देहरादून, 28 अप्रैल, नैनीताल उच्च न्यायालय में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष के फैसले काे चुनौती देने वाली याचिका पर अगली सुनवाई नौ मई को होगी। विधायकों के मुख्य अधिवक्ता के नहीं पहुंचने के कारण आज दूसरी बार न्यायालय को सुनवायी की तिथि आगे बढ़ानी पड़ी है । सूत्रों के अनुसार मामले की सुनवाई शुरू हुयी तो विधायकों की और से पेश अधिवक्ताआें ने न्यायालय को बताया कि पैरवी करने वाले मुख्य अधिवक्ता सी.ए. सुन्दरम पैरवी के लिए नही पहुंच पाए है जिसके बाद एकलपीठ के न्यायाधीश यू सी ध्यानी ने विधानसभा अध्यक्ष की और से मौजूद अधिवक्ता अमित सिब्बल को अपना पक्ष रखने के लिए कहा।
अधिवक्ता अमित सिब्बल ने दलील दी कि सत्तारूढ दल को साथ ही बाहर से समर्थन देने वाले भी धन विधेयक का विरोध नहीं करते। अध्यक्ष ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए सही कार्रवाई की। बागियों ने राज्यपाल से मिलकर सत्तारूढ दल का होने के बावजूद कहा कि सरकार गिर चुकी है। उन्होंने दलील दी कि भाजपा के 26 विधायकों के साथ कांग्रेस के नौ बागी विधायक राजभवन गए, उन्होंने संयुक्त ज्ञापन देकर दल बदल कानून को तोड़ा है और असंवैधानिक तरीके से सरकार को अल्पमत में बताया। सरकार को 18 की सुबह ही बर्खास्त करने की मांग कर दी। इन विधायकों द्वारा 44 हजार करोड़ के विनियोग विधेयक का विरोध किया गया, जिसमें सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल थीं। बाद में श्री सुन्दरम के सहयोगियों ने बताया कि आज की बहस में वह नहीं आ पाएंगे अतः उन्हें अगली तारीख दी जाए जिस पर न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए नौ मई की तारीख तय की। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश वकीलों का कहना है कि विधायकों के वकील बहस से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं ।