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इस्लामिक स्टेट के आय के स्रोतों को बंद करने संबंधी प्रस्ताव मंजूर

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न्यूयार्क, 18 दिसंबर,  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पन्द्रह स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने यहां एक बैठक के दौरान आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के बाहरी आय के स्रोतों को बंद करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अमेरिका और रूस द्वारा पेश किये गये इस प्रस्ताव में सभी देशों से आईएस को होने वाली आमदनी को रोकने के अपने प्रयासों में और तेजी लाने का आग्रह किया गया। उनसे एेसे हर संभव प्रयास करने को कहा गया है जिससे सबसे ताकतवर और अमीर हो चुके आतंकवादी संगठन आईएस को वित्तीय मदद न मिल सके। 

प्रस्ताव में आईएस की मुख्य आमदनी के स्रोतों तेल और पुरानी कलाकृतियों की ब्रिकी से होने वाली आय को रोकना प्रमुख रूप से शामिल है। यह प्रस्ताव 1999 के उस प्रस्ताव पर आधारित है जो सबसे पहले अलकायदा को लक्ष्य करके पारित किया गया था। प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इसके दृढता से क्रियान्वयन पर भी जोर दिया गया। परिषद ने जोर देकर कहा कि इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद जो राज्य आईएस की मदद करेगा उस पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लागू होंगे। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद ने ऐसा ही प्रस्ताव फरवरी में भी पारित किया था लेकिन बाद में इसके उल्लंघन की शिकायतें मिली थीं। आईएस विश्व का सबसे ताकतवर और अमीर आतंकवादी संगठन बनकर उभरा है जिसकी सालाना आय लगभग आठ करोड़ डालर है। 

नाइजीरिया में पांच भारतीय नाविकों का अपहरण

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नयी दिल्ली.18 दिसम्बर, नाइजीरिया में समुद्री लुटेरों ने पांच भारतीय नाविकों का अपहरण कर लिया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज सुबह इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताआें से संपर्क हो चुका है और सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं।श्रीमती स्वराज ने कई ट्विट करके कहा,“मेरे पास नाइजीरिया में पांच भारतीय नाविकों के अपहरण होने की रिपोर्ट है। समुद्री लुटेरों से संपर्क स्थापित हो गया है। सभी भारतीय सुरक्षित है।” 

उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में भरतीय उच्चायुक्त ए आर घनश्याम ने 12 दिसम्बर को नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी से मुलाकात की थी। वह नाविकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार गत 11 दिसम्बर को नाइजीरिया के वारी में इन भारतीय नाविकों का अपहरण कर लिया गया था। विदेश मंत्री ने नाविकों के अपहरण के बारे में सूचना के बाद एक रिपोर्ट मांगी थी। 

पुणे में बाजीराव मस्तानी के विरोध में भाजपा, फिल्म के तीन शो रद

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रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म 'बाजीराव मस्तानी'का बीजेपी ने पुणे में विरोध किया है। विरोध के कारण सिटी प्राइड थियेटर में सुबह 8 बजे का शो रद्द कर दिया गया है. बीजेपी सांसद अनिल शिरोले ने फिल्म का विरोध करते हुए कहा है कि इतिहास से छेड़छाड़ ठीक नहीं है।

इससे पहले पाकिस्तान सेंसर बोर्ड से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट'लेने में नाकामयाब रही थी लेकिन बाद में फिल्म पाकिस्तान में रिलीज होने में कामयाब हो गई थी। पाकिस्तान में पहले फिल्म को मुस्लिम और इस्लाम विरोधी कहते हुए इसकी रिलीज को बैन किया गया था, हालांकि बाद में कई संवादों को म्यूट करके फिल्म को रिलीज कर दिया गया था।

संजय लाली भंसाली की बाजीराव मस्तानी को बनने में कुल लागत 160 करोड़ बताई जा रही है।  'बाजीराव मस्तानी' , कहानी है बाजीराव पेशवा उनकी रानी काशीबाई और प्रेमिका मस्तानी की। यह प्यार का त्रिकोण संजय लीला भंसाली ने डायरेक्ट किया है और एरोस इंटरनेशनल के बैनर तले यह आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।  

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (18 दिसम्बर)

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शौचालयो मे निःशक्तजन तथा बुजुर्गो की सुविधा के लिए बनेगें रैम्प - डा. सुदाम खाडे
  • मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, मध्यान्ह भोजन एवं निर्माण कार्यो की हुयी समीक्षा 

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जिला पंचायत सभा कक्ष में कलेक्टर डा. सुदाम खाडे की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय दिशा दर्शी एवं अनुश्रवण समिति तथा महात्मा गांधी नरेगा के साथ निर्माण कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित हुयी। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. आर.आर. भोसले के साथ कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान, समस्त परियोजना अधिकारी जिला पंचायत,  समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, सहायक यंत्री, बीआरसी, एडीईओ, ब्लाक समन्वयक एसबीएम, एवं संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें। 

निःशक्तजन के शौचालयों मे बनेगा रैम्प
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर डा. सुदाम खाडे ने समस्त सीईओ जनपद पंचायत एवं डीपीसी को निर्देशित किया की ग्राम पंचायतों मे ऐसे निःशक्त एवं बुजुर्ग हितग्राही जिनके शौचालय का निर्माण किया गया है, उन शौचालयो मे रैम्प का निर्माण कराया जावे तथा उठने बैठने के लिए हेण्डल लगाये जावे जिससे निःशक्तजन एवं बुजुर्ग शौचालयो का उपयोग कर सकें। समस्त शाला शौचालयो मे निःशक्त छात्र-छात्राओ के लिए भी इसी प्रकार की सुविधा प्रदान की जाये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतो को निर्देशित करते हुये कहां की खुले मे शौच से मुक्त ग्राम पंचायतो को सुचारू रखने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किये जावे तथा हितग्राहियो के खातो को प्रमाणित करते हुये मांग पत्र प्रस्तुत करे जिससे राशि समय पर प्राप्त हो गलत खाता नम्बर होने से राशि हितग्राही को प्राप्त नही होती और वापिस आ जाती है जिससे अनावश्यक विलंब होता है। 

शालाओ में बनेगंे पुस्तकालय, लगेगें टिपी टेप
समीक्षा बैठक में डीपीसी ने बताया की शालाओ मे 1100 कमरे रिक्त है, जिनका उपयोग नही हो रहा है जिस पर प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओ के खाली कमरो को पुस्तकालय, रिक्रियेशन रूम तथा प्लेरूम के रूप मे विकसित करने के निर्देश डा. सुदाम खाडे ने डीपीसी को दिये। साथ ही निर्देशित किया की  प्रत्येक शाला में टिपी टेप छात्र संख्या के आधार पर लगाये जावे उसके साथ ही 5 पौधो की वाटिका भी लगाई जाये जिससे विद्यायर्थीयो मे हाथ धुलाई की प्रवित्ति विकसित हो। शाला शौचालय उपयोग मे लाये जावे तथा किसी भी शौचालय मे ताला न लगा रहें, शौचालय की साफ सफाई के लिए ग्राम पंचायत सचिव स्थानीय स्तर पर सफाई कर्मी की व्यवस्था करेगें। 

किचिन शेड तथा दुग्ध वितरण का करे सत्यापन
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये डा. खाडे ने समस्त बीआरसीसी को निर्देशित किया की शालाओ मे वितरित होने वाले दूध पाउडर का सत्यापन कराकर वितरण कराये, एक्सपायरी डेट पाये जाने पर दूध पैकटो को अभियान चलाकर नष्ट करे, साथ ही शालाओ मे किचिन शेड निर्माण का सत्यापन करते हुये मध्यान्ह भोजन के लिए समूहो द्वारा उपयोग मे लाये जाने के निर्देश दिये। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रो मे ऐसी शालाऐं जहां मध्यान्ह भोजन का संचालन ग्राम पंचायत या एसएमसी कर रहे है, वहा तत्काल स्व सहायता समूहो को संचालन सौपने के निर्देश दिये गये। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओ के लिए खाद्यान्न, भोजन पकाने की राशि तथा रसोईयो का पारिश्रमिक अप्रैल 15 से दिसम्बर 15 तक आवंटित कर दिया गया है, आवंटित खाद्यान्न तथा रसोईयो को पारिश्रमिक की राशि प्राप्त होने का प्रतिवेदन बीआरसीसी निरीक्षण कर प्रस्तुत करें। 

स्वीकृत प्रकरण बैक करे वितरित
मुख्य मंत्री ग्रामीण आवास मिशन, एनआरएलएम, मुख्य मंत्री स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना की समीक्षा करते हुये डा. सुदाम खाडे ने निर्देशित किया की आवास मिशन अंतर्गत 4102 स्वीकृत प्रकरणो को हितग्राही, एडीईओ का सहयोग लेते हुये बैक 1 सप्ताह मे वितरित करना सुनिश्चित करें। एनआरएलएम मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत बैको मे वार्षिक लक्ष्य के आधार पर प्रकरण प्रस्तुत करते हुये स्वीकृत प्रकरणो को वितरण कराने की कार्यवाही सीईओ जनपद पंचायत करना सुनिश्चित करें। 

महात्मा गांधी नरेगा की करे सतत निगरानी
निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुये डा.सुदाम खाडे ने कहां की महात्मा गांधी नरेगा की समीक्षा ग्राम पंचायतवार स्वीकृत एवं प्रारंभ कार्य तथा संलग्न जाॅब कार्डधारियो के आधार पर सीईओ जनपद पंचायत करे, लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल कराया जाना सुनिश्चित करें तथा किसी भी हाल मे मस्टर रोल का भुगतान 15 दिवस से ज्यादा लंबित न रहें। स्वीकृत तथा अपूर्ण पंचायत भवन तथा ई-कक्ष को 1 माह मे पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।

संभाग स्तरीय प्रतिभा खोज में जिले के प्रतियोगियो ने मारी बाजी 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. आर.आर. भोसले बताया की 10 दिसम्बर 2015 को प्रतिभा खोज अंतर्गत म.प्र. जनजाति संग्रहालय श्यामला हिल्स मे आयोजित संभाग स्तरीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता मे लोक गीत, कविता, समसामायिक चित्रकला एवं शास्त्रीय गायन मे सीहोर जिले के प्रतिभागियो ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल किया। संभागीय प्रतियोगिता मे सीहोर जिले सेे लोकगीत के लिए संजय बंजारिया एवं साथी, शास्त्रीगायन मे दिव्या शर्मा, कवितापाठ मे बाबूदेवाल घायल, समसामायिक चित्र मे अलका पाठक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वही द्वितीय स्थान पर लोकनृत्य में सपना मेवाडा, सुगम संगीत मे पकेश राव, शिल्प मे नितिन नरोलिया रहें। तृतीय स्थान पर शिल्प मे विनोद मालवीय, वादन में  बासुरी वादक सुमित प्रजापति, जनजाति चित्रकला मे पूजा जाटव ने स्थान अर्जित किया। 

बिहार : अधिकारी ने कहा कि शुल्क लिया जाना अवैध, वापसी का होगा निर्देश

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  • मगध वि0वि0 के काॅलेजों में छात्राओं से लिया जा रहा शुल्क एवं सरकार के आदेश का पालन नहीं, ए0आई0एस0एफ ने की आपति

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पटनाः-  पी0जी तक छात्राओं से शुल्क नहीं लेने के निर्देश के बावजूद मगध वि0वि के कई काॅलेजों में अभी स्नातक द्वितीय तृतीय खंड में छात्राओं सें शुल्क लिया जा रहा है जबकि राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि छात्राओं का किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस बाबत आज आल आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध के राज्य सुशील कुमार ने मगध वि0वि0 शाखा कार्यालय के नोडल अफसर मनोज कुमार से शिकायत करते हुए कहा कि जे0एन0एल0 काॅलेज खगौल में स्नातक द्वितीय व तृतीय खंड में छात्राओं से न नामांकन शुल्क लिया जा रहा है। 

जानकारी पाकर हैरत जताते हुए नोडल आफिसर ने कहा कि राज्य सरकार ने स्पष्ट आदेश के बाद शुल्क लिया जाना अवैध है। प्राचार्य से बात कर तत्काल प्रभाव से शुल्क लिया जाना रोकने एवं लिए गए शुल्क की वापसी का निर्देश जारी किया जाएगा। ए0आई0एस0एफ0 ने छात्राओं से किसी भी प्रकार के शुल्क लिये जाने के खिलाफ मुखर होने की अपील की है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (18 दिसम्बर)

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जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ में भी अटल पेंशन योजना शुरू
   
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झाबुआ--- भारत सरकार के प्रयासों के क्रम में गरीब और विशेषाधिकार जनसंख्या के तहत आने वाले के लिए एक नई योजना अटल पेंशन योजना अब नाबार्ड और अपैक्स बैंक के संयुक्त प्रयास से जिला सहकारी बैंको में लागू कि गई है इस क्रम मे दिनांक 17.12.2015 को बैंक भवन पीली कोठी में शाखा प्रबंधको एंव स्टाफ कि कार्यशाला आयोजित कि गई जिसमें पीएफआरडीए कि सहयोगी संस्था सीनंटम लनिंग के पर्यवेक्षक सुभाष देशपाण्डे इंदौर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया कार्यक्रम कि शुरूआत बैक के वरिष्ठ महापबंधक श्री विजयसिंह कुर्मी द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रजव्लन किया गया अपने व्यक्तव्य में श्री कुर्मी द्वारा शाखा प्रबंधको को इस योजना का लाभ अधिक से अधिक ग्राहको दिलवाने हेतु अनुरोध किया गया पेंशन योजना के सारे जिज्ञासुक प्रशनो का उत्तर सीनंटम लनिंग संस्था के सुभाष देशपाण्डे द्वारा आसान तरीके से हल किये कार्यक्रम का संचालन एवं आभार बैंक के अटल पेंशन प्रभारी मनीष बैरागी ने माना ।

33233 किसानो को 26,38,33,131 राहत राशि वितरित

झाबुआ---खरीफ मौसम में अनियमित वर्षा के कारण हुई फसल क्षति से किसानों को राहत पहुॅचाने के लिए झाबुआ जिले को मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा 33 करोड रूपये का आवंटन प्रदान किया गया। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने पीडित किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुॅचाने के प्रयास करते हुए सूखा पीडित 317 गाॅवों का सर्वे कार्य पूर्ण करवाया जिसमें पीडि़त 54955 किसान मिले। आज दिनांक तक 255 गाॅवों के 33233 किसानो को तत्काल 26 करोड 38 लाख 33 हजार 131 रूपये सर्वे अनुसार उनके बैंक खातों में जमा करवाये। शेष बचे किसानो को भी दो दिवस में राहत राशि प्रदान कर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री जिला स्वरोजगार योजनाओं एवं अन्य विभागों द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं का सम्मेलन 30 दिसम्बर को

झाबुआ---वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जिला स्वरोजगार योजनाओं एवं अन्य विभागों की सक्रिय सहभागिता से प्रभारी मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य के मुख्य अतिथ्य एवं कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता की अध्यक्षता में 30 दिसम्बर बुधवार को प्रातः 10.00 बजे से उत्कृष्ट विद्यालय मैदान झाबुआ में सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में शासकीय विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को मुख्य अतिथि द्वारा स्वीकृति पत्र एवं वितरण पत्र प्रदान किये जायेगे तथा पूर्व में लाभांवित हितग्राहियों द्वारा निर्मित की जा रही सामग्री की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। नवीन प्रकार की परियोजनाएं स्थापित करने वाले हितग्राहियों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु सम्मानित किया जाएगा

होमगार्ड स्थापना दिवस समारोह संपन्न

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झाबुआ---होमगार्ड कार्यालय परिसर में आज 18 दिसम्बर को होमगार्ड के 69 वे स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर डाॅ.अरूणा गुप्ता एवं विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक श्री संजय तिवारी ने होमगार्ड जवानो की परेड की सलामी ली एवं परेड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के पश्चात मार्चपास्ट प्रारंभ हुआ। मार्चपास्ट में 3 प्लाटून द्वारा मार्च पास्ट किया गया। मुख्य अतिथि कलेक्टर डाॅ.अरूणा गुप्ता ने होमगार्ड जवानो को संबोधित करते हुए कहा कि आपका जो इतिहास रहा है उसने आपकी भूमिका को स्वयं ही प्रतिपादित कर दिया है। आगे भी आप इस तरह जनता को आपदाओं से सुरक्षित रखें। आपकी मौजूदगी ही हमें सुरक्षा प्रदान करती है। विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक श्री तिवारी ने होमगार्ड बल को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा के समय होमगार्ड बल की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। होमगार्ड बल के जवान जनता के साथ रहकर जनता की सेवा करते है। होमगार्ड के बल का जो इतिहास रहा है। भविष्य में भी आप अपने इस गौरवमयी इतिहास को बनाये रखे समारोह में डिस्ट्रीक्ट कमाण्डेन्ट होमगार्ड श्री विनोद बौेरासी ने ड्रायरेक्टर जनरल होमगार्ड म.प्र. जबलपुर श्री मैथलीशरण गुप्ता द्वारा स्थापना दिवस पर प्रेषित संदेश का वाचन किया एवं अतिथियो का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन श्री हरिश कुण्डल एवं लोकेन्द्र चैहान ने किया।

उद्यानिकी फसलों का भी होगा बीमा

झाबुआ ----उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों का बीमा करवाने के लिए किसानो को जानकारी देने के लिए कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में उद्यानिकी अधिकारी श्री विजयसिंह तोमर संबंधित बीमा कंपनी आई सी आई सी लोम्बार्ड इन्दौर के प्रतिनिधि सहित किसान उपस्थित थे। कार्यशाला में कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने कहा कि उद्यानिकी फसलों का उत्पादन करने वाले किसानो की सूची बनाकर उन्हें प्रोत्साहित कर बीमा करवाये। कार्यशाला में बताया गया की रबी फसल का बीमा 31 दिसम्बर तक किया जाएगा। बीमा के लिए निर्धारित फसलें यदि किसानो ने लगाई है तो भूमि के खसरा नक्शा में दर्ज करवाये एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर बीमा करवाये।

इन फसलो का होगा बीमा
टमाटर, बैंगन, फूलगोभी पत्तागोभी, प्याज आलू, लहसुन, धनिया, मटर, आम इत्यादि उद्यानिकी फसलों को बीमा कंपनी आई सी आई सी आई लोम्बार्ड इन्दौर द्वारा बीमा के लिए अधिसूचित किया गया है।

प्रीमियन की आधी राशि सरकार द्वारा भरी जाएगी
कार्यशाला में बताया गया कि अलग-अलग फसल के लिए अलग-अलग प्रीमियम राशि बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित की गई है। प्रीमियम की आधी राशि किसान को भरना है एवं आधी राशि शासन द्वारा जमा की जाएगी। बीमा क्लेम के समय फसलो के नुकसान का आकलन मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।

झाबुआ जिले के 155 कृषकों ने महाराष्ट्र में सीखे उद्यानिकी के तरीके

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झाबुआ---उद्यानिकी विभाग झाबुआ द्वारा प्रायोजित उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र. द्वारा जिले के कृषकों हेतु सात दिवसीय राज्य के बाहर कृषक भ्रमण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषक भ्रमण दल में कुल 155 कृषकों ने भाग लिया, जिन्हें सेडमैप द्वारा महाराष्ट्र में उन्नत तकनिकी से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिले के कृषको को एन एच आर डी एफ चितेगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री आर.सी.गुप्ता व डाॅ. संजय उपाध्याय ने प्याज व लहसुन की उन्नत प्रजातियों से अवगत कराया। साथ ही किस प्रकार से इनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जाय, उस तकनीक से अवगत कराया। प्याज के भण्डारण हेतु सेड निर्माण, भण्डारण गृह व बीज निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण के दौरान महात्मा फुले कृषि विज्ञान राहुरी के कृषि वैज्ञानिक डाॅ. शिन्दे द्वारा किसानो को उन्नत तकनीक से सब्जी उत्पादन हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही उद्यान विभाग राहुरी के डायरेक्टर डाॅ. सिरसट द्वारा कृषकों को उद्यानिकी फसलों के उत्पादन व उनमें होने वाले रोगो की रोकथाम के उपायों से अवगत कराया गया। ड्रायलेण्ड फार्मिगअन्तर्गत कृषकों को प्रोत्साहित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र अन्तर्गत वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा अंजीर,अनार, बैर, चीकु, संतरा आदि उद्यानिकी फसलों की कृषि व उत्पादन हेतु जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के माध्यम से सिंचाई की विभिन्न तकनिकी ड्रीप, फव्वारा सिंचाई व मल्चिंग पद्धति से अवगत कराया। कृषि विज्ञान केन्द्र चितेगांव में कृषकों को जैविक खाद निर्माण अन्तर्गत, केंचुआ खाद उत्पादन तकनीक बताई गई। प्रशिक्षण अन्तर्गत रालेगण सिद्धी में वरिष्ठ समाज सेवक श्री अन्ना हजार के उद्बोधन से प्रेरित किया गया एवं वाटरशेड की जानकारी दी गई तथा श्री अन्ना हजारे के सहायक श्री नानसिंह द्वारा विडीयों के माध्यम से प्रशिक्षित कर म्युजियम का भ्रमण कराया गया। ‘‘गांव का पानी गांव में‘‘ कैसे संरक्षित किया जाता है, भ्रमण दल को दिखाया गया। इस प्रकार झाबुआ जिले के किसानो को महाराष्ट्र भ्रमण के दौरान आधुनिक तकनीक व जैविक कृषि हेतु प्रोत्साहित कर कृषि क्षैत्र में झाबुआ जिले की उन्नति हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन व समन्वय सेडमैप के जिला समन्वयक श्री कैलाश वर्मा व श्री राजेश मालवीय इन्दौर तथा सहयोगी टीम ने किया।

रामा में 2 पंचायतों एवं राणापुर में वार्ड क्रमांक 14 के लिए मतदान 22 दिसम्बर को

झाबुआ ----नगरीय निकाय पंचायत उप निर्वाचन 2015 के लिए रिक्त पदो के लिए आगामी 22 दिसम्बर को रामा ब्लाक की दो ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायत राणापुर के वार्ड क्र. 14 के पार्षद पद के लिए मतदान होना है। इस हेतु कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए शासकीय सेवको को दायित्व सौंपकर निर्वाचन शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी झाबुआ श्री अली ने शासकीय सेवको को आदेशित किया है।

मुख्यमंत्री आवास का लोन 31 दिसम्बर तक हितग्राही के खाते में जमा करवाये
  • कलेक्टर ने ग्राम टेमरिया एवं बैंगन बर्डी में सीईओ को दिये निर्देश

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झाबुआ---कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता, एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने थांदला ब्लाक के ग्राम टेमरिया एवं ग्राम बैंगन में चैपाल लगाकर ग्रामीणो से समस्याएॅ सुनी एवं समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। ग्राम बैंगनबर्डी की विकलांग गोमती बाई ने पिछले 4 माह से पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने तत्काल पेंशन राशि खाते में जमा करने के लिए सीईओ श्री रावत को निर्देशित किया। गाॅव के 15 लोगो ने मुख्यमंत्री आवास की राशि खाते में जमा नहीं होने की शिकायत की। कलेक्टर ने स्वीकृत प्रकरणो में बैंक खाते में राशि 31 दिसम्बर तक जमा करवाने के लिए सीईओं जनपद श्री रावत को निर्देशित किया। आंगनवाडी में दूध नहीं मिलने की शिकायत ग्रामीणो ने की। शिकायत की जांच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को दिये। एक ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जननी सुरक्षा का लाभ नहीं देने की शिकायत की। कलेक्टर डाॅक्टर अरूणा गुप्ता ने संबंधित एएनएम के जवाब पर नाराजगी जाहिर कर फटकार लगाई एवं तत्काल प्रसूता को योजना का लाभ दिलवाने के लिए निर्देश दिये एवं राशि खाते में जमा नहीं होने की स्थिति में हितग्राही को समक्ष में उपस्थित होकर बताने को कहां। टेमरिया में ग्रामीणो ने इंदिरा आवास की दूसरी किश्त नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने तत्काल राशि खाते में जमा करवाने के निर्देश दिये। पंथबौराली खामलीपाडा रोड  कार्य का निरीक्षण किया एवं मजदूरों से मजदूरी मिली या नहीं पूछा। खामलीपाडा के 6 हितग्राहियों ने पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की एवं बताया कि कियोस्क सेन्टर वाला अंगूठा लगवा लेता है एवं पैसा नहीं देता है कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने कियोस्क सेन्टर एवं बैंक आॅफ इण्डिया के संचालक को समक्ष में बुलाकर वस्तु स्थिति जानी एवं हितग्राहियों के खाते में राशि जमा करने के निर्देश दिये। विकलांग संतोष मेडा ने ट्रायसिकल की मांग की। प्रभारी अधिकारी सामाजिक न्याय श्री मण्डलोई को कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने तत्काल ट्रायसिकल देने के निर्देश दिये। खामलीपाडा में ग्रामीणों ने आंगनवाडी में दूध नहीं मिलने की शिकायत की। ग्रामीणो की शिकायत की जांच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को कलेक्टर डाॅ अरूणा गुप्ता ने दिये। ग्रामीणों ने हेण्डपम्प बंद होने की शिकायत की। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने पीएचई विभाग के अधिकारी को हेण्डपम्प तत्काल दुरूस्त करवाने के निर्देश दिये। चैपाल में कलेक्टर डाॅ.अरूणा गुप्ता के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री चन्द्रवीरसिंह लाला, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शकुन्तला डामोर, एसडीएम पेटलावद श्री सोलंकी, सीईओ जनपद पेटलावद श्री रावत सहित जिला एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने नाबार्ड पी एल पी 2016-17 का किया विमोचन

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झाबुआ---नार्बाड ने वर्ष 2016-17 के लिए झाबुआ जिले के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में ऋण वितरण के लिए दिशा निर्देशों के अनुसार कृषि, अधोसंरचना कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शिक्षा, आवास नवकरणीय ऊर्जा आदि के लिए 1049 करोड रुपये की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना पीएलपी तैयार की हैं। कलेक्टर डाॅ.अरूणा गुप्ता ने नाबार्ड की पीएलपी का विमोचन किया। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार पी एल पी के आधार पर अग्रणी बैंक जिले की वार्षिक साख योजना तैयार करता है तथा योजनानुसार प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत ऋण वितरण का लक्ष्य जिले के समस्त बैंको को दिया जाता है। इस अवसर पर श्री संजय आरोहण सहा. महा़. प्रबंधक (डी.डी.एम) नार्बाड, श्री प्रितेश पांडे, एल.डी.एम, श्री देसाई एल.डी.ओ, भारतीय रिजर्व बैंक, श्री कुर्मी, जी.एम, डी.सी.सी.बी सहित समस्त बैंको के जिला समन्वयक व समस्त अधिकारीगण उपस्थित रहे। डी.डी.एम नाबार्ड ने बताया की जिले के लिए डेयरी एवं मुर्गी पालन (कड़कनाथ) के लिए एरिया डेवलपमेन्ट योजना तैयार की गई हैं।

उत्तर प्रदेश : उपभोक्ता अदालतें बिकाऊ हैं?

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दिनांक 13 अगस्त 2015 को उ.प्र. राज्य उपभोक्ता प्रतिकोष आयोग द्वारा राज्य के पचास जिलों में जिला उपभोक्ता घोटालों में अध्यक्षों के उन्नीस एवं सदस्यों के उड़ंचास पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु होने के विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित होते ही बवाल खड़ा हो गया। जानकार बता रहे हैं कि पूरी की पूरी भर्ती प्रक्रिया नियमों को ताक पर रखकर की जा रही है और ऐसे पदों व जगहों के लिए विज्ञापन निकाल दिया गया है जहां अभी अगले दो से तीन साल तक भर्तियों की जरुरत ही नहीं है क्योंकि वहां पहले से ही जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एवं सदस्य नियुक्त हैं व उनके तुरन्त सेवानिवृत्त होने की कोई संभावना नहीं है।  क्या यह सारा खेल पैसा बनाने का ही है?

क्यों हुआ ऐसा विज्ञापन जारी?
जब मौलिक भारत एवं डायलॉग इंडिया की टीम इस मामले की पड़ताल करते हुए गहराई में गई तो उसे एक बड़े घोटाले व लेन देन की बू आयी। मामले की जड़ में उ.प्र. उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह यादव का नाम उछलने लगा। यह  ञ्जाी खबर है कि अखिलेश यादव सरकार वीरेन्द्र सिंह को लोकायुञ्चत के पद पर नियुञ्चत करने की फिराक में है।ज् आयोग से जुड़े अनेक लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर जो तथ्य बताये वे चौंकाने वाले थे और उनसे स्पष्ट होता गया कि उत्तर प्रदेश में अब विभिन्न नौकरियों में भर्ती घोटालों के साथ ही न्यायालयों में नियुक्तियां भी बिकाऊ होने लगी हैं। इस समय उ.प्र. कई लाख पदों पर नियुक्ति की-प्रक्रिया में घपले-घोटालों के खेल में उलझा है और न्यायालय एक एक कर सभी नियुक्तियों को रद्द करता जा रहा है। ऐसे में अगर न्यायधीशों की नियुक्तियों में ही मोटा पैसा चलने लगे तो जनता को न्याय कहां से मिलेगा? अगर ऐसा उपभोक्ता अदालतों में होने लगा तो मिलावटखोरी व घटिया माल की आमद झेल रही जनता के लिए चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा है।
आयोग द्वारा अधिसूचित व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञापन में दी गयी रिक्तियों का जब आयोग की वेबसाइट पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों की सूची व कार्यकाल से मिलान किया गया तो अनेक अनियमितताएं व खामियां नजर आयीं। उपरोक्त सूची में क्रमांक 1 से 9 तक के जिलों में अभी रिक्ति है ही नहीं फिर भी विज्ञापन जारी किया गया। इन जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों का कार्यकाल 2016 से 2020 के बीच में अलग-अलग तिथियों तक है। ऐसे में इनकी भर्ती का विज्ञापन क्यों निकाला गया? क्रम सं. 10 से 14 तक में दिये गये जिलों में निश्चित रूप से पद खाली हैं किन्तु इनके विज्ञापन निकाले ही नहीं गये। आखिर क्यों? जबकि ये पांचों जिले यानि बरेली, गोरखपुर, बुलन्दशहर, गौतमबुद्ध नगर एवं वराणसी 'एÓ श्रेणी में आते हैं और इनके अध्यक्षों का पद 3 से 4 महीनों में रिक्त हो रहा है या रिक्त है।

क्या है खेल और कौन है दोषी?
जानकार बता रहे हैं कि उ.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के वर्तमान अध्यक्ष न्यायमूर्ति विरेन्द्र सिंह यादव की वर्तमान सपा सरकार से काफी नजदीकी है। उल्लेखनीय है इनके आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति की फाइल माननीय उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा तीन बार वापस की गयी थी क्योंकि ये योग्यता एवं नैतिकता के पैमानों पर खरे नहीं पाये गये थे किन्तु जैसे ही तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश पदमुक्त हुए और नये मुख्य न्यायाधीश ने पदभार संभाला था उसके 24 घंटे के भीतर ही इनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी गयी। ये महोदय 3 जनवरी 2016 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। ऐसे में इन्हें लगता है कि बुढ़ापे को सुरक्षित बनाया जाये और इस कारण नियुक्तियों व स्थानान्तरण में 'मोटा पैसाÓ बनाने का खेल चलाया गया। आयोग से जुड़े लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर पूरा खेल बताया कि किस प्रकार पैसा बनाया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष का मुंह लगे व्यक्ति के माध्यम से निम्न तरीके से पैसा मांगा जा रहा है।

-जिन जिलों में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पद रिक्त हैं उन्हें भरने के लिए 5 से 15 लाख रुपये तक मांगे जा रहे हैं।
-जिन जिलों में वर्तमान में रिक्तियां नहीं हैं उनके भी विज्ञापन निकाल अग्रिम बुकिंग की जा रही है और पैसा लिया जा रहा है।
-जिन जिलों में रिक्तियां हैं और विज्ञापन नहीं निकाला गया, वहां पर अन्य जिलों से पैसा ले स्थानांतरित करने की योजना है।
-सदस्यों की नियुक्ति में भी एक से तीन लाख रुपये तक लिये जा रहे हैं।
ऐसे में सैंकड़ों लोगों ने सदस्य बनने का आवेदन कर पैसा दे नियुक्ति की जुगाड़ शुरु कर दी है। इस पूरे प्रकरण से जो बड़े प्रश्न उठ खड़े हुए हैं वे निश्चित रूप से बैचेनी व कुंठा पैदा करने वाले हैं-
1.क्या अब न्यायिक नियुक्तियों का मापदण्ड भी पैसा रह जायेगा?
2.क्या उ.प्र. के बहुत से जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भ्रष्ट तरीके से पैसा/पावर का उपयोग कर अपने पदों पर नियुक्त हैं या होने जा रहे हैं? तो उपभोक्ता के अधिकारों का संरक्षण कौन करेगा?
3.क्या उ.प्र. के राज्यपाल अथवा उच्च-न्यायालय इस अनियमितता पर संज्ञान लेते हुए इस विज्ञापन को रद्द करेंगे और आयोग के अध्यक्ष को बर्खास्त कर जांच प्रक्रिया शुरु करेंगे?
मौलिक भारत संस्था ने इस भर्ती घोटाले पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए शीघ्र ही उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। आयोग से सम्पर्क करने पर वहां के अधिकारियों ने इस प्रकार की किसी भी अनियमितता से इंकार किया है किन्तु तथ्य कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। ऐसे में उच्च न्यायालय में मामला जाने पर ही दूध का दूध पानी का पानी हो पायेगा।

क्या खेल है नियुक्ति के विज्ञापन में- एक नजर इस तालिका पर डालें-
क्र.        विज्ञापन के     रिक्ति की            वर्तमान         कब से         कब तक 
          अनुसार       वास्तविक स्थिति    अध्यक्ष       नियुक्त         नियुक्त
               रिक्तियां       (आयोग की     
                       वेबसाइट के 
                         अनुसार)
1        मथुरा      9/7/19           राधेश्याम सिंह       22/11/149/7/19
2     कौशाम्बी     3/4/16             संध्या भट्ट               12/4/14     3/4/16
3      आजमगढ़     17/2/20            राजकुमार                 4/6/14       19/2/20
4       बलिया     9/8/18          रमेश चन्द्रमिश्रा        4/4/14       9/8/18
5      हमीर पुर    31/1/20         जयपाल सिंह                27/5/15      31/1/20
6    अम्बेडकर नगर6/4/18           विजय प्रकाश मिश्रा        1/5/13      6/4/18
7      सीतापुर       6/7/17       ब्रिजेश चंद सक्सेना        13/3/13       6/7/17
8     कासगंज      23/7/16         यशपाल सिंह              18/5/11       23/7/16
9  बलरामपुर     31/3/18          रामनारायण मौर्य         1/4/15      31/3/18
10      बरेली    31/12/15            मौ. आदिल               11/3/11       31/12/15
11   गोरखपुर      31/12/15        सतीश चन्द्रसिंह        30/3/11     31/12/15
12   बुलन्दशहरवर्तमान में रिक्त    रिक्त                              -                -
13    गौतमबुद्ध नगर वर्तमान में रिक्त    रिक्त                             -               -
14.    वाराणसी वर्तमान में रिक्त               रिक्त    

राज्यपाल के हाथों छात्र संसद में नीलू समेत 11 लोग सम्मानित

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  • कहा, अपनी प्रतिभा को और निखारने की जरुरत 

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वाराणसी। धर्म एवं आस्था की नगरी काशी में संस्कृति ज्ञानपीठम् की ओर से आयोजित दो दिवसीय छात्र संसद के समापन मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 11 विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया। जिसमें खेल के क्षेत्र में कई खिताबों को अपने नाम कर चुकी छात्रा नीलू मिश्रा सहित संगीत से पण्डित राजेश्वर आचार्य, चिकित्सा से डॉ. आरएन चैरसिया, भाषा से शशिकला त्रिपाठी, सामाजिक क्षेत्र से अशोक राय, उद्यमिता से डॉ. पुनीत द्विवेदी, फोटोग्राफी से आशुतोष त्रिपाठी, प्रो. गीता राय, अनुराग पाण्डेय व पल्लवी आदि सम्मान पाने वालों में प्रमुख है। 

इसके पूर्व राज्यपाल को छात्र संसद स्थल पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। समारोह को संबोधित करते हुए हर प्रतिभा को अपने माता-पिता और शिक्षक से आगे जाना चाहिए। कुछ ऐसा करना चाहिए कि समाज उन्हें सदैव याद रखें। डर से मनुष्य जल्द पराजित होता है। अपने मन के डर को दूर करें। लक्ष्य पर फोकस करें। सफलता अवश्य मिलेंगी। संसद न चलने पर राज्यपाल ने अपने पोते की बात का उदाहरण देते हुए इशारों-इशारों में विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, मेरा पोता कहता है कि आपकी संसद से अच्छा तो हमारे स्कूल का अनुशासन है। संसद चर्चा के लिये होती है। मगर संसद में क्या हो रहा है ये सभी लोग देख रहे हैं। 


बिहार में अगले वित्तीय वर्ष से देशी शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध : मस्तान

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पटना 18 दिसम्बर, बिहार में अगले वित्तीय वर्ष से देशी शराब पर पूरी तरह से  प्रतिबंध लगा दिया जायेगा । बिहार के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने आज यहां कहा कि सरकार अपनी घोषणा के अनुरूप एक अप्रैल से राज्य में देशी शराब की  बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगायेगी । अगले वित्तीय वर्ष से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में देशी शराब की सभी दुकानों पर अब इसकी बिक्री नहीं होगी । उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह देशी शराब बनाने वाली कम्पनी के मालिकों को नोटिस जारी कर कम्पनी को बंद करने का आदेश दिया जायेगा । 

श्री मस्तान ने कहा कि सरकार की नयी उत्पाद नीति बनकर तैयार है और पहले चरण में एक अप्रैल  2016 से देशी शराब पर प्रतिबंध लगेगी और इसके बाद इसी वर्ष के सितम्बर माह से विदेशी शराब की बिक्री पर भी रोक लगेगी । बिहार स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा विदेशी शराब की दुकान खोलने के लिये निविदा आमंत्रित करना नयी उत्पाद नीति का हिस्सा है । उन्होंने कहा कि पहले चरण के पूरा होने के बाद ही दूसरे चरण की शराब बंदी लागू की जायेगी । 

पटना उच्च न्यायालय ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को पद से हटाया

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पटना 18 दिसम्बर, पटना उच्च न्यायालय ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति असगर हुसैन को आज पद से हटा दिया और बिहार सरकार को उनके स्थान पर नया कुलपति नियुक्त करने का आदेश दिया । उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी सिंह की खंडपीठ ने प्रोफेसर रामतवक्या सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद कुलपति के लिए अपेक्षित योग्यता नहीं होने के आधार पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर श्री हुसैन की नियुक्ति को रद्द कर दिया है । अदालत ने इसके साथ ही राज्य सरकार को नियम के अनुसार वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के नये कुलपति की नियुक्ति का आदेश दिया । 

गौरतलब है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के ही प्रोफेसर रामतवक्या सिंह ने कुलपति की नियुक्ति को अदालत में चुनौती दी थी कि इस पद के लिए अपेक्षित योग्यता नहीं होने के बाद उनकी नियुक्त की गयी थी । राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल सह कुलाधिपति विश्वविद्यालय के कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं । नियम के अनुसार कुलपति पद के लिए आवेदन करने वालों की शैक्षणिक और प्रशासनिक योग्यता का मूल्यांकन एक उच्चस्तरीय सर्च कमिटी करती है और वह इस पद के लिए राज्य सरकार को नाम सुझाती है । 

लालू ने मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन पर खड़े किये सवाल

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पटना 18 दिसम्बर,  पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की उपयोगिता पर सवाल खड़े करते हुए आज कहा कि एक ऐसे राष्ट्र जहां लाखों लोग हर साल गरीबी, बीमारी और कुपोषण के कारण मर जाते हैं, वहां 98 हजार करोड़ की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना का औचित्य क्या है। 

श्री यादव ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर परियोजना के औचित्य को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए लिखा , “ छोटी दूरी की इस मंहगी परियोजना से देश की कितनी आबादी काे फायदा होगा , यह केन्द्र सरकार की बेमेल प्राथमिकताअों की मिसाल है। इसके तुरंत बाद श्री यादव ने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा , “ इस परियोजना के लिए देश की रीढ़ कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के बजट की कटौती करने के साथ ही किसानों और गरीबों के हितों की अनदेखी की जा रही है। ” 

पूर्व रेल मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा , “ गरीबी, बीमारी और कुपोषण के कारण प्रतिवर्ष असामयिक मौत से मरने वाले लाखों लोगों के इस देश में 98 हजार करोड़ की लागत वाली इस परियोजना की व्यवहार्यता को प्रधानमंत्री को बताना चाहिए। 

पूर्ण शराबबंदी पर नीतीश का यू.टर्न : सुशील मोदी

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पटना 18 दिसम्बर, भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं से पूर्ण शराबबंदी का वादा कर उनके वोट तो हासिल कर लिए लेकिन सत्ता संभालने के महीने भर के भीतर ही उनकी सरकार वादे से पलटने लगी है। श्री मोदी ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ बार-बार कह रहे हैं कि पहली अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण मद्यनिषेध लागू हो जाएगा, दूसरी तरफ बिहार राज्य बिवरीज कारपोरेशन विदेशी शराब का खुदरा व्यापार भी अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग संकेत दे रहा है कि शराबबंदी पूर्ण नहीं, बल्कि आंशिक होगी। पूर्ण प्रतिबंध सिर्फ देसी शराब पर होगा, लेकिन विदेशी शराब शहरी क्षेत्र की सरकारी दुकानों से खरीदी जा सकेगी। भाजपा नेता ने कहा कि शराब लाबी के दबाव में सरकार उत्पाद नीति को ऐसी बोतल में रखने जा रही है, जिसके ढक्कन के सुराखों से शराब टपकती रहेगी। इसका हस्र भी पान मसाला और गुटखा पर लगे दिखावटी प्रतिबंध जैसा ही होगा । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि उन्होंने क्या महिलाओं से आंशिक शराबबंदी का वादा किया था । जब शहर और गांव करीब आ रहे हैं तब क्या विदेशी शराब को गांव पहुंचने से रोका जा सकता है और जिन्हें शराब की लत लग चुकी है क्या वे शहर से किसी भी दाम पर शराब नहीं मंगाएंगे । 

श्री मोदी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने सात निश्चयों को लागू करने की घोषणा की थी। शराबबंदी के निश्चय से उनके यू.टर्न की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम उद्योग, व्यापार करना या दुकान खोलना नहीं है लेकिन बिवरीज निगम राज्य के सभी शहरी क्षेत्र में विदेशी शराब की खुदरा दुकानें खोलने जा रहा है। निगम ने गोदाम, दुकान, वाहन, सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर, नोट गिनने-जांचने की मशीन और सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तक हासिल करने के लिए छह अलग-अलग निविदाएं आमंत्रित की हैं। भाजपा नेता ने कहा कि यदि सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करना चाहती है तो बिवरीज निगम नई उत्पाद नीति को कैबिनेट की स्वीकृति मिले बिना विदेशी शराब की खुदरा दुकानें क्यों खोलना चाहता है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि पूर्ण मद्यनिषेध पर कोई भ्रम नहीं है । इसका अर्थ है कि हर तरह की शराब के उत्पादन, विपणन और उपभोग पर राज्य में रोक लगेगी । श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां इस तरह की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के नेता और राज्य सरकार के अधिकारी इसके विपरीत बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ लग रहा है कि सरकार शराब लाबी के दबाव में झुक गयी है । 

बिहार में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी, पहले देसी शराब की बिक्री पर पाबंदी

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पटना 18 दिसम्बर, बिहार में चरणबद्ध ढंग से शराब बंदी को लागू किया जायेगा और पहले चरण में एक अप्रैल 2016 से राज्य में देसी और मशालेदार शराब की बिक्री पर पाबंदी होगी । शराबबंदी पर मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार राज्य में पूर्ण शराबबंदी चाहती है और इससे राजस्व की होने वाली क्षति की उन्हें चिंता नहीं है । उन्होंने कहा कि सरकार शराबबंदी को प्रभावकारी ढंग से लागू करना चाहती है इसलिये वह इसे चरणबद्ध ढंग से लागू करेगी। राज्य में पहले चरण में एक अप्रैल 2016 से देसी और मशालेदार शराब की बिक्री पर पाबंदी होगी । श्री कुमार ने कहा कि मंत्रिमंडल से स्वीकृत नयी शराब नीति के कारण सिर्फ नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में ही विदेशी शराब की दुकानें होगी । इसके कारण प्रथम चरण में वर्तमान की करीब 90 प्रतिशत दुकानें बंद हो जायेगी और जिन दस प्रतिशत दुकानों में विदेशी शराब की बिक्री होगी वह भी निजी हाथों में नहीं होगी बल्कि बिहार राज्य बिवरेज 
निगम के जरिये होगी । 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी सिर्फ दिखावे के लिये नहीं होगी बल्कि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जायेगा । इसके लिये इसे जनआंदोलन का रूप दिया जायेगा और विशेषकर महिलाओं से सहयोग मांगा जायेगा । उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्थान पर अवैध शराब का निर्माण या बिक्री की सूचना पुलिस को मिलती है तो उसपर तुरंत कार्रवाई होगी और इसकी भी निगरानी की जायेगी । इसके साथ ही एक टॉल फ्री नम्बर भी जारी किया जायेगा जिसमें आम लोग इस संबंध में शिकायत कर सकेंगे और उसपर संबंधित क्षेत्र की पुलिस को न्यूनतम समय में कार्रवाई करनी होगी । श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी को राज्य में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी बनेगी जिसमें पुलिस महानिदेशक और विकास आयुक्त भी होंगे । उन्होंने कहा कि जिला में शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिये वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से जिम्मेवार होंगे । मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही शराब की लत छुड़ाने के लिये बड़ी संख्या में नशा मुक्ति केन्द्र भी खोले जायेंगे । उन्होंने कहा कि विदेशी शराब की बिक्री के लिये जिन सीमित शहरों में सीमित दुकानें होगी और वहां भी किसी को शराब पीने की इजाजत नहीं होगी । इसपर नजर रखने के लिये वहां सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जायेगा । 

विशेष : ईद-ए-मिलादुन्नबी: अमन चाहते हैं तो अपनाना होगा रसूल-ए-पाक का रास्ता

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हजरत मोहम्मद साहब की पाक जिन्दगी इंसानियत के लिये एक बेहतरीन मिसाल है, जिससे पूरी दुनिया एक अच्छी और मिसाली जिन्दगी गुजारने का सबक हासिल करती रही है। मोहम्मद साहब ने इंसानियत को सच्चे रास्ते पर चलने की तालीम दी। अल्लाह के रसूल ने दुनिया को अमन और शांति का रास्ता दिया है। दुनिया में जो बेअमनी है वह सिर्फ इस बुनियाद पर कि हमने नबी का रास्ता छोड़ दिया है। जरूरत इस बात की है कि हम दुनिया मेंएं अमन चाहते हैं तो नबी का रास्ता अपना

id-e-miladdunabi
...आने वाला है रसूलों का इमाम आज की रात, सबके बन जाएंगे बिगड़े हुए काम आज की रात...। दुश्मन को भी इखलाक की दौलत से नवाजा, उन जैसा मिसाली कोई किरदार नहीं है, फिर आपका पैगाम जमाने को सुना दूं, इखलाक से बढ़कर कोई तलवार नहीं है...। मतलब साफ है जानलेवा हमला करने से इंसानी जिंदगी की तबाही होगी और अमन कभी नहीं हो सकता। अमल के लिए भाईचारा और एक को दूसरों के हक को पहचाना बहुत जरूरी है। दुनियाभर में मचा खूनखराबा सिर्फ मोहब्बत से रोका जा सकता है और इसका रास्ता नबी की सुन्नतों पर अमल करने पर है। अल्लाह के रसूल ने पूरी दुनिया को ईमान के साथ दीन-ए-इस्लाम के मोताबिक नेक अमल करने की तालीम दी। हम अपनी जिंदगी को नेक कामों से सजाएं और बुराइयों से बचें। नबी पाक सल्ल. और सहाबा (रजि.) की पैरवी हमारी पहली जिम्मेदारी है, इसलिए खुदा पाक के रसूल मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर हम सब अमल करें। रहती दुनिया तक खुलफा-ए-राशिदीन की सेवाओं को दुनिया भुला नहीं सकती। रसूल ने अपने जीवन में ही अपने सच्चे और अच्छे सहाबा कि वह पाक जमाआत तैयार की जिसके हर व्यक्ति ने अपने आका सल्ल. का हर पैगाम पूरी दुनिया में पहुंचाया। दुनिया आज जिस दौर से गुजर रही है, इन हालातों में हर कलमा पढ़ने वाले की यह जिम्मेदारी है कि रसूल पाक के पैगामे अमन व मुहब्बत को घर-घर पहुंचाया जाए। रसूल पाक अच्छे व्यवहार का नमूना थे। अगर हमें अपनी कौम को उन्नति के मार्ग पर ले जाना है तो इसके लिए जरूरी है कि नई नस्ल को सीरते पाक सल्ल. और सीरते सहाबा से अवगत कराएं। नेक कार्यो के साथ अच्छे स्वभाव वाले का इस्लाम में महत्व है। 

हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है। इस्लाम और इंसानियत का पैगाम लेकर आए रसूल ए अकरम ने सारी दुनिया को रौशन कर दिया। अल्लाह ने अपने रसूल को दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा है। नबी के सदके में रबे करीम ने पूरी कायनात पैदा की है। 12 रबी उल अव्वल का दिन सबसे बड़ी खुशी का दिन है। अल्लाह और उसके रसूल के फरमान के मुताबिक जिंदगी बसर करके इंसान दुनिया और आखिरत में कामयाब हो सकता है। इस दिन नबी ए पाक दुनिया में तशरीफ लेकर आए। अल्लाह ने उन्हें दोनों आलम के लिए रहमत बनाकर भेजा। नबी ए पाक ने दुनिया वालों को रब की बंदगी का तरीका बता दिया। मक्का के पास स्थित हिरा की गुफा जहां मुहम्मद पैगंबर को ईश्वर से पहला सन्देश मिला था। मुहम्मद पैगंबर (570-632) को मक्का की पहाडि़यों में परम ज्ञान 610 के आसपास प्राप्त हुआ। जब उन्होंने उपदेश देना आरंभ किया तब मक्का के समृद्ध लोगों ने इसे अपनी सामाजिक और धार्मिक व्यवस्था पर खतरा समझा और उनका विरोध किया। अंत में 622 में उन्हें अपने अनुयायियों के साथ मक्का से मदीना के लिए कूच करना पड़ा। इस यात्रा को हिजरा कहा जाता है और यहीं से इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत होती है। मदीना के लोगों की जिंदगी आपसी लड़ाईयों से परेशान सी थी और मुहम्मद के संदेशों ने उन्हें वहां बहुत लोकप्रिय बना दिया। 630 में मुहम्मद ने अपने अनुयायियों के साथ एक संधि का उल्लंघन होने के कारण मक्का पर चढ़ाई कर दी। मक्कावासियों ने आत्मसमर्पण करके इस्लाम कबूल कर लिया। मक्का में स्थित काबा को इस्लाम का पवित्र स्थल घोषित कर दिया गया। 632 में मुहम्मद पैगंबर का देहांत हो गया। पर उनकी मृत्यु तक इस्लाम के प्रभाव से अरब के सारे कबीले एक राजनीतिक और सामाजिक सभ्यता का हिस्सा बन गये थे। इस के बाद इस्लाम में खिलाफत का दौर शुरु हुआ। मुहम्मद के ससुर अबु बक्र सिद्दीकी मुसलमानों के पहले खलीफा (सरदार) 632 में बनाये गये। कई प्रमुख मुसलमानों ने मिल के उनका खलीफा होना स्वीकार किया। सुन्नी मुसलमानो (80-90) के अनुसार अबु बक्र सिद्दीकी की खिलाफत के सम्बंध मे कोई विवाद नही हुवा अपितु सभी ने उन्हे खलिफा स्वीकार कर लिया था, सुन्नी मान्य्ताओं के अनुसार मुहम्मद ने स्वयं अपने स्वर्गवास से पूर्व ही अबु बक्र सिद्दीकी को अपने स्थान पर इमामत करने सलात (फारसी मे नमाज) पढाने, का कार्यभार देकर अबुबक्र सिद्दीकी के खलिफा होने का का संकेत दे दिया था परन्तु शिया मुस्लिम (10-20) के अनुसार मुहम्मद के चचा जाद भाई, अली, जिन का मुसलमान बहुत आदर करते थे ने अबु बक्र को खलीफा मानने से इन्कार कर दिया। लेकिन यह विवाद इस्लाम की तबाही को रोकने के लिए वास्तव में हजरत अली की सूझ बुझ के कारण टल गया अबु बक्र के कार्यकाल में पूर्वी रोमन साम्राज्य और ईरानी साम्राज्य से मुसलमान फौजों की लड़ाई हूई। यह युद्ध मुहम्मद के जमाने से चली आ रही दुश्मनी का हिस्सा थे। अबु बक्र के बाद उमर बिन खत्ताब को 634 में खलीफा बनाया गया। उनके कार्यकाल में इस्लामी साम्राज्य बहुत तेजी से फैला और समपूर्ण ईरानी साम्राज्य और दो तिहाई पूर्वी रोमन साम्राज्य पर मुसलमानों ने कबजा कर लिया। पूरे साम्राज्य को विभिन्न प्रदेशों में बाट दिया गया और और हर प्रदेश का एक राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया जो की खलीफा का अधीन होता था।

उमर बिन खत्ताब के बाद उसमान बिन अफ्फान 644 में खलीफा बने। यह भी मुहम्मद के प्रमुख साथियों में से थे तथा दामाद थे। उसमान बिन अफ्फान पर उनके विरोधियों ने ये आरोप लगाने शुरु किये कि वो पक्षपात से नियुक्तियां करते हैं और कि अली (मुहम्मद साहिब के चचा जाद भाई) ही खलीफा होने के सही हकदार हैं। तभी मिस्र में विद्रोह की भावना जागने लगी और वहां से 1000 लोगों का एक सशस्त्र समूह इस्लामी साम्राज्य की राजधानी मदीना आ गया। उस समय तक सभी खलीफा आम लोगों की तरह ही रहते थे। इस लिये यह समूह 656 में उसमान की हत्या करने में सफल हो गया। कुछ प्रमुख मुसलमानों ने अब अली को खलीफा स्वींकार कर लिया लेकिन कुछ प्रमुख मुसलमानों का दल अली के खिलाफ भी हो गया। इन मुसलमानों का मानना था की जबतक उसमान के हत्यारों को सजा नही मिलती अली का खलीफा बनना सही नहीं है। यह इस्लाम का पहला गृहयुद्ध था। शुरु में इस दल के एक हिस्से की अगुआई आयशा, जो की मुहम्मद की पत्नी थी, कर रही थीं। अली और आश्या की सेनाओं के बीच में जंग हुई जिसे जंग-ए-जमल कहते हैं। इस जंग में अली की सेना विजय हुई। अब सीरिया के राज्यपाल मुआविया ने विद्रोह का बिगुल बजाया। मुआविया उसमान के रिश्तेदार भी थे मुआविया की सेना और अली की सेना के बीच में जंग हुई पर कोई परिणाम नहीं निकला। अली ने साम्राज्य में फैली अशांति पर काबू पाने के लिये राजधानी मदीना से कूफा में (जो अभी ईराक में है) पहले ही बदल दी थी। मुआविया की सेनाएं अब पूरे इस्लामी साम्राज्य में फैल गयीं और जल्द ही कूफा के प्रदेश के सिवाये सारे साम्राज्य पर मुआविया का कब्जा हो गया। तभी एक कट्टरपंथी ने 661 में अली की हत्या कर दी। 

हजरत मुहम्मद साहब का जन्म अरब देश के मक्का नगर में आज से लगभग 1440 वर्ष पूर्व 570 ई में हुआ था। उनकी माता का नाम अमीना बेगम तथा पिता का नाम अब्दुल्ला था। उनकी माता का अवसान हजरत मुहम्मद साहब कि छोटी सी उम्र में ही हों गया था। इसी कारण उनकी परवरिश उनके चाचा अबुतालिब के घर हुई। वे कुरैशी घराने में पैदा हुए थे। हजरत मुहम्मद साहब के जन्म के समय अरब देश में भयंकर रक्तपात और झगडे हुआ करते थे। पूरा अरब समाज छोटे बड़े सैकडो कबीलो में बंटा हुआ था। बाल विवाह बहुदेवाद, मूर्तिपूजा एवं अन्धविश्वास फैले हुए थे। लड़कियां युद्ध और विवाद का कारण बनती थी इसलिए लोग लड़कियों के पैदा होते ही जमीन में जिंदा गाड देते थे। बात बात में खून खराबा हों जाना एक आम सी बात थी। कहा जाता है कि उस समय मक्का में 800 से अधिक देवी देवताओं की मूर्तियां हुआ करती थी। इन्ही विकट और भयंकर परिस्थितियों में हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ। वे पहले बकरियां चराया करते थे। बड़े होने पर उन्होंने अपने चाचा के साथ व्यापार करना शुरू किया। धीरे धीरे उनकी ईमानदारी के चलते उनकी ख्याति दूर दूर तक फैल गयी। उनकी शादी धनी महिला जनाब इ खादिजा के साथ हों गयी। वे बचपन से ही गहन चिन्तक में लीन रहा करते थे और सोंचा करते कि किस तरह अरब में फैली बुराईयों को दूर किया जा सकता है? वे अक्सर मक्का में स्थित “हिरा” नाम की गुफा में जाकर घंटों गहन चिंतन मन में डूब जाया करते थे। उसी क्रम में एक दिन देवदूत जिब्रईल प्रकट हुए और  उस अल्लाह के नाम से जिसने इस सारी दुनिया को बनाया है हजरत मुहम्मद साहब को दिव्य ज्ञान प्रदान किया, जो कि अल्लाह का दिया हुआ था। उस  दिव्य ज्ञान को प्राप्त करते ही हजरात मुहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म का प्रचार शुरू कर दिया। प्रारम्भ के दिनों में उन्हें अनेक कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करना पड़ा जिसमे कई बार उनके प्राण भी संकट में पड़ जाया करते थे पर उन्होंने हार नहीं मानी। प्रचार प्रसार के इसी क्रम में उनके शत्रुओं कि संख्या भी बढती जा रही थी लेकिन मदीना में उनकी लोक्रियता अनवरत बढती जा रही थी। 

एक दिन उनके शत्रुओं ने मक्का में उनको मारने का निश्चय कर लिया लेकिन हजरत मुहम्मद साहब को उनके विश्वासपात्रों के द्वारा इस बात का पता चल गया और वो अपनी जगह हजरत अली को सुला के अपने मित्र अबुबकर के साथ रात में ही मदीना चले गए। यह महायात्रा हिजरत कहलाई और इसी समय से हिजरी सन शुरू हुआ। जब शत्रुओं ने देखा कि बिस्तर पर हजरत मुहम्मद साहब कि जगह हजरत अली लेटे हैं तो वो समझ गए कि हजरत मुहम्मद साहब बच निकले तब शत्रुओं ने उनका  पीछा करना शुरू किया। एक स्थान पर शत्रु बहुत करीब आ गया तो अबुबकर घबरा गए और दोनों एक गुफा में जाकर छिप गए। यह एक चमत्कार ही था कि उन दोनो के गुफा में जाते ही गुफा द्वार पर मकड़ी ने जाला लगा दिया और कबूतर ने अंडे दे दिए। शत्रुओं ने गुफा द्वार पर मकड़ी के जाले और अंडे देखे तो समझे यहां कोई नहीं आया है। हजरत मुहम्मद साहब की लोकप्रियता उनकी ईमानदारी और इंसानियत के पैगाम देने के कारण बढती गयी और वो एक के बाद एक शत्रुओं को जीतते गए और जल्द ही मक्का भी जीत लिया। एक मशहूर किस्सा उनके जीवन का है कि एक बुढिया हजरत मुहम्मद साहब कि राह में क्रोधवश रोजाना कांटे फेका करती थी। एक दिन बीमारी के कारण उसने कांटे नहीं फेंके तो हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों से पुछा और जब पता लगा कि वो बुढिया बीमार है तो उसका हाल चाल पूछने उसके  घर गए। वो बुढिया द्रवित होकर उनकी अनुयायी बन गयी। हजरत मुहम्मद साहब कि लोकप्रियता और इस्लाम धर्म का दायरा बढ़ता गया और उनके अवसान के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने इस काम को जारी रखा और यह धर्म पुर्तगाल, अरब, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, अफ्रीका तक फैल गया। आज लगभग 170 करोड इसके अनुयायी हैं। 




(सुरेश गांधी)

बाल यौन शोषण के खिलाफ लडाई

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय संगठन सरकार के अलावा, पुलिस, न्यायपालिका व राज्य सरकारों के साथ मिलकर यौन शोषण कुछ जरूरी रुपरेखा तय की जो नई दिल्ली: बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए, संप्रति में बनी सिविल सोसाइटी की एक मल्टीस्टेकहोल्डर बॉडी- बच्चों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय संगठन ने सरकार के साथ मिलकर बाल यौन शोषण पर जरूरी रुपरेखा तय की। राज्य सभा सांसद राजीव चंद्रशेखर द्वारा आयोजित यह अभियान अब भारत सरकार के जुड़कर इस संदर्भ में रूपरेखा तय करेगा और इस समस्या का निदान करने व बाल यौन शोषण जैसे मुद्दे को ढंग से परिभाषित करेगा।

संगठन कार्रवाई करने योग्य व सरकार के साथ जुड़ सकने वाले ऐसी योजनाएं बनाएगा जिसे सरकार आसानी से लागू कर सके।   इस मौके पर स्वाति मालीवाल राजीव चंद्रशेखर, सांसद,भारती अली हक,सत्य प्रकाश ने भी विचार व्यक्त किये। इस अभियान को देश के विभिन्न भागों के संस्थानों जैसे हक सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स, क्राई, राही फांउडेशन, बचपन बचाओ आंदोलन, आरंभ, द फांउडेशन व अन्य गणमान्य लोगों जैसे गुल पनाग, अनिल कुंबले, मोनिका डोगरा, पूजा बेदी एवं शर्मा सलूजा का समर्थन मिला।

​बिग मैजिक पर रणवीर सिंह का धमाल

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बाॅलीवुड के अभिनेता रणवीर सिंह बिग मैजिक और 92.7 बिग एफएम के चुटकी शाॅपकीपा और वो के आगामी एपिसोड में रणवीर में नजर आएंगे। धमाकेदार एपिसोड यह कडी शुक्रवार, 18 दिसंबर शाम 7ः30 बजे सिर्फ बिग मैजिक पर और रविवार शाम 7 बजे सिर्फ 92.7 बिग एफएम पर प्रसारित होगी।  रणवीर फिल्म बाजीराव मस्तानी के प्रमोशन में व्यस्त हैं, वे दर्शकों को फिल्म के डायलाॅग बोलकर अपने चरित्र की झलक प्रदान करेंगे। साथ ही शाॅपकीपा को अपनी मस्ती से भरपूर हरकतों से जोड़ेंगे। मजेदार बातचीत में रणवीर ने एक बार फिर अपने शरारती  शो में रणवीर फिल्म में अपनी अनोखी हेयरस्टाइल के बारे में बात करेंगे, बाॅलीवुड के प्रतिष्ठित किरदारों की नकल करेंगे और चुटकी से मिलाने के लिए शाॅपकीपा को भी मनायेंगे। 

अभिनेता शाॅपकीपा के साथ होम डिलीवरी गेम खेलते समय काफी स्पष्ट दिखाई दिये और वे अधिकांश चीजों को अपने घर ले जाना चाहते थे। दर्शक एक कलाकार के रूप में रणवीर की वर्सेटिलिटी से परिचित हैं और उन्होंने अपनी मिमिक्री से इसे साबित भी कर दिया। वे अपने सिंगिंग टैलेंट को प्रदर्शित करने में पीछे नहीं रहे। कुल मिलाकर, रणवीर ने अपनी तड़क-भड़क से एपिसोड की गरिमा बढ़ाई और दर्शकों को आगामी एपिसोड में इन सबके साथ ही बहुत कुछ देखने का मौका मिलेगा। 

इरफ़ान का फेसबुक अकाउंट हुआ हैक

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हाल में अभिनेता इर्र्फान खान के सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अकाउंट पर कुछ अजीब और अशलील चीज़ें पोस्ट की जा रही थी। इस बात से बेखबर इरफ़ान जैसलमेर में किसी सुनसान चित्र में अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। जैसे ही उन्हें इस बात का पता चला उन्होंने फौरन अपने सोशल मीडिया टीम को इस बात की खबर दी। इससे पहले की अकाउंट हैकर इरफ़ान के फेसबुक को और ज्यादा नुक्सान पहुचता  इरफ़ान की टीम ने फ़ौरन फेसबुक अकाउंट की सेटिंग चेंज कर दी।  इसी वर्ष इरफ़ान खान से पहले शहीद कपूर और महानायक अमिताभ बच्चन भी अकाउंट हैकर के शिकार बन चुेके हैं। 

इरफ़ान से जुड़े सूत्र ने बताया है 'यह बात सच है की इर्र्फान का फेसबुक अकाउंट हैक हुआ था। अब हमने फेसबुक अकाउंट पर काबू पा लिया है। इस फेसबुक अकाउंट की सिक्योरिटी और ज्यादा बढ़ा दी गयी है और सेटिंग पूरी तरह से बदल दी गयी है। हालांकि इस विषय पर जांच अभी जारी है।  

बिहार : राजधानी पटना में पाटलिपुत्र स्टेशन से रेलगाड़ी रवाना

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पटना। राजधानी पटना के लोग भाग्यशाली है। बुधवार को पाटलिपुत्र स्टेशन से रेलगाड़ी रवाना हो गयी। रवाना होते ही लोग खुशी मनाने लगे। राजेन्द्र नगर टर्मिनल,पटना जंक्शन,दानापुर स्टेशन के बाद पाटलिपुत्र स्टेशन। राजधानी में चार स्टेशन हो गया। अब पाटलिपुत्र स्टेशन से गंगा पार के गाड़ी परिचालन की तैयारी जोरों पर है। हालांकि कई खामिया उजागर हुआ है। इसको दूर करने का आदेश सीआरएस पीके आचार्य ने दिया है। मिट्टी की परख की गयी। मैन लाइन में ही दो नट और बोल्ट नहीं लगाया गया है। इस पर सीएमआर भड़क गए और डीआरएम आरके झा को बुलाकर लोगों को निलम्बित कर देने का परामर्श दे डाला। 

पाटलिपुत्र स्टेशन से टाॅली पर चढ़कर आए थे। जगह-जगह जांच करने के बाद स्पेशल ट्रेन से गंगा पार चले गए। सोनपुर में जाकर जांच करेंगे। फिलवक्त बिन्द टोली में जमीन देने का पेंच खत्म हो गया है। माननीय पटना उच्च न्यायालय के विद्वान मुख्य न्यायाधीश ने बिन्द टोली के लोगों द्वारा जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।

बिहार : एप्रोच रोड के निर्माण के चलते बिन्द टोली के लोगों पर तलवार

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  • इसी तरह मिट्टी भरकर बनेगी एप्रोच रोड, विस्थापित होने वाली तलवार को लेकर  है चर्चा

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पटना। बिन्द टोली में हडकम्प बच गया है।छोटे-छोटे समुह में लोग बात करने लगे हैं। बात दीघा रेल पुल के एप्रोच रोड के निर्माण को लेकर उत्पन्न आफत से है। माननीय उच्च न्यायालय में दायर दो याचिकाओं पर आये फैसले के बाद हटना तय है। बिन्द टोली के वाशिंदों की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें जमीन का मुआवजा दिये बिना सड़क नहीं बनाने की बात कही थी। न्यायालय ने सरकार की उस अपील को स्वीकार कर लिया है जिसमें उसने कहा था कि बिन्द टोली के लोगों को मुआवजा नहीं देगी क्योंकि वह उसकी जमीन है और ग्रामीणों ने उस पर अतिक्रमण कर रखा है। वैसे रेलवे ने सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार को पहले ही 94 करोड़ रूपये दे रखा है। इसके आलोक में सीएम नीतीश कुमार ने बिन्द टोली के लोगों को पुनवार्सित करने का मन बनाकर मंत्री परिषद से प्रस्ताव पारित कर रखा है। बिन्द टोली के 205 परिवारों को अविलम्ब दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा। कुर्जी मोड़ के समीप गंग स्थली में बसाया जाएगा। चिन्हित जमीन गड्ढे में है। उसे 10 फीट भरना होगा। तभी गंगा नदी का पानी नहीं चढ़ पाएगा। विस्थापित परिवारों को घर बनाकर देने की मांग की गयी है। बिजली लाइन,पेयजल,शौचालय,पुल,सड़क,उप स्वास्थ्य केन्द्र,आंगनबाड़ी केन्द्र, राजकीय मध्य विघालय आदि परिसंपति निर्माण हो। 

आखिर क्या मामला हैःबिन्द टोली के लोगों द्वारा प्रेषित याचिका में माननीय पटना उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने पक्ष में निर्णय दिया था। एकल पीठ ने कहा था कि जमीन वहां के वाशिंदों की है। सरकार मुआवजा देने के बाद उसे ले सकती है। एकल पीठ के फैसले को सरकार ने अपील के माध्यम से चुनौती दी है। एप्रोच रोड के बनने से रेल पुल पर वाहनों का आवागमन निर्बाध रूप से हो सकेगा। अभी बिन्द टोली बाधक है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी व न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की पीठ ने इसके साथ ही बिन्द टोली वालों की तरफ से यदु महतो द्वारा दाखिल याचिका एवं राज्य सरकार की अपील को निपटा दिया। पीठ ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 11 सितम्बर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने 29 जुलाई को ही प्रशासन से कहा था कि वह दो हफ्ते में बिन्द टोली को हटाये और वहां पर रहने वालों को अन्यत्र पुनर्वासित करे। उसने बिन्द टोली वालों के पक्ष में दिये एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी थी।

बिन्द टोली में रहने वाले वाशिंदों के हिस्से में पड़ने वाली जमीन को कट्टे के हिसाब से वसूला चंदा। 10 बार सुनवाई होने पर करीब 8 लाख रूपये खर्च कर दिए। इसके बावजूद भी निर्णय पक्ष में नहीं आ सका। इस टोली के वाशिंदा रोहित कुमार ने कहा कि मामले को सर्वाेच्च न्यायालय में ले जाएंगे। माननीय पटना उच्च न्यायालय ने पारित आदेश को पारदर्शी नहीं किया गया है। पारदर्शी होने के बाद मामले को प्रेषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इधर प्रशासन ने कमर कस लिया है कि 20 से 25 दिसंबर के बीच बिन्द टोली को खाली करा लिया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भूमि का प्रस्ताव  भेजा गया है। स्वीकृति के बाद लोगों को बसाने की कार्रवाई की जायेगी। 

चश्मा नहीं है तो क्या हुआ
आँख की रोशनी क्षीण होने के बादः आँख की रोशनी क्षीण हो गयी है। महेन्द्र महतो के पास चश्मा नहीं है। तो वह जुगाड़ भिड़ा दिया। दूरबीन वाले लैंश हाथ को बना लिए। हथेली को बंद करके सुराख के माध्यम से अखबार पढ़ने लगे। ऐसा करके महेन्द्र महतो धड़ल्ले से अखबार पढ़ने लगते है। अखबार में बिन्द टोली के बारे में खबर है। खबर पढ़कर दुखित हो जाता है। कहते हैं कि कई दशक से गंगा किनारे रहते आ रहे हैं। गंगा-सोन नदी से कटाव होता रहता है। इसके बाद संजय सिंह और निहोरा राय के द्वारा ईंट बनाने के लिए मिट्टी काट ली जाती थी। इन दोनों से बचे तो अब पूर्व मध्य रेलवे परियोजना की तलवार लटक गयी है। इस बार बचने वाले नहीं है। विकास के नाम पर बिन्द टोली को समाप्त करने की प्रक्रिया जारी है। तिथि पर तिथि दे रहे हैं। बाजाप्ता सही मुकाम पर बसाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। जो जमीन चिन्हित की गयी है। वह मौत का कुआं साबित होगा। एक तरफ गंगा नदी और दूसरी तरफ रोड निर्माण हो रहा है। बीच में हमलोगों को बसाया जा रहा है। डीएम कोई सुरक्षित स्थान पर बसा दें। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी कहते हैं कि केवल चिन्हित जमीन ही शेष है। बाकी जमीन पर स्टे लगी है। तब स्टे वाली जमीन पर नहीं बसाया जा सकता है। 

बिहार : मदर टेरेसा, ईसाई समुदाय को एक और ‘संत’ मिलने वाला है।

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अगले साल सितंबर 2016 में पहले चमत्कार के मुताबिक, मदर ने मोनिका बेसरा नाम की बंगाली ट्राइबल महिला को पेट के ट्यूमर से मुक्ति दिलाई थी। दूसरा चमत्कार ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त ब्राजील के एक व्यक्ति के इलाज से जुड़ा हुआ है।

mother-teressa-new-sant-bihar-indiaवेटिकन सिटी। ईसाई समुदाय को एक और ‘संत’ मिलने वाला है। उस ‘संत’ का नाम हैं ‘धन्य’ घोषित मदर टेरसा (अग्नेसे गोंकशे बोजशियु)। २६ अगस्त १९१० में मदर टेरेसा का जन्म हुआ। एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य (आज का सोप्जे,मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था। मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनके पास भारतीय नागरिकता थी। उन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की। ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए इन्होंने लोगों की मदद की और साथ ही चेरिटी के मिशनरीज के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया। १९७० तक वे ग़रीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध हो गयीं, माल्कोम मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और पुस्तक जैसे समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गोड में इसका उल्लेख किया गया। उन्होंने १९७९ में नोबेल शांति पुरस्कार और १९८० में भारत का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक यह १२३ देशों में ६१० मिशन नियंत्रित कर रही थी। इसमें एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक के रोगियों के लिए धर्मशालाएं/ घर शामिल थे और साथ ही सूप रसोई, बच्चों और परिवार के लिए परामर्श कार्यक्रम, अनाथालय और विद्यालय भी थे। मदर टेरसा की मृत्यु के बाद उन्हें पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया और उन्हें कोलकाता की धन्य की उपाधि प्रदान की। 

ताउम्र सेवा का संकल्प
१९८१ ई में अग्नेसे ने अपना नाम बदलकर टेरेसा रख लिया और उन्होंने आजीवन सेवा का संकल्प अपना लिया। उन्हांेने स्वयं लिखा है - वह १० सितम्बर १९४० का दिन था जब मैं अपने वार्षिक अवकाश पर दार्जिलिंग जा रही थीं। उसी समय मेरी अन्तरात्मा से आवाज़ उठी थी कि ष्मुझे सब कुछ त्याग कर देना चाहिए और अपना जीवन ईश्वर एवं दरिद्र नारायण की सेवा कर के कंगाल तन को समर्पित कर देना चाहिए।ष्

सद्भावना से पीडि़तों की सेवा
मदर टेरेसा दलितों एवं पीडि़तों की सेवा में किसी प्रकार की पक्षपाती नहीं है। उन्होंने सद्भाव बढ़ाने के लिए संसार का दौरा किया। उनकी मान्यता है कि श्प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है।श् उनके मिशन से प्रेरणा लेकर संसार के विभिन्न भागों से स्वयं-सेवक भारत आये तन, मन, धन से गरीबों की सेवा में लग गये। मदर टेरेसा का कहना है कि सेवा का कार्य एक कठिन कार्य है और इसके लिए पूर्ण समर्थन की आवश्यकता है। वही लोग इस कार्य को संपन्न कर सकते हैं जो प्यार एवं सांत्वना की वर्षा करें - भूखों को खिलायें, बेघर वालों को शरण दें, दम तोड़ने वाले बेबसों को प्यार से सहलायें, अपाहिजों को हर समय ह्रदय से लगाने के लिए तैयार रहें।

कई तरह के पुरस्कारों से सम्मानित 
मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिये विविध तरह के पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किया गया। १९३१ में उन्हें पोप जान तेइसवें का शांति पुरस्कार और धर्म की प्रगति के टेम्पेलटन फाउण्डेशन पुरस्कार प्रदान किया गया। विश्व भारती विघालय ने उन्हें देशिकोत्तम पद्वी की जो कि उसकी ओर से दी जाने वाली सर्वाेच्च पद्वी है। अमेरिका के कैथोलिक विश्वविध्यलय ने उन्हंे डोक्टोरेट की उपाधि से विभूषित किया। भारत सरकार द्वारा १९६२ में उन्हें श्पद्मश्रीश् की उपाधि मिली। १९८८ में ब्रिटेन द्वारा श्आईर ओफ द ब्रिटिश इम्पायरश् की उपाधि प्रदान की गयी। बनारस हिंदू विश्वविध्यलय ने उन्हें डी-लिट की उपाधि से विभूषित किया। १९ दिसम्बर १९७९ को मदर टेरेसा को मानव-कल्याण कार्यों के हेतु नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया। वह तीसरी भारतीय नागरिक है जो स्ंासार में इस सबसे बड़ी पुरस्कार से सम्मानित की गयी थीं।

मदर टेरेसा के हेतु नोबल पुरस्कार की घोषणा ने जहां विश्व की पीडित जनता में प्रसन्नता का संचार हुआ है, वही प्रत्येक भारतीय नागरिकों ने अपने को गौरवान्वित अनुभव किया। स्थान पर उनका भव्य स्वागत किया गया। नार्वेनियन नोबल पुरस्कार के अध्यक्ष प्रोफेसर जान सेनेस ने कलकत्ता में मदर टेरेसा को सम्मानित करते हुए सेवा के क्षेत्र में मदर टेरेसा से प्रेरणा लेने का आग्रह सभी नागरिकों से किया। देश की प्रधानमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मदर टेरेसा का भव्य स्वागत किया। अपने स्वागत में दिये भाषणों में मदर टेरेसा ने स्पष्ट कहा है कि ष्शब्दों से मानव-जाति की सेवा नहीं होती, उसके लिए पूरी लगन से कार्य में जुट जाने की आवश्यकता है।ष् उन्होंने यह भी घोषणा की है कि भविष्य में किसी प्रकार के स्वागत समारोह में सम्मिलित नहीं होंगी और निरंतर सेवा कार्य में लगी रहेंगी। निश्चित रूप से मदर टेरेसा निःस्वार्थ कार्य में विश्वास करने वाली हैं। कर्मयोग का जो दर्शन गीता में परिलक्षित होता है वह मदर टेरेसा के जीवन में चरितार्थ हुआ है।

आलोचना
कई व्यक्तियों, सरकारों और संस्थाओं के द्वारा उनकी प्रशंसा की जाती रही है, यद्यपि उन्होंने आलोचना का भी सामना किया है। इसमें कई व्यक्तियों, जैसे क्रिस्टोफ़र हिचेन्स, माइकल परेंटी, अरूप चटर्जी (विश्व हिन्दू परिषद) द्वारा की गई आलोचना शामिल हैं, जो उनके काम (धर्मान्तरण) के विशेष तरीके के विरुद्ध थे। इसके अलावा कई चिकित्सा पत्रिकाओं में भी उनकी धर्मशालाओं में दी जाने वाली चिकित्सा सुरक्षा के मानकों की आलोचना की गई और अपारदर्शी प्रकृति के बारे में सवाल उठाए गए, जिसमें दान का धन खर्च किया जाता था। नवीनतम खबर है कि गरीबों की सेवा में अपनी जिंदगी गुजारने वाली मदर टेरेसा को संत का दर्जा दिया जाएगा। पोप फ्रांसिस से उनके दूसरे चमत्कार को मिली मान्यता के बाद उनके संत बनने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें सितंबर 2016 में रोमन कैथेलिक चर्च का संत घोषित किया जाएगा। इटालियन कैथोलिक न्यूजपेपर ने यह जानकारी दी है। हालांकि, वेटिकन के स्पोक्सपर्सन ने इस रिपोर्ट के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। बता दें कि संत की उपाधि पाने के लिए तय प्रक्रिया के तहत दो चमत्कारों की जरूरत होती है। इटालियन कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस के ऑफिशियल न्यूजपेपर एवेनर की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, पोप फ्रांसिस ने गुरुवार को उनके दूसरे मेडिकल मिरेकल (चमत्कार) को मान्यता दे दी। दूसरा चमत्कार ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त ब्राजील के एक व्यक्ति के इलाज से जुड़ा हुआ है।

क्या है पहला चमत्कार? 
पहले चमत्कार के मुताबिक, मदर ने मोनिका बेसरा नाम की बंगाली ट्राइबल महिला को पेट के ट्यूमर से मुक्ति दिलाई थी। 2003 में एक सेरेमनी के दौरान पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर के पहले चमत्कार को मान्यता देते हुए उन्हें धन्य (ठमंजपपिबंजपवद) घोषित किया था, जो संत बनाए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है।

कौन हैं मदर टेरेसा?
अल्बानियाई पेरेंट्स की संतान मदर टेरेसा को दुनियाभर में उनके चैरिटी वर्क के लिए जाना जाता है। 87 साल की उम्र में 1997 में उनकी मौत हो गई।  मदर ने अपनी पूरी जिंदगी गरीबों की मदद में गुजारी। कोलकाता में मिशन ऑफ चैरिटी की नींव रखने वाली टेरेसा ने यहां के स्लम्स में गरीबों की सेवा में जीवन बिताया।  1979 में मदर को उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया। उनका हार्ट अटैक के कारण 5 सितंबर 1997 को 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

2016 में भारतीय मदर टेरेसा को संत घोषित किया जएगा। ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने भारतीय मदर टेरेसा के दूसरे चमत्कार को भी मान्यता दे दी है। इस मान्यता के बाद अगले वर्ष उन्हें संत बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।  इसको लेकर मिली एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जा सकती है। इतालवी कैथोलिक कॉन्फ्रेंस के अखबार एवेनर के अनुसार यह चमत्कार कई ब्रेन ट्यूमर्स से पीडि़त एक ब्राजीली शख्स के उपचार से जुड़ा है।  2003 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य घोषित किया था। जो की संत बनाए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है। मदर टेरेसा को कोलकाता की झुग्गियों में उनके काम के लिए शांति के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। मदर टेरेसा को दुनिया भर में उनकी चैरिटी के लिए जाना जाता है। 
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