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विशेष आलेख : सूर्योपासना का पर्व सूर्य षष्ठी !!

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सातों द्वीपों एवं समुद्रों के विस्तार को तथा समस्त भूतल के अर्द्धभाग को और उसके बाहर के अन्य प्रदेशों को अपने प्रकाश से उद्भाषित करने वाले भगवान् सूर्य अपने प्रकाश को विश्व की अन्तिम सीमा तक फैलाते हैं । सूर्य सामान्यतः तीनों लोकों में शीघ्रतापूर्वक भ्रमण करते हैं । भुवनभास्कर भगवान् सूर्यनारायण को प्रत्यक्ष देवता माना गया है । वे प्रकाश रूप हैं । ‘अव’ धातु रक्षण और प्रकाशार्थ है ।प्रकाश फैलाने और प्राणियों की रक्षा करने के कारण सूर्य को रवि कहा जाता है । तारों में पृथ्वी से अत्यंत समीप वस्तु सूर्य के चारों ओर पृथ्वी चलती है और जिससे हम लोगों को इतना ताप, वृष्टि आदि मिल रही है, और जो पृथ्वीवासियों के लिए जीवन रूप है , यहाँ तक कि जिसकी शक्ति का ध्यान वैदिक ग्रन्थों में भी हुआ है तथा वैदिक लोग अपनी गायत्री में ध्यान करते हुए कहते हैं – सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च । - ऋग्वेद 1/115/1 अथवा यजुर्वेद 

अर्थात – जो जगत् नाम प्राणी चेतन और जंगम अर्थात जो चलते-फिरते हैं,  ‘तस्थुषः’ अप्राणी अर्थात स्थावर जड़ अर्थात पृथ्वी आदि है, उन सबके आत्मा होने और सर्वप्रकाशस्वरुप सबके प्रकाश करने से परमेश्वर का नाम सूर्य है । सूर्य का एक नाम सविता भी है । सविता का अर्थ ‘सृष्टि करने वाला’ होता है । निरूक्ताचार्य ने निरुक्त में कहा है-सविता सर्वस्य प्रसविता । - निरुक्त 10/31 

भगवान् आदित्य को निरुक्त में द्युस्थानीय देवों में परिगणित किया गया है । ऋग्वेद के अनुसार भास्कर ही सृष्टि कर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं । भगवान् सूर्य समस्त स्थावर- जंगमात्मक विश्व के अन्तरात्मा हैं । आदित्य मण्डल के अन्तःस्थित सूर्य देवता सबके प्रेरक, अन्तर्यामी, परमात्मस्वरूप हैं । सम्पूर्ण स्थावर और जंगम के कारण सूर्य को उदय से अस्त तक दैनंदिन सृष्टि के प्रत्यक्ष ही उद्भावक, जागरणकर्ता, संचालनकर्ता तथा रात्रिकाल में प्रजावर्ग के शयन कर जाने पर उनको विश्राम देने वाला माना गया है । सूर्य की महिमा का वखान करते हुए यजुर्वेद में कहा गया है-आद्यं गौः पृश्निरक्रमीदसदन्मातरंपुरः । पितरं च प्रयन्तस्वः । । -यजुर्वेद 3/6  

यह भूगोल जल के सहित सूर्य के चारों ओर घूमता जाता है इसलिए भूमि घुमा करती है । यजुर्वेद में ही कहा है –
 आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्मृतं मर्त्य च  ।
हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यानि । ।
-यजुर्वेद 33/43 

जो सूर्यादि अर्थात सूर्य, वर्षादि का कर्ता, प्रकाशस्वरूप, तेजोमय, रमणीयस्वरुप के साथ वर्तमान, सब प्राणी अप्राणियों में अमृतस्वरूप वृष्टि व किरण द्वारा अमृत का प्रवेश करा और सब मूर्तिमान द्रव्यों को दिखलाता हुआ सब लोकों के साथ आकर्षण गुण से यह वर्तमान, अपनी परिधि में घूमता रहता है, किन्तु किसी लोक के चारों ओर नहीं घूमता ।वैसे ही एक-एक ब्रह्माण्ड में एक सूर्य प्रकाशक और दूसरे सब लोक-लोकान्तर प्रकाश्य हैं । कहा गया है- दिवि सोमो अद्यंश्रिन्तः । -अथर्ववेद 14/1/1 

जैसे यह चन्द्रलोक सूर्य से प्रकाशित होता है वैसे ही पृथ्वी आदि लोक भी सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं । परन्तु दिन और रात सर्वदा वर्तमान रहते हैं क्योंकि पृथ्वी आदि लोक घूमकर जितना भाग सूर्य के सामने आता है उतने में दिन और जितना पृष्ठ में, आड़ में होता जाता है उतने में रात । अर्थात उदय,अस्त, संध्या, मध्याह्न, मध्य रात्रि जितने कालवयव हैं, वे देश-देशान्तरों में सदा वर्तमान रहते हैं । सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता के रूप में भगवान सूर्य या आदित्य देवाधिदेव, सर्वदेवात्मक, सम्पूर्ण विश्व के साक्षी, स्वामी, क्षण से लेकर युगादिकाल के प्रवर्तक, धाता, विधाता, पोषक, आप्यायक सम्पूर्ण विश्व के आधार, प्रकाश, ऊष्मा एवं जीवन के मूल स्रोत वायु, आकाश, आदि के मूल कारण, योगियों, तपस्वियों, मनस्वियों द्वारा एकमात्र प्राप्य तत्व, बालखिल्य, पंचशिख, शुकदेव तथा भक्तों, साधकों एवं उपासकों के (स्तोतव्य) स्तुत्य तथा प्राप्यस्थान  के रूप में वेद, उपनिषद्, पुराणादि ग्रन्थों में निर्दिष्ट अंकित हैं । ऋग्वेद में कण्वतनय महर्षि प्रषकण्व ने सूर्यदेव की प्रार्थना करते हुए कहा है-
उद्यन्नद्य मित्रमह आरोह्न्नुतरां दिवम् ।
हद्रोगं मम सूर्यहरिमाणं च नाशय ।।- ऋग्वेद 1/50/11 

हे सूर्यदेव ! आज उदय होते हुए और आकाश में अग्रसर होते हुए आप मेरे ह्रदय रोग को दूर कर दीजिए और शरीर की विवर्णता को नष्ट कर दीजिए । बृहद्देवता नामक ग्रन्थ में शौनक ने सूर्य मन्त्र की महिमा में कहा है – उद्यन्नद्य इत्यादि मन्त्र सूर्य स्तुति परक है । इसका जप पापापहारी, रोगनाशक, विष-प्रभाव-विध्वंसक है एवं जागतिक, अभ्युदय आता पारमार्थिक निःश्रेयस विधायक भी है। ऋग्वेद में सूर्य का देवताओं में महत्वपूर्ण स्थान है ।सूर्य की उपासना वैदिक काल से विशेष रूप से प्रचलित रही है । प्रसिद्द गायत्री मन्त्र भी सूर्य-परक है ।ऋग्वेद  7/62/2, कौषीतकी ब्राह्मण उपनिषद् 2/7, आश्वलायन गृह्यसूत्र एवं तैतिरीय आरण्यक में सूर्योपासना के स्त्रोत, विधि-विधानादि का वर्णन है । वेद में विष्णु सूर्य का पर्यायवाची नाम है । उपनिषदादि ग्रन्थों में भगवान् सूर्य के तीन रूप निर्गुण-निराकार, सगुन-निराकार एवं सगुन साकार रूपों का वर्णन अंकित करते हुए कहा गया है की यद्यपि भगवान सूर्य निर्गुण-निराकार हैं तथापि अपनी माया-शक्ति के सम्बन्ध में सगुन-साकार भी हैं । उपनिषदों में भगवान् सूर्य के स्वरुप, महिमा आदि का विशद गूढ़ वर्णन अंकित है । छान्दोग्य उपनिषद् में सूर्योपासना से होने वाली आध्यात्मिक उन्नत्तियों का वर्णन करते हुए कहा गया है –
या एवासौ तपति तमुद्गीथ मुपासीत् । - छान्दोग्य उपनिषद् 3/3/1  

जो ये भगवान् सूर्य आकाश में तपते हैं, उनकी उद्गीथ रूप से उपासना करनी चाहिए ।
 इसी उपनिषद् में आदित्यो ब्रह्मेति (छान्दोग्य उपनिषद् 3/3/1 ) आदित्य ब्रहम है – इस रूप में आदित्य की उपासना करने का विधान कहा गया है । मैत्रायणी उपनिषद् 5/3 में अंकित है कि ‘आदित्य ही ॐ है’ इस रूप में आदित्य का ध्यान करते हुए अपने को तद् रूप करना चाहिए । भगवान् भुवनभास्कर का स्थान आदित्यलोक सूर्यमंडल है । नारायणोपनिषद में अंकित है कि सूर्य ही कालचक्र के प्रणेता हैं, सूर्य से ही दिवा रात्रि , घटी, पल, मास, पक्ष, अयन तथा सम्वत आदि का विभाग होता है । सूर्य को सम्पूर्ण संसार के प्रकाशक के रूप में महिमामण्डित करते हुए कहा गया है कि सूर्य के अभाव में सब अन्धकार है । नारायणोपनिषद 15 में कहा गया है कि सूर्य ही जीवन तेज, ओज, बल, यश, चक्षु, श्रोत्र, आत्मा और मन है । मार्कण्डेय पुराण अध्याय 98 व 99 के अनुसार, सूर्य ब्रह्मस्वरूप हैं । सूर्य से जगत उत्पन्न और उसी में ही स्थित है । इस तरह यह जगत सूर्यस्वरूप है । सूर्य सर्वभूतस्वरुप सर्वात्मा और सनातन परमात्मा है ।वेद ब्रह्मस्वरूप है, अतः सूर्यदेवता भी वेदस्वरुप होने के करण त्रयीतनु कहलाते हैं ।जब ब्रह्मा अण्डभेदन कर उत्पन्न हुए तो उनके मुख से ॐ महाशब्द का उच्चारण हुआ । यह ओंकार परब्रह्म है एवं यही सूर्यदेवता का शरीर है ।इस ओंकार से पूर्व भू फिर भुवः और बाद में स्वः उत्पन्न हुआ ।ये तीन व्याहृतियाँ सूर्य के सूक्ष्म स्वरूप हैं ।फिर इनसे महः, जनः, तपः और सत्यम उत्पन्न हुए जो स्थूल से स्थूलतम होते चले गये ।इस तरह ॐ रूप शब्द ब्रह्म से भगवान् सूर्य का स्वरुप प्रकट हुआ । ब्रह्मा के चारों मुख से तेज से उद्दीप्त हो रहे चार वेद आविर्भूत हुए ।ओंकार के तेज ने इन चारों वेदों को आवृत कर लिया ।इस तरह ओंकार के तेज में मिलकर चारों एकीभूत हो गए ।   वेद, उपनिषदादि ग्रन्थों के अनुसार महर्षि कश्यप के (अवरस) पुत्र,जो अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए, भगवान् सूर्य के स्वरुप, प्राकट्य-कथा, आयुध, शक्ति, महिमा एवं उपासना प्रक्रिया का विशद विवरण भविष्य पुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, ब्रह्मपुराण, मार्कण्डेय पुराण, साम्ब पुराणादि ग्रन्थों में अंकित है।सूर्य से सम्बंधित स्वतंत्र सूर्य पुराण, सौर पुराणादि अनेक ग्रन्थ प्राप्य हैं ।  अतिप्राचीन काल से प्रचलित सूर्योपासना के व्रत-षष्ठी, सप्तमी आदि तिथियों, सभी द्वादश संक्रान्तियों एवं रविवार से सम्बद्ध हैं । षष्ठी व्रतों में कार्तिक शुक्ल षष्ठी व मार्गशीर्ष शक्ल षष्ठी, जिसे उतर भारत में छठ पूजा कहा जाता है, और भाद्रशुक्ल की सूर्यषष्ठी अर्थात लोलार्क षष्ठी, सप्तमी व्रतों में आषाढ़ शुक्ल की बैवस्वत सप्तमी, मार्गशीर्ष शुक्ल की मित्र-सप्तमी, पौषशुक्ल की मार्तण्ड सप्तमी, माघ कृष्ण की सर्वाप्ति सप्तमी और शुक्लपक्ष की रथसप्तमी (अचला सप्तमी, सूर्यजयन्ती या महाजयन्ती) तथा संक्रान्ति व्रतों में रूप संक्रान्ति, सौभाग्य-संक्रान्ति, धन-संक्रान्ति, आज्ञा-संक्रान्ति, ताम्बूल-संक्रान्ति, विशोक-संक्रान्ति और मनोरथ संक्रान्ति प्रसिद्ध हैं ।



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-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला
झारखण्ड

विशेष आलेख : बिहार चुनाव परिणाम के आयने मे नरेन्द्र मोदी

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बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम दिनांक 8 नवम्बर 2015 को घोषित होने के पश्चात भाजपा की बुरी तरह पराजय के परिणाम स्वरूप विपक्षियों द्वारा प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी पर चैतरफा हमला करने का कार्य किया जा रहा है। निश्चित ही परिणाम भाजपा के लिये चैकांने वाले हंैं। विपक्षियों द्वारा भाजपा पर कटाक्ष और वाक-हमला करते हुये एक मात्र नरेन्द्र मोदी को टारगेट बनाकर अपमानजनक टिप्पणियां की जाने लगीं हैं और इसका कारण यही है कि मोदी जी बर्तमान मे भारत के सर्वाधिक सशक्त और भविष्य मे विकास की राह के एक मात्र केन्द्र-बिन्दु हैं। जहां तक बिहार मे पराजय का प्रश्न है, इसकी गहन समीक्षा ही होनी चाहिये। बिहार, देश का अत्यधिक पिछड़ा राज्य है, अगड़ापन और पिछड़ापन का सीधा सम्बन्ध व्यक्ति के अन्दर विकसित विवेक के परिमापन से भी लगाया जाता है। क्या कहें, बिहार की जनता के बारे मे ? प्रजातन्त्र है। जनता जनार्दन है। मेण्डेट जो भी मिला, जिसे भी मिला, जैसा भी मिला, जनता की जय-जयकार तो करनी होगी। 

लालू प्रसाद यादव के शासन-काल मे जिस कथित जंगल-राज्य ने जनता को भयभीत कर दिया था, तो क्या हम यह मान लें कि बिहार की जनता आंतक, लूट, अपहरण-उद्योग, भ्रष्टाचार, जातिवाद को पसंद करती है ? तत्समय ईमानदार और प्रशासनिक अधिकारी बिहार राज्य छोड़ कर डेप्यूटेशन पर जाने के लिये आतूर रहते थे, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी बिहार केडर से परहेज करते थे, प्रशासनिक व्यवस्थायें चरमरा रहीं थीं। चारा-घोटाला मे लालू यादव सिर्फ इस कारण से चुनाव लड़ने मे प्रतिबंधित थे क्यांे कि वह उस अपराध मे दोषी पाये गये थे और वह सजायाफ्ता हैं। तो क्या हम यह मान लें कि बिहार की जनता के समक्ष भृष्टाचार और घोटाले जैसे मुद्दे, निर्वाचन की कसौटी नही हैं ? 

बिहार मे चुनाव के समय, इधर भाजपा का प्रचार-तंत्र और नेताआंे के उद्बोधन विषय पर केन्द्रित नही थे। समूचे देश मे भाजपा के नेता, सांसद और मन्त्री, गाय व असहिष्णुंता के संदर्भ मे अनियन्त्रित तथा अनुशासनहीन हो कर मन चाहे निजी व्यक्तव्य देते हुये सुर्खियों मे बने रहने के लिये आतुर थे। नरेन्द्र भाई मोदी चुनावी सभाओं मे कदाचित यह भूल गये कि वह भारत के प्रधानमन्त्री भी हैं और उनका स्तर लालू यादव से तुलनात्मक नही है। उधर नितीश कुमार की अच्छी छवि बिहार की जनता के मन मे बसी थी। मोदी जी अपने उद्बोधन के स्तर पर सवाल-जवाबों मे फंस गये। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस विषय पर ध्यान ही नही दिया कि जब कोई अतिविशिष्ट भला व्यक्ति अपने से काफी नीचे स्तर के आदमी से तर्क-कुर्तक करने लगे तो इस पर सामान्यतया लोग कहने लगते हैं, ’’अरे किस के मुंह लग रहे हो ?’’
मीडिया-जगत और बामपंथी, कांग्रेस और समस्त विपक्षी दलों ने मिल कर योजनाबद्ध तरीके से राष्ट्रीय-स्वयंसेवक-संघ के सर-संघचालक श्री मोहन भागवत के उस कथन पर, जिसमे उन्होने कहा था कि आरक्षंण की समीक्षा होनी चाहिये, अभिमन्यु की तरह उनके वक्तव्य को घेरने मे अगे हैं। मोहन जी भागवत के मत पर तो देशव्यापी बहस होना चाहिये थी, क्यो कि उन्होने कुछ भी गलत नही कहा था। 

संविधान मे 10 वर्ष तक के लिये बाबा साहब डा. भीवराव अम्बेडकर ने यह सोचते हुये आरक्षंण की अवधि निर्धारित की थी कि इतने समय मे दलितों का उत्थान हो जावेगा। लेकिन 65 वर्ष व्यतीत होने पर भी आरक्षंण का स्वरूप विराट ही होता जा रहा है, जिसमे दलित व पिछड़ों के उत्थान की प्रधानता कम है और राजनीतिक सुर्खियां व वोट-बैंक की प्रमुखता अधिक है। प्रश्न यह है कि शैक्षंणिक, सामाजिक, आथर््िाक स्तर पर क्या हम आरक्षितों को इस योग्य बना पाये कि वे आरक्षंण की बैसाखी का सहारा लिये बिना अपने पैरों पर खड़े हो सकें ? प्रश्न यह भी है कि आखिरी छोर पर दीन-हीन हालत मे तिरस्कृत बैठा व्यक्ति का क्या अभी भी वही स्तर है जो भारत की स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय था ? प्रश्न यह भी है कि क्या आरक्षंण का अधिकांश लाभ एकतरफा क्रीमी-लेयर वाले ले रहै हैं ? और क्या इस कारण जरूरतमन्द को लाभ नही मिल पा रहा है ? ऐसे जरूरतमन्द के हिस्से का लाभ दूसरे हड़प लेते हैं। आर्थिक विपन्नता से पीडि़त, समाज का तिरस्कृत, निरीह व आश्रित व्यक्ति को आरक्षंण के इस स्वरूप का कोई लाभ नही मिल पा रहा है। वह तो ’जहां का तहां’ है। मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, मायावती, रामविलास पासवान, और देश के ऐसे हजारों राजनेता व ब्यूरोक्रेट्स तथा आर्थिक व सामाजिक रूप से संम्पन्न व प्रतिष्ठित लोग क्रीमी लेयर के होते हुये भी आरक्षंण का भरपूर लाभ ले रहे हैं। निश्चित ही सिस्टम मे कहीं न कहीं त्रुटि है और तब फिर सर-संघ चालक श्री मोहन राव जी भागवत ने आरक्षंण के विषय पर समीक्षा करने का बिचार व्यक्त कर दिया, तो इसमे क्या गलत है ? सिस्टम मे कमी की तो समीक्षा होना ही चाहिये। परन्तु मोहन जी भागवत के बिचार की व्याख्या भाजपा ने भी नही की और बेक-फुट पर आ कर ऐसा कहने मे लग गये जैसे सर संघचालक श्री भागवत जी ने कोई गलती कर दी हो।





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लेखक- राजेन्द्र तिवारी, अभिभाषक, दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738
rajendra.rt.tiwari@gmail.com
नोट:- लेखक एक वरिष्ठ अभिभाषक एवं राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक विषयों के समालोचक हैं। 

पहचान के बावजूद गायब हो गये चेहरे

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बॉलीवुड में लगतार नए चेहरे दस्तक की और उसके बाद में उनका अचानक गायब होना उनकी काबिलियत पर प्रश्न चिन्ह लगा देता है। जबकि इनमें से कुछ अपना भविष्य बड़े पर्दे की तरह विराट स्वरूप में पा लेते हैं लेकिन ज्यादातर चेहरे आते हैं और चले जाते हैं। ये भरसक कोशिश करते हैं कि चाहे जैसे हो टिक जाएं, इसके लिए वे अपना मान-सम्मान समझौते-सब ताक में रख देते हैं लेकिन उनके हाथ के भाग्य की रेखाएं तुड़ी-मुड़ी ही रहती हैं। बॉलीवुड में कई नए चेहरे और हॉट हीरोइनों की नई खेप भी इसी रास्ते से आती है जिससे आज की टॉप हीरोइनें आती हैं लेकिन एकाध फिल्म के बाद वह नाम व हॉट चेहरा ऐसा गुम हो जाता है। भारतीय सिनेमा अब पारिवारिक चेहरों और बड़े घरानों पर आकर सिमट गया है। ऐसे ही कुछ है ....

सन्नी लियोनी
sunny-leony
सन्नी लियोनी उर्फ करेनजीत कौर वोहरा कानडा की निवासी है,उन्होंने जिस तेजी से फिल्मों मे दस्तक दी उसी तेजी से वह गायब हो गई। जिस्म,शूटआउट ए वडाला,जैकपोट,रागिनी एमएमएस,हेट स्टोरी जैसी फिल्में में उनकी हाॅट भूमिका के बाद भी उनका पर्दे पर कम नजर आना भी उनकी कामयाबी पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।


लॉरियन गटबिल
lariyan
अमेरिकी डांसर लॉरियन गटलिब रातोंरात तब स्टार बन गई जब वह ‘सो यू थिंक यू कैन डांस 3’ के फाइनल में पहुंची। लॉरियन पहली अमेरिकी एक्ट्रेस थीं जो मेनस्ट्रीम बॉलीवुड में एक्ट्रेस बनीं। वह प्रभु देवा के साथ फिल्म एबीसीडी- एनी बडी केन डांस में नजर आई थीं। लेकिन कुछ फिल्मों में डांस नंबर करने के बाद अब कहां हैं, नहीं पता।    

निधी
nidhi
कन्नड फिल्मों की एक्ट्रेस निधी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं थी लेकिन मॉडलिंग के लिए छोड़ दी। मॉडलिंग की शुरुआत में मिली उनकी शोहरत के दम पर ही उन्हें जल्दी ही फिल्मों में रोल मिल गया और वह अब तक 10 फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उनकी डेब्यू तेलुगू फिल्म ‘स्वीटहर्ट’ 2009 में रिलीज हुई थी। परेश रावल, अक्षय कुमार की फिल्म ‘ओह माई गॉड’ में उन्होंने छोटा सा रोल भी किया है लेकिन वे जैकी भगनानी स्टारर रोमांटिक फिल्म ‘अजब गजब लव’ में लीड हीरोइन थीं. अब कहां हैं, नहीं पता।

पल्लवी शारदा
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भारतीय मूल की आस्ट्रेलियाई पल्लवी शारदा का जन्म पर्थ में हुआ और मेलबर्न में वह बड़ी हुईं। पल्लवी भरतनाट्यम की ट्रेन्ड डांसर हैं और 2010 में उन्हें मिस इंडिया आस्ट्रेलिया चुना गया था। उन्होंने आस्ट्रलियन कॉमेडी फिल्म ‘सेव योर लेग्स’ में काम किया है। पल्लवी बॉलीवुड में अभिनव कश्यप की फिल्म ‘बेशर्म’ में रणबीर कपूर के साथ नजर आई थीं। हालांकि वे ‘लव ब्रेकअप्स जिंदगी’ और ‘दस तोला’ में छोटी सी भूमिका निभा चुकी हैं लेकिन अब कहां हैं, नहीं पता।

आलया सिंह
aliya singh
कुछ लोग इतने भाग्यशाली होते हैं कि वह जो भी चाहते हैं ईर उनका हर सपना साकार करता है। आलया सिंह एक ऐसा ही नाम है जिसे उनके पिता आईएएस बनाना चाहते थे, लेकिन आलया को तो अभिनेत्री बनने की धुन सवार थी। उसके दृढ़ निश्चय के आगे उसके पेरेन्ट्स को हार माननी पड़ी। मुंबई आने के बाद आलया ने करीब तीन साल तक खूब संघर्ष किया। उस संघर्ष का नतीजा है फिल्म ‘‘फोर पिलर्स ऑफ बेसमेंन्ट’। इस वुमेन ओरिएंटेड फिल्म में उन्हें मुख्य भूमिका निभाने का अवसर हा

डायना पेंटी
26 साल की डायना पेंटी एक मॉडल हैं और दुनियाभर के मशहूर डिजाइनरों के लिए रैंप पर उतर चुकी हैं। दीपिका पादुकोण को शिकस्त देते हुए वे कॉस्मेटिक कंपनी मेब्लाइन की ब्रांड एंबेसडर बनीं। मजेदार बात तो यह है कि डायना की पहली हिन्दी फिल्म ‘कॉकटेल’ में वह दीपिका पादुकोण के साथ ही नजर आई थी। इम्तियाज अली पहले उन्हें रॉकस्टार में लगभग ले ही चुके थे लेकिन बाद में निर्णय बदल दिया। उन्होंने ही सैफ अली खान से उनकी सिफारिश की थी। लेकिन अब सुनाई नहीं देता कि डायना को किसी फिल्म में साइन किया गया है नहीं। 

एलिना डिक्रूज
24 साल की एलिना डिक्रूज फिल्मों में खासी पुरानी कही जा सकती हैं क्योंकि उन्होंने अब तक 18 तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम किया है और कई पॉपुलर अवार्ड अपने नाम किए हैं। उन्होंने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की और दक्षिण भारत में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। एलिना अनुराग बसु की फिल्म ‘बर्फी’ से बॉलीवुड में खासा जाना पहचाना नाम बन चुकी हैं। उन्होंने तेलुगु की कई की फिल्में हैं और बॉलीवुड में भी फटा पोस्टर निकला हीरो, हैप्पी एंडिंग, मैं तेरा हीरो, किक में अपना चेहरा दिखा चुकी हैं, बावजदू इसके उनके नाम का नोटिस नहीं लिया जाता है।
     
प्रिया आनंद
25 साल की प्रिया आनंद तमिल और तेलुगु फिल्मों की स्टार हैं। उनके नाम लीडर और वामनन जैसी बड़ी फिल्में हैं। उनके पिता तेलुगू और मराठी हैं और मां तमिल हैं। प्रिया के अनुसार वह हिन्दी, तमिल, तेलुगु, इंग्लिश, बंगाली और स्पैनिश बोल सकती हैं। उन्होंने अल्बानी यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। उनकी पहली हिन्दी फिल्म ‘इंग्लिश-विंग्लिश’ थी जो काफी चली। फिल्म को श्रीदेवी की कमबैक फिल्म के रूप में पहले ही खूब प्रचार मिला लेकिन प्रिया कहां हैं, नहीं पता।

तापसी पन्नू
tapsi pannu
याद है आपको वे चश्मे बद्दूर फिल्म जो कि सई परांजपे की फिल्म का रीमेक थी, जिसे डेविड धवन ने बनाया था, उसमें नजर आई थी।
कहां गई तापसी?
तापसी पन्नू दिल्ली की लड़की है और उन्होंने दिल्ली के अशोक विहार में माता जयकर पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है। वह कुछ समय के लिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी और अब खबर है कि उन्होंने फॉन्टस्वैप नाम से एक आईफोन एप्लिकेशन बनायी है। मॉडलिंग और रिएलिटी शो के बाद उन्हें तेलुगु और तमिल फिल्मों में देखा गया लेकिन बॉलीवुड में वे हैं भी कि नहीं किसी को नहीं पता।

विशेष : सूरजकुंड में फेमिली कंसर्ट

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  • तीन तक चलने वाले खास प्रोग्राम में बच्चे अभिभावकों के संग कर रहे हैं खूब मस्ती
  • पैरागलाइडिंग से लेकर साइकिल पर खतरनाक स्टंट का ले रहे हैं खूब मजा
  • 15 नवंबर तक चलेगा यह फैमली कंसर्ट

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फरीदाबाद, भैयादूज और बाल दिवस की छुट्टियों में बच्चों को डिज्नी का मजा शहर में ही मिल रहा है। सूरजुकंड मेला ग्राउंड में शुक्रवार से डिज्नी से प्रभावित बडी डैडी फैमली बैश लाइव  इंटरटेनमेंट प्रोग्राम शुरू हो गया है। इस खास मेले में बच्चों की मस्ती के लिए वो सारी चीजें हैं,जिसे वो अभी तक सिर्फ टीवी में ही देख कर खुश हो रहे थे। आप यहां मॉडर्न आर्ट से लेकर डिज्नी,अलग-अलग फार्मेट के डांस,साइंस म्यूजियम और कार्निवल परेड जैसी चीजों का लुत्फ उठा सकते हैं। ग्रैमी अवार्ड में नामिनेटेड वल्र्ड फेमस म्यूजिक बैंड को उसके पूरे ट्रूप के साथ बच्चों का मनोरंजन करने के लिए खास तौर से बुलाया गया है। रंग-विरंगी शाही अनुभव कराने वाली विंटेज कारों का काफिला भी है और विज्ञान में रूचि रखने वाले बच्चों के लिए डॉक्टर से लेकर इंजीनियर बनने तक का मॉक एक्सपीरियंस लेने का भी अवसर है। यदि आपके बच्चे को फ्लाइंग में खास दिलचस्पी है तो वे यहां आकर पैरागलाइडिंग का वर्चुअल अनुभव ले सकते हैं।

गिनिज बुक विनर स्पोटर््समैन प्रदीप के करतब इस कार्निवल की खास बात यह है कि अपने जुनूनी और तुफानी करतब के लिए गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रेकार्ड में दर्ज नाम प्रदीप अपने लाईव परफोर्मेंस से बच्चों को तो अचंभित कर ही रहे हैं साथ ही उन्हें भी उनके करतब सीखा रहे हैं। बच्चे पूरे जोश और उत्साह के साथ उनके साथ फुटबॉल के मनोरंजक स्टंट सीख रहे हैं। बच्चे साईकिल पर होने वाले खतरनाक स्टंट देखकर दांतों तले अंगूली दबाने को मजबूर हो रहे हैं। इस खास कार्निवल का आयोजक विपुल भुटानी  ने बताया कि आजकल बच्चों के मनोरंजन के लिए अपने यहां कुछ खास नहीं है। जिन बच्चों के माता-पिता आर्थिक रूप से सक्षम हैं,वे तो विदेशों में  जाकर रंग-विरंगी कार्निवल का लुत्फ उठा आते हैं,पर जो वहां नहीं जा पाते हैं,उनके लिए स्वस्थ्य और मनोरंजक इंटरटेनमेंट का कोई जरिया नहीं है। डिज्नी से प्रभावित होकर देश में डिज्नी जैसे मनोरंजन मुहैया  कराना उनका लक्ष्य है।

छठ पर प्रशासन है चाक और चौबंद !!

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पटना। हे! भाई जरा देखकर चलों, आगे भी पीछे भी,दायीं और बायीं ओर भी, ऊपर ही नहीं नीचे भी.......। पटना पुलिस ने छोटे और बड़े बैनर लगा रखा है। गहरे पानी में न उतरें। कृपया घाट पर बच्चों को अपने से अलग न होने दें। असामाजिक तत्वों से सावधान रहें। अफवाहों पर ध्यान न दें। बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। किसी भी लावारिश वस्तु को न छुएं। धीरे चलें, व्यवस्थित रहें, संयम रखें। पटाखे छोड़ना वर्जित है, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस से सहयोग हेतु 100 पर डायल करने को कहा गया है। 

इस बार प्रशासन सक्रियः इस बार प्रशासन सक्रिय और मुस्तैद है। पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर, पटना जिले की जिलाधिकारी डाॅ.प्रतिमा वर्मा, वरीय आरक्षी अधीक्षक विकास वैभव आदि के द्वारा कोई कोर कसर नहीं छोडा जा रहा है। विगत दिनों के हादसे की राजधानी बन जाने से भयभीत हैं। अपने ऊपर के भूत को बेस्ट वर्क करके भगाना चाहते हैं। दीघा में बुडको के द्वारा तोरण-द्वार बनाया गया है। वहीं बिजली विभाग के द्वारा अप्रत्याशित हादसे को टालने के लिए काउंटर बना दिया है। गेट नम्बर-93 के पास है। 

बिजली के झटके से 10 जख्मीःराजधानी कम्पनी के द्वारा तोरण-द्वार लगाने के दरम्यान बिजली के झटके से 10 गंभीर रूप से जख्मी। महापर्व छठ के अवसर पर लोग बैनर और तोरण-द्वार लगाने में जूट गए हैं।इस समय दीघा हाट पर काफी भीड़ है। यहां पर आकर लोग सूप भर फलादि खरीद कर रहे हैं। इस बीच पोस्ट आॅफिस रोड के मुख्य द्वार पर गुटका कम्पनी राजधानी द्वारा बैनर टांगा जा रहा था। वह बैनर हद से बड़ा था। इसके कारण बिजली के सम्र्पक हो जाने से विघुत प्रवाहित होने लगा। बैनर टांगने के अलावे कोई 10 लाग जख्मी हो गए। दो जख्मी को पानी चढ़ाया जा रहा है। भगवान भास्कर की महिमा से हादसा टल गया। ऐसा नहीं हो सकने से दीघा में कोहराम मच जाता। 

सिविल सर्जन की ओर से स्वास्थ्य टीमः स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों,पारा मेडिकल और 10 ए.एन.एम.की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। इन लोगों को महापर्व छठ के विभिन्न घाटों पर लगाया गया है। वहीं कई अस्पतालों को तैयार करके रखा गया है। किसी तरह की अप्रत्याशित हादसा से निपटने के लिए स्वास्थ्य टीम तैयार है। वाहन पार्किंग की भी व्यवस्था की गयी है। किसी तरह की जाम से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात है। कुल मिलाकर छठ व्रतियों को कष्ट न हो। इसको लेकर व्यवस्था की जा रही है। आज चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के तृतीय दिन है। आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अघ्र्यदान दिया जाएगा। कल उदयीमान भगवान दिवाकर को अघ्र्यदान देने के साथ ही महापर्व छठ का अंत हो जाएगा। 

चुनावी प्रक्रियाओं से मुक्त होकर धार्मिक आयोजनों में नेतागण समय देने लगे हैं। सूबे के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाभी गीता देवी के घर में छठ पूजा हो रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पीछे नहीं हैं। श्री यादव की धर्मपत्नी राबड़ी देवी की सरकारी आवास पर छठ पूजा हो रही है। वहीं बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चैधरी के घर में भी छठ पूजा हो रही है। रविवार को नहाय-खाय के अवसर पर कद्दू, चना दाल और अरवा चावल का प्रसाद का भोग लगाया गया। आज कई लोगों ने छठ व्रतियों के बीच में कद्दू वितरण किया गया। कई लोग नारियल,सूप,अगरबत्र्ती आदि वितरण करेंगे। 

संपूर्ण बिहार में धार्मिकता का माहौल बन गया है। छठी मईया के ऊपर गीत पेश किया जा रहा है। पवित्र गंगा नदी के किनारे तैयारी जोरों से जारी है। आरक्षी बल को तैनात कर दिया गया है। आरक्षी बल में महिलाओं को शामिल किया गया है। नागरिक सुरक्षा कोर का भी सहयोग लिया जा रहा है। विभिन्न घाटों पर गोताखोरों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। घाटों पर वाच टावर भी बनाया गया है। इसी तरह सिविल सिटीजन भी छठ के अवसर पर सहयोग करना शुरू कर दिए है। बिजली बल्बों से मार्ग को सजाया जा रहा है। व्रतियों को कष्ट न हो उसकी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न जगहों पर आकर्षक तोरण द्वार किया जा रहा है। मार्ग की सफाई की जा रही है। 

जिला प्रशासन ने 42 घाटों को खतरनाक घोषित कर दी है। दानापुर - गोला घाट,इमलीतर घाट, सप्लाई  डिपो घाट, मीनार घाट, स्कूल गली घाट, नहरलख घाट, रामजीचक नहर पर,रामजीचक जहाज घाट,राजापुर घाट, पहलवान घाट, बुद्ध घाट, सिपाही घाट, बधवा घाट,एल.सी.टी.घाट आदि घाट। पटना सिटी-सीता घाट, खाजेकला, राजा घाट, आदर्श घाट, टेढ़ी घाट, केशव घाट, मिरचाई घाट हिरानंद साह घाट, झाउगंज घाट, चिमनी घाट, नुरूद्दीन घाट आदि है। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने विभिन्न तालाबों और पार्कों में अघ्र्य देने की व्यवस्था की है। गंगा नदी की दूरी अधिक है। फिर भी दूरी को बौना बनाने में श्रद्धालु पीछे नहीं रहेंगे। 

पांच दिवसीय विदेश यात्रा के बाद मोदी स्वदेश पहुंचे

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नयी दिल्ली 16 नवंबर, ब्रिटेन और तुर्की की पांच दिवसीय यात्रा समाप्त कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज स्वदेश लौट आये। प्रधानमंत्री आज देर रात नयी दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने तुर्की के अंताल्या में आयोेजित जी 20 सम्मेलन के दौरान कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और इस बुराई के विरूद्ध एकीकृत कार्रवाई की जरुरत है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक में भी हिस्सा लिया।

ब्रिक्स की बैठक में उन्होंने आतंकवादियों की वित्त पोषण आपूर्ति और संचार के स्रोतों को खत्म करने के लिए प्रभावकारी कदम उठाने पर जोर दिया। तुर्की से पहले वे ब्रिटेन गए थे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से द्विपक्षीय वार्ता की थी। श्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान श्री कैमरन के साथ द्विपक्षीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों ने असैनिक परमाणु समझौते सहित कुछ करार किये। उन्होंने ब्रिटिश संसद को भी संबोधित किया। उन्होंने वहां अंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया और लंदन के मशहूर वैम्बली स्टेडियम में 50 हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। पेरिस में 13 तारीख की रात हुए आतंकवादी हमले के बाद जी-20 सम्मेलन में श्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुटता से मुकाबला करने तथा काले धन के प्रवाह पर रोक लगाने के प्रयास का आह्वान किया।

अमेरिका ने आईएस के खिलाफ 23 हवाई हमले किये

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वांशिगटन 17 नवंबर, अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेनाओं ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के सीरिया और इराक स्थित ठिकानों को निशाना बनाकर 23 हवाई हमले किये। अमेरिकी सेना की ओर से आज जारी बयान में बताया गया कि गठबंधन सेनाओं ने सीरिया के दस और इराक के तेरह शहरों में कल हमले किये।

बयान में बताया गया कि हमले में आईएस के पांच रणनीतिक ठिकाने और दो इमारतें ध्वस्त हो गये। अमरीकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि गठबंधन सेनाओं ने पूर्वी सीरिया में आईएस के 116 तेल के ट्रकों पर भी हवाई हमले किये। उन्होंने बताया कि ट्रकों पर उस समय हमले किये गये जब इनमें तेल भर कर इन्हें रवाना किया जाना था । गौरतलब है कि तेल की कालाबाजारी ही आईएस की आमदनी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है और अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में तेल उद्योग से वह सालाना 50 करोड़ डॉलर की कमाई करता है।

बोको हराम ने 1100 स्कूलों को नष्ट किया

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जेनेबा, 17 नवम्बर, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बोको हराम ने चाड झील के आसपास के अपने अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र में सालभर के अंदर 1100 स्कूलों को नष्ट किया।  मध्य अफ्रीका के अशांत सहेल क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि टोबी लेंजर ने बताया कि बोको हराम ने केमरून, चाड ,नाइजर तथा नाइजीरिया के चार देशों के स्कूलों को अपना निशाना बनाया। इन देशों में बोको हराम के आतंकवादियों के चलते सर्वाधिक अशांति है। बोको हराम ने इन देशों के स्कूलों को पश्चिमीं शिक्षा के अपने विरोध के कारण नष्ट किया। उसने स्कूलाें तथा विश्वविद्यालयों पर कई हमले करने के अतिरिक्त सन 2009 से 17 हजार लोगों की हत्याएं की। 

लेंजर ने अपनी रिपोर्ट में संघर्ष के कारण विस्थापित हुये लोगों का भी विवरण दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादियों की हिंसा के कारण लगभग 26 लाख लोग विस्थापित हुये। 16 लाख लोग घर छोड़कर भाग गये। इनमें से 22 लाख लोग नाइजीरिया के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बोको हराम की हिंसा के कारण शरणार्थी छुपे लोगों को पर्याप्त सहायता नहीं की जा रही है। 

अमीरों के रॉबिनहुड बनने की तैयारी में हैं मोदी : कांग्रेस

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नयी दिल्ली,17नवंबर, कांग्रेस ने स्वच्छ भारत टैक्स के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आज कहा कि उन्होंने गरीबों का बोझ बढाया है और अमीरों को राहत दी है। ऐसा करके वह अमीरों के रॉबिनहुड बनने की तैयारी में हैं। पार्टी ने यह प्रतिक्रिया सरकार द्वारा कर योग्य सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत का स्वच्छ भारत उपकर लगाये जाने पर दी है। पार्टी ने ट्वीटर पर कहा है “ रॉबिनहुड अमीरों से छीन कर गरीबों में बांटता था इसलिए वह कालजयी बना। श्री मोदी इसके ठीक उलट हैं। अपने 2015..16 के बजट में उन्हाेंने कॉरपोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया जो कि एक अच्छी खासी कटौती थी। क्या देश के अन्य लोगों पर भी श्री मोदी ने ऐसी मेहरबानी की। हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टे गरीबों पर करों का और बोझ लाद दिया गया।’ पार्टी ने कहा है कि स्वच्छ भारत कर इसका ताजातरीन उदाहरण है। इसके चलते अब सेवा कर 14 प्रतिशत से बढकर 14.5 प्रतिशत हो गया है। सरकार को इससे मौजूदा वित्त वर्ष के बचे हुए महीनों में ही करीब 3800 करोड रुपए की आय हो जाएगी और सालाना यह राशि करीब 10 हजार करोड रुपए होगी । कांग्रेस ने सवालिया लहजे में कहा है इसके पीछे आखिर क्या तर्क है। पहले तो प्रधानमंत्री लोगों से देश की सफाई की बात करते हैं फिर इसी काम के लिए उन पर टैक्स लगाते हैं। लोग तो पहले से ही इतने सारे कर चुका रहे हैं जिसका एक हिस्सा सफाई कार्यों के लिए जाता है ऐसे में नये सिरे से स्वच्छ भारत टैक्स लगाने का क्या मतलब है।

महंगाई का हवाला देते हुए पार्टी ने कहा है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार तेज हो रही हैं। दालें ,सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और ईंधन के बढे हुए दाम ने लोगों का जीना पहले ही मुश्किल कर रखा है ऐसे में उन पर नये कर लगाने से मध्यम और कम आय वर्ग के परिवारों का जीना दूभर हो जाएगा। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सराहना करते हुए पार्टी ने कहा है कि श्री गांधी की ओर से मोदी सरकार को सूट बूट की सरकार का नाम देना पूरी तरह सही है। भाजपा चाहे कितने दावे कर ले उसकी सरकारी नीतियाें खासकर करों के मामले में उसकी पहल ने पार्टी को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है और यह साबित कर दिया है कि वह कुछ खास लोगों के लिए ही बनी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रोजगार वृद्धि दर में ठहराव,मंहगाई और संकट ग्रस्त ग्रामीण क्षेत्र से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए भाजपा काे चाहिए था कि आम लोगों के हाथ मजबूत करके वह इसे दुरुस्त करने के उपाय करे लेकिन दुर्भाग्यवश उसने ऐसा करने की बजाए आम लोगों की कमर तोडने की ठान रखी है। 

मध्यप्रदेश लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

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भोपाल, 17 नवंबर, बिहार विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद मध्यप्रदेश में एक समय में कांग्रेस का गढ रही रतलाम संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।  वहीं कांग्रेस भी प्रदेश में अपनी खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए एक बार फिर प्रयास में जुटी दिखाई दे रही है। दूसरी ओर बिहार फतह कर चुका जनता दल यूनाइटेड भी गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों को साथ लेकर तीसरे मोर्चे के तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आए पूर्व सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है। यहां 21 जून को मतदान और 24 को मतगणना होगी। चुनाव प्रचार 19 तक होगा। प्रचार के अंतिम दिनों में लगभग सभी पार्टियों के बडे चेहरे यहां मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। 

राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें, तो बिहार में हार के बाद भाजपा कोई कोर-कसर छोडने के मानस में नहीं है, यही कारण है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं कई दिन से यहां मोर्चा संभाला हुआ है। प्रदेश में विकास की तस्वीर को मुख्य मुद्दा बनाते हुए श्री चौहान विभिन्न स्थानों पर सभाएं करके पार्टी की प्रत्याशी और पूर्व सांसद दिलीप सिंह भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया के लिए लोगों का समर्थन मांग रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने भी दीपावली के बाद से ही इलाके में डेरा डाल लिया है। वहीं केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, उमाशंकर गुप्ता और अंतरसिंह आर्य भी मतदाताओं के बीच आ चुके हैं। 

साल 1952 से 2014 के बीच, लगभग 45 साल तक कांग्रेस के कब्जे में रही इस सीट पर इस बार कांग्रेस एक बार फिर कब्जा जमाने की उम्मीद पाले है। हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक मूल तौर पर झाबुआ से जुडे कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के खाते में कोई बडी उपलब्धि नहीं होना और रतलाम के लिए उनके मन में उपेक्षा का भाव माना जाना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बाद भी पार्टी के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव इस क्षेत्र में लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ, सुरेश पचौरी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता संजय निरूपम ने भी यहां धुआंधार प्रचार के उद्देश्य से अपनी आमद दर्ज कराई है। पार्टी यहां भी महंगाई समेत कई मुद्दों को लेकर भाजपा से लोगों की नाराजगी को भुनाने के प्रयास में है। 

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सरकार बनाने जा रहे जनता दल (यू) ने भी गैर भाजपा-गैर कांग्रेस दलों के साथ यहां अपने प्रत्याशी विजय हारी को मैदान में उतारा है। मध्यप्रदेश में मजबूत राजनैतिक विकल्प के उद्देश्य से जनता दल यू, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, बहुजन संघर्ष दल, राष्ट्रीय समानता दल इस सीट के बहाने एक साथ आ गए हैं। इस मर्तबा यहां आठ उम्मीदवार चुनावी रणक्षेत्र में हैं, हालांकि क्षेत्र का 17वां सांसद चुने जाने के लिए मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और भाजपा की निर्मला भूरिया के मध्य है। क्षेत्र में लोकसभा के लिए पहली बार उपचुनाव की नौबत आई है। 

सिंघल की हालत नाजुक: आडवाणी गए देखने

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नयी दिल्ली,17 नवंबर, विश्व हिन्दू परिषद् के नेता अशोक सिंघल की हालत लगातार नाजुक बनी हुयी है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज मेदांता अस्पताल जाकर उनका हाल चाल पूछा। विहिप के प्रवक्ता ने बताया कि श्री आडवाणी के अलावा सच्चिदानंद महाराज और कयी धार्मिक नेता भी श्री सिंघल का हाल चाल लेने अस्पताल गए। 

अस्पताल की ओर से जारी ताजा मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 89 वर्षीय विहिप नेता श्री सिंघल की हालत अभी भी गंभीर बनी हुयी और उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के संगठन महासचिव रामलाल ,केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, योग गुरु बाबा रामदेव तथा विहिप के अंतरराष्टीय संयोजक प्रवीण तोगड़िया समेत विहिप के कयी बड़े पदाधिकारी भी श्री सिंघल के स्वास्थ्य का हाल चाल लेने अस्पताल जा चुके हैं। श्री सिंघल को सांस लेने में गंभीर शिकायत के बाद 14 नवंबर को गुडगांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था । 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (17 नवम्बर)

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आवेदन देकर डायरेक्टर्स पर एफआई दर्ज करने की मांग

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मंगलवार को पीएसीएल लिमिटेड (पर्ल्स गु्रप) के अभिकर्ताओं एवं निवेशकों  ने नगर निरीक्षक के नाम थाना कोतवाली  में एक आवेदन सौंपा। आवेदन में अभिकर्ताओं और निवेशकों ने कंपनी से निवेश किए गए स्र्पए दिलाए जाने व कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। आवेदन के माध्यम से बताया है कि  पीएससीएल कंपनी जो चिट फंड कंपनी का काम करती है। कंपनी ने अभिकर्ताओं को समझाइश एवं प्रलोभन देकर निवेशकों से ध्ान राशि कंपनी में निवेश करने के लिए प्रलोभन दिया। जिसके बाद अभिकर्ताओं ने निवेशकों से अरबो  स्र्पए पूरे जिले से निवेश कराया। कंपनी ने 1994 में लगभग  260 एकड़ जमीन ग्राम लसूड़िया परिहार में खरीद कर कंपनी के स्थायीत्व होने का हवाला दिया और निवेशकों की राशि कम समय में दुगना कर लौटाने का विश्वास दिलाया। उक्त भूमि वर्तमान में पर्ल्स रायल गार्डन के नाम से जानी जाती है। कंपनी अब निवेशकों को स्र्पए लौटाने में आनाकानी कर रही है। जिससे ध्ााता ध्ाारकों और अभिकर्ताओं को मानसिक तनाव व आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। मामले में टीआई निरंजन शर्मा ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। 

विधायक सुदेश राय का मनाया जन्म दिन

सीहोर। मंगलवार को विधायक सुदेश राय का जन्म दिन शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मनाया गया। इस अवसर पर विधायक फैंस क्लब के अध्यक्ष हेमंत रुठिया के नेतृत्व में तहसील चौराहे पर आयोजन कर श्री विधायक श्री राय का जन्म दिन मनाया गया। इस मौके पर हेमंत रुठिया, अक्षय राय, मनीष कटारिया, भारत शर्मा, उदय मेवाड़ा, आकाश जैन, प्रणय शर्मा, विक्का सूर्यवंशी, सुमीत, प्रशांत, राहुल, गौतम रुठिया और कपिल रुठिया शामिल थे। इस मौके पर श्री राय ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से मुझे सीहोर विधानसभा के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसको आप लोगों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। 

आखिर कहां .....गई हमारी सामाजिक समरसता।

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आज जहां देखों वहां पर लडाई झगडा हो रहा है। छोटी छोटी बातों से उपजा बिवाद  बडा रूप लेकर जान लेवा साबित हो रहा है। आखिर क्या कारण हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है। क्या हम आज के इस आधुनिक युग में इतने अंधें हो गये है कि हमें अपने माता पिता ,घर परिवार, सगे सम्बन्धी ,नाते रिश्तेदारी का कतई ध्यान नहीं  रहा है कि यह सब हमारे अपने है। हमारी परवरिश करने बाले है। इन्होनें हमें अपनें खून पसीने की मेहनत से पाला पोशा है। 
      
आज व्यक्ति ने अपनी सारी सीमाऐं तोड कर पैसे की लालसा में अपने आप को बरबाद करके घर परिबार को भी बरवाद करने की ठान रखी है। क्योंकि वह अच्छा काम करके पैसे कमाना नहीं चाहता है वह एकदम से ऐसी उंची छलांग लगाना चाहता है कि वह अभी आज के ही अनैतिक काम से करोड पति बन जाये और सारी बिलासिता का भोग करे। अगर उसके पास कोई काम अच्छा करने का विकल्प भी रखा जाता है तो वह ऐसा कार्य करने में हिचकिचाता है। उसे अभी पैसा चाहिए। इससे आज के हर घर परिवार में ग्ृह कलेश मचा हुआ है। और उसके पास जो भी पैतृक भूमि, सम्पत्ति है उसे बेचकर बरबाद हो रहा है।
     
हमारे देश में जिधर देखों खेती की भूमि सबसे ज्यादा रिहायशी इलाकों में बदलती जा रही है इसका सीधा असर आज के बेरांजगार लोगांे पर पडा है क्यों कि उक्त जमीनें सीधे लोगों को करोडपति बनाती है । और करोडपति बनने के चक्कर में वह लोग बिल्डरों को अपनी जमीनें बेच देते है। जब घर की जमीने बिकती है तो पैसे के आपसी लेन देन में भाई भाई का खून का प्यासा हो जाता है ।    
     
अगर हम थोडा भी अक्ल का काम लें तो शायद आसपी लडाई झगडा ना हो न हीं घर परिवार टूटे। आज कोई अखबार उठा के देखते हैं तो बस यही खबर सुर्खिंया होती है कि जमीन के बटबारे के लिये बेटा ने पिता का ,चाचा ने भतीचे का और किसी ने किसी का खून कर दिया है। 
      
आज पढालिखा नौजवान एकल परिवार को पसन्द करने लगा है वह अपने माता को छोडकर बीबी बच्चों के साथ शहरों महानगरों को कूच कर गया है।इससे उसके माता पिता बुढापें में ऐकाकीपन के साथ जीवन जीने को मजबूर हैं। आखिर ऐसा क्यों  हैं यह विचारनीय बात है।       

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (17 नवम्बर)

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कुपोषण से जंग सुपोषण के संग सुपोषण के उद्धेश्यों की पूर्ति स्वच्छता से संभव

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कुपोषण से जंग सुपोषण के संग पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आज जिला पंचायत के सभागार कक्ष में आयोजन किया गया था। जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र ने कार्यशाला में शामिल महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अमले से कहा कि स्वच्छता से हम अनेक उद्धेश्यों की प्राप्ति कर सकते है। कुपोषण होने में कही ना कही स्वच्छता की अनदेखी शामिल रहती है। उन्होंने ग्रामों में स्वच्छता के लिए क्रियान्वित प्रयासों की जानकारी ग्रामीणजनों को देने का आग्रह किया। स्वच्छता संबंधी जानकारी खासकर महिलाओं को मुख्यतः दी जाए। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में शौचालय बनवाओं और 12 हजार रूपए का इनाम पाओ। इसके पीछे की मंशा को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यवहार परिवर्तन से ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ रखने में सार्थक सिद्ध हो सकती है। जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ श्री भूपेश गुप्ता ने शारीरिक स्वच्छता को अति महत्वपूर्ण बताते हुए शारीरिक अस्वच्छता से होने वाले नुकसानों का उनके द्वारा उदाहरणों सहित जानकारियां प्रस्तुत की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री देवेन्द्र सुंदरियाल ने कुपोषण के प्रमुख कारण को रेखांकित करते हुए उनके बचाव उपाय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सुपोषण के उद्धेश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चिन्हांकित अतिकम वजन के बच्चों को समुदाय की निगरानी में पोषण प्रबंधन, माता-पिता को स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर को सुधराने हेतु परामर्श देकर उनके व्यवहार में परिवर्तन लाना, समुदाय को ग्राम में अतिकम वजन के बच्चों हेतु कार्ययोजना बनाने एवं क्रियान्वयन हेतु सक्षम बनाना और कुपोषण मुक्त ग्राम के लिए समुदाय को जागरूक कर उनका सहयोग लिया जाए। उनके द्वारा टारगेट कन्वर्जेन्ट एप्रोच, सुपोषण के मुख्य हस्तक्षेप, अभियान का आयोजन, ग्रामों में रणनीति, गतिविधियां, उत्तरदायित्व एवं समय सीमा में क्रियान्वयन के उद्धेश्यों को भी रेखांकित किया। डाॅ सोनकर ने कुपोषण से निजात दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का अमला किन-किन बातो का विशेष ध्यान रखें से अवगत कराया वही कार्यशाला में पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम
सुपोषण अंतर्गत परियोजनावार आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं दो पोषण मित्र टीम के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा कि जानकारी देते हुए श्री सुंदरियाल ने बताया कि प्रत्येक परियोजना स्तर पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है इसके लिए तिथिवार कार्यक्रम जारी किया जा चुका है वही प्रशिक्षण प्रभारी और मास्टर टेªनर्स नियुक्त किए जा चुके है। नवम्बर माह में आयोजित होने वाले उक्त प्रशिक्षण तहत कुरवाई, सिरांेज, लटेरी, ग्यारसपुर और बासौदा की दोनो परियोजना सहित प्रत्येक के लिए क्रमशः दो-दो दिवसीय प्रशिक्षण 20 एवं 21 नवम्बर को आयोजित किया गया है। इसके अलावा फील्ड कार्य से भी प्रशिक्षित किया जाएगा। उक्त कार्य 22 से 25 नवम्बर तक पूर्व उल्लेखित परियोजना में आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार नटेरन एवं विदिशा शहरी एवं ग्रामीण परियोजना में 22 एवं 23 नवम्बर को तथा फील्ड कार्य संबंधी प्रशिक्षण 24 से 27 तक आयोजित किया गया है।

जनसुनवाई कार्यक्रम में 120 आवेदन प्राप्त हुए

कलेक्टर श्री एमबी ओझा के मार्गदर्शन में आज आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 120 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत किए। संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र के द्वारा 40 आवेदनों का निराकरण किया गया है और शेष लंबित आवेदन संबंधित विभागों के अधिकारियों को समय सीमा में कार्यवाही करने हेतु प्रेषित किए गए है। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में तहसीलदार श्री रविशंकर राय समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

प्रतिभा चयन कार्यक्रम 19 को

सिंहस्थ 2016 के पूर्व संस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित प्रदेशव्यापी प्रतिभाखोज योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय प्रतिभा चयन कार्यक्रम का आयोजन 19 नवम्बर को किया गया है। उक्त कार्यक्रम शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एमएलबी विदिशा में प्रातः 10 बजे से सायं पांच बजे तक आयोजित किया गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चन्द्रमोहन मिश्र ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तरीय प्रतिभा चयन कार्यक्रम मेें मुख्य रूप से नृत्य, संगीत, साहित्य, चित्रकला एवं शिल्पकला विधा में आयोजित की गई है। उक्त विधा के लगभग 60 प्रतिभागी प्रतिभा चयन कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने जिले के समस्त कला एवं संगीतप्रेमियों से आग्र्रह किया कि वे कार्यक्रम में उपस्थित होकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करें।

लटेरी के ग्रामों का भ्रमण आज

ग्रामीणजनों की मूलभूत समस्याओं से अवगत होने और उन्हें शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के उद्धेश्य से सभी विभागों के जिलाधिकारी 18 नवम्बर को लटेरी के ग्रामों का भ्रमण करेंगे। कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार सभी अधिकारी लटेरी विकासखण्ड के ग्राम पठेराचाडूं में प्रातः 11 बजे उपस्थित होकर ग्रामवासियों की समस्याओं से अवगत होकर निराकरण की पहल करंेगे। इसके पश्चात् ग्राम चांदबड़, मूडरारतनशी और सावनखेडी ग्राम का भ्रमण करेंगे। कलेक्टर श्री ओझा ने समस्त विभागों के अधिकारियों को हिदायत देते हुए उनसे कहा है कि वे समय पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें और विभागीय योजनाओं पर आधारित फोल्डरों का वितरण ग्रामीणजनों को करें। उन्होंने स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे भ्रमण ग्रामों में उपचार केम्पों का भी आयोजन करें। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (17 नवम्बर)

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बिचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्टूनों एवं व्यंगचित्रों का प्रभाव व महत्व विषय पर संगोष्ठी सम्पन्न 

sidhi news
सीधी 16 नवम्बर 2015  राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला जनसम्पर्क कार्यालय सीधी के संयोजन में विचारों की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में कार्टूनों एवं व्यंगचित्रों का प्रभाव व महत्व विषय पर पत्रकारों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार के.पी.श्रीवास्तव ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कार्टूनिष्टों द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से बहुत बड़ी बात को संक्षिप्त संकेत के माध्यम से कह दिया जाता है। कार्टून एवं व्यंगचित्र विचार अभिव्यक्ति का बहुत सशक्त माध्यम है। समाचार पत्रों में पाठकों का यह पसंदीदा कालम होता है। पाठक समाचार पत्र पढ़ने के पूर्व निर्धारित स्थान में प्रकाशित कार्टून को सबसे पहले देखकर उसे समझता था। इसी प्रकार व्यंगकार अपने व्यंगों के माध्यम से चयनित विषयों को बहुत ही सरलतम शब्दों में व्क्त कर देता था जिसे साधारण पाठक भी समझ जाते थे। गोष्ठी में दैनिक समय के सम्पादक और मालिक श्रीधरपति त्रिपाठी, पत्रिका के संवाददाता ओ0पी0पाठक, स्टार समाचार पत्र के ब्यूरोचीफ बृजेश पाठक, नवभारत के ब्यूरोचीफ आदित्य सिंह, दैनिक भास्कर के संवाददाता अमित सिंह,पत्रकार अजय पाण्डे, दिल्ली दूरदर्शन के संवाददाता स्तुति मिश्रा, सिटी चैनल के सम्वाददाता धर्मेन्द्र साप्ताहिक समाचार पत्र की सहसंपादक श्रीमती मंटो रैकवार, अजय सिंह, अरविन्द वेदान्ती, राहुल वर्मा सहित पत्रकारगण उप िस्थत थे। स्वतंत्र पत्रकार विजय सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यंगचित्र पत्रकारिता का गूढ विषय है। इसी प्रकार समाचार पत्र के कोने में प्रकाशित कार्टून उस दिन के समाचार का सरांश है। उन्होंने कहा कि यह अभिव्यक्ति का इतना सशक्त माध्यम है कि यह पाठकों को उव्देलित कर देता है। उन्होंने कहा कि कई बार प्रसिद्ध कार्टूनिष्टों ने देश की ज्वलन्त समस्याओं को कार्टून के माध्यम से बड़े सशक्त रूप में दिखाया जिसे देखकर पाठकों को झकझोर दिया। पत्रकार वीरेन्द्र सिंह परिहार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जबसे समाचार पत्रों का प्रचलन प्रारंभ हुआ है तभी से कार्टून एवं व्यंगचित्रों ने समाचार पत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान सुनिश्चित कर लिया है। समचार पत्र में एक निर्धारित स्थान पर कार्टून और व्यंगचित्र प्रकाशित होने से पाठक अपने पसंदीदा कार्टूनों को सबसे पहले देखने से नहीं चूकते थे। उन्होंने कहा कि कार्टून के वजह से ही आर.के.लक्ष्मण और शरद जोशी को पूरे राष्ट्र में प्रसिद्धि मिली है। दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ राम बिहारी पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाचारपत्रों में कार्टून एवं व्यंगचित्रों को विचारों की मूक अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 16 नवम्बर 1966 में पहली बार भारतीय प्रेस परिसर का गठन किया गया। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। समाचारपत्रों में कार्टून एवं व्यंगचित्रों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करना एक सशक्त माध्यम है। देश में 1946 में इलेक्ट्रानिक मीडिया की स्थापना की गई। इस समय इलेक्ट्रानिक मीडिया में भी कार्टून दिखाए जाने प्रारंभ हो गए हैं। ई टी.व्ही में 15 से 20 मिनट का कार्टून चलाया जाता है। यह दर्शकों के बीच काफी पसंदीदा विषय हो गया है।  स्वदेश के ब्यूरो चीफ नन्दलाल सिंह ने कहा कि कार्टून और व्यगचित्र समाचार पत्र की महती जरूरत बन गयी है कोई भी समाचार पत्र बिना काटॅून और व्यगचित्र के प्रकाशित नहीं होता। आधुनिक युग में समाचार पत्र में प्रकाशित ोने वाले कार्टूनों एवं व्यग चित्रों का बहुत महत्व है। इसीलिये सभी समाचार पत्र में कार्टून एवं व्यग चित्र प्रकाशित किये जाते है। पत्रिका के ब्यूरोचीफ मनोज पाण्डेय ने कहा कि कार्टून और व्यंगचित्र समाचार पत्रों में कुछ शब्दों में विचार व्यक्त करने का सशक्त माध्यम बन चुके हैं। प्रत्येक पाठक का कार्टून एवं व्यंगचित्र पसंदीदा विषय है। कार्टून इतने सशक्त होते हैं कि कभी-कभी पाठक उव्दलित हो जाता है और उस दिन सोचने पर मजबूर हो जाता है। यह विषय भी अत्यंन्त महत्वपूर्ण है। हीरावती न्यूज के पुजेरीलाल मिश्रा ने कहा कि कार्टून समाज का आइना है और गूढ से गूढ विषय को भी कार्टून के माध्यम से सरलतम तरीके से व्यक्त किया जाता है। समाचारपत्रों मंे जो महत्व संपादकीय कालम का है वही महत्व कार्टून और व्यंगचित्रों का है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 नवम्बर)

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पत्र ने खोला नारी निकेतन में चल रहे घिनौने खेल का सच

देहरादून,17  नवम्बर (निस)। राजधानी स्थित नारी निकेतन के अंदर खाने कौन सा घिनौना खेल चल रहा है। इसका सच एक गुप्त पत्र द्वारा खुल गया। यहां मानसिक रूप से बीमार एक संवासिनी के शारीरिक शोषण की बात सामने आई है। एक अखबार को भेजे गुप्त पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक संवासिनी के गर्भवती होने के बाद नारी निकेतन के स्टाफ ने उसका गर्भपात करा दिया है। यह पत्र समाज कल्याण निदेशक के नाम भेजा गया है। पत्र की कॉपी मीडिया को दी गई है। इस संबंध में समाज कल्याण के निदेशक वीएस धनिक का कहना है कि वह जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। केदारपुरम स्थित नारी निकेतन पिछले दो महीनों से संवासिनियों के साथ हो रहे व्यवहार और उनकी संख्या को लेकर चर्चाओं में है। नारी निकेतन के स्टाफ की आपसी लड़ाई भी किसी से छिपी नहीं है। एक संवासिनी के कथित तौर पर गायब होने के बाद एक अधीक्षिका को निलंबित किया गया था। उस समय भी काफी हंगामा हुआ था। ऐसे में गुप्त पत्र ने एक बार फिर से नारी निकेतन के स्टाफ पर लगने वाले आरोपों को हवा दी है। गुप्त पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक संवासिनी का पहले शारीरिक शोषण किया गया। जब वह तीन माह की गर्भवती थी तो उसका बिना अधिकारियों की अनुमति के गर्भपात करा दिया गया।  पत्र में लिखा गया है कि संवासिनी को 15 नवंबर की रात्रि 9.30 बजे ऑटो बुक करा ले जाया गया। एक निजी अस्पताल में गर्भपात कराने के बाद 16 नवंबर की सुबह सात बजे उसे नारी निकेतन लाया गया। पत्र में लिखा गया है कि मामले की डॉक्टरों की टीम भेजकर मेडिकल जांच कराई जाए। पत्र में सलाह दी गई है कि संवासिनियों का मेडिकल चेकअप कराए जांच तो नारी-निकेतन के स्टाफ की असलियत सामने आ जाएगी। मामले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग की गई है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक वीएस धनिक का कहना हंै कि  मेरे पास ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। हो सकता है कि यह किसी की शरारत हो या फिर स्टाफ के आपसी झगड़ों की वजह से एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हों। लेकिन आरोप गंभीर हैं। मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही कुछ जवाब दे पाएंगे। 

ग्रामीणों ने की सीबीसीआईडी जांच की मांग, केदारनाथ तिराहे पर लगाया जाम 
  • सैकड़ों वाहन फंसे रहे, आपातकाल सेवा भी रही प्रभावित 
  • व्यापारी शिवराज जगवाण की मौत का मामला 

uttrakhand-news
रुद्रप्रयाग, 17 नवम्बर (निस)। नगर के व्यापारी शिवराज सिंह जगवाण की मौत की सीबीसीआईडी जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों ने केदारनाथ तिराहे पर चक्काजाम किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान तिराहे पर सैकड़ों वाहन फंसे रहे। बाद में अपर जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत सोमवार को सांदर-भैंसगांव के ग्रामीणों और नगर के व्यापारियों ने बेलणी से केदारनाथ तिराहे तक जोरदार रैली निकाली और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी। यहां पर रैली जनसभा में तब्दील हुई और ग्रामीणों ने चक्काजाम शुरू कर दिया। जाम के कारण केदारनाथ तिराहे पर सैकड़ों वाहन फंस गये। करीबन दो घंटे तक ग्रामीणों और व्यापारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाये रखा। इस बीच आपातकाल सेवा भी प्रभावित रही। ग्रामीणों ने कहा कि व्यापारी शिवराज की मौत को लेकर पुलिस प्रशासन सुस्ती बरत रहा है। ग्रामीण शिवराज की मौत पर हत्या की आश्ंाका जता रही है और पुलिस प्रशासन घटना को दुर्घटना का रंग देकर अपना पल्ला झाड़ रही है। ग्रामीण विजय सिंह जगवाण ने कहा कि मुख्यालय की यह घटना पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। नगर के संगम में हुई इस घटना ने सबको हैरान किया हुआ है। स्थानीय जनता इस बात से परेशान है कि जब पुलिस प्रशासन नगर की घटना का खुलाशा नहीं कर पा रही है तो दूर-दराज क्षेत्रों में हो रही घटनाओं पर कैसे अंकुश लग पायेगा। कहा कि शिवराज की मौत की जांच पर ढिलाई बरती जा रही है। ग्रामीण विकास जगवाण ने कहा कि पुलिस प्रशासन से सीबीसीआईडी जांच की मांग की जा रही है, मगर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यदि जल्द ही प्रशासन ने शिवराज की मौत को लेकर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। इस दौरान अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल, एसडीएम चतर सिंह चैहान एवं पुलिस उपाधीक्षक मिथिलेष कुमार सिंह ने ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने कहा कि सीबीसीआईडी की जांच का मामला शासन स्तर से होना है। दो सप्ताह के भीतर मामले की जांच पूरी कर ली जाएगी। इस मौके पर भरत सिंह चैधरी, अवतार सिंह राणा, जितार सिंह जगवाण, किशोरी नंदन डोभाल, लक्ष्मण रावत, अंकुर रौथाण, वीरपाल सिंह जगवाण, कमल सिंह जगवाण, मान सिंह जगवाण, कमला देवी, सरोजनी देवी, बबीता देवी, कुलदीप जगवाण, शिशुपाल सिंह, अजय सिंह, उपेन्द्र सिंह, रूपा देवी, बिन्द्रा देवी, सतेश्वरी देवी, मीना देवी, उमेद सिंह, विकास सिंह, रमा देवी, चैता देवी, राजेश्वरी देवी, बीरा देवी, काजल देवी, गुड्डी देवी, नन्देश्वरी देवी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व व्यापारी मौजूद थे।  

राजनैतिक रोटियां सेकते रहे 
रुद्रप्रयाग । व्यापारी शिवराज की मौत की सीबीसीआईडी जांच की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा लगाये चक्काजाम पर राजनैतिक लोग अपनी रोटियां सेकते हुए दिखाई दिये। जहां एक ओर ग्रामीण शिवराज की मौत को लेकर परेशान दिखे, वहीं दूसरी ओर भाजपा, उक्रांद, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेता शिवराज की मौत पर अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहे। राजनैतिक पार्टियांे के लोगों ने अपनी सभी हदें पार कर दी। उन्होंने शिवराज की मौत का मुद्दा न उठाकर राजनैतिक मुद्दों पर अपनी चर्चाएं की और जोर-जोर से अपने नाम कहकर आंदोलन को राजनीति का अखाड़ा बना दिया। इस दौरान ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने इस प्रकार की राजनीति को बेहद शर्मनाक बात बताई। 

लोगो से मिले वित्त आयोग अध्यक्ष व सदस्य  

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रुद्रप्रयाग, 17 नवम्बर (निस)। चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के प्रभारी अध्यक्ष वी0के0 जोशी एवं सदस्य सी0एम0एस0 बिष्ट, अविकल थपलियाल एवं वीसी सनवाल शोध अधिकारी ने कलक्टेªट सभागार में ग्रामीण और नगरीय स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों व ग्राम्य विकास, पेयजल, ऊर्जा, आर0ई0एस0 वन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने नगरीय स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा में कहा कि वह यह जानने के लिये जिलों का भ्रमण करने आये हैं कि अधिकारियेां एवं जनप्रतिनिधियों से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं। उन्होंने नगरपालिका रूद्रप्रयाग, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि एवं ऊखीमठ के अध्यक्षों की समस्याएं सुननी और उनके विचार जाने। उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा पूर्व में स्थानीय निकायों को प्रश्नावली भेजी गई थी, उम्मीद है कि मिल चुकी होगी। कहा कि इन प्रश्नावली का वे विश्लेषण करेंगे। उन्होंने कहा कि जिलों के भ्रमण के दौरान उन्हें मुख्य रूप से नगरीय स्थानीय निकायों द्वारा कूडे के निस्तारण, जनसंख्या का अतिरिक्त बोझ एवं वित्त की समस्याएं बताई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कूडे के निस्तारण की जिम्मेदारी संबंधित नगर निकायो की है। उन्होंने नगरपालिका रूद्रप्रयाग के अध्यक्ष राकेश नौटियाल, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अध्यक्ष अशोक खत्री एवं नगर पंचायत ऊखीमठ की अध्यक्ष रीता पुष्पवान से निकायों द्वारा कूडे के निस्तारण हेतु क्या व्यवस्था की गई है, इस संबंध में विस्तार से जानकारी ली। नगरपालिका अध्यक्ष रूद्रप्रयाग ने अवगत कराया कि रूद्रप्रयाग नगर पालिका क्षेत्र से प्रतिदिन पांच टन विभिन्न प्रकार का कूडा पालिका द्वारा उठाया जाता है और टेªचिंग ग्राउण्ड के लिये गुलाबराय के निकट भूमि चयन कर लिया गया है तथा वन भूमि हस्तान्तरण की कार्यवाही गतिमान है। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। रूद्रप्रयाग एवं अगस्त्यमुनि नगर निकाय के पास वाहन पार्किंग एवं मैन पावर की समस्या से अवगत कराया गया तथा नव गठित नगर पंचायत अगस्त्यमुनि एवं ऊखीमठ नगर पंचायत में वित्त की समस्या पर बताया गया कि निकाय को आवंिटत धनराशि इतनी कम मिलती है कि वह कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो जाती है, नगर पंचायत के विकास कार्य नहीं किये जा सकते हैं। आयोग के अध्यक्ष श्री जोशी ने कहा कि नगर निकायों को भू-राजस्व की वसूली बढाने के प्रयास करने होंगे। पूरी तरह से राज्य वित्त पर निर्भर न रहे, अपने आय के स्रोत बढाने के साथ ही मजबूत करने होंगे। उन्होंने इसके बाद अधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों से भी विस्तार से  चर्चा की और उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान तीनों ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत सदस्यों द्वारा 14वें केन्द्रीय वित्त आयोग से विकास कार्यो के लिये मिल वाली धनराशि को समाप्त करने पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने राज्य वित्त आयोग से इसकी प्रतिपूर्ति करने का आग्रह किया और पंचायतों के प्रति उदार रवैया अपनाया  जाय।    इस अवसर ब्लाक प्रमुख अगस्त्यमुनि जगमोहन रौथाण, जखोली राजकुमारी रावत, ऊखीमठ संतलाल शाह, नगरपालिका सभासद हिमांशु भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी सुनील कुमार, एसडीएम सदर सीएस चैहान सहित नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

दून में पूर्व सैनिकों ने लौटाए मेडल 

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देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। राज्य के पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार द्वारा उनके हिसाब से वन रैंक वन पेंशन न दिये जाने के विरोध में परेड ग्राउन्ड में आयोजित कार्यक्रम में अपने मेडल लौटा दिए। पूर्व सैनिकों का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन के मामले में जो अधिसूचना जारी की गई है उसमें कई खामियां हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कई ऐसे प्रावधान हैं जिससे कई हजार पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। पूर्व सैनिक उत्तराखंड एक्स सर्विस लीग एवं यूनाइटेड फ्रंट आॅफ एक्स सर्विसमैन उत्तराखंड के बैनरतले परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए और वहां पर अपने पदकों को वापस कराया। पूर्व सैनिकों का कहना था सेना को युवा बनाये रखने को 95 प्रतिशत सैनिकों को 32 से 45 वर्ष की आयु में रिटायर कर दिया जाता है। एक प्रतिशत से भी कम सैनिक ही हवलदार, सूबेदार मेजर और लेफ्टिनेंट जनरल तक पहुंच पाते हैं। इसके विपरीत आईएएस, आईएफएस के सभी सदस्य एडिशनल सेक्रेटरी तक पहंुच जाते हैं। छठे वेतन आयोग के बाद एक जनवरी 2006 से पहले रिटायर हुए तथा उसके पश्चात रिटायर होने वालों की पेंशन में अंतर आ गया। यहां तक कि सीनियर रैंक्स की पेंशन जूनियर रैंक के पेंशन से भी कम हो गई, जो कि सेना के नियमों के विरूद्ध है। पिछली संप्रग सरकार ने जाते-जाते एक अपै्रल 2014 से इसे लागू करने को 500 करोड रूपये की व्यवस्था की जो बेहद कम रकम थी। मौजूदा सरकार ने इसे एक हजार करोड़ किया, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं था। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायदाकिया था कि जितनी जरूरत होगी, इंतजाम किया जायेगा। केन्द्र सरकार किसी भी सूरत में पूर्व सैनिकों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन और शांतिपूर्ण व्यवहार से हमारा पुलिस बल के साथ टकराव न कराये यदि ऐसा होता है तो सेवारत सैनिकों में आक्रोश की भावना भी उमड़ सकती है। पूर्व सैनिकों की भावनाओं के अनुरूप वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं किया जा रहा है। पूर्व सैनिकों का कहना था कि उन्हें अधिसूचना में प्री म्योचोर रिटायरमेंट स्वीकार्य नहीं है। नए प्रावधान के अनुसार केवल अधिसूचना जारी होने से पूर्व रिटायरमेंट लेने वाले पूर्व सैनिकों को ही वन रैंक वन पेंशन का लाभ मिलेगा।

फेसबुक पर युवती को बदनाम करने वाला अरोपी गिरफ्तार
  • -साइबर क्राइम पुलिस ने पकड़ा, फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर करता था युवती को बदनाम

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। साइबर क्राइम पुलिस ने आज प्रेमनगर थाने में एक युवती द्वारा उसको सोशल मीडिया पर बदनाम करने से सम्बन्धित आईटी एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत अभियोग के आरोपी को पकड़ा गया।  प्रेमनगर निवासी एक युवती ने प्रेमनगर थाने में अभियोग पंजीकृत कराया, कि उसकी सगाई के पश्चात कोई उसको फेसबुक पर बदनाम करने की नीयत से उसके मंगेतर तथा रिश्तेदारों में अश्लील व अभद्र मैसेज कर रहा है, तथा उसको बदनाम कर रहा है। युवती की तहरीर पर थाने में आईटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत होकर उसकी विवेचना प्रारम्भ हुई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ पी०रेणुका देवी ने बताया कि जनपद देहरादून द्वारा विवेचना में तकनीकी सहयोग मांगे जाने पर तकनीकी सहयोग हेतु साइबर थाने से उप निरीक्षक वेद प्रकाश थपलियाल को नियुक्त किया गया। साइबर थाने द्वारा विवेचना में तकनीकी सहयोग प्रदान करते हुये उक्त अभियोग से सम्बन्धित पीडि़त युवती के विषय में भ्रामक मैसेज करने वाले व्यक्ति पुष्पेन्द्र पुत्र नागेन्द्र निवासी अजमेर राजस्थान का पता लगाकर विवेचक के सुपुर्द कर दिया। उक्त पकड़े गये युवक पुष्पेन्द्र ने बताया कि वह युवती से शादी करना चाहता था, किन्तु उसकी सगाई होने के बाद उसने गुस्से में आकर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर युवती को बदनाम करना शुरू कर दिया। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ पी रेणुका देवी ने बताया कि साइबर थाने को और अधिक सक्रिय करने की कार्यवाही चल रही है। इसका न्याय निर्णयन क्षेत्र को निर्धारित करने हेतु भी प्रस्ताव भेजा गया है। जिस पर कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त साइबर थाने में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी लगातार करवाई जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ द्वारा बताया गया कि वर्तमान में बैंक कर्मचारी बताकर एटीएम की जानकारी मांग कर धोखाधड़ी के कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं। जिन नम्बरों से यह काँल आ रहे हैं, वो फर्जी पाये जा रहे हैं। ऐसे नम्बरों की सूची टेलीकाँम रेगुलेटरी अथारिटी को उपलब्ध कराये गये है। एटीएम सम्बन्धी जागरूकता हेतु बैंको के साथ मिल कर अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पम्पलेट व समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराये जा रहे हैं। एटीएम धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों में ठगी गई धनराशि में से लगभग 10 लाख रू० की धनराशि वापस कराई गई हैं। इससे कुल प्राप्त 220 शिकायतों का निस्तारण किया गया है। अब तक प्राप्त सोशल साइट के 73 मामलों में से 71 का निस्तारण किया गया है, इसी प्रकार आईटी एक्ट के पंजीकृत 22 अभियोगों में तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। फेस बुक से सम्बन्धित अभियोगों में से पटेलनगर थाना जनपद देहरादून के तीन तथा काशीपुर थाना जनपद उधमसिंहनगर के दो अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार किया गया है, इसी प्रकार कुछ समय पूर्व थाना सहसपुर जनपद देहरादून पर पंजीकृत अभियोग, लोन का झांसा देकर ठगी करने वाले एक अभियुक्त आशीष मयंक दुबे को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया हैं।

नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दून मेडिकल कालेज के लिये एमसीआई के मानको के अनुरूप सभी अवस्थापना एवं मानव संसाधन आदि की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होने मेडिकल कालेज के लिये सृजित पदो पर नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ करने के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती में भी शीघ्रता लाने के निर्देश दिये है। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रो में चिकित्सको की तैनाती के लिये आयुर्वेदिक चिकित्सको व दन्त चिकित्सको की तैनाती में शीघ्रता लायी जाय। इन चिकित्सको को एलोपेथिक चिकित्सा से सम्बंधित उपचार व दवाइयों आदि के लिये दो तीन माह का प्रशिक्षण देकर नियुक्ति दी जाय। उन्होने कहा कि चिकित्सा व शिक्षा पर सर्वाधिक व्यय करने के बाद में इन सेवाओं के प्रति लोगो की नाराजगी को हम दूर नही कर पा रहे है। सभी पर्वतीय क्षेत्रो में चिकित्सको की उपलब्धता शीघ्र सुनिश्चित हो इस पर शीघ्रता से कार्य किया जाय। उन्होने नर्सिंग कालेजो की स्थापना में भी शीघ्रता करने को कहा। उन्हांेने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि वे दून मेडिकल कालेज की व्यवस्थाओं व हास्पिटल के लिये मण्डी आदि स्थलों पर भूमि की उपलब्धता के लिये प्रमुख सचिव कृषि, स्वास्थ्य एवं प्रबन्ध निदेशक मण्डी की शीघ्र बैठक आयोजित कर इसकी व्यवस्थाओं की प्रतिदिन समीक्षा करे। उन्होने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से भी प्रति सप्ताह इसके कार्यो की प्रगति का जायजा लेने को कहा। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, दिनेश अग्रवाल, सभा सचिव हेमेश खर्कवाल, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, सचिव भूपिन्दर कौर औलख एवं अपर सचिव नीरज खैरवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

विस्थापन तक वन गूजरों को मिले उनके अधिकार: सीएम

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वन गूजरो को संरक्षित क्षेत्र से पुनवार्सित करने तथा उनके पारम्परिक अधिकारो की सुरक्षा फारेस्ट, फारेस्ट कन्जरवेशन एक्ट के साथ ही न्यायालय के दिशा निर्देशो के अनुसार किये जाने पर बल दिया है। उन्होने कहा कि जिन वन गूजरो  का विस्थापन अभी तक नही  हो पाया है उन्हे विस्थापित होने तक उनके अधिकार प्राप्त होते रहने चाहिए। वन गूजरो के पुनर्वास वन मे  चुगान एवं खेती के अधिकार तथा सीमांकित खेत चारा आदि से सम्बंधित बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने वन गूजरो के अधिकारो के सम्बंध में प्रक्रिया निर्धारण से सम्बंधित विषयों पर भी शीघ्रता से कार्यवाही करने को कहा। इस सम्बंध में गठित की जाने वाली समिति के शीघ्र गठन पर भी उन्होने बल दिया। उन्होंने कहा कि वन गूजर भी हमारे नागरिक है उनकी जिम्मेदारी भी हमारी है, उनके पुनर्वास में तेजी से कार्य हो, इसके लिये समेकित प्रयास किये जाय। उन्होने कहा कि फारेस्ट लैण्ड व डिग्रेटेड फारेस्ट आदि भूमि को चिन्हित कर जो प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने है, तथा जिन मामलो में राज्य स्तर पर कार्यवाही होनी है उन पर अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ताकि गेडीखता व पथरी आदि स्थानों की भांति उनका भी विस्थापन हो सके। उन्होने कहा कि गोट व खत्ते वालो को पानी, चारा आदि के जो अधिकार मिल रहे है उसी प्रकार की सुविधा इन्हे भी मिलनी चाहिये। इस सम्बंध में विभागीय स्तर पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए व्यवहारिकता के साथ कार्यवाही की जानी चाहिये। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, दिनेश अग्रवाल, सभा सचिव हेमेश खर्कवाल, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, एस रामास्वामी, प्रमुख वन संरक्षक वीना शेखरी, गूजर प्रतिनिधि मौहम्मद शफी व शमशेर अली आदि के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

गंगोत्री नेशनल पार्क शीतकाल के लिए बंद 

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। उत्तराखंड गंगोत्री नेशनल पार्क शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया है। अब अगले वर्ष अप्रैल माह में वन्यजीव प्रेमियों व पर्वतारोहियों के लिए इस पार्क को खोला जाएगा। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस साल अप्रैल महीने में पार्क खुलने से लेकर नवंबर तक चैदह हजार देशी-विदेशी सैलानियों ने पार्क क्षेत्र में प्रवेश किया। इनमें 12684 भारतीय और 1312 विदेशी नागरिक शामिल थे। इससे पार्क प्रशासन को 22 लाख से अधिक की आय हुई है। इसी तरह इस वर्ष भागीरथी प्रथम, दितीय और तृतीय और शिवलिंग हिमशिखर पर आरोहण को 12 भारतीय और 14 विदेशी पर्वतारोहण दल पहुंचे। उन्होंने कहा कि गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत गोमुख, तपोवन, सुंदरवन और विभिन्न हिमशिखरों पर जाने के लिए पर्वतारोहियों, ट्रैकरों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अब अगले साल अप्रैल महीने तक का इंतजार करना होगा।

निम ने चलाया अंडर सलंग आॅपरेशन कारगो स्विंग के जरिये पहुंचाया जा रहा सामान 

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रुद्रप्रयाग, 17 नवम्बर (निस)। शीतकाल में केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने नई तकनीकि का प्रयोग किया है। यह प्रयोग सिविल हैलीकाॅप्टर के जरिये पहली बार किया गया है। इससे पूर्व साउथ अफ्रीका में यह किया गया, मगर उत्तर भारत में केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्र में यह पहला प्रयोग है, जो सफल भी रहा है। इस प्रयोग के बाद निम को सफलता हासिल हुई है और उम्मीद है कि केदारनाथ निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। आपदा के बाद नेहरू पर्वता रोहण संस्थान केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में जुटा हुआ है। निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के लिए कपाट बंद होने के बाद निम ने अंडर सलंग आॅपरेशन का सहारा लिया है, इसमें कारगो स्विंग के जरिये चार से पांच कुंतल तक का सामान ले जाया जा सकता है। यदि पांच कुंतल सामान को मजदूरों द्वारा केदारधाम पहुंचाया जाता तो एक लाख से अधिक का खर्चा आता, मगर निम के कारगो ट्रांसपोरेशन बाई हैलीकाॅप्टर के जरिये साठ हजार की लागत में कंट्रक्शन का भारी सामान पहुंचाया जा रहा है। जो निम के लिए एक बड़ी कामयाबी है। भारत में सिविल एविएशन का यह पहला प्रयास है, जो सफल रहा है। इसमें हैलीकाॅप्टर के बाहर सामान को लटकाकर ले जाना पड़ता है। इससे पूर्व पूर्व साउथ अफ्रीका में 8772 फीट की ऊंचाई में यह प्रयोग किया गया, जबकि उत्तर भारत के केदारनाथ की 11,500 फीट की ऊंचाई में यह प्रयोग किया गया है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि हाई एल्टीट्यूड में किया गया यह प्रयोग निम के लिए बहुत लाभप्रद साबित हो रहा है। इसके जरिये धाम में भवन, रास्ते, सुरक्षा दीवार, स्नान घाट के कार्यों में उपयोग होने वाले कंट्रक्शन के सामान को पहुंचाया जा रहा है। एक दिन में कारगो स्विंग के जरिये दस से बारह कुंतल सामान धाम में भेजा जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य में भी तेजी आ रही है। निम के मीडिया प्रभारी आमोद पंवार ने बताया कि देवभूमि और सुमित एविएशन साथ मिलकर अंडर सलंग आॅपरेशन चला रहा है। दुनिया में इतनी ऊंचाई में पहली बार सिविल में अंडर सलंग किया गया है। केदारनाथ में कंस्ट्रक्शन के कामों में तेजी आने के साथ मजदूरों को भी मदद मिल रही है। शीतकाल में मजदूरों को सामान ढोने में दिक्कतें होती, ऐसे में अंडर सलंग आॅपरेशन के जरिये कारगो स्विंग से लोडेड गार्डर को धाम में पहुंचाया जा रहा है। अब तक 12 कुंतल सामान को पहुंचाया गया है।

चरस-स्मैक संग तीन दबोचे  

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। नई जिन्दगी अभियान के तहत पुलिस सैकड़ों नशा तस्करों को सलाखांे के पीछे भेज चुकी है। युवाओं में नशा पहुंचाने वालों की धरपकड़ का यह अभियान अभी भी जोर पकड़े हुए है। पुलिस ने अलग-अलग जगहों से तीन युवकों को प्रतिबंधित मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है। प्रेमनगर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मीठी बेरी टीस्टेट के समीप गश्त के दौरान पटेलनगर निवासी विक्की कुमार को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया। पुलिस का दावा कि तलाशी में युवक से तीन ग्राम स्मैक बरामद हुआ। उधर ऋषिकेश में भी पुलिस ने पथरी निवासी पिंटू और बिजनौर निवासी शिवम को क्रमशरू 1१0 और 1१५ ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया है।

जमीनी फर्जीवाड़े में और एक मुकदमा 

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने का खेल बदस्तूर जारी है। ऐसी एक और शिकायत यहां प्रेमनगर पुलिस के पास पहुंची है। पुलिस का कहना कि मामले की जांच की जा रही है। इस संबंध में कांवली रोड निवासी अमर ङ्क्षसह ने पुलिस को दी शिकायत में पंजाब निवासी गुरूचरण सिंह, तरसेम व एक अन्य पर षडयंत्र और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। अमर सिंह का कहना कि उपरोक्तों ने ईस्ट होप टाउन स्थित एक जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन बेच दी। पता चलने पर जब पीडिघ्त ने उनसे बात की तो आरोप कि उसे गाली-गलौज के बाद जान से मारने की धमकी दी गई। 

पीपल की पेड़ पर लटका मिला युवक का शव, आत्महत्या या हत्या में उलझी पुलिस 
  • पोस्टमार्टम के बाद ही सही दिशा में चलेगी जांच, मृतक की पहचान नहीं हो सकी  

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। जंगल भीतर पेड़ की डाल पर युवक का फांसी पर लटका शव मिलने से स्थानीय लोगों में सनसनी मच गई। करीब पौने ग्यारह बजे स्थानीय लोगों ने जंगल के रास्ते से गुजरते समय यह नजारा देखा, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारकर पंचायतनामा के बाद अस्पताल की मौर्चरी में रखवा दिया है। प्रेमनगर थाना प्रभारी रवि सैनी ने खबर लिखने तक बताया कि मृतक की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रेमनगर थाना क्षेत्रांतर्गत मीठीबेरी इलाके में रेशम विभाग के फार्म हाउस से सटे जंगली रास्ते को स्थानीय लोग आवाजाही के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। सुबह भी कुछ लोग उधर से गुजरे तो जंगल के भीतर एक युवक का शव पेड़ पर फांसी मंे झूलते दिखा। मामले की खबर लगने पर स्थानीय लोगों का हुजुम मौके पर जुटने लगा। इधर प्रेमनगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पेड़ से नीचे उतारा। तलाशी में ऐसा कुछ न मिल सका जिससे उसकी पहचान होती हो। आसपास के लोगों से भी मृतक की पहचान कराई गई, मगर कामयाबी नहीं मिल सकी। पुलिस के अनुसार देखने से मृतक की उम्र 40 से 45 वर्ष के आसपास प्रतीत होती है। कमजोर कदकाठी का शरीर दिखने से अनुमान लगाया जा रहा कि लंबे समय से युवक बीमारी से जुझ रहा हो सकता है। शव कुछ दिन पुराना होने की बात बताई गई। बेल्ट और शर्ट को फाडकर पेड़ की डाल पर बांधकर फांसी लगाई गई है। हालांकि पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मृत्यु के सही कारण पता चल सकेंगे, बहरहाल मौका मुआयना के हालातों के अनुसार पुलिस आत्महत्या मानकर चल रही है। थाना प्रभारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का दूसरा पहलू सामने आने पर उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जिस तरीके से कमीज और बेल्ट को जोडकर फांसी का फंदा बनाया गया, उससे मामला दूसरी ओर भी इशारा कर रहा है। मृतक की पहचान हो सके, इसके लिए पुलिस दूसरे थाना-चैकी पुलिस से संपर्क कर रही है। 

कर्मचारी नेताओं को सीएम की नसीहत का कितना होगा असर 
  • अधिवेशन के नाम पर मांगपत्र पेश करने की चल रही परिपाठी 

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। अधिवेशन के नाम पर मुख्यमंत्री के आगे मांग पत्र रखने वाले कर्मचारी नेताओं को सीएम सधे अंदाज में काम के प्रति गंभीरता लाने की नसीहतें देते रहे हैं। बीती सोमवार को भी कुछ ऐसा ही माहौल तब बना, जबकि राजकीय वाहन चालक महासंघ के महाधिवेशन में कर्मचारी संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री के सामने मांगों की लिस्ट पेश कर दी। सीएम ने कर्मचारी नेताओं को दो टूक कहा कि प्रदेशहित में कार्य करने पर जोर दिया जाए। सीएम की नसीहत कर्मचारी नेताओं को भले ही चुभती लगे, मगर सीएम ने सौ फीसद सच उजागर कर रख दी। समय-समय पर कभी राज्य के सरकारी विभागों, निगमों आदि की ओर से अधिवेशन कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। इसके बहाने कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं का अंबार रखते हुए मांगो पर अमल करने की गुहार लगाई ही है। जबकि तमाम अधिवेशन आदि में मुख्यमंत्री कर्मचारी नेताओं, संगठन पदाधिकारियों को राज्यहित में काम करने की नसीहतें देते रहे हैं। विभिन्न मांगो को लेकर हड़ताल शुरू करने की परिपाठी राज्य कर्मचारियों में चली आ रही है। हाल ही में राजस्व अमीन संघ ने भी ग्रेड-पे और वेतन विसंगति व पदोन्नति, भत्ता आदि की मांगो को लेकर उग्र आंदोलन फिर से शुरू करने की चेतावनी दी है। जबकि पेजयल निगम और जल संस्थान के एकीकरण और राजकीयकरण को लेकर भी दोनों निगमों के कर्मचारी काफी समय से यदा कदा आंदोलन चलाते आ रहे हैं। सोमवार के महाधिवेशन में जब कर्मचारी नेताओं ने वाहन चालकों की सीधी भर्ती , नए वाहनों की खरीद से रोक हटाने, वेतन विसंगति समेत अन्य मांगो का पुलिंदा सीएम के सामने रख तो दिया। मगर महासंघ नेताओं को शायद ही इस बात भान हो कि परिवहन निगम खुद राज्य की आर्थिकी के लिए क्या सहयोग कर रहा है। एक ओर तो राज्य कर्मचारी, निगम कर्मचारियांे में गे्रड पे बढ़ाने, वेतन विसंगति दूर करने, पदोन्नति आदि की मांग हमेशा ही बनी रहती है। मांगो को लेकर कर्मचारी नेताओं के नेतृत्व में हड़ताल की परिपाठी बने रहने से कामकाज ढप पडने से राज्य की आर्थिकी पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। राज्य की वित्तीय स्थिति भी फिलहाल इतनी मजबूत नहीं बताई जाती और फिर कर्मचारियों की बार-बार की हड़ताल से हो रहे नुकसान को लेकर सीएम की नसीहत इन कर्मचारी नेताओं पर कितना असर डालती है, यह आने वाला समय ही बताएगा। 

महिला ने दी जान 

देहरादून,17 नवम्बर (निस)। सेलाकुई में रह रही एक महिला के भी आज फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात सामने आई है। पुलिस ने शव को पंचायनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सहसपुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुबह सेलाकुई स्थित सरकारी ट्यूबवेल पहुंचे लोगों ने ट्यूबवेल की पाइप पर चुन्नी का फंदा बनाकर फांसी पर महिला को लटका पाया। पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहचान का प्रयास शुरू किया। मृतका की पहचान अटकफार्म खैरी सेलाकुई निवासी 38 वर्षीय रीता पत्नी विजयमल के रूप में की गई। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ के आधार पर बताया कि बीस साल पूर्व शादी हुई थी। दंपत्ति के कोई बच्चा न होने से महिला मानसिक तौर पर परेशान बताई जाती थी। 

अभी भी बदहाल है दून की यातायात व्यवस्था, चोरियों का ग्राफ बढ़ने से खाकी भी चिंतित 

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। कप्तान भले बदल दिए गए हों, मगर शहर में यातायात के हालात नहीं बदल पा रहे हैं। वहीं बीती एक माह के बाद से दून के तमाम इलाकों में हुई चोरी चकारी की घटनाएं भी बतलाती हैं कि अपराधों का ग्राफ भी चढ़ा ही है। अधिकारी भले ही सुरक्षा बंदोबस्तों का बढ़चढकर बखान करते आ रहे हो, मगर सच्चाई आज भी जुदा दिखती है। देहरादून के पुलिस कप्तान भले ही बदल दिए गए हों, मगर दून पुलिस में सत्ता का दखल आज भी बना हुआ है। बीती रविवार को जिला पुलिस में हुए बंपर तबादलों को देखकर इस बात को और भी बल मिलता है। पुलिस कार्यालय की ओर से मिली तबादला सूची के अनुसार 47 दारोगाओं और 5 इंस्पेक्टर के तबादले किए गए हैं। तबादला कहने भर को ही माने जा रहे हैं। थानेदारों और चैकी प्रभारियों के मात्र स्थान बदले गए हैं, उनकी कुर्सी पर कोई आंच नहीं आ सकी। जबकि तबादले के नाम पर दारोगा और इंस्पेक्टरों को सिर्फ इस थाने से उस थाने ही भेजा गया है। इससे एक बात भी साफ हो रही कि कार्यालयों में लंबे समय से तैनात कर्मठ दारोगाओं की महकमें में कम और नेताओं की सिफारिश करने वालों को ही अधिकारी तवज्जो देते हैं। इनमें से तो कुछ दारोगा ऐसे भी हैं जो कि लंबे समय से दून-हरिद्वार या आसपास ही मंडराते रहे हैं। यातायात में सुधार की चुनौती भी फिलहाल जस की तस बनी हुई है। संडे मार्केट के दौरान संबंधित सडकों पर चली आ रही यातायात की समस्या और गहराती दिख रही है। वहीं अतिक्रमण पर कार्रवाई भी शहरी क्षेत्र तक ही सिमटकर रह गई है। वहीं आपराधिक मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। खुलासों की अपेक्षा घटनाओं का प्रतिशत बढना बताया जाता है। यातायात के बिगड़े हालातों में कहीं मामूली सुधार भले ही हुआ हो, मगर प्रिंस चैक, आढ़त बाजार, तहसील चैक आदि जगहों पर जाम का नजारा देखा ही जा सकता है। 

बैंक में घुसे चोरों का नहीं मिल सका सुराग, शातिर चोर गिरोह बने पुलिस के लिए चुनौती 

देहरादून,17 नवम्बर (निस)। शातिर चोर गिरोह पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं माने जा सकते। हालात यह कि सात नवंबर के बाद से लेकर करीब-करीब हर रोज चोरी की घटनाएं अंजाम दी गईं। हालांकि ग्यारह नवंबर का दिन ही बिना चोरी के गुजरा। वरना बीती पूरे हफ्ता चोरांे ने दून के अलग-अलग जगहों पर कोहराम मचाए रखा। हाल में हुई इन चोरियों की तमाम वारदात में पुलिस के हाथ अभी तक खाली बने हुए हैं। क्लेमेंटटाउन स्थित पोस्ट आॅफिस रोड के ओबीसी में तो चोरों ने बैंक की दीवार पर सैंध ही लगा दी। वह तो भला हो कि कंपनी ने स्ट्रांग रूम के दरवाजों को इतना मजबूत बनाया जाता है कि गैस कटर भी बामुश्किल स्टील के भारी भरकम दरवाजे को काट सके, जिससे कि चोर स्ट्रांग रूम के दरवाजे के भीतर नहीं जा सके। बता दें कि बीती सोमवार को ओबीसी खुलने पर पहुंचे कर्मचारियों ने बैंक में चोरी का प्रयास होना पाया। सीसीटीवी कैमरे और दस्तावेज क्षतिग्रस्त कर दिए गए थे। जबकि लाॅकर तोड़ने का प्रयास किया गया था। मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली बने हुए हैं। सीसीटीवी चश्मदीद गवाह बनकर पुलिस को चोरों तक पहुंचा सकता था, मगर शातिरों ने सीसीटीवी कैमरा ही तोड़ डाला। सूत्र बताते हैं कि पुलिस केा मामले में कोई बड़ा सुराग नहीं मिल सका है। हालांकि थाना पुलिस का कहना कि जांच चल रही है। इधर अन्य चोरियों की तरह ही प्रेमनगर के त्यागी मार्केट में हुई दुकान में चोरी भी पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनकर रह गई है। स्पेशल विंग निवासी जसविंदर कपूर की त्यागी मार्केट स्थित दुकान को चोरों ने चैदह नवंबर को निशाना बनाकर हजारों का सामान आदि चोरी कर लिया था। पन्द्रह को दुकान खोलने पहुंचने पर जसविंदर ने दुकान में चोरी होना पाया था। इसके साथ ही रायपुर, नेहरू कालोनी, डोइवाला, सहसपुर, विकासनगर के विभिन्न इलाकों में चोरी की घटनाएं अंजाम दी गईं। खुलासे की बात करना अभी जल्दबाजी होगी। 

दो पक्षों में जमकर चले लात घूंसे 

देहरादून, 17 नवम्बर (निस)। पटेलनगर कोतवाली क्षेत्रांतर्गत धारावाली में रह रहे पड़ोसियों के बीच मामूली विवाद पर जमकर लात घूंसे चले। इसमें दोनों ही पक्षों के कुछ लोगों को चोटिल भी होना पड़ा। घटना वाली रोज ही एक पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने दूसरे पक्ष के हमलावरों पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। बीती शाम दूसरे पक्ष की ओर से भी पुलिस में शिकायत दी गई। पुलिस का कहना कि क्रास रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। बीती पन्द्रह को धारावाली में मारपीट की यह घटना प्रकाश में आई थी। इस संबंध में स्थानीय निवासी दलवीर सिंह की ओर से रविनेगी, देवंेद्र नेगी, धर्मा देवी व संतोषी आदि लोगों पर भाई नवीन के घर मंे घुसकर गाली-गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस के अनुसार इस मारपीट में अब धारावाली निवासी मंजू नेगी की ओर से नवीन रावत, देवेंद्र रावत आदि पर परिवार की महिलाओं से मारपीट, अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

युवती से अभद्रता पर मनचले नामजद 
कोतवाली विकासनगर क्षेत्रांतर्गत डाकपत्थर स्थित नेहरू चैक से गुजर रही युवती से मारपीट और अभद्रता का मामला प्रकाश मंे आया है। इस संबंध में सहसपुर के केदारवाला निवासी पीडि़ता की ओर से जीवनगढ़ निवासी शाहिद और जावेद पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

और छह महिलाएं शराब तस्करी में धरी गईं 

देहरादनू, 17 नवम्बर (निस)। तीर्थ नगरी में रहने वाली महिलाओं की शराब तस्करी में भारी भूमिका का खुलासा हो रहा है। बीती दो रोज पहले जहां ऋषिकेश पुलिस ने आठ महिलाओं को शराब तस्करी करते गिरफ्तार किया था। वहीं बीती देर रात और छह महिलाओं को शराब की तस्करी में पकड़ा गया है। ऋषिकेश पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अनिता साहनी, चानू, शारदा आदि को गुमानीवाला के समीप से शराब के साथ पकड़ा गया है। वहीं धनवती,विद्धा और राधा नामक महिला को गढ़ीमयचक श्यामपुर के समीप से पकड़ा गया। पुलिस का कहना कि सभी महिलाएं मायाकुंड की रहने वाली हैं और लंबे समय से इनके द्वारा शराब तस्करी किए जाने की शिकायत मिल रही थीं। इधर डालनवाला पुलिस ने अमरोहा यूपी निवासी जसवंत सिंह को धारदार हथियार के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार देर रात चावला चैक पर चेकिंग के दौरान आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ा। 

शादी से इंकार, डाक्टर ने दी जान

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  • वजह: दहेज में 50 लाख नगद व कार 
  • फेसबुक व ट्वीटर के जरिए हुई थी दोनों की मुलाकात 
  • आरोपी डाक्टर पर आईपीसी की धारा 376, 420, 419 के तहत पहले ही दर्ज है रपट, अब धारा 304 की बारी 

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वाराणसी। फूलपुर थाना क्षेत्र के सिंधौरा बाजार में मंगलवार को जीवन और मृत्यु से जूझ रही झांसी में अध्ययनरत डाक्टर कृति जायसवाल उम्र 27 वर्ष की मौत हो गयी। आरोप है कि तिलक सहित विवाह के अन्य रस्म पूरी होने के बाद लखनउ के डाक्टर सारस्वत गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता निवासी लक्ष्मणगंज द्वारा दहेज में 50 लाख नगद व कार सहित अन्य जेवरात मांगे जाने पर लेडी डाक्टर को काफी सदमा लगा और जहर खा ली। लखनउ मेडिकल कालेज व झांसी में काफी इलाज के बाद भी उसे नहीं बचाया सका। इस मामले में लेडी डाक्टर के पिता द्वारा वाराणसी के फूलपुर थाना में डाक्टर सारस्वत सहित तीन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 420, 419 के तहत रपट दर्ज है। लेडी डाक्टर के निधन के बाद अब पिता ने धारा 304 के तहत तहरीर दी है। 
जानकारी के मुताबिक वाराणसी के सिंधौरा निवासी सियाराम जायसवाल की पुत्री डाक्टर कृति जायसवाल झांसी के बीएलएस मेडिकल में एमबीबीएस करने के बाद एमएस कर रही थी। इसी दौरान फेसबुक व ट्वीटर के जरिए डाक्टर सारस्वत गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता निवासी लक्ष्मणगंज लखनउ से जान-पहचान हुई। दोनों के बीच संबंध इतना गहरा हो गया कि झांसी में मेल-मिलाप भी होने लगा और बात शादी तक पहुंच गयी। लेडी डाक्टर के पिता सीयाराम जायसवाल ने लखनउ में जाकर डाक्टर सारस्वत के पिता से मिलकर विवाह का रिश्ता तय करने के बाद तिलक आदि चढ़ा दिया। 27 नवम्बर को शादी की तिथि भी तय हो गयी। लेकिन अक्टूबर माह में डाक्टर सारस्वत व उनके पिता आदि ने यह कहकर शादी करने से इंकार कर दिया कि जबतक 50 लाख रुपये नगद, कार व लड़की के जेवर नहीं मिलेंगे, वह शादी नहीं करेंगे। लेडी डाक्टर ने इस बीच डाक्टर सारस्वत को काफी समझाने बुझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं सुने तो सदमा लग गया और जहर खां ली। इस दौरान लेडी डाक्टर के सहयोगियों ने उन्हें अस्पताल में पहुंचाया। जहां महिना भर इलाज के बाद चिकित्सकों ने जवाब दे दिया। 17 अक्टूबर को सिंधौरा स्थित आवास पर उसका निधन हो गया। लेडी डाक्टर का अंतिम संस्कार मणकर्णिका घाट पर किया गया। इस हृदयविदारक घटना से पूरे बाजार व सथथी चिकित्सकों में शोक की लहर है। 

बिहार : प्रदेश भर में महापर्व छठ की धूम

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  • अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अदब के साथ किया प्रथम नमन
  • कल सुबह भगवान दिवाकर को द्वितीय अघ्र्य देने के साथ महापर्व खत्म होगा

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पटना। उग हो ऽ सूरज देव..........अघ्र्य के बेर...। राजधानी के लोग आज गंगा किनारे आ गए। एक मंगलकामना लेकर आए थे। चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठन के तीसरे दिन डूबते भगवान भास्कर को अघ्र्यदान देना था। कल सुबह में भगवान दिवाकर को द्वितीय अघ्र्यदान करेंगे। इसके साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा। 

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बांसकोठी के गेट संख्या-93 से ही श्रद्धालु गंगा नदी की ओर जा रहे थे। वाहन और पदयात्रा करके श्रद्धालु जा रहे थे। गंगा नदी के किनारे पहुंचने के पूर्व ही मुस्तैद पुलिस बल दो और चार पहिया वाहनों को रोककर पार्किग करने की हिदायत दी जा रही थी। केवल भगवान सूर्य के उपासक ही जा सक रहे थे। दोपहर से ही उपासक पहुंचने लगे थे। गंगा तट की जमीन को पूजा लायक बनाकर भक्तगण जमीन के घेराबंदी करके जमीन आरक्षित कर लिए थे। वहीं पर जाकर फलों से भरी टोकरी को रखे। इसके बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। कई महिलाओं को देखा गया कि दंडवत करके गंगा किनारे आ रहे थे। इनको कष्टी कहा जाता है। 

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इस बीच जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली। वाच टावर पर पुलिस बल तैनात,एनडीआरएफ की टीम मौजूद, चिकित्सक एवं ए.एन.एम. की टीम प्रतिनियुक्त, एम्बुलैंस की व्यवस्था और अग्निशमन यंत्र को भी मौर्चा पर लगाया गया। वहीं साउथ बिहार पावर डिस्टीबूसन को.लि. के कनीय अंभियंता के नेतृत्व में मानव बल तैनात थे। 

काफी भीड़ होने के बाद भी भक्तगण धीरे चलें, व्यवस्थित रहें और संयम रहें।माइक से बारम्बार कहा जाता रहा कि पटाखा नहीं छोड़े। इसे पालन किया गया। कुल मिलाकर महापर्व छठ की छटा देखने को मिलती रही। 

न्यूनतम किराया दोगुना किया रेलवे ने

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नयी दिल्ली, 17 नवम्बर, रेलवे ने ईएमयू/डीएमयू/पैंसेजर गाड़ियाें में द्वितीय श्रेणी के अनारक्षित टिकट का न्यूनतम किराया दोगुना कर दिया है, जिसका सीधा असर गरीब यात्रियों पर पड़ेगा। रेलवे ने यह निर्णय प्लेटफॉर्म पर भीड़ रोकने के नाम पर लिया है जो 20 नवंबर से प्रभावी होने जा रहा है। अभी ईएमयू/डीएमयू/पैसेंजर गाड़ियों का न्यूनतम किराया पांच रुपये है जो शुक्रवार से दस रुपये हो जाएगा। हालाँकि यह निर्णय मुंबई, कोलकाता एवं चेन्नई की महानगरीय सेवाओं पर लागू नहीं होगा। लेकिन दिल्ली क्षेत्र में चलने वाली ईएमयू/डीएमयू एवं पैसेंजर गाड़ियों के महानगरीय सेवा परिभाषित नहीं होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दैनिक यात्रियों को बढ़ा हुआ किराया देना होगा। रेलवे ने 12 नवंबर को टिकट के रद्दीकरण प्रभारों में भी दोगुनी वृद्धि की थी तथा 15 तारीख से स्वच्छ भारत उपकर लागू होने से प्रथम श्रेणी एवं वातानुकूलित श्रेणियों के किराये में 0.15 प्रतिशत की वृद्धि की है। 

रेल मंत्रालय ने आज यहाँ बताया कि चूँकि बजट में प्लेटफाॅर्म टिकट का दाम पांच रुपये से बढ़ाकर दस रुपये कर दिया गया था। इससे प्लेटफॉर्म पर जाने वाले बहुत से लोग प्लेटफाॅर्म टिकट लेने की बजाय न्यूनतम दूरी का यात्रा टिकट लेकर जाने लगे जो पाँच रुपये का है। इससे रेलवे को राजस्व का नुकसान हाेने लगा। रेल मंत्रालय के अनुसार इसी विसंगति को रोकने के लिये 20 नवंबर से गैर महानगरीय सेवाओं के लिये साधारण श्रेणी का न्यूनतम किराया पाँच रुपये से बढ़ाकर प्लेटफॉर्म टिकट के बराबर दस रुपये कर दिया गया है। रेलवे ने उम्मीद जतायी है कि इससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। हालाँकि रेल मंत्रालय के अधिकारियों के पास इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं था कि मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में अगर यात्री महानगरीय सेवाआें के टिकट का ऐसा ही इस्तेमाल करे तो उसे कैसे रोका जाएगा।

कैंसर पीड़ित बच्चो के मनाया बाल दिवस

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14 नवंबर स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन है। यह  दिन पुरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है सेंटर फॉर ऐड केयर एंड क्योर ऑफ़ कैंसर एनजीओ करीब ७ साल से कैंसर प्रभावित बच्चों की सहायता मेडिकली और फाइनैंसली तौर पर कर रहा है. नेहरू जी के बर्थडे को खास बनाने के लिए सेंटर फॉर ऐड केयर एंड क्योर ऑफ़ कैंसर एनजीओ की तरह से कैंसर पीड़ित बच्चो के सहायता के लिए चेक दिए गए और उनको मुंबई दर्शन भी कराया गया जिसे बच्चो ने काफी एन्जॉय किआ. यह बेस्ट बस मुंबई सेंट्रल से होते हुए गेटवे ऑफ़ इंडिया, चौपाटी हाजी अली और दूसरों के स्थानों पर घुमाया गया.

सेंटर फॉर ऐड केयर एंड क्योर ऑफ़ कैंसर के चेयरमैन सोहेल लोखंडवाला ने  मीडिया से बात करते हुए बताया की हर साल हम बाल दिवस के दिन बच्चो को उनकी मनपसंद जगहों पर घूमते है और जरूरतमंद बच्चो को मेडिकली और फाइनैंसली मदद दी जाती है. 
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