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बिहार : अगर किसी प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन न हो तो...

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नालंदा। अगर किसी प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन न हो तो उक्त प्रखंड का क्या हाल होगा? वहीं होगा जो मंजूरे खुदा होता है। खुदा के रहम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा चल रहा है। इस जिले के हिलसा प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन ही नहीं है। इसके कारण आवासीय भूमिहीनों को जमीन देने का कार्यक्रम ही ठप पड़ गया है। 

प्रगति ग्रामीण विकास समिति के नालंदा जिले के समन्वयक चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में कामता नामक पंचायत के कामता गांव है। यहां पर 150 घर भूमिहारों का है। मुसहर 60, पासवान 30, पाण्डेय 25, कहार 4, नाई 1 और 1 घर साव का है। वर्ष 1989 में 27 महादलितों को डेढ़-डेढ़ डिसमिल जमीन दी गयी। सभी के नाम से पर्चा निर्गत किया गया है। थाना संख्या 60 है। निर्गत गैर मजरूआ जमीन को कैलाश सिंह नामक दबंग ने हथिया लिया है। जब सरकार ने गैर मजरूआ भूमि पर ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम के तहत घर बनाने का आदेश निर्गत किया। तो दबंग कैलाश सिंह ने ठेकेदार को खदेड़ दिया। खदेड़े जाने पर ठेकेदार ने खेत के अलग पर ही मकान बनाकर चला गया। निर्मित मकार अब जर्जर हो गया है। इसके आलोक में इन्दिरा आवास योजना से 10 लोगों का मकान बना है। अल्प राशि होने के कारण मकान अधूरा ही रह गया है। आज भी खाता संख्या- 197 और खेसरा संख्या 2457 पर दबंग कैलाश सिंह का कब्जा है। जो ठेकेदार के द्वारा मकान बनाया गया। गैर मजरूआ भूमि का रकवा एक बीघा है। इसी का आवेदन हिलसा प्रखंड के सीओ को दिया गया।

अब हिलसा प्रखंड के सीओ ने प्राप्त आवेदन के आलोक में कहना शुरू कर दिये हैं कि हिलसा प्रखंड में 6 माह से सरकारी अमीन ही नहीं है। इसके कारण कार्य विलम्ब हो रहा है। निजी अमीन उपलब्ध कराने को मान्य नहीं कर रहे हैं। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लोग ही बता पाएंगे कि कब और कितने दिनों के बाद हिलसा प्रखंड में सरकारी अमीन नियुक्त कर दिया जाएगा। 



आलोक कुमार
बिहार 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मार्च )

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होली पर नपा ने बदली जल प्रदाय व्यवस्था

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छतरपुर। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अर्चना गुड्डू सिंह ने रंगों के सतरंगी पर्व पर लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिये 17 और 18 मार्च को जल प्रदाय व्यवस्था में परिवर्तन किया है। नगर पालिका अध्यक्ष श्री मती अर्चना गुड्डू सिंह ने होली के मौके पर सभी नगर वासियों को बधाईयां व शुभ कामनायें देते हुये बदली हुई जल प्रदाय व्यवस्था का उपयोग करने की अपील की है। नगर पालिका परिषद छतरपुर के सीएमओ ने प्रेस को दी गई जानकारी में बताया कि होली को देखते हुये नगर पालिका अध्यक्ष के निर्देषानुसार 17 मार्च को दोपहर 1 बजे से जल प्रदाय किया जायेगा। उन्होने बताया कि 18 मार्च को सुबह 7 बजे से होने वाली नियमित पेयजल सप्लाई को रोककर दोपहर 1 बजे से पानी दिया जायेगा ताकि होली के रंग में रंगे लोग इत्मीनान से पानी का उपयोग कर सकें। उन्होने कहा कि शेष दिनों में जल प्रदाय व्यवस्था यथावत रहेगी। 


पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मार्च )

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कोषालय में 20 मार्च तक ही स्वीकार होंगे बिल  

पन्ना 16 मार्च 14/वित्तीय वर्ष का समापन होने के कारण जिला कोषालय तथा उप कोषालयों में 20 मार्च तक ही विभिन्न देयक स्वीकार किए जाएंगे। इस संबंध मंे जिला कोषालय अधिकारी श्रीमती दीप्ति अग्रवाल ने बताया कि सभी आहरण संवितरण अधिकारी 20 मार्च के पूर्व कोषालय में देयक प्रस्तुत कर दें। जिससे विभिन्न मदों में आवंटित राशि का उपयोग सुनिश्चित हो सके। निर्धारित समय सीमा के बाद प्राप्त देयक स्वीकार नही किए जाएंगे। इस अवधि तक केवल आयोजना एवं आयोजनेत्तर के विभिन्न मदों में प्राप्त आवंटन के लिए ही देयक स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से समय सीमा में देयक प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। 

ईडीसी के लिए 20 मार्च तक करें आवेदन

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पन्ना 16 मार्च 14/लोक सभा चुनाव के दौरान तैनात प्रत्येक अधिकारी तथा कर्मचारी को निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार मतदान का अवसर दिया जाएगा। इस संबंध में कार्यालय प्रमुखों को निर्देश देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने कहा है कि सभी कार्यालय प्रमुख 20 मार्च तक अपने अधीन अधिकारियों तथा कर्मचारियों को मतदान का अवसर देने के लिए चुनाव ड्यिूटी प्रमाण पत्र के लिए अनिवार्य रूप से आवेदन करें। जिन कर्मचारियों के नाम मतदाता सूची में शामिल नही हैं वे 18 मार्च तक अपने नाम अनिवार्य रूप से शामिल कराएं। कर्मचारी के मतदाता पहचान पत्र की छायाप्रति तथा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करके कार्यालय प्रमुख ईडीसी प्राप्त करें। चुनाव में तैनात अधिकारी तथा कर्मचारियों के मतदान से वंचित होने पर उसका पूरा उत्तरदायित्व कार्यालय प्रमुख का होगा। 

कलेक्टर ने दी होली की शुभकामनाएं. उल्लास और सद्भाव से मनाए होली-कलेक्टर

पन्ना 16 मार्च 14/कलेक्टर आर.के. मिश्रा तथा पुलिस अधीक्षक आर.के. जैन ने जिले वासियों को होली पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। अपने शुभकामना संदेश में कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा है कि होली सद्भाव और प्रेम का त्यौहार है। उल्लास तथा प्रेम के साथ होली का पर्व मनाएं। होली मनाने के लिए प्राकृतिक रंगों तथा गुलाल का उपयोग करें। त्वचा को हानि पहुंचाने वाले केमिकल रंग का उपयोग करके होली को प्रदूषित न करें। किसी भी व्यक्ति को रंग और गुलाल लगाने के लिए विवश न करें। त्यौहार के उल्लास में कई व्यक्ति नशीले प्रदार्थो का सेवन करने लगते हैं मादक पदार्थ का सेवन करके त्यौहार न मनाएं। उन्होंने सभी को सौहार्द और प्रेम के साथ होली मनाने की अपील की है। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मार्च )

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मतदाता जागरूकता अभियान में सभी वर्गों का योगदान सराहनीय-सीईओ
  • स्वीप अभियान संबंधी व्यापारी संघों की बैठक संपन्न

सीधी 15 मार्च 2014     मतदाता जागरूकता अभियान में सभी वर्गों का सहयोग एवं योगदान एक सराहनीय कदम है। लोकतंत्र में मतदाताओं की सहभागिता मतदान के रूप में होना चाहिए। इस आशय के विचार गत दिवस मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं अध्यक्ष स्वीप प्लान श्री एस.एन.शुक्ला ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित विभिन्न संघों की मतदाता जागरूकता संबंधी बैठक के दौरान व्यक्त किए। बैठक में स्वीप प्लान के नोडल अधिकारी परियोजना प्रशासन श्री के.डी.त्रिपाठी, संबंधित विभागों के अधिकारी, व्यापारी संघ, ज्वेलर्स संघ, सर्राफा एसोसिएशन, मेडीकल संघ, किराना थोक/फुटकर संघ, बस ट्रांसपोर्ट संघ, बार एसोसिएशन संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में श्री शुक्ला ने कहा कि मतदाताओं को मतदान के प्रति जागृत एवं प्रेरित करने के लिए विभिन्न संघों के सदस्यों के माध्यम से रैलियों का आयोजन, बसों में स्टीकर, अपील, नारे, पम्पलेट्स के द्वारा मतदाताओं को मतदान के महत्व एवं अधिकार के बारे में बताया जाए। उन्होंने कहा कि शहर के प्रत्येक चैराहे की दुकानों पर मतदाता जागरूकता संबंधी बैनर लगाये जाएं। रोचक कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। शहर में मोटर सायकिल रैली आयोजित कर मतदाता जागरूकता का संदेश पहुंचाया जाए। बैठक में सभी संघों के पदाधिकारियों द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान में विशेष सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया गया। 

मतदाता प््राजातंात्रिक व्यवस्था में अपने मताधिकार का प्रयोग करें:-कलेक्टर
  • रंगोली के माध्यम से दिया मतदाता जागरूकता का संदेश                                  

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सीधी 15 मार्च 2014     प्रजातंात्रिक व्यवस्था के तहत होने वाले लोकसभा निर्वाचन 2014 में  हर पात्र मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करे । मतदाता को मतदान के प्रति जागरूकता और रूचि बढ़े ताकि वह अधिकाधिक संख्या में मतदान में अपनी सहभागिता निभा सके। रंगोली के विभिन्न रंगों के माध्यम से मतदाता जागरूक का संदेश निश्चित ही एक सराहनीय कदम होगा। ये विचार आज कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री स्वाति मीणा ने स्थानीय छत्रसाल स्टेडियम में मतदाता जागरूकता के संबंध में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं अध्यक्ष स्वीप प्लान श्री एस.एन.शुक्ला, नोडल अधिकारी परियोजना प्रशासक श्री के.डी.त्रिपाठी, निर्णायक समिति,संबंधित अधिकारी,  एवं बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे। कलेक्टर सुश्री मीणा ने कहा कि होली के अवसर पर मतदाता जागरूकता का संदेश रंगोली के माध्यम से विभिन्न आयामों एवं नारों को प्रदर्शित कर मतदाताओं को जागरूक करने की पहल कर सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को होली पर्व की शुभकामनाएं देकर उनके सुखद एवं उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि कला के माध्यम से अपनी श्रेष्ठ पहचान स्थापित करें और निरंतर आगे बढ़कर नई उंचाईयों को छुएं।  ओपन रंगोली प्रतियोगिता में 78 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम पुरस्कार बंसिका सिंह, द्वितीय पुरस्कार दिव्या नवैत तथा तृतीय पुरस्कार श्रीमती मंटो रैकवार को प्रदान किया गया। पुरस्कार यूनियन बैंक सीधी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। 

रंगोली का कलेक्टर ने किया अवलोकन
कलेक्टर सुश्री स्वाति मीणा ने मतदाता जागरूकता विषय पर आधारित ओपन रंगोली प्रतियोगिता का अवलोकन किया । रंगोली में वोट देना हमारा अधिकार, सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो, मतदान में महिला शक्ति का आव्हान, मतदान के लिए जाना है भारत को मजबूत बनाना है, मतदान हमारा प्रथम कत्र्तव्य, मतदाता मतदान करना अपने अपनों को भी कहना, मतदान महादान से संबंधित कृतियां उकेरकर जागरूकता का संदेश दिया गया। 
               
मतदाता जागरूकता गीतों की प्रस्तुति
रंगोली प्रतियोगिता के दौरान सामाजिक न्याय विभाग के कलाकार श्री सुरेन्द्र शुक्ला, श्री शर्मा एवं अन्य कलाकारों द्वारा मतदाता जागरूकता पर आधारित सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई। 

रक्तदान शिविर आयोजित
                      
सीधी 15 मार्च 2014       शासकीय कन्या महाविद्यालय सीधी में विगत दिवस  रक्तदान शिविर का आयोजन रेड रिबन क्लब के संयोजन से किया गया। रक्तदान शिविर में संरक्षक डाॅ0 आशा गुप्ता प्राचार्य, क्लब के अध्यक्ष नोडल अधिकारी डाॅ.जी.पी.आर्या जिला चिकित्सालय की उपस्थिति में संपन्न हुआ। रक्तदान करने वाली छात्रा निधि सिंह बी.एस.सी.द्वितीय सेमेस्टर, लता गौतम बी.ए.फायनल सेमेस्टर, शौलजा सिंह बीए चतुर्थ सेमेस्टर, रीता अग्निहोत्री बी.ए.चतुर्थ सेमेस्टर, संगीता चतुर्वेदी बी.ए.चतुर्थ सेमेस्टर, सोनिका सिंह बी.ए.प्रथम सेमेस्टर ने स्वैच्छा से रक्तदान किया। स्व्ैाच्छिक रक्तदान शिविर को सफल बनाने में डाॅ0 सुषमा श्रीवास्तव, श्रीमती माया पवार एवं कार्यालयीन कर्मचारी जिला चिकित्सालय सीधी के श्री रामजी उर्मलिया, संतोष तिवारी, श्री मुकेश चतुर्वेदी का सहयोग एवं योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम का संयोजन डाॅ.एस.बी.सिंह चैहान प्रभारी प्राध्यापक द्वारा किया गया। 

बिहार : भारतीय रेलवे को अशुद्धि को शुद्ध करने का अभियान चलाना चाहिए

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जहानाबाद। भारतीय रेल मंत्रालय के द्वारा रेलवे लाइन और गोदामों से चूहों के आंतक से मुक्त करने के लिए चूहा पकड़ों अभियान चलाया जाता है। तो क्यों नहीं अपनी गलती को खत्म करने के लिए मंत्रालय के द्वारा अभियान चलाया जा सकता है।विभिन्न स्टेशनों पर अशुद्ध शब्द लिखा देखा जा सकता है। उत्तर भारत में जहां शुद्ध द्वितीय शब्द के बदले में अशुद्ध शब्द द्वितिय और दक्षिणा भारत में शुद्ध शब्द शौचालय के बदले अशुद्ध शब्द सोचालय लिखा देखा जा सकता है। यह रेल मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय भाषा हिन्दी का अपमान किया जा रहा है। जो अक्षम्य है। उत्तर और दक्षिण भारत में अशुद्ध हिन्दी शब्द को शुद्ध करने की जरूरी है। ऐसा करने से सही-सही सूचना और जानकारी लोगों को प्राप्त होगी।

आप भारतीय रेल से सफर करते हैं। राष्ट्रीय भाषा हिन्दी, राष्ट्रीय भाषा द्वितीय उर्दू और अंग्रेजी में लिखित सूचना दी जाती है। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा दी गयी सूचना को पढ़कर मुसाफिर अमल करते हैं। अपने परिजनों के साथ आने वाले बच्चे भी सूचना को पढ़ते हैं। सूचना को पढ़ते ही बच्चे गफलत में पड़ जाते हैं। बच्चे किताबों में और क्लास रूम में अध्ययन के दौरान लिखावट में अन्तर पाते हैं। इसके कारण बच्चे उलझन में पड़ जाते हैं कि किताब में लिखी या स्टेशन में लिखी हिन्दी सही है।

सचिवालय में सहायक पद पर वासुकी नाथ कार्यरत हैं। गृह रक्षा विभाग में हैं। हमेशा रेल से सफर करते हैं। पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा राष्ट्रीय भाषा हिन्दी पर जोर दिया जाता है। लोगों की सुविधा के ख्याल करके आरक्षण प्रपत्र को अंग्रेजी और हिन्दी में प्रकाशित कराया जाता है। वहीं दीवारों पर राष्ट्रीय भाषा हिन्दी, राष्ट्रीय भाषा द्वितीय उर्दू और अंगेजी में ही लिखित सूचना दी जाती है। राष्ट्रीय भाषा हिन्दी में लिखने वाले अशुद्ध शब्द लिख देते हैं। इस पर वासुकी नाथ की नजर रहती है। अपने दोस्त को बताए कि पटना रेलवे स्टेशन की दीवार प्रतीक्षालय को अशुद्ध रूप से प्रतिक्षालय लिखा गया है। उनके दोस्त ने पटना के हिन्दी अधिकारी को जानकारी दी। हिन्दी अधिकारी ने खेद व्यक्त करके दूसरे दिन ही शुद्धिकरण करवा दिए।

उनका कहना है कि पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा हरेक स्टेशन पर जाकर देखना चाहिए। एक अभियान के तरत अशुद्धि को अशुद्ध कर देना चाहिए। आप नदौल स्टेशन पर आकर देखे। नवनिर्मित नदौल द्वितिय श्रेणी प्रतिक्षालय लिखा गया है। जो हमेशा  बन रहता है। मुसाफिर बाहर ही गाड़ी के लिए बैठकर इंतजार करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता मुकुल कुमार भी परेशान हैं। कार्यकर्ता मुकुल कुमार हिलसा प्रखंड में कार्यरत हैं। यहां पर कहीं पर हिलसा और कहीं पर हिल्सा लिखा मिलता है। स्टेशन पर लिखे हिल्सा को गलत करार देते हैं। हिलसा और हिल्सा के फेर में पड़ जाते हैं। उनको यह कहकर धीरज धरा दिया जाता है कि हिन्दी में नाम में लिखने में अन्तर नहीं समझा जाता है। यह तो अपमान ही है।कम से कम उत्तर भारत के स्टेशनों पर सही ढंग से शब्द लिखना चाहिए। सभी हिन्दी बेहतर ढंग से जानते हैं। हिन्दी क्षेत्र से कई रेल मंत्री बने हैं। जो हिन्दी को अपमान के गर्क से नहीं निकाल सके। दक्षिण भारत में तो हिन्दी की खिंचाई हो जाती है। शौचालय को सोचालय लिखने से हिचकते नहीं हैं। 

बताते चले कि प्रत्येक दिन हिन्दी अधिकारी के अनुसार हिन्दी के शब्द को नोटिस बोर्ड में लिखा जाता है। उसके बाद में विस्तार से समझाया जाता है। तो इस तरह की गलती के बारे में सुधार नहीं करना समझ से परे की बात है। किसी तरह की सूचना साइन पेंटर के द्वारा लिखवायी जाती है तो सूक्ष्म ढंग से निरीक्षण करके के बाद ही भुगतान करने की व्यवस्था करनी चाहिए।



आलोक कुमार
बिहार 

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने की जल्दी में हैं : बाबा रामदेव

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क्या बाबा रामदेव बीजेपी और नरेंद्र मोदी से नाराज हैं? इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. हाल के दिनों में आए रामदेव के बयानों पर भी नजर डालें तो लगता भी ऐसा ही है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, बाबा रामदेव ने बीजेपी के पीएम कैंडिडेट पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी प्रधानमंत्री बनने की जल्दी में हैं.


रामदेव ने कहा, 'मोदी प्रधानमंत्री बनने के लिए आतुर हैं पर उन्हें कुछ संयम दिखाना चाहिए.'इसके साथ ही बीजेपी में टिकट बंटवारे पर भी रामदेव ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह निशिकांत यादव को पाटलिपुत्र से टिकट न दिए जाने से नाराज हैं. इसके अलावा, बीएस येदियुरप्पा और बी श्रीरमुलु जैसे दागी नेताओं को टिकट मिलने से भी रामदेव खुश नहीं है. 

निशिकांत यादव रामदेव के करीबी माने जाते हैं. आपको बता दें कि बीजेपी ने बिहार के पाटलिपुत्र सीट से पूर्व आरजेडी नेता और एक समय लालू यादव के बेहद करीबी रहे रामकृपाल यादव को टिकट दिया है. इस सीट पर लालू यादव की बेटी मीसा भारती आरजेडी की उम्मीदवार है. 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मार्च )

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लोकसभा निर्वाचन - 2014 : एम.सी.एम.सी. की अनुमति के बिना इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा  प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा 
  • चुनाव के द©रान मीडिया समाचार क¨ लेकर संयम बरते पेड न्यूज पर रहेगी कड़ी नजर 
  • कलेक्टन ने निर्वाचन आय¨ग द्वारा प्रेस के लिये बनाये गये विभिन्न अधिनियम¨ं की दी जानकारी 
  • जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक सम्पन्न 

tikamgarh news
टीकमगढ़, 16 मार्च 2014। लोकसभा निर्वाचन 2014 के दौरान पेड न्यूज पर कड़ी नजर रखी जायेगी साथ ही केवल नेटवर्क एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनाव प्रचार के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों का पालन भी कराया जायेगा। इस सिलसिले में गत दिवस जिला स्तरीय मीडिया अनुवीक्षण एवं प्रमाणन समिति की बैठक आयोजित हुई। इसमें पेड न्यूज एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनावी विज्ञापन आदि के संबंध में निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों पर विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई मीडिया सर्टिफिकेशन एवं माॅनीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) की बैठक में सभी सदस्यों को जानकारी दी गई कि मूल स्क्रिप्ट सहित सम्पूर्ण चुनाव प्रचार सामग्री की बारीकी से जांच करने के बाद ही केवल नेटवर्क से चुनावी प्रचार संबंधी कार्यक्रम व विज्ञापन पट्टियाॅ प्रसारित करने की अनुमति दी जायेगी। इस जांच में खासतौर पर यह देखा जायेगा कि इस प्रचार-प्रसार से आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हो रहा। 

कलेक्टन ने निर्वाचन आय¨ग द्वारा प्रेस के लिये बनाये गये विभिन्न अधिनियम¨ं की दी जानकारी 
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे ने ” पेड न्यूज ” पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्हांेने कहा एमसीएमसी ही लोकसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। पेड न्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेड न्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जायेगा।डाॅ0 खाडे ने बताया कि  भारत निर्वाचन आय¨ग ने ल¨कसभा चुनाव के द©रान प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया क¨ समाचार क¨ लेकर संयम बरतने का आग्रह किया है। आय¨ग ने कहा है कि मीडिया समाचार क¨ इस तरह से जारी करे कि निर्वाचन प्रक्रिया क¨ पारदर्शी अ©र निष्पक्ष बनाये रखने में मदद मिल सके। आय¨ग ने कहा है कि किसी चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय की समाप्ति से 48 घण्टे की अवधि के द©रान ऐसे कार्यक्रम प्रकाशित अ©र प्रसारित नहीं किये जायें, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित ह¨। आय¨ग ने कहा है कि जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के प्रावधान की अवेहलना पर 2 साल तक की जेल या जुर्माना किया जा सकता है। डाॅ0 खाडे ने बताया कि आय¨ग ने यह स्पष्ट किया है कि टी.वी, रेडिय¨ व केबल नेटवर्क 48 घण्टे की अवधि के द©रान परिचर्चा में शामिल पेनलिस्ट के विचार¨ं सहित क¨ई ऐसी बात प्रसारित नहीं करेंगे, जिससे यह महसूस ह¨ कि किसी राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार की जीत की संभावना क¨ प्र¨त्साहित किया जा रहा है। आय¨ग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधित 48 घण्टे के पूर्व कार्यक्रम के प्रसारण के पहले टी.वी., रेडिय¨ चैनल एवं केबल नेटवर्क राज्य, जिला अ©र स्थानीय अधिकारिय¨ं से संबंधित प्रसारण की अनुमति प्राप्त करेंगे। उनके द्वारा ज¨ कार्यक्रम प्रसारित किये जायेंगे वे केबल नेटवर्क अधिनियम प्रावधान के अंतर्गत शालीनता, साम्प्रदायिक, स©हार्द आदि के दायरे में ह¨ना चाहिये। डाॅ0 खाडे ने बताया कि आय¨ग ने मीडिया क¨ पेड न्यूज के लिये बनाये गये प्रावधान¨ं का पालन किये जाने का भी आग्रह किया है। ब्राडकाॅस्ट करने वाले समाचार अ©र पेड न्यूज में साफत©र पर फर्क रखा जाना चाहिये। ऐसे समाचार ज¨ प्राय¨जित ह¨ं उनमें “भुगतान प्राप्त सामग्री“, “भुगतान प्राप्त विज्ञापन” अनिवार्य रूप से लिखा जाना चाहिये। आय¨ग ने अ¨पेनियन प¨ल के संबंध में भी तैयार किये गये दिशा-निर्देश¨ं का उल्लेख किया है। आय¨ग ने मीडिया से कहा है कि अ¨पेनियन प¨ल क¨ ठीक एवं उचित तरीके से प्रसारित किया जाना चाहिये। मीडिया से कहा गया है कि वे अ¨पेनियन प¨ल के प्रसारण के पूर्व जन सामान्य क¨ यह भी बतायें कि उक्त अ¨पेनियन प¨ल किसके द्वारा प्राय¨जित किया गया है। अ¨पेनियन प¨ल प्रसारण के साथ ऐसी जानकारी भी दी जाए जिससे दर्शक उसके महत्व अ©र विश्वसनीयता क¨ जान सकें। दर्शक¨ं क¨ यह भी जानकारी दी जानी चाहिये कि अ¨पेनियन प¨ल क¨ तैयार करने में क्या तरीके अपनाये गये है। मत¨ं की संख्या सीट¨ं की संख्या में कैसे परिवर्तित ह¨ती है उसके बारे में भी दर्शक¨ं क¨ जानकारी दी जानी चाहिये। आय¨ग ने यह स्पष्ट किया है कि चुनाव की घ¨षणा से लेकर परिणाम घ¨षित ह¨ने तक ब्राडकास्ट किये जाने वाले समाचार¨ं की माॅनीटरिंग की जायेगी। ब्राडकास्टर द्वारा नियम¨ं का उल्लघंन करने पर संबंधित के खिलाफ नेशनल न्यूज ब्राडकास्टिंग स्टेन्डर्ड अथारिटी (एनबीएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। डाॅ0 खाडे ने बताया कि भारत निर्वाचन आय¨ग ने प्रचार माध्यम¨ं का ध्यान प्रेस कांउसिल आॅफ इंडिया द्वारा जारी दिशा-निर्देश की अ¨र भी आकर्षित किया है। मीडिया से उम्मीद की गई है कि वे दर्शक¨ं एवं पाठक¨ं क¨ चुनाव के द©रान उम्मीदवार¨ं से संबंधित वस्तुपरक जानकारियाँ दें। मीडिया क¨ अपनी कार्य प्रणाली में यह दिखाना ह¨गा कि उनके द्वारा जारी किये गये समाचार निष्पक्ष हैं। उनके द्वारा जारी किये गये तथ्य¨ं से किसी राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार की अनदेखी नहीं ह¨ रही है। निर्वाचन प्रावधान¨ं के अंतर्गत सांप्रदायिक अथवा जाति आधारित चुनावी अभियान पूर्णतरू प्रतिबंधित है। प्रेस क¨ ऐसे समाचार प्रकाशित अ©र प्रसारित करने से बचना चाहिये जिनसे ल¨ग¨ं के मध्य धर्म, जाति, नस्ल, संप्रदाय या भाषा क¨ लेकर वैमनस्य उत्पन्न न ह¨। प्रेस क¨ किसी उम्मीदवार व राजनैतिक दल के विरूद्ध असत्यापित समाचार प्रकाशित नहीं करना चाहिये। मीडिया क¨ हर प्रकार के राजनैतिक एवं आर्थिक दबाव से खुद क¨ बचाये रखना चाहिये। आय¨ग ने मीडिया से कहा है कि भूलवश यदि क¨ई गलत जानकारी प्रकाशित या प्रसारित ह¨ गई है त¨ उसमें बिना देरी किये हुए भूल सुधार क¨ महत्व के साथ प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाना चाहिये। बैठक में जिला एमसीएमसी के सदस्य, सदस्य सचिव एवं जिला जनसम्पर्क अधिकारी सुश्री शैफाली तिवारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

राजनैतिक दल सभा एवं जुलूस के दौरान आदर्श आचरण संहिता का पालन करें, कलेक्टर ने दिये निर्देश 

टीकमगढ़, 16 मार्च 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे ने बताया है कि भारत निर्वाचन अयोग ने लोकसभा निर्वाचन 2014 के दौरान राजनैतिक दलों से चुनावी सभा एवं जुलूस के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन किये जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि राजनैतिक दलों से कहा गया है कि वे किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय प्राधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना देंगे, जिससे यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये आवश्यक इंतजाम किये जा सके। डाॅ0 खाडे ने बताया कि आयोग ने राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि वे सभा के लिये जिस स्थान का प्रस्ताव दे रहे हैं वहाँ किसी तरह का प्रतिबंधात्मक आदेश लागू तो नहीं है। प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउड स्पीकर के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिये समय पूर्व राजनैतिक दलों को अनुमति प्राप्त कर लेना चाहिये। किसी सभा के आयोजकों के लिये यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिये ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें। आयोजकों को ऐसे समय ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध स्वयं कोई कार्रवाई नहीं करना चाहिये। डाॅ0 खाडे ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों से चुनावी जुलूस के दौरान यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे प्रशासन के अधिकारियों को पूर्व से इस बात की जानकारी देंगे कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेआ और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। जुलूस के मार्ग में अचानक कोई फेरबदल नहीं किया जाना चाहिये। आयोजकों को चाहिये कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पहले से सूचना दें, ताकि आवश्यक प्रबंध किये जा सकें।

पीठासीन अधिकारियों का प्रशिक्षण 19 से   

टीकमगढ़, 16 मार्च 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन 2014 हेतु पीठासीन अधिकारी सहित मतदान अधिकारी क्रमांक एक के लिये 19 मार्च से 23 मार्च 2014 तक प्रथम प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। उक्त प्रशिक्षण 19 से 22 मार्च 2014 तक स्थानीय शास. उच्च. माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 टीकमगढ़ में अपराह्न 2.30 बजे से एवं 23 मार्च 2014 को शास.उत्कृष्ट उच्च.माध्य.विद्यालय क्रमांक एक निवाड़ी में दोपहर 12 बजे से आयोजित होगा ।

आज का तापमान

टीकमगढ़, 16 मार्च 2014। अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज जिले का अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गत वर्ष आज के ही दिन अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 मार्च )

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निशंक के पक्ष में बाजी को पलटाने में बाबा रामदेव की मुख्य भूमिका

ramdev nishank
देहरादून, 16 मार्च । योग गुरु बाबा रामदेव ने वीटो लगाकर आखिरी समय में हरिद्वार की बाजी को पलटने में मुख्य भूमिका अदा की ऐसा भाजपा के सूत्रों का कहना है. निशंक के लिए बाबा के अडियल रुख के सामने पार्टी दंभ नहीं भर सकी और मदन कौशिक के हाथ से जीती हुई बाघ्ी निकल गयी । उधर, भाजपा की राजनीति में जनरल व भगतदा का बड़ा कद एक बार फिर सामने आया। टिहरी से सीटिंग एमपी होने का लाभ महारानी को मिला तो अल्मोड़ा से अजय टम्टा एक बार फिर प्रभावशाली लॉबी पर भारी पड़े।लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह बात उठ रही है कि क्या मदन कौशिक श्श्निशंकश्श् के लिए उतनी ही ईमानदारी से काम करेंगे जितना कि वो अपने लिए करते. गौरतलब हो कि बिहार की पाटलीपुत्र  लोकसभा सीट से अपने चेले के बजाय राजद से आए रामकृपाल को टिकट दिए जाने से बाबा रामदेव काफी खफा थे और इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर भी भाजपा आलाकमान को दर्ज करा दी थी। वहीँ संसदीय समिति की बैठक में जब शनिवार को हरिद्वार का नंबर आया तो बाबा ने साफ और तीखे तेवर अपनाते हुए भाजपा आलाकमान को कहा कि यदि निशंक को टिकट नहीं मिला तो उनकी नाराजगी और बढ़ेगी और उनको भाजपा के लिए काम करने के लिए सोचना होगा बस बाबा की घुघ्की का असर यह हुआ कि आखिर समय तक दौड़ में आगे चल रहे मदन कौशिक बाबा के वीटो के चलते पीछे हो गए जबकि सुषमा स्वराज आखिरी दम तक मदन के लिए लडती रही लेकिन बाबा की जिद के आगे बाद में उनको भी नतमस्तक होना पघ।  उधर, निशंक ने भी तर्क दिया कि यदि दो अन्य पूर्व सीएम (खंडूड़ी व कोश्यारी) चुनाव लड़े और उन्हें (निशंक) टिकट नहीं दिया तो विपक्ष द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के तमाम आरोपो को बल मिलेगा । सबसे चैकाने वाली बात तो यह रही कि कौशिक समर्थकों ने काफी लॉबिंग टिकट पाने के लिए पहाघ् बनाम मैदान तक का कार्ड खेला उनके समर्थकों ने यहाँ तक दलील दी कि कम से कम एक सीट पर तो किसी मैदानी क्षेत्र के नेता को टिकट मिलना ही चाहिए। लेकिन उनकी इस दलील को पार्टी आलाकमान ने एक सिरे से घरिज कर दी, वहीँ निशंक को बाबाओं से नजदीकियों का पूरा लाभ मिला और बाबा रामदेव के साथ कांग्रेस से जुड़े साधुसंतों ने भी उनकी जोरदार पैरवी की।    उधर, पौड़ी संसदीय सीट से जनरल बीसी खंडूड़ी ने एक बार फिर साबित किया कि उम्रदराज होना और राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है। लाख विरोध के बावजूद खामोश रहे जनरल एक बार फिर मोर्चे पर आ डटे। इसमें उनकी साफ सुथरी छवि का भी बड़ा योगदान रहा। एक बार ज्यादा उम्र वालों को राज्यसभा भेजने की वकालत करने वाले बीसी खंडूड़ी अब लगभग दस साल बाद लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। वहीँ तमाम दिग्गजों द्वारा भगत सिंह कोश्यारी की राह रोकने की कोशिश की लेकिन कोश्यारी की स्पस्ट बोलने की छवि और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नजदीकी होने का फायदा उन्हें मिला। उधर, अल्मोड़ा से अजय टम्टा अपनी सादगी के चलते एक बार फिर प्रभावशाली लॉबी पर भारी पड़े। उनके पक्ष में स्थानीय संगठन, विधायक आदि सभी ने खूब जोर लगाया था। हालांकि केंद्र में बैठे कुछ नेता रेखा आर्य को टिकट दिलाने में लगे थे। टिहरी से महारानी को एकमात्र फायदा सीटिंग एमपी होने का मिला। हालांकि मुन्ना सिंह चैहान ने भी जोर लगाया था लेकिन उनको कामयाबी हासिल नहीं हुई।

विशेष : आधुुिनक समाज के 'महाबाभन'...!!

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changing socity
श्मशान में शवदाह से लेकर अंतिम क्रिया तक संपन्न कराने वाले महाबाभनों से सभी का कभी न कभी पाला पड़ता ही है। बेचारे इस वर्ग की भी अजीब विडंबना है। सामान्य दिनों में लोग इन्हें देखना भी पसंद नहीं करेंगे। लेकिन किसी अपने  के निधन पर मजबूरी में अंतिम क्रिया संपन्न होने तक यही वीअाइपी बने रहेंगे। इधर काम निपटा और उनसे फिर वही दूर से नमस्कार वाला भाव। हमारे राजनेता भी समाज के एेसे ही महाबाभन बनते जा रहे हैं। मीडिया सामान्य दिनों में तो बात - बात पर राजनेताओं की टांगखिंचाई से लेकर लानत - मलानत करता रहता है। देश की हर समस्या के लिए राजनेताओं को ही जिम्मेदार ठहराने का कोई मौका मीडिया हाथ से नहीं जाने देता। लेकिन वि़ंडबना देखिए कि  इन्हीं  मीडिया घरानों द्वारा आयोजित चिंतन शिविरों में उन्हीं राजनेताओं को बुला कर उनसे व्याख्यान दिलवाया जाता है। 

एेसे चिंतन शिविरों का आलोच्य विषय  भारत किधर..., कल का भारत... भारत का भविष्य ... भारत आज और कल ... वगैहर कुछ भी हो सकता है।  अभी हाल में एक राजनेता की एेसे शिविर में मौजूदगी चिंतन का आयोजन कराने वाले  मीडिया हाउस को इतनी जरूरी लगी कि सादगी की मिसाल बने उस नेता के लिए चाटर्र प्लेन भिजवा दिया। अपनी समझ में आज तक यह बात नहीं आई कि बेहद ठंडे व बंद  कमरों में सूट - बूट पहन कर गरीबी , देश या  दुनियादारी के बारे में चिंतन करने से आखिर किसका और क्या  फायदा होता  होगा । मेरा मानना है कि  कम से कम   एेसे चिंतन से अंततः उसका फायदा तो नहीं ही होता है, जिसके बारे में चिंतन किया जाता है। अब चिंतन करने वालों का कुछ भला होता हो, तो और बात है। अंतरराष्ट्रीय कहे जाने वाले कई क्लबों के एेसे कई अनेक चिंतन शिविरों में जाना हुआ, जहां एेसे लोगों को सूट - टाई से लैस होकर मंचासीन देखा जाता है, जिनका गांव - समाज से कभी कोई नाता नहीं रहा।  

कुछ देर की अंग्रेजी में गिट - पिट के बाद सभा खत्म और फिर खाना व अंत में पीने के साथ एेसी सभाएं खत्म हो जाती है। एेसे चिंतनों पर मैने काफी चिंतन किया कि एेसी सभाओं से आखिर किसी को क्या फायदा होता होगा। लेकिन मन में य़ह भी ख्याल आता रहा कि बगैर किसी प्रकार के लाभ के सूटेड - बूटेड महाशय एेसे समारोहों में झक तो मारेंगे नहीं।  निश्चय ही उनका कुछ जरूर भला होता होगा। मुझे एक कारोबारी द्वारा आयोजित  एेसे कई शिविरों में भाग लेने का मौका मिला , जिसमें  हमेशा मुख्य अतिथि एक कारखाने के महाप्रबंधक हुआ करते थे। कुछ दिन बाद बड़े कारखाने के बगल में कारोबारी महाशय का एक और छोटा कारखाना खुल गया, और उस दिन के बाद से कभी उस कारोबारी को किसी चिंतन शिविर में नहीं देखा गया।   लेकिन  हम गरीब - गुरबों पर चिंतन का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अपना तेज मीडिया भी इससे अछूता नहीं रह पाया है। अपने तेजतर्रार तरुण तेजपाल अपने मीडिय़ा हाउस के लिए गोवा में चिंतन करने और कराने ही गए थे, लेकिन वहां की मादकता में एेसे बहे कि अपनी ही मातहत के साथ कथित बदसलूकी कर जेल पहुंच गए। लेकिन इसके बावजूद चिंतन - मनन का दौर थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अपना मीडिया साल में तीन से चार प्रकार के वायरल फीवर (मौसमी बुखार)  कह लें या फिर संक्रमण  के दौर से गुजरता है। जिसमें  एक पर नंबर वन की दावेदारी की सनक चढ़ी कि फिर धड़ाधड़ शुरू हो जाता है दूसरों पर भी  अपने को नंबर वन साबित करने का बुखार। दूसरा संक्रमण एवार्ड पाने का होता है। 

एक ने दावा किया कि उसे फलां एवार्ड से नवाजा गया है, तो फिर तो एवार्ड की झड़ी ही लग जाती है। पता नहीं थोक में इतने एवार्ड आखिर मिलते कहां है। और तीसरा सबसे बड़ा संक्रमण है फाइव स्टार होटलों में चिंतन शिविर कराने का। जिसमें समाज के उन्हीं लोगों का  महाबाभन की तरह आदर - सत्कार किया जाता है, जिनकी साधारणतः हमेशा टांग खिंची जाती है। देश की समस्याओं के लिए पानी पी - पी कर कोसा जाता है। समझदार लोग इसे पेज थ्री कल्चर कहते हैं, लेकिन पता नहीं क्यों मीडिया हाउस के एेसे चिंतन शिविरों में बोलने वाले लोग मुझे आधुनिक महाबाभन से प्रतीत होते हैं। 




तारकेश कुमार ओझा 
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।

बिहार : ठोकर खाने को मजबूर लोग

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bihar news
पटना। आम लोग सरकारी योजनाओं से झेड़झाड़ करना नहीं चाहते हैं। वह भी जब सार्वजनिक स्थल पर सरकारी योजनाओं से निर्मित किया गया हो। अगर कोई झेड़छाड़ करता है। तो जेल जाने की भी नौबत आ सकती है। यह खौफ पटना जिले के नासरीगंज बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ पर निकले छड़ और जहानाबाद जिले के सेवनन मुसहरी में देखने को मिला। यहां के लोगों का कहना है कि यह कार्य राज्य सरकार और उनके कर्मचारियों का है। वे ही लोग अधिकृत व्यक्ति हैं। वे ही लोग लोगों को गिरने देने और गिरने वालों को रोकने में सहायता करने वाले हैं।

नासरीगंज बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ः पटना जिले में नासरीगंज बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ है। यह क्षेत्र  दानापुर प्रखंड में पड़ता है। झारखंड विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के जौर्ज जोसेफ गोलस्टेन मनोनीत सदस्य हैं। इनका दोमनिक सावियों स्कूल हैं। नासरीगंज बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ पर निकले छड़ से  लोग परेशान हैं। सामान्य लोग पैदल ही आवाजाही किया करते हैं। सावधानी हटी और निकले छड़ में पैर फंसने के बाद सामान्य लोग औंधे मुंह गिर जाते हैं। चोट लगने के बाद हाथ-पैर झटकाकर चलते बनते हैं। देखने वाले हंसते और गिर गए लोग पर हंसने लगते हैं। कई साल से गिरने और उठने का सिलसिला जारी है।

जेल जाने के सवार हो जाने का भयः मजे की बात है कि आम लोग छड़ की चपेट में आकर ठोकर खाते हैं मगर सबक नहीं लेते हैं। किसी भी व्यक्ति के पास साहस नहीं है जो निकले छड़ को काटकर हटा दें। साफ तौर पर कहते हैं कि अगर छड़ को काटकर हटाने का प्रयास किया गया तो पुलिस केस हो सकता है। सरकारी संपति को हड़पने का आरोप लगाकर जेल भेजा जा सकता है। आपस में मारपीट भी हो सकता है। बेहतर हैं कि लोग आंख खोलकर चले। अब लोग अभ्यस्त हो गए हैं। अनजान लोग ही फंसकर गिरते हैं। ऐसा होने पर हंसने का मौका मिल जाता है। तनाव के समय हंस लिया जाता है। नाला के ऊपर ढलायी किया गया है। घटिया ढलायी करने से छड़ बाहर निकल आया है।

bihar news
सरकार के द्वारा निर्मित चापाकल बेकारः जहानाबाद जिले के सेवनन ग्राम पंचायत में सेवनन मुसहरी में सरकार के द्वारा चापाकल लगाया गया है। कुछ दिन चला और खराब हो गया। बस खराब ही होकर रह गया। लोगों के द्वारा मरम्मती नहीं किया गया। सरकार के ही ऊपर निर्भर रह गए। इसके कारण यह हाल हो गया है।

गांव में तीन तरह का कार्य किया जाता : गांव में तीन तरह का कार्य किया जाता है। वह सिस्टम ही खत्म हो गये है। गांवघर में सरकार के द्वारा, संस्था के द्वारा और जनता के द्वारा कार्य किया जाता है। सरकार के द्वारा कार्य किया गया। संस्था और जनता के द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। संस्था के लोग जनता को जन कार्य करने के लिए प्रोत्साहन करना बंद कर दिए है। उनको सही मार्ग दर्शन नहीं मिलने के कारण गांवघर में श्रमदान बंद हो गया है। गांवघर में सामूहिक चंदा करके बिगड़े कार्य को पटरी पर लाने का प्रयास नहीं हो रहा है। अगर ऐसा हो जाए तो सरकारी कार्य को दीर्घकाल तक चलाया जा सकता है।





आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : सरकार पट्टाहीनों को पट्टा दें

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land reform bihar
जहानाबाद। इस जिले के जहानाबाद प्रखंड में सेवनन ग्राम पंचायत है। इस पंचायत में मोकर गांव है।यहां के कोई मालिक ने बिन्द समुदाय को जमीन दी थी। इस पर बिन्द लोग 25 घर बनाकर रहते हैं। कोई 125 लोगों में कोई भी मैट्रिक उर्त्तीण नहीं है। अभी राम ईश्वर बिन्द के पुत्र आठवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं।

मालिक की जमीन पर बसे हैं बिन्द समुदाय के लोगः नदौल रेलवे स्टेशन से उतरकर पैदल जाया जा सकता है। यहां से एक किलोमीटर की दूरी है। टेम्पों से भी जाया जा सकता है। टेम्पों वाले 3 रू0 में पहुंचा देंगे। आवासीय भूमिहीन होने के कारण मालिक ने बिन्द समुदाय को जमीन देकर बसाया है। इनको यहां के एक मालिक ने अपने खेत में काम करवाने के लिए लाए थे। उक्त मालिक के अलावे अन्य मालिकों के पास बिन्द समुदाय के लोग खेत में काम करते हैं।

 हैं यहां के लोग खेतिहर भूमिहीनः कोई 5 हजार रू0 देकर खेत को पट्टा पर लेकर खेती करते हैं। कोई 8 मन अनाज देकर मनी पर खेत में अनाज पैदा करते हैं। तो कोई बटाईदारी पर खेती करते हैं। राम ईश्वर बिन्द 2 बीघा खेत पर बटाईदारी खेती करते हैं। बटाईदारी में पटवन करने के लिए जमीन मालिक तेल और खाद देते हैं। एक साल में धान, गेहूं,चना,मंसूर आदि उपजा लेते हैं। बोरिंग से खेत का पटवन  करते हैं। और सरकार ने अनुशंसा को नहीं मानीः खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही सांसद डी0 बंधोपाध्याय की अध्यक्षता में भूमि सुधार आयोग गठित किया था। आयोग के अध्यक्ष ने सरकार को सुझाया था कि बटाईदारों को पहचान पत्र निर्गत किया जाए। ऐसा करने से बटाईदारों को भी सरकारी क्षूमिपूर्ति का लाभ मिल पाता। इस तरह की अनुशंसा को सरकार मानी नहीं। मगर किसी तरह से फसल नुकसान होने पर बटाईदारों को सरकारी क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिल पाता है। इसके कारण लोगों को गुस्सा आता है।

अब यहां पर बीपीएल और एपीएल समान हो गएः राम ईश्वर बिन्द कहते हैं कि यहां के सभी बिन्द समुदाय के 25 परिवारों को सरकार ने बीपीएल श्रेणी में शामिल किया गया है। खाघ सुरक्षा योजना के तहत इस बार बीपीएल व एपीएल को समान रूप से योजना में शामिल कर लिया गया है। सभी को 5 किलोगा्रम अनाज व्यक्ति के हिसाब से मिलने लगा है।यह सब जनप्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत का परिणाम है। सरकारी मापदंड का पालन नहीं किया जा रहा है।

सरकार योजना से लाभ मिले बिन्द समुदाय कोः बिन्द समुदाय को किसी-किसी को इंदिरा आवास योजना के तहत मकान बनाया गया है। अभी और लोग हैं जिनको योजना से मकान बना देना चाहिए। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। इसके अलावे सभी को वासगीत पट्टा भी मिलना चाहिए। जो आजतक नहीं मिला है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी से आग्रह किया गया है कि आम चुनाव के बाद अधिकारियों को भेजकर वासगीत पट्टा निर्गत कर दिया जाए।




आलोक कुमार
बिहार 

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मार्च )

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झाबुआ, काकनवानी, रायपुरिया एवं ढोल्यावाड के भगौरिया में मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक किया
  • महाविद्यालय के छात्रो ने स्वीप के लिये किये आयोजन

jhabua map
झाबुआ----निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2014 में मतदान में मतदाताओं की सहभागिता बढाने के लिए स्वीप प्लान के तहत जिले के झाबुआ, काकनवानी, रायपुरिया एवं ढोल्यावाड में आज 16 मार्च को भगौरिया हाट में प्रचार-प्रसार किया गया। मतदाताओं को बी.एल.ओ., पंचायत सचिव एवं अन्य स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन 2014 के लिए झाबुआ जिले में मतदान 24 अप्रैल 2014 को होना है, जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं है, वे अपने बी.एल.ओ से अपना नाम अवश्य सूची में जुडवा ले। लोकसभा निर्वाचन में अपना वोट जरूर दे। वोट डालना आपका अधिकार है एवं कत्र्तव्य भी। आप अपने वोट का प्रयोग अवश्य करे। भगौरिया बाजार में नुक्कड नाटक एवं गीत के माध्यम से कलाकारों ने मतदान का महत्व बताया। झाबुआ के भगौरिया हाट में महाविद्यालय के छात्रो ने स्वीप प्लान के तहत मतदाता जागरूकता के लिये आर्कषक आयोजन किये। भगौरिया में स्वीप प्लान के प्रचार-प्रसार के लिये लगाये गये स्टाल पर अध्यक्ष स्वीप कमेटी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस. नोडल अधिकारी स्वीप श्री ज्ञानेन्द्र ओझा सहित प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।

आम आदमी पार्टी ने भगौरिया किया धमाकेदार आगाज 

झाबुआ--- आम आदमी पार्टी झाबुआ ने आज झाबुआ भगौरिया मे प्रभावषील गेर निकालते हुये जिले मे प्रमुख पार्टियो के राजनितिक समीकरणो पर पुर्नविचार करने को मजबुर कर दिया है । जिले के इतिहास मे पहली बार किसी राजनितिक गेर मे भारी संख्या मे ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाओ ने आम आदमी पार्टी की ओर से भाग लिया और भगोरिया मे एक नवीनता का सृजन किया । आम आदमी पार्टी की गेर ढोल मंादल के साथ जोर शोर से निर्धारित पथ बाडकुआ सरस्वती षिुषु मंदिर से निकलकर मुख्य भगोरिया स्थल से होते हुये बस स्टेण्ड तक गये तथा ग्रामीण आदिवासीयो ने जिले की नई राजनितिक पार्टी का जोरदार स्वागत किया । जगह जगह पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अपने आदिवासी साथियो के साथ गेर निकालते हुये भगोरिया मे आकर्षण का केंद्र रहे । आम आदमी पार्टी के ओर से डा. ए.पी. पाठक, शरद पारीक, अतुल डेविड पारमसिंह भूरिया, दिनेष डामोर, अनिल कटारा, कैलाष डोडियार, करणसिंह सिंगाड, दिलिप गामड, मुनंिसह भूरिया, करमु मोहनिया आदि शामिल हुये और भगोैरिया मे आम आदमी पार्टी की धमाकेदार उपस्थिति दर्ज की ।

राजपूत महिला मंडल की होली व गणगोर त्योहार लेकर करी बैठक 

झाबुआ ----राजपूत समाज महिला मंडल की बैठक समाज अध्यक्षा श्रीमति साधना चैहान एवं सचिव श्रीमति राजश्री परमार के आतिथ्य में सम्पन्न हुई । जिसमें राजपूत महिला मंडल कार्यकारिणी की महिलाओं ने भाग लिया । बैठक में तय किया गया कि आगामी 2 अप्रेल को गणगौर पर्व धूम धाम से मनाया जाये और इस दौरान समाज के महिलाओं एवं बच्चों के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा । वहीं राजपूत समाज की महिलाओं ने समाज की सभी लोगों से होली पर सूखे रंग से होली खेलने एवं पानी की बचत करने का आव्हान भी किया । इस दौरान महिला कार्यकारिणी ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर फाग खेला और होली की शुभकानाऐंदी । बैठक में कार्यकारिणी की श्रीमति माधुरी राठौर,सुश्री रूखमणी वर्मा, सुश्री मंगला राठौर,श्रीमति संतोष ठाकुर,श्रीमति नमिता सोलंकी,श्रीमति रमिला सोलंकी,श्रीमति अनिता पंवार,श्रीमति अनिता चैहान,श्रीमति लता चैहान,सुश्री अनिला बैस,श्रीमति सीमा गेहलोद,श्रीमति दिपिका चैहान,श्रीमति माया भाटी,श्रीमति बिंदू, आदि ने बैठक में भाग लिया । राजपूत समाज अध्यक्षा श्रीमति साधना चैहान एवं सचिव श्रीमति राजश्री चैहान ने उपस्थित कार्यकारिणी महिलाओं एवं समाज की महिलाओं से आव्हान किया है की गणगौर कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेवें । गणगौर का कार्यक्रम झाबुआ राजवाडा पर आयोजित किया जायेगा ।

घर छोडने के बहाने किया बलात्कार 

झाबूआ---फरियादिया ने बताया कि आरोपी रमेश डिंडोर निवासी खवासा व पूना मचार निवासी खवासा ने बस स्टेण्ड से उसके घर छायन छोडने का कहकर फूटा तालाब की पाल के पास ले गये व बारी-बारी से उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 141/14, धारा 376(घ) भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : लाठी के सहारे मनोज कुमार की जिंदगी

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helpless life bihar
जहानाबाद। सिर पर बीमारी को लेकर मनोज कुमार परेशान होकर बैठा है। इसे हाइड्रोसेफालिज नामक रोग हो गया है। इसके शरीर में व्याप्त बॉनमैरो सिर पर चला  गया है। इसके कारण मनोज कुमार का सिर सामान्य व्यक्तियों के सिर से बड़ा हो गया है। इसी तरह सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड में तीन बच्चे हाइड्रोसेफालिज रोग से पीड़ित हैं। इनमें एक की मौत हो गयी है। अभी भी दो बच्चे हैं। जो चलने और फिरने में असमर्थ हैं।

हाइड्रोसेफालिज से मनोज कुमार परेशानः जहानाबाद जिले के जहानाबाद सदर प्रखंडान्तर्गत सेवनन ग्राम पंचायत के सेवनन गांव में अशोक कुमार वर्मा रहते हैं। इनके 3 बच्चे हैं। इन बच्चों में 2 लड़के और 1 लड़की हैं। इसमें मनोज कुमार को हाइड्रोसेफालिज हो गया है। फिर भी बड़ा सिर लेकर ही स्कूल में आ और जा सकने में समर्थ था। जब मनोज कुमार 6 क्लास में पढ़ रहा था। तो उसे लकवा मार दिया। दाहिने अलंग में लकवा मार दिया है। अभी 18 साल का हो गया है।

और उदारता दिखाए मुखिया नेः सेवनन ग्राम पंचायत की मुखिया के द्वारा निशक्ता सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से लाभान्वित करा दिया गया है। अभी प्रत्येक माह 2 सौ रूपए मिलता है। मनोज कुमार के दादा बैठे थे। उनका कहना है कि उसका मां-बाप पेंशन की राशि हड़प लेते हैं। उस राशि से पौष्ट्रिक आहार नहीं खिलाते हैं। और तो और अभी कुल मिलाकर इलाज के नाम पर 500 रूपए से अधिक खर्च नहीं किए हैं।

हाइड्रोसेफालिज रोग को सूची में शामिल नहीं: बिहार सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में रोगग्रस्त लोगों को मुख्यमंत्री सहायता योजना के तहत रोगी को घर में और घर के बाहर जाकर इलाज करवाने के लिए राशि दी जाती है। इसमें हाइड्रोसेफालिज रोग को सूची में शामिल नहीं किया गया है। इसके कारण हाइड्रोसेफालिज रोग से परेशान लोगों को सरकारी राशि से लाभ नहीं मिल पाता है।

सौर बाजार प्रखंड के तीन हाइड्रोसेफालिज रोगी में एक की मौतः सहरसा जिले के सौर बाजार प्रखंड के तीन हाइड्रोसेफालिज रोग से ग्रसित बच्चों का लिखित आवेदन जिले के सिविल सर्जन को दिया गया। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 4 केजी कार्यालय में जाकर आवेदन दिया गया। फिर तीन बच्चों की जिंदगी के सवाल को खड़ा कर बिहार मानवाधिकार आयोग में आवेदन दिया गया। सभी जगहों से द्वार बंद कर दिया गया। इसके कारण एक हाइड्रोसेफालिज नामक रोगी की अकाल मौत हो गयी।

वात्सल्य अस्पताल में हाइड्रोसेफालिज का इलाज हुआः सहरसा जिले के एक व्यक्ति ने हाइड्रोसेफालिज से परेशान अपनी बेटी को जनता के दरबार मुख्यमंत्री के पास ले जाना चाह रहे थे। मीडिया की नजर मासूम लड़की की सिर पर पड़ी। पत्रकार ने तत्क्षण आचार्य किशोर कुणाल से मोबाइल पर बातचीत किए। तब आचार्य किशोर कुणाल ने संज्ञान लेकर बच्ची को वात्सल्य अस्पताल में भर्त्ती करवा दिए। एल.सी.टी.घाट, पटना में स्थित वात्सल्य अस्पताल में बच्ची का ऑपरेशन हुआ। ठीक होने के बाद सहरसा लौट गयी। अब सवाल उठता है कि मनोज कुमार की सुधि कौन लेगा?

मनोज कुमार की जिंदगी लाठी के सहारेः इस समय मायुस होकर मनोज कुमार घर के सामने बैठा रहता है। लकवा मार देने के कारण लाठी के सहारे चल पाता है। लगभग पूरी जिंदगी मनोज कुमार को लाठी के सहारे ही जीना पड़ेगा। पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता नागेन्द्र कुमार और अशोक कुमार ने सरकार से मांग की गयी है कि जहानाबाद और सहरसा जिले में रहने वाले हाइड्रोसेफालिज के रोगियों का इलाज करवाने की व्यवस्था की जाए। समय-समय पर सरकार ने मानवता के ख्याल करके विशेष कार्य करती रही है। अभी इन बच्चों को करने की जरूरत है।




आलोक कुमार
बिहार 

विशेष : “रेगिस्तान में कैक्टस भी अपने आपको वृक्ष मानता”

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भारतीय लोकतंत्र वंशवाद की विषवेल में लिपटी है,जो अपनी मुक्ति की आकांक्षा की वाट जोह रही है .२०१४ का आम चुनाव इस मायने में मील का पत्थर साबित होगा. भारत के इतिहास में यह चुनाव भारत माता को परम वैभव तक ले जाने के लिए लड़ा गया चुनाव होगा.वंशवाद के स्थान पर राष्ट्रवाद को प्रतिष्ठित करने के लिए ही २०१४ का चुनाव होगा.युवा भारत का स्वप्न को साकार कर सशक्त भारत,एक भारत और श्रेष्ठ भारत के लिए लड़ा गया २०१४ का आम चुनाव लोकतंत्र के इतिहास में स्वर्णिम काल के रूप में दर्ज होगा.

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए राजनितिक दल ओक्सिजन के सामान है किन्तु यदि जो राजनितिक दल वंशवाद के बेल से लिपटी है तो वह कार्वन डाय आक्साइड के सामान प्राणघातक है.१९४७ से ही भारत के वंशवाद को पोषित करने वाली राजनीति ने इस देश के राष्ट्रवादी दलों को बरगद और पीपल की तरह नष्ट कर उसके स्थान पर क्षेत्रीय दल रूपी  यूकोलिप्टस को लगाया है ऐसे में इन वंशवादी दलों सहित क्षेत्रीय दल रूपी  यूकोलिप्टस से भारत के लोकतंत्र को बचाने का सन्देश लेकर यह चुनाव आई है.भारत का विकृत इतिहास जो हमें बताया गया वह सत्य से कोसों दूर है.यह इतिहास वंशवाद का फैलाया इंद्रजाल है और इसी इंद्रजाल से हमें निकलना है.

भारत की संस्कृति हिन्दू सस्कृति है और जिसकी संस्कृति होती उसी का राष्ट्र होता है.उदार हिन्दू संस्कृति ने ना सिर्फ आघात सहा बल्कि उसका प्रवल प्रतिकार भी किया है.हिन्दू इतिहास स्वर्णिम इतिहास और वीर भोग्या वसुंधरा का इतिहास रहा है.किन्तु ए वंशवादी रूपी पालकी को ढ़ोनेवाले गुलाम इतिहासकारों ने हिन्दूयों को कायरता का पर्याय बनाने की धृष्टता अपने तोड़-मरोड़ कर लिखी पुस्तकों में की है.इसी कायरता को वीरता से ज़वाव देने का समय अब अपने दहलीज़ पर दस्तक दे रही है.भारत की सनातन ऋषि परम्परा में जो ज्ञान विज्ञान दिया उसके सहारे विश्व प्रकाशमान है किन्तु भारत यहाँ दीपक तले अन्धेरा है तो इसी इस्लामी-अंग्रजी-वंशवादी परम्परा के कारण है जिसने इस ज्ञान विज्ञान को कूड़े के डाला.  

भारतीय सनातन परम्परा में भारत का कण-कण पुण्यभूमि है.इस पुण्यभूमि भारत में काशी का अतिविशिष्ट पूज्य स्थान रहा है .भारत की सांस्कृतिक राजधानी और ज्ञान की तपोभूमि के रूप में विश्व विख्यात काशी सदैव हिन्दुओं के सहनशीलता और वीरता का प्रतीक रहा तभी तो बर्वर इस्लामी आताताई और मानवता का शत्रु ओरंगजेब द्वारा १६६९ में पवित्र विश्वनाथ जी मंदिर को विध्वंस करने के बाद भी काशी के हिन्दुओं ने उस इस्लामी आतातियो को भी प्रश्रय देने से परहेज नही किया.भय से नहीं अपितु हिंदुत्व के मूल वसुधैव कुटूम्वकम के कारण इसके सह अस्तित्व की भावना के बशिभुत होने के कारण दिया था .जिसने भी काशी को बरण किया उसे काशी ने स्वीकारा यही काशी की विशेषता है जो कावे में संभव नही है,और इस वार के चुनाव में काशी एक बार फिर भारत के भाग्य को बदलने को बेचैन है.गंगा की अविरल धारा निर्मल हो जीवनदायी बनने को बेचैन है ,श्री सोमनाथ जी की भाति श्री विश्वनाथ जी भी अपनी पारलौकिकता को भारत भूमि पर फैलाने को उद्दत हैं.

२०१४ का चुनाव भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी विश्वनाथ जी के आशीर्वाद से भारत को विश्व गुरु बनाने की शुरुयात है जिसे अब कोई बाबरी-ओरंगजेबी आताताई नही रोक सकता है क्षेत्रीय दल यूकोलिप्टस की तरह शीघ्र बढ़ते हैं किन्तु जो हश्र यूकोलिप्टस उपजाऊ भूमि को करती वही हश्र लोकतंत्र को क्षेत्रीय दल कर रहे हैं. इसका परिणाम भारत के लोकतंत्र ने राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में भुक्ता. यूकोलिप्टस की भाँती बढ़ा दिल्ली में ये दल लोकतंत्र के लिए धब्बा रहा है.वंशवाद से त्रस्त भारतीय लोकतंत्र पर यह दल कोढ़ में खाज की तरह है.और इस खाज से मुक्ति दिलाना हर राष्ट्रवादी भारतीय का पहला लक्ष्य है. इसी के परिपेक्ष्य में पावन नगरी काशी इस बार इस खाज की अचूक दवा वर्ष २०१४ में ही देगी ऐसा विश्वास राष्ट्रवादी नागरिकों को है.यूकोलिप्टस की तरह पनपते ऐसे दल न देश हित में ना समाज हित में और ना ही लोकतंत्र के लिए सार्थक है,

जिस तरह बरगद के निचे पौधे तो अंकुरित हो जाते किन्तु बसंत का आनंद नही ले पाता उसी तरह आज राष्ट्रवाद रूपी बरगद के नीचे अंकुरित हो चुके ए क्षेत्रीय दल अपनी अस्तित्व बचाने की ज़द्दोजेहाद में हैं.१६वी भारतीय आम चुनाव में इस बार हर हाल में ऐसे क्षेत्रीय दलों से लोकतंत्र को निजात मिलानी चाहिए ये समय की मांग है.भारत की संप्रभुता को क्षेत्रीयता में बाटने बाला देश के एकता को साम्प्रदायिकता में बाटने वाला सत्ता के लिए अखंडता को तार-तार करने बाले ऐसे दल लोकतंत्र के लिए नासूर से कम नहीं है.यदि वंशवादी दल कौरव है तो ये क्षेत्रीय दल येन-केन प्रकारेण उन कौरवों के ही सहचर हैं और वर्ष २०१४ का चुनाव वंशवादी कौरव और राष्ट्रवादी पांडव की सेनाओं के वीच है जहां श्री कृष्ण के रूप में आम नागरिक है.

आज क्षेत्रीय दल रेगिस्तान में उगने वाले उस केक्टस की तरह हैं जो अपने आपको भी बृक्ष ही मानता है.भारत की शस्य श्यामला धरा के लिए ना केक्टस अनुकूल है और ना ही यूकोलिप्टस अनुकूल है उसी तरह विश्व में लोकतंत्र की जननी भारत के लिए भी ये क्षेत्रीय दल अनुकूल नहीं है. अब भी यदि हम नहीं जागे तो अपना भी लोकतंत्र का हश्र उस डायनासोर की भाँती होना ही है.  




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---संजय कुमार आजाद---
रांची
फोन-09431162589
ईमेल-AZAD4SK@GMAIL.COM 

विशेष : महान लोकतंत्र से गायब होते मुद्दे?

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देश में आम चुनाव का बिंगुल फूंका जा चुका है और राजनीतिक पार्टियां एक बार फिर से मैंगो पीपुल को लुभाना शुरू कर दी हैं। इस चुनावी अभियान में सबसे ज्यादा गौर करनेवाली बात यह है कि आम जनता के मुद्दा पूरी तरह से गायब हो चुके हैं और उसके जगह पर व्यक्ति मुद्दा बन गया है। ऐसा लगता है कि या तो दुनियां का महान लोकतंत्र अपनी सभी समस्याओं का समाधान निकाल लिया है और अब देश में समस्याएं ही नहीं हैं या देश में समस्याएं इतनी ज्यादा हैं कि उनके सामने लोकतंत्र अब घुटना टेक चुका है। इसलिए राजनीतिक पार्टियों को अब आम जनता के मुद्दे दिखाई ही नहीं देते या वे उसे देखना ही नहीं चाहते हैं। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक हैं कि आम जनता के मूल मुद्दों को चुनाव से गायब करने के लिए व्यक्ति को ही मुद्दा बनना पड़ेगा। फलस्वरूप, आज देश में मूलरूप से तीन व्यक्ति देश के प्रमुख मुद्दों की तरह दिखाई पड़ रहे हैं - नरेन्द्र मोदी, राहुल गांधी और अरविन्द केजरीवाल। लेकिन लाख टक्के का प्रश्न यह है कि क्या वोटर सिर्फ मूकदर्शक बनकर ही रह जायेगा या मुद्दाहीन राजनीति को जोर का झटका देगा? प्रश्न यह भी है कि आम जनता के मुद्दे चुनाव से गायब क्यों हो रहे हैं? और क्या देश का तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग का दिमाग काम नहीं कर रहा है?

देखा जाये तो आजाद भारत के पास रोटी, कपड़ा, मकान, भूमि सुधार, सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वस्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दे थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देकर देश के बुनियादी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश की लेकिन यह विकास मॉडल ही अन्याय पर आधारित था इसलिए समस्याओं का समाधान निकलने के बदले इस विकास मॉडल ने देश के लिए विस्थापन जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न कर दिया। वहीं भूमि सुधार को ईमानदारी से लागू नहीं करने और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की वजह से ‘‘नक्सलवाद’’ की समस्या पैदा हुई जिसे भारत सरकार देश के अंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानती है। नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार ने अरबों रूपये खर्च किया है लेकिन यह समस्या घटने के बजाये बढ़ते ही जा रही है। हकीकत में देखा जाये तो राष्ट््रीय एवं क्षेत्रिये राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्येक आम चुनाव में आम जनता के मूलभूत मुद्दों का निपटारा करने का दावा किया जाता है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही पार्टी और नेता अपना वादा भूल जाते हैं। फलस्वरूप, आज आम जनता भी इसे उब चुकी है, जिसके बारे में नेताओं को अच्छी तरह से मालूम है इसलिए अब वे आम जनता के मुद्दों पर बात ही नहीं करना चाहते हैं और अपने केन्द्रीय नेताओं को ही मुद्दे की तरह अपने चुनाव क्षेत्र में पेश करने में जुटे हुए हैं।  

इतिहास गवाह है कि भारतीय लोकतंत्र में औद्योगपति हमेशा से प्रमुख भूमिका में रहे हैं। देश के आजादी की लड़ाई में भी औद्योगपतियों का काफी योगदान रहा है लेकिन देश में लोकतंत्र की स्थापना के बाद औद्योगपतियों का लोकतंत्र में सीधा हस्तक्षेप नहीं था और चूंकि भारत लोक कल्याणकारी राज्य होने की वजह सरकारों का ज्यादा ध्यान भी आम जनता के हितों में था। लेकिन 1991 में उदारीकरण के बाद भारतीय लोकतंत्र में औद्योगिक जगत का बोल-बाला शुरू हो गया और वे अपने जरूरत के हिसाब से केन्द्र और राज्य सरकारों से कानून और नीतियों बनवाने लगे और यहीं से भारतीय लोकतंत्र का औद्योगिकरण शुरू हुआ। वे इसके लिए नेताओं के चैंबर में लॉबी करते थे। लेकिन जब लोकसभा और राज्यसभा में लोगों के प्रतिनिधि पहुंचकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की तब उन्होंने स्वंय ही जनता का प्रतिनिधि बनना शुरू किया। फलस्वरूप, वे संसद सदस्य बनकर स्वयं हस्तक्षेप कर रहे हैं। वर्तमान में संसद के दोनों सदनों को मिला दें तो 100 से ज्यादा औद्योगपति संसद सदस्य हैं, जो इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि अब हमलोग कॉरपोरेट लोकतंत्र के हिस्सा बन चुके हैं। 

बात यहीं खत्म नहीं होती है। आज हमारे देश का लोकतंत्र मुंबई शेयर बाजार की तरह एक और शेयर बाजार बन गया है, जहां नेता आम जनता का वोट खरीदते हैं, वोटर वोट बेचते हैं और औद्योगपति इसमें पैसा लगाते हैं। यह कौन नहीं जानता हैं कि एक विधायक बनने के लिए कम से कम 70 लाख से 1 करोड़ रूपये एवं सांसद बनने के लिए 3 से 5 करोड़ का खर्च होता है? यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि ये पैसे कहां से आते हैं? जब सूचना अधिकार कानून राजनीतिक दलों में लागू करने की बात हुई तो कोई दल इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है। क्यों? यह इसलिए क्योंकि सभी दलों को औद्योगपति पार्टी फंड में पैसा देते हैं और बदले में हमारे नेता उनको सस्ते दाम पर जमीन, बिजली, पानी, खनिज और अन्य सुविधा उपलब्ध कराते हैं। कोलगेट प्रकारण इसका सबसे ताजा उदाहरण है, जहां देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी और कई अन्य उद्योगपतियों को भारी फायदा पहुंचाया गया वहीं लीज नवीनीकरण के समय टाटा कंपनी को भारी छूट दी गयी। इतना ही नहीं औद्योगपतियों को प्रोत्साहन राशि और टैक्स में भारी छूट भी दी जाती है। जमीन अधिग्रहण के समय हमारे नेता रैयतों को समझाने या अपना गुंडा लगाकर उन्हें धमकाने से भी नहीं चूकते हैं। आज हमारा लोकतंत्र कॉरपोरेट लोकतंत्र बन चुका है, जहां कानून, नीति और नियम सिर्फ और सिर्फ औद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया जाता है।    

एक मसला यह भी है कि जब वोटरों को इस बात का एहसास हुआ कि लोकतंत्र की बुनियाद ही पैसा, बंदूक और मशल पावर है तब उन्होंने भी अपना वोट बेचना शुरू किया और वे नेताओं से सीधा बरगेनिंग पर उतर गये। इसलिए अब हमारे नेताओं को इस बात का विश्वास हो चुका है कि चुनाव में आम जनता के मुद्दों को वे उठायें या न उठायें उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। बल्कि चुनाव में हार और जीत इस बात पर तय होती है कि एक नेता का वूथ मैंनेजमेंट कैसा है? उनमें कितना पैसा खर्च करने की ताकत हैं? और उनके पास नॉन-स्टेट एक्टर्स - अपराधी गिरोह, नक्सली या अन्य दूसरे ताकतों को अपने साथ रखने की कितनी क्षमता है? आजकल राज्य प्रायोजित स्वयं सहायता समूह, एनजीओ और धार्मिक संगठन भी वोट मैंनेजमेंट में काफी काम आते हैं। प्रत्यासी लोग प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को 10 से 20 हजार रूपये या उनके जरूरतों का समान खरीदकर पहुंचा देते हैं, एनजीओ और धार्मिक संगठनों के साथ पैसे के बल पर समझौता करते हैं। लेकिन हमें इस बात को याद रखना चाहिए यह लोकतंत्र को धोखा देने वाली बात है और लोगों के अभिव्यक्ति जैसे मौलिक अधिकार का घोर उल्लंघन है, जिसे नेता और आम जनता जानबझकर बरकरा रखे हुए हैं। 

आजादी के 66 वर्षों के बाद भी दुनियां के महान लोकतंत्र के महान पर्व ‘‘आम चुनाव’’ में गधे के सिंग की तरह आम जनता का मुद्दा अचानक गायब हो जाना, एक स्वस्थ्य व्यक्ति के आम हत्या करने के बराबर है। इसे लोकतंत्र की निर्मम हत्या कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। आज हमारे लोकतंत्र में मुद्दों और पार्टियों से बड़ा एक व्यक्ति का कद बन गया है और वह व्यक्ति दावा भी करने से नहीं चुकता है कि 125 करोड़ जनता के दुःख, दर्द और पीड़ा को वही मिटा सकता है। क्या यह 125 करोड़ जनता की क्षमता को नीचा दिखाना नहीं है? क्या यह उनके आत्म विश्वास को तोड़ने वाली कदम नहीं है? और क्या लोकतंत्र में एक व्यक्ति की इस तरह पूजा की जानी चाहिए? क्या यह सही में लोकतंत्र या व्यक्तितंत्र है? निश्चित तौर पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश को एक कुशल नेतृत्व की जरूरत है लेकिन 125 करोड़ जनता की मेहतन, लगन और ईमानदारी के बगैर यह देश कभी भी अपने समस्याओं का समाधान नहीं निकल सकता है, आगे बढ़ने की बात तो दूर की कौड़ी है। जब 125 करोड़ जनता सशक्त बनेगी तभी हम विकसित राष्ट्र बन सकते हैं और उसी दिन महान लोकतंत्र का सपना भी पूरा होगा। लेकिन क्या हम इसके लिए तैयार भी हैं? 




indian democracy and india

- ग्लैडसन डुंगडुंग 
मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।  


डेयरडेविल्स के कप्तान बनाए गए पीटरसन, कार्तिक उपकप्तान

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Kevin Pietersen
केविन पीटरसन को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स फ्रेंचाइजी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। साथ ही विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को पीटरसन का नायब बनाया गया है। आईपीएल-7 की शुरूआत 16 अप्रैल से होगी। इसका पहला चरण संयुक्त अरब अमीरात में, दूसरा चरण 1 से 12 मई तक या तो भारत में या फिर बांग्लादेश में और फिर तीसरा चरण 13 मई से 2 जून तक भारत में खेला जाएगा। आम चुनावों के कारण यह फैसला किया गया है।

डेयरडेविल्स ने मंगलवार को पीटरसन को कप्तान बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की। पीटरसन ने 2012 में दिल्ली के लिए पहली बार आईपीएल में हिस्सा लिया था। आठ मैचों में पीटरसन ने एक शतक सहित 305 रन बनाए थे। 2013 में वह चोट के कारण आईपीएल में नहीं खेल सके थे।

बीते महीने आयोजित नीलामी में दिल्ली फ्रेंचाइजी ने पीटरसन को नौ करोड़ रूपये में हासिल किया था। दूसरी ओर, दिल्ली ने कार्तिक को 12.5 करोड़ में हासिल किया। शुरूआत के तीन साल दिल्ली के लिए खेलने के बाद कार्तिक ने मुम्बई का रुख किया था। वह 92 मैचों में 1741 रन बना चुके हैं।

पीटरसन ने अपनी नियुक्ति को लेकर कहा, "यह बेहद सम्मान की बात है। मैं कोच गैरी कर्स्टन के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं। हमारी टीम अच्छी है और हम बेहतरीन कोच के साथ काम करते हुए अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं।"

भारत के साथ संबंधों को लेकर आशान्वित अमेरिका

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Preet Bharara
अमेरिकी विदेश विभाग ने वकील प्रीत भरारा द्वारा भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागड़े पर दोबारा दर्ज कराए गए मुकदमे से दूरी बनाते हुए कहा है कि अमेरिका, भारत के साथ संबंधों को लेकर आशान्वित है। देवयानी के खिलाफ दोबारा दर्ज किए गए मुकदमे पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने वाशिंगटन से टेलीकांफ्रेंसिग के जरिए सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "बेशक, यह न्याय विभाग का काम है। हमारे भविष्य के संबंधों के बारे में यह कह सकती हूं और जैसा कि आपको पता है कि उपविदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल भारत गई थीं। उनका दौरा लाभदायी रहा है। उन्होंने वहां कई बैठकें की थीं।"

गौरतलब है कि देवयानी के खिलाफ न्यूयार्क के एक न्यायाधीश द्वारा वीजा धोखाधड़ी का मामला रद्द करने के दो दिन बाद भरारा ने दोबारा उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। साकी ने कहा, "हमारे संबंध और जिन मुद्दों पर हम साथ काम कर रहे हैं, वे भी महत्वपूर्ण हैं। हम भविष्य की तरफ देख रहे हैं और इसे लेकर आशावादी हैं।"

भारत के आगामी लोकसभा चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साकी ने कहा, "मुझे लगता है कि हम यह साफ कर रहे हैं कि हमारा रिश्ता महत्वपूर्ण है और हम आर्थिक, सामरिक और सुरक्षा के मसले पर साथ काम करते हैं।"साकी ने कहा कि बिस्वाल का यह दौरा इसका सबूत है। देवयानी के खिलाफ दोबारा मुकदमा दर्ज किए जाने पर निराशा जाहिर करते हुए भारत ने शनिवार को इसे अनावश्यक कदम करार दिया था।

आप उम्मीदवारों की 7वीं सूची जारी

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आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सातवीं सूची जारी की। इस सूची में 26 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। सूची के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता एस.पी.उदयकुमार तमिलनाडु की कन्याकुमारी सीट और अधिवक्ता हिम्मत सिंह शेरगिल पंजाब के आनंदपुर साहिब से चुनाव लड़ेंगे। 

पार्टी ने बिहार से छह, तमिलनाडु से आठ, उत्तर प्रदेश से चार, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, सिक्किम, राजस्थान, पंजाब, पुडुचेरी, मिजोरम और मणिपुर से एक-एक उम्मीदवार घोषित किए हैं। सातवीं सूची के जारी होने के साथ ही आप ने अब तक लोकसभा की 543 में से 268 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

तमिलनाडु के लिए माकपा के 9 उम्मीदवार घोषित

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मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव के लिए अपने नौ उम्मीदवारों की घोषणा की। सूची में दो महिलाओं के नाम भी शामिल हैं। माकपा के राज्य सचिव जी. रामाकृष्णन ने यहां मीडिया के समक्ष सूची जारी करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने दो दलितों को भी चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से एक सामान्य निर्वाचन क्षेत्र विरुधूनगर से प्रत्याशी हैं।

पार्टी ने कोयंबटूर निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा लोकसभा सदस्य पी.आर. नटराजन की उम्मीदवारी बरकरार रखी है। माकपा की सूची में दो चर्चित चेहरे भी हैं। ये हैं कन्याकुमारी से पूर्व सांसद ए.वी. बेल्लारमिन और उत्तरी चेन्नई से वासुकी।

अन्य उम्मीदवार हैं : पी. विकारमन (मदुरै), एस. श्रीधर (त्रिची), के. सैमुएल राज (विरुधूनगर), एन. पंडी (दिण्डिगुल), जी. आनंदन (विल्लुप्पुरम-सुरक्षित) तथा एस. तमिझसेल्वी (तंजावुर)।

माकपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) इस बार का आम चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगी। पहले इन दोनों वामदलों का ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) से गठबंधन था, लेकिन पार्टी महासचिव जे. जयललिता ने राज्य की 39 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी और वामदलों के लिए मात्र एक सीट छोड़ने की पेशकश की, जिस पर गठबंधन टूट गया।

मलेशिया : लापता विमान का 10वें दिन भी सुराग नहीं

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मलेशिया के कुलालालंपुर से आठ मार्च को बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद लापता हुए मलेशिया एअरलाइंस के विमान एमएच 370 की तलाश 10वें दिन सोमवार को भी जारी रही। विमान की खोज में 26 देशों से मदद मांगी गई है। विमान की तलाश अब मुख्यतया हिंद महासागर में दो प्रमुख हवाई गलियारों में की जा रही है, हालांकि अब तक इसके कोई संकेत नहीं मिले हैं। इस बीच मलेशिया के अधिकारियों ने कहा कि आखिरी बार विमान के सह पालयट ने नियंत्रण कक्ष में बात की थी। जांचकर्ता इस पहलू पर भी गौर कर रहे हैं कि कहीं विमान के लापता होने में चालक दल के सदस्यों का हाथ तो नहीं। 

आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डेविड जान्सटन ने मलेशिया को तलाशी अभियान में हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि उनका देश इस खोज अभियान में पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अब खोज को हिंद महासागर के पूर्वी केंद्र में क्रेंद्रित किया गया है। आस्ट्रेलिया ने मलेशिया को इस तलाशी अभियान में दो अत्याधुनिक आरएएएफ पी-3सी ओरियन विमान मुहैया कराया है। 

मलेशिया एअरलाइंस का विमान एमएच 370 कुआलालंपुर से 8 मार्च को 239 सवारों के साथ बीजिंग के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में विमान रहस्यमय ढंग से लापता हो गया। माना जा रहा था कि बोइंग 777-200ईआर दक्षिण चीन सागर में वियतनाम समुद्र तट के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान कुआलालंपुर से आधी रात बार 12:41 बजे उड़ान भरा था और बीजिंग में सुबह 6:30 बजे उसे उतरना था। विमान में सवार 227 यात्रियों में पांच भारतीय, 154 चीनी, 38 मलेशियाई शामिल थे।

विमान का संपर्क वायु नियंत्रण कक्ष से 1:40 बजे टूट गया। उस समय वह वियतनाम के हो ची मिन्ह वायु नियंत्रण कक्ष की सीमा में उड़ान भर रहा था। उल्लेखनीय है कि मलेशिया ने अमेरिका, चीन और फ्रांस सहित उपग्रह वाले अन्य देशों से उपग्रह आंकड़ा मुहैया कराने लिए कहा है। इसके अलावा कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, चीन, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड और आस्ट्रेलिया से भी इस तलाशी में मदद मांगी है। 
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