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गिनी के राष्ट्रपति ने विपक्षी नेता सहित 171 को क्षमा दान दिया

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कोनाक्री 25 दिसंबर (रायटर) पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी के राष्ट्रपति अलफा कोंडे ने 171 दोषियों की सजा माफ कर दी है, जिसमें उनकी हत्या का षडयंत्र रचने के दोषी विपक्ष के नेता रहे मामादोउ ओरी बाह भी शामिल है। गिनी के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक कल राष्ट्रपति ने बाह सहित इन सभी लोगों को क्षमा दान दिया। बाह ने यूएफडीजी पार्टी का गठन किया था जिसका नेतृत्व अब सेलोउ डालिन डायलो कर रहे है जोकि अक्टूबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे थे। 

बाह को 2011 में श्री कोन्डे की हत्या की याेजना में शामिल होने का दोषी करार दिया गया था। वह फ्रांस में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे है। देश में तनाव कम करने के लिए श्री कोन्डे ने पेरिस में बाह से मुलाकात की थी। उनके इस कदम को देश में तनाव कम कर आर्थिक स्थिति सुधारने के कदम के तौर पर देखा जा रहा हैं। 

बिहार : अनिल साह को दफन कर दिया गया

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पटना। ईसाई धर्मरीति के अनुसार अनिल साह को दफन कर दिया गया। इसके पूर्व अनिल साह के पार्थिव शरीर को प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में लाया गया। फादर अरूण अब्राहम,फादर सुशील साह,फादर सेराफिम जौन,फादर जौर्ज हिलारियन,फादर मैथ्यू चैम्पलानी,फादर अब्राहम पुतुमुना, फादर एंड्रू, फादर जाॅनसन केलकत,फादर के0सी0फिलिप, फादर फिलिप,फादर स्कारिया, फादर सेवास्टियन आदि येसु समाजी पुरोहितों ने मिस्सा किया। मुख्य अनुष्ठानकर्ता फादर अरूण अब्राहम थे। जो अनिल साह के पड़ोसी हैं। 

अपने संबोधन में फादर अरूण ने अनिल साह के व्यक्तित्व एवं कृतिव्य पर गहन रूप से प्रकाश डाला। उनके अंदर विघार्थी जीवन से ही नेतृत्व करने की क्षमता थीं। इसके कारण कलीसिया,समाज और परिवार को प्रगति पथ पर ले जाने वाले कृत्य किए। मिस्सा समाप्त हो जाने के बाद पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान में लाया गया। ईसाई समुदाय को विश्वास है कि कयामत दिनों में अन्य लोगों की तरह अनिल साह भी पुर्नजीर्वित हो जाएंगे। माहौल गमगीन था। कोई शख्स नहीं बचे जो आंसू नहीं छलकाएं। इस बीच फादर जाॅनसन ने प्रार्थना करने के बाद पार्थिव शरीर को मिट्टी के हवाले करवा दिया। उनकी पत्नी स्टेला साह, पुत्र सिसिल साह, पुत्र राजन साह और उनके बहनों ने चित्कार मारकर रोने को विवश थे। उनलोगों का कहना था कि पापा सेवा करवाएं ही रूखस्त हो गए। मालूम हो कि बुधवार को घर (कुर्जी क्रिश्चियन काॅलोनी) में दिल का दौरा पड़ा। उसके बाद चिर निन्द्रा में चले गए। 

मौके पर एंग्लो-इंडियन समुदाय के झारखंड विधान सभा के मनोनीत सदस्य विधायक जीजे गोलस्टेन, पश्चिम मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया निलेश प्रसाद, मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया भाई धर्मेन्द्र, पटना सदर के उप प्रमुख नीरज यादव, संत माइकल उच्च विघालय के प्राचार्य, कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल की प्रशासिका आदि उपस्थित थे।

दक्षिणी अमरीका के कल के तूफान में मृतकों की संख्या 14 पहुंची

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न्यूयार्क, 25 दिसंबर, दक्षिणी तथा दक्षिणी पश्चिमीं अमेरिका के कल के तूफान में मृतकों की संख्या 14 पहुंच गयी है। तूफान से दक्षिणी अमरीका के छह राज्यों में भारी तबाही हुई है और अब राहत तथा बचाव कर्मी सफाई अभियान में लग गये हैं। 

बुधवार को आये समुद्री तूफान का सर्वाधिक असर मिसीसीपी तथा टेनेसी प्रांतों में हुआ और इसके चलते भारी क्षति हुई जिसे देखते हुए दोनों प्रांतों में आपातकाल लागू कर दिया गया है। तूफान के चलते सप्ताहांत में अवकाश के लिए निकलने वालों को अपना कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। क्रिसमस के अवकाश के लिए लगभग दस करोड़ अमेरिकी नागिरकों के अपनी कारों से बाहर निकलने की संभावना था किन्तु उनके कार्यक्रम पर बिराम लग गया। 

प्रदूषण से जीवाणुओं पर खत्म हो रहा एंटीबायोटिक का असर

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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर, जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने की घटनाओं ने चिकित्सा जगत में हलचल मचा दी है। अब तक यह माना जा रहा था कि चिकित्सकों द्वारा बेवजह ही मरीजों को एंटीबायोटिक्स दिए जाने के कारण इनका प्रभाव खत्म हो रहा है लेकिन अब यह पता चला है कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण भी जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक्स का कोई असर नहीं पड़ रहा है। सैवनाह रिवर इकोलॉजी लैबोरेटरी एंड ऑडम स्कूल ऑफ इकोलॉजी के वरिष्ठ शोध पारिस्थितिकीविद् जे. वॉन मैकआर्थर का मानना है कि पर्यावरणीय प्रदूषण जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक दवाओं के बेअसर होने का कारण हो सकता है। उन्होंने इस बात का पता लगाने के लिए विभिन्न जल स्रोतों में पाए जाने वाले जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक का परीक्षण किया। श्री मैकआर्थर ने पानी में पाए जाने वाले ई कोलाई जीवाणु की 427 स्ट्रेंस पर पांच एंटीबायोटिक्स की जांच की। उन्होंने 11 जगहों के नौ जल स्रोतों से यह नमूने एकत्रित किए। इसमें गाद के साथ-साथ पानी के नमूने लिए गए। ई कोलाई जीवाणु आम तौर पर व्यक्ति की छोटी आंत में पाया जाता है। शोध में खुलासा हुआ कि 11 नमूनों में से आठ पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई भी असर नहीं पड़ा। 

अपर थ्री रन्स क्रीक जल स्रोत में भी जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक्स का जरा सा भी असर नहीं पड़ा। इसका पानी रिहायशी इलाकों, कृषि भूमि और औद्योगिक क्षेत्रों से होकर गुजरता है और जब लोग इसका सेवन करते है तो इसमें पाए जाने वाले जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते है जो कि संक्रमण का कारण बनते हैंं और फिर इन पर एंटीबायोटिक्स का भी कोई असर नहीं पड़ता। श्री मैकआर्थर ने 23 एंटीबायोटिक के साथ दूसरा परीक्षण किया। इनमें से ज्यादातर एंटीबायोटिक का जीवाणुअों पर कोई असर नहीं पड़ा। इसमें मुख्य तौर पर इस्तेमाल होने वाली गैटीफ्लोक्सासिन और सिप्रोफ्लोक्सासिन नाम की एंटीबायोटिक भी शामिल है। इन एंटीबायोटिक का इस्तेमाल मूत्रमार्ग और साइनस संक्रमण से पिंक आई संक्रमण के इलाज में होता है। इस शोध से यह समझने में काफी मदद मिल सकती है कि जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल क्यों खत्म होता जा रहा है। 

बिहार : अपराधियों ने एक शिक्षक की गोलीमार कर हत्या की

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मधुबनी 25 दिसम्बर, बिहार में मधुबनी जिले के मधेपुरा थाना क्षेत्र के खजुरा मध्य विद्यालय के समीप कल रात अपराधियों ने एक शिक्षक की गोलीमार कर हत्या कर दी । पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि शिक्षक कैलाश यादव और उसका भाई मुकेश यादव मोटरसाईकिल से मधेपुर से वीरपुर जा रहे थे । रास्ते में घात लगाये चार अपराधियों ने गोलीबारी की । 

इस घटना में शिक्षक की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी जबकि उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गये । सूत्रों ने बताया कि घायल को गंभीर स्थिति में दरंभगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है । शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है । 

केजरीवाल का एलजी पर पलटवार,जांच आयोग से ड़र क्यों

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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर दिल्ली सरकार के जांच आयोग गठित करने के फैसले पर उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर टकराव हो गया है। मीडिया में ऐसी खबरें आई थी कि श्री जंग ने जांच आयोग गठित करने को लेकर केन्द्र को चिट्ठी लिखी है जिसमें उसे गैरकानूनी बताते हुए सवाल उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आज दिल्ली सरकार का 2016 का कैलेंडर और डायरी करने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उप राज्यपाल की चिट्ठी को लेकर उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल परिवहन घोटाले में फंस रहे है और वह चिट्ठी लीक कर रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र ने हमारे पीछे अपनी सभी एजेंसियां लगा दी और अब तो केन्द्रीय जांच ब्यूरो को भी हमारे पीछे छोड़ दिया है। हमको ड़र नहीं लग रहा तो उनको किस बात का ड़र है। एक बार जांच आयोग बैठ जाएं तो सब सामने आ जाएगा। यहां तो दाल में काला ही नहीं है पूरी की पूरी दाल काली है। 

उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी अपना निशाना जारी रखा और कहा कि उन्हें जांच आयोग से सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री जेटली को उपराज्यपाल का दुरुपयोग बंद करके जांच आयोग के साथ सहयोग करना चाहिए। श्री जेटली के ब्लॉग लिखने पर मुख्यमंत्री ने उनके निकट सहयोगी माने जाने वाले विश्वास नगर से विधायक ओ पी शर्मा पर हमला करते हुए कहा कि श्री जेटली को श्री शर्मा पर भी ब्लॉग लिखना चाहिए। गौरतलब है कि श्री शर्मा लगातार आम आदमी पार्टी के विधायकों के निशाने पर रहे है और चांदनी चौक से आप पार्टी की विधायक अलका लांबा के साथ उनका कई बार विवाद हो चुका है। हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में श्री शर्मा को पूरे सत्र के लिए निलंबित भी कर दिया गया था। 

वामदलों को एकजुट होने की जरूरत : सुधारकर रेड्डी

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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने देश में वामपंथी आंदोलन के 90 वर्ष पूरे होने के मौके पर साम्प्रदायिकता जातिवाद तथा कारपोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी वामदलाें को एकजुट होने का आह्वान किया है1 पार्टी के महासचिव सुधारकर रेड्डी ने अपने एक लेख में 1925 से लेकर अब तक वाम आंदोलन के सफर का लेखा जोखा पेश करते हुए यह आह्वान किया है। गौरतलब है कि 26 दिसंबर 1925 को ही भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी। श्री रेड्डी ने वाम आंदोलन को संघर्ष का इतिहास बताते हुए लिखा है कि 1916 में रूसी क्रांति के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जय प्रकाश नारायण , राममनोहर लोहिया, अच्युत पटवर्द्धन, जैसे कई कांग्रेसी नेता समाजवादी विचारों से प्रभािवत हुए थे और भगत सिंह और उनके सहयोगी अजय घोष तथा विजय कुमार सिन्हा जैसे क्रांतिकारी भी कम्युनिस्ट बन गए थे। कम्युनिस्टों के खिलाफ कानपुर-मेरठ तथा पेशावर षड़यंत्र मुकदमें चलाए गए और वे जेल में रहे। कई कामरेड तो 10 से 26 वर्ष तक जेल में रहे। आजादी के बाद तेलांगना सशत्र संघर्ष में 4,500 कामरेडों ने जान गंवायी। भाकपा ने बंगाल में किसानों के अधिकारों के लिए तेभागा आंदोलन चलाया। कम्युनिस्ट पार्टी आजादी के बाद दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी और तीसरी लोकसभा तक वह मुख्य विपक्षी दल रहा। लेकिन वामपंथी आंदोलन के भीतर गंभीर मतभेद होने तथा चीनी हमले के बाद भाकपा पार्टी विभाजित हुई और बाद में वह अपनी पुरानी स्थिति की तरफ लौट नहीं पायी। 

श्री रेड्डी ने लिखा है कि 2004 में लोकसभा में 61 वाम सांसद थे, जिन्होंने भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस का साथ दिया लेकिन यूपीए सरकार (प्रथम) से परमाणु समझौते के मुद्दे पर समर्थन वापस ले लिया। हालांकि बाद में संसद में वामदलों की ताकत कम हो गयी। अब भाजपा के सत्ता में आने के बाद से चुनौतियाँ पहले से अधिक बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार काला धन वापस न ला सकी और महंगाई भी काफी बढ़ गयी , जिससे गरीबों का जीना मुहाल हो गया है । मनरेगा, स्वास्थ्य,शिक्षा, आदि में बजट में भी कटौती की गयी , जबकि कारपोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया। इसके अलावा साम्प्रदायिक एजेंडे को लागू करने की कोशिशें की गयी और समाज में असहिष्णुता बढ़ती गयी तथा अवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया जाने लगा। कामरेड गोविंद पंसारे, नरेन्द्र दाभोलकर तथा एम.एम कलबुर्गी जैसे लोगों की हत्याएं हुई। किसान विरोधी भूमिअधिग्रहण विधेयक लाने की कोशिशें की गयी लेकिन किसानों के विरोध के करण सरकार को वापस लेना पड़ा। श्री रेड्डी ने वाम आंदोलन पर आत्मचिंतन करते हुए कहा है कि इस दौर में वामदलों की न केवल सीटें कम हुई बल्कि उनकी ताकत भी घटी, क्योंकि वामदल जनता से कट गए। लेकिन अब सभी वामदलों को एकजुट होने की जरूरत है तभी वे नयी चुनौतियों को मुकाबला कर सकेंगे। 

दिलवाले ने 100 करोड़ की कमाई की

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मुंबई 25 दिसंबर, बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख खान और काजोल की जोड़ी वाली फिल्म ‘दिलवाले’ ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ की कमाई कर ली है । रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दिलवाले’ 18 दिसंबर को प्रदर्शित हुयी थी। फिल्म ने अपने पहले वीकेंड के दौरान 65 करोड़ रूपये की शानदार कमाई की थी । फिल्म ने अबक 100 करोड़ रूपये से अधिक की कमाई कर ली है । इससे पूर्व इस वर्ष प्रदर्शित फिल्मों में ‘बजरंगी भाईजान’ , ‘प्रेम रतन धन पायो’ , ‘तनु वेडस मनु रिटर्नस’ और ‘एबीसीडी 2’ ने 100 करोड़ रूपये की कमाई की है । 

उल्लेखनीय है कि दिलवाले के जरिये काजोल ने फिल्म इंडस्ट्री में पांच साल बाद कमबैक किया है । शाहरूख खान और काजोल की जोड़ी ‘दिलवाले’ फिल्म के जरिये पांच साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर नजर आयी । शाहरूख- काजोल ने अंतिम बार वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म ‘माई नेम इज खान’ में काम किया था । ‘दिलवाले’ में शाहरूख-काजोल के अलावा वरूण धवन ,कृति सैनन ,विनोद खन्ना ,कबीर बेदी और जॉनी लीवर की भी अहम भूमिकायें हैं । 

मायावती अपने जन्मदिन से शुरु करेंगी विधानसभा चुनाव प्रचार

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लखनऊ 25 दिसम्बर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2017 में होने वाले चुनाव प्रचार अपने 60वें जन्मदिन आगामी 15 जनवरी से शुरु करेंगी। बसपा सूत्रों ने आज यहां बताया कि सुश्री मायावती अगले सप्ताह जोनल कोआर्डिनेटरों की बैठक कर अपने जन्मदिन से चुनाव प्रचार में जुट जाने के लिए कह सकती हैं। सूत्रों का दावा है कि पार्टी अध्यक्ष आगामी छह जनवरी से कोआर्डिनेटरों की बैठकें लेना शुरु कर देंगी। उनके यहां इसी महीने के अन्त में आने की संभावना है। 

उन्होंने बताया कि संगठन की दृष्टि से बने 17 जोन के पदाधिकारियों की बैठक में वह सांगठनिक जानकारियां हासिल करेंगी। जिसमें जातीय समीकरण का खासतौर से अध्ययन करेंगी। वह जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संगठन को और गतिशील बनाने का निर्देश भी दे सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर सुश्री मायावती यहां रमाबाई अम्बेडकर मैदान पर एक रैली भी करेंगी। उन्होने बताया कि पार्टी अध्यक्ष एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर पूर्ण बहुमत के साथ लौटना चाहती हैं। पंचायत चुनाव में पार्टी की बेहतर प्रदर्शन से संतुष्ट सुश्री मायावती कार्यकर्ताओं में उत्साह को बरकरार रखना चाहती हैं। 

क्या पाकिस्तान से दाऊद को लाने गए हैं मोदी : शिवसेना

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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के अप्रत्याशित पाकिस्तान दौरे पर तंज कसते हुए कहा है कि क्या श्री मोदी पाकिस्तान से अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहीम को लाने गए हैं। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीटर पर श्री मोदी की यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि आखिर प्र्रधानमंत्री का इस तरह अचानक पाकिस्तान जाने का क्या मतलब है। क्या वह दाऊद इब्राहीम को लेकर आने वाले हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि दाऊद का कल जन्मदिन है। कई बड़ी हस्तियां उसे बधाई देने पाकिस्तान पहुंच रही हैं। क्या श्री मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच आज होने वाली मुलाकात के बाद दाऊद इब्राहीम भारत के हवाले किया जाएगा। उधर, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी श्री मोदी के रूस की दो दिवसीय यात्रा के बाद लौटते समय अचानक अपना कार्यक्रम बदलते हुए आज पाकितस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात करने पर सवाल उठाया है। 

पार्टी प्रवक्ता अजय कुमार ने सवाल किया, “क्या पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों में सुधार हुआ है जिसके कारण श्री मोदी देश को सूचित किए बिना अचानक श्री शरीफ से मिलने लाहौर पहुंच गए।’ कांग्रेस के एक अन्य नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यदि लाहौर जाने का कार्यक्रम पूर्वनियोजित नहीं था तो उनकी यह यात्रा निश्चित रूप से हास्यास्पद है। श्री मोदी के इस कदम का देश की सुरक्षा पर गहरा असर पड़ सकता है। हालांकि विरोध की इन अावाजों के बीच जम्मू -कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी ‘पीडीपी’ ने इस मुलाकात का स्वागत करते हुए कहा है कि उम्मीद है कि यह मुलाकात सकारात्मक रहेगी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की नयी पहल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिये आज अचानक लाहौर पहुँच कर दुनिया को हैरान कर दिया। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से श्री मोदी के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने के तुरंत बाद अपराह्न अचानक बने इस कार्यक्रम का पता चलते ही भारत और पाकिस्तान के सरकारी हलकों में अफरा तफरी मच गयी। अपनी नातिन के निकाह समारोह के कारण लाहौर में मौजूद श्री शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये श्री मोदी ने ट्विटर पर लाहौर आने की घोषणा कर दी। 

श्री मोदी ने काबुल में अफगान संसद के उद्घाटन के बाद खुद ट्वीट किया, “मैंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मैं लाहाैर में आज दोपहर श्री शरीफ से मिलूंगा] जहाँ स्वदेश लौटते समय रुकूँगा।” उनकी इस घोषणा ने दुनियाभर के कूटनीतिक हलकों को अचरज में डाल दिया। श्री मोदी ने काबुल से भारतीय वायुसेना के विमान से करीब साढ़े तीन बजे उड़ान भरी और करीब पौने पांच बजे लाहौर हवाई अड्डे पर उनका विमान चार बजे तक लाहौर में उतरा। श्री शरीफ करीब आधे घंटे पहले ही हवाई अड्डे पहुँच गये थे। श्री मोदी के पहुँचने पर श्री शरीफ ने गले मिलकर उनका स्वागत किया और फिर दोनों नेता एक हेलिकॉप्टर में बैठकर लाहौर के निकट श्री शरीफ के गाँव जाती उमरा में निजी निवास रायविंड के लिये रवाना हो गये। जहाँ दोनों नेताओं के बीच मुलाकात एवं दावत के इंतजाम किये गये हैं। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टी सी ए राघवन भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार श्री शरीफ ने श्री मोदी के लिये खासतौर पर शाकाहारी व्यंजनों का इंतज़ाम किये हैं। इससे पहले लाहौर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने श्री शरीफ और श्री मोदी की संक्षिप्त मुलाकात की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों नेताओं के बीच भारत एवं पाकिस्तान के द्विपक्षीय एवं अन्य पर भी बातचीत होने की संभावना है। 

मोदी पहुँचे पाकिस्तान, शरीफ के घर होगी दावत

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लाहाैर, 25 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की नयी पहल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिये आज अचानक लाहौर पहुँच कर दुनिया को हैरान कर दिया। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से श्री मोदी के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने के तुरंत बाद अपराह्न अचानक बने इस कार्यक्रम का पता चलते ही भारत और पाकिस्तान के सरकारी हलकों में अफरा तफरी मच गयी। अपनी नातिन के निकाह समारोह के कारण लाहौर में मौजूद श्री शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये श्री मोदी ने ट्विटर पर लाहौर आने की घोषणा कर दी। 

श्री मोदी ने काबुल में अफगान संसद के उद्घाटन के बाद खुद ट्वीट किया, “मैंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मैं लाहाैर में आज दोपहर श्री शरीफ से मिलूंगा जहाँ स्वदेश लौटते समय रुकूँगा।” उनकी इस घोषणा ने दुनियाभर के कूटनीतिक हलकों को अचरज में डाल दिया। श्री मोदी ने काबुल से भारतीय वायुसेना के विमान से करीब साढ़े तीन बजे उड़ान भरी और करीब पौने पांच बजे लाहौर हवाई अड्डे पर उतरे। श्री शरीफ करीब आधे घंटे पहले ही हवाई अड्डे पहुँच गये थे। श्री मोदी के पहुँचने पर श्री शरीफ ने गले मिलकर उनका स्वागत किया और फिर दोनों नेता एक हेलीकॉप्टर में बैठकर लाहौर के निकट श्री शरीफ के गाँव जाती उमरा में निजी निवास रायविंड के लिये रवाना हो गये। जहाँ दोनों नेताओं के बीच मुलाकात एवं दावत के इंतजाम किये गये हैं। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टी सी ए राघवन भी हवाई अड्डे पर मौजूद थे। 

सूत्रों के अनुसार श्री शरीफ ने श्री मोदी के लिये खासतौर पर शाकाहारी व्यंजनों का इंतज़ाम किये हैं। इससे पहले लाहौर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने श्री शरीफ और श्री मोदी की संक्षिप्त मुलाकात की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों नेताओं के बीच भारत एवं पाकिस्तान के द्विपक्षीय एवं अन्य पर भी बातचीत होने की संभावना है। 

आजाद समर्थकों ने हंगामा और ट्रेन परिचालन बाधित किया

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दरभंगा,25 दिसम्बर, बिहार के दरभंगा से भारतीय जनता पार्टी सांसद कीर्ति आजाद के पार्टी से निलंबित किये जाने के विरोध में आज दूसरे दिन भी उनके समर्थकों ने यहां पटरी पर धरना देकर ट्रेन परिचालन बाधित कर दिया । भाजपा के दरभंगा जिला उपाध्यक्ष विनोद मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में श्री आजाद के समर्थकों ने दरभंगा स्टेशन पर जमकर नारेबाजी करने के बाद हंगामा किया । बड़ी संख्या में आजाद समर्थकों की उपस्थिति और हंगामे के कारण कुछ देर के लिये स्टेशन परिसर में अफरा-तफरी मच गयी । भाजपा का झंडा और श्री आजाद का पोस्टर हाथों में लिये उनके समर्थकों ने पटरी पर धरना दिया । धरने के कारण दरभंगा से चलकर दिल्ली की ओर जाने वाली गरीब रथ तथा पटना जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से लगभग चार घंटे बाद रवाना हो सकी । इस दौरान कई समर्थक ट्रेन के इंजन पर चढ़ गये । 

धरना दे रहे श्री आजाद के समर्थक पार्टी में उनकी पुन: वापसी और वित्त मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे । समर्थकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक श्री आजाद की पार्टी में वापसी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा । बाद में रेलवे पुलिस ने धरना दे रहे सांसद के समर्थकों को समझा कर रेल परिचालन फिर से बहाल कराया । उल्लेखनीय है कि श्री आजाद के पार्टी से निलंबन की जानकारी मिलने के बाद दरभंगा शहर में आज दूसरे दिन भी उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया । श्री आजाद के समर्थन में कल भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बैद्यनाथ यादव और महासचिव अरूण कुमार सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में समर्थकों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन किया था । इसी क्रम में कल समर्थकों ने दोनार और लहेरिया सराय टावर के निकट वित्त मंत्री जेटली और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का पुतला जलाया था । सांसद के समर्थक दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन में अनियमितता के मामले को लेकर जहां श्री जेटली पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ जमकर नारे भी लगाये थे। 

मोदी पाकिस्तान की यात्रा करने वाले चौथे प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली 25 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के चौथे प्रधानमंत्री है जो पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा पर गये है। भारतीय प्रधानमंत्री की पाकिस्तान में 11 वर्ष बाद यात्रा हो रही है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, श्री राजीव गांधी और श्री अटलबिहारी वाजपेयी दो-दो बार पाकिस्तान की यात्रा पर गये थे। श्री मोदी रूस और अफगानिस्तान की यात्रा के बाद आज अचानक पाकिस्तान की यात्रा पर पहुँचे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का आज जन्मदिन भी है। पिछले साल श्री मोदी के सत्ता ग्रहण समारोह में श्री शरीफ भी आए थे और ऐसी उम्मीद बंधी थी कि दोनों देशों के बीच बेहद तल्ख रिश्तों में कड़वाहट में कमी आएगी लेकिन पाकिस्तान द्वारा सीमापार से लगातार आतंकवादी घटनाओं के बाद संबंधों में खटास आ गई थी। हाल में दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ है और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा की थी। 

प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 1953 में 25 से 27 जुलाई तक पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे। उनकी इस यात्रा को भारत की तरफ से दोनों देशों के बीच कश्मीर समेत सभी विवादों को हल करने के पहले गंभीर प्रयास के रूप में देखा गया था। उस समय श्री नेहरू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत करने के लिए कराची गए थे। श्री नेहरू ने ही सात साल के बाद 1960 में फिर 19 से 23 सितंबर तक पाकिस्तान की यात्रा की थी। उस यात्रा के दौरान श्री नेहरू कराची, मुरी, नाथियागली, रावलपिंडी और लाहौर गए थे। पाकिस्तान की दूसरी यात्रा के दौरान उनका भव्य स्वागत हुआ था। यह यात्रा जलसंधि पर हस्ताक्षर को लेकर थी। 

इसके बाद दोनों के बीच रिश्तों में तल्खी बढ़ती गई और 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध हुआ और बंगलादेश का उदय हुआ। इस युद्ध के करीब 18 साल बाद राजीव गांधी ने 1988 में 29 से 31 दिसंबर तक पाकिस्तान की यात्रा की थी। भारतीय प्रधानमंत्री की 28 साल बाद यह पहली पाकिस्तान यात्रा थी। श्री गांधी चौथे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की बैठक में हिस्सा लेने इस्लामाबाद गए थे। उस समय पाकिस्तान में एक दशक से अधिक समय के बाद बेनजीर भुट्टो की अगुआई में पहली लोकतांत्रिक सरकार बने एक महीना भी नहीं हुआ था, इस यात्रा में दोनों प्रधानमंत्रियों ने तीन गैरपक्षीय समझौते किए थे, जिनमें एक दूसरे के परमाणु ठिकानों पर आक्रमण पर रोक, विमान सेवा और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना था। 

इस यात्रा के एक वर्ष के कम समय में श्री गांधी ने 1989 में फिर 16, 17 जुलाई को इस्लामाबाद की यात्रा की थी। 
इसके बाद अगले करीब 10 वर्ष तक कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर नहीं गया। श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार केन्द्र में सत्ता में आई । श्री वाजपेयी ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए 1999 में 19 और 20 फरवरी को बस से लाहौर की यात्रा की। अपनी इस यात्रा में वह दिल्ली लाहौर बस सेवा का उद्घाटन कर उसमें स्वयं सवार होकर गए थे। उस समय भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री शरीफ ही थे। दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य बनाने और शांति कायम करने का श्री वाजपेयी का यह प्रयास सिरे नहीं चढ़ा और पाकिस्तान ने एक माह के भीतर ही करगिल पर आक्रमण कर लाहौर घोषणा को खत्म कर दिया। 

करीब पांच वर्ष बाद श्री वाजपेयी 2004 में 4 से 6 जनवरी तक बारहवें दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने इस्लामाबाद गए। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट निरंतर बढ़ती गई और 2008 में मुंबई के ताजमहल होटल पर आतंकवादी आक्रमण ने दोनों देशों के रिश्तों में दूरी ओर बढ़ा दिया। पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार से बारबार हमलों के बाद रिश्ते लगातार तल्ख बने रहे, लेकिन पिछले साल 26 मई को श्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के न्योते को स्वीकार कर श्री शरीफ भारत आए थे। इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की लौ जगी थी लेकिन सीमा पार से निरंतर गोलाबारी और शांति समझौते का उल्लंघन होने से रिश्ते बराबर कटु बने रहे। अब श्री मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में तरह तरह के कायस लगने शुरू हो गए हैं। 

हिरासत में लिये गये जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक

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श्रीनगर 25 दिसम्बर, जम्मू -कश्मीर के अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक को आज पुलिस ने एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया जिसके विरोध में सिविल लाइन में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किये और इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसूओं के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक के साथ ही फ्रंट के दस से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में ले लिया, जिसको लेकर राज्य के सिविल इलाके में लोगों ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। 
जुमे की नमाज के तुरंत बाद सिविल लाइस में जेकेएलएफ समर्थक और आम लोग आज दोपहर मैसुमा की सड़कों पर इकट्ठा हो गये और आतंकवाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बादशाह चौक पर प्रदर्शनकारियों ने स्वतंत्रता के समर्थन में भी नारेबाजी की। यहां पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों और पुलिकर्मी की तैनाती की गयी थी। जब सभी प्रदर्शनकारी लाल चौक की तरफ बढ़ रहे थे तब सुरक्षाबल हरकत में आये और उन पर जमकर लाठीचार्ज किया। इसके बाद मलिक और दस से अधिक नेताओं को पुलिस की गाड़ी से कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 

जेकेएलएफ के प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की। उन्होंने पिछले दो सप्ताह के दाैरान एक महिला और बच्चा सहित तीन लोगों की कथित हत्या को न रोक पाने और ग्रामीण सुरक्षा समिति (वीडीसी) द्वारा लोगों की सुरक्षा करने में असफल रहने को लेकर भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

वेद हमारी अमूल्य सम्पदा हैं : प्रणव मुखर्जी

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एलुरु(आंध्र प्रदेश) 25 दिसम्बर, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि वेद हमारी अमूल्य सम्पदा हैं और इनमें वर्णित श्लोकों में निहित ज्ञान का अकूत भंडार हमारे विवेक, बुद्धिमत्ता और समझ को विकसित करता है। श्री मुखर्जी ने पश्चिम गोदावरी जिले में अल-भीमावरम स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा निर्मित वैदिक स्कूल के उद्घाटन के दौरान कहा, “वेद हमारी विरासत अौर संस्कृति का स्रोत है और हमारे मूल्यों का आधार है।” उन्होंने कहा, “वेदों में निहित विचार न सिर्फ व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए हैं बल्कि इनमें वर्णित संदेश सार्वभौमिक भाईचारे को प्रकट करते हैं। यूनेस्को ने भी माना है कि वेद वाचिक विरासत हैं और इनका संरक्षण हमारा पवित्र कर्तव्य है।” 

उन्होंने कहा, “वेदों को सही से समझे बिना उनके वास्तविक संदेश को नहीं समझा जा सकता। वास्तव में, वैदिक शिक्षाओं की पुरानी परंपरा वाचिक और गुरु-शिष्य परम्परा पर आधारित थी।” राष्ट्रपति ने कहा कि आंध्र प्रदेश में प्राचीन समय में कई शैक्षिक केन्द्र थे जहां पर विदेशी छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते थे। वैदिक संस्थान और विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए टीटीडी की प्रशंसा करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि वेद की वाचिक परंपरा को बचाये रखने के लिए टीटीडी की ओर से उठाए गए कदम सराहनीय हैं। टीटीडी ने श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय की शुुरूआत की जो अपनी तरह का अनूठा संस्थान है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने उम्मीद जताई कि अल-भीमावरम स्थित वैदिक स्कूल आने वाले समय में वैदिक शिक्षा का केंद्र बनेगा। 

शरीफ को बधाई और नातिन को आशीर्वाद देकर मोदी स्वदेश रवाना

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लाहौर, 25 दिसंबर, पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सुधारने की बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिये आज अचानक लाहौर जा पहुँचे। श्री मोदी ने करीब ढाई घंटे के प्रवास के दौरान भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिये पारिवारिक एवं निजी संबंधों का कूटनीतिक संबंधों को सामान्य बनाने के लिये इस्तेमाल करने की पहल की। उन्होंने श्री शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी और उनकी नातिन से भी मिले और उसे शादी की मुबारकबाद एवं आशीर्वाद दिया। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से श्री मोदी के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने के तुरंत बाद अपराह्न अचानक बने इस कार्यक्रम का पता चलते ही भारत और पाकिस्तान के सरकारी हलकों में अफरा तफरी मच गयी और दुनिया हैरान रह गयी। अपनी नातिन के निकाह समारोह के कारण लाहौर में मौजूद श्री शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये श्री मोदी ने ट्विटर पर लाहौर आने की घोषणा कर दी। श्री मोदी ने काबुल से भारतीय वायुसेना के विमान से करीब साढ़े तीन बजे उड़ान भरी और करीब पौने पांच बजे उनका विमान लाहौर हवाई अड्डे पर उतरा।

लाहौर के अल्लामा इकबाल हवाई अड्डे पर श्री शरीफ करीब आधे घंटे पहले ही हवाई अड्डे पहुँच गये थे। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री का गले लग कर गर्मजोशी से स्वागत किया और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से परिचय कराया। बाद में श्री शरीफ हेलिकॉप्टर में श्री मोदी और उनके साथ आये प्रतिनिधिमंडल में शामिल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर एवं अन्य अधिकारियों को लेकर अपने पैतृक गाँव रायविंड में अपने घर जाती उमरा के लिये रवाना हो गये। दोनों नेता एक ही कार में सवार हो कर जाती उमरा पहुँचे। वहाँ श्री शरीफ के भाई एवं पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने उनकी अगवानी की। कल श्री शरीफ की नातिन का निकाह है और आज मेंहदी की रस्म थी। श्री मोदी ने दुल्हन को आशीर्वाद एवं साड़ी का तोहफा दिया और उसके सुखमय जीवन की कामना की। 

रायविंड में करीब डेढ़ घंटे तक रुकने के बाद श्री मोदी वापस लौट गये। भारतीय समयानुसार पौने सात बजे वह श्री शरीफ के घर से हवाई अड्डे के लिये रवाना हो गये। श्री शरीफ उन्हें विदा करने हवाई अड्डे तक आये। सवा सात बजे श्री मोदी अपने विमान में सवार होेकर स्वदेश रवाना हो गये। मौके के गवाह रहे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर बताया कि दोनों नेताओं ने शोर शराबे से दूर द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत की। श्री मोदी की लाहौर यात्रा को देखते हुए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गयी थी। पाकिस्तान में इसे अहम कूटनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। यह श्री मोदी की पहली और किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 11 साल बाद पहली पाकिस्तान यात्रा है। इससे पहले 2004 जनवरी में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की बैठक में भाग लेने गये थे। 

यह श्री मोदी और श्री शरीफ के बीच पाँचवीं और एक साल के अंदर तीसरी मुलाकात है। दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात 27 मई को नई दिल्ली में हुई थी जब श्री मोदी के निमंत्रण पर श्री शरीफ उनके शपथग्रहण समारोह में भाग लेने आये थे। दूसरी मुलाकात पिछले साल काठमांडू में दक्षेस की बैठक के दौरान हुई थी। इसके बाद इस साल जुलाई में रूस के ऊफा में ब्रिक्स एवं शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इसके बाद 30 नवंबर को पेरिस में जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापवृद्धि पर पक्षकारों के सम्मेलन में दोनों नेताओं की अनौपचारिक बातचीत हुई थी। उसके परिणामस्वरूप बैंकाक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक हुई और चंद दिनों पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत के लिये इस्लामाबाद का दौरा किया। कूटनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक श्री मोदी की श्री शरीफ के साथ मुलाकात की घोषणा मीडिया की चकाचौंध से हटकर उनकी लीक से हटकर कूटनीति का ही विस्तार है। 

श्री मोदी ने काबुल में अफगान संसद के उद्घाटन के बाद ट्वीट करके जानकारी दी, “मैंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से टेलीफोन पर बात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मैं लाहाैर में आज दोपहर श्री शरीफ से मिलूंगा जहाँ स्वदेश लौटते समय रुकूँगा।” उनकी इस घोषणा ने दुनियाभर के कूटनीतिक हलकों को अचरज में डाल दिया। उधर, नयी दिल्ली में विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज ने तुरंत इसकी सराहना की। श्रीमती स्वराज ने ट्वीट किया कि यह एक कुशल राजनेता की निशानी है। पड़ोसी से ऐसे ही रिश्ते होने चाहिये। जबकि कांग्रेस ने श्री मोदी की यात्रा की तीखी आलोचना की। कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने इसे ‘कूटनीतिक मज़ाक’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यह यात्रा पहले से तय हो गयी थी और इसका मकसद किसी निजी कारोबारी को फायदा पहुँचाना था। 

इससे पहले 1999 में श्री वाजपेयी दिल्ली-लाहौर बस सेवा में सवार होकर लाहौर पहुँचे थे लेकिन कारगिल की घटना से दोनों देशों को सैन्य टकराव की दिशा में धकेल दिया था। श्री मोदी के पूर्ववर्ती एवं श्री वाजपेयी के उत्तराधिकारी डॉ. मनमोहन सिंह भी पाकिस्तान की यात्रा को लेकर कई बार बहुत उत्सुक रहे क्योंकि उनका जन्मस्थान गाह गाँव पाकिस्तान के पंजाब में है। लेकिन ऐसे हालात बने कि वह नहीं जा पाये। ऐसे संकेत थे कि श्री मोदी 2016 में दक्षेस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाएँगे लेकिन दक्षेस सम्मेलन से बहुत पहले ही पाकिस्तान जाने का उनका मकसद दोनों देशों के बीच बाधित समग्र शांति प्रक्रिया को बहाल करना है। 

मोदी की पाकिस्तान यात्रा पूर्व निर्धारित थी : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 25 दिसम्बर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा को पूर्व नियोजित और पूर्व निर्धारित करार देते हुए आज आरोप लगाया कि एक व्यापारिक घराने को फायदा पहुंचाने के लिए हुई इस यात्रा को लेकर सरकार ने देश तथा संसद को अंधेरे में रखा। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री मोदी रूस की दो दिवसीय यात्रा के बाद अफगानिस्तान से लौटते समय लाहौर में देशहित में नहीं बल्कि निजी व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए पहुंचे। उनकी इस यात्रा को परंपरा का उल्लंघन बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के 67 साल के इतिहास में कोई प्रधानमंत्री इस तरह चुपचाप विदेश की धरती पर नहीं उतरा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा श्री मोदी के लाहौर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने के फैसले को एक कुशल राजनेता की निशानी बताने संबंधी बयान को खारिज करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना होगा कि इससे देश को किस तरह का फायदा हुआ है। साथ ही उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि इस यात्रा को किन कारणों से गोपनीय रखा गया और देश तथा संसद को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गयी।

श्री शर्मा ने कहा कि लाहौर की आज की यह यात्रा उसी व्यापारिक घराने को फायदा पहुंचाने के लिए की गयी है जिसने इससे पहले नेपाल की राजधानी काठमांडू में श्री मोदी तथा श्री शरीफ की मुलाकात एक बंद कमरे में कराई थी। इसी व्यापारिक घराने ने इस बार भी काठमांडू की बैठक बाला चैनल अपनाते हुए श्री मोदी तथा शरीफ की लाहौर बैठक आयोजित कराई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा पूरे देश के हितों को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जाती है लेकिन श्री मोदी लगातार इसी तरह चुपचाप श्री शरीफ से मिल रहे हैं। इससे पहले उनकी मुलाकात काठमांडू और फिर रूस के उफा में हुई थी और इन दोनों बैठकों के बारे में देश को कुछ नहीं बताया गया और इस बार फिर दोनों नेताओं की मुलाकात को गोपनीय रखा गया है और देश को इसकी सूचना नहीं दी गयी। 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस बार की बैठक के बारे में विदेश मंत्री के किसी बयान को नहीं स्वीकारा जाएगा। श्री मोदी को खुद इस मुलाकात में हुई बातचीत का ब्योरा देश को देना होगा और उन्हें बताना पडेगा कि आतंवाद तथा अन्य मुद्दों पर उनकी श्री शरीफ के साथ क्या बातचीत हुई है। इससे पहले पार्टी के प्रवक्ता अजय कुमार ने सवाल किया था “क्या पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों में सुधार हुआ है जिसके कारण श्री मोदी देश को सूचित किए बिना अचानक श्री शरीफ से मिलने लाहौर पहुंचे।” कांग्रेस के एक अन्य नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यदि लाहौर जाने का कार्यक्रम पूर्वनियोजित नहीं था तो उनकी यह यात्रा निश्चितरूप से हास्यास्पद है। 

मोदी का न ‘खायेंगे,न खाने देंगे’का वादा कहां गया : जदयू

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पटना, 25 दिसम्बर, जनता दल यूनाईटेड ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि ‘न खायेंगे,न खाने देंगे’ का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे मामलों में या तो चुप्पी साध लेते हैं या घोटालेबाजों के पक्ष में खड़े हो जाते हैं । बिहार जदयू के प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने यहां कहा कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ में व्यापक पैमाने पर हुए कथित भ्रष्टाचार को उजागर और आरोपियों को बेनकाब करने में लगे भाजपा सांसद कीर्ति आजाद के पार्टी से निलंबन की कार्रवाई से यह साबित हो गया है कि यह दल घोटाला करने वालों के साथ खड़ा है ।उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने गत लोकसभा चुनाव में ‘न खायेंगे,न खाने देंगे’ का नारा दिया था जो लोगों को अच्छा लगा और जनता ने इस उम्मीद के साथ भाजपा को वोट दिया था कि इस दल की सरकार बनने पर देश से भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा ।

उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा नीत सरकार बनने के बाद से ही ठीक इसके उलट हो रहा है और भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचाने में जुट गया है। श्री यादव ने कहा कि श्री आजाद के निलंबन से साफ संदेश गया है कि भाजपा का कोई भी मंत्री या नेता भ्रष्टाचार को उजागर करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।उन्होंने कहा कि श्री आजाद के खिलाफ कार्रवाई से देश की जनता मर्माहत है और वह जानना चाहती है कि श्री मोदी का भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का वादा क्या जनता को सिर्फ लुभाने या सुनाने के लिए ही था।भाजपा नेतृत्व को इसका जवाब देना चाहिए। 

चीन की शह पर नेपाल में प्रताड़ित किये जा रहे हैं मधेसी : महतो

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मुजफ्फरपुर,25 दिसम्बर, नेपाल के पूर्व मंत्री एवं मधेसी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष राजेन्द्र महतो ने चीन की शह पर मधेसियों को प्रताड़ित करने का नेपाल सरकार पर आरोप लगाते हुए भारत सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। श्री महतो ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि नेपाल पुलिस मधेसियों पर अत्याचार कर रही है जिसके मद्देनजर करीब पांच महीने से चल रहे मधेसी आन्दोलन को समाप्त करवाने के लिए भारत सरकार के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।उन्होंने कहा,“ मधेसी नेपाल में सैकड़ों वर्षों से रह रहे हैं जिनकी आवाज दबाने के लिए नेपाल सरकार दमनकारी रवैया अपनाये हुए है।” मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि नेपाल सरकार का संविधान संशोधन करने का वादा पड़ोसी देश में वर्षों से रह रहे भारतीय मूल के लोगों को बरगलाने का एक प्रयास मात्र है ।उन्होंने कहा कि मधेसियों के लिए नये राज्य और उसे संविधान में शामिल करने की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती तब मधेसी आन्दोलन जारी रहेगा । 

श्री महतो ने कहा कि नेपाल सरकार ने मधेसियों के साथ 11 सूत्री समझौता किया था जिसे वर्तमान सरकार लागू नहीं कर रही है ।उन्होंने कहा कि सरकार पहले मधेसी राज्य बनाने और जनसंख्या के अनुपात में मधेसियों को संसद में प्रतिनिधित्व देने की घोषणा करे तभी आंदोलन को समाप्त करने के लिए वार्ता संभव होगी। मधेसी नेता ने कहा कि आन्दोलन के दौरान अब तक 200 से अधिक लोग पुलिस फायरिंग में मारे गये हैं लेकिन सरकार के दमनकारी रवैये के बावजूद मधेसियों का संघर्ष जायज मांग पूरी होने तक जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण नेपाल की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है लेकिन सरकार मधेसियों की न्यायोचित मांग पूरी करने के लिए तैयार नहीं है। नेपाल के पूर्व मंत्री ने कहा कि आंदोलन की रणनीति के तहत भारत से विराटनगर और सोनौली को जाने वाले मार्ग कल से बंद कर दिये जायेंगे।उन्होंने कहा कि नेपाल की जनता के हक में होगा यदि सरकार मधेसियों की उचित मांगें बगैर देरी किये पूरी कर दे ।

हम ने की शत्रुघ्न और आर के सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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पटना,25 दिसम्बर, भारतीय जनता पार्टी के दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद को पार्टी से निलंबित किये जाने को लेकर पिछले दो दिनों से दल के अंदर चल रही खींचतान के बीच बिहार में भाजपा की सहयोगी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने आज पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और आर के सिंह के विरुद्ध भी कार्रवाई की मांग कर भाजपा नेतृत्व को पसोपेश में डाल दिया है । हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा.दानिश रिजवान ने श्री आजाद के विरुद्ध भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने (श्री आजाद) दरभंगा ग्रामीण क्षेत्र से हम के प्रत्याशी नौशाद अहमद का खुलकर विरोध किया था । श्री आजाद के विरोध किये जाने के कारण श्री अहमद की हार हुयी थी । श्री रिजवान ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ने भी चुनाव प्रचार के दौरान खुले मंच से इस बात को कहा था कि श्री आजाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रत्याशी को हरवाने में लगे हैं । उन्होंने कहा कि यदि चुनाव के समय ही श्री आजाद के विरुद्ध कार्रवाई की गयी होती तो आज प्रदेश में राजग की इतनी फजीहत नहीं होती । 

हम प्रवक्ता ने भाजपा आलाकमान से बिहार के आरा से सांसद आर के सिंह और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की । उन्होंने आरोप लगाया कि श्री सिंह और श्री सिन्हा चुनाव के दौरान महागठबंधन के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे । इससे राजग को काफी नुकसान हुआ । श्री रिजवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर चुनाव जीतने वाले इन नेताओं को यदि राजग और भाजपा इतनी बुरी लगती है तो उन्हें पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहिए । निर्दलीय चुनाव लड़ने से ऐसे नेताओं के जनाधार का अंदाजा लग जायेगा । हम प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे नेताओं के बड़बोलेपन से राजग को विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ा । भविष्य में फिर ऐसा न हो इसके लिये जरूरी है कि बेलगाम नेताओं पर अंकुश लगाया जाये । 
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