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मुस्लिम महिलाओं को पर्सनल लॉ में बदलाव स्वीकार नहीं: एआईएमपीएलबी

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नयी दिल्ली, 03 जून, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने तीन बार तलाक के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करने का मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम पर्सनल लॉ में किए जाने वाले किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगी। एआईएमपीएलबी ने कहा, “इस्लाम में तलाक को गलत और नापसंद किया गया है। यदि पति-पत्नी साथ में रहने के लिये आपसी सहमति बनाने में विफल होते हैं तब इस रिश्ते से अलग होने का तलाक एक सुरक्षित तरीका है।” बाेर्ड ने कहा कि कुरान और हदीस में तलाक का स्पष्ट उल्लेख है। तीन बार ‘तलाक’ कहना इस्लाम में तलाक का ‘बिदत’ तरीका है। 

बोर्ड ने मीडिया पर इस मामले को बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करने का भी आरोप लगाया। बोर्ड ने उस रिपोर्ट का भी विरोध किया जिसमें 92 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं तीन बार तलाक के कानून में बदलाव के पक्ष में हैं और इस विषय को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव चाहती हैं। बोर्ड ने राष्ट्रीय महिला आयोग की उस याचिका का भी खंडन किया जिसमें तलाक के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म करने की मांग की गई है । बोर्ड ने कहा कि लोग इस नियम का पालन न करने के लिए स्वतंत्र हैं और वे विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी कर सकते हैं। बोर्ड ने लैंगिक असमानता के बारे में कहा कि यह सब इस्लाम और मुस्लिमों को बदनाम करने की साजिश है। 

पटना आर्ट काॅलेज के परीक्षा का छात्रों ने किया बहिष्कार,

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  • अचानक परीक्षा की तिथि घोषित करने पर आक्रोषित हुए छात्र, अनिष्चितकालीन 24वें दिन भी जारी रहा, परीक्षा केन्द्र पर पहॅंुचें पीयू कुलपति।

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पटनाः पटना काॅलेज परीक्षा केन्द्र पर आज आर्टस काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया। परीक्षा 10 बजे से शुरू होने वाली थी लेकिन 11 बजे तक कोई परीक्षार्थी परीक्षा हाॅल में गया हीं नहीं। आन्दोलनकारी छात्रों ने कहा कि परीक्षा आज 10 बजे पटना काॅलेज में होनी थी जिसकी सुचना काॅलेज के नोटिस बोर्ड पर कल शाम 6 बजे लगाया गया था। इसी बीच पटना वि0वि0 कुलपति वाई0 सी0 सिमाद्री परीक्षा केन्द्र पर पहॅंुचें। मौके पर मौजूद कुलानुषासक ने छात्रों से कहा कि कुलपति महोदय की इच्छा है कि छात्र-छात्राएॅं परीक्षा दें। आन्दोलनकारी छात्र-छात्राएॅं ने कुलपति का अनुरोध ठुकरा दिया और परीक्षा केन्द्र से नारे लगाते हुए बाहर आ गये।
वही पटना आटर््स काॅलेज में आज 24 वें दिन अनषन जारी रहा। प्रभारी प्राचार्य चंन्द्रभूषण श्रीवास्तव की बर्खास्तगी एवं छात्रों के पूर्णतः निलंबन वापसी की माॅंग को लेकर अनषनकारी छात्र अनषन को जारी रखते हुए ए.आई.एस.एफ के राज्य सचिव सुषील कुमार, कृष्णा कुमार, नीतिष कुमार एवं विनोद कुमार अनषन पर बैठे हैं। अनषनकारी छात्रों की स्थिति निरंतर बिगड रही है। लेकिन छात्रों के स्वास्थ्य जाॅंच के लिए आज भी कोई डाॅक्टर नहीं पहॅंुचा।
परीक्षा बहिष्कार होने के बाद मौके पर मौजूद ए.आई.एस.एफ. के राज्य परिषद सदस्य अभिषेक आनंद,ए.सी.एस.एफ. के अध्यक्ष गौरव कुमार, जनधिकार छात्र परिषद के नीरज कुमार ने कहा. कि  वि0वि0 परीक्षा से पूर्व क्लास चलवा 15 जून से परीक्षा लेने के  वादे को निभाएॅं। 15 जून से प्रायोगिक परीक्षा पहले तथा सैंधातिंक परीक्षा बाद में लेने के वादे को पूराा किया जाए। छात्रों की सहमति से परीक्षा लेकर वि0 वि0 गतिरोध दूर करें।
छात्र नेताओं ने कहा कि सरकारी छात्र संगठन के कुछ छुठभैये नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेक छात्रों की एकता में दरार डालना चाहतें हैं। जिसे आट्र्स काॅलेज के छात्र कामयाब नहीं होने देंगे। परीक्षा बहिष्कार होने के बाद पटना आटर््स काॅलेज में छात्र-छात्राओं ने एक वृहत बैठक कर तय किया कि हर हाल में वि0 वि0 अपने वादे अनुरूप् कुछ कक्षाओं को संचालित करना, 15 जून से प्रायोगिक परीक्षा पहले तथा सैंधातिक परीक्षा बाद में लें। इस आषय का पत्र पटना वि0वि0 कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष, कुलानुषासक, परीक्षा नियंत्रक के यहाॅं ए.सी.एस.एफ. के अध्यक्ष गौरव कुमार के नेतृत्व में ज्ञापन सौंप 15 जून से पहले परीक्षा लेने पर पुनः बहिष्कार की चेतावनी दी। आन्दोलन में ए.आइ.एस.एफ. के राज्य परिषद सदस्य आदित्य कुमार, बिटटू कुमार, मुकेष कुमार, चंदन कुमार, स्वीटी कुमार, नेहा, अमित कुमार, भगत सिंह, नितेष कुमार, कृष्णा कुमार, लवली कुमारी, निहारिका कुमारी, मोनिका कुमारी, समेत दर्जनों छात्र-छात्राएॅं मौजूद रही।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जून)

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सत्संग से दिलों में बदलाव लाया जासकता ह,ै प्रभू प्रेम रस पीने वाले को संसार तुच्छ लगता हैै- जगदगुरू कृष्णमणि जी महाराज
  • बुद्धि के साथ श्रद्धा होना जरूरी- टहलकिशोर जी महाराज, छः दिवसीय श्रीमदभागवत कथा का भंडारे का साथ हुआ समापन

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झाबुआ । श्रीकृष्ण प्रणामी संप्रदाय द्वारा आयोजित श्री मदभागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण प्रणामी धर्माचार्य जगतगुरू आचार्य श्री कृष्णमणिजी जी महाराज विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि भागवत कथा से आदिवासी क्षेत्रों में नवउर्जा प्राप्त होगी । उन्होने देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन में हर जगह भ्रष्टाचार की दीमक लगी हुई है। इसके लिये आध्यात्मिकता का प्रभाव बढेगा तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में काफी मदद मिलेगी ।  जगदगुरू ने कहा कि सत्संग से दिलों में बदलाव लाया जासकता है और देश मंें फिर से सुशासन स्थापित हो सकता है । उन्हाने अपने प्रवचन मे कहा कि श्रीकृष्ण का पूरा परिवार आध्यात्मिक परिवार रहा है । नंद बाबा के रोम रोम में आनंद व्याप्त रहता था । जिसके दिल में आनंद होता है उसे अलौककि अनुभूति प्राप्त हाती है । जिसके दिल मे आनंद होता है वही नंद कहलाता है । पूज्य श्री कृणमणीजी ने आगे कहा कि  श्रद्धा आस्था एवं सदभाव से प्रसन्नता की अनुभूति होती है । नेमिष्यारण्य तट पर भागवत कथा सुनाते हुए सुत जी महाराज ने 88 हजारा ऋषि मुनियों को ाागवत के माध्यम से जो सन्देश दिया वह आज भी प्रांसगिक है । जिज्ञासा समुद्र मंथन के रत्नो की तरह होती  है और जहां कथा होती है वहां रस प्रवाहित होता है जो श्रोताओं द्वारा पान किया जाता है । उन्होने आगे कहा कि प्रेम भक्ति काही एक स्वरूप है इसे पीने वाला मस्ती मे आजाता है । प्रभू प्रेम रस पीने वाले को संसार तुच्छ लगता है  अैार दुनियादारी के दुख दर्द भूल जाता है । जगदगुरू ने  कहा कि श्रीमद भागवत के माध्यम से पूर्ण ब्रह्म श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षात्कार होता है । गौलोकधाम के पति अक्षरब्रह्म के रूप् में भगवान विष्णु प्रत्येक ब्रह्माण्ड में 24 बार भ्रमण करते है वे अलग अलग स्वरूपों मं अवतार लेते है इसीलिये हमारे शास्त्रों में 24 अवतारों का उल्लेख है । पूज्य  पीठाधिश्वर महत श्री टहलकिशोर जी महाराज ने भागवत कथा के पांचवे दिन खचाखच भरे पाण्डाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण की रास लीला का प्रेरक वर्णन करते हुए अन्नकुट माहात्म्य बताते हुए कहा कि अलग अलग सामग्री को परमात्मा को समर्पित करके एक ही जगह एकत्रित करके भगवान को  नैेवेद्य अर्पण करके प्रसादी के रूप मे वितरण करने से उसका स्वाद अलग ही होता है । उन्होने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बुद्धि के साथ श्रद्धा होना जरूरी है अन्यथा केवल बुद्धि से काम लिया जावेगा तो इंसान ठगा जावेगा । उन्होने श्रीकृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय के इतिहास के बारे मे भी विस्तार से बताते हुए पूरे देश में 400 से अधिक मंदिर संस्कारधाम आश्रम संचालित होने की  जानकारी भी दी वही उन्होने झाबुआ जिले में भी 108 मंदिर बनाने के संकल्प लेने की बात भी कही । इस अवसर पर स्वामीजी ने विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया का शाल श्रीफल से वगत किया । विधायक शांतिलाल बिलवाल ने अपने उदबोधन में  कहा कि सत्संग का लाभ उसे ही लिमता है जिसके पूर्व के कर्म अच्छे हो । स्वामीजी के मुखारबिदं से भागवत ज्ञान गंगा के प्रवाह से पूरा नगर पावन धाम बन चुका है । विधायक से प्रणामी समाज को पूरा सहयोग दिये जाने का आश्वासन भी दिया । शनिवार को कथा की पूर्णाहूति दिवस पर पूज्य वामी टहलदासजी मसा ने रूकमणी विवाह एवं सुदामा चरित्र का नुठी शैली मे वर्णन किया । उन्होने कहा कि जब मनुष्य की प्रतिष्ठा बढ जाती है तो उसमें अहम भाव  पैदा हो जाता है । वह अकड जाता है । जबकि आदमी जितना उमर जाता है उसे विनम्र बनना चाहिये  अन्यथा मुर्दे ही अकड जाते है । अगर उपर बढने के साथ ही  विनम्रता बढाते जाऐ ंतो उनको सैकडो गुना आदर मिलेगा अन्यथा नेताओं की तरह  उनकी आयु भी पाचं साल ही रहेगी आर चुनाव के हारने केबाद उन्हे कोई नही पुछेगा । उन्होने  भद्रवतिपूरम धाम की स्थापना का जिक्र करते हुए कहा कि उसका उदघाटन गुजरात विधान सभा के तत्कालीन स्पीकर अशोक भट्ट ने स्वर्ण कलश चझाया था का कहना था कि राजे महाराजों के ऐश्वर्य के दिन भी नही रहे और उनके महल आज खंडहरों मे तब्दिल हो चुके है इसलिये विनम्रता ही सबसे बडी चिज होती है । स्वामीजी ने सुदामा चरित्र सुनाते हुए कह कि बत्तीस दांतों केी जिस तरह अपनी विनम्रता के कारण जीभ सुरक्षित रहती है वैसा हे अपने आपको ढालना चाहिये ।इंसान की आलु की तरह होना चाहिये जो सभी सब्जियो ं में समा जाता है । नेक इंसानों की सर्वत्र कद्र होती है और गंगा भी स्वयं पावं पखारने आजाती है । कथा के मध्य भजनों पर श्रद्धालुजन  आननिदत होकर थिकरने भी लगेे । वही महिलाओं ने हर भजन पर अपने नृत्य से भक्तिभावना व्यक्त की । इस अवसर पर स्वामीजीने समिति के अध्यक्ष मकनसिंह, यशवंत भंडारी, डा.केके.त्रिवेदी,नीरजराठौर,अजस रामावत, राजेन्द्र सोनी सहित प्रणामी संप्रदाय के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का शाल एवं कलश देकर सम्मान किया । महा आरती के साथ 6 दिवसीय भागवत कथा का समापन किया गया । इस अवसर पर  विशाल भडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों भोजन प्रसादी प्राप्त की । समिति ने सभी सहयोगकर्ताओं का आभार व्यक्त किया । कलशयात्रा मे शामील महिलाओं को भी कलश प्रदान किये गये ।

कपडा व्यापारियों ने शनिवार को रखे अपने प्रतिष्ठान बंद

झाबुआ । कपडा व्यापारी संघ द्वारा विगत दिनों आयोजित बैठक में लिये गये निर्णय के परिपालन में कि नगर के सभी कपडा व्यापारी प्रति शनिवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखेगें । इसी कडी में शनिवार को नगर के सभी कपडा व्यापारियों ने अपनी दुकाने एवं प्रतिष्ठान बद रखे । कपडा व्यापारी संघ के अध्यक्ष  रितेश कोठारी एवं सचिव जितेन्द्र जेन ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व बैठक मे लिये गये निर्णय के अनुसार आज शनिवार को नगर के सभी कपा व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे । उन्होन बताया कि बैठक मे निर्णय के अनुरूप त्यौहार एव ंविशेष पर्वो  दुकाने खुली रखी जावेगी और इसके लिये प्रत्येक कपडा दुकान पर इसके बारे मे एक चार्ट लगाया जावेगा जिससे किन किन शनिवारों को दुकाने खुली रखी जावेगी ,की जानकारी प्रदर्शित होगी । शनिवार को सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर, सचिव कमलेश पटेल, की उपस्थिति में कपडा व्यापारी संघ अध्यक्ष रितेश कोठारी, सचिव जितेन्द्र जैन, कमलेशसिंह गेहलोत, दीपक कटारिया, प्रांशु शाह, सुधीर श्रीमाली सचिन जेन, आशीष जैन, हेमेन्द्र अरोडा, हरीश शाह, लाला, पियुष पंवार, राधेश्याम राठौर, शेलेन्द्र जैन, भरत पंचाल, राहूल जैन, विशाल कोठारी, विनोद पांचाल, संजय मेहता, सचिव भंडारी आदि शनिवार को अपने कपडा दुकान प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय सर्वानुमति से  लागू कर दिया है । और इस दिन ये लोग सामजिक एवं रचनात्मक  कार्यो में अपनी भूमिका निभावेंगें ।

पर्यावरण दिवस पर एक अनुठा आयोजन, आज निकालेगे रैली
  • राजवाडा चैक पर कला और कविता की प्रदर्शनी के साथ बनेगी मानव श्रृंखला

झाबुआ । पत्रकार कल्याण परिषद झाबुआ के तत्वावधान में आज रविवार को पर्यावरण दिवस पर कला और  कविता की प्रदर्शनी के साथ ही मानव श्रृंखला एवं पर्यावरण रैली का आयोजन किया जावेगा । प्रातः 8 बजे स्थानीय बस स्टेंड स्थित छत्री चैक से राजवाडा तक  पर्यावरण रैली आयोजित की जावेगी  अंचल क चित्रकार एवं बच्चो ं द्वारा बनाई गई आकर्षक पंेटिंग और स्थानीय कलाकारों की रचनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जावेगी ।  सायकाल 7 बजे पर्यावरण विषय पर  बच्चों द्वारा रगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जावेगा ।वही कवियों द्वारा अपनी रचनायें प्रस्तुत की जावेगी । आयोजको ने प्रातः 8 बजे स्थनीय बस स्टेंड पर आयोजित प्र्यावरण रैली मे नगरवासियों,समाजसेवियो, कलाकारो, गणमान्य जनो से सहभागी होने की अपील की है ।

भारतीय पत्रकार संघ का अभिनंद समारोह आज, विभिन्न विषयों पर होगा परिसंवाद

झाबुआ ।  भारतीय पत्रकार संघ जिला झाबुआ द्वारा आज रविवार को  प्रातः 10 बजे से स्थानीय शगुन गार्डन में पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श, मार्गदर्शन, संवाद के लिये 25 वर्षीय प्रखर पत्रकारिता सेवा अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप  में जितेन्द्र सोनी संपादक संझा लोकस्वामी वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतिया विषय पर, गा्रमीण पत्रकारिता- संभावना एवं संघर्ष विषय पर नवभारम समुह के संपाक का्रंति चतुर्वेदी, नये परिवर्तनों में पत्रकारों की भूमिका विषय पर आरआर जी गोसवामी राष्ट्रीय संयोजक भारतीय पत्रकार संघ एवं पत्रकारों की बात- रेखांकन के साथ विषय पर प्रसिद्ध चित्रकार एवं पत्रकार इस्माईल लहरी संबोधित करेगें । कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम सेन राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय पत्रकार संघ करेगें । भारतीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष हरिश यादव ने जिले के सभी मीडिया से जुडे साथियों से इस अभिनव आयोजन में सहभागी होने की अपील की है ।

बारिया व डावर की सेवानिवृत्ति पर दी विदाई

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झाबुआ । प्रधान डाक घर झाबुआ के लेखापाल के सी एस बारिया एवं पी एस डावर  की सेवानिवत्ति पर पोस्ट ऑफिस स्टाॅफ ने भावभीनी विदाई दी। सहायक अधीक्षक आर डी कौरव तथा पोस्टमास्टर एम एच बारिया ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा दोनों कर्मचारियों ने पूर्ण ईमानदारी से कार्य किये है वे दोनों बधाई के पात्र है। विदाई समारोह में आनंद पंचोली, चेतन देवल, जुनेद खान, मावसिंग सोलंकी, आर के चैहान, पूर्व सब पोस्टमास्टर पीटर बबेरिया ने शाल श्रीफल भेंट सम्मानित किया। इसके साथ में योगेश शर्मा का स्थानांतरण रतलाम होने से उन्हें भी सम्मानित कर विदाई दी गई। इस समारोह में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारी थांदला, मेघनगर, पेटलावद, रायपुरिया, अलीराजपुर, रानापुर के अलावा सेवानिर्वत्त पोस्टमेन आर के चैहान, जॉन ताहेड, माहेश्वरी, आर्य, बी एस सोलंकी, धीरज ने पुष्पमाला शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मानित कर उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन योगेश पंचोली ने किया तथा आभार पीटर बबेरीया ने माना।

जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक 9 जून को

झाबुआ । श्री अन्तरसिंह आर्य मंत्री, श्रम, पिछडावर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त घुमक्कड एवं अर्द्धघुमक्कड जनजाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन एवं प्रभारी मंत्री जिला झाबुआ की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक 9 जून 2016 को प्रातः 11 बजे कलेक्टोरेट के सभा कक्ष में आयोजित की गई है। बैठक में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान ग्राम पंचायत स्तरीय पंचवर्षीय कार्य योजनाओं का विकासखण्ड वार अनुमोदन किया जाएगा। ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान कृषि की आय दोगुनी करने के संबंध में बनाई गई कार्ययोजना का अनुमोदन किया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभा, लोक निर्माण विभाग एवं पशु चिकित्सा/पशुपालन विभाग की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर डाॅ. अरूणा गुप्ता ने संबंधित विभाग प्रमुखों को बैठक में नियत दिनांक एवं समय पर अपने विभाग की समस्त जानकारी सहित उपस्थित होने एवं पिछली जियोस बैठक 30 दिसम्बर 2015 के कार्यवाही विवरण का पालन प्रतिवेदन,अपने विभाग की अद्यतन जानकारी पाॅवर पाईन्ट साफ्ट कापी में एवं ए-4 साईज लेण्ड स्केप बाॅण्ड पेपर में पच्चीस-पच्चीस प्रतियों में 6 जून तक संबंधित कर्मचारी के हस्ते जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्या्रलय को उपलब्घ कराने के लिए निर्देशित किया है।

छात्रावास अधीक्षको का प्रशिक्षण 6-14 जून तक

झाबुआ  । आदिवासी विकास विभाग अन्तर्गत जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम शालाओं के अधीक्षको का 6 जून 2016 से 14 जून 2016 तक कुल 09 दिवस तक प्रातः 11 बजे से सायं 5 बजे तक सामुदायिक भवन शगुन गार्डन के सामने सज्जन रोड झाबुआ में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। समस्त अधीक्षक एवं अधीक्षिकाओं को प्रशिक्षण लिये जाने हेतु आदेशित किया गया है। प्रशिक्षण में अनुपस्थिति की दशा में कठोर अनुशानात्मक कार्यवाही की जावेगी। उक्त प्रशिक्षण के प्रभारी श्री आर0पी0वर्मा, प्राचार्य शा0 कन्या उ0मा0वि0 झाबुआ रहेगे। सहयोग के लिये श्री यागेश गुप्ता, व्यायाम शिक्षक, उत्कृष्ट उ0मा0वि0 झाबुआ रहेगे।

किसान प्याज भण्डार गृह निर्माण के लिए आवेदन 10 जून तक कर सकते है

झाबुआ । प्याज की अधिक पैदावार एवं कम भाव को देखते हुवें उद्यानिकी विभाग में संचालित योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत प्याज भंडार गृह का निर्माण कर किसान भाई अपने प्याजों को सुरक्षित रखकर बाजार भाव आने पर प्याज बेचकर लाभ ले सकते है, इस हेतु किसान भाई एम.पी.आॅनलाईन के माध्यम से ूूूण्उचेजंजमंहतवण्दपबण्पदए ूूूण्उचजिेण्उचण्हवअण्पद  के फारम्र्स ट्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से अपना पंजीयन कराकर अपना आवेदन उद्यानिकी विभाग के प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर संचालित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में जमा करा सकते है। जो भी किसान प्याज भंडार गृह का निर्माण कराना चाहते है वो 10 जून 2016 तक अपना पंजीयन कराकर आवेदन विकास खण्ड स्तर पर संचालित कार्यालय वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी शासकीय नर्सरी कार्यालय पर जमा करा सकते है अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर 07392-244294 पर संपर्क कर सकते है।

छेडछाड का अपराध पंजीबद्ध 
     
झाबुआ । फरियादिया ने बताया कि वह अपने घर के आंगन में सोई थी कि आरोपी मनीष पिता हुकिया मेंडा, निवासी नवापाडा का आया व बुरी नियत से फरि0 की छाती पर हाथ घुमाया व मुंह दबाने की कोशिश की फरि0 के चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 134/16, धारा 354 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पशु वध का अपराध पंजीबद्ध 
   
झाबुआ । फरियादी सरदार पिता बदिया वाखला, निवासी भुराडाबरा ने बताया कि आरोपी मंगलिया पिता नाथु एवं अन्य 01 निवासीगण भुराडाबरा ने आटे में यूरिया खाद मिलाकर बकरा एवं बकरियों को खिला दिया, जिससे फरि0 व अन्य लोगों की बकरा-बकरियां मर गयी। प्र्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्रमांक 109/16, धारा 429 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मर्ग के तीन प्रकरण पंजीबद्ध 

झाबुआ । फरियादी प्रेमसिंह पिता जवसिंह वसुनिया, तेनात सीएच झाबुआ ने बताया मृतक राजु पिता सकू डामोर, निवासी झाबुआ को मृत अवस्था में सीएच झाबुआ लाया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 22/16 धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया। फरियादी पानसिंह पिता खेलजी निनामा, निवासी छोटी सजवानी ने बताया सेमयिा बस का ड्रायवर अपने वाहन को तेज गति व लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाया व कंजर पिता गोबरिया निनामा, उम्र 23 वर्ष निवासी छोटी सजवानी टक्कर मार दी, जिससे उसकी मृृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रानापुर में मर्ग क्र0 38/16 धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया। फरियादी हकरिया पिता दितीया डामोर, ने बताय नवजात शिशु उम्र 03 दिन निवासी पिटोल एसएलसीयू सीएच झाबुआ में भर्ती था। ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 43/16 धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जून)

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दिव्यांगोें के लिये लगेेंगे विशेष रोजगार शिविर- डाॅ.सुदाम खाड़े
  • ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के समापन पश्चात क्रियान्वयन के लिये बैठक हुई आयोजित

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दिनांक 14 अपै्रल से 31 मई 2016 तक आयोजित किये गये ग्राम उदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत चिन्हांकित 25 बिन्दुओं के क्रियान्वयन रणनीति की समीक्षा बैठक जिला पंचायत के सभा कक्ष में कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाड़े की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सीहोर के साथ समस्त विभाग प्रमुख, अनुविभगीय अधिकारी, राजस्व, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक यंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा, सहायक विकास विस्तार अधिकारी के साथ संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित हुये। बैठक में डाॅ. खाड़े ने बताया कि ग्राम उदय से भारत उदय अभियान प्रत्येक वर्ष संचालित किया जायेगा तथा अभियान के दौरान चिन्हांकित गतिविधियों का क्रियान्वय रणनीति बनाकर वर्षभर किया जावेगा। अभियान के दौरान विभिन्न विभागों के अंतर्गत चयनित गतिविधियों एवं हितग्राहियों की जानकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत तथा जनपद पंचायत स्तर संधारित कर कार्यवाही की जाये। समग्र, पेंशन, मनरेगा एवं स्वर्श पोर्टल पर ग्राम पंचायत सचिव एवं जीआरएस के पास उपलब्ध आधार नंबर, मो. नंबर एवं बैंक खाता नं. शत-प्रतिशत सीडिंग कराया जाये। जनपद पंचायत एवं जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं के लाभंावित हितग्राहियों का सम्मेलन आयोजित किया जावेगा। डाॅ. खाड़े ने बैठक में निर्देशित किया कि 30 जून तक आवास माह के रूप में मनाया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक प्रत्येक हितग्राही को द्वितीय किश्त प्रदाय करते हुये फोटो सहित पूर्णता प्रमाण पत्र अपलोड किया जाये साथ ही तहसीलदारों को आवासहिनों की सूची दी जाये ताकि आवासहिनों के लिये आबादी क्षेत्र घोषित कर भूमि उपलब्ध करायी जा सके।माह की 9, 10 एवं 11 तारीख को पेंशन वितरण दिवस के रूप में मनाते हुये कार्य किया जायेगा। ग्राम पंचायतों एवं बैंको में उक्त दिनांको में पेंशन हितग्राहियों को पेश्ंान का वितरण कार्य किया जायेगा। अवकाश का दिन होने पर आगे की तारीख पेंशन दिवस के रूप में मनायी जायेगी। डाॅ. खाड़े ने निदेर्शित किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं बैंक में पेंशन वितरण दिवस का बोर्ड लगाया जाये। अंगुठे का निशान न लगने पर पेंशन धारियों को बैंक ग्राम पंचायत द्वारा प्रदाय किये गये प्रमाण पत्र के आधार पर पेंशन का वितरण करेगा। जनपद पंचायत आष्टा में ऐसे पेंशन धारियों के लिये ग्राम पंचायतों द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। निःशक्त जन पेंशन धारियों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को प्रमाणित कर बैंक को सुचित किया जायेगा। जिससे निःशक्त जन व्यक्ति को बिना परेशानी उठाये पेंशन प्राप्त हो सके। डाॅ. खाड़े ने बैठक में निर्देशित किया कि दिव्यांग जनों के लिये विशेष रोजगार शिविर का आयोजन प्रत्येक विकास खण्ड में किया जायेगा। जिससे दिव्यांग जनों को रोजगार से जोड़कर आत्म निर्भरता की ओर लेजाया जा सके। प्रत्येक शाला को अतिक्रमण मुक्त कराते हुये विद्यार्थियों के द्वारा पौधरोपण कराने का कार्य कराया जाने के निर्देश डाॅ. खाड़े ने दिये साथ ही प्रत्येक जिले के स्टोनक्रेशर मालिकों को निर्देशित किया कि नियमानुसार स्टोनक्रेशर क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्य अनिवार्यतः कराये। उत्कृष्ट विद्यालयों में 11वी कक्षा में अध्ययनरत मैधावी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये निःशुल्क कोचिंग दी जावेगी। जिसके लिये विद्यालयों में विद्यार्थियों के चिन्हांकन का निर्देश डाॅ. खाड़े ने दिये।जिले में प्रत्येक अधिकारी अब एक कुपोषित बच्चे के पोषण एवं पुर्नवास की जिम्मेदारी स्वेच्छा से उठायेगा। डाॅ. खाड़े ने जिला एवं जनपद स्तर के अधिकारियों से कहा कि एक कुपोषित बच्चे का चयन कर उसकी निगरानी एवं देखभाल की जिम्मेदारी लेने से जहां एक बच्चे का बचपन सुधरेगा वंही जिला कुपोषण के दंश से मुक्ती पायेगा।जिले में 2.95 लाख परिवारों को सर्वे कराते हुये पट्टा वितरण कराये जाने के निर्देश डाॅ. खाड़े ने दिये उन्होने कहा कि तहसीलदार, पटवारी एवं ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से सर्वे कराते हुये जिले के प्रत्येक परिवार को अनिवार्यतः पट्टा जारी किया जाये। एक भी परिवार गेर पट्टा धारी न हो। 

अनुसूचित जाति के बालक-बालिकाओं के लिए महर्षि बाल्मिकी प्रोत्साहन योजना

प्रदेश में अनुसूचित जाति के होनहार बालक-बालिकाओं के लिए महर्षि बाल्मिकी प्रोत्साहन योजना लागू है। इस योजना के अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से आई.आई.टी में प्रवेश प्राप्त करने पर, एम्स प्रवेश परीक्षा उपरांत प्रवेश लेने पर, क्लेट प्रवेश परीक्षा उपरांत प्रवेश लेने पर तथा एन.डी.ए. परीक्षा उपरांत प्रवेश लेने पर परीक्षा के माध्यम से प्रवेश की पात्रता अर्जित कर अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत कर प्रदान की जायेगी। अभ्यर्थी के माता-पिता पालक की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय सीमा अनुसूचित जाति पो.मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए समय-समय पर लागू अधिकतम सीमा होगी। वर्तमान में अधिकतम तीन लाख आय सीमा तक या तीन लाख से अधिक होने पर प्रावधानित राशि का 50 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि की पात्रता होगी। अनुसूचित जाति के बालक-बालिका वर्ष 2016-17 में इन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का लाभ योजनांतर्गत प्राप्त कर सकते है।

रमजान माह में आधा घण्टे पहले कार्यालय छोडने की अनुमति

रमजान माह में मुस्लिम कर्मचारियों को आधा घण्टे पहले कार्यालय छोडने की अनुमति प्रदान की गई है। जारी आदेश के अनुसार 7 जून से रमजान माह प्रारंभ हो रहा है। इस संबध में शासकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय समय समाप्त होने के आधा घण्टे पहले कार्यालय छोडने की अनुमति प्रदान की गई है।  

जाति प्रमाण-पत्र को लेकर छात्रों को परेशन न किया जाये-एन.एस.यू.आई. सीहोर

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वर्ष 2016-17 सत्र के प्रवेश के लिये विद्यार्थियों की प्रिक्रिया प्रारम्भ हो गई है। जिसके लिये विद्यार्थियों से नवीन जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है 80 प्रतिशत से उपर विद्यार्थियों के पास डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र नहीं है स्थाई जाति प्रमाण-पत्र है एन.एस.यू.आई. जिलाध्यक्ष आनन्द कटारिया, महासचिव पियूष मालवीय ने बताया कि डिजिटल प्रमाण-पत्र बनवाने मे एक माह का समय लगता है जिससे नवीन प्रवेश लेने मे विद्यार्थियों को असुविधा का सामना करना पढ़ रहा है इस बात को लेकर छात्र हीतो मे भारतीय राष्ट्रिय छात्र संगठन ने विष्वविद्यालय प्रबंधन से मांग कि है की विद्यार्थियो को पुराने स्थाई जाति प्रमाण-पत्र मान्य किये जाये ताकि विद्यार्थियो को परेशानीयो का सामना न करना पडे। मांग करने वालो मे शुभम राठौर, प्रणय शर्मा, मनीष कटारिया, हर्ष ताम्रकार, दीपक सिसोदिया, मृदुल शर्मा, सोनु विष्वकर्मा, उत्तम जायसवाल, अजय वर्मा, निर्मल कोली, ऋषी कसोटिया, विकास राय, धमेन्द्र वर्मा, सुनील सेन, हेमन्त परमार, सुशील वर्मा, अरूण वर्मा, अनील गौस्वामी, विवके राय, धर्मेन्द्र गौस्वामी, मनीष मेवाडा,  विनीत त्यागी, बब्लु कलेशरिया, कमलेश यादव, गजेन्द्र सिसोदिया, पिंकेश कटारिया आदि उपस्थित थे। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (04 जून)

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नटेरन का प्रभार श्री अहिरवार को 

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने नटेरन एसडीएम का अतिरिक्त प्रभार विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार को सौंपा है। श्री अहिरवार उपखण्ड अधिकारी विदिशा के साथ-साथ उपखण्ड अधिकारी नटेरन के कार्यो को सम्पादित करेंगे। जारी आदेश में उल्लेख है कि नटेरन एसडीएम श्री मकसूद अहमद एक माह के प्रशिक्षण पर जिले से बाहर गए हुए है।

तैयारियों संबंधी बैठक छह को 

कलेक्टर श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में छह जून को आपदा प्रबंधन संबंधी बैठक आयोजित की गई है जो टीएल बैठक के उपरांत कलेक्टेªट के सभाकक्ष में होगी। अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियों की गहन समीक्षा उक्त बैठक में की जाएगी। सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विभागीय तैयारियों एवं कार्ययोजना सहित नियत समय पर बैठक में उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

समापन समारोह छह को

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह कार्यक्रम छह जून को आयोजित किया गया है। जिला खेल परिसर (स्टेडियम) में सांय पांच बजे से प्रारंभ होने वाले उक्त कार्यक्रम में उत्कृष्ट खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। जिला खेल अधिकारी श्रीमती वाणी साहू ने बताया कि जिले में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन एक मई से पांच जून तक जिला मुख्यालय एवं खण्ड मुख्यालय पर एक साथ किया गया था।

तहसीलदारों की नवीन पदस्थापना 

प्रशासकीय कार्यो की सुविधा दृष्टि को ध्यानगत रखते हुए कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले में पदस्थ तहसीलदारों की नवीन पदस्थापना के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेशानुसार तहसीलदार श्री शत्रुधन सिंह चैहान की नवीन पदस्थापना कुरवाई की गई है श्री चैहान को पठारी का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इसके अलावा श्री इसरार खाॅन को गंजबासौदा में तहसीलदार पद पर नवीन पदस्थापना की गई है।

मथुरा कांड: क्या संरक्षणदाता तक पहुंचेगी पुलिसिया हाथ?

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रामवृक्ष के संरक्षणदाता तक पुलिस के हाथ पहुंच पाएंगे, इसमें संदेह है। क्योंकि संरक्षणदाता कोई और नहीं बल्कि अखिलेश सरकार के शीर्ष नेतृत्व के लोग ही है। जिसके आगे मथुरा के कई उच्च पुलिस अधिकारी दुम हिलाते नजर आते है। क्या पुलिस जांच के दौरान उस हस्ती तक पहुंच पायेगी जिसने जयगुरुदेव की मृत्यु के पश्चात जयगुरुदेव के ड्राइवर पंकज यादव को 42 हजार करोड़ रियल एस्टेट का उत्तराधिकारी बनवाया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मथुरा घटना का खलनायक रामबृक्ष यादव भी जयगुरुदेव की संपत्ति का प्रवल दावेदार था। लेकिन उसी शीर्ष नेतृत्व ने समझा-बूझाकर मामले को न सिर्फ रफा-दफा करवाया बल्कि मथुरा के जवाहरबाग पार्क में रहने एवं कब्जा की अनुमति भी दिलवाई। हाईकोर्ट का आदेश नहीं होता कुछ हो भी नहीं पाता। क्योंकि इसके पहले जब भी पुलिस जिला न्यायालय के आदेश पर कब्जा हटाने गयी उसी वक्त उक्त शीर्ष नेतृत्व का फोन आता था कि वहां किसी भी प्रकार का बखेड़ा नहीं खड़ा होना चाहिए, पुलिस लौट जाया करती थी। आगरा के कमिश्नर ‘प्रदीप भटनागर‘ से जांच छीनकर अलीगढ के कमिश्नर को दिया जाना इसी कड़ी का हिस्सा है। प्रस्तुत है सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी ग्राउंड जीरों से एक विस्तृत रिपोर्ट -     

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बेशक, कृष्ण की नगरी मथुरा यूं नही दहली, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश व सत्ता संरक्षण का खेल है। इसकी बड़ी वजह है कि कब्जाई वाली 280 एकड़ भूमि जिला प्रशासन यानी डीएम-एसएसपी के बंगले से सटा हुआ है। पूरा गांव सत्याग्रहियों के आतंक से त्रस्त था। सवाल यह है कि जब वहां का हर सख्श त्रस्त था, ये एसडीएम समेत कई सरकारी आफिसरों-कर्मचारियों पर धावा बोल चुके है। बावजूद इसके डीएम-एसएसपी को इनकी ताकत व कार्यप्रणाली का अंदाजा नहीं लगा, यह किसी के गले नहीं उतर रहा। मतलब साफ है इन्हें सरकार के किसी बड़े नेता का संरक्षण प्राप्त था इंकार नहीं किया जा सकता। रहा सवाल जांच के आदेश का तो आगरा के कमिश्नर से जांच छीनकर सत्ता के चहेते अलीगढ़ कमीश्नर से जांच करवाने की मंशा भी लोग समझ गए है कि जांच जिस स्तर की होनी है। वैसे भी दो पुलिस अफसरों समेत 25 लोगों की जिंदगिया काल कलवित होने के बाद सरकार एवं पुलिस की तरफ से जो सफाई दी जा रही है वह समझने के लिए काफी है मामले की लीपापोती शुरु हो चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर पुलिस सुराग लेने ही गई थी तो क्या इसकी सूचना रामवृक्ष को दी थी क्या कि हम कब्जा हटाने आ रहे है। तुम लोग हमले के लिए तैयार हो जाओं। जबकि सच तो यह है कि दो दिन के लिए धरना देने के नाम पर जवाहर बाग में डेरा डालने वालों को दो साल तक बने रहने के लिए न सिर्फ उन्हें खाद, पानी-बिजली तक मुहैया कराया गया, बल्कि पेंशन, राशन कार्ड से लेकर मतदाता सूची में नाम तक दर्ज करवाया गया। सूत्रों पर यकीन करें तो रामवृक्ष 2017 में टिकट के लिए प्रबल दावेदारों में से एक था, शीर्ष नेतृत्व द्वारा तैयारी का आश्वासन भी मिला हुआ था। 

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रामवृक्ष का मनोबल बढ़ने का शायद यही वजह भी है, जिसने हरियाणा के उस रामपाल को भी पीछे छोड़ दिया जिससे निपटने में खट्टर सरकार के पसीने छूट गए थे। यह अकल्पनीय नही ंतो और क्या है कि अजीबों-गरीब मांगें रखने वाला कोई शख्स प्रशासन के नाक के नीचे और डीएम-एसपी के बंगले से सटे चहारदीवारी के बीच न सिर्फ असलहों का जखीरा इकठ्ठा कर लें बल्कि 5 हजार से अधिक समर्थक भी तैयार कर ले। लेकिन संरक्षण का ही वरदान था कि रामवृक्ष यादव ने जवाहर बाग में काबिज होकर हर किसी को चुनौती देता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस-प्रशासन उसे वहां से निकालने में नाकाम रहा। यदि उच्च न्यायालय ने दखल नहीं दिया होता तो संभवतः अभी भी मथुरा पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई करने की बात तो दूर अदालत के कड़े रुख से पहले इस जमीन को पट्टे पर दिए जाने की कोशिशें की जा रही थीं। खास बात यह है कि जिन लोगों के जरिए इस जमीन पर कब्जा किया गया था, उन्हें भी यहां यह कहकर लाया गया था कि उन्हें न सिर्फ वहां घर मिलेगा बल्कि आजीवन भोजन और पेंशन भी मिलेगी। बता दें, बागवानी की इस जमीन को लगभग 27 महीने पहले दो दिन के लिए कथित तौर पर सत्याग्रहियों को यहां रुकने के लिए अनुमति दी गई थी। लेकिन इसके बाद लंबे समय तक इस जमीन को खाली कराने की कोशिश ही नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि इस जमीन पर कब्जा करने वालों ने न सिर्फ इस पूरे एरिया में रहने के लिए झुग्गियां बना लीं बल्कि कई और सुविधाएं भी जुटा लीं। सवाल है कि जब यह सब कुछ हो रहा था, उस समय स्थानीय प्रशासन इस ओर आंखें क्यों मूंदे रहा। अवैध कब्जा करने वालों को लेकर कभी भी राजनीतिक दलों ने भी आवाज नहीं उठायी। इसकी वजह संभवतः वोटों की राजनीति ही थी। क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में असलहे जवाहर बाग जैसे इलाके में जमा हो रहे हों और पुलिस और इंटेलीजेंस को इसकी खबर ही न हो, संभव नहीं है। एलआईयू डीएम और एसएसपी को हर दिन की रिपोर्ट देती है। यह रिपोर्ट एडीजी के जरिए सीएम, डीजीपी, मुख्य सचिव तक जाती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जहां तक ऑपरेशन का सवाल है तो इसके लिए एलीमेंट ऑफ सरप्राइज होना चाहिए। ऑपरेशन के लिए सुबह के तीन से चार बजे का समय चुनना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सपा के नेताओं को इस सवाल का जवाब देना होगा कि आखिर उनके सत्ता में आने पर ही ऐसी स्थिति क्यों बनती है? इसके साथ ही इस सवाल का भी जवाब खोजने की कोशिश करनी होगी कि सनकी और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अपने अनुयायी कैसे तैयार कर लेते हैं? रामवृक्ष यादव वही शख्स है जिसके कारण मथुरा में मौत का तांडव हुआ। एक रुपये प्रति लीटर डीजल और पेट्रोल बेचने और देश भर में सोने के सिक्के चलाए जाने की अजीबोगरीब मांग करने वाला रामवृक्ष मूलतः यूपी के गाजीपुर के मरदह थाने का रहने वाला है। गाजीपुर से उसने शुरुआती पढ़ाई की और मऊ डीसीएसके कॉलेज से उसने स्नातक किया। करीब 5000 कथित सत्याग्रहियों का ये सरगना पहले जयगुरुदेव का शिष्य हुआ करता था। उसने जयगुरुदेव के विरासत के लिए भी दावेदारी की कोशिश की थी। कहा जाता है कि जयगुरुदेव के मृत्यु के बाद विरासत के लिए तीन गुटों में टकराव हुआ जिसके बाद पंकज यादव जयगुरुदेव का उत्ताराधिकारी बना। 

समर्थन नहीं मिलने पर रामवृक्ष अलग गुट बनाकर 15 मार्च 2014 को करीब 200 लोगों के साथ मथुरा आ गया। इसने प्रशासन से यहां रहने के लिए दो दिन की इजाजत ली। लेकिन, दो दिन बाद भी वो यहां से हटा नहीं। रामवृक्ष यादव शुरुआत में यहां एक छोटी सी झोपड़ी बना कर रहता था। धीरे-धीरे यहां पर और झोपड़ियां बनीं। इसके बाद उसने 270 एकड़ जमीन पर अपनी सत्ता चलाने लगा। रामवृक्ष यादव इतना ताकतवर हो गया कि प्रशासन भी उसका कुछ नहीं कर पा रहा था। हैरान करने वाली बात ये है कि प्रशासन को पिछले दो साल में उनकी करतूतों की भनक तक न लगी। अपनी गुंडागर्दी और अपराध को वह एक संस्था के नाम पर अंजाम देता रहा। इस संस्था का नाम आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही है। रामवृक्ष यादव पर मथुरा में 2014 से लेकर 2016 तक 10 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। जिसमें पुलिस अधिकारयों पर हमला, सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा शामिल हैं। रामवृक्ष यादव मीसा एक्ट में जेल भी जा चुका है। यूपी सरकार इसे 15 हजार रुपए का पेंशन भी देती है। 70 साल का रामवृक्ष यादव लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है। 1984 में गाजीपुर सीट से इसने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ा था और उसे 3277 वोट मिले थे। रामकृष्ण जयगुरुदेव की तरह ही आश्रम बनाना चाहता था लेकिन इसके कब्जे के खिलाफ मामला इलाहाबाद कोर्ट में चला गया। हाईकोर्ट ने इसे खाली करने का आदेश दिया। रामवृक्ष यादव इस आदेश के खिलाफ कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए उस पर 50 हजार का जुर्माना भी लगा दिया। कोर्ट के आदेश के बाद लगातार तीन दिन से पुलिस इस जगह को खाली करने की घोषणा कर रही थी। इस दौरान रामवृक्ष यादव शूटरों और अपराधियों को अपने कैंप में रखने लगा। कहा जाता है कि 5 हजार लोग उसके लिए काम करते थे। उसी कहने के पर इस पूरी झड़प को हिंसक रुप से अंजाम दिया गया। पुलिस के साथ हिंसप झड़प में ये मारा गया है जिंदा है ये अब पहेली बन गया है। ऑपरेशन जवाहर बाग की सारी योजना फेल हो गई। दो पुलिस अधिकारियों की शहादत और 22 अन्य मौतों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मथुरा में बड़ी चूक हुई है। वहीं, पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद का बयान इसके एकदम उलट था। उन्होंने किसी गलती को सीधे खारिज कर दिया। कहा कि पुलिस ऑपरेशन नहीं, रेकी करने गई थी। ऑपरेशन दो-तीन दिन बाद होना था, मगर उपद्रवियों ने अप्रत्याशित हमला बोल दिया। उपद्रवियों से भारी संख्या में हथियार मिले हैं। अंदर नक्सलियों की तर्ज पर गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी। वहीं, शासन ने एक दिन बाद ही जांच कमिश्नर आगरा प्रदीप भटनागर से लेकर कमिश्नर अलीगढ़ चंद्रकांत को सौंप दी गई। 

उधर, मथुरा पुलिस का अब डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया। ऑपरेशन के लगभग एक घंटे पहले पूरी तैयारियों का दंभ भरने वाले अफसरों के चेहरों पर खौफ नजर आने लगा। जल्दबाजी और लापरवाही के आरोपों से घिर अफसरों के लिए पुलिस के मुखिया का बयान राहत लेकर आया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने खुद कहा कि ये ऑपरेशन नहीं था, मगर सवाल अब भी वहीं खड़े हैं कि फिर डीएम राजेश कुमार और एसएसपी राकेश सिंह ने कल कैसे कह दिया था कि वह पूरी तैयारी के साथ ऑपरेशन जवाहर बाग शुरू कर रहे हैं। सही यह है कि पुलिस और प्रशासन इन कथित सत्याग्रहियों की ताकत को नाप ही नहीं सका? किसी भी सख्श के गले के नीचे नहीं उतर रहा। खासकर प्रशासन द्वारा यह कहा जाना कि उसने सारे सबूत नष्ट कर दिए। जबकि समझा जा सकता है कि जिस सख्श पर गोलिया दग रही हो अपनी जान बचायेगा कि पहले सबूत जलाएगा। जबकि सच तो यह है कि संरक्षण के चलते उसने न सिर्फ सरकारी व्यवस्था के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहा बल्कि देखते ही देखते अपना बड़ा साम्राज्य फैला लिया। पांच साल में उसने हजारों समर्थक, दौलत और हथियारों की ताकत जुटा ली थी। खुद को जयगुरुदेव का समर्थक बताने वाले रामवृक्ष यादव की राजनैतिक क्षेत्र में इतनी अच्छी पैठ हो गई थी कि उसे 2017 में चुनाव लड़ने का आॅफर मिल गया। यह आॅफर कहीं और से नहीं बल्कि संरक्षणदाता एवं सरकार के शीर्ष नेतृत्व की ओर से था। संरक्षण का ही तकाजा रहा कि दो साल तक जवाहर बाग में कोई टस से मस नहीं कर पाया था। यहां तक कि एक साल तो हाईकोर्ट के आदेश भी कुछ न कर सके। यह पहली बार नहीं है जब कानून एवं व्यवस्था के मामले में अखिलेश यादव सरकार कठघरे में खड़ी हुई हो। ऐसा रह-रहकर होता रहता है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं जिनसे यही पता चलता है कि राज्य सरकार कानून एवं व्यवस्था के प्रति उतनी सजग-सक्रिय नहीं जितना उसे होना चाहिए। ऐसा तब है जब यह धारणा पहले से ही बनी हुई है कि सपा जब भी सत्ता में आती है तो कानून एवं व्यवस्था के समक्ष चुनौतियां बढ़ जाती हैं। सबसे खराब बात यह है कि न केवल किस्म-किस्म के अपराधी तत्व बेलगाम होते दिखते हैं, बल्कि उनके दुस्साहस का शिकार पुलिस भी बनती है। यह सामान्य बात नहीं कि पिछले चार वर्षो में पुलिसकर्मियों पर हमले की एक हजार से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सपा के नेताओं को इस सवाल का जवाब देना होगा कि आखिर उनके सत्ता में आने पर ही ऐसी स्थिति क्यों बनती है? इसके साथ ही इस सवाल का भी जवाब खोजने की कोशिश करनी होगी कि सनकी और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अपने अनुयायी कैसे तैयार कर लेते हैं? 

हाल ही में मथुरा हाईवे स्थित जयगुरुदेव पेट्रोल पंप पर करीब एक दर्जन वाहनों के काफिले के साथ आए रामवृक्ष यादव ने वाहनों के लिए एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल और एक रुपये में 60 लीटर डीजल मांगा था। इस बात को लेकर पेट्रोल पंप पर झगड़ा हुआ। रामवृक्ष ने अपने समर्थकों के साथ हथियारों और फरसों से हमला बोल दिया, जिसमें आश्रम का कर्मचारी रवि गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसका मुकदमा दर्ज हुआ। बताते हैं इसी घटनाक्रम के बाद जय गुरुदेव ने रामवृक्ष यादव को अपने से अलग कर दिया। इसके बाद रामवृक्ष यादव ने अपना जाल फैलाना शुरु किया। इमरजेंसी के दौर में वह लोकतंत्र सेनानी पेंशन पा रहा था। इसी तरह की पेंशन और जवाहर बाग में प्लॉट देने का झांसा देकर उसने लोगों के घर और जमीन बिकवाए। उनका पैसा हासिल करने के बाद जवाहर बाग में पनाह देना शुरू कर दिया। लोग उसके झांसे में आते गए और कुनबा बढ़ता गया। रामवृक्ष यादव इतना ताकतवर हो गया कि प्रशासन भी उसका कुछ नहीं कर पा रहा था। हैरान करने वाली बात ये है कि प्रशासन को पिछले दो साल में उनकी करतूतों की भनक तक न लगी। अपनी गुंडागर्दी और अपराध को वह एक संस्था के नाम पर अंजाम देता रहा। इस संस्था का नाम आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही है। कोर्ट के आदेश के बाद लगातार तीन दिन से पुलिस इस जगह को खाली करने की घोषणा कर रही थी। इस दौरान रामवृक्ष यादव शूटरों और अपराधियों को अपने कैंप में रखने लगा। कहा जाता है कि 5 हजार लोग उसके लिए काम करते थे। उसी कहने के पर इस पूरी झड़प को हिंसक रुप से अंजाम दिया गया। पुलिस के साथ हिंसप झड़प में ये मारा गया है जिंदा है ये अब पहेली बन गया है। सवाल यह है कि जो सख्श दो साल पहले किसी मामले में कलक्ट्रेट स्थित वटवृक्ष के नीचे आंदोलन के लिए आया उसे तत्कालीन जिलाधिकारी विशाल चैहान किसके कहने पर जवाहर बाग में भेज दिया। जब धरने की अनुमति सिर्फ दो दिन की थी, तो साल तक कैसे रुक गया। साथ ही जयगुरुदेव को अगवा किए जाने की अपील स्थानीय जिला जज के यहां दाखिल की और पंकज बाबा, रामप्रताप सिंह और उमांकात तिवारी को प्रतिवादी बना दिया। रामवृक्ष यादव ने तब अफसरों से कह दिया कि उनका मामला अदालत में विचाराधीन है और जब तक इसका फैसला नहीं आएगा, जवाहर बाग में उनका पड़ाव जारी रहेगा। इस पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारी वापस लौट आए। इसके बाद कथित सत्याग्रहियों ने जवाहर बाग पर कब्जा करने के लिए पहले टेंट ताने और फिर उद्यान कर्मियों को भी धमकाना और मारपीट कर भगाना शुरू कर दिया। स्टोर और नलकूप पर कब्जा कर लिया। कब्जे को हटवाने के लिए तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट हेम सिंह और एसओ सदर प्रदीप पांडेय इनके शिविर में गए, तो दोनों अफसरों को बंधक बना लिया। रिहा करने को गई फोर्स को कथित सत्याग्रहियों ने दौड़ा दिया। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट और एसओ सदर मामूली घायल भी हो गए थे। डीएम विशाल कुमार चैहान के यहां से तबादला होने के बाद बी. चंद्रकला की तैनाती गई और इधर एसएसपी नितिन तिवारी आ गए। इस दौरान उद्यान कर्मियों से की मारपीट के मामले में एसपी सिटी मनोज सोनकर, सीओ सिटी अनिल कुमार यादव जवाहरबाग में गए। इन्हें भी सत्याग्रहियों ने घेर लिया। जैसे-तैसे फोर्स इन्हें बाहर लेकर आया, लेकिन इसके कुछ दिन बाद फोर्स ने कार्रवाई की, तो कथित सत्याग्रहियों ने हमला कर दिया। इसमें कोतवाल कुंवर सिंह यादव घायल हुए। मीडिया पर भी हमला किया गया। एसएसपी नितिन तिवारी ने जवाहर बाग को कथित सत्याग्रहियों से खाली कराने की योजना बनाई, लेकिन शासन स्तर से हरी झंडी नहीं दिखाई गई। डीएम बी. चंद्रकला के तबादले के बाद डीएम राजेश कुमार की नियुक्ति की गई। इसी बीच कथित सत्याग्रहियों ने उद्यान कर्मियों से मारपीट कर दी। एसएसपी मंजिल सैनी ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर तीन सत्याग्रहियों को जेल भेज दिया। इसी के साथ कथित सत्याग्रहियों से जवाहर बाग को खाली कराने के लिए पुलिस फोर्स की मांग तेज कर दी गई, मगर मंजिल सैनी का इटावा ट्रांसफर हो गया और इनके स्थान पर डॉ. राकेश कुमार सिंह को इटावा से मथुरा भेजा गया। अप्रैल के पहले सप्ताह में तहसील पर हमला करने पर वर्तमान जिलाधिकारी राजेश कुमार और एसएसपी डॉ. राकेश सिंह ने ऑपरेशन जवाहरबाग की रूपरेखा बनानी शुरू की। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय पाल तोमर ने 20 मई 2015 को जवाहर बाग को खाली कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। कार्रवाई न होने पर कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी। हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए जिला प्रशासन ने प्रमुख सचिव गोपनीय (गृह) को पत्र लिखा। एसएसपी डॉ. राकेश सिंह ने एडीजी कानून व्यवस्था, आइजी और डीआइजी से फोर्स की मांग की। आइजी पीएसी एसबी शिरोड़कर की रिपोर्ट पर डीआइजी अजय मोहन शर्मा ने आगरा, मैनपुरी और फीरोजाबाद का फोर्स आवंटित कर दिया, जबकि पीएसी भी भेज दी गई। लेकिन शासन ने एडीएम, एसडीएम, एसपी, सीओ और महिला पुलिस आवंटित नहीं की। इधर, तहसील पर हमला होने के बाद जवाहर बाग को खाली कराने के लिए आंदोलन शुरू हो गए और प्रशासन पर दबाव बढ़ता चला गया। पांच बार कार्ययोजना भी बनाई गई, लेकिन हर बार फोर्स न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी। प्रशासन ने सत्याग्रहियों को पुलिस का भय दिखाकर निकालने के लिए दो महीने तक समय दिया। बिजली काट दी गई और दूध की सप्लाई भी दो दिन पहले बंद कर दी गई थी।  कलक्ट्रेट रोड स्थित जवाहर बाग का मुख्य एंट्री गेट तहसील के बगल में है, जबकि बाग का एरिया सरकारी भवनों से घिरा है। दो जून को दोपहर चार बजे से डीएम-एसएसपी ने बैठक की और फिर किसी भी क्षण ऑपरेशन शुरू करने का एलान कर दिया। ऑपरेशन की कार्रवाई जिस अंदाज से की गई, उससे फोर्स भी वाकिफ नहीं था। शाम लगभग पांच बजे एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के नेतृत्व में फोर्स जेल की आवासीय कॉलोनी के संकरे रास्ते से बाग की बाउंड्री तक पहुंचा। इसके बाद जेसीबी मशीन से बाउंड्री तोड़ना शुरू हो गया। यह कथित सत्याग्रहियों के लिए रोज के फ्लैग मार्च की तरह कतई नहीं था। एक तरफ दीवार टूट रही थी और दूसरी तरफ वे मोर्चा संभालन में जुट गए। दीवार गिरने के साथ ही एसपी सिटी माइक लेकर फोर्स के साथ अंदर घुसे और शांतिपूर्ण तरीके से कब्जा छोड़ने की अपील शुरू की। इस क्षण तक कोई भी पुलिस अफसर और इंटेलीजेंस कथित सत्याग्रहियों के अगले कदम का आकलन ही नहीं कर पाई और दूसरी तरफ से हमला शुरू हो गया। पहले राउंड में हमले में एसओ फरह संतोष यादव और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के घायल होने के बाद हालात बिगड़ गए। शुक्र रहा कि हमले में केवल एक रंगरूट को चोट आई। बाद में इन्हीं ने लाठियों से मोर्चा संभाला। कथित सत्याग्रहियों के पथराव के पहले दौर के जवाब में पुलिस ने अश्रु गैस के गोले दागे, मगर हवा के उलटे रुख ने पुलिस के कदम उखाड़ दिए। गैस उसी दिशा में बही जहां पुलिस थी, जिसके चलते पीछे हटना पड़ा। कुछ देर बाद जब हवा ने रुख बदला तब तक पुलिस के गोले खत्म हो चुके थे। इसके बाद जब फायरिंग हुई तो गोलियां खत्म हो गईं। हमले में घायल हुए दरोगा के मुताबिक सबसे बड़ी नाकामी खुफिया तंत्र की रही। जेसीबी मशीन से दीवार तोड़े जाते समय तक खुफिया तंत्र का अधिकारी दरोगाओं को यह बताता रहा कि आज कार्रवाई नहीं होगी। कदम-कदम पर साथ चलने वाले पुलिस और प्रशासन के अफसर में दूरियां साफ दिखीं। एक तरफ डीएम-एसएसपी साथ तो बाकी प्रशासन के अफसरों का कोई पता नहीं चला। कार्रवाई में शामिल एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि पहले हमले के बाद कोई किसी को दिखा ही नहीं। घायलों में सबसे ज्यादा पुलिस वाले ही हैं।

घायल भी हुए रफूचक्कर 
ऑपरेशन के दौरान घायल हुए कथित सत्याग्रहियों को जिला अस्पताल और वृंदावन सौ शैया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह ये लोग रफूचक्कर हो चुके थे। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि इस दौरान मौजूद पुलिस वालों ने भी उनको नहीं रोका। इसी बीच फरह क्षेत्र में अस्थायी जेल में गुरुवार रात लाए गए करीब चार सौ कथित सत्याग्रही भी शुक्रवार सुबह भगा दिए गए। ऐसा प्रशासन ने सिर्फ इसलिए किया कि जिससे अंदर क्या हुआ और किस नेता के संपर्क में रामवृक्ष था इसकी पोल न खुल जाएं। बताया जाता है कि इन सत्याग्रहियों की पहले जमकर पिटाई की गई और फिर इन्हें यहां से भगा दिया गया। यहां जिक्र करना जरुरी है कि लखनऊ से लेकर मथुरा तक तमाम मीटिंग के दौर चले। कई बार ऑपरेशन का रिहर्सल हुआ। ड्रोन उड़ा कर कैमरे से बाग के अंदर की तस्वीरें और बाग में मौजूद लोगों की सही तादाद पता करने की कोशिश की गई। लोकल और खुफिया एजेंसियों से अलग जानकारी जुटाई गई। इस ऑपरेशन के लिए आईजी, डीआईजी खुद डेरा डाले रहे। पुलिस और प्रशासन की आखिरी बैठक हुई। ऑपरेशन के लिए हरी झंडी मिली और फिर ऑपरेशन की तारीख 2 जून तय हुई। पुलिस ने जवाहर बाग की पीछे की चारदीवारी को तोड़कर बाग पर काबिज लोगों के लिए रास्ता बना दिया ताकि वो वहां से निकल सकें। बाग के पीछा का रास्ता कलेक्ट्रेट की तरफ जाता है। रणनीति ये थी कि पुलिस मेन गेट से जवाहर बाग के अंदर घुसेगी और बाग पर काबिज लोगों को धेकलते हुए पीछे के रास्ते से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर देगी। फिर उन्हें कलेक्ट्रेट के करीब गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीएसी, आरएएप और लोकल पुलिस के करीब पांच सौ जवानों की टुकड़ी चारों तरफ से जवाहर बाग को घेर चुकी थी। एहतियात के तौर पर मथुरा-आगरा के बीच का मार्ग भी बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बागवानी की इस जमीन को लगभग 27 महीने पहले दो दिन के लिए कथित तौर पर सत्याग्रहियों को यहां रुकने के लिए अनुमति दी गई थी। लेकिन इसके बाद लंबे समय तक इस जमीन को खाली कराने की कोशिश ही नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि इस जमीन पर कब्जा करने वालों ने न सिर्फ इस पूरे एरिया में रहने के लिए झुग्गियां बना लीं बल्कि कई और सुविधाएं भी जुटा लीं। सवाल है कि जब यह सब कुछ हो रहा था, उस समय स्थानीय प्रशासन इस ओर आंखें मूंदे रहा।

राशन कार्ड के साथ ही मतदाता सूची भी बना 
स्थानीय प्रशासन की बदौलत ही यहां रहने वालों को तो राशन कार्ड तक दिए जा रहे थे। जबकि यह सभी को मालूम था कि ये सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोग हैं लेकिन उन्हें इसके बावजूद राशन कार्ड तक दिए जा रहे थे। सपा के एक नेता ने दन सभी का मतदाता सूची में भी नाम दर्ज कराया। इससे पता चलता है कि स्थानीय प्रशासन भी किसी न किसी बड़े राजनेता के इशारे पर ही काम कर रहा था। 

सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है मथुराकांड 
मथुरा की घटना से साफ है कि देश में संगठित अराजकता की न जाने कितनी किस्में सिर्फ मौके की तलाश में हैं। क्यों इसे समय से रोकने की पहल नहीं हो पातीध् क्यों एक छोटी सी फुंसी को नासूर बन जाने के मौके दिए जाते हैं। पहले छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अनदेखा किया जाता है, उनके जरिए अपना हित साधने की कोशिश की जाती है, फिर वही चूक पूरे समाज के लिए महंगी साबित होती है। मथुरा में ‘जयगुरुदेव संगठन’ से निकले ‘भारत विधिक संघ’ के कथित सत्याग्रहियों ने करीब दो साल से मथुरा के जवाहर बाग पर कब्जा कर रखा था, जो कि उद्यान विभाग की संपत्ति है। 

आशीयाना 
धरने की आड़ में मथुरा के जवाहर बाग में कब्जा जमाए ‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही‘ नाम के संगठन ने सत्ता के खिलाफ ही समानांतर व्यवस्था खड़ी कर दी थी। जवाहर बाग की करीब 280 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाए 3 हजार से ज्यादा लोगों ने रामवृक्ष यादव के नेतृत्व में सत्ता को चुनौती देने के लिए हथियारों से लेकर हर उस सामान को जमा कर रखा रखा था, जिससे वह सरकार के खिलाफ लड़ सकें। बाग के मुख्य गेट से लेकर चारदीवारी तक पर हथियार बंद लोग 24 घंटे पहरा देते थे। करीब 20 दिन पहले जब प्रशासन ने बाग के अंदर की बिजली और पानी का कनेक्टशन काट दिया, तो उन्होंने सोलर पैनल से बिजली और सबमर्सिबल पंप लगाकर पानी की व्यवस्था कर ली थी। जवाहर बाग को कई घंटे के ऑपेरशन के बाद खाली करा छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया है। जवाहर बाग में फोर्स के अलावा किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी गई। अंदर का नजारा ठीक ऐसा था कि जैसे कोई छोटा शहर पूरी तरह से आग में जल कर तबाह हो गया हो। बाग की चारदीवारी के अंदर हर वो सुविधा उपलब्ध थी, जिससे महीनों तक बिना बाहर से संपर्क किए जिंदा रहा जा सकता था। बाग के अंदर कई टन गेहूं, धान समेत महीनों के लिए रसद इकट्ठा थी। यहां रहने वाले आपस में मिलकर काम करते थे और सबको खाना देने के लिए सामूहिक किचन बनाया गया था। 

पंचायत चुनाव (मधुबनी) : प्रमाण पत्र के साथ दिया जायेगा घोषणा पत्र

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मधुबनी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीतने वाले सभी प्रत्याशियों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण ढ़ाचा (2015-30) का घोषणा पत्र प्रमाण पत्र के साथ दिया जाएगा. बिहार सरकार आपदा प्रबंधन विभाग प्रतिनिधियों के सुझाव के आलोक में 14 मई 2015 को उक्त घोषणा पत्र का पंजीकरण किया गया. जिनमें दस प्रतिबद्धताएं समाहित है. जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 12 हजार 455 जन प्रतिनिधि चुने जायेंगे.

तैयारी में जुटा आपदा प्रबंधन विभाग: जिले में बाढ़ से बचाव की सभी सुरक्षात्मक उपायों के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने कमर कस ली है. विभाग द्वारा जिले के कोसी कमला, बलान, भूतही बलान व अधवारा समूह के नदियों पर पूर्व में बनाये गये तटबंधों को सुदृढ़ कर लिया जा रहा है. तटबंधों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर अभियंताओं के साथ गृह रक्षक जवानों को आगामी 15 जून से 21 जून तक के लिए लगाया जायेगा.

इस कार्य के लिए 239 गृह रक्षक जवानों को लगाया गया है. 63 नये नावों का निर्माण व 104 पुराने सरकारी नावों की मरम्मति करायी जा रही है. दुसरी ओर कोसी नदी  के 5 इंजन युक्त नाव की आपूर्ति के लिये निविदा पॉलीथिन की भी निविदा निकाल दिया गया है. उक्त जानकारी जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय सूत्रों ने दिया. गौरतलब हो, कि मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान के अनुसार इस बार माॅनसून अच्छे रहने की संभावना बतायी जा रही है. लिहाजा बाढ़ से प्रभावित होगी है. इसलिए अपनी पूरी तैयारी में जुट गया है.

उत्तर-पश्चिम तथा मध्य भारत को गर्मी से राहत नहीं

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नयी दिल्ली 04 जून, उत्तर-पश्चिम तथा मध्य भारत में अगले दो-तीन दिन गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान दोनों क्षेत्रों में अधिकतम तापमान ऊंचा बना रहेगा तथा कुछ स्थानों पर गर्म हवाएं भी चल सकती है। मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्रों, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में रविवार को गर्म हवाओं की चेतावनी दी है। इन क्षेत्रों तथा विदर्भ के कुछ इलाकों में शनिवार को भी गर्म हवाएं चलीं। राजस्थान और मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में सोमवार को गर्म हवाएं चलने की संभावना है। फिलहाल इन इलाकों में तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस तक ऊपर बना हुआ है। 

विभाग ने कहा है “उत्तर पश्चिम तथा केंद्रीय भारत में दो-तीन दिन तक अधिकतम तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है।” दिल्ली में आज अधिकतम तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस रहा। 08 जनू तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे ऊपर रहने तथा अगले दो दिन 38 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। आज न्यूनतम तापामान 30 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सोमवार के बाद से न्यूनतम तापमान में भी गिरावट का सिलसिला शुरू होगा। वहीं, आँध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में कुछ स्थानों पर रविवार को भारी बारिश हो सकती है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल के हिमालय की तराई वाले इलाकों, सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, लक्षद्वीप तथा केरल में बारिश की संभावना बताई गई है।वहीं, मानसून के बारे में कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले तीन दिन में केरल पहुँचने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।

आतंकवादी हमले में अधिकारी समेत दो पुलिसकर्मी शहीद

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श्रीनगर 04 जून, दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों की ओर से किये गये हमले में जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी समेत दो अन्य पुलिसकर्मी शहीद हो गये। पुलिस ने यूनीवार्ता को बताया कि जिले के बस अड्डे के समीप आतंकवादियों की ओर से कल की गई अंधाधुध गोलीबारी में जम्मू कश्मीर पुलिस के एक सहायक निरीक्षक और एक कांस्टेबल गंभीर रुप से घायल हो गये । दोनों को इलाज के लिये शीघ्र ही अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि आतंकवादी भागने में सफल रहे। आतंकवादियों की तलाशी के लिये सुरक्षा बलाें की ओर से अभियान शुरु किया गया है। गौरतलब है कि बिजबेहडा क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन की तरफ से कल किये गये हमले में सीमा सुरक्षा बल के तीन जवान शहीद हो गये थे।

मुक्केबाजी के युगपुरुष मोहम्मद अली का निधन

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वाशिंगटन, 04 जून, मुक्केबाजी के युगपुरुष और तीन बार के विश्व चैंपियन मोहम्मद अली का शनिवार को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रिंग के अंदर और बाहर अपने व्यक्तित्व एवं विवादों से घिरे रहे मोहम्मद अली पिछले तीन दशक से पारकिंसन बीमारी से जूझ रहे थे। सूत्रों के अनुसार पूर्व हैवीवेट चैंपियन और ‘द ग्रेटेस्ट’ के नाम ये मशहूर अली को दो दिन पूर्व सांस लेने में तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका निधन हो गया। अली के पारिवारिक प्रवक्ता बॉब गनेल ने निधन की पुष्टि करते हुए कहा “32 वर्ष तक पारकिंसन बीमारी से जूझने के बाद 74 वर्ष की आयु में अली का निधन हो गया। 

तीन बार के विश्व हैवीवेट चैंपियन अब हमारे बीच नहीं रहे।” 17 जनवरी 1942 को अमेरिका के केंचुकी के अश्वेत परिवार में जन्में अली के बचपन का नाम कैशियस क्ले था। वर्ष 1965 में उन्होंने इस्लाम धर्म ग्रहण करने के बाद खुद को अश्वेत मुस्लिम घोषित कर दिया तथा नाम बदलकर मोहम्मद अली रख लिया। उन्होंने चार शदियां की जिससे उनकी कुल नौ संतानें हैं जिनमें से सात बेटियां तथा दो बेटे हैं। मुक्केबाजी छोड़ने के बाद वर्ष 1984 में अली के पारकिंसन की बीमारी का पता चला था। अली गत वर्ष जनवरी में अंतिम बार पेशाब की नली में संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे। अली को रिंग में विराेधियों को चित करने के अलावा नस्लभेद के खिलाफ सशक्त रुप से आवाज बुलंद करने की वजह से भी 20वीं सदी की महान शख्सियतों में शुमार किया जाता है।

खडसे पर देशद्रोह का मुकदमा दायर हो : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 04 जून, कांग्रेस ने जमीन घोटाले में फंसे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नजदीकी बताते हुए आज कहा कि उनका इस्तीफा पर्याप्त नहीं है और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने श्री खडसे के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है और करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन औने पौने दाम पर अपने रिश्तेदार को दिलाने में मदद की है। यह जमीन 40 करोड़ रुपए की थी लेकिन पद का दुरुपयोग करके इस जमीन को महज 3.1 करोड़ रुपए में अपने रिश्तेदारों से खरीदवायी और फिर उन्हें इसका दोगुना मुआवजा भी दिलाया। उन्होंने कहा कि श्री खडसे पर अंडरवर्ड सरगना दाउद इब्राहिम से भी फोन पर बातचीत करने का आरोप है। उन्होंने कहा कि वह देश का सबसे वांछित अपराधी है और देश के इस दुश्मन से फोन पर बात करना देशद्रोह है इसलिए उनके खिलाफ राष्ट्रदोह का मुकदमा भी दायर करके जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी किया जाना चाहिए।

एनआईए को अनुमति न देना धोखा: राजनाथ सिंह

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पठानकोट 04 जून, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पठानकोट एयरबेस पर हुये आतंकवादी हमले की जांच के लिये पाकिस्तान का राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को अपने यहां आने की अनुमति न देने का रवैया अगर बरकरार रहा तो इसे भारत के साथ धोखा माना जाएगा। केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के दो वर्षों की उपलब्धियां जनता से साझा करने यहां आये श्री सिंह ने कहा कि भारत ने पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के पीछे सीमा पार के आतंकियों की संलिप्तता को लेकर पुख्ता सबूत पाकिस्तान को दिये थे जिन्हें उसकी सरकार ने यह कहते हुये नकार दिया कि ये अपर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि इस पर प्र्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते कायम करने के उद्देश्य से उसकी संयुक्त जांच दल (जेआईटी) को भारत में आने की अनुमति दी थी लेकिन पाकिस्तान सरकार एनआईए को अपने यहां आने की अनुमति देने के भारत सरकार के साथ किये गये वादे से पीछे हट गई। पाकिस्तान का अगर यही रवैया रहा तो इसे देश के साथ धोखा माना जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होकर विश्व के साथ भागीदार बने और आतंकवाद का डटकर मुकाबला करे। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या भारत के लिए कोई मुद्दा नहीं है बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर ही हमारे लिए एकमात्र मुद्दा है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने खडसे के इस्तीफे को मंजूर किया

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मुंबई, 04 जून, महाराष्ट्र के राज्यपाल चिरंजीवी विद्यासागर राव ने राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे का इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की सिफारिश के बाद आज स्वीकार कर लिया। श्री खडसे ने जमीन घोटाला और कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ फोन पर बात करने के संबंध में नाम आने के बाद आज अपना इस्तीफा श्री फडणवीस को सौंपा था , जिसे बाद में श्री फडनवीस ने राज्यपाल श्री राव के पास भेज दिया था। श्री फडणवीस ने श्री खडसे के इस मामले में जांच कराने की मांग को भी स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को जांच के लिए नियुक्त करेगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है किस तरह की जांच होगी, यह जांच समयबद्ध होगी या नहीं। 

आज अपराह्न श्री खड्से ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ’मैं आरोप लगने के पहले दिन से कह रहा हूँ कि यदि आरोप सिद्ध हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। मैं सिर्फ इस्तीफे की नहीं बल्कि 40 वर्ष के अपने राजनीतिक करियर की बात कर रहा हूँ। पिछले 40 वर्ष में पहली बार मीडिया ट्रायल को नहीं झेल रहा। आरोप लगाये जाने के पहले दिन से कहा रहा हूँ कि जो भी आरोप लगाया गया है उसका साक्ष्य दो लेकिन जिसने भी मेरे खिलाफ आरोप लगाया उन लोगों ने कोई भी साक्ष्य अाज तक पेश नहीं किया।” श्री खडसे ने मुख्यमंत्री से कहा ,“ जिन लोगों ने मुझे बदनाम करने की कोशिश की है उनके खिलाफ भी जांच हो। जब तक मैं पूरी तरह बेदाग होकर नहीं निकलता तब तक मैं दोबारा पद नहीं लूंगा। मैंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। ” उन्होंने अपने पक्ष में खडी पार्टी को धन्यवाद दिया। संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राज्य इकाई के अध्यक्ष रावसाहब दानवे, शिक्षा मंत्री विनोद तावडे, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सहकारिता मंत्री चंद्रकांत पाटिल और आवास मंत्री प्रकाश मेहता उपस्थित थे।

अफगानिस्तान में सलमा बाँध का उद्घाटन,तीन दशक पुराना सपना साकार

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हेरात (अफगानिस्तान), 04 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज यहां अफगान-भारत मैत्री बांध (सलमा बांध) का उद्घाटन करके इलाके के लोगों का तीन दशक पुराना सपना साकार कर दिया। श्री मोदी आैर श्री गनी ने हेरात में गाज़ी अमानुल्लाह खान हॉल में रिमोट कंट्रोल से यहां से करीब 150 किलोमीटर दूर बने इस बांध काे अफगान जनता को समर्पित किया। अफगान राष्ट्रपति ने इसके लिये भारत का आभार जताते हुए कहा कि भारत की मदद से यहां की जनता का तीस साल पुराना सपना साकार हो गया। उन्होंने कहा कि भारत एवं अफगानिस्तान की दोस्ती ने एक नये युग में प्रवेश किया है। इस बांध से सहयोग एवं समृद्धि की नयी इबारत शुरू होगी। श्री मोदी ने श्री गनी की भावनाओं पर कृतज्ञता जताते हुए कहा कि यह बांध ना केवल इस क्षेत्र के लोगों की खुशहाली के लिये है बल्कि अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर लोगों की आशाओं को फिर से जगाना है। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के लोगों के सपनों को पूरा करना अपना कर्तव्य मानता है तथा संसाधनों एवं क्षमताआें की सीमा के बावजूद उसकी प्रतिबद्धता एवं इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है।

आर्ट कालेज : 25 वें दिन भी जारी अनशन,

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  • एक छात्र पी.एम.सी.एच. में भत्र्ती, नहीं आया कोइ डाॅक्टर, पी.एम.सी.एच. में भत्र्ती कराने पर हुई जद्दो-जहद, मांगों की पूत्र्ति तक जारी रहेगा आन्दोलन।  

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पटना, 05 जून।, आर्ट कालेज के अंदर में छात्रों का अनषन आज 25 वे दिन भी जारी रहा। अनषनकारी छात्र विनोद कुमार की हालत बिगड़ने पर बुद्धा काॅलनी थाने द्वारा पी.एम.सी.एच. में भत्र्ती कराया गया।  पी.एम.सी.एच.  में पुलिस जब अनषनकारी छात्र को लेकर पहुंची तो डाक्टरों ने भत्र्ती करने से इनकार कर दिया काफी जद्दो-जहद के बाद अनषनकारी छात्र को पी.एम.सी.एच. में भत्र्ती किया। इसकी षिकायत पी.एम.सी.एच.  प्राचार्य से कि गई प्राचार्य ने कहा कि तुरंत पी.एम.सी.एच. अधीक्षक से बात करेंगे ताकि  किसी भी छात्र को कोई परेषानी न हो। वहीं अनषन पर बैठे ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार एवं कृष्णा कुमार की हालत लगातार बिगड़ रही हैं अनषनकारी छात्रों के स्वास्थ्य जाँच के लिए आज भी कोई डाक्टर नहीं पहुँचा। प्रभारी प्रचार्य चंद्रभूषण श्रीवास्तव की बर्खास्तगी, निर्दोष छात्रों की पूर्णतः वापसी एवं पढ़ाई करवाकर परीक्षा लिए जाने को लेकर अनषनकारी छात्र अनषन पर बैठे है। 

मौके पर मौजूद ए.आई.एस.एफ. के राजय सचिव सुषील कुमार राज्य परिषद सदस्य अभिषेक आनंद एवं (।ब्ैथ्), के अध्यक्ष गौरव कुमार ने कहाँ की पटना वि.वि. प्रषासन पूरे मसले पर पूरी तरह संवेदनहीन बना हुआ हैं अनषनकारी छात्रों की स्थिति रोज व रोज बिगड़ती जा रही है। लेकिन वि.वि. प्रषासन को सुध लेने की फुरसत नहीं है। वि.वि. कुलानुषासक ने वादा किया था, कक्षाओं को संचालित करवा कर 15 जून से प्रायोगिक परिक्षा पहले तथा सैद्धांतिक परिक्षा बाद में ली जायेगी। लेकिन छात्रों को गुमराह कर फर्म भरवा पहले ही परिक्षा लेने की कोषिष की जा रही है। परिक्षा वादे के मुताबिक नहीं लिए जाने पर विरोध जारी रहेगा।  अनषनकारी छात्रों के समर्थन में छात्र जदयू के प्रदेष उपाध्यक्ष नवनीत कुमार व प्रदेष महासचिव मनीष यादव पहुँचे उन्होंने पटन वि.वि. कुलपति और प्राचार्य की संवदेनहीन रवैया पर आक्रोष जाहिर किया और कहा कि छात्रों की मांगों पर छात्र जदयू आंदोलन के साथ है। मौके पर ए.आई.एस.एफ. राज्य परिषद सदस्य आदित्य कुमार, पूर्व छात्र नेता जीतेन्द्र कुमार, पत्रकार पुष्पराज, रंगकर्मी अनीष अंकुर ए.आई.डी.एस.ओ. के निकोलाई शर्मा दिषा के विवेक कुमार, पूर्ववत्र्ती छात्र रणवीर कुमार, राकेष कुमार, तत्कालीक छात्र रमाकान्त जी, चंदन कुमार, अमित कुमार, दषरथ, अजय, विपीन, नितेष, सुनील आदि उपस्थित थे।

भाकपा ने सरकार और कुलाधिपतिकी बेरूखी की तीव्र भर्त्सना की

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पटना, 06 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह के नेतृत्व में भाकपा, माकपा, और कई जनसंगठनों के दर्जनों प्रतिनिधियों ने पटना कला एवं षिल्प महाविद्यालय के अनषकारी छात्रों से मुलाकात कर उनका कुषल-क्षेम पूछा और उनकी वाजिव मांगों का समर्थन करते हुए पटना विष्वविद्यालय के कुलपति, स्थानीय प्रषासन, राज्य सरकार और कुलाधिपति (राज्यपाल) की बेरूखी की तीव्र भत्र्सना की। 

अनशनकारी छात्र-छात्राओं और उनके समर्थकों को संबोधित करते हुए भाकपा नेता ने बताया कि उन्होंने राज्य के षिक्षा मंत्री अषोक चैधरी से बातचीत कर अनषन अविलंब समाप्त कराने और छात्रों की सर्वथा उचित मांगों को मानने की सलाह दी हैं षिक्षा मंत्री ने उन्हें आष्वस्त किया कि वह सोमवार को दिल्ली से पटना लौटते ही अपने स्तर से इस मामले में पहल करेंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री नीतीष कुमार को पत्र लिखकर पहले ही अनषन समाप्त कराने और आंदोलकारी छात्रों की मांगे मान लेने की अपील की है। अनषनकारी छात्रों से मिलने आए वामपंथी नेताओं में श्री सिंह के अलावे भाकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य राम बाबू कुमार, राज्य कार्यकारिणी सदस्य विजय नारायण मिश्र, सीपीएम नेता अरूण कुमार मिश्र, पटना हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएषन के अध्यक्ष योगेष चन्द्र वर्मा, एटक बिहार के सचिव अजय कुमार, सामाजिक कर्मी अश्रय कुमार वगैरह प्रमुख थे। 

स्मरणीय है कि कला एवं षिल्प महाविद्यालय के छात्र प्रभारी प्राचार्य की अहंकारी मनोवृत्ति, वित्तीय अनियमितता एवं गुंडागर्दी के खिलाफ एक महीने से ज्यादा अवधि से संघर्षरत है और उनके अनषन का आज पच्चीस वाँ दिन है। बीच-बीच में उनकी हालत बिगड़ने पर हस्पताल में भी भत्र्ती कराया जाता रहा है। छात्रों का अन्याय पूर्ण  निलंबन वापस लेने और दुराचारी प्रभारी प्राचार्य को बर्खास्त करना उनका प्रमुख मांगे हैं। परंतु कुलपति कान में तेल डाले बैठे हैं। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (05 जून)

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गांव गरीब के विकास में कोई कसर ना छोडे़-प्रभारी मंत्री

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राजस्व एवं पुर्नवास मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत रविवार को अल्पप्रवास पर विदिशा आए। यहां उन्होंने कामधेनु गार्डन में चल रहे ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए और पुरस्कारों का वितरण किया। प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने यहां अपने उद्बोधन में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को रेखांकित करते हुए महिलाओं एंव बालिकाओं के उत्थान हेतु क्रियान्वित योजनाओं पर प्रकाश डाला। प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने जिला पंचायत के सभाकक्ष के जीर्णोद्वार उपरांत नए लुक में परलिक्षित होने वाले कक्ष का लोकार्पण किया। उन्होंने यहां कहा कि राज्य सरकार गांव, गरीब और किसान के चहुंमुखी विकास हेतु कोई कोर कसर नही छोड़ेगी। उन्होेंने जिला पंचायत के अमले से कहा कि जिस प्रकार मीटिंग हाल इतना अच्छा बना है ठीक वैसे ही गरीबांें के उत्थान हेतु क्रियान्वित योजनाओं को उन तक पहुंचाकर उन्हें लाभांवित करें। उन्होंने ग्रामोदय से भारत उदय अभियान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम स्थलों पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा, पूर्व विधायक श्री गुरूचरण सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य के अलावा अन्य अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।

दियारा ग्राम पंचायत के वार्ड नम्बर 13 की वार्ड सदस्य हैं कमलावती देवी

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पटना। 6 बच्चों की मां हैं वार्ड सदस्य कमलावती देवी। दीघा बिन्द टोली से विस्थापित होकर बिन्द टोली,कुर्जी आयी हैं। मामूली ढंग से घर बना है। बिन्द टोली और घर में शौचालय नहीं हैं। आवासीय एवं खेतिहर भूमिहीन हैं। 5 हजार रू0बीघा देकर मालगुलजारी पर खेती करती हैं। सिंचाई के साधन नहीं रहने से खेती प्रभावित। घर निर्माण,खेती करने और बेटी की शादी करने में कर्ज के नीचे दब गयी हैं। कोई डेढ़ लाख रू0 कर्ज है। पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हैं। खुद तो चुनाव लड़ना नहीं चाहती थीं। रिश्तेदार रोहित महतो ने मैदान-ए-जंग में उतारा। वार्ड सदस्य रोहित की ऋणि बनकर रह गयी हैं। अब भविष्य में ही पता चलेगा कि क्या वार्ड सदस्य स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकती हैं?

जी हां, नकटा दियारा ग्राम पंचायत के वार्ड नम्बर 13 की वार्ड सदस्य हैं कमलावती देवी। वार्ड नम्बर 13 महिला आरक्षित सीट है। अभी-अभी वार्ड सदस्य निर्वाचित हुई हैं। इनको कुल 66 वोट प्राप्त हुई। उन्होंने अपनी प्रतिद्वदी को 23 महत्वपूर्ण वोट से पराजित कर विजयी घोषित हुई हैं। रायन महतो और कमलावती देवी के सहयोग से 6 बच्चे हैं। 4 लड़के और 2 लड़की हैं। 3 बच्चे नन मैट्रिक हैं। मुकेश कुमार आठवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। अभिभावकों ने 1 लड़का अखिलेश महतो और 1 लड़की मनीषा कुमारी की शादी करने में सफल हो सके हैं। अखिलेश महतो को 2 बच्चे हैं। मालगुलजारी पर खेती करते हैं। 1 साल पूर्व मनीषा कुमारी की शादी की गयी है। इसके कारण महाजनों से डेढ़ लाख रू0 कर्ज लिये हैं। खेती ठीक तरह से नहीं होने से परिवार परेशान हैं। अपने प्रथम प्रेस साक्षात्कार में नव निर्वाचित वार्ड सदस्य कमलावती देवी का कहना है कि इस जीत में रिश्तेदार रोहित महतो का अव्वल योगदान है। बातचीत में दर्जनों बार रोहित का नाम वार्ड सदस्य लेती रही। इसी के कारण बिन्द टोली में बच्चों को लेकर सयाने तक रोहित महतो को ही वार्ड सदस्य मानते हैं। इस बाबत रोहित भी कहते हैं कि वार्ड सदस्य के पी0ए0 हैं। 

पांचवीं कक्षा तक पढ़ी वार्ड सदस्य कमलावती देवी ने कहा कि बिन्द टोली,कुर्जी में विकास की गंगा बहानी है। पेयजल,रोड,नाला,मकान,बिजली,शौचालय आदि को प्रमुखता देगी। इन समस्याओं को लेकर नव निर्वाचित मुखिया भागीरथ प्रसाद यादव से पी0ए0के माध्यम से बात करेंगी। इस बाबत बी0डी0ओ0 को पत्र लिखेंगी।

दीघा हाट : दुकानदारों के कारण अतिक्रमण का शिकार

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पटना। दीघा थानान्तर्गत है दीघा हाट। सब्जी दुकानदारों के कारण अतिक्रमण होने से जाम की स्थिति बन जाती थी। सो जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। उनके जाने के बाद पुनः दुकान सजने लगी।इसमें जिला प्रशासन भी दोषी है,जो सब्जी विक्रेताओं को उचित जगह देने में नाकामयाब हुआ है। उसी तरह दीघा थाना की पुलिसकर्मी भी हैं। इनके द्वारा झोली लेकर सब्जी बटोरने का कार्य किया जाता रहा है। मजे की बात है कि जो सड़क किनारे दुकान सजाते हैं उनसे ही सब्जी बटोरते हैं। इसका मतलब है कि सीधे तौर पर पुलिसकर्मी ही सड़क किनारे दुकान सजाने के लिए सब्जी लेकर प्रोत्साहित करते हैं। जब पुलिसकर्मियों द्वारा नाले पर दुकान सजाने वालों से भी सब्जी बटोरने का प्रयास किये तब दुकानदारों ने विरोध दर्ज करते हैं। दुकानदार मामला तब के सांसद और अब के मंत्री रामकृपाल यादव के समक्ष पहुंचा देते हैं। समय के अन्तराल में दुकानदार ने सड़क के दोनों किनारे दुकान लगाने लगे। इसका परिणाम यह निकला कि सदैव मार्ग जाम होने लगा। एक तो करैला तीत है दूसरे चढ़े नीम पर कहावत चरितार्थ होने लगी। 

बताते चले कि पटना-दीघा-दानापुर मुख्य मार्ग पर मिशनरी और निजी विघालय संचालित है। इनके पास लम्बे-चैड़े वाहन है। इसके अलावे टेम्पों,मिनी बस और निजी वाहन भी है। लगातार चलते रहने से दीघा हाट पर जाम की स्थिति बन जाती है। जो जिला प्रशासन और स्थानीय थाना दीघा के लिए सिरदर्द साबित होने लगा। यातायात विभाग ने लक्ष्मण रेखा भी निर्धारित कर रखा है। इसके अंदर ही रहकर सब्जी बेचना है। जबतक खार्की वर्दी तैनात रहे तबतक लक्ष्मण रेखा के अंदर रहकर सब्जी बेचा गया। जैसे ही खार्की वर्दीधारियों को हटा लिया गया,वैसे ही अतिक्रमण करके हाफ रोड तक पैर पसार दिये। जो घातक साबित होने लगा। सब्जी खरीदने वाले छोटे वाहन लेकर आते हैं। उनको वाहन स्ट्रैण्ड करके की व्यवस्था नहीं है। ऐसे लोग सड़क पर ही वाहन लगाकर सब्जी खरीदने चले जाते हैं। उनके आगमन तक जाम लगा रहता है। इस बीच बच्चे बिलाबिलाने लगते हैं। एम्बुलैंस ड्राइवर हॉर्न बजा बजाकर थक जात हैं। 

इसके आलोक में जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चला। जो सब्जी विक्रेताओं के बीच में दहशत कर पाने में कामयाब रहा। जैसे ही खाकी वर्दीधारी पलटे कि सब्जी विक्रेता दुकान सजाने लगे। जरूरी है दुकानदारों को स्थायी ठौर मिले। जहां पर जाकर रोजगार कर सके। ऐसा नहीं करने से सड़क पर जाम बरकरार रहेगा। अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों का कहना है कि जिला प्रशासन ने घंटाभर के समय दिये थे। मिले समय में झोपड़ी और पोलिथिन को हटाने में सफल हो गये। इसके बाद फल और सब्जियों को भी हटा दिये। वैसे तो काफी नुकसान नहीं हुआ और न किसी तरह का अत्याचार ही किया गया। सब कुछ सामान्य ही चला। दीघा पोस्ट ऑफिस वाली खाली जगह पर दुकान सजाने को बोला गया है। जो वाजिब जगह नहीं है। पोस्ट ऑफिस वाली सड़क पर जलजमाव रहता है। जलनिकासी व्यवस्था नहीं रहने के कारण सालभर गंदे पानी का जमाव रहता है। तब लोग उसी खाली जगह से आवाजाही करते हैं। अगर दुकान सज जायेगी तो आवाजाही करने में दिक्कत होने लगेगी।

कैट ने नकदरहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जेटली को लिखा पत्र

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  • इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिए सरकार लाये प्रोत्साहन स्कीम

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व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को आज भेजे एक पत्र में आग्रह किया है की देश में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक प्रोत्साहन स्कीम लाये जिससे अधिक अधिक लोग नकद की बजाय इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान करने की ओर प्रेरित हों !भारत में 96 % रिटेल में लेन-देन नकद में होता है ! केवल 3 .6 % लोग ही इलेट्रॉनिक भुगतान करते है ! देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड एवं 2 करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं ! लगभग 95 % डेबिट कार्ड एटीएम से नकद निकालने में काम आते हैं !इलेक्ट्रॉनिक भुगतान से जहाँ पारदर्शिता बढ़ेगी वहां व्यवस्था भी जिम्मेदार होगी, सरकार का राजस्व बढ़ेगा एवं व्यापार व् उद्योग को भी सहूलियतें होगी  व्यापार एवं उद्योग में कर का भुगतान एक बड़ा हिस्सा है इस दृष्टि से कर प्रणाली का सरलीकरण भी किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा व्यापार एवं उद्योग के लोग कर देयता में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का उपयोग कर सकें ! ज्ञातव्य है की वित्त मंत्रालय ने गत 29 फरवरी को नकदरहित अर्थव्यवस्था के लिए एक दिशानिर्देश भी अधिसूचित किये हैं !

हाल ही में गत 21 मई को अपने नाम की बात सम्बोधन में देश में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को अपनाने पर बेहद जोर दिया था ! कैट ने प्रधानमंत्री की इस पहल को  बेहद दूरगामी बताते हुए कहा की इससे जहाँ काले धन पर रोक लगायी जा सकती है और काफी हद तक भ्रष्टाचार को काम किया जा सकता है  ! कैट ने कहा है की लेकिन सरकार को प्रधानमंत्री जन धन योजना और मुद्रा योजना की तर्ज़ पर नकदरहित अर्थव्यवस्था के लिए देश भर में एक बड़ा और व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए और लोगों को प्रेरित किया जाए की वो अपने निजी अथवा व्यापारिक खर्चे का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से करें !  प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण के अनुरूप ही कैट बहुत जल्द इस विषय पर एक श्वेत पत्र जारी करेगा और इस मुद्दे से जुड़े वर्गों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 21 जून को नई दिल्ली में आयोजित कर रहा है  जिससे प्रधानमंत्री की इस योजना को व्यापार एवं उद्योग में आगे बढ़ाया जा सके !

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भर्तियां एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने देश में 5 .77  छोटे व्यावसायों को व्यापार करने की आधुनिक तकनीकों और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को अपनाने की ओर प्रेरित करने की  प्रतिबध्दता व्यक्त करते हुए कहा की इससे भारत दो अंक की वृद्धि दर से प्रगति करेगा लेकिन इस हेतु इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के सभी माध्यम जिनमें डेबिट/क्रेडिट कार्ड, पॉइंट ऑफ़ सेल टर्मिनल एवं मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना होगा ! सरकार को देश भर में एक बड़े स्तर पर जन जागरण अभियान चलाना चाहिए जिसमें व्यापारियों, रेजिडेंट वेलफेयर संगठन, बैंक, वित्तीय संसथान, उपभोक्ता संगठन, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि की सहभागिता को सुनिश्चित करना होगा ! कैट ने नकदरहित अर्थव्यवस्था को एक कार्यक्रम बनाते हुए गत डेढ़ वर्ष से मास्टरकार्ड के साथ मिलकर  देश भर में वर्कशॉप,सेमिनार एवं सम्मेलनों के माध्यम से लगभग 50 हजार व्यापारियों को प्रशिक्षित किया है !

श्री भर्तियां एवं श्री खण्डेलवाल ने यह भी कहा की नकदरहित अर्थव्यवस्था को जल्द अपनाने के लिए सरकार को एक प्रोत्साहन स्कीम शुरू करनी चाहिए जिसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने पर करों में राहत, टेलीफोन एवं बिजली  बिलों में डिस्काउंट तथा अन्य सरकारी करों में राहत देनी चाहिए ! देश में लगभग केवल  12 लाख पॉइंट ऑफ़ सेल मशीन हैं ! इन मशीनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो इस हेतु सरकार को इस पर से इम्पोर्ट ड्यूटी ख़त्म करनी चाहिए और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में ही इन मशीनों का निर्माण हो, इस हेतु सुविधाएँ देनी चाहिए !कैट ने सरकार से यह भी आग्रह किया है की डेबिट/क्रेडिट कार्ड उपयोग करने पर बैंक को ट्रांसक्शन चार्ज लगाते हैं उन्हें भी ख़त्म किया जाए ! कैट  ने यह भी  सुझाव दिया है की एटीएम  से नकद निकालने पर सरकार 0 .5 % का सरचार्ज लगाए जिससे नकद उपयोग करने  की मानसिकता को रोका जा सके ! कैट ने यह भी कहा है की नेशनल पेमेंट कौंसिल ऑफ़ इंडिया को एक स्वतंत्र रेगुलेटर बनाया जाए और रुपे कार्ड के सञ्चालन के लिए एक नयी अथॉरिटी बनायीं जाए !
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