मीरपुर, 06 मार्च , ओपनर शिखर धवन (60) की सर्वश्रेष्ठ पारी अौर उनकी सुपर बल्लेबाज विराट कोहली (नाबाद 41) के साथ 94 रन की मैच विजयी साझेदारी की बदौलत भारत ने अपने कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के अपमान का बदला चुकता करते हुये रविवार को मेजबान बंगलादेश को आठ विकेट से पीटकर छठी बार एशिया कप का चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। भारत ने बंगलादेश को वर्षा बाधित मुकाबले में 15 ओवर में पांच विकेट पर 120 रन के स्कोर पर रोकने के बाद 13.5 ओवर में दो विकेट पर 122 रन बनाकर शानदार खिताबी जीत हासिल कर ली। भारत ने इससे पहले वर्ष 1984, 1988,1990-91, 1995 और 2010 में एशिया कप का खिताब जीता था।
शिखर और विराट ने 11.1 ओवर में दूसरे विकेट के लिये 94 रन की मैच विजयी साझेदारी की। शिखर ने अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया जो उनका दूसरा ट्वंटी-20 अर्धशतक भी था। शिखर ने 44 गेंदों पर नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 60 रन ठोके। जबर्दस्त फार्म में चल रहे विराट ने एक और गजब की पारी खेलते हुये 28 गेंदों पर नाबाद 41 रन में पांच चौके लगाये। रही सही कसर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर कप्तान धोनी ने मैदान में उतरने के साथ पूरी कर दी। उन्होंने मात्र छह गेंदों में एक चौका और दो छक्के उड़ाते हुये नाबाद 20 रन ठोके और मैच को 14वें ओवर में ही समाप्त कर दिया। बंगलादेश के एक प्रशंसक की एशिया कप के फाइनल से पहले एक तस्वीर सोशल नेटवर्किंग साइट पर वायरल हो गई थी जिसमें बंगलादेश के तेज गेंदबाज तस्कीन अहमद को भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कटा हुआ सिर हाथ में लेकर दहाड़ते हुये दिखाया गया था लेकिन कप्तान धोनी ने अपने बल्ले से इसका करारा जवाब दिया और दिखाया कि खेल भावना का मजाक करना कितना बड़ा गुनाह है। शिखर के 13वें ओवर की चौथी गेंद पर आउट होने के बाद मैदान में उतरे धोनी ने पांचवी गेंद पर दो और छठी गेंद पर एक रन लिया। धोनी ने 14वें ओवर में अल अमीन हुसैन की पहली गेंद पर 104 मीटर का गगनचुंबी छक्का जड़ दिया। विराट ने तीसरी गेंद पर तीन रन लिये जबकि धोनी ने चौथी गेंद पर चौका और पांचवी गेंद पर छक्का जड़कर स्टेडियम में बैठे 20 हजार से ज्यादा बंगलादेशी प्रशंसकों को खामोश कर दिया। धोनी और विराट ने तीसरे विकेट के लिये 1.1 ओवर में अविजित 23 रन ठोक डाले।
लक्ष्य का पीछा करते हुये हालांकि भारत की शुरुआत खराब रही अौर ओपनर रोहित शर्मा मात्र एक रन बनाने के बाद अल अमीन हुसैन की गेंद पर स्लिप में सौम्य सरकार को कैच थमा बैठे लेकिन इसके बाद शिखर और विराट ने धैर्य अौर आक्रमण का गजब तालमेल करते हुये भारतीय स्कोर को आगे बढ़ाया और बंगलादेशी गेंदबाजी को दबाव में ला दिया। शिखर ने अपने 50 रन 35 गेंदों में पूरे किये। वह अपना 60 रन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने के बाद तस्कीन अहमद की गेंद पर सौम्य सरकार को कैच दे बैठे। शिखर का विकेट 99 के स्कोर पर गिरा। बंगलादेश को इस समय कुछ उम्मीद बंधी कि वह मैच में वापसी कर सकती है लेकिन जब मैदान में विराट मौजूद हों और धोनी मैदान में उतर रहे हों तो ऐसी उम्मीद जगाना ही गलत है। आखिर यही हुआ,धोनी ने आते के साथ ही ताबड़तोड़ छक्के मारे और बंगलादेशी चीतों का काम तमाम कर दिया। भारत ने टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुये छठी बार एशिया कप अपने नाम किया। धोनी ने इसके साथ ही लगातार सात ट्वंटी-20 मैच जीतने के अपने रिकार्ड की बराबरी कर ली। धोनी ने इस साल 11 मैचाें में दस मैच जीत लिये हैं और भारत को विश्वकप का प्रबल दावेदार बना दिया है।
इससे पहले ऑलराउंडर महमूदुल्लाह की नाबाद 33 रन की तूफानी पारी और उनकी शब्बीर रहमान (नाबाद 32) के साथ छठे विकेट के लिये 45 रन की अविजित साझेदारी की बदौलत बंगलादेश ने पांच विकेट पर 120 रन का चुनौतीपूर्ण स्काेर बनाया लेकिन यह भारत को रोकने के लिये काफी नहीं था। फाइनल वर्षा के कारण विलंब से शुरू हुआ और ओवरों की संख्या घटाकर 15-15 कर दी गयी। भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया। बंगलादेश ने एक समय 12वें ओवर तक अपने पांच विकेट 75 रन तक गंवा दिये थे लेकिन इसके बाद महमूदुल्लाह ने नाबाद 33 रन की विस्फोटक पारी खेलकर बंगलादेश को लड़ने लायक स्कोर दे दिया। महमूदुल्लाह ने मात्र 13 गेंदों में दो चौके और दो छक्के उड़ाते हुये नाबाद 33 रन ठोक डाले। शब्बीर रहमान ने 29 गेंदों पर नाबाद 32 रन में दो चौके लगाये। दोनों के बीच 45 रन की साझेदारी 3.2 ओवर में बनी जिसमें महमूदुल्लाह का योगदान 33 रन का था। महमूदुल्लाह ने 13वें ओवर में आशीष नेहरा पर चौका जड़ा और फिर 14वें ओवर में हार्दिक पांड्या की गेंदों पर एक चौका और दो छक्के उड़ाते हुये कुल 21 रन बटोर डाले। पांड्या के इस आेवर ने बंगलादेश को 100 के पार पहुंचा दिया। आखिरी ओवर में जसप्रीत बुमराह ने कुछ अंकुश लगाया और बंगलादेश 120 रन तक पहुंच सका। तमीम इकबाल ने 13 और सौम्य सरकार ने 14 रन बनाये। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 14 रन पर एक विकेट, नेहरा ने 33 रन पर एक विकेट, बुमराह ने 13 रन पर एक विकेट और रवींद्र जडेजा ने 25 रन पर एक विकेट लिया। पांड्या ने तीन ओवर में 33 रन लुटाये।