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सांसदों का वेतन होगा दुगुना

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दिल्ली के विधायकों का वेतन दोगुना होने के बाद  अब केंद्र सरकार सांसदों के वेतन और भत्तों को दोगुना करने की तैयारी में है. इस संबंध में एक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है, अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो सांसदों को हर महीने 2 लाख 80 हजार रुपये वेतन मिलने लगेगा.

मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में सांसदों को मिलने वाले वेतन को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 90 हजार करने की सिफारिश भी शामिल है. प्रस्ताव में सांसदों की मूल पेंशन 20 हजार से बढ़ाकर 35 हजार भी करने को कहा गया है. इसके अलावा पांच साल से ज्यादा समय तक सांसद रहने वाले सांसदों को पेंशन के तौर पर और अधिक वेतन देने की बात भी कही गई है.

अगर वित्त मंत्रालय प्रस्ताव को पास कर देता है तो संसद में सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन के संशोधित विधेयक को पास किया जाएगा. वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव को पास कर सकता है. इससे पहले वित्त मंत्री ने पिछले बजट में लोकसभा सांसदों की यात्रा के लिए 295.25 करोड़ और राज्यसभा सांसदों के लिए 121.96 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी.

मंत्रालय संयुक्त समिति की उन सिफारिशों पर सहमत है जिनमें सांसदों के कार लोन और फर्नीचर भत्ते को बढ़ाने की बात कही गई है. समिति ने सुझाव दिया है कि सांसदों को दिए जाने वाले 4 लाख के कार लोन को बढ़ाया जाना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक यह बढ़ाया जा सकता है लेकिन 5 साल बाद यह उन्हीं से वसूला जाएगा. हालांकि सरकार समिति की कई सिफारिशों पर सहमत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक सरकार सांसदों के वेतन को नाक का सवाल नहीं बनने देना चाहती लेकिन सांसदों को सम्मानजनक सैलरी मिले इस पर वह विचार कर सकती है.


  
  

सोनिया गांधी ने मोदी के खिलाफ नारेबाजी पर दी हिदायत

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने सांसदों को फरमान जारी कर नारों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाम लेने से मना कर दिया है। सोनिया के इस फैसले के बाद अब कांग्रेस का कोई भी सांसद अपने नारों में नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लेगा।

सोनिया गांधी का यह फैसला बुधवार को लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित तौर पर हुए घोटाले और उसमें अरुण जेटली का नाम आने के बाद उनके खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन के बाद आया। वेल में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जेटली के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री का सीधे तौर पर नाम ले रहे थे।

इसके बाद लोकसभा में आगे की सीट पर बैठीं सोनिया गांधी ने बंगाल से सांसद अधीर रंजन चौधरी और उनके दल को नारों में नरेंद्र मोदी का नाम लेने से मना कर दिया। इसके तुरंत बाद नारों में मोदी के नाम का प्रयोग बंद कर दिया गया। शून्य काल के समाप्त हो जाने के बाद मोदी लोकसभा के बाहर चले गए।

कल से तत्काल ट्रेन टिकट हुआ महंगा

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रेलवे ने तत्काल टिकटों पर शुल्क बढ़ा दिया गया है लिहाजा तत्काल टिकट अब महंगा हो गया है।  यात्रियों से प्राप्त होने वाले राजस्व में सुधार के लक्ष्य के साथ रेलवे ने 25 दिसंबर से तत्काल टिकट के शुल्कों में वृद्धि का फैसला किया है।

रेलवे की अधिसूचना के अनुसार तत्काल कोटा के तहत शयनयान श्रेणी में टिकट आरक्षित कराने वाले यात्रियों से 175 रूपये की बजाय 200 रूपये, एसी-थ्री में अधिकतम 350 रूपये की जगह 400 रूपये और न्यूनतम 250 रूपये की जगह 300 रूपये लिये जायेंगे। शयनयान श्रेणी में न्यूनतम तत्काल शुल्क 90 रूपये था जिसे बढ़ाकर 100 रूपये कर दिया गया है। न्यूनतम और अधिकतम शुल्क यात्रा की दूरी पर निर्भर करता है।

एसी-टू के यात्रियों को अब न्यूनतम 300 रूपये के स्थान पर 400 रूपये देना होगा वहीं अधिकतम 400 रूपये की जगह पर 500 रूपये खर्च करना होगा। एक्जीक्यूटिव श्रेणी में न्यूनतम तत्काल शुल्क को 300 रूपये से बढ़ाकर 400 रूपये जबकि अधिकतम शुल्क को 400 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये कर दिया गया है। हालांकि द्वितीय श्रेणी के तत्काल शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है और यह दूरी के आधार पर न्यूनतम 10 रूपये और अधिकतम 15 रूपये है। रेलवे के अनुसार, नये किराये के समायोजन के लिए क्रिस (सीआरआईएस) सॉफ्टवेयर में परिवर्तन करेगा।

झारखंड के हर प्रखंडो में श्रमिक मित्र

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रांची,24 दिसम्बर, झारखंड के श्रम नियोजन,प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री राज पालिवार ने आज कहा कि श्रमिकों को उनकी समस्याओं से राहत दिलाने के लिये राज्य के प्रत्येक प्रखंडों में श्रमिक मित्र बनाये जायेंगे। श्री पालिवार ने यहां सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्रमिकों के लिए जल्द ही धावा दल का गठन किया जायेगाए जो आपरेशन इंसाफ के तहत कार्य करेंगे। ये दल देखेगा कि मजदूरों को उनका मिलनेवाला सम्मानजनक वेतन मिल पा रहा है या नहीं। यहीं नहीं राज्य के श्रमिक अपनी समस्याओं को श्रमिक संवाद के तहत भी राज्य सरकार तक पहुंचा सकते हैं। राज्य सरकार श्रमिकों के लिए जल्द ही हेल्पलाइन जारी करेंगी। 

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग में हुए विभिन्न कानूनों के सरलीकरण का ही नतीजा है कि राज्य आज विकास के क्षेत्र में दिनोदिन तरक्की कर रहा है। आज व्यापार सुगमता सूचकांक में झारखंड विश्व बैंक के अनुसार तीसरे स्थान पर है और तेजी से विकसित होते हुए राज्यों में चौथे स्थान पर हैं। उन्हें ये बताते हुए खुशी हो रही हैं कि विश्व बैंक ने उनके विभाग को श्रम विभागों में हुए कानूनों के सरलीकरण को देखते हुए प्रथम स्थान पर रखा हैं, जो गर्व का विषय है। 

विधायक गांवों में चल रही योजनाओं की निगरानी करें

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रांची.24 दिसम्बर, झारखड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि विधायक भी गांवों में चल रही योजनाओं का क्रियान्वयन एवं उसकी गुणवत्ता की निगरानी करें तथा इसकी सूचना विभाग को भी दें। श्री दास ने आज यहां अपने आवास पर ग्रामीण विकास विभाग के योजना बनाओ अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि इससे चेक एंड बैंलेस भी सुनिश्चित होगा तथा गांवों मे हो रहे विकास कार्यों की बेहतर निगरानी हो पाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार गांवों को ध्यान में रखकर ही अगले साल का बजट बना रही है। गांव खुशहाल होंगे, तभी राज्य विकसित होगा। विकास कार्यों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों में शामिल करें और योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए 4.5 विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं को पूर्ण करने में पैसे की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि गांवों का पानी गांवों में ही संरक्षित रहे इसके लिए विशेष योजना बनाये। जितने भी तालाब.कुएं जीर्ण.शीर्ण है, उनका जीर्णोद्धार जल्द से जल्द करायें और यदि अतिरिक्त तालाब.कुएं खुदवाने की जरूरत है तो उसे भी खुदवाये। 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गांव में पशुपालन को भी बढ़ावा दें। महिलाओं को गाय देने की योजना को सही तरीके से लागू करने के लिए पशु चिकित्सकों की उपलब्धता भी जरूरी है। बकरी,सुकर, मुर्गी पालन को भी बढ़ावा दें। महिलाओं और युवाओं को इस कार्य के लिए समय.समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि चिकित्सक गांव में जायें,इसकी निगरानी भी होती रहे। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि काम शुरू होने एवं पूर्ण होने के बाद की तस्वीर वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। जीपीएस के माध्यम से भी निगरानी रखी जायेगी। 

सोनिया-राहुल से मिले व्यापम खुलासा से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता

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नयी दिल्ली, 24 दिसम्बर, मध्य प्रदेश में चर्चित व्यापम घोटाले का खुलासा करने वाले सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की और व्यापम के साथ ही प्रस्तावित ह्विसल ब्लोवर संशोधन विधेयक के बारे में उनसे चर्चा की। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने आज यूनीवार्ता को बताया कि दोनों नेताओं से उनके आवास पर मुलाकात की गयी। श्रीमती गांधी से उनके 10 जनपथ स्थित आवास पर श्री दुबे के अलावा आरटीआई कार्यकर्ता तथा साइबर विशेषज्ञ प्रशांत पांडे, इंदौर में चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आनंद राय तथा आशीष चतुर्वेंदी ने भेंट की। इस दौरान कांग्रेस महासचिव एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे। श्री दुबे ने बताया कि श्रीमती गांधी के साथ विशेषरूप से संसद में लम्बित ह्विसल ब्लोवर संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें भराेसा दिलाया कि उनकी पार्टी विधेयक को कमजोर नहीं होने देगी। श्रीमती गांधी ने विधेयक को ज्यादा मजबूत बनाने के लिए उनसे सुझाव मांगे हैं और वे जल्द ही उन्हें सुझाव सौंप देंगे। 

श्री दुबे ने बताया कि अारटीअाई कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान श्री गांधी ने उनसे जानना चाहा कि व्यापम घोटाला कैसे हुआ और कितने लोगों को इससे फायदा हुआ होगा तथा इसमें इतनी अधिक संख्या में लोग कैसे मारे जा रहे हैं। उन्होंने श्री गांधी को बताया कि यह घोटाला बहुत बड़ा है और इसकी बुनियाद में अपराधियों के बड़ेभारी नेटवर्क की भूमिका है। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष को यह भी बताया कि सबूतों को मिटाने की वजह से गवाहों की हत्या की जा रही है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है लेकिन अभी उसे पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं इसलिए अपराधी सबूत मिटाने के लिए लोगों की जान ले रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस महासचिव मोहन प्रकाश की मौजूदगी थे। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह इस मामले को प्रमुखता से उछाल रहे हैं और इस संबंध में वह कई बार भोपाल के साथ ही दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर चुके हैं। व्यापम के जरिए फर्जीरूप से भर्ती कराए जाने का आरोप है। मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापम) के जरिए इंजीनियरिंग तथा मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश दिया जाता है और कई सरकारी विभागों में व्यापम के माध्यम से ही भर्ती की जाती है। 

मोदीजी पर भरोसा, न्याय की उम्मीद : कीर्ति आजाद

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अहमदाबाद, 24 दिसंबर, डीडीसीए भ्रष्टाचार प्रकरण को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ परोक्ष ढंग से मोर्चा खोलने के कारण भारतीय जनता पार्टी से कल निलंबित किये गये सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने पार्टी से उनके खिलाफ लगाये गये आरोपों को वापस लेने की मांग करते हुए आज कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरा भरोसा है और वह अपने निलंबन के मामले में हस्तक्षेप के लिए उनसे गुहार लगायेंगे और उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति , जिन्हे 1983 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुए पहले रात्रि मैच में अपनी आतिशी पारी के जरिये पाकिस्तान के खिलाफ रोमांचक जीत दिलाने के लिए भी याद किया जाता है, ने यहां पत्रकारों से कहा कि वह डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मुद्दे को पिछले नौ साल से उठाते रहें हैं और इसको वह कभी भी राजनीतिक मंच पर नहीं लाये। 

उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी पार्टी के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा अथवा इसके खिलाफ दगाबाजी नहीं की और न ही कभी कांग्रेस अथवा आम आदमी पार्टी के साथ साठगांठ की। उन्होंने केवल डीडीसीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने की बात तो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी करते हैं। मैने इस मुद्दे को उठा कर कुछ भी गलत नहीं किया है। बिहार के दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री आजाद ने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि मोदीजी मेरी बात सुनेंगे और मुझे न्याय मिलेगा। मै मार्गदर्शक मंडल , जिसके सदस्य अटल जी हैं और स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय रह चुके हैं और जिन्होंने अपने खून पसीने से पार्टी को आगे बढाया है, से भी इस मामले को देखने केे लिए कहूंगा। 

आजाद ने कहा कि उन्हें यही पता नहीं है कि उनके खिलाफ कौन सी बात के लिए अनुशासनहीनता के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मोदीजी इस मामले को गहराई से देखेंगे और मुझे बताया जाएगा कि मेरी गलती क्या है। सीबीआई पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि यह एजेंसी भ्रष्टाचार के मामले में नोटिस देकर परोक्ष ढंग से डीडीसीए की मदद ही कर रही है क्योंकि ऐसे नोटिस के बाद संबंधित फाइलें गायब हो जा रही है। उन्होंने हालांकि डीडीसीए के कथित भ्रष्टाचार के मामले में व्यक्तिगत हैसियत से जनहित याचिका दायर करने और जरूरत पडने पर इस प्रकरण की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने की बात भी कही। अपने निलंबन को लेकर आज नयी दिल्ली में पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में हो रही कथित सुगबुगाहट के बीच श्री आजाद ने यहां पत्रकारों से कहा कि उन्हें निलंबन का जो नोटिस मिला है उसमें कोई सीधे बिंदुओं पर आरोप (स्पेसिफिक) नहीं है। उन्होंने जो भी आरोप लगाये उसमें पार्टी के मंच का कभी भी इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि मै इस मामले में पार्टी को फिर से लिखूंगा। 

श्री आजाद ने कहा, ‘मै चाहूंगा कि श्री नरेन्द्र मोदी इस मामले को स्वयं देखें और बतायें कि मेरी गलती क्या है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उनका जवाब तैयार करने में मदद देने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘मैने डीडीसीए और बीसीसीआई के भ्रष्टाचार को कभी भी पार्टी के माध्यम से नहीं उठाया क्योंकि मै यह मानता हूं कि यह राजनीतिक अथवा पार्टी से जुडा मामला नहीं है। मेरी मुहिम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है।’ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं की पंक्तियां सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार की बात को उठाना और सच बोलना गुनाह है तो वह यह गलती बार बार करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी से उन्हें निलंबन का नोटिस मिला है पर उसमें स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मै जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है और मैने कौन सी अनुशासनहीनता की है।’ 

केजरीवाल और आप ने गिराया है राजनीति का स्तर: जेटली

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नयी दिल्ली, 24 दिसंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि उन्होंने राजनीतिक विमर्श के स्तर को गिराया है। श्री जेटली ने एक लेख में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के कर्ता-धर्ता और उनके समर्थकों ने राजनीतिक विमर्श के स्तर को गिराया है। वे झूठ फैलाने में विश्वास रखते हैं। दिल्ली में आप की सफलता से कांग्रेस को यह भ्रम हो गया है कि अभद्र भाषा के इस्तेमाल से वोट हासिल किये जा सकते हैं। भारतीय जनता की राय में निष्पक्षता का भाव है और देश में राजनीतिक विमर्श का स्तर गिरने के खिलाफ उनका आक्रोश जाहिर होना चाहिये। उन्होंने कहा, “क्या अभद्र भाषा का इस्तेमाल भारतीय राजनीति का नया मानक है। मुझे लगता है कि ऐसा नहीं है। कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों ने कुछ ऐसे बयान दिये थे जिनका पार्टी ने समर्थन नहीं किया था। पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें ऐसे बयानों से परहेज करने की सलाह दी थी और उनकी सलाह पर अमल भी हुआ।” 

वित्त मंत्री ने सवाल किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा के अंदर और बाहर प्रधानमंत्री और दूसरे नेताओं के बारे में दिये गये बयानों का क्या। अगर भारत सरकार का कोई अधिकारी ऐसा बयान देता तो इससे पूरे देश में हंगामा मच जाता। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से शालीन व्यवहार की उम्मीद की जाती है। उन्हें अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। राजनीतिक विमर्श अभद्र भाषा में नहीं होना चाहिये। अभद्र भाषा में फैलाया गया झूठ कभी सच की जगह नहीं ले सकता। उच्च स्तर की राजनीति में लंपटबाजी को स्वीकारा नहीं जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि श्री केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) छापेमारी के बाद श्री जेटली आप के निशाने पर है। पार्टी का आरोप है कि सीबीआई ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में घोटाले की फाइल को जब्त करने के लिये छापा मारा था। श्री जेटली ने इस मामले में श्री केजरीवाल और आप के पांच नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है। 

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का किसी से गठबंघन नहीं: राहुल

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लखनऊ 24 दिसम्बर (वार्ता ) कांग्रेस उपाघ्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में आश्चर्यचकित करेगी जबकि प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने चुनाव पूर्व किसी भी गठबंधन से इन्कार किया है। श्री खत्री ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन का कोई कारण नहीं दिखायी देता। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में है और अकेले ही सभी 403 सीटों पर चुनाव लडेगी, हालांकि किसी भी मामले में अंतिम निर्णय आलाकमान लेगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कल अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में संवाददाताओं से कहा था कि पार्टी उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अचंभित करेगी । 

श्री खत्री ने चुनाव में बिहार फार्मूले के बारे में कहा कि उस राज्य के हालात पूरी तरह अलग थे जबकि उत्तर प्रदेश में स्थिति कुछ और है। बिहार में जनतादल(यू) तथा राष्ट्रीय जनतादल, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के विरोधी थे जबकि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी, भाजपा के साथ दिखायी देती है। बसपा ने तो तीन बार भाजपा के साथ सरकार में साझेदारी की है। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिये बसपा फिर भाजपा से हाथ मिला सकती है। उन्होंने कहा कि सपा हालांकि भाजपा के विरोध की बात तो करती है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी सपा अध्यक्ष की प्रशंसा करते हैं तो कभी मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री की तारीफ करते हैं। इससे यह लगता है कि दोनों हाथ मिला सकते हैं। सपा ने बिहार में अकेले चुनाव लड कर भाजपा की ही मदद करने की कोशिश की थी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब जमीन पर काम कर रहे हैं। जनता की समस्याओं से जुडने के लिये पदयात्रायें निकाली जा रही हैं। 

नीमच (मध्यप्रदेश) की खबर (24 दिसम्बर)

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ब्राम्हण सोश्यल ग्रुप ने वृन्दावन तीर्थयात्रियों को सम्मान के साथ दी विदाई
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नीमच। 24 दिसंबर मीरा सांवरिया मण्डल के तत्वाधान में प्रस्थान कर रहे वृन्दावन तीर्थयात्रियों का ब्राम्हण सोश्यल ग्रुप के सदस्यों द्वारा पुष्पमाला से सम्मान किया और रक्षासूत्र बांधकर सफल तीर्थयात्रा की मंगल कामना की। इस अवसर पर ब्राम्हण सोश्यल ग्रुप महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती संगीता शर्मा ने सभी तीर्थ यात्रियों का मुॅह मीठा करवाकर सफल तीर्थ यात्रा की मंगल कामना की। ब्राम्हण सोश्यल ग्रुप नीमच के अध्यक्ष चेतन व्यास मामा ने कहा कि तीर्थ यात्रा से मन को एक नई उर्जा मिलती है तनाव दूर होता है श्रीमती संगीता शर्मा ने कहा कि सामुहिक तीर्थयात्रा सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता का माध्यम भी है। तीर्थयात्रियों का सम्मान करने में शोभाबाई, अर्चना तिवारी, निर्मला उपाध्याय, मीना मानावत आदि महिलायें शामिल थी। इनका किया सम्मान- ब्राम्हण सोश्यल ग्रुप द्वारा मीरा सांवरिया मण्डल की अनिता उपाध्याय, मधु शर्मा, आरती व्यास, श्याम त्रिवेदी, उर्मिला शर्मा, सुनिता शर्मा, छाया व्यास, कल्पना शर्मा संतोष गोयल, संगीता अग्रवाल, भारती मित्तल सुमन वर्मा, बीनू शिवहरे, अनिता महावर, सुधा शर्मा, साक्षी खंडेलवाल, सुमन उपाध्याय जुही शर्मा, पुष्पलता, रीना खंडेलवाल आदि 22 महिला यात्रियों का पुष्पमाला रक्षासूत्र प्रदानकर सम्मानित किया गया।
बबलू को नम आंखों से दी विदाई, रितेश जैन की देह पंचतत्व में विलीन

नीमच 24 दिसंबरबुधवार रात्रि ट्रक-बाईक दुर्घटना में जैन समाज के लाड़ले संेवाभावी रितेश जैन (बबलू) का निधन हो गया था रितेश की शवयात्रा गमगीन माहौल में उनके 244 विकास नगर स्थित आवास से निकली जिन मार्गो से निकली वहां हर कोई स्तब्ध हो गया ये क्या हो गया। रितेश का अंतिम संस्कार वैद्धिक पद्धति से 24 दिसंबर गुरूवार को नीमचसिटी रोड स्थित मुक्तिधाम पर किया गया मुखाग्नी उनके पुत्र रिद्धम कन ने दी। रितेश जैन नीमच के प्रतिष्ठित ठेकेदार चन्द्रराज जैन, कोठीफोड़ा केज्येष्ठ पुत्र होकर स्वयं की ठेकेदारी का कार्य करते थे। वे अमित के बड़ें भ्राता थे श्री भीड़भंजन पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट के मनोहरसिंह लोढ़ा, राजेश मानव, वासुपूज्य इंदिरानगर के वी.सी.जैन महावीर जिनालय विकासनगर के शिखर पगारिया जैन सोश्यल ग्रुप के महेन्द्र चैधरी, दादावाड़ी श्रीसंघ के गेंदमल पामेचा, सचिव मनोज झालेाया, अखिल भारतीय जायसवाल महासभा के राष्ट्रीय सचिव पत्रकार अर्जुनसिंह जायसवाल, श्रीपाल मारू ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त श्रद्धांजली दी। अंतिम संस्कार में नपाध्यक्ष राकेश जैन, राहुल जैन, भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष विश्वदेव शर्मा, उपाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश मोमू लालवानी, अजय मेहता, दिनेश लालका, पार्षद रवि माहेश्वरी, शेलेन्द्र गर्ग, हेमंत अजमेरा, शोभित अजमेरा, अनिल बैगानी, राजेन्द्र डुंगरवाल, संजय तेलवाला आदि मौजुद थे। 

आशाबाई की देह पंचतत्व में विलीन

नीमच 24 दिसंबरहुडकों काॅलोनी निवासी अनिलकुमार गांग (श्री मेडिकोज) की माताजी श्रीमती आशाबाई धर्मपत्नी स्व. सुजानमल गांग उम्र 70 वर्ष का आकस्मिक निधन मंगलवार शाम 4 बजे हो गया था निधन उपरांत की शवयात्रा बुधवार प्रातः 10 बजे निकली नीमचसिटी रोडस्थित मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार वैदिक परंपरा से किया गया मुखाग्नि उनकी पोतियांें ने दी। मुक्तिधाम पर आयोजित शोकसभा में नपाध्यक्ष राकेश जैन, श्री भीड़भंजन पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट के मनोहरसिंह लोढ़ा, अखिल भारतीय जायसवाल महासभा के राष्ट्रीय सचिव पत्रकार अर्जुनसिंह जायसवाल आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। स्व. श्रीमती गांग धार्मिक प्रवृति की धनी थी वे सागरमल, हस्तीमल शांतीलाल, लक्ष्मीलाल, की भाभीजी, उमरावसिंह, अशोक गांग की काकीजी एवं हिमांशु, ईशिका, चेताली, की दादाजी थी। 

विशेष आलेख : अनुभव और संकल्प से नया रचें

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नए साल की शुरूआत पर कुछ नया सोचें, नया लिखें, नया करें, नया कहें और नया रचें। प्रश्न है नया हो क्या? क्या कलेण्डर बदल देना ही नयापन है? पर मूल में तो सबकुछ कल भी वही था, आज भी वही है और कल भी वही होगा। जीवन का भी यही अन्दाज है-जो था, जो है, जो होगा, बस, सबकी संयोजना, संकल्पना, व्यवस्था के बदलाव का ही एक नाम है- नया जीवन, नया वर्ष और नयी शुरूआत। बीते कल के अनुभव और आज के संकल्प से भविष्य को रचें। तभी सार्थक होगा नएवर्ष की अगवानी का यह पल-यह अवसर। 

नए वर्ष का स्वागत हम इस सोच और संकल्प के साथ करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। बीते वर्ष की कमियों पर नजर रखते हुए उन्हें दोहराने की भूल न करने का संकल्प लेना है। सबसे जरूरी है स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार। दुनिया में सबसे बड़ा आश्चर्य है अपने आपको नहीं जानना। आदमी अपने आपको नहीं जानता, अपने आपको नहीं देखता, यह सबसे बड़ा आश्चर्य है। यह प्रश्न महाभारतकाल में भी पूछा गया था-‘‘किमाश्चर्यमतः परम्।’’ दूसरों को जानने वाला आदमी अपने आपको नहीं जानता, दूसरों को देखने वाला स्वयं को नहीं देखता, क्या यह कम आश्चर्य है? प्रसिद्ध लोकोक्ति है कि अपनी बुद्धि से साधु होना अच्छा, पराई बुद्धि से राजा होना अच्छा नहीं। हजारों-हजारों मीलों की दूरी पर होने वाली घटनाओं और परिवर्तनों को जानने वाला आदमी अपने भीतर घटित होने वाली घटनाओं और परिवर्तनों को नहीं जानता, क्या यह कम आश्चर्य है? बहुत बड़ा आश्चर्य है। इसी सन्दर्भ में महान् दार्शनिक गेटे का कथन है कि यदि बात तुम्हारे हृदय से उत्पन्न नहीं हुई है तो तुम दूसरों के हृदय को कदापि प्रसन्न नहीं कर सकते।

नय वर्ष की अगवानी में सबसे कठिन काम है-दिशा-परिवर्तन। दिशा को बदलना बड़ा काम हैं आदमी दिशा नहीं बदलता, दिशा वही की वही बनी रहती है। आदमी एक ही दिशा में चलते-चलते थक जाता है, ऊब जाता है। किन्तु दिशा बदले बिना परिवर्तन घटित नहीं होता। एमर्सन का कहा हुआ है वे विजय कर सकते हैं, जिन्हें विश्वास है कि वे कर सकते हैं। जीवन की दिशा को बदलना बड़ा काम है। जीवन की दिशा वे ही बदल सकते है जो बदलने की चाहत रखते हैं। यदि जीवन की दिशा बदल जाती है तो सब कुछ बदल जाता है। जीवन की दिशा बदलती है अपने आपको जानने और देखने से। महान् क्रांतिकारी श्री सुभाषचन्द बोस का मार्मिक कथन है कि जिस व्यक्ति के हृदय में संगीत का स्पंदन नहीं है, वह चिंतन और कर्म द्वारा कदापि महान नहीं बन सकता। स्वयं से स्वयं के संवाद न होने के कारण ही बुराइयों का चक्र चलता रहता है। वह कभी नहीं रुकता। आदमी बुराई करता है, पाप का आचरण करता है। प्रश्न होता है, वह पाप का आचरण क्यों करता है? श्रीकृष्ण ने इसका जो उत्तर दिया वह आज भी उतना ही मूल्यवान है, जितना वह उस समय मूल्यवान था। उन्होंने कहा-आदमी को पाप में धकेलने वाले वह शत्रु हैं-काम और क्रोध। क्रोध ज्ञान पर पर्दा डालता है। ऐसी माया पैदा करता है कि आदमी समझ ही नहीं पाता कि वह पाप कर रहा है, आदमी में गहरी मूच्र्छा और मूढ़ता पैदा हो जाती है और तब वह जानता हुआ भी नहीं जानता, देखता हुआ भी नहीं देखता। उसमें बुरे और भले का विवेक ही समाप्त हो जाता है और तब वह न करने योग्य कार्य भी कर लेता है। शेख सादी भी हमें स्वयं से स्वयं या स्वयं को परमात्मा से जोड़ने की सलाह देते हैं कि परमेश्वर देखता है और छुपाता है। पड़ोसी अपनी आंखों से देखता नहीं, तो भी चिल्लाता है। अक्सर दुःशासन, दुर्योधन, जरासंध, कंस का योग मिले तब भी हंसना और युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, कृष्ण का योग मिले तब भी मुस्कुराना। यानी सुख-दुख में सम रहना। जीवन में आने वाली हर समस्या की चट्टानों को ठोकरों से हटाते चले, हवा से उड़ाते चले, एक दिन सफलता के शिखर पर जरूर प्रस्थित होंगे। कष्टों से क्या डरना है? जो जीवन को एक चुनौती मानते हैं वे हर मोर्चें में कामयाबी पाते हैं, सफलता उनके चरण चूमेती है। नये वर्ष में कुछ ऐसी ही सोच के साथ आगे बढ़ने के लिये संकल्पित हो।

आचार्य महाप्रज्ञ के अनुसार-सहन करो, सफल बनो। श्रम करो, सफल बनो। सेवा करो, सफल बनो। संयम करो, सफल बनो। स्वभाव में रमण करो, सफल बनो। गांधीजी के अनुसार-बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो, बुरा मत सुनो। सकारात्मक सोच जीवन की सफलता का द्वार है। जेम्स एलन के कथानुसार सुविचारों से सुफल उपजते हैं और कुविचारों से कुफल। मेरी दृष्टि में अच्छा सोचो, अच्छा देखो, अच्छा बोलो, अच्छा सुनो और अच्छा करो, सबके प्रति अच्छे भाव रखो, सफलता जरूर मिलेगी। सेवा की मिसाल मदर टेरेसा ने कहा भी  है कि मीठे बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते हैं, लेकिन उन की गूँज सचमुच अनंत होती है।

जीवन की सफलता के लिए जरूरी है-मस्तिष्क में आइस फैक्टरी और जुबां पर शूगर फैक्टरी लगे। जो धैर्य, बुद्धि, संकल्प, श्रम की शक्ति से संपन्न होता है, वही सफलता के शिखर पर आरूढ़ हो सकता है। प्लूटार्क के अनुसार क्रोध बुद्धि को घर से बाहर निकाल देता है और दरवाजे पर चटकनी लगा देता है। जीवन की सार्थकता सदा मुस्कुराते रहने में ही है और इसी से नयावर्ष सराबोर बने, ऐसा प्रयत्न करना चाहिए। 

हम स्वयं अपने भाग्य के कत्र्ता-धर्ता हैं, सुख-दुःख के कर्ता-धर्ता हैं और हम स्वयं अपने नियंता- निर्माता है। कोई दूसरा कत्र्ता नहीं है। कोई दूसरा नियंता नहीं है। भगवान महावीर के अनुसार हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता है। हमारे भाग्य का विधाता कोई दूसरा नहीं है। हमारे भाग्य की बागडोर हमारे हीे हाथ में है। दूसरा कोई उसे थामे हुए नहीं है। न किसी के आगे गिडगिडाओ और न किसी पर दोषारोपण करो। कभी भी यह न सोचो कि अमुक आदमी ने हमारे भाग्य को बिगाड़ दिया। हम अपनी नेक-नियति से अपने भाग्य के बुरे-से-बुरे क्षणों को सुखद बना सकते है। जरूरी है अपने आचरण को शुद्ध और पवित्र बनाने की। हमें जीवन को नये आयाम देने और कुछ हटकर करने के लिये अपना नजरिया बदलना होगा। अंधेेरों से लड़ने के लिये गली और मौहल्ले के हर मुहाने पर नन्हें-नन्हें दीपक जलाने होंगे। साहसी फैसला लेने के लिए अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी होगी। कोरे पत्तों को नहीं जड़ों को सींचने से समस्या का समाधान होगा।

जीवन को सफल बनाने के लिये यह आवश्यक है कि आप स्थिति का सही विश्लेषण करके, उसके संदर्भ में सही पृष्ठभूमि बनाएं। हम जो भी महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहे हैं, यदि उनके संदर्भ में हमें पृष्ठभूमि की सही जानकारी नहीं है तो हमारे कार्य करने की दिशा गलत हो सकती है। एक सफल जीवन का निर्वाह करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने भीतर ऐसे गुणों का विकास करें, जिनके द्वारा सभी को एक साथ लेकर चलने की कला में दक्षता प्राप्त कर सके। इसके लिए सबसे पहले हमें स्वयं को तैयार करना होगा। जब तक हम दूसरों का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक दूसरे भी हमारे प्रति आदर का भाव नहीं रखेंगे। मानवीय गुणों के विकास के बिना, आप अपने आपको समाज में प्रतिष्ठापित नहीं कर सकते। समाज में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसके विरोधी न हों। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हम अपने कार्यों के द्वारा समर्थक अधिक बना रहे हैं या विरोधी।

जिन्दगी को एक ढर्रे में नहीं, बल्कि स्वतंत्र पहचान के साथ जीना चाहिए। जब तक जिंदगी है, जिंदादिली के साथ जीना जरूरी है। बिना उत्साह के जिंदगी मौत से पहले मर जाने के समान है। उत्साह और इच्छा व्यक्ति को साधारण से असाधारण की तरफ ले जाती है। जिस तरह सिर्फ एक डिग्री के फर्क से पानी भाप बन जाता है और भाप बड़े-से-बड़े इंजन को खींच सकती है, उसी तरह उत्साह हमारी जिंदगी के लिए काम करता है। इसी उत्साह से व्यक्ति को सकारात्मक जीवन-दृष्टि प्राप्त होती है। 

एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने गांव के बाहर बैठा हुआ था। एक यात्री उधर से गुजरा और उसने उस व्यक्ति से पूछा- ‘इस गांव में किस तरह के लोग रहते हैं, क्योंकि मैं अपना गांव छोड़कर किसी और गांव में बसने की सोच रहा हूं।’ तब उस बुद्धिमान व्यक्ति ने पूछा-‘तुम जिस गांव को छोड़ना चाहते हो, उस गांव में कैसे लोग रहते हैं?’ उस आदमी ने कहा-‘वे स्वार्थी, निर्दयी और रूखे हैं।’ बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया-‘इस गांव में भी ऐसे ही लोग रहते हैं।’

कुछ समय बाद एक दूसरा यात्री वहां आया और उस बुद्धिमान व्यक्ति से वही सवाल पूछा। बुद्धिमान व्यक्ति ने उससे भी पूछा-‘तुम जिस गांव को छोड़ना चाहते हो, उसमें कैसे लोग रहते हैं?’ उस यात्री ने जवाब दिया-‘वहां लोग विनम्र, दयालु और एक-दूसरे की मदद करने वाले हैं।’ तब बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा-‘इस गांव में भी तुम्हें ऐसे ही लोग मिलेंगे।’

यह कहानी इस बात की प्रेरणा देती है कि जैसी हमारी जीवन दृष्टि होगी, दूसरे लोग भी हमें वैसे ही दिखाई देंगे। यदि हम अपनी प्रवृत्ति में सकारात्मक जीवन दृष्टि विकसित करें तो हमें दूसरों में खूबियां अधिक दिखाई देने लगेंगी। यदि हमारे लिए नकारात्मक जीवन दृष्टि विकसित होने लगे, तो हमें दूसरों में खामियां अधिक नजर आने लगेंगी।

इसलिये एक नये एवं आदर्श जीवन की ओर अग्रसर होने वाले लोगों के लिये महावीर की वाणी है-‘उट्ठिये णो पमायए’ यानी क्षण भर भी प्रमाद न करे। प्रमाद का अर्थ है-नैतिक मूल्यों को नकार देना, अपनांे से पराए हो जाना, सही-गलत को समझने का विवेक न होना। ‘मैं’ का संवेदन भी प्रमाद है जो दुख का कारण बनता है। प्रमाद में हम अपने आप की पहचान औरों के नजरिये से, मान्यता से, पसंद से, स्वीकृति से करते हैं जबकि स्वयं द्वारा स्वयं को देखने का क्षण ही चरित्र की सही पहचान बनता है। इसलिए मनुष्य की परिस्थितियां बदलें, उससे पहले उसकी प्रकृति बदलनी जरूरी है। बिना आदतन संस्कारों के बदले न सुख संभव है, न साधना और न साध्य।हम कोशिश करें कि ‘जो आज तक नहीं हुआ वह आगे कभी नहीं होगा’ इस बूढ़े तर्क से बचकर नया प्रण जगायें। बिना किसी को मिटाये निर्माण की नई रेखाएं खींचें। यही साहसी सफर शक्ति, समय और श्रम को सार्थकता देगा।





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 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

स्टीलबर्ड इंटरटेनमेंट ने डीजे हंट प्रतियोगिता की शुरुआत

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नई दिल्लीः अगर आप में लोगों को डांस केे लिए मजबूर कर देने का  जोश और ताकत हैै और सीडी स्पिन की कला को जानते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। स्टीलबर्ड इंटरटेनमेंट, स्टीलर्ड हेलमेट्स की एक ग्रुप कंपनी ने आने वाले ‘कल के डीजे्यज की खोज’ केे लिए एक रोमांचक प्रतियोगिता कोे शुरू करने की घोषणा की है। डीजेइंग करने में दिलचस्पी रखने वाले युवाओं को भी इस मंच से आगे बढने का मौका  मिलेगा। इसमें शामिल होने के इच्छुक प्रतिभागी ब्रांड केे नए गीत ‘पापी्य-शराबी एंथम को रीमिक्स और उसे स्टीलबर्ड इंटरटेनमेंट केे फेसबुक पेज पर अपलोड करें। आज केे समय में, जब लोग संगीत से जुड़े रहने केे तलबगार हैं तो ये प्रतियोगिता डीजेइंग करने के  उनकेे सपनों को पूरा करने केे लिए एक नई शुरुआत है। 

राजीव कपूर, फाउंडर और एमडी, स्टीलबर्ड ने बताया कि श्नई प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सहीं समय पर अवसर मिलना जरूरी है और उन्हें सही समय पर सही अवसर नहीं मिला है तो मैं ऐसे सभी लोगों को एक खुला मंच प्रदान करना चाहता हूं। ताकि वे सभी लोग अपने पसंदीदा काम को सब के सामने ला सकें, जिनको अभी तक मनोरंजन उद्योग में अपने आप को प्रस्तुत करने का मौका  नहीं मिला है। विजेताओं को  विश्व केे जाने माने डीजे नोवाएशन लॉन्च पैड और कंट्रोल पैक़ हरकुलस डीजे कंट्रोल एयर सीरिज आदि प्रदान किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता का परिणाम 14 फरवरी, 2016 को घोषित किया जाएगा। इसमें शामिल होने की आखिरी तारीख 15 जनवरी, 2016 है। बेस्ट तीन रीमिक्सेज को जीत का सर्वाधिक हिस्स मिलेगा।

बच्चों के लिए फिल्म बनाना चाहते हैं तिग्मांशु धूलिया

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हाल ही में 'स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रन एंड युथ'के एडवाइजरी अधिकारी बने तिग्मांशु धूलिया बच्चों पर आधरित और बच्चों के लिए फिल्म बनाना चाहते हैं। हमारे देश में 90 फीसदी लोगों की तनख्वा आज भी 10000 से कम है। उन लोगों के लिए एक फिल्म के खातिर 250 से 300 रुपए खर्च करना बजट से बाहर हो जाता है।भारत में फिल्मों की कामयाबी उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखर तय की जाती है। फिल्मों को केवल फिल्म फेस्टिवलों में प्रदर्शित करने से केवल तारीफ़ हासिल होती है लेकिन वो फिल्म लोगों तक पहुचने में चूक जाती है। इन सब बातों पर नज़र रखते हुए 'स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रन एंड युथ'ने सामाजिक संदेशों वाली 50 इंडिपेंडेंट फीचर फ़िल्में, शार्ट फ़िल्म और डोक्युमेंटरी फिल्म को बच्चों के लिए प्रदर्शित करने का फैसला लिया है।

इस बारे में बताते हुए तिग्मांशु धूलिया ने कहा है, 'यह बहुत दुःख की बात है की आज भी बच्चों के लिए जो फ़िल्में बनती है उनकी टिकटें काफी महंगी  रहती हैं जिनके कारण फिल्म टारगेट ऑडियंस तक नहीं पहुंच पाती है। बच्चों को मीनिंगफुल सिनेमा पसंद है लेकिन टिक्कों के दाम ज्यादा रहने से वो फिल्में नहीं देख पाते हैं। मै कुछ ऐसी फ़िल्में बनाना चाहता हूँ जिसका बच्चें लाभ उठा सकें और वो उनके बजट में भी हो "

येसु ख्रीस्त के जन्मोत्सव पर ख्रीस्तीय परिवारों के लिए संदेश

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पिता ईश्वर प्रेम है। इसी प्रेम के कारण वह दयामय भी है। ईश्वर के इस प्रेम और दया का चेहरा बनकर सारी सृष्टि के समक्ष येसु मसीह प्रकट हुआ। मानव के प्रति क्रिसमस में उस पावन दिन को याद करते हैं,जब ईश्वर के पुत्र येसु ख्रीस्त मानव जन्म लेकर धरती पर अवतरित हुए। बालक येस के जन्म पर स्वर्गदूतों ने ईश्वर की महिमा गाई और ईश्वर के कृपापात्रों को इस धरती पर शांति का सुखद संदेश सुनाया। इस वर्ष को ईश्वरी दया का विशेष जयंती वर्ष ठहरा कर पृथ्वी पर येसु मसीह के प्रतिनिधि संत पिता फ्रांसिस ने ईश्वरीय महिमा की बखान करते हुए उनके कृपापात्रों के लिए सुखद संदेश का ऐलान किया है। 

येसु ने अपने वचन और कर्म द्वारा पिता ईश्वर की करूणा का परिचय हमें दिया। संत लूकस के अनुसार सुसमाचार में (15) येसु ने खोए हुए सिक्के,खोई हुई भेड़ और खोये हुए बेटे के दृष्टांत द्वारा हमें ईश्वरीय दया से परिचय कराया। जब येस के सामने पापिनी स्त्री को लाया गया,तो ईश्वरीय दया का जीवंत उदाहरण दे कर येसु ने उस स्त्री को उन लोगों के हाथ छुड़ाया और उसे करूणा और सांत्वना के ये मधुर वचन सुनाए- ‘मैं भी तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा। जाओं और अब से फिर पाप नहीं करना’। (योहन 8ः11)

आज के समाज पर जब हम दृष्टि दौड़ाते हैं, तो पाते है कि लोग बदले की भावना से ग्रसित है और सबों के दिल में बैर और द्वेष भरा हुआ है। किसी को माफ करना कमजोरी समझा जाता है। आज दुनिया के इस परिवेश में करूणा,दया आदि शब्दों को कोई मतलब नहीं रह गया है। ऐसी स्थिति में संत पिता स्नेहमयी पिता का करूणामय व्यवहार से हमें परिचित कराते हुए एक दूसरे के प्रति दयामय बनने का आह्वान कर रहे हैं। ईश्वर के इस पावन और आनन्दमय दया का संदेश लेकर बेतलेहेम की चरणी में जन्मे उस बालक के चरणों में नस्तमस्ष्तक होकर हम ईश्वरीय दया का अनुभव करने की भीख माँगे, ताकि इस क्रिसमस तथा आने वाले वर्ष में हम ईश्वरीय करूणा का अनुभव आपने आप में कर सकें और उसी करूणा का दिव्य संदेश अपने आस-पड़ोस में फैलाने के लिए हम योग्य बन जाएं। आप सबों को प्रभु येसु के जन्मोत्सव और नूतन वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाइयां! धन्यवाद। : फादर जाॅनसन केलकत,येसु समाजी,( कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित)

2015 साल पहले ईश्वर के पुत्र येसु ख्रीस्त मानव जन्म लेकर धरती पर अवतरित हुए, खुशी मनाओं गाओं रे जन्मा येसु राजा-राजा जन्मा येसु राजा
ईश्वर के पुत्र येसु ख्रीस्त मानव जन्म लेकर धरती पर अवतरित हुए है। मौका है मस्ती और खुशी मनाने की। इस अवसर पर 24 दिसम्बर की मध्य रात्रि में धार्मिक विधि का आयोजन होगा। कुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में 10ः00 बजे से कैरोल गायन। मध्यरात्रि मिस्सा फादर जाॅनसन केलकत,येसु समाजी 11ः00 बजे से करेंगे। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 11ः00 बजे से, नोट्रेडम काॅन्वेंट में 11ः00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 11ः00 बजे से मिस्सा होगा। संत मेरिज एकेडमी, आशियाना नगर में 10ः30 बजे से और एक्स0टी0टी0आई0 में 11ः30 बजे से मिस्सा होगा। 

क्रिसमस डे 25 दिसम्बर को सुबह 7ः00 बजे से मिस्सा अर्पित करेंगे पटना धर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा। द्वितीय मिस्सा 8ः30 बजे से फादर सुशील साह,येसु समाजी अर्पित करेंगे। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 7ः00 और 9ः00 बजे से अंग्रेजी में मिस्सा होगा। नोट्रेडम काॅन्वेंट में 7ः00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 7ः00 बजे से मिस्सा होगा। 

चर्च के अंदर और चर्च के बाहर गौशाला बनाया गया है। उसी तरह ईसाई धर्मावलम्बियों के घरों में गौशाला बनाया गया है। क्रिसमस ट्री बनाया गया है। आकाश में स्टार लगाया गया है। सांता क्लाॅज भी मन भा रहे हैं। शाम हो रही है। अब क्रिश्चियन लोगों के चूल्हों से महक निकलनी लगी। घर-घर में ठेकुआ, नीमकी,पुरूकिया,गाजा,पूरी आदि बन रहा है। मुर्गा आसमान में चढ़ गया है। 180 किलोग्राम की दर से मुर्गा बिक रहा। अगर आप जीर्वित मुर्गा लेना चाहते हैं तो 140 रू0व्यय करना पड़ा। ईसाइयों के घर में स्टार ठहर गया है। इसका मतलब येसु ख्रीस्त घर में विराजमान है। चर्च को विशेष तरह से सजाया गया है। वह नयना विराम साबित हो रहा है।

आलेख : धार्मिक आस्थावानों, सैलानियों, प्रकृति प्रेमियों व पर्यावरणविद्ों के आकर्षण का केन्द्र बना दुमका

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  • प्रकृति की गोद में बसे दुमका के धार्मिक स्थलों व पिकनिक स्पाॅटों की ओर आकर्षित हो रहे लोग 

baijnath dham
प्रति वर्ष उप राजधानी दुमका के कई धार्मिक स्थलों सहित पिकनिक स्पाॅट प0 बंगाल, बिहार व झारखण्ड के हजारों सैलानियों के लिये आकर्षण के केन्द्र रहे हैं। धार्मिक स्थलों के रुप में जहाँ एक ओर फौजदारी बाबा बासुकिनाथ, सोमेश्वर नाथ, दानीनाथ, चूटो नाथ, सिरसानाथ, भालसूमर, मलूटी, शिवपहाड़, पंचवाहिनी शिवमंदिर (शिकारीपाड़ा) धर्मस्थान (दुमका) महर्षि मेही आश्रम (दुमका) इत्यादि की ओर पूजा-अर्चना के लिये भक्तों व सैलानियों की पिछले कई वर्षों से भारी भीड़ जारी है, वहीं दूसरी ओर मसानजोर (भारत व कनाडा के संयुक्त तत्वावधान में वर्ष 1954 में निर्मित) डैम, वानस्पतिक उद्यान सृष्टि (कुरुवा), श्री साईं शिरडीधाम (ननकू कुरुवा), तातनी (बारापलासी) तातलोई (रानेश्वर) नूनबिल (मसलिया) मयूराक्षी नदी तट (हिजला) हमेशा सैलानियों के आकर्षण के केन्द्र रहे हैं। प्रति वर्ष दिसम्बर के अंतिम सप्ताह से लेकर नूतन वर्ष के प्रवेश माह जनवरी के अंतिम सप्ताह तक स्कूल व काॅलेजों के छात्र-छात्राओं, बच्चों सहित उनके अभिभावकों, तीर्थ यात्रियों, पुरातात्विक विश्लेषकों व पर्यावरणविद्ों के लिये भ्रमण का यह अनूठा अवसर होता है। इस प्रकार क्रिसमस से लेकर गणतंत्र दिवस तक पूरे उत्साह के साथ आस्थावानों व सैलानियों का भ्रमण दुमका परिक्षेत्र में देखने को मिलता है। 

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पूरी विविधता के बावजूद एकता का बेजोड़ संगम इस क्षेत्र की अपनी एक खास विशेषता रही है। संताली, बंग्ला, हिन्दी, खोरठा व नागपुरी भाषा-भाषी लोगों के हुजूम से गुंजायमान दामिन-ई-कोह (पहाड़ों की गोद में बसे क्षेत्र) की भाषाई, वैचारिक व आध्यात्मिक समृद्धि की स्वर्णिम पहचान का ही प्रतिफल है कि वर्षों-वर्षों तक अपने शिष्ट आचरण व आतिथ्य सत्कार से इस क्षेत्र के निवासी यहाँ पहुँचने वालों की आत्मा में घर कर जाते हैं। यूँ तो दुमका का सर्वाधिक आकर्षक वाला स्थान फौजदारी बाबा बासुकिनाथ सहित मसानजोर व मलूटी है किन्तु शिकारीपाड़ा प्रखण्ड मुख्यालय से 8 कि0मी0 दक्षिण पहाड़ व जंगल के बीच ब्राहमनी नदी तट पर कामना सिद्ध के रुप में प्रसिद्ध महादेव भी कम ख्यातिप्राप्त नहीं हैं। इसी तरह दानीनाथ मंदिर का इतिहास भी काफी  रोचक है। दुमका-पाकुड़ मार्ग पर काठीकुण्ड में अवस्थित इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि एक भक्त को भगवान ने स्वप्न देकर खुद को प्रतिष्ठापित करने का आग्रह किया था। दुमका से तकरीबन 45-50 कि0मी0 की दूरी पर स्थित टेराकोटा शैली में निर्मित व प्रसिद्ध 108 मंदिरों का समूह गाँव मलूटी इन दिनों पूरे देश के लिये आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अन्तरराष्ट्रीय टूरिज्म क्षेत्र के रुप में मलूटी का नाम दर्ज हो इसके लिये केन्द्रीय पुरातत्व विभाग से लेकर झारखण्ड सरकार ने कई पिछले दिनों कई अहम फैसले लिये हैं। मंदिरों के पुनर्निर्माण का कार्य जारी है। 

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राज्य सरकार ने दीवानी बाबा बैद्यनाथ (देवघर) से लेकर फौजदारी बाबा (बासुकिनाथ) और फिर वहाँ से मलूटी (शिकारीपाड़ा) तथा आगे प0 बंगाल के तारापीठ तक एक टूरिज्म काॅरीडोर बनाने का निर्णय लिया है जिसके लिये प0 बंगाल सरकार के साथ वार्ता की पहल जारी है। तकरीबन पौने दो सौ कि0मी0 की दूरी तक टूरिज्म काॅरीडोर बनने से आस्थावानों सहित प्रकृति व पर्यावरण प्रेमियो के लिये यह इलाका अन्वेषण व शोध का क्षेत्र हो सकता है। मसानजोर डैम में प्रतिवर्ष हजारो की तादाद में सैलानियों का पहुँचना, डीजे व अन्य अत्याधुनिक वाद्य यंत्रों, उच्च तकनीक साउण्ड व म्यूजिक पर डांस तथा प्रकृति प्रदत्त मनोहारी दृश्यों का अवलोकन पूरे वर्ष के लिये मन में ताजगी व संतुष्टि का पैगाम लिये होता है। बन्दरजोरी मिशन, सालदाहा मिशन, बेनागुडि़या मिशन, दुधानी मिशन व मोहुलपहाड़ी मिशन के तत्वावधान में यूएस, ब्रिटेन, नार्वे, व अन्य देशों से ट्राईबल सोसायटी, देयर लिविंग व एजुकेशन एण्ड अदर्स के लिये प्रतिवर्ष विदेशी लोगों का एक विशाल समूह भी इस क्षेत्र की यात्रा व अनुसंधान के लिये संताल परगना आना नहीं भूलता। 

क्रिसमस से लेकर नूतन वर्ष के प्रारंभिक महीनें जनवरी तक येन-केन-प्रकारेण छुट्टियों में भ्रमण व मौज-मस्ती में ही अपना पूरा वक्त गुजार देते हैं। ईश्वर की अराधना, पूजा-अर्चना व आध्यात्मिक गतिविधियों ंमें जहाँ एक ओर कुछ अपना समय व्यतीत करना उचित समझते हैं वहीं दूसरी ओर देशी-विदेशी शराब, मांसाहारी खाद्य पदार्थों, नृत्य, गीत-संगीत, आमोद-प्रमोद में कुछ का समय व्यतीत होता है। फेसबुक, ट्वीटर, गुगल्स, ओरकुट, यू-ट्यूब, इत्यादि जैसे संचार-प्रसार व्यवस्था जिसे सोशल मीडिया के नाम से लोग जानते हैं के इस जमाने में युवाओं का खासा ध्यान चीजों को कम्प्यूटर, लैपटाॅप के अन्दर कैद कर इंटरनेट के जरिये उसे दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने की रहती है। पूरी विविधता में आपसी सौहार्द, एकता व भाईचारे के साथ इस क्षेत्र मंे पहुँचने वाले लोग मनाते हैं खुशियाँ तथा देते है एक-दूसरे को क्रिसमस व नूतन वर्ष की बधाईयाँ। 




-अमरेन्द्र सुमन-

राम मंदिर के बारे में बयान देना पडा महंगा,गयी कुर्सी

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लखनऊ 25 दिसम्बर, उत्तर प्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ओमपाल नेहरा को राम मंदिर के बारे में बयान देना महंगा पड गया, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज उन्हें पद से हटा दिया। श्री नेहरा मनोरजंन कर विभाग के सलाहकार थे औरउन्हें राज्यमंत्री का दर्जा हासिल था। 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर 23 दिसम्बर को बिजनौर में एक कार्यक्रम आयोजित था। कार्यक्रम के दौरान श्री नेहरा ने कथित रुप से अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने का बयान दिया था। इसकी शिकायत मिलते ही मुख्यमंत्री ने उन्हें उनके पद से तत्काल हटा दिया।

मोदी ने भारत और रूस की दाेस्ती को एक शक्ति बताया

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मॉस्को 25 दिसम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और रूस की दोस्ती को एक शक्ति करार देते हुए आज कहा कि आने वाले समय में मध्य एशिया में बन रहे ये संबंध विश्व की दिशा तय करेंगे। रूस की यात्रा पर गए श्री मोदी ने यहां प्रवासी भारतीय, भारतीय मूल के लोगों तथा रुसी नागरिकों के कार्यक्रम ‘फ्रेंड्स आफ इंडिया’को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आैर रूस के संबंध बहुत घनिष्ठ और सदियों पुराने हैं। दोनों देशो के संबंध राजनीतिक और व्यापारिक रिश्तों से अलग हैं। भारत और रूस के सांस्कृतिक संबंध अन्य संबंधों को ताकत देते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत को जानने और समझने की इच्छा रूसी नागरिकों में बहुत है और यही कारण है कि रूस में भारत की कला और संस्कृति को समझाने के लिए 150 से ज्यादा केंद्र चल रहे हैं। इसके अलावा 21 जून को योग दिवस पर रूस ने 200 से ज्यादा स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये थे जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था। 

श्री मोदी ने रूस को एक भरोसेमंद मित्र बताया और कहा कि दोनों देशों के रिश्ते ‘लेन देन’ पर आधारित नहीं हैं। संकट का समय हो या सुविधा रुस हमेशा भारत के साथ रहा है। युद्ध के समय में भी रूस ने भारत की मदद की है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर रूस ने भारत का हमेशा साथ दिया है। दोनों देश आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम कर रहे हैं और इसके परिणाम जल्दी ही सामने दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का सामना करने के लिए भारत और रूस ने मिलकर रणनीति बनाई है और एकजुटता के साथ काम करेंगे। दोनों देशों के एक रास्ते पर चलने से पूरे विश्व को लाभ होगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस मिलकर मध्य एशिया में एक ताकत का निर्माण कर रहे हैं जो आर्थिक संपन्नता का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यूरोपीय संघ और आसियान की चर्चा होती है वैसे ही यूरेशिया की चर्चा होगी। यह एक ताकतवर इकाई होगी जिससे विश्व में संतुलन बनेगा। यह आर्थिक शक्ति का भी एक मंच होगा। प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक क्षमता का ब्योरा देते हुए बताया कि देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते भरोसे का प्रतीक है। देश अब एक बाजार के स्थान पर विनिर्माण के रुप में बदल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत 21वीं सदी में बड़ी भूमिका निभाएगा। 

श्री मोदी ने कहा कि उनकी यह रूस यात्रा बहुत थोडे़ समय के लिये हुई लेकिन यह बेहद सफल ,फलदायी और परिणामकारी साबित होगी। इसका असर आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों पर दिखाई देगा। श्री मोदी के स्वागत में अभिनंदन और अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री मोदी का स्वागत वैदिक मंत्रों और स्तुति गान से किया गया। इस अवसर पर लगभग सौ रूसी कलाकारों ने वंदे मातरम ,कथक ,कुचीपुड़ी नृत्य, कर्नाटक संगीत और गुजरात का गरबा प्रस्तुत किया । इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘नया गाता हूं’ का भी मंचन किया गया। श्री मोदी ने अपने स्वागत समारोह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हर भारतीय के लिए यह गर्व का विषय है कि रूसी लोग भारत से कितना प्रेम करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ रूसी नागरिक रूस में एक बड़ा हिन्दु मंदिर बनाना चाहते हैं।श्री मोदी ने उम्मीद जतायी है कि उनका यह सपना जल्दी पूरा होगा। उन्होंने इस अवसर पर ईद मिलाद उन नबी और क्रिसमस की भी बधाई दी। 

भारत में छह परमाणु संयंत्र का निर्माण करेगा रूस : पुतिन

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मास्को 25 दिसंबर, रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने आज कहा कि अगले बीस वर्षों के दौरान भारत में कम से कम छह परमाणु संयंत्र निर्माण करने की रूस की योजना है। रूस के दौरे पर आये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करने के बाद श्री पुतिन ने कहा कि मास्को और नयी दिल्ली ने ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण में सफलतापूर्वक सहयोग किया । श्री पुतिन ने कहा कि अब एक नये प्रकार के लड़ाकू विमान और मालवाहक विमान के संयुक्त रुप से निर्माण करने की दोनों देशों की योजना है। 

प्रधानमंत्री मोदी काबुल पहुंचे

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काबुल. 25 दिसम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस की दो दिन की यात्रा के बाद अफगानिस्तान की एकदिवसीय यात्रा पर आज सुबह यहां पहुंच गये, हवाईअड्डे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद हनीफ अतमार और उप विदेश मंत्री हिकमत करजई ने श्री मोदी की अगवानी की। यहां वह भारत द्वारा निर्मित अफगान संसद भवन के नये परिसर का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी की अफगानिस्तान की यह पहली यात्रा है और सुरक्षा कारणों से उनकी इस यात्रा के बारे में पहले खुलासा नहीं किया गया था। यहां पहुंचने पर श्री मोदी ने कहा, “काबुल में दोस्तों के बीच आकर खुश हूं। यहां राष्ट्रपति अशरफ गनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात करूंगा।”

भारत ने 2007 में अफगानिस्तान के संसद भवन की इमारत बनाने का काम शुरू किया था। शुरूआत में इसकी अनुमानित लागत साढ़े चार करोड़ डॉलर थी लेकिन निर्माण पूरा होने तक नौ करोड़ डॉलर लग गये। इस परिसर में अफगानिस्तान के निचले सदन वोलेसी जिरगा और ऊपरी सदन मेशरानो जिरगा की इमारतें हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मकसद तालिबानी आतंकवाद से उबरने का प्रयास कर रहे अफगानिस्तान को भारत के समर्थन का संदेश देना है। श्री मोदी इस दौरान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को उन चार एमआई-25 लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक औपचारिक तौर पर सौंप सकते हैं, जो अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को सुदृढ़ करने की कोशिश के तहत भारत उसे तोहफे में दे रहा है। 

यह हेलिकॉप्टर पहला घातक सैन्य हथियार हैं जो भारत, अफगानिस्तान को सौंपने वाला है। अफगानिस्तान लंबे समय से विमानों की मांग कर रहा है। भारत ने अब तक अपना सैन्य सहयोग अफगानी सेना के जवानाें को प्रशिक्षित करने तक ही सीमित रखा है। श्री गनी ने अप्रैल में अपनी भारत यात्रा के दौरान श्री मोदी को अफगानिस्तान यात्रा का न्योता दिया था। श्री मोदी से पहले 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफगानिस्तान का दौरा किया था। 

टीम को मुझ पर विश्वास रखने की जरूरत है : युवराज

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नयी दिल्ली,25 दिसंबर, लंबे समय बाद आस्ट्रेलिया दौरे के लिये टीम इंडिया में वापसी करने वाले बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज युवराज सिंह ने कहा कि वह जोरदार प्रदर्शन के लिये प्रतिबद्ध हैं और टीम को उन पर विश्वास रखना चाहिये। बीसीसीआई टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा,“ मीरपुर में ट्वंटी-20 विश्व कप फाइनल में 21 गेंद में 11 रन की पारी पिछले डेढ़ साल से हमेशा मेरे जहन में रही। फाइनल में प्रदर्शन खराब था और यह हमेशा मेरे जहन में रहा है। मैंने पिछले कुछ समय में अपनी फिटनेस, क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी पर कड़ी मेहनत की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि आगामी सत्र में नतीजे अच्छे आएंगे।” 

युवराज ने कहा,“ मेरा अगला लक्ष्य आस्ट्रेलिया दौरे में अच्छा प्रदर्शन कर भारत में होने वाले अगले वर्ष होने वाले ट्वंटी-20 विश्व कप के लिये टीम में जगह बनाना है। हमने 2007 में विश्वकप जीता था और इसका पूरा मजा लिया था। हमारी इस शानदार सफलता पर पूरा देश हमारे लिए रोमांचित था। यदि हम उसे दोहरा सके तो 2011 विश्व कप के बाद यह हमारे लिए बड़ी जीत होगी।” 

टीम इंडिया की 2007 ट्वंटी-20 विश्व कप और 2011 एकदिवसीय विश्व कप की जीत के नायक रहे युवराज ने कहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते समय खुद को प्रेरित करना मुश्किल होता है, लेकिन यही एक तरीका है। उन्होंने कहा,“ मैंने घरेलू सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है और अब आस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्वंटी-20 सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के लिये प्रतिबद्ध हूं। टीम में एक बार फिर वापसी करना सुखद है और टीम को मुझ पर विश्वास रखना चाहिये।” 
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