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कोलकाता पहुंची पाकिस्तानी क्रिकेट टीम

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कोलकाता, 12 मार्च, शाहिद आफरीदी की कप्तानी वाली पाकिस्तान क्रिकेट टीम आईसीसी विश्वकप ट्वंटी 20 में हिस्सा लेने के लिये शनिवार शाम को कोलकाता पहुंच गई है। पाकिस्तानी टीम के आगमन को देखते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए थे। पाकिस्तानी टीम अबुधाबी होते हुए कोलकाता पहुंची। पाकिस्तानी टीम में 15 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के 12 सदस्य हैं। इससे पहले पाकिस्तानी टीम कड़ी सुरक्षा के बीच कराची के अलामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंची थी और अबुधाबी के लिये रवाना हुई थी। शुक्रवार को भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता की पुलिस से सुरक्षा के पुख्ता आश्वासन के बाद पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी निसार खान ने अपनी क्रिकेट टीम को भारत रवाना होने की मंजूरी दे दी थी। भारत रवाना होने से पहले पाकिस्तान के मुख्य कोच वकार यूनुस ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा“यह सबसे अच्छी खबर है कि हम विश्वकप में हिस्सा लेने के लिये भारत जा रहे हैं। यदि हम नहीं जाते तो विश्व क्रिकेट पर इसका बुरा असर पड़ता। अब स्थिति पहले से बेहतर हुई है और दोनों मुल्कों ने स्थिति को सुधार लिया है।” 

पाकिस्तान को भारत के साथ मैच 19 मार्च को धर्मशाला में खेलना था लेकिन सुरक्षा चिंताओं और विवाद के कारण इसे अब उसी दिन कोलकाता के ईडन गार्डन में कराया जाएगा। टीम के देरी से आने के कारण शनिवार को बंगाल के साथ उसके अभ्यास मैच को रद्द करना पड़ा। हालांकि पाकिस्तान के कोच ने माना कि इस पूरे विवाद का उनकी तैयारियों और प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोच ने कहा“ हमारे पास एक अभ्यास मैच बचा है जो श्रीलंका के खिलाफ है और वह राउंड रॉबिन चरण में हमारी तैयारियों के लिहाज से अहम होगा। हम उसमें अच्छा करने की कोशिश करेंगे। हम जानते हैं कि भारत में हमारी अच्छी मेहमाननवाजी होती है। पाकिस्तान के खिलाड़ी और अधिकारी वहां जाते रहते हैं और हम इस बात को जानते हैं। इस पूरे विवाद से हमारे खेल पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और हमारा काम खेल पर ध्यान केंद्रित करना है। सुरक्षा के मसले को हमने बोर्ड पर छोड़ दिया है।” अपनी तैयारियों को लेकर वकार ने कहा “हम भारत के साथ 19 मार्च को होने वाले मैच के बारे में नहीं सोच रहे हैं। हमारा ध्यान एक बार में एक मैच पर लगा है। पहले हम बंगलादेश के खिलाफ खेलेंगे और हमारा ध्यान उसी पर है। वह एक बहुत अच्छी टीम है और उन्हें उनके घर में हराना तो अब मुश्किल हो गया है।” 

विशेष आलेख : (ब)जट : यमला पगला दीवाना

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प्रतिवर्ष संसद में आम बजट पेश किया जाता हैं. इसे आम बजट इसीलिये कहाँ जाता हैं क्योंकि ये आम के सीजन के पहले आता है. बजट पेश करने के पीछे आय-व्यय का वार्षिक लेखा -जोखा  रखना तो गौण कारण हैं इसके पीछे (सुविधानुसार चाहे तो आगे भी मान सकते हैं)मुख्य कारण ये हैं की बजट पेश करने से जनता में संदेश जाता हैं की सरकारे केवल "ऐश और केश"ही नहीं कर रहीं हैं बल्कि कुछ "पेश"भी कर रही हैं। हमारे देश में अभी तक केवल "घाटे का बजट"ही पेश किया जाता रहा हैं वो इसीलिए क्योंकि हम भारतीयो की तरह हमारी सरकारे भी अंधविश्वासी होती है, वो नहीं चाहती की नफे या फायदे का बजट पेश करके देश के शत्रुओं/प्रतिद्वंदियों को हमारी अर्थव्यवस्था को नज़र लगाने का मौका मिले।

देश के सत्तारूढ़ दलो का शुरु से मानना रहा हैं की भले 5 साल पूरे होने के बाद सरकार किसी से नज़र मिलाने के काबिल रहे या ना रहे लेकिन किसी को भी देश और इसकी इकोनॉमी पर नज़र लगाने का मौका नहीं मिलना चाहिए। एक पूर्व वित्तमंत्री ने तो नज़र ना लगे इसके लिए आरबीआई की बिल्डिंग पर "नज़रबट्टू"के रूप में काली हांड़ी लटकाने का भी प्रस्ताव दिया था लेकिन कहीं विपक्ष,सरकार पर देश के "कालेकरण"का आरोप ना लगा दे इसीलिए उनका ये प्रस्ताव प्रधानमंत्री ने ताव खाकर नामंजूर कर दिया था । उल्लेखनीय हैं की नज़र लगने के मुद्दे पर ज़्यादातर समय सत्ता में रहने वाले दल का मानना हैं की इतने सालो में हमने देश की हालत ऐसी कर दी हैं की अब देश को नज़र लगने का खतरा नहीं हैं बल्कि अब तो दूसरे देश चाहे तो नज़र से बचने के लिए हमारे देश के नक़्शे का प्रयोग "नज़रबट्टू"के रूप में कर सकते हैं।

हर साल संसद के बाहर मीडियाकर्मियों को "ब्रीफ"करने के बाद वित्तमंत्री जी "ब्रीफकेस"की चारदीवारी से बजट को संसद की "चारदीवारी"में लाते हैं और फिर बजट की हर योजना को "ब्रीफ"में समझाते हैं। बजट पर सत्तापक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाए भी बजट की तरह बजट पेश करने से पूर्व तैयार कर ली जाती हैं ताकि बजट भाषण समाप्त होने के तुरंत बाद "थोक के भाव"में "खुदरा मूल्य"वाली प्रतिक्रियाए दी जा सके और बजट पेश करने के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों आराम से सो सके और वित्तमंत्री को बजट पेश करने में कोई व्यवधान ना आये। अक्सर ये देखा  गया हैं की बजट भाषण  पढ़ते हुए वित्तमंत्री जी  घबराहट में इतना पानी  पी  जाते हैं जितना वो अपने  बजट में प्रस्तावित "पानी बचाओ योजना"से बचाने वाले थे. कुछ वित्तमंत्री तो अपने भाषण को  सरकार की  तरह बोझिल होने से  बचाने  के लिए  कविता और शेरो -शायरी  का  सहारा लेते  हैं।  कई लोगो  को तो बजट  भाषण में  केवल  कविता/ शेरो -शायरी  ही समझ में  आती हैं और वो इसके लिए  मन ही मन  वित्तमंत्री को  धन्यवाद भी देते हैं  क्योंकि कविता/ शेरो -शायरी के कारण ही वो पूरा भाषण समझ ना आने की शर्मिंदगी से बच सके। 

बजट भाषण समाप्त होने के बाद आम आदमी को ये चिंता रहती हैं की उसे आयकर में कितनी छूट मिली और उत्पाद शुल्क /सेवा कर में बदलाव के कारण कौनसी वस्तुएं मंहगी या सस्ती हुई हैं जबकी बजट भाषण सुनकर बाहर निकले सांसदों को ये चिंता सताती हैं की उनकी "रटी-रटाई"प्रतिक्रिया सुनने के बाद मीडियावाले कहीं उनसे बजट भाषण के "कंटेंट"पर कोई सवाल ना पूछले। बजट आने के कुछ दिन पहले से ही न्यूज़ चैनल्स अपने स्टूडियो में आर्थिक विशेषज्ञो को बुलाकर , उनसे तरह तरह के सवाल पूछकर और डिबेट करवाकर बजट के लिए माहौल बनाना शुरू कर देते हैं. कुछ विशेषज्ञों को सुनकर और देखकर तो ऐसा लगता है की उनके विशेषज्ञ होने की वैलिडिटी प्रोग्राम पर आने वाले कामर्शियल ब्रेक तक ही होती हैं और कामर्शियल ब्रेक के दौरान उन्हें छोटा रिचार्ज करके अगले कामर्शियल ब्रेक तक फिर विशेषज्ञ बनाया जाता हैं। ऐसे विशेषज्ञ "ऑफ द रिकॉर्ड"बातचीत में कहते हैं की इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं क्योंकि उनको आर्थिक मामलो की उतनी ही जानकारी होती हैं जितनी की उनसे सवाल पूछने वाले न्यूज़ एंकर्स को पत्रकारिता की। इसलिए हिसाब "फिट्टूश"हो जाता हैं,मतलब बराबर हो जाता हैं।

बजट पर आम जनमानस की प्रतिक्रियाए भी देखने लायक होती हैं (सुनने लायक नहीं).जिन लोगो को मोहल्ले का बनिया 100 ग्राम शक्कर भी उधार नहीं देता वो भी सरकार को वर्ल्डबैंक से उधार लेकर अधूरी परियोजनाएं पूरी करने की सलाह देते हैं ,सब्ज़ी के साथ मुफ्त का धनिया और कढीपत्ता लेने के लिए सब्जीवाले से झगड़ने वाले लोग बजट में नए प्रोजेक्ट्स के लिए सब्सिडी दिए जाने पर सरकार की यह कहकर आलोचना करते हैं की इससे सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ पड़ेगा, जिन लोगो का कहना घर पर उनके बीवी बच्चे भी नहीं मानते हैं वो लोग भी बजट में अपनी माँगे पूरी ना होने पर सरकार को अगले चुनाव में देख लेने की धमकी देते हैं। जो व्यस्त लोग सड़क और चौराहो पर,सड़कछाप मीडिया को बजट पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे पाते वो अपनी ए.सी. कार में "आईफोन सिक्स -एस"से ट्वीट और पोस्ट करके बताते हैं की बजट गरीब और किसान विरोधी हैं और इससे आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी।


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अमित शर्मा 
भीलवाड़ा 

आलेख : जीने का सही तरीका कैसे हाथ लगे?

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अक्सर लोग कहते हैं कि यह जीवन एक यात्रा है। ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें कई प्रकार के उतार-चढ़ाव आते हैं। जब इंसान जन्म लेता है, तब से इस यात्रा की शुरुआत होती है और मृत्यु के साथ इसका समापन होता है। लेकिन यात्रा सफल तब होती है, जब हम जीने का सही अर्थ जान लेते हैं। लेकिन प्रश्न है कि जीने का सही तरीका कैसे हाथ लगे?

एक आदमी जंगल में कोयला बनाने का काम करता था। वह जंगल में जाता, लकडि़यां काटता और कोयला बनाता। जेठ का महीना। चिलचिलाती धूप। मध्याह्न का समय। एक ओर आग और दूसरी ओर सूर्य का तीव्र ताप। उसे प्यास लगी। पास में पानी थोड़ा था। उसने कंठ गीला किया और यह सोचकर सो गया कि जागते रहने से प्यास अधिक लगेगी। स्वप्न आया। उसने देखा कि वह एक समुद्र के पास खड़ा है, प्यास तीव्र है। उसने समुद्र का सारा पानी पी लिया है। फिर भी प्यास नहीं बुझी। अब उसने सोचा, क्या करूं? वहां से वह चला। सरोवरों और नदियों के पास गया। उनका सारा पानी पी गया, फिर भी प्यास ज्यों-की-त्यों बनी रही। वह बुझी नहीं। तालाब और कुओं पर गया। उनका भी पानी  समाप्त कर दिया। प्यास नहीं बुझी। फिर वह तलैया पर गया। पानी सूख गया था। कीचड़ था। उसने कीचड़ में घास पूला डाला। वह कुछ गीला हो गया। उसने सोचा, इसको मुंह में निचोड़कर प्यास बुझाऊं। जिस आदमी की प्यास समुद्र, सरोवर, नदी-नालों और कुओं से नहीं बुझी, क्या उसकी प्यास उस घास के पूले से टपकने वाली दस-बीस बूंदों से बुझ पाएगी? कभी संभव नहीं है। 

इस प्रकार भ्रामक एवं गलत दृष्टिकोण मनुष्य में ऐसी प्यास जगा देता है कि तीनों लोक के सारे पदार्थ उपलब्ध हो जाने पर भी वह बुझती नहीं। वह अमिट प्यास बन जाती है। अमीरों को चिन्ता है यश, वैभव और प्रतिष्ठा को ऊंचाई कैसे दें और गरीबों को चिन्ता है कि हम पापी पेट के लिये दो जून रोटी की जुगाड़ कैसे करें? रोटी, मकान और कपड़े की पर्याप्त जरूरतों के बाद पदार्थों का संग्रह, उपभोग और उनके जुगाड़ में भागदौड़ सभी कुछ मनुष्य आदतन करता है,क्योंकि ज्यादातर सुख-सुविधाएं शरीर की नहीं, केवल मन की मांग हैं जोे अन्तहीन तृष्णा को जन्म देती है। यही समस्याओं का कारण है और यही जिन्दगी के वास्तविक सुख से वंचित करता है। जिन्दगी की यात्रा को गुमराह एवं भटकाव की दिशा देता है। हर इंसान इस यात्रा के किसी न किसी पड़ाव से गुजर रहा है। हर व्यक्ति इसे अपने तरीके से जीना चाहता है, हर व्यक्ति का अपना जीवन दर्शन है, जबकि जीवन यात्रा को सार्थक बनाने में धर्म और ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

यही मंत्र इंसान को बाहरी और आंतरिक विकास की ओर आगे बढ़ाता है। जीवन में कई प्रकार के राग, द्वेष, झूठ, पाखंड, लोभ, कपट और अहंकार जैसे अवगुण भरे पड़े हैं। लेकिन इसी के साथ पवित्रता, सचाई, करुणा और मैत्री जैसे भाव भी दिखाई पड़ते हैं। यह हमारा अपना निर्णय होता है किन भावों को अपने जीवन में धारण करें। सार्थक जीवन यात्रा का नियम यह है कि अवगुणों से सदा दूर रहें। ग्रोचो मार्क्स ने सफल जीवन का सूत्र देते हुए कहा है कि हर सुबह जब मैं अपनी आंखे खोलता हूं तो अपने आप से कहता हूं कि आज मुझमें स्वयं को खुश या उदास रखने का सामर्थ्य है न कि घटनाओं में, मैं इस बात को चुन सकता हूं कि यह क्या होगी, कल तो जा चुका है, कल अभी आया नहीं है, मेरे पास केवल एक दिन है, आज तथा मैं दिन भर प्रसन्न रहूंगा। हम सोचते हैं कि जिसने भौतिक संपदा अर्जित की है, बड़े-बड़े भवन बनाए हैं, सांसारिक भोग विलास की वस्तुएं जुटा रखी हैं, वह जीवन में सफल हो गया। परन्तु वह पहुंचा कहां? सच तो यह है कि रेशमी गद्दों पर उबासियां लेते हुए जागते रहने का अहसास कभी किसी को उज्ज्वल भविष्य नहीं दे सकता । ऐेसे लोगों के कर्तृत्व की गतिशीलता थम जाती है। उनका चिन्तन, स्वभाव, संस्कार सभी कुछ गलत दिशा में मुड़ जाता है। वे अच्छाइयों का श्रेय औरों को बांट नहीं सकते और बुराइयां के लिये स्वयं की समीक्षा नहीं कर सकते कि मैं कहां गलत हूं? इसीलिये हेलन केलर ने कहा था कि जब खुशियों का एक द्वार बंद होता है तो दूसरा खुल जाता है। लेकिन हम अक्सर बंद दरवाजे को ही इतनी देर तक ताकते रह जाते हैं कि हम उस दरवाजे की तरफ देख ही नहीं पाते जो हमारे लिए खोला गया है।

जीवन तो सरल है, लेकिन हमने ही इसे जटिल बना दिया है। जब हम पैदा होते हैं तब हमारे पास कुछ नहीं होता। लेकिन यहां से कूच करने के वक्त तक हम इतना कुछ जमा कर लेते हैं कि उसे छोड़ते नहीं बनता। और जाना फिर भी खाली हाथ ही होता है। बुरे कर्मों के कारण जीवन की राह अंधकारमय हो गई है। बाइबिल में यीशु कहते हैं, जो अंधकार में चलता है वह लड़खड़ाता है और गिरता है। लेकिन जो सूर्य के प्रकाश में चलता है वह लड़खड़ाता नहीं है। स्टीफन कोवि की मार्मिक उक्ति है कि अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाएं, अपने अतीत को नहीं। यही बात महावीर ने दूसरे ढंग से कही। उन्होंने कहा, जैसे ओस की बूंद घास की नोक पर थोड़ी देर तक ही रहती है, वैसे ही मनुष्य का जीवन भी बहुत छोटा है, शीघ्र ही नष्ट हो जाने वाला है। खणं जाणाहि पंडिए-जो क्षण को जानता है, वह संसार के सत्य को जानता है। जहां ज्ञान है वहीं सत्य है और यही दर्शन बोध देता है कि समय नहीं बीतता, हमीं बीत रहे हैं- पल, पल प्रतिपल। इसलिए क्षण को भी बर्बाद न करे।

मनुष्य अपनी बुराइयों की गांठें अपने अंदर में बांधता है। बाहर से वे गांठें दिखाई नहीं देंती। इसलिए उनकी चिंता भी नहीं करता। अगर, बाहर कोई गांठ हो जाती है तो हैरान होकर तत्काल चिकित्सक के पास जाता है, उसका उपचार करता है। किन्तु जिनका उपचार उसे करना चाहिए, उस ओर ध्यान नहीं जाता। अहंकार के मंद में डूब कर जीवन के ध्येय से विमुख हो जाता है। ऐसे में वह सब कुछ जीत लेना चाहता है, लेकिन सच्ची जीत तो स्वयं को ही जीतना है जो कहां संभव हो पाती है? पाबलो पिकासो ने उचित ही कहा है कि  प्रत्येक बच्चा एक कलाकार होता है, समस्या यह है कि युवा होने पर कलाकार कैसे बने रहा जाए? महावीर ने कहा है, जो तुम अपने लिए चाहते हो, वही दूसरों के लिए भी चाहो। और जो तुम अपने लिए नहीं चाहते, वह दूसरों के लिए भी मत चाहो। साधारणतः तुम जो अपने लिए चाहते हो, वह दूसरों के लिए नहीं चाहते, क्योंकि फिर तो अपने लिए चाहने का कोई अर्थ ही न रहा। तुम एक महल बनाना चाहते हो, तो पाओगे कि असल में तुम चाहते हो कि दूसरा कोई ऐसा महल न बना ले। अगर सभी के पास वैसे ही महल हों, तो फिर तुम्हें मजा ही नहीं आएगा। फिर तो उस उपलब्धि का अर्थ ही क्या रहा! तुम एक स्त्री या पुरुष चाहते हो, तो तुम भीतर यह भी चाहते हो कि ऐसा सुंदर साथी किसी और को न मिले अन्यथा कांटा चुभेगा। वह बस तुम्हें मिले, और वैसी सुंदर स्त्री में भी तुम अपने अहंकार को ही भरना चाहते हो। अपने महल में भी अहंकार को ही भरना चाहते हो। तुम जो अपने लिए चाहते हो, वह तुम दूसरे के लिए कभी नहीं चाहते। तुम दूसरे के लिए उससे विपरीत चाहते हो। अपने लिए सुख, दूसरे के लिए दुख। क्योंकि जीवन प्रतिस्पर्धा है, प्रतियोगिता है, महत्वाकांक्षा है, पागलपन है, छीन-झपट है, गलाघोंट संघर्ष है।

लेकिन सुख हमारा दूसरे के दुख में है। सारी प्रसन्नता किसी की उदासी पर खड़ी है। सारा धन दूसरे की निर्धनता में है। लाख तुम दूसरे के दुख में सहानुभूति प्रगट करो, जब भी दूसरा दुखी होता है, कहीं गहरे में तुम सुखी होते हो। और तुम्हारी सहानुभूति में भी तुम्हारे सुख की भनक होती है। स्टीफन आर. कोवे ने कहा भी है कि प्रेरणा अंतर्मन से उत्पन्न होने वाली आग है, यदि आपके भीतर इस आग को जलाने का प्रयास किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो इस बात की संभावना है कि यह थोड़ी ही देर जलेगी। जब कोई सुखी होता है, तब तुम अपना सुख प्रगट करने नहीं जाते, तब तो ईष्र्या पकड़ लेती है। तब तुम कहते हो- धोखेबाज है, बेईमान है। तब परमात्मा से कहते हो, यह क्या हो रहा है तेरे जगत में? पापी और व्यभिचारी जीत रहे हैं और पुण्यात्मा हार रहे हैं। पुण्यात्मा यानी तुम! पापी यानी वे सब जो जीत रहे हैं। जब भी कोई जीत जाता है तो तुम अपने को सांत्वना देते हो कि जरूर किसी गलत ढंग से जीत गया होगा, कोई बेईमानी की होगी, रिश्वत दी होगी, कोई रिश्तेदारी खोज ली होगी।

अपने लिए वही चाहो जो तुम दूसरे के लिए भी चाहते हों। और जो तुम अपने लिए नहीं चाहते वह दूसरे के लिए भी मत चाहो। इसके बाद अचानक तुम पाओगे कि तुम्हारे जीवन की आपाधापी खो गई। अचानक तुम पाओगे कि प्रतिस्पर्धा मिट गई। महत्वाकांक्षा की जगह न रही। यही से जिन्दगी सही मायने में शुरू होती है। इसी सन्दर्भ में अमरीकी दार्शनिक विलियम जेम्स ने कहा है कि मानव अपनी सोच की आंतरिक प्रवृति को बदलकर अपने जीवन के बाह्य पहलूओं को बदल सकता है। हम स्वयं शांतिपूर्ण जीवन जीये और सभी के लिये शांतिपूर्ण जीवन की कामना करें। ऐसा संकल्प और ऐसा जीवन सचमुच जीवन को सार्थक बना सकते हैं।


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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25, आई0पी0 एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोन: 22727486

जेटली ने आरबीआई और सेबी को बजट प्रस्तावों से अवगत कराया

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नयी दिल्ली 12 मार्च, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज भारतीय रिजर्व बैंक और पू्ँजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के बोर्ड सदस्यों के साथ वर्ष 2016-17 के बजट में वित्तीय क्षेत्र में किये गये सुधार प्रस्तावों पर चर्चा की। श्री जेटली ने पहले सेबी बोर्ड को और फिर बाद में आरबीआई बोर्ड को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि रिजर्व बैंक के साथ विनिवेश और बैंकाें के बैलेंस शीट को ठीक करने पर विचार-विमर्श किया गया है। बजट में वित्तीय सुधार के प्रस्तावों से बोर्ड सदस्यों को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सदस्य कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं जो बहुत उपयोगी होते हैं। वित्त मंत्री हर वर्ष बजट पेश करने के बाद आरबीआई और सेबी के बोर्ड को संबोधित करते हैं। 

लेकिन, इस वर्ष श्री जेटली ने ऐसे समय में इन दोनों बोर्ड के साथ चर्चा की है जब सरकार ने वर्ष 2016-17 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.5 प्रतिशत पर रखने की प्रतिबद्धता जतायी है। श्री जेटली ने 29 फरवरी को बजट पेश किया था, जिसमें उन्होंने आरबीआई अधिनियम को संशोधित कर मौद्रिक नीति समिति बनाने का प्रस्ताव किया था जो केन्द्रीय बैंक की नीतिगत दरें और मुद्रास्फीति का लक्ष्य तय करेंगी। इसके साथ इन दोनों बैठकों में बैंकों की जाेखिम में पड़ी परिसंपत्तियों पर भी चर्चा की गयी है। बजट में पूँजी बाजार में भी सुधार के प्रस्ताव किये गये हैं जिनमें सेबी को एक इलेक्ट्राॅनिक नीलामी प्लेटफाॅर्म बनाने की बात भी है। इसके अतिरिक्त प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण की और खंडपीठ स्थापित करने और नये सदस्य बनाने के लिए सेबी अधिनियम 1992 को भी संशोधित करने का प्रस्ताव किया गया है।

विश्व सांस्कृृतिक महोत्सव से दुनिया में बढ़ेगा देश का मान : राजनाथ

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नयी दिल्ली 12 मार्च, श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लीविंग के 35 वें स्थापना दिवस के मौके पर यमुना किनारे आयोजित विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह के आयोजन से विश्व भर में भारतीय संस्कृति का मान बढ़ेगा। श्री सिंह ने कहा कि दुनिया में आज तक इतने बड़े स्तर का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुआ। कार्यक्रम के आयोजन के लिये श्री श्री रविशंकर की प्रशंसा करते हुये उन्होंने कहा “इस कार्यक्रम के जरिये उन्होंने भारतीय संस्कृति को विश्व में गौरव दिलाने का काम किया है। भारत के चिंतकों और मनीषियों ने अपनी विराट सोच से पूरे विश्व को जोड़ा है और अपना परिवार माना है। भारत में सभी तरह के धर्मों को मानने वाले धर्मावलंबी रहते हैं। यह भारत की ही संस्कति है जो सभी धर्मो को अपने में समाहित कर लेता है।”  वहीं सुषमा स्वराज ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुये कहा “इस आयोजन ने दिल्ली को विश्व नगरी में बदल दिया है। हिंसाग्रस्त दुनिया में इस कार्यक्रम से शांति और सद्भाव का संदेश जायेगा। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। धर्मनिरपेक्षता का मतलब होता है सर्वधर्म समभाव ।” उन्होंने आध्यात्म और संस्कृति के जरिये विश्व को एकजुट करने की भी वकालत की।

कार्यक्रम की जगह को लेकर उठ रहे विवाद पर श्री श्री रविशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि वह यमुना को स्वच्छ रखने का कर्तव्य पूरा करेंगे और यमुना तट के इलाके को पहले से अधिक स्वच्छ बनायेंगे। उन्होंने कार्यक्रम की आलोचना पर कहा “ पर्यावरण हमारा प्रण है। यमुना की सफाई और पवित्रता हमारा दायित्व है। इससे वह पीछे नहीं हटेंगे।” रूक रूक कर हो रही बारिश के बीच भी कार्यक्रम अपनी पूरी भव्यता के साथ चलता रहा। देश विदेश से आये कलाकारों ने अपने नृत्य और गायन से वहां उपस्थित लाखों दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ,कई केंद्रीय मंत्री ,विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और विदेशी जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया और विश्व एकता की वकालत की।

कर्नाटक में खुदाई में मिला सदियों पुराना शिव मंदिर

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फोटो : TV 9 
कलबुर्गी, 13 मार्च , कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में खुदाई के दौरान सदियों पुराने शिव मंदिर का खंडहर मिला है। शिव मंदिर में ग्रेनाइट से बने शिवलिंग , देवी पार्वती की प्रतिमा और साथ ही कम से कम 13 अन्य प्राचीन शिवलिंग अच्छी अवस्था में हैं। जिले के अफजलपुर तालुक के तहसीलदार पी जी पवार ने बताया कि कल गोरा गांव में खुदाई में मिला शिव मंदिर सदियों पुराना है। इसके बारे में ग्रामीणों ने प्रशासन को जानकारी दी थी। दरअसल ग्रामीण एक साधु के कहने पर उस जगह पर खुदाई कर रहे थे और खुदाई के दौरान वहां उन्हें एक छोटे शिवमंदिर का खंडहर दिखा। 

मंदिर में मिले शिवलिंग आंध्रप्रदेश के श्रीसाइलम में पूजे जाने वाले शिवलिंग ‘आत्मा लिंग’ के जैसे हैं। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने एक किसान की जमीन में 15 फुट तक खुदाई की और उन्हें शिवमंदिर मिला। पुरातत्व विभाग के लोग मौके पर पहुंचकर अध्ययन कर रहे हैं। खुदाई में मल्लिकार्जुन लिंग के मिलने की खबर पाते ही आस-पास के इलाकों से सैकड़ों लोग प्राचीन शिवमंदिर के दर्शन करने आ रहे हैं। 

ओबामा ब्रिटिश मतदाताओं से करेंगे ईयू में बने रहने की अपील

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लंदन 13 मार्च, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले महीने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान वहां की जनता से यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने के लिए मतदान करने का अनुरोध करेंगे। द इंडीपेंडेंट समाचार पत्र की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की जनता ईयू का हिस्सा बने रहने या इससे बाहर होने के मुद्दे पर जून में मतदान करेंगे। श्री ओबामा पहले ही कहा चुके हैं कि वह चाहते हैं कि ब्रिटेन, यूरोपीय संघ में बना रहा। विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों में कहा गया कि मतदाताओं की राय बटी हुई है। 

श्री आेबामा अगले महीने अप्रैल में जर्मनी में तकनीक मेला में शिरकत करेंगे और इसी दौरान वह ब्रिटेन की राजधानी लंदन जायेंगे। रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि अगर वह मतदाताओं से यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए मतदान करने की अपील नहीं करते हैं तो वह काफी चौंकानेवाला होगा। हालांकि व्हाइट हाउस और डेविड कैमरन कार्यालय ने इसपर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

हड़ताल से सर्राफा उद्योग को 15 हजार करोड़ का नुकसान

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नयी दिल्ली 13 मार्च, सर्राफा कारोबारियों की दो मार्च से जारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल से अबतक 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है और आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को उनकी बैठक होगी। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के अध्यक्ष जी. वी. श्रीधर ने यूनीवार्ता को बताया कि पिछले 11 दिनों से कारोबार ठप रहने के कारण रत्न एवं आभूषण उद्योग को 15 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को भी मूल्यवर्धित कर (वैट) समेत करीब दो हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। श्री श्रीधर ने बताया कि हड़ताल से संबंधित आगे की रणनीति के लिए सोमवार को सर्राफा कारोबारियों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि यहाँ बैठक करेंगे। इस बैठक में सरकार से आगे की बातचीत एवं विरोध से संबंधित योजनाएँ तय की जाएँगी। 

सर्राफा कारोबारियों के संगठन ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एस.के.जैन ने यहां बताया कि बजटीय प्रस्ताव को वापस नहीं लिये जाने तक यह हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी। कारोबारी पहले सोमवार तक हड़ताल पर थे लेकिन उनकी मांग पर सरकार की आेर से कोई सकारात्मक संदेश नहीं मिलने के मद्देनजर इसे अनिश्चितकाल तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। उन्होने कहा, “ग्राहकों एवं राष्ट्र के हित में हम सरकार से अविलंब इस प्रस्ताव को वापस लेने की अपील करते हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार शीघ्र इस दिशा में आवश्यक कदम उठायेगी।” उल्लेखनीय है कि चाँदी को छोड़कर अन्य सभी कीमती धातुओं के आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क के बजटीय प्रस्ताव के विरोध में देश भर में सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर हैं। इससे पहले वर्ष 2013 में भी बजट में उत्पाद शुल्क का प्रावधान किया गया था। तब कारोबारियों की 21 दिनों की हड़ताल के बाद यह प्रस्ताव सरकार ने वापस ले लिया था।

विजेन्दर ने होरवाथ को भी ठोक डाला

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लिवरपूल,13 मार्च, भारत के स्टार प्रोफेशनल मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने सांपों का खून पीने वाले हंगरी के मुक्केबाज एलेक्जेंडर होरवाथ को शनिवार को एकतरफा अंदाज में तीसरे ही राउंड में ठोककर अपनी लगातार चौथी जीत दर्ज की। 30 वर्षीय विजेन्दर ने अपने प्रो कॅरियर के पहले तीनों मुकाबले दोनों राउंड के अंदर निपटा दिए थे और चौथे मुकाबले में 20 वर्षीय होरवाथ को तीसरे राउंड में घुटनों के बल ला दिया। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज के प्रहारों से हंगरी का मुक्केबाज तीसरे राउंड का एक मिनट गुजरते ही घुटनों पर बैठ गया जिसके बाद रेफरी ने मुकाबला समाप्त कर दिया। विजेन्दर ने पहले ही राउंड से होरवाथ को बैकफुट पर रखा और एकतरफा अंदाज में मुकाबला जीत लिया। विजेन्दर के प्रतिद्वंदी ने इस मुकाबले से पहले दावा किया था कि वह अपनी ताकत के लिए सांपों का खून पी रहे हैं और विजेन्दर की कमजोरियों को अच्छी तरह से जानते हैं। 

लेकिन विजेन्दर ने अपने जोरदार पंचों से दिखाया कि उनके देशी घी की ताकत सांपों के खून की ताकत से कहीं ज्यादा है। विजेन्दर ने इस मुकसबले से पहले अपने तीनों प्रो मुकाबले जीते थे जबकि उनका प्रतिद्वंदी सात में से पांच मुकाबले जीतकर विजेन्दर के सामने उतरा था। मुकाबला शुरु होते ही सबको पता चल गया कि कौन भारी पड़ने वाला है। भारतीय मुक्केबाज ने पहले राउंड में हाेरवाथ को फासले पर रखा और दाएं हाथ से तीन चार ऐसे तबर्दस्त पंच लगाए कि दो बार होरवाथ के दांत का कवर गिर गया। पहले राउंड में हावी रहने के बाद विजेन्दर ने दूसरे राउंड में भी दबाव बनाए रखा जबकि उनका प्रतिद्वंदी उनसे बचने की कोशिश में रिंग में दूर दूर रहा। तीसरा राउंड शुरु होते ही विजेन्दर ने एक दाे और सॉलिड पंच होरवाथ पर जड़ दिए। राउंड का एक मिनट गुजरते ही होरवाथ घुटनों के बल गिर गया। रेफरी ने काउंटिंग की और मुकाबला समाप्त घोषित कर विजेन्दर को विजेता करार दिया।

‘गुलाम’ यजीदी महिलाओं को नहीं है ‘मां’ बनने का अधिकार

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न्यूयाॅर्क, 13 मार्च, अपनी बर्बरता और नृशंसता के लिए कुख्यात इस्लामी अातंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) के आतंकी गुलाम बनायी गयी यजीदी महिलाओं पर घोर अत्याचार करते हैं साथ ही इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि ये महिलाएं गर्भवती न होने पाए ताकि उसके लड़ाके उन महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते रहें और उनकी आपस में अदला-बदली कर सकें। न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए आईएस द्वारा इराक में गुलाम बनायी गयी इन यजीदी महिलाओं को गर्भधारण से रोकने के लिए कई तरीके इस्तेमाल किये जाते हैं। आतंकवादियों के कब्जे में कम से कम 3000 यजीदी महिलाएं हैं। 

आईएस के चंगुल से बचकर भागीं 37 यजीदी महिलाओं ने अपने साक्षात्कार में आईएस के अत्याचार की कहानी बयां की है। उन्होंने बताया कि आईएस के आतंकवादी यजीदी महिलाओं को गर्भधारण से रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां या इंजेक्शन देते हैं या फिर दोनों ही एक साथ देते हैं ताकि वे ‘गर्भवती’ न हो पायें। गर्भवती होने से वे आतंकवादियों के लिए काम की नहीं रह जाएंगी इस कारण उन्हें गर्भधारण नहीं करने दिया जाता है। 
इन सभी तरीकों के बावजूद ‘गर्भवती’ हुई एक महिला का जबरन गर्भपात कराया गया ताकि उसके साथ बलात्कार किया जा सके। समाचार पत्र के अनुसार आईएस का मानना है कि गुलाम महिलाओं के साथ दुष्कर्म करना गलत नहीं है लेकिन गर्भवती महिलाओं के साथ दुष्कर्म गलत है इस कारण वह उन्हें गर्भधारण ही नहीं करने देता। 

‘द टाइम्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तरी इराक में संचालित क्लीनिक में डाॅक्टर इस बात पर हतप्रभ थे कि आईएस के चंगुल से बचकर निकली महिलायें बार-बार दुष्कर्म के बावजूद गर्भवती क्यों नहीं हुई। क्लीनिक में 700 से अधिक दुष्कर्म पीड़ित यजीदी महिलाओं की जांच की गयी और पाया कि उनमें से मात्र पांच प्रतिशत ही गुलाम बनाये जाने के दिनों गर्भवती हुई। क्लीनिक में काम करने वाली डाॅक्टर नजर इस्मत ताइब ने कहा ,“ हम इससे ज्यादा अांकड़े का अनुमान लगा रहे थे।” ‘द टाइम्स ’ को दिये साक्षात्कार में एक 16 साल की यजीदी युवती ने बताया कि वह 12 महीने तक आईएस आतंकवादियों के कब्जे में रही और उसे आईएस आतंकवादी के सामने हर दिन एक लाल गोली खानी पड़ती थी। वह उसे हर महीने दवाइयों से भरा एक बॉक्स देता था और जब उस बक्से में रखी दवाई खत्म होती थी तो वह फिर नयी ले आता था। उसने कहा,“ जब उसने मुझे दूसरे आतंकवादी को बेचा तो उसके पास मुझे गोलियों से भरा बक्से के साथ ही भेजा गया। ” उसे बहुत बाद में पता चला कि उसे हर दिन जबरन गर्भनिरोधक गोली खिलायी जाती है। 

सब्जियों की उत्पादकता में भारत पीछे

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बडा सब्जी उत्पादक देश है लेकिन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता के मामले में वह दुनिया के प्रमुख देशों से काफी पीछे है । देश के विभिन्न हिस्सों में फूलगोभी , बंधगोभी , टमाटर, बैगन और भिंडी की खेती प्रमुखता से की जाती है लेकिन प्रमुख देशों की तुलना में यहां इनका उत्पादन चार गुना तक कम है । संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन की वर्ष 2013 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में टमाटर का उत्पादन 20.72 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि अमेरिका में इसका उत्पादन 83.80 , स्पेन में 73.60 , ब्राजील में 69.83 और चीन में 51.69 टन प्रति हेक्टेयर तक है । फूलगोभी या ब्रॉकली का उत्पादन हमारे यहां 19.62 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि मिस्र में 29.00 , इटली में 24.37 , और चीन में इसकी पैदावार 20.25 टन प्रति हेक्टेयर तक रही है । बंधगोभी के उत्पादन में भारत अब भी काफी पिछडा हुआ है । जापान में प्रति हेक्टेयर बंधगोभी का उत्पादन 79.34 टन , कोरिया में 70.94 , अमेरिका में 50.90 और चीन में 33.68 टन है वही यहां इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर केवल 22.94 टन है । 

बैगन के उत्पादकता में चीन पहले स्थान पर है। वहां प्रति हेक्टेयर 36.11 टन तक इसकी पैदावार की जाती है जबकि भारत में इसका उत्पादन 18.62 टन ही है । जापान में 33.11 , इरान में 31.89 और टर्की में 31.09 टन बैगन का उत्पादन होता है । देश में प्रति हेक्टेयर 11.96 टन भिंडी का उत्पादन होता है जबकि अफ्रीकी देश घाना में इसका उत्पादन 20.60 टन है । मिस्र और साउदी अरब में भी भिंडी की उत्पादकता भारत से अधिक है ।उत्पादकता भले ही कम हो लेकिन देश में सब्जियों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। यह 1991 ..92 में 58532 हजार टन से बढ़कर 2014..15 में 168300 हजार होने का अनुमान है। पिछले पांच वर्षो के दौरान बागवानी फसलों के उत्पादन में सब्जियों की हिस्सेदारी 59 से 61 प्रतिशत तक बनी हुई है । पश्चिम बंगाल सब्जियों के उत्पादन में पहले स्थान पर है। था । 

भाजपा को असम में दोहराना होगा 2014 का प्रदर्शन

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, भारतीय जनता पार्टी को असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ सीधी टक्कर का तो फायदा हो सकता है लेकिन राज्य में सरकार बनाने के लिये उसे 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराना होगा। भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव में असम में सर्वाधिक 36 प्रतिशत वोट मिले थे और राज्य की 14 में सात लोकसभा सीटें उसकी झोली में गईं थी लेकिन विधानसभा में वह अभी तक दस सीटों से आगे नहीं बढ़ पायी है। दो चरणों में चार और ग्यारह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार भी उसे इसी तरह का शानदार प्रदर्शन करना होगा तभी वह कांग्रेस के पंद्रह साल से चले आ रहे शासन को समाप्त कर पायेगी। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद जिन राज्यों में भी उसकी कांग्रेस से सीधी टक्कर हुयी है वहां सफलता भाजपा के हाथ लगी है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल(यू) और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। असम में सीधी टक्कर होने का उसे फायदा मिल सकता है। बिहार में हुई करारी हार के बाद भाजपा अपने गिरते हुये ग्राफ को रोकने की कोशिश में है और पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में असम उसके लिये तुरूप का पत्ता साबित हो सकता है। बाकी चार राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में उसके लिये ज्यादा कुछ हासिल कर पाना टेढी खीर जैसा दिखता है। भाजपा ने असम में पहली बार 1985 में विधानसभा चुनाव लडा था और तब उसे 1.1 (एक दशमलव एक)प्रतिशत वोट हासिल हुये थे। उसे 1991 में 10 सीटें एवं 6.6 प्रतिशत वोट मिला और इसी के साथ उसने राज्य में पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बाद के विधानसभा चुनावों में 1996 में उसे चार सीटें एवं 10.4 प्रतिशत वोट और 2001 में आठ सीटें एवं 9.4 प्रतिशत वोट मिले।

असम में 2006 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा 12 प्रतिशत वोट और दस सीटें हासिल हुईं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में उसकी सीटें घटकर आधी पांच रह गईं और वोट भी आधा प्रतिशत गिर गया। राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस पिछले तीन चुनावों में 2001 में 71, 2006 में 53 और 2011 में 79 सीटें जीतकर अव्वल रही और तब से राज्य की सत्ता उसीके हाथों में है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की राज्य में संभावनाये मजबूत थीं लेकिन बिहार में मिली करारी शिकस्त के बाद उसने इन चुनावों के लिये असम गण परिषद (अगप) के अलावा आदिवासी नेतृत्व वाले अन्य तीन दलों के साथ गठबंधन किया है। कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। इससे भी भाजपा बेहतर स्थिति में दिखती है। पिछले चुनावों से सबक लेते हुये भाजपा ने श्री सर्वानंद सोनोवाल को अपना मुख्यमंत्री का पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। लगातार चौथी बार सरकार बनाने का दावा कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के लिये इस बार पार्टी के सहयोगी ही चुनौती बन गये जिनमें से कुछ ने नाता तोडकर भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस की सबसे बडी ताकत मुस्लिम वोट है लेकिन आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) उसके लिये मुश्किल बढ़ा सकती है। उसने पिछले विधानसभा चुनाव में 18 सीटें जीती थीं। भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड रही असम गण परिषद की पहली बार 1985 में और फिर 1996 में सरकार बनी थी। असम की राजनीतिक सत्ता में 1952 से ही कांग्रेस का वर्चस्व रहा है और सिर्फ तीन बार गैर कांग्रेसी सरकारें बनीं। अगप ने दो बार सरकार बनाई और उससे पहले 1978 में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। 

पोखरा में हो सकती है भारत पाक विदेश सचिवों की बैठक

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, भारत एवं पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बहुप्रतीक्षित बैठक नेपाल के खूबसूरत पर्यटक स्थल पोखरा में होने की संभावना है जहां दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की एक अहम बैठक कल से शुरू हो रही है। पोखरा में 14 से 17 मार्च के बीच दक्षेस सदस्यों की मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव एस. जयशंकर इसमें शामिल हाेंगे। श्री जयशंकर दक्षेस के संयुक्त सचिव भी हैं। इस बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और विदेश सचिव ऐजाज़ अहमद चौधरी भी मौजूद होंगे। तीन माह के अंतराल के बाद दोनों पक्षों के नेता एवं अधिकारी औपचारिक संपर्क एवं संवाद के लिये एक दूसरे से रूबरू होंगे। लेकिन पठानकोट हमले के बाद के हालात में दोनों पक्षों के बीच संपर्क और संवाद को औपचारिकता से दूर रखे जाने और ठोस परिणाममूलक बनाने पर ध्यान केन्द्रित होगा। डॉ. जयशंकर की पाकिस्तानी विदेश सचिव से 14 जनवरी को मुलाकात होनी थी लेकिन दो जनवरी को भारतीय वायुसेना के पठानकोट अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के कारण पूरी शांति प्रक्रिया गड़बड़ा गयी थी जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लाहौर की आकस्मिक यात्रा के साथ शुरू हुई थी। 

हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की छह दिसंबर को बैंकाक बैठक और विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज की आठ-नौ दिसंबर को इस्लामाबाद यात्रा के दौरान इसकी पृष्ठभूमि तैयार कर ली गयी थी। इस दौरान समग्र शांति वार्ता को कुछ अन्य मुद्दों को जोड़ कर ‘व्यापक समग्र संवाद’ का नाम दिया गया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पठानकोट आतंकवादी हमले में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों की लिप्तता के ठोस साक्ष्य दिये तो गत अनुभवाें के विपरीत पाकिस्तान ने उससे इन्कार नहीं किया। पाकिस्तान सरकार की हमले के जिम्मेदार अपराधियों के विरुद्ध की गयी कार्रवाई भले ही दिखावटी लगे, पर इससे कूटनीतिक संवाद में गतिरोध नहीं आने दिया। जनवरी मध्य में प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय बैठक को निकट भविष्य के लिये टाल दिया गया था। पठानकोट हमले की जांच के लिये पाकिस्तान ने कुछ कदम उठाकर और भारत ने इन कदमों का स्वागत करके बातचीत की संभावनायें बरकरार रखीं हैं। पोखरा में विदेश सचिवों के साथ ही विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार श्री अजीज के बीच भी बैठक होने की संभावना जतायी जा रही है। 

हालांकि विदेश मंत्रालय ने एेसी किसी भी बैठक से इन्कार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने साफ किया है कि पाकिस्तान अथवा किसी भी अन्य देश से द्विपक्षीय बैठक का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री और विदेश सचिव दक्षेस की बैठक के लिये जा रहे हैं। लेकिन जानकारों का मानना है कि चार दिनों तक एक ही जगह रहने के बावजूद दोनों पक्षों में बातचीत नहीं हो, ऐसा संभव नहीं लगता। अनौपचारिक संपर्क तो होगा ही और संभव है कि इस अनौपचारिक बातचीत से कोई अच्छा नतीजा निकले। पठानकोट के हमले के अलावा दोनों देशों के बीच 26नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के सिलसिले में पाकिस्तानी जांच अधिकारियों द्वारा भारतीय गवाहों से पूछताछ करने को लेकर भी बात होने की संभावना है। पाकिस्तानी जांच अधिकारियों ने भारत में 24 अन्य लोगों से पूछताछ करने की अावश्यकता जतायी। इससे पहले 2012 और 2013 में पाकिस्तान से दो टीमें अाकर चार भारतीयों से पूछताछ कर चुकीं हैं। भारत कहता रहा है कि मुंबई हमलों से जुड़े 99 प्रतिशत साक्ष्य पाकिस्तान के अंदर ही हैं। 

पोखरा में 14 और 15 मार्च को कार्यक्रम समिति की 52वीं बैठक संयुक्त सचिव या महानिदेशक स्तरीय होगी। जबकि 16 मार्च को स्थायी समिति की 42वीं बैठक होगी जो सचिव स्तरीय होगी। मंत्रिस्तरीय बैठक 17 मार्च को होनी है। श्रीमती स्वराज 16 मार्च को पोखरा पहुंचेंगी जबकि श्री जयशंकर के आज शाम ही वहां पहुंचने का कार्यक्रम है। सत्रह मार्च की बैठक में भारत पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान, बंगलादेश, भूटान, श्रीलंका, मालदीव और नेपाल के विदेश मंत्री शामिल होंगे। इससे पहले दक्षेस मंत्रिस्तरीय बैठक काठमांडू में नवंबर 2014 के शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित की गयी थी। 

पाकिस्तान से ज्यादा प्यार हिन्दुस्तान में मिला : आफरीदी

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कोलकाता,13 मार्च, आईसीसी ट्वंटी-20 विश्वकप में हिस्सा लेने शनिवार रात कोलकाता पहुंची पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अाफरीदी ने कहा कि हिन्दुस्तान के लोगों से उन्हें जितना प्यार मिला है,इतना प्यार तो पाकिस्तान में भी नहीं मिला। अभ्यास मैच की पूर्वसंध्या पर कप्तान अाफरीदी ने कहा,“इंडिया मेें हमने हमेशा क्रिकेट का मजा लिया। यहां के लोगों से हमें बहुत प्यार मिला, इतना प्यार तो हमें पाकिस्तान में भी ‍नहीं मिला, जितना यहां मिला। भारत उन चुनिंदा देशों में से एक हैं, जहां मुझे खेलने में हमेशा से मजा आता रहा है। भारत बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रहा है। यदि आप एशिया कप के आखिरी मैच को देखें तो पता चलेगा कि विराट और युवराज ने बहुत अच्छा खेला।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत की मेजबानी में हो रहे ट्वंटी-20 विश्वकप में खेलने के लिये शारीरिक और मानसिक रुप से पूरी तरह से तैयार है। 

पाकिस्तानी टीम अबुधाबी होते हुए शनिवार रात कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता पहुंची। टीम में 15 खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के 12 सदस्य हैं। टीम को अपने ग्रुप बी मुकाबले में 19 मार्च को ईडन गार्डन में मेजबान भारत से खेलना है। इससे पहले 16 मार्च को इसी मैदान पर पाकिस्तान का मुकाबला क्वालिफायर टीम से होना है। आफरीदी ने ट्वंटी-20 विश्व कप के लिए देरी से पहुंचने के बारे में कहा,“हमारी तैयारी चल रही थी। देश जो भी फैसला लेता है हम उसके साथ रहते हैं। क्रिकेट में दबाव तो हमेशा ही रहता है और हमें दबाव में खेलने में मजा आता है। हम हमेशा क्रिकेट का मजा लेते हैं। क्रिकेट ही ऐसा चीज है जो दोनो मुल्कों को पास लाती है। इसको राजनीति से दूर रखना चाहिए।” 

पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज शोएब मलिक ने कहा,“भारत आकर मुझे बहुत खुशी होती है। मुझे यहां पर बहुत प्यार मिला है। सुरक्षा का आश्वासन देने के लिये मैं भारत सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मेरी पत्नी भारत से है। मैं कई बार भारत आ चुका हूं और मैंने कभी सुरक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा। यहां के लोग बहुत अच्छे है और हमारे लिये यह बहुत अच्छा मौका है कि हम यहां अच्छा प्रदर्शन करें।” पाकिस्तान की टीम 14 मार्च को श्रीलंका के खिलाफ अभ्यास मैच खेलगी। इसके बाद मुख्य मुकाबले शुरु होंगे, जहां ईडन गार्डन में 16 मार्च को क्वालिफायर करने वाली टीम, 19 मार्च को फिर ईडन गार्डन में ही चिर प्रतिद्वंद्वी भारत से भिड़ना है। टीम को उसके बाद माेहाली में 22 मार्च को न्यूजीलैंड से और फिर मोहाली में ही 25 मार्च को आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है। 

संघ के गणवेश में अब खाकी निक्कर की जगह ब्राउन पेंट

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नागौर 13 मार्च, लम्बे समय से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहचान रहे खाकी निक्कर को अब गणवेश से विदाई देकर अब ब्राउन रंग के पेंट को शामिल किया गया है। संघ के सरकार्य वाह भैयाजी जोशी ने आज यहां पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय संघ की प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से लिया गया है। संघ का नया गणवेश आगामी अप्रेैल माह से लागू हो जायेगा।

गणवेश में खाकी की जगह ब्राउन रंग को शामिल करने से पहचान संबंघी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस बदलाव से संघ की पहचान को कोई खतरा नही होगा । संघ काल और समय के अनुरूप चलने वाली संस्था है और इसीके मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक ब्राउन रंग को गणवेश में शामिल करने का प्रश्न है तो इसके पीछे मूल कारण यह है कि ब्राउन कलर सामान्यतया आसनी से उपलब्ध हो जाता है । 

उन्हने जोर देकर कहा कि संघ के गणवेश में किये बदलाव से संघ की पहचान पर कोई खतरा नही होगा। संघ की शारारिक शिक्षा में नये गणवेश से संभावित परेशानी के संबंघ में पूछे गये सवाल पर उन्हने कहा कि संगठन का प्रयास रहेगा कि शारारिक शिक्षा के दौरान नये गणवेश से कोई परेशानी नही हो । 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (12 मार्च)

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दो दिवसीय उद्यानिकी कृषक प्रशिक्षण का शुभांरभ
  • खेती को लाभ का धंधा बनाने में उद्यानिकी फसलों की महत्वता-जिपं अध्यक्ष
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दो दिवसीय उद्यानिकी कृषक प्रशिक्षण का शुभांरभ आज जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी और विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। एसएटीआई के पाॅलिटेक्निक सभागार कक्ष में शुरू हुए जिला स्तरीय प्रशिक्षण को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि आधुनिक युग में अब हम परम्परागत खेती पर निर्भर नही रह सकते है। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे है। वे स्वंय आधुनिक खेती कर किसानों को प्रेरणा दे रहे है। मुख्यमंत्री जी अति व्यस्थ होने के बावजूद भी माह में कम से कम चार पांच बार वे अपने खेतो को देखने आते है। हम सबकों उनसे प्रेरणा लेना चाहिए। हम गांव में रहकर भी खेतो पर सतत नजर नही रखते है जिस कारण से कई बार हमारी फसले कीट व्याधि से भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैै। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दांगी ने कहा कि ऐसे समय जब फसल पकने की अवस्था मंे आई गई है बादलो की गड़गडाहट से किसान विचलित हो जाते है। उन्होंने खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यानिकी फसलों की ओर ध्यान देने का आग्रह किसानों से किया। श्री दांगी ने कहा कि जिला पंचायत के माध्यम से दुग्ध डेयरी को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने क्षेत्र में अधिक से अधिक उन्नत किस्म की गाय, भैंस का पालन करने का भी आग्रह किसानों से किया। इसके लिए योजनाओं के तहत प्रकरण तैयार कर बैंको के माध्यम से वित्त पोषण कराए जाने को भी उन्होंने रेखांकित किया।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को अंतिम रूप देने से पहले ग्राम, जनपद स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है उन्होंने किसानों से आव्हान किया कि वे ग्राम सभा के माध्यम से सिंचाई हेतु आवश्यकतानुसार कार्यो को शामिल करने के प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित कराएं। विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने कहा कि पिछले चार वर्षो से सोयाबीन की फसल जिले मंे प्रभावित हो रही है ऐसी स्थिति मंे उद्यानिकी फसले किसानों के आर्थिक स्त्रोत का प्रमुख साधन बन सकती है। उन्होंने क्षेत्र में अधिक से अधिक फल-फूल और धनिया, हल्दी की खेती करने का आव्हान किया। इसके लिए प्रशासन द्वारा बकायदा किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम पानी में उन्नत किस्म की फसलें लेकर हम अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री एसएस तोमर ने कहा कि किसान भाई उद्यानिकी फसलों के लिए पाली हाउस का अधिक से अधिक उपयोग करें। पाॅली हाउस स्थापन हेतु शासन द्वारा अनुदान दिया जा रहा है उन्होंने ग्रीन हाउस में टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, झरबेरा लगाने से होने वाले उत्पादन वृद्धि को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि विभागीय योजनाओं के तहत कृषक भाईयों को उन्नत किस्म के सब्जी, मसाला बीज, विभाग के खण्ड स्तरीय कार्यालयों के माध्यम से मुहैया कराए जा रहे है। कार्यक्रम को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री बीएल पाठक, आत्मा परियोजना के संचालक डाॅ आनंद कुमार बडोनिया और डाॅ नरेन्द्र गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी डाॅ पीके मिश्रा ने किया। प्रशिक्षण के दौरान कृषि महाविद्यालय बासौदा के वैज्ञानिक डाॅ विनोद कुमार गर्ग ने किसानों को कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के सरल उपाय, किसानों को आर्थिक आमदनी सतत होती रहे इसके लिए उन्होंने खेतीबाडी, पशुपालन, फलफूल को तैयार करने और बाजार की उपलब्धता, खेती बाडी की देखभाल के अलावा किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। प्रशिक्षण कार्यशाला को वरिष्ठ केन्द्रीय कृषि विज्ञान भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ केव्हीआर राव ने उद्यानिकी फसलों और परम्परागत खेती के अंतर को सहज और सरल भाषा में किसानों को समझाया। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसले कम रकवा होने के बावजूद लगाए जरूर। उन्होंने उन्नत उद्यानिकी बीजो, फूलो के पैदावार से होने वाले मुनाफोे को भी रेखांकित किया। प्रशिक्षण मेें जिले भर के किसान शामिल हुए है। उन्हें आधुनिक खेती पर आधारित साहित्य भी निःशुल्क प्रदाय किया गया है।  

अनंतिम प्रस्तावों पर आमजनों से सुझाव आमंत्रित

जिला पंजीयक श्री एके सिंह ने बताया कि जिले में अचल सम्पत्ति की मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शन सिद्वांतों की गाइड लाइन वर्ष 2016-17 के अनंतिम प्रस्तावों के संबंध में आमजनों से सुझाव आमंत्रित किए गए है। सुझाव स्थानीय उप पंजीयक कार्यालय में 16 मार्च तक सीधे जमा किए जा सकते है अथवा डाक द्वारा प्रेषित किए जा सकते है। उप जिला मूल्यांकन समिति द्वारा प्रस्तावित प्रस्तावों को यथा स्थिति जिला मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदन किया गया है। तदोपरांत जिला मूल्यांकन समिति के अनंतिम प्रस्तावों को आमजनों के लिए उप पंजीयक कार्यालयांे में भी प्रदर्शित किए गए हैै। आमजन जिले की बेवसाइट ूूूण्अपकपेींण्दपबण्पद का लाॅगिग कर अनंतिम प्रस्तावों का अवलोकन कर सकते है जिस पर उप जिला मूल्यांकन समिति के द्वारा प्रेषित प्रस्ताव यथास्थिति में स्केन कर अपलोड किए गए है। 

अन्त्योदय मेला 20 को लटेरी में तथा 22 को कुरवाई में

कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा लटेरी और कुरवाई जनपद पंचायत में आयोजित होने वाले अन्त्येादय मेला की नवीन तिथियां कर दी है। जिसके अनुसार लटेरी एवं सिरोंज का संयुक्त अन्त्योदय मेला 20 मार्च को लटेरी के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में तथा जनपद पंचायत कुरवाई एवं बासौदा का संयुक्त अन्त्योदय मेेला 22 मार्च को कुरवाई के मेला ग्राउण्ड में आयोजित किया गया है। मेला नियत स्थल, तिथि को प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगा। कलेक्टर श्री ओझा ने दीनदयाल अन्त्योदय मेला आयोजन के संबंध में जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए है जिसमें संबंधित विभाग के द्वारा प्रपत्र अ में अन्त्येादय मेला में हितग्राहियों को लाभान्वित की जाने वाली जानकारी तथा प्रपत्र ब में अन्त्योदय मेला स्थल पर लोकार्पण की जाने वाली जानकारी एवं प्रपत्र स में मेला स्थल पर शिलान्यास किए जाने वाले निर्माण कार्यो की जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने संबंधित निकायों के अधिकारियों को भी आयोजन स्थल पर समुचित जानकारियों सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार हितग्राहीमूलक योजनाओ के प्रचार-प्रसार हेतु विभागों के द्वारा स्टाॅलों में प्रदर्शनी का एवं स्वास्थ्य उपचार केम्प आयोजन करने के निर्देश जारी किए है। कलेक्टर श्री ओझा ने हितग्राहियों मूलक योजनाओं को क्रियान्वित कराने वाले विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि अन्त्योदय मेला के कार्य क्षेत्र ग्रामों में डोर-टू-डोर सर्वे कर इस बात का पता लगाया जाए कि अमूक हितग्राही को किस योजना के तहत लाभांवित किया जा सकता हैं उसका प्रकरण तैयार कर अन्त्योदय मेला में उसे लाभांवित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने हितग्राहियों के चयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए का विशेष ध्यान रखने के भी आदेश दिए गए है।

शांति समिति की बैठक आज  

आगामी त्यौहारों के परिपेक्ष्य में शांति समिति की बैठक 14 मार्च को आयोजित की गई है। कलेक्टर श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में आहूत उक्त बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सांय पांच बजे से प्रारंभ होगी। 

जिले मेें 3.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज

जिले में रविवार की प्रातः आठ बजे तक 3.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है कि जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि जिले के सभी तहसीलांें में वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधिक वर्षा लटेरी में छह मिमी तथा न्यूनतम एक मिमी विदिशा मेें दर्ज की गई है इसके अलावा अन्य तहसीलोें में स्थापित वर्षामापी यंत्रों पर दर्ज की गई वर्षा इस प्रकार से है। गुलाबगंज में पांच मिमी, बासौदा में 3.8 मिमी, कुरवाई एवं ग्यारसपुर में क्रमशः तीन-तीन मिमी, सिरोंज में दो मिमी तथा नटेरन में 1.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इस प्रकार अब तक जिले में 887.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जबकि गतवर्ष उक्त अवधि में 943.1 मिमी औसत वर्षा हुई थी।

संघ प्रतिनिधिसभा ने गणवेश बदलने के साथ ही कई अहम फैसले लिये

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नागौर 13 मार्च, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आज यहां संपन्न हुयी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में गणवेश में परिवर्तन करने के साथ ही कई बड़े निर्णय लिये गये है। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुये बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के गणवेश में बदलाव के साथ ही प्रचारकों के तबादलों, शिक्षा, स्वास्थ्य और समरसता सहित कई फैसले लिये गये। उन्होंने दावा किया कि गणवेश में बदलाव से संघ की पहचान का संकट नही होगा और समय और काल की मांग के अनुसार किये गये इस बदलाव में खाकी निक्कर की जगह ब्राउन रंग के पेंट को शामिल किया गया है जो आगामी छह माह में समूचे देश में लागू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि गणवेश में बदलाव की शुरूआत अप्रैल माह से ही प्रांरभ हो जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के प्रांत प्रचारकों के तबादलों को भी मंजूरी दी गयी और अब शीघ्र ही इनके तबादलों की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जायेगा । उन्होंने कहा कि प्रचारक के लिये निधार्रित नियमों के तहत घर छोडना पड़ता है और लगभग 14500 कार्यकर्ता नियमों के तहत घर छोड़कर प्रचार कार्य में जुट गये है। 

उन्होंने दावा किया कि संघ के प्रति लोगों में स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है और संघ के 90 वर्ष के इतिहास में यह बढोतरी सर्वोच्चस्तर पर आ गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में ग्रामीण क्षेत्रों में संघ की शाखाओं में साढे पांच हजार की बढोतरी हुयी है। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 के बाद से ही संघ में लगातार बढोतरी हो रही है और वर्ष 2012 से 2015 के बीच देश में संघ की 10500 शाखाओं में बढोतरी हुयी है। यह पूछे जाने पर कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार के गठन के बाद संघ के कार्यक्षेत्र में बढोतरी हुयी है, के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शुरू से ही तालमेल बना हुआ है लेकिन संघ में बढोत्तरी केन्द्र में मोदी सरकार के आने के पूर्व 2010 से ही शुरू हो चुकी थी। जहां तक संघ और भाजपा के तालमेल की बात है तो वह दोनों अलग-अलग विषय है जिसकाें संघ की वृद्धि से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ के प्रति युवा वर्ग का रूझान बढा है और संघ में प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में प्रशिक्षण लेने वाले नये युवाओं की संख्या 80 हजार थी जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर एक लाख 14 हजार हो गयी । उन्हाेंने कहा कि संघ के प्रति युवाओं के बढ़ते रूझान और बढोत्तरी को लेकर प्रतिनिधि सभा भी आश्चर्यचकित है। 

आदिवासियों का भगौरिया पर्व 16 मार्च से, पर्व को लेकर खासा उत्साह

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झाबुआ 13 मार्च, मध्यप्रदेश आदिवासी बहुल्य जिले झाबुआ-अलीराजपुर में भगौरिया पर्व को लेकर आदिवासियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। यहां बच्चे बूढे से लेकर हर वर्ग के लोगों में इस पर्व को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है, लेकिन युवक युवतियों में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह है। जिले का प्रसिद्व लोक सांस्कृतिक मेला भगौरिया इस वर्ष 16 से 22 मार्च तक चलेगाा। होली के एक सप्ताह पहले भरने वाले हाट बाजारों को भगौरिया हाट कहते हैं। आदिवासी समाज के लोगों को वर्ष भर इस त्यौहार की प्रतिक्षा रहती है। भगौरिया हाट होली के त्योहार की खुशी में मनाया जाता है और आदिवासी समाज के लोग एक सप्ताह तक इस त्यौहार को हर्षोउल्लास के साथ मनाते है। वैसे तो यह भगौरिये हाट मेले लोक सांस्कृतिक मेले का रूप होते है जिसमें आदिवासी लोक संस्कृतिक की झलक दिखलाई पडती है। 

भगौरिया हाट बाजारों को आदिवासीयों का प्रणय पर्व ''वेलेनडाईन डे''और भगौरिया पर्व भी कहां जाता है। इन हाट बाजारों की बढती लोकप्रियता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय द्वारा भी अब इन बाजारों में रूचि दिखाई जाने लगी है। पर्यटकों को लुभाने के लिये सरकार पिछले दो सालों से विशेष प्रयास कर रही है। भगौरिया हाट बाजारों में हजारों आदिवासीयों की भीड एक दिन में जुटती है। आदिवासी अपनी परम्परागत वेश भूषा में ढोल,मादंल बजाते हुए नाचते गाते आते है। हाट बाजार में झूले,चकरी, खाने पीने की चीजों और खेल तमाशों की दुकाने लगती है। शरबत और पान का खासा महत्व होता है। शराब भी बडी मात्रा में बिकती है। 

भगौरिया हाट बाजारों का उपयोग अब राजनीति के लिये भी होने लगा है और राजनैतिक पार्टियां इन हाट बाजारों में रैली निकाल कर अपनी अपनी शक्ति आदिवासीयों में कितनी है यह बताने का प्रयास करते है। भगौरिया हाट बाजार की विशेषता यह होती है कि इन हाट बाजारों में युवक युवतियां अपने प्रियतम का चुनाव करते है। इन हाट बाजारों में युवक युवतियां एक दूसरे को पसंद करने पर शरबत पिलाकर या फिर युवती को युवक पान खिलाकर अपने प्रेम का इजहार करते है। पसंद होने पर हाट से भाग कर विवाह कर लेते है इसलिए इस हाट बाजार को भगौरिया हाट कहां जाता है। 

भगौरिया हाट में आने के लिये युवतियां बडे ही साज श्रृंगार कर बन संवर कर आती है आदिवासी बालाओं का सौदर्य देखते ही बनता है। वहीं आदिवासी नवयुवक बांके नो जवा बनकर आते है। हाट बाजार में खूब मस्ती धमाल होती है। आदिवासी बालाओं का रूप सौदर्य देखते ही बनता है। आधुनिकता के साथ ही साथ इन हाट बाजारों में पाश्चात संस्कृति की झलक भी दिखलाई देने लगी है और पहनावें मे आधुनिकता दिखलाई देने लगी है। इस बार भगौरिया हाट का प्रारंभ 16 मार्च से हो रहा है। झाबुआ जिले में पहला हाट कल्याणपुरा में भरेगा और प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सत्पनीक इस हाट बाजार में आ रहे है। भगौरिया हाट बाजार में कई विदेशी पर्यटक,पत्रकार,टी.व्ही.चेनल वाले बडी संख्या मे आते है। झाबुआ व आलिराजपुर जिले की देशी दारू,मुर्गी, दाल पानिया, ताडी आदि का भी लोग भरपूर लुप्त उठाते है। झाबुआ जिले में सात दिनों में अलग अलग दिनों में अलग अलग जगह भगौरिया हाट भरेगें। सातों दिनों तक आदिवासी बडी संख्या में इन हाट बाजारों में शिरकत करेगें और मस्ती में रमेंगें। भगौरिया हाट बाजारों को देखते हुए पुलिस प्रशासन को भी सजग और सचेत रहना होता है क्योंकि कई बार इन हाट बाजारों में लडाई झगडे उग्ररूप धारण कर लेते है। 

त्वरित न्याय के लिए जजों के रिक्त पदों को भरना जरूरी : प्रणब मुखर्जी

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इलाहाबाद, 13 मार्च, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने न्यायपालिका के कार्याें की प्रशंसा करते हुए कहा है कि अदालतों में मुकदमों के बढ़ रहे बोझ और उसके निस्तारण के लिए जजों के खाली पड़े पदों को शीघ्रता से भरा जाना नितांत जरूरी है। श्री मुखर्जी ने आज यहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह मे कहा कि गत एक मार्च तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में 1056 पदों के सापेक्ष 591 जज ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जजोें के रिक्त पड़े पदों को भरा जाना जनता के हित में है। 

राष्ट्रपति ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 160 जजों के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में 71 जज ही कार्य कर रहे हैं। उन्होने कहा कि संविधान के तीनों अंगों का अपना अलग रोल है और इसके अच्छे संपादन के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। श्री मुखर्जी ने कहा कि उच्च न्यायालयों के अलावा निचली अदालतोें में भी न्यायिक अधिकारियों के हजारों की संख्या में पद रिक्त हैं जिन्हें भरा जाना चाहिए ताकि देश में कानून का शासन व न्याय पालिका के प्रति लोगों की आस्था बरकरार रहे। उन्होने कहा कि न्यायपालिका में त्वरित न्याय देने का हर संभव कोशिश किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि न्यायपालिका में विलम्ब न्याय से इंकार करने जैसा होता है। इस कारण यह तभी संभव हो सकेगा जब जजों की नियुक्तियां समय से और उनके सारे रिक्त पदों पर कर दी जाए।

साइबर अपराध भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती : राजनाथ

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नयी दिल्ली, 13 मार्च, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता जताते हुए आज कहा कि युवाओं को चरमपंथ की ओर मोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। श्री सिंह ने आज यहां एक समारोह में कहा, “विकास और तकनीक तक आसान पहुंच के चलते साइबर अपराध आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। युवाओं को चरमपंथ की ओर मोड़ने के लिए साइबर स्पेस का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है जो चिंता की बात है।” उन्होंने कहा कि पहले अपराध जल, थल और हवा में होते थे लेकिन अब यह साइबरस्पेस से भी होने लगे हैं। बीसवीं शताब्दी में अपराधों में साइबरस्पेस का पहलू भी जुड़ गया है। 

साइबर अपराध के साथ सबसे बड़ी समस्या अपराधियों को पकड़ना और सजा दिलाना है क्योंकि इसका कोई चेहरा और सीमा नहीं है। गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय में एक विशेषज्ञ दल बनाया गया था जिसने देश में साइबर अपराधों से निपटने की कार्ययोजना बनायी है। इस दल ने इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर बनाने की सिफारिश की है। श्री सिंह ने कहा, “दुनिया के देशों के बीच संपर्क बढ़ने से कई चुनौतियां पेश आयेंगी और हमें इन चुनौतियों से निपटने के रास्ते ढूंढने होंगे ताकि हमारे नेटवर्क में सुरक्षा खामियों को दूर किया जा सके।”
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