नयी दिल्ली, 20 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत एवं नेपाल की मैत्री को हिमालय के समान अटल एवं गंगा के समान पवित्र बताते हुए आज कहा कि नेपाल में शांति, स्थिरता और आर्थिक संपन्नता दोनों देशों का साझा हित है। श्री मोदी ने यहाँ नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के साथ शिखर बैठक के बाद अपने वक्तव्य में यह बात कही। इस मौके पर दोनों देशों के बीच बिजली, सड़क निर्माण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, बंदरगाह से कनेक्टिविटी के लिये रेलवे संपर्क और बंगलादेश तक सड़क एवं रेल से पारगमन सुविधा के लिये कुल नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किये। नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पिछले कुछ माह में पनपी गलतफहमी को दूर करना है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल की मित्रता घनिष्ठ और अद्वितीय है। हिमालय की अखंडता तथा गंगा की पवित्रता इन सशक्त संबंधों की साक्षी है। खुली सीमा दोनों देशों के लोगों के संबंधों को परिभाषित करती है। नेपाल मे शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास भारत और नेपाल का साझा उद्धेश्य है। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल संबंधों के इन सभी पहलुओं पर हमने विस्तार से बात की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में नेपाल ने लोकतंत्र और संघवाद की दिशा में सराहनीय प्रगति की है। दशकों के संघर्ष के बाद नेपाल के संविधान की रचना और उसकी घोषणा महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके निर्माण में नेपाल की सरकार , राजनैतिक नेतृत्व तथा समाज के सभी वर्गो का योगदान सराहनीय है किंतु इसकी सफलता सहमति और संवाद पर निर्भर है। उन्होंने विश्वास जताया कि नेपाल सरकार इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर, राजनीतिक वार्तालाप के माध्यम से तथा सभी वर्गों को साथ लेकर संविधान से जुड़े सभी मुद्दों का संतोषजनक निवारण करेगी तथा देश की स्थिरता तथा प्रगतिक का मार्ग प्रशस्त करेगी।
श्री मोदी ने कहा कि नेपाल की आर्थिक उन्नति, विकास तथा संपन्नता में भारत की स्थायी रुचि है और हमारे संसाधान तथा संस्थाएं इसमें सदा सकारात्मक साधन रहे हैं और भविष्य में भी रहेंगे। इस सन्दर्भ मेें भारत की आर्थिक प्रगति नेपाल की संपन्नता का एक सहज मार्ग बन सकती है। दोनों देशों के यातायात गलियारे विकास के ‘हाइवे’ बन सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच दो और पारगमन द्वार खोलने पर आज हुई सहमति महत्वपूर्ण है। इनसे आर्थिक विकास और संपर्क बढेगा । उन्होंने कहा कि नेपाल में पनबिजली ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावना है। इसे देखते हुए दोनों देश 7000 मेगा वाट की कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। ये परियोजना नेपाल की आर्थिक संपन्नता का साधन बन सकता है। मुजफ्फरपुर-धलकेवार ट्रांसमिशन लाइन नेपाल को लगभग 80 मेगावाट बिजली तत्काल उपलब्ध करायेगी। आने वाले दो सालों में यही लाइन 600 मेगावाट बिजली नेपाल को प्रदान करेगी।
श्री मोदी ने कहा कि व्यापार और निवेश दोनों देशों के संबंधों के सशक्त स्तंभ हैं। इन्हें और प्रगाढ बनाने के लिए एकीकृत चौकी बनाये जाने की जरूरत है। नेपाल के तराई क्षेत्र में सड़क निर्माण पर हुआ समझौता व्यापार संरचना को और मजबूती प्रदान करेगा। पिछले वर्ष नेपाल ने एक भयंकर भूकंप से उत्पन्न त्रासदी का सामना किया था। आपदा नेपाल पर आयी, लेकिन पीड़ा भारत काे भी हुई। भारत ने नेपाल की सहायता के लिए एक अरब डालर का पैकेज घोषित किया था। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र मे आज हुए दो समझौते पहला 25 करोड़ डॉलर के अनुदान का तथा दूसरा 75 करोड़ डॉलर के ऋण का, हमारी सहभागिता को और मजबूत बनायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद दोनों देशों की प्राचीन सभ्यता का हिस्सा है और इसका विस्तार दोनों के हित में है। नेपाल में आयुर्वेद का विस्तार दोनों देशों के सांस्कृतिक और व्यापारिक हित में हैं। उन्होंने कहा कि यदि नेपाल चाहे तो भारत वहां आयुर्वेदिक कॉलेज खोल सकता है। इनको भारत के आयुर्वेदिक विश्व-विद्यालयों से जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि नेपाल की स्थिरता भारत की सुरक्षा से जुड़ी हुई है और प्रधानमंत्री ओली के साथ बातचीत में सहमति बनी है कि दोनों देश बढ़ते अतिवाद और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों का मिलकर मुकाबला करेंगे। खुली सीमाओं का आतंकवादियों एवं अपराधियों को दुरुपयोग नहीं करने दिया जायेगा। इसके लिए दोनों देशों की सुरक्षा एजेन्सी अपना सहयोग और मजबूत करेंगी। नेपाल में शांति,स्थिरता और सपंन्नता दोनों के हित में है। श्री मोदी ने पहली विदेश यात्रा पर भारत आये श्री ओली का स्वागत करते हुए कहा कि वह भारत के प्रति नेपाल की जनता के प्रेम और सद्भावनाओ का अभिनन्दन करते हैं । नेपाल के दिवंगत नेता श्री सुशील कोइराला को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल मित्रता मे उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।