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मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड 2015

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हर वर्ष की तरह इस बार भी श्री सांर्इ एंटरटेनमेंट द्वारा मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड का आयोजन किया जा रहा है और इस वर्ष श्री सांर्इ एंटरटेनमेंट ने मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड का फिनाले मयन्मार में रखा है। फिनाले की घोषणा करने के लिए दिल्ली सिथत एफ बार एंड लाउंज में हाटमोंड मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड मयन्मार 2015 की प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

मौके पर बालीवुड अभिनेत्री आदीति गोवित्रीकर की अध्यक्षता में फैशन डिजाइनर पूजा भूटानी, एफ बार के सीएमडी अजय शर्मा, श्री सार्इ एंटरटेनमेंट के भरत भ्रमर, आस्कर के निदेशक सुरेश झावर, ग्रूमिंग एक्सपर्ट दिव्य व चेतना, फैशन कोरियोग्राफर शिवांगी मलेटिया व बबला कथूरिया आदि की उपसिथति में फाइनल 40 प्रतिभागियों की एक फैशन वाक भी आयोजित की गयी। रंग-बिरंगी रोशनी, तेज-तर्रार संगीत पर फैशन की चकाचौंध ने सभी का आकर्षित किया। 

मयन्मार में फिनाले के विषय में भरत भ्रमर ने बताया कि दोनों देशों के काफी अच्छे सम्बंध रहे हैं और फैशन वैशिवक स्तर पर लोकप्रिय होता है। मयन्मार को चुनने के पीछे हमारा मुख्य उददेश्य दोनों देशों के बीच पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यातिमक संबंधों को पुर्नजीवित करके इसे मजबूत बनाना है। इससे व्यापार में वृद्धि, निवेश और संयुक्त सहयोग के माध्यम से दोनों देशों के बीच र्आथिक सहयोग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि हाटमोंडे इंडिया इन प्रतियोगियों के साथ म्यांमार के पर्यटन स्थलों पर एक कैलेंडर शूट की योजना बना रहा है।

आदीति गोवित्रीकर ने आयोजकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक अच्छा प्रयास है विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो शादी के बाद जिम्मेदारियों के चलते अपने सपने अधूरे छोड़ देती हैं या शादी के साथ-साथ उन्हें जीवंत करके खुद का स्थान कायम करना चाहती हैं। यह न केवल इन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देता है बलिक फैशन जगत से रूबरू कराते हुए अच्छे मौके प्रदान करता है।

प्रेस वार्ता से पूर्व देश के विभिन्न क्षेत्रों में आडिशन किये गये थे, जहां तीन महीने की अवधि के बाद प्रतिभागियों का चयन किया गया है और अपने अंतिम दौर में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद हाटमोंडे मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड 2015 का चयन मयन्मार में होगा।

सिख अवाड्र्स से अनेक हस्तियां से सम्मानित

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व्यवसाय, दान, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, सेवा (निःस्वार्थ सेवा) और स्पोट्र्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सिख समुदाय द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान देनेे वाली अनेक हस्तियों को छठे सिख अवाड्र्स से नई दिल्ली के एक पांच सिंतारा होटल में कुलदीप सिंह ढींगरा सिख्स बिजनेसमैन अवार्ड, सुश्री इंदिरा कौर अहलूवालिया (अमेरिका),सिख्स बिजनेस वूमेन अवार्ड और सुश्री प्रकाश कौर  द लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया ।

सम्मानित अन्य हस्तियों में कुलवंत सिंह (सिख इन चैरिटी अवार्ड) डॉ. परविंदर सिंह पसरीचा (सिख इन सेवा अवार्ड)संदीप सिंह संधू (सिख इन स्पोट्र्स अवार्ड) एस मोहिंदर सिंह सरना(सिख इन एंटरटेनमेंट अवार्ड)बाल सिंह सामरा (सिख इन मीडिया अवार्ड) डॉ. रघबीर सिंह बैंस (सिख इन एजूकेशन अवार्ड)करन सिंह बाजवा(सिख इन प्रोफेशन अवार्ड) अजिंदर पाल सिंह (बोत्सवाना) (सिख एंटरप्रेन्योर अवार्ड) है।

सिख अवाड्र्स के संस्थापक नवदीप सिंह ने कहा कि, ‘मैं सिखों और सिख धर्म की मातृभूमि भारत में छठवें सिख अवाड्र्स आयोजित करते हुए बेहद उत्साहित हूं। एक सिख के रूप में मैंने दुनियाभर के सफल, परिश्रमी और महत्वाकांक्षी सिखों की उपलब्धियों को पहचान, सम्मान दिलाने एवं जश्न मनाए जाने की यह जिम्मेदारी निभाई है। सिख दुनियाभर में न सिर्फ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से समाज में योगदान दे रहे हैं बल्कि परोपकारी गतिविधियों के जरिये लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव भी ला रहे हैं। मैं उन विजेताओं को भी बधाई देना चाहूंगा जो ऐसे प्रकाश स्तंभ के रूप में खुद को साबित कर रहे हैं जो हमारी आगामी पीढ़ी को मार्ग दिखाएगा और अपने संबद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए लगातार प्रोत्साहित करेगा।’


अवार्ड नाइट के मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने सिख अवार्ड से सम्मानित सभी विजेताओं को शुभकामना देते हुए कहा, ‘ भारत और दुनियाभर में सिखों के अहम योगदान का एक जश्न है। समारोह में हम प्रतिभा की अतुल्य संपदा को पहचान दे रहे हैं। भारत के साथ हमारा संबंध पुराने समय से ही मजबूत बना हुआ है और यह सहयोग एवं व्यापार, ब्रिटेन के विकास में योगदान देने वाले लगभग 15 लाख भारतीयों के जरिये आगे भी मजबूत बना रहेगा और दोनों देशों को और नजदीक लाएगा।’ 

नवाज़ुद्दीन हैं नाराज़

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बॉलीवुड में 'मांझी'और 'बजरंगी भाईजान'जैसी हिट फ़िल्में करने का बाद नवाज़ुद्दीन की लोकप्रियता आये दिन बढ़ती जा रही है। केवल लोकप्रियता ही नहीं बॉलीवुड जगत में इनकी डिमांड भी काफी बढ़ चुकी है। इनदिनों नवाज़ की बढ़ती डिमांड और लोकप्रियता का कुछ लोग गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बात से नवाज़ुद्दीन काफी नाराज़ हैं। बॉलीवुड जगत के कई फिल्म निर्माताओं ने नवाज़ को अपनी फिल्म का हिस्सा बताकर फिल्म की  घोषणा कर दी थी।  

इन सभी अफवाओं पर विराम लगते हुए नवाज़ ने कहा है 'अब तक मै सिर्फ 2 फ़िल्में कर रहा हूँ।  एक फिल्म 'रईस'और दूसरी अनुराग कश्यप की फिल्म। इन दो फिल्मों के अलावा मै और कोई फिल्म नहीं कर रहा। अगर इनके अलावा कोई और फ़िल्में मेरे पास होगी तो मै ख़ुशी से उसकी घोषणा करूँगा ।'

विशेष : फूट डालो और राज्य करो की नीति वाले अरक्षितों के छद्म रक्षक हैं

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प्रश्न यह है कि भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात जातिगत आधार पर दलित वर्ग के संदर्भ मे कुछ विशेष सुविधाओं के लिये सोचने हेतु हमे क्यों मजबूर होना पड़ा ? भारतीय संविधान लागू होने के बाद आरक्षंण के आधार पर जाति-भेद का कानूनी स्वरूप चिन्हत किया गया। पूर्व मे जाति-भेद अस्पश्र्यता पर आधारित था। अस्पश्र्यता की श्रेंणी भी एक समान नही थी और उसकी कट्टरता बाल्मीक समाज के प्रति अपेक्षाकृत अधिक थी। अस्पश्र्यता पर महात्मा गांधी सर्वाधिक संवेदनशील थे, उनका कहना था कि सफाई करने और मल उठाने की जिम्मेदारी बाल्मीक समाज पर ही क्यों है ? उन्होने अपने आश्रम मे स्वयं-सेवा का संदेश देते हुये स्वयं ही सफाई कार्य प्रारम्भ किया था। हमे यह कहने मे कतई कोई संकोच नही होना चाहिये कि इन्सान की कई-कई पीढि़यों से मानव-सेवा मे बाल्मीक समाज के योगदान को कभी भी भुलाया नही जा सकता। हमे यह सुनने मे भी कोई संकोच नही होना चाहिये कि अनुसूचित जाति के वर्ग पर उनकी जातिगत हीनता, निरीहता, सामाजिक व आर्थिक दयनीयता के कारण प्राचीन काल मे अत्यधिक भेद-भाव था और तत्समय के कुछ बाहुबली, दबंिगंयों ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार भी किया, जिसका परिणाम आज प्रतिक्रिया स्वरूप हो रहा है। उन कटु और भेद-भावपूर्ण प्रसंगों की याद व चर्चा करने से नफरत और द्वेष के सिवाय कुछ भी हांसिल नही होने वाला है। 

कुछ न समझ लोग, जो राष्ट्रीय-स्वयंसेवक-संघ की कार्यपद्धति व चिन्तन से अनभिज्ञ हैं। उन्हे संघ के कार्यक्रमों मे और संघ-शिक्षा-वर्ग मे आकर देखना चाहिये, जहां अस्पश्र्यता व जातिगत भेद-भाव कतई नही होता है। संघ-शिक्षा-वर्ग मे कभी भी किसी भी दिन भोजन परोसने के लिये अनुसूचित जाति के दलित अथवा महादलित स्वयंसेवक को नियुक्त कर दिया जाता है और वर्ग के अन्दर किसी भी स्वयंसेवक व संघ अधिकारी के मन मे यह प्रश्न ही नही उठता है कि वह स्वयंसेवक की जाति ज्ञात करे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी यह मानते थे कि जातिविहीन समाज का स्वरूप संघ के अन्दर ही देखा जा सकता है। सन् 1934 में जब महात्मा गान्धी वर्धा में आर.एस.एस. के एक संघ-शिक्षा-वर्ग का निरीक्षण करने पहुंचे थे, वह यह देखकर अचम्भित हो गये थे कि पन्द्रह सौ स्वयं-सेवक के इस वर्ग में किसी भी स्वयं सेवक को जाति-भेद का भान तक नहीं था। गान्धी जी अपने उद्बोधन में जाति-विहीन समाज की कल्पना मे हमेशा संघ का उदाहरण दिया करते थे। दिनांक 16 सितम्बर 1947 को गान्धी जी ने दिल्ली की हरिजन बस्ती में कहा था- ‘मैंने कुछ वर्ष पूर्व आर.एस.एस. के एक कैम्प का उस समय निरीक्षण किया था जब इसके संस्थापक डाॅ. हैडगेवार जीवित थे, तब मैं संघ के अनुशासन स्पश्र्यता-विहीन व्यवहार और सादगी से काफी प्रभावित हुआ था। (देखें- दि हिन्दू, दिनांक 17 सितम्बर 1947 का संदर्भ आर.एस.एस. ए विजन इन एक्शन पेज-10) सन् 1939 में बाबा साहेब डाॅ. अम्बेडकर ने पूना में आर.एस.एस. के संघ-शिक्षा-वर्ग का निरीक्षण किया था तो उन्होंने वहां पूंछा था कि क्या इस वर्ग में कोई अस्पश्र्य व्यक्ति है ? तब डाॅ. हैडगेवार ने जबाव दिया था, इस वर्ग में न तो कोई स्पश्र्य है और न ही अस्पश्र्य है, इस वर्ग में तो सिर्फ हिन्दू हैं। डाॅ. अम्बेडकर तत्समय समानता व भाईचारे के इस व्यवहार को देखकर काफी प्रभावित हुए थे। 

संघ पर जाति-भेद की टींका-टिप्पणीं करने वाले यह जान लें कि संघ परिवार का एक अनुसंागिक क्षेत्र ‘सेवा भारती’ है। जिसके द्वारा समाज मे आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित-जाति एवं जनजाति के मध्य उन्हे सहयोग व सहायता करना तथा उनमे भाईचारे की भावना के साथ चिकित्सीय व शैक्षणिंक सहायता प्रदान करने का कार्य होता है। आरक्षंण के नाम पर तुष्टिकरण व वोट-बैंक की सोच तक सीमित रह कर राजनीति करने वाले तथाकथित उनके छद्म-रक्षक यह बतावें कि क्या वे कभी उनकी आर्थिक, शैक्षणिंक, सामाजिक सहायता करने के लिये नियमित रूप से जाते हैं ? क्या उनके दल मे अनुसूचित-जाति एवं जनजाति के उत्थान की कोई योजनायें संचालित हैं ? क्या उन्हे आरक्षंण की बैसाखी तक ही सीमित रखना चाहते हैं ? क्या यह कार्य वोट बटोरने की नेतागीरी तक ही सीमित हो कर नही रह गया है ? क्या ये सवर्ण एवं अनुसूचित-जाति के मध्य द्वेष और वैमनस्यता का जहर नही उगल रहे हैं ?    

हिन्दू समाज की पारंम्परओं मे अनुसूचित जाति को यथासमय सम्मान देने का भी एक चलन था और छोटे कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों मे यदा-कदा अभी भी देखने को मिल जाता है। अनुसूचित जाति के बुजुर्गों को सम्मान सूचक रिश्तों से सम्बोधित करने का प्रचलन था। सवर्णोंं मे लड़का के विवाह के समय यह परम्परा थी कि परिवार की बुजुर्ग महिला सफाई करने वाली बाल्मीक समाज की पारवारिक महिला को प्रणाम करतीं थी और विवाह सम्पन्न होने के बाद नव-वधु उससे आशीर्वाद प्राप्त करती थी। कुम्हार जाति के घर पर महिलायें मिट्टी मांगने की परम्परा निभाती थीं, जिसे मटियाने का बुलावा कहा जाता था और बुन्देलखण्ड मे इन परम्पराओं का काफी चलन था। बिडम्बना तो यह है कि दलित वर्ग को सम्मान व महत्व दिये जाने की प्राचीन परम्पराओं का न तो प्रचार-प्रसार हुआ है और न ही उनकी चर्चायें होती हैं। 

सच तो यह है कि राजनीति का व्यवसाय करने वालों ने जिस तरह देश मे मुस्लिमों का उपयोग वोट-बैंक के रूप मे किया है, उसी तरह दलित एवं अनुसूचित-जाति मे जातिगत भेद-भाव की कट्टरता का आभास कराते हुये उनके वोट बटोरने का काम किया है। उनके सामने आरक्षंण रूपी झुन-झुना दिखाया है तथा इस ओर भी ध्यान नही दिया है कि आखिरी छोर पर बैठे उस निरीह, सामाजिक व आर्थिक रूप से आश्रित दलित को आरक्षंण का क्या कोई लाभ पहुंचता है ? यही बात तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद के सिद्धान्त मे कही गई है, जो भाजपा के मौलिक उद्देश्यों मे से सर्वाधिक महात्वपूर्ण मंत्र के समान है। 

आरक्षंण के नाम पर सुर्खियों मे रहने की चाहत व नफरत फैलाने वाले कुछ लोग ध्यान दें कि अनुसूचित-जाति, जनजाति के उत्थान हेतु कोई सारगर्भित कार्य उनके पास नही है। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से ये संघ विरोधी भावना को प्रसारित करते हैं और स्वार्थवश किसी न किसी राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाते रहते हैं। ऐसे लोगों ने न तो राष्ट्रीय-स्वयं-सेवक संघ को समझा है और न ही उसकी कार्यपद्धति से परिचित हैं। संघ के ऐसे स्वयं-सेवक जो अनुसूचित जाति के हैं, उनसे ही संघ की विचारधारा और कार्यशैली ज्ञात कर लें तो संभवतः उनकी ज्ञान वृद्धि होगी।


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राजेन्द्र तिवारी, अभिभाषक, छोटा बाजार दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738
rajendra.rt.tiwari@gmail.com
नोट:- लेखक एक वरिष्ठ पूर्व शासकीय अभिभाषक एवं राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक विषयों के समालोचक हैं।

आलेख : “झारखण्ड: प्रतिभाओ का कत्लगाह”

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भारत के रुर के रूप में विख्यात झारखण्ड सिर्फ शोषण होना ही जाना है.आजादी से पूर्व अंग्रेज-इसाईओ, दिक्कुओ-महाजनों, सेठ-साहूकारों और आजादी के बाद मिशन-मतांतरित इसाइओ, सफेदपोश नेताओं,अफसरों, ठेकेदारों और वाम विचार से पोषित नक्सलवादिओ ने जोंक की तरह इस राज्य की हर संपदा को लुटता खसोटता रहा है.15 नबम्बर 2000 को बिहार से अलग होने के बाद ऐसी आशा जगी थी की अब झारखंडी के पर भी विकास की उड़ान भर समाज के मुख्य धारा से जुड़ेंगे.

अपने अतुल्य संस्कार और संस्कृति से विश्व को आकर्षित करने वाला झारखंड आर्थिक रूप से भारत की रीढ़ रही है. किन्तु जब बिहार का भाग था तब भी उपेक्षित रहा और आज बिहार से अगल हुए 15 साल होने जा रहे है इन 15 सालों की अवधि में भी झारखंडी अपनों के कत्ल ही होते देखा है ?झारखंडियो के आँखों में जो विकास की जुआ अपने कंधो पर ढ़ोने की लालसा थी वो आज नौनिहालों के लाश ढ़ोते कदम लडखडा रही है, झारखंडियो की आँखे पथरा रही है ?

झारखंड में आज इनके संस्कार और संस्कृति पर हमला हो रहे है. वनों से इन्हें मरहूम किया जा रहा है. इनके जोतो को हडपा जा रहा है .इनके बच्चों को नक्सली बनया जा रहा है. इनके भविष्य को सुनियोजित तरीकों से क़त्ल किया जा रहा है.विकास के नाम पर झारखंड को विनाश की गर्त में धकेला जा रहा है.झारखंड में पदस्थापित नौकरशाहों ने खादी और खाकी की मेल से इस राज्य को सिर्फ और सिर्फ चारागाह माना.

07 अक्तूबर 2015 को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनबाई करते हुए टिप्पणी की –“लगता है की पुलिस आरोपी अधिकारिओ को गिरफ्तार करना नहीं चाहती .कोर्ट जब संज्ञान लेता है डीजीपी को आदेश देता है तो कुछ ही दिनों में आरोपी सरेंडर कर देता है.संभव है उसे बता दिया जाता है की अब उसकी गिरफ्तारी होगी...एक आरोपी जो 13 वर्षों से नहीं मिल रहा था उसने भी सरेंडर कर दिया .सरकारी योजनायो में गड़बड़ी करने वाले जिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है वह गायब हो जाता है जबकि उसका घर यही रहता है, बैंक खाते यहीं रहते हैं, परिवार यहीं रहता है, सिर्फ आरोपी फरार रहता है”. कोर्ट झारखंड के एएजी से पूछा की ऐसा कैसे होता है .क़ानून कहाँ है?
राज्य के हालात और सरकार की नीति के साथ-साथ यहाँ के पुलिस प्रशाशन के मुहं पर कोर्ट का यह करारा तमाचा है .किन्तु गैंडे से भी मोटी चमड़ी में जीने बाली यहाँ की खादी खाकी और सफेद कालर की तिकड़ी गिरोह 15 सालो से ऐसी फटकार सुनती आई और झारखंड को लुटती आई है.झारखंडी नेतृत्त्व भी पाप के इस दलदल में बराबर के भागीदार रही है.आखिर विश्वास किस पर करें ?हर कोई झारखंड को लुटने खसोटने के लिए ही तो कदम रखता है.

खनिज संपदाओं के लिए विख्यात तो उसमे हुए घोटालों के लिए झारखण्ड विश्व में कुख्यात रही है.इन खनिज संपदाओं को लुटने का हर कोई प्रयास किया और जिसे जितना मौका मिला लुटा. झारखण्ड अपनी वेबसी पर सिर्फ आंसू बहाता रहा?झारखंडियो ने सोचा- चलो, खनिज संपदा ही लुटा गया है, अब बिहार से अलग होने के बाद झारखंड के प्रतिभाओं को मौका मिलेगा और झारखंड को हम फिर से संवार लेंगे?किन्तु 15 साल के इस सफ़र पर ध्यान दें तो झारखंड में झारखंडी बच्चो के प्रतिभाओं को सरेआम क़त्ल किया गया.विधान सभा से लेकर पंचायत स्तर तक और झारखण्ड लोक सेवा आयोग से लेकर ग्राम सेवक तक हुए हर न्यूक्तियो में झारखंड के प्रतिभाओं के लाशों पर जल्लादों के रक्तबीजो ने कब्जा किया है?

यही कारण है की 15 साल में राज्य सरकार ने स्थानीयता की कोई स्पष्ट नीति नही बना पाई जिसका लाभ आज भी झारखंड को लुटने वाले उठा रहे है. इन 15 सालों में झारखंड लोक सेवा आयोग सिर्फ 4 परीक्षाओं का आयोजन कर सकी इन चार परीक्षाओं में भी आयोग अपने मुह पर भ्रष्टाचार की ऐसी कालिख पोती की इसके अधिकांस सर्वोच्च अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे अपनी कुकर्मो की कहानी वयां कर नही शर्माते? अगर कहा जाय तो अतिश्योक्ति नही होगी कि झारखंड लोक सेवा आयोग झारखंड के प्रतिभाओं का कत्लगाह है जहां जल्लादों के रक्तबीजो की ही चलती रही है?

झारखण्ड के प्रतिभाओं को तराशने के लिए दो संस्थान नेतरहाट आवासीय विद्यालय लड़कों के लिए और लड़किओं के लिए इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय हजारीबाग है जहां कक्षा छ: के लिए प्रवेश होता है.प्रत्येक वर्ष इन दोनों स्कूलों के लिए प्रतियोगी परीक्षा होती है जिसका संचालन झारखंड अधिविद परिषद करती है.किन्तु 08 अक्तूबर 2015 को दैनिक भास्कर रांची के मुख्य पृष्ठ पर विनय चतुर्वेदी का रिपोर्ट –“नेतरहाट प्रवेश परीक्षा फिक्स” शीर्षक से छपा विवरण पढने के बाद तो ऐसा लगा मानो झारखंड में सिर्फ और सिर्फ घोटालों का राज है, झारखंड का हर सिस्टम घोटालेवाजो के रक्तबीजो के त्रस्त है.नेतरहाट विद्यालय समिति के चेयरमेन श्री नरेंद्र भगत ने इसे जैक और कोचिंग का गठजोड़ माना है.

.इस प्रकाशित रिपोर्ट के बाद इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय हजारीबाग का जैक द्वारा जारी 2013 का रिजल्ट जैक के वेबसाईट पर देखा वह भी चौकाने वाला था-सफल छात्राओं की सूचि जो सभी जेनरल कोटा क्रमांक I1220002; 003; 004; 005; 006; 007 एससी कोटा क्रमांक I130040; 0041; 0045; 0050; 0051; 0052 बीसी कोटा क्रमांक-I160041; 0042; 0043; 0044;; 0051; 0053; 0056; 0057; 0058 और I10026; 0029; 0030; 0032; 0035; 0036 एसटी कोटा क्रमांक-I030010; 0011; 0013; 0020; 0021; 0022; 0025; 0026; 0027; 0028; 0029; 0030; 0032; 0034; 0035; 0036; 0037; 0037; 0038; 0039; 0040; 0041 यदि इस साल 2015  के रिजल्ट को देखें तो सफल छात्राओं की सूचि जो सभी जेनरल कोटा क्रमांक I020005;0007; 0008; एससी कोटा क्रमांक -!010041; 0042; 0043; बीसी कोटा क्रमांक-I010090; 0091; 0093; 0094; 0095; 0097;0100 और I 080055; 0056; 0057; 0058; 0060; 0061; 0065 है जो सफल हैं.

आखिर माज़रा क्या है की हर सीरिज में 1 से 100 के बीच के छात्राओं के समूह में एक सिलसिलेबार संख्या सफल और शेष असफल हो जाती है. क्या इन स्कूलों के परीक्षाओं में मेघा और जाति आधारित फॉर्म भरे जाते या जमा होते हैं? या नेतरहाट विद्यालय समिति के चेयरमेन श्री नरेंद्र भगत के अनुसार जैक और कोचिंग का जो गठजोड़ माना वह सही है?

यदि इन दोनों विद्यालयों के पिछले 05 साल की परीक्षाओं की निष्पक्षता से जांच हो तो झारखंड अधिविध परिषद् का स्याह चेहरा समाज के सामने आ जाए?हर परीक्षाओ को झारखंड में फिक्स किया गया गया ऐसा इन दो परिणामों को देखने से स्पष्ट होता है? जिस तरह झारखंड लोक सेवा आयोग उच्चतर प्रतिभाओं का कत्लगाह बना है उसी तरह  झारखंड अधिविध परिषद् झारखंड के भविष्य के भ्रूण का हत्यारा है?यानी झारखंड में खादी खाकी और सफेद कालर की तिकड़ी गिरोह ने यहाँ के भ्रूण से लेकर युवा झारखंड की हत्या करने का सुपारी ले रखा है?

झारखंड के जितने भी शिक्ष्ण संस्थान हैं जो निजी क्षेत्र में है किन्तु झारखंड सरकार से आर्थिक सहायता लेती है यदि समुचित जांच हो तो इन संस्थानों की कलाई खुल जाय की किस तरह से वे अपना विकास तो झारखंड के सरकारी खजाने से कर रहे किन्तु लाभ झारखंड के प्रतिभाओं के बदले दुसरे लोगो को दे रहे हैं.बीआईटी मेसरा भी इस पाप के भागीदार है तभी 22 मार्च 2006 को तत्कालीन वित्त सचिव टी.नन्द कुमार विज्ञानं एवं प्रावैधिकी विभाग के पांच करोड़ रुपए के पुनर्विनियोजन प्रस्ताव पर नोट देते है की-जब राज्य सरकार BIT मेसरा को इतनी बड़ी राशि प्रत्येक वर्ष उपलब्ध करा देती है तो झारखण्ड राज्य के छात्रों और अन्य राज्य के छात्रों के फ़ीस का डिफ़रेंस रखना आवश्यक है.”इस सन्दर्भ में तत्कालीन प्रधान सचिव श्री ए.के.वसु द्वारा विभागीय पत्रांक 1578/रांची/18/10/2006 में भी इसका उल्लेख है.

झारखंड राज्य के निर्माण के बाद BIT मेसरा को राज्य सरकार के बिभिन्न विभागों के द्वारा राज्य के विकास के लिए 400 करोड़ रूपये से अधिक की राशि दी गयी है किन्तु क्या और किसका विकास हुआ जग जाहिर है.वर्ल्ड बैंक ने झारखण्ड के पोलिटेक्निक या इंजीनियरिंग कालेज के उत्थान के लिए सरकार को 60 करोड़ कर्ज दिया और उस कर्ज का 32 करोड़ रुपए निजी क्षेत्र के BIT मेसरा को कर्ज के जगह अनुदान में दे दिया गया आखिर क्यों? उस पैसे को झारखंड सरकार ने सरकारी संस्थानों के उत्थान में क्यों नही लगाया ये भी जांच का विषय है?   

हम मनरेगा और मध्यान्न भोजन के लालच में अपने ही बच्चो को इन ज़ल्लादों के हाथो सौप अपनी विनास की पट कथा लिखते हैं.हम आज भी इस आशा में जी रहे हैं की आजादी के पहले विदेशियो के जुल्मो से बचाने जिस तरह धरती आवा अवतरित हुए थे वैसा ही चमत्कार होगा.हम इस भ्रष्ट तंत्र के विरुद्ध क्यों नही जागरूक होते है.आखिर सेन्द्रा की विश्वास में जीने वाला अपना झारखंड ऐसे रक्तबीजो का सेन्द्रा क्यों नही करता ?हम अपने बच्चों के लिए, अपने भविष्य के लिए, अपने सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार के लिए, समानता के लिए, झारखंड के संसाधनों पर झारखंडियो का पहला और अंतिम अधिकार के लिए अब जागेंगे या इसी तरह झारखंड में प्रतिभाओं का कत्ल होता रहेगा और हम अपने तीर-धनुष को अपने बाएं कंधे पर रख दाए से इन अपनों के लाशों को ढ़ोते रहेंगे.



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संजय कुमार आजाद 
शीतल अपार्टमेंट; निवारनपुर; 
रांची-834002 
फोन-9431162589 
ईमेल-azad4sk@gmail.com 

अली ने स्वर्ण मंदिर में लंगर का लुफ्त उठाया

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इनदिनों अपनी आगामी फिल्म 'हैप्पी भाग जाएगी'की  शूटिंग के लिए अली फज़ल अमृतसर जा पहुंचे हैं। फिल्म के एक सीन के शूट अली को गाँव के लोकेशन पर शूट के लिए जाना था। शूट शुरू करने से पहले अली अमृतसर के प्रसिद्ध गुरूद्वारे स्वर्ण मंदिर जाना चाहते थे। मौके देखते ही अली स्वर्ण मंदिर जा पहुंचे। जीवन में किसी भी कार्य को पहली बार करने का  अनुभव बहुत ही खास होता है, सवर्ण मंदिर में कदम रखना का अनुभव अली के लिए बेहद खास था। बता दें की यह अली के जीवनकाल पहला अवसर है जब उन्होंने स्वर्ण मंदिर में कदम रखा है। स्वर्ण मदिर पहुंच कर अली ने माथा टेका और घर परिवार की सुख शांति और सफलता के लिए दुआ भी मांगी। इतना ही नहीं अली ने गुरूद्वारे के लंगर बांटा और लोगों  साथ बैठ कर लंगर खाने का लुफ्त भी उठाया। 

इस बारे में बताते हुए अली ने कहा है 'स्वर्ण मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत है ही शांत था। मुझे उस जगह से लौटने का बिलकुल भी मन नहीं कर रहा था। काफी दिनों से मै स्वर्ण मंदिर जाना चाहता था आखिरकार मेरा काम मुझे यहां तक ले आया। मै वहां कुछ घंटो तक रुखा रहा, गुरूद्वारे में प्राथना की  और वहां के कार्यों में हाथ भी बटाया।' 

पायल रोहतगी की टीवी पर वापिसी

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payal-rohtagi-return-on-tvग्लैमरस और खूबसूरत पायल रोहतगी सोनी एन्टरटेनमेंट टेलीविजन के ‘2025 जाने क्या होगा आगे‘ में नजर आयेंगी। वह अपने करिश्मा से इस शो के रोमांच को थोड़ा और बढ़ा देंगी। पायल इस शो में फोरम का किरदार निभा रही है, जिससे इंदर ऊर्फ सुनील बर्वे को प्यार हो जायेगा। इंदर को पता नहीं है कि उसकी पत्नी गंगा ऊर्फ लुबना सलीम होलोग्राम के रूप में वापस लौट आई है। आगामी एपिसोड्स में दर्शकों को इनके बीच प्रेम त्रिकोण देखने को मिलेगा, जहां फोरम ऊर्फ पायल, इंदर को अपनी ओर आकर्षित करने का भरपूर प्रयास कर रही है। 

पायल ने इस बारे में बताते हुये कहा, ‘‘सोनी एन्टरटेनमेंट टेलीविजन फिक्शन शोज के मामले में हमेशा से ही मेरा पसंदीदा चैनल रहा है। ‘2025 जाने क्या होगा आगे‘ के माध्यम से सोनी एन्टरटेनमेंट टेलीविजन के साथ मैं दूसरी बार जुड़ रही हूं और यह घर वापस लौटने जैसा है। मुझे विभिन्न शैलियों के किरदार निभाना अच्छा लगता है और मुझे यह भूमिका आॅफर की गई, तो मैं इनकार नहीं कर पाई। इस शो में मैं ग्लैमरस लुक में नजर आऊंगी और काॅमेडी कर हंसाऊंगी। मेरे प्रशंसक मुझे अनिल कपूर के चर्चित गाने ‘काटे नहीं कटते‘ पर डांस करते देखेंगे। मुझे लगता है कि काॅमेडी एक मुश्किल भावना है और उम्मीद है कि मैं अपने प्रशंसकों एवं दर्शकों के चेहरों पर मुस्कुराहट बिखेर पाऊंगी।‘‘

इंदर ऊर्फ सुनील और फोरम ऊर्फ पायल के बीच यह शानदार कमेस्ट्री देखें, ‘2025 जाने क्या होगा आगे‘ में, प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार, रात 9ः30 बजे, सिर्फ सोनी एन्टरटेनमेंट टेलीविजन पर 

बिहार चुनाव : दलित नाराज, बचे हैं तीन चरण के मतदान

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क्या भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष अमित शाह का दबदबा खत्म होता जा रहा है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘अनुशासनप्रियता’ को जिस तरह से तार-तार किया जा रहा है, उससे तो इसी बात की पुष्टि होती है। मंत्रियों और सांसदों की बढ़ रही ‘बदजुबानी’ से भाजपा की साख मटियामेट होती जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव के तीन चरणों में ‘अप्रत्याशित सफलता’ अर्जित करने के मंसूबों पर तो पानी नहीं बर्फ़ ही डाल दिया गया है। अब तो एनडीए के घटक दलों ने भी भाजपा को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है। 

भाजपा खुद को चाहे जितना दिलासा दे ले, मगर पहले दो चरण का मतदान उसके हक़ में नहीं हुआ है। 170 सीटों पर चुनाव जीतने का लक्ष्य नेपथ्य में चला गया है और सामान्य जीत की आस भी मिट्टी में मिलती जा रही है। दो चरण के मतदान को आरक्षण खा गया और बाकी के तीन चरणों में पहले दाल और अब दलित हत्याकांड उसके गले की हड्डी बन गया है। लालू प्रसाद यादव और नीतिश कुमार के राजनैतिक हमले को झेल जाने की क्षमता तो भाजपा में है मगर, अपने ही घटक दलों में बढ़ रही कुलबुलाहट को वह कैसे शांत करेगी, यह किसी को सूझाई ही नहीं दे रहा है। 

दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान को बीच मंझधार में छोड़ने की वज़ह से   प्रधानमंत्री मोदी की अच्छी खासी किरकिरी हो चुकी है। अमित शाह लाख कोशिशों के बावजूद कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय नेता इस बात की शिकायतें ले कर पहुंच रहे हैं कि उन्हें मैदान में उतारने में पार्टी ने बहुत देर कर दी। अब कुछ नहीं हो सकता है और अगर पार्टी को अपेक्षित सीटें नहीं मिलती है तो वे जिम्मेदार नहीं होंगे। इस तरह की निराशाजनक शिकायतों से आजि़ज आ कर अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को तो चुनाव प्रचार के लिए जरूर मना लिया है। मगर, हरियाणा में दलितों को जिंदा जला देने के बाद जिस तरह की ‘दयनीय’ स्थितियां भाजपा के लिए पैदा गई है, उसके बीच प्रधानमंत्री मोदी का मन खट्टा हो गया है। 

प्रधानमंत्री मोदी विकास और सिर्फ विकास पर बात करने के लिए बिहार जाने का मन बना चुके थे। तैयारी इस तरह से की कई गई थी कि ‘विवादित’ मुद्दों पर मंुह नहीं खोलना है। घोषणापत्र की गड़बडि़यों पर चर्चा नहीं करनी है। बात शिक्षा की हालत पर होगी। रोजगार की जरूरत पर बल दिया जाएगा। नौजवानों को बेहतर संभावनाएं मुहैया कराने की बात की जाएगी और माहौल को सुधारने के लिए चुस्त दुरुस्त प्रशासनिक इंतज़ाम का भरोसा दिया जाएगा। नौजवानों की सोच और भाजपा को ले कर उनके दृष्टिकोण को भुनाने का प्रयास किया जाएगा मगर, जिस तरह की कानून और व्यवस्था हरियाणा में बिगड़ी हुई है, उसके मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी को यह डर जरूर सताने लगा है कि कहीं भीड़ से मोदी-मोदी की जगह नीतिश कुमार के नारे ना लगने लगे। अभी पिछली रैली में ही अमित शाह को इस अहसज़ स्थिति का सामना करना पड़ गया था। शाह की रैली में लालू प्रसाद यादव जिंदाबाद के नारे लगने शुरू हो गए थे। 

रामविलास पासवान दोहरे आघात में हैं। एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव तो दूसरी तरफ केंद्र में मंत्री बने रहने पर संकट। दलितों पर भाजपा की चिंताजनक टिप्पणी के बाद जितना लंबा वक़्त ले कर उन्होंने आक्रमक रूख अखि़्तयार किया है, वह बिहार के दलित मतदाताओं को रास नहीं आया और जिस तरह का तेवर वह दिखा रहे हैं, उसे भाजपा हज़म नहीं कर पा रही। कुल मिला कर रामविलास पासवान इस बार सबसे ज़्यादा घाटे में नज़र आ रहे हैं। बिहार में तीसरे चरण के मतदान उन इलाकों में होने वाले हैं जहां पर पासवान जीत की बड़ी आस लगाए बैठे थे। मगर, बदली हुई स्थितियां उनके मनोबल को काफी हद तक गिरा दिया है। रही बात जीतन राम मांझी की तो उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए बहुत कुछ। दलितों के नाम पर शहादत देने का जो गीत उन्होंने गाना शुरू कर दिया है, उससे भाजपा का भले ही अच्छा खासा नुकसान हो जाए, मांझी अपनी नैया को तो किनारे लगा ही लेंगे। दलित लालू प्रसाद यादव से खार खाये बैठे हैं और भाजपा में उन्हें अपना भविष्य नज़र नहीं आ रहा। ऐसे में नीतिश कुमार के नाम पर अगर दलित उनके साथ हो लिए तो भाजपा कहीं की नहीं रह जाएगी। संकेत तो कुछ ऐसे ही मिल रहे हैं।




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गिरिजा नंद झा
नई दिल्ली 

बिहार : जब स्कूली बच्चे बिलबिलाते रहे

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  • और हादसे के पश्चात लोगों ने सड़क जाम रखा

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पटना। सुबह 9 बजे के करीब बालू से भरा ट्रैक्टर की चपेट में आने साइकिल चालक घायल हो गया। यह हादसा पटना-दीघा-दानापुर मुख्य मार्ग के कुर्जी पुल के नीचे हुआ। हर रोज की तरह एम.डी.चांद, हमीदपुर स्थित घर से निकलकर साइकिल पर चढ़कर काम करने जा रहा था। इस बीच पूरब दिशा से आते ट्रैक्टर की चपेट में साइकिल चालक एम.डी.चांद हो गए। जोरदार ढंग से धक्का लगने से साइकिल चालक बुरी तरह से घायल हो गया। लोगों ने साइकिल चालक को उठाकर तत्काल कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल ले गए। प्राथमिक उपचार करने के बाद जख्मी को पी.एम.सी.एच.रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत गंभीर है। मौके पर उपस्थित लोगों का कहना है कि 22 वर्षीय एम.डी.चांद कार चालक है। वह कोई निजी व्यक्ति के पास कार्य करता है। कोई 2-3 माह पूर्व में ही विवाह हुआ है। इस नौजवान का चिकित्सा करवाने हेतु 10 लाख रूपए मुआवजा देने की मांग होने लगी। 

इस बीच संत माइकल उच्च विघालय,हार्टमन बालिका उच्च विघालय, डॉन बोस्को,दोमनिक सावियों के साथ अन्य स्कूलों में छुट्टी हो गयी। छुट्टी होने के बाद बच्चे बस पर सवार हो गए। पूरब की ओर जाने वाले बच्चे परेशान हो गए। अन्न और पानी से बच्चे बिलबिलाने लगे। उसी तरह आवाजाही ठप होने से लोग पैदल चलने को बाध्य हो गए। दीघा थाने के थानाध्यक्ष मौके पर उपस्थित होकर जाम छुड़ाने का प्रयास करने लगे। थानाध्यक्ष और घायल के परिजन जिद्दीपन करने पर उतर गए। थानाध्यक्ष का कहना था कि आपलोग जाम तोड़ दीजिए। इसके बाद ट्रैक्टर के ऑनर से बातचीत कर मुआवजा दिलवा देंगे। वहीं परिजन कहने लगे कि कुछ लोगों के साथ आप ट्रैक्टर के ऑनर से बातचीत शुरू करवा दें। सौहाद्पूर्ण वार्ता होने पर जाम को हटा लिया जाएगा। दोनों पक्ष जिद्द पर उतारू थे। इसके कारण जाम लम्बा खींचने लगा। इस बीच उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार भी मध्यक्षता करने लगे। परन्तु मध्यक्षता में नाकामयाब साबित हो रहे थे।



आलोक कुमार,
मखदुमपुर बगीचा,
दीघा घाट,पटना।

सोनिया गांधी के द्वारा सम्मानित होंगे गांधीवादी राजगोपाल पी.वी.

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  • अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने किया हर्ष व्यक्त

rajgopalachari ekta parishadपटना। एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष राजगोपाल पी.वी. को 2013-14 में राष्ट्रीय एकता के लिए 29 वां इन्दिरा गांधी पुरस्कार दिया जाएगा। अखिल भारतीय काँग्रेस कमिटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के द्वारा 31 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा।बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने हर्ष व्यक्त किया है। 

जी हां, केरल के रहने वाले हैं पी.वी.राजगोपाल।कन्नूर जिले के थिलेनकेरी गांव में जन्म हुआ है। 2001 के जनगण के अनुसार गांव में 13661 में 6550 पुरूष और 7111 महिलाएं थीं। वे 67 साल के हैं। वर्धा में सेवा ग्राम में कृषि का अध्ययन किया। चंबल (मध्य प्रदेश) के हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में काम किया।70 के दशक में वह डकैतों के पुनर्वास के लिए मदद कर रहा है। बाद के वर्षों में, राजगोपाल कई आदिवासी क्षेत्रों की यात्रा की और दुर्दशा और भारत के जनजातीय लोगों की जरूरतों को समझने का कार्य किया। उनके कारण, अपने जीवनकाल के मिशन का हिस्सा बन गया। मध्य प्रदेश, बिहार और उड़ीसा के पार जाकर लोगों को प्रशिक्षण देकर संगठनों को एक नंबर पर स्थापित करने के बाद,एक पीपुल्स संगठन के समेकन के लिए नेतृत्व किया है, अर्थात इस पीपुल्स संगठन पर ध्यान केंद्रित किया है 1991 में एकता परिषद का गठन किया। आजीविका के संसाधनों में पर नियंत्रण वन अधिकार लागू किया जा रहा नहीं कर रहे हैं, जहां एक भूमि को पकड़ा जा रहा है, जहां पर्यावरण, और। यह अधिक चुनौतीपूर्ण आत्मनिर्भर समुदायों और स्थानीय प्रशासन की उन्नति के पर ध्यान दिया जा रहा है। युवातुर्क नेता सुब्बा राव के नजदीक आ गए। युवातुर्क नेता सुब्बा,लोकनायक जयप्रकाश नारायण और सामाजिक कार्यकर्ता पी.वी.राजगोपाल ने मिलकर चम्बल के बागी दस्युओं को आत्मसमर्पण करवाने में सफल हो गए। कोई 600 से अधिक बागियों ने आमसमर्पण किए। इसके बाद राजगोपाल जी सामाजिक कार्य करने में माहिर हो गए।पीछे मुड़े नहीं और आगे बढ़ चढ़कर जल,जल,जमीन सदृश्य प्राकृतिक संसाधनों को जनता के अधीन करने का जनांदोलन करने लगे। गांधी,विनोबा और जयप्रकाश जी के मार्ग पर चलकर सत्य और अहिंसा का बढ़ावा देने लगे और भूमि अधिकार अभियान भी चलाया।

प्रसिद्ध गाँधीवादी हैं राजगोपाल पी.वी.। गांधी शांति प्रतिष्ठान,नयी दिल्ली के उपाध्यक्ष थे। सत्तर के दशक में सेवा ग्राम में कृषि के छात्र थे। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर एकता परिषद नामक जन संगठन का निर्माण किया। तभी एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष बनाए गए। यू.पी.ए.सरकार के कार्यकाल में जनादेश 2007 में भूमि अधिकार अभियान के तहत ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा का सफल नेतृत्व महानायक के रूप में किए। 25 हजार वंचित समुदाय पांव-पांव चले। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार आयोग के सम्मानित सदस्य रहे।राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू करने की मांग को लेकर ग्वालियर से आगरा तक जन सत्याग्रह 2012 के तहत पदयात्रा किए। 75 हजार से अधिक लोग पदयात्रा में शिरकत किए। इस पदयात्रा का भी महानायक थे।केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में गठित लैंड ट्रास्क फोर्स के सम्मानित सदस्य हैं। यू.पी.ए.सरकार द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का समर्थन किए। इस कानून के समर्थन में पदयात्रा किए। 



आलोक कुमार, 
मखदुमपुर बगीचा,
दीघा घाट,पटना।

बिहार : ऐसे विकास करने से कैसे चलेगा?

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  • महादलित हैं तो विकास और कल्याण में कंजूसी न हो

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पटना। दीघा थाना क्षेत्र में नाच बगीचा मुसहरी है। यहाँ के लोगों के साथ मिलकर सोमर मांझी भी आवेदन पत्र जिलाधिकारी को दिया था। इसमें पटना के जिलाधिकारी से आग्रह किए थे कि हमलोगों के पास जमीन है। फिलवक्त अर्थाभाव के कारण मकान नहीं बना पा रहे हैं। इसके कारण झोपड़ी बनाकर जीवन बीता रहे हैं। जीवन बीताते सोमर मांझी आसमान में चले गए। मगर सरकार के द्वारा जमीन पर मकान नहीं बना। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के 15 वर्षीय शासनकाल में महादलित मुसहर समुदाय के लोगों को बास करने वाली जमीन का मालिक बनाने के लिए बासगीत पर्चा निर्गत किया गया। जदयू और भाजपा के शासनकाल में मकान नहीं बना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 वर्षीय शासनकाल में मकान बनाने की कोशिश नहीं की गयी। कुछ दिनों तक महादलित जीतन राम मांझी भी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने भी सुधि नहीं लिए।

धर्मेंन्द्र मांझी कहते हैं कि हमलोग पटना सदर प्रखंड में पड़ते हैं। दीघा नहर से पश्चिम की ओर के क्षेत्र नगर निजामत,दानापुर में पड़ता हैं। अंचल अलग और नगर निजामत अगल है। दोनों के बीच में पड़ जाने से विकास कार्य नहीं हो पाता है। पटना निगम के कार्य क्षेत्र में राजीव गांधी आवास योजना से मकान बन रहा है। बिहार विधान सभा के दानापुर विधान सभाई क्षेत्र के प्रत्याशी नाच बगीचा में दौड़ादौड़ी करने लगे हैं। इन लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि मकान बनाने में मदद करें। वर्तमान समय में बीजेपी की आशा देवी विधायक हैं। वह वोट लेकर जाती हैं, उसके बाद दूरदर्शन हो जाती हैं। उसी तो नौकरशाह भी हैं, जो महादलितों का कार्य करने में दिलचस्पी लेते ही नहीं है।

पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

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उच्चतम न्यायालय ने त्योहारों के अवसर पर पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद छह माह से 14 माह के तीन नवजातों की ओर से पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध ठुकरा दिया। हालांकि न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह पटाखों के प्रदूषणों से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में जागरुकता फैलाने के लिए विज्ञापन जारी करें। याचिकाकर्ताओं अर्जुन गोपाल, अरव भंडारी और जोया राव भसीन ने दशहरे और दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का न्यायालय से अनुरोध किया था। 

न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पटाखे छोड़ने के संदर्भ में 2005 में ही दिशानिर्देश जारी कर रखे हैं। न्यायालय ने उस वक्त भी आदेश दिया था कि दस बजे रात के बाद पटाखे छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिवाली के अवसर पर केवल दो घंटे ही पटाखे जलाने की अनुमति देने का न्यायालय से अनुरोध किया, लेकिन उसने इस बारे में फिलहाल कोई नया दिशानिर्देश जारी करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि सभी संबंधित पक्षों को सुने बगैर वह ऐसा नहीं कर सकता।

हालांकि न्यायालय ने पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के उसके 16 अक्टूबर के आदेश पर अमल नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जताई। न्यायालय ने सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार को 31 अक्टूबर से 12 नवम्बर तक नियमित रूप से पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित करने की सूचना दें। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कल न्यायालय से कहा था कि वह दिवाली जैसे त्योहार में पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। सरकार का कहना था कि खुद शीर्ष अदालत ने अपने पुराने आदेश में सुबह छह बजे से 10 बजे रात तक पटाखे छोड़ने की अनुमति दे रखी है। 

गीता से मिलने के लिए लेनी होगी कलेक्टर से अनुमति

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पाकिस्तान से दो दिन पहले स्वदेश लौटी मूक बधिर युवती गीता से मिलने के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। गीता को कल ही दिल्ली से इंदौर लाकर एक मूकबधिर केंद्र में रखा गया है।इंदौर जिला कलेक्टर पी नरहरि ने आज बताया कि जन प्रतिनिधि, मीडियाकर्मियों सहित सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों एवं अन्य को गीता से मिलने से पहले उनसे लिखित अनुमति लेनी होगी। 

गीता की सुरक्षा और मानसिक स्थति के अनुकूल वातावरण के लिहाज से ये आदेश जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष सत्रों में गीता को सांकेतिक भाषा में प्रशिक्षित किया जायेगा।

टेस्ट सीरीज के लिये मैं फिट हूं: अश्विन

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ट्वंटी 20 और वनडे सीरीज गंवाने वाली भारतीय टीम को बड़ी राहत देते हुये स्टार आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि वह अब करीब करीब पूरी तरह फिट हो चुके हैं और टेस्ट सीरीज के लिये तैयार हैं। अश्विन ने यहां एक प्रमोशनल कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि वह अपनी फिटनेस के करीब हैं। आफ स्पिनर के इस भरोसे से टीम इंडिया को बड़ी राहत मिली है। गेंदबाज ने कहा“ मैं अपनी पूरी फिटनेस के करीब हूं और भरोसा है कि टेस्ट सीरीज में गेंदबाजी करने के लिये तैयार हूं।” अश्विन को वनडे सीरीज के कानपुर में हुये पहले मुकाबले के दौरान बगल में चोट लग गई थी। उस दौरान वह 4.4 ओवर तक गेंदबाजी कर चुके थे और एक विकेट लिया था। लेकिन इस चोट के बाद वह फिर किसी अन्य मैच में नहीं खेल सके और भारत ने वनडे सीरीज 2-3 से गंवा दी। 

अश्विन की जगह अनुभवी आफ स्पिनर हरभजन सिंह को टीम में शामिल किया गया था। हालांकि अश्विन की कमी लगभग हर मैच में महसूस हुई। भारत के वनडे सीरीज के निर्णायक मैच में 214 रन से बुरी तरह हारने के बाद खुद दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ए बी डीविलियर्स ने माना था कि घरेलू टीम को अश्विन की अनुपस्थिति का नुकसान उठाना पड़ा। अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अश्विन मैन आफ द सीरीज रहे थे और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ एक बार फिर उनकी काफी जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन उनके फिटनेस की खबर निश्चित ही भारतीय टीम के लिये बड़ी राहत लेकर आई है। अश्विन यदि सीरीज में उतरते हैं तो वह मेहमान टीम के खिलाफ भारत के मुख्य हथियार होंगे।

अनुभवी खिलाड़ी हरभजन टेस्ट सीरीज का हिस्सा नहीं हैं जबकि लेग स्पिनर अमित मिश्रा महिला उत्पीड़न के मामले में उलझे हैं जिन्हें मंगलवार को बेंगलुरू पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि मिश्रा खेलने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन उनके चयन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। तीसरे स्पिनर के रूप में रवींद्र जडेजा की वापसी हो रही है। जडेजा बंगलादेश और श्रीलंका दौरे में टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे और लंबे अर्से बाद वापसी कर रहे हैं। वनडे में भारत के प्रदर्शन पर अश्विन ने कहा“ हमारी टीम दक्षिण अफ्रीका के सामने कुछ कम अनुभवी लग रही थी। हमारे कुछ ही खिलाड़ी टीम में ऐसे थे जिन्होंने 100 वनडे तक खेलें हो। हमें अपनी टीम को कुछ और समय देने की जरूरत है।” भारतीय खिलाड़ी ने कहा“ दक्षिण अफ्रीका के पास डीविलियर्स, फाफ डू प्लेसिस जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। हम जानते थे कि यह सीरीज आसान नहीं होने वाली है। यदि कानपुर में आखिरी ओवर हमारे पक्ष में गया होता तो शायद सीरीज का परिणाम कुछ और होता।”

मुश्किल दौर से गुजर रही है टीम इंडिया: सचिन

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने माना है कि भारतीय क्रिकेट टीम मौजूदा समय में मुश्किल दौर से गुजर रही है। लेकिन साथ ही उन्होंने टीम को लेकर संतुलित रवैया अपनाने की सलाह भी दी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके सचिन अगले महीने अमेरिका में होने वाली क्रिकेट आल स्टार्स प्रदर्शनी मैच के लिये तैयारियों में जुटे हैं। इसी के चलते उन्होंने मंगलवार को एमसीए ग्राउंड में नेट अभ्यास किया। तीन प्रदर्शनी मैचों की सीरीज में पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वार्न भी जुड़े हुये हैं। सचिन ने कहा कि फिलहाल टीम कुछ मुश्किल दौर से गुजर रही है लेकिन उसे लेकर आलोचकों को संतुलित रवैया अपनाने की जरूरत है। भारतीय टीम के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ट्वंटी 20 और वनडे सीरीज गंवाने के बावजूद टीम का समर्थन करते हुये पूर्व क्रिकेटर ने कहा“ हमारी टीम बहुत अच्छी है। हर टीम को खराब दौर से गुजरना पड़ता है। ऐसा कई बार होता है कि आप जीतते हैं तो कई बार हारते हैं और चीजें मुश्किल हो जाती हैं, तथा आपके हिसाब से नहीं हो पाती हैं।” दिग्गज बल्लेबाज ने आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुये कहा“ मुझे लगता है कि हर बार टीम की विफलता के बाद अपना फैसला सुनाना बंद कर देना चाहिये। जब टीम जीतती है तो उसकी खूब तारीफ होती है लेकिन उसके तुरंत बाद हारने पर उसकी आलोचना शुरू हो जाती है। हमें कुछ संतुलन बनाने की जरूरत है। हम क्रिकेट को लेकर जुनूनी हैं लेकिन थोड़ा संयंम बरतने की भी जरूरत है।” वनडे सीरीज में बेहद अस्थिर दिख रही टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम को लेकर भी काफी आलोचना हुई लेकिन सचिन ने क्रम को लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा“ मैं टीम का हिस्सा नहीं हूं और बिना जाने मैं किसी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।”

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) की सलाहकार समिति में शामिल सचिन ने हालांकि विश्वकप क बाद से बिना मुख्य कोच खेल रही टीम इंडिया के नये कोच को लेकर कोई साफ जवाब नहीं दिया। सचिन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा“ मेरे हिसाब से चाहे कोच भारतीय हो या विदेशी वह एक सक्षम और अच्छा कोच होना चाहिये। मुझे नहीं लगता कि टीम इंडिया को इस बात से फर्क पड़ता है कि कोच भारतीय है या विदेशी।” गौरतलब है कि बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा था कि नयी सलाहकार समिति में शामिल सचिन, वीवीएस लक्ष्मण और सौरभ गांगुली से सलाह करने के बाद ही टीम इंडिया का मुख्य कोच ढूंढने का अहम काम किया जाएगा। सचिन ने कहा“ कोच वह है जो टीम को शारीरिक और मानसिक रूप से टीम को तैयार कर सके और अच्छे से अभ्यास कराए। मेरे अनुभव से तो अच्छा कोच वही है जो खिलाड़ियों को अपना दोस्त बनाकर मार्गदर्शन करे।” सचिन ने भारतीय टीम के मौजूदा समय में काफी संघर्ष करने के लिये अंतरराष्ट्रीय नियमों में आए बदलावों को भी जिम्मेदार ठहराया। पूर्व क्रिकेटर ने कहा“ नियमों की वजह से काफी फर्क पड़ा है। जब मैं खेलता था तब वनडे में चार क्षेत्ररक्षकों का नियम था लेकिन अब तो वनडे के लगभग सारे नियम ही बदल चुके हैं। आप केवल चार क्षेत्ररक्षकों को घेरे से बाहर रख सकते हैं और इससे गेंदबाजों पर काफी दबाव बढ़ा है।” पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि आईसीसी के इन नियमों से बल्लेबाजों को फायदा हुआ है और वे बड़े स्कोर बना रहे हैं और आसानी से बाउंड्री लगा पाते हैं। ट्वंटी प्रारूप में भी अब बल्लेबाज ऐसे शाट्स खेल रहे हैं जो पहले कोई नहीं खेलता था। इसी वजह से अब टीमों के स्कोर भी काफी बढ़े हो गये हैं।  दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को संपन्न हुई वनडे सीरीज में मेहमान टीम ने 438 का पहाड़नुमा स्कोर बनाया था और भारत यह मैच 214 रन के बड़े अंतर से हारा था।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 नवम्बर)

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भाजपा का ऐतिहासिक कार्यकर्ता सम्मेलन संपन्न , हजारों की भीड ने तोड सभी रेकार्ड  
  • मुख्यमंत्री षिवराज चैहान ने भाजपा को विजयी बनाने की अपील की 

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झाबुआ---लोकसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया को प्रचण्ड मतों से विजयी बना कर संसद में प्रतिनिधित्व करने के लिये स्थानीय उत्कृश्ठ स्कूल मैेदान पर भाजपा  के विषाल कार्यकर्ता सम्मेलन में झाबुआ के इतिहास में सबसे बडी एवं ऐतिहासिक जनसभा आयोजित हुई जिसमें प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान ने  हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित किया । लोकसभा  के उप निर्वाचन में भाजपा की अधिकृत प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया नेे  बुधवार को प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेताओं की उपस्थिति में जिला निर्वाचन अधिकारी डा. अरूणागुप्ता को अपनी नाम जदगी का पर्चा दाखिल किया । इसके बाद मुख्यमंत्री सीधे भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन स्थल उत्कृश्ठ मेदान पर आये जहां हजारों हजार की ऐतिहासिक भीड ने प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान का परम्परागत तरिके से अभिवादन का उनका स्वागत किया । मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान ने अपना उदबोधन स्वर्गीय सांसद दिलीपसिंह भूरिया के चरणों मे श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि दिलीपसिंह जी एक ऐसे धाकड जनप्रिय आदिवासी नेता थे जिसकी पूरे हिन्दुस्तान में ख्याति रही है । वे आदिवासियों के मसिहा होने के साथ ही एक सच्चे समाज सुधारक भी थे । मुख्यमंत्री ने कहा कि दिलीपसिंह भूरिया के सुझाव पर ही उनके द्वोरा रामदेवरा को मुख्यमंत्री तीर्थदर्षन योजना में षामील किया था। दिलीपसिंह भूरिया के काम को आगे बढाने के लिये उनकी विधायक पुत्री निर्मला भूरिया को पार्टी ने अपना प्रत्याषी बनाया है । उन्होने कहा कि हमारे लिये पेटलावद ब्लास्ट घटना चुनावी मुद्दा नही है इस हादसें में आहत हुए लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि उनके जखम भरने में सेवा करा ही हमारा नैतिक दायित्व है । उन्होने आष्वस्त किया कि पेटलावद हादसे में पीडित लोगों की जिंदगी  बदलने में वे कोई कमी नही आने देगें । जिन्दगी भर वेे उनके साथ रहेगें । मेरेी जनता ही मेरा भगवान है । मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लोक तंत्र  जनता की सेवा के लिये होता है और सबसे बडी तना जनार्दन ही होती है । एक बार भगवान की पूजा  तीज त्यौहार पर आराधना करना घनघोर  तपस्या से भगवान प्रसन्न नही होते, भगवान तो गरीबों की सेवा से ही प्रसन्न होते है ।गरीबों की सेवा ही साक्षात नारायण की सेवा होती है । षिवराज ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग उनकी सदेव निंदा एवं गालिया देते है कि जबकि भाजपा सरकार ने सभी वर्गो को साथ लेकर गरीबों की स्थिति को सुधारने के कार्य किये है । उन्होने प्रदेष सरकार की 1 रूपये किलो मे चावल, गेहू,नमक प्रदाय करने की योजना का भी विस्तार से जिक्र किया ।उन्होने कहा कि प्रदेष भर के कलेक्टरों को सख्त निर्देष दिये है कि हर गरीब के बीपीएल कार्ड बना कर उन्हे योजनाओं से लाभान्वित किया जावे । मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रदेष की जनता एवं गरीबों के साथ पूरा न्याय कर रहे है ।प्रदेष सरकार सम्पन्नों से टेक्स वसूल करके उस राषि का उपयोग गरीबो के कल्याण के लिये कर रही है । उन्होने गरीब बनवासियों को जिनके पास रहने को मकान नही है उन्हे 20 बाय 30 के प्लाट देकर उनके आवास की व्यवस्था भी कर रही है । वनाधिकार के जमीन पट्टे दिये जारहे है ।2006 से जिनका जमीन पर कब्जा है उन्हे जमीन के अधिकार दिये गये है । मुख्यमंत्री ने कहा कि आलीराजपुर झाबुआ जिले में भोगोलिक विसमता के बाद भी नर्मदा का जल लिफ्ट एरीगेषन स्कीम से 2200 करोड की लागत से लाने का काम षुरू हो गया है और हर खेत मे स्प्रीकलरं से सिंचाई के लिये पानी की व्यवस्था नर्मदा जल से होने से यह अंचल पूरी तरह कृशि के क्षेत्र में विकसित होने जारहा है ।यहां फलो एवं सब्जियों की पैदावर होने के साथ ही  मिल्क रूट की तरह किसानों के आर्थिक विकास के लिये फु्रट रूट बनाया जाकर उत्पादन को मार्केट मिल सकेगा । षिवराजसिंह ने आगे कहा कि प्रदेष के 23 हजार गा्रम पंचायतों में लघु उद्योगों की स्थापना के जनकल्याणकारी कदम उठाये गये है जिससे रोजगार में बढोत्री होगी । उन्होने बताया कि फसल बीमा एवं किसानों की फसलों की नुकसानी के कारण उन्हे मदद करने के लिये 5 नवम्बर को एक दिवसीय विधानसभा का सत्र आहूत करके उसमें किसानों की मदद के लिये वित्तिय प्रावधान किया जावेगा । षिवराज ने किसानों के हित में बैक वसूली नही करने,मध्यावधि को अत्पावधि ऋण में बदलने, सिंचाई के लिये 2 माह के अस्थाई बिजली कनेक्षन के लिये मात्र 10 प्रतिषत राषि पर ही ट्रांसफार्मर गाये जाने की योजना की जानकारी भी दी । किसानों की बच्चियों की षादी के लिये भी वित्तिय प्रावधान के बारे में विस्तार से बताया । वही उच्च अध्ययन के लिये आदिवासी बच्चों को षहर में किराये का मकान लेने पर मकान किराया प्रदेष सरकार द्वारा भुगतान करने की योजना के बारे में भी बताया । षिवराजसिंह ने कहा कि आदिवासी बच्चों को आईआईटी आईएमए के लिये उन्हे प्रषिक्षण देने का भी राज्य सरकार ने पूरा प्रबंध किया है जिससे इन बच्चों की तकदीर बदली जासकेगी । कालेजों की फीस का भुगतान भी प्रदेषसरकार कर रही है। अस्पतालों में निषुल्क दवाईयों की व्यवस्था के साथ ही जिला अस्पतालों में कीमो थेरेपी की व्यवस्था के बारे में भी उन्होने जानकारी दी । मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महिला सषक्तिकरण के क्षेत्र में प्रदेष में उल्लेखनीय कार्य हो रहे है वही मजरो टोलों को पक्की सडकों से जोडा जारहा है तथा वहां बिजली पहूंचाने का काम भी किया गया हे ।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी हसरत है कि  आपकी हसरत बदल जाये । झाबुआ,आलीराजपुर,रतलाम में तहसीलकालेज स्कूलों की मांगे पूरी होने का जिक्र करते हुए षिवराज ने कहा कि  कांग्रेस पार्टी तो गुजरे जमाने की पार्टी है  केवल भला तो भाजपा सरकार ही कर सकती है । उन्होने कहा कि झाबुआ अंचल में 3 हजार करोड के काम हुए है । झाबुआ आलीराजपुर एवं मध्यप्रदेष की तकदीर एवं तस्वीर बदलने के लिये प्रदेष सरकार पूरी तरह कृत संकल्पित है । मुख्यमंत्री ने विकास के लिये भाजपा को विजयी बनाने का आव्हान करते हुए कहा कि आगामी 21 नवंबर को कमल चुनाव चिन्ह का बटन दबा कर बहिन निर्मला भूरिया को प्रचंड मतों से जीता कर इतिहास दर्ज करावे । मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा राजनीति केवल जनकल्याण के लिये करती है ।विकास के मार्ग को खोल कर गरीबों की भलाई ही भाजपा का ध्येय एवं लक्ष्य है । भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेष भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान ने भी दिलीपसिंह भूरिया को राश्ट्रीय आदिवासी नेता बताते हुए संसद में उनकी दहाड का जिक्र करते हुए षिवराजसिंह चैहान की विभिन्न योजनाओं का विस्तार से जिक्र करते हुए भाजपा को ही जनकल्याणकारी पार्टी बताते हुए आगामी 21 नवम्बर को निर्मला भूरिया को कमल के बटन को दबाकर प्रचंड विजय दिलाने की अपील की ।उन्होने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को आडे हाथ लेते हुए कहा कि केन्द्र एवं प्रदेष में आदिवासी विभाग के तथा कृशिविभाग के मंत्री रहने के बाद भी इस अंचल के विकास के लिये कुछ भी नही किया । उन्होने कहा कि कांग्रेस के पाप का घडा भर चुका है तथा फुट चुका है और फुटे घडे के खप्पर लेकर अब वोट मांग रहे है किन्तु जनता उन्हे कभी भी साथ नही देगी । उन्होने आरक्षण के बारे में कांग्रेस के दुश्प्रचार का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा कभी भी आरक्षण को समाप्त नही करेगी । इस अवसर पर प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य ने भी भीली भाशा मे ंसबोधित किया ।   इस अवसर पर मंत्री गौरी षंकर षेजवार, महेन्द्र हार्डिया, अंतरसिंह आर्य,  विधायक चैतन कष्यप,कलसिंह भाबर, षांतिलालबिलवाल, नागरसिंह चैहान, माधोसिंह डावर, संगीता चारेल, रमेष मेंदोला, सांसद सावित्री ठाकुर, सुभाश पटेल, तीनों जिलो को भाजपा जिलाध्यक्ष, जीतू जिराती, बंषीलाल गुर्जर, लता वानखेडे, गोरसिंह वसुनिया, दौलत भावसार, धनसिंह बारिया,लक्ष्मीनारायण पाठक,रंजना बघेल सहित बडी संख्या में भाजपा के नेतागण उपस्थिति थे । भाजपा प्रत्याषी निर्मला भूरिया ने भी भाजपा प्रत्याषी के रूप में उन्हे विजयी बनाने के लिये अपील की । कार्यक्रम का संचालक षैलेश दुबे ने किया आभार प्रदर्षन राजू डामोर ने माना ।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आजाद चैक में किया भाजपा के नगर कार्यालय का उद्घाटन
  • भाजपा  प्रत्याषी को रेकार्ड मतों से जीताने का किया आव्हान

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झाबुआ---मंगलवार रात्री को स्थानीय आजाद चैक में भारतीय जनता पार्टी के नगर कार्यालय का फीटा काट कर प्रदेष भाजपा अध्यक्ष नन्दकुमार सिंह ने षुभारंभ किया । कार्यालय के उदघाटन के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे, विधायक षांतिलाल बिलवाल, संभागीय संगठन मंत्री षैलेन्द्र बरूआ, मोहनगिरी, विजय नायर, नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार,  दौेलत भावसार,नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, समस्त पार्शदगण, पर्वतसिंह मकवाना,  भूपेष सिंगोड, मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी, मंडल उपाध्यक्ष महेन्द्र तिवारी, बाबुलाल अग्रवाल, बबलु सकलेचा, अर्पित, सहित बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारी,कार्यकर्ता उपस्थित थे । इसके पूर्व प्रदेषाध्यक्ष ने आजाद प्रतिमा पर माल्यार्पण किर नमन किया । कार्यालय में दीप प्रज्वलन एवं पूजन विधि सम्पन्न करने के बाद उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए  प्रदेषाध्यक्ष नन्दकुमारसिंह चैहान ने कहा कि स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया के असामयिक निधन के कारण संसदीय क्षेत्र का यह उपचुनाव हो रहा है । स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया कर्मठता,ईमानदारी की प्रतिमूर्ति होकर उन्होने कर्मठता के साथ जनजाति वर्ग के लिये संघर्श किया । तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी ने उनकी कर्मठता, ईमानदारी एवंज ुझारूपन के चलते राश्ट्रीय जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया था जिस पर वे खरे भी उतरे ं श्री चैहान ने कहा कि देष की आजादी के बाद पहली बार अटलजी ने ही केन्द्र में आदिवासी मंत्रालय बनाया था । श्री चैहान ने प्रदेष केग मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान द्वारा जिले को दी गई सौगातों का जिक्र करते हुए कहा कि इस जिले में 3-3 महाविद्यालय, आदर्ष महाविद्यालय, इन्जिनियरिंग कालेज की सौगाते दी हे । यहां की सूखी बंजर भूमि को सिंचित करने के लिये 22 हजार करोड की नर्मदा लिफ्ट एरीगेषन योजना पर काम भी षुूरू हो गया हैॅ । उन्होने पूर्व कांग्रेसी सांसद कांतिलाल भूरिया को आडे हाथ लेते हुए कहा कि वे 4-4 बार विधायक एवं सांसद रहे,केन्द्र एवं प्रदेष में आदिवासी विभाग के तािा कृशि विभाग के मंत्री भी रहे किन्तु इस जिले के विकास के लिये एक भी सौगात जिले को नही दिला पाये हैॅ । उन्होने सिर्फ अपना ही विकास करने का काम किया है । श्री चैहान ने सांसद दिलीपसिंह भूरिया द्वारा संसद में कांग्रेस के ज्योर्तिआदित्य सिंधिया एव राहूल गांधी को भूमि अधिग्रहण बिल पर आडे हाथ लिया था और कांग्रेस की बोलती बंद कर दी थी । श्री चैहान ने आव्हान किया कि केन्द्र एवं प्रदेष में भाजपा की सरकार होने से भाजपा का सांसद होने से इस अंचल का तेजी से विकास होगा और निर्मला बहिन मोदीजी एवं षिवराजसिंह से ढेरो विकास योजनायें लाकर जिले का विकास करेगी । उन्होने व्यापारियों से भी अनुरोध किया कि गा्रमीणों को इस बात की जानकारी देवे कि सिर्फ भाजपा ही विकास मे विष्वास रखती कांग्रेस सिर्फ भा्रमक प्रचार के अलावा कुछ नही कर पारही है ।उन्होने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस एक ऐसी गाडी है  जिसका ड्रायवर राहूल गांधी है और कण्डक्टर दिग्विजयसिंह है । इस  अवसर पर भाजपा प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया ने भी संबोधित करते हुए अपने पिता के दुखद अवसान के कारण रिक्त हुई संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याषी के रूप  में उन्हे जीताने की अपील करते हुए कहा कि स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया के सपनों को साकार करने में कोइ्र कसर बाकी नही रखेगी । उन्होने गा्रमीण अंचलों में घर घर जाकर भाजपा के पक्ष मे वातावरण बनाने का आव्हान किया । कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे ने स्वागत भाशण देते हुए नगर के 18 वार्डो में भाजपा की जीत के लिये तैयार की गई व्यूह रचना की जानकारी दी तथा कार्यकर्ताओं के परिश्रम से भाजपा प्रत्याषी को रेकार्ड मतों से जीत दर्ज कराने का भरोसा दिलाया । कार्यक्रम के अंत में बबलु सकलेचा ने आभार व्यक्त किया ।

एन एच 59 बावडी फाटक पर होने वाली लुट की घटना टली ....
  • घात लगाकर बेठे लुटेरे किसी बडी वारदात के लिये थे आमादा

पिटोल---इन्दौर अहमदाबाद राष्ट्रीय राज मार्ग 59 पिटोल के समिप लुट की घटनाओं को लेकर कुख्यात क्षैत्र बावडी फाटक पंाचका नाका के बीच मंगलवार रात 9ः20 पर लुटेरों ने रोड पर रापी लगाई एवं नुकीले पत्थर मिट्टि में गाड दिये जिसकी चपेट मे इन्दौर से चलकर दाहोद जानें वाली चामुंडा ट्रेवल्स की यात्री बस आ गई बस का टायर फट गया एवं वाहन वहीं पर खडा हो गया गनीमत रही कि लुटेरे लुट की घटना को अंजाम देते उसके पहले बस के क्लीनर द्वारा पिटोल पुलिस को सूचना देते ही पुलिस जवान 5 से 10 मिनिट में मौके पर पहुंच गई एवं घटना टल गई उक्त घटना स्थल पिटोल चैकी से 3 कि॰मी॰ दूर है। सूचना के वक्त जवान रोड गस्त के लिये निकले ही थे । जवानो ने वाहन को अपने सरंक्षण में रख टायर बदलकर गन्तव्य की ओर रवाना किया बस यात्रीयों से भरी थीं।           

पुलिस अधिकारीयों का महकम्मा पहुंचा मौके पर:  
रोड पर रापी लगाने की घटना की सूचना के बाद जिला मुख्यालय से पुलिस अधिक्षक संजय तिवारी,अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक सीमा अलावा,एसडीओपी झाबुआ व थंादला-षोभराम परिहार,श्री रावत, थाना प्रभारी अनिलसिंह,वष्षेरसिंह बघेल व फोर्स  मौके पर पहुंचा व रोड पर लगी रापियां देखी। सुत्रो के अनुसार जिले में पदस्थ हुवे पुलिस अधिक्षक को रापियां रोड पर किस तरह गाडी जाती है इस बात की भी जिज्ञासा थी। घटना स्थल पर अधिनस्तो से चर्चा करनें के बाद एक चार पहिया वाहन पिटोल चैकी को देने की बात कही इसके पुर्व यहां के पुलिस कर्मि दो पहिया वाहनों से गष्त कर रहे थें पिछले दिनो पिटोल को दिया गया चार पहिया वाहन किन्ही कारणेां से मुख्यालय पर बुलवा लिया गया था। उल्लेखनिय है कि राजमार्ग पर आऐ दिन हो रही इस तरह की वारदातो के प्रयास आम होगऐ है एवं पिटोल चैकी पर मात्र 6 पुलिस कर्मि है जिन्हे 40 गांवों के साथ इस राजमार्ग को भी सुरक्षा प्रदान करना है।
  
पुलिस को रातभर इस कुख्यात क्षैत्र में ही डेरा जमाना पडा ...................
लुटेरे इतनें पर भी नहीं रुके रापी गाडनें एवं बस के टायर फटनें की घटना के बाद वहां पहुंचे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों व पुलिस फोर्स के जानें के बाद देर रात 11ः30 बजे उसी क्षेत्र में फिर एक बार जगह बदलकर लुटेरों ने रापी गाड दी  जिसकी सुचना एक ट्रक ड्रायवर नें उखला घाटी में लगी चेकिंग पुलिस को दी इसके बाद किसी लुट की बडी घटना के अंदेषे को देख पिटोल पुलिस नें इस कुख्यात क्षैत्र में रातभ्र के लिये डेरा ही डाल दिया।

कहीं झीग झेग चेकिंग पाईंट ही नहीं बन जाय वाहन ओर यात्रियों की परेषानी का कारण ...........
म.प्र.एवं गुजरात राज्य की सीमा पर रतलाम झाबुआ संसदीय उपचुनाव के चलते की जा रही चेकिंग के कारण इस कुख्यात क्षेत्र की उखला घाटी में लगे झीग झेग चेकिंग पाईंट हेतु पुलिस द्वारा लगाऐ गऐ ड्रम एवं बेरिकेट्स कहीं यात्रियों की परेषानी का कारण न बन जाऐ कारण कि 24 घंटे यहां पर पुलिस नहीं रहती एवं ये संसाधन वहीं रोड पर पडे रहते है ऐसे में अपराधी इन्हीं संसाधनों का उपयोग कर वाहन को रोककर लुटपाट की घटना को अंजाम दे सकते है। मंगलवार को उक्त रापी लगानें की घटना इस पाईंट से कुछ ही देरी पर हुई। दुसरी ओर ये जो पाईंट घाटी में लगे हैउनसे झाबुआ की ओर से आने वाले भारी वाहनों को परेषानी हो रही आरहे वाहनो के इस झीग झेग पाईंट से गुजरने पर घाटी चढ रहे वाहनों की रफतार धीमी हो जाती है या रुक जाती है जिससे वाहनोे के पिदे की ओर लुढकनें की संभावना बढ जाती है जो कि किसी दुर्घटना का कारण बन सकती है। 

निर्मला भूरिया बताएं कि पिताजी ने कौन से काम अधूरे छोड़े थे, जिनकों वे पूरा करना चाहती हैं?
  • कांग्रेस ने पूछा भाजपा प्रत्याशी से सवाल

झाबुआ 4 नवंबर। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष निर्मल मेहता, कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भटट ने आज जारी बयान में रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया से पूछा है कि वे इन दिनों अपने जनसंपर्क के दौरान बार-बार एक ही बात दोहरा रही है कि पिता के अधूरे कार्य पूरे करने वे उपचुनाव में प्रत्याशी बनी है। कांग्रेस उनसे जानना चाहती है कि उनके पिता स्व.दिलीप सिंह भूरिया ने ऐसे कौनसे कार्य अधूरे छोड़े हैं जिनको वे पूरा करना चाहती है और मतदाताओं के सामने बार-बार उसका जिक्र भी कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि चुनाव एवं उपचुनाव में प्रत्याशी अपनी उपलब्धियों एवं संकल्पों के आधार पर मतदाताओं से वोट मांगते हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया जी ऐसा ही कर रहें है और रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के सामने खुलकर उपलब्धियों को और उपचुनाव जीत कर क्षेत्र के विकास के लिए क्या कुछ करने वाले है, उसके बारे में बता रहे है। इन्होने अपने सांसदकाल राज्य एवं केन्द्र में मंत्री काल में इस पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए जो उल्लेखनीय कार्य किए है, अपने मतदाताओं के सामने उसका लेखा-जोखा भी प्रस्तुत कर रहे है। यदि निर्मल भूरिया वास्तव में एक ‘‘गंभीर प्रत्याशी’’ है तो कांग्रेस की चुनौती है कि वे भी अपनी उपलब्धियों को लेकर मतदाताओं के बीच जाएं केवल मोदी और शिवराज की माला जपने से उपचुनाव की वैतरणी वे कभी पार नहीं कर सकेंगी। कांग्रेस के तीनों नेताओं ने आगे कहा है कि आज की राजनीति में पिछलग्गुओं के लिए कोई गुंजाईश नहीं है आखिर वे कब तक ‘‘कमजोर जमीन’’ पर यूं राजनीति करती रहेंगी? वे तो विधायक के रूप में भी अपने क्षेत्र के विकास के लिए भी कुछ खास नहीं कर पाई है। अपने पीछड़े क्षेत्र की जनता कि समस्याओं को उन्होने कभी दबंगई के साथ विधानसभा और अन्य मंचों पर नही उठाया।

कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा चुनाव संचालक एवं कार्यालय प्रभारी की नियुक्ति

झाबुआ 4 नवंबर। रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने उपचुनाव संबंधी कांग्रेस की विभिन्न व्यवस्थाओं के संचालन के लिए वरिष्ठ पार्टी नेता शांतिलाल पडियार को चुनाव संचालक नियुक्त किया है। श्री पडियार का मोबाईल नंबर 9425101335. इसके अलावा श्री भूरिया ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर जोरावर सिंह को पार्टी के चुनाव कार्यालय का प्रभारी बनाया है। श्री सिंह का मोबाईल नंबर 9425101221 है। जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटट ने बताया कि श्री शांतिलाल पडियार पूरे संसदीय क्षेत्र का चुनावी प्रबंधन देखेंगे तथा चुनाव से संबंधित विभिन्न दायित्वों से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों के बीच समन्वय का कार्य भी करेंगे।

कांग्रेस की अभूतपूर्व सभा और रैली के लिए भूरिया एवं जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आभार

झाबुआ 4 नवंबर। रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन में कल स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान पर हुई अभूतपूर्व विशाल सभा और सभा के बाद वहां से कलेक्टर कार्यालय के लिए निकली विशाल रैली की सफलता पर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीभूरिया ने पार्टी के सभी जिला पदाधिकारियों के साथ-साथ झाबुआ, रतलाम और अलीराजपुर की जिला कांग्रेस कमेटियों, पदधिकारियों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं रैली में आए हजारों आदिवासियों के प्रति कांग्रेस की ओर से आभार प्रकट किया है। श्री भूरिया ने कहा है कि इन दोनो कार्यक्रम की सफलता ने 21 नवंबर को होने वाले मतदान में पार्टी की जीत को सुनिश्चित कर दिया है। इन दोनो आयोजन की सफलता ने पूरे संसदीय क्षेत्र में कांग्रेसजनों के उत्साह एवं उनके जज्बे को कई गुना बड़ा दिया है।

लोकसभा क्षैत्र 24 रतलाम से 11 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र भरे

झाबुआ---लोकसभा उप निर्वाचन 2015 के दौरान 28 अक्टूबर से 4 नवम्बर तक संसदीय क्षेत्र रतलाम 24 से कुल 11 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र भरे। जिसमें विजय पिता वरसिंह निवासी केशरपुरा तहसील बाजना जिला रतलाम ने जनता दल यूनाईटेड से, बहादुर पिता फूलजी निवासी चैनपुरा तहसील मेघनगर झाबुआ ने निर्देलीय, कैलाश पिता रूप सिह वसुनिया निवासी जूनापानी ने बहुजन मुक्ति पार्टी से, कांतिलाल पिता नानूराम निवासी ग्राम मोरडुण्डिया ने इण्डियन नेशनल कांग्रेस से, कसनसिंह पिता लालचंद चैहान निवासी ग्राम भीमकुण्ड तहसील थांदला ने राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी से श्री विक्रांत पिता कांतिलाल निवासी ग्राम मोरडुण्डिया तहसील राणापुर ने इण्डियन नेशनल कांग्रेस से एवं सुश्री निर्मला भूरिया पिता दिलीपसिंह भूरिया निवासी ग्राम माछलिया तहसील झाबुआ ने भारतीय जनता पार्टी से, पवनसिंह डोडियार पिता शक्तिसिंह डोडियार निवासी कमला नेहरू मार्ग सैलाना ने निर्देलीय, रामसिंह उर्फ जोसफ निवासी नावापाडा नवीन जिला झाबुआ ने निर्दलीय, तोलसिंह मानिया निवासी दौलतपुरा तहसील थांदला ने जनता दल यूनाइटेड से, जालसिंह पिता कैरिया निवासी वलवई तहसील सोण्डवा जिला अलीराजपुर ने समता सत्रादा पार्टी से नाम निर्देशन पत्र भरा। अभ्यर्थियो से नाम निर्देशन पत्र रिटर्निंग अधिकारी संसदीय क्षैत्र रतलाम- 24 डाॅ अरूणा गुप्ता ने लिये। लोक सभा उप निर्वाचन 2015 के लिये निर्वाचन आयोग के द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 5 नवम्बर 2015 को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। आगामी 7 नवम्बर को सायं 3 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकता है। निर्वाचन लडे़ जाने की दशा में 21 नवम्बर 2015 को मतदान प्रातः 7.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक होगा और 24 नवम्बर को मतगणना का कार्य शासकीय पोलिटेकनिक काॅलेज झाबुआ में होगा।

चोरी का अपराध पंजीबद्ध 
   
झाबुआ--- फरियादी विजय पिता शैलेश शाह जैन, उम्र 20 वर्ष, निवासी मेघनगर ने बताया कि मैं अगराल से रिचार्ज वाउचर कलेक्शन कर वापस मेघनगर आते समय अपनी स्कूटी पर बैग रखा था, जिसमें 40,000/-रू0 के वाउचर व नगदी 15,000/-रू0, 50 सीम रखी थी। अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 242/15, धारा 379 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

बुरी नियत से हाथ पकडा

झाबुआ---फरियादिया ने बताया कि आरोपी सुरेश सीनम अन्य 01 निवासीगण करवड ने फरि0 को बुरी नयत सेी हाथ पकडा व एक तरफ ले जाने लगे, चिल्लाने पर भाग गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 453/15, धारा 354 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ--- आरोपी रतना पिता टिहिया कटारा, फलकुबाई पति बालु कटारा, निवासीगण सातबिल्ली के द्वारा मृतिका सामाबाई पति कोलेष कटारा, उम्र 23 वर्ष को रोजाना काम नहीं करती है, कहकर मारपीट व प्रताडना से तंग आकर जहरीली दवाई पीकर आत्महत्या कर ली थी। मर्गक्र0 30/15 की जाॅच पर से प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 203/15, धारा 306,34-ए भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

अज्ञात की लाश जंगल मे लटकी मीली
        
झाबुआ--- फरियादी मांगू पिता वीरजी खडि़या, उम्र 50 वर्ष निवासी कोटनई ने बताया कि अज्ञात पुरूष की लाश कोटनई जंगल में सागौन के झाड पर रस्सी से फंदा गले में लगाने से मृत अवस्था में टंगी मिली है। प्र्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्र0 338/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सरकार के विभिन्न अंग अपने दायरे में रहें : राष्ट्रपति

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नयी दिल्ली, 04 नवम्बर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सरकार के विभिन्न अंगों को अपनी ताकत पहचानने और अपने अधिकार क्षेत्र के दायरे में रहने की आज एक बार फिर सलाह दी।  नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के 55वें पाठ्यक्रम के सदस्यों और कर्मचारियों ने राष्ट्रपति भवन में श्री मुखर्जी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह किस प्रकार और कितने प्रभावी ढ़ंग से अपने सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करता है। इन संसाधनों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानव संसाधन है। 

राष्ट्रपति का कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मानव संसाधन का विकास एक कठिन कार्य है जिसकी जिम्मेदारी भारत के एनडीसी द्वारा उठायी जा रही है। जहां न केवल सशस्त्र बलों के बल्कि सिविल सेवाओं और मित्र देशों के वरिष्ठ अधिकारी, जो पृष्ठ भूमि जानकारी से सम्पन्न होते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधित नीति निर्णय लेने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं।

श्री मुखर्जी ने कहा, “हमारी जैसी लोकतांत्रिक प्रणाली में सरकार के विभिन्न अंगों को एक दूसरे की क्षमताओं और सीमाओं को समझना चाहिए। राजनीतिक नेतृत्व और सिविल सेवा के अधिकारियों को रक्षा बलों की क्षमताओं और सीमाओं से भलीभांति परिचित होना चाहिए। इसी प्रकार सशस्त्र बलों के अधिकारियों को संवैधानिक ढ़ांचे की सीमाओं से परिचित होने की जरूरत है जिसके तहत राजनीतिक तंत्र और सिविल सेवाएं कार्य करती हैं।”

उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह पाठ्यक्रम अपने प्रतिभागियों को अधिक जागरूक और एक अच्छा जानकार व्यक्ति बनाएगा ताकि वे देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अच्छे विवेकपूर्ण निर्णय ले सकें।

मूडीज मामले में मीडिया पर बरसी सरकार

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नयी दिल्ली, 04 नवंबर, वैश्विक साख निर्धारक एजेंसी मूडीज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रियों के विवादित बयानों पर लगाम लगाने की सलाह संबंधी खबरों पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने आज कहा कि उसने मूडीज एनालिटिक्‍स से जुड़े एक जूनियर एसोसिएट इकोनॉमिस्‍ट के व्‍यक्तिगत विचार की रिपोर्टिंग गैर जिम्‍मेदाराना तथा तोड़-मरोड़ कर की, मीडिया में खबरें आयी थीं कि मूडीज एनालिटिक्स की रिपोर्ट ‘भारत का परिदृश्य: संभावनाओं की तलाश’ में श्री मोदी को आगाह किया गया है कि अगर वह अपने मंत्रियों पर लगाम नहीं लगाते हैं तो भारत घरेलू और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता खो देगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि यह आश्‍चर्यजनक है कि भारतीय मीडिया का एक वर्ग मूडीज एनालिटिक्‍स और मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज के बीच अंतर कर पाने में विफल रहा। 

मूडीज एनालिटिक्स केवल एक डाटा एवं एनालिटिक्‍स कंपनी है जबकि मूडीज इनवेस्‍टर सर्विसेज रेटिंग सेवायें मुहैया कराती है। बयान में कहा गया है कि मीडिया ने इस बारे में यथोचित परिश्रम नहीं किया और पाठकों को मूडीज एनालिटिक्‍स एवं मूडीज इनवेस्‍टर सर्विसेज के बीच के अंतर की जानकारी नहीं दी। मूडीज एनालिटिक्‍स से जुड़े एक जूनियर एसोसिएट इकोनॉमिस्‍ट के विचार को ऐसे प्रसारित कर दिया गया जैसे कि यह मूडीज एनालिटिक्‍स का ही विचार है। सरकार ने कहा, “हमारी राष्‍ट्रीय बहस को समृद्ध बनाने में मीडिया की बड़ी भूमिका है लेकिन ऐसे प्रकरण उसकी साख को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं तथा इनसे आम लोगों के बीच गलत जानकारियों का प्रसार होता है।”

वैश्विक स्तर के विश्वविद्यालय के बगैर महाशक्ति नहीं बन सकते: प्रणव मुखर्जी

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नयी दिल्ली 04 नवंबर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज रात कहा कि वैश्विक स्तर के एक भी विश्वविद्यालय के बगैर हम विश्व की महाशक्ति नहीं बन सकते है लेकिन अब हमने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग प्रक्रिया पर गंभीरता से गौर करना शुरू किया है। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित तीन दिवसीय आगन्तुक सम्मेलन के दौरान देश के प्रमुख उच्च शैक्षिक संस्थानाअों आैर कंपनियों के बीच शोध एवं विकास के साथ नवाचार को बढावा देने के लिए किये जाने के अवसर पर कहा कि दो भारतीय संस्थान पहली बार विश्व क्यूएस रैकिंग में टॉप 200 में स्थान में शामिल होने सफल रहे हैं। आईआईएससी बेंगलुरू को 147वां स्थान मिला है जबकि आईआईटी दिल्ली को 179 वां स्थान मिला है। यदि अगले चार पांच वर्षाें में देश के 10 -15 संस्थानों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जाती है तो ये संस्थान अगले कुछ वर्षाें में दुनिया के 100 प्रमुख संस्थानों में शामिल हो सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थानिक रैंकिंग फ्रेमवर्क को मानव संस्थान मंत्रालय ने अपनाया है जो भारत केन्द्रित पहल है और इससे हमारे संस्थान राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। इसके राष्ट्र को , संस्थानों , उसके छात्राें और उसके पुराने छात्रों को जहां गौरव प्राप्त होगा वहीं उच्च रैंकिंग से अच्छे फैकलटी और मेहनती छात्र भी उस संस्थान के प्रति आकर्षित होंगे। इससे विकास को नया मार्ग मिला और छात्रों को रोजगार मिलने में सरलता होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार ही भविष्य है और नवाचार शोध को संपत्ति में बदलता है। जब तक हम इस सच्चाई को स्वीकार करेंगें और देश में नवाचार संस्कृति का माहौल बनायेंगे तब तक आधुनिकता की दौड में पिछड जायेंगे। उन्होंने कहा कि 60 से अधिक केन्द्रीय संस्थानों ने नवाचार क्लब शुरू किया है जिससे अकादिमक समुदाय और सतही स्तर के नवाचारों को आपस में मलेजोल बढाने का प्लेटफार्म मिला है। इस तरह से देश में स्टार्टअप को बढावा मिलेगा।

वन आधारित उद्योगों के लिये पूंजी की कमी नहीं. रघुवर

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रांची 04 नवम्बर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वन आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पूंजी की कमी नहीं होने दी जाएगी और इस क्षेत्र में भी राज्य अव्वल रहेगा। श्री दास ने आज प्रोजेक्ट भवन स्थित कार्यालय कक्ष में सन कैपिटल एडवाइजरी सर्विस के प्रबंध निदेशक एस0पी0जैन तथा कम्पनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक मोहित अग्रवाल के साथ भेंट-वार्ता के दौरान कही 1श्री जैन ने मुख्यमंत्री से कहा कि उपरोक्त कार्यों के लिए झारखण्ड सरकार द्वारा अन्य विकसित राज्यों की भांति भविष्य की योजनाओं के लिए पूंजी की व्यवस्था एवं वितरण का कार्य किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा ‘‘अम्ब्रेला ट्रस्ट फंड स्ट्रक्चर’’ स्थापित किया जा सकता है। 

इसके कार्यान्वयन में रेटिंग एजेंसी के माध्यम से संबंधित संस्थान का रेटिंग कराते हुए बैंक, इंस्टीटयूशन एवं कैपिटल मार्केट को बांड एवं डिबेन्चर निर्गत करते हए पूंजी उगाहने की कार्रवाई की जाएगी। इस तरह से पूंजी आने पर इस पूंजी के विरूद्ध लिए जाने वाले कार्यों के लिए वह संस्थान उत्तरदयी होता है, तथा उनके कार्य की पारदर्शिता भी होती है। इस मेकेनिज्म से पूंजी की व्यवस्था करने हम विकास के लिए हम आगे की योजना तो बनाते ही हैं, साथ इससे इंवेस्टर भी आकर्षित होते हैं तथा पूंजीनिवेश को बढ़ावा मिलेता है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को वित्त विभाग के प्रधान सचिव के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ाने का निदेश दिया।
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