियों को भी सहकारिता से जोड़ना होगा ताकि यह सहकारिता आन्दोलन और अधिक उन्नति कर सके। इससे पूर्व उन्होंने आज जिला सहकारी बैंक में वीडियों कान्फ्रेसिंग हाल, बैंक की वेबसाईट, का लोकार्पण किया और कहा कि सूचना क्रान्ति के इस दौर में एक कदम आगे बढ़कर बैंक ने अनुसरणीय काम किया है जिसके लिए बैंक के सभी लोग बधाई के पात्र है। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा ने कहा कि वर्ष 2013-14 में बैंक की निजी पूॅजी 468.64 लाख रू0 थी, जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 4218.42 लाख रू0 हो गयी इस प्रकार वर्ष 2014-15 की निजी पूॅजी में 49.98 लाख रू0 की वृद्वि हुई। विगत वर्ष ए0जी0एम0 न होने के कारण बैंक का लाभ वितरण नहीं हो पाया था, जिस कारण निजी पूॅजी में वृद्वि कम दर्शित रही। उन्होंने कहा कि लाभांश वितरण होने पर बैंक की निजी पूॅजी में 576.96 लाख रू0 की वृद्वि होनी है जो कि बैंक के प्रति जनता के विश्वास का परिचायक है। वर्ष 2009 में वर्तमान तक बैंक द्वारा समितियों के माध्यम से उनके क्षेत्र के सहकारी समितियों के सदस्यों को उनकी माॅंग के अनुरूप सहकारी सहभागिता योजना के अन्तर्गत 5.00 से 5.50 प्रतिशत की दर से फसली ऋण, मध्यकालीन ऋण, उर्वरक, जड़ी-बूटी, कृषिकरण के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराये जा रहे है साथ की विविधिकरण योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत ऋण भी वितरित किये गये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बैंक द्वारा टिकाऊ उपभोक्ता सामग्री के क्रय हेतु ऋण सुविधा 3.00 लाख रू0 से बढ़कर 5.00 लाख रू0 एवं कैश क्रेडिट ऋण वेतनभागी कर्मचारियों को 5.00 लाख रू0 से 10.00 लाख रू0 एवं वेतनभोगी समिति के माध्यम से 3.00 लाख रू0 तक ऋण सदस्यों को उपलब्घ कराया जा रहा है। इस अवसर पर संसदीय सचिव मनोज तिवारी, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा अधीनस्थ चयन आयोग के सदस्य दीवान भैसाड़ा, वन पंचायत सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष धमर सिंह मेहरा ने कहा कि सहकारिता आन्दोलन को मजबूत करने के लिए हम सभी को आगे बढ़कर कार्य करना होगा। इस अवसर पर अनेक बैंक प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे और उसका निदान करने की बात कही। बैंक के सचिव एवं महाप्रबन्धक पी0के0एस0 फत्र्याल ने बैंक की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और विश्वास दिलाया कि बैंक प्रतिनिधियों के जो भी सुझाव आयेंगे उनका गम्भीरता से पालन किय जायेगा साथ ही जो समितियाॅ कमजोर है उनको सशक्त बनाने का काम किया जायेगा। जिला निबन्धक सहकारिता सी0एस0 पांगती ने कहा कि जहाॅ पर मिनी बैंकों के भवन नहीं है उन भवनों हेतु जिला योजना में प्रस्ताव रखा जा रहा है ताकि वे सुविधा सम्पन्न हो सके। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी डा0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, उप निबन्धक सहकारिता ए0के0 शर्मा, सहायक निबन्धक सहकारिता सी0एस0 पांगती, नाबार्ड के प्रबन्धक बी0एस0 बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, दुग्ध संघ अध्यक्ष दीप डाॅगीं, ब्लाॅक प्रमुख/कांग्रेस अध्यक्ष पीताम्बर पाण्डे, प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, संचालक विरेन्द्र सिंह, पान सिंह फत्र्याल, हर्ष कनवाल, श्री प्रकाश सिंह, प्रमोद रावत आदि उपस्थित थे।
महिला से छेड़छाड़ व हमले का आरोपी गिरफ्तार
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। विकासनगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ढकरानी में एक युवक ने घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ की। जब इसका विरोध किया गया तो युवक ने लोहे की रॉड से हमला कर महिला के पति व ससुर को घायल कर दिया। पुलिस छेड़छाड़ व हमले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना गत रात की है। ढकरानी में टिंकू नाम का युवक सचिन के घर में घुस गया। वहां कमरे में सचिन की पत्नी को अकेले देखकर उससे छेड़छाड़ करने लगा। इसी बीच महिला ने शोर मचा दिया। महिला के शोर मचाने पर दूसरे कमरे से उसका पति सचिन व ससुर पूरन आ गए। मौका पाकर आरोपी भागने लगा, इसी बीच सचिन व उसके पिता ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया जो उसने लोहे की राॅड से हमला कर दिया। दोनों को घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने पर दरोगा विनय गुसाईं मौके पर पहुंचे, महिला की तहरीर पर युवक के खिलाफ जानलेवा हमले के प्रयास व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। टिंकू पहले भी छेड़छाड़ के मामले में जेल जा चुका है।
पेट्रोल भरवाते वक्त बाइक में लगी आग
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। देहरादून-हरिद्वार बाईपास पर पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरवाते वक्त बाइक में आग लग गई। अचानक हुए इस हादसे से पेट्रोल पंप में हड़कंप मच गया। वहीं बाइक पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
जानकारी के अनुसार नवीन पुत्र त्रिलोक निवासी रोहिना टिहरी आज बाईपास स्थित पेट्रोल पंप पर अपनी पल्सर बाइक में पेट्रोल भरवा रहा था। तभी बाइक में अचानक आग गई। बाइक सवार तेजी से बाइक से उतर गया। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता बाइक ने तेज आग पकड़ ली और धूं-धूं कर जलने लगी। इससे वहां मौजूद लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। पेट्रोप पंप कर्मियों ने आग बुझाने वाले उपकरण से बाइक की आग बुझाई, लेकिन तब तक बाइक पूरी तहर से जल चुकी थी। हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
दिशा विहीन रावत सरकार निकाल रही जनता का दम - महाराज
देहरादून, 23 सितम्बर (निस) । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सदस्य भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि उŸाराखण्ड की रावत सरकार ने आपदा ग्रसित राज्य की जनता का दम निकालने पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के रेट दस हजार से बढ़ा कर सीधा 27 हजार कर उन्होंने जनता पर बोझ डाला है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अपने सर पर छत के लिए मेहनत से पैसे जोड़ कर 25 या 50 गज के घर बनाते हैं, ऐसे में दरें बढ़ाना उन पर बोझ डालना है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि एक ओर तो लीज होल्ड से फ्री-होल्ड करने के लिए कोई व्यापक योजना अभी तक नहीं बनाई गई। लीज होल्ड वालो के लिए कोई ऐसी स्कीम सरकार नहीं लाई कि वे किस्तों में पैसा दे अपना घर फ्री-होल्ड करवा लें, दूसरी ओर रजिस्ट्री दर बढ़ा कर सरकार ने तो जनता की कमर तोड़ दी है। आपदा प्रभावितों को तो अभी तक घर मिले नहीं है। विस्थापन व पुनर्वास की नीति नहींे बनी है परन्तु दरें बढ़ा कर जनता को पीसा जा रहा है। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि हाल ही में रावत सरकार ने पैट्रोल व डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला और अब रजिस्ट्री की दर बढ़ा कर सरकार ने सभी हदों को पार कर दिया है। उन्होंने कहा कि न जाने आगे और कितने ऐसे तुगलकी फरमानों द्वारा जनता पर बोझ डाला जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह जनता के प्रति असंवेदनषील सरकार दषा व दिषा विहीन है जो जनता को पीस रही है।
स्वामी दयानंद सरस्वती को आश्रम ले जाया गया
ऋषिकेश, 23 सितम्बर (निस) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती को आज शीशमझाड़ी स्थिति उनके आश्रम में लाया गया। स्वामी दयानंद सरस्वती की सेहत काफी समय से नासाज चल रही थी। उनका हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में उपचार चल रहा था। स्वामी दयानंद सरस्वती को पिछले छह दिन से आइसीयू में रखा गया था, जहां उन्हें नियमित डायलसिस दिया जा रहा था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने जीवन का आखिरी समय अपने आश्रम में बिताने की इच्छा जाहिर की थी। गहन विचार-विमर्श के बाद आश्रम के सदस्य आज उन्हें आश्रम ले गए। आश्रम में स्वामी को चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है। उनके दर्शन को बड़ी संख्या में संत, अनुयायी और श्रद्धालु आश्रम पहुंच रहे हैं।
38 तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ धाम के दर्शन को किया रवाना
पिथौरागढ़, 23 सितम्बर (निस) । हमारे बुजुर्ग हमारे तीर्थ योजना के अंतर्गत आज बद्रीनाथ धाम के दर्शन को जा रहे कुल 38 तीर्थ यात्रियों को प्रभारी जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिये कि उक्त तीर्थ यात्रा हेतु जनपद को 1200 तीर्थ यात्रियों को यात्रा कराये जाने हेतु शासन द्वारा जो लक्ष्य जनपद को दिये गये हैं उक्त लक्ष्य की पूर्ति हेतु अब लगभग 2 माह अवशेष रह गये हैं। इस हेतु सप्ताह में 2 से अधिक तीर्थ यात्री दल को यात्रा हेतु भेजा जाये। उन्होंने विभाग को निर्देश दिये की आगे जाने वाले तीर्थ यात्री दल के प्रत्येक यात्री का एक परिचय पत्र अवश्य बनाया जाये तथा उक्त सम्पूर्ण यात्रियों का विवरण भी कार्यालय के एक पंजिका में रखा जाये ताकि अधिक सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि सप्ताह में जनपद से अधिक तीर्थ यात्री दलों को भेजे जाने हेतु मार्ग में आवश्यक व्यवस्था आदि हेतु वह स्वंय गढ़वाल मण्डल विकास निगम से वार्ता करेंगे। इस अवसर पर नवागंतुक जिला पर्यटन अधिकारी भगवती प्रसाद टम्टा ने अवगत कराया कि हमारे बुजुर्ग हमारे तीर्थ योजना के अन्तर्गत जनपद को कुल 1200 तीर्थ यात्रियों को तीर्थ यात्रा कराये जाने का लक्ष्य दिया गया हैं वर्तमान तक 363 तीर्थ यात्रियों द्वारा यात्रा पूर्ण कर ली गयी हैं। आज के तीर्थ यात्री दल में कुल 38 तीर्थ यात्री जिसमें 26 महिलाये, 12 पुरूष तथा 2 गाइड चालक परिचालक सम्मीलित हैं। यात्री दल में सबसे अधिक आयु के पुरूष तीर्थ यात्री में भगवती प्रसाद पाण्डेय 80 वर्षीय निवासी खड़कोट तथा सबसे अधिक 80 वर्षीय महिला तीर्थ यात्री ग्राम सुवाकोट वड्डा समिल हैं। इस मौके पर प्रबंधक कु०म०वि०नि० दिनेश गुरूरानी समेत तीर्थ यात्री आदि उपस्थित थे।