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अपमान का बदला चुकाकर भारत बना चैंपियन

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मीरपुर, 06 मार्च , ओपनर शिखर धवन (60) की सर्वश्रेष्ठ पारी अौर उनकी सुपर बल्लेबाज विराट कोहली (नाबाद 41) के साथ 94 रन की मैच विजयी साझेदारी की बदौलत भारत ने अपने कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के अपमान का बदला चुकता करते हुये रविवार को मेजबान बंगलादेश को आठ विकेट से पीटकर छठी बार एशिया कप का चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। भारत ने बंगलादेश को वर्षा बाधित मुकाबले में 15 ओवर में पांच विकेट पर 120 रन के स्कोर पर रोकने के बाद 13.5 ओवर में दो विकेट पर 122 रन बनाकर शानदार खिताबी जीत हासिल कर ली। भारत ने इससे पहले वर्ष 1984, 1988,1990-91, 1995 और 2010 में एशिया कप का खिताब जीता था। 

शिखर और विराट ने 11.1 ओवर में दूसरे विकेट के लिये 94 रन की मैच विजयी साझेदारी की। शिखर ने अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया जो उनका दूसरा ट्वंटी-20 अर्धशतक भी था। शिखर ने 44 गेंदों पर नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 60 रन ठोके। जबर्दस्त फार्म में चल रहे विराट ने एक और गजब की पारी खेलते हुये 28 गेंदों पर नाबाद 41 रन में पांच चौके लगाये। रही सही कसर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर कप्तान धोनी ने मैदान में उतरने के साथ पूरी कर दी। उन्होंने मात्र छह गेंदों में एक चौका और दो छक्के उड़ाते हुये नाबाद 20 रन ठोके और मैच को 14वें ओवर में ही समाप्त कर दिया। बंगलादेश के एक प्रशंसक की एशिया कप के फाइनल से पहले एक तस्वीर सोशल नेटवर्किंग साइट पर वायरल हो गई थी जिसमें बंगलादेश के तेज गेंदबाज तस्कीन अहमद को भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कटा हुआ सिर हाथ में लेकर दहाड़ते हुये दिखाया गया था लेकिन कप्तान धोनी ने अपने बल्ले से इसका करारा जवाब दिया और दिखाया कि खेल भावना का मजाक करना कितना बड़ा गुनाह है। शिखर के 13वें ओवर की चौथी गेंद पर आउट होने के बाद मैदान में उतरे धोनी ने पांचवी गेंद पर दो और छठी गेंद पर एक रन लिया। धोनी ने 14वें ओवर में अल अमीन हुसैन की पहली गेंद पर 104 मीटर का गगनचुंबी छक्का जड़ दिया। विराट ने तीसरी गेंद पर तीन रन लिये जबकि धोनी ने चौथी गेंद पर चौका और पांचवी गेंद पर छक्का जड़कर स्टेडियम में बैठे 20 हजार से ज्यादा बंगलादेशी प्रशंसकों को खामोश कर दिया। धोनी और विराट ने तीसरे विकेट के लिये 1.1 ओवर में अविजित 23 रन ठोक डाले। 

लक्ष्य का पीछा करते हुये हालांकि भारत की शुरुआत खराब रही अौर ओपनर रोहित शर्मा मात्र एक रन बनाने के बाद अल अमीन हुसैन की गेंद पर स्लिप में सौम्य सरकार को कैच थमा बैठे लेकिन इसके बाद शिखर और विराट ने धैर्य अौर आक्रमण का गजब तालमेल करते हुये भारतीय स्कोर को आगे बढ़ाया और बंगलादेशी गेंदबाजी को दबाव में ला दिया। शिखर ने अपने 50 रन 35 गेंदों में पूरे किये। वह अपना 60 रन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने के बाद तस्कीन अहमद की गेंद पर सौम्य सरकार को कैच दे बैठे। शिखर का विकेट 99 के स्कोर पर गिरा। बंगलादेश को इस समय कुछ उम्मीद बंधी कि वह मैच में वापसी कर सकती है लेकिन जब मैदान में विराट मौजूद हों और धोनी मैदान में उतर रहे हों तो ऐसी उम्मीद जगाना ही गलत है। आखिर यही हुआ,धोनी ने आते के साथ ही ताबड़तोड़ छक्के मारे और बंगलादेशी चीतों का काम तमाम कर दिया। भारत ने टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुये छठी बार एशिया कप अपने नाम किया। धोनी ने इसके साथ ही लगातार सात ट्वंटी-20 मैच जीतने के अपने रिकार्ड की बराबरी कर ली। धोनी ने इस साल 11 मैचाें में दस मैच जीत लिये हैं और भारत को विश्वकप का प्रबल दावेदार बना दिया है। 

इससे पहले ऑलराउंडर महमूदुल्लाह की नाबाद 33 रन की तूफानी पारी और उनकी शब्बीर रहमान (नाबाद 32) के साथ छठे विकेट के लिये 45 रन की अविजित साझेदारी की बदौलत बंगलादेश ने पांच विकेट पर 120 रन का चुनौतीपूर्ण स्काेर बनाया लेकिन यह भारत को रोकने के लिये काफी नहीं था। फाइनल वर्षा के कारण विलंब से शुरू हुआ और ओवरों की संख्या घटाकर 15-15 कर दी गयी। भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया। बंगलादेश ने एक समय 12वें ओवर तक अपने पांच विकेट 75 रन तक गंवा दिये थे लेकिन इसके बाद महमूदुल्लाह ने नाबाद 33 रन की विस्फोटक पारी खेलकर बंगलादेश को लड़ने लायक स्कोर दे दिया। महमूदुल्लाह ने मात्र 13 गेंदों में दो चौके और दो छक्के उड़ाते हुये नाबाद 33 रन ठोक डाले। शब्बीर रहमान ने 29 गेंदों पर नाबाद 32 रन में दो चौके लगाये। दोनों के बीच 45 रन की साझेदारी 3.2 ओवर में बनी जिसमें महमूदुल्लाह का योगदान 33 रन का था। महमूदुल्लाह ने 13वें ओवर में आशीष नेहरा पर चौका जड़ा और फिर 14वें ओवर में हार्दिक पांड्या की गेंदों पर एक चौका और दो छक्के उड़ाते हुये कुल 21 रन बटोर डाले। पांड्या के इस आेवर ने बंगलादेश को 100 के पार पहुंचा दिया। आखिरी ओवर में जसप्रीत बुमराह ने कुछ अंकुश लगाया और बंगलादेश 120 रन तक पहुंच सका। तमीम इकबाल ने 13 और सौम्य सरकार ने 14 रन बनाये। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 14 रन पर एक विकेट, नेहरा ने 33 रन पर एक विकेट, बुमराह ने 13 रन पर एक विकेट और रवींद्र जडेजा ने 25 रन पर एक विकेट लिया। पांड्या ने तीन ओवर में 33 रन लुटाये। 

पाकिस्तान ने मांगे मुंबई हमले के सभी 24 भारतीय गवाह

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पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि वह यहां मुंबई हमले की सुनवाई कर रही आतंकवाद विरोधी अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए सभी 24 भारतीय गवाहों को भेजे। अभियोजन पक्ष के प्रमुख चौधरी अजहर ने बताया, विदेश मंत्रालय ने सभी 24 भारतीय गवाहों को मुंबई हमले के मामले में अदालत के समक्ष बयान रिकॉर्ड करने के मकसद से बुलाने के लिए भारत सरकार को लिखा है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद रोधी अदालत पहले ही इस मामले में सभी पाकिस्तानी गवाहों के बयान रिकॉर्ड कर चुकी है। पाकिस्तान में इस मामले की सुनवाई छह साल से अधिक समय से चल रही है।


अजहर ने कहा, अब गेंद भारत के पाले में है। भारत सरकार को मुंबई मामले के सभी भारतीय गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहिए ताकि सुनवाई आगे बढ़ सके। पिछले महीने अदालत ने एफआईए को आदेश दिया था कि वह सभी 24 भारतीय गवाहों को बयान रिकॉर्ड कराने के लिए अदालत में पेश करे। उसने उन नौकाओं को पाकिस्तान लाने के लिए कहा था जिनका इस्तेमाल अजमल कसाब और दूसरे आतंकवादियों ने किया था।



पाकिस्तान के आठ-सदस्यीय न्यायिक आयोग ने आतंकवाद रोधी अदालत की तरफ से भारत का दौरा किया था। उधर, मामले के मुख्य अभयुक्त जकीउर रहमान लखवी के वकील ने आयोग की कार्यवाही को चुनौती दी थी, क्योंकि मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसएस शिंदे ने आयोग के सदस्यों को गवाहों के साथ जिरह नहीं करने दिया। इस आधार पर अदालत ने आयोग की कार्यवाही को अवैध घोषित कर दिया था।

अखिलेश सरकार को मुजफ्फरनगर दंगों की जांच रिपोर्ट में मिली क्लीन चिट

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मुजफ्फरनगर दंगों की जांच करने वाली जस्टिस विष्णु सहाय कमीशन ने दंगों के लिए अखिलेश यादव सरकार को क्लीन चिट दे दी है, लेकिन इसके लिए प्रशासन, पुलिस और इंटेलिजेंस तीनों को जिम्मेदार माना है। दंगे भड़कने के लिए कुछ सियासी पार्टियों के नेताओं और अफवाहें फैलाने के लिए अखबारों और सोशल मीडिया को जिम्मेदार माना गया है।


ये रिपोर्ट विधानसभा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पेश की। इस रिपोर्ट में दंगे कराने, भड़काने और उन्हें ना रोक पाने की दर्जन भर वजहें गिनाई गई हैं। दंगों को लेकर एक झूठे स्टिंग के शिकार मंत्री आजम खान चाहते हैं कि रिपोर्ट में मीडिया के रोल पर और विस्तृत बातें शामिल होनी चाहिए थी। रिपोर्ट में बीजेपी एमएलए संगीत सोम पर फर्जी वीडियो शेयर कर दंगा भड़काने और दूसरे नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने के इल्जाम हैं। दंगों के आरोपी बीजेपी एमएलए सुरेश राणा कहते हैं कि उनके खिलाफ इल्जाम झूठे हैं।



रिपोर्ट के मुताबिक 7, सितम्बर 2013 को दंगों वाले दिन स्थानीय अभिसूचना इकाई के तत्कालीन निरीक्षक प्रबल प्रताप सिंह द्वारा मुजफ्फरनगर के मण्डौर में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों की संख्या की सही खुफिया रिपोर्ट नहीं दे पाने, महापंचायत की रिकार्डिंग ना किए जाने तथा तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे की ढिलाई और नाकामी के कारण मुजफ्फरनगर में दंगे हुए जिनकी आग सहारनपुर, शामली, बागपत तथा मेरठ तक फैली।



700 पन्नों की इस रिपोर्ट में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निलम्बन और विभागीय जांच की कार्यवाही से सहमति व्यक्त करते हुए उस वक्त मुजफ्फनगर के जिलाधिकारी रहे कौशल राज शर्मा को भी जिम्मेदार मानते हुए उनसे नगला मण्डौर में आयोजित महापंचायत के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए की गई व्यवस्थाओं तथा महापंचायत की वीडियोग्राफी ना कराये जाने के बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। रिपोर्ट में मीडिया को भी कठघरे में खड़ा किया गया है। आयोग का मानना है कि मीडिया ने दंगों से सम्बन्धित घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्टिंग की और अफवाहें भी फैलाईं। कुछ खबरों ने तो दंगों को भड़काया भी।



मुजफ्फरनगर में सितम्बर 2013 को हुए साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 62 लोग मारे गए थे तथा सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। इन दंगों की आग शामली, सहारनपुर, बागपत तथा मेरठ तक फैल गई थी। सरकार ने दंगों से पहले हुए कवाल काण्ड से लेकर 9 सितम्बर, 2013 तक घटित घटनाओं की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था।

कोलकाता एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा बढ़ाई गई

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एक धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद यहां के एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर आज सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। ईमेल में 24 घंटों के अंदर हवाई अड्डे को उड़ा देने की धमकी दी गई थी। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि यह मेल हवाई अड्डे के प्रबंधक के ईमेल आईडी पर आज सुबह आया था और इसे जर्मनी से भेजे जाने का दावा किया गया था। 

 हवाई अडडे की साइबर क्राइम टीम मेल के कंटेंट की सच्चाई की जांच कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने हवाई अडडे और इसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों के सामानों और कारों की अच्छी तरह से जांच की जा रही है और हवाई अडडे के विभिन्न भागों की भी जांच की गई है।  

डाक विभाग ने लगाए 550 एटीएम

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डाक विभाग ने मार्च 2016 तक 1,000 एटीएम लगाने के लक्ष्य का आधा आंकड़ा पार किया है। हालांकि, सरकार ने आम बजट में अगले तीन साल के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर डाक विभाग के एटीएम लगाने की योजना बनाई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 24 फरवरी 2016 तक डाक विभाग ने देश के विभिन्न हिस्सों में 550 एटीएम स्थापित किए हैं जबकि इस साल मार्च तक लक्ष्य 1,000 एटीएम का है। आम बजट 2016-17 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अगले तीन साल में राष्ट्रीय स्तर पर डाक घरों में एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) और छोटे एटीएम स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा डाक विभाग ने भी कोर बैंकिंग मंच के तहत सभी 25,000 विभागीय डाक घरों को लाने की योजना बनाई है। 

कोर बैंकिंग प्रणाली से उपभोक्ता अपने खातों का परिचालन कर सकेंगे और अपने नेटवर्क के किसी भी डाक घर से बैंकिंग सेवा प्राप्त कर सकते हैं चाहे खाता कहीं भी हो। इन विभागीय डाक घरों के अलावा डाक विभाग के पास देश भर में 1,30,000 ग्रामीण डाक घर हैं। आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2015 तक भारत में 1.93 लाख एटीएम हैं। इनमें से ग्रामीण इलाकों में 33,249 एटीएम हैं जबकि अर्ध-शहरी इलाकों में 51,925 एटीएम हैं। 

विशेष आलेख : “संस्थानों से छंटते काले बादल”

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तथाकथित प्रगतिशील और वेवाक विचारों के नाम पर देश के युवाओं को गुमराह करने वाला जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय का एक छात्र कन्हैया को अंतरिम जमानत देते हुए विद्वान न्यायाधीश ने जो टिप्पणी की वह तथाकथित भाट चारण परमपरा के वाहक शिक्षको और ऐसे गिरोहों के लोगो के गालों पर झन्नाटे दार तमाचा है. उच्चतर संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर वैचारिक आतंकवाद के जरिये देश की संप्रभुता पर जो चोट पंहुचाई जा रही है, यदि वह समय रहते नही रोका गया तो इसकी भारी कीमत देश को चुकाना होगा..इस घृणित कुकृत्य के समर्थन में मार्क्स, मुल्ले और मैकाले के ओरसपुत्र जिस संविधान की दुहाई देते नही शर्माते उसी संविधान के तहत इन गिरोहों पर सख्त कारवाई की बात भी की गयी ताकि ये नासूर नही बने. कन्हैया की रिहाई को इस तरह से पेश किया गया मानो वह देश की सीमा पर देश की सुरक्षा करते हुए अशोक चक्र प्राप्त किया हो? देश के भाट-चारण के पुरोधाओं ने जिस भाव भंगिमा से इसका स्वागत किया वह जम्मू कश्मीर के घाटी में जब आतंकियो की मौत होती है तो ऐसा ही भाट चारण परम्परा देखने को मिलता, अंतर सिर्फ इतना होता है कि घाटी में आतंकी के जनाजे पर होता है और यहाँ उस प्रवृति के जिन्दा लोगों के आने पर? और ऐसे जलसे में शामिल दोनों जगहों के लोग भारत की संप्रभुता के लिए खतरनाक है?यह प्रवृति देश के युवाओं के लिए खतरनाक है.

जब वह रिहा हुआ और कैम्पस में कदम रखा, उसके लिए तकरीरों को जो व्यवस्था की गयी वह सकारात्मक नही थी,वह उसे ही ऊर्जा दे सकता जिसे भारत की महान संस्कृति से चिढ़ रही है जिसके लिए केसरिया रंग घृणा का रंग है?.ऐसे तबको को प्रोत्साहन देने वाले लोग ही इस देश में गरीबी ,भुखमरी, साम्राज्यवाद, जातिवाद, पूंजीवाद के रक्षक है और देश में आतंक का राज कायम रखना चाहता है .भारत के ऐसे तथाकथित बुधिजीविओ का गिरोह देश के शिरस्थ शैक्षणिक संस्थानों में कुंडली मारे है, जिसके दंश से कभी रोहित वेमुला जैसे छात्र आत्महत्या को मजबूर होते है या कन्हैया जैसा छात्र दिग्भ्रमित हो वामपंथ के चंगुल में फंस देशद्रोही का रास्ता को चुनता है?

आज जब विश्व में वामपंथ अंतिम साँसे ले रहा, वैसे में भारत में, अपनी स्मिता बचाने के लिए वामपंथ अपने पुराने अजेंडे भारत के 16 खंडों में विभाजित करने की चाल को आतंक और नक्सल के गठजोड़ से करना चाहता है और इस कुकृत्य में इसके पालकी ढ़ोने राहुल, केजरीवाल, ओवैसी और नितीश जैसे लोग वेताव है? पश्चिम बंगाल 35 साल तक वामपंथ के कब्जे में रहा आज क्या क्या स्थिति है? .नंदीग्राम जैसे जघन्य नरसंहार  से मानवता सदियो शर्मसार रहेगी जिसकी पटकथा यही वामपंथ ने रची थी ?

15 जून 2004 को गुजरात पुलिस देश के ख़ुफ़िया रिपोर्ट के आधार पर (जो तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात श्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के इरादे से राज्य की राजधानी अहमदाबाद में घुसा था) एक मुठभेड़ में चार आतंकी इशरत जहां , जावेद गुलाम शेख, अमज़द अली राना और जीशान जौहर को मार गिराया था.उस समय के इस घटना पर देश में जो स्यापा मचा आज भी ज़ारी है .इन आतंकियो के लिए देश में सेकुलर और डालर की रोटी खाने वाले गिरोहों का स्यापा शुरू हुआ किसी ने इन आतंकियो के नाम पर अम्बुलेंस तो नीतीशजी इसे बिहार की बेटी कहते नही शरमाये थे. वही हाल आज कन्हैया के संदर्भ में भी है. बिहार में लालूजी के जंगलराज को अपने कंधे पर ढ़ोने वाले वर्तमान मुख्यमंत्री नितीश कुमार के अनुसार-“कन्हैया को गलत तरीके से फंसाया गया है.कन्हैया एक देशभक्त और होनहार छात्र है वह कभी देश विरोधी वयां नहीं दे सकता है.मै उसे दिल से चाहता हूँ”. आतंकी इशरत पर जो रोटी सेकता हो वह आज कन्हैया के कृत्यों पर बिहार का लिट्टी चोखा बना रहा तो आश्चर्य कैसा? 

रिहाई के जश्न में हुए जलसे में उसने अपने गिरोहों को संवोधित करते हुए कहा- तुम कितने रोहित मारोगे हर घर से रोहित निकलेगा.तो रोहित को आत्महत्या तक ले जाने वाला कौन था? इस प्रश्न का जबाव रोहित ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है और उसके आत्महत्या का मूल कारण वामपंथ की “येचुरी विचार” जिसके पालकी ढ़ोने कन्हैया बंगाल जाने वाला है था. रोहित ने आखिर क्यों वामपंथ का यूनियन एसएफआई से अपने आप को अगल कर आत्महत्या का रास्ता चुना? जिस रोहित की लाश पर वामपंथ अपना झंडा गाड़ने का कुत्सित प्रयास किया उसी के लाश पर अब सेकुलरों और अलगाववादीओ के आँखों का तारा राजनीति का पाठ शुरू किया है? उसने कहा-“काले बादल है जो जल्द छंट जायेंगे भारी वारिश होगी और धरती सोना उगलेगा और लोगो का पेट भरेगा”. एक दम सही जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय में मार्क्स, मुल्ला और मैकाले की तिकड़ी से जो काले बादल भारत के विश्वविधालयों में कांग्रेसियो के सहयोग से छाये हुए थे वे अब धीरे धीरे छंट रहे है. अब इन विश्वविधालयों में भी भारी वारिश होगी. जिसकी फसल देशभक्ति से ओतप्रोत होगी. जहां भारत के टुकड़े करने वालों की नही भारत को अखंड करने वाले देशभक्तों को फसले होंगी. किन्तु उन फसलों पर कभी देशद्रोही टिड्डो का नापाक आक्रमण नही होगा. मकबूल, अफज़ल या याकूब जैसे आतंकियो की मौत को अब इन विश्वविधालयों में “न्यायिक-हत्या” कहने वाला देशद्रोही, गद्दार नही होगा और ना ही हमारे वीर जवानों की शहादत पर ऊँगली उठानेवाला देश घातक की फसल इन विश्वविधालयों में पनेपगा. 

तथाकथित प्रगतिशील और वेवाक विचारों के नाम पर देश के युवाओं को गुमराह करने वाला जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय के जिस छात्र नेता के नाम पर कन्हैया को स्टार बनाया जा रहा उसी विश्वविधालय में अधिकाँश छात्रों ने इसे सिरे से खारिज कर रखा है. लगभग 7500 विद्यार्थियो वाला विश्वविधालय के मात्र 1029 छात्र इसके समर्थन में थे यानी लगभग 85% छात्र इसके विष भरे भाव के कारण इससे दूर रहना उचित समझा.यदि उस विश्वविधालय के 85% छात्र कन्हैया को खारिज कर दिया उसके बाद भी लोग इसके दूषित मानसिकता को प्रोत्साहन देते नही शर्मा रहे ?एक सड़ी मछली तालाब को बदबूदार बनाने के लिए काफी होती है और यही हाल आज जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय सहित अनेक शिक्षण संस्थानों का है. इसी विश्वविद्यालय के स्कुल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज की प्रोफेसर निवेदिता मेनन का मानना है की भारत कश्मीर पर गैरकानूनी ढंग से कब्ज़ा कर रखा है. अपने विदेशी आकायो और अलगाववादीयों के शह पर जिस कश्मीर की आजादी की बात करते हो वहाँ आज भी महिलाओं पर शरीयत कानून लागू है. धारा ३७० के कारण जम्मू कश्मीर की महिलायों को आतंकी जबरदस्ती पाकिस्तानियो से शादी करने को मजबूर करता है ताकि उन आतंकियो को भारतीय नागरिकता मिले जबकि इसी धारा के कारण यदि कश्मीरी महिला किसी भारतीय से शादी कर ले तो उसकी जम्मू कश्मीर की नागरिकता समाप्त हो जाती है क्या कन्हैया या उसके पालकी ढ़ोने वाले भाटों ने कभी इसके लिए आन्दोलन चलाया ? जिस कश्मीर के एक भाग पर पाकिस्तान ने चीन ने बलात कब्जा कर रखा है उसके लिए इन गिरोहों ने कभी कोई परिचर्चा भी कहीं की है ? उत्तर स्पस्ट है कभी नही ? .जिस संस्थान में ऐसे घटिया सोच और विकृत मानसिकता का शिक्षक होगा वहाँ कन्हैया जैसा छात्र ही उत्पन्न होगा?शर्म है की ऐसे बौद्धिक आतंकियो के अड्डे भारत के विश्वविधालय बने है?

जिस कांग्रेसियो ने भारत में गरीबी ,भुखमरी साम्राज्यवाद जातिवाद पूंजीवाद ..जैसे समस्याओं से देश को पीड़ित रखा है उसके राजकुमार के शरण में क्यों? क्या ये समस्याए पिछले 18 माह की है ?.ये समस्या कांग्रेस और वामपंथ के गर्भनाल से जुड़ा है ? इसे कैसे हटायेंगे इसका कोई ब्लूप्रिंट ना वामपंथ के पास है ना कांग्रेस के पास और ना ही कन्हैया ने अपने रिहाई जश्न में बताया ? 22 दिन के हिरासत में ही आपको देश के कानून पर भरोसा हो गया है. तब अफज़ल-मकबूल जैसे दरिंदो पर सहानुभूति क्यों ? पुलिसवाला भी अब अच्छा लगता है. फिर छतीसगढ़ में वामपंथियो के हाथों शहीद हुए हमारे जवानो पर इसी जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय में जश्न क्यों?
यह भारत में नेहरूवियन शिक्षा का दंश है की भारतीय आतंकियो, नक्सलीओं और गद्दारों को भी महिमामंडित करने से नही चुकती है?यही कन्हैया के रिहाई के बाद देखने को मिला. तथाकथित बुधिजीविओ और वामपंथी भांडों का गिरोह और मिडिया के दलालों ने उसके चरणरज को पी अपने को धन्य समझा और रही सही रजजल राहुल केजरीवाल ओवैसी और नितीश जैसे लोग माथे पर लगा अपने को महान सेकुलर के रूप में प्रस्तुत करने की चेष्टा की?स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगो को मिले इसके लिए यदि विश्वविधालय काम करता तो आज देश की स्थिति कुछ और होती ? लाल सलाम सिर्फ और सिर्फ इस देश की धरती को गरीबो के खूनो से लाल कर ज्योति वसु, करात और येचुरी जैसे लोगों को मालोमाल किया है.09 फरवरी की घटना ने देश की आँखे खोल दी है.अब देश के संस्थानों पर छाये काले बाद्ल छट रहे है और एक नया सूरज, नयी भारत की युवा तस्वीर, प्रस्तुत करने को वेकरार है जिसका एक ही उदेश्य और मन्त्र होगा “एक भारत-श्रेष्ठ भारत”.और जहां के युवा भारत माता की जय ,वन्दे मातरम गर्व के साथ सामूहिक उद्घोष कर विश्व को शान्ति और प्रगति का सन्देश से प्रकाशित करेगा .  
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---संजय कुमार आज़ाद---
रांची -834002
Email-azad4sk@gmail.com, 
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जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह डॉन बृजेश सिंह बने एमएलसी

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  • सपा के मीना को 1984 मतों से हराया 
  • मुख्तार अंसारी समेत अंडरवलर््उ डान दाउद इब्राहिम तक को दी है शिकस्त 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )। सत्ता पक्ष की तमाम हनक व हथकंडों के बावजूद जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह डाॅन बृजेश सिंह जेल के सलाखों में रहते हुए अब राजनेता बन गया है। यह तगमा इसके पहले घूर प्रतिद्वंदी रहे मुख्तार अंसारी को मिल चुका है। श्री अंसारी अपने क्षेत्र से कई बार विधायक बन चुके है। रविवार को एमएलसी चुनाव की मतगणना के बाद डाॅन ने सपा के निकटतक प्रतिद्वंदी मीना सिंह को 1084 मतों से शिकस्त देकर अपनी जीत दर्ज कराई हैं। डॉन को कुल 3038 वोट मिला। जबकि मीना सिंह को 1984 मत मिला। इस तरह 1084 मतों से डाॅन को विजयी घोषित किया गया। हालांकि इसके पहले डाॅन की पत्नी ही इस सीट पर एमएलसी थी और वह भी निर्दल ही थी। जीत के बाद बृजेश सिंह के भतीजे सुजीत सिंह ने जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, वह निर्दोश जनता का उत्पीड़न किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेंगे। वह जनता की समस्याओं को प्रमुखता से निपटाना चाहते हैं। वाराणसी, भदोही और चंदौली के गांवों के विकास में धन की कमी नहीं होने देंगे। उनके हिस्से का जो भी राशि होगी उसे शत-प्रतिशत जनता के समस्याओं को निजात दिलाने के लिए खर्च करेंगे। 

बता दें, यूपी में एमएलसी के 28 पदों के लिए हुए चुनाव में 23 सीटों पर सपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। इस चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मि‍ली। लेकिन वाराणसी-भदोही-चंदौली सीट पर डाॅन को भाजपा का अप्रत्यक्ष समर्थन था। इस चुनाव में सपा के 8 सदस्य पहले ही नि‍र्वि‍रोध चुने गए थे। इस तरह से सपा को कुल 31 सीटों पर जीत हासिल हुई। लखीमपुर में सपा के शशांक यादव ने बीजेपी के इतेंद्र वर्मा को हराया। बरेली में सपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने बीजेपी के पीपी पटेल को 1323 वोटों से हराया। बदायूं में सपा प्रत्याशी बनवारी सिंह यादव ने बीजेपी के जितेंद्र यादव को 1723 वोटों से हराया। सुल्तानपुर में सपा प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह ने बीजेपी के केसी त्रिपाठी को हराया। झांसी से सपा प्रत्याशी रमा निरंजन ने 2800 वोटों से जीत हासिल की। बस्ती में सपा प्रत्याशी संतोष यादव ने बीजेपी के गिल्लम चैधरी को हराया। फैजाबाद में सपा प्रत्याशी हीरालाल यादव ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र पांडेय को हराया। देवरिया में सपा प्रत्याशी रामअवध यादव ने बीएसपी के अजीत शाही को 1381 वोटों से हराया। बलिया में सपा प्रत्याशी रवि शंकर सिंह ने बीजेपी के ठाकुर अनूप सिंह को हराया। रायबरेली में कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने बीजेपी के सुरेंद्र बहादुर को हराया। गोंडा में सपा प्रत्याशी महफूज खान ने बीजेपी प्रत्याशी राजेश सिंह को 2453 वोटों से हराया। मिर्जापुर में सपा प्रत्याशी रामलली मिश्रा ने बीएसपी प्रत्याशी विनीत सिंह को हराया। हरदोई में सपा प्रत्याशी मिसबाहुद्दीन ने बीजेपी के राजकुमार अग्रवाल को हराया। बाराबंकी में सपा प्रत्याशी राजेश यादव ने जीत हासिल की। मुरादाबाद में सपा प्रत्याशी परवेज अली ने बीजेपी की आशा सिंह को 4434 वोटों से हराया। गाजीपुर में निर्दलीय प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल ने सपा के सानंद सिंह को 65 वोटों से हराया। शाहजहांपुर में सपा प्रत्याशी अमित यादव उर्फ रिंकू ने बीजेपी के जेपीएस राठौर को 2207 वोटों से हराया। बहराइच में सपा प्रत्याशी अभिलाश खां ने बीजेपी के त्रिपुरारी मणि त्रिपाठी को 705 वोटों से हराया। गोरखपुर में सीपी चंद्र ने सपा प्रत्याशी जय प्रकाश यादव को 1589 वोटों से हराया। फतेहपुर में सपा प्रत्याशी दिलीप सिंह उर्फ पप्पू यादव ने बीएसपी के अशोक कटियार को 1787 वोटों से हराया। बुलंदशहर में सपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी ने बीजेपी के संजय शर्मा को 1018 वोटों हराया। जौनपुर में बीएसपी प्रत्याशी ब्रजेश कुमार सिंह ने सपा के लल्लन यादव को 765 वोटों से हराया। आजमगढ़ में सपा प्रत्याशी राकेश यादव ने बीजेपी के राजेश सिंह को हराया। सहारनपुर में बीएसपी प्रत्याशी महमूद अली ने बीजेपी के सूरत सिंह वर्मा को 1367 वोटों से हराया। कौशांबी में सपा प्रत्याशी वासुदेव यादव ने बीजेपी के रईस शुक्ला को 257 वोटों से हराया। इटावा में सपा प्रत्याशी पुष्पराज जैन ने 3515 वोट के साथ जीत हासिल की। अलीगढ़ सीट पर सपा प्रत्याशी जसवंत सिंह जीते। मुरादाबाद में परवेज अली की बड़ी जीत, बीजेपी प्रत्याशी की जमानत जब्त। 

बृजेश से है मुख्तार की खुली अदावत 
वाराणसी। डाॅन बृजेश सिंह ने जरायम की दुनिया में कदम सिर्फ अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए रखा। लेकिन बाद में धीरे-धीरे दुश्मनी से रंगदारी के रास्ते कोयला, रेशम, रेलवे आदि का ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गयी। इसके बाद तो वह यूपी ही नहीं बिहार, मध्यप्रदेश सहित पूरे भारत में नेटवर्क फैल गया और अंडरवल्र्ड डाॅन दाउद तक को मात देने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। बृजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह का जन्म वाराणसी में हुआ। उनके पिता रविंद्र सिंह इलाके के रसूखदार लोगों में गिने जाते थे। राजनीति में भी उनकी पैठ थी। बृजेश सिंह बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होनहार थे। 1984 में इंटर की परीक्षा में उन्होंने बहुत अच्छे अंक हासिल किए थे। इसके बाद उन्‍होंने यूपी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की। वहां भी उनका नाम होनहार छात्रों की श्रेणी में आता था। लेकिन पिता की हत्‍या उन्‍हें अपराध की दुनिया में ला दिया। 
बता दें, 27 अगस्त 1984 में पिता की हत्‍या के बाद बृजेश सिंह ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। इस हत्‍याकांड का अंजाम बृजेश के विरोधी हरिहर सिंह और पांचू सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर दिया था। पिता की मौत का बदला लेने के लिए बृजेश सिंह ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। एक साल बाद 27 मई 1985 को रविंद्र सिंह का हत्यारा बृजेश के सामने आ गया। बृजेश सिंह ने दिनदहाड़े अपने पिता के हत्यारे हरिहर सिंह को मौत के घाट उतार दिया। यह पहला मौका था जब बृजेश के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ। वारदात के बाद फरार हो गए। इसके बाद हरिहर को मौत के घाट उतारने के बाद बृजेश सिंह ने पिता के अन्‍य हत्‍यारोपियों की तलाश शुरू कर दी। 9 अप्रैल 1986 के दिन उन्‍होंने पिता की हत्या में शामिल रहे 5 लोगों को एक साथ गोलियों से भून डाला। इस वारदात को अंजान देने के बाद बृजेश पहली बार गिरफ्तार हुए। इसके बाद बृजेश को जेल भेज दिया गया। इसी दौरान उनकी मुलाकात गाजीपुर के मुडियार गांव में त्रिभुवन सिंह से हुई। बृजेश और त्रिभुवन के बीच दोस्ती हो गई और दोनों मिलकर साथ काम करने लगे। धीरे-धीरे इनका गैंग पूर्वांचल में सक्रीय होने लगा। दोनों मिलकर यूपी में शराब, रेशम और कोयले के धंधे में उतर आए। असली खेल तब शुरू हुआ जब बृजेश सिंह और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी कोयले की ठेकेदारी को लेकर आमने-सामने आ गए। ठेकेदारी और कोयले के कारोबार को लेकर दोनों गैंग के बीच कई बार गोलीबारी हुई। दोनों तरफ से जानमाल का नुकसान भी हुआ। 
90 के दशक में बृजेश सिंह का यूपी के बाहुबली मुख्‍तार अंसारी के गैंग से आमना-सामना हुआ। इस दौरान वह पुलिस और मुख्‍तार के गैंग से बचने के लिए मुंबई चले गए। यहां पहुंचने के बाद दाऊद के करीबी सुभाष ठाकुर से मुलाकात की। फिर इनके माध्‍यम से दाऊद से मिले। दाऊद के जीजा इब्राहिम कासकर की हत्या का बदला लेने के लिए ब्रृजेश ने 12 फरवरी 1992 को जेजे अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टर बनकर गवली के गैंग के 4 लोगों को पुलिस के पहरे के बीच मार दिया। उनकी इस शातिराना चाल देखकर दाऊद बृजेश के दिमाग का लोहा मान गया। इसके बाद दोनों बेहद करीब आ गए। इस प्रकार घरेलू हत्याओं से अपराध की दुनिया में आने वाले वाले बृजेश सिंह की दाऊद से दोस्‍ती हो गई। हालांकि, 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के बाद दोनों में मतभेद हो गया। पहले दोनों का उद्देश्य गैरकानूनी काम करके पैसा कमाना और अपराध की दुनिया में एकछत्र राज्य कायम करना था। जानकारों की मानें तो बृजेश सिंह मुंबई को दहलाने की दाऊद की योजना से पूरी तरह अनजान थे। इस ब्लास्ट में हजारों बेगुनाह मारे गए या घायल हुए। इस वारदात से बृजेश सिंह को गहरा आघात लगा। दाऊद के इस कदम के बाद दोनों के बीच एक दीवार खड़ी हो गई। माना जाता है कि इसके बाद दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए। हालांकि, मुंबई ब्लास्ट के पहले ही दाऊद ने देश छोड़ दिया।

महाशिवरात्री पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

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हरिद्वार 07 मार्च, उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित अर्द्धकुंभ मेले के बीच महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर आज हरकीपौड़ी सहित विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगायी। राज्य के विभिन्न शिवालयों में आज भारी संख्या में लोगों ने शिवलिंग पर जल और दुग्ध अर्पण कर भगवान शिव की आराधना की । इसके साथ ही फाल्गुनी कांवड़ मेला भी आज सम्पन्न हो गया । मंदिरों में रूद्राभिषेक के साथ महामृत्युंजय मंत्रोच्चारण से लोग भक्तिभाव में लीन हो गये। हरकी पौडी में तड़के से ही गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया । मेला यातायात योजना का पालन करते हुए इस बार भी श्रद्धालुओं को न चाहते हए भी हरकी पौड़ी जाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ा । सूत्रों के अुनसार यहां के प्राचीन शिवंमदिरों बिल्केश्वर महादेव, दक्ष प्रजापति, गौरी शंकर महादेव , वीरभद्रेश्वर मंदिर व ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव में बीती रात से श्रद्धालुओं की कतारें लगनी शुरू हो गयी थीं । 

गंगाजलि व अन्य पात्रों में गंगा जल, पंचामृत ,बिल्वपत्र , आक , धतूरे और मिष्ठान से श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का अभिषेक किया । अर्द्धकुंभ के साथ शारदीय कांवड़ यात्रा का संयोग होने से आज के स्नान का महत्व काफी बढ़ गया है । मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि पर्व पर गंगा में स्नान करने के बाद भगवान आशुतोष का अभिषेक करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है । इस अवसर पर यहां उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा , राजस्थान और पंजाब के श्रद्धालुआें की तादाद ज्यादा है । दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के कारण यहां अचानक यात्रियों की भीड़ बढ़ जाती है । तीर्थ नगरी हरिद्वार सदियों से आस्था का केन्द्र रहा है । कुंभ व अर्द्धकुंभ से जुड़ी कथाओं के कारण आज भी श्रद्धालुओं का मानना है कि हरकीपौड़ी पर ब्रह्मकुण्ड में कुंभ और अर्द्धकुंभ में अमृत बरसता है । इस लिए पुण्य काल में स्नान करने से सहस्त्र यज्ञों का पुण्य फल मिलता है ।

पाकिस्तान ने 87 भारतीय मछुआरे किये रिहा

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इस्लामाबाद, 07 मार्च, पाकिस्तान ने जल सीमा के उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये मछुआरों में 87 मछुआरों को सदभावना के तहत आज रिहा कर दिया। पाकिस्तान की एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने कराची के लांधी जेल अधीक्षक शाकिर शाह के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की जेल में लगभग 536 भारतीय मछुआरे हैं और उनमें से 87 को आज रिहा किया गया जबकि 20 मार्च को 86 अन्य भारतीय मछुआरों को भी रिहा किया जाएगा। रिहा किए गए भारतीय मछुआरे ढाई साल से लांधी के जेल में बंद थे। 

इन्हें इनके दस्तावेंजों का सत्यापन करने के बाद वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा। परोपकारी संस्था ईधी फाउंडेशन के फैसल ईधी ने मछुआरों के लिए रेल यात्रा का प्रबंध किया और उन्हें कुछ नकद एवं उपहार भी दिए। अरब सागर में दोनों देशों के बीच जल सीमा का स्पष्ट निर्धारण नहीं होने के कारण भारत और पाकिस्तान द्वारा मछुआरों की गिरफ्तारियां होती रहती हैं। लेकिन फिर भी दोनों देश सदभावाना के तहत एक दूसरे के मछुआरों को रिहा करते रहते हैं। पिछले सप्ताह भी पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा बलों ने 20 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने के अलावा उनके चार नावों को भी जब्त कर लिया था।

पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की पत्नी नैंसी रीगन का निधन

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वाशिंगटन, 06 मार्च, अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की पत्नी और पूर्व हॉलीवुड अभिनेत्री नैंसी रीगन का हृदय गति रुक जाने से कैलिफोर्निया स्थित उनके आवास पर आज निधन हो गया। वह 94 वर्ष की थी और लंबे समय से अल्जाइमर की बीमारी से ग्रसित थी। रोनाल्ड रीगन के पुत्र माइकल रीगन ने उनकी निधन की जानकरी दी। नैंसी 1940 और 50 के दशक में मशहूर हॉलीवुड अभिनेत्री थी और 1952 में उन्होंने रोनाल्ड रीगन से विवाह की थी। वह ‘जस्ट से नो’ अभियान को लेकर काफी चर्चा में रही थीं। यह अभियान बच्चों और किशोरों को नशे से दूर रखने के लिए शुरु किया गया था। उन्होंने अल्झाइमर के मरीजों के समर्थन के लिए भी काम किया। नैंसी ने पति रोनाल्ड रीगन के अभिनेता से राष्ट्रपति तक के सफर में उनकी सलाहकार और संरक्षक की भूमिका निभाई। पति की अल्झाइमर बीमारी से 10 साल के संघर्ष के दौरान भी वह उनकी सेवा में जुटी रहीं। 

इस बीमारी पर शोध के लिए लाखों डॉलर जुटाए। साथ ही बीमारी के इलाज के लिए कंजरवेटिव रिपब्लिकन सदस्यों को स्टेम सेल अध्ययन का पक्ष लेने को कहा। व्हाइट हाउस के बाद की उनकी दृढ़ता वाली इस भूमिका ने बतौर प्रथम महिला लेकर उनके प्रति बनी लोगों की धारणाओं को बदलने में मदद की। नैंसी रीगन के पति रोनाल्ड रीगन 1981 से 1989 तक अमरीका के राष्ट्रपति थे और 2004 में उनका निधन हो गया था। रोनाल्ड रीगन भी अल्जाइमर की बीमारी से ग्रसित थे। 

विवादित कार्यक्रम को रद्द करने पर कन्हैया ने जताया था एतराज : जेएनयू रजिस्ट्रार

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के रजिस्ट्रार भूपेंदर जुत्शी ने दावा किया है कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ विवादस्पद कार्यक्रम रद्द किये जाने पर एतराज जताया था। प्राप्त खबरों के अनुसार रजिस्ट्रार जुत्शी ने कुलपति एम जगदीश कुमार द्वारा गठित उच्च अधिकार प्राप्त जांच समिति के समक्ष इसका उल्लेख किया है। रजिस्ट्रार का कहना है कि अधिकारियों ने नौ फरवरी के जिस कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया था, कन्हैया उस निर्णय के खिलाफ था। 

जुत्शी ने जांच समिति से कहा,“ नौ फरवरी को तीन बजे अपने कार्यालय में मैंने जेएनएसयू की एक बैठक बुलाई थी ताकि विकलांग छात्रों के लिये नयी बस पर चर्चा हो सके। बैठक में कन्हैया कुमार और जेएनएसयू महासचिव रमा नागा पहले वहां पहुंचे। बैठक के बाद जेएनएसयू के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने मुझसे अफजल गुरु की न्यायिक हत्या पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का पर्चा दिखाया और कहा कि कुछ छात्र नौ फरवरी को शाम पांच बजे साबरमति ढाबा में एक कार्यक्रम आयोजन कर रहे हैं।” रजिस्ट्रार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने जब इजाजत को वापिस लेने का फैसला किया तो कन्हैया कुमार ने इसे रद्द करने पर एतराज जताया था। विश्वविद्यालय ने विवादास्पद कार्यक्रम की जांच के लिये 10 फरवरी को एक अनुशासनात्मक समिति गठित किया था। समिति की सिफारिशें 11 मार्च तक आने की उम्मीद है। 

धोनी को 2019 विश्वकप तक खेलना चाहिये : सहवाग

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नयी दिल्ली,07 मार्च, विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी में टीम इंडिया को एक बार फिर विश्व विजेता बनाने की ताकत है और उन्हें 2019 के विश्वकप तक खेलना चाहिये। सहवाग ने आजतक के ट्वंटी 20 विश्वकप को लेकर कार्यक्रम सलाम क्रिकेट में सोमवार को कहा“ धोनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और मेरा मानना है कि उन्हें 2019 के विश्वकप तक खेलते रहना चाहिये। वह एक ही तरह के फार्मेट में खेलते हैं और उनके पास अपनी फिटनेस को बनाये रखने का पूरा समय रहेगा। इसलिये मुझे लगता है कि वह तीन चार वर्ष और खेल सकते हैं।” अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके सहवाग ने एक बार फिर धोनी के साथ अपने मतभेदों की बातों को सिरे से खारिज कर दिया और धोनी की नेतृत्व क्षमता की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा“ धोनी और मेरे बीच किसी तरह का मतभेद नहीं था। यह सबकुछ लोगों के दिमाग की उपज थी और मीडिया यह दिखाता था कि हमारे बीच कोई दीवार है और हम दोनों दो अलग अलग रास्तों पर चल रहे हैं।” उन्होंने कहा“ बात चाहे इंग्लैंड दौरे की हो या आस्ट्रेलिया दौरे की। हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं था। यदि खटपट की बात होती तो टीमें में एक ही रहता चाहे वह फिर धोनी हो या सहवाग।” खुद को भारतीय टीम से बाहर किये जाने के मुद्दे पर सहवाग ने ईमानदारी से स्वीकारते हुये कहा“ कोई भी खिलाड़ी प्रदर्शन के दम पर टीम में रहता है। जब मुझे हटाया गया था तो मैं उस समय रन नहीं बना पा रहा था और चयनकर्ताओं को उस समय लगा होगा कि मुझे हटाकर किसी युवा खिलाड़ी को टीम में जगह देना बेहतर होगा। मुझे हटाये जाने के पीछे यही एक वजह थी कि मैं लंबे समय से रन नहीं बना पा रहा था।” 

विश्वकप के लिये धोनी को किसी तरह की सलाह देने के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा“ यदि मैं ऐसे कोई सलाह दूंगा तो विवाद खड़ा हो जाएगा। मुझे सलाह देनी होगी तो मैं धोनी से मिलकर देना चाहूंगा। लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि धोनी बल्लेबाजी क्रम में चार नंबर पर खेलें तो भारत के लिये बहुत अच्छा होगा। उनमें पारी को नियंत्रित करने की क्षमता है और वह साथी खिलाड़ियों के साथ पारी को आगे बढ़ा सकते हैं और देश को ज्यादा मैच जीता सकते हैं और यह बात मैं अब नहीं 2015 से कहता आ रहा हूं।” ट्वंटी 20 विश्वकप में भारत की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक उम्मीद जताते हुये पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ने कहा“ हमने आस्ट्रेलिया में सीरीज जीती, श्रीलंका को हराया अौर अब एशिया कप भी जीत लिया है। टीम की लय ताल बहुत अच्छी चल रही है और मुझे भारत के 99 फीसदी विश्वकप जीतने की संभावना नजर आती है।” उन्होंने कहा“ हम अपनी जमीन पर विश्वकप खेलेंगे। हमारे पास दो अच्छे स्पिनर हैं। कुछ पार्ट टाइमर गेंदबाज भी अच्छे हैं और अपनी जमीन पर खेलने में हमारी ताकत बढ़ जाती है। इसलिये मेरा 99 फीसदी मानना है कि भारत विश्वकप जीत सकता है।” दो बार के विश्वकप विजेता टीम के खिलाड़ी सहवाग ने कहा“ भारत के ग्रुप से भारत और न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंच सकते हैं जबकि दूसरे ग्रुप से दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज सेमीफाइनल में जगह बना सकते हैं।” फाइनल की दो टीमों के लिये सहवाग ने कहा“ भारत और वेस्टइंडीज या भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच विश्वकप का फाइनल हो सकता है। भारतीय टीम की जीत के लिये एक्स फैक्टर के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा कि शीर्ष तीन बल्लेबाज और स्पिनरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी।” सहवाग ने कहा“ विश्वकप जब भारत में शुरू हो जाएगा तो गर्मी बढ़ने लगी और पिचों से ज्यादा रन बनने लगेंगे। स्पिनरों की भूमिका हमारी पिचों पर ज्यादा महत्वपूर्ण रहेगी और आफ स्पिनर हरभजन सिंह सरप्राइज पैकेज भी हो सकते हैं।”सहवाग ने कहा कि विश्वकप में हरभजन को अंतिम एकादश में खेलने का मौका मिल सकता है। 

भारत की उम्मीदों में युवराज सिंह की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुये सहवाग ने कहा“ युवी ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपनी ताकत और कमजोरी को अच्छी तरह जानते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ उनकी धीमी पारी की लोगों ने आलोचना की लेकिन लोगों ने यह ध्यान नहीं दिया कि वह उस समय टीम जरूरत के हिसाब से खेल रहे थे क्योंकि उस समय सिर्फ रन बनाना नहीं बल्कि मैच जीतना अहम था।” सहवाग ने कहा“युवराज ने श्रीलंका के खिलाफ अगले मैच में दिखाया कि वह अब भी तेज गति से बल्लेबाजी कर सकते हैं और छक्के उड़ा सकते हैं। वह इतने अनुभवी बल्लेबाज हैं कि अपने खेल को परिस्थितियों के हिसाब से ढाल सकते हैं।” टीम इंडिया में वापसी करने वाले बायें हाथ के तेज गेंदबाज और अपने पूर्व दिल्ली साथी आशीष नेहरा की भी तारीफ करते हुये सहवाग ने कहा कि आमतौर पर जिस उम्र में तेज गेंदबाज संन्यास ले लेते हैं उस उम्र में नेहरा न केवल शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं बल्कि विकेट भी निकाल रहे हैं। नेहरा के आने से भारतीय गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है और इसका फायदा जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या जैसे युवा तेज गेंदबाजों को भी मिला है। शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी और उनके बीच के तालमेल को सराहते हुये पूर्व ओपनर ने कहा“ इस जोड़ी के बीच गजब का तालमेल है जो भारतीय उम्मीदों के लिये काफी निर्णायक साबित होगा। क्रिकेट में राइट और लेफ्ट का तालमेल हमेशा लाजवाब रहता है।” 

सहवाग ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों को सावधान किया कि उन्हें अपनी फिटनेस को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा“ भारतीय खिलाड़ियों को यदि किसी बात से खतरा है तो वह फिटनेस और थकावट है। खिलाड़ियों को चोट से बचने की जरूरत है क्योंकि यदि अब कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसके स्थान पर आने वाले नये खिलाड़ी से टीम का संयोजन बिगड़ जाएगा। खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस के स्तर को लगातार ऊंचा रखना होगा ताकि यही टीम विश्वकप में खेलने उतरे।” पूर्व ओपनर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) को भी सलाह दी कि वह सौरभ गांगुली, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और जहीर खान जैसे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों की परामर्शदाता के रूप में सेवाएं ले ताकि वह युवा खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव साझा कर सकें। उन्होंने कहा“ यदि पूर्व खिलाड़ियों में से किसी को ऐसा कहा जाता है तो कोई इंकार नहीं करेगा। यदि बीसीसीआई मुझे भी कोई जिम्मेदारी देता है तो मैं भी उसे निभाऊंगा।” 

बाबा महाकालेश्वर काे बंधेगा सेहरा, 44 घंटे तक खुला रहेगा दरबार

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उज्जैन, 07 मार्च , मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा महाकालेश्वर के मंदिर में कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हजारों भक्त अब तक दर्शन कर चुके हैं। मंदिर प्रबंधन समिति से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार 22 अप्रैल से शुरू होने वाले सिंहस्थ महापर्व को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में आज दर्शनार्थियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन ने किलेबंदी जैसे सुरक्षा व्यवस्था की है। मंदिर में दर्शनार्थियों को जल्द से जल्द दर्शन हो सकें, इसके लिए भी व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर प्रबंधन ने महाशिवरात्रि के मौके पर गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर मंगलवार तक प्रतिबंध लगा दिया है। 

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मंदिर में आज तडके ढाई बजे भस्मार्ती के बाद से भक्तों के लिए भगवान के दर्शन का सिलसिला शुरू कर दिया गया है, जो कल रात 11 बजे तक चलेगा। इस तरह मंदिर लगातार 44 घंटे तक खुला रहेगा। कल सुबह चार बजे भगवान महाकालेश्वर को सवा मन फूलों का सेहरा बंधेगा, जिसके चलते कल की भस्मार्ती दोपहर 12 बजे होगी। आज सुबह भगवान के दर्शनों के लिए कल रात से ही श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होना शुरू हो गए थे। महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान महाकालेश्वर को करोडों रुपए के सोने-चांदी के जेवरों से सजाया जाता है। 

मंदिर प्रबंधन के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर अतिविशिष्ट लोगों के लिए वीआईपी पास भी जारी नहीं किए गए हैं। हालांकि दर्शन के लिए आने वाले वीआईपी लोगों के लिए दर्शन हेतु अलग से रास्ता बनाया गया है। 
शिवरात्रि के लिए मंदिर को आकर्षक विद्युत सजा से सजाया गया है। पर्व के पूर्व नौ दिनों तक मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें भगवान को नौ दिनों तक आकर्षक रुप से सजाया गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों के लिए जिला कलेक्टर कवीन्द्र कियावत सहित कई अधिकारी कल देर रात तक मंदिर परिसर में मौजूद रहे। सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए महाकालेश्वर मंदिर में निर्माण कार्यों के बाद दर्शनार्थियों के लिये नये प्रवेश एवं निर्गम बनाये गये हैं। 

भारत ने अमेरिकी संगठन को वीजा न देने को न्यायोचित ठहराया

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वाशिंगटन, 07 मार्च, भारत ने अमेरिका को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के प्रतिनिधिमंडल को वीजा नहीं देने के अपने निर्णय को न्यायोचित ठहराया है और कहा है कि वह अपने यहां धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में निर्णय करने का अधिकार किसी विदेशी संगठन को नहीं दे सकता । गुरुवार को अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के अध्यक्ष ने कहा था कि भारत ने आयोग के प्रतिनिधिमंडल को अपने यहां यात्रा के लिए वीजा देने से इन्कार कर दिया है। आयोग वहां धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का पता लगाने के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजना चाहता था। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि उसने वीजा न देने के संबंध में अमेरिकी आयोग के अध्यक्ष के वक्तव्य को देखा है।

दूतावास ने कहा कि भारत को इस मसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में भारत सरकार के रूख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। भारतीय दूतावास ने कहा है कि भारतीय समाज विविधता से भरा बहुलतावादी समाज है और उसका संविधान अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता भी शामिल है। किसी विदेशी संगठन को भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के संबंध में निर्णय का अधिकार नहीं है। आयाेग ने अपनी ताजी रिपोर्ट में कहा है कि भारत बहुलतावादी तथा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है लेकिन उसे अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा या उन्हें न्याय देने के लिए लम्बा संघर्ष करना पडा है। आयोग ने कहा है कि वहां धर्म आधारित साम्प्रदायिक हिंसा होती रहती है। वर्तमान सरकार के आने के बाद इसमें वृद्धि हुई है। 

यमन में पोत में आग लगने से दो भारतीयों की मौत, तीन घायल

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, गृहयुद्ध से जूझ रहे खाड़ी देश यमन में एक पोत में आग लगने से दो भारतीय नाविक मारे गए हैं जबकि तीन घायल हुए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “अल सदा नामक पोत में आग लगने से दो भारतीय नाविकों महेश कुमार राजगोपाल और दीपू लातिका मोहन की मौत हो गयी है।” 

श्रीमती स्वराज ने बताया कि इस हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं जिनमें से एक की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के अलाउद्दीन खतरे से बाहर हैं, गाजियाबाद के तेजवीर सिंह की हालत स्थिर है जबकि चेन्नई के अतुल बोर्कर की स्थिति चिंताजनक है। घायलों को ओमान में सलाला के सुल्तान कबूस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि ओमान और जिबूती में भारतीय मिशन घायलों को हरसंभव सहायता मुहैया करा रहे हैं।

देशभर में धूमधाम से मनाया गया महाशिवरात्रि

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नयी दिल्ली 07 मार्च, पूरे देश में आज महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं दूध, शहद, सिंदूर और अन्य कई पवित्र वस्तुओं के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। शिव मंदिरों में भजन और प्रार्थनाओं का अायोजन किया गया। महाराष्ट्र में भी श्रद्धालुओं ने आज महाशिवरात्रि का त्योहार पारंपरिक उत्साह और धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मनाया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने उपवास रखा और भगवान शिव की प्रार्थना की। कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीन ज्योतिर्लिंग मराठवाड़ा में है और मराठवाड़ा को संतों की भूमि कहा जाता है। ऐतिहासिक औरंगाबाद सिटी के खड्गेश्वर इलाके में प्रसिद्ध भगवान शिव के मंदिर में भारी संख्या में लोग जुटे। 

इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों में श्रद्धालुओं विशेषकर महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना इस अवसर पर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रण करने के लिए विशेष व्यवस्था की गयी थी और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी थी। नासिक में भी महाशिवरात्रि का त्योहार पूरी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। यहां के मंदिरों में शिवभक्तों ने दूध और बेलपत्र के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। शहर के त्र्यम्बकेश्वर, कपालेश्वर और सोमेश्वर मंदिरों में हजारों श्रद्धालु पहुंचे और भगवान शिव का दर्शन किया। त्र्यम्बकेश्वर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

क्रिकेट : चौकों छक्कों का छिड़ेगा महासंग्राम

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, क्रिकेट के सबसे फटाफट स्वरूप और चौकों छक्कों के लिये मशहूर ट्वंटी 20 का विश्वकप मंगलवार से भारतीय जमीन पर शुरू होने जा रहा है जिसमें पहले दौर में आठ टीमें मुकाबला करेंगी और फिर सुपर 10 में 10 टीमें खिताब के लिये जोर आजमाइश करेंगी। विश्वकप की शुरूआत पहले दौर के क्वालिफाइंग मुकाबलों से शुरू होगी जिसमें ग्रुप ए में एशिया कप के उपविजेता बंगलादेश, आयरलैंड, हालैड और ओमान को रखा गया है जबकि ग्रुप बी में अफगानिस्तान, हांगकांग, स्काटलैंड और जिम्बाब्वे हैं। इन दोनों ग्रुपों की विजेता टीमें सुपर टेन के दो अलग अलग ग्रुप में जगह बनाएंगी। सुपर 10 के ग्रुप एक में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, गत चैंपियन श्रीलंका, वेस्टइंडीज और ग्रुप बी विजेता तथा ग्रुप दो में आस्ट्रेलिया, मेजबान भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और ग्रुप ए विजेता रहेंगे। 

सुपर टेन में दोनों ग्रुप से दो दो शीर्ष टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। पहला सेमीफाइनल दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में और दूसरा सेमीफाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा। फाइनल तीन अप्रैल को कोलकाता के ईडन गार्डन में होगा। पुरूष विश्वकप के साथ साथ महिला विश्वकप भी चलेगा। महिला विश्वकप के ग्रुप ए में आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की टीमें हैं जबकि ग्रुप बी में बंगलादेश , इंग्लैंड, भारत, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज की टीमें हैं। महिला विश्वकप के सेमीफाइनल 30 और 31 मार्च को दिल्ली तथा मुंबई में जबकि फाइनल तीन अप्रैल को कोलकाता में ही होगा। महिला विश्वकप की शुरूआत 15 मार्च से होगी।

पेशावर के पास आत्मघाती विस्फोट में 17 की मौत

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इस्लामाबाद 07 मार्च, पाकिस्तान के उत्तरी पश्चिमी भाग में पेशावर के निकट चरसादा शवकदर कस्बे की एक अदालत के परिसर में आज किये गये आत्मघाती विस्फोट में 17 व्यक्तियों की मौत हो गयी। यह जानकारी अस्पताल के सूत्रों ने दी है। गैरकानूनी घोषित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के जमात उल अहरार गुट ने हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उसने यह हमला मुमताज कादरी को फांसी पर चढ़ाये जाने का बदला लेने के लिए किया। 

मुमताज कादरी को फांसी पंजाब के गवर्नर सलमान तसीर की हत्या करने के लिए दी गयी थी। विस्फोट में 30 व्यक्ति घायल हो गये। मृतकों में दो पुलिसकर्मी तथा एक महिला शामिल है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उन्हें अब तक 13 शव मिले हैं। पुलिस ने हमलावर को अदालत के परिसर पर ही रोका और उसने उस पर गोलियां चलायी और इसके साथ ही तेज आवाज के साथ विस्फोट हो गया।

धर्मशाला में ही होगा भारत-पाक मैच : रिचर्डसन

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के बीच धर्मशाला में 19 मार्च को होने वाले विश्वकप मैच के आयोजन को लेकर पिछले कुछ समय से चल रही अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (अाईसीसी) के प्रमुख डेव रिचर्डसन ने सोमवार को जोर देकर कहा कि धर्मशाला इस बहुप्रतीक्षित मैच की सफल मेजबानी करेगा। भारत-पाक मैच के आयोजन को लेकर पिछले कुछ समय से विरोधाभासी बयान आ रहे हैं और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुये विश्वकप से हटने की धमकी भी दे चुका है लेकिन रिचर्डसन ने पुष्टि करते हुये कहा कि पीसीबी आईसीसी टूर्नामेंट से नहीं हटेगा और पाकिस्तानी टीम विश्वकप का हिस्सा होगी। 

अाईसीसी प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से कहा, “चुनौतियां है लेकिन हम समस्याओं का सामना कर रहे हैं। धर्मशाला स्टेडियम के बारे में करीब एक वर्ष पहले फैसला लिया गया था और हमें पूरा भरोसा है कि धर्मशाला और दिल्ली में होने वाले मैच वहीं आयोजित होंगे। आईसीसी इस मसले को लेकर बीसीसीआई और पीसीबी दोनों से संपर्क में है। भारत सरकार ने सभी टीमों को पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है।” इस मौके पर मौजूद बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि ट्वंटी-20 विश्वकप को एक यादगार टूर्नामेंट बनाने के लिये सभी कोशिशें की जा रही हैं और भारत इस टूर्नामेंट में शामिल होने वाली सभी टीमों को ‘फुल-प्रूफ’ सुरक्षा मुहैया कराने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्हाेंने कहा कि मेजबान देश सुरक्षा के लिये पूरी तरह से सक्षम है।

कमजाेरों की आवाज न दबाए मोदी सरकार: राहुल

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि मोदी सरकार आदिवासियों समेत सभी कमजोर तबके के लोगाें का दमन करने में लगी हुई है,लेकिन वह इन लोगों के लिए लगातार आवाज उठाते रहेंगे। श्री गांधी ने यहां पार्टी मुख्यालय में छत्तीसगढ़ की जनजातियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इन लोगों ने उन्हें बताया कि राज्य में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है, उन्हें धमकाया और दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में रोहित वेमुला को दबाया गया। दिल्ली में कन्हैया और जेनएनयू के अन्य छात्रों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है। जहाँ पर भी गरीब व्यक्ति अपना हक मांग रहा है और अपनी आवाज उठा रहा है वहां मोदी सरकार उन्हें कुचलने की कोशिश कर रही है। 

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि ये लोग देश की ताकत हैं। इन्हें दबाने और कुचलने से किसी को फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी हो तो की जाए लेकिन जो गरीब व्यक्ति है, उसको कुचलने से, उसको धमकाने से, मारने से देश का फायदा नहीं होता है। श्री गांधी ने कहा कि वे गरीबों की आवाज उठाते हैं इसलिए श्री मोदी और उनके मंत्री उन पर लगातार व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है। वे चाहते हैं कि दलितों,आदिवासियों,किसानों,मजदूरों और दूसरे कमजोर तबकों को नहीं दबाया जाए। वह इन लाेगों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे।
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