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जेएनयू मामला, छात्र संघ अध्यक्ष तीन दिन की पुलिस रिमांड पर

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नयी दिल्ली, 12 फरवरी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने को लेकर केंद्र सरकार ने आज कड़ा कदम उठाया और दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने कन्हैया को अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने, भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के मामले में विश्वविद्यालय के छात्रावास से हिरासत में लेकर स्थानीय पटियाला हाउस अदालत में पेश किया जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांसद महेश गिरि और पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने कल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद छात्र नेता काे आज गिरफ्तार किया गया। 

सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं क्योंकि दिल्ली पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में कार्यक्रम करवाने वाले अन्य सात,आठ लोगों को तलाश रही है। पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में तलाशी भी ली है। इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार राष्ट्र विरोधी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और देश विरोधी नारेबाजी करने वालों को माफ नहीं किया जायेगा । उन्होंने कहा कि उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी को इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। 

विशेष आलेख : “नेहरूवियन शिक्षा का दंश झेलता भारत”

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भारत की महान परम्परा में गुरु शिष्य का सम्वन्ध पिता-पुत्र से भी बढ़कर रहा है.यहाँ गुरुकुलो की परम्परा में शिक्षा का जो दीप प्रज्वालित होता था वह शिष्यों में नैतिक,चारित्रिक,सामाजिक एवं राष्ट्रीय मूल्यों को अंतर्मन में ऐसा स्थापित करता जिससे वह शिष्य गुरुकुलों से निकल कर, सीधे समाज को सात्विक राह पर चलाते हुए वसुधैव कुटुम्बकम की नीब पर मार्गदर्शन करने में सक्षम होते रहे है.किन्तु बर्बर इस्लामी आक्रान्ता और उसके बाद अंग्रेजों ने हमारी उस महान परम्परा को ध्वस्त कर जिस शिक्षा का प्रचलन देश में किया वह एक गुलाम का ही निर्माण कर सकता था.

जब अंग्रेजो ने भारत से अपना बोरिया विस्तर समेटा तब देश में शिक्षा की भारतीय अवधारणा को लागू होने की आशा जगी.देश का दुर्भाग्य था की सत्ता उस व्यक्ति के हाथो में रही जो अन्दर से विदेशी और बाहर से भारतीय मन की अवधारणा में जीता था.हश्र वही हुआ की जितना क्षति इस देश की शिक्षण प्रणाली में विदेशियो के कारण नही हुआ उससे ज्यादा क्षति इस देश की शिक्षा जगत को नेहरु की  नीतिओ के कारण यानी नेहरुवियनो के कारण हुई .

सफेद कालर बाले गिरोहों के सरगना नेहरु ने इस देश की शिक्षा की बुनियाद को गांधीजी के इच्छाओ के विपरीत मैकाले के साथ मार्क्स और मुल्ला के गठजोड़ से आम की पेड़ के जगह बबुल को प्रश्रय दिया जिसका वीभत्स रूप अभी रांची के सफायर इंटरनेशनल स्कुल और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में देखने को मिला. 

रांची के महगे स्कुलो में शुमार सफायर इंटरनेशनल स्कुल के हिंदी विषय की मुस्लिम शिक्षिका नाजिया हुसैन ने अपने 16 साल के  बेटे के सहयोग से उसी स्कुल में वर्ग सातवी का हिन्दू छात्र विनय कुमार को इसलिए वेरह्मी से कत्ल कर दिया क्योंकि विनय उस नाजिया की बेटी जो उसी स्कुल में वर्ग 6 की छात्रा थी के साथ बाल-प्रेम करता था.इस अमानवीय कुकृत्य में अपने नावालिक बेटे को आगे रख जिस तरह की पाशविकता का परिचय नाजिया हुसैन ने दी वह इस्लामी बर्बता का हिसक रूप है.

इतने पढ़े लिखे होने के बाद भी नाजिया उस इस्लामी बर्बरता से अपने आपको नही दूर रख सकी .इतना ही नही इस बाल-प्रेम को नाजिया विना कत्ल किये भी हल कर सकती थी किन्तु इस्लाम की वह शिक्षा जो काफिरों के प्रति नफरत की भाव पैदा करती है, काफिरों को कत्ल करने का हुक्म देती है, वैसे में काफिर विनय के लिए सहिष्णुता असम्भव है तभी तो इस जघन्य हत्या में नाजिया हुसैन का पति आरिफ हुसैन भी संलिप्त रहा है. नाजिया इस घटना को इस तरह से पेश कर रही है की इस घटना को उसके नावालिक बेटे ने अंजाम दिया जबकि एक और अपने वयान में कहती है-“शोर सुनकर जब उठी तो विनय का सर फटा था”.यदि एक शिक्षिका के नाते उस समय नाजिया चाहती तो भी विनय की जिदगी को बचा सकती थी किन्तु बचाने के बजाय उसने मिलकर विनय को प्रथम तल्ले से निचे फेक साक्ष्यों को मिटाने में लगी रही .शिक्षिका के नाम पर ऐसे रक्त पिपासु महिला, शिक्षिका हो ही नही सकती ?

क्या नाजिया हुसैन में मातृत्व की बह भाव नही जागी, वात्सल्य का वह प्रेम नही जाग्रत हुआ, जो इतनी रक्त पिपासु पिशाचनी के रूप में विनय का कत्ल की.यह दो ही दशा में संभव है एक जब स्त्री जानबूझकर अपने स्त्रीत्व को बाज़ार में परोसती है तब उसका नैतिक या सम्वेदना जडशून्य  हो जाती है.और दूसरा जब उसके मत-संगत और संस्कार दूषित होते है शायद नाजिया जैसी रक्तपिपासु दोनों प्रवृतियो से पोषित रही है. 

ऐसे में बाज़ार के महंगे उत्पादक देने बाले स्कुल सफायर इंटरनेशनल स्कुल का प्रवंधन समिति बगैर पारिवारिक और सामाजिक के साथ-साथ विना मनोवैज्ञानिक जांच के न्यूक्ति कैसे लेती है.आज विनय हमारे बीच नही है.एक प्रतिभाशाली हिन्दू छात्र क्रूर इस्लाम से दीक्षित मुस्लिम महिला नाजिया के हाथों क़त्ल कर दिया गया.इस मुस्लिम महिला का कुकृत्य शिक्षा में नेहरु की नीतिओं का वीभत्स रूप है.

नेहरु और उसके पोषको ने सत्ता प्राप्ति के बाद जिस विचार को प्रश्रय दिया वह देश के गद्दारों को अपना हीरो मानता है ?इसका वानगी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में समय समय पर देखने को मिलता रहा है. 8308 विद्यार्थियो बाला यह उच्चतर संस्थान जिस पर प्रति वर्ष देश का 244 करोड़ रूपये पानी की तरह बहाया जाता है .यह विश्वविध्यालय नेहरु गांधी परिवार के साथ साथ मार्क्स और मुल्लो के आँखों का तारा रहा है किन्तु इतने सरकारी सुविधाओं के बाद भी यह विश्वविद्यालय विश्व के शीर्षस्थ 200 विश्वविद्यालयों के श्रेणी में कहीं नहीं आ पाया है?  

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय सुर्ख़ियों में कभी शोध के लिए नही, देश विरोधी गतिविधिओ के लिए हमेशा सुर्खियो में रही है. शिक्षा के नाम पर स्थापित यह संस्थान देश की एकता अखंडता को बढ़ावा देने के बजाय यहाँ भारत को टुकड़े टुकड़े में बांटने के सपने बेचे जाते है,देश में आतंकवाद, जातिवाद, नक्सलवाद जैसे कुक्र्त्यों को करने के लिए खाद इसी विश्वविद्यालय में तैयार होती रही है . 

देश में गद्दारों की युवा टोली के निर्माण के लिए कलंकित यह विश्वविद्यालय में 09 फरवरी 16 को सायं जो हुआ वह देश की संप्रभुता को खुली चुनौती थी.उमर खालिद नामक मुस्लिम ने अपने गिरोहों के साथ विश्वविध्यालय परिसर के सावरमती ढावा में सांस्कृतिक कार्यकर्म के बहाने जो किया वह कोई भी स्वतंत्र देश अपने नागरिको से इसकी कल्पना तक नही कर सकता है.अगर चीन होता तो वहाँ उन देशद्रोहियो को टैंको से कुचलवा अपनी देश की संप्रभुता की रक्षा करता ?

उस दिन उस परिसर में इन गद्दारों के गिरोह “इंडिया गो बैक”,और “भारत की बर्वादी तक- जंग रहेगी, जंग रहेगी” का नारा लगाता रहा और वहाँ की प्रशाशनिक व्यबस्था गूंगी,बहरी और अंधी होकर चुपचाप सुनती रही. यह देश के लिए डुव मरने की स्थिति है.ऐसे देशद्रोही गद्दारों की टोली से ना समाज का भला है ना देश का और ना उस परिवार का जिसके यहाँ जन्म लेकर अपने माता-पिता को शर्मसार किया है फिर इसे जीने का अधिकार कैसे हो सकता है? 

हद तो तब हो गयी जब इन गद्दारों को देश के मिडिया अपनी बात कहने के लिए उसे बुलाती है और हम वेशर्मी से उन देशद्रोहियो की, उन गद्दारों की बात,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर सुनते है. क्या हम भगत सिंह या नेताजी सुभाष के बजाय जयचंदों की संतान हैं? हमारी रगों में दौड़ता हुआ खून इन गद्दारों की बात सुनने के बजाय इन गद्दारों के सर को धड से अलग करने की प्रेरणा क्यों नही देती है?भारत की बर्वादी की कसम खाने वाला चाहे वह कोई हो उसे इस भूमि पर जीवित रहने का कोई अधिकार नही है .जो हमारे देश की सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को जुडिशियल किलिंग समझता हो वैसे गद्दारों के सांस से हमारे देश की वायु दूषित नही होनी चाहिए?

कश्मीर की आजादी की चाहत रखने बाले, पाकिस्तान जिन्दावाद के नारे लगाने बाले और हमारी महान सेना पर अंगुली उठाने बाले ये भटके हुए लोग नही है ये मार्क्स मैकाले और मुल्लो का देशद्रोही गिरोह है.इस गिरोह को नेहरुवियनो के दल्लों ने डालरों के लालच में पालापोषा है. इसे भारत की संप्रभुता से नफरत है और ऐसे गद्दारों की कब्र भी भारत के सरजमीं पर नही होने चाहिए. सफायर स्कुल के छात्र विनय के हत्या के मामले में रांची उच्च न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी की कि- “शिक्षक का काम है बच्चों को पढ़ाना उनका विकास करना है यदि शिक्षक ही छात्र की हत्या कर दे तो वह शर्मनाक और दुखद है .सफायर स्कुल में यदि ऐसी घटना हुई है तो स्कुल अविलम्ब बंद कर देना चाहिए.” फिर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली जिसने अपने 49 साल के सफर में देश को सिर्फ और सिर्फ नफरत दिया वैसे राष्ट्रद्रोही संस्थान को क्यों नही बंद किया जाना चाहिए.

देश की जनता के गाढ़ी कमाई से चुकाया जाने वाला कर से इन संस्थानों में यदि देशद्रोही सपोले पलते है है तो फिर इन बिलों को बंद कर इन सपोलों के फनो को क्यों नही कुचला जाता है? नेहरुवियनो शिक्षा का दंश हमारे देशभक्त युवा क्यों झेले.हमने बहुत समय तक भगवान् शिव की तरह इन सपोलों के विष को कंठ में धारण करता रहा अब समय आ गया है की हमें शिव ताण्डव से ही इन सपोलों से इस भारत भूमि को मुक्त करानी होगी ताकि हमारे युवा भारत के वैभवशाली संस्कार से नये भारत का निर्माण कर सके, जिनके आदर्श याकूब या अफज़ल नही जिनके प्रेरणा पुंज भगत और नेताजी विवेकानंद और सावरकर हों.भारत सरकार यदि देश की संप्रभुता के साथ हो रहे खिलवाड़ पर मौन है तो यह समाज के लिए चिंतनीय है.
       

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---संजय कुमार आज़ाद ---
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विशेष : हथियारबंद संघर्षों में बच्चों का इस्तेमाल

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कहने को तो हम अपने आपको  अभी तक के मानव इतिहास का सबसे सभ्य और विकसित समाज मानते है लेकिन दुनिया के एक बड़े हिस्से में  हम अक्सर  मानवता को शर्मशार कर देने वाली ऐसी छवियाँ देखते हैं जिस्में बच्चे अपने मासूम हाथों में बन्दूक, मशीनगन,बम  जैसे विनाशक हथियारों को उठाये हुए बड़ो कि लड़ाईयों को अंजाम दे रहे हैं। विश्व के कई देशों में चल रहे आंतरिक उग्रवाद, हिंसक आंदोलोन, आतंकवाद गतिविधियों  में  बड़े पैमाने  पर बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है इनमें से ज़्यादातर को जबरदस्ती लड़ाई में झोंका जाता है। बड़ों द्वारा रचे गये  इस खूनी खेल  में बच्चों को एक मोहरे के तौर पर शामिल किया जाता है जिससे इस तरह के संगठन अपनी कारनामों को आसानी से अंजाम दे सकें। दूसरा मकसद शायद आने वाली पीढ़ी को अपने लक्ष्य के लिए तैयार करना भी होता है,एक अनुमान के मुताबिक आज पूरी दुनिया में  लगभग 2,50,000 बच्चों का इस्तेमाल विभिन्न सशस्त्र संघर्षों में हो रहा है। इनमें से भी करीब एक तिहाई संख्या लड़कियों की है ।दुनिया के जिन राष्ट्रों में यह काम प्रमुखता से हो रहा है उसमें उनमें, आफगानिस्तान, सीरिया, अंगोला, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, इराक, इजराइल,पिफलीस्तीन, सोमलिया, सूडान, रंवाडा, इंडोनेशिया, म्यामांर, भारत, नेपाल, श्रीलंका, लाइबेरिया, थाईलैंड और पिफलीपिंस जैसे देश शामिल हैं।

सशस्त्र संघर्षों में इस्तेमाल किये जा रहे बच्चों का जीवन बहुत ही खतरनाक और कठिन परिस्थितियों में बीतात है, यहाँ वे लगातार हिंसा के के साए में रहते हैं और  उन्हें हर समय गोली या बम के शिकार होने का खतरा बना रहता है ।  उनका जीवन बहुत कम होता है और वे छोटी उम्र में ही कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों का के भेंट चढ़ जाते हैं। उनका लगातार यौन शोषण होता है और कई बच्चे एच.आई.वी. एड्स का शिकार भी हो जाते हैं । यह सब कुछ दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा बच्चों को दिये गये अधिकार के हनन की पराकाष्ठा है।ऐसा नहीं है दुनिया ने इसपर ध्यान ना दिया हो 12 फरवरी 2002 को संयुक्त राष्ट्र बाल-अधिकार कन्वेंशन में एक अतिरिक्त प्रोटोकोल जोड़ा गया था, जो सशस्त्र संघर्षों में नाबालिग बच्चों के सैनिकों के तौर पर उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है, इसके बावजूद अभी भी नाबालिग बच्चों का सशस्त्र संघर्षों में भर्ती जारी है, बच्चों के सैनिक उपयोग की निंदा और इसके अंत के लिए हर साल 12 फरवरी को पूरी दुनिया में  में रेड हैंड डे  नाम से एक विशेष दिन मनाया जाता है। इस आयोजन का मकसद मकसद  दुनियाभर में कहीं भी हो रहे  बच्चों को सशस्त्र संघर्ष में शामिल करने का विरोध जताना है। 

यह एक ऐसा चलन है जो बच्चों के साथ सबसे  क्रूरतम व्यवहार करता है, इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के कई देश अपनी राष्ट्रीय सेनाओं में भी बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2010 में रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार म्यंमार की सरकारी सेना और सरकार विरोधी संगठनों के हथियारबंद दस्तों में 77 हज़ार बाल सैनिक काम कर रहे थे। श्रीलंका के तमिल टाईगर्स पर भी इस तरह के आरोप थे, तालिबान पर भी यह आरोप लगते रहे हैं कि वह अपने अपने कथित जिहाद में बच्चों का इस्तेमाल करतारहा है, और इसकी शुरुआत सोवियत-अफगान लड़ाई से हो गयी थी ,अफगान सेना के पूर्व कमांडर जनरल अतिकुल्लाह मरखेल ने कुछ वर्षों पहले बताया था कि "सोवियत संघ के साथ युद्ध में किशोरों और युवाओं को जबरदस्ती सेना में भर्ती कर उन्हें युद्ध के लिए धकेला गया था. तब उन्हें जिहाद के नाम पर तैयार किया जाता था."और यह कारनामा अपने आप को मानव अधिकारों का सबसे बड़ा दरोगा धोषित करने वाले मुल्क संयुक्त राज्य अमरीका के संरक्षण में अंजाम दिया गया था। वर्तमान में अतिवादी संगठन बोको हराम और आईएस जैसे संगठन बच्चों का अपहरण करने उनकी हत्या करने ,स्कूलों और अस्पतालों पर हमले करने के के साथ-साथ उनका अपने आतंकवादी गतिविधियों में उपयोग को लेकर कुख्यात है. पिछले कुछ दशकों से आत्मघाती हमलों में बच्चों और युवाओं की संलिप्ता बढ़ी है, गरीबी की मजबूरी और जन्नत के लालच में बच्चे और युवा जिहादी संगठनों चंगुल में फंस कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार हो जाते हैं। भारत के सन्दर्भ में बात करें तो संयुक्त राष्ट्र भारत में माओवादियों द्वारा बच्चों की भर्ती करने और मानव ढाल के तौर पर उनका इस्तेमाल करने को लेकर चिंता जाहिर कर चूका है । भारत के पूर्वतर राज्यों में भी सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों के इस्तेमाल की खबरें आती रही हैं। पिछले दिनों हिंदू स्वाभिमान संगठन द्वारादिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तरप्रदेश के इलाकों में इस्लामिक स्टेट से निपटने के नाम पर युवाओं और बच्चों की “धर्म सेना’ गठित कर उन्हें पारंपरिक हथियारों के प्रशिक्षण देने की खबर सामने आई थी।

सशस्त्र संघर्षों में लगाए गये बच्चों पर दोतरफा मार पड़ती है, हर देश का कानून   बच्चों की हथियारबंद संघर्षों में  भर्ती और उनके इस्तेमाल को एक अपराध तो मानता  ही हैं साथ ही साथ इन बच्चों को भी उसी नजर से देखता है। ऐसे में कई बार यह भी देखने को मिला है कि सरकारें  सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार बच्चों को वयस्कों के साथ हिरासत में रखती है और उनके खिलाफ किशोर न्याय तंत्र के तहत मामला नहीं चलाया जाता है जो कि एक तरह से उनके अधिकारों का उल्लंघन है । 

यूनिसेफ़ के अनुसार  2015 में एक करोड़ साठ लाख से अधिक बच्चे युद्ध क्षेत्रों में पैदा हुए हैं और दुनियाभर में पैदा होने वाले हर आठ बच्चों में से एक बच्चा ऐसे क्षेत्रों में पैदा हो रहा है जहां हालात सामान्य नहीं हैं. इन युद्ध क्षेत्र में पैदा हो रहे  बच्चों की दयनीय स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है, युद्ध और हथियारबंद संघर्ष वाले स्थानों पर बच्चे सबसे ज्यादा विपरीत परस्थितियों में रहने को मजबूर होते हैं, उनका भविष्य अनिश्चित होता है, ऐसे इलाकों में सशस्त्र गुट बच्चों को लड़ाई के तरीक़े सिखाकर उन्हें अपने खुनी संघर्ष में शामिल करते हैं । 

अगर हम बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं तो हर साल  बच्चों को लड़ाकों के तौर पर इस्तेमाल करने का विरोध करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस मानाने के साथ-साथ दुनिया के सभी मुल्कों को एकजुट होकर बच्चों को लड़ाई में झोंककर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के इस चलन को रोकने के लिए ठोस कदम भी उठाने होंगें. बच्चों को इस क्रूर दुनिया से बहार निकलने के लिए जवाबदेही तय करना इसके लिए पहला कदम हो सकता है।
 



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जावेद अनीस 
Javed4media@gmail.com

आलेख : 'मूलनिवासी'की असत्य अवधारणा, वंचित वर्गों की एकता में बड़ी बाधा

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वर्तमान में देश की बहुसंख्यक वंचित  मोस्ट MOST=(Minority+OBC+SC+Tribals) आबादी हजारों सालों के जन्मजातीय विभेद, शोषण और उत्पीड़न के कारण हर क्षेत्र में पिछड़ी हुई है। बकवास BKVaS=(B-ब्राह्मण+K-क्षत्रिय+Vaवैश्य+Sसंघी) वर्ग द्वारा मोस्ट वर्ग के लोगों का कदम—कदम पर उत्पीड़न और शोषण किया जाता रहा है। जिसके लिये बकवास वर्ग की कूटनीति, कुनीति और विभेदक नीति तो मूल कारण है ही, लेकिन मोस्ट वर्ग के समूहों में आपसी एकता तथा सदभावना का नहीं होना भी बहुत बड़ा कारण है। जिसके पीछे अग्रिणी वर्ग द्वारा देश, समाज और दूसरे वर्ग को गुमराह करने की नीति भी मुख्य रूप से जिम्मेदार है। जिसके अनेक कारण हैं। जिसका सबसे सबसे बड़ा कारण है—'मूलनिवासी'की असत्य अवधारणा का सहारा लेकर इतिहास को झुठलाना।

विश्वस्तरीय विद्वान बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर जी ने गहन अध्ययन, शोध, विश्वसनीय तथ्यों और उपलब्ध अनेकानेक सन्दर्भ ग्रंथों के आधार पर सिद्ध किया है कि प्रारम्भ में आर्यों में त्रिस्तरीय वर्ण व्यवस्था थी। ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैश्य। प्रारम्भ में शूद्र इस त्रिस्तरीय वर्ण व्यवस्था में आर्य—क्षत्रिय वर्ण में शामिल थे। जिनका ब्राह्मणों द्वारा बाकायदा उपनयन संस्कार किया जाता था। उनको यज्ञ करने का अधिकार होता था। उनके अनेकों बड़े—बड़े सूरवीर राजा हुए, जिन्होंने बड़े—बड़े युद्ध किये थे। कालान्तर में ब्राह्मणों से भी उनके अनेक युद्ध हुए, जिनके कारण अन्तत: ब्राह्मणों ने तत्कालीन आर्य—क्षत्रियों का उपनयन संस्कार करना बन्द कर दिया और उनको आर्य—क्षत्रिय वर्ण से गिराकर वैश्य से भी नीचे नये चौथे शूद्र वर्ण में धकेल दिया। जिसके कारण आर्य—क्षत्रियों की ब्राह्मणों द्वारा सामाजिक दुर्गति कर दी। इस प्रकार बाबा साहब के अनुसार शूद्र भारत के मूल​वासी नहीं होकर विदेशी आर्य—क्षत्रियों के वंशज हैं। जबकि बाबा साहब के अनुसार और अनेक दूसरे स्रोतों से प्रमाणित तथ्यों के अनुसार असुर, राक्षस कही/बोली जाने वाली या लिखी गयी भारत की मूलवंशी आदिम जातियों के वंशज हैं। जिन्हें आज आदिवासी लिखा और बोला जाता है, जबकि संविधान निर्माताओं की धोखाधड़ी के चलते वर्तमान में भारत के मूलवंशी, मूलवासी, आदिनिवासी, इंडीजिनियश indigenous प्रजाति को अनुसूचित जनजाति बना दिया गया। जिसके चलते भारत के मूलवासी अन्याय के शिकार हो रहे हैं।

इस प्रकार वर्तमान में अजा एवं अजजा वर्ग में शामिल जातियों का मौलिक उदभव एक नहीं है। आदिवासी भारत के मूलवंशी, मूलवासी, आदिनिवासी, इंडीजिनियश indigenous हैं, जबकि शूद्र विदेशी आर्य—क्षत्रियों के वंशज हैं। इसके उपरान्त भी इतिहास को तोड़—मरोड़कर बामण मेश्राम जैसे शूद्रवंशी लोगों द्वारा बहुसंख्यक वंचित आबादी की मुश्किलों और समस्याओं का समाधान और निराकरण करने का संवैधानिक रास्ता सुझाने के बजाय शूद्रों को भारत की मूलवंशी प्रजाति प्रमाणित करने के मकसद से 'मूलवासी'शब्द से मिलता—जुलता 'मूलनिवासी'शब्द उपयोग में लाकर देश के वंचित लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जिसके लिये तथाकथित डीएनए को आधार बनाया जा रहा है। इस डीएनए की मूल रिपोर्ट मुझे आज तक देखने/पढने को नहीं मिली है। यद्यपि इस कथित डीएनए रिपोर्ट में भारत की 'मूलवासी'प्रजाति आदिवासियों के बारे में क्या कुछ निष्कर्ष/रिपोर्ट है, आज तक इस बारे में कोई जानकारी बामण मेश्राम की ओर से प्रकट नहीं की गयी है। इसके उलट वंचित वर्गों का दुर्भाग्य है कि जिस प्रकार से ब्राह्मण—आर्य अपने आप को मूलभारतीय सिद्ध करने के लिये भारत के इतिहास का पुनर्लेखन कर दुष्प्रचार कर रहे हैं, उसी प्रकार से क्षत्रिय—आर्य—शूद्रवंशी बामण मेश्राम भी अपने आप को और शूद्रों को मूलभारतीय सिद्ध करने के लिये 'मूलनिवासी'शब्द और कथित डीएनए रिपोर्ट का अनाप—शनाप प्रचार—प्रसार कर रहे हैं। इन हालातों में देश की बहुसंख्यक वंचित आबादी में एकता कायम होने के बजाय दूरियां पैदा हो रही हैं। इसलिये 'मूलनिवासी'की असत्य अवधारणा वंचित MOST=(Minority+OBC+SC+Tribals) वर्गों की एकता में एक बहुत बड़ी बाधा बन चुकी है। जिसे तत्काल निरस्त किये जाने की जरूरत है। कारण और भी हैं, जिन पर आने वाले दिनों में विचार किया जायेगा।




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डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन, 
राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (BAAS), 
नेशनल चैयरमैन-जर्नलिस्ट्स, मीडिया एन्ड रॉयटर्स वेलफेयर एसोशिएशन (JMWA), 
पूर्व संपादक-प्रेसपालिका (हिंदी पाक्षिक), 
पूर्व रा महासचिव-अजा एवं अजजा संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, दाम्पत्य विवाद सलाहकार तथा लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में एकाधिक प्रतिष्ठित सम्मानों से विभूषित। वाट्स एप एवं मो. नं. : 9875066111

मनमोहन ने की मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना

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नयी दिल्ली , 12 फरवरी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की आर्थिक तथा पाकिस्तान संबंधी नीति की कड़ी अालोचना की है अौर कहा कि उसने जनता का भराेसा खो दिया है । डा सिंह ने साप्ताहिक पत्रिका इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ठीक हालत में नहीं है जबकि आज दुनिया में अर्थव्यवस्था के लिये कई चीजेें उस समय से बेहतर हैं जब उनकी सरकार सत्ता में थी। 

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतेें अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय 30 डॉलर प्रति बेरल के करीब है जबकि उनकी सरकार के समय यह 150 डॉलर तक पहुंच गई थी। कच्चे तेल की कीमते घटने से देश को भुगतान संतुलन में मदद मिली है और चालु खाते का घाटा कम हुआ है। लेकिन मौजूदा सरकार इस स्थिति का फायदा बड़े पैमाने में पर अर्थव्यवस्था में निवेश आकषिर्त करने के लिये नहीं उठा पाई है। 

डा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकास की बात करते हैं लेकिन इस सरकार के समय अार्थिक वृद्धि दर में संप्रग सरकार के सत्ता से हटते समय की तुलना में कोई खास अंतर नहीं अाया है। पूर्व प्रधानंमत्री ने कहा कि मोदी सरकार अब विश्वास के संकट का सामना कर रही है और लोगों का उससे भरोसा उठ गया है। उन्होंने मोदी सरकार की पाकिस्तान संबंधी नीति की आलोचना करते हुये कहा कि इसमें एकरुपता नहीं है। वह पाकिस्तान के मामले में एक कदम आगे बढ़ती है तो दो कदम पीछे हट जाती है। नेपाल के साथ भी इस सरकार के समय संबंध खराब हुये है । 

डा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात के लिये भी आलोचना की कि वह ऐसे मुद्दों पर चुप रहे हैं जिन पर देश के प्रधानमंत्री को बोलना चाहिये। इस संदर्भ में उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों तथा दादरी की घटना का उल्लेख किया। 

मोदी सरकार में बोलने के लिये मनमाेहन को खुश होना चाहिये : भाजपा

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नयी दिल्ली, 12 फरवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करने पर कटाक्ष करते हुये कहा है कि मनमोहन सिंह को कम से कम इस बात के लिये खुश होना चाहिये कि उन्हें मोदी सरकार में तो बोलने का मौका मिला है। पार्टी ने आज एक विज्ञप्ति में कहा कि हम इस बात से खुश है कि डा सिंह को इस सरकार में बोलने का मौका मिला है। जब वह खुद प्रधानमंत्री थे तो उन्होेंने भ्रष्टाचार पर कभी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी। इस कारण अंतररार्ष्टीय स्तर पर देश की छवि धूमिल हुयी। राजग सरकार का मुख्य लक्ष्य सबका साथ सबका विकास है। पार्टी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शायद यह भुल गये हैं कि जब वह प्रधानमंत्री थे तो सिर्फ एक परिवार के इशारों पर काम करते थे। 

भाजपा ने कहा कि देश की चुनौतियों को उजागर करने के लिये हम मनमोहन सिंह की सराहना करते हैं। डा सिंह ने सही कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कई समस्याओं से जूझ रही है। लेकिन यह समस्याएं हमें विरासत में मिली है। पार्टी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में संप्रग की हार के लिये डा सिंह को माफी मांगनी चाहिये।विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री को शर्म अल शेख की घटना के लिये भी माफी मांगना जहां उन्होंने देश का अपमान किया था। पार्टी ने कहा कि डा सिंह को देहाती औरत की घटना को भी याद करना चाहिये जहां न तो उनकी पार्टी और न ही गांधी परिवार के कोई लोग उनके बचाव में अाये बल्कि सिर्फ नरेन्द्र मोदी ही उनका बचाव किया था। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक साप्ताहिक पत्रिका को दिये साक्षात्कार में मोदी सरकार की आर्थिक तथा पाकिस्तान संबंधी नीति की कड़ी अालोचना करते हुये कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था ठीक हालत में नहीं है और मौजूदा सरकार ने जनता का भरोसा खो दिया है। 

असहिष्णुता से लड़ने के लिये असहिष्‍णु होना होगा: अमर्त्य सेन

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नयी दिल्ली , 12 फरवरी, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने देश में असहिष्णुता की घटनाओं पर सख्त रूख अपनाने का समर्थन करते हुये कहा है कि इससे लड़ने के लिये हमें असहिष्णु होना होगा। श्री सेन ने आज यहां एक कार्यक्रम में कहा कि देश के लोग असहिष्णु नहीं है और हमें असहिष्णुता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि देश के भीतर कुछ संगठित समूह है जो असहिष्णुता का माहौल पैदा कर रहे है और ऐसे में इससे मुकाबला करने के लिये यह जरुरी हो गया है कि हम भी इसे इसी की भाषा में जवाब दें। 

असहिष्णुता को राजनीतिक एजेंडा बताने वाले सेन ने कहा,“देश में अल्पसंख्यकों पर हमले होते हैं लेकिन उन हमलों को राेकने के लिये न तो सरकार कोई ठोस कदम उठाती है और न ही देश कुछ बोलता है। ऐसा नहीं है कि मौजूदा सरकार में ही अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं बल्कि पूर्व के सरकारों में भी उन पर हमले हुये है। हालांकि पूर्व की सरकारों की तुलना में इस सरकार में प्रतिबंध ज्यादा देखने को मिला है।” 

नोबेल पुरस्कार विजेता ने दादरी घटना का हवाला देते हुये कहा कि सविंधान में यह कही नहीं लिखा है कि बीफ खाने वाले पर हमला कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज के समय में धर्म को लोग अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिये खतरा है। 

पाक को एफ-16 लड़ाकू विमान की बिक्री पर अमेरिका की मुहर

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वाशिंगटन, 13 फरवरी, अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने काे मंजूरी दे दिया है। पेंटागन के रक्षा एजेंसी ने कहा कि विमान की बिक्री को लेकर कल ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी। एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान को यह लड़ाकू विमान इस उम्मीद से साथ दिया जा रहा है ताकि वह वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के साथ-साथ अपनी रक्षा चुनौतियों से भी मुकाबला कर सके। 

इससे पहले विदेश मंत्री जाॅन केरी को लिखे एक पत्र में रिपब्लिकन पार्टी के एक सीनेटर बाब कोरकर ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान देने पर रोक लगाने की मांग की थी। काेरकर ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को सुरुक्षित पनाहगाह मुहैराया कराता है और वह एक धोखेबाज सहयोगी है। 

बाद में राष्ट्रपति आेबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान दिये जाने की वकालत करते हुये कहा था कि पाकिस्तान को अमेरिका की आेर से दी जाने वाली सुरक्षा मदद उसके आतंकवादरोधी और उग्रवादरोधी अभियानों में योगदान देती है। उन्होंने कहा था पाक काे यह सहायता आतंकी संगठनों को कमजोर करने के लिये दी जा रही है। 

ताइवान भूकंप में मृतकों की संख्या बढ़कर 94 हुई

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ताइपे,13 फरवरी, दक्षिणी ताईवान में पिछले सप्ताह शनिवार को आये जबरदस्त भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 94 हो गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक राहत एवं बचावकर्मी अभी भी मलबे के अंदर से लोगों को बाहर निकालने में लगे हुये है। राहतकर्मियों का कहना है कि भूकंप से ध्वस्त हुई सौलह मंजिला एक इमारत के मलबे में अभी भी 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है। 

अधिकारियाें का कहना है कि भूकंप के कारण तैनान शहर में वेई गुआन गोल्डन ड्रैगन नामक एक सौलह मंजिली इमारत ध्वस्त हो गई थी जिसके मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की अंदेशा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मलबे से अब तक 92 शव निकले जा चुके हैं और कई अौर अभी लापता है। 

बचावकर्मियों ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यकरते समय उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वे राहत एवं बचाव कार्य जारी रखेंगे। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शनिवार देर रात दक्षिणी ताईवान के तेइनान शहर में रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था। 

चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे: बशर अल असद

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म्यूनिख,13 फरवरी, विश्व की प्रमुख शक्तियों के बीच सीरिया में लड़ाई बंद कराने और आतंकवादियों के कब्जे वाले इलाकों में मानवीय सहायता मुहैया कराने की एक योजना पर समझौता हो जाने के बावजूद राष्ट्रपति बशर अल असद ने कहा है कि वह चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंंगे और पूरे देश को आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त कराकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि विद्रोहियों को हराने में कुछ समय लग सकता है लेकिन उनके खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। देश के अंदर कुछ राष्ट्र विरोधी ताकत है जिस वजह से चरमपंथियों को हराने में समय लग रहा है लेकिन उनका यह संघर्ष जारी रहेगा। राष्ट्रपति असद ने एक समाचार एजेंसी को दिये साक्षात्कार में शांति वार्ता पर अपनी सहमति तो व्यक्त की लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत का यह मतलब नहीं होना चाहिये चरमपंथियों के खिलाफ जो लड़ाई शुरु की है उसे रोक देंगे। इस मामले में असद को रूस का भी साथ मिल रहा है। 

रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा कि रूस, सीरिया में हवाई हमले जारी रखेगा। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा से जुड़े अल नुसरा के लिए युद्ध विराम नहीं है। आईएस ने सीरिया और इराक में बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा, “रूसी सेना इन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ हवाई हमले करना जारी रखेगी।” हालांकि पश्चिम के कुछ देशों का कहना है कि जब तक रूस सीरिया में लड़ाई बंद नहीं हाेता तब तक समझौते का काई मतलब नहीं है। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि बिना राजनीतिक परिवर्तन के शांति स्थापित करना मुश्किल है। सीरिया में चल रही लड़ाई में क़रीब ढाई लाख लोग मारे गए हैं और 1.1 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं। संघर्ष के कारण देश के कुछ शहरों में पिछले एक साल से मानवीय मदद नहीं पहुँच सकी है। असद ने कहा,“ उनकी फ़ौजें देश के सभी क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा करेंगी। कुछ इलाक़ाई ताक़तें भी मौजूद हैं, जिसका मतलब यह है कि इसमें समय लगेगा और बहुत नुक़सान होगा। हम इस संकट की शुरुआत से ही बातचीत और राजनीतिक हल निकालने में यक़ीन रखते आ रहे हैं। लेकिन हमें यह अंदेशा है कि सऊदी अरब और तुर्की सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप करेंगे। इन दोनों देशों की सेना सीरिया में विद्रोहियों की मदद कर रहे हैं।” 

मधुबनी : हरलाखी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू

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पटना 13 फरवरी, बिहार में हरलाखी विधानसभा उपचुनाव के लिये आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया । राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार हरलाखी विधानसभा उपचुनाव के लिये सुबह सात बजे से 242 बूथो पर मतदान शुरू हो गया है। मतदान शाम पांच बजे तक होगा ।कई मतदान केन्द्रों पर मतदान शुरू होने से पहले ही उत्साही मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुयी थी। इस उपचुनाव में 09 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है जिसमें एक महिला उम्मीदवार शामिल है। 

विधान सभा में मतदाताओं की कुल संख्या 2,58,371 है। इसमें 1,35,569 पुरुष मतदाता, 1,22,794 महिला मतदाता तथा 08 थर्ड जेंडर मतदाता है। प्रशासन ने शांतिपूर्ण माहौल में भयमुक्त, निष्पक्ष व स्वच्छ मतदान संपन्न कराने के लिए सभी बूथों पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर रखा है। बूथों की सुरक्षा के लिए 6 कंपनी केन्द्रीय पुलिस बल तथा 7 कंपनी बीएमपी को तैनात किया गया है। मतों की गिनती 16 फरवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में रालोसपा विधायक बसंत कुशवाहा का निधन हो जाने के कारण यह चुनाव कराना पड़ रहा है। रालोसपा रालोसपा प्रत्याशी सुधांशु शेखर स्वर्गीय बसंत कुशवाहा के बड़े पुत्र हैं। 

पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने पर भारत ने जताया कड़ा विरोध

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नयी दिल्ली, 13 फरवरी, भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के नाम पर उसे आठ अत्याधुनिक युद्धक विमान एफ-16 देने के अमेरिकी फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है और इसे आधिकारिक रूप से व्यक्त करने के लिये अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब करने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हम ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को एफ-16 विमानों के विक्रय की अधिसूचना जारी करने के निर्णय से निराश हैं। हम उनके इस तर्क से असहमत हैं कि ऐसे हथियार आतंकवाद से लड़ने में सहायक होंगे। इस बारे में पिछले कई वर्षों का (पाकिस्तान का) रिकॉर्ड स्वत: स्पष्ट है।” 

प्रवक्ता ने कहा, “ हमारी नाखुशी को व्यक्त करने के लिये विदेश मंत्रालय द्वारा अमेरिका के राजदूत को तलब किया जाएगा।” अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 विमानों, राडार एवं अन्य सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। यह सौदा 69.9 करोड़ डॉलर का है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने अमेरिकी सांसदों को इस सौदे के बारे में अधिसूचित कर दिया है। 

बसंत पंचमी पर करोडों ने लगायी आस्था की डुबकी

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लखनऊ 13 फरवरी, संगम नगरी इलाहाबाद और चित्रकूट समेत समूचे उत्तर प्रदेश में आज बसंत पंचमी के अवसर पर करोडों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगायी। इलाहाबाद, वाराणसी, सीतापुर, गढमुक्तेश्वर, मथुरा, अयोध्या, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ और कानपुर समेत नदियों के किनारे स्थित घाटों पर आज भाेर से ही स्नानार्थियों की भीड जुटनी शुरू हो गयी थी। पवित्र नदियों में स्नान किया और दान पुण्य कर परिवार की सुख शांति की कामना की। इस दौरान देवी सरस्वती की पूजा का भी जगह-जगह आयोजन किया गया। बसंत पंचमी के स्नान पर्व के लिए जगह-जगह घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किये गये थे। स्नान के दौरान दुर्घटनाओं से बचने के लिये एहतियात के तौर पर नौकायें और गोताखोर तैनात किये गये थे। इसके अलावा घाटों पर मौजूद जल पुलिस लाउडस्पीकर के माध्यम से स्नानार्थियों को नदी के खतरे वाले क्षेत्र में नहीं जाने की चेतावनी देते नजर आये। नदी किनारे स्थित मंदिरों के घंटे घडियाल सारा दिन बजते रहे। श्रद्धालुओं ने कतार में लग कर अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना की। इस दौरान शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिये जगह-जगह क्लोज सर्किट टीवी कैमरे भी लगाये गये थे। 

इलाहाबाद में माघ मेला क्षेत्र में बसंत पंचमी पर करीब 20 लाख स्नानार्थियों ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर डुबकी लगायी। पुलिस और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के जमावडे के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे। माघ मेले में आज चौथा सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्नान पर्व था। मेला प्रशासन एवं जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि वसंत पंचमी पर माघ मेला प्रशासन ने देश के कोने कोने से आये श्रद्धालुओं के त्रिवेणी में डुबकी लगाने के दौरान सभी जरूरी इंतजाम किये हैं। सांस्कृतिक नगरी वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, असि घाट, राजेन्द्र घाट, पंचगंगा घाट, शीतला घाट आैर अहिल्याबाई घाट समेत अन्य घाटों पर लाखों स्नानार्थियों ने आज बसंत पंचमी पर स्नान किया और बाद में हर हर गंगे के उदघोष कर सूर्यदेव को अर्ध्य दिया। इस मौके पर बाबा विश्वनाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर पूजा अर्चना की। धार्मिक नगरी की गली गली में स्थित हजारों की तादाद में शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने गंगा जल का अभिषेक किया। पौराणिक एवं ऐतिहासिक तीर्थंस्थल चित्रकूट में इस मौके पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी नदी में डुबकी लगा चुके थे। जिला प्रशासन ने इस दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये थे। नदी में स्नान के बाद श्रद्धालुआें ने कामदगिरि की परिक्रमा लगायी।

कानपुर के परमट घाट, सरसैया घाट, गुप्तार घाट, सिद्धनाथ घाट और बिठूर समेत गंगा तट पर स्थित कई अन्य घाटों में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने बसंत पंचमी पर आस्था की डुबकी लगायी। बाद में आनंदेश्वर मंदिर, बलखंडेश्वर मंदिर और नागेश्वर मंदिरों में पूजा पाठ का शुरू हुआ क्रम दोपहर बाद तक जारी रहा। बरेली से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नाथ नगरी बरेली में श्रद्धालुओं ने रामगंगा नदी में स्नान कर अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, मणिनाथ, धूपेश्वरनाथ, पशुपतिनाथ और बनखंडीनाथ समेत अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना की। फैजाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या में सरयू तट पर स्थित नया घाट, गुप्तार घाट, झुमकी घाट, गोला घाट और जमथरा घाट में श्रद्धालुओं का तांता भाेर से ही लगना शुरू हो गया था। स्नान करने के बाद स्नानार्थियों ने मंदिरों में पूजा अर्चना की और दान पुण्य कर परिवार की सुख शांति की कामना की। क्षीरेश्वर मंदिर, नागेश्वर, विघ्नेश्वर और किंकरेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया। हनुमानगढी में श्रद्धालुओं का तांता सारा दिन लगा रहा। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि बसंत पंचमी का स्नान पर्व आस्था से मनाया जा रहा है। इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है। 

हरलाखी उपचुनाव : पहले 4 घंटे में 26 फीसदी वोटिंग

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बिहार में मधुबनी जिले में हरलाखी विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. पहले तीन घंटे याानि दस बजे तक कुल 19 फीसदी वोटिंग हई है.  नौ बजे तक 11.5 फीसदी वोटिंग और पहले घंटे यानि आठ बजे तक पांच फीसदी वोटिंग हुई थी. सभी बूूथों पर शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग जारी है. हरलाखी उपचुनाव में एक बार फिर से नीतीश सरकार की लोकप्रियता की अग्निपरीक्षा होने जा रही है. मतदाता शाम पांच तक अपना मत डाल सकेंगे.

चुनाव मैदान में एक महिला समेत कुल 9 उम्मीदवार हैं, जिनके भाग्य का फैसला दो लाख 58 हजार 371 मतदाता करेंगे. कुल मतदाता में एक लाख 35 हजार 569 पुरुष और एक लाख 22,794 महिला मतदाता हैं. 8 मतदाता थर्ड जेंडर के भी है. प्रमुख उम्मीदवार की बात करें तो एनडीए ने रालोसपा के दिवंगत विधायक बसंत कुशवाहा के पुत्र सुधांशु शेखर को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने मोहम्मद शब्बीर और सीपीआई ने रामनरेश पांडेय को ही फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. कुल 242 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

जिले के जिलाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने कहा कि चुनाव इतिहास में हरलाखी के सभी मतदान केंद्र को आदर्श मतदान केंद्र बनाया जा रहा है, जहां मतदाता के बैठने और पानी पीने आदि की व्यवस्था होगी. जिला प्रशासन ने चुनाव की सारी तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया है. मधुबनी के एसपी मोहम्द अख्तर हुसैन ने बताता कि चुनाव में सभी बूथों पर सीआरपीएफ के जवान की तैनाती रहेगी. साथ ही 1,434 पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है. किसी भी अनहोनी से बचने के लिए कड़ी सुरक्षा की गई है. शुक्रवार को ही नेपाल और सीतामढ़ी से लगने वाली सीमा को सील कर दिया गया.

खत्म हो जायेगी बशर अल-असद की सत्ता: सऊदी

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बर्लिन 13 फरवरी, सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबैर ने कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद सत्ता में बने नहीं बने रहेंगे। एक जर्मन अखबार काे दिये सात्क्षकार के में श्री अल-जुबैर ने कहा कि सीरिया में रूस के हमले और दखलअंदाजी के बाद भी श्री असद को सत्ता में बने नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा “ श्री असद को सत्ता से बेदखल हाेने में तीन महीने या छह महीना या फिर तीन साल भी लग सकते हैं लेकिन उन्हें सीरिया की जिम्मेदारी से मुक्त होना होगा।”यह साक्षात्कार आज प्राकशित हुआ है। 

सीरिया में रूसी दखलअंदाजी की आलोचना करते हुए श्री अल-जुबैर ने कहा असद के समर्थन में रूस के हवाई हमलों और उत्पीड़न के बाद सीरिया के लोग असद को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 फ़रवरी)

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पीकअप वाहन दुर्घटना ग्रस्त 3 की मृत्यु 29 घायल

  • विधायक बिलवाल ने तत्काल अस्पताल पहूंच कर घायलों का उपचार शुरू करवाया

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झाबुआ---विधानसभा के बोरी क्षैत्र अंतर्गत गा्रम  कोल्याबरडा एवं बेहडिया से कुल 35 गा्रमीणजन भागदरी(टाण्डा) परिवार के नुक्ता कार्यक्रम में पीकअप वाहन से जा रहे थे कि मंगलवार को प्रातः वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमें 3 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई तथा  29 लोग घायल हो गये ।,घायलो में 6 मरीजों को  जिला चिकित्सालय अलिराजपुर एवं 11 मरीज को जिला चिकित्सालय झाबुआ हेतु रेफर किया जाकर उन्हे जिला अस्पताल में भरती कर उपचार दिया जारहा है । इस दुर्घटना की जानकारी प्राप्त होते ही क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने संवेदनशीलता के साथ तत्काल जिला अस्पताल पहूंच कर घायलों के उपचार एवं चिकित्सा सेवाओं को लेकर जायजा लिया । विधायक शांतिलाल बिलवल के साथ पूर्व मंडल अध्यक्ष मेजिया कटारा, मंडी उपाध्यक्ष बहादूर हटिला  भरत बामनिया, जितेन्द्र पंवार, मनीष राठौर एवं पार्टी के कई कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे । विधायक ने अस्पताल में भरती घायलों से भेंट कर उनके स्वास्थ्य के बारे मे  सिविल सर्जन एवं चिकित्सकों से इनको अच्छे से अच्छा उपचार मुहैया कराने के निर्देश दिये वही फोन पर  आलीराजपुर एवं बोरी में उपचार के लिये भरती मरीजों को समुचित उपचार दिये जाने के बारे में डाक्टरो ं से चर्चा की । श्री बिलवाल ने बताया कि इस घटना में घायल हुए शेष 15  लोगों का बोरी उप स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज चल रहा है । श्री बिलवाल के अनुसार पीकअप दुर्घटना में मृतक हुए लोगों में ठाकुरसिग भूचर भीलाला निवासी बेहडिया आयू 45 वर्ष,विजय लीमसिंग भीलाला निवासी कोल्याबरडा आयू 9 वर्ष,कुवरसिग वालसिग  भीलाला निवासी बेहडिया आयू 40 वर्ष है, वही घायलो में सरदार पातलिया 8 वर्ष, प्रकाश सुरभान भीलाला 8 वर्ष, मुकेश रूपसिंग  भीलाला 10 वर्ष,रूपा भवरसिंग भीलाला 4 वर्ष, अनारबाई पति भुवानसिंह भीलाला 38 वर्ष, कानी पति भवानसिंह भीलाला 40 वर्ष, मेहरबाई  अलपसिंह  12 वर्ष, राकेश थानसिंह 14 वर्ष, अनील राजू 45 वर्ष, मागंलिया हेमता भीलाल 55 वर्ष, रतन मोहकिया 7 वर्ष, कलमसिंह इडिया 45 वर्ष, इडिया अमनिया भीलाला 30 साल थापली पति करमसिंह 40 वर्ष, सुमली पति कीसन 40 वर्ष सभी गा्रम कोल्याबरडा,  भीमसिंह ननकिया 10 वर्ष, कमा संुदरसिंह  55 वर्ष, दीतू बुचा 10 वर्ष, रीतेश विनोद 42 वर्ष, मोहबाई पति संुदरसिंह  12 वर्ष, दिलीप ठाकुरसिंह 40 वर्ष, कुंवरसिंह वालसिंह 10 वर्ष, इकरान धरमा  40 वर्ष, भगडी झेतू 50 साल, राजू संुदरसिंह भीलाला 10 वर्ष, कुवरसिंह वालसिंह 40 वर्ष एवं पोषलिया हमकु भीलाला  सभी निवासी बेहडिया एवं धकडिया गमनसिंह भीलाला 60 वर्ष, निवासी कोल्याबरडा घायल होकर इन्हे अस्पताल में भरती कर उपचारित किया जारहा है । विधायक शातिलाल बिलवाल ने बताया कि उक्त दुर्घटना में झाबुआ अस्पताल में भरती सभी 11 मरीजों को सुचित उपचार दिये जाने के लिये सिविल सर्जन डा आरबी कौशल को निर्देश दिये गये है । वही बोरी में  भरती सभी 15 मरीजों को भाजपा पदाधिकारी राधेश्याम, संजय गांधी, कोल्याबरडा के सरपंच ने पहूंच कर भरती मरीजों की उपचार व्यवस्था प्रारंभ करवाई है वही आलीराजपुर में  भरती किये गये 6 मरीजों को जिला भाजपा अध्यक्ष राकेश अग्रवाल आलीराजपुर ने अस्पताल मे पहूंच कर घायल मरीजों को उपचारित करने तथा  उन्हे समुचित उपचार करने के लिये सिविल सर्जन एवं चिकित्सकों से चर्चा करके भाजपा पदाधिकारी  सेवा भावना से जुटे हुए है ।

हादसे मे दो मोत के बाद घटना स्थल पर लाश रखकर लोगो ने किया चक्काजाम

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झाबुआ---12 मौतों के बाद आखिरकार लोगों का सब्र और इंतजार जवाब दे गया, सोमवार को उत्कृष्ट सड़क पर कलेक्टोरेट के सामने हुए हादसे में मृत टिडू परमार और उनके पोते अजय परमार की लाश घटना स्थल पर रखकर लोगों ने चक्काजाम कर दिया । लोगों का गुस्सा उत्कृष्ट सड़क के अधूरे निर्माण कार्य को लेकर था । मृतकों के परिजन इस बात से भी हैरत में थे शाम 4.30 की घटना थी, लेकिन उसके बावजूद आरोपी चालक वाहन लेकर प्रदेश की सीमा से बाहर निकल गया । लोगों ने इस बीच पुलिस-प्रशासन और नगरपालिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । लोगों ने उत्कृष्ट सड़क को बनाने वाले कॉन्ट्रेक्टर और नगरपालिका सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की । काफी देर तक हंगामा चलता रहा । आखिरकार प्रभारी कलेक्टर अनुराग चैधरी और एसपी संजय तिवारी मौके पर पहुंचे, दोनों ने लोगों आश्वासन दिया कि उनकी 6 मांगों पर जल्द से जल्द अमल किया जाएगा । इन 6 में 3 मांगों को 24 घंटे में अमल में लाया जाएगा ।  प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाए जाने के बाद मृतकों के परिजनों ने उनकी लाशें सड़क से हटाकर रास्ता खोला ।  लेकिन अब शहर पुछ रहा है कि इन 12 मौतों का जिम्मेदार कौन है । प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य जिन्होंने इस उत्कृष्ट सड़क का काम शुरू किया था । नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया जो इतने हादसों के बाद भी खामोश हैं, नगरपालिका सीएमओ जो हादसे पर हादसे हो रहे हैं लेकिन मानने को तैयार नहीं । या फिर उत्कृष्ट सड़क बनाने वाले ठेकेदार जिसकी पहुंच सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं तक है । यहां ये जान लेना भी जरूरी है कि लोकसभा चुनाव 2014 की आचार संहिता लगने के पहले इस सड़क के जरिये चुनावी दांव खेला गया था । आनन-फानन में 26 फरवरी 2014 को प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य ने इसका भूमिपूजन किया था । 12 करोड़ 80 लाख की ये सड़क अब हादसों की सड़क बन चुकी है । अलग-अलग हादसों में 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है । सड़क का काम अब भी अधूरा है ।

शेरपुर किसान सम्मेलन के लिये 5000 किसान आज बुधवार को करेगें प्रस्थान

  • जिला  भाजपा की बैठक में व्यूह रचना एवं रूपरेखा तय की गई 

झाबुआ---केन्द्र सरकार की बहुआयामी एवं किसान हितैषी कृषक फसल बीमा योजना का शुभारंभ कल 18 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सिहोर जिले के शेरपुर गा्रम में किया जारहा है । आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले से भी इस सम्मेलन में 5000 से अधिक किसान भागीदारी करने जारहे है । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने फसल बीमा जैसी योजना का राष्ट्रव्यापी लोकार्पण करने के लिये राजधानी भोपाल जैसी जगह के बजाय गा्रमीण क्षेत्र शेरपुर   को चयन करके किसानों के हित की योजन को किसानों के घर आंगन मे कराने के निर्णय से ही साबित होता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च स्थान देती है और किसानों को हर मुमकीन मदद पहूंचाने में पीछे नही है । प्रदेश में सूखा राहत की राशि  किसानों के खातों में जमा हो रही है वही पूरे प्रदेश में किसान हित के लिये दर्जनों योजनाओं का क्रियान्वयन करके वास्तविकता के धरातल पर किसानों को लाभान्वित करने में जुटी हुई है । भाजपा के प्रत्येक मंडल अध्यक्ष एवं महामंत्री को जिम्मेवारी पूर्वक अपने अपने मंडल से बडी संख्या मे किसानों की सहभागीता कराना है । उक्त उदबोधन  मंगलवार को जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित जिला भाजपा पदाधिकारियो, विभिन्न मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों, भाजपा मंडल अध्यक्षों एवं महामंत्रियों की विशेष बैठक में जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार  ने व्यक्त किया । 18 फरवरी को शेरपुर जिला सीहोर में देश के किसानों के लिये किसान फसल बीमा योजना का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी का प्रदेश के किसानों की ओर से भव्यातिभव्य स्वागत करने के लिये तथा कार्यक्रम में जिले के किसानों की सहभागिता को लेकर विशेष बैठक  जिला भाजपाध्यक्ष दौलत भावसार की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में विधायक शांतिलाल बिलवाल,विधायक निर्मला भूरिया, अजजा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, जिले के सभी मंडल अध्यक्षगण एवं महामंत्रीगण , किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विजय बहादूरसिंह उमरकोट, ओपी राय, प्रफुल्ल जैन सहित बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारीगण उपस्थित थे । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने कहा कि देश को हरित का्रंति की दिशा में अग्रसर करने में केन्द्र की भाजपा सरकार एवं प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने दर्जनों योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से जहां किसानों को खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये प्रोत्साहित किया है वही इसी कडी में प्राकृर्तिक आपदा, अवर्षा, अतिवृष्ठि, ओलो आदि से फसलों की बर्बादी पर किसानों के लिये प्रधानमंत्री 18 फरवरी को शेरपुर मे फसल बीा योजना का लोकार्पण करके देश भर के किसानों के लिये कम से कम प्रिमियम पर उनके आर्थिक नुकसान को पूरी तरह समाप्त करने तथा किसानों की खुशहाली के लिये योजना शुरू करेगें । पूरे प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत करना हमारा नैतिक दायित्व है । विधायक सुश्री निर्मला भूरिया ने भी प्रदेश में हुई कृषि कांति का जिक्र करते हुए कहा कि सूखा राहत के माध्यम से मुख्यमंत्री ने हर प्रभावित किसान को मदद की है । अब प्रधानमंत्री भी देशव्यापी फसल बीमा योजना लागू करके हर किसान के प्रगति के द्वार को खोलेंगें । उन्होने कहा कि  आजादी के 65 साल में पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी भी किसानों के लिये हितगा्रही योजना लागू नही की थी केवल भाजपा के ही प्रधानमंत्री ने इस और किसानों के दुख दर्द को समझते हुए इसे क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है जो अभिनंदनीय है । जिले से 5000 से अधिक किसान प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने पहूंचेगें । आयोजित बैठक में प्रत्येक मंडल से किसानों को शेरपुर सीहार ले जाने के लिये वाहन व्यवस्था, सहभागीय होने वालों के लिये भोजन आदि की व्यवस्था के बारे में रूपरेखा तय की गई । तथा बताया गया कि आज 17 फरवरी को जिले के सभी मंडलों से हजारों किसान एवं भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शेरपुर के लिये प्रस्थान करेगें । बैठक मे लिये गये निर्णय के अनुसार प्रत्येक मंडल में कहा कहां से वाहन किस समय प्रस्थान करेगें तथा वाहनों में कितने लोगों को ले जाया जावेगा ,तय किया गया । अत में सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रचंड विजय पर सभी ने करतल ध्वनि के साथ खुशिया व्यक्त की तथा  नारे बाजी करके अपनी खुशियों का इजहार किया ।

पंचतत्व संरक्षण के लिए जागरूकता यात्रा का शुभारंभ

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झाबुआ ---म.प्र.जन अभियान परिषद् द्वारा 16 फरवरी से 22फरवरी तक सात दिवसीय पंचमहाभूत ( अग्नि,जल, वायु, पृथ्वी, आकाश ) संवर्धन साक्षरता यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्रा का शुभारंभ आज मंगलवार को स्थानीय दिलिप क्लब परिसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारा यात्रा वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। यात्रा शुभारंभ कार्यक्रम में क्षैत्रीय विधायक श्री शांतिलालजी बिलवाल, श्री दौलतजी भावसार जिला उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, श्री शांतिलालजी पालीवाल उपाध्यक्ष जिला जन अभियान समिति , ब्रम्हकुमारी किरण दीदी की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं द्विप प्रज्जवलन कर किया गया । तत्पश्चात् प्रस्फुटन समितियों के सदस्यों द्वारा अतिथियों का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया । सर्वप्रथम जिला समन्वयक वीरेन्द्रसिंह ठाकुर द्वारा पंचमहाभूत ( पृथ्वी, जल, आकाश, वायु, अग्नि) पर निकाली जाने वाली यात्रा के सबंध में विस्तार पुर्वक प्रतिभा्िरगयों को बताते हुए कहा कि यह यात्रा जिले 30 ग्रामों में भ्रमण करेगी तथा इन ग्रामों में लोगो को जागरूक कर पंचतत्व क्या है एवं इसके महत्व पर ग्रामीणों को जानकारी प्रदान की जाएगी तथा इस यात्रा का समापान 22 फरवारी को जिला मुख्यालय पर किया जाएगा।  श्री पालीवालजी द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि किस तरह से पंचमहाभूतों का दोहन किया जा रहा है एवं इसके संरक्षण हेतु हमें क्या प्रयास करना चाहिए इसके बारे में यात्रा के दौरान लोगो को बताया जाएगा। श्री भावसारजी द्वारा पंचतत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पंचतत्व क्या है यह किससे मिल कर बना है एवं इसमें कौन-कौन से तत्व आते है। एवं यह हमारे लिए क्यों आवश्यक है। के बारे में विस्तार से बताया। क्षैत्रीय विधायक श्री बिलवालजी द्वारा बताया गया कि जन अभियान परिषद् का उद्देश्य वास्तविक हितग्राही तक शासन की जन कल्याणकारी योजना को पहुचाना है । पंचमहाभूत यात्रा के माध्यम से ग्रामों के लोगो को जागरूक करना है एवं पंचमहाभूत का महत्व समझाना है, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश की उपयोगिता के बारे में लोगो को समझाना है। शुभारंभ कार्यक्रम में जन अभियान परिषद् के ब्लाक समन्वयक, दयाराम मुवेल, टीना शर्मा, वर्षा डोडियार, प्रवीण शर्मा, प्रवेश शर्मा एवं नवांकुर तथा प्रस्फुटन समिति के सदस्य तथा बीएलडब्ल्यू पाठ्यक्रम के मेंटर्स एवं स्टूडेंण्ट उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन ब्लाक समन्वयक दयाराम मुवेल द्वारा किया गया।

जनसुनवाई में 81 आवेदन प्राप्त

झाबुआ----शासन के निर्देशानुसार आज मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में जनसमस्या सें संबंधित आवेदन प्राप्त हुवे। जनसुनवाई में आवेदन प्रभारी कलेक्टर अनुराग चैधरी एवं संबंधित विभागो के जिला अधिकारियों ने लिये। आवेदन निराकरण के लिये संबंधित विभागों को साॅफ्टवेयर के माध्यम से आॅनलाइन भेज दिये गये है। जनसुनवाई में धूमसिंह पिता दलसिंह निवासी ग्राम टिकडीबोडीय रानापुर ने नवीन हेण्डपम्प लगवाने के लिये आवेदन दिया। जोगा पिता हिरा सिंगाड ग्राम बिलोडोज झाबुआ ने कूप निर्माण ब्लास्ंिटग का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। मूर्तजा पिता अल्ली निवासी थांदला रोड मेघनगर ने मटेरियल भुगतान हेतु आवेदन दिया। बाबूला केगू रानापुर ने जय माॅ सरस्वती समूह की राशि का भुगतान करने के लिये आवेदन दिया। जामसिंह पिता पुन्जा निवासी झाबुआ ने वन भूमि का पट्टा दिलवाने के लिए आवेदन दिया। रामलाल पिता गणपतसिंह सोलंकी पेटलावद ने ऋण पुस्तिका देने के लिये आवेदन दिया। काल पिता वरसिंह एवं डूमपाडा के ग्रामीणा ने ग्राम डूमपाडा का तालाब गहरीकरण हेतु आवेदन दिया। श्रीमति सुशीला शर्मा मोजीपाडा झाबुआ ने नियुक्ति में गडबडी की जांच करवाने एवं रोजगार दिलवाने के लिए आवेदन दिया। दितु पति स्व. रूपा निवासी रानापुर ने विधवा पेंशन एवं नुक्ता की राशि का भुगतान हेतु आवेदन दिया।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ--- फरियादिया ने बताया कि वह अपने जेठ के लडके की शादी में जा रही थी। आरोपी फज्जु पिता सोका सिंगाड, निवासी पंचपिपलिया का मिला व अकेली देख जबरन बलात्कार किया, चिल्लाने पर व पति के आ जाने पर भाग गया। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 51/16, धारा 376 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ--- फरियादिया सोवन पिता गोबरिया डामोर, उम्र 45 वर्ष निवासी कदवाली ने बताया कि लडकी उम्र 17 वर्ष थांदला बाजार करने जाने का कहकर गयी थी। आरोपी ईश्वर पिता मांगू भूरिया, निवासी वडलीपाडा का औरत बनाने की नीयत से बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 53/16, धारा 363,366 भादवि 7/8 लै0अप0बा0संर0अधि0 2012 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आभुषण सहीत नकदी की चोरी 

झाबुआ--- फरियादि हरीश पिता शिवशंकर गुप्ता, उम्र 35 वर्ष निवासी मेघनगर ने बताया कि अज्ञात आरोपी फरि0 के मकान की दीवार लांघकर अंदर घुसा व अलमारी में से एक सोने की अंगुठी, 05 ग्राम की, नगद 10,000/-रूपये, एक मोबाईल सेमसंग कंपनी का, एक घडी एचएमटी कंपनी की चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 19/16, धारा 454,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

10 अपराधों में फरार स्थाई वारंटी कानजी गिरफ्तार

झाबुआ---  पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी ने बताया कि स्थाई वारंटी कानजी पिता कमजी निनामा, निवासी बियाडाबर, जो कि थाना रायपुरिया के अपराध क्रमांक 206,249,204,49,229 एवं 201ध्2014, अप0क्र0 161, 171ध्15, धारा क्रमश 394,395,457,380,397 भादवि, थाना रानापुर के अपराध क्रमांक 373ध्2014, धारा 394 भादवि में धारा 173(8) के तहत फरार चल रहा था, स्थाई वारंटी कानजी रायपुरिया थाने में पुलिस रिमाण्ड पर था, अभिरक्षा से भाग गया था, स्थाई वारंटी कानजी के विरूद्ध धारा 224 भादवि का अपराध थाना रायपुरिया में पंजीबद्ध किया गया था, स्थाई वारंटी के बारे में कई माहों से जानकारी लेने पर यह ज्ञात हुआ कि वह थाना वाडा जिला ढाणे (महाराष्ट्र) के चंदेली गांव में विजारा टाइल्स फेक्ट्री में क्रेन चलाता है, सूचना की पुष्टि की जाकर स्थाई वारंटी कानजी को पकडने हेतु कार्य योजना बनाई गई। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की रीडर एवं जिला अपराध शाखा में पदस्थ अधि0ध्कर्मचारी सउनि महावीर, प्र0आर0 सैययद, प्र0आर0 दिनेश एवं आर0 मनोहर की पुलिस टीम भेजी गई। पुलिस टीम द्वारा गोपनीय रूप से स्थाई वारंटी कानजी पिता कमजी निनामा, निवासी बियाडाबर के बारे में पतासाजी कर उसे पकडने की रूपरेखा बनाई एवं गोपनीय रूप से दबिश व घेराबंदी की जाकर स्थाई वारंटी कानजी पिता कमजी निनामा, निवासी बियाडाबर को गिरफतार किया गया। इस प्रकार झाबुआ पुलिस को 10 अपराधों में फरार स्थाई वारंटी कानजी पिता कमजी निनामा, निवासी बियाडाबर को गिरफतार करने में सफलता प्राप्त हुई है। स्थाई वारंटी की गिरफ्तारी पर नगद ईनाम की उद्घोषणा की गई थी। पुलिस अधीक्षक ने उक्त सफलता पर पुलिस टीम को बधाई दी है एवं उद्घोषित राशि के नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

वाहन दुर्घटना मे दो की मोत

झाबुआ--- फरियादि रमेश पिता टीटू परमार, उम्र 32 वर्ष निवासी डुंगरा धन्ना ने बताया कि मृतक टीटू पिता झितरा परमार, निवासी डुंगरा धन्ना की एक्सीडेंट में आयी गंभीर चोटों के कारण मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 10/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादि रमेश पिता टीटू परमार, उम्र 32 वर्ष निवासी डुंगरा धन्ना ने बताया कि  अजय पिता प्रेम परमार, निवासी डुंगरा धन्ना की एक्सीडेंट में आयी गंभीर चोटों के कारण मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 11/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जहरीली दवाई पीने से मोत

झाबुआ---फरियादी बहादुर पिता साडु बारिया निवासी पाडलघाटी ने बताया कि धनजी पिता साडु बारिया उम्र 35 वर्ष निव पाडलघाटी की जहरीली दवाई पीने से मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्रमांक 6/16, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच मे लिया गया।

बिहार : पटना में 23 फरवरी को होगा विशाल आयोजन

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जेएनयू के छात्रों व हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित शोध छात्र के न्याय के सवाल पर आयोजित दिल्ली मार्च की एकजुटता में 
  • छात्र-युवा-संस्कृतिकर्मियों और नागरिकों की हुई बैठक

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पटना 16 फरवरी 2016, संघी गिरोह के दबाव में आइसा सहित जेएनयू के कई छात्रों पर किये गये राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस लेने और हैदराबाद वि.वि. में भाजपा मंत्रियों के दबाव में आत्महत्या के लिए मजबूर दलित शोध छात्र रोहित वेमुला के न्याय के सवाल पर 23 फरवरी को दिल्ली मार्च की एकजुटता में पूरे बिहार और खासकर पटना में छात्र-युवा-संस्कृतिकर्मियों व बुद्धिजीवियों ने विशाल जनसभा आयोजित करने का फैसला किया है. पटना में यह आयोजन पटना विश्ववि़ालय गेट पर आयोजित होगा. आइसा राज्य कार्यालय में आयोजित बैठक में इस विषय पर सहमति बनी कि 23 फरवरी के आयोजन में बड़े पैमाने पर बुद्धिजीवियों, सांस्कृतिक संगठनों, छात्र-युवा संगठनों की भागीदारी वाली कार्यक्रम का आयोजन किया जाए. बैठक में जसम से संतोष सहर, एआइपीएफ के राष्ट्रीय पार्षद अभ्युदय, इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार, हिरावल के संतोष झा, आइसा के मोख्तार, तारिक, सुधीर, निखिल, कुमार अमित, शहरी गरीब मोर्चा के अध्यक्ष अशोक कुमार व इनौस के अजय आजाद शामिल थे.

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि हैदराबाद वि.वि. में भाजपाई मंत्रियों की कार्रवाइयों से परेशान आत्महत्या को मजबूर दलित शोध छात्र रोहित वेमुला के लिए न्याय व आॅक्यूपाई यूजीसी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए अब जेएनयूछात्र संघ को संघियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. छात्रों की धरपकड़ तथा आठ छात्रों को विश्वविद्यालय से निलंबित करने की घटना अघोषित आपातकाल जेसा है. उन्होंने कहा कि यह अब साफ होता जा रहा है कि जेएनयू को बदनाम करने के लिए संघ ब्रिगेड ने गहरी साजिश की है. एक वीडिया सामने आया है जिसमें एबीवीपी के ही लोग देशविरोधी नारे लगा रहे हैं. मोदी सरकार द्वारा कैंपसों में लोकतंत्र व छात्र आंदोलन के खिलाफ योजनाबद्ध ढंग से मुहिम चलायी जा रही है. 

यह भी चर्चा हुई कि संघ परिवार अपने से असहमत हर विचार को राष्ट्रद्रोह घोषित करने पर तुली हुई है. चाहे वह दलित छात्रों का सवाल हो, अल्पसंख्यकों का सवाल हो, महिलाओं का सवाल हो, अपने हक की मांग करने वाले राष्ट्रद्रोही घोषित कर रही है. आरएएस का खुद का इतिहास देश की आजादी के आंदोलन से गद्दारी और विश्वासघात का है. ये ताकतें जगह-जगह खुद पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाकर देश का माहौल बिगाड़ रही है. देश में सांप्रदायिक उन्माद भड़काने, दंगा करवाने वाले देशभक्त नहीं हो सकते. आज आरएसएस के गुंडे लगातार न्याय के पक्ष में आंदोलन कर रहे रहे लोगों पर हमला कर रहे हैं. यहां तक कि पत्रकारों को पीटा जा रहा है. यह पूरी तरह से राजनीतिक गुंडागर्दी है. इसके खिलाफ देश के मजदूर-अकलियत, छात्र-नौजवान सब मिलकर भाजपा द्वारा देशभक्ति के नाम पर देश में जहर घोलने और मूल मुद्दों से भटकाने के प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब देंगे.

देश का नशामुक्ति करना है: डा. एस. डी. चोपदार

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नई दिल्ली। प्रधान मंत्री मोदी जी ने आज देश का नक्शा ही बदल दिया है,स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही देश को नशा मुक्त अभियान की चेन चलाने वाले डी- एडिक्शन डा. एस. डी. चोपदार  का कहना है कि ‘पक्के इरादे और दृढ संकल्प से समाज को पूरी तरह से नशामुक्त कराया जा रहा है। पिछले 6 साल दशकों से समाज सेवा के कार्य में पूरी तरह से लगा हुआ हॅू। साथ ही देश के लगभग 12 लाख लोगों से भी अधिक लोगों को नशे की लत से मुक्त कराया है। पश्चिमी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में आयोजित डाक्टर्स सम्मान समारोह के दैरान डा. चोपदार ने अपने विचार व्यक्त किये और कार्यक्रम में उपस्थित डाक्टरों को नशामुक्ति अभियान में सहयोग करने का अनुरोध किया।

कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान औषधालय प्रा.लि. किया गया। जिसमें स्थानिय आयुर्वेदिक डाक्टरों भारी संख्या में बढ चढ कर हिस्सा लिया। इस अवसर मुख्य अतिथि डा. मनीष ग्रोवर,एम.एल.शर्मा, डा. एस. डी. चोपदार  और आर.एंड डी. इन्चार्ज आंनद मेहता ने अपने विचार व्यक्त किये। उपस्थित डाक्टरों को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सभी डाक्टरों चोपदार के देशव्यापी नशामुक्ति नशामुक्ति अभियान की सुर से सराहना की,तथा नशामुक्त देश की शपथ ली। डा.चोपदार ने राज्य सरकारों से मांग करते हुए कहा कि सरकार को ठोस कदम उठाते हुए हाइवे पर शराब की सभी दुकानों को हटाना चहिए,जिससे शराब आसानी से उपलब्ध न हो सके।

डा. चोपदार ने जानकारी देते हुए बताया कि नशा केवल शराब को ही नही होता, नशा सिगरेट, तम्बाकु, गांजा, चरस, अफीम किसी भी चीज का हो सकता है,आये दिन नशा करने की कि नई नई चीजे सामने आती जा रही है उनकी पूरी कोशिश है कि हर घर समाज में सभी को इस बारे मे जानकारी हो और हमारे साथ नशे खिलाफ मुहिम का हिस्सा बने। डा. चोपदार ने नशा कम करने वाली दवा के बारे में बताया कि यह ऐसी दवा है जो नशा कम करने वाले व्यक्ति को बिना बताए खाने पीने की किसी भी चीज में मिलाकर  दिया जा सकता है। दवा के परिणाम स्वरूप नशा करने वाला व्यक्ति को पता भी नही चलता और धीरे धीरे दवा अपना असर दिखना शुरू कर देती है,और कुछ ही दिनों में पीडित व्यक्ति नशे से मुक्त हो जाता है।

मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की हो रही है जांच: बस्सी

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नयी दिल्ली,16फरवरी, दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा है कि कल पटियाला हाउस अदालत में मीडियाकर्मियों के साथ हुई हाथापाई के मामले की जांच की जा रही है और इसमें शामिल लाेगों का पता लगाया जा रहा है। आराेपियों की पहचान होते ही उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। श्री बस्सी पटियाला हाउस अदालत में कल की घटना पर संवाददाताओं के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कल जो कुछ हुआ वह अचानक फूटे गुस्से की वजह से हुआ था। इसमें सभी पक्ष एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगा रहे हैं, ऐसे में मामले की पूरी जांच होने के बाद ही किसी पर आरोप तय किया जाएगा। इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि मीडियाकर्मियों पर हुए कथित हमले की जांच कराई जा रही है। 

इस सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में नौ फरवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए जाने के आरोप में गिरफ्तार छात्र नेता कन्हैया कुमार को पेश किए जाने के पहले सोमवार को पटियाला हाउस अदालत में कुछ वकीलों की जेएनयू के छात्रों तथा शिक्षकों और मीडियाकर्मियों के साथ कथित हाथापाई और मारपीट हुइ थी। कन्हैया की तीन दिन की हिरासत अवधि कल खत्म होने पर उसे अदालत में पेश किया जाना था। मीडियाकर्मियों में कल की इस घटना को लेकर काफी रोष है। इस सिलसिले में उन्होंने आज प्रेस क्लब से एक मार्च निकाला और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अावास में जाकर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा।

चौथी तिमाही में भी बढ़ेगा एनपीए : अरुंधति भट्टाचार्य

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नयी दिल्ली 16 फरवरी, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के बढ़ते बोझ के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मुनाफा 67 प्रतिशत गिरने के बाद चौथी तिमाही में भी यह क्रम जारी रहने की आशंका है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने आज यहाँ एक कार्यक्रम के बाद एनपीए पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, “इस तिमाही में जैसा आपने देखा कि मुनाफे पर असर पड़ा है तथा एनपीए बढ़ा है, अगली तिमाही में भी इसी तरह से एनपीए कुछ और बढ़ेगा; मुनाफे पर भी कुछ न/न कुछ असर होगा। लेकिन, आगे चलकर देखना पड़ेगा कि हम कैसे इस परिस्थिति को ठीक कर पाते हैं।” तीसरी तिमाही में पूरे बैंकिंग सेक्टर पर एनपीए का दबाव रहा। 

कई सार्वजनिक बैंकों का एनपीए दुगुना या इससे भी ज्यादा हो गया। अधिकतर सरकारी बैंक नुकसान में रहे। एसबीआई का सकल एनपीए 4.15 प्रतिशत से बढ़कर 5.10 प्रतिशत पर तथा शुद्ध एनपीए 2.14 प्रतिशत से बढ़कर 2.89 प्रतिशत पर पहुँच गया। समग्र आधाार पर उसका शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की तुलना में 67.10 प्रतिशत घटकर 1259.49 करोड़ रुपये रह गया। रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एनपीए को छुपाने के बजाय स्वीकार करने के लिए बैंकों पर बनाये गये दबाव के परिणाम स्वरूप तीसरी तिमाही में अधिकतर बैंकों का एनपीए बढ़ा है। आरबीअाई गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि यह मर्ज ठीक करने के लिए होने वाली सर्जरी से पहले सुँघाई गई बेहोशी की दवा है।
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