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रोजलीन का नया हुनर

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खूबसूरत एवं प्रतिभाशाली अभिनेत्री रोजलीन की प्रतिभा सिर्फ उत्कृष्ट अभिनय तक ही सीमित नहीं है। हमें हाल में उनकी शख्सियत के बारे में कुछ अनछुये पहलुओं को जानने का मौका मिला। उनकी यह खासियत भारत में उनके प्रशंसकों को और आकर्षित करेगी। रोजलीन ने खुलासा किया कि यदि वह अभिनेत्री नही होतीे तो एक काॅन्सेप्ट आर्टिस्ट और डिजाइनर होतीे। राजलीन एक उत्कृष्ट कलाकार हैं और उन्हें खाली वक्त में कागज पर तस्वीरें बनाना बहुत पसंद है। जुनूनी अभिनेत्री ने हाल में फिल्म ‘जी लेने दो एक पल’ में अपने बेमिसाल किरदार से आनंदित करना जारी रखा है। 

 यह कहानी अभिनव व रोजलीन के सफर पर केन्द्रित है, इसमें जिंदगी को बेहतर बनाने और सपनों को पूरा करने के लिये उनके संघर्ष को दिखाया गया है। ये न सिर्फ अपने लिये, बल्कि अपने परिवारों के लिये यह संघर्ष कर रहे हैं। हल्का-फुल्का ड्रामा को दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिलेगा, क्योंकि इसमें जुड़ाव बनाने वाली भावनाओं का नये ढंग से प्रदर्शित किया गया है। फिल्म रीलिज के लिए तैयार है। फिल्म में अभिनव के अलावा टीनू आनंद,जरीना बहाव भी है।

'चतुरनाथ'हिन्दी फिल्म का संगीतमय मुहूर्त सम्पन्न

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हिन्दी फीचर फिल्म 'चतुरनाथ'का मुहूर्त  मुम्बई के कृष्णा स्टूडियो में एक गाने की रिकार्डिंग के साथ सम्पन्न हुआ। फिल्म इंडस्ट्री के अनेक नामी व्यक्तियों की उपस्थिति में 'चतुरनाथ'का पहला गीत रिकार्ड किया गया। गीतकार पं. किरण मिश्र द्वारा लिखे गए गीत को संगीत दिया है 'सिंह बंधु'ने एवं स्वर दिया है प्रसिद्ध क्लासिकल सिंगर 'प्रदीप नारायण सिंह'ने। संगीत संयोजन दिव्य ज्योति ने किया। अनेक कलाकारों की उपस्थिति में फिल्म के हीरो और पीपली लाइव फेम नत्था अर्थात ओमकार दास मानिकपुरी ने नारियल फोड़कर फिल्म के गीत रिकॉर्डिंग का शुभारम्भ किया।
         
इस अवसर पर टी सिरीज के अजीत कोहली, कंवर जगदीश (गुलाब चाचा, सोनपरी फेम), पं. किरण मिश्र (गीतकार) शामी एम्. इरफ़ान (फिल्म पत्रकार) के अलावा फिल्म में काम करने वाले अनेक कलाकार भी उपस्थित थे। ओमकार दास मानिकपुरी शीर्षक भूमिका में चार किरदार पहली बार इस फिल्म में निभा रहे हैं I मुख्य अभिनेत्री का चयन होना शेष है. अन्य कलाकार अरविन्द अग्रवाल, राजेश मौर्या, अनंग त्रिपाठी, अमित मिश्र, लल्लन लहरी, आशीष अग्रवाल, चंद्रप्रकाश, आशुतोष द्विवेदी, कंवर जगदीश, पूजा पोद्दार, हीर खान पूजा दीक्षित, प्रवीण शास्त्री, राहुल सिंह और अखिलेश गौर हैं। 
        
फिल्म के निर्माता - निर्देशक स्वदेश मिश्र ने बताया कि 'चतुरनाथ'एक आम आदमी और प्रशासन के बीच के बीच बढ़ रही दूरी और उसके परिणाम पर व्यंग्य करती है। फिल्म की समस्त शूटिंग आगामी फ़रवरी २०१६ से
उत्तर प्रदेश में की जायेगी। 

विशेष आलेख : मुशर्रफ के बड़बोले बोल !!

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पाकिस्तान है कि मानता नही. पाकिस्तान अपनी करतूतों की वजह से पूरे विश्व में जिलहत का सामना कर रहा है. अभी हाल में पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने अमेरिकी दौरे पर आतंकवाद और भारत विरोधी डोजियर को लेकर फटकार सुनी. जहां उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस हुई.

 मामला वहां का शान्त हुआ ही था. अब पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाक को जलील करने की बची कुची कसर पूरी कर ली है. आतंकवाद को लेकर विश्व जानता है कि पाकिस्तान इसकी फैक्ट्री बन चुका है. जहां आंतकवादी बनाए जाते हैं. ये विश्व जानता है, लेकिन अब सच्चाई को पाक ने कबूल भी कर ली है. पूर्व राष्ट्रपति ने अपने बड़बोलेपन में पाक की हकीकत बयां कर दी. उन्होने अपने एक सुलगते साक्षात्कार में कह दिया कि पाक में आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी गई है.

 उन्हें बकायदा भारत के विरोध में ट्रेनिंग दी गई. और कहा गया कि कश्मीर में अपने हक के लिए लड़ो. उन्होनें कहा कि तालिबान को पाकिस्तान ने बनाया है. कश्मीर में जाओ और वहां कि सुख शान्ति बर्बाद करो. भारतीय सेना से लड़ो. ओसामा बिल लादेन, हाफिज सईद, जैसे खूंखार दरिंदों को अपना हीरो बताया. परवेज के लिए जो हीरो हैं. वो पूरे विश्व के लिए दरिंदे  हैं. 

हीरो के परिभाषा भी शायद मुशर्रफ को नही पता है. मुशर्रफ जरा फिल्में भी देखना शुरू कर दो. फिल्मों में जो हीरों होते हैं, उनका काम लोगों की रक्षा करना होता है. किसी की हत्या करना नही होता. ये काम तो विलेन का होता है. जो बाद में कुत्ते की मौत मारा जाता है. एक नतीजा तो आप के सामने आ ही चुका है. एक हीरों आप का इस दुनिया में नही रहा.

 जल्द ही औरों की बारी भी हो सकती है. निर्दोषों को मारकर कोई हीरो नही बनता जनाब. उसे दहशतगर्द कहते हैं. ऐसा नही कि जिन्हें आप ने ट्रेंनिग दी उन्होने पाक को छोड़ दिया है. वहां एक स्कूल में गोलियों का चलना, जिसमें बहुत सारे मासूम मारे गए थे. 

अटारी में फियादीन बम धमाका, जिसमें बहुत सारे पाक के नागरिक मारे गए. जिसे आप ने तैयार किया है वही इसको अंजाम दिया. पर आप को क्या आप तो ठहरे बड़े लोग. कोई मरता है तो मरे. भारत में कैसे अशान्ति फैलाई जाए, ये सोच में डूबे रहते हो. दो विश्व युद्ध तो हो चुके हैं. अब तीसरे की तैयारी हो रही होगी. लगता है पाकिस्तान की वजह से होगा. भारत को छोड़कर पहले अपने देश की शांति व्यवस्था को देखो.

 पाक की तरफ से भारत में आंतकवादी भेजने के हमेशा भरपूर कोशिश रहती है. जिसके लिए हर रोज पाक की तरफ से संघर्षविराम का उल्लंघन होता रहता है. जिसमें बेचारे आम नागरिक और सेना के जवान मारे जाते हैं. और आप बाहर बैठकर तमाशा देखते रहते हैं. जिसे आप ने अपना हीरो बनाकर ट्रेनिंग दी. एक दिन आप के देश के विनाश का कारण बन सकते हैं. कहावत कही गई है, विनाशकाले विपरीत बुद्धि वही हाल आप का है. 

पाक की साख तो पहले से गिरी हुई थी. मुशर्रफ, आप ने तो पूरी ही गिरा दी. कुछ एटम बम के दम पर इतना गुमान है. तो जिनके पास परमाणु की खान है उनको कितना होना चाहिए. बड़बोलेपन को बंद करो, आतंकवाद से निपटने में विश्व का सहयोग करो. कहते है जो किसी के लिए गढ्ढा खोदता है, वह अंत में उसी गढ्ढे में गिरता है. वक्त रहते सभंल जाओ.




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रवि श्रीवास्तव
स्वतंत्र पत्रकार, लेखक

आलेख : आरक्षण व्यवस्था को राष्ट्रहित में तुरन्त समाप्त किया जाये!

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  • पांच हजार साल से भारत पर काबिज विदेशी आर्यों के एकाधिकार को चुनौती देने वाली आरक्षण व्यवस्था को राष्ट्रहित में तुरन्त समाप्त किया जाये!
मंगलवार 27 अक्टूबर, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि—राष्ट्रहित में आरक्षण समाप्त किया जाये, बल्कि कोई आरक्षण होना ही नहीं चाहिये। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आजादी के 68 वर्षों बाद भी कुछ विशेषाधिकार (आरक्षण संबंधी) नहीं बदले हैं।


देश की सबसे बड़ी अदालत के दो आर्य-ब्राह्मण न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा और श्री पीसी पंत की पीठ ने कहा है कि राष्ट्र के हित में यह आवश्यक हो गया है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं को सभी तरह के आरक्षण से दूर रखा जाए। केन्द्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में निष्पक्षतापूर्वक ‘सकारात्मक’ प्रभावशाली कदम उठाए। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाकर देश के लोगों की मदद की जाए।

दो आर्य जजों द्वारा 10 फीसदी आर्यों के हित को, राष्ट्रहित घोषित करते हुए सुनाये गये इस निर्णय का अत्यधिक सतर्कता, बारीकी और गम्भीरता से विश्लेषण किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस निर्णय की भावना और भाषा सीधे-सीधे आरएसएस की भाषा से मेल खाती है।

1. राष्ट्र और राष्ट्रहित क्या है? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रहित में कोई आरक्षण होना ही नहीं चाहिये। संघ भी यही भाषा बोलता है। अत: वर्तमान हालात में देश के भविष्य के लिये सबसे बड़ा, ज्वलन्त और विचारणीय सवाल तो यही है कि आखिर संघ और सुप्रीम कोर्ट का राष्ट्र और राष्ट्रहित क्या है?


(1) येन-कैन प्रकारेण केवल 10 फीसदी मेरिटधारी आर्यों को बढावा देना ही राष्ट्र और राष्ट्रहित है? यदि मेरिटधारी आर्यों को बढावा देना ही वास्तव में राष्ट्र और राष्ट्रहित है तो फिर मेरिटधारी विदेशी आर्यों से भी मेरिट में कई गुना श्रृेष्ठ और निष्पक्ष अंग्रेजों से देश को मुक्त करवाने की क्या जरूरत थी?
(2) हजारों सालों से सभी संसाधनों और व्यवस्था पर बलात काबिज आर्यों को आगे बढाने में ही राष्ट्रहित है या आर्यों द्वारा हजारों सालों से शोषित 90 फीसदी अनार्य फीसदी आबादी को संविधान के अनुसार शासन, प्रशासन में प्रतिनिधित्व और राष्ट्रीय संसाधानों में सामान भागीदारी प्रदान करने के लिये संविधानसभा द्वारा उपबन्धित संवैधानिक प्रावधानों को लागू करना राष्ट्रहित है?(3) संविधान के अनुसार लोक-कल्याणकारी राज्य की स्थापना और सामाजिक न्याय की स्थापना करना राष्ट्रहित है या आर्य-मनुवादी-सामन्तशाही और धंधेबाज-कार्पोरेट घरानों के हाथों देश को बेचने में राष्ट्रहित है?
(4) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों में शामिल लोगों की लिस्ट देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मेरीटधारी आर्य-राष्ट्रहित में कितने समर्पित रहे हैं!


2. निष्पक्षता क्या है? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केन्द्र सरकार आरक्षण को समाप्त करने के लिये निष्पक्षतापूर्वक ‘सकारात्मक’ प्रभावशाली कदम उठाए। इस बात को भी समझने की जरूरत है :-


(1) कितनी हास्यास्पद बात है कि पक्षपातजपूर्ण निर्णय सुनाने वाले आर्य-जज निष्पक्षता की बात करते हैं! क्या गिने-चुने परिवारों के वर्चस्ववाली आर्यों का पक्ष पोषण करने वाली न्यायपालिका को निष्पक्षता की बात करने का कोई हक है? क्या इसी को निष्पक्षता कहते हैं?
(2) जिस सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के लिये योग्य वकीलों को लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य हो उसी सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के कोई मानदण्ड निर्धारित नहीं हों। क्या इसी को निष्पक्षता कहते हैं?
(3) जिस सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति करने के लिये संविधान में वर्णित और निर्वाचित जन प्रतिनिधि​यों की संसद द्वारा बनाये गये कानून अमल में नहीं लायें जाते हों और अपने ही रिश्तेदारों को जज नियुक्त किये करने वाले जज निष्पक्षता की बात करते हैं। क्या इसी को निष्पक्षता कहते हैं?
(4) जिस न्यायपालिका में 90 फीसदी अनार्य आबादी को प्रतिनिधित्व प्रदान किये बिना निष्पक्षता की बात कही जाती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को आत्मालोचन करना होगा कि हकीकत में निष्पक्षता कहते किसे हैं?


3. 68 वर्ष बाद भी विशेषाधिकार नहीं बदले हैं : सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आजादी के 68 वर्ष बाद भी आरक्षण रूपी विशेषाधिकार नहीं बदला है। आश्चर्य होता है, इस प्रकार की टिप्पणियों को पढकर! सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बारे में कुछ तथ्य विचारणीय हैं :—


(1) सुप्रीम कोर्ट केवल 68 वर्षों की बात करता है, जबकि पांच हजार साल से एक जाति विशेष पर गंदे नालों और संडासों की सफाई करने के लिये के थोपा गया विशेषाधिकार सुप्रीम कोर्ट को गत 68 वर्षों दिखाई नहीं दे रहा है। 
(2) आजादी से पहले भारती की कड़ाके की गर्मी में काम नहीं कर पाने के कारण कारण गौरे अंग्रेज जज गर्मियों की छुट्टियां मनाने अपने शीत प्रधान देश ब्रिटेन चले जाया करते थे। इस विशेषाधिकार को भारत के जजों ने भी ज्यों का त्यों अपना लिया। वर्तमान में जबकि सभी जज जून के महिने में भी वातानुकूलित कक्षों में सर्दी से ठिठुरते रहते हैं, लेकिन गर्मियों के अवकाश के विशेषाधिकार को छोड़ना शायद उनको याद नहीं रहा?
(3) हजारों सालों से मन्दिरों में केवल आर्य-ब्राह्मण ही पूजा-अर्चना करने के विशेषाअधिकार का उपयोग और उपभोग (देवदासी काया के उपभोग सहित) करते रहे हैं, लेकिन यह विशेषाअधिकार सुप्रीम कोर्ट को शायद दिखाई नहीं देता है, आखिर क्यों? क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में ​भी तो आर्यों का विशेषाधिकार है!


4. मेरिट/गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता : संघ की विचारधारा को आगे बढाते हुए सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि देश हित में मेरिट/गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता। इसलिये गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली आरक्षण व्यवस्था को समाप्त किया जाये। इस सम्बन्ध में संघ और सुप्रीम कोर्ट से सीधे सवाल—


(1) सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट जजों की गुणवत्ता का प्रमाण है, लाखों मामलों का दशकों से अनिर्णीत और लम्बित पड़े रहना।
(2) मेरिट/गुणवत्ता के आधार पर चयनित होकर देश के नीति-नियन्ता 95 फीसदी से अधिक प्रशासकीय और शासकीय पदों पर कथित बौद्धिकता के धनि आर्यों के काबिज होते हुए देशभर में लगातार-भुखमरी, वैश्यावृत्ति, नाइंसाफी, कुटिल-भेदभाव, भ्रष्टाचार, छुआछूत, चोरी, डकैती, अत्याचार, शोषण, कालाबाजारी, उत्पीड़न, करचोरी, कामचोरी, बलात्कार, कमीशनखोरी, कन्याभ्रूण हत्या, दलितों और मुसलमानों को ज़िंदा जलाना, आदिवासियों से अमानुषिक व्यवहार जैसे अनेकानेक विधि-विरुद्ध कुकृत्य दिन-प्रतिदिन क्यों बढते जा रहे हैं?
(3) संघ और सुप्रीम कोर्ट पर काबिज विदेशी-आर्य-नेतृत्व मेरिट/गुणवत्ता को बढावा देने के पक्ष में हैं। गुणवत्ता के बहाने देश की 90 फीसदी अनार्य आबादी को नीति-नियन्ता-निर्णायक पदों पर देखना नहीं चाहता है। मेरा सीधा सवाल है कि आर्य और अंग्रेज दोनों नस्ल विदेशी हैं। जब मेरिट/गुणवत्ता ही श्रेृष्ठता/योग्यता और ​निष्पक्षता का पैमाना है तो फिर अंग्रेजों को भगाने की क्या जरूरत थी? अंग्रेज संसार की श्रेृष्ठतम मेरिटधारी नस्ल है। अभी भी अंग्रेजों को जज, डॉक्टर, इंजीनियर बनाया जाये तो अधिक निष्पक्ष और सुसंगत न्याय करेंगे। ऐसे में आर्यों को मेरिट की बात करना शोभा नहीं देता है।
(4) यदि मेरिट/गुणवत्ता में वास्तव में आर्य ही सर्वश्रेृष्ठ रहे हैं तो भारत के संविधान के निर्माण के समय आर्यों की बौद्धिक श्रेृष्ठता को क्यों सांप सूंघ गया था? क्यों बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को संविधान निर्माण जैसा बौद्धिक कार्य सौंपा गया?


उक्त विवेचन से सुस्पष्ट है कि संघ के नेतृत्व में विदेशी-आर्य-नस्ल राष्ट्रहित, निष्पक्षता और बौद्धिक श्रेृष्ठता के बहाने इस देश को आर्यों का गुलाम बनाने के लिये कृतसंकल्पित है। जिसकी शुरूआत स्वर्गीय श्रीमती इन्दिरा गांधी जी समय से संघ द्वारा की जा चुकी है। जिसका प्रमाण स्वर्ण-मन्दिर में सिक्खों का कत्लेआम, फिर इन्दिरा गांधी की हत्या तथा हत्या के बाद फिर से सिखों का संहार। इसी बीच संघ के इशारे पर संघ प्रमुख के चयन की अलोकतांत्रिक प्रणाली की भांति सुप्रीम कोर्ट में आर्य जजों द्वारा खुद ही आर्य जजों को चयनित करने के लिये मनमानी कोलेजियम प्रणाली ईजाद की गयी। जिससे संघ के विचारों के समर्थक आर्य-जजों का न्यायपालिका में सम्पूर्ण वर्चस्व कायम हो गया। राजीव गांधी जी के शासनकाल में संघ का कांग्रेस के सर्वोच्च थिंक टैंक पर कब्जा शुरू हो चुका था, जिसके चलते अयोध्या में पूजा ​शुरू करवायी गयी और अंतत: नरसिम्हारावजी के शासनकाल में बावरी मस्जिद को शहीद करवा दिया गया। डॉ. मनमोहन सिंह जी का शासन तो पूरी तरह से संघ के एजेंट कांग्रेसियों के इशारों पर इस प्रकार की नीतियों/कुनीतियों से संचालित किया गया कि कांग्रेस को नेस्तनाबूद कर दिया गया और देश पर आर्य संचालित संघ की राजनैतिक शाखा भाजपा का पूर्व बहुमत के साथ कब्जा हो गया। जिसमें कांग्रेस के शासनकाल में ईवीएम को लागू करवाने में संघ की महत्वूपर्ण भूमिका रही है। संघ की आन्तरिक शक्तियों के मार्फत संचालित कांग्रेस की कुनीतियों और ईवीएम का ही कमाल है जो वर्तमान में भाजपा को प्रचंण्ड बहुत मिला हुआ है।

इन हालातों में जबकि सभी प्रमुख राजनैतिक दल आर्यों के कब्जे में हैं। अजा एवं अजजा के सांसद और विधायक अपने-अपने दलों के आर्य-प्रमुखों के गुलामों से कम नहीं। राज्यसभा में आर्यों का सम्पूर्ण कब्जा है। कार्यपालिका और न्यायपालिक पर संघ नीति के प्रशासकों, शासकों और जजों का एकाधिकार है। मीडिया आर्यों का व्यवसाय है। ऊल-जुलूल धर्मग्रन्थों से भ्रमित आम अनार्य खुद को आर्यों का वंशज मानकर मनुवादी अमानवीय व्यवस्था के पोषण, अनुसरण और संरक्षण में तल्लीन होकर खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चला रहा है। ऐसे में भारत के बहुसंख्यक (MOST=Minority+OBC+SC+Tribals) अनार्यों को संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण का समाप्त किया जाना चार दशक पहले निर्धारित की गयी संघ की रणनीति का परिणाम है।

आयेदिन होने वाली हत्या और बलात्कारों के बावजूद भी दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यक क्या सिर्फ बाबा अम्बेडकर, बुद्ध और बिरसा का गुणगान ही करते रहेंगे या अपने बल पर भी कुछ करेंगे? संघ द्वारा पिछड़े वर्गों को राजनैतिक और प्रशासकीय भागीदारी से वनवास पहले ही तय किया जा चुका है। इन हालातों में संघ द्वारा आरक्षण और लोकतंत्र को समाप्त करने की सशक्त और क्रूरतम शुरूआत की जा चुकी है। ऐसा लगता है कि भाजपा की  सरकार सीधे-सीधे कुछ नहीं करेगी, बल्कि न्यायपालिका के दरवाजे से सामाजिक न्याय और लोकतंत्र को तहत-नहस किया जायेगा। न्यायिक चयन आयोग-गठन कानून का निर्माण और कोलेजियम का विरोध केवल सरकारी नाटक था। जिसका पटाक्षेप हो चुका है। अब ऐसा लगाता है-भाजपा की केन्द्र सरकार राष्ट्रहित के नाम पर अनुशासित आज्ञाकारी विद्यार्थी की भांति न्यायिक आज्ञाओं का पालन करती रहेगी।


यदि हालात ऐसे ही रहे तो हम जैसे कुछ चुनिन्दा अनार्य लेखकों को बहुत जल्द सींखचों में बंद कर दिया जायेगा और जैसा कि मैंने पहले भी लिखा था कि देश को सामन्तशाही-आपात काल को झेलने की तैयारी कर लेनी चाहिये। क्या अभी भी और इन विकट हालातो में भी 90 फीसदी अनार्य आबादी केवल सोशल मीडिया पर विधवा विलाप करती रहेगी या आर्यों की गुलामी से मुक्ति के लिये एकजुट होने का साहस जुटा पायेगी? आज सभी विभेदों को भुलाकर देश की बहुसंख्यक (MOST=Minority+OBC+SC+Tribals) अनार्य वंचित आबादी को एकजुट होकर अपने हकों का आर्यों की कुनीतियों के साहसिक विरोध में जान की बाजी लगाने का अंतिम वक्त आ चुका है!




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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'-राष्ट्रीय प्रमुख
हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान

बांसुरी वादक नवीन कुमार का एल्बम साइलेंस इज़ ब्लिस विस्लिंग वुड्स में रिलीज़ किया।

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बांसुरी वादक नवीन कुमार ने अपने चौथे एल्बम साइलेंस इज़ ब्लिस के लांच पर परफॉर्म किया। सिंगर हर्षदीप कौर ने इस इवेंट की एंकरिंग की और सभी मेहमानो और नवीन कुमार को मीडिया और गेस्ट से रूबरू कराया। बाद में सुभाष घई ने सभी मेहमानो- सुभाष घई ,प्यारेलाल ,उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफा खान ,ललित पंडित ,अनु मलिकको स्टेज पर बुलाकर उनका सम्मान कराया और सभी ने मिलकर एल्बम लांच किया। 

इस एल्बम के तीन वीडियो को मीडिया और मेहमानो को दिखाया गया। इस एल्बम में ग्रैमी विनर पंडित विश्व मोहन भट्ट ,शिवमणि ,ताकू हीरोनी ,शिलांग चैम्बर क्वायर ,स्टेफेन देवसी ने साथ दिया है। इस एल्बम में सात गीत हैं जिसमे नवीन कुमार ने नौ अलग किस्म की बांसुरी का इस्तेमाल किया है जिसे नवीन फ्लूट भी कहते हैं। 

‘डाॅली की आयेगी बारात‘ जिंदगी चैनल पर

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पाकिस्तानी मनोरंजन उद्योग की लिविंग लेजेंड  दिग्गज अभिनेत्री बुशरा अंसारी, भारत के असाधारण परफाॅर्मेंस के ढेरों प्रशंसक हैं। बुशरा चैनल जिं़दगी पर प्रसारित शो ‘डाॅली की आयेगी बारात‘ की वे अब लेखिका बन गई हैं।

 इस शो का प्रसारण सोमवार से शनिवार रात 8ः00 बजे किया जाता है। उन्होंने सिरीज में न सिर्फ हास्यप्रद साइमा चैधरी के रूप में अपनी परफेक्ट काॅमिक टाइमिंग का प्रदर्शन किया बल्कि सिरीज की इस किश्त को वसय चैधरी के साथ मिलकर लिखा भी है।

बुशरा को अपने हुनर के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, ने अपनी उपलब्धियों में एक और कीर्तिमान का समावेश कर लिया है। इस बेहतरीन कलाकार ने एक ऐक्टर, लेखिका, गायिका और काॅमेडियन के रूप में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार द प्राइड आॅफ परफाॅर्मेंस भी जीता है। यह पाकिस्तान सरकार द्वारा शानदार दिमागों और प्रतिभाओं को दिये जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है। 

बारात सिरीज-डाॅली की आयेगी बारात की दूसरी किश्त एक मजेदार काॅमेडी शो है। इसमें शादी के विभिन्न पहलुओं और इससे गुजरने वाले व्यक्ति की जिंदगी में आने वाली समस्याओं का चित्रण किया गया है।

विशेष आलेख : बिहार का ब्रेक

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2014 आम चुनाव के बाद यह सबसे बड़ा चुनाव था, जिसमें एक तरफ नरेंद्र  मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने भाजपा और भारत की राजनीति में अजेय साबित करने के लिए अपने आप को दावं पर लगा रखा था तो दूसरी तरफ लालू-नीतीश अपने अस्तित्व को बचाए रखने लिए लड़ रहे थे. मोदी और शाह की जोड़ी के लिए जहाँ यह दिल्ली के बाद दूसरी बड़ी हार  हैं, वहीं लालू-नीतीश के लिए उम्मीद से बड़ी एक तरफा जीत है और मोदी-शाह की बहुत बड़ी हार. बिहार की सीमाओं से बाहर की राजनीति पर इस जनादेश का क्या असर पड़ेगा यह कहना तो मुश्किल है लेकिन इसका भाजपा की अंदरूनी राजनीति और कुछ हद तक मोदी सरकार पर असर पड़ सकता है.

राजनीति समय पर अपने और अपने दोस्तों के संभावनाओं और सीमाओं को पहचान लेने का खेल है, इसे आप मौकापरस्ती भी कह सकते हैं, 2002 में गुजरात दंगों के समय नीतीश कुमार वाजपेयी सरकार में मंत्री बने रहे, लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को बीजेपी की राष्ट्रीय चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद जेडीयू ने भाजपा से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया था. उधर राम विलास पासवान ने गुजरात दंगों की वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया, इसका उन्हें और भाजपा दोनों को फायदा मिला, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को बिहार की कुल 40 में से 31 सीटें मिली थी जिसमें पासवान की एलजेपी को 6 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को 3 सीटें मिली थीं.पासवान केंद्र सरकार में मंत्री बनाए गये वहीँ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को केवल 2 सीट मिलीं थीं, आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन भी महज 7 सीटों पर सिमट कर रह गयी थी. इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे कर महा दलित नेता जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया,बाद में वे अपने हिसाब से चलते हुए नीतीश कुमार को ही टक्कर देने लगे, मुख्यमंत्री बनने के १० महीनों के बाद जब उन्होंने नीतीश कुमार के लिये पद छोड़ने में आनाकानी की तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। बाद में उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन गये.  

अगस्त 2014 में बिहार के 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ, जिसे 2015 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था। इस चुनाव को लालू-नीतीश-कांग्रेस ने मिल कर लड़ा था जो की सफल रहा और इस गठबंधन ने 10 में से 6 सीटों पर जीत मिली थी  जबकि भाजपा को मात्र 4 सीटें ही मिल पायीं। उपचुनाव में जीत और दिल्ली में आम आदमी पार्टी द्वारा एकतरफा जीत से उत्साहित होकर नीतीश कुमार की जनता दल (यू), लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल और मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी और  जनता परिवार की अन्य  पार्टियों ने विलय के लिए प्रयास शुरू कर दिया था जिससे वे भाजपा के खिलाफ देशव्यापी विकल्प प्रस्तुत कर सकें जो कि विफल रहा, बाद में तो मुलायम सिंह ने बिहार में अलग से  चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया, उपचुनाव में लालू-नीतीश-कांग्रेस का आजमाया हुआ महागठबंधन था तो दूसरी तरफ भाजपा के साथ एनडीए में राम विलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम माँझी शामिल थे.

ऐसा लगता है भाजपा के रणनीतिकारों द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार से सबक न लेते हुए बिहार में भी नकारात्मक अभियान चलाया गया और दिल्ली की ही कई गलतियां दोहराई गयी, बिहार चुनाव को भाजपा ने एक राज्यस्तरी पार्टी की तरह लड़ा और पार्टी के केंद्रीय नेताओं को राज्य स्तर के नेता की जगह पेश किया गया, खुद मोदी को राज्य स्तर के नेताओं के सामने खड़ा कर दिया गया, उनसे 29 सभायें कराई गयीं, इन परिवर्तन रैलीयीं के माध्यम से वे खुद और प्रधानमंत्री के रूप में किये गये कार्यों को लालू–नीतीश के बरअक्स पेश करते रहे और  इसी तरह से केंद्र सरकार के लगभग दर्जन भर मंत्री, दूसरे राज्यों से 500 से ज्यादा की संख्या में पार्टी के नेता और पार्टी अध्यक्ष अमितशाह पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बिहार में स्थायी रूप से जमे रहकर कमान संभाले रहे , 

इसी तरह से बिहार में भी भाजपा का पूरा प्रचार अभियान नकरात्मक रहा, यह कुछ और नहीं  विकास और हिंदुत्व  के घालमेल का पुराना फ़ॉर्मूला था जिसमें गाय, आतंकवाद को नरमी देने और पाकिस्तान जैसे मुद्दों उठाये गये, आरक्षण को धार्मिक रंग देने की कोशिश की गयी. यहाँ तक की चुनाव आयोग को बीजेपी प्रकाशित विवादित विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना पड़ा, एक विज्ञापन में लालू और नीतीश कुमार दलितों और ईबीसी का आरक्षण अल्पसंख्यकों को देने का आरोप लगाया गया ,एक दूसरे विज्ञापन में मतदाताओं को बताया गया था कि आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के नेता एक विशेष समुदाय को खुश करके वोट हासिल करने के लिए आतंकियों को बिहार में पनाह दे रहे हैं। दरअसल यह नरेंद्र मोदी की पुरानी शैली है,गुजरात के समय अपनी चुनाव सभाओं में वे “मियां मुशर्रफ” का जुमला उछालते थे  और तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त जे.एम.लिंगडोह का पूरा नाम जेम्स माइकल लिंगडोह लेकर उन्हें कोसते थे, यह उनका राजनीतिक मेटाफॉर है जिसके सहारे वे बहसंख्यक समुदाय को लामबंद करते आये हैं. इस बार जब उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर वही काम किया तो उनकी खूब आलोचना भी हुई.

लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से संघ के कैडर ने भाजपा के लिए काम किया था, वह बिहार के चुनाव में नज़र नहीं आया, उलटे आरक्षण नीति की समीक्षा को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान ने भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी जो पूरे चुनाव के दौरान एक मुद्दा बना रहा. महागठबंधन की तरफ से लालू-नीतीश इस तरह से मिल कर चुनाव लड़ रहे थे जिससे की एक दूसरे की ताकत से फायदा उठाया सकें और कमजोरियों से नुक्सान भी ना हो, लालू-नीतीश दो स्तरों पर लड़ते हुए दिखाई दे रहे थे, एक तरफ लालू यादव मंडल को केंद्र में रखते हुए भाजपा के लिए ऐजेंडा तय कर रहे थे और ज्यादातर समय भाजपा उसी पर रिएक्ट कर रही थी, दूसरी तरफ नीतीश कुमार की टीम उनके लिए सकारात्मक अभियान चला रही थी जिसमें उनके उपलब्धियों को बताते हुए इस काम को और आगे बढ़ाने के लिए वोट माँगा जा रहा था, नीतीश कुमार ने अपने स्तर पर मोदी से लड़ने के लिए उन्हीं के तौर-तरीकों को आजमाया. 

लोकसभा चुनाव में नरेंद मोदी को सेवाएं दे चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस बार नीतीश कुमार की सेवा में थे. प्रशांत किशोर के “इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी” से जुड़े करीब 300 वालंटियर पटना के स्‍ट्रेंड रोड स्थित मुख्यमंत्री निवास पर नीतीश कुमार के चुनाव अभियान में लगातार सेवाएं दे रहे थे. इस टीम द्वारा “ बिहार में बहार हो, नीतीश कुमार हो” और “झांसे में न आएंगे नीतीश कुमार को जिताएंगे” और “फिर एक बार नीतीश कुमार” आदि नारे  गढ़े, “हर घर दस्तक” जैसे अभियान चलाये गए. “इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी” अभियान का पूरा ध्यान नीतीश की तरफ था, उन्हें महागठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश करते हुए उनके पिछले कामों, विकास और बिहार की ब्रैंडिंग की गयी, खुद नीतीश को एक ब्रांड के रूप में गढ़ा गया, इस तरह पूरा जोर विचार और विचारधारा की जगह नेता को प्रस्तुत करने का था जो की सफल रहा. ओवैसी,मांझी और मुलायम फेक्टर भी बेअसर रहा।

इस महाजीत से नीतीश कुमार किंग और लालू किंग मेकर बन गये हैं, नीतीश के लिए भी अस्तित्व की लड़ाई बन गया है, लालू ने बिहार की राजनीति में अपनी प्रासंगिता एक बार फिर हासिल कर ली है, लेकिन आने वाले चुनौती नीतीश कुमार की है, उनकी पार्टी राजद से कम सीटें लायी है,देखना दिलचस्प होगा कि किस तरह से वे लालू की छत्र-छाया में सरकार चलाते हैं, वैसे भी जनता परिवार में लम्बे समय तक साथ चलने का रिकॉर्ड बहुत ख़राब रहा है.

ऐसा नहीं लगता कि इस नतीजे का भारत की राजनीति पर कोई सीधा प्रभाव पड़ेगा, और ना ही इसे धर्मनिरपेक्षता की जीत की तरह प्रस्तुत किया जा सकता है, मोदी सरकार के यह भाजपा का स्वर्णकाल है, पिछले डेढ़ सालों में वह अपने आप को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर स्थापित करने में काफी हद तक कामयाब रही है. लेकिन जिन राज्यों में उसका मुकाबला सीधे कांग्रेस से नहीं हैं, वहां क्षेत्रीय दलों ने कड़ी चुनौती पेश की है. आने वाले दिनों में भी इसी ट्रेंड के बरकरार रहने की संभावना है.

लेकिन इस हार का असर भाजपा और मोदी सरकार पर पड़ना तय है, दरअसल मोदी काल में  भाजपा का हद से ज्यादा केंद्रीकृत हो गयी है जो उसके लिए एक गंभीर समस्या बन सकती है, ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी और सरकार को तीन ही लोग चला रहे हैं, निश्चित रूप से पार्टी के असंतुष्ट चाहेंगे कि इस हार का ठीकरा मोदी -अमित शाह और माथे ही फूटे, इसे केंद्र सरकार की नाकामियों से भी जोड़ा जाएगा. यह एक ब्रेक है जिससे गुजरात की जोड़ी का भाजपा पर पहले जैसा नियंत्रण नहीं रह पायेगा. 




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जावेद अनीस 
Javed4media@gmail.com



आलेख : नए अवतार में मैगी-स्वाद के साथ सेहत की गारंटी!

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अब ना खाने के दौरान किचकिच होगी और ना ही तैयार करने में आनकानी की जाएगी। आखि़र दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी बाजार में दाखिल हो चुकी है। महीनों का इंतज़ार लोगों को थकाया जरूर लेकिन, लोग खाना पकाते-पकाते पक पाते, उससे पहले मैगी बाजार में आ गई। हालांकि, नेस्ले की मैगी से पहले रामदेव बाबा की ‘विशुद्ध देसी मैगी’ बाजार में पहले ही आ चुकी है मगर, जो कमाल नेस्ले की मैगी का था, वो बाबा की मैगी में कहां? पहले ही दिन स्नैपडील पर 5 मिनट में जिस तरह से 60,000 किट बिक गई, उससे इस बात पर यकीन करने से मना करने की कोई वज़ह भी नहीं है।  

मगर, जरा ठहरिए। अपने और बच्चों की थाली में मैगी परोसने से पहले कुछ बात की पड़ताल कर लीजिए। पांच महीने पहले ही, भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने मैगी को सेहत के लिए ‘जानलेवा’ बता कर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया था। देखते ही देखते कंपनी को सारे उत्पाद वापस मंगाने पड़े थे। तकरीबन 450 करोड़ रुपये का ‘आर्थिक नुकसान’ उठा कर नेस्ले ने अपने उत्पाद को वापस लेते वक़्त भी यही कहा था कि गड़बड़ी उसके उत्पाद में नहीं, उस मशीन में है जिसने जांच कर बताया कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इतना ही नहीं, 30,000 टन तैयार मैगी को नष्ट करना पड़ा था। लंबी कानूनी प्रक्रिया को झेला गया और तब जा कर यह फिर से बाजार में वापस लौटी है। 

मैगी को बाजार से गायब हुए 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि हर मर्ज़ की दवा के रूप में मशहूर बाबा रामदेव बाजार में मैगी के साथ प्रकट हो गए। बाबा की खासियत इस बात में है कि वे स्वभाव से योगी हैं मगर व्यवहार में खांटी कारोबारी हंै। सामान्य शारीरिक क्रियाओं के जरिए स्वस्थ रहने का नुस्खा वे दुनिया को देते हैं और व्यवहार में काला धन से ले कर अकाल तक पर प्रेस कांफ्रेंस कर लेते हैं। दुनियादारी का मोह ऐसा कि बरसों से ‘असुरक्षित’ बाबा को कभी सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ी मगर, कांग्रेस राज में काला धन पर इतना धमाल मचाया कि भाजपा की सरकार में उन्हें जेड प्लस सुरक्षा घेरे में बंद कर दिया गया। अभी हाल ही में अरहर दाल जब लोगों की थाली से गायब होने लगी तो बाबा प्रकट हुए, आयुर्वेद का पाठ याद दिलाया और कहा-अरहर सेहत के लिए खतरनाक है। इससे गठिया रोग हो जाता है। बुढ़ापा बोझिल करना है तो अरहर दाल का सेवन करें वरना, हरी सब्जियां ही इस्तेमाल करें। खानपान के मामले में उनकी आयुर्वेदिक समझ के देशवासी कायल हैं। बाबा, हल्दी, धनिया, मिर्ची सारे मसालों के शहंशाह हैं। नमक बेचना बाकी रह गया है जल्दी ही उसमें भी उनकी दखल हो जाएगी। 

मैगी के बारे में जब बताया कि इससे कैंसर हो सकता है तो बहुत सारे लोग सकपका गए थे। यह सोच कर, कि सरकारी प्रयोगशाला ने उनकी जान बचा ली, वरना इस बार आधी नहीं, पूरी की पूरी आबादी निपट जाती। मगर, उस दौरान भी मैंने बताया था कि एक दो महीने का इंतज़ार कीजिए, मैगी-वही स्वाद और उसी ‘व्यवहार’ के साथ आपकी थाली में होगी। बाबा रामदेव लंबे समय से मैगी को बाजार में उतारना चाहते थे मगर, नेस्ले की मैगी की मौजूदगी में कोई कारोबारी नुकसान ना हो जाए, इसीलिए बाजार में आने से परहेज़ कर रहे थे। नेस्ले की मैगी की बाजार में अनुपस्थिति के बीच बाबा बाजार में जिस तेज़ गति से दाखिल हो गए-यह हज़म होने वाली बात तो नहीं हैं। मगर, धंधा है तो सब कुछ जायज़ ही है। 

मैगी सेहत के लिए कितना सेहतमंद है, इसका फैसला आप करें। इस भरोसे के साथ कि अपने देश की जांच मशीने काम की नहीं हैं। अब देखिए ना, आप देश के अलग-अलग हिस्सों में शारीरिक जांच करवा लीजिए, हर जगह का नतीजा अलग-अलग होता है। कोई भी दूसरे इलाके की जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करता। अब मशीन एक, जांच करने वाला पढ़ा लिखा फिर भी जांच में इतना गंभीर अंतर क्यों? मतलब यह कि जब भी आप किसी मशीनी उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं तो यह ध्यान रखते हुए कि सेहत का खयाल आपकी जिम्मेदारी है। जांच में क्या आता है और जांच पड़ताल के कोई मायने भी हैं, इस पर यकीन करने से परहेज करें। बेहतर हो कि लोकलुभान जानकारियों के झांसे में आने से बचें और जो जमीनी उत्पाद है, उसका सेवन खुद भी करें और बच्चों को भी कराने की आदत डालें। कहीं ऐसा ना हो कि दो मिनट की जल्दबाजी जिंदगी पर भारी पड़ जाए। 



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गिरिजा नंद झा
नई दिल्ली 

चर्चित टीवी स्टार वरूण बडोला नये शो को होस्ट करेंगे

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बिग मैजिक, और 92.7 बिग एफएम दुनिया भर की उन ताजा-तरीन खबरों जिन पर हंगामा मचा है, को व्यंग्यात्मक अंदाज में पिरोकर अपने स्पूफ और काॅमेडिक कंटेंट के बुके से एक और शो लेते हैं खबर का निर्माण किया है, इसका प्रसारण 2 नवंबर से रात 9ः30 प्रत्येक सोमवार को हुआ है। यह तीसरा सफलतम शो है जिसे नेटवर्क द्वारा लाॅन्च किया जा रहा है। ‘लेते हैं खबर‘ शो सप्ताह में दो बार दिखाया जाने वाला एक व्यंग्य होगा। 

अपनी वर्सेटिलिटी और हाजिरजवाबी के लिए प्रसिद्ध अभिनेता वरुण बडोला लेते हैं खबर में न्यूज स्टोरीज की पड़ताल करेंगे, जो सुर्खियों में हैं और उन्हें दर्शकों के समक्ष एक अनूठे व हास्यास्प्रद अंदाज में प्रस्तुत करेंगे। कंटेंट को और अधिक दिलचस्प बनाने के लिए, रोचक पिक्टोरियल्स, वीडियोज और ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल किया जायेगा। शो की विचित्रता को फेक ‘सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट्स‘ से और बेहतरीन बनाया जायेगा और यह दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोट पोट करेगा।

नये शो के विषय में बात करते हुये बिमल उन्निकृष्णन, क्रिएटिव डायरेक्टर, बिग मैजिक ने कहा, ‘‘लेते हैं खबर से हमारा इरादा व्यंग्यात्मक काॅमेडी की विधा में एक कदम आगे जाना है। इस शो में हास्य और करेंट अफेयर्स/प्रासंगिक समाचारों का अपारंपरिक तरीके से संयोजन किया गया है जो न सिर्फ दर्शकों को लोटपोट करेगा बल्कि उन्हें शो के कंटेंट से भी जोड़कर रखेगा। नवोन्मेशी कटेंट शो की खासियत है, हमें भरोसा है कि लेते हैं खबर बिग मैजिक के मनोरंजन और हंसी के क्योशेन्ट को जियेगा और हमारे सभी प्रमुख बाजारों में दर्शकों द्वारा इसे सराहा जायेगा।‘‘

अनेक सीरियलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले अभिनेता वरुण बडोला ने शो के बारे में बताया ‘‘मैं शो में एक वर्सेटाइल चरित्र अदा कर रहा हूं जोकि मेरे असली व्यक्तित्व से बिलकुल अलग है। यह एक व्यंग्यात्मक शो है जिसमें दर्शकों को मेरा हास्यास्पद पहलू देखने को मिलेगा। मुझे दो शोज के बीच संघर्ष करना होगा लेकिन इस शो को मना नहीं कर सकता था क्योंकि इसकी अवधारणा अनूठी है। यही नहीं, मुझे इस नये शो के लिए सप्ताह में सिर्फ एक दिन शूटिंग करनी है, इसलिए मुझे सब कुछ मैनेज करने में आसानी हुई है।‘‘ 

इस शो के लिए प्रमुख बाजारों में मल्टी-मीडिया प्रमोशनल प्लान तैयार किया गया है। इसमें चैतरफा मार्केटिंग कैम्पेन शामिल होगा। चैनल स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर विविध मंचों के जरिये दर्शकों और ट्रेड पार्टनर्स से जुड़ाव बनायेगा।

विशेष आलेख : बिहार तुझे सलाम !

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बिहार विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद हुयी भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी गयी है ,वे हार की वजह नहीं है ,उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है ,हार का मुख्य कारण महागठबंधन के समर्थक वोटों का एक दुसरे को ट्रांसफर हो जाना माना गया और राज्य की बिहार ईकाई से रिपोर्ट तलब की गई ,जिसके बाद हार की वजहों को ठीक किया जायेगा .लोकसभा चुनाव में चली मोदी लहर में भी बुरी तरह हार जाने वाले अरुण जेटली बिहार की बड़ी हार के कारणों का पता लगायेंगे .

एक तरफ हार के बाद ऐसा ठंडा रवैया अपनाया गया है तो दूसरी तरफ पार्टी और उसके सहयोगियों के मध्य घमासान मचा हुआ है ,हारते ही भाजपा की दुश्मन किस्म की दोस्त पार्टी शिवसेना ने इसके लिए नरेन्द्र मोदी को दोषी बता दिया ,पूर्व गृह सचिव रहे पार्टी सांसद आर के सिंह ने भी कई गंभीर आरोप पार्टी नेतृत्व पर लगाये ,उन्होंने तो चुनाव पूर्व टिकट बेचे जाने और अपराधियों को ज्यादा मौके देने तक की बातें उठाई थी .फिल्म अभिनेता और वरिष्ठ भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर जीत की ताली कैप्टेन को तो हार की गाली भी कैप्टेन को ही मिलेगी .सिन्हा ने साफ साफ कहा कि गैर बिहारी पार्टी नेताओं ने आकर बिहार का चुनाव संभाला ,जिन्हें यहाँ का भूगोल तक नहीं मालूम वो चुनाव संचालन कर रहे थे .हम जैसे स्थानीय लोगों को जानबूझ कर दूर रखा गया .हुकुमदेव नारायण सिंह और जीतन राम मांझी मोहन भागवत को दोषी ठहरा रहे है .उमा भारती का सारा आक्रोश शत्रुघ्न सिन्हा पर है कि उनकी साजिशों ने बिहार में बड़ी हार करवा दी है .कुलमिलाकर भाजपा के अन्दर और एनडीए गठबंधन के बाहर महासंग्राम मचा हुआ है .

राजनीती के शोधार्थी ,चुनाव विशेषज्ञ और नेता तथा मीडियाजन तरह तरह के तर्क दे कर इस हार जीत के पक्ष विपक्ष को समझाने की कवायद में जुटे हुए है .बधाईयाँ दी और ली जा रही है .कहा जा रहा है कि बिहार ने मोदी के रथ को ठीक उसी प्रकार रोक लिया है जिस प्रकार मोदी के एक वक़्त के राजनितिक गुरु लाल कृष्ण अडवानी का रथ इसी बिहार के समस्तीपुर में लालू प्रसाद यादव ने रोक दिया था .बहुत सारे लोगों ने इसे कट्टरपंथी ताकतों पर उदारवाद की जीत भी निरुपित किया है ,बहुतों को लगता है कि यह ध्रुवीकरण की हिंसक राजनीती को नकारने का जनादेश है ,कुछेक लोग इन बातों से इतर सोचते है और उन्हें इन चुनाव परिणामों में कुछ भी नया ,क्रन्तिकारी और आशावादिता से भरा हुआ नजर नहीं आता है ,उनके मुताबिक यह परिणाम भी वैसे ही है जैसे कि अन्य चुनाव होते है .

अपनी अपनी जगह हर बात ठीक बैठती है ,फिर तर्क तो वैसे भी किसी के वफादार नहीं होते है ,वे सबके लिए सब जगह काम आते रहते है और फिर राजनीती किन्हीं तर्कों पर टिकी ही कहाँ है ,वह कब तार्किक रही है .जो लोग राजनीती को गणित समझ रहे थे ,उन्हें भी बिहार परिणामों के बाद लगने लगा कि यह एक और एक दो होने का मामला नहीं है .यहाँ एक और एक चार भी हो सकते है और शून्य भी .जिन्हें चुनाव सिर्फ प्रबंधन का मामला लगता था ,वे भी विभ्रम के  शिकार है ,उनका सारा प्रबंधन कौशल धराशायी नजर आ रहा है .बिहार चुनावों ने राजनीती को विज्ञान ,गणित ,तर्क और प्रबंधन से परे की वस्तु बनाने का काम कर दिया लगता है .राजनीती के विद्वतजन फिर से परिभाषाएं गढ़ने का प्रयास करेंगे ,मगर विश्व की सबसे बड़ी मिस्ड कॉल पार्टी की चूलें जरुर हिली हुयी है .अन्दरखाने हाहाकार मचा हुआ है कि महामानव मोदी का तिलिस्म इतना जल्दी कैसे टूट गया है ? शाह और बादशाह की गुजराती केमेस्ट्री का यह हश्र क्योंकर हुआ है .कारणों की खोज जारी है 

भाजपा- संघ ने बिहार जीतने के लिए क्या क्या नहीं किया ? जीतन राम मांझी को पटाया ताकि नितीश कुमार के किले में सेंध लगा कर उन्हें उन्हीं के घर में धराशायी किया जा सके .बेचारे से अलग पार्टी बनवाई .खानदानी राजनीती के आधुनिक प्रतीक रामविलास पासवान को साथ लिया और जातिवादी राजनीती में निष्णात उपेन्द्र कुशवाह से हाथ मिलाया गया ,मुलायम पर सीबीआई का डंडा चलाकर उनको अलग किया गया .कई सारे वोटकटवा कबाड़े गए .इस तरह भाजपा का गठबंधन मैदान में उतरा .अपनी पूर्व स्थापित छवि को पुन स्मरण करते हुए भाजपा ने अधिकांश उम्मीदवार सवर्ण समुदाय से चुने ,वह अगड़ों तथा दलितों की गोलबंदी की कोशिस में लगी ताकि पिछड़ों को पछाड़ा जा सके .मुखौटा भले ही विकास का था मगर असली मुख जाति और धर्म का ही था .ले दे कर वही अगड़ा- पिछड़ा ,गाय -बछडा की बयानबाज़ी चलती रही .प्रधानमंत्री ने अपने स्वाभाविक दंभ में बिहार के डीएनए पर प्रश्न चिन्ह लगाने की भूल कर ही दी ,उनका बिहार को दिया गया पैकेज भी उल्टा ही पड़ा ,उसे बिहार की बोली लगाना समझा गया तथा उससे भी ज्यादा यह माना गया कि यह वोट खरीदने का घटिया प्रयास है .

मोदीजी ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी ,प्रधानमंत्री ने 30 के लगभग रैलियां की तो अमित शाह ने 80 रैलियों को संबोधित किया  .भाजपा गठबंधन के दर्जनों हेलीकाप्टर आसमान में मंडराते रहे ,लाखों की भीड़ भरी रैलियों के ज़रिये भाजपा ने यह भ्रम फैलाया कि उसकी एकतरफा जीत को कोई ‘माई का लाल’ नहीं रोक सकता है पर हुआ उल्टा ‘ मायी के लालु ‘ ने इन रैलियो की हवा निकाल दी .बताया जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में मोदी की रैलियां हुयी ,वहां अधिकतर जगहों पर उनका गठबंधन हार गया ,सबसे मज़ेदार तथ्य तो यह है कि समस्तीपुर जहाँ पर प्रधानमंत्री की सबसे बड़ी सभा हुयी ,उस जिले में एक भी सीट पर भाजपा के उम्मीदवार नहीं जीत पाए .मतलब यह था कि लोग गाड़ियों में भर भर कर लाये जा रहे थे ,उनको मोदी मोदी करना था .स्थानीय वोटर से किसी को कोई लेना देना ही नहीं था .एक हवा बनायीं जा रही थी ,जैसी लोकसभा चुनाव के दौरान बनायीं गयी थी ठीक वैसी ही ,इसमें मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल रहा ,उसने भी तरह तरह के सर्वे ,रायशुमारियां और एक्जिट एवं ओपिनियन पोल कर कर के उसी पूर्व निर्मित हवा को हवा दी ,मगर बिहार की जनता ने सारे अनुमान ,पोल ,सर्वे और अंदाजों को हवा में उड़ा दिया .वे मोदी को देखने तो पंहुचे मगर उनके मन में कहीं नितीश कुमार बसे हुए थे .जब वोट देने का मौका आया तो वो बाहरी मोदी को भूल गए .उन्हें अपना बिहारी बाबु याद रहा और उन्होंने एक ही झटके में बाहरी बनाम बिहारी का मुद्दा सुलझा लिया .

भाजपा की जननी संघ  के पितृपुरुष अतिमानव मोहन भागवत द्वारा आरक्षित वर्गों के विरुद्ध शुरू की गयी मुहिम का भी बिहार की जनता ने भ्रूण नाश कर दिया .भागवत ने आरक्षण की समीक्षा करने का राग छेड़ा ,क्योंकि बिहार में आरक्षण विरोधी तबका पूरी तरह से उनके साथ खड़ा था ,उसे मैसेज देने की कौशिस आर एस एस प्रमुख ने की ,उनके समर्थक उसका फायदा लेते इससे पहले ही लालू ने इसे लपक लिया और उसका ऐसा करारा  जवाब दिया कि भाजपा बैकफुट पर आ गयी ,उसके लिए ना उगलते बना और ना ही निगलते .प्रधानमंत्री तक को कहना पड़ा कि आरक्षण के लिए मैं जान की बाज़ी तक लगा सकता हूँ .पर बिहार की समझदार जनता ने इनकी जान ही निकाल दी और जो बाज़ी बची रही वह परिणामों में हार गए .

यह सही है कि मोदी का तिलिस्म टूट रहा है और यह पहली बार नहीं है .दिल्ली के विधानसभा चुनावों को इसका प्रारम्भ बिंदु माना जा सकता है .उसके बाद उतरप्रदेश में हाल ही में हुए पंचायती राज के चुनाव भी एक संकेत देते है ,वहां पर तमाम साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के बावजूद बसपा ने 80 % जगहों पर कब्ज़ा कर लिया .मोदीजी के गृह क्षेत्र बनारस में भाजपा बुरी तरह से हारी ,यहाँ तक कि जिस गाँव को मोदीजी ने आदर्श गाँव के तहत गोद लिया ,उसका पंचायत प्रधान भी बसपा का बन गया ,गोद लिए गाँव ने भी मोदी को नकार दिया .केरल में वामपंथी गठबंधन ने पंचायत एवं निगम चुनावों में सर्वाधिक स्थान हासिल किये और अब बिहार ने 56 इंच के सीने को सिर्फ 58 सीट पर ला पटका .उनके सहयोगी जीतन राम मांझी की पार्टी से वे ही जीत पाए इस तरह ‘हम’ सिर्फ ‘मैं’ में बदल गयी ,वैसे तो मांझी की नाव उनके पुराने क्षेत्र मखदुमपुर में ही डूब गयी थी ,मगर इमामगंज ने उनकी लाज बचा ली ,वरना हम पार्टी का राजनितिक पटल पर पटाक्षेप ही हो जाता .भाजपा गठबंधन में शामिल सबसे बड़ी वंशवादी पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी की खानदानी राजनीति  का सूरज डूबता नजर आया .खुद पार्टी अध्यक्ष और बेटा संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष फिर भी अपने भाई , भतीजे और दामादों को नहीं जीता पाये पासवान .गजब तो यह भी हुआ कि कट्टरपंथी और बेलगाम भाषा के संघी मुस्लिम संस्करण ओवैशी की पार्टी एमआईएम मुस्लिम बहुल इलाके में भी अपना खाता नहीं खोल पाई .बिहार के हिन्दुओं और मुसलमानों ने मिलकर दोनों तरफ के कट्टरपंथी तत्वों को सरेआम नकार दिया .

बिहार का सन्देश साफ है कि वह सामाजिक न्याय पर आधारित विकास का समर्थन करता है ,उसे विकास का नितीश कुमार मॉडल पसंद है ,वह विकास के गुजराती संस्करण को नकारता है ,उसे दंभ की राजनीती नहीं चाहिए ,उसे गौमांस ,पाकिस्तान और जंगलराज के नाम पर भ्रमित नहीं किया जा सकता है ,वह एक सहिष्णु और सेकुलर भारत का तरफदार है ,उसे हवा हवाई नारेबाजी और कथित विकास की शोशेबाजी प्रभावित नहीं कर सकती है .बिहार की जनता का निर्णय एक परिक्व राजनीतिक फैसला है ,जिसके लिए पूरे देश के सोचने समझने वाले लोग बिहार का आभार प्रकट कर रहे है ,जबकि दूसरी ओर मोदी की साईबर सेना ऑनलाइन गुंडागर्दी पर उतर आई है .चुनाव परिणाम के बाद से ही बिहार और बिहारियों की अस्मिता और स्वाभिमान को जमकर चोट पंहुचायी जा रही है .कोई कह रहा है कि तकदीर बनाते वक़्त खुदा बिहार को भूल गया था ,किसी को लगता है कि जब बुद्धि बंट रही थी तब बिहारी कहीं सोये हुए थे .कोई भक्त कोशी नदी माई से विनती कर रहा है कि इस बार बाढ़ से बिहारियों के घर संपत्ति नष्ट कर देना .किसी कि भगवान से इल्तजा है कि लालू को वोट देने वाले दुर्घटनाग्रस्त हो कर लूले लंगड़े हो जाये .किसी को बिहार के लोग अब लुंगी छाप लगने लगे है ,तो कैलाश विजयवर्गीय टायप के भाजपा नेताओं  को शत्रुघ्न जैसे बिहारी कुत्ते जैसे लग रहे है .अधिकांश नमो भक्तों ने चुनाव परिणाम के बाद  यह लिख कर अपने कलेजे को ठंडक पंहुचायी है कि चलो अच्छा ही हुआ अन्य राज्यों को सस्ती लेबर आगे भी मिलती रहेगी .

पता नहीं बिहार और बिहारियों को कितनी गालियाँ और देंगे मोदी भक्त ? कहीं  बिहार को ललकारना और अधिक भारी ना पड़ जायें उन्हें ? बिहारियों की मेहनत और जिजीविषा का जवाब नहीं है ,वे जहाँ चाहे वहां राहें निकाल लेते है .उनकी राजनितिक समझ भी पूरे  देश की राजनितिक चेतना से अलग और परिपक्व है ,यह वे साबित कर रहे है .नमो भक्त शायद भूल रहे है कि बिहार सिर्फ सस्ते श्रमिक ही नहीं देता बल्कि सबसे ज्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी देता है .यह वही बिहार है जिसने आडवानी की साम्प्रदायिकता का रथ जाम कर दिया था .इसी बिहार के एक सपूत जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र पर हुए आघात का जमकर प्रतिकार करने के लिए आपातकाल के खिलाफ जनआन्दोलन चलाया और लोकनायक बन कर देश को दिशा दी थी .इसी बिहार ने तथागत बुद्ध और महावीर से देश को परिचित कराया था .नालंदा का विश्वविध्यालय क्या सिर्फ कल्पना है ? ये वो ही बिहार है जहाँ के हजारों मुसलमानों ने भारत के बंटवारें के विरुद्ध दिल्ली पंहुच कर प्रदर्शन किया था .बिहार सिर्फ वो ही नहीं है जो आज मीडिया हमें परोसता है ,बिहार एक सांस्कृतिक राजनितिक विचार है ,जो विश्व के जिस भी कोने में जाता है अपने झंडे गाड़ता है .मोदी जी ,उसकी खिल्ली मत उड़ाईये .बिहार कोई खमण ढोकला नहीं है जिसे हर कोई खा जाये .बिहार का एहतराम कीजिये ,बिहारियों के फैसले को सिर माथे से लगाईये ताकि आपकी आगे की राजनीती का रास्ता सुगम हो सके .

बिहार के निर्णय ने साम्प्रदायिकता की अनुदार विचारसरणी को नकारने का रास्ता दिखाया है ,उसने सर्वनाशी विकास की अवधारणा और मजहब आधारित राजनीति  की संभावनाओं को नकारा है और देश को एक दिशा दी है .इसीलिए आज बिहार को सलाम करने का दिल करता है .बिहार से सीखने का मन होता है और बिहार के सन्देश को देशव्यापी बनाने की इच्छा होती है .




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भंवर मेघवंशी
(स्वतंत्र पत्रकार)

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (13 नवम्बर)

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह ग्राम जैत में ग्रामवासियों को दी दीपावली की शुभकामनाएँ

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह ग्राम जैत पहुँचकर ग्रामवासियों से भेंट कर दीपावली की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने 14 लाख 85 हजार की लागत से बने ग्राम पंचायत-भवन का लोकार्पण भी किया। श्री चौहान ने सुबह कुल देवी-देवता तथा माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के कल्याण एवं समृद्धि की कामना की। उन्होंने जन-दर्शन के दौरान ग्रामीणों की समस्याएँ सुनी। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह एवं पुत्र कार्तिकेय चौहान भी उपस्थित थे।

गुर्जर बने संस्कार मंच के उपाध्यक्ष

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सीहोर। शहर के संस्कार, परम्पराओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाए जिला संस्कार मंच का विस्तार करते हुए जिला महामंत्री मनोज राठौर ने युवा समाजसेवी दिलीप सिंह गुर्जर को मंच का जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया है। श्री गुर्जर की नियुक्ति पर बधाई देने वालों में मंच के संरक्षक अखिलेश राय, प्रमोद पटेल, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, प्रदीप समाधिया, प्रिंस राठौर, अतुल तिवारी, सुरेन्द्र रल्हन, प्रदीप सक्सेना, दिनेश चौहान, वीरु वर्मा, नीरज चौरसिया, आशीष गुप्ता, अंकुर रुठिया, हेमंत रुठिया, नीरज धीमान, कृष्णा पांडे, प्रकाश सचिन महोबिया, राजेश कुशवाहा, मनोज विश्वकर्मा, नरेश रैकवार, प्रकाश मालवीय, मनोज कन्नौजिया, लखन ठाकुर, मनीष अग्रवाल, दिलीप राठौर, अरविन्द राठौर, मुकेश खत्री, केशर सिंह बगोरिया, प्रियांशु दीक्षित, राजेश अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, विनोद जैन, सुमित माहेश्वरी, नीरज ताम्रकार, नीरज मेवाड़ा, जितेन्द्र परमार, मदन कुशवाहा आदि शामिल है।

आज से आरंभ होगी अमरजीत सिंह ट्राफी, पहला मैच भोपाल और सीहोर के मध्य

सीहोर। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को मंच देने के लिए प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी जिला क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वाधान में शहर के बीएसआई क्रिकेट मैदान पर स्वर्गीय सरदार अमरजीत सिंह स्मृति में जिला स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ शनिवार से किया जाएगा। इस अवसर पर भोपाल और सीहोर क्रिकेट टीम के मध्य मैत्री मैच के साथ इस प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए डीसीए के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि सरदार अमरजीत सिंह ट्राफी की सफलता के लिए एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत अग्रवाल ने एक समिति का गठन किया है। टूर्नामेंट समिति का अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह वर्मा, मदन कुशवाहा, महेन्द्र शर्मा, चेतन मेवाड़ा, हेमंत केसरिया, नीरज चौरसिया, अमित कटारिया, आशीष शर्मा, मनोज दीक्षित मामा, आशीष मेवाड़ा, कमलेश पारोचे आदि को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया की प्रतियोगिता का आरंभ सुबह नौ बजे किया जाएगा इस अवसर पर खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करने के लिए स्वर्गीय सरदार अमरजीत सिंह की पुत्र बधु श्रीमती अमाल सिंह एवं पौत्र समीर सिंह, देवनजीत सिंह और उनका परिवार उपस्थित रहेगा। अध्यक्षता लक्ष्मीकांत अग्रवाल, विशेष अतिथि के रूप में कलेक्टर सुदाम खाडे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवशेष प्रताप सिंह, सचिव प्रमोद पटेल, एसएन पहलवान, आरआई विजय दुबे, नगर पालिका सीएमओ अमर सत्य गुप्ता, अतुल तिवारी, कोषाध्यक्ष संजय खंडेलवाल, सुरेन्द्र रल्हन, इरफान हुसैन, उल्लास सोलके, अक्षय दुबाने, सचिन कीर, प्रदीप पाहुजा, मनीष जैन, संतोष पांडे, नागेन्द्र व्यास आदि शामिल है।

छतरपुऱ (मध्यप्रदेश) की खबर (13 नवम्बर)

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सहायता राषि स्वीकृत    

छतरपुर/13 नवम्बर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने सड़क दुर्घटना में मृत दो व्यक्तियों के निकटतम वारिस को 15-15 हजार रूपये की सहायता राषि स्वीकृत की है। लवकुषनगर के वार्ड क्रमांक 11 निवासी इलियास सौदागर की सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उसकी पत्नि फरीदा खातून एवं बड़ामलहरा तहसील अंतर्गत ग्राम सूरजपुराखुर्द निवासी छोटे लाल लोधी की मृत्यु पर उसके पुत्र मंगल एवं मातादीन लोधी व पुत्री केषकली लोधी को आर्थिक सहायता राषि स्वीकृत की गई है। 

सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त     

छतरपुर/13 नवम्बर/कलेक्टर एवं जिला रजिस्ट्रार जनगणना डाॅ. मसूद अख्तर ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने एवं अपडेषन कार्य के लिये तत्काल प्रभाव से  सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जिसके तहत जिला योजना अधिकारी राजेष कुमार साकेत को सहायक नोडल अधिकारी एवं जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधक राहुल तिवारी को सहायक नोडल अधिकारी तकनीकी नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्य को समय-सीमा में संपादित कराने के उद्देष्य से सहायक सांख्यिकी अधिकारी एन.के. मौर्य, एम. बक्स, लेखापाल सुरेष कुमार खरया, सहायक ग्रेड-3 राम कृपाल गौंड, के.डी. रावत, नीरज बादल, सहायक षिक्षक उमाषंकर सोनी, भारत भूषण कगदीगर, आॅयल मैन वीरेन्द्र कुमार खरे एवं भृत्य मुन्नी लाल रैकवार तथा राम नाथ अहिरवार की ड्यूटी लगयी गयी है।     

फोटो निर्वाचक नामावली का पुनरीक्षण कार्य षुरू

छतरपुर/13 नवम्बर/भारत निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार 1 जनवरी 2016 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले एवं पूर्व में किन्हीं कारणोंवष छूटे हुये पात्र मतदाताओं के नाम फोटो निर्वाचक नामावली में षामिल किये जाने हेतु 2 से 30 नवम्बर तक दावे-आपत्तियां नियत स्थानों पर प्राप्त की जाना हैं। अतः नामावली में नाम जुड़वाने के इच्छुक व्यक्ति प्रारूप 6 में आवेदन कर अपना नाम निर्वाचक नामावली में षामिल करा सकते हैं। पात्र मतदाताओं से अपील की गई है कि मतदाता सूची में अपनी प्रविष्टी की जांच करें तथा नाम न होने पर निर्धारित प्रारूप में आवेदन संबंधित मतदान केन्द्र में उपस्थित बीएलओ के समक्ष जमा करायें। अप्रवासी भारतीय अपना नाम निर्वाचक नामावली में षामिल कराने के लिये फार्म 6 ए का उपयोग कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट पर प्रारूप मतदाता सूची 2016 उपलब्ध है। मतदाता अपने नाम तथा ईपिक नम्बर के आधार पर वोटर लिस्ट में सर्च सुविधा के माध्यम से अपनी प्रविष्टी दर्ज होने संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ई-रजिस्टेªेषन की सुविधा भी वेबसाइट पर उपलब्ध है। प्रभारी अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सामान्य निर्वाचन डी.पी. द्विवेदी ने बताया कि मतदाता अपने नाम, पिता-पति का नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग आदि प्रविष्टियों में व्याप्त अषुद्धियों में सुधार हेतु एवं अस्पष्ट अथवा ष्याम-ष्वेत फोटो को बदलवाने के लिये नियमानुसर फार्म 8, निर्धारित राषि के बैंक चालान के साथ भरकर बीएलओ को उपलब्ध करा सकते हैं। इसी तरह यदि किसी मतदाता का उनकी जानकारी में नाम उनके निवास स्थान के अलावा अन्य स्थान पर भी मतदाता सूची में दर्ज हो, तो मतदाता स्वेच्छा से घोषणा कर फार्म 7 भरकर अन्य स्थानों से नाम काटे जाने की कार्यवाही करा सकता है। 

अभियान चलाकर आधार कार्ड बनाने हेतु दल गठित

छतरपुर/13 नवम्बर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने 31 दिसम्बर तक आधार कार्ड को अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देष जारी किये हैं। इस क्रम में जिले के षेष लगभग 4 लाख 30 हजार नागरिकों के आधार कार्ड बनाये जाना हैं। अभियान के सफल रूप से क्रियान्वयन के उद्देष्य से स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज बच्चों के आधार कार्ड बनाने हेतु प्रातः 9 बजे से षिविर लगाये जायेंगे। आधार कार्ड आईसेक्ट तथा एमपी आॅन. कम्पनी के आॅपरेटरों द्वारा बनाये जायेंगे। आधार कार्ड के पंजीयन के लिये जिले के कुल 65 स्थानों का चयन किया गया है। इन केंद्रों में विगत् 12 नवम्बर से आधार कार्ड पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो गया है। षासकीय अवकाष के दिनों में भी आधार कैम्प में पंजीयन कार्य किया जायेगा। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने आधार कार्ड पंजीयन कार्य की जिला स्तर पर माॅनिटरिंग के लिये एपीसीएम प्रदीप कुमार खरे 9424714633 एवं सीडीपीओ मकसूद खान 9424715891 को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह विकासखण्ड स्तर पर बीआरसीसी को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोडल अधिकारियों को प्रतिदिन की रिपोर्ट सौंपने के लिये भी निर्देषित किया गया है। कैम्प में निर्धारित संख्या के मान से आधार कार्ड न बनाये जाने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध अनुषासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। 

निःशक्त लाड़ली लक्ष्मी की पूजा से आत्मिक शांति  : संतोष गंगेले  

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छतरपुर -इस संसार में जो भीजींव -जंतु ,मानव है या जो जीवित प्राणी है , वह अपनी मन आत्मा व वाणी को सुख की खोज करता है , सभी प्राणिओ में मानव बुध्दिमान ,ज्ञानी ,विवेकशाील है।   मानव अपने कर्मो ,धर्म ,शिक्षा ,नौतिक व ब्यवहारिक ज्ञान के कारण मानव से महामानव ,महापुरुष व देव स्थान तक पहुँच जाता है।  मानव कानून से अधिक सामाजिक व्यवस्थाओ ,परम्पराओ ,रीति रिवाज ,सामाजिक बंधन से डरता है इसीलिए वह सामाजिक प्राणी कहलाता है।   इस सामाजिक प्राणी को सुबह सूर्य उदय से लेकर विस्तर पर विश्राम तक जाने के बीच प्रतिदिन हजारो सावधानी पूर्वक प्रत्येक शब्दों ,नेत्रों ,कदमो व मन की चंचलता पर काबू रखना होता है।   अन्यथा सावधानी हटते ही दुर्घटना घट जाती है। चरित्र निर्माण व सामाजिक सरोकार साबित करने के लिए व्यक्ति का जीवन है।  मुझे अपनी आत्मा व मन को प्रशन्न रखने के लिए प्रभु ने रास्ता दिया है। में इस रास्ते पर अपनी कठिन परीक्षा के लिए तैयार हूँ।   निःशक्त लाड़ली लक्ष्मी की पूजा से मुझे आत्मिक शांति मिली !  प्रदेश के जो  पत्रकार साथी है ,यदि वहीँ निचले ,दबे कुचले लोगो की मदद करने का संकल्प लेकर पत्रकारिता करने लगे तो भारतीय संस्कृति को बचाया जा सकता है। उपरोक्त विचार गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रदेश अध्यक्ष संतोष गंगेले ने दिवाली पर अपनों के वीच रखते हुए कहा की  हे प्रभु मुझे इसी प्रकार का रास्ता दिखाते रहना जिससे में दीन -हीन ,निर्बल ,असाह ,निःशक्त जानो की मदद कर सकूँ। हर बर्ष की भांति भी इस साल बिकलांग उषा बाल्मीक जो छतरपुर जिला की नौगाव तहसील में पूर्ब नगर पालिका अध्यक्ष श्री अंजुल सक्सेना जी के बंगला में बाजू में ही रहती है। को इन्तजार था , जो ईश्वर की कृपा से उषा के पूरे परिवार को कपड़े ,मिठाई ,दे कर उषा को फूल माला पहना कर समाज की लाड़ली लक्ष्मी की पूजा की। मेरे साथमेरे सहयोगी मित्र व गणेश शंकर क्लब के प्रदेश सदस्य श्री खेम चन्द्र रैकवार [आनंदा पेंटर ]पिपरी भी रहे। समाज सेवा का रास्ता कठिन है। समाज की अनेक बातों को भी झेलना पड़ता है। मै उषा बाल्मीक जो बचपन से अपंग ,बिकलांग है के घर ही दिवाली मनाता हूँ।  उन्होंने कहा की मेरे जीवन के ऐसे अनेक कार्य है यदि उन्हें हमारे देश के पत्रकार ,इलेक्ट्रानिक ,प्रिंट मिडिया समाज के सामने रख दें तो समाज की बिगड़ती स्तिथि में सुधार हो सकता है। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (13 नवम्बर)

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आज से मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान का तुफानी दौरान, 19 नवम्बर तक 28 जनसभाओं को  संबोधित करेगें 
भाजपा प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया के पक्ष में होगी जनसभायें 

झाबुआ । लोक सभा के संसदीय उप चुनाव में भाजपा प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया को प्रचंड मतों से विजयश्री दिलाने के लिये तथा भाजपा की केन्द्र एवं प्रदेष सरकार द्वारा क्षेत्रीय विकास को लेकर किये गये कार्यो की जानकारी जन जन तक पहूंचाने के लिये प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चैहान आज 14 नवम्बर से 19 नवम्बर तक संसदीय क्षेत्र झाबुआ- रतलाम  में 28 स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित कर मतदाताओं से भाजपा की प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया के पक्ष में मतदान करने की अपील करेगें । जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे एवं मीडिया प्रभारी राजेन्द्र कुमार सोनी, कार्यालय मंत्री संजय षाह ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 नवम्बर को मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चैहान 5 जन सभाओं को  संबोधित करेगें । तदनुसार विधानसभा झाबुआ में प्रातः 11 बजे झाझरवा अंधारवाड में दोपहर 12-30 बजे जोबट विधानसभा के बरझर, सैलाना विधानसभा के केलकच्छ,2-30 बजे रावटी एवं दोपहर 3-30 बजे थांदला विधानसभा के खवासा में जनसभाओं को संबोधित करेगें । 15 नवम्बर को रतलाम विधानसभा के बिरमावल में 12-30 बजे पेटलावदा विधानसभा के पारा, दोपहर 1-30 बजे थांदला में, दोपहर 2-30 बजे झाबुआ विधानसभा के कल्याणपुरा में, 3-30 बजे आलीराजपुर विधानसभा के उमराली एवं सायंकाल 5 बजे आलीराजपुर में विषाल जनसभा को संबोधित करेगें।
मुख्यमंत्री 17 नवम्बर को 5 जनसभाओं को संबोधित करेगें । तदनुसार 22-30 बजे आलीराजपुर विधानसभा के छकतला में, 12-30 बजे जोबट विधानसभा के आमुखुट में, 1-30 बजे झाबुआ विधानसभा के पिटोल में, 2-30 बजे सैलाना विधानसभा के सरवन में तथा दोपहर 3-30 बजे रतलाम गा्रमीण विधानसभा के मांगरोद में जनसभा लेगें । 18 नवम्बर को मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह 6 सभा एवं 1 रोड षो में षामील होगें । प्रातः 11 बजे झाबुआ विधानसभा के बोरी में, 12-30 बजे जोबट विधानसभा के बलेडी में, 1-30 बजे पेटलावद विधानसभा के बामनिया में, 2-30 बजे सैलाना विधानसभा के बजरंगगढ में,3-30 बजे रतलाम विधानसभा के मुन्दडी में एवं 4-30 बजे कनेरी में जनसभा में भाजपा के पक्ष में संबोधित करेगें। वही सायंकाल 5 बजे मुख्यमंत्री रतलाम षहर में विषाल रोड षो में षामील होकर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील करेगें व रात्री विश्राम रतलाम में करेगें । मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान 19 नवम्बर को 11 बजे सैलाना विधानसभा के सैलाना मे, 12-30 बजे झाबुआ विधानसभा के कुंदनपुर में,1-30 बजे आलीराजपुर में, 2 बजे पेटलावद विधानसभा के सारंगी एवं 3-00 बजे जामली में विषाल जनसभाओं को संबोधित करेगें । मुख्यमंत्री की विभिन्न सभाओं में प्रदेष के  मंत्रीगण भूपेन्द्रसिंह, अंतरसिंह आर्य, पारसजैन, जगदीष देवडा, उमाषंकर गुप्ता, विधायक रामेष्वर षर्मा,  पूर्व मंत्री महेन्द्रसिंह हार्डिया,श्रीमती रंजना बघेल, रमेष मेंदोला, चेजन कष्यप आदि विभिन्न सभाओं के प्रभारी बनाये गये है। जिला भाजपा ने लोक सभा द्वोत्र के मतदाताओं से अपील की है कि भाजपा प्रत्याषी निर्मला भूरिया को प्रचण्ड विजय दिलानें तथा स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया के सपनों को साकार करने के लिये के भाजपा के पक्ष में मतदान करें तथा प्रदेष के विकास पुरूश मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान की आयोजित सभाओं में अधिक से अधिक संख्या में पहूंच कर सभाओं को सफल बनावें ।

तारा गांव आउंगा-भाजपा ने जिताउंगा- आज व कल जिले में हाटबाजारों में भाजपा के पक्ष में प्रचार करेगें ख्यातनाम गुजराती गायक विक्रम चैहान 

झाबुआ---गुजरात के प्रसिद्ध गायक एवं कई गीतों के माध्यम से आदिवासी संस्कृति एवं लोक गीतों के जन प्रिय गायक विक्रम चैहान अपनी टीम के सथा भाजपा प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया के पक्ष में वातावरण निर्माण के लिये  14 एवं 15 नवम्बर को जिले के विभिन्न अंचलों में अपनी संगीत टीम के साथ भाजपा के पक्ष में अपने गीतों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करेगें । जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि आज 14 नवम्बर को श्री विक्रम चैहान एवं उनकी संगीत पार्टी द्वारा हाट बाजार बामनिया, मेघनगर, रानापुर तथा खवासा एवं थांदला में मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में अपने प्रसिद्ध गीतों की तर्ज पर ’’तारा गांव आउंगा भाजपा ने जिताउंगा’’ तथा दिलो की रानी, भाजपा की दिवानी’’ जैसे मधुर गीतों के माध्यमसे जनता से मुखाबित होगें । 15 नवम्बर रविवार को श्री विक्रम चैहान एवं उनकी टीम पेटलावद, रायपुरिया, झाबुआ, एवं पारा के हाट बाजार में  आदिवासी गीतों की स्वर लहरियों के माध्यम से  भाजपा के पक्ष़्ा में वातावरण निर्मित करेगें । श्री विक्रम चैहान ऐसा जाना माना नाम है जिसकों सुनने के लिये हजारों की संख्या में लोगों में दिवानगी रहती है । ऐसे ख्यात नाम कलाकार द्वारा भाजपा के पक्ष में जिले में दो दिनों तक अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन किया जावेगा । जिले की जनता से इस कार्यक्रम की अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता कर लाभ उठाने की अपील की गई है ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने कल विभिन्न कार्यक्रम में शिरकत की एवं कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में जनसंपर्क किया

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झाबुआ---प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादवजी दोपहर 02 बजे झाबुआ पहुंचे तथा वहां से वे कल्याणपुरा ब्लाॅक में बाबा मकना देव के दर्शन किए एवं उनके जवारे कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री यादव वहां से एक रैली के रूप में जवारे विसर्जन कार्यक्रम में भी सम्मिलित हुए। श्रीयादव ऐतिहासिक गल कार्यक्रम में भी शामिल हुए। श्रीयादव वहां से अंतरवेलिया पहुंचे तथा वहां जाकर गाय-गोहरी पर्व में भाग लिया एवं पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से भेंट की। इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर, मकना भाई निनामा, रवि राठोड, नगर अध्यक्ष गोरव शर्मा, नरेश घोडावत, हंसराज जी पंचाल, कपिल पंचाल, राकेश घोडावत, विलियम भाबर, सूर्या भाई, भारत भाई सेकड़ो कार्यकर्ता साथ थे।

विधायक जयवर्धन सिंह ने झाबुआ जिला के ऐतिहासिक गाय-गोहरी पर्व आयोजन में भाग लिया

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झाबुआ ---विधायक जयवर्धन सिंह ने झाबुआ जिले के एतिहासिक गाय-गोहरी पर्व आयोजन में भाग लिया। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिकों, कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं युवाओं से सौजन्य भेंट की। श्रीजयवर्धन सिंह ने पहली बार इस प्रकार के आयोजन में शामिल होकर अपने आपको गौरवांवित महसूस किया तथा इसे ऐतिहासिक पर्व बताते हुए इससे जुडे संबंधित लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया तथा उन्होने क्षेत्र की खुशहाली के लिए गौमाता से प्रार्थना की। श्री जयवर्धन सिंह ने मंदिर के लोगों के साथ परिक्रमा भी की तथा गाय गोहरी की महत्ता के बारे में जानकारी ली। इस कार्यक्रम के पश्चात श्रीजयवर्धन सिंह, बंटु अग्निहोत्री एवं आशीष भूरिया ने राजवाडा, लक्ष्मीबाई मार्ग, जैन मंदिर, सरदार भगत सिंह मार्ग, चंद्रशेखर आजाद मार्ग आदि जगहों पर जनसंपर्क करते किया तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं एवं युवाओं से भेंट की। इस अवसर पर उनके साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, मनोहर भंडारी, प्रतिक मेहता, गौरव सक्सेना, बबलु कटारा, प्रशांत बामनिया, हर्ष त्रिवेदी, राकेश सोनावा, सहित जिला कांग्रेस पदाधिकारी एवं नगर के कांग्रेस पदाधिकारी उपस्थित थे।

12 वर्षों के कार्यकाल में संसदीय क्षेत्र की कोई एक विशेष उपलब्धि बताए मुख्यमंत्री: सुश्री भूरिया

झाबुआ---श्री शिवराजसिंह चैहान को मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए 12 साल हो गए है, लेकिन 12 सालों से प्रदेश का विकास रूक सा गया है। रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की याद नहीं आई। इन 12 सालों में मुख्यमंत्री ने इस संसदीय क्षेत्र को क्या उपलब्धियां दी। आज पूरे संसदीय क्षेत्र में पीछले 12 वर्ष के राज्य शासन द्वारा विकास की बाट जोह रहा है किंतु मुख्यमंत्री के द्वारा इस क्षेत्र को कोई भी उपलब्धियां नहीं दी गई है। आज लोकसभा उपचुनाव में अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए छोटे-छोटे गांव, मोहल्ले एवं फलियों में भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने अपने सांसद को जीताने के लिए इस तरह गलियों, गलियों में भटकने का कोई भी वाकिया सामने नहीं आया है। आज उन्हें इन गलियों में भटकने को मजबूर क्यों होना पड़ा। इसका जवाब प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने पूछते हुए कहा कि वह अपने आप को मामा कहने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान को भांजे-भांजियों से वोटो की भीख मांगने को क्यों मजबूर होना पड़ रहा है? आज संसदीय क्षेत्र में कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। प्रशासन पूरी तरह से पंगू बना हुआ है। सोसायटियां बंद पडी है गरीबों भांजे-भांजियों को राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है मामा को इसकी याद नही आ रही है। पूर्व में यूपीए सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विधवा पेंशन, वृद्वा पेंशन आदि सेवाएं आज बंद हो चुकी है। अटल योजना कहां गुम हो गई? छात्रों की छात्रवृत्ति का लाभ क्यों नही मिल पा रहा है। मजदूरों को उनकी मेहनत का भूगतान नहीं मिल रही है। शिक्षकों एवं सरपंच द्वारा अपने हक को शांतिपूर्वक मांग करने पर लाठिया मिल रही है। किसानों के अच्छे दिन कब आने वाले है? इन सब सवालों के जवाब मुख्यमंत्री देंवे। सुश्री कलावती भूरिया ने क्षेत्र की जागरूक एवं समझदार जनता से अपील की है कि आपके क्षेत्र में जब भी कोइ मंत्री अथवा मुख्यमंत्री, भाजपा के पार्टी पदाधिकारी आपसे वोट मांगने आवे तो आप उन्हें ये सवाल पूंछे तथा अपने वोट का इस्तेमाल सोच समझ कर करें क्यांेकि भाजपा ने पहले आपसे चिकनी-चूपडी बाते एवं झूठे आश्वासन देकर वोट मांगकर अपने प्रतिनिधि को जीताया था किंतु इन जनप्रतिनिधियों ने आपकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया। क्या आप ऐसे व्यक्तियों को पुनः दौहराना पसंद करेंगे?

कल्याणपुरा आदिमजाति सहकारी संस्था उपाध्यक्ष मनोज गरवाल अपने साथियों सहित भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल

झाबुआ---आज कल्याणपुरा सोसायटी की आदिमजाति सहकारी संस्था के उपाध्यक्ष मनोज गरवाल (पप्पु) ने अपने साथीयों के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। आज स्थानीय गोपाल कालौनी स्थित कार्यालय पर राजगढ विधायक जयवर्धन सिंह, जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया एवं पूर्वजिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार की उपस्थिति में दुपटटा पहना कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवाई। इस अवसर पर ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष बंटु अग्निहोत्री, प्रवक्ता हर्ष भटट, गौरव सक्सेना, प्रशांत बामनिया, बबलु कटार, सोनु सिंगार, पार्षद अविनाश डोडियार, धुमा डामोर, केशव भाबोर, सहित अनेक कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

एक लाख 65 हजार की शराब जप्त

झाबुआ---लोकसभा उपनिर्वाचन 2015 के दौरान अवैध मदिरा पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिले में गठित आबकारी उडनदस्ता के कार्यपालिक स्टाफ द्वारा 6 से 10 नवम्बर तक जिले में 33 छापे डाले गये तथा उक्त छापों में कुल 26 प्रकरण कायम किये गये। प्रकरणो में 823 लीटर देशी, विदेशी व हाथ भट्टी शराब जप्त की गई, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य रूपये 165300/- है।

कामगारो के लिए 21 नवंबर को सवैतनिक अवकाश घोषित

झाबुआ---भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक सभा निर्वाचन क्षैत्र 24 रतलाम के उप चुनाव के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 21 नवम्बर शनिवार को मतदान होगा। श्रमायुक्त, मध्यप्रदेश शासन, इन्दौर के निर्देशानुसार लोक सभा निर्वाचन क्षैत्र 24 रतलाम में कार्यरत कामगारों को निर्वाचन में मताधिकार का उपयोग करने की सुविधा देने की दृष्टि से 21 नवम्बर को सवैतनिक अवकाश घोषित किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये है कि निर्वाचन के दौरान मतदान दिवस को किसी भी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक स्थापना अथवा अन्य किसी स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को मतदान करने हेतु सवैतनिक अवकाश प्रदान किया जायेगा। किन्तु यह निर्देश ऐसे निर्वाचकों पर लागू नहीं होगे जिससे कि उस संस्थान में कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है। उक्त प्रावधान का उल्लंघन करने वाले नियोजकों के विरूद्ध दण्ड के प्रावधान है। निर्वाचन क्षेत्र 24-रतलाम में आने वाले समस्त कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक स्थापना अथवा अन्य किसी स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को मतदान के लिए सुविधा देने की दृष्टि से इनके नियोजको, अधिभोगणो, प्रबंधको को निर्देशित किया गया है कि वे उपर्युक्त प्रावधान का परिपालन अनिवार्यतः सुनिश्चित करे।

अभ्यर्थियों के व्यय रजिस्टर का निरीक्षण व्यय प्रेक्षक द्वारा किया गया

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झाबुआ---लोकसभा उप-निर्वाचन 2015 क्षैत्र रतलाम-24 अभ्यर्थियों द्वारा रखे गये निर्वाचन व्यय रजिस्टर का निरीक्षण 13 नवम्बर को जिलाध्यक्ष के सभा कक्ष में व्यय प्रेक्षक श्री रजनीश यादव द्वारा किया गया। निरीक्षण अभ्यर्थी एवं उनके द्वारा नियुक्त अभिकर्ता के द्वारा करवाया गया। अगला निरीक्षण 16 एवं 19 नवम्बर को व्यय प्रेक्षक की उपस्थ्तिि में होगा।

निर्वाचन ड्यूटी के लिए नियुक्त शासकीय सेवक प्रशिक्षण में अपने 2-2 पासपोर्ट साइज फोटो एवं बैंक पास बुक की फोटो काॅपी साथ में लावे
  • मतदान दलो का द्वितीय प्रशिक्षण 14-17 नवम्बर तक

झाबुआ---लोकसभा उप निर्वाचन 2015 को सुचारू रूप से संपन्न करवाने के लिए शासकीय सेवकों की ड्यूटी जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. अरूणा गुप्ता द्वारा लगाई गई है एवं उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। नियुक्त शासकीय सेवकों के परिचय पत्र बनाये जाने है। इसलिए शासकीय सेवक जब प्रशिक्षण में उपस्थित होवे तो अपने दो-दो पासपोर्ट साइज के फोटो भी साथ में लाये। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन कार्य के लिए मतदान दलों का द्वितीय प्रशिक्षण 14,15,16 एवं 17 नवम्बर को आयोजित किया जाएगा। प्रभारी अधिकारी मानदेय श्री सांकला ने बताया कि नियुक्त शासकीय सेवकों को मानदेय का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाना है। सभी शासकीय सेवक अपनी बैंक पास बुक की छायाप्रति भी साथ में लावें। पास बुक की छायाप्रति में बैंक का नाम, बैंक का आई एफसी कोड एवं बैंक खाता नम्बर स्पष्ट होना चाहिए। ताकि मानदेय के भुगतान में कोई परेशानी ना हो।

मतदाताओ को ईवीएम की जानकारी दी गई
झाबुआ---आज थांदला विधानसभा क्षैत्र में माण्डली तथा मेघनगर में शिविर आयोजित कर मतदाताओं को ईव्हीएम से मतदान करने संबंधी जानकारी दी गई।

छेडछाड के दो प्रकरण पंजीबद्ध 
         
फरियादिया ने बताया कि आरोपी कालु डामोर, निवासी रूपाखेडा ने बुरी नीयत से हाथ पकडा व चिल्लाने पर थप्पड, मुक्कों से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 470/15, धारा 354,323,506 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। फरियादिया ने बताया कि वह दुकान पर बैठी थी। आरोपी दिलीप पिता वरसिंह भुरिया, निवासी कुकडीपाडा का आया व अश्लील बातें करने लगा तथा बुरी नीयत से कमर पकड ली, चिल्लाने पर छोडकर भाग गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 361/15, धारा 354-क, 452 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

मोबाईल की दुकान मे चोरी 
     
झाबुआ---फरियादी देवेन्द्र पिता जगदीश प्रसाद, उम्र 23 वर्ष, निवासी काकनवानी ने बताया कि अज्ञात आरोपी फरि0 की दुकान का सटर खेलकर अंदर प्रवेश कर मोबाईल बेटरिया व मेमोरी कार्ड चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रमांक 226/15, धारा 457,380 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना मे घायल की मोत 
       
झाबुआ---फरियादी धर्मेन्द्र पिता सुखराम, उम्र 40 वर्ष, वार्ड बाॅय जिला चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि देपीबहन पति जुमामल, उम्र 90 वर्ष निवासी मेघनगर की एक्सीडेंट में आयी चोंट के कारण ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्र0 36/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कुए पर सेाया आदमी मृत मिला
    
झाबुआ--- फरियादी पांगला पिता साधु भाबर, उम्र 30 वर्ष निवासी रताम्बा ने बताया कि साधु पिता रसिंह भाबर, उम्र 45 वर्ष निवासी रताम्बा रात्रि में कुुएं पर सोने गया था कि प्रातः देखा तो मरा पडा मिला। मृतक के गले में नाखुन की खरोच व दोनों पैर पर मामुली चोटांे के निशान है। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 53/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

किटनाशक दवाई पीने से मोत
      
झाबुआ--- फरियादी मंगलिया पिता रूपा भुरिया, उम्र 50 वर्ष निवासी छोटी आमली ने बताया कि उक्की पति मुकेश भुरिया, उम्र 28 वर्ष निवासी छोटी आमली की कीटनाशक दवाई पीने से मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में मर्ग क्र0 43/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

तालाब मे डुबने से मोत 
      
झाबुआ---फरियादी अन्नु पिता टिटा निनामा, उम्र 40 वर्ष निवासी बलवन बडी ने बताया कि रसूला पिता सादु निनामा, उम्र 06 वर्ष निवासी बलवन बडी की तालाब के पानी में डुबने से मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्र0 42/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (13 नवम्बर)

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जिले को राहत राशि एक अरब 35 करोड़ प्राप्त हुए, पीडि़त कृषकोें के बैंक खातों में जमा होगी

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अनियमित मानसून वर्षा 2015 के दौरान कीट, इल्ली रोग, सूखा आदि से फसल क्षति से पीडि़त खातेदारो को आरबीसी 6-4 के तहत राहत राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने बताया कि राहत आयुक्त द्वारा जिले को एक अरब 35 करोड़ रूपए आवंटित किए गए है जो संबंधित तहसीलो को पुर्नवंटित किए गए है। जिले के पीडि़त कुल खातेदार 277892 को राशि पुर्नवंटित की गई है। 

घोषणा पत्र
प्राकृतिक आपदा से फसल हानि के मामले में आर्थिक सहायता संबंधी प्रावधानो में संशोधन किया गया है जिसके तहत अब प्रारूप-4 में फसल हानि की अनुग्रह राशि के लिए स्व-घोषणा पत्र भरकर संबंधितों को देना होगा। घोषणा पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि खेती के अतिरिक्त मेरी आय का विकल्प स्त्रोत नही है यदि खेती के अतिरिक्त आय के अन्य समस्त स्त्रोत वार्षिक आय दो लाख रूपए से कम है कि जानकारी अंकित करनी होगी। यदि किसी के द्वारा घोषणा पत्र में भ्रमक, गलत जानकारियां अंकित की जाती है तो संबंधित के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी।

तहसीलवार आवंटित राहत राशि
कलेक्टर श्री ओझा ने बताया कि जिले को राहत आयुक्त द्वारा आवंटित राशि का तहसीलवार पुर्नवंटन किया गया है तदानुसार विदिशा तहसील में सर्वे उपरांत प्रकरणों में सम्मिलित कुल 41545 प्रभावित पात्र खातेदारो को 227530000 रूपए आवंटित किए गए है। इसी प्रकार बासौदा तहसील के प्रभावित पात्र 34214 खातेदारो को 116275000 रूपए, त्योंदा तहसील के 17384 खातेदारो को 61751100, ग्यारसपुर के 15233 खातेदारो को 68822658 रूपए, गुलाबगंज के 14328 खातेदारो को 64549947 रूपए आवंटित किए गए है। कुरवाई एवं पठारी तहसील के कुल 35560 खातेदारो को 204267600 रूपए, शमशाबाद तहसील के 21722 खातेदारो को 96867000, नटेरन के तहसील के 11547 खातेदारो को 122131000, सिरोंज के 50805 खातेदारो को 236291415 रूपए जबकि लटेरी तहसील के 25554 प्रभावित पात्र खातेदारो को 151472956 रूपए आवंटित किए गए है। 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य का आगमन 14 को

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री प्रियंक कानूनगो 14 नवम्बर को विदिशा आएंगे। जिला सत्कार अधिकारी श्री आरपी अहिरवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्री कानूनगो 14 नवम्बर की दोपहर 3.05 बजे विदिशा आएंगे और स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित

महिलाओं के लिए सकारात्मक वातावरण बनाने और सामाजिक गतिविधियों में योगदान करने वालो के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार रानी अवंतिबाई वीरता और राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। पुरस्कार आठ मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदान किए जाएंगे। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री पाठक ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि रानी अवंतिबाई वीरता पुरस्कार ऐसी महिलाआंे एवं बालिकाओं को प्रदान किया जाएगा जिन्होंनेे किसी भी क्षेत्र मंे अदम्य साहस एवं अद्भुत वीरता का प्रदर्शन अपनी जान जोखिम में डालकर किया है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाजसेवा पुरस्कार ऐसी समाजसेवी महिलाओं को प्रदान किया जाएगा जिन्होंने महिलाओं के विकास, कल्याण तथा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। अतः उक्त श्रेणी की महिलाओं के नामांकन, चयन हेतु प्रमाणित दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय में कार्यालयीन दिवसो, अवधि में जमा किए जा सकते है।

मीडिया वर्कशाॅप आज

प्रदेश में 14 नवम्बर को मधुमेह दिवस मनाए जाने के परिपेक्ष्य में जिला स्तर पर एक दिवसीय मीडिया वर्कशाॅप का आयोजन किया गया है कि जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा बीएल आर्य ने बताया कि मीडिया वर्कशाॅप 14 नवम्बर को जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित ब्लड बैंक में प्रातः 11 बजे से आयोजित की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा पत्रकारबंधुओं से आग्रह किया गया कि वे कार्यशाला में शामिल होकर विश्व डायबिटीज दिवस पर जागरूकता के संदेश को प्रसारित करने मंे योगदान देते हुए बहुमूल्य सुझावो से अवगत कराने का कष्ट करंे। 

आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा हिट एण्ड रन के एक प्रकरण मंे आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश मंेे उल्लेख है कि बासौदा तहसील के ग्राम उदयपुर निवासी श्री भोलाराम की मृत्यु ज्ञात वाहन से सड़क दुर्घटना में हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री काशीराम को 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता जारी की गई है।

दो की सेवाएं समाप्ति के आदेश

आंगनबाडी केन्द्रों पर लगातार अनुपस्थित रहने पर दो आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्ति के आदेश एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी गंजबासौदा के द्वारा संबंधितों को जारी किए गए है। परियोजना अधिकारी श्री विवेक शर्मा के द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि ग्राम शिवरामपुर आंगनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता श्रीमती प्रीति तोमर जनवरी 2014 से लगातार अनुपस्थित है इसी प्रकार ग्राम मेहमूदा की आंगनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता कु किरण अहिरवार दिसम्बर 2014 से लगातार अनुपस्थित होने के फलस्वरूप उक्त दोनो कार्यकर्ताओें की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए गए है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (13 नवम्बर)

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दुकान में लगी आग से हडकंप

ऋषिकेश, 13 नवंबर(निस)। नगर के व्यस्ततम मार्ग तिलक रोड पर एक फैन्सी लाईट की दुकान मे आग लग गई। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड ने आग पर काबू किया जिससे बडा हादसा होने से टल गया। आग दुकान केे दोमंजिली छत पर रखे कूढे के ढेर मे लगी। प्राप्त समाचार के अनुसार तिलक रोड पर श्यामपुर निवासी सुमित मल की फैन्सी लाईट की दुकान हैं । जिसकी दूसरी मंजिल पर बेकार सामान रखा था। जिसमे अचानक आग लग गई जिससे आग की लपटें देख आसपास के लोगों मे अफरा तफरी मच गई और लोगों ने दुकान के मालिक को फोन पर सूचना दी। इस बीच दमकल विभाग भी मौके पर पहुंच गया। जिसने आग पर काबू पाया। 

हर्षोल्लास से मनाया गया भाईदूज पर्व 

ऋषिकेश, 13 नवंबर(निस)। कार्तिक की भैया दूज के अवसर पर बहनों ने अपने भाई के मस्तक पर तिलक कर मिष्ठान खिलाते हुए उसकी दीर्घायु की कामना की । ज्ञात रहे कि हिन्दू संस्कृति मंे कार्तिक माह मे दीपावली के उपरान्त भैयादूज का भी काफी महत्व माना गया है। जिसके पीछे हिन्दू संस्कृति मंे कहा जाता है कि यह पर्व यम और यमुना के मध्य अटूट सम्बन्धों के चलते मनाया जाता है। पं0 अनिल द्विवेदी के अनुसार यम और यमुना के बीच काफी प्यार था परन्तु यमुना केा धरती पर आना ही था जिससे वह काफी समय से यम से नहीं मिल पाई जिसे देखते हुए एक दिन यम और यमुना ने कहा कि हमारा मिलन भैयादूज के अवसर पर होगा और वह कार्तिक माह मे एक दिन आया और उस दिन को भैयादूज के अवसर पर मनाया जाता है इस दिन  बहन भाई के मस्तक पर तिलक कर उसके दीर्घायु की कामना करते हुए  वर्ष मे एक बार मिलने का आशीर्वाद प्राप्त किया। और इसी दिन से भैयादूज का पर्व भाई बहन के अटूट सम्बन्धों का प्यार बनकर रह गया है।

पीएम का सूट खरीदने वाले लालजी भाई ने ऋषिकेश के लिया गुरू आर्शीवाद 

ऋषिकेश, 13 नवंबर(निस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पहने गये सूट को खरीदने नीलामी के बीच करोडो मे खरीदने वाले लाल जी भाई ने तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंचकर शीशम झाडी स्थित अपने गुरू का गोवर्धन पूजा के दौरान पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्ञात रहे कि गुजरात के विख्यात व्यवसायी व उद्योगपति लालजी भाई ने स्वामी नारायण आश्रम वैदिक ऋषिकुल मे पहुंचकर आश्रम की तमाम धार्मिक गतिविधियों मे भाग लेते हुए जहां दीपावली का पर्व मनाया वहीं गोवर्धन पूजा में प्रतिभाग कर भगवान श्रीकृष्ण के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए उनसे देश की सुख समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होने स्वामी नारायण भगवान का भी पूजन किया । इस दौरान उन्होने वैदिक ऋषिकुल मे अध्ययन कर रहे छात्रों के साथ मिलकर वेदमंत्रों के बीच विश्व शान्ति व जनकल्याण की कामना करते हुए वैदिक पुराणों व ग्रन्थों का प्रचार प्रसार किये जाने के लिए हर संभव सहयोग दिये  जाने  का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर आचार्य डा0 नारायण प्रसाद भटटराई ने लालजी भाई द्वारा कराई गई पूजा सहित सभी अनुष्ठानों मे अपना सहयोग कर लालजी भाई को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर सामवेदाचार्य पं0 दिलीप कुमार त्रिपाठी, स्वामी सुनील भगत , स्वामी गोपाल भगत, स्वामी नारायण भगत, योगेश , राधे लाल, रंजीत , गोबिन्द, आशीष, अनिकेत, हरिश्चन्द्र, मोर सिंह, सुभद्रा बहन आदि उपस्थित थे। 

छह लाख की धोखाधड़ी का आरोप 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। क्रास रोड निवासी व्यक्ति की ओर से चार लोगों पर छह लाख की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। इस आश्य की शिकायत पीडि़त की ओर से यहां डालनवाला पुलिस में दी गई है। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। पीडि़त व्यक्ति नरेन्द्र कुमार की ओर से स्थानीय निवासी स्वाति अरोड़ा, योगेश अरोड़ा, संजय पुरी और सुमित पुरी पर छह लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। पुलिस ने सभी के खिलाफ षड़यंत्र और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। शिकायत में कहा गया कि रकम ठगने का पता चलने पर जब उसने आरोपियों से अपने पैसे मांगे तो उसे गाली-गलौज के साथ जान से मारने की धमकी भी मिली। 

धारदार हथियार से युवकों पर हमला 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। केदारपुरम एमडीडीए में मामूली बात पर कुछ युवाओं ने दो युवकों पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला बोल दिया। इस संबंध में जहां घायल युवकों को अस्पताल में भरती कराया गया है। वहीं घायलों के परिजनों की ओर से नेहरू कालोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। थाना प्रभारी नेहरू कालोनी मुकेश त्यागी ने बताया कि एमडीडीए केदारपुरम निवासी सोनिया शर्मा की ओर से 10-11 अज्ञात युवकों पर अपने बेटे युग शर्मा और उसके दोस्त अक्षय पर मामूली विवाद के बाद चाकू और खुखरी से जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया कि दोनो युवा घटना वाली रोज एमडीडीए स्थित पानी की टंकी के समीप खड़े थे, इस दौरान हमलावरांे ने विवाद के बाद मारपीट शुरू कर दी। 

वाहनों की टक्कर में एक जख्मी 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। सड़क हादसे में वाहन सवार युवक के घायल होने की खबर है। इस संबंध में जख्मी युवक की ओर से टक्कर मारने का आरोप दूसरे वाहन चालक पर लगाते हुए कैंट पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है।  पुलिस को दी शिकायत में प्रेमनगर निवासी हंसराज जसोरिया ने आरोप लगाया कि तेलपुर निवासी विशाल थापा ने तेजी और लापरवाही से वाहन चलाते हुए उसकी गाड़ी पर टक्कर मार दी। हंसराज की गाड़ी तो क्षतिग्रस्त हुई ही, साथ ही उसके पैरों में गम्भीर चोट भी आई। वहीं पुलिस लाइन निवासी प्रेम सिंह ने डालनवाला पुलिस को दी शिकायत में कहा कि अज्ञात लोग दीपावली वाली रोज परेड मैदान से उसकी बाइक चोरी कर ले गए। 

भैरोघाटी हादसे ने खोली आपदा प्रबंधन की पोल 
  • राहत टीम से संपर्क न होने से बेबस आपदा कंट्रोल रूम

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। राज्य सरकार जहां एक ओर आपदा प्रबंध तंत्र की बेहतरी को बखानती रही है, वहीं हर्षिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुरूवार को हुई सडक दुर्घटना ने राज्य के आपदा प्रबंध तंत्र की कलई खोलकर रख दी है। गुरूवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे हादसा होना बताया जा रहा। जबकि देर शाम राहगीरों ने भैरोघाअी के पांच किमी आगे गंगोत्री जाने वाली सडक पर वाहन के टायरों के रगड़ के निशान देखे तो थाना पुलिस को हादसे होने का अनुमान लगाते हुए सूचना दी। आपदा प्रबंध तंत्र को लेकर अपनाया जा रहा रवैया लचर ही कहा जाएगा कि शुक्रवार दोपहर तक सिर्फ एक महिला का शव खाई से निकाला जा सका था। जबकि खाई में एक पुरूष का शव दिखने की बात सामने आई थी। वहीं वाहन सवार दो अन्य लोगों का शुक्रवार दोपहर तक कुछ पता नहीं चल सका था। राज्य में आपदा प्रबंध तंत्र का चाक चैबंद होना सिर्फ दावों तक सीमित है। आपदा राहत कार्यों को लेकर सरकारी मशीनरी किस तरह अपडेट रहती है, इसकी बानगी तब देखने को मिली, जबकि एनएनआई संवाददाता ने शुक्रवार दोपहर आपदा कंट्रोल रूम के नम्बर पर हादसे की अपडेट जाननी चाही। आपदा कंट्रोल रूम ने टेलीविजन पर चल रही खबरों का हवाला देते हुए कहा कि चार शव निकाल लिए गए हैं। हालांकि कंट्रोल रूम ने खबर की पुष्टि करने से इंकार किया। वहीं इसी समय हर्षिल थाने से बात करने पर पता चला कि पूर्वाहन्न साढ़े ग्यारह बजे तक महिला का शव निकाला जा सका था। जबकि खाई में एक पुरूष का शव दिखाई पड़ रहा है, राहत टीम शव तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। वहीं कार सवार दो अन्य का दोपहर तक पता नहीं चल सका था। सडक मार्ग से खाई की गहराई करीब चार सौ से पांच सौ मीटर बताई गई। सुबह होते ही राहत कार्य शुरू किया गया। हर्षिल थाने के छह, एसडीआरएफ के नौ जवान और आईटीबीपी व सेना के जवानों की भारी टीम खाई में गिरी कार सवार चार लोगों की तलाश में जुट गई थी। हालांकि राहत टीम से मिले दोपहर के अपडेट पर चर्चा करते हुए हर्षिल पुलिस के अनुसार हादसे में किसी के जीवित बचने की संभावना क्षीण मानी जा रही थी। बहरहाल पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर कनेक्टिीविटी की समस्या होने से राहत कर्मियों से संपर्क साधने में परेशानी हो रही थी। वहीं जिस तरह आपदा कंट्रोल रूम की ओर से टीवी देखकर अपडेट बताया गया, उससे सरकार की ओर से राज्य आपदा प्रबंध तंत्र को लेकर जोरशोर से किए जा रहे बखानों को दम तोड़ते माना जा सकता है। यह कोई पहली बार नहीं जबकि दुर्घटना के घंटो बाद भी आपदा प्रबंध तंत्र को सुस्त देखा गया। 

केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद 
  • बाबा केदार की चल विग्रह डोली ऊखीमठ के लिए रवाना 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)।  केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट आज सुबह विधिविधान के साथ पूजा अर्चना के बाद शीतकाल तक के लिए बंद कर दिए गए। केदारमंदिर में सुबह तय समय के अनुसार करीब छह बजे मंदिर के गृभ गृह में विशेष पूजा अर्चना की शुरूआत हुई। चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने पर बाबा को वहां विराजमान किया जाएगा।  उधर यमुनोत्री धाम मंदिर में मुख्य पुजारी की ओर से सुबह ही विशेष पूजा शुरू कर दी गई थी। पूर्वाहन्न मां यमुना की डोली कपाट बंद होने के साथ ही खरसाली स्थित यमुना मंदिर के लिए रवाना की गई। अब शीतकाल तक श्रद्घालु आंेकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार और खरसाली स्थित यमुना मंदिर मंे मां यमुनोत्री के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर समिति के पदाधिकारियों, स्थानीय विधायकगणों के साथ ही दर्जनों श्रद्घालुओं की मौजूद्गी में मंदिर के मुख्य पुजारी ने विधि विधान से पूजा कार्यक्रम संपन्न कराए। बाबा केदार के जयकारों के बीच चल विग्रह डोली को ऊखीमठ स्थित आंेकारेश्वर मंदिर के लिए ले जाया गया। इस दौरान कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों ने भक्ति संगीत की मधुर धुन भी बजाए रखकर माहौल भक्तिमय बनाया। चल विग्रह डोली के रवाना होने के दौरान पूरी केदारघाटी में बाबा के जयकारों का गुंजायमान की ध्वनि बिखरी रही। इसके पूर्व चल विग्रह डोली मंदिर के बाहर आने के बाद एसडीएम उत्तम सिंह चैहान की देखरेख में मंदिर के कपाट पर ताला मार दिया गया। बाबा केदार की चल विग्रह डोली आज शाम तक रामपुर पहुंचेगी। जहां डोली रात्रि विश्राम कर कल सुबह गुप्तकाशी के लिए रवाना हेागी। गुप्तकाशी में शनिवार को रात्रि विश्राम के बाद 15 नवंबर की सुबह डोली आंेकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी, जो कि शाम तक आंेकारेश्वर मंदिर पहुंच जाएगी। विशेष पूजा अर्चना के दौरान डीएम रूद्रप्रयाग राघव लांगर, मंदिर समिति के पदाधिकारियों, विधायकगण समेत सैकड़ों श्रद्घालु उपस्थित रहे। 

ग्रीष्मकालीन बनाम स्थाई राजधानी के मुद्दे पर गुजार दिए 15 साल 
  • आंदोलन के बाद उत्तराखंड पाया, राजनेताओं ने बांट दिया पहाड़-मैदान में 
  • मिशन 2017 पर नजर, गैरसैंण पर निशाना 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। स्थाई राजधानी चयन को लेकर  देखते ही देखते ये पन्द्रह साल कैसे गुजर गए, पता ही नहीं चला। नौ नवंबर 2000 को प्रदेश के गठन के बाद से लेकर के आज तक राज्य की जनता के मन की थाह किसी भी राजनीतिक दल ने शायद ही कभी ली हो। हां इतना जरूर है कि स्थाई राजधानी चयन को लेकर गठित कमेटी ने गैरसैंण को पहले नम्बर पर बताया। इसके बाद भी राज्य की जनता को स्थाई राजधानी नहीं मिल सकी है, मगर भाजपा और कांग्रेस को राजनैतिक रोटियां सेकेने का मौका जरूर मिला।स्थाई राजधानी का मुद्दा समय-समय पर कभी कांगे्रस तो कभी भाजपा के लिए कोढ़ में खाज के समान बनता रहा है। झारखंड और छत्तीसगढ़ नामक राज्य का गठन भी करीब-करीब उत्तराखंड के गठन के समय ही हुआ था। आज जबकि पन्द्रह साल बाद भी उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं मिल सकी है, जबकि झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्या में गठन के सालभर बाद स्थाई राजधानी का चयन हो चुका था। हालांकि दोनों राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों की तुलना में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न हैं। इतिहास गवाह है कि अभी तक आई और गई सरकारों ने जो विकास का खाका खींचा, उसमें देहरादून समेत मैदानी इलाकों को ही तवज्जो दी गई। जबकि मौजूदा हरीश सरकार पहाड़ के विकास के  मद्देनजर काम करने का दावा कर रही है। हालांकि मंजिल फिर भी 2017 से अधिक कुछ नहीं है। फिलहाल राज्य में स्थाई राजधानी के मुद्दे पर पार्टी दो होती दिख रही है। हालांकि शुक्रवार को पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और सूबे के मुखिया हरीश रावत के बीच हुई मुलाकात के मायने यह निकाले जा रहे कि पार्टी नेताओं में बढ़ती दूरियों को किस तरह पाटा जाए। एक ओर कील-कांटा निकालकर कांगे्रस के मुखिया पार्टी को मिशन 2१07 फतेह कराने के लिए जीतोड़ कोशिशें कर रहे। वहीं बीती दिनों वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश के हरिद्वार में स्थाई राजधानी को लेकर दिए बयानों ने कांगे्रस में भूचाल के हालात पैदा कर दिए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के बयानों के अनुसार कांगे्रस पहाड़ के विकास को प्रमुखता दे रही है, से माना जा रहा कि कांगे्रस के मन में भी गैरसैंण को लेकर कुछ न कुछ तो जरूर है। 

भाजपा को माझी की तलाश तो कांगे्रस को असंतुष्ठों की चिंता 
विधानसभा चुनाव 2017 को करीब डेढ़ साल ही बचे हैं। ऐसे में भाजपा और कांगे्रस दोनों में दुविधा अब भी बढ़ी हुई है। उत्तराखंड को लेेकर केंद्रीय नेतृत्व की चिंता बरकरार है कि विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाए। वहीं राज्य कांगे्रस नेतृत्व में भी असंतुष्ठों की चुप्पी को लेकर संदेह बरकरार बताया जा रहा। मंत्रीमंडल के रिक्त पद और मंत्रीमंडल में बदलाव का सोया जिन्न कभी भी जाग सकता है। 

चरमराते यातायात को सरपट दौड़ाएगी पुलिस, यातायात सुचारू बनाने के लिए नई रणनीति बनाई 
  • चार सेक्टर में बांटा शहर के यातायात को सफेद लाइन पार भी अब नो पार्किंग लागू 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। शहर की सडकों पर यातायात व्यवस्था को ढर्रे पर लाने के लिए पुलिस ने एक और नया प्लान आज से लागू किया है। हालांकि प्लान में नया कुछ नहीं, बस पुलिसिंग सख्त किया गया है। इधर शहर में विशेषकर घंटाघर के समीप की सडकों पर यातायात के चरमराते हाल को देखकर हर कोई पुलिस को कोसता था, पुलिस ने घंटाघर को ही यातायात सुधार के लिए केंद्रीत कर नया प्लान लागू कर दिया है। इस प्लान में नयापन यह है कि अब कने चैक से लेकर दून चैक तक भी सडक किनारे नो पार्किंग नियम लागू होंगे। 
हर नए एसएसपी के सामने देहरादून की सडकों पर बलखाते हुए चलने वाली यातायात व्यवस्था में सुधार लाने की चुनौती पहले नम्बर पर रही है। एसएसपी डा. सदानंद दाते को भी इस चुनौती से बखूबी जुझना पड़ रहा है। यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त संख्या में पुलिस बल सडक पर उतारने की रणनीति त्यौहारी सीजन में लागू की। हर गली में पुलिस जवानों की तैनाती वाला फार्मूला सफल रहा, और नतीजन त्यौहारों में सडकें जाम होने की खबर कहीं से नहीं आई। यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए आज से और एक प्लान पुलिस ने लागू किया है। यातायात संचालन के लिए चार सेक्टर निर्धारित किए गए हैं। घंटाघर से बिंदाल पुल, घंटाघर से बहल चैक, घंटाघर से तहसील चैक और कनक चैक से दून चैक। इन चार सेक्टरों में प्रत्येक में एक एसआई और दो सिपाहियों को यातायात सुचारू रखने की जिम्मेदारी दी गई है। ये भी कर्मचारी सुबह आठ बजे से देर रात तक अपने-अपने क्षेत्र में यातायात बाधित करने वाले अतिक्रमण, वाहनों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। इन चारों सेक्टरों के अंतगर्त आने वाली तमाम सडकों पर आज से सफेद लाइन के बाहर भी नो पार्किंग नियम लागू किए गए हैं। नियम तोडने वाले वाहनों  का चालान किया जाएगा। किसी भी तरह कि ठेलियां प्रतिबंधित रहेंगी। दुकानों का सामान बाहर सडक पर दिखाई दिया तो 13३ और 8१ पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। 
                                                                                                                                                    
दून में सक्रिय किशोर अपराधियांे पर कसेगा शिकंजा, सुधर जाओ या सुधार गृह जाओ 
  • स्ट्रीट क्राइम पर लगाम लगाएगी पुलिस की रणनीति, पुलिस ने चिन्हित किए 5१ किशोर  

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। स्ट्रीट क्राइम रोकने के लिए लंबे मंथन के बाद पुलिस अधिकारियों ने आसान से हल निकाला है। हालांकि यह आसान सिर्फ देखने और सुनने में लग सकता है, पुलिस अब इस नए रणनीति के तहत काम पर जुटने जा रही है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि स्ट्रीट क्राइम से जहां शहर की आबोहवा में मानो जहर सा घुला हुआ था, वहीं महिलाओं में भी असुरक्षा की भावना बल पकड़े हुए थी। पुलिस ने फिलहाल ऐसे 5१ किशोर अपराधियों को चिन्हित किया है जो कि या तो नशा तस्करी या फिर मोबाइल-चेन स्नैचिंग मंे शामिल रहे हैं। नाबालिग होने के चलते कानूनी तौर पर पुलिस इनपर सख्त नहीं हो सकती। जबकि अपने चेन स्नैचिंग या फिर मोबाइल छीनने के हुनर में माहिर ये बच्चे महिलाओं में खौफ का पयार्य बन चुके थे। बीती कुछ माह से चेन लूट, मोबाइल छीनने और नशा तस्करी अथवा नशे की गिरफ्त में शामिल नाबालिगों को चिन्हित करने का काम पुलिस ने शुरू किया। ऐसे बच्चों की अलग-अलग सूची बनाई गई, कि आखिर अपराध की दुनिया में कदम रखने का कारण क्या रहा। पुलिस ने पाया कि कम मात्रा में नशा लेने की लत, बड़े तस्करों से कम-कम मात्रा में नशा खरीदकर तस्करी करने की हौड़ में शामिल बच्चे ही अधिकांशतया खर्चा पूरा करने या फिर नशा खरीदने के लिए पर्स-मोबाइल और चेन लूट करने लगते हैं। छोटे-मोटे अपराधों में लिप्त पाए गए चिन्हित किए गए बच्चों की हरकतों पर लगाम लगाने के लिए थाना स्तर पर कदम उठाए जाएंगे। पुलिस मौहल्लों में जाकर लोगों से ऐसे बच्चों के क्रियाकलापों पर नजर रखने और गलत हरकत दिखने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करने की अपील करेगी। वहीं बारमबार स्ट्रीट क्राइम में लिप्त पाए गए बच्चों के अभिभावकों को अपने हौनहारों की हरकतों पर लगाम लगाने की नसीहत भी पुलिस द्वारा दी जाएगी। पुलिस सूत्रों की माने तो नशा खरीदने और बेचने वाले बच्चे ही अधिकांशतया स्ट्रीट क्राइम अंजाम देने की ओर अग्रसर होते हैं। 

ऐसे 51 किशोरों को चिन्हित किया गया है, जो कि पूर्व में कई दफा स्ट्रीट क्राइम अंजाम दे चुके हैं। इनमें अधिकांश नशे के लती हैं और नशा खरीदने के लिए ही मोबाइल-पर्स आदि छीनने की वारदात की है। हाल में हुई कई चोरियों में नाबालिग बच्चे शामिल पाए गए हैं। अभिभावकों को इनकी आदतों में सुधार लाने अथवा बाल सुधार गृह में भेजने की अपील की जाएगी।---अजय सिंह, एसपी सिटी। 

विकासनगर में हाईस्कूल की छात्रा से रेप 

देहरादून, 13 नवंबर(निस)। राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों पर रेप-छेड़खानी के मामले पानी फेरते रहे हैं। कोतवाली विकासनगर के जीवनगढ़ मंे हाईस्कूल की छात्रा से बलात्कार किया गया। स्थानीय छात्रा सुबह ट्यूशन पढकर घर लौट रही थी। इस दौरान जीवनगढ़ निवासी ईशरत अली ने छात्रा को अकेली देख दबोच लिया। गन्ने के खेत में लेजाकर ईशरत ने छात्रा से रेप किया। घर पहुंची छात्रा गुमशुम रहने लगी। दोपहर नाना के पूछने पर उसने आपबीती बता दी। शिकायत मिलते ही पुलिस ने ईशरत को गिरफ्तार कर लिया। बालिका के मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई है। ईशरत ने गुनाह कबूलते हुए पुलिस को बताया कि वह गन्ने का खेत सींचने गया था, जहां उसने अकेली गुजरती छात्रा से जबरन बलात्कार किया। इंस्पेक्टर विकासनगर ने पुष्टि करते हुए कहा कि नाबालिग छात्रा सुबह मौहल्ले में ट्यूशन पढकर घर लौट रही थी। रेप के आरोपी ईशरत अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

भैरो घाटी के निकट कार खाई में गिरी, महिला की मौत, चार लापता

उत्तरकाशी, 13 नवंबर(निस)। बीती देर शाम गंगोत्री जा रही एक कार भैरो घाटी के निकट अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। कार में पांच लोग बताए जा रहे हैं। इनमें से एक महिला का शव रेस्क्यू कर बरामद कर लिया गया है, जबकि चार लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस, आर्मी एसडीआरएफ, प्रशासन व रेस्क्यु टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के मौके पर बीते रोज भटवाड़ी ब्लाक के मांडो गांव निवासी शंकरमणी (45 वर्ष) पुत्र रामेश्वर प्रसाद, शैला देवी (44 वर्ष) पत्नी शंकरमणी, मुखबा के लौंथरु गांव निवासी राकेश सेमवाल (41 वर्ष) पुत्र कमलेश्वर प्रसाद, कमलेश्वरी देवी (35 वर्ष) पत्नी राकेश सेमवाल और मुखबा गांव निवासी देवेन्द्र प्रसाद सेमवाल (37) पुत्र रतन मोहन सेमवाल गंगोत्री यात्रा पर जा रहे थे। गंगोत्री जाते समय सुबह करीब 11 बजे गंगोत्री धाम व भैरो घाटी के बीच कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। शाम करीब 5 बजे जब गंगा की पैदल यात्रा मुखबा के लिए आ रही थी, उस दौरान लोगों ने सड़क के किनारे टायरों के घिसे होने के निशान देखे। लोगों ने गहरी खाई में एक वाहन गिरा देखा। इसकी सूचना लोगों ने पुलिस व प्रशासन को दी। देर शाम अंधेरा होने के कारण रेस्क्यु नहीं चलाया जा सका। आज सुबह पुलिस, आर्मी एसडीआरएफ, प्रशासन व रेस्क्यु टीम ने संयुक्त रेस्क्यु अभियान शुरू किया। साढ़े ग्यारह बजे तक रेस्क्यू टीम ने कमलेश्वरी देवी का शव निकाल दिया। अन्य को निकालने का कार्य जारी बताया गया।

‘‘स्वामी राम मानवता पुरूस्कार 2015‘‘ ‘‘परिवार आश्रम‘‘ के संस्थापक विनायक लोहानी को मिला
  • स्वास्थ्य के  क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाएं सरकार के साथ बनें पार्टनर: मुख्यमंत्री 

utrakhand news
देहरादून, 13  नवम्बर ।  डॉ. स्वामी राम के महासमाधि दिवस पर एचआईएचटी द्वारा सालभर में स्वामी राम मानवता पुरूस्कार दिया जाता है। इस बार यह प्रतिष्ठित श्श्स्वामी राम मानवता पुरूस्कारश्श् 2015 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों पश्चिम बंगाल में अनाथ, आदिवासी और देह व्यापार में लिप्त महिलाओं के बच्चों को आश्रय देने वाले श्श्परिवार आश्रमश्श् के संस्थापक विनायक लोहानी को दिया गया।  इस बार का प्रतिष्ठित ‘‘स्वामी राम मानवता पुरूस्कार‘‘ 2015 प्राप्त करने वाले कोलकाता के  ‘‘परिवार आश्रम‘‘ के संस्थापक विनायक लोहानी को समाज में योगदान के लिए 2011 में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय अवार्ड व द टेलीग्राफ की ओर से ‘‘ट्रू लेजेंट अवार्ड‘‘ प्राप्त विनायक लोहानी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय सलाहकार शिक्षा बोर्ड के सदस्य भी हैं। इस प्रतिष्ठित सम्मान में विनायक लोहानी को संस्थान की ओर से एक स्वर्ण पदक ,प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपये का नकद पुरूस्कार दिया गया।  इसके अलावा संस्थान सहित प्रदेश भर के 780 मेधावी छात्र-छात्राओं को लगभग तीन करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी गयी। वहीँ संस्थान में कार्यरत 25 कर्मचारियों को सर्वश्रेष्ठ कार्मिक पुरुष्कार से भी सम्मानित किया गया।  हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक डॉ. स्वामीराम की महासमाधि की 19वीं वर्षगांठ के अवसर जौलीग्रांट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वामी राम को शत्-शत् नमन किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के परिवार आश्रम के संस्थापक विनायक लोहानी को स्वामीराम मानवता पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने हिमालयन इंस्टिट्यूट व हिमालयन विश्वविद्यालय में कार्यरत कार्मिकों को भी पुरस्कार वितरित किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वामी राम के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यहीं होगी कि उनके द्वारा शुरू किये गये जनकल्याण के मिशन को दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने का काम करें। समाज के वंचित और निर्बल वर्ग के कल्याण के लिए सोचे, उनके लिए काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने हिमालयन इंस्टिट्यूट सहित अन्य संस्थाओं का आह्वान किया कि वे सरकार के साथ एक पार्टनर की भूमिका में आगे आये। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए एक-एक जिले में ऐसी संस्थाएं सहयोगी के रूप में सरकार के साथ काम करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज भागीदार का समय है, सरकार और समाजसेवा से जुड़ी संस्थाओं को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा, तभी समाज में एक बदलाव आयेगा।  उन्होंने कहा कि स्वामी राम ने जिस कल्पना के बल पर यह संस्थान खड़ा किया था, उसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा सेवा के माध्यम से मानव सेवा करना था। हिमालयन इंस्टिट्यूट द्वारा कैंसर संस्थान की स्थापना कर सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सरकार हल्द्वानी में भी कैंसर यूनिट की स्थापना कर रही है, जो अत्याधुनिक सुविधाओंयुक्त हो। स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय हमें प्रेरणा देने का काम करता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री रावत ने इससे पूर्व स्वामी राम सेंटर में पहुंचकर ब्रहा्रलीन डॉ. स्वामीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामीराम भविष्यदृष्टा थे। उन्होंने मानव कल्याण के लिए जो कार्य किये है, उनके लिए उन्हें सदैव याद किया जाता रहेगा। वहीँ इस बार का प्रतिष्ठित ‘‘स्वामी राम मानवता पुरूस्कार 2015 प्राप्त करने वाले कोलकाता के  ‘‘परिवार आश्रम‘‘ के संस्थापक विनायक लोहानी ने कहा कि एक व्यक्ति को मानवता की भलाई व अच्छे कार्य के लिए कोई संस्था खोलने की जरुरत नहीं है। समर्पण तथा लगातार म्हणत का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। कार्य क्षमता और आदर्श काफी मायने रखते हैं। हिमालयन इंस्टिट्यूट संस्थान के अध्यक्षीय समिमि के सदस्य डॉ. विजय धस्माना ने स्वामी राम से जुड़े संस्मरण व्यक्त किये। साथ ही हिमालयन इंस्टिट्यूट व हिमालयन विश्वविद्यालय के कार्यकलापों की जानकारी दी। श्री धस्माना ने बताया कि संस्थान द्वारा इस वर्ष 780 निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं को लगभग तीन करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। कार्यक्रम में विधायक ऋषिकेश प्रेमचंद अग्रवाल, प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. उमाकांत पंवार, पद्यश्री डॉ. आर.के.जैन, वैद्य बालेन्दु, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना, हिमालयन इंस्टिट्यूट के डॉ. विजय धस्माना, डॉ. मोहन स्वामी, विक्रम चैधरी, डॉ. सुनील सैनी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान स्वामी राम साधक ग्राम आश्रम के प्रमुख आध्यात्मिक निर्देशक स्वामी ऋतुवान भारती द्वारा लिखित ‘‘एट द फीट ऑफ हिमालयन मास्टर‘‘ पुस्तक के खंड छह का भी मुख्यमंत्री द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद हजारों लोगों के संस्थान द्वारा आयोजित भंडारे में शिरकत की।

भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति की बैठक 14 नवंबर को

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  • चुनावी समीक्षा के अलावा आंदोलनों को आगे बढ़ाने पर होगी बात

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पटना 13 नवंबर 2015,भाकपा-माले बिहार राज्य स्थायी समिति की एक दिवसीय बैठक कल 14 नवंबर को पार्टी राज्य कार्यालय में आयेाजित होगी. बैठक में पार्टी राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, अमर, केंद्रीय कमिटी सदस्य रामजतन शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद, मीना तिवारी, केडी यादव, शशि यादव, सरोज चैबे, रामेश्वर प्रसाद, काॅ. महबूब आलम, राजाराम सहित कई नेता भाग लेंगे.

बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले और वामपंथी पार्टियों के प्रदर्शन और आगामी आंदोलनात्क कार्यभार की योजना पर बातचीत होगी.

म्यांमार में सू की पार्टी को मिला बहुमत

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यांगून 13 नवम्बर, म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी को संसदीय चुनावाें में बहुमत मिल गया है, चुनाव आयोग ने आज यह जानकारी दी। सू की पार्टी को बहुमत मिलने पर अब यह पार्टी नया राष्ट्रपति चुन सकती है। मतों की गिनती अभी भी जारी है। म्यांमार की संसद के 664 सदस्यीय दो सदनों के लिए जरूरी बहुमत एनएलडी ने हासिल कर लिया है और पार्टी ने बहुमत के जादुई आंकड़े 329 को पार कर लिया है। देश में 25 वर्ष बाद पहली बार गत रविवार को हुए स्वतंत्र चुनाव में एनएलडी को बहुमत से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है। 

म्यांमार पर लगभग आधी शताब्दी से सेना का शासन रहा है और 2011 से वहां अर्धसैनिक तथा नागरिक सरकार है, जिसने 2015 का चुनाव निष्पक्षता के साथ कराया है। देश के राष्ट्रपति एवं सेनाध्यक्ष की ओर से फेसबुक पर जारी वक्तव्य में सुश्री सू की को बधाई दी गई है और चुनाव परिणाम का सम्मान कर सरकार बनवाने का वादा किया गया है। 

म्यांमार के इस चुनाव ने सैनिक अधिकारियों की पार्टी यूनाइटेड साॅलिडरिटी डेवलपमेंट पार्टी का सफाया कर दिया है लेकिन चुनाव में सफाये के बावजूद म्यांमार के सुरक्षा बलों का संसद की 25 प्रतिशत सीटों के माध्यम से दबदबा बना रहेगा। मनोनयन से भरी जाने वाली ये सीटें सेना के उन अधिकारियों के लिए हैं, जो चुनाव नहीं लड़ सके। अांग सान सू की का किसी संवैधानिक पद पर पहुंचने का रास्ता 2008 के संविधान के चलते अवरुद्ध है। वह अपने दोनों बेटों की विदेश नागरिकता के कारण चुनाव नहीं लड़ सकतीं।

राजद विधायक दल का नेता चुनने के लिए लालू को किया गया अधिकृत

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पटना 13 नवम्बर, राष्ट्रीय जनता दल के नवनिर्वाचित विधायकों की आज हुई बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया गया । 16 वीं बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित राजद विधायकों की यहां हुई पहली बैठक में प्रस्ताव पारित कर श्री यादव को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया गया । इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी उपस्थित थीं । बैठक के बाद श्री यादव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए उन्हें अधिकृत कर दिया है । 

उन्होंने बताया कि कल अपराह्न एक बजे श्रीमती राबड़ी देवी के आवास पर राजद विधान मंडल दल की फिर बैठक होगी और इसके बाद वहीं से सभी विधायक मार्च करते हुए महागठबंधन की विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जायेंगे । श्री यादव ने बताया कि बैठक में एक अन्य प्रस्ताव पारित कर श्री नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुनने के लिए अनुशंसा की गयी है । गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में राजद के कुल 80 विधायक चुनकर आये हैं । राजद इस बार विधानसभा में सबसे बड़ा दल है ।

हिन्दुत्व के प्रचार के लिए नयी पार्टी का गठन

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चेन्नई, 13 नवंबर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वर्तमान और पूर्व प्रचारकों के एक समूह ने हिन्दुत्व के प्रचार- प्रसार और कई हिन्दू संगठनों को एक साथ लाने के वास्ते एक नयी राजनीतिक पार्टी भारतीय विकास शक्ति (बीवीएस) का गठन किया है। बीवीएस के राज्य इकाई के अध्यक्ष एम. राममूर्ति ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि वर्तमान में इस पार्टी में 11 संगठन शामिल है और सभी अभियानों का मार्गदर्शन संघ के पूर्व विचारक के. एन. गोविंदाचार्य करेंगे जबकि राज्य में इनका नेतृत्व ए. चैत्यानंद करेंगे। श्री चैत्यानंद भी संघ में रह चुके हैं। 

श्री राममूर्ति ने भाजपा की राज्य इकाई पर हिन्दुत्व के मूल को भुला देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सभी छोटे संगठनों को एकजुट करने की आवश्यकता है और इसीलिए इस पार्टी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि 1989 से अब तक विभिन्न हिन्दू संगठनों के कम से कम 45 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं लेकिन यहां भाजपा ‘हिंदुत्व’ शब्द तक बोलने से परहेज कर रही है। बीवीएस शीघ्र अपना पहला सम्मेलन कोयम्बटूर में आयोजित करेगी।

आर के सिंह ने आडवाणी, जोशी के बयान का समर्थन किया

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नयी दिल्ली , 13 नवम्बर, बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे भारतीय जनता पार्टी सांसद आर के सिंह ने मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी तय करने संबंधी बयान का समर्थन किया है । श्री सिंह ने एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में कहा कि मार्गदर्शक मंडल का काम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सलाह देना है और उन्हें जो काम सौंपा गया था, वह उन्होंने किया । उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में भाजपा की पराजय की जिम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिये तथा चुनाव परिणाम की समीक्षा की जानी चाहिये ताकि पता चले कि गलती कहां हुई ।

पूर्व गृह सचिव रहे श्री सिंह ने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा के 157 उम्मीदवारों में से 95 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे । इनमे से 60 प्रतिशत पर हत्या , बलात्कार , अपहरण और जबरन वसूली जैसे गंभीर आरोप थे । उन्होंने कहा कि हम साफ सुथरी सरकार देने की बात करते हैं और टिकट अपराधियों को देते हैं । ऐसे प्रयासों से बिहार में पार्टी की छवि को झटका लगा है । उन्होंने अपराधी पृष्ठिभूमि के लोगों को टिकट दिये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि विशेश्वर झा नामक एक व्यक्ति भाजपा का टिकट पाने में सफल रहा, जिसके खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं। इनमें से 10 मामले हत्या के प्रयास के हैं । उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर उन्होंने मामले को उठाया था लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया ।
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