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राम मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ पूरा हुआ दो दिवसीय सम्मेलन

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नयी दिल्ली, 10 जनवरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं और रामसेवकों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के संकल्प के साथ यहां आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का समापन किया। दिल्ली विश्विद्यालय के कला संकाय में ‘श्रीराम जन्मभूमि मंदिर’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन आरएसएस के नेता चंपत राय ने कहा “बगैर किसी शंका के इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि अयेाध्या में राम मंदिर का अस्तित्व था। आज प्रत्येक हिंदू गर्व के साथ अपना सिर ऊंचा करता है। कनाडा के एक विशेषज्ञ ने विवादास्पद स्थल का निरीक्षण कर वहां पर मंदिर होने की पुष्टि की थी और इस बात के दावे के लिए वहां से 280 प्राचीन कलाकृतियां मिली हैं।” 

वहीं पेशे से उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता विक्रम ने कहा “अयोध्या अब एक संवैधानिक मुद्दा बन चुका है और मामला अब अदालत में लंबित है। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों ने इस मामले में अपील दायर की है। हमारा तर्क यह है कि यह पूरा स्थल पवित्र है और इसे टुकड़ों में नहीं बांटा जाना चाहिए। अयेाध्या में राम मंदिर होने के साक्ष्य मिल चुके हैं और वहां पर किसी भी परिस्थिति में राम मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए।” 

एक अन्य वक्ता संजय कुमार ने कहा “यह संघर्ष केवल मंदिर के लिए ही नहीं है बल्कि राष्ट्र के सम्मान के लिए है और हम अपने लक्ष्य के पूरा होने तक संघर्ष करना जारी रखेंगे।” भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कल सम्मेलन के पहले दिन कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए जरुरी है, लेकिन इस संबंध में जबरदस्ती से या कानून के खिलाफ जाकर कुछ नहीं किया जाएगा।” 

पार्टी के फैसले का सम्मान करूंगा : कीर्ति आजाद

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कोच्चि, 10 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांसद कीर्ति आजाद ने आज कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली पर की गई प्रतिकूल टिप्पणियों के संबंध में उनके खिलाफ पार्टी जो भी निर्णय लेगी वह उसे स्वीकार करेेंगे। श्री आजाद ने पार्टी से निलंबित करने की कार्रवाई पर पूछे सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, “वे जो भी निर्णय लेंगे मैं उसका सम्मान करूंगा लेकिन मुझे लगता है कि कोई भी मुझे डरा नहीं सकता क्योंकि मैं सच्चाई के लिए लड़ रहा हूं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए कोई भी मुझे डरा-धमका नहीं सकता।” 

पूर्व टेस्ट क्रिकेटर ने कहा, “मैं अपने शरीर में रक्त की आखिरी बूंद और अंतिम सांस तक ऐसा करता रहूंगा। यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए है और हमें एक साथ मिलकर भ्रष्टाचार से लड़ना चाहिए।” भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक के संबंध में उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि आखिरकार पार्टी ने मुझे पहचाना और संसदीय बोर्ड की बैठक विशेष तौर पर इस बात के लिए आयोजित की गई कि मुझे निलंबित किया जाए या नहीं। मैं पिछले 24 वर्षों से पार्टी का ईमानदार योद्धा रहा हूं।” 

उन्होंने कहा, “मैं पार्टी का सम्मान करता हूं। जो नोटिस मुझे मिला उसका दिल्ली जिला क्रिकेट संघ से कोई लेना देना नहीं था। प्रत्येक बात डीडीसीए के साथ शुरु हुई तो क्या इसका मतलब यह है कि इसे पार्टी विरोधी गतिविधियां कहना चाहिए या मैंने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया है।” 

पाकिस्तान के साथ जारी रहनी चाहिये बातचीत : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 10 जनवरी, कांग्रेस ने आज स्पष्ट किया कि वह पाकिस्तान के साथ समग्र वार्ता प्रक्रिया को रोके जाने के पक्ष में नहीं है और न ही उसने कभी दोनों देशों के विदेश सचिवों की प्रस्तावित बैठक का विरोध किया। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “कांग्रेस ने कभी नहीं कहा है कि विदेश सचिवों की बैठक रद्द की जाये।” उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले से पहले और उसके बाद भी पार्टी ने कई बार कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा में छोटी सी चूक की भी कड़ी निंदा करती है। 

श्री सिंघवी ने कहा, “देश की सुरक्षा हमारे लिये सर्वोपरि है और इस संबंध में छोटी सी भी चूक स्वीकार्य नहीं है। इसलिये हम सरकार और प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह उच्च स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करें।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति के दुश्मनों के उकसावे के बावजूद पाकिस्तान के साथ वार्ता बंद नहीं होनी चाहिये। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “पाकिस्तान के साथ बातचीत कैसे जारी रखनी है यह सरकार को तय करना है।” 

तिवारी के बयान से हड़कंप, कांग्रेस ने किया किनारा

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नयी दिल्ली, 10 जनवरी, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के इस बयान के बाद कि 2012 में सेना की टुकड़ियों के ‘दिल्ली कूच’ की खबर सच थी, देश की राजनीति गरमा गयी है। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी से सफाई मांगी है जबकि कांग्रेस ने श्री तिवारी से बयान से किनारा कर लिया है। साल 2012 में एक अंग्रेजी दैनिक में खबर छपी थी कि उस साल जनवरी में सेना की दो टुकड़ियां सरकार को सूचित किये बगैर दिल्ली की तरफ 'कूच'कर रही थीं। पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री तिवारी ने कल एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने इसे एक पुष्ट खबर बताते हुए कहा कि वह उस समय रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य थे इसलिए इसकी सच्चाई से भली भांति वाकिफ हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन सच्ची घटना थी। आज उन्होंने फिर कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। तत्कालीन सेना प्रमुख और अब केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने श्री तिवारी के इस बयान पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि श्री तिवारी को आजकल कुछ काम नहीं है इसलिए वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। वह इस बारे में उनकी लिखी पुस्तक पढ़ लें तो सारी बातें समझ में आ जाएंगी। 

उधर भाजपा ने श्री तिवारी के बयान पर डॉ़ सिंह और श्री एंटनी से स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि उनकी पार्टी के ही एक बड़े नेता विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि उस समय डॉ़ सिंह प्रधानमंत्री थे और श्री एंटनी रक्षा मंत्री थे इसलिए उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह श्री तिवारी के बयान पर अपना रुख साफ करें। श्री एंटनी ने श्री तिवारी के बयान का खंडन करते हुए तिरुवनंतपुरम में कहा कि रक्षा मंत्री रहते हुए उस समय संसद में उन्होंने इस बारे में स्पष्टीकरण दे दिया था और अब नए सिरे से इस बारे में कुछ भी कहने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस ने इस खबर को गलत बताते हुए श्री तिवारी के बयान से यह कहते हुए किनारा कर लिया है कि यह उनका निजी नजरिया हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मुन सिंघवी ने कहा, “इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है।” 

पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा कि सेना के दिल्ली कूच की खबर को कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रुप से खारिज करती है। सरकार की जानकारी के बगैर सेना की ओर से ऐसा कुछ नहीं किया गया था।  अखबार ने यह खबर तब छापी थी जब श्री वी के सिंह थल सेना प्रमुख के पद पर थे और उम्र विवाद और भ्रष्टाचार के अन्य मुद्दों को लेकर सरकार के साथ उनकी तनातनी चल रही थी। खबर के मुताबिक सेना की ये टुकड़ियां दिल्ली से 150 किमी दूर तक पहुंच गयी थीं। अख़बार ने सेना की इस कार्रवाई को अप्रत्यक्ष रूप से तख्तापलट के प्रयास के रूप में रखने की कोशिश की थी। हालांकि सरकार और सेना ने इस तरह की किसी भी संभावना से साफ इन्कार किया था, और इसे महज एक नियमित सैन्य अभ्यास बताया था।  अखबार में पूर्व संपादक शेखर गुप्ता ने कहा कि वह रिपोर्ट सच थी और इसे किसी तरह के प्रमाण की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि सच क्या है। श्री गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि राजनीतिक खेमे में किसी ने इस मामले पर बात रखी।

आलेख : वेदान्त के आध्यात्मिक गुरु विवेकानन्द

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आज से 153 वर्ष पूर्व 12 जनवरी 1863 को हमारे देश में एक ऐसे सन्यासी ने जन्म लिया था, जिसने सम्पूर्ण विश्व को गौरवमयी भारत के प्राचीन ज्ञान की प्रकाश से जगमग कर दिया था। वह सन्यासी थे नरेन्द्र नाथ दत्त, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानन्द के नाम से विख्यात हुए और जिन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर भारत के आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन को अमेरिका और यूरोप के हरेक देश में अपनी वक्तृता के बल पर पहुँचाया । वे वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे । वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे और उन्होंने ही अपने गुरू के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। कहा जाता है कि विवेकानन्द ने शिकागो में अपने भाषण की शुरुआत ‘मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों’ के साथ किया और संबोधन के इस प्रथम वाक्य से ही उन्होंने सबका दिल जीत लिया था। यह भाषण एक वेदान्ती साधु की भारतीय सभ्यता और संस्कृति की तटस्थ, वस्तुपरक और मूल्यगत आलोचना थी। बीसवीं सदी के इतिहास ने बाद में उसी पर अपनी सहमति की मुहर लगायी। एक युवा सन्यासी के रूप में विवेकानन्द भारतीय संस्कृति की सुगन्ध विदेशों में बिखेरने वाले साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विद्वान थे। अमेरिकी मीडिया ने उन्हें भारत से आया 'तूफानी संन्यासी''दैवीय वक्ता'और 'पश्चिमी दुनिया के लिए भारतीय ज्ञान का दूत'जैसे शब्दों से सम्मान दिया। अमेरिका पर स्वामी विवेकानन्द ने जो प्रभाव छोड़ा था वह आज भी कायम है। इसीलिए, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जब भारतीय संसद को संबोधित किया तो स्वामी विवेकानन्द का संदेश उनकी जुबान पर भी था। हिन्दू धर्म के प्रतीक के रूप में गेरुए वस्त्र से अमेरिका का पहला परिचय स्वामी विवेकानन्द ने ही कराया था। उनके भाषण ने अमेरिका पर ऐसा प्रभाव छोड़ा कि गेरुए वस्त्र अमेरिकी फैशन में शुमार किए जाने लगे। शिकागो-भाषण से ही दुनिया ने ये जाना कि भारत गरीब देश जरूर है लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान में वो बहुत अमीर है। युगांतरकारी आध्यात्मिक गुरु विवेकानन्द ने हिन्दू धर्म को गतिशील तथा व्यवहारिक बनाकर सुदृढ़ सभ्यता के निर्माण के लिए आधुनिक मानव से पश्चिमी विज्ञान व भौतिकवाद को भारत की आध्यात्मिक संस्कृति से जोड़ने का आग्रह किया। कलकत्ता के एक कुलीन परिवार में जन्मे नरेन्द्रनाथ चिंतन, भक्ति व तार्किकता, भौतिक एवं बौद्धिक श्रेष्ठता के साथ-साथ संगीत की प्रतिभा का एक विलक्षण संयोग थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण भारत में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।  

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी सन् 1863 तदनुसार मकर संक्रान्ति संवत् 1920 को कोलकाता तत्कालीन  कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के इस पुत्र का बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक प्रसिद्ध वकील थे तथा पाश्चात्य सभ्यता में अगाध विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेन्द्र को भी अँग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के अनुरूप चलाना चाहते थे। परन्तु उनकी माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं। उनके घर में नित्य नियमपूर्वक पूजा-पाठ होता था ।धार्मिक प्रवृत्ति की होने के कारण माता भुवनेश्वरी देवी को  पुराण,रामायण, महाभारत आदि की कथा सुनने का अत्यन्त शौक था।इसलिए कथावाचक भी इनके घर सदैव आते रहते थे तथा नियमित रूप से भजन-कीर्तन भी होता रहता था। परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से बालक नरेन्द्र के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के प्रति संस्कार गहरे होते चले गये। माता-पिता के संस्कारों और धार्मिक वातावरण के कारण बालक के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और भगवदप्राप्ति की उत्कण्ठा जागृत हो उठी। ईश्वर के बारे में जानने की उत्सुकता में कभी-कभी वे ऐसे प्रश्न पूछ बैठते थे जिनके उत्तर उनके माता-पिता और कथावाचक विद्वान तक नहीं दे पाते थे।

बचपन से ही नरेन्द्र अत्यन्त तीक्ष्ण व कुशाग्र बुद्धि के तो थे ही चंचल व नटखट स्वभाव के भी थे, जो बड़े होकर एक धीर-गंभीर और पढ़ने में रुचि रखने वाले नौजवान के रूप में परिणत हो गये। धर्म, दर्शन, साहित्य, इतिहास और विज्ञान हर विषय में उनकी गहरी रुचि थी। नरेन्द्र ने शास्त्रीय संगीत भी सीखा और 1881 में जनरल एसेंबली इंस्टीट्यूशन नाम से जाने जाने वाले स्कॉटिश चर्च कॉलेज से चित्रकला की परीक्षा उतीर्ण की। 1884 में उन्हें कला में स्नातक की डिग्री मिली। उनकी बहुमुखी प्रतिभा देख कर जनरल एसेंबली इंस्टीट्यूशन के प्रिसिंपल विलियम हेस्टी ने उन्हें जीनियस कहा था। 28 सितम्बर 1895 को शिकागो एडवोकेट नाम के अंग्रेजी अखबार ने उनके बारे में लिखा कि विवेकानन्द ऐसी अंग्रेजी बोलता है जैसे वो उसकी मातृभाषा हो। नरेन्द्रनाथ की ज्ञान की जुगुप्सा बढती ही जा रही थी और वे ईश्वर के बारे में जानने की उनकी इच्छा समय के साथ और उत्कट होती चली गई । इस इच्छा ने उन्हें ब्रह्म समाज के केशवचन्द्र सेन और देवेंद्रनाथ टैगोर तक पहुँचा दिया। परन्तु यहाँ भी इनकी इच्छा की पूर्ति नहीं हो सकी। परन्तु एक दिन अंग्रेजी कक्षा में मशहूर कवि विलियम वर्डस् वर्थ की कविता में ट्रांस शब्द का अर्थ समझाते हुए प्रोफेसर हेस्टी ने कहा कि जिसे सचमुच इसका अर्थ जानने की इच्छा हो उन्हें रामकृष्ण परमहंस से मिलना चाहिए और यहीं से एक शिष्य से गुरु की मुलाकात की कोशिश प्रारम्भ हो गई। और यह कोशिश रामकृष्ण परमहंस से मिलने के बाद ही समाप्त हो सकी ।अपने कॉलेज के प्रिंसिपल से रामकृष्ण परमहंस के बारे में सुनकर, नवम्बर 1881 को वे उनसे मिलने दक्षिणेश्वर के कालीमंदिर पहुँच गये। रामकृष्ण परमहंस से मिलने पर भी नरेन्द्र ने वही प्रश्न किया जो वे औरों से किया करते थे, कि क्या आपने भगवान को देखा है? रामकृष्ण परमहंस ने जवाब दिया-हाँ, मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख रहा हूँ जितना कि तुम्हें देख सकता हूँ, फर्क सिर्फ इतना है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूँ ।रामकृष्ण परमहंस के जवाब से नरेन्द्र प्रभावित तो हुए परन्तु वे इसे ठीक से समझ नहीं सके, तथापि इस मुलाकात के बाद उन्होंने नियमपूर्वक रामकृष्ण परमहंस के पास जाना शुरू कर दिया। प्रारम्भ में तो वे रामकृष्ण परमहंस के विचारों से सहमत नहीं थे और निराकार ब्रह्म के साथ एकाकार हो जाने के अद्वैतवाद के सिद्धांत को वे धर्मविरोधी समझते थे। तर्क-वितर्क में भी वे रामकृष्ण परहमंस का विरोध करते थे, तब उन्हें  उत्तर यही  मिलता था कि सत्य को सभी कोण से देखने का प्रयत्न करो। इसके बाद 1884 में उनके पिता का देहावसान हो जाने के बाद नरेन्द्र के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया और अमीर परिवार के नरेन्द्र एकाएक गरीब हो गए। उनके घर पर उधार चुकाने की माँग करने वालों की भीड़ जमा होने लगी। ऐसे में नरेन्द्र  ने रोजगार तलाशने की भी कोशिश की लेकिन यहाँ भी उन्हें नाकामयाबी ही हाथ लगी। इस पर वे रामकृष्ण परमहंस के पास लौट आए। उन्होंने परमहंस से कहा कि वे माँ काली से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए प्रार्थना करें। रामकृष्ण परमहंस ने कहा कि वे स्वयं काली माँ से प्रार्थना क्यों नहीं करते? कहा जाता है कि नरेन्द्र तीन बार कालीमंदिर में गये लेकिन प्रत्येक बार उन्होंने अपने लिए ज्ञान और भक्ति माँगी और वे परिवार की आर्थिक स्थिति संवारने की इच्छा तक काली के समक्ष व्यक्त नहीं कर सके । इस आध्यात्मिक अनुभूति के बाद नरेन्द्र ने सांसारिक मोह का त्याग कर दिया और राम कृष्ण परमहंस को अपना गुरु मान लिया। राम कृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानन्द को जीवन का ज्ञान दिया। स्वामी विवेकानन्द अगर ज्ञान की रौशनी थे तो रामकृष्ण परमहंस एक ऐसे प्रकाश पुंज थे जिनके ज्ञान की रौशनी ने नरेन्द्रनाथ को विवेकानन्द बना दिया था। 16 अगस्त 1886 को रामकृष्ण परमहंस के निधन के दो साल बाद नरेन्द्र भारत भ्रमण के लिए निकल पड़े। भारत भ्रमण के दौरान उन्होंने जब देश में फैली गरीबी, पिछड़ेपन को देखा तो वे विचलित हो उठे। छह साल तक नरेन्द्रनाथ भारत की समस्या और आध्यात्म के गूढ़ सवालों पर विचार करते रहे। कहा जाता है कि इसी यात्रा के अंत में कन्याकुमारी में नरेन्द्र को ये ज्ञान मिला कि नए भारत के नवनिर्माण से ही देश की समस्या दूर की जा सकती है। भारत के पुनर्निर्माण की उत्कट इच्छा ने ही उन्हें शिकागो की धर्मसंसद तक ले गया, जहाँ से भारत लौटने के बाद ही 1 मई 1897 को स्वामी विवेकानन्द ने राम कृष्ण मिशन की नींव रखी। इसी राम कृष्ण मिशन ने बाद में भारत के नवनिर्माण के लिए कई अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि खोले और जनकल्याणकारी अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। अपने कार्यों और विचारों के कारण स्वामी विवेकानन्द नौजवानों के  आदर्श बन गए। 1898 में उन्होंने बेलूर मठ की स्थापना की। लेकिन दुखद यह कि इसी बेलूर मठ में ही 4 जुलाई 1902 को स्वामी विवेकानन्द का निधन हो गया लेकिन उनके कहे शब्द आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिसका मूल मंत्र है- उठो जागो और लक्ष्य तक पहुँचने से पहले रुको मत।







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-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला, झारखण्ड 

शहीद समाधी स्थल पर 14 जनवरी को श्रद्धांजली सभा, पठानकोट शहीदों को नमन करेगा सीहोर

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सीहोर । सैकड़ाखेड़ी मार्ग पर स्थित शहीद के समाधी स्थंल पर आगामी 14 जनवरी को श्रद्धांजली सभा का आयोजन रखा गया है। जहॉ आजादी के लिये क्रांतिकारियों और पठानकोट के वीर शहीदों को श्रद्धांजली दी जायेगी । शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति ने यहां नगर पालिका से व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। ताकि जनमानस को यहॉ आवागमन में कोई परेशानी ना आये। 
ज्ञातव्य  है कि विगत कुछ वर्षों से शहीद सिपाही बहादुर समाधी स्थल निर्माण समिति और स्थानीय पत्रकार संगठनों के आव्हान पर नगर के गणमान्य नागरिकों द्वारा एक श्रद्धांजली समारोह का आयोजन 14 जनवरी को किया जाता है। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में सीहोर में हुई  क्रांति का अपना एक गौरवमयी इतिहास है जहां क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को सीहोर से खदेड़कर भगा दिया था और सीहोर को 6 माह के लिये अंग्रेज और भोपाल नवाबी शासन से मुक्त करा दिया था। इतना ही नहीं क्रांतिकारी हवलदार महावीर कोठा के नेतृत्व में वलि शाह, आरिफ शाह, सूबेदार रमजूलाल, बुद्धसेन, लक्ष्मण पाण्डेय, रामप्रसाद, देवीदीन, शिवचरण जैसे सैकड़ो क्रांतिकारियों ने 6 माह तक महावीर कौंसिल के बेनर तले सिपाही बहादुर सरकार के नाम से यहां शासन भी चलाया । 14 जनवरी को जनरल ह्यूरोज ने इन्ही देशभक्त क्रांतिकारियों को एक साथ खड़ा कर गोलियों से भुनवा दिया था जिनकी समाधियां आज भी बनी हुई है। इनकी तरफ शासन प्रशासन का ध्यान नहीं है। विगत कुछ वर्षों से यहां हर वर्ष नगर के गणमान्य नागरिक पहुंचकर श्रद्धांजली देते हैं । जहां नगर पालिका द्वारा हर वर्ष आवागमन की व्यवस्था के साथ टेंट दरी की व्यंवस्था् भी की जाती है ।
इस कार्यक्रम में हाल ही में पठानकोट में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सैना की वीर शहीदों को भी नगर के प्रबुद्धजन श्रद्धांजली देंगे। शहीद सिपाही बहादुर स्मारक निर्माण समिति के महामंत्री ओमदीप ने बताया कि इस वर्ष 14 जनवरी 2016 को शहीद समाधी स्थल पर नगर के सभी प्रबुद्धजनों, समाजसेवकों, राजनेताओं, देशभक्तों से निवेदन है कि वह बड़ी संख्या में पहुॅचकर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करें। समाधी स्थल पर 10.30 बजे श्रद्धांजली सभा का आयोजन रखा गया है। 

विशेष आलेख : सियासत ने बोया तो भीड़ ने काटा मालदा और पूर्णिया

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जहरीली जुबां के साथ सियासत दां अपनी महफिलें सजाते हैं, माहौल की सरगर्मियां बढ़ाते हैं लेकिन जुबानी जहर के कष्टदायक फफोले जिनके हिस्से आते हैं उसे जनता कहते हैं. जो कलामों में लिखी उन तमाम गुजारिशों, इबारतों को भूल जाते हैं जिसमें चैन ओ अमन का जिक्र है और भेड़चाल में चलकर इंसानियत की हत्या करने को उतारू हो जाते हैं उसे भी जनता कहते हैं. दरअसल इसके दो जीते जागते उदाहरण हैं. एक को मालदा के तौर पर अपने जहन में तस्वीर बनाकर सीखचे में ठूंस ठूंस कर सेट कर लीजिए और दूसरा बिहार के पूर्णिया के रूप में समझ लीजिए. महज बयान या कहिए एक बहाने ने खुद को इंसानियत से अलग एक धर्म में फिट करते हुए मालदा तैयार कर दिया. निश्चित तौर पर बयान बेवकूफाना ही नहीं बल्कि आस्थाओं के साथ खिलवाड़ था. लेकिन सियासत के चंद प्यादों के चक्कर में बिरादरियों में मतभेद....कुछ असहज सा है. मालदा के थानों ने मुंह पर डर की उंगली रखकर सरकारों की हकीकत बता दी. मजहबों में असल में कितनी मुहब्बत या सामंजस्य है इसको आग की तपन से खाक हो चुकी गाड़ियों ने समझा दिया. इन सबके इतर जो समझाया गया वो थी जिम्मेदारों की असलियत. प्रशासन की ऐसे मामलों के प्रति गंभीरता, पूर्व तैयारी लगभग सभी की कलई खोल कर रख दी. धर्म का खंजर मालदा में ही नहीं बल्कि बिहार के पूर्णिया को भी बंजर कर मंजर शब्द को परिभाषित कर गया.

जहरीले बयानों ने सुपुर्दे खाक कर दी इंसानियत
क्या हुआ मालदा में-
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी के एक आपत्तिजनक बयान के चलते करीबन ढ़ाई लाख मुसलमानों ने बयान की खिलाफत करते हुए रैली निकाली. रैली के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने दर्जन भर से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इन सबके इतर मालदा जिले के कालियाचक पुलिस स्टेशन पर हमला किया. जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए धारा 144 लगा दी. जानकारी के मुताबिक पूरे मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर उन पर गैरजमानती धाराएं लगाई गई हैं.

बिहार के पूर्णिया में हिंसा या कहें मालदा पार्ट- 2
पूर्णिया में गुरूवार को ऑल इंडिया इस्लामिक काउंसिल की अगुवाई में मुस्लिम समुदाय के करीब 30 हजार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल मालदा की आग की चंद चिंगारियों को हवा देते हुए कहीं न कहीं पूर्णिया में सामंजस्य को फूंकने की कोशिश की जा रही थी. इन सबके बीच मुद्दा फिर से कमलेश तिवारी का पैगंबर मुहम्मद साहब पर की गई वो आपत्तिजनक टिप्पणी थी. प्रदर्शन में शामिल हुए नारेबाज बुलंद आवाजों में कमलेश तिवारी को फांसी दो की मांग कर रहे थे. इस दौरान कमलेश तिवारी का पुतला फूंका गया और भीड़ हिंसक हो चली. पुलिस थाने पर हमला हुआ, कंप्यूटर, फर्नीचर को तोड़ डाला. पुलिस की गाड़ियों को भी आग के सुपुर्द कर दिया गया.

इन दोनों घटनाओं के जरिए बता दिया गया कि सियासी बयानों के आगे कितना बौना है प्रशासन. खाकीधारी एक बार फिर से लाचार नजर आए. सरकार और अधिकार के बीच खुद को खुद से रूबरू कराते दिखे.

किसने रचा खौफनाक मालदा और बिहार का पूर्णिया
कभी कारगिल के जवानों को धर्म के झंडे में लपेटकर जीत पर हक नहीं बल्कि देश की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की जाती है तो कभी पेरिस में हुए हमले को एक्शन का रिएक्शन बताकर मृतकों के परिवारवालों के दर्द को फिर से जीवित कर दिया जाता है. दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खां की. 29 नवंबर 2015, एक ऐसी तारीख जब आजम ने गे राइट्स के संदर्भ में बताते हुए कहा कि आरएसएस वाले ऐसे ही हैं इसीलिए तो शादी नहीं करते. जिसके बाद प्रतिक्रिया में कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित बयान दिया.

सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुई टिप्पणी
हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी का पैगंबर मुहम्मद साहब पर दिया गया विवादास्पद बयान सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होता रहा वहीं आजम खां का बयान तमाम विवादित बयानों की फेहरिस्त में खो गया. मुस्लिम धर्म गुरूओ का ध्यान भी कमलेश तिवारी के बयान के ऊपर गया, दूसरी ओर उर्दू मीडिया में तिवारी का बयान भी प्रमुखता से छापा गया. 2 दिसंबर को सहारनपुर के देवबंद में बयान के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया. दरअसल यह पहली प्रतिक्रिया थी. लोगों की भावनाओं को आहत करने एवं लोगों के गुस्से के मद्देनजर कमलेश तिवारी को अरेस्ट कर लिया गया. सूबे के मुखिया अखिलेश यादव ने कमलेश तिवारी पर कड़ी कार्यवाही करने का मुस्लिम धर्मगुरूओं को आश्वासन भी दिया.

आजम को क्यों भूल गए
निश्चित तौर पर कमलेश तिवारी को पैगंबर मुहम्मद साहब के अपमान के लिए सजा मिलनी चाहिए. सजा के रूप में तिवारी को अरेस्ट भी कर लिया गया. लेकिन सवाल ये भी उठता है कि जहां से इस मामले को पहली चिंगारी मिली कार्यवाही तो उस सिरे से लेकर आखिरी कोने तक होनी चाहिए. फिर सूबे की सरकार क्यों कानून नियम, कायदों में असफल साबित हो रही है. या फिर एकतरफा व्यवहार कर रही है. क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि आजम सपा के कद्दावर मंत्री हैं. या फिर इसलिए कि अल्पसंख्यकों के वोटों का कहीं ध्रुवीकरण न हो जाए.

खुलेआम सिर कलम करने का किया गया ऐलान
क्या इस पर नहीं होनी चाहिए थी कार्यवाही
लोगों का मानना है कि कमलेश तिवारी ने आस्था पर प्रहार कर उनके ह्दय को चोट पहुंचाई लेकिन लोकतंत्र की दुहाई देने वाले इस देश में सिर कलम करने का फरमान जारी कर दिया जाता है. जिसके बाद भी प्रशासन चुप्पी साधे रहता है. क्या यही है न्यापालिका, कानून का असल चेहरा. सीधे सीधे खुलेआम धमकी दी गई जान से मारने की. पर क्या हुआ. अब जान से मारने की धमकी पर किसी को धाराएं क्यों नहीं याद आ रही हैं. बहरहाल न्याय को हर तरह से पूर्ण होना जरूरी है. कहने का आशय यही है कि बिंदुवार हर आरोपी पर कार्यवाही होनी चाहिए, जिसके साथ ही उन्हें पता चल जाए कि अब ऐसी गलती नहीं दुहरानी है अगर दुहराई गई तो भारत का कानून उनको उचित सजा जरूर देगा. जहां कोई सिफारिश नहीं चलेगी.

सिर कलम और 51 लाख
बिजनौर में कलेक्ट्रेट के बाहर हुई सभा में जमीअत शबाबुल इस्लाम के वेस्ट यूपी महासचिव और जामा मस्‍जिद के इमाम मौलाना अनवारुल हक ने कहा कि बिजनौर जिले के उलेमाओं ने निर्णय लिया है कि अगर कमलेश तिवारी को सजा नहीं मिलती है तो वे उसे खुद सजा देंगे. उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी का सिर कलम करके लाने वाले व्यक्ति को बिजनौर के मुसलमान 51 लाख रुपए का इनाम देंगे. धरना प्रदर्शन के बाद सीएम के नाम संबोधित एक ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा गया, जिसमें कमलेश तिवारी को फांसी दिलाए जाने की मांग की.
कैसे हो सकती है कार्यवाही
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  • खुलेआम मौत का ऐलान करने पर 506 IPC के तहत कार्यवाही की जा सकती है.  

  • किसी पर निजी टिप्पणी करने पर 504 IPC के तहत कार्यवाही की जा सकती है.

  • जाति, धर्म पर टिप्पणी करना 295 IPC के अंतर्गत आता है.



पश्चिम बंगाल के मालदा और बिहार के पूर्णिया में हुई घटना के बाद चंद सवाल उठने लगने लगते हैं. पहला तो ये कि कौन सी वजह है कि भीड़ हिंसक हो उठी ? किन लोगों ने अपने अनैतिक हितों को साधने के लिए भीड़ का इस्तेमाल किया ? इन सारे सवालों पर जब हमने जानकारों से बात की तो कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं.
1.    भीड़ का न तो कोई चेहरा होता है और न ही खुद का दिमाग. असंवेदनशील दिमागों के साथ भीड़ खुद को जोड़कर गलत सही का निर्णय नहीं कर पाती.

2.    भेड़चाल में चलने वाले लोग हिंसक घटना में खुद को शामिल करने में बिलकुल भी नहीं हिचकिचाते.

3.      शांतिपूर्वक तरीका उत्पात से हर मायने में बेहतर है, समाधान होने के अवसर के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हो जाती है.

4.      निजी जीवन में बेहद शांत रहने वाले लोग भीड़ में शामिल होकर हिंसक हो जाते हैं.


मालदा में हो चुकी घटना के बाद बिहार के पूर्णिया में प्रदर्शन की इजाजत प्रशासन की सोच पर सवाल खड़े करती है. दूसरी ओर हिंसा जैसी स्थिति पर नियंत्रण पाने की तैयारियों में कमी को भी साफ तौर पर दर्शाती है. पर कार्यवाही को हर उस बिंदु से छू कर गुजरना होगा जो इस हिंसा की वजह बना. फिर उसमें क्या नेता और क्या कार्यकारी अध्यक्ष. इन सबके इतर हत्या का ऐलान करने वालों पर भी सख्त से सख्त कदम उठाने होंगे. ताकि सांप्रदायिकता जैसे अल्फाज को अस्तित्व से खत्म कर सामंजस्य के खुले आसमान में सभी गलबहियां करते हुए कह सकें कि ये है भारत और हमारा धर्म भी हमारा देश है क्योंकि हम सब एक हैं. जिसमें समाज, सरकार को आगे आकर हिस्सेदारी दिखानी होगी. तब हम, आप और हम सभी इंसानियत को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे. जरूरी है, पहल कीजिए. साथ ही भड़काने और उकसाने वालों की बातों से खुद को बचाते हुए, लोगों को समझाते हुए कानून का सहारा लीजिए ताकि फिर कभी मालदा सरीखे हिंसा न हो, पूर्णिया की तर्ज पर दहशत न पसरे.





हिमांशु तिवारी आत्मीय
यूपी हेड, आर्यावर्त

मारा गया आईएस का कमांडर अल : ओबैदी

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लंदन 11 जनवरी, इराक और सीरिया में अातंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस)का शीर्ष कमांडरों में से एक नासीर माेहम्मद अल-ओबैदी इराक के हवाई हमले में मारा गया। ब्रिटेन के अखबार ‘द डेली रिपोर्ट’ ने अपनी वेबसाईट पर इराक के संयुक्त अभियान कमांड (आजेओसी) के हवाले से खबर दी है कि अल-ओबैदी कल इराकी सेना के बमबारी में मारा गया। 

अल-ओबैदी आईएस प्रमुख अबू बक्र अल-बगदादी का दूसरा बडा सहायक था। . अल-ओबैदी इस से पहले पूर्व इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के विशेष बलों की इकाई में ब्रिगेड कमांडर था। अाईजेओसी के प्रवक्ता कर्नल मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि वह अबू गरीब जेल से भगोडा था और बुक्का शिविर में भी कैद रहा था।

चांद पर 2030 तक बस सकता है गांव

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लंदन 11 जनवरी, वैज्ञानिको की माने तो चांद पर गांव या बस्ती बसाने का सपना साल 2030 तक हकीकत में बदल सकता है। साइंस एलर्ट वेबसाईट पर छपी खबर के मुताबिक हाल ही में नीदरलैंड में हुए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) की “2020-2030 तक चंद्रमा पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी” में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी की अगले दशक में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद पर गांव बसाने का सपना पूरा हो सकता है। उनके मुताबिक चांद पर गांव बसाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा की, आने वाले समय में मंगल आैर दूसरे ग्रहों के मानव अभियानाें में यह ‘बीच के ठहराव’ (स्टाॅपओवर) के रूप में काम करेगा। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की कैथी लौरिनी ने कहा कि “ ईएसए के अंतरिक्ष अन्वेषण रणनीति से मंगल ग्रह के रास्ते पर मानव अभियानों के लिए चंद्रमा एक प्राथमिकता गंतव्य और ‘बीच के ठहराव’ का काम करेगा। ईएसए की योजना के मुताबिक 2020 की शुरूआत में चंद्रमा के पर विभिन्न सुविधाओं के निर्माण शुरू करने के लिए रोबोट को भेजा जाएगा, उसके बाद वहां इंसानो को भेजने की योजना है।

माल्दा अायी भाजपा टीम को जबरन लौटाया

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माल्दा 11 जनवरी, पश्चिम बंगाल के माल्दा आयी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन सांसदों की टीम को आज यहां रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया गया और उन्हें जबरन कोलकाता जाने वाली ट्रेन पर चढा दिया गया। इस टीम का नेतृत्व करने वाले सांसद एस एस आहलुवालिया ने पत्रकारों से कहा “ हम यहां सच्चाई जानने आये थे। हम यहां किसी तरह की जांच के लिए नहीं आये थे और हमारे यहां आने का मकसद केवल लोगों में विश्वास बहाली करना था। ” भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी सांसद एस एस आहलुवालिया, भूपेन्द्र यादव और बी डी राम के दल को माल्दा के दौरे पर भेजा था।

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ता कमलेश तिवारी द्वारा तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में की गयी पैगम्बर मोहम्मद साहब को लेकर की गयी कथित टिप्पणी के बाद पश्चिम बंगाल के कालीचक में हिंसा भड़क गयी थी और इसके बाद एक लाख से अधिक मुस्लिम कार्यकर्ता इस टिप्पणी के विरोध में एकत्र हो गये थे। प्रदर्शनकारियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक जीप को लूट लिया और एक पुलिस थाने पर हमला किया इसके अलावा कारों को आग लगा दी साथ ही एक व्यक्ति को गोली भी मार दी। पुलिस ने बताया कि ये लोग जब प्रदर्शन कर रहे थे उस समय लगे जाम में बीएसएफ की जीप के फंसने के बाद दिक्कत शुरू हुई थी। 
भाजपा का आरोप है कि राज्य में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस की सरकार हिंसा में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि यह हिंसा कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं थी बल्कि स्थानीय लोगों और बीएसएफ के बीच हुई झडप थी। भाजपा का आरोप है कि कालीचक पुलिस थाने पर हमला करने वाले लाेग वहां मौजूद अपराध के रिकाॅर्डों को नष्ट करना चाहते थे और राज्य सरकार हिंसा करने वालों को बचना चाहती है। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सम-विषम योजना पर हस्तक्षेप से किया इंकार

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नयी दिल्ली 11 जनवरी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की राजधानी में प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए निजी चौपहिया वाहनों को वैकल्पिक दिनों में सम-विषम नंबर से चलाने की योजना में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए इसके खिलाफ दायर की गयी सभी याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। न्यायालय के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार की यह योजना अब 15 जनवरी तक चलेगी। सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस योजना को एक जनवरी से 15 जनवरी तक परीक्षण के तौर पर चला रही है। 

न्यायालय ने सरकार से यह भी कहा है कि इस योजना के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने जो भी आपत्तियां उठायी है उसपर वह गौर करे। मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी तय की गयी है। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने योजना में हस्तक्षेप से दिल्ली उच्च न्यायालय के इंकार का स्वागत किया है। 

डोभाल ने भारत पाक वार्ता रद्द होने का खंडन किया

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नयी दिल्ली, 11 जनवरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारत और पाकिस्तान के बीच 15 जनवरी को प्रस्तावित विदेश सचिव स्तर पर वार्ता के रद्द होने की खबर का खंडन किया है। श्री डोभाल ने एक समाचार पत्र मे उनके हवाले से छपी इस आशय की खबर का खंडन करते हुए आज एक चैनल से बातचीत में ऐसा कोई इंटरव्यू दिये जाने से इन्कार किया। उन्होंने कहा “ मैं पत्रकारों से रोजाना बात करता हूं लेकिन मुझे याद नहीं कि मैंने ऐसा कोई इंटरव्यू दिया है। मैं ऐसे किसी बयान का कड़ाई से खंडन करता हूं।” 

समाचार पत्र में श्री डोभाल के हवाले से छपा था कि भारत ने 15 जनवरी को होने वाली बैठक रद्द कर दी है। भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक 15 जनवरी को होनी है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार भारत ने यह तो जरूर साफ कर दिया है कि जब तक पठानकोट के गुनाहगारों पर कडी कार्रवाई नहीं होगी, बातचीत को रोका जाएगा। लेकिन, इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (11 जनवरी)

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सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन आज

शासन के निर्देषानुसार स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस 12 जनवरी 2016 क¨ सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन जिला मुख्यालय स्थित आवासीय खेलकूद प्रांगण में प्रातः 09 बजे से  ह¨गा। युवा दिवस के रूप में मनाये जाने वाले इस दिन जिले के सभी विद्यालय, महाविद्यालय, पंचायत तथा आश्रम शालाअ¨ं में सुबह 09.00 बजे से 10.00 बजे तक सामूहिक सूर्य नमस्कार किया जायेगा। सूर्य नमस्कार का सीधा प्रसारण आकाशवाणी के सभी केन्द्रों से प्रसारित ह¨गा। 

मनरेगा श्रमिक बनायेगें निःशक्तजन नव विवाहित जोडो के आवास
  • मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे नव विवाहित निःशक्तजन जोडो को मिलेगा लाभ 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. आर.आर. भोसले ने बताया की मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना का लाभ निःशक्तजन जोडो को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे विवाह करने पर दिया जावेगा। जिले को प्राप्त कुल 247 आवास के लक्ष्य मे से 9 प्रतिशत आवास निःशक्तजन जोडो के लिए आरक्षित किये गये है। वित्तीय वर्ष 2015-16 मे सीहोर जिले को 247 अन्त्योदय आवास लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमे 22 कुटीर कन्यादान योजना के तहत विवाह कराने वाले निःशक्तजन जोडो के लिए आरक्षित किये गये है। निःशक्तजन जोडो को आवास बनाने के लिए 70 हजार रू. अनुदान राशि के साथ शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार तथा महात्मा गांधी नरेगा से मजदूरी भुगतान का लाभ दिया जावेगा।

महात्मा गांधी नरेगा से 10 लाख 17 हजार मानव दिवस सृजित कर 25144 परिवारो को मिला रोजगार
  • 4 लाख 32 हजार मानव दिवस सृजन से महिला श्रमिको को मिला रोजगार का लाभ

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1 अप्रेल 2015 से 11 जनवरी 2016 तक 10 लाख 17 हजार 262 मानव दिवस सृजन कर जिले के जाॅब कार्डधारी श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सीहोर जिले मे 25144 परिवारो जिनमे जनपद पंचायत आष्टा के 8146, इछावर के 5781, नसरूल्लागंज के 5174, बुधनी के 1206 तथा सीहोर 4837 परिवारो को स्थानीय स्तर रोजगार उपलब्ध कराया गया। 2.40 लाख मानव दिवस सृजन से अनुसूचित जाति, 1.91 लाख मानव दिवस सृजन कर अनुसूचित जनजाति तथा 5.85 लाख मानव दिवस सृजन से अन्य वर्ग के जाॅब कार्डधारियो को रोजगार उपलब्ध कराया गया, जिले मे 4.32 लाख मानव दिवस सृजन से महिला जाॅब कार्डधारियो को रोजगार दिया गया, महात्मा गांधी नरेगा से जिले मे निःशक्तजनो को भी लाभांवित किया गया है, जिले मे 210 निःशक्तजन व्यक्तियो ने योजना से लाभ उठाया है। 

ग्रामीण स्वरोजगार प्रषिक्षण संस्थान द्वारा प्रषिक्षण कार्यक्रम

स्टार ग्रामीण स्वरोजगार प्रषिक्षण संस्थान सीहोर ( बैंक आॅफ इंडिया द्वारा प्रायोजित ) द्वारा 18 जनवरी, 2016 से छः दिवसीय उद्यमिता विकास प्रषिक्षण कार्यक्रम प्रांरभ किया जा रहा है। उक्त प्रषिक्षण में सम्मिलित होने के लिए सीहोर जिले के बेरोजगार युवक युवतिंया 15 जनवरी 2016 से पूर्व अपना रजिस्ट्रेषन संस्थान में करा सकते है । यह संस्थान बैंक आॅफ इंडिया द्वारा प्रायोजित प्रषिक्षण संस्थान है तथा यहाँ सभी प्रषिक्षण निषुल्क दिये जाते हैं । इस संस्थान से प्रषिक्षित बहुत से युवा उद्यमी सीहोर जिले में अपना रोजगार स्थापित कर कार्य से लगे हुए है । यहाँ गरीबी रेखा मे नीचे रह रहे प्रषिक्षणार्थीयों को प्राथमिकता दी जाती है । सीहोर जिले के ग्राम के निवासियों के लिए यह रोजगार स्थापित करने की और पहला कदम हैं ।रजिस्ट्रेषन हेतु 2 फोटोग्राफ , फाटोमुक्त आइडेंटिटी कार्ड एंव राषन कार्ड की प्रतिलिपि के साथ आप स्वयं स्टार स्वरोजगार प्रषिक्षण संस्थान सीहोर संपर्क करें । 

मनरेगा श्रमिक बनायेगें निःशक्तजन नव विवाहित जोडो के आवास
  • मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास के साथ शौचालय का मिलेगा लाभ
  • मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे नव विवाहित निःशक्तजन जोडो को मिलेगा लाभ 

sehore newsमुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. आर.आर. भोसले ने बताया की मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना का लाभ निःशक्तजन जोडो को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे विवाह करने पर दिया जावेगा। जिले को प्राप्त कुल 247 आवास के लक्ष्य मे से 9 प्रतिशत आवास निःशक्तजन जोडो के लिए आरक्षित किये गये है। वित्तीय वर्ष 2015-16 मे सीहोर जिले को 247 अन्त्योदय आवास लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमे 22 कुटीर कन्यादान योजना के तहत विवाह कराने वाले निःशक्तजन जोडो के लिए आरक्षित किये गये है। निःशक्तजन जोडो को आवास बनाने के लिए 70 हजार रू. अनुदान राशि के साथ शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार तथा महात्मा गांधी नरेगा से मजदूरी भुगतान का लाभ दिया जावेगा।

महात्मा गांधी नरेगा से 10 लाख 17 हजार मानव दिवस सृजित कर 25144 परिवारो को मिला रोजगार 4 लाख 32 हजार मानव दिवस सृजन से महिला श्रमिको को मिला रोजगार का लाभ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1 अप्रेल 2015 से 11 जनवरी 2016 तक 10 लाख 17 हजार 262 मानव दिवस सृजन कर जिले के जाॅब कार्डधारी श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सीहोर जिले मे 25144 परिवारो जिनमे जनपद पंचायत आष्टा के 8146, इछावर के 5781, नसरूल्लागंज के 5174, बुधनी के 1206 तथा सीहोर 4837 परिवारो को स्थानीय स्तर रोजगार उपलब्ध कराया गया। 2.40 लाख मानव दिवस सृजन से अनुसूचित जाति, 1.91 लाख मानव दिवस सृजन कर अनुसूचित जनजाति तथा 5.85 लाख मानव दिवस सृजन से अन्य वर्ग के जाॅब कार्डधारियो को रोजगार उपलब्ध कराया गया, जिले मे 4.32 लाख मानव दिवस सृजन से महिला जाॅब कार्डधारियो को रोजगार दिया गया, महात्मा गांधी नरेगा से जिले मे निःशक्तजनो को भी लाभांवित किया गया है, जिले मे 210 निःशक्तजन व्यक्तियो ने योजना से लाभ उठाया है। 

राजधानी की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए केन्द्र देगा मदद

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नयी दिल्ली,11जनवरी, राजधानी में चलाए जा रहे सड़क यातायात जागरुकता अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली में यातातयात के लिहाज से सर्वाधिक दुर्घटना संभावित 10 क्षेत्रों का पता लगाया है जिन्हें सुरक्षित बनाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 1500 करोड रूपए की मदद दी जाएगी। दिल्ली केन्द्र की ओर से सड़क यातायात सुरक्षा के लिए वित्तीय मदद प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य होगा। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय केन्द्रीय कोष के प्रावधानों में कुछ बदलाव किया जाने की तैयारी कर रहा है ताकि इस कोष में से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि अन्य राज्याें के लिए भी वित्तीय मदद जारी की जा सके। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने राजधानी के सर्वाधिक दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को वर्ष 2014 में हुई सड्क दुर्घटनाओं और उसमें हुयी मौतों के आंकड़ों के आधार पर चिन्हित किया है । 

इन हादसों में 84 लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली में चिन्हित इन स्थानाें में सराय काले खां, कश्मीरी गेट चौक, निगमबोध घाट, मुकुंदपुर चौक, पंजाबी बाग चौक, जीटी करनाल रोड पर शनि मंदर,आईएसबीटी कश्मीरी गेट,भावा चौक, महिपालपुर फ्लाइओवर और शाहदरा फ्लाईओवर शामिल हैं। इन दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के प्राथमिक और वैज्ञानिक अध्ययन में अंतर्राष्ट्रीय सड़क संघ ने भी सहयोग किया है। ताजा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए सिर्फ वाहन चालक ही जिम्मेदार नहीं होते बल्कि सड़कों की खराब बनावट और रखरखाव का भी इसमें बड़ा हाथ रहता है।

ऑड-ईवेन योजना के कई सकारात्मक नतीजे : सियाम

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नयी दिल्ली 11 जनवरी, वाहन उद्योगों के संगठन सियाम ने आज कहा कि दिल्ली सरकार के आॅड-ईवेन फाॅर्मूले के कई सकारात्मक नतीजे रहे हैं। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने आज संवाददाताओं से कहा कि सरकार की इस योजना से सड़कों पर जाम कम हुआ है। लोग कार पूलिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी सुधरेगी। श्री माथुर ने कहा कि इससे व्यावसायिक वाहन बनाने वाली कंपिनयों को भी लाभ होगा। सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए सरकार बस तथा अन्य छोटे व्यावसायिक यात्री वाहन खरीदेगी जिससे निर्माता कंपनियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्तर के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है कि इसमें कमी आयी है या नहीं, लेकिन इस योजना के कई सकारात्मक नतीजे रहे हैं। 

दिल्ली सरकार ने इस साल 01 जनवरी से राष्ट्रीय राजधानी में प्रयोग के तौर पर यह योजना शुरू की है जिसके तहत विषम तिथियों में विषम नंबर की निजी कारें और सम तिथियों पर सम नंबर की निजी कारें चल रही है। फिलहाल यह प्रयोग 15 जनवरी तक चलेगा। दिल्ली में 2000 सीसी से ज्यादा क्षमता के इंजन वाले डीजल वाहनों की बिक्री पर रोक के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में सियाम के उप महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा कि हर जीवाश्म ईंधन का कुछ नफा और कुछ नुकसान है। डीजल की ऊर्जा दक्षता पेट्रोल की तुलना में ज्यादा है। उन्होंने कहा कि किसी तकनीक को पूरी तरह प्रतिबंधित कर देना कोई उपाय नहीं है। सरकार हमें यह बताये कि डीजल वाहनों का मानक क्या होना चाहिये और वाहन उद्योग उसका पालन करेगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल्ली में यह प्रतिबंध लगने से वाहनों की बिक्री पर कुल मिलाकर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन, कुछ कंपनी विशेष पर इसका असर अधिक हो सकता है जिनके डीजल वाहनों की स्थानीय बिक्री ज्यादा है।

तेल पानी से सस्ता, फिर भी पेट्रोल 60 रुपये लीटर

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नयी दिल्ली 11 जनवरी, कच्चे तेल की कीमत में जारी गिरावट के मद्देनजर भारतीय बास्केट में इसकी कीमत एक लीटर मिनरल वाटर से भी नीचे आ सकता था लेकिन सरकार के उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोतरी के कारण इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,गत सप्ताहांत भारतीय बास्केट में कच्चा तेल 2001.28 (30.02 डॉलर प्रति बैरल) रुपये प्रति बैरल पर आ गया। एक बैरल 158 लीटर होता है। अगर लीटर के संदर्भ में इसकी गणना की जाये तो यह 12.67 रुपये प्रति लीटर का पड़ेगा जो एक लीटर पानी के मूल्य 15 रुपये से भी कम है। लेकिन, सरकार के नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में सात बार बढ़ोतरी करने से दिल्ली में पेट्रोल 59.35 रुपये और डीजल 45.03 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। 

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठाते हुये राजस्व घाटा कम करने के लिए सरकार ने गत 07 नवंबर से अब तक तीन बार पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया है। 07 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 1.60 रुपये तथा डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया था, जबकि 16 दिसंबर को इनमें क्रमश: 30 पैसे तथा 1.17 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी थी। सरकार ने इससे पहले नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच भी चार बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 7.75 रुपये तथा डीजल पर 6.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया था। इस प्रकार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सात बार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.02 रुपये तथा डीजल पर 9.97 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है।

राजनाथ ने की आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा

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rajnath-also-reviewed-the-internal-security-situationनयी दिल्ली, 11 जनवरी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर आज यहां वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की। नार्थ ब्लाॅक में सुबह श्री सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गुप्तचर ब्यूरो तथा रॉ के प्रमुख और अर्द्धसैनिक बलों के महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। भारी मात्रा में हथियारों से लैस सीमा पार से आये आतंकवादियों ने गत दो जनवरी को इस वायुसैनिक अड्डे पर हमला किया था । 

विभिन्न सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने इस हमले को विफल कर दिया हालांकि इसमें सात जवान शहीद हो गये तथा कुछ घायल हो गये। सूत्रों के अनुसार श्री सिंह ने अधिकारियों के साथ देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और इस तरह के हमलों से निपटने के उपायों पर बातचीत की। भारत ने इस हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने की बात कही है जिससे दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं।

एनआईए से सलविंदर को फिलहाल क्लीन चिट नहीं, कल भी होगी पूछताछ

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नयी दिल्ली,11 जनवरी, पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले को लेकर संदेह के घेरे में आए गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज दिल्ली में गहन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार श्री सलविंदर को फिलहाल क्लीन चिट नहीं मिली है और उनसे कल भी पूछताछ की जाएगी। उनके आज दिए गए बयान की पुष्टि के लिए उनके रसाेइये को भी तलब किया जाएगा और दोनों के बयानों में किसी तरह के विरोधाभास की पड़ताल की जाएगी। उनके रसोइये और मित्र से पंजाब में अलग से पूछताछ की जा रही है। इससे पहले एनआईए की टीम श्री सलविंदर को आज सुबह दिल्ली लेकर आई और अपने मुख्यालय में पूछताछ की। पुलिस अधीक्षक ने पंजाब पुलिस को दिए अपने बयान में दावा किया है कि पठानकोट हमले के एक दिन पहले सिखों के तीर्थ स्थल पंज पीर का दर्शन करके लौटते वक्त अातंकवादियों ने वायुसैनिक अड्डे से कुछ दूरी पर उन्हें और उनके साथियों को गाड़ी समेत अगवा कर लिया था। 

उनका कहना है कि आतंकवादियों ने कुछ देर बाद उन्हें ,उनके मित्र राजेश वर्मा और रसाेइये मदन गोपाल के साथ रिहा कर दिया था जबकि वाहन चालक की हत्या कर दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवादी उनका मोबाइल फोन लेकर चले गए थे। इस घटनाक्रम के बारे में पंजाब पुलिस को दिए गए उनके बयान में कई विरोधाभास पाए जाने के कारण एनआईए ने उन्हें पूछताछ के लिए पेश होने का समन जारी किया था। अपहरण की यह वारदात पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हमले के ठीक एक दिन पहले हुई थी लिहाजा सलविंदर पर पुलिस काे शक हुआ और उनसे पूछताछ शुरु कर दी गई। पठानकोट हमले के सिलसिले में एनआईए ने तीन मामले दर्ज किए हैं जिनमें से पहला मामला सलविंदर सिंह के अपहरण की घटना से जुड़ा है जबकि दूसरा मामला उनके गाड़ी चालक की हत्या से सबंधित है और तीसरा तथा सबसे अहम मामला वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादी हमले से जुड़ा है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (11 जनवरी)

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मीटिंग हाल का जीर्णोद्वार हुआ

vidisha news
कलेक्टेªट सभाकक्ष में जीर्णोद्वार कार्य पूर्ण होने के उपरांत अब सभाकक्ष नए लुक में दिखने लगा है। सभाकक्ष में स्थाई एलसीडी प्रोजेक्टर, नए साउण्ड सिस्टम लगाए गए है। सोमवार को कलेक्टर श्री ओझा ने जीर्णोद्वार उपरांत लोकार्पण किया। 

डायरी का विमोचन
कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने टीएल बैठक के दौरान जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित नववर्ष की डायरी का विमोचन किया। डायरी में जिले की पुरातात्विक धरोहर के चित्रों के  अलावा मुख्य सचिव एवं मंत्रालय में पदस्थ अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव के कार्यालयीन, फैक्स, एवं निवास के टेलीफोन नम्बर तथा ई-मेल आईडी और जिले में पदस्थ अधिकारियों के सम्पर्क नम्बरों को भी शामिल किया गया है। 

पावर प्रेजेन्टेशन
टीएल बैठक के दौरान संगनी वुमेन एनजीओ की प्रतिनिधि प्रार्थना मिश्रा के द्वारा यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए किए गए प्रावधानो की जानकारी पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दी गई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग में एक महिला उत्पीड़न रोकथाम समिति का गठन नियमानुसार करना अनिवार्य है और इस समिति में आधे से ज्यादा सदस्य महिला होना चाहिए। जिसकी जानकारी बोर्ड लगाकर प्रदर्शित की जाए। कलेक्टर श्री ओझा ने टीएल बैठक में कहा कि जिले में छात्रवृत्ति और जाति प्रमाण पत्र के एक भी प्रकरण लंबित ना रहे। उन्होंने कहा कि इस सत्र में जिन विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने है। उन्हें सत्र समाप्ति के पूर्व मुहैया कराया जाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार काॅलेजों में छात्रवृत्ति शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि अब से सोमवार को टीएल बैठक में आने के पूर्व विभागीय अधिकारी शनिवार तक विभागीय योजनाआंे की प्रदेश स्तर पर रेंक की स्थिति से अवगत होते हुए जानकारी प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश स्तर पर हर योजना में अण्डर-5 से कम नही होना चाहिए। जिन योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला पिछड़ रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी और अधीनस्थ अमला विशेष प्रयास करें ताकि अण्डर-5 में आ सके।बैठक में आगामी 17 जनवरी को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर तय की गई रणनीति की जानकारी डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डाॅ राजावत ने दी। उन्होंने बताया कि भारत देश पोलियो विमुक्त हो गया है किन्तु पडोसी देशो में खासकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के लक्षण पाए जाने के कारण ऐहतियात के तौर पर राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान का अंतिम चरण क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बूथ सेन्टर पर अधिक से अधिक बच्चों को पोलियो ड्राप की खुराक दी जाए के लिए जनजागृति कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया। कलेक्टर श्री ओझा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अभियान का शुभांरभ कराया जाए। इसके लिए बकायदा उन्हें पूर्व में सूचित किया जाए और बूथ सेन्टर पर आमंत्रित किया जाए।  बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक मेें जिला पंचायत सीईओ आइएएस श्री दीपक आर्य, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, समस्त एसडीएम समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

सामूहिक सूर्य नमस्कार आज, आयोजन समय में परिवर्तन

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ विदिशा में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम का आयोजन 12 जनवरी को किया गया है। टीएल बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम शासकीय उत्कृृष्ट उ0मा0विद्यालय के प्रागंण मंे 12 जनवरी को आयोजित किया गया जाएगा। पूर्व में जारी उक्त आयोजन के समय में परिवर्तन किया गया है अब यह कार्यक्रम प्रातः नौ बजे से प्रारंभ होगा। 

लगातार चार दिन शिविर का आयोजन

विदिशा नगरपालिका क्षेत्र में निवासरत आमजनों की मूलभूत एवं सार्वजनिक समस्याआंे के निदान एवं विभिन्न प्रकार की पेंशनों की समस्याओं के हल हेतु 14 जनवरी तक लगातार शिविर का आयोजन नगरपालिका परिसर बस स्टेण्ड में किया जाएगा जिसका आज विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने शुभांरभ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक श्री ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार की पहल से निकाय के आमजन लाभंवित होंगे। इस प्र्रकार की पहल विदिशा विधानसभा के ग्र्रामीण क्षेत्रों में भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप विदिशा नगर और विधानसभा क्षेत्र आदर्श के रूप में प्रतिपादित हो इसके लिए आमजनों की समस्याओं का निदान किया जाना आवश्यक है। हमारा प्रयास रहेगा कि विधानसभा क्षेत्र समस्या विमुक्त हो।नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने शिविर आयोजन के उद्धेश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि छोटी-छोटी समस्याआंें के लिए आमजन लगातार भटकते रहते है। हमारा प्रयास है कि शिविर के माध्यम से एक ही बार में उनकी समस्याओं का निदान किया जाए। श्री टण्डन ने बताया कि लगातार चार दिन तक चलने वाला शिविर में स्वंय के अलावा समस्त पार्षदगण और नगरपालिका अधिकारी, कर्मचारी दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक मौजूद रहेंगे। शिविर में ऐसे हितग्राही जिनकी आयु अधिक हो गई है और उन्हें आयु अनुसार पंेशन राशि नही मिल रही है उनकी उम्र के परीक्षण हेतु चिकित्सक मौजूद रहंेगें। इसके अलावा निःशक्तता प्रमाण पत्र, निःशक्तजनों को आवश्यक सामग्री तथा चश्मा वितरण और मरीजो का परीक्षण किया जाएगा। निकाय से संबंधित तमाम स्टाॅल लगाए जाएंगे ताकि आवेदकगण सीधे स्टाॅल में आवेदन दे और उसका समाधान प्राप्त करें। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि नगरपालिका द्वारा की जा रही पहल निकायवासियों के लिए बहुउपयोगी साबित होगी। निकायवासी अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं का निदान इन चार दिवसों के भीतर त्वरित करा सकते है। जिला प्रशासन समस्याओें के निदान हेतु कटिबद्ध है।  पूर्व विधायक श्री गुरूचरण सिंह और एसडीएम श्री आरपी अहिरवार ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन श्री अरविन्द श्रीवास्तव ने किया और आभार मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री सत्येन्द्र धाकरे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम स्थल पर श्री बाबूलाल ताम्रकार, श्री मुरलीधर थावरानी भी मौजूद थे।

तीन प्रकरणों में आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने हिट एण्ड रन के तीन प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। ज्ञात वाहन सड़क दुर्घटना में मृतको के परिजनोें को क्रमशः 15-15 हजार रूपए की राशि जारी की गई है। शमशाबाद तहसील के जिन तीन प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी किए गए है उनमें ग्राम मझेरा की श्रीमती समपत बाई की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाने के कारण मृतिका के पुत्र पप्पू को एवं श्रीमती कपूरीबाई की मृत्यु उपरांत मृतिका के पुत्र मांगीलाल को और इसी ग्राम की श्रीमती नब्बोबाई की मृत्यु हो जाने पर मृतिका के पुत्र कैलाश अहिरवार को 15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है।

का. ए.बी. बर्धन की स्मृति में पटना में सर्वदलीय शोकसभा 20 जनवरी, 2016 को

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  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी भी भाग लेंगे। 

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पटना, 11 जनवरी।, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव, वेटरन स्वतंत्रता सेनानी, मषहूर मजदूर नेता तथा भारत की वामपंथी आंदोलन के पुरोधा कामरेड ए.बी. बर्धन की स्मृति में शोक एवं श्रद्धांजलि सभा 20 जनवरी को जनषक्ति भवन के परिसर, अमरनाथ रोड, अदालतगंज, पटना में होगी। श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम 12 बजे दिन में होगा। इस श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के लिये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव का॰ एस. सुधाकर रेड्डी 20 जनवरी को सुबह पटना पहुँचेंगे। 
आज यहा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने बतलाया कि कामरेड ए.बी.बर्धन का निधन 92 वर्ष की आयु में 2 जनवरी को दिल्ली के गोविन्द बल्लभ पंत अस्पताल में हो गया। कामरेड बर्धन बहुआयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे। इनकी मृत्यु पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा अन्य राजनीतिक, सामाजिक एवं मजदूर संगठनों द्वारा देष भर में शोक सभाये आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से अपने प्रिय नेता का॰ बर्धन की स्मृति में 20 जनवरी को सर्वदलीय शोक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जायगी। इस श्रद्धांजलि सभा में पार्टी के महासचिव का॰ एस॰ सुधाकर रेड्डी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता एवं कार्यकत्र्ता बड़ी संख्या में भाग लेंगे। उनके अतिरिक्त विभिन्न राजनीति दलों, मजदूर संगठनों के नेता तथा समाज सेवी, बुद्धिजीवी, छात्र एवं नौजवान भी श्रद्धांजलि सभा में षिरकत करेंगी। सत्य नारायण सिंह ने बतलाया कि का॰ ए.बी. बर्धन की स्मृति में आयोजित होने वाली इस श्रद्धांजलि सभा में बिहार के सभी जिलों से पार्टी सदस्य भी आयेंगे। 

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