नयी दिल्ली 12 मई, रेलवे ने क्रास फंक्शनल निदेशालयों की स्थापना की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए गैर किराया राजस्व निदेशालय का भी गठन कर दिया है , जो रेलवे की आय में 10 से 20 फीसदी का इजाफा करने के उपाय क्रियान्वित करेगा। इससे पहले रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने के लिये गतिशीलता निदेशालय गठित किया जा चुका है।
रेलवे बोर्ड ने आज एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि इस साल में रेल बजट की घोषणा के अनुरूप गैर शुल्क स्रोतों से अर्जित होने वाले राजस्व में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों पर फोकस करने के लिये पेशेवराना आधार पर एक और क्रास फंक्शनल निदेशालय गैर-किराया राजस्व निदेशालय (एनएफआर) की स्थापना की है। रेल बजट में भारतीय रेल की दक्षता बढ़ाने एवं आयवृद्धि के लिये रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन करने और रेलवे बोर्ड में विभिन्न क्षेत्रों को समाहित करने वाले विविध कार्यात्मक निदेशालयों की स्थापना करने की घोषणा की गयी थी।
विज्ञप्ति के अनुसार इस निदेशालय में इंजीनियरिंग, यातायात वाणिज्यिक एवं वित्त विभागों से कार्यकारी निदेशक स्तर के अधिकारी होंगे। यह निदेशालय स्टेशनों, डिब्बों पर अंदर एवं बाहर दोनों ओर और इंजन पर विज्ञापन, खाली पड़ी भूमि का वाणिज्यिक दोहन और स्टेशनों का पुनर्विकास सहित रेलवे परिसरों जमीन संबंधी अधिकार, रेल कर्मियों के लिए वर्दी का प्रायोजन, पटरी के आसपास स्थित भूमि पर और रेलवे स्टेशनों के निकट स्थित भूमि पर होर्डिंग के जरिये विज्ञापन, रेल की पटरियों के आसपास वाणिज्यिक खेती, सॉफ्ट परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण, जिनमें विज्ञापनों और वेब लिंक्स के जरिये वेबसाइटों से राजस्व का सृजन भी शामिल है, बहु कार्यात्मक परिसरों का परिचालन/लाइसेंसिंग, स्टेशनों के आसपास स्थित भूमि को छोड़ रेलवे की भूमि पर वाहनों की पार्किंग, वैगनों, एफओबी, आरओबी, आरयूबी, रेलवे की इमारतों, लोको शेड, उत्पादन इकाइयों, रेल परिसरों पर स्थित ढांचों (जैसे कि वाटर टैंक, माइक्रोवेव टावर, ओएचई मास्ट इत्यादि) पर विज्ञापन, ऑन बोर्ड (रेलगाड़ी) और ऑफ-बोर्ड (स्टेशन) मनोरंजन, रेलगाडि़यों पर पत्रिकाएं, स्टेशनों समेत रेल परिसरों पर डिस्प्ले (एलईडी स्क्रीन, वीडियो वॉल, ट्रांसस्लाइड्स इत्यादि), स्टेशनों पर गतिविधियों और कार्यक्रमों का प्रायोजन, ब्रांडिंग इत्यादि, रेलवे स्टेशनों के बाहर स्थित भूमि ((परिसंचारी क्षेत्र, संपर्क मार्ग,एलसी फाटकों के निकट इत्यादि) पर ‘शुल्क अदा कर उपयोग में लाए जाने वाले शौचालयों’ का परिचालन, स्टेशनों समेत रेल परिसरों में रेडियो, वीडियो, इंटरनेट, वाई-फाई, मोबाइल एप्स, परस्पर संवादात्मक सेवाएं (जैसे कि वीडियो गेम्स इत्यादि) तथा पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से आमदनी बढ़ाने के उपाय करेगा। यह नया निदेशालय सीधे रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की देखरेख में काम करेगा।
रेलवे पहले ही गतिशीलता निदेशालय का गठन कर चुका है जिसमें इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तथा ए एंड टी विभागों के अधिकारी जोड़े गये हैं। इसकी कमान सलाहकार स्तर के अधिकारी नवीन शुक्ला को सौंपी गयी है। यह निदेशालय ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए ट्रेन गलियारे की पहचान और उनकी प्राथमिकता निर्धारण, माल गाड़ियों के समय सारणी के लिए मार्ग की पहचान, गति से जुड़े विषयों का समयसारिणी निर्धारण, नेटवर्क के खास दायरे की बाधाएं दूर करना, गति बढ़ाने के लिए क्षमता मजबूत करने की कार्य की प्रगति की निगरानी, परिवर्तनीयता दुष्प्रभाव और सुधार कार्य, रोलिंग स्टॉक की स्थिति तथा गति क्षमता, ट्रैक की लंबाई के अनुसार अनुमति योग्य रफ्तार तथा स्थायी और अल्पकालिक गति प्रतिबंध जैसे कामों पर निर्णय लेगा।