- कई कलाकारों को खोया भी नये कलाकारों की दस्तक, नारी प्रधान फिल्मों का दबदवा
बालीवुड के लिए साल 2015 काफी लक्की रहा। यह साल जाते-जाते हमारे सिनेमा को ऊंचाइयों की एक नई सौगात दे गया। कमाई की बात की जाए तो, इस साल कई कीर्तिमान भी गढ़े गए। इसके अलावा नारी की प्रधानता, वाद-विवाद, विरोध जैसी कई फिल्में दर्शकों के बीच युगों युगों तक याद रहेंगी। प्रेम रतन धन पायो तथा साल के अंत मे रीलिज हुई फिल्म बाजीराव मस्तानी और दिलवाले ने अच्छा पैसा कमाया। 2015 के इस आखिरी शुक्रवार को बीते साल भर का हिसाब - किताब तो कर लेते हैं। लेकिन साधना,सईद जाफरी,राम मोहन के अभिनय और रवींद्र जैन की स्वर लहरियों को अब हमें उनकी अनुपस्थिति में जीने की आदत डालना जरा मुश्किल होगा।
इस साल का यह आखिरी शुक्रवार है। अगला शुक्रवार अगले साल 2016 में पहली जनवरी को आएगा। शुक्रवार, यानी हमारे देश में फिल्मों के रिलीज होने का दिन। यह आने के पहले सिनेमा के हर व्यक्ति को नर्वस करता है, मायूस करता है और डराता भी है। अमिताभ बच्चन तक कहते रहे हैं कि वे किसी से नहीं डरते। पर, शुक्रवार उन्हें डराता है। लेकिन जाने के बाद किसी को सफलता की सीढ़ी दे जाता है, तो कुछ की झोली भी भर जाता है और किसी को खुशियां तो किसी को दर्द भी दे जाता है। इसी कारण लोग इसके आने से पहले थोड़ा सा संयत हो जाते हैं। लेकिन, यह तो साल का आखिरी शुक्रवार है, यानी पूरे साल भर के हिसाब - किताब का दिन। काजोल कह रही थीं कि हमारा सिनेमा बहुत बदल गया है। सन 2015 की अपनी आखिरी और बड़ी फिल्म के मामले में अब तक की उनकी सबसे बड़ी उम्मीद वाली फिल्म ‘‘दिलवाले’ की रिलीज पर काजोल ने कहा, पिछले 25 वर्षो के मुकाबले आज भारतीय सिनेमा का स्तर काफी बढ़ गया है। काजोल तो खैर, ढाई दशक की बात कर रही थी, लेकिन सच्चाई यह है कि सिर्फ एक साल में ही हमारा सिनेमा बहुत बड़े किस्म के बदलाव लेकर आया है।
सन 2015 के शुरू होने से पहले पिछले साल ज्योतिष ने भी कहा था कि यह साल बहुत बड़े बिजनेस देने के साथ-साथ रोमांच व उत्साह भरा रहेगा। जो कि रहा भी। हमेशा की तरह हमारा सिनेमा इस साल भी उल्लास, उमंग, उदासी, पागलपन, थिल्रर व रहस्य से लबरेज कई ऐसी फिल्में लेकर आया, जिनको लेकर कहा जा सकता है कि हम पूरी दुनिया में सिनेमा निर्माण के मामले में सबसे बड़े हैं।
लक्की रहा सलमान 2015
राजश्री फिल्म्स की सलमान खान को लेकर बनाई फिल्म प्रेम रतन धन पायो को पहले-पहले तो फ्लॉप का तमगा मिला। लेकिन जैसे-जैसे दिन निकलते गए, सलमान की इस फिल्म ने रफ्तार पकड़ी और लोगों के दिलों में जाकर बसने के साथ ही लागत से तीन गुना कमाई करने में सफल रही। सलमान खान के लिए यह साल सुनहरा कहा जा सकता है। बरसों पुराने हिट एंड रन केस से वे बरी हो गए। तो, इस साल उनकी सबसे बड़ी फिल्म बजरंगी भाईजान ने कमाई के मामले में भारतीय सिनेमा को नए आसमान पर खड़ा कर दिया।
महिला प्रधान फिल्मों का बोलवाला
इस में हीरो के हिलते वर्चस्व के रूप में भी देखा जाना चाहिए। कंगना राणावत की तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, अनुष्का शर्मा की एनएच 10, रिचा चड्ढा की मसान, दीपिका पादुकोण की पीकू की खूब धूम रही। प्रियंका चोपड़ा हमारे सिनेमा की ऐसी पहली हीरोइन बन गई हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर भी बहुत अच्छा काम करके काफी नाम कमाया है। इस साल के आखिरी दिनों में यानी सन 2015 के अंत में उनकी फिल्म ‘‘बाजीराव मस्तानी‘‘ ने भी खूब नाम कमाया और 2015 की सफल फिल्मों की कतार में खड़ी हो गई। ‘‘तमाशा‘‘ में भले ही दीपिका पादुकोण को अपने अभिनय का जलवा दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला, पर उनके अभिनय के लिए उन्हें काफी सराहना मिली। कहा जा सकता है कि देस विदेश में नाम कमाने वाली इस साल की कुछ फिल्मों ने न केवल हीरो के वर्चस्व को हिला दिया बल्कि दर्शकों के दिलों दिमाग में भी हीरोइनों के महज शोपीस होने की सोच को भी बदला है। इसके साथ ही हीरोइनों के मामले में सबसे चैंकाने वाली खबर यह है कि इंटरनेट पर शाश्वत सनातन अवस्था में अपनी उन्मुक्त और अंतरंग अदाओं के लिए विख्यात हीरोइन सनी लियोनी गूगल सर्च में सबको पछाड़कर इस साल नंबर वन बन गई हैं। लोग उनकी लोकलुभावन अंदाज वाली अंतरंग अदाओं को अकेले देखने के लिए कुछ ज्यादा ही बेताब दिखे।
और बोल्ड हुआ बड़ा परदा
‘‘भाग जॉनी‘‘ में मंदना करीमी के बोल्ड अंदाज, फिल्म ‘‘हंटर‘‘ में राधिका आप्टे के दिलकश अदाकारी, ‘‘कुछ कुछ लोचा है‘‘ के एक गाने ‘‘पानी वाला डांस‘‘ में सनी लियोनी की सांस थामने वाली अदाओं ने पूरे साल दर्शकों को बांधे रखा, तो मधुर भंडारकर की फिल्म कैलेंडर गर्ल्स में आकांक्षा पुरी, अवानी मोदी, कायरा दत्त, रूही सिंह और सतरूपा पेने के बोल्ड किरदार और बोल्ड कंटेंट वाली हेट स्टोरी - 3 जैसी फिल्मों ने इस साल अपनी बोल्डनेस के कारण खूब सुर्खियां बटोरीं।
नवोदित कलाकारों का दस्तक
इस साल बहुत सारे नए कलाकार सिनेमा के परदे पर आए। जिनसे आनेवाले सालों में कुछ उम्मीदें बांधी जा सकती हैं। आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी ने हीरो के जरिए दस्तक दी। कॉमेडियन कपिल शर्मा ने भी फिल्म ‘‘किस किस को प्यार करूं’ से बड़े परदे पर एंट्री की। इसी तरह जो नए कलाकार आए, उनमें दम लगा के हईसा की भूमि पेडणोकर, खामोशियां की सपना पब्बी और गुरमीत चैधरी, डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी की स्वस्तिका मुखर्जी, शमिताभ की अक्षरा हासन, अलोन के करणसिंह ग्रोवर और सैकेंड हैंड हस्बैंड से अपनी शुरुआत करने वाली गोविंदा की बेटी टीना आहूजा के नाम प्रमुख हैं। आने वाले कुछ सालों में इन्हीं में ही कुछ के कंधों पर हमारा सिनेमा सवार हुआ दिख सकता है।
बड़ी कमाई का बड़ा मायाजाल
सलमान खान की बजरंगी भाईजान और साउथ में बनी कई भारतीय भाषाओं वाली फिल्म बाहुबली ने कमाई के सारे रिकार्ड तोड़ डाले। करीब 125 करोड़ की लागत से बनी फिल्म बजरंगी भाईजान ने अकेले भारत में ही कुल 318.14 करोड़ रुपये बटोरे। और कुल कमाई तो छह सौ करोड़ के भी पार है। सलमान की ही फिल्म प्रेम रतन धन पायो ने पूरे 186.23 करोड़ रुपये की कमाई की। कहानी और कमाई दोनों के मामले में फिल्म सुपरहिट साबित हुई। सिर्फ 40 करोड़ की लागत से बनी कंगना राणावत की तनु वेड्स मनु रिटर्न्स फिल्म ने सिर्फ सिनेमाघरों में 148.47 करोड़ रुपये कमाए, बाकी कमाई तो दूर की बात। इस फिल्म ने ब्लॉकबस्टर की सूची में नाम दर्ज करवा लिया। वैसे तो बाहुबली ने सभी भाषाओं और सिनेमा के व्यापार की सारी विधाओं में करीब एक हजार करोड़ से भी ज्यादा की कमाई की। लेकिन सिर्फ हिंदी की बात करें, तो केवल 24 दिन के भीतर 100 करोड़ के क्लब में यह फिल्म शामिल हो गई। सच्ची घटना पर आधारित एबीसीडी-2 ने भी कमाई के मामले में फिल्म ने छलांग लगाई और 105 करोड़ रुपये समेट लिए। लेकिन सलमान खान की इस साल रिलीज दो फिल्मों के मुकाबले अक्षय कुमार की तीन फिल्में रिलीज हुई। कहा जा सकता है कि ‘‘संख्याबल‘‘ के मामले में अक्षय कुमार अव्वल रहे। लेकिन कमाई के मामले में तो ‘‘भाईजान‘‘ ने इस साल सभी को पटखनी दे दी है।