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सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (05 अप्रैल)

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मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए हाई अलर्ट जारी

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ग्रीष्मकालीन मौसमी बीमारियों के मद्देनजर सीहोर जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है। समस्त बीएमओ को निर्देशित किया गया है कि वे मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए सभी प्रकार की आवश्यक दवाएं रखने के निर्देश सभी बीएमओ को दिए गए है। जिले के अलग-अलग ब्लाकों में कुल 26 काम्बेट टीमों का गठन किया गया है वहीं वहीं ग्राम स्तर पर 1068 डिपो होल्डर बनाए गए हैं। बुधनी ब्लाॅक के डेंगू प्रभावित सेमरी एवं आस-पास के गांवों एवं रेहटी सेक्टर के लिए  लार्वा सर्वे के लिए अलग-अलग 35 टीमें लगाई है।  टीमों पर सतत निगरानी के लिए संबंधित गांवों में सहायक मलेरिया अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है वहीं जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ.आनंद शर्मा  सभी गतिविधियों पर सतत निगरानी रखें हुए है। जिला एपीडियोमीलाॅजिस्ट को भी डेंगू प्रभावित गांवों में भ्रमण के निर्देश दिए गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि समस्त बीएमओ को आदेशित किया गया है कि रक्त पट्टीयां समय पर बनाएं। जल जनीत बीमारियों पर सतत निगरानी के निर्देश समस्त बीएमओ को दिए गए है। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में जब भी घर से बाहर निकले मुंह एवं कान ढांक कर एवं निकले वहीं अधिक से अधिक पानी पीए। जल जनीत बीमारियों जैसे टाईफाइड,पीलिया के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश स्वास्थ्य अमले को दिए गए है। डॅा.गुप्ता ने बताया कि जिले में कुल अब तक 1068 डिपो होल्डर बनाए गए है जिन्हें ग्रीष्म कालीन बीमारियों से बचाव के लिए सभी आवश्यक दवाएं रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आष्टा में 328,श्यामपुर में 149,बुदनी 160,नसरूल्लागंज में 181,इछावर में 250 डिपो होल्डर बनाए गए है। वहीं जिला स्तर पर 1 तथा ब्लाॅक स्तर पर 8 काम्बेट टीमों का गठन किया गया है। ब्लाॅकों में सेक्टर स्तर के लिए भी अलग से काम्बेट टीमें बनाई गई है जिसमें श्यामपुर में 7 टीम,नस.गंज में 4,बुदनी में 6,इछावर में इस प्रकार जिले में कुल 26 काम्बेट टीमांे का गठन किया गया है। आईडीएसपी यूनिट के द्वारा सतत जानकारी राज्य स्तर पर प्रेषित की जा रही है।  

एमसीयू ने बाबई में मनाई माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती

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  • देश के भीतर छिपे गद्दारों से सावधान रहने की आवश्यकता- डॉ. शर्मा
  • व्याख्यानमाला में "भारत राष्ट्र की कल्पना"विषय पर हुई परिचर्चा

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बाबई (माखननगर) होशंगाबाद, 4 अप्रैल, 2016 मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने समाज के विभिन्न तबकों में निरंतर आ रही गिरावट पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि सतयुग से कलयुग तक का समय समाज को अलग-अलग दिशा प्रदान करता है। कलयुग में अन्याय, अत्याचार एवं साम्राज्यवाद के बढ़ते प्रभाव ने राष्ट्रवाद पर ही गहरा प्रभाव छोड़ा है। हमें ऐसे दौर में देश (घर) के भीतर छिपे गद्दारों से सावधान रहने की जरूरत है।

डॉ. शर्मा आज यहाँ राष्ट्रकवि, स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रख्यात पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी की "भारत राष्ट्र की कल्पना"की व्याख्या करते हुए कहा कि लोकतंत्र में तीन स्तम्भ कार्य करते हैं, चौथा स्तम्भ मीडिया माना गया है। इन लोकतांत्रिक संस्थाओं में निरंतर सामाजिक परिदृष्य के प्रभाव से गिरावट देखी जा रही है, और वर्तमान दौर में कुछ ऐसे तत्व हैं जो देशद्रोह या देश के खिलाफ कार्य कर रहे हैं, वह देश के प्रति समर्पित लोगों को साम्प्रदायिक कहने पर तुले हुए हैं। भारत की भूमि में भगवान श्री राम के आदर्श सर्वविदित हैं। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने न्याय का दृष्टांत प्रतिपादित किया है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, दादा माखनलाल चतुर्वेदी और लोकमान्य तिलक जैसे अनेक देश भक्तों ने राष्ट्रवाद की परिभाषा को अपने जीवन से सिद्ध किया है। महात्मा गांधी भी राष्ट्रवाद के पुजारी थे। वर्तमान दौर में देश-भक्ति एवं राष्ट्रवाद का अलख जगाने की महती आवश्यकता है।

समारोह के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री अच्युतानंद मिश्र ने दादा माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन के विभिन्न पड़ावों, यात्राओं, राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत घटनाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि बाबई की भूमि पवित्र है, जहाँ राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म हुआ। वे एक विचारधारा से कभी बंधे नहीं रहे, हालांकि उनके पास कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण पद थे, इसके बावजूद उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर पार्टी के बजाए देश हित की बात की और पार्टी के कई फैसलों को मानने से इंकार कर दिया। हिंदी साहित्य में उनके गुरू भारतेन्दु हरिश्चंद्र और पत्रकारिता में उन्होंने माधवराव सप्रे से प्रेरणा ली। गणेश शकर विद्यार्थी और दादा माखनलाल जी दो शरीर एक आत्मा थे। उन्होंने कहा कि 1916 में लखनऊ के कांग्रेस अधिवेशन ने कांग्रेस को एक अलग दिशा दी। यहाँ माखनलाल जी और गणेश शंकर विद्यार्थी की मुलाकात महात्मा गाँधी जी से हुई, और यहाँ गांधीजी जी से हुई लम्बी बहस के बाद दोनों का अहिंसा के प्रति नजरिया बदल गया। बाद में प्रताप अखबार में 14 फरवरी 1922 में दादा ने पुष्प की अभिलाषा में अपने भाव प्रकट किए। उन्होंने कहा कि 1936 में गांधीजी के निर्देश पर अंग्रेजों की शिक्षा व्यवस्था का बहिष्कार करने का फैसला किया और राष्ट्रवादी संस्थान जैसे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी सहित देश के अन्य शहरों में स्थापित किए गए, उसी दौर में काशी में देश का पहला भारत माता मंदिर बनाया गया, जिसमें किसी देवी-देवता का चित्र न होकर भारत का मानचित्र स्थापित किया गया। यह भारतीयता की परिसंकल्पना थी, उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर एक नई बहस शुरू की गई है। हमारा इतिहास हमें राष्ट्रवाद, राष्ट्रीयता एवं भारतीयता का पाठ पढ़ाता है। हमारा सौभाग्य है कि हमें दादा माखनलाल चतुर्वेदी जैसे प्रेरणा पुरुषों के आदर्श मूल्य और जीवन जीने की सीख मिली है। जब तक उनके आदर्शों की छांव हमारे साथ है, तब तक राष्ट्रीयता पर कोई आंच नहीं आएगी।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में जब स्व अस्तित्व की पहचान का संकट था, तब हमारा धर्म हमारी राह प्रशस्त कर रहा था। हमें कभी नहीं लगा कि हम कौन हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में राष्ट्र विभाजन की ओर बढ़ता दिखता है। ऐसे में हमें खासतौर से, युवा संचारकों को क्या करना चाहिए? उसका बोध कराना होगा। मीडिया की दृष्टि क्या हो और भारत किस दिशा में आगे बढ़े, इस बात का संकल्प आज बाबई में, दादा माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर हम यदि लेते हैं तो यह दादा के प्रति हमारी सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। उन्होंने पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इस दिशा में कारगर पहल करने की आवश्यकता भी प्रतिपादित की। समारोह में जाने-माने हिंदी सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार कैलाशचंद्र पंत ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की समाज व्यवस्था एवं ऋषि परम्परा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान राम और श्री कृष्ण जिस दिशा में खड़े थे और उनका जो जीवन आदर्श है वही हमारा धर्म है। धर्म को हमें गलत ढंग से परिभाषित नहीं करना चाहिए। धर्म, रिलीजन का पर्याय नहीं है, उसका अपना एक स्व-अस्तित्व है।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने विश्वविद्यालय स्थापना के पच्चीस वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष 2016 में रजत जयंती वर्ष श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने कभी पद के पीछे भागना स्वीकार नहीं किया। उन्हें 1963 में पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया था। यह सम्मान भी उन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी के गौरव को लेकर 1967 लौटा दिया था। विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं डीन अकादमिक डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पच्चीस वर्ष की गौरवमयी विकास यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चार अप्रैल, 1989 को खंडवा में एक सार्वजनिक सभा में विश्वविद्यालय स्थापना की घोषणा की और 1990 में विधानसभा में एक्ट पारित कर विधिवत स्थापना की गई। विश्वविद्यालय दो पाठ्यक्रमों और चालीस विद्यार्थियों से शुरू होकर आज डेढ़ दर्जन पाठ्यक्रमों के साथ लगभग एक लाख पिचहत्तर हजार विद्यार्थियों के साथ आज अपने शीर्षस्थ मुकाम पर है। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला के कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय आज देश ही नहीं वरन् विश्व में संचार परम्परा का ब्रांड बन चुका है। यह एक गौरव की अनुभूति है। विश्वविद्यालय के सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के निदेशक दीपक शर्मा ने कहा कि माखनलाल विश्वविद्यालय की सम्बद्ध संस्थाएं भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ नेपाल में भी संचालित हैं। वर्ष 2010 के पहले पांच सौ सैंतीस संस्थाएं संचालित थीं, जो अभी बढ़कर नौं सो तीस हो गई हैं।

समारोह के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा दादा माखनलाल चतुर्वेदी माँ सरस्वती एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया, उसके बाद विद्यार्थियों द्वारा माखनलाल जी की कविताओं का पाठ किया गया। अंत में अतिथियों को स्मृति चिह्न, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया, तथा राष्ट्र गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। समारोह में बाबई के जनपद अध्यक्ष बृज मोहन मीणा, नगर परिषद अध्यक्ष ओमप्रकाश उपाध्याय सहित गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

फारबिसगंज पुलिस गोलीकांड को जायज ठहराना निंदनीय: माले.

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  • आॅरो सुंदरम कंपनी और भाजपा विधान पार्षद अशोक अग्रवाल को जांच के दायरे के बाहर रखना, नीतीश के असली चरित्र को करती है बेनकाब, एसपी को क्लीन चिट देना कहीं से उचित नहीं, सारे उच्चस्थ प्रशासक हैं दोषी.
  • ऐसे मामलों में सरकार का रूख लोकतंत्र विरोधी, भागलपुर दंगा आयोग की तरह बजट सत्र के अंतिम दिन अंतिम सत्र में रिपोर्ट पेश कर बहस से भाग रही सरकार, अदालतों व आयोगों द्वारा दमनकारी ताकतों के पक्ष में फैसला - चिंताजनक.

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5 अप्रील 2016, माले राज्य सचिव कुणाल और विधानसभा में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा है कि बजट सत्र के अंतिम दिन और उसमें भी अंतिम समय में फारबिसगंज गोलीकांड न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को सदन में पेश करके सरकार साबित कर रही है कि अल्पसंख्यकों-दलितों के दमन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उसका रवैया बेहद संवेदनहीन और बहस-मुहाबिसे से भागने का है. इसके पूर्व भागलपुर दंगे की रिपोर्ट के मामले में भी सरकार ने ऐसा ही किया था. हम सरकार के इस रूख की कड़ी निंदा करते हैं. नेताओं ने आगे कहा कि जांच आयोग द्वारा भजनपुर गोलीकांड को जायज ठहराना पूरी तरह गलत है. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन डीएम व थाना प्रभारी को तो दोषी पाया है, लेकिन एसपी को पूरी तरह आरोप मुक्त कर दिया है. उसने यह भी कहा है कि घटना के दिन परिस्थितियां ऐसी बन गयी थीं, जिसमें पुलिस फायरिंग के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नहीं था. रिपोर्ट ने ग्रामीणों को ही दोषी ठहराया है. 

जबकि हकीकत यह है कि पूरी जमीन विवादित थी, लोग उचित मुआवजे को लेकर लंबे समय से संघर्षरत थे और दशकों से उस जगह पर सड़क थी. इस तरह ग्रामीणों का संघर्ष पूरी तरह जायज था. इसलिए आयोग द्वारा ग्रामीणों को ही दोषी ठहराने के फैसले की हम कड़ी निंदा करते हैं और इसे पक्षपताी मानते हैं. साथ ही हमारी मांग है कि सभी उच्चस्थ प्रशासनिक पदाधिकारियों को दोषी ठहराते हुए उनपर कड़ी कार्रवाई की जाए. माले नेताओं ने आगे कहा कि हाल के दिनों में अदालतों अथवा न्यायिक आयोगों का फैसला निरंतर दमनकारी ताकतों के पक्ष में आना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने आगे कहा कि भागलपुर हो या फारबिसगंज, नीतीश-लालू की सरकार बिहार के अकलियत समुदाय और लोकतंत्र पसंद अवाम की उम्मीदों के साथ मजाक व विश्वासघात कर रही है. बिहार के जनादेश में न्याय की आकांक्षा जबरदस्त रूप से अभिव्यक्त हुई थी. लेकिन जांच के दायरे से आॅरो सुंदरम कंपनी और भाजपा के स्थानीय विधान पार्षद अशोक अग्रवाल को पूरी तरह बाहर रखा गया. जबकि अशोक अग्रवाल का इस मामले में व्यक्तिगत दिलचस्पी थी और घटना के दिन उसके गंुडे घटनास्थल पर मौजूद थे. अशोक अग्रवाल को जांच के दायरे से बाहर रखकर सरकार ने अपना असली चेहरा दिखला दिया है. 

मधुबनी : सम्पूर्ण शराब बंदी को लेकर जागरूकता सभा

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आज मधुबनी के लहेरियागंज में सम्पूर्ण शराब बंदी को लेकर आम जागरूकता सभा का आयोजन किया गया. सभा को संबोधित करते हुए रहिका अंचल अधिकारी ने कहा कि महिलाओं के सामूहिक विरोध के करण ही यह ऐतिहासिक बंदी बिहार में लागु हुआ है, अब महिलाओं की जिम्मेदारी परिवार और समाज के प्रति और भी बढ़ गई है. वहीँ पुलिस अधिकारी कुनाल किशोर ने कहा कि पुलिस सदैव महिलाओं के साथ है.

मुकेश पंजियार ने कहा कि शराब बंदी से गरीब परिवार के महिलाओं और बच्चों का आर्थिक सामजिक विकास होगा. इस सभा को रहिका के अंचल अधिकारी, नगर थाना के पुलिस अधिकारी कुनाल किशोर, समाज सेवी मुकेश कुमार पंजियार, राजेन्द्र प्रसाद, सुनील बबलू, सुमन महतो, वार्ड पार्षद शंकर शाह आदि ने संबोधित किया.


पाकिस्तानी जेआईटी ने पठानकोट हमले को ‘ड्रामा’ बताया

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इस्लामाबाद.05 अप्रैल, पठानकोट हमले की जांच के लिए हाल में भारत आई पाकिस्तान की संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) की रिपोर्ट लीक कर दी गई है और इस रिपोर्ट में हमले को पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए भारत द्वारा किया गया नाटक करार दिया गया है। यह दावा जेआईटी की रिपोर्ट के हवाले से पाकिस्तानी अखबार ‘पाकिस्तान टूडे’ ने किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए इस हमले का ड्रामा किया गया। भारतीय अधिकारियों ने जांच में पाकिस्तान के साथ सहयोग नहीं किया। इस अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार पठानकोट हमले की जांच कर रही जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और अगले कुछ दिनों में इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सौंपा जायेगा। 

रिपोर्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जेआईटी रिपोर्ट पूरी हो गई है और इसमे कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों को हमलावरों के बारे में पहले से ही सूचना थी। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ नकारात्मक प्रचार करने के लिए इस हमले को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता था।

भारत माता की जय कहने का कोई सर्कुलर नहीं निकाला है सरकार ने : वेंकैया

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, ‘भारत माता की जय’ के नारे को लेकर देश भर में चल रहे विवाद के बीच शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने अाज कहा कि यह तो अपनी जन्मभूमि के सम्मान स्वरूप लगाया जाने वाला नारा है। इसके लिए किसी को विवश नहीं किया गया है। ऐसा कहने के लिए सरकार ने कोई सर्कुलर नहीं निकाला है। श्री नायडू ने आज यहां महिला प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ‘भारत माता की जय’ के नारे को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से हाल में दिए गए विवादित बयान पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है लेकिन इसे सरकार का नजरिया समझ लेना सही नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कौन क्या कह रहा है। कौन अखबार क्या लिख रहा है या फिर कौन सा टेलीविजन चैनल क्या दिखा रहा है । किस तरह दिखा रहा है। इस सबके लिए सरकार को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सरकार ने इन लोगों को ऐसा कहने के लिए कोई अधिकृत नहीं किया है। यदि वह ऐसा करती तो बात समझ में आती लेकिन इसके बिना ही हर विवाद में उसे घेरना उचित नहीं है। श्री नायडू ने कहा “ वैसे इस विवाद को अलग करके देंखें तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी अपनी मां के सम्मान में कुछ कहे जाने को गलत ठहरा सकता है। ‘भारत माता की जय’ भी अपनी जन्मभूमि के सम्मान में लगाया जाने वाला नारा है। इसमें गलत या अनुचित क्या है।’’

देश में अंतरराष्‍ट्रीय कौशल मानकों की शुरुआत

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, सरकार के दो प्रमुख कार्यक्रमों ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ को आवश्‍यक समर्थन प्रदान करने और वैश्विक स्‍तर पर स्‍वीकार्य कौशल मानकों के अनुरूप ‘अंतरराष्ट्रीय कौशल मानकों’ की आज से देश में शुरुआत हो गयी है। कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने आज यहां भारत में ‘अंतरराष्‍ट्रीय कौशल मानकों’ की शुरुआत करने की घोषणा की। कौशल विकास से जुड़े ये मानक समस्‍त 82 चिह्नित रोजगारों के मामले में ब्रिटिश बेंचमार्क के अनुरूप हैं। भारत में ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त सर डोमिनिक एसक्विथ तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव रोहित नंदन इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री रूडी ने इस अवसर पर कहा कि कुशल श्रम बल की दक्षता में उच्‍च स्‍तर सुनिश्चित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा का मानकीकरण अत्‍यंत जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इन मानकों को बेंचमार्क के अनुरूप करने के लिए प्रयासरत है, ताकि भारतीय श्रम बल की अंतरराष्‍ट्रीय गतिशीलता को आवश्‍यक समर्थन प्रदान करने के साथ-साथ उन्‍हें उन अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों में कार्य करने के लायक बनाया जा सके, जिनका परिचालन हमारे देश में है। 

उनके मंत्रालय ने भारतीय कौशल मानकों की बेंचमार्किंग के लिए ब्रिटिश मानकों का चयन इसलिए किया है क्‍योंकि खाड़ी सहयोग परिषद के सभी सदस्‍य देश ब्रिटेन के कौशल प्रमाण-पत्र को मान्‍यता प्रदान करते हैं। सर डोमिनिक एसक्विथ ने कहा कि भारत एवं ब्रिटेन लम्‍बे समय से कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग करते रहे हैं तथा यह व्‍यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में और ज्‍यादा गुणवत्ता लाने की दिशा में एक और प्रयास है। व्‍यावसायिक शिक्षा देश भर में युवाओं के लिए रोजगार के और ज्‍यादा अवसर सृजित करेगी। इस कार्यक्रम के दौरान एनएसडीसी एवं एसोसिएशन ऑफ कॉलेजेज (ब्रिटेन) और एनएसडीसी एवं ब्रिटेन के पुरस्‍कार प्रदाता संगठन सिटी एंड गिल्‍ड्स एंड पियरसंस एजुकेशन के बीच दो सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर किये गये।

गतिमान एक्सप्रेस वापसी में भी एक सौ मिनट में पहुंची निजामुद्दीन

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नयी दिल्ली /आगरा, 05 अप्रैल,  देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन ‘गतिमान एक्सप्रेस’ आज आगरा से वापसी में भी ठीक सौ मिनट में दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची। एक सौ साठ किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलने वाली 12049 डाउन ‘गतिमान एक्सप्रेस’ आगरा छावनी स्टेशन से शाम पांच बजकर 52 मिनट पर रवाना हुई और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर सात बजकर 32 मिनट पर पहुंची। भारतीय रेलवे ने गतिमान एक्सप्रेस में खानपान व्यवस्था को हवाई जहाज के अनुरूप बनाने की कोशिश की है। आईआरसीटीसी ने इस गाड़ी में भारतीय तथा कंटीनेंटल व्यंजनों की एक श्रृंखला पेश की है जिसे एयर एशिया और जेट एयरवेज में भोजन देने वाली कंपनी टीएफएस को अनुबंधित किया है। 

इसमें एयर होस्टेज ट्राली के माध्यम से लोगों को खाना परोसा जाएगा। नई दिल्ली - अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस की एग्जीक्यूटिव श्रेणी में भी ट्रेन होस्टेस चलतीं हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सुबह 10 बजे दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर एक समारोह में गतिमान एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और भारतीय रेलवे के मिशन स्पीड के आरंभ होने की घोषणा की। श्री प्रभु ने इसी मौके पर हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नवीकृत मुख्य परिसर एवं रिमोट कंट्रोल के जरिये आगरा स्टेशन पर आईआरसीटीसी के एग्जिक्यूटिव लाउंज का उद्घाटन भी किया।

मोदी को आईएसआई का एजेंट बताने पर भड़की भाजपा, केजरीवाल का इस्तीफा मांगा

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आईएसआई का एजेंट बताये जाने को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की दिल्ली इकाई ने इसकी कड़ी निंदा करते हुये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है। श्री मिश्रा ने पठानकोट वायु सैनिक अड्डे पर इस जनवरी में आतंकी हमले की जांच के लिये पाकिस्तान से आये संयुक्त जांच दल (जेआईटी) पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया “प्रधानमंत्री के रूप में हमारे यहां क्या यह आईएसआई एजेंट है, प्रधानमंत्री जिस तरीके से भारत विरोधी तत्वों के सामने आत्मसमर्पण कर रहे है, यह एक बहुत गंभीर मामला है।” इससे पहले मुख्यमंत्री ने भी जेआईटी को जांच के लिये भारत आने की अनुमति देने पर सवाल खड़े किये थे। श्री मिश्रा ने ट्वीट में कहा “अगर मोदी जी पाकिस्तान के जाल में फंस गये और उनसे गलती हो गयी तो माफी मांग ले देश से और अगर जानते-बूझते हुए ऐसा किया है तो नीयत पर सवाल उठेंगे। जब से आईएसआई इस देश में बुलायी गयी तब से बहुत गुस्सा आ रहा है और अब आईएसआई की रिपोर्ट से जो देश का अपमान हुआ है उससे खून खौल रहा है।” 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी के बयानों की कड़ी निंदा करते हुये कहा कि इससे देश के संघीय ढांचे का अपमान हुआ है और श्री केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये। उन्होंने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास का इस्तेमाल पार्टी के राजनीतिक फायदे के लिये किये जाने की भी आलोचना की। उन्हाेंने कहा कि पठानकोट मसले पर संवाददाता सम्मेलन बुलाने और उनके मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आईएसआई का एजेंट कहने से मुख्यमंत्री ने राष्ट्र और दिल्ली के लोगों को शर्मसार किया है और संघीय ढांचे का उल्लंघन किया है। मुख्यमंत्री के मुख से राष्ट्र विरोधी शब्दों और उनके मंत्री के मुख से गंदी राजनीति भरे शब्द उनकी राजनीतिक मंशा को दर्शाते है। सामान्यत: राज्यों के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा केन्द्र सरकार के फैसलों पर सार्वजनिक मंचों से नहीं बोलते हैं और संवैधानिक प्रावधानों और परंपरा का पालन करते है । 

श्री उपाध्याय ने कहा “ हम सभी जानते है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी देश के संविधान का सम्मान नहीं करते और राजनीतिक फायदे के लिये अराजक एजेंडा पर चलते है। दिल्ली भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि मुख्यमंत्री अपने अराजक एजेंडा से पीछे नहीं हटेंगे लेकिन हम उन्हें चेता देना चाहते है कि वह सार्वजनिक धन का दुरूपयोग अपनी गंदी राजनीति के लिये नहीं करें। वह निंदा करने के लिये स्वतंत्र है लेकिन उसे अपनी पार्टी के मंच से उठाना चाहिये । इससे पहले दिल्ली में मदन लाल खुराना, डा. साहिब सिंह वर्मा, सुश्री सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित जैसी जानीमानी राजनीतिक हस्तियों ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है और सरकारी निवास का अपने राजनीतिक एजेंडा के लिये कभी इस्तेमाल नहीं किया। आम तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री सरकारी निवास का इस्तेमाल केवल राजधानी से जुड़े मुद्दों के लिये ही करते है।

जारी रहेगी पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कवायद : वेंकैया

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि पठानकोट हमले और कश्मीर में सीमा पार से लगातार जारी घुसपैठ के बावजूद भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश जारी रखेगा। श्री नायडू ने पाकिस्तानी मीडिया में आ रही उन खबरों पर, जिनमें कहा गया है कि पठानकोट हमले की जांच करने गए पाकिस्तानी दल ने इस आतंकवादी हमले को भारत का ड्रामा बताया है, आज यहां कहा कि असलियत क्या है सबको पता है। पाकिस्तान का तो ड्रामा करने का इतिहास रहा है। वह आतंकवाद का जनक, प्रशिक्षक और संरक्षक सब है लेकिन फिर भी भारत उसके साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश सिर्फ इसलिए कर रहा है क्योंकि दोनों मुल्कों की जनता ऐसा चाहती है। भारत एक लोकतंत्र है। एेसे में जन आंकांक्षाआें का पूरा सम्मान करते हुए पड़ोसी देश के साथ शांति वार्ता जारी रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री नायडू ने कहा कि पाकिस्तान इसे लेकर कितना गंभीर है यह एक अलग मसला है लेकिन जहां तक भारत का सवाल है वह इस बारे में पूरी तरह गंभीर है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आज के उस बयान पर कि पाकिस्तानी जांच दल को भारत बुलाकर भारतीय जनता पार्टी ने देश के पीठ में छुरा घोंपा है, श्री नायडू ने कहा कि कौन क्या कहता है वह उस पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा ‘‘पाकिस्तान सरकार की ओर से आधिकारिक बयान आने दीजिए तब देखेंगे।’’ शहरी विकास मंत्री ने देश में सभी चुनाव एक साथ कराये जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा सिर्फ खर्च बचाने की नीयत से ही सही नहीं होगा बल्कि इससे देश के विकास पर समय और ध्यान केन्द्रित करने का मौका भी मिलेगा। वस्तु एवं सेवा कर विधेयक के बारे में उन्हाेंने कहा कि सरकार को पूरा भरोसा है कि संसद के अगले सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा। इसमें सभी दलों का सहयोग लिया जाएगा।

पाकिस्तानी जांच दल के भारत आने पर मोदी देश से माफी मांगे : केजरीवाल

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, पठानकोट के वायुसैनिक अड्डे पर इस वर्ष जनवरी में हुये आतंकी हमले की जाँच के लिये पाकिस्तानी संयुक्त जांंच दल (जेआईटी) को अनुमति दिये जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि “ भारत माता ” के साथ धोखा हुआ है और इसके लिये प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिये । श्री केजरीवाल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री ने पाक के सामने घुटने टेक दिये और मोदी सरकार की विदेश नीति फेल हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने देश के साथ धोखा किया है । सरकार को यह बताना चाहिये कि किस मजबूरी के तहत पाकिस्तान से जांच दल को भारत आने दिया गया । हमला करने वालों से ही सरकार ने जांच करवाई । इससे पहले ट्वीट कर श्री केजरीवाल ने कहा था कि एक तरफ केन्द्र , “ भारत माता की जय” की बात करता है तो दूसरी तरफ आईएसआई को देश में आने दिया जाता है। 

श्री केजरीवाल ने ट्वीट में श्री मोदी पर हमला करते हुए पूछा,“सर मोदी जी ने आईएसआई को बुलाकर भारत माता के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है, पता नहीं मोदी जी और नवाज शरीफ में क्या डील हुई है।” मुख्यमंत्री ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा, “मुंह में राम बगल में छुरी। भाजपा - आरएसएस वाले मुंह से भारत माता की जय बोलते है और आईएसआई को बुलाकर भारत माता की पीठ पर छुरा भोंक देते है। बेहद शर्म की बात है पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के सामने इस तरह भारत को बेइज्जत किया है।” गौरतलब है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले की जांच के लिए जेआईटी पाँच दिन के दौरे पर भारत आई थी और शुक्रवार को लौटी थी। इस जनवरी में इस हमले से संबंधित सभी साक्ष्य उसके सामने रखे गये थे। जेआईटी ने जाँच के दौरान गुरदासपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह समेत 13 गवाहों से पूछताछ की थी।

स्टैंडअप इंडिया से ढाई लाख उद्यमी तैयार होंगे : जेटली

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नोएडा 05 अप्रैल, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टैंडअप इंडिया स्कीम को पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों और महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाला सशक्त माध्यम बताया और कहा कि स्कीम के जरिये इन वर्गों से ढाई लाख उद्यमी तैयार होंगे। श्री जेटली ने आज यहां स्टैंडअप इंडिया के शुभारंभ के मौके पर कहा, “अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही यह योजना देश में सामाजिक बदलाव का कारक बनेगी। इसके जरिये इस वर्ग के लोग खुद का कारोबार शुरू कर सकेंगे। मुद्रा बैंक के जरिये उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि साहूकार से लिये गये ऋण पर 25 से 30 प्रतिशत तक का ब्याज देना होता है। लोगों को अपना कारोबार शुरू करने और साहूकारों के चंगुल से मुक्त करने के उद्देश्य से मुद्रा योजना शुरू की गयी। पहले साल ही इस योजना से 3.32 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। 

वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में वित्तीय समावेशन के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 18 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुल चुके हैं और इसके माध्यम से चल रहीं बीमा योजनाओं से 12 करोड़ से अधिक लोग लाभांवित हुये हैं। उल्लेखनीय है कि स्टैंडअप इंडिया याेजना के तहत अनुसूचति जाति, जनजाति और महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए बैंकों से दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकेगा। इसके तहत प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम दो योजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराना होगा। सिडबी और दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा अन्य प्रमुख संस्थानों के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। सिडबी कार्यालय और नाबार्ड स्टैंडअप कनेक्ट सेंटर (एसयूसीसी) के रूप में काम करेंगे।

गरीबों को विकास यात्रा में भागीदार बनायेगी सरकार : मोदी

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नोएडा, 05 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि गरीबों को विकास यात्रा में भागीदार बनाये बिना देश का चहुंमुखी विकास नहीं हो सकता और सरकार इसी मूल मंत्र को ध्यान में रखकर बड़ी-बड़ी योजनाएं बना रही हैं । उन्होंने कहा कि गरीबों और दलितों का जीवन बदलने के लिए उनकी सरकार एक के बाद एक योजनाएं ला रही हैं और वह इस सोच के साथ काम कर रहे हैं कि पूरी सरकार को गरीबों के लिए स्वाहा करने से पीछे नहीं हटेंगे। श्री मोदी ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “ स्टैंड अप इंडिया ” की शुरूआत करते हुए यहां कहा कि इस कदम से इन समुदायों के लोगों के जीवन तथा समाज में बदलाव आयेगा। इससे विकास की गति बढेगी और देश का भविष्य बदल जायेगा। इससे पहले उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी जयंती पर यह योजना शुरू की जा रही है यह अपने आप में बहुत उत्तम कदम है।

श्री मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों का नाम लिये बिना आरोप लगाया कि देश के विकास के लिए काम करने वाले श्री जगजीवन राम जैसे दलित नेताओं को इनके शासन में करीब-करीब भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि पहले किसी भी सरकार ने उनकी जयंती पर कोई बड़ी योजना शुरू नहीं की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो और राजनीतिक दल कोई भी हो लेकिन देश के लिए मरने वाले हमेशा प्रेरणा के स्रोत होते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोग जानते होंगे कि कृषि के क्षेत्र में जब देश में क्रांति हुई तो बाबू जगजीवन राम देश के कृषि मंत्री थे और यह भी कम ही लोगों को पता है कि 1971 की लड़ाई के दौरान वह ही देश के रक्षा मंत्री भी थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दलित और आदिवासी भी राष्ट्र के निर्माण में सबके बराबर योगदान दे सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें बराबर के अवसर भी देने होंगे। इससे पहले उन्हें इस तरह के अवसर नहीं मिले हैं और अब यह सरकार उन्हें ये अवसर दे रही है। उन्हाेंने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं का आह्वान किया कि वे आगे आयें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अात्म निर्भर बनने के साथ साथ देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि नौजवान कब तक नौकरियों का इंतजार करेंगे और सरकार भी कितने लोगों को नौकरी दे पायेगी। नौजवानों को अपने हुनर और सामर्थ्य के जरिये नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने की भूमिका में आना होगा। इससे वह किसी की दया पर निर्भर नहीं रहेंगे तथा साथ ही देश का भी विकास होगा। 

श्री मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत दलित, आदिवासी और महिलाओं को व्यवसाय और उद्योगों के लिए 10 लाख से 1 करोड रुपये तक रिण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश भर में बैंकों की सवा लाख शाखाएं हैं और हर शाखा को निर्देश दिया गया है कि उसे अपने क्षेत्र में दो लोगों जिनमें एक दलित या आदिवासी हो और एक महिला को यह रिण देना होगा। इस तरह देश भर में ढाई लाख लोग अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे जिससे ये लोग खुद तो सक्षम बनेंगे ही देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनायेंगे। उन्होंने कहा कि इससे बडी संख्या में लोग कभी खत्म नहीं होने वाले कर्ज के मकडजाल से बाहर निकल सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकों की सभी शाखाओं से कहा गया है कि उन्हें यह रिण अपने ही क्षेत्र में देना होगा और यह उनकी जिम्मेदारी बनती है। प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी। जन धन योजना और मुद्रा योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनके जरिये देश के हर परिवार को बैंक से जोडने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि दशकों पहले गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया लेकिन आजादी के लगभग 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी 40 फीसदी लोगों की पहुंच बैंकों तक नहीं थी। गरीबों की दरियादिली का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश ने अब तक अमीरों की अमीरी देखी थी लेकिन गरीबों की अमीरी नहीं देखी थी। गरीबों ने इन योजनाओं में 35 हजार करोड रुपये की राशि जमा करा कर उन्हें हैरत में डाल दिया है । इसे ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार गरीबों के उत्थान के लिए एक के बाद एक योजना शुरू कर रही है जो एक दूसरे से जुडी हैं। उन्होंने कहा कि वह इस स्वभाव से काम कर रहे हैं कि गरीबों के लिए सरकार को स्वाहा करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। 

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कौशल विकास केन्द्र का भी उद्घाटन किया और प्रधामंत्री मुद्रा योजना के तहत 5100 ई रिक्शाओं का भी वितरण किया। ये ई रिक्शा ओला एप के जरिये मोबाइल फोन से ही बुक किये जा सकेंगे। श्री मोदी ई रिक्शा में ही बैठकर कार्यक्रम के मंच तक पहुंचे। उन्होंने ई रिक्शा पाने वाले लोगों के साथ चाय पर चर्चा भी की और उनकी समस्याएं सुनने के साथ साथ उनके सुझाव भी सुने। प्रधानमंत्री ने ई रिक्शा पाने वालों से कहा कि अक्सर नेता उनसे वोट मांगने आते हैं लेकिन वह उनसे उनके बच्चों की शिक्षा की भीख मांगने आये हैं। उनका अनुरोध है कि सभी रिक्शा चालक अपने बच्चों और विशेष रूप से बेटियों को अवश्य पढायें। उनके बच्चे पढ लिखकर परिवार के साथ साथ देश को भी नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे। 

बिहार में आज से शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध

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पटना 05 अप्रैल, बिहार में एक अप्रैल से देसी शराब पर लगी रोक को मिल रहे जनसमर्थन से खुश नीतीश सरकार ने आज से ही विदेशी शराब के भी बेचने, रखने और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में पूर्ण शराबबंदी को तत्काल प्रभाव से लागू करने के फैसले को स्वीकृति दी गयी । सरकार के इस फैसले के बाद अब बिहार, गुजरात, नगालैंड और मिजोरम के बाद देश का चौथा ..ड्राई स्टेट.. बन गया है । मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस संबंध में संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी और बताया कि पूरे राज्य में शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार अथवा उपभोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है । श्री कुमार ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद अब राज्य के सभी छोटे-बड़े होटलों , रेस्तरां , क्लबों और बार में तत्काल प्रभाव से शराब की बिक्री और शराब पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है । उन्होंने बताया कि राज्य में विदेशी शराब बनाने के कारखानों पर प्रतिबंध नहीं है सिर्फ इसकी बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा । हालांकि सेना का कैंटिन इस प्रतिबंध से मुक्त रहेगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से देसी शराब की बिक्री पर लगी रोक को अपार जनसमर्थन मिला और इसी दौरान कई सामाजिक संगठनों तथा महिला समूहों ने शहरी क्षेत्रों में विदेशी शराब पर भी रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि शराब के खिलाफ मुहिम को उनकी परिकल्पना से भी कहीं अधिक जनसमर्थन प्राप्त हुआ जिसके मद्देनजर सरकार ने जनभावना का सम्मान करते हुए सम्पूर्ण राज्य में मद्य निषेध के अपने संकल्प को पूरा किया । श्री कुमार ने ताड़ी (पाम ट्री से निकला रस जो किण्वन के बाद बना मादक पेय) की बिक्री के सम्बंध में स्पष्ट किया कि राज्य में इसकी बिक्री पर वर्ष 1991 से ही रोक लगी हुयी है। मद्य निषेध विभाग की एक अप्रैल 1991 की जारी अधिसूचना के अनुसार नियम 47 के तहत ताड़ी की दुकानें हाट , बाजार के प्रवेश स्थल, शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों , शैक्षणिक संस्थानों, स्टेशन , बस पड़ाव , उच्च पथों , धार्मिक स्थानों, पेट्रोल पंपों और अनुसूचित जाति अथवा मजदूर कॉलोनियों के निकट 50 मीटर के दायरे में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं स्थानों पर 100 मीटर के दायरे में और किसी गांव में आबादी वाले क्षेत्रों में नहीं खोली जा सकती है । मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्योदय से पहले ताड़ से निकले रस को नीरा कहा जाता है जो गुणकारी है लेकिन सूर्य की किरण पड़ने के बाद उसमें मादक गुण आ जाता है । उन्होंने कहा कि तमिलनाडू कृषि विश्वविद्यालय ने ताड़ के उत्पादों पर शोध किया है और उसके सहयोग से बिहार में भी नीरा और ताड़ के अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए योजना बनायी जायेगी । 
श्री कुमार ने कहा कि ताड़ में कई ऐसे गुण है जो लाभकारी हैं । इसलिए सरकार काम्फेड की तर्ज पर ताड़ी के कारोबार से जुड़े लोगों का यूनियन और फेडरेशन बनाया जायेगा और इसकी एक विस्तृत योजना तैयार की जायेगी । उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी है जिसका नोडल विभाग उद्योग विभाग होगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ताड़ के वृक्ष से छह हजार रुपये से ज्यादा आमदनी हो सकती है । सरकार ताड़ उत्पाद के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी । इससे लोगों को सम्मानजनक रोजगार भी मिल सकेगा । उन्होंने कहा कि नीरा को संस्थागत रुप दिया जायेगा और इसके लिए प्रशिक्षण और विपणन की व्यवस्था की जायेगी । श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी को लेकर बिहार देश के लिए एक उदाहरण बनेगा । राज्य में सामाजिक परिवर्तन की नई बुनियाद पड़ी है । उन्होंने शराब की बिक्री पर प्रतिबंध से राजस्व की होने वाली क्षति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस निर्णय को वह राजस्व क्षति के रूप में नहीं बल्कि सामाजिक लाभ के रूप में देखते हैं । अब तक जो पैसा शराब पर खर्च हो रहा था लोग अब उसका इस्तेमाल स्वास्थ्य , शिक्षा और पोषण पर करेंगे । जहां तक राजस्व क्षति का सवाल है उसकी भरपायी अन्य करों से हो सकती है । उनकी सरकार को वैसी आमदनी नहीं चाहिए, जिससे लोगों को जीवन की कीमत चुकानी पड़े । उन्होंने कहा कि शराब पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर नई उत्पाद नीति के तहत कड़ी कार्रवाई की जायेगी । 

निंबस कार्यक्रम में बोले एनआईटी के पूर्व छात्र गौरव गर्ग

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  • हिमाचल भारत का दूसरा स्टार्टअप हब होगा

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हमीरपुर 5 अप्रैल, 2016, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी (एनआईटी) हमीरपुर में चल रहे निंबस कार्यक्रम के दौरान संस्थान से इंजीनियरिंग कर चुके इंजीनियर गौरव गर्ग और उनकी टीम ने गेस्ट लेक्चर प्रस्तुत किए। स्काइकैंडल डोट काम के संस्थापक गर्ग ने आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हाल के वर्षों में हमने देखा है कि कैसे भारत दुनिया के स्टार्टअप हब की राजधानी बन गया। अब हिमाचल भारत का दूसरा स्टार्टअप हब होगा। हिमाचल में अच्छी शिक्षा और उच्च साक्षरता दर मौजूद है। जिसके दम पर हिमाचल को भारत का दूसरा स्टार्टअप हब बनाया जा सकता है। 

गर्ग ने अपनी कम्पनी की चर्चा करते हुए कहा कि एक साल पहले स्काइकैंडल ने 50 हजार के निवेश से अप्रैल 2015 में काम शुरू किया जो 11 माह में ही तीन मिलियन को क्राॅस कर गया है। इसमें युवा साथियों की मेहनत एवं कुछ नया करने का होसला मुख्य है। कंपनी हिमाचल में आइटी विंग से भविष्य में शुरुआत करेगी। गर्ग युवाओ को उद्यमिता एवं आधुनिक तकनीक से जुडे़ व्यापार में हिस्सेदारी के लियेे सरकार की भूमिका को महत्वपूर्ण  मानते हैं। उनका मानना है कि सरकार की नीतियां एवं प्रोत्साहन मिले तो भारत का युवा देश की तस्वीर बदल सकता है।

हिमाचल के एक छात्र के रूप में वे मानते हैं कि हिमाचली छात्रों को उच्च क्षमता और नवाचार में एक विचार को बदलने की क्षमता है। उन्होंने हिमाचल में स्टार्टअप या उद्यमी संस्कृति के विकास का समर्थन एनआईटी हमीरपुर से शुरू करने में गहरी रुचि दिखाई है। गर्ग ने एनआईटी के स्टूडेंट्स के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कई तरह के आइडिया दिए कि आप जाॅब करने की बजाए स्टार्टअप के जरिए दूसरों को जॉब दे सकते है। रोजगार ढूंढने की बजाय रोजगार देने वाला बनने के लक्ष्य को  हासिल करने के लिये गौरव ने संस्थान से शिक्षा हासिल करने वाले अपने कुछ दोस्तों के साथ सबसे पहले स्काईकैंडल डाॅट इन कंपनी का निर्माण किया। कंपनी के आईटी विंग ने आॅनलाइन टेªडिंग शुरू की है। इसके जरिए कंपनी सस्ती दरों पर उत्पाद को निर्माता से सीधे ग्राहक तक पहुंचाती है।

हमीरपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में गौरव गर्ग और उसके सहयोगियों ने बताया कि स्काईकैंडल कंपनी आॅनलाइन बिजनेस करती है। भारत के अलावा देश से बाहर पांच देशों में इनके कार्यालय हैं। विदित हो श्री गौरव गर्ग को विज्ञान भवन में उदय इंडिया के छठवीं वर्षगांठ समारोह पर आयोजित मेक इन इंडिया सेमिनार में केन्द्रीय आदिवासी मंत्री श्री जुअल ओराम ने ‘यंग एंटरप्रन्योर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड उन्हें युवा व्यवसायी के रूप में  विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया था। विशेषतः उन्हें यह सम्मान आॅनलाइन व्यवसाय में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रदत्त किया गया था।  इस मौके पर वह एनआईटी हमीरपुर के निदेशक डाॅ. रजनीश श्रीवास्तव से भी मिले।

विशेष आलेख : भारत का मुसलमान और भा.ज.पा

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भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात मुस्लिम वोट कांग्रेस के खाते का माना जाता था। समय आगे खिसका और मुस्लिम-वोट ने लग-भग सभी राजनीतिक दलों के आयने मे झांक कर अपनी शक्ल देखी तो उसे अपनी हैंसियत व ’यूज एण्ड थ्रो’ की स्थिति का ज्ञान हुआ। मुसलमानों को भी समझ आया कि वे तो राजनीति एवं वोट-बैंक का मोहरा मात्र बनकर रह गये हैं। भारत मे निवास कर रहे मुसलमान दो विचारधाराओं वाले स्वरूप के हैं। एक स्वरूप है ऐसे वर्ग का, जो दारूलहरब से दारूल इस्लाम मे परिवर्तन का सिद्धान्त लिये है, अर्थात गैर-मुस्लिम देशों को इस्लामिक देश में परिवर्तित करने का उद्देश्य, और इस हेतु जनसंख्या बढ़ाने से लेकर वे समस्त वैधानिक एवं अवैधानिक कृत्य, जो इस बावत आवश्यक हों, करने से नहीं हिचकते हैं। ऐसी बिचारधारा का वर्ग पाकिस्तान को अपना घर और भारत को मुसाफिरखाना समझता है। भारत पाकिस्तान का युद्ध हो या क्रिकेट मैच, बड़ी बेशर्मी पूर्वक ऐसा वर्ग पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाता है। उन्हे भारत-माता की जय बोलने से, बन्दे मातरम से परहेज है और भारत भूमि की सुरक्षा व भारत के विकास से कोई सरोकार नही है। ऐसा वर्ग भारत के धर्म-निरपेक्ष प्रजातांत्रिक संवैधानिक कानून को नकारते हुए इस्लामी मज़हबी सोच के साथ शरीयत की बात करने लगता है। इस सोच का मुसलमान महिलाओं की पीढ़ाजनक स्थिति और संविधान के दायरे मे यूनीवर्सल सिविल कोड की चर्चा करने पर ये शरीयत की दुहाई देते हुये उसके सुरक्षा-कवच मे छुपने का प्रयास करने लगते हैं। शरीयत अदालतें खोलने का बात और भारत की सर्वोच्च न्यायालय तक का अपमान करते हुये इन्होने शाहबानों के प्रकरण मे सर्वोच्च न्यायालय को गालियां देने का काम किया था। इस सोच का मुसलमान भारत को पाकिस्तान के रूप में देखना चाहता है। 
मुस्लिम वोट को रिझाने के लिये गैर-भाजपाई बिरोधी राजनीतिक दल के नेता सेक्यूलर का छद्म मुखोटा लगा कर चुनाव के पूर्व इमामों के चरण चुम्बन करने से भी परहेज नही करते हैं। विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बनते ही जामा मस्जिद मे अब्दुल्ला बुखारी से मिलने गये थे और उनकी कुर्सी के नीचे जूतियों के स्थान पर बैठे थे। उन्होने यह भी ध्यान नही रखा था कि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं और पद की गरिमा का ख्याल तो रखना ही चाहिये था। जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल्ला बुखारी ने पांन्चजन्य को दिये साक्षात्कार (दिनांक 18 जनवरी 1987 को प्रकाशित) में कहा था कि मजहब और मुल्क मे से उनकी दृष्टि में इस्लाम का दर्जा पहले नम्बर पर है और मुल्क दूसरे नम्बर पर। ऐसी ही बिचारधारा के लोग अलगाववादियों व मुस्लिम देशों से सम्पर्क करने मे नही हिचकते हैं। गरीब मुसलमानों की भलाई और शिक्षा के उद्देश्य से गठित संगठन जमायित उल्माये हिन्द के कर्ता-धर्ता मौलाना असद मदनी पर सन् 1993 के फरवरी अंक में नव-भारत टाईम्स (दिल्ली) ने आंकड़े बताते हुए आरोप लगाया था कि इन्हें कुवैत, साऊदी अरब, संयुक्त अरब-अमीरात, ईराक वगैरह देशों से करोड़ों रूपये प्राप्त होते हैं और मौलाना साहब ने देहरादून मे बगीचे, शिमला, गाजियाबाद मे कीमती जमीने, आसाम मे एक पेपर मील क्रय की थी और लाखों रूपये जमा होने की खवर चली थी। यह वाक्या शेख मोहम्मद दीन, मोहम्मद आसीन, मालिक उस्मान, मोहम्मद शरीफ, इकबाल अहमद, अजीजुर्ररहमान, शरीफ  उद्दीन, मौहम्मद हुसैन आदि उलेमाओं द्वारा उक्त अखबार को बताया गया था। मुसलमान के नाम पर मुल्ला मौलवियों ने खूब धनार्जन किया है। इन लोगों ने मुसलमानों का मजहब के नाम पर शोषंण किया है और जानबूझकर उसे मानसिक रूप से विकसित नहीं होने दिया। ऐसे लोग इस जनतांत्रिक देश मे फतवा जारी करके अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहे हैं और मुसलमान को एहसास कराते हैं कि मजहब के नाम पर अपना हिंसक स्वरूप बनाये रखो, परिणामतः अभी तक मुसलमान का रचनात्मक उपयोग नहीं हो पाया है। इसी कारण भारत के गरीब असहाय मुसलमानों के विकास के विषय अभी भी प्रश्न चिन्हित हैं।
मुसलमानों का एक वर्ग ऐसा भी है जो दीन-ईमान की बात सोचता है, भारत की मिट्टी से तन-मन-धन से जुड़ा है, ऐसे वर्ग का मुसलमान भारत में रहकर देश-हित की बात करता है और उसका सोच है कि एक दिन अल्लाह के पास जाना है और जब गिरेबां में हाथ डालकर ईमान की बात पूंछी जायेगी तो वह भारत में रहने के कारण ईमान की बात कहेगा। इस बिचारधारा वाले वर्ग के मुसलमानो की संख्या मे अब बढ़ोत्तरी हो रही है और शनैः शनैः इनमे मुल्ला-मौलवियों, इमामों के फतवा जारी होने का भय भी कम हो रहा है। 
मुस्लिम महिलाओं की स्थिति
मुसलमानों मे सर्वाधिक पीढि़त महिला वर्ग है। मुस्लिम महिलाओं पर अधिकांश पुरूष वर्ग हावी होते हुये वह महिला को एक उपभोग की वस्तु मानकर चलता है, उस पर मिल्कियत रखता है। पाकिस्तान मे औरत को पैर की जूती माना जाता है और इस भावना को वहां के प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी नही बदल पाईं थी। पाकिस्तान के पश्चिम पंजाब के कस्बे मे एक औरत और उसकी दो जवान बेटियों को भरी पब्लिक में बिल्कुल नंगा करके पीटा गया था और इज्जत लूटी गई थी लेकिन पुलिस ने केस तक दर्ज नहीं किया था, क्योंकि किसी मर्द ने गवाही नहीं दी थी और एक मर्द की गवाही को रद्द करने के लिए तीन औरतों की गवाही जरूरी मानी गई थी। 
मुस्लिम महिला की अत्यन्त दुखमय स्थिति उसके विवाह और तलाक के संदर्भ में है। ‘मुस्लिम लाॅ’ के लेखक न्यायमूर्ति फैजबरूद्दीन तैयत ने लिखा है कि सुन्नी कानून में एक दुखद अनुचित एवं पापपूर्ण तरीका तलाक को तीन बार कहने का है। न्यायमूर्ति शायमीरी ने अमदगिरी बनाम मास्टर बगहा के प्रकरण में टिप्पणी की थी कि तलाक के द्वारा बीबी को निकाल फैकना शैहर के लिए सबसे कम भारी पड़ने वाला तरीका है। अतः तलाक का यह प्रचलित रूप है और औरत को प्रजनन व उत्पत्ति के कुण्ड के रूप में देखा जाता है। (अरूण शौहरी के लेख के सौजन्य से) अपनी मज़हबी मजबूरी के कारण आज एक मुस्लिम औरत अपने आप को शौहर की गुलाम या दासी समझने लगी है। पुरूष बड़ी सहजता से चार शादियां कर लेता है और जब मर्जी आये तीन बार तलाक बोल देता है।   
मुस्लिम महिलाओं के विवाह और तलाक के कारण उनकी पीढ़ाजनक स्थिति के सन्दर्भ में भाजपा के दृष्टिकोंण विषय पर मैंने श्री लालकृष्ण आडवाणी से दिसम्बर 1993 में दतिया रेल्वे-स्टेशन पर चर्चा की थी और उस समय तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया था। तत्पश्चात मैंने दिनांक 21 मई 1995 को भाजपा के शीर्ष नेताओं, आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, डाॅ.मुरली मनोहर जोशी एवं सिकन्दर वख्त को पत्र लिखे थे तो मुझे बताया गया था कि भाजपा सत्ता मे आने पर संविधान के अनुच्छेद 44 एवं सुप्रीमकोर्ट द्वारा प्रदत्त निर्देश के पालन मे समान नागरिक संहिता का निर्माण करेगी और इस कानून के तहत भारत का प्रत्येक नागरिक एक-समान नियम और प्रावधानो से शासित होगा, जिसमे मुस्लिम  महिलायें भी अन्य दूसरी महिलाओं की तरह समान अधिकार प्राप्त करेंगी। भाजपा से अपेक्षा है कि मुस्लिम महिलाओं को उनके विवाह और तलाक के कारण बनी दयनीय और पीढ़ा-जनक स्थिति में सुधार लाने के लिए एक स्पष्ट कानून का निर्माण की बात उठाये। 
भारतीय-जनता-पार्टी का भारत के मुसलमानों के प्रति दृष्टिकोंण के सन्दर्भ में जितना स्वयं भाजपा ने उजागर नहीं किया उससे कहीं अधिक भाजपा बिरोधी दलों ने उसके नकारात्मक स्वरूप को प्रचारित करके मुसलमानों को डराते हुए उन्हें भाजपा से भयभीत किया है। भाजपा का दृष्टिकोंण मुसलमानों के प्रति राष्ट्रीय भावना को लेकर है। इस देश को, देश की मिट्टी को अपनी जन्मभूमि, कर्म-भूमि एवं मात्र भूमि, प्रत्येक देशवासी सहित मुस्लिम भी समझे। इस सोच में कहीं कोई नकारात्मक और साम्प्रदायिक सोच प्रतीत नहीं होता है। मुस्लिम वोट-बैंक की राजनीति करने वाले मुस्लिम व गैर-भाजपाई नेता उन्हे इस्लामी कट्टरवाद के दायरे मे रखते हुये मज़हबी सोच से बाहर नही आने देना चाहते हैं। इसी सोच को ये सेक्यूलर होना मानते हैं। इसके विपरीत भाजपा इन्हे मज़हब या धर्म से परे हो कर राष्ट्रवादी बिचारधारा के साथ जुड़ने को कहती है। भाजपा कहती है पहले देश फिर मज़हब। मुस्लिम वोट-बैंक के ठेकेदार व कथित सेक्यूलरिस्ट कहते हैं, पहले मज़हब, फिर देश। प्रश्न तो यह है कि यदि मज़हब के मुकाबले देश द्वितीयक होगा, तब तो देश की सीमायें व देश की सुसक्षा ही खतरे मे पड़ जायेगी।  दिनांक 26 मई 2014 को जब केन्द्र मे भारतीय-जनता-पार्टी के नेतृत्व मे नरेन्द्र भाई मोदी ने प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली, तब से उनकी कार्य-शैली, चिन्तन और मुस्लिमों के प्रति उनका नजरिया प्रकट हुआ और निश्चित ही मुसलमानों मे भी भा.ज.पा. व मोदी के सन्दर्भ मे सकारात्मक रूख होने लगा। क्यों कि इसके पूर्व तो सेक्यूलरिस्टों ने मोदी को मुसलमानों का दुश्मन होना प्रचारित किया गया था। मोदी के सत्ता मे आने के पूर्व भारतीय-जनता-पार्टी का मुसलमानों के प्रति रवैया प्रकट करने का मौका ही नही मिल पाया था। भारत मे कट्टवादी मुस्लिम व गैर-भाजपाई नेता मोदी के बिरूद्ध कितना भी विष-वमन करलें, लेकिन वे यह भी देखें कि साऊदी अरबिया मे दिनांक 3 अप्रेल को नरेन्द्र मोदी जी को वहां के सर्वोच्च सम्मान ’सिविलियन आॅनर’ से सम्मानित किया गया और वहां की मुस्लिम महिलाओं ने सार्वजनिक व सामूहिक रूप मे ’भारत माता की जय’ के नारे लगाये थे।    
हिन्दू, मुसलमान, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग गम्भीरता से यह बिचार करें कि, उस समय की कल्पना कीजिये जब हजारों वर्ष पहले इस पृथ्वी पर उस ऊपर वाले मालिक ने इन्सानी जिस्म बनाकर भेजे थे और मानव शरीरों मे कोई मजहबी भेद का एहसास ही नहीं रहा होगा। समय आगे बड़ा और धीरे-धीरे आज के युग मे पहुंचे, जहां इन्सानों के बीच मे दीवारें खिचीं हैं और इसके गुण-दोषों पर फिल्हाल कुछ न कहते हुए इतना अवश्य है कि ईश्वर ने दो धर्मों को समान रूप से निर्मित किया है और इनमें से एक का दूसरे के बिना अस्तित्व ही नहीं है और वे दो धर्म हैं:- (1) स्त्री धर्म (2) पुरूष धर्म । पुरूष का अस्तित्व स्त्री के बिना नहीं है और इसी तरह स्त्री का अस्तित्व पुरूष के बिना नहीं है। खुदा की बनाई इस जीवधारी नाम की गाड़ी को उसके दो पहिये (स्त्री व पिरूष स्वरूप) मिलकर एक समान सहयोग के साथ चला रहे हैं और हिन्दू संस्कृति के अनुसार स्त्री शक्ति का स्वरूप है और उसके बिना शिव भी शव के समान है।





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---राजेन्द्र तिवारी---
अभिभाषक, छोटा बाजार दतिया
फोन- 07522-238333, 9425116738
मेल : rajendra.rt.tiwari@gmail.com

दुमका : एसकेएमयू में उग्र छात्रों ने कुलपति के समक्ष हंगामा किया

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  • एसकेएमयू के दिग्घी स्थित नये भवन परिसर तक तक बस परिचालन व अन्य मांगों के आलोक में दिन सोमवार को छात्र संयोजक मंडली के तत्वावधान में उगं्र्र छात्रों ने कुलपति के समक्ष काफी हंगामा खड़ा किया तथा कुलपति डा0 कमर अहसन को उनके ही चैंबर में चप्पल की माला पहनाने तथा धक्का-मुक्की की कोशिश की।
  • कुलपति के साथ किये गए दुव्र्यवहार की घोर भत्र्सना, विवि बना राजनीति का अखाड़ा

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दिन-व-दिन छात्र राजनीति का अखाड़ा व असमाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय का दिग्धी स्थित परिसर। इस विश्वविद्यालय में न तो बिद्यार्थियों को पठन-पाठन से कोई लेना-देना रह गया है और न ही शिक्षकों व विश्वविद्यालय प्रशासन को। समय पर परीक्षा संपादित करने की बात हो, परीक्षा फल प्रकाशन की बात हो, विश्वविद्यालय में सत्र नियमितिकरण की बात हो या फिर आधारभूत संरचनाओं को व्यवस्थित करने की बात। छात्रों व विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच तू तू-मैं मै की परिपाटी पिछले कुछ वर्षों से अनवरत जारी है। दिन सोमवार (04 अप्रैल 2016) को दिग्घी स्थित सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के नये भवन परिसर में जो कुछ भी देखने-सुनने को मिला पूरी तरह वह अमर्यादित तो था ही, इस विश्वविद्यालय के इतिहास में इससे पूव्र्र इस तरह की शर्मनाक घटना देखने को नहीं मिली थी। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदाधिकारियों को उनके कार्यालय कक्ष में नजरबंद करने, कुलपति का बाॅयकाट करने व हो-हंगामा की घटनाओं से बिल्कुल अलग किसी विश्वविद्यालय के कुलपति को चप्पल की माला पहनाने व उनके साथ धक्का-मुक्क्ी की वारदात इस विश्वविद्यालय के छात्र शिष्टाचार सिलेबस में पहली मर्तबा देखने को मिली है।

ऐसा घृणित प्रयास कर बिद्यार्थियों ने लगातार विकसित हो रही अपनी मानसिकता से अपने अभिभावकों व आम लोगों को पहली मर्तबा परिचित कराने का काम किया। उप राजधानी एसकेएमयू के ओल्ड यूनिवरसिटी स्पाॅट से दिग्घी स्थित नये भवन परिसर (दुमका से तकरीबन 8 कि0मी0 की दूरी) तक बिद्यार्थियों के लिये आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बस परिचालन व अन्य मांगों के आलोक में दिन सोमवार को छात्र संयोजक मंडली के तत्वावधान में उगं्र छात्रों ने कुलपति के समक्ष काफी हंगामा खड़ा किया तथा कुलपति डा0 कमर अहसन को उनके ही चैंबर में चप्पल की माला पहनाने तथा धक्का-मुक्की का निंदनीय प्रयास किया। प्रति कुलपति डा0 सत्यनारायण मुंडा व विवि के अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने किसी तरह बिद्यार्थियों से कुलपति को सुरक्षित बचाया। इस बीच कई उग्र छात्रों ने कुलपति के टेबुल पर चढ़कर उन्हें गालियाँ दी तथा कुलपति कक्ष से बाहर निकलने को बाध्य कर दिया। विश्वविद्यालय के अपने चैम्बर से गाड़ी पर बैठकर कुलपति अपने आवास की ओर प्रस्थान करने को मुखातिब हुए ही थे कि तभी कई छात्रों ने डंडों से उनकी गाड़ी के सीसे तोड़ डाले तथा उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। कुलपति के ड्राईवर के साथ भी अशोभनीय  व्यवहार किया।

कुलपति डा0 कमर अहसन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा छात्रों का यह आंदोलन पूर्व नियोजित था। छात्रों की तमाम मांगों पर कार्रवाई की गई थी। जो छात्र घटना के दिन मौजूद थे उनकी मंशा कुछ और ही थी। विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन को सूचना दे दी गई थी। कई मर्तबा पत्राचार भी किया गया। राज्यपाल स्तर से भी विवि में सुरक्षा-व्यवस्था के निर्देश दिये गए थे किन्तु विवि में सुरक्षा-व्यवस्था को कोई इंतजाम संबंधित विभाग द्वारा अब तक सुनिश्चित नहीं कराया गया है। कुलपति ने कहा जब विश्वविद्यालय के प्रधान कुलपति, प्रति कुलपति व अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी ही सुरक्षित नहीं रहेगें तो फिर छात्राओं को विश्वविद्यालय में उनके लिये निर्मित हाॅस्टल में उन्हें कैसे सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा सकता है ?  विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ छात्रों के इस अभद्र व्यवहार पर वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी डा0 विनोद कुमार झा, डा0 गगन ठाकुर, डा0 अजय कुमार सिन्हा व अन्य ने गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए विश्वविद्यालय के लिये इसे काला दिन बताया। कुलपति के साथ घटी इस घटना के बाद दुमका स्थित कुलपति आवास पर कुलसचिव डा0 पी0 के0 घोष, डीएसडब्ल्यू डा0 विनोद कुमार झा, परीक्षा नियंत्रक डा संजीव कुमार सिन्हा, शोध शाखा के प्रभारी डा0 एस0 एल0 बौंडिया, वित्त पदाधिकारी डा0 काशीनाथ झा, सहायक कुलसचिव राज कुमार झा व इग्निशियस मरांडी की मौजूदगी में कुलपति ने बैठक आहुत की। घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया तथा सूचना के बावजूद विवि परिसर में देर से पुलिस के पहुँचने पर क्षोभ प्रकट किया गया। विदित हो वर्ष 1992 में स्थापित सिदो कान्हु मुर्मू विवि एसपी महाविद्यायल के बिल्डिंग में ही 25 जनवरी 2016 तक संचालित था। दुमका से तकरीबन 8-10 कि0मी0 की दूरी पर दिग्घी में करोड़ों रुपये की लागत इस विश्वविद्यायल की नयी बिल्डिंगें बनी और विश्वविद्यालय का कार्य 26 जनवरी 2016 से विवि के नये भवन परिसर में ही संचालित होने लगा।





---अमरेन्द्र सुमन---

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (06 अप्रैल)

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भाजपा नगर मंडल ने भाजपा का स्थापना दिवस धुमधाम से मनाया
  • पण्डित जी की  प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मीठाई वितरण की 

jhabua news
झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल झाबुआ द्वारा बुधवार  6 अप्रेल को भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिव धुमधाम से मनया गया । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार, विधायक शांतिलाल बिलवाल, प्रदेश अजजा महामंत्री कल्याणसिंह डामोर, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया,नगर मंडल अध्यक्ष दीपेश बबलू सकलेचा, पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष गोपालंिसंह पंवार, महामत्री कीर्ति भावसार ने पण्डित दीपदयाल उपाध्याय एवं डा. श्यामाप्रसाद मुकर्जी के चित्र पर माल्यार्पण किया तथा जिला भाजपा कार्यालय पर ध्वजारोहण किया । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला भाजपा कार्यालय पर नगर मंडल द्वारा आयोजित भजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर संजय डाबी, मुकेश अजनार, पार्षद सईदुल्लाखान, जमुना वाखला,राजा ठाकुर अमीत शर्मा, पण्डित महेन्द्र तिवारी, अंकुर पाठक, सुनील ताहेड, मनीष माहेश्वरी, आशीष शर्मा, हेमेन्द्र राठौर, विवेक मेडा, दिलीप कुशवाह, ओम प्रकाश शर्मा, विगमल दाणी, मनोहर मोदी, सुनील शर्मा,राकेश शर्मा प्रतिभाशर्मा सहित बडी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवे कार्यकर्ता उपस्थित थे । जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए  जनसंघ से लेकर 8 अप्रेल 1980 को भाजपा के जन्म तक के इतिहास को विस्तार से बताते हुए  पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि आज भाजपा विश्व का सबसे बडा राजनैतिक दल बनने का गौव प्राप्त कर चुका है ।डा. श्यामाप्रसाद मुकर्जी ,पण्डित दीनदयाल उपाध्याय आदि को स्मरण करते हुए पार्टी के विस्तार के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक मात्र ऐसा दल है जो कार्यकर्ताओ के बल पर जनसेवा मे सकल्पित होकर काम करता है । श्री भावसार ने 1975-76 मे इन्दिरा शासनकाल के आपतकालीन काले अध्याय का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी परिणिति में जनतापार्टी का उदय हुआ था और इसके बाद 8 अप्रेल 1980 को मुंबई में भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ और अटलजी पार्टी अध्यक्ष बने थे । उन्होने नगर में मडल मे स्थानीय समितियों को सक्रिय करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्हे मजबुत किये जाने का आव्हान किया । श्री भावसार ने बताया कि आगामी 9 अप्रेल को  जिला स्तरीय भाजपा कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक आयेजित हो रही है जिसमें प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष अरदीप मौर्य आम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर महूु में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम एवं सिंहस्थ महापर्व के लिये घर घर जाकर सन्देश दिये जाने के बारे मे मार्गदर्शन देगें । इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी सभी विधायको, जिला पदाधिकारी मोर्चा प्रकोष्ठो के पदाधिकारियों, जिला स्तरीय पदाधिकारियो, मंडलों के अध्यक्ष एवं महामंत्रियों, मण्डी समितियो, मार्कटिग सोसायटियों के अध्यक्षो, नगरपलिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष  की उपस्थिति अनिवार्य रूप  से प्रार्थनीय है । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी अपने प्रेरक उदबोधन में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पण्डित नेहरू के मंत्रीमंडल से त्यागपत्र देकर डा. श्यामाप्रसाद मुकर्जी द्वारा जनसंघ की स्थापना से लेकर भाजपा के स्थापना तक के इतिहास की जानकारी दी । उन्होने कहा कि आज भाजप विश्व की सबसे बडी राजनैतिक पार्टी है जिसके देश मे सबसे अधिक सांसद, विधायक, अधिक राज्यों में सरकारे, है और जन सेवा में यह पार्टी सर्दव तत्पर रहती आरही है । उन्हाने स्थापना दिवस की बधाईया दी । बैठक को कल्याणसिंह डामोर, बबलू सकलेचा, गोपालसिंह पंवार ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन महामंत्री कीर्ति भावसार ने किया तथा आभार  हेमेन्द्र राठौर ने माना इसके बाद सभी पदाधिकारी,जनप्रतिनिधि कार्यकर्ताओं ने राजगढ नाका स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण किया तथा उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किये । इस अवसर पर मीठाई का वितरण भी किया गया ।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल 2016 को 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियो की मधुमेह जांॅच के लिए लगेगा शिविर

झाबुआ---विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल 2016 को मनाया जाएगा विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय झाबुआ में प्रातः 9 बजे डायबिटीज रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जन-जागरूकता के लिये रैली का आयोजन किया जाएगा एवं मधुमेह की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु निःशुल्क शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर में आने वाले 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की ब्लड शुगर की जाॅच की जावेगी एवं डायबिटीज रोग से प्रभावित रोगियो का एवं डायबिटीज रोग की जटिलता से संबंधित रोगियो का विषय विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कराकर जाॅच एवं उपचार निःशुल्क उपलब्घ कराया जायेगा। 

प्रभारी मंत्री श्री आर्य 7 एवं 8 अप्रैल को जिले के भ्रमण पर

झाबुआ----जिले के प्रभारी मंत्री एवं श्रम, पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त घुमक्कड एवं अर्द्ध घुमक्कड जनजाति कल्याण विभाग मंत्री म.प्र. शासन श्री अंतरसिंह आर्य 7 एवं 8 अप्रैल को झाबुआ जिले के भ्रमण पर रहेगे प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार श्री आर्य 7 अप्रैल को सायं 6 बजे झाबुआ पहुंचकर रात्रि विश्राम करेगे। अगले दिन 8 अप्रैल को प्रातः 10.00 बजे से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेंगे। उसके बाद स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेकर झाबुआ से अलीराजपुर के लिए प्रस्थान करेगे।

स्वास्थ्य सुविधाओ से शिशु मृत्यु दर 72 से घटकर 64 हुई
  • संस्थागत प्रसव होने से मातृ मृत्यु दर 320 से घटकर 164 हुई

झाबुआ---शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मरीजो के लिए निःशुल्क उपचार एवं दवाई की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर तक निःशुल्क उपचार सुविधाएॅ प्रदान की जा रही है। गाॅव स्तर पर एक ग्राम अरोग्य केन्द्र भी स्थापित किया गया है। जिला चिकित्सालय झाबुआ को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं एवं व्यवस्थाओं के लिए आईएसओ सर्टिफिकेट दिया गया। 10 वर्ष पूर्व झाबुआ जिले में 190 उपस्वास्थ्य केन्द्र थे शासन द्वारा निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करते हुए स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये। वर्तमान में जिले मे 240 उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो रहे है। नवजात शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए जिले में नवजात शिशु देखभाल ईकाई (एसएनसीयू) की स्थापना हुई जिससे शिशु मृत्यु दर 72 प्रति 1000 से घटकर 64 प्रति 1000 हो गई है। वित्तीय वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 में लगातार दो वर्ष परिवार कल्याण कार्यक्रम अंतर्गत जिले को राज्य स्तर पर लक्ष्य पूर्ति के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पुरस्कृत किया गया। विगत 10 वर्षो में जिले में जनसंख्या वृद्धि दर 28 से घटकर 23.3 प्रतिशत हो गई है एवं प्रजनन दर 3.2 से घटकर 2.8 हो गई है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के संचालित होने से निःशुल्क जांच एवं उपचार, निःशुल्क परिवहन एवं भोजन व्यवस्था दिये जाने से जिले में संस्थागत प्रसव बढ़कर 95 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2007 तक संस्थागत प्रसव 55 प्रतिशत हुआ करते थे। संस्थागत प्रसव होने से मातृ-मृत्यु दर एक लाख पर 320 से घटकर अब 164 हो गई है। एवं शिशु मृत्यु दर भी घटकर प्रति एक हजार शिशु पर 64 रह गई है। ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान महिला स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन कर महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

मिशन इन्द्रधनुष में सात बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगेगे
  • जन जागरूकता के लिये निकाली गई रैली

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झाबुआ---मिशन इन्द्रधनूष में सात बीमारियों से बचाव के लिए सात टीके लगाकर सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत 0-2 वर्ष तक के नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को सभी टीके लगाये जायेगे। ईंट भटटों स्लम एरिया निर्माण साइट इत्यादि को इस दौरान विशेष फोकस किया जाएगा। जिले में टीकाकरण से छूटे बच्चो का शत-प्रतिशत टीकारण करने के लिए मिशन इन्द्रधनुष चार चरणो में चलाया जाएगा। प्रथम चरण में 7 से 15 अप्रैल, द्वितीय चरण 7 से 14 मई, तृतीय चरण 7 से 15 जून एवं चतुर्थ चरण 7 से 14 जुलाई 2016 तक बच्चो का टीकाकरण किया जायेगा। 

प्रथम चरण 7 अप्रैल से प्रारंभ होगा
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. राहुल गणावा ने बताया कि प्रथम चरण 7 अप्रैल से प्रारंभ होकर 15 अप्रैल तक चलेगा। टीकाकरण अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे हुवे बच्चो का एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाने के लिये जन जागरूकता के लिये स्वास्थ्य सेवको द्वारा आज 6 अप्रैल को रैली का आयोजन किया गया।

बलात्कार का अपराध पंजीबद्ध
  
झाबुआ--- फरियादी ने बताया कि उसकी लड़की म्र 14 वर्ष मेहंदी का कोण लेने दुकान जा रही थीं। आरोपी राहुल पिता तेरसिंह भील निवासी असालिया व अन्य-01 मो0सा0 पर आये व मो0सा0 पर बैठाकर जान से मारने की धमकी देकर जबरन पकड़कर खेत में ले गया व आरोपी राहुल ने बलात्कार किया व अन्य अरोपी खड़ा रहा। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 145/16, धारा 376 (घ) 506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नहाने गई लडकी वापस नही आई

झाबुआ---  फरियादी सोहन पिता नाथु मुणिया उम्र 33 वर्ष निवासी कुडवास ने बताया कि फरियादी की लड़की उम्र 14 वर्ष होल पर नहाने जाने का बता कर गई जो वापस नहीं आयी आस-पास तलाष करते नहीं मिली। शंका है अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 103/16, धारा 363,366 7/8 लै0अप0बा0संर0अधिनियम भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध 
  
झाबुआ--- फरियादिया जोगड़ीबाई पति झीतरा गरवाल उम्र 50 वर्ष निवासी तलावली ने बताया कि फरियादिया की लड़की अपने घर जा रही थी। रास्ते में आरोपी कमलेष पिता पूना भाबोर निवासी तलावली ने बुरी नीयत से हाथ पकड़ा, चिल्लाने पर छोड़ कर भाग गया। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 143/16, धारा 354 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (06 अप्रैल)

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लाडो अभियान अंतर्गत बाल विवाह रोकने हेतु जागरुकता कार्यक्रम संपन्न

आष्टा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत मैना में लाडो अभियान अंतर्गत बाल विवाह रोकने हेतु जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में  अतिथि के रूप में मैना के सरपंच मनीष बुनकर, सुरेश पांचाल (परामर्शदाता जिला महिला सशक्तिकरण, सीहोर), हरि सिंह भगत जी, पुरुषोत्तक मण्डलोई (अध्यापक हा.से.स्कूल मैना), शौर्यादल मास्टर ट्रेनर राजेन्द्र वर्मा, दीपक व्यास, बंटी मेवाडा, मैना चैकी प्रभारी- बी.एस. परमार उपस्थित थे।कार्यक्रम में परामर्शदाता सुरेश पांचाल द्वारा महिला सशक्तिकरण विभाग की योजनाओं शौर्यादल, लाडो अभियान, स्वागतम् लक्ष्मी योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, पाॅक्सो एक्ट, मुख्य मंत्री महिला सशक्तिरण योजना आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। इस साथ ही कम उम्र में विवाह के दुष्परिणामों के बारे मे बताया एवं शपथ दिलवाई गई। सरपंच मनीष बुनकर ने अपने उद्बोधन में स्वच्छ भारत अंतर्गत शौचालय निर्माण की जानकारी देते हुए कहा कि इससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है एवं गांव को सुन्दर बनाया जा सकता है। हरि सिंह भगत ने अपने उद्बोधन में महिलाओं को पुरुषों से अधिक सशक्त बताया एवं कहा कि महिला देवी के रूप में पूजी जाती है एवं वह चाहे तो अत्याचार करने वाले राक्षसों का नाश कर सकती है। शौर्यादल सदस्य दीपक व्यास ने ग्राम सेवदा में किये गये अपने कार्याे की जानकारी देकर उपस्थित सदस्यों को प्रेरित किया। श्री पुरुषोत्तम मण्डलोई ने बालिकाओं की शिक्षा की बात कही। कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी के ग्रामोदय कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई एवं लाडली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बालिकाओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। सर्वप्रथम सरस्वती पूजन दीप प्रज्वलन किया गया एवं स्वागतम लक्ष्मी गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर शौर्यादल सदस्य, कोरग्रुप सदस्य, ग्राम की महिलाएं, पुरुष, छात्र-छात्राएं आदि ने भी भाग लिया। अंत में आभार बंटी मेवाडा ने व्यक्त किया।

संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल व्यावसायिक पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन अनुदान योजना

म0प्र0 भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल व्यावसायिक पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन अनुदान योजना संचालित की जा रही है जिसमें पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की आश्रित संतानों द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेनेध्प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण होने पर अध्ययन अनुदान के रूप में 5 हजार से 20 हजार रूपये तक एक मुश्त देय होगा । व्यावसायिक पाठ्यक्रम हेतु अध्ययन अनुदान योजना के अंतर्गत फिजियोथेरिपी डिग्री कोर्स, नर्सिग पेरामेडिकल कोर्स, बी.ई.इंजीनियरिंग डिप्लोमा, आई.टी.आई., एम.बी.बी.एस. एवं बी.डी.एस. पाठ्यक्रम तथा अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम के कोर्सेस हेतु अनुदान दिया जायेगा । पंजीकृत निर्माण श्रमिको से अपील है कि वे आवेदन का प्रारूप एवं योजना से संबंधित जानकारी कार्यालयीन समय में जनपद पंचायत कार्यालयों, नगरीय निकायों से प्राप्त कर सकते है । 

खेलवृत्ति हेतु 31 मई  तक आवेदन आमंत्रित

उत्कृष्ट खिलाडियों को खेलवृत्ति के रूप में पुरस्कृत करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि एथलेटिक्स, बास्केटबाल, बैडमिंटन, फैसिंग, हेंडबाल, व्हालीवाल, जिम्नास्टिक, कुश्ती, आर्चरी, बाक्सिंग, टेनिस, फुटबाल, टेबलटेनिस, हॉकी, साईकिलिंग, खो-खो, कबड़डी, घुडसवारी, केनोइंग क्याकिंग, रोईंग, याटिंग, ट्रैयथलॉन, वेटलिफ्टिंग, जूडो, कराते, ताईक्वांडो, तैराकी, शूटिंग, वुशु, किक्रेट आदि के मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय अधिकृत मान्यता प्राप्त खेल संघों से जुडे राष्ट्रीय एवं राज्य खेल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाडियों को खेलवृत्ति दी जाएगी। इसके लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग में आवेदन प्राप्त कर पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन 31 मई 2016 तक जमा कराया जा सकेगा।


लाडो अभियान अंतर्गत बाल विवाह रोकने जागरुकता कार्यक्रम
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आष्टा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत मैना मे कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अतिथि के रूप में मैना के सरपंच मनीष बुनकर, सुरेश पांचाल (परामर्शदाता जिला महिला सशक्तिकरण, सीहोर), हरि सिंह भगत जी, पुरुषोत्तक मण्डलोई (अध्यापक हा.से.स्कूल मैना), शौर्यादल मास्टर ट्रेनर राजेन्द्र वर्मा, दीपक व्यास, बंटी मेवाडा, मैना चैकी प्रभारी- बी.एस. परमार  के साथ शौर्यादल सदस्य, कोरग्रुप सदस्य, ग्राम की महिलाएं, पुरुष, छात्र-छात्राएं आदि ने भाग लिया। सर्वप्रथम सरस्वती पूजन दीप प्रज्वलन किया गया। एवं स्वगतम लक्ष्मी गीत का गायन किया गया। परामर्शदाता सुरेश पांचाल ने महिला सशक्तिकरण विभाग की योजनाओं शौर्यादल, लाडो अभियान, स्वागतम् लक्ष्मी योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, पाॅक्सो एक्ट, मुख्य मंत्री महिला सशक्तिरण योजना आदि की विस्तृत जानकारी दी। एवं कम उम्र मे विवाह के दुष्परिणामों के बारे मे बताया एवं शपथ दिलवाई गई। सरपंच मनीष बुनकर ने अपने उद्बोधन में स्वच्छ भारत अंतर्गत शौचालय निर्माण की जानकारी दी एवं बताया कि इससे कई बिमारियों से बचा जा सकता है। एवं गांव को सुन्दर बनाया जा सकता है। हरि सिंह भगत जी अपने उद्बोधन में महिलाओं को पुरुषों से अधिक सशक्त बताया एवं कहा कि महिला देवी के रूप में पूजी जाती है। एवं वह चाहे तो अत्याचार करने वाले राक्षसों का नाश कर सकती है। शौर्यादल सदस्य दीपक व्यास ने ग्राम सेवदा में किये गये अपने कार्याे की जानकारी देकर उपस्थित सदस्यों को प्रेरित किया। पुरुषोत्तम मण्डलोई ने बालिकाओं की शिक्षा की बात कही। कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी के ग्रामोदय काय्रक्रम की भी जानकारी दी गई एवं लाडली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बालिकाओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम मे आभार बंटी मेवाडा ने व्यक्त किया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (06 अप्रैल)

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भाजपा स्थापना दिवस पर विधायक मानवेन्द्र सिंह पत्रकारों से हुए रू व रू 
  • महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में जनता के प्रत्येक सुख-दुःख में मेरी सहभागीता -मानवेन्द्र सिंह 

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नौगाॅव (छतरपुर ) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के क्षेत्रीय विधायक श्री मानवेन्द्र सिंह (भंवरराजा) ने आज नौगाॅव जनपद पंचायत कार्यालय में महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों की एक आवष्यक बैठक ली तथा सम्पूर्ण क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को सुना तथा सभी को निर्देषित किया कि - वह तीन दिन के अंदर प्रत्येक ग्राम पंचायत में आम नागरिकों को पीने के पानी की सुचारू व्यवस्था करें तथा जानवरों के जीवन सुरक्षा के लिए प्रत्येक पंचायत में होदियाॅ का निमार्ण कराकर उनमें पानी भराया जावे ।  क्षेत्रीय विधायक ने अपने क्षेत्र के नागरिकों को कृषि के लिए स्थाई पानी प्रदान कराने के लिए तालाबों का गहरीकरण कराने, तथा ग्रामों के आने जाने के रास्ता मार्ग का दुरस्ती करण के आदेष दिए । इस अवसर पर उन्होने बिधुत बिलों के निराकरण, हेन्ड पंपों का षीध्र सुधार  के आदेष दिए । ग्रामों के पुरानें कुआॅ की सफाई , सुदुूण सड़क योजना के तहत परिवहन व्यवस्था लागू कराने के निर्देष दिए । 

क्षेत्रीय विधायक श्री मानवेन्द्र सिंह (भंवरराजा) ने बैठक के बाद भाजपा स्थापना दिवस को लेकर स्थानीय पत्रकारों से रू -व-रू हुए तथा मध्य प्रदेष सरकार की जन कल्याणी योजनाओं की जानकारी दी । उन्होने बताया कि मुख्य मंत्री सड़क योजना के तहत दो सड़कें ग्राम गनेषपुरा  एवं गर्रा पुरवा के लिए प्रस्ताव पास होने की बात कहीं ।  क्षेत्रीय विधायक श्री मानवेन्द्र सिंह (भंवरराजा) ने बताया कि सूखा की स्थिति होने के बाद भी महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र की चारों नगर पालिका में नौगाॅव, हरपालपुर नल-जल योजना का कार्य षुरू हो गया है । महाराजपुर एवं गढ़ी मलहरा के प्रस्ताव स्वीकृत होने पर  कार्य ष्षुरू होगे । महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में चार खेल मैदान बनाये जा रहे है जिसमें हरपालपुर, आलीपुरा, भदर्रा, नौगाॅव में विधायक निधि से कार्य कराये जा रहे है, लुगासी, गढ़ी मलहरा, महाराजपुर टटम में योजनाओं के तहत कार्य ष्षुरू हेागे । 

क्षेत्रीय विधायक श्री मानवेन्द्र सिंह (भंवरराजा) ने नौगाॅव के बरिष्ठ पत्रकार संतोष गंगेले, राजेष अग्निहोत्री, नन्हेराजा बुन्देला, कमल यादव, सतीष साहू, इकवाल मामू, राजीव तिवारी, राजेष षिवहरे, कौषलकिषोर रिछारिया, प्रमोद सोनी, बिनय त्रिपाठी, बजीर खान, मुमताज , लक्ष्मी बबेले, इमरानखान, इरफाान आदि पत्रकारों के प्रष्नों का समाधान किया । 
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