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जिस निशानेबाज काे अोलंपिक से रोका, उसने जीता रजत

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बाकू, 28 जून, रियो ओलंपिक से पहले के छठे और आखिरी आईएसएसएफ विश्वकप में जीतू राय को छोड़कर जहां अन्य भारतीय निशानेबाज फाइनल में पहुंचकर संघर्ष कर रहे थे वहीं संजीव राजपूत ने मंगलवार को 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में रजत पदक जीत लिया। लेकिन यह भारतीय निशानेबाज रियो में नहीं खेल पाएगा क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई)ने उनका अोलंपिक कोटा बदल दिया था। 35 वर्षीय राजपूत के लिये इस विडंबना से कुछ कम नहीं कहा जाएगा कि उन्होंने इस विश्वकप में जीतू राय के बाद भारत को दूसरा रजत पदक दिलाया लेकिन वह रियो में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये मौजूद नहीं रहेंगे। एनआरएआई ने राजपूत के कोटा स्थान को गत मार्च में रियो के लिये घोषित अपनी टीम में ट्रैप निशानेबाज मानवजीत सिंह संधू से बदल दिया था। बाकू विश्वकप में ओलंपिक में जाने वाले सभी भारतीय निशानेबाज उतरे जिनमें जीतू राय ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गत शनिवार को रजत पदक जीता जबकि राजपूत मंगलवार को रजत जीतने में कामयाब रहे। राजपूत ने 456.9 का स्कोर कर रजत हासिल किया और वह स्वर्ण पदक जीतने वाले क्रोएशिया के पीटर गोर्सा (457.5) से मात्र 0.6 अंक पीछे रहे। इस स्पर्धा में उतरे अन्य भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता गगन नारंग क्वालिफाइंग में 1161 के स्कोर के साथ 23वें और चैन सिंह 1159 के स्कोर के साथ 32वें स्थान पर रहे।

राजपूत क्वालिफाइंग में 1167 के स्कोर और सातवें स्थान के साथ आठ निशानेबाजों के फाइनल में पहुंचे। गोर्सा ने क्वालिफाइंग में 1173 का सर्वाधिक स्कोर किया। राजपूत ने क्वालिफाइंग में नीलिंग में 388, प्रोन में 398 और स्टैंडिंग में 381 का स्कोर किया। नारंग ने क्वालिफाइंग में नीलिंग में 391, प्रोन में 394 और स्टैंडिंग में 376 का स्कोर किया जबकि चैन सिंह ने नीलिंग में 387, प्रोन में 393 और स्टैंडिंग में 379 का स्कोर किया। भारतीय निशानेबाज ने फाइनल में नीलिंग में 153.5 और प्रोन में 307.6 का स्कोर किया। स्टैंडिंग एलिमिनेशन में उन्होंने पहली दो सीरीज में 48.2 और 50.7 के स्कोर किये। इसके बाद उन्होंने 8.3 और 9.9 के स्कोर किये जिससे वह चौथे स्थान पर खिसक गये। लेकिन अंतिम तीन सीरीज में राजपूत ने 10.8 , 10.8 और 10.6 के कमाल के स्कोर करते हुये रजत पदक जीत लिया। राजपूत का यह तीसरा विश्वकप पदक है। उन्होंने इसी वर्ग में 2010 में चांगवोन में स्वर्ण पदक और उसी वर्ष सिडनी में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक जीता। स्वर्ण पदक जीतने वाले गोर्सा ने नीलिंग में 154.4 और प्रोन में 308.4 का स्कोर किया। स्टैंडिंग के बाद उनका कुल स्कोर 457.5 रहा। कोरिया के हियोनजुन किम ने 445.5 के स्कोर के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। 

अोलंपिक 400 मी. में उतरने वाले तीसरे भारतीय बने अनस

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नयी दिल्ली, 28 जून, रियो ओलंपिक के लिये क्वालिफाई करने वाले धावक मोहम्मद अनस फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर पूर्व धावक मिल्खा सिंह और केएम बीनू के बाद भारतीय एथलेटिक्स इतिहास में तीसरे ऐसे पुरुष एथलीट बन गये हैं जिन्होंने 400 मीटर दौड़ में रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है। भारतीय नौसेना के अनस ने हाल ही में पोलैंड में एक अंतरराष्ट्रीय मीट में 400 मीटर दौड़ में 45.40 सेकेंड का समय निकालकर रियो ओलंपिक के लिये किया। अनस से पहले मिल्खा सिंह 1960 के रोम ओलंपिक तथा केएम बीनू 2004 के एथेंस ओलंपिक में 400 मीटर की दौड़ में उतरे थे। गत वर्ष सात मई को भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले केरल के अनस ने जुलाई 2015 में हैदराबाद में आयोजित इंटर सर्विस चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। 

इसके बाद उन्होंने गत वर्ष ही सितंबर में अायोजित सीनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी रजत पदक अपने नाम किया था। 21 वर्षीय अनस ने पोलैंड में ही अंतरराष्ट्रीय मीट में 400 मीटर दौड़ में 45.44 सेकेंड के खुद के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा था। उन्होंने इस वर्ष अप्रैल में यहां हुयी फेडरेशन कप राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्होंने कालीकट यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप 2014 में दो बार और इंडियन यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में एक बार रजत पदक अपने नाम किया था। राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अनस केरल की उस टीम का हिस्सा थे जिसने गत वर्ष राष्ट्रीय खेलों में चार गुणा 400 मीटर रिले दौड़ में रजत पदक जीता था। वहीं से उन्हें भारतीय नौसेना की स्काॅउट टीम में शामिल किया गया था। 

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और माराडोना की मैसी से अपील

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ब्यूनस आयर्स, 28 जून, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मार्की और वर्ष 1986 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना ने अंतराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने वाले हमवतन लियोनल मैसी से आग्रह किया है कि वह संन्यास लेने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें आैर राष्ट्रीय टीम को न छोड़ें। बार्सिलोना के स्टार फुटबालर मैसी ने कोपा अमेरिका कप फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में चिली के खिलाफ मिली हार के बाद 29 वर्ष के उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने का फैसला कर लिया। मैसी के इस फैसले से अर्जेंटीनी फुटबॉल में हलचल मच गयी क्योंकि लोग रुस में होने वाले 2018 विश्व कप में उनसे फाफी उम्मीदें लगाये बैठे थे। 

पहले मैसी की आलोचना कर चुके माराडोना ने अब उनके बचाव में सामने आते हुये कहा,“ मैसी को अभी अपनी टीम के लिये अवश्य खेलते रहना चाहिये। उनमें अभी काफी खेल बचा हुआ है और उन्हें अपनी टीम के लिये बहुत कुछ करना बाकी है। वह अर्जेंटीना को विश्व चैंपियन बनाने रूस जायें। मैं नहीं चाहता हूं कि वह फुटबॉल को अलविदा कहे।” दो विश्वकप में अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व करने वाले माराडोना ने कहा,“ मैं उन लोगों के सख्त खिलाफ हूं जिन्होंने उन्हें संन्यास के लिये उकसाया।” दक्षिण अफ्रीका में 2010 में हुये विश्वकप में मैसी और अर्जेंटीना के कोच रह चुके माराडोना ने कहा कि मैसी से अर्जेंटीना को बहुत उम्मीदें हैं और हम चाहते हैं कि वह टीम का नेतृत्व करते रहें। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मार्की ने भी पांच बार के विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर रह चुके मैसी से अर्जेंटीनी टीम में बने रहने की अपील की। राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा,“ राष्ट्रपति ने मैसी को फोन किया और बताया कि वह राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन पर कितना गर्व महसूस करते हैं और उनसे कहा कि वह आलोचनाओं पर ध्यान न दें।

सर्वशिक्षा अभियान में कटौती पर तेजस्वी का तंज , कहां है सबका विकास

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पटना 28 जून (वार्ता) बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सर्वशिक्षा अभियान में प्रदेश सरकार की मांग में भारी कटौती करने के केन्द्र सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए इसे बिहार के साथ अन्याय बताया है। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा , “ यह है केंद्र का सबका साथ सबका विकास, बिहार के साथ अन्याय। देश के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है मोदी सरकार।” इससे पहले रविवार को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए सर्वशिक्षा अभियान में बिहार की मांग में भारी कटौती करते हुए 9665 करोड़ 27 लाख रूपये स्वीकृत किया है। केन्द्र के इस निर्णय से बिहार में इसका व्यापक असर पड़ना तय है। बिहार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत 18 हजार 277 करोड़ रूपये मांग की थी लेकिन केन्द्र ने 9665 करोड़ रूपये ही स्वीकृत किया है।

वरिष्ठ नागरिकों के ज्ञान और अनुभवों का राष्ट्रहित में उपयोग जरूरी : कोविंद

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पटना, 28 जून, बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने देश के वरिष्ठ नागरिकों का ज्ञान और लंबे अनुभवों का राष्ट्रहित में उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया है। श्री कोविंद ने यहां ‘बागबान क्लब’ द्वारा आयोजित ‘वार्षिकोत्सव समारोह-2016’ को संबोधित करते हुए कहा कि आज एकल परिवार की अवधारणा से वृद्धजनों की समस्याएँ बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान अलगाव के दौर में व्यक्ति-व्यक्ति के बीच प्रेम, श्रद्धा, स्नेह, ममत्व, समर्पण, त्याग आदि भावों को विकसित करने के लिए अपनी सांस्कृतिक विरासतों और शिक्षाओं को पूरी श्रद्धा के साथ ग्रहण करना होगा। समाज में सांस्कृतिक जड़ें अबभी काफी गहरी हैं। जरूरत सिर्फ इन्हें अपने संस्कारों और संवेदना के जल से सिंचित करने की है। उन्होंने कहा कि यदि अब भी सभी अपनी संस्कृति की छाँव में अपने सम्बन्धों को सही सन्दर्भ में मूल्यांकित करते हुए एक दूसरे की जरूरतों को ठीक से समझने लगें तो सामाजिक स्वरूप फिर से निखर उठेगा और घर-परिवार महकने लगेंगे। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान दौर में प्रभावी कानून बनाने या सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं से वरिष्ठ जनों को लाभान्वित करने के साथ-साथ बच्चों को बड़ों का आदर करने की शिक्षा भी आरंभ देनी होगी। भारतीय परिवार-व्यवस्था की सार्थकता को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए, जिनसे बच्चों को वयोवृद्ध जनों के प्रति सम्मान की सीख मिले। 

श्री कोविंद ने कहा कि भारत को युवा राष्ट्र कहा जाता है। ऐसा इसलिए कि आज भारत की कुल आबादी में युवाओं की आबादी लगभग 70 प्रतिशत है। आँकड़े बताते हैं कि भारत में बुजुर्गो की आबादी 16 करोड़ से बढ़कर आगामी वर्ष 2050 तक 30 करोड़ हो जाएगी। साठ साल या इससे ज्यादा की उम्र के लोगों की आबादी में वृद्धि की दर वर्ष 1980 के मुकाबले आज दोगुनी से ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक, अगले पाँच सालों में 65 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों की संख्या पांच साल की उम्र के बच्चों की तादाद से ज्यादा होगी। राज्यपाल ने कहा कि किसी कन्या को पुत्रवधू बनाकर लाते समय उसे ‘बेटी’ कहकर ही सम्बोधित किया जाता है। अपनी बेटी के प्रति आत्मीयता और स्नेह का जो भाव होता है, वह यदि पुत्रवधू के प्रति भी आजीवन बना रहे तो वृद्धावस्था में कोई तनाव पैदा नहीं होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य के जाने माने चिकित्सक डॉ. ए0 ए0 हई ने कहा कि सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों से अपने को जोड़े रखकर सार्थक ढंग से यदि वृद्धजन अपनी सक्रियता बनाये रखें तो वे देश और समाज को काफी कुछ दे सकते हैं। इस मौके पर बागवान-क्लब के अध्यक्ष श्याम जी सहाय ने क्लब की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। 

रंगदारी मांगने की शिकायत करने वाले पुलिस उप महानिरीक्षक का तबादला

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पटना 28 जून, बिहार सरकार ने अपराधियों की ओर से 20 लाख रूपया रंगदारी मांगे जाने की शिकायत करने वाले कोशी प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रिका प्रसाद आज तबादला कर दिया । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि श्री प्रसाद का तबादला बिहार सैन्य पुलिस के उत्तरी मंडल मुजफ्फरपुर में पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर किया गया है। वहीं पूर्णियां प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक उपेन्द्र कुमार सिन्हा को अपने कार्यों के अतिरिक्त कोशी प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है । गौरतलब है कि श्री प्रसाद ने कल ही सहरसा के नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि उन्हें मोबाईल फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने 20 लाख रूपया रंगदारी के तौर पर देने अथवा बम से उड़ा देने की धमकी दी है । हालांकि पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने इसे जमीन विवाद से जुड़ा मामला बताया है । पुलिस मामले की छानबीन कर रही है । 

व्यावसायिक सिनेमा ने गीत संगीत का रंग ही बदल दिया

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बदलते परिवेश ने भारतीय सिनेमा के गीत-संगीत का मिजाज ही बदल दिया है। गीतों के बोल बेशर्म हो रहे हैं और अर्थ बदलने लगे हैं। हाउसफुल 3 का गीत ‘ नचंेगें सारी रात टाॅग उटा के.....  एक फिल्म हंटर के एक गीत के बोल देखिए ‘डोंट रिजेक्ट मी, आई एम अ लर्नर, मुझे सीखने दो, आंखें सेंकने दो, गन अपनी लोडेड है, टारगेट भी कोडेड है, ट्रिगर पे उंगली है, मन एकदम जंगली है...’। यह गीत फिल्मी गीतों के बिंदास और बोल्ड होने की दस्तक है...

एक दौर था जब हिंदी सिनेमा के गीतों में बोल में मधुरता के अलावा उसके शब्द भी खूबसूरत थे। बदलते समय के साथ साथ हमारे सिनेमा के गीत-संगीत का मिजाज भी बदला है। गीतों के बोल बेशर्म हो रहे हैं और अर्थ बदलने लगे हैं। गीतों के बोल में शरीर की कमनीयता को भावभंगिमाओं से किनारा करके उसके आकार प्रकार पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। साफ सुथरेपन को ताक पर रख दिया गया है। गीतों में भावनाएं खत्म हो गई हैं और सिर्फ सेक्स का तड़का समाने लगा है।

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फिल्म ‘ब्रदर्स’ का आइटम नंबर ‘मेरा नाम मैरी...’ सुनने में भी शर्म आती है, जबकि करीना जैसी कलाकार ने इस गाने पर डांस किया है । 1993 में आई ‘खलनायक’ का चोली के पीछे क्या है.... गीत बजना शुरू हुआ तो देश भर में एक बार फिर से गीतों की अश्लीलता के खिलाफ माहौल बना। लेकिन इस गीत का जितना विरोध हुआ, उसे उतना ज्यादा सुना जाने लगा। नतीजा यह हुआ कि यह गीत सबसे सफलतम गीतों में शामिल हो गया। गब्बर इज बैक का ‘कुंडी मत खड़काओ राजा, सीधे अंदर आओ राजा’ गीत बहुत सुना जा गया है। 

एक वह जमाना था, जब महबूबा के चलने पर मन के मचलने से निकले गीत, तौबा ये मतवाली चाल पर भी बवाल मच जाता था चांदनी के बिना चांद का होना कोई बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता। इसी तरह उजाले की किरणों के बिना सूरज का उगना भी किसी को नहीं लुभाता। जिस तरह से धड़कनों के बिना दिल का होना जिंदगी का अहसास नहीं कराता और नजाकत के बिना हुस्न का होना भी बेनूर लगता है। इसी तरह हमारी फिल्मों में गीत-संगीत अगर न हो, तो उस फिल्म की सफलता की कल्पना करना किसी डरावने सपने से कम नहीं होगा। 
  
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गीत गुनगुनाने लायक हो और संगीत भी सुनने लायक हो लेकिन उसे आप न तो घर परिवार में गा सकते और न ही समाज में सार्वजनिक रूप से सुन सकते हैं, तो ऐसे गीतों के होने का फायदा ही क्या है। पिछले कुछेक सालों में आई बहुत सारी फिल्मों में ऐसे ही गीत आ रहे हैं। दृश्य यह है कि हमारे गीतों का अंदाज बिंदास हो गया है और बोल बेबाक हो चले हैं। बेशर्म होते जा रहे इन गीतों के लेखन में वर्जनाएं टूट रही है। रिश्तों का भी ख्याल नहीं है। और यह सब कुछ गीत के चल जाने के नाम पर किया जा रहा है। सफलता के लिए कोई भी कुछ भी लिखने को तैयार है। शरीर के आकार-प्रकार से लेकर शराब के शौक और बिस्तर की बोल्डनेस के अलावा सेक्स और सिसकारियों से जुड़े गाने लिखे जा रहे हैं, और ये हिट भी हो रहे हैं। दरअसल, जिन फिल्मों का कथानक देसी है या फिर ठेठ ग्रामीण अंदाजवाला है, उनमें तो भड़काऊ और द्विअर्थी गीतों का होना समझा जा सकता है। क्योंकि हमारी लोक संस्कृति में इस तरह के गीतों का गाया जाना बहुत आम है। लेकिन जिन फिल्मों का देसी संस्कृति से दूर-दूर तक कोई वास्ता ही नहीं है उनमें भी किसी आइटम सॉन्ग के रूप मे ही गानों के लिए जगह नहीं बनाई जा रही है।
   
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लेकिन अब तो सीधे-सीधे अपने आप को बिस्तर में बढिया साबित करते हुए गाने बनने लगे हैं। भरोसा न हो तो ‘फगली’ का . बेबी मेरे पास खटिया नहीं है, बेबी मेरे पास गद्दा यही है, आई एम गुड इन बेड बेबी... गीत सुन लीजिए। ‘राउडी राठौर’ का गाना- आ रे प्रीतम प्यारे भी कुछ ऐसा ही संदेश देता है, ....ऐसा नहीं है कि पहले इस तरह के गीत नहीं बनते थे। पहले भी ऐसा होता रहा है। भड़काऊ गीत एक खास वर्ग को ध्यान में रखकर पहले भी तैयार किए जाते थे। ग्रामीण और ठेठ देसी इलाकों की एक बड़ी आबादी रोजगार के सिलसिले में बड़े पैमाने पर शहरों की तरफ पलायन करती रही है। ऐसे लोगों की यौन कुंठाओं को तृप्त करने के लिए फिल्मों में देसी गीतों के नाम पर धीरे-धीरे ऐसे गीत पेश किए जाने लगे। ‘दलाल’ फिल्म का अटरिया पे लोटन कबूतर रे.. ‘गंगाजल’ का मेरी अल्हड़ जवानी, ‘चीता’ का चू चू चू चू और ‘करण अर्जुन’ का मुझको राणाजी माफ करना गलती म्हारे से हो गई.. जैसे गीत इसके गवाह हैं। लेकिन अस्सी और नब्बे के दशक में इनकी सार्वजनिक प्रस्तुतियों का विरोध भी होता था। पर, अब तो कसमसाते कामुक गीतों पर भी कोई चिंता तक व्यक्त नहीं करता। वर्ष 1982 में आई फिल्म विधाता के सात सहेलियां... गीत पर देश भर में बवाल मचा था। जबकि इस गीत में कोई अश्लीलता नहीं थी। उसके बाद वर्ष 1993 में आई खलनायक का. चोली के पीछे क्या है- गीत बजना शुरू हुआ तो देश भर में एक बार फिर से गीतों की अश्लीलता के खिलाफ माहौल बना। लेकिन इस गीत का जितना विरोध हुआ, चोली के पीछे क्या है को ज्यादा सुना जाने लगा। नतीजा यह हुआ कि यह गीत सबसे सफलतम गीतों में शामिल हो गया। ‘अंदाज’ के गीत खड़ा है खड़ा है, ‘खुद्दार’ के सेक्सी सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोलें, ‘राजा बाबू’ के सरकाइ ले खटिया जाड़ा लगै, जैसे गानों के तो चलने का कारण ही उनमें भरी अश्लीलता रही। भोजपुरी संस्कृति को हिंदी फिल्मों में पेश करने के नाम पर वहां के गीतों को जब से बढ़ावा दिया जाने लगा है, हिंदी फिल्मों के गीत भी कुछ ज्यादा ही बिंदास हो चले हैं। माहौल सुधरने की गुंजाइश कम है। क्योंकि इन गीतों के लेखक और इनको अपनी फिल्मों में सजाने वाले निर्माता इनके होने की वकालत करते हुए खुद की ताकत को साबित कर रहे हैं। गायक अरिजीत सिंह कहते हैं - ‘गीत में आजकल जिस तरह के बोल गूंथे जा रहे हैं, वे कभी - कभी तो लगता है कि क्यूं हैं। लेकिन हम तो गायक है। जो लिखा है वही गाना है।’ अपनी कर्णप्रिय धुनों के बूते पर करीब एक दशक तक हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले जाने माने संगीतकार श्रवण राठौड़ की राय में गीतों का यह दृश्य बदलने की सबसे बड़ी वजह बाजार का दबाव और ऑडियंस की डिमांड है। श्रवण बताते हैं कि ‘नई पीढ़ी का ऑडियंस न सिर्फ इस तरह के गीत हिट कराता है बल्कि इनको जमकर इंज्वॉय भी करता है।’ इस बदले हुए माहौल पर गीतकार जावेद अख्तर कहते हैं कि जमाना बदल गया है। हमारे सिनेमा में आज अगर कोई लिखना भी चाहे तो अच्छे और भावनात्मक गीतों के लिए बहुत कम जगह बची है। लेकिन भोजपुरी के गायक और अभिनेता मनोज तिवारी इस मामले में आशावादी हैं। तिवारी मानते हैं कि माहौल धीरे-धीरे फिर से सही ठिकाने पर आ जाएगा। वे कहते हैं कि अश्लीलता और बोल्डनेस के लिए लंबे समय तक समाज में जगह नहीं बनी रह सकती। हमें अच्छे गीतों की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अश्लील अंदाज, बिंदास बोल और सिसकारियों से हमारे सिनेमा के गीत-संगीत की वर्तमान स्थिति को देखते हुए फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि अश्लीलता के ये दाग अभी तो और दमदार होंगे, क्योंकि गीत बहुत बदमाशियां करते हुए कुछ ज्यादा ही बेशर्म हुए जा रहे हैं।

मधुबनी : दो बच्चे की माँ प्रेमी संघ भागी

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मधुबनी। जिले के झंझारपुर थाने में गजब का नजारा देखने को मिला। जिसमें अपने पति को छोड़कर गई एक महिला अपने प्रेमी के साथ बुधवार को थाने पहुंच गई। जिसके बाद थाने में जमकर ड्रामा चला। मामला नगर पंचायत झंझारपुर बाजार का है, जहां बेबी नाम की युवती की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ 5 साल पहले सुपौल के अनिल साह के साथ हुई थी। फेरे और कसमें खाकर अनिल और बेबी ने सात जन्म तक साथ निभाने की बात कही थी। शादी के बाद बेबी ने एक बेटे एवं बेटी को जन्म दिया।  लेकिन 28 मई 2016 को अनिल के जीवन में उस वक्त भूचाल आ गया, जब वह अपनी पत्नी के साथ अपने सुसराल गया था। जहां से उसकी पत्नी बेबी अपने प्रेमी के साथ भाग गई। काफी तलाश करने के बाद भी परिजन बेबी के बारे में कुछ भी पता नहीं कर सके।

अचानक बुधवार को बेबी अपने प्रेमी के भाई के साथ झंझारपुर थाना आ पहुंची। वहां उसने बताया कि वह अपने प्रेमी के साथ 16 जून को शादी कर चुकी है। थाने में परिजनों ने बेबी को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन बेबी अपने पहले पति के साथ जाने से साफ मना कर दिया। वहीं, मासूम बच्चे भी मां को चलने के लिए कहते रहें पर मां नहीं मानी। वहीं बेबी के पहले पति का कहना है कि वह अब भी बेबी के साथ रहने को तैयार है, लेकिन बेबी नहीं आना चाह रही है। पूर्व पति ने कहा कि बेबी का प्रेमी दीपक हमारे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है।

डाटाविंड ने मोरजीमैक्स की नई रेंज़ लांच कर 4 जी टैबलेट मार्केट में कदम रखा

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डाटाविंड ने एक नया ब्राण्ड मोरजीमैक्स 4 जी 7 लांच करने के साथ 4 जी टैबलेट मार्केट में कदम रख दिया है। कम कीमत के इंटरनेट डिवाइस और वेब सुविधा देने वाले डिवाइस सेगमेंट में सबसे आगे डाटाविंड के अन्य उत्पाद - युबिस्लेट टैबलेट, ड्राॅयडसर्फर नेटबुक और पाॅकेट सर्फर स्मार्टफोन काफी सफल एवं लोकप्रिय रहे हैं। कम्पनी का मोरजीमैक्स ब्राण्ड 4 जी के तहत पेष पहला प्रोडक्ट उम्दा होने के बावजूद कम कीमत, केवल 5,999रु. का है। इस लांच पर डाटाविंड के प्रेज़िडेंट एवं सीईओ श्री सुनीत सिंह तूली ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य इंटरनेट से अछूते अरबों लोगों को इससे जोड़ना है। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम भारत में 4 जी लागू करने की मुहिम में लगे हैं। टैबलेट कैटेगरी की प्रमुख कम्पनी होने के नाते हम चाहते हैं कि उम्दा तकनीकी अविश्वसनीय दाम पर उपलब्ध कराएं। इसके पूर्व के टैबलेट की तरह इसमें भी फीचरों का सही तालमेल है और यह सफर में इंटरनेट की बेजोड़ सुविधा देगा। अपनी किस्म का पहला 7 इंच वाला यह 4 जी प्रोडक्ट सभी को चैंका देगा। बाजार के अन्य प्रोडक्ट को 20 प्रतिशत से अधिक के फासले से पछाड़ देगा।’’

कम कीमत के 4 जी टैबलेट मोरजीमैक्स 4 जी 7 में 7 इंच का मल्टी-टच प्रोजेक्टिव कैपेसिटिव स्क्रीन डिस्प्ले के साथ 1024 गुणा 600 पिक्सेल का शानदार रिज़ाॅल्यूशन है। इसके आगे 0.3 एमपी का फ्रंट फेसिंग कैमरा है पीछे 3 एमपी का कैमरा है। इसका एंड्रायड 5.1 आॅपरेटिंग सिस्टम एक क्वाड कोर काॅर्टेक्स ए 7 प्राॅसेसर पर काम करता है। टैबलेट में 23 जीबी तक एक्सपेंडेबल मेमोरी है। वाई-फाई, हाॅटस्पाॅट, वाई-फाई डायरेक्ट, ब्ल्युटुथ और जीपीएस जैसे फीचर भी हैं। श्री तूली ने बताया, ‘‘आज भी भारत की अधिकांष आबादी इंटरनेट से नहीं जुड़ी है। लेकिन इंटरनेट से जुड़ने के लिए सस्ता डिवाइस मिलना ही काफी नहीं है। हमें कनेक्टिविटी के मामले में भी लोगों को ऐसा प्रोडक्ट देना होगा जिससे जन-जन को इंटरनेट से जुड़ने का सपना सच हो। डाटाविंड के सभी डिवाइस के साथ हम इंटरनेट की असीम षक्ति देते हैं। हम यह सुविधा रिलायंस कम्युनिकेषंस के नेटवर्क पर देते हैं और इसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं लगता है।’’  

टैबलेट में वाॅयस काॅल के साथ-साथ 13 अमेरिकी और अंतर्राश्ट्रीय पेटेंट वाला डाटाविंड का इंटरनेट डेलीवरी प्लैटफाॅर्म है जिसके माध्यम से इंटरनेट सेवा कम दाम पर सुनिष्चित होता है। आप ईडीजीई/ 3 जी/ 4 जी एलटीई आधारित नेटवर्क पर मोबाइल इंटरनेट का बेजोड़ अनुभव ले सकते हैं। इससे बैंडविथ की खपत में 97  प्रतिषत तक कमी आती है। परिणामतः कंजेस्टेड 2 जी नेटवर्क पर 5 से 7 सेकेंड में वेब पेज खुल जाते हैं और 4 जी नेटवर्क पर तो इसकी तेजी और बढ़ जाती है।

तेलंगाना में आतंकवादी संगठन आईएस के 11संदिग्ध् हिरासत में

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हैदराबाद, 29 जून, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तेलंगाना पुलिस के साथ मिलकर हैदराबाद के पुराने इलाके से कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 11 संदिग्धों को आज हिरासत में लिया । उनके पास से भारी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और नकदी बरामद की गयी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में आतंकवादी गतिविधियों की योजनाएं बनाये जाने के मद्देनजर जगह-जगह छापे मारे जा रहे हैं। एनआईए ने चंद्रयानगुंटा, मोघुलपुरा, मीर चौक और भवानी नगर में छापे मारे हैं। एनआईए ने मोहम्मद इलियास यगनानी, मोहम्मद एलियास यगनानी, मोहम्मद अलमोदी, अभिन मोहम्मद, मोहम्मद इरफान, मुजफ्फर हसन और पांच अन्य को हिरासत में लिया है। इन सभी को अज्ञात स्थान पर ले जाकर उनसे पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसी ने आतंकवाद निरोधक अभियान में इस वर्ष की शुरूआत में देश भर से 14 लोगों को आईएस से जुड़े होने के संदेह में हिरासत में लिया था जिनमें से दो हैदराबाद के थे।

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार कल, 8-10 नये चेहरे होंगे शामिल

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नयी दिल्ली, 29 जून, मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार कल होगा जिसमें कुछ बुज़ुर्ग मंत्रियों को अवकाश देने के साथ आठ से दस नये चेहरों को शपथ दिलाये जाने की संभावना है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां पार्टी नेतृत्व के साथ मैराथन बैठकें करके नये मंत्रियाें के नामों और विभागों पर सहमति हासिल कर ली। भाजपा में मध्यप्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने यूनीवार्ता को बताया कि मंत्रिमंडल का विस्तार कल होने जा रहा है। सबकुछ तय हो गया है। श्री चौहान ने बताया कि आठ से दस नये चेहराें को शामिल किया जायेगा। हालांकि उन्हाेंने नामों पर चर्चा करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि कल दोपहर बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जायेगा। मंत्रिमंडल से कुछ बुज़ुर्ग नेताओं की छुट्टी किये जाने संबंधी अटकलों के बारे में पूछने पर श्री सहस्रबुद्धे ने कहा कि कुछ लोगों को हटाया नहीं जायेगा तो नये लोगों को जगह कैसे मिलेगी।

नेहरू की ऐतिहासिक गलती के कारण कश्मीर मुद्दा बना : शाह

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नयी दिल्ली 29 जून, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यदि उन्होंने देश की आजादी के बाद कश्मीर पर पाकिस्तानी कबाइलियों के हमले के समय ‘ बड़ी ऐतिहासिक गलती’ न की होती तो आज यह मुद्दा भी नहीं होता। श्री शाह ने आज यहां भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में आयोजित एक समारोह में कहा कि 1948 में जब पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों के हमले का दमन किया जा रहा था, उस समय पंडित नेहरू ने युद्ध विराम की घोषणा नहीं की होती तो जम्मू कश्मीर का मुद्दा नहीं उठता। उन्होंने अचानक युद्ध विराम की घोषणा कर दी, जिसकी वजह आज तक लोगों को मालूम नहीं है। देश के किसी भी नेता ने इस तरह की बड़ी ऐतिहासिक गलती नहीं की है। यदि जवाहरलाल जी ने उस समय युद्ध विराम की घोषणा नहीं की होती तो कश्मीर का मुद्दा ही नहीं होता। 

श्री शाह ने कहा कि वास्तव में पंडित नेहरू ने अपनी छवि को सुधारने के लिए यह फैसला किया था। उनके इसी फैसले की वजह से कश्मीर का एक हिस्सा अब भी पाकिस्तान में है। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व की जल्दबाजी के कारण ही भारत का विभाजन हुआ। यदि उसने आजादी के समय जल्दबाजी नहीं की होती तो भारत के बंटवारे को रोका जा सकता था। आजादी के समय पूरा कांग्रेस नेतृत्व स्वतंत्र होने के लिए बेताब था--सभी बूढ़े हो रहे थे लेकिन उस समय एक युवा नेता (श्यामा प्रसाद मुखर्जी) ने सोचा कि अब गलती नहीं होनी चाहिए और बंगाल को बचा लिया गया। उन्होंने कहा कि कोलकाता डॉ मुखर्जी की वजह से ही आज भारत का हिस्सा है और इसका श्रेय उन्हीं को है। डा़ॅ मुखर्जी ने एक बड़ा निर्णय लिया था कि बंगाल को पाकिस्तान को नहीं सौंपा जा सकता। उन्होंने कहा कि कश्मीर जाने के लिए भारत के नागरिकों को परमिट लेना पड़ता था, जिसका डॉ़ मुखर्जी ने विरोध किया था लेकिन समकालीन इतिहासकारों ने उनके योगदान विशेषकर बंगाल विभाजन योजना और कश्मीर मुद्दे पर उनकी भूमिका की अनदेखी की। श्री शाह ने श्री मुखर्जी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बंगाल में हिन्दुओं के सरोकारों के लिए आवाज उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने आजादी के बाद पंडित नेहरू की विकासशील भारत की नीति से भिन्न डॉ मुखर्जी की भारत के पुनर्निर्माण की नीति का समर्थन किया।

सलमान बने रहेंगे सद्भावना दूत : आईओए

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नयी दिल्ली,29 जून, भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) ने बालीवुड सुपर स्टार सलमान खान के विवादित बयान से उठे विवाद के बाद स्पष्ट किया है कि यह उनका निजी विचार था और वह रियो ओलंपिक के लिये भारतीय दल के सद्भावना दूत बने रहेंगे। ब्राजील के रियो डी जेनेरो में पांच अगस्त से होने वाले ओलंपिक के लिये भारतीय दल के दल प्रमुख राकेश गुप्ता ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में सलमान के विवादित बयान के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा“ यह उनका (सलमान) अपना निजी विचार है। आईओए का इससे कोई लेना देना नहीं है। हमारे निर्णय में कोई परिवर्तन नहीं आया है और सलमान रियो ओलंपिक के लिये सद्भावना दूत बने रहेंगे।” उल्लेखनीय है कि सलमान ने कुश्ती पर आधारित अपनी फिल्म दंगल की शूटिंग के बाद विवादित बयान दिया था कि उन्हें शूटिंग के बाद रेप पीड़ित जैसा महसूस होता था। सलमान के इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी और मीडिया में ऐसी खबरें भी आई थी कि आईओए सलमान को सद्भावना दूत से हटा सकता है। सलमान को आईओए द्वारा सद्भावना दूत बनाये जाने के समय भी ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, उड़नसिख मिल्खा सिंह सहित कई खिलाड़ियों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी।

निजी प्रतिष्ठानों के कामकाज के संबंध में विधेयक

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नयी दिल्ली, 29 जून, सरकार ने दुकानों तथा निजी क्षेत्र के अन्य प्रतिष्ठानों के संबंध में एक विधेयक तैयार किया है जिसमें इन संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए काम के घंटे तथा अन्य नियमों के साथ ही संस्थान के संचालन के संबंध में प्रावधान किये गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मॉडल शॉप तथा प्रतिष्ठान(रोजगार नियमावली तथा सेवा शर्त) विधेयक 2016 पर विचार किया गया। इस विधेयक को तैयार करके सरकार ने इस पर विभिन्न संगठनों तथा व्यक्तियों से राय मांगी थी और उसके बाद इसे तैयार किया है। अब इस विधेयक को राज्य सरकारों को भी भेजा जाएगा। विधेयक में दुकानों तथा प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नियम बनाए गए हैं। 

इन संस्थानों को उनकी सुविधा के अनुसार काम करने की छूट है। विधेयक के नियमों के अनुसार संस्थान कर्मचारी से सिर्फ नौ घंटे काम ले सकेंगे और उन्हें साप्ताहिक अवकाश देना पड़ेगा। विधेयक में महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति है लेकिन इस अनुमति के लिए कुछ शर्तें रखी गयी हैं। रात को उन्हीं संस्थानों में महिलाओं को काम करने की अनुमति होके लिए यह अनिवार्य होगा कि संस्थान में उनके लिए अलग से आराम कक्ष, शौचालय, सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त और यातायात जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो। इसमें यह भी व्यवस्था की गयी है कि संस्थान में कर्मचारियों के लिए स्वच्छ पेयजल की सुविधा हो और राष्ट्रीय दिवसों के अलावा उन्हें पांच अन्य दिनों में वेतन के साथ अवकाश मिले। विधेयक के प्रावधान उन संस्थानों पर लागू होंगे जहां दस अथवा इससे अधिक कर्मचारी हैं।

समलैंगिकता संबंधी नयी याचिका मुख्य न्यायाधीश को सुपुर्द

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नयी दिल्ली, 29 जून, उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटाने संबंधी एक नयी याचिका को मुख्य न्यायाधीश के पास आज भेज दिया। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने नर्तक एन. एस. जौहर, पत्रकार सुनील मेहरा, शेफ रितु डालमिया, होटल कारोबारी अमननाथ और व्यवसायी आयशा कपूर की नयी याचिका मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर को सुपुर्द कर दी, जो यह तय करेंगे कि इस याचिका की सुनवाई इसी मसले पर संविधान पीठ के समक्ष लंबित संशोधित याचिका के साथ नत्थी की जाये या नहीं 

गौरतलब है कि अपने अधिकारों के खिलाफ लड़ाई को और तेज करते हुए समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटी) के लोगों ने एक बार फिर से यौन संबंध में प्राथमिकता को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और जीने के अधिकार के नाम पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को निरस्त करने की मांग की है। इस धारा के प्रावधानों के तहत दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाज फाउंडेशन की याचिका पर इस धारा को निरस्त कर दिया था, जिसके खिलाफ कुछ धार्मिक संगठनों ने उच्चतम न्यायालय में अपील की थी, जिसने उच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दिया था। समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटाने के मसले पर दो बार दायर याचिका की सुनवाई से इन्कार करने के बाद उच्चतम न्यायालय ने इस साल दो फरवरी को इसे पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया था, जिस पर सुनवाई लंबित है। शीर्ष अदालत ने उस वक्त कहा था कि इस मामले में अनेक कानूनी बिंदु हैं जिनकी समीक्षा की जानी चाहिए।

इस्तांबुल हवाई अड्डे पर हमले में 41 मरे, 239 घायल

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इस्तांबुल, 29 जून, तुर्की के इस्तांबुल के मुख्य अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमले में 41 व्यक्तियों की मौत हो गयी है और 239 लोग घायल हो गये हैं। देश में एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गयी है। इस्तांबुल के मेयर कार्यालय ने एक आज एक वक्तव्य जारी करके कल रात हुए इस हमले को देश में इस वर्ष का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बताया । इस हमले के लिए इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार बताया गया है। मारे जाने वालोें में दस को विदेशी नागरिक और तीन को दोहरी नागरिकता वाला बताया गया है। गवर्नर कार्यालय के अनुसार घायलों में से 109 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। तुर्की के एक अधिकारी के अनुसार हमलावरों में से एक ने हवाई अड्डे के प्रस्थान हाॅल में स्वचालित रायफल से गोलियां चलानी शुरू कर दी तथा तीन अन्य ने हवाई अड्डे के आगमन हाॅल के पास आकर स्वयं को विस्फोट करके उड़ा लिया। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा जांच से पहले हमलावरों को रोकने की कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने विस्फोट करके अपने आपको उड़ा लिया। तुर्की के राष्ट्रपति तईप एर्दोगन ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा है कि हमले से पता चलता है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं है और धार्मिक मूल्यों में उनकी कोई आस्था नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने आतंकवाद के विरूद्ध अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई को तेज और करने की सलाह दी है।

मोदी मंत्रिमंडल का फेरबदल,भाजपा का सांगठनिक पुनर्गठन जल्द

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नयी दिल्ली, 29 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार एवं फेरबदल तथा भाजपा के सांगठनिक पुनर्गठन काे लेकर आज शाम यहां मंत्रणा की और सरकार एवं पार्टी के नये कलेवर को अंतिम रूप दिया। सूत्रों के अनुसार श्री शाह शाम करीब सात बजे सात रेसकोर्स रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुँचे। वित्त एवं सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली भी इस बैठक में मौजूद थे। सूत्राें ने बताया कि प्रधानमंत्री की चार जुलाई से शुरू हो रही चार अफ्रीकी देशों की यात्रा के पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जायेगा। 

इसी समय भाजपा का सांगठनिक पुनर्गठन किया जायेगा। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को तरजीह दिये जाने की संभावना है जहां कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। असम से भी मंत्रिमंडल में सर्वानंद सोनोवाल के स्थान पर कोई नया चेहरा लाया जाएगा जिन्हें राज्य में मुख्यमंत्री बनाया गया है। कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में लाये जाने की चर्चा है। बिहार से बनाये गये कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है। सरकार के प्रमुख मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है। श्री मोदी ने हाल ही में अपने मंत्रियों के विभागों की समीक्षा और मंत्रियों के कामकाज का आकलन किया है। उसी के आधार पर मंत्रिमंडल एवं सांगठनिक पुनर्गठन किये जाने की संभावना है।

वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारी नाराज, 11 जुलाई से राष्ट्रव्यापी हड़ताल

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नयी दिल्ली 29 जून, केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार द्वारा मंजूरी दिये जाने के तत्काल बाद कर्मचारियों के संगठनों ने इन्हें नाकाफी करार देते हुये 11 जुलाई से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है। केन्द्रीय कर्मचारियों के संगठनों की नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक एवं आॅल इंडिया रेलवेमैन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने यहाँ संवाददाता सम्मेलन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अब तक की सबसे खराब अनुशंसाएँ करार देते हुये कहा कि इनके लागू होने पर कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं होगा। काउंसिल ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुये कहा कि रेलवे से जुडी माँगाें को लेकर उनके संगठन ने रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के साथ चर्चा की है और इसमें कुछ मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़ाकर 26 हजार रुपये करने की माँग की गई थी जिस पर कर्मचारी कुछ पीछे हटने को तैयार हैं। इसे 01 जुलाई 2015 के महँगाई के आँकडों के आधार पर तय किये जाने की जरूरत है और इस आधार पर यह 22 हजार से 23 हजार रुपये तक हो सकता है।

उन्होंने इस हड़ताल में रेलवे, डाक, आयकर विभाग, रक्षा प्रतिष्ठानों सहित केन्द्र के सभी विभागों के कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद जताते हुये कहा कि सरकार के समक्ष नौ प्रमुख माँगे रखी गई हैं जिसमें न्यूनतम वेतन सबसे प्रमुख है। इसमें जब तक बढ़ोतरी नहीं की जायेगी हड़ताल नहीं टलेगी। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में 32 लाख कर्मचारी शामिल होंगे जिनमें 11 लाख 01 जनवरी 2004 के बाद से अपनी सेवायें दे रहे हैं। इन नये कर्मचारियों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर बहुत नाराजगी है। श्री मिश्रा ने कहा कि छठे वेतन आयोग ने वेतन में 52 फीसदी और पाँचवे वेतन आयोग ने 40 फीसदी बढोतरी दी थी। लेकिन, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशोें में मूल वेतन में मात्र 14.29 प्रतिशत और भत्तों आदि में कुल मिलाकर 23.5 प्रतिशत की बढोतरी की जा रही है जो अब तक की सबसे खराब सिफारिश है। उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रीय कर्मी संगठनों की शीघ्र ही बैठक होने जा रही है और उसमें हड़ताल की पूरी रणनीति तय की जायेगी।

केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ा, एक करोड़ कर्मचारी, पेंशन भोगी होंगे लाभान्वित

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नयी दिल्ली, 29 जून, सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को आज मंजूरी दे दी जिससे एक करोड़ कर्मचारी और पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे तथा सरकारी खजाने पर एक लाख दो हजार करोड़ रूपये का सालाना बोझ पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में गठित वेतन आयोग की सिफारिशों को कमोबेश स्वीकार कर लिया गया है। इन्हें एक जनवरी 2016 से लागू किया जायेगा और एरियर का भुगतान इसी वर्ष किया जायेगा। इसके लागू होने से 47 लाख कर्मचारी और 53 लाख पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे जिनमेें रक्षा क्षेत्र के 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशन भोगी है। 

श्री जेटली ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन निजी क्षेत्र के अनुरूप बनाने के लिये आईआईएम अहमदाबाद के अध्ययन को आधार बनाया गया। वेतन को रहन-सहन की लागत से जोड़ा गया। मूल वेतन में बढोत्तरी के लिये 2.57 गुणा का फार्मूला अपनाया गया है जिससे न्यूनतम वेतन 7000 रूपये से बढ़कर 18 हजार रूपये हो जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भत्तों को लेकर कुछ संशय कि स्थिति है इसे दूर करने के लिये सचिवों की एक समिति गठित की जायेगी जो चार माह में रिपोर्ट देगी। उसकी सिफारिशों के आधार पर इन्हें लागू किया जायेगा और तब तक भत्तों का मौजूदा दर पर भुगतान किया जायेगा। वेतनमान की विषंगतियों को दूर करने के लिये एक समिति का गठन किया जायेगा। पेंशन की न्यूनतम सीमा साढ़े तीन हजार से बढ़ाकर नौ हजार रुपये की गयी है और ग्रेज्युटी को दोगुना करके 10 लाख से 20 लाख रुपये किया गया है। सालाना वेतन वृद्धि के लिये एक जनवरी और एक जुलाई की तिथि तय की गई है। पहले यह साल में एक बार जुलाई में होती थी। बढ़ोत्तरी पहले की तरह मूल वेतन के तीन प्रतिशत होगी। इलाज के लिये दिये जाने वाली अग्रिम राशि को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के ब्याज मुक्त अग्रिम राशि की सुविधा को खत्म कर दिया गया है। आवास रिण की सीमा साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।

टीम को प्रेरित करेंगे कुंबले : रोहित शर्मा

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मुंबई, 29 जून, टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा ने नवनियुक्त कोच अनिल कुंबले की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्हें एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व करार जिनसे युवाओं को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। यहां पर एक कार्यक्रम में भाग लेने आए रोहित ने कहा “मुझे मुंबई इंडियंस में दो वर्ष तक उनका साथ मिला। मैं टीम का कप्तान था और वे कोच और मेंटर। वे काफी प्रेरणादायी हैं। मैं भाग्यशाली था कि कुंबले के संन्यास लेने के ठीक पहले मुझे उनके साथ कुछ महीने खेलने का भी मौका मिला। मैं 2008 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल था और कुंबले कप्तान थे।” 

राेहित ने कहा “उन्होंने जिस तरह क्रिकेट खेली वह काफी प्रेरणादायी हैं। वे लोगों को प्रेरित कर चुनौती स्वीकारने को तैयार करते हैं। वे हमेशा कोच और मेंटर के रूप में आपके साथ मौजूद रहते हैं। कभी हार नहीं मानने के उनके अंदाज से युवा खिलाड़ी काफी कुछ सीख सकते हैं। वह अंतिम गेंद तक संघर्ष करते हैं और अपने खेल से यही संदेश देना चाहते हैं। वह काफी प्रेरणादायी हैं।” इसके साथ ही रोहित ने पूर्व मेंटर शास्त्री की तारीफ भी की। उन्होंने कहा “शास्त्री ने टीम की जिम्मेदारी उस वक्त संभाली थी जब टीम खराब दौर से गुजर रही थी। उन्होंने सबसे हटकर सोचा और सभी को प्रभावित किया। शास्त्री के 18 महीनों के कार्यकाल के दौरान भारतीय क्रिकेट पर बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने टीम के साथ जुड़ते ही सकारात्मक प्रभाव डाला।” 
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