पटना 10 जून, बिहार इंटरमीडियेट परीक्षा टॉपर्स फर्जीवाड़ा के मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफ दे चुके इस मामले के किंगपीन लालकेश्वर प्रसाद सिंह और वैशाली जिले के किरतपुर विशुनदेव राय इंटर कॉलेज के निदेशक सह कर्ताधर्ता अमित कुमार उर्फ बच्चा राय समेत ..सभी टॉप मोहरे .. विशेष जांच दल (एसआईटी) की दबिश के बावजूद अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके है । टॉपर्स फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद छह जून को पटना के कोतवाली थाना में शिक्षा विभाग की ओर से एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी । प्राथमिकी दर्ज होने के दूसरे ही दिन इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष श्री सिंह के कार्यालय में छापेमारी की । छापेमारी के दौरान अध्यक्ष कार्यालय के लैपटॉप ,कम्प्यूटर का हार्ड डिस्क समेत कुछ अन्य दस्तावेज को जब्त किया गया था । इसके बाद अध्यक्ष पद पर रहते हुए श्री सिंह से एसआईटी ने पूछताछ की और उसी दिन दूसरी बार भी उनसे पूछताछ की गयी । इसी दिन शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के कड़े तेवर को देखते हुए श्री सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । तब तक जांच कर रही एसआईटी फिर से श्री सिंह से पूछताछ करना चाह रही थी लेकिन वह एसआईटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए । श्री सिंह के उपस्थित नहीं होने पर राजधानी पटना के बहादुरपुर स्थित उनके आवास पर गयी एसआईटी की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा । इस बीच जांच टीम फर्जीवाड़ा मामले में अन्य लोगों से पूछताछ करने में लगी हुई थी । श्री सिंह जांच टीम के तेवर को देखते हुए यह महसूस कर लिया था कि उनकी गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है और इससे बचने के लिए वह आठ जून से ही भूमिगत हो गये । जांच टीम को इसकी भनक तक नहीं लगी और अब जांच टीम की ओर से यह कहा जा रहा है कि श्री सिंह फरार हो गये है ।
इसी तरह विशुनदेव राय इंटर कॉलेज के निदेशक सह कर्ताधर्ता बच्चा राय भी फर्जीवाड़ा का उजागर होने के बाद से भूमिगत है । श्री राय की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी की टीम कल उनके घर पर छापेमारी की थी लेकिन घर पर न श्री राय मिले और न ही परिवार के अन्य सदस्य । अब सवाल यह उठता है कि जब एसआईटी को यह मालूम था कि इस घोटाले में श्री सिंह और श्री राय दोनों ही अहम कड़ी है तो फिर उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी । जांच टीम एसआईटी के पास इतने संसाधन तो उपलब्ध है जिससे कि श्री सिंह और श्री राय पर नजर रखी जा सकती थी और जरूरत पड़ने पर पर हिरासत में लेना मुश्किल काम नहीं होता । एसआईटी अब दोनों को ही फरार बता रही है । अब सवाल यह उठता है कि दोनों को एसआईटी गिरफ्तार करेगी या दोनों न्यायालय में आत्मसमर्पण करेंगे । इतने अहम मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं जांच का निर्देश दिया था और उसके दो बड़े मोहरे ही भूमिगत हो गये और एसआईटी को पता भी नहीं चल सका । इसी तरह टॉपर घोटाले के नामजद छात्र सौरभ श्रेष्ठ ,रूबी राय ,राहुल कुमार और शालिनी राय भी फरार है । एसआईटी ने आरोपी टॉपरों के अभिभावकों को अपने बच्चों (टॉपरों ) के साथ उपस्थित होने के लिए कल तक का समय दिया था जो अब समाप्त हो गया है । अभी तक आरोपी टॉपर और न ही उनके अभिभावक एसआईटी के समक्ष उपस्थित हुए है । इस मामले में पूछे जाने पर एसआईटी की कमान संभाल रहे पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि बाल अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत मामला चलेगा और आरोपी टॉपरों के अभिभावकों से भी पूछताछ की जायेगी ।