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इक्वाडोर में भीषण भूकंप में 233 से अधिक लोगों की मौत

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क्वितो, 17 अप्रैल, इक्वाडोर में आज तड़के आए भीषण भूकंप से 233 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गये तथा बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। भूकंप की तीव्रता रिकटर पैमाने पर 7.8 मापी गई । राष्ट्रपति राफेल कोरेया ने बताया कि भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 233 पहुंच गई है। उन्होंने ट्विटर पर बताया कि पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है। उन्होंने कहा कि सब कुछ फिर से नया बनाया जा सकता है लेकिन लोगाें के जीवन को वापस नहीं लाया जा सकता। श्री कोरेया ने देशवासियों से शांति और धैर्य से काम लेने की अपील करते हुए भूकंप में मरने वालों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से 1500 से अधिक लोग घायल हुए है।

महेसाणा में कर्फ्यू, कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद, पास ने किया कल गुजरात बंद का आहवान

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अहमदाबाद, 17 अप्रैल, गुजरात के महेसाणा में आज सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल समेत उनके संगठन की ओर से आयोजित जेल भरो आंदोलन के सैकडो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया तथा वहां आगजनी की कई घटनाओं और दो मंत्रियों के कार्यालयों पर हमलों के बाद कल सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया। सूरत में इस घटना को लेकर जम कर हंगामा हुआ जिसके बाद पुलिस ने 435 लोगों को पकड लिया। महेसाणा, सूरतमोरबी और राजकोट आदि में इंटरनेट सेवाएं कल तक के लिए बंद कर दी गयी हैं। घटना के विरोध में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति यानी पास ने कल गुजरात बंद का आहवान किया है। उधर पाटीदार आरक्षण आंदोलन के उग्र समर्थको ने सूरत के वराछा विस्तार में जम कर हंगामा किया जबकि महेसाणा में उन्होंने स्थानीय उद्योग केंद्र तथा एफसीआई के कार्यालय में तथा कई वाहनों में आग लगा दी। भीड ने गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल के महेसाणा स्थित कार्यालय पर भी हमला कर वहां आगजनी का प्रयास किया। जिला प्रशासन की अनुमति नहीं होने के बावजूद एसपीजी की ओर से वहां एक सभा के आयोजन के बाद रैली निकाली गयी। जब यह रैली मोढेरा चौक की तरफ बढ रही थी तभी वहां बडी संख्या में तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर भीड ने पथराव शुरू कर दिया। 

पुलिस ने भी पानी की बौछार कर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान भीड की अगवानी कर रहे श्री पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। वह सिर पर चोट लगने से घायल हो गये थे। उनके सिर से खून बह रहा था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्हें तेज पथराव के चलते चोट लगी या वह पुलिस के लाठी चार्ज में घायल हुए। पुलिस ने 50 से अधिक अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया। भीड को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोडे गये1 ज्ञातव्य है कि मामलदार विपुल ठक्कर ने इस कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी थी। इस बीच, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के जेल में बंद नेता हार्दिक पटेल तथा अन्य की रिहाई और उनके खिलाफ मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर आयोजित अाज के कार्यक्रम के मद्देनजर भीड को राधनपुर रोड स्थित जेल तक पहुंचने से रोकने के लिए 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। इसमें एसआरपी की की दो कपंनिया तथा करीब 40 पुलिस इंस्पेक्टर और चार डीएसपी भी तैनात थे। पुलिस अधीक्षक चैतन्य मांडलिक स्वयं भी वहां मौजूद थे। उधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री नीतिन पटेल ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि कल उनके अध्यक्षता वाली मंत्री समिति सभी संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेगी। 

हालांकि बाद में महेसाणा में भीड ने उनके कार्यालय पर पथराव कर इसे क्षतिग्रस्त कर दिया जबकि गृहराज्य मंत्री रजनी पटेल के कार्यालय में आगजनी की। दोनो मंत्रियों के कार्यालयों को गत 25 अगस्त को पाटीदार आरक्षण रैली के बाद हुई राज्यव्यापी हिंसा के बाद भी निशाना बनाया था। महेसाणा की घटना के मद्देनजर अहमदाबाद और सूरत समेत कई अन्य स्थानों पर पुलिस की तैनाती कर दी गयी है। इस बीच, महेसाणा के विसरनगर के निकट भीड ने राज्य परिवहन निगम की एक बस को जला दिया तथा दो अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया। अहमदाबाद के घाटलोडिया में भीड ने तीन सिटी बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। निगम ने सैकडो बसों की ट्रिप को रद कर दिया है। उधर राज्य के मुख्य सचिव जी आर अलोरिया ने स्थित की समीक्षा के लिए आज शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की। कल ही पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समाधान के संबंध में मंत्रियों की समिति की एक बैठक गांधीनगर में प्रस्तावित है।

सुषमा ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात की

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तेहरान 17 अप्रैल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात करके आतंकवाद समेत विभिन्न अहम मुद्दों पर चर्चा की। ईरान एवं रूस की यात्रा के पहले चरण में कल यहाँ पहुँचीं श्रीमती स्वराज ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद श्री रूहानी से मुलाकात की। श्री रूहानी ने अफगानिस्तान और आतंकवाद की चुनौती समेत अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के साथ करीबी वार्ता की उम्मीद जताई। श्री रूहानी ने मुलाकात के दौरान चाबहार बंदरगाह के संबंध में बातचीत की। ऊफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई बैठक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और ईरान के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध है। भारत ने ईरान को चाबहार बंदरगाह के विकास के लिये 15 करोड़ डॉलर के आसान ऋण देने की शर्तों को आज अंतिम रूप दे दिया। श्री माेदी की ईरान यात्रा के दौरान इस बारे में दोनों देशों के बीच करार होने की संभावना है।श्रीमती स्वराज और ईरानी विदेश मंत्री जावद ज़रीफ के साथ यहाँ हुई द्विपक्षीय बैठक में इस आशय की सहमति बनी।

विकास तेज करने के लिए कई कदम उठा रही है सरकार: जेटली

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वाशिंगटन 17 अप्रैल, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के तेज आर्थिक विकास पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए कई कदम उठा रही है। विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए यहां आये श्री जेटली ने कहा, “भारत ने तेज विकास दर बरकरार रखी है। मैं खुश हूँ कि भारत को प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों में ‘उम्मीद की किरण’ माना जा रहा है।” उन्होंने कहा, “भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2015-16 में निर्यात में गिरावट एवं दो साल लगातार प्रतिकूल मानसून के बावजूद पिछले वित्त वर्ष के 7.2 प्रतिशत की तुलना में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यदि मानसून सामान्य रहा और बाह्य माँग में वृद्धि हुई तो विकास की रफ्तार और तेज हो सकती है।” 

श्री जेटली ने देश की विकास को और तेज करने, कारोबार के माहौल को सही करने तथा सरल प्रक्रियाओं से कारोबार को आसान करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि इसके मद्देनजर कई कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिए प्रगतिशील कर नियमों को भी अमल में लाया जा रहा है। इसके लिए कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को आसान किया गया है तथा अधिकांश मामलों में ऑटोमेटिक रूट को मान्य किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही दिवालिया संहिता को भी प्रभाव में लाया जाएगा। सरकार ने ढाँचागत क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय ढाँचागत निवेश फंड की भी स्थापना की है। वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में भी सड़क, रेल एवं बंदरगाह जैसे ढाँचागत संरचनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों की मदद से विनिर्माण एवं स्टार्टअप क्षेत्र में भी निवेश को प्रोत्साहित किया गया है।

एक मई से नहीं ले सकेंगे भविष्य निधि का पूरा पैसा

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नयी दिल्ली 17 अप्रैल, बेटी की शादी, घर- मकान बनाने, बेहतर शिक्षा के लिए बेटे का किसी बडे संस्थान में दाखिला कराने या कोई और मुश्किल आ जाने पर भी अब आप एक मई से भविष्य निधि में जमा पूरा धन नहीं निकाल सकेंगे। सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का हवाला देते हुए सरकार ने भविष्य निधि में जमा राशि के निकासी के प्रावधानों को कड़ा कर दिया है। नए प्रावधान एक मई से लागू हो जाएगें। नए प्रावधानों के अनुसार भविष्य निधि के अंशधारक 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर ही पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे । 


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नए प्रावधानों के अनुसार भविष्य निधि के अंशधारक असाधारण परिस्थिति में ही अपनी पूरी राशि निकाल सकते हैं। इनमें 58 वर्ष की आयु पूरा करने के अलावा, विदेश में बसने, छंटनी के कारण रोजगार समाप्त होने, कार्य करने में स्थायी रुप से अक्षम और आपसी सहमति के आधार पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत सेवा समाप्त होना शामिल है। मौजूदा प्रावधानों के तहत अंशधारक सेवाकाल के दौरान अपनी जमा राशि का 90 प्रतिशत तक हिस्सा कभी भी निकाल सकते हैं। इसके लिये करीब 15 प्रावधान हैं जिनमें शादी- विवाह, घर - मकान बनाने, मकान की मरम्मत कराने, बीमारी का इलाज कराने, लगातार तीन महीने तक वेतन नहीं मिलना और नौकरी समाप्त होने आदि शामिल हैं। भविष्य निधि में तकरीबन पांच करोड़ अंशधारक है।

नीतीश का प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा : सुशील कुमार मोदी

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पटना 17 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस की डुब रही नाव पर सवार होकर प्रधान मंत्री बनने का सपना देख रहे हैं जो कभी पूरा होने वाला नहीं है। भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने श्री कुमार के गैर संघवाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर सफाया हो चुका है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक को छोड़कर किसी भी बड़े राज्य में अब कांग्रेस की सरकार नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद केरल और असम में भी जल्द ही कांग्रेस सत्ता से बाहर होने वाली है और इसके बाद उत्तर पूर्व के कुछ सीमित हिस्से में इस पार्टी की सरकार रह जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का जो नारा दिया है उसे लोगों ने स्वीकार कर लिया है और अब यह साकार होने जा रहा है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वहीं दूसरी ओर भाजपा का प्रभाव राष्ट्रीय स्तर पर हाल के वर्षों में बढ़ा है । वर्तमान में भाजपा 14 राज्यों में सत्ता में है । उन्होंने कहा कि ..कांग्रेस मुक्त भारत से भाजपा युक्त भारत.. की ओर जनता बढ़ रही है। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस जैसे डूबते नाव पर सवार होकर श्री कुमार को प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है।उन्होंने कहा कि श्री कुमार बहुत ही छोटी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता हैं और ऐसी स्थिति में उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना बिलकुल नहीं है । श्री कुमार का वही हाल होगा जो एक समय पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा , चंद्रशेखर और आई.के. गुजराल का हुआ था । पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री कुमार भाजपा के सहयोग से ही 17 वर्षों तक अपने राजनीतिक को चमकाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के समर्थन से श्री कुमार तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और अब उनका भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बयान देना शोभा नहीं देता है। 

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डा. प्रेम कुमार ने कहा कि आरएसएस एक सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था है। उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई राजनीतिक दल नहीं है जिसके खिलाफ श्री कुमार बयान दे रहे है। यदि श्री कुमार सोंचते हैं कि आरएसएस के खिलाफ बयान देने से उन्हे कोई लाभ होगा तो यह उनका भ्रम है। डा. कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार बिहार में हर मोर्चें पर विफल हो चुके है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद विधि-व्यवस्था चौपट हो गयी है और पूरे राज्य में जल संकट व्याप्त है। इसे दूर करने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महागठबंधन में श्री कुमार के अलावा कई अन्य नेता भी प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे है । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव कभी भी श्री कुमार के प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होने देंगे । उन्होंने कहा कि श्री कुमार का प्रधानमंत्री बनने का सपना महज सपना ही रह जायेगा । 

पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण में 80 प्रतिशत मतदान

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कोलकाता 17 अप्रैल, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच आज 56 सीटों पर लगभग 80 प्रतिशत मतदान हुआ। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान शाम छह बजे समाप्त हुआ। चुनाव आयोग कार्यालय ने बताया कि अपराह्न तीन बजे तक हालांकि 70.82 मतदान हुआ था। दूसरे चरण में सात जिलों की 56 सीटों पर मतदान हुआ। अधिकारी ने बताया कि पंक्तियों में खड़े मतदाताओं द्वारा वोट डालने के बाद ही मतदान पूरी तरह से संपन्न होने की उम्मीद है। निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि सभी सूचनाएं उपलब्ध होने के बाद मतदान लगभग 80 प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है। राज्य के विभिन्न स्थानों पर हुइ झड़पों में कम से कम 13 लोग घायल हो गये।

चुनाव आयोग तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष अनुव्रत मंडल के खिलाफ मतदान के दौरान पार्टी के लोगो वाली शर्ट पहनने के लिए कड़ी कार्रवाई कर सकता है। भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने आरोप लगाया कि मयूरेश्वर में फर्जी मतदान करने की अनुमति दी गई। चुनाव आयेाग को अपराह्न तीन बजे तक विभिन्न भागों से 939 शिकायतें मिलीं। बीरभूम जिले में रिकार्ड 73.59,अलीपुरद्वार में 73.65 प्रतिशत,जलपाईगुड़ी में 67.93,दार्जिलिंग में सबसे कम 63.73, उत्तरी दिनाजपुर 70.30,दक्षिणी दिनाजपुर में 74.37 और मालदा में 68.67 मतदान हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने बीरभूम जिले की सभी 11 सीटों पर फिर से मतदान कराने की मांग की है।पुलिस ने बताया कि बीरभूम जिले के दुमरूत गांव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में आठ लोग घायल हो गये। 

दीदी चुनावों में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है : मोदी

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कोलकाता 17 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है और उन्होंने लोगों से इस सरकार को सत्ता से बेदखल करने का आहवान किया। श्री मोदी ने यहां शाहिद मीनार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा,“दीदी (ममता) विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। सुश्री बनर्जी को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग द्वारा दिये गये कारण बताओ नोटिस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उम्मीदवार की जगह सरकार(मुख्य सचिव) जवाब दे रहे है। 

उन्होंने कहा कि आयोग ने भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार सुश्री बनर्जी को नोटिस दिया है न न कि सरकार को। नोटिस का जवाब तृणमूल कांग्रेस या उम्मीदवार या दीदी की तरफ से एक वकील को देना चाहिए लेकिन मुख्य सचिव जवाब दे रहे है। सत्तारूढ पार्टी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव में असल में अपनी हार मानी ली है और सत्तारूढ पार्टी अब अपनी प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों से लडने के बजाय चुनाव आयोग को निशाना बना रही है। 

चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनाने में मेरी भूमिका अहम : मुलायम

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लखनऊ, 17 अप्रैल, समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज दावा किया कि प्रखर समाजवादी नेता चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनवाने में उनकी अहम भूमिका थी। श्री यादव ने कहा, “ पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर ने एक बार कहा था कि यदि मुलायम सिंह यादव की इच्छा है तो वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। राजीव गांधी के साथ मेरे अच्छे संबध थे और इस मुद्दे पर मैने उनसे बात की। श्री गांधी ने इस शर्त के साथ हामी भरी कि चंद्रशेखर की कैबिनेट में कमला मोरारका मंत्री नही होंगी। हालांकि चंद्रशेखर की निकट सहयोगी मोरारका बाद में मंत्री नियुक्त हुयी।” पार्टी मुख्यालय में दिवगंत प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 90वी जयंती के अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुये सपा मुखिया ने कहा, “ चन्द्रशेखर को हालांकि अपनी राजनीतिक सहयोगी को सम्मान दिलाने की कीमत प्रधानमंत्री पद गंवा कर चुकानी पडी मगर उन्होने अपने मित्रों और सिद्धांतों के साथ कभी समझाैता नही किया। वह हर अहम फैसले पर मुझसे सलाह मशविरा जरूर करते थे। ” 

देश में संसदीय लोकतंत्र की जडों को मजबूत करने में श्री चंद्रशेखर की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुये श्री यादव ने कहा कि बेहद नम्र पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले चन्द्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाये गये आपातकाल का प्रखर विरोध किया और इस कारण मीसा कानून के तहत उन्हें जेल जाना पडा। श्री यादव ने कहा कि चन्द्रशेखर प्रखर और पारदर्शी व्यक्तित्व रखते थे। हम अनेक समाजवादी आंदोलन में साथ थे। मै सोशलिस्ट पार्टी के साथ था जबकि व प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के साथ थे। हम दोनों के बीच कभी कोई समस्या नही हुयी। 

पाकिस्तान ने कहा, भारत वार्ता बहाल करने आगे नहीं आ रहा

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न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापक वार्ता बहाल करने के लिए भारत आगे नहीं आ रहा है और यह रवैया द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की राह में बाधक है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने पिछले सप्ताह यूएस आर्मी वार कॉलेज में छात्रों के समूह और संकाय सदस्यों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद सकारात्मक शुरुआत के बावजूद भारत ने तुच्छ आधारों पर दोनों देशों के बीच बातचीत निलंबित कर दी और अस्वीकार्य पूर्व-शर्तें रख दीं।


विश्व संस्था में पाकिस्तानी मिशन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, लोधी ने बताया कि व्यापक एवं विस्तृत बातचीत बहाल करने के पाकिस्तान के आह्वान के बावजूद भारत अब तक कदम नहीं बढ़ा रहा है। विज्ञप्ति में बताया गया है ‘‘यह रवैया दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने की दिशा में बाधक है।’’ लोधी ने कहा कि आतंकवाद को पराजित करना, अर्थव्यवस्था में वृद्धि और शांतिपूर्ण पड़ोस का निर्माण पाकिस्तान की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं जिनमें अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना तथा प्रमुख मुद्दों के समाधान के आधार पर भारत के साथ संबंधों को सामान्य करना भी शामिल है।

उन्होंने कहा ‘‘यह राष्ट्रीय प्राथमिकताएं हमारी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तथा हमारे विदेश संबंध बनाती हैं।’’ लोधी ने कहा कि पाकिस्तान की एक प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्रीय संपर्क और एकीकरण भी है। उन्होंने चीन के साथ संपर्क परियोजना का हवाला दिया जो दोनों देशों को एक आर्थिक गलियारे से जोड़ती है। विज्ञप्ति के अनुसार ‘‘पाकिस्तान को सेंट्रल एशिया और यूरेशियाई हिस्सों से जोड़ने वाला चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सिर्फ चीन और पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए फायदे वाली स्थिति होगी।’’

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (17 अप्रैल)

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श्रीमद भागवत कथा कथा का दूसरा दिन, पुज्या जया किशोरी जी के पिता श्री शिवशंकर शर्मा जी का श्री जैन ने किया सम्मान
  • हर धर्म को सम्मान देना हमारी संस्कृति है -पुज्या जया किशोरी जीे

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मेघनगर---आदमी के जीवन में इतनी ऊँचाइयाँ रहनी चाहिए की वह हर व्यक्ति के गुणो और धर्म का सम्मान कर सके स मनुष्य के जीवन में उदारता ऐसी होना चाहिए । वैसे ही जैसे दीपको में भेद होता , कोई दीपक महंगा  होता है कोई सस्ता होता है लेकिन ज्योति में कोई भेद नहीं  होता , वो एक सी होती  है  । उदार होती है सभी के लिए एक समान उजाला देने वाली स संसार में धर्म , शास्त्र और सिद्धांतों का जन्म मनुष्य जीवन के कल्याण के लिए हुआ है । लड़ाई के लिए नहीं स धर्म और शास्त्र हम सबको एक साथ प्रेम से मिलकर रहना सिखाते है । धर्म शास्त्रो में सुनी गयी बातों , कथाओ का और उनसे मिलने वाली शिक्षाओ को  सकारात्मक रूप में हमे अपने जीवन में उतारना चाहिए स हमे हर धर्म को सम्मान देना चाहिए । ये भारत की और हमारी संस्कृति है  । मनुष्य ठाकुर जी को केवल दुख  में याद करता है  और सुख में उन्हे भूलकर रिश्तेदारों को याद करता है  स हमे कभी भी  ईश्वर और उसकी कृपा को नहीं भूलना चाहिए । ये महत्वपूर्ण संदेश बालव्यास श्रीराधा स्वरूपा पुज्या जया किशोरी जी ने श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर फुटतालाब मेघनगर में आयोजित श्रीमद भागवत में दिये । उन्होने श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन का प्रारंभ मंगलाचरण के साथ राधे गोविंद गोविंद राधे सकीर्तन के साथ की स पुज्या किशोरी जी ने श्री ठाकुर जी के 24 अवतारो की कथा के अंतर्गत बारह अवतारो का विस्तार से वर्णन किया । उन्होने बताया की किस प्रकार बालक ध्रुव की तपस्या के बाद श्री ठाकुर जी ने उन्हे दर्शन दिये स महाभारत , समीक ऋषि , राजा श्री परीक्षित और भक्त प्रहलाद के प्रसंगो , श्री नरसिंह अवतार का भी वर्णन भी कथा में किया गया जिसका  सुंदर और मनमोहक मंचन नृत्य नाटिकाओ के माध्यम से प्रस्तुत किया  गया । श्री शिव जी के विवाह प्रसंग ने कथा में उपस्थित हजारो भक्तो को भाव विभोर कर दिया स शिवजी की बारात के पूर्व हल्दी की रस्म भी की गयी । बारात में  श्री सुरेश चन्द्र पूरणमल जैन, जैकी जैन  उनके परिवार और पप्पू भैया मित्र मंडल के सदस्यो के साथ पूरे पंडाल में उपस्थित श्री कृष्ण भक्तो ने नृत्य किया स इसके पश्चात मंच में श्री शिव पार्वती विवाह की वरमाला का मनमोनक दृश्य मंच पर अवतरित किया गया । इस प्रस्तुति में शिवजी विहाने चले और श्रीमद भागवत में  कर लो हरी दर्शन जैसे भजनो पर पंडाल में सभी अभिभूत दिखाई दिये स पुज्या जया किशोरी जी के पिता श्री शिवशंकर शर्मा का विशेष सम्मान प्रदेश के समाजसेवी और इस धार्मिक  आयोजन के  शिल्पकर श्री जैन ने पुष्प हार पहनाकर  किया । अभिनंदन करते समय श्री शर्मा बेहद भावुक नज़र आये । श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान  मंदिर समिति ने प्रदेश और  जिले वासियो से , सभी जनप्रतिनिधियों से आयोजन में आकार धर्म लाभ लेने का विनम्र आग्रह किया है । आयोजन के दूसरे दिन जिला पंचायत की अध्यक्षा सुश्री कलावती भूरिया पूर्व विधायक रतन सिंह भाबर , भुरका भाई , फुटतालाब के सरपंच बहादुर भाई पुरषोत्तम प्रजापति विपणन संस्था के अध्यक्ष और रामायण मंडल के संस्थापक संजय श्रीवास , गणेश प्रजापत , के साथ कई गणमान्य नागरिकों ने सकारात्मक रूप से सहभागिता की । जैकी जैन ने जानकारी दी की श्रीमद भागवत कथा सुबह 10रू30 पर प्रारंभ होगी उन्होने अधिक से अधिक लोगो से धर्म लाभ लेने की अपील की है ।

बरसाने की होली की अदभूत प्रस्तुति ने बांधा समा
एक दिन पूर्व हुए शाम के कार्यक्रम में राजस्थान के डिग भरतपुर के पंडित विष्णुदत्त शर्मा और भजन गायक श्री बृजवासी के दल ने श्री कृष्ण रास लीला के दूसरे दिन बरसाने की  विश्व प्रसिद्ध लठमार होली की सुंदर और आकर्षक प्रस्तुतियों से सभी को अभी और आकर्षित किया । श्री बृजवासी और दल के भजनो पर श्रोता मंत्र मुग्ध नज़र आये । मंच पर कई भजनो पर कलाकारो को श्री जैन द्वारा पुरस्कार स्वरूप नगद राशि भी दी गयी  । मुख्य अतिथि के रूप में बैंक ऑफ बडोदा और इंडिया बैंक के श्री चैहान और श्री सिंह के साथ मेघनगर के थाना प्रभारी श्री भाबर भी उपस्थित थे । सभी का अभिनंदन श्री जैन द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अगले क्रम में आज शाम 8 बजे अग्निहोत्री बंधुओ की भजन संध्या का आयोजन होगा ।

गाजे बाजे के साथ देवधर्मराज की उतारी महाआरती, 5555 लड्डूओं का नैवेद्य अर्पित किया गया 

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झाबुआ---शनिवार की शाम को राजवाडा चैक में बेंड बाजों एवं घडी घण्टालों की ध्वनि के साथ पूरा वातावरण धर्ममय हो गया । प्रसंग था प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नगर के अति प्राचिन महाचमत्कारी एवं नन्य आस्था के केन्द्र तथा पशुधन की आरोग्यता एवं परिवार की सुख सृमद्धि को प्रदान करने वाले श्री देवधर्मराज की जन्म जयंती पर  महा आरती का आयोजन कर उन्हे 5555 लड्डूआंे का नैवेद्य अर्पण किया गया । परंपरागत रूप  से कांठी परिवार द्वारा बरसों से देव धर्मराज मंदिर में जन्म जयंती आयोजित करके महाआरती एवं लड्डूओं का नैवेद्य अर्पित किये जाने की परंपरा को  मागीलाल कांठी एवं आशीष कांठी द्वारा महाआरती का आयोजन किया गया । मुख्य अतिथि के रूप  में सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर एवं समाज सेवी अजय रामावत ने ठीक 7-30 बजे विधि विधान से देव धर्मराज एवं बिराजित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चन करके महा मंगल आरती उतारी । देवधर्मराज को 5555 लड्डूओं का भोग अर्पित किया गया । महाआरती के पूर्व श्रद्धालु महिलाओं ने मंदिर में भजनों की प्रस्तुति दी । इस  मुकेश संघवी, निलेश लोढा, सुमित संघवी, पिण्टू पुरोहित का सराहनीय सहयोग रहा । आरती के बाद मंदिर के बाहर अनुशासन बद्ध होकर श्रद्धालुओं को प्रसादी के रूप  में लड्डूओं का वितरण किया गया तथा प्रत्यक दर्शनार्थी को शीतल ठंडाई का वितरण भी किया गया । आयोजक  मांगीलाल कांठी के अनुसार देवधर्म राज जयंती पर नगर के बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया ।

स्व. नगीनलाल जी कांठी की स्मृति मे जिला न्यायालय मे बैठक
  • सुपुत्र संजय कांठी ने अभिभाषक कक्ष मे ऐयर कंडीशन दान किया

झाबुआ---वरिष्ठ अभिभाषक स्व. नगीनलाल जी कांठी की स्मृति मे अभिभाषक कार्यालय झाबुआ मे बैठक संम्पन्न हुई जिसमे स्व. नगीनलालजी कंाठी के न्यायालय तथा समाज के अन्य क्षेत्रो मे किये योगदान को याद किया गया । इस अवसर पर स्व. नगीनलाल जी कंाठी के सुपुत्र एवं समाजसेवी श्री संजय कांठी ने अभिभाषक संघ कार्यालय झाबुआ मे स्व. नगीनलालजी कांठी की स्मृति मे अधिवक्ता संघ को ऐयर कंडीशन प्रदान किया । इस अवसर पर अभिभाषक संघ झाबुआ के अध्यक्ष श्री रमेश डोसी, सचिव श्री हेमेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री , उपाध्यक्ष विजय संघवी, बी.एल.सोनी, आचार्य नामदेव ने अधिवक्ताओ को संबोधित किया तथा अभिभाषक संघ की ओर से आभार प्रकट किया । बैठक मे अजय रामावत, प्रधान जी, एवं ललित शाह, उत्तम जैन, अखिलेश्स संघवी, प्रतीक मेहता, मुकेश बैरागी, मनीष कानुनगो, हेमेंद्र व्यास, योगेश जोशी, पवन शर्मा, पुष्पराज राणावत, युनुस लोदी, सलील पठान, हुक्मीचंद यादव, देवेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, राजीव बुटाला, सुधीर झा आदि समस्त अधिवक्तागण उपस्थित रहे ।

ग्राम संसद में गाॅव के विकास की बनी योजना

झाबुआ---ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान ग्राम पंचायतो में 15 अप्रैल से 31 मई तक निरंतर ग्राम संसदो का आयोजन किया जाएगा। आज 17 अप्रैल से मेघनगर ब्लाक के ग्राम अगासिया में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम झोसर में, थांदला ब्लाक के ग्राम वट्ठा में, रामा ब्लाक के ग्राम खेडा में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम बिसोली में, रानापुर ब्लाक के ग्राम मांडलीनाथु में ग्राम संसद प्रारंभ हुई जो 17 से 19 अप्रैल 2016 तक आयोजित होगी। 16 अप्रैल से मेघनगर ब्लाक के ग्राम आमलीयामाल में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम उन्नई में, थांदला ब्लाक के ग्राम झारणी में, रामा ब्लाक के ग्राम कांकडकुआ में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम बरखेडा में, रानापुर ब्लाक के ग्राम रूपाखेडा में प्रारंभ हुई ग्राम संसद 18 अप्रैल 2016 तक आयोजित होगी।  मेघनगर ब्लाक के ग्राम तोरनिया में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम रूपगढ में, थांदला ब्लाक के ग्राम बालवासा में, रामा ब्लाक के ग्राम डोकरवानी में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम कल्याणपुरा में, रानापुर ब्लाक के ग्राम कंजावानी में आज ग्राम संसद का तीन दिवसीय आयोजन संपन्न हुआ एवं ग्राम संसद में बैठकर ग्रामीणो ने गांव के विकास की योजनाओं को मूर्त रूप दिया। ग्राम सभाओं में कृषि विकास के लिए जैविक खेती, तालाबो एवं जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाई गई, समग्र डाटाबेस के आधार पर हितग्राही मूलक योजनाओं में पात्र हितग्राहियो को जोडने के लिये सूची तैयार की गई। समग्र एवं रोजगार गारंटी योजना डाटाबेस से आधार बैंक अकाउन्ट नम्बर, मोबाईल नम्बर जोडने की कार्यवाही के लिये छूटे हुवे व्यक्तियो के नाम सूचीबद्ध किये गये। दिव्यांगो की पहचान एवं जिन दिव्यांगो के प्रमाण-पत्र नहीं है, उनका चिन्हांकन किया गया।  प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत एसईसीसी डाटा अनुसार प्राथमिकता का निर्धारण किया गया। जाति प्रमाण-पत्रों का प्रदाय, आबादी क्षेत्र के पट्टे/भू-खण्ड धारक प्रमाण-पत्र का प्रदाय, नामांतरण/बटवारा/सीमांकन प्रकरणो का निराकरण, की कार्यवाई के लिये ग्रामीणो से चर्चा कर नाम सूची बद्ध किये गये। ग्राम पंचायत की परिसम्पतियों का सत्यापन एवं पंजी का अद्यतीकरण, स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत ग्राम पंचायत द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई। ग्रामीणो को ग्राम संसद में शासन की योजनाओ की जानकारी दी गई एवं प्रात्रता अनुसार ग्रामीणो को योजनाओ के लाभ के लिये चिन्हाकित किया गया। ग्रामीणो को स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत शौचालय निर्माण करवाने एवं शौचालय का उपयोग करने के लिये प्रेरित किया गया।

18 अप्रैल को यहां होगी ग्राम संसद प्रारंभ
18 अप्रैल से मेघनगर ब्लाक के ग्राम चैखवाडा में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम गोपालपुरा में, थांदला ब्लाक के ग्राम छायन में, रामा ब्लाक के ग्राम मुण्डत में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम आमलीपठार में, रानापुर ब्लाक के ग्राम कुशलपुरा में 18 से 20 अप्रैल 2016 तक तीन दिवसीय ग्राम संसद का आयोजन किया जाएगा।

सूखा प्रभावित क्षेत्रो में ग्रीष्मकालीन अवकाश में मध्यान्ह भोजन का संचालन होगा

झाबुआ----वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलो में ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान भी मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। मध्यान्ह भोजन के लिए स्कूलो में विद्यार्थीयो की उपस्थित सुनिश्चित कर मध्यान्ह भोजन वितरण की व्यवस्था करने के लिए कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है एवं मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था की मानीटरिंग के लिए जिला अधिकारियों को दायित्व सौपा है।

सफलता की कहानी
  • कृषक विनोद एस.एम.आई पद्धति से सरसो की जैविक खेती कर जिले के किसानों के लिए बने प्रेरणा स्त्रोत

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झाबुआ --- पश्चिमी मध्यप्रदेश की सीमा पर झाबुआ जिला स्थित है, राजस्थान व गुजरात से प्रदेश से सीमावर्ती है। जिले की जनसंख्या का लगभग 88 प्रतिशत हिस्सा जनजातिय परिवारों का होकर कृषि पर निर्भर है। वर्तमान में जहाॅ मौसम परिवर्तन के कारण हर बार फसल नुकसानी होती है ऐसे में पेटलावद के किसान श्री विनोद ने अपने खेत में सरसो की फसल लगाई। सरसों फसल अन्य फसलांे की अपेक्षा अधिक सुखारोधी होती है। इसी लिये सूखा ग्रस्त क्षेत्रो में इनसे अधिक उपज मिलती है। नवाचार तकनीक श्री पद्धति से सरसों की जैविक खेती कर उत्पादन डेढ़ से दो गुना किया जा सकता है, ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है झाबुआ जिले के किसान श्री विनोद शंकर लाल मुलेवाजी ने।

‘’जैविक खेती से गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद, जमीन बलवान एवं किसान धनवान’’
विनोद ने जैविक खेती के माध्यम से अपना उत्पादन बढाया। जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है, जिसमें पर्यावरण को स्वच्छ प्राकृतिक संतुलन को कायम रखते हुए भूमि, जल एवं वायु को प्रदूषित किए बिना दीर्घकालीन व स्थिर उत्पादन प्राप्त किया जाता है। इस पद्धति में रसायनों का उपयोग कम से कम या न के बराबर किया जाता है। जैविक खेती से प्राप्त फसल हानिकारक प्रभावों से मुक्त होती है। साथ ही खाद्य पदार्थ अधिक स्वादिष्ट, पौषक तत्वो से भरपूर एवं रसायनों से मुक्त होते है। ग्राम पेटलावद, विकास खण्ड पेटलावद के कृषक श्री विनोद ने बताया कि परिवार के भरण पोषण के लिए वह पुस्तैनी रूप से खेती करता आ रहा है।सिंचाई कुएं से होती है। विनोद के पास 4 हेक्टेयर सिंचित जमीन है। विनोद ने उन्नत कृषि तकनीकी एवं जैविक खेती की जानकारी प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग के विस्तार कार्यकर्ताओं और अधिकारियों से भी नियमित सम्पर्क किया। विनोद कक्षा 12 वी पास है। वे खेती के साथ साथ पशुपालन का कार्य भी अच्छे ढ़ग से करते है। ताकी जैविक खाद तैयार कर और अधिक लाभ कमा सके। विनोद के पास खुद का मिनी ट्रेक्टर, कल्टीवेटर, ट्राली, सिंचाई हेतु विधुत मोटर है। जिसका उपयोग अपनी खेती एवं किराये पर दूसरे की खेती करने में उपयोग करते है ओर अतिरिक्त आय प्राप्त करते है। विनोद ने बताया कि 4 हेक्टेयर सिंचित जमीन की उत्पादकता इतनी कम थी। कि परिवार का भरण पोषण भी ढंग से नहीं हो पाता था। क्षेत्र में कम मात्रा में अनियमित वर्षा और इनके खेतो की उथली और हल्की भूमि के कारण फसलों की उत्पादकता कम प्राप्त होती थी। फसल उत्पादन बडाने के उद्देश्य से विनोद ने सरसों उत्पादन की नवाचार श्री (एस.एम.आई) पद्धति से जैविक खेती करने की अनोखी पहल की एवं सरसों की नवाचार तकनीक, अपनाकर कम लागत में अधिक उपज प्राप्त की। यह तकनीक विनोद के लिए निश्चित रूप से प्रति हेक्ट. अधिक उपज प्राप्त करने के लिए वरदान सिद्व हुई है। आसपास के किसान भी अब उनसे विधि पूछ कर सरसो की खेती की ओर उन्मुख हो रहे है।

एस.एम.आई श्री पद्धति से सरसों की जैविक खेती करने के लाभ
प्रति इकाई क्षेत्र से उपज मे डेढ़ से दुगनी वृद्वि होती है। बीजदर प्रति हेक्टेयर 200ग्राम लगती है अर्थात बीजदर में कमी। लागत में कमी, खरपतवार नियंत्रण करने में सुविधा। पौध रोपण करने से पौधों से अधिक संख्या में शाखाऐं निकलकर पौधे झाड़ीनुमा बनकर अधिक फैलाव करते है जिससे अधिक उपज मिलती है। कीट प्रकोप कम होता है। विनोद ने खेती में अपनाये जाने वाले क्रियाकलापो के बारे में बताया कि वे प्रतिवर्ष अपनी फसलों के अवशेष एवं पशुओं के गोबर,मल मूत्र को नाडेप टांका में भरते है। नाडेप टांका से प्राप्त अच्छी तरह सड़ी हुई खाद को अपने खेतों में डालते है। तीन वर्ष मे गर्मी के मौसम में मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई कराते है, जिससे मिट्टी की जलधारण क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ खरपतवार और किड़े बीमारीयों का प्रकोप कम होता है। मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही फसलों की आवश्यकतानुसार ही पौषक तत्वों का उपयोग करते है। कृषि विभाग द्वारा बताई जाने वाली नई-नई तकनीको की जानकारी लेकर उनका प्रयोग खेती में करते है। कृषि विभाग द्वारा तीन दिवसीय ग्राम संसदो में भी निरंतर किसानो को जैविक खेती की जानकारी दी जा रही है। ताकि वे शासन की मंशानुसार खेती की उपज को दो गुना कर पाये।

आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के दो अपराध पंजीबद्ध 
    
झाबुआ--- सविता पति धुजार अमलियार, उम्र 18 वर्ष निवासी सुवापाट को जलने से ईलाज हेतु एसएसजी अस्पताल बडौदा रेफर किया गया था। दोराने ईलाज मृत्यु हो गयी। ईलाज के दौरान मृतिका सविता के कथन श्री के0के0कलौरिया कार्यपालन मजि0 बडौदा के द्वारा लिये गये जिसमें मृतिका द्वारा बताया कि उसके पति ने स्वंय जलने को कहा तो मृतिका ने जलने से मना किया तो अरोपी धुजार पिता झितरा अमलियार, उम्र 20 वर्ष निवासी सुवापाट ने तुुझे जला दुंगा, कहकर मृतिका के शरीर पर घासलेट डालकर जला दिया।  प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 125/16, धारा 304-बी भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। माया पति पुनमचन्द्र डामोर, उम्र 20 वर्ष निवासी किशनपुरी को आरोपी उसका पति पुनमचन्द्र पिता सुकिया डामोर एवं सातुबाई पति सुकिया डामोर, निवासीगण किशनपुरी के द्वारा मारपीट कर परेशान करते थे, जिससे तंग आकर मृतिका माया ने घासलेट डालकर जलकर आत्महत्या कर ली। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 264/16, धारा 306 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।

चोरी के चार अपराध पंजीबद्ध 
    
झाबुआ---- फरियादी लालु पिता रडु पचाया, उम्र 42 वर्ष निवासी डिग्गी ने बताया कि आरोपी सुरप पिता धुलु भूरिया एवं अन्य 02 निवासी फुटतालाब के फरि0 के एक बकरे को अपनी मो0सा0 पर बैठाकर चुराकर ले जा रहे थे, जिससे फरि0 व आसपास के लोगों ने पिछा कर पकड लिया। प्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 148/16, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी गोपालकृष्ण पिता दयाराम शर्मा, निवासी रंभापुर ने बताया कि उसने अपनी मो0सा0 क्र0 एम0पी0-45-एमएफ-4676 को घर के समाने लाॅक लगाकर खडी की थी। कोई अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अप0क्र0 84/16, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी मनोज पिता चंदनमल कटकानी, निवासी झाबुआ ने बताया कि अज्ञात बदमाश फरि0 के भाई अनिल पिता चंदनमल के घर के दरवाजे का ताला तोडकर अंदर घुसे व सामान चोरी कर ले गये सामान क्या चोरी हुआ है, इसका खुलासा भाई अनिल के आने पर होगा। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 265/16, धारा 457 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी दीपक पिता पिठवा, निवासी झाबुआ ने बताया कि अज्ञात बदमाश फरि0 के घर के सामने से एक काले रंग की साईकिल व विजय पिता भुरालाल के घर के सामने से एक साईकिल कोई अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 267/16, धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फांसी लगाकर की आत्महत्या

झाबुआ--- फरियादिया सुनिता पति मोहन कटारा, निवासी केशरपुरा ने बताया कि मोहन पिता शांतु कटारा, निवासी केशरपुरा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्र0 24/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कुए मे गिरने से मोत

झाबुआ--- फरियादी प्रेमसिंह पिता जवसिंह वसुनिया, तैनात सीएच झाबुआ ने बताया कि मृतक नानीया पिता विजीया गामड को कुंए में गिरने से घायल अवस्था में ईलाज हेेतु सीएच झाबुआ लाया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 27/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जहर खाने से मोत

झाबुआ--- फरियादी हकरिया पिता दितीया डामोर, तैनात सीएच झाबुआ ने बताया कि मृतक राजु पिता प्यारसिंह भुरिया, उम्र 17 वर्ष निवासी कालीदेवी की जहर खाने से ईलाज हेेतु सीएच झाबुआ लाया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 00/16, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : सरकार ने पर्चा भी दिया परन्तु जमीन पर महादलितों को कब्जा नहीं हो सका।

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दानापुर। इस प्रखंड में रहते हैं महादलित मुसहर। पूर्व सीएम लालू-राबड़ी के शासनकाल में महादलितों को जमीन मिली थी। सरकार ने पर्चा भी दिया परन्तु जमीन पर महादलितों को कब्जा नहीं हो सका। आज भी जमीन को कब्जाने का प्रयास करते हैं। इसमें एक एनजीओ सहायक बना। जो सफल नहीं हो सका। चुल्हाई चक मुसहरी में रहने वालों को मिली थी जमीन।रूपसपुर नहर के किनारे रहते हैं महादलित  मुसहर। सड़क निर्माण के चलते विस्थापित हो गये हैं। इसके आलोक में पूर्व सीएम लालू-राबड़ी के  शासनकाल में जमीन मिली थी महादलित मुसहरों को।जमीन का पर्चा मिला परन्तु जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका। जमीन कब्जाने के उद्देश्य से मुसहर कागजात को लेकर भटकते नजर आ रहे हैं। इनकी जमीन से मिट्टी निकालकर सड़क निर्माण किया गया। इनके भूखंड गड्ढे में तब्दील हो गया है। जहां जलजमाव हो जाता है। प्राकृतिक तौर से जलजमाव नहीं होने पर तब किसान ट्यूबवेल से कृत्रिम जलजमाव पैदा कर देते हैं। इसका खामियाजा महादलित भुगतते हैं। 

मजे की बात है कि एक एनजीओ ने भी सहायता करनी शुरू की थी। जब एनजीओ ने मामले को दानापुर एसडीओ के समक्ष पहुंचाया,तब एसडीओ ने सीओ को आदेश दिया कि महादलितों को जमीन पर कब्जा दिला दें। सीओ साहब मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो भूखंड पर पानी भरा था। इसके आलोक में सीओ ने कहा कि गड्ढे से पानी निकल जाने के बाद भूखंड का सीमांकनकर महादलितों को जमीन दी जाएगी।इस आशय की जानकारी जब किसानों को मिली तो किसानों ने ट्यूबवेल से गड्ढे में और अधिक पानी भर दिया। इस बीच एनजीओ के फंड समाप्त होने और एसडीओ और सीओ साहब का स्थानान्तरण हो जाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच गड्ढे से पानी निकल गया है। गड्ढे में दूर-दूर तक पानी नहीं है। वहीं दूर-दूर तक मुसहरों को सहायता करने वाले भी कोई नहीं है। यह कार्य आगे सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मांझी ने बढ़ाया था। वह भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता महादलित मुसहर होने के बाद भी मुसहरों की समस्याओं का निराकरण करने में पहलकदमी नहीं कर रहे हैं। 

विशेष आलेख : महावीर हैं जीवन की सार्थकता के प्रतीक

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महावीर का संपूर्ण जीवन स्व और पर के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है। लाखों-लाखों लोगों को उन्होंने अपने आलोक से आलोकित किया है। इसलिए महावीर बनना जीवन की सार्थकता का प्रतीक है। प्रत्येक वर्ष भगवान महावीर की जन्म-जयन्ती हम मनाते हैं। समस्त विश्व में जैन समाज और अन्य अहिंसा प्रेमी व्यक्तियों द्वारा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ उनकी जयंती मनाई जाती है। उस दिन भगवान महावीर की शिक्षाओं पर गोष्ठियां होती हैं, भाषण होते हैं और कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। भगवान महावीर की शिक्षाओं का हमारे जीवन और विशेषकर व्यावहारिक जीवन में किस प्रकार समावेश हो और कैसे हम अपने जीवन को उनकी शिक्षाओं के अनुरूप ढाल सकें, यह अधिक आवश्यक है लेकिन इस विषय पर प्रायः सन्नाटा देखने को मिलता है। विशेषतः जैन समाज के लोग एवं अनुयायी ही महावीर को भूलते जा रहे हैं, उनकी शिष्याओं को ताक पर रख रहे हैं। दुःख तो इस बात का है कि जैन समाज के सर्वे-सर्वा लोग ही सबसे ज्यादा महावीर को सबसे अधिक अप्रासंगिक बना रहे हैं, महावीर ने जिन-जिन बुराइयां पर प्रहार किया, वे उन्हें ही अधिक अपना रहे हैं। उस महान् क्रांतिकारी वीर महापुरुष की जयंती भी आज आयोजनात्मक होती है, प्रयोजनात्मक नहीं हो पा रही है। हम महावीर को केवल पूजते हैं, जीवन में धारण नहीं कर पाते हैं। हम केवल कर्मकाण्ड और पूजा विधि में ही लगे रहते हैं और जो मूलभूत सारगर्भित शिक्षाएं हैं, उन्हें जीवन में नहीं उतार पाते। आज मनुष्य जिन समस्याओं से और जिन जटिल परिस्थितियों से घिरा हुआ है उन सबका समाधान महावीर के दर्शन और सिद्धांतों में समाहित है। जरूरी है कि हम महावीर ने जो उपदेश दिये उन्हें जीवन और आचरण में उतारें। हर व्यक्ति महावीर बनने की तैयारी करे, तभी समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। महावीर वही व्यक्ति बन सकता है जो लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पित हो, जिसमें कष्टों को सहने की क्षमता हो। जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी समता एवं संतुलन स्थापित रख सके, जो मौन की साधना और शरीर को तपाने के लिए तत्पर हो। जिसके मन में संपूर्ण प्राणिमात्र के प्रति सहअस्तित्व  की भावना हो। जो पुरुषार्थ के द्वारा न केवल अपना भाग्य बदलना जानता हो, बल्कि संपूर्ण मानवता के उज्ज्वल भविष्य की मनोकामना रखता हो। 

सदियों पहले महावीर जनमे। वे जन्म से महावीर नहीं थे। उन्होंने जीवन भर अनगिनत संघर्षों को झेला, कष्टों को सहा, दुख में से सुख खोजा और गहन तप एवं साधना के बल पर सत्य तक पहुंचे, इसलिये वे हमारे लिए आदर्शों की ऊंची मीनार बन गये। उन्होंने समझ दी कि महानता कभी भौतिक पदार्थों, सुख-सुविधाओं, संकीर्ण सोच एवं स्वार्थी मनोवृत्ति से नहीं प्राप्त की जा सकती उसके लिए सच्चाई को बटोरना होता है, नैतिकता के पथ पर चलना होता है और अहिंसा की जीवन शैली अपनानी होती है।


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भगवान महावीर की मूल शिक्षा है- ‘अहिंसा’। सबसे पहले ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का प्रयोग हिन्दुओं का ही नहीं बल्कि समस्त मानव जाति के पावन ग्रंथ ‘महाभारत’ के अनुशासन पर्व में किया गया था। लेकिन इसको अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलवायी भगवान महावीर ने। भगवान महावीर ने अपनी वाणी से और अपने स्वयं के जीवन से इसे वह प्रतिष्ठा दिलाई कि अहिंसा के साथ भगवान महावीर का नाम ऐसा जुड़ गया कि दोनों को अलग कर ही नहीं सकते। अहिंसा का सीधा-साधा अर्थ करें तो वह होगा कि व्यावहारिक जीवन में हम किसी को कष्ट नहीं पहुंचाएं, किसी प्राणी को अपने स्वार्थ के लिए दुःख न दें। ‘आत्मानः प्रतिकूलानि परेषाम् न समाचरेत्’’ इस भावना के अनुसार दूसरे व्यक्तियों से ऐसा व्यवहार करें जैसा कि हम उनसे अपने लिए अपेक्षा करते हैं। इतना ही नहीं सभी जीव-जन्तुओं के प्रति अर्थात् पूरे प्राणी मात्र के प्रति अहिंसा की भावना रखकर किसी प्राणी की अपने स्वार्थ व जीभ के स्वाद आदि के लिए हत्या न तो करें और न ही करवाएं और हत्या से उत्पन्न वस्तुओं का भी उपभोग नहीं करें। 

भगवान महावीर का एक महत्वपूर्ण संदेश है ‘क्षमा’। भगवान महावीर ने कहा कि ‘खामेमि सव्वे जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे, मित्ती में सव्व भूएसू, वेर मज्झं न केणई’। अर्थात् ‘मैं सभी से क्षमा याचना करता हूं। मुझे सभी क्षमा करें। मेरे लिए सभी प्राणी मित्रवत हैं। मेरा किसी से भी वैर नहीं है। यदि भगवान महावीर की इस शिक्षा को हम व्यावहारिक जीवन में उतारें तो फिर क्रोध एवं अहंकार मिश्रित जो दुर्भावना उत्पन्न होती है और जिसके कारण हम घुट-घुट कर जीते हैं, वह समाप्त हो जाएगी। व्यावहारिक जीवन में यह आवश्यक है कि हम अहंकार को मिटाकर शुद्ध हृदय से आवश्यकता अनुसार बार-बार ऐसी क्षमा प्रदान करें कि यह भावना हमारे हृदय में सदैव बनी रहे। 

भगवान महावीर आदमी को उपदेश/दृष्टि देते हैं कि धर्म का सही अर्थ समझो। धर्म तुम्हें सुख, शांति, समृद्धि, समाधि, आज, अभी दे या कालक्रम से दे, इसका मूल्य नहीं है। मूल्य है धर्म तुम्हें समता, पवित्रता, नैतिकता, अहिंसा की अनुभूति कराता है। महावीर का जीवन हमारे लिए इसलिए महत्वपूर्ण है कि उसमें सत्य धर्म के व्याख्या सूत्र निहित हैं, महावीर ने उन सूत्रों को ओढ़ा नहीं था, साधना की गहराइयों में उतरकर आत्मचेतना के तल पर पाया था। आज महावीर के पुनर्जन्म की नहीं बल्कि उनके द्वारा जीये गये आदर्श जीवन के अवतरण की/पुनर्जन्म की अपेक्षा है। जरूरत है हम बदलें, हमारा स्वभाव बदले और हम हर क्षण महावीर बनने की तैयारी में जुटें तभी महावीर जयंती मनाना सार्थक होगा।

महावीर बनने की कसौटी है-देश और काल से निरपेक्ष तथा जाति और संप्रदाय की कारा से मुक्त चेतना का आविर्भाव। भगवान महावीर एक कालजयी और असांप्रदायिक महापुरुष थे, जिन्होंने अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत को तीव्रता से जीया। वे इस महान त्रिपदी के न केवल प्रयोक्ता और प्रणेता बने बल्कि पर्याय बन गए। जहां अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत की चर्चा होती है वहां भगवान महावीर का यशस्वी नाम स्वतः ही सामने आ जाता है।

महावीर ने आकांक्षाओं के सीमाकरण की बात कही। उन्होंने कहा मूच्र्छा परिग्रह है उसका विवेक करो। आज की समस्या है- पदार्थ और उपभोक्ता के बीच आवश्यकता और उपयोगिता की समझ का अभाव। उपभोक्तावादी संस्कृति महत्वाकांक्षाओं को तेज हवा दे रही है, इसीलिए जिंदगी की भागदौड़ का एक मकसद बन गया है- संग्रह करो, भोग करो। महावीर की शिक्षाओं के विपरीत हमने मान लिया है कि संग्रह ही भविष्य को सुरक्षा देगा। जबकि यह हमारी भूल है। जीवन का शाश्वत सत्य है कि इंद्रियां जैसी आज है भविष्य मंे वैसी नहीं रहेगी। पिफर आज का संग्रह भविष्य के लिए कैसे उपयोगी हो सकता है। क्या आज का संग्रह कल भोगा जा सकेगा जब हमारी इंद्रिया अक्षम बन जाएंगी। महावीर का दर्शन था खाली रहना। इसीलिए उन्होंने जन-जन के बीच आने से पहले, अपने जीवन के अनुभवों को बांटने से पहले, कठोर तप करने से पहले, स्वयं को अकेला बनाया, खाली बनाया। तप तपा। जीवन का सच जाना। फिर उन्होंने कहा अपने भीतर कुछ भी ऐसा न आने दो जिससे भीतर का संसार प्रदूषित हो। न बुरा देखो, न बुरा सुनो, न बुरा कहो। यही खालीपन का संदेश सुख, शांति, समाधि का मार्ग है। दिन-रात संकल्पों-विकल्पों, सुख-दुख, हर्ष-विषाद से घिरे रहना, कल की चिंता में झुलसना तनाव का भार ढोना, ऐसी स्थिति में भला मन कब कैसे खाली हो सकता है? कैसे संतुलित हो सकता है? कैसे समाधिस्थ हो सकता है? इन स्थितियों को पाने के लिए वर्तमान में जीने का अभ्यास जरूरी है। न अतीत की स्मृति और न भविष्य की चिंता। जो आज को जीना सीख लेता है, समझना चाहिए उसने मनुष्य जीवन की सार्थकता को पा लिया है और ऐसे मनुष्यों से बना समाज ही संतुलित हो सकता है, स्वस्थ हो सकता है, समतामूलक हो सकता है।
महापुरुष सदैव प्रासंगिक रहते हैं, फिर पुरुषोत्तम महावीर की प्रासंगिकता के विषय में जिज्ञासा ही अयुक्त है। कौन बता सकता है सूर्य कब अप्रासंगिक बना? चन्द्रमा कब अप्रासंगिक बना? सूर्य केवल दिन को प्रकाशित करता है और चन्द्रमा केवल रात्रि को, किंतु भगवान महावीर का दिव्य-दर्शन अहर्निश मानव-मन को आलोकित कर रहा है। भगवान महावीर सचमुच प्रकाश के तेजस्वी पंुज और सार्वभौम धर्म के प्रणेता हैं। वे इस सृष्टि के मानव-मन के दुःख-विमोचक हैं। पदार्थ के अभाव से उत्पन्न दुःख को सद्भाव से मिटाया जा सकता है, श्रम से मिटाया जा सकता है किंतु पदार्थ की आसक्ति से उत्पन्न दुख को कैसे मिटाया जाए? इसके लिए महावीर के दर्शन की अत्यंत उपादेयता है। भगवान महावीर ने व्रत, संयम और चरित्रा पर सर्वाधिक बल दिया था और पांच लाख लोगों को बारहव्रती श्रावक बनाकर धर्म क्रांति का सूत्रपात किया था। यह सिद्धांत और व्यवहार के सामंजस्य का महान प्रयोग था।

जीव बलवान है या कर्म-इस जिज्ञासा के समाधान में भगवान महावीर ने कहा कि अप्रमत्तता की साधना से जीव बलवान बना रहता है और प्रमाद से कर्म। इस प्रकार भगवान महावीर ने साधना का संपूर्ण हार्द प्रस्तुत कर दिया। जीव का शयन अच्छा है या जागरण-इस प्रश्न के समाधान में उन्होंने कहा कि पाप में प्रवृत जीवों का शयन अच्छा है और धर्म परायण जीवों का जागरण। इस तरह भगवान ने प्रवृत्ति और निवृत्ति दोनों का समर्थन किया। भगवान महावीर का संपूर्ण जीवन तप और ध्यान की पराकाष्ठा है इसलिए वह स्वतः प्रेरणादायी है। भगवान के उपदेश जीवनस्पर्शी हैं जिनमें जीवन की समस्याओं का समाधान निहित है। भगवान महावीर चिन्मय दीपक हैं। दीपक अंधकार का हरण करता है किंतु अज्ञान रूपी अंधकार को हरने के लिए चिन्मय दीपक की उपादेयता निर्विवाद है। वस्तुतः भगवान के प्रवचन और उपदेश आलोक पंुज हैं। ज्ञान रश्मियों से आप्लावित होने के लिए उनमें निमज्जन जरूरी है। 



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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
पफोनः 22727486, 9811051133

दिल्ली पोएट्री सर्किल द्वारा काव्य गोष्ठी आयोजित

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नई दिल्ली। उपनगरी  द्वारका सेक्टर-16 में  दिल्ली  पोएट्री  सर्किल द्वारा  काव्य  गोष्ठी  का  आयोजन  किया गया।  इस काव्य संध्या  में दिल्ली  के विभिन्न क्षेत्र के  प्रसिद्ध  कवि, कवियित्रों एवं  शायरों  ने अपनी-अपनी रचनाओं द्वारा अपने हुनर का परिचय दिया। इस काव्य  संध्यां में वीर रस, विरह, देशभक्ति, ओज, प्रेम रस सहित  समाज  के विभिन्न  पहलुओं  पर  आधारित अनेकों  रचनाओं ने  माहौल  को  मन्त्र-मुग्ध कर दिया।   काव्य गोष्ठी  के  आयोजक  डॉ. प्रसंनान्सू ने बताया  कि वे प्रतेयक महीने  इसी  तरह  के  कार्यक्रम  का  आयोजन  करते हैं जिसमें  दिल्ली  के  विभिन्न क्षेत्रों  के  जाने माने कवि एवं  कवियित्रियां  अपनी अपनी रचनाएँ  प्रस्तुत  करते  हैं।  आज  की काव्य  संध्या का आयोजन दिल्ली  पोएट्री  सर्किल के  मुख्य सरंक्षक वरिष्ठ गीतकार डॉ. अशोक लव  की  अध्यक्षता  में आयोजित  हुआ। इस काव्य संध्या में मुख्य रूप से  एम. एल. लूथरा, दिनेश चन्द्र, वेद प्रकाश कंवर, अनिल  उपाध्याय, याद राम सिंह, पंकज शर्मा,  सुलेखा मिश्र, सुख्वर्ष कंवर तन्हा, डॉ प्रसंनान्शु, प्रेम बिहारी मिश्र, वीरेंद्र कुमार मन्सोत्रा, उर्मिला माधव, नीना सहर, अशोक शर्मा, कुमार गजेंदर, ताराचंद नादान, डॉ रवि धर, श्वेताभ पाठक, श्रीसोमा, माया अनंत, एस.एस. डोगरा ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कर श्रोताओं की भरपूर तालियाँ  बटौरी।  इस  काव्य  गोष्ठी  का  मंच संचालन कवि प्रेम बिहारी  मिश्र  ने  किया।इस अवसर पर अनेक साहित्य प्रेमी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

झारखण्ड : प्रतिमाह वसूली जाने वाली फी की तुलना में बच्चे सुविधाओं से हैं वंचित

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भीषण गर्मी व तेज धूप से उप राजधानी दुमका का जन-जीवन इन दिनों काफी मुश्किलों भरा हो गया है। प्रातः 9 बजे के बाद जहाँ एक ओर घरों से निकलना आम जन-जीवन के लिये काफी दुष्कर भरा  होता जा रहा है, वहीं सरकारी व निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिये पेयजल का संकट और भी मुश्किलों भरा हो गया है। विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले  बच्चों की शिकायत है कि विद्यालयों में ठण्डे पानी का घोर अभाव है। विभिन्न विद्यालयों में भवन के उपर बने टंकियों मे एकत्रित गर्म पानी से ही बच्चों को अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। कई-कई  विद्यालयों में चापाकल का अभाव भी देखने को मिल रहा है। गर्म पानी से बच्चे अपनी प्यास बुझाने को बाध्य देखे जा रहे हैं। अलग-अलग विद्यालयों मे पढ़ने वाले बच्चों के कतिपय अभिभावकों का कहना है कि निजी विद्यालयों में प्रति माह ली जाने वाली फी की तुलना में उनके बच्चों को वे सुविधाएँ मुहैया नहीं करवायी जाती जिसकी अपेक्षा की जाती है। 

निजी विद्यालयों में छात्रों की तुलना में पंखों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जब तक विद्युत विभाग की लाईन मोजूद रहती है तब तक ऐन-केन-प्रकारेन उन्हें हवा तो प्राप्त हो जाती है किन्तु लाईन चले जाने के बाद जेनरेटर का इस्तेमाल विरले ही किया जाता है। कई-कई विद्यालयों में जेनरेटर तक उपलब्ध नहीं होता। डवलपमेंट, इन्टरटेनमेंट व सुविधा शुल्क के नाम पर प्रतिमाह ली जाने वाली राशि की वनिस्वत बच्चों को उक्त सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग को इन सुविधाओं के मद्देनजर विद्यालयों को कड़े निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता है। विदित हो प्रातः साढ़े छः बजे से विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य प्रारंभ होता है जो दोपहर 12ः 30 तक चलता रहता है। 

विद्यालय में छुट्टी होने के बाद बच्चों को घर पहुँचने तक तेज धूप व भीषण गर्मी के प्रकोप को सहन करना पड़ता है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में पठन-पाठन का समय पूर्वा0 10ः 30 तक होना चाहिए ताकि समय पर ब्रच्चे घर वापस पहुँच सकें। जिन अभिभावकों के पास बाईक, फोर व्लीलर्स  व अन्य साधन मौजूद है, अपने बच्चों को वे उन माध्यमों से वापस घर ले जाते हैं किन्तु जिन अभिभावकों के पास ऐसी कोई सुविधाएँ मौजूद नहीं, वैसे अभिभावकों के बच्चों को पैदल ही घर पहुँचना पड़ता है जो काफी कष्टदायक है। 


--अमरेन्द्र सुमन--

आलेख : “की एंड का” के बहाने

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हमारे समाज की  मानसिकता बड़ी अजीब है एक तरफ तो महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है तो वहीँ दूसरी तरफ उन्हें एक तरह से प्रापर्टी के रुप में देखते हुए उनके साथ हिंसा, भेदभाव और गैरबराबरी भरा व्यवहार किया जाता है। इस मानसिकता के पीछे समाज में मर्दानगी और पितृसत्तात्मक विचारधारा का हावी होना है। इस सोच के चलते  महिलाओं के साथ पुरषों को भी समस्या होती है । कोई भी व्यक्ति  इस तरह की सोच को लेकर पैदा नहीं होता है बल्कि बचपन से ही हमारे परिवार और समाज में ऐसा सामाजिकरण होता है जिसमें महिलाओं और लड़कियों को कमतर व पुरुषों और लड़कों को ज्यादा महत्वपूर्ण मानने के सोच को बढ़ावा दिया जाता है। लोगों को समाज,परिवार और व्यवस्थाओं द्वारा तैयार किये गये भूमिका में ढाला जाता है और कई बार ऐसा करने  लिए उन्हें मजबूर भी किया जाता है कि वह इस बनाये हुए भूमिका के आधार पर ही व्यवहार करें। 

मर्दानगी का एक रुप नही होता है यह डायनमिक है, हर व्यक्ति की एक अपनी निजी,  सामाजिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक सोच होता है जो उसके व्यक्तित्व और व्यवहार का मूल आधार होता है, इसी के हिसाब से मर्दानगी भी बार-बार बदलती रहती है । एक ही परिवार के दो लोग अलग अलग होते हैं एक व्यक्ति जो व्यवहार करता है उसके पीछे बहुत सारी चीजों का योगदान होता है। आधुनिक समय में इस मानसिकता को बनाने में मीडि़या का भी बड़ा रोल है, 1990 के बाद भूमंडलीकरण के बाद से तो मर्दानगी के पीछे आर्थिक पक्ष भी जुड़ गया और अब इसका सम्बन्ध बाजार से भी होने लगा है। अब महिलायें,बच्चे ,प्यार,सेक्स,व्यवहार और रिश्ते  एक तरह से कमोडिटी बन चुकी हैं, कमोडिटी यानी ऐसी वस्तु जिसे खरीदा,बेचा या अदला बदला जा सकता है जिसकी एक एक्स्पाइरी डेट भी होती है। आज महिलाओं और पुरुषों दोनों को बाजार बता रहा है कि उन्हें कैसे दिखना है,कैसे व्यवहार करना है,क्या खाना है, किसके साथ संबंध बनाना है। यानी मानव जीवन के हर क्षेत्र को बाजार नियंत्रित करके अपने हिसाब से चला रहा है, वहां भी पुरुष ही स्तरीकरण में पहले स्थान पर है। 

इस पितृसत्तात्मक समाज में पुरुष होना एक विषेषाधिकार को जन्म देता है, उसे हर वो चीज आसानी से मिल जाती है जिसके लिए महिलाओं को संघर्ष करना पड़ता है। अगर महिलाऐं इस व्यवस्था द्वारा बनाये गये भूमिका के अनुसार चलती हैं तो उन्हें अच्छा और संस्कारी कहा जाता हैं लेकिन जैसे ही वो इन नियमों और बंधनों को तोड़ने लगती है,समस्याऐं सामने आने लगती हैं। लेकिन इसी के साथ  इस व्यवस्था में महिलाओं के साथ पुरषों से भी एक खास तरीके से ही जीने की उम्मीद  करती है और दोनों को ही इसकी कसौटियों पर खरा उतरना होता है। जो इसके नियमों को नहीं मानता वह इस व्यवस्था में बेमेल हो जाता है । लैंगिक असमानता एक ऐसी विचारधारा है जो एक समाज में महिलाओं और पुरुषों दोनों में विकसीत हो सकती है और इसे बनाये रखने में महिला और पुरुष दोनो ही सहयोग करते हैं।कुल मिलाकर  यह एक जटिल मुद्दा है।

आर बाल्की के यहाँ कोई चलताऊ फार्मूला नहीं होती है, वह तय किये गये रास्ते पर नहीं चलते हैं और उनका ट्रैक स्थापित मान्यातों से  उल्टा होता है । बाल्की अपनी  फिल्मों में नये और अनछुए विषयों को छूने को कोशिश करते हैं 'चीनी कम'और 'पा'और शमिताभ  जैसी उनकी पिछली फिल्में इसी लिए जानी जाती हैं। आर बाल्की कहते भी हैं कि  मैं तब तक कोई फिल्म शुरू नहीं करता, जब तक मुझे नहीं लग जाता है कि यह मेरे पिछले अनुभवों से कुछ अलग है लेकिन वह संदेश देने के लिए फिल्म नहीं बनाते, बल्कि उनका उद्देश्य दर्शकों का मनोरंजन करना होता है। एक तरह से उनकी फिल्में  कमर्शियल सिनेमा का  अच्छा  उदाहरण होती ।“शमिताभ” की बाक्स ऑफिस पर असफलता के बाद वह  अपनी नयी फिल्म फिल्म 'की एंड का'के साथ वापस आये हैं। हमेशा की तरह उनकी इस फिल्म का कंसेप्ट भी  नया और ताजा है और यह अपने विषय के हिसाब से एक गैर-पारंपरिक फिल्म है। 'की एंड का' परदे भी दिखाए जाने वाले आम कहानियों से अलग है जो आम धारणाओं को तोड़ने की कोशिश करती है  और जेंडर भूमिकाओं और परिवारों में शक्ति संतुलन जैसे सवालों से टकराती है.

फिल्म की कहानी एक लड़की व लड़का की है, जिनके नाम किया व कबीर है, दोनों की शख्सियत बहुत अलग है लेकिन कई मसलों पर उनके सोचने का तरीके और हित सामान है.  “किया” एक कामकाजी लड़की है और अपने जीवन को लेकर बहुत ऐम्बिशस है वहीँ कबीर का जीवन को लेकर दर्शन अलग है एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा होने के बावजूद वह “कॉरपोरेट  रोबो” नहीं बनना चाहता है और ना ही वह कभी खत्म होने वाले इस खेल का हिस्सा बनना चाहता है उसकी महत्वाकांक्षायें भी अलग है जो  बाजार ही नहीं सामाजिक मान्यताओं से भी मेल नहीं खाती हैं, कबीर अपनी मां जैसा बनना चाहता है जो एक हाउस वाइफ थीं। उसे घर संभालना, खाना बनाना पसंद है ,वह ‘हाउसहसबैंड’ बनकर रहना चाहता है, ऐसा नहीं है कि वह कामचोर है और इस काम को आसन समझता है इसलिए इसे करना चाहता है, वह सही में इसे महत्वपूर्ण काम मानता है और उसे लगता है कि इस काम को करने में उसे ज्यादा मजा आयेगा और वह खुश रह सकेगा।

बहरहाल दोनों मिलते हैं और हितों के मिलने के बाद एक दुसरे से शादी कर लेते है, शादी के बाद कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चलता है, दोनों के के बीच  टकराहट  तब पैदा होती है जब अर्जुन कपूर अपने अलग से लगने वाले काम की वजह से धीरे-धीरे मशहूर हो जाते हैं, बाजार की ताकतें  और मीडिया  उन्हें लैंगिक समानता का प्रतीक बना देती हैं और वे अचानक  मशहूर सेलेब्रिटी बन जाता है, इन सब से महत्वाकांक्षी, “किया” को जलन और तकलीफ होने लगती है और अहंकार को चोट पहुचती है. उसे लगता है कि कबीर को घर का काम ही करना चाहिए और चूंकि वह बाहर रहकर “कमाने वाला “ काम करती है इसलिए मशहूर होने और नियंत्रण रखने का स्वाभाविक हक उसी को है,यही टकराहट फिल्म को अपने अंत तक ले जाती है।

भारतीय समाज की बनावट के हिसाब से  “की एंड का” एक जबरदस्त विचार है,लेकिन दुर्भाग्य से इस विचार को सिनेमा की भाषा में अच्छे तरीके से उतारा नहीं जा सका और आखिर में फिल्म पति-पत्नी के पारंपरिक भूमिकाओं की एक रूमानी अदला-बदली बन कर रह जाती है।  फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी  थानक और प्रस्तुतिकरण है, कई जगह दोहराव भी देखने को मिलता है जो इसे  उबाऊ बनता है खासकर सेकंड हाफ और प्रभावहीन क्लाइमेक्स। इन सबके बावजूद “की एंड का” अपने विषय की वजह से एक ऐसे  साहसिक फिल्म के रूप में याद की जायेगी जो हमारे समाज के मूलभूत मान्यताओं से टकराने का साहस  जुटाती है।




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जावेद अनीस 
संपर्क : 9424401459
मेल : javed4media@gmail.com

ब्राजील की राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का मामला सीनेट पहुंचा

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ब्रासीलिया 18 अप्रैल, लातिन अमेरिकी देश ब्राजील की संसद के निचले सदन ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ को करारा झटका देते हुए उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया। अब इस मामले पर अंतिम निर्णय सीनेट को लेना है। महाभियोग प्रस्ताव पर निचले सदन में दो तिहाई के बहुमत की जरूरत थी यानी 513 सदस्यों वाले सदन में से 342 सदस्यों को प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करना था । लगभग पांच घंटे तक चले मतदान के बाद जैसे ही महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में बहुमत के लिए सबसे जरूरी 342वां वोट जैसे ही कंजर्वेटीव ब्राजीलियन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के ब्रुनो अराउजो ने डाला , वैसे ही पूरे सदन में खुशी की लहर दौड़ गयी। श्रीमती रूसेफ के समर्थकों ने इसका जमकर विरोध किया, जिससे सदन में तनातनी का माहौल व्याप्त हो गया। निचले सदन में महाभियोग के समर्थन में 367 वोट और विरोध में मात्र 137 वोट डाले गये जबकि सात सदस्य अनुपस्थित रहे आैर दो ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 

निचले सदन में इस प्रस्ताव को मिली मंजूरी के बाद अब 81 सदस्यीय संसद के ऊपरी सदन सीनेट में यह मामला भेजा जायेगा जहां साधारण बहुमत से पारित कर दिये जाने के बाद राष्ट्रपति के विरुद्ध तुरंत मुकदमा शुरू कर दिया जायेगा और उन्हें छह महीने के लिए राष्ट्रपति के पद से निलम्बित कर दिया जायेगा। उनके निलम्बन के बाद उपराष्ट्रपति माइक टेमर को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया जायेगा। सीनेट में इस प्रस्ताव को लेकर मई में मतदान होना है। 1992 के बाद यह पहला अवसर होगा जब किसी राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग चलाया जा रहा है । वर्ष 1992 में तत्कालीन राष्ट्रपति फर्नान्डो क्वाल्ट डि मेलो को भ्रष्टाचार के आरोप के कारण कई विरोध का सामना करना पड़ा था और उन्होंने महाभियोग प्रस्ताव के लिए होने वाले मतदान से ठीक पहले पद से इस्तीफा दे दिया था। 68 वर्षीय राष्ट्रपति रूसेफ के विरुद्ध 2014 के अपने चुनाव के लिये वित्तीय कानूनों के उल्लंघन का अारोप है किन्तु उन्होंने अपने विरूद्ध लगाये जा रहे आरोपों से इनकार किया है। उन पर आरोप है कि बजट के घाटे को छुपाने के लिए उन्होंने बैंकों के रिण का इस्तेमाल किया।

इक्वाडोर भूकंप: मृतकों की संख्या 272 हुई

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मनाता (इक्वाडोर) 18 अप्रैल, इक्वाडोर में कल तड़के आए 7़.8 तीव्रता वाले भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या 272 तक पहुंच गई है जबकि 2068 लोग घायल हो गये और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। विनाशकारी भूकंप के कारण अपनी इटली की यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे राष्ट्रपति राफेल कोरेया ने देश को दिये संबोधन में मृतकों की संख्या 272 तक पहुंचने की पुष्टि की और साथ ही कहा कि इस त्रासदी में कुल 2068 लोग घायल हुए हैं, जिसकी वजह से मृतकों की संख्या अभी और अधिक बढ़ने की आशंका है। राष्ट्रपति का यह संदेश भारतीय समयानुसार आज प्रसारित किया गया । उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को बचाना है। उन्होंने कहा कि सब कुछ फिर से नया बनाया जा सकता है लेकिन लोगाें के जीवन को वापस नहीं लाया जा सकता। श्री कोरेया ने देशवासियों से शांति और धैर्य से काम लेने की अपील करते हुए भूकंप में मरने वालों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। भूकंप के केंद्र के पास के तटवर्ती इलाकों में ज्यादा तबाही मची है। 

ऐसा ही तटवर्ती इलाका है पेडरनालेस , जो भूकंप आने के पहले तक अपने खूबसूरत बीच और नारियल के पेडों के कारण पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होता था लेकिन अब यह मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। प्रशासन के अनुसार इस इलाके में भूकंप के तेज झटके के बाद लगभग 160 हल्के झटके महसूस किये गये जिसके कारण यहां ज्यादा तबाही मच गयी। यहां कई लोग अब भी मलबे में फंसे हैं। पुलिस प्रमुख जनरल मिल्टन जराटे के मुताबिक यहां लगभग 91 लोग मारे गये और 60 प्रतिशत से अधिक घर ढह गये। इक्वाडोर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 हजार 500 सुरक्षाबलों के अलावा रेड क्राॅस के 800 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। अमेरिकी भूसर्वेक्षण विभाग के अनुसार इससे पहले इक्वाडोर में 1979 में ऐसी आपदा आयी थी जब भूकंप से 600 लोग मारे गये थे और 20 हजार अन्य घायल हुए थे।

रुस और चीन के साथ बातचीत के लिए मास्को पहुंची सुषमा

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मास्को, 18 अप्रैल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रुस और चीन के साथ त्रिपक्षीय स्तर की बातचीत में भाग लेने के लिए मास्को पहुंच गई हैं। इस बैठक में तीनों देशों के बीच अनेक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। श्रीमती स्वराज तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से मुलाकात करने के बाद अपनी यात्रा के दूसरे चरण में रुस पहुंच गईं। भारत, चीन और रुस की बैठक में आतंकवाद और अफगानिस्तान की सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। रुस के विदेश मंत्री सर्जेई लावराेव भारत और चीन के अपने समकक्षों को वर्तमान में सीरिया की स्थिति तथा आतंकवादी संगठन आईएस के खिलाफ उन्नति से अवगत कराएंगे। 

वहीं श्रीमती स्वराज चीन के विदेश मंत्री वांग लेई के साथ बैठक में चीन द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंध सूची में शामिल करने के खिलाफ वीटो शक्ति का प्रयोग किए जाने का मुद्दा उठाएंगी। रुस इस बैठक में भारत और अमेरिका के सैनिक समझौते पर चिंता व्यक्त कर सकता है तो वहीं श्रीमती स्वराज आग लगने की घटना में दो भारतीयों की मृत्यु का मुद्दा उठाएंगी। इससे पहले अपनी यात्रा के पहले चरण में ईरान पहुँचीं श्रीमती स्वराज ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद राष्ट्रपति हसन रुहानी से मुलाकात की। श्री रूहानी ने अफगानिस्तान और आतंकवाद की चुनौती समेत अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर भारत के साथ करीबी वार्ता की उम्मीद जताई। श्री रूहानी ने मुलाकात के दौरान चाबहार बंदरगाह के संबंध में बातचीत की।

'टीवी सीरियल अभिनेत्री'कर रहीं राहुल को नीचा दिखाने की कोशिश : कांग्रेस

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भोपाल, 18 अप्रैल, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कथित तौर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी की पहल पर एक बच्चे के केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने आज पलटवार करते हुए कहा कि 'टीवी सीरियल में काम करने वाली देश की मंत्री'कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही हैं। श्री मिश्रा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले और अमेठी में श्री गांधी के हाथों मात खाने के बाद श्रीमती इरानी हाशिए पर चली गई हैं और इसलिए कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस अपने वैधानिक परामर्शकारों से बात कर रही है, वहां से अनुमति मिलने पर श्रीमती इरानी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। इसके पहले कई खबरों में कहा गया था कि वर्ष 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल प्रवास के दौरान एक अखबार बेचने वाले बच्चा कौशल शाक्य अखबार बेचने उनकी गाडी के पास आ गया था। 

श्री गांधी ने उसे अखबार बेचते देख प्रदेश कांग्रेस को उसकी पढाई की व्यवस्था करने को कहा था। खबरों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने उसकी पढाई की व्यवस्था करने की पहल की, साथ ही कांग्रेस के एक नेता के कॉलेज में उसके पिता को भृत्य की नौकरी भी दिलाई, लेकिन कुछ दिन बाद कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर हाथ खींच लेने के कारण उसका स्कूल छूट गया। खबरों के मुताबिक हाल ही में इस बात की जानकारी मिलने के बाद श्रीमती इरानी ने राजधानी के एक केंद्रीय विद्यालय में बच्चे के प्रवेश के बाबत् पत्र लिखा है। इसी मुद्दे पर आज श्री मिश्रा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने बच्चे के पिता दुलीचंद शाक्य से संपर्क कर उसकी पढाई सुनिश्चित की और उसके पिता को कांग्रेस नेता सय्यद साजिद अली के कॉलेज में भृत्य की नौकरी दी। श्री मिश्रा ने लिखित दस्तावेजों के हवाले से दावा किया कि श्री शाक्य ने यह कहते हुए नौकरी करने से इंकार कर दिया कि वे मिस्त्री का काम कर पर्याप्त आय अर्जित कर लेते हैं और इसलिए उनके स्थान पर उनके बडे बेटे जुगल शाक्य को कॉलेज में काम दे दिया जाए। श्री मिश्रा ने दावा किया कि जुगल अब भी उस कॉलेज में कार्यरत है और कांग्रेस ने जो राशि कौशल को देना निर्धारित किया था, वह जुगल को दी जाने वाली पगार में ही जोड कर दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि श्री शाक्य ने कांग्रेस से यह भी कहा कि बच्चे को जिस स्कूल में भर्ती कराया गया है, वह काफी दूर है, जिससे उनका बच्चा वहां जाने में अक्षम है, इसलिए उन्हें पैसे दे दिए जाएं, अपने बच्चे की पढाई की व्यवस्था वे स्वयं कर लेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि 'टीवी सीरियल में काम करने वाली मानव संसाधन विकास मंत्री'श्रीमती इरानी दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही हैं और इसके लिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर दलित समाज से माफी मांगनी चाहिए।
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