नयी दिल्ली 28 मई, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अमेरिका के साथ सैन्य साजो सामान समझौते को भारत के लिए फायदे का सौदा बताते हुए कहा है कि इससे भारत के लड़ाकू विमान तथा युद्धपोत अमेरिका के दुनिया भर में स्थित किसी भी सैन्य अड्डे का इस्तेमाल कर सकेंगे। मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर श्री पर्रिकर ने विशेष बातचीत में इस समझौते को लेकर कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उसके नेतृत्व वाली सरकार ने भी इसका मसौदा तैयार किया था लेकिन इसे कैबिनेट में नहीं भेजा गया था। रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने इस समझौते का मसौदा नये सिरे से तैयार किया है।
दोनों देश इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमत हैं और प्रक्रिया के तहत दोनों को कुछ दस्तावेजों का आदान प्रदान करना है जिसके बाद यह लागू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के लड़ाकू विमान और युद्धपोत अमेरिका के दुनिया भर में स्थित किसी भी सैन्य अड्डे का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समझौता किसी संघर्ष वाले आॅपरेशन या युद्ध की स्थिति में लागू नहीं होगा। दोनों देशों के विमान तथा युद्धपोत अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता अभियानों , आपदाओं और अन्य शांति अभियानों में एक दूसरे के सैन्य अड्डों का इस्तेमाल कर ईंधन , पानी और अन्य सामग्री ले सकेंगे। इस सुविधा के लिए दोनों देशों को एक दूसरे को राशि का भुगतान करना होगा और यह निशुल्क नहीं होगी। श्री पर्रिकर ने कहा कि किसी विशेष अभियान की स्थिति में इन अड्डों के इस्तेमाल के बारे में दोनों देश उस विशेष मामले के संदर्भ में स्थिति का आकलन कर निर्णय लेंगे।