थोड़े बहुत बालों का झड़ना तो प्राकृतिक है लेकिन जब बालों का झड़ना लंबे समय तक जारी रहे और झड़ने वाले बालों की मात्रा भी बढ़ जाए तो यह चिंता की बात है और यह समस्या वंशानुगत हो सकती है और जिससे पहले कि गंजापन दिखने लगे तो आपको चिकित्सीय मदद की जरूरत है तो इसमें विशेषज्ञ चिकित्सा सहायता की मदद लें। पुरुषों और महिलाओं में बालों का छडना अनेक पोषक तत्वों की कमी, हेयरकेयर उत्पादों का अत्यधिक उपयोग, वंशानुगत समस्या, चल रही दवाओं का साइड इफेक्ट, प्रोटीन की कमी, हार्मोन का असंतुलन, तनाव, एनीमिया, खोपड़ी का संक्रमण और कई अन्य कारण शामिल हैं। कुछ मरीजों का कहना है कि लंबे समय तक होम्योपैथिक इलाज लेने से भी उनको फायदा हुआ है। मरीज की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्थित के विश्लेषण के जरिए एक होम्योपैथ शारीरिक लक्षणों का उपचार करने के बजाय किसी ‘व्यक्ति‘ को ठीक करने को ध्यान में रखकर ही दवाएं सुझाता है। कुछ मामलों मंे, उपचार करने वाला चिकित्सक बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए कुछ उत्पादों का इस्तेमाल सिर पर करने का सुझाव दे देता है। जो व्यक्ति ज्यादा विश्वसनीय, सुरक्षित और दीर्घावधि समाधान चाहते हैं उनके लिए हेयर ट्रांसप्लांट सबसे अच्छा विकल्प है। अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल, अत्याधुनिक क्लीनिक्स की आसान उलब्धता और कुशल सर्जनों की विशेषज्ञता के चलते अब सिर पर बालों को फिर से उगाना संभव है जो असली बालों जितने ही अच्छे दिखते हैं। आमतौर पर, हेयर ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया जनरल एनस्थीसिया के अंतर्गत की जाती है और अस्पताल में रुकने की जरूरत नहीं होती। इससे कोई भी व्यक्ति बिना किसी दर्द के अपना युवा लुक फिर से हासिल कर सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट की आसान प्रक्रिया और संतोषजनक परिणाम देने की क्षमता ने इसे मनोरंजन उद्योग और क्रिकेट जगत में भी लोकप्रिय बना दिया है। कई जानी-मानी शख्सियतों अभिनेता गोविंदा, परमीत सेठी और क्रिकेटर यूसुफ पठान, निखिल चोपड़ा, वीवीएस लक्ष्माण, रोजर बिन्नी, दिलीप वेंगस्कर, सौरव गांगुली, कमेंटेटर हर्षा भोगले, चारू शर्मा और अरुण लाल आदि ने भी इस प्रक्रिया को अपनाया है और कैमरे के सामने अपना सर्वश्रेष्ठ चेहरा रखने का आत्मविश्वास पाया। हेयर ट्रांसप्लांट की दो तरह की प्रक्रियाएं फिलहाल लोकप्रिय हैं-फोलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांट (एफयूटी) पद्धति या स्ट्रिप मैथड और फोलीक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) या पंच मैथड। एफयूटी या स्ट्रिप पद्धति को दुनियाभर में 90 फीसदी सर्जन इस्तेमाल करते हैं। इस प्रक्रिया मंे सिर के बालों को सावधानीपूर्वक फिर से उगाया जाता है। इसमें मरीज को लोकल एनेस्थेसिया दिया जाता है और खोपड़ी के पिछले हिस्से और साइडों से त्वचा की एक पट्टी बालों एवं बालों के रोम सहित हटाई जाती है। इस पट्टी को सिर के उन हिस्सों पर ग्राफ्ट (लगाया) किया जाता है जहां बाल नहीं हैं और उसे ‘‘ट्रिकोपैथिक क्लोजर‘‘ से सील कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 6-8 घंटे का समय लगता है और उसी समय 8-10 डाॅक्टरों की टीम आॅपरेशन पर काम करती है। मरीज उसी दिन घर जा सकता है और अगले दिन से अपना काम शुरू कर सकता है। इसी सहूलियत की वजह से ज्यादातर मामलों मंे यह पद्धति काम करती है।
बोटुलिनम टोक्सिनः झड़ते बालों के लिए रामबाण
बालों का झड़ना इन दिनों हर उम्र के लोगों मंे लगातार रहने वाली समस्या बन गई है। युवा हो, वयस्क हो या फिर बुजुर्ग कोई भी इस अनचाही स्थिति से नहीं बच सकता। रोजाना 100 बालों का झड़ना तो सामान्य है, लेकिन जब झड़ते बालों की संख्या इस आंकड़े को पार कर जाए तो यह चिंता का विषय है। बालों के झड़ने के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं, जैसे पौष्टिक एवं विटामिन की कमी, संक्रमण, दवाइयां, आनुवंशिकता और वह वातावरण जिसमें व्यक्ति रहता है। विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है, ऐसे में बालों का अत्यधिक झड़ना एक प्रोटीन बोटुलिनम टोक्सिन की मदद से रोका जा सकता है जिसको संक्षेत्र मंे बोटोक्स भी कहते हैं। बोटुलिनम टोक्सिन काॅस्मेटिक इंडस्ट्री में लोकप्रिय नाम है और दुनियाभर के एस्थेटिक (सौंदर्य) क्नीनिक्स में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाला उत्पाद है। यह चेहरे के हाव-भाव व्यक्त करते समय पड़ने वाली झुर्रियों को अस्थायी रूप से कम कर देता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों में होने वाले दर्द, पुराने माइग्रेन, यूरिनरी इनकंटीनेंस (मूत्र असंयम), ब्लैफेरोस्पाज्म (पलकों का उद्वेष्ट) और अंडरआर्म से अत्यधिक पसीने जैसी बीमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है। इन सबके अलावा, हाल ही के अध्ययन बताते हैं कि बोटुलिनम टोक्सिन झड़ते बालों के इलाज मंे भी बहुत ही मदद कर सकते हैं। दरअसल, यह आधुनिकतम पद्धति है जिसका इस्तेमाल सर्जन उन महिलाओं और पुरुषों के इलाज में करते हैं जो बाल झड़ने या कमजोर होने की समस्या से जूझ रहे हैं। अनुसंधान इस बात को साबित कर चुके हैं कि सिर के उन हिस्सों पर बाल उड़ने की संभावना ज्यादा रहती है जहां रक्त ंएवं आॅक्सीजन की आपूर्ति कम रहती है और डीहाइड्रोटेस्टोस्टीरोन (डीएचटी) का स्तर ज्यादा होता है। बोटुलिनम टोक्सिन का इंजेक्शन लगाकर बालों के रोमों में खून और आॅक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है, जिसके चलते नए बालों के विकास और मौजूदा बालों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा, यह बालों की जड़ों को पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति भी बढ़ाती है और किसी भी क्षेत्र में आॅक्सीजन का स्तर ऊंचा होने से बनने वाले डीएचटी को रोकता है।