नयी दिल्ली, 19 जुलाई, शानदार फार्म में खेल रहे विराट कोहली की कप्तानी और नये कोच अनिल कुंबले के विशाल अनुभव और मार्गदर्शन में टीम इंडिया गुरूवार से वेस्टइंडीज में शुरू हो रही चार टेस्टों की सीरीज में अनूठा इतिहास बनाने के इरादे से उतरेगी। भारत का आमतौर पर विदेशी जमीन पर रिकार्ड कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है लेकिन इस सीरीज में भारत के पास कैरेबियाई जमीन पर सीरीज जीत की हैट्रिक बनाने का मौका रहेगा। भारत ने वेस्टइंडीज में पिछले दो दौरों में सीरीज जीत हासिल की है। वर्ष 1953 से अब तक भारत ने वेस्टइंडीज में कुल 45 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने पांच जीते हैं, 16 हारे हैं और 24 ड्रा खेले हैं। ओवरऑल भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1948 से अब तक 90 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने 16 जीते हैं, 30 हारे हैं और 44 ड्रा खेले हैं। भारत इस सीरीज में चार टेस्ट खेलने के साथ ही अपने कुल टेस्टों की संख्या 499 पहुंचा देगा। भारत ने पहली बार 1952-53 में वेस्टइंडीज का दौरा किया था। भारत ने कैरेबियाई जमीन पर कुल 10 सीरीज खेली हैं जिनमें उसने तीन सीरीज जीती हैं और सात सीरीज गंवाई हैं। भारत ने वेस्टइंडीज में पिछली अपनी दोनों सीरीज जीती हैं और इस बार उसका लक्ष्य माैजूदा सीरीज जीतकर कैरेबियाई जमीन पर सीरीज जीत की हैट्रिक बनाना है। टीम इंडिया ने 2006 में वेस्टइंडीज को चार मैचों की सीरीज में 1-0 से और 2011 में तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से हराया था। इससे पहले भारत ने 1971 की ऐतिहासिक सीरीज में अजीत वाडेकर की कप्तानी में पांच मैचों की सीरीज 1-0 से जीती थी।
वर्ष 2006 की सीरीज में विश्वसनीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कप्तान थे जबकि 2011 में कप्तानी महेन्द्र सिंह धोनी के हाथों में थी। धोनी अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं अौर टेस्ट टीम की बागडोर विराट कोहली के हाथों में है। भारत ने इसके अलावा 1975-76 में चार टेस्टों की सीरीज में और वर्ष 2002 में पांच टेस्टों की सीरीज में वेस्टइंडीज में एक-एक मैच जीता था। वर्ष 1971 में छह से दस मार्च तक पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गये दूसरे टेस्ट में भारत ने सात विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस मैच में महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपना पदार्पण किया था। ऑफ स्पिनर श्रीनिवास वेंकटराघवन ने दूसरी पारी में 95 रन पर पांच विकेट लेकर भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त किया था। इस सीरीज के चार टेस्ट ड्रा रहे थे। भारत ने इसके बाद 1975-76 में पोर्ट ऑफ स्पेन में ही तीसरे टेस्ट में 403 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुये चार विकेट पर 406 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस जीत में गावस्कर ने 102, गुंडप्पा विश्वनाथ ने 112, मोहिन्दर अमरनाथ ने 85 और बृजेश पटेल ने नाबाद 49 बनाये थे। इस ऐतिहासिक जीत के 27 साल बाद जाकर भारत को 2002 में वेस्टइंडीज में अपनी तीसरी टेस्ट जीत नसीब हुयी। सौरभ गांगुली की कप्तानी में भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में ही वेस्टइंडीज को दूसरे टेस्ट में 37 रनों से हराया। भारत की पहली पारी में सचिन तेंदुलकर ने शानदार 117 रन बनाये। कप्तान गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण ने दूसरी पारी में क्रमश: नाबाद 75 और 74 रन बनाये। लक्ष्मण ने पहली पारी में भी नाबाद 69 रन बनाये थे। जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा ने तीन-तीन विकेट लेकर भारत को शानदार जीत दिलाई।
वर्ष 2006 में किंग्स्टन के सबीना पार्क में भारत ने चौथा और आखिरी टेस्ट 49 रन से जीतकर सीरीज अपने नाम की। कप्तान द्रविड ने पहली पारी में 81 और दूसरी पारी में 68 रन बनाये। मौजूदा कोच अनिल कुंबले ने उस मैच की दूसरी पारी में 78 रन पर छह विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई। इस मैच की पहली पारी में ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने 13 रन पर पांच विकेट झटके थे। वर्ष 2011 में भारत ने सबीना पार्क में ही पहला टेस्ट 63 रन से जीत लिया जो सीरीज जीत के लिये निर्णायक साबित हुआ। सुरेश रैना ने पहली पारी में 82 अौर द्रविड ने दूसरी पारी में 112 रन बनाये। प्रवीण कुमार और इशांत शर्मा ने मैच में कुल छह-छह विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई। उस मैच में मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपना टेस्ट पदार्पण किया था। पहली पारी में पांचवे नंबर पर उतरे विराट ने चार रन और दूसरी पारी में 15 रन बनाये थे। उस सीरीज के पांच साल बाद विराट कप्तान के रूप में वेस्टइंडीज की जमीन पर पहुंच चुके हैं और उनका नाम आज दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार होता है। विराट पर भारी जिम्मेदारी रहेगी कि वह अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को वेस्टइंडीज में सीरीज जीत की हैट्रिक दिलायें।