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झारखंड यूडीएवाई योजना में शामिल

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नयी दिल्ली 06 दिसम्बर, केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयाल ने बिजली क्षेत्र की कंपनियों की वित्तीय और परिचालन क्षमताओं में सुधार लाने के लिए शुरू की गई उज्जवल डिस्कॉम आश्वासन योजना (यूडीएवाई) में झारखंड के शामिल होने पर वहां के मुख्यमंत्री रघुबर दास को बधाई दी है। आज यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार झारखंड सरकार ने यूडीएवाई योजना में शामिल होने के लिए बिजली मंत्रालय को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी भेज दी है। झारखंड सरकार से आधिकारिक पत्र मिलने पर श्री गोयल ने ट्वीट कर श्री दास को बधाई दी। 

बिजली कंपनियों की वित्तीय और परिचालन क्षमताओं में सुधार लाने के लिए शुरू की गई इस योजना में ब्याज के बोझ, बिजली की लागत और अन्य नुकसानों को कम करने की परिकल्पना की गई है जिससे के दिन रात बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। 

धर्मनिरपेक्षता में अपने विश्वास को मजबूत करें भारत : दलाई लामा

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बेंगलुरु, 06 दिसंबर, देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने आज कहा कि भारत को धर्मनिरपेक्षता में अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए और देश का संविधान भी इसी पर आधारित है। दलाई लामा ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक संगठन तवाजुन इंडिया के लांच के मौके पर कहा कि भारत सबसे बेहतर जगह है, जहां दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले धार्मिक सहिष्णुता का सबसे अच्छे तरीके से पालन किया जाता है। उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के समझदार लोगों ने धर्मनिरपेक्षता पर आधारित संविधान की रचना की। तीन हजार वर्ष पहले से अहिंसा और सहिष्णुता तथा लोगों को समाज में शांति एवं एकता के साथ रहने का उपदेश देने वाले भारत के लिए यह कुछ नया नहीं है।” 

दलाई लामा ने कहा कि इतनी शताब्दियों तक भारत धार्मिक समरसता के साथ रहा लेकिन यह बहस कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी दूसरे धर्म का अनादर करना है, तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा, “भारत धार्मिक भाईचारे का अनूठा उदाहरण है, जो पश्चिम के विपरीत है। मैंने पश्चिम में धर्म के आधार पर धर्मनिरपेक्षता का अनादर हाेते हुए देखा है लेकिन यह सोच अच्छी नहीं है। मुस्लिम समुदाय में कुछ लोग ऐसे हैं, जो अलग तरीके से सोचते हैं। हालांकि बाकी लोग शांतिप्रिय हैं। भारत में इस समुदाय के लोग एक उदाहरण है।” 'दलाई लामा ने कहा कि बेहतर शिक्षा से चरमपंथ समेत कई समस्याओं काे हल किया जा सकता है। विश्व को मजबूत शिक्षा पद्धतियों की ओर बढ़ना चाहिए, जो युवाओं को धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की सीख दें। उन्होंने कहा कि पेरिस हमला फ्रांस के लोगों के लिए एक झटका है लेकिन यूरोप में विभिन्न धर्म के लोगों के बीच मजबूत इच्छाशक्ति पैदा की जानी चाहिए और बड़े-बुजुर्गों को युवाओं को शांति का पाठ पढ़ाना चाहिए। 

समावेशी होगा झारखंड का बजट : मुख्यमंत्री

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धनबाद, 6दिसम्बर, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य का आगामी बजट समावेशी होगा और बजट समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया जायेगा। श्री दास ने आज यहां कोयलानगर स्थिति बीसीसीएल के कम्युनिटी हाल में आयोजित बजट पूर्व संगोष्ठी में कहा कि इसी के लिए सरकार आपसे सुझाव लेने के लिए खुद चलकर आपके पास आयी है। सरकार वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बजट में किन किन चीजों का प्रावधान करे, इसके लिए प्रमंडलीय स्तर पर बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन कर लोगों के सुझाव लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में आये एक एक सुझावों पर विचार करते हुए सरकार बजट में इसे शामिल करने का प्रयास करेगी। सरकार राज्य की जनता का सर्वांगीण विकास करने के प्रति कृत संकल्पित है। श्री दास ने कहा कि सरकार टीम भावना के तहत काम कर रही है। राज्य की जनता ने 14 साल के बाद झारखंड में एक बहुमत की सरकार बनायी है, जिसका नेतृत्व करने का मौका एक सामान्य मजदूर परिवार में जन्मे मजदूर के बेटे को दिया है। हमारे लिए राजनीति एक मिशन है। यह सेवा का साधन है। इसी के तहत हम झारखंड की दशा एवं दिशा सुधारने में लगे हैं। हमारी सरकार टीम भावना के साथ काम कर रही है। हम राज्य को विकसित, समृद्धशाली और स्वावलम्बी बनाने में पूरी टीम के साथ मेहनत कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि झारखंड 29 वें स्थान से तीसरे स्थन पर आ गया। उन्होंने कहा कि टीम भावना के साथ साथ जनता की भागीदारी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। हम जनता की भागीदारी से राज्य से गरीबी, बेरोजगारी और अभाव को दूर कर राज्य का चौमुखी विकास कर सकते हैं। इसलिए राज्य के विकास में जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है। जनता की भागरीदारी नहीं रहेगी तो किसी भी योजना में सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के पिछड़ापन होने का मुख्य कारण यह है कि हम विभिन्न समुदाय में बंटे हुए हैं। हम सब एक हैं, ऐसी आवाज समाज के हर गलियारे से आये। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया है और हम राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त बनायेंगे। इसके लिए निगरानी समिति का गठन किया जा रहा है और सरकार इस दिशा में काम कर रही है। कार्य संस्कृति में सुधार लाया जा रहा है ।भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाने का काम हमारी सरकार कर रही है। हमारे सरकार मे बिचैलियों और दलालो की नही चलेगी। बिचैलियों और दलालों का हमारे सरकार में कोई स्थान नहीं हैं। हालांकि उन्होंने माना कि व्यवस्था को सुधरने में थोड़ा समय लगाता है। इसके लिए उन्होंने राज्य की जनता को धैर्य रखने की अपील करते हुये कहा कि राज्य का समग्र विकास कैसे हो, इसके लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। सरकार लोगो से विचार आमंत्रित कर रही है। बजट पूर्व आज की संगोष्ठी में ढेर सारे महत्वपूर्ण सुझाव आये हैं।सरकार राज्य की जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरणों को पहुचायेंगे। हमे विकास को जनआन्दोलन का रूप देना है। अतीत से प्रेरणा लेकर नये झारखंड के निर्माण के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। क्योंकि हमारा मानना है कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरणें नहीं पहुंचेगी तब तक राज्य का सर्वांगीण विकास नहीं हो पायेगा। 

श्री दास ने कहा कि अगले पांच साल में झारखंड देश के विकसित राज्य की श्रेणी में आ जायेगा। उन्होंने कहा कि हम आलोचना को प्रशंसा मानते हैं। आलोचना से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। हमारी सरकार झारखंड को आईटी सेक्टर में विकसित कर रही है। सभी काम आनलाइन करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए आईटी सेक्टर को बढावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को आन लाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज मिलकर काम करे तो झारखंड पांच साल के पहले विकसित राज्य बन जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को अपने हांथें में किसी को लेने नहीं दिया जायेगा। सरकार विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए कड़े कदम उठा रही है। राज्य में कानून का शासन चलेगा। इसके लिए पुलिस प्रशज्ञसन को सख्त निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालो के साथ सख्ती से निपटने के लिए पुलिस बल को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। पुलिस अपना काम करेगी। कानून व्यवस्था मे किसी का हस्तक्षेप बर्दास्त नहीं किया जायेगा। श्री दास ने कहा कि गांवों के विकास के बिना राज्य के विकास की कल्पना करना बेमानी होगा। जबतक गांवों का विकास नहीं होगा तबतक राज्य विकास नहीं कर सकता। इसलिए हमने गांवों के विकास पर ज्यादा जोर दिया है। उन्होंनेें कहा कि गांवों के विकास के लिए तालाबांें का जिर्णाद्धार कराने,चेकडेम का निर्माण करने, गांवों में छोटे छोठे बांध बनावाने,बोराबांध की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए आगामी बजट में प्रावधान किये जायेगे। सरकार अपना गांव अपना काम का सपना साकार करने जा रही है। गांवों में बुनियादी व्यवस्था को सुदृढ किया जायेगा। इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान करेगी सरकार। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार स्कील झारखंड बनाने की दिशा में काम कर रही है। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन स्कील इंडिया को ध्यान में रखते हुए हर हांथ में हुनर देने की योजना पर काम किया जा रहा है। ताकि राज्य में कोई भी बेरोजगार नहीं रहे। उन्होंने कहा कि धनबाद में कोयलांचल विश्व विद्याालय बनाने की एक लम्बे अर्से से मांग की जा रही है। हमारी सरकार इस पर विचार कर रही है। धनबाद में कोयलांचल विश्व विद्यालय की स्थापना की जायेगी। यहां के जनप्रतिनिधियों ने हमारे सामने मांग को रखा है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार राज्य में तकनीकी शिक्षा के लिए तकनीकी विश्व विद्याालय खोलने जा रही है। इसके लिए राष्ट्रपति से स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि बोकारो इंजीनियरिंग कालेज को सरकार के प्राचार्य को निर्देश दिया है। स्कूलो में सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे। श्री दास ने कहा कि वर्ष 2019 तक झारखंड पावर हब के रूप में स्थापित हो जायेगा और यह राज्य देश को बिजली देगा। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2017 तक राज्य के घरघर में बिजली पहुंचायेंगे। उन्होंने विस्थापितों को मच्छली पालन से जोड़ने, विक्षिप्त महिलाओं के लिए व्यवस्था करने, आदिवासियों को वनपट्टा देने के काम में तेजी लाने,अवरख खनन का आक्सन करने, राज्य से पलायन रोकने और रोजगार का अवसर प्रदान करने की भी बात कही। संगोष्ठी का संचालन योजना एवं वित विभाग के प्रधान सचिव पीएन मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन उतरी छोटा नागपुर प्रमंडल की आयुक्त वीणा श्रीवास्तव ने किया। संगोष्ठी में सांसद पीएन सिंह, सांसद रवीन्द्र पांडेय, विधायक राज सिन्हा, ढुल्लू महतो, फूलचंद मंडल, संजीव सिंह,के अतिरिक्त प्रायः सभी विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिव उपस्थिति थे। 

भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बीच बैंकाक में हुई मुलाकात

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भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने आज बैंकाक में वार्ता की और रचनात्मक संपर्क को आगे बढ़ाने पर राजी हुए। पेरिस में जारी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात में इस वार्ता का निर्णय लिया गया था। बैंकाक दोनों पक्षों के लिए ही सुविधाजनक स्थान था और इसी वजह से वार्ता के लिए इसे चुना गया। बार्ता के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है, 'भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच पेरिस में हुई मुलकात को आगे बढाते हुए दोनों एनएसए ने बैंकाक में आज बैठक की। उनके साथ दोनों देशों के विदेश सचिव भी थे।'

बयान में बताया गया कि इस वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने सहित कई दूसरे मुद्दों पर चर्चा हुई।'इसके साथ ही इसमें कहा गया कि यह वार्ता एक स्पष्ट, सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुई। इस बयान में कहा गया, बैठक में रचनात्मक संपर्कों को आगे भी जारी रखने की सहमति बनी। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस साल जुलाई में रूस के उफा में आयोजित शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच वार्ता की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सहमति बनी थी।

इससे पहले इसी साल भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए स्तरीय वार्ता रद्द कर दी गई थी, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच बैठक के एजेंडे पर सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद बातचीत की प्रक्रिया रुक सी गई थी, हालांकि अब हुई यह बैठक एक बड़ी सफलता के तौर पर देखी जा रही है। इस बैठक ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगले हफ्ते इस्लामाबाद यात्रा का भी मार्ग प्रशस्त किया है, जहां वह अफगानिस्तान पर एक बहुपक्षीय सम्मेलन में शरीक होंगी।

आईएस का खात्मा करके ही दम लेंगे : ओबामा

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 अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आतंकी संगठन आईएसआईएस को 'ठग'बताया। उन्होंने इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियो को 'ठग और हत्यारा'कहा।ओबामा ने कहा है कि वह आईएस और इसके जैसे दूसरे आतंकी संगठनों को खत्म करके ही दम लेंगे। आतंकवाद पर राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि आईएस जैसे संगठनों पर साथी देशों के साथ मिलकर कार्रवाई जारी है और अगर इन संगठनों में से किसी ने भी अमेरिका को नुकसान पहुंचाया तो उसका सफाया निश्चित है। 

ओबामा ने साफ किया कि वह किसी लंबी लड़ाई में नहीं फंसना चाहते और आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी देशों को आगे आना होगा। साथ ही उन्होंने अमेरिका आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग को और ज्यादा सख्त करने पर जोर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद की चुनौती वास्तविक है, लेकिन हम इस पर काबू पा लेंगे। ओबामा ने कैलिफोर्निया के सैन बर्नारडिनो में हुई हालिया गोलीबारी को 'आतंकवादी गतिविधि'की उपमा दी।

ओबामा के अनुसार स्लामिक स्टेट के चरमपंथी अमेरिकी समाज में मौजूद भेदभाव का फायदा उठा रहे हैं और इस्लाम का नाम बदनाम कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार आजादी भय से अधिक शक्तिशाली है। पिछले दिनों सैन बर्नारडिनो में हुई गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे। इस घटना को अंजाम देने वाले 28 वर्षीय रिजवान फारूक और उसकी 29 वर्षीय पत्नी तशफीन मलिक। आईएस कह चुका है कि बर्नारडिनो में हुई गोलीबारी को अंजाम देने वाला दंपति उसका समर्थक था, लेकिन उसने ये नही बताया है कि क्या इस हमले की योजना बनाने में भी उसका हाथ था।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (06 दिसम्बर)

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शिवराज सरकार उडन खटोले से खाटलेे पर आई
  • सांसद कांतिलाल भूरिया ने प्रेस वार्ता में षिवराज सरकार की उधेडी बख्खिया
  • पूरे प्रदेष में कोइ्र भी सुरक्षित नही -कांतिलाल ने लगाया आरोप

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झाबुआ---रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र में विजयी होने के बाद पहली बार नवनिर्वाचित सांसद कांतिलाल भूरिया रविवार को प्रातः 11 बजे स्थानीय सर्कीट हाउस में प्रेस से मुखातिब हुए । अपनी पहली प्रेस वार्ता में सांसद कांतिलाल भूरिया ने जमकर प्रदेष के मुख्यमंत्री को आडे हाथ लिया । प्रेस वार्ता में उनके साथ जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया, कांग्रेस नेता प्रकाष रांका, पूर्व विधायक वालसिंह मेडा, युवा नेता डा.विक्रांत भूरिया, पार्टी प्रवक्ता हर्शभट्ट, आचार्य नामदेव,रूपसिंह डामोर, मानसिंह मेडा उपस्थित थे । प्रेसवार्ता प्रारंभ करते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया ने लोकसभा निर्वाचन में मीडिया की  विकट परिस्थिति में निभाई गई सक्रिय भूमिका के साथ ही पूरे संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा के चुनाव में दिल्ली एवं प्रदेष की षिवराजसिंह सरकार का पूरा दबाव होकर प्रजातंत्र की हत्या करने के बाद भी जिले एवं संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने उन पर विष्वास करके कांग्रेस को विजयश्री दिलाई जिसने पूरे देष को चैका दिया है । श्री भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेष की हालत इन दिनों काफी खराब है और मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान सारे जरूरी काम छोड कर रतलाम झाबुआ क्षेत्र का भ्रमण कर रहे है । लोक सभा के उप चुनाव में भाजपा की ओर से दो उम्मीदवार चुनावी मैंदान में थे एक निर्मला भूरिया एवं दूसरे मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान । उन्होने कांग्रेस की प्रचण्ड विजय एवं भाजपा की करारी हार पर तंज कसते हुए कहा कि षिवराज की हालत यह हो गई है कि उडनखटोला छोड कर खाटला पर बैठने वाली स्थिति में आगया है । पेटलावद विस्फोट कांड का जिक्र करते हुए  सांसद भूरिया ने कहा कि  वहां 100 से 125 लोगों की हत्या करने वाले हत्यारे राजेन्द्र कांसवा को आज तक सरकार पकड नही पाई है । लोगों को आज तक न्याय नही मिला है और उन्हे मुआवजा तक नही मिल सका है । उन्होने मुख्यमंत्री से मांग की कि तुरन्त ही हत्यारे कांसवा को गिरफ्तार  करावे अन्यथा मुख्यमंत्री को अपनी असफलता के लिये त्यागपत्र दे देना चाहिये । आक्रोषित सांसद भूरिया ने आगे कहा कि पूरे अंचल एवं प्रदेष में षिवराज की नाकामी की चलते गुण्डा राज पनप रहा है । श्री भूरिया ने आगे बताया कि नेषनल हाई वे क्रमांक 59  की हालत खस्ता हो चुकी है । फोरलेन का काम ठेकेदार बीच मे ंही छोड कर जारहे है। लोगों को इससे कितनी अधिक परेषानिया हो रही है इस बात से षिवराज को कुछ लेना देना नही है । फोरलेन के काम को लेकर वे पार्लियामेंट में भी आवाज उठाने से पीछे नहीे रहेगें । कांतिलाल भूरिया ने कहा कि ठेकेदार लोग कमिषन के कारण काम छोड छोड कर भाग रहे है । इस राजमार्ग के नही बनने के लिये केन्द्र की मोदी सरकार एवं प्रदेष की षिवराज सरकार देानों ही दोशी है । उन्होने रेल्वे लाईन के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि नरेन्द्रमोदी ने स्वयं  झाबुआ भ्रमण के दोरान कहा कि  दोहद इन्दौर, छोटा उदयपुर धार रेल लाईन उनके विजयी होने के साथ ही क्रियान्वित हो जावेगी किन्तु आज तक  केन्द्र सरकार भी एक कदम भी आगे नही बढी है । उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री षिवराज स्वयं भी नही चाहते कि इस आदिवासी  अंचल को विकास हो । रेलवे लाई्रन बिछाने का काम पूरी तरह ठप्प पडा है । इसे लंेकर वे संसद में रेल मंत्री एवं प्रधानमंत्री को घेरेगें । झाबुआ नगर की पेय जल समस्या को लेकर भूरिया ने कहा कि नगर में 7-7 दिन में पानी नलो से आरहा है । प्रदेष सरकार ने 45 करोड की धनराषि दिये 3 साल हो चुके है किन्तु भ्रश्टाचार के चलते लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड रहा है । यहां के बाषिन्दों को बरसात के मौसम में भी प्यासा रहने का मजुबर कर दिया गया है । पूर्व सांसद दिलीपसिंह भूरिया की मौत के बाद एक दिन भी षिवराजसिंह  ने इस आदिवासी अंचल में झांक कर नही देखा है । चुनावी समय में हवाई दौरे करके जनता की गाढी कमाई को बत्ती लगाने का काम किया । संासद भूरिया ने पत्रकारों को कहा कि  जिले से लाखों की संख्या में लोग पलायन कर गये है । किन्तु उन्हे रोजगारोन्मुखी काम दिलाने की दिषा में कोई्र ठोंस प्रयास षिवराज ने नही किये । श्री भूरिया ने कहा कि नर्मदा को यहां लाने के नाम पर 2500 करोड की थोथी घोशणा की गई है किन्तु आज तक पैसा नही आया है । उन्होने तत्काल ही जिले को 4 हजार करोड की रकम देने की मांग करते हुए  कहा कि मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान स्तर हीन बात करने पर उतारू हो चुके है और उन्होने मुख्यमंत्री के पद की गरीमा के स्तर को गिरा दिया है । रतलाम  में मेडीकल कालेज के लिये अपने स्वयं के प्रयासों से 200 करोड की राषि जारी करवाने की बात कहते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहा कि  प्रदेष की षिवराज सरकार ने एक धेला भी खर्च नही किया है और उस राषि का ब्याज खारही है । आलीराजपुर में नर्मदा से उवहन सिंचाई के लिये पाईप लाईन से पानी लाने की षिवराज की घोशणा को थोथी बताते हुए भूरिया ने कहा कि आज तक एक भी काम षुरू नही हुआ है । बडवानी जिला चिकित्सालय में आंखफोडवा कांड का जिक्र करते हुए कांतिलाल भूरिया ने कहा कि प्रदेष की सरकार पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है । बडवानी में 40-50 बुजुर्गो की आंखे खराब हो चुकी है । किन्तु इतनी बडी मानवीय संवेदनावाली त्रासदी होने के बाद भी मुख्यमंत्री एवं प्रदेष के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बडवानी जाकर हालातों का जायजा नही लिया है । पूरेी सरकार प्रायवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है । प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को नैतिकता के आधार पर पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये । जिला चिकित्सालय झाबुआ एवं आलीराजपुर को किसी  आरएसएस की फर्म दीपक फाउंडेषन को ठेके पर दिये जाने की जानकारी देते हुए कहा कि  इन दोनों जिले के चिकित्सालयों को ठेकों पर देकर गरीब आदिवासियों को मिल रही उपचार सुविधाओं को भी छिनने का काम किया जारहा है । यदि इनका बस चले तो ये जिले में कानून व्यवस्था के नाम पर थानों को भी ठेकों पर दे देवें । कांतिलाल भूरिया ने प्रेस को आगे कहा कि झुठ के पुलिन्दे के साथ मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान पूरे प्रदेष को बर्बाद करने पर तुले हुए है । रतलाम झाबुआ आलीराजपुर की जनता ने प्रबल जनादेष देकर कांग्रेस को फिर से सेवा का मौका दिया है । ऐसी स्थिति में षिवराजसिंह चैहान को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नही है । मुख्यमंत्री षिवराजसिंह की हिटलरषाही का जिक्र करते हुए सांसद भूरिया ने कहा कि वे अधिकारियों को डराने धमकाने का काम कर रहे है। वे पूरी तरह बौखला गये है । भाजपाई्र कार्यकर्ताओं की गुण्डागिर्दी चरम पर पहूंच चुकी है । आलीराजपुर में षनिवार को कांग्रेस की रैली का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि रेली में 60 हजार से अधिक लोग उनके भाशण को सुन रहे थे कि मंच के पीछे रखी वाहनों में इन गुण्डातत्वों ने चुनावी हार से बौखलाकर भाजपाई नेताओं के इषारे पर  तोड फोड की एवं सामान उठा ले गये तथा वाहनों में चोरी करने जेसा काम किया है । यदि वे आक्रोषित भीड को षांत नही करते तथा उन्हे नही रोकते तो बहुत बडा बखेडा हो सकता था । कांग्रेस महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत में विष्वास रखती है जबकि भाजपा हिंसा का सहारा लेने पर उतारू रहती है । षिवराजसिंह सरकार की हिटलरषाही के चलते प्रषासन भी कुछ नही कर रहा है इसकी षिकायत वे महामहिम राश्ट्रपति एवं राज्यपाल से  करेगें । इस घटाक्रम की नामजद रिपोर्ट के बाद भी किसी को नही पकडना निष्चित ही षिवराजसिंह सरकार की हिटलरषाही  एवं हिंसा के लिये किये गये आव्हान का प्रतिफल है । आज प्रदेष एवं अंचल में इन भाजपाईयों के गुण्डाराज में कोई सुरक्षित नहेी है । उन्हेाने कहा कि लोगों को भाजपा से पूरी तरह मोह भंग हो चुका है तथा अब आगामी ढाई तीन साल में विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को पूरी तरह नकार कर कांग्रेस को लोगों का आषीर्वाद मिलना तय है ।

शिक्षको की समस्याओ के समाधान की व्यवस्था बनाई जावेगी---मुख्यमंत्री चोहान
  • राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधियो से चर्चा मे कही बात

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पारा---अध्यापक संघ झाबुआ के जिला अध्यक्ष मनिष पंवार महासचिव दिनेश चोहान ने बताया की विगत दिनो राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधि मण्डल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष के साथ उपस्थित जिला अध्यक्ष व प्रदेश सहीत जिले की कार्यकारणी सदस्यो ने कोप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज यिह चोहान से भेट की व चर्चा के दोरान मुख्यमंत्री श्रीचोहान ने कहा से की शिक्षा की गुणवता पर शिक्षको से संवाद किया जावेगा वही शिक्षको की समस्याओ के समाधान करने के लिए व्यवस्था बनाई जावेगा। उन्होने बताया की समाज के सभी वर्गो के साथ संवाद श्रृंखला को आगे बडया जा रहा हे इसी क्रम मे शिक्षको -छात्रो व कामकाजी महिलाओ सहीत विभिन्न समुदाय के वर्गो के साथ संवाद कार्यक्रम किए जावेगे।मुख्यमंत्री ने कहा की शिक्षा मे सदभावना का वातावरण जरुरी हे।अध्यापक संवर्ग मान सम्मान से जिए ओर बच्चो का भविष्य बनाए।उन्होने कहा की शिक्षक उनके दिल मे बसते हे।शिक्षक भावी पीढी के भविष्य निर्माता हे इसी भावना के साथ कार्य करते हुए मंेने कर्मी कल्चर को समाप्त कर अध्यापक संवर्ग बनाया। साथ ही यह भी कहा की सरकार ने अध्यापको के लिए जो कुछ किया हे वह अपना कर्तव्य मानकर न्यया की भावना से किया हे आगे भी इसी भावना के साथ शिक्षको के कल्याणकारी कार्य किए जावेगे। मुख्यमंत्री श्री चोहान ने बताया की वर्तमान समय मे राज्य सरकार के खजाने से लगभग 8हजार करोड रुपए किसानो केा राहत,ब्याज व विधुत व्यवस्था के रुप मे वितरित किए जा रहे हे।  प्रतिनिधि मण्डल के द्वारा बताई गई शिक्षको की समस्या पर श्री चोहान कहा की संघ के प्रतिनिधियो से शिघ्र चर्चा कर समाधान किया जावेगा साथ ही समस्याओ के निराकरण के लिए प्रतिनिधियो से नियमित चर्चा की जावेगी। इस अवसर पर उपस्थित संघ के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान विधायक मुरलीधर पाटीदार ने अध्यापको की शिक्षा विभाग मे संविलियन व क्रमोन्नती की विसंगति व अन्य मांगो की जानकारी मुख्यमंत्री श्री चोहान को दी। राज्य अध्यापक संघ के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव ने कहा की वर्ष 1995 मे अध्यापको को मात्र पांच से रुपए मिलते थे वही आज 20 हजार रुपए मिल रहे हे यह इसी सरकार की देन हे। संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। इस अवसर पर संध के प्रदेश महासचिव दर्शनसिह चोधरी, रामा ईकाई के ब्लाक अध्यक्ष दिनेश टांक कोष्सध्यक्ष फिरोज खान, अरविन्द रावल,मकनसिह पचाया,लक्ष्मीनारायण धाकड, खीमा भुरीया,नेरेन्द्रसिह सोलकी,संजय शर्मा,राजेन्द्र परमार,रतन रावत आदी सहीत संघ के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।संध ने श्री चोहान के प्रति आभार व्यक्त किया।

मर्ग का प्रकरण पंजीबद्ध 

झाबुआ--- फरियादी प्रेमसिंह पिता गुमला वसुनिया उम्र 20 वर्ष निवासी पाडलवा ने बताया कि कैलाश पिता गुमला वसुनिया उम्र 50 वर्ष निवासी पाडलवा घर के सामने मृत अवस्था में पडा था। मृत्यु का कारण अज्ञात रहा। प्र्रकरण में थाना रानापुर में मर्ग क्र0 56/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रख्यात संविदाकार एवं समाजसेवी भैयालाल शुक्ल पंचतत्व में विलीन

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रीवा । प्रख्यात संविदाकार एवं वरिष्ठ समाज सेवी श्री भैयालाल शुक्ल आज पंचतत्व में विलीन हो गये । प्रदेश के ऊर्जा,खनिज साधन एवं जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के पिता भैयालाल शुक्ल का 5 दिसम्बर को सांयकाल देहावसान हो गया था । उनका अंतिम संस्कार आज रीवा जिला मुख्यालय के समीप ग्राम हरिहरपुर में धार्मिक रीति-रिवाजों और परिवार की परम्परा के अनुसार किया गया । स्व. भैयालाल शुक्ल के ज्येष्ठ पुत्र विनोद शुक्ल ने मुखाग्नि दी ।

आज 6 दिसम्बर को प्रात: दस बजे ऊर्जा एवं जनसम्पर्क मंत्री के अमहिया स्थित आवास से विशाल जनसमूह के साथ शवयात्रा प्रारंभ हुई और दोपहर लगभग 12 बजे अंतिम संस्कार स्थल हरिहरपुर पहुंची । ऊर्जा एवं जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ पार्थिक देह पर पुष्प अर्पित किये । उनके साथ ही परिजनों,आत्मीयजनों, राजनीतिज्ञों,रीवा संभाग एवं प्रदेश के वरिष्ट पत्रकारों, प्रशासनिक अधिकारियों ,गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी सख्या में उपस्थित जनसमूह ने भैयालाल शुक्ल को अंतिम विदाई दी ।

अंतिम संस्कार के अवसर पर ग्राम हरिहरपुर में सांसद रीवा जनार्दन मिश्र,सांसद सतना गणेश सिंह,विधायक त्योंथर रमाकांत तिवारी,विधायक देवतालाब गिरीश गौतम,विधायक रामपुर बघेलान हर्षसिंह, विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, विधायक कटनी संजय पाठक दीनदयाल शोध संस्थान के अभय महाजन ,महापौर रीवा ममता गुप्ता,महापौर सतना ममता पांडे, सदस्य पिछड़ा वर्ग लक्ष्मी यादव उपस्थित रहें। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पार्षद एवं पूर्व पार्षद, पूर्व सांसद,पूर्व विधायक,पूर्व महापौर ,विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेता,सामाजिक संगठनों व्यावसायिक संगठनों व स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, ग्रामीण निकायों के वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारी उपस्थित रहे । इस दौरान कमिश्नर एस के पाल,आई जी डी निवास वर्मा,कलेक्टर राहुल जैन, एस.पी. आकाश जिंदल सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों तथा गणमान्य नागरिक व बड़ी संख्या में उपस्थित आमजन ने स्व. भैयालाल शुक्ल को अंतिम विदाई दी ।
                        
गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब प्रांतीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने प्रख्यात संविदाकार एवं वरिष्ठ समाज सेवी श्री भैयालाल शुक्ल के निधन पर शोक व्यक्त किया तथा मृतक आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की। 

विक्रांत बनेंगे फिल्म निर्माता

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छोटे परदे से बड़े परदे तक का सफर तय करने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी ने फिल्म 'लुटेरा'और 'दिल धड़कने दो'में अपने शानदार अभिनय से लोगों के बीच अपनी जगह बनाई है।अभिनेता बनने  के बाद अब विक्रांत फिल्म निर्माता बनना चाहते हैं। विक्रांत  निवेदिता बासु संग अपने नए प्रोक्युक्शन हाउस 'होम  ग्रोन प्रोडक्शन'के बैनर तले जल्द ही एक नई फिल्म लेकर आनेवाले हैं। उनकी आगमी फिल्म '35 एम्मएम्म'एक ड्रामा शार्ट फिल्म है जिसकी कहानी पुराने निर्देशक और अदाकारा के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशन अभिनेता चन्दन रॉय सैन्यल ने किया है। इस फिल्म का मुख्या लक्ष्य फिल्म फेस्टिवलों में जीत हासिल करना है 

इस बारे में बताते हुए 'मै अपने नए काम को लेकर काफी एक्ससाइटेड हूँ। मै और निवेदिता काफी सालों से बहुत ही अच्छे दोस्त हैं, उम्मीद है दोस्ती बिज़नेस पार्टनरशिप में ज्यादा रंग लाएगी। हमारे कुछ प्रोजेक्ट्स हैं जिनकी घोषणा हम जल्द ही करनेवाले हैं।'

फिल्म हिट होने का कोई पैमाना नही है : श्रद्वा कपूर

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फिल्म ‘तीन पत्ती’ और यशराज की फिल्म ‘लव का दि ऐंड’ की असफलता के बाद भी श्रद्धा के काम को दर्शकों ने पंसद किया।  और फिल्म ‘आशिकी टू’ ने श्रद्धा को रातोंरात स्टार बना दिया। फिल्म ‘एक विलेन’, ‘हैदर’, ‘एबीसीडी-टू’ ने श्रद्वा के करियर की दशा और दिशा ही बदल दी। इनदिनों श्रद्धा कई अच्छी फिल्मों का हिस्सा हैं। श्रद्वा का मानना है कि फिल्म सफल ही होगीं,अभी तक इसका कोई पैमाना नही है। हाल में उनसे मिलने का मौका मिला प्रस्तुत है,चुनिंदा अंशः-

बागी की शूटिंग पूरी कर ली है?
जी हां, निर्देशक सब्बीर खान की आने वाली फिल्म ‘बागी’ की शूटिंग पूरी हो चुकी है।   

फिल्म ‘बागी’ में पहली बार अभिनेता टाइगर श्राफ के साथ काम कर रही है,कैसा अनुभव रहा ?
‘ अभिनेता टाइगर श्राफ गजब के अभिनेता है,उनके साथ काम करते हुए काफी अच्छा लगा। उनके साथ इस फिल्म में मैं पहली बार ऑनस्क्रीन रोमांस करती दिखूंगी, क्योंकि इसमें मैंने उनके लव इंटेरेस्ट का किरदार निभाया है। ‘बागी’ एक रोमांटिक-एक्शन फिल्म है, जिसका निर्माण साजिद नाडियावाला और यूटीवी मोशन पिक्चर्स ने किया है। ‘बागी’ में मैं भी एक अलग तरह के किरदार में नजर आने वाली हूं और इसमें जहां टाइगर एक्शन करते नजर आएंगे, तो उनके अपोजिट मैं एकदम गंभीर किरदार में दिखूंगी। यह फिल्म अगले साल 15
अप्रैल को रिलीज होगी। 

आपकी अगली फिल्म ‘रॉक ऑन टू’ की क्या प्रोग्रेस है?
फिलहाल फिल्म ‘रॉक ऑन टू’ की शूटिंग बंद है, क्योंकि फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरी आंख में चोट लग गई, जिसके कारण डॉक्टर ने मुझे कुछ दिन काम ना करने की सलाह दी है। इसी कारण मुझे शूटिंग बीच में ही छोड़कर फौरन मुंबई लौटना पड़ा। दरअसल, शिलॉन्ग में शूटिंग के दौरान मेरी आंख के कार्निया में खरोंच आ गई। ऐसे में प्रोड्यूसर रितेश सिधवानी ने मुझे मुंबई भेज दिया। मुंबई पहुंचकर एयरपोर्ट से सीधे अपने आई स्पेशलिस्ट के पास गई। उन्होंने मुझे कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है। वैसे, मैं जल्द ही अपनी फिल्म की
टीम को ज्वाइन करूंगी। इस फिल्म में मेरे अलावा एक्टर-डायरेक्टर फरहान अख्तर और अर्जुन रामपाल भी हैं। म्यूजिक पर बेस्ड इस फिल्म में मैं एक म्यूजिशियन का कैरेक्टर प्ले कर रही हूं। इस फिल्म के डायरेक्टर शुजात सौदागर हैं।

आदित्य रॉय कपूर के साथ भी कोई फिल्म कर रही हैं?
हां, फिल्म ‘आशिकी-टू’ फेम आदित्य रॉय कपूर के साथ निर्देशक शाद अली की फिल्म कर रही हूं। दरअसल शाद अली मणि रत्नम की तमिल सुपरहिट फिल्म ‘काढल कंमणि’ का रीमेक बनाने जा रहे हैं और इसी रोमांटिक फिल्म के लिए आदित्य के अपोजिट मुझे कास्ट किया गया है। मुंबई में रह रहे युवा जोड़े पर केंद्रित है इस फिल्म की कहानी। इस फिल्म की कहानी एक युवा जोड़े के ईद-गिर्द घूमेगी, जो मुंबई में शादी के बिना साथ रहता है, यानी लिव इन रिलेशनशिप। ओरिजनल तमिल फिल्म में दुलकेर सलमान और नित्या मेनन ने मुख्य
भूमिका निभाई थी। 

‘आशिकी टू’ और ‘एबीसीडी टू’ के बाद अब ‘रॉक ऑन टू’ में आपकी आवाज में गीत सुनने को मिलेंगे?
जी हां, इस फिल्म में अपने अभिनय के रंग दिखाने के साथ ही इसमें गाने भी गा रही हूं। यह काफी मजेदार अनुभव है। हालांकि, इससे थोड़ी थकान तो हो जाती है, लेकिन जब आप अपने बचपन के सपने को जी रहे हों, तो यह सब बहुत अच्छा लगता है। मैं खुद को खुशनसीब समझती हूं कि मुझे एक्टिंग के साथ-साथ सिंगिंग के अवसर भी मिल रहे हैं।

कितने गीतों को आपने आवाज दी है?
‘रॉक ऑन टू ’ के सारे गाने गा रही हूं। सभी गाने एक ही शैली के हैं, लेकिन यह उससे बहुत अलग हैं, जैसा लोगों ने मुझे पहले सुना है। इसमें मैंने फरहान अख्तर के साथ एक डुएट गाना भी गया है। यह बहुत क्रेजी था! उसके साथ गाना गाने में बहुत मजा आया। मैं उन्हें बहुत पसंद करती हूं, क्योंकि वह बहुत टैलेंटेड हैं और फिल्म में उनके अपोजिट काम करके मैं बहुत खुश हूं।

‘आशिकी टू ’ और ‘एबीसीडी टू ’ के बाद अब ‘रॉक ऑन टू ’ आप तो सीक्वल फिल्मों की रानी बनती जा रही हैं?
सच तो यह है कि सफल फिल्मों के सीक्वल में काम करने का निर्णय मैं जानबूझकर नहीं लेती हूं, बल्कि वह फिल्म की केवल अच्छी कहानी और अपने किरदार पर ध्यान देती हूं। हां, यह सच है कि मेरी तीन फिल्में सीक्वल है, लेकिन यह मात्र एक संयोग है। मैं किसी फिल्म में इसलिए काम करती हूं, क्योंकि मुझे उस फिल्म में अपनी भूमिका और कहानी दिलचस्प लगती है। वैसे भी इसके अलावा इन सीक्वल फिल्मों की कहानी मूल फिल्मों से एकदम अलग है, वे पहली फिल्मों से जुडी हुई नहीं हैं। वे नई कहानियां हैं। 

‘आशिकी- टू ’ के बाद से ही आपके और आदित्य रॉय कपूर के बीच के रिश्ते को लेकर बात होती रही है। क्या कहेंगी?
इसकी वजह शायद यह है कि ‘आशिकी टू ’ फिल्म की शूटिंग के दौरान ही मेरे और आदित्य के बीच एक खास रिश्ता बन गया था, यानी हम बहुत ही अच्छे दोस्त बन गए थे और हम आगे भी अच्छे दोस्त बने रहेंगे। इस रिश्ते में अगर रोमांस का नाम दिया जा रहा है, तो यह गलत है, क्योंकि हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं और एक बार फिर कह रही हूं कि हम हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं। हम आगे भी अच्छे दोस्त रहेंगे।

किस तरह की फिल्में आपकी प्राथमिकता में होती हैं?
यह फिल्म की कहानी पर निर्भर करता है। मैं फिल्म के किसी खास दृश्य से रोमांच महसूस नहीं करती हूं। मैं सिर्फ अच्छी कहानियों और अच्छी भूमिकाओं का हिस्सा बनना चाहती हूं। मैं फिल्मों में अच्छी कहानी और अच्छी भूमिकाओं को महत्व देती हूं। यही वजह है कि किसी फिल्म में बोल्ड और अंतरंग दृश्यों को भी मैं फिल्म के अन्य सामान्य दृश्यों की तरह ही देखती हूं।

विशेष : राजस्थान सरकार का दलितों को तोहफा “अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी बंद करने का फैसला !

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एक तरफ केंद्र की भाजपा सरकार संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की 125 वी जयंती का समारोह मना रही है ,वहीँ दूसरी तरफ राजस्थान की वसुंधराराजे सरकार ने अम्बेडकर के नाम पर स्थापित विधि विश्वविध्यालय को बंद करने का निर्णय ले लिया है .लोग पूछ रहे है कि क्या यह सरकार के दो साल पूरे होने पर राज्य सरकार द्वारा दलितों को दिया गया तोहफा है ?


राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने विगत दिनों हुई मंत्रीमंडल की बैठक के बाद खबरनवीसों को बताया था कि राज्य सरकार ने डॉ भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को बंद करके इसके स्थान पर जयपुर में ‘अम्बेडकर पीठ - सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ का गठन करने का निर्णय लिया है .राठौड़ ने इस फैसले का औचित्य बताते हुए कहा कि वर्ष 2012 -13 में अशोक गहलोत के शासन काल में अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी स्थापित की थी, मगर पूर्ववर्ती सरकार ने किसी भी प्रकार की वित्तीय व्यवस्था नहीं की ,ना शैक्षणिक अनुभाग खोले ,ना फैकल्टी नियुक्त की ,ना भूमि आवंटित की गई और ना ही प्रवेश सम्बन्धी कार्यवाही की गयी . सिर्फ कागजों में ही विश्वविध्यालय खोल दिया गया और कुलपति की भी नियुक्ति कर दी गई .इसलिये इस कागजी विश्वविध्यालय को बंद करके अम्बेडकर पीठ स्थापित करने का राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है .

राज्य सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार गलतबयानी करके लोगों को गुमराह कर रही है .उनकी सरकार ने डॉ अम्बेडकर के नाम पर यह विश्वविध्यालय स्थापित किया था और जरुरी संसाधन भी उपलब्ध करवाए थे .अगर कहीं कोई कमी भी रह गई थी तो इस सरकार को भी दो साल का वक़्त मिला,जिसमे वित्तीय,शैक्षणिक ,फैकल्टी लगाने जैसी निरंतर प्रक्रियाओं की पालना करवाई जा सकती थी और यूनिवर्सिटी को मज़बूत बनाया जा सकता था ,मगर यह सरकार चाहती ही नहीं है कि संविधान निर्माता अम्बेडकर के नाम पर कोई विश्वविध्यालय काम करे ,इसलिये डॉ अम्बेडकर युनिवर्सिटी को बंद कर उसकी जगह एक सेंटर खोला जा रहा है .

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की तथा कहा कि एक ओर तो सरकार अम्बेडकर के नाम पर शुभकामनायें दे रही है ,दूसरी ओर उनके नाम को ही मिटाने की कोशिस कर रही है ,इससे सरकार का दलित विरोधी रवैया सामने आ गया है .

गहलोत के बोलने के बाद राज्य के दलित संगठनों की भी नींद खुली तथा देर से ही सही मगर राज्य भर में राजस्थान सरकार के इस निर्णय की चौतरफा आलोचना शुरू हो गयी .हालाँकि आश्चर्यजनक रूप से अभी भी दलित बहुजनों की राजनीती करने वाले दल एवं संगठन अभी भी मौन है .बसपा हो अथवा भाजपा का अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ,दोनों ही समान रूप से चुप है .ख़ामोशी तो कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग ने भी अख्तियार की हुयी है ,उसकी ओर से कोई बयान तक इस विषय पर नहीं आना जनचर्चा का विषय है .

हालाँकि कुछ दलित और मानव अधिकार संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये है ,मगर देखा जाये तो अम्बेडकर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए सबसे दमदार आवाज़ पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के जनप्रिय नेता अशोक गहलोत की रही ,उन्होंने ही सबसे पहले वसुंधरा सरकार के अम्बेडकर यूनिवर्सिटी बंद करने के निर्णय पर तुरंत प्रतिक्रिया दी तथा कहा कि वसुंधरा सरकार अम्बेडकर के नाम पर खडी की गयी विरासत के साथ खिलवाड़ कर रही है.

राजस्थान सरकार के डॉ भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी बंद करने के फैसले को अदूरदर्शी और तानाशाहीपूर्ण बताते हुये कई दलित संगठनों ने सरकार को चेताया है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को बंद नहीं करें वर्ना राज्य व्यापी आन्दोलन चलाया जायेगा .इसकी प्रथम कड़ी में विभिन्न जिलों में इसे लेकर ज्ञापन भी दिये गये है .यह भी योजना बनाई गयी है कि 6 दिसम्बर को अम्बेडकर के 59वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राज्य भर में होने वाले समारोहों में राज्य शासन के इस अम्बेडकर विरोधी निर्णय का विरोध किया जायेगा .

अब देखना यह है कि अम्बेडकर के नाम पर बड़ी बड़ी बातें कर रही भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार अपना फैसला बदलती है या अपनी आदत के मुताबिक वह यह फैसला भी अपरिवर्तनीय  ही बनाये रखेगी ,भले ही उस पर दलित विरोधी होने का कितना ही आरोप क्यों ना लगा दिया जाये .




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---भंवर मेघवंशी---
( लेखक स्वतंत्र पत्रकार है )  

जीएसटी पर सुब्रमण्यम पैनल के प्रस्तावों को कैट ने सराहाभी और आलोचना भी की

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शिमला जीएसटी पर गठित मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमण्यम समिति द्वाराहाल ही में वित्त मंत्री को दी गयी अपनी सिफारिशों में जीएसटी के मुख्य कर को 18% तक रखने एवं अंतर्राज्यीय व्यापार में प्रस्तावित 1 प्रतिशत अतिरिक्त कर को वापिस लेने के प्रस्ताव को बेहद प्रासंगिक बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडियाट्रेडर्स (कैट) ने पैनल की सराहना की है लेकिन पैनल द्वारा ही अनेक स्तरीय करलगाने के प्रस्ताव की आलोचना भी करते हुए कैट ने कहा है की इससे जीएसटी कामुख्य उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा क्योंकि वर्तामन में लागू बहुकारीय एवं बहु करनिकाय व्यवस्था को ख़त्म करना जीएसटी का उद्देश्य है जबकि पैनल कीसिफारिशों से यह और बढ़ेगा !

जीएसटी में कर की मुख्य दर 18 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव बेहद तार्किक औरन्यायसंगत है तथा अंतर्राज्यीय व्यापार में प्रस्तावित 1 प्रतिशत अतिरिक्त कर कोवापिस लेने की सिफारिश कर पर कर लगने की संभावनाओं को समाप्त करेगी !  कैटने खेद व्यक्त करते हुए कहा की पैनल ने इस मुद्दे पर व्यापारियों से बातचीत तक नहीं की जबकि व्यापारियों के माध्यम से ही जीएसटी लागू होगा !

कैट के राष्टीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवालने कहा की इन दो प्रस्तावों के अतिरिक्त पैनल द्वारा सुझाये गए अन्य प्रस्ताव गैरवाजिब है और विकसित अर्थव्यवस्था में कर प्रणाली के सिद्दांतों के विरूद्ध हैं ! पैनलने आवश्यक वस्तुओं को 12 प्रतिशत की कर दर में रखने का प्रस्ताव किया हैजबकि आम आदमी द्वारा रोज़मर्रा की जरूरतों की वस्तुओं को आवश्यक वस्तुमाना गया है और प्रत्येक कर व्यवस्था में प्रे यह वस्तुएं कर से छूट की श्रेणी मेंराखी जाती हैं वहीँ दूसरी ओर विलासिता की वस्तुओं को 40 प्रतिशत की दर मेंरखने का प्रस्ताव दिया गया है ! विलासिता वस्तु की परिभाषा बेहद भ्रामक है !किसी एक वर्ग के लिए विलासिता की वस्तु अन्य वर्ग के लिए आवश्यक भी होती है! पैनल ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया है !

श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने कहा की अनेक प्रकार की कर दर की पैनल कीप्रस्तावना स्वयं कर पालना को हतोत्साहित करेगी ओर कर का दायरा भी नहीं बादपायेगा वहीँ कर व्यवस्था बेहद जटिल होगी ! उन्होंने सुझाव दिया है की वर्तमान कर प्रणाली की जटिलताओं ओर विसंगतियों कोदूर करते हुए देश भर में एक कर, एक अथॉरिटी, सारे देश में कर की दरें एक समान,समान कानून को मिलकर जीएसटी लाने से कर पालना भी बढ़ेगी ओर राज्यों कोराजस्व में भी वृद्धि होगी वहीँ करप्रणली भी सरल होगी ! उन्होंने कहा की सरकार कोअब इस मुद्दे पर व्यापार एवं उद्योग से बातचीत का दौर शुरू करना चाहिए !

विशेष आलेख : जलवायु परिवर्तन और हमारी भूमिका

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वर्तमान में जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस प्रकार का मंथन किया जा रहा है, उसकी आवश्यकता बहुत पहले से महसूस की जा रही थी, लेकिन जब जागो तभी सवेरा की तर्ज पर अभी इसकी विकरालता को रोकने का उपक्रम किया जा रहा है, यही समय की मांग है। जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए जैसे प्रयास किये जाने चाहिए। उनमें कहीं न कहीं कमी देखी जा रही है। इन कमियों को उसी सूरत में पूरा किया जा सकता है, जब मानव समाज इसके प्रति जागरूक रहकर इसमें सक्रिय भागीदारी निभाए।

कहा जाता है कि जिसका चिन्तन और कार्य समस्त विश्व की भलाई के लिए होता है, उसका पहले विरोध भले ही हो, लेकिन जब सबकी समझ में आता है कि यह भलाई का मार्ग है, तब दुनिया उसका अनुसरण करने लगती है। अच्छे कामों की हर जगह प्रशंसा होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय की भावना को समझते हुए जिस प्रकार की भारतीय अवधारणा को प्रस्तुत किया है, वह निश्चित रूप से सराहनीय तो है ही साथ ही विश्व की बहुत बड़ी समस्या से छुटकारा दिलाने का प्रयास भी है। हम जानते हैं कि वर्तमान में विश्व जलवायु की समस्या से ग्रसित है। विश्व के कई देशों पर इसके बारे में सार्थक बहस और चिन्तन भी दिखाई देता है, लेकिन उसकी परिणति ढाक के तीन पात के रूप में ही सामने आती है।

जलवायु परिवर्तन के चलते जहां वायुमंडलीय दुष्प्रभाव दिखाई दे रहा है, वहीं मानव जीवन के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर हो रहा है। दुनिया में जितने भी भौतिकवादी पदार्थ मानव की सुविधा के लिए बनाए गए हैं, उससे तत्क्षण तो मानव को सुविधा का आभास होता है, लेकिन यही सुविधाएं अप्रत्यक्ष रूप से मानव जीवन को किस प्रकार से नुकसान पहुंचा रहीं हैं, इसका आंकलन किए जाने पर कई प्रकार के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हम जिस हवा में सांस लेते हैं, वर्तमान में वह प्रदूषित है। यह सब मानवीय आकृतियों के द्वारा किए जा रहे कार्यों का ही परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में ''सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया''के भाव का प्रदर्शन करते हुए विश्व को सुख पूर्वक जीवन जीने के लिए जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकट पर अपनी चिन्ता प्रकट की है। ऐसा सार्थक चिन्तन उसी व्यक्ति के में आ सकता है जो दूसरों का भला सोच सकता हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वास्तव में ही हर अच्छे काम की तारीफ करते हैं, उनकी नजर में कहीं भी तुष्टीकरण का भाव नहीं है। सारे देश की जनता प्रधानमंत्री का अपना परिवार है। तभी तो कानपुर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला नूरजहां के कामों को एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। नूरजहां ने जो काम किया है, वह भारत के हर नागरिक को करना चाहिए, क्योंकि उदाहरण इसलिए ही दिए जाते हैं कि उदाहरणों से लोग प्रेरणा ले सकें। नूरजहां ने सौर ऊर्जा से संचालित किए जाने वाला एक संयंत्र लगाकर गांव वालों को विद्युत प्रदाय करके प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने में अभिनव पहल का सूत्रपात किया है। इस संदेश में सबसे पहले तो यही संकेत मिलता है कि हमें विद्युत की बचत का मार्ग अपनाना चाहिए। जब विद्युत की बचत अपनाने की पहल प्रारंभ होगी, तब तापमान नियंत्रित होने का मार्ग प्रशस्त होगा और जब तापमान नियंत्रित होगा तब जलवायु का चक्र अपने आप ही मानव जीवन के लिए उपयुक्त होगा।

वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या धरती के बढ़ते तापमान को लेकर है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते विश्वभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण प्रकृति का संतुलन बिगडऩे लगा है। अनेक पर्यावरणविदों व वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते हो रहा जलवायु परिवर्तन निकट भविष्य में कई प्रजातियों के विलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। जलवायु परिवर्तन का सबसे दूरगामी प्रभाव पड़ता है उस क्षेत्र में रहने वाली प्रजातियों पर। तापमान के कुछ डिग्री सेंटीग्रेट ऊपर-नीचे होने भर से कई प्रजातियाँ के विलुप्तीकरण का खतरा पैदा हो जाता है। ग्लोबल वार्मिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है क्षेत्र के स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र पर, जो बहुत ही नाजुक होते हैं। भारत में विशेषज्ञों का अनुमान है कि बाघों के सबसे बड़े क्षेत्र सुंदरवन डेल्टा में लगातार मैंग्रोव के जंगल गायब होते जा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव क्षेत्र को समुद्र के स्तर में वृद्धि का भयानक परिणाम अपनी गोद में पल रही कई अनमोल प्रजातियों की जान से चुकाना पड़ रहा है। मानव प्रजाति के भी खतरे में आने की शुरुआत हो चुकी है। बेतहाशा आबादी और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन ग्लोबल वार्मिंग को तेज कर रहा है। प्रकृति की हर प्रजाति कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़ी है, एक प्रजाति का सर्वनाश दूसरी प्रजाति पर आसन्न खतरे को अधिक विकट बनाता है। घटते संसाधनों और बढ़ती माँग ने इस समस्या को और भी जटिल बना दिया है, जिसे जल्दी सुलझाना पूरी पृथ्वी के हित में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आहवान निश्चित रूप से पूरी दुनिया को सुखमय जीवन देने की कल्पना से प्रेरित है, जिसका हर हाल में सक्रियता के साथ पूरी दुनिया को अनुसरण करना होगा, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब दुनिया के सभी देश इस संकट की गिरफ्त में होंगे।

जलवायु परिवर्तन के चलते जो विनाशकारी स्थितियां पैदा हुई हैं, उस सबसे पीछे हमारी स्वयं की विफलता ही मानी जाएगी। प्रकृति की मौजूदा दुश्वारियां हमारी स्वयं की देन हैं। हम अगर एक पेड़ काटते हैं तो हमको दस पेड़ लगाने भी चाहिए, लेकिन हमारा ध्यान केवल पेड़ काटने पर ही है, लगाने पर नहीं। पर्यावरण के संतुलन के लिए जब तक मानव समाज जागरूक नहीं होगा तब तक अच्छे परिणामों की कल्पना करना बेकार है। सरकारें केवल योजनाएं बना सकती है। पालन हम सभी को करना है।




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सुरेश हिन्दुस्थानी
झोकन बाग, झांसी, उत्तरप्रदेश
मोबाइल 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

रोने धोने वाले शो से परहेज हैःं सृष्टि रोडे

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आपके नए शो चलती का नाम गाड़ी की अवधारणा क्या है?
चलती का नाम गाड़ी नई दिल्ली में रहने वाले आहूजा परिवार की एक कहानी है। उनकी रोजमर्रा की नीरस जिंदगी में अचानक रोचक मोड़ आता है जब वे अपनी पहली फैमिली कार मारुति ऑल्टो 800 खरीद कर लाते हैं। कहानी में फिर ट्विस्ट आता है जब करण नई कार की आवाज सुनना आरंभ कर देता है और वह भी उससे पलट कर बात करती है। इसका मजेदार हिस्सा यह है कि करण के अलावा कोई और व्यक्ति कार की आवाज नहीं सुन सकता। कार उसकी हर दिन की समस्याओं और परिस्थितियों का अनूठा समाधान खोजने में मदद करती है और परिवार को एक साथ जाने में भी सहायता करती है।

इस शो में अपने किरदार के विषय में हमें कुछ बताएं?
मैं घर की आदर्श बहू पिया का मजेदार चरित्र अदा कर रही हूं। पिया आहूजा परिवार को प्रभावित करने के लिए नई-नई चीजें करती है। उदाहरण के लिए वह नए पकवान बनाती है, नई पहल करती है। कई बार पिया के इन प्रयासों के दौरान मजेदार घटनाएं घट जाती हैं, और पूरा परिवार एक साथ आकर घटना की जिम्मेदारी लेता है और पिया पर निराशा के बोझ को कम करता है। 

क्या आपको लगता है कि भारतीय दर्शक ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसा शो देखने के लिए तैयार हैं?
यह बहुत हलका-फुलका शो है जिसे हर कोई देख सकता है। यह एक कॉमेडी शो है जिसका कॉन्सेप्ट नया है। मुझे लगता है कि लोग इस तरह के शो देखना पसंद करेंगे और पूरा भरोसा है कि वे चलती का नाम गाड़ी जैसे शो देखने के लिए तैयार हैं। हम लंबे समय बाद आपको पर्दे पर देख रहे हैं। अभी तक कहां थी, टीवी से दूर क्यों थीं?हां, यह वास्तव में लंबा ब्रेक था। अभिनय के अलावा मुझे नए स्थानों पर घूमना और नई चीजों जैसे संगीत, नृत्य या फिर कोई भिन्न भाषा के बारे में सीखना पसंद है। इस ब्रेक के दौरान मैं यात्रा कर रही थी और मैं
ने विदेश का एक दौरा किया और भारत में एक यात्रा की। 

आपने ‘चलती का नाम गाड़ी’ क्यों चुना?
मैंने चलती का नाम गाड़ी इसलिए चुना क्योंकि मैं हमेशा से सब टीवी के साथ काम करना चाहती थी। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि मेरे माता-पिता चैनल के बहुत बड़े फैन हैं और मुझे इसके लिए काम करते हुये देखना चाहते थे। इसलिए जब मुझे सब टीवी से ऑफर मिला, बिना देरी किए मैंने इसे हां कह दिया। मैं खुश थी कि मैं आखिरकार हर समय रोने-धोने से दूर हूं और बदलाव के लिए कॉमेडी कर रही हूं। यह शो बहुत हलका-फुलका है और मैं इसमें काम करने का आनंद उठा रही हूं।

यदि आपके पास टॉकिंग कार हो, तो कैसा लगेगा?
यह सबसे मजेदार सवाल है जिसका मैं जवाब दे रही हूं। टॉकिंग कार होना सबसे हास्यप्रद होगा। यदि एक कार बात करने लग जाए तो इससे ज्यादा मजेदार क्या होगा, आपको किसी दोस्त की ही जरूरत नहीं पड़ेगी। उदाहरण के लिए, यदि आप पूरे दिन के व्यस्त शेड्यूल से थक गए हैं तो ड्राइव के लिए टॉकिंग कार बाहर निकालें जिसमें कार आपसे बात करेगी, आप इससे बहुत अच्छा महसूस करेंगे और आपका सारा तनाव छूमंतर हो जाएगा। सच कहूं तो मैं असली जिंदगी में अपनी कार से बात करती हूं, यदि स्पीड ब्रेकर पर मैं तेजी से अपनी गाड़ी निकालती हूं तो उससे माफी मांगती हूं। यदि मेरे पास टॉकिंग कार हो तो यह वाकई में अद्भुत होगा।

उत्तर भारत में भूकंप के झटके, ताजिकिस्तान भूकंप का केंद्र, तीव्रता 7.2

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 दिल्ली और एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में सोमवार को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी ये झटके महसूस किए गए।  भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान बताया गया है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने  रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.2 बतायी। भूकंप का केंद्र 28.7 किमी की गहराई पर था। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी इसका असर पड़ा।

उल्लेखनीय है कि 4 दिसंबर को भी दक्षिणी हिंद महासागर में 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, लेकिन इससे जान-माल की किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई थी। यूएसजीएस ने बताया था कि मैकडोनल्ड द्वीप और हर्ड द्वीप के पूर्व-पूवोत्तर में करीब 1020 किलोमीटर दूर सुबह छह बजकर 24 मिनट (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात दस बजकर 24 मिनट पर) भूकंप आया। इसका केंद्र दक्षिणपूर्व भारतीय रिज में था जो दक्षिणी हिंद महासागर के सागर तल पर स्थित एक टेक्टिोनिक प्लेट सीमा है।

इससे पहले 26 अक्टूबर को पाकिस्तान का उत्तरी हिस्सा शक्तिशाली भूकंप से दहल गया था जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से अधिक घायल हुए थे, वहीं अफगानिस्तान में कम से कम 31 लोग मारे गए थे, जिनमें एक स्कूल की 12 छात्राएं भी शामिल थीं।

आतंकवादियों को कहीं से भी ढूंढ निकालेगी सेना : ओबामा

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वाशिंगटन,07 दिसंबर, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आतंकवाद का एक नया तरीका बताते हुए कहा कि आतंकवादी योजना बनाने वाले दुनिया में चाहे कहीं भी हो अमेरिकी सेना उन्हें ढ़ूंढ निकालेगी। श्री ओबामा ने कैलिफोर्निया के सैन बर्नाडिनों शहर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद कल शाम देश के नाम संदेश में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी लोगों की सोच को प्रभावित करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहें हैं और यह आतंकवाद का एक नया तरीका है। उन्होंने आतंकवाद के सफाए के लिए के लिए रणनीतिक उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादी याेजनांए बनाने वाले चाहे कहीं भी हो अमेरिकी सैनिक उन्हें ढ़ूढ निकालेंगे हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि अमेरिका सीरिया अथवा ईराक में लंबे और खर्चीले युद्ध में शामिल नहीं होगा। श्री ओबामा ने आतंकवाद को समाप्त करने के लिए उन्हें तकनीकी स्तर पर मात देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा,“ मैं कानून लागू कराने वाले अधिकारियों तथा हाई टेक कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि वह एेसी तकनीकें विकसित करें , जिससे अपराध को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले आतंकवादी किसी भी तरह बच न सकें।

श्री ओबामा ने कहा कि देश को आतंकवाद से खतरा है लेकिन उस पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बात पर नजर रखनी जरूरी है कि किस वक्त सोशल मीडिया का इस्तेमाल विचारों के आदान प्रदान से बढ़ कर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ाने के लिए किया जाने लगा। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने घातक हथियारों की खरीद फरोख्त के नियमों को सख्त बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा ,“ हम ये कर सकते हैं और हमें करना भी चाहिए इससे उन्हें लोगों को मारना मुश्किल होगा।” इसी के साथ ही उन्होंने लोगों को बेवजह भयभीत नहीं होने की भी सलाह दी। ” उन्होंने कहा,“ हम एक दूसरे के खिलाफ लड़ कर आतंकवाद के खिलाफ की लड़ाई को अमेरिका और इस्लाम के बीच का युद्ध नहीं बना सकते।” श्री ओबामा ने होमलैंड सिक्योरिटी आैर विदेश मंत्रालय से ‘के-1 फियान्से’वीजा की भी समीक्षा करने के लिए कहा है। यह वीजा विदेशी नागरिकों को अमेरिकी नागरिकों से विवाह के लिए देश में आने की अनुमति देता है। कैलिफोर्निया में आतंकवादी घटना को अंजाम देने वाली महिला तशफीन मलिक(29) पाकिस्तान से सऊदी अरब गई थी और इसके बाद वह अमेरिकी नागरिक सैयद रिजवान फारुक से विवाह के लिए इसी वीजा पर अमेरिका आई थी। इस आतंकवादी हमले में 14 लोग मारे गए थे और बडी संख्या में लोग घायल हो गए थे। 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में होंगी शामिल

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 विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो दिवसीय यात्रा पर कल इस्लामाबाद रवाना हो रही हैं जहां उनकी मुलाकात नवाज़ शरीफ से होगी। वह अफगानिस्तान पर एक बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग लेने इस्लामाबाद जा रही हैं। नवाज़ शरीफ से मुलाकात की जानकारी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई है। उम्मीद जतायी जा रही है कि सुषमा के इस दौरे से भारत और पाकिस्तान के बीच रुकी बातचीत को आगे बढ़ाने में अहम क़ामयाबी मिलेगी।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पेरिस में जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अनौपचारिक तौर पर मुलाक़ात की और रिश्ते को बेहतर करने की बात की तो तो नवाज़ शऱीफ की तरफ से सुषमा स्वराज को हार्ट आफ एशिया कांफ्रेंस में भेजने का ज़िक्र किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इससे पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाक़ात भी हो। ये भी तय हुआ कि उसमें दोनों देशों के विदेश सचिव भी शामिल हों।

विदेशमंत्री की इस यात्रा की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी ट्वीट के ज़रिए दी है 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, इस्लामाबाद में नौ दिसंबर को आयोजित की जाने वाली अफगानिस्तान पर पांचवीं मंत्रिस्तरीय बैठक 'हार्ट ऑफ एशिया'में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी।'

राहुल और सोनिया गांधी की याचिका खारिज, कोर्ट में होना होगा पेश

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 नेशलन हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ा कानूनी झटका लगा है। उन्हें अब कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। सोनिया और राहुल ने पेशी से छूट के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दी।



सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मंगलवार (कल) पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। इस मामले में दोनों नेता आरोपी हैं उनके ऊपर धोखाधड़ी का आरोप है। सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर यह केस चल रहा है।

तिहाड़ में मिली सुविधाओं के लिए सुब्रत रॉय ने चुकाए 1.23 करोड़

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तिहाड़ जेल की विशेष सेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने पिछले एक साल में अपनी खास सुविधाओं और आराम के लिए जेल प्रशासन को 1.23 करोड़ रुपये दिए हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि इतनी रकम से जेल में बंद 200 कैदियों का पूरे एक साल का खर्च उठाया जा सकता है। रॉय को नवंबर में विशेष सेल से हटाकर सामान्य कैदियों के साथ रखा गया।

तिहाड़ में अपनी सजा काट रहे रॉय को सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्फ्रेंस रूम का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। अदालत ने कहा था कि वह अपनी जमानत के पैसों का इंतजाम करने के लिए न्यूयॉर्क और लंदन स्थित अपने आलीशान होटलों को बेचने के लिए खरीदारों के साथ कॉन्फ्रेंस रूम का इस्तेमाल कर बात कर सकते हैं। 
तिहाड़ जेल प्रशासन को सहारा समूह की ओर से रॉय को कॉन्फ्रेंस रूम का इस्तेमाल करने देने के लिए 1,23,70,000 करोड़ की राशि दी गई। इस राशि में सुरक्षा, बिजली, रखरखाव, किराया और बाकी सुविधाओं, जैसे खाना और पानी का खर्च भी शामिल है। सहारा समूह पर अभी 7.5 लाख रुपये बकाया भी है।

सुब्रत रॉय 4 मार्च 2014 से जेल में हैं। अदालत ने उन्हें सहारा समूह के 2 अन्य निदेशकों- अशोक रॉय चौधरी और रवि शंकर दुबे के साथ मिलकर 20,000 करोड़ रुपये और साथ ही इस रकम का ब्याज कंपनी में पैसा लगाने वाले निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया था। यह रकम नहीं लौटाने के कारण रॉय को जेल में बंद किया गया।
अदालत ने रॉय को जमानत हासिल करने के लिए 10,000 करोड़ की रकम देने को कहा था। इसमें से 5,000 रुपये नकद और बाकी की रकम बैंक गारंटी के तौर पर जमा किया जाना था।

पहले 5 अगस्त को जेल प्रशासन ने 10 दिनों के लिए विशेष सेल में डाला। इस 10 दिन के दौरान अदालत ने उन्हें वाई-फाई और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी विशेष सुविधाओं का इस्तेमाल करने की भी इजाजत दी, ताकि वह संभावित खरीदारों के साथ बात कर सकें। जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पूरी तरह से वातानुकूलित कमरे में रॉय को 2 लैपटॉप, 2 डेस्कटॉप, लैंडलाइन फोन और एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली थी। 

इन सुविधाओं के बदले सहारा समूह को सीधे तौर पर पैसा देना था। रॉय के स्टनॉग्रफर व अन्य सहायकों को भी सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच उनके साथ रहने की इजाजत दी गई थी। ये सहयोगी उनकी मदद करते थे। रॉय के पास नियमित तौर पर आने वालों में उनका बेटा और कंपनी के कुछ अन्य निदेशक शामिल हैं। सभी मुलाकातों को सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से दर्ज किया जाता था। रॉय को 12 नवंबर को वापस साधारण जेल में भेज दिया गया। इसके बाद उन्हें दी जाने वाली सभी खास सुविधाएं अदालत के आदेश के मुताबिक बंद कर दी गईं।  

सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला,6 जवान घायल

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दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार को अनजान  आतंवादियों द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर किये गये हमले में छह जवान घायल हो गये। एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी, आतंकवादियों ने 50 किलोमीटर दूर बीजबेहरा के समथान में ग्रीन टनल के पास श्रीनगर से जम्मू जा रहे एक काफिले में शामिल सीआरपीएफ की एक बस पर हमला किया। 

सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है, हमले में सीआरपीएफ के छह जवान घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि घायलों को अनंतनाग के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है और हमलावरों को पकड़ने का ऑपरेशन शुरू किया गया है।

कांग्रेस का वीके सिंह को हटाने की मांग, प्रदर्शन

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केंद्रीय मंत्री वी के सिंह की एक घटना के संदर्भ में ‘कुत्ते’ संबंधी उपमा का उपयोग किए जाने को लेकर उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करते हुए कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी के नेतृत्व में सोमवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज सुबह राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, पार्टी के नेता आनंद शर्मा, दीपेन्दर हुड्डा और कई अन्य सदस्यों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।


बाद में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वे इस मुद्दे को इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि यह सरकार के एक मंत्री का एक समुदाय विशेष के प्रति रूख का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और केवल भाषण देने से काम नहीं चलेगा। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में सिंह के उस बयान से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था जिसमें उन्होंने फरीदाबाद में दलित को जलाये जाने की घटना के विषय पर कथित तौर पर कहा था कि अगर कोई किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस बयान पर विदेश राज्य मंत्री आलोचलाओं के घेरे में हैं। सरकार का कहना है कि सिंह ने दलितों के संदर्भ में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था और इसलिए विपक्ष को इसे मुद्दा बनाने का कोई कारण नहीं है।
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