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उत्तराखंड संकट से कोई लेनादेना नहीं : भाजपा

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नयी दिल्ली, 20 मार्च, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है कि उत्तराखंड में उसकी शह पर हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत हुई है और वह बागी विधायकों की खरीद फरोख्त कर रही है। वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उत्तराखंड में जो राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हुई है उसका कारण कांग्रेस का अंतर्विरोध है। वहां पार्टी का एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है तो दूसरा उसे गिराने में लग जाता है। भाजपा का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। श्री जेटली ने कहा कि अधिकांश विधायक कह रहे हैं कि उन्होंने वित्त विधेयक के खिलाफ मतदान किया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने मत विभाजन के बिना इसे पारित लिया। यह अद्भुत स्थिति है जो संवैधानिक दायरे में आती है। 


उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संख्या बल के आधार पर चलता है और अगर विधानसभा अध्यक्ष नाकाम विधेयक को पारित मान रहे हैं तो यह विचित्र स्थिति है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायकों ने रावत सरकार से बगावत कर ली है जिसके बाद भाजपा ने श्री रावत से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह बागी विधायकों की खरीद फरोख्त में लगी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिया है। श्री जेटली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित राजनीतिक प्रस्ताव के बारे में जानकारी दे रहे थे। जब उनसे पूछा गया था कि क्या कार्यकारणी की बैठक में उत्तराखंड की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा की नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यकारिणी में चर्चा की जरूरत है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हर जगह अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा गिरायी है और क्षेत्रीय दलों की पिछलग्गू बनकर रह गयी है। दूसरी ओर भाजपा असम में गठबंधन की नेता है। 

हम कैसा देश बनाना चाहते है? विषय पर नौजवान संघ ने किया सेमिनार

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पटना, 20 मार्च। अखिल भारतीय नौजवान संघ (।प्ल्थ्) ने आज यहां अमरनाथ रोड स्थित केदार भवन में ‘‘हम कैसा देष बनाना चाहते है?’’ विषय पर संघ के प्रदेष अध्यक्ष विजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में सेमिनार योजित किया। सेमिनार का उद्घाटन करते हुये पटना विष्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रो॰ डैजी नारायण ने कहा कि आज देष में हिन्दुत्व के नाम पर जो हमले हो रहे हैं, वह अत्यन्त ही खतरनाक है। यह हिन्दुवादी ताकत देष की विभिन्नता, एकता एवं संस्कृति को तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर केन्द्र की मोदी सरकार हमें मूल समस्याओं से भटकाना चाहती है। यह एक खतरनाक न्यू एजुकेषन पाॅलिसी लागू करना चाहती है, पूरी षिक्षा को निजीकरण एवं भगवाकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर कन्हैया ने सरकार के नीतियों के खिलाफ सवाल खड़ा किया तो देषद्रोह घोषित कर दिया गया। सवाल पूछने से देष कमजोर नहीं होता बल्कि और मजबूत होता है। उन्होंने कही कि हिन्दुवादी नेता हिन्दु धर्म की व्यापकता को संकुचित कर रहे हैं। इस धर्म में बहस का बहुत गुंजाइष है। किसी को बोलने की आजादी पर रोक नहीं लग सकती। आज दवा के बिना लोग दम तोड़ रहे है, बच्चे रोटी के बिना भूख से मर रहे है, इसके विरूद्ध अगर आवाज उठता है तो वह देषद्रोह हैं तो कन्हैया जैसे कितने देषद्रोह बनेंगे। हम सम्पन्न एवं समानता जनवाद एवं प्रगतिषील देष चाहते है। 
बिहार के पूर्व छात्र नेता रामबाबू कुमार ने कहा कि यह हिन्दुवादी एवं संघवादी को आजादी से डर लगता है। इसलिए आजादी की लड़ाई में अग्रेजों के साथ खड़े थे, और आज आम आदमी के हक के विरूद्ध कारपोरेट के हित में खड़े है। गरीबी, बेकारी, भूखमरी एवं महंगाई के विरूद्ध उठ रहे आवाज को सदा के लिए बंद करना चाहते है। उन्होंने कहा कि कन्हैया के बहाने संघ परिवार पूरे वामपंथी जनवादी आन्दोेलन पर हमला बोल रहा है। पूर्व पत्रकार निवेदिता ने कही महिलाओं के साथ भेदभाव गरीबों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाली संघ परिवार राष्ट्रवाद के बहाने देष में फासीवादी हमले पर आमदा हैं। उन्होंने कही कि जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय एवं हैदराबाद विष्विद्यालय की घटनाएं इसकी शुरूआत है। उठने वाला अगला कदम और भी खौपनाक होगा। नौजवान संघ के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सावरक के अनुसार भारत हमें इसलिए प्रिय है कि यह हमारी हिन्दु धर्म की गृह स्थली है। उन्होंने कहा कि अफजल गुरू का बरसी मनाने वाले देषद्रोह है, तो क्या? उसे शहीद बताने वाली पार्टी पी.डी.पी. और उसके साथ सरकार बनाने वाली भाजपा देषद्रोह क्यों नहीं? बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को शहीद बताने वाले देषद्रोह क्यों नहीं? युवा नेता प्रभाकर ने कहा कि संविधान के धारा 124ए का गलत इस्तेमाल कर कन्हैया एवं रोहित वेमुला से देषभक्त को देषद्रोह बताने वाली कार्रवाई को हम बर्दाष्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम किसान मजदूरों का शोषणविहीन एवं समतामूलक देष बनाना चाहते है। 
नौजवान संघ के राज्य सचिव रौषन कुमार ने कहा कि हमारा उद्देष्य भगत सिंह के सपनों का देष है। उन्होंने भगत सिंह सपनों का देष बनाने के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। 23 मार्च भगत सिंह शहादत दिवस से 14 अप्रैल बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर जयंती तक सेमिनार, विचार गोष्ठी आदि करने का बल दिया। इस अवसर पर एटक नेता रामलाला सिंह, अजय कुमार सिंह, युवा नेता रंजीत कुमार, बबन शर्मा, सुषील कुमार, षिवजी पासवान, अनिल सिंह, शकिम पासवान, हरीनााि यादव, कपिलदेव वर्मा, जय नारायण मंडल विकास झा, आदि बड़ी संख्या में नौजवान सेमिनार में अपना विचार व्यक्त किया। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (20 मार्च)

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प्रसन्नचित मुद्रा में घर की ओर लौटे हितग्राही, कल्पना से परे, प्रदेश की योजनाएं-जिपं अध्यक्ष श्री दांगी
  • प्रदेश की ख्याति बढ़ी है-सांसद श्री यादव, सिरोंज विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र को एक-एक सिलाई 
  • मशीन देने की घोषणा-विधायक श्री उपाध्याय, पीडि़त मानव की सेवा ही अन्त्योदय मेला का उद्धेश्य-कलेक्टर श्री ओझा

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विदिशा, दिनांक 20 मार्च 2016, सिरोंज एवं लटेरी जनपद पंचायत सह निकाय का संयुक्त अन्त्योदय मेला आज 20 मार्च को लटेरी के उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न योजनाओं के तहत 149720 हितग्राहियों को 1849.12580 लाख रूपए मूल्य की सामग्री वितरित की गई है। इसके अलावा आयोजन स्थल पर 2524.40 लाख की लागत से पूर्ण कराए गए 164 निर्माण कार्यो का लोकार्पण तथा 995.42 लाख की लागत से कराए जाने वाले 47 निर्माण कार्यो का शिलान्यास अतिथियों द्वारा किया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने अन्त्योदय मेला कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सभी वर्गो के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश में क्रियान्वित योजनाएं परिकल्पना से परे है। अन्य राज्यों के जनप्रतिनिधि आकर प्रदेश की योजनाओं का अध्ययन कर अपने-अपने राज्यों में उनका क्रियान्वयन करा रहे है। ग्र्रामवासियों को महानगरों की तर्ज पर सेवाएं उपलब्ध हो इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। ग्रामों में ही शिक्षा, स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंध किए जा रहे है। उन्होंने अन्त्योदय मेला आयोजन के पीछे की मंशा को रेखांकित करते हुए कहा कि शासन-प्रशासन का उद्धेश्य है कि ग्रामीणजन जागरूक हो उनके उत्थान हेतु संचालित योजनाओं से वे अवगत होकर उसका लाभ लें। जिले में शत प्रतिशत सिंचाई के प्रबंध सुनिश्चित हो इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिले की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने ग्रामों में जल उपलब्धता के अनुसार कार्ययोजनाओं अंतिम रूप देकर ग्रामसभा के माध्यम से प्रस्ताव पारित कराने के अपेक्षा संबंधितों से की। सागर सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के कार्यो से प्रदेश की साख देश ही नही वरन् विदेशों में ही बढ़ी है। प्रदेश कृषि के क्षेत्र में आत्म निर्भरता की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में लगातार गेहंू के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है यही कारण है लगातार चार बार कृषि के क्षेत्र में दिया जाने वाला पुरस्कार कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदेश को प्राप्त हुआ है। जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से और अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पहले गरीबी, भूखमरी अशिक्षा जैसे कलंकों से ग्रस्त था जिले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने धूमिल करते हुए हर क्षेत्र में प्रदेश की ख्याति को बढ़ाने का काम किया है। सांसद श्री यादव ने मेला परिसर में उपस्थित किसानों से आग्रह किया कि वे हर फसल का बीमा अनिवार्य रूप से कराएं। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने कहा कि पीडि़त मानव की सेवा करना ही मानव धर्म है। अन्त्योदय मेला के माध्यम से ऐसे हितग्राहियों को लाभांवित करना है जो अब तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह गए है। उन्होंने जागरूकता का अति महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी वर्गो के लिए योजनाओं का संचालन किया जा रहा है अब हमारी बारी है कि हम जागरूक होकर संबंधित योजना का लाभ उठाकर अपने जीवन में परिवर्तन लाएं। काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा ने कहा कि अब गांव गरीब असहाय नही रहे है। उन्हें बुनियादी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए कहा कि अन्त्योदय मेलों में बिना किसी भेदभाव के समानता के आधार पर हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है। शासन का मुख्य उद्धेश्य है कि समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को लाभ दिलाकर उसके जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। कार्यक्रम को स्थानीय विधायक श्री गोवर्धन उपाध्याय ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान का प्रशासन द्वारा तत्काल सर्वे कराए जाने पर साधुवाद व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर वर्ग का ध्यान रखा जा रहा है। लटेरी जैसे पिछडे क्षेत्र में अरबों की लागत के कार्य कराए जा रहे है यह सरकार की अच्छी पहल एवं सोच का परिणाम है। विधायक श्री उपाध्याय ने इस अवसर पर सिरोंज विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र के लिए एक-एक सिलाई मशीन विधायकनिधि से देने की घोषणा की।

स्टाॅल
मेला आयोजन परिसर स्थल पर विभिन्न विभागों के द्वारा विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु स्टाल लगाए गए थे जिनका अतिथियों द्वारा अवलोकन किया गया। इसके अलावा विशाल स्वास्थ्य शिविर मय मेडीकल बोर्ड तथा स्वरोजगार मेला, निःशक्तजनों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु विशेष सुविधाएं मुहैया कराई गई थी। स्वरोजगार मेला में विभिन्न कंपनियों के द्वारा 371 युवाजनों का विभिन्न पद हेतु चयन किया गया है वही स्वास्थ्य शिविर में 750 मरीजो  का परीक्षण उन्हें निःशुल्क  दवाईयां मुहैया कराई गई इसके अलावा 37 निःशक्तजनों को निःशक्तता प्रमाण पत्र तथा सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से 54 निःशक्तजनों को ट्रायसाइकिल वैशाखी एवं व्हीलचेयर प्रदाय की गई है। 

आईटीआई भवन का लोकार्पण
लटेरी में 630.98 लाख की लागत से नवनिर्मित आईटीआई भवन का सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव ने लोकार्पण किया। ग्राम दाऊताल में लगभग पांच एकड़ भूमि में प्रीफेव पद्वति से निर्मित भवन में तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई है। ज्ञातव्य हो कि अगस्त 2011 से लटेरी के संस्था सामुदायिक भवन में संचालित आईटीआई इस नए भवन में शिफ्ट होगी। वर्तमान में 63 प्रशिक्षार्थी विभिन्न टेªडों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। आयोजन स्थल पर सिरोंज एवं लटेरी जनपद पंचायत एवं निकायों के अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्यगण समेत अन्य जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

बिहार : संपूर्ण विश्व में पाम संडे मनाया जा रहा है

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pam-sunday-biharपटना। आज पाम संडे है। संपूर्ण विश्व में पाम संडे मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में खजूर एतवार मनाया गया। काफी संख्या में भक्त गिरजाघर में उपस्थित रहे। मौके पर 6 मार्च 2016 को एसीएन सिस्टर बनने वाली तृप्ति साह को सम्मानित किया गया। गर्व की बात है कि मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजीटेन फ्रांसिस के हाथों से सिस्टर तृप्ति को सम्मानित किया गया। मिस्सा पूजा समाप्त होने पर मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने सिस्टर तृपित को बधाई् दी। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर एक में पड़ता है मरियम टोला। इस टोला में रहने वाले ईसाई समुदाय के लोग एक्स. टी. टी. आई. में जाकर मिस्सा पूजा सुनते और आधारना करते हैं।एक्स.टी.टी.आई. के जुनियर ब्रदर अभ्यागमन करने मरियम टोला में जाते हैं। युवाओं से मिलते हैं और अपना अनुभव साझा करते हैं। उन लोगों के मरियम टोला में आवाजाही करने से वातावरण में सुधार आने लगता है। धार्मिक प्रवृति वालों के आगमन से धार्मिक वातावरण बन जाता है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव सामने आया। सदैव स्व0 अलोसियुस पंक्रासियुय साह के परिवार में मिशनरियों के क्रियाकलाप पर चर्चा की जाती थी। यहां पर हरदम मिशनरियों की सकारात्मक आलोचना करने वाले संजीवन प्रेस के अनुवादक स्व0 अलोसियुस साह के परिवार में धार्मिक की बाढ़ आ गयी। जो रूकने का नाम ही नहीं लिया। जी हां, इसमें कोई शक नहीं है कि पवित्र परिवार में फादर फिन्टन साह और सिस्टर तृप्ति साह रहते हैं। स्व0 अलोसियुस पंक्रासियुस साह के पुत्र हैं फादर फिन्टन साह। फादर फिन्टन से प्रोत्साहित होकर तृप्ति साह भी सिस्टर बनने की ठान ली। स्व0 साह के पुत्र फिल्टन साह धर्मसमाज में प्रवेश कर गये। बेतिया धर्मप्रांत के धर्मप्रांतीय पुरोहित हैं। फिलवक्त फादर फिल्टन साह चखनी में कार्यरत हैं।  अभी-अभी स्व0 साह के पुत्र एडवर्ड अलोसियुस साह की पुत्री तृप्ति साह भी सिस्टर बन गयीं। एससीएन समाज की सिस्टर हैं। फिलवक्त एससीएन समाज के द्वारा नाजरेथ हाॅस्पीटल चलाया जाता है। वहीं कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पीटल में एससीएन की साझेदारी है। दोनों एम.एम.एस.एस. और एस.सी.एन. मिलकर चलाते हैं। 

रंग-बिरंगे पोशाक में भक्तगण आये हैं। कुर्जी पल्ली के मुख्य प्रवेश द्वार पर भक्तगणों का जमावाड़ा है। इस बीच मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजीटेन फ्रांसिस के नेतृत्व में फादर जाॅनसन,फादर सुशील,फादर दोमनिक और फादर आॅन्टो खजूर एतवार के रस्म अदायगी करने आ रहे हैं। कुर्जी पल्ली की गायक मंडली गाना शुरू करते हैं जय-जय होवे तेरी जय-जय होवे तेरी प्रभु के प्रतिनिधि दाऊद सुत की गूंजे इस्साएल के प्रभु को नभ में यश की भेरी जय-जय होवे तेरी। कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर जाॅनसन ने धर्माध्यक्ष काजीटेन फ्रांसिस का स्वागत करते हैं। इसके बाद पवित्र धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ा। इसके बाद मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजीटेन फ्रांसिस ने खजूर एतवार के रस्म अदायगी वाले पाठ पढ़ा। नक्सल प्रभावित सिकन्दरा पल्ली से खग्गी लायी गयी थी। धर्माध्यक्ष ने पवित्र जल का छिड़काव किया। खग्गी पर आशीष देने के बाद भक्तगणों के बीच में खग्गी वितरण कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि प्रभु येसु ख्रीस्त येरूसलेम नगरी में प्रवेश किये थे। प्रभु येसु को देखकर लोगों ने स्वागत किया। उनके आदर में राह पर चादर बिछा दिये। जैतून की डाली को लहराये। जय हो प्रभु की जय हो जय हो प्रभु की जय, हो स्वर्ग लोक में,जय हो स्वागत हेतु हर्ष के मारे, बालक ले जैतून की डालें गूंजित करने लगे नारे, जय हो प्रभु की जय हो। पृथ्वी और जो कुछ इसमें है संसार और जो इसमें निवास करते हैं यह सब प्रभु का है क्योंकि उसी ने समुन्द्र पर दृढ़ किया और नदियों पर स्थापित किया है। फाटक ऊंचे और चैड़े बनकर खुल जाएं जिससे महाप्रतापी राजा प्रवेश कर सके यह महाप्रतापी राजा कौन है वह प्रभु है समर्थ शक्तिशाली तथा पराक्रमी। फाटक ऊंचे और चैड़े बनकर खुल जाएं जिससे महाप्रतापी राजा प्रवेश कर सके यह महाप्रतापी राजा कौन है वह प्रभु महाप्रतापी राजा कौन है वह सेनाओं के प्रभु ही है वह महाप्रतापी है। पिता,पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो जैसे की आदि में थी अब है और अन्तकाल तक सदा रहे, आमेन। गीत गाया गया। इस तरह के अन्य गीत गाकर भक्तगण गिरजाघर में प्रवेश किये। इसके बाद मिस्सा पूजा शुरू की गयी।

चंदौली (उत्तरप्रदेश) की खबर (20 मार्च)

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भारी मात्रा में नशीला पाउडर के साथ तीन अभियुक्त गिरफ्तार 

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चंदौली। शनिवार की देर रात मुगलसराय जीआरपी पुलिस ने भारी मात्रा में नशीला पाउडर के साथ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया। जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात मुगलसराय जीआरपी प्रभारी त्रिपुरारी पाण्डेय की टीम मुगलसराय जंक्शन के विभिन्न प्लेटफार्मों तथा सर्कुलटिंग एरिया में संदिग्ध व्यक्ति तहा वस्तुओं की जांच कर रही थी। इसी बीच जीआरपी के जवानों ने जंक्शन के पूर्वी आउटर में तीन संदिग्ध युवकों को देखा जो पुलिस को देख भागने लगे। जीआरपी के जवानों ने तीनों का पीछा कर उन्हे पकड़ लिया तथा उनकी तलाशी ली। तलासी में तीनों के पास से करीव 385 ग्राम नशीला पाउडर, 5500 रुपया नगद बरामद हुआ जिसके बाद पुलिस ने तीनों अभियुक्तों पकड़ कर थाने लाई और पूछताछ किया। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया की वे जी0आर0पी0 इलाहाबाद, बक्सर, आरा, जौनपुर, साहगंज वाराणसी, मुगलशराय, चुनार, वाराणसी सिटी तक चोरी व लूट का अपराध करते है और कभी-कभी वे दिल्ली से बिहार तक चलकर चोरी व लूट का अपराध को अंजाम देते है। मामले का खुलासा करते हुए मुगलसराय जीआरपी प्रभारी त्रिपुरारी पाण्डेय ने बताया की तीनों अभियुक्तों की पहचान 1. महेश डोम, निवासी कालि महाल, मुगलशराय 2. संतोष डोम, निवासी सरेशर, थाना अलीनगर, चन्दौली तथा 3. दानिश खा, निवासी दिलदार नगर, गाजीपुर के रूप में हुआ है। बताया की तीनों अभियुक्त आउटर पर गाड़ी पर चड़कर यात्रियों का मोबाईल फोन व महिला का पर्स चुरा, छीन लेते है। कहा अभियुक्तों को विभिन्न धाराओं में जेल भेजा जा रहा है। 

कोटेदारों की मनमानी से आजिज़ आकार महिलाओं ने किया प्रदर्शन 

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चंदौली। जनपद के पड़ाव क्षेत्र में कोटेदारो की मनमानी से आजिज आकार रविवार को आक्रोशित महिलाओं तथा ग्रामीणों ने जलीलपुर चौकी पहुँचकर जम कर विरोध प्रदर्शन किया। चौकी प्रभारी राणा यादव के समझाने के बाद मामला शांत हो पाया। बताया जाता है कि कटेसर गांव में वर्षों से दो कोटाधारक जोहरा बेगम व महदेयी के नाम से है। प्रदर्शन के दौरान गांमिणो ने आरोप लगाया कि सरकारी रेट से जयादा गेहूं, चावल, चीनी तथा मिट्टी के तेल में ज्यादा रेट लिया जा रहा है। वहीं पैसा न देने पर कोटेदार मारपीट करने पर उतारु हो जातें है। रविवार को भी जब ग्रामीणों के साथ ऐसा हुआ तो महिलाएं भड़क उठीं और तत्काल दर्जनों की सख्या में जलीलपुर पुलिस चौकी पर पहुँची और कोटेदार के खिलाफ नारे बाजी करने लगीं। जलीलपुर चैकी प्रभारी राणा यादव नें महिलाओं को किसी तरह समझा बुझा कर मामला शांत कराया। इस बाबत चौकी प्रभारी राणा यादव ने कोटेदारो को हिदायत देते हुए कहा कि सामानों के रेट बोड की सुची अपने दुकानों के सामने लगाए नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा। सूत्रों की माने तो केवल कटेसर गांव का ही नहीं बल्कि क्षेत्र के कई गांवों का ऐसा ही मामला हमेशा प्रकाश में आता रहता है।

मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने के मुहिम मे अब बच्चे भी शामिल  

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चंदौली। मुगलसराय जंक्शन का नाम बदल कर देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम करने के लिए रविवार को स्कूल के बच्चों और स्थानीय नागरिकों ने जुलुस निकाल कर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने चंदौली के भाजपा सांसद महेंद्र नाथ पाण्डेय पर पूर्व प्रधान मंत्री की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले शास्त्री न्यास समिति ने लाल बहादुर शास्त्री के जन्मस्थली से पुरे नगर जनजागरण रैली निकाली जिसमे स्कूली बच्चों के साथ नगर के समाजसेवी लोगों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान छात्रों और समिति के लोगो ने लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली से लेकर पुरे नगर में भ्रमण करते मुगलसराय जंक्सन पहुचे। इस दौरान लोगों का कहना था की मुगलसराय जंक्शन से कुछ ही दुरी पर देश के द्वितीय प्रधानमंत्री की जन्मस्थली है लेकिन अबतक न तो उस जन्मस्थली का विकास किया गया न ही मुगलसराय का नाम लाल बहादुर शास्त्री स्टेशन रखा गया। न्यास के संयोजक कृष्णा गुप्ता ने कहा कि बीजेपी संसद ने चुनाव के समय स्टेशन का लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने बात कही थी और लेकिन आज वो उपेक्षा कर राजनीति कर रहे है। वही संरक्षक भागवत नारायण चैरसिया भी महापुरुष के साथ हो रहे उपेक्षात्मक रवैये पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। जन्म स्थली पर चहुओर गदंगी और जर्जर बाउंड्रीवाल की तरफ पीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सिर्फ उनके चाहने से सफाई नही हो सकती जब तक वे अपने मंत्रियो व् सांसदों पर नकेल नही कसते इसी तरह भ्रष्टाचार,गन्दगी व् अपमान होता रहेगा। कहा मुगलसराय की जनता देश के लाल की दुर्दशा बर्दाश्त नही करेगी।

मेट्रो बतायेगी नक्शा पास कराने की जरूरत है या नहीं

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नयी दिल्ली 20 मार्च, दिल्ली मेट्रो उसके कॉरिडोर के आस पास रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए अब उन्हें यह भी बतायेगी कि उन्हें भवन निर्माण के लिए मेट्रो से नक्शा पास कराने की जरूरत है या नहीं। दिल्‍ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) कल से अपनी वेबसाइट पर एक लिंक शुरू करने जा रही है जिसमें दिल्‍ली मेट्रो के उस 'प्रभाव क्षेत्र'को स्‍पष्‍ट रूप से दर्शाया जाएगा, जो क्षेत्र मेट्रो कॉरिडोर के आस पास स्थित है। इस प्रभाव क्षेत्र में भवन योजना की मंजूरी के लिए डीएमआरसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्‍यकता होती है। नियमों के अनुसार दिल्‍ली मेट्रो के 'प्रभाव क्षेत्र'में मेट्रो के दोनों ओर 11 मीटर का क्षेत्र आता है। इस क्षेत्र के अंदर किसी भवन को बनाने के लिए डीएमआरसी से मंजूरी लेने की जरूरत होती है। 

दिल्ली मेट्रो की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक में तीसरे और चौथे चरण के लिए मेट्रो कॉरिडोर के साथ गूगल अर्थ प्‍लेटफॉर्म पर अंकित यह 'प्रभाव क्षेत्र'दर्शाया जाएगा। इसकी सहायता से किसी व्‍यक्ति या नगर निगम निकाय को स्‍पष्‍ट रूप से पता लग सकेगा कि उन्‍हें डीएमआरसी से एनओसी लेने की आवश्‍यकता है या नहीं। अभी दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 213 किलोमीटर है जिसके एक वर्ष में बढ़कर 400 किलोमीटर होने की संभावना है और इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का काफी बड़ा हिस्सा इसमें शामिल हो जायेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसी भी व्यक्ति को मेट्रो के कार्यालय में जाये बिना ही यह पता चल जायेगा कि उसे नक्शा पास कराने की जरूरत भी है या नहीं। दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह कल इस लिंक की शुरूआत करेंगे।

कांग्रेस ने किया राज्यपाल के निर्णय का स्वागत

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देहरादून, 20 मार्च,  उत्तराखंड में कांग्रेस ने राज्यपाल डाॅ. के के पाल द्वारा मुख्यमंत्री को आगामी 28 मार्च तक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए समय दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्यपाल ने संवैधानिक परंपराओं के अनुरूप उन्हें बहुमत साबित करने केा मौका दिया है जिसके लिए वह उनके आभारी है। श्री रावत ने कहा कि विजय बहुगुणा ने कांग्रेस से बागी होकर साम्प्रदायिक शक्तियों से हाथ मिलाकर अपने पिता व जीवन पर्यन्त निष्ठावान कांग्रेसी रहे स्वर्गीय हेमवंती नंदन बहुगुणा की आत्मा को भी कष्ट पहुंचाया है। 

उन्होंने बागी मंत्री हरक सिंह रावत के प्रति अब भी कड़ा रूख अपना रखा है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्यपाल के इस निर्णय का स्वागत करती है तथा राज्य पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बनाये गये दल बदल कानून की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस पार्टी का पूर्ण बहुमत है तथा यह 28 मार्च को साबित हो जायेगा। श्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री को होली की बधाई देते हुए दुहाई्र दी कि वह उत्तराखंड में लोकतन्त्र की हत्या की होली न खेलें। 

हरदीप ने ग्रीको रोमन में हासिल किया अोलंपिक कोटा

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नयी दिल्ली, 20 मार्च, भारत के हरदीप ने शानदार प्रदर्शन करते हुये कजाकस्तान के अस्ताना में एशियाई-ओलंपिक क्वॉलिफाइंग कुश्ती टूर्नामेंट में रविवार को ग्रीको रोमन के 98 किग्रा वजन वर्ग में रजत पदक जीतकर देश को रियो ओलंपिक के लिये कोटा दिला दिया। भारत को इस प्रतियोगिता में लगातार दूसरे दिन ओलंपिक कोटा हासिल हुआ है। कल योगेश्वर दत्त ने 65 किग्रा फ्री स्टाइल वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ओलंपिक कोटा हासिल किया था। हरदीप के इस शानदार प्रदर्शन के बाद भारत को अब रियो ओलंपिक कुश्ती के लिये तीन ओलंपिक कोटा मिल चुके हैं। नरसिंह यादव ने गत वर्ष विश्व चैंपियनशिप में 74 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में देश को कोटा दिलाया था। 

छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े के पहलवान और महाबली सतपाल के शिष्य हरदीप ने सेमीफाइनल में कजाकस्तान के मर्गुलन असीमबेकोव को 11-2 से पीटकर फाइनल में स्थान बनाया और ओलंपिक काेटा हासिल किया। हरदीप का अब स्वर्ण पदक के लिये चीन के दी जियाओ के साथ मुकाबला था। हरदीप को रजत से संतोष करना पड़ा। लेकिन ओलंपिक कोटा दिलाकर उन्होंने ग्रीको रोमन में एक नया इतिहास रच दिया। भारत का अन्य कोई पहलवान फाइनल में नहीं पहुंच सका। हालांकि विनेश फाेगाट ने महिलाओं के 48 किग्रा और अनीता ने 63 किग्रा में कांस्य पदक जीते जबकि रविन्दर ने ग्रीको रोमन के 66 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता।

उत्तराखंड घटनाक्रम मोदी की भाजपा का नया चेहरा : राहुल

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नयी दिल्ली 20 मार्च , कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड में उनकी पार्टी की सरकार पर आये संकट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर करारा हमला करते हुए आज कहा कि यह मोदी जी की भाजपा का नया चेहरा है और कांग्रेस इससे लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेगी । श्री गांधी ने उत्तराखंड में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ पार्टी विधायकों की बगावत से उत्पन्न संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताते हुए कई टि्वट किये हैं। 

उन्होंने लिखा है ,“ बिहार में हारने के बाद जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को पैसे और ताकत के बल पर खरीद फरोख्त कर गिराना भाजपा का नया माडल है । पहले अरुणाचल और अब उत्तराखंड में हमारे लोकतंत्र तथा संविधान पर हमला, मोदी जी की भाजपा का नया चेहरा है। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेगी। ” उधर, अपनी सरकार बचाने की जद्दोजहद में लगे राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का अारोप लगाते हुए आज कहा कि वह विपक्षी सरकारों का ‘एनकांउटर’ कर रही है।

राहुल गांधी पंजाब के सबसे बड़े दुश्मन: सुखबीर बादल

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अमृतसर, 20 मार्च, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि राज्य को नशे के लिए बदनाम करने वाले राहुल पंजाब के सबसे बड़े दुश्मन हैं। श्री बादल ने सपत्नीक दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद पत्रकारों से कहा कि श्री गांधी पहले तो युवा कांग्रेस के नेताओं का डोप टेस्ट करवा लें और यदि उनमें से कोई नशेड़ी निकले तो समझ लें कि पंजाब में नशा है। कांग्रेस ने पंजाब की जवानी को नशेड़ी कहकर अपने को सिख तथा पंजाब विरोधी साबित कर दिया है । उन्होंने कहा कि अकाली गठबंधन सरकार के राज में पंजाब ने सबसे अधिक तरक्की की जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं लेकिन कांग्रेस और विरोधी पार्टी के नेता पंजाब को बदनाम कर रहे हैं। पंजाबियों के खिलाफ गलत प्रचार वही कर सकते हैं जिनके दिल में पंजाब के लिए प्यार न हो। पंजाब सीमा की रखवाली करने के अलावा देश का पेट पालता है तो फिर उसे कैसे नशेड़ी कहा जा सकता है । 

कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह के विरुद्ध आयकर का मामला दर्ज होने के बारे में श्री बादल ने कहा कि रणइंदर के खिलाफ समन जारी होने से सच्चाई सामने आ गई है कि कैप्टन परिवार के विदेशी बैंकों में खाते और संपत्ति है। सतलुज -यमुना लिंक नहर मामले में उन्होनें दोहराया कि नहर की कोई जरूरत नहीं तथा न ही यह बनने दी जायेगी। आम आदमी पार्टी के डेरों की आेर रुख करने के बारे में श्री बादल ने कहा कि हर पार्टी का चुनावों को लेकर अपना दृष्टिकोण होता है। उनका सबसे बड़ा डेरा 'विकास'है और वह पंजाब की तरक्की के लिए प्रयत्नशील हैं । उन्होंने शहर में जारी टाउन हाल सौंदर्यीकरण, बीआरटीएस आदि परियोजनाओं का निरीक्षण किया और कहा कि इस वर्ष के अंत तक पवित्र नगरी में चल रही परियोजनाओं के पूरे होने के बाद उसका रंग रूप ही बदल जायेगा। श्री बादल के साथ उपायुक्त वरुण रुजम, पुलिस आयुक्त जतिंदर सिंह औलख, पुलिस उपायुक्त हरप्रीत सिंह और नगर सुधार ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप ऋषि सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

सरकार ब्याज में कटौती के फैसले पर अडिग : अरुण जेटली

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नयी दिल्ली, 20 मार्च, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती के फैसले से पीछे नहीं हटने का संकेत देते हुए आज कहा कि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसा करना जरूरी है। श्री जेटली ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि छोटी बचत योजनाओं का एक पुराना फॉर्मूला है और यह कई वर्षों से चला आ रहा है। पिछली सरकार भी इसी आधार पर ब्याज दर तय करती थी। ब्याज दर बाजार तय करता है और सरकार इसमें थोड़ी बहुत सब्सिडी देती है। पहले यह सालाना आधार पर तय होती थी लेकिन अब तिमाही आधार पर होती हैं। उन्होंने कहा कि बीच में ब्याज दरें बढ़ी तो सरकार पर बोझ पड़ा। बैंकों की ऋण दर में कमी आयी है और वे जमा राशि पर अधिक ब्याज कैसे दे सकते हैं। 

अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। अब भी लघु बचत योजनाओं में ब्याज दर दुनिया में सर्वाधिक है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कटौती करने पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे गरीबों, किसानों और मध्य वर्ग पर कड़ा प्रहार बताया और इसे वापस लेने की मांग की है। श्री जेटली ने साथ ही कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश पार्टियां इसके पक्ष में हैं। साथ ही वह और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू इस बारे में कांग्रेस से बात कर रहे हैं और जीएसटी पर मतभेद दूर होते जा रहे हैं। 

प्रणय बने स्विस ओपन चैंपियन, रचा इतिहास

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बासेल ,20 मार्च, भारत के एचएस प्रणय ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुये सातवीं वरीयता प्राप्त जर्मनी के मार्क ज्वैबलर को रविवार को लगातार गेमों में 21-18, 21-15 से हराकर स्विस ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरुष एकल खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। विश्व रैंकिंग में 27 वें नंबर के खिलाड़ी और टूर्नामेंट में 13वीं सीड प्रणय ने 19वीं रैंकिंग के जर्मन खिलाड़ी को 45 मिनट में पस्त कर अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की। 

हालांकि टूर्नामेंट में महिलाओं में शीर्ष वरीयता प्राप्त भारत की सायना नेहवाल को कल सेमीफाइनल में तीसरी सीड चीन की वांग यिहान से 11-21, 19-21 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रणय ने अपने खिताबी जीत से देश का परचम बुलंद रखा।

विशेष : मीडिया और राजनीति को अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा

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नईदिल्ली। डेटलाइन इंडिया द्वारा अपने संस्थापक संपादक प्रखर पत्रकार स्व. आलोक तोमर की स्मृति में नईदिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में परिवार को राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया। 'यादों में आलोक'परिसंवाद में 'लोकतंत्र बनाम भीड़तंत्र: मीडिया की भूमिका'विषय पर राजनीतिक, विचारक, लेखक एवं मीडिया की हस्तियों ने विचार व्यक्त करते हुए लोकतंत्र के बदलते स्वरूप पर चिंता जताई। वक्ताओं ने कहा कि सभी अपने-अपने दायरे में रहकर अपनी जिम्मेदारियोंं का निर्वाह करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया और राजनीति दोनों को अपनी जड़ों की ओर लौटने और अपने विगत का पुनर्पाठ करने की जरूरत है। परिसंवाद का संचालन वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने किया। आभार व्यक्त डेटलाइन इंडिया के प्रधान संपादक डा़ॅ राकेश पाठक ने किया।

कृत्रिम जनमत बनाने की कोशिश हो रही है: गोविन्दाचार्य
विचारक गोविंदाचार्य ने कहा कि अराजक और अनुशासित भीड़ के बीच अंतर समझना होगा। शांतिपूर्ण पद्धति सावधानी का निशां है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तो एक भाव है। कुकर की सीटी सुनकर भी अनसुना करते जाएं तो डेंजर जोन में पहुंच जाते हैं। दुहरापन मीडिया और विधायिका में दिख रहा है। कार्यपालिका यथास्थितिवादी है। न्यायपालिका भी भेड़ के लिए अलग न्याय और सांड़ के लिए अलग का शिकार है। साेशल मीडिया निरंकुश है। कृत्रिम जनमत बनाने की कोशिश हो रही है। विचारक गोविन्दाचार्य ने कहा कि जन की चेतना में शांतिपूर्ण पद्धति को रेखांकित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश मिटेगा तो बचेगा कौन? उन्होंने कहा कि संकल्प की आवश्यकता है। सही बात को डटकर बोलें, जो जहां है वहीं से बोलें।

विगत का पुनर्पाठ मीडिया को करना चाहिए :म‍ृणाल पांडेय
लेखिका एवं वरिष्ठ पत्रकार म‍ृणाल पांडेय ने कहा कि भीड़ किन परिस्थितियों में सकारात्मक है और किन परिस्थितियों में नकारात्मक है, यह देखना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया की एक कमी है कि सन्दर्भ भूल गया है। विगत का पुनर्पाठ मीडिया को करना चाहिए। हमारा इतिहास विविध रंगी है, हमने उसकी पड़ताल नहीं की है। उन्होंने कहा कि मीडिया को नया मुहावरा तलाशना होगा ।

हमें खुद को नागरिक के नाते बदलना होगा: आरिफ मोहम्मद
पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भीड़तंत्र सीधे-सीधे संविधान और विधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र लोकलाज के सहारे चलता है। हमें खुद को नागरिक के नाते बदलना होगा। यही नहीं मीडिया के लोगों को भी नागरिक के नाते सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि किसी को हक नहीं है कि वो राष्ट्रीय प्रतीक से खिलवाड़ करे। उन्होंने कहा कि हमारी बहुत सी समस्याएं इसलिए हैं क्योंकि हम अपनी परंपराओं से परिचित नहीं हैं। हर किसी को स्वीकार करना हमारी परंपरा है।

मीडिया को सबसे एक निर्धारित दूरी रखना चाहिए: विनोद दुआ
परिसंवाद में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ ने कहा कि सोचने पर भीड़ का दबाव न हो, वहां लोकतंत्र होता है। उन्होंने कहा कि मीडिया अगर राजनीति करने लगेगा तो आपदा होगी। मीडिया को सबसे एक निर्धारित दूरी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़तंत्र मुझे एक तरफ धकेलता है, लोकतंत्र मुझे आजादी देता है। विनोद दुआ ने कहा कि मीडिया का अपना निजी स्वार्थ न हो तभी वो अपनी सही भूमिका निभा सकता है।

पूरा तंत्र पॉलिसी पैरालिसिस का शिकार है:हरिवंश
लोकतंत्र बनाम भीड़तंत्र, मीडिया की भूमिका विषय पर बोलते हुए कहा कि वरिष्ठ पत्रकार एवं संसद सदस्य हरिवंश ने कहा कि हुआ क्या है कि भीड़ इतनी उग्र हो रही है। विकास का पूरा तंत्र चरमराया हुआ है। आज पीड़ित पक्ष सबसे पहले मीडिया के पास जाता है। बजाय शासन तंत्र के पास जाने के। पावर शिफ्ट हुआ है तंत्र से मीडिया की ओर। मीडिया और न्यायपालिका का बहुत बड़ा रोल है। पूरा तंत्र पॉलिसी पैरालिसिस का शिकार है। हरिवंश ने कहा की राजनीति को अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा ।

भीड़ को औजार बनाया जा रहा है:निलांजन
परिसंवाद में बोलते हुए लेखक निलांजन मुखोपाध्याय ने कहा कि सत्ता द्वारा भीड़ को औजार बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जो हमारी समझ के साथ नहीं वो राष्ट्र के साथ नहीं। सोशल मीडिया पर भी शोर उठाने के लिए भीड़ को लगाया जा रहा है। अपनी मर्जी का साउंड पैदा किया जाता है। ये चिंता जनक है।
कार्यक्रम के आरंभ में आईटीएम ग्वालियर के चांसलर रमाशंकर सिंह ने आलोक तोमर की यादें ताजा कीं। उन्होंने बताया कि किस तरह आलोक तोमर ने लोक से जुड़ी पत्रकारिता करते हुए अपनी जगह बनाई।






साभार : डेट लाइन इंडिया डॉट कॉम 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (20 मार्च)

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आदिवासी अंचल को भाजपा ने भ्रष्टाचार का चारागाह बना दिया है-कांतिलाल भूरिया
  • सर्कीट हाउस पर हुआ पत्रकार वार्ता का आयोजन

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झाबुआ---स्थानीय सर्कीट हाउस पर रतलाम झाबुआ के सांसद कांतिलाल भूरिया ने रविवार को स्थानीय सर्कीट हाउस में पत्रकार वार्ता  में इन्दौर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य मुद्दो पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इन्दौर अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी तथा रोड निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था । एनडीए सरकार ने इस रोड निर्माण को समयसीमा में पूरा करने की बात कहने के बाद भी इस मार्ग  की बुरी हालत के चलते तथा कार्य में हो रही अनावश्यक देरी को लेकर मेरे द्वारा लोकसभा में सवाल उठाया गया था तथा केन्द्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने इसके लिये 14 मार्च को विशेष बैठक आयोजित करके जून 2016 तक इस परियोजना को पूरा करने क भरोसा दिलाया है । श्री भूरिया ने बताया कि  1700 करोड की रकम खर्च करने के बाद भी  इस राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ता होलत को लेकर क्षेत्रीय जनता की ओर से जताई गई नाराजगी पर परिवहन मंत्री ने संज्ञान लेते हुए इसू जून तक पूरा करने का भरोसा दिलाया है । यदि इसके बाद भी राजमार्ग की हालत नही सुधरती है तो मै स्वयं आन्दोलन धरना प्रदर्शन करने में पीछे नही रहूंगा । सांसद  कांतिलाल भूरिया ने भाजपा सरकार पर आरोप लगोते हुए कहा कि  शहर एवं अंचल की नल जल योजना के लिये 108 करोड की राशि जारी होने के बाद भी उक्त रकम कहा गई पता ही नही चल रहा है । जिले में फ्लोराईड प्रभावित गा्रमों में माही नदी से पाईप लाईन डाल कर पेयजल की आपूर्ति करने के कांग्रेस के प्रस्ताव को भी पूरी तरह अनदेखा किया जारहा है तथा क्षेत्रीय विधायक एवं अधिकारियो ं द्वोरा कागजी योजनायें बना कर लीपापोती करके रकम का दुरूपयोग एवं भ्रष्टाचार करनें में लगे हुए है ।  सांसद ने जिले में गा्रमीणों को रोजगारमूलक काम नही मिलने पर भाजपा सरकार को अडे हाथ लेते हुए कहा कि 25 करोड की मनरेगा की रकम को सरकार ने दबा रखा है । वही 7 करोड की निराश्रित पेंशन की राशि एवं अपंग लोगों की पेंशन राशि भी ये लोग खा गये है । भाजपा के पदाधिकारी एवं नेतागण सरकारी धन पर डाका डाल रहे है । जिले में अधिकारियों की कमी चल रही है । अधिकारियों को इस अदिवासी अंचल में विकास कार्यो मे भूमिका निभाने की बजाय उनकी धडल्ले से अन्य स्थानों एण्वं सिंहस्थ मे ड्युटी लगा कर विकास का अवरूद्ध किया जारहा है ।  कांतिलाल ने आगे कहा कि अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सो की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित हो रही है तथा पदों को भरने के लिये प्रदेश सरकार कुछ भी कदम नही उठा कर इस जिले के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है । श्री भूरिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान केवल घोषणाये ं करने में ही माहीर है । जिले में ढाई हजार करोड की घोषणा करने के बाद भी आज तक जिले में पैसा नही आया है  इ बारे मे वे लोकसभा में भी आवाज उठावेगें । श्री भूरिया ने भाजपा की प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि पक्के इन्दिरा आवास बनाने के लिये मात्र 70 हजार दिये जारहे है ,इतनी कम राशि में घर केसे बन सकता है यह विचारणीय है । पूरे प्रदेश में घटिया शौचालयों का निर्माण भाजपा के नेताओं को ठेके देकर करवाया जारहा है । ऐसे शौचालयों का उपयोग होने के पहले ही घराशाही हो रहे है ।  प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत आया पैसा भी भाजपा के लोग् खा गये है । इन दिनों यहे के लोगों की हालत काफी खराब होकर प्रदेश की शिवराज सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है । रेल्वे लाईन के बारे में जानकारी देते हुए सांसद भूरिया ने बताया कि प्रधानमंत्री जब लोकसभा चुनाव के दौरान आये थे तब उन्होने केन्द्र में भाजपा सरकार बनते ही रेल्वे लाईन शुरू होने की बात सार्वजनिक तौर पर कही थी आज वे इस योजना को मूर्तरूप  देने में मुकर रहे है । मेरे प्रयासों से तथा रेल मंत्री, प्रधानमंत्री से मेरे विरोध करने के बाद ही 200 करोड आलीराजपुर एवं 100 करोड झाबुआ जिले में रेल्वे परियोजना के लिये मिले है किन्तु अभी तक इस जिले में काम शुरू नही हुआ है । श्री भूरिया ने प्रदेश सरकार को आडे हाथ लेते हुए कहा कि 7 करोड की राशि प्रदेश सरकार ने बांटी नही है और जमीन का अधिग्रहण नही करके जानबुझ कर रेल परियोजना को लटकाया जारहा है । उन्होने आरोप लगाया कि भाजपा के ऐसे लूटेरों के कारण  जिले का विकास नही हो पारहा है । स्वच्छता अभियान पर तंज कसते हुए श्री भूरिया ने कहा कि  गा्रमों में पानी की विकट समस्या है ऐसे मे शौचालयों के लिये पानी की व्यवस्था नही होने से गंदगी का ही साम्राज्य बढेगा । श्री भूरिया ने कहा कि 13 करोड की लागत से नगरपालिका झाबुआ द्वारा उत्कृष्ट सडक निर्माण के घटिया कामों को लेकर श्री मकदमा दायर किया जासकता है । श्री भूरिया ने  मेघनगर मे केमिकल फेक्ट्रीयों  क बारे मेबताया कि गुजरात की मुख्यमंत्री की फेक्ट्रीय सहित करीब 250 फेक्ट्रीया  भाजपा नेताओं की स्थापित की जारही है जिससे इस आदिवासी अंचल का वजूद समाप्त करने की साजिश की जारही है  तथा अनास से माही तक प्रदूषण फैलाने का काम हो रहा है इस मामले को वेे पार्लियामेंट में उठारहे है ।उन्होने कहा की आमलीपठार तालाब का पानी पूरी तरह जहरीला एवं प्रदूषित हो रहा है । भाजपा नेताओ ने जिले का भ्रष्टाचार करने का चारागाह बना दिया है । उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मीठे सपने दिखाने का काम बंद करना होगा । श्री भूरिया ने पेटलावद चिटफंड काण्ड के बारे में भी प्रभावी कार्रवाही करने की मांग की । झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले को भाजपा नेताओं ने लूट का चारागाह बना दिया है । मनरेगा के 26 करोड राशि का भुगतान नही करने पर भी उन्होने आरोप लगाया । प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता, हर्षभट्ट, आचार्य नामदेव , जिला सेवादल संगठक राजेश भट्ट एवं  जितन्द्र अग्निहौत्री आलोक भट्ट, आदि उपस्थित थे । श्री भूरिया ने सभी को भगोरिया एवं होली पर्व की शुभकामनायें भी दी ।

झाबुआ जिले में होसान्ना के नारों के साथ धुमधाम से मना खजुर रविवार का पर्व

झाबुआ---जिले के सभी केथोलिक गिरजाघरों में आजं खजुर रविवार को धुमधाम से मनाया गया। बिशप बसील भूरियां जी ने मेघनगर स्थित संत अरनोल्ड पेरिश में जुलुस में भाग लेते हुए़ गिरजाघर में प्रवेश किया और धार्मिक धर्म विधियों को पूर्ण किया झाबुआ महागिरजाघर में न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल से खजुर की डालियां हाथों में लिए समाजजन चर्च प्रांगण में पहुंचे। जुलुस में सभी प्रभु येसु की जयकार करते हुए होसान्ना गा रहे थे। यह जुलुस हमें प्रभु येसु ख्रीस्त के येरूसालम में प्रवेश की याद दिलाता है। इसके साथ ही संपूर्ण कैथोलिक इसाई समाज पवित्र सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। फादर स्टीफन ने पवित्र युख्रिस्त अर्पित किया। आज जहां जहां यह पवित्र विधि अर्पित की गई वहां समाजजनों को पूरोहितों ने अपने उपदेशों में बताया कि आज से हम सभी प्रभु येसु खी्रस्त के दुखभोग में भाग लें रहें है। जिस प्रकार लोगों ने प्रभु येसु ख्रीस्त का येरूसालेम में जोरदार स्वागत किया उसी प्रकार हम भी उन्ही की याद में इस जुलुस में भाग। लेते हुए गिरजाघरों की ओर बढ रहे है। खजुर की टहनियां और प्रभु येसु ख्रीस्त के आगे बीछाए गए कपडे इस बात का प्रतिक है की उन गरिबों के पास जो कुछ था उसी से उन्होने अपने प्रभु का स्वागत किया। हम भी हमारे पास जो कुछ है उससे प्रभु का स्वागत करें। हम हमारें प्रभु का स्वागत अपने साफ ह्दय से सभी बुराईयों को त्याग कर कर सकते हैं। पवित्र मिस्सा में लोकधार्मियों के साथ अनेक धर्मबहने, धर्मभाई मौजुद थे। पवित्र युख्रीस्त में फादर पीटर खराडी, फादर निरंजन खलखो, फादर इंम्बानाथन, फादर सोनु, फादर ख्रीस्टोफर, फादर पीटर कटारा एवं फादर मनोज कुजुर उपस्थित थे। आने वाला संपूर्ण सप्ताह पवित्र सप्ताह कहलाएगा। झाबुआ डायोसिस के सभी पूरोहित और लोक धर्मी सोमवार के दिन विशेष प्रार्थना करेंगे। सभी पूरोहित अपने वृतों को दोहराएगे। बिशप बसील भूरिया तेलों को विशेष आशीष देकर उसे पवित्र धर्म विधियों में उपयोग के लिए तैयार करेंगे। गुरूवार के दिन बारह शिष्यों के पैर धुलाए जाएगे। एक दुसरे को प्रेम व भाईचारे का संदेश प्रदान करेंगे और पवित्र शुक्रवार को उपवास के साथ क्रुस रास्ते में भाग लेते हुए प्रभु की मृत्यु की यादगारी मनाएंेगे।

गोवंश को चुरा कर लेजा रहे थे पकडाए 

झाबुआ--- फरियादि राजु पिता नारायण गवली, उम्र 45 वर्ष, निवासी झाबुआ ने बताया कि मेरी जर्सी गाय एवं देशी गाय दोनों को घर के बाहर खुटे पर बांध रखी थी। आरोपी रमेश पिता बचरू सालंकी निवासी भुतेडी दोनों गायों को खुटे से खोलकर चुराकर ले जा रहा था, जिसका पीछा करने पर रामकुला नाले पर पकड लिया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 188/16, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अज्ञात वाहन की टक्कर से मोत 

झाबुआ--- अज्ञात वाहन का चालक तेज गति व लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाया व भुरा पिता रामचंद्र भाबोर, उम्र 35 वर्ष निवासी भोडली को टक्कर दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 92/16, धारा 279,304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

होली विशेष : आध्यात्मिक रंगों से खेले होली

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भारत में त्योहारों एवं उत्सवों की एक समृद्ध परम्परा है, इनका सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर आपसी सौहार्द एवं समभावना से है। यहाँ मनाये जाने वाले सभी त्योहारों की मूल भावना मानवीय गरिमा को समृद्धता प्रदान करना है। यही कारण है कि हमारे देश में सभी प्रमुख त्योहारों एवं उत्सवों को सभी धर्मों के लोग आदर के साथ मिलजुल कर मनाते हैं। होली भारतीय समाज का एक प्रमुख त्योहार है, यह त्योहार जितना धार्मिक है, उतना ही सांस्कृतिक भी है, जिसका लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। होली का त्योहार समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम, एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भावना को बढ़ाता है। 

होली रंगों का त्योहार है, हँसी-खुशी का त्योहार है। जिंदगी जब सारी खुशियों को स्वयं में समेटकर प्रस्तुति का बहाना माँगती है तब प्रकृति मनुष्य को होली जैसा त्योहार देती है। होली भारत का एक विशिष्ट सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक त्यौहार है। अध्यात्म का अर्थ है मनुष्य का ईश्वर से संबंधित होना है या स्वयं का स्वयं के साथ संबंधित होना। इसलिए होली मानव का परमात्मा से एवं स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है। ‘असत्य पर सत्य की विजय’ और ‘दुराचार पर सदाचार की विजय’ ही होली के उत्सव मनाने हार्द है। इस प्रकार होली मुख्यतः आनंदोल्लास तथा भाई-चारे का त्योहार है। यह लोक पर्व होने के साथ ही समाज में व्याप्त समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता व दुश्मनी को भूलकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं असल में होली बुराइयों के विरुद्ध उठा एक प्रयत्न है, इसी से जिंदगी जीने का नया अंदाज मिलता है, औरों के दुख-दर्द को बाँटा जाता है, बिखरती मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा जाता है। आनंद और उल्लास के इस सबसे मुखर त्योहार को हमने कहाँ-से-कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कभी होली के चंग की हुंकार से जहाँ मन के रंजिश की गाँठें खुलती थीं, दूरियाँ सिमटती थीं वहाँ आज होली के हुड़दंग, अश्लील हरकतों और गंदे तथा हानिकारक पदार्थों के प्रयोग से भयाक्रांत डरे सहमे लोगों के मनों में होली का वास्तविक अर्थ गुम हो रहा है। होली के मोहक रंगों की फुहार से जहाँ प्यार, स्नेह और अपनत्व बिखरता था आज वहीं खतरनाक केमिकल, गुलाल और नकली रंगों से अनेक बीमारियाँ बढ़ रही हैं और मनों की दूरियाँ भी। हम होली कैसे खेलें? किसके साथ खेलें? और होली को कैसे अध्यात्म-संस्कृतिपरक बनाएँ। होली को आध्यात्मिक रंगों से खेलने की एक पूरी प्रक्रिया आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा प्रणित प्रेक्षाध्यान पद्धति में उपलब्ध है। इसी प्रेक्षाध्यान के अंतर्गत लेश्या ध्यान कराया जाता है, जो रंगों का ध्यान है। होली पर प्रेक्षाध्यान के ऐसे विशेष ध्यान आयोजित होते हैं, जिनमें ध्यान के माध्यम से विभिन्न रंगों की होली खेली जाती है। बचपन में अपने पिताजी के साथ होली के अवसर पर मैंने ऐसे ही आध्यात्मिक रंगों से होली का अपूर्व एवं विलक्षण आनंद पाया जो आज तक मेरे स्मृति पटल पर तरोताजा है।

यह तो स्पष्ट है कि रंगों से हमारे शरीर, मन, आवेगों, कषायों आदि का बहुत बड़ा संबंध है। शारीरिक स्वास्थ्य और बीमारी, मन का संतुलन और असंतुलन, आवेगों में कमी और वृद्धि-ये सब इन प्रयत्नों पर निर्भर है कि हम किस प्रकार के रंगों का समायोजन करते हैं और किस प्रकार हम रंगों से अलगाव या संश्लेषण करते हैं। उदाहरणतः नीला रंग शरीर में कम होता है, तो क्रोध अधिक आता है, नीले रंग के ध्यान से इसकी पूर्ति हो जाने पर गुस्सा कम हो जाता है। श्वेत रंग की कमी होती है, तो अशांति बढ़ती है, लाल रंग की कमी होने पर आलस्य और जड़ता पनपती है। पीले रंग की कमी होने पर ज्ञानतंतु निष्क्रिय बन जाते हैं। ज्योतिकेंद्र पर श्वेत रंग, दर्शन-केंद्र पर लाल रंग और ज्ञान-केंद्र पर पीले रंग का ध्यान करने से क्रमशः शांति, सक्रियता और ज्ञानतंतु की सक्रियता उपलब्ध होती है। होली के ध्यान में शरीर के विभिन्न अंगों पर विभिन्न रंगों का ध्यान कराया जाता है और इस तरह रंगों के ध्यान में गहराई से उतरकर हम विभिन्न रंगों से रंगे हुए लगने लगा।

लेश्या ध्यान रंगों का ध्यान है। इसमें हम निश्चित रंग को निश्चित चैतन्य-केंद्र पर देखने का प्रयत्न करते हैं। रंगों का साक्षात्कार करने के लिए विविध रंगों की जानकारी आवश्यक है। रंगों के हमें दो भेद करने होंगे-चमकते हुए ;ठतपहीजद्ध यानी प्रकाश के रंग और अंधे ;क्नससद्ध यानी अंधकार के रंग। अंधकार का काला, नीला और कापोत रंग अप्रशस्त है। किंतु प्रकाश का काला, नीला और कापोत रंग अप्रशस्त नहीं है। इसी प्रकार अंधकार का लाल, पीला और श्वेत रंग प्रशस्त नहीं है और प्रकाश का लाल, पीला और श्वेत रंग प्रशस्त है। ध्यान में जिन रंगों को हमें देखना है, वे प्रकाश के यानी चमकते हुए होने चाहिए, अंधकार के यानी अंधे नहीं। आचार्य श्री महाप्रज्ञ इसे अधिक स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि जब व्यक्ति का चरित्र शुद्ध होता है तब उसका संकल्प अपने आप फलित होता है। चरित्र की शुद्धि के आधार पर संकल्प की क्षमता जागती है। जिसका संकल्प-बल जाग जाता है उसकी कोई भी कामना अधूरी नहीं रहती। संकल्प लेश्याओं को प्रभावित करतेे हैं। लेश्या का बहुत बड़ा सूत्र है-चरित्र। तेजोलेश्या, पद्मलेश्या ओर शुक्ललेश्या-ये तीन उज्ज्वल लेश्याएँ हैं। इनके रंग चमकीले होते हैं। कृष्णलेश्या, नीललेश्या और कापोतलेश्या-ये तीन अशुद्ध लेश्याएँ हैं। इनके रंग अंधकार के रंग होते हैं। वे विकृत भाव पैदा करते हैं। वे रंग हमारे आभामंडल को धूमिल बनाते हैं। चमकते रंग आभामंडल में निर्मलता और उज्ज्वलता लाते हैं। वे आभामंडल की क्षमता बढ़ाते हैं। उनकी जो विद्युत-चुंबकीय रश्मियाँ हैं वे बहुत शक्तिशाली बन जाती हैं।

होली के लिए विशेष तौर से तैयार किए इस विशेष ध्यान उपक्रम में प्रत्येक रंग का ध्यान में साक्षात्कार करने के लिए संकल्प-शक्ति का प्रयोग करवाया जाता है। संकल्प-शक्ति का अर्थ है-कल्पना करना अर्थात् मानसिक चक्षु से इसे स्पष्ट रूप से देखना। यह इस पद्धति का मूल आधार है। कल्पना जितनी अधिक देर टिकेगी और जितनी सघन होगी, उतनी ही सफलता मिलेगी। फिर उस कल्पना को भावना का रूप देना, दृढ़ निश्चय करना। जब हमारी कल्पना उठती है और वह दृढ़ निश्चय में बदल जाती है तो वह संकल्प-शक्ति बन जाती है। शुरु-शुरु कल्पना में इतनी ताकत नहीं होती, किंतु कल्पना को जब संकल्प शक्ति की पुट लगती है, उसकी ताकत बढ़ जाती है। जब कल्पना सुदृढ़ बन जाती है, तब जो रंग हम देखना चाहते हैं, वह साक्षात् दिखाई देने लग जाता है। प्रेक्षा प्राध्यापक मुनि किशनलाल कहते हैं-रंगों की कल्पना की सहायता के लिए ध्यान करने से पूर्व उस रंग को खुली आँखों से अनिमेष दृष्टि से उसी रंग के कागज या प्रकाश के द्वारा कुछ देर तक देख लेने से वह रंग आसानी से कल्पना में आ जाता है। इसके लिए व्यवहार में सेलीफीन पेपर (रंग वाले चिकने पारदर्शी कागज) का व्यवहार किया जाता है। जिसे रंग के कागज को प्रकाश को स्रोत के सामने रखा जाता है, उसी रंग का प्रकाश हमारी आँखों के सामने आता है। फिर वही रंग बंद आँखों से भी स्पष्ट दिखाई देने लग जाता है।

रंग का साक्षात्कार करने के लिए चित्त की स्थिरता या एकाग्रता अनिवार्य है। एकाग्रता का अर्थ है-एक ही कल्पना पर स्थिर रहना, उसका ही चिंतन करते रहना। जब एकाग्रता सधती है, जब चित्त स्थिर बनता है, तब वह कल्पना के रंगों की तरंगों को अपने सूक्ष्म शरीर-तैजस शरीर की सहायता से उत्पन्न करता है। अब कल्पना समाप्त हो जाती है और वास्तविक रंगों की उत्पत्ति हो जाती है। असल में लेश्या ध्यान का प्रयोग चोटी पर चढ़ने जैसा है। किसी-किसी व्यक्ति को इसमें शीघ्र सफलता मिलती है, पर किसी-किसी को कुछ समय लगता है। वैसी स्थिति में व्यक्ति को न निराश होना चाहिए और न ही अपना धैर्य खोना चाहिए। दृढ़ संकल्प के साथ प्रयत्न को चालू रखना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति में अनंत शक्ति निहित है। किंतु वह अपनी शक्ति से परिचित नहीं है। अपेक्षा है, अपनी शक्ति को जानने की, उससे परिचित होने की और उसमें आस्था की। लेश्या ध्यान उसका अचूक उपाय है।

कभी-कभी जिस रंग को देखना चाहते हैं, उसके स्थान पर कोई अन्य रंग का अनुभव होने लगता है पर इससे भी निराश होने की जरूरत नहीं है। प्रत्युत किसी भी रंग का दिखना इस बात का प्रमाण है कि ध्यान सध रहा है। दूसरे रंगों का दिखना भी संकल्प-शक्ति और वर्ण-शक्ति का परिणाम है। यद्यपि यह बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं है, फिर भी इसका अपना महत्त्व है, क्योंकि इससे व्यक्ति की श्रद्धा और आस्था को बल मिलता है। जब तक कोई अनुभव नहीं होता, तो ऐसा लगता है कि साधना फलीभूत नहीं हो रही है। अनुभव छोटा हो या बड़ा, वह बहुत काम का होता है। होली के अवसर पर आध्यात्मिक रंगों से होली खेलने की प्रेक्षाध्यान की प्रक्रिया निश्चित ही सुखद एवं एक अलौकिक अनुभव है। लेकिन इसके लिए माहौल भी चाहिए और मन भी चाहिए। आओ सब मिलकर होली के इस आध्यात्मिक स्वरूप को समझें और इस पर्व के साथ जुड़ रही विसंगतियों को उखाड़ फेकें।



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(ललित गर्ग)
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अंगूरी भाभी, कपिल के शो में बनेंगी ‘बुआ’

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  • टीवी सीरियल एक्ट्रेस शिल्पा शिंदे यानी अंगूरी भाभी ने जब से ‘‘भाबी जी घर पर हैं‘‘ को छोड़ी हैं, तब से उनकी डिमांड बढ़ गयी है। तमाम उठापटक के बीच वह अब कपिल के शो में ‘बुआ’ की जगह आएंगी नजर! 

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जी हां, ‘भाभीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाभी यानी शिल्पा शिंदे हिन्दुस्तान के करोड़ों युवा-युवतियों समेत घर-घर की पसंद बन चुकी है। खासकर उनके द्वारा भाभी जी घर पर है, शो छोड़े जाने के बाद दशर्को में मायुशी छा गयी थी। लोग इसकी वजह जानने की जांच-पड़ताल में ही जुटे थे कि अब खबर है कि वह कॉमेडियन कपिल शर्मा की टीम में शामिल हो गई हैं। जल्दी ही नए शो में अंगूरी भाभी को कोई खास कैरेक्टर प्ले करते देखा जा सकेगा। वह ‘द कपिल शर्मा शो’ में ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ की पिंकी बुआ यानी उपासना सिंह की जगह लेंगी। हालांकि, उनके कैरेक्टर का नाम कुछ और होगा। वे कपिल की भाभी भी बन सकती हैं। कहा जा रहा है कि तमाम नोटिसों व मनमुटौवल के बाद शिल्पा ‘भाभीजी के घर पर हैं’ के सेट को अलविदा कह दिया है। जबकि प्रोडक्शन टीम का आरोप है कि वह लोगों के साथ को-ऑपरेट नहीं कर रही हैं। करार के बावजूद वह फीस बढ़ाने की मांग भी कर रही हैं। जबकि भाभी जी का कहना है कि प्रोडक्शन हाउस द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। प्रोडक्शन हाउस उन्हें मानसिक प्रताड़ना दे रहा हैं। धमकी दी है कि यदि मैंने किसी और चैनल पर काम किया तो वे मेरे करियर को तबाह कर देंगे। मैंने मेडिकली अनफिट होने की वजह से शो छोड़ने की इच्छा जताई है। जहां तक फीस बढ़ाने की मांग की बात है तो यह मेरा अधिकार है। शो को एक साल हो गया है। इसलिए फीस रिवाइज्ड होनी चाहिए।” इन्हीं वजहों से प्रोड्यूशर व भाभी जी के बीच तनाव बढ़ गया था। 
बता दें कि ‘भाबीजी घर पर हैं’ की शुरुआत पिछले साल 2 मार्च को हुई थी। इसी शो के चलते शिल्पा को पॉपुलैरिटी मिली है। इसके पहले उनकी निजी लाइफ काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। कम ही लोग जानते होंगे कि उन्होंने अपनी लाइफ में वह दौर भी देखा है, जब उनकी शादी होते-होते रह गई। साल 2009 में तारीख-वेन्यू भी टीवी एक्टर रोमित राज से तय हो चुके थे और कार्ड भी छप चुके थे। लेकिन इसी साल करवा चैथ के ठीक दो दिन पहले शिल्पा ने शादी तोड़ने का फैसला लिया। रोमित राज उनके साथ ‘मायका’ और ‘मात-पिता के चरणों में स्वर्ग’ जैसे सीरियल्स में काम कर चुके हैं। दोनों सीरियल मायका में एक-दूसरे के पार्टनर बने थे। इसी दौरान उनकी नजदीकियां बढ़ीं। प्यार हुआ और दोनों ने फैमिली मेंबर्स, रिलेटिव्स और फ्रेंड्स की मौजूदगी में 29 नवंबर 2009 को गोवा में शादी करने का फैसला लिया। 
जहां तक शो छोड़ने का मसला है तो इसकी वजह पूछने पर शिल्पा का कहना था कि टीवी वाले मुझसे एक कॉन्ट्रेक्ट साइन करने को बोल रहे थे जिसमें लिखा था कि मेरा किरदार ऐसे ही चलता रहेगा और अगर मैं चाहूं तो दूसरे शो भी कर सकती हूं.। जब मैंने उस कॉन्ट्रेक्ट को साइन करने से मना कर दिया तो उन लोगों ने मेरे बारे में अफवाह उड़ा दी कि मैं सेट पर नखरे करती हूं। खासकर शो में उनकी अहमियत के बजाय अनीता भाभी को ज्यादा तरजीह दी जा रही थी। शिल्पा का कहना है कि जहां एक तरफ सौम्या के लिए पर्सनल फैशन डिजाइनर दिया गया है वहीं उन्हें प्रोड्यूसर को छोटी-छोटी बातों के लिए भी बोलना पड़ता था। गौरतलब है कि कलर्स के शो कॉमेडी नाइट विद कपिल के बंद होने के बाद कपिल अगले महीने सोनी चैनल पर नया शो लेकर आ रहे हैं। इस शो में कपिल ने शिल्पा को ऑफर दिया था, लेकिन भाभी जी घर पर हैं में काम करने की वजह से वो दूसरे शो में काम नहीं कर सकती थीं, इसलिए उन्होंने शो छोडने का फैसला किया। फिरहाल, उनका एक डायलॉग ‘सही पकड़े हैं’ हिन्दुस्तान की हर जुबा पर छा गयी है। वैसे, इस शो में ‘सही पकड़े हैं’ के अलावा, ऑडियंस को फनी अंग्रेजी से भरपूर अंगूरी भाभी के डायलॉग्स भी खूब एंटरटेन करते हैं। कार्यक्रम में अंगूरी भाभी का किरदार निभाने वाली 28 वर्षीय अभिनेत्री शिल्पा का कहना है कि समस्या तब शुरू हुई जब निर्माताओं ने उनसे ऐसे अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को कहा जो उन्हें कहीं और काम करने से रोकता था। जबकि कोई किसी को ऐसे विशेष अनुबंध के लिए बाध्य नहीं कर सकता। हो जो भी लेकिन सच तो यही है कि अंगूरी भाभी के शो फीका-फीका नजर आने लगा है। उनके बिना बाकी तीन मुख्य कलाकार अनिता भाभी, तिवारी जी और विभूति जी वो रंग नहीं जमा पाये जो अंगूरी भाभी जमाती रही है। शिल्पा के मुताबिक, अंगूरी भाभी का किरदार करना उनके लिए लाइफ का सबसे अच्छा एक्सपीरियंस रहा है। शो को बेहतर बनाने के लिए मैं जो कर सकती थी, मैंने वो किया। ऑडियंस ने मेरे काम को खूब एन्जॉय किया और मेरे लिए यह बहुत मायने रखता है। लेकिन हालिया हालातों को देखते हुए मैंने तय किया है कि मैं इस शो में वापसी नहीं करूंगी। मेरे लिए अंगूरी भाभी का चैप्टर क्लोज हो चुका है। 




(सुरेश गांधी)

विशेष : महिला दिवस को सार्थक बनाने के लिए 7 कदम!

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महिला दिवस , सभी अखबारों, टीवी चैनलों और रेडियो पर महिलाओं के बारे में बातें होंगी। चर्चा, बहस और लेख सब जगह महिलाओं की बात होनी हैं। इस बारे में मेरा भी कुछ चिंतन है। हजारों सालों से महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक, बल्कि गीता जैसे कथित धर्मग्रंथ के अध्याय : 9 के 32वें श्लोक में स्त्री को पाप यौनि में जन्मी जीव समझा गया है। अनेक ग्रन्थों में स्त्री को हजारों सालों से दासी, गुलाम और अमानवी प्रावधानों की त्रासदी झेलनी पड़ी है। बलात्कार केवल स्त्री का होना। लज्जा, शर्म और हया को केवल स्त्री का आभूषण बताया जाना। बहुत सी बातें और ऐसे हालात हैं, जो स्त्री को पुरुष से कमतर बनाने के लिए लगातार काम अवचेतन स्तर पर कार्य करते रहते हैं। वास्तव में स्त्री की नैसर्गिक प्रजनन की अनुपम क्षमता और उसके जन्मजात संवेदनशील स्वभाव को समाज ने स्त्री की कमजोरी समझ लिया और उसके साथ हजारों सालों से गुलामों की तरह से व्यवहार किया गया। इन सब मनमानियों से स्त्री की मुक्ति के लिए बातें तो हम खूब करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर क्या कुछ होता है, किसी से छिपा नहीं है। मेरा मानना है कि शेष बातें तो बाद में सबसे पहले स्त्रियों को मानवीय दर्जा देने के लिए बहुत थोड़े कदम उठाने की जरूरत है। जैसे-

1. संविधान के अनुच्छेद 13 में मूल अधिकार विरोधी होने के कारण-शून्य घोषित स्त्री विरोधी सभी धर्मग्रंथों के लेखन, प्रकाशन, मुद्रण और विक्रय को आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध घोषित किया जाए।
2. अंधश्रद्धा, अंधविश्वास और अवैज्ञानिक मन्त्र-तंत्रों पर प्रतिबन्ध और इनका उल्लंघन करना आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध हो।
3. शराब हिंसा, दहेज और कन्यादान स्त्री की दुर्दशा के मूल हैं। स्त्री के मानवी होने को ये 3 बातें पल-प्रतिपल कुचलती हैं। अत: इनको कठोरता से निषिद्ध किया जाए और उल्लंघन करने वाले को उम्र कैद की सजा दी जाए।
4. अपनी इच्छानुसार न्यूनतम स्नातक तक की शिक्षा हर लड़की के लिए अनिवार्य और मुफ़्त मूल अधिकार हो, जिसका आवासीय सुविधाओं सहित सम्पूर्ण और वास्तविक खर्चा सरकार वहन करे।
5. कन्या भ्रूण हत्या में किसी भी रूप में लिप्त डॉक्टर और अन्य अपराधियों को कम से कम उम्र कैद की सजा मिले।
6. स्त्रियों को विधायिका में 50 फीसदी भागीदारी हो, लेकिन यह भागीदारी हर वर्ग की स्त्री को आबादी के अनुपात में होनी चाहिए।
7. स्त्रियों के मान-सम्मान को उनकी निजी या पारिवारिक इज्जत से नहीं, बल्कि देश और समाज की इज्जत से जोड़ा जाए। जिससे ऑनर किलिंग की समस्या से निजात मिले।

उक्त मुद्दों पर सरकार, समाज और प्रशासन को मिलकर लगातार काम करने की जरूरत है।




लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
संपर्क : 9875066111

विशेष : संघ का असंवैधानिक बयान देशद्रोह से कम नहीं

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हमेशा की भाँति एक बार फिर से भारत और भारतियों को गुमराह तथा भ्रमित करने के लिए संघ की ओर से आरक्षण, देशद्रोह और महिलाओं के मन्दिरों में प्रवेश पर बयान जारी करके देश के माहौल को गर्माने का प्रयास किया गया है।

सारा संसार जानता है कि हिन्दू मन्दिरों में स्त्री और शूद्रों को प्रवेश नहीं करने देना आर्य-वैदिक-ब्राह्मणी संस्कृति और कथित सनातनी हिन्दू धर्म का ही कथित पवित्र उपदेश है। जिसमें शूद्र और स्त्री को पाप यौनि में जन्मे जीव घोषित किया गया है। इसी कारण शूद्र और स्त्री को अमानवीय और भेदभावपूर्ण हालातों का सामना करना पड़ता रहा है। इस व्यवस्था को प्रारम्भ से संघ का सम्पूर्ण समर्थन मिलता रहा है। जो लोग अपने संघ में स्त्री को प्रवेश तक नहीं दे सकते, उनकी ओर से आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सम्पूर्ण स्त्री जाति को गुमराह करने के लिए, स्त्रियों के मन्दिरों में प्रवेश के पक्ष में बयान जारी किया जाना किसी षड्यंत्र से कम नहीं!

देशद्रोह की बात पर संघ की ओर से कथित तौर पर तीखे तेवर अपनाये गए हैं, जबकि सारा संसार जानता है कि भारत मूलवासी-आदिनिवासियों का अपना देश है, जिस पर बकवास (BKVaS=Brahamn+kshatriya+Vaishya+Sanghi) वर्ग का बलात् कब्जा है। संघ बकवास वर्ग का प्रतिनिधि संगठन है। बकवास वर्ग भारत और भारत के रियल ऑनर मूलवासी-आदिनिवासियों अर्थात इंडीजीनियश पीपुल्स को कुचलने के लिए हजारों सालों से योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। अत: देशद्रोह की बात करने वालों से मेरा सीधा सवाल है कि देश के मालिक अर्थात रियल ऑनर मूलवासी के विरुद्ध उत्पीड़न और जन्मजातीय भेदभाव को जन्म देने वाली अमानवीय आर्य-वैदिक-ब्राह्मणी-मनुवादी व्यवस्था के समर्थकों से बड़ा देशद्रोही और कौन हो सकता है?

संघ की ओर से भ्रामक और संविधान विरोधी बयान दिया गया है कि 60 साल हो चुकने के बाद भी दुर्बल जातियों और लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। अत: आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए और आरक्षण को आर्थिक आधार प्रदान करने की मांग करके वंचित (MOST=MINORITY+OBC+SC+TRIBALS) वर्गों को आपस में लड़ाकर विधानसभाओं की चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पाशा फैंका गया है। वंचित वर्गों की एकता को तोड़ना इसका मूल मकसद है। संघ प्रतिनिधित्व के मूल अधिकार को आरक्षण और आरक्षण का मकसद लोगों की मदद प्रचारित करके संविधान विरोधी और देशविरोधी कार्य कर रहा है।

अत: उपरोक्तानुसार स्वत: स्पष्ट है कि बकवास वर्ग समर्थक संघ की ओर से जारी बयान अपने आप में असंवैधानिक और देशद्रोह से कम नहीं है।



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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
संपर्क  : 9875066111

रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया : मूलवासी-आदिवासी समस्त प्रजातियों को एकजुट होने की जरूरत है!!

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भारत के मूलमालिक, मूलवासी, आदिनिवासी, जिन्हें आम बोलचाल में आदिवासी कहा जाता है, जबकि संविधानसभा में शामिल मूलवासी प्रतिनिधि जयपाल सिंह मुंडा के तीखे विरोध के बावजूद मूलवासी-आदिवासियों को संविधान में अनुसूचित जन जाति लिखा गया है, जो वर्तमान भारत में सर्वाधिक कष्टमय जीवन जीने को विवश है। जिसका मूल कारण भारत के मूलवासी के साथ संविधान निर्माताओं द्वारा किया गया अन्याय है। मूलवासी प्रजाति का मौलिक अस्तित्व मिटाने के लिए, उसे अजजा नाम दे दिया गया। केवल इतना ही नहीं, बल्कि आदिनिवासी जो हकीकत में रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया हैं, उनकी अनेक प्रजातियों को षड्यंत्र पूर्वक संविधान निर्माताओं, केंद्र सरकार और विधायिका ने अजजा, अजा और ओबीसी में विभाजित कर दिया। इस कारण वर्तमान में भारत के मूलमालिक-मूलवासी की खोज करना, मूलवासियों की पहली और अनिवार्य जरूरत है। जिसमें बकवास वर्ग से प्रभावित और भ्रमित कुछ मूलवासी जो खुद को शूद्र मानते हैं, विदेशी मूल की नस्लों के लिए उपयोग में लाये जाने वाले मूलनिवासी शब्द को गढ़कर और मूलवासियों पर थोपकर बलात् व्यवधान पैदा कर रहे हैं। जिनमें बामसेफी वामन मेश्राम प्रमुख व्यक्ति हैं, जो बामणों द्वारा दी गयी शूद्र नामक गाली को सार्वजनिक रूप से अंगीकार कर के, खुद को शूद्रवंशी मान रहे हैं। जबकि बाबा साहब के अनुसार शूद्र सूर्यवंशी आर्य क्षत्रियों के वंशज थे, जिनका उपनयन संस्कार बन्द कर के बामणों ने उनको शूद्र बना दिया। 

दूसरी और संसार के सबसे बड़े, क्रूर और दुर्दांत हत्यारे आर्य-ब्राह्मण परशुराम ने समस्त क्षत्रियों की 21 बार अभियान चलाकर निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी थी। वहीं बाबा साहब का कहना है कि वर्तमान अजा, दलित और अछूत जातियां ही शूद्र हैं, इस बात का कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है। बाबा साहब के उक्त निष्कर्ष का आज तक किसी ने खण्डन नहीं किया है। इससे यह तथ्य स्वत: प्रमाणित होता है कि वर्तमान अजा एवं ओबीसी वर्गों में भी अनेक जातियां शूद्रवंशी या विदेशी मूलनिवासी नहीं, बल्कि अदिनिवासी मूलवासी हैं। जो रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया हैं। आज विभिन्न वर्गों में शामिल समस्त रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया-मूलवासी-आदिवासी जातियों को एकजुट होने की जरूरत है। क्योंकि रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया अर्थात अजा, अजजा और ओबीसी में शामिल हम सभी भारत के मूलवासियों को एकजुट होकर अनेक मोर्चों पर लड़ना होगा। मूलवासियों को अनेक विदेशी विचारधाराओं से सतत संघर्ष करना होगा। जिनमें गांधीवादी लोग जो मूलवासी को गिरिवासी कहते हैं। याद रहे गांधी ने भारत का वारिसाना हक प्राप्त करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे निरस्त करके कोर्ट ने निर्णय दिया था कि भारत मूलवासी-आदिवासी का देश है, जिसका वारिसाना हक गांधी और उनकी कांग्रेस को नहीं दिया जा सकता। 

आर्यवंशी विदेशी लोगों द्वारा प्रतिपादित अमानवीय मनुवादी व्यवस्था के पोषक संघी जो भारत के मूलमालिक आदिवासी को वनवासी कहते हैं। इनसे मुक्ति सबसे बड़ी चुनौती है। हमारे की मूलवासियों में शामिल कुछ बामसेफी जो मूलवासी को मूलनिवासी-विदेशी शूद्रों की औलाद सिद्ध करने में जुटे हुए हैं, आज मूलवासी-आदिवासी के विरुद्ध सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण और आत्मघाती कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार और अनेक राज्य सरकारें जो देश के मूलवासियों के प्राकृतिक हकों को बलपूर्वक छीन रही हैं और प्रतिरोध करने पर नक्सलवादी घोषित कर रही हैं। अंत में अफसरशाही जो हमेशा व्यवस्था के नाम पर सत्ता की चाटुकारिता करती है, वो भी मूलवासियों के हकों के विरुद्ध षडयन्त्रों में सहायक सिद्ध हो रही है। अत: रियल ऑनर ऑफ़ इण्डिया : मूलवासी-आदिवासी की समस्त प्रजातियों को सबसे पहले एकजुट होने की जरूरत है!!



लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
संपर्क : 9875066111

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस पर लोगों को दी बधाई

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पटना,21 मार्च बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविन्द और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस पर प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनायें दी हैं । श्री कोविन्द ने कहा है कि प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर हम अपनी महान ऐतिहासिक परम्परा और सांस्कृतिक समृद्धि के प्रति श्रद्धापूरित होते हुए बिहार के बहुमुखी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हैं।राज्यपाल ने बिहारवासियों से अनुरोध किया है कि वे विकसित और गौरवशाली बिहार के नवनिर्माण में अपना भरपूर योगदान दें। बिहार के सतत् विकास से देश को भी शक्ति और समृद्धि मिलेगी। 


श्री नितीश कुमार ने बिहार दिवस पर राज्य के लोगों को बधाई और शुभकामनायें देते हुए कहा कि बिहारवासी आपसी एकता,भाईचारा,सामाजिक समरसता और धार्मिक सद्भाव बनाये रखेंगे और हम सब मिलकर प्रदेश को प्रगति की नई ऊॅचाई पर पहुंचायेंगे,बिहार के गौरव को बढ़ायेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बिहार निरंतर प्रगति, समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा। गौरतलब है कि कल बिहार दिवस है।इसके मद्देनजर यहां कई आयोजन किये जा रहे हैं।
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