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विशेष : अजा, अजजा एवं ओबीसी के विधायकों के नाम खुला खत

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  • सवर्णों को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का विरोध करें!

राजस्थान विधानसभा के सभी सम्माननीय अजा, अजजा एवं ओबीसी के विधायकों को जनहित में सोशल मीडिया के माध्यम से अवगत करवाया जाता है कि—14 मार्च, 2015 को मैंने ''सावधान आर्यों की साजिश : 12 % आर्यों की 1 % गरीब आबादी को 14 % आरक्षण!''शीर्षक से आगाह किया था, लेकिन दु:ख का विषय है कि आप में से किसी को भी आर्यों को आरक्षण का दुष्चक्र समझ नहीं आया। या आप सभी सवर्ण समर्थक सरकार के दबाव में हैं। जिसका दु:खद दुष्परिणाम यह है कि राजस्थान सरकार के मंत्रीमंडल ने दिनांक : 08.09.2015 को 1 फीसदी गरीब सवर्ण आबादी को आर्थिक आधार पर 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश कर पारित करना प्रस्तावित है।

अत: आप अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को फिर से सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जा रहा है कि 'हक रक्षक दल सामाजिक संगठन'आर्थिक आधार पर सवर्ण वर्गों को  14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के असंवैधानिक प्रस्ताव का कड़ा विरोध करता है। आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के जन प्रतिनिधि हैं, इस कारण आपको इस असंवैधानिक विधेयक का कड़ा विरोध करके इसे पारित नहीं होने देना चाहिये। जिसके निम्न न्यायसंगत कारण हैं :—

1-भारत में सवर्णों (आर्यों) की अधिकतम कुल आबादी करीब 10 से 12 फीसदी है, जिसमें से बमुश्किल कोई 01 फीसदी ग़रीब होंगे।

2-जिन आर्यों की देश में अधिकतम कुल 12 फीसदी आबादी बताई जाती है, वे अपनी 01 फीसदी गरीब आबादी के कथित संरक्षण के बहाने 14 फीसदी संवैधानिक पदों, सरकारी सेवाओं और शिक्षण संस्थानों पर अ-संवैधानिक कब्जा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

3-देश के सभी वर्गों में समानता स्थापित करने के मकसद से संविधान की सामाजिक न्याय की अवधारणा के अनुसार केवल उन वंचित वर्गों को आरक्षण प्रदान किया जा सकता है, जिनका राज्य सत्ता और प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो, जबकि भारत की राज्य सत्ता और प्रशासन में तो सर्वत्र केवल और केवल आर्य—सवर्णों का ही सम्पूर्ण और एकछत्र कब्जा है। आर्य—सवर्णों ने तो अन्य वर्गों के हकों पर भी कब्जा जमाया हुआ है। इसलिये उनको आरक्षण प्रदान करने की कोई संवैधानिक आवश्यकता नहीं है।

4-अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को उनकी कुल आबादी के बराबर आरक्षण प्रदान करने के प्रस्ताव/सवाल पर मनुवादी सुप्रीम कोर्ट यह कहकर रोक लगा देता है कि ओबीसी की जनसंख्या के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जबकि गरीब सवर्णों को आंकड़े उपलब्ध नहीं होने पर भी 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया जा चुका है।

5-इसी प्रकार अजा एवं अजजा वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान किये जाने की संवैधानिक मांग/सवाल पर इस सरकार द्वारा इस कारण ध्यान नहीं दिया जाता, क्योंकि सत्ता पर काबिज आर्यों का कहना है कि न्यायपालिका द्वारा पचास फीसदी से अधिक आरक्षण प्रदान करने पर रोक लगा रखी है।

6-ऐसे में सबसे पहला सवाल तो ये है कि सरकार द्वार भारत की जनसंख्या की जातिगत आधार पर निष्पक्ष जनगणना करवाकर जनसंख्या के आंकड़े तत्काल प्रभाव से प्रत्येक जातिवार सार्वजनिक क्यों नहीं किये जाते? जिससे सभी जातियों की वास्तविक जनसंख्या सामने आ सके।

7. अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को उक्त विधेयक का विधानसभा में इस कारण विरोध करना चाहिये कि सरकार का पहला संवैधानिक दायित्व है कि सबसे पहले ओबीसी, अजा एवं अजजा वर्गों को उनकी नवीनतम जनसंख्या अनुपात में सभी क्षेत्रों में आरक्षण प्रदान किया जाना संवैधानिक जरूरत है। इसके बाद सभी वर्गों को प्रदान आरक्षण का 100 फीसदी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। सरकार की यह संवैधानिक जिम्मेदारी पूर्ण होने से पहले सवर्णों को आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव वंचित वर्गों के साथ अन्याय है।

8. आप सभी विधायकों को ज्ञात होना चाहिये कि सवर्ण गरीबों के नाम पर देश के 12 फीसदी आर्य लोग, 14 फीसदी आरक्षण पाने का असंवैधानिक और घिनौना षड्यंत्र रच रहे हैं। जिसकी हक रक्षक दल सामाजिक संगठन कड़े शब्दों में निंदा और भर्त्सना करता है। हर इंसाफ पसन्द और संविधान में विश्वास करने वाले व्यक्ति को इस असंवैधानिक प्रस्ताव का कड़ा विरोध करना चाहिये।

9. हक रक्षक दल सामाजिक संगठन के लाखों समर्थकों की मांग है कि आप अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायक दलगत भावना से ऊपर उठकर राजस्थान विधानसभा में एकजुट होकर सवर्ण—आर्यों की इस असंवैधानिक साजिश का कडा विरोध करें और वंचित अजा, अजजा एवं ओबीसी वर्गों के संवैधानिक हितों की रक्षा करें।

10. आगामी विधानसभा सत्र में उक्त विधेयक को पेश किये जाते समय यदि आप सब चुप रहे और उक्त असंवैधानिक विधेयक पारित हो गया तो सवर्ण—आर्यों की 01 फीसदी कथित गरीब आबादी को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के बहाने 14 फीसदी संवैधानिक पदों अवैध कब्जा जमाया जायेगा और सभी शिक्षण संस्थानों और सरकारी सेवाओं में वंचित वर्गों के हकों को छीना जायेगा। जिसके लिये सीधे—सीधे आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायक जिम्मेदार होंगे।

11. हक रक्षक दल सामाजिक संगठन द्वारा आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जाता है कि यदि आप उक्त असंवैधानिक और मनमाने विधेयक का विधानसभा में विरोध नहीं करेंगे और यदि यह विधेयक पारित हो गया तो 'हक रक्षक दल सामाजिक संगठन'आप सभी के निर्वाचन क्षेत्र में जाकर, आपके मतदाताओं को अवगत करवायेगा कि आपने वंचित वर्गों के संवैधानिक हकों की परवाह नहीं हैं। इस कारण भविष्य में आपको कभी भी विधानसभा में नहीं चुना जावे।

आशा है कि आप अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।


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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा—राष्ट्रीय प्रमुख
हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन
दिनांक : 09.09.2015, मो. 98750 66111

2006 के मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में दोषियों को आज सजा सुनाई जाएगी

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नौ साल पहले हुए 7/11 लोकल ट्रेन धमाकों के मामले में आज मकोका कोर्ट दोषियों को सज़ा सुना सकती है। इस आतंकी वारदात में 180 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में विशेष जज ने पिछले हफ़्ते सज़ा पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की। इसमें अभियोजन पक्ष ने दोषी करार दिए गए आठ लोगों के लिए फांसी और चार को उम्रकैद की सज़ा दिए जाने की मांग की है। विशेष मकोका कोर्ट ने 23 सितंबर को मामले में सज़ा पर अपने फैसले को 30 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

धमाकों के दोषियों ने धमाके के पीडि़त परिवारों से मदद की गुहार लगाई है। जेल में बंद सभी 12 दोषियों ने पत्र लिखकर कहा है कि जिस तरह आप धमाके के पीड़ित है वैसे ही हम सिस्टम के पीड़ित हैं। हमें न्याय दिलाने में मदद कीजिए।

इससे पहले 11 सितंबर को कोर्ट ने 13 आरोपियों में से 12 को दोषी करार दिया था, जबकि एक को बरी कर दिया। 11 जुलाई 2006 को कुल 7 धमाके हुए थे। शाम 6. 23 मिनट से 6.28 मिनट के बीच ये धमाके हुए थे, जिसमें 187 मरे और 817 जख्मी हुए थे। ये धमाके बांद्रा, माहिम, मीरा रोड, माटुंगा, जोगेश्वरी, खार सबवे, बोरीवली में हुए थे। इस आतंकी वारदात में 180 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए थे।

विशेष आलेख : अत्याचार के जंजीरों में जकड़े प्रवासी मजदूर

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मूल रूप से प्रवासी मजदूर वो मजदूर होते है जो अपने गाँव से निकलकर शहरों की ओर संभावनाए तलाशने के लिए पलायन करते है| प्रवासी मजदूरों में बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल के लोग ज्यादातर पाए जाते है जो दिल्ली, गुडगाँव, लुधियाना, सूरत, चेन्नई, मुंबई आदि जैसे बड़े शहरों में अपनी संभावनाएं तलाशते रहते है| मजदूर जहाँ भी जाते है वहाँ उनकी ज्यादा से ज्यादा कोशिश यही रहती है कि किसी भी तरीके से सौ-पचास बचाकर अपने परिवार के लिए भेज दूँ जिससे वो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभा सके| लेकिन ऐसे में तमाम तरीको से जब उनकी जेब काटने की कोशिश की जाती है तो प्रश्न उठने लाजमी है और विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है| रविश कुमार ने तीन चार जगहों पर इसकी रिपोर्टिंग बड़ी ही बेबाकी से की हुई है जिसमे दिल्ली का कापासेडा, सूरत, लुधियाना और गुडगाँव जैसे जगह शामिल है| तीनो-चारो जगहों से कुछ बाते बिल्कुल कॉमन रही, कुछ बहूत सारे गंभीर प्रश्नों को जन्म देती दिखी और सरकारी नीतियों का मटियामेट भी करती नजर आई|

शहरी बंधुआगिरी  
आज तो खैर बहूत कम हो गया है लेकिन पहले क्या होता था कि गाँव में भूमिहर किसानो के खेतों में, भूमिहीन मजदूर बंधुआ मजदूरी के तौर पर काम करते थे| बंधुआ इसलिए होते थे क्युकी वो जिस मालिक के यहाँ काम कर रहे होते थे उसपर बस उन्ही मालिको का हक होता था| उन बंधुआ मजदूरों के पास अपनी मर्जी से किसी दुसरे किसान के यहाँ काम करने की इज्जाजत नहीं होती थी| इसके एवज में उन्हें खेत का कुछ हिस्सा उन्हें खेती करने के लिए दे दिया जाता था जिसका पैदावार ही उनका पगार है| गाँव में आज भी है लेकिन पहले के अपेक्षाकृत आज बहूत कम है| लेकिन बंधुआगिरी ख़त्म नहीं हुई है, वो जैसे के तैसे ही है बस अंतर यह है कि वो बन्धुआगिरी गाँव से शहर की ओर स्थानांतर हो चुकी है| शायद यही कारण होगा जिससे लोगो को लगता है कि वो अब विकसित होने की राह पर है और बन्धुआगिरी वाली समस्या लगभग ख़त्म होने को आ चुकी है| रविश के चारों रिपोर्टें इसका प्रमाण है कि नहीं बन्धुआगिरी का एक जगह आज भी समाज में है|

इन सभी रिपोर्टों में एक बात कॉमन यह रही कि पलायन करके आए मजदूरों को उसके मकानमालिक के प्रति इस बात को लेकर जवाबदेही होना पड़ता है कि सारा का सारा खपत होने वाला राशन, मकानमालिक के दुकान से ही ले रहा है न| मजदूर उनके दुकान से लेने के लिए तो मजबूर है ही, साथ ही साथ उसका दाम भी बाजार के अपेक्षाकृत ज्यादा चुकाना पड़ता है| परिमल कुमार द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक जो चीनी 28रु प्रतिकिलो बाहर की दुकानों पर मिलती है वही चीनी 40रु प्रतिकिलो की दर पर मकान मालिक बेच रहे थे| बाहर की दुकानों में 170रु प्रतिकिलो मिलने वाला आटा 230रु प्रतिकिलो के हिसाब से मकानमालिको के दुकान पर बिकता है| दरों में इतनी उतराव चढाव सरकारी स्तर पर भी कभी देखने को नहीं मिलता| एक दो रूपए ऊपर निचे होता तो एकबार उसे हलके में ले सकते थे लेकिन इतना अंतर जिसमे अगर वही चीनी मै या आप खरीदने बाजार जाते है तो 28रु प्रतिकिलो और उन मजदूरों के लिए वही चीनी 40रु प्रतिकिलो दर पर मिलना कितना जायज है| जिस जगह वो रह रहे होते है, लोकतंत्र पता नहीं किस खोल में घुसा हुआ होता है जहाँ मजदूरों का विरोध करने का सवाल ही पैदा नहीं होता| विरोध का मतलब कमरा छोड़कर जाना पड़ता है| तमाम तरह के गैरसरकारी संगठन और मजदूर यूनियन होने के बावजूद आवास के मामले में मजदूर पूरी तरह से बंधुआ हो चुके है जिन्हें शहरी बंधुआ आसानी से कहा जा सकता है|

वेतन कम और महंगाई ज्यादा     
आवास से लेकर बिजली, पानी, राशन और कंपनी के चौकठ तक उन्हें कई तरह से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है| मजदूर की तरफ से कंपनी के लिए ‘न्यनतम मजदूरी’ के सन्दर्भ में आने वाली शिकायत कोई नई नहीं है| सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम कीमत के मुताबिक उनका वेतन आज भी बहूत सारे मजदूरों को नहीं मिल पाता है| बेरोजगारी की वजह से मजदूरी के लिए प्रतिस्पर्धा बाजार में इतनी ज्यादा है कि मजदूर किसी भी कीमत पर अपने आप को जलती भठ्ठी में झोकने के लिए आतुर रहते है| ऐसे में कोई उनका जेब सामने से काट कर चला जाए और वो बेबस होकर देखते रहे, मुझे लगता है हमारे तंत्र पर इससे ज्यादा बड़ा तमाचा और कुछ हो ही नहीं सकता जिसमे (40-28=12) प्रतिकिलो चीनी पर 12 रु कटता दिख रहा हो, उनके बाद भी वह असहाय हो| यहाँ पर शाइनिंग इण्डिया, गेट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, टीम इंडिया सब के सब धराशायी हो जाते है| कई बार इस तरह की बातें भी सामने आती रही है जिसमे ‘काम सिखाने’ के नाम पर बेहद कम वेतन दिया जाता है कुछ सालों तक जब उसकी वेतन बढाने की बातें आती है तो तमाम तरह के आरोप लगा के उन्हें हटा दिया जाता है|

वो मजदूर भी उसी टीम इंडिया के सदस्य है जिसका जिक्र हमारे प्रधानमंत्री जी बारंबार करते रहे है जिसके सह पर मेक इन इंडिया का सपना देखा जाता है| जिसे न्यूनतम मूल्य से भी कम रूपए वेतन के रूप में मिल रहा हो और बाकी के लोगो से 12रु प्रतिकिलो ज्यादा देकर चीनी खानी पड़ती हो उसको क्या बचेगा| उसको क्या मतलब देश दुनिया की जीडीपी या विकास से, उसके लिए पेट प्रधान है| मुझे लगता है कि अगर मजदूर को लायबिलिटी के जगह पर एक पोटेंशियल के तौर पर सरकार देखे तो शायद भारत की नीतियों में चार चाँद लग सकता है| कानून के अनुसार न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने पर मालिकों को 6 माह तक कैद का भी प्रावधान किया गया है| फिर प्रश्न उठता है कि अगर है तो एक्टिव क्यों नहीं है उसकी डिलीवरी ढंग से क्यों नहीं हो पा रही है| होना यह चाहिए था कि तमाम NGOs और यूनियन वालों को वाचडॉग के रूप में इस बात की निगरानी रखनी चाहिए| 

असुरक्षित मजदूर
बाहर में काम कर रहे मजदूर आज भी असुरक्षित है| आज भी गुलाम है जिन्हें समय पर किराया न देने की वजह से हिंसा का शिकार भी होना पड़ता है| पैसा कौन से उन मजदूरों के हाथ में होता है कंपनी का सुपरवाइजर उनको देगा तभी तो वो अपने मकानमालिक को चुकाएँगे| बचत खाता के बारे में सोचना भी बेवकूफी ही है जहाँ वेतन ऊंट के मुह में जीरा के बराबर हो और राशन पताई पर खर्चा उच्च वर्ग से भी ज्यादा हो जैसा कि हमने ऊपर परिमल कुमार के रिपोर्ट में देखा| उन रिपोर्ट में महिलाओं के हाथ हिंसा का भी मामला सामने आया| हाल में IMF के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लार्गाड़े ने कहा कि अगर काम की दिशा में पुरुष और महिलाओं की भागीदारी बराबर हो जाए तो अमेरिका के जीडीपी में 5%, जापान के जीडीपी में 9% और भारत के जीडीपी में 27% की बढ़ोतरी हो सकती है| क्या आपको लगता है कि ऐसे में महिलाओं की भागीदारी कभी बराबर हो पाएगी जहाँ ढंग से, इज्जत से रहने तक नहीं दिया जाता| उन महिलाओ के लिए क्या कानून है जिससे उन्हें पगार वक्त पर मिले और वो समय से अपने मकान मालिको को किराया चूका सके| 

यही नहीं एक बात और सामने आती रही है कि जो भी किरायदार माकन में रहता है उनके औरतों से मकानमालिक घर भी साफ़ करवाते रहे है, उनके बच्चे मालिकों के देह तक दबाते है और बाकी के छोटे मोटे घरेलु काम भी करते रहे है| दुसरे शब्दों में कहूँ तो पूरा परिवार किराया तो देता ही है उसके साथ साथ बेगारी भी करना होता है जिसका वेतन नहीं दिया जाता| विरोध करने का भी उन्हें अधिकार नहीं होता नहीं तो इसके एवज में उन्हें घर छोड़कर जाने के रूप में चुकाना पड़ता है| मकान मालिक अगर हिंसक गतिविधि अपनाता है तो उसपर कार्यवाई क्यों नहीं होती ? फिर मजदूर यूनियन, गैर सरकारी संगठन किस काम के लिए है? मजदूर वर्ग आज भी अपने आप को बहूत असुरक्षित महसूस करता है कंपनी में भी और जहाँ रह रहा होता है वहाँ भी| उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारियाँ किसकी है? जब तक हम मजदूरों को अपने विश्वास में नहीं लाएंगे तक से बहूत अच्छी विकास का कामना करना भी बेईमानी सा लगता है|

अंत में निष्कर्ष के रूप में मै यही कहना चाहूँगा कि जो भी NGOs या यूनियन काम कर रहा है उनके निरंतर इमानदारी से वाचडॉग की तरह काम करते रहना चाहिए| बिहार का चुनाव होने वाला है लेकिन कोई भी पार्टी डीएनए राजनीती या पैकेज के राजनीती से ऊपर नहीं उठ पा रही है| किसी पार्टी के पास प्रवासी मजदूरों को लेकर एजेंडा नहीं है और भी बहूत सारी चुनौतियों से प्रवासी मजदूरों को गुजरना पड़ता है| साफ सफाई न होना, पर्याप्त बाथरूम का आभाव, यातायात की असुविधा जिसमे कई बार प्रवासी मजदूरों को छठ, दीवाली या किसी भी पर्व के समय, उन्हें ट्रेन के बाथरूम में सो कर सफ़र करना पड़ा है| इन मुद्दों को विशेषरूप में देखने की जरूरत है| कोई न कोई उपाय संवाद के जरिए निकलना चाहिए जिससे न्यूनतम वेतन समय पर मिलता है और किसी तरह की पीड़ा न झेलनी पड़े|  



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गौरव सिंह
वेल्लोर

आलेख : आधुनिकता की चमक और रिश्तों की मर्यादा

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भारतीय संस्कृति के संवाहकों में जिस प्रकार से पाश्चात्य जीवन शैली की झलक की घुसपैठ हुई है, उससे यह तो सवाल पैदा हुआ है कि हम भारतीय आखिर कौन से मार्ग पर जा रहे हैं ? क्या यह मार्ग भारत की जीवंतता को प्रदर्शित करता है, अगर नहीं तो हम सब जाने अनजाने में अपने देश के खिलाफ बहुत बड़ा षड्यंत्र कर रहे हैं। यह षड्यंत्र भारतीयता को समाप्त करने का प्रयास है। ऐसी बातों से यह सवाल भी मन में आता है कि क्या हम भारतीय रिश्तों की मर्यादा पर कुठाराघात तो नहीं कर रहे ? अगर यह सही है तो इसके लिए हम ही दोषी हैं। शीना बोरा हत्याकांड ने एक बार फिर से रिश्तों की मर्यादा को तार तार कर दिया है, आधुनिकता के नाम पर जिस प्रकार से हमारे देश में संस्कारों का क्षरण किया जा रहा है, उससे जीवन के उज्ज्वल पृष्ठों पर कालिख पोतने का ही काम हो रहा है। इस आधुनिकता के नाम पर संस्कारो में जो खोखलापन आ रहा है, उसका प्रभाव भारत की युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। इन्द्राणी मुखर्जी उस प्रभाव की जीती जागती झलक है। ऐसा नहीं है कि केवल इन्द्राणी मुखर्जी ही रिश्तों का गला घोंट रही है, बल्कि आज समाज का बहुत बड़ा हिस्सा इस आधुनिकता की आंधी में अपने पुरातन संस्कारों से दूर होता जा रहा है। इन्द्राणी मुखर्जी जैसी महिला ने आधुनिकता के नाम पर रिश्ते बनाये हैं तो तोड़े भी हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि रिश्ते वे नहीं होते, जो टूट जाएं। रिश्ते तो वे होते जो आजीवन पुष्ट बने रहें। इन्द्राणी मुखर्जी जैसी महिलाएं रिश्तों की परिभाषा को समाप्त करने का काम कर रहीं हैं। इन्द्राणी मुखर्जी जैसी आधुनिक महिला रिश्तों की मर्यादा क्या जाने। उसने विवाह से पूर्व ही शीना बोरा को जन्म दिया, ऐसी बातें भारतीय समाज में किसी भी रिश्ते के तहत न तो कभी स्वीकार की गईं हैं और न कभी स्वीकार की जाएंगी। लेकिन सवाल फिर से खड़ा होता है कि हमारे देश में आधुनिकता के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है, उसका दायरा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। अगर इसके बढ़ने की यही गति रही हो वह दिन दूर नहीं होगा जब भारत की वास्तविकता किसी गहरी खाई में समा जाएगी।

हम जानते हैं कि इन्द्राणी मुखर्जी जैसी महिलाओं के लिए रिश्तों का कोई मूल्य नहीं है। इन्द्राणी ने अपने जीवन में केवल पैसे को महत्व दिया और पैसे की खातिर ही अपने संबंध बनाती चली गई। पैसों की चकाचौंध में इन्द्राणी ने जो गुनाह किया है, वह उसकी नजर में एक खेल है। जिस माँ पर अपने बच्चों के भविष्य बनाने का दारोमदार होता है, वही माँ जब बच्चों की दुश्मन बन जाती है, तब बच्चे का भविष्य क्या होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। शीना बोरा ने जो किया वह इन्द्राणी की ही देन है। इन्द्राणी ने भले ही यह बात सार्वजनिक नहीं की की शीना उसकी बेटी है, लेकिन शीना को तो पता ही होगा की इन्द्राणी मेरी माँ है। माँ के चरित्र को देखकर शीना ने जो कुछ किया, वह लाजिमी ही था। क्योंकि उसे भी संबंधों की मर्यादा का आभास शायद नहीं होगा। हम जानते हैं कि लड़की पर माँ के रूप की छाया होती है, माँ जैसी होगी वैसी ही उसकी संतान होगी। कुल मिलाकर इन्द्राणी और शीना ने जो कृत्य किया है वह भारतीय समाज की मर्यादा के प्रतिकूल ही है। वास्तव में भारतीय जीवन मूल्य की अनमोल धरोहर के रूप में स्त्री का चरित्र का बहुत महत्व है।

भारत में रिश्तों की मजबूत बुनियाद समस्त विश्व के लिए एक अचम्भा है। भारतीय संस्कृति में परिणय बंधन एक संस्कार है, लेकिन बार बार शादी करना जीवन का विकार ही कहा जाएगा। हम जानते हैं कि भारतीय जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कारों का महत्व होता है। जिस व्यक्ति के जीवन में यह सोलह संस्कार होते हैं, वह जीवन की पूर्णता को तो प्राप्त करता ही है, साथ ही जीवन की सार्थकता को भी चरितार्थ भी करता है। आज पैसों की खनक के बीच जिस प्रकार से रिश्तों की बलि दी जा रही है, उसकी उपज है इन्द्राणी मुखर्जी।

हमारे देश में शादी विवाह कोई मजाक नहीं बल्कि एक मजबूत संस्कार है। विदेशों में भले ही रिश्ते मजाक होते हों, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है।

वर्तमान में इन्द्राणी मुख़र्जी जैसी महिलाएं रिश्तों के नाम पर कलंक हैं। अपने जिगर के टुकड़े को मारने की कल्पना तो कोई भी माँ नहीं करती, और इन्द्राणी ने अपनी ही लड़की शीना बोरा को मौत के घाट उतार दिया या उतरवा दिया। केवल अपने आपको आधुनिक प्रदर्शित करने के लिए इन्द्राणी शायद यह भूल गई कि वह भी कभी किसी की लड़की थी।

सनसनीखेज शीना बोरा हत्याकांड ने भारतीय समाज को सोचने का अवसर दिया है कि वह किस तरफ आगे बढ़ रहा है। रिश्तों में खोखलापन, झूठ की बुनियाद पर टिके रिश्ते, विवाह को खेल बना देना, रिश्तों में जिम्मेदारी से ऊपर हावी व्यक्तिगत सोच ने हमें कहां लाकर पटक दिया है,  क्या यह आधुनिकता है ? आधुनिक होने के लिए क्या भारतीय मूल्यों को छोडऩा जरूरी है। अपने चिर-पुरातन और जीवन को संयमित करने वाले संस्कारों के साथ हम आधुनिक नहीं हो सकते ? हम आधुनिक तो बनें लेकिन भारतीय संस्कारों के साथ।

विश्व के सारे देशों का अध्ययन करने से पता चलता है कि पाश्चात्य शैली को अंगीकार करने वाले कई देश हैं, जिसमें केवल भौतिक सुख तो मिलता है, लेकिन आंतरिक सुख का नितांत अभाव है। वहां रिश्तों की मर्यादा भी नहीं है। लेकिन हमारा देश मजबूत रिश्ते वाला देश माना जाता है। विश्व के कई देश भारत की इस विशेषता से प्रभावित है। उनके नागरिक भी आज आंतरिक खुशी पाने के लिए भारतीयता की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं।

एक बड़ा सवाल है आखिर तथाकथित प्रगतिशीलता की दौड़ में अपने मूल्यों को खोकर हमने क्या पाया है। चमकती दुनिया में रहने वाली इंद्राणी मुखर्जी की कहानी आज बहुत से परिवारों का यथार्थ है। जहां हर कोई अपने कर्तव्य-जिम्मेदारी निभाने में असफल हैं। रिश्ते दिखावटी अधिक हैं। उनमें मिठास नहीं है, संवेदनाएं नहीं हैं, जीवतंता नहीं है। चमकती दुनिया के पीछे कितना गहन अंधकार पसरा रहता है, इसके कई उदाहरण शीना बोरा हत्याकांड प्रकरण से उजागर हो रहे हैं। एक घर में, एक छत के नीचे रहते हुए एक-दूसरे से अजनबी हैं। एक-दूसरे के जीवन की दिशा का पता नहीं है और जब पता चलता है तब रिश्तों को तार-तार कर देने वाला विस्फोट होता है। कितने आश्चर्य और चिंता की बात है कि समाज तो क्या घर में ही किसी को पता नहीं होता है कि शीना बोरा और इंद्राणी मुखर्जी का रिश्ता क्या है। इंद्राणी अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए बार-बार रिश्ते तोड़ती है। खुद के पूर्व विवाह से पैदा हुए बच्चे, पति के पूर्व विवाह से पैदा हुए बच्चे, कौन भाई-कौन बहन? उफ! रिश्तों का मकडज़ाल। ये मकडज़ाल इसलिए क्योंकि जीवन को हमने गंभीरता से लेना छोड़ दिया। भारतीय मूल्य हमने कोरे ढकोसले बताकर छिटक दिए। हम भूल गए कि बरसों से हमारी परिवार व्यवस्था दुनिया के लिए कौतुहल और सीखने का केन्द्र बनी रही है। दुनिया सोचती है कि कैसे भारतीय परिवारों में 'एक के लिए सब और सबके लिए एक'का विचार काम करता है। कैसे यहां खुद से अधिक चिंता अपनों की रहती है ? दरअसल, इन सबके पीछे भारतीय मूल्य हैं। आज भी भारतीय मूल्यों को साथ लेकर जी रहे अनेक परिवार हमारे उदाहरण हैं, जहां न रिश्तों में खोखलापन है, न धोखा है और न ही जीवन में तनाव है। भारतीय परिवारों की खूबसूरती है कि वे सुख-दुख में एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। बहरहाल, आधुनिक होने की कीमत पर हम क्या खो रहे हैं। यह विचार करने का वक्त भी यही है। जीवन को हम संतुलित तरीके से जीना शुरू नहीं करेंगे तो कभी आरुषी, कभी शीना बोरा हत्याकांड सामने आते ही रहेंगे। इंद्राणी की कहानी से हमें सीख लेनी चाहिए कि आखिर हमारे समाज की दिशा क्या हो ? जिस परिवार व्यवस्था का उदाहरण दुनिया में दिया जाता है, उसे कैसे बचाए रखा जा सकता है ? हम कैसे उसे संवद्र्धित करें ? यह भी हमें समझ लेना चाहिए कि आधुनिक होने का मतलब अपने संस्कारों-मूल्यों का त्याग करना कतई जरूरी नहीं है। खून के रिश्तों में अविश्वास की दरार और गहरी हो, उससे पहले खून को फिर से गाढ़ा करना होगा। हमारे मूल्य ही हमें बचाएंगे। मूल्य नहीं होंगे तो मानवीय रिश्तों का तानाबाना खत्म होना तय है।




सुरेश हिंदुस्थानी
(लेखक वरिष्ठ स्तम्भकार और राजनीतिक  विश्लेषक हैं )

तथ्यपरक खबरों का प्रकाशन करें पत्रकार

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  • श्रमजीवी पत्रकार संघ के लवकुशनगर में आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि एसडीएम हेमकरण ने कहा

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छतरपुर। लवकुशनगर के मेरे दो साल के कार्यकाल में पहला पत्रकार सम्मेलन आयोजित हुआ। इस किस्म के सम्मेलनों के आयोजनों से शासन-प्रशासन और मीडिया के बीच दूरियां घटती हैं। पत्रकारों द्वारा प्रकाश में लाए गए ज्वलंत मुद्दों पर शासन और प्रशासन स्तर पर उचित कार्रवाई करवाने का प्रयास मैं करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। पत्रकारों को तथ्यपरक खबरों का प्रकाशन करना चाहिए। यह बात लवकुशनगर एसडीएम  हेमकरण धुर्वे ने मुख्य अतिथि की हैसियत से म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ की लवकुशनगर ब्लॉक इकाई द्वारा कल सृजन महाविद्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि जब पत्रकार खिलाफत में खबरें छापतें हैं तो पहले तो गुस्सा आता है लेकिन बाद में मैं सोचता हूं कि हो सकता है जो खबर प्रकाशित की गई हो उसमें सच्चाई हो और अनेक बार छानबीन करने पर खबर में काफी हद तक सच्चाई भी होती है। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे। संघ की प्रदेश इकाई के विशेष आमंत्रित सदस्य हरिप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि पत्रकार पहले खुद अपनी कमियां तलाशें न कि दूसरों की। आरक्षण का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण की वजह से होनहार बच्चे रिक्शा चलाने को मजबूर हैं। 

देश में आरक्षण की आग फैल रही है। काबिलियत को महत्व मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे जनहित में अनेक आंदोलन कर चुके हैं और 11 बार जेल भी भेजे जा चुके हैं। श्री अग्रवाल ने पत्रकारों से कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पत्रकार एकजुट होकर निर्भिगता से खबरें प्रकाशित करें। उन्होंने कहा कि नदी के दो किनारों को मिलाने का कार्य करती है  पत्रकारिता। म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष श्याम खरे ने विशिष्ट अतिथि की हैसियत से सम्मेलन कों संबोधित करते हुए कहा कि  जिस तरह फसल के साथ खरपतवार जम आती है उसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई गलत लोग हैं। उन्होंने कहा कि न सिर्फ पत्रकारिता बल्कि कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जहां गलत लोग न हो। गलत लोगों को सलीके के साथ दूर करने का सांझा प्रयत्न किया जाना चाहिए। यदि सार्थक प्रयास किए जाएंगे तो हर क्षेत्र में मौजूद गलत लोगों में यकीनन कमी आएगी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में शिक्षा का निर्धारण होना चाहिए। श्री खरे ने कहा कि कुछ लोग इतिहास पढ़ते हैं, कुछ पढ़ाते हैं लेकिन म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ इतिहास रचता है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया के तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे पत्रकारों की छोटी से छोटी समस्याओं का निदान पूरी तन्मयता के साथ करते हैं। उन्होंने कहा कि खूबियां ही इंसान को सफल बनाती हैं। उन्होंने पत्रकारों को अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह इमानदारी के साथ करने की सलाह दी है। विशिष्ट अतिथि की हैसियत से सम्मेलन को संबोधित करते हुए लवकुशनगर एसडीओपी एमपी पौराणिक ने कहा कि पत्रकारिता पारदर्शी तथा समाज को आईना दिखाने वाली होनी चाहिए। 

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उन्होंने कहा कि पत्रकारों को इमानदारी के साथ अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए। श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला उपाध्यक्ष सरदार बल्देव सिंह गुलाटी ने कहा कि पत्रकारिता जगत की इस विधा में मैं स्वयं विद्यार्थी समझता हूं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता बेहद जोखिम भरा काम है। दबंग और माफियाओं का दबाव अक्सर ग्रामीण पत्रकारों को झेलना पड़ता है। उन्होंने अपेक्षा कि ग्रामीण पत्रकारों को म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ संरक्षण का कवच देगा। उन्होंने कहा कि पत्रकार खबरों के प्रकाशन में निष्पक्षता बरतें। दुर्भावना पूर्वक खबरें प्रकाशित कर लोगों पर अनावश्यक कीचड़ न उछालें। सृजन महाविद्यालय के डायरेक्टर मनोज चतुर्वेदी ने कहा कि केवल 30 प्रतिशत पत्रकार वास्तव में पत्रकार हैं जबकि 70 फीसदी ऐसे लोग पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं जो वास्तव में पत्रकार नहीं है लेकिन किसी न किसी परस्थितिवस इस क्षेत्र में आ गए हैं। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारी इमानदारी से निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों के सम्मान और जीवन की रक्षा करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने पत्रकारिता क्षेत्र में मौजूद लोगों से अपने हुनर को निखारने का लगातार प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को ऐसे जुल्म के शिकार लोगों की मदद करनी चाहिए जो पत्रकारों से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। लवकुशनगर नगर परिषद के सीएमओ मेहमूद हसन ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को सही दिशा दिखाने का काम इमानदारी से करना चाहिए। नगर परिषद  उपाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि भटकते समाज को सही दिशा दिखाने का काम पत्रकारों को करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से सत्य को उजगार करने के लिए अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह इमानदारी से करने की अपील की। 

बड़ामलहरा के पत्रकार प्रद्युम्न फौजदार ने कहा कि म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष श्याम खरे ने संगठन को जो गति प्रदान की है। उसके लिए सम्मान के काबिल हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को नकारात्मक सोच को त्याग कर सकारात्मक सोच को आगे बढ़ाना चाहिए। इमानदारी और कर्त्तव्य निष्ठा के साथ कलम चलानी चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से हकीकत उजागर करने का अनुरोध किया। संघ के गौरिहार ब्लॉक अध्यक्ष वीरेन्द्र पटेल ने सम्मेलन के आयोजन के लिए ब्लॉक इकाई की पदाधिकारियों और सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से पत्रकारों को एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलता है। संघ की राजनगर ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर संघ द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं सम्मेलनों से पत्रकारों में परिपक्वता में वृद्धि होगी। पत्रकारिता का मतलब समाज को दिशा देना होता है इसलिए पत्रकारों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि समाचारों में सच्चाई होनी चाहिए ताकि जनता पत्रकारों पर यकीन करे। इस क्षेत्र में मौजूद गलत लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है। पत्रकारों को निष्पक्ष पत्रकारिता करनी चाहिए। संघ के जिला उपाध्यक्ष अवधेश शुक्ला ने कहा कि  समाज में निखार लाने के लिए पत्रकार सजगता से पत्रकारिता करें। चंदला के पत्रकार अशोक शुक्ला ने कहा कि पत्रकार जनता और प्रशासन के बीच डाकिए का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कलम में सच्चाई होगी तो पत्रकारों की विश्वसनीयता बढ़ेगी। संघ के लवकुशनगर ब्लॉक इकाई अध्यक्ष जितेन्द्र हरदैनियां, सौरभ शुक्ला तथा सुशील द्विवेदी ने अतिथियों का शाल-श्रीफल एवं माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया। सम्मेलन में लवकुशनगर के वरिष्ठ पत्रकार इनायत खान, बिजावर ब्लॉक अध्यक्ष अनिल गुप्ता, मुईन खान, लवकुशनगर टीआई आरएस सेन, पत्रकार लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी, प्रकाश कठल, राजकुमार सोनी, दिलीप सेन समेत लवकुशनगर अनुविभाग के अनेक पत्रकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राजेश कुमार विश्वकर्मा ने किया। 

उत्तर प्रदेश : आखिर काशी में प्रशासन ने साधु- संतों पर क्यों बरसाई लाठियां?

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जी हां, पुलिसिया लाठी से घायल लोगों की कराह 48 घंटे बाद भी मंद नहीं पड़ी थी। दर्द निवारक दवाएं भी शायद असरदार नहीं थीं। अरे वह तो विसर्जन की ही मांग तो कर रहे थे। उनकी मांग को भी कहीं से गलत नहीं इसलिए कहा जा सकता, क्योंकि ऐसा वह सालों से करते आ रहे है। एक झटके में उनकी आस्था को कैसे तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है। काशी में बहता जल गंगाजल है, कुंडों और अन्य सहायक नदियों में इतना प्रदूषण है कि उनमें मूर्ति विसर्जित नहीं की जा सकती। पतित पावनी गंगा में हजारों लीटर सीवर व कारखानों का पानी प्रति दिन गिर रहा है। प्रशासन उसे नहीं रोक रहा है। फिर, मिट्टी की मूर्तियों से किस बात का प्रदूषण। वह तो पानी में गल जाती हैं, जैसे सवालों पर भी प्रशासन को मनन करना चाहिए था। चार-छह दिन पहले से सभी पक्षों को बैठाकर उनका ब्रेनवास प्रशासन कर सकती थी। समझा-बुझाकर उन्हें पटरी पर लाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया 

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काशी की रग-रग में रची-बसी है आस्था। इसकी गवाही हम नहीं बल्कि हर रोज मंदिरों में बजते घंटे-घडि़यालों की गूंज के बीच लाखों आस्थावानों का दर्शन-पूजन। तीज-त्योहारों पर आयोजनों की धूम। मौत पर भी उत्सव यात्रा। कभी ना बुझने वाली मणकर्णिका घाट की आगी। स्वर्णिम किरणों में नहाएं घाटों पर अविरल मंत्रोंचार। कल-कल बहती पतित पावनि मां गंगा। मस्जिदों में अजान का संकेत, काशी की यह रोजमर्रा की लीलाएं खुद-ब-खुद कहती है कि यह शहर नहीं एक संस्कृति है-तैतीस करोड़ देवी-देवताओं की स्थली है। काशी की यहीं वो अंदाज है जो भारत ही नहीं सात समुंदर पार के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित तो करती ही है बल्कि काशी को अन्य धार्मिक स्थलों से अलग पहचान भी दिलाती है। लेकिन गणेश प्रतिमा विसर्जन में उपजे विवाद के बीच जिस तरह निरीह साधु-संतों व नन्हें-मुन्ने बटूकों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया उससे सबकुछ तहस-नहस हो गया है। शहर का अल्हड़पन गायब हो चला है। फिजा में सिर्फ और सिर्फ आग की ज्वाला दहक रही है। गणपति विसर्जन पर हुआ सरकारी हमले का विवाद अभी थमा नहीं, अब दुर्गापूजा पर संकट है। दुर्गापूजा समिति ने ऐलान कर दिया है कि वह पंडाल नहीं बनायेंगे, दुर्गापूजा नहीं मनाएंगे। यानी काशी में गंगा में प्रतिमा विसर्जन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कम होने के बजाय बिवाद गगहराता जा रहा है। हाईकोर्ट आदेशानुपालन के नाम पर आस्थावानों पर जिस अंदाज में लाठिया बरसायी गयी, उससे तो यही कहा जा सकता है कि काशी की आस्था को मिटाने की सोची-समझी कहीं साजिश तो नहीं? खासतौर से उस दौर में जब राज्य में गुंडागर्दी चरम पर हो। दंगे की चिंगरी में अपनी राजनीतिक रोटी सेका जाता हो और काशीवासी कभी उसे अपनाया ना हो। 

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मतलब साफ है काशी में जो कुछ हुआ उसके लिए पूरी तरह प्रशासनिक अमला के साथ-साथ सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि मूर्ति विसजर्न को लेकर धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके स ेचल रहा था। मगर पुलिस ने गिरफ्तारी करने के बजाए सीधे लाठीचार्ज कर दिया। जबकि लाठीचार्ज तब होता है जब भीड़ हिंसक हो जाए। पुलिस के पास और भी विकल्प थे। वॉटर कैनन या आंसूगैस का प्रयोग किया जा सकता था। पुलिस ऐसा करती भी रही है। मगर निरपराध लोगों पर पुलिस ने लाठी बरसायी। लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। महिलाओं, बच्चे, बुर्जुगो, साधु-संतों, बटूकों को इस कदर पीटा जैसे किसी आतंकी से कुछ कबूलवाना चाहते है। जबकि सच तो यह है कि सरकार अदालत के आदेश के बावजूद विसर्जन के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने में असफल रही जिसकी वजह से इतना बवाल हुआ। अदालत ने प्रमुख सचिव नगर विकास व वाराणसी के जिलाधिकारी व एसएसपी को इस पर नोटिस जारी की है और कहा है कि प्रथम दृष्टया यह मामला अवमानना का लगता है। याचिका में कहा गया है कि ‘इन री-गंगा पाल्यूशन’ याचिका में अदालत ने गत 26 सितंबर 2014 को आदेश दिया था कि वैकल्पिक इंतजाम किए जाने तक गंगा में प्रतिमाओं का विसर्जन न रोका जाए। इस पर शासन और प्रशासन ने एक साल तक की मोहलत मांगी थी। कोर्ट ने मोहलत देने के साथ हा कानून व्यवस्था पर नियंत्रण रखने का आदेश दिया था लेकिन, साल भर बीत जाने के बाद भी कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए गए। न ही कोई हलफनामा दाखिल किया गया। और जब गणेश मूर्ति का विसर्जन की घड़ी आई तो रोक दिया गया लोग सड़क पर आ गए थे। प्रशासन की यह हरकत बया कर रही है कि आदेशों का अनदेखी की गयी। यह अवमानना का मामला तो बनता ही है। 

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बेशक, गंगा मोक्षदायिनी व पापनाशिनी हैं। हिमालय से निकलकर अपनी प्रबल प्रवाह के साथ गंगा महासागर तक बहती हैं। गंगा नदी नहीं हमारी सभ्यता और संस्कृति को जन्म देकर उसे पोषित करने वाली मां हैं। सुरसरि की दशा सुधरती नहीं दिख रही है। आज नदियों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत सरकारों द्वारा भौतिक विकास के नाम पर नदियों को बांध कर उनकी लहरों का जीवन समाप्त करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। यह भविष्य में होने वाले भयानक जल संकट का संकेत है। भौतिक युग की चकाचैंध में हम प्रकृति द्वारा मिलने वाली अमूल्य संपदाओं का संरक्षण करना भूलते जा रहे हैं। यही वजह है कि मानव समेत संपूर्ण जीव-जंतुओं के लिए भयावह भविष्य की तस्वीर तैयार हो रही है। अगर उच्च न्यायालय गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए कुछ कर रहा है, तो वह स्वागतयोग्य है। इसकी हर किसी को सराहना करनी ही चाहिए। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि प्रशासन उच्च न्यायालय के फैसले की मनमानी व्याख्या कर रहा है। उसे गंगा के पास अस्थायी कुंड की व्यवस्था के लिए भी कहा गया था। नीयत ठीक होती तो इस दिशा में भी समय से प्रयास किए गए होते। प्रतिमा पंडाल से बाहर आ गई तो परंपराओं को भंग करने का दबाव बनाया गया। न्यायालय आदेश के अनुपालन में जिस तरह पुलिसिया तांडव किया गया उसे भी कहीं से न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। स्वतंत्र भारत के इतिहास में काशी में जिस तरह साधु-संतों व बटुकों पर बर्बरतापूर्ण पुलिसिया लाठी बरसाई गयी, वैसा कभी नहीं हुआ। इस जघन्य अपराध की जितना भी निंदा की जाय, वह कम ही है। 

जिस तरह छोटे बच्चों पर पुलिस ने लाठियां चटकाईं वह निश्चित तौर पर अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला रहा था। अपने मठाधीश से लिपटे उन बटुकों को जिस तरह से घसीटकर मारा गया वह झकझोर देने वाला था। ऐसी क्या स्थिति बन गई कि पुलिस को आधीरात को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रशासन का यह घिनौना कृत्य कहीं दंगे की साजिश तो नहीं? जिला प्रशासन को कठघरे में खड़ा करती ये ऐसे सवाल है जिसकी निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच तो होनी ही चाहिए। लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर यह सब हुआ ही क्यों? जब विसर्जन के लिए अलग तालाब बनाने की व्यवस्था की बात हुई थी तो वह समय रहते ही क्यों नहीं बना। शहर के बाशिंदे प्रशासन के इस तर्क को झुठला रहे थे कि अगर तालाब बन चुका था तो प्रशासन ने उस तालाब का श्रीगणोश रुकी हुई श्रीगणोश की प्रतिमा के विसर्जन से क्यों नहीं किया। उसके लिए लक्ष्मीकुंड क्यों तलाशा गया। जितनी संख्या में फोर्स लाठियों की बरसात कर रही थी, उसका एक हिस्सा भी इन बटुकों को अपने घेरे में सुरक्षित करने के बाद बड़ों पर कार्रवाई करता तो इस हृदयविदारक स्थिति से बचा जा सकता था। मतलब साफ है प्रशासन अगर सूझबूझ से काम लेता तो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बचा जा सकता था। लेकिन जिस तरह काशीवासियों के साथ साधु संतों को बेरहमी से पीटा गया इसको देख कर लगता है कि कुछ अधिकारियों को प्रदेश सरकार की निगाह में अपने नंबर बढ़ाने की जल्दी रही है। अगर इसी असंवेदनशीलता के साथ प्रशासन काम करेगा तो यह काशी के अमन चैन के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं है। खासतौर से उस वक्त जब दुर्गापूजा सिर पर हो और गणेशोत्सव से वृहत्त दुर्गोत्सव व गली-गली में रामलीला के आयोजन होने को है। 

माना प्रशासन ने जो कुछ भी किया वह हाईकोर्ट आदेश के अनुपालन में था, लेकिन प्रतिमा विसर्जन का विवाद एक-दो दिन में नहीं उपजा था। हफतों-महीनों नहीं बल्कि सालों से यह विवाद बना हुआ है। पिछले साल भी कुछ इसी तरीके की समस्याएं आई थी। तो फिर सवाल यही है कि जब सब कुछ जानकारी में था तो उसे समय रहते क्यों नहीं सुलटा लिया गया। और अगर सुलझा था तो फिर उलझा कैसे? का जवाब प्रशासन को देना ही होगा। हो जो भी हालात तो यही बता रहे है प्रशासन ने बुर्जुग पुजारियों, पंडितों व आस्था से जुड़े युवकों पर लाठियां बरसाकर अपने मकसद में भले ही कामयाब हो गयी, लेकिन जो चिंगारी सुलगाई है वह इतने आसानी से बुझ जायेगी, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता। इस मसले को दुर्गापूजा से पहले सलटाना ही होगा। वरना आने वाले दुर्गापूजा पर इसके गंभीर परिणाम होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हो जो भी लेकिन हालात बता रहे है कि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय की सख्त हिदायत के बाद भी गणोश प्रतिमा के विसर्जन में स्वविवेक का प्रयोग करने में पूरी तरह विफल रही। गंगा में विसर्जन न हो, इसके लिए बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए प्रतिमा विसर्जन करने वालों को रोका गया। हफ्तेभर पहले ही उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में खास तौर पर काशी के जिला प्रशासन को स्वविवेक पर मूर्ति विसर्जन के फैसले का अधिकार दिया था। इसके बावजूद प्रशासन सिर्फ और सिर्फ अपनी जिद बनाएं रखने के लिए स्वविवेक का इस्तेमाल करने के बजाय सैकड़ों आस्थावानों पर लाठियां बरसाई। 

कहा जा रहा है प्रशासन की ओर से शांति बनाएं रखने की अपील के बजाय जबरन आनन-फानन विश्व सुंदरी घाट पर तालाब बनवाने और उसमें गंगा का पानी भरे जाने की दुहाई दी जा रही थी। जबकि आंदोलनरत आस्थावान प्रशासन की बात मानने को बिल्कुल तैयार नहीं थे। प्रशासन की रोक के विरोध में गणेश पूजा समिति, संत समाज, हिंदू युवा वाहिनी ने बनारस बंद का आह्वान किया था। तनावपूर्ण माहौल में बंदी सफल भी रहा। यहां जिक्र करना जरुरी है कि काशी मराठा गणेश उत्सव समिति सोमवार की शाम 6 बजे गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए दशाश्वमेध घाट जा रही थी। गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने गोदौलिया चैराहे के पास ही मूर्ति को रोक दिया। पुलिस के रोकते ही समिति से जुड़े सैकड़ों लोग और अन्य नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। लोग कह रहे है प्रशासन को यहीं पर सूझबूझ से काम लेना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने धोखे से लोगों को पीटा। कोर्ट के आदेश का पालन करवाने के लिए भक्तों के साथ तालिबानी तरीका अपनाया गया। मणिकर्णिका पर शवदाह करीब एक घंटे तक रोका जाना प्रशासन ने लाखो-करोड़ों आस्थावानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया। 

साधु-संतों का कहना है कि सनातनधर्मियों के लिए गंगा, मां हैं। मां के प्रति हर मन में श्रद्धा का भाव है और उनके हित का ख्याल रखते हुए प्राकृतिक सामग्रियों से ही प्रतिमाओं को आकार देने की परंपरा भी है। इनके विसर्जन से यदि गंगा प्रदूषित होती हैं तो तालाब-कुंडों को भला कैसे अलग रखा जा सकता है। गंगा की अविरलता के लिए टिहरी के बंधन से उन्हें मुक्त करने की बजाय लोगों का ध्यान हटाने की साजिश की जा रही है। कोर्ट के फैसले का सम्मान है लेकिन इसकी आड़ में प्रशासन बरगलाने से बाज आए। प्रशासन को विसर्जन-निस्तारण का अंतर समझना होगा। गंगा में 350 एमएलडी सीवेज का निस्तारण किया जा रहा है। वहीं पवित्र प्रतिमाओं के गंगा में विसर्जन से रोका जा रहा है। वह भी तब जबकि मिट्टी पानी में घुल जाती है और पुआल-बांस, मल्लाह निकाल ले जाते हैं। इसमें रंग भी प्राकृतिक ही होते हैं फिर भला आपत्ति कहां और क्यों है। सनातनधर्मियों की भावना से जुड़े इस मामले में कोर्ट को वस्तु स्थिति बतानी चाहिए। देव आवाहन, पूजन और गंगा में विसर्जन की हमारी परंपरा रही है। सदियों से सनातन धर्मी यही करते भी आ रहे हैं। उद्देश्य यह की प्रकृति से जो लिया, उसमें ही मिल जाए। देव प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर प्रशासन द्वारा वितंडा खड़ा करना ठीक नहीं। उसे जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए ही कोई निर्णय लेना चाहिए जिससे किसी की आस्था न आहत हो। पूजा समितियों से राय-मशविरा कर सहमति बनाने की बजाय एक तरफा निर्णय थोपने की कवायद हुई। इस मामले में कोलकाता को नजीर के तौर पर देखा जा सकता है। कोलकाता में गंगा घाटों पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर पिछले कुछ वषों से एहतियात बरता जा रहा है। 

खासकर कोलकाता नगर निगम व अन्य निकायों की ओर से। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से दुर्गा प्रतिमा बनाने वालों को लेड रहित रंग का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया। ताकि प्रतिमा से रंग निकल कर गंगा के पानी में घुलने से प्रदूषण न हो। कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से गंगा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर कुछ गाइड लाइन दी गई थी। जिसमें गंगा में प्रतिमा विसर्जन होने के साथ ही स्थानीय निकायों को प्रतिमा को बाहर करना होगा। कुछ पूजा आयोजक खुद से गंगा में प्रतिमा को डूबोने के बाद बाहर निकाल कर किनारे में रख देते हैं जहां से निगम के लोग उसे उठाकर ले जाते हैं। कुछ सामाजिक संगठन भी इस दिशा में कार्य करते हैं। कोलकाता में 16 गंगा घाटों पर दुर्गा व काली प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। लेकिन दुख है कि धार्मिक, सामाजिक मान्यताओं व परंपराओं को शासन-प्रशासन अपनी जागीर बनाने की कोशिश कर रहा है। गंगा किनारे धड़ल्ले से चल रही टेनरियों, छपाई कारखानों और रसायन फैक्टियों से आंख मूंदे पड़ा प्रशासन हर साल बस सनातन परम्परा पर हथौड़ा चला कर उसे तोड़ने की कोशिश करते दिखता है। मूर्तियों में प्रयोग होने वाली मिटटी और खपच्ची प्रदूषण रहित वस्तुएं हैं। ऐसी कई वस्तुओं को गंगा अपने प्रवाह में सिल्ट के रूप में बटोरते हुए चलती हैं। 






(सुरेश गांधी)

बिहार चुनाव : मतदाता खामोश, राजनीति परेशान

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जैसे जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की तपिश बढती जा रही है राजनीति का शिगूफा भी अपने रास्ते का निर्धारण करता जा रहा है. चुनावी तपिश में बिहार के धरातली मुद्दों की तलाश में जब आप शहर सड़क गाँव और बाज़ार का रूख करते हैं तो चुनाव कि स्थूलता को स्पष्ट महसूस किया जा सकता है. ना गर्मी ना सरगर्मी, ना जोर और ना ही शोर सिवाय लोगों के दैनिक जीवन और समस्याओं के अम्बार के !!

लोकसभा चुनाव के समय शुरू हुआ विकास बदलाव अच्छे दिन और मोदी की पुरवैया पछिया हवा का हल्का झोंका भी बस डेढ़ साल के अन्दर ही महसूस नहीं हो रहा है. विकास का आकाश महागठबंधन के लिए भी खाली है. सवाल वाजिब है कि दो बड़े गठबंधन की लड़ाई में बिहार का मुद्दा बिहार का विकास और बिहार का अवाम किधर है !

दिल्ली के मीडिया के शोर शराबे ने जो भूमिका बनाई उस भूमिका की नीव पर मीडिया का बाज़ार पटना के खबरिया चैनल के साथ अखबारों में भी नजर आना शुरू हो चुका है. खबरिया चैनल की चीख पुकार बिहार चुनाव को एक त्रासदी की तरह का बोध करा देती है मगर इस शोर में आवाम कहाँ है.

गठबन्धनों के सीट और टिकट के बंटवारे ने सम्पूर्ण चुनाव में राजनीति और पत्रकारिता की भूमिका निर्धारित कर दी है जिसमें आवाम के लिए कोई जगह नहीं ! मुद्दे और जरूरतों के बीच अवाम की ख़ामोशी से भय खाए राजनीतिक दलों के लिए ये कैसी मजबूरी है जिसने बिहार के विकास के मुद्दे का एक बार फिर साथ छोड़ दिया है. अगड़े पिछड़े की राजनीति, टीवी लैपटॉप की राजनीति, आरक्षण की राजनीति और इन सबके बीच बिहार की मीडिया का पिछलग्गू पत्रकारिता एक बार फिर शायद ही बिहार के साथ इन्साफ कर सकेगा.......






---रजनीश के झा---
मिथिलांचल से 

मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में पांच को फांसी, 7 को उम्रकैद की सजा

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मुंबई में लोकल ट्रेनों में बम विस्फोटों के करीब नौ साल बाद विशेष अदालत ने दोषियों के लिए सजा का ऐलान किया है. विशेष मकोका अदालत ने 12 दोषियों में से 5 को मौत की सजा सुनाई है. 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

11 जुलाई, 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सीरियल विस्फोटों में 189 लोगों की जान गई थी . मुंबई की कई लोकल ट्रेनों में प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 जुलाई, 2006 को सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुए थे. विशेष न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले सप्ताह सजा पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की थी. तब अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी वहीं बाकी चार को उम्रकैद की सजा दिये जाने की मांग की गयी थी. विशेष मकोका अदालत ने 23 सितंबर को मामले में सजा पर अपना आदेश 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था. 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इस बीच, बचाव पक्ष ने कहा है कि वे हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.

अदालत ने 11 सितंबर को 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था और एक को बरी कर दिया था. इन सभी के कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रहे हैं. आरोपियों को आईपीसी, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था.

12 आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1) (आई) के तहत भी दोषी पाया गया. दोषियों में कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), एहतेशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38) हैं.

भारतीय नौ सेना के बेड़े में शामिल हुआ INS कोच्चि

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देश में निर्मित सबसे बड़ा शक्तिशाली युद्धपोत INS कोच्चि नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को  इस युद्धपोत को नौसेना को सौंपा। पश्चिम में देश के समुद्र तट पर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए इसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

यह देश में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है। यह कोलकाता श्रेणी(परियोजना 15 ए) का दूसरा गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर जहाज है और अपनी श्रेणी में दुनिया के सबसे विध्वसंक जहाजों में से एक है। इसकी मारक क्षमता 300 किमी है।

तीन हजार करोड़ की लागत और 7500 टन विस्थापन क्षमता का के इस युद्धपोत का नाम बंदरगाह शहर कोच्चि के नाम पर रखा है। यह मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है। 164 मीटर लंबा और 17 मीटर गहरा INS कोच्चि 3300 समुद्री मील क्षेत्र की गश्त करने में सक्ष्म है। INS  अत्याधुनिक हथियारों से लैस युद्धपोत है। ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, लंबी दूरी वाला समुद्री की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम, 76  मिमी व 30 मिमी की गन और एंटी सब टारपीडो और रॉकेट इस पर लगे हुए हैं। इसके अलावा इस पर सीकिंग और चेतक जैसे हेलिकॉप्टर भी रखे जा सकते हैं।

पुस्तक समीक्षा : कविता में जीवन व व्यवस्था का विश्लेषण।

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  • युवा कवियत्री संजीता वर्मा ’संयोग’ की काव्य पुस्तिका ’’मैं और मेरी कविताएँ’’,

main or meri kavita
भले ही हिन्दुस्तानी संस्कृति-व्यवस्था, आचार-विचार, खान-पान, रीति-रिवाज, व पर्व-त्योहार नेपाली जन-जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर रहा हो, तथापि इस मूल्क में भाषाई विद्वेष की परंपरागत लडाई आज भी जारी है,ऐसे में नेपाल में रहकर हिन्दी की सेवा मील का पत्थर से कम नहीं। नेपाल में पिछले 22-23 वर्षों से और नेपाल से बाहर भारत, चीन, सिंगापुर, फिलिपिंस व अन्य अलग-अलग देशों की साहित्यिक सभाओं-गोष्ठियों में पूरी संजीदगी के साथ भाग लेती रहीं डाॅ0 संजीता वर्मा संयोग की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक मैं और मेरी कविताएॅ इसका ज्वलंत प्रमाण है। 

विश्व के मानचित्र पर एक लोकतांत्रिक देश के रूप में हाल हीं में प्रतिष्ठापित नेपाल पिछले कई वर्षों से माओवादियों की शरणस्थली रहा है। नेपाल पर राजघराने की सत्ता और माओवादियों के बीच लंबे संघर्ष का परिणाम यह रहा कि इस देश ने हजारों भावी कर्णधारों को अपनी उपस्थिति में बेवजह दम तोड़ते देखा। औरत मर्द, बच्चों को अपनी बची उम्र की सलामती के लिए प्रार्थनारत देखा गया। एक कवियत्री के रूप में डा0 संजीता वर्मा श्संयोगश् ने नेपाल की आवोहवा में वर्षों तक जो कुछ देखा, सुना, महसूसा और अपनी आत्मा में आत्मसात किया, पूरी ईमानदारी के साथ उन्होंने इस पुस्तक में उकेर दिया। पुस्तक की पहली कविता की पीड़ा बड़ी आसानी से समझी जा सकती है- आजकल तुम/उखड़े-उखड़े से/उदास, आतंकित और त्रस्त दिखते मेरे देश नेपाल तुम.............. को पढ़कर नेपाल की तत्कालीन परिस्थितियों से पैदा हुए कवियत्री. की मनोभावनाओं से बखूबी परिचित हुआ जा सकता है। इसी कविता की आगे की पंक्तियाँ कुछ इस तरह की है-घोषलों के उजड़ जाने से चिडि़यों की मानिंद/एक छोटी सी अपनी दुनिया में/गुलमोहर की तरह/हॅंसते हुए लोगों ने देखा है तुम्हें/नाज था अपने दरख्तों पर जिसे/शांति की रंगीन कलियाॅं जहाॅं खिला करती थी/कविता की अंतिम पंक्तियाॅं कुछ इस तरह है। लहुलुहान होते जा रहे तुम्हारे अंग/मानो केक्टस के काॅंटों ने बिंध डाला हो/ तुम्हारी गोद को शरणस्थली बना/ असंख्य प्राणी हॅंसते - मुस्कुराते/ अपनी उम्र बढ़ाया करते थे/हाशिये पर आज वे किन्तु /कितने डरावने व विभत्स हो गये मेरे देश नेपाल तुम.......... 

पुस्तक की पहली कविता का आगाज हीं यह तय कर देता है कि किन परिस्थितियों में लंबे समय तक लोगोें ने अपना संघर्ष पूर्ण जीवन व्यतीत किया होगा। छोटी-बड़ी चैंसठ कविताओं से सुसज्जित इस पुस्तक की तमाम कविताएॅं अलग-अलग कालावधि के दौरान कवियत्री के भोगे यथार्थ का संजीदा परिचय कराती है। जब किसी देश की आंतरिक व्यवस्था में आतंक, भय, दहशत व दरिंदगी अपनी-अपनी सीमाएॅ लाॅघ रही होती है, किसी साहित्यकार की मनोदशा अन्दर ही अन्दर किन-किन कल्पनाओं, सोंच को आकार प्रदान कर रही होती है, बखूबी समझा जा सकता है। जरा इन पंक्तियों पर गौर फरमाऐगें-काले पत्थरों वाला पहाड़/अभी भी/जो अपनी गहरी चिंतन में शामिल करना चाहता है मुझे/हर रोज एक ताजे स्मरण के साथ।  एक पहाड़ अपनी मूक अभिव्यक्ति से आखिर संदेश क्या देना चाहता है ? कहीं न कहीं कोई टिस जरुर है, जो कवियत्री को बाध्य करता है चिंतन-मनन को। प्रेम-घृणा, छल-पाखंड, विरह-वेदना तथा अपने-पराये की समझदारी को खुलकर प्रदर्शित करने को। इस काव्य पुस्तक की सारी कविताएॅ पढ़ने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुॅचा जा सकता है कि कविताएॅ कमोवेश  अपने अर्थों को पटल पर रखने में सफल हुई है, लेकिन कुछ कविताएॅ उनके अर्थों के साथ सही रुप से नहीं परोसी गईं। कविता लिखने की जल्दबाजी ने कवियत्री को उनके गंभीर चिंतन से भटकाया है, फिर भी घर-परिवार, रोजी-रोजगार, एवं रिश्ते-नातों की परिधि में बॅधकर डाॅ0 संजीता वर्मा का यह प्रयास एक बड़ी प्रेरणा से कम नहीं। 

पुस्तक का नामः-मैं और मेरी कविताएॅ
कवियित्रीः----डाॅ0 संजीता वर्मा संयोग
प्रकाशकः----नेहा प्रकाशन गृह, काठमाण्डू, नेपाल
पृष्ठ संख्याः--74
पुस्तक का मूल्यः-200 रु मात्र (नेपाली करेंसी)

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (30 सितम्बर)

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2 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभाओ मे निकलेगी गौरव यात्रा, ग्राम सभाओ के लिए नोडल अधिकारी होगें नियुक्त

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. आर.आर. भोसले ने बताया की जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत मे 2 अक्टूबर 2015 को विशेष ग्राम सभाओ का आयोजन किये जाने के लिए म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्थाई एवं अस्थाई एजेण्डे निर्धारित किये गये है। जिनके अनुसार ग्राम सभाओ का आयोजन किया जावेगा। 2 अक्टूबर 2015 को विशेष ग्राम सभा सरपंच की अध्यक्षता मे आयोजित होगी, इस दौरान ग्राम सभा मे सफाई स्वच्छता कार्यक्रम अंतर्गत गतवर्ष की उपलब्धियो पर चर्चा होगी। साथ ही आगामी वर्ष के लिए पंचायत के समस्त ग्रामो को स्वच्छ बनाये जाने के लिए कार्य योजना तैयार की जावेगी। पंचायत क्षेत्र अंतर्गत समस्त ग्रामो के घर-घर जाकर पंच एवं सरपंच शौचालयो का निरीक्षण कर शौचालय रहित घरो का चिहांकन कर सूचीबद्व करेगें। इन प्रावधानो का पालन न करने वाले सरपंच पर अधिनियम की धारा 40 के अंतर्गत कार्यवाही होगी। विशेष ग्राम सभा मे व्यक्तिगत साफ सफाई, घरो, जल स्त्रोतों, हाट बाजारो, नालियो  की साफ सफाई के साथ ठोस अवशिष्ट प्रबंधन पर कार्य योजना तैयार की जावेगी। जिसके लिए स्वच्छ भारत मिशन से पृथक से राशि उपलब्ध करायी जावेगी।

निकलेगी शर्मसार यात्रा
25 सितम्बर से 11 अक्टूबर 2015 के बीच संघन राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान अवधि के दौरान समग्र स्वच्छता की उपलब्धियो पर समारोह आयोजित किये जावेगे। आयोजित कार्यक्रम मे स्वच्छता अंतर्गत अच्छा कार्य करने वाले संगठनो एवं व्यक्तियो को सम्मानित किया जावेगा। खुले से शौच मुक्त ग्राम पंचायतो के समस्त ग्रामो मे सरपंच के नेतृत्व मे ग्रामवासियो एवं जनप्रतिनिधियो तथा छात्र-छात्राओ की उपस्थिति मे गौरव यात्रा निकाली जावेगी तथा ऐसी ग्राम पंचायते जो अभी तक खुले मे शौच मुक्त नही हुयी है उन ग्राम पंचायतो के प्रत्येक ग्राम मे सरपंच एवं पंच के नेतृत्व मे शर्मसार यात्रा निकाली जावेगी। विशेष ग्राम सभा मे अपूर्ण सी.सी. रोड, करारोपण, पात्र हितग्राहियो की सूची का वाचन, शाला अप्रवेशी, एवं शाला त्यागी बच्चो का चिहांकन, कुपोषित एवं कम बजन बाले बच्चो का चिहांकन, आगंन बाडी के कार्यो पर चर्चा, संस्थागत प्रसव, प्रधान मंत्री जनधन योजना, एवं बीमा योजना, मनरेगा एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन, अंत्योदय कार्डधारी निराश्रित नागरिको एवं माताओ के द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का अनुश्रवण, आगनबाडी एवं प्राथमिक शालाओ मे दूध प्रदाय की व्यवस्था जैसे बिन्दुओ पर चर्चा की जावेगी। ग्राम सभाओ के लिए समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये है साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को ग्राम सभाओ का सघंन भ्रमण एवं निरीक्षण के साथ गौरव यात्राओ मे सम्मलित होने के निर्देश दिये गये है। 
                                                        
निर्मल एवं खुले मे शौच मुक्त ग्राम पंचायतो की हुई समीक्षा 
  • 30 अक्टूबर तक शतप्रतिशत बने शौचालय नही तो होगी कार्यवाही- डा. भोसले

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जिला पंचायत सभाकक्ष मे जिले की 49 निर्मल ग्राम पंचायतो एवं 46 खुले मे शौच से मुक्त ग्राम पंचायतो के सचिव एवं सरपंचो की उपस्थिति मे समीक्षा बैठक आयोजित हुई इस दौरान ग्राम पंचायत को निर्मल एवं खुले मे शौच से मुक्त बनाये रखने के लिए संघन राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के दौरान किये जाने वाले कार्यो पर चर्चा हुई। समीक्षा बैठक मे मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. आर.आर. भोसले ने समस्त एनजीपी एवं ओडीएफ ग्राम पंचायतो सचिव, सरपंचो को निर्देशित किया है कि, 30 अक्टूबर 2015 तक शौचालय विहीन घरो मे शौचालय का शतप्रतिशत निर्माण कराया जाना सुनिश्चित करें, 1 नवम्बर 2015 को जिले एवं जनपद पंचायतो के दल द्वारा ग्राम पंचायतो का निरीक्षण किया जायेगा। शौचालय निर्माण न पाये जाने अथवा कार्य मे उदासीनता पाये जाने पर सरपंच के विरूद्व धारा 40 एवं सचिव के विरूद्व निलंबन की कार्यवाही की जावेगी।समीक्षा बैठक मे डा. भोसले ने निर्देशित किया की ग्राम पंचायत के सरपंच, खुले मे शौच जाने वाले परिवारो के विरूद्व आर्थिक दण्ड लगाकर कार्यवाही करें तथा 5 अक्टूबर 2015 तक प्रत्येक ग्राम पंचायत मे स्वच्छता निगरानी समिति का गठन किया जाना सुनिश्चित करें। स्वच्छता एवं निगरानी समिति ग्राम पंचायत मे शौचालय निर्माण, शौचालय उपयोग के लाभ एवं वातावरण निर्मित करने के कार्य करेगी। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत मे महिलाओ की सहभागीता बढाने के निर्देश देते हुये डा. भोसले ने कहां की स्वसहायता समूह, आगनबाडी कार्यक्रर्ता, आशाकार्यक्रर्ता, शासकीय सेवक, महिला जनप्रतिनिधि एवं स्कूली छात्राओ को अभियान से जोडा जावे। ग्राम पंचायतो मे ऐसे ठेकेदार अथवा किसान जो बाहर से मजदूर लाकर कार्य कराते है। उन्हे मजदूरो को शौचालय की सुविधा देनी होगी। ऐसा न होने पर ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा संबंधित ठेकेदार अथवा किसान के विरूद्व आर्थिक दण्ड लगाया जाये। 1 अक्टूबर 2015 को प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक ग्राम मे सरपंच, पंच, सचिव, सामाजिक कार्यक्रर्ता, ग्रामीणो एवं स्कूली छात्र-छात्रओ की उपस्थिति मे स्वच्छता यात्रा प्रातः 8ः00 बजे से निकालने के निर्देश समीक्षा बैठक मे दिये गये। प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्रत्येक ग्राम मे आयोजित स्वच्छता यात्रा ग्राम के सबसे गन्दे मुहल्ले से निकलेगी तथा ग्राम पंचायत के मुख्य चैराहे पर समाप्त होगी। इस दौरान छात्र-छात्राओ द्वारा स्वच्छता नारो एवं बैनर का उपयोग किया जायेगा। 2 अक्टूबर 2015 को आयोजित विशेष ग्राम सभा मे ग्राम पंचायातें खुले मे शौच से मुक्त होने की घोषणा करेगें तथा जो ग्राम पंचायतें खुले मे शौच से मुक्त होने जा रही है वे क्रियान्वयन रणनीति बनायेगे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (30 सितम्बर)

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बैंक की साख मेें और बढ़ोतरी करें-प्रभारी मंत्री श्री राजपूत
  • उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुरूस्कृत हुए

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राजस्व एवं पुर्नवास मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत आज जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के तत्वाधान में आयोजित पुरस्कार एवं ऋण वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बैंक के पदाधिकारियों एवं स्टाफ से कहा कि विदिशा जिले की सहकारी केन्द्रीय बैंक की प्रदेश में अपनी अलग छवि है। उन्होंने बैंक के स्टाफ से कहा कि बैंक की साख में और बढ़ोतरी के लिए क्या प्रयास किए जा सकते है उस ओर मनन कर उन कार्यो को करें। प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने बैेंक के कर्मचारियों द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने पर उन्हें और बैंक के माध्यम से जिन हितग्राहियों को योजनाओें के तहत ऋण स्वीकृत किए गए है का वितरण किया। जालोरी गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में बैंक के अध्यक्ष श्री श्याम सुन्दर शर्मा, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा, कुरवाई विधायक श्री वीर सिंह पंवार तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरन सिंह दांगी, बासौदा के पूर्व विधायक श्री हरिसिंह रघुवंशी के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि और कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया के अलावा अन्य अधिकारी, कर्मचारी और हितग्राही मौजूद थे। 

योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु एलईडी लोकार्पित

राजस्व एवं पुर्नवास मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत ने आज विदिशा के नीमताल पर शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु किए गए नवाचार के तहत लगाई गई एलईडी का लोकार्पण किया।प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने जिले में किए जा रहे नवाचा के प्रति संतोष जाहिर करते हुए इस प्रकार की एलईडी विकासखण्ड मुख्यालय पर भी लगाई जाने की अपेक्षा जाहिर की। कलेक्टर श्री ओझा ने प्रभारी मंत्री को अवगत कराया कि तमाम विभागों की योजनाओें का प्रचार-प्रसार एलईडी के माध्यम से निःशुल्क किया जाएगा। इस अवसर पर विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया मौजूद थे।

शुष्क दिवस घोषित

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री एमबी ओझा ने दो अक्टूबर गांधी जयंती को शुष्क दिवस घोषित करने के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि शुष्क दिवस अवधि में जिले की समस्त देशी-विदेशी मदिरा दुकानो से मदिरा विक्रय एवं मद्य भण्डारगारों से मदिरा परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि आदेश का पालन कड़ाई से सुनिश्चित करें।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर जिला स्तरीय वृद्धजन सम्मान समारोह आज

विदिषा-30 सितम्बर 2015/अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर विदिषा जिला प्रषासन द्वारा भी आज एक अक्टूबर गुरूवार को स्थानीय जालोरी गार्डन में प्रातः 11 बजे जिला स्तरीय वृद्धजन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। जिला प्रषासन अंतर्गत जिला सामाजिक न्याय विभाग तथा श्री हरि वृद्धाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में यह गरिमामय आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ नागरिकों, पेंषनरों आदि के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा स्वल्पाहार का आयोजन भी किया गया है। जिला पेंषनर्स एसोसिएषन के अध्यक्ष ओम प्रकाष चतुर्वेदी तथा श्री हरि वृद्धाश्रम के वेदप्रकाष शर्मा ने इस महत्वपूर्ण आयोजन में सक्रिय भागीदारी करते हुए इसे सफल बनाने का आह्वान किया है। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (30 सितम्बर)

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स्कुल को भी नही बक्षा चोरो ने

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पिटोल----चोरो के होसले बुलन्द बीती रात पिटोल मे चोरो ने दो जगहो को निषाना बनाया पिटोल मे पुरानो हाईवे पर स्थित हायर सेकण्डरी स्कूल पर प्राचार्य रूम का ताला तोड कर उसमे पडी तीन गोदरेज अलमारी के दरवाजे तोड डाले जब उन अलमारीयोे मे चोरो को कुछ नही मिला तो उसमे रखा सरकारी रेकार्ड बिखेर कर चले गये। उसके बाद हायर सेकण्डरी स्कूल के ठीक सामने प्रेमाषीष फेब्रीकेषन पर यादवेन्द्रसिह ठाकुर की पिकअप गाडी के तीन टायर खोल कर ले गये जबकी पिछले कुछ समय मे पिटोल मे तीन मोटर सायकल भी चोरी हो गयी थी। चोरी की वारदाते दिन प्रतिदिन बढती जा रहीे है। पुलिस के सामने बडी चुनौती- चोर इन चोरी की घटनाओ को अन्जाम देने के लिये फिल्मी तरीका अपनाते है जब पुलिस रोड गष्त पिटोल बार्डर से मोद नही तक रोड गष्त मे होती है तब चोर गाॅव मे चोरी की घटनओ को अन्जाम देते हेै जब पुलिस गाॅव मे गष्त देती है तो चोर रोड पर लुटपाट मचाते है। पहले ही पिटोल पुलिस चोकी पर स्टाफ नाम मात्र का है फिर भी चोकी प्रभारी अषफाक खान अपने सीमीत स्टाफ के साथ रोड गष्त एवं गाव गष्त करते है परन्तु चोर षातिर तरीके से अपना काम अन्जाम देते है। पिटोल चोकी के अन्र्तगत 30 गाॅव पडते है परन्तु 30 गावो की सुरक्षा एवं घटनओ को रोकने के लिये पिटोल चोकी पर नाम पात्र का स्टाफ है क्योकी आये  दिन रात को बावडी फाटा एवं पांच के नाके पर रोड के अपराधियो द्वारा रापी गाड कर टायरों को पंचर किया जाता हैै। एवं वाहन चालको से लुटपाट की जाती है। आने वाले समय मे पुलिस केे सामने होगी ओर चुनोतिः- इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण भी वारदाते बढने की संभावना है ओर आने वाले समय मे नवरात्री पर्व आने वाला है इस समय चोर नवरात्री देखने आने के बहाने वाहनों एवं घरो मे चोरी की घटनाओ को अंजाम देते है। इन दोनो घटनाओ मे पुलिस ने मौके पर पहुच कर पंचनामा बनाया एवं अज्ञात चोरो के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है।
इनका कहना हैै- ’’गाॅव मे हो रही चोरी की घटनाओं को रोकेंगे एवं अतिषिघ्र चोरो को पकडने का प्रयास करेंगें। : अशफाक खान, चोकी प्रभारी पिटेाल

राजगढ नाका मित्र मण्डल ग्रामीण प्रभाग की बैठक संपन्न

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झाबुआ---अंचल की पहचान बन चुके शारदेय नवरात्री के प्रथम दिवस घट स्थापना के अवसर पर निकलने वाले विशाल चल समारोह को लेकर तैयारीयाॅ जोरो पर है। इसी संदर्भ में आज राजगढ नाका मित्र मण्डल के ग्रामीण प्रभाग की बैठक हुई। ग्रामीण प्रभाग के संयोजक प्रकाष जोषी एवं उदय बिलवाल ने बताया की आसपास के लगभग 50 ग्रामीण केन्द्रो से 300 युवा एवं बुजुर्ग उपस्थित हुए। आगामी 13 अक्टोबर केा निकलने वाले चल समारोह के प्रचार प्रसार को लेकर यह बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में उपस्थित ग्रामीणो को क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक शांतिलाल बिलवाल, राजगड नाका मित्र मण्डल के आधारस्तंभ शैलेष दुबे, मित्र मण्डल के वरिष्ठ ओम शर्मा एवं जनपद उपाध्यक्ष अमित वसुनिया का मार्गदर्षन प्राप्त हुआ। इस बैठक को सफल बनाने में रवि शर्मा, बहादुर भूरीया अल्केष मेडा आदि का विषेष योगदान रहा। बैठक में सर्वश्री अरुण डामोर, खेमचन्द, सोहन नलवाया, बलवंत मेडा, शर्मा भूरिया, बहादुर हटिला, धन जी मेडा आदि ने भाग लिया एवं अधिक से अधिक लोगो तक जानकारी पहुॅचे एवं वे चल समारोह का दर्षन लाभ ले सके इस हेतु सेक्टर वार योजना बनाई। कार्यक्रम का सफल संचालन तेजनाारायण द्विवेदी ने किया।

रानू के इलाज के लिये राशि स्वीकृत

झाबुआ----राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कु0 रानु पिता बसींगा बारिया निवासी गा्रम मोरझरी तहसील थांदला को एएसडी.सर्जिकल क्लोजर का इलाज करवाने के लिए 1 लाख 90 हजार रूपये संचालक सिनर्जी हास्पिटल सेक्टर न.74 सी मेघदूत गार्डन के सामने इंन्दौर को स्वीकृत किये गये है।

पोषण आहार के महत्व के प्रति जनजागरूकता बढाने के लिए 1 से 31 अक्टूबर तक आंगनवाडी केन्द्रो पर कार्यक्रमों का होगा आयोजन 

झाबुआ---प्रदेश के समस्त आंगनवाडी केन्दों/उप आंगनवाडी केन्दों में 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार का प्रदाय स्व सहायता समूह के माध्यम से किया जाता है। मध्यान्ह भोजन के निर्धारित मीनू अनुसार प्रतिदिवस आंगनवाडी केन्दों में बच्चों को ताजा गरम नाश्ता एवं भोजन का प्रदाय किया जाता है। इस सबंध में राज्य शासन द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। प्रत्येक गुुरूवार को बच्चों कों भोजन में कढी-चावल का वितरण किया जाता है। विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों के निरीक्षण में देखने में आया है कि स्व सहायता समूह द्वारा प्रायः आंगनवाडी केन्द्रो में कढी अच्छे से पकाकर प्रदाय नहीं की जाती है एवं भोजन मीनू अनुसार नहीं दिया जाता है। भविष्य में समस्त आंगनवाडी केन्दों में स्व सहायता समूहों के माध्यम से गुणवत्ता युक्त नाश्ता एवं भोजन का वितरण हो यह सुनिश्चित करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा को निर्देश दिये है। शासन द्वारा आंगनवाडी केन्द्रो की सेवाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए पूरे अक्टूबर माह में आंगनवाडी केन्द्रो पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश प्रसारित किये गये है। आज 1 अक्टूबर को शिविर का आयोजन कर पोषण आहार गुणवत्ता का प्रदर्शन किया जाएगा एवं बच्चों महिलाओं की रैली का आयोजन किया जाएगा। अगले दिन 2 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभा की बैठक में विभाग से संबंधित बिन्दुओ के साथ साथ आंगनवाडी केन्द्रो पर मिलने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता, स्वच्छता, पोषण आहार के सुरक्षित भंडारण एवं खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुददो के बारे में चर्चा की जाएगी। साथ ही 3 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक आंगनवाडी केन्द्र पर सार्वजनिक स्वच्छता एवं साफ सफाई के संबंध में चर्चा की जाएगी। 6 अक्टूबर को गर्भवती महिलाओं के टेकहोम राशन की उपयोगिता जनसमुदाय को बताई जाएगी। 7 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक आंगनवाडी केन्द्र पर खाद्य सामग्री के सुरक्षित भंडारण के बारे में बताया जाएगा। 13 अक्टूबर को 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चो के लिये टेकहोम राशन की उपयोगिता जनसमुदाय को बताई जाएगी। 14 अक्टूबर को वृद्धि निगरानी एवं पोषण आहार का महत्व जनसमुदाय को बताया जाएगा। 14 से 20 अक्टूबर तक ताजा पका खाना एवं नाश्ता संबंधी सुरक्षा मापदण्डों की जानकारी दी जाएगी। 20 अक्टूबर को तीसरा मंगल दिवस होने से 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिये पोषण आहार की उपयोगिता जनसमुदाय को बताई जाएगी। 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक आॅगनवाडी केन्द्र पर व्यक्तिगत स्वच्छता एवं सफाई के बारे में महिलाओं एवं बच्चों को बताया जाएगा। 27 अक्टूबर को किशोरी बालिकाओं के लिये पोष्टिक भोजन का महत्व बताया जाएगा। 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक जनसामान्य को आॅगनवाडी की सेवाओं का महत्व बताया जाएगा एवं आंगनवाडी केन्द्रो की सेवाएॅ लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

पशुवध का प्रकरण कायम 
        
झाबुआ---फरियादी राकेश पिता भुवान परमार, उम्र 24 वर्ष निवासी सोजिया जालम ने बताया कि आरोपी कमलेश पिता किलान एवं अन्य 05 निवासीगण रूपाखेडा, शैतान के खेत के सेडे पर गाय काट रहे थे। फरियादी के द्वारा देख लेने पर गाय का मांस व खाल छोडकर भाग गये। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 398/15, धारा 429 भादवि व 4/9 गोव0प्रति0अधि0 2004 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

शासकीय कार्य बाधा का अपराध पंजीबद्ध 
         
झाबुआ--फरियादी जय परमानन्द्र पिता माधवलाल, उम्र 24 वर्ष निवासी रायपुरिया ने बताया कि आरोपी राजू पाटीदार एवं अन्य 04 निवासीगण रायपुरिया ने आरोपीगण एकमत होकर होकर आये व ग्रिड परिसर में धुस कर बिजली सप्लाई बंद करवाकर शासकीय कार्य में बाधा पहॅुचाई व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0 क्र0 182/2015, धारा 147,186,353,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

उम्मीदवार हीरा लाल पासवान पर प्राणघात हमले की घोर निन्दा

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पटना, 30 सितम्बर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में प्रथम चरण में सम्पन्न होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव-2015 में 154-पीरपैंती (सु॰) विधान सभा क्षेत्र से अपनी पार्टी के उम्मीदवार हीरा लाल पासवान पर प्राणघात हमले की घोर निन्दा की है। पार्टी ने इसे केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी के द्वारा राजनीतिक हत्या की नीयत से करवाया गया हमला बताया है और इस क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया स्थगित करने की मांग की है। 
आज राज्य कार्यालय से जारी अपने बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा है कि पार्टी के पीरपैंती (सु॰) विधान सभा क्षेत्र के उम्मीदवार हीरालाल पासवान पर कल 29 सितम्बर की रात के लगभग 11 बजे उस वक्त प्राणघात हमला हुआ जब वे अपने साथियों के साथ अठनियां दियारा से सघन प्रचार करके वापस अपने घर मलिकपुर जा रहे थे। हीरा लाल पासवान अपने एक साथ राजू सिंह के साथ पीरपैंती के पास स्थित जीछो पोखर के नजदीक अपनी गाड़ी से उतर कर पैदल ही अपने स्थानीय निवास मलिकपुर जा रहे थे जब बांस बगीचे के पास पहले से घात लगाए हमलावरों ने दोनों के ऊपर लाठी, डंडा, चाकू ब्लेड और लात-घूसों से प्राणघातक हमला किया। हमलावर हमला करते हुए बोल रहे थे कि भाजपा के खिलाफ लड़ोगें तो यही होगा, यहाँ से भाग जाओं। हीरालाल पासवान और राजू सिंह दोनों घायलावस्था में इलाज के लिए मायागंज अस्पताल, भागलपुर में भत्र्ती हैं। राजू सिंह तो होष में हैं पर हीरालाल पासवान अचेतावस्था मेें जीवन और मौत के बीच जूझ रहे हैं। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने पीरपैंती (सु॰) के पार्टी के उम्मीदवार हीरालाल पासवान पर हुए प्राणघातक हमले को केन्द्र में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के लोगों के द्वारा राजनीतिक हत्या की मकसद से किया गया राजनीतिक हमला बताया है। श्री सिंह ने भारत निर्वाचन आयोग से मांग की है कि वे 154-पीरपैंती (सु॰)विधान सभा क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगावें चूँकि हमारी पार्टी के उम्मीदवार अचेतावस्था और घायलावस्था में रहने के कारण किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार करने में सक्षम नहीं हैं। इन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से हमलावरों को गिरफ्तार कर कठोर दंड दिलवाने, पूरे राज्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों की सुरक्षा को और भी अधिक मजबूत करने तथा गुड़ों और दहषतगर्दों के खिलाफ सघन और व्यापक अभियान चलाकर उम्मीदवारों को भयमुक्त वातावरण में चुनाव प्रचार करने की सुविधा की गारंटी करें। 

छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी एवं पत्रकारों पर बढ़ते हमले को लेकर पैथ ने पटना काॅलेज में आयोजित की प्रतिरोध सभा।

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पटना काॅलेज: छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी एवं सूबे में पत्रकारों के ऊपर बढ़ते हमले के खिलाफ आज आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के छात्र-छात्राओं ने पटना काॅलेज में प्रतिरोध् सभा आयोजित की। विगत दिनों पटना काॅलेज की बी॰एम॰सी॰ की छात्रा के साथ छेड़खानी हुई थी जिसके बाद संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इन घटनाओं पर लगाम की मांग की थी। आज पटना काॅलेज में साढ़े ग्यारह बजे से लेकर दो बजे तक प्रतिरोध सभा आयोजित की गई। प्रतिरोध सभा के बाद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने पटना काॅलेज प्राचार्य रण विजय कुमार से मुलाकात कर ठोस पहलकदमी की मांग की।
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि काॅलेज कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटना शर्मनाक है। छेड़खानी का संबंध कपड़ों से नहीं बल्कि मानसिकता से है। विश्वविद्यालय प्रशासन पटना काॅलेज एवं पटना वीमंेस काॅलेज में छेड़खानी के मसले पर मौन क्यों है? सशक्त जेण्डर सेल स्थापित करें और ठोस पहल करंे। मसले पर राज्य सरकार एवं चुनाव आयोग से भी संज्ञान लेने की मांग की। 

सभा की अध्यक्षता करते हुए संगठन के पटना वि॰वि॰ अध्यक्ष संदीप कुमार सुरेन्द्र ने कहा कि सीतामढ़ी मंे एक वरिष्ठ पत्रकार की नृशंस हत्या की गई। विगत दिनों सैदपुर परिसर में भी कवरेज करने पहुँचे पत्रकारों पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज की। आपराधिक घटनाओं के दोषी फरार है लेकिन इन्हीं लोगों पर कार्रवाई को लेकर जब छात्र आंदोलन करते हैं तो आचार संहिता का भय दिखाया जाता है।

प्रतिरोध सभा के पश्चात् ।प्ैथ् का प्रतिनिधिमंडल प्राचार्य से मिला। प्राचार्य से आए दिन घटती घटनाओं पर रोक को लेकर व्यापक स्तर पर पहल की मांग की। प्राचार्य से छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी, दोषियों पर कार्रवाई, काॅलेज में सशक्त जेण्डर सेल गठन करने, नियमित सेमिनार, डिबेट, सांस्कृतिक व खेल-कूद के आयोजन, सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरा और समय-समय पर छात्र-शिक्षक व अभिभावक की बैठक करने की माँग की। प्राचार्य ने ठोस कार्रवाई को लेकर भरोसा दिलाया और कहा कि माहौल में तब्दीली नहीं होगी तो दोषी छात्रों को दंडित भी किया जाएगा।

सभा को ।प्ैथ् के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अकाश गौरव, जिलाध्यक्ष महेश कुमार, राज्य पार्षद मो॰ हदीश, सुशील उमाराज, जिला सचिव मंडल सदस्य राहुल कुमार, पटना वि॰वि॰ सचिव प्रभात कुमार, पीयू उपाध्यक्ष ज्योति कुमारी, सहसचिव शहनाज अंसारी, पटना काॅलेज सचिव राजीव कुमार, उपाध्यक्ष शिवम् प्रेरणा, राजकपूर, धनंजय, विजय, चंदन, कुमार, प्रांल, मो॰ फुरकान, दीपक, राबिया, रेहान, समरीत सहित दर्जनों छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।

हिमाचल की विस्तृत खबर (30 सितम्बर)

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पार्टी चिन्ह पर नहीं होंगे पंचायत चुनाव: मुख्यमंत्री
  • विशेष स्वच्छता अभियान का किया शुभारम्भ

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शिमला, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) । मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह पंचायत चुनावों को पार्टी चिन्ह पर करवाने के विरूद्ध है क्योंकि वह पंचायतों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देना चाहते हैं। वह नहीं चाहते कि पंचायत चुनावों में लोग पार्टी आधार पर बंटे, जबकि ऐसे व्यक्ति को सर्वसम्मति से चुना जाना चाहिए, जो अपने क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर सके। मुख्यमंत्री आज ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा यहां आयोजित निर्मल ग्राम महर्षि वाल्मिकी सम्पूर्ण स्वच्छता पुरस्कारों के राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि ‘हर घर के चूल्हे के पीछे राजनीति की जाए, ये मुझे गवारा नहीं’। जहां तक संभव हो पंचायत प्रतिनिधियों को उनके नेता का चुनाव सर्वसम्मति के साथ करना चाहिए और यदि उम्मीदवार के चुनाव में किसी प्रकार की सहमति नहीं है, उसी सूरत में मतदान किया जाना चाहिए। पंचायत प्रतिनिधियों को विकास सुनिश्चित करने तथा लोगों में अपनी साख बनाए रखने के लिए सबको साथ लेकर चलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतें विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। पंचायतें पहले से ही ग्राम स्तर पर छोटे विवादों का निपटारा करने में सहायक रही हैं। समय के साथ पंचायतों को और सशक्त बनाया गया है। प्रदेशभर में 31 अक्तूबर, 2015 तक एक माह तक चलने वाले विशेष ‘स्वच्छता अभियान’ की शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान प्रत्येक पंचायत और स्थानीय निकाय को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुरू किया गया है। स्वच्छता उपायों को अपनाने के लिये लोगों को जागरूक करने तथा राज्य में सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करने में लोगों की सहभागिता जरूरी है। श्री वीरभद्र सिंह ने पंचायती राज प्रतिनिधियों, शहरी स्थानीय निकायों और स्वंय सेवी संस्थाओं को इस अभियान को आम लोगों तथा प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सहायता से ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह बाह्य शौच मुक्त करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ‘स्वच्छ हिमाचल, स्वस्थ हिमाचल’ के लक्ष्य के अतिरिक्त स्वच्छता सुनिश्चित बनाने को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे समाजिक सुरक्षा और महिलाओं की सुरक्षा एवं आत्मविश्वास का उदद्ेश्य भी पूर्ण हुआ है। पंचायती राज अधिनियम, 1994 के प्रावधानानुसार पंचायतें हर हालत में स्वच्छता बनाए रखने के लिये बाध्य हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने अपने आस-पास को साफ-सुथरा रखने के लिए स्वच्छता अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रमों को अपनाया है और समाज में इस तरह का बदलाव देखकर वह खुश हैं। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि बच्चों तथा समाज को प्रेरित करने के लिए राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल के दौरान वर्ष 2005-06 में ‘स्कूल स्वच्छता पुरस्कार’ और ‘महिला मण्डल पुरस्कार योजना’ के अलावा स्वच्छता अभियान के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ‘राज्य प्रोत्साहन योजना’ आरम्भ की थी। राज्य सरकार प्रतिवर्ष स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए इसपर 4 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न पंचायती राज प्रतिनिधियों को निर्मल ग्राम तथा सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान पुरस्कार भी वितरित किए। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को पुरस्कार के लिए बधाई दी और उन्हें भविष्य में भी इस मिशन को जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अन्य पंचायतें जो पुरस्कार सूची में नहीं है, ने भी इस दिशा में कड़ी मेहनत की है। श्री वीरभद्र सिंह ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी, जिसमें चम्बा, कांगड़ा, मण्डी तथा अन्य जिलों की स्वयं सेवी संस्थाओं ने स्थानीय उत्पादों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण की आधुनिक तकनीकों तथा अन्य बाईओडिग्रेड्डबल उत्पादों में गहरी रूचि दिखाई। मुख्यमंत्री को हि.प्र. विकास खण्ड अधिकारी एसोसियेशन ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये 1.51 लाख रूपये का चेक भी भेंट किया। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य में कार्यन्वित किया जा रहा स्वच्छता मिशन एक बड़ा कार्यक्रम है और हिमाचल को निर्मल राज्य की ओर ले जाने में पंचायती राज प्रतिनिधियों को अपने दायित्वों का और निष्ठा व लग्न के साथ निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा दोनों का निष्पादन करना एक कठिन कार्य है, लेकिन क्रियान्वयन कर रहे विभागों में राज्य के हित में इस दिशा में लक्ष्यों को अच्छे से हासिल किया है। उन्होंने ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। पंचायती राज सचिव श्री ओंकार चन्द शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वर्ष 2013-14 में केन्द्रीय सरकार ने 21 पंचायतों को निर्मल पुरस्कार के लिए अधिसूचित किया था और इसी तरह विभिन्न जिलों, उपमण्डलों एवं विकास खण्डों की 198 ग्राम पंचायतों को सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत पुरस्कार के लिए चयनित किया था। उन्होंने विभाग की अन्य गतिविधियों का ब्यौरा भी दिया। मुख्य संसदीय सचिव सर्वश्री इन्द्र दत्त लखनपाल व सोहन लाल, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज के निदेशक डा. अजय शर्मा, उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा सहित प्रदेश भर से आए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई को अलोकतांत्रिक, अनैतिक व दुर्भाग्यपूर्ण करार

शिमला, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) । वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी तथा आयुर्वेद मंत्री श्री कर्ण सिंह ने मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ  सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई को अलोकतांत्रिक, अनैतिक व दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। मंत्रियों ने आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का यह श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश की निर्वाचित लोकप्रिय कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का घटिया षडय़ंत्र है। उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर श्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ झूठे एवं मनघढ़ंत मामले बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। श्री भरमौरी तथा श्री कर्ण सिंह ने कहा कि आयकर से संबंधित मामला विभिन्न आयकर अपील प्राधिकरण तथा माननीय न्यायालयों के समक्ष पहले से ही विचाराधीन है। सीबीआई ने विस्तृत जांच के पश्चात् बन्द लिफाफे में दिल्ली उच्च न्यायालय को अपनी प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी। उन्होंने कहा कि छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने श्री वीरभद्र सिंह के आवास पर उनकी पुत्री के विवाह के दिन छापामारी कर भाजपा का दोगला चेहरा सामने आया है। सीबीआई तथा प्रवर्तन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के निजी आवास पर की गई छापामारी को विद्वेश तथा राजनीति से प्रेरित करार देते हुए मंत्रियों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जांच एजेंसियों को इस बात की क्या जल्दी है कि उन्होंने न्यायालय में पहले से ही लम्बित मामले पर माननीय न्यायालय के निर्णय का भी इंतजार नहीं किया। जबकि इसी जांच एजेंसी ने बन्द लिफाफे में विस्तृत जांच रिपोर्ट को न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। श्री भरमौरी तथा श्री कर्ण सिंह ने कहा कि केन्द्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गम्भीर मामलों की वजह से यह सरकार अलगथलक पड़ गई थी, इसलिए लोगों का ध्यान बांटने के लिए देश के वरिष्ठतम नेताओं तथा निश्चित तौर पर प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता के खिलाफ झूठे एवं मनघडं़त मामले बना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का दोगला चेहरा सबके सामने आ चुका है और प्रदेश के लोग भाजपा की घटिया मानसिकता से भलीभांति परिचित हो चुके हैं। मंत्रियों ने कहा कि भाजपा के दोगले चेहरे तथा भ्रष्टाचार पर उनकी स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। क्योंकि केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़़ तथा महाराष्ट्र इत्यादि के भाजपा मुख्यमंत्रियों के संरक्षण के लिए अलग मापदंड को अपना रही है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वरिष्ठ भाजपा नेता तथा केन्द्रीय विदेश मंत्री सीधे तौर पर करोड़ों रुपये की आईपीएल घोटाले में संलिप्त घोषित आरोपी की सहायता में शामिल पाई गई। उन्होंने कहा किएनडीए सरकार अपने नेताओं के आवास पर छापामारी के लिए सक्रिय तौर पर कार्य क्यों नहीं करती है। श्री भरमौरी तथा श्री कर्ण सिंह ने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह देश के सबसे लोकप्रिय कांग्रेस नेताओं में से एक हैं और राज्य में स्थायी कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को अस्थिर करने के किसी भी षडय़ंत्र में सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों ने भाजपा को नकारा है तथा उन्हें लोगों के जनमत का सम्मान करना चाहिए तथा प्रतिशोध एवं विद्वेश की राजनीति से बाज आना चाहिए।

भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा 

शिमला, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  योजना विकास एवं 20-सूत्री कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री राम लाल ठाकुर तथा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री गंगू राम मुसाफिर ने कहा कि प्रदेश में भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप पर केंद्र सरकार के दबाव में सीबीआई ने मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के निजी आवास व अन्य स्थानों पर रेड के लिए विवाह समारोह का दिन चुना, जो निंदनीय है। इस कार्रवाई को अंजाम देकर केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है और प्रधानमंत्री की तानाशाही सोच सामने आई है। जिस प्रकार लोकतांत्रिक सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हुई है और प्रदेश में अघोषित एमरजेंसी जैसी स्थिति बनाई गई, यह दिन हिमाचल प्रदेश के लोकतंत्र में काले दिवस के रूप में जाना जाएगा। उन्होंनें कहा कि श्री वीरभद्र सिंह का 53 वर्षों से अधिक का बेदाग राजनीतिक जीवन रहा है। लोगों के विश्वास के कारण वह छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं, केंद्र में मंत्री रहे और राज्य कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। स्पष्ट है, वह लोकतंत्र के संरक्षक, लोकप्रिय और पार्टी के कद्दावर नेता हैं। निश्चित तौर पर यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है, जिसे सुनियोजित षडय़ंत्र के तहत अंजाम दिया गया। श्री ठाकुर तथा श्री मुसाफिर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के सत्तासीन होने के समय से ही प्रदेश भाजपा के नेता यह दावा करते रहे कि वह सरकार को अस्थिर कर देंगे और कभी एक, कभी दो और कभी ढाई वर्षों में सरकार गिराने का दावा करते रहे। उनकी मंशा साफ है और वह किसी भी अलोकतांत्रिक ढंग से लोकप्रिय जनमत के आधार पर चुनी सरकार को गिरा कर स्वयं सत्ता हासिल करना चाहते हैं। सीबीआई का छापा केवल मौजूदा सरकार और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की साजिश मात्र है। उहोंने कहा कि जिन मामलों पर कार्रवाई की गई, वे सभी मामले वर्ष 2012 में पूर्व भाजपा सरकार के गलत कारनामों पर परदा डालने के लिए भाजपा नेता अरूण जेतली ने उठाए थे। पहले इन मामलों पर प्रारम्भिक जांच के बाद जांच एजेंसी द्वारा क्लोजऱ रिपोर्ट दी जाती है और कहा जाता है कि मामला ही नहीं बनता। लेकिन, केंद्र की सत्ता बदलते ही एजेंसी की राय बदल जाती है। दोबारा जांच की बात होती है और जो मामला न्यायालय में चल रहा है उसमें अलग से एफआईआर दर्ज करके छापेमारी की जाती है, जो अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। श्री ठाकुर तथा श्री मुसाफिर ने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह को मनघड़ंत और झूठे मामलों में फंसाने का कुप्रयास पहले भी चलता रहा है। हर बार वे और मजबूत जननायक बनकर निकले हैं। इस में कोई संदेह नहीं कि इस बार भी भाजपा को अपने कृत्य पर शर्मिंदा होना पड़ेगा और जनता दरबार में सजा के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सहित कांग्रेस पार्टी पूरी तरह श्री वीरभद्र सिंह के साथ है और हर स्तर पर वह चाहे राजनीतिक हो या फिर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। पार्टी इस मामले को लोगों के बीच लेकर जाएगी ताकि भाजपा के षडय़ंत्र का पर्दाफाश किया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा को आदत है कि चुनाव से पहल वह इस तरह के हथकंडे अपनाती है। पिछली बार प्रदेश में चुनावों से पूर्व सीडी उछाली गई और अब बिहार में चुनावों के वक्त यह षडय़ंत्र रचा गया। इसकी वजह है, क्योंकि भाजपा नेतृत्व अपने मुख्यमंत्रियों व केंद्रीय मंत्री के भ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है। यह किसी से छुपा नहीं है कि व्यापम घोटाले में अब तक 40 जानें जा चुकी हैं और इसी प्रकार राजस्थान का 45 हजार करोड़ रुपये का खनन घोटाला, पीडीएस घोटाला व चिक्की घोटाला सभी भाजपा शासति राज्य व भाजपा मंत्रियों से संबंधित है। उनसे ध्यान हटाने के लिए ऐसे तुच्छ हथकंड़े अपनाये जा रहे हैं। योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री गंगू राम मुसाफिर ने कहा कि भाजपा ने अपने चाल, चलन और चरित्र का जो परिचय दिया है उसे भुगतना पड़ेगा और कांग्रेस पार्टी श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे चलती रहेगी तथा न केवल अपना कार्यकाल पूरा करेगी, अपितु 2017 के चुनावों में फिर से भारी बहुमत से सत्तारूढ़ होगी।

डीएम ने की वन-वे सडक़ों की घोषणा

धर्मशाला, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुण्यतिथि पर 2 अक्तूबर को धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में प्रस्तावित महात्मा गांधी-नेलसन मंडेला ट्रॉफी के लिए भारत तथा दक्षिण अफ्रीका के मध्य आयोजित होने वाले पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के सफल आयोजन के लिए जिला दण्डाधिकारी रितेश चौहान ने वन-वे रोड के आदेश जारी किए है। उन्होंने अपने आदेशों में कहा है कि धर्मशाला तथा नजदीकी इलाकों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए जिला पुलिस प्रमुख द्वारा 15 सितम्बर को जारी पत्र के संस्तुति के आधार पर उन्होंने यह आदेश पारित किए हैं। डीएम ने कहा है कि उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (अधिनियम संख्या 59) के तहत प्रदत्त धारा 115 एवं 117 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए कुल 11 मार्गों को वन-वे घोषित किया है, परन्तु टी-20 टीमों की सुरक्षा के दृष्टिगत उनके  वाहनों पर यह आदे्य लागू नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त यह आदे्य पुलिस, अग्निशमन तथा अन्य आपातकालीन ड्यूटी एवं आपातकालीन परिस्थितियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों पर लागू नहीं होंगे। रितेश चौहान ने बताया कि कचहरी बस अड्डे से जिला परिषद् कार्यालय होकर पुलिस मैदान तक, कचहरी चौक से पुलिस ग्राऊंड तक, कचहरी बस अड्डे से धर्मशाला-कांगड़ा सडक़ वाया डॉ0 खन्ना क्लीनिक को धर्मशाला से कांगड़ा वाया गगल और सैनिक रेस्ट हाऊस के उत्तर में राजकीय महाविद्यालय, धर्मशाला जाने वाली सम्पर्क सडक़ तथा महाविद्यालय की ओर जाने वाले ट्रैफिक को वन-वे घोषित किया गया है। सैनिक रेस्ट हाऊस के दक्षिण में राजकीय वरिष्ठ बाल माध्यमिक पाठशाला वाया नया पुल गगल की ओर जाने वाली सडक़ पर निचली द्यिा में आने वाले वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। डॉ0 खन्ना क्लीनिक, सिविल लाईन के अपोजिट कचहरी अड्डा जाने वाला सम्पर्क मार्ग वन-वे रहेगा और केवल हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से कचहरी अड्डे की ओर जाने वाले वाहनों को ऊपर की ओर आने की अनुमति प्रदान होगी। उपनिदेशक शिक्षा कार्यालय से सिविल बाजार की ओर जाने वाला नवनिर्मित रोड प्रतिबंधित रहेगा और केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही इसे प्रयोग किया जाएगा। दाड़ी स्थित आईटीआई से एचपीसीए स्टेडियम आने वाली सडक़ वन-वे रहेगी। इस सडक़ पर एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम से दाड़ी की ओर यातायात बहाल होगा, किन्तु दूसरी ओर से यातायात प्रतिबंधित होगा। रेडक्रॉस चौक से चैतडू वाया केसीसी बैंक हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड और सकोह जाने वाले वाहन वन-वे ही गगल की ओर जा सकेंगे। पुलिस स्टेशन, धर्मशाला से चरान खड्ड वाया शाम नगर रास्ते पर केवल छोटे वाहनों को ही वन-वे जाने की अनुमति होगी। पुलिस मैदान के समीप स्थित उत्तरी क्षेत्र के आईजी कार्यालय को कचहरी बस अड्डा से वाया जिला परिषद् कार्यालय पर वन-वे ट्रैफिक अनुमति रहेगी। दाड़ी स्थित आईटीआई पुल से एचपीसीए स्टेडियम की ओर आने वाली सडक़ पर केवल टी-20 मैच के खिलाडिय़ों के वाहन ही मान्य होंगे।

रैडक्रॉस मेले का आयोजन 1 नवम्बर को: डीसी 

धर्मशाला , 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  इस साल का जिला स्तरीय रैडक्रॉस मेला एक नवम्बर को पुलिस मैदान, धर्मशाला में प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक आयोजित होगा। यह जानकारी उपायुक्त रितेश चौहान ने आज जिला स्तरीय रैडक्रॉस मेले के आयोजन संबंधी बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा कल्याणकारी योजनाओं तथा संस्थाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं की प्रदर्शनियों के स्टॉल लगाए जाएंगे। उपायुक्त ने बताया कि मेले से प्राप्त आय को निर्धन एवं असहाय लोगों की सहायता पर व्यय किया जाएगा। मेले के दौरान लक्की ड्रॉ भी आयोजित किया जाएगा; जिसमें बम्पर पुरस्कार के रूप में बजाज पल्सर, प्रथम पुरस्कार में स्कूटी, द्वितीय पुरस्कार में एलईडी, तीसरा पुरस्कार में फ्रिज, चौथे पुरस्कार में वाशिंग मशीन, पांचवें पुरस्कार में दो विजेताओं को माइक्रोवेव-अवन, छठे पुरस्कार दो विजेताओं को डिजिटल कैमरा, सातवें पुरस्कार में दो विजेताओं को सिलाई मशीनें तथा आठवें पुरस्कार के रूप में पांच विजेताओं को एक-एक हजार रुपये के नकद पुरस्कार दिए जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मेले में स्टॉल लगाने या स्मारिका में विज्ञापन के इच्छुक व्यक्ति सोसायटी के सचिव से व्यक्तिगत तौर पर या कार्यालय दूरभाष नम्बर 224888 एवं 94188-32244 पर संपर्क कर सकते हैं।

समाज व परिवार में लडका-लडकी के प्रति समानता की भावना विकसित हो-अभिषेक जैन
  • जेएनवी पेखुबेला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित अंतर स्कूल पेंटिग प्रतियोगिता के अवसर पर बोले डीसी

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ऊना, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  उपायुक्त अभिषेक जैन ने कहा कि हमारे समाज, परिवार तथा अभिभावकों में लडका-लडकी के प्रति समानता की भावना विकसित होनी चाहिए ताकि परिवार में बेटियों के प्रति भेदभाव की संभावना न रहे। उन्होने लडके-लडकी के प्रति समाज के नजरिए में बदलाव लाने की जरूरत पर बल दिया तथा कहा कि आज हमें महिलाओं व बालिकाओं को एक सम्मान देने की आवश्यकता है। उपायुक्त आज जवाहर नवोदय विद्यालय पेखुबेला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित अंतर विद्यालय पेंटिग प्रतियोगिता के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं तथा यदि आज हम उन्हे बेहतर शिक्षा व मार्गदर्शन देंगें तो कल हमारा समाज बेहतर बन सकेगा। उन्होने कहा कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या तथा बेटियों के प्रति व्याप्त भेदभाव जैसी सामाजिक कुरीतियों के प्रति शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा हासिल कर रहे बच्चे व नौजवान अपना बहुमूल्य योगदान देकर समाज को एक दिशा दे सकते हैं। उन्होने कहा कि सही मायने में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे हमारे एंबैसेडर है तथा इनके माध्यम से संदेश घर-घर तक पहुंचाता है। डीसी ने बताया कि स्कूल में अंतर विद्यालय पेंटिग प्रतियोगिता के आयोजन का मकसद भी जहां बच्चों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ जोडना है तो वहीं इस संवेदनशील विषय बारे उन्हे जागरूक करना भी है। उन्होने बच्चों द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान लेकर बनाई गई पेंटिग की प्रशंसा करते हुए कहा कि आने वाले समय मे इन पेंटिंगस को जिला के विभिन्न स्थानों में आयोजित होने वाले जारूकता शिविरों में भी प्रदर्शित किया जाएगा ताकि बेटियों के प्रति उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। साथ ही उन्होने बच्चों से जीवन में अपनी शिक्षा को जारी रखने का भी आहवान किया तथा कहा कि शिक्षा के माध्यम से वह अपने जीवन का बडे से बडा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस रंजीत सिंह ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि सरकार ने बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए बेटी है अनमोल तथा मुख्य मंत्री कन्यादान योजना को आरंभ किया है। उन्होने बताया कि बेटी है अनमोल योजना के तहत बीपीएल परिवार में जन्मी दो बेटियों को दस हजार रूपये की एफडी दी जाती है जबकि पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक तीन सौ रूपये से लेकर 15सौ रूपये तक की छात्रवृति भी प्रदान की जाती है। जबकि मुख्य मंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा महिलाओं की बेटी की शादी पर सरकार 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता मुहैया करवाती है।उपायुक्त ने पेंटिग प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। स्कूल की प्रधानाचार्य अनूपा ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने बेटी बचाओ पर एक खूबसूरत लघु नाटिका भी प्रस्तुत की। 

पेंटिग प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में कोमल तथा वरिष्ठ वर्ग में मुस्कान रही प्रथम
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित अंतर विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में जेएनवी की कोमल व दीक्षिता प्रथम व द्वितीय जबकि एसएसआरवीएम स्कूल की ज्योति तृतीय स्थान पर रही। इसी तरह वरिष्ठ वर्ग में एसएसआरवीएम स्कूल की मुश्कान व अक्षिता ने क्रमश: पहला व दूसरा स्थान तथा जेएनवी के जोगिन्द्र ने तीसरा स्थान हासिल किया। उपायुक्त ने पहला, दूसरा व तीसरा स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: 11 सौ व पांच-पांच सौ रूपये के नकद ईनाम तथा प्रमाणपत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए। इस प्रतियोगिता में राजकीय उच्च विद्यालय जनकौर, रॉक फोर्ड स्कूल, डीएवी सेनेटरी व डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मांऊट एवरेस्ट स्कूल, एसएसआरवीएम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊना ,नंगडा सहित 12 स्कूलों के 39 विद्यार्थीयों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य अनूपा ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी रंजीत सिंह के अतिरिक्त विभिन्न स्कूलों से आए अध्यापकों सहित स्थानीय विद्यालय के अध्यापक मौजूद थे।

डेमोक्रेसी बैन लोगों को कर रही जागरूक

हमीरपुर , 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  तहसीलदार निर्वान उपेन्द्र नाथ शुकला ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला में स्वीप कार्यक्रम तीव्रता से चलाया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिये विभिन्न तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसी कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्तर तक लोगों का जागरूक करने के लिये डेमोक्रेसी बैन को एडीएम रूपाली ठाकुर ने हरी झण्डी देकर रवाना किया ।  उन्होंंने बताया कि  डेमोक्रेसी बैन के माध्यम से लोगों को ग्रामीण स्तर तक जागरूक किया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति वोट बनाने  से बंचित न रह जाए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि अपना नाम मतदाता सूची में दज्र करने के लिये 14 अक्तूबर तक अपने मतदाता केन्द्र या निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/एसडीएम के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। 

वाहन पासिंग व ड्राईविंग लाईसैंस की तिथियां निर्धारित

हमीरपुर , 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  सहायक आर0टी0ओ0 ने बताया कि माह अक्तूबर में जिला के समस्त वाहन मालिकों व ड्राईविंग लाईसैंस बनाने के इच्छुक अभ्यर्थियों को सूचित किया है कि वाहन पासिंग और  ड्राईविंग टैस्ट के लिये  तिथियां निर्धारित कर दी गईं है।  उन्होंने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को वाहन पासिंग व ड्राईविंग टैस्ट के लिये उपस्थित होना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि हमीरपुर में 08,16,23,29 अक्तूबर  को वाहन पासिंग और 07 तथा 26 अक्तूबर को ड्राईविंग टैस्ट होंगे, उपमण्डल नादौन में 19 अक्तूबर को वाहन पासिंग व 20 अक्तूबर को ड्राईविंग टैस्ट, उपमण्डल बड़सर में 12 अक्तूबर को वाहन पासिंग और 13 अक्तूबर को ड्राईविंग टैस्ट, तथा भोरंज उपमण्डल में 05 अक्तूबर को वाहन पासिंग और 06 अक्तूबर को ड्राईविंग टेस्ट और सुजानपुर उपमण्डल में 17 अक्तूबर को वाहन पासिंग और इसी दिन ड्राईविंग टैस्ट लिये जाएंगेे । 

आईएनआईएफडी हमीरपुर में विद्यार्थियों के लिए सेफटी क्लीनिक का आयोजन

हमीरपुर, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के सौजन्य से आज आईएनआईएफडी हमीरपुर में विद्यार्थियों के लिए सेफटी क्लीनिक का आयोजन किया गया जिसमें इंडियन ऑयल के सहायक प्रबन्धक (एलपीजी) रवि धीमान ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। धीमान ने विद्यार्थियों को घरेलू एलपीजी के सुरक्षित प्रयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए  सर्वप्रथम सक्षम लोगों को गैस की सबसिडी छोडऩे की अपील की ताकि गरीब लोगों के घरों में भी चूल्हा भी आसानी से जल सके। उन्होने कहा कि उपयोग के उपरान्त रेगुलेटर बन्द कर देना चाहिए ताकि गैस की बचत की जा सके। धीमान ने कहा कि गैस लाइटर फलेम वाला या माचिस का उपयोग करना चाहिए तथा उपयोग के उपरान्त गैस लाइटर को चूल्हे पर नहीं रखना चाहिए। उन्होने कहा कि उपभोक्ताओं को गैस सिलेण्डर लेते समय सही तरीके से चैक करके लेना चाहिए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर अपने अपने विचारों को भी मुख्य अतिथि के साथ सांझा किया और उनके द्वारा सिखाए गए महत्वपूर्ण टिप्स को भी बखूबी समझा। संस्थान के सह-प्रबंधक शकुन्तला शर्मा ने कहा कि संस्थान द्वारा समय समय पर विद्यार्थियों के लिए इस तरह की व्यावहारिक ज्ञान से भरपूर जानकारियां भी उपलब्ध करवाई जाती है ताकि वे शिक्षा के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिक बने व देश के विकास में भी अपना भरपूर योगदान दें। इस सेफटी क्लीनिक में हमीरपुर की तीन गैस एजैंसियों मैसर्ज हमीरपुर गैस सर्विस, शहीद सुरजीत गैस सर्विस व साईं इंडेन गैस सर्विस भोरंज के प्रबंधक भी उपस्थित थे।
                
मुस्कान के लिए आंगनबाड़ी वर्करों की जिम्मेदारी होगी तय
  • सत्तर दिन से पहले गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण करवाना होगा जरूरी

हमीरपुर, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  मुस्कान अभियान के तहत लिंगानुपात में सुधार के लिए गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण सत्तर दिन से पहले सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ी वर्करों की जिम्मेदारी तय की जाएगी ताकि किसी हमीरपुर जिला में शतप्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित हो सके और कन्या भ्रूण हत्या पर भी पूर्णतय: अंकुश लग सके। यह जानकारी उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने बुधवार को हमीर भवन में मुस्कान अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि हमीरपुर जिला एक साक्षर जिला है तथा इसमें ओवरआल लिंगानुपात 1000 पुरूषों के मुकाबले 895 महिलाएं हैं जो कि काफी कम है और इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अप्रैल माह में मुस्कान अभियान की शुरूआत की गई जिसमें सबसे पहले गर्भवती महिलाओं को सत्तर दिन के भीतर पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया ताकि कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराइयां उत्पन्न न हो सकें और उसकी सुचारू टै्रकिंग सुनिश्चित हो। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मई माह में सत्तर दिन से पहले पचास प्रतिशत गर्भवती महिलाओं ने पंजीकरण करवाया गया जबकि अभियान के आरंभ होने के बाद अगस्त माह में सत्तर दिन से पहले पंजीकरण करवाने वाली गर्भवती महिलाओं का आंकड़ा बढक़र अस्सी प्रतिशत तक पहुंच गया, इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने अपने अपने क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण के लिए कारगर कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत विभिन्न जागरूकता शिविर तथा गर्भवती महिलाओं के लिए ट्रेकिंग सिस्टम तथा सत्तर दिन से पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया, इस अभियान में आंगनबाड़ी वर्करों की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा ऐसी पंचायतों पर विशेष फोक्स किया गया जिन पंचायतों में लिंगानुपात में सबसे ज्यादा असमानता है। उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि मुस्कान अभियान के तहत जिला के विभिन्न क्षेत्रों में साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे ताकि लोग जागरूक हो सकें इसके साथ ही जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर आईएएस प्रोबेशन निपूण सहित बाल विकास सेवाएं विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

अधिकारी जन समस्याएं प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं

हमीरपुर, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  अधिकारी जन समस्याओं का समयबद्ध समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें ताकि लोगों बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर ने काटने पड़े।  यह बात एसडीएम एसके पराशर ने उपमण्डल स्तरीय जन शिकायत निवारण समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कार्यालय में जनसमस्याओं के लेकर आने वाले लोगों से अधिकारी एवं कर्मचारी सौहार्दपूर्ण वातवरण प्रदान कर उनकी समस्याओं को त्वरित निपटाने का प्रयास करें।  उन्होंने ग्राम पंचायत भुक्कड़ में सौर ऊर्जा के तहत लगने वाली सोलर लाईट के लिये सौर ऊर्जा, प्राईवेट बस कैप्टन कोच को बस्सी से शिमला वाया खुथड़ी चलाने तथा डाडू ब्लैक स्पॉट समस्या से निपटने के लिये अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये। इस अवसर पर  तहसीलदार संजय , गैर सरकारी सदस्य राजीव राणा और राजीव मैहर के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

जिला स्तरीय महिला खेलकूद प्रतियोगिताएं सम्पन्न

हमीरपुर, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी ने बताया कि  जिला स्तरीय दो दिवसीय महिला खेलकूद प्रतियोगिता बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, पौहंच में सम्पन्न हुई।  प्रतियोगिता में कब्ड्डी, खो-खो, बास्केटबाल, बैडमिंटन , हॉकी , हैण्डबाल, टेबल टेनिस तथा एथलेटिक्स में लगभग 350 महिला खिलाडिय़ों ने भाग लिया।  समापन  समारोह की अध्यक्षता स्थानीय स्कूल प्रधानाचार्य ऊर्मिला सागर ने की। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे : कबड्डी में हमीरपुर प्रथम तथा टौणी देवी द्वितीय और नादौन तृतीय , खो-खो में हमीरपुर प्रथम , सुजानपुर द्वितीय और टौणी देवी तृतीय, वालीबाल में भोरंज प्रथम, टौणी देवी द्वितीय और सुजानपुर तृतीय, वास्केटबाल में टौणी देवी प्रथम , भोरंज द्वितीय और नादौन तृतीय, बैडमिंटन में टौणी देवी प्रथम, सुजानपुर द्वितीय और नादौन तृतीय, हैण्डबाल में नादौन प्रथम, टौणी देवी द्वितीय और सुजानपुर तृतीय , और हॉकी में हमीरपुर प्रथम, नादौन द्वितीय और भोरंज तृतीय स्थान पर रहे।  उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स में 100 मीटर दौड़ में अर्चना प्रथम रजनी द्वितीय, अनीता तृतीय , 200 मीटर में रिशु ठाकुर प्रथम तथा अर्चना द्वितीय और रजनी तृतीय स्थान पर रही, 400 मीटर दौड़ स्पद्र्धा में दीप शिखा प्रथम, पूजा द्वितीय और पुनम तृतीय, 800 मीटर में पूजा प्रथम, प्रिया द्वितीय और प्रिया तीसरे , 1500 मीटर में नेहा प्रथम, आरती द्वितीय और पूजा तृतीय जबकि 3000 मीटर में नेहा कुमारी प्रथम , गायत्री द्वितीय और विशाखा तृतीय स्थान पर रहीं।  उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता से चयनित 90 महिला खिलाड़ी 25 अक्तूबर से 27 अक्तूबर तक जिला मण्डी में होने वाली राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेंगी। इस मौके पर प्रदीप कालिया, डीसी शर्मा तथा पवन कुमार कोच उपस्थित रहे। 

सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने पर युवा/महिला मण्डलों को सम्मानित किया जाएगा
  • पुरस्कार के लिये 10 अक्तूबर तक आवेदन पत्र करें

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हमीरपुर, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  जिला युवा समन्वय नेहरू केन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में श्रेष्ठ व सराहनीय कार्य करने के लिये उत्कृष्ठ युवा/महिला मण्डल को जिला, राज्य तथा राष्ट्र स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार मूल्यांकन चयन समिति द्वारा किया जाएगा । उन्होंने बताया कि जिला में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले युवा/महिला मण्डल का प्रस्ताव राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिये भेजा जाएगा और राज्य स्तर पर चयन समिति द्वारा चयनित प्रथम युवा/महिला मण्डल का नाम राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार के लिये भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर पुरस्कार योजना के तहत 25 हजार और प्रसंशा पत्र, राज्य स्तर पर एक लाख तथा प्रसंशा पत्र और राष्ट्र स्तर पर प्रथम आने पर तीन पुरस्कार दिये जाएंगे जिसमें प्रथम स्थान पर 5 लाख, दूसरे को तीन लाख और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर 2 लाख रूपये तथा प्रसंशा पत्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने जिला के  समस्त युवा/महिला मण्डलों से आग्रह किया है कि  पुरस्कार के लिये 10 अक्तूबर तक जिला समन्वयक नेहरू केन्द्र, हमीरपुर के कार्यालय में आवेदन करें। उन्होंने बताया कि युवा /महिला मण्डल द्वारा एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक मण्डल द्वारा आयोजित गतिविधियों की पूर्ण रिपोर्ट , प्रेस कटिंग फोटोग्राफ सहित 10 अक्तूबर तक कार्यालय में स्वयं या डाक द्वारा भेजना सुनिश्चित करें । उन्होंने बताया कि चयनित समिति युवा/महिला मण्डल द्वारा सामाजिक गतिविधियों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण , पर्यावरण संरक्षण, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा को बढ़ावा देना, महिला संशक्तिकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद व साहासिक कार्यक्रम, गांव में परिसम्पत्ति का निर्माण करना, युवा/युवतियों को स्वरोज़गार उपलब्ध करवाना, भारत सरकार द्वारा घोषित महत्वपूर्ण दिवसों का आयोजन करना, सामाजिक बुराईयों व समस्याओं को समाप्त करना, गांव-गांव में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिये किए गये कार्यों के प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाएगा । उन्होंने बताया कि पुरस्कार हेतू आवेदन करने के लिये आवेदन फार्म नेहरू युवा केन्द्र कार्यालय से किसी भी कार्य दिवस पर प्राप्त किये जा सकते हैं और दूरभाष नम्बर 01972 222271 पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।  

एसीसी औद्योगिक इकाई के लिए कैम्पस इंटरव्यू 9 अक्तूबर को आटीआई ऊना में 

ऊना, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  देश की नामी औद्योगिक इकाई  एसीसी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड नई दिल्ली अपनी विभिन्न इकाईयों के लिए कारपेंटरी व्यवसाय में आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए 9 अक्ूतबर, 2015 को प्रात: 10 बजे आईटीआई ऊना के सीओई भवन में एक कैम्पस साक्षात्कार का आयोजन करने जा रही है। यह जानकारी देते हुए आईटीआई ऊना के प्रधानाचार्य सीआर डांगी ने बताया कि कम्पनी प्रतिनिधियों द्वारा सबसे पहले लिखित परीक्षा ली जाएगी तथा जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे उनका व्यक्तिगत साक्षात्कार लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के बाद चयनित अभ्यर्थियों को कम्पनी द्वारा प्रति माह 75 सौ रुपये वेतन तीन महीनों के लिए तथा उसके बाद 10 हजार रूपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कम्पनी के नियमानुसार अन्य सुविधाएं भी देय होंगी। उन्होंने बताया कि इन पदों के इच्छुक उम्मीदवार जिन्होंने कारपैंटरी व्यवसाय में आईटीआई से प्रशिक्षण प्राप्त किया है वह निर्धारित तिथि व समयानुसार साक्षात्कार में भाग ले सकते हैं। साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवार अपने सभी प्रमाण पत्रों की मूल व फोटो प्रति तथा दो फोटो भी साथ लेकर आएं।

ड्राईविंग कोर्स के लिए आवेदन आमंत्रित

ऊना, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही हुनर से रोजगार तक योजना के तहत आईटीआई ऊना में आगामी दो नवम्बर से मोटर ड्राईविंग कोर्स एलएमवी प्रारंभ किया जा रहा है। एक महीने के इस कोर्स के लिए 18 से 28 वर्ष की आयु वाले हिमाचली पुरूष व महिलाएं 26 अक्तूबर, 2015 को सायं पांच बजे तक आवेदन कर सकते हैं। यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य आईटीआई ऊना सीआर डांगी ने बताया कि एक माह के इस मोटर ड्राईविंग कोर्स के लिए सरकार द्वारा 25 सीटें निर्धारित की गई हैं। उन्होने बताया कि इच्छुक व्यक्ति आवेदन पत्र के साथ लर्निग लाईसेंस की छाया प्रति भी आवश्यक तौर पर संलग्र करें। कोर्स में दाखिले के लिए आइआरडीपी व बीपीएल से संबंधित उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

माता शबरी महिला सशक्तिरण योजना के तहत 199 पात्र मामलों को दी स्वीकृति-डीसी

ऊना, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  उपायुक्त अभिषेक जैन ने बताया कि माता शबरी महिला सशक्तिरण योजना के तहत जिला के तीन विस क्षेत्रों हरोली, गगरेट व कुटलैहड़ से प्राप्त 199 मामलों  में 2 लाख 58 हजार 700 रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिसमे हरोली व गगरेट विस क्षेत्र 75-75 तथा कुटलैहड़ से 49 मामले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि माता शबरी महिला सशक्तिरण योजना के तहत जिला को वर्ष 2015- 16 के लिए  375 घरेलु गैस कनैक्शन स्वीकृत करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसमें से तीन विस क्षेत्रों के संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों से प्राप्त मामलों के आधार पर स्वीकृति प्रदान कर दी है जबकि शेष विस क्षेत्रों से संबंधित मामले प्रस्तुत होने पर उन्हें भी स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। डीसी ने बताया कि माता शबरी महिला सशक्तिरण योजना के अन्र्तगत अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों की महिलाओं को घरेलु गैस कनैक्शन प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा 1300 रुपये प्रति कनैक्शन की दर से अनुदान दिया जाता है। 

अरलु में 2 अक्तूबर को लगेगा रैडक्रास शिविर

ऊना, 30 सितंबर ( विजयेन्दर शर्मा) ।  जिला रैड क्रास सोसायटी, स्वास्थ्य विभाग तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत एक संयुक्त शिविर का आयोजन 2 अक्तूबर, 2015 को प्रात: साढे नौ बजे से बंगाणा उप मण्डल के अरलु में किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना अभिषेक जैन ने बताया कि इस शिविर में मैडिकल बोर्ड भी बैठेगा जो अक्षम लोगों की जांच कर उन्हें अक्षमता प्रमाण पत्र भी जारी करेगा। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान जरूरतमंद अक्षम व्यक्तियों को बैशाखी, छड़ी इत्यादि भी वितरित की जाएगी। साथ ही जरूरतमंद अक्षम व्यक्ति शिविर के दौरान चश्मा, व्हिल चेयर, हियरिंग ऐड इत्यादि के लिए भी प्रार्थना-पत्र दे सकते हैं।  इसके अतिरिक्त शिविर में लोगों की निशुल्क स्वास्थ जांच हेतु डाक्टर की टीम भी मौजूद रहेगी तथा आवश्यकता पडऩे पर मुफ्त दवाईयां भी वितरित की जाएंगी। इसके अलावा शिविर मेेंं जरूरतमंद महिलाओं व बच्चों को डेंटल कीट भी वितरित की जाएंगी तथा  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस शिविर में एसडीएम, सीएमओ, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। 

पाकिस्तान आतंकवाद छोड़े, तभी शांति संभव: भारत

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 भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक’ है और स्पष्ट किया कि शांति कश्मीर से सेना हटाने से नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद छोड़ने से आएगी क्योंकि इस्लामाबाद आतंकवाद को अपनी शासन नीति के ‘वैध हथियार’ के रूप में इस्तेमाल करता रहा है । भारत ने पाकिस्तान से यह भी आग्रह किया कि वह पाक अधिकृत कश्मीर को ‘जल्द खाली करे ।’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के थोड़ी देर बाद नयी दिल्ली की ओर से यह प्रतिक्रिया आई ।

शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे का समाधान न होने को विश्व निकाय की विफलता करार दिया और भारत के साथ शांति के लिए चार सूत्री ‘शांति पहल’ प्रस्तावित की जिसमें कश्मीर से सेना हटाने की बात भी शामिल है । शरीफ ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद का ‘प्रमुख पीड़ित’ है ।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में प्रथम सचिव अभिषेक सिंह ने महासभा के 70वें सत्र की आम चर्चा के दौरान जवाब देने के भारत के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा, 

’वास्तव में यह (पाकिस्तान) आतंकवाद को पालने-पोसने और प्रायोजित करने की अपनी खुद की नीतियों का शिकार हो गया है । मामले के केंद्रबिन्दु में एक ऐसा देश है जो आतंकवाद का इस्तेमाल शासन नीति के वैध हथियार के रूप में करता है ।’ उन्होंने कहा, ‘विश्व चिंता के साथ देखता है क्योंकि इसके परिणाम इसके तात्कालिक पड़ोसी से परे फैल चुके हैं ।’ इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए अपने जवाब में कहा, ‘कश्मीर से सेना हटाना कोई समाधान नहीं है, बल्कि समाधान पाकिस्तान के आतंकवाद छोड़ने से होगा ।’

IPS अमिताभ ठाकुर को धमकी देने के आरोप में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज

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समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आईपीएस अमिताभ ठाकुर को धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इससे पहले लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया थी, लेकिन इस मामले में देरी की घई। कोर्ट ने यह आदेश निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर की अपील पर दिया था।

बता दें कि अमिताभ ठाकुर ने मुलायम सिंह पर उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह और उनके बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो जारी किया था। कथित तौर पर मुलायम सिंह यादव ने अमिताभ ठाकुर को फोन करके धमकी दी थी कि सुधर जाओ वरना ठीक नहीं होगा।


बिहार में बीजेपी का लोक लुभावन विजन डॉक्यूमेंट

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बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट पर चुनाव आयोग ने नजरें गड़ा दी हैं. बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के मुताबिक चुनाव आयोग बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट की जांच करेगा. इसके अलावा सुशील मोदी के स्कूटी वाले भाषण की सीडी भी आयोग को भेजी गई है जिसकी जांच होगी. आपको बता दें कि आज ही पटना में बीजेपी ने अपना विजन डॉक्यूमेंट जारी किया है.

बिहार में भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट में 50,000 छात्रों को लैपटॉप, 5000 लड़कियों को स्कूटी, दलितों-महादलितों को रंगीन टीवी और गरीब घरों को साड़ी-धोती देने की बात है। यह बिहार में बीजेपी का सियासी शोरूम है।

इसमें मेक इन बिहार, डिजिटल बिहार और स्वच्छ बिहार के साइन बोर्ड भी दिख रहे हैं। बिहार के लिए बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में इन सबके अलावा हर भूमिहीन को घर बनाने के लिए जमीन, हर थाने में सीसीटीवी, हर शहर में पुलिस कमिश्नरी, नई यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज और लॉ कॉलेज, फिल्म निगम और तीन शहरों में कोचिंग हब बनाने की बात है। इन सबके साथ बीजेपी बिहार को उसके पिछड़ेपन से निजात दिलाएगी।

हेलीकाप्टर सौदे मामले में त्यागी बंधुओं की संपत्ति कुर्क

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे में मनी लांड्रिंग की जांच के संबंध में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस़पी़ त्यागी के परिजनों के नाम पांच महंगे फ्लैटों की कुर्की की है। ये फ्लैट राष्ट्रीय राजधानी में और इसके आसपास स्थित हैं। जांच एजेंसी ने त्यागी बंधुओं- संजीव, संदीप और राजीव के खिलाफ जारी अपने आदेश में कहा कि जांच में पाया गया है कि इस सौदे से हुई अपराध की कमाई का उपयोग कथित तौर पर इन व्यक्तियों द्वारा संपत्तियों को खरीदने में किया गया जिन्हें अब कानून के तहत कुर्क कर दिया गया है।


प्रवर्तन निदेशालय ने यहां जारी एक बयान में कहा, जांच में काफी मेहनत के बाद त्यागी बंधुओं की 6.20 करोड़ रपये मूल्य की अचल संपत्तियों को कुर्क कर दिया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों में से एक फ्लैट गुड़गांव के फेज-5 में, दो फ्लैट नोएडा के सेक्टर 50 में, एक फ्लैट दिल्ली के केजी मार्ग में और एक फ्लैट गाजियाबाद से सटे कौशांबी में एक बिजनेस सेंटर में स्थित है। सूत्रों ने कहा कि इन रिहायशी इकाइयों का यह बताया गया मूल्य है और वास्तविक मूल्य कई गुना अधिक हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग रोधी कानून के तहत पिछले साल इस सौदे में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। जांच एजेंसी का कहना है कि सौदे को इटली की फिनेमैकेनिका की अनुषंगी अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में करने के लिए यूरोपीय कारोबारियों क्रिस्टियन माइकल, गेरोसा और गुइदो हैश्के द्वारा कथित रूप से करीब 423 करोड़ रुपये (5.8 करोड़ यूरो) का भुगतान किया गया था।

भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सरकार द्वारा इस सौदे को रदद कर दिया गया था। भारतीय अति विशिष्ट व्यक्तियों के इस्तेमाल के लिए इस सौदे के तहत 3,600 करोड़ रपये मूल्य के 12 उन्नत हेलीकाप्टर खरीदे जाने थे।
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