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पोप ने की आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील

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वेटिकन सिटी, 25 दिसंबर, पाेप फ्रांसिस ने शुक्रवार को क्रिसमस के अवसर पर विश्व को दिए अपने संदेश में इस्लामिक आतंकवाद द्वारा जारी हिंसा के खात्मे और इसके लिए एकजुट होने की अपील की। वर्ष 2013 में पोप बने फ्रांसिस ने तीसरी बार क्रिसमस का पारंपरिक संदेश दिया। कड़ी सुरक्षा और हजाराें लोगों की मौजूदगी के बीच उन्होंने सेंटपीटर्स बेसिलिका की बॉलकनी से शहर और विश्व को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों पर निशाना साधते हुए दुनिया से इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की। सीरिया और लीबिया में जारी गृहयुद्ध्र के समाप्ति की अपील करते हुए पोप ने कहा “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इन देशों में जारी हिंसा और अराजकता की तरफ आकृष्ट करना चाहूंगा। इसके साथ ही इराक, लीबिया, यमन और अफ्रीका के मरुस्थलीय देशों में भी लोग पीड़ित हैं, जहां ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपत्तियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।” 

पोप ने इस्लामिक स्टेट के निर्दयी आतंकवाद की निंदा की। उन्होंने पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के साथ ही मिस्र में रूसी विमान को मार गिराये जाने की भी निंदा की। 13 नवंबर को पेरिस में हुए आतंकवादी हमले में 130 लोगों की मौत हो गई थी और 31 अक्टूबर को मिस्र के सिनाई क्षेत्र में एक रूसी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और 224 लोगों को जान से हाथ धोनी पड़ी थी। इस्लामिक स्टेट ने इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी स्वीकार की थी। पोप ने कहा “मानवता को अनेक प्रकार की बुराइयों से केवल ईश्वर की दया ही बचा सकती है। सिर्फ ईश्वर ही लोगों के दिलों को बदल सकते हैं और इन परिस्थितियों से बचा सकते हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दुनियाभर में सताये जा रहे ईसाई समुदाय के लोगों को हिम्मत प्रदान करें।” उन्होंने इजरायल और फिलीस्तीन के बीच शांति की कामना करते हुए कहा “जहां पर प्रभु जीसस का जन्म हुआ, जहां पर ईश्वर के अवतार इस दुनिया में आए, वहां पर युद्ध और घृणा के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता है। मैं वहां पर हिंसा की जगह शांति की कामना करता हूं।” इसके साथ ही उन्होंने कांगो गणराज्य, बुरुंडी, दक्षिण सूडान और यूक्रेन में भी शांति की स्थापना की बात कही।

मोदी ने पाकिस्तान जाकर दुनिया को चौंकाया

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लाहौर. 25 दिसम्बर, पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सुधारने की बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिये आज अचानक लाहौर जाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया। श्री मोदी ने करीब ढाई घंटे के प्रवास के दौरान भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिये पारिवारिक एवं निजी संबंधों का कूटनीतिक संबंधों को सामान्य बनाने के लिये इस्तेमाल करने की पहल की। उन्होंने श्री शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी और उनकी नातिन से भी मिले और उसे शादी की मुबारकबाद एवं आशीर्वाद दिया। श्री मोदी देश के चौथे प्रधानमंत्री है जो पड़ोसी देश पाकिस्तान की यात्रा पर गये। भारतीय प्रधानमंत्री की पाकिस्तान में 11 वर्ष बाद यात्रा हो रही है।

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, श्री राजीव गांधी और श्री अटलबिहारी वाजपेयी दो-दो बार पाकिस्तान की यात्रा पर गये थे। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से श्री मोदी के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देने के तुरंत बाद अपराह्न अचानक बने इस कार्यक्रम का पता चलते ही भारत और पाकिस्तान के सरकारी हलकों में अफरा तफरी मच गयी और दुनिया हैरान रह गयी। अपनी नातिन के निकाह समारोह के कारण लाहौर में मौजूद श्री शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिये श्री मोदी ने ट्विटर पर लाहौर आने की घोषणा कर दी। श्री मोदी ने काबुल से भारतीय वायुसेना के विमान से करीब साढ़े तीन बजे उड़ान भरी और करीब पौने पांच बजे उनका विमान लाहौर हवाई अड्डे पर उतरा।

मीनाक्षी परिवार ने मनाया गरीब बच्चों के साथ क्रिशमिस डे

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नई दिल्ली। दिल्ली के शकूर बस्ती स्लम इलाके में ठण्ड और गरीबी से जूझते बच्चों के मुह पर उस वक्त मुस्कुराहट आ गई जब हर वर्ष की ही तरह मीनाक्षी मल्होत्रा अपने हाथो में उनके लिए गिफ्ट और क्रिशमिस केक लेकर उनके घरो में पहुची। मीनाक्षी मल्होत्रा गैर सरकारी संघठन मीनाक्षी परिवार चलाती है और पिछले पांच वर्ष से वह इन झुग्गिओ के बच्चों  के बीच खुशिया बाँट रही है ।इन्हें इसी में सकून मिलता है जहाँ लोग अपने घरो में त्यौहारो में मग्न होते है वही मीनाक्षी मल्होत्रा को इन बच्चों की याद यहाँ खीच लाती है और वह दीवाली ,होली,ईद,या क्रिशमिस कोई भी मोका नहीं छोड़ती इन बच्चों के बीच रहकर खुशिया बाटने और खुद खुश रहना का इस बार भी मीनाक्षी परिवार के तले मीनाक्षी मल्होत्रा ने बच्चों के लिए डांस कम्पीटीशन और मोज मस्ती के लिए स्लम इलाके में डीजे लगवाया  जिसपर बच्चों ने मनपसन्द गानो पर जमकर मोज मस्ती की वही इन बच्चों में से अच्छे प्रदर्शन के लिए कुछ को शील्ड और इनाम भी दिए गए। 

कई समाज सेवियों और लोगो द्वारा इलाके के बच्चों में खाना भी वितरित किया गया इस मोके पर गरीब बच्चों के लिए सामाज सेवी अमित बूढ़ पुर अलीपुर गाँव दिल्ली से जावेद कंप्यूटर मार्किट वजीर पुर ,यश मेडिकल स्टोर, गगन बाइक पॉइंट मंगोल पूरी व् कई रोहिणी के समाज सेवको ने झुग्गियो मे बच्चों के लिए सहयोग किया और क्रिस मिस केक कटा गया।इस मोके पर मीनाक्षी मल्होत्रा ने घर में बच्चों को काम करवाने और प्रताड़ित करने वाले शराबी और गैर जिम्मेदार लोगो से कहा की वह इस बात का कड़ा  विरोध करती है।उन्होंने कहाँ की बच्चों से उनका बचपन न छीने खासकर लड़कियो पर होते अत्याचारो की भी उन्होंने जमकर भृत्ष्णा की और कहा की अगर उनके पास अगर कोई शिकायत आई तो वह पूरी तरह से कार्यवाही करवाएगी ताकि बच्चों का जीवन बर्बाद न हो क्योंकि वैसे ही यह अभावो में जीते है उसपर परिवार की डांट फटकार यह बच्चे इस देश का भविष्य है इन्हें खुश रहने दे और इनकी प्रतिभा को निखरने दे सरकार ने कई योजना बनाई है उनका भी लाभ उठाए और शिक्षा की और उन्हें आगे जाने दे।क्योंकि यही तो देश का सुनेहरा कल है जिसे आज ही सुरक्षित करना जरुरी है।और आप और हम जब मिलकर करेगे तो जरूर एक सभ्य शिक्षित समाज निर्माण हो सकेगा।

विशेष : क्रिसमस ईव पर कोने-कोने में बिखरी मुस्कान, चरनी में जन्मा यीशु राजा...

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देशभर में क्रिसमस का उल्लास, रंग-बिरंगी झंडियों व बत्तियों से सजे चर्च, उमड़े मसीही 
रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमगाएं गिरजाघरों में हुई विशेष प्रार्थना, सांता ने बांटे उपहार, दी एक-दुसरे को बधाई 
हर तरफ दिखा क्रिसमस सेलीब्रेशन की धूम, खूब सजे चरनी 
सरप्राइज, रोमांच और खि उठे मसीहियों के चेहरे 
देखू जमन लेलय यीशु...की धुनों पर थिरके मसीही 
यीशु को हृदय की चरनी में दें जगह: विशप यूजीन  

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चारों ओर इकठ्ठी भीड़। इन्हीं में से आती जिंगल बेल्स की धुन। जिसे सुनकर हर किसी के कदम ठहर जाते। गुरुवार व शुक्रवार को यह नजारा रहा तकरीबन हर बड़े शहरों का। रात के दस बजते ही गिरजाघर की घंटियां बजनी शुरु हुई तो सड़कों पर मसीहियों का समूह गिरजाघरों की तरफ जाता दिखा। बड़े-बुढ़े, स्त्री-पुरुष, बच्चे उमंग एवं उत्साह सराबोर। जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए गिरजाघरों में प्रार्थनाओं और जश्न का दौर शुरु हो गया। धर्मगुरुओं ने प्रभु यीशु के आगमन की घोषणा की। कड़ाके की सर्द रात में गिरजाघरों में मौजूद मसीहियों ने श्रद्धाभाव व आनंद से प्रभु यीशु के जन्म का सुसमाचार सुना। चरनी में जन्मा यीशु राजा...गीत के साथबालक यीशु का उमंग के साथ स्वागत किया गया। परमेश्वर को उनके इस अनुपम उपहार के लिए धन्यवाद दिया और भलाई की राह पर चलने का संकल्प लिया। चर्च सर्विस के बाद नए कपड़ों में सजे-संवरे बच्चे व युवाओं ने पटाखे फोड़कर व फुलझडि़या जलाकर खुशी का इजहार किया। इसके बाद से हिंदुस्तान के हर कोने में क्रिसमस की धूम है। भोपाल हो...कोलकाता हो...पुरी हो, या काशी लखनउ समेत पूरे यूपी, बिहार, मुंबई, दिल्ली या फिर तिरुअनंतपुरम...हर ओर क्रिसमस कैरोल की गूंज सुनाई दे रही है। 

तमाम चर्च को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया है। बाहर रंग-बिरंगी रोशनी, झंडे, चरनी और क्रिसमस ट्री की 
खुबसूरती देखते ही बन रही है। देर शाम से ही क्रिसमस के गीत बनजे लगे थे। कई जगहों पर युवा शीत पानी झरै... का जबरदस्त इंतजादेखू जनम लेलय यीशु... जिंगल वेल, जिंगल वेल, जिंगल आल द वे, ओह, व्हाट फन इट इज टू राइड, इन ए वन हार्स अपान स्ले व अन्य क्रिसमस गीतों पर समूह में नाचते दिखे। ईसाइ बहुल मुहल्लों के रास्ते रंग-बिरंगी झांडियों से अटे पड़े थे। शाम होते ही बाजार झालरों से नहा उठे तो वहीं गिरजाघरों के बाहर जलती मोमबत्तियां अमन और एकता का संदेश दे रही थीं। बच्चों ने सांता की डेस में प्रार्थना की। लाल और सफेद रंग की डेस में सांता बन घूम रहे थे। वह कंधे पर बैग टांगे हुए थे, जिसमें चाकलेट थी। हर बच्चे को चाकलेट देते हुए मेरी क्रिसमस कह रहे थे। हर बच्चा चाकलेट पाते ही खुशी से चहक उठता। 24 दिसंबर से 6 जनवरी के बीच बड़ा दिन मनाया जाता है। गिरजाघरों में आधी रात से जश्न का दौर शुरू होने के साथ ही घंटियों की आवाजें गूंजने लगी थीं, श्रद्धालू प्रार्थना के लिए इकट्ठा होने लगे थे और पादरी क्रिसमस का संदेश देने लगे थे। गिरजाघर के बाहर विभिन्न धर्मो के लोगों ने मोमबत्तियां जलाई और देश में अमन, शांति और आपसी भाईचारे की प्रार्थना की। रात 11 बजे के बाद विशेष प्रार्थना सभा हुई, जिसमें सभी उम्र के लोग शरीक हुए। दमकते क्रिसमस ट्रीज और रंग-बिरंगे तोहफों से गुलजार बाजारों के बीच क्रिसमस का लुत्फ लेने वाले लोग गिरजाघरों में प्रार्थना के लिए गए। बड़ी तादाद में गैर-ईसाइयों को भी क्रिसमस की तैयारियों में शरीक देखा गया। वे भी इस मौके पर बेकरियों में केक और कूकीज खरीदते नजर आए। अपने परिजन, दोस्तों और करीबियों को क्रिसमस से जुड़े शुभकामना संदेश भेजने के लिए लोगों ने व्हाट्स, एप्प, फेसबुक और संचार के अन्य आधुनिक साधनों का इस्तेमाल किया। क्रिसमस से जुड़े सामान रखने वाली दुकानों और मॉलों में खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ देखी गई। इन दुकानों से क्रिसमस के लिए खास तौर पर तोहफे खरीदे जा रहे थे। क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए बड़ी तादाद में लोग बाजारों में भी देखे गए। गिरजाघरों में पारंपरिक तरीके से ईसा मसीह के लिए गाए जा रहे भक्ति गीत के अलावा ‘जिंगल बेल्स’, ‘ओह होली नाइट’ और ‘सैंटा क्लॉज इज कमिंग टु टाउन’ सरीखे गानों से भी माहौल खुशनुमा हो गया। गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं के बाद लोगों ने एक दूसरे को ग्रीटिंग और तोहफों को आदान प्रदान किया तथा सामुदायिक भोज का आनंद लिया। 

अर्धरात्रि की प्रभुभोज आराधना में वाराणसी कैथोलिक धर्मप्रांत के धर्माचार्य विशप यूजीन ने संदेश देते हुए कहा, यीशु हममें से प्रत्येक के पास आना चाहते है, पर क्या उन्हें हम अपने हृदय की चरनी में जगह देने के लिए तैयार है। यदि हमारा जीवन छलकपट रहित है, हम दुसरों के दुख-तकलीफों के प्रति संवेदनशील है और हमारे अंदर की स्वाभाविक अनुभूति है तो हमारे हृदयरुपी चरनी में आयेंगे। प्रभु यीशु मसीह इस संसार में सेवा करने के लिए आएं। आज मनुष्यों को मदद की जरुरत है। वर्तमान समय में स्वार्थ, लोभ और हर प्रकार के पाप व बुराईयों का बोलबाला है। इन परिस्थितियों में क्रिसमस हमें मसीह के इस दुनिया में आने के कारणों की स्मरण दिलाता है। जब यीशु इस संार में थे तब उन्होंने रोगियों को चंगा किया, भूखो को भोजन खिलाया और प्यासों को पानी पिलाया। मुर्दो को जिलाया और अपने शिष्यों के पांव धोकर सेवा और नम्रता का एक बड़ा नमूना छोड़ा। यीशु इस जंगल में सेवा कराने नहीं बल्कि सेवा करने के लिए आएं। क्रिसमस के अवसर पर हम अपनी निगाहें ारों ओर दौड़ाएं, हम ऐसे हजारों-लाखों लोगों को पाएंगे, जो हमारी मदद का इंतजार कर रहे है। क्रिसमस मनुष्यों के प्रति परमेश्वर के अथाह प्रेम को प्रकट करता है। इससे हमारी मुक्ति, शांति, भाईचारा और एक-दुसरे से प्रेम का संदेश निहित है। यीशु शांति के राजकुमार बनकर इस अशांत और भय से घिरे दुनियां में आएं। क्रिसमस खुशियां बांटने का अवसर है। हम प्रयास करें कि हर जरुरतमंद के चेहरों पर मुस्कान लाएं। 

बिहार : क्रिसमस धूमधाम से मनाया, बच्चे तो बच्चे सयाने भी थिरकते रहे।

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  • एकदूसरे से प्यार करने की नसीयत दी गयी

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पटना। आज क्रिसमस त्योहार हर्षाेल्लास ढंग से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मध्यरात्रि और सुबह में धार्मिक अनुष्ठान किया गया। दुल्हन की तरह चर्च की सजावट की गयी। ईसाई धर्मावलम्बी सजधज कर चर्च गए। श्रद्धापूर्ण ढंग से मिस्सापूजा में भाग लिए। नये और पुराने गीतों को पेश किया गया। जो क्रिसमस के बारे में गायन के माध्यम से परोसा जाता है। इसे कैरोल गायन कहते हैं। इस बीच पूजा के बीच में परमप्रसाद वितरण किया जाता है। चर्च की समाप्ति पर गौशाला में येसु अवतरित होने की खुशी प्रकट की जाती है। हैप्पी क्रिसमस, बड़ा दिन मुबारक, खुश जन्म पर्व आदि कहकर अभिवादन करते हैं। अपने तैयारी के अनुसार आतिशबाजी भी की जाती है। इस बार प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में आतिशबाजी की गयी। इस आतिशबाजी में ही हैप्पी क्रिसमस बनकर निकलता जो मनमोहक सिद्ध हुआ। नवयुवक संघ ने जल स्त्रोत बनाया है। माता मरियम के ग्रोटों से जलप्रवाह होता है। लोग झरना देखे और सेल्फी लिए। अब कुर्जी पल्ली वाले चर्च देखने योग्य बन गया है। दिनभर लोग आकर गौशाला और झरना देखते रहे। 

पर्व को लेकर धरती पर रहने वाले खुश हैं। विश्वव्यापी त्योहार की खुशी फेजबुक से भी व्यक्त किए जा रहे हैं। एक-दूसरे के बीच बड़ा दिन की खुशी बांटे। धर्मकरम से निकलकर घर पर आने के बाद सांसारिक माहौल बन जाता है। खानपान शुरू हो जाता है। विशेष तौर पर केक मिलता है। केक काटकर खाए और दूसरों को भी खिलाएं। बच्चों के बीच मिठाई और बैलून वितरित किया गया। 

यह सब कवायद 2000 में पूर्व में जन्मे येसु को लेकर की जा रही है। जो 2015 साल बाद भी जारी है। येसु का पालक पिता संत जोसेफ और पालक माता निष्कलंक माँ मरियम हैं। संसार के मुक्तिदाता को बेतलेहेम में जन्म लेना पड़ा। वह भी 24 दिसम्बर की मध्य रात में गौशाला में। सराय में जगह नहीं मिली। इसकी सूचना चरवाहों को देवदूतों ने दी। चरवाहे जाकर गौशाला में येसु का दंडवत किए। राजाओं को जानकारी मिली। आकाश में विचरण करके तारा ने गौशाला के करीब आकर रूके। इस सकेत को ग्रहण कर तीन राजा गौशाला तक आ सके। इस तरह मानव बनकर येसु का धरती पर अवतरण हुआ। इसी को स्मरण करते हैं ईसाई समुदाय। 4 हफ्ता का आगमन काल होता है। येसु के आने की इंतजारी करते हैं। शारीतिक, मानसिक,सामाजिक और पारिवारिक ढंग से तैयार होते हैं। चर्च में जाकर पुरोहित से पाप स्वीकार करते हैं। बड़ा दिन को मानसिक रूप से तैयार करते हैं। समाज के लोग मिलकर सामूहिक बड़ा दिन बनाते हैं। परिवार में भी गौशाला निर्माण होता है। सिरिज बल्ब लगाते हैं। क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज, स्टार आदि से परिचय देते हैं कि क्रिसमस मनाया जा रहा है। इस अवसर घर की महिलाएं व्यस्त रहती हैं। घर के अंदर पकवान बनाते हैं। जो सामान्य त्योहारों के अवसर पर आम तौर पर पकवान बनते है उसी को बनाते हैं। विशेष तौर पर केक है। वह बड़ा दिन का मस्त आइटम है। केक खाओं और केक खिलाओं चलता ही रहता है। 

इस अवसर पर 24 दिसम्बर की मध्य रात्रि में धार्मिक विधि का आयोजन हुआ। कुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में 10रू 00 बजे से कैरोल गायन हुआ। मध्यरात्रि मिस्सा फादर जॉनसन केलकत,येसु समाजी 11रू00 बजे से किया। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 11रू00 बजे से, नोट्रेडम कॉन्वेंट में 11रू00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 11रू00 बजे से मिस्सा हुआ। संत मेरिज एकेडमी, आशियाना नगर में 10रू30 बजे से और एक्स0टी0टी0आई0 में 11रू30 बजे से मिस्सा हुआ। क्रिसमस डे 25 दिसम्बर को सुबह 7रू00 बजे से मिस्सा अर्पित किए पटना धर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा। द्वितीय मिस्सा 8रू30 बजे से फादर सुशील साह,येसु समाजी अर्पित किए। सेक्रेट हार्ट चर्च,न्यू पाटलिपुत्र में 7रू00 और 9रू00 बजे से अंग्रेजी में मिस्सा हुआ। नोट्रेडम कॉन्वेंट में 7रू00 बजे से,आई0जी0आई0एम0एस0 में 7रू00 बजे से मिस्सा हुआ। 

विशेष आलेख : पापी है ‘प’……पॉलिटिक्स, पुलिस और प्रेस

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नियम को तोड़ना है तो लाल और नीली बत्ती पर्याप्त है, तराजू वाली देवी को धता साबित करने के लिए गाड़ी में पुलिस लिखवा लीजिए, सूबे में अपनी औकात दिखानी है तो उत्तर प्रदेश सरकार को गाड़ी की नंबर प्लेट से चिपका लीजिए, बाकी टैक्सी हो या फिर ऑटो का सफर पुलिसिया वर्दी फ्री में ही करा देती है. जलजला दिखाने के लिए गाड़ियों में हूटर लगवाईये भई. जिला सचिव, छात्र नेता, प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री जैसे तमाम पदों को गाड़ियों में चिपकाकर विज्ञापित किया जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं भौकाल दिखाया जाता है. पद, कद के इन स्टीकर्स के बाद कोई कानून, कोई नियम इन पर लागू नहीं होता. दरअसल वीआईपी बनने की निशानी है ये. जबरदस्त जाम भी लगा हो तो वर्दीधारी लाल और नीली बत्ती की गाड़ियों को सलीके से जाम से निजात दिला देते हैं. जबकि एम्बुलेंस जिसमें कोई मरीज जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहा हो उसके लिए जाम का मतलब जाम है. कई बार तो मरीज जाम की वजह से समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाता और जिंदगी से हाथ धो बैठता है. शायद वो वीआईपी की श्रेणी में नहीं शामिल किया गया. जी हां सूबे के मुखिया प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का वादा करते हैं. लेकिन मूलभूत नियमों की अनदेखी भला किस और कैसे प्रदेश की ओर इशारा कर रहे हैं. दरअसल ये बता रहे हैं कि कानून इनके लिए नहीं बल्कि इनसे है.  

आदेश की उड़ रही हैं धज्जियां
शीर्ष अदालत ने निजी व्यक्तियों के वाहनों में सायरन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और प्रशासन को निर्देश दिया गया था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए. न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सी नागप्पन ने कहा कि वर्दीधारी व्यक्ति, एंबुलेंस और अग्निशमन सेवाओं, आपात सेवाओं और एस्कार्ट्स या पायलट या कानून व्यवस्था की ड्यूटी में लगे पुलिस के वाहन लाल बत्ती की बजाय नीली, सफेद और बहुरंगी बत्ती लगाएंगे. इन नियमों का अनुपालन कितना हुआ ये रास्ते में बाइक वाले ने पुलिसिया सायरन बजाकर महसूस करा दिया.  

‘’अमां हम सरकारी आदमी हैं’’
न्यायालय का कहना है कि वाहनों पर लाल बत्तियों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में प्रशासन बुरी तरह विफल रहा है. न्यायाधीशों ने कहा, ‘देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग अपराध के लिए प्रयुक्त वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल करते हैं और वे धौंस के साथ ऐसा करते हैं क्योंकि जुर्माना लगाने की बात तो दूर लाल बत्ती की गाड़ियों की तलाशी लेने में पुलिस अधिकारी भी डरते हैं।’

तो क्यों होता है ऐसा..
इस पूरे मामले पर हमने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी नार्वेद सिंह से बातचीत की आईये जानते हैं उनका क्या कहना था.

सवाल- शीर्ष अदालत ने निजी व्यक्तियों के द्वारा सायरन पर रोक लगाई हुई है लेकिन अक्सर समाजवादी पार्टी एवं अन्य पार्टियों के बिल्ले से लिपटी हुई गाड़ियां इस नियम को ध्वस्त करती हुई नजर आती हैं इस पर क्या कहना है आपका ?

जवाब- प्रशासन के द्वारा निरंतर कार्यवाही की जा रही है

सवाल- तो जमीन पर आपकी कार्यवाही क्यों नहीं दिखती..सारी हवा हवाई ही है क्या ?

जवाब- जितना संभव हो सकता है उतनी कार्यवाही की जा रही है. बाकी सारी चीजें अनाधिकृत हैं. 

सवाल- एंबुलेंस को रोक दिया जाता है और सपा का हो या फिर कांग्रेस अथवा बीजेपी, बसपा आदि पार्टियों का झंडा जिन गाड़ियों में लगा है, हूटर लगा है तो उन गाड़ियों को जाम से बचाकर निकाल दिया जाता है. ऐसा क्यों. 

जवाब- दरअसल आदेश नहीं है कि किसको रोका गया है किसको जाने दिया जाए. जो नियमों में है वही किया जा रहा है. 

तो आपने पूरी बातचीत पर गौर किया. जो नियमों में है वही किया जा रहा है. अब नियमों में क्या है और क्या नहीं ये आप भी जानते हैं. बहरहाल पॉलिटिक्स की लीक से हटकर अब अगर पुलिसवालों की गाड़ियों की ओर नजर की जाई तो पता चलता है कि परिवार में एक बंदा पुलिस में है लेकिन उसके तमगे यानि की पुलिस का स्टीकर उस सिपाही के दम पर पूरे खानदान की गाड़ियों में चिपका दिया गया है. ताकि नियमों को, कानून को अपना रिश्तेदार बताकर समझौता किया जा सके. पुलिस के इस रवैये पर हमने आगरा के एसपी ट्रैफिक अभिषेक सिंह से जब बातचीत की तो उनका क्या कहना था आईये जानते हैं.... 

सवाल- पुलिस का स्टीकर लगाकर वर्दीधारी खुद को नियमों से आजाद मानते हैं..इस पर आपकी ओर से कोई ध्यान क्यों नहीं की जाती. 

जवाब- ये आपको कहां से पता चलता है कि ध्यान नहीं दिया जाता है. 

सवाल- मैंने देखा है कि चंद वर्दीधारी विदआउट हेलमेट चल रहे हैं, नियमों की बखिया उधेड़ रहे हैं उन पर कार्यवाही से क्यों बचा जाता है. 

जवाब- ये जरूरी तो नहीं कि हर कोई ऐसा कर रहा है, अगर हमारे सामने ऐसा कोई पड़ेगा तो हम कार्यवाही कर देंगे. 

इसके बाद सवाल का जवाब देना इन जिम्मेदार महानुभाव ने मुनासिब नहीं समझा और फोन कट कर दिया. लेकिन क्या जब तक शीर्ष अधिकारी कार्यवाही नहीं करेंगे तब तक नियमों की धज्जियां उड़ती रहेगी. क्या इसी तरह से बचा जाता रहेगा कार्यवाही करने से, इन मुद्दों पर बात करने से. नियमों को अनदेखा करने की फेहरिस्त सिर्फ राजनीति और पुलिस तक ही सीमित नहीं बल्कि इन दोनों के चमचे भी शामिल है. लेकिन इसकी वजह क्या है..शायद भ्रष्टाचार, जिसके दम पर ईमान को पहले तो कमजोर किया जाता है और फिर उसकी पद, कद और हद के दम पर खरीदफरोख्त कर ली जाती है. लेकिन इन सबसे अलग हटकर ही उत्तर प्रदेश को असल मायने में उत्तम प्रदेश बनाया जा सकता है. जिसके लिए पुलिस, पॉलिटिक्स को अपनी जिम्मेदारी को असल में समझना होगा. नियमों को तोड़ने वाले तानाशाहों में प के तीन रूप सामने आते हैं. सच पापी लगता है प. दरअसल प से आशय पुलिस, प्रेस और पॉलिटिक्स. तो मायने बदलिए अधिकार क्षेत्र के. हां तब्दीली बिकाऊ के बोर्ड में भी लाने की जरूरत है. हालांकि ये कब बदलेगा और कब नहीं इसकी अवधि तय नहीं है क्योंकि इसकी एक श्रंखला है. अब रही बात प्रेस के स्टीकर लगी गाड़ियों की तो रिपोर्टिंग के लिए जाते समय किसी बेवजह के पचड़े में न पड़ने के लिए प्रेस का स्टीकर चस्पा किया जाता है. जो कि कहीं न कहीं उचित कारण भी समझ आता है. लेकिन प्रेस के बेजा इस्तेमाल से बचना भी जरूरी है. क्योंकि लोगों की निगाहों में और जहन में ये चीज जरूर आती है कि इन साहब की गाड़ी में प्रेस लिखा है तो निश्चित ही इन्हें नियम, कानून से काफी छूट मिलेगी. कहीं न कहीं इसी वजह से आज गांव हो या कस्बा या फिर शहर सबसे ज्यादा प्रेस लिखी गाड़ियां मिल जाती हैं. लेकिन नियमों से समझौता प्रेस के लिए भी न हो तो ज्यादा बेहतर है. साथ ही प्रेस लिखी गाड़ियों के लिए अधिकृत होना जरूरी है ताकि दुरूपयोग न हो. अगर नियमों को सटीक और असरदार पेश करना है तो सख्ती से इन सभी चीजों का अनुपालन करना जरूरी है. वरना झूठे नियमों के नाम पर खुद को और प्रदेश को उत्तम बताते रहिए.



हिमांशु तिवारी आत्मीय
यूपी हेड, आर्यावर्त 
08858250015

फैमिली डिप्लोमेसी की मेज पर मोदी - नवाज़ ने की द्विपक्षीय बातचीत

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लाहाैर, 26 दिसम्बर (वार्ता) दक्षिण एशिया में शांति की एक बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश यात्रा से स्वदेश लौटते समय अचानक पाकिस्तान पहुँचे और यहाँ के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के पैतृक घर में उनसे मुलाकात करके उनके जन्मदिन की शुभकामनायें देने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिये बातचीत की। करीब 11 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री के पाकिस्तान पहुँचने पर श्री शरीफ ने स्वयं लाहाैर के अल्लामा इकबाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर श्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री शरीफ भारतीय प्रधानमंत्री को अपने पैतृक घर ले गये जहाँ दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच कश्मीर सहित सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई। पाकिस्तानी विदेश सचिव ने भी बताया कि यह यात्रा श्री मोदी की पहल पर हुई है। अपनी कूटनीतिक पहल को पारिवारिक रंग देते हुए श्री मोदी ने श्री शरीफ के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की नवासी की कल होने वाली शादी की मेहंदी की रस्म में शिरकत की और उसे तोहफे में साड़ी सहित आशीर्वाद दिया। श्री मोदी ने श्री शरीफ की माँ से भी मिले और पैर छूकर उनका आशीष लिया। शरीफ परिवार ने श्री मोदी के लिये खासतौर पर देशी घी के बने शाकाहारी व्यंजनों का इंतजाम भी किया था।

चीन फ्रांसीसी पत्रकार को देश से बाहर निकालेगा

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पेरिस, 26 दिसंबर, चीन उत्तर पश्चिम क्षेत्र शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय उइगर के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार की आलोचना करने के लिए फ्रांस की एक महिला पत्रकार को देश से बाहर निकालेगा। एक फ्रांसीसी साप्ताहिक पत्रिका में बीजिंग संवाददाता अर्सला गॉथियर को 31 दिसंबर तक चीन छोड़कर जाना होगा। गॉथियर ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा था कि चीन उइगर समुदाय के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को न्यायसंगत ठहराने के लिए पेरिस हमलों का इस्तेमाल कर रहा है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय ने फ्रांसीसी पत्रकार से अपनी रिपोर्ट वापस लेने के लिए कहा था। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कल एक बयान जारी कर गॉथियर की वीजा अवधि न बढ़ाने पर खेद जताया है। मंत्रालय ने कहा, “फ्रांस आपको यह याद दिलाना चाहेगा कि पत्रकारों के लिए दुनिया में हर जगह काम करना कितना महत्वपूर्ण है।” 

आईएस का गैर मुस्लिमों के जबरन अंग निकालने का फतवा

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दुबई, 26 दिसंबर, अपनी बर्बरता के लिए पहचाने जाने वाले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने गैर मुस्लिमों के अंगों को जबरन निकालकर उनका जरुरतमंद मुस्लिमों में प्रत्यारोपण करने का फतवा जारी किया है। रूसी संवाद समिति स्पूतनिक के अनुसार संवाद समिति‘ रायटर ’ के पास फतवा के दस्तावेज हैं। पूर्वी सीरिया में आईएस के ठिकाने पर अमेरिका के हमले के दौरान फतवे का यह दस्तावेज बरामद किया गया। अमेरिकी सेना ने आईएस की शोध और फतवा समिति के इन दस्तावेजों का अनुवाद किया, जिसमें लिखा हुआ है कि आईएस गैर मुस्लिमों के अंगों को जबरन निकालकर उन्हें जरुरतमंद मुस्लिमों को देने का आदेश देता है चाहे इससे उन गैर मुस्लिमों की मौत ही क्यों न हो जाएं , जिनके अंग निकाले गए। 

31 जनवरी 2015 की तारीख वाले इन दस्तावेजों में एक बंधक के जबरन अंग निकालकर उसका इस्तेमाल किसी मुस्लिम व्यक्ति की जान बचाने के लिए करने की अनुमति दी गई है। इसमें कहा गया है कि गैर मुस्लिम व्यक्ति का जीवन और अंग सम्मान के योग्य नहीं है। दस्तावेजों में गैर मुस्लिमों की व्याख्या नहीं की गई है लेकिन आईएस गैर मुस्लिमों के साथ-साथ शिया मुस्लिमों को निशाना बनाता रहा है। साथ ही उन सुन्नी मुस्लिमों पर भी हमले करता है जो उसकी चरमपंथी विचारधारा को नहीं मानते। 

अनुुवांशिक रूप से कैंसर होने का खतरा अधिक

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नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, अगर परिवार के किसी सदस्य को गर्भाशय और स्तन कैंसर हुआ है तो अन्य सदस्यों के भी इसकी चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ऐसे 12 तरह के कैंसर है , जिनके अनुवांशिक रूप से होने की आशंका अधिक रहती है। अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संंस्थानों के ‘द कैंसर जीनोम एटलस प्रोजेक्ट ’ में शोधकर्ताओं ने कैंसर के चार हजार से ज्यादा मामलों में अनुवांशिक सूचनाओं का विश्लेषण किया और इस आधार पर कैंसर के अनुवांशिक कारकों का खुलासा किया। यह शोध नेशनल कम्यूनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। 

वरिष्ठ शोधकर्ता एवं वाशिंगटन विश्वविद्यालय में मैकडॉनेल जीनोम इंस्टीट्यूट के सहायक निदेशक ली डिंग ने कहा, “आम तौर पर हम जानते हैं कि गर्भाशय और स्तन कैंसर आनुवांशिक कारणों से होते हैं, जबकि एक्यूट मीलॉयड ल्यूकीमिया(एएमएल) और फेफड़ों के कैंसर में अनुवाशिंक कारकों की भूमिका बेहद कम होती है।” एएमएल में श्वेत रक्त कोशिका की वृद्धि असामान्य होती है, जिससे सामान्य रक्त कोशिका बनने में बाधा पैदा होती है। 

उन्होंने कहा, “पहली बार बड़े पैमाने पर हमने उन वंशाणुओं(जीन्स) का पता लगाया है , जो कैंसर होने के लिए जिम्मेदार है।” इस शोध से कैंसर के खतरों का पता लगाने के लिए मौजूद अनुवांशिक परीक्षणों की सटीकता में सुधार करने में मदद मिलेगी। इन अनुवांशिक कारकों का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने स्वस्थ और ट्यूमर वाले मरीजों के उत्तकों की जांच की। जांच में ट्यूमर वाले मरीजों में मौजूद उत्तकों में हुए बदलावों से शोधकर्ताओं को कैंसर होने में भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण वंशाणुओं का पता चला। कैंसर से जुड़े 114 वंशाणुओं से उन्हें सभी 12 तरह के कैंसर में जर्मलाइन म्यूटेशन का पता चला, जो वंशानुगत रूप से कैंसर के अहम कारक हैं। 

दुनिया के सबसे मोटे व्यक्ति का निधन

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न्यूयॉर्क 26 दिसंबर, मैक्सिको में रहने वाले दुनिया के सबसे मोटे व्यक्ति अंद्रे मोरीनो सीपुलवेदा की हृदय गति रूक जाने से कल क्रिसमस के दिन मौत हो गयी। इस साल अक्टूबर में उनका वजन 444 किलोग्राम था। मोरिनो के प्रवक्ता कारमेन पालाकोस ने बताया कि स्थानीय समय के मुताबिक कल सुबह साढे़ अाठ बजे मैक्सिकोे के सोनोरा प्रांत के सिउडाड ओब्रेगोन से एम्बुलेंस से सेन जोस के अस्पताल में ले जाते वक्त मोरिनो का निधन हुआ। आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वह इस समय दुनिया के सबसे मोटे व्यक्ति थे। 

पालाकोस के मुताबिक एक समय उनका वजन 444 किलोग्राम था लेकिन इस वर्ष अक्टूबर में बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद उनका वजन कुछ कम हुआ था और सर्जरी के बाद वह बिना किसी बाहरी मदद के सांस ले रहे थे। 
मैक्सिको को मोटे लोगों के देश के तौर पर जाना जाता है और 2013 में उसे दुनिया के सबसे मोटे लोगों का देश घोषित किया गया था। मोरीनो से पहले दुनिया में सबसे मोटे व्यक्ति का खिताब मैक्सिको के ही मैन्यूल उरीबे के नाम था, जोे 597 किलाेग्राम के थे। पिछले वर्ष 48 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। 

विशेष : लग जा गले कि हंसी रात हो न हो...

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जमाना गुजर गया या कहें कि एक पूरा का पूरा दौर अलविदा कह गया लेकिन आधुनिकता के साथ हम सभी अपने भूत को सलामी देकर बीत जाने की इजाजत देते रहे. जिंदगी बड़ी होनी चाहिए....लंबी नहीं जी हां काका की विदाई ने हमारी आंखों से आंसुओं के दरिया को बहने की इजाजत दे दी. फिर जोहरा आपा ने भी तो अपने किरदार को अलविदा कह दिया. जिसके बाद जोहरा आपा के साथ सेक्स की तमाम कहानियां मीडिया ने उछाल दीं. हालांकि इस विषय पर संवेदनशीलता दर्शाते हुए मैंने कलम को मीडिया के तमाम सीखचों में डालकर बताने की, जताने की कोशिश की कि ये कुछ सही नहीं है. आज यूं ही एक खूबसूरती, गुजरे हुए जमाने की कातिलाना अदाएं राख हो जाएंगी. लग जा गले कि फिर हंसी रात हो न हो शायद इस गीत ने हकीकत का रंग ले लिया हो.  जी हां साधना...एक ऐसी अभिनेत्री जिन्हें भले ही लोग चेहरे से न पहचानते हों लेकिन बालों के साधना स्टाइल से सभी जानते हैं. 74 साल की उम्र में साधना कहीं गुम हो गईं. पर उनका झुमका गिरा रे संगीत आज भी कानों के इर्द गिर्द ही घूमता है. 

कहां तुम चले गए.....

74 साल की साधना काफी लंबे अरसे से बीमार चल रही थीं. जानकारी के मुताबिक मुुंह के कैंसर से पीड़ित साधना पिछले साल आईसीयू में भर्ती हुईं, जहां नौ घंटों तक सर्जरी चली. साधना 25 दिसंबर को हिंदुजा अस्पताल में अपने चाहने वालों, अपने करीबियों से आखिरी विदाई ले गईं. पिछले साल साधना तब एक बार फिर से चर्चा में आईं जब वे ट्यूमर से जूझ रही थीं. 

साधना की पहचान और साधना से पहचान

चूड़ीदार कुर्ता, शरारा, गरारा, कान में बड़े झुमके, बाली और लुभावनी मुस्कान ये सभी चीजें साधना की पहचान रहीं. जबकि 60 के दशक में साधना के हेयरस्टाइल ने लड़कियों को उनका दीवाना बना दिया. साधना की इस हेयर स्टाइल को रोम हॉलिडे फिल्म में आंद्रे लुक से प्रेरित बताया जाता है. साधना से मिली इस पहचान को कई सारी लड़कियों ने फॉलो किया. जो कि साधना हेयर कट के नाम से काफी ज्यादा चर्चित हुई. 

साधना हेयर स्टाइल का क्या था राज

दरअसल साधना ने अपने चौड़े माथे को छुपाने को लिए इस तरह का हेयर कट अपनाया ताकि उनका माथा बालों से ढ़का रहे. पर, ये स्टाइल लड़कियों को कुछ इतना पसंद आया कि 60 एवं 70 के दशक की हर लड़की इस हेयरकट को फॉलो करने लगी. 

नायकों के साथ साधना

साधना के साथ प्रमुख नायकों में जॉय मुखर्जी, देव आनंद, सुनील दत्त, मनोज कुमार, शम्मी कपूर, राजेंद्र कपूर, राज कपूर, फिरोज खान, शशि कपूर, किशोर कुमार, संजय खान, और वसंत चौधरी आदि का नाम इस फेहरिस्त में शामिल है. 

सुपरहिट गीतों की सुपरहिट साधना

हाल की सुपरहिट हिरोईन्स में करीना कपूर भी एक जाना माना नाम है. दरअसल करीना कपूर का जिक्र हमने यहां इसलिए किया क्योंकि करीना की मां बबीता की चचेरी बहन साधना थीं. साधना के कई गीत सुपरहिट रहे. जिनमें से झुमका गिरा रे और मेरा साया साथ साथ होगा और लग जा गले कि फिर हंसी रात हो न हो प्रमुख हैं. 

साधना का जन्म 

साधना का जन्म 2 सितंबर, 1941 को संयुक्तभारत के शहर कराची में हुआ था. आज ये शहर पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है. साधना ने जाने-माने फिल्म निर्देशक आरके नैयर से शादी की थी. साधना दंपत्ति कोई औलाद नहीं थी.

...और मुहब्बत तब परवान चढ़ी

लव इन शिमला फिल्म के साथ ही साधना की हेयर स्टाइल काफी चर्चित हुई. इस फिल्म के दौरान साधना और रामकृष्ण नैयर की मुहब्बत परवान चढ़ी और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. 7 मार्च 1966 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए. 

सुपरहिट फिल्में

साधना ने मेरा साया, वो कौन थी और वक्त जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. उन्होंने अपनी फिल्‍मी करियर की शुरुआत 15 साल की उम्र में वर्ष 1955 में आयी राज कपूर की फिल्‍म 'श्री420'से की थी. इस फिल्‍म में उन्‍होंने कैमियो किया था। इसके बाद उन्‍होंने कई बेहतरीन फिल्‍में दी. अपने जमाने की चर्चित हिरोईन साधना ने करीबन 35 फिल्में कीं. 

फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कहने के बाद साधना मानों कहीं खो गईं. उन्हें फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में शरीक होना भी पसंद नहीं आता था. जिसकी वजह थी साधना की बीमारियां. फिल्मों से तो साधना कब की खो चुकी थीं लेकिन दुनिया से अब वे खो गई हैं. हालांकि उनकी यादों के तौर पर साधना हेयर कट, झुमका गिरा रे, लग जा गले हमारे दिल में हमेशा बने रहेंगे.




हिमांशु तिवारी आत्मीय
यूपी हेड, आर्यावर्त
08858250015

‘‘सिया के राम‘‘ में रामायण बिल्कुल अलग दृष्टिकोण से दिखाया गया: मदिराक्षी

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छोटे परदे पर अब तक रामायण कई बार दिखाया जा चुका है। लेकिन स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले शो ‘‘सिया के राम‘‘ में रामायण बिल्कुल अलग दृष्टिकोण से दिखाया जाएगा। इस बार माता सीता के नजरिये को उजागर किया जाएगा। ‘‘सिया के राम’ में सीता की महत्वपूर्ण भूमिका में बिल्कुल नया चेहरा मदिराक्षी नजर आने वाली हैं। उन्होंने अब तक केवल एक दक्षिण की फिल्म की है। मदिराक्षी ने इस शो के बारे में प्रेमबाबू शर्मा से की बातचीत

‘‘सिया के राम‘‘ टीवी पर आये रामायण के दूसरे संस्करणों से कितना अलग है?
सीता और राम की कहानी हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। पूरी दुनिया की सभ्यताओं को इसने प्रभावित किया है। कर्त्तव्य, सम्मान और पारिवारिक जिम्मेदारियों का इस शो का संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है। हालांकि इस कहानी के सारे संस्करण राम के नजरिये से हैं और राम सीता की इस कहानी में सीता के दृष्टिकोण को शायद ही कहीं जगह मिली हो। लेकिन पहली बार कहानी सीता के नजरिये से कही गयी है जो इसके पहले सुनी नहीं गयी। कहानी सीता को एक मजबूत और स्वतंत्र महिला के रूप में दिखायेगी। सीता समानता और शिक्षा में विास रखती है और उनका अपना विचार है। 

क्या शो का फोकस सिर्फ सीता के किरदार पर रहेगा?
सीता यहां राम की सच्ची अर्धागिनी और एक मजबूत इरादों व सोच वाली महिला के रूप में दिखायी देंगी। उनका किरदार आज की हर महिला के लिये प्रासंगिक होगा। यह शो सीता के दृष्टिकोण से कही जा रही एक आदर्श दम्पति सीता और राम के रिश्ते की कहानी है। कहानी जितनी राम की है उतनी ही सीता की भी है। सबसे जरूरी कि शो में ऐसे बहुत से उदाहरण आएंगे जो आज के समाज में भी प्रासंगिक हैं।

सीता की भूमिका के लिये तैयारी किस तरह की ?
हम रामोजी फिल्मसिटी हैदराबाद में शूटिंग कर रहे हैं जो लंबे समय से मेरा अपना शहर है। सीता की भूमिका निभाना आसान नहीं है। अपनी भाषा से लेकर अपने हावभाव तक मुझे बहुत कुछ ध्यान में रखना पड़ता है। मैं अपना फोकस हाई रखने के लिये मेडिटेशन भी कर रही हूं। मैं सीता पर बहुत सी किताबें पढ़ रही हूं और उन पर अपनी रिसर्च भी कर रही हूं। यह शो मुझे अपनी जड़ों से जोड़ रहा है और मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिये। 

लोग टीवी से फिल्मों की तरफ आते हैं और आप फिल्मों से टीवी की तरफ आयीं? क्या यह सही फैसला है?
‘‘सिया के राम’ अब तक का मेरा सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। स्टार प्लस और ट्राएंगल फिल्म कंपनी के साथ शुरुआत करना किसी के लिये भी सपना हो सकता है और मैं खुश हूं कि उन्होंने मुझे चुना। मैं खुशकिस्मत रही हूं कि मुझे ऐसी शुरुआत मिली जो सबको नहीं मिलती। एक कलाकार के तौर पर आपको ऐसे प्रोजेक्ट चाहिये होते हैं जो आपको कई स्तरों पर चुनौती दे सकें। फिल्में हों या टीवी, मैं अच्छा काम करना चाहती हूं और दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखाना चाहती हूं। इसके लिये सिया के राम से बेहतर मंच नहीं हो सकता।

इस भूमिका को निभाने की चुनौतियां क्या हैं?
सबसे बड़ी चुनौती तो सीता की तरह होना है। वह एक आदर्श महिला, अपने मां बाप की एक आदर्श बेटी और आदर्श पत्नी थीं। सीता जैसे होने के लिये और उसे समझने के लिये मैं काफी मेहनत कर रही हूं, जिससे किरदार में वास्तविकता झलके।

ऐसा क्यों लगता है कि सीता आज की महिलाओं के लिये प्रासंगिक हैं?
आज जब लोग महिला सशक्तीकरण, लड़कियों की शिक्षा और समानता की बात कर रहे हैं तो हमें पीछे जाकर यह देखने की जरूरत है कि ये मूल्य हमेशा से हमारे समाज का हिस्सा रहे हैं। जहां ज्यादातर लोग सीता को भद्र महिला के रूप में जानते हैं। कम ही जानते हैं कि वह वाकई किस तरह की थीं। सीता शिक्षा में विास करती थीं और हमेशा अपने विचार रखती थीं। वह अपने विचारों पर अडिग थीं और समानता के पक्ष में थीं जैसे कि आज की ज्यादातर स्वतंत्र और प्रगतिशील महिलाएं होती हैं। आज की महिला के लिये पूरा आसमान उसका है। वे काम कर रही हैं और अपनी जिंदगी का लुत्फ ले रही हैं। सीता आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और हम सीता की प्रेरक कहानी को आज की महिलाओं के सामने पेश कर उनका सम्मान करना चाहते हैं। आज की महिलाएं सिया के राम से कई स्तरों पर जुड़ाव महसूस करेंगी।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (26 दिसम्बर)

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हमे अपने संगठन की व्यवस्था को मजबुत करना है- प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य
  • अटलजी का जन्म दिवस सुषासन सप्ताह के रूप  में मनाया
  • पार्टी कार्यकर्ताओं से एक जूट होकर कार्य करने का किया आव्हान

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झाबुआ---भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी के 91 वें जन्म दिवस के अवसर पर स्थानीय निजी होटल के सभागृह में जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सुषासन दिवस सप्ताह  कार्यक्रम का षुभारंभ पण्डित दीनदयाल उपाध्याय एवं डा. मुकर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेष के श्रम मंत्री अंतरसिंह आर्य ने किया । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष षेैलेश दुबे, विधायक षांतिलाल बिलवाल, विधायक कलसिंह भाबर, महामंत्री प्रवीण सुराणा, प्रदेष अजजा मोर्चा महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, महामंत्री राजू डामोर, मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार उपस्थित थे । जिले भर से आये सभी मंडलो एवं जिले के सभी मोर्चा एवं प्रकोश्ठो ं के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं, नगरीय निकायों के अध्यक्षों उपाध्यक्षो, मंडी एवं सहकारिता समितियों के पदाधिकारियो, नव निर्वाचित समिति अध्यक्षो आदिं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य ने कहा कि पूरे देष में 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी का जन्म दिन सुषासन सप्ताह के रूप  में मनाया जारहा है ।  उन्होने कहा कि इस सप्ताह में भाजपा के प्रत्येक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता को सहभागिता करना है तथा केन्द्र एवं प्रदेष सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का पूरे अंचल में प्रचार प्रसार कर इसका लाभ लेने के लिये लोगों को प्रेरित करना है । श्री आर्य ने कहा कि कुषाभाउ ठाकरे एवं प्यारेलाल खण्डेलवाल जैसे तपोनिश्ठ नेताओं ने जनसंध से लेकर भाजपा तक अपने कार्य से पार्टी की पहचान बनाने में अपनी भूमिका निभाई है ।उन्होने कहा कि भाजपा याने पूर्व जनसंघ चुनाव जितने के लिये नही किन्तु जमानत बचाने के लिये चुनाव लडती थी । धीरे धीरे हमारा जनाधार बढा है और आज केन्द्र एवं प्रदेष दोनों में भाजपा की सरकार है । श्री आर्य ने कहा कि पार्टी को जनजन की आस्था का केन्द्र बनाने के लिये अटलजी एवं आडवानीजी ने जो सपना देखा था वह आज पूरा हो रहा है । एक सप्ताह तक पूरे प्रदेष के साथ जिले में सुषासन सप्ताह में अटल बिहारी बाजपेयाी की नीतियों एवं प्रधानमंत्रीत्व काल में लागू की गई योजनाओं  जिसमे प्रधानमंत्री सडक योजना, चतुर्भूज योजना, नदी जोडो योजना आदि पर हमारी प्रदेष सरकार क्रियान्वित करने में कदम उठा चुकी है । श्री आर्य ने कहा कि  झाबुआ जिले में मेहनत के बाद भी उप चुनाव में भाजपा की हार के कारणों में हमारी कहीं न कहीं कोई चुक रही है और आगामी 3 सालों में हम इन कमियों को दूर करके पुनः चुनाव में जिले में भाजपा का परचम स्थापित करने में कोई कसर बाकी नही रखेगें । श्री आर्य ने कहा कि हम चुनाव हारे है सरकार नही हारे है हमारी आज भी केन्द्र एवं प्रदेष में सरकार है । और हमे अपने संगठन की व्यवस्था को मजबुत करना है । पार्टी एवं सरकार हमारा परिवार है । जिले में सुषासन सप्ताह के बारे में रचनात्मक एवं सेवा कार्यो को करने का जिक्र करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि पहले हम संगठन को मजबुत बनायेगें । जनता की तकलिफो एवं परेषानियों को दूर करने में हमे मुष्तैदी से कार्य करना है । संगठन एवं सरकार मिल कर काम करेगें तो निष्चित ही हमे सफलता मिलना ही है । श्री आर्य ने आगे कहा कि अटल जी के 91 वें जन्म दिवस पर हम सभी कां सकल्प लेकर जाना है कि आने वाले तीन बरसों में जिले की सभी सीटे हम जीते और जनता की अपेक्षाओं की कसौटी पर एक बार हम फिर से खरे उतरे । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे ने कहा कि प्रान्तीय निर्देषों के अनुसर 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक पूरे जिले में  अनुषासन सप्ताह के दौरान गरीब बस्तियों में जाकर सेवा कार्य, अस्पतालों में मरीजों से भेंट कर उन्हे सेवा सुविधायें उपलब्ध कराना, स्वच्छता अभियान, आदि आदि कल्याणकारी सेवा कार्य  किये जावेगें जिसके लिये एक कार्य योजना तैयार की गई है तदनुसार  25 दिसम्बर को षुक्रवार को झाबुआ नगर में मुख्य कार्यक्रम जिला भाजपा द्वारा आयोजित किया गया है जिसमें विकलांग पुनर्वास केन्द्र के 52 बच्चों को स्वयं मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य के हाथों भोजन परोसा जाकर उन्हे सम्मानपूर्वक खिलाया गया है । 26 दिसम्बर षनिवार को थांदला में महिला मोचै्र एवं अनुसूचित जाति मोर्चे द्वारा सेवा प्रकल्प के तहत कार्य किया जावेगा 27 दिसम्बर को मेघनगर में पिछडावर्ग एवं उद्योग प्रकोश्ठ  की अगुवाई में कार्य किया जावेगा , 28 दिसम्बर को पेटलावद में व्यापारी प्रकोश्ठ एवं किसान मोर्चे की अगुवाई में सेवा कार्य होगें  29 दिसम्बर मंगलवार को को राणापुर में युवा मोर्चा एवं अध्यापक प्रकोश्ठ की अगुवाई में कार्यक्रम होगें । 30 दिसम्बर  बुधवार को झाबुआ नगर में अल्पसंख्यक मोर्चा एवं चिकित्सा प्रकोश्ठ की ओर से रचनात्मक कार्य किये जावेगें, 31 दिसम्बर गुरूवार को समापन दिवस के दिन रायपुरिया में अनुसूचित जनजाति मोर्चा एवं प्रषिक्षण प्रकोश्ठ के माध्यम से रचनात्मक संेवा कार्य किये जावेगें । श्री दुबे ने भाजपा के राश्ट्रीय अध्यक्ष अमीत षाह द्वारा संगठन में गुजरात पेटर्न के अनुसार 4 पेटर्न लागू करने एवं उनके क्रियान्वयन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी ।उन्होने सप्ताह में विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में पूरी भाजपा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की सहभागिता किये जाने के बारे मे भी जानकारी दी । इस अवसर पर थांदला विधायक कलसिंह भाबर एवं झाबुआ विधायक षांतिलाल बिलवाल ने भी बैठक को संबोधित किया । कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा ने किया तथा आभार प्रदर्षन महामंत्री राजू डामोर ने व्यक्त किया ।

प्रभारी मंत्री ने विकलांग पुनर्वास केन्द्र में बच्चों को कराया भोजन
प्रभारी मंत्री  अंतरसिंह आर्य ने रंगपुरा स्थित  विकलांग पुनर्वास केन्द्र में जाकर अटलजी के जन्म दिवस पर आयोजित विकलांग केन्द्र के बच्चों को भोजन के कार्य क्रम में षिरकत की श्रवण बाधित बच्चों ने प्रभारी मंत्री का ईषारों के माध्यम से आत्मीय स्वागत किया । इस अवसर पर बच्चों ने मुक सांस्कृतिक प्रस्तुतिया देकर प्रभारी मंत्री को आल्हादित कर दिया । प्रभारी मंत्री के उपस्थिति में अटलजी के जन्म दिवस पर बच्चों की उपस्थिति में मंत्री जी ने केक काटा तथा सभी बच्चों को अपने हाथो से भोजन करवाया ।  इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ने विकलांग केन्द्र की बाउंडरी वाल की उंचाई बढाने के लिये आवष्यक राषि की स्वीकृति की व्यवस्था कराने के बारे में भी भरोसा दिला । प्रभारी मंत्री के साथ जिला भाजपाध्यक्ष षैलेशदुबे, विधायक षांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, महामंत्री प्रवीण सुराणा,राजू डामोर, गौरसिंह वसुनिया, विजय माली,  सोेमसिंह सोलंकी, कल्याणसिंह डामोर, गोपाल पंवार, मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी, एसडीएम श्री अली, एसडीओपी सहित बडी संख्या में प्रषासनिक अधिकारी एवं पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे । संस्था प्रभारी षैलेन्द्र राठौर ने मंत्री जी का अभिनंदन करते हुए उनका आभार व्यक्त किया ।

आने वाले दिनों में प्रषासनिक व्यवस्था की कमियों को दूर किया जावेगा
  • अटलजी के जन्मदिवस पर सुषासन सप्ताह के बारे में प्रेस को प्रभारी मंत्री ने दी जानकारी

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झाबुआ---पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटलबिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस को सुषासन दिवस के रूप  में मनाये जाने के लिये आयोजित कार्यक्रम में पधारे प्रदेष के श्रम मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य षुक्रवार को प्रेस से मुखातीब हुए । एमटू हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्रीजी के साथ विधायक कलसिंह भाबर,षांतिलाल बिलवाल,जिला भाजपाध्यक्ष षैलेश दुबे, प्रवीण सुराणा, राजू डामोर उपस्थित थे । प्रेस को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री श्री आर्य ने कहा कि हम आज पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी का 91 वा जन्म दिवस सुषासन दिवस के रूप  में पूरे देष में मना रहे है । प्रेस को इसके पूर्व जिले की भाजपा की पूरी ईकाई की बैठक का जिक्र करते हुए विकलांग पुनर्वास केन्द्र के बच्चों के बीच भोजन कराने के बारे में जानकारी दी । प्रभारी मंत्री से 25 से 31 दिसम्बर तक सात दिनों तक पूरे जिले के विभिन्न स्थानों पर मनाये जाने वाले सुषासन दिवस के बारे मे विस्तार से जानकारी देते हुए  कहा की इ स अवधि मे पार्टी के कार्यकर्ता गरीब बस्तियों में जाकर नर सेवा नारायण सेवा के महामंत्र को लेकर सेवा कार्य के अलावा अस्पताल की साफ सफाई, जैसे जनकल्याण के कार्य किये जावेगें । उन्होने अटलजी की 4-5 योजनाओं  जिसमें प्रधानमंत्री सडक योजना, नदी जोडो अभियान, चतुर्भूज योजना फोरलेन, किसान क्रेडिट कार्ड जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए इसे केन्द्र एवं प्रदेष सरकार द्वारा क्रियान्वित करने के बारे में बताया । उन्होने कहा कि यह षुद्ध रूप से पार्टी का कार्यक्रम है। लोकसभा उप चुनाव के बाद से मुख्यमंत्री ने स्वयं इस जिले में आकर खाटला बैठक एवं चैपालों पर जनता से सीधा संवाद स्थापित किया है और जो कमिया पाई गई है उन्हे दूर किया जावेगा ।मुख्यमंत्री के निर्देष पर अब प्रषासन एवं विधायकगण भी चैपाल आयोजित कर जनसमस्याओं से रूबरू हो रहे है  तथा जनता की षिकायतों का निवारण प्राथमिकता के आधार पर किया जारहा है । श्री आर्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जो परिणाम आये है वह व्यवस्था मे कमी का परिणाम है  । इसके लिये संगठन एवं षासन स्तर से कार्रवाही की जारही है । श्री आर्य ने कहा कि  आने वाले दिनों में प्रषासनिक कमियों को लेकर गहन समीक्षा की जाकर इसे दूर किया जावेगा । आगामी 30 दिसम्बर को जिला योजना समिति की बैठक के दौरान वे प्रषासन को आवष्यक दिषा निर्देष देकर पालन किया जाना सुनिष्चित करेगें । श्री आर्य ने कहा कि वे जनसुनवाई आदि में मीडिया द्वारा बताये अनुसार कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई के दौरान बरते गये रूख को लेकर भी चर्चा करेगें ।  नगर तथा अंचल में चोरियों की घटनाओं के बारे में उनका कहना था कि उनके द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से इस बारे चर्चा करके  व्यपस्था के संबंध में आवष्यक निर्देष सुबह ही दिये जाचुके है । उन्होने कहा कि जन सुनवाई में किसी भी आवेदन को लेने से इंकार नही किया जाना चाहिये । इसके पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे मंत्रीजी की प्रेसवार्ता के बारे में प्रेस का स्वागत करते हुए सुषासन स्पताह के बारे में जानकारी दी । अंत में प्रभारी मंत्री ने सभी को पर्व एवं नववर्श आगमन की षुभकामनायें एवं बधाईया दी ।

भाजपा जिलाध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर आज जिला निर्वाचन अधिकारी मौर्य  लेगें भाजपा सदस्यों की रायषुमारी 

झाबुआ---भाजपा के जिला सदस्यता प्रभारी विजय नायर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक निर्वाचन के तहत आज 27 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे से जिला भाजपा कार्यालय हाउंसिंग बोर्ड कालोनी पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं प्रदेष भाजयुमो के प्रदेष अध्यक्ष अमरदीप मौर्य एवं  सहायक निर्वाचन अधिकारी नन्दकिषोर पाटीदार द्वारा  संगठन पर्व के तहत भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष पद के लिये जिले के समस्त नवनियुक्त मंडल अध्यक्षो, जिला प्रतिनिधियों, जिला भाजपा के समस्त पदाधिकारियों, सभी मोर्चो के जिला स्तरीय पदाधिकारियों, सभी प्रकोश्ठो के पदाधिकारियों, समस्त भाजपा के सक्रिय सदस्यों, नगरपालिका एवं नगरपरिशद के भाजपा समर्थित अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, पार्शदों, मंडी समितियों एवं विपणन सहकारी संस्था के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों  जनपदों के भाजपा समर्थिक सदस्यों, जिला पंचायत के भाजपा समर्थित सदस्यों, भाजपा के मंडलों एवं जिले के पूर्व पदाधिकारियों एवं वर्तमान पदाधिकारियों, भाजपा के वरिश्ठ जनो आदि की रायषुमारी प्राप्त की जाकर जिला भाजपा अध्यक्ष के लिये नामों पर सहमति प्राप्त की जावेगी तथा जिला भाजपाध्यक्ष का चयन किया जावेगा । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने इस संगठन पर्व में भाजपा के सभी संबंधितों से अनिवार्य रूप  से आज 27 दिसम्बर को जिला भाजपा कार्यालय में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा की जाने वाली रायषुमारी मे उपस्थित रहने की अपील की है ।

जिला झाबुआ के मंडल अध्यक्ष एवं जिला प्रतिनिधि घोषित

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी, जिला झाबुआ चुनाव अधिकारी श्री अमरदीप मौर्य ने भाजपा जिला झाबुआ के स्थानीय समिति अध्यक्ष की रायशुमारी, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधि व प्रमुख कार्यकर्ताओं से चर्चा के उपरांत मंडल अध्यक्ष एवं जिला प्रतिनिधियों की घोषणा की। जो इस प्रकार है:-झाबुआ नगर मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा, जिला प्रतिनिधि अशोक त्रिवेदी,झाबुुआ ग्रामीण मंडल हरू भूरिया,जिला प्रतिनिधि बहादूर हटीला, पारा मंडल ओंकारसिंह डामोर, जिला प्रतिनिधि सोमसिंह सोलंकी, राणापूर मंडल अध्यक्ष,सूरसिंह हटिला,जिला प्रतिनिधि,शैलेन्द्र सोलंकी मेघनगर मंडल अध्यक्ष मुकेश मेहता, जिला प्रतिनिधि कमलेश दातला,थांदला मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर,जिला प्रतिनिधि गणराज आचार्य,पेटलावद मंडल अध्यक्ष शंकर राठौर,जिला प्रतिनिधि कृष्णपालसिंह,रायपूरिया मंडल अध्यक्ष अजमेरसिंह भूरिया जिला प्रतिनिधि भरत पाटीदार,रामा मंडल अध्यक्ष बापूसिंह भूरिया, जिला प्रतिनिधि मदन भूरा, खवासा मण्डल अध्यक्ष रमेश बालिया जिला प्रतिनिधि हरचन्द भूरिया, कल्याणपूरा मंडल अध्यक्ष सुरेश चैहान जिला प्रतिनिधि बहादूर मालीबाढ़ को नियुक्त किया गया है ।

नगरीय निकायो मे भी कांग्रेस ने अपना परचम लहराया

झाबुआ---मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस के आठ में से पांच जगह पर नगरीय चुनाव में अपना पर्चम लहराया जबकि भारतीय जनता पार्टी जिन पर वह पहले काबिज थी सिमट गई है। जिला कांग्रेस द्वारा मध्यप्रदेश के नगरीय चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत पर नवनिर्वाचित कांग्रेस पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। रतलाम संसदीय क्षेत्र के धामनोद नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत एवं रानापुर नगर पंचायत के पार्षद पद के उपचुनाव में तथा झाबुआ जिले की रामा ब्लाॅक के धांधलपुरा और डोचका में कांग्रेस समर्थित सरपंचों ने भारी बहुमत से विजय हासिल कर भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब दिया है। जहां झाबुआ के धांधलपुरा पंचायत में करणसिंह एवं ढोचका पंचायत के वीपीन भाई ने भारी जीत के बाद आज झाबुआ में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद कांतिलाल भूरिया के पास पहुंचकर आर्शीवाद प्राप्त किया। श्री भूरिया ने उनकी इस जीत पर उन्हें मिठाई खिलाकर उनका स्वागत कर उन्हें बधाई दी। श्री भूरिया ने कहा कि रतलाम-झाबुआ संसदीय उपचुनाव के एक के बाद एक चुनाव में कांग्रेस की जीत ने यह सिद्व कर दिया है कि जनता ने अब भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए उन्हें नकारना प्रारंभ कर दिया है। कांग्रेस पार्टी आने वाले चुनाव में भी भारी बहुमत से जीत हासिल करेगी तथा भाजपा को मुंह तोड़ जवाब देगी। जनता भाजपा की कथनी व करनी को समझ चुकी है। तथा जनता ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कांग्रेस की नीतियों को सराहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया, प्रकाश राका, वालसिंह मेडा, नगर पंचायत अध्यक्ष रानापुर कैलाश डामोर, चंदू पडियार, वेभव अग्रवाल, गोपाल सोनी, जिला प्रवक्ता हर्ष भटट, राजेश भटट, हेमचंद्र डामोर, सलेल पठान, रूपसिंह डामोर, केमता रतन सिंह डामोर, बहादुर अम्लियार, खेलजी भूरिया, फतेहसिंग, तोलसिंग धुलिया आदि ने इस चुनावों में मिली जीत पर बधाई दी।

कांग्रेस मनाएगी 131 वां स्थापना दिवस

झाबुआ---देश की महान संस्था इंडियन नेशनल कांग्रेस, जिसकी स्थापना दिसंबर 1885 को भारत माता के महान सपूतों ने की थी। कांग्रेस पार्टी का इतिहास संघर्ष, त्याग और बलिदान की अनूथी गाथा सपूतों की कुरबानी के साथ-साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, मोलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, इंदिरा गांधी का त्याग, हमें संवेदन राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का स्मरण कराता रहेगा। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 28 दिसंबर सोमवार को प्रातः 11.30 बजे कांग्रेस पार्टी का 131 स्थापना दिवस के अवसर पर समारोह पूर्वक कार्यक्रम स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है। उक्त जानकरी देते हुए ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर एवं जिला महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री एवं प्रवक्ता हर्ष भटट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में सांसद, पूर्व विधायकगण, जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, शहर कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान कांग्रेस, विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यक्रता, जनप्रतिनिधिगण एवं नगर के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया गया है। जिला कांग्रेस ने समस्त कांग्रेसजनों से इस समारोह में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

सत्यसाई समिति ने मनाया क्रिसमय एवं दत्त जयंति पर्व, ईसा एवं दत्त उपर श्री चैहान का हुआ उदबोधन 

झाबुआ---ईसा मसीह के बारे बहुत कुछ कहा और लिखा गया है किन्तु उनके अवतरण एवं जीवन को लेकर हमे विचार करने पर एक अलग ही पक्ष का ज्ञान होता है । भारत के प्राचीन ऋशियों ने भक्ति के चार चरण बताये है पहला सालोक्य, दूसरा सामीप्य, तीसरा सायुज्य एव चैथा सारूप्य है । सालोक्य का अर्थ होता है जैसे कोई व्यक्ति किसी राजा के राज्य में एक नागरिक की तरह रहता है, वैेसे ही व्यक्ति ईष्वर के राज्य में एक नागरिक की तरह रहता है । इ्रसा मसीह बचपन से पवित्र विचारों और आचरण वाले थे इसलिये कहा जासकता है कि वे बचपन से ईष्वर के राज्य में थे । सामीप्य में जब कोई व्यक्ति राजा का सेवक बन जाये तो कहा जासकता है कि वह आम नागरकि के मुकाबले राजा के अधिक निकट हो गया है । ईसा मसीह ने यह स्टेज प्राप्त करली जब उन्होने कहा कि मैं ईष्वर का दूत अर्थात सेवक हूं । तीसरा चरण सायुज्य याने जब व्यक्ति राजा का पुत्र या रिष्तेदार बन जाता है तो वह सेवक के मुकाबले राजा से अधिक निकट हो जाता है । ईसा मसीह ने यह स्थिति प्राप्त करली और उन्होने स्वयं ही कहा  कि मै ईष्वर का पुत्र हूं । तथा अन्तिम चरण सारूप्य अर्थात जब व्यक्तिज स्वयं राजा या राजा के समान हो जाए । जब ईसा से पुछा गया कि यदि आप ईष्वर के पुत्र. है तो हमें अपने पिता के दर्षन कराओं तो ईसा मसीह ने कहा  यदि तुमने मुझे पहचान लिया तो तुमने मेरे पिता को भी पहचान लिया । यदि  तुमने मुझे देख लिया ता मेरे पिता को भी देख लिया क्योंकि मै और मेरे पिता एक है  । उक्त उदगार श्री सत्यसाई  सेवा समिति द्वारा 25 दिसम्बर को  क्रिसमस एवं दत्तात्रय जयंती  के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए  सौभाग्यसिंह चैहान ने व्यक्त किये । श्री चैहान ने अत्रि ऋशि एवं माता अनुसुईया के कथासार का सुनाते हुए कहा कि मां के समान कोई और षक्तिषाली नही हो सकता । ब्रह्मा विश्णु एवं महेष मां अनुसुईया की परीक्षा के लिये उन्हे निर्वस्त्र होकर भिक्षा देने की मांग करने पर उनके द्वारा अपने सतीबल से उन्हे नन्हे बालक बनाकर उनकी अभिलाशा को पूरा किया  और उनके दर्षन के पश्चात वे दत्तात्रय स्वरूप  में विष्व पूजित हुए। इस अवसर पर सर्वधर्म नाम संकीर्तन का आयोजन विवेकानंद कालोनी स्थित श्री सत्यधाम पर किया गया । ओम नागर, षरद पंतोजी, नगीनलाल पंवार, राजेन्द्र सोनी, षिवकुमारी सोनी कृश्णा चैहान, षुभदा पंतोजी आदि ने आकर्शक कर्णप्रिय भजनों की प्रस्तुति दी । महा मंगल आरती एवं प्रसादी वितरण के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ ।
        
धुमधाम से मनया क्रिसमस पर्व

झाबूआ-  नमन नमन बालक येसू नमन तूम्हे मेरा, प्यारी रात खूशी की रात आई है, हम चरवाहे नाचे झूम के आदि मधूर सगीतो से पभू येसू के जन्म दिन का सदेश केरोल सिगीग के माध्यम से ईसाई धमानूयायियो के घर घर जा कर केरोल मण्डली दिया गया। वही 24 दिसम्बर की रात को जिले भर मे प्रभु येसू का जन्म दिवस किस्मस के रूप मे मनाया गया।  स्थानीय कैथोलिक महागिरीजा घर मे 24 दिसम्बर रात्रि 10ः30 पर मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य याजक के रूप मे बिशप डाॅ बसील भूरिया, फादर पीटर खराडी और फादर राॅकी शाह थे । वही सहायक याजक के रूप मे फादर थोमस पीए, फादर  स्टीफन वीटी, फादर अजित कटारा, फादर पीटर कटारा, फादर खरिस्टोफर, फादर  प्रताप डामोर, फादर सोनू वसुनिया, फादर निरंजन सलखो, पादर मनोज कूजूरे आदि उपस्थित थे।  क्रिसमस पर्व को लेकर इस पवित्र मिस्सा बलिदान मे पवित्र वचनो के माध्यम से प्रभु येसु के जन्म का सदेश दिया गया । वही रात्रि 12 बजे प्रभु  येसू के जन्म दिन की एक दूसरे को बधाइया दी गई । बिशप डाॅ बसील भूरिया ने अपने उपदेश मे लोगो झाबुआ  कलीसिया के इतिहास से रूबरू करवाया उन्होने कहा कि किस प्रकार 110 वष पूर्व 1915  मे इस झाबुआ कलीसिया की नीव रखी  गई थी।  उस समय की उपलब्धियो को बताते हूए उन्होने कहा कि हमे अपने विश्वास मे दृढ़ रहने की सीख दी उन्होने यह भी कहा कि किस प्रकार  अमेरिका ,आस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे सपन्न और शक्तिशाली देश क्रिसमस पर्व  के महत्व को समाप्त कर रहे है।  उन्होने अपने आशीर्वचन मे कहा कि सबो को दया के वर्ष मे बताए गए सात कार्यो को अपने दैनिक जीवन मे करने का आव्हान किया।  मिस्सा बलिदान के पश्चात सभी ने बालक येसु की मूर्ति को चूम्मन कर एक दूसरे को किस्मस की बधाइया दी । पवित्र मिस्सा बलिदान मे सगीत का सचालन जोयल निनामा एव उनके युवा साथियो ने बेन्जामिन निनामा के मार्गदर्शन मे किया इस वर्ष यूवाओ को आगे बढाते हूए यूवाओ ने सारे कायो मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा जिसे देखते हूए इसवर्ष मधूर सगीतो को सफल गायन यूवाओ द्वारा किया गया जिसकी सभी ने बडी सराहना की । वही गिरजाघर के समीप बडे गौशाला का निमाण पोस्ट ऑफिस फलीया, राजपूताना बोडिग एव उदय काॅलानी द्वारा बनाया गया।वही चर्च की साफ सफाइ एव साज सज्जा का काय चर्च काॅलोनी वार्ड 1 2 व 3 द्वारा की गई। पवित्र मिस्सा बलिदान की तैयारी एव स्टेज की साज सज्जा सिस्टस द्वारा की। जिले भर मे किस्मस पर्व समाजजनो द्वारा बडी धूमधाम से मनाया गया जिले के झाबूआ, थादला, मेघनगर, रानापूर, डूगरीपाडा, इशगढ, पचकूइ के चचो मे भी बडी धूमधाम से किस्मस पव मनाया गया। उक्त जानकारी डायोसिस पीआरओ पादर रॉकी शाह द्वारा दी गई।

विश्व भाईचारा संगठन ने क्रिसमस और नववर्ष मनाया

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नववर्ष और क्रिसमस के मौके विश्व भाईचारा संगठन के तत्वाधान में बाहरी दिल्ली के डेरा गांव में एक सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम एस एस मारवाह द्वारा दीप प्रज्जवलित से शुरू हुआ। इस मौके यूके ,यू एस ए. और कनाडा के राजदूत के अलावा पकिस्तानी अभिनेता जुबैर सनम खान और अभिनेत्री अमिता नागिया विशेष रूप से आमंत्रित थे। 

कार्यक्रम में अनेक प्रकार की प्रतियोगताओं  में फैंसी डैªस कंप्टीशन,पैंटिग प्रतियोगिता,तबोला,रस्सा खींच का आयोजन हुआ। समारोह में एस एस मारवाह ने देश में ‘शांति व समृद्धि की प्रार्थना के बाद कहा कि ‘ हमारा संगठन गैर राजनीतिक और इसमें सभी समुदाय के लोग जुडे है। इस प्रकार के कार्यक्रम करने का मतलब सभी लोगों को साथ लेकर चलना हैं। 

‘‘मुक्त बन्धुआ मजदुरों के पुर्नवास एवं असंगठित कामगारों के हक में विषेष रणनीति की जरूरत’’

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26 दिसम्बर 2015, पटना असगंठित क्षेत्र कामागार संगठन, राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान, बिहार लोक जीवन एवं एक्सन-एड एसोसियेषन के संयुक्त तत्वाधान में एक प्रेस वार्ता का आयोजन युवा आवास परिसर, पटना में किया गया। प्रेस वार्ता का विषय मुक्त बंधुआ मजदूरों के पुर्नवास के मुद्दे एवं असंगठित श्रेत्र कामगारों के हक में नागरिक मागंपत्र को जारी करने के संदर्भ में था। 

इस  प्रेस वार्ता के माध्यम से संगठन के प्रतिनिधियों ने उपस्थित मिडिया साथियों को जानकारी दी कि राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान ने बिहार के 4 जिलों क्रमषः मुज्जफरपुर, वैषाली, समस्तीपुर व गया जिलों में अध्ययन किया जिसमें जयपुर जिला प्रशासन द्वारा 893 बच्चों को बंधुआ श्रम अवमुक्ति-प्रमाण पत्र जारी कर पुर्नवास के लिए बिहार सरकार के अधिकारियों के माध्यम से वापस भेजा था, जिनका पुर्नवास कार्य अभी तक नही हुआ है। साथ ही असंगठित श्रेत्र कामगार संगठन के द्वारा अंसगठित कामगारों के हक में नागरिक मागॅपत्र जारी किया गया जिसमें मुख्य रूप असंगठित कामगारों के लिए समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकार को संवैधानिक संषोधन के माध्यम से अनुच्छेद 21 के अन्तर्गत सम्मानपूर्ण जीवन जीने के अधिकार के रूप् में मान्यता मिले। इसके अतिरिक्त उक्त संगठन के प्रतिनिधियों नें समाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के अनुसार राज्य नियमावली, असंगठित कामगारों का निबंधन, युनिक नम्बर के साथ स्मार्ट कार्ड, सभी जिला स्तर पर श्रमिक सुचना संसाधन केन्द्र व अकुषल-अद्र्वकुषल श्रमिको हेतू कौषल प्रषिक्षण केन्द्र की स्थापना के विषय में सरकार के समक्ष माॅंग रखनें की बात कही। साथ ही संगठन के प्रतिनिधियों नें मुक्त बन्धुआ मजदुरों के पुर्नवास एवं अन्य समान वर्ग के मजदुरों के हक एवं उनके समाजिक, आर्थिक सषक्तिकरण हेतू सरकार के समक्ष एक विषेष माॅंगपत्र प्रस्तावित करनें की बात कही। उपरोक्त विषयों पर दिनांक 27 दिसम्बर 2015 को बिहार चैम्बर आॅफ कामर्स के सभागार में एक अन्र्तराज्यीय अधिवेषण का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान, उŸार प्रदेष एवं बिहार राज्य के लगभग 22 जिलों के संगठन के प्रतिनिधि भाग लंेगे। इनत तमाम बातों की जानकारी प्रेस वार्ता में उपस्थित एक्षनएड से पंकज ष्वेताभ, असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन से महेन्द्र रौषन, विजयकान्त, सुनिल बासु, अभिषेक कुमार एवं राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान से विजय गोयल नें संयुक्त रूप से दिया। 

इस प्रेस वार्ता को सम्बोधित करनें एवं संस्था व संगठनों के पहल को उत्साहवद्र्वन करनें हेतू माननीय दुलालचन्द गोस्वामी, पूर्व मंत्री श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार नें कहा कि असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन की सभी मांगे जायज हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के आर्थव्यवस्था को मजबुत करनें हेतू असंगठित क्षेत्र के दायरे में 96 प्रतिषत कामगारों को उपयुक्त रोजगार, समुचित बुनियादी सुविधा, उनके लिए बने श्रमिक विधानों को सुनिष्चित करना सरकार की प्रमुख जबावदेही है, और मैं इनत माम संगठनों के पहल के साथ हॅंू। इस मौके पर उपस्थित श्री बिन्देष्वरी सिंह, प्रदेष अध्यक्ष, श्रमिक प्रकोष्ठ जदयु ने कहा कि संगठन नें पूर्व में भी असंगठित कामगारों एवं बन्धुआ मजदुरों के पुर्नवास हेतू बिहार मे काफी सराहनीय काम कर रहें हैं तथा इन संगठनों के तमाम माॅंगे असंगठित कामगारों व मुक्त बन्धुआ मजदुरों के हक में जायज है और हम सभी इस मुद्वे पर बिहार सरकार से बात सुयक्त रूप से करेगें।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (26 दिसम्बर)

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पुलिस अधीक्षक ने दिलाई सुशासन की शपथ

पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने आज 26 दिसम्बर सुशासन दिवस पर प्रातः 11 बजे कलेक्टेªट परिसर में अधिकारी, कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई। सुशासन शपथ का पुलिस अधीक्षक ने वाचन किया जिसका विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों ने सुशासन की शपथ को दोहराया।

सुव्यवहार सुशासन की पहली कड़ी -पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी
  • उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठा और पारदर्शिता से करें

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र्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी द्वारा स्थापित सुशासन के उच्चतम मापदण्डों के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उनके जन्म दिवस 25 दिसम्बर के एक दिन बाद अर्थात 26 दिसम्बर शनिवार की प्रातः 11 बजे सभी शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों के द्वारा अधीनस्थ अमले को सुशासन की शपथ दिलाई गई। इसके पश्चात् दोपहर 12 बजे से जिला पंचायत में सुशासन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कहा कि सुशासन की पहली कड़ी अधिकारी, कर्मचारियों का सुव्यवहार है। कार्यालयों में आने वाले पीडि़तों के साथ अच्छा व्यवहार करने पर पीडि़त के चेहरे पर प्रसन्नता जाहिर होती है और उसे आंतरिक आनंद की अनुभूति होती है। सुव्यवहार समाज को सुसंदेश देने का काम करता है जिसका उन्होंने उदाहरण सहित बताया। एसपी श्री चैधरी ने कहा कि आमजन परेशान ना हो उनके कार्य समय पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ हो इन ही तमाम बिन्दुओं को सुशासन प्रतिपादित करता है। उन्होंने शासकीय अमले से अपेक्षा जाहिर की कि शासन द्वारा उन्हें जो दायित्व, कर्तव्य सौंपे गए है का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन कर सुशासन की अवधारणा को कारगर साबित करें। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव सिन्हा ने कहा कि जिम्मेदारियोें से समय सीमा में पूर्ण पारदर्शिता से किया गया कार्य सुशासन को परलिक्षित करता है। कार्यो की बिलम्वता हमारे कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाती है और यही से सुशासन की आवश्यकता प्रतीत होने लगती है। एसडीएम श्री आरपी अहिरवार ने कहा कि अधिकारी, कर्मचारियों को आमजनों की समस्याएं धैर्यतापूर्वक सुनना चाहिए। समस्या का समाधान कैसे संभव है की सुगम जानकारी देना चाहिए। आमजनों के काम समय पर हो यही सुशासन की पहली पहचान है। उन्होंने उत्तरदायित्व की भावना पूर्ण जिम्मेदारी, निष्ठा और पारदर्शिता से निर्वहन कर सुशासन के उद्धेश्य की पूर्ति का मूल मंत्र बताया। कार्यक्रम को जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ श्री भूपेश गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने भी सम्बोधित किया। इससे पहले लोक सेवा गारंटी के जिला प्रबंधक श्री अमित अग्रवाल ने आयोजन के उद्धेश्यों को रेखांकित किया। सुशासन दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकारगण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ दीप्ति शुक्ला ने किया और आभार प्रदर्शन डीपीसी श्री विनोद चैधरी ने किया।

वात्सल्य विद्यालय की छात्राओं किंजल तथा आषी के साइन्स माॅडल का राष्ट्र स्तरीय स्पर्धा हेतु हुआ चयन

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विदिषा-26 दिसम्बर 2015/स्थानीय प्रतिष्ठित षिक्षण संस्थान ‘‘वात्सल्य’’ विद्यालय की कक्षा 10वीं की 2 छात्राओं किंजल माहेष्वरी तथा आषी चतुर्वेदी का साइन्स माॅडल राष्ट्र स्तरीय स्पर्धा के लिए चयनित हुआ है। यह चयन सीबीएसई के क्षेत्रीय केन्द्र अजमेर (राजस्थान) अंतर्गत विभिन्न राज्यों के 120 सीबीएसई स्कूलों की इन्दौर में सम्पन्न तीन-दिवसीय प्रतियोगिता में हुआ। इस क्षेत्रीय स्पर्धा में सम्मिलित 120 स्कूलों में से 21 स्कूलों के माॅडलों का चयन दिल्ली में होने जा रही राष्ट्र स्तरीय स्पर्धा के लिए हुआ है। स्पष्ट है कि यह अप्रतिम उपलब्धि ना केवल किंजल माहेष्वरी तथा आषी चतुर्वेदी के लिए, बल्कि समूचे वात्सल्य विद्यालय परिवार सहित सम्पूर्ण विदिषा क्षेत्र और मध्यप्रदेष के लिए भी गर्व-गौरव का विषय है। वात्सल्य की प्राचार्य श्रीमती देवना अरोरा तथा उप प्राचार्या श्रीमती नम्रता अरोरा के मार्गदर्षन में इन दोनों छात्राओं ने अपना माॅडल इन्दौर में सम्पन्न क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा में प्रदर्षित किया। विद्यालय की प्राध्यापिका सुश्री पुनीता कन्हेरकर के निर्देषन में ये छात्राएं इन्दौर गईं। इस माॅडल की थीम ‘‘जीएसएम बेस्ड नेटवर्किंग इन एग्रीकल्चर (सिंचाई) सिस्टम’’ है। इस सिस्टम से मोबाइल पर ही खेत में नमी का पता लगाया जा सकता है और जरूरी होने पर इसी सिस्टम से घर बैठे मोबाइल द्वारा सिंचाई मोटर पम्प चालू अथवा बंद किया जा सकता है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (26 दिसंबर)

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वनमंत्री के बेटे का स्टोन क्रेशर बना सरकार का सिरदर्द

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देहरादून,26 दिसम्बर: जहाँ एक तरफ मातृसदन हरिद्वार के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रदेश से वन एवं पर्यावरण मंत्री को अवैध खनन कराए जाने और अवैध तरीके से अपने बेटे के नाम पर स्टोन क्रेशऱ लगाए जाने के आरोप को तेज़ कर दिया है वहीँ भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल के बहाने हरीश रावत सरकार की घेराबंदी भी शुरू कर दी है। वहीँ एक ही दिन में वन मंत्री के बेटे के नाम पर स्टोन क्रेशर की स्वीकृति भी विवादों के घेरे में आ गयी है। दिनेश अग्रवाल पर अवैध खनन कराए जाने और अवैध तरीके से अपने बेटे के नाम पर स्टोन क्रेशऱ लगाए जाने के आरोप लग रहे हैं। उत्तराखंड भाजपा और गंगा की रक्षा के लिए काम करने वाली संस्था मातृसदन ने वनमंत्री अग्रवाल की घेराबंदी करते हुए आरोप लगाया कि अग्रवाल ने अवैध तरीके से अपने बेटे के नाम पर स्टोन क्रेशर लगाया और वे गंगा नदी व वन विभाग की बरसाती नदियों में ताबड़तोड़ व अवैध खनन करा रहे हैं। वहीँ भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश के महामंत्री और पूर्वमंत्री प्रकाश पंत ने आरोप लगाया कि हरीश रावत सरकार के वनमंत्री दिनेश अग्रवाल ने कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए गलत तरीके से अपने बेटे के नाम से हरिद्वार में स्टोन क्रेशर लगवाया। पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को वन मंत्री अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। पंत ने कहा कि क्या ही अच्छा होता यदि अग्रवाल नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देते। मातृसदन के संचालक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने वन मंत्री अग्रवाल पर नियमों का उल्लंघन कर गलत दस्तावेजों के आधार पर स्टोन क्रेशर लगाने का आरोप लगाया। इस बाबत गलत दस्तावेज जारी करने वाले अफसरों के खिलाफ भी मातृसदन ने कड़ी कार्यवाही की मांग की। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि अग्रवाल ने राज्य में 2012 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अपने बेटे के नाम से 29 जनवरी 2013 को हरिद्वार के पीली क्षेत्र में स्टोन क्रेशर लगाने के लिए आवेदन करवाया था। उन्होंने कहा कि मजे की बात यह है कि हरिद्वार में तैनात तब के जिलाधिकारी, जिला वन अधिकारी और पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने एक ही दिन में जांच पूरी कर दी। जबकि अन्य के माले में विबाग इतनी तेज़ी कभी भी नहीं दिखता और लोगों की जुटे की एडियाँ तक घिस जाती हैं। मातृसदन का कहना है कि जिले के आला अधिकारियों ने राज्य सरकार को यह रिपोर्ट भेजी कि जहां पर अग्रवाल के बेटे ने स्टोन क्रेशर लगाने की इजाजत मांगी है कि वह जगह गंगा से 500 मीटर की दूरी पर है। जबकि यह क्रेशर गंगा से मात्र 300 मीटर के भीतर है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि क्रेशर के लिए ली गई जमीन में अग्रवाल के बेटे ने जो दस्तावेज लगाए है। उनमें उसने स्वयं को सजनपुरी पीली नदी थाना श्यामपुर ,जनपद हरिद्वार का निवासी बताया है। जबकि पीली नदी में सिवाय खनन मजदूरों के वह भी झुग्गी –झोपड़ियों में , के अलावा कोई नहीं रहता है। वहीँ  जमीन के सहमति पत्र में 33 रेसकोर्स रोड देहरादून का पता लिखा गया है। यह पता वनमंत्री दिनेश अग्रवाल के अपने घर का है। उन्होंने कहा कि गंगा और वन विभाग की नदियों में अवैध खनन का खेल हो रहा है और अधिकारी मंत्री के दबाव में कोई कारवाई नहीं कर पा रहे हैं। मातृसदन ने आरोप लगाया कि वन मंत्री अग्रवाल को फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने खनन नीति के नियम ही बदल डाले। 2015 की खनन नीति में स्टोन क्रेशर लगाने के लिए गंगा नदी से 500 मीटर की दूरी को 300 मीटर कर दिया। वन मंत्री का पीली गांव में लगा स्टोन क्रेशर झिलमिल झील और राजाजी टाईगर रिजर्व पार्क के बेहद नजदीक है। मातृसदन और भाजपा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के अध्यक्ष की जांच रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि अपनी सरकार के केवल एक मंत्री पर ही राज्य सरकार इतनी मेहरबान क्यों है। जिस तरह से पर्यावरण की रक्षा के लिए लड़ने-भिड़ने वाली संस्था मातृसदन वन मंत्री अग्रवाल के पीछे पड़ गई है। इससे वन मंत्री के कारनामों के कारण रावत सरकार की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं।

किशोर की क्लीन चित संदेहास्पद !
मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने पार्टी की एक जांच कमेटी से अग्रवाल के स्टोन क्रेशर के सभी कागजातों की जांच करवाई थी। जिसमें यह पाया गया है कि अग्रवाल ने स्टोन क्रेशर लगाने के लिए कायदे कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया।


न्यायमूर्ति सुरेन्द्र गुप्ता, पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय को जल चालीसा भेंट

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जल स्टार रमेश गोयल  रा. मंत्री पर्यावरण भाविप को जल बचत की इतनी धुन सवार ह कि जल चालीसा लिख दी, जिसके प्रथम संस्करण का विमोचन हरियाणा के मुख्यमन्त्री द्वारा 24/4/2012 को किया गया था। छः संस्करणों में अब तक 30 हजार प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। फेसबुक पर ग्रुप शेयरिंग के माध्यम से 5 लाख से अधिक लोगों को ’जल चालीसा’ भेजी है और हजारों लोगों को ई-मेल की है। दूरदर्शन केन्द्र हिसार पर जुलाई 2010 व मई 2012 में जल संरक्षण पर 30-30 मिनट की रिकार्डिग व एम एम रेडियो 90.4 पर 22 मार्च जल दिवस पर 2010 से 2015 तक हर वर्ष लाईव परिचर्चा के अतिरिक्त अनेक बार विभिन्न विषयों, पर्यावरण, उर्जा बचत, योग, स्वच्छता, पौधारोपण आदि विषयों पर लाईव चर्चा। डीडी न्यूज ने गुडन्यूज इंडिया कार्यक्रम में 23 व 24 अगस्त 2015 को तथा डीडी किसान चैनल ने 21-22 अगस्त 2015 इस मिशन व जल चालीसा पर चर्चा की थी। जल चालीसा फेसबुक ूूूण्ंिबमइववाण्बवउध् तंउमेीहवलंसेते तथा ल्ंीववए हववहसमए लवनजनइम आदि पर रमेश गोयल वाटर कंजरवेशन में देख सकते हैं। इंडिया वाटर पोर्टल के हिन्दी संस्करण में जल चालीसा प्रकाशित हैं। चालीसा का पोस्टर दिल्ली पुस्तक मेले में लगा जिसकी बहुत प्रशंसा हुई। गायन (आडियो) भी उपलब्ध है। 
  
’जल ही जीवन है‘ को मिशन मान रहे श्री गोयल जल बचत जागरूकता प्रचार के लिए हर समय व हर स्थान पर पहुंचने को तत्पर रहते हैं। उनकी इसी लग्न व निष्ठा के फलस्वरूप ही उन्हें दिसम्बर 2011 में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की सात सदस्यीय जिला सलाहकार कमेटी का एक मात्र गैर सरकारी सदस्य मनोनीत किया गया तथा अप्रैल 2013 से अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद् द्वारा उन्हें राष्ट्रीय संयोजक पर्यावरण तथा 1-4-15 से राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण मनोनीत किया है। नैशनल बार एसोसिएशन आफ इंडिया ने उन्हंे 1-4-13 से जिलाध्यक्ष मनोनीत किया। दैनिक भास्कर समाचारपत्र समूह द्वारा चण्डीगढ़ में 15/4/2011 को हरियाणा राज्य के लिए जल स्टार अवार्ड 2011 तथा 15 अगस्त 2011 को जिला प्रशासन और सितम्बर 2011 में ह. प्रा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा व अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा जल संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है। मई 2015 में हरियाणा की सामाजिक संस्था अखिल भारतीय प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा ‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। अक्तुबर 2015 में राजस्थान की प्रतिष्ठित संस्था प्राइम टाइम इंडिया द्वारा सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’ दिया गया। 

बिहार : भाकपा अपनी स्थापना की 90 वीं वर्षगांठ मना रहा है

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपनी स्थापना की 90वीं वर्षगांठ पूरे देष में जोषोखरोस के साथ मना रही है जिसका सिलसिला 25 दिसम्बर से ही शुरू हो गया है। बिहार में यह कार्यक्रम 25 से 30 दिसम्बर तक चलाया जाना है जिसके अंतर्गत 25 से 28 दिसम्बर तक जिला मुख्यालयों में पार्टी की स्थापना की 90 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित किए जाने हैं जिनका सिलसिला आरंभ हो चुका है। राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन 30 दिसम्बर, 2015 को पटना में भारतीय नृत्यकला मंदिर के मुक्ताकांष मंच (फ्रेजर रोड, पटना) पर किया जाएगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान भाग लेंगे। 
स्मरणीय है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 25-28 दिसम्बर तक कानपुर में आयोजित देष के विभिन्न हिस्सों से आए कम्युनिस्ट गु्रपों के सम्मेलन में हुई थी। कानपुर के एक कम्युनिस्ट पत्रकार सत्यभक्त ने उक्त सम्मेलन का आयोजन किया था। प्रसिद्ध स्तंत्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी उक्त सम्मेलन की स्वागत समिति के अध्यक्ष थे और  मद्रास के ख्याति कम्युनिस्ट नेता एम॰ सिंगरावेलु चेट्टियार ने सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। उसी सम्मेलन में एस॰वी॰ घाटे  और जे॰पी॰ बगरहट्टा पार्टी के प्रथम सचिव -द्वय चुने गए थे। ब्रिटिषों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में और आजादी के बाद जमींदारी उन्मूलन के साथ मजदूर वर्ग, किसान एवं अन्य तबकों के जनआंदोलनों में पार्टी ने संघर्ष और बलिदान की जो मिसाल कायम की उसके यादगार के रूप में पार्टी ने 90वीं वर्षगांठ समारोहपूर्वक मनाने का संकल्प लिया है ताकि नई पीढ़ी उससे प्रेरणा ग्रहण करे और नए भारत, नए बिहार के निर्माण में सार्थक भूमिका निभाए। 
आज 26 दिसम्बर को राज्य मुख्यालय अजय भवन एवं जनषक्ति परिसर में राज्य मुख्यालय शाखा एवं विषेष शाखा के संयुक्त तत्वाधान में झंडोत्तोलन चक्रधर प्रसाद सिंह, राज्य सचिवमंडल, सदस्य एवं महासचिव बिहार राज्य ट्रेड यूनियन कांग्रेस के द्वारा किया गया। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिलाओं में स्थापना समारोह मनाया गया जिसमें मुख्य है:- मधुबनी, खगडि़या, जमूई, शेखपुरा, सीतामढ़ी, भागलपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेतिया, बक्सर, हाजीपुर, औरंगाबाद, छपरा, बांका, मधेपुरा, सीवान, बिहारषरीफ, गोपालगंज, विक्रमगंज (रोहतास), मुंगेर, कटिहार, पटना जिला कार्यालय, काजीपुर, नवादा, सहरसा, बक्सर, मुजफ्फरपुर आदि । 
मधुबनी में स्थापना समारोह को राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह, एवं रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक, वैषाली जिला के हाजीपुर में पूर्व राज्य सचिव बद्री नारायण लाल, सीतामढ़ी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मो॰ जब्बार आलम, जमूई जिला के सिकन्दरा में राज्य सचिवमंडल सदस्य राम बाबू कुमार, शेखपुरा में राज्य सचिवमंडल सदस्य अखिलेष कुमार, बक्सर में राज्य सचिवमंडल सदस्य जानकी पासवान, बेतिया (प॰ चम्पारण) में वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता यू॰एन॰ मिश्र, भागलपुर में राज्य कार्यकारिणी सदस्य डा॰ खगेन्द्र ठाकुर छपरा में राज्य सचिवमंडल सदस्य रामचन्द्र महतो, मधेपुरा में प्रमोद प्रभाकर, समस्तीपुर में राजेन्द्र राजन, नवादा में अर्जुन प्रसाद सिंह, आदि राज्य नेताओं ने जिलाओं में आयोजित स्थापना समारोह को संबोधित किये  और पार्टी की स्थापना एवं पार्टी द्वारा नब्बे वर्षों में किये गये जनसंघर्षों पर प्रकाष डाला। 
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