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बिहार आलेख : बिहार में जदयू का मुख्यमंत्री और राजद की सरकार

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बिहार में नई सरकार का चेहरा क्या होगा, यह अभी से कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस प्रकार से राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। उससे लालू प्रसाद यादव बड़े भाई की भूमिका में रहेंगे और नीतीश कुमार को छोटे भाई का रोल निभाना पड़ेगा। महागठबंधन में चूंकि नीतीश कुमार पहले से मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित हो चुके हैं, इसलिए मुख्यमंत्री पद के लिए तो स्थिति साफ कही जा सकती है, लेकिन मंत्री बनाने में पूरी तरह से लालू प्रसाद यादव की ही चलेगी। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री भले ही जनता दल यूनाइटेड का बन जाए लेकिन पूरी सरकार राष्ट्रीय जनता दल की ही बनेगी।

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बिहार विधानसभा के चुनाव परिणामों ने एक जबरदस्त सबक दिया है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को जो आशा इन चुनावों में दिखाई दे रही थी, वह एक झटके में ही चकनाचूर हो गई। भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन पहले से भी काफी कमजोर साबित हुआ। वास्तव में बिहार के परिणामों ने राजनीति के धुरंधरों ने आईना दिखाया है। अब भारतीय जनता पार्टी को निश्चित रूप से आत्ममंथन की मुद्रा में आ गई है। जो उसे करना भी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो भविष्य में क्या परिणति होगी, यह अभी से तय दिखने लगा है।

बिहार में जिस प्रकार के धमाकेदार चुनाव परिणाम आये हैं, उससे भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों को खुशियां मनाने का अवसर दे दिया है। जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक प्रतिष्ठा का पर्याय बने इस चुनाव परिणाम ने उनके कद को बहुत बड़ी राजनीतिक शक्ति प्रदान की है। इससे अब यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या आगामी लोकसभा के चुनाव में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक चुनौती बनकर आएंगे। सवाल यह भी आता है कि क्या बिहार की हार नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत हार है।

बिहार विधानसभा के चुनाव परिणामों ने भले ही राष्ट्रीय जनतादल के मुखिया लालू प्रसाद यादव और जनतादल यूनाइटेड के नीतीश कुमार को राजनीतिक शक्ति प्रदान की हो, लेकिन जिस प्रकार से इनको सफलता प्राप्त हुई है। वह स्थिति लोकतंत्र के लिए घातक है। इसके बारे में लोकतांत्रिक विश्लेषण किया जाए तो यही सामने आता है कि बिहार के चुनाव में लोकतंत्र पर जातितंत्र का बोलबाला दिखाई दिया। जातिवाद के उभार के चलते यह माना जा सकता है कि बिहार में लोकतंत्र की हार हुई है। जातिवाद के आधार पर यादव और मुसलमानों का वोट लालू और नीतीश को मिला। इसी के चलते महागठबंधन को सफलता हासिल हुई है। यह संकेत लोकतंत्र के लिए घातक ही साबित होगा।

यह सभी को पता है कि लालू प्रसाद यादव एक अपराधी हैं, बिहार की जनता ने लालू को राजनीतिक ताकत देकर एक प्रकार से अपराधी को समर्थन दे दिया है। राजनीतिक क्षेत्र के विद्वानों द्वारा कहा जा रहा है कि लालू और नीतीश ने जब दुश्मनी की तो उसमें दोस्ती की गुंजाइश कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी, लेकिन आज गहरी मित्रता का प्रदर्शन कर रहे हैं। मतलब उनकी दोस्ती वर्तमान में तो गहरी से भी गहरी प्रदर्शित हो रही है। उनकी दोस्ती में आगे भी यह गहराई बनी रहेगी, इस पर अभी से सवाल उठने लगे हैं। पर यह केवल सवाल ही हैं और केवल सवाल बनकर ही रह जाएंगे। वर्तमान में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल व्यक्तिगत रूप से सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आई है। ऐसा माना जा रहा है कि लालू और उनके परिवार के लिए एक नई रोशनी का सूत्रपात हुआ है। उनको जनता ने फिर से लोकतांत्रिक संजीवनी प्रदान कर दी है।

बिहार में नई सरकार का चेहरा क्या होगा, यह अभी से कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस प्रकार से राष्ट्रीय जनता दल ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। उससे लालू प्रसाद यादव बड़े भाई की भूमिका में रहेंगे और नीतीश कुमार को छोटे भाई का रोल निभाना पड़ेगा। महागठबंधन में चूंकि नीतीश कुमार पहले से मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित हो चुके हैं, इसलिए मुख्यमंत्री पद के लिए तो स्थिति साफ कही जा सकती है, लेकिन मंत्री बनाने में पूरी तरह से लालू प्रसाद यादव की ही चलेगी। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री भले ही जनता दल यूनाइटेड का बन जाए लेकिन पूरी सरकार राष्ट्रीय जनता दल की ही बनेगी। इसमें नीतीश के नहीं मानने पर लालू दबाव की राजनीति भी कर सकते हैं जिसे नीतीश को स्वीकार करना ही होगा। ऐसे में नीतीश कुमार का अपनी ही सरकार पर कितना नियंत्रण होगा, इस पर सवाल भी उठने लगे है। वैसे सीटों के हिसाब से लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री का पद मांगे तो यह उनका जायज अधिकार बनता है। अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो सरकार तो उनकी बनेगी ही यह तय माना जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन की बात की जाए तो यही बात सामने आती है कि उसकी दुर्गति में सहयोगी दलों का बहुत बड़ा हाथ है। भाजपा ने अपने सहयोगी दलों पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करके बहुत बड़ी भूल की। सहयोगी दलों के बेहद खराब प्रदर्शन का असर ही भाजपा को ले डूबा। भाजपा ने जिस तुलना में सहयोगी दलों को सीटें दीं थी उसके अनुपात में उनका प्रदर्शन नहीं रहा। भाजपा ने जो सीटें प्राप्त की हैं उसमें उसका खुद का प्रदर्शन ही है। सहयोगी दलों में शामिल जीतनराम मांझी पूरी तरह असफल साबित हुए हैं, मांझी खुद एक जगह से चुनाव हार गए, इसके अलावा उपेन्द्र कुशवाह भी अपनी पार्टी के लिए एक विधायक तक नहीं बनवा सकी। भारतीय जनता पार्टी की रैलियों में जिस प्रकार की भीड़ देखी जा रही थी, उससे भाजपा को यह गुमान हो गया था कि इस भीड़ के सहारे भाजपा को सत्ता मिलेगी, लेकिन भाजपा यह भूल गई कि भीड़ तो भीड़ ही होती है, उसके सहारे चुनाव नहीं जीते जाते। खैर अब भाजपा को यह तय करना होगा कि वह अतिविश्वास के दायरे से बाहर निकल कर आम जनता की भावनाओं को समझे और हवाई किले बनाने से परहेज करे।




सुरेश हिन्दुस्थानी
09455099388

करन ने वर्कआउट के लिए सेट पर ही जिम बनवा लिया

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टेलीविज़न से बॉलीवुड तक का सफर तय करने वाले कलकार करन सिंघ ग्रोवर इनदिनों अपनी आगामी फिल्म हेट स्टोरी 3 को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। करन अपनी फिटनेस का बहुत ही ख़ास ख्याल रखते हैं। दिन भर की रूटीन में कुछ भी छूट जाए लेकिन करन अपना वर्कआउट बिलकुल नहीं छोड़ सकते। फिल्म 'हेट स्टोरी 3'के प्रमोशन के लिए काफी शहरों में टूर करना पद रहा है, साथ हि कारन इनदिनों अपने आगामी फिल्म 3देव के लिए माउंट आबू में शूटिंग भी कर रहे हैं। शूटिंग के वक़्त भी करन अपना वर्कआउट नहीं छोड़ना चाहते इसीलिए उन्होंने अपनी प्रोडक्शन टीम से गुज़ारिश करके अपने शूट के लोकेशन पर ही  जीम सेट उप करवाया है।

इस बारे में बताते हुए कारन ने कहा है 'मै अपने वर्कआउट को लेकर काफी सक्त हूँ।  अपने अपना वर्कआउट किसी भी हाल में नहीं छोड़ता। मै जहां कहीं भी जाता हूँ अपने वर्कआउट का कुछ न कुछ उपाय निकल ही लेता हूँ। माउंट आबू के सेट पर मुझे वर्कआउट के लिए जगह नहीं मिल पा रही थी  इसीलिए मैंने अपने प्रोडक्शन टीम से गुज़ारिश की वो मेरे लिए एक छोटा सा जीम सेट उप कर दे। मेरे बात को गंभीरता से लेते हुए मेरे प्रोडक्शन टीम ने फ़ौरन सेट पर टेम्पररी जिम  सेट लगवा दिया।' 

बिग मैजिक और 92.7 पर नया शो ‘जी सरजी‘

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बिग मैजिक, ने अपने कंटेंट के विविधीकृत बुके से एक और खोजपरक काॅन्सेप्ट को लाॅच किया है। इस शो का नाम है ‘जी सरजी‘। इसका प्रसारण 11 नवंबर से प्रत्येक बुधवार और गुरूवार रात 10 बजे बिग मैजिक पर और बुधवार, गुरूवार रात 9 बजे 92.7 बिग एफएम पर किया जायेगा। अभिनेता अनूप सोनी दर्शकों को हास्यप्रद यात्रा पर ले जायेंगे। वे माजकिया स्केचेज के रूप में प्रोफेशनल वर्क सेट-अप में रोजमर्रा की शरारतों को सामने लायेंगे जोकि बाॅस और उनके अधीन काम करने वाले लोगों के बीच संबंधों पर फोकस करती हैं। इस शो में कई अन्य कलाकार भी होंगे जोकि अधीनस्थ का किरदार अदा करेंगे जो अमूमन अपने संबंधित बाॅसेस की सनक एवं मर्जी का शिकार होते हैं। शो में अधीनस्थ का चरित्र अदा करने वाला एक लोकप्रिय नाम है गौरव शर्मा हैं। 

शो के विषय में अनूप सोनी ने कहा, ‘‘दर्शकों ने मुझे छोटे पर्दे पर ज्यादातर गंभीर भूमिकायें निभाते हुये देखा है। लेकिन जी सरजी के साथ, उन्हें मुझे एकदम अलग अवतार में देखने का मौका मिलेगा। हम शो में विभिन्न काॅमेडी स्केच दिखायेंगे जिसमें मैं बाॅस का किरदार अदा कर रहा हूं। इसका सबसे अच्छी बात यह है कि प्रत्येक काॅमेडी स्केच दूसरे से अलग होगा फिर भी ‘बाॅस बनाम सब आॅर्डिनेट‘ की थीम बरकरार रहेगी। यह पहली बार है जब मैंने व्यंग्यात्मक काॅमेडी शो में काम किया है, और इससे अपने कौशल को भरपूर सामने लाने में मुझे मदद मिलेगी। मुझे प्रोमोज की शूटिंग करने में बहुत मजा आया और दर्शकों को इन प्रोमोज को देखकर यह आइडिया हो गया होगा कि मनोरंजन के बिंदु से हम उनके लिये क्या प्रस्तुत करने जा रहे हैं।‘‘

‘जी सरजी‘ के प्रत्येक एपिसोड में कई स्केचेज दिखाये जायेंगे, सभी एक प्रोफेशन, अलग-अलग तरह के बाॅसेस और उनके व्यवहार पर फोकस करेंगे। अनूप सोनी को बाॅस की भूमिका में देखने का मौका मिलेगा जिसे अविवेकी, दुखी, मूर्ख, असुरक्षित आदि होने के लिए ओसीडी की समस्या है। यही नहीं, वे विभिन्न प्रकार के प्रोफेशन में बाॅसेस बनेंगे। जैसे कभी काॅर्पोरेट एक्जीक्यूटिव तो कभी सरकार बाबू और यहां तक कि ट्रक ड्राइवर भी!

विचार : पेरिस हमला महाशक्‍तियों के लिये चुनौती

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अंतराराष्‍ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस ने आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ अब तक सबसे मुखर रहे फ्रांस पर एक बार फिर बड़ा हमला कर समूची दुनियां को चुनौती दी है ।ये चुनौती रूस और अमेरिका समेत उन धनी और मजबूत देशों के लिये भी है जो आतंकवाद और उग्रवादी संगठनों के नाम पर बड़े अभियान तो संचालित करते हैं लेकिन भीतर से एक जुट नही हैं ।सचमुच आईएसआईएस की बढ़ती ताकत विचलित कर देने वाली है ,वह भी तब जब अमेरिका और उसके साथी देश करीब दो दशकों से तमाम देशों मे लोकतंत्र की बहाली और उग्रतेवर वाले गुटों के खातमे मे लगे हैं ।जबकि भारत के प्रधानम़त्री मोदी बराबर अनेक मंचों से महाशक्‍ितयों से आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों मे अच्‍छे बुरे  का फर्क नही करने की अपील करते रहें हैं । लश्कर और अलकायदा के बाद आतंक का नया और सबसे खौफनाक चेहरा है आईएसएस। पहले न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर फिर मुंबई पर आतंकी हमला और अब पेरिस. आतंक का नाम कुछ भी हो लेकिन हर बार इंसानियत ही लहूलुहान होती है  इस खतरनाक आतंकवादी संगठन की बढ़ती ताकत का अंदाज़ा लगाने के लिये ये काफी है कि महज डेढ़ साल मे ये मानवता विरोधी संगठन 11 देशों मे आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है ।इसमे लीबीया , . सऊदी अरब ,लेबनान , मिस्र , कुवैत ,बंग्‍लादेश और यमन जैसे देश शामिल हैं । लेकिन शुक्रवार की रात पेरिस में हुये आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। यह हमला दुनिया में तीसरा बड़ा आतंकी हमला बन गया।इसी लिये माना जा रहा कि पेरिस में आईएसआईएस का आतंकी हमला बड़े खौफनाक मंजर का संकेत है।पहले आतंकी हमले का स्‍वरूप क्षेत्रीय था तो एक देश की कार्रवाई से दबाया जा सकता था। लेकिन अब आतंकवाद के आकाओं के पास पूरी एक पूरी रियासत है और बड़े पैमाने पर धन बल की उपलब्‍ध्‍ता है ।माना जाता है कि आईएसआईएस दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है। इस संगठन ने इराक में सरकार के समानांतर खुद की सरकार खड़ी कर ली है। इस वर्ष जून में ही इस आतंकी संगठन के पास दो अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति हो गई थी। संगठन ने अगस्त 2014 में ही करीब एक दर्जन तेल कुओं पर कब्जा कर लिया था। इससे संगठन को प्रतिदिन करीब 30 लाख डॉलर की कमाई हो रही है। सीरिया में भी संगठन ने काफी बड़े हिस्से की ऑइल फील्ड पर कब्जा किया है।तेल की तस्‍करी , अपहरण, दुकानों में लूट,  जबरन वसूली आदि इसकी कमाई का मुख्य जरिया हैं। जब जून में संगठन ने इराक के शहर मोसुल पर कब्जा किया था, तो एक साथ 43 करोड़ डॉलर की लूट की थी। इसी तरह संगठन लगातार अपने संसाधन और कमाई बढ़ाकर मजबूत होता जा रहा है।उधर अमेरिका पेंटागन के जारी आंकड़ों के मुताबिक इस आतंकी गुट से लड़ाई मे 8 अगस्‍त 2014 से इस साल जुलाई तक साढ़े तीन अरब डालर खचै कर चुका है ।बताया जाता है कि इस संगठन से मुकाबले मे अब रोज़ करीब 46 लाख डालर का खर्च अनुमानित है ।

भारत कश्‍मीर मे साल 1990 से और अफगानिस्‍तान तो सन 1980 से आतंकी हमले झेल रहा है ।उस समय ताकतवर देशों ने इसे गम्‍भीरता से नही लिया ।लेकिन  चौदह साल पहले 11 सितंबर 2001 को पूरी दुनिया ने आतंक का वो कारनामा देखा जिसे देखकर इंसानियत खौफजदा हो गई। अमरिका के मशहूर शहर न्यूयार्क पर आतंकियों ने इस तरह हमला किया कि हर कोई हैरान रह गया। विमान के सहारे दुनिया की एक आलीशान इमारत यानी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पल में जमीदोज कर दिया गया. हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए। इससे अमेरिका विचलित तो हुआ लेकिन उसने इसे बहुत गम्‍भीर नही माना ।फिर  26 नवंबर, 2008 को आतंकियों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर कई जगह हमले किए । कई बेगुनाहों की जान ले ली। कई लोगों को बंधक भी बनाया गया ,जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। पूरा देश सन्न रह गया था. 24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षा बलों ने जान पर खेल कर आतंकियों को मार गिराया और एक आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ लिया था। जिसे बाद में फांसी दी गई। अब पेरिस में हुए आतंकी हमले ने मुंबई में आतंकी हमले की याद ताजा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि दोनों हमलों में काफी समानता है। यही वजह है कि आतंकी हमला हजारों मील दूर विदेशी भूमि पेरिस में हुआ। लेकिन उसकी गूंज मुंबई में सुनाई पड़ी। पेरिस में आतंकियों ने एक साथ 6 ठिकानों को अपना निशाना बनाया। मुंबई में 26/11 का आतंकी हमला पहला ऐसा आतंकी हमला था जिसमें आतंकियों ने एक साथ कई ठिकानों को निशाना बनाया था और अत्याधुनिक हथियारों के  साथ आईडी यानी की बम का इस्तेमाल भी किया था। जानकारों का मानना है कि 26/11 आतंकी हमला कम संसाधन में ज्यादा घातक साबित हुआ था। इसलिए आतंकी उसी तर्ज पर अपने मंसूबों को अंजाम देने पर लगे हैं। इस आतंकी संगठन ने मौत के नए तरीके अपनाए. जिन्हें देखकर मौत भी शर्मा जाए। अपने रास्ते में आने वाले लोगों को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतारना इस संगठन का शगल बन गया। इस आतंकी गिरोह ने सिर कलम करने से लेकर, ऊंची इमारतों से नीचे फेंकने, ज़िंदा जला देने, बिठा कर सिर में नज़दीक से गोली मार देने जैसे नए मौत के खेल इजाद किए। और उनका वीडियो बनाकर जारी करना आईएस का खास शौक बन गया।                         
फ्रांस मे साल मे दो बार हमला बताता है कि आईएसआईएस का सरगना अबू बकर अल बगदादी का मकसद सिर्फ और सिर्फ इराक और सीरिया को जीतना नहीं है। बल्कि वो तमाम मुल्कों यानी साइप्रस, इजरायल, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, फिलिस्तीन और टर्की को मिलाकर एक इस्लामिक अमीरात बनाना चाहता है । आईएस ने पेरिस पर ताज़ा हमला करके अपने खतरनाक इरादों को जता दिया। बीते एक साल में अमेरिका सहित दुनिया की बड़ी महाशक्तियां भी संगठन का खात्मा नहीं कर पाईं।हांलाकि  बगदादी की वहशी सेना के खिलाफ अमेरिका ने अपने साथी मुल्कों के साथ मिलकर अभियान शुरु किया है। इस अभियान में फ्रांस बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहा है । पिछले साल सितंबर से हवाई हमलों में जुटा फ्रांस अब अपने सबसे बड़े युद्धपोत को मैदान में उतारने की तैयारी कर चुका है। इसी बात से आईएसआईएस बौखला गया है। अपने ठिकानों पर हुए हमलों से बौखलाकर ही उसने फ्रांस को दहलाने की साजिश रची।इसके बावजूद महाशक्‍तियां इस लड़ाई मे अपने असली मकसद को ले कर एक नही हैं ।सीरिया मे आईएसआईएस के खिलाफ रूसी हमलों को लेकर अमेरिका बराबर विरोध प्रकट करता रहा है ।जबकि रूस के हवाई हमलों ने इस संगठन को काफी नुकसान पहुंचाया है ।हाल मे ही रूस ने दावा किया था कि उसके हमलों मे 300 आतंकी मारे गये हैं । शायद भारत ने इसकी गम्‍भीरता को पहले ही समझ लिया था और दुनिया को अच्छे और बुरे आतंक में कोई फर्क नहीं करने की
लगातार चेतावनी दी थी ।लेकिन महाशक्‍तियों ने इसे हमेशा भारत के संर्दभ मे देखा ।यही नही प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी तमाम अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद की वैश्विक परिभाषा तय कर इसके खिलाफ एक स्वर और ताकत के साथ जंग लड़ने की बात लगातार उठाते आ रहे हैं। यह भी एक संयोग है कि पेरिस में हुए आतंकी हमले के चौबीस घंटे पहले भी मोदी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटिश संसद में इसको लेकर दुनिया को खरी-खरी सुनाई भी थी। मोदी ने मांग की कि इससे पहले बहुत देर हो जाए, संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को परिभाषित करना चाहिए जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन इस बुराई से लड़ रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से जल्द से जल्द अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को मंजूरी देने की अपील की। दरअसल आतंकवाद किस पल किसके लिए खतरा बन जाए इसको लेकर दुनिया की कोई ताकत आश्वस्त नहीं रह सकती।अगर अब भी महाशक्‍तियां अच्‍छे और बुरे आतंक मे विभेद करती रहेगीं तो फिर ये संकट कहां जा कर रूकेगा इसकी अभी कल्‍पना नही की जा सकती है । भारत के खिलाफ आतंकवाद का भरन-पोषण करने वाले पाकिस्‍तान मे आतंकवाद की तस्‍वीर मिसाल के तौर पर सामने है ।वैसे पेरिस पर हमले की महाशक्‍तियों सहित तमाम देशों ने घोर निंदा की है लेकिन अब भी ये देखने वाली बात होगी यूरोपीय यूनियन और अमेरिका फ्रांस का कितना साथ देता है और आतंकवाद से लड़ने के नाम पर कौन सी रणनीति बनती है । क्या आतंकवाद से निबटा जाएगा या इसको लेकर आतंकवादियों के एक वर्ग को समर्थन और दूसरे को निबटाने जैसी दोहरी रणनीति जारी रहेगी। लेकिन इतना तय है कि इस हमले के असर से विश्व अछूता नहीं रहेगा।ये अच्‍छी बात है कि  भारत सरकार इसे लेकर काफी संजीदा और सतर्क है और जो भी किया जाना चाहिए कर रही है।
                             






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** शाहिद नकवी **

विशेष आलेख : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए सियासी जमीन तैयार

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उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की जमीन उसी दिन तैयार हो गई थी, जिस दिन बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा हुई। बिहार के चुनावी नतीजे को देखते हुए, उत्तर प्रदेश में संभावित महागठबंधन में सबसे ऊंचा भाव कांग्रेस का होगा। आखि़र बिहार के मतदाताओं ने जिस तरह से कांग्रेस को जमीन उपलब्ध कराई है, उसके बाद उसका राजनैतिक बाजार भाव कुछ ज़्यादा ही बढ़ गया है। 

बिहार विधानसभा में रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी को जिस तरह से उनके मतदाताओं ने ‘‘सम्मानित’’ किया है, उसने मायावती के होश उड़ा दिए हैं। बहुजन से सर्वजन का राग अलापने वाली मायावती को पिछले लोकसभा चुनाव में उनके मतदाता वैसा ही सलूक कर चुके हैं और इसीलिए, उनके माथे की शिकन बढ़ती जा रही है। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी ने उनकी राजनैतिक जमीन खिसकाने का अलग से इंतज़ाम कर रखा है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद करना शुरू कर दिया था और अब तो बाकायदा उन्हें सम्माननीयों की सूची में सबसे ऊपर कर दिया है। भीमराव अंबेडकर का जिस तरह से महिमामंडन भाजपा कर रही है, उससे मायावती का दलित समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ाता नज़र आ रहा है। स्थितियों की नज़ाकत को भांपते हुए मायावती कांग्रेस में अपने लिए बड़ी संभावनाएं तलाश रही हैं। 

बिहार विधानसभा चुनाव में हार तो एनडीए की हुई है। मगर, भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के अलावा किसी का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है तो वह हैं मुलायम सिंह यादव। वह ना घर के रहे ना घाट के। बिहार में उनका नाम लेने वाला तो कोई रहा नहीं, अब आगामी विधानसभा चुनाव में उनके अल्पसंख्यक मतदाता उनके साथ क्यों बने रहेंगे, इस सवाल का जवाब उन्हें ढूंढ़े नहीं मिल रहा। बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह से उन्होंने आखि़री वक़्त में महागठबंधन से अलग हो कर चुनाव लड़ने का फैसला किया, उससे उनके अल्पसंख्यक मतदाता स्वाभाविक तौर पर नाराज है। यहां पर यह याद किया जाना जरूरी है कि जिस एमवाई जातीय समीकरण पर लालू प्रसाद यादव चुनाव जीतते रहे हैं, उत्तर प्रदेश में वही राजनैतिक जातीय समीकरण मुलायम सिंह यादव का आधार है। यानी उत्तर प्रदेश में अपने बेटे अखिलेश यादव का राजतिलक दोबारा करवाने की चाहत अगर मुलायम सिंह यादव की है तो उन्हें कांग्रेस को हर हाल में पटाना होगा। इस बात से मुलायम सिंह यादव भी वाकि़फ हैं और जिस तरह से अखिलेश यादव ने महागठबंधन की संभावना जताते हुए खुद को जीत के काबिल बताया है, उससे उनकी मंशा को असानी से समझा जा सकता है। 

एक और संभावना भी मौजूद है। वह यह कि बिहार का महागठबंधन उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाग्य आजमाए। जिस तरह से बिहार के मतदाताओं ने नतीजे दिए हैं, उससे मौजूदा महागठबंधन के हौसले बुलंद हैं। इसके अलावा, मुलायम सिंह यादव से बिहार का बदला चुकाने का भी यह सुनहरा मौका है। अगर, लालू प्रसाद यादव अपनी जिद् पर अड़ गए तो मुलायम सिंह यादव का बुरा हाल यह महागठबंधन कर देगा। रही बात मायावती की, तो जातीय जादू का असर देख चुकी भाजपा इस बार कोई कोर कसर छोड़ने की मुद्रा में नहीं है। और अगर, अगले एक साल में बहुत कुछ नहीं बदला तो देखिएगा, उत्तर प्रदेश से मुलायम और मायावती के राज का खात्मा हो जाएगा। यह कहना तो फिलहाल जल्दबाजी होगी, मगर जिस तरह के राजनैतिक समीकरण की गोटी बिछाई जा रही है, उसका फायदा भाजपा को मिलना तय है। 



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गिरिजा नंद झा 
नई दिल्ली 

विचार : लोक आस्था का महापर्व छठ और राजनीति

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nitish sister in law
पटना। आज से चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया। लोक आस्था के महापर्व छठ को सफलतापूर्वक अंजाम देने में भक्तजन लग जाते हैं। इस महान पर्व में मुस्लिम महिलाओं द्वारा निर्मित मिट्टी का चूल्हा और डोम महाराजाओं द्वारा निर्माण सूप, दौरा आदि का व्यवहार किया जाता है। जिन लोगों के द्वारा चूल्हा और सूप,दौरा आदि निर्माण किया जाता है। ऐसे लोग निर्माण करते समय पवित्रता और सफाई पर खास ध्यान देते हैं।   

रविवार को नहाय-खाय अनुष्ठान को पूरा किया गया।सोमवार को खरना है। मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान दिवाकर को अघ्र्य दिया जाएगा। बुधवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महान पर्व समाप्त हो जाएगा। 

ashok-chaudhary
चुनावी प्रक्रियाओं से मुक्त होकर धार्मिक आयोजनों में नेतागण समय देने लगे हैं। सूबे के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाभी गीता देवी के घर में छठ पूजा हो रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पीछे नहीं हैं। श्री यादव की धर्मपत्नी राबड़ी देवी की सरकारी आवास पर छठ पूजा हो रही है। वहीं बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चैधरी के घर में भी छठ पूजा हो रही है। रविवार को नहाय-खाय के अवसर पर कद्दू, चना दाल और अरवा चावल का प्रसाद का भोग लगाया गया। आज कई लोगों ने छठ व्रतियों के बीच में कद्दू वितरण किया गया। कई लोग नारियल,सूप,अगरबत्र्ती आदि वितरण करेंगे। 

संपूर्ण बिहार में धार्मिकता का माहौल बन गया है। छठी मईया के ऊपर गीत पेश किया जा रहा है। पवित्र गंगा नदी के किनारे तैयारी जोरों से जारी है। आरक्षी बल को तैनात कर दिया गया है। आरक्षी बल में महिलाओं को शामिल किया गया है। नागरिक सुरक्षा कोर का भी सहयोग लिया जा रहा है। विभिन्न घाटों पर गोताखोरों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। घाटों पर वाच टावर भी बनाया गया है। इसी तरह सिविल सिटीजन भी छठ के अवसर पर सहयोग करना शुरू कर दिए है। बिजली बल्बों से मार्ग को सजाया जा रहा है। व्रतियों को कष्ट न हो उसकी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न जगहों पर आकर्षक तोरण द्वार किया जा रहा है। मार्ग की सफाई की जा रही है। 

जिला प्रशासन ने 42 घाटों को खतरनाक घोषित कर दी है। दानापुर - गोला घाट,इमलीतर घाट, सप्लाई  डिपो घाट, मीनार घाट, स्कूल गली घाट, नहरलख घाट, रामजीचक नहर पर,रामजीचक जहाज घाट,राजापुर घाट, पहलवान घाट, बुद्ध घाट, सिपाही घाट, बधवा घाट,एल.सी.टी.घाट आदि घाट। पटना सिटी-सीता घाट, खाजेकला, राजा घाट, आदर्श घाट, टेढ़ी घाट, केशव घाट, मिरचाई घाट हिरानंद साह घाट, झाउगंज घाट, चिमनी घाट, नुरूद्दीन घाट आदि है। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने विभिन्न तालाबों और पार्कों में अघ्र्य देने की व्यवस्था की है। गंगा नदी की दूरी अधिक है। फिर भी दूरी को बौना बनाने में श्रद्धालु पीछे नहीं रहेंगे। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 नवम्बर)

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आज से संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान का तुफानी चुनावी दौरा 
  • भाजपा प्रत्याषी निर्मलाभूरिया को प्रचंड मतों से विजयी बनाने के लिये करेगें जनता से अपील 

झाबुआ ---पूरे संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की  प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया को प्रचण्ड  विजयश्री दिलाने के लिये प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान का तुफानी दौरे के कारण कांग्रेस पार्टी की निंद हराम हो चुकी है । हर जगह मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान को सुनने के लिये हजारों की भीड जमा हो रही है और मुख्यमंत्री द्वारा मतदाताओं से अपील की जारही है कि अंचल के सर्वागिंण विकास के लिये सिर्फ भाजपा प्रत्याषी को ही वोट देकर इस अंचल के विकास के लिये योग्य जनप्रतिनिधि का चयन करें ।  संषोधित कार्यक्रम के अनुसार आज 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री  षिवराजसिंह चैहान का संसदीय क्षेत्र में तुफानी दौरा होकर वे विषाल जनसभाओं को संबोधित करेगें । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 नवम्बर को मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान 11-30 बजे सैलाना विधानसभा के सरवन में विषाल जनसभा को संबोधित करेगें । दोपहर 12-30 बजे झाबुआविधानसभा के पिटोल में, 1-30 बजे थांदला में, दोपहर 2-30 बजे जोबट विधानसभा के आमखुट में, 3-30 बजे आलीराजपुर विधानसभा के छकतला में तथा सायं 4-30 बजे पेटलावद में विषाल जनसभा को संबोधित करेगें । मुख्यमंत्री रात्री विश्राम पेटलावद में करेगें । 18 नवम्बर को षिवराजसिंह चैहान प्रातः 11 बजे झाबुआ विधानसभा के बोरी में,12-30 बजे जोबट विधान सभा के बलेडी में, 1-30 बजे पेटलावद विधानसभा के सारंगी में, 2-30 बजे सैलाना विधानसभा के बजरंगगढ में, 3-30 बजे रतलाम गा्रमीण के मुन्दडी में, तथा सायंकाल 4-15 बजे  बिलपांक में विषाल चुनावी सभा को संबोधित करेगें । सायंकाल 5 बजे मुख्यमंत्री का रतलाम हवाई पट्टी पर आगमन होगा और 5-30 बजे से रतलाम नगर में रोड शो के पष्चात रतलाम में जंगी चुनावी सभा को संबोधित करेगें । मुख्यमंत्री रात्रीविश्राम रतलाम में करेगें । 19 नवम्बर को  षिवराजसिंह चैहान प्रातः 11 बजे रतलाम गा्रमीण विधानसभा क्षेत्र के बांगराद में, 12-15 दोपहर को झाबुआ विधानसभा के कुंदनपुर में, दोपहर 1 बजे आलीराजपुर में तथा 2 बजे पेटलावद विधानसभा के जामली में चुनावीसभा को संबोधित करेगें । भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं, नागरिको, बहिनो से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में अपने अंचल में आयोजित मुख्यमंत्री की जनसभा में उपस्थित रह कर कार्यक्रम को सफल बनावें ।

जिला  भाजपा में श्री ओमप्रकाष षर्मा जिला उपाध्यक्ष एवं ओपी राय जिला मंत्री नियुक्त 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी के प्रदेषाध्यक्ष नंदकुमार सिंह, प्रदेष संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरूआ की अनुसंषा एवं सहमति से जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे द्वारा ओम प्रकाष षर्मा को भारतीय जनता पार्टी का जिला उपाध्यक्ष एवं ओ.पी.राय को जिला महामंत्री के पद पर नियुक्त किया हैॅ । ओम प्रकाष षर्मा को जिला उपाध्यक्ष  तथा ओ पी राय को जिला महामंत्री नियुक्त किये जाने पर भारतीय जनता पार्टी में खुषी की लहर व्याप्त हो गई है । श्री षर्मा एवं श्री राय को जिला पदाधिकारी नियुक्त किये जाने पर विधायक षांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, निर्मला भूरिया, जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा, मनोहर सेठिया, राजू डामोर, कल्याणसिंह डामोर, प्रदेष कार्यसमिति सदस्य दौलत भावसार, मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने बधाईया दी है तथा प्रदेषाध्यक्ष श्री चैहान,प्रदेष संगठन मंत्री अरविंद मेनन, संभागीय संगठन मंत्री श्री बरूआ एवं जिला भाजपाध्यक्ष श्री दुबे का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया है । श्री षर्मा एवं श्री राय ने संयुक्त रूप  से कहा  िकवे पार्टी की रीति नीति के अनुसार पार्टी के दायित्वों का पूरी निश्ठा एवं ईमानदारी से निर्वाह करेगें ।

गारी समाज के विकास के लिये भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह कटिबद्ध
  • भाजपा को विजयी बनाने की षैतानसिंह पाल ने अपील की 

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झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी ने गारी समाज को बहुत ही सम्मान दिया है ।स्वगी्रय दिलीपसिंह भूरिया का सपना था कि समुचे आदिवासी समाज के साथ ही गारी समाज को भी सर्वांिगण विकास की मुख्यधारा में जोडने के लिये तथा उनके बेहतर जीवनस्तर को उठाने के लिये योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ दिलाया जावे। दिलीपसिंह भूरिया के सपनों को साकार करने के लिये उनकी पुत्री सुश्री निर्मला भूरिया को मोदी जी एवं षिवराज जी का पूरा आषीर्वाद प्राप्त है और उनके माध्यम से अंचल के बेहतर विकास के साथ ही गारी समाज को भी उंचा उठाने की दिषा में काम किया जावेगा ।षिवराज एवं नरेन्द्रमोदी हमारे समाज से भाई के समान संबंध रखते है और पूरी सरकार गारी समाज के उत्थान के लिये साथ में खडी हुई है। इसलिये हम सभी का नैतिक दायित्व है कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की लोकप्रिय प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया को 21 नवम्बर को पूरा समाज शत प्रतिषत मतदान करके उन्हे विजयी बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करें । कांग्रेसी लोग चुनाव के समय भांति भांति के प्रलाभन लेकर आवेगें उनसे पूरी तरह सचेत व साधान रहे । उक्त बात सोमवार को आयोजित गारी-पाॅल समाज की बैठक को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय पाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैतानसिंह पाल ने संसदीय क्षेत्र से बडी संख्या मेंआये गारी समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहीं । जिला स्तर पर आयोजित पाल गारी समाज की बैठक में शैतानसिंह पाल के अलावा  पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नीमा , विधायक श्री पाठक के अलावा अंचल के गारी समाज के वरिष्ठ जन  देवचंदभाई,तेजाभाई,मांगीलाल गारी,गणेषभारई, मांगु बा, खेमला जी, लाला गारी आदि सहित बडी संख्या में गारी समाज के लोगों ने भाग लिया । बैठक को संबोधित करते हुए गोपीकृष्ण  भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र एवं प्रदेष सरकार की सैकडो योजनाओं के बारे में  बताते हुए कहा कि भाजपा ही एक मात्र ऐसा दल है जो कहता है वह करता है । जबकि कांग्रेस केवल भ्रमित करके वोट की राजनीति करती है । उन्होने कहा कि कांग्रेस चुनाव के दौरान लोगों को प्रलोभन देकर वोट खरीदने की राजनीति करती रही है, ऐसे में इनके बहकावे में नही आकर ईमानदार,कर्मठ एवं जनसेवा में सदा समर्पित रहने वाली निर्मला के चुनाव चिन्ह कमल पर मुहर लगार के भाजपा को विजयी बनावे तथा केन्द्र एवं प्रदेष सरकार को पूरा समर्थन देवें ।

जनसंपर्क प्रभारी गोपाकृष्ण नीमा ने भाजपा के पक्ष में किया वातावरण निर्माण 

झाबुआ---पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नीमा द्वारा भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याषी सुश्री निर्मला भूरिया को लोक सभा उप चुनाव में प्रचंड मतों से विजयी बनाने के लिये पूरे अंचल के गा्रमीण एवं शहरी अंचलों में धुंआ-धार जनसंपर्क एवं बैठकों का आयोजन करके वातावरण निर्माण का कार्य किया जारहा हे । श्री नीमा ने रविवार को रानापुर,बोरी एवं झाबुआ में अल्पसंख्यक मोर्चे की बैठकों में भाग लेकर अल्प संख्यक विषेषकर मुस्लिम वर्ग के उत्थान एवं विकास के लिये भाजपा को ही एक मात्र ऐसा दल बताया जो इस वर्ग को समाज में अग्रणी दिषा की ओर अग्रसर कर रहा है । वही श्री नीमा ने झाबुआ नगर के सभी 18 वार्डो में नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया के साथ वार्ड पार्षदों के साथ घर घर जाकर जनसम्पर्क किया तथा मतदाताओं से भाजपा की सुश्री निर्मला भूरिया को 21 नवम्बर को वोट देकर विजयी बनाने की अपील की । रानापुर में जिला स्तरीय बुथस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक को भी श्री नीमा ने संबोधित करते हुए इस उप चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान के गुर समझायें ।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अभय दुबे की प्रत्रकार वार्ता

झाबुआ---मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अभय दुबे ने झाबुआ में आयोजित पत्रकार वार्ता में रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव की भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया से जानना चाहा है कि वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत आदिवासियों को वितरित किए जाने वाले 3.62 लाख इसको लेकर उन्होने आदिवासी भाईयों के समर्थन में अपनी आवाज को मुखर क्यों नही किया।31 अगस्त 2015 को नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार ने वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत आदिवासियों को बांटे जाने वाले पट्टों की राज्यवार जानकारी जारी की है, जिसमंे चांैकाने वाले तथ्य सामने आए है कि म.प्र. में कुल 6 लाख 213 आदिवासी समुदाय के लोगों नेें 5,59,598 व्यक्तिगत और 40,615 संस्थागत पटटों के लिए ग्रामसभा में आवेदन किया था जिसे ग्रामसभा ने स्वीकारते हुए सब डिवीजनल लेवल कमेटी को सौंप दिया। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भाजपा की मध्यप्रदेश सरकार ने 3 लाख 62 हजार 795 पट्टों को निरस्त करते हुए आदिवासी भाइयों को उनकी भूमि से बेदखली के आदेश जारी कर दिये। लाखों परिवार जो पीढियों से वनों में वास कर रहे थे आज दर-बदर की ठोकरे खा रहे हैं। इन आदिवासी भाइयों की सुध कभी निर्मला भूरिया ने स्वयं न ही ली, न ही अपनी सरकार के खिलाफ वे सड़क पर उतरी। प्रवक्ता दुबे ने सुश्री निर्मला भूरिया से यह भी जानना चाहा है कि जब भाजपानीत केन्द्र की मोदी सरकार आदिवासी भाइयों की योजना में बड़ी कटोती कर रही थी तब उन्होने आदिवासी भाईयों के हक में निर्णायक भूमिका क्यों अदा नही की ? नरेन्द्र मोदी सरकार ने आदिवासी उपयोजना में 12407.09 करोड़ रूपये की कमी वित्तीय वर्ष 2015-16 में की है। जहां 2014-15 में 32386.86 करोड़ का प्रावधान था वहीं आदिवासी भाइयों के विकास को आघात पहुंचाते हुए मोदी सरकार ने इसे कम करते हुए चालू वित्तीय वर्ष में 19979.77 करोड़़ कर दिया जिसमें आदिवासियांे की स्वास्थ्य योजनाओं में 500 करोड़ रूपयों की कमी हुई। आदिवासी बच्चों की स्कूली शिक्षा के बजट में 660 करोड़ रूपये की कमी और मध्यान्ह भोजन में 423 करोड़ रूपये की कमी की गई। इसी प्रकार उपयोजना के अंतर्गत पंचायतीराज मंत्रालय के 2014-15 के 1203 करोड़ रूपये के बजट के प्रावधान को 2015-16 में पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय में जैसे इंदिरा आवास और मनरेगा जैसी योजनाओं में 7644 करोड़ कम कर दिए गए हैं। अर्थात आदिवासी भाइयों की विकास यांेजनाओं में कुल 12407.09 करोड़ रूपये के प्रावधानों की कमी की गई है। आदिवासी विकास को लगे इस आघात पर निर्मला भूरिया मौन क्यों साधे रही ? सुश्री निर्मला भूरिया को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि बीते दस साल से मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के कार्यकाल में आदिवासी उत्पीड़न के मामले में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में बना हुआ है। तब उन्होने अपने आदिवासी साथियों के साथ खडे़ होने की अपेक्षा निरंकुश सत्ता का साथ देना क्यों उचित समझा ? हालही में लोकसभा में आदिवासी मंत्रालय ने चैंकाने वाले तथ्य जारी किए हैं कि पिछले तीन साल में अत्याचार निवारण कानून के तहत सर्वाधिक मुकदमें मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। वर्ष 2012 में 1218 ममाले दर्ज हुए थे जिसमें से सिर्फ 787 लोगों को भाजपा सरकार सजा दिला पाई। 2013 मंे 1296 प्रकरण थे जिसमें से सिर्फ 629 लोगों को भाजपा सरकार सजा दिला पाई। 2014 में 1577 जिसमें से सिर्फ 927 लोगों को भाजपा सरकार सजा दिला पाई इन अपराधों में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जो आधे आरोपियों को भी सजा नहीं करा पाया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से कांग्रेस के दस सवाल, रवि सक्सेना, प्रवक्ता मध्यप्रदेश कांग्रेस
मध्यप्रदेश में विगत 12 वर्षों से भाजपा का शासन है और शिवराज सिंह चैहान 10 वर्षो से मुख्यमंत्री है तब शिवराज जी के मन में आदिवासियों के लिए इन दिनों जैसा प्रेमक्यों नही उमड़ा ? उनके दुःख दर्द में शिवराजजी अब तक सहभागी क्यों नही बने? केवल चुनाव के समय ही शिवराज जी को आदिवासी याद आते है। बाकी समय वो किस हाल में जी रहें है उसकी चिंता क्यों नही करते ? भाजपा शासन के 12 वर्षों में झाबुआ में आज तक एक भी इजीनियरिंग काॅलेज क्यों नही प्रारंभ किया गया ? क्यांे झाबुआ के आदिवासी विद्यार्थियांे को तकनीकि उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रख गया ? रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र में किसानों की जमीन विगत कई वर्षों से प्यासी है। ऐसी दशा में चुनाव के वक्त ही उन्हें नर्मदा से जल लाकर सिंचाई योजना बनाने की सुध क्यों आई ? क्या यह एक चुनावी घोषणा मात्र नहीं है ? झाबुआ, अलीराजपुर, थांदला एवं रानापुर की कृषि उपज मंडिया बदहाल स्थिति में है जहां किसानों के लिए सुविधाएं नगण्य है। अब अचानक चुनाव के समय कृषि उपज मंडियों के विकास के मामले में उनकी निंद्रा क्या केवल इस चुनाव के कारण टूटी है ? रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की सड़कें जर्जर स्थिति में क्यों है ? जबकि शिवराज जी इस क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रहें है। यहां कि सड़के बदहाल क्यों है? क्षेत्र की जनता शिवराज जी से जानना चाहती है ? पेटलावद नरसंहार के बाद भी जिले की कलेक्टर अरूणा गुप्ता का स्थानान्तरण क्यों नही किया गया, क्या मंत्री उमाशंकर गुप्ता की भतीजी होने के कारण उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है ? क्या यह पेटलावद के मृतकों के परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है ? झाबुआ जिले से सबसे ज्यादा आदिवासी पलायन करने के लिए मजबूर क्यांे है ? मनरेगा जैसी रोजगार उनमुखी योजना बंद क्यों है ? मजदूरों को विगत वर्षों में की गईउनकी मजदूरी का भुगतान क्यों नही किया जा रहा है ? पेटलावद के जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी राजेन्द्र कांसवा अब तक क्यों नही पकड़ा गया ? क्या उसे भाजपा का पदाधिकारी होने के कारण सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है ? झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र के आदिवासी एवं अन्य किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा अब तक क्यों नहीं मिला ? पीडि़त किसानों को फसल बीमा की राशि भी अब तक क्यों नही दी गई ? झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र के असहाय वृद्वों को वृद्वावस्था पेंशन विगत दो वर्षों से क्यों नही दी गई है ? हम शिवराज सिंह जी से मांग करते है कि पहले वे उपरोक्त सवालों का जवाब दे फिर रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की जनता को नए थोथे सपने दिखाएं।

कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में दिग्विजयसिंह, की आज तीन सभाएं

झाबुआ---रतलाम-झाबुआ संसदीय उपचुनाव के कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के समर्थन में रतलाम जिले में कांग्रेस की तीन चुनाव सभाओं को संबोधित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजयसिंह 17 नवंबर, मंगलवार को इंदोर से हेलीकाॅप्टर द्वारा पूर्वाहन् 11.30 बजे रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पीपलखूंटा पहुंचेंगे और वहां कांग्रेस की विशाल चुनाव सभा को संबोधित करेंगे। पीपलखूंटा के बाद श्रीसिंह दोपहर एक बजे सैलाना विधानसभा क्षेत्र के गा्रम शिवगढ पहुंचकर वहां आमसभा लंेगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की तीसरी चुनाव सभा सैलाना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरवन में अपरान्ह 2.45 बजे होगी। आप ग्राम सरवन से शाम 4.30 बजे झाबुआ पहुचेंगे। आपका मंगलवार का रात्रि विश्राम झाबुआ में रहेगा। उपरोक्त जानकारी जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने दी।

बिजली के खंबों पर भाजपा के कटआउट लगाने पर कांग्रेस ने जतायी कड़ी आपत्ति

झाबुआ---भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में झाबुआ शहर मे बिजली के खंबों पर कट आउट लगाये जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति की है। इस संबंध में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के चुनाव संचालक शांतिलाल पडियार ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल को लिखित शिकायत में कहा है कि भाजपा का यह कृत्य चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। अतः बिजली के खंबों पर भाजपा द्वारा कट आउट लगाने को तत्काल रोकने और जो लग चुके हैं, उनकों तत्काल जब्त कर कानूनी कार्यवाही करने की अनुशंसा चुनाव आयोग से की है।

मतदान केन्द्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी न लगाई जाए
  • कांग्रेस ने जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखा पत्र

झाबुआ---कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के चुनाव संचालक शांतिलाल पडियार ने कल जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर को एक पत्र भेजकर मतदान के दिन 21 नवंबर को मतदान केन्द्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी किसी भी रूप में न लगाने का मांग की है। कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव के अनुभवों का हवाला देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को बताया है कि आंगनवाडी कार्यकर्ता शासकीय सेवक के रूप में सत्ताधारी दल के दबाव में आकर मतदान की पंक्ति में लगी महिला मतदाताओं को पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान के लिए प्रभावित करती है। इनका यह आचरण निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने में बाधक है। श्री पडियार ने कलेक्टर को अवगत कराया है कि इन शासकीय कर्मचारियों ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी काफी गडबडि़यां की थी, जिनके बारे में तब चुनाव तंत्र को कांग्रेस द्वारा शिकायत भी की गई थी। इस संबंध में कलेक्टर झाबुआ ने जानकारी दी है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मतदान केन्द्रों पर ड्यूटी नही लगाई जाएगी।

प्रशिक्षण में ई.वी.एम की बारिकिया बताई गई
  • तीसरे दिन प्रशिक्षण का निरीक्षण एसडीएम एवं सहायक आयुक्त ने किया

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झाबुआ---लोकसभा उप निर्वाचन 2015 के लिए शासकीय सेवको का द्वितीय प्रशिक्षण आज तीसरें दिन 16 नवम्बर को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ एवं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ उत्कृष्ट विद्यालय थांदला एवं पेटलावद में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में मास्टर टेªनर्स द्वारा मतदान दलों को ईवीएम मशीन से मतदान करवाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई एवं मतदान समाप्ति के बाद सामाग्री जमा करवाने की प्रक्रिया बताई गई। प्रशिक्षण का निरीक्षण एसडीएम थांदला श्री बालोदिया एवं एसडीएम पेटलावद श्री सोलंकी तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमति शकुन्तला डामोर ने किया एवं आवश्यक निर्देश दिये।

मतदान के दिन माॅकपोल पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में करवाये
प्रशिक्षण में बताया गया कि लोकसभा उप निर्वाचन 2015 के लिए 21 नवम्बर को मतदान प्रातः 7 बजे से सायं 5.00 बजे तक होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान के 1 घण्टे पूर्व अर्थात प्रातः 6 बजे माॅकपोल पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में करवाये। यदि माॅकपोल नहीं होगा तो निर्वाचन प्रक्रिया भी संपन्न नहीं होगी। आयोग द्वारा निर्धारित कोड में मोबाईल एसएमएस अवश्य करे।

निर्वाचन के लिए ई.व्ही.एम.मशीन का सिलिंग कार्य संपन्न

झाबुआ---जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. अरूणा गुप्ता ने बताया कि संसदीय क्षैत्र क्रमांक 24-रतलाम (अ.ज.जा.) लोकसभा उपनिर्वाचन-2015 के लिए विधानसभा क्षैत्र क्रमांक 193-झाबुआ, 194-थांदला, 195-पेटलावद के मतदान केन्द्रो पर उपयोग में आने वाली ई.व्ही.एम मशीनों का सिलिंग कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

थांदला एवं खवासा में फ्लैग मार्च आयोजित 
       
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी ने बताया कि आगामी लोक सभा उप चुनाव को शांति पूर्वक संपन्न कराये जाने हेतु पुलिस द्वारा हरसंभव प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इसी तारतम्य में आज थांदला एवं खवासा कस्बे में फ्लैग मार्च का आयोजन किया गया। फ्लैग मार्च में सीमा सुरक्षा बल, विशेष सशस्त्र बल एवं पुलिस थाना थांदला का बल था। साथ ही बताया की लोक सभा उप चुनाव संपन्न कराये जाने हेतु पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि अअपु थांदला श्री एन0एस0 रावत एवं थाना प्रभारी थांदला निरीक्षक शेरसिंह बघेल द्वारा फ्लैग मार्च की तैयारी की गई थी एवं फ्लैग मार्च विधिवत संपन्न हुआ।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (16 नवम्बर)

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सद्भावना भजन संध्या वार्षिकोत्सव सम्पन्न

विदिषा-16 नवम्बर 2015/सर्वधर्म समभाव और साम्प्रदायिक सोहाद्र को समर्पित ढोलक मास्टर म्यूजिषियन सलीम भाई ने विगत 5 वर्षों की भांति इस वर्ष भी दीपावली पष्चात तृतीया तिथि पर स्थानीय बड़ी बजरिया स्थित जय काॅम्पलेक्स में ‘‘सदभावना भजन संध्या वार्षिक उत्सव‘‘ का सफल आयोजन किया। सबका मालिक एक तथा सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा थीम पर सम्पन्न यह कार्यक्रम देर रात तक जारी रहा। इस अवसर पर गिरिराज मण्डल के कलाकारों के साथ दूरदर्षन-आकाषवाणी कलाकार कपूर नागर, कमलेष तेलंग, अच्छे मियां, सूरज राजपूत सहित दिल्ली दूरदर्षन गायिका स्थानीय निकासा मोहल्ला निवासी नन्ही गायिका कुमारी सौम्या शर्मा के मधुर गीत ‘‘दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए’’ भारत माता को समर्पित करते हुए ‘‘ओ माँ’’ गीत गाया तो रास्ता चलते लोग भी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंच गए। सतपाड़ा निवासी घनष्याम महाराज ने शास्त्रीय पक्की धुन पर गीतों की प्रस्तुति दी। गिटार वादन नगर के जाने-माने संगीतकार रईस अहमद आजाद बेण्ड ने किया। इस अवसर पर एस.कुमार, छोटे उस्ताद, रायसेन से पधारे लाखनसिंह, प्रेम पटेल, रघुवीर महाराज, वहीं भोपाल से पधारीं आषा भारती की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया। सद्भावना मंच की ओर से सलीम भाई ने आभार प्रदर्षन किया। 

मीडिया कार्य क्षेत्र में कार्टूनों की महती भूमिका-कलेक्टर श्री ओझा
  • राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ

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राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवम्बर सोमवार को जनसम्पर्क विभाग के द्वारा ‘‘विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्टूनों एवं व्यंग्य चित्रों का प्रभाव व महत्व’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जालोरी गार्डन में आयोजित संगोष्ठी का सम्बोधित करते हुए कहा कि मीडिया कार्य क्षेत्र में कार्टूनों की महती भूमिका है। छोटा सा कार्टून हजार शब्दों को बयां कर देता है। सदियों से व्यंग्य और कार्टून का प्रयोग समाज को जागरूक करने और पथ से गुमराह होने वालो के लिए उपयोग में किया जाता रहा है। उन्होंने प्राचीन काल से आधुनिक काल में हुए इस विधा के परिवर्तनों को रेखांकित किया। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने संगोष्ठी में कहा कि कार्टून समाज के हर पहलू को व्यक्त करते है।  उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि आज की लिखी बात कल इतिहास बन जाएगी। इतिहास बच्चों को पढ़ाया जाता है इस प्रकार परोक्ष रूप से आप उनके मार्गदर्शक बन सकते है। उन्होंने बाल्यकाल अवस्था में हुए कार्टून के प्रभाव को रेखांकित किया। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजेन्द्र पांडे ने विचारो की अभिव्यक्ति में कार्टूनों की भूमिका, व्यंग्य चित्रों का प्रभाव पर विस्तृत प्रकाश डाला इसी प्रकार विदिशा प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री भरत राजपूत ने मीडियाबंधुओं को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई देते हुए इस प्रकार के आयोजन खण्ड मख्यालयों पर आयोजित करने की सलाह दी। कार्यक्रम को श्री अमित श्रीवास्तव और डाॅ शैलेन्द्र कटारिया ने भी सम्बोधित किया। आयोजन स्थल पर अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र के अलावा इलेक्ट्राॅनिक, प्रिन्ट मीडिया के सम्माननीय पत्रकारगण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन श्री वेदप्रकाश शर्मा ने किया। आयोजन के उद्धेश्यों को जिला जनसम्पर्क अधिकारी के द्वारा रेखांकित किया गया। कार्यक्रम उपरांत सभी ने सहभोज किया। 

बहम्कुमारी ईष्वरीय विष्वविघालय का योग षिविर सम्पन।

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गत दिवस स्थानीय सेवा भारती भवन श्रीकृष्ण कालोनी मे बहम्कुमारी ईष्वरीय विष्वविघालय का योग षिविर सह कार्यषाला सम्पन्न हुयी। कार्याषाला का विषय था त्यौहार क्यों मनाये जाते है। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तौरन सिंह दांगी पार्षद श्री मोहित चैबे बहम्कुमारी आश्रम की संचालिका बी.के. मनोरमा बहन डाॅ. ओपी चैबे( जिला गौसेवा प्रमुख), महंत  श्री रामेष्वर दयाल चतुर्वेदी, बी.के. चिमनलाल महेष्वरी, वरिष्द पत्र.कार आर.के. वासुदेव, बी.के. सपना बहन एंव बम्बई से पधारी बी.के. रेणुु बहन उपस्थित थीं । ईष्वर सर्व षक्तिमान है, जीवन में ऊर्जा (ऐनर्जी) पाने के लिये राजयोग जरूरी है जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिये योग जरूरी है उसी प्रकार ईष्वर से साक्षातकार करने के लिये राज योग जरूरी है। हम राज योग द्वारा ही ईष्वर को प्राप्त कर सकते है उक्त आषय के विचार बम्बई से आयी बी.के. रेणु बहन द्वारा व्यक्त किये गये ।  उनहोने कहा कि खुद में  परिवर्तन करोगे तो संसार में परिवर्तन होगा । उन्होने कहा कि बहम्कुमारी ईष्वरीय विष्वविधालय गीता पाठषाला है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तौरण सिंह दांगी ने कहा की हमें अपना परलोक सुधारने के लिये राजयोग जरूर करना चाहिये क्योंकि  राजयोग से हमें षंाति मिलेगी एंव ईष्वर का सानिघ्य प्राप्त होगा । श्री दांगी ने कहा कि सभी लोगो को राजयोग के माध्यम से ईष्वर की याद में योग(ध्यान) जरूर लगाना चाहिये क्योकि राजयोग खुषनुमा जीवन जिने की कला है। जिस प्रकार दीपक जलाने के लिये तेल की आवष्यकता होती है। उसी प्रकार हमारे जीवन को सुखमय बनाने के लिये ईष्वरीय ज्ञान की जरूरत होती है जो सिर्फ राजयोग  द्वारा ही प्राप्त हो सकता है। बी.के. सपना बहन ने कहा कि प्रजापिता ब्रहम्कुमारी ईष्वरीय विष्वविधालय का उददेष्य है कि संपूर्ण संसार षंाति, सहयोग एंव प्रेम से रहे इसीलिये हमारा मंत्र है ‘ओम षंाति ’ । बी.के. सपना ने कहा की हमें अपने मन एंव दीमाग को स्वस्थय रखने के लिये ‘पीस आफॅ माईड’ चैनल जरूर देखना चाहिये। उन्होने   कहा कि आप संासारिक  काम करते हुये भी अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिये राजयोग से ईष्वरीय ज्ञान प्राप्त कर पुण्य कमा सकते है। इस षिविर को संबोधित करते हुये बी.कें. चिमनलाल महेष्वरी ने कहा कि हमें दीपावली एंव दषहरे पर रावण का वध नहीं करना चाहिये अपितु अपने अन्दर छुपेहुये रावण रूपी अंहकार  एंव क्रोध का वध करना चाहिये एंव राजयोग द्वारा अपने जीवन को राम के समान षंात एंव सरल बनाना चाहिये । उन्होने कहा कि प्रिंसिपल रहते हुये मैनें बहुत से लोगो को ज्ञान दिया है परन्तु मुझे  सच्चे ईष्वरीय ज्ञान की प्राप्ती  ब्रहम्कुमारी ईष्वरीय विष्व विधालय से प्राप्त हुयी है।  बी.के. मनोरमा बहन ने कहा कि हमारी संस्था को प्रजापिता ब्रहम्कुमारी ईष्वरीय विष्वविधालय कहते है क्योंकि हमें इस विष्व विधालय से ईष्वर के संबंध में ज्ञान प्राप्त होता है। इस संस्था में ईष्वर से साक्षातकार करने की विधी सिखाई जाती है। यहंा राजयोग सिखया जाता है जो सब योगों का राजा है। राजयोग का मतलब आत्मा को परमात्मा से जोडना होता है अतः हम इस संस्था से षिक्षा प्राप्त कर ईष्वर से जुडे़ं । अंत में पार्षद श्री मोहित चैबे ने सभी षिविरार्थियों का आभार व्यक्त किया एंव सभी को दीपावली की षुभकामनायें दीं। कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री भरत राजपूत , श्री मनोज कटारे, श्री जितेन्द्र किरार, श्री राहुल जालोरी, श्री राजबहादुर गौतम , श्री मनोज परिहार, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि श्री विवेक ठाकुर आदि का विषेष योगदान रहा ।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 नवम्बर)

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पैरासूट नेताओं पर टिका उत्तराखंड में भाजपा का भविष्य !

देहरादून रू उत्तराखंड में अपनी शक्ति खो चुकी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर पैरासूट नेताओं को जमीन पर उतार कर सूबे में राजनीति का नया समीकरण बनाना चाह रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी आलाकमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले संत एवं राजनेता सतपाल महाराज का भगवा परिवार में जल्द ही कद बढ़ाने की सोच रही है। उन्हें बड़ी जिम्मेदारी से नवाजे जाने की भी चर्चाएं हैं। प्रचारित तो यहाँ तक किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विश्वास उनमें बढ़ा है लेकिन संघ नेतृत्व ने महाराज के संघी ना होने के कारण आलाकमान की इस योजना परअभी हामी नहीं भरी है और यही महाराज के राह में रोड़ा बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर राज्य के वरिष्ठ नेताओं कोश्यारी,खंडूरी व निशंक के बीच अभी भी विवाद थमा नहीं है यही कारण है कि पार्टी आलाकमान महाराज पर दांव खेलना पड़ रहा है। हालांकि आलाकमान के पास इस पद के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी का चेहरा भी है। लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में वे भी पैरासूट नेता से कम नहीं है। हालाँकि वे एक बार कोटद्वार से विधायक का चुनाव तो लड़ चुके हैं लेकिन उनकी यहाँ कोई उर्वरा राजनीतिक जमीन नहीं है। वहीँ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भी भाजपा आलाकमान को उत्तराखंड में पार्टी की सरकार बनाने की तमन्ना जाहिर करते हुए अध्यक्ष पद की अपरोक्ष दावेदारी ठोकी है। जबकि राजनीतिक जानकारों का कहना है वर्तमान में यदि हरीश रावत जैसे जनाधार वाले नेता से कोई टक्कर ले सकता है तो वे केवल भगतदा ही हैं. उनके बाद निशंक ही रावत को टक्कर से दे सकते हैं जबकि खंडूरी में अब ढलती उम्र के कारण वो दम -खम नजर नहीं आता। सामाजिक समरसता की बात करने वाली भाजपा के नेताओं का मानना है कि बलूनी और कोश्यारी के अलावा मदन कौशिक, धन सिंह रावत और प्रकाश पंत के नाम पहले से ही अध्यक्ष पद की दावेदारी में हैं। लेकिन कोश्यारी व महाराज ठाकुर बिरादरी से हैं और मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पार्टी आलाकमान को उनमें ही दम नजर आ रहा है। महाराज समर्थकों का मानना है कि सबसे बड़ी बात है कि भाजपा में शामिल होने के बाद किसी तरह कि जिम्मेदारी न मिलने के बावजूद सतपाल महाराज ने सूबे में और दिल्ली विधानसभा के चुनाव में पूरी निष्ठा से पार्टी के पक्ष में काम किया है। यदि वे प्रदेश अध्यक्ष के गणित में फेल रहे तो मोदी के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व रमेश पोखरियाल निशंक की दावेदारी भी कम नहीं आंकी जा रही है। महाराज के समर्थकों द्वारा कहा जा रहा है कि महाराज को बड़ी जिम्मेदारी के लिए भाजपा आलाकमान से संकेत भी मिले हैं। शायद यही वजह है कि प्रदेश के नेताओं से उन्होंने मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है। तीन दिन पहले ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल से मुलाकात की है। संघ से भी उन्होंने नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है इसी कड़ी में बीते माह संघ प्रमुख मोहन भागवत को खुद उन्होंने उनके हरिद्वार स्थित आश्रम में आमंत्रित किया था।

शुत्रघ्न ने संभाला सीएस का पदभार 

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देहरादून, 16 नवंबर(निस)। प्रदेश के तेरहवें मुख्य सचिव के रूप में 1983 बैच के आईएएस अधिकारी शुत्रघ्न सिंह ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद मुख्य सचिव ने मीडिया को अपनी प्राथमिकताएं बताई। पारदर्शी प्रशासन, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और अवस्थापना सुविधाओं का विकास उनकी प्राथमिताओं में रहेगा। जन सेवाओं को अंतिम छोर तक पंहुचाने में उनका जोर रहेगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में असीम संभावनाएं है। यहां के लोग प्रकृति के बीच में रहते है। सरल प्रकृति के हैं। प्रशासन तंत्र को डिलिवरी सिस्टम को चुस्त दुरूस्त करना है। खासतौर से उत्तराखण्ड में पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नियम के तहत करना है। मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह 1985 से 1987 तक बुलंदशहर में एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, 1987 से 1989 तक उद्योग विभाग के महाप्रबंधक, 1989 से 1990 तक शहरी विकास विभाग में संयुक्त सचिव, 1990 से 1991 तक नैनीताल में मुख्य विकास अधिकारी, 1991 से 1992 तक उत्तर प्रदेश भूमि विकास के प्रबंध निदेशक, 1992 से 1994 तक मुजफ्फरनगर के कलेक्टर, 1994 से 1995 तक विक्रीकर विभाग से अपर आयुक्त, 1995 से 1996 तक कृषि विभाग के विशेष सचिव, 1996 से 1998 तक अध्ययन अवकाश, 1998 से 1999 तक मंडी परिषद के निदेशक, 1999 में विश्व बैंक वाशिंगटन में परामर्शी, 1999 से 2000 तक परिवार कल्याण विभाग के सचिव, 2000 से 2001 तक फैजाबाद के कमिश्नर, 2001 में उत्तराखण्ड में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, 2001 से 2003 तक भारत सरकार कैबिनेट सचिवालय के निदेशक, 2003 से 2007 तक भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास में संयुक्त सचिव, 2007 में उत्तराखण्ड सरकार में सचिव ऊर्जा, आई.टी., शहरी विकास, 2008 से 2009 तक पुनर्गठन विभाग में सचिव, 2009 से 2010 तक प्रमुख सचिव ऊर्जा, पुनर्गठन, आवास एवं शहरी विकास, 2010 से 2014 तक पीएमओ में, 2014 से 2015 में भारत सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग में अपर सचिव पद पर रहे। 

शत्रुघ्न सिंह बने राज्य के नए मुख्य सचिव तो राकेश शर्मा को बनाया गया प्रधान मुख्य सचिव
देहरादून रू राज्य की नौकरशाही में परिवर्तन करते हुए मुख्य मंत्री हरीश रावत ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया है जबकि पूर्व मुख्यसचिव राकेश शर्मा को मुख्य प्रधान सचिव बनाया गया है।  बीती देर रात हुए इस निर्णय का बीते काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा था क्योंकि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व 1982 बैच के मुख्यसचिव राकेश शर्मा को सेवा विस्तार देने से जब मन कर दिया था वहीँ इसी बीच केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह के दिल्ल्ली से लौटने के बाद इस तरह के कयासों को और बल मिल गया था कि आईएएस अधिकारियों की एक लॉबी राकेश शर्मा को राज्य का मुख्य सचिव नहीं रहने देना चाहती और हुआ भी वही. केंद्र ने राज्य सरकार के प्रतिवेदन को दरकिनार करते हुए बीती एक नवम्बर को मुख्य सचिव के पद पर राकेश शर्मा के सेवा विस्तार को गलत करार देते हुए राज्य के किसी अधिकारी को यह पद देने की बात कही . तब से ही यह कयास लगाये जा रहे थे कि अब राकेश शर्मा का सेवा विस्तार होना नामुमकिन है और वही हुआ. राज्य सरकार को बीती देर रात शत्रुघ्न सिंह को राज्य का मुख्य सचिव बनना पड़ा तो राकेश शर्मा को मुख्यमंत्री का प्रधान मुख्यसचिव बनाकर उनको भी एडजस्ट किया गया है।

आउट सोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया को दुबारा से रिव्यू किया जाएगाः सीएम 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। राजकीय विभागों में आउट सोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया को दुबारा से रिव्यू किया जाएगा। सोमवार को नगर निगम में आयोेजित राजकीय वाहन चालक महासंघ के अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजकीय वाहन चालकों के एक माह के मानदेय को एक माह के विशेष वेतन में परिवर्तीत करने व ग्रेड-पे की मांग के संबंध में मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा को वाहन चालकों के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। मुख्यमत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के समस्त विभागों में सरकारी वाहनों के स्थान पर आउटसोर्सिंग से वाहन रखे जाने की प्रक्रिया का पुनर्परीक्षण किया जाएगा। इस बात का अध्ययन किया जाएगा कि इस प्रक्रिया को अपानाने से सरकार को लाभ हो रहा या हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि वाहन चालक सरकार का महत्वपूर्ण अंग हैं। सरकार का पहिया एक तरह से इनसे ही चलता है। छठे वेतन आयोग की कतिपय कैडर को कम करने की सिफारिशों को कमोबेश सभी राज्यों द्वारा माना गया है। परंतु कैडर को कम करने की चाह से कई मसले उलझ भी गए हैं। इन्हें दुरूस्त करने में समय लगना स्वाभाविक है। विभिन्न संवर्गों में ही आपस में विरोध होता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कर्मचारी संगठनों के नेता अपने कैडर के साथ ही राज्य की सम्पूर्ण मशीनरी के बारे में भी समग्र रूप से विचार कर सुझाव दें। बहुत सारी विसंगितियां हैं। फैसले कानून सम्मत ही हो सकते हैं। हमें केवल कर्मचरियों के बारे में ही नहीं बल्कि उन लोगों के बारे में भी सोचना होगा जिन्हें कुछ नहीं मिला है। आज भी एक बड़ा तबका सुविधाओं से वंचित हैं। हमारी सरकार ने इनके बारे में सोचते हुए समाज कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज उŸाराखण्ड सामाजिक योजनाओं पर सर्वाधिक व्यय करने वाला राज्य है।  हमें अपने नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ अतिरिक्त करने का प्रण लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी उत्पादकता का भी आंकलन करते हुए इसमें सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। विद्युत विभाग ने ट्रांसमिशन लाॅस कम करके दिखाया है। इस अवसर पर विधायक हीरासिंह बिष्ट, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष योगश उपाध्याय, महामंत्री महिपाल सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

शराब के कारोबार मंे ऋषिकेश की देवियों का जलवा 
  • कुख्यात शराब तस्कर संतोष समेत आठ महिलाएं तस्करी में धरे 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। तीर्थ नगरी ऋषिकेश मंे शराब तस्करों ने शमां बांधा हुआ है। आए दिन पुलिस की ओर से चेकिंग के दौरान अवैध शराब का जखीरा बरामद कर स्थानीय तस्करों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। बीती रात और आठ महिला शराब तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ऋषिकेश के विभिन्न बस्तियों में रहने वाली महिलाओं का शराब के काले कारोबार में हाथ आजमाना आम बात मानी जाती है। पुलिस के पिछले खुलासों में साबित हो चुका है कि चन्द्रेश्वरनगर, मायाकुंड, जाटव बस्ती, नई जाटव बस्ती, श्यामपुर, बीस बीघा जैसे इलाकों में अनेकों लोग शराब तस्कर में लिप्त पाए गए हैं। तीर्थ नगरी में महिलाओं की शराब तस्करी में भूमिका पाया जाना महिलाओं को दी गई पूजनीय उपाधियों पर भी सवालिया निशान खड़े करने को काफी है। बीती रात पुलिस ने अलग-अलग समय जहां आठ महिलाओं को शराब तस्करी करते गिरफ्तार किया है। वहीं बीस बीघा निवासी टीटू पुत्र रामचंद्र को भी शराब तस्करी करते पकड़ा गया है। पुलिस के अनुसार नई जाटव बस्ती निवासी संतोष पत्नी वीर सिंह,संतोष पुत्र सरला निवासी भैरव कालोनी, मुन्नी देवी निवाीस चंद्रेश्वर नगर, रिया निवासी बीस बीघा, दुलारी निवासी बीस बीघा, चांदमती निवासी चंद्रेश्वर नगर, तथा मायाकुंड निवासी ममता और जानकी को देशी शराब की तस्करी करते पकड़ा गया है। 

सवा साल ही निभ सकी दंपत्ति के बीच, ससुरालियों पर कराया दहेज का मुकदमा 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। दहेज की लालसा में लोग अपना पारिवारिक जीवन जोखिम में डाल रहे हंै। राजधानी देहरादून की शांत वादियों में भी दहेज रूपी जहर परिवार तोड़ने का प्रमुख कारण बन रहा है। कंैट पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति समेत छह ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। कैंट पुलिस के अनुसार कौलागढ़ रोड निवासी महिला ने नवादा निवासी पति सागर उनियाल, सास व अन्य ससुरालियों दीक्षा शर्मा, राजेश शर्मा, संसार उनियाल, गौरी आदि पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को दी शिकायत में महिला का कहना कि बीती साल तेइस अप्रैल को हुए विवाह के बाद से ही ससुराली उसे दहेज के लिए सताने लगे थे। प्रताड़ना से तंग आकर महिला मायके में आकर रहने लगी। महिला हैल्प लाइन में काउंसिलिंग पर भी ससुराली किसी तरह के समझौते को तैयार नहीं हुए। 

हादसे मंे जख्मी युवक की मौत 

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। तीन रोज पूर्व हुई दुर्घटना में घायल युवक की देर रात अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव को पंचायतनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।  ऋषिकेश पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ढालवाला निवासी रमेश का भाई घटना वाली रोज बाइक पर सवार होकर नटराज चैक से होते हुए गुजर रहा था। इस दौरान सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक पर टक्कर मार दी। बाइक सवार युवक को गम्भीर हालत में घायल होने पर अस्पताल में उपचार दिया जा रहा था। उधर रमेश ने दुर्घटना के जिम्मेदार चालक पर तेजी और लापरवाही से वाहन चलाते हुए अपने भाई की बाइक में टक्कर मारकर उसे मृत्युकारित करने का आरोप लगाया है। 

उत्कृष्ठ कार्य करने वाली वन पंचायत होंगी पुरस्कृत
  • -श्रीनगर गढ़वाल में वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को

देहरादून, 16 नवंबर(निस)। गढ़वाल मंडल की वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में सीएम हरीश रावत और वन मंत्री दिनेश अग्रवाल भी शामिल होंगे। सम्मेलन के दौरान गढ़वाल मंडल में चिन्हित 100 वन पंचायतों के सरपंचों को वन पंचायतों में चारागाह विकसित करने के लिए सीएम द्वारा प्रति वनपंचायत को दो लाख रुपये की धनराशि के चेत प्रदान किए जाएंगे। सम्मेलन प्रत्येक वन प्रभाग की एक वन पंचायत को उत्कृष्ठ कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। राजपुर रोड स्थित वन विभाग के मंथन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने बताया कि वन पंचायतें उत्तराखंड की गौरवमयी संस्था है, जिनका गठन ब्रिटिशकाल से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में 12,089 वन पंचायतें हैं, जिनमें 5,811 कुमांऊ मंडल में और 6,278 गढ़वाल मंडल में शामिल हैं। वन पंचायतों द्वारा 5.65 लाख हेक्टेयर वन पंचायत भूमि का प्रबंधन किया जा रहा है। प्रत्येक वन पंचायत का प्रबंधन वन पंचायत द्वारा स्वयं चयनित वन पंचायत प्रबंधन समिति जिसमें एक सरपंच और 8 अन्य सदस्य हैं द्वारा किया जाता है। राज्य में वन पंचायत चयनित व नामित सदस्यों की संख्या लगभग 1.08 लाख है। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के संरक्षण, संवर्द्धन, विकास और सशक्तिकरण के संदेश को राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले जनमानस तक पहुंचाने के लिए श्रीनगर में गढ़वाल विश्वविद्यालय के चैरास परिसर स्थित मंथन आॅडिटोरियम में गढ़वाल मंडल की वन पंचायतों का एक दिवसीय सम्मेलन 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में 300 से 400 प्रतिनिधि भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत और वे खुद इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे पूर्व कुमांऊ मंडल में वन पंचायत सम्मेलन हो चुका है। सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्रियों, विधायकों, वन विकास निगम के अध्यक्ष तथा नामित पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के समीप अवस्थित गांवों में पशुपालन को प्रोत्साहित करने व दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने हेतु वर्ष 2014-15 से मुख्यमंत्री द्वारा पंचायती वनों में मुख्यमंत्री चारागाह विकास योजना आरंभ की गईहै। योजना के अंतर्गत गढ़वाल मंडल की चिन्हित सौ वन पंचायतों के सरपंचों, प्रतिनिधियों को वन पंचायतों में चारागाह विकसित करने हेतु सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री दो लाख रुपये की धनराशि के चेक भी वितरित करेंगे। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के प्रबंधन में पंचायती वन होने के कारण इन वनों में विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के संरक्षण, संवर्द्धन, सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए मुख्यमंत्री वन पंचायत सुदृढ़ीकरण योजना, मुख्यमंत्री चारागाह विकास योजना, राज्य वन विकास अभिकरण और जायका परियोजना क्रियान्वित की जा रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत वन पंचायतों में पौधारोपण, चारागाह विकास, फलदार पौधों का रोपण, जड़ी-बूटी रोपण, अग्नि सुरक्षा, मृदा एवं जल संरक्षण आदि कार्य कराए जा रहे हैं। पत्रकार वार्ता में दायित्वधारी कुंवर सिंह नेगी, प्रमुख वन संरक्षक व वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।    

अधिवक्ताओं ने पुलिस पर उगला गुस्सा, अदालती कामकाज बाधित

नैनीताल, 16 नवम्बर(निस)। जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने जिला बार एसोसिएशन के उपसचिव भानु प्रताप मौनी पर हुए जानलेवा हमले को लेकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने उपसचिव पर हुए हमले को मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि उन पर कातिलाना हमला हुआ।जिला बार एसोसिएशन के उपसचिव भानु प्रताप मौनी पर सात नवंबर को जानलेवा हमला हुआ था। अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ अदालती कामकाज का बहिष्कार करते हुए जिला अदालत परिसर में प्रदर्शन किया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिसंकर कंसल के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस हमलावरों को बचा रही है। उन्होंने पुलिस की कारगुजारी की शिकायत डीएम और एसएसपी से करने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि पुलिस ने कातिलाना हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया और हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं की तो अदालती कामकाज का बहिष्कार किया जाएगा। इस मौके पर कैलाश जोशी. पंकज कुलोरा, बहादुर पाल, ओंकार गोस्वामी समेत अनेक अधिवक्ता शामिल रहे।

हमेशा नकाब पहनने वाली युवती ने आखिर क्यों हटाया नकाब..

नैनीताल, 16 नवम्बर(निस)। नकाब पहनकर जिंदगी की राहों में सधे कदमों से चलते हुए जब हुमा रुखसार सफलता के पायदान पर पहुचीं तो उन्होंने वहीं नकाब हटाकर सफलता की खुशी शिद्दत से महसूस की। रविवार को नैनीताल विवि टॉप करने के बाद ककुलाधिपति से सम्मान ग्रहण करते हुए उन्होंने नकाब उठाया। यही वह मौका था जब लोगों ने उनके चेहरे को पहली बार देखा। हमेशा नकाब में रहने वाले हुमा ने जब नैनीताल विवि की टॉपर बनने पर कुलाधिपति से मेडल प्राप्त किया तो उन्होंने बिना नकाब के सम्मान ग्रहण किया। आत्मविश्वास से लबरेज हुमा को देखकर हर कोई अभिभूत हो गया एमए गृह विज्ञान की टॉपर हुमा रुखसार ने सितारगंज निवासी हुमा रुखसार एमबीपीजी हल्द्वानी से एमए ग्रह विज्ञान में सर्वोच्च अंक हासिल कर कुलपति गोल्ड मेडल की हकदार बनी। हमेशा चेहरे पर नकाब पहनकर चलने वाली हुमा ने अपनी मेहनत की डिग्री पाने के लिए चेहरे का नकाब हटाया तो साथ में संदेश भी दिया कि अगर समाज की कमजोरियों को ताकत बनाकर चलें तो सफलता कदम चूमती है। हुमा के पिता मो. मिकाइल की छोटी सी  दुकान हैं। हुमा आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर की है। कुलाधिपति के हाथों मेडल प्राप्त करने के बाद सातवें आसमान पर पहुंची हुमा ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनकी मां अनीशा बेगम ग्रहणी है। उन्होंने बताया कि मां-बाप ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया। हुमा हंसते हुए कहती हैं कि मेडल प्राप्त करने के बाद ही पहली बार लोगों ने उनका चेहरा देखा। कहा कि इस्लाम में शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया गया है। 

जन्मदिन पर मां ने मासूम को दिया ऐसा झ टका कि कलेजा मुंह को आ जाए... 

रुद्रपुर, 16 नवम्बर(निस)। बच्चे की अलाई-बलाई लेने वाली मां हर तकलीफ को बच्चे तक पहुंचने से पहले अपने ऊपर झेल जाती है। उसके कलेजे के टुकड़े पर कोई भी आंच न आ पाए, वह अपने आंचल में अपने लाल को छुपा लेती है। मगर कोई मां अपने लाल के जन्मदिन पर ही उसे दुनिया में लावारिश छोड़ दें, तो कलेजा मुंह को आना लाजिमी है। आइए जानते हैं ऐसी ही एक क्रूर मां की कहानी। शिमला निवासी सूरज का कल जन्मदिन था। अपने जन्मदिन पर हंसी-खुशी मां के साथ शिमला से निकला सूरज को नहीं मालूम था कि उसके क्य आगे क्या अनहोनी होने वाली है। उसकी मां उसके शिमला से रुदपुर बस अड्डे पर छोड़ गई। इसके बाद से मासूम सूरज की आंखें अपनी मां को तलाश रही है। मगर निष्ठुर मां का दिल नहीं पसीजा और वह लौट कर नहीं आई। 
सूरज हिमाचल की राजधानी शिमला के मोहल्ला पुजाली का रहने वाला है। उसने बताया कि उसके पिता राजू खत्री सेब के बागान में श्रमिक हैं। पुलिस को मुताबिक राजू और उसकी पत्नी सुषमा में अक्सर लड़ाई रहती है। वह पहले भी पति से अलग रहने का प्रयास कर चुकी है। शनिवार को सुषमा सूरज को लेकर शिमला से टनकपुर जाने वाली बस में बैठी। रविवार को सुषमा ने सूरज को रुद्रपुर रोडवेज डिपो पर छोड दिया। उसको अकेला देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शिमला पुलिस से संपर्क कर मासूम के पिता के बारे में जानकारी जुटाई। मगर सूचना मिली है कि उसका पिता भी बागान में काम छोड़ चुका है। कोतवाल जेसी पाठक ने बताया कि सूरज फिलहाल पुलिस के पास है। आज उसे एसडीएम कोर्ट में पेश कर बाल सुधारगृह भेज दिया जाएगा। उसके परिजनों से संपर्क करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
      
भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट कल होंगे बंद

गोपेश्वर, 16 नवम्बर (निस)। भू-बैकुंठ के नाम से विख्यात श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को कल सांय चार बजकर पैंतीस मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंदी के लिए तैयारियां पूरी कर दी गई है। इसके लिए श्री बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है।कपाट बंदी के तहत कल प्रातरू पांच बजे हमेशा की तरह बदरीनाथ मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। सबसे पहले भगवान बदरी विशाल का अभिषेक व महाभिषेक पूजाएं संपन्न कराई जाएंगी।इस दौरान भगवान का स्वर्ण आभूषणों के बजाय फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। इस दिन को फूल श्रृंगार दिन के नाम से भी जाना जाता है। परिक्रमा परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर से मां लक्ष्मी को बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी भगवान नारायण की पंचायत में आने का बुलावा भेजेंगे। नारायण पंचायत से कुबेर व उद्धव जी को बाहर लाने के बाद मां लक्ष्मी को नारायण के साथ विराजित किया जाएगा। मां लक्ष्मी के भगवान नारायण के साथ विराजमान होते ही सांय को चार बजकर पैंतीस मिनट पर भगवान बदरी विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान कुबेर, उद्धव जी की पालकी व शंकराचार्य की गद्दी पालकी को पांडुकेश्वर योगध्यान बदरी मंदिर में लाया जाएगा। यहां पर तीनों की पूजा अर्चना होगी। 18 नवंबर को योगध्यान बदरी मंदिर में कुबेर जी व उद्वव जी को विराजित करने के बाद शंकराचार्य की गद्दी को नृसिंह मंदिर जोशीमठ में लाया जाएगा। छह माह तक शंकराचार्य गद्दी की नृसिंह मंदिर जोशीमठ में ही पूजा अर्चना होगी।
       
अजब-गजब ठगने के बाद कहा, धन्यवाद, धोखेबाजों से रहे सावधान

हल्द्वानी, 16 नवम्बर(निस)। धोखेबाज से सावधान। ठगी से बचाने के लिए ये लाइन गाहे-बगाहे दिखती हैं। मगर कोई ठगने के बाद यह मैसेज छोड़ जाए तो चैकनें वाली बात तो है। ऐसा ही कुछ डहरिया के सत्याविहार निवासी सुभाष सिंह के साथ हुआ। एक जालसाल ने उनके मोबाइल एटीएम कोड पूछ उन्हें हजारों का चूना लगा दिया और फिर मैसेज छोड़ दिया कि धन्यवाद, धोखेबाज से सावधान रहें। प्राइवेट कंपनी में कार्यरत सुभाष के मोबाइल पर कल दोपहर एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताया। जालसाज ने सुभाष को उनके एटीएम ब्लॉक होने की सूचना दी और कहा कि इसे फिर से खोलने के लिए एटीएम कोड मांगा। सुभाष ने 16 नंबर कोड बता दिया।इसके बाद कॉलर ने कुछ देर में दूसरा कोड देने की बात कहकर फोन काट दिया। कुछ देर बाद सुभाष के मोबाइल पर बैंक से मैसेज आया। उन्हें लगा कि कोड बदल गया। मगर जब उन्होंने गौर से मैसेज देखा तो उनके होश फाख्ता हो गए। कुछ ही देर में उनके खाते से 14,300 रुपये निकाले जा चुके थे। उनका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता था जिसमें कुल 19,500 रुपये पडे थे। अब उन्हें मामला समझते देर नहीं लगी वे आनन-फानन एटीएम की ओर दौडे। उन्होंने खाते में बची रकम और मिनी स्टेटमेंट निकालकर कोतवाली में तहरीर दी। बैंक डिटेल के मुताबिक उनके खाते से चार बार में खरीदारी की गई, जिसमें पांच हजार, 48 सौ, चार हजार और 15 सौ रुपये से सामान खरीदा गया। सुभाष की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है।  

विरोध कर रहे पीएचडी धारकों को पुलिस ने लात-घूंसे से पीटा

हल्द्वानी, 16 नवम्बर(निस)। गेस्ट टीचर की भर्ती प्रक्रिया बाधित कर रहे वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी धारकों को पुलिस ने लात-घूंसों से पीट डाला। पीएचडी धारकों ने निदेशालय में ताले जड़ दिया था। इसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को थाने ले गई। सोमवार सुबह निदेशालय में गेस्ट टीचर की भर्ती प्रकिया चल रही थी। इस दौरान उत्तराखण्ड पीएचडी होल्डर्स एसोसिएशन के संयोजक डॉ. सुनील पंत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी निदेशालय में घुस गए और हॉल के ग्रिल बन्द कर  दो ताले जड दिए। इससे वहां मौजूद अभ्यर्थियों और इंटरव्यू लेने वाले कार्मिकों में अफरा-तफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदिरा हृदयेश और विभाग के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की। पुलिस ने आन्दोलनकारियों से ताला खोलने को कहा, मगर वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने ताले तोड़कर प्रदर्शनकारियों को बाहर खदेड़ दिया। और लात-घूंसे बरसाते हुए वाहन में ठूंस दिया। पुलिस ने डॉ.सुनील पंत, डॉ. देवेन्द्र रावत, डॉ. भगवती प्रसाद पंत, डॉ. प्रमोद सती, डॉ. अखिलेश नौटियाल और कुंजन पोखरिया को दौडा-दौडाकर पीटा। आक्रोशित पीएचडीधाकरों ने कहा कि उच्च शिक्षितों का यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर डॉ. वीरेंद्र बर्त्वाल, डॉ. अन्वेषा शाह, डॉ. रमनकुमार सिंह. डॉ. विनोद सिंह, डॉ. रोमा भंडारी, डॉ. दीप्ति गोयल समेत अन्य पीएचडीधारक मौजूद रहे।

हत्या का नहीं लगा सुराग, परिजनों ने लगाया एक घंटे जाम

रुद्रप्रयाग, 16 नवम्बर(निस)। बीते गुरुवार को व्यापारी शिवराज सिंह जगवाण की हुई हत्या की गुत्थी पुलिस अभी तक सुलझा नहीं पाई है। आक्रोशित परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर केदारनाथ तिराहे पर एक घंटे जाम लगाया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में कोताही बरत रही है। बतातें चलें कि दिवाली के अगले दिन गुरुवार को भैंस गांव निवासी शिवराज सिंह का शव मंदाकिनी नदी के ऊपर झाडि़यों में मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम जिला चिकित्सालय में कराया था। शव के सिर और चेहरे पर चोट के निशान थे। परिजनों ने शिवराज की हत्या की आशंका जताते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की थी। मगर इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले को सुलझाने में नाकाम रही है। इस वजह से आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगाकर विरोध दर्ज किया।

पंतनगर विवि के दीक्षांत समारोह में आएंगे प्रणव दा

रुद्रपुर, 16 नवम्बर(निस)। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे। इसके लिए प्रणव दा सेना के विशेष विमान से पहले बरेली के त्रिशूल हवाई अड्डे पहुंचेंगे। वहां से सेना के ही एमआइ 17 हेलीकॉप्टर से पंतनगर पहु्ंचेंगे। तीन घंटे पंतनगर में बिताने के बाद वे वाया बरेली दिल्ली रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रपति के पंतनगर आने का बरेली जिला प्रशासन को मिनट टू मिनट कार्यक्रम मिल गया है। इस कार्यक्रम के मुताबिक राष्ट्रपति वायुसेना के बीबीजे विमान से 17 नवंबर को सुबह 10ः45 बजे दिल्ली से प्रस्थान करेंगे व 11ः35 बजे त्रिशूल एयर फोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। यहां दस मिनट विश्राम के बाद वे सेना के एमआइ 17 हेलीकाप्टर से 11ः45 बजे पंतनगर के लिए रवाना होंगे। पंतनगर 12ः15 पर पहुंचने के बाद 12ः30 बजे दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति सवा घंटे दीक्षांत समारोह में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर राष्ट्रगान व विश्वविद्यालय गान, कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह की कार्यवाही प्रारंभ करने की घोषणा, कुलपति द्वारा उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को दीक्षा, मुख्यमंत्री द्वारा आशीर्वचन, राष्ट्रपति द्वारा दीक्षांत भाषण के बाद कुलसचिव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति 3ः15 पर पंतनगर से त्रिशूल के लिए रवाना हो जाएंगे। वहां वे 3ः45 पर पहुंचेंगे। यहां दस मिनट रुकने के बाद वह 3रू55 पर दिल्ली रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन समेत विवि प्रशासन ने भी जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है।

राजभवन गोल्फ मैदान केा अत्याधुनिक एवं सुविधाजनक बनाया जायेगाः राज्यपाल 

देहरादून, 16 नवम्बर(निस)। राजभवन गोल्फ मैदान केा अत्याधुनिक एवं सुविधाजनक बनाया जायेगा। साथ ही गोल्फ के उत्कृष्ट खिलाडि़यांे को तैयार करने के लिये प्रशिक्षण दिये जाने की भी सुविधायें बढ़ायी जायेंगी। इस दिशा में प्रदेश के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाॅल द्वारा नई सोच के साथ गोल्फ मैदान को स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य गोल्फरों के अभ्यास के लिये खोल दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व इस गोल्फ मैदान में राष्ट्रीय स्तर की गोल्फ प्रतियोगितायें ही आयोजित हुआ करती थी। विगत अक्टूबर माह से स्कूली बच्चों के गोल्फ प्रशिक्षण हेतु इस ऐतिहासिक मैदान को खोल दिया गया है व स्कूल स्तर का टूर्नामेंट आयोजित कराया गया। गोल्फ मैदान को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने तथा हाईटैक बनाने के लिये सोमवार की प्रातः राज्यपाल द्वारा राजभवन गोल्फ क्लब के सदस्यों एवं बुजुर्ग गोल्फरों के साथ मैदान का मुआयना किया तथा उनके साथ विचार विमर्श कर उनके सुझाव व अनुभव साझा किये।  राजभवन गोल्फ क्लब कैप्टन हरीश चन्द्र साह ने बताया कि गोल्फ क्लब द्वारा स्कूली बच्चों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गोल्फ मैदान में अधिक से अधिक सुविधायें सृजित कर औेर अधिक टूर्नामेंट कराये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोल्फ मैदान हेतु और अधिक मशीनें बढ़ाने के साथ ही अन्य संसाधन भी बढ़ाये जाने हैं ताकि हम गोल्फ खिलाडि़यों को अधिक से अधिक सुविधायें दे सकें। बैठक में न्यायाधीश जे.सी.एस रावत, सचिव राज्यपाल ए.के ढ़ौडियाल, सचिव गोल्फ क्लब डा0 योगेन्द्र सिंह रावत, आयुक्त ए.एस नयाल, सुधीर साह, ए.आर टण्डन, गीता साह, जी.एल साह, पी.एस बोरा, कमल त्रिपाठी, वेद साह, एच.एल साह,सहित अनेक गोल्फर उपस्थित थे। 

छठ विशेष : लोकआस्था का महापर्व है छठ पूजा

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तमाम पर्व-त्योहारों ने अपनी मूल जड़ें खो दी हैं। पर छठ अभी भी अपने मूल स्वरूप में है क्योंकि यह लोक पर्व है। इस पर्व में भगवान भास्कर की पूजा की जाती है। जो पूरी सृष्टि के जीवनदाता हैं। जैसे-जैसे बिहार और पूर्वाचल के लोग बाहर निकले वैसे-वैसे छठ ने विस्तृत फलक पर अपनी जगह बना ली और मुखर हो गया। मूलतः बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलित यह पर्व अब तो मॉरीशस और अमरीका में भी जीवंत नजर आता है। यह पर्व सबके बीच सद्भाव उत्पन्न करता है। सूर्य की दृष्टि में सब एक हैं। अमीर हो या गरीब या भूमि पर लेटकर उपासना करने वाले हो या एक सूप चढ़ाने वाले, सभी सूर्य परिवारी हो जाते हैं। सूर्य अपनी रश्मियों का विभाजन नहीं करता। जब कोटि-कोटि हाथ सूर्योपासना में उठते हैं तो पूरी मानवता नदी-तालाब किनारे इकट्ठा हो जाती है 

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सूर्य काल्पनिक देवता नहीं, बल्कि प्रत्यक्ष देवता हैं। अमीर हो या फिर गरीब, सबका आंचल सूर्य के सामने फैलता है। इसमें व्रती का धैर्य ही महत्वपूर्ण होता है। यानी अंतःकरण की शुद्धता का भी प्रतीक है छठ। इस दौरान सूर्य की सचेष्ट किरणों का प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है। कृषक समाज हो या कृषि पर आधारित समाज की संस्कृति में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करने वाले। छठ सभी समाज की संपूर्ण मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है। इसीलिए राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक जगत में अनेक तरह के परिवर्तन के वावजूद छठ पर्व मनाने का सिलसिला आज भी जारी है। देखा जाय तो कृषक समाज को जब न तो विज्ञान का इतना विकास हुआ था और न ही आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध थी। सूर्य की ऊष्मा और ऊर्जा ही कृषि में हर वह तत्व पहुंचाता था, जो पौध वृद्धि में सहायक होती थी। मतलब साफ है भारतीय समाज के एक वर्ग ने ऐसे प्रत्यक्ष देवता की पूजा का विधान करने में काफी सोच-समझकर नियम बनाए। सही अर्थों में पूजक कृषकों ने अपने पुरुषार्थ का प्रदर्शन किया। अपनी श्रमशक्ति से खेतों में वे जो कुछ उपजाते थे उन सबको पहले सूर्य देवता को भेंट के रूप में देते थे। इसी अर्थ में यह पर्व कृषक समाज के पुरुषार्थ के प्रदर्शन के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के मौके पर जो लोक गीत गाये जाते हैं उनमें से कई गीतों के अर्थ कुछ इस प्रकार होते हैं- ‘हे देवता! नेत्रहीनों को दृष्टि दो, कुष्ठ रोगियों को रोगमुक्त कर स्वस्थ बनाओ और उसी तरह से निर्धनों को धन प्रदान करो। यही तुम्हारे रथ को पूरब से पश्चिम की ओर ले जाएंगे।’ गौर करें तो इस गीत में अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के पीडि़त और उपेक्षित लोगों के लिए नया जीवन मांगा जा रहा है। एक लोकगीत में तो मांग की गई है, ‘हे देवता! हमें पांच विद्वान पुत्र और दस हल की खेती चाहिए।‘ इससे प्रमाणित होता है कि यह व्रत अत्यंत प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। 

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मन्नतों की छठ यानी मां षष्ठी और सूर्य की आराधना का दिन। सूर्य ही इकलौता ऐसे देवता है जो सम्पूर्ण जगत की आत्मा है। सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता है भगवान सूर्य, जो प्रातःकाल उगते व सायंकाल अस्त होते हुए दिखते है। सूर्य उपासना से जातक को तत्काल फल की सिद्धि है। आज ही उपासना करिए और कल ही उसका फल मिल जाता है। तभी तो भगवान सूर्य की उपासना कभी व्यर्थ नहीं जाती। छठ पर उगते व अस्त होते सूर्य को अघ्र्य देने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है। जल सूर्य के अधीरक्षक देवता है इसलिए जल में ही खड़े होकर उपासना की जाती है। इस दिन सूरज की किरणों से घाट-घाट पर बिखरता है अमृत। हर अघ्र्य के साथ कटता जाता है दुख-दर्द। पूरी हो जाती है आस्थावानों की सभी कामनाएं। इस मौके पर व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं। व्रत समाप्त होने के बाद ही व्रती अन्न और जल ग्रहण करते हैं। खरना पूजन से ही घर में देवी षष्ठी का आगमन हो जाता है। तभी तो भगवान सूर्य के इस पावन पर्व में शक्ति व ब्रह्मा दोनों की उपासना का फल एक साथ प्राप्त होता है। इसमें रौनक उसी तरह से रहती है मानो बेटी की शादी हो रही हो। काफी उत्साह का माहौल रहता है। गीत गाए जाते हैं। इसमें हर किसी की अपनी आस्था है। छठ के कई दिन पहले से ही देश के विभिन्न हिस्सों में छठ गीतों की गूंज सुनाई देने लगती है। 

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अघ्र्य मतलब विशेष सम्मान। जिससे बढ़कर जीवन में कोई दुसरा नहीं हो। जीवन में सिर्फ दो ही व्यक्तियों को अघ्र्य दिया जाता है पहला भगवान सूर्य और दूसरा विवाह के वक्त जवाई को। प्राचीन धार्मिक संदर्भ में यदि इस पर दृष्टि डालें तो पाएंगे कि छठ पूजा का आरंभ महाभारत काल के समय से है। छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं, उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस सबसे बड़े पर्व की तैयारी भक्त दिवाली के बाद से ही करना शुरू कर देते हैं। ऐसा जरूरी भी है, कहते हैं इस पूजा में हुई एक छोटी सी चूक उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर देती है। ऐसे में भक्त अपनी तरफ से देवी को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। कार्तिक शुक्ल की छठी के दिन आने वाला ये पर्व चार दिन का होता है। पहले दिन यानी चतुर्थी को आत्म शुद्धि के लिए भक्त केवल अरवा खाते हैं यानी शुद्ध आहार लेते हैं। इसके बाद पंचमी को भक्त स्नान के बाद पूजा पाठ करते हैं। उसके बाद शाम को गुड़ और नए चावल की खील बनाकर फल और मिठाइयों से छठी माता की पूजा करते हैं। इसके बाद कुंवारी कन्याओं और ब्राह्मणों को खाना खिलाकर भक्त इस खील को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। इसके बाद आता है सबसे अहम दिन यानी षष्टी, जिस दिन सूर्य की आराधना होती है। इस दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं। मां की पूजा के लिए हर तरह के पकवान बनाकर और सात तरह के फल बांस के डालों में भरकर नदी या तालाब के किनारे जाते हैं। यहां गन्ने का घर बनाकर दिया जलाते हैं और डूबते सूरज को अघ्र्य देते हैँ। ये अघ्र्य कमर तक पानी में खड़े होकर दिया जाता है। सूरज ढ़लने के बाद भक्त घर आते हैं और फिर जागरण होता है। सप्तमी के दिन ब्रह्म मूहूर्त में लोग फिर से नदी या तालाब के तट पर इकट्ठे होते हैं और फिर उगते हुए सूरज को अघ्र्य दिया जाता है। भक्त अंकुरित चने हाथ में लेकर षष्ठी व्रत की कथा कहते और सुनते हैं। कथा के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है और फिर सभी अपने-अपने घर लौट आते हैं। 

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व्रत करने वाले इस दिन परायण करते हैं। छठ को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। इसके महत्व का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें किसी गलती के लिए कोई जगह नहीं होती। इसलिए शुद्धता और सफाई के साथ तन और मन से भी इस पर्व में जबरदस्त शुद्धता का ख्याल रखा जाता है। इस त्योहार को जितने मन से महिलाएं रखती हैं पुरुष भी पूरे जोशो-खरोश से इस त्योहार को मनाते हैं और व्रत रखते हैं। कहा जा सकता है छठ पर्व हमारी रीति-रिवाज ही नहीं हमारी सांस्कृतिक विविधता का बेजोड़ उदाहरण है। यूपी-बिहार में इस पर्व को लोग जिस निष्ठा, भक्ति व समर्पण के साथ करते रहे हैं वह और कहीं देखने को नहीं मिलता। लोग आज भी इसकी तैयारी में पूरी आस्था और समर्पण से जुटते हैं। अपने घर, गांव व समाज में आकर छठ करने पर कुछ अलग महसूस होता है। इस दिन कितनी ही व्यस्तता हो लोग छठ के मौके पर अपने घर जरूर पहुंचते है। खास बात यह है कि लोगों को अपनत्व के बंधन में भी यह पर्व बांधता है। बेटियां इस मौके पर अपने मायके आती है। इसी बहाने दामाद भी आते है। घर में आनंद, उत्साह व प्रेम का एक अलग माहौल दिखता है। लोगों की बढ़ती आस्था का ही उदाहरण है कि अब विदेशों में रहने वाले भारतवंशी भी छठ व्रत करने लगे हैं। 

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पौराणिक मान्यताएं 
सूर्य उपासना और छठी मैया की पूजा के लिए चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का इतिहास भी बहुत पुराना है। पुराणों में ऐसी कई कथाएं हैं जिसमें मां षष्ठी संग सूर्यदेव की पूजा की बात रही गयी है, फिर चाहे वो त्रेतायुग में भगवान राम हों या फिर सूर्य के समान पुत्र कर्ण की माता कुंती. छठ पूजा को लेकर परंपरा में कई कहानियां प्रचलित हैं। 

राम की सूर्यपूजा 
कहते हैं सूर्य और षष्ठि मां की उपासना का ये पर्व त्रेता युग में शुरू हुआ था। भगवान राम जब लंका पर विजय प्राप्त कर रावण का वध करके अयोध्या लौटे तो उन्होंने कार्तिक शुक्ल की षष्ठि को सूर्यदेव की उपासना की और उनसे आशीर्वाद मांगा। जब खुद भगवान सूर्यदेव की उपासना करें तो भला उनकी प्रजा कैसे पीछे रह सकती थी। राम को देखकर सबने षष्ठी का व्रत रखना और पूजा करना शुरू कर दिया। कहते हैं उसी दिन से भक्त षष्टी यानी छठ का पर्व मनाते हैं। 

राजा प्रियव्रत की कथा 
छठ पूजा से जुड़ी एक कथानुसार, एक बार एक राजा प्रियव्रत और उनकी पत्नी ने संतान प्राप्ति के लिए पुत्रयेष्टि यज्ञ कराया। लेकिन उनकी संतान पैदा होते ही इस दुनिया को छोड़कर चली गई। संतान की मौत से दुखी प्रियव्रत आत्महत्या करने चले गए तो षष्टी देवी ने प्रकट होकर उन्हें कहा कि अगर तुम मेरी पूजा करो तो तुम्हें संतान की प्राप्ति होगी। राजा ने षष्टी देवी की पूजा की जिससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। कहते हैं इसके बाद से ही छठ पूजा की जाती है। 

कुंती कर्ण कथा
कहते हैं कि कुंती जब कुंवारी थीं तब उन्होंने ऋषि दुर्वासा के वरदान का सत्य जानने के लिए सूर्य का आह्वान किया और पुत्र की इच्छा जताई। कुंवारी कुंती को सूर्य ने कर्ण जैसा पराक्रमी और दानवीर पुत्र दिया। एक मान्यता ये भी है कि कर्ण की तरह ही पराक्रमी पुत्र के लिए सूर्य की आराधना का नाम है छठ पर्व। भविष्य पुराण में भी इस व्रत का उल्लेख मिलता है- ‘कृत्यशिरोमणो, कार्तिक शुक्ल षष्ठी षष्ठीकाव्रतम’ यानी धौम्य ऋषि ने द्रोपदी को बतलाया कि सुकन्या ने इस व्रत को किया था। द्रोपदी ने भी इस व्रत को किया जिसके फलस्वरूप वह 88 सहस्र ऋषियों का स्वागत कर पति धर्मराज युधिष्ठर की मर्यादा रखती हुई शत्रुओं को समूल नष्ट करके विजय प्राप्त की। 

साफ-सफाई का विशेष ध्यान 
इस व्रत में एक-एक नियम-कानून का बहुत ही बारीकी से ध्यान देना पड़ता है। इतना ही नहीं अघ्र्य देने वाले कोनिया दौरा और प्रसाद में इस्तेमाल किए जाने वाली एक-एक चीज का पूरी तरह से शुद्ध होना बहुत जरुरी है। व्रत की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। पूजन सामग्री किसी कारण से जूठी न हो, इस कारण पूजन सामग्री को रखने के लिए घरों की सफाई की जाती है। अगर पूजन सामग्री जूठी या अपवित्र हो जाए तो पर्व खंडित हो जाता है और इसे अशुभ माना जाता है। नहाय-खाय के दिन से ही व्रतधारी जमीन पर सोते हैं। घर में सभी के लिए सात्विक भोजन बनता है। दूसरे दिन पूरे दिन व्रत कर चंद्रमा निकलने के बाद व्रतधारी गुड़ की खीर का प्रसाद खाते हैं। इसी दिन कद्दू की सब्जी विशेषतौर पर खायी जाती है। स्थानीय बोलचाल में इसे कद्दू-भात कहते हैं। कद्दू-भात के साथ ही व्रतधारियों का 36 घंटे का अखंड व्रत शुरू हो जाता है। इस दौरान व्रतधारी अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। तीसरे दिन व्रतधारी अस्त होते हुए सूर्य को नदी व तालाब में खड़े होकर अर्ध्य देते हैं। चैथे दिन सुबह उगते सूर्य को कंद-मूल व गाय के दूध से अघ्र्य देने के साथ ही यह व्रत सम्पन्न होता है। व्रतधारी व्रत समाप्त होने के बाद सबसे पहले प्रसाद के रूप ठेकुआ खाते हैं और उसके बाद अन्न ग्रहण करते हैं। 

मुहूर्त 
छठ पूजा व्रत आरंभ नहाय खाय 15 नवम्बर, खरना लोहंडा 16 नवम्बर, सांझा अघ्र्य 17 नवम्बर सूर्योदय अघ्र्य 18 नवम्बर को है। छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है। कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इसका समापन होता है। प्रथम दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। नहाए-खाए के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना किया जाता है। पंचमी को दिनभर खरना का व्रत रखने वाले व्रती शाम के समय गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन प्रसाद रूप में करते हैं। 

पूजन विधि 
तीन दिनों के इस महापर्व की शुरुआत ‘नहाए खाए’ से होती है। उसके अगले दिन ‘खरना’ होता है और फिर उसके अगले दिन शाम को पहला अर्घ्य दिया जाता है। नहाए खाए के दिन बिना लहसुन-प्याज के शुद्ध घी में चना-घीया (इसे कहीं-कहीं लौकी या कद्दू भी कहा जाता है) डाल कर दाल बनाई जाती है और अरवा चावल के साथ खाया जाता है। खरना के दिन शाम को एक अलग कमरे में मिट्टी के नए चुल्हे पर खीर और पुरी बनती है। कई लोग गुड़ की खीर भी बनाते हैं, जिसे रसियाव कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन भोजन करते समय व्रतियों की कान में कोई आवाज नहीं पड़नी चाहिए। 

गीत भी देते है संदेश 
इस अवसर पर जो भी गीत गाये जाते हैं। वे प्रायः सूर्य से संबंधित होते हैं। किसी में भास्कर भगवान की महिमा होती है तो कहीं पर आदित्य से शीघ्र उदय होने की प्रार्थना की गई है। इन गीतों में समस्त मानव को सूर्य देवता का सेवक माना गया है। ये सभी गीत पूर्णतः धर्म एवं समाज से जुड़े होते हैं। जब स्त्रियां गीत गाती हुईं किसी जलाशय के किनारे जाने के लिए घर से निकलतीं हैं तो उस समय वे निम्न गीत गाती हैं। 
“कांचहि बांस के दउरवा, दउरा नइ नइ जाइ।
केरवा से भरल दउरवा, दउरा नइ नइ जाइ।
होखना कवन राम कहरिया, दउरा घाटे पहुंचाई।
बाट जे पूछेला बटोहिया, इ दउरा केकरा के जाइ।
तें ते आन्हर बाड़े रे बटोहिया, इ दउरा छठी मइया के जाइ।“

इस गाने का भावार्थ है कि एक स्त्री कह रही है, मैं अपने स्वामी को गिरवी रखकर छठी माता को पांच प्रकार के फलों का अघ्र्य दूंगी। दो-दो बांस की सूपली से छठी माता को अघ्र्य दूंगी।
“कहेली कवन देइ हम छठि करवो,
अपना स्वामी जी के गिरवी रखबो।
पांच करहरिया मइया के अरघ देवो,
दोहरी कलसुपये मइया के अरघ देवो।“

दरअसल इस गीत पर गौर करें तो यहां पर भारतीय नारी के लिए यह सबसे बड़ा त्याग परिलक्षित होता है कि वह अपने पति को गिरवी रखकर छठी माता की पूजा करने के लिए तैयार है। वह दो-दो सुपली से भगवान भास्कर को अर्घ्य देने का प्रण करती है। इससे इस व्रत की महिमा और उसकी लोकप्रियता प्रकट होती है। ऐसे तमाम गीत जब इस मौके पर स्त्रियां गाती हैं तो भक्ति की एक असीम धारा प्रवाहित होती हैं। स्त्रियां जब ‘ए छठि मइया ए छठि मइया’ को बार-बार दुहराती हैं उस समय मानो ऐसा प्रतीत होता है कि उनके हृदय भक्ति भावना से ओत-प्रोत है और वे छठि मइया को गोहराने में ही लीन हैं।

पूजन सामाग्री 
जिस डाली में सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है उस डाली में पूजा सामग्री धूप, दीप के अतिरिक्त पांच प्रकार के सामयिक फल केला, नींबू, संतरा, नारियल और शरीफा आदि चढ़ाया जाता है। इसके अतिरिक्त मूली, गन्ना, हल्दी, सूरन आदि भी डाली में रखा जाता है। सूर्य भगवान का सबसे प्रमुख व्यंजन पकवान को माना गया है जिसे में डाली में चढ़ाने के लिए बड़ी ही शुद्धता से गेहूं को धोकर सूर्य के प्रकाश में सुखाकर जांत में उसका आटा बनाया जाता है और फिर उसे दूध से गीला कर एक ऐसे सांच में डालकर आकार दिया जाता है जिसपर सूर्य देवता का चित्र बना होता है और फिर उसे शुद्ध घी में तलकर डाली में चढ़ाकर देवता को अघ्र्य दिया जाता है।

महत्व 
यहां व्रत करने वाले व्यक्ति की कल्पनाशक्ति देखिए कि षष्ठी तिथि उच्चारण विपर्यय के कारण छठी बन गई और स्त्रीलिंग होने के कारण उसे सूर्य की जननी के रूप में स्वीकार किया गया और षष्ठी तिथि ‘छठी मइया’ बन गई तथा षष्ठी का दिवस पुल्लिंग होने के कारण ‘छठ व्रत’ बन गया। इस सबके अलावा इस व्रत का जो सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है इसका सामाजिक पक्ष। पूरा गांव, शहर या मुहल्ला किसी नदी या तालाब के किनारे इकट्ठा होता है और वहीं सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। यह व्रत अलग-अलग घरों में नहीं मनाया जाता है। इस दिन व्यष्टि समष्टि में विलीन होकर सामाजिक एकता का उद्घोष करती है और संपूर्ण बिहार व उससे लगे उत्तर प्रदेश के सीमा के कुछ जिलों (पूर्वांचल) में यह व्रत इतना महत्वपूर्ण है कि इस व्रत के दौरान बड़े-छोटे, धनी-गरीब और छूत-अछूत तक का भेद मिट जाता है। व्रत का विधान इस ढंग से किया गया है कि आचार्य और पुरोहित से लेकर कपड़े सिलने वाले दरजी और टोकरी बनाने वाले डोम तक की मांग बढ़ जाती है। सभी को उनके काम के आधार पर उचित सम्मान भी प्राप्त होता है। इस दृष्टि से यह पर्व सामाजिक संश्लिष्टता का भी परिचायक है। 





(सुरेश गांधी)

शतरंज के खिलाड़ी सईद जाफरी नहीं रहे

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मुंबई, 16 नवंबर,  बालीवुड अभिनेता सईद जाफरी का लंबी बीमारी के बाद कल शाम निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। श्री जाफरी की तीन बेटियां हैं मीरा, ज़िया और सकीना जो खुद फिल्मों में काम करती हैं। पंजाब के मालेर कोटला शहर में 1929 में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने -मासूम- फिल्म से अपने कैरियर की शुरूआत की थी लेकिन उन्होंने अपने अभिनय का लोहा फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी'से मनवाया था। 

श्री जाफरी हिंदी फिल्मों के साथ ही ब्रिटिश फिल्मों में भी अपने अभिनय की छाप छोडी थी। उन्होंने 1970 के दशक तक गांधी, शतरंज के खिलाड़ी और चश्मे बद्दूर जैसे कुछ प्रमुख फिल्मों में काम किया था। सत्यजीत रे की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी'के लिए सईद जाफरी को फिल्म फेयर ने सहायक अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानि किया गया था।

राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जाए: सुब्रह्मण्यम स्वामी

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नयी दिल्ली, 16 नवंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर दावा किया है कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की नागरिकता है इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जाए। श्री स्वामी ने आज यहां एक सवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र की प्रति बांटी और साथ ही श्री गांधी पर लगाए गए आरोपों के सबूत के तौर पर ब्रिटेन की एक कंपनी ‘ब्लैकाप्स लिमिटेड’ के दस्तावेज मीडियाकर्मियों को दिखाए और कहा कि यह कंपनी खाेलने के लिए श्री गांधी ने वर्ष 2003..2006 के दौरान खुद को ब्रिटेन का नागरिक बताया था। उन्होंने कहा कि कंपनी खाेलने के लिए श्री गांधी ने अपनी जन्म तिथि का सही ब्यौरा दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि वह ब्रिटेन के नागरिक हैं। 

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने श्री स्वामी के इन अारोपो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस पर बहुत ज्यादा गौर करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जब भी राष्ट्रीय राजनीति में वह अलग थलग पडने हैं तो इस तरह के बेतुके बयान देकर लोगाे का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। श्री स्वामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि श्री गांधी की ओर से ब्रिटेन की कंपनी को दिए गए ब्याैरे की सच्चाई का पता लगाया जाए और अगर यह सही पाया जाता है तो उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने के साथ संसद की सदस्यता भी खत्म कर दी जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जो किया है वह भारतीय संविधान के विरूद्ध है इसलिए प्रधानमंत्री को इस मामले काे गंभीरता से लेना चाहिए। श्री स्वामी ने कहा कि वह श्री गांधी के मामले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष को भी देंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि इसे संसद की आचार समिति के समक्ष उठाया जाए।

आईएस के खिलाफ़ अमेरिका और फ्रांस ठोस कदम उठाने पर सहमत

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वाशिंगटन,16 नवंबर (वार्ता) पेरिस में शुक्रवार की रात हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका और फ्रांस आतंकवादी संगठन (इस्लामिक स्टेट) के खिलाफ़ ठोस कदम उठाने पर सहमत हो गए है। पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने एक बयान में कहा,“ अमेरिका के रक्षा मंत्री एश कार्टर और फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यवेस द्रियां ने फाेन पर एक दूसरे से बातचीत में कहा कि आईएस के खिलाफ अब ठोस कदम उठाने का समय आ गया हैं। उन्होंने आईएस के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर सहमति जताते हुए कहा कि अमेरिका और फ्रांस की सेना को आईएस के खिलाफ एक निरंतर अभियान चलाना चाहिए।” 

कार्टर ने दोहराया कि अमेरिका आईएस के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस का समर्थन करने और उसका साथ देने को प्रतिबद्ध है। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फ्रांस आईएस के खिलाफ हवाई अभियान में अपनी भूमिका को तेज करने की घोषणा कर सकता है। दोनों देश खुफिया जानकारी साझा करने पर अधिक से अधिक सहयोग करने की घोषणा कर सकता है। पेरिस के हमलों से पहले फ्रांस ने कहा था कि उसका विमान वाहक पोत चार्ल्स द गॉल, मध्य-पूर्व के लिए तैनात किया जाएगा जो 18 नवंबर को पहुंचेगा।

कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेगी रांकापा विधान परिषद् चुनाव

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मुंबई, 16 नवंबर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने आज कहा कि पार्टी आगामी विधानपरिषद चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेगी। श्री पवार ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले राज्य में सूखे की स्थिति पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ यह फैसला किया गया। पार्टी के राज्य इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं को बताया कि बैठक में पार्टी के सांसद, विधायक, पार्षद और अन्य नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में महाराष्ट्र समेत बिहार में हुए चुनाव परिणाम पर भी चर्चा हुयी।

श्री पवार ने बैठक में बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को राज्य में सूखे की स्थिति के संबध में एक पत्र दिया है और उस पत्र में सूखे से निपटने के लिए कुछ सुझाव भी दिये हैं। उन्होंने श्री फडणवीस से पूछा हैकि राज्य सरकार सूखा पीड़ितों के लिए क्या काम किया है और सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब जनता तक पहुंच रहा है या नहीं। बैठक में 7 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने वाले शीतकालीपन सत्र के लिए भी रणनीति पर विचार- विमर्श किया गया।

मैगी नूडल्स विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

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नयी दिल्ली 16 नवम्बर, मैगी ब्रांड नूडल्स से संबंधित विवाद आज उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध हटाने के बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। 

इस मामले की सुनवाई इसी हफ्ते होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। हालांकि अभी सुनवाई की कोई तारीख निर्धारित नहीं हो पाई है। एफएसएसएआई की दलील है कि किसी तटस्थ एजेंसी से जांच होने तक मैगी नूडल्स की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए। 

दादरी कांड के पीडि़तों को मुआवजा देने से रोकने की मांग खारिज

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इलाहाबाद 16 नवम्बर, उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर के दादरी में बीफ की अफवाह में मारे गये मो.अखलाक के परिजनों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 45 लाख मुआवजा देने और उसे मकान आवंटित करने के विरोध में दायर जनहित याचिका आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। याचिका में प्रदेश सरकार द्वारा अखलाक की मृत्यु पर उसे मुआवजा देने को लेकर जारी शासनादेश को रद्द करने की मांग की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने अखलाक के परिजनों को उत्तर प्रदेश पीडि़त मुआवजा योजना-2014 के प्रावधानों के विपरीत जाकर मुआवजा दिया है।

मुख्य न्यायाधीश डा.डी.वाई.चन्द्रचुड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने यह आदेश आज रितेश चौधरी की जनहित याचिका पर दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि याची ने याचिका में इस मामले के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य नहीं दिया है।मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका दायर की गयी है। गौरतलब है कि गोवंशीय मांस रखने के आरोप में दादरी क्षेत्र के 58 वर्षीय मो.अखलाक की 28 सितम्बर को भीड़ ने हत्या कर दी थी। इसमें उसके 21 वर्षीय पुत्र दानिश भी घायल हो गया था। 

अखलाक के परिजनों का कहना था कि भीड़ ने हत्या की घटना को देर तक अंजाम दिया लेकिन इसके बाद भी पुलिस नहीं पहुंची। घटना के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने 50 हजार मुआवजा देने की घोषणा की जिसे शासन ने बढ़ाकर पहले 20 लाख किया और फिर बाद में 45 लाख कर दिया था। याचिका के मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने विरोध किया ।उनका कहना था कि याचिका विद्वेषपूर्ण भावना से ग्रसित होकर दायर की गयी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताई वैश्विक मंदी पर चिंता

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अन्ताल्या, 16 नवंबर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक अार्थिक मंदी पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि इसकी स्थिति सुधारने के लिए पारदर्शी, समान, भेदभाव रहित अौर नियम आधारित प्रणाली होना आवश्यक है। श्री मोदी तुर्की के पर्यटन शहर अन्ताल्या में विकसित और विकासशील देशों के संगठन जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान ‘उद्योग एवं व्यापार’ सत्र को संबाेधित करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी चिंता का विषय है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में इसमें सुधार की संभावना कम नजर आती है। इसमें सुधार के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। पारदर्शी, समान, भेदभाव रहित और नियमों पर आधारित व्यापार प्रणाली इसके सुधार के लिए जरुरी है। यह आवश्यक है कि दोहा वार्ताएं अपना लक्ष्य को प्राप्त करें और बाली पैकेज के सभी पहलू पूरी तरह से लागू किए जाए।

नैरोबी बैठक में बेहतर परिणामों की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यापार समझौतों से वैश्विक व्यापार प्रणाली का ताना बाना प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के बढ़ती भूमिका से रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। श्रम और कौशल विकास के लिए सतत् और संतुलित आर्थिक विकास की जरुरत पर बल देते हुए श्री माेदी ने कहा कि ऊर्जा के संदर्भ में तीन प्रमुख चुनौतियां है। विकासशील देशों में ऊर्जा की खपत बढ़ाना, करोड़ों लोगों तक बिजली पहुंचाना और स्वच्छ एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना है। ऊर्जा, पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था का आपस में गहरा संबंध बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत ने ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 

तमिलनाडु में बारिश से 87 लोगों की मौत

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चेन्नई, 16 नवंबर, तमिलनाडु में भारी बारिश से मरने वालों की संख्या 87 हो गई है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सुप्रीमो जे जयललिता ने बाढ़ को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा किया। जिला अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि बारिश के कारण सबसे अधिक 43 लोगों की मौत कुड्डालोर जिले में हुई है। उन्होंने एक निजी टीवी चैनल से कहा कि कुड्डालोर में पिछले दो दिन में 16 लोगों की मौत हुई है तथा यहां अब तक मृतकों की संख्या 43 हो गई है। श्री कुमार ने बताया कि दीवार गिरने, घरों में बारिश का घुसने तथा करंट लगने से लोगों की मौतें हुई है। चेन्नई में पिछले तीन दिन में पांच लोगों की मौत हुई है। 

इसके अलावा वेल्लोर में तीन, कांचीपुरम में दो, विल्लुप्पुरम में एक व्यक्ति की मौत हुई है। मौसम विभाग के सूत्रों के अनुसार दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी तथा उसके तटवर्ती क्षेत्रों में हवा का कम दबाव का क्षेत्र बना तथा यह उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया। इसके कारण उत्तरी तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई। विभाग ने बताया कि आज देर रात तक अथवा कल तक इसके आंध्र प्रदेश पहुंचने की संभावना है। इसके बाद तमिलनाडु में बारिश का असर धीरे-धीरे कम होने की संभावना है। भारी बारिश को देखते हुए चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लुवर समेत कई जिलों के स्कूलों तथा काॅलेजों को कल भी बंद रखा गया है

सुश्री जयललिता ने बैठक के दौरान विभिन्न जिलों में बारिश हुए नुकसान तथा राहत बचाव कार्यों की समीक्षा की। उसके बाद उन्होंने छह विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया तथा लोगों से कहा कि प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने पिछले तीन दिन में बारिश से मरने वाले 12 लोगों के प्रत्येक परिवार को चार लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने बारिश प्रभावित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चेन्नई में तीन महीने से हो रही बारिश में पिछले तीन दिन में सबसे अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। सुश्री जयललिता ने कहा कि एहतियाती कदम उठाने के बावजूद बारिश हुए नुकसान को टाला नहीं जा सका।

बारिश के कारण दक्षिण रेलवे ने सात ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार चेन्नई सेंट्रल-विजयवाड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस तथा विजयवाड़ा-चेन्नई सेंट्रल जनशताब्दी एक्सप्रेस आज पूरी तरर से रद्द कर दिया गया। विजयवाड़ा-चेन्नई सेंट्रल पिनाकिनी एक्सप्रेस को गुदुर-चेन्नई सेंट्रल के बीच आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया तथा वापसी में चेन्नई सेंट्रल विजयवाड़ा पिनाकिनी एक्सप्रेस के समय में परिवर्तन करके दो बजकर पांच मिनट पर कर दिया गया तथा चेन्नई सेंट्रल तथा गुदुर के बीच आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है। 

इसके अलावा मन्नागुडी-भगत-की कोठी एक्सप्रेस के मार्ग परिवर्तित कर पेरंबुदूर तथा रेनुगुंटा की ओर से किया गया जबकि डिब्रूगढ़ बेंगलुरु का मार्ग परिवर्तित करके रेनीगुंटा, मेलपक्कम तथा तिरुअनंतपुरम-गुवाहाटी एक्सप्रेस के मार्ग परिवर्तित करके मेलपक्कम, रेनीगुंटा की ओर किया गया है।

साजिद वाजिद ने सुपरकिड शिवा के लिए म्यूज़िक कंपोज़ किया

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प्रसिद्ध साजिद वाजिद ने सुपरकिड ‘शिवा’ पर आधारित बच्चों के नए शो के लिए टाईटल ट्रैक के लिए म्यज़िक बनाया है, जो जल्द ही निकलओडियन पर प्रीमियर होगा। पहली बार निकलओडियन के लिए काम करते हुए साजिद वाजिद गाने के लाॅन्च के लिए काफी उत्साहित हैं। यह संगीत बहुत ही रोचक है और इसमें थोड़ा मनोरंजन भी है, जिसे बच्चे हमेशा गुनगुनाएंगे।

इस जुड़ाव के बारे में वाजिद ने कहा, ‘‘मेरी बेटी को निकलओडियन पसंद है। इसीलिए इस ब्रांड से जुड़ना काफी मनोरंजक था।’’ साजिद ने आगे कहा, ‘‘षिवा के लिए संगीत कंपोज़ करना काफी मनोरंजक था, क्योंकि बच्चों की पसंद के सर्वश्रेश्ठ संगीत के निर्माण के लिए काफी मेहनत और माॅड्युलेषन करना पड़ा। बच्चों को यह गाना अवष्य पसंद आएगा और वो इस गाने से षिवा से जुड़ाव महसूस करेंगे।’’ इस गाने को वाजिद ने गाया है और इसमें भारत के अगले सुपरकिड षिवा की भावना को पेष किया गया है। शिवा का प्रीमियर 9 नवंबर, शाम 6ः30 केवल निक पर होगा।

छोटे पर्दे ने मुझे शोहरत दी : गौहर खान

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यशराज फिल्म्स की ‘रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर’, ‘आन’, ‘इशकजादे’, ‘गेम’, ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई’ जैसी फिल्मों और ‘बिग बॉस’, ‘झलक दिखला जा’, ‘दी खान सिस्टर्स’, ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘इंडिया रॉक स्टार’ जैसे रियलिटी शो में अपने शानदार हुनर से सबके दिलों की धड़कन बन चुकी हैं अभिनेत्री गौहर खान। डांसिंग में माहिर गौहर खान ने हिंदी के अलावा पंजाबी फिल्म ‘ओ यारा ऐंवई ऐंवई लुट गया’ में भी काम कर चुकी हैं, लेकिन फिलहाल इनकी चर्चा जी टीवी पर आने वाले रियलिटी शो ‘आई कैन डू दैट’ को लेकर हो रही है। इसी शो की लॉन्चिंग के दौरान मुंबई के जेडब्ल्यू मेरियट होटल में गौहर खान से हुई बातचीत के प्रमुख अंश ...

फिल्मों के साथ टीवी पर भी काफी रियलिटी शो किए हैं। क्या अंतर पाया?
यही कि इतना पॉपुलर होने के बावजूद अपने देश में टीवी को मनोरंजन का कमजोर माध्यम ही आंका जाता है। हालांकि, मेरा मानना है कि टीवी जगत पूरी दुनिया के सम्माननीय जगहों में से एक है, लेकिन इसके बावजूद अपने देश में टीवी को फिल्मों के मुकाबले कमतर आंका जाता है। मैं यह नहीं जानती कि हर कोई क्यों इस मीडियम को कम आंकता है

आप बहुत जल्द एक और रियलिटी शो का हिस्सा बनी नजर आएंगी?
जी हां, और इसकी अहम वजह यह है कि इस छोटे पर्दे ने मुझे शोहरत दी है, भरपूर नाम दिया है, पर्याप्त पैसा दिया है। इसी वजह से मैं छोटे पर्दे पर काम का सचमुच भरपूर लुफ्त उठाती हूं। वैसे, एक कलाकार होने के कारण यही मेरा काम भी है। ऐसे में मैं इसका यथोचित सम्मान करती हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं, इसके पीछे इस टीवी का ही हाथ है। सचमुच टीवी ने ही मुझे प्यार, सम्मान, पैसा सब कुछ दिया है।

आपने छोटे पर्दे पर केवल रियलिटी शो ही किए हैं। क्यों?
क्योंकि इस तरह के कार्यक्रम प्रशंसकों से जुड़े रहने में भरपूर मदद करते हैं। ऐसे शो के जरिए मैं अपने प्रशंसकों से सीधे जुड़ी रहती हूं। वे मुझे हमेशा गौहर खान के तौर पर देखते हैं, न कि किसी किरदार में। यही एक वजह है कि मैं इस तरह के गैर-गल्पी नॉन फिक्शन कार्यक्रम करना पसंद करती हूं। मुझे नहीं लगता किसी और ने मेरी तरह रियलिटी उद्योग को घेरा हुआ है और मैं इसका आनंद लेती हूं। यह मेरा काम है और मैं इसका सम्मान करती हूं। अब बहुत जल्द जी टीवी पर अमेरिकी शो ‘आई कैन डू दैट’ के भारतीय संस्करण में दिखाई दूंगी और इस शो में डिनो मोरिया, मंदिरा बेदी, गुरमीत चौधरी, भारती सिंह जैसे एक दर्जन टीवी स्टार्स से मुकाबला लेती दिखूंगी। यह शो जी चैनल पर 17 अक्तूबर से प्रसारित होगा।

क्या यह भी टीवी पर प्रसारित अब तक के रियलिटी शोज जैसा ही होगा?
नहीं, इस शो का फॉर्मेट उन तमाम शोज से बिल्कुल अलग है, जो हमने अब तक इंडियन टीवी शो में देखे हैं। मैंने इस शो का अंतर्राष्ट्रीय फॉर्मेट देखा है और जब एस्सेल विजन की ओर से मुझे इसमें शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया, तो मैं काफी उत्साहित हो गई। आपको बता दूं कि इजराइल की कंपनी अरमोजा फॉर्मेट्स की ओर से विकसित किया गया यह शो दुनिया भर में सफलता हासिल कर चुका है। रूस, चीन, स्पेन, ब्राजील और मेक्सिको में जबर्दस्त सफलता के बाद अब जी टीवी इस शो का भारतीय संस्करण प्रस्तुत करने जा रहा है।

शो में लोग आपको किस रूप और अंदाज में देखेंगे?
इस शो में मैंने एक परफॉर्मर के रूप में अपनी सीमाओं से परे जाने की भरपूर कोशिश की है और मैंने उन सभी चुनौतियों को स्वीकार किया है, जो मुझे दी गईं। मैं इससे पहले सिंगिंग, एक्टिंग, स्टंट्स और एंकरिंग कर चुकी हूूं। अब मुझे इस शो का इंतजार है, क्योंकि मुझे पता है कि यह वाकई अलग है। ‘आई कैन डू दैट’ बेहद चुनौतीपूर्ण है। इसमें मुझे कुछ ऐसा करने का मौका मिलेगा, जो मैंने इससे पहले कभी नहीं किया है। सच कहूं, तो यह शो आपके पसंदीदा सेलिब्रिटीज को उनकी सीमाओं से परे ले जाकर ऐसा मनोरंजन पेश करेगा, जो इंडियन टीवी के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया।आपने जितने भी शो किए उनमें से आप का बेस्ट शो कौन-सा रहा?वैसे मैंने अब तक जितने भी शो किए हैं, वे सारे शोज एक-दूसरे से अलग रहे, लेकिन ‘बिग बॉस’ ने मुझे वह दिया, जिससे इतना सब कुछ आज मुझे मिल रहा है।निजी जिंदगी में गौहर खान कैसी हैं और आपके शौक क्या-क्या हैं?ठीक वैसी ही, जैसी आप ने ‘बिग बॉस’ में देखी। खासतौर से आउट स्पोकन, यानी अगर मुझे कुछ बुरा लगा, तो मैं बोल दूंगी कि बुरा लगा। जहां तक शौक की बात है, तो मुझे अच्छा दिखने का बहुत शौक है, जिसके लिए अच्छे कपड़े पहनने और शॉपिंग में मेरी बहुत दिलचस्पी है।आपकी बड़ी बहन निगार खान की शादी हो चुकी है।

आप शादी कब करेंगी?शादी? किससे?
शादी करने के लिए कोई होना तो चाहिए। हां, मेरी बहन निगार की शादी हो गई है और वह बहुत खुश भी है, लेकिन मेरी अभी शादी करने की कोई प्लानिंग नहीं है। मेरे परिवार या किसी और की तरफ से भी मुझ पर शादी का कोई दबाव नहीं है। मुझ पर सिर्फ एक ही चीज का दवाब है कि मुझे मेहनत करनी है।

आपकी खूबसूरती की भी बड़ी चर्चा होती है। क्या है, इसका राज?
मेरी खूबसूरती तो मुझे प्रकृति ने उपहार में दी है। हां, मैं इसे संभालने के साथ अपनी फिटनेस का भी खास ख्याल रखती हूं। मेरी फिटनेस का राज यह है कि मैं हेल्दी फूड खाती हूं। वैसे मुझे चॉकलेट, पेस्ट्री वगैरह खानी होती है, तो मैं खा लेती हूं, लेकिन उस के बाद तीन दिन मैं हेल्दी डाइट लेती हूं और जिम जाती हूं।
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