Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74203 articles
Browse latest View live

पंजाब में आंतकवादी घटना की आशंका

$
0
0
fears-of-terrorist-incident-in-punjab
अमृतसर 26 अप्रैल, पंजाब में चल रही राजनीतिक उथलपुथल और गत दिनों शिव सेना तथा धार्मिक नेताओं पर हुए हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को पिछले सप्ताह ही पत्र लिख कर सतर्क किया है कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं ताकि आतंकवादी तथा समाज विरोधी तत्व पंजाब में पुन: अशांति पैदा न कर सकें। पंजाब सरकार ने उक्त पत्र पर कार्रवाई करते हुए सभी रेंजों के महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक और जिला पुलिस प्रमुखों को इस संबध में पुराने आंतकवादियों तथा उनके हिमायतियों पर कड़ी नजर रखने के साथ उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखने के लिए का है। इसकी पुष्टि करते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि थाना स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है तथा सारी पुरानी सूचियों को खंगाला जा रहा है। उल्लेखनीय है कि खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सूचित किया था कि पंजाब में अगले दो महीनों में जब पर्यटकों और श्रद्धालुओं का धार्मिक स्थलों में काफी आवाजाही बढ़ जाएगी तो शरारती तत्व इसका फायदा उठा सकते हैं।

सूत्रों अनुसार सीमा पार बैठे आंतकवादी संगठन और उनके समर्थक पुन: सरगर्म हो गए है तथा मौके की तलाश में हैं। गुरदासपुर तथा पठानकोट में हुए आतंकवादी हमलों को इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी दिनों में ऐसी घटनाओं की पुनावृत्ति हो सकती है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति कार्यबल के प्रभारी अमरीक सिंह ने बताया कि श्रद्धालु बहुत बड़ी संख्या में आते है इसलिए सभी की तलाशी लेना तो आसान नहीं है लेकिन शंका होने पर कुछ लोगों की तलाशी भी ली जाती है। गलियारा पुलिस थाना के एसएचओ भगवान सिंह ने बताया कि पुलिस परिसर के आसपास कड़ी सुरक्षा करती है। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में अब तक लगभग 150 संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है। अमृतसर में यात्री भारी संख्या में आ रहे हैं तथा भारी यातायात के कारण सुरक्षा में कुछ परेशानी तो होती है लेकिन फिर भी पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो। दरबार साहिब परिसर में घूमते अज्ञात ट्रेवल एजेंटों के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिसर के आसपास स्थित होटलों के प्रबंकों को हिदायतें दी गई हैं कि वह अपने एजेंटों को शिनाख्ती पत्र बनवा कर दे तथा इसका सत्यापन पुलिस से कराएं।

बिहार : कांग्रेस विधायक ने नीतीश के शराबबंदी के दावों की पोल खोली

$
0
0
congress-mla-trap-in-sting-anti-alcohal
पटना/बेतिया 26 अप्रैल (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू कर दी हो लेकिन एक निजी समाचार चैनल के स्टिंग में जो खुलासा हुआ है, उसमें शराबबंदी के बावजूद भारत-नेपाल सीमा से लगे पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विनय वर्मा कुछ मीडियाकर्मियों को शराब ऑफर करते दिख रहे हैं। एक निजी टीवी चैनल की स्टिंग में विनय वर्मा ने अपने घर में शराब रखने और पीने की दावत देने की बात कहते दिख रहे है। करीब दस मिनट के स्टिंग में विधायक को यह कहते दिखाया गया कि उनके आवास पर शराब पीने में कोई परेशानी नहीं होगी। स्टिंग के दौरान विधायक श्री वर्मा यह भी कह रहे हैं कि उनके पटना और नरकटियागंज स्थित घरों पर शराब मौजूद है जिसमें तमाम अच्छे ब्रांड्स हैं। नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने विनय वर्मा के स्टिंग को लेकर राजधानी पटना से उनके विधानसभा क्षेत्र नरकटियागंज तक सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा है। 

स्टिंग में यह बात भी साफ हो गयी कि शराबबंदी के बाद राज्य में अब नेपाल से शराब सप्लाई हो रही है। शराब की एक बोतल को बॉर्डर पार कराने के दो सौ रुपये लग रहे हैं। स्टिंग में ये भी सामने आया कि कैसे नेपाल के शराब विक्रेताओं ने सीमा पर मिलीभगत कर रखी है जिससे शराब बिहार आ रही है। इस बीच स्टिंग के सामने आने के बाद विधायक श्री वर्मा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वह टी-टोटलर हैं ,लेकिन कभी शराब को हाथ नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक षडयंत्र के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टिंग करने वाले मीडियाकर्मी कुछ दिन पूर्व उनसे मिले और कहा कि वह एक समाचार चैनल से आये हैं। पटना के चार सितारा चाणक्य होटल में उसने पर्यटन समेत अन्य मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई। इस दौरान हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबंबदी की पहल के लिए खूब तारीफ भी की लेकिन, उसे चैनल ने नहीं दिखाया। सवाल पूछने वाले ने कहा कि नेपाल के इलाके में शराब मिलती है तो मैने कहा कि हां वहां मिलती है। इसे ही उलटा-पुलटा कर दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह शीघ्र ही निजी टीवी चैनल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

वहीं राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने भी विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यंमत्री नीतीश कुमार में हिम्मत है तो आरोपी विधायक पर कड़ी कार्रवाई करके दिखायें। उन्होंने आरोप लगाया कि ठोस कार्रवाई करने की बजाए सिर्फ दिखावे के लिए पुलिस विधायक के आवास पर छापेमारी की है। इस बीच महागठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कोटे से बने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर ने कहा कि मामले में कांग्रेस विधायक को जबरन फंसाने की साजिश की जा रही है। ऐसा लगता है कि स्टिंग में कही गयी बातें उनके मुंह में उंगली डालकर कहलवाई गयी है। उन्होंने पूरे मामले में गहनता से जांच की मांग की है। इससे पूर्व स्टिंग प्रसारित होने के बाद कुछ समय बाद ही विधायक श्री वर्मा के नरकटियागंज स्थित आवास पर पुलिस ने छापेमारी की लेकिन उनके आवास से एक भी शराब की बोतल बरामद नहीं हुई। 

बिहार में शराबबंदी का कानून , नारी शक्ति की जीत : नीतीश

$
0
0
bihar-liquor-ban-done-by-women-of-bihar-nitish-kumar
भागलपुर 26 अप्रैल (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानून के लागू होने का श्रेय महिलाओं को देते हुए इसे नारी शक्ति की जीत बताया है। श्री कुमार ने आज यहां भागलपुर और बांका जिलों के स्वयं सहायता समूह के जुड़ी महिलाओं के सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की महिलाओं की बातों और उनके मजबूत इरादों के बूते उनकी सरकार ने बिहार में शराबबंदी का कानून लागू करने का काम किया है। इस कानून के समर्थन में बच्चे , बूढ़े , महिलायें सभी ने सहयोग देने काम किया है। शराबबंदी के समर्थन में एक करोड़ 19 लाख स्कूली बच्चों के अभिभावकों के हस्ताक्षर जहां प्राप्त हुए वहीं दूसरी ओर नौ लाख जगहों पर स्लोगन लिखे गये हैं , इससे एक वातावरण बना है। देश के अन्य राज्यों में भी शराबबंदी लागू करने की जरूरत है ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि घूघंट में रहने वाली महिलायें आज घर से बाहर निकलकर समाज के उत्थान के लिए काम कर रही है जिससे एक अच्छा वातारण बना है। खासकर गरीब परिवार महिलाओं में काम करने की बहुत क्षमता है, इसलिए उनकी क्षमता के सदुपयोग के लिए प्रदेश में बिहार रूरल लाइवलिहुड प्रोजेक्ट जीविका के माध्यम से कई तरह की योजनायें चलाने का काम किया है।

श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को जोड़ने का काम करते हुए उनके परिवारों के बीच रोजगार मुहैय्या कराने और उनकी आमदनी में वृद्धि करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है। आज महिलाओं के उत्पादक शक्ति का उपयोग किया जा रहा है ,जिससे बिहार विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि देश भर में बिहार में जीविका के मॅाडल को अपनाने का काम किया गया है जो राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका से जुड़ी महिलाओं के बीच जागृति आई और आज वे अपनी समस्याओं को लेकर संगठित होकर आपसी मेल-जोल से उसके समाधान में लगी हुई है। हमारी सरकार ने 2700 करोड़ की लागत से महिलाओं के कल्याण के लिए कई कार्य कर रही है । मौजूदा समय में जीविका के तहत दस लाख स्वयं सहायता समूह का गठन होना है। जिसके माध्यम से महिलाओं की आमदनी और उनके लिए रोजगार में वृद्धि होनी है। श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून को लागू करने में यदि प्रदेश के किसी थाना क्षेत्र में शिथिलता बरती जाती है तो संबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और उक्त थाना प्रभारी की पोस्टिंग अगले दस साल तक किसी थाने में नहीं होगी। समारोह को राज्य के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस बीच सभा स्थल पर अचानक एक पंखे के टूटकर गिर जाने से वहां कुछ समय के लिए अफरा तफरी मच गयी। इस घटना में मंजू देवी घायल हो गयी जिसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

राजद ने नीतीश के सात निश्चय पर उठाया सवाल : भाजपा

$
0
0
rjd-questioned-on-nitis-seven-work-bjp
पटना 26 अप्रैल, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज कहा कि सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर यह जता दिया है कि सरकार के अंदर राजद अन्य घटक जनता दल यूनाइटेड(जदयू) से एक बड़ी ताकत है । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधान पार्षद मंगल पांडेय ने यहां प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार अपने सात निश्चयों का ढिंढोरा पीट रहे है और सरकार के सिर्फ छह माह के कार्यकाल में ही महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद को इस पर संदेह होने लगा है । राजद ने मुख्यमंत्री के सात निश्चयों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है । श्री पांडेय ने कहा कि राजद अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद यादव ने श्री कुमार के नल से जल की योजना पर संदेह जाहिर करते हुए राजद कोटे के मंत्रियों के साथ कल बैठक की । राजद को यह आशंका है कि श्री कुमार अपने सात निश्चयों को अमली जामा नहीं पहना सकेंगे । उन्होंने कहा कि श्री कुमार सात निश्चयों को पूरा करने का सिर्फ ढिंढोरा पीट रहे है । 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महागठबंधन के बड़े घटक राजद के 80 विधायक है और राजद अध्यक्ष श्री यादव यह बताना चाहते है कि उनकी पार्टी अब बड़े दल की भूमिका में है । श्री यादव अब यह लोगों को संदेश देना चाहते है कि सरकार के अंदर उनकी पार्टी की बड़ी ताकत है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में बदलाव करने का संकेत देकर श्री यादव ने दल के विचार को जाहिर कर दिया है । श्री पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार जब कल प्रमंडलीय बैठक की समीक्षा कर रहे थे तभी राजद अध्यक्ष श्री यादव महागठबंधन सरकार में शामिल राजद कोटे के मंत्रियों के साथ बैठक की । राजद की बैठक में मुख्यमंत्री के सात निश्चयों पर विस्तार से चर्चा के बाद उसमें बदलाव करने का संकेत दिया गया । उन्होंने कहा कि बड़े भाई राजद अध्यक्ष श्री यादव और छोटे भाई मुख्यमंत्री श्री कुमार के बीच टकराव अब स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजद अध्यक्ष अब मुख्यमंत्री की भूमिका में आ गये है । राजद के मंत्रियों को श्री यादव बराबर निर्देश देने के साथ ही बयान दिलवा रहे है । उप मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष के पुत्र तेजस्वी यादव ने भी श्री कुमार के सात निश्चयों से बाहर निकलना चाहते है । उप मुख्यमंत्री ने भी सात निश्चयों की समीक्षा किये जाने की बात कही है । उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष भी चाहते है कि श्री कुमार के सात निश्चयों में उनके मुद्दे को भी शामिल किया जाये । राजद अध्यक्ष अब आगे आकर नेतृत्व करना चाहते है । 

पटना उच्च न्यायालय ने नरेन्द्र सिंह की सदस्यता रद्द करने का निणर्य सही ठहराया

$
0
0
patna-hc-continue-to-sisqualification-of-rebail-jdu-mla
पटना 26 अप्रैल, पटना उच्च न्यायालय ने दल -बदल विरोधी कानून के तहत बिहार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह की विधान परिषद की सदस्यता को रद्द किये जाने के परिषद के सभापति के निर्णय को सही करार दिया है । न्यायमूर्ति के के मंडल ने श्री सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आज यह आदेश दिया । याचिका में श्री सिंह ने कहा था कि परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मामले को उनके समक्ष सही तरीके से रखने का मौका नहीं दिया और उनकी दलील को सुने बिना ही सदस्यता रद्द कर दी थी । परिषद में जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के मुख्य सचेतक संजय सिंह उर्फ संजय गांधी के वकील ने अदालत में दलील दी कि पूर्व मंत्री श्री सिंह जदयू छोड़कर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) में शामिल होकर इस पार्टी के लिये पिछले विधानसभा चुनाव में प्रचार किया था । उन्होंने दलील दी कि यह सर्व विदित है कि श्री सिंह ने पार्टी बदल ली थी और इस लिहाज से दल - बदल विरोधी कानून के तहत उनकी परिषद की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है । उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद में जदयू के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी ने परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह को याचिका देकर पूर्व मंत्री श्री सिंह के खिलाफ दल- बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी परिषद की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी । इसके बाद सभापति ने श्री सिंह की सदस्यता रद्द कर दी थी । 

क्या अगस्ता सौदे में किसी कांग्रेसी ने भी ली है रिश्वत: भाजपा

$
0
0
ravi shankar prasad
नयी दिल्ली 26 अप्रैल, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे मामले में इटली की अदालत के फैसले के मद्देनजर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी ने आज तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी से पूछा कि क्या रिश्वत लेने वालों में कांग्रेस का कोई नेता भी शामिल है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि श्री एंटनी ने मार्च 2013 में रक्षा मंत्री रहते हुए खुद कहा था कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें रिश्वत भी ली गयी है। उन्होंने कहा कि अब इटली की अदालत ने अपने फैसले में इस सौदे में भ्रष्टाचार की पुष्टि की है और साथ ही यह भी कहा है कि भारतीय अधिकारियों के पास भी पैसा पहुंचा है। 

इस मामले में पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी का नाम भी आया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकैनिका के अधिकारियों को सजा भी सुनाई है। उन्होंने कहा कि रिश्वत देने वालों को तो सजा मिल गयी है लेकिन रिश्वत लेने वाले खामोश क्यों है। उन्होंने कहा कि जब श्री एंटनी ने खुद ही कहा है कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है और रिश्वत भी ली गयी है तो वह उनसे सीधा सवाल पूछ रहे हैं कि क्या रिश्वत लेने वालों में कोई कांग्रेस नेता भी शामिल है। भाजपा की मांग है कि श्री एंटनी इस मामले में स्थिति स्पष्ट करें। यह पूछे जाने पर कि रिश्वत लेने वालों के नाम अदालत के फैसले में हैं तो भाजपा ये नाम क्यों नहीं ले रही है श्री प्रसाद ने कहा ,“ बात निकलेगी तो आगे तक जायेगी।” भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही थी, कुछ लोगों के खिलाफ गैर जमानी वारंट भी जारी किये गये, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने गोपनीयता के नाम पर जांच में बाधा डाली। उन्होंने कहा कि अब सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही अपने स्तर पर इसकी जांच तेजी से कर रहे हैं।

सिंहस्थ के लिए रेलवे चलायेगी तीन हजार गाड़ियां

$
0
0
3000-train-for-simhasth-kumb
नयी दिल्ली 26 अप्रैल, रेलवे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ में भाग लेने आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए करीब तीन हजार गाड़ियां चलाने की योजना बनायी है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने सिंहस्थ के लिए रेलवे की तैयारियों का विवरण देते हुए बताया कि सिंहस्थ में पांच करोड़ तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान लगाया गया है। रेलवे ने इसे देखते हुए भोपाल, गुना, रतलाम और नागदा से डेमू/मेमू तथा पारंपरिक गाड़ियों की 2910 सेवाएं देने की योजना बनायी है। यह संख्या 2004 में सिंहस्थ में उपलब्ध करायी गयी 867 सेवाओं की तुलना में 233 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि इनके अलावा प्रतिदिन नियमित सेवाओं में 196 कोच अतिरिक्त लगाये जा रहे हैं। मेला अवधि के दौरान रोजाना 78 सेवायें और शाही स्नान वाले दिनों में 150 सेवाएं दी जायेंगी। 

श्री जमशेद ने बताया कि इनके अलावा रायगढ़, नांदेड़, गोरखपुर, सिकंदराबाद, पुरी, रीवा, बीकानेर, हावड़ा, जयनगर(बिहार) तथा हजरत निजामुद्दीन से लंबी दूरी की कुल 44 सेवायें उपलब्ध करायीं गयीं हैं। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए उज्जैन स्टेशन पर 2 डेमू/मेमू गाड़ियों के रैक तथा एक पारंपरिक गाड़ी का रैक रखे गये हैं। यात्रियों का दबाव बढ़ने पर उन्हें न्यूनतम समय में चलाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 120 लोको पायलट, सौ गार्ड, 173 मैकेनिकल स्टाफ, 47 स्टेशन मास्टर तथा निचले स्तर के 106 स्टाफ के साथ रेल सुरक्षा बल के 700 कर्मी अतिरिक्त तैनात किये गये हैं। उज्जैन स्टेशन पर यात्री सुरक्षा एवं सुविधा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये हैं। पूरे स्टेशन परिसर को 118 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में लाया गया है। 

अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में भाजपा के आरोप खारिज किए कांग्रेस ने

$
0
0
anand sharma
नयी दिल्ली 26 अप्रैल, कांग्रेस ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के मामले में पार्टी के नेताओं के शामिल होने के केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि पार्टी के किसी नेता, कार्यकर्ता या व्यक्ति ने कोई रिश्वत नहीं ली है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यहां नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाप्टर सौदे में रिश्वत लेने का मामला फरवरी 2012 में सामने आया था और सरकार ने तुरंत कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित कंपनी फिनमैकेनिका को काली सूची में डाल दिया। कंपनी के तीन हेलिकाप्टर जब्त किए गये अौर बैंक गारंटी भी जब्त कर ली गयी। इसके अलावा केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय को जांच के आदेश दिए गए तथा भारत और इटली की अदालतों में मुकदमें दर्ज कराए गए। उन्होंने कहा कि श्री प्रसाद कांग्रेस पर बेबुनियाद और हल्के आरोप लगा रहे हैं। पार्टी का कोई नेता, कार्यकर्ता और व्यक्ति इस मामले में शामिल नहीं है। मोदी सरकार द्वारा मेक इन इंडिया अभियान में अगस्ता वेस्टलैंड को आमंत्रित करने पर श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि दो साल में क्या बदल गया है और कंपनी का नाम काली सूची से क्यों निकाल दिया गया है। कंपनी के खिलाफ चल रही विभिन्न जांचों के परिणाम क्या रहे हैं और सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि फिनमैकेनिका-अगस्ता वेस्टलैंड को श्री मोदी के इशारें पर काली सूची से बाहर किया गया है। यह निर्णय न्यूयार्क में श्री मोदी और इटली के प्रधानमंत्री की मुलाकात के बाद लिया गया। इससे पहले श्री प्रसाद ने तत्कालीन रक्षामंत्री ए के एंटनी ने मार्च 2013 में रक्षा मंत्री रहते हुए कहा था कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें रिश्वत भी ली गयी है। इसलिए श्री एंटनी इस मामले में स्थिति स्पष्ट करें। भाजपा नेता ने कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी, कुछ लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किये गये, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने गोपनीयता के नाम पर जांच में बाधा डाली। उन्होंने कहा कि अब सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही अपने स्तर पर इसकी जांच तेजी से कर रहे हैं। 

माल्या की संपत्ति की जानकारी उजागर नहीं करने संबंधी याचिका नामंजूर

$
0
0
sc-refuse-to-disclose-malya-property
नयी दिल्ली, 26 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या की देश और विदेश में संपत्ति की जानकारी को उजागर नहीं करने संबंधी याचिका को आज नामंजूर कर दिया। न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन की खंडपीठ ने कहा, “विजय माल्या, उनकी पत्नी और बच्चों की संपत्ति की जानकारी बैंकों को उजागर नहीं करने के लिये हमें कोई ठोस वजह नहीं दिख रही।” शीर्ष न्यायालय ने माल्या की याचिका नामंजूर करते हुए कहा कि सम्पत्ति की जानकारी मांगने का मकसह ही यह है कि बैंकों के सामने स्थिति स्पष्ट हो सके। 

इसके अलावा खंडपीठ ने शीर्ष न्यायालय रजिस्ट्री को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व में बने बैकों के कंसोर्टियम को माल्या की देश और विदेश में मौजूद संपत्ति की विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिये। माल्या ने अपनी और अपने परिवार के अन्य सदस्यों की संपत्ति की पूरी जानकारी एक बंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपी। इससे पहले विजय माल्‍या ने सुप्रीम कोर्ट से खुद के प्रवासी भारतीय (एनआरआई) होने का हवाला देते हुए संपत्ति की जानकारी बैंकों को न दिए जाने की अपील की थी। उनकी कंपनी पर बैंकों का 9400 करोड़ रुपये कर्ज नहीं लौटाने का आरोप है। 

झारखंड में महंगाई भत्ता छह फीसदी बढा

$
0
0
6percent-incerment-jharkhand-employee
रांची, 26 अप्रैल, झारखंड सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में छह प्रतिशत की वृद्धि की मंजूरी दी है जो एक जनवरी 2016 से प्रभावी होगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह स्वीकृति प्रदान की गयी। सरकारी कर्मचारियों को पहले 119 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था जो अब बढकर 125 प्रतिशत हो गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बैठक में राज्य के आठ जिलों (बोकारो, चाईबासा, धनबाद, दुमका, गुमला, हजारीबाग, जमशेदपुर एवं पलामू) में डायलिसिस केन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गयी। बैठक में भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को झारखण्ड राज्य में लागू करने की भी स्वीकृति दी गयी। झारखण्ड रामगढ़ एवं खूँटी जिले में लोक अभियोजक/अपर लोक अभियोजक/सहायक लोक अभियोजक एवं अराजपत्रित कर्मचारियों के पदों के सृजन की मंजूरी प्रदान की गयी। बैठक में राज्य में झारखण्ड उद्यान समिति के संचालन के लिये कुल 36 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी । रांची, धनबाद एवं पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिलों में तीन वाणिज्यक न्यायालयों का गठन, इसके लिए जिला न्यायाधीश स्तर के तीन पीठासीन पदाधिकारियों के पदों के सृजन की मंजूरी प्रदान की गयी। 

कांग्रेस के बागी विधायकों की सदस्यता पर सुनवाई 28 को

$
0
0
hearing-on-uttrakhand-hc-tomorow
नैनीताल/देहरादून, 26 अप्रैल, कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के मामले में अब उच्च न्यायालय नैनीताल में 28 अप्रैल को सुनवाई होगी। बागी विधायकों की सदस्यता के मामले में आज न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ में बहस हुई। विधानसभा के अध्यक्ष की ओर से अधिवक्ता अमित सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के साथ ही बाहर से समर्थन देने वाले भी मनी बिल का विरोध नहीं करते। विधानसभ अध्यक्ष ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए सही कार्रवाई की। बागियों ने राज्यपाल से मिलकर सत्ताधारी दल का होने के बावजूद कहा कि सरकार गिर चुकी है। श्री सिब्बल ने अदालत के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सदन में मनी बिल ध्वनिमत से पारित हुआ। विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर बाहरी समीक्षा प्रतिबंधित है। 

श्री सिब्बल ने कहा कि बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का बयान दिया। साथ ही मुख्यमंत्री की सार्वजानिक आलोचना की। उन्होंने दलील दी कि भाजपा के 26 विधायकों के साथ कांग्रेस के नौ बागी विधायक राजभवन गए। उन्होंने संयुक्त ज्ञापन देकर दल बदल कानून को तोड़ा है और असंवैधानिक तरीके से सरकार को अल्पमत में बताया। सरकार को 18 की सुबह ही बर्खास्त करने की मांग कर दी। उन्होंने सवाल किया कि राज्यपाल से मिलकर मत विभाजन की मांग क्यों की गयी। इन विधायकों द्वारा 44 हजार करोड़ के विनियोग विधेयक का विरोध किया गया जिसमें सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल थीं। अमित सिब्बल ने कहा कि उत्तराखंड का मामला कर्नाटक के येद्दियुरप्पा मामले से अलग है। वहां विधायकों ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्ट, तानाशाह होने तथा भाई-ंभतीजावाद का आरोप लगाया तथा विधायक श्री येद्दियुरप्पा के खिलाफ थे जबकि यहां विधायक सरकार के खिलाफ हैं। बागी विधायकों ने राज्यपाल से अपनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। सदन में क्या हुआ, उसका पता नहीं और उस पर बहस नहीं हो सकती। श्री सिब्बल ने दलील दी कि राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन ऐसा दस्तावेज है, जिसके बाद बागी विधायकों पर कार्रवाई जायज थी। बागी सिर्फ अपनी सरकार गिराने का काम कर रहे थे, इसलिये मनी बिल का विरोध किया गया। बागी विधायकों ने भाजपा विधायकों के साथ मिलकर अपनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। ज्ञापन में दस्तखत भी किये। इसका मतलब कांग्रेस की सदस्यता का स्वेच्छा से परित्याग किया गया जो दसवीं अनुसूची के 2(1)क के तहत दलबदल कानून की श्रेणी में आता है।

सातवें नौवहन उपग्रह प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरु

$
0
0
reverse-counting-starts-irnss-1
चेन्नई 26 अप्रैल, भारत की स्वदेशी उपग्रह नौवहन प्रणाली(आईआरएनएसएस) के पहले चरण के लिये आवश्यक सात उपग्रहों की श्रृंखला के सातवें और आखिरी उपग्रह आईआरएनएसएस-एक जी के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती आज शुरु हो गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि प्रक्षेपण की 51 घंटे तीस मिनट की उल्टी गिनती सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से आज सुबह नौ बजकर बीस मिनट पर शुरु की गई। सूत्रों के अनुसार मिशन तैयारी समीक्षा समिति (एमआरआर)और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड (एलएबी) ने प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरु की। आईआरएनएसएस-1 जी का प्रक्षेपण 28 अप्रैल को अपराह्न 12 बजकर पचास मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी-33) से किया जायेगा। उपग्रह का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से होगा। 

आईआरएनएसएस-1 जी का वजन 1425 किलोग्राम है और यह पूर्ववर्ती उपग्रहों के ही समान है। इसमें भी दो पे-लोड हैं। एक नेविगेशन पे-लोड और दूसरा रेंजिंग पे-लोड। इन्हें एल-5 और एस बैंड पर परिचालित किया जाएगा। प्रणाली के सक्रिय होने के बाद देश के 1500 किलोमीटर के दायरे में 15 से 20 मीटर शुद्धता तक की पोजिशनिंग सेवाएं मिलने लगेंगी। अभी तक इस शृंखला के सात में से छह उपग्रहों (आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी, 1डी, 1ई और 1एफ) का प्रक्षेपण हो चुका है। पहले छह अभियानों की तरह सातवें उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए भी इसरो पीएसएलवी के विस्तारित संस्करण (एक्सएल) का उपयोग करेगा। प्रक्षेपण के साथ ही भारत क्षेत्रीय उपग्रह नौवहन प्रणाली रखने वाले विशिष्ट देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। 

झारखण्ड : फ्लैट आवंटन में अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच की मांग

$
0
0
demand-investigation-on-flat-distribution-jharkhand
रांची, 26 अप्रैल, झारखंड प्रदेश कांग्रेस समिति ने राज्य में बेघर लोगों के लिए रूगडीगढ़ा में बनाये गये फ्लैटों के आवंटन में घोर अनियमियतता बरतने का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आज यहां बताया कि वर्ष 2011 में तात्कालीन सरकार ने विस्थापितों का जो सर्वेक्षण कराया गया था उसको ठंडे बस्ते में डालकर स्थानीय विधायक सह नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने निजी संस्था द्वारा नये सिरे से सूची तैयार करवाकर अपने चेहते लोगों के नाम को प्राथमिकता सूची में डाल दिया। उन्होंने कहा कि रूगडीगढ़ा में नगर विकास विभाग के मंत्री को कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के आरोपों के कोपभाजन बनना पड़ा जो इस बात का द्योतक है कि पूरा मामला संदेह के घेरे में है। 

श्री रंजन ने कहा कि जो नई सूची तैयार की गई है उसमें एक ही परिवार के कई सदस्यों को अलग-अलग नामों से मकान का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि आज जो ई-रिक्शे का वितरण किया गया है उसमें भी भारी गड़बडी हुई है। ई-रिक्शा वितरण योजना का लाभ बीपीएल सूची में शामिल स्थानीय लोगों को ही दिया जाता है । उन्होंने कहा कि जब रांची में बीपीएल सर्वे सूची जारी ही नहीं की गई है तो लाभुकों की सूची का आधार क्या है। आज जो वितरण हुआ है उसमें यह साफ-साफ दिखाई पड़ता है कि किस तरह से सत्ता में बैठे हुए लोगों ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपने दल और दल के समर्थकों और वैसे लोगों को भी लाभ पहुंचाने का काम किया है जो बीपीएल सूची में भी नहीं हैं और स्थानीय भी नहीं हैं । उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को अविलंब दंडित करने की मांग करती है। 

विधायकों को प्रलोभन दे रही भाजपा : किशोर उपाध्याय

$
0
0
bjp-bribe-congress-mla-kishore-upadhyaya
देहरादून, 26 अप्रैल, उत्तराखंड की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने आज कहा कि कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी विधायकों को प्रलोभन दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विधायकों के बारे में भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं और भाजपा राज्य में लोकतंत्र के तिरस्कार की जिम्मेदार है। भाजपा के कारण ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है और इसका जवाब उसे जनता देगी। भाजपा कांग्रेसी विधायकों को प्रलोभन दे रही है लेकिन विधायक उसकी ओर तवज्जो नहीं देते। श्री उपाध्याय ने कहा कि भाजपा के कारण राज्य में अस्थिरता का माहौल है। उन्होंने कहा कि लोगों का अपार जनसमर्थन कांग्रेस को हासिल हो रहा है और लोगों को भाजपा की असलियत पता चल रही है। उन्हें यह ज्ञात हो चुका है कि भाजपा के कारण ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक अपने दायित्वों का भली भांति पालन कर रहे हैं और वह जनसमस्याओं के निदान हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। 

अनुसंधान में निवेश बढ़ाना समय की जरूरत : प्रणव

$
0
0
need-more-investment-in-development-pranab-mukherjee
नयी दिल्ली 26 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि अनुसंधान एवं विकास में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के खर्च का प्रतिशत चीन, जापान और अमेरिका की तुलना में बहुत कम है और इसे बढ़ाना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में उच्च शिक्षण के केंद्रीय संस्थानों के 13 शिक्षकों को संबोधित करते हुए इस पर बल दिया। ये शिक्षक 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक इन-रेसिडेंस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति भवन में ठहरे हुये हैं। 

श्री मुखर्जी ने कहा, “जापान में 3.6 फीसदी, अमेरिका में 2.7 फीसदी तथा चीन में दो प्रतिशत अनुसंधान में निवेश किया जाता है और भारत में यह मात्र 0.8 फीसदी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुसंधान में निवेश बढ़ाना इस समय की सबसे बड़ी मांग है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि ये सभी शिक्षक प्रतिभाशाली हैं। इन्होंने अपने दृढ़ विश्वास, साहस, ज्ञान तथा समाज के लिए प्रतिबद्धता से न सिर्फ खुद को प्रेरित किया है बल्कि अपने छात्रों को भी देश के विकास में योगदान देने के लिये प्रेरित किया है। देश इन शिक्षकों का ऋणी है। 

विशेष आलेख : चुल्लू भर पानी का सवाल है भई !

$
0
0
जीव-जन्तु हो या पेड़-पौधे,सबो के जीवन के लिए अत्यन्त ही महत्व की चीज है-जल। जल के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।इसीलिए कहा गया हैकि जल ही जीवन है।वेद,पुराण,उपनिषद,इतिहासादि ग्रन्थों में सर्वत्र जल की महिमा गायी गई है।ग्रीष्म काल में तो जल की महता और भी बढ़ जाती है।महानगरों में तो चुल्लू भर पानी का सवाल और भी गहराता जा रहा है।जल-सम्पदा के लिए संसार के संपन्नतम राष्ट्रों में गिने जाने के बाद भी हमारे देश में जलसंकट गहराता जा रहा है। भारतवर्ष में पानी की वर्तमान माँग,पूर्ति एवं उपलब्धता करने से यह स्पष्ट हो जाता है।एक ओर जहाँ घरेलू, औद्योगिक एवं कृषि-क्षेत्रों की विस्तार के लिए सिंचाई की जरूरतों के कारण पानी की माँग बढती ही जा रही है, वहीँ दूसरी ओर बेतहाशा जल प्रदूषण, साफ़ पानी की उपलब्ध मात्रा को कम कर पानी की समस्या को और भी गम्भीर बनाता जा रहा है।जल प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों और भूमिगत पानी को खींचने पर किसी भी किस्म के कारगर नियन्त्रण के अभाव में भारतवर्ष के लिए जलसंकट आने वाले दिनों,वर्षों में भीषण परिस्थितियाँ खड़ी कर सकता हैं। 

जल नहीं तो प्रकृति नहीं और प्रकृति नहीं तो मानवता नहीं। बारहमासी हो चली पानी की समस्या अब प्रकृति और प्राणियों के अस्तित्व पर बड़ा खतरा बन चुकी है। विशिष्ट पञ्च तत्वों में से एक जल के कारण संसार की अधिकतर जनसंख्या त्राहिमाम करने लगी है। विश्व में प्रत्येक सात में से एक व्यक्ति स्वच्छ पेयजल से दूर हो चुका है। समाचार है कि ब्राजील के साओ पाउलो में सरकार जलापूर्ति पर राशनिंग का विचार कर रही है। अमेरिका का कैलीफोर्निया लगातार चौथे वर्ष सूखे से ग्र्रस्त है। भारतवर्ष, बांग्लादेश सहित कई एशियाई देशों के कई क्षेत्रों में भूगर्भ जलस्तर पाताल में पहुँच चुका है। पश्चिम एशिया की उर्वर जमीन तेजी से रेगिस्तान में परिवर्तित होती जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात के शहजादे भी अब जल को तेल से अधिक आवश्यक मानने लगे हैं। अनियमित वर्षा, कम व असमय वर्षा और बर्फ के पिघलने से कई क्षेत्रों की हाइड्रोलॉजिकल प्रणाली गड़बड़ा चुकी है। विश्व भर में ग्लेशियरों का आकार सिकुड़ रहा है। इण्टर गवर्नमेंट पैनल फार क्लाइमेट चेंज के अनुसार वर्तमान में भले ही जल की समस्या से संसार में कम लोग जूझ रहे हों लेकिन इक्कीसवीं सदी के अन्त तक इनकी संख्या बहुत अधिक होना नियति बन चुकी है। अत्यधिक दोहन, कम बारिश से जलस्त्रोत सूख रहे हैं। जो नहीं सूख रहे हैं उन्हें विकास की गलत परिपाटी सुखाने पर आमादा है। कृषि पर जल की किल्लत का विपरीत असर पड़ने लगा है। जल पर संग्राम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। जलवायु परिवर्तन इस समस्या का एक अतिरिक्त कारक बन चुका है। मौसम चक्र बिगड़ चुका है।

संसार में प्रयोग के लिए उपलब्ध स्वच्छ जल में भूगर्भ जल की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है। करीब 1.5 अरब लोग पेयजल आपूर्ति के लिए भूगर्भ जल पर आश्रित हैं। परन्तु केन्द्रीय भूजल बोर्ड के द्वारा सरकार को देश के भूगर्भीय जल के विषय में सौंपी गई प्रतिवेदन काफी खतरनाक है। प्रतिवेदन के अनुसार देश के 802 ब्लॉकों में भूजल के अति दोहन से जलसंकट गहरा रहा है और यदि यही स्थिति रही तो अगले पन्द्रह वर्षों में देश की आधी जनसँख्या जलसंकट से जूझ रही होगी। भूजल बोर्ड के अनुसार राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में जलस्तर में चार मीटर से अधिक की गिरावट हुई है। जलस्तर हर वर्ष दस से बीस सेंटीमीटर नीचे गिर रहा है। योजना आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल देश में 1123 अरब घनमीटर जल हमारे उपयोग के लिए उपलब्ध है, जबकि माँग 710 अरब घनमीटर की है। पर योजना आयोग का मानना है कि यह माँग 2025 में लगभग 1100 अरब घनमीटर हो जाएगी। जबकि जलस्तर गिरने से जलीय उपलब्धता उस समय इतनी कम हो जाएगी कि 2030 तक देश की आधी जनसंख्या पानी के लिए तरस रही होगी।दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड का मानना है कि यहाँ स्थिति अत्यंत भयावह है। बोर्ड का आंकलन है कि पंजाब के 80 प्रतिशत, हरियाणा के 59 प्रतिशत, राजस्थान के 69 प्रतिशत दिल्ली के 74 प्रतिशत एवं उत्तरप्रदेश के नौ प्रतिशत ब्लॉकों का जल दोहन हुआ है। केन्द्र ने जल दोहन रोकने के लिए एक मॉडल विधेयक भी 1970 में राज्यों को भेजा था। बाद में यह विधेयक 1992, 1996 और 2005 में फिर राज्यों को भेजा गया, परन्तु इसका परिणाम कुछ नही निकला। 


भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही भौतिक पदार्थों को भी देवता मानकर पूजन करने की परिपाटी रही है,उनमें जलदेवता भी एक है। यह भारतीय परम्परा है कि जो भी पदार्थ हमारे जीवन को गति व ऊर्जा प्रदान करता है अथवा जिनका होना हमारे लिए अति आवश्यक है उसे ही हमने देवता मान व कहकर उसकी पूजा की। पूजा का अभिप्राय गुणों के संकीर्तन से है, गुणों का सम्मान करने से है। आँग्ल शासकों ने सदैव ही हमारे प्रकृति के साथ इस तादात्म्य और सम्मानपूर्ण सहचर्य भाव को उपेक्षा और उपहास की दृष्टि से देखा और पारम्परिक वस्तुओं, तकनीकों और ज्ञान को मिटाने का हरसंभव प्रयास किया। भारतवर्ष विभाजन के पश्चात कई बातों में हमने पश्चिम की तथाकथित भौतिक उन्नति की नकल की, और अपने पारम्परिक सांस्कृतिक मूल्यों को भुलाने या उपेक्षित करने में हरसम्भव शीघ्रता का प्रदर्शन किया। पश्चिम की देखा-देखी हमने देश की समस्याओं का एलौपैथिक चिकित्सा पद्धति के ढंग से इलाज करना प्रारम्भ कर दिया। ध्यातव्य है कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में रोग को शीघ्र और जबरन शान्त किया जाता है, इसमें रोग को जड़ से समाप्त करने के संदर्भ में सोचा नही जाता। जबकि भारतीय आयुर्वेद पद्धति रोग को बढ़ाकर उसे जड़ से समाप्त करता है। इस एलोपैथिक चिकित्सा अर्थात ट्रीटमेंट  की तरह ही पूर्वजों द्वारा निर्मित देश के कुओं को भुलाकर यथाशीघ्र नलकूप क्रान्ति लाकर देश को खुशहाल कर देने के उद्देश्य से सरकार ने कार्य करना अपना कर्तव्य समझा था।परिणाम आज आपके सामने है ।

यह सर्वविदित है कि जब कुआँ थे, तो लोग उतना ही पानी जमीन से निकालते थे जितना आवश्यक होता था। उस पानी को भी पीने, नहाने-धोने आदि गृहकार्यों में व्यय करते थे और जो अवशिष्ट व्यर्थ जल बचता था वह समीप ही बने सोखता में चला जाता था और निक्षेपित होकर भूगर्भ में समां जाता था अर्थात अवशिष्ट व्यर्थ पानी घरों में ही ही निर्मित सोखता के माध्यम से वापस धरती को दे दिया जाता था। सोखता के द्वारा भूगर्भ जलस्तर ठीक रहता था। देश के अधिकांश हिस्सों में दो चार मीटर गहरा खोदते ही पानी का फव्वारा फूट पड़ता था,वहीँ अब यह फव्वारा बहुत से क्षेत्रों में तो 200-400 फुट गहरे जाकर भी नही मिल पा रहा है । नलकूपों ने पेयजल के सुरक्षित भूगर्भीय भण्डारों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई और आज हम इन भण्डारों के सिमटते आधार को देखकर भविष्य के लिए चिंतित हो रहे हैं। सब कुछ गंवाने के बाद अब जाकर हमें जल देवता का देवत्व व महत्व समझ में आ रहा है।

अपनी पहचान, अस्मिता,पारम्परिक सांस्कृतिक मूल्यों के रखरखाव के साथ ही हमें मानव व देशहित में राष्ट्रीय चरित्र को बलवती करने की भी आवश्यकता है। पानी व्यर्थ बर्वाद करना हम भारतीयों की मुख्य आदत है, लेकिन उसे सोखता अथवा वर्षा के जल को जलसंरक्षण के माध्यम से उसे धरती को पुनः वापस करने पर हम विचार ही नही करते । पारम्परिक पद्धति के वैज्ञानिकों के अनुसार मारने वाली नलकूप क्रान्ति के घातक फल हम भोग रहे हैं और आगामी पन्द्रह वर्षों बाद उन घातक फलों के शिकार बनने जा रहे हैं। हमारे ज्ञानी पूर्वजों ने जल का महत्व समझकर उसे देवता माना और जल के दोहन से बचाकर केवल कुआँ खोदना ही श्रेयस्कर समझा। हमें अपने पूर्वजों के दिखलाये मार्ग का अनुसरण करते हुए कुओं का महत्व समझ लेना चाहिए क्योंकि आने वाली प्रलय से सिर्फ कुआँ ही बचा सकता है। वर्तमान में देश के लिए नौ लाख इकतालीस हजार पाँच सौ इकतालीस वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वर्षा जल सहेज कर भूगर्भ में भरने की संभावनाएँ तलाशी जा चुकी हैं। जिसमें पिचासी अरब घनमीटर जलसंरक्षण पर 79,178 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है।अब देखना यह है कि सरकार की यह कोशिश आखिर क्या नया गुल खिलाती है ?






liveaaryaavart dot com

-अशोक “प्रवृद्ध”-
गुमला
झारखण्ड

4जी ग्लोबल प्रफोमर्स 'एशिया एजुकेशन समिट 2016'में 'कला, नृत्य एवं संगीत का सबसे अच्छे संस्थान'से सम्मानित होने का जश्न मना रहा है

$
0
0
  • - यह कार्यक्रम 4जी ग्लोबल परफॉरमर्स द्वारा आयोजित और प्रीशिका एंटरटेनमेंट द्वारा प्रबंधित किया गया
  • -छात्रों द्वारा नृत्य प्रदर्शन एवं उनकी कला को पुरुस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया

globale-award
नई दिल्ली: कला, शिक्षा एलएलपी में सर्वश्रेष्ठ 4जी ग्लोबल परफोरमर्स, एशियाएजुकेशन समिट 2016'में  'बेस्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ म्यूजिक, डांस और परफोर्मिंग आर्ट्स में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड से सम्मानित होने का जश्न मनाया. 4जी ग्लोबल इंस्टिट्यूट कला और शिक्षा की एक ऐसी संस्थान है जो देशभर में अपने उच्चस्थारीय शिक्षा और अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा यह संस्था शास्त्रीय संगीत, नृत्य, ललित कला, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बहु-प्रतिभा क्षेत्र में भी एक मजबूत मंच है.

4जी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को प्रीशिका एंटरटेनमेंट ने संगीत और नृत्य से सजाकर इस जश्न को चार चाँद लगा दिए. यह उत्सव 24 अप्रैल को दिल्ली के इस्कोन ऑडिटोरियम में मनाया गया. इस अवसर पर इंस्टिट्यूट के सभी छात्र अपने माता-पिता के साथ यहाँ पहुचें और बढ़-चढ़ कर कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया. प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद ( राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, कला और संगीत नृत्य में विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त) 4जी ग्लोबल परफोरमर की 4 शाखाएं दिल्ली/एनसीआर के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद है. अब तक 10000 से भी ज़्यादा छात्र यहाँ से कला और संगीत से प्रशिक्षित किये जा चुके हैं.

स्टार्टअप पीयूष जैन : नये दौर की नयी सोच

$
0
0
startup-india-piyush-jain
स्टार्टअप इंडिया-भारत के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की एक नई सुबह की आहट है। बिजनेस के नए आयडियाज तलाशना और दुनिया में भारत के व्यापार को नई पहचान देना ही स्टार्टअप की ओर पहला कदम है। ये स्टार्टअप ही टेक्नोलॉजी और बड़े निवेशक के आयडिया को बड़े स्तर पर ले सकते हैं। भारत में पिछले पांच वर्षों में कई बेहतरीन स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं जिन्होंने बाजार का रुख ही बदलकर रख दिया है। स्टार्टअप विभिन्न क्षेत्रों में उभर रहे हैं। व्यापार की नवीन दिशाओं को उद्घाटित करने साथ-साथ भारत की छवि को दुनिया में उभारने की दृष्टि से इन नयी प्रतिभाओं ने ऐसी संभावनाओं को जन्म दिया है, जिनसे भारत दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में पहचान पाने लगा है। जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें पाने के लिये अथक परिश्रम करना यही स्टार्टअप है। संभावनाओं से भरे इन स्टार्टअप ने अपनी उपलब्धियां सबको दिखाई और यही कारण है कि वे वास्तविक सफल लोग माने जाते हैं। इन्होंने विज्ञान एवं तकनीक की कई सौगातें दी हंै, जीने का नया तरीका दिया है, सोच को बदला है और जीवन को सुगम बनाने की कोशिश की है। ऐसी ही एक आधुनिक सौगात दी है श्री पीयूष जैन ने क्राउडफंडिंग के माध्यम से। इम्पैक्ट गुरु एक गैर लाभकारी सामाजिक विषयों से जुड़ा मंच है जिसके सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जैन ने सन् 2014 में इसे स्थापित किया। 

हाल ही में सिंगापुर के प्रमुख निवेश मंच फण्डनेल ने इसके साथ अंतर्राष्ट्रीय करार किया गया है जिसमें भारत की सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दान और पूंजीनिवेश के माध्यम से उपक्रम किये जायेंगे। विशेषतः दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित प्रवासी भारतीयों को दान और पूंजीनिवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा। भारत में सेवा और परोपकार के कार्यों में इस तरह के निवेश का अभी प्रचलन नहीं है। भारत के लिए यह पहला अवसर है जब एक सामाजिक क्राउडफंडिंग मंच ने एक विदेशी निवेश क्राउडफंडिंग मंच के साथ मिलकर करार किया है जिसमें वित्तीय समावेशन, स्वच्छ तकनीक, शिक्षा, पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य सहित विभिन्न सामाजिक जरूरतों से जुड़े क्षेत्रों में निवेश होगा। हाॅवर्ड इनवेशन लैब के नवीन खोजकारी उद्यम एवं प्रोत्साहन कार्यक्रम से प्रेरणा एवं प्रशिक्षण पाने के पश्चात श्री जैन सिंगापुर के पैक्ट सोशल इंटरप्राइज इनक्यूबेटर के साथ मिलकर भारत के लिए नवीन निवेश की संभावनाओं को तलाशेेंगे। श्री जैन हार्वर्ड और वार्टन जैसे अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त हैं। उन्होंने जेपी मार्गन, बोस्टन कंसल्टिंग गु्रप, अर्नस्ट एंड यंग जैसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठनों में उच्च पद एवं उच्च वेतनमान के बावजूद स्टार्टअप के रूप में अपनी स्वतंत्र पहचान बनायी है। नौकरी करने वाले की बजाय वे नौकरी देने वाला बनकर देश को मजबूत करना चाहते है।

इम्पैक्ट गुरु इससे पहले भी अनेक गैर मुनाफे के संगठनों के साथ जुड़कर अपनी सेवाएं दे चुका है जिनमें आॅक्सफेम, एसओएस बाल ग्राम, हैविडेट फाॅर हयूमिनिटी, सीएसआर विभाग- टाटा, गोदरेज, वाॅकहार्ट आदि हैं। वह डेलबर्ग और आशा इम्पैक्ट जैसे संगठनों की तरह ही अपना विस्तार करना चाहता है। श्री जैन ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से आगामी दो वर्षों में पचास करोड़ के सामाजिक सेवा एवं परोपकार के कार्य का लक्ष्य हासिल करेंगे, जो पूंजीनिवेश या दान के माध्यम से जुटाया जायेगा। ‘क्राउडफंडिंग’ विदेशों में लगभग स्थापित हो चुकी है और लेकिन भारत में इसको प्रचलित करने एवं स्थापित का श्रेय श्री जैन को ही जाता है। उनके अनुसार तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। यह भारतीय चन्दे का आयात किया हुआ एक स्वरूप है, एक प्रक्रिया है।  

इस समय दुनियाभर में क्राउडफंडिंग दो तरह के मॉडल पर काम कर रही है। इसमें पहला है डोनेशन बेस्ड फंडिंग। क्राउडफंडिंग कॉन्सेप्ट का जन्म इसी मॉडल से हुआ है। इसमें लोग किसी अच्छे प्रोडक्ट या सर्विस के लिए पैसा दान करते हैं, ताकि बाद में उन्हंे वह प्रोडक्ट मिल सके। क्राउडफंडिंग का दूसरा मॉडल है इंवेस्टमेंट क्राउडफंडिंग। यह आजकल सबसे अधिक चलन में है। इस तरह के मॉडल में पैसे देने वाला व्यक्ति उस कंपनी या प्रोडक्ट में हिस्सेदारी ले लेता है और बाद में उसे लाभ में हिस्सेदारी मिलती है। भारत में ‘क्राउड फंडिंग’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है। श्री जैन की भावी योजनाओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में क्राउडफंडिंग न केवल जीवन का हिस्सा बनेगा बल्कि अनेक बहुआयामी योजनाओं को आकार देने का आधार भी यही होगा। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने ही इम्पैक्ट गुरु का लोकार्पण किया। वे भी चाहती हैं कि सरकार के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों और आम नागरिक को सेवा और जनकल्याण के कार्यों के लिये  क्राउडफंडिंग को बढ़ावा देना चाहिए। 

श्री जैन भारत में क्राउडफंडिंग के भविष्य को लेकर बहुत आशान्वित है। वे बताते हैं कि इम्पैक्ट गुरु भारत में जनकल्याण के विविध उपक्रमों के साथ-साथ बच्चों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए गैर लाभकारी संगठनांे के साथ मिलकर कार्य करेगा। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार भारत में क्राउडफंडिंग के लिए लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। वर्ष-2014 में 167 प्रतिशत इजाफे के साथ 16.2 करोड़ डाॅलर रहा। वर्ष-2015 में यह 34.4 करोड़ डाॅलर हो गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में दुगुना है। इन आंकड़ों से उजागर होता है कि क्राउडफंडिंग के प्रति दुनिया में न केवल बड़े दानदाताओं में बल्कि मध्यमवर्ग में भी देने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। 

इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना को आकार देने के लिये गंभीरता से जुटे श्री पीयूष जैन का मानना है कि  क्राउडफंडिंग भारत के लोगों में दान की परम्परा को एक नई शक्ल देगा। बड़े दानदाता ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन किया जा सकेगा। मध्यमवर्ग के लोगों में भी दान देने का प्रचलन बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेषतः युवकों मंे जनकल्याण एवं सामाजिक परिवर्तन के लिए दान की परम्परा के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाएगा, जिसके माध्यम से सेवा और जनकल्याण के नये उपक्रम संचालित हो सकेंगे। इम्पैक्ट गुरु मंच की कोशिश से भारत में 33 लाख गैर लाभकारी संगठनों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाया जा सकेगा। क्योंकि इन गैर लाभकारी संगठनों के सम्मुख धन उगाने के परम्परागत तरीकें बहुत खर्चीले हैं, जो कुल धन का खर्च 35 प्रतिशत तक है, जिसे नई तकनीक के अंतर्गत 5 प्रतिशत तक किया जाएगा। इससे एक बड़ी समस्या का समाधान इम्पैक्ट गुरु के द्वारा संभव हो सकेगा। 

इम्पैक्ट गुरु काॅलेज और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ युवा प्रोफेशनल के बीच व्यापक पहुंच स्थापित कर उनमें क्राउडफंडिंग की शक्ति के माध्यम से उन्हें सोशल मीडिया के लिए जागरूक किया जा रहा है। स्टार्ट अप के प्रणेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी क्राउडफंडिंग के जरिये सार्वजनिक उपक्रमों को अधिक सशक्त बनाने के लिये उत्साहित दिखाई देते हैं। आनलाइन के इस युग में क्राउड फंडिंग का भविष्य उज्ज्वल ही दिखाई दे रहा है। पीयूष जैन के इस कथन में सच्चाई है कि ‘सरकार हमारे तमाम मसले नहीं सुलझा सकती और जनता अपने बीच की समस्याओं के समाधान के लिये खुद ही आगे आना चाहती है। मध्य और उच्च वर्ग के लोग न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र बल्कि जनकल्याण से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिये दान करना चाहते हैं। लोग एक-दूसरे की मदद भी करना चाहते हैं। लगता है आने वाले समय में छोटे-छोटे दान बड़ी योजनाओं को आकार देने के माध्यम बनेंगे।

इसीलिये पीयूष जैन भारत सरकार को क्राउडफंडिंग के लिए नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि सरकार को क्राउडफंडिंग के लिए योजना बनानी चाहिए। क्राउड फंडिंग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लोग जिन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते उनके लिए दान करना नहीं चाहते हैं। इस स्थिति में लोगों को दान कराने के लिए राजी करना चुनौती भरा होता है। जब सरकार की ओर से इसको प्रोत्साहन मिलेगा और इसकी सुनियोजित योजना सामने आएगी तो लोगों का विश्वास जागेगा। 

पीयूष जैन स्वीकारते हैं कि क्राउडफंडिंग भारत में काफी सफल होगा। यहां अमीर-गरीब के बीच गहरी खाई है। यह उसे पाटने में अहम भूमिका निभा सकता है. इसके जरिए अमीर मिलकर गरीबों की मदद कर सकते हैं। इससे उन लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, जो पैसों की कमी की वजह से बुनियादी जरूरतों से महरूम रह जाते हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तकनीक के मामले में भारत की दुनिया में अलग पहचान है। भारत के सुनहरे भविष्य के लिए क्राउडफंडिंग अहम भूमिका निभा सकती है। क्योंकि क्राउडफंडिंग से भारत में दान का मतलब सिर्फ गरीबों और लाचारों की मदद करना समझते आ रहे हैं जो कि अब कला, विज्ञान और मनोरंजन  को समृद्ध  करने की भी हो जायेगी। ऐसा होने से क्राउडफंडिंग की उपयोगिता एवं महत्ता सहस ही बहुगुणित होकर सामने आयेंगी। हम जहां रहते हैं वहां एक-दूसरे की मदद के बिना समाज नहीं चल सकता. अगर लोग इस तरह की मदद के लिए आगे नहीं आएंगे तो पैसों की कमी के चलते अनेक सामाजिक और सार्वजनिक इकाइयां मरनासन्न होकर रसातल में चली जायेगी।

पीयूष जैन जैसे चमकदार स्टार्ट अप्स ने लोगों को भी अपनी सोच बदलने के लिए मजबूर किया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत दुनियाभर में स्टार्ट अप शुरू करने के लिए एक पसंदीदा जगह के तौर पर उभरा है। इस समय अमेरिका के कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के बाद अगर दुनिया के निवेशकों को सबसे ज्यादा कोई देश आकर्षित कर रहा है तो वह है भारत। बहुत सारे तथ्य इस बात को साबित करते हैं कि भारत एक उभरता हुआ स्टार्ट अप केंद्र है। 



(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई॰ पी॰ एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

सूखे से निपटने के लिये जल प्रबंधन योजना की आवश्यकता: उमा

$
0
0
neet-water-planing-for-drought-uma-bharti
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (वार्ता) केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने आज पूरे देश के लिए व्यापक जल संसाधन प्रबंधन रणनीति की आवश्यकता पर बल देते हुये कहा कि देश में सूखे की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक योजना तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है। 

राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम) के सलाहकार बोर्ड की यहां अायोजित दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुये सुश्री भारती ने कहा कि इस योजना की रूपरेखा राज्य सरकारों से सलाह मश्विरा तथा जनता की भागीदारी के बाद ही पूरी की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता के लिये जनता की भागीदारी बेहद आवश्यक है। 

इस मौके पर मंत्री ने राष्ट्रीय जल मिशन का एक वेब पोर्टल भी लांच किया। जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट ने कहा कि किसानों को सिंचाई प्रयोजन के लिए भू-जल के अत्यधिक उपयोग के विकल्प के बारे में बताया जा सकता था। उन्होंनेे भी एनडब्ल्यूएम का लोगो लांच किया। 

सहयोगियों की गिरफ्तारी के खिलाफ मिस्र में पत्रकारों ने किया प्रदर्शन

$
0
0
journalist-protest-in-egypt
काहिरा 27 अप्रैल, मिस्र में करीब 100 पत्रकारों ने राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसि के खिलाफ हुए प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रहे सहयोगियों की गिरफ्तारी के खिलाफ राजधानी काहिरा में विरोध प्रदर्शन किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पत्रकारों के संगठन के मुख्यालय के सामने करीब 100 रिपोर्टर जमा हुए। संगठन के प्रमुख येहिया कलाश ने कहा कि सुरक्षा बलों ने कई मान्य पत्रकारों को सोमवार को भवन में आने से रोक दिया था। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटना कई सालों से नहीं हुई थी।” उल्लेखनीय है कि सुरक्षाबलों ने सोमवार को हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रहे कम से कम 33 पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया था। राष्ट्रपति सिसि को लाल सागर स्थित तिरान एवं सनाफिर द्वीपों को सऊदी अरब को सौंपे जाने के कारण भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 
Viewing all 74203 articles
Browse latest View live




Latest Images