लालू प्रसाद के गृह क्षेत्र में उन पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उन्हें तांत्रिक और उनकी पार्टी राजद को राष्ट्रीय जादू टोना पार्टी बताते हुए बिहार के विकास का छह सूत्री कार्यक्रम पेश किया जिसमें युवाओं और कमजोर तबके के लोगों को आगे बढ़ाने की बात कही गई है।
राज्य के चुनाव में जाति और आरक्षण के मुद्दे हावी रहने से राजग के प्रभावित हो सकने की चर्चा के बीच प्रधानमंत्री ने विकास के मुद्दे को प्रमुखता देते हुए 'बिजली, पानी और सड़क'और राज्य के हर परिवार को 'कमाई, पढ़ाई और दवाई'का वादा किया। छपरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने राज्य की समस्याओं के लिए बड़े भाई (लालू प्रसाद) और छोटे भाई (नीतीश कुमार) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि केवल राजग ही राज्य में विकास ला सकता है।
महागठबंधन के 'बिहारी बनाम बाहरी'मुद्दे पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं में बेरोजगारी के चलते उनके राज्य से पलायन करने के लिए मजबूर होने का मुद्दा उठाया। लालू और नीतीश पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वह परमआदरणीय लोकतांत्रिक नीतीशजी और सबसे बड़े तांत्रिक लालूजी से पूछना चाहते हैं कि किसने बिहार के युवाओं रोजी रोटी के लिए राज्य से बाहर पलायन करने को मजबूर कर बाहरी बनाया।
जाति और समुदाय से ऊपर उठकर युवा मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने का प्रयास करते हुए मोदी ने कहा, बिहार की जनता जानना चाहती है कि बिहारी युवाओं को किसने बाहरी बनाया। बिहार के मेरे युवाओं को किसने बाहर ढकेला। इन्होंने पिछले 25 वर्षों में बिहार में दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया। अपने ऊपर लालू द्वारा किये जा रहे तंज के जवाब में मोदी ने कहा, लालूजी आप काले या सफेद कबूतरों की बली देने या धुंआ छोड़ने या धूल उड़ाने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर आपको ऐसा करना है तब आपको अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल की बजाए राष्ट्रीय जादू टोना पार्टी रख देना चाहिए और पार्टी का मुखिया होने के नाते तब आप विश्व के सबसे बड़े तांत्रिक हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र जनता के आशीर्वाद से चलता है, तांत्रिक के तंत्रमंत्र से नहीं।
उन्होंने जनता से सवाल किया कि आठारहवीं सदी की मानसिकता वाला कोई व्यक्ति क्या बिहार का विकास कर सकता है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वह बिहार के राजनीतिक परिदृश्य से ऐसे लोगों को चुन चुन कर बाहर कर दें। उल्लेखनीय है कि एक तांत्रिक के साथ वीडियो के कल सामने आने से नीतीश कुमार विवादों में घिर गए हैं और इससे उनके प्रतिद्वन्द्वियों को उन्हें निशाने पर लेने का नया मौका मिल गया है। उनके विरोधियों का दावा है कि लालू से छुटकारा पाने के लिए नीतीश तब तांत्रिक के पास गए थे। इस घटना पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि अभी तक महागठबंधन में केवल तीन खिलाड़ियों. बड़ा भाई लालू, छोटा भाई नीतीश और मैडम सोनिया गांधी को ही जानते थे। लेकिन पहली बार मुझे यह जानकारी मिली कि एक चौथा खिलाड़ी भी है और वह एक तांत्रिक है। महाअवसावादी इस गठबंधन में अब चार खिलाड़ी हैं। मोदी ने सवाल किया कि क्या लोकतंत्र में इस तरह के तमाशों को जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है। राजद प्रमुख का नाम लिये बिना उन्होंने लालू द्वारा गया में एक सभा के दौरान माइक मैकेनिक को धमकी देने की आलोचना की और उनके इस आचरण को कमजोर वर्ग पर हमला बताया।
प्रधानमंत्री ने चाय बेचने वाले के रूप में अपनी सामान्य पृष्ठभूमि के संदर्भ में कहा, मैंने हाल ही में टीवी पर एक घटना देखी जिससे मैं स्तब्ध रह गया। अभी भी ऐसे लोग हैं जो राजा महाराजा की तरह व्यवहार करते हैं। बिहार में एक नेता भाषण देने आए, और माइकवाले को धमकी देने लगे तथा कहा कि वह उसे मंच से नीचे फेंक देंगे। उन्होंने कहा, अभी आप सत्ता में भी नहीं आए हैं और गरीब के बच्चों को जमीन पर फेंक देने की बात कह रहे हैं। माइकवाला आपके लिए एक व्यक्ति हो सकता है। मेरे लिये वह मेरे समुदाय से संबंध रखता है। क्या आप गरीब के बच्चों को इस तरह यातना देंगे? आप उन्हें जमीन पर फेंक देंगे। मोदी ने कहा कि पहले रेलवे के अधिकारी भी चाय बेचने वाले को इस तरह प्रताड़ित करते थे।
बिहार चुनाव में भाजपा अत्यंत पिछड़ा वर्ग पर खास ध्यान दे रही है। भाजपा स्वयं मोदी को अत्यंत पिछड़े समुदाय घांची तेली के व्यक्ति के रूप में पेश कर रही हैं जो इस वर्ग से आने वाला पहला प्रधानमंत्री है। मोदी ने कहा कि राजनीति में लालू केवल दो बेटों को आगे बढ़ाने में मेहनत कर रहे हैं। उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के अलावा और किसी की परवाह नहीं है। क्षेत्र में चाकलेट फैक्टरियों को बंद किये जाने के लिए महागठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने वादा किया कि राजग अगर सत्ता में आई तो वह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के वास्ते राज्य सरकार से औद्योगिकीकरण की योजना का खाका बनाने के लिए एक समिति बनाने को कहेंगे। उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव के कारण युवाओं को दो जून की रोटी के लिए अपने बूढ़े मां बाप को छोड़ कर राज्य से पलायन करने को बाध्य होना पड़ रहा है।
मोदी ने कहा, जब मैं विकास की बात करता हूं तब मैं छह बातों पर जोर देता हूं। उन्होंने कहा कि यह छह सूत्री कार्यक्रम किसानों को सिंचाइ सुविधा और गांव तथा उद्योगों को बिजली उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने महागठबंधन के नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा, अगर आपने पिछले 25 सालों में ऐसा किया होता तब बिहार की तकदीर बदल गई होती। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने छपरा के स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना के तहत विषाक्त भोजन खाने से 23 बच्चों के मारे जाने की घटना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में इतना साहस नहीं था कि वह इन पीड़ितों के घर जाते।
उन्होंने कहा, नीतीश रात दिन मुझे याद करते रहते हैं । उनकी यह भक्ति सराहनीय है। लेकिन बेहतर यह होता कि वे गरीबों, वंचितों, दलितों और पिछड़े वर्गो के बच्चों पर ध्यान देते। मोदी का यह छह सूत्री कार्यक्रम नीतीश कुमार के ‘सात निश्चय’ की काट के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश ने सात निश्चय के तहत बेरोजगारी भत्ता, रोजगार में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण, हर घर को पाइप से पेयजल की आपूर्ति और बिजली मुहैया कराने का वादा किया था।
उन्होंने कहा कि राजग विकास के मुद्दों की बात कर रहा है लेकिन महागठबंधन के नेता केवल उनपर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं। वे केवल मोदी, मोदी चिल्ला रहे हैं। मोदी ने ये किया, मोदी ने वो किया। मोदी ऐसा है, मोदी वैसा है। मोदी जो भी हो लेकिन देश की जनता का उसे आर्शीवाद प्राप्त है। उन्होंने कहा कि लालू, नीतीश को अपने 25 साल के शासन का हिसाब किताब जनता को देना होगा और जब वह 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए आयेंगे तब वह अपने पांच साल के शासन का हिसाब देंगे। मोदी ने बिहार में राजग सरकार बनने का विश्वास व्यक्त किया और कहा कि छपरा की यह रैली नहीं बल्कि परिवर्तन का मेला है। उन्होंने कहा, इस चुनाव नतीजे केवल बिहार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए दो दिवाली लायेंगे। यह साफ नजर आ रहा है कि आठ नवंबर को मतदान के दिन बिहार किस तरह दिवाली मनायेगा।