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बम से उडाने की धमकी के बाद ट्रेनों की गहन चेकिंग

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लखनऊ ,03 जनवरी, नई दिल्ली से कानपुर जा रही ट्रेनों को बम से उडाने की आतंकी धमकी के बाद लखनऊ आ रही शताब्दी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों की बम निरोधक दस्तों द्वारा विभिन्न स्टेशनों पर रोककर तलाशी करायी जा रही है । राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) प्रवक्ता के अनुसार मुम्बई आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को ई-मेल के माध्यम से आतंकी धमकी मिली थी कि अगले 72 घंटे के भीतर नई दिल्ली से कानपुर जाने वाली ट्रेनों को बम से उडा दिया जायेगा । इस धमकी के बाद नई दिल्ली से लखनऊ आ रही शताब्दी एक्सप्रेस को गाजियाबाद स्टेशन पर रोककर जांच करायी जा रही है। 

सूचना के पहले शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली से रवाना हो चुकी थी इसलिए गाजियाबाद स्टेशन पर ट्रेन की चेकिंग करायी जा रही है । उन्होंने बताया कि शताब्दी के अलावा दिल्ली से कानपुर की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस, सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस , वैशाली एक्सप्रेस की भी दिल्ली से कानपुर के बीच अन्य स्टेशनों पर रोककर चेकिंग करायी जा रही है । गौरतलब है कि पठानकोट (पंजाब) भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर कल तडके हुयी आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था ।हाई अलर्ट के चलते संवेदनशील धार्मिक स्थलों के साथ ही महत्वपूर्ण ट्रेनों ,स्टेशनों ,बस अड्डों के अलावा हवाई अड्डों की सुरक्षा बढा दी गयी थी ।

ईरानी प्रदर्शनकारियाें का सऊदी दूतावास में हंगामा और आगजनी

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दुबई, 03 जनवरी, ईरानी प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने तेहरान में स्थित सऊदी अरब के दूतावास पर हंगामा और आगजनी की जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उन्हें तितर-बितर किया। ईरान के प्रदर्शनकारी प्रमुख शिया मौलवी निम्र अल निम्र को कल फांसी दिये जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। ईरान की आईएसएनए समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दूतावास में तोड़फोड़ की जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोेग कर उन्हें वहां से खदेड़ किया। इस दौरान वहां आगजनी भी हुई और दूतावास के फर्नीचरों को आग के हवाले कर दिया गया। ईरान के विदेश मंत्रालय ने आज तड़के एक बयान जारी कर नाराज प्रदर्शनकारियों से शांत रहने का आह्वान किया। 

गौरतलब है कि सऊदी अरब ने कल शिया मौलवी समेत 47 लोगों को आतंकवाद के आरोप में फांसी दे दी थी। जिन लोगों को फांसी दी गयी है उनमें से अधिकांश पर वर्ष 2003 से 2006 के बीच अलकायदा के आतंकवादी हमलों में भाग लेने का आरोप है। वहीं शिया मुसलमानों के देश और क्षेत्र में सऊदी अरब के मुख्य विरोधी ईरान ने निम्र को फांसी देने के विरुद्ध चेतावनी दी और कहा था कि सऊदी अरब को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

2003 से 2006 के आतंकवादी हमलों में सऊदी अरब के सैकड़ों लोग मारे गये थे। सऊदी अरब ने शिया मुसलमानों के 2011- 2013 के विद्रोह के संबंध में सैकड़ों शिया मुसलमानों को जेलों में बंद कर रखा है। इस विद्रोह के दौरान गोलीबारी और पेट्रोल बम हमलों में कई पुलिसकर्मी मारे गये थे । सऊदी अरब में यह वर्ष 2016 की पहली फांसी है। सऊदी अरब आमतौर पर अपराधियों को सार्वजनिक रूप से उनका सिर कलम कर मौत की सजा देता रहा है और पिछले वर्ष 157 लोगों को फांसी दे दी गयी थी। 

मून ने सऊदी में फांसी की सजा पर जताई निराशा

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संयुक्त राष्ट्र, 03 जनवरी, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु सहित 47 लोगों को फांसी दिए जाने की घटना पर निराशा जताई है। श्री मून के प्रवक्ता ने कहा “शिया धर्मगुरु और अन्य लोगों को कार्रवाई के बाद फांसी देना वहां पर सजा की प्रकृति और प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। श्री मून ने सऊदी के नेताओं के सामने कई मौकों पर फांसी की सजा के प्रावधान पर रोक लगाने की मांग की है।” उन्होंने कहा कि श्री मून ने इस सजा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों से संयम और शांति की अपील की है। उन्होंने स्थानीय एवं क्षेत्रीय नेताओं से सांप्रदायिक टकराव रोकने के मकसद से काम करने की अपील की है। 

गौरतलब है कि सऊदी अरब ने कल शिया मौलवी निम्र अल निम्र समेत 47 लोगों को आतंकवाद के आरोप में फांसी दे दी थी। जिन लोगों को फांसी दी गयी है उनमें से अधिकांश पर वर्ष 2003 से 2006 के बीच अलकायदा के आतंकवादी हमलों में भाग लेने का आरोप है। वहीं शिया मुसलमानों के देश और क्षेत्र में सऊदी अरब के मुख्य विरोधी ईरान ने निम्र को फांसी देने के विरुद्ध चेतावनी दी और कहा था कि सऊदी अरब को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 

मार्च तक आएगी नयी राष्ट्रीय महिला नीति

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, सरकार नयी राष्ट्रीय महिला नीति तैयार करने के अंतिम चरण में है और इसे मार्च तक जारी कर दिया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने वर्ष 2016 के लिए एजेंडा का उल्लेख करते हुए बताया कि नयी राष्ट्रीय महिला नीति में महिलाओं के सशक्तीकरण के अलावा उनके बारे में सामाजिक सोच बदलने पर जाेर दिया जाएगा। यह नीति महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण के उपायों का समग्र रुप हाेगी और उनको रोजगार के अवसर सृजन करना इसका केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महिला नीति तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। समिति ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले विभिन्न स्तरों पर व्यापक रुप से विचार विमर्श किया है। राष्ट्रीय महिला नीति को मार्च के अंत तक अधिसूचित करने की संभावना है। इसके अलावा राष्ट्रीय पोषण मिशन भी तैयार कर लिया गया है अौर इसे भी जल्दी ही जारी कर दिया जाएगा। इस मिशन से महिलाओं और बालकों के अलावा किशाेर तथा किशोरियों के विकास पर खासा ध्यान दिया जाएगा। इसमें कुपोषण से निपटने की नीति बनाई गयी है और निगरानी, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सूत्रों के अनुसार मोबाइल फोन में पैनिक बटन लगाने की भी तैयारी चल रही है। माेबाइल फोन सामान्य उपकरण है जो लगभग प्रत्येक व्यक्ति के पास उपलब्ध है। मोबाइल फोन सेट में ऐसा बटन लगाने की व्यवस्था की जा रही है जिसका इस्तेमाल महिलाएं कोई भी खतरा या संकट महसूस होने पर कर सकेंगी। पैनिक बटन के जरिए किसी नजदीकी व्यक्ति को सूचना दी जा सकेगी अौर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी। मोबाइल फोन सेट में पैनिक बटन लगाने के लिए मोबाइल फोन बनाने वाली और सेवा प्रदाता कंपनियों से सहमति प्राप्त कर ली गयी है। पैनिक बटन वाले मोबाइल फोन सेट मार्च में बाजार में जारी कर दिए जाएगें। खोए हुए बच्चों को उनके माता पिता से मिलाने के लिए ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ का विस्तार वर्ष 2016 के मध्य तक 500 शहरों तक कर दिया जाएगा। फिलहाल यह सेवा 386 शहरों में उपलब्ध है। 

निर्मल गंगा योजना सरकार के लिए बड़ी चुनौती

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नयी दिल्ली, 03 जनवरी, माेदी सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी निर्मल और अविरल गंगा योजना के लिए 2015 में कई कदम उठाते हुए अपने ‘नमामि गंगे’ अभियान को मजबूत आधार प्रदान किया है लेकिन अब उसके समक्ष इसको क्रियान्वित करने की बड़ी चुनौती है। जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने हाल ही में कहा था कि वह जनवरी में गंगा के तट पर बसे दस शहरों में निर्मल गंगा के अभियान कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करना शुरू कर देंगी। इन शहरों में हरिद्वार, गढमुक्तेश्वर, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, साहिबगंज, कोलकाता, नवादविप तथा गंगा सागर शामिल है। गंगा हरिद्वार से ही प्रदूषित होना शुरू होती है और उसके बाद उसमें शहरों तथा उद्योगों का कचरा गिरना शुरू हो जाता है और सरकार के लिए इस कचरे का प्रबंधन आसान नहीं है। इस संबंध में कई उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं और स्थानीय निकायों को गंगा में कचरा नहीं डालने को कहा गया है लेकिन उनकी समस्या के समाधान के लिए फिलहाल कोई ठोस योजना नजर नहीं आती है। 

मोदी सरकार ने गंगा की सफाई के कार्यक्रम को विशेष संकल्प के रूप में अपनाया है। इसके लिए अलग मंत्रालय बनाने के साथ ही ‘नमामि गंगे’ नाम से योजना शुरू की गयी है जिसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। मंत्रालय इस काम में स्थानीय लागों को जोड़कर गंगा की निर्मलता के लिए जगारूकता अभियान भी शुरू किया है लेकिन यह अभियान लोकप्रिय नहीं हो पा रहा है और जब तक अभियान से लोगों को जोड़कर उसे लोकप्रिय नहीं बनाया जाता तब तक किसी भी मिशन के सफल होने की संभावना क्षीण रहती है। सरकार और सुश्री भारती जहां इस मिशन के सफल होने के दावे कर रही हैं वहीं इसकी सफलता को लेकर प्रश्न भी उठाये जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी गंगा की सफाई की कार्ययोजना और उसे क्रियान्वित करने की सरकार की गति को लेकर उसे फटकार लगा चुका है। न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि क्या वह इसी कार्यकाल में गंगा की सफाई का काम पूरा कर देगी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि 2018 में गंगा की सफाई का काम पूरा कर दिया जाएगा। न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से कहा था कि इस योजना को लेकर उसके काम की रफ्तार को देखते नहीं लगता कि काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा। 

इसी तरह राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने भी अक्टूबर में कहा कि सरकार गंगा की सफाई के अभियान में सफल नहीं हो रही है। एनजीटी ने केंद्र से पूछा कि वह 2500 किलोमीटर लम्बी गंगा नदी में एक भी जगह बताएं जहां गंगा में प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है। न्यायाधिकरण यहीं नहीं रुका उसने और कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार का कहना है कि वह गंगा की सफाई के लिए बहुत प्रयास कर रही है लेकिन उसकी कोशिश कहीं भी रंग लाती नजर नहीं आ रही है। इस कार्यक्रम के तहत मंत्रालय ने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने व्यापक स्वच्छता कार्यक्रम में शामिल करने और खुले में शौच की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए गंगा से सटी 1,649 ग्राम पंचायतों की पहचान की है। मंत्रालय द्वारा गंगा ग्राम के रूप में पायलट परियोजना शुरू की गयी है जिसे गंगा के तट पर बसे 66 ग्राम पंचायतों में लागू किया जाना है। यह परियोजना एक जिले में एक ही ग्राम में लागू होगी। रक्षा मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर पर पूर्व सेवाकर्मियों के साथ टेरीटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) के अंतर्गत गंगा टास्क फोर्स की 4 बटालियन बनाने को मंजूरी दे दी है। 

गंगा उत्तराखंड के गंगोत्री से निकलकर पांच राज्यों से गुजरते हुए गंगा सागर में जाती है और इसमें प्रदूषण की स्थिति में सुधार के लिए वन अनुंसधान संस्थान देहरादून ने एक डीपीआर तैयार की है और सरकार उसके अनुरूप इसे जल्द क्रियान्वित कर रही है। इसके अलावा शोधन क्षमता बढाने तथा सीवर नेटवर्क विकसित करने के लिए 7,350.38 करोड़ रुपए की 93 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। सुश्री भारती का कहना है कि उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गंगा में प्रदूषित पानी बहाने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पिछले माह प्रदूषण बाेर्ड ने गोमुख से हिरद्वार तक गंगा में प्लास्टिक कचरा डालने पर रोक लगा दी है। नमामि गंगे योजना को मूर्तरूप देने तथा गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए निर्मल गंगा मिशन के तहत गंगा तट पर बसी 118 स्थानयी इकाइयों को उसमें कचरा नहीं डालने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इन निकायों से गंगा में दो तिहाई प्रदूषण पैदा होता है।

भारत से यूरोप तक मालगाड़ी चलाने की तैयारी

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नयी दिल्ली, 03 जनवरी, मोदी सरकार मुंबई से यूरोप तक माल परिवहन के लिये अहम मानी जा रही अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) परियोजना को पूरी तरह से रेल लाइन पर आधारित बनाने के लिये पाकिस्तान रेलवे से पारगमन सुविधा प्राप्त करने के प्रयास शुरू करेगी। भारत अभी इस काॅरिडोर से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह से जुड़ा हुआ है। यह काॅरिडोर ईरानी समुद्र तट पर बंदर अब्बास से उत्तरी ईरान में कैस्पियन सागर के तट पर बंदर अंजाली तक रेलमार्ग से तथा वहाँ से कैस्पियन सागर में रूस के अस्त्राखान तक समुद्रीमार्ग और अस्त्राखान से सेंटपीटर्सबर्ग तक रेलमार्ग पर बनाया गया है। इस परियोजना को भविष्य में दक्षिण एवं पश्चिम एशिया तथा यूरोप एवं मध्य एशिया के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख मार्ग के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान की यात्रा तथा भारत ईरान संयुक्त अायोग की बैठक में इस परियोजना की समीक्षा की गयी और इसमें अवरोधों को दूर करने एवं अधिक उपयोगी बनाने पर सहमति बनी है। भारत ने पाकिस्तान के लाहौर को ईरान की पूर्वी सीमा पर ज़ायदान से रेलवे लाइन को जोड़े जाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाना शुरू किया है। हाल ही में तेहरान में हुई एक बैठक में भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि भारत से लाहौर के बीच रेलवे लाइन चालू है। उस पर समझौता एक्सप्रेस संचालित होती है। पाकिस्तान रेलवे का ईरान के रेलवे से ज़ायदान सीमा पर संपर्क है। अगर पाकिस्तान भारत से मालगाड़ियाें को ज़ायदान तक पारगमन की इजाज़त दे दे और ईरान में बंदर-अंजाली के पास रष्ट से लेकर ईरान - अजरबैजान सीमा पर अस्तरा तक रेलवे नेटवर्क बन जाये तो भारत से सीधे सेंटपीटर्सबर्ग तक रेलवे नेटवर्क होगा। 

सूत्राें का कहना है कि खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिहाज से पाकिस्तान के लिये भारत की ओर से आने वाला प्रस्ताव कई मायने में लाभदायक हो सकता है। पाकिस्तान अगर रेलवे पारगमन सुविधा दे देता है तो वह भी इस बहुदेशीय परियोजना में शामिल हो सकता है और उसके विदेश व्यापार में भी खासा इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही भारत ने ईरान सरकार के साथ रष्ट से लेकर अस्तरा तक रेलवे नेटवर्क बनाने की संभावनाओं पर बात की है। आईएनएसटीसी के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में सितंबर 2000 में भारत, ईरान और रूस ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। इसके तहत यूरोप एवं रूस के लिये भारत से माल परिवहन का एक वैकल्पिक मार्ग का प्रस्ताव किया गया था। इस परियोजना में मुंबई से सड़क मार्ग से ईरान के बंदर अब्बास तक समुद्री मार्ग से, वहां से देश की उत्तरी सीमा पर अमीराबाद बंदरगाह से कैस्पियन सागर में रूस के अस्त्राखान बंदरगाह तक पुन: समुद्री मार्ग से तथा अस्त्राखान बंदरगाह से आगे रूस के सेंटपीटर्सबर्ग तक रेलमार्ग से माल परिवहन करने का प्रस्ताव रखा गया। एक अन्य मार्ग बंदर अब्बास से सड़क मार्ग से अजरबैजान की राजधानी बाकू और वहाँ से रेल मार्ग से आगे माल परिवहन का प्रस्ताव भी है। लेकिन इस मार्ग में ईरान में बंदर-अंजाली के पास रष्ट से अस्तरा के बीच संपर्क का अभाव एक बाधा है। 

सितंबर 2014 में भारत की पहल पर मुंबई से बंदर अब्बास और वहाँ से कैस्पियन सागर में अमीराबाद बंदरगाह से अस्त्राखान बंदरगाह और फिर वहाँ से रेलमार्ग से सेंटपीटर्सबर्ग तक का खाली कंटेनरों का ड्राई रन किया गया था जो पारंपरिक स्वेज नहर और अटलांटिक महासागर के मार्ग की तुलना में लागत में 40 फीसदी सस्ता और मालवहन अवधि में तीस प्रतिशत की बचत वाला साबित हुआ है। इसके बाद सदस्य देशों ने इस परियोजना पर अधिक दिलचस्पी दिखानी शुरू की। इस संपूर्ण परियोजना की व्यवहार्यता को देखते हुए दस अन्य देशों - ओमान, अजरबैजान, कजाखस्तान, किर्गीजिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, यूक्रेन, आर्मेनिया, बेलारूस और सीरिया ने भी साझेदारी के लिये हस्ताक्षर किये। इसके अलावा बुल्गारिया की इच्छा पर उसे विशेष पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया। इस परियोजना में उज़्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान विशेष आमंत्रित के रूप में मौजूद हैं जबकि अफग़ानिस्तान और कुवैत ने भी इस परियोजना में शामिल होने की इच्छा जतायी है। इस बीच ईरान-कजाखस्तान रेलमार्ग भी इस परियोजना में शामिल किये जाने से मध्य एशियाई देश भी सक्रिय रूप से आईएनएसटीसी के मानचित्र पर आ गये हैं जिससे खाड़ी देशों की भी दिलचस्पी इस परियोजना को लेकर बढ़ गयी। 

उल्लेखनीय है कि भारत ईरान में रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह काे विकसित कर रहा है। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार भविष्य में ईरान के सभी बंदरगाह तथा भारत के अरब सागर के तट पर स्थित अन्य महत्वपूर्ण बंदरगाह भी आईएनएसटीसी परियोजना का अंग बनेंगे। तुर्की ने भी काला सागर आर्थिक सहयोग संगठन को इस परियोजना से जोड़ने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों के अनुसार भारत ने पहली बार इस महापरियोजना पर माल के परिवहन के लिये अंतर्राष्ट्रीय पारगमन समझौते का मसौदा पेश किया है जो मालपरिवहन को वैधानिक अमलीजामा पहनाने में मददगार होगा। गत वर्ष अगस्त में यहाँ हुई आईएनएसटीसी समन्वय परिषद की एक बैठक में इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में कई अहम निर्णय लिये गये। इसी दौरान एक विशेषज्ञ समूह की बैठक हुई जिसमें दो कार्यसमूहों का गठन किया गया जो 13 देशों की इस साझा महापरियोजना में सीमाशुल्क एवं संचालनात्मक मुद्दों पर सर्वसम्मति कायम करने का काम कर रहे हैं। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पारगमन समझौते के मसौदे का सदस्य देश अध्ययन कर रहे हैं। सदस्यों से इस मसौदे का अध्ययन करके जल्द से जल्द अपनी टिप्पणियां देने को कहा गया है ताकि विशेषज्ञ समूह की अगली बैठक में उसे अंतिम रूप दिया जा सके। इसके अलावा एक कार्यसमूह एकसमान सीमाशुल्क दस्तावेज तैयार कर रहा है जो सभी देशों के नियमों के अनुरूप एवं सर्वसम्मत होगा। भारत ने परस्पर सम्मत साझा दस्तावेज तैयार करने के साथ कॉरिडोर के संचालन के लिये वाणिज्यिक आधार पर काम करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के गठन का भी प्रस्ताव किया है। सूत्रों के अनुुसार जनवरी में वाणिज्यिक विषयों एवं संचालन संबंधी कार्यसमूह की बैठक होगी जिसमें भारत द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट के साथ साथ बंदरगाह सुविधाओं एवं वीसा प्रणाली पर भी चर्चा होगी। 

बाजीराव-मस्तानी ने 150 करोड़ की कमाई की

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मुंबई, 03 जनवरी, बॉलीवुड के जानेमाने फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव-मस्तानी ने बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव-मस्तानी और शाहरूख खान की फिल्म दिलवाले 18 दिसंबर को एक साथ रिलीज हुयी थी। बाजीराव-मस्तानी भंसाली की ड्रीम प्रोजेक्ट थी जिसे वह काफी समय से बनाना चाहते थे। भंसाली यह फिल्म सलमान खान और ऐश्वर्या राय के साथ बनाना चाहते थे लेकिन बात नहीं बन सकी । 

बाजीराव-मस्तानी ने अपने पहले सप्ताह के दौरान 86 करोड़ की कमाई की थी। इससे पूर्व इस वर्ष प्रदर्शित फिल्मों में बजरंगी भाईजान, प्रेम रतन धन पायो और तनु वेडस मनु रिटनर्स ने भी 150 करोड़ रूपये से अधिक की कमाई की है। उल्लेखनीय है कि बाजीराव-मस्तानी मराठा शासक पेशवा बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी पर आधारित है। फिल्म में रणवीर सिंह ने पेशवा बाजीराव, दीपिका पादुकोण ने मस्तानी और प्रियंका चोपड़ा ने बाजीराव पेशवा की पहली पत्नी काशीबाई की भूमिका निभायी है। 

जल्द से जल्द हो लोकपाल का गठन : कांग्रेस

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नयी दिल्ली 03 जनवरी, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए जल्दी से जल्दी लोकपाल का गठन करने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीबीआई के माध्मम से विधेयक पारित कराना चाहते हैं। वह विपक्ष को डराने धमकाने के लिए भी सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हाेंने आराेप लगाया कि संसद में विधेयक पारित कराने के लिए ओडिशा में सत्तारुढ बीजू जनता दल के साथ सौदा किया गया है। इसके तहत 50 हजार करोड रुपए के घोटाले में सीबीआई जांच धीमी कराकर राज्य सरकार को राहत दी गयी है। इस घोटाले में राज्य सरकार के कई मंत्री,बीजद और भाजपा के कई सांसद तथा विधायक शामिल है। यही प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल में भी दोहरायी गयी थी। 

श्री रमेश ने कहा कि सीबीआई की ‘आजादी’ के लिए लोकपाल का होना जरुरी है। इसलिए केंद्र सरकार को जल्दी से जल्दी से लोकपाल का गठन करना चाहिए। इससे सीबीआई पर लोकपाल का नियंत्रण हो जाएगा और सरकारों का हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। 

जीएसटी के समर्थन में कैट चलाएगा देशव्यापी अभियान

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  • देश भर के व्यापारी नेताओं का राष्ट्रीय सम्मेलन 5 -6 जनवरीको नागपुर में

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शिमला, 03  जनवरी  ( विजयेन्दर   शर्मा) । देश में जल्द से जल्द जीएसटी लागू करवाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए देश के 6करोड़ से अधिक व्यापारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटीके समर्थन में एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की है जिसके माध्यम से सभीराजनैतिक दलों  पर जोर डाला जायेगा की जीएसटी बिल को संसद से पारित करवाने में अबऔर अधिक देर नहीं की जाए ! 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्रीप्रवीन खण्डेलवाल ने आज यहाँ जारी एक संयुक्त वक्तव्य में बताया की देश के सभी राज्यों केप्रमुख व्यापारी नेताओं का एक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 5 -6 जनवरी को नागपुर में हो रहाहै जहाँ इस इस अभियान की शुरुआत की जाएगी और यह अभियान संसद के आगामी बजट सत्रतक पूरे देश में चलेगा लगभग दो महीने चलने वाले इस अभियान में कैट देश के लगभग 40  हजार व्यापारिकसंगठनों को शामिल करेगा ! इसी बीच कैट प्रतिनिधिमंडल संसद के दोनों सदनों के सदस्यों सेमिलेंगे और उन्हें व्यापारियों की तरफ से एक ज्ञापन देकर मांग करेंगे की वो तो जीएसटी बिलका समर्थन करें ही साथ ही अपने केंद्रीय नेतृत्व को भी व्यापारियों के रूख से अवगत करा दें !इस क्रम विशेष जोर कांग्रेस और अन्नाद्रमुक सहित उन दलों पर दिया जायेगा जो फि़लहालजीएसटी का विरोध कर रहे हैं ! 

कैट इस दौरान देश भर में लगभग 100 जीएसटी सम्मेलनआयोजित करने का इरादा रखता है वहीँ दूसरी ओर देश भर में काम कर रहे व्यापारिक संगठनोंसे आग्रह किया जायेगा की वो जीएसटी के समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र भेजें जिसकी प्रतिसंसद में नेता प्रतिपक्ष को भी भेजी जाए ! कैट जीएसटी के समर्थन में बजट सत्र के दौरानदिल्ली में एक रैली करने की भी योजना बना रहा है ! इसके साथ ही एक ऑनलाइन पीटिशन भीशुरू की जाएगी ! इस अभियान में कैट इंडस्ट्री संगठन फिक्की,सीआईआई,एसोचैम एवं पीएचडी चैम्बर सहितदेश भर में फाइलें हजारों चैम्बर्स का भी सहयोग लेने का प्रयत्न करेगा !

विशेष आलेख : सावित्रीबाई फुले जिन्होंने भारतीय स्त्रियों को शिक्षा की राह दिखाई

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“.....ज्ञान बिना सब कुछ खो जावे,
बुद्धि बिना हम पशु हो जावें,
अपना वक्त न करो बर्बाद,
जाओ, जाकर शिक्षा पाओ......” 
सावित्रीबाई फुले की कविता का अंश 

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अगर सावित्रीबाई फुले को प्रथम महिला शिक्षिका, प्रथम शिक्षाविद् और महिलाओं की मुक्तिदाता कहें तो कोई भी अतिशयोक्ति नही होगी, वो कवयित्री, अध्यापिका, समाजसेविका थीं. सावित्रीबाई फुले बाधाओं के बावजूद स्त्रियों को शिक्षा दिलाने के अपने संघर्ष में बिना धैर्य खोये और आत्मविश्वास के साथ डटी रहीं. सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा के साथ मिलकर उन्नीसवीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, शिक्षा छुआछुत, सतीप्रथा, बालविवाह तथा विधवाविवाह जैसी कुरीतियां और समाज में व्याप्त अंधविश्वास, रूढ़ियों के विरुद्ध संघर्ष किया. ज्योतिबा उनके मार्गदर्शन,संरक्षक, गुरु, प्रेरणा स्रोत तो थे ही पर जब तक वो जीवित रहे सावित्रीबाई का होसला बढ़ाते रहे और किसी की परवाह ना करते हुए आगे बढने की प्रेरणा देते रहे.

सावित्रीबाई का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव नामक छोटे से गॉव में हुआ था, 9 साल की अल्पआयु में उनकी शादी पूना के ज्योतिबा फुले के साथ किया गया. विवाह के समय सावित्री बाई फुले की कोई स्कूली शिक्षा नहीं हुई थी वहीं ज्योतिबा फुले तीसरी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त किये थे। सावित्री जब छोटी थी तब एक बार अंग्रेजी की एक किताब के पन्ने पलट रही थी, तभी उनके पिताजी ने यह देख लिया और तुरंत किताब को छीनकर खिड़की से बाहर फेंक दिया, क्योंकि उस समय शिक्षा का हक़ केवल उच्च जाति के पुरुषों को ही था, दलित और महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करना पाप था. थोड़ी देर में सावित्रीबाई उस किताब को चुपचाप वापस ले आई और उस दिन उन्होंने निश्चय किया कि वह एक न एक दिन पढ़ना ज़रूर सीखेगी और यह सपना पूरा हुआ ज्योतिबा फुले से शादी करने के बाद. 

सावित्रीबाई फुले एक दलित परिवार से थी, जब ज्योतिबा फुले ने उनसे शादी की तो ऊँची जाति के लोगों ने विवाह संस्कार के समय उनका अपमान किया तब ज्योतिबा फुले ने दलित वर्ग को गरिमा दिलाने का प्रण लिया. वो मानते थे कि दलित और महिलाओं की आत्मनिर्भरता, शोषण से मुक्ति और विकास के लिए सबसे जरुरी है शिक्षा और इसकी शुरुआत उन्होंने सावित्रीबाई फुले को शिक्षित करने से की. ज्योतिबा को खाना देने जब सावित्रीबाई खेत में आती थीं, उस दौरान वे सावित्रीबाई को पढ़ाते थे,लेकिन इसकी भनक उनके पिता को लग गयी और उन्होंने रूढ़िवादीता और समाज के डर से ज्योतिबा को घर से निकाल दिया फिर भी ज्योतिबा ने सावित्रीबाई को पढ़ाना जारी रखा और उनका दाखिला एक प्रशिक्षण विद्यालय में कराया.समाज द्वारा इसका बहुत विरोध होने के बावजूद सावित्रीबाई ने अपना अध्ययन पूरा किया. 

अध्ययन पूरा करने के बाद सावित्री बाई ने सोचा कि प्राप्त शिक्षा का उपयोग अन्य महिलाओं को भी शिक्षित करने में किया जाना चाहिए. लेकिन यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि उस समय समाज लड़कियों को पढ़ाने के खिलाफ था. फिर भी उन्होंने ज्योतिबा के साथ मिल कर 1848 में पुणे में बालिका विद्यालय की स्थापना की, जिसमें कुल नौ लडकियों ने दाखिला लिया और सावित्रीबाई फुले इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका बनीं. कुछ ही दिनों में उनके विद्यालय में दबी-पिछड़ी जातियों के बच्चे, विशेषकर लड़कियाँ की संख्या बढ़ती गयी लेकिन सावित्रीबाई का रोज घर से विद्यालय जाने का सफ़र सबसे कष्टदायक होता था, जब वो घर से निकलती तो लोग उन्हें अभद्र गालियाँ,जान से मारने की लगातार धमकियां देते, उनके ऊपर सड़े टमाटर, अंडे, कचरा, गोबर और पत्थर फेंकते थे, जिससे विद्यालय पहुँचते पहुँचते उनके कपडे और चेहरा गन्दा हो जाया करते थे. सावित्रीबाई इसे लेकर बहुत परेशांन हो गयी थीं,  तब ज्योतिबा ने इस समस्या का हल निकला और उन्हें 2 साड़ियाँ दी, मोटी साड़ी घर से विद्यालय जाते और वापस आते समय के लिए थी वहीं दूसरी साड़ी को विद्यालय में पहुँच कर पहनना होता था. एक घटना के बाद इन अत्याचारों का अंत हो गया, घटना यू हैं कि एक बदमाश रोज सावित्रीबाई का पीछा करता था और उनके लिए रस्ते भर अभद्र भाषा का प्रयोग करता था, एक दिन वह अचानक सावित्रीबाई का रास्ता रोककर खडा हो गया और उन पर हमला करने की कोशिश की, सावित्रीबाई फुले ने बहादुरी से उसका मुकाबला किया और उसे दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। उसके बाद से किसी ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश नही की.

1 जनवरी 1848 से लेकर 15 मार्च 1852 के दौरान सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले ने बिना किसी आर्थिक मदद और सहारे के लड़कियों के लिए 18 विद्यालय खोले. उस दौर में ऐसा सामाजिक क्रांतिकारी की पहल पहले किसी ने नही की थी. इन शिक्षा केन्द्र में से एक 1849 में पूना में ही उस्मान शेख के घर पर मुस्लिम स्त्रियों व बच्चों के लिए खोला था। सावित्रीबाई अपने विद्यार्थियों से कहा करती थी कि “कड़ी मेहनत करो, अच्छे से पढाई करो और अच्छा काम करो”.  ब्रिटिश सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षा के क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले के योगदान को देखते हुए 16 नवम्बर 1852  को उन्हें शॉल भेंटकर सम्मानित किया.

सावित्रीबाई फुले ने केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही नही बल्कि स्त्री की दशा सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण काम किया. उन्होनें 1852 में ”महिला मंडल“ का गठन किया और भारतीय महिला आंदोलन की प्रथम अगुआ भी बनीं। सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा ने बाल-विधवा और बाल-हत्या पर भी काम किया था, उन्होंने 1853 में ‘बाल-हत्या प्रतिबंधक-गृह’ की स्थापना की, जहाँ विधवाएँ अपने बच्चों को जन्म दे सकती थी और यदि वो उन्हें अपने साथ रखने में असमर्थ हैं तो बच्चों को इस गृह में रख कर जा सकती थीं। इस गृह की पूरी देखभाल और बच्चों का पालन पोषण सावित्रीबाई फुले करती थीं। 1855 में मजदूरों को शिक्षित करने के उद्देश्य से फुले दंपत्ति ने ‘रात्रि पाठशाला’ खोली थी. उस समय विधवाओं के सिर को जबरदस्ती मुंडवा दिया जाता था, सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा ने इस अत्याचार का विरोध किया और नाइयों के साथ काम कर उन्हें तैयार किया कि वो विधवाओं के सिर का मुंडन करने से इंकार कर दे, इसी के चलते 1860 में नाइयों से हड़ताल कर दी कि वे किसी भी विधवा का सर मुंडन नही करेगें, ये हड़ताल सफल रही. सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा ने अपने घर के भीतर पानी के भंडार को दलित समुदाय के लिए खोल दिया. सावित्रीबाई फुले के भाई ने इन सब के लिए ज्योतिबा की घोर निंदा की, इस पर सावित्रीबाई ने उन्हें पत्र लिख कर अपने पति के कार्यो पर गर्व किया और उन्हें महान कहा.

सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा ने 24 सितम्बर,1873 को सत्यशोधक समाज की स्थापना की.सावित्रीबाई फुले ने विधवा विवाह की परंपरा शुरू की और सत्यशोधक समाज द्वारा पहला विधवा पुनर्विवाह 25 दिसम्बर 1873 को संपन्न किया गया था और यह शादी बाजूबाई निम्बंकर की पुत्री राधा और सीताराम जबाजी आल्हट की शादी थी. 1876 व 1879 में पूना में अकाल पड़ा था तब ‘सत्यशोधक समाज‘ ने आश्रम में रहने वाले 2000 बच्चों और गरीब जरूरतमंद लोगों के लिये मुफ्त भोजन की व्यवस्था की।

28 नवम्बर 1890 को बीमारी के के चलते ज्योतिबा की मृत्यु हो गयी, ज्योतिबा के निधन के बाद सत्यशोधक समाज की जिम्मेदारी सावित्रीबाई फुले ने अपने जीवन के अंत तक किया.1893 में सास्वाड़ में आयोजित सत्यशोधक सम्मेलन की अध्यक्षता सावित्रीबाई फुले ने ही की थी वहां उन्होंने ऐसा भाषण दिया कि दलितों, महिलाओं और पिछड़े-दबे लोगों में आत्म-सम्मान की भावना का संचार हुआ.1897 में पुणे में प्लेग की भयंकर महामारी फ़ैल गयी, प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की मौत हो रही थी. उस समय सावित्रीबाई ने अपने दत्तक पुत्र यशवंत की मदद से एक हॉस्पिटल खोला. वे बीमार लोगों के पास जाती और खुद ही उनको हॉस्पिटल तक लेकर आतीं थीं. हालांकि वो जानती थीं कि ये एक संक्रामक बीमारी है फिर भी उन्होंने बीमार लोगों की सेवा और देख-भाल करना जारी रखा. किसी ने उन्हें प्लेग से ग्रसित एक बच्चे के बारे में बताया, वो उस गंभीर बीमार बच्चे को पीठ पर लादकर हॉस्पिटल लेकर गयी. इस प्रक्रिया में यह महामारी उनको भी लग गयी और 10 मार्च 1897 को सावित्रीबाई फुले की इस बीमारी के चलते निधन हो गया.

सावित्रीबाई प्रतिभाशाली कवियित्री भी थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत भी माना जाता है। वे अपनी कविताओं और लेखों में सामाजिक चेतना की हमेशा बात करती थीं. इनकी कुछ प्रमुख रचना इस प्रकार हैं -1854 में पहला कविता-संग्रह 'काव्य फुले', 1882 में पुस्तक 'बावनकशी सुबोध रत्नाकर',1892 ‘मातोश्री के भाषण’,ज्योतिबा फुले की मृत्यु के बाद 1891 में कविता-संग्रह ‘बावनकाशी सुबोध रत्नाकर’ आदि. सावित्रीबाई फुले ने अपना पूरा जीवन समाज में वंचित तबके खासकर स्त्री और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता दिया। लेकिन सावित्रीबाई के काम और संघर्ष सामने नही आ पाते हैं. उन्हें ज्योतिबा के सहयोगी के तौर पर ज्यादा देखा जाता है. जबकि इनका अपना एक स्वतंत्रत अस्तित्व था, उन्होंने ज्योतिबा फुले के सपने को आगे बढ़ाने में जी जान लगा दिया सावित्री बाई फुले और ज्योतिबा फुले दोनों सही मायनों में एक दूसरे के पूरक थे. 







उपासना बेहार
ई मेल –upasana2006@gmail.com

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (03 जनवरी)

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जिला  भाजपा ने 5 प्रदेष प्रतिनिधियों की नियुक्ति की 4 जनवरी को प्रदेषाध्यक्ष के निर्वाचन मे करेगें जिले का प्रतिनिधित्व

झाबुआ---जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार द्वारा षनिवार को  प्रदेष प्रतिनिधियों के नामों की घोशणा की गई है । श्री भावसार ने जानकारी देते हुए बताया कि थांदला विधानसभा क्षेत्र से प्रदेष प्रतिनिधि के रूप  में  गौरसिंह वसूनिया को, पेटलावद विधानसभा क्षेत्र से कल्याणसिंह डामोर को, एवं झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से भानू भूरिया को प्रदेष प्रतिनिधि बनाया गया है वही जिले से महिला प्रतिनिधि के रूप  में श्रीमती संगीता सोनी को तथा सामान्यवर्ग से जिला प्रतिनिधि के रूप  में अनोखीलाल मेहता को नियुक्त किया गया है । श्री भावसार द्वारा नियुक्त किये गये प्रदेष प्रतिनिधियों को भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्षों एवं नेताओं द्वारा बधाईया देकर श्री भावसार का आभार व्यक्त किया है । श्री भावसार ने बताया कि आगामी 4 जनवरी को प्रदेष भाजपा कार्यालय भोपाल में होने वाले प्रदेषाध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया में ये प्रदेष प्रतिनिधि जिले का प्रतिनिधित्व करेगें । इन सभी को 4 जनवरी 2016 को प्रातः 10 बजे अनिवार्य रूप  से प्रदेष भाजपा कार्यालय में पहूंच  कर निर्दिश्ट कार्यवाही मे भाग लेना है ।

प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को सैनिक का भाव अपने अंदर आत्मसात कर कांग्रेस के खिलाफ होना होगा आक्रमक - श्री भावसार

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी रामा मंडल द्वारा स्थानीय कालिका माता मंदिर परिसर में नवनियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार के लिये सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रामा मंडल के द्वारा श्री भावसार का पुश्पमालाओं से स्वागत किया गया। इस अवसर पर भावसार ने संबोधित करते हुए कहा कि अब प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने अंदर सैनिक का भाव पैदा कर उसे आत्मसात करते हुए कांग्रेस के खिलाफ आक्रमक रूख अपनाना होगा, तभी हम मिषन 2018 को सफल कर सकते है।यह मेरा सम्मान नही भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक निश्ठावान व अनुषासन प्रिय व भाजपा की रीति नीति के लिये समर्पण भाव से काम कर रहे प्रत्येक कार्यकर्ता का सम्मान है। मैं आदिवासी जिले में आदिवासी बनकर आपके बीच कार्यकर्ता के रूप में काम करने आया हूं। जिलाध्यक्ष का पद मेरे लिये प्रतिक मात्र है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आने वाली चुनौतियों को हम सब मिलकर सामना करेंगेे। इस अवसर पर सबका साथ सबका विकास हमको करना है वही भाजपा सरकार के मुखिया की जनकल्याणकारी योजना को संगठन स्तर पर सोच समझकर जनता को लाभ देने के लिये आप स्थानीय समितियों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। उन्होंने इस अवसर पर आदिवासी नेता दिलीपसिंह भूरिया का भी स्मरण किया। कार्यक्रम को इस अवसर पर रामा मंडल के मंडल अध्यक्ष बापू भूरिया, जनपद उपाध्यक्ष बसंतसिंह डोडियार, विधि प्रकोश्ठ के जिलाध्यक्ष उत्तम जैन, आदिवासी नैत्री कलावती मेडा, अजजा मोर्चे के प्रदेष महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, युवा मोर्चा प्रदेष कार्यकारिणी सदस्य दिलीप कुषवाह, पूर्व जिला महामंत्री ओमप्रकाष षर्मा, भूपेष सिंह सिंगोड, कृश्णपालसिंह आदि सहित बडी संख्या में नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन विधि प्रकोश्ठ के जिला संयोजक उत्तम जैन व आभार प्रदर्षन मंडल अध्यक्ष बापू भूरिया ने माना। उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने दी।

तीन दिवसीय खुले सत्संग का शुभारंभ 03 जनवरी 2016 से, राम नाम की दीक्षा प्रातः 11 बजे से होगी

jhabua news
झाबुआ--श्रीरामशरणम् समिति,झाबुआ के तत्वावधान मे दिनांक 02 जनवरी 2016 को दाहोद मे आयोजित दीक्षा कार्यक्रम मे 851 पुरूष और 905 महिलाओ सहित कुल 1756 व्यक्तियो ने राम - नाम की दीक्षा ग्रहण की। संतो ने कहा है कि यदि किसी अनुभवी मनुष्य द्वारा परमेश्वर का मंगलमय नाम लिया जाए तो उसका आत्मा जग जाता है और वह नाम वृतियों को मूच्र्छित करने में एक मोहन मंत्र ही माना गया है। 03 जनवरी को प्रातः 9 से 10 अमृतवाणी संर्कीतन एवं प्रवचन, प्रातः 11 बजे से राम-नाम की दीक्षा, दोपहर 3 बजे श्री अधिष्ठान जी का प्रदाय (चयनित साधको) को होगा, खुले सत्संग का शुभारंभ सायं 7 से 8 के बीच होगा जिसमे रामायण पाठ एवं प्रवचन होंगे। खुले सत्संग मे साधना एवं उपासना के लिये झाबुआ क्षैत्र के 22 सेक्टरो सहित नई दिल्ली, मुम्बई, नेपाल, जबलपूर, इन्दोर, रतलाम, विदिशा, डलहोजी, शाजापूर, शामगढ़, हरिद्वार, ओरंगाबाद, अलीगढ़, गुड़गांव आदि स्थानो की 779 महिलाओ एवं 862 पुरूषो ने श्रीरामशरणम् झाबुआ मे ही ठहर कर साधना हेतु पंजीयन करवाया है। राम नाम की दीक्षा लेने के इच्छुक व्यक्तियो मे काफी उत्तसुक्ता देखने को मिल रही है प्रबंधको ने सभी प्रकार की व्यवस्थाये अलग-अलग प्रकार की समितिया बना कर की है साथ ही समिति ने धर्म प्रेमी सज्जनो से सत्संग मे संम्मिलित होने की अपील की है

उपयंत्री को कार्यो की सी.सी. 31 जनवरी तक जारी करने के बाद ही मिलेगा वेतन

झाबुआ---अतिरित जिला कार्यक्रम समन्व्यक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ ने बताया कि 1 जनवरी 2016 की आनलाईन रिपोर्ट एवं जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक में समीक्षा उपरांत संज्ञान में आया है कि म.गा.रा.ग्रा.रो.गा.योजना अंतर्गत जिले में अभी विगत वर्षो 2006-07 से 2009-10 के स्वीकृत/प्रारंभ कार्यो में से 1270 कार्य वर्ष 2010-11 के 609 कार्य 2011-12 के 993 कार्य एवं 2012-13 के 1632 कार्य इस प्रकार विगत वर्षो 2006-07 से 2012-13 तक के 4504 कार्य प्रगतिरत कार्यो की श्रैणी में भारत सरकार की वेबसाईट पर आनलाईन प्रदर्शित हो रहे है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2006-07, 07-08 एवं 08-09 के कपिलधारा कूप एवं अन्य कार्य भी अपूर्ण/प्रगतिरत कार्यो की श्रेणी में दर्ज है। इससे उपयंत्री द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन सुचारू रूप से नहीं किया जाकर कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरती जाना परिलक्षित होता है। इस संबंध में सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को नोटिस जारी कर निर्देशित किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 तक के आनलाईन पर दर्ज समस्त कार्यो को पूर्ण कर कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की आनलाईन प्रविष्टि 31 जनवरी तक कराये जाने के पश्चात ही माह जनवरी 2016 के वेतन प्रदाय की अनुशंसा शासन को की जावेगी। तत्पश्चात भी यदि 15 फरवरी 2016 तक शत प्रतिशत कार्यो के पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रविष्टि नहीं की जाती है तो संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री मनरेगा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कि जावेगी।

राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान 17 जनवरी 2016 हेतु जिला टाॅस्क फोर्स की बैठक 4 जनवरी को

झाबुआ---सद्यन पल्स पोलियों अभियान 17 जनवरी 2016 को क्रियान्वित किया जाना है, जिसके संदर्भ में जिला कार्यबल की बैठक का आयोजन कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता की अध्यक्षता में 4 जनवरी को कलेक्टर कार्यालय में किया गया है।

सूखा से प्रभावित किसानो के परिवारो में मुख्यमंत्री कन्या विवाह,निकाह योजना की राशि किसान के खाते में जमा होगी

झाबुआ---म0प्र0 शासन सामाजिक न्याय विभाग द्वारा खरीफ 2015-16 अंतर्गत सूखें से प्रभावित किसानों की कन्याओं के विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह,निकाह योजना में पात्रता में मापदण्डों में शिथिलता प्रदान की गई है। खरीफ 2015-16 अंतर्गत सूखा से प्रभावित किसान जिनके आर.बी.सी.-6 (4) के अंतर्गत प्रकरण स्वीकृत किये गये है, के परिवार में कन्या के विवाह किये जाने में राशि रूपये 15000/- दी जाएगी जिसमें कन्या की गृहस्थी की स्थापना हेतु रू. 12000/- तथा विवाह आयोजन हेतु रू. 3000/- की सहायता कन्या के माता-पिता अभिभावक को उनके बैंक खातें के माध्यम से प्रदान की जावेगी तथा 10000/- रूपये कन्या के दाम्पत्तय जीवन में खुशहाली के लिए 5 वर्ष के लिए सावधि जमा किया जावेगा। शासन द्वारा योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह की शर्त को मार्च 2016 तक शिथिल किया गया है। सूखा प्रभावित किसानो की कन्याओं के विवाह प्रकरण तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही किए जाने हेतु कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने सभी एसडीएम एवं सीईओ जनपद को निर्देशित किया है।

26 जनवरी 2016 ‘‘गणतंत्र दिवस‘‘ मनाये जाने के संबंध में बैठक 4 जनवरी को

झाबुआ---26 जनवरी 2016 गणतंत्र दिवस‘‘ मनाये जाने के संबंध में तैयारी के लिए 4 जनवरी को प्रातः 10.30 बजे टी.एल.बैठक के पश्चात कलेक्टोरेट सभा कक्ष में कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया है। संबंधित अधिकारियों को बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया है।

आॅपरेशन स्माइल-द्वितीय अभियान में पुलिस को सफलता प्राप्त गुम हुए बालक को उसके माता-पिता से मिलवाया 

झाबुआ--- पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भैरिया नाम का लगभग 10 वर्ष का बालक ग्राम देवली के कोटवार भूरालाल को रोते हुए मिला था। कोटवार भूरालाल इस बालक को थाना रायपुरिया लेकर आया एवं थाना रायपुरिया पर पूरा विवरण जाना गया। बालक भैरिया को थाना पेटलावद लाया गया। बालक भैरिया ने यह बताया कि उसका नाम भैरिया है, उसके पिता का नाम छगन, माता का नाम रमतु, भाई फनिया, बहन सीता, जाति कटारा है। वह ग्राम नांदीखेड़ा-दलोट, थाना सालमगढ़, जिला प्रतापगढ(राजस्थान) का रहने वाला है। उसके माता-पिता से उसे भेड पालकों को किराये से दिया था। राजस्थान भेड पालकों के साथ यह बालक आया था एवं उनकी मारपीट से तंग आकर उनके डेरे से भाग आया था।  बालक के पास परिजन एवं अन्य किसी रिश्तेदार के मोबाइल नंबर नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्रीमती सीमा अलावा एवं अ0अ0पु0 पेटलावद श्री राकेश व्यास के निर्देशन में था0प्र0 पेटलावद निरीक्षक कर्णीसिंह सक्तावत द्वारा विशेष प्रयास किये जाकर गुम बालक भैरिया के परिजनों का पता लगाया एवं उनके गुम हुए बालक के बारे में परिजनों को बताया। परिजन आज गुम बालक को लेने के लिये थाना पेटलावद आ रहे हैं। इस प्रकार आॅपरेशन स्माइल-द्वितीय अभियान में झाबुआ पुलिस के बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। इस सफलता पर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अ0अ0पु0 पेटलावद ने था0प्र0पेटलावद एवं उनकी पुलिस टीम को बधाई दी है।

भिक्षावृत्ति करने वाले 14 बच्चों को पकड़कर उनके माता-पिता को समझाइश दी 
       
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आॅपरेशन स्माइल द्वितीय अभियान के तहत आज दिनंाक दो जनवरी को झाबुआ शहर में भिक्षावृत्ति करने वाले 14 बच्चों को पकड़ा गया। इन बच्चों के माता-पिता को बुलवाया गया एवं बच्चों व उनके माता-पिता को भिक्षावृत्ति न करने व करवाने, स्कूल जाने व भिजवाने हेतु समझाइश दी गई। सभी 14 बच्चों को बाल कल्याण समिति झाबुआ को सुपुर्द किया गया है। बाल कल्याण समिति सभी 14 बच्चों को उनके माता-पिता को विधिवत सुपुर्द करेंगे। इस प्रकार आॅपरेशन स्माइल-द्वितीय अभियान में झाबुआ पुलिस के बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। इस सफलता पर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अ0अ0पु0 झाबुआ ने थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ एवं उनकी पुलिस टीम, डी0सी0बी0पुलिस टीम को बधाई दी है।

पथराव कर नुकसान पहुंचाने का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---थाना कोतवाली झाबुआ के अप0 क्र0 789/15 में फरि0 पक्ष व आरोपी पक्ष दोनों विभिन्न समुदाय के होने से शहर का वातावरण बिगाडने की नियत से असामाजिक तत्वों द्वारा एक मत एकराय होकर ईट, पत्थर, तलवार लाठियों से लेंस होकर कस्बे में पथराव किया, वाहनों को नुकसान पहुॅचाया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 02/16, धारा 147,148,149,323,336,427 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सोने के हार की चोरी 

झाबुआ---फरियादी पंकज पिता हसमुखलाल वागरेचा, उम्र 41 वर्ष, निवासी मेघनगर ने बताया कि वह अपनी दुकान पर दो अज्ञात महिलाओं को सोने के हार दिखा रहा था। अज्ञात आरोपी महिला सोने का हार 50 ग्राम किमती 1 लाख 50 हजार रू0 का चुराकर ले गई। प्रकरण में थाना मेघनगर में अप0क्र0 01/16, धारा 380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
              
सट्टा खेलते आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार

झाबुआ---थाना पेटलावद की पुलिस टीम ने आरोपी शांतिलाल पिता प्रतापचंन्द्र जैन, निवासी पेटलावद को अवैध रूप से सट्टा पर्ची लिखकर हार जीत का दाव लगाते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी को सट्टा पर्ची व नगदी 1800/-रू0 सहित गिर0 किया गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 04/16, धारा 4-क जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध

झाबुआ---फरियादि सोभान पिता रूपला अमलियार, निवासी मोहनकोट ने बताया कि लडकी उम्र 17 वर्ष घर से मोहल्ले में जाने का कहकर गयी थी, जो घर वापस नहीं आयी, कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर कर औरत बनाने की नीयत से भगा कर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 02/16, धारा 363,366 भादवि एवं 7/8 लै0अप0बा0संर0अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बस मे की युवको ने छेडछाड 
      
झाबुआ--- फरियादिया ने बताया कि आरोपी इमरान पिता नफीस एवं ईलियास निवासी रानीपुरा इंदौर बस के अंदर बुरी नहयत से पीट व गले पर हाथ लगा रहे थे। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 01/16, धारा 354,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अग्नी दग्धा की ईलाज के दोरान मोत

झाबुआ--- फरियादि गेंदालाल पिता बिजल, उम्र 45 वर्ष निवासी बोलासा ने बताया कि पप्पी बाई पति राकेश वसुनिया, उम्र 26 वर्ष निवासी बोलासा की जलने पर ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 01/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

रूस ने अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया

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मास्को, 03 जनवरी, रूस ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित नयी रिपोर्ट में अमेरिका को खतरा घोषित किया है। रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिका से खतरे की बात राष्ट्रीय सुरक्षा की नये आकलन रिपोर्ट में कही गयी है, जिस पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भी हस्ताक्षर हैं। शीत युद्ध के बाद से ही दो विपरीत ध्रुवों पर बरकरार रूस और अमेरिका के बीच संबंधों में हाल के वर्षों में और भी कड़वाहट आई है। “रूसी संघ की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रणनीति” नाम से जारी एक दस्तावेज में अमेरिका, नाटो और उसके अन्य सहयोगियों पर दुनिया भर में दबदबा बढ़ाने का प्रयास करने की बात कही गई है। पहले जारी दस्तावेज में अमेरिका या नाटो का उल्लेख नहीं था। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्ताक्षर के बाद जारी नया दस्तावेज वर्ष 2009 में अमल में आए पुराने दस्तावेज की जगह लेगा। रूस की सुरक्षा नीतियां अब इसी आधार पर बनाई जाएंगी। 

दस्तावेज के अनुसार “अंतरराष्ट्रीय समस्याओं और टकराव का समाधान निकालने के लिए रूस ने अपनी भूमिका को बढ़ाया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैदा नए खतरे को देखते हुए रूस को मजबूत किया जा रहा है। ये समस्याएं जटिल और आपस में जुड़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर स्वतंत्र नीति अपनाने से अमेरिका एवं उसके सहयोगी जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। वे वैश्विक मामलों में अपना प्रभुत्व बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं। इस वजह से राजनीतिक, आर्थिक और जानकारी हासिल करने का दबाव बढ़ने की संभावना है।” 

मार्च 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद से पश्चिमी जगत के साथ रूस के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं और फिर सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल असद के समर्थन में रूसी हस्तक्षेप ने तो आग में घी का काम किया है। दस्तावेज में रूस ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर यूक्रेन में असंवैधानिक तरीके से तख्ता पलट कराने का आरोप लगाया गया है और इसके साथ ही नाटो के विस्तार और अमेरिका द्वारा रूस के पड़ोसी मुल्कों में सैन्य और जैव प्रयोगशालाएं स्थापित करने का जिक्र भी है। 

देश में बने सीमा की रक्षा के अस्त्र शस्त्र : मोदी

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तुमकुर (कर्नाटक) 03 जनवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमाओं की रक्षा के लिए अस्त्र शस्त्र देश में बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि इसके लिए विदेशों पर निर्भरता समाप्त होनी चाहिए। श्री माेदी ने हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की 75 वें स्थापना दिवस पर यहां हेलिकाॅप्टर कारखाने का शिलान्यास करने के बाद आयोजित एक समारोह में कहा कि एक समय देश में खाने के लिए अनाज बाहर से लाना पड़ता था। 

विदेशों से अनाज मंगा कर पेट भरना पड़ता था लेकिन जब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का मंत्र दिया और किसानों को देश का पेट भरने के लिए प्रेरित किया तो उन्होंने पिछले 50 साल में जबरदस्त मेहनत की और देश अन्‍न के मामले में स्‍वावलंबी बन गया। उन्होंने कहा कि अन्‍न के क्षेत्र में तो देश स्वावलंबी बन गया है लेकिन दूसरा काम ‘जय जवान’ है, जिससे देश रक्षा के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर और स्‍वावलंबी बने तथा भारत को अपनी रक्षा के लिए दुनिया में किसी पर भी आश्रित नहीं रहना पड़े, यह काम अभी देश में होना बाकी है।

पठानकोट आॅपरेशन जारी. सात जवान शहीद, 20 घायल

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नयी दिल्ली, 03 जनवरी,  पंजाब के पठानकोट वायु सेना हवाई अड्डे में घुसे आतंकवादियों की तलाशी अभियान अभी जारी है और दो या उससे अधिक आंतकवादियों के वहां होने की आशंका है। अब तक चार आतंकवादी मारे गये हैं और वायु सेना एवं राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कुल मिलाकर सात जवान शहीद हुये और 20 लोग घायल है। गृह सचिव राजीव महर्षि और वायु सेना के एयर आपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल अनिल खोसला ने आज यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये कहा कि जब तक पूरे हवाई अड्डे की तलाशी नहीं पूरी हो जायेगी और आतंकवादियों को मार गिराये जाने तक यह अभियान जारी रहेगा1 श्री महर्षि ने कहा कि कल रात तक चार आंतकवादी मारे गये थे और अंधेरे की वजह से अभियान रोक दिया गया था लेकिन घेराबंदी कर आतंकवादियों को वहां से किसी ओर जाने से रोक दिया गया। आज सुबह में तलाशी अभियान शुरू किये जाने पर दो और आतंकवादियों में वहां होने का पता चला और अभियान अभी जारी है। पूरे हवाई अड्डे की तलाशी की जा रही है। जंगल और घने वृक्षों की वजह से अधिक समय लग रहा है। 

एयर मार्शल खोसला ने कहा कि जब तक आतंकवादियों के शव नहीं मिल जाते तब तक उनकी संख्या में बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हवाई अड्डे में छह आतंकवादियों के घुसने की जानकारी मिली थी लेकिन आतंकियो की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है। जब तक पूरे हवाई अड्डे की तलाशी नहीं की जाती और आतंकवादियों को मार गिराया नहीं जाता तब तक यह अभियान जारी रहेगा। श्री महर्षि ने कहा कि अग्रिम सूचना और त्वरित कार्रवाई किये जाने से हवाई अड्डा के तकनीकी क्षेत्र में नुकसान नहीं हुआ है। वायु सेना की महत्वपूर्ण संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचा है और आतंकवादी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त में 40 आंतकवादियों में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की खुफिया जानकारी मिली थी और उसके बाद से सतर्कता बरती जा रही है। 

उन्होंने बताया कि चार आतंकवादियों के शव मिल चुके हैं और शव मिलने पर ही आतंकदियों के मारे जाने की पुष्टि हो सकती है। उन्होंने बताया कि सुबह में तलाशी अभियान के दौरान हुये भारी विस्फोट में एनएसजी के लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई के शहीद हो गये। कुल मिलाकर सात जवान शहीद हुये हैं। इसी तरह से एनएसजी के 12 कमांडो घायल है और कुल मिलाकर 20 लोग घायल हुये हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पठानकोठ के पुलिस अधीक्षक की गाडी छीने जाने और एक अन्य कार में लूट के साथ कार चालक की गला काट कर हत्या किये जाने के बाद पूरे इलाके में सतर्कता बरती जा रही थी लेकिन एक जनवरी को तडके आतंकवादी हवाई अड्डे में घुस गये। एहतियात के तौर पर एनएसजी के कमांडो को वहां तैनात किया गया था लेकिन पुख्ता जानकारी नहीं होने की वजह से कमांडो अभियान शुरू नहीं किया गया था । हमले के तत्काल बाद एनएसजी की कार्रवाई शुरू हो गयी थी। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (03 जनवरी)

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लुर्द माता स्कूल को चार विकेट से शिकस्त देकर इमानुअल ने जीता खिताब
  • खेल खोलते सफलता के दरवाजे: सुदेश राय

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सीहोर। शहर में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ खेल का समावेश होना जरूरी है। इन दिनों खेल भी सफलता की कुंजी है। जो प्रतिभाशाली खिलाड़ी है उनको उनकी प्रतिभा के बल पर मुकाम मिलता है। उक्त विचार बालाजी कंट्रेक्शन कंपनी के तत्वाधान में शहर के बीएसआई क्रिकेट मैदान पर आयोजित जिला स्तरीय इंटर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान विधायक सुदेश राय ने व्यक्त किए। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा ने इस मैदान पर खेली गई अपनी पारियों के बारे में यहां पर मौजूद खिलाडिय़ों को बताया और कहा कि पूर्व 1964 से इस मैदान पर एसोसिएशन के सचिव प्रमोद पटेल द्वारा पूरे समर्पण भाव से खेल गतिविधि सफलता पूर्व संचालित की जा रही है। यह एक गौरव का विषय है। जिला क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वाधान में शहर के बीएसआई मैदान पर खेली गई बालाजी कंट्रेक्शन जिला स्तरीय इंटर स्कूल प्रतियोगिता में पहले बल्लेबाजी करने उतरी लुर्दमाता क्रिकेट टीम ने निर्धारित 20 ओवर में सात विकेट खोकर 128 रन का स्कोर खड़ा किया। इसमें आदर्श राय ने 50 रन, रजत ने 20 रन और यश ने 29 रन की पारी खेली। वहीं इमानुआल की ओर से गेंदबाजी करते हुए अफनान, सोलत और आयुष ने 1-1 विकेट हासिल किया। इधर जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी इमानुअल विद्यालय की टीम ने विजय लक्ष्य छह विकेट खोकर हासिल करते हुए खिताब अपने नाम किया। इसमें आयुश डाबी ने 30 रन, ओम प्रकाश ने 14 रन, शुभम पटेल ने 16 रन और फरहान ने 28 रन की विस्फोटक पारी खेल। वहीं लुर्द माता की ओर से गेंदबाजी करते हुए हर्षित और उजब ने 2-2 विकेट एवं सौरभ और आदर्श ने 1-1 विकेट प्राप्त किए।

बालाजी कंट्रेक्शन कंपनी की ओर से दिया पुरस्कार
अंत में यहां पर मौजूद बालाजी कंपनी के पदाधिकारियों और एसोसिएशन के पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अतुल तिवारी, वीरु वर्मा, इरफान हुसैन, सुरेन्द्र रल्हन, संजय खंडेलवाल, प्रदीप पाहुजा, मनीष जैन, अमित कटारिया, मदन कुशवाहा, चेतन मेवाड़ा, कमलेश पारोचे और मनोज दीक्षित मामा ने पत्रकारों और विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस मौके पर प्रतियोगिता में अहम भूमिका निभाने वाले इरफान, विपिन, राजू काका, जीवन और केवी को भी पुरस्कार दिया गया। 

मैन आफ द सीरीज 
इस प्रतियोगिता में मैन आफ द सीरीज आदर्श राय, बेस्ट बेस्टमैन आयुष डाबी, बेस्ट बालर संकल्प और वेस्ट विकेट कीपर अजय मेवाड़ा को दिया गया। वहीं उभरते क्रिकेट के रूप में ग्यारह वर्ष के खिलाड़ी हिमांशु मालवीय को विशेष पुरस्कार यहां पर मौजूद विधायक सुदेश राय और नपाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा ने दिया।

कोमल और नेहा का नेशनल में चयन

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सीहोर। जिला फुटबाल एसोसिएशन की टीम की तेजतर्रार स्ट्राइकर फुटबालर कोमल वर्मा और नेहा कुशवाहा का राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता के चयन होने पर खिलाडिय़ों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला फुटबाल एसोसिएशन के सचिव मनोज कन्नौजिया ने बताया कि शहर की प्रतिभाशाली फुटबालर कोमल वर्मा और नेहा कुशवहा का जबलपुर में होने जा रही आल इंडिया फुटबाल प्रतियोगिता में चयन हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर पूर्व विधायक और प्रदेश फुटबाल एसोसिएशन के संरक्षक रमेश सक्सेना, प्रकाश व्यास काका, खेल अधिकारी आनंद स्वामी, रमाकांत समाधिया, ललिता सैनी, मनोज दीक्षित मामा, पन्ना सकसेना, दिलीप खत्री, लक्ष्मीनारायण यादव, प्रदीप राठौर, ऋषि चतुर्वेदी, दीपक गुरुवानी और मनोज अहिरवार आदि शामिल है।

सौ से अधिक दंत रोगियों का नि:शुल्क परीक्षण

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सीहोर। शहर के डॉक्टर कालोनी में सांई ज्योति डेंटल क्लीनिक द्वारा रविवार को सुबह दस बजे से शहर के डॉक्टर कालोनी में नि:शुल्क दंत रोग परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में 103 दंत रोगियों का नि:शुल्क परामर्श और परीक्षण किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ.अनिल शर्मा ने बताया कि सांई ज्योति डेंटल क्लीनिक द्वारा आयोजित दंत शिविर के दौरान जेएसके दवा कंपनी के सहयोग से ट्रूूथ पेस्ट और अन्य दवाई का वितरण किया गया। शिविर में डॉ.शशि एक्का, डॉ.अभिषेक शर्मा, परमानंद परमार, गौरधन बालोदिया और अरुण सेन आदि शामिल थे।

निम्र को फाँसी इस्लामी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ : मौलाना सफ़दर

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जौनपुर 03 जनवरी, शिया धर्म गुरूओ ने सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू अयातुल्लाह शैख़ बाक़िर निम्र को फांसी दिये जाने को इस्लामी सिद्धांतो के ख़िलाफ़ बताते हुए कड़ी आलोचना की है । प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी ने आज यहां इस्लाम चौक पर स्वर्गीय ज़मीर हसन की मजलिस के बाद आयोजित एक जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरू को फांसी देना इस्लाम के खिलाफ है । उन्होने कहा कि शहीद निम्र का खून बेकार नहीं जाएगा और पूरी दुनिया जल्द ही सऊदी सरकार के पतन को देखेगी। मौलाना जैदी ने सऊदी शासन द्वारा वरिष्ठ शिया धर्मगुरू निम्र और उनके तीन सहयोगियों को पिछले शुक्रवार को दी गई फांसी को इस्लामी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि अपने आप को इस्लामी देशों का ठेकेदार समझने वाले सऊदी अरब का असली रूप सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। अत्याचारी शासन के ख़िलाफ़ कोई आवाज़ भी नहीं उठा सकता और अगर कोई अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता है तो उसको मौत की सज़ा दे दी जाती है। अल्पसंख्यकों की बेरहमी से हत्या की जा रही है । 

मौलाना जैदी ने कहा कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र तथा मानव अधिकारों की रक्षक संस्थाएं मूकदर्शक बने हुए हैं। इस मौके पर मौलाना नदीम असगर ने पूरे भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वे सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार के विरुद्ध उठ खड़े हों। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार का पतन शुरू होने वाला है क्योंकि कभी भी शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जाता । जलसे की अध्यक्षता करते हुए चेहलुम कमिटी के संयोजक असगर हुसैन जैदी ने कहा की अनेक देशों के फांसी न दिये जाने के आग्रह के बावजूद सऊदी अरब सरकार द्वारा शैख़ निम्र को शहीद किया जाना पूरे संसार के मुसलमानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि आयतुल्लाह शैख़ निम्र, न्याय.प्रेम व ईश्वरीय भय की मूर्ति थे। उन्होंने कहा कि वह एक परिवार की तानाशाही को रोकना चाहते थे और सऊदी अरब में न्याय की स्थापना ही उनकी केवल एक इच्छा थी। उन्होने कहा कि सऊदी शासक ने लोगों की इच्छाओं का सम्मान किए बिना उन्हे फासी दे दी । आयतुल्लाह शैख़ निम्र की शहादत ने एक बार फिर सऊदी हुकूमत के काले चेहरे को संसार के सामने बेनक़ाब कर दिया है। इस मौके पर कबीर जैदी , लाडले जैदी , अफसर अनमोल , अली कैसर, हैदर अब्बास आफताब , नजमुल हसन नजमी एमुफ़्ती दानिश, अलमदार जैदी , जफ्फु भाई आदि के साथ बडी संख्या में लोग मौजूद रहे । 

बर्धन का बिहार के लिए संदेश अमर रहेगा : बिहार भाकपा

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पटना,03 जनवरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(भाकपा) के बिहार राज्य सचिव मंडल ने पार्टी के पूर्व महासचिव ए बी बर्धन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। भाकपा के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने आज यहां कहा कि श्री बर्धन के निधन की खबर सुनकर बिहार में पार्टी के हजारों सदस्य काफी दु:खी हैं। उन्होंने कहा कि श्री बर्धन देश के वामपंथी आन्दोलन के अग्रणी नेता थे । नब्बे के दशक में उन्होंने भाकपा महासचिव का पद संभाला,तभी से वामदलों को एकजुट करने में उन्होंने पूरी शक्ति लगा दी। श्री बर्धन पूरे जीवन विभिन्न आन्दोलनों से जुड़े रहे तथा राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलन, छात्र आन्दोलन, मजदूर आन्दोलन और कम्युनिस्ट आन्दोलन के चर्चित और लोकप्रिय नेता रहे। वह मार्क्सवाद-लेनिनवाद के एक कुशल शिक्षक और विभिन्न विषयों के लेखक भी थे। 

श्री सिंह ने कहा कि श्री बर्धन का बिहार से गहरा और लंबा लगाव रहा है । अविभाजित बिहार के लगभग सभी क्षेत्रों का उन्होंने दौरा किया और बिहार की राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से उनका सीधा संपर्क रहा। श्री बर्धन की कमी न केवल भाकपा बल्कि वामपंथी दलों सहित पूरे बिहार की जनता को महसूस हो रही है। बिहार में वामपंथी एकता के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयास कभी नहीं भुलाये जा सकते। भाकपा के राज्य सचिव ने बिहार में वामपंथी एकता की आवश्कता पर बल देते हुए कहा कि श्री बर्धन का आखिरी संदेश हमारे लिए,वामपंथ के लिए तथा मेहनतकश जनता के लिए अमर रहेगा। उन्होंने कहा था,‘‘बिहार की लगभग 90 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीब है। इसी वजह से यहां वामदलों का तीसरा गठबंधन जरूरी है। बिहार में संघर्ष ही अपने देश का भविष्य तय करेगा।” उनके सम्मान में भाकपा के राज्य कार्यालय में पार्टी का झंडा झुका दिया गया। श्री बर्धन का कल रात दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। 

पूर्वोतर क्षेत्र में भूकंप से चार की मौत,सौ घायल

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इंफाल.गुवाहाटी 04 जनवरी: मणिपुर समेत पूर्वोतर राज्यों में आज तड़के आये भूकंप के कारण चार लोगों की मौत हो गई और लगभग सौ अन्य घायल हो गये। सूत्रों के अनुसार भूकंप से सबसे अधिक नुकसान मणिपुर में हुआ है। राजधानी इंफाल में चार लोगों की मौत हुई है। सभी मौते मकान ढ़हने के कारण हुई हैं। मलबे में ओर भी शवों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।  उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण राजधानी इंफाल और आसपास के क्षेत्रों में लगभग सौ लोग घायल हो गये हैं। क्षेत्र में कई मकानें ढ़ह गई हैं। मकानें ढ़हने से निचली मंजिल में खड़ी कारें और अन्य सामान पूरी तरह से नष्ट हो गये हैं। राजधानी के मुख्य बाजार में भूकंप के कारण अधिकतर मकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से किसी को भी मकानों के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बाधित है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस समय असम के दौरे पर गये गृह मंत्री राजनाथ सिंह से स्थिति की जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश ,असम और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों से भी बातचीत की। भूकंप से असम के विभिन्न क्षेत्रों में भी मकानें ढ़ह गई हैं। गुवाहाटी शहर में भूकंप से कई उंची इमारतों में दरारें पड़ गई हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में आज तड़के पश्चिम बंगाल ,ओडिशा ,झारखंड समेत पूरे पूर्वोतर क्षेत्र में आज तड़के 6.7 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किये गये। भूकंप का केन्द्र मणिपुर के तामेंगलोंग जिले में था। 

बिहार में भूकम्प के झटके महसूस किये गये

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पटना 04 जनवरी : बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में आज सुबह भूकम्प के झटके महसूस किये गये ,हालांकि इससे किसी तरह की जानमाल की क्षति होने की सूचना नहीं है । बिहार के किशनगंज ,कटिहार, खगड़िया, सुपौल, पूर्णियां, दरभंगा, मधुबनी समेत कई जिलों के लोगों ने आज तड़के करीब चार बजकर पैतीस मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये।

 भूकंप का केंद्र मणिपुर के तामेंगलॉन्ग जिले में था। सुबह का समय और ठंड के कारण लोग घरों में सो रहे थे जिसके कारण अधिकांश लोगों ने भूकम्प के झटके महसूस नहीं किये लेकिन कई जगहों पर भूकम्प के झटके से लोगों की नींद खुल गई और लोग घरों से बाहर निकल आये । भूकंप के कारण किसी तरह के जान-माल की क्षति होने की अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। 

पठानकोट में आतंवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान जारी

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पंजाब के पठानकोट क्षेत्र स्थित वायु सेना अड्डे में संभावित रूप से छिपे आतंवादियों के खिलाफ सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड(एनएसजी) और वायु सेना का अभियान लगभग 57 घंटे के बाद भी जारी है। सूत्रों के अनुसार क्षेत्र से अभी भी रूक -रूक कर गोलीबारी और विस्फोट होने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। बताया जाता है कि कम से कम दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है और वह एक इमारत में छिप कर सुरक्षा बलों पर गोलीबारी कर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने उस इमारत को घेर रखा है। 

गौरतलब है कि इससे पहले गत दो जनवरी को तड़के लगभग 3.30 बजे सेना की वर्दी में आये आतंकवादियों ने वायु सेना अड्डे पर हमला कर दिया था। बाद में सेना, एनएसजी और वायुसेना के संयुक्त अभियान में चार आतेकवादी मारे गये थे। इस अभियान में अब तक एनएसजी के बम निरोधक दस्ते के कमांडो लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार और वायु सेना के गरूढ़ कमांडो गुरूसेवक सिंह के सहित सात जवान भी शहीद हुये हैं और लगभग बीस अन्य घायल हुये हैं। 
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