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बिहार : पटना आट्र्स काॅलेज में 80वंे दिन आंदोलन समाप्त

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गुलाल लगा एवं ढ़ोलक, हरमोनियम तथा नाल बजा खुशी का किया इजहार, स्थायी प्रचार्य की बहाली कर अरूण कमल रहंेगे प्रभारी प्राचार्य, पूर्व प्राचार्य की गिरफ्तारी का डी.एस.पी. ने दिया आश्वासन, 8 छात्रों का निलंबन पूर्णतः वापस, 20 दिन कक्षाओं को संचालित कर होगी परीक्षाएँ, फर्जी मुकदमे की वापसी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से करेगा पहलकदमी, पटना वि.वि. प्रशासन, जिला प्रशासन एवं छात्रों के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता के बाद हुआ समझौता। 

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पटनाः-  पटना आट्र्स काॅलेज में 80 दिनों से जारी आंदोलन सोमवार को देर शाम पटना वि.वि. प्रशासन, जिला प्रशासन एवं छात्रों के प्रतिनिधिमण्डल में वार्ता के पश्चात् आंदोलन समाप्त हो गया। आंदोलन की समाप्ति की जानकारी संवाददाता सम्मेलन आज आट्र्स काॅलेज में आयोजित कर दी गई। इस दौरान हुए समझौते के बिन्दुओं की जानकारी दी गई। वार्ता में तय हुआ कि काॅलेज में स्थायी प्राचार्य की बहाली कर प्रो. अरुण कमल ही प्रभारी प्राचार्य बने रहेंगे। स्थायी प्राचार्य की बहाली के लिए सरकार एवं बी.पी.एस.सी. को वि.वि. प्रशासन पत्र भेेजेगा। वहीं पूर्व प्रभारी प्राचार्य चन्द्रभूषण श्रीवास्तव की गिरफ्तारी करने का आवश्वासन बैठक मेें मौजूद डी.एस.पी. विधि व्यवस्था शिब्ली नोमानी ने दिया। पूर्व प्राचार्य का निलंबन जांच कमिटी की रिपोर्ट आने पर या गिरफ्तारी के बाद होगी। वहीं 8 छात्रों का निलंबन 

पूर्णतः वापस लिया गया तथा इसकी अधिसूचना जारी करने की बात हुई। वार्ता में तय हुआ कि 20 दिन कक्षाओं को संचालित कर काॅलेज की परीक्षाएँ ली जाएगी। इसमें पहले प्रायोगिक तथा पुनः सैद्धांतिक परीक्षा ली जाएगी। लंबित परीक्षाफल शीघ्र जारी करने  पर सहमति बनी। एम.एफ.ए. की पढ़ाई शीघ्र शुरु करने को लेकर पहल करने की बात हुई। ये भी तय हुआ कि हाॅस्टल में छात्र यथावथ रहेंगे तथा हाॅस्टल खाली करने का आदेश निस्त होगा। छात्रों पर दर्ज फर्जी मुकदमे को लेकर जिला प्रशासन ने पहलकदमी करने की बात कही। वि.वि. प्रशासन ने कहा कि छात्रों को कैसे मुकदमे से बचाया जाये। इसकी कोशिश होगी। छात्र नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन मंे फर्जी मुकदमे की वापसी की मांग मुख्यमंत्री से की। सभी छात्र-छात्राआंे के लिए परिसर में हाॅस्टल एवं कला स्टूडियो की निर्माण की बात हुई। वहीं संवाददाता सम्मेलन के बाहर छात्र-छात्राआंे ने अबीर, गुलाल लगा एवं ढ़ोल, हार्मोनियम नाल बजा खुशी का इजहार किया। छात्रों के आन्दोलन में जीत को संघर्षों एवं एकता की जीत बताया। काॅलेज के पूर्व छात्रा मधुनीता रेड जिनका निधन 17 जुलाई को हुआ था। उनकी याद में मिनट का मौन रखा गया। मौके पर काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. अरुण कमल भी उपस्थित थे। आज मौके पर ;।प्ैथ्द्ध  के राज्य सचिव सुशील कुमार, ए.सी.एस.एफ. के राष्ट्रीय संयोजक वीरचंद एवं अध्यक्ष गौरव त्रिपाठी, आइसा के आकाश कश्यप रंगकर्मी साजिना, मुकेश कुमार, नीतिश कुमार, अभिषेक आनन्द, पुष्पेन्द्र प्रणय, साजन झा, बिट्टू, अंकुर, विक्की, लवली, स्वीटी, बिपिन, अमित, विवेक सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।  

बिहार : 100 साल से रहते हैं दीघा मुसहरी में लोग

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  • यहां के नौजवान अंगुली पर गिन लेते हैं मैट्रिक उत्र्तीण करने वालों को
  • यहां के सुधीर और गौरख पहली बार मैट्रिक उत्र्तीण हुए

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पटना। पटना नगर नूतन राजधानी अंचल के वार्ड नम्बर 1 में है दीघा मुसहरी। यहां के लोग 100 साल से रहते हैं। 165 घर है और जनसंख्या 1000 से अधिक है। इस समय झोपड़ी में रहने वाले मुसहर समुदाय की तकदीर चमकी है। 2 लाख 86 हजार 411रू0 से मकान बन रहा है। अब लोगों को लोटा लेकर मैदान में शौचक्रिया करने नहीं जाना पड़ेगा।निर्मित सभी लोगों के मकानों में शौचालय बन रहा है। अभी मकान अधूरा है। किसी को प्रथम तो किसी को द्वितीय चरण की राशि नहीं मिल रही है। लड़को को परास्त कर लड़कियों ने बाजी मारीः 100 साल से रहते हैं महादलित मुसहर समुदाय के लोग। यहां के नौजवान अंगुली पर ही गिन लेते हैं मैट्रिक उत्र्तीण करने वालों को। अभी तक केवल 9 महादलित के बच्चे मैट्रिक उत्र्तीण हुए हैं। उत्र्तीण 4 लड़कों को परास्तकर 5 लड़कियों ने मैट्रिक उत्र्तीण कर बाजी मार ली है। सबसे पहले स्वर्गीय केदार मांझी के पुत्र सुधीर कुमार और जामुन मांझी के पुत्र गौरख कुमार मैट्रिक उत्र्तीण हुए। लड़कियों में पास करने वाली हैं सीमा कुमारी,पूजा कुमारी,रीना कुमारी,आरती कुमारी और मनोरमा कुमारी। वहीं लड़कों में सुधीर कुमार,गौरख कुमार,गोविन्दा कुमार और मनोज कुमार। सुधीर कुमार विकास मित्र और मनोज कुमार इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत हैं। शेष मजदूरी करते हैं। फिलवक्त शिक्षा की रोटी नहीं खाते हैं। 

मैट्रिक उत्र्तीण बच्चों को उत्प्रेरक के रूप में जोड़ा जा सकता हैः उत्र्तीण सभी बच्चों को उत्प्रेरक के रूप में सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के अधिकारी जोड़ सकते हैं। अपने समुदाय को आगे बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। सरकार के द्वारा जरूर ही इनको उत्प्रेरक के रूप में जोड़ लेना चाहिए। सब के सब अच्छे उत्प्रेरक हो सकते हैं। अपने अनुभव से महादलित और उनके बच्चों को शराब बनाना छोड़ने पर उत्प्रेरित कर सकते हैं। जब पटना जिले के जिलाधिकारी राजबाला वर्मा थींः बिहार विभाजन 2000 के रूप राजबाला वर्मा बिहार में कार्यरत थीं। जब पटना जिले के जिलाधिकारी राजबाला वर्मा थीं, तब महिलाओं को संगठित कर महिला समूह बनायी थीं। जिलाधिकारी ने महिला समूह को गांवघर में उत्प्रेरक के रूप में बहाल की। इनके माध्यम से विकास कार्य होने लगा। जिलाधिकारी सीधे संपर्क में रहती थीं। अपना मोबाइल/टेलीफोन नम्बर दे रखी थीं। किसी तरह के अपराध होने पर फोन करने पर सुधि लेने लगी। उत्प्रेरकों के सहयोग से सामुदायिक भवन भी बना। सामुदायिक भवन निर्माण करने की राशि सरकार ने दे रखी थी। इस समय झारखंड के मुख्य सचिव हैं राजबाला वर्मा। इसमें दीघा मुसहरी की श्यामसखी देवी भी थी। विकास मित्र सुधीर कुमार की मां हैं उत्प्रेरक श्यामसखी देवी। इन दिनों श्यामसखी देवी बीमार चल रही है। 

बिहार : पीपा पुल निर्माणकर भूल सुधार सरकार करें

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  • टापू में तब्दील बिन्द टोली,कुर्जी, सड़क संपर्क ध्वस्त होने से सहायक निजी नाव 

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पटना। बिन्द टोली,कुर्जी में रहने वाले खेतीहर भूमिहीनों ने पीपा पुल निर्माण करने का आग्रह जिला प्रशासक से किये हैं। गंगा नदी के उफान के कारण बिन्द टोली टापू में तब्दील हो गया है। सड़क संपर्क ध्वस्त हो जाने के कारण निजी नाव वालों की चांदी हो गयी है। डीजल नाव पर चढ़कर घर जाने वालों की जेब ढ़ीली करनी पड़ रही है। प्रति व्यक्ति 5 रूपये डकार रहे हैं। आप जितनी बार आवाजाही करेंगे तो उतनी बार 5 रूपये देने पड़ेंगे।

जिला प्रशासन नहीं किया आश्वासन पूराः जिला प्रशासन ने जल निकासी के लिए भू-गर्भ नाला और आवाजाही करने के लिए पुल निर्माण करने का आश्वासन दिया गया। दोनों वादा पूर्ण नहीं हो सका। बिन्द टोली के लोग जुगारू व्यवस्था के तहत कुर्जी,गोसाई टोला और एल0सी0टी0घाट से आवाजाही कर पाते थे। तीनों राह ध्वस्त होने से लोग परेशान हो गये हैं। किसी तरह की रात्रिकालीन परेशानी से निपटने की व्यवस्था नहीं है। उस समय परेशान लोग भगवान पर ही आश्रित हो जाएंगे। 

अब तो भगवान भरोसे ही लोग हो गये हैंः सीएम नीतीश कुमार द्वारा गंगा मइया को राजधानी तरफ लाने की कवायद की गयी है। उसी कैनाल में उफान आ गया है। इस तरह की उत्पन्न उफान से टापू में तब्दील बिन्द टोली हो गया है। यहां के लोगों का कहना है कि अभी तो आवाजाही बंद हो गयी है। अगर उफान निरन्तर रहा तो पानी का चढ़ाव टोले में भी हो जाएगा। ऐसी हालात से निपटने की तैयारी लोगों में नहीं है। काफी लोग घबड़ा गये हैं। यह प्रथम अनुभव लोगों को हो रहा है। जल्द से जल्द प्रशासन आकर लोगों को धीरज धरावें। और तो और समस्याओं के समाधान में पीपा पुल का निर्माण करें।

इनरह्वील क्लब-वाराणसी उदया की नयी टीम ने ली पद एवं गोपनीयता की शपथ

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  • तनू बनीं अध्यक्ष, रोली सचिव 
  • क्लब की सोच और उद्देश्य के अनुरूप पूरी टीम करेगी काम 
  • बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता, पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का संकल्प: तनु 

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वाराणसी। इनरह्वील क्लब-वाराणसी उदया की नयी टीम ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस इस दौरान दुर्गाकुण्ड स्थित बैंक्वेट हॉल में आयोजित पदग्रहण समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान गणेश की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर अनीषा की गायिकी गणेश वंदना से किया गया। इसके बाद नवनियुक्त पदाधिकारियों ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का दिया नारा। कहा नई टीम महिलाहित के साथ सामाजिक दायित्वों को महत्व देने के साथ ही सेवा और क्लब के तय मापदण्ड के अनुरूप कार्य करेगी। इस दौरान क्लब की पूर्व अध्यक्ष नंदिनी भार्गव ने नवनियुक्त अध्यक्ष तनू शुक्ला को कालर पहनाकर दायित्व सौंपा। 

इसके अलावा उपाध्यक्ष श्वेता सिंह, सचिव रोली सिंह, कोषाध्यक्ष प्रियंका ओझा, आईएसओ छवि अग्रवाल तथा एडिटर पियाली मुखर्जी को पद सौंपा गया। नवनियुक्त अध्यक्ष तनु ने कहा कि क्लब की नई टीम क्लब के सामाजिक दायित्वों को पूरा करने का प्रयत्न करेगी। भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाना व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता, पर्यावरण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सेवा कार्य को प्राथमिकता दी जायेगी। इसके अलावा क्लब की सोच और उद्देश्य के अनुरूप पूरी टीम काम करेगी। हम सभी समाज के साथ मिल कर काशी के पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्व को पूर्णता प्रदान करेंगे। इसके पहले क्लब की ओर से प्रगति रिपोर्ट भी पेश की गयी। इस मौके पर लखनऊ की घरेलू हिंसा पीड़ित एक महिला को चार हजार रुपये की सहायता राशि भी दी गई। इस मौके पर पास्ट प्रेसिडेंट प्रीति अग्रवाल, ममता द्विवेदी, सविता, मनीषा लोहिया, शिखा, मंजू गुप्ता, संध्या सिंह, नीरा आदि मौजूद थीं। संचालन शिल्पी सेठ ने किया।  

विशेष : शिव सेठ की हत्या का राज अब भी अनसुलझा

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  • सीबीआई जांच तो दूर आश्रितों को 50 लाख की मदद समेत पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाने के वादे को भी नहीं पूरी कर सके भाजपाई 
  • दुबारा प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर पिता-पत्नी व बेटे ने लगाई न्याय की गुहार 

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा किस कदर होती है इसकी गवाही सभासद रहे शिव सेठ की पत्नी एवं पिता हत्यारों की गिरफ्तारी एवं मदद के लिए दर-दर-भटक रहे है। नौ महिने पहले सरेराह बदमाशों ने नगर निगम के भाजपा सभासद शिव सेठ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद तीन दिन तक पूरा शहर शोक में डूबा रहा। केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र समेत भाजपा अध्यक्ष से लेकर पूरी कमेटी ने लाखों की भरी सभा में गला फांड-फांडकर आश्वासन दिया था कि इस हृदयविदारक घटना के हत्यारों को किसी भी दशा में छुट्टा नहीं घुमने दिया जायेगा। प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जायेगी। आश्रितों को 50 लाख की आर्थिक मदद के साथ ही पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पर दबाव बनाया जायेगा। लेकिन सारे दावे-वादे रात गई बात गई वाली कहावत में तब्दील हो गयी। अफसोस इस बात का है कि हत्याकांड की आवाज अब मद्यम पड़ने लगी है। हत्या के पीछे के राज अब तक अनसुलझे रह गये हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली व अज्ञात बदमाशों द्वारा लगातार दी जा रही धमकी से हत्या के कारणों का खुलासा हो सकेगा या नहीं इस पर भी सवाल उठने लगे है। आखिर शिव सेठ की किस दुश्मनी या किसके इशारे पर हत्या करायी गयी, यह हर कोई जानना चाहता है। लेकिन, अब तक ना ही सीबीआइ जांच के आदेश हो सके है और ना ही स्थानीय पुलिस कुछ कर सकी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सत्ता के दबाव में पुलिस मामले को ठंडे बस्ते में उालने की तैयारी कर ली है। 

पुलिस की हरकतों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी से आहत रामापुरा वार्ड के पूर्व पार्षद स्वर्गीय शिव सेठ के पिता मदन सेठ एवं पत्नी सारिका सेठ ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत मुख्यमंत्री, राज्यपाल, डीजीपी आदि को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। पत्र में कहा गया है कि शिव की हत्या राजनीतिक द्वेष में हुई थी। पुलिस ने जिन लोगों को पकड़कर खुलासे की बात की है वह तो मुखबिर थे। असली अपराधी अभी भी नहीं पकड़े गए हैं। पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। जबकि जिस जगह पर उनके बेटे की हत्या की गयी थी वहां सीसी कैमरे लगे थे। अगर पुलिस सीसी टीवी फूटेज को खंगालती तो हत्यारे जरुर पकड़ में आते। लेकिन पुलिस ना ही सीसी टीवी कैमरा देखने की कोशिश की और ना ही आसपास के लोगों से पूछताछ ही की। प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मदन सेठ ने कहा कि उनके बेटे की 3 नवम्बर को हत्या की गयी थी। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू तो की। लेकिन मामले का खुलासा नौ माह बाद भी तक नहीं कर सकी है। पूर्व में भी सीबीआई जांच के लिए केंद्र-राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि जमीन विवाद में उसकी हत्या हुई है। ऐसा नहीं है, उसकी राजनीतिक द्वेष में हत्या हुई है। शिव ने कभी पैसा नहीं कमाया। वह बेटे की फीस भी जमा नहीं कर पाता था। मदन सेठ ने कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्रियों, पार्टी के जिला-महानगर अध्यक्ष और नेताओं से मिलकर इस मामले को पीएम के संज्ञान में लाने को कहा था। सभी कन्नी काट गए। पीएम के वाराणसी दौरे के समय उनसे मिलाया भी नहीं गया। पुलिस भी कार्रवाई तो दूर मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है। आएं दिन मेरे परिवार को अज्ञात लोगों द्वारा धमकियां दी जा रही है कि पैरवी करना बंद करों वर्ना बेटे की तरह तुम लोगों की भी हत्या कर दी जायेगी। हालांकि पुलिस कहती है कि हत्याकांड का खुलासा करने के लिए वह अपनी तरफ से हर संभव कोशिश में लगे है। आरोपितों पर चार्जशीट की तैयारी की जा रही है। हत्या में प्रयुक्त हथियार व शरीर से बरामद गोली के संबंध में भी एफएसीएल रिपोर्ट भी शीघ्र मिल जायेगी। इस कांड की गहन समीक्षा की जायेगी और सभी आवश्यक कार्रवाई होगी। 

बिहार : बक्सर धर्मप्रांत के शाहपुर पल्ली में है चर्च आॅफ संत मेरी माग्देलेना

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  • शाहपुर पल्ली के देवाशीष हैं येसु समाज में जाने वाले प्रथम व्यक्ति 

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पटना। बक्सर धर्मप्रांत में है शाहपुर पल्ली। इस पल्ली में चर्च आॅफ संत मेरी माग्देलेना गिरजाघर है। इसी गिरजा में धर्मावलम्बी प्रार्थना और मिस्सा सुनने जाते हैं। इसी शाहपुर पल्ली में डिक्केन देवाशीष प्रसाद का जन्म 12 अक्तूबर 1980 को हुआ। बचपन से ही देवाशीष काफी धर्मभीरू स्वभाव के थे। अपने घर में ही बच्चों के साथ मिस्सा-मिस्सा खेल खेला करते थे। यहां पर कार्यरत फादर और सिस्टरों से भी देवाशीष को प्रोत्साहन मिलने लगा। इसका नतीजा सामने आया। धार्मिक समाज की ओर पग बढ़ा दिये। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ‘येसु समाज’ में 1 जुलाई 2001 में प्रवेश कर लिये। उस समय मात्रः 21 वर्ष के थे। शाहपुर पल्ली से धार्मिक संस्था में प्रवेश करने वाले अव्वल देवाशीष प्रसाद हैं। जो स्वर्णीम इतिहास रच दिया। 

वर्ष 1945 में चर्च की स्थापना की गयीः शाहपुर पल्ली में ईश्वर के आश्रय की स्थापना 1945 में की गयी। इसका नामकरण किया गया। चर्च आॅफ संत मेरी माग्देलेना। कोई 1615 ईसाई धर्मावलम्बी रहते हैं। यहां पर येसु समाज और आईबीएमव्ही की सिस्टर कार्यरत हैं। स्कूल और हाॅस्पीटल है। क्रूसवीर,महिला संघ,पैरिश काॅउंसिल,वाईसीएस और संत विन्सेंट डी पौल समाज कार्यशील है।  आप इसे दुर्भाग्य कहेंगे की सौभाग्य? चर्च की स्थापना के 71 साल के बाद शाहपुर पल्ली से देवाशीष प्रसाद का पुरोहिताभिषेक होगा। यह कयास लगाया जा रहा है कि जन्म दिन के 36 साल के बाद अक्तूबर माह में देवाशीष पुरोहित बनेंगे? ऐसा होने से शाहपुर पल्ली के इतिहास स्वर्णीक इतिहास में शुमार हो जाएगा। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि देवाशीष को देखकर अन्य युवाजन भी विभिन्न धर्मसमाजों में धड़ल्ले से प्रवेश करना जारी कर देंगे?

प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में ‘डिक्केन’रूप में स्वागतः रविवार को शाहपुर पल्ली के धरती पुत्र देवाशीष प्रयास का शानदार स्वागत किया गया। पुरोहिताभिषेक के पहले देवाशीष ‘डिक्केन’ के रूप में कार्य करेंगे। धार्मिक अनुष्ठान के समय ‘पुरोहित’ को सहयोग करेंगे। केवल प्रभु येसु ख्रीस्त के रक्त और बदन का बलिदान नहीं चढ़ा पाएंगे। जो रविवार को धार्मिक अनुष्ठान के समय देखा गया। डिक्केन के गले में ‘हार’ः चर्च में ही एक लड़की ने डिक्केन देवाशीष को हार पहनाया। वहीं कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर जोनसन ने देवाशीष को गला मिलाकर अभिवादन किया। देवाशीष ने पवित्र मिस्सा में सहायक की भूमिका अदा किये और परमप्रसाद वितरण किये। मिस्सा खत्म होने के बाद धर्मावलम्बियों ने हाथ मिलाकर डिक्केन का अभिवादन किया। उनका कहना था कि एक साल रहकर परिवार के लोगों से परिचित हो जाऊंगा।

बिहार : और नगर आयुक्त अवधेश सिंह भी राशि विमुक्त करवाने में अक्षम साबित

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  • महादलित तन ढंकने वाली साड़ी को तानकर धूप और वर्षा से रक्षा कर रहे हैं

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पटना। पटना नगर निगम के लेखा शाखा पदाधिकारी छुट्टी में चले गये । इसके आलोक में नगर आयुक्त अवधेश सिंह ने लेखा संबंधी कार्यों में व्यवधान न पड़े। उन्होंने अन्य एक व्यक्ति को प्रतिनियुक्त किया ताकि सुचारूपूर्ण ढंग से कार्य संचालित होते रहे।जानकार लोग कहते हैं कि प्रतिनियुक्त लेखा शाखा पदाधिकारी ने कार्य निपटाया शुरू कर दिये। मगर पटना नगर नूतन राजधानी अंचल के निर्माणाधीन महादलित मुसहर समुदाय के लोगों की राशि विमुक्त करने में दिलचस्पी नहीं लिये। इसका खामियाजा महादलित मुसहर भुगत रहे हैं। खुले आकाश में रहने को बाध्य हैं। तन ढंकने वाली साड़ी को तानकर धूप और वर्षा से रक्षा कर रहे हैं। पटना नगर नूतन राजधानी अंचल के वार्ड नम्बर 1 में राजीव गांधी आवास योजना से कुल 165 मकान महादलितों का निर्माण होने वाला है। इनको तीन चरणों में कुल 2 लाख 86 हजार 411 रूपये मिलना है। रीयल ट्रांसजेक्शन ग्राॅस सटेलमेंट (आर टी जी एस) होने के बाद 54 महादलितों को द्वितीय और 57 महादलितों का प्रथम चरण की राशि विमुक्त होने वाली है। शेष 54 महादलितों का कार्य प्रगति में है। प्रथम चरण में 30 प्रतिशत की राशि 86 हजार 223 रू0 से नींव से प्लीथ तक मकान निर्माण करवाना है। द्वितीय चरण में 50 प्रतिशत की राशि 1 लाख 45 हजार रू0 से प्लीथ से लींटर तक निर्माण करना है। तृतीय चरण में 20 प्रतिशत की राशि 55 हजार 188 रू0 से लींटर से छत तक निर्माण करवाना है। इस मकान में आवश्य ही शौचालय निर्माण करवाना है। 

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लाभुकों के अनुसार 9 जनवरी 2016 को पटना सिटी में शिविर आयोजित किया गया। आरटीजीएस के बाद प्रथम चरण में 54 महादलितों को 30 प्रतिशत राशि  86 हजार 223 रू0 विमुक्त कर दी गयी है। इस राशि से नींव से प्लीथ तक मकान निर्माण कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम के चुनाव होने से कार्य बाधित हो गया। चुनाव पश्चात नगर आयुक्त की कुर्सी से हटने-हटाने और बैठने-बैठाने की राजनीति शुरू हो गयी। जब कुर्सी की लड़ाई का पटाक्षेप हुआ तो लेखा शाखा पदाधिकारी छुट्टी में चले गये।नगर आयुक्त ने कार्य निपटारा करने के लिए अन्य व्यक्ति को लेखा शाखा पदाधिकारी पद पर प्रतिनियुक्ति कर दिया। तब भी महादलित मुसहरों का कार्य आगे बढ़ने के बजाए कार्य फ्रीज हो गया है। जामुन मांझी नामक लाभुक का कहना है कि खरीदे बालू और ईंट बर्बाद होने लगा है। सलाखों में जंग लगने लगी है। सीएम नीतीश कुमार और डीएम संजय अग्रवाल से आग्रह किया है कि हम मुसहरों की सुधि ले और जल्द से जल्द राशि विमुक्त कराकर मकान निर्माण करवाने में योगदान करें।

सोनभद्र (उत्तर-प्रदेश) की खबर (19 जुलाई)

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होटलों में नहीं होती है नियमित छापेमारी 

पिछले वर्ष अप्रैल महीने में शहर के व्यस्ततम जगहों में माने जाने वाले गंगजला चैक स्थित एक गेस्ट हाउस में छापामारी की गयी थी।तत्कालीन सदर एसडीपीओ प्रेमसागर के द्वारा मारे गये छापामारी में सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ था।उस वक्त यह बात सामने आई थी कि पुलिस के द्वारा होटलों व गेस्ट हाउस की नियमित रूप से जांच नहीं की जाती है और यदि की भी जाती है तो महज खानापूरी की जाती है।क्यों की अगर नियमित रूप से जांच की जाती तो शहर के बीचोंबीच इस प्रकार के अवैध धंधे का खुलासा नहीं होता।एक  खासबात  जो उस समय नजर आयीं की कुछ ही समय के अंतराल पर लगातार दो बार छापामारी की गई और दौनों बार अनैतिक व्यापार में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हुई।जिसने पुलिस के रवैये की पोल खोल दी थी।शहर में कुछ वर्ष पूर्व तक कुछ गिने चुने होटल ही थे।जो की डीबी रोड,दहलान चैक व प्रशांत सिनेमा रोड के समीप स्थित थे लेकिन हाल के वर्षों में जैसे जैसे शहर का विस्तार होते गया इनकी संख्या बढते गयी।वर्तमान समय में नगर परिषद क्षेत्र के अंदर दर्जन भर से ज्यादा होटल व गेस्ट हाउस संचालित है।सूत्रों की माने तो शहर में ऐसे कई गेस्ट हाउस चल रहे हैं जिसके बंद कमरे में अनैतिक देह व्यापार का धंधा चैबीसों घंटे जारी रहता है।इसके अलावा कई होटलों में ग्राहकों को बिना पहचान पत्र के भी ठहरने के लिए कमरा दे दिया जाता है।जबकि यह नियम है की बिना पहचान पत्र और बिना रजिस्टर में इंट्री के ग्राहकों को नहीं ठहराया जा सकता है।हालांकि ऐसा नहीं है की शहर में चल रहे सभी होटल नियमों की अनदेखी करते हैं।ऐसे अनेक प्रतिष्ठित होटल हैं जो तय नियमों का पालन बखूबी करते हैं।लेकिन ऐसे होटलों की संख्या काफी कम हैं।अगर पुलिस प्रशासन नियमित रूप से शहर में संचालित होटल,रेस्ट हाउस  व  लॅाज की जांच करे तो न सिर्फ देह व्यापार के अनैतिक धंधे पर रोक लगेगी बल्कि यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा।क्योंकि हो सकता है कि नियम कानून में ढिलाई का फायदा उठाकर कोई अपराधी अपने बुरे मनसूबों को पूरा करने में सफल हो जाये और हम अपने हाथ मलते रह जाएं।

जमीन विवाद में चली गोली कई घायल 

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रविवार शाम जिले के सोनवरसा कचहरी ओपी के विशनपुर गांव में हुए जमीन विवाद में गोली लगने से एक ही पक्ष के चार लोग 32 वर्षीय संजय यादव 65 वर्षीय राजकिशोर यादव 40 वर्षीय विमल यादव तथा 22 वर्षीय अजय कुमार जख्मी हो गये।वहीं दूसरे पक्ष के बबलू यादव का मारपीट में दांत टूट गया।घटना के संबंध में राजकिशोर यादव व संजय यादव ने बताया कि वे लोग सपरिवार घर पर बैठे हुए थे कि अचानक बबलू,पप्पू सहित कई अन्य लोगों ने मारपीट करते हुए गोली चला दिया।जिसमें अजय के बांह में गोली लगने से वह जख्मी हो गया।वहीं दूसरे पक्ष के बबलू यादव ने भी इसी तरह का आरोप विरोधी पक्ष के ऊपर लगाया है। जानकारी केअनुसार दोनों पक्ष के बीच कई वर्षों से जमीन विवाद चल रहा है।इसके पूर्व भी दोनों पक्षों के बीच मारपीट की। घटना घट चुकी है।जमीन विवाद का मामला न्यायालय में भी चल रहा है। गोलीबारी व मारपीट की सूचना मिलते ही सोनवर्षा कचहरी ओपी अध्यक्ष पंचलाल यादव ने घायलों को इलाज के लिये सदर अस्पताल भिजवाया।घटना को लेकर पुलिस द्वारा कारवाही शुरू कर दी गयी है।

बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था की बेहतरी के लिये पदयात्रा 

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बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था की बेहतरी के लिये पदयात्रा पर निकले राज्य के शिक्षा व आईटी मंत्री अशोक चौधरी ने विधि कालेज में आयोजित संकल्प समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च करती है।इसके बावजूद शिक्षा पर सर्वेक्षण करने वाली संस्था असर के रिपोर्ट में बताया है की सूबे के छठी कक्षा में पढने वाले छात्र वर्ग दो के गणित के सवालों को हल नहीं कर पाते हैं।श्री चौधरी ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चे मध्याह्न भोजन खाकर चले जाते हैं।चार वर्ष पूर्व विद्यालयों से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या 11•2 प्रतिशत थी जो कि अब 0•2 प्रतिशत रह गई है।लेकिन इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं है।उन्होंने कहा कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज के लोगों में शिक्षा के प्रति भूख पैदा करना है।समाज के दलित,महादलित,पिछड़े,अति पिछड़े व आर्थिक,सामाजिक तथा राजनीतिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना।मंत्री सह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब तक समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का विकास नहीं होगा तब तक 21वीं का बिहार देखना मुश्किल है।उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा का बजट 20 हजार करोड़ रुपए है।शिक्षकों के वेतन मद में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को वहन करनी है।जो समय पर नहीं मिल पाती है।शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन मिले उसके लिए राज्य सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है।एक दो महीने के अंदर इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा।।समारोह में विधान सभा सदस्य बंटी चौधरी,विधान परिषद सदस्य दिलीप चौधरी,तनवीर अख्तर कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रो विद्यानंद मिश्र राजद  अध्यक्ष जफर आलम,कुमार हीरा प्रभाकर,मो नईमउदीन ,रामसागर पांडेय,मुकेश झा सहित अन्य मौजूद थे।

''चदरिया झीनी रे झीनी''गीत के साथ मनोज तिवारी ने रामनगर में साधे सियासी सुर !

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बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में अभिनेता एवं भाजपा सांसद मनोज तिवारी का बीते कल आगमन हुआ। दरअसल श्री गांधी पंचायत इंटर कॉलेज के संस्थापक बृज किशोर अवस्थी जी की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर सांसद मनोज तिवारी आमंत्रित थे। कार्यक्रम के संयोजक भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू मनोज तिवारी को लेने लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से काफिला रामनगर की ओर रवाना हुआ। 

भावुक हो गए अभिनेता मनोज

किरदारों में खो जाने वाली शख्सियत यानि कि मनोज तिवारी उर्फ मृदुल बृज किशोर अवस्थी की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर भावुक हो गए। पास में मौजूद बृज किशोर जी की पत्नी के पैर छूकर उन्होंने आशिर्वाद लिया। जिसके बाद वे रामलीला मैदान में, जहां पर मंच सजाया गया था वहां पर पहुंचे। 

जमकर बजी तालियां 

सांसद श्री तिवारी के मंच पर पहुंचते ही वहां पर पहले से इकट्ठा लोगों ने जमकर तालियां बजाकर स्वागत किया। फिर मौके पर मौजूद लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें धन्यवाद दिया। 

साधे गए ऊंचे-ऊंचे सियासी सुर

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए किसी को कंडक्टर तो किसी को क्लिंजर बता डाला। साथ ही लर्निंग सीएम वाले बयान पर भी उन्होंने जमकर चुटकी ली। आपको बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व सपा सरकार से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि इन पांच साल में वे लर्निंग सीएम के रूप में कार्य कर रहे थे। प्रवक्ता द्विवेदी ने अवैध खनन, अपराध आदि मुद्दों को भी मंच से उठाया। 

एक चांस देंगे न आप- मनोज तिवारी

कार्यक्रम में मौजूद हजारों लोगों से सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी सरकार आप सभी लोगों के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन हो सकता है कि आपको सभी योजनाओं की जानकारी न हो। स्टैंड अप योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने लोगों को खुद के बल पर खड़े होने के बारे में भी बताया। इन सबके इतर उन्होंने लोगों से पूछा कि  इस बार आप हमें यूपी में चांस देंगे न। जिसका जवाब जनता के द्वारा हां में मिला।

मनोज के गीतों पर झूम उठे लोग 

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार एवं गायक मनोज तिवारी ने चदरिया झीनी रे, करंट लागे ले गीत गाकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद वे बाराबंकी में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रामनरेश रावत, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह सिद्धू के घर भी गए। और फिर वहां से वापस लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। 

कभी तन्हाईयों में हमारी याद आएंगी..... गायिका मुबारक बेगम का निधन,

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कभी तन्हाईयों में हमारी याद आएंगी..... गीत को स्वर देने वाली मुबारक बेगम अब हमारे बीच रही। पचास से सत्तर के दशक तक हजारों लोगों के दिल पर करने वाली पाश्र्व गायिका मुबारक बेगम का सोमवार रात लंबी बीमारी से जूझते हुए अपने जोगेश्वरी स्थित घर में देहांत हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। मुबारक बेगम ने 1950 के दशक में अपने करियर की शुरूआत रेडियों से की थी,लेकिन वो जल्दी ही फिल्मों में गाने लगी। तब लता मंगेश्वर की भी फिल्मों में शुरूआत थी। मुबारक बेगम ने अपने दौर में सभी संगीतकारों के अलावा मोहम्मद रफी के साथ भी काम किया है। मुबारक बेगम को बड़ा ब्रेक फिल्म ‘मधुमति’  के गीत ‘हाले दिल सुनाईये... से मिला, उस दौर में हिट फिल्म हुई साबित हुई। केदार शर्मा की फिल्म ‘हमारी याद आएंगी’ से उनको शोहरत मिली। ‘मुझको अपने गल लगा लो.... फिल्म हमराही,...ऐ दिल बता .....फिल्म ‘खूनी खजाना....ऐजी ऐजी याद रखना..फिल्म डाकू मंसूर जैसे बॉलीवुड के लिए सैकड़ों गीतों और गजलों  को अपनी आवाज दी थी जिसके लिए उन्हें याद किया जाता है।

उन्होंने हमराही, हमारी याद आएगी, देवदास, मधुमती, सरस्वतीचंद्र जैसे कई हिट फिल्मों के गाने गाए मुबारक बेगम ने अपनी गायिकी के करियर के दौरान एसडी बर्मन, शंकर जयकिशन और खैय्याम जैसे लगभग हर बड़े संगीतकार के साथ काम किया।

बेगूसराय (बिहार) की खबर (19 जुलाई)

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ख़ुद बीमार है सदर अस्पताल बेगूसराय

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अरुण कुमार,मटिहानी,बेगुसराय। चन्दन महतों,पिता-श्याम विलास महतों,घर-रसीदपुर,बछवाड़ा,बेगुसराय। पंजीयन संख्या-62316c17699, यह मरीज टी•बी•(यक्ष्मा) और एच आई वी से पीड़ित है।इनका यक्ष्मा का दवाई चल रहा था,जिसके वजह से एच आई वी ने कुछ ज्यादा ही असर दिखाना शुरू कर दिया।नतीजा मरीज ने धीरे धीरे खाना कम करते हुए एकदम ही खाना बन्द कर दिया तो घरवालों ने सादर अस्पताल बेगुसराय लाया,यहाँ इनका इलाज चल रहा है।मरीज दिनांक 01-07-2016 को एडमिट हुआ है परन्तु कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ा है बस जिन्दा है,कारण अस्पताल में उपयुक्त दवाइयों का आभाव।मरीज के पिता का कहना है की हज़ूर हम गरीब आदमी बाहर से महंगी दवाई ला नहीं सकते और अस्पताल से सभी दवाई मिलता नहीं है।मांगने पर डॉक्टर साहब कहते हैं जो दवाई यहाँ उपलब्ध रहेगा वही मिलेगा बाकी की दवाई तो बाहर से ही लाना होगा।मरीज के पिता आगे बताये की,सर,किसी तरह से अभी तक में 4-5 सौ का दवाई बाहर से ला चुका हूँ वो भी ऋण लेकर अब और दवाई बाहर से लाने की क्षमता नहीं है हमारी हजुर किसी तरह मेरे बच्चे को बचा लीजिए सर।मैंने उनसे बोला की हम प्रयास करेंगे,डॉक्टर साहब से बताऊंगा आपके बारे में वैसे मैं डॉक्टर नहीं मैं पत्रकार हूँ।आगे बढ़ने पर बगल बाले बेड पर पड़े मरीज,संपन्न सिंह भी एच आई वी पेसेंट हैं और ये भी 12 दिन पूर्व एडमीड हुए हैं इनकी भी हालत ठीक नहीं है दवाई के आभाव के साथ साथ इनका तो ये भी कहना है की डॉक्टर हम जैसे मरीजों को छूने से भी कतराते हैं इलाज क्या करेंगे फिर भी हम यहाँ इसलिए पड़े हुए हैं कि हम गरीब आदमी बाहर इलाज करा तो सकते नहीं चलो जब तक जीना होगा किस्मत में यहीं जिएं या फिर यहीं मर जाएंगे।क्योंकि अस्पताल से दो सुई के अलावा और कुछ तो मिलता ही नहीं।आगे एक और एच आई वी पेसेंट-सीताराम महतों,पिता-यशो महतों,घर-खंझापुर,मंझौल,बेगुसरआय का भी वही हाल और वही बयान है।

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उक्त मरीजों का इलाज डॉक्टर आनन्द कुमार शर्मा और डॉ• प्रमोद कुमार के रहमो करम पर हैं जो कि मरीजों को छूना तक नहीं चाहते।आगे ऊपर के वार्ड में एक ऐसा पेसेंट है जिसके पैर में इन्फेक्सन की वजह से नौबत पैर काटने तक की आ गई है परन्तु कोई विभागीय डॉ• पैर काटने के लिए तैयार नहीं बिचारा दर्द से कराह रहा है।डॉ• से पैर काटने के लिए बोला मरीज स्वयं तो डॉ• का कहना हुआ की पैर कटवाना है तो बाहर कहीं और जाकर दिखाओ और पैर कटवाओ।मरीज के पैर में एक छोटी सी फुंसी समान्य जख्म हुआ और वही जख्म बड़ा होकर उसके बीच के तीनों अंगुली कटवा दिया और अंगूठे एवं छोटी अँगुलियों की भी हालत दयनीय है।वैसे ज़हर धीरे धीरे पुरे पैर में फ़ैल रहा है,मरीज को यदि बचाना है तो उसके पैर काटने में ही भलाई है,शायद पैर काटने के बाद मरीज बच जाए यही बहुत है।यदि पैर नहीं काटा गया तो ज़हर धीरे धीरे पुरे शरीर में फ़ैल जाएगा और डॉ• गोपाल मिश्र का ही सलाह था की चले जाओ बाहर कहीं इलाज के लिए या फिर पटना चले जाओ।मरीज का कहना है कि  पटना से तो यहाँ आए अब और कहाँ जाएँगे,यहीं जो होना होगा वो होगा।भला गरीबों को देखनेवाला कोई नहीं।दरअसल में डॉक्टरोँ को अपने निजी क्लीनिक से फुर्सत मिले तब तो नौकरी पर ध्यान दें,नौकरी के तनख्वाहों से कई गुणा अधिक,अधिक नहीं अत्यधिक कहा जाए तो को अतिश्योक्ति नहीं तो फिर क्यों माथा खपाने कहीं और जाया जाए,सरकार तनख्वाह तो दे ही देगी।बस हमारे सिविल सर्जन साहब खुश रहें।सिविल सर्जन साहब को तो अमूमन हर रोज मीटिंग कहीं न कहीं फिक्स ही रहता है कभी जिलाधिकारी महोदय के साथ,कभी आरक्षी अधीक्षक महोदय के साथ,कभी जिला जज साहब के साथ तो कभी कहीं कभी कहीं इनकी व्यस्तता तो लाजिमी है क्योंकि ये बेगुसराय सदर अस्पताल के सिविल सर्जन हैं तो व्यस्त तो रहेंगे ही।अस्पताल में आँख के स्पेशलिस्ट,ई इन टी•एवं चाइल्ड स्पेशलिस्ट कोई भी डॉक्टर नहीं हैं इस तरह डॉक्टरों का भी अभाव अस्पताल में रहता ही है।इस बाबत बात करने के लिए सिविल सर्जन साहब से मिलने में दो दिन लग गए आखिर मव फोन पर समय लेकर मिलना पड़ा मुलाक़ात और बात भी हुई,श्रीमान के समक्ष जब इन सारी बातों को रखा तो जवाब में इन्होंने वाही मीटिंग वाली बात दुहराते हुए कहने लगे कि ये सब देखना हमारा काम नहीं इसके लिए डॉक्टर हैं और जब मेरे पास को कम्प्लेन,शिकायत आते हैं तो मैं उसे देखता हूँ।श्रीमान ने बताया की हमारे अस्पताल में 100 बेड्स हैं,कुछ प्रसुती वेटिंग विभाग,महिला वार्ड और पुरुष वार्ड आदि हैं।डॉ• के आभाव का जिक्र किया तो कहने लगे ये सब देखना सरकार का काम है ये सरकारी अस्पताल है तो सरकार ही देखेगी की कहाँ क्या कमी है अब हम तो डॉक्टरों को एपॉइंट तो कर नहीं सकते वो तो सरकार ही करेगी।आँख के डॉक्टर के बारे में बताते हु कहते हैं की डॉ• इमामूल होदा आए हैं ज्वाइन किए और पी जी करने गए हैं।मैंने पूछा की ज्वाइन करके पी जी करने गए हैं,तो क्या वो छुट्टी पर हैं ?तो श्रीमान कहने लगे की ये विभागीय मामला है उनके ज्वाइनिंग लेटर पर पी जी के लिए जाने के बारे में लिखा हुआ था तो वो गए पी जी करने इसमें मैं क्या कर सकता हूँ।बाकी वार्डों की साफ़ सफाई,मरीजों के खाना,चाय नास्ता आदि में कोई परेशानी नहीं।सबेरे में चाय,दो बिस्कीट,एक उबला हुआ अंडा दिया जाता है,दोपहर में चावल या 5 रोटी सब्जी और रात्रि भोजन में 5 रोटी सब्जी और 250 ग्राम दूध दिया जाता है।बेड सीट प्रतिदिन बदला जाता है ऐसा मरीजों का कहना है।श्रीमान सिविल सर्जन डॉ•हरी नारायण सिंह बताते हैं की कई मरीज तो खाने के लिए बेड पर पड़े रहते हैं।झूठे खुद को बीमार बताकर पड़े रहते हैं।अब कोई मरीज बिमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में पड़ा रहता है इसे क्या समझा जाए,अस्पतालकर्मि से तो ज्यादा बुद्धिमान तो वो मरीज ही है न जो मुफ़्त की रोटी तोड़ रहा है और काबिल अस्पतालकर्मि उसे मुफ़्त की रोटी तोड़ने दे रहे हैं।मैं सिविल सर्जन साहब के समक्ष इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की हँसते हुए उनके चेंबर से निकल पड़ा।महिला डॉ• में श्रीमति शशि प्रभा और श्री माति कामिनी रॉय,वर्न विभाग में डॉ• अखिलेश एवं डॉ•राजू,हड्डी बिभाग को डॉ• गोपाल मिश्रा एवं डॉ• दिवाकर देखते हैं,डेंटिस्ट डॉ•राम प्रवेश प्रसाद,एक्स-रे में डॉ• अरुण कुमार हैं।अस्पताल का अपना तीन एम्बुलेंस है कॉल करने पर यह सेवा नि:शुल्क है हाँ बाहर रेफर करने पर जब कोई मरीज यहाँ का एम्बुलेंस इस्तेमाल करता है तो उससे 12 रूपये प्रति किलोमीटर शुल्क देय होता है।स्मार्ट कार्ड धारकों के लिए सभी सुबिधायें नि:शुल्क रहता है।ब्लड बैंक के सम्बन्ध  में डॉ•उमा शंकर सिंह बताते हैं की यह ब्लड बैंक जो जीवन दायिनी संस्थान है वो 50 वर्ष पुराने मकान में पड़ा है यहां न कोई चपरासी ना ही कोई सहायक है,तनख्वाह भी बस जीने भर मिल जाता है।ब्लड पूरा है,ब्लड रखने के लिए 3 बड़ा जिसमे एक खराब पड़ा है,और दो छोटा उसमें भी एक खराब पड़ा है।ब्लड लेनेवालों से 500 रूपये लिये गए तो हमने पूछा की ये पैसे किस बात के लिए गए तो ब्लड बैंक के टेक्नोलॉजिस्ट महबूब आलम के अनुसार ब्लड जाँच एवं मेंटेनेंस फ़ीस लिया जाता है और इसका रसीद भी मरीज को दिया जाता है ऐसा ऊपर से ही आदेश है।ये है हमारे यहाँ का स्वास्थ्य विभाग जो खुद ही बीमार चल रहा है ऐसी व्यवस्था में आप सदर अस्पताल बेगूसराय में स्वस्थ होने की कैसे उम्मीद कर सकते हैं।ज़िला मुख्यालय की ही स्थिति इतनी नाज़ुक है तो ज़िला के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की क्या स्थिति होगी ये सहज ही सोचने का विषय है।

कश्मीर घाटी में पांचवे दिन भी कर्फ्यू जारी, मृतकों की संख्या 45 पहुंची

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श्रीनगर,19 जुलाई, जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से विरोध प्रदर्शनों और हिंसा की घटनाएं जारी है। काजीगुंड में गोलीबारी की घटना में 24 घंटे में तीन और लोगों की मौत हाे जाने से अब तक मारे गए लोगों की संख्या 45 पर पहुंच गई है। इसके अलावा पूरी घाटी में पांच दिन से जारी कर्फ्यू से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। दक्षिण कश्मीर के सभी प्रमुख शहरों और तहसीलों तथा श्रीनगर के शहर ए खास, पुराने इलाकों और सिविल लाइन्स के कुछ भागों में आज लगातार 11वें दिन कर्फ्यू जारी रहा। श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग में काजीगुंड में प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कल एक महिला सहित दो लाेगों की मौत हो गई थी जबकि गंभीर रूप से घायल एक महिला ने आज दम तोड़ दिया जिसके बाद से यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। अलगाववादी संगठनों ने प्रदर्शन अौर कर्फ्यू 22 जुलाई तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। 

आधिकारिक सू्त्रों ने बताया कि ताजा हालात को देखते हुए घाटी में कर्फ्यू जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि घाटी भर में पथराव की घटनाओं को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया जा रहा है। अलगाववादी संगठन हुरियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़े बुरहान के मारे जाने के बाद से ही मिल कर प्रदर्शनों की तारीखों की घोषणा कर रहे हैं,इन्होंने अपनी हड़ताल 22 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है और लोगों से जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। उधर सुरक्षाबलों के जवान श्रीनगर के शहर ए खास और पुराने इलाके में लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील कर रहे हैं। घाटी भर में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद चल रही हैं। यहां केवल बीएसएनएल की प्रीपेड सेवाएं ही चालू हैं। लगातार जारी कर्फ्यू और प्रतिबंधों से आम नागरिकों को बेहद मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। नवाकदल के एक निवासी ने बताया कि पिछले 11 दिनों से यहां दैनिक जरूरत की वस्तुएं मसलन दूध,ब्रेड,सब्जियां, यहां तक कि दवाएं भी नसीब नहीं हो पा रही हैं।

सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 22,915 करोड़ मंजूर

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, सरकार ने लगातार बढ़ती गैर-निष्पादित परिसंपत्ति का दबाव झेल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों (पीएसबी) को पुनर्पूंजीकरण के लिए चालू वित्त वर्ष में 22,915 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय की आज जारी विज्ञप्ति में कहा, “वर्ष 2016-17 के लिए पुनर्पूंजीकरण की राशि का आवंटन बैंकों के पिछले पाँच साल के दौरान उनके कुल ऋण वितरण की प्रगति तथा उनकी पूँजी जरूरत के आँकलन के आधार पर किया गया है। पीएसबी का सुदृढ़ीकरण करने के उद्देश्य से शुरू की गई इंद्रधनुष स्कीम और आम बजट में की गई घोषणाओं के मद्देनजर सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों की पूँजी जरूरतें पूरी करने के लिए वर्ष 2016-17 के लिए 22,915 करोड़ रुपये जारी कर रही है।” 

देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक को सर्वाधिक 7,575 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,101 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक को 2,816 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया को 1,784 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1,729 करोड़, सिंडिकेट बैंका को 1,034 करोड़ और यूको बैंक को 1,033 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके अलावा केनरा बैंक को 997 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 810 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 721 करोड़, कॉर्पोरेशन बैंक को 677 करोड़, देना बैंक को 594 करोड़ और इलाहाबाद बैंक को 44 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि ऋण देने की गतिविधियों को जारी रखने और बाजार से पूँजी जुटाने में सक्षम बनाने में बैंकों को समर्थन देने के उद्देश्य से प्रत्येक बैंक को अावंटित राशि का 75 प्रतिशत जारी किया जा रहा है। शेष राशि बैंकों के प्रदर्शन जैसे ऋण एवं जमाओं की प्रगति के साथ ही परिचालन लागत में कटौती के आधार पर जारी की जायेगी।

दलित संगठनों का हिंसक प्रदर्शन जारी, पुलिसकर्मी समेत दो मरे, 500 से अधिक हिरासत में

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अहमदाबाद/राजकोट, 19 जुलाई, गुजरात में गिर सोमनाथ जिले के उना में पिछले दिनों कुछ दलित युवको की बर्बर पिटायी का वीडियो सामने आने के बाद इस प्रकरण मे राज्य सरकार की ओर से जांच के आदेश तथा चार पुलिसकर्मियों के निलंबन और नौ आरोपियों की गिरफ्तारी तथा विभिन्न दलों के नेताओं की ओर से शांति की अपील के बावजूद इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन का सिलसिला आज भी जारी है और इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों की मौत हो गयी जबकि पुलिस ने अलग अलग स्थानों से ओबीसी एकता मंच और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर और उनके 40 समर्थकों समेत पांच सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। अमरेली के पुलिस अधीक्षक जे ए पटेल ने यूनीवार्ता को बताया कि वहां दलित समाज की रैली के लिए नवचेतन डी परमार ने अनुमति मांगी थी। रैली को राजकमल चौक से कलेक्टर कार्यालय तक जाने की अनुमति दी गयी थी और इस दौरान भीड ने गलत बर्ताव शुरू कर दिया और तय रास्ता छोड कर दुकाने बंद कराने और बसाें में तोडफोड करने लगे। पुलिस ने जब उन्हें नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग और आंसू गैस के गोले छोडे तो उन्होंने भारी पथराव किया जिससे छह पुलिसकर्मी घायल हो गये इनमें से एक हेड कांस्टेबल पंकज अमरेलिया (42) को सिर में चोट के बाद राजकोट के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां बाद में उनकी मौत हो गयी। उधर, जूनागढ जिले के भेसाण तालुका के खांभलिया गांव में 40 वर्ष के हेमंत सोलंकी ने कथित तौर पर उक्त घटना के विरोध में तेजाब का सेवन कर आत्महत्या कर ली। हालांकि पूरे मामले की जांच की जा रही है और शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि आज राजकोट और जूनागढ में कुल पांच दलित युवकों ने भी जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था जबकि कल ऐसे सात मामले राजकोट और जामनगर जिले में सामने आये थे। सभी को अलग अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उग्र भीड ने कल रात राजकोट जिले के धोराजी में राज्य परिवहन निगम की दो बसों तथा जामनगर के ध्रोल के लतीनगर में एक बस को जला दिया था। राजकोट शहर में बीआरटीएस नगर बस के रैया टेलीफोन एक्सचेंज स्टेशन में तोडफोड की गयी थी। पथराव में राजकोट आयी ट्रेन के सहायक चालक का सिर पर चोट आयी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

आज सुबह भी वहां आंबेडकरनगर विस्तार में एक सिटी बस में तोडफोड की गयी है। एहतियात के तौर पर एसटी बस के परिचालन को राजकोट, पोरबंदर और जूनागढ की कई रूटों पर बंद कर दिया गया है। जामनगर में पुलिस ने गुरूद्वारा रोड में सडक जाम कर रहे करीब एक सौ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था। हालांकि बाद में उग्र भीड ने सुबह फिर जाम कर दिया। समझाने बुझाने और पहले पकडे गये एक सौ लोगों को छोडने के बाद मामला कुछ हद तक शांत हुआ। वहां एहतियात के तौर पर राज्य रिजर्व पुलिस बल यानी एसआरपी की टुकडी तैनात कर दी गयी है। राज्य में कई स्थानों पर दुकाने और बाजार बंद रहे। दलित समुदाय के नेताओं ने कल उना अत्याचार मुद्दे पर जूनागढ, गोंडल और कुछ अन्य स्थानों पर बंद का आहवान भी किया है। दलित पैंथर नाम के एक संगठन ने कल गुजरात में राज्यव्यापी बंद का आहवान किया है। जूनागढ के बाटवा और केशोद में आज भी तीन दलितों द्वारा जहरीला तरल पी कर आत्महत्या का प्रयास करने का मामला सामने आया है। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी प्रकार राजकोट के गोंडल के निकट बिलियाडा में दो दलितों के जहर पीने की सूचना है। कल राजकोट के गोंडल में पांच और जामनगर के जामकंडोरणा में दो लोगों को इसी वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज जहर पीने वाले पांच लोगों को इलाज के लिए अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जूनागढ के वडाल गांव में पुलिस ने सडक जाम कर रहे 300 लोगों को हिरासत में ले लिया। उसी इलाके में भीड ने दो सरकारी बसों पर पथराव और तोडफोड किया था। उधर, राजकोट के जेतपुर में भी प्रदर्शन तथा पुलिस थाने का घेराव किया गया। सुरेन्द्रनगर के चोटिला में दलित समुदाय के लोगों ने मृत पशु के साथ सडक जाम कर प्रदर्शन करने के बाद मामलतदार को एक ज्ञापन सौंपा। बोटाद के सालंगपुर में सडक जाम कर रहे दो सौ लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 

अहमदाबाद में राणिप थाना क्षेत्र में साबरमती आश्रम के निकट आज बिना अनुमति के प्रतीक उपवास और धरना करने गये ओबीसी एकता मंच के अध्यक्ष अल्पेश ठाकाेर को जब वहां नहीं बैठने दिया गया तो वह पास में कलेक्टर कार्यालय में जाकर धरने पर बैठ गये। राणिप थाने के प्रभारी वी बी पटेल ने बताया कि अल्पेश तथा उनके 40 समर्थकों को गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 68 के तहत हिरासत में लेकर पुलिस मुख्यालय ले जाया गया जहां उन्हें बाद में छोड दिया जाएगा। शहर के चांदखेडा में उत्तर गुजरात जाने वाली सडक को जाम करने का प्रयास कर रहे बसपा के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को भी हिरासत मे लिया गया है। बसपा कार्यकर्ताओं ने राणिप स्थित भाजपा के पश्चिम अहमदाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद किरीट सोलंकी के आवास का घेराव भी किया। कुछ दलित प्रदर्शनकारियों ने शहर के सुभाष ब्रिज को भी जाम कर प्रदर्शन का प्रयास किया पर पुलिस ने उन्हें खदेड दिया। प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के साथ ही एसआरपी की भी तैनाती की गयी है। इस बीच राज्य के मुख्य सचिव जी आर अलोरिया ने स्थिति की समीक्षा के लिए गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें गृह विभाग तथा पुलिस महकमे के भी उच्च अधिकारी उपस्थित थे। उधर मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बनासकांठा के अंबाजी में पत्रकारों से कहा कि इस निंदनीय घटना के लिए पहले ही चार से पांच पुलिसकर्मियों को निष्क्रीयता के आरोप में निलंबित किया जा चुका है तथा कई आरोपी पकडे जा चुके हैं अब भी अन्य दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी और नेता प्रतिपक्ष शंकरसिंह वाघेला ने आज राजभवन में राज्यपाल ओ पी कोहली को एक ज्ञापन सौंपा। बाद में श्री सोलंकी ने पत्रकाराें से बातचीत में कहा कि राज्य में भाजपा के शासन में सभी समुदायों पर ऐसे अत्याचार हुए हैं जो ब्रिटिशकालीन शासन से भी शर्मसार कर सकते हैं। उन्होंने हालांकि लोगों से राज्य में शांति बनाये रखने और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की अपील की।

आरएसएस पर टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगेंगे राहुल : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 19 जुलाई, कांग्रेस ने आज यह स्पष्ट किया है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराने वाले अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा “श्री राहुल गांधी एक समझदार राजनीतिज्ञ हैं जिन्हें ऐतिहासिक घटनाओं की अच्छी जानकारी है। उनके बयान के लिए माफी मांगने का प्रश्न ही नहीं उठता है। पार्टी इस बयान के पक्ष में सबूत और दस्तावेज उपलब्ध कराएगी।” इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आज आपराधिक मानहानि के एक मामले में श्री राहुल गांधी से कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराने वाले अपने बयान पर या तो वह खेद जतायें या मुकदमे का सामना करें। पीठ ने यह टिप्पणी निचली अदालत में चल रहे मुकदमे को रद्द करने की श्री गांधी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए की। श्री गांधी ने महात्‍मा गांधी की हत्‍या के लिए आरएसएस को जिम्‍मेदार ठहराया था। न्यायालय ने श्री गांधी को इस मामले में 27 जुलाई तक विस्‍तार से अपना पक्ष रखने को कहा है।

राजनाथ के बयान के विरोध में कांग्रेस का लोकसभा से बहिर्गमन

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नयी दिल्ली,19जुलाई, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर असंतोष जताते हुए आज कांग्रेस के सदस्यों ने आज लोकसभा से वॉकआउट किया और आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार राज्यों में गैर भाजपा सरकारों को गिराने की कोशिश में लगी है। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लकार्जुन खडगे ने शून्य काल के दौरान भाजपा और मौजूदा केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि विभिन्न राज्यों में गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करना उसकी आदत बन गई है, और वह जोड़तोड़ करके पिछले दरवाजे से अपनी सरकार बनाने की कोशिश में लगी रहती है। 

उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में उसने ऐसा ही किया है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में भाजपा का कोई विश्वास नहीं है। वह सिर्फ बातें बनाती है। एक तरफ वह संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती जोरशाेर से मनाने में लगी है तो दूसरी ओर उनके ही बनाए गए संविधान पर नहीं चल रही है। इसपर गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। वास्तव में इन राज्यों में जो राजनीतिक संकट पैदा हुआ, वह कांग्रेस की वजह से ही हुआ। उत्तराखंड में उसकी ही पार्टी के नौ विधायक अपनी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए थे और अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस के भीतर फूट पैदा हो गई थी। इसके लिए केन्द्र सरकार को दोष देना उचित नहीं है। उन्होंने में कहा,“ नाव यदि अपने ही छेद के कारण नदी में डूबने लगे तो इसके लिए पानी को दोष नहीं दिया जा सकता।” उनके इस कथन के बाद विपक्षी सदस्य शोर मचाने लगे और स्वर उठने लगे कि केन्द्र सरकार ने ये दलीलें उच्चतम न्यायालय में क्यों पेश नहीं की। गृहमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस सदस्य नाराजगी जताते हुए सदन से चले गए।

राहुल माफी मांगें या मुकदमे का सामना करें: उच्चतम न्यायालय

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नयी दिल्ली, 19 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से आज कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराने वाले अपने बयान पर या तो वह खेद जतायें या मुकदमे का सामना करें। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “राहुल गांधी अगर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगना चाहते हैं तो फिर उन्हें निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा तो उन्हें मुकदमे का सामना करना चाहिए।” पीठ ने यह टिप्पणी निचली अदालत में चल रहे मुकदमे को रद्द करने की श्री गांधी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए की। श्री गांधी ने महात्‍मा गांधी की हत्‍या के लिए आरएसएस को जिम्‍मेदार ठहराया था। न्यायालय ने कहा कि राहुल गांधी को इस बात का सबूत देना होगा कि यह बयान जनहित में दिया गया। मुकदमे का फैसला इस गुण-दोष पर होना चाहिए कि यह बयान आम लोगों के हित में था या नहीं। पीठ ने कहा, “आप पूरे संगठन को इस तरह बदनाम नहीं कर सकते।” न्यायालय ने श्री गांधी को इस मामले में 27 जुलाई तक विस्‍तार से अपना पक्ष रखने को कहा है।

नीट से संबंधित विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

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नयी दिल्ली,19 जुलाई, देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में 2017-18 से दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा(नीट) लागू करने से संबंधित विधेयक को लोकसभा ने आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् संशोधन विधेयक तथा दंत चिकित्सा संशोधन विधेयक पर एक साथ हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट लागू करने के पीछे सरकार की मंशा साफ रही है और इसका एक मात्र उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना तथा छात्रों को कैपिटेशन फीस से मुक्ति दिलाना है। 

श्री नड्डा ने कहा कि इन विधेयकों को लाने का मुख्य उद्देश्य नीट को सांविधिक दर्जा दिलाना है। इसमें मेडिकल कॉलेजों के लिए राज्य सरकारों के कोटे में कोई कमी नहीं की गई है और न ही उसमें किसी तरह का बदलाव किया गया है। राज्यों का कोटा पहले की तरह 85 प्रतिशत बना रहेगा। केन्द्र का कोटा 15 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि नीट को एक साल टालने के लिए अध्यादेश इसलिए लाना पड़ा क्योंकि उच्चतम न्यायालय का फैसला आया था और नीट की व्यवस्थाओं के बारे में राज्य सरकारों की ओर से तीन अापत्तियां आई थीं जो भाषा, पाठ्यक्रम और परीक्षा के समय से सबंधित थीं। इनका निराकरण करने के लिए समय नहीं था संसद का सत्र खत्म हो चुका था और साथ ही नीट की पहले चरण की परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी थी। ऐसे में सरकार के पास अध्यादेश लाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।

अरुणाचल में राजनीतिक संकट के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार : राजनाथ

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के राजनीतिक संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि इन राज्याें में सरकारों के लिए गंभीर स्थिति उसी की वजह से पैदा हुई । लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा केन्द्र सरकार पर इन राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के आरोप लगाए जाने पर श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस का यह कहना कि राज्य में सरकारों को अस्थिर करना भारतीय जनता पार्टी की आदत रही है, दुर्भाग्यपूर्ण है। वास्तव में इन राज्यों में जो राजनीतिक संकट पैदा हुआ, वह कांग्रेस की वजह से ही हुआ। 

त्तराखंड में उसकी ही पार्टी के नौ विधायक अपनी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए थे और अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस के भीतर फूट पैदा हो गई थी। इसके लिए केन्द्र सरकार को दोष देना उचित नहीं है। उन्होंने में कहा,“ नाव यदि अपने ही छेद के कारण नदी में डूबने लगे तो इसके लिए पानी को दोष नहीं दिया जा सकता।” उनके इस कथन के बाद विपक्षी सदस्य शोर मचाने लगे और स्वर उठने लगे कि केन्द्र सरकार ने ये दलीलें उच्चतम न्यायालय में क्यों नहीं पेश कीं। इससे पहले श्री खडगे ने भाजपा पर आरोप लगाया कि विभिन्न राज्य में सरकारों को अस्थिर करना उसकी आदत रही है और वह जोड़तोड़ करके पिछले दरवाजे से अपनी बनाने की कोशिश में लगी रहती है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान में उसका कोई विश्वास नहीं है। वह सिर्फ बातें बनाती है। एक तरफ वह संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती जोरशाेर से मनाने लगी है लेकिन उनके ही बनाए गए संविधान पर नहीं चल रही है।

पहले टेस्ट मैच से पहले विवियन रिचर्ड्‌स से मिले भारतीय खिलाड़ी

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नयी दिल्ली , 19 जुलाई, भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार से शुरु होने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने एंटीगा में सर विवियन रिचर्ड्‌स से मुलाकात की और उनसे कुछ टिप्स भी लिये। टीम इंडिया एंटीगा पहुंच गयी है और खिलाड़ियों ने मैच में शानदार प्रदर्शन और जीत दर्ज करने के लिए नेट पर अभ्यास भी शुरु कर दिये हैं। लेकिन अभ्यास से पहले कप्तान विराट कोहली समेत कई खिलाड़ियों ने वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज क्रिकेट सर विवियन रिचर्ड्‌स से मुलाकात की और उनसे टिप्स लिये। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ट्विटर पर रिचर्ड्‌स के साथ भारतीय खिलाड़ियों की तस्वीर पोस्ट की है। इसमें उन्होंने लिखा,“ द किंग विवियन रिचर्ड्‌स और कप्तान कोहली एंटीगा में साथ-साथ।” बोर्ड ने इसके बाद सर रिचडर्स के साथ शिखर धवन, मुरली विजय,स्टुअर्ट बिन्नी और अजिंक्या रहाणे तथा कप्तान कोहली की तस्वीर पोस्ट की और लिखा,“एंटीगा में विवियन रिचडर्स के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य उनसे टिप्स लेते हुये।” 

बीसीसीआई के पोस्ट के बाद टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने भी ट्विटर रिचडर्स के साथ अपनी अलग फोटो पोस्ट की और लिखा,“सर रिचडर्स के साथ काफी चर्चा की। खुशी के पल।” भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे के दौरान चार टेस्ट मैच खेलेगी। इस बार जो टीम वेस्टइंडीज गयी है उनमें से अधिकतर खिलाड़ियों को वेस्टइंडीज में खेलने का अनुभव नहीं है। हालांकि दो अभ्यास मैच खेलकर उनमें थोड़ा आत्मविश्वास आया है। 
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