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दिल्ली : सम-विषम योजना के पहले दिन सड़कों पर वाहन अपेक्षाकृत कम

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नयी दिल्ली, 01 जनवरी, राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए देश में अपने किस्म के पहले प्रयोग का नये वर्ष के पहले दिन लोगों ने खट्टा मीठा अनुभव किया, सड़कों पर सम नम्बर की कारें कम दिखीं जबकि चालान भरने वालों ने सरकार को जमकर कोसा । दिल्ली सरकार ने आज से 15 जनवरी तक परीक्षण के तौर पर निजी चौपहिया वाहनों को वैकल्पिक तिथियों में सम-विषम नम्बर से चलाने की योजना पर अमल शुरू किया । इसके तहत विषम तिथियों में विषम नम्बर के वाहन और सम तिथियों में सम नम्बर वाहन चलाने की अनुमति होगी । यह सुबह आठ बजे से रात्रि के आठ बजे तक लागू होगा तथा रविवार के दिन कोई पाबंदी नही रहेगी । यह योजना पार्किंग स्थलों पर भी लागू है । विषम तिथि होने की वजह से आज विषम नम्बर की निजी कारों को चलाने की अनुमति थी । योजना के उल्लंघन का पहला शिकार इसके शुरू होने के करीब 33 मिनट बाद आईटीओ पर हुआ । उल्लंघनकर्ता पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया । उसका कहना था कि वह नोएडा के परी चौक के पास रहता है और कार्यालय पहुंचने के लिए उसके पास कोई दूसरा समुचित विकल्प नहीं था इसलिए उसे अपनी कार को निकालना पड़ा । उसका कहना था, “ उसे योजना के बारे में जानकारी थी लेकिन कार्यालय पहुंचने के लिए मजबूरी में उसे अपनी कार निकालनी पड़ी ।“ 

दिल्ली विशेष कर नई दिल्ली और लुटियन जोन के इलाके में रोजमर्रा की अपेक्षा निजी कारों की भीड़भाड़ कम थी । इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली पुलिस के सिपाहियों के अलावा उनको सहयोग देने में एनसीसी और एनएसएस समेत सिविल डिफेंस के करीब दस हजार वालियंटर तैनात किये गये थे । लोगों को कम से कम असुविधा हो इसके लिए मेट्रो रेल सेवा के फेरे बढ़ाये गये थे और तीन हजार निजी बसें लगायी गयीं थीं । हालांकि बसें खाली दौड़ती नजर आयीं । दिल्ली यातायात पुलिस की 200 दल , दिल्ली परिवहन के सतर्कता विभाग की 66 टीमें और 40 टीमें सब डिवीजनल की तैनात की गयी थीं । जामियां नगर से निजामुद्दीन स्थित कार्यालय जाने वाली एक युवती ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी समझनी चाहिए । अन्य दिनों की अपेक्षा आज आबोहवा निश्चित रुप से अच्छी लगी । उसका कहना था कि आम जन को प्रदूषण रोकने में क्या योगदान करना चाहिए, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइन्स स्थित सरकारी निवास से दिल्ली सचिवालय पहुंचने के लिए कार पुलिंग का इस्तेमाल किया । उन्होंने आते हुए रास्ते में अपने कुछ मंत्रियों को साथ लिया । परिवहन मंत्री गोपाल राय ने सम-विषम योजना के पहले दिन का अनुभव बताते हुए कहा कि यह काफी सफल रहा । उन्होंने कहा “ हैप्पी और आड-ईवन । “ 

शाम को दिल्ली सचिवालय में लोक निर्माण मंत्री सत्येन्द्र जैन के साथ संवाददाताओं से बातचीत में श्री राय ने कहा कि हमें भी उम्मीद नहीं थी कि यह फार्मूला इतना कामयाब होगा । यह कदम बच्चों के लिए उठाया गया है । राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाये गये इस कदम के लिए दिल्ली वालों का आभार व्यक्त करते हुए श्री राय ने कहा कि राजधानी के लोगों ने भविष्य के लिए दरवाजा खोल दिया है । उन्होंने कहा कि योजना को सफल बनाने में पुलिस , परिवहन विभाग और सिविल डिफेंन्स ने पूरा योगदान दिया जिसके लिए वह धन्यवाद के पात्र हैं । श्री राय ने कहा कि कुछ चौराहों पर सम नम्बर की कारें देखी गयीं और उनका चालान काटा गया । सवारियों को मना करने पर 66 आटो वालों का चालान काटा गया । श्री राय ने कहा कि सवारियों को परेशान करने वाले तिपहिया चालकों के खिलाफ कार्रवाई होती रहेगी । दिल्ली को जाम से मुक्त बनाने के लिए लोगों को मुबारकबाद देते हुए श्री राय ने कहा कि हमारी रिपोर्ट के अनुसार आज प्रदूषण का स्तर घटा है और हमें सोमवार का इंतजार रहेगा । कल शनिवार होने की वजह से सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं इसलिए आमतौर पर रोजाना की तुलना में यातायात कम रहता है । श्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि दिल्ली की जनता ने जो ठान लिया, उसे करके भी दिखा दिया ।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 जनवरी)

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धर्मरक्षक द्वारा तिन दिवसीय खेल महोत्सव का हुआ समापन, नव नियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष ने किए पुरस्कार वितरण

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पारा---राष्ट्र धर्म व संस्कृति के प्रहरी धर्मरक्षक ने तिन दिवसीय खेल महोत्सव का शुभांरभ मंगलवार को होकर समापन गुरुवार को हुआ। धर्मरक्षक के तत्वाधान मे तिन दिनो तक चले इस महोत्सव मे व्हालीबाल, कबड्डी, खो-खो व तिरंदाजी की प्रतियोगीता आयोजित कि गई। जिसमे  झाबुआ, दाहोद, जोबट, कुक्षी, थांदला, रतलाम, कठ्ठीवाडा, गंधवानी, बासवडा, हरीनगर, सरदार पुर, आदी सहीत क्षेत्र की कई टिमो ने भाग लिया।प्रतियोगीता के अंतिम दिन कब्ड्डी, खो खो व तिरंदाजी प्रतियोगीत का फायनल आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष दोलत भावसार थे।इस अवसर श्री भावसर ने उपस्थित खिलाडीयो व दर्शको को संबोधित करते हुए कहा की धर्मरक्षक द्वारा धर्म जागरण के साथ साथ पंरपरागत खेल प्रतियोगीता को आयोजित करना अनुकरणीय प्रयास हे कार्यक्रम के आयोजक , धर्मरक्षक के संयोजक व कार्यकर्ता इसके लिए बधाई के पात्र हे। उन्होने खिलाडीयो  से कहा कि खेल मे हार जित के कोई मायने नही हे सभी खिलाडी खेल खेल भावना के साथ खेले आगे बडे व अपना नाम रोशन करे। इससे पुर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री भावसार व आमंत्रीत अतिथियो का स्वागत पुष्पमाला पहना कर धर्म रक्षक के कार्यकर्ताओ ने किया।खेल प्रतियोगीता मे कबड्डी का फायनल मेच उपस्थित अतिथियो समक्ष आजाद क्लब झाबुआ व कुनगरा रतलाम कि टिमो के बिच खेला गया।मेच का टाॅस श्री भावसार ने किय व खिलाडीयो परिचय प्राप्त कर मंेच आरंभ किया जिसमे कुनगरा की टिम विजेता बनी कुनगरा टीम ने पहले हाॅफ मे ही मेच अपने पक्ष मे कर लीया था।हजारो की तादात मे उपस्थित दर्शको ने मेच मजा लिया व खिलाडीयो का होसला बडाते हुए ईनामो की बोछार करी।मेच के रेफरी रतनसिह डामोर,राकेश परमार,भुपेन्द्र रावत,हेमराज डावर थे।कार्यक्रम मे धर्म रक्षक के कार्यकर्ता अमरसिह कटारा,विजेन्द्र बघेल,थावरसिह अमलियार,सुनिल बारिया,मोहनसिह बामनिया,विरेन्द्र चोहान का विशेष योगदान रहा।

ये अतिथि हुए उपस्थित---समाजसेवी यशवंत भण्डारी,सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरज राठोर,आसरा परमारर्थिक ट्रस्ट के संस्थापक राजेश नागर, साॅची दुग्ध संघ के अधिकारी विरम शाह, भाजपा युवा मोर्चा के दिलीप कुशवाह,अजजा मोर्चे के प्रदेश महामंत्री कल्याण डामोर,जिलामंत्री दीलीप डावर,पारा मण्डल अध्यक्ष ओकार सिह डामोर,केहर सीह मेडा,अजय पोरवाल,भुपेश सीगांड,उडनसिह संेगर,अजमेर सिह भुरीय,अजय रामावत,दिलीप किराड,वेस्ता जमरा,वेस्ता बामनिया सहीत कई अन्य उपस्थित थै। अतं मे आभार निरज राठोर व वालसिह मसानिया ने माना।

इन को मिला हजारो का ईनाम----धर्म रक्षक द्वारा आयोजित किये गए तिन दिवसीय खेल महोत्स मे व्हालीबाल,कबड्डी,खेा-खो,तिरंदाजी प्रतियोगीता मे जो टिमे व खिलाडी विजेता उप विजेता रहे वे नाम हे ये-व्हालीबाल मे विजेता जोबट,उपविजेता कुक्षी,बेस्ट नेटर का ईनाम जयदीप चोहान को मिला।वही खो खो प्रतियोगीता मे विजेता चापानेर थांदला व उपविजेता खडकुई रही।तिरंदाजी मे प्रथम पुरस्कार हिन्दुल मेडा,द्वितिय पवन परमार व तृतिय पुरस्कार पंकज रावत को मिला।कबड्डी प्रतियोगीता मे विजेता नवयुवक मण्डल कुनगरा रतलाम,उपविजेता आजाद क्लब झाबुआ व तृतिय शिव क्लब गंधवानी रही।वही बेस्ट केचियर धर्मेन्द्र चोधरी,बेस्ट रिडर बंटी सिसोदिया को मिला। 

2 जनवरी 2016 को दाहोद (गुजरात) में होगी राम नाम की दीक्षा, 1 जनवरी को कुशलगढ़ (राजस्थान) में 4245 व्यक्तियो ने ली दीक्षा

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झाबुआ---श्रीरामशरणम् समिति झाबुआ के तत्वावधान में दिनांक 01 जनवरी 2016 को श्री राम नाम की दीक्षा कुशलगढ़ (राजस्थान) में आयोजित की गई, जिसमें 2485 पुरूष एवं 1760   महिला सहित कुल 4245 व्यक्तियो ने श्री राम नाम की दीक्षा ली। 2 जनवरी 2016 शनिवार दोपहर 1 बजे पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास, मंडावाव रोड़ दाहोद गुजरात में ब्रह्मविद स्वामी सत्यानंद जी महाराज सा. ब्रह्मलीन परमपूज्य श्री प्रेमजी महाराज सा. एवं ब्रह्मलीन परम पूज्य श्री डाॅ. विश्वामित्र जी महाराज सा. की असीम कृपा एवं सुक्ष्म उपस्थिति तथा श्री रामबाबू जी ट्रस्टी स्वामी सत्यानंद धर्मार्थ ट्रस्ट नई दिल्ली के मार्गदर्शन में होगी। झाबुआ क्षैत्र को 22 सेक्टरो में बांटा गया है और इन 22 सेक्टरो मे मिला कर राम नाम के दीक्षित साधको की संख्या 1 लाख 71 हजार से ज्यादा है,जो राम नाम की उपासना कर रहे है और उन साधको को ईश्वर की स्पष्ट प्रतीति हो रही है जो पूरी तन्मयता से स्वामी जी महाराज के बताये गए नियमो के अनुसार साधना कर रहे है, राम नाम धुन गुॅज से,  भव भय जाते भाग राम नाम धुन ध्यान से, सब शुभ जाते जाग श्रीरामशरणम् समिती झाबुआ ने सभी धर्म पे्रमी सज्जनो से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक की संख्या में उपस्थित होकर राम नाम की दीक्षा ग्रहण करे।

कपास फसल बीमा में प्रीमियम की 6.5 प्रतिशत राशि वापस होगी

झाबुआ ---खरीफ मौसम 2015 अन्तर्गत राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत जिन कृषकों का कपास फसल का बीमा हुआ है, उन कृषकों को बीमा प्रीमियम की आधी राशि की भरपाई राज्य शासन द्वारा की जावेगी। विगत दिनों मंत्रीपरिषद की बैठक में इस सम्बन्ध में लिये गये निर्णय अनुसार जिन कृषकों से कपास फसल बीमा हेतु 13 प्रतिशत प्रीमियम लिया गया है, उन कृषको को 6.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि वापस लौटाई जाना है। म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में निर्देश भी जारी किये जा चुके है। शासन द्वारा राष्ट्रीय कृषि बीमा कम्पनी के भोपाल क्षेत्र कार्यालय को निर्देशित कर ऐसे समस्त कपास फसल बीमा कृषकों को 6.5 प्रतिशत राशि कृषकों के बैंक खातों में वापस लौटाने के लिए कहा गया है। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबन्धक को कृषकों को कपास फसल बीमा प्रीमियम की आधी राशि वापस लौटाने के लिए निर्देश दिए है।

जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक 8 जनवरी को

झाबुआ---जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक जिला पंचायत सभाकक्ष में 8 जनवरी 2016 को दोपहर 12.00 बजे आयोजित की जावेगी।

कलेक्टर ने अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, व्यवस्थाएॅ सुधारने के लिए दिया एक माह का अल्टीमेटम

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झाबुआ---कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवाएॅ सुधारने के लिए एवं जनता को स्वास्थ्य सेवाएॅ शासन की मंशानुसार सुलभ एवं निःशुल्क मिले यह सुनिश्चित करने के लिए जिला चिकित्सालय झाबुआ का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाएॅ देखी एवं सीएमएचओं तथा सिविल सर्जन को व्यवस्थाएॅ ठीक करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने एसएनसीयू, मदर वार्ड, पोषण पुनर्वास केन्द्र मेटरनिटी वार्ड, दवाई भण्डार कक्ष का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई व्यवस्था पर असंतोष जाहिर कर अस्पताल प्रशासक एवं सिविल सर्जन को फटकार लगाई कलेक्टर ने अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था ठीक नहीं होने तक वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। हाॅस्पीटल में ब्लड यूनिट एवं दवाई भण्डार कक्ष का रिकार्ड अपडेट नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। अस्पताल परिसर में लगे वाटर कुलर में गंदगी पाये जाने पर फटकार लगाई। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने सिविल सर्जन, सीएमएचओं सहित जिला अस्पताल के समस्त क्लेरीकल स्टाफ के जनवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है एवं एक माह में साफ-सफाई व्यवस्था ठीक करने, पूरा रिकार्ड अपडेट करने, के बाद सेवाओं के प्रति संतुष्ट होने के बाद ही वेतन आहरण किया जा सकेगा। जिला अस्पताल की व्यवस्थाएॅ सुधारने के लिए सभी डाॅक्टर्स को अच्छे अस्पताल का भ्रमण करवाने, दवाई खत्म होने वाली हो, उसके एक सप्ताह पूर्व ही डिमांड शासन को भेजने तथा अच्छी क्वालिटी का पेयजल वाटर कुलर लगवाने तथा अस्पताल के वाटर कूलर की सफाई करवाने के निर्देश सिविल सर्जन को दिये। साथ ही ट्रामा सेन्टर में सामाग्री उपकरण एवं स्टाॅफ की व्यवस्था के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के लिए निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता के साथ सीएमएचओ डाॅ. अरूण कुमार शर्मा सिविल सर्जन डाॅ. कौशल प्रशासक दर्शना सेन सहित स्वास्थ्य सेवक उपस्थित थे।

मारपीट के अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी जितेन्द्र पिता लोकेन्द्र सिंह चैहान, उम्र 26 वर्ष, निवासी झाबुआ ने बताया कि आरोपी इश्तिहाक व अन्य 10-12 लोग निवासीगण हुडा मोहल्ला झाबुआ ने फरि0 को जेसीबी मशीन निकालने की बात को लेकर अश्लील गालियां देकर एकमत होकर लटठ, तलवार लेकर मारपीट करने लगे, आरोपी इश्तिहाक किराने दुकान वाले ने जान से मारने की नीयत से सिर में लटठ मारकर चोंट पहुॅचायी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 789/15, धारा 307,147,148,149,341,294,506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना मे घायल की मोत 

झाबुआ---मारूती वेन क्र0 जीजे-20-एन-611 का चालक तेज गति व लापरवाहीपूर्वक अपने वाहन को चलाकर लाया व निलेश निवासी मोखी गुजरात की मो0सा0 को टक्कर मार दी, जिससे पीछे बैठी लाडुबाई पति निलेश, उम्र 35 वर्ष को गंभीर चोंट आने से मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 01/16, धारा 279,304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गोवंश पशु क्रूरता अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ---फरियादी अमृतलाल पिता जवरा भाभर, उम्र 21 वर्ष, निवासी गवालरूण्डी ने बताया कि आरोपी धामेसिंह पिता जोगी डामोर एवं अन्य 03 निवासीगण मोरझरी गोमती के द्वारा पीकअप वाहन क्र0 एम0पी0-45-जी-7422 में क्षमता से अधिक 04 गाय क्रुर्रता पूर्वक ठुस-ठुस कर गुजरात ले जाते पकडा गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 417/15, धारा 4,6,9 गौवंश प्रति0 अधि0 व 11-घ पशु क्रुर्रता अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ---फरियादिया को आरोपी अजय पिता अंद्रियास कटारा, निवासी गडवाडा मेघनगर ने घर से उसके भाईयों को मरवा डालने की धमकी देकर जबरन मो0सा0 पर बैठाकर थांदला ले गया, जहां एक कमरे में 10-11 दिन बंद कर बार-बार बलात्कार किया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 788/15, धारा 376,506,365 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : उम्मीद है कोई सहायक बनकर दोनों की समस्या हल कर सके।

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पटना। उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में सुमन कुमारी और पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत में जुसी कुमारी रहती हैं। आंखों से सुमन कुमारी नहीं देख सकती और कमर से नीचे से शरीर का उपयोग जुसी कुमारी नहीं कर सकती हैं। वर्ष 2015 में कोई मसीहा रूपी दाता नहीं आए जो एल.सी.टी.घाट में रहने वाली सुमन कुमारी और मखदुमपुर में रहने वाली जुसी कुमारी को सहायता कर सके। अब वर्ष 2016 में उम्मीद है जो कोई सहायक बनकर दोनों की समस्या हल कर सके।

एल.सी.टी.घाट में  अर्जुन मांझी और गीता देवी की बेटी सुमन कुमारी हैं। जो बीमारी के बाद आंख से देख नहीं सकती हैं। गरीबता के कारण सुमन कुमारी का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। अब तो सुमन कुमारी के पिताश्री अर्जुन मांझी भी बीमार है। चलना और फिरना बंद हो गया है। ऐसा लग रहा है कि नस में खामियां आ जाने के कारण शरीर में दर्द होने लगता है। केवल सुमन कुमारी की मां रीता देवी कागज आदि चुनकर परिवार को खाना खिलाने में सफल हो रही हैं। एनजीओ और सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। पटना जिले के जिलाधिकारी से आग्रह है कि सुमना कुमारी का इलाज करवाएं।

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जुसी की मां लीला देवी कहती हैं कि बड़ी बेटी जुसी कुमारी बीमार है। अभी 24 साल की हैं। जुसी का जन्म दशहरा त्योहार के समय 1991 में हुआ था। बोरिंग रोड स्थित चिल्ड्रेन पार्क के बगल में सी0एन0एस0 हॉस्पिटल है। वहीं पर नर्सिग करती थीं। अभी 6 माह ही नर्सिग की थीं। वह 18 वर्ष की अवस्था में 2009 में बीमार पड़ी। जब 19 साल की थीं। तब 2010 में पैर में दर्द हुआ। इससे बढ़कर कमर,रीढ़,बांह और अंगुली तक पहुँच गया। दुर्भाग्य से 2010 से ही जुसी कुमारी खड़ी नहीं हो सकीं। लोहानीपुर स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में 6 माह भर्ती होकर चिकित्सा करायी। यहाँ पर ठीक नहीं होने पर पी0एम0सी0एच0 में 5 माह भर्ती करके चिकित्सा करायी। चिकित्सक कहते कि जुसी को गठिया हो गया है। इस बीच ठेंहुना जकड़ गया। पैर पसार नहीं सकती हैं। चलना-फिरना दुस्वाह हो गया है। पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत की मुखिया ने जुसी कुमारी को विकलांगता प्रमाण-पत्र और सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलवाने की व्यवस्था कर दी है। 

लगभग अपाहिज बन गयीं जुसी कुमारी का कहना है कि बचपन से ही अपने पैर पर खड़ी होकर नौकरी करना चाहती थीं। जब ऐसी अवस्था में आ गयी हूँ। तब भी हिम्मत नहीं हारी हूँ। कोई व्हीलचेयर दिलवा दें। व्हीलचेयर चलाकर नौकरी की अभिलाषा को पूर्ण कर लूंगी। कोई मुझको चलने लायक बना दें। वह किसी मसीहा की तलाश कर रही हैं जो 10 लाख रू0व्यय करके गतिमान कर दें। उसकी माँ लीला देवी कहती हैं कि कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल द्वारा 3 लाख रू0 की माँग की जा रही थी। प्रत्येक दिन 5 हजार रू0 खर्च करने के बाद चलने लायक बना देते। हड्डी प्रतिस्थापन कर देते। अर्थाभाव के कारण नहीं हो सका।

बिहार : इन महादलित मुसहर समुदाय की विधवाओं को पेंशन नहीं मिलते

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पटना। पटना सदर प्रखंड के अन्तर्गत उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत में स्थित एल.सी.टी.घाट मुसहरी में बैदार मांझी और राजमुन्नी देवी रहते हैं। बैदार और राजमुन्नी के 5 संतान हैं। 3 लड़की और 2 लड़के हैं। पहले राजमुन्नी देवी को जानलेवा यक्ष्मा बीमारी हो गयी थी। दवा-दारू करने के बाद राजमुन्नी ठीक हो सकी। इसके बार राजमुन्नी देवी के पति बैदार मांझी को यक्ष्मा बीमारी हो गयी।  अन्ततः बैदार की मौत हो गयी।इस तरह राजमुन्नी देवी विधवा हो गयी। इसके अलावे अन्य विधवाओं को पेंशन नहीं मिलता है। कई बार आवेदन दिए हैं फिर भी जन प्रतिनिधि पेंशन दिलवाने में सहायक 2015 में नहीं बने। 

बिहार : ईसाई समुदाय को रूलाकर चला 2015

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जाने-माने-पहचाने फादर दीपक, सिस्टर अल्फंसा, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल साह, कुर्जी पल्ली के पूर्व सचिव पीटर डी अगस्टीन, कुर्जी पल्ली के सबसे पुराने ईसाई परिवार के सदस्य जोसेफ डी अगस्टीन आदि छोड़कर चले गए। 

भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता राजन साह कहते हैं कि मेरे पिताजी अनिल साह के प्रेरणामयी सलाह के बाद बीजेपी में शामिल हुए। अबतक ईसाई समुदाय को कांग्रेसी समर्थक ही समझा जाता था। उनका कहना है कि पिताश्री के निधन की खबर सुनते ही बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी और दीघा विधान सभा के माननीय विधायक संजीव चैरसिया घर जाकर पिताश्री को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किए। कोई घंटेभर कुर्जी स्थित आवास पर रहे। भारी संख्या में क्रिश्चियन समुदाय ने शोक व्यक्त किया।इन लोगों की मौत से ईसाई समुदाय को सदमा लगा है। 

नए डीजीपी को बढ़ते अपराध, को रोक पाने की होगी चुनौती

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सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी से जावेद अहमद की बातचीत पर आधारित एक विस्तृत रिपोर्ट 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एस जावेद अहमद को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। वे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1984 बैच के अधिकारी है। इसके पहले वह पुलिस महानिदेशक (रेलवे ) के पद पर तैनात थे। जावेद अहमद मार्च 2020 तक अपनी सर्विस देंगे। कहा जा रहा है जावेद को यूपी का डीजीपी बनाकर सरकार ने आगामी 2017 की तैयारी को ध्यान में रखकर मुस्लिम कार्ड खेला है। पदभार ग्रहण करने के बाद सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी से बातचीत करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि अब माफियाओं एवं बाहुबलि जनप्रतिनिधियों के इसारों पर थानों में दर्ज होने वाले फर्जी मुकदमों व घटनाओं की मनगढ़ंत जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले पुलिस आफिसरों पर कार्रवाई होगी। उनकी जांचोपरांत रिपोर्ट सही पाएं जाने पर संबंधित आफिसर को उनके द्वारा बर्खास्त करने में भी देर नहीं लगेगी। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में आ रही मुश्किलों को वह चुनौती के रुप में लेंगे। जिस किसी ने भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुंडागर्दी किसी भी कीमत पर नहीं चलने दी जाएगी। चैराहों और सड़कों पर गुंडागर्दी कतई नहीं होने देंगे। थानों को फूंकना, पुलिस को पीटना अब नहीं चलेगा। 

जावेद अहमद मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। इससे पहले वह डीजी रेलवे के पद पर तैनात थे। उन्‍हें साल 2000 में डीआईजी के पद पर प्रमोशन मिला और 2005 में आईजी बने। इसके बाद अहमद 2011 में एडीजी बने और 2015 में डीजी के पद पर प्रमोशन मिला। अहमद 15 अफसरों को सुपरसीड करके डीजीपी बने हैं। कहा जा रहा है कि उनका सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर के पोस्ट पर तैनात रहना उनके पक्ष में गया। वह सुप्रीम कोर्ट और सरकार की कसौटी दोनों पर फिट भी बैठ रहे हैं। इसके अलावा उनकी साफ-पाक इमेज भी उनके अपॉइंटमेंट का कारण है। भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों एवं हौसलाबुलंद अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम यूपी सरकार ने श्री जावेद को पुलिस महानिदेशक पद पर तैनात तो कर दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बाहुबलि जनप्रतिनिधियों के आगे क्या वह पूर्व की बिगड़ी कानून व्यवस्था, बेलगाम अपराधियों, भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों, पैसे लेकर फर्जी मुकदमें दर्ज करने आदि मामलों में बिगड़ी पुलिस की छबि एवं इसमें संलिप्त पुलिसकर्मियों को सुधार पायेगा। उत्पीड़न के शिकार आम गरीब व निरीह जनता को न्याय दिला पायेंगे। फिरहाल वह सपा सरकार के आठवें डीजीपी होंगे। इसके पहले जिन लोगों के हाथ में कमान थी, कितना सफल हुए हुए है यह सूबे के हालात व आंकड़े बता रहे है, मुझे कुछ बताने की जरुरत नहीं। हालांकि नवनियुक्त डीजीपी जावेद ने कहा है कि जिस किसी ने भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुंडागर्दी किसी भी कीमत पर नहीं चलने दी जाएगी। वह डीजीपी मुख्यालय की हाल के दिनों में खोई गरिमा को वापस लाने की कोशिश करेंगे। चैराहों और सड़कों पर गुंडागर्दी कतई नहीं होने देंगे। थानों को फूंकना, पुलिस को पीटना अब नहीं चलेगा। 

फिरहाल जिस तरह यूपी पुलिस हाल के दिनों में सत्ता के बाहुबलि जनप्रतिनिधियों के हाथो कठपुतली बन कर रह गयी है। इन बाहुबलियों के इसारे मात्र से थानों में फर्जी रपट दर्ज कर पत्रकार सहित आम जनमानस को जिंदा जलाया जा रहा है, उनके घर-गृहस्थी लूटे जा रहे है, बलातकार के रसूखदार आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है, सड़क से लेकर लोगों के घरों तक में घुसकर पुलिसिया रंगदारी वसूली जा रही है, फर्जी मुकदमों की जांच के नाम पर पीडि़तों को न्याय देने के बजाए आरोपियों से ही वसूली कर पीडि़तों को प्रताडि़त किया जा रहा है, कोतवाल संजयनाथ तिवारी, श्रीप्रकाश राय, आईपीएस अशोक शुक्ला जैसे भ्रष्ट व लूटेरे पुलिसकर्मियों को मलाईदार थानों व जिलों में पैसे लेकर नियुक्तियां की जा रही है, पर नकेल कस पायेंगे। यह बड़ा सवाल बन गया है, क्योंकि पूर्व के पुलिस अधिकारियों का वक्त बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के बजाए अपनी कुर्सी सुरक्षित करने के लिए बाहुबलियों की परिक्रमा करने में ही बीता। 

जो भी हो उनके सामने बड़ी चुनौती पश्चिमी और पूर्वी यूपी के सांप्रदायिक माहौल को दुरुस्त करना और पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने के साथ बाहुबलि जनप्रतिनिधियों एवं भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के बीच बने गठजोड़ को तोड़ना है। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह छोटी-बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं, उस पर काबू पाना है। अभी कुछ दिनों पहले प्रतापगढ़ और इलाहाबाद में स्थानीय वर्चस्व की लड़ाई में खुलेआम गोलियां चलीं और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। सूबे में लूट, हत्या, चोरी, डकैती की घटनाओं की बाढ़ आ गयी है। खासकर मेरठ और सहारनपुर मंडल में कई स्थानों पर तनाव पसरा हुआ है। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि पहले सांप्रदायिकता की जिस आग में शहर जलते थे, अब पश्चिम के गांव और कस्बे जल रहे हैं। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर में पिछले दिनों हुईं वारदातें इसकी गवाही दे रही हैं। 

फर्जी मुकदमों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री का अब पुलिस प्रशासन पर नियंत्रण नहीं रहा। नतीजा यूपी की जनता को जंगलराज का सामना करना पड़ रहा है। सपा के तीन साल के शासन के दौरान 180 से ज्यादा दंगे हुएं। मुजफ्फरनगर दंगा पीडि़तों की एक बड़ी संख्या अभी भी न्याय के लिए इंतजार कर रही है। महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मायावती के अंतिम ढाई वर्ष के कार्यकाल (15 सितंबर 2009 से 14 मार्च 2012) में महिला आयोग के पास महिला उत्पीड़न के 55301 मामले पंहुचे जो अखिलेश के आरंभिक ढाई वर्ष के कार्यकाल (15 मार्च 2012 से 14 सितंबर 2014) में बढ़कर 78483 हो गए। खुलेआम थानों की बोली लगाकर अधिकारी तैनात हो रहे हैं। जिनको अब अपराध नियंत्रण से कोई लेना देना नहीं है। थाना प्रभारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग में पैसे का लेन देन चल रहा है। खासकर अवैध खनन, जमीनों पर अवैध कब्जे, पत्रकारों की हत्या, उन पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर गुहस्थी लूटने आदि काम पुलिस के ही संरक्षण में चल रहे है। कई हत्या लूट मामलों के आरोपी इंस्पेक्टर संजयनाथ तिवारी जैसे भ्रष्ट पुलिस को पैसे लेकर राजधानी में तैनाती की गयी है। रोजाना बलातकार की दस, लूट की पन्द्रह व हत्या 16-20 घटनाएं सामने आने व अवैध वसूली की घटनाओं से डरी-सहमी आम जनमानस अब अपने बेडरुम में भी असुरक्षित महसूस करने लगी है। बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर खुद कई बार हाईकोर्ट भी सरकार को फटकार लगा चुकी है। हालात यहां तक बिगड़ चुके है कि लोग अब तो यूपी का नाम ही बदल डाले है कोई इसे दंगों का प्रदेश बता रहा है तो दबंगों का प्रदेश तो कोई गुंडाराज। वर्ष 2013 में पहली जनवरी से मार्च तक बलातकार के 1199 मुकदमें दर्ज हुए, जबकि 2014 में 1284 और 2015 में अब तक 885 मामले दर्ज हो चुके है।  

बिगड़ी हालात को देख सूबे के सीएम अखिलेश यादव खुद अपने उन ‘जमीनी कार्यकर्ताओं’ को नसीहत दे रहे है कि वह सुधर जाएं। कह रहे है पुलिसवाले अपराधियों को वर्दी का भय दिखाएं, ताकि वे प्रदेश छोड़ भाग जाएं। पुलिस की दशा सुधारने के लिए 54 करोड़ की लागत प्रदेश के एक हजार थानों को नए चैपहिया व दुपहिया वाहन मुहैया करा रहे है। पुलिस को नसीहत दे रहे है कि वह ऐसा काम करें, ताकि लोग उसका सम्मान करें। कार्यकर्ताओं को थाने और तहसील की दलाली बंद करने की दुहाई दे रहे है। पार्टी की छवि के लिए खतरा बने कार्यकर्ताओं की पहचान और उन्हें चेतावनी यूं ही नहीं है। पंचायत चुनाव की चर्चा शुरू होने के साथ ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था का माहौल बिगड़ने लगा है। दलीय आधार पर न लड़े जाने के बावजूद पंचायत चुनाव में हर पार्टी अपने समर्थकों को काबिज करना चाहती है। पंचायत चुनाव के बाद ही विधानसभा चुनाव की भी तैयारी जोर पकड़ लेगी। अब तक कार्यकर्ताओं के आगे ढाल बनकर खड़ी हो जानी वाली सपा अब समझ रही है कि इस समय उनके कार्यकर्ताओं की छोटी सी भी चूक बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। शायद इसीलिए मुख्यमंत्री ने डीजीपी पद के लिए जावेद को चुना है कि वह कुछ हालात सुधारने में कामयाब होंगे। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप ही डीजीपी ने भी जिलों में तैनात पुलिस अधीक्षकों को संदेश देते हुए कहा है कि उन्हें यह देखना होगा कि कोई घटना हुई है तो क्या उसे रोका जा सकता था? अगर रोकने में किसी की लापरवाही हुई तो उसे सजा भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। अगर घटना ऐसी है जिसे रोका नहीं जा सकता था तो घटना के बाद पुलिस ने क्या किया? इसकी जवाबदेही तय की जाएगी। बोले-मैं डीजीपी पद की गरिमा हर हाल में बरकरार रखूंगा। दो पूर्व डीजीपी एसी शर्मा व ए.एल.बनर्जी पर लगे आरोपों पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया। मेरा प्रयास होगी कि डीजीपी मुख्यालय की खोई विश्वसनीयता बहाल हो। कहा है कि जनप्रतिनिधियों की वाजिब बात को जरूर सुनना चाहिए। अधिकारियों को एक सीमा तय करनी चाहिए। इससे आगे जाकर कोई भी बात नहीं सुननी चाहिए। बहरहाल, मंशा कुछ भी हो यदि इस कवायद से प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुधरती है तो मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की नसीहतों का स्वागत किया जाना चाहिए, भी सुखद परिणामों की प्रतीक्षा के साथ। 





(सुरेश गांधी)

व्यंग्य : मुखर - मुखिया, मजबूर मार्गदर्शक ...!!

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तेज - तर्रार उदीयमान नेताजी का परिवार वैसे था तो हर तरफ से खुशहाल, लेकिन गांव के पट्टीदार की नापाक हरकतें समूचे कुनबे को सांसत में डाले था। कभी गाय - बैल के खेत में घुस जाने को लेकर तो कभी सिंचाई का पानी रोक लेने आदि मुद्दे पर पटीदार तनाव पैदा करते रहते। इन बातों को लेकर गांव में लाठियां तो बजती ही  दोनों पक्षों के बीच मुकदमेबाजी भी जम कर होती।

 पूरा परिवार परेशान। उदीयमान नेताजी पटीदार को सबक सिखाने में सक्षम थे, लेकिन समस्या यह थी कि घर के मालिक के दिल में पटीदार के प्रति साफ्ट कार्नर था। बात बढ़ती तो मालिक बोल पड़ते । अरे रहने दो ... उसे औकात बताना कौन सी बड़ी बात है, लेकिन जाने दो ... है तो आखिर अपना ही खून...।

 इस पर परिवार के लोग मन मसोस कर रह जाते। उधर पटीदार की पेंच परिवार को लगातार परेशानी में डालती जा रही थी। रोज - रोज के लड़ाई - झगड़े और पुलिस - कचहरी का चक्कर। आखिर एक दिन ऐसा आया जब परिवार के लोगों की एकराय बनी कि घर का मालिक - मुख्तार यदि उदीयमान नेताजी को बना दिया जाए तो वे पटीदार को छटी का दूध याद करा देंगे। क्योंकि उनकी पुलिस वालों के साथ गाढ़ी छनती है और सत्ता के गलियारों में भी गहरी पकड़ है। आखिरकार परिवार वालों के दबाव के आगे मालिक ने हथियार डाल दिए और भविष्य के लिए उन्होंने मार्गदर्शक की भूमिका स्वीकार कर ली।नेताजी को घर का मालिक  बना दिया गया। रहस्यमयी मुस्कान के साथ उदीयमान नेता ने अपनी पारी शुरू की। उधर गांव में तनाव चरम सीमा पर जा पहुंचा। 

सभी को  लगा ... बस अब तो आर या पार...
नेताजी के परिजनों को यही लगता रहा कि बिगड़ैल पटीदार की अब खैर नहीं। पटीदार का परिवार भी सशंकित बना रहा।

एक दिन उदीयमान नेता ने बिगड़ैल पटीदार को न्यौते पर घर बुला लिया। पूरा परिवार सन्न। नेताजी के चेहरे पर वही रहस्यमय मुस्कान। सब को लगा यह शायद नेताजी की कोई कूटनीति है। उधर पटीदार के परिवार को भी सांप सूंघ गया। 

आखिरकार भारी तनाव व आशंका के बीच तय तारीख पर पटीदार नेता के घर पहुंचे। आशीष - पैलगी का लंबा दौर चला।

नेता ने पूरा सम्मान देते हुए हाल - चाल लिया। लेकिन दोनों पक्ष लगातार सशंकित बने रहे। 
नेताजी ने पटीदार से पूछा... दद्दा  आपके ब्लड प्रेशर के क्या हाल है। काबू में न हो तो जान - पहचान वाले शहर के बड़े डॉक्टर के पास ले चल कर दिखाएं। 

इस पर पटीदार के चेहरे पर कृतज्ञता के भाव उभरे जबकि दोनों पक्ष सन्न। 
क्योंकि कहां तो आशंका तनातनी की थी, लेकिन यहां तो भलमनसाहत दिखाने की होड़ शुरू हो चुकी थी। 
कुछ देर  बाद पटीदार ने देशी घी का डिब्बा नेताजी के हवाले करते हुए बोले... बचवा ई कल्लन की ससुरारी से आवा रहा, जा घरे दई आवा... 

अब कृतज्ञता के भाव नेताजी के चेहरे पर थे। 
घर पर घी का डिब्बा रख कर नेताजी लौटे तो उनके हाथ में कुछ था। 
सदरी भेंट करते हुए नेताजी बोले... दद्दा दिल्ली गा रहे तो तोहरे लिए लावा रहा, लया रख ल्या । जाड़े में आराम रही...।

फिर अपनत्व दिखाते हुए बोले ... दद्दा अगले महीने अजिया की बरसी करब , सब तोहरेय के देखए के पड़े... 
स्नेह उड़ेलते हुए  पटीदार ने कहा... अरे काहे ना देखब बचवा , तू का कोनो गैर हवा...
दोनों पक्ष एक बार फिर सन्न। क्योंकि सब कुछ अप्रत्याशित हो रहा था। 

पटीदार और भावुक होते हुए बोले... बेटवा अगहन में अजय नारायण का ब्याह है... पूरा सहयोग करे के पड़ि...  
नेताजी ने जवाब दिया... दद्दा शर्मिंदा न करा... अब तू निश्चिंत रहा...
बिसात पर खेले जा रहे शह और मात के इस खेल से नेताजी और पटीदार का परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव सन्न था। 

दोनों पक्ष के मुखिया दरियादिली पर मुखर थे, जबकि दूसरे मूकदर्शक बने रहने को मजबूर ...। 
लगता है भारत - पाकिस्तान संबंधों के मामले में नमो और उनके समकक्ष मवाज का मसला भी कुछ ऐसा ही अबूझ है। 



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तारकेश कुमार ओझा,
खड़गपुर (पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

लोकसभा का मध्यावधि चुनाव होना तय : लालू

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पटना 02 जनवरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज दावा किया कि केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी और लोकसभा का मध्यावधि चुनाव होना तय है । श्री यादव ने यहां राजद के प्रदेश कार्यालय में पार्टी की बिहार इकाई की नवनिर्वाचित राज्य परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के घर में ही आग लगी हुई है और वहां सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है । पांच साल तक इंतजार नहीं किया जा सकता और अब दिल्ली पर चढ़ाई की तैयारी करनी है । उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को गोलबंद करने की कवायद शुरू हो गयी और इसका परिणाम जल्द ही दिखाई पड़ने लगेगा । राजद अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही वह पूरे देश में सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्ष दलों को गोलबंद करने के लिए निकलेंगे और इसमें तनिक भी कसर नहीं रह गयी है कि दिल्ली की राजनीतिक स्थिति बदलने वाली है । असम, पश्चिम बंगाल और उसके बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है जहां सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ लाना जरूरी है । उन्होंने कहा कि बिहार की तरह इन प्रदेशों में भी धर्मनिरपेक्ष दलों का एक मजबूत गठबंधन बनाने की कवायद शुरू की जायेगी । 

 यादव ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों का मजबूत होना समय की मांग है । देश को तोड़ने की साजिश की जा रही है । उन्होंने कहा कि रतलाम के लोकसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को लगभग दो लाख मतों के अंतर से अपनी सीट गवांनी पड़ी । रतलाम लोकसभा के उप चुनाव में भी आरक्षण का मामला उभर कर सामने आया था और वहां की जनता ने भाजपा को हराकर इसका जवाब दे दिया । उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन को मिली जीत के बाद लड़खड़ाये श्री मोदी अभी भी संभल नहीं पाये हैं । राजद अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2015 महागठबंधन के लिए शुभ रहा है । उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाईटेड (जदयू) -राजद और कांग्रेस मिलकर जब महागठबंधन बनाने की कवायद में लगे थे तब साम्प्रदायिक शक्तियों को अच्छा नहीं लग रहा था । विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों ने एकजुट होकर जो परिणाम दिया आज उसी का नतीजा है कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मुंह की खानी पड़ी । उन्होंने कहा कि अब भाजपा और उसके सहयोगी दल के लोग गांव में जाकर गरीब लोगों के बीच यह कहते फिर रहे हैं कि महागबंधन की सरकार चलने वाली नहीं है । लोगों ने महागठबंधन के उम्मीदवारों को बड़े उत्साह से चुनकर भेजा है । 

श्री यादव ने दावा किया और कहा कि प्रदेश की महागठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार कार्ययोजना तैयार करने में लगी हुई है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विकास कार्यों में बाधा डालने के लिए महागठबंधन में फूट डालने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इस तरह की उम्मीद पाले हुए लोगों का मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा तथा गरीबों के हित में जो भी साकारात्मक होगा सरकार उसे पूरा करेगी ।  राजद अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का बड़ा घटक दल होने के नाते अब जिम्मेवारी काफी बढ़ गयी है । सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेवारी पार्टी के साथियों पर है और लोगों को राजद से काफी उम्मीद है जिस पर हमें खरा उतरने का प्रयास करना है । उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ माह से भी कम के कार्यकाल में राज्य सरकार की उपलब्धियां काफी सराहनीय रही हैं । मंत्रियों के कार्यों को लोगों का जबर्दस्त ढ़ंग से समर्थन एवं सराहना मिल रही है जिससे विरोधियों विशेषकर साम्प्रदायिक शक्तियों की परेशानियां बढ़ गयी हैं । 

श्री यादव ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य सिर्फ सत्ता प्राप्त करना ही नहीं बल्कि इसके माध्यम से सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को मजबूत करना तथा समावेशी विकास के साथ विकास की किरण को समाज के अंतिम पायदान के लोगों तक पहुंचाना है । देश की जनता यह चाहती है कि उनके नेतृत्व में साम्प्रदायिक शक्तियों को शिकस्त दी जाये। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि श्री मोदी ने बिहार को विशेष पैकेज के नाम पर सिर्फ लोगों को छलने का काम किया है जिसका भंडा फोड़ करना जरूरी है । विधानसभा चुनाव के समय श्री मोदी ने विशेष पैकेज के रूप में सवा लाख करोड़ रूपये देने की घोषणा की थी जो अब तक नहीं मिल सका है । उन्होंने कहा कि घोषणा के बाद विशेष पैकेज नहीं दिये जाने पर वह श्री मोदी को न्यायालय में खड़ा करेंगे । विशेष पैकेज दिये जाने की बात तो दूर रही केन्द्र प्रायोजित सभी योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गयी है । बिहार के चुनाव में महागठबंधन को मिली अपार सफलता के बाद इसका संदेश पूरे देश में गया है और अब “ लालू मॉडल” का गठबंधन कई राज्यों में होंगे जिससे साम्प्रदायिक शक्तियों को परास्त किया जा सके। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीमती कांति सिंह ,जयप्रकाश नारायण यादव ,पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ,प्रभुनाथ सिंह ,मंगनीलाल मंडल, नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डा.रामचन्द्र पूर्वे ,वित्त मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दिकी ,सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता समेत कई नेताओं ने भी बैठक को संबोधित किया । 

नीतीश से अमीर नितीश का पुत्र, लालू के पुत्र के पास नहीं है कार

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पटना,02 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका पुत्र निशांत कुमार अमीर है और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के पास कार भी नहीं है। श्री कुमार और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने अपनी चल और अचल सम्पत्ति का ब्यौरा दे दिया है जिसे शुक्रवार को राज्य सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया गया । मुख्यमंत्री की फ्लैट और दो कार सहित चल-अचल सम्पत्ति की कुल कीमत करीब 59 लाख रुपये है जबकि उनके पुत्र के पास दो करोड़ रुपये से अधिक की जायदाद है ।श्री कुमार के पास वर्ष 2013 में करीब 46 लाख 88 हजार 625 रुपये की कुल सम्पत्ति थी जिसकी कीमत दो साल में बढकर वर्ष 2015 में बढ़कर लगभग 59 लाख रुपये हो गयी है। 

नीतीश सरकार के सबसे धनी जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह की सम्पत्ति की एक वर्ष में करीब 45 लाख रुपये बढी है। उनके पास गत वर्ष करीब पांच करोड़ नौ लाख रुपये की चल-अचल सम्पत्ति थी ।इस वर्ष उनके द्वारा घोषित सम्पत्ति लगभग 5.5 करोड़ रुपये हो गयी है। मंत्रियों की सम्पत्ति के खुलासे से चौंकाने वाली बात यह सामने आयी कि श्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के पास कार भी नहीं है। श्री तेजस्वी यादव के पास हालांकि अन्य अचल सम्पत्तियां हैं ।राजद अध्यक्ष के ज्येष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव के पास हालांकि एक विदेशी कार और दो दुपहिया वाहन हैं ।कार की कीमत 29.43 लाख रुपये तथा दुपहिया वाहनों का मूल्य 15.46 लाख रुपये है।श्री तेज प्रताप यादव के पास भी जमीन आदि अचल सम्पत्ति है। 

मंत्रियों की सम्पत्ति खुलासे एक और चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है,राज्य के कुल 29 मंत्रियों में से 12 के पास आग्नेयास्त्र हैं । लाइसेंस वाले हथियार रखने वाले मंत्रियों के नाम सर्वश्री अब्दुल बारी सिद्दिकी,ललन सिंह, श्रवण कुमार, जय कुमार सिंह, आलोक कुमार मेहता, कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, राम विचार राय,शैलेश कुमार , संतोष कुमार निराला, चंद्रशेखर, मुनेश्चर चौधरी और विजय प्रकाश हैं। 

वयोवृद्ध भाकपा नेता एबी बर्द्धन का निधन

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नयी दिल्ली 02जनवरी, वयोवृद्ध वामपंथी नेता एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पूर्व महासचिव नेता एबी बर्द्धन का आज रात यहां निधन हो गया।वह 91साल के थे। श्री बर्द्धन को गत सात दिसंबर को मस्तिष्काघात के बाद राजधानी के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां वह पिछले 26 दिनों से जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने अाज साढ़े आठ बजे अंतिम सांस ली। पार्टी के महासिचव सुधाकर रेड्डी ,डी राजा और अतुल कुमार अंजान समेत कई वामपंथी नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और देश के वामपंथी आंदोलन के लिए अपूरनीय क्षति बताया है। श्री बर्द्धन का पार्थिव शरीर अस्पताल के शवगृह में रखा गया है।कल उनके पार्थिव शरीर को पार्टी मुख्यालय अजय भवन में रख जायेगा जहां प्रशंसक ,राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता अपने प्रिय नेता का अंतिम दर्शन कर सकेंगे। श्री अंजान ने बताया कि श्री रेड्डी कल यहां पहुंचेंगे और उसके बाद श्री बर्धन के अंतिम संस्कार के बारे में निर्णय लिया जायेगा। संभवत:उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जायेगा।

भापका के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने अपने शोक में कहा“श्री बर्द्धन के निधन से देश में वामपंथी आंदोलन को बड़ा झटका लगा है।उनका निधन हमारे लिए अपूरनीय क्षति है।” श्री अतुल अंजान ने वयोवृद्ध नेता के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा‘‘ उनके निधन से हमने एक बड़ा वाम नेता खो दिया जिसने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा में लगा दिया ।उनके जैसा ईमानदार और बेदाग नेता मिलना मुश्किल है जो मध्यवर्गीय जीवन की सुख-सुविधाओं को तिलांजलि देकर पार्टी कार्यालय में जिंदगी भर रहा और आम आदमी के हक तथा शोषित -पीड़ित जनता के लिए लड़ता रहा । ” 

21वीं सदी ‘ज्ञान की सदी’ है: नरेन्द्र माेदी

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मैसुरू, 02 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि 21वीं सदी ‘ज्ञान की सदी’ है हालांकि देशों का महत्व उनके धन-बल के आधार पर होता आया है लेकिन भारत का ज्ञान का पक्ष हमेशा मजबूत रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। श्री मोदी ने यहां महाराजा कॉलेज मैदान पर संत शिवरात्रि राजेंद्र स्वामी के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में ज्ञान अाधारित सामाज बनाने में यहां के संतो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वे ज्ञान के दम पर देश को मजबूत बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में देशों को उनके धन बल के आधार पर महत्व दिया जाता है लेकिन भारत हमेशा ज्ञानशील देश रहा है और आगे भी रहेगा।” 

श्री मोदी ने कहा कि पहले किसी देश को उसकी सेना और धन की शक्ति के आधार पर आंका जाता था लेकिन अब ज्ञान शक्ति का समय है और इसीलिए भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा। उन्होंने कहा, “अब ज्ञान शक्ति किसी देश की किस्मत तय करती है और भारत उच्च कौशल प्राप्त युवाओं के हाथ में सुरक्षित है और आने वाली कई पीढ़ियों तक सुरक्षित रहेगा।” उन्होंने कहा कि धार्मिक नेता हमेशा विद्या में विश्वास रखते है और इसी कारण भारतीय समाज सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक गुरुओं ने जेएसएस महाद्यपीठ जैसे कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए और यह बेहतरीन उदाहरण है जिसका अन्य लोग अनुसरण कर सकते है। 

कई शताब्दियों से देश के विकास में साधू संतों के योगदान की प्रशंसा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इन व्यक्तियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम को बल दिया। उन्होंने कहा, “साधू संत और मठाधीश एक साथ आगे आए और उन्होंने देश में स्वतंत्रता संग्राम की अलख जगाई और आखिरकार 1947 में देश को आजादी मिली।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी देश में संकट पैदा हुआ तो साधू संतों ने उसे हल करने में अहम भूमिका अदा की और लोगों को परेशानियों से बाहर निकाला। उन्होंने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न मठों का योगदान बेजोड़ है और यहां तक कि सरकार भी ऐसी प्रगति हासिल नहीं कर सकती जैसा कि उन्होंने की।” प्रधानमंत्री बनने के बाद यह श्री मोदी का पहला मैसुरू दौरा है। श्री मोदी ने कन्नड़ भाषा में अपना भाषण शुरु किया, जिसकी यहां मौजूद लोगों ने प्रशंसा की। 

झारखण्ड : वाहन पास आते ही जलेगी स्ट्रीट लाइट

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धनबाद, 02 जनवरी, झारखंड में धनबाद के विराजपुर (बरवाअड्डा) के रहने वाले 20 वर्षीय बी-टेक के छात्र सुजीत पांडेय ने एक ऐसे यंत्र का आविष्कार किया है जिससे बिजली की बचत तो होगी ही साथ ही बल्ब भी ज्यादा समय तक चलेगा। इस यंत्र का नाम ‘स्ट्रीट लाइट कंट्रोल बेस्ड ऑन ट्रैफिक डेनसिटी’ है। इसका वजन तीन सौ ग्राम है और इसे बनाने में 10 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। यंत्र को इलेक्ट्रिक वायर के साथ-साथ सौर पैनल से भी जोड़ कर प्रयोग में लाया जा सकता है। यंत्र को स्ट्रीट लाइट से जोड़ने के बाद सेंसी रजिस्टर करना होगा। इसमें हाई पावर सेंसर लगा रहेगा। 

पोल के निकट वाहन के आने से पहले सेंसर काम करने लगेगा और यंत्र फौरन चालू हो जाएगा। फिर बल्ब जल उठेगा। सड़क से पोल के समानांतर से गाड़ी के आगे निकलने के बाद बल्ब स्वयं बुझ जाएगा। फिर जब दूसरी गाड़ी आएगी, तो यंत्र इसी तरह काम करेगा और बल्ब जलने लगेगा। वाहन आगे बढ़ने के बाद लाइटें बुझ जाएंगी। गाडी अगर सौ-दो सौ मीटर की दूरी पर आती-जाती रहेगी तो लाइटें लगातार जलती रहेगी। दूरियां अधिक होगी तो लाइटें जलती-बुझती रहेंगी। 

पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा, नहीं बढ़ेंगे दाम

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नयी दिल्ली 02 जनवरी, सरकार ने दो महीने में तीसरी बार पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है, लेकिन तेल विपणन कंपनियों ने इस बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डालने का फैसला किया है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि 02 जनवरी से डीजल का उत्पाद शुल्क दो रुपये तथा पेट्रोल का 37 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है। अब ब्रांडेड डीजल पर मूल उत्पाद शुल्क 8.19 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 10.19 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जबकि ब्रांडेड पेट्रोल पर मूल उत्पाद शुल्क 8.54 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 8.91 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस प्रकार डीजल की कीमत में विशिष्ट उत्पाद शुल्क (मूल उत्पाद शुल्क समेत) 13.83 रुपये प्रति लीटर तथा पेट्रोल पर विशिष्ट उत्पाद शुल्क 19.73 रुपये प्रति लीटर हो गया है। गत 15 दिसंबर और 31 दिसंबर की नियमित समीक्षा में तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में उम्मीद से काफी कम कटौती की थी। इसका कारण सरकार द्वारा पहले की उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की मंशा कंपनियों पर जाहिर कर देना रहा है। 

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाते हुये राजस्व घाटा कम करने के लिए सरकार ने गत 07 नवंबर से अब तक तीन बार पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ाया है। 07 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.60 रुपये तथा डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया था, जबकि 16 दिसंबर को इनमें क्रमश: 30 पैसे तथा 1.17 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी थी। सरकार ने इससे पहले नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच भी चार बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 7.75 रुपये तथा डीजल पर 6.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया था। इस प्रकार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सात बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.02 रुपये तथा डीजल पर 9.97 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। सरकार के उत्पाद शुल्क बढ़ाने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी भारी गिरावट का पूरा लाभ घरेलू उपभोक्ताओं को नहीं मिल सका है। जून 2014 में 115 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुँच चुका कच्चा तेल अब 37 डॉलर प्रति बैरल के आसपास तक उतर चुका है जो लगभग 11 साल का निचला स्तर है। 

झारखंड का कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं हाेगा : रघुबर

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रांची, 02 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्य की जनता को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए आज कहा कि वर्ष 2022 तक राज्य का कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं होगा और सरकार सभी वंचितों को चरणबद्ध रूप से आवास देने की योजना पर कार्य कर रही है। श्री दास ने आज जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित सोन मण्डप में संवाददाताओं से कहा कि जनवरी माह में केन्द्र सरकार की ओर से कुल 9000 करोड़ रुपये की लागत से झारखंड की सड़क योजना का शिलान्यास केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी की ओर से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण को लेकर कृत संकल्पित है और ज्यादा से ज्यादा सूचना प्राैद्योगिकी का इस्तेमाल करेगी। 

श्री दास ने कहा,“विकसित झारखंड की परिकल्पना अतीत के साथ नहीं बल्कि भविष्य से जुड़कर होनी चाहिये। वर्ष 2016 गांवों की जनता का वर्ष है, विकास का वर्ष है। सरकार बनने के साथ ही हमने पारदर्शी शासन, जवाबदेह प्रशासन, जनता का शासन का संकल्प लिया था। इसी उद्देश्य के साथ सरकार सबका साथ सबका विकास करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जन प्रतिनिधि से जनता की आकांक्षा रहती है और मैं प्रधान सेवक के रूप में उपस्थित हूँ।” 

उन्होंने कहा कि विकास एक सतत चलनेवाली प्रक्रिया है। मीडिया से अनुरोध है कि योजना बनाओ अभियान में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराने में अपना सहयोग अवश्य दें। सरकार की इच्छा है कि योजनाएं थोपी ना जाये बल्कि योजनाएं समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे लोगों के अनुरूप हो। सरकार समावेशी विकास के लिए मुख्य रूप से 4 (चार) क्षेत्रों में कार्य कर रही है- कृषि, उद्योग, सूचना प्रोद्योगिकी एवं पर्यटन। 

एसआईटी के गठन के बाद सबूत दूंगा : मरांडी

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रांची, 02 जनवरी, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने कहा कि फोन टेपिंग मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित होने के बाद वह सारे सबूत पेश कर देंगे । श्री मरांडी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा फोन टेपिंग मामले में सबूत पेश किये जाने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि पहले एसआई का गठन हो जाये उसके बाद वह सारे सबूत पेश कर देंगे । 

श्री मरांडी ने कहा,“ मुख्यमंत्री अगर उनसे ही जांच कराना चाहते है तो उन्हें इसके लिये अधिसूचित करें और मेरे साथ जिन्हें रखना हो उसे वह रख दे मैं 15 दिनों के अंदर सबूत के साथ सारे चीजो को रख दूंगा।” उल्लेखनीय है कि श्री मरांडी ने राज्य में तीन हजार लागों के फोन टेप किये जाने के मामले को लेकर राज्यपाल से मिलकर एसआईटी के गठन की मांग की थी और इसके बाद मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर इस मामले में श्री मरांडी से सबूत पेश करने और नहीं तो जनता से माफी मांगने की बात कहीं थी । 

आॅड -ईवन फॉर्मूले को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने सराहा

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नयी दिल्ली,02जनवरी, दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पहली जनवरी से लागू मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षी ऑड -ईवन योजना को दुनियाभर की मीडिया ने एक अभिनव प्रयोग बताते हुए सराहा है । कई देशों के अखबारों और समाचार चैनलाें में इसे प्रमुखता दी गई । अमेरिका के समाचार चैनल ‘फॉक्स न्यूज’ ने अपनी हेडलाइन में कहा ‘‘ भारत की राजधानी ने हवा को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए दो सप्ताह के लिए सड़कों पर गाड़ियों का चलना सीमित किया है। वर्ष 1998 में एक अदालती आदेश के तहत शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सीएनजी आधारित बनाने के बाद प्रदूषण से लड़ने के लिए उठाया गया यह दूसरा सबसे अहम कदम है।” 

पाकिस्तान के लोकप्रिय समाचार पत्र ‘ द डॉन ’ ने लिखा है ‘‘ इस योजना को सफल बनाने के लिए सैकड़ों ट्रैफिक पुलिसकर्मी और वॉलंटियर दिल्ली की सड़कों पर उतरे। मुंह पर मास्क पहने और हाथों में तख्तियां थामें कयी बच्चे भी जगह -जगह लोगों से नए नियम का पालन करने का अनुरोध करते दिखाई दिए।’’ इजरायल के समाचार पत्र ‘ दे येरुशलम पोस्ट’ में खबर कुछ यूं लगी ‘‘दिल्ली में पहले ही दिन ऑड -ईवन येाजना के सकारात्मक नतीजे दिखे। शहर में प्रदूषण का स्तर करीब 10प्रतिशत घटा ये बात और है कि इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने के लिए 200 लोगों पर जुर्माना भी जड़ा गया।’’ 

चीनी मीडिया ने इस योजना के साथ ही मुख्मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा कार पूलिंग करने के कदम को भी सराहा। समाचार पत्र ‘चाइनाज डेली ’ ने लिखा ‘दिल्ली के मंत्री कार पूल करके कार्यालय गए।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में गत वर्ष दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बताया था। इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से यह कहे जाने के बाद कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय मानक से दस गुना अधिक पर पहुंच गया है दिल्ली सरकार ने सम- विषम योजना लागू करने का फैसला किया। 

योजना के पहले दिन ही जनता की ओर से मिले समर्थन पर मुख्यमंत्री केजरीवाल बेहद खुश हैं। उन्हाेंने कहा है दिल्ली की जनता ने इसे अपने अभियान की तरह लिया है जिसके लिए वह सभी दिल्लवासियों का आभारी हैं। अभियान का आज दूसरा दिन है। इस नयी व्यवस्था को 15 जनवरी तक प्रायोगिक स्तर पर लागू किया गया है। इसके तहत एक दिन ऑड नंबर के और दूसरे दिन ईवन नबंर के वाहनों को चलने की इजाजत दी गई है। महिलाओं ,दुपहिया वाहनों,सीएनजी वाहनों,स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े वाहनों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के वाहनों और अति विशिष्ट लोगों के वाहनों को इससे छूट दी गई है। 

विचार : बिजली व उर्जा बचाने का आहवान

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प्रतिश्ठित एवं वरिश्ठ आयकर व्यवसायी तथा भारत विकास परिशद् के राश्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण श्री रमेष गोयल ने बिक्रीकर बार एसोसिएषन द्वारा आयोजित नव वर्श अभिनन्दन कार्यक्रम में नव वर्श की षुभकामनाओं के साथ बिजली व उर्जा बचाने का आहवान किया। अपने जन जागरण अभियान में उन्हांेने उपस्थित सदस्यों से ही नहीं जन साधारण से भी अपील की है कि बड़े बल्बों की बजाय एलईडी बल्बों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि ‘बूंद बूंद से घट भरता है’ का ध्यान करें और टी.वी., कम्प्यूटर, लैपटाप, चार्जर यूपीएस, प्रिन्टर आदि का जब प्रयोग ना हो मुख्य बटन से बन्द करें। उन्हांेने कहा कि ऊपर से विद्युत सम्लाई जारी रहने से बिजली की कुछ खपत होती रहती है जिससे सैंकड़ांे यूनिट वर्श भर में बिना कारण बरबाद हो जाते हैं और हजारों रूपया वार्शिक बिल भी बढ़ता है। कभी कभी रात को चार्जिंग पर लगे मोबाईल की बैटरी गर्म होकर फट जाती है और दुर्घटना का कारण बनती है। यह न सोचें कि मेरे एक से क्या फर्क पड़ता है। 

यदि हम मिलकर ध्यान करेंगे तो करोड़ों यूनिट बिजली की बचत होगी और अरबों रूपया बचेगा। श्री गोयल ने अपील की है कि छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर हम देष के संसाधनों को व अपने धन को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक बार विख्यात उद्योगपति रतन टाटा अपने कुछ इंजिनियरों के साथ जर्मनी के एक रेस्त्रां में खाना खाने गए हुए थे और कुछ खाना बचा हुआ छोड़कर जब उठने लगे तो दूसरी मेज पर खाना खा रही कुछ महिलाएं वहां आ गईं और उनसे भोजन झुठा छोड़ने पर आपति की। उन्होंने कहा कि हमने इसका भुगतान कर दिया है तो उन महिलाओं ने कहा कि आपने बिल भुगतान रेस्त्रां मालिक को किया है परन्तु आपको हमारे देष के संसाधनों को बर्बाद करने का हक नहीं है। पुलिस बुला ली गई और उन्हंे जुर्माना देना पड़ा। ऐसी स्थिति न आए इसलिए स्वयं जागरूक बनंे। 

उन्हांेने कहा कि देष व समाज को आगे बढ़ाने में अपना अमुल्य सहयोग करें। पर्यावरण सुधार व निरन्तर बढ़ते तापमान को रोकने में इससे सहायता मिलेगी। उन्हांेने सौर उर्जा उपकरणों  का प्रयोग बढ़ाने का भी अनुरोध किया और कहा कि इस वर्श दिसम्बर में सर्दी न होना षुभ संकेत नहीं है बल्कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है जो पूरे विष्व के लिए चिन्तनीय है। ऐसी भयावह होती स्थिति से निपटने के लिए ही फ्रांस में गत मास 196 देषों का षिखर सम्मेलन हुआ था। सौर उर्जा उपकरणों पर सरकार की ओर से सबसीड़ी भी दी जा रही है, उसका लाभ उठायें तथा देष व समाज की समस्याओं को कम करने में अपना सहयोग करें।

विशेष आलख : यही है आनन्द का सही और सुन्दर मार्ग

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हर इंसान चाहता है कि वह सफल हो, सुखी हो एवं सार्थक जीवन जीएं। उसके जीवन में प्रसन्नता हो, आनंद हो। इसका प्रभावी सूत्र यही है कि हम लोगों में अच्छाई तलाशें। बुराई को नकारने की आदत डाले। संभव है हमें घर-परिवार, पड़ोस और दफ्तर में कुछ लोग पसंद नहीं करते हो। इस सच्चाई को मानकर चलिये कि लगभग प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ अच्छाइयां भी होती ही हैं। हमेशा बुराइयों को ही न देखें। यदि हम उनकी अच्छाइयों पर ध्यान देकर उन्हें स्वीकारें तो हमारे प्रति उनका अप्रिय व्यवहार सुधर जायेगा। इस छोटे-से बदलाव से ही हमारे जीवन में आनन्द झलकने लगेगा। इसीलिये संत तरेसा ने  बहुत ही सुन्दर कहा है कि हम कभी नहीं जान पाएंगे कि एक छोटी-सी मुस्कान कितना भला कर सकती है। 

संसार में जितने भी प्राणी हैं, जन्म से मृत्यु तक जाने-अनजाने आनन्द की खोज में लगे रहते हैं। एक चींटी उठते ही चीनी के दाने की तलाश में लग जाती है और मिलते ही उसे मुंह में दबाकर अपने बिल में जमा करने दौडती है। उसे ऐसा करके अपूर्व आनन्द का अनुभव होता है। उसी प्रकार हम लोग भी जीवन भर दो प्रवृत्तियों में लगे रहते हैं: अधिक से अधिक बटोरने एवं उससे आनंद पाने की कोशिश में। सुख मन की प्रवृत्ति है, शरीर की नहीं, अतः नींद में हम भले सुख-स्वप्न में डूबते-उतरते रहें, सुबह नींद खुलते ही फिर जीवन की उसी चक्की को पिसने लगते हैं। चाहे राजा  हो या रंक, ये दो प्रवृत्तियां जिंदगी भर हमें दौड़ते रहने को मजबूर करती रहती हैं। जब कमाने वाले स्त्री-पुरुष देर शाम को घर लौटते हैं तो उन्हें न पड़ोस की सुध रहती है, न ही अपने ही परिवार में दो घड़ी बैठकर सुख-दुख की बात करने की। आखिर क्या कारण है कि सुख और आनन्द की चाह रखने वाला इंसान इस तरह का जीवन जीता है? 

मनुष्य की हर पल आनन्द की आकांक्षा रही है और इसकी खोज के लिये वह निरन्तर प्रयासरत रहा है। किसी को पढ़ने में आनन्द आता है तो किसी को खेलने में, किसी को लिखने में आनन्द आता है तो किसी को बड़ी-बड़ी बातें करने में। कोई चापलूसी करने में आनन्द लेता है तो किसी को चापलूसी करवाने में मजा आता है। मनुष्य आनन्द को पा लेता है, लेकिन वह आनन्द थोड़ी देर बाद गायब भी हो जाता है जैसे बादलों की ओट में सूर्य छिप जाता है। अक्सर यह भी देख गया है कि जितना हम आनन्द के पीछे भागते हैं, उसके लिए छटपटाते हैं आनन्द उतना ही हमसे दूर भागता हुआ दिखाई देता है। हमारी स्थिति कुछ उसी तरह की हो जाती है जैसे मरुस्थल में पानी न मिलने पर एक मृग की होती है यानी मृग-मरीचिका वाली स्थिति में पहुंच जाते हैं और विषाद से घिर जाते हैं।

क्या हम वास्तव में आनंद की खोज में हैं? अगर ऐसा है तो दूसरों को आनंद देना होगा। जगत तो एक प्रतिध्वनि मात्र है। हम जो करते हैं, वही हमारे पास वापस लौट आता है। जो दूसरों को आशीष देता है उस पर आशीषों की वर्षा होने लगती है, और जो गालियां, उस पर गालियों की, पत्थरों के उत्तर में पत्थर ही लौटते हैं, प्रेम नहीं, और जो दूसरों के लिए कांटे बोता है, उसे स्वयं के लिए भी कांटों की ही फसल काटने को तैयार रहना होगा। घृणा घृणा को आमंत्रित करती है, प्रेम प्रेम को। नफरत से नफरत ही बढ़ती है। यही शाश्वत नियम है। हमारे विचार सदैव सकारात्मक होने चाहिए। मार्क ऑरेलियस अन्तोनियस का कथन खुशी के रहस्य को उद्घाटित करता है कि आपके जीवन की खुशी आपके विचारों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। 

हमारे प्राचीन ग्रंथों में संसार के विषय पदार्थों को कंचन व कामिनी की संज्ञा दी गई है। कंचन अर्थात धन व कामिनी अर्थात स्त्री या अन्य कोई मनभावन वस्तु, संसार के किसी भी व्यक्ति या वस्तु में आनंद नहीं है, उसे अपने ही अंदर खोजना होगा। सुख ईमानदारी की कमाई में है, गृहस्थी की सीमाओं में रह कर संतोष करने में है और पाने की तृष्णा और संग्रह में नहीं है। अच्छे लोगों के संपर्क में रहें। मित्रता अपने बराबर के मानसिक स्तर वालों से रखें ताकि वे आपको समझ सकें। विचारों का आदान-प्रदान करें। यह ध्यान रखें कि अपने विचारों को दूसरे पर थोपें नहीं, न ही विचार रखते हुए उत्तेजित हो। नकारात्मक दृष्टिकोण को जीवन में दूर रखें। सकारात्मक सोच अपनाएं। सकारात्मक सोच से खुशी और ऊर्जा मिलती है। अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करें और सफलता की सीढि़या चढ़ते जाएं।

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। यदि मन स्वस्थ होगा तो सब कुछ अच्छा लगेगा। खुश रहने का सीधा संबंध मन से है। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित व पौष्टिक भोजन लें और नियमित व्यायाम करें। आनन्दित रहना अपने आप में अच्छी स्वास्थ्य का राज़्ा है। यदि आपका मन खुश है तो आपको अपने आस-पास का माहौल भी आनन्दभरा प्रतीत होगा। अगर आप उदास हैं तो दूसरों की खुशी भी आपको भारी लगेगी। यह सच है कि आनन्दित रहना एक कला है।

अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के सपने संजोए। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी ऊर्जा और उत्साह से जुट जाएं। लक्ष्य के पथ में आए अवरोधों से घबराए नहीं। पुनः मेहनत से उन्हें प्राप्त करने में लग जाएं। अपनी पराजय का  कारण स्वयं में ही ढूंढ़े, कभी भी दूसरों को दोषी न ठहराये। कभी किसी से कुछ गलती हो जाये तो उसे माफ कर दें क्योंकि कभी हमसे भी गलती हो जाती है। यदि हम दूसरों की गलतियां ढूंढते रहेंगे तो निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा। जीवन में कभी-कभी कुछ क्षण आते हैं जब इंसान को निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे में आनन्दित रहने वाले लोग स्वयं को उस निराशा से जल्दी निकाल लेते हैं तो कुछ निराश रहते हुए उदासी का शिकार हो जाते हैं। निराश रहने से कुछ लाभ तो होता ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य, आपसी-संबंधों और कैरियर पर इसका दुष्प्रभाव अवश्य पड़ता है तो आप भी निराश न होकर आनन्दित रहें। पतंजलि का मार्मिक कथन है कि सुखी के प्रति मित्रता, दुखी के प्रति करूणा, पुण्यात्मा के प्रति हर्ष और पापी के प्रति उपेक्षा की भावना करने से चित्त प्रसन्न व निर्मल होता है। 

आनन्दित जीवन का रहस्य है कि अपने सगे-संबंधियों व मित्रों की उन्नति में खुश हों। ईष्र्या की भावना मन में न लाएं। जब मित्र, संबंधी आपकी मदद करें तो उनको धन्यवाद देना न भूलें। मित्रों, संबंधियों और सहकर्मियों को शुभ दिवस पर बधाई या शुभकामना देना न भूलें। इससे मन को सुकून मिलता है।  क्या कभी आपने किसी के दुःख को अपना दुःख समझा है? क्या आपने कभी किसी भूखे को भोजन कराया है, नंगे के बदन पर वस्त्र ओढ़ाया है या किसी प्यासे को पानी पिलाया है, किसी बीमार को उपचार कराने में मदद की है? जो प्यासा होने पर भी आपसे एक गिलास पानी मांगते हुए झिझकता हो उसे पानी पिलाकर तो देखिए आपको कितना आनन्द आयेगा। किसी भूखे को खाना खिलाकर तो देखिए आपको कितनी तृप्ति मिलती है। दीन-दुखियों की सेवा आनन्द का स्रोत है। मदर टेरेसा ने कहा है कि हम कभी नहीं जान पाएंगे कि एक छोटी सी मुस्कान कितना भला कर सकती है। भगवान जब आपको सेवा करते देखते हैं तो वे आपकी झोली में आनन्द के मोती-माणिक्य भरने के लिए उमड़ पड़ते हैं, खुशियों की गंगा प्रवाहित कर देते हैं। तभी आप सच्चे और स्थायी आनन्द की अनुभूति कर सकने के पात्र बनते हैं। 

आनन्द को पाने का एक सूत्र है नियमितता एवं समयबद्धता। टाइम टेबल बनाएं। अपने रूटीन में कुछ परिवर्तन लाएं। अपने लिए आराम का समय अवश्य निकालें, दिन या सप्ताह में कुछ घंटे फूर्सत के निकाल कर कुछ रचनात्मक कार्य करें ताकि आपके मन को सुकून मिल सकें। प्रकृति में आनन्द बिखरा पड़ा है पर उसे समेटने वाला चाहिए मन, जो हमारे पास नहीं है। भगवान ने हमारे आनन्द के लिए ही प्रकृति का निर्माण किया है। प्रकृति दोनों हाथ फैलाकर हमारा स्वागत करने के लिए बाट जोह रही है लेकिन हम हैं कि बिस्तर से उठना ही नहीं चाहते। बस हर समय चिंता करते हुए तनाव में ही जीना पसंद करते हैं। डाॅक्टर ने कहा है इसलिए पार्क में टहलने चले जाते हैं। किसी तरह तीन-चार चक्कर पूरे हो जाएं तो छुट्टी मिले। क्या कभी पार्क के सौन्दर्य को निहारा है, प्रकृति की छटा पर विचार किया है? पेड़-पौधे, फूल-पत्तियां सब आपसे मिलने को बेचैन हैं, आपसे मीठी-मीठी बाते करना चाहती हैं लेकिन आपके पास तो फूरसत ही नहीं है उनसे बात करने की। वे तो आपको तनाव से मुक्त करके आनन्द प्रदान करने के लिए आतुर हैं, बेचैन हैं परन्तु आप तो सजावटी फूलों और गमलों की छटा देखकर ही खुश होना चाहते हैं। ऐसे में वास्तविक आनन्द कैसे मिलेगा? आनन्द तो प्रकृति से जुड़ाव में भरा हुआ है। आप जितना प्रकृति से दूर रहेंगे आपका आनन्द भी आपसे उतना ही दूर होता चला जाएगा, यह निश्चित जानिए।

यदि वर्तमान अच्छा और सुखद है तो आने वाला कल भी अच्छा और सुखद ही होगा। वर्तमान हमारे भविष्य की नींव के समान है। फिर भविष्य तो वैसे भी अनिश्चितताओं का पिटारा है। हम नहीं जानते कि उसमें सर्वेश्वर ने क्या भरा है हमारे लिए। इसलिए अच्छा और अभीष्ट यही होगा कि हम प्रकृति से निकटता का नाता जोड़ें और अपनी सकारात्मक सोच को विकसित करते हुए प्रभु का अवलम्बन ग्रहण करें। आप निश्चय ही आनन्द की गंगा में अवगाहन करेंगे। यही आनन्द का सही और सुन्दर मार्ग है। प्रेषकः





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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

ऑफर के बावजूद कम फिल्मे कर रहीं हैं अमिता नांगिया

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कई अच्छे ऑफ़र के बावजूद भी अमिता नागिया कम ही फिल्में साईन कर रहीं बात उनका कहना था कि वह अच्छी कहानी बडा  बैनर और नामचीन निर्देशक वाली फिल्में ही स्वीकारेगी।  यह बात उन्होंने बल्र्ड ब्रदर्सहूड आॅरगाईजेशन की ओर से राजधानी ‘ बल्र्ड ब्रदर्सहूड डे के मौके पर आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रमं आयोजित कहीं । इस मौके पर अमिता ने माहिलाओं को ब्यूटी टिप्स भी दिये। अमिता आगे बताती हैं कि बालीवुड में 25 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। उन्होंने कालेज गर्ल,पुरानी हवेली व तारा सहित अनेक सीरियल में निगेटिव, पॉजिटिव और इमोशनल समेत हर तरह का कैरेक्टर प्ले किया है। 

अमिता कहती है कि बल्र्ड ब्रादर्सहूड डे और  नये वर्ष मौके पर कार्यक्रम में आना काफी लगा। वह बताती है कि कार्यक्रम के कर्ताधर्ता एस एस मारवाह जी का समाजिक संगठन समय समय  भक्ति संगीत,बच्चों को शिक्षित बनाने में मदद करना जैसे कार्य करता है। वल्र्ड ब्रादर्सहूड आॅरगाइजेशन कार्यक्रम प्रारम्भ एस एस मारवाह के दीप प्रज्जवलित से हुआ। समारोह में यूके, यूएएस और कनाडा के राजदूत  विदेशी कलाकार के अलावा इकबाल सिंह जगदेव,संजय मलिक मौजूद थे। 

इस मौके पर बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस, पैंटिग तबोला, रस्सा खींच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सफल रहे बच्चों को सांता के हाथों पुरस्कृत किया गया। समारोह में एस एस मारवाह ने कहा कि ‘ बल्र्ड ब्रदर्सहूड डे गैर राजनीतिक और इसमें सभी समुदाय के लोग जुडे है। इस प्रकार के कार्यक्रम करने का मतलब सभी लोगों को साथ लेकर चलना हैं।

देश को जवानों और सुरक्षाबलों पर गर्व है : मोदी

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बेंगलुरु, 03 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल पठानकोट हमले के बाद कहा कि भारतीय सुरक्षाबल ऐसे तत्वों से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। श्री मोदी ने मानवता के दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए भारतीय जवानों और सशस्त्र बलों पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, “मानवता के दुश्मनों ने पठानकोट में वायु सेना के अड्डे पर हमला किया लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने हमले को नाकाम कर दिया। देश को हमारे जवानों और सुरक्षाबलों पर गर्व है।” 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के दुश्मन भारत को विकसित होते नहीं देखना चाहते हैं और ऐसे ही तत्वों ने पठानकोट में हमला किया जिसे हमारे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया। उन्होंने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि देश दुश्मन के नापाक इरादों को खत्म करने की ताकत रखता है और कहा कि ऐसे मौकों पर देश को एकजुट होकर एक सुर में बोलना चाहिये। आतंकवादियों ने कल तड़के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इस हमले में तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुये हैं। एयरबेस में घुसे पांचों आतंकवादियों को मार गिराये जाने के साथ ही वहां सुरक्षाबलों का अभियान समाप्त हो गया है।
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